कहानी है रेहान ओबेरॉय और रूहानी सक्सेना की। रेहान ओबेरॉय 32 साल का अट्रेक्टिव जिद्दी और घमंडी बिजनेसमैन और एक प्लेबॉय, जिसकी नजर में लड़कियां सिर्फ टाइम पास करने के लिए होती है। ये एक बार जो ठान ले वो पूरा करके ही मानने वालों में से है। वही हमारी रूह... कहानी है रेहान ओबेरॉय और रूहानी सक्सेना की। रेहान ओबेरॉय 32 साल का अट्रेक्टिव जिद्दी और घमंडी बिजनेसमैन और एक प्लेबॉय, जिसकी नजर में लड़कियां सिर्फ टाइम पास करने के लिए होती है। ये एक बार जो ठान ले वो पूरा करके ही मानने वालों में से है। वही हमारी रूहानी दिखने में परी की तरह खूबसूरत 19 साल की सीधी-सादी सिंपल सी लड़की जिसकी नजर में प्यार और शादी एक बहुत ही खास और पवित्र रिश्ता होता है। एक शादी के फंक्शन में रिहान ओबेरॉय की नजर पड़ती है रूहानी पर और लगाता है वह अपने दोस्तों से शर्त उसे अपने करीब लाने की! क्या होगा जब रूहानी के आगे आएगी रेहान की सच्चाई? क्या इनकी कहानी शर्त पर शुरू और शर्त पर ही खत्म होगी? या होगी एक नई बेशुमार प्यार की कहानी की शुरुआत? जानने के लिए पढ़िए,
रेहान ओबेरॉय
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एक कार बड़े से बंगले के पास आकर रुकी। उस बंगले के बाहर एक बड़ा सा स्विमिंग पूल और सुन्दर गार्डन एरिया था; बंगला बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था। कार से एक लड़की, गहरे हरे रंग की फ्रॉक सूट पहनकर, मुस्कुराते हुए बाहर निकली और बंगले को प्यार से देखने लगी। उसकी उम्र उन्नीस वर्ष थी, गोरी चिट्टी, लम्बे बाल, घनी काली पलकें, गहरे भूरे रंग की आँखें और पाँच फुट चार इंच लम्बी कद-काठी। वह एकदम दुबली-पतली, मासूम सी बच्ची लग रही थी।
फिर एक लम्बी साँस लेते हुए वह अंदर जाने लगी। तभी उसे गुस्से भरी आवाज़ सुनाई दी।
"वहीं रुक! अंदर आने की हिम्मत मत करना! चुपचाप कार में बैठ और यहाँ से निकल जा। कोई ज़रूरत नहीं अंदर आने की।"
यह सुनकर लड़की के कदम रुक गए, लेकिन उसके चेहरे की मुस्कान और बढ़ गई। वह मुस्कुराते हुए उस इंसान के पास गई और उसे गले लगाते हुए बोली,
"अरे मेरी जान! गोलगप्पे की तरह क्या मुँह फुलाकर बैठी है? तुझे पता है ना, कितना काम था, फिर भी देख, समय पर आ गई हूँ। मुँह फुलाना बंद कर, चल, गुस्सा थूक दे।"
उसकी बात सुनकर दूसरी लड़की मुँह फुलाते हुए बोली,
"तू समय पर नहीं आई है। तुझे मैंने खींचकर बुलाया है यहाँ पर, जबरदस्ती। वरना तू और तेरा कोई काम समय पर होता भी है क्या? सच बता रही हूँ तुझे मैं! अगर आज तू यहाँ नहीं आती ना, तेरी जान ले लेती मैं वहाँ जाकर।"
उसकी बात सुनकर पहली लड़की क्यूट एक्सप्रेशन चेहरे पर लाते हुए बोली,
"ले लेना जान! पहले कुछ खिला तो दे, बहुत तेज भूख लगी है। तेरे चक्कर में बिना कुछ खाए-पिए जल्दी-जल्दी आई हूँ। तू एक मुझे डांट खिला रही है, कौन सा बेस्ट फ़्रेंड ऐसा करता है यार? तू तो मेरी सबसे अच्छी वाली फ़्रेंड है।"
दूसरी लड़की उसकी बातें सुनकर मुस्कुराते हुए उसे गले लगाकर बोली,
"चल चल, ज़्यादा नखरे मत दिखा। अच्छी बच्ची बनने के नखरे किसी और के सामने दिखाना, मेरे सामने नहीं। समझी तू? चल अब अंदर।"
दोनों अंदर चली गईं। अंदर एक लड़का फ़ोन से बात कर रहा था, पर पीछे से किसी ने उसे हटा दिया। वह लड़का अचानक हुए इस घटनाक्रम पर चुप हो गया। फिर अपना फ़ोन रखते हुए बोला,
"रूहानी तुम! तुम आ गईं।"
रूहानी उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली,
"अच्छा अरमान! तुमने तो मुझे पहचान लिया। मैंने सोचा था तुम मुझे पहचान नहीं पाओगे।"
अरमान रूहानी की बात सुनकर खिलखिलाकर हँस दिया और हँसते हुए बोला,
"तुम भी ना, बिल्कुल छोटे बच्चों की तरह हरकतें करती हो। और मैं भला तुम्हें कैसे नहीं पहचान पाऊँगा? तुम तो मेरी जान हो, और अपनी जान को कोई कैसे नहीं पहचानेगा।"
तभी उन दोनों के कान में पीछे से आवाज़ आई,
"हाँ जान है, इसलिए नहीं आ रही थीं आपकी इंगेजमेंट और शादी में। तो मैंने बुलाया तब आई है।"
रूहानी, उसकी बात सुनकर कमर पर हाथ रखकर घूरते हुए बोली,
"श्रेया की बच्ची! मैंने कब कहा कि मैं नहीं आऊँगी? तुझे पता है ना, मेरे एग्ज़ाम चल रहे थे, जिस वजह से मैं लेट थी, पर ऐसा नहीं था कि मैं अरमान की इंगेजमेंट और शादी में न आती।"
श्रेया रूहानी की बात सुनकर आँखें घुमाते हुए बोली,
"पता है एग्ज़ाम था, लेकिन एग्ज़ाम पाँच दिन पहले ही ख़त्म हो चुका था, पर तू आई कब? आज, वह भी मेरे ज़िद करने पर।"
सभी तीनों के कान में पीछे से आवाज़ आई,
"शादी का घर है, पर तुम दोनों महाभारत करने पर तुली हुई हो। अब आ गई ना वो श्रेया, तो जाने दो रूहानी को। क्यों-क्यों उसे परेशान कर रही हो?"
रूहानी पीछे मुड़कर देखी, दौड़कर उनके पास गई और गले लगाकर बोली,
"देखिए ना आंटी, कितना परेशान करती है मुझे! जब से आई हूँ, तब से मुझे परेशान करके रखा है। एक बार पानी के लिए भी नहीं पूछी।"
यह कोई और नहीं, श्रेया की माँ सृष्टि थीं।
श्रेया रूहानी की बात सुनकर झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली,
"मैंने तुझे परेशान किया? और यह तेरा घर है, तू यहाँ कोई मेहमान नहीं है कि तुझे कोई पूछेगा। बड़ी आई माँ से शिकायत करने वाली।"
रूहानी उसकी बात सुनकर सृष्टि के गले में हाथ डालकर बोली,
"ऐसे कैसे? तुझे छोड़ दूँगी? तेरी तो भर-भर के शिकायत करूँगी, देख लेना तू! वैसे भी मुझे पता है आंटी मेरी ही साथ देगी, क्यों अरमान?"
अरमान अपने हाथ खड़े करते हुए उसकी बात सुनकर बोला,
"तुम दोनों लड़कियों के बीच में मैं नहीं बोल सकता, वरना न मैं घर का रहूँगा, न घाट का। अगर मैं किसी की भी साइड लूँ, मेरी बंधनी है।"
श्रेया फिर कुछ बोलने को हुई, लेकिन तभी सृष्टि दोनों को टोकते हुए बोली,
"अब बस करो दोनों! रूहानी को उसका कमरा दिखा दो और उसे आराम करने दो, थक गई होगी बिचारी। रूहानी तुम अंदर जाओ, मैं तुम्हारा फ़ेवरेट, मूंग दाल का हलवा भिजवाती हूँ।"
रूहानी सृष्टि जी की बात सुनकर उन्हें अच्छे से गले लगाते हुए बोली,
"थैंक यू आंटी! यू आर द बेस्ट! आपको पता है कि मुझे क्या पसंद है, क्या नहीं।"
श्रेया की तरफ़ देखते हुए बोली,
"अब चल, मुझे रूम दिखा।"
श्रेया रूहानी की बात सुनकर बोली,
"चल, दिखाती हूँ। पेटू कहीं की!"
रूहानी श्रेया की बात सुनकर उसे मुँह खोलकर घूर रही थी। फिर दोनों वहाँ से चली गईं।
दोनों के जाते ही सृष्टि जी अरमान की तरफ़ देखते हुए पूछीं,
"तुम्हारी बात हुई क्या? क्या हुआ? क्या बोला उसने?"
अरमान अपनी माँ की बात सुनकर उन्हें देखते हुए बोला,
"मैं ट्राई कर रहा हूँ माँ, पर आपको पता है ना, ये बहुत मुश्किल है। बाकी मैं ट्राई करता रहूँगा माँ, आप टेंशन ना लो, कुछ ना कुछ तो मैं ज़रूर करूँगा।"
उसकी बात सुनकर सृष्टि मायूस होते हुए बोली,
"हाँ मुझे पता है तुम ज़रूर कुछ ना कुछ करोगे, पर जब तक होगा नहीं, टेंशन तो लगी ही रहेगी ना बेटा।"
अरमान अपनी माँ के बिलकुल करीब आकर उन्हें गले लगाते हुए बोला,
"मेरे रहते हुए इतनी टेंशन क्यों लेना है? मैं हूँ ना। मैं आपको कभी शिकायत का मौका नहीं दूँगा।"
सृष्टि अरमान की बात सुनकर हल्का मुस्कुराते हुए बोली,
"मुझे पता है बेटा, पर अपने दिल को कैसे समझाऊँ? बहुत समझाने की कोशिश करती हूँ, पर बार-बार एक ही जगह पर रुक जाता है। बस एक बार सब सही हो जाए, फिर मुझे कुछ नहीं चाहिए।"
अरमान अपनी माँ को कस के गले लगा लिया और उनसे बोला,
"मैं हूँ ना अब बस। अब इस मामले में कोई बात नहीं होगी।"
अरमान की बात सुनकर सृष्टि मुँह फेरते हुए बोली,
"मुझे पता है तू है। अब नहीं कुछ बोलूँगी। अब खुश हो जा तू। अब छोड़ इन सब बातों को। अभी तो तेरी शॉपिंग बाकी है ना, वह कब करेगा तू?"
अरमान अपनी माँ की तरफ़ देखते हुए बोला,
"मेरी शॉपिंग की टेंशन मत लीजिए माँ, वह हो जाएगी। बस आप सही से रहिए, मुझे आप हँसते हुए चाहिए।"
अरमान की माँ अरमान की बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराकर हाँ में सिर हिला दी।
अपनी माँ को देखते हुए बोला,
"ये हुआ ना मेरी माँ वाली बात! Ok bye माँ, मैं जा रहा हूँ, शाम को मिलते हैं।"
इतना बोलकर अरमान चला गया।
अरमान के जाते ही सृष्टि एक बार फिर से उदास हो गई और उसकी आँखें नम हो गईं।
"मैंने तो तुझे बोल दिया, जो होगा देखा जाएगा, पर अपने इस दिल को कैसे समझाऊँ? कब सब सही होगा? मैं उदास नहीं होना चाहती, पर बार-बार हो जाती हूँ, और मेरी वजह से तू भी परेशान होता है।"
इतना बोलकर वह किचन की तरफ़ बढ़ गई।
दूसरी तरफ़, रूहानी के कमरे में रूहानी और श्रेया एक-दूसरे के साथ तकिये से मार-पीट कर रही थीं। श्रेया रूहानी को मारते हुए बोली,
"मुझे तो मैं सच्ची में पीट-पीट के ठीक कर दूँगी! पता है, मुझे लगा तू डेढ़ महीने पहले ही आ जाएगी। दोनों मिलकर गप्पे लड़ाएँगे, लेकिन नहीं, तुझे तो अब आना था। और कल से सारे मेहमान भी आ जाएँगे, हम अच्छे से गप्पे भी नहीं लड़ा पाएँगे।"
रूहानी भी श्रेया को मारते हुए बोली,
"कैसे आती पागल? कितनी बार बोलूँ, मेरा एग्ज़ाम चल रहा था, उसे छोड़कर कैसे आती? यह बता पहले तू। मेहमान आ रहे हैं, तो आने देना। हमारे गप्पे लड़ाने से उनको क्या प्रॉब्लम होगी? हम जैसे थे, वैसे ही रहने वाले हैं। कोई आए, आ जाए।"
दोनों अभी भी एक-दूसरे को तकिये से पीट रही थीं। तभी दोनों के कानों में आवाज़ आई,
"दोनों कब सुधरोगी? इतने बड़े हो गए हो, फिर भी ये हरकतें? क्या हाल कर रखा है कमरे का?"
यह कोई और नहीं, श्रेया की माँ थीं। उनके हाथ में एक ट्रे था, और उसमें दो कटोरे थे। अंदर जाकर रूहानी को हलवे से भरा हुआ कटोरा थमाती हैं। रूहानी मूंग दाल का हलवा देखकर खुश हो गई, चेहरे पर एक लम्बी सी मुस्कान आ गई। पर श्रेया का मुँह बना हुआ था। श्रेया की माँ श्रेया की तरफ़ दूसरा कटोरा देते हुए बोली,
"तुम्हारा फ़ेवरेट गाजर का हलवा! मुझे पता था कि बच्चों की तरह मुँह बन जाएगा। शादी करने की उम्र होने को आई है, लेकिन हरकतें बिल्कुल बच्चों की तरह हैं।"
श्रेया अपनी माँ की बात सुनकर हवा ले ली और अपनी माँ से मुँह फुलाते हुए बोली,
"क्या माँ! इतनी भी बड़ी नहीं हो गई कि मेरी शादी होगी? वैसे भी मुझे इस शादी-वादी पर कोई इंटरेस्ट नहीं है, ना ही मुझे करनी है। मैं आपको छोड़कर कहीं नहीं जाने वाली। प्लीज़ आप शादी की दोबारा मत करना।"
श्रेया की माँ उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली,
"फिर बच्चों जैसी बातें! चल हलवा खा और सारा ख़त्म होना चाहिए दोनों का। अब मैं जा रही हूँ और तुम दोनों फिर से लड़ना स्टार्ट मत कर देना।"
इतना बोलकर वह बाहर चली गईं। उनके जाते ही रूहानी श्रेया की तरफ़ देखकर उसे छेड़ते हुए बोली,
"बड़ी आई मुझे नहीं जाना है, मुझे शादी-वादी पर कोई इंटरेस्ट नहीं है! बेटा, ऐसा इंटरेस्ट जागेगा ना तेरा, तू खुद चाहेगी कि तेरी शादी हो। मेरा मतलब है तेरी बर्बादी हो जाए।"
श्रेया रूहानी की बात सुनकर उसे एक तकिया खींचकर फेंककर मारी और बोली,
"ऐसा कुछ नहीं होने वाला, तेरी गलतफ़हमी है। ना ही मुझे इंटरेस्ट है, ना ही कभी कुछ होगा। यह शादी-प्यार-व्यापर यह सब कुछ नहीं होता है, मैं इन सब चीजों को नहीं मानती।"
रूहानी उसकी बात सुनकर उसे देखकर बोली,
"यह प्यार ऐसी चीज है ना, जो एक बार किसी को हो जाए ना, सब मानने लगते हैं। मुझे तो इस पर बहुत विश्वास है। मेरा मानना है लाइफ़ में हर किसी को प्यार होता है, बस इंतज़ार है कि मुझे कब होगा।"
रूहानी की बात सुनकर श्रेया हलवा खाते हुए बोली,
"होगा कहीं ना कहीं। आई थिंक मुझे लग रहा है किसी पागलखाने में भर्ती होगा, जिस वजह से वह तेरे पास नहीं आ पा रहा है।"
यह तो थी हमारी रूहानी की सोच प्यार के मामले में, पर क्या ऐसा ही होगा उसके हीरो की सोच?
श्रेया ने रूहानी की बात सुनकर एक तकिया खींचकर फेंक मारा और बोली, “ऐसा कुछ नहीं होने वाला। तेरी गलतफहमी है। ना ही मुझे इंटरेस्ट है, ना ही कभी कुछ होगा। यह शादी-प्यार-व्यापार सब कुछ नहीं होता है। मैं इन सब चीजों को नहीं मानती।”
रूहानी ने उसकी बात सुनकर उसे देखा और बोली, “यह प्यार ऐसी चीज है ना, जो एक बार किसी को हो जाए ना, सब मानने लगते हैं। मुझे तो इस पर बहुत विश्वास है। मेरा मानना है, लाइफ में हर किसी को प्यार होता है, बस इंतज़ार है कि मुझे कब होगा।”
श्रेया ने रूहानी की बात सुनकर हलवा खाते हुए कहा, “होगा कहीं ना कहीं। आई थिंक मुझे लग रहा है, किसी पागलखाने में भर्ती होगा, जिस वजह से वह तेरे पास नहीं आ पा रहा है।” 😂
रूहानी ने श्रेया की बात सुनते ही गुस्से में उसे घूरते हुए कहा, “हाँ, और उस पागलखाने से पागलों का सरदार तेरे लिए भी आएगा, और जब आएगा ना, फिर बताऊंगी तुझे।”
श्रेया उसकी बात सुनकर बस उसे घूर कर देख रही थी। फिर दोनों ने ऐसे ही मस्ती-मस्ती में अपना हलवा खत्म किया। श्रेया ने रूहानी को देखते हुए कहा, “अब चल, तू आराम कर। अब मैं बाद में आता हूँ। शाम को मिलते हैं। बाय।”
रूहानी ने उसे देखते हुए कहा, “चल, ठीक है। बाय।”
दूसरी तरफ, एक कंपनी के हेड चेयर पर बैठे एक आदमी अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था। उसका पूरा ध्यान लैपटॉप पर था। रेड कलर का, नी लेंथ तक का वन-पीस पहनी एक लड़की आई। आगे का गला डीप था और पीछे का ब्लैक लेस था। उसने बालों को कर्ल बना रखा था। वह बहुत खूबसूरत थी।
वह बिना नॉक किए कंपनी के अंदर आ गई और बहुत ही स्टाइल के साथ आगे बढ़ गई। सामने वाला आदमी अपनी एक आईब्रो ऊपर करके उस लड़की की तरफ देखा। वह लड़की उस आदमी को देखते हुए मुस्कुराकर उसके और करीब आकर बोली, “सॉरी सर, मैं बिना परमिशन के आ गई, लेकिन एक बार बस आप मेरी बात सुन लीजिए। आई प्रॉमिस, मैं आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगी।” ये बोलते हुए उसकी नज़रें बहुत ही सेडक्टिव थीं। सामने वाला आदमी उसे देखकर तिरछा मुस्कुरा दिया, पर कुछ बोला नहीं। फिर से अपने काम में लग गया।
उस लड़की को ऐसा लग रहा था जैसे उसका रिजेक्शन हो चुका है। पर फिर भी, वह खुद को आगे बढ़ाते हुए, उस आदमी के और करीब आकर उसके ऊपर झुकते हुए बोली, “एक चांस। उसके बाद आपको पता चलेगा कि मैं कितने काम की हूँ।” यह बोलते हुए उस लड़की की उंगलियाँ उस आदमी के चेहरे पर चल रही थीं।
तभी अचानक केबिन के दरवाजे पर नॉक हुआ। वह लड़की उस आवाज़ को सुनकर पीछे की तरफ खिसक गई। सामने वाला आदमी अपने लैपटॉप में काम करते हुए बोला, “कमिंग।”
“कमिंग” की आवाज सुनकर एक करीब 30-35 साल की लेडी अंदर आईं। उनका नाम माहिरा था। माहिरा अंदर आकर उस लड़की को देखते हुए बोली, “सॉरी सर, यह लड़की बिना पूछे कैसे आ गई, पता ही नहीं चला। हमने इसे पहले ही रिजेक्ट कर दिया है। इसका क्वालिफिकेशन हमारी कंपनी के मुक़ाबले बहुत ही कम है, जिस वजह से हम इसे जॉब नहीं दे सकते। पर यह लड़की हमारी बात ना सुनकर हमें चकमा देकर अंदर आ गई।”
माहिरा की बात सुनकर वह आदमी अपना सिर ऊपर करते हुए बोला, “तुमसे जब एक लड़की नहीं संभाली गई, फिर तुम अपनी जॉब कैसे संभाल रही हो? आज यह लड़की अंदर आई है, कल कोई भी आ सकता है। और मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकता हूँ, पर लापरवाही नहीं। आउट!”
माहिरा कुछ बोलने को हुई, तभी वह आदमी फिर बोला, “खुद से निकलती हो या मैं धक्के मारकर निकलवाऊँ? और अगर मैंने ऐसा किया ना, तो तुम्हें पता है कि किस तरह से धक्के मारकर मैं बाहर निकलवाऊँगा।” माहिरा कुछ नहीं बोली। चुपचाप अपना सर नीचे कर लिया, पर जाते-जाते उस लड़की को घूरते हुए देख रही थी।
वह लड़की उस आदमी के सख्त एक्सप्रेशन देखकर सिर नीचे किए हुए जाने को ही थी, तभी उसे उस आदमी की आवाज सुनाई दी, “मैंने तुम्हें जाने के लिए नहीं बोला। और मेरी इजाजत के बिना तुम आ तो गई, पर जाओगी मेरी मर्ज़ी से। वैसे तुम क्या कह रही थी? कैसा चांस चाहिए तुम्हें?” यह बोलते हुए उस आदमी का एक्सप्रेशन कातिलाना था।
वो लड़की उस आदमी की बात सुनकर उसके इरादे अच्छे से समझ गई। वह मुस्कुराने लगी क्योंकि उसके एक्सप्रेशन देखकर उसे पता चल गया था कि आदमी क्या चाहता है।
इतना बोलकर वह आदमी फिर से अपने काम में लग गया। वह लड़की होठों पर मुस्कुराहट लाकर उस आदमी के पास चलते हुए गई और उस आदमी पर झुक गई। उस आदमी का ध्यान अभी भी लैपटॉप पर था। उसने बिल्कुल भी उस लड़की की तरफ नहीं देखा।
वह लड़की बहुत सेंसिटिव तरीके से अपने हाथ को उस आदमी के सीने पर रखते हुए उसके शर्ट के बटन खोलना शुरू कर दिया। बटन खोलने के बाद उसने आदमी को थोड़ा पीछे धक्का दिया, जिससे उस आदमी का पूरा सीना उसके आँखों के सामने था। उसके बेअर्ड चेस्ट देखकर उस लड़की का गला सूखने लगा और उसने उसके सीने पर होंठ रख दिए और उसके सीने पर किस करना शुरू कर दिया।
जिससे उस आदमी के चेहरे पर डेविल स्माइल आई। उसने अपने सर को थोड़ा सा पीछे कर लिया। लड़की अभी भी लगातार उसे किस कर रही थी, पर कुछ देर बाद वह पीछे होने को हुई, तो तभी वह आदमी उसके बालों को अपनी मुट्ठी में कसकर भरते हुए फिर से अपने सीने पर लगाकर बोला, “रुकने को नहीं बोला है मैंने! तुम्हें, इतना आसान नहीं है मुझे सेड्यूस करना, पर इसका मतलब यह नहीं कि तुम पीछे हट जाओ। मुझे वह लोग बिल्कुल पसंद नहीं जो अपने काम अधूरे में छोड़ देते हैं।”
यह सुनकर वह लड़की फिर से उसके सीने पर किस करने लगी और उसके हाथ उस आदमी के पूरे शरीर पर चलने लगे। अब वह आदमी धीरे-धीरे आहें भर रहा था।
लड़की धीरे-धीरे किस करते हुए उसके सीने से उसके पेट की तरफ बढ़ी। वह आदमी तभी उसे पकड़कर झटके से टेबल पर बिठा दिया और उसके गले पर झुक गया और उसके गले पर किस और बाइट करने लगा जिससे लड़की की आहें निकल रही थीं।
उसकी आहें सुनकर वह आदमी बोला, “तुम बहुत जल्दी मौन करने वाली हो बेबी, और इतना कि यह पूरा केबिन तुम्हारे मौन से भर जाएगा। वैसे भी, तुम लड़कियाँ सिर्फ़ मौन करते हुए ही अच्छी लगती हो।” इतना बोलकर वह उस लड़की की ड्रेस का ज़िप पीछे से खोल देता है और उसके ड्रेस को कंधे से नीचे की तरफ किस करता है, होंठ चलाना शुरू कर दिया जिससे वह लड़की आह भरने लगी।
यह सुनकर वह आदमी उसको और करीब करते हुए वाइल्ड होने लगा। उसके हाथ उसके पूरे शरीर पर चलने लगे। लड़की के हाथ उस आदमी के बालों में चलने लगे। फिर वह उस लड़की को कमर से उठाते हुए गोद में लेकर उस केबिन में बने हुए एक दूसरे कमरे में ले गया। कमरे में एक बेड बहुत ही खूबसूरत तरीके से बना हुआ था। कमरा काफी खूबसूरत तरीके से सजाया हुआ था।
वह आदमी उस लड़की को उस कमरे में लाकर बेड पर पटक दिया। बेड इतना सॉफ्ट था कि वह लड़की थोड़ी ऊपर की तरफ उठ गई।
वह आदमी फिर से उस लड़की के गले पर झुक गया और उसे फिर से किस करने लगा। किस करते-करते वह फिर उसके कॉलरबोन तक पहुँच गया। लड़की अपने चेहरे को कभी इधर करती तो कभी उधर करती और आहें भरती।
अब वह उस लड़की के होठों पर टूट पड़ा। उसके हार्ड होंठ उसके सॉफ्ट होंठ पर रखकर पैशनेट किस करने लगा। वह लड़की भी किस करने लगी और धीरे-धीरे उसका किस वाइल्ड हो रहा था। वह लड़की भी उसे पूरा रिस्पांस दे रही थी।
उस आदमी का हाथ उस लड़की के पूरे शरीर पर चल रहा था, पर अचानक से उस आदमी ने उस लड़की के पूरे कपड़े को एक झटके में फाड़कर नीचे कर दिया और फिर से अपने हाथों को उस लड़की के पूरे शरीर पर एक्सप्लोर करने लगा।
उस लड़की की आवाज और तेज हो गई। वह मोह करते हुए बोली, “ओह गॉड! आप बहुत हॉट हो। आपके छूने से मेरी बेचैनी बढ़ रही है।”
वह आदमी उस लड़की की बात सुनकर मुस्कुराते हुए बोला, “रेहान ओबेराय हूँ। मैं अगर तुम लड़कियों के पास भी खड़ा हो जाऊँ ना, तो लड़कियाँ पिघलने लगती हैं। फिर तो यह मेरा टच है बेबी। अभी तो तुम्हें और भी बेचैन होना है।”
यह बोलकर वह उसके ऊपर से उठा और अपने कपड़े निकालकर नीचे जमीन पर फेंक दिया। वह लड़की उसे सेंसिटिव नज़रों से देख रही थी। अपने कपड़े फेंककर रेहान फिर से उसके कमर को पकड़कर अपने और करीब करते हुए बोला, “अभी मैं तुम्हें अपनी हॉटनेस दिखाता हूँ।” और उसके ऊपर फिर से झुक गया, लेकिन तभी उसका फ़ोन वाइब्रेट होने लगा।
उसने अपना फ़ोन देखा, पर उसका नंबर देखकर भी तुरंत उसने रख दिया और फिर उस लड़की पर झुककर किस करना शुरू कर दिया।
लेकिन तभी एक बार फिर से उसका फ़ोन बजना शुरू हुआ। रेहान अब इरिटेट हो गया। उसने फिर से इग्नोर किया और उसके पेट की तरफ बढ़ गया, किस करते हुए, लेकिन तभी तीसरी बार फिर फ़ोन वाइब्रेट हुआ, जिस वजह से वह इरिटेट हो गया और साथ ही साथ उसे गुस्सा भी आ रहा था। उसने उस लड़की के पेट पर कस के बाइट कर लिया, जिससे उस लड़की की चीख निकल गई, “आह…” और उसकी आँखें नम हो गईं।
रेहान ने फ़ोन रिसीव कर लिया और गुस्से में एरोगेंट आवाज़ में बोला, “एक बार फ़ोन नहीं उठाया तो समझ जाना चाहिए था कि मैं बिज़ी हूँ। फिर मुझे बार-बार डिस्टर्ब क्यों कर रहे हो? क्या तुम भूल गए हो कि मैं कौन हूँ?” पीछे से किसी ने कुछ कहा, जिसकी बात सुनकर उसने कहा, “ठीक है, मैं आ रहा हूँ।”
लेकिन तभी फिर से उसका फ़ोन बजना शुरू हुआ। रेहान अब चिढ़ गया। उसने फिर से फ़ोन इग्नोर किया और उसके पेट की ओर बढ़ गया, किस करते हुए। लेकिन तभी तीसरी बार फ़ोन वाइब्रेट हुआ। इससे वह और भी चिढ़ गया, साथ ही उसे गुस्सा भी आ रहा था। उसने उस लड़की के पेट पर कसकर काट लिया जिससे लड़की चीख उठी, "आह…" उसकी आँखें नम हो गईं।
रेहान ने फ़ोन रिसीव किया और गुस्से में, अहंकारी आवाज़ में बोला, "एक बार फ़ोन नहीं उठाया तो समझ लेना चाहिए था कि मैं बिज़ी हूँ। फिर मुझे बार-बार डिस्टर्ब क्यों कर रहे हो? क्या तुम भूल गए हो कि मैं कौन हूँ?"
पीछे से किसी ने कुछ कहा। उसकी बात सुनकर उसने कहा, "ठीक है, मैं आ रहा हूँ।"
इतना बोलकर उसने अपने कपड़े उठाकर पहन लिए। उसने सिर्फ़ अपनी शर्ट पहनी हुई थी, जिसके बटन अभी भी नहीं लगे थे। वह ऐसे ही बाहर, केबिन की ओर बढ़ गया।
लड़की रेहान को जाते हुए देखकर बोली, "कहाँ जा रहे हो, रेहान ओबरॉय? और ऐसे अधूरे में? आज से पहले तो मैंने कभी नहीं सुना था। इतना भी क्या ज़रूरी काम आ गया? रेहान ओबरॉय को कंट्रोल करना पड़ गया? मैंने तो सोचा था कि आज का दिन कुछ खास होगा।"
रेहान उसकी बात सुनकर जाते-जाते रुक गया और तिरछा मुस्कुराते हुए बोला, "रेहान ओबरॉय हूँ मैं। लोगों को, या डिजायर को कंट्रोल करना मैं बहुत अच्छे से जानता हूँ। और रही बात खास करने की, तो तुम जैसी लड़कियों के नोटों की गाड़ी जेब में होनी चाहिए, बाकी सब खास होगा। वैसे भी, लड़कियाँ गोल्ड डिगर होती हैं, यह तो तुम खुद को आईने में देख लो तो पता चल जाएगा।"
रेहान की कड़वी बातें सुनकर लड़की का चेहरा उतर गया। रेहान को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह वैसे ही बाहर चला गया।
वह जैसे ही केबिन में आया, सामने से आवाज़ आई, "भाई, आप फ़ोन भी नहीं उठा रहे थे, इसलिए मुझे बार-बार कॉल करना पड़ा। आपसे ज़रूरी बात करनी थी, वरना मैं आपको डिस्टर्ब नहीं करता।"
रेहान उस इंसान की ओर देखते हुए बोला, "जब फ़ोन नहीं उठा रहा था तो तुम्हें पता होना चाहिए कि मैं भी कुछ ज़रूरी ही कर रहा था। मेरे काम से क्या ज़्यादा ज़रूरी काम आ गया, अरमान, जो तुमसे रुक नहीं गया?"
अरमान रेहान का छोटा भाई था, जो रेहान से आठ साल छोटा था।
अरमान रेहान की बात सुनकर रेहान के सीने की ओर देखते हुए बोला, "पता है भाई, आप किस ज़रूरी काम में बिज़ी थे? यह तो आपके हुलिए को देखकर समझ में आ रहा है। इस वक़्त आप किसी के साथ ज़रूरी काम में बिज़ी थे।" अरमान ने किसी शब्द पर ज़ोर देते हुए कहा।
रेहान अरमान की बात सुनकर तिरछा मुस्कुरा दिया और बोला, "मैं कोई काम छुपाकर या चोरी से नहीं करता, और ना ही मेरी आदत है। मुझे फर्क नहीं पड़ता सामने कौन है और क्या देख रहा है।"
अरमान रेहान की बात सुनकर एक ठंडी साँस लेते हुए बोला, "भाई, आप जो करना है कीजिए। मैं आपको नहीं रोक सकता, नहीं समझ सकता। आप मुझे बड़े हैं।"
"मैं बस आपसे एक रिक्वेस्ट करने आया हूँ। प्लीज़, एक बार मॉम की बातें मान लीजिए और घर आ जाइए। मुझसे मॉम की हालत देखी नहीं जाती। कुछ कहती नहीं है पर अंदर ही अंदर टूट रही है और मैं उन्हें ऐसे नहीं देख सकता।"
रेहान अरमान की बात सुनकर बोला, "अरमान, एक बार नहीं, मैंने हज़ार बार बोला है पर तुम्हें समझ नहीं आता। मैं सब कुछ करूँगा पर उस घर में नहीं आऊँगा। और जाकर उनसे बोल दो मेरे लिए इतना टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है।" यह बोलते हुए उसकी आवाज़ अब सर्द हो गई थी।
"रेहान ओबरॉय खुद का ध्यान रखना अच्छे से जानता है।"
अरमान रेहान की बात सुनकर अपना सिर नीचे कर लिया और केबिन से जाने लगा।
और जाते-जाते रेहान की ओर देखकर बोला, "जा रहा हूँ भाई। अगर मन करे तो आ जाना, क्योंकि आप सिर्फ़ मेरा भाई नहीं, बल्कि मेरा भगवान हो। मैं चाहता हूँ कि आप मेरे हर फंक्शन में, शुरू से लेकर आखिर तक रहें और मुझे आशीर्वाद दें।"
यह बोलते हुए उसका चेहरा लाल हो गया और वह रेहान की बात सुने बिना केबिन से बाहर चला गया।
रेहान के भी चेहरे पर तो क्या, उसकी आँखें भी लाल दिख रही थीं। न जाने उसकी आँखों से क्या गुज़र रहा था। चेहरे पर गुस्सा और आँखों में कुछ तो था जो बहुत अलग था।
वह वैसे ही चेयर पर बैठ गया और चेयर के पीछे अपना सिर रखते हुए गहरी-गहरी साँसें लेने लगा।
तभी पीछे से वह लड़की आई और रेहान को गले लगा लिया। गले लगाते हुए उसने उसके माथे पर अपने होंठ रख दिए। इस वक़्त रेहान की आँखें बंद थीं। ऐसा होते ही रेहान अपनी आँखें खोलता है। वह लड़की उसकी आँखें देखकर दो कदम पीछे हट गई।
क्योंकि रेहान की डार्क ब्राउन आँखें गुस्से में काफी खतरनाक लग रही थीं। रेहान गुस्से में उठा और टेबल पर रखा हुआ लैपटॉप उठाकर पटक दिया। फिर वह लड़की की ओर पलटा, जिससे वह लड़की अपने कदम पीछे लेने लगी, पर पीछे दीवार थी।
रेहान गुस्से में उसके बिलकुल करीब जाकर उसके दोनों हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया जिससे उसके हाथों में दर्द होने लगा। लड़की दर्द से आह भर उठी।
रेहान उसके करीब होते हुए गुस्से में बोला, "मेरी इज़ाजत के बिना मुझे किसी में हिम्मत नहीं है, और नहीं तुझ जैसे की औकात होती है। तुम जैसी तब तक मेरे पास नहीं आ सकती जब तक रेहान ओबरॉय खुद ना बोले। दोबारा मेरे परमिशन के बिना मेरे करीब आने की कोशिश की ना तो खुद की शक्ल भी भूल जाओगी कि कैसी थी। आउट! और इस ऑफिस में मुझे तुम दिखनी नहीं चाहिए।"
यह सुनते ही वह लड़की तुरंत वहाँ से जाने को हुई क्योंकि इस वक़्त रेहान का चेहरा गुस्से से काँप रहा था। लेकिन जैसे ही लड़की अपने कदम आगे बढ़ाती है, रेहान उसे रोकते हुए अपने ड्रॉअर से एक चेक निकालकर बोला, "रेहान ओबरॉय कभी कोई काम फ्री में नहीं करता है। मेरी किस की कीमत जो भी तुम्हें समझ में आए, भर लेना। और हाँ, अमाउंट मेरे लेवल का होना चाहिए।"
इतना बोलकर वह चेक उस लड़की के मुँह पर फेंक देता है। वह लड़की भी बिना कुछ बोले मुस्कुराते हुए वह चेक उठा लेती है।
उस लड़की को देखते हुए बोला, "हर लड़की की बस अपनी एक कीमत होती है। पैसा फेंको, लड़की बिस्तर पर।" यह बोलते हुए वह जोर-जोर से हँसने लगा।
और अपने केबिन से बाहर निकल गया। जैसे ही वह केबिन से बाहर निकलकर जाने लगा, वहाँ पर खड़ी लड़कियाँ सभी उसको देखकर आहें भर रही थीं। लड़कियों को ऐसे देखते हुए रेहान भी डेविल स्माइल कर रहा था और बाहर आकर गार्डन एरिया में जाकर वह अपनी कार में बैठ गया। कार स्टार्ट करके वह बाहर की ओर चल दिया। बाहर जोरों की बारिश हो रही थी।
रेहान की आँखों के सामने बार-बार अरमान का चेहरा और उसकी कही हुई बातें याद आ रही थीं। भले ही वह जैसा भी था, पर अपनी फैमिली के लिए, अपने भाई-बहन के लिए बहुत ही प्रोटेक्टिव और पजेसिव था। कार बहुत स्पीड में चल रही थी।
उसने अचानक कार की ब्रेक लगाई और अपनी आँखें बंद कर ली।
दूसरी तरफ,
एक आदमी बीच रोड पर बारिश में गिरा हुआ था। उसका बहुत भयंकर एक्सीडेंट हो चुका था, जिस वजह से उसके सिर से और उसके शरीर से खून निकल रहे थे। लोग आ रहे थे, जा रहे थे, पर कोई उसकी मदद नहीं कर रहा था। आदमी ज़मीन पर पड़ा हुआ, छटपटा रहा था। रोड से कई लोग गुज़र रहे थे, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। तभी करीब बारह साल का एक लड़का आदमी के पास आया और रोते हुए उसे उठाने की कोशिश कर रहा था, पर वह आदमी बेहोश हो चुका था और उसे लड़के से उठा नहीं रहा था। कई बार कोशिश करने के बाद जब वह आदमी उससे नहीं उठा तो वह लड़का रोते हुए लोगों से मदद माँगने लगा, पर कोई उसे मदद नहीं कर रहा था। वह भागकर सबकी गाड़ी के पास जाता और विंडो पीटते हुए सबसे मदद माँग रहा था, "प्लीज़ सर, प्लीज़ मदद कीजिए!" बारिश भी बहुत तेज़ हो रही थी जिस वजह से वह लड़का काँप रहा था। उस लड़के को देखते हुए एक आदमी कार से बाहर निकल उसे आदमी के पास मदद करने गया। तभी उसके पीछे से एक औरत उसका हाथ पकड़ते हुए बोली, "छोड़ो ना, क्यों जा रहे हो? न जाने कौन है, पता नहीं क्या किया होगा। क्यों पड़ना इन सब चक्कर में? और वैसे भी, इतने अच्छे मौसम में क्यों मेरा मूड और अपना टाइम वेस्ट कर रहे हो?"
"छोड़ो बाकी सब है ना, वह लोग देखेंगे। किसी से जो करना होगा कर लेंगे। चलो हम यहाँ से चलते हैं।" इतना बोलकर वह औरत उसे आदमी के पास से खींचकर ले गई।
तभी अचानक से रेहान की आँखें खुलती हैं। उसका चेहरा अभी भी सर्द था और उसने अपनी कार स्टार्ट करके चल दिया।
बारिश बहुत तेज हो रही थी। वह लड़का काँप रहा था। उसे देखकर एक आदमी कार से बाहर निकला और उसकी मदद करने गया। तभी पीछे से एक औरत आई और आदमी का हाथ पकड़ते हुए बोली, "छोड़ो ना! क्यों जा रहे हो? न जाने कौन है, पता नहीं क्या किया होगा। क्यों पड़ना इन सब चक्करों में? और वैसे भी, इतने अच्छे मौसम में क्यों मेरा मूड और अपना टाइम वेस्ट कर रहे हो?"
"छोड़ो बाकी सब है ना, वह लोग देखेंगे। किसी से जो करना होगा कर लेंगे। चलो हम यहां से चलते हैं।" इतना कहकर वह औरत आदमी का हाथ पकड़कर उसे ले गई।
तभी अचानक रेहान की आँखें खुलीं। उसका चेहरा अभी भी सर्द था। उसने अपनी कार स्टार्ट की और चल दिया।
उसकी कार बहुत तेज गति से चल रही थी। शाम के सात बज चुके थे। रेहान की कार एक क्लब के पास जाकर रुकी। वह कार से उतरकर सीधे क्लब में चला गया और बार काउंटर के पास जाकर खड़ा हो गया। उसने अपने लिए ड्रिंक बनवाई। वहाँ खड़ा देखकर सारी लड़कियों की नज़रें उसकी ओर टिक गईं।
रेहान की बॉडी और पर्सनालिटी, उसके एटीट्यूड को देखते हुए सारी लड़कियाँ आहें भर रही थीं, पर रेहान किसी पर ध्यान नहीं दे रहा था। उसने वाइन का ग्लास उठाया और अपने होठों से लगा लिया।
उसे देखकर दो लड़कियाँ, जो शॉर्ट ड्रेस पहने हुए थीं, उसके पास आ गईं। उनमें से एक लड़की ने रेहान के कंधे पर हाथ रखा।
रेहान ने अपनी सर्द आँखों से उस लड़की की ओर देखा। लड़की उसकी आँखों में डर देखकर अपना हाथ पीछे कर लेती है, फिर भी रेहान को देखते हुए बोली, "क्या बात है? आज सिर्फ़ आँखों से ही आग उगलने का इरादा है?"
रेहान ने उसकी बात सुनकर कुछ नहीं कहा। वह चुपचाप अपनी वाइन पी रहा था।
वह लड़की उसे चुप देखकर बोली, "लगता है आज तुम्हारे अंदर की आग बुझ चुकी है, जिस वजह से तुम सिर्फ़ वाइन से काम चला रहे हो।"
फिर उसने रेहान के सीने पर हाथ फेरते हुए कहा, "मैं तो यहाँ तुम्हारे साथ जलने आई थी, पर लगता है तुम जला नहीं पाओगे।"
यह सुनकर रेहान ने उसके कमर पर हाथ रखकर उसे अपने करीब खींचते हुए कहा, "ना तो मेरे अंदर की आग बुझी है और ना ही प्यास, और तुम्हें जलाने के लिए मुझे ज़्यादा कुछ स्पेशल करने की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी क्योंकि तुम्हारे अंदर कुछ स्पेशल है भी नहीं।"
रेहान की बात सुनकर उस लड़की का चेहरा उतर गया।
फिर उसे खुद से दूर करते हुए उसने कहा, "रही बात तुम्हें जलाने की, उसके लिए कोई और खोज लो, क्योंकि रेहान ओबरॉय एक बार अगर किसी लड़की के साथ बेड शेयर कर लेता है ना, तो दोबारा नहीं जाता।"
"और ना ही कोई लड़की उसे दोबारा अपने बेड तक ला सकती है।" इतना कहकर उसने पास खड़ी दूसरी लड़की को अपने करीब खींचते हुए कहा, "आज तुम्हारा लक अच्छा है बेबी, आज रेहान ओबरॉय उर्फ़ RB तुम्हें बेड पर अपना नाम का मोन करवाएगा।"
यह सुनकर वह लड़की मुस्कुराने लगी और RB के साथ चली गई। दूसरी लड़की उन्हें जाते हुए देखकर बोली, "यह तुम्हारी गलतफहमी है RB, अभी तक लगता है तुम्हारा प्यार से पाला नहीं पड़ा है। जिस दिन पड़ेगा ना, उस दिन उसके लिए तड़प तुम्हारी आँखों में दिखेगी, वह लड़की बार-बार तुम्हारे बेड पर भी नज़र आएगी, और उसके अलावा तुम किसी के बारे में सोच भी नहीं पाओगे।"
रेहान के कदम वहीं रुक गए। उसकी बात सुनकर, बिना उस लड़की की ओर देखे, उसने कहा, "वह दिन कभी नहीं आएगा क्योंकि इस दुनिया में प्यार-मोहब्बत कुछ नहीं होता है, होता है तो सिर्फ़ ज़रूरत और पैसा।" फिर तिरछा मुस्कुराते हुए बोला, "प्यार! प्यार शब्द से ही नफ़रत है मुझे। तो गलतफहमी पालने से पहले ही तुम्हें समझा रहा हूँ, इस गलतफहमी में रहना ही मत। रेहान ओबरॉय को कभी प्यार नहीं हो सकता।" उसने लड़की को अपने साथ एक कमरे में ले गया।
अंदर जाते ही उसने उसे दीवार से सटाकर उसके होठों पर अपने होठ रख दिए। अचानक हुए इस किस से लड़की एक पल के लिए घबरा गई, लेकिन तुरंत ही उसने खुद को संभाला और रेहान को रिस्पॉन्स देना शुरू कर दिया।
रेहान के होंठ काफी हार्ड और रफ थे, और वह उसे बहुत वाइल्ड किस कर रहा था। साथ ही साथ उसके हाथ उसके पूरे शरीर पर चल रहे थे, जिससे लड़की बेचैन हो रही थी। धीरे-धीरे लड़की रेहान के कपड़े उतारने लगी।
रेहान के हाथ अभी भी लड़की के पूरे शरीर पर चल रहे थे जिससे लड़की आहें भर रही थीं, पर वे उसके होठों पर दबकर रह जा रही थीं। लड़की ने उसका शर्ट उतार दिया था। रेहान की मजबूत बॉडी उसके सामने थी। जैसे ही रेहान ने अपने होठों को उसके होठों से अलग किया, लड़की उसे संवेदनशील नज़रों से देखने लगी।
रेहान ने खुद को इस तरह देखते हुए उसके बालों को अपनी मुट्ठी में भरते हुए कहा, "इतनी भी क्या बेताबी बेबी? तुम्हें आज पूरा मौका दूँगा खुद को देखने और महसूस करने का। जैसे चाहो वैसे देखो, महसूस कर लो, क्योंकि यह मौका दोबारा नहीं मिलेगा।"
इतना कहकर वह उसकी आँखों में देखने लगा। लड़की भी उसकी आँखों में देखते हुए रेहान के सीने पर किस करने लगी और अपने हाथ चलाने लगी। रेहान लड़की के किस को महसूस करते हुए मुस्कुरा रहा था। देखते ही देखते उसने लड़की के कपड़े उसके जिस्म से अलग कर दिए और उसके ऊपर टूट पड़ा। रेहान इतना वाइल्ड था कि लड़की की आवाजें निकल रही थीं। वह लंबी-लंबी साँस ले रही थी। रेहान के बालों में हाथ फेरते हुए बोली, "ओ RB, तुम सच में बहुत ज्यादा हॉट हो, सच में मैं पूरी तरह से जल रही हूँ। तुम तो सच में आज का गोला निकले। काश मैं तुम्हारे साथ हर रात बिता सकती।"
वह बोल ही रही थी कि RB ने उसके नेवल पर काट लिया जिससे उसकी चीख निकल गई। अपना सिर ऊपर करते हुए उसने कहा, "यह तो सुबह पता चलेगा। अगली रात तक मेरे पास सही-सलामत आने के लिए रहोगी, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि दो दिन तक तुम उठने वाली हो बेड से।"
इतना बोलते ही वह फिर से शुरू हो गया। लड़की बेचैन होने लगी। अब कमरे में उसकी गर्म साँसें सुनाई दे रही थीं। रेहान ने उसे गोद में उठा लिया और किस करते हुए उसके साथ अंतरंग होने लगा। जिससे कमरे में रेहान और लड़की की गर्म आहें गूंजने लगीं। दोनों एक-दूसरे को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे थे।
वहीं दूसरी तरफ, रूहानी सोकर उठ चुकी थी और वह नीचे हॉल में सबके साथ बैठी हुई थी। श्रेया और रूहानी आपस में बातें कर रहे थे। अरमान भी आ चुका था।
वे आपस में बैठकर बातें कर रहे थे। तभी रूहानी अरमान की ओर देखते हुए बोली, "कैसे भाई हो तुम? बहन कुंवारी बैठी है और तुम शादी करने चल दिए। बेचारी, कब से मुझसे कह रही थी, 'भाई से बोलो, मेरी भी शादी करवा दो।' क्या है ना, उसे शर्म आ रही थी तुमसे, इसीलिए मुझे बोल रही थी।"
श्रेया उसकी बात सुनकर मुँह खोलते हुए बोली, "मैं क्यों शर्माऊँगी इससे? यह मुझे एक मिनट ही तो बड़ा है। तूने अपना दिमाग लगाना बंद कर दिया है। कितनी बार समझाया है कि मुझे शादी-वादी में इंटरेस्ट नहीं है। उसको लेकर मज़ाक मत किया कर, समझी तू?"
रूहानी उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली, "आजकल तो भलाई का जमाना ही नहीं रहा। अब दोनों भाई-बहन की एक ही मंडप में शादी हो जाएगी तो क्या चल जाएगा? ऊपर से शादी का खर्च भी बचेगा।"
श्रेया रूहानी की बात सुनकर उसे घूरते हुए बोली, "तू खुद क्यों नहीं कर लेती इसी मंडप में शादी? बोल तो तेरा करवा दूँ।"
रूहानी श्रेया की बात सुनकर आँखें फैलाते हुए बोली, "काश कोई रहता तो मैं तो झट माँगने पर ब्याह कर लेती, पर अभी तक तो सेटिंग भी नहीं हो रखी है मेरी।"
आपस में बैठकर बातें कर रहे थे। तभी रूहानी, अरमान की तरफ देखते हुए बोली, “कैसे भाई हो तुम? बहन कुंवारी बैठी है और तुम शादी करने चल दिए। बेचारी, कब से मुझसे कह रही थी, ‘भाई से बोलो, मेरी भी शादी करवा दे।’ क्या है ना, उसे शर्म आ रही थी तुमसे, इसीलिए मुझे बोल रही थी।”
श्रेया उसकी बात सुनकर मुँह खोलते हुए बोली, “मैं क्यों शरमाऊँगी इससे? यह मुझे एक मिनट ही तो बड़ा है। तूने अपना दिमाग लगाना बंद कर दिया है। कितनी बार समझाया है कि मुझे शादी-वादी में इंटरेस्ट नहीं है। को लेकर मज़ाक मत किया कर, समझी तू?”
रूहानी उसकी बात सुनकर, खीझते हुए बोली, “आजकल तो भलाई का ज़माना ही नहीं रहा। अब दोनों भाई-बहन की एक ही मंडप में शादी हो जाए तो क्या चल जाएगा? ऊपर से शादी का खर्च भी बचेगा।”
श्रेया, रूहानी की बात सुनकर, उसे घूरते हुए बोली, “तू खुद क्यों नहीं कर लेती इसी मंडप में शादी? बोल तो तेरा करवा दूँ।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर, आँखें भरते हुए बोली, “काश कोई रहता तो मैं तो झट माँगने पर ब्याह कर लेती। पर अभी तक तो सेटिंग भी नहीं हो रखी है मेरी।”
श्रेया उसकी बात सुनकर, आँखें घुमाते हुए बोली, “बोल तो मैं तेरी करवा दूँ। फिर कर लेना इसी मंडप में शादी।”
रूहानी उसकी बात सुनकर बोली, “ऐसे कैसे? तेरे कहने पर किसी से भी सेटिंग कर लूँ? तेरा क्या भरोसा? किसको मेरे पीछे पड़ा दे। तू तो रहने दे मेरी माँ।”
श्रेया उसकी बात सुनकर बोली, “हेलो, कोई ऐसा-वैसा नहीं। हैंडसम है। लड़कियाँ मरती हैं उन पर। बस एक नज़र देख लेना, तो घायल हो जाएँ लड़कियाँ।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, “क्यों? नज़रों में ऐसा क्या फ़िट कर रखा है कि लड़कियाँ घायल हो जाती हैं? वैसे भी, मुझे ऐसे हॉट और हैंडसम लड़के नहीं चाहिए। मुझे तो सिम्पल सा लड़का चाहिए जो मुझसे बहुत प्यार करे।”
अरमान, रूहानी की बात सुनकर बोला, “क्या मतलब है? हॉट और हैंडसम लड़के प्यार नहीं करते क्या? मुझे देख लो। मैं अपने स्वीटहार्ट से कितना प्यार करता हूँ!”
रूहानी उसकी बात सुनकर जोर से हँसने लगी। अरमान उसे हँसते हुए सवालिया नज़रों से देखने लगा। रूहानी अपनी हँसी रोकते हुए बोली, “सॉरी! क्या करूँ? तुमने ऐसा मज़ाक किया था कि मुझे हँसी आ गई और मैं खुद को रोक नहीं पाई। तुम और हॉट और हैंडसम? वह तो सौम्या, तुम पर तरस खाकर हाँ बोल दी। जब देखो तब उसके पीछे चिपका हुआ था, बिल्कुल चिपको गम की तरह! बड़े आए खुद को हैंडसम समझने वाले।”
रूहानी की बात सुनकर श्रेया की भी हँसी निकल गई। दोनों को हँसता हुआ देखकर अरमान बुरी तरह से चिढ़ गया और चिढ़ते हुए बोला, “हँस लो, हँस लो! किसी दिन मैं भी तुम पर हँसूँगा। भगवान करे तेरी लाइफ में मुझे भी ज़्यादा चिपको गम मिले, ऐसा चिपके ना कि तेरा पीछे ना छोड़े। फिर बताऊँगा मैं तुझे।”
रूहानी, अरमान की बात सुनकर बोली, “मैं सौम्या नहीं हूँ। कोई मुझ पर चिपकेगा और मैं चिपकने दूँगी?”
अभी वह बातें कर ही रही थीं, तभी पीछे से अरमान की मॉम की आवाज़ आई, “अब बस करो, चलो सारे। जल्दी से डिनर कर लो। बाकी बातें बाद में कर लेना।”
अरमान की मॉम की बात सुनकर सारे चुप हो गए और डिनर के लिए चले गए।
थोड़ी देर में सारे बैठकर डिनर करना शुरू कर दिया और डिनर करके सब अपने-अपने रूम की तरफ़ बढ़ गए। श्रेया और रूहानी एक साथ चली गईं।
रूहानी श्रेया के साथ श्रेया के कमरे में गई और दोनों आपस में बैठकर बातें करने लगीं।
श्रेया रूहानी को देखते हुए बोली, “कल प्रिया और उसकी एक फ़्रेंड आने वाली है। शादी तक वह लोग यहीं पर रुकने वाले हैं।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, “कौन प्रिया? वो जो तुम्हारी मॉम की फ़्रेंड की बेटी, वही ना? जिससे तुम एक बार मिलवाई थी? बड़ी नकचढ़ी टाइप की लगती है यार मुझे।”
श्रेया, रूहानी की बात सुनकर बोली, “लगती नहीं है, वह नकचढ़ी है। मुझे भी बिल्कुल पसंद नहीं है। पर क्या करूँ? मॉम ने बुलाया है तो कुछ दिन झेलना पड़ेगा। वैसे भी, उसे ना बुलाते ना तो भी वह ज़रूर किसी न किसी बहाने आती।”
श्रेया जब रूहानी की बात सुनती है, तो उसे सवालिया नज़रों से देखते हुए बोली, “क्यों? ऐसा क्यों? कि बिना बुलाए भी वह आती है?”
रूहानी, श्रेया के सवालों का जवाब देते हुए बोली, “क्योंकि उसे डोरे डालने हैं मेरे भाई पर। जब से उसने उनका फ़ोटो देखा है, तब से परेशान करके रख दिया है। आंटी तो कई बार मॉम से बोल चुकी है। वो तो भाई की वजह से मॉम चुप है। वरना मॉम भी हाँ बोल देती। वह तो अच्छा है यार, फ़ोटो ही देखी। सामने से देखे तो पता नहीं क्या कर बैठती।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर उसकी तरफ़ देखकर बोली, “आंटी को प्रिया इतनी पसंद है कि वह अरमान की शादी प्रिया से करवाने वाली थी। मतलब अरमान सच कह रहा था, उसके पीछे लड़कियों की लाइन लगी पड़ी है।”
श्रेया, रूहानी की बात सुनकर उसे चुप करते हुए बोली, “चुप कर! अरमान भाई की बात नहीं कर रही हूँ।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, “अरमान की बात नहीं कर रही है तो किसकी बात कर रही है? और अब कौन सा तेरा भाई पैदा हो गया जो मुझे नहीं पता है? आज से पहले तो तूने मुझे कभी कुछ बताया नहीं।”
श्रेया, रूहानी की बात सुनकर थोड़ा उदास होते हुए बोली, “कभी मौका नहीं मिला और ना ही कभी वह यहाँ पर रहते थे। हम सब से दूर उनका खुद का विला है। वहाँ पर रहते हैं। और वह अपनी पैदाइश में हम सबसे बड़े हैं, मुझसे और अरमान से भी।”
रूहानी जब श्रेया की बात सुनती है, तो मुँह खोलते हुए बोली, “क्या? तुम सबसे बड़े हैं और अभी तक शादी नहीं हुई उनकी? और तुम सबसे इतना दूर क्यों रहते हैं?”
श्रेया बोली, “क्योंकि भाई को अकेले रहना पसंद है। और वह अपने कामों में इतना बिज़ी रहते हैं कि उनका टाइम ही नहीं मिलता कि वह यहाँ पर आ सकें। वह हम लोगों का बहुत ध्यान रखते हैं।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, “अच्छा? तो शादी में कब आ रहे हैं? जरा मैं भी तो देखूँ कैसे हैं, जिसके पीछे यह नकचढ़ी पड़ी हुई है।”
उसकी बात सुनकर श्रेया का चेहरा उतर गया। रूहानी जब श्रेया का उतरा हुआ चेहरा देखती है, तो वह समझ जाती है कि शायद उसका भाई नहीं आने वाला है। इसलिए वह उसका मूड सही करते हुए बोली, “अच्छा है नहीं आ रहे हैं। अगर आ जाते ना तो तेरी भाभी बन जाती है नकचढ़ी प्रिया। फिर पूरे टाइम सुनती रहती, ‘ओह माय गॉड! मैं ये नहीं खाती। ओह माय गॉड! मैं वो नहीं करती।’”
श्रेया हँसते हुए बोली, “ओह गॉड! तू चुप कर! बड़ी आयी है मेरी भाभी बनने वाली! उसे ज़िन्दगी में कभी अपनी भाभी ना बनने दूँ। वह और मेरी भाभी! यह सोच के ही अजीब सी फीलिंग आ रही है।”
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर हँस दी।
रूहानी, श्रेया को देखते हुए बोली, “चल गुड नाईट! मैं जा रही हूँ सोने। मुझे नींद आ रही है।”
श्रेया भी उसकी बात सुनकर उसे गुड नाईट बोल दी। फिर रूहानी अपने कमरे में जाकर सीधे वाशरूम एरिया में चली गई और आधे घंटे बाद वाशरूम से बाहर आई और क्लोजेट की तरफ़ बढ़ गई।
और एक ब्लैक कलर का फ्रॉक पहनकर बाहर आई जो कि स्लीवलैस था, जो उसके घुटनों से थोड़ा ऊपर था। अपने रूम में आकर अपना बाल सुखाते हुए सोचने लगी, “कैसा अजीब इंसान है श्रेया का भाई! दोनों से बड़ा है, घर से बाहर रहता है। इतनी तारीफ़ करती है कि वो सब की ज़िम्मेदारी संभालते हैं, इतना सब कुछ करते हैं, फिर अपनी फैमिली से दूर क्यों रहते हैं? बड़ा अजीब इंसान है। छोड़ो, मैं क्यों सोच रही हूँ उस इंसान के बारे में? कौन सा मुझे उसके साथ घर बसाना है?” यह सब सोचते हुए अपने बेड पर गई और सो गई।
रात के 1:00 बजे,
रूहानी सो रही थी, पर तभी उसकी नींद खुल गई क्योंकि उसे बहुत जोरों से प्यास लगी थी। तो नींद में ही आधी आँखें खोले हुए साइड टेबल के पास देखा, पर वहाँ पर पानी नहीं था। रूहानी मुँह बनाते हुए नीचे किचन एरिया में चली गई।
थोड़ी देर बाद वह किचन में पहुँची और वहाँ पर बहुत अंधेरा था। जिस वजह से वह अंधेरे में दीवार पर हाथ मारने लगी और लाइट का स्विच खोजने लगी। पर अचानक से उसका हाथ किसी चीज़ पर जाकर लगा। ऐसा होते ही उसने अपना हाथ पीछे खींच लिया।
तभी रूहानी को लगा कि वहाँ पर कोई है और उसका हाथ किसी के चेहरे पर जाकर लगा है। सोचा, शायद कोई गलतफ़हमी हो गई होगी। उसने फिर से अपना हाथ उसी जगह पर ले गई और जैसे ही उसने अपना हाथ आगे किया, फिर से उसका हाथ किसी के चेहरे पर जाकर टकरा गया। यह महसूस होते ही रूहानी जोर से चिल्लाई,
“चोर! चोर! चोर! मम्मी! चोर आ गया!”
ऐसा होते ही सामने वाला अपना हाथ उसके चेहरे पर रखकर उसे दीवार से चिपका दिया जिससे रूहानी डर गई। रूहानी खुद को बचाने के लिए अपना हाथ अंधेरे में हिलाने लगी, जिससे उसका एक हाथ उस आदमी के पैर पर लग गया।
जिससे वह आदमी गुस्से में उसका दोनों हाथ पकड़कर एक हाथ में कर लेता है और उसके पैरों को अपने पैरों से जकड़ लेता है। जिससे रूहानी हिल नहीं पा रही थी। जिस वजह से डर के कारण रूहानी की आवाज़ नहीं निकल पाई।
अब वो कुछ बोलती, इससे पहले कि किचन की लाइट ऑन हो गई। लाइट ऑन होते ही रूहानी की नज़रें उस इंसान की नज़रों से मिलीं, जिसकी डार्क ब्राउन आँखें उसकी काली आँखों से टकरा गईं।
और कोई नहीं, रेहान ओब्राय। जिसकी हाइट 6 फुट 6 इंच, थोड़ा सावला रंग और शार्प जॉलाइन, जेल से सेट किए हुए बाल, मस्कुलर बॉडी।
रूहानी एकटक रेहान को देखने लगी, जिससे रेहान एक आईब्रो ऊपर करके उसे देखा।
तो रूहानी उसे देखते हुए बोली, “छोड़ो मेरा हाथ, दर्द हो रहा है। एक तो तुम इतने हट्टे-कट्टे, ऊपर से चोरी करते हो, शर्म नहीं आती? छोड़ो, वरना अभी चिल्लाती हूँ, सारे आ जाएँगे। उसके बाद देखो कैसे पिटाई होती है।”
रेहान उसकी बात सुनकर उसका हाथ छोड़ देता है, लेकिन उसके बिल्कुल करीब होते हुए बोला, “तुम्हें मैं किस एंगल से चोर दिखता हूँ? जरा देख के बताओ तो मुझे। क्या किसी तरह से मैं तुम्हें चोर दिखाई दे रहा हूँ?”
रूहानी उसकी बात सुनकर खुद को उससे दूर करते हुए बोली, “क्यों? चोरों में कुछ क्या अलग-अलग होता है? और तुम इस घर में इतनी रात को अंधेरे में यहाँ क्या कर रहे हो?”
रेहान उसकी बात सुनकर, दोनों हाथों को अपने कंधे से हटाते हुए अपने हाथों को नीचे करके बोला, “क्यों? तुम इतनी रात को इस घर में क्या कर रही हो? तुम भी तो इस घर की नहीं हो।”
रूहानी जब उसकी बात सुनती है, तो सोच में पड़ जाती है। फिर उसे लगता है कि शायद कोई गेस्ट है जो अरमान की शादी में आया है। हो सकता है वह भी पानी पीने के लिए किचन में आया हो। इसलिए वह माफ़ी माँगते हुए बोली, “सॉरी! मुझे पता नहीं था आप गेस्ट हो। वो क्या है ना, मैं सोने चली गई थी, शायद उसके बाद आप आए होंगे। सॉरी भैया! मुझसे गलती हो गई, माफ़ कर दो।”
रेहान जब उसके मुँह से ‘भैया’ शब्द सुनता है, तो उसे गुस्से में घूरते हुए बोला, “हाउ डेयर यू? तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे भैया बोलने की? दुबारा मुझे भैया मत बोलना। मेरे पास ऑलरेडी एक बहन है। उसके अलावा मैं किसी को बहन नहीं मान सकता, और नहीं, मैं कभी किसी को बहन मानता हूँ। समझी तुम?”
रूहानी उसकी बात सुनकर उदास होकर सोचने लगी, “फिर अपने मन में, ‘यह मुझसे बहुत बड़े हैं, तो हो सकता है इसलिए भैया नहीं पसंद आ रहा होगा।’”
फिर सोचते हुए बोली, “ओके, सॉरी! सॉरी, आपको भैया नहीं पसंद तो मैं नहीं बोलूँगी। ठीक है? मैं अब आपको अंक…”
इससे पहले कि वह कुछ बोल पाती, रेहान उसके होठों पर अपने होंठ रख देता है। रूहानी के शब्द उसके मुँह में ही गुट गए। उसे तो होश ही नहीं रहा कि उसके साथ क्या हुआ। रेहान उसे पैशनेट किस करना शुरू कर देता है और उसके होठों को चूसने लगा। पर रूहानी अभी भी चुप बैठी थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, उसके साथ क्या हुआ।
रूहानी का यह पहला किस था जो रेहान ने चुरा लिया। उसके होठों को अच्छे से चूम रहा था। करीब पाँच मिनट के किस करने के बाद, उसके होठों को अपने दाँतों से पकड़कर, गिरते हुए बोला, “अब इसके बाद तुम्हें समझ में आ जाए कि मुझे क्या कहना है, क्या नहीं। दोबारा मुझे कुछ बनाने से पहले, इस किसी को ज़रूर याद कर लेना।” फिर वहाँ से जाने को हुआ, लेकिन जाते-जाते रुककर उसकी तरफ़ मुस्कुराते हुए बोला, "आई रियली लाइक्ड द टेस्ट ऑफ़ योर लिप्स, बच्चा।"
और वह वहाँ से चला गया। पर रूहानी अभी भी उसे एकटक देख रही थी।
इससे पहले कि वह कुछ बोल पाती रेहान उसके होठों पर अपनी होंठ रख दिए, रूहानी के शब्द उसके मुंह में ही गुट गए, उसे तो होस ही नहीं रहा कि उसके साथ हुआ क्या, रेयान उसको पैशनेट किस करना स्टार्ट कर दिया, और उसके होठों को शक करने लगा पर, रूहानी अभी भी चुप बैठी थी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था उसके साथ हुआ क्या, रूहानी का यह पहले किस था जो रेहान ने चुरा लिया, उसके होठों को अच्छे से चूम रहा था, करीब 5 मिनट के किस करने के बाद उसको होठों को अपने दांतो से पकड़ कर गिरते हुए बोला “ अब इसके बाद तुम्हें समझ में आ जाए कि मुझे क्या कहना है क्या नहीं, दोबारा मुझे कुछ बनाने से पहले इस किसी को जरूर याद कर लेना फिर वहां से जाने को हुआ लेकिन जाते-जाते रुक, के उसकी तरफ मुस्कुराते हुए बोला,,i really liked the taste of your lips बच्चा “ और वह वहां से चला गया पर रूहानी अभी भी उसे एक टक देख रही थी, तभी रूहानी को महसूस हुआ कि किसीने उसके कंधे पर हाथ रखा है, क्यों होते हुए रूहानी हड़बड़ा गई और उसे तरफ देती है तो सामने श्रेया थी, श्रेया रूहानी को ऐसे हर बढ़ाते हुए देखकर बोली “ क्या हुआ और तू यहां क्या कर रही है” रूहानी श्रेया की बात सुनकर इधर-उधर देखने लगी, और रेहान को खोजने लगी पर रेहान कहीं पर भी नहीं दिखा, तो श्रेया फिर उसको देखते हुएबोली “ क्या हुआ तू इधर-उधर ऐसे क्यों देख रही है कुछ हुआ क्या? ” रूहानी श्रेया की बात सुनकर बोली “नहीं वो मैं पानी पीने आई थी वह तुम्हें बस देख रही थी कि तू यहां कैसे आ गई “ श्रेया रूहानी की बात सुनकर उसके सिर पर मरते हुए बोली “पागल कहीं कि मैं भी पानी पीने आई थी और कैसे आ गई, और तुझे इस तरह से चुपचाप खड़ी देखी तो तुझे पूछने लगी कि तू यहां क्या कर रही है अब चल चलते हैं,” रूहानी श्रेया की बात सुनकर फ्रिज में से पानी का बोतल निकलती है और लेकर चल देती है, पर अभी भी उसका दिमाग घूम रहा था, अभी उसके साथ क्या हुआ उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था” श्रेया बस उसे जाते हुए देख़ रही थी, रूहानी अपने रूम मे जाकर के बेड पर बैठ कर अपने मन मे “ ये क्या हुआ अभी अभी मेरे साथ, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, वो आदमी कौन था, जो श्रेया के आते ही गायब हो गया, कहीं वह कोई भूत तो नहीं था,भूत भूत कुछ नहीं होता है, क्या सोच रही है रूहानी तू, शायद में कोई 3सपना देख रही थी लगता है मैं अभी भी नींद में थी, सपने में ऐसा कौन सोचता है, “ यह कहते हुए उसने अपने होठों पर हाथ रखे जैसे ही उसने अपने होठों पर हाथ रखे, उसके दर्द से सिसकी निकल गई, क्योंकि रेहान ने उसको होठों को अच्छे से अपने होठों से मसल दिया था, जब उसे दर्द हुआ तब उसे समझ में आया कि वह कोई सपना नहीं देख रही थी, उसके साथ यह सब हकीकत मे हुआ था, उसे समझ में नहीं आ रहा था आखिर वह आदमी गया कहां, यह सोचते सोचते वह सो गई, रेहान अपने कमरे की तरफ बढ़ा, और उसे खोलने लगा पर कमरा खुल नहीं वह लॉक था, रेहान समझ चुका था कि वह यहां रहता है नहीं तो इस वजह से उसके कमरे को लॉक किया गया है और चाबी उसके पास थी नहीं, इस वक्त सब सो चुके थे,रेहान अरमान के कमरे की तरफ मुड़ा लेकिन तभी अचानक उसकी दूसरे रूम के डोर खुली हुई दिखी, अपने कदम वहीं पर रोक देता है और उस कमरे की तरफ बढ़ गया, जैसे ही वह अंदर गया सामने देखकर उसके चेहरे पर किलर स्माइल आ गई, क्योंकि सामने रूहानी अपने बेड पर आराम से सो रही थी, रेहान उसके बिल्कुल करीब गया, और बहुत ही सेंसिटिव नजरों से ऊपर से नीचे की तरफ उसे देख रहा था, जितना वह उसे देखा है उसके चेहरे की स्माइल उतनी ही खतरनाक होती जा रही थी, उसका गोरा बदन उसके गोरे पैर को पड़े ही ध्यान से देख रहा था, रूहानी तो इस तरह से सोई थी जैसे उसे कुछ खबर ही नहीं था,उसके कमरे में कोई आया भी है, रेहान उसको देखते हुए अपने शर्ट उतार के नीचे सोफे की तरफ फेंक देता है, और दूसरे साइड जाकर, लेट गया, जैसे ही वह देखता है वैसे हीरो है उसके पैर पर अपने पैर रख दी, और उसके पेट पर अपने हाथ रख दी, यह होते ही रेहान में उसे खुद से थोड़ा दूर करने की कोशिश की, रूहानी उसके और करीब आ के पकड़ के अच्छे से सोने गई, सुहानी को बिल्कुल एहसास नहीं था कि वह क्या कर रही है, वह तो गहरी नींद ली थी उसे नहीं पता था कि उसके बगल में रेहान भी है, रेहान उसकी तरफ देखते हुए बोला “ यह मेरी गलती नहीं है, बच्चा सुबह मुझे ब्लेम मत करना, तुम खुद मेरे करीब आयी हो, मैं तो एक साइड था” यह बोलते हुए, उसकी नजर रूहानी के होठों पर पड़ी, जिस पर हल्का सा कट का निशान लगा था, इसे देखकर उसने अपने होठों को हल्का सा अपने दांतो तले दवा लिया “ अगली सुबह, सुबह के 8: बजे सारे लोग उठ चुके थे, अरमान श्रेया उसकी मॉम सारे लोग हाल में आ चुके थे, सर्वेंट अपना काम कर रहे थे, लगता है ये महारानी अभी तक नहीं उठी, बिना जगह तो यह लड़की उठ भी नहीं सकती, रुको, मैं उसको उठा के आती हु, यह बोलकर श्रेया वी सीढ़ियों की तरफ बढ़ी, तभी अचानक डोर बेल बजा जिससे वह अपने कदम रोक लीं, अरमान डॉर की तरफ देखते हुए बोला “ इतनी सुबह-सुबह कौन हो गया, “ श्रेया उसकी बात सुनकर अपने कंधे उचका दी, श्रेया की मॉम उन दोनों की तरफ देखते हुए बोलि ‘अरे शादी का घर है मेहमान आज से ही आने वाले थे क्या पता कोई होगा” इतना बोल के वो एक सर्वेंट को डोर खोलने के लिए बोली,सर्वेंट में जैसे ही डोर खोल सामने दो लड़कियां खड़ी थी, जिसे देखकर श्रेया का मुंह बन गया, और वह बनाते हुए बोली “ क्या भगवान इसे अभी आना था, शादी के दिन भी आ जाती तो भी मुझे चल जाता, और ना भी आती तो भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी “ ( आज के लिए इतना ही मिलते हैं कल देखते हैं कि क्या होता है जब खुलती है रूहानी की नींद और खुद को पाएगी रेहान की बाहों में तो कैसा रिएक्शन होगा) ( बाकी लाइक कमेंट और रिव्यू देते रहिए, शेयर भी जरूर करते रहिए )
अरमान डॉर की तरफ देखते हुए बोला “ इतनी सुबह-सुबह कौन हो गया, “ श्रेया उसकी बात सुनकर अपने कंधे उचका दी, श्रेया की मॉम उन दोनों की तरफ देखते हुए बोलि ‘अरे शादी का घर है मेहमान आज से ही आने वाले थे क्या पता कोई होगा” इतना बोल के वो एक सर्वेंट को डोर खोलने के लिए बोली,सर्वेंट में जैसे ही डोर खोल सामने दो लड़कियां खड़ी थी, जिसे देखकर श्रेया का मुंह बन गया, और वह बनाते हुए बोली “ क्या भगवान इसे अभी आना था, शादी के दिन भी आ जाती तो भी मुझे चल जाता, और ना भी आती तो भी कोई प्रॉब्लम नहीं थी “ दोनों लड़कियां अंदर आते हुए, इसलिए आपको देखकर एक लड़की बोली “ hii श्रेया, कैसी हो मुझे तुम्हें देखकर बहुत अच्छा फील हुआ “ श्रेया उसे लड़की को देखकर बोली, “ अच्छी हूं प्रिया तुम्हें देखकर मुझे भी बहुत अच्छा लगा और बताओ कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई आने में” प्रिया मुस्कुराते हुए बोले “ नहीं कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, वैसे भी तुम्हें पता है, मेरे डैड कितने की है केयरिंग है, उन्होंने सारी तैयारी कर रखी थी इस वजह से मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हुई, बाय द वे यह मेरी फ्रेंड सोनिया है जिसके बारे में मैंने बताया था “ श्रेया सोनिया की तरफ हल्का सा स्माइल करते हुए बोली “ मिलकर अच्छा लगा पर मैं अभी थोड़ी बिजी हूं मैं थोड़ी देर बाद आती हूं “ इतना बोल के वो रूहानी के कमरे की तरफ बढ़ गई, श्रेया की मॉम की मॉम उन दोनों की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली, “ तुम दोनों यहां आने में थक गए होंगे जो फ्रेश हो जाओ उसके बाद, लगवा देता हूं तुम्हारा कमरा, अमन दिखा देगा “ वहां पर खड़े एक सर्वेट को इशारा करती है जिसका नाम अमन होता है,वो उन दोनों कालगेज गेस्ट रूम की तरफ बढ़ गया, दोनों भी उसके पीछे चली गई, दूसरी तरफ रूहानी के कमरे में, रेहान और रूहानी एक दूसरे के बाहों में सिमट के सोए हुए थे, रूहानी को बिल्कुल भी खबर नहीं थी कि वह रेहान के, बाहों में इस तरह से सोई हुई है, रूहानी नींद में ही थोड़ा सा उससे दूर हटी, तो अचानक से रेहान ने उसके कमर को अपने हाथों से पकड़ कर अपने करीब खींच लिया, ऐसा होते हैं रूहानी की नींद खुल गई,और रूहानी की आंखों के सामने रेहान का चेहरा था, जिसे देखकर रूहानी एक पल के लिए, सुन हो गई, चाणक उसे एहसास हुआ कि वह तो अपने कमरे में थी और यह वही आदमी है जिसने, कल रात किचन में रूहानी को किस किया था, रुहानी उससे दूर हटाने की कोशिश करती है पर, रिहान ने उसको कस के पड़ा हुआ था जिससे रूहानी उससे दूर नहीं हो पा रही थी, रूहानी को अब रेहान के ऊपर गुस्सा आ रहा था कि कैसे कोई आदमी इसके कमरे में आ सकता है और इस तरह से उसके बेड पर उसके साथ सो सकता है,, रुहानी ने कर से धक्का लगाया जिससे रेहान, बेड से नीचे गिर गया और अचानक उसकी नींद खुल गई, ऐसा होते ही अपनी जलती निगाहों से, रूहानी की तरफ देखने लगा रूहानी भी गुस्से में रिहान को देख रही थी, दोनों के आंखों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था, रेहान गुस्से में खड़ा होकर, रूहानी की तरफ देखते हुए बोला, “How dare you push me like this, what do you think of yourself?” रूहानी भी उसकी अपनी जलती हुई निगाहों से देखते हुए बोलीं “ आपकी हिम्मत कैसे हुई इस तरह से मेरे कमरे में मेरे करीब आकर सोने की, एक तो रात में इस तरह की बदतमीजी की अपने ऊपर से, मेरे रूम में आकर मेरे बेड पर इस तरह से सोए हैं मेरे पास, आपको क्या लगता है इसके लिए मैं आपकी पूजा करूंगी” रेहान उसकी बात सुनकर और गुस्सा हो गया, बिल्कुल उसके करीब आकर उसको बेड पर पुश करते हुए बोला “ पहली बात तो मैं बेड पर एक साइड सोया था, तुम मेरे करीब आकर सोई, और तुम्हें क्या लगता है तुम्हारी इस थप्पड़ के लिए मैं तुम्हारी पूजा करूंगा, तो ये तुम्हारी गलतफहमी है बच्चा” इतना बोलकर उसके कंधे पर अपने दोनों हाथ रखता है रूहानी डर के वजह से अपने दोनों हाथ उसके सीने पर मारने लगी, रेहान अपने फेस साइड में कर लेता है जैसे उसने अपना फेस सामने किया उसको रूहानी का एक थप्पड़ कश के उसके गाल पर लगा, रूहानी का थप्पड़ जैसे ही रेहान के गाल पर पड़ता है,वैसे ही,रेहान की आंखें गुस्से से लाल हो गई उसके चेहरे के नशे साफ दिख रही थी, गुस्से में रूहानी के हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर एक हाथ में करके ऊपर की तरफ जकड़ लिया, जिससे रूहानी की दर की वजह से सांस अटक गई, रोहन उसके चेहरे को अपने दूसरे हाथों से कस के पकड़ते हुए दांत पीसते हुए बोला “ तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुमने मुझे थप्पड़ मारा, तुम जैसी लड़कियां रोज मेरे बिस्तर पर आने के लिए, मेरे आगे पीछे घूमती है, मेरे करीब आकर खुद से अपने कपड़े उतारती है “ रूहानी ने उसकी बात सुनके उसको घिन भारी नजरों से देखते हुए बोली “ हां तो आती होगी, पर मैं उन जैसी नहीं हूं, तुम जैसे के पास आ जाए, जाइए उनके पास, मैं तो आप जैसे को मूह भी लगाना पसंद ना करूं “ उसकी बात सुनकर रेहान का पारा और बढ़ गया, क्योंकि आज तक कभी किसी लड़की ने उसके साथ इस तरह की ना तो बिहेवियर का किया था और नहीं कुछ कहा था, और वह, रूहानी के होंठ पर अपने होंठ रख दिए,और उसे किस करना स्टार्ट कर दिया पर इस बार उसका कि बहुत ज्यादा बाइट था वह उसको किस से ज्यादा बाइट कर रहा था, जिसे रूहानी के होठों पर दर्द हो रहा था पर, वह खुद को छुड़ा भी नहीं पा रही थी रेहान ने उसकी इतनी कस के पड़ा हुआ था कि वह हील भी नहीं पा रही थी, उसके होठों को लगातार शक कर रहा था, और अपने होठों में भर के उसे से बाइट कर रहा था जिसे रूहानी की आंखों से आंसू निकलने लगे, बार-बार अपने टांग को उसके मुंह में डालने की कोशिश कर रहा था पर रूहानी ने अपने दांतों को कस के दबा रखा था जिस वजह से, रेहान को अब गुस्सा आ रहा था वह फ्रस्ट्रेटेड होकर, अपना हाथ उसके कमर से ऊपर की तरफ बढ़ने लगा, जिसे महसूस कर के रूहानी का शरीर कांपने लगा, रेहान के हाथ अब उसके सीने तक पहुंचे और अपने दवा बढ़ाने लगे, रूहानी को दर्द भी हो रहा था पर वह कुछ कभी नहीं पा रही थी उसकी उसके मुंह में ही घूटके रह जा रही थी, दर्द की वजह से वह अपने होंठ खोल देती है और रेहान, मौका देखकर अपने टंक को उसके टंक उलझा देता है, अब उसका कि बहुत ज्यादा वाइल्ड और डीप था, वो उसके होठों को लगातार तब तक चूसता रहा जब तक उसका मन नहीं भरा, सेटिस्फाई होने के बाद वो रूहानी की तरफ देखते हुए बोला “ मैं भी हर किसी को उसके बिना मर्जी के मुंह नहीं लगता, पर अगर कोई मेरे मुंह जबरदस्ती लगे ना तो मैं उसे छोड़ना भी नहीं, दोबारा मेरे मुंह लगने से पहले एक बार जरूर याद कर लेना, “ फिर उसके ऊपर से उठने को हुआ लेकिन जाते-जाते उसके गर्दन पर बाइट कर लेता है जिस वजह से रूहानी की दर्द से चीख निकल गई आह… और यहां झटके से उसके ऊपर से उठ गया और बोला, “ गुड मॉर्निंग बच्चा,” बस इतना बोलकर वह उसके ऊपर से उठा और चल दिया, ( आज के लिए इतना ही लाइक कमेंट रिव्यू देते रहिए🥰🥰)
अब उसका चुम्बन बहुत ज़्यादा उग्र और गहरा था। वह उसके होठों को लगातार तब तक चूसता रहा जब तक उसका मन नहीं भरा। संतुष्ट होने के बाद वह रूहानी की ओर देखते हुए बोला, "मैं भी हर किसी को उसकी मर्ज़ी के बिना मुँह नहीं लगाता, पर अगर कोई मेरे मुँह जबरदस्ती लगे ना, तो मैं उसे छोड़ना भी नहीं चाहता। दोबारा मेरे मुँह लगने से पहले एक बार ज़रूर याद कर लेना।"
फिर वह उसके ऊपर से उठने को हुआ, लेकिन जाते-जाते उसकी गर्दन पर काट लिया। जिस वजह से रूहानी दर्द से चीख उठी, "आह..."
और रेहान झटके से उसके ऊपर से उठ गया और बोला, "गुड मॉर्निंग बच्चा।"
बस इतना बोलकर वह उसके ऊपर से उठा और चला गया। उसकी आँखों में आँसू आ चुके थे। वह बस उसे जाते हुए देख रही थी। कमरा पूरी तरह अँधेरा हो चुका था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह कौन इंसान है, जो एक नहीं, दो बार उसके साथ इस तरह की हरकत करके चला गया।
रोने और गुस्से की वजह से उसकी आँखें लाल हो चुकी थीं। तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और वह, हड़बड़ाते हुए अपने आँसू पोछकर दरवाज़े की ओर देखी तो सामने श्रेया थी। श्रेया ने रूहानी को देखा तो उसकी आँखें पूरी लाल थीं, जिस वजह से...
श्रेया रूहानी के बिल्कुल करीब आते हुए उसके चेहरे को देखते हुए पूछी, "क्या हुआ? तू रोई है क्या? तेरी आँखें इतनी लाल क्यों हैं?"
रूहानी श्रेया की बात सुनकर सोच में पड़ गई और अपने मन में बोली, "क्या करूँ? कैसे बताऊँ? मैं तो जानती भी नहीं हूँ वह कौन इंसान है। अगर मैं श्रेया को कुछ बताऊँगी तो क्या बताऊँगी? अभी रहने देती हूँ। पहले देखती हूँ कि वह कौन है, फिर उसके बाद श्रेया से सब कुछ बताऊँगी। पहले मैं यह तो जान जाऊँ कि वह मिस्टर स्ट्रेंजर कौन है?"
श्रेया रूहानी को सोच में डूबे हुए देखकर उसके कंधे पर हाथ रखकर हिलाते हुए बोली, "क्या हुआ? तू किस सोच में डूब गई? और मेरी बातों का जवाब दे। हुआ क्या तुझे? पहले यह बता कि तू रो क्यों रही थी?"
रूहानी श्रेया की बात सुनकर फ़ीका मुस्कुराते हुए बोली, "पागल है क्या? मैं क्यों रोऊँगी? तुझे मेरी आँखें इसलिए लाल लग रही हैं क्योंकि मैं रात भर सो नहीं पाई हूँ। क्या है ना, कि मुझे एडजस्ट होने में थोड़ा टाइम लगता है। तू भी ना, कुछ भी सोचती रहती है।"
फिर बेड से उठते हुए बोली, "चल बाय। मैं जा रही हूँ नहाने।"
श्रेया उसकी बात सुनकर बोली, "ठीक है। तू जा फ़्रेश हो जा, फिर उसके बाद आ जाना। मैं वेट कर रही हूँ तेरा। मैं भी जा रही हूँ।"
रूहानी उसकी बात सुनकर हल्का सा सिर हिलाकर देती है और वॉशरूम में चली गई। करीब आधे घंटे बाद वह तौलिया लपेटकर बाहर आई और अलमारी की ओर बढ़ गई। थोड़ी देर बाद उसने एक बेबी पिंक टॉप और ब्लैक शॉर्ट स्कर्ट पहना। फिर ड्रेसिंग मिरर के पास आई और अपने बालों को हेअर ड्रायर से सुखाने लगी।
तभी उसकी नज़र आईने में अपनी गर्दन पर गई जहाँ रेहान ने उसे काटा था। वह निशान पूरी तरह से लाल हो चुका था। उसने उस निशान को हल्के से उंगली से छुआ तो उसकी "आह..." निकल गई।
अपनी गर्दन की ओर देखते हुए गुस्से में बोली, "वैम्पायर कहीं का! ऐसे भला कौन काटता है? छोड़ूंगी नहीं मैं उसे। एक बार मिल तो जाए, जान निकाल दूँगी इस पागल आदमी की।" वह मन ही मन कोस रही थी।
फिर उसने अपने गर्दन के निशान को छुपाने के लिए अपने बालों को आगे की ओर कर लिया ताकि बालों में वह निशान छुप जाए। आँखों में हल्का सा काजल, होठों पर लिप बाम लगाकर वह बाहर चली गई।
नीचे हॉल में श्रेया, श्रेया की माँ, अरमान और प्रिया और सोनिया सब आ चुके थे। रूहानी भी उनके करीब गई और प्रिया और सोनिया को देखने लगी। प्रिया को तो वह जानती थी, पर सोनिया को पहली बार देख रही थी।
प्रिया रूहानी को देखकर हल्का मुस्कुराते हुए बोली, "हाय रूहानी! तुम भी यहाँ आई हो। चलो अच्छा है, सारे लोग हैं तो मज़ा भी आएगा। वैसे यह मेरी फ्रेंड है, सोनिया।"
रूहानी श्रेया को देखकर मुस्कुरा दी। सोनिया भी रूहानी को देखकर मुस्कुरा दी। श्रेया सबको देखकर बोली, "चलो यार, चलो अब ब्रेकफ़ास्ट कर लेते हैं, वरना लेट हो जाएगा। वैसे भी मुझे बहुत ज़ोरों की भूख लगी है।"
श्रेया की माँ श्रेया की बात सुनकर हँसते हुए बोली, "वैसे लेट तो नहीं होता, लेकिन मुझे पता है तेरी भूख तुझे खड़ा रहने नहीं देगी। जब तक तू खाएगी नहीं, तुझे चैन नहीं मिलेगा। यह बोल कि तेरे पेट में चूहा कूद रहा है।"
श्रेया अपनी माँ की तरफ देखते हुए बोली, "हाँ, बहुत तेज वाली भूख लगी है। आपको पता है ना मुझे सुबह-सुबह कितनी ज़ोरों की भूख लगती है और मुझे वह बर्दाश्त नहीं होता है।"
इतना बोलकर सारे लोग डाइनिंग एरिया में जाकर बैठने लगे, लेकिन रूहानी की नज़र इधर-उधर घूम रही थी। वह अपने मन में सोचते हुए बोली, "यह मिस्टर स्ट्रेंजर कहाँ है? क्या यह सब मेरा सपना है? नहीं-नहीं, यह सपना कैसे हो सकता है? पर अगर वह इस घर में है तो सबके सामने क्यों नहीं आ रहा है और सब उसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?"
यह सब सोचते-बोलते हुए वह डाइनिंग टेबल पर बैठ गई, पर उसकी निगाह अभी भी रेहान को ढूँढ रही थी।
सारे लोग डाइनिंग एरिया में बैठ गए। अरमान रूहानी के चेहरे को बार-बार देख रहा था। रूहानी को देखते हुए बोला, "क्या हुआ स्वीटहार्ट? कहाँ देख रही हो? कुछ ढूँढ रही हो क्या?"
रूहानी अरमान की बात सुनकर उसकी तरफ देखते हुए बोली, "नहीं, वह बस... मैं ऐसे ही... मुझे लगा और भी लोग आए होंगे शायद, इसीलिए मैं सोची कि सबको आ जाने देते हैं, फिर साथ में नाश्ता करेंगे।"
श्रेया रूहानी की बात सुनकर उसके सर पर मारते हुए बोली, "क्या मतलब और भी लोग आए होंगे? हम बस इतने ही हैं अभी। और कोई नहीं आया है। तो चल, बैठ जल्दी से नाश्ता कर। मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं, समझी तू?"
श्रेया जब रूहानी की बात सुनी तो उसे समझ नहीं आ रहा था। वह पूरी हैरान हो गई। अब उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे और क्या बोले किसी से।
सारे लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ गए। एक नौकर जाकर सबको नाश्ता परोसना शुरू कर दिया।
सब अपना नाश्ता करना शुरू ही किए थे, जैसे ही रूहानी चम्मच उठाकर अपने मुँह में डालने वाली थी, तभी पीछे से आवाज़ आई, "इतनी भी जल्दी क्या है? पहले मुझे तो आ जाने दिया होता।"
उसकी आवाज़ सुनते ही रूहानी का चम्मच हवा में ही रुक गया और बाकी सब पीछे मुड़कर देखने लगे। जैसे ही श्रेया की नज़र रेहान पर पड़ी, श्रेया दौड़कर उसे गले लगा ली और खिलखिलाते हुए बोली, "भाई! आप यहाँ? आप कब आए? और आपने बताया भी नहीं कि आप आ रहे हैं।"
रूहानी जब श्रेया के मुँह से "भाई" सुनती है और रेहान को गले लगाए हुए देखती है तो उसका मुँह पूरा का पूरा खुला रह गया।
वह अपने मन में बोली, "क्या मतलब यह श्रेया का बड़ा भाई है? पर ऐसे कैसे? श्रेया तो बड़ी तारीफ़ कर रही थी। यह तो एक नंबर का घटिया इंसान है।"
पर उसके बगल में कोई ऐसा भी था जो उसे देखकर पागल हो रहा था। वह और कोई नहीं, प्रिया थी। पर वहाँ कोई ऐसा भी था जो उसे देखकर श्रेया से ज़्यादा ही गुस्से में था और न जाने कितनी तकलीफ़ में। वह और कोई नहीं, सोनिया थी।
सोनिया वही लड़की है जिसे रेहान ने कहा था कि, "जब मैं एक बार किसी लड़की के साथ एक रात बिता लेता हूँ तो दोबारा उसे चांस नहीं देता।"
रेहान की नज़र सामने रूहानी पर पड़ी, पर वह उसे देखते हुए भी अपने भाव सामान्य रखता है। वहीं रूहानी के तो होश उड़ गए थे।
वहीं अरमान और उसकी माँ, उन दोनों के चेहरे पर खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। अरमान भी रेहान के पास जाकर उसे गले लगाते हुए बोला, "भाई! आप आ गए। मुझे कितनी खुशी हो रही है। मैं कह नहीं सकता कि मैं कितना ज़्यादा खुश हूँ। थैंक यू भाई, मेरी इन खुशियों में शामिल होने के लिए। अगर आप नहीं आते तो मेरी यह खुशी अधूरी थी।"
रेहान अरमान की बात सुनकर उसकी पीठ थपथपाते हुए बोला, "ऐसे कैसे नहीं आता? रेहान ओबेराय सब कुछ देख सकता है, लेकिन अपने परिवार को उदास नहीं देख सकता, और वह उदासी का कारण मैं बनूँ, तो यह मैं कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता।"
रेहान की माँ उसके बिल्कुल करीब जाकर बोली, "जब इतना ही हमारी फ़िक्र है तो हमसे दूर क्यों रहते हो? तुम्हारे दूर रहने से हमें कितनी तकलीफ़ होती है, तुम्हें पता है ना? फिर भी तुम हमसे दूर रहते हो। अब तुम आ गए हो ना, तो अब यहाँ से कहीं नहीं जाने दूँगी तुम्हें।"
रेहान अपनी माँ की तरफ़ देखते हुए बोला, "मैं आया भी अपनी मर्ज़ी से हूँ, मैं जाऊँगा भी अपनी मर्ज़ी से। और वैसे भी हर किसी की तकलीफ़ तो मैं कम नहीं कर सकता ना? और मुझे कब, कहाँ और कितना रहना है, यह रेहान ओबेराय खुद डिसाइड करता है।"
यह सुनकर रेहान की माँ का चेहरा उतर गया। रूहानी को रेहान का इस तरह का व्यवहार पसंद नहीं आया।
श्रेया माहौल को सामान्य करते हुए बोली, "आपका क्या? ऐसे ही खड़े रहने का इरादा है? चलो, सब लोग नाश्ता करो।"
इतना बोलकर वह डाइनिंग टेबल की ओर बढ़ गई। श्रेया रेहान का हाथ पकड़कर डाइनिंग टेबल की ओर आई।
तभी प्रिया आगे आते हुए बोली, "ओह माय गॉड! मुझे तो बिलीव भी नहीं हो रहा है कि मैं तुम्हें इस तरह से अपने सामने देख रही हूँ। पता है, जब से मैंने तुम्हारी फ़ोटो देखी है, मैं तो तुम्हारी दीवानी हो चुकी हूँ।"
उसकी बात सुनकर श्रेया और अरमान दोनों का मुँह बना हुआ था।
वहीं रेहान उसकी बात सुनकर उसकी तरफ़ देखते हुए अहंकार से बोला, "हाँ, तुम जैसे बहुत लोग मेरे नाम सुनकर ही मेरी दीवानी हो जाती हैं। तुम तो फिर भी सही हो कि मेरी फ़ोटो देखकर मेरी दीवानी हुई।"
वहीं सोनिया का मुँह बन गया, पर वह कुछ बोली नहीं। श्रेया रेहान को रूहानी की तरफ़ इशारा करते हुए बोली,
"भाई, यह मेरी फ्रेंड है, रूहानी। और सिर्फ़ मेरी नहीं, अरमान भाई की भी फ्रेंड है। मैंने आपको कभी इसके बारे में नहीं बताया था, ना ही इसे। पर आपको अच्छा लगेगा रूहानी से मिलकर। यह बहुत अच्छी है, भाई।"
रेहान रूहानी की तरफ़ एक नज़र देखते हुए श्रेया से बोला, "हाँ, वैसे प्रिंसेस, तुम्हारी फ्रेंड को भी मुझसे पहली बार मिलकर ज़रूर अच्छा लगा होगा।"
फिर रूहानी की तरफ़ देखते हुए बोला, "वैसे तुम्हें भी मुझसे मिलकर अच्छा लगा होगा। अगर नहीं लगा है तो मुझे बता दो कि तुम्हें किस तरीके से मिलना अच्छा लगता है। मैं वैसे ही तुमसे मिल लेता हूँ। मैं नहीं चाहता कि मेरी प्रिंसेस मुझसे शिकायत करें।"
पर यह सब बोलते हुए उसने "किस" शब्द पर ज़ोर दिया था, जिससे रूहानी को उससे गुस्सा आ रहा था।
(तो आगे देखते हैं रूहानी और रेहान के बीच में क्या होता है। प्रिया और सोनिया भी आ चुकी हैं तो क्या मोड़ आता है इनकी कहानी में?)
रेहान ने रूहानी की ओर एक नज़र देखते हुए श्रेया से कहा, "हाँ, वैसे प्रिंसेस, तुम्हारी फ्रेंड को भी मुझसे पहली बार मिलकर ज़रूर अच्छा लगा होगा।"
फिर रूहानी की ओर देखते हुए बोला, "वैसे तुम्हें भी मुझसे मिलकर अच्छा लगा होगा। अगर नहीं लगा है तो मुझे बता दो कि तुम्हें 'किस' तरीके से मिलना अच्छा लगता है, मैं वैसे ही तुमसे मिल लेता हूँ। मैं नहीं चाहता कि मेरी प्रिंसेस मुझसे शिकायत करें।"
पर यह सब बोलते हुए उसने 'किस' शब्द पर जोर दिया था, जिससे रूहानी को उस पर गुस्सा आ रहा था।
उसका मन कर रहा था कि वह श्रेया के सामने सब उगल दे।
वहीं रेहान रूहानी के चेहरे पर गुस्सा देखकर मन ही मन मुस्कुरा रहा था। उसे खुद नहीं पता था कि उसे रूहानी के चेहरे पर चिढ़ और गुस्सा देखकर इतना अच्छा क्यों लग रहा था।
श्रेया ने अपने भाई की बात सुनकर रूहानी से कहा, "मेरी फ्रेंड ऐसी नहीं है। वह मुझसे शिकायत करने वालों में से नहीं है और ना ही किसी और से।"
श्रेया की बात सुनकर रेहान ने उसकी ओर देखा और फिर सबको खाने के लिए कहा। सारे लोग कुर्सियों पर बैठ गए। श्रेया और रूहानी एक साथ बैठ गईं, लेकिन तभी रूहानी के बगल वाली हेड चेयर पर रेहान बैठ गया।
रूहानी को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि रेहान हेड चेयर पर बैठेगा, क्योंकि उसे लगा था कि उसकी माँ बैठेंगी।
वहीं प्रिया की नज़रें रेहान पर टिकी हुई थीं। प्रिया भी रेहान के बगल में बैठ गई।
रेहान प्रिया की नज़रों को बहुत अच्छे से महसूस कर पा रहा था, जिसे महसूस करके उसके चेहरे पर एक किलर स्माइल आ गई।
रूहानी, रेहान की ओर देखे बिना, अपने नाश्ते पर ध्यान केंद्रित करते हुए चम्मच उठाकर अपने मुँह की ओर बढ़ाया। लेकिन तभी उसे महसूस हुआ कि उसके पैर पर किसी का पैर चल रहा है। यह महसूस होते ही, उसने जो निवाला अपने मुँह में डाला था, वह मुँह में ही अटक गया।
लेकिन रूहानी अच्छे से समझ चुकी थी कि यह हरकत किसकी है। उसके हाथ उसके चम्मच पर कस गए।
लेकिन रूहानी ने अपने पैर को पीछे कर लिया, पर रेहान कहाँ मानने वाला था? उसने उसके पैर को अपने दोनों पैरों में जकड़ लिया।
ऐसा होते ही रूहानी की साँस अटक गई।
वहीं दूसरी तरफ, प्रिया ने रेहान के पैरों पर अपना हाथ रखा। इसे महसूस कर रेहान ने अपने पैर से उसका हाथ हटा दिया, जिससे प्रिया का मुँह बन गया। पर तभी अचानक प्रिया को महसूस हुआ कि उसके पैर पर रेहान का हाथ है। इसे महसूस करके उसके चेहरे पर एक सेंसिटिव स्माइल आ गई।
रेहान यह सब करते हुए बहुत ही आराम से नाश्ता कर रहा था। एक तरफ वह रूहानी के पैर को अपने पैरों से जकड़कर उसे परेशान कर रहा था, दूसरी तरफ प्रिया के पैरों पर अपना हाथ चला रहा था।
रूहानी को चुपचाप बैठे देखकर श्रेया ने उसकी ओर देखते हुए कहा, "क्या हुआ? तू नाश्ता क्यों नहीं कर रही?"
श्रेया की बात सुनकर सबकी नज़र रूहानी पर पड़ी। रूहानी फीके से मुस्कुराते हुए बोली, "नहीं यार, आज मन नहीं कर रहा है मेरा कुछ खाने का। एक काम करो, तुम लोग खाओ, मैं चलती हूँ। मुझे भूख लगेगी तो मैं आ जाऊँगी खाने के लिए।"
और वह उठ गई, जिस वजह से रेहान को उसके पैर छोड़ने पड़े। वह कहाँ कम थी? रूहानी उठते हुए रेहान के पैरों पर जोर से अपने सैंडल रख देती है, जिससे रेहान को लग गया। जिस वजह से रेहान के हाथ प्रिया के पैर पर कस गए।
जैसे ही ऐसा हुआ, प्रिया चीख निकली, "आउच..."
सारे लोग रूहानी को छोड़कर प्रिया की ओर देखने लगे। ऐसा होते ही रेहान ने अपना हाथ उसके पैर से हटा लिया।
प्रिया जब सबको अपनी ओर देखते हुए पाई तो हल्का सा मुस्कुराते हुए बोली, "मच्छर था, उसने मुझे काट लिया, इसलिए ऐसा हो गया।"
फिर सब लोग कुछ नहीं बोले। रूहानी अपने कमरे की ओर बढ़ गई। रूहानी को ऐसे जाते हुए देखकर रेहान उसे देख रहा था, फिर अपना नाश्ता करने लगा। थोड़ी देर में वह अपना नाश्ता करके अपने कमरे की ओर बढ़ गया। अपने कमरे में जाकर सोफे पर बैठकर अपना काम करने लगा।
तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खटखटाया गया। टेबल पर रखे हुए रिमोट से उसने दरवाज़ा खोल दिया, फिर से अपने काम में लग गया। तभी पीछे से उसके कंधे पर किसी ने बहुत ही सेंसिटिव तरीके से अपना हाथ चलाया। इसे महसूस करके रेहान ने उसे अपनी ओर खींचा। ऐसा होते ही प्रिया उसके गोद में गिर गई। ऐसा होते ही रेहान उसकी आँखों में देखते हुए बोला, "पहली बात तो यह कि मेरी बिना मर्ज़ी से कोई मुझे छुए, तो मुझे पसंद नहीं, और दूसरी बात, "यू लुक सो हॉट।"
प्रिया उसकी बात सुनकर उसके सीने पर अपनी उंगलियाँ चलाते हुए बोली, "हॉट तो मैं हूँ, पर तुमसे ज़्यादा नहीं। तुम्हारी फ़ोटो देखकर ही मैं पिघल गई थी, और जब तुम्हें सामने से देखा तो ऐसा लग रहा है जैसे अब मैं पूरी तरह से जल जाऊँगी।"
रेहान उसकी बात सुनकर अपनी उंगलियों को उसके चेहरे से होते हुए, गर्दन से होते हुए, उसकी कॉलर बोन तक ले जाते हुए बोला, "मुझे भी जलाने में बहुत मज़ा आता है, ख़ास कर बेड पर।"
यह सुनते ही प्रिया रेहान के कॉलर को पकड़कर अपनी ओर खींचती है। रेहान भी उसके इरादे समझकर उसके होंठों की ओर बढ़ गया। दोनों के होंठ जैसे ही एक-दूसरे के होंठ को छूने वाले थे, लेकिन तभी अचानक दोनों को किसी के कदमों की आहट उस कमरे में सुनाई दी। दोनों एक-दूसरे से अलग होकर पीछे की ओर देखते हैं तो...
रूहानी गुस्से में उन दोनों को घूर रही थी। रूहानी ने अपने मन में कहा, "यह इंसान सच में एक नंबर का कमीना है। देखो किस तरह से ऐसी हरकतें कर रहा है।"
वह सोच ही रही थी कि तभी उसके कान में प्रिया की आवाज़ आई, "क्या तुम अंदर आने से पहले दरवाज़ा नहीं खटखटा सकती? इतनी मैनर्स नहीं है तुम्हारे अंदर?"
रूहानी उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए बोली, "अगर तुम्हारे अंदर इतनी ही मैनर्स थी, तो दरवाज़ा लॉक कर लेती। ऐसे दरवाज़ा खोल के इस तरह से ऐसी हरकत करने वाले को क्या कहेंगे, मुझे तुम्हें बताने की ज़रूरत नहीं है।"
प्रिया रूहानी की बात सुनकर गुस्से में काँपते हुए खड़ी हुई और उसकी ओर अपनी एक उंगली दिखाते हुए बोली, "तुम्हें पता है तुम किससे बात कर रही हो? आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई मुझे इस तरह से बात करने की।"
रूहानी प्रिया की ओर देखते हुए बोली, "मैं तुमसे बात करने भी नहीं आई हूँ, इसीलिए तुम जा सकती हो।"
वहीं रेहान उन दोनों की कैट फाइटिंग देखकर इन्जॉय कर रहा था।
प्रिया रूहानी की बात सुनकर गुस्से में तिलमिला गई और कुछ बोलने को हुई, लेकिन उससे पहले रूहानी बोली, "देखो, मेरे मुँह मत लगो। वैसे ही मेरा दिमाग बहुत खराब है। अगर मैंने कुछ बोल दिया ना तो तुम्हारी इज़्ज़त दो कौड़ी की भी नहीं रह जाएगी, और मुझे नहीं लगता कि इस वक़्त तुम किसी के सामने इस तरह से शर्मिंदा होना चाहती हो।"
यह बोलते हुए उसकी नज़र रेहान पर थी। उसकी बात सुनकर प्रिया बोली, "जा रही हूँ, पर इसका मतलब यह नहीं कि मैं तुमसे डर के जा रही हूँ। बस मैं तुमसे मुँह नहीं लगाना चाहती।"
इतना बोलकर वह बाहर निकल गई। वहीं रेहान का एक्सप्रेशन नॉर्मल था। रूहानी रेहान की ओर देखते हुए गुस्से में बढ़ी और उसे गुस्से में घूरते हुए बोली, "अभी जो हरकतें आपने नीचे डाइनिंग हॉल में की ना, वह हरकत दोबारा मत करना। मैं चुप थी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि श्रेया को बुरा लगे, लेकिन अगर दोबारा किया ना तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"
रेहान रूहानी की बात सुनकर उसके कमर में हाथ डालकर अपनी ओर खींच लिया। ऐसा अचानक होने के कारण रूहानी का एक हाथ उसके सीने पर जा लगा।
वह उसे खुद से चिपकाते हुए बोला, "ऐसा क्या किया मैंने जो इतना भड़क रही हो बच्चा?"
रूहानी उससे दूर होने की कोशिश करते हुए बोली, "आपने जो मेरे साथ डाइनिंग टेबल पर..."
पर वह बोलते-बोलते चुप हो गई। उसे चुप देखकर रेहान उसके गर्दन पर गर्म साँसें छोड़ते हुए बोला, "बोलो ना बच्चा, क्या किया मैंने? तुम चुप क्यों हो गई हो...?"
इतना बोलकर वह बाहर निकल गई। रेहान का भाव बिल्कुल सामान्य था। रूहानी, रेहान की ओर देखते हुए, गुस्से से भर गई और उसे घूरते हुए बोली, "आपने नीचे डाइनिंग हॉल में जो हरकतें कीं, वे दोबारा मत करना। मैं चुप रही क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि श्रेया को बुरा लगे, लेकिन अगर आपने दोबारा ऐसा किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा।"
रेहान ने रूहानी की बात सुनकर समझा कि उसने बार-बार रूहानी को अपनी ओर खींचा था। अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण रूहानी का एक हाथ उसके सीने पर जा लगा।
वह उसे खुद से चिपकाते हुए बोला, "मैंने ऐसा क्या किया जिससे तुम इतनी भड़क रही हो, बच्चा?"
रूहानी उससे दूर होने की कोशिश करते हुए बोली, "आपने जो मेरे साथ डाइनिंग टेबल पर..."
पर वह बोलते-बोलते चुप हो गई। उसे चुप देखकर रेहान उसके गले पर गर्म साँसें छोड़ते हुए बोला, "बोलो ना बच्चा, क्या किया मैंने?"
उसकी इस हरकत से रूहानी काँप रही थी। उसकी बॉडी पर एक अलग ही असर पड़ रहा था, जिसे रूहानी समझ नहीं पा रही थी।
वह रेहान का हाथ अपने ऊपर से हटाकर खुद को दूर करने लगी, पर ऐसा होते ही रेहान उसके और करीब आ गया। इससे रूहानी के पैर काँपने लगे क्योंकि वह पहला लड़का था जो उसकी इतने करीब आकर उससे बात कर रहा था।
भले ही वह किसी तरह की हँसी-मज़ाक में भी, आज तक उसने किसी लड़के को इतने करीब आने नहीं दिया था और ना ही किसी से इस तरह से बातें की थीं।
रूहानी, रेहान की इस हरकत को देखकर, लड़खड़ाती आवाज़ में बोली, "देखिए, मैं आपसे तरीके से बात कर रही हूँ तो आप भी थोड़ा तमीज़ से बात कीजिए। मुझसे दूर होइए और दोबारा मेरे साथ ऐसी हरकत मत कीजिएगा।"
पर रेहान वैसे ही उसके करीब रहकर फिर से पूछा, "कैसी हरकत, बच्चा? वही तो मैं पूछ रहा हूँ। तुम बताओगी तभी तो पता चलेगा कि मैंने कैसी हरकत की है।"
रूहानी को बिल्कुल समझ नहीं आ रहा था कि अब वह रेहान को किस तरह समझाए। रेहान जानबूझकर उसे परेशान करने की कोशिश कर रहा था।
रूहानी अब बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने जोर से रेहान को धक्का दिया और अपनी नम आँखों से देखते हुए बोली, "यह क्या हरकत है, मिस्टर स्ट्रेंजर? आप खुद को क्या समझते हैं? मैं रूही की वजह से चुप हूँ, इसका मतलब यह नहीं कि आप मेरे साथ ऐसी हरकत करेंगे। वैसे भी आप छोटे बच्चे नहीं हैं कि आपको मैं समझाऊँ। आप बहुत अच्छे से जानते हैं कि मैं क्या कहना चाहती हूँ, तो बस अब दोबारा मत कीजिएगा। आपको जिसके साथ जो करना है, कीजिए, पर मेरे साथ ऐसी हरकत मत कीजिएगा, वरना मैं बर्दाश्त नहीं करूँगी।"
रूहानी यह बोलकर कमरे से बाहर निकल गई। रेहान उसे जाते हुए देख रहा था। आज पहली बार था कि किसी लड़की ने उसे खुद से दूर किया था। वरना आज तक सारी लड़कियाँ उसे खुद के करीब आने के लिए कहती थीं।
वह अभी भी अपनी जगह खड़ा था। रूहानी जा चुकी थी, पर रेहान अपनी जगह पर खड़ा होकर उसी तरफ़ देख रहा था।
दूसरी तरफ़, रूहानी गुस्से में जाकर अपने बिस्तर पर लेट गई और अपने मन में बोली, "यह इंसान सच में कितना घटिया है! ऐसे कौन करता है? एक तरफ़ वह प्रिया के साथ ऐसी हरकत कर रहा था, दूसरी तरफ़ मेरे इतने करीब आने की कोशिश कर रहा था। ऊपर से, जब वह मेरी इतनी करीब आया, तो न जाने क्या हो रहा था मुझे।"
"अरमान और श्रेया कितने अलग हैं इनसे! मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है यह इंसान सच में श्रेया का भाई भी है या नहीं? हरकतें तो बिल्कुल नहीं हैं। रूहानी, अब तो इस इंसान से दूर ही रहना। और अगर इस बार वह मेरे करीब आया ना, तो पक्का बता रही हूँ, मुँह तोड़ दूँगी इसका मैं!"
रूहानी यह सब अपने मन में सोच रही थी।
वहीं दूसरी तरफ़, प्रिया अपने कमरे में, पैर पटकते हुए बोली, "ये रूहानी समझती क्या है अपने आप को? इसकी वजह से आज मैं और रेहान क्लोज़ आने से पहले ही दूर हो गए।
इसको अभी ही मेरे काम में टांग लगाना था। न जाने क्या बातें कर रही होगी, क्या कह रही होगी! कहीं मेरी रेहान को फँसा तो नहीं रही है यह लड़की! नहीं, मैं ऐसा बिल्कुल नहीं होने दूँगी। उसे रेहान के करीब बिल्कुल नहीं आने दूँगी। रेहान सिर्फ़ मेरा है।"
यह सब सोचते हुए वह अपने कमरे का सामान इधर-उधर फेंकने लगी। तभी उसके कमरे में सोनिया आई और उसे सामान फेंकते हुए देखकर बोली, "क्या हुआ तुम्हें? और तुम इस कमरे का सामान ऐसे क्यों फेंक रही हो?"
प्रिया, सोनिया को देखकर, गुस्से से देखते हुए बोली, "कुछ नहीं। बस मेरा मन कर रहा था इसलिए किया मैंने यह सब। देख, मेरा दिमाग पहले से खराब है और मत खराब कर। तुम मुझे अकेला छोड़ दो।"
सोनिया, प्रिया का गुस्सा और उसका व्यवहार देखकर, वहाँ से चली गई। सोनिया समझने की कोशिश कर रही थी कि आखिर प्रिया के साथ क्या हुआ जो वह इस तरह से व्यवहार कर रही है।
वहीं दूसरी तरफ़, रूहानी अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। तभी उसके पास आकर श्रेया लेट गई। वह अचानक से ऐसे लेटने से पलटकर देखी तो श्रेया थी। रूहानी को इस तरह लेटे हुए देखकर श्रेया बोली, "तू इस तरह से लेटी क्यों हो? तुझे पता है ना आज क्या है?"
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, "हाँ, पता है। यह भी कोई बताने वाली बात है?"
श्रेया उसकी बात सुनकर बोली, "पता है, फिर भी मैडम रेस्ट फरमा रही हैं! तैयारी कौन करेगा?"
श्रेया की बात सुनकर रूहानी उसकी आँखें दिखाते हुए बोली, "इंगेजमेंट शाम को है तो तैयारी भी हो जाएगी। तू टेंशन मत ले।"
श्रेया हँसते हुए बोली, "मुझे किस बात की टेंशन? कौन सा मेरा इंगेजमेंट हो रहा है जो मैं इतनी टेंशन लूँगी? बस तू यहाँ लेटी हुई थी तो मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। तुझे ऐसे आराम से सोए हुए देखकर।"
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर उसकी आँखें दिखाने लगी। श्रेया उसकी आँखों को देखकर बोली, "अब बस करती है! इससे डरने वाली मैं नहीं। वैसे एक बात बता, मामा-मामी आ रहे हैं ना?"
रूहानी, श्रेया की बात सुनकर बोली, "पता नहीं यार। मेरी तो अभी बात नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने बोला था कि वे इंगेजमेंट में ज़रूर आएंगे। शायद शाम तक आ जाएँ दोनों।"
श्रेया, रूहानी को देखते हुए बोली, "हाँ, हो सकता है शाम तक आ जाएँ। तब तेरी शिकायत करूँगी दोनों से!"
उसकी बात सुनकर रूहानी बिस्तर पर बैठते हुए बोली, "जा कर दे! मुझे पता है मेरे मामा-मामी तो तेरी एक नहीं सुनने वाले। वे मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मैं भी। तुझे पता है ना, मैंने अपने डैड को तो कभी देखा ही नहीं और माँ... उनका तो चेहरा तक याद नहीं। जब दो महीने की थी, तभी वे मुझे छोड़कर चली गईं इस दुनिया से। उसके बाद से मेरे मामा-मामी ने मुझे संभाला है। आज तक उन्होंने कभी मुझे यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं उनकी बेटी नहीं हूँ।"
"इनफैक्ट, वे तो मेरे सगे मामा-मामी भी नहीं हैं, फिर भी उन्होंने हमेशा मुझे अपनी बेटी से ज़्यादा प्यार किया है।"
ये सब वह उदास होते हुए बोल रही थी।
जारी है...
रूहानी की बात सुनकर श्रेया बोली, "पता नहीं यार, मेरी तो अभी बात नहीं हुई है। लेकिन उन्होंने बोला था कि वे इंगेजमेंट में ज़रूर आयेंगे। शायद शाम तक आ जाएँ, दोनों।"
श्रेया रूहानी को देखते हुए बोली, "हाँ, हो सकता है शाम तक आ जाएँ। तब तेरी शिकायत करूँगी दोनों से।"
यह सुनकर रूहानी बेड पर बैठते हुए बोली, "जाकर दे मुझे पता है। मेरे मामा-मामी तो तेरी एक नहीं सुनने वाले। तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो और मैं भी। तुझे पता है ना, मैंने अपने डैड को तो कभी देखा ही नहीं और माँ... उनका चेहरा जब मैं दो महीने की थी, तभी उन्होंने मुझे छोड़कर इस दुनिया से चली गईं। उसके बाद से मेरे मामा-मामी ने ही मुझे संभाला है। आज तक उन्होंने कभी मुझे यह महसूस नहीं होने दिया कि मैं उनकी बेटी नहीं हूँ।"
"इनफैक्ट, वे तो मेरे सगे मामा-मामी भी नहीं हैं। फिर भी उन्होंने हमेशा मुझे अपनी बेटी से ज़्यादा प्यार किया है।"
रूहानी यह सब बोलते हुए थोड़ी उदास हो गई क्योंकि वह इस वक्त अपने माता-पिता के बारे में सोच रही थी। इसके बारे में शायद उसे कुछ भी अच्छे से पता नहीं था।
श्रेया उसकी बात सुनकर उसके गालों को खींचते हुए बोली, "ज़्यादा इमोशनल होने की ज़रूरत नहीं है, समझी तू?"
रूहानी उसकी बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराई। उसको देखते हुए बोली, "चल, शाम तक मिलते हैं। वैसे भी मेरा यह तब डिसाइड नहीं हुआ है कि मैं कौन सा ड्रेस पहनूँगी। पहले मुझे वह डिसाइड करना है।"
रूहानी उसको देखते हुए बोली, "मैं तो डिसाइड कर लिया है कि मैं क्या पहनने वाली हूँ, पर मैं तुम्हें बताने वाली नहीं, समझी?"
श्रेया उसकी बात सुनकर मुँह बनाकर उसको घूरने लगी, जिस पर रूहानी जोर से खिलखिलाकर हँस दी।
श्रेया उसको ऐसे ही घूरते हुए देखकर वहाँ से चली गई।
शाम का वक़्त था।
रूहानी इस वक़्त सो रही थी। तभी उसके कमरे में एक परछाई आई जो चलते हुए उसके बेड पर जाकर उसके बगल में आ गई। उस शख्स ने रूहानी के कमर पर अपना हाथ रख दिया। रूहानी नींद में ही कसमसाने लगी। ऐसा होते ही वह शख्स उसे और टाइटली पकड़ लेता है, जिससे रूहानी की नींद खुल गई।
रुहानी जब अपने बगल में देखती है तो उसे एक इंसान दिखाई देता है। वह खुशी से उसे गले लगाकर बोली, "मयंक! तुम?" मयंक उसके पीठ पर अपने दोनों हाथ रखते हुए बोला, "Yes, my love।"
रूहानी उससे दूर होकर थोड़ा सा गुस्सा जताते हुए बोली, "क्या 'माय लव'? बस में तुम्हारी नाम की 'लव' हूँ मैं? एक बार भी आने से पहले बताया नहीं कि मैं आ रहा हूँ।"
मयंक ऐसे ही उसको हग किए हुए बोला, "अगर बता देता तो तुम्हारे चेहरे पर यह खुशी कैसे देख पाता?"
रूहानी बेड से उठी और उसकी तरफ देखते हुए बोली, "हाँ, मैं बहुत खुश हूँ, बहुत-बहुत ज़्यादा। लेकिन पहले मेरा चॉकलेट!" वह अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए बोली।
मयंक उसकी बात सुनकर अपने सर को दो उंगलियों से रगड़ते हुए बोला, "सॉरी लव, तुम्हारे पास जल्दी आने के एक्साइटमेंट में चॉकलेट लाना भूल ही गया।"
रूहानी मयंक की बात सुनकर उसके सीने पर मारते हुए बोली, "क्या मतलब है? तुम चॉकलेट लाना भूल गए? मुझे तुमसे बात नहीं करनी है। तुम्हें पता है मुझे चॉकलेट कितना पसंद है और तुम हर बार मेरे लिए लाते हो, तो इस बार कैसे भूल सकते थे?"
इतना बोलकर वह बेड से उठकर खड़ी हो गई। मयंक उसके बिल्कुल करीब आकर उसके कान पकड़ते हुए बोला, "सॉरी लव, हो गई ना गलती? माफ़ कर दो अब। मैं थोड़ी देर में जाता हूँ और तुम्हारे लिए ढेर सारी चॉकलेट लेकर आता हूँ।"
रूहानी उसकी बात सुनकर मुँह फुलाते हुए बोली, "कोई ज़रूरत नहीं है। तो मुझे पैसे दे दो, मैं खुद खरीद लूँगी। अब मुझे नहीं चाहिए तुमसे कोई चॉकलेट-वॉकलेट।"
मयंक जब यह सुनता है तो उसे पीछे से हग करते हुए उसके कंधे पर अपना चिन रखकर बोला, "लव, इतना गुस्सा? तुम्हें पता है ना मैं तुम्हारा गुस्सा नहीं देख सकता। और वैसे भी, शाम को मुझे जो कपड़े पहनने हैं, वह भी तो तुम्हें सेलेक्ट करने हैं ना? और तब तुम गुस्से में रहोगी तो कैसे सेलेक्ट करोगी?"
रूहानी उससे दूर होने की कोशिश कर रही थी पर मयंक उसे नहीं छोड़ता है। जिस वजह से रूहानी वैसे ही खड़ी होकर बोली, "मैं कर दूँगी तुम्हारे कपड़ों का सिलेक्शन। और वैसे भी, अगर मैं कपड़े नहीं सिलेक्ट किए तो तुम कुछ भी बंदर जैसा पहनकर आ जाओगे।"
तभी रेहान उधर से गुज़र रहा था और अचानक ही रूहानी के कमरे से उसे कुछ आवाज़ सुनाई दी, जिस वजह से वह रुक गया। कमरे का दरवाज़ा खुला हुआ था। तो रेहान जब अंदर झाँकता है तो उसकी आँखें बड़ी हो गईं। यह सब देखते हुए वह बिल्कुल फ्रिज होकर उन दोनों को देखने लगा।
मयंक रूहानी की बात सुनकर बोला, "लव, तुम सच में बहुत अच्छी हो। ऐसे ही मैं तुम्हें 'लव' कहकर बुलाता हूँ। चलो फिर, तुम मेरे रूम में चलो जल्दी से।"
रूहानी बोली, "ठीक है, मैं रूम में चलूँगी, पर इससे पहले मुझे पैसे चाहिए। बिना पैसे के मैं रूम में नहीं जा सकती तुम्हारे साथ।"
रूहानी की बात सुनकर मयंक बोला, "ओ हो, लव! तुम भी ना, सच में बहुत जिद्दी हो। ठीक है, चलो रूम में। मैं पहले तुम्हें पैसे दूँगा, उसके बाद ही कुछ होगा।"
रूहानी मयंक की बात सुनकर बोली, "ठीक है, पर मुझे उल्लू मत बनाना। पहले ही बता रही हूँ, मैं नहीं बनूँगी उल्लू।"
मयंक हँसते हुए उससे थोड़ा सा दूर हुआ और बोला, "तुम ना बहुत जिद्दी हो, हमेशा मुझे अपनी बात मनवा लेती हो।"
वहीं यह सब सुनकर रेहान को न जाने क्या गुस्सा आ रहा था। वह अपने मन में बोला, "पहली बार ऐसा लगा कि कोई तो अलग है, पर नहीं, मैं गलत था।"
इतना बोलकर वह बिना कुछ बोले वहाँ से चला गया।
वहीं रूहानी मयंक का हाथ पकड़ते हुए उसके कमरे में जाते हुए उससे बोली, "तुम अकेले आए हो या मामा-मामी भी आए हैं?"
"नहीं लव, मॉम एंड डैड अभी नहीं आए हैं। वे लोग इंगेजमेंट फंक्शन स्टार्ट हो जाएगा तब आयेंगे। डैड को एक्चुअली बहुत काम था, जिस वजह से वे रुक गए। हमने सोचा था वे दोनों साथ में ही आ जाएँगे।"
रूहानी उसकी बात सुनकर थोड़ी उदास हो गई और बोली, "मुझे लगा वे लोग भी आए हैं।"
मयंक उसके साथ अपने रूम में चला गया और बोला, "क्या लव, मेरे रहते हुए भी तुम ऐसे उदास हो किसी और के लिए? यह तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। लगता है मेरे प्यार में कोई कमी है, जिस वजह से तुम किसी और के लिए इतना उदास हो रही हो।"
रूहानी उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली, "तुम तो सबसे ज़्यादा प्यार करने वाले हो। तुम्हारे प्यार में कभी कोई कमी हो ही नहीं सकती।"
हालाँकि रूहानी मयंक को सिर्फ़ एक अच्छा दोस्त मानती थी, उसके अलावा कुछ नहीं। हाँ, उसके साथ बहुत ज़्यादा फ़्रेंडली थी क्योंकि मयंक और रूहानी एक साथ पहले बड़े हुए थे। जिस वजह से मयंक का फ़्लर्ट करना या उसका उसे हग करना बिल्कुल भी इफ़ेक्ट नहीं कर रहा था।
जारी है...
रूहानी उसकी बात सुनकर थोड़ी उदास हो गई और बोली, "मुझे लगा वह लोग भी आए हैं।"
मयंक उसके साथ अपने कमरे में चला गया और बोला, "क्या लव, मेरे रहते हुए भी तुम ऐसे उदास हो किसी और के लिए? यह तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है। लगता है मेरे प्यार में कोई कमी है, जिस वजह से तुम किसी और के लिए इतनी उदास हो रही हो।"
रूहानी उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली, "तुम तो सबसे ज़्यादा प्यार करने वाले हो। तुम्हारे प्यार में कभी कोई कमी हो ही नहीं सकती।"
हालाँकि रूहानी मयंक को सिर्फ़ एक अच्छा दोस्त मानती थी, उसके अलावा कुछ नहीं। हाँ, उसके साथ बहुत ज़्यादा फ्रेंडली थी क्योंकि मयंक और रूहानी एक साथ पहले बड़े थे, जिस वजह से मयंक का फ़्लर्ट करना या उसे हग करना बिल्कुल भी इफ़ेक्ट नहीं कर रहा था।
उसने अपना सूटकेस खोला और अपने कपड़े दिखाने लगे, जिसमें ढेर सारे कपड़े रखे हुए थे। रूहानी उन सब कपड़ों को देखते हुए एक शर्ट और ब्लू जीन्स निकालकर मयंक के पास रखते हुए बोली, "यह परफ़ेक्ट है। इसमें तुम बहुत हैंडसम लगने वाले हो।"
मयंक रूहानी की बात सुनकर उसे घूरते हुए बोला, "क्या मतलब कि मैं हैंडसम लगने वाला हूँ?"
रूहानी उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली, "मतलब कि हाँ! इसे पहनकर थोड़े से तैयार हो जाओगे तो ठीक-ठाक ही लगोगे।"
इतना बोलकर वह थोड़ा सा उससे पीछे हट गई। मयंक उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए देखने लगा और बोला, "रुको, मैं तुम्हें अभी बताता हूँ।"
रूहानी उसकी बात सुनकर पीछे हटने लगी और बोली, "नहीं, मैं मज़ाक कर रही थी। प्लीज़, वो नहीं।"
मयंक उसे ऐसे हटते हुए देखकर उसके पास जाते हुए बोला, "अब तो मैं तुम्हारे साथ बात कर ही रहा हूँ।"
इतना बोलकर वह उसके पीछे दौड़ा।
पर रूहानी भी कम नहीं थी। उसने मयंक के इरादे समझकर भी दौड़ते हुए चली गई। मयंक भी कहाँ कम था, वह भी उसके पीछे भागा। पर रूहानी उससे तेज़ भाग रही थी। मयंक बार-बार उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा था, पर पकड़ नहीं पा रहा था। जिस वजह से रूहानी हँसते हुए उसकी चिढ़ाते हुए बोली, "बड़े आए खुद को हैंडसम समझने वाले! तुम तो किसी भी एंगल से हैंडसम कहलाने लायक ही नहीं हो।"
मयंक जब उसकी बात सुनता है तो उसका मुँह बन गया। वह बोला, "रुको, मैं तुम्हें बताता हूँ। अब तो मैं तुम्हें बिल्कुल नहीं छोड़ूँगा।"
रूहानी उसकी तरफ़ देखते हुए दौड़ते हुए बोली, "पहले मुझे पकड़ो तो सही, फिर बताना मुझे।" वह यह सब बोलते हुए उसकी तरफ़ ही देख रही थी।
तभी मयंक उसे देखते हुए बोला, "लव, रुक जाओ! पीछे तो एक बार देख लो।"
रूहानी उसकी बात सुनकर बोली, "बिल्कुल नहीं! मैं नहीं रुकूँगी, वरना तुम मुझे पकड़ लोगे। मैं इतनी बुद्धू नहीं हूँ, समझे तुम?" वह यह सब बोलकर भाग रही थी। तभी वह अचानक किसी से टकराई। अचानक टकराने की वजह से रूहानी लड़खड़ाकर गिरने को हुई, पर किसी के मज़बूत बाहों ने उसकी कमर पर हाथ रखकर उसे पकड़ लिया और उसे गिरने से बचा लिया।
ऐसे अचानक होने से रूहानी डर गई और अपनी आँखें बंद कर ली। पर उसने खुद को बचाने के लिए उस इंसान की शर्ट को उसके कॉलर के पास से पकड़ लिया ताकि वह बच जाए।
पर जब उसे महसूस हुआ कि किसी ने उसे अपनी बाहों में पकड़ रखा है, तो उसने अपनी आँखें खोलकर देखी तो सामने RB था।
जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, दोनों की आँखें एक-दूसरे की आँखों से टकरा गईं।
रूहानी उसे देखते हुए अपने मन में बोली, "हे भगवान! यह इंसान है या चट्टान? इतनी जोर से मुझे चोट लगी इससे टकराने से।"
वह अपनी सोच में ही घूम रही थी, तभी RB उसे सही से खड़ा करते हुए बिल्कुल करीब करके बोला, "मैं चट्टान जैसा नहीं, इंसान जैसा ही हूँ। हाँ, तुम कुछ ज़्यादा ही सॉफ्ट हो, बच्चा।"
यह सुनकर रूहानी उसे घूरकर देखने लगी। तभी उसके पास मयंक चलकर आया और रूहानी को देखते हुए उसका हाथ पकड़कर बोला, "तुम ठीक हो ना, लव? तुम्हें कहीं लगी तो नहीं ना?"
RB मयंक की बात सुनकर उसकी तरफ़ देखते हुए स्मोकी वॉइस में बोला, "काफ़ी प्यार है तुम्हें अपनी लव से! ज़रा ध्यान रखना। अगली बार तो मैं बचा लिया, लेकिन कहीं ऐसा ना हो कि अगली बार तुम्हारी लव गिरे और टूट जाए और मैं बचाने के लिए भी ना रहूँ।"
यह सुनते ही मयंक और रूहानी दोनों उसे हैरानी भरी नज़रों से देखने लगे। मयंक उसे देखते हुए बोला, "मतलब?"
RB उन्हें देखते हुए तिरछा मुस्कुराकर बोला, "मेरी बातों का मतलब हर किसी को समझ नहीं आता। अगर समझ आ जाए तो हर कोई RB ना बन जाए।"
मयंक जब उसके मुँह से "RB" शब्द सुनता है, तो मुस्कुराते हुए उसके सामने अपना हाथ बढ़ाते हुए बोला, "आप मिस्टर RB, बहुत तारीफ़ सुनी थी मैंने आपकी। आज मुलाक़ात भी हो गई। वैसे मेरा नाम मयंक चतुर्वेदी है।"
RB उनकी बात सुनकर वैसे ही खड़ा रहा। फिर उसे देखते हुए बोला, "वैसे तुम्हारा नाम से ज़्यादा टाइटल इंटरेस्टिंग है, पर लगते नहीं हो।"
मयंक RB की बात सुनकर उसे सवालिया नज़रों से देखते हुए बोला, "कहना क्या चाहते हैं मिस्टर RB आप? मैं आपकी बातों का मतलब नहीं समझ पा रहा हूँ! आपकी बातें काफ़ी गोल-गोल हैं।"
RB मयंक की बात सुनकर तिरछी नज़रों से रूहानी की तरफ़ देखते हुए बोला, "वो क्या है ना, बहुत सारे लोग होते कुछ और हैं और हमें दिखते कुछ और हैं, या यूँ कहें, हमें दिखाने की कोशिश कुछ और करते हैं, पर मैं थोड़ा यूनिक हूँ। मैं दिखाने की कोशिश कुछ और करता हूँ, पर लोग देखने की कोशिश कुछ और करते हैं।"
"और मेरी बातों का मतलब लोग समझ जाएँ तो लोग RB ना बन जाएँ। वैसे मेरे कहने का मतलब चतुर्वेदी से था," उसने 'चतुर' पर ज़ोर देते हुए बोला।
मयंक अभी भी उसे इस तरह देख रहा था, तभी RB फिर से बोला, "ज़्यादा समझने की ज़रूरत नहीं है। मैं हर किसी के समझ नहीं आता। वैसे भी मैंने बहुत टाइम वेस्ट कर लिया इतना, और मैं हर किसी पर टाइम वेस्ट नहीं करता फिरता।" इतना बोलकर वह एटीट्यूड में चला गया।
रूहानी को RB का एटीट्यूड बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वह उसे जाते हुए देखकर बोली, "क्या ज़रूरत है तुम्हें इस अहंकारी से इस तरह से बात करने की? न जाने किस बात का घमंड है इसे! पता नहीं समझते क्या हैं खुद को?"
मयंक रूहानी को देखते हुए बोला, "अरे लव, छोड़ो ना! तुम क्यों अपना मूड खराब कर रही हो? मैं उससे इसलिए मिला क्योंकि यह RB ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्री का मालिक है। तुम्हें पता है, काफ़ी चर्चा है इस पूरे मुंबई शहर में। नंबर वन पर है। टॉप के बिज़नेसमैन है, और यह सब इसने खुद के बलबूते पर किया है।"
रूहानी मयंक की बात सुनकर मुँह बनाते हुए बोली, "होंगे वह टॉप के बिज़नेसमैन, पर मेरे लिए नहीं। मैं कुछ नहीं समझती इस इंसान को। मेरे लिए तो एक नंबर के..." पर वह बोलते-बोलते ही चुप हो गई।
मयंक को लगा कि रूहानी उसके वजह से इतने गुस्से में है, पर उसे क्या पता कि वह किस बात पर RB से गुस्सा है, उसे क्यों RB से इतनी चिढ़ है।
वह मुस्कुराते हुए रूहानी के गाल खींचते हुए बोला, "बस करो लव, थूक दो गुस्सा। मैं ठीक हूँ। और जाओ जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं भी तैयार हो जाता हूँ, क्योंकि अब तो टाइम हो रहा है सेरेमनी का।"
मयंक की बात सुनकर रूहानी हल्का सा सिर हिलाकर अपने कमरे की तरफ़ बढ़ गई।
मयंक रूहानी को देखते हुए बोला, “अरे लव, छोड़ो ना। तुम क्यों अपना मूड खराब कर रही हो? मैं तुझे इसलिए मिला क्योंकि यह आरबी ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्री का मालिक है। तुम्हें पता है, काफी चर्चा है इस पूरे मुंबई शहर में। नंबर वन पर है। टॉप के बिज़नेसमैन है, और यह सब इसने खुद के बलबूते पर किया है।”
रूहानी ने मुँह बनाते हुए कहा, “होंगे वह टॉप के बिज़नेसमैन, पर मेरे लिए नहीं। मैं कुछ नहीं समझती इस इंसान को। मेरे लिए तो एक नंबर के…” पर वह बोलते-बोलते चुप हो गई।
मयंक को लगा कि रूहानी उसके वजह से इतने गुस्से में है, पर उसे क्या पता कि वह किस बात पर रेहान से गुस्सा है, उसे क्यों रेहान से इतनी चिढ़ है।
वह मुस्कुराते हुए रूहानी के गाल खींचते हुए बोला, “बस करो लव, थूक दो गुस्सा। मैं ठीक हूँ। और जाओ जल्दी से तैयार हो जाओ। मैं भी तैयार हो जाता हूँ, क्योंकि अब तो टाइम हो रहा है सेरेमनी का।”
यह बात सुनकर रूहानी हल्का सा सिर हिलाकर अपने कमरे की तरफ बढ़ गई।
शाम सात बजे,
नीचे हॉल में सारे लोग तैयार होकर आ चुके थे और धीरे-धीरे सारे गेस्ट आ रहे थे। रूहानी अभी तक नीचे नहीं आई थी, ना ही रेहान नीचे आया था।
सबको नीचे देखकर श्रेया की मॉम श्रेया को देखते हुए बोली, “रूहानी कहाँ है? अभी तक नहीं आई है। रेहान भी नहीं दिख रहे हैं। गेस्ट भी आने स्टार्ट हो गए हैं।”
श्रेया अपनी मॉम की बात सुनकर बोली, “रेहान भाई का पता नहीं। रूहानी अभी तैयार हो रही थी। बोली थोड़ी देर में नीचे आ रही है वह।”
तभी अरमान, रॉयल ब्लू पेंट और व्हाइट और रॉयल ब्लू ब्लेज़र पहनकर उनके पास आया और उन दोनों को देखते हुए बोला, “क्या हुआ? क्या बातें हो रही हैं?”
श्रेया उसकी बात सुनकर बोली, “कुछ नहीं भाई, बस रूहानी के बारे में माँ पूछ रही थी। वह अभी नहीं आई, इसलिए।”
अरमान श्रेया की बात सुनकर बोला, “जाओ, उसे लेकर आओ। अब सोचो, मैं अभी आता हूँ। उनकी फैमिली भी सब आ रहे होंगे।”
वैसे ही सौम्या की फैमिली आ गई, जिस वजह से श्रेया रुक गई। सौम्या को देखकर वह भागते हुए उसे गले लगाने गई। सौम्या ने मैरून कलर का गाउन पहना था जो काफी खूबसूरत था। उसने अपने बालों को कर्ल कर रखे थे।
श्रेया और सौम्या एक-दूसरे को गले लगाकर मुस्कुराने लगीं। सौम्या इधर-उधर देखते हुए बोली, “रूहानी कहाँ रह गई? अब यह मत कहना कि वह नहीं आई है, नहीं तो मैं उसे जान से मार दूँगी।”
श्रेया उसकी बात सुनकर हँसते हुए बोली, “आई है वह, अभी तैयार हो रही है।”
उसकी बात सुनकर सौम्या मुँह बनाते हुए बोली, “इंगेजमेंट मेरी है, और वह अभी तक तैयार हो रही है! मैं पहले तैयार होकर आ चुकी हूँ।”
श्रेया उसे अंदर लाते हुए बोली, “आने दो, जब नीचे आएगी ना, दोनों मिलकर पीटेंगे। ठीक है? अब चलो, देखो किसी की नज़र तुमसे ही नहीं हटी रही है।”
उसकी बात सुनकर सौम्या की नज़र अरमान पर गई जो कि सौम्या को बड़े प्यार से देख रहा था। अरमान की मॉम सौम्या के पास आकर उसे बहुत ही प्यार से गले लगाती हैं और माथे को चूमते हुए बोली, “बहुत प्यारी लग रही हो।”
थोड़ी देर में मयंक व्हाइट शर्ट, ब्लू जींस पहनकर नीचे आया। कुछ टाइम बाद रेहान व्हाइट शर्ट, ब्लैक जींस पहनकर नीचे आया, जिसके शर्ट के चार बटन ऊपर से खुले हुए थे। बाल थोड़े से मैसी, डार्क फेस और डार्क ब्राउन आँखें देखने में बहुत ही कातिल लग रहा था।
प्रिया, जो कि व्हाइट लॉन्ग गाउन में थी, रेहान को देखते हुए उसकी आँखें उस पर ठहर गईं। पार्टी में और भी लड़कियाँ आई हुई थीं जिनकी नज़र रेहान पर पड़ी, वह उसे देखकर आहें भरने लगीं।
वहीँ रेहान किसी की तरफ़ नहीं देख रहा था, पर उसे अच्छे से पता था कि सबकी नज़र उस पर है।
मयंक के पेरेंट्स भी अब आ चुके थे, मानवी और विकास जी। मयंक उन दोनों को देखकर उनके पास गया। मानवी और विकास मयंक को देखकर गले लगाती हैं और श्रेया के बारे में पूछने लगे।
मयंक उनकी बातें सुनकर बोला, “पता नहीं मॉम, हो सकता है वह तैयार हो रही हो। वह आप दोनों के बारे में पूछ रही थी, तो मैंने बता दिया था कि आप लोग इंगेजमेंट में आ जाएँगे।”
उसके बाद दोनों रेहान की मॉम के पास पहुँचे, मुस्कुराते हुए एक-दूसरे से मिले।
वहीँ रेहान इन सबसे अलग, जहाँ एक तरफ़ बार काउंटर बना हुआ था, वहीं पर खड़ा था और वाइन और सिगरेट का कश ले रहा था।
दूसरी तरफ़, इंगेजमेंट का टाइम हो चुका था, इसलिए श्रेया रूहानी को बुलाने के लिए जाने लगी, लेकिन तभी उसे सीढ़ियों से उतरते हुए रूहानी दिखी जो कि व्हाइट सूट-फ्रॉक पहनी हुई थी। बालों को खुला छोड़ दिया था। लाइट मेकअप में भी बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी।
सबकी नज़र रूहानी पर पड़ी। लड़कों की नज़र तो उस पर जैसे टिक गई।
रूहानी धीरे-धीरे नीचे उतर कर आई और सौम्या के पास आकर उसके गले लगते हुए बोली, “कंग्रॅचुलेशन यार! फ़ाइनली तेरी और अरमान की शादी हो रही है!”
सौम्या से अलग होते हुए बोली, “शादी नहीं, इंगेजमेंट हो रही है।”
रूहानी उसकी तरफ़ देखते हुए बोली, “हाँ तो इंगेजमेंट होगी, उसके बाद ही तो शादी होगी ना? बातें एक ही हैं।”
सौम्या उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए बोली, “हाँ, जैसे कि इंगेजमेंट मेरी हो या तेरी, तो तुझे तैयार होकर आना है।”
उसकी बात सुनकर रूहानी क्यूट एक्सप्रेशन बनाने लगी।
इससे पहले कि वह कुछ बोल पाती, पीछे से आवाज़ आई, “रूहानी बेटा, लगता है यहाँ पर आकर हमें भूल गई हो।”
यह आवाज़ सुनकर रूहानी पीछे देखी और उसकी आँखों और चेहरे में खुशी साफ़ दिखाई दे रही थी। वह जल्दी से उनके पास जाती हुई गले लगकर बोली, “मामा मामी! आप दोनों कब आए और बताया क्यों नहीं?”
उसकी बात सुनकर रूहानी के मामा बोले, “हम तो बहुत पहले आ गए थे, पर तुम्हारा इतना ध्यान कहीं और था। अपने दोस्तों में बिज़ी थीं।”
उनकी बात सुनकर रूहानी ना कहते हुए सिर हिलाते हुए बोली, “भले ही मेरी लाइफ में कोई भी आ जाए, पर आप दोनों से बढ़कर कभी कोई नहीं हो सकता मामा मामी। आप दोनों मेरे लिए… मेरी दुनिया हैं।”
उसकी बात सुनकर रूहानी की मामी रूहानी के गाल पर हाथ रखकर बोली, “तू भी हमारे लिए सब कुछ है।”
तभी श्रेया की मॉम सबके पास आकर बोली, “अब इंगेजमेंट भी कर लेते हैं।”
यह बात सुनकर सब मुस्कुरा दिए और फिर अरमान और सौम्या स्टेज पर गए। श्रेया ने सौम्या को रिंग पहनाई और सौम्या ने अरमान को।
वहाँ पर बहुत सारे मीडिया वाले और लोग भी थे जिन्होंने उनकी फ़ोटोज़ क्लिक कीं और तालियों से सेलिब्रेट किया।
रेहान अभी भी बार काउंटर पर ही था। उसे ऐसे अकेला देखकर प्रिया बहुत ही मज़ाक के साथ उसके पास जाकर उसके सीने पर उंगली करते हुए बोली, “आप यहाँ अकेले? वहाँ इंगेजमेंट में अपने भाई के पास नहीं गए?”
प्रिया की बात सुनकर रेहान उसकी तरफ़ देखकर तिरछा मुस्कुराते हुए बोला, “वह क्या है ना, मैं लोगों के पास नहीं, लोग मेरे पास चलकर आते हैं, जैसे तुम इस वक़्त मेरे पास चलकर आई हो। और भीड़ का हिस्सा सिर्फ़ गिद्ध बनते हैं, और मैं शेर हूँ जो सिर्फ़ शिकार करना जानता है।”
बोलते हुए उसकी नज़र प्रिया के गर्दन से होते हुए उसके क्लीवेज तक जा पहुँची जो कि साफ़-साफ़ दिख रही थी। रेहान की नज़रों की ताकत इतनी ज़्यादा थी कि वह प्रिया को अपनी नज़रों से ही सेड्यूस कर रहा था।
फिर कुछ देर के बाद अरमान के फ़्रेंड और कुछ रेहान के फ़्रेंड भी आ गए थे, जिन्हें देखकर प्रिया चाहती हुई भी उनसे दूर हट गई।
वहाँ पर रेहान का सबसे अच्छा दोस्त, और उसके हर काम में साथ देने वाला मनन भी आ गया।
वह रेहान को देखते हुए बोला, “तुम कभी नहीं सुधर सकते ना? सुधरोगे भी कैसे? एक तो यह लड़कियाँ भी तुमको सुधारने नहीं देतीं।”
रेहान ने अपनी बात सुनकर वाइन का गिलास उठाते हुए अपने होठों पर लगाकर बोला, “कुछ लोग सुधरने के लिए पैदा भी नहीं होते, और यह लड़कियाँ क्या बिगाड़ेंगी मुझे? इनमें इतना हुनर कहाँ जो मुझे बिगाड़ सकें?”
कुछ देर बाद अरमान, उसके दोस्त और कुछ रेहान के दोस्त भी आ गए। प्रियां उन्हें देखकर, चाहकर भी, उनसे दूर हट गई।
वहाँ रेहान का सबसे अच्छा दोस्त, और उसके हर काम में साथ देने वाला मनन भी आ गया।
वह रेहान को देखते हुए बोला, "तुम कभी नहीं सुधर सकते ना? सुधरोगे भी कैसे? एक तो ये लड़कियाँ भी तुमको सुधारने नहीं देतीं।"
रेहान ने अपना वाइन का गिलास उठाया, अपने होठों पर लगाया और बोला, "कुछ लोग सुधरने के लिए पैदा भी नहीं होते, और ये लड़कियाँ क्या बिगाड़ेंगी मुझे? इनमें इतना हुनर कहाँ है जो मुझे बिगाड़ सकें?"
वह वाइन पी रहा था। तभी मनन ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, "वैसे देखने में बहुत खूबसूरत और अच्छी है।"
रेहान मनन की बात सुनकर उसकी तरफ देखने लगा। मनन उसे ऐसे देखते हुए पाकर बोला, "वही जिसे ना देखकर भी तुम देख रहे हो। वैसे आज मैंने पहली बार रेहान ओबेराय को किसी को इस तरह से देखते हुए देखा।"
मनन की बात सुनकर रेहान की नज़र अपने आप रूहानी पर जा टिकी।
रूहानी श्रेया, सौम्या और बाकियों से बात कर रही थी, हँस रही थी। इन सब चीजों से अनजान, उसके विचार कहीं और थे। उसके बाल बार-बार उसके चेहरे पर आ जा रहे थे, जिससे वह इरिटेट होकर बार-बार उन्हें पीछे कर रही थी, पर वे बार-बार उसके चेहरे पर आ रहे थे।
उसी बार काउंटर पर, रेहान को रूहानी की तरफ देखते हुए मनन बोला, "लगता है इसको इश्क़ की हवा लग रही है।"
रेहान ने उसकी ओर घूरते हुए कहा, "ऐसा कुछ नहीं है। रेहान ओबेराय को कभी इश्क़ नहीं हो सकता। मैं कभी किसी से इश्क़ नहीं कर सकता।"
मनन बोला, "इश्क़ किया नहीं जाता, खुद-ब-खुद हो जाता है। इश्क़ पर किसी का ज़ोर नहीं होता। और वैसे भी, तू उसे चोरी-चोरी देख रहा है। बार-बार तेरी नज़र उस पर जा रही है, जबकि वह तो तुझे देखा भी नहीं रही है।"
रेहान ने एटीट्यूड में कहा, "ऐसा कुछ नहीं है, यह तुम्हारी गलतफ़हमी है। और रही बात उसकी, तो मैंने उसे कभी अपने करीब आने नहीं दिया। वरना वह तो ऐसे आती, जैसे आज तक हर लड़की मेरे बिस्तर पर जाती है। वैसे भी, सारी लड़कियाँ एक जैसी होती हैं।"
अरमान बोला, "तुम गलत हो भाई, हर लड़की एक जैसी नहीं होती। उसे मैं अच्छे से जानता हूँ, वो वैसी नहीं है। तुम्हारा पाला हमेशा गलत लड़कियों से ही पड़ा है, इसीलिए तुम्हें हर एक लड़की एक जैसी लगती है।"
रेहान बोला, "हर लड़की एक जैसी होती है। मेरा पाला गलत लड़कियों से नहीं पड़ता। लड़कियाँ ही गलत होती हैं। उसे मैं चाहूँ ना, तो अपना दीवाना बना दूँ। हाँ, कुछ होती हैं, जो अपने आप को इनोसेंट दिखाती हैं, पर इनोसेंट नहीं होतीं।"
उसके एक दोस्त ने कहा, "हम रूहानी को बहुत अच्छे से जानते हैं। वह कभी किसी को दीवाना नहीं बना सकती।"
रेहान ने अपना वाइन का गिलास नीचे रखा और अपनी उंगलियों को उस पर गोल-गोल घुमाते हुए बोला, "ठीक है, शर्त है। यह खुद आएगी मेरे पास, मेरे बेड पर, मेरे नीचे।"
सारे लोगों ने शर्त लगा ली। शर्त लगने के बाद रेहान वहाँ से दूसरी तरफ जाने लगा। तभी पीछे से किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा। वह पलटा तो अरमान था। अरमान ने रेहान को देखते हुए कहा, "भाई, वह बहुत अलग है, बहुत इनोसेंट है। उसके साथ कुछ ऐसा मत करना कि बाद में तुम खुद को रिग्रेट करो।"
रेहान ने अरमान का हाथ अपने कंधे से हटाते हुए रूहानी की तरफ देखकर कहा, "कुछ लड़कियाँ वैसी होती हैं, जैसी खुद को दिखाती हैं, पर कुछ लड़कियाँ होती हैं, कुछ और। दिखाई कुछ और है, और रेहान ओबेराय ने आज तक कभी खुद को रिग्रेट किया नहीं, ना कभी करेगा।"
इतना बोलकर वह वहाँ से चला गया। अरमान उसे जाते हुए बेबसी से देख रहा था।
वहीं दूसरी तरफ, तीनों दोस्त एक-दूसरे से बातें कर रही थीं। तभी अरमान उनके पास आया और सौम्या का हाथ पकड़ते हुए बोला, "डांस?"
सौम्या मुस्कुराई और उसके साथ चल दी। तभी मयंक रूहानी के करीब आया और बोला, "चलो love, हम भी डांस करते हैं।"
रूहानी बोली, "अरे नहीं! इतना पता है ना मुझे, मुझे डांस इतना अच्छा नहीं आता। तो प्लीज़, तुम किसी और से पूछ लो ना।"
मयंक बोला, "कौन सा तुम्हें कंपटीशन में डांस करना है? डांस अच्छा नहीं आता है तो तुम हार जाओगी। चलो ना मेरे साथ।"
रूहानी अब मयंक को मना नहीं कर सकती थी, इसलिए उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया। इससे पहले कि रूहानी का हाथ मयंक के हाथ में जाता, रेहान आकर रूहानी का हाथ अपने हाथ में पकड़ लिया। रूहानी की आँखें बड़ी हो गईं।
पर रेहान नॉर्मल एक्सप्रेशन के साथ मयंक को देखते हुए बोला, "इसने कहा ना कि इसे डांस अच्छे से नहीं आता है, तो इसे तुम्हारी नहीं, एक अच्छे टीचर की ज़रूरत है। तो मैं इसे अच्छे से डांस सिखाता हूँ। तुम तब तक किसी और को ज्वाइन कर लो।" और बिना रूहानी की बात सुने, उसे अपने साथ ले गया।
म्यूज़िक...
और बीच स्टेज पर जाकर, उसने एक हाथ अपने एक हाथ में पकड़कर, दूसरे हाथ को उसकी कमर में डालकर उसे अपने करीब खींच लिया, चिपका लिया।
रूहानी रेहान के इस हरकत से बिल्कुल सुन्न पड़ी हुई थी।
रूहानी ने रेहान को देखकर कहा, "ये क्या हरकत है आपकी?"
रेहान मुस्कुराते हुए बोला, "हरकत कौन सी हरकत, बच्चा? मैं तो तुम्हें डांस सिखा रहा हूँ।"
इतना बोलते हुए वह उसके साथ डांस करना शुरू कर दिया।
(गीत के बोल यहाँ पर सम्मिलित हैं)
फिर रेहान ने उसे धीरे से अपने से दूर करते हुए घुमाया और उसे अपनी पीठ से लगा लिया, जिससे उसका सिर रेहान के सीने से जा लगा। तभी अचानक रूहानी को महसूस हुआ कि रेहान की गर्म साँसें उसके गर्दन पर महसूस हो रही हैं। इससे रूहानी के शरीर पर एक अलग ही असर हो रहा था।
(गीत के बोल यहाँ पर सम्मिलित हैं)
फिर उसने अपने हाथों को उसके कंधे से उसके हाथों तक ले गया। उसका उंगलियाँ उसके हाथों पर चलाना बहुत ही सेडक्टिव था, जिससे रूहानी सिहर रही थी। उसने अपने दोनों हाथों को उसके दोनों हाथों पर रखकर कस के पकड़ लिया।
(गीत के बोल यहाँ पर सम्मिलित हैं)
उसने रूहानी के हाथों को पकड़ते हुए उसे उठा लिया, जिससे रूहानी ऊपर उठ गई।
मयंक यह सब देखकर अंदर ही अंदर जल रहा था।
(गीत के बोल यहाँ पर सम्मिलित हैं)
फिर उसने उसे घुमाते हुए नीचे किया और अपने से थोड़ा सा दूर करके उसे बिल्कुल अपने करीब खींच लिया। रूहानी रेहान के सीने से जा लगी, और रूहानी की नज़रें रेहान की नज़रों से मिल गईं। वह लगातार रेहान को देखने लगी।
(गीत के बोल यहाँ पर सम्मिलित हैं)
डांस खत्म हो चुका था, पर रूहानी अभी भी रेहान को देख रही थी। उधर सारे लोग तालियाँ बजा रहे थे, पर रूहानी को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। रेहान मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था। फिर वह उसके कानों के पास जाकर बोला, "वैसे तुम स्टूडेंट काफी अच्छी हो। बहुत मज़ा आएगा तुम्हें हर एक स्टेप सिखाने में।" उसके बोलने का तरीका इतना सेडक्टिव था कि रूहानी का चेहरा पूरा गर्म हो गया।
रूहानी ने रेहान की आँखों में देखते हुए कहा, "क्या मतलब है आपका?"
रेहान मुस्कुराते हुए बोला, "मेरा मतलब डांस स्टेप सिखाना। तुम्हें डांस नहीं आता ना? मैं वही बोला। वैसे तुम क्या समझी?"
यह सुनकर रूहानी की नज़रें नीचे हो गईं। वहीं रेहान के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई और वह रूहानी को छोड़कर दूसरी तरफ बढ़ गया।
दूसरी तरफ, एक परछाई, जिसके हाथ में एक गन थी, उस आदमी ने गन को एक पिलर के पीछे छिपाकर अरमान की तरफ निशाना लगाया हुआ था। वह अरमान की तरफ निशाना लगाकर गन चला देता है। कई बार गन चलाने के बाद उसे महसूस होता है कि गन में बुलेट ही नहीं है। पर उस इंसान को अच्छे से पता था कि गन में बुलेट थी। वह अपनी गन की बुलेट चेक करता है, तो उसमें बुलेट्स नहीं थीं।
दूसरी तरफ, एक परछाई, जिसके हाथों में एक गन थी, वह आदमी उसे पिलर के पीछे छिपकर अरमान की ओर निशाना लगा रहा था। उसने गन चलाई। कई बार गन चलाने के बाद उसे महसूस हुआ कि उस गन में बुलेट नहीं है। पर उस इंसान को अच्छे से पता था कि गन में बुलेट थीं। उसने अपनी गन की बुलेट चेक की तो उसमें बुलेट्स नहीं थीं।
वह आदमी अपने दो उंगलियों से अपने माथे को रगड़ते हुए बोला, "ऐसे कैसे? मैंने तो इसमें बुलेट्स डाली थीं। आखिर बुलेट्स गईं कहाँ?" यह सब बोलते हुए वह परेशान हो रहा था।
वहीं अरमान इन सबसे अनजान अपने कुछ बिजनेसमैन कलीग्स और अपने फ्रेंड्स के साथ बातें कर रहा था। एक आदमी अरमान की ओर देखते हुए बोला, "वैसे पार्टी बहुत अच्छी है, पर मुझे अलग से पार्टी चाहिए मिस्टर अरमान ओबेरॉय। आपकी इंगेजमेंट और ओबेरॉय इंडस्ट्रीज की सक्सेस के लिए। ओबेरॉय इंडस्ट्रीज से याद आया, मिस्टर रेहान ओबेरॉय कहाँ हैं? वैसे भी, यह ओबेरॉय इंडस्ट्रीज की जो सक्सेस है, वह उनकी वजह से तो है।"
अरमान इससे पहले कुछ बोल पाता, उसकी बातों का जवाब देता, तभी पीछे से आवाज आई, "मिस्टर अशोक सिन्हा, जहाँ और ओबेरॉय इंडस्ट्रीज, ओबेरॉयस की बात होती है, वहाँ रेहान ओबेरॉय सबसे पहले खड़ा रहता है। आपने याद किया, मैं हाजिर हूँ।"
मिस्टर अशोक सिन्हा रेहान की ओर देखकर हँसते हुए बोले, "बस एक आपकी यही बात तो मुझे बहुत पसंद आती है।"
रेहान उनकी बात सुनकर टेढ़ी मुस्कान के साथ बोला, "पर मुझे पसंद नहीं आई।"
रेहान की बात सुनकर सब लोग उसकी ओर देखने लगे। अशोक सिन्हा उसकी बात सुनकर बोले, "क्या पसंद नहीं आया मिस्टर ओबेरॉय? कोई गुस्ताखी हो गई मुझसे?"
रेहान मिस्टर सिन्हा की बात सुनकर बोला, "हाँ, गुस्ताखी तो हुई है, वह भी बहुत बड़ी वाली, और उसकी सजा भी मैं दूँगा। क्योंकि अगर गुन्हेगार को सज़ा न मिले तो दूसरे गुन्हेगार पैदा हो जाते हैं।"
रेहान की बात सुनकर मिस्टर सिन्हा थोड़े से घबरा गए और घबराते हुए बोले, "कौन? कौन सा गुनाह मिस्टर ओबेरॉय? और कैसी सजा?"
रेहान मिस्टर सिन्हा के पास बिलकुल करीब आकर उनके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला, "गुनाह बहुत बड़ा गुनाह किया है आपने। मेरे सामने इस तरह से खड़े हो, और ना ही अभी तक हम दोनों ने एक पैक भी लिया हो।"
मिस्टर सिन्हा रेहान की बात सुनकर उनकी ओर हैरानी से देखते हुए हँसने लगे और बोले, "एक क्या, दो पैक लेते हैं चलिए। यह बात तो सही है, बहुत बड़ा गुनाह कर दिया मैंने।"
रेहान उनकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए बोला, "हाँ, गुनाह तो किया है। इसीलिए अब इस गुनाह की सजा यह है कि अब आप मेरे साथ जाम से जाम लड़ाएँगे।" इतना बोलकर वह उन्हें अपने साथ ऊपर स्टडी रूम में ले गया।
दूसरी तरफ, रूहानी का दिमाग रेहान ने पूरा खराब कर दिया था। वह अपने मन में सोच रही थी, "ये मिस्टर स्ट्रेंजर समझते क्या हैं अपने आप को? ऐसे कैसे मुझसे बिना पूछे मेरे साथ इस तरह से डांस कर सकते थे? ऊपर से उनकी बातें जो मुझे कभी समझ में ही नहीं आती हैं। पर मुझे उनको अच्छे से समझना होगा कि दोबारा मेरे साथ ऐसी हरकत ना करें।"
वह यह सब सोचते हुए रेहान को खोजने लगी।
दूसरी तरफ, रेहान और मिस्टर सिन्हा रेहान के स्टडी रूम में गए। वहाँ एक छोटा सा बार बना हुआ था, जहाँ हर तरह के ड्रिंक्स रखे हुए थे। रेहान वहाँ गया और एक व्हिस्की की बोतल उठाकर लाया और सोफे पर बैठ गया। उसके हाथ में दो गिलास भी थे।
सोफे पर बैठते हुए उसने मिस्टर सिन्हा को बैठने का इशारा किया। मिस्टर सिन्हा भी मुस्कुराते हुए सोफे पर बैठ गए। फिर गिलास और बोतल को सामने रखे हुए कांच के टेबल पर रखा और बोतल से व्हिस्की दोनों गिलासों में डाल दी।
फिर अपने पैर पर पैर रखकर, एक गिलास खुद अपने हाथ में लिया। दूसरे गिलास के लिए मिस्टर सिन्हा को उठाने के लिए बोला। मिस्टर सिन्हा गिलास उठाने को हुए, तभी रेहान ने उन्हें रोकते हुए बोला, "वेट मिस्टर सिन्हा! मैंने आइस क्यूब तो डाला ही नहीं।" फिर परेशान होते हुए बोला, "आइस तो है ही नहीं!"
मिस्टर सिन्हा उसकी बात सुनकर हल्का सा मुस्कुराते हुए बोले, "कोई बात नहीं मिस्टर ओबेरॉय। इसकी ज़रूरत नहीं है।" इतना बोलकर गिलास उठाने लगे।
लेकिन रेहान उन्हें रोकते हुए बोला, "आइस क्यूब नहीं है तो क्या? मैं कुछ और डाल देता हूँ। आई होप कि आपको बहुत पसंद आने वाला है।"
इतना बोलकर वह अपने पॉकेट में हाथ डालकर कुछ निकाला और उसके गिलास में डालना शुरू किया। जिसे देखकर मिस्टर सिन्हा की आँखें बड़ी हो गईं। शॉकड़ एक्सप्रेशन के साथ बोले, "ये! ये क्या है मिस्टर ओबेरॉय? यह कैसा मज़ाक है?"
रेहान मिस्टर सिन्हा की बात सुनकर तिरछी मुस्कान करते हुए बोला, "मज़ाक और आपके साथ में कभी कर ही नहीं सकता। यह मज़ाक नहीं है, यह तो मैं ख़ास तौर पर आपके लिए रखा है। इसे टेस्ट करके बताओ कैसा है।"
उनकी बात सुनकर मिस्टर सिन्हा गुस्से में बोले, "यह क्या बकवास है? यह कोई टेस्ट करने वाली चीज़ है? बुलेट है यह, और आप मुझे कह रहे हैं कि इसे मैं टेस्ट करके बताऊँ?"
और यह सुनकर, अपने गले पर हाथ फेरते हुए मिस्टर सिन्हा को देख रहा था। फिर अचानक उनके गर्दन को पकड़कर टेबल पर लगाते हुए बोला, "मैं करूँ तो बकवास और तू करे तो? यह वही बुलेट से जिस पर मेरे भाई का नाम लिखा था, तूने..."
मिस्टर सिन्हा उनकी बात सुनकर छटपटाते हुए बोले, "यह क्या कह रहे हो? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है। आपको ज़रूर कोई गलतफ़हमी हुई होगी।"
यह सुनकर रेहान उनके गर्दन को छोड़कर बोला, "गलतफ़हमी? यह तो मैंने सोचा ही नहीं हो सकता है कि मुझे गलतफ़हमी हो गई हो।" फिर उनके कपड़ों को सही करते हुए बोला, "इसमें मेरी गलती नहीं है। गलती किसी और की है, जिसकी वजह से सारी गलतफ़हमी हुई। पर अगर गलतफ़हमी उसकी वजह से हुई थी, सज़ा भी उसी को मिलेगी।"
मिस्टर सिन्हा उनकी बात सुनकर बोले, "छोड़िए ना मिस्टर ओबेरॉय। जो होना था, हो गया। अब मैं चलता हूँ। वैसे भी बहुत लेट हो चुका है।"
रेहान उन्हें टोकते हुए बोला, "नहीं मिस्टर सिन्हा। छोड़ने वाली बात ही नहीं है। मैं सब कुछ छोड़ सकता हूँ, पर अपने दुश्मनों को कभी नहीं।"
मिस्टर सिन्हा थोड़ा सा घबराते हुए अपने पॉकेट से रुमाल निकालकर अपने सिर पर आए हुए पसीनो को पोछने लगे और पोछते हुए बोले, "छोड़िए ना मिस्टर ओबेरॉय। जाने दीजिए, जो हुआ सो हुआ।"
रेहान मिस्टर सिन्हा की बात सुनकर बोला, "ऐसे कैसे छोड़ दूँ? गलती तो हुई है ना? और हर गलती की सज़ा होती है, और मेरे यहाँ गलती की सज़ा मौत होती है।" इतना बोलकर वह अपनी पॉकेट से अपना फ़ोन निकाला और कुछ मैसेज किया। थोड़ी देर में उस स्टडी रूम में, मनन एक आदमी को अधमरे हुए हालात में ले आया।
जिसे देखकर मिस्टर सिन्हा के हाथ-पैर काँपने लगे। उस आदमी की हालत ऐसी थी कि वह पूरा खून से लथपथ था। उसकी साँसें बहरी हो चुकी थीं। वह कुछ बोलने लायक ही नहीं बचा था।
रेहान मिस्टर सिन्हा की ओर तिरछी नज़रों से देखते हुए बोला, "क्या हुआ मिस्टर सिन्हा? आप ऐसे क्यों काँप रहे हैं? इसमें गलती की इसलिए मैं इसको सज़ा दे रहा हूँ। तूने ऐसा क्या किया, कि तेरी हालत ऐसी क्यों हो गई?"
मिस्टर सिन्हा रेहान की बात सुनकर काँपते हुए उनके पैरों पर गिर गए और बोले, "मुझसे गलती हो गई मिस्टर ओबेरॉय। आपने मेरा प्रोजेक्ट और मेरी कंपनी दोनों ही टेकओवर कर लिया था, जिस वजह से मैंने गुस्से में यह सब किया।"
वह रेहान के पैरों को काँपते हुए हाथों से पकड़कर गिरगिरा रहा था। तभी रेहान अपने कमर से गन निकाली, निशाना लगाते हुए उसे गोली मार दी। गोली की आवाज़ सुनकर वह आदमी डर से काँपते हुए उनके पैर छोड़ दिए।
रेहान मुस्कुराते हुए उसके पास घुटनों के बल बैठकर बोला, "डोंट वरी। तुझे नहीं मारा है मैंने।" इतना बोलकर वह उसके चीने को अपने गन के नोक से ऊपर उठाते हुए खड़ा किया और उसके चेहरे को दूसरी ओर घुमाया, जहाँ दूसरा आदमी बेजान पड़ा था और फ़्लोर पर खून फैला हुआ था।
वह आदमी रेहान को देखते हुए काँपते हुए आवाज़ में बोला, "मिस्टर ओबेरॉय, मुझे माफ़ कर दीजिए। यह मेरी पहली गलती है। दोबारा ऐसा कभी नहीं होगा। आपको जो चाहिए, मैं आपको देने को तैयार हूँ। बस मुझे माफ़ कर दीजिए।"
रेहान उसकी बात सुनकर आराम से सोफे पर बैठकर सोचते हुए बोला, "माफ़ कर दूँ? ठीक है। माफ़। लेकिन एक शर्त पर।"
वह आदमी रेहान की बात सुनकर थोड़ा सा रिलैक्स होते हुए बोला, "बताइए ना मिस्टर ओबेरॉय, कौन सी शर्त है? मैं आपकी हर एक शर्त करने को तैयार हूँ।"
रेहान उसकी बात सुनकर बोला, "ठीक है, एक काम करो।" फिर अपने गन की ओर इशारा करते हुए बोला, "या तो तुम इस गोली को अपने अंदर लो, या फिर इस व्हिस्की में जो गोलियाँ हैं, उसे तुम अपने अंदर लो। तुम्हारी मर्ज़ी, तुम किस तरह से गोली खाना पसंद करते हो।"
रेहान की बात सुनकर वह आदमी काँपते हुए बोला, "यह कैसी बात कर रहे हैं? मैं इस व्हिस्की में पड़ी हुई गोलियों को कैसे पी सकता हूँ? अगर मैं इसे पिया तो शायद मैं मर सकता हूँ।"
रेहान उसकी बात सुनकर सर्द लहजे में बोला, "उस गोली से तो शायद तुम बच भी जाओ, पर इस गोली से अगर मैं मारा ना तो, It will be not only difficult but impossible for you to escape."
वह आदमी इतना सुनता है और काँपते हुए हाथों से वह व्हिस्की उठा लेता है, क्योंकि उसे बहुत अच्छे से पता था कि रेहान अगर ऐसा बोल रहा है तो वह करके दिखा देगा।
और अपने होठों से व्हिस्की लगाकर पीने लगा। पर जैसे ही एक घूँट उसके मुँह के अंदर गया, उसके गले में अटक गई। उसकी आँखें लाल हो चुकी थीं और आँखों से आँसू निकलने लगे। वहीं रेहान मुस्कुराते हुए यह सब देख रहा था। उस आदमी ने अपना गिलास वहीं पर छोड़ दिया। गिलास नीचे जमीन पर गिर गया।
ऐसा होते ही रेहान अपनी लाल आँखों से उसको घूरते हुए बोला, "मैंने यह कहा था ना कि अगर तू इसे पूरा पी जाएगा तो मैं तुझे छोड़ दूँगा, पर तूने ऐसा नहीं किया।"
और उसके गर्दन को पकड़कर उसे कांच के टेबल पर पटक दिया, जिससे वह टेबल टूट गया और उसके इंसान के सिर पर जाकर लगा।
उसके चेहरे और सर में कांच के टुकड़े धँस गए, जिस वजह से उसके पूरे चेहरे से खून निकलने लगा। वह आदमी छटपटाने लगा।
रेहान झटके से उसे छोड़ देता है। रेहान के छोड़ते ही वह नीचे जमीन पर गिर पड़ा। एक तो उसके गले में गोली अटकी हुई थी, जिससे उसे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी। वह लंबी-लंबी साँस ले रहा था, ऊपर से छटपटा भी रहा था। उसके चेहरे से उसका दर्द साफ़ दिख रहा था।
रेहान घुटनों के बल बैठते हुए उसे देखते हुए बोला, "क्या हुआ? तुम बोल क्यों नहीं रहे हो? बोलो!"
फिर उसे देखकर बोला, "अरे! मैं भूल गया। तुम्हारे गले में तो यह गोली अटकी हुई है। कोई बात नहीं। मैं इसे निकाल देता हूँ। वैसे भी मेरा बचपन का सपना था डॉक्टर बनने का, पर नहीं बन पाया। पर आज मैं इसे ज़रूर पूरा करूँगा।" यह बोलते हुए वह मुस्कुरा रहा था। वह आदमी उसकी बातों का मतलब समझ नहीं रहा था, पर वह डर से काँप ज़रूर रहा था।
इतना बोलकर वह नीचे जमीन से कांच का टुकड़ा उठाता है और उसके गर्दन के आर-पार कर देता है। उस आदमी की मौत वहीं हो जाती है। वहीं मनन सब देखकर अपनी नज़र नीचे कर लेता है।
और फिर उस कांच के टुकड़े को अपनी शर्ट से साफ़ करने लगा। तभी एक ज़ोरदार आवाज़ सुनाई दी।
दोनों पीछे मुड़कर देखते हैं तो मनन की आँखें बड़ी हो गईं और रेहान के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
क्या हुआ तुम बोल क्यों नहीं रहे हो बोलो” फिर उसको देख कर बोलो “ अरे मैं भूल गया तुम्हारे गले में तो यह गोली अटकी हुई है, कोई बात नहीं मैं इसे निकाल देता हूं वैसे भी मेरा बचपन का सपना था डॉक्टर बनने का पर नहीं बन पाया पर आज मैं इसे जरूर पूरा “करूंगा यह बोलते हुए मुस्कुरा रहा था वह आदमी उसकी बातों का मतलब समझ नहीं रहा था पर वह डर से काप जरूर रहा था, इतना बोलकर वह नीचे जमीन से कांच का टुकड़ा उठना है और उसके गर्दन के पूरे आर पार कर देता है, उसे आदमी की मौत वही हो जाती है, वही मनन सब देखकर अपनी नजर नीचे कर लिया, और फिर उसका कांच के टुकड़े को अपनी शर्ट से साफ करने लगा तभी एक जोरदार चीज सुनाई दिए, दोनों पीछे मुड़कर देखते हैं तो, मनन की आंखें बड़ी हो गई और Rb के चेहरे पर स्माइल, वही रूहानी यह सब देखकर अपने मुँह पर हाथ रख लीं और रेहान की तरफ देख रही थी, वह बस लगातार रेहान और उन दो आदमियों की तरफ देख रही थी जो नीचे फर्श पर, बेजान पड़े हुए थे, कुछ देर उन लोगों को इस तरह से देखने के बाद, रूहानी हिम्मत करके आगे बढ़ी, वही रेहान अभी भी मुस्कुरा रहा था जिसे देखकर, रूहानी को बहुत गुस्सा आ रहा था, रूहानी रेहान के बिल्कुल करीब आकर गुस्से में देखते हुए बोली “ कितने घटिया इंसान हो, एक तो इन दोनों का अपने मर्डर कर दिया उसके बाद से इस तरह से बेशर्मों की तरह मुकुरा रहे हो, “ रेहान मुस्कुराते हुए बोला “ मर्डर किसका मर्डर मैंने किसका मर्डर किया, और तुम ये क्या बातें कर रही हो बच्चा, लगता है तुम ज्यादा थक गई हो इसीलिए जाओ आराम करो, थकान की वजह से तुम कुछ भी सोचे जा रही हो “ रूहानी रेहान की बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गई, और रेहान की तरफ हैरान होते हुए गुस्से में बोली “ मुझे बेवकूफ बना रहे हैं या खुद को, आपके सामने नीचे जमीन पर दो लाश पड़ी है, जिसका खून होते हुए मैं खुद देखा वह भी आपके हाथ हो ‘“ “ इसीलिए अपना बकवास बंद कीजिए “ रेहान रूहानी की बात सुनकर बिल्कुल उसके करीब आकर बोला” बकवास मैं नहीं तुम कर रही हो बच्चा न जाने तुम किस मर्डर और किस लास की बातें कर रही हो, मुझे तो यहां कुछ नहीं दिखाई दे रहा है, और मैं भला किसी का मर्डर क्यों करूंगा,मैंने, कहा ना तुम्हें आराम की जरूरत है जो जाकर आराम करो” रूहानी उसकी बात सुनकर उसकी खुद से दूर धक्का देते हुए बोली “ मैं यहां आपको पागल दिखाई दे रही हूं, ठीक है मुझे गलतफहमी हुई है लेकिन औरों को तो नहीं होगी ना मैं अभी किसी और को लेकर आती हूं वह बतायेगा कि मुझे गलतफहमी हुई है या आप मुझे गलत साबित कर रहे हैं, जरा लोगों को भी तो पता चले कि आप कितने शरीफ हैं “ इतना बोलकर वह गुस्से में बाहर की तरफ निकल गई, मनन उसकी बात सुनकर रेहान की तरफ देखने लगा रेहान मनन की आंखों में देखते हुए मुस्कुराने लगा, इधर रूहानी दौड़ते हुए नीचे की तरफ बढ़ गई, उसे पता था कि वह गलत नहीं है रेहान उसे गलत बनाने की कोशिश कर रहा है, वह वीडियो से होते हुए नीचे जा रही थी तभी उसे श्रेया मिली, श्रेया रूहानी के चेहरे की तरफ देखते हुए उसको बोलि ‘ क्या हुआ रूहानी तू इस तरह से घबराई हुई क्यों है? रूहानी उसकी बात सुनकर श्रेया का हाथ पकड़ कर बोली, “ तू चल मेरे साथ मुझे तुझे कुछ दिखाना है “ इतना बोलकर वह श्रेया का हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगी, उसके साथ जाते हुए बोली ‘“ अरे पहले बता तो हुआ क्या है “ रूहानी उसकी बात सुनकर अपनी आंखों में आंसू लाते हुए बोली “खून मैं तुझसे ये सब बताना नहीं चाहती थी लेकिन मुझे ना चाहते हुए भी यह करना पड़ रहा है चल तो पहले देख ले, इससे ज्यादा मैं तुझे कुछ नहीं बता सकती “ श्रेया जब रूहानी की बात सुनती है तो वह भी घबरा गई और रूहानी साथ जाने लगी, रूहानी श्रेया का हाथ पक कर स्टडी रूम में ले गई, और जैसे ही दोनों स्टडी रूम में श्रेया की आंखें बड़ी हो गई और वह रेहान के पास भागते हुए गई और बोली “भाई यह सब कैसे हो गया, इतना खून आपके हाथों में कट कैसे लग गई “ वही रूहानी की आंखें बड़ी हो गई थी क्योंकि कमरा पूरा क्लीन था कुछ खून के बंदे थे लेकिन इतना नहीं की कोई यह कहे कि यहां पर मर्डर हुआ है, सब कुछ साफ सुथरा बस रेहान के हाथों में कट था, और उसके हाथों से खून निकल रहा था, रूहानी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर हुआ क्या, रेहान अपने हाथों को पकड़ कर रूहानी की तरफ देखते हुए श्रेया से बोला “ प्रिंसेस बस ऐसे ही गलती से यह टेबल टूट गया था जिस वजह से यह कांच मुझे लग गई, “ “ और मेरे चोट को देखकर बच्चा घबरा गई आई मीन तुम्हारी फ्रेंड, इतना घबरा गई कि तुम्हें बुला कर लेकर आ गई छोटी सी तो चोट थी बच्चा इसमें इतना घबराने वाली बात कौन सी थी, “ रूहानी रेहान की बात सुनकर बिल्कुल हैरान थी उसे नहीं समझ आ रहा था वह रेहान की बातों का क्या जवाब दें क्या वह सच में सपना देख रही थी उसके मन में अभी भी यही सवाल चल रहा था, वही रेहान के चेहरे पर इविल स्माइल थी, अपने मन में रूहानी को सच में देखते हुए बोला “ सोचती रहो बच्चा लोग और लोगों की लाशों को गायब करना रेहान ओबेरॉय के बाएं हाथ का खेल, अभी तुम इस खेल में नहीं पडो तो बेहतर है, “ रेहान अपने मन में सोच ही रहा था तभी श्रेया उसकी हाथ पकड़ते हुए बोली, “ ऐसे कैसे छोटी सी चोट है कितना ज्यादा लग लग गया है कितना खून निकल रहा है, पहले चलो मैं आपकी पट्टी कर दूं, इतना बोलकर वह रेहान को रेहान के कमरे में ले गई साथ ही साथ जाने लगी पर जाते-जाते वह फिर से स्टडी रूम की तरफ मुड़कर देख रही थी, उसे सच में बिलीव नहीं हो रहा था कि वह सपना देख रही है वह बार-बार उसे कमरे को देख रही थी पर उसे कमरे में कुछ भी ऐसा नहीं था कि जिससे यह साबित हो कि वहां पर खून हुआ है, रिहान को श्रेया उसकी कमरे में लेकर आई और फर्स्ट एड बॉक्स निकाल कर उसको पट्टी करने लगी, पर रिहान की नजर अभी भी रूहानी पर ही थी, श्रेया ने जब बैंडेज कर लिया तब रेहान उसके गालों पर हाथ रखते हुए बोला, “ अब तुम जाओ आराम करो प्रिंसेस में ठीक हूं, जाकर तुम भी रेस्ट करो” रेहान की बात सुनकर श्रेया धीरे से अपना सर हमें मिलाई और वहां से चल दी, रूहानी अभी भी अपने सोच में डूबी हुयी थे उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि श्रेया चल गई, वही रेहान श्रेया के जाते ही रूहानी के बिल्कुल करीब आकर उसके कानों में बोला “ इतनी फिक्र मेरी, कि तुम्हारी इन आंखों में मेरे लिए आंसू आने लगे, “ रूहानी रेहान की बात सुनकर होश में आई और उसको घूरते हुए बोली “ कभी नहीं, और सॉरी मुझे गलत गलती हो गई जो मैंने आपसे इस तरह से बातें कि मुझे नहीं पता वह सब imagination कैसे हो गया “ इतना बोल कर बोल वहां से जाने लगी तभी रेहान उसका हाथ पकड़ लेता है और अपने करीब करते हुए बोला “ मेरे प्यार में बच्चा हर वक्त मेरे बारे में सोचोगी तो क्या होगा माना कि मैं बहुत हॉट और हैंडसम, पर इतना मत सोचा करो वरना मेरे हैंगओवर चढ़ गया ना तो जिंदगी भर नहीं उतरेगा, देखो ना इतना प्यार करती हो कि एक छोटा सा मेरा घाव भी बर्दाश्त नहीं हुआ तुमसे रोते हुए प्रिंसेस को बुला कर ले आई “ रूहानी उसकी बात सुनकर अपना हाथ छुड़ाने हुए बोली “ जी नहीं प्यार और आपसे लगता है कुछ ज्यादा ही गलतफहमी पाल रखे हैं, और श्रेया को मैंने आपके लिए नहीं बुलाया है वह तो मेरी गलतफहमी के वजह से मैं उसे बुलाने गई थी, और छोड़ो मुझे “ रूहानी के बोलने से रेहान उसको छोड़ देता है श्रेया जाने को ही तभी वह पीछे से उसको दोनों हाथों से कमर से पकड़ कर बोला “ जाते-जाते गुड नाइट भी बोला जाता है बच्चा और तुम्हारे अंदर इतना गुडनाइट नहीं कि मुझे गुड नाइट बोलते जाओ,’” “ इतना बोलकर वह उसे वैसे ही सोफे पर लेकर बैठ गया और बोला “ कोई बात नहीं मैं तुम्हें सिखाता हूं कि गुड नाइट कैसे बोला जाता है” रूहानी रेहान की बात सुनकर खुद को छुड़ाते हुए बोली “ आप सच में बहुत बड़े वाले बदतमीज हैं, छोड़ो वरना अभी मैं चलाऊंगी, अभी श्रेया को गए हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ फिर उसे पता चलेगा कि उसका भाई किस टाइप का है “ जैसे उसने यह बात बोली रेहान ने उसे छोड़ दिया, रूहानी उठकर खड़ी हुई और साथ ही साथ रेहान रूहानी को इतना गुस्सा आया कि रिहान को कस के एक थप्पड़ उसके गाल पर लगा देती है, और गुस्से में उसको घूरते हुए बोली “ मेरे साथ ऐसी हरकत करने से पहले सोच लेना “ और वहां से जाने लगी तभी रिहान उसको हम आपको पकड़ता है और अपने करीब खींचकर उसके होठों पर होंठ रख दिया,और उसे किस करना स्टार्ट कर दिया रूहानी बार-बार खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी पर वह छुड़ा नहीं पा रही थी, उसके सीने पर अपने हाथों से मार रही थी जिसे रुहान एriटेड होकर उसके दोनों हाथों को पड़कर उसके कमर से लगा दिया, और उसकी लगातार किस किया जा रहा था कभी उसके लोअर लिप को तो कभी उसके अप्पर लिप को शक कर रहा था साथ ही साथ उसे बैठ भी किया जा रहा था, 10 मिनट उसको ऐसे ही किस करने के बाद वह उसको छोड़ता है और उसकी तरफ देखते हुए बोला “ मुझे आज के बाद गुड मॉर्निंग और गुड नाइट जरूर विश करना, एक अच्छे बच्चे की तरह “ फिर अपने गालों की तरफ इशारा करते हुए बोला “ तुम चाहो तो दोबारा मुझे मार सकती हो, बस इस बार मेंरी टाइमिंग थोड़ी ज्यादा होगी” अपना गाल फिर से आगे कर देता है, जिस वजह से रूहानी पैर पटकते हुए उस कमरे से बाहर निकल गई, जारी है…
दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़कर लगा दिया, और लगातार किस किया। कभी निचले होंठ पर, कभी ऊपरी होंठ पर। साथ ही उसे बिठाया भी। दस मिनट तक किस करने के बाद उसने उसे छोड़ा और उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, "मुझे आज के बाद गुड मॉर्निंग और गुड नाइट ज़रूर विश करना, एक अच्छे बच्चे की तरह।"
फिर अपने गाल की ओर इशारा करते हुए बोला, "तुम चाहो तो दोबारा मुझे मार सकती हो, बस इस बार मेरी टाइमिंग थोड़ी ज़्यादा होगी।" अपना गाल फिर से आगे कर दिया। इससे रूहानी पैर पटकते हुए कमरे से बाहर निकल गई।
उसके जाने के बाद रेहान की आँखें पूरी तरह सर्द हो गईं। उसने अपने गाल पर हाथ रखते हुए कहा, "इसके लिए तुम बहुत रिगरेट करने वाली हो बच्चा, कल सुबह तुम्हें मैं बताऊँगा कि रेहान ओबरॉय क्या चीज़ है।"
इतना बोलकर वह बाथरूम की ओर बढ़ गया।
दूसरी ओर, रूहानी गुस्से में अपने कमरे में इधर-उधर टहलते हुए बोली, "इस इंसान के पास ज़रा सा भी मैनर्स नहीं है। जब देखो तब मेरे होठों पर टूट पड़ता है, जैसे मेरे होंठ चिंगम हो गए हों, चल दिए चबाने।"
यह बोलते हुए उसने अपने होठों को छुआ। उसे दर्द महसूस हुआ। उसने अपना हाथ होठों से हटाकर बाथरूम की ओर चली गई। घंटे भर बाद वह एक तौलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर आई। क्लोजेट में जाकर उसने एक शर्ट और स्कर्ट निकाली और पहनकर बाहर आ गई।
वह सीधे बेड पर बैठ गई। बैठे-बैठे उसके दिमाग में सिर्फ़ एक ही बात चल रही थी, "मैंने जो देखा, क्या वह सपना था? कैसे? आज तक मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ, फिर मैंने सब कैसे देख लिया?"
"ओह गॉड! इस इंसान ने तो मुझे पागल कर रखा है। एक मिनट, यह इंसान भी है? इंसान वाले लक्षण तो कुछ दिखाई नहीं देते मुझे। इससे पहले कि यह आदमी मुझे पागल कर दे, मैं अब से इस इंसान से दूर ही रहूँगी। इसी में मेरी भलाई है।" इतना बोलकर वह बेड पर लेट गई और सोने की कोशिश करने लगी।
दूसरी ओर, रेहान एक तौलिया लपेटकर बाथरूम से बाहर आया। हॉट ड्रेसिंग मिरर में वह हेयर ड्रायर से अपने बाल सुखा रहा था, तभी उसे महसूस हुआ कि उसके कमरे में कोई है।
पीछे मुड़कर देखा तो बेड पर प्रिया बड़े ही अदा से बैठी हुई थी। उसने एक ब्लैक नाइटी पहनी हुई थी जो उसकी जांघों तक आ रही थी, और वह काफी रिवीलिंग थी। इससे उसका शरीर काफी हद तक दिखाई दे रहा था।
प्रिया उस वक्त उसे बहुत ही सेड्यूसिव अंदाज़ से देख रही थी। रेहान प्रिया को इस तरह देखकर तिरछी मुस्कान कर दिया और उसके करीब आने लगा। इसे देखकर प्रिया के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई।
रेहान उसके बिल्कुल करीब आकर उसके चेहरे पर झुकते हुए बोला, "लगता है तुम्हें पता नहीं है कि इस वक्त किसी लड़के के कमरे में इस तरह से आना खतरे से खाली नहीं होता है।"
उसकी बात सुनकर प्रिया मुस्कुराते हुए बोली, "पता तो है, लेकिन क्या करूँ? खतरों से खेलने की आदत जो मेरी है। और सामने जब खतरा इतना खतरनाक हो, तो बार-बार खेलने का मन करता है।"
उसकी बात सुनकर रेहान उसके बालों में अपना हाथ डालते हुए बोला, "तो आज देख लेते हैं तुम कब तक इस खतरे से खेल सकती हो।" यह बोलते हुए वह उसके ऊपर झुक गया। ऐसा होते ही प्रिया भी बेड पर पूरी तरह लेट गई।
रेहान पूरी तरह से प्रिया के ऊपर झुका हुआ था। वह उसके होठों पर अपने होंठ रखने वाला था। दोनों के होंठ एक-दूसरे से टकराने ही वाले थे, तभी रेहान की आँखों में रूहानी का चेहरा आ गया। जो कुछ देर पहले उसने रूहानी को किस किया था, वह सब उसकी आँखों के सामने घूमने लगा।
कुछ पल के लिए वह वहीं रुक गया। उसने खुद को रोककर सिर्फ़ रूहानी और अपने किस के बारे में सोचने लगा। उसे न जाने क्यों बार-बार वही याद आ रहा था।
ऐसा होते ही रेहान अपनी आँखें जोर से बंद कर लेता है ताकि उसके सामने रूहानी का चेहरा न दिखे। पर जैसे ही उसने आँखें बंद कीं, उसके सामने फिर से रूहानी का चेहरा और भी ज़्यादा साफ़ दिखने लगा।
ऐसे होते ही रेहान प्रिया के ऊपर से हट गया। प्रिया ने अपनी आँखें बंद कर ली थीं। जैसे ही उसे महसूस हुआ कि रेहान उसे किस नहीं कर रहा है, उसने अपनी आँखें खोलीं तो रेहान उससे दूर था।
प्रिया ने रेहान की तरफ़ देखते हुए कहा, "क्या हुआ? इतनी दूरी क्यों? यह अचानक से रुक क्यों गए?"
रेहान उसकी बात सुनकर अपने होश में आया, क्योंकि वह अभी भी रूहानी के ख्याल में डूबा हुआ था।
वह उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, "वह कहना बेबी, कुछ चीज़ें स्पेशल होती हैं जिन्हें स्पेशल टाइम पर ही किया जाता है, और शायद वह स्पेशल टाइम आज नहीं है। तुम जा सकती हो, बाद में मिलूँगा।"
प्रिया उसकी बात सुनकर उसे कुछ बोलने को हुई, लेकिन रेहान ने अपनी आँखें दिखा दीं। उसकी आँखें इतनी सर्द थीं कि प्रिया की आवाज़ बंद हो गई। वह कुछ बोल नहीं पाई और वहाँ से निकल गई।
रेहान क्लोजेट में जाकर अपने लिए एक लोअर निकालकर पहनकर बाहर आया। उसने अपने हाथ में सिगरेट और लाइटर दोनों साथ में लेकर बालकनी की ओर बढ़ गया।
अपने होठों में सिगरेट दबाकर, उसे जलाते हुए चाँद की तरफ़ देखने लगा और नाक और मुँह से धुआँ छोड़ रहा था। उसकी आँखों में न जाने क्या था, शायद वही जान सकता था। वह बार-बार चाँद को घूर रहा था, जैसे उससे कोई प्रतिस्पर्धा करने की सोच रहा हो। और उसे देखते हुए जहरीली मुस्कान के साथ बोला, "तुम चाँद हो सबके, पर तुम्हारी चाँदनी तुम्हारी नहीं, सबकी होती है। जिस तरह यहाँ लड़कियाँ होती हैं जो कहती हैं कि तुम्हारी हैं, पर होती सबकी हैं। कभी किसी एक की नहीं बन पातीं।"
बोलते हुए वह लंबे-लंबे कश ले रहा था और चाँद की तरफ़ देखते हुए उसे कोस रहा था, जैसे उसकी आँखों में चाँद की रोशनी चुभ रही हो।
कुछ देर ऐसे ही बालकनी में खड़े रहने के बाद वह अंदर जाने को हुआ, लेकिन उसे ऐसा लगा कि दूसरी तरफ़ कोई है। वह उधर जाकर देखने लगा तो दूसरी तरफ़ बालकनी में रूहानी अपने दोनों हाथों को फैलाकर मुस्कुराते हुए चाँद की तरफ़ देख रही थी, जैसे चाँद की चाँदनी को अपने अंदर समा रही हो।
तभी उसके कानों में आवाज़ पड़ी, "जो उस चाँद की नहीं हुई, तुम्हारी क्या होगी?"
ऐसा होते ही रूहानी पीछे मुड़कर देखी और सामने रेहान खड़ा था। रेहान को देखते हुए वह बोली, "पर कहलाएगी उस चाँद की ही, और अपनी चाँदनी देने से वह चाँद से अलग नहीं हो जाएगी।"
रेहान उसकी बातें सुनकर एक कड़वी मुस्कराहट के साथ बोला, "कहलाने से कोई किसी का नहीं हो जाता है, और जो किसी एक की नहीं हुई, वह और किसी की क्या होगी?"
जारी है…
चांद की चांदनी जैसे उसके अंदर समा रही थी, तभी उसके कानों में आवाज़ पड़ी, “जो उसे चाँद की नहीं हुई, तुम्हारी क्या होगी?”
यह सुनते ही रूहानी पीछे मुड़कर देखी। सामने रेहान खड़ा था। उसे देखते हुए रूहानी बोली, “पर कहलाएगी उस चाँद की ही। और अपनी चाँदनी देने से वह चाँद से अलग नहीं हो जाएगी।”
रेहान उसकी बातें सुनकर कड़वी मुस्कराहट के साथ बोला, “कहलाने से कोई किसी का नहीं हो जाता है, और जो किसी एक की नहीं हुई, वह और किसी की क्या होगी?”
रेहान की बात सुनकर रूहानी बोली, “यह आपकी सोच होगी, मेरी नहीं। मुझे लगता है, गलत लोगों से ही पाला पड़ा है आपका, इसीलिए आपकी सोच इस तरह की है। अगर इस दुनिया में एक गलत हुआ, तो इसका मतलब यह तो नहीं कि सारे गलत हो गए।”
इतना बोलकर वह रेहान की बात सुने बिना वहाँ से चली गई।
रेहान उसे जाते हुए घूर रहा था और अपने मन में बोला, “सब ऐसे ही होते हैं। बस अच्छे बनने का दिखावा करते हैं। और मुझे दिखावा करने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं, जैसे कि तुम।”
इतना बोलकर वह फिर से चाँद को घूरने लगा।
सुबह के सात बजे रूहानी आराम से बिस्तर पर सो रही थी। उसे दुनियादारी से कोई मतलब ही नहीं था।
वहीं रेहान अपने जिम एरिया में था। यह उसका रोज का रूटीन था। जिम करके जैसे ही वह बाहर आया, सामने रूहानी के मामा- मामी और मयंक थे।
उन्हें देखकर रेहान ने एक भौं चढ़ाकर देखा और फिर बोला, “जो कहना है, कहो। मेरे पास फालतू का वक़्त नहीं है।”
रूहानी के मामा-मामी यह सुनकर छोटी मुस्कान के साथ रेहान से बोले, “मिस्टर ओबरॉय, आपको पता ही है हम किस बारे में बात करने आए हैं। हमारा जो शिमला का डील है, उसे बस आप फाइनल कर दीजिये। पिछले दो सालों से आपकी वजह से वह डील फाइनल नहीं हो पा रहा है और इस वजह से हमें भी घाटा हो रहा है।”
यह बात सुनकर, बिना उनकी तरफ देखे, रेहान बोला, “उस डील के अलावा मेरे पास और भी काम है। वक़्त मिलेगा तो वह डील भी हो जाएगा।”
उसकी बात सुनकर रूहानी के मामा-मामी का चेहरा बदल गया। क्योंकि उन्होंने उस डील पर बहुत ज्यादा निवेश कर रखा था, यहाँ तक कि अपना घर भी गिरवी रख दिया था। और इतने बड़े डील को सिर्फ़ रेहान ही कर सकता था।
रेहान जाने लगा, पर जाते-जाते उसके दिमाग में न जाने क्या आया। वह मुस्कुराते हुए मामा-मामी की तरफ देखकर बोला, “अगर आप लोग चाहते हो कि यह डील जल्द से जल्द हो, तो मेरे लिए एक असिस्टेंट का अरेंजमेंट कर दो। जितनी जल्दी मेरा काम होगा, उतनी जल्दी वह डील होगा।”
“लेकिन आपके पास सिर्फ़ आधे घंटे का वक़्त है।”
आधे घंटे सुनकर रूहानी के मामा-मामी के चेहरे पर परेशानी की लकीर झलक आई। वहीं मयंक को भी समझ नहीं आ रहा था। उसे रेहान पर गुस्सा आ रहा था, पर वह दिल के चक्कर में उसे कुछ कह भी नहीं पा रहा था।
रूहानी के मामा-मामी ने उसकी बात सुनकर कहा, “आधे घंटे में? इतनी जल्दी हम कहाँ से आपके लिए असिस्टेंट अरेंज करेंगे? इतनी जल्दी कैसे हो सकता है?”
रेहान ने उनके मामा की बात सुनकर कहा, “यह प्रॉब्लम तुम लोगों की है, मेरी नहीं। नज़रें दौड़ाओ, क्या पता कहीं आसपास कोई दिख जाए।”
वहीं रेहान की बात सुनकर उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। रेहान क्या चाहता है? तभी अचानक मयंक बोला, “आप कहें तो मैं आपको असिस्ट कर सकता हूँ।”
इससे पहले कि मयंक आगे कुछ बोलता, रेहान ने उसे टोकते हुए कहा, “मेरे यहाँ प्यून की वैकेंसी अभी खाली नहीं है। जब खाली होगी, तब बता दूँगा। वैसे भी, मुझे असिस्टेंट की ज़रूरत है, प्यून की नहीं।”
इतना बोलकर वह वहाँ से निकल गया। वहीं मयंक उसे गुस्से में घूरने लगा और कुछ बोलने को हुआ, लेकिन उससे पहले उसके डैड ने उसके हाथ पकड़कर ना करने का इशारा करते हुए बोले, “अपने गरम दिमाग को थोड़ा ठंडा रखना सीखो। यह कोई मामूली इंसान नहीं है। दिखने में जितना मामूली है, उतना है नहीं। बहुत खतरनाक है। और दूसरी बात, अगर इस इंसान ने वह डील नहीं की, ना तो किसी से भी करने नहीं देगा और इसके अलावा वह डील कोई और कर भी नहीं सकता।”
“इसीलिए अपने दिमाग और गुस्से को शांत रखो। फ़िलहाल तो यह सोचो कि इस इंसान की डिमांड कैसे पूरी हो।”
यह सब बोलते हुए वह अपनी दो उंगलियों से अपने सर को रगड़ रहे थे।
वहीं मयंक अपने मन में सोच रहा था, “बस एक बार यह डील फ़ाइनल हो जाए, उसके बाद मैं तुझे अच्छे से बताऊँगा। बहुत एटीट्यूड है ना तुझमें? तुझे बताऊँगा कि मयंक भी क्या चीज़ है।”
थोड़ी देर में सारे लोग नीचे डाइनिंग एरिया में आ चुके थे। रेहान ने डार्क ब्राउन शर्ट और ऑफ व्हाइट जींस पहन रखी थी। उसके हाथ में एक ऑफ व्हाइट जैकेट था, जो वह अपने हाथ में लिए हुए था।
वह जाकर सीधे हेड चेयर पर बैठ गया। सारे लोग भी उसके आसपास बैठ चुके थे, सिवाय रूहानी के। क्योंकि रूहानी अभी तक नहीं आई थी। पर रेहान की नज़र इस वक़्त रूहानी को ढूँढ रही थी। अपने आसपास नज़र दौड़ाता है, पर रूहानी कहीं नज़र नहीं आई। इस वजह से रेहान के माथे पर लकीरें बन गई थीं। तभी रूहानी सीढ़ियों से चलते हुए नीचे की तरफ आ रही थी। जिसे देखकर रेहान के चेहरे पर एक किलर स्माइल आ गई। रूहानी ने इस वक़्त वन-पीस नी-लेंथ का ब्लैक कलर का ड्रेस पहना हुआ था, जो स्लीवलेस था।
मयंक की नज़र जब रूहानी पर पड़ी, तो वह उसे बस देखता ही रह गया। वह अपनी पलकें झपकना ही भूल चुका था। वहीं रेहान की नज़र जब मयंक पर पड़ी, तो उसके चेहरे पर गुस्सा अपने आप आ गया। मयंक को देखते हुए, कड़कती हुई आवाज़ में बोला, “मुझे डाइनिंग टेबल पर लोगों को देखना अच्छा लगता है। कुछ और करें तो मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आता।”
जब सब ने यह बात सुनी, तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि रेहान ने यह बात कही किसलिए और क्यों। इस वक़्त रेहान के दिल में थोड़ी जलन तो हो रही थी। वहीं रूहानी जब रेहान की बात सुनती है, तो मुँह बनाते हुए डाइनिंग टेबल के पास आई, लेकिन आज वह कहीं और, बिल्कुल अलग बैठी थी, ताकि रेहान दूर-दूर तक उसे परेशान ना कर सके।
सारे लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ चुके थे। प्रिया फिर से रेहान के बगल में बैठी थी, पर इस वक़्त रेहान की नज़र सिर्फ़ रूहानी पर थी।
और रूहानी बिल्कुल मयंक के पास बैठी थी। एक सर्वेंट आया और सबको लंच सर्व करने लगा। वहीं मयंक के डैड के चेहरे पर परेशानी की लकीर दिख रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी तक रेहान के लिए असिस्टेंट का अरेंजमेंट नहीं किया था।
वहीं रूहानी अपना नाश्ता कर रही थी, तभी अचानक उसे खांसी आने लगती है। जिस वजह से मयंक तुरंत उसे पानी पिलाता है और उसके पीठ को अपने दूसरे हाथ से सहलाने लगा, ताकि उसे खांसी ना आए।
पर ऐसा होते ही रेहान की पकड़ अपने स्पून पर कस गई। वहीं रूहानी मयंक के हाथों से पानी पी रही थी। जब उसे थोड़ा आराम हुआ, तो वह उन्हें देखते हुए बोली, “अब मैं ठीक हूँ।”
और खाने लगी। मयंक उसे रोकते हुए बोला, “तुम रहने दो, लव। मैं तुम्हें खिला देता हूँ, वरना फिर खाओगी, फिर से तुम्हें खांसी आएगी। कितना बुरा हाल हो गया है तुम्हारा।” बोलकर वह उसके मुँह की तरफ़ एक स्पून बढ़ाता है।
ऐसा होते ही रेहान अपने चेयर से उठ गया और मयंक के हाथों को कसकर पकड़ लिया। जिसे देखकर सारे लोग देखने लगे। सबके चेहरे पर सवालिया निशान था।
वहीं रेहान मयंक को देखते हुए बोला, “सॉरी, पर तुम्हारा यह ख्याल पूरा नहीं हो सकता है, क्योंकि मुझे लेट हो रहा है।”
मयंक उसकी बात सुनकर अपना हाथ छुड़ाते हुए बोला, “अगर तुम्हें लेट हो रहा है, तो तुमने मुझे क्यों रोका?”
वहीं रेहान मयंक की बात सुनकर उसकी तरफ़ देखते हुए हल्का सा मुस्कुराकर बोला, “मैंने तुम्हें नहीं रोका! लगता है तुम्हें गलतफ़हमियाँ कुछ ज़्यादा होती हैं। मैंने अपनी असिस्टेंट को रोका। वह क्या है ना, अगर मुझे लेट हो रहा है, तो मेरी असिस्टेंट को भी लेट हो रहा होगा। तो तुम खाओ और हम दोनों को जाने दो। हम दोनों ऑफ़िस में ही लंच कर लेंगे।”
असिस्टेंट की बात सुनकर रूहानी चौंकते हुए बोली, “कौन असिस्टेंट?” और यही रिएक्शन सबके चेहरे पर था।
सभी रेहान को देखते हुए, रूहानी से बोला, “तुम मेरी असिस्टेंट। और कौन? चाहो तो मिस्टर भारद्वाज से पूछ सकती हो।” बोलते हुए अपनी नज़र रूहानी के मामा की तरफ़ कर दी।
वहीं रूहानी के मामा को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था। रेहान की बात सुनकर उन्होंने अपना सर हिला दिया।
रूहानी अपने मामा को देखकर चेयर से खड़ी हो गई और कड़वाहट से बोली, “सॉरी मामा, पर मैं आपकी यह बात नहीं मान सकती। मैं यहाँ अरमान की शादी एन्जॉय करने आई हूँ, किसी की असिस्टेंट बनने नहीं।”
इससे पहले कि रूहानी के मामा कुछ कहते, रेहान उसकी तरफ़ देखते हुए एक फ़ाइल देकर बोला, “इसमें कुछ डिटेल्स हैं, तुम पढ़ लो, उसके बाद फैसला करना। आगे के लिए तुम्हें ही फ़ायदा होगा। तुम्हारे लिए एक्सपीरियंस काफी अच्छा होगा।”
रूहानी उसकी बात सुनकर बोली, “मुझे कोई एक्सपीरियंस नहीं चाहिए, ना ही कोई जॉब। वैसे भी बिज़नेस मुझे पसंद नहीं है, तो आप अपना फ़ायदा अपने पास रखिए।”
रूहानी की बात सुनकर रेहान उसकी तरफ़ देखकर बोला, “एक बार फ़ाइल देख लो, उसके बाद तुम्हारी जो मर्ज़ी होगी, वह कहना। मैं तुम्हें फ़ोर्स नहीं करूँगा।” इतना बोलकर वह फ़ाइल उसे पकड़ा देता है। जैसे ही रूहानी उसे खोलकर देखती है, उसकी आँखें बड़ी हो गईं और वह रेहान की तरफ़ देखने लगी। जिसे देखकर
रेहान के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। रेहान उसकी तरफ़ देखते हुए बोला, “बोला था ना, फ़ायदा तुम्हारा ही होगा। तो अब चलें।” इतना बोलकर वह उसके हाथ से फ़ाइल लेता है और उसका हाथ पकड़कर बाहर की ओर चल दिया। रूहानी भी कुछ नहीं बोली। बिना बोले, वह चुपचाप उसके साथ चली गई।
जारी है।
रूहानी की बात सुनकर रेहान उसकी ओर देखकर बोला, "एक बार फ़ाइल देख लो, उसके बाद तुम्हारी जो मर्ज़ी होगी, वह कहना। मैं तुम्हें फ़ोर्स नहीं करूँगा।" इतना बोलकर उसने फ़ाइल उसे पकड़ा दी। जैसे ही रूहानी ने उसे खोलकर देखा, उसकी आँखें बड़ी हो गईं और वह रेहान की ओर देखने लगी।
रेहान के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। रेहान उसकी ओर देखते हुए बोला, "बोला था ना, फ़ायदा तुम्हारा ही होगा। तो अब चलें।" इतना बोलकर वह उसके हाथ से फ़ाइल लेता है और उसका हाथ पकड़कर बाहर की ओर चल दिया। रूहानी कुछ नहीं बोली, बिना बोले उसके साथ चुपचाप चली गई।
उसको इस तरह से हाथ पकड़कर रूहानी को ले जाते हुए देखकर, मयंक जलकर राख हो चुका था, पर इस वक्त वह कुछ कह नहीं पा रहा था।
वहीं प्रिया के चेहरे पर भी उदासी छा गई थी।
दूसरी तरफ, पार्किंग एरिया में, रेहान अपनी स्पोर्ट्स कार में बैठा हुआ था। रूहानी बाहर खड़ी उसे घूर रही थी। उसके चेहरे पर गुस्सा और बेबसी दोनों साथ-साथ देखी जा सकती थी।
रेहान मुस्कुराते हुए अपनी कार स्टार्ट कर दी और सामने देखते हुए अपना सीट बेल्ट पहनते हुए बोला, "मेरी असिस्टेंट हो, बॉस नहीं कि मैं तुम्हारा वेट करूँगा। बैठो। वैसे भी मैं तुम्हारी वजह से बहुत लेट हो चुका हूँ, और मैं जितना लेट होऊँगा, नुकसान तुम्हारा होगा, मेरा नहीं।"
रूहानी जब उसकी बात सुनती है, तो पीछे जाकर बैठने लगी। रेहान मिरर में देखते हुए बोला, "बॉस हूँ, तुम्हारा ड्राइवर नहीं, जो तुम इस तरह से पीछे बैठोगी।"
रूहानी दरवाज़ा बंद करके उसके बगल वाले दरवाज़े के पास जाकर खड़ी हुई और मन ही मन बोली, "हाँ, बॉस हो, लेकिन ज़बरदस्ती का।" और फिर उसके बगल में जाकर बैठ गई। रेहान कार स्टार्ट करते हुए बोला, "ज़बरदस्ती सही-सही, पर बॉस तो मैं तुम्हारा ही हूँ, और मुझे मेरे एम्प्लॉयी ज़्यादा बकबक करते हुए पसंद नहीं है, चाहे वह अपने मन में ही क्यों न कर रहे हों।"
रूहानी उसकी बात सुनती है, पर कुछ नहीं बोली और दूसरी तरफ़ की विंडो की ओर देखने लगी। रेहान अपनी कार स्टार्ट करके चल दिया।
रूहानी बस उसे मन ही मन कोस रही थी।
दूसरी तरफ़, मयंक अपने कमरे में इधर-उधर गुस्से में घूम रहा था। कमरे का पूरा सामान बिखरा हुआ था। तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खुला और वह गुस्से में पीछे मुड़कर देखने लगा।
सामने कोई और नहीं, मयंक के पिता थे। मयंक अपने पिता को गुस्से में देखते हुए बोला, "अब क्या करने आए हैं यहाँ? मेरा दिमाग पहले ही ख़राब है, और मत ख़राब करना, वरना मैं शायद भूल जाऊँ कि आप मेरे डैड हैं।"
मयंक के पिता उसकी बात सुनकर उसकी ओर देखते हुए बोले, "आवाज़ धीरे करो और आँखें नीचे करके बात करो। मैं तुम्हारा डैड हूँ, कोई ऐरा-गैरा नहीं।"
मयंक अपने पिता की बात सुनकर उसी टोन में बोला, "इसीलिए तो मुँह से बात कर रहा हूँ। वरना आपको पता है इस वक्त मैं क्या कर बैठा हूँ। मेरे सामने अगर कोई और होता, तो आपकी वजह से मैं उस पागल आदमी को कुछ नहीं बोल पाया और मेरी लव उसके साथ चली गई।"
मयंक के पिता मयंक के कंधे पर हाथ रखते हुए बोले, "इतना गुस्सा सही नहीं है। शांत हो जाओ। तुम्हें पता है ना मैंने यह सब किस लिए किया? क्यों चुप रहा? उसे इंसान समझकर भी तुम इस तरह की बातें कर रहे हो। वैसे भी रूहानी उसके साथ जॉब करने गई है, शाम तक वह घर आ जाएगी। बस कुछ समय की बात है।"
"मुझे पता है तुम उसके लिए पोज़िशन हो, पर अभी फ़िलहाल सिचुएशन को समझना होगा। इसीलिए बस कुछ वक़्त के लिए अपने गुस्से पर काबू करो। वैसे भी शादी तो तुम्हारी रूहानी से ही होगी, टेंशन लेने की ज़रूरत क्या है? बस कुछ वक़्त की ही तो बात है।"
मयंक अपने पिता की बात सुनकर गुस्से में कमरे से बाहर निकल गया। वहीं उसके पिता उसे इस तरह से जाते हुए देखकर अपने मन में बोले, "कहीं इसके इस बिहेवियर से मेरे सालों के किये-कराये पर पानी न फिर जाए।"
दूसरी तरफ़, ओबेरॉय इंडस्ट्रीज़, रेहान की कार पार्किंग एरिया में आकर रुकी। रेहान अपनी कार से उतरा, रूहानी भी कार से उतरी। उसकी नज़र ओबेरॉय इंडस्ट्रीज़ पर पड़ी, जो काफी बड़ी और काफी दूर तक फैली हुई थी। रूहानी उसे बहुत ही गौर से देख रही थी। तभी रेहान उसके पास आकर अपना जैकेट उसे थमाते हुए बोला, "फ़ॉलो मी।"
रूहानी उसे जैकेट अपने हाथ में लेकर मुँह खोलते हुए गुस्से में बोली, "काश इस जैकेट की जगह आपका गला मेरे हाथ में होता। ऐसा मरोड़-मरोड़कर गला तोड़ती कि आवाज़ ही बाहर नहीं आती, दोबारा इतना कभी बोल ही नहीं पाते।"
वह ये सब सोचते हुए उसके पीछे-पीछे जा रही थी।
रेहान अंदर लॉबी की तरफ़ बढ़ गया, जहाँ रिसेप्शनिस्ट उसे देखकर खड़ी हो गई। रेहान बिना उसकी ओर देखे आगे बढ़ गया। भले ही रेहान एक प्लेबॉय था, पर अपने ऑफ़िस में वह बहुत ही स्ट्रिक्ट बॉस था, ऑफ़िस आवर्स के दौरान।
वहीं रूहानी बिना कुछ बोले उसके पीछे-पीछे जा रही थी। रूहानी को देखकर रिसेप्शनिस्ट उसे अजीब नज़रों से देखने लगी और अपने मन में बोली, "आ गई एक और इम्पॉर्टेन्ट मीटिंग के बहाने।"
रेहान अपने पर्सनल लिफ़्ट से केबिन की तरफ़ चल दिया। रूहानी भी साथ थी। रेहान उसे देखकर मुस्कुरा रहा था, वहीं रूहानी इस हरकत से बिल्कुल चिढ़ी हुई थी, गुस्से में अपने आधे-अधूरे मुँह बना रही थी। रेहान आगे बढ़ गया, रूहानी भी पीछे-पीछे टपकते हुए चल दी।
रेहान अपने केबिन की ओर बढ़ गया और केबिन के अंदर चला गया। रूहानी थोड़ी देर में अंदर आई तो रेहान उसे देखते हुए बोला, "तुम्हारे अंदर मैनर्स नहीं हैं क्या? इतना तो पता ही होगा ना, अंदर आने से पहले डोर नॉक करके इजाज़त ली जाती है।"
रूहानी रेहान की बात सुनकर अपनी आँखें बड़ी करते हुए उसकी ओर देखते हुए बोली, "मैं तो आपके साथ ही आई थी ना, तो फिर कैसे इजाज़त माँगती आपसे? लगता है आप ही के पास कॉमन सेंस नहीं है।"
रेहान रूहानी की बात सुनकर उसे घूरने लगा और अपने हाथ में पहने हुए वॉच को देखते हुए बोला, "एक मिनट बाद आई हो। इसका मतलब मैं पहले से ही अंदर था, इसलिए तुम्हें मुझसे पूछना चाहिए था। दोबारा ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए।"
रूहानी उसकी बात सुनकर दाँत पीसते हुए बोली, "ठीक है सर, समझ गई।" रेहान उसके एक्सप्रेशन देखकर डेविल स्माइल करने लगा और जाकर अपने चेयर पर बैठ गया।
तभी केबिन में डोर नॉक हुआ। रेहान ने आने को कहा तो मनन दो-चार फ़ाइलें लेकर अंदर आया। जैसे ही वह अंदर आया, उसकी नज़र रूहानी पर पड़ी। रूहानी का चेहरा अभी भी गुस्से में था। मनन रूहानी के एक्सप्रेशन के साथ उसे देख रहा था।
फिर नॉर्मल होकर वह रेहान की ओर बढ़ गया और फ़ाइलें बढ़ा दीं। फ़ाइलें बढ़ाते हुए बोला, "ये कुछ फ़ाइलें हैं, इन पर आपके साइन चाहिए और आज रात जिस पार्टी में जाना है, उसकी डिटेल्स।"
इतना बोलकर वह शांत खड़ा हो गया। तभी रेहान उन फ़ाइलों को देखते हुए बोला, "ये रूहानी है, मेरी पर्सनल असिस्टेंट।"
मनन ने बस इतना ही सुना और रेहान को देखते हुए बोला, "अगर ये तुम्हारी पर्सनल असिस्टेंट है, तो मैं क्या हूँ? और तुम मुझे नौकरी से क्यों निकाल रहे हो?"
रेहान उसकी बात सुनकर एक आईब्रो ऊपर करते हुए बोला, "तुम्हें किसने कहा कि मैं तुम्हें जॉब से निकाल रहा हूँ?"
इससे पहले मनन कुछ कह पाता, रूहानी झट से उसे देखते हुए बोली, "जब आपके पास असिस्टेंट था, तो आपने मुझे ज़बरदस्ती अपना असिस्टेंट क्यों बनाया?"
रेहान बिना उसकी ओर देखे बोला, "वह मेरा असिस्टेंट है और तुम मेरी पर्सनल असिस्टेंट हो।"
जिसको सुनकर रूहानी चुप हो गई, कुछ बोली नहीं। फिर रेहान उसे देखते हुए बोला, "मुझे ये फ़ाइलें साइन करनी हैं और इसके लिए मुझे पेन चाहिए।"
उसकी बात सुनकर रूहानी झट से बोली, "तो मैं क्या करूँ? आपके लिए पेन बन जाऊँ?"
रेहान उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए बोला, "बस एक काम करो, नीचे आते वक़्त जो गार्ड खड़ा था, उसके जेब में एक पेन था, वह मुझे बहुत पसंद आया, वो लेकर आओ।"
रूहानी उसकी बात सुनकर चिल्लाते हुए बोली, "क्या मतलब है? आपको उसकी पेन पसंद आया तो मैं वो पेन लेने जाऊँ? आपके साइन करने से मतलब है, किसी भी पेन से साइन कीजिए, बात ख़त्म।"
रेहान उसकी बात सुनकर घूरते हुए बोला, "पर्सनल असिस्टेंट हो, इसका मतलब नहीं कि तुम मुझे हर एक चीज़ बताओगी। वैसे भी इस जॉब के लिए मैंने तुम्हें मजबूर नहीं किया था। जाना हो तो जाओ, वरना मैं जितना बोल रहा हूँ, उतना करो।"
रूहानी को फिर वह फ़ाइल वाली बात याद आ गई। वह गुस्से में रेहान को घूरते हुए निकल गई।
उसके जाते ही मनन उसके पास आकर बोला, "ये क्या चल रहा है तेरा? कहीं ये तेरा शर्त वाला तो चक्कर नहीं है?"
रेहान चेयर पर बैठे खुद को इधर-उधर घुमाते हुए बोला, "दोनों है। एक तो मुझे वो शर्त भी देती है, दूसरी इसकी अकड़ भी निकालनी है। बहुत ही कठिन है ये।"
मनन उसकी बात सुनकर उसकी ओर देखते हुए बोला, "वैसे ये बहुत अच्छी है, मुझे बहुत इनोसेंट लग रही है। क्यों एक शर्त के चक्कर में किसी की लाइफ खराब कर रहा है?"
इससे पहले रेहान कुछ और कह पाता, तभी रूहानी फिर से उसके केबिन में बिना पूछे आई और टेबल पर गुस्से में पेन पटक दिया और बोली, "ये लो अपना पेन।"
वहीं मनन उसके इस एटीट्यूड को देखकर मन ही मन मुस्कुरा रहा था और अपने मन में बोला, "ये तो पूरी की पूरी बवाल है, पता नहीं आगे क्या होगा।"
रेहान उसकी ओर देखते हुए बोला, "ये दूसरी बार है जो तुमने बिना पूछे ऐसे चली आई।"
रूहानी उसकी बात सुनकर मुँह टेढ़ा कर देती है। रूहानी की इस हरकत से रेहान को गुस्सा आ रहा था। वह अपनी मुट्ठी कस लेता है, पर मनन का तो जैसे हँसी के मारे पेट फूल रहा था, पर वह हँस भी नहीं पा रहा था बेचारा।
फिर रेहान रूहानी की ओर देखते हुए बोला, "जाकर मेरे लिए कॉफ़ी लाओ, विदाउट शुगर।"
रूहानी उसकी बात सुनकर धीरे से बोली, "शुगर की क्या ज़रूरत है? ज़हर मिला दूँ, एक ही बार में खेल ख़त्म।"
रेहान उसकी बात सुनकर चेयर पर से खड़ा होते हुए सर्द आवाज़ में बोला, "पहली बात तो मुझे बकवास बिल्कुल पसंद नहीं, दूसरी बात तो मुझे मारना इतना आसान नहीं, मैं मरने वालों में से नहीं, मारने वालों में से हूँ। आउट!" उसने ऊँची आवाज़ में कहा जिससे रूहानी की आँखों में नमी आ गई क्योंकि रूहानी से आज तक किसी ने ऊँची आवाज़ में बात तक नहीं की थी।
रूहानी चाहती तो जवाब दे देती, पर क्या करती? बिचारी मजबूर थी। बिना कुछ बोले केबिन से बाहर निकल गई।
देखते हैं आगे किस मोड़ पर जाती है इनकी कहानी।
रेहान उसकी बात सुनकर कुर्सी से खड़ा हुआ और सर्द आवाज़ में बोला, "पहली बात तो मुझे बकवास बिलकुल पसंद नहीं, दूसरी बात मुझे मारना इतना आसान नहीं है। मैं मरने वालों में से नहीं, मारने वालों में से हूँ। आउट!"
उसने ऊँची आवाज़ में कहा। सुहानी की आँखों में नमी आ गई क्योंकि रूहानी से आज तक किसी ने ऊँची आवाज़ में बात तक नहीं की थी।
रूहानी चाहती तो जवाब देती, पर मजबूर थी। बिना कुछ बोले केबिन से बाहर निकल गई।
मनन को रेहान का यह व्यवहार रूहानी के लिए बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था, पर वह कुछ कह नहीं पाया। वह चुपचाप वहीं खड़ा रहा।
रेहान उसे देखते हुए बोला, "दोबारा उसके लिए अगर तुम्हें बुरा लगा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। वह तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं है जो तुम्हें उसके लिए इतना गुस्सा आ रहा है, और नहीं कभी हो सकती है।"
मनन बोला, "मैंने कब कहा कि वह मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी? पर है बहुत क्यूट।"
रेहान मनन की बात सुनकर उसे घूरने लगा।
तभी रूहानी हाथ में ट्रे पकड़े हुए अंदर आई। ट्रे में दो कप थे।
रूहानी अंदर आकर सबसे पहले एक कप रेहान के पास रखा और दूसरा कप मनन को देते हुए बोली, "यह लीजिए आपकी कॉफ़ी। पर मैंने इसमें ज़्यादा चीनी डाल दी है। आपको तो चीनी नहीं चाहिए ना?"
रेहान ने देखा कि रूहानी मनन को कॉफ़ी दे रही है। उसके चेहरे पर गुस्से का भाव आ गया। ऊपर से रूहानी की बातें, आग में घी डालने का काम कर रही थीं।
रेहान तुरंत खड़ा हुआ और रूहानी के बिलकुल करीब जाकर उसका हाथ पकड़ कर मोड़ते हुए, उसे अपनी पीठ से लगा दिया। रूहानी की आह निकल गई। मनन की आँखें बड़ी हो गईं। वह बस रेहान के गुस्से को देख रहा था।
रेहान गुस्से में रूहानी की तरफ देखते हुए बोला, "आज के बाद मेरे अलावा किसी और के लिए अपने मन से कुछ किया ना, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। तुम्हारी ज़िंदगी में अब जो होगा, सिर्फ़ मेरे लिए होगा।"
रूहानी दर्द में थी, फिर भी उसकी तरफ घूरते हुए बोली, "यह मेरी ज़िंदगी है। किसी के लिए मैं क्या करूँगी, क्या नहीं, यह मैं तय करूँगी। और आप सिर्फ़ मेरे बॉस हैं। आपको सिर्फ़ अपना ऑफिस का काम करवाऊँगी। उसके अलावा, मुझे कुछ करवाने के बारे में सोचना भी मत।"
यह सुनकर मनन का डर से गला सूखने लगा। आज तक किसी की हिम्मत नहीं हुई थी कि वह रेहान से इस तरह बात करे। रेहान की आँखें पूरी तरह सर्द हो चुकी थीं। उसके चेहरे पर गुस्सा साफ़ दिख रहा था। रेहान कुछ कहता इससे पहले ही, उसके केबिन का दरवाज़ा खटखटाया गया। रेहान, रूहानी को अनिच्छा से छोड़कर, बाहर खड़े आदमी को अंदर आने का आदेश दिया।
आदेश पाते ही एक आदमी अंदर आया। उसके हाथ में ढेर सारी फाइलें थीं। वह अंदर जाकर रेहान को सलाम करते हुए बोला, "सर, ये फाइलें जो पेंडिंग पड़ी हुई हैं, इन सबको कंप्लीट करना है। आपने कल बोला था कि जितनी भी फाइलें इनकंप्लीट हैं, वो आपको दिखाई जाएँ। आप बताइए इनका क्या करना है?"
रेहान बोला, "रखो और निकलो यहाँ से।" उसकी आवाज़ इतनी कड़क थी कि वह आदमी रेहान की तरफ़ सिर उठाकर भी नहीं देख पाया और वहाँ से चला गया।
रेहान कुर्सी पर बैठते हुए उन फाइलों को देखकर रूहानी से बोला, "ये सारी फाइलें उठाओ और शाम तक मुझे क्लियर करके दो।"
"और हाँ, अगर इसकी किसी ने मदद की ना, तो यह उसके लिए आखिरी दिन होगा।" यह बोलते हुए वह मनन की तरफ़ देख रहा था।
रूहानी उन फाइलों को उठाकर, रेहान को घूरते हुए वहाँ से चली गई।
कहाँ रेहान को रूहानी को पटाना था और वह शर्त जीतना था, और कहाँ रेहान उसके दिल में अपने लिए नफ़रत पैदा कर रहा था। उसे खुद पता नहीं था कि वह रूहानी के लिए क्यों पॉज़िटिव होता जा रहा है।
रूहानी उन फाइलों को लेकर अपनी केबिन की तरफ़ बढ़ी और फाइलों को अपनी टेबल पर पटकते हुए बोली, "अगर आपने मुझे मजबूर नहीं किया होता ना, तो मैं आपकी तरफ़ देखती भी नहीं। आप सच में इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं। आपका काम ख़त्म हो और मैं यहाँ से चली जाऊँ, फिर मैं आपकी तरफ़ मुड़कर भी नहीं देखूँगी।"
यह सब सोचते हुए उसने एक लंबी साँस ली और अपने काम में लग गई।
रेहान भी अपने काम में लगा हुआ था, पर उसके सामने बार-बार रूहानी का चेहरा नज़र आ रहा था जो मनन से इतने प्यार से बातें कर रही थी और उसके लिए बिना कहे कॉफ़ी भी ले आई थी। तभी अचानक गुस्से में वह फाइल पटकते हुए बोला, "हाउ डेयर यू! तुम समझती क्या हो अपने आप को? आज तक किसी ने मेरे साथ ऐसी करने की कोशिश नहीं की, पर तुम बार-बार यही करती हो मेरे साथ। तुम मेरी पर्सनल असिस्टेंट होकर किसी के लिए ऐसे कैसे कर सकती हो?"
यह सब बोलते हुए वह गुस्से में काँप रहा था।
शाम 7:30 बजे
रेहान के केबिन में मनन आया और रेहान को देखते हुए बोला, "तुम फिर से भूल गए कि आज तुम्हें पार्टी में जाना है। तुम्हें पता है ना यह पार्टी कितनी ज़रूरी है?"
रेहान बोला, "रेहान ओबेराय सबके लिए ज़रूरी होता है, रेहान अग्रवाल के लिए कुछ नहीं। वैसे भी मुझे उस पार्टी में जाने का कोई इंटरेस्ट नहीं है।"
मनन ना में सिर हिलाते हुए बोला, "लगता है तेरा गुस्सा अभी तक शांत नहीं हुआ है। और तुम्हें पता है ना पार्टी में सब लड़कियाँ आएंगी। तू कैसे मना कर सकता है? आज पहली बार तेरे मुँह से यह सब सुन रहा हूँ।"
रेहान ने एक आइब्रो ऊपर करते हुए बोला, "मैं लड़कियों के लिए नहीं, लड़कियाँ मेरे लिए पार्टी में आती हैं। और अपनी बकवास अपने पास रखना। क्योंकि अगर मेरा गुस्सा फिर चढ़ गया ना, तो मैं तेरा सिर फोड़ दूँगा।"
मनन बोला, "ठीक है, समझ गया। पार्टी कैंसिल। वैसे भी मुझे सिर्फ़ उड़ने का कोई शौक नहीं। अभी तक तो मेरी कोई गर्लफ्रेंड ही नहीं बनी। और अगर एक बार सिर फूट गया, तो पता नहीं बनेगी भी कि नहीं।"
उसकी बात सुनकर रेहान उसकी तरफ़ देखने लगा। उसका एक्सप्रेशन ऐसा था मानो यह मेरा दोस्त कैसे बन गया। कुछ सोचते हुए बोला, "तुम नीचे चलो और मैं आता हूँ। पार्टी में चलते हैं।"
मनन बोला, "पर मैं अभी तो कपड़े भी चेंज नहीं किया।"
रेहान बोला, "डोंट वरी। इस पार्टी में भी तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनने वाली है, तो इतना टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है। जो पहने हो वही सही है।"
उसकी बात सुनकर मनन मुँह बनाते हुए नीचे चला गया। रेहान अपने केबिन से बाहर निकला और एक टेढ़ी मुस्कान के साथ रूहानी के केबिन में चला गया।
रूहानी इस वक़्त अपनी फाइलों में पूरी तरह डूबी हुई थी। अचानक केबिन का दरवाज़ा खुला। रूहानी ने मुड़कर देखा तो सामने रेहान खड़ा था। उसे देखकर रूहानी फिर से अपने काम में लग गई, उसे पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया।
यह देखकर रेहान के जबड़े कस गए और वह रूहानी की तरफ़ सर्द नज़रों से देखने लगा। उसके बिलकुल करीब आकर बोला, "इन फाइलों को यहीं छोड़ो और मेरे साथ चलो।"
रूहानी बोली, "आप चाहें, मैं कैब लेकर घर आ जाऊँगी।"
रेहान ने उसका हाथ पकड़ा और अपने करीब करते हुए बोला, "एक बात और नोटिस कर लो। जब मैं तुमसे बात करूँ, तो तुम सिर्फ़ मेरे पास रहना चाहिए। दूसरी बात, हम घर नहीं जा रहे हैं, किसी पार्टी में जा रहे हैं। इन फाइलों को रखो और चलो मेरे साथ।"
रूहानी ने उसका हाथ छुड़ाते हुए बोला, "पार्टी में आपको जाना है तो जाइए, मैं नहीं जा सकती। वैसे भी मैं क्यों जाऊँ आपके साथ पार्टी? आपको मुझे क्यों जाना है?"
रेहान बोला, "क्योंकि तुम मेरी पर्सनल असिस्टेंट हो, तो जहाँ मैं जाऊँगा, वहाँ तुम्हें जाना पड़ेगा। और यह पार्टी बिज़नेस पार्टी है!"
रूहानी मुँह बनाकर बोली, "यह बात आपको मुझे पहले ही बतानी चाहिए थी। वैसे भी मैं आपके साथ नहीं जा सकती क्योंकि मेरे पास कपड़े नहीं हैं। और मैं इन कपड़ों में किसी पार्टी में नहीं जाने वाली। अगली बार कहीं जाना हो तो पहले ही मुझे इन्फ़ॉर्म कर दीजियेगा ताकि मैं एक्स्ट्रा कपड़े लेकर आऊँ और आपके साथ पार्टी में चेंज करके चल जाया करूँ।"
रेहान उसे घूरकर देखने लगा। फिर अचानक रेहान ने उसे अपने कंधे पर उठा लिया और केबिन से बाहर निकल गया।
रूहानी हाथ पर मारते हुए चिल्लाई, "क्या बदतमीज़ी है यह? ऑफिस है आपका घर नहीं जो आप इस तरह से मेरे साथ बिहेव करेंगे। और दूसरी बात, आपका घर भी रहेगा तो आप मेरे साथ इस तरह से नहीं कर सकते।"
रेहान ने उसकी बात पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दी और उसे अपने साथ उठा ले गया। ऑफिस में सभी लोग रेहान और रूहानी को देख रहे थे। रेहान ने आज पहली बार ऐसी हरकत की थी। ऑफिस में ज्यादातर लड़कियों को पता था कि रेहान एक प्लेबॉय है, पर वह आज तक कभी किसी के साथ ऐसी हरकत नहीं करता था। भले ही वह प्लेबॉय था, पर वह लड़कियों से खुद अप्रोच करता था। किसी लड़की के साथ इस तरह से जबरदस्ती या ऐसी हरकत नहीं करता था।
जारी है