इश्क़ बड़ी ही अजीब चीज़ है बड़े बड़े पत्थर दिल को भी पिघला ही देता है और ज़ब इसी इश्क़ से धोका मिलता है तो मोम को पत्थर बनने मै भी देर नही लगती... यह कहानी है रुद्राक्ष सिंह शिखावत की.. जो अपनी ही माँ के हाथो सताया गया जिसका औरत और औरत ज़ात से... इश्क़ बड़ी ही अजीब चीज़ है बड़े बड़े पत्थर दिल को भी पिघला ही देता है और ज़ब इसी इश्क़ से धोका मिलता है तो मोम को पत्थर बनने मै भी देर नही लगती... यह कहानी है रुद्राक्ष सिंह शिखावत की.. जो अपनी ही माँ के हाथो सताया गया जिसका औरत और औरत ज़ात से भरोसा खत्म किया उसकी ही माँ ने... जिसने लड़कियो को बना लिया खुद के लिए सुक़ून पोहचाने का तरीका लेकिन वैसा नही जैसा हर मर्द करता है बल्कि बड़ा ही अजीब तरीका अपनाता है वो लड़कियों से खुद को सुक़ून पोहचाने के लिए दुनिया की नज़र मै है वो प्ले boy पर हक़ीक़त तो कुछ और ही है.. वही है हमारी हीरोइन आयरा जोशी जिसकी जिंदगी मै सिवाए उसकी अडॉप्टेड भाई प्रिंस के सिवा कोई नही जो आपने भाई के लिए कुछ भी कर लेने को तैयार है.. क्या होगा ज़ब यह दोनों अनजाने मै टकरा जायेगे आपस मै.....
रुद्राक्ष सिंह शिखावत
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मुंबई, देर रात। क्लब डार्क हेल…
एक लड़का, जिसकी आयु २८-२९ वर्ष के लगभग थी, एक प्राइवेट रूम में किंग साइज़ सोफ़े पर बैठा था। उसने अपना सिर और हाथ सोफ़े के हेडरेस्ट पर टिकाए हुए थे और उसकी आँखें बंद थीं। उसने सफ़ेद रंग की शर्ट पहनी हुई थी, जिसकी स्लीव्स फोल्ड थीं और सारे बटन खुले हुए थे। इससे उसका पूरा चेस्ट साफ़-साफ़ नज़र आ रहा था। उसके ऐट पैक्स देख लड़कियों के साथ-साथ लड़कों के भी दिल डोल जाते थे। उसने नेवी ब्लू रंग की जीन्स पहनी हुई थी। उसके कान में स्टड लगा हुआ था, चेहरे पर वेल-सेट बियर्ड थी और बाल हल्के सिल्की थे, जो उसके माथे पर अपने होने का एहसास दिला रहे थे।
उस लड़के के एक पैर पर एक लड़की बैठी हुई थी, जिसने कपड़ों के नाम पर सिर्फ़ इनर वियर पहना हुआ था, और वह भी बिलकुल ना के बराबर साइज़ का।
वह लड़की उस लड़के के चेस्ट पर अपने हाथों से लगातार हरकत कर रही थी। उसकी आँखों में उस लड़के के लिए लस्ट साफ़ नज़र आ रही थी, लेकिन वह मजबूर थी। उसे कहा गया था कि जब तक उस शख्स का हाथ उसकी बॉडी पर ना आए, वह आगे नहीं बढ़ सकती।
वह लड़का अपने कान में लगे इयरफ़ोन्स से किसी से बात कर रहा था।
तो चलिए जानते हैं इस हॉट पीस के बारे में। यह है हमारा मेल लीड, रुद्राक्ष सिंह शिखावत… हमारे पुराने और फ़ेमस हीरो, तक्ष आहुवालिया का adopted son, जिसने रुद्राक्ष को उस वक़्त अपनाया था जब वह गुनाहों की दुनिया में अपना क़दम रख चुका था, मात्र १२ साल की उम्र में।
रुद्राक्ष कॉल पर तक्ष से बात करते हुए - "TAV, मुझे अपना लेक्चर सुनाने की ज़रूरत नहीं, plz। मैं जो कर रहा हूँ, सही कर रहा हूँ। आप पूरी लाइफ़ आर्या माँ के साथ लॉयल रहे, बिकॉज़ she is a single piece in this world. No one beats her in the universe… otherwise, in this world, women only want money and satisfaction…"
यह बोलते हुए उसने अपनी आँखें खोली और अपनी ब्राउन आइज़ से नज़र उठाकर अपनी जाँघ पर बैठी लड़की को देखा, जो उसकी बॉडी को अपनी लस्ट भरी नज़र से देख रही थी।
रुद्राक्ष उस लड़की को ऊपर से नीचे तक देखते हुए तक्ष से बोला - "इसलिए आप अपनी वाइफ़ को और अपनी फ़ैमिली को देखिए। मुझे संभालने वाला मैं खुद हूँ। मुझे आपकी सो-कॉल्ड फ़िक्र की ज़रूरत नहीं है। मैं यहाँ इन्जॉय करने आया हूँ। आप भी जाओ, आर्या माँ के पास इन्जॉय करो। कहो तो कोई स्पेशल फ़्लेवर भेजूँ आज रात के लिए…"
तक्ष, जो इस वक़्त गार्डन में टहलते हुए सिगरेट का लम्बा कश लेते हुए रुद्राक्ष से बात कर रहा था, वह एक हल्की मुस्कान के साथ बोला - "उसकी फ़िक्र मत करो। मैं अपनी लिटिल गर्ल के फ़ेवरेट फ़्लेवर हमेशा स्टॉक में रखता हूँ…"
रुद्राक्ष हँसकर बोला - "तो फिर जाओ, अपना बुढ़ापा इन्जॉय करो। मेरी जवानी पर क्यों बाउन्डेशन लगा रहे हो? छोटे (अक्ष, तक्ष का रियल सन) है ना? उसके लिए उसे लड़कियों की इज़्ज़त, उनकी फ़ीलिंग वगैरह-वगैरह के बारे में पता है ना, तो बस काफ़ी है। मुझे जो करना है, वो मैं करूँगा। कोई भी कर बाप मुझे नहीं रोक सकता। अंडरस्टैंड, Mr. तक्ष आहुवालिया…"
तक्ष मुस्कुराकर बोला - "टेक केयर, माय बॉय… तुम्हें आज भी अपनी फ़ीलिंग मुझसे छुपाना नहीं आया…"
यह बोलकर तक्ष फ़ोन काट देता है।
रुद्राक्ष ने भी कॉल डिस्कनेक्ट होने पर एक गहरी साँस ली। उसके कानों में कुछ आवाज़ गूँजी, जिसे याद कर उसका चेहरा गुस्से में लाल हो गया और उसने अपनी गोद में बैठी लड़की को उठाकर सोफ़े पर पटक दिया और उसके नेक से लेकर उसके खुले बदन पर गुस्से में हर जगह बाइट करने लगा। वह लड़की सिर्फ़ रुद्राक्ष के बाइट करने से ही चीखें मारकर रोने लगी, लेकिन रुद्राक्ष पर कोई असर नहीं हुआ। वह उसे ऐसे ही बाइट करता रहा।
फिर रुद्राक्ष गुस्से में उठकर उस लड़की को देखकर बोला - "अभी तो मैंने छुआ भी नहीं सही से, तू रोने लगी। अगर मैं तेरी लस्ट को शांत करने के लिए आगे बढ़ गया, तो क्या होगा तेरा…"
वह लड़की रोते हुए रुद्राक्ष के आगे हाथ जोड़कर बोली - "म… मा… माफ़ कर दो। मैं… मैं कुछ नहीं करना चाह… चाहती। मु… मुझे जाने दो…"
रुद्राक्ष हँसते हुए उसके बालों से खेलते हुए बोला - "क्या यार, तुम लड़कियाँ मुझे आगे बढ़ने क्यों नहीं देती? मैं भी एक बार अपनी वर्जिनिटी गँवाना चाहता हूँ, लेकिन नहीं। तुम साली पैसों और हवस की भूखी औरतें मेरे दाँतों को नहीं झेल पा रही हो, तो मेरे रियल वेपन को कैसे झेलोगी?" यह बोलकर रुद्राक्ष उस लड़की के ऊपर से उठ जाता है और वहीं टेबल पर रखी एक वाइन की बोतल उठाकर जैसे ही उसे मुँह लगाने वाला होता है, कुछ सोचकर उसे देखता है।
"ना तो शराब का नशा चढ़ता है, ना किसी शबाब का नशा। क्या फ़ायदा, दोनों को मुँह लगाकर जब दिल से ही उतर चुके हो।"
यह बोलकर रुद्राक्ष उस पूरी बोतल को अपने चेहरे पर डालने लगता है और पूरी वाइन रुद्राक्ष के फ़िगर को छूते हुए ज़मीन पर गिर रही थी।
रुद्राक्ष ने खुद को वाइन से भिगोकर वाइन की बोतल वहीं फेंक दी और बाहर निकल गया। बाहर, रुद्राक्ष क्लब के भीड़-भाड़ वाले इलाके में आया। रुद्राक्ष का खौफ़ पूरे मुंबई में था, लेकिन रुद्राक्ष कौन था और कैसा दिखता था, यह शायद ही मुंबई में कोई जानता था।
खुद रुद्राक्ष के गार्ड भी उसे सिर्फ़ उसकी आँखों और आवाज़ की वजह से पहचानते थे, क्योंकि उसका चेहरा मोस्टली कवर रहता था। वरना, रुद्राक्ष जिसके सामने बिना मास्क के आता था, वह इंसान उसे एक नॉर्मल आदमी ही समझता था। अंदर रूम में भी जो लड़की थी, उसने रुद्राक्ष को एक नॉर्मल आदमी ही समझा था। लेकिन रुद्राक्ष ने जो उसकी हालत की थी, उसे देखकर इतना तो समझ गई थी कि यह जो शख़्स है, वह कोई आम आदमी नहीं।
रुद्राक्ष बाहर आते हुए बिलकुल एक किंग वॉक चल रहा था। बाहर आकर पूरे क्लब को एक नज़र देखा। उस क्लब में अब वहाँ की फ़ेमस न्यू डांसर आने वाली थी, इसके चर्चे सुबह से पूरे क्लब में हो रहे थे। इस डांसर ने आज इस क्लब में जॉइनिंग की थी और इसकी ख़ूबसूरती के चर्चे बिना उसे देखे ही चालू हो गए थे। हर कोई उसे देखने के लिए बेसब्र हो रहा था।
रुद्राक्ष को ये सब बातें मालूम थीं, पर उसे इस बात से कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ा था। इसलिए वह नॉर्मली वहाँ से निकल गया।
रुद्राक्ष सीधा बार काउंटर पर जाकर खड़ा हुआ और सामने वाले आदमी से एक हार्ड ड्रिंक बनाने को बोला। बारटेंडर रुद्राक्ष को जानता था, क्योंकि वह यहाँ का रेगुलर कस्टमर था। लेकिन रुद्राक्ष की हक़ीक़त शायद ही किसी को पता थी।
रुद्राक्ष उस हार्ड ड्रिंक को लेकर पीना शुरू करता है कि तभी स्टेज की लाइट्स बंद हो जाती हैं और बीच की एक स्पॉटलाइट ऑन होती है, जहाँ पर एक लड़की शॉर्ट ड्रेस पहने खड़ी थी। उसके फ़ेस पर एक फ़ेदर मास्क था। वह लड़की एक पिंजरे में से नीचे उतरकर कैट वॉक करती हुई आती है। तभी म्यूज़िक शुरू होता है____
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
अब तो होश ना ख़बर है
ये कैसा असर है
होश ना ख़बर है
ये कैसा असर है
तुमसे मिलने के बाद दिलबर
तुमसे मिलने के बाद दिलबर
ये सब सॉन्ग के साथ-साथ वह लड़की अपने हाथों को कभी आगे करती हुई, तो कभी अपने सीने पर से चलती हुई, बड़ी ही सेडक्टिव मूव्स कर रही थी। सॉन्ग के साथ-साथ उसकी कमर भी किसी बेली डांसर की तरह मूव हो रही थी, जिसे देखकर वहाँ मौजूद हर शख़्स आहें भर रहा था।
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
करती क़त्ल ना ऐसे तू चल
पहेली का इस्स निकलो कोई हल
हुस्न का पिटारा खिलता कमल
कर लूँगा सब्र, क्योंकि मीठा है फल
उस लड़की ने सामने बैठे रुद्राक्ष की तरफ़ उंगली पॉइंट करते हुए इशारा किया, "तू मेरा ख़्वाब है, तू मेरा दिल का क़रार। देख ले जान-ए-मन, देख ले बस एक बार।"
चैन खो गया है, कुछ तो हो गया है
चैन खो गया है, कुछ तो हो गया है
तुमसे मिलने के बाद दिलबर
तुमसे मिलने के बाद
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
दिलबर दिलबर दिलबर दिलबर
जैसे ही रुद्राक्ष की नज़र उस डांसर पर पड़ती है, तो वह अपनी गर्दन को हल्का सा टेढ़ा करके उसके मूव्स देखने लगता है। इस सब के बीच उसके चेहरे पर बड़ी ही जानलेवा स्माइल थी। और सिर्फ़ रुद्राक्ष नहीं, वहाँ हर किसी की नज़र उस लड़की पर अटक जाती है। वह लड़की ऐसा डांस कर रही थी कि उसके लटके-झटके सब एकदम हटके थे। उसकी ख़ूबसूरती, उसका फ़िगर, सब कुछ एकदम लाजवाब और हटके था।
उस लड़की की उम्र कुछ २१ साल के करीब होगी। उसका नैन-नक्श सब माशाअल्लाह। फ़ुरसत से बनाई हुई एक मूर्ति। उसकी डार्क ब्लैक आइज़, दूध सा गोरा रंग, गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठ और चेहरे पर एक झूठी मुस्कान थी।
वह लड़की डांस कर रही थी और अपने हर स्टेप से हर एक शख़्स का दिल जला रही थी। हर आदमी उस पर नोटों की बारिश कर रहा था। तो वहीं रुद्राक्ष उसे देख एक डेविल स्माइल कर रहा था, मानो उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा हो।
वह लड़की डांस कर रही थी कि तभी कुछ लड़के उस स्टेज पर चढ़कर उस लड़की को लस्ट भरी नज़रों से देखते हुए छूने लगे। वह लड़की, जो अब तक आराम से डांस कर रही थी, एकदम से रुककर उस लड़के की तरफ़ अपनी जलती हुई नज़रों से देखती है और उसके मुँह पर जन्नाटेदार थप्पड़ रख देती है। वह लड़का, जो कि पहले ही नशे में था, वह लड़खड़ाकर गिर जाता है। यह थप्पड़ ऐसा था कि इसकी गूँज से पूरे क्लब में सन्नाटा छा गया।
वहीं रुद्राक्ष इस बात पर अपनी ड्रिंक की सिप लेते हुए बोला, "और ये गया, नो बॉल पर सिक्सर।"
वहाँ हर कोई उस लड़की को हैरानी से देख रहा था। जिस लड़के को थप्पड़ पड़ा था, उसका दोस्त उस लड़की के सामने आकर बोला, "ए लड़की! तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे दोस्त को मारने की?"
वह लड़की अपने बालों को अपने कंधे से पीछे झटकते हुए, पड़े ही स्टाइल में बोली, "जैसे तेरे इस बहनोई की हिम्मत हुई थी मुझे छूने की।"
वह लड़का गुस्से में दनादन बोला, "तो तू इसी काम के लिए यहाँ लाई गई है। तुझे इसीलिए पैसे दिए जाते हैं। अब ज़्यादा सती-सावित्री मत बन।"
वह लड़की उसे उंगली दिखाते हुए बोली, "ओ अंगूर पर लटके लंगूर! अपने कानपुर की सफ़ाई कर और बात सुन मेरी, मुझे यहाँ पैसे सिर्फ़ डांस करने के मिलते हैं, तुम जैसों की ये घटिया हरकतें बर्दाश्त करने के लिए नहीं। डांसर एक आर्टिस्ट होती है, वेश्या नहीं, जो आ गए अपनी हवस का पिटारा लेकर। निकल ले यहाँ से, वरना ये प्रसाद तुमको भी मिल सकता है।"
वह लड़का चिल्लाते हुए बोला, "ऐ लड़की! यह ड्रामा ना किसी और को दिखाना, यहाँ मत दिखाना। तूने हमारे दोस्त को हाथ लगाया है, अब इसकी सज़ा तो तुझे मिलकर ही रहेगी।"
वह लड़का यह बोलकर जैसे ही उस लड़की पर अपना हाथ डालने जाता है, वह लड़की उस लड़के का हाथ पकड़कर उसके पेट पर खींचकर एक किक मारती है। उसके बाद नीचे पड़े दोनों आदमियों को देखते हुए वह कहती है - "आयरा अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर अपना पेट भरती है, ना कि तुम जैसे दो कौड़ी के लुच्चे लफ़ंगों के बिस्तर गर्म करके। हुह्ह् आया बड़ा।"
"अगली बार किसी लड़की की इज़्ज़त पर हाथ डालने से पहले मेरा ये जयपुरी थप्पड़ और मेरी बीकानेरी किक दोनों याद रखना।"
यह कहने के बाद वह लड़की, जिसका नाम आयरा था, वह उस स्टेज के पीछे जाने लगती है।
वहीं बार काउंटर पर बैठा रुद्राक्ष, आयरा के स्टाइल को देखकर मन ही मन हँसते हुए बोला, "दिलबर तो कुंग फ़ू मास्टर निकली।" वह बार काउंटर से बैक लगाकर आराम से बैठते हुए, व्हिसल बजाते हुए कुछ सोचने लगता है। तभी अपना फ़ोन निकालकर वह किसी को मैसेज करता है और अपनी ड्रिंक एन्जॉय करते हुए वह भी उस स्टेज के पीछे चला जाता है।
उस लड़के को थप्पड़ मारकर आयरा स्टेज के पीछे की ओर चली आई। उसके चेहरे पर गुस्सा तो था ही, आँखों में हल्की सी नमी भी थी। उसकी वह मुस्कान गायब हो चुकी थी।
चेंजिंग रूम में आते ही उसने कुर्सी पर पड़े दुपट्टे को उठाया और उसे ओढ़ते हुए कुर्सी पर बैठ गई। उसकी आँखों से एक आँसू लुढ़ककर उसके गालों पर ओस की बूंद की तरह ठहर गया।
वह खुद के अक्स को आईने में देखते हुए बोली, "कसम महादेव की! अगर प्रिंस मेरी ज़िंदगी में न होता, तो कभी इस तरह ज़लील होना मंज़ूर न होता मुझे। पर अब उस नन्ही सी जान की ज़िम्मेदारी है मुझ पर, जिसे पूरा करने के लिए मैं लोगों की नज़र में एक बार डांसर, या यूँ कहो, एक ना-बराबर कपड़ों में नाचने वाली नचनिया बन गई हूँ। जिसे हर वक़्त इस दुनिया के हवसी भेड़िये नोचने को फिरते हैं।"
यह सब सोचते-सोचते उसकी आँखों के सामने वह वक़्त घूमने लगा, जब वह करीब 17 साल की थी और अनाथ होने की वजह से एक छोटे से अनाथ आश्रम में रहती थी। एक रात को उनके आश्रम के दरवाज़े पर एक छोटे से बच्चे के रोने की आवाज़ आई। जब उन्होंने बाहर देखा, तो मिला कि एक 7-8 महीने का बच्चा रो रहा है। उस बच्चे को चुप कराने वाला कोई नहीं था। शायद उसके घरवालों ने ही उसे वहाँ छोड़ा था। आयरा आश्रम के सभी बच्चों में सबसे बड़ी थी, इसलिए वह आगे आई और उस बच्चे को गोद में उठाते हुए बोली, "नन्हे राजकुमार जी! आप यहाँ कैसे पधारे? और वह भी इतनी रात को?" आयरा को देखकर और उसकी गोद को महसूस करके वह बच्चा उससे लिपट गया और अपनी आँखें बंद कर लीं।
कुछ वक़्त बाद आयरा को एहसास हुआ कि उस बच्चे का एक पैर लकवाग्रस्त है, जिसकी वजह से वह कभी सामान्य रूप से चल-फिर नहीं सकता था।
आयरा शुरू से ही उस छोटे बच्चे (प्रिंस) से जुड़ी हुई थी। बाद में उसने उसकी पूरी ज़िम्मेदारी उठा ली और उसके इलाज का खर्चा उठाने का सोचा। कई डॉक्टरों से सलाह करने पर उसे बताया गया कि प्रिंस के इलाज पर लाखों खर्च होंगे और उसे विदेश जाना होगा।
ये सब चीज़ें सोचते हुए आयरा ने डांस को अपनी कमाई का जरिया बना लिया, जबकि डांस उसके लिए सिर्फ़ उसका पैशन था। पर अब प्रिंस के लिए उसने अपने पैशन को प्रोफ़ेशन में बदल लिया था।
वह किसी भी तरह प्रिंस को बाकी बच्चों की तरह सामान्य रूप से चलते-फिरते, खेलते हुए देखना चाहती थी।
तभी अचानक फ़ोन की आवाज़ आयरा को उन बीती यादों से बाहर ले आई। उसने अपने आँसुओं को पोंछते हुए फ़ोन की तरफ़ देखा तो उस पर प्रिंस के हॉस्टल की वार्डन का नाम दिख रहा था।
आयरा फ़ोन उठाते हुए बोली, "हेलो। मेरे नन्हे राजकुमार।" दूसरी तरफ़ से एक प्यारी सी आवाज़ आई, "आयु दी! आप कहाँ हो अब तक? मुझे केक काटना था, पर आप अब तक क्यों नहीं आईं?"
आयरा अपने माथे पर हाथ मारते हुए बोली, "ओह राजकुमार जी! बस, बस अभी आई। जरा सा वक़्त और दे दो अपनी दीदी को। प्लीज़।"
इतना बोलकर आयरा फ़ोन काट देती है। फिर जल्दी से कपड़े बदलती है। अब उसने एक ओवरसाइज़ टी-शर्ट और एक डेनिम जीन्स पहनी थी। अपना मेकअप साफ़ करके उसने अपने बालों का एक मैसी बन बना लिया, जिसकी कुछ लटें उसके माथे पर लहरा रही थीं। उसने एक गोल चश्मा भी लगा लिया।
आयरा मेकअप में तो कहर ढा ही रही थी, पर अब इस सिंपल से लुक में वह बेहद प्यारी और क्यूट लग रही थी। मानो कोई कोरियन गुड़िया हो।
अपना सामान उठाकर, हाथ में फ़ोन लिए, जैसे ही वह दरवाज़ा खोलकर बाहर आई, सामने दीवार से पीठ लगाए एक शख़्स बड़े ही स्टाइलिश तरीके से खड़ा था। जी हाँ, यह रुद्राक्ष ही था। व्हाइट शर्ट जिसके ऊपर के तीन बटन खुले थे, एक किलर लुक दे रही थी। आयरा ने एक नज़र उस शख्स को देखा और फिर जल्दबाजी में वहाँ से निकलने लगी। तभी रुद्राक्ष अपनी गर्दन टेढ़ी करके व्हिसल बजाते हुए उसकी तरफ़ आया। एक पल के लिए आयरा का दिल धड़क गया।
रुद्राक्ष अपनी दोनों जेबों में हाथ डाले हुए उसके सामने आकर खड़ा हुआ और उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा।
रुद्राक्ष: वैसे मैंने सुना था लड़कियाँ कम कपड़ों में खूबसूरत लगती हैं, लेकिन तुम तो पूरे में भी बवाल लग रही हो।
आयरा (गुस्से में): ज़रा अपने शब्दों की डिक्शनरी को संभालकर इस्तेमाल करो, वरना जैसे तुम बोल रहे हो ना, किसी दिन कम और पूरे दोनों कपड़ों वाली तुम्हारी बारात निकाल देगी।
यह बोलकर आयरा वहाँ से जाने लगी कि तभी रुद्राक्ष उसके सामने आकर बोला-
रुद्राक्ष: बारात के मामले में मेरे सेंस बेकार हैं, लेकिन सुहागरात को लेकर मेरे सेंस बराबर काम करते हैं। अगर बारात के बिना सुहागरात का कोई सीन हो, तो बताओ।
आयरा (गुस्से में): वह हेलो! इंसान की शक्ल में भूत-प्रेत ज़्यादा नाटक मत दिखाओ। अगर मैं अपने प्रॉपर आई ना, तो सुहागरात में इस्तेमाल होने वाले औज़ार का टुकड़ा-टुकड़ा कर दूँगी।
रुद्राक्ष (ज़ोर-ज़ोर से हँसते हुए): ओएमजी! क्या लड़की है यार! इसको इतना भी नहीं पता कि उसके पुर्ज़े ढीले नहीं, बल्कि टाइट किए जाते हैं।
आयरा का पारा अब हाई था कि तभी उसका फ़ोन फिर बजने लगा। वह आगे रुद्राक्ष को जवाब देना चाहती थी, लेकिन अभी उसे प्रिंस के पास जाना था। उसने कॉल को साइलेंट कर रुद्राक्ष को देखकर वहाँ से जाने के लिए निकलते हुए कहा-
आयरा: तुमको बाद में देखती हूँ।
लेकिन वह निकल पाती, इससे पहले ही रुद्राक्ष ने उसका रास्ता रोक दिया-
रुद्राक्ष: दिलबर! तुम पहले अपना परफ़ॉर्मेंस पूरा करके जाओ। वह क्या है ना, मुझे बिना एंटरटेनमेंट के ड्रिंक करने की आदत नहीं।
आयरा रुद्राक्ष को चुटकी बजाकर उंगली दिखाकर बोली-
आयरा: देखो मिस्टर! मैं तुम्हारी बाप की नौकर नहीं हूँ, जो जब तुम कहो तब मैं नाचूँ, जब तुम कहो तब मैं रुक जाऊँ। आयरा अपनी मर्ज़ी से डांस करती है, किसी के इशारों पर आयरा कभी नहीं नाची। अंडरस्टैंड?
रुद्राक्ष अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर डरने का नाटक करते हुए-
रुद्राक्ष: ओह गॉड! मैं तो डर गया! मेरी-मेरी धड़कन रुकने वाली है! कोई-कोई बचाओ!
आयरा उसकी नौटंकी समझ रही थी। वह उधर से निकलने लगी कि तभी वहाँ बार का मैनेजर आ जाता है और आयरा से कहता है-
मैनेजर: तुम कहाँ जा रही हो? बीच स्टेज परफ़ॉर्मेंस छोड़कर, वह भी कस्टमर को इंसल्ट करके? इन सब हरकतों से तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें यहाँ काम पर रख लूँगा?
रुद्राक्ष बगल में खड़ा सारा ड्रामा एन्जॉय कर रहा था।
आयरा ने मैनेजर की बात सुनकर गुस्से में कहा, "सर, आपसे मैंने पहले ही बोला था, मैं सिर्फ़ यहाँ डांस करूँगी। किसी की बदतमीज़ी बर्दाश्त नहीं करूँगी..."
मैनेजर ने कहा, "ओह्ह! तो क्या किसी ने आपको किस कर दिया? नहीं ना? और वैसे भी, अगर किस कर भी देते तो कौन सी इतनी बड़ी बात है? यह सब तो आजकल नॉर्मल है। और जो पेशा तुमने चुना है ना, उसमें तो अगर किसी के साथ सो भी लेती हो तो कोई बड़ी बात नहीं..."
आयरा गुस्से में बोली, "ओए, बिना खेती की ज़मीन! ज़बान संभालकर बात कर! जॉब पर रखा है मुझे, खरीदा नहीं है जो तेरी बकवास सुनूँगी!"
मैनेजर गुस्से में बोला, "यू ब्लडी दो कोड़ी की लड़की! मुझे तेवर दिखा रही है!" वह आयरा के गाल पर हाथ मारने ही वाला था कि बीच में रुद्राक्ष आकर उसका हाथ पकड़कर मोड़ दिया। रुद्राक्ष ने उसे इस अंदाज़ में जकड़ा था कि उसकी नज़र तो आयरा पर थी, लेकिन हाथ उसने मैनेजर का पकड़कर मरोड़ा हुआ था।
आयरा, जिसने थप्पड़ खाने के डर से अपने चेहरे को हल्का सा घुमा लिया था, जब उसे थप्पड़ पड़ता हुआ महसूस नहीं हुआ, तो उसने नज़र घुमाकर देखा। उसे नज़र आया कि रुद्राक्ष ने उस मैनेजर के हाथ को पकड़कर मरोड़ दिया था, लेकिन उसी के साथ उसने उसके मुँह को दबाकर अपने बाजू में दबाया हुआ था जिससे मैनेजर की आवाज़ नहीं निकल रही थी।
आयरा जब उस मैनेजर का यह हाल देखती है, तो उसे बुरा बिलकुल नहीं लगता। बल्कि जब उसे याद आता है कि मैनेजर ने उससे क्या-क्या कहा था, तो वह यही सोचती है कि इस मैनेजर को दो-चार मुक्के, थप्पड़, लात सब एक्स्ट्रा मिलने चाहिए।
लेकिन फ़िलहाल, वह ना तो कुछ भी एक्सप्रेशन दे रही थी और ना ही कुछ कह रही थी।
वहीं रुद्राक्ष, मैनेजर का गला दबाते हुए बोला, "गलत किया यार! लड़की पर हाथ मारने के लिए नहीं, प्यार करने के लिए उठाते हैं। और मुझे यह बिलकुल गवारा नहीं कि मेरे सामने कोई मेरी पसंद की हुई चीज़ पर हाथ डालें..."
आयरा बीच में ही रुद्राक्ष को उंगली दिखाते हुए बोली, "ओह्ह्ह हेलो mr अल्कोहल! मैं कोई चीज़ नहीं हूँ। I am आयरा..."
रुद्राक्ष मुस्कुराते हुए आयरा को देखकर, उस मैनेजर का गला ज़ोर से दबाते हुए बोला, "mr अल्कोहल..., आयरा...वाह! क्या मस्त नाम है! वैसे, कितने भतीजे-भतीजी हैं तुम्हारी?"
आयरा कन्फ़्यूज़ होकर बोली, "एक भी नहीं! क्यों?"
रुद्राक्ष, उस मैनेजर को दबाते हुए ही बोला, "वो, नामकरण बहुत मस्त करती हो ना, इसलिए पूछा..."
आयरा ज़बरदस्ती हँसकर बोली, "हाहाहाहा! Not funny! मुझे हँसी नहीं आई..."
यह बोलकर आयरा वहाँ से निकलने लगी कि तभी रुद्राक्ष उस मैनेजर को छोड़कर आयरा का हाथ पकड़ लिया।
हाथ पकड़ते ही आयरा एकदम रुक गई और गिरने लगी, लेकिन उससे पहले ही रुद्राक्ष उसे संभाल लिया।
आयरा जैसे ही संभलकर खड़ी हुई, वैसे ही रुद्राक्ष को धक्का देते हुए बोली, "अबे ओ बिना सींग के बैल! क्यों फ़ोकट में मेरा टाइम खराब कर रहा है? क्यों मेरा रास्ता रोक रहा है? छोड़ दे, वरना..."
रुद्राक्ष आयरा का हाथ मोड़कर उसकी पीठ को अपने सीने से लगा लिया और अपने होंठ उसके कानों के पास ले जाकर बोला, "मैं बिना सींग वाला बैल नहीं, मेरे पास सींग है। अगर इजाज़त मिले तो उस सींग को दिखा भी दूँ और..." यह बोलकर रुद्राक्ष आयरा के कान पर बाइट कर लिया।
आयरा गुस्से में रुद्राक्ष से हाथ छुड़ाते हुए बोली, "बेशर्म, बदतमीज़, जाहिल इंसान..."
रुद्राक्ष एक हाथ आयरा की कमर से फ़िराते हुए पेट पर ले जाकर बोला, "शुक्रिया, शुक्रिया, शुक्रिया, दिलबर! ये सारे बेहतरीन नाम मैं अपने लिए पहले से जानता था, लेकिन आज ये नाम खुद के लिए सुनकर दिल को बड़ा सुकून मिल रहा है। अब मैं सोच रहा हूँ कि तुम्हें एक बार बेशर्मी कर भी लेनी चाहिए इस एक सींग वाले बैल के साथ..."
यह सब बातें बोलते हुए रुद्राक्ष के चेहरे पर एक कातिल मुस्कान थी, वहीं आयरा का चेहरा शर्म और गैरत से लाल-पीला हो गया था। तभी आयरा का फ़ोन बजने लगा।
आयरा गुस्से में बोली, "देखो..."
रुद्राक्ष तुरंत आयरा को अपनी तरफ़ घुमाते हुए बोला, "दिखाओ...मैं तो तैयार हूँ देखने के लिए, तुम दिखाओ तो सही..."
आयरा अपने स्पोर्ट्स शूज़ वाले पैर से रुद्राक्ष के पैर पर कसके मार दिया। हालाँकि इस क्रिया से रुद्राक्ष को कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ा था, लेकिन जो ड्रामा ना करे, वो रुद्राक्ष ही क्या!
रुद्राक्ष अपना पैर पकड़कर बोला, "मेरा पैर तोड़ दिया! अगर मेरा पैर टूट गया तो तुम्हारे साथ दिलबर-दिलबर पर डांस कैसे करूँगा?"
आयरा रुद्राक्ष को उंगली दिखाकर बोली, "तुम्हारे साथ डांस करेगी मेरी जूती! आइन्दा अगर मेरे आस-पास नज़र आए ना तो..." आयरा कुछ सोचती है और वह सोचने के बाद एक ख़तरनाक मुस्कान देकर कहती है, "...तो मैं तुम्हारी शिकायत काल से कर दूँगी..."
रुद्राक्ष हैरानी से आयरा को देखकर बोला, "काल?"
आयरा ख़तरनाक मुस्कान के साथ अपने दोनों हाथों को अपने सीने पर बाँधकर बोली, "हाँ, काल, द मैड वुल्फ़..."
रुद्राक्ष पहले से ज़्यादा हैरानी भरे चेहरे से आयरा को देखकर बोला, "द मैड वुल्फ़ और उससे तुम शिकायत कैसे करोगी और क्यों? जहाँ तक मैं जानता हूँ, तो काल को आज तक किसी ने नहीं देखा और ना ही कोई उसके बारे में जानता है, ना ही कोई उसका रिश्तेदार है, ना कोई और..."
आयरा बोली, "शायद तुम नहीं जानते, काल की एक गर्लफ़्रेंड है, जिससे वह बहुत जल्द शादी करने वाला है..."
रुद्राक्ष बोला, "और कौन है वो गर्लफ़्रेंड?"
आयरा आँखों से इशारा करते हुए बोली, "ये जो तुम्हारे सामने खड़ी है..."
रुद्राक्ष की हैरानी पल-पल बढ़ती चली जा रही थी और वह अपने हैरानी भरे चेहरे के साथ बोला, "काल की गर्लफ़्रेंड? काल की शादी?..." यह सब कहने के बाद रुद्राक्ष ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा।
आयरा गुस्से से बोली, "हँस लो, हँस लो! तुम नहीं जानते हो कि मैं उसकी गर्लफ़्रेंड हूँ? तुमको यकीन नहीं? रुको..."
यह कहने के बाद आयरा अपना मोबाइल फ़ोन निकालती है और एक सेफ़ नंबर को रुद्राक्ष की तरफ़ दिखाकर कहती है, "ये, ये देखो क्या लिखा है ये?" रुद्राक्ष ने इस मोबाइल पर देखा तो वहाँ "द मैड वुल्फ़" लिखा था। रुद्राक्ष यह देखकर हँसना छोड़ अपनी आइब्रो ऊपर चढ़ाकर उस नंबर को देखता है। उसने एक नज़र में वो नंबर अपने दिमाग़ में सेफ़ कर लिया था।
रुद्राक्ष फ़ोन हाथ में लेता है, उससे पहले ही आयरा फ़ोन पीछे खींच लेती है और इसी बीच उसके हाथ से फ़ोन गिर जाता है और इतने ज़ोर से ज़मीन पर पटकता है कि उसके पुर्ज़े-पुर्ज़े अलग हो जाते हैं।
अब ये फ़ोन के पुर्ज़े हैं, वो वाले नहीं जो आप लोग समझ रहे हो! 🤣🤣🤣
आयरा बड़ा सा मुँह फाड़कर अपने फ़ोन को देख रही थी और रुद्राक्ष ने इतनी देर में अपने फ़ोन पर कोई मैसेज डालकर फ़ोन वापस अपनी पॉकेट में डाल दिया।
आयरा फ़ोन के टुकड़े उठाकर देखती हुई रोने लगी, फिर गुस्से में रुद्राक्ष को देखती है। रुद्राक्ष उसे खुद को देखता हुआ पाता है, तो अपने कंधे उचकाकर बोला, "क्या मैंने क्या किया? वो तुम थी जो अपने कोहिनूर को मुझसे बचा रही थी और बेचारा कोहिनूर मेरे हाथ आने से पहले ही... (रुद्राक्ष सीटी बजाकर अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ़ उठा देता है) दुनिया को अलविदा कह गया..."
आयरा बिल्कुल शॉकिंग एक्सप्रेशन के साथ उसे देख रही थी, मानो उसने कोई पागलखाने का टॉपर ही देख लिया हो। गहरी साँस लेते हुए, उसने फ़ोन के टुकड़ों को समेटकर अपने बैग में डाला और खड़े होकर रुद्राक्ष के कॉलर को पकड़ कर गुस्से में बोली, "तुम गली की खराब ट्यूबलाइट, गटर के कनखजूरे! आइंदा अगर अपनी ये सड़ी हुई शकल दिखाई तो..."
रुद्राक्ष उसकी बात को बीच में ही काटते हुए बोला, "हाँ हाँ, अपने उस पागल भेड़िए से शिकायत कर दोगी। वो क्या नाम था? लाल, बाल, काल। हाँ, सच काल।"
"तेरे जैसे चिलगोजे के लिए मैं ही काफी हूँ। मेरे काल द मेड वोल्फ के पास मेरे अलावा और किसी ऐरे-गैरे के लिए जरा भी वक्त नहीं। समझा? चल, साइड हट।" इतना बोल कर आयरा ने उसे कंधे से साइड मारते हुए निकल गई।
रुद्राक्ष जाती हुई आयरा को एक डेविल स्माइल के साथ देख रहा था कि तभी उसे अपने पीछे से उस मैनेजर की कराहने की आवाज़ आई। उसने अपनी गर्दन को जरा सा घुमाकर पीछे जमीन पर पड़े मैनेजर को देखा और अपना खतरनाक एक्सप्रेशन दिया।
वह मैनेजर, जिसको खुद को नार्मल करने में काफी वक्त लगा था, जब उसने किसी की तपती नज़र खुद पर महसूस की, तो उसने नज़र उठाकर रुद्राक्ष की ओर देखा। रुद्राक्ष अपनी जानलेवा निगाहों से उसे ही देख रहा था।
रुद्राक्ष की नज़र ऐसी थी कि उस मैनेजर के शरीर में एक कंपकपी सी चढ़ गई। उस मैनेजर का डर के मारे खून ठंडा पड़ने लगा।
फिर रुद्राक्ष बिना कुछ बोले, एक डेविल स्माइल के साथ अपनी पॉकेट में हाथ डाले, वहाँ से सिटी बजाते हुए निकल गया।
रुद्राक्ष के जाने के लगभग छह-सात मिनट तक भी वह मैनेजर रुद्राक्ष की नज़रें खुद पर महसूस कर रहा था। उसके दिल में मानो उसकी नज़रों का खौफ सा बैठ गया था।
इधर, आयरा क्लब से बाहर निकल कर घर जाने के लिए टैक्सी ढूँढने लगी। वैसे तो उसे अभी हॉस्टल जाना था, अपने भाई प्रिंस के पास। लेकिन अब उसके फ़ोन के टूटने और अंदर हुई सब बातों की वजह से उसका दिमाग बहुत खराब था। और ऐसे खराब दिमाग के साथ वह अपने नन्हे राजकुमार से मिलने नहीं जाना चाहती थी। इसलिए वह अपने घर जाने के लिए टैक्सी देखने लगी।
वहीं रुद्राक्ष भी अब दूसरे एरिया से उस क्लब से बाहर आया। बाहर आते हुए उसने अपने पॉकेट से सिगरेट निकाली और लाइटर से जलाई। उसके बाद वो एक लंबा कश लेते हुए ही अपनी गाड़ी की तरफ़ कदम बढ़ाता रहा और गाड़ी में बैठने के बाद उसने सिगरेट के लंबे-लंबे कश लिए। फिर घड़ी को देखकर, "नाउ टिक टिक टिक एंड बूम।"
रुद्राक्ष ने अभी इतना ही कहा था कि क्लब में से एक बड़े धमाके की आवाज आई।
आयरा, जो गुस्से में उस क्लब से काफी दूरी पर टैक्सी का इंतज़ार कर रही थी, ब्लास्ट की आवाज सुनते ही वह डरते हुए खुद को बचाने के लिए आगे को झुक गई और हाथों से अपने चेहरे को कवर कर लिया। कुछ मिनट बाद वो हल्का सा घूम कर उस जलते हुए क्लब को देखती है जहाँ चारों तरफ़ सिर्फ़ धुआँ ही धुआँ था।
अब आयरा का भी खून सूखने लगा था। उसे यह लग रहा था कि अभी-अभी वो उस क्लब से बाहर आई है और उसके बाहर आते ही इतना बड़ा धमाका। अगर वह कुछ देर और क्लब में रुकती तो शायद उसकी अस्थियाँ नहीं मिलतीं गंगा में बहाने के लिए।
आयरा अभी भी खड़ी हैरानी से यही सब देख रही थी कि उसके सामने एक टैक्सी आकर खड़ी हुई और वो टैक्सी वाला आवाज़ लगाकर कहता है, "मैम आपको कहीं जाना है क्या?"
आयरा उस ड्राइवर की आवाज़ सुन चौंक गई और फिर जल्दी से टैक्सी में बैठकर, "हाँ...हाँ...वो वो...मुझे कुर्ला वेस्ट जाना है।" यह बोलते वक़्त उसकी नज़र उस क्लब पर थी जो धधक रहा था।
आयरा दिल ही दिल भगवान का शुक्र मना रही थी कि उसने उसे बचा लिया। लेकिन हकीकत में तो उसको बचाने वाला कोई और ही था।
वह टैक्सी ड्राइवर "ओके" बोलकर गाड़ी को स्टार्ट करता है और फिर बाहर की तरफ़ देखकर किसी को इशारा करता है और सीधा निकल जाता है। वहीं कुछ दूरी पर रुद्राक्ष अपनी गाड़ी में बैठा हुआ यह सब देख रहा था।
रुद्राक्ष अपनी सिगरेट पीते हुए उस क्लब को जलता हुआ देखता रहता है। तभी उसके फ़ोन पर एक कॉल आता है। रुद्राक्ष उस कॉल को रिसीव कर बोला, "हाँ तो बताओ नील। कौन है यह काल? जो फ्री फ़ोकट में इतने एक्सपेंसिव ड्रीम्स देख रहा है? कौन है ये छपरी जो सबको अपने नंबर की पर्चियाँ बाँट रहा है?"
दूसरी तरफ़ से रुद्राक्ष का असिस्टेंट नील, "बॉस, यह एक फ़ेक आईडी है। यह नंबर कुर्ला वेस्ट साइड रहने वाले किसी पंकज का है और यह एक नॉर्मल लोअर मिडिल क्लास पर्सन है। संजीवनी हॉस्पिटल में यह वार्ड बॉय की जॉब करता है।"
रुद्राक्ष अपने दिल पर हाथ रखकर एक्टिंग करते हुए, "हाय रे! इस वार्ड बॉय ने तो दिल के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। ये पागल भेड़िया तो लोगों की मरहम-पट्टी करने वाला निकला। मैं तो इस काल द मेड वोल्फ से मुलाक़ात करना चाह रहा था। लेकिन यह तो भेड़िये की जगह गली का आवारा, खुजली का मारा इतू सा पप्पी निकला। छछ्छ्छ्छ्ह्! चल कोई बात नहीं।"
"जरा बुला डिनर पर इस काल की सस्ती कार्बन कॉपी को, मतलब वार्ड बॉय को। वैसे हमें भी एक नर्स की ज़रूरत महसूस हो रही है। तो जब नर्स हमारे पास होगी तो वार्ड बॉय भी वहाँ होना चाहिए ना।"
अपनी बात कहने के बाद रुद्राक्ष हल्का सा मुस्कराने लगा। तो वहीं नील उसकी बातों का मतलब साफ़ तरीके से समझ गया था। इसलिए वह आगे कहता है, "बॉस, कौन सी वाली?"
रुद्राक्ष, अपने लोवर लिप को जरा सा बाइट करते हुए बोला, "अगर ला सके तो ले आ कोई ऐसी, जो मेरे दिल के अरमान को ठंडा कर पाए। क्योंकि अगर वो मुझे गरम नहीं कर पाई तो... तो फिर मैं उसके बदन के खून को ठंडा करूँगा। यू नो, चिल्ड ब्लड।" इतना बोल कर रुद्राक्ष जोर-जोर से हँसने लगा।
नील अपने माथे पर आए पसीने को साफ़ करते हुए, "ओ...ओके बॉस। काम हो जाएगा।"
फ़ोन रखने के बाद रुद्राक्ष खुद से, "तो मिस दिलबरा। भले तुम कुछ भी दिखाओ। खुद को सेल्फडिपेंडेंट, फ़लाना, ढिमका, पेप्सी, लिम्का...
लेकिन नकली ही सही, अपना बॉयफ्रेंड भी बनाया तो एक अमीरज़ादे खुंखार वोल्फ को। कोई ना बेबी। आई लाइक योर चॉइस। हर लड़की की तरह तुम भी बाकी लड़कियों की तरह ही पैसे के नाम की भूखी हो। तुम्हारे दिल और दिमाग में वह पागल भेड़िया बसा है ना। सिर्फ उसकी दौलत, उसके नाम की वजह से तुमने उसे अपना सो कोल्ड रक्षक बना लिया, झूठमूठ का ही सही।"
"चलो कोई ना। तुम्हारी यह विश ज़रूर पूरी करूँगा। तुम्हारे इस पागल भेड़िये को, तुम्हारे दिल और दिमाग में बैठा के रखूँगा। क्योंकि तुमने अपने नकली बॉयफ्रेंड का इंट्रोड्यूस असली काल से करा दिया। सिली गर्ल।"
"यस बेबी। मैं ही हूँ तुम्हारा सो कॉल्ड फ़ेक बॉयफ्रेंड। काल द मेड वोल्फ। और ये काल तुम्हें अपनी ज़िन्दगी में, नहीं सॉरी सॉरी। ज़िन्दगी में नहीं, अपने पिंजरे में कैद करके रखेगा। क्योंकि जो गुस्ताखी तुमने की वह आज तक कोई नहीं कर पाया।" ये सब बोल कर रुद्राक्ष की आँखों के सामने वो सीन आ जाता है जब आयरा ने उसके कॉलर को पकड़ा था।
दूसरी तरफ़, एक छोटे से घर में आयरा किचन में खड़ी ज़बरदस्ती दो लीटर पानी पी चुकी थी। लेकिन उसका दिल-दिमाग अभी भी शांत नहीं हो रहा था और उसका गला अभी भी सूख रहा था। इसकी वजह था वो डर। जो उसे इसलिए लग रहा था कि अगर उस ब्लास्ट में उसे कुछ हो जाता तो उसके भाई का क्या होता है।
आयरा सेल्फ डिपेंडेंट और खुदगर्ज़ लड़की थी। वह भले ही अनाथ आश्रम में पहली बड़ी थी, लेकिन जब उसने कमाना शुरू किया तो खुद के लिए एक अलग रूम ले लिया और वह वहाँ पर रहती थी। वो अनाथ आश्रम का सारा काम देखती थी, लेकिन खुद वहाँ नहीं रहती थी। इसकी वजह यह थी कि वह यह कहती थी कि उसकी जगह वहाँ पर किसी और अनाथ बच्चे को रहने की जगह और दो वक़्त की रोटी मिल जाएगी। वह तो खुद कमा ही रही है, आगे भी कमाती रहेगी।
उसे ब्लास्ट, उसे क्लब में उसके साथ जो कुछ हुआ, रुद्राक्ष से मिलना, यह सारी बातें वह भूल गई थी। वह यह भी भूल गई थी कि उसका फ़ोन टूट चुका है, और उसका भाई, जिसका आज बर्थडे है, वह उससे बात करने के लिए परेशान हो रहा होगा।
आयरा जो अभी पानी पी रही थी कि तभी उसके घर में एक २२-२३ साल का लड़का उसे आवाज़ देते हुए इंटर करता है, "ओगी? ओए ओगी। कहाँ है तू?"
आयरा पानी को गले से नीचे उतार कर आवाज़ देकर कहती है, "हाँ हाँ। आ रही हूँ पिज्जू।"
यह लड़का पंकज था। जिसका नंबर आयरा ने द मेड वोल्फ के नाम से सेव किया था। असल में यह उसने अपनी सेफ्टी के लिए किया था। वो काल के बारे में सिर्फ़ इतना जानती थी कि वो बहुत खतरनाक इंसान है जो कभी किसी के सामने नहीं आता और ना वो किसी से मिलता है।
आयरा को जॉब के लिए कई बार ऐसे मामले पेश आए जब उसको किसी की मदद चाहिए थी। पर वो एक अनाथ बेसहारा लड़की। कौन ही सहारा देता। उसे हर कोई इस्तेमाल करना चाहता था और उसने काल का नाम यूज़ किया अपनी सेफ्टी के लिए।
छोटे-मोटे लोग सिर्फ़ नाम से डर जाते थे। तो वहीं कुछ समझदार लोग शक करते थे कि काल कैसे एक बार डांसर का बॉयफ्रेंड हो सकता है। तो आयरा ने पंकज से बात करवा दी उन लोगों की। और पंकज एक्टिंग में तो माहिर ही था। डॉन का एक्टिंग कर सबको डरा देता था।
लेकिन आज आयरा और पंकज अपने जाल में फँस गए थे बहुत बुरी तरह। ये आप लोग आगे देखोगे कैसे🤭
पंकज, "ओगी, कितने फ़ोन आ रहे हैं प्रिंस के? तेरा फ़ोन क्यों नहीं लग रहा है? फ़ोन बंद आ रहा है, तो परेशान हो रहा है। पता है वह कितना रो रहा था कि तू अभी तक नहीं आई और अभी उसका फ़ोन भी नहीं लग रहा है।"
आयरा अपने सर पर मारकर, "ओ तेरी! मैं तो भूल ही गई। हो गया सयापा। तू ज़्यादा सवाल-जवाब ना कर। जल्दी से तू मुझे जरा प्रिंस का नंबर लगाकर दे।"
पंकज अपने फ़ोन से प्रिंस के वार्डन का नंबर डायल करते हुए कहता है, "लेकिन तेरा फ़ोन कहाँ है?"
आयरा पंकज के हाथ से फ़ोन लेकर, "हो गया उसका राम नाम सत। और यह मत पूछना कैसे हुआ! मेरा पहले ही दिमाग का फ्यूज़ उड़े हुए हैं। कहीं तू और इंटरव्यू लेने लग जाए अब।"
आयरा को आज क्लब में क्या-क्या हुआ उसे सब याद आने लगा। उसे अपने और रुद्राक्ष की हुई वो लड़ाई भी याद आती है। तो उसे उस पर बहुत गुस्सा आने लगा। मानो उसका बस चले तो उसके बालों को नोच ले।
आयरा ने कॉल लगाकर, परेशानी और गुस्से भरे अंदाज़ में खुद से बात करते हुए कहा, "उस जमालघोटे जैसी शक्ल वाले अल्कोहल की वजह से मैं आज इतने खास दिन पर अपने प्रिंस से मिलने टाइम पर नहीं गई। अगर आइंदा मिल गया ना तो उसकी ही व्हिस्की बनाकर उसे उसी में डुबोकर उसी को पिला दूंगी, काला अखरोट कहीं का…"
प्रिंस ने तब तक कॉल रिसीव कर लिया था और उसने रोनटी आवाज़ में कहा, "दीदा, आप मुझे काला अखरोट बोल रही हो? एक तो आप मेरी बर्थडे पर अभी तक आई नहीं, ऊपर से मुझे क्या-क्या बोल रही हो? जाओ, कट्टी।"
आयरा ने कहा, "अरे मेरे नन्हे राजकुमार! मेरी इतनी मजाल है कि मैं अपने हैंडसम, हॉट, डैशिंग प्रिंस को काला अखरोट कहूँ? वह तो एक चिलगोज़ा मिल गया था। उसकी वजह से तेरी दीदा का फ़ोन भी टूटा और तेरी दीदा लेट भी हो गई।"
प्रिंस ने रोना छोड़कर आयरा से कहा, "तो दीदा, आप उसका अपने एक-एक पंच से मुँह फोड़ देतीं? आप तो चैंपियन होना।"
आयरा ने कहा, "हाँ, बच्चा हूँ तो, लेकिन तुमसे मिलने के जल्दी में मैंने माफ़ कर दिया और जल्दी से भाग आई।"
प्रिंस ने पूछा, "तो आप अब तक आईं क्यों नहीं?"
प्रिंस की बात सुनकर आयरा को क्लब का ब्लास्ट वाला हादसा याद आ गया और वह याद करके उसके शरीर में एक कपकपी बन गई।
प्रिंस ने सामने से आयरा का जवाब न आता देख कहा, "दीदा, दीदा, आप सुन रही हो ना?"
आयरा चौंककर बोली, "यस, यस बेबी, मैं सुन रही हूँ। अच्छा, सारी बातें छोड़ो और यह बताओ, गिफ्ट क्या चाहिए मेरे प्रिंस को? टेडी बियर, रिमोट कंट्रोल कार, या फिर बेन टेन ड्रेस, या कुछ और?"
प्रिंस इमोशनल होकर बोला, "दीदा, मुझे गिफ्ट में आपका साथ चाहिए। मुझे नहीं रहना यहाँ। मुझे आपके साथ रहना है, आपके पास रहना है। आप मुझे क्यों नहीं बुलाती अपने पास? आप भी मेरे असली वाले मम्मी-पापा की तरह पसंद नहीं करती क्या मुझे? क्या आप भी मुझसे परेशान हो गई हैं ना? मैं चल नहीं सकता, ना इसलिए ना?"
आयरा का दिल प्रिंस की बातों से फट रहा था। वह प्रिंस को अपने साथ नहीं रख सकती थी क्योंकि उसे जॉब के लिए पूरे दिन ग़ायब रहना पड़ता था। कभी-कभी तो पूरी रात रहना पड़ जाता था। और ऐसे में प्रिंस का ख्याल कौन रखता? इसलिए आयरा ने उसे हॉस्टल में रखा था जहाँ उसकी पढ़ाई भी होती थी और उसकी देखभाल भी।
आयरा ने आँखों में नमी लिए कहा, "चुप! चपेट पड़ेगा अब तेरे। तू बहुत बोलने लगा है! और कौन से माँ-बाप? मैं तेरी अम्मा, मैं ही तेरा अब्बा। तो ख़बरदार, उन हरक़तों का नाम भी लिया तो! दाँत तोड़ दूँगी!"
और किसने बोला कि तू चल नहीं सकता? देखना, बहुत जल्दी तू चलेगा ही नहीं, दोड़ेगा भी। समझा? अच्छा, फ़ोन रख, मैं आती हूँ तुझसे मिलने। लव यू।"
प्रिंस ने कहा, "ओके दीदा, मैं आपका वेट करूँगा। बाय, लव यू टू।"
फ़ोन कट होते ही आयरा ने एक गहरी साँस लेकर चेयर पर धम से बैठ गई। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। पंकज ने आयरा को संभालते हुए कहा, "ओगी, संभाल खुद को। ऐसे तू हिम्मत नहीं हार सकती।"
आयरा गुस्से में रोते हुए बोली, "कैसे-कैसे नहीं हारूँ हिम्मत यार, कैसे नहीं? इतने सालों से अपनी जान लगा दी प्रिंस को सही करवाने के लिए, पैसे जमा करने के लिए, लेकिन हाथ क्या आया? सिर्फ़ चिल्लर। क्या कुछ नहीं किया मैंने? झाड़ू-पोछा, बर्तन तक धोए, हर तरह की जॉब की। लेकिन हर जगह या तो पहले चिल्लर दिए या फिर जॉब के नाम पर सबको एक तवायफ़ चाहिए थी जो दिन में उनके ऑफ़िस को संभाले और रात को उनके अरमानों को।"
थक-हार कर मैंने अपने शौक को, अपने पेशे को अपना कारोबार बना लिया। रोज़ जानवरों के आगे पेश कर खुद को कुएँ में धकेल रही हूँ। हर दिन यही डर है कि जाने कब मेरी इज़्ज़त नीलाम हो जाए।
फिर आयरा ने पंकज को आराम से देखते हुए कहा, "एक बात बता, पंकज, प्रिंस की क्या गलती थी? उसके माँ-बाप ने उसे खुद से दूर क्यों किया? सिर्फ़ इसलिए कि वह ठीक से चल नहीं सकता? उसको निकाल फेंका अपनी ज़िंदगी से। चल माना, हम लड़कियाँ बोझ होती हैं। अगर हमें कोई अनाथ आश्रम में छोड़कर आ जाता है, हम समझ जाते हैं, लेकिन प्रिंस तो लड़का था ना, फिर वह क्यों?"
पंकज ने आयरा को समझाते हुए कहा, "अब यह समाज लड़का-लड़की नहीं देखता। अब यह समाज देखता है कि कौन अपने परिवार को पाल सकता है। जो परिवार को पाल सकता है, जो ज़िम्मेदार बनेगा, उसकी वाह-वाह। अगर कोई औलाद निकम्मी या ऐसी हो जो उन पर ज़िम्मेदारी बन रही है, तो उसको अपनी लाइफ़ से निकाल बाहर किया जाता है। प्रिंस के साथ भी यही हुआ।"
आयरा ने अपने आँसू साफ़ करते हुए कहा, "लेकिन मैं अपने प्रिंस को ठीक करूँगी। उसको वह लाइफ़ दूँगी जो वह डिजर्व करता है।"
पंकज ने आयरा की बात सुनकर मुस्कुरा दिया, कि तभी उसका फ़ोन बज गया जिस पर एक अननोन नंबर शो हो रहा था। पंकज ने फ़ोन रिसीव करते हुए कहा, "यस, कौन?"
दूसरी तरफ़ से कोई आदमी बोला, "सर, मैं जीवन ज्योति हॉस्पिटल से बोल रहा हूँ। आप पंकज चतुर्वेदी बोल रहे हैं?"
पंकज ने कहा, "यस, आप कौन?"
दूसरी तरफ़ से आदमी ने कहा, "सर, आप जल्दी से हॉस्पिटल आ जाइए। बाक़ी सवाल-जवाब यहीं करेंगे!"
पंकज ने कहा, "लेकिन आप हैं कौन?"
लेकिन अब तक फ़ोन कट हो गया था।
आयरा ने पूछा, "क्या हुआ? किसका कॉल था?"
पंकज ने कहा, "हॉस्पिटल से था, लेकिन मेरी ड्यूटी तो ख़त्म हो गई, फिर यह कॉल कैसा आ गया?"
आयरा ने कहा, "कोई मज़ाक कर रहा होगा।"
पंकज ने कहा, "पर देखना तो पड़ेगा, अगर सच हुआ तो?"
फिर पंकज ने आयरा से कहा, "चल, ऐसा कर तू जा, मैं प्रिंस से कल मिलने आ जाऊँगा।" यह बोलकर पंकज वहाँ से निकल गया, एक नई मुसीबत में फँसने। अब बेचारा क्या जानता था कि यह फ़ोन कॉल उसके लिए एक डेड कॉल बनकर आया है…
डेविल हाउस।
डाइनिंग हॉल।
एक बड़ी डाइनिंग टेबल पर खाने की हर वैरायटी थी। वहाँ वेज, नॉनवेज, इंडियन, वेस्टर्न, हर चीज़ उस टेबल पर रखी थी। उस टेबल पर इतना खाना था कि लगभग 100 लोग खा लेते, तब भी खाना कम न पड़ता। उस डाइनिंग टेबल के हेड चेयर पर एक लड़का, शर्टलेस, किसी राजा की तरह बैठा हुआ था। उसकी बॉडी को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह कितना जिम करता होगा; उसकी बॉडी की हर नस तनी हुई थी।
फिलहाल, उसकी बॉडी ही हमारे रीडर की जान लेने के लिए काफी थी क्योंकि चेहरे को उसने अपने एक मास्क से कवर कर रखा था। लेकिन, उस मास्क में से भी उसकी भूरी आँखें एकदम खूंखार लग रही थीं।
उस आदमी के हाथ में एक नॉर्मल साइज से बड़ी नाइफ थी, जिसको मोस्टली लोग मर्डर में यूज़ करते थे, और दूसरे हाथ में एक फोक था। और वह भी नॉर्मल साइज से बहुत बड़ा था; एक त्रिशूल टाइप लग रहा था, लेकिन वह त्रिशूल नहीं था।
अब वह मास्क मैन उन दोनों छोरियों के कांटे से अपनी प्लेट में रखे चिकन पीस को काटकर खा रहा था।
वहीँ, उसके ठीक सामने एक लड़का चेयर पर बैठा हुआ था। उसकी हालत काफ़ी खस्ता नज़र आ रही थी, जैसे उसे बहुत पीटा गया हो, और उसकी उन चोटों पर मरहम-पट्टी की गई थी। वह बड़े सुकून से उस चेयर पर बैठा हुआ था, लेकिन वह अपनी हैरत भरी नज़रों से सामने बैठे मास्क मैन को देख रहा था कि वह किस तरीके से इतने बड़े-बड़े हथियारों के साथ चिकन खा रहा था।
टूटी हुई हालत में बैठा हुआ वह लड़का पंकज ही था।
पंकज के दोनों पैरों पर पट्टियाँ बँधी हुई थीं। एक हाथ पर प्लास्टर था, दूसरा हाथ भी पट्टियों से भरा हुआ था।
बेचारे को डाइनिंग टेबल पर बिठाया गया था खाना खाने के लिए, लेकिन वह कैसे खाए, जबकि वह अपने हाथों को हिला भी नहीं सकता था। इसलिए, वह सामने बैठे इंसान से बात करना शुरू करता है।
"आपका बहुत-बहुत शुक्रिया जो आपने मुझे उन गुंडों से बचा लिया। वरना मुझे तो लगा था कि मेरा आज राम नाम सत्य होने वाला है।"
वहीँ, पंकज के ठीक सामने बैठा मास्क मैन खाना खाते हुए पंकज से कहता है—
"शुक्रिया की कोई ज़रूरत नहीं यार। बस एक डाउट था। मैंने तो सुना है कि तुम काल द मेड वोल्फ हो और काल इस तरह गली के दो कोड़ी के लुच्चे लफंगों से, आवारा कुत्तों से पीटकर आ गया? छीछी ई!!"
फिर वह मास्क मैन अपनी नज़र उठाकर पंकज को देखता है और उसे देखते हुए उस बड़ी नाइफ से चिकन पीस काटकर, उसे फोक से लगाकर खाते हुए कहता है—
"इसका मतलब क्या मैं यह समझूँ... जो मैंने तुम्हारे बारे में दूर के लोगों से सुना है वह झूठ है???"
वहीँ पंकज, जो पहले ही तारीफों का भूखा था, इसलिए काल के नाम पर कभी-कभी अच्छी एक्टिंग दिखाकर अपनी तारीफ करवा लेता था, वो भी बस आयरा की वजह से। इसलिए वह यहाँ भी अपनी शेखी को बरकरार रखते हुए कहता है—
"अरे नहीं नहीं, आपने बिल्कुल सही सुना है। मैं ही हूँ काल द मेड वोल्फ।"
पंकज की बात सुनकर वहाँ खड़ा हर गार्ड, जो वहाँ हर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर खड़ा हुआ था, वह पंकज की तरफ़ नज़र घुमाकर देखते हैं। पंकज एकदम सबकी नज़रें खुद पर आता देख, उन सब को देखते हुए कहता है—
"क्या ऐसे क्या देख रहे हो? सच कह रहा हूँ मैं।"
"वो क्या है ना, आज तक किसी ने देखा नहीं मुझे, इसलिए यकीन नहीं हो रहा है तुम सबको। फिलहाल, मैं ही हूँ काल।"
सामने बैठा मास्क मैन अपने खाने का मज़ा लेते हुए कहता है—
"तुम्हारी हालत देखकर तो लग रहा है तुम काल नहीं, अकाल हो। ऐसी सूखी फसल की तरह जिस पर अभी-अभी एक भारी सा ट्रक गुज़र गया हो या बुलडोज़र गुज़रा हो।"
यह कहने के बाद वह मास्क मैन डेविल हँसी हँस देता है।
अब हमारे पंकज साहब, वह ठहरे एक्टिंग की दुनिया के बादशाह। वह कहाँ अपनी बेइज़्ज़ती बर्दाश्त कर सकते थे। वह अपने फुल एटीट्यूड में कहते हैं—
"देखिए मिस्टर, आपने मेरी जान बचाई है, इसका यह मतलब नहीं कि मेरे बारे में कुछ भी कहते रहेंगे। हाँ, माना कि आज मुझे कुछ लोगों ने मारा थोड़ा बहुत।"
वह मास्क मैन मुस्कुराकर पंकज को ऊपर से नीचे तक देखकर कहता है—
"हाँ, थोड़ा बहुत। बस इत्तू सा।" इतना बोलकर वह अंगूठे और उंगलियों से इशारा करता है और हँसने लगता है।
फिर पंकज कहता है—
"हाँ, मतलब थोड़ा सा ज़्यादा मारा। वह इसलिए क्योंकि मैं अभी अपनी पहचान किसी के सामने आने नहीं देना चाहता। मैं चाहता तो उन लोगों को एक चुटकी में उड़ा सकता था, लेकिन मेरे कुछ रूल्स और रेगुलेशन हैं। ऐसे पब्लिक प्लेस में अपनी आइडेंटिटी ज़ाहिर नहीं कर सकता ना। अगर मैं उन लोगों को मारता, मैं अकेला बंदा 15 लोगों को मारता, तो कल को सोशल मीडिया पर मेरी ही तस्वीर होती। इसलिए मैंने पिटना बेस्ट ऑप्शन समझा है, एस कंपेयर टू मारने से।"
वहीँ सामने बैठा मास्क मैन खाना-पीना छोड़कर पैर पर पैर चढ़ाकर अपने हाथों से क्लैपिंग करके कहता है—
"वाह! माइंड ब्लोइंग! क्या इंसान हो! मतलब क्या ही कहने हैं आपके!"
"ऐसी उच्च कोटि की सोच रखने वाला महान इंसान ही काल हो सकता है, जो अपनी पहचान छुपाने के लिए 15 लोगों से अकेले पिट रहा था और सोशल मीडिया पर स्टार न बनने के लिए अपनी हड्डी-पसली तुड़वा रहा था। मान गए सर, आपको मान गए।"
फिर वह मास्क मैन पंकज से कहता है—
"अच्छा सा यह बताइए, अब जैसा कि मुझे पता चल गया है कि आप कौन हो, और अगर मैं आपकी आइडेंटिटी सबको बता दी तो???"
पंकज, जो खुद को काल साबित करने पर खुशी से फूला नहीं समा रहा था, वह कहता है—
"कोई बात नहीं। कोई बात नहीं। तुमने मेरी जान बचाई है तो इतना तो बनता है। तुम भरोसे के आदमी हो, और अगर तुम किसी को बता भी दोगे, तो मैं मना नहीं करूँगा। ऐसी कोई बात नहीं है। आखिर एक न एक दिन तो मेरी सच्चाई सबके सामने आने ही है, तो इसके बाद की कोई टेंशन नहीं।"
उसके बाद वह मास्क मैन मुस्कुराकर कहता है—
"वैसे यही बात आप उन लोगों को मारकर बोलते तो शायद आपकी आइडेंटिटी का एक अच्छा इंप्रेशन पड़ता।"
"पर कोई बात नहीं, उन कुत्तों को कुत्ते की मौत मारने की जगह आपने खुद 🐖 तरह की पिटना पसंद किया।"
पंकज समझ रहा था कि सामने बैठा इंसान उसकी बेइज़्ज़ती कर रहा है, लेकिन वह अपने तन में कहता है—
"तुम एक नॉर्मल इंसान हो, तुम क्या जानो हम डॉन लोगों की ज़िंदगी के राज? हमें क्या-क्या करना पड़ता है। कभी ये 🐕 तो कभी यह 🐖 बनना पड़ता है।"
वहाँ खड़ा हर गार्ड गुस्से में आग-बबूला हो रहा था और उन्हें हँसी भी आ रही थी। पंकज का झूठ वहाँ हर एक इंसान बखूबी समझ रहा था।
अब वह मास्क मैन अपने खाने को वापस खाते हुए कहता है—
"चले, इसी बात पर कॉल द मैड वोल्फ खाना शुरू करें।"
पंकज सर हां में इशारा देता है, लेकिन वह बेचारा खाए कैसे?
उससे तो ना चम्मच पकड़ा जाता, ना हाथ से खाया जाता। इसलिए, वापस साइड में रखे जूस के गिलास को हल्के से आराम से हाथ में उठाता है और पीने लगता है। गिलास को उठाकर पीने तक में उसकी कई बार आह निकल जाती है, लेकिन वह मास्क मैन और वहाँ खड़ा हर इंसान ऐसे दिखाता है जैसे कि वह पंकज को देख ही नहीं रहे।
पंकज हल्के-हल्के वह जूस पीता है और जूस पीने के लगभग दो मिनट के अंदर ही वह बेहोश होकर वहीं चेयर से लटक जाता है।
वहीँ पास में खड़ा एक गार्ड उसको सीधा करके चेयर पर बैठाता है।
वह मास्क मैन अब अपने खाने को छोड़कर चेयर से उठकर धीरे-धीरे पंकज के पास आता है। उसके पास आने के बाद वह अपने हाथ से पंकज के चेहरे को इधर-उधर करता है और फिर अपने चेहरे से मास्क उतारकर साइड में खड़े गार्ड को थमा देता है। मास्क उतरते ही उस इंसान का चेहरा नज़र आता है।
मास्क उतरते ही उस इंसान का चेहरा नज़र आया।
मुझे नहीं लगता कि मुझे आप लोगों को बताने की ज़रूरत है। इतने समझदार पाठक हैं मेरे कि वे समझ गए होंगे कि यह मास्क मैन रुद्राक्ष ही है।
रुद्राक्ष ने पहले कॉल करवाकर पंकज को उसके घर से निकलवाया था। फिर रास्ते में अपने ही आदमियों से उसे कुत्ते की तरह पिटवाया था। उसके बाद नील से कहकर उसको बचाया था। फिर अपने घर लाकर मरहम-पट्टी करके उसे अपने साथ खाना ऑफर किया था।
रुद्राक्ष पंकज को देखकर बोला, "क्या यार! ऐसे-ऐसे छछूंदर मेरे नाम का यूज़ करेंगे? मुझे उम्मीद बिल्कुल नहीं थी।"
"लेकिन कोई ना। इसी बहाने एक दिल बहलाने का खिलौना मिल गया मुझे।"
यह बोलकर वह अपने पास खड़े गार्ड को इशारा कर कुछ लाने को कहा।
वह गार्ड एक स्पेशल टाइप का पेपर लेकर आया और साथ में एक पेन दिया।
रुद्राक्ष उस कार्ड पर कुछ लिखा और लिखने के बाद उसे फोल्ड कर उस गार्ड को थामा और कहा, "इस गटर के कीड़े को इसके गटर में फेंक आओ।"
वह आदमी सर झुकाकर, "यस बॉस," कहा और फिर पंकज को उठाकर वहाँ से ले जाने लगा।
उसके बाद रुद्राक्ष अपने दूसरे एरिया में गया। जहाँ पर उसके लिए किंग साइज़ चेयर पड़ी थी। उस चेयर को वोल्फ के लुक में बनाया गया था। जहाँ पर उसका बैक साइड पूरा वोल्फ के मुँह की तरह था और उसके हैंडल वोल्फ के पंजों की तरह डिज़ाइन किए गए थे।
रुद्राक्ष अपने चेयर पर बैठा और पैर पैर पर चढ़ाए।
फिर उसने अपने असिस्टेंट नील को आवाज़ देकर कहा, "नील डार्लिंग, अब हमारे हाथ में दो प्रजाति हैं जानवरों की। एक अभी गया 🐖।"
"और दूसरी है हमारी चिड़िया। चलो जरा चिड़िया को पकड़ने के लिए दाना डालो।"
यह कहने के बाद रुद्राक्ष राक्षसों की तरह हँसने लगा। उसकी हँसी इतनी भयानक थी कि वहाँ खड़ा हर इंसान थर-थर काँप रहा था।
नील रुद्राक्ष की बातों का मतलब साफ़ समझ रहा था, इसलिए उसने "ओके" बोलकर वहाँ से निकल गया।
जैसे ही नील जाने के लिए मुड़ा, रुद्राक्ष ने उसे रोककर कहा, "और आज की रात के लिए क्या इंतज़ाम है? यह तो बता दो।"
नील मुड़कर बोला, "सर, वो बस...बस अड्डे पर पहुँचा दी गई है।"
रुद्राक्ष हँसते हुए खड़ा होकर बोला, "तो फिर, मुझे भी उड़न छू होना पड़ेगा। अपनी आँखों को सुकून देने के लिए।"
दूसरी तरफ प्रिंस का हॉस्टल...
आयरा हॉस्टल में पहुँच चुकी थी। आयरा के कहने पर वार्डन ने पूरे हॉस्टल को डेकोरेट किया था और केक भी मँगवा रखा था।
उस हॉस्टल में ऐसे ही बच्चों को रखा जाता था जो पेरेंट्स वर्किंग होते थे और उन्हें ऑफिस जाने के लिए अपने बच्चों की देखभाल के लिए किसी की ज़रूरत होती थी, वे अपने बच्चों को यही हॉस्टल में छोड़ देते थे। अपने काम से वापस आकर वे अपने बच्चों को अपने साथ ले जाते थे।
प्रिंस एक अकेला ऐसा बच्चा था जो वहाँ दिन-रात रहता था। और आयरा इसके लिए उस हॉस्टल को डबल पे करती थी। उसने प्रिंस की देखभाल में कभी कोई कमी नहीं की। खुद भले ही उसे सूखी रोटी खाकर रहना पड़ता, लेकिन प्रिंस के लिए वह हर चीज़ अच्छी ही अवेलेबल करती थी। अभी देखा, उसने पूरे हॉस्टल में एक ग्रैंड पार्टी दी थी।
हालाँकि वहाँ पर बच्चों में सिर्फ़ प्रिंस था और पूरे हॉस्टल का स्टाफ़।
आयरा ने अपनी हैसियत के हिसाब से बहुत अच्छी पार्टी अरेंज की थी। केक कटिंग के टाइम आयरा प्रिंस का हाथ पकड़कर केक कटवाते हुए बोली, "चलो फिर अब विश माँगो जल्दी से। और कैंडल बुझाओ मेरे राजकुमार।"
प्रिंस आँखें बंद करके बोला, "गॉड जी! जल्दी से मुझे ठीक कर दो। ताकि मैं अपनी दीदा की पूरी ज़िम्मेदारी उठा सकूँ और फिर मैं अपनी दीदा के लिए एक अच्छा सा जीजा ढूँढ़ूँ और उनकी शादी करा दूँ।"
आयरा प्रिंस की बात सुनकर दिल से बहुत खुश हुई कि उसका भाई उसकी कितनी फ़िक्र करता है। लेकिन थोड़ी मस्ती-मज़ाक का सीन क्रिएट करने के लिए बोली, "क्या नन्हे राजकुमार! तुम मुझे फाँसी पर चढ़ाने के लिए खुद को ठीक करवाना चाहते हो? अरे, जब तुम ठीक हो जाओगे ना तो हम लोग रेस लगाएँगे, घूमने जाएँगे, लंबी वॉक पर जाएँगे। और तुम मुझे फाँसी के फंदे पर चढ़ाने की तैयारी कर रहे हो? दिस इज़ नॉट गुड।"
प्रिंस आयरा को देखकर बोला, "अरे दीदा, तो टेंशन की क्या बात है? जब मेरे जीजा मिल जाएँगे तो हम तीनों जाएँगे, ठीक है ना? और वैसे भी आप इतनी अच्छी हो तो मैं आपके लिए बहुत अच्छे से जीजा ढूँढकर लाऊँगा जो आपकी हर बात मानेगा, आपको बहुत प्यार करेगा, आपका बहुत ध्यान रखेगा, वह आपके सारे नखरे उठाएगा, आपको कभी परेशान नहीं करेगा और न आपको कभी परेशान होने देगा।"
आयरा प्रिंस की बातें सुनकर बहुत भावुक हो गई। जिस तरह प्रिंस का बचपन बिन माँ-बाप और बिन प्यार के था, वैसा ही बचपन आयरा का भी गुज़रा था। प्यार-मोहब्बत, देखभाल यह सब तो उसकी ज़िन्दगी में था ही नहीं। प्रिंस के उसकी ज़िन्दगी में आने से उसे जीने की एक वजह मिल गई थी। इकलौता वही इंसान था जो उसकी फ़िक्र करता था। वरना अनाथ आश्रम में तो उसे एक कामवाली की हैसियत से रखा जाता था।
आयरा अपने आँसुओं को संभालते हुए बोली, "अच्छा, ठीक है। बस बहुत हो गया। अब केक काटो।"
प्रिंस केक काटा और सबसे पहले आयरा को खिलाया।
यूँ ही मस्ती-मज़ाक के साथ पूरी रात बीत गई।
नेक्स्ट डे...
सुबह सवेरे आयरा निकल पड़ी नई जॉब की तलाश में। क्योंकि वह बिना जॉब के अपने प्रिंस का इलाज नहीं कर सकती थी।
दूसरी तरफ पंकज अपने घर में बेहोशी की हालत से अब उठा था। कल रात रुद्र के आदमी उसे उसके घर छोड़ गए थे और साथ में रुद्र का लिखा हुआ लेटर भी।
पहले वह हैरान हुआ कि वह तो खाना खा रहा था, यहाँ कैसे आ गया। फिर रुद्र का ख़त पढ़कर पंकज की आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं।
जिसमें लिखा था, "चूसे हुए आम की कार्बन कॉपी, अपना हुलिया देख। और सपने हैं काल द मैड वोल्फ बनने के। अब तूने मेरी पहचान चुराने की जो गुस्ताखी की है, उसका हर्जाना तो बेटा जी देना पड़ेगा अपने असली बाप को। और वो हर्जाना होगी दिलबरा।"
(Kaal the mad wolf)
ये सब पढ़ते हुए पंकज के दिल की धड़कनों की रफ़्तार किसी रोलर कोस्टर की तरह बढ़ती जा रही थी। मानो अभी-अभी उसको हार्ट अटैक आने वाला हो। मतलब उसके हाथ में जो लेटर था वो काल का लिखा हुआ था। और उसको पंकज के बारे में और उसकी उस दो-कोड़ी की फ़्लॉप एक्टिंग के बारे में सब पता था।
अब तो पंकज को साक्षात अपना काल ही नज़र आ रहा था। उसके हाथ-पैर काँप रहे थे। तभी उसके घर की डोर बेल बजी। तो उसकी हार्टबीट मानो स्किप ही हो गई...
रुद्राक्ष का फार्महाउस
रुद्राक्ष अपने फार्महाउस में बेड पर, सिंगल बॉक्सर में, पीठ के बल सोया हुआ था। उसका रूम हद से ज़्यादा लग्ज़रियस था, एक रॉयल लुक में...
रुद्र आराम से सो रहा था कि तभी उसके दरवाज़े पर दस्तक हुई। रुद्राक्ष आवाज़ सुनकर करवट लिया और अपने कान पर तकिया रख लिया। लेकिन गेट पर लगातार दस्तक होती रही और यह आवाज़ बंद नहीं हुई। रुद्राक्ष इरिटेट होकर उठकर बैठा और अपने बालों पर हाथ फेरते हुए कहा, "यार! रात भर यह लड़की नहीं सोने दी और अब यह नील भी! Na uffff..."
फिर वह उठकर अपनी पैंट पहनी और रूम में मौजूद एक मिनी बार में जाकर वहाँ मौजूद फ्रिज से एक व्हिस्की की कैन निकाली और उसे खोलकर पीते हुए दरवाज़े की तरफ बढ़ गया। दरवाज़ा खोला तो सामने नील और उसके साथ एक सर्वेंट खड़ा हुआ था, जिसके हाथ में एक ट्रॉली मौजूद थी। ट्रॉली में अलग-अलग किस्म की चाय, कॉफ़ी, जूस, हर तरह की वैरायटी मौजूद थे।
रुद्राक्ष कैन को अपने मुँह से लगाया और आँखों से नील को कुछ इशारा किया। नील उस इशारे को समझकर घड़ी देखी: एक घंटा, 37 मिनट और 20 सेकंड।
रुद्राक्ष उस कैन से एक घूँट पीकर बोला, "ग्रेट! यानी मैं रोज़ अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा हूँ। वैसे कल कितने वक़्त तुम्हें वेट कराया था मैंने?"
नील अपने हाथ में मौजूद एक डायरी निकालकर बोला, "सर, एक घंटा, 37 मिनट और 18 सेकंड..."
"इट्स मीन्स ओनली 2 सेकंड्स... बस 2 सेकंड का रिकॉर्ड टूटा मेरा!"
"यस सर।"
रुद्राक्ष बाहर की तरफ़ निकलते हुए बोला, "कल आज का भी रिकॉर्ड तोड़ूँगा..." फिर वह कैन को वापस अपने मुँह से लगाने वाला था, लेकिन फिर कुछ सोचकर रुक गया और मुड़कर नील के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला, "और ना यह छोरियाँ ढंग की लाया करो। यू नो ना, बिना मेरी मर्ज़ी के मुझे कोई लालची और हवसी औरत टच करे, तो मुझे अच्छा नहीं लगता।" यह बोलते हुए उसने आई विंक किया और वहाँ से निकल गया।
रुद्राक्ष की बातें सुनकर नील का गला सूखने लगा। वह समझ गया कि आज फिर कोई कांड हुआ है। वह धीरे-धीरे कमरे की तरफ़ बढ़ा और जाकर देखा तो पूरा कमरा खाली पड़ा हुआ था। फिर वह अपने कदम बाथरूम की तरफ़ बढ़ाए। बाथरूम में जाकर उसने देखा तो वह बाथरूम दो पोर्शन में बँटा हुआ था; एक पोर्शन बाथरूम के लिए, तो दूसरा पोर्शन टॉयलेट के लिए।
टॉयलेट वाला पोर्शन बिल्कुल काँच के बॉक्स की तरह था और उस पोर्शन में टॉयलेट सीट पर एक लड़की, बिल्कुल ना के बराबर कपड़ों में, पैरों के बल ऊपर को बैठी हुई थी। उसके पैर और हाथ बेल्ट से बंधे हुए थे। उसके मुँह से आवाज़ निकलना बंद हो चुका था। उसकी हालत बहुत खराब थी; वह बेहोशी की हालत में थी, लेकिन बेहोश नहीं थी।
अब आते हैं टॉयलेट के पोर्शन के अंदर मौजूद उस चीज़ के बारे में, जिसकी वजह से वह लड़की डर रही थी। उस पोर्शन में कॉकरोच भरे हुए थे।
और वह लड़की कॉकरोच से इस तरह से डरती थी, जिस तरह से कोई शेर से डरता हो।
अब आप सोच रहे होंगे कि रुद्राक्ष तो यहाँ पर लड़की के साथ मज़े करने आया था, फिर लड़की का यह हाल कैसे?
दोस्त! लड़की ने यह किया था कि उसने रुद्राक्ष को देखते ही उस पर झपटा मार दिया था... हालाँकि उस रूम में अंधेरा था। रुद्राक्ष का चेहरा क्लियर नज़र नहीं आ रहा था, लेकिन उसकी बॉडी साफ़ नज़र आ रही थी...
और रुद्राक्ष छोटी-मोटी गलती माफ़ कर सकता है, लेकिन खुद को बिना परमिशन छूने की इजाज़त वह किसी को नहीं देता था।
नील अपने माथे का पसीना साफ़ करते हुए बोला, "लड़की को लाने के साथ उसकी कमज़ोरी और डर भी पता होना चाहिए था। इसीलिए लगता है कि उसका यह हाल हुआ है... पता नहीं क्या करना चाहते हैं सर...? लड़की चाहिए भी रोज़ और खुद को छूने भी नहीं देते..."
खुद से बातें करते हुए नील कुछ आदमियों को बुलाकर उस लड़की को वहाँ से निकलने का इंतज़ाम करता है।
इधर, रुद्राक्ष डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गया था। बैठा तो डाइनिंग टेबल पर था, लेकिन वह लगातार वाइन ही पी रहा था।
तभी हमारा हॉटी रुद्राक्ष वाइन पीने के बाद अपने पास मौजूद एक सर्वेंट से बोला, "अरे यार! इतना सन्नाटा क्यों रखा है? तुम्हें पता है ना, डाइनिंग टेबल पर मुझे शांति बहुत जहर लगती है। लेट्स प्ले द सॉन्ग, बेबी!"
यह कहने के बाद रुद्राक्ष टेबल पर बैठे-बैठे ही अपने लैपटॉप से टेबल पर टाइप करके म्यूज़िक जनरेट करने लगा।
रुद्राक्ष, जो शर्टलेस था, वह म्यूज़िक के साथ-साथ ही लिरिक्स पर डांस स्टेप्स करते हुए डांस करने लगा।
बच के ज़रा-ज़रा
शैतानियाँ मेरी ओह लेडीज,
ओह लेडीज
कर के ज़रा-ज़रा
बेईमानियाँ मेरी ओह लेडीज,
ओह लेडीज
इस बीच उसके घर की सारी फीमेल सर्वेंट्स उसको डांस करते हुए, और हॉट स्टेप्स करते हुए, अपनी लस्ट भरी निगाहों से देख रही थीं। पर किसी में भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं थी।
करूँ सीनाजोरी सीनाजोरी
तुम्हें होना हो मंज़ूरी
फिर दिल की चोरी,
दिल की चोरी है
मेरा क्या कसूर
रुद्राक्ष अपने ऐब्स और ब्रॉड चेस्ट को फ़्लॉन्ट करते हुए, फ़ुल फ़्लेक्सिबल मूव्स कर रहा था। ऊपर से वह आगे बढ़-बढ़कर सर्वेंट को पकड़कर डांस के लिए आगे लाने लगा। इस वक़्त उन लड़कियों के दिल की हालत ऐसी थी कि जैसे सामने समंदर हो और इंसान प्यासा मर रहा हो।
बिल्कुल ऐसा ही उनके साथ हो रहा था। बस रुद्राक्ष डांस के लिए उनको खींचकर डांस करवा रहा था, पर उनमें से किसी की भी यह हिम्मत नहीं थी कि वह आगे हाथ बढ़ाकर उसको छू भी सके। क्योंकि घर की हर सर्वेंट इस बात से अच्छे से वाकिफ़ थी कि रुद्राक्ष को यह बात बिल्कुल भी गवारा नहीं। उसकी नज़र में यह सबसे बड़ा गुनाह होगा उस लड़की की ज़िंदगी का।
क्या करूँ ओह लेडीज
ओ ओ
क्या करूँ ओह लेडीज
मैं हूँ आदत से मजबूर
ओ ओ क्या करूँ ओह लेडीज
मैं हूँ आदत से मजबूर
अब रुद्राक्ष:
हूज़ूर हूज़ूर मैं हूँ आदत से मजबूर
हूज़ूर हूज़ूर मैं हूँ आदत से मजबूर
मैं हूँ आदत से मजबूर
मैं हूँ आदत से मजबूर ऐ...
इतना बोलते ही रुद्राक्ष घूमकर उन लड़कियों की तरफ़ घुटने मोड़कर नीचे जमीन पर बैठ गया और दोनों बाज़ुओं को फैला लिया। सारी लड़कियाँ दूर खड़ी ही जोर-जोर से तालियाँ बजाती रहीं। तो रुद्राक्ष सीधा खड़ा होते हुए उनकी तरफ़ देखकर बोला, "तो कन्याओं, आज का रुद्राक्ष मुजरा समाप्त हुआ। अब जाओ और अपने-अपने काम को संभालो।" इतना बोलकर उसने अपनी एक आँख विंक कर दी।
फिर रुद्राक्ष सोफ़े पर बैठते हुए खुद से बोला, "वैसे भी यह राइटर ने जो मुझसे यह हॉट धांसू डांस की डिमांड की थी, उसकी कीमत तो चुकानी पड़ेगी इसे। अब काल को नचवाया है, तो काल इसका भी तो भरतनाट्यम करवाएगा। क्यों नील परी? उड़ मत जाना डांस के टाइम।" यह सब बोलकर रुद्राक्ष शरारती अंदाज़ में हँसने लगा।
नाच-गाने के बाद नील ने रुद्राक्ष से कहा, "सर, हमें ऑफ़िस जाना है, देर हो रही है।"
रुद्राक्ष ना चाहते हुए भी रुका और अपने हाथ में थोड़ी सी वाइन ली, उसे जैल की तरह यूज़ किया और उसे अपने बालों को सेट किया... और बाहर की तरफ़ चलने लगा।
नील ने उससे कहा, "सर, आप ऐसे ही चलेंगे बाहर?"
रुद्राक्ष नील को देखकर बोला, "ऐसे ही का क्या मतलब है? क्यों? अच्छा नहीं लग रहा है? क्या दिक्कत है...?"
"नहीं सर! मेरा वह मतलब नहीं। मेरा मतलब है कि शर्ट नहीं पहने हुए हैं।"
रुद्राक्ष एक बोरियत भरे अंदाज़ में बोला, "क्या यार! शर्ट पहनूँ मैं? किसलिए? क्या मेरी बॉडी पर किसी अप्सरा के नाखूनों के निशान हैं? क्या मेरी बॉडी पर किसी जंगली बिल्ली की तरह कटे हुए दाँतों के निशान हैं? क्या मेरी बॉडी पर लव बाइट है...? क्या है???"
नील फ़ौरन सर को ना में हीला देता है।
रुद्राक्ष बोला, "तो बस अब कुछ है ही नहीं छुपाने में, तो क्या छुपाऊँ? ऐसे ही मैं हॉट शॉट बनकर ऑफ़िस जाऊँगा। और फिर देखते हैं कितनी छोरियाँ मेरे इस लुक से मचलती हैं, मेरे इस न्यूड अंदाज़ पर मर-मिटती हैं...?"
नील जानता था हर लड़की का दिल भले ही रुद्र पर आ ही जाएगा, लेकिन रुद्र उन्हें अपने करीब भी आने देगा, ऐसा ना मुमकिन है...
दूसरी तरफ़ आयरा सुबह से ही जॉब के लिए निकल गई थी।
उसने वाटर क्लीनर, केयरटेकर, सब की जॉब के लिए ट्राई किया, लेकिन उसे कोई जॉब नहीं मिल रही थी।
पूरे दिन धक्के खाने के बाद आखिर में वह थकहारकर अपने घर की तरफ़ चल पड़ी।
तभी आयरा के फ़ोन पर एक फ़ोन कॉल आई।
रुद्राक्ष नील के साथ गाड़ी में बैठकर अपने ऑफिस की ओर निकल गया। एक घंटे बाद उनकी गाड़ी एक बड़ी सी बिल्डिंग के आगे रुकी। रुद्राक्ष अभी भी शर्टलेस था। अपनी न्यूड चैट चेस्ट और मस्क्यूलर बॉडी फ्लॉन्ट करते हुए वह गाड़ी से बाहर निकला। उसके हाथों में फोन था, जिसको स्क्रॉल करते हुए वह सीधा कंपनी के अंदर की ओर बढ़ रहा था। नील उससे दो कदम पीछे ही था।
बेशक रुद्राक्ष का ध्यान फोन स्क्रॉलिंग में था, पर नील आस-पास की बढ़ती हुई गर्मी को साफ-साफ देख सकता था। ऑफिस में एंटर करते ही सारे स्टाफ की नज़र सिर्फ़ रुद्राक्ष पर ही थी। फ़ीमेल का तो ऐसा ही बुरा हाल था, पर उनके साथ-साथ मेल स्टाफ भी रुद्राक्ष से अपनी नज़रें नहीं हटा पा रहा था।
ऑफिस में मौजूद हर लड़की, हर औरत दूर से अपने बॉस के बोल्ड अवतार को देख-देख कर आहें भर रही थी। उनमें से कुछ ऊपर की तरफ़ देखकर हाथ जोड़कर भगवान का शुक्रिया अदा कर रही थीं कि उन्हें ऐसा हसीन नज़ारा देखने का मौका मिला।
रुद्राक्ष ने जैसे ही अपनी हनी शेड की ब्राउन आईज़ फोन से हटाकर ऊपर की तरफ़ की, तो उसने भी यह चीज़ नोटिस की कि वह फ़ीमेल्स के लिए सेंटर ऑफ़ अट्रैक्शन बना हुआ है। अचानक उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल आ गई। उसने अपने लोवर लिप को हल्का सा बाइट किया और एक न्यू ज्वाइन हुई लड़की के पास जाकर रुक गया।
वह लड़की, जिसका नाम बानी था, अपने सामने इतने हॉट लुक वाले बॉस को देखकर एकदम शॉक हो गई। उसकी धड़कनों का शोर बाहर तक सुनाई दे रहा था।
रुद्राक्ष ने अपने फोन को अंगूठे और पहली उंगली के बीच पकड़कर घूमना शुरू किया और बोला, "हे क्यूटी। व्हाट्स योर नेम?"
सामने खड़ी लड़की की तो मानो जुबान ही पाताल लोक में समा गई हो। वह बोलना चाहती थी, पर नर्वसनेस के चलते उसकी आवाज ही नहीं निकली।
अपने सूखे गले को तर करते हुए, उस लड़की ने दबी हुई सी आवाज में जवाब दिया, "बानी। माय नेम इज़ बानी शर्मा सर।"
रुद्राक्ष भी कोई छोटा खिलाड़ी नहीं था। वह स्माइल करते हुए आगे बोला, "मिस बानी, क्या आप मेरा एक छोटा सा काम कर सकती हैं? कैन यू किस ऑन माय हैंड?" इतना बोलकर रुद्राक्ष ने अपना हाथ आगे कर दिया।
वह लड़की अब चक्कर खाकर गिरने ही वाली थी। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वह कैसे रिएक्ट करे। सामने खड़ा शख्स तो दिखने में किसी हॉट हॉलीवुड हीरो से कम नहीं था। वह खुद उसे अपने हाथ पर किस करने के लिए बोल रहा था। बानी ने एक नज़र पीछे खड़े नील की तरफ़ देखा। तो नील ने अपना सिर हल्का सा हां में हिलाकर मंज़ूरी दी। बानी ने हिम्मत करते हुए रुद्राक्ष के सामने किए हुए हाथ के ऊपरी तरफ़ किस किया।
इस वक़्त पूरे ऑफिस में घोर शांति थी, आवाज़ थी तो वहाँ की लड़कियों की चलती तेज साँसों की। हर किसी का ध्यान उन लोगों पर ही था।
जैसे ही बानी ने उसके हाथ पर किस किया, तो रुद्राक्ष के चेहरे की स्माइल और भी बड़ी हो गई। उसने उसके हाथ पर बने लिपस्टिक मार्क को ऐसे ही अपनी चेस्ट पर लगा दिया, जिससे उसकी चेस्ट के जरा से ऊपर भी किस का मार्क हो गया।
रुद्राक्ष उस लड़की की तरफ़ कहकर बोला, "थैंक क्यूटी।"
"Now इट लुक परफेक्ट। वो कहते हैं ना, नज़र का काला टिका लगा लेना चाहिए। तो बस वही किया है।"
"अब जैसी प्रॉपर्टी है, उसके हिसाब से तो यही नज़रबत्तु होगा। क्यों? सही कहा ना?" इतना बोलकर रुद्राक्ष ने नील की तरफ़ अपनी एक आँख विंक कर दी।
नील के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं थी। वह रुद्राक्ष और उसके नेचर को अच्छे से जानता था। असली हार्ट अटैक तो उनको आता था, जो पहली बार रुद्राक्ष की हरकतों को देखते थे। जैसे हमारी क्यूटी🤭। जिसको मिनी हार्ट अटैक अभी-अभी रुद्राक्ष ने दे ही दिया था।
अब वह सीधा अपने केबिन में एंटर करते हैं। रुद्राक्ष सीधा जाकर अपनी चेयर पर बैठ जाता है और दोनों पैरों को टेबल पर रख लेता है।
नील पास जाकर खड़ा होता है, तो रुद्राक्ष अपनी आँखें हल्का सा बंद कर चेयर पर कम्फ़र्टेबल होते हुए बोला, "कितना टाइम है अभी?"
नील उसको फ़ाइल में चेक करते हुए बोला, "जस्ट टेन मिनिट्स सर। फिर मिस रेहाना से आपकी मीटिंग है। लास्ट सिक्स मंथ से वह वेटिंग लिस्ट में है। अभी भी वह लास्ट एक घंटे से मीटिंग हॉल में आपका वेट कर रही हैं। बट टाइम के अकॉर्डिंग दस मिनट के बाद आपकी मीटिंग शुरू होगी।"
इतना बोलकर नील रुद्राक्ष के टेबल पर एक फ़ाइल रख देता है, जिसमें नेक्स्ट मीटिंग की सारी डिटेल्स थीं। रुद्राक्ष अभी भी ऐसे ही आँखें बंद किए हेडसेट पर सिर टिकाए बैठा था।
ठीक दस मिनट बाद, वह अपनी आँखें खोलता है और चेयर से उठते हुए एक अंगड़ाई लेता है, जिससे उसकी हर एक मसल्स के कर्व परफ़ेक्टली शो हो रहे थे, जिसको सोचकर हमारी राइटर की भी नियत हिलोरे खा रही थी। पर शर्मिंदगी का चोला पहने हुए वह आगे की स्टोरी लिखने पर फ़ोकस करती है।🤣🤣
रुद्राक्ष अपनी किंग वॉक से चलते हुए मीटिंग हॉल में एंटर करता है।
मीटिंग हॉल के अंदर एक 28 साल की लड़की, जिसने एक बिज़नेस सूट पहना हुआ था, लेकिन उसने उस बिज़नेस सूट को इस तरीके से पहना था कि वह बहुत हॉट और सेक्सी लग रही थी... खूबसूरत तो नहीं थी ज़्यादा, लेकिन मेकअप की पचास परतें अफ़्रीकन को भी अमेरिकन बना देती हैं। फिर इंडियन्स का क्या-क्या हो सकता है, सब बेहतर जानते हैं।🤣🤣🤣🤣
रेहाना वैसे बिज़नेस में इन्वॉल्व नहीं करती थी। उसके फ़ादर और ब्रदर्स ही सब हैंडल करते थे, लेकिन…
लेकिन रुद्राक्ष से मिलने की ज़िद के चलते वह आज यहाँ आई थी…
रुद्राक्ष से मिलने के लिए उसने क्या-क्या जतन नहीं किए। लेकिन रुद्राक्ष जिससे मिलना चाहता था, उसे खुद मिलता था। किसी और के चाहने-न चाहने से उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ता था…।
रुद्राक्ष, अपने किलर लुक के साथ, मीटिंग रूम में प्रवेश किया। रेहाना की साँसें जैसे थम गई थीं। उसने अपने हाथ से अपनी जाँघ सहलाते हुए गहरी साँस भरी, और रुद्राक्ष ने इसे बखूबी महसूस किया।
रेहाना के साथ उसके पिता का सहायक भी आया था क्योंकि उस प्रोजेक्ट के बारे में, जिसके लिए वे लोग आए थे, रेहाना को कोई जानकारी नहीं थी।
रेहाना के साथ आया उसका पी.ए. रेहाना की हरकतों और आदतों से वाकिफ था। उसने रुद्राक्ष के किस्से भी सुने हुए थे।
काल को भले ही कोई न देखा हो, सिर्फ़ उसके किस्से सुने हों, लेकिन रुद्राक्ष सिंह शेखावत भी कम मशहूर नहीं था। वह अपने ऑफिस में सिर्फ़ टाइम पास के लिए आता था, लेकिन उसने इतने बड़े-बड़े प्रोजेक्ट चुटकियों में हासिल किये थे और उन्हें पूरा भी किया था, जो शायद ही किसी के बस की बात थी। मुंबई में अगर बिज़नेस में कोई राज करता था, तो वह रुद्राक्ष था। काल के बाद अगर किसी का नाम मुंबई में जाना जाता था, तो सिर्फ़ रुद्राक्ष का ही नाम था।
हालाँकि काल को किसी ने नहीं देखा था और रुद्राक्ष को देखकर भी लोग नहीं कह सकते थे कि यह रुद्राक्ष सिंह शेखावत है।
रुद्राक्ष अपने किंग वॉक में किसी सेलिब्रिटी की तरह आया और अपने चेयर पर विराजमान हो गया। उसने नील को इशारा किया। नील ने दोनों को देखा और कहा, "Good evening and..."
"नमस्ते सभी,
जैसा कि आप सभी जानते हैं, शेखावत कंपनी और कपूर कंपनी एक प्रोजेक्ट पर सहयोग करने की योजना बना रही हैं। हालांकि, हम केवल तभी प्रोजेक्ट डील के साथ आगे बढ़ेंगे जब हमें यह दिखाई देगा कि हमें महत्वपूर्ण लाभ होगा और हमारा उत्पाद बाजार में महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा। केवल तभी हम प्रोजेक्ट को स्वीकार करेंगे; अन्यथा, खेद है, दोस्तों।"
नील की बात सुनकर रेहाना के साथ आया उसका पी.ए. बोला,
"हमें आपकी सारी शर्तें पता चल चुकी हैं, सर, और उन सभी को जानकर ही हमने इस प्रोजेक्ट पर काम किया है। हमारी कंपनी ने जो उत्पाद बनाए हैं, उनमें ए-वन क्वालिटी के कच्चे पदार्थों का उपयोग किया गया है। हमारी कंपनी की ओर से आपको कभी कोई शिकायत नहीं मिलेगी। बस एक बार हमारी कंपनी के साथ यह डील फाइनल कर देखिए, मैं आश्वस्त हूँ कि आपको सौ प्रतिशत फायदा होगा।"
रुद्राक्ष पी.ए. की बातें सुन रहा था और उसे देख भी रहा था, लेकिन वह रेहाना की उस पर पड़ी तीव्र नज़र को महसूस कर रहा था। वह देख रहा था कि इस वक़्त रेहाना की नज़र उसकी छाती पर बनी लिपस्टिक के निशान पर थी, जो उसने अभी-अभी अपनी क्यूट एम्प्लॉयी से अपने हाथ पर बनवाकर यहाँ ट्रांसफर किये थे।
रेहाना जैसे बस खुद को रोक नहीं पा रही थी। अगर उसका बस चलता, तो वह अभी-अभी रुद्राक्ष पर टूट पड़ती।
नील रुद्राक्ष को देखता है। रुद्राक्ष पी.ए. को देखते हुए हाथों से इशारा करता है। नील उस पी.ए. की तरफ़ हाथ बढ़ाकर फाइल माँगता है। वह पी.ए. फाइल नील की तरफ़ बढ़ा देता है। नील उसे लेता है और रुद्राक्ष को बढ़ा देता है।
रुद्राक्ष बड़े एटीट्यूड में पूरी फाइल पढ़ता है। लगभग आधा घंटे तक रुद्राक्ष उसे पढ़ता है। उसके बाद नील से हाथ बढ़ाकर पेन माँगता है और उस पर साइन कर देता है।
इस बीच रुद्राक्ष ने किसी से कोई बात नहीं की थी।
उसके बाद रुद्राक्ष अपनी दूसरी फाइल रेहाना की तरफ़ बढ़ा देता है। लेकिन रेहाना जैसे आँखों ही आँखों में रुद्राक्ष का थ्री इडियट वाला चमत्कार करने वाली थी। अब इतना तो पाठक समझदार हैं ही।
नील, जो शुरू से रेहाना की हरकतें देख रहा था, जब रेहाना को फाइल अपनी तरफ़ करते हुए नहीं देखा, तो वह कहता है,
"मैम, सर ने आपकी शर्तों पर बढ़े हुए नियमों के साथ हस्ताक्षर कर दिए हैं। कृपया आप भी हस्ताक्षर कर दें, ताकि यह डील फाइनल हो सके।"
रेहाना को अभी कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती। रुद्राक्ष रेहाना के एक्सप्रेशन देखकर एक तिरछी मुस्कान देता है और उसके बाद पहली बार उसके मुँह से कुछ शब्द निकलते हैं- "मिस रेहाना कपूर उर्फ अदाओं की मलिका, अगर आपका मेरा दर्शन करने से दिल भर गया हो तो क्या प्लीज आप इन पेपर्स पर साइन करना पसंद करेंगी?" उसके बाद अपने दोनों हाथों को ऊपर करके एक लंबी सी अंगड़ाई लेते हुए कहा, "वह क्या है ना, कि मैं थक गया हूँ और मेरी एक मीटिंग जो अधूरी रह गई उसे पूरी करने जाना है।" यह कहने के बाद रुद्राक्ष अपने हाथ को सीने के उस जगह पर फेरता है जहाँ पर लिपस्टिक लगी हुई थी।
रेहाना की गर्मी से हालत ख़राब हो रही थी। पहले सिर्फ़ रुद्राक्ष का लुक उसकी जान लेने को तैयार था और अब उसकी बातें और उसका यूँ अंगड़ाई लेना रेहाना के तन-बदन में आग लगा गया था।
लेकिन वह अब कुछ होश में आ गई थी इसलिए उसने उस फाइल को अपनी तरफ़ करके उस पर साइन करना शुरू कर दिया। फाइल पर कई पेपर्स पर साइन करने थे। रेहाना पेपर पर साइन करते हुए रुद्राक्ष को देखते हुए कहती है- "मुझे डील का तो पता नहीं लेकिन आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई और मैं जानती थी आप हमारी कंपनी के साथ डील जरूर करेंगे। आखिर कपूर फैमिली की इकलौती बेटी हूँ मैं, और मैं खुद आपके साथ यह डील करने आई हूँ तो ज़ाहिर सी बात है आपको मुझसे मिलकर खुशी तो हुई होगी।" रुद्राक्ष रेहाना की बात पर कुछ नहीं कहता, बस एक तिरछी मुस्कान देता है।
रेहाना का पीए रेहाना को कुछ इशारा कर रहा था, जो रेहाना उस समय न तो देख रही थी, न समझ रही थी।
रिहाना रुद्राक्ष की छाती की तरफ इशारा करके कहती है, "वैसे यह आपकी छाती पर निशान कैसे? आई मीन गलत मत लीजिएगा। बस ऐसे ही पूछ रही हूँ।"
रुद्राक्ष अपनी नज़र थोड़ी टेढ़ी कर उसे छाती के निशान को देखता है और फिर मुस्कुरा कर रिहाना को देखकर कहता है, "यह तो बस ऐसे ही है, थोड़ा दिल बहलाने के लिए और किसी की जान लेने के लिए..."
यह कहने के बाद रुद्राक्ष अपने होठों से अपने ऊपरी होंठ को काटने लगता है। रिहाना के तन-बदन में लगी आग अब ज्वालामुखी बन चुकी थी।
अब तक वह पूरी फ़ाइल पर साइन कर चुकी थी। और फ़ाइल को बंद करके वह रुद्राक्ष की तरफ बढ़कर कहती है, "वैसे इस तरह दिल बहलाने का मौका कभी हमें भी दिया जाए।"
यह कहने के बाद रेहाना रुद्राक्ष की तरह ही अपने ऊपरी होंठ को काटने लगती है। रुद्राक्ष उसकी बात पर अपनी एक आइब्रो उठा देता है और हल्की सी मुस्कान करता है।
नील अब अपनी फ़ाइल लेकर काम की फ़ाइल उसके हवाले कर देता है। रुद्राक्ष अब एकदम खड़ा होता है तो रेहाना भी उसके साथ ही खड़ी होती है और रुद्राक्ष की तरफ हाथ बढ़ाकर कहती है, "वैसे आपसे मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा। कभी इस नाचीज़ को मौका दिया जाए ऐसे ही दिल बहलाने के लिए। वैसे हैप्पी कोलैबोरेशन..."
रुद्राक्ष अपनी हॉक सी गर्दन टेढ़ी कर रेहाना के उस हाथ को देखता रहता है और फिर बिना उससे हाथ मिलाए सीटी बजाते हुए अपनी जेब में हाथ डालकर केबिन से बाहर निकल जाता है।
रेहाना शिवाय आह भरने के कुछ नहीं कर पाती।
तभी रेहाना का पीए उसके आगे खड़ा होकर कहता है, "मैडम, आपने क्या किया? आपने उनकी फ़ाइल को बिना पढ़े, बिना देखे, ऐसे ही साइन कर दिया। एट लीस्ट उसकी टर्म कंडीशन तो देख लेतीं आप।"
रिहाना, जो रुद्राक्ष के ख्यालों में खोई हुई थी, अपने पीए के ऐसे बीच में बोलने से कहती है, "क्या फ़ालतू की बकवास कर रहे हो तुम? इतने बड़े आदमी हैं, उन पर भरोसा न करना यह उनकी बेइज़्ज़ती करना होगा। अगर मैं उनकी फ़ाइल को पढ़ती, तो उन्हें बुरा लग सकता था। इसलिए मैंने ऐसे ही साइन कर दिया।"
रिहाना ने यह बात पीए से तो कह दी, लेकिन हकीकत तो यह थी कि अगर वह फ़ाइल पढ़ने में अपना समय बर्बाद करती तो वह रुद्राक्ष को कैसे देखती?
इधर, रुद्राक्ष सीटी बजाते हुए अपने केबिन में आकर बैठता है। नील रुद्राक्ष को वह प्रोफ़ाइल देता है जिस पर रिहाना ने साइन किए थे। रुद्राक्ष फ़ाइल को पढ़ते हुए एक डेविल मुस्कान देता है, जैसे उसने कोई खेल खेला हो जिसका हरजाना अब कपूर और उसकी फैमिली भरने वाली थी।
दूसरी तरफ, जैसे ही आयरा घर की तरफ जाने को मुड़ने लगती है, तो तभी उसके फ़ोन की बैल बजती है। अब सोचो, फ़ोन तो तोड़ दिया गया था हमारे हीरो के हाथों से। तो यार, बेचारी आयरा ने उस टूटे हुए फ़ोन के पुर्ज़ों को बड़ी ही मुश्किल से जोड़कर, जुगाड़ करके, उसको चलने लायक बना लिया था। पर अब हाल यह था कि उसे फ़ोन की डिस्प्ले उड़ चुकी थी, जिसमें दिखाई नहीं देता था कि किसका फ़ोन आया है या किसका नहीं! अगर कुल मिलाकर कहें तो उसका फ़ोन बिल्कुल अंधा हो चुका था और अब वह अंधा गाने गा रहा था। आई मीन उस बिना डिस्प्ले वाले फ़ोन पर अब फ़ोन आ रहा था।
आयरा जैसे ही कॉल पिक करती है, एक भारी-भरकम आवाज़ आती है, "हेलो! मैं डिजायर बार का मैनेजर बोल रहा हूँ। तुम्हारे लिए कुछ काम है।"
आयरा हैरानी से पूछते हुए बोली, "काम? मेरे लिए? जी, बोलिए।"
वह मैनेजर बोलता है, "आज रात को शहर के टॉप बिज़नेस मैन यहाँ मीटिंग करने वाले हैं। तो एक डांसर की नीड है। आज रात के लिए पेमेंट डबल मिलेगी। और अगर मीटिंग पर्सन तुम्हारी परफ़ॉर्मेंस से खुश हुए तो शायद कुछ एक्स्ट्रा बोनस भी मिल जाए।"
"सोच लीजिए। चॉइस इज़ योर्स। अगर काम करना है तो ठीक 8 बजे पहुँच जाना। और अगर इंटरेस्टेड नहीं हो तो, टेल मी। मैं कोई और डांसर ढूँढता हूँ।"
आयरा उस मैनेजर की बातों को ध्यान से सुन रही थी। वह पूरे दिन के रिजेक्शन के बाद बिल्कुल फ़्रस्ट्रेटेड हो चुकी थी और अब उसके पास खुद काम के लिए फ़ोन आया था। आज सुबह जब वह घर से निकली थी तो उसने सोच लिया था कि वह चाहे कोई भी काम कर ले, कोई भी जॉब करे, पर वह किसी भी हाल में किसी बार में डांसर का काम करके अपनी इज़्ज़त को खतरे में नहीं डालेगी। पर न जाने किस्मत को क्या मंजूर था जो खुद यही काम चलकर उसके पास आ गया। वह इनकार भी किस मुँह से करती? क्योंकि बेशक वह कितना भी खुद को स्ट्राँग दिखा ले, पर उसे पता था कि बिना पैसों के न तो खुद का और न ही अपने छोटे, अपने नन्हे राजकुमार का अच्छे से ध्यान रख सकती है।
आयरा यह सब सोच ही रही थी कि तभी फ़ोन से आवाज़ आती है- "हेलो मिस, क्या आप सुन रही हैं?" तो आयरा जल्दी से उसको जवाब देते हुए कहती है, "जी, मैं ठीक 8:00 पहुँच जाऊँगी।" इतना बोलकर वह कॉल कट कर देती है। वह जल्दी से घड़ी में समय देखती है तो उस समय 6:00 बज रहे थे।
आयरा को उस बार का पता पता था। आखिर एक फ़ेमस बार था वह, जो अभी उसके लोकेशन से 1 1/2 घंटे की दूरी पर था। इसलिए आयरा बिना देरी किए तुरंत डिजायर बार के लिए निकल पड़ती है।
आयरा के वहाँ से निकलते ही एक और सफ़ेद गाड़ी उसके पीछे लग जाती है। यह वही गाड़ी थी जो सुबह से उसका पीछा कर रही थी, और उसे खबर भी नहीं थी।
आयरा जैसे ही डिजायर बार में पहुँचती है, तो उसे बाहर ही मैनेजर खड़ा मिलता है।
आयरा मैनेजर को देखकर कहती है, "सर, इस बार से मुझे कॉल आया था, यहाँ के मैनेजर का।"
वह मैनेजर आयरा को ऊपर से नीचे तक ध्यान से देखता है और उसके बाद कहता है, "मिस आयरा?"
आयरा अपने हाथों की मुट्ठी बांधकर कहती है, "जी, मैं ही हूँ।"
मुड़कर बार की तरफ़ जाते हुए वह कहता है, "जी, मैं आपका ही वेट कर रहा था। आइए जल्दी!" उसके बाद मैनेजर आयरा को बैक डोर से अंदर ले जाता है और चेंजिंग एरिया में छोड़कर उसे उसकी ड्रेस देता है। मैनेजर आयरा से कहता है, "आपके पास आधे घंटे का समय है। आपको मेकअप और ड्रेसअप होना है।"
मुड़कर बार की तरफ जाते हुए, मैनेजर ने कहा, "जी, मैं आपका ही वेट कर रहा था। आए जल्दी!" उसने फिर आयरा को बैक डोर से अंदर ले जाकर चेंजिंग एरिया में छोड़ दिया और उसे उसकी ड्रेस दी। मैनेजर ने आयरा से कहा, "आपके पास आधे घंटे का टाइम है। आपको मेकअप और ड्रेसअप होना है।"
आयरा ने उस ड्रेस को बड़े ध्यान से देखा। उस ड्रेस में शायद ही बॉडी को छुपाने के लिए कोई पूरा कपड़ा था। पूरी ड्रेस नेट की थी और वह भी शॉर्ट ड्रेस। उसमें सिर्फ प्राइवेट पार्ट्स कवर हो रहे थे, बाकी सब विजिबल था। एक तरह से कहा जाए तो उसका पहना ना पहना एक बराबर था।
आयरा वो नहीं पहनना चाहती थी, लेकिन फिर उसे प्रिंस की वो बातें याद आ गईं जो उसने उसे फोन पर कहीं थीं। इसलिए उसने दिल को मारकर उस मैनेजर के हाथ से वो ड्रेस ले ली और कहा, "ओके सर! मैं तैयार हो जाऊंगी।"
मैनेजर आयरा की बात सुनकर बाहर निकल गया। वहीं, वह वाइट कलर की कार, जो बहुत देर से आयरा का पीछा कर रही थी, उसमें बैठा शख्स किसी को कॉल लगा रहा था।
रुद्राक्ष अपनी चेयर पर आँखें बंद किए लेटा हुआ था। टेबल पर रखा उसका फोन रिंग हुआ। नील ने उसे रिसीव किया। कॉल रिसीव करने के बाद नील ने रुद्राक्ष से कहा, "सर, इट्स इंपोर्टेंट।" रुद्राक्ष ने आँखें बंद किए हुए फोन के लिए हाथ बढ़ाया और फोन को कान पर लगाया। जैसे ही उसने सामने वाले की बात सुनी, वह तुरंत आँखें खोलकर खड़ा हो गया। उसके बाद वह ऑफिस से बाहर निकलते हुए नील से बोला, "हमारे बिना महफिल कैसी? लेट्स गो।"
नील उसके पीछे चलने लगा। लेकिन फिर कुछ सोचकर रुद्राक्ष रुक गया। न जाने उसके दिमाग में क्या आया कि वह एकदम नील के पास गया और उसका कोट रिमूव किया। उसके बाद उसने वह कोट खुद पहन लिया। नील बेचारा बस खुद का चीर-हरण होता देखता रह गया।
रुद्राक्ष ने जो नील का कोट पहना था, उसके आगे का कॉलर भी शॉप का था, जिससे उसका ऊपर चेस्ट का मोस्टली एरिया विजिबल हो रहा था; वह हिस्सा भी जहाँ पर लिपस्टिक लगे थे।
इधर, आयरा आधे घंटे के बाद तैयार होकर ड्रेसिंग रूम में ही खड़ी थी। उसने आज से पहले इतने बेहूदे कपड़े कभी नहीं पहने थे। लेकिन आज अपने नन्हे नाराज राजकुमार के लिए वह इतना बड़ा रिस्क लेने के लिए भी तैयार थी।
प्रिंस को याद करते हुए वह चेयर पर बैठ गई और अपनी नज़र ऊपर करके बोली, "क्यों महादेव? क्यों? आखिर क्यों किया है आपने ऐसा? मुझे से मेरे माँ-बाप छीने, मुझे अनाथ आश्रम में तरह-तरह की मुश्किलें आईं। मैंने आपसे कुछ नहीं कहा। राजकुमार की ऐसी हालत हुई, मैंने तब भी आपसे कुछ नहीं कहा। लेकिन अब मैं चाहती हूँ कि मैं अपने दम पर मेरे राजकुमार का इलाज कर सकूँ। तो आपके पास कोई नौकरी ही नहीं बची। मेरी इज्जत का तमाशा बनाने वाली नौकरी ही आपको मेरे लिए मिलती है। कभी तो कोई ढंग की नौकरी भेज दिया करो।"
वह खुद से बातें कर ही रही थी कि तभी वह मैनेजर आकर बोला, "मैम, चलिए, सब कुछ तैयार है।"
आयरा को बहुत घबराहट हो रही थी, लेकिन उसने जैसे-तैसे हिम्मत करके मैनेजर के पीछे चल दिया।
आयरा जब स्टेज पर पहुँची तो वहाँ पर अंधेरा था। स्टेज पर कोई आया या गया, यह किसी को पता नहीं चला। लेकिन स्टेज से साफ़ दिख रहा था कि वहाँ पर बैठा हर एक इंसान शोर कर रहा था। आयरा नोट कर सकती थी कि वहाँ बैठा हर एक इंसान कितना घटिया और बेकार था।
स्टेज पर आने के बाद आयरा को महसूस हो रहा था कि उसने यहाँ पर आकर गलती कर दी। आयरा खुद से बोली, "ओ गॉड! पता नहीं क्यों? मुझे आज बहुत घबराहट हो रही है। ऐसा लग रहा है जैसे कुछ बहुत गलत होने वाला है। क्या मैंने यहाँ पर आकर गलती कर दी? क्या करूँ...?"
जब तक आयरा वहाँ से जाने का कोई फैसला कर पाती, पूरे क्लब में अंधेरा छा गया और सिर्फ़ आयरा पर स्पॉटलाइट ऑन हो गई। वहाँ पर बैकग्राउंड में गाना बजने लगा:
"दिल सात समंदर डोल गया जो तू आँखों से बोल गया ले तेरी हो गई yaar सजणा वे सजड़ा..."
सामने बार में बिल्कुल जोर-जोर से सीटियाँ और आवाजें आने लगीं। सामने के माहौल को देखकर आयरा घबराहट में वैसे ही खड़ी रही।
साइड में खड़ा मैनेजर जब देखा कि आयरा डांस कर ही नहीं रही है, तो वह खामोशी से स्टेज पर आया और आयरा को डाँटते हुए बोला, "ए लड़की! क्या कर रही है यहाँ पर? मैंने तुमसे पूछा था ना, तुझे नाचना है या नहीं नाचना? तो फिर अब यहाँ पर आकर खामोश क्यों खड़ी है? चल, डांस कर, अब यहाँ पर आकर तुम कोई ड्रामा नहीं कर सकती। जल्दी से डांस करना शुरू कर।"
आयरा मैनेजर से घबराए हुए चेहरे के साथ बोली, "सर, मुझे ना, मुझे अर्जेंट जाना है। प्लीज मुझे जाने दीजिए।"
यह कहकर आयरा वहाँ से निकलने लगी कि तभी वह मैनेजर उसका हाथ पकड़कर सबके बीच में धक्का दे दिया और बोला, "सुन लड़की, ज़्यादा ड्रामा करने की ज़रूरत नहीं है। जिस काम के लिए आई है, वह कर। अब और टाइम पे तुम मना नहीं कर सकती। मैंने पहले तुझे पूछा था सब..."
उसके बाद वह मैनेजर वहाँ से निकल गया। आयरा वहाँ बैठे सब लोगों की लस्ट भरी नज़र खुद पर महसूस कर सकती थी। वह जैसे-तैसे करके खड़ी हुई। तब तक दो-तीन बिजनेसमैन आगे की तरफ़ अपने हाथ में शराब के गिलास लिए बढ़ते हुए चले आ रहे थे।
आयरा सबको देखकर बहुत घबरा रही थी। वह कितनी भी हिम्मती क्यों ना हो, लेकिन एक लड़की आदमी के सामने कुछ बेबस तो हो ही जाती है। वही आयरा का हाल था। पीछे बैकग्राउंड में म्यूज़िक बज रहा था। अब वे लोग आयरा को घेरकर अपने हाथ हिलाते हुए डांस कर रहे थे।
आयरा अपने मन में बोली, "गॉड जी, प्लीज! आज मुझे बचा लो। किसी को भी भेज दो। उसका उपकार मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगी... लेकिन प्लीज आज बचा लो। कोई तो अपना दूत भेज दो... कोई एंजेल, या कोई डेविल, कोई भी चलेगा, प्लीज।"
आयरा मन ही मन अपने भगवान से दुआएँ माँग रही थी कि तभी वहाँ एकदम अंधेरा हो गया और एक स्पॉटलाइट वहाँ के गेट पर पड़ी। रुद्राक्ष सामने से एटीट्यूड में चलता हुआ आ रहा था।
आयरा मन ही मन अपने भगवान से दुआएँ माँग रही थी कि तभी वहाँ एकदम अंधेरा हो गया और एक स्पॉटलाइट वहाँ के गेट पर पड़ी। रुद्राक्ष सामने से एटीट्यूड में चलता हुआ आ रहा था और तेजी से कदमों को बढ़ाते हुए वह सीधे आयरा की तरफ बढ़ रहा था। आयरा आस-पास उन लोगों के होने से घबराई हुई थी। रुद्राक्ष को आता देख उसे न जाने क्यों थोड़ी तसल्ली सी हुई। पर उसकी उम्मीद पर पानी के साथ-साथ व्हिस्की फेर देता है हमारा रुद्राक्ष। वह सीधा आकर आयरा के बिल्कुल सामने खड़ा हो गया।
रुद्राक्ष जरा सी अपनी गर्दन टेढ़ी कर आयरा को नीचे से ऊपर तक पूरा चेक आउट करता है। आयरा के गोरे बदन पर ना के बराबर कपड़े, और आस-पास अमीरजादे। ये सब देखकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक तिरछी स्माइल आ गई।
इससे पहले कि आयरा उसको कुछ कहती या कुछ रिएक्ट करती, रुद्राक्ष उसे एक झटके में अपनी बाहों में उठा लेता है। और सीधा स्टेज से उतरकर बाहर की ओर जाने लगता है। वहाँ मौजूद सभी लोग हैरान थे, पर किसी में भी उस शख्स के सामने किसी तरह का सवाल करने की हिम्मत नहीं थी।
आयरा, जो रुद्राक्ष की गोद में किसी गुड़िया की तरह लग रही थी, उसने अपनी दोनों बाज़ू उसके गले पर डाल दी थीं।
"Aayra दिल ही दिल भगवान को thank you कहते नहीं थक रही थी। उसे यहाँ से वैसे भी कुछ न कुछ कर निकलना था। यहाँ रुद्राक्ष का आना उसके लिए जैसे भगवान का अवतार था.."
लेकिन उसकी यह खुशी कब तक रही, यह तो भगवान जाने.. क्योंकि इस वक्त जो एक्सप्रेशन रुद्राक्ष के थे, उसे यही लग रहा था कि आयरा आसमान से गिरकर खजूर में अटकी है और यह खजूर उसके लिए बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी करने वाला था…
रुद्राक्ष आयरा को अपनी बाहों में उठाए हुए ही बाहर निकल रहा था। मैनेजर, जिसकी पहले ही हालत खराब थी क्योंकि उसने इस इवेंट को करने के लिए बहुत पैसा लगाया था, इसलिए वह जैसे-तैसे हिम्मत करके रुद्राक्ष के आगे खड़ा होता है और कांपते हुए पैरों के साथ हाथ जोड़कर कहता है,
"देखिए सर! हम जानते ही नहीं कि हमसे क्या गलती हुई है, लेकिन प्लीज सर आप इस लड़की को यहीं छोड़ दीजिए। सर मैंने इस इवेंट के लिए बहुत पैसा लगाया है। अगर यह इवेंट नहीं हुआ तो ये सब लोग मिलकर मेरे बार को बंद करवा देंगे।"
रुद्राक्ष एक नज़र उठाकर उस मैनेजर को देखता है और उसे उसकी कांपती टांगों और कांपते हाथों को देख एक तिरछी मुस्कान देता है।
फिर वह अपनी गोद में एक नज़र आयरा को देखता है और आईब्रो ऊपर करके पूछता है-
"क्या बोलती हो मिस दिलबरा? तुमको यहाँ छोड़ दिया जाए? या इस चपड़गंजू का सर फोड़ दिया जाए?"
"अरे नहीं नहीं! मुझे यहाँ नहीं रुकना। गलती से मिस्टेक हो गई थी जो इसको यहाँ आने के लिए हाँ बोला मैंने। प्लीज मुझे यहाँ से ले चलो।" आयरा रुद्राक्ष के कंधों पर अपनी पकड़ मजबूत करके अपने सर को जोर से ना में हिलाने लगती है।
आयरा की ये मिन्नत भरी बातें सुन रुद्राक्ष अब नज़र उठाकर सामने मैनेजर को देखकर कहता है,
"सुनो मेरे उजड़े चमन। जब लड़की ने बोला नो तो इसका मतलब है नो। वो यहाँ डांस नहीं करना चाहती तो नहीं करना चाहती। जा निकल! कोई और मधुबाला ढूँढ अपने इन बे*ड़े लोगों के लिए।"
मैनेजर आयरा को घूर कर बोला,
"तुम्हारी तो, तुमसे मैंने पहले ही कॉल करके कंफर्म किया था ना, तुमने हाँ भी भरी थी। उस डबल पेमेंट के लालच में, और अब जब सब कुछ तैयार है, तो तुम नखरे दिखा रही हो..?"
आयरा रुद्राक्ष की गोद में ही एटीट्यूड से बोली,
"हाँ, बोला था मैंने। पर तुमने भी तो बोला था कि बिज़नेस मीटिंग का इवेंट है। पर यहाँ तो हर गली मोहल्ले के, दो कोड़ी के लुच्चे लफंगे इकट्ठे किए हुए हैं। हुह्ह्!"
फिर वह रुद्राक्ष को देखकर क्यूट पप्पी फेस बनाकर बोली,
"प्लीज, मुझे यहाँ से ले चलो। भगवान तुम्हारा भला करेगा।"
रुद्राक्ष आयरा के हर पल के बदलते एक्सप्रेशन देख रहा था। इससे एक बार पहले भी वह उससे मिला था। उस वक्त के एटीट्यूड में और अब के एटीट्यूड में ज़मीन आसमान का फ़र्क था। रुद्राक्ष आयरा के बदले तेवर को देखकर मन ही मन हँस रहा था।
उसके बाद रुद्राक्ष एक डेविल मुस्कान देकर मैनेजर से बोला,
"अगर मेरी ये दिलबरा यहाँ नहीं रुकी तो आपका पैसा बर्बाद हो जाएगा और अगर यहाँ रुकी तो मैं आपके बार के साथ-साथ आप सबको आग लगा दूँगा।
"चॉइस इज़ योर्स! इन फ़्यूचर होने वाले रोडपति।"
वह मैनेजर रुद्राक्ष की बात सुन थोड़ा घबरा जाता है। एक तरफ़ अगर बार चला गया तो दोबारा मिल भी जाए लेकिन अगर वह ही स्वर्ग सिधार गया.. तो? यही सोचते हुए वह मैनेजर अपनी ही कशमकश में था।
रुद्राक्ष आँखों ही आँखों में उसे साइड होने का इशारा करता है तो वह मैनेजर आगे से हट जाता है। रुद्राक्ष नज़र घुमाकर अपने बराबर में खड़े नील को कुछ इशारा करता है और फिर बाहर निकल जाता है।
आयरा रुद्राक्ष की बात सुन थोड़ा घबरा जाती है। रुद्राक्ष ने बेशक बात बड़े ही फ़नी वे में की थी लेकिन उसकी बातों की गहराई को वहाँ हर एक इंसान बहुत अच्छे से समझ रहा था।
रुद्राक्ष का इशारा मिलने पर नील वहाँ से चला जाता है। और रुद्राक्ष आयरा को गोद में लिए हुए ही अपनी गाड़ी की तरफ़ बढ़ जाता है।
रुद्राक्ष अपनी गाड़ी के पास पहुँचता है तो ड्राइवर उसके लिए बैक सीट का दरवाज़ा खोलता है। लेकिन रुद्राक्ष सीधा ड्राइविंग सीट की तरफ़ आयरा को लेकर बढ़ जाता है। ड्राइवर रुद्राक्ष की बात का मतलब समझ गया था। वह सीधा जाकर ड्राइविंग सीट का गेट खोलता है और रुद्राक्ष आयरा को गोद में लिए हुए ही ड्राइविंग सीट पर बैठ जाता है।
आयरा उसकी हरकत पर हैरान थी। वह रुद्राक्ष की गोद से उतरने की कोशिश करते हुए कहती है,
"आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सर। लेकिन अब आप मुझे छोड़ सकते हो। मैं चली जाऊँगी।"
रुद्राक्ष ने नज़र घुमाकर अपने बराबर में खड़े नील को कुछ इशारा किया और फिर बाहर निकल गया।
आयरा रुद्राक्ष की बात सुनकर थोड़ी घबरा गई। रुद्राक्ष ने बेशक बात बड़े ही फनी वे में की थी, लेकिन उसकी बातों की गहराई को वहाँ हर एक इंसान बहुत अच्छे से समझ रहा था।
रुद्राक्ष का इशारा मिलने पर नील वहाँ से चला गया। और रुद्राक्ष, आयरा को गोद में लिए हुए, अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया।
रुद्राक्ष अपनी गाड़ी के पास पहुँचा तो ड्राइवर ने उसके लिए बैक सीट का दरवाज़ा खोला। लेकिन रुद्राक्ष सीधा ड्राइविंग सीट की तरफ, आयरा को लेकर, बढ़ गया। ड्राइवर रुद्राक्ष की बात का मतलब समझ गया था। वह सीधा जाकर ड्राइविंग सीट का गेट खोला और रुद्राक्ष, आयरा को गोद में लिए हुए, ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।
आयरा उसकी हरकत पर हैरान थी। वह रुद्राक्ष की गोद से उतरने की कोशिश करते हुए बोली, "आपका बहुत-बहुत शुक्रिया सर। लेकिन अब आप मुझे छोड़ सकते हो। मैं चली जाऊँगी।"
रुद्राक्ष, जो अब तक गाड़ी में बैठ चुका था, आयरा को अच्छे से एडजस्ट करके अपनी गोद में बिठाकर मुस्कुराते हुए बोला, "बड़ी जल्दी है मोहतरमा। वैसे ये कैंची सी ज़बान स्मार्ट or dashing बंदों के सामने ही चलती है क्या? हम्ममम... लगता है अंदर इस कैंची को जंग लग गया था। वैसे मेरा रोल डेविल का होता है। बेशक से इस राइटर से पूछ लो। पर अंदर जो ये दस मिनट के लिए हीरोगिरी की है ना, हर्जाना निकल कर रखो अपनी पर्सनल पॉकेट से।" ये सब बोलते हुए रुद्राक्ष की नज़र आयरा के चेहरे पर थी।
आयरा की तो मानो रूह को साँप सूँघ गया हो रुद्राक्ष की बात सुनकर।
कहाँ वह सोच रही थी कि वह मुसीबत से निकल आई है, लेकिन यहाँ तो वह एक और मुसीबत में फँसने जा रही थी।
आयरा रुद्राक्ष की गोद में से निकलने की कोशिश करने लगी। लेकिन उससे पहले रुद्राक्ष ने उसे अपने करीब खींचा और दोनों को मिलाकर सीट बेल्ट लगा ली।
उसके बाद रुद्राक्ष आयरा से बोला, "अगर खामोश बैठी रही तो सही सलामत जाएँगे। पर अगर यहाँ ऐसी सिचुएशन में ज़्यादा लटके-झटके खाए तो, फिर मेरे झटके शुरू होने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा। यू नो? कहाँ बैठी हो इस वक़्त? और किस सिचुएशन में बैठी हो?" इतना बोलकर वो उसकी तरफ़ एक आई ब्लिंक कर गया।
रुद्राक्ष की बात सुनकर आयरा का मुँह खुला का खुला रह गया। उसकी इन डीप बातों के मतलब को समझते हुए वह बिलकुल शांत और चुपचाप बैठ गई।
रुद्राक्ष गाड़ी चलाते हुए, सिटी बजाते हुए, ड्राइव कर रहा था। आयरा मन ही मन रुद्राक्ष की हज़ार गालियाँ दे चुकी थी और साथ ही अपनी किस्मत को भी बार-बार कोस रही थी। तभी उसकी नज़र रुद्राक्ष की upper बॉडी पर बने किस वाले मार्क पर गई, तो एक पल के लिए उसके रोंगटे खड़े हो गए।
अंदर ही अंदर वह यही समझ रही थी कि रुद्राक्ष भी उन ही लोगों में से है जो लड़की को यूज़ एंड थ्रो करना जानते हैं। आज किसी के साथ और कल किसी के साथ।
कुछ ही देर में रुद्राक्ष आयरा को लेकर अपने विला पहुँच चुका था। और यह विला शेखावत भवन के नाम से जाना जाता था।
देखो यार, यहाँ तीन घरों का अब तक ज़िक्र हुआ है। कोई भी कन्फ़्यूज़ मत होना। एक था डेविल हाउस, जो काल का ठिकाना है।
फार्महाउस, जो रुद्राक्ष की... का ठिकाना है।
और तीसरा था यह, रुद्राक्ष का शेखावत भवन, जहाँ पर रुद्राक्ष की मनमानियाँ चलती थीं।
जैसे ही रुद्राक्ष अपने विला के बाहर आकर रुका, वहाँ पर गार्ड्स की लाइन खड़ी थी। हर दो-दो कदम पर गार्ड खड़े हुए थे। एक गार्ड आगे बढ़कर रुद्राक्ष की गाड़ी का डोर ओपन करता है। तो रुद्राक्ष आयरा को गोद में लिए हुए ही बाहर आया। बेचारी अनाथ आयरा ने इतना खूबसूरत बंगला कभी ख्वाबों में भी नहीं देखा था। फिल्म वगैरह में एक इमेजिनेशन होता है, लेकिन रियलिटी में इतना खूबसूरत बंगला कभी देखने की उसने सोचा भी नहीं था। वहीँ रुद्राक्ष आयरा को उस घर की खूबसूरती में डूबा हुआ देखकर मन ही मन एक डेविल स्माइल देकर कहता है, "आई हेट लालची girl। पैसा ऐसे आराम दिखा नहीं कि लार टपकनी शुरू।"
उसके बाद वह आयरा को लिए हुए आगे बढ़ा और आयरा से कहता है, "तुमने जहन्नुम के बारे में सुना है...?"
आयरा, जो अब तक खोई हुई थी, वह रुद्राक्ष की बात सुनकर होश में आई और कन्फ़्यूज़न से उसका चेहरा देखने लगा। रुद्राक्ष उसके चेहरे पर कन्फ़्यूज़न को देखकर मुस्कुराकर कहता है, "वेलकम इन योर जहन्नुम दिलबरा...!"
रुद्राक्ष की बातें सुनकर आयरा की पकड़ रुद्राक्ष से ढीली होने लगी। उसके शरीर में कंपकपी चढ़ने लगी। वहीँ रुद्राक्ष उस पर अपनी पकड़ मज़बूत करते हुए कहता है, "अरे अब तुम्हारे छोड़ने से काम नहीं चलेगा। क्योंकि जो चीज़ रुद्राक्ष सिंह शेखावत की पकड़ में आ जाए, उसे तो सिर्फ़ मौत ही जुदा कर सकती है।"
"तुम क्या सोच रही थी? तुम्हें बचाने कोई भगवान का दूत या फ़रिश्ता आया है? गलत मिस ब्यूटी क्वीन। तुम्हें बचाने एक डेविल आया था, और उसने तुम्हें बचाया नहीं है, बल्कि वो तुम्हें अपनी कैद में लाया है।"
आयरा ये सब सुनकर बिलकुल सुन रह गई। फिर वह बहुत हिम्मत करके रुद्राक्ष की गोद में झटपटाने लगी।
"क्या बकवास किए जा रहे हो? खुद को कभी हीरो तो कभी डेविल बताए जा रहे हो। मैं कहाँ तुम्हारा शुक्रिया अदा करने वाली थी? पर नहीं, तुम तो कोई पागलखाने के नमूने हो, जिसको बिजली के झटकों की खास ज़रूरत है। अब छोड़ो मुझे। जाने दो। बहुत हो गई तुम्हारी ये डेविल वाली स्टोरी। छोड़ो।"
रुद्राक्ष आयरा के झटपटाने से उस पर अपनी पकड़ मज़बूत करता है और सीधा ले जाकर अपने घर में एंटर करता है और उसको सीधा बार एरिया में ले जाता है।
बार एरिया में ले जाने के बाद रुद्राक्ष ने उसे वहीं ज़मीन पर पटक दिया। रुद्राक्ष ने आयरा को इतनी ज़ोर से पटका था कि उसकी कमर में झटका लगा और उसकी एक तेज चीख निकल गई।
आयरा की चीख सुनकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई और वह एक बार फिर आयरा को अपनी गोद में उठाता है और पहले से ज़्यादा ज़ोर से ज़मीन पर पटक देता है।
अबकी बार आयरा की चीख और भी ज़ोर से निकली।
रुद्राक्ष अपने होठों पर सारी उँगलियाँ रखकर फ़्लाइंग किस करते हुए बोला, "वाह! क्या साउंड है! मतलब आज से पहले इतना अच्छा साउंड कभी सुनाई नहीं दिया।" एक बार फिर से यह करने के लिए रुद्राक्ष जैसे ही आयरा की तरफ़ झुकता है, आयरा पीछे की तरफ़ खिसक जाती है।
रुद्राक्ष आयरा को खुद से डरता देख मुस्कुरा देता है।
रुद्राक्ष ने आयरा को खुद से डरते हुए देखा और मुस्कुरा दिया।
रुद्राक्ष ने आयरा के गाल को खींचते हुए कहा, "डेट्स लाइक माय गर्ल। बस ऐसे ही डर-खौफ चाहिए मुझे तुमसे। तुम्हारी बहादुरी ना मेरे सामने नहीं होनी चाहिए। इसकी जरूरत अभी थोड़ी देर पहले थी, जहां तुम पैसों के लिए गई थीं।"
आयरा ने आँसू भरी आँखों से रुद्राक्ष को घूरते हुए कहा, "मैं वहाँ पैसों के लिए नहीं गई थी।"
"हाँ सच्ची? तुम वहाँ पैसों के लिए नहीं गई थीं!" रुद्राक्ष ने कहा, "क्या मैनेजर ने तुम्हें डबल पेमेंट का बोलकर नहीं बुलाया था? और तुम, ब्लडी लालची, बिना कुछ सोचे-समझे पैसों के पीछे अंधे होकर भाग गईं।"
यह कहते हुए रुद्राक्ष अपनी जगह से खड़े होकर बार काउंटर की ओर चल दिया।
आयरा ने मन ही मन सोचा, "मुझे यह पैसा अपने लिए नहीं चाहिए। अपनी लिटिल प्रिंस के लिए, उसको ठीक करने के लिए मुझे पैसा चाहिए। और मैं उस जगह पर गई थी। लेकिन मुझे क्या पता था वहाँ मैं मुसीबत में फँस जाऊँगी और वहाँ से निकलने के लिए उससे भी बड़ी मुसीबत में फँस जाऊँगी।"
उसके बाद आयरा ने मन ही मन अपने ईश्वर से प्रार्थना की, "मैंने आपसे वहाँ से निकलने के लिए आपका कोई दूत माँगा था, एक शैतान नहीं! कहाँ लाकर मुझे पटक दिया है। ओह गॉड! अब तो मुझे लग रहा है कि वहाँ से तो मैं शायद फिर भी बच जाती, लेकिन इस शैतान के हाथ से मैं अब नहीं बच पाऊँगी।"
रुद्राक्ष जैसे आयरा के दिल की बात जान गया था। वह अपने हाथ में एक वाइन की बोतल लेकर आयरा की ओर बढ़ते हुए बोला, "बिल्कुल सही सोच रही हो तुम। वहाँ से निकलने के लिए तुम्हारे पास मौका था। लेकिन मेरी कैद से निकलने के लिए तुम्हें चांस के साथ बेहतर नसीब की भी जरूरत पड़ेगी। और मैं जिसकी ज़िन्दगी में शनि बनकर आ जाता हूँ, उसके पास बेहतर नसीब नाम की कोई चीज़ नहीं होती।"
यह कहकर रुद्राक्ष ने वह वाइन की बोतल आयरा पर डालना शुरू कर दिया और पूरी बोतल आयरा पर खाली कर दी। आयरा ठंडी-ठंडी वाइन को अपने लगभग पूरे खुले शरीर पर महसूस कर काँप गई। और वह खुद को अपने हाथों से रगड़ते हुए बोली, "यह क्या कर रहे हो तुम? स्टॉप इट। बंद करो अपना यह पागलपन। प्लीज।"
रुद्राक्ष मुस्कुरा रहा था। उसने एक वाइन की बोतल पहले ही खाली कर दी थी। दूसरी वाइन की बोतल लेते हुए वह बोला, "न जाने कितने घटिया शराबी लोगों के हाथ लगे होंगे तुम पर। तुम्हें स्वच्छ करना मेरी ज़िम्मेदारी है।"
फिर अपनी आँखें ऊपर उठाकर कुछ सोचते हुए, "नहीं-नहीं! स्वच्छ नहीं जम रहा है। कुछ और कहते हैं इसको, क्या कहते हैं? क्या कहते हैं...हाँ याद आया, पवित्र... पवित्र कर रहा हूँ मैं तुम्हें, मेरे सामने रहने लायक बना रहा हूँ।"
आयरा, जो लगभग दो वाइन की बोतलों से पूरी तरह भीग चुकी थी, अब काँपने लगी।
आयरा ने रुद्राक्ष के आगे हाथ जोड़ते हुए कहा, "प्लीज, प्लीज मुझे जाने दो। देखो, मुझे छोड़ने के बदले जो चाहेंगे वह मैं आपको देने को तैयार हूँ।"
रुद्राक्ष ने आयरा की बात सुनकर अपना हाथ फैलाकर पागलों की तरह हँसना शुरू कर दिया। "हैहाहाहाहा... मुझे? मुझे दोगी तुम? रुद्राक्ष सिंह शेखावत के साथ तुम डील करना चाह रही हो...? है ही क्या तुम्हारे पास...? बल्कि डील तो मैं तुम्हारी यहाँ करने लाया हूँ!"
रुद्राक्ष एक और बोतल लाकर आयरा पर डालते हुए बोला, "तुम पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो ना...तो चलो मैं तुम्हें एक जॉब ऑफर करता हूँ...तुम्हें मेरी नज़रों के सामने 24/7 रहना है। जो मैं कहूँ वह करना है...और इसके लिए मैं तुम्हें मुँह माँगी रकम देने को तैयार हूँ। जितना तुम बोलो।"
आयरा ने गुस्से भरा लुक देते हुए रुद्राक्ष को घूरते हुए कहा, "तुमने मुझे क्या कोई **** समझ रखा है? तुम्हारे पैसों के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाऊँ... मेरा टैलेंट डांस करना है। मैं डांस करके अपनी काबिलियत पर पैसा कमाती हूँ, नहीं कि किसी और तरीके से..."
रुद्राक्ष आयरा की बात सुनकर मन ही मन मुस्कुराने लगा। उसके बाद हँसते हुए ताली बजाकर बोला, "वाह! माइंड ब्लोइंग! तुम्हें तो किसी कॉलेज में लेक्चरर होना चाहिए था। कितना बढ़िया भाषण देती हो यार तुम! मेरा टैलेंट, मेरी काबिलियत, बला बला बला...अचार डाल लो इन दो-कोड़ी के शब्दों का।"
उसके बाद झुककर आयरा के बालों को अपनी मुट्ठी में भरते हुए, "पैसों के लिए अपनी इज़्ज़त को दाव पर लगाना, यह कौन सा पैसा होता है...? जिस जगह से मैं लाया हूँ ना, वहाँ की डांसर किसी **** वाली से कम नहीं होती... पहले डांस करके बड़े-बड़े बिज़नेसमैन का दिल बहलाती हैं, और उस डांस के बाद जो भी कपड़े उनके शरीर पर होते हैं, उन्हें भी फाड़कर वो उन बिज़नेसमैन के बिस्तर गर्म करती हैं..."
आयरा रुद्राक्ष की बात सुनकर सदमे में थी। उसे पता ही नहीं था कि वह बार एक इलीगल को* @ भी था, जहाँ पर खामोशी से लड़कियों की द*ली होती थी।
रुद्राक्ष ने उसे उस दलदल से तो निकाल लिया, लेकिन अब वह जिस दलदल में फँसी थी, उससे शायद वह कभी नहीं निकल सकती थी।
लेकिन उसने अपनी हिम्मत बँधकर एक आखिरी उम्मीद करते हुए रुद्राक्ष से कहा, "देखो, मुझे ऐसा कुछ नहीं पता था और मुझे पैसों की ज़रूरत थी इसलिए मैं वहाँ पर काम के लिए गई थी, वरना मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ...मुझे पैसों की ज़रूरत थी..."
रुद्राक्ष आयरा को देखकर हँसा, और फिर आयरा के बालों को झटके से छोड़कर बोला, "अपनी ह*स, अपने लालच को मजबूरी का नाम मत दो। मुझे सख्त नफ़रत है जब कोई इस पेशे को मजबूरी बोलकर अपनाता है... दफ़ा हो जाओ यहाँ से इससे पहले कि मैं तुम्हारे साथ कुछ कर बैठूँ।"
आयरा को अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी आसानी से रुद्राक्ष ने उसे छोड़ दिया था। आयरा ने एक नज़र उठाकर रुद्राक्ष को देखा। रुद्राक्ष एक काँच के शो पीस को उठाकर ज़मीन पर जोर से पटककर गुस्से में चिल्लाया, "आई सेड गेट आउट!"
शो पीस को उठाकर जमीन पर जोर से पटककर गुस्से में चिल्लाते हुए कहा- "आई सेड गेट आउट!"
आयरा रुद्राक्ष के गुस्से से कांप उठी। और वह जैसे-तैसे हिम्मत करके वहाँ से उठकर जाने लगी। उसकी कमर उसका साथ नहीं दे रही थी, लेकिन फिर भी उसे वहाँ से निकलना था। वह जैसे-तैसे धीमे कदमों से अपनी कमर पकड़े हुए बाहर निकली।
आयरा के वहाँ से हटते ही रुद्राक्ष ने एक वाइन की बोतल मुँह से लगाकर पीनी शुरू कर दी।
उसकी आँखों के सामने एक फिल्म चलने लगी। जिसमें एक औरत बहुत बन-संवरकर सीढ़ियों से नीचे उतर रही थी। और उसके सामने एक छोटा सा लड़का था, जिसकी उम्र करीब 9-10 साल होगी। वह रोते हुए कह रहा था- "अम्माँ, चलो यहाँ से। प्लीज माँ, यहाँ से चलो। यह आदमी बिल्कुल अच्छा नहीं है, मुझे बहुत मारता है। मुझे और आपके यहाँ नहीं रहना चाहिए। चलो प्लीज।"
जो औरत सीढ़ियों से उतरते हुए बच्चे के पास आई और उसे धक्का देते हुए कहा- "कमबख्त कहीं का, तू क्या चाहता है? तेरे जरा से आँसुओं के चक्कर में मैं यह ऐश और आराम छोड़कर चली जाऊँ? मैं कहीं नहीं जाऊँगी। यहीं रहूँगी। अगर तुझे दिक्कत है तो तू चला जा यहाँ से। तेरे खातिर मैं अपनी जवानी तो बर्बाद नहीं कर सकती। अपना यह ऐशो-आराम छोड़कर नहीं जा सकती।"
यह सब बातें याद आते ही रुद्राक्ष की आँखें गुस्से से लाल हो गईं। और वह पूरी बोतल एक झटके में खाली कर चुका था। उसने उसे वापस जमीन पर पटक दिया।
उसके बाद उसने अपने हाथ फैलाकर मुँह ऊपर करके जोर से चिल्लाया- "अअअअअअअअअअ!"
यह आवाज इतनी तेज थी कि पूरे विला में गूंज उठी। दरवाजे पर अभी-अभी पहुँची आयरा भी इस चीख को सुनकर काँप उठी।
नील, जो अभी-अभी विला पहुँचा था, दौड़कर रुद्राक्ष के पास गया। नील डरते हुए रुद्राक्ष से आवाज लगाई- "बॉस...?"
रुद्राक्ष गुस्से में बोला- "उस लड़की को यहाँ से दफा करो, जल्दी!"
नील समझ गया कि रुद्राक्ष फिर अपने अतीत में खो चुका है। इसलिए वह वहाँ से निकलने में ही अपनी बेहतरी समझता है। उसे आते वक्त आयरा नज़र आई थी, लेकिन उसे रुद्राक्ष की फ़िक्र थी। इसलिए उसने आयरा को नज़रअंदाज़ कर दिया था। लेकिन अब वह दौड़कर आयरा के पास आया और आयरा की हालत देखकर उस पर तरस आया। एक तो आयरा के ना के बराबर कपड़े थे, ऊपर से वह पूरी वाइन से भीगी हुई थी। उसके कमर पर जो मोच आई थी, वह नील को साफ़ नज़र आ रही थी।
नील आयरा की फ़िक्र करने लगा। वह आयरा के पास जाकर बोला- "मैम, आप ठीक तो हैं ना? चलिए, मैं आपको आपके घर तक छोड़ दूँ!"
आयरा जो पहले ही दर्द से रो रही थी, किसी की हमदर्दी सुनकर हिम्मत हार गई। और उसने नील की तरफ़ मदद के लिए हाथ बढ़ाया। लेकिन उसके कदम लड़खड़ा गए और वह नील के ऊपर गिर गई। नील ने उसे सहारा देने के लिए अपने हाथों से पकड़ लिया।
रुद्राक्ष वाइन की बोतल हाथ में लिए वहीं आ रहा था। जब उसने वह नज़ारा देखा, तो उसके चेहरे पर एक जहरीली मुस्कान आ गई। वह मुस्कुराते हुए बोला- "ब्लडी रास्कल! यह औरत-ज़ात कभी मौका नहीं छोड़ती। एक नहीं मिला तो दूसरा सही।"
यह कहने के बाद रुद्राक्ष नील को आवाज लगाई- "जब बाहों में समा लिया है, तो गोद में उठाकर उसके घर भी छोड़ आ। और वापस जॉब पर आने से पहले गंगाजल से पवित्र होकर आना। तूने एक नाचने वाली को अपनी बाहों में लिया... मैं तो हूँ ही गिरा हुआ। मुझे तेरी माँ की फ़िक्र है। उन्हें वैसे ही डर है कि तू मेरे साथ रहकर बिगड़ जाएगा।"
नील बेचारा जो आयरा की मदद कर रहा था, रुद्राक्ष की बातें सुनकर अपना माथा पीटना चाह रहा था।
रुद्र अपनी बात कहकर वाइन पीते हुए जल्दी से अपने रूम की तरफ़ चल दिया। नील की जगह कोई और होता तो शायद रुद्र उसकी अब तक जान ले लेता। क्यों, यह तो वह खुद नहीं जानता। लेकिन हाँ, रुद्र नील को कुछ नहीं कहता क्योंकि वह उसे खुद से ज़्यादा बेहतर मानता था शरीफ़ी में। अगर किसी भी बात के लिए 'शराफ़त' वर्ड बोला जाता था तो उसे नील ही याद आता था।
फ़िलहाल रुद्र अपने रूम की तरफ़ चल दिया, और नील बेचारा सदमे में आयरा को संभालते हुए बेबस नज़रों से रुद्र को जाता हुआ देख रहा था। लेकिन वह रुद्र की बातों से इतना समझ गया था कि उसे आयरा को सही-सलामत उसके घर छोड़कर आना है। वहीं आयरा रुद्र की बातों से पूरी तरह टूट गई थी, लेकिन अभी वह कुछ भी कहने की हालत में नहीं थी। उसे कुछ भी करके वहाँ से निकलना था।
आयरा नील से बोली- "सर, सर प्लीज! मुझे मेरे घर छोड़ दीजिए। आपका बहुत एहसान होगा।" आयरा की आवाज़ में और उसके बदन में दोनों में दर्द साफ़ दिखाई दे रहा था। नील तुरंत उसे सहारा देते हुए बाहर निकल गया। उसने जल्दी से आयरा को गाड़ी में बैठा दिया।
नील आकर गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया। रुद्र की हर गाड़ी में रुद्र का एक सूट हमेशा तैयार रहता था क्योंकि रुद्र को कभी भी कपड़ों से दमघोंटू सी महसूस होने लगती थी, या यूँ कहें तो नंगू होने का शौक था।
साथ ही साथ एक शौक और था- कभी भी सूट चेंज कर लेने का शौक, और यह बात उसके मूड पर निर्भर करती थी। फ़िलहाल नील कुछ सोचते हुए, रुद्र के सूट का कोट निकालकर आयरा की तरफ़ बढ़ा दिया। आयरा ने तुरंत उसे अपनी तरफ़ खींच लिया।
नील भी आयरा की हालत को बखूबी समझ रहा था कि एक लड़की के लिए यह सिचुएशन सबसे मुश्किल होती है। पर एक बात जिसे वह नहीं समझ पा रहा था कि आयरा की ऐसी क्या मजबूरी थी जो आयरा वहाँ पहुँची। लेकिन इतना तो वह समझ गया था कि आयरा और बाकी उन लड़कियों की तरह नहीं थी।
नील तेज़ गाड़ी चलाते हुए उसे जल्दी पहुँचाने की कोशिश कर रहा था। रात काफी हो चुकी थी। जिस गली में आयरा का घर था, वहाँ पर ज्यादातर हिस्से में अंधेरा ही दिखाई दे रहा था।
नील आयरा को सहारा देते हुए बाहर निकला, तो आयरा उसे मना करते हुए बोली- "सर, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। यहाँ से आगे मेरा घर दो गली के अंदर है। आपका वहाँ जाना ठीक नहीं होगा। आपने मुझे यहाँ तक छोड़ा, उसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।"
इतना सब बोलकर आयरा वहाँ से लड़खड़ाते हुए अपने घर की तरफ़ चल दी। नील को आयरा के लिए बहुत बुरा लग रहा था, लेकिन वह कुछ कर भी नहीं सकता था। इसलिए तुरंत गाड़ी में बैठकर वह वापस शेखावत भवन के लिए निकल पड़ा क्योंकि उसे अभी रुद्राक्ष को भी संभालना था।
इधर आयरा लड़खड़ाते हुए अपने घर पहुँची और सीधे बाथरूम में जाकर वहाँ पर रखी बाल्टियों में भरे पानी को अपने ऊपर डालने लगी और खुद को बुरी तरह रगड़-रगड़कर धोने लगी। उसे उस वार के बारे में जो बातें रुद्राक्ष ने बताई थीं, वह सोच-सोचकर आयरा का सिर फट रहा था।
वह इस वक्त यही सोचकर हैरान थी कि अगर रुद्राक्ष उसे वहाँ से नहीं ले जाने आया होता तो उसका क्या हाल होता। लेकिन साथ ही साथ उसे रुद्राक्ष का खौफ़ खाए जा रहा था। रुद्राक्ष ने पहले ही उसे जाने दिया था पर फिर भी रुद्राक्ष का डर उसके दिल में बैठ गया था।
आयरा लगभग एक घंटा नहाती रही और वहाँ से बाहर निकलकर कपड़े बदलकर अपनी टूटी-फूटी, नाज़ुक सी कमर पर दवा लगाने लगी। दर्द इतना था कि उसकी जान निकल रही थी, जिससे उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे। पर वक्त ऐसा था कि उसके पास ऐसा कोई नहीं था जो उसका दर्द बाँट सके, उसके आँसू पोछ सके, या उससे अपनेपन और प्यार का एहसास दिला सके।
इस दुनिया की भीड़ में आयरा ने यह चीज़ बखूबी सीख ली थी- बेफ़िज़ा फ़ायदा उठाने के लिए हज़ारों लोग खड़े हो जाएँगे, पर आँसू पोछने के लिए कोई नहीं आता।
भगवान से मन ही मन नाराज़गी रखते हुए आयरा लगातार आँसू बहाती हुई अपनी कमर पर मुश्किल से दवा लगा रही थी। जिस तरह वह दवा अपनी कमर पर लगाती है, उसकी एक चीख निकल पड़ती है।
तभी एक छोटा बच्चा दौड़ते हुए आयरा के घर आया। उसके हाथ में फ़ोन था। वह भागते हुए बोला- "आयू दीदी! प्रिंस के हॉस्टल से फ़ोन आया है। उसको चोट लगी है।"
आयरा के हाथ में जो ट्यूब था, वह जमीन पर गिर गया। वह तुरंत उसे बच्चे के हाथ से फ़ोन ले ली। फ़ोन के दूसरी तरफ़ से प्रिंस के वार्डन की आवाज़ आई।
आयरा काँपती आवाज़ में जल्दी-जल्दी बोली- "हेलो, हेलो। क्या हुआ मेरे प्रिंस को? हेलो?"
दूसरी तरफ़ से- "तुमसे बात करने के बाद प्रिंस खुद चलने की कोशिश कर रहा था, तो वह सीढ़ियों से गिर गया है। आप जल्दी से सिटी हॉस्पिटल आ जाइए। हम प्रिंस को वहीं ले जा रहे हैं।"
यह सब सुनकर आयरा के हाथ से फ़ोन गिरने ही वाला था कि बच्चा उसे पकड़कर गिरने से बचा लेता है। आयरा के लिए यह ख़बर किसी हार्ट अटैक से कम नहीं थी। वह बड़ी मुश्किल से दौड़ती हुई बाहर निकली और ऑटो रोकने की कोशिश करने लगी। इस बीच वह अपने कमर के दर्द को भूल रही थी, लेकिन उसका दर्द चीख-चीखकर आयरा को रोकना चाह रहा था। लेकिन आयरा को प्रिंस के आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
आयरा जल्दी से ऑटो में बैठ गई और सिटी हॉस्पिटल के लिए निकल गई।
आयरा जैसे-तैसे करके सिटी हॉस्पिटल पहुँची।
सिटी हॉस्पिटल
आयरा रिसेप्शन पर प्रिंस के बारे में पता कर रही थी कि तभी उसे प्रिंस की केयरटेकर नज़र आई। आयरा रिसेप्शन छोड़कर तुरंत उसके केयरटेकर के पास गई और रोते हुए कहा, "मेरा... मेरा प्रिंस... कैसा... कैसा है? कहाँ है वो?"
वह केयरटेकर आयरा को संभालते हुए बोली, "मैम, प्लीज़ आप हिम्मत रखें। वह अभी आईसीयू में है। उसका इलाज चल रहा है।"
आयरा यह सुनते ही कि प्रिंस आईसीयू में है, एक धमाके की आवाज़ के साथ जमीन पर गिर गई। उसकी सारी हिम्मत ज़वाब दे गई थी। प्रिंस की केयरटेकर आयरा को संभालते हुए उसे उठाकर सीट पर बैठाया और उसे पानी पिलाया।
आयरा लगभग बेहोशी की हालत में थी। जैसे-तैसे उसने दो-तीन घूँट पानी पिया। लगभग डेढ़ घंटा वह ऐसे ही बेंच पर बैठी रही। उसके मुँह से एक भी शब्द नहीं निकला था। कुछ देर बाद जब डॉक्टर चेकअप करके बाहर आए तो उन्होंने पूछा, "पेशेंट प्रिंस की फैमिली में से कौन है?"
आयरा तुरंत दौड़कर डॉक्टर के पास गई। "सर, मैं... मैं उसकी बहन हूँ। मेरा... मेरा... प्रिंस... मेरा भाई कैसा है?"
डॉक्टर ने कहा, "देखिए मैम, उनकी हालत पहले ही बहुत क्रिटिकल थी, और अब उनके पैरों पर बहुत ही ज़्यादा इफ़ेक्ट पड़ा है। हमें जल्दी उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा। क्योंकि अगर अभी हमने कोई इलाज नहीं किया तो बाद में हमें उनके पैरों को काटना पड़ सकता है या फिर वो लाइफ़टाइम के लिए पैरालाइज़्ड भी हो सकते हैं। आप जल्दी से जल्दी पैसों का अरेंजमेंट कीजिए। आगे मैं ऑपरेशन की तैयारी करता हूँ।"
आयरा का दिल और दिमाग डॉक्टर की बात सुनकर एकदम सुन्न हो गया था। फिर भी वह हिम्मत बनाकर डॉक्टर से पूछी, "कितना खर्च आएगा डॉक्टर ऑपरेशन में?"
डॉक्टर ने कहा, "देखिए, हमें बाहर से डॉक्टर बुलाना पड़ेगा। क्योंकि यह केस इतना आसान नहीं है। इसलिए हम पेशेंट के लाइफ़ के साथ रिस्क नहीं ले सकते। हमें एक बेस्ट न्यूरोसर्जन को भी बुलाना पड़ेगा। वो तो आपका लक अच्छा है कि वो अभी इंडिया आई हुई है। इसलिए हमें टेंशन नहीं। सब मिलाकर यही कोई 75 से 80 लाख का खर्चा आएगा। लेकिन हाँ, एक बात ध्यान रखें। यह ऑपरेशन हम फ़िलहाल प्रिंस की जान को बचाने के लिए कर रहे हैं, जिससे हमें उसके पैर काटने ना पड़ें। बाकी उसके पैरों का जो इलाज आपसे फ़ॉरेन में करवाने को बोला था, वह अलग होगा। यहाँ हम सिर्फ़ प्रिंस को बचाने के लिए कर रहे हैं। बाकी बात हम उन डॉक्टर के साथ डिस्कस करके ही बता पाएँगे।"
डॉक्टर की बात सुनकर आयरा के पैरों के नीचे से मानो जमीन ही खिसक गई हो। इतने पैसे अगर उसके पास होते तो वह अपने भाई को लेकर कब का फ़ॉरेन जा चुकी होती। इतना खर्च करने की उसकी औक़ात नहीं थी, और कोई भी उसकी मदद करने को तैयार नहीं था।
डॉक्टर अपनी बात कहकर चला गया और आयरा वहीं बेंच पर बैठकर अपनी किस्मत पर रोती रही।
वहीं कॉरिडोर में कुछ दूरी पर एक अधेड़ उम्र का बिज़नेसमैन आदमी आयरा की हालत देख रहा था। आयरा की हालत को देखकर ही वह समझ गया था कि यह एक गरीब लड़की है और अपने भाई को बचाने के लिए बिल्कुल मजबूर है, और वो अपनी किस्मत पर रो रही थी कि वह कैसे अपने भाई को बचाए। जब आयरा से कंट्रोल नहीं हुआ, तो वह रोते-रोते हॉस्पिटल से बाहर निकल गई। वह अधेड़ उम्र का बिज़नेसमैन भी आयरा के पीछे-पीछे चला आया। आयरा बाहर जाकर पार्किंग एरिया में जाकर बेतहाशा रोना शुरू कर दिया।
आज उसे अपनी किस्मत पर और अपनी मजबूरी पर सबसे ज़्यादा अफ़सोस हो रहा था। अगर आज उसके पास अपना घर, अपना परिवार होता तो वह आज किसी भी अपने से मदद लेकर अपने नन्हे राजकुमार को बचा लेती। पर मानो किस्मत भी उसके लिए पत्थरदिल बनी हुई थी। अपना कहने के लिए एक प्रिंस ही था उसकी ज़िन्दगी में, जिसके हँसते चेहरे को देखने के लिए क्या कुछ नहीं किया था उसने आज तक। पर आज उसका वही नन्हा राजकुमार ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहा था। इस मोड़ पर आकर आयरा का सब्र और हिम्मत सब ज़वाब दे चुका था। यह पल उसके लिए मौत से भी बदतर था। अपनी नन्ही जान को बचाने के लिए आयरा किसी भी हद तक जा सकती थी, पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे? किसके आगे हाथ फैलाए? किससे अपने भाई की जान की भीख माँगे? पागलों की तरह रोते हुए आयरा जमीन पर घुटनों के बल बैठ गई और अपने चेहरे को दोनों हाथों से ढँक लिया।
तभी वह आदमी आयरा को रोता देख उसके पास आया और पीछे से उसके कंधे पर हाथ रखा। आयरा अचानक डरते हुए मुड़कर उस आदमी को देखती है और अपने सुबकते हुए आँसू साफ़ करके पूछती है, "जी! आप कौन?"
वह आदमी, जिसका नाम देव रायचंद था, थोड़ा करीब आकर बोला, "देखिए मिस! अंदर मैंने डॉक्टर की सारी बातें सुनीं। आई थिंक आपको अपने भाई को बचाने के लिए पैसों की ज़रूरत है। मैं समझ सकता हूँ आपकी हालत। मैं कोई बुरा शख्स नहीं, मैं आपको एक करोड़ रुपये देने को तैयार हूँ।"
आयरा उस आदमी की बातें सुनकर हैरान हो गई। आखिर कैसे एक अनजान उसे एकदम से एक करोड़ रुपये ऑफ़र कर रहा था। आयरा बात की गहराई को समझते हुए उस आदमी से कहती है, "और इसके बदले में आपको क्या चाहिए?"
वो आदमी आयरा को ऊपर से नीचे तक देखकर कहता है, "इतनी भोली नहीं आप कि आप यह भी न समझें कि एक आदमी आपको ऐसे ही ₹1 करोड़ नहीं देगा! बदले में आपको मेरे साथ चलना होगा, मेरे होटल में। जरा सा जवानी का स्वाद हम भी चख लें। काफ़ी दिन हो गए, मैदान के उतरे। तो बस तुम मेरे अरमानों को पूरा करो। मैं तुम्हारी ज़रूरत पूरी करूँगा।" ये सब बोलते हुए उसकी उंगलियाँ आयरा की बाजू पर चलने लगीं।
सुबकती हुई, आयरा ने अपने आँसू साफ करके पूछा, “जी! आप कौन?”
वह आदमी, जिसका नाम देव रायचंद था, थोड़ा करीब आकर बोला, “देखिए मिस! अंदर मैंने डॉक्टर की सारी बातें सुनीं। आई थिंक आपको अपने भाई को बचाने के लिए पैसों की ज़रूरत है। मैं समझ सकता हूँ आपकी हालत। मैं कोई बुरा शख्स नहीं, मैं आपको एक करोड़ रुपये देने को तैयार हूँ…”
आयरा उस आदमी की बातें सुनकर हैरान हो गई। आखिर कैसे एक अनजान उसे एकदम से एक करोड़ रुपये ऑफ़र कर रहा था? आयरा बात की गहराई को समझते हुए उस आदमी से बोली, “और इसके बदले में आपको क्या चाहिए?”
वो आदमी आयरा को ऊपर से नीचे तक देखकर बोला, “इतनी भोली नहीं आप कि आप यह भी न समझे कि एक आदमी आपको ऐसे ही ₹1 करोड़ नहीं देगा!”
“बदले में आपको मेरे साथ चलना होगा, मेरे होटल में। जरा सा जवानी का स्वाद हम भी चख लें। काफी दिन हो गए, मैदान से उतरे। तो बस तुम मेरे अरमानों को पूरा करो। मैं तुम्हारी ज़रूरत पूरी करूँगा।” ये सब बोलते हुए उसकी उंगलियाँ आयरा की बाजू पर चलने लगीं।
आयरा के रोंगटे खड़े हो गए थे। आयरा थोड़ा टेढ़ा होकर उससे दूर हुई। उस आदमी की उन गिरी हुई बातों को सुनकर उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई। पहले भी कई लोगों ने उसके साथ छेड़खानी की थी, लेकिन सीधा-सीधा उसका बदन का सौदा आज पहली बार हो रहा था। वह आदमी आयरा को हैरानी से खुद में खोया हुआ देखकर अपनी जेब से एक कार्ड निकाला और आयरा की ओर बढ़ाते हुए बोला, “जानता हूँ इतनी जल्दी आप फ़ैसला नहीं कर सकतीं। यह मेरा कार्ड है, जब आपको लगे कि आपका जवाब हाँ है, आप इस एड्रेस पर पहुँच जाना। पहले मैं आपको पेमेंट करूँगा। उसके बाद ही हमें जो करना है, वह करेंगे…”
यह कहने के बाद वह आदमी उस कार्ड को आयरा के हाथ पर थमाकर वहाँ से निकल गया।
आयरा उस कार्ड को अपने हाथ में लेकर एक फ़ेक स्माइल देती हुई उसे देख रही थी। क्या से क्या हो गई थी आज ज़िंदगी! उसकी इज़्ज़त और भाई की ज़िंदगी दोनों दाव पर लगे हुए थे। अगर भाई की ज़िंदगी को बचाती है तो इज़्ज़त जाती है, और इज़्ज़त को बचाती है तो भाई की ज़िंदगी जाती है।
आयरा बहुत बड़ी कशमकश में थी और फ़ाइनली वही हुआ जो इस दुनिया में हर अच्छे दिल वाली लड़की करती है। रिश्तों के आगे खुद को हार जाती है।
धीरे-धीरे बारिश शुरू हो गई। मुंबई में बारिश का कोई भरोसा नहीं होता, कभी भी बेवक़्त बरस जाती है, लेकिन आज सही वक़्त पर बरसी थी। क्योंकि आयरा के आँसू पोछने वाला कोई नहीं था, पर शायद भगवान उसके आँसुओं को अपनी भेजी हुई बूँदों से साफ़ कर रहा था। काफी देर तक आयरा वहीं खड़ी रही, और भीगती रही।
दूसरी तरफ़, नील जब रुद्र के पास गया तो उसने देखा कि रुद्राक्ष पर आज वाइन पूरी तरीके से हावी है। रुद्राक्ष जो अब तक 3-4 बोतल खाली कर चुका था, और एक उसके हाथ में थी। नील जल्दी से आगे बढ़ते हुए रुद्राक्ष के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला, “सर! प्लीज़ बस कीजिए। और कितना खुद को टॉर्चर करेंगे?”
रुद्राक्ष, जिस पर नशा हावी होने लगा था, नील की तरफ़ देखते हुए बोला, “आइए जनाब! छोड़ आए अपनी उस नई-नवेली महबूबा को? क्या हुआ? बड़ी जल्दी आ गए वापिस? रुकने को नहीं बोला उसने? अरे ऐसे मौके रोज़-रोज़ नहीं मिलते। मैं तो कहता हूँ, आज रात वहीं रुक जाते। बेचारी को ज़रूरत हो सकती है कुछ भी, किसी भी चीज़ की।”
नील ने एक गहरी साँस लेते हुए कहा, “नहीं सर। ये आप कैसी बातें कर रहे हैं? वो तो अपने बोला था घर छोड़कर आने को, तो बस इसलिए। वरना मैं क्यों?” इतना बोलकर वो चुप हो गया।
रुद्राक्ष बोला, “हाँ, हाँ उससे चिपकने को भी मैंने ही बोला था। उसको सहारा देने के लिए जो कमर पर हाथ रखा हुआ था, वो भी मैंने ही बोला था। है ना?” रुद्राक्ष की बातों में साफ़ तौर पर तंज़ महसूस करते हुए नील ने एक गहरी साँस ली और बोला, “आप… आप गलत समझ रहे हैं सर। मेरी ऐसी कोई इंटेंशन नहीं थी।”
रुद्राक्ष उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, “अरे यार! मैं भी किस पर शक कर रहा हूँ। तू तो मेरा यार, दोस्त, हमदर्द सब कुछ है। कमी तुझ में नहीं, उस लड़की में है। ब्लडी चेप कहीं की। ख़ामख़ा फ़ेविकोल का ऐड करती हुई चिपकती रहती है।”
रुद्राक्ष लड़खड़ाते कदमों से उसके पास आकर उसके कंधे पर बाजू लपेटते हुए बोला, “वैसे मैं क्या सोचता हूँ? इन लड़कियों का तो कोई स्टैंडर्ड है ही नहीं। मैं तुझे ही अपनी गर्लफ्रेंड बना लेता हूँ। साला एकदम लॉयल आइटम है तू। ऊपर से चलती-फिरती शराफ़त की दुकान भी है। क्या मस्त जोड़ी रहेगी! रुद्राक्ष+नील=रुद्रनील। वाह! ओसम है! है ना?”
नील रुद्राक्ष की बातें सुनकर अपना सिर पीटने लगा। आज उसकी ही ईमानदारी उसकी इज़्ज़त की दुश्मन बन गई थी। वो मन ही मन भगवान से प्रार्थना कर रहा था कि आज उसकी इज़्ज़त बचा ले।
नील ने बेमन से हल्की सी मुस्कान दी और बोला, “सर, मैं भाई और दोस्त ही ठीक हूँ। ये गर्लफ्रेंड वाला आइडिया लड़की के लिए ही रहने दीजिए।”
रुद्राक्ष जोर-जोर से हँसने लगा और हाथ में पकड़ी हुई बोतल को ज़मीन पर फेंकते हुए चिल्लाया, “लड़की! ये लड़कियाँ सारी एक जैसी ही होती हैं। पैसा और सेटिस्फ़ेक्शन। बस! और तीसरी चीज़ दिखाई नहीं देती उन्हें। अरे इनके लिए रिश्ते और इमोशन्स सिर्फ़ वर्ड होते हैं। इनके लिए कोई मायने नहीं होते इन सब के। पैसा पैसा पैसा! बस!” ये सब बोलते हुए उसकी आँखों के सामने कुछ अतीत की यादें आ गईं।
नील रुद्राक्ष को संभालते हुए बोला, “मेरा यकीन कीजिए सर। आज तक जितनी लड़कियों को देखा है आपके पास आते हुए, सबकी नज़रों में लालच और हवस देखी है मैंने। पर ये आज वाली लड़की उन सब से अलग ही थी। उसकी आँखों में मुझे सच्चाई और बेबसी नज़र आई है। और आपने भी तो उसको इतनी आसानी से छोड़ दिया। जबकि बाकी आने वाली लड़कियों की आप क्या हालत करते हो, ये सभी को पता ही है।”
रुद्राक्ष बार काउंटर के पास ज़मीन पर बैठते हुए आयरा के बारे में ही सोच रहा था। उसका दिल भी इस बात की गवाही दे रहा था कि आयरा बाकी सब से अलग है। पर उसका दिमाग इस बात को नकार रहा था, क्योंकि जो कुछ भी रुद्राक्ष ने देखा और जिस सिचुएशन में उसने आयरा को पाया था, उसके हिसाब से वो आयरा को क्लीन चिट नहीं दे सकता था।
दूसरी तरफ, हॉस्पिटल में आयरा पूरी रात वहीं खड़ी रही, बारिश में भीगती रही। सुबह बारिश रुकी और हल्की धूप के साथ नए दिन की शुरुआत हुई। किसी के लिए दिन बहुत खास होने वाला था, तो किसी के लिए सबसे मनहूस। आयरा अपने हाथ में पड़े कार्ड को देखती रही। वहाँ से अंदर जाकर प्रिंस के बारे में पूछकर सीधे अपने घर की तरफ निकल पड़ी। घर आकर उसने कपड़े बदले और खुद को थोड़ा मेकअप से तैयार किया। कभी किसी मय्यत को तैयार होते देखा है आपने...? आयरा अपनी जीती जागती लाश को खुद सजा रही थी...। लगभग 10:00 बजे आयरा अपने हाथ में कार्ड लेकर उस जगह पहुँची जहाँ उस आदमी ने उसे बुलाया था।
आयरा रिसेप्शन पर जाकर वह कार्ड दिखाकर बोली,
"एक्सक्यूज मी! मुझे इनसे मिलना है।"
रिसेप्शनिस्ट आयरा के हाथ से वह लगभग गीला होकर मिट चुका कार्ड देखती है। उसके बाद आयरा को ऊपर से नीचे तक देखती है। इस वक्त आयरा ने शॉर्ट ड्रेस पहनी हुई थी और उसके ऊपर उसने एक शॉल डाला हुआ था। रिसेप्शनिस्ट आयरा को एक घिन भरी नज़र से देखकर, वह कार्ड देखकर कहती है,
"देखिए! हमें नहीं पता कि आप कहाँ से यह कचरा उठा लाई हैं। और जिससे आपको मिलना है, उसका नाम और रूम नंबर पता है, तो बताइए?"
आयरा का दिमाग हिल गया क्योंकि ना तो वह उस आदमी का नाम जानती थी, ना कुछ और। आयरा नर्वस होते हुए बोली,
"देखिए! मैं जानती तो नहीं हूँ, बस मुझे यह कार्ड मिला था। और यह बारिश में गीला हो गया था। आप अगर मेरी कुछ मदद कर सकती हैं तो?"
रिसेप्शनिस्ट आयरा को बड़ी गिरी हुई नज़र से देखकर कहती है,
"देखिए, हमें और भी बहुत काम है। सिर्फ़ यही काम नहीं है।"
आयरा को उम्मीद टूटती हुई नज़र आती है कि तभी उसे पीछे एक आवाज आती है—
"तो आप आ ही गई...?"
आयरा जब मुड़कर देखती है तो उसके सामने वही आदमी खड़ा हुआ था, जो रात उससे मिला था। रिसेप्शनिस्ट उस आदमी को देखकर पहचान जाती है। वह आदमी इस होटल का मैनेजर था। वह आदमी आकर आयरा के कंधे पर हाथ रखता है और रिसेप्शनिस्ट से कहता है,
"यह मेरी मेहमान है।"
रिसेप्शनिस्ट जानती थी कि यह आदमी कितनी घटिया किस्म का था, लेकिन फिर भी उसे अपनी जॉब प्यारी थी। इसलिए वह मुस्कुराते हुए "सॉरी सर" कहती है।
मैनेजर: "कोई बात नहीं, जरा मेरे रूम की चाबी दो।"
रिसेप्शनिस्ट मैनेजर के रूम की चाबी उसे दे देती है। वह मैनेजर उस चाबी को लेता है और आयरा की कमर पर हाथ रखकर अपने साथ ले जाता है। आयरा की धड़कनें एक्सप्रेस की तरह चल रही थीं। खुद की ही नज़रों में वह आज गिरा हुआ महसूस कर रही थी, पर हालात के आगे मजबूर, वह जिसके पास और कोई रास्ता नहीं था।
इधर रुद्राक्ष सुबह उठा। कल रात की वजह से आज उसका मूड बहुत खराब था। उठने के कुछ देर बाद ही कॉल पर उसे तक्ष और आर्य के बारे में पता लगा, जिससे उसका माइंड और भी अपसेट हो गया। पर तक्ष ने उसे शांत रहने के लिए कहा था। पर मन ही मन उसे बहुत बुरा लग रहा था। लेकिन फ़िलहाल उसने ना तो किसी से बात की और ना कुछ कहा। कुछ देर में रेडी होकर वह अपने ऑफिस के लिए निकल गया। ऑफिस जाकर उसे पता लगा कि उसकी दस बजे एक मीटिंग थी, जो एक फाइव स्टार होटल में रखी गई थी। रुद्राक्ष नील को कॉल करके, उस मीटिंग को अटेंड करने के लिए उस होटल पहुँचा। इत्तेफ़ाक़ से यह वही होटल था जहाँ आयरा आज अपनी मजबूरी की बदौलत पहुँची थी।
मीटिंग के लिए रुद्राक्ष प्राइवेट रूम की तरफ़ जाने लगा कि तभी उसकी नज़र सामने कॉरिडोर से गुज़र रही आयरा पर पड़ गई, जिसकी कमर पर उस मैनेजर की बाहें लिपटी हुई थीं। रुद्राक्ष ने हैरानी से अपनी एक आईब्रो उठाकर खुद से बोला,
"कन्या कुंवारी विद जंगली शिकारी!"
वह फ़ोन को कान पर लगाते हुए बोला,
"नील डार्लिंग! यहाँ पर डांसर्स का भी ऑडिशन होता है? और मुझे किसी ने बताया नहीं? स्ट्रेंज!"
"अरे मतलब जज भी तो होना चाहिए सामने। परफॉर्मेंस देखने के लिए। मतलब डांसर की। अब परफॉर्मेंस देखकर ही तो पता चलेगा, कौन कितना बेस्ट करता है। आई मीन डांस यार।"
नील, जो रुद्राक्ष की बातें अच्छे से समझ रहा था, वह जल्दी से बोला,
"सर मैं अभी पता करता हूँ। बस दो मिनट।"
आयरा इस बीच उस मैनेजर के साथ एक रूम के अंदर इंटर कर चुकी थी।
रुद्राक्ष: "अपनी इस दो मिनट में मैगी बनाकर खा लेना, बिकॉज़ यू नीड दिस। मैं तो चला लाइव परफॉर्मेंस देखने। संभाल लेना बाद में, लोगों की टूटी हड्डियों को। वैसे भी तुम तो माहिर हो संभालने में।"
इतना बोलकर वह स्माइल करते हुए उस रूम की तरफ़ चल पड़ा। नील जो अब फ़ोन की स्क्रीन की तरफ़ देख रहा था, उसके दिमाग में रुद्राक्ष की लास्ट में बोली हुई लाइन गूंज रही थी। उसे डांसर वार्ड से यह तो पता लग गया था कि आयरा भी मौजूद है। नील को अब सच में आयरा की फ़िक्र हो रही थी क्योंकि कल रात किसी तरह वह रुद्राक्ष के काल रूप से बच गई थी। पर अगर आज कुछ ऐसा वैसा हुआ तो वह सोच भी नहीं सकता कि आयरा के साथ क्या हो सकता है। नील भी जल्दी से उस होटल के लिए निकल पड़ता है क्योंकि उसे पता था, रुद्राक्ष का फैलता हुआ रायता, शाही पुलाव समेटना उसे ही है।
दूसरी तरफ, आयरा डरते और घबराते हुए उस मैनेजर के साथ रूम में इंटर करती है। देखने में रूम बिल्कुल आलीशान और लग्ज़रियस था। हर एक चीज़ यूनिक थी। रूम में इंटर करने के बाद उस मैनेजर ने मुड़कर दरवाज़े को बंद कर दिया। आयरा जो पहले ही डरी हुई थी, उसकी धड़कनों ने रफ़्तार पकड़ ली। आज पहली बार वह इस तरह किसी अनजान शख्स के साथ एक रूम के अंदर थी। पर हालात के हाथों मजबूर वह इस वक़्त चाहकर भी और कुछ नहीं कर सकती थी। वह मैनेजर, जिसका नाम देव था, पर हरकत बिल्कुल किसी असुर जैसी थी।
दूसरी तरफ, आयरा डर और घबराहट के साथ उस मैनेजर के साथ कमरे में गई। कमरा बेहद आलीशान और लग्ज़रियस था। हर चीज़ अनोखी थी। कमरे में प्रवेश करने के बाद, मैनेजर ने मुड़कर दरवाज़ा बंद कर दिया। पहले से ही डरी हुई आयरा की धड़कनें तेज हो गईं। आज पहली बार वह इस तरह किसी अनजान शख्स के साथ एक कमरे में थी। परन्तु मजबूरन, वह इस वक्त कुछ और नहीं कर सकती थी। वह मैनेजर, जिसका नाम देव था, परन्तु हरकतें किसी असुर जैसी थीं। वह अंदर आकर आयरा को बिस्तर पर बैठाता है और फिर आयरा की कमर पर हाथ फेरते हुए बोला,
"काफी वक्त बाद ऐसी बला की खूबसूरती देखी है। सो आई एम सो डेस्परेट डियर। उम्मीद है तुम भी कोऑपरेट करोगी।"
आयरा उसकी बातों से और अपने शरीर पर रेंगती उसकी घिनौनी नज़रों को महसूस करते हुए अंदर ही अंदर कांप रही थी। उसके माथे पर हल्का-हल्का पसीना आने लगा। घबराहट के कारण उसके हाथ-पैर काँपने लगे थे। वह मैनेजर उसके पास बैठकर एक हाथ से उसके बालों को कान के पीछे करते हुए बोला,
"कम ऑन बेबी। अब ये शर्माना छोड़ो। जरा अपने जलवे दिखाओ। और आज रात को बिलकुल स्पेशल बना दो, लाइक ए हैवन टूर।"
इतना बोलकर वह उसके करीब आते हुए उसके चेहरे पर झुकने लगा। आयरा अपने दोनों हाथों को लगातार आपस में मसलते हुए खुद में सिमट रही थी। जैसे ही देव उसके करीब आया और उसके होंठों को छूने की कोशिश करने लगा, तो आयरा डरते हुए एक झटके से पीछे हट गई और अपनी जगह से खड़ी हो गई। उसके हाथों का काँपना और भी बढ़ गया। देव के उसके अचानक प्रतिक्रिया करने पर चिढ़ते हुए बोला,
"क्या हुआ? इस तरह से मुँह फेरने का क्या मतलब?"
आयरा थोड़ा हड़बड़ाते हुए बोली,
"सॉरी! वो...वो मैं... मैं थोड़ा नर्वस फील कर रही हूँ। पहले कभी इस तरह से... प्लीज गिव मी सम टाइम।"
देव उसकी बातें सुनते हुए उसके काँपते हाथों को देखकर बोला,
"ओह आई सी! इट्स योर फर्स्ट टाइम। फिर तो और भी मज़ा आएगा। इट्स ओके बेबी। तुम थोड़ा रिलेक्स करो। तब तक मैं फ्रेश होकर आता हूँ। बट रिमेंबर, उसके बाद कोई बहाना नहीं चलेगा। आखिर इस सब की तुम्हें कीमत तो मिल ही रही है। याद है ना?"
आयरा उस मैनेजर की बात सुनकर हल्का सा सिर हिला देती है। जिसके बाद वह मैनेजर वहाँ से बाथरूम की तरफ़ चला जाता है। आयरा बिस्तर पर धम्म से बैठ जाती है और अपने सीने पर हाथ रखते हुए खुद को दिलासा देते हुए बोलती है,
"नहीं आयरा नहीं। तेरा प्रिंस वहाँ हॉस्पिटल में ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहा है। तू इस तरह कमज़ोर नहीं पड़ सकती। उसको तेरी ज़रूरत है। अपनी दीदी की। अब चाहे उसके लिए यही सब क्यों न करना हो। आखिर एक रात की ही तो बात है। फिर बस! चाहे कुछ भी हो, मैं अपने नन्हे राजकुमार को कुछ नहीं होने दूँगी। मैं इस शख्स को नाराज़ नहीं कर सकती। आई हैव टू डू दिस।"
ये सब बोलते हुए उसकी आँखों से आँसू बहकर उसकी गोद में बारिश की तरह गिर रहे थे। दूसरी तरफ, रुद्राक्ष, नील का फोन कटते ही सीधे उस कमरे की तरफ बढ़ जाता है। आखिर आज उसे अपनी बात साबित करने का सही मौका मिल गया था। वह अपने तेज कदमों के साथ उस कमरे तक पहुँचता है। सामने कमरे का दरवाज़ा बंद देखकर रुद्राक्ष के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। वह अपनी गर्दन टेढ़ी करके सामने देखते हुए बोला,
"भाई साहब! ऑडियंस के बिना मूवी भी स्टार्ट कर दी। बेड मैनर्स दिलबरा।"
इतना बोलकर वह दरवाज़े के नॉब को घुमाता है। अब यह एक्सपेक्ट मत करना कि हीरो दरवाज़ा तोड़कर अंदर एंट्री मारेगा। यह रुद्राक्ष सिंह शेखावत है, जिसके आगे कोई लॉक मायने नहीं रखता। वह एक्सपर्ट है हर लॉक को अनलॉक करने में। बेशक़ इसमें उसकी मर्ज़ी हो।🤣🤣🤭🤭 और मूड भी। अपने इसी टैलेंट का उपयोग करते हुए वह दरवाज़ा अनलॉक करता है और दरवाज़ा खोलकर अंदर जाता है। वहीं आयरा, जो अपने आप को जबरदस्ती मानसिक रूप से तैयार करके बिस्तर पर बैठी थी। जैसे ही उसने दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनी, तो खुद को थोड़ा सहज करने के लिए उसने अपनी आँखें बंद कर लीं ताकि वह उस शख्स को सामने देखकर और भी घबराए नहीं। उसे लगा कि वह मैनेजर बाथरूम से निकल आया है। उसे अपनी तरफ बढ़ते हुए कदमों की आहट सुनाई दे रही थी, जिसके साथ-साथ उसकी धड़कनें भी तेज हो रही थीं। अपनी मुट्ठियों को कसते हुए वह उस शख्स को पास आता हुआ महसूस कर रही थी। तभी उसे अपने चेहरे पर किसी की गर्म साँसें महसूस हुईं। तो आयरा, मानसिक रूप से इस चीज़ को स्वीकार करते हुए खुद आगे बढ़ी और बंद आँखों से ही उस शख्स के चेहरे को पकड़कर उसे किस करने लगी। उसे किस करना नहीं आता था, फिर भी वह लगातार सामने वाले शख्स को अपने जूसी लिप्स से लगातार चूम रही थी। उसका एक हाथ उस आदमी के गाल पर था तो दूसरा उसके बालों में। तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुलता है और देव यानी कि वह मैनेजर तौलिया लपेटे हुए बाहर आता है। देखने से ही पता लग रहा था कि वह अभी-अभी शॉवर लेकर आया है। जैसे ही उसकी नज़र सामने आयरा पर पड़ती है, तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है। जी हाँ। आयरा, जिसको फ़िलहाल जबरदस्ती किस किया जा रहा था, उसे झेलने वाला हमारा रुद्राक्ष ही था। वह जैसे ही कमरे में आया था, तो उसने आयरा को अकेले बिस्तर पर आँखें बंद करके बैठी देखा। उसे आस-पास कोई दिखाई नहीं दिया, तो वह आयरा के करीब आकर उसके चेहरे को गौर से देखने लगा ही था कि आयरा ने उसे धर दबोचा। 🤣 इससे पहले कि रुद्राक्ष कुछ रिएक्ट कर पाता, आयरा उस पर टूट पड़ी थी और उसे पकड़कर किस करने लगी थी। रुद्राक्ष एक पल के लिए उसे देखता ही रह गया। पर जैसे-जैसे आयरा अपने होंठों को हिला रही थी, अब रुद्राक्ष भी उसे धीरे-धीरे रिस्पॉन्स करने लगा था। तभी वह मैनेजर चिल्लाते हुए उनके पास आता है और गुस्से में रुद्राक्ष को धक्का देते हुए बोला,
"ये सब क्या हो रहा है? अरे कौन हो तुम? ये मेरा रूम है, और ये तुम। तुम यह क्या कर रहे हो इस लड़की के साथ?"