ये कहानी है ईवा की। जो अचानक एक नॉवेल की विलियन बन जाती है। जहां सब उससे नफ़रत करते हैं। अपनी असली दुनिया में वापस जाने के लिए ईवा को सबका दिल जीतना होगा। क्या वो ऐसा कर पाएगी? और क्या होगा जब उसे नॉवेल के विलियन मनन ओबरोय से प्यार हो जाएगा?
Ishani
Heroine
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ये कहानी पुरी तरह से काल्पनिक है जो केवल मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गई है इसका किसी वास्तविक घटना, नाम से कोई लेना देना नहीं है। अब कहानी के बारे में जान लेते हैं ये कहानी है ईवा की ईवा बचपन से ही बहुत ज्यादा टैलेंटेड थी जिस वजह से उसके मां बाप बचपन में ही उसे बोर्डिंग में डाल देते हैं वहां वो खुद को बहुत अकेला महसूस करती है लेकिन उसे लगता है जल्द उसके मां बाप उसे ले जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं होता बल्कि एक रिसर्च कंपनी उसके मां बाप को बहुत सारे पैसे देकर उसे अपने साथ ले जाती है ईवा जो कभी एक चंचलता से भरी मासूम बच्ची थी वह खामोश रहने लगती है वो हंसना खिलखिलाना भूल चुकी थी हर फोन कॉल पर उसके मां बाप उसका हाल चाल पूछकर रख देते उन्होंने कभी उसकी इच्छा जानने की कोशिश नहीं की कि वो क्या चाहती है ईवा का पूरा समय सिर्फ लेब में बीतता था अब तो उसके मां बाप के फोन कॉल आने भी बंद हो चुके थे ईवा खुद को कैद महसूस करने लगी थी वो बस रोबोट की तरह अपनी जिंदगी जी रही थी उसी समय में उसकी एक दोस्त बन जाती है, जो एक बार उसे नॉवेल लाकर देती है उसे खुश करने के लिए ईवा रात को अपने रूम में उसे पढ़ती है, नॉवेल में विलियन का नाम भी ईवा था और उस कहानी की हिरोइन थी कामना, बहुत पीढ़ियों बाद ईवा का जन्म हुआ था एक लड़की का इसलिए वो घर की प्रिंसेस थी उसके मां बाप ने भाईयों ने डांटना तो दूर की बात है कभी उससे ऊंची आवाज में बात भी नहीं की थी अपने एक आंसू से सारा घर सर पर उठा लेती थी जो उसकी ख्वाहिश होती वो तुरंत पूरी हो जाती ऐसे में वो जिद्दी और बिगड़ैल बन चुकी थी फिर एक ऐसा हादसा होता है कि उसके भाई उससे नफ़रत करने लगते हैं जिससे वो प्यार करती है उसे पाने के लिए वो हिरोईन को परेशान करती है जिससे हीरों गुस्सा होकर उसे मार देता है। ईवा पहली बार इस तरह की कोई नॉवेल पढ़ रही थी पढ़ते-पढ़ते कब ईवा को नींद आ जाती है उसे पता ही नहीं चलता जब वो उठती है वो खुद नॉवेल का किरदार ईवा बन चुकी थी। उसके दिमाग में एक आवाज गुंजती है अगर तुम वापस अपनी दुनिया में जाना चाहती हो तो तुम्हें इस कहानी की विलियन ईवा को मरने से बचाना होगा, तुम्हारा असली शरीर कोमा में हैं अगर तुम कहानी की विलियन ईवा को नहीं बचा पाई तो तुम्हारा असली शरीर कभी कोमा से बाहर नहीं आयेगा और तुम मर जाओगी। नॉवेल वर्ड राधा ने ईवा को देखा राधा की आंखों में बेइंतहा दर्द था, अपने आंसू पोंछते हुए वो अपने कमरे में आ गई, राघव जी बैठे मेगजीन पढ़ रहे थे अपनी पत्नी का उदास चेहरा देखकर वो सब समझ गए वो उठे और राधा को अपने पास बिठाकर शांत कराते हुए बोले "राधा चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा" राधा उनके गले लगकर सिसकने लगी "सब मेरी ग़लती है मेरे लाड़ प्यार की वजह से आज...." राघव जी राधा की बात को काटते हुए - नहीं राधा इसकी जिम्मेदार सिर्फ तुम नहीं मैं भी हूं हम दोनों ने ही कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि हमारे ज्यादा लाड़ प्यार की वजह से हमारी बच्ची अपने ही भाई के साथ ऐसा व्यवहार करेगी" राघव जी का गला रूंध गया उनके माथुर खानदान में कयी पीढ़ियों से लड़की की चाह थी राघव जी की मां को तीन लड़के हुए उन लड़कों के भी लड़कें ही हुए जब सबने उम्मीद छोड़ दी थी तब किसी चमत्कार की तरह ईवा का जन्म हुआ पुरे खानदान में इकलौती लड़की ईवा सबकी लाडली प्रिंसेस थी उसकी एक मुस्कान से सब खिलखिला उठते और उसके आंसू सबकी जान ले लेते। ईवा की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी जिस कारण वो बेहद कमजोर थी घर में हर कोई उसे लाड़ करता था लेकिन कहते हैं ना किसी भी चीज की अति बुरी होती है आज उसका परिणाम उनके सामने था। दोनों पति पत्नी दुखी थे और ईवा ये सब दरवाजे पर खड़ी देख रही थी उसके माता-पिता ने तो उसे बचपन से ही दूर कर दिया था हर महीने रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से एक मोटी रकम उन्हें भेज दी जाती थी अपने सामने राधा और राघव जी को ईवा ने देखा जिनकी आंखों में आज भी अपनी बेटी के लिए इतना प्यार था। राधा की नजर ईवा पर गयी और वो उसके पास आई अठारह साल की ईवा अभी बच्ची ही लगती थी नाज़ुक सी गुड़िया की तरह राधा ने अपने तीसरे बेटे की हालत याद कर दिल पर पत्थर रखकर कठोर आवाज में कहा "ईवा इस बार तुमने बहुत बड़ी ग़लती की है तुम्हारे कारण तुम्हारे भाई को बहुत तकलीफ़ हुई है तुम्हें हमारे साथ जाकर उससे माफी मांगनी होगी ठीक है?" ईवा ने चुपचाप हां में सर हिला दिया उसे पता था अभी कुछ भी कहने से कोई फायदा नहीं बिना किसी सबूत के अगर वो अपने ऊपर लगे इल्जाम को इन्कार करेगी तो उसका वहीं हश्र होगा जो नॉवेल की ईवा का हुआ था। क्या ईवा खुद को बचा पायेगी? वो अचानक नॉवेल में कैसे पहुंच गई? इसके पीछे बहुत बड़ा राज छिपा है जो कहानी के अंत में खुलेगा तो पढ़िए इस सस्पेंस और थ्रिलर से भरी कहानी को।
शाम को राधा घर की मेड मीना से सूप और हल्का खाना बनवाकर पैक कर लेती है। माथुर हाऊस मनाली के पहाड़ों से घिरा था जहां और भी पॉवरफुल फैमिली रहती थी वहां से हॉस्पिटल आधे घंटे की दूरी पर था ये हॉस्पिटल शहर का सबसे अच्छा हॉस्पिटल था। वीआइपी वार्ड में एक लड़का लेटा हुआ था उसका एक हाथ मशीनों से घिरा हुआ था लड़का देखने में बहुत हेंडसम और मासूम था लेकिन इस वक्त उसके चेहरे पर गहरी उदासी छाई थी जैसे जीने की सारी उम्मीदें छूट गई हो ये था समर ईवा से एक साल बड़ा भाईयों में सबसे छोटा उसके पास उसके दोनों भाई सागर और सम्राट भी बैठे थे अपने भाई की हालत देख वो भी बहुत दुखी थे। राधा अंदर दाखिल हुई हमेशा मुस्कुराते रहने वाले अपने बेटे को ऐसे जिंदगी से निराश देख राधा के दिल में टीस उठी अपने आप को संभालते हुए होंठों पर मुस्कराहट लाते हुए वो समर के पास आई "देख समर मम्मी तेरे लिए खाना लेकर आई है तेरी फेवरेट डिश है अपनी मम्मी के हाथ से खायेगा ना?" समर ने राधा को देखकर मुंह फेर लिया राधा उसके पास बैठकर उसे समझाने की कोशिश करने लगी "कामना आई थी उसने खिला दिया है इसे" सम्राट ने कहा राधा एक पल को खामोश हो गई कामना उनके घर की मेड लता की बेटी थी, लतिका के पति की मृत्यु होने के कारण लता अपनी बेटी को अपने साथ ही रखना चाहती थी राधा को कोई परेशानी नहीं थी उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी कामना अपनी मां के साथ सर्वेंट क्वाटर में रहती थी। समर और ईवा की लड़ाई भी कामना को लेकर हुई थी लेकिन राधा कामना को भी तो दोष नहीं दे सकती थी ग़लती उसकी बेटी ईशा की ही थी आखिर उसका भाई पूरी जिंदगी बिना दोस्तों के कैसे रह सकता था? "अच्छा है तुमने खा लिया खाने से तुम्हारे शरीर में ताकत आयेगी और तुम्हारा हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा, तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए अच्छे से अच्छा सर्जन ढूंढ रहे हैं तुम हिम्मत मत हारो" समर उदासीनता से घिरा हुआ था उसने अपनी मां की तरफ देखा "झूठ मत बोलो मेरे हाथ की नसें खराब हो गई है अब मैं कभी म्यूजिक नहीं बजा पाऊंगा... अपाहिज हो चुका हूं मैं,," "नहीं,,समर,,ऐसा मत बोल ,,सब मेरी ग़लती है मैं जानती हूं तू अभी सदमे में हैं,," राधा की आंखों में आंसू भर आए "आप क्यों माफी मांग रही है? माफी तो उसे मांगनी चाहिए कहो उसे मुझे अपना हाथ काटकर देदे मैं सब भूल जाऊंगा" समर ने गुस्से में भरकर कहा "समर!!" राधा का गला रूंध गया "मैं मानती हूं उससे ग़लती हुई है लेकिन वो अभी बच्ची है और तुम्हारी छोटी बहन,," "बहन?? आप सब के सब बुरे हो किसी को मेरी परवाह नहीं है एक वो ही आपकी बेटी है मुझे तो सड़क से उठाया होगा,," समर गुस्से में फट पड़ा उसका दिल आक्रोश से भरा पड़ा था "समर!!! अपनी मां से ऐसे बात करते है?" राघव जी ने उसे डांटा और राधा को चुप कराने लगे सम्राट ने समर को समझाते हुए कहा "मैं समझता हूं मां पापा की ग़लती है लेकिन ईवा का हाथ तोड़ देना भी प्रेक्टिकल नहीं है हम सब उपाय सोच रहे हैं तुझे शांत रहना होगा भाई तुझसे वादा करता है ईवा को सजा जरूर मिलेगी" सम्राट सबसे बड़ा था पापा के बाद घर में उसी की चलती थी समर कुछ हद तक शांत हो गया वैसे भी ईवा का हाथ तोड़कर भी कौन-सा उसका हाथ वापस आ जाएगा? समर ने आंखें बंद कर ली एक बार फिर वो गहरे अंधकार में डूब गया ईवा दरवाजे पर खड़ी सबकुछ देख रही थी समर का हाथ फ्रेम पर लटका हुआ था जिसपर बहुत सारी मेडिकल मशीनें लगी हुई थी नॉवेल में समर का हाथ कभी ठीक नहीं हुआ था जिस कारण वो ईवा से बेहद नफरत करने लगा था ऊपर से जब वो देखता कैसे उसके मां बाप अभी भी ईवा से प्यार करते हैं उसका मन करता ईवा को मार ही दे ऐसे गहरे अंधकार में उसका एक ही सहारा थी इस नॉवेल की हिरोइन कामना।
ईवा ने अपने हाथों को देखा वो ऑपरेशन कर सकती थी रिसर्च इंस्टीट्यूट में उसने बहुत सारी सर्जरी की थी लेकिन अभी के लिए उसे पर्याप्त मेडिकल इक्विपमेंट चाहिए थे और प्रेक्टिस भी जिससे उसके हाथ ना कांपे। सम्राट ने ईवा को देख लिया और बाहर निकल आया, "अंदर आकर माफी मांगो" उसकी आवाज सर्द थी "वो गुस्सा हो जाएगा" ईवा ने सिर झुकाकर कहा "ओह! तो तुम्हें पता है कि वो गुस्सा हो जाएगा? ये सब करने से पहले नहीं सोचा था? मैं कुछ नहीं जानता अगर समर ने तुम्हें माफ़ नहीं किया तो मैं भी तुम्हें माफ़ नहीं करूंगा जाओ और माफी मांगो" सम्राट की भौंहें तनी हुई थी सम्राट लंबा था और ईवा सिर्फ उसके सीने तक आ रही थी सफेद फर वाले स्वेटर पिंक जींस और पिंक बूट्स में वो सफ़ेद खरगोश की तरह लग रही थी पर सम्राट को लगता था उसकी बहन जैसी मासूम दिखती है उतनी है नहीं उसका दिल कोयले की तरह काला हो गया है ईवा ने हां में सिर हिलाया और अंदर घुस गई समर की नजर जैसे ही ईवा पर गयी गुस्से से उसका रोम रोम कांप उठा "बहुत खुश हो ना मुझे ऐसे देखकर? मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी मुझे अपाहिज बना दिया,,अब मैं कभी पियानो नही बजा पाऊंगा कभी नहीं" समर चिल्लाता रहा और ईवा सिर झुकाकर सब सुनती रही अगर सागर ने उसे ना पकड़ा होता तो वो उछलकर ईवा पर झपट पड़ा होता ईवा को चुप देखकर भी समर का गुस्सा शांत नहीं हुआ उसने अपने पास रखा टिफिन बॉक्स अपने सही वाले हाथ से उठाया और ईवा की ओर फेंक दिया ये टिफिन बॉक्स कामना लाई थी समर के लिए समर की भूख मर चुकी थी इसलिए उसने थोड़ा सा ही खाया था टिफिन बॉक्स ईवा के सिर पर लगा और उसका सारा खाना ईवा के ऊपर गिर गया "ईवा!!" ईवा की हालत देखकर राधा का दिल बैठ गया ईवा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी "क्या हुआ? बुरा लग रहा है? जरा सी चोट लगी तो इतना बुरा लग रहा है मेरा सोचो जिसका एक हाथ जिंदगी भर के लिए खराब हो गया मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी?" ईवा की ओर बढ़ते राधा के कदम ठिठक गए वो दोनों बच्चों के बीच फंस चुकी थी "मैं अभी आती हूं" अपनी मां को दोराहे से निकालने के लिए ईवा बाहर निकल गयी अपनी बेटी को इस तरह जाता देख राधा का मन विचलित हो उठा लेकिन समर के कारण वो कुछ नहीं कह पाई कुछ देर बाद राधा बाहर आई ईवा वैसे ही खड़ी थी राधा को समझ नहीं आ रहा था वो क्या कहें "मैं बाहर आपका इंतजार करती हूं" ईवा ने चुप्पी तोड़कर कहा "ठीक है ज्यादा दूर मत जाना" राधा ने कहा और वापस अंदर चली गई उसके बाद राधा ने समर के पास हॉस्पिटल में ही रूकने का फैसला किया समर की मानसिक स्थिति इस समय सही नहीं थी ऐसे में उसे अकेला नहीं छोड़ा जा सकता था राघव जी और सम्राट ईवा के साथ घर की ओर निकल गए। सम्राट ड्राइवर के बराबर में आगे बैठा था ईवा और राघव जी पीछे बैठे थे "ईवा एक हफ्ते तक तुम कॉलेज नहीं जाओगी छुट्टी की बात मैं तुम्हारे कॉलेज में कर लूंगा घर रहकर अपनी ग़लती पर ध्यान दो" सम्राट सख्ती से बोला उसकी आवाज में गुस्सा साफ झलक रहा था "सम्राट ईवा का अभी फस्ट ईयर है इतनी कठोर सजा?" राघव जी ने टोका "पापा प्लीज आपने और मम्मी ने वादा किया था कि आप ईवा के साथ सख्ती करेंगे वैसे भी कॉलेज में जाकर पढ़ाई करने से ज्यादा जरूरी एक अच्छा इंसान बनना है" राघव जी चुप हो गए "सुन रही हो तुम एक हफ्ते घर पर रहकर अपनी ग़लती पर विचार करो आगे से ऐसा कभी ना हो" सम्राट ने कड़क आवाज में कहा ईवा ने हां में सर हिला दिया नॉवेल में ईवा ने इसी बात पर सम्राट से बहुत लड़ाई की थी वो नहीं जानती थी सम्राट ये सब उसी के भलाई के लिए कर रहा था जिससे उसकी बहन एक अच्छी नेक दिल इंसान बने लेकिन वो कभी इस बात को नहीं समझ पाई दोनों के बीच खाई इतनी गहरी हो गई कि सम्राट ने ईवा से कोई उम्मीद ही छोड़ दी ईवा की जगह उसने कामना को दे दी जो समझदार थी कामना की कामयाबी में सम्राट का बहुत बड़ा रोल था। घर आकर राघव जी और सम्राट अपने अपने कमरों में चले गए ईवा अपने कमरे में ना जाकर अपने भाई सागर के लेब रूम में चली गई सागर लंदन से बायोलॉजी पढ़ रहा था घर पर उसका बाओ लैब भी था ईवा अंदर आई वहां मायक्रो स्कोप भी था सर्जरी के जितना परफेक्ट नहीं था लेकिन फिलहाल उसका काम हो गया था ईवा किचन से अंडे लाई और एक्सपेरिमेंट करने लगी इसी तरह वो काफी बिजी थी कि घर में एक मेहमान की एंट्री हुई वो था इस कहानी का हीरो।
सम्राट ने केशव को बुलाया था ईवा को ट्यूशन देने के लिए और सबसे ज्यादा उसे कुछ तमीज सिखाने के लिए। केशव इस कहानी का हीरो था बहुत मेहनती और टैलेंटेड, उसकी मां जिससे प्यार करती थी उससे उनका ब्रेकअप हो जाता है लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है वो प्रेग्नेंट है अपने बच्चे को वो अकेले ही पालती है केशव को अभी नहीं पता वो बहुत बड़े खानदान का बेटा है ये सब आगे जाकर उसे पता चलता है फिलहाल अपनी मां के इलाज और अपनी कॉलेज फीस के लिए उसे पैसों की बहुत जरूरत थी जिस कारण वो ईवा को ट्यूशन देने को तैयार हो गया जबकि उसने ईवा के बारे में बहुत सुना था कि वो अमीर खानदान की बिगड़ी हुई लड़की है एकदम जिद्दी और बिगड़ैल अपनी मनमानी करने वाली पर सम्राट उसे अच्छे पैसे दे रहा था जिसकी उसे सख्त जरूरत थी। कहानी में ईवा इसी दौरान केशव के प्यार में पड़ जाती है क्योंकि यहीं समय था जब सबने उससे मुंह मोड़ लिया था केशव उसे अपना सा लगने लगा था। ईवा को जब पता चला घर में केशव आया है वो अपने कमरे से बाहर ना निकली लेकिन अब तक छिपती सम्राट उसके कमरे में आया "ईवा मेरे साथ आओ तुम्हें किसी से मिलवाना है" ईवा सम्राट के साथ उसके स्टडी रूम में आई जहां पहले से ही केशव बैठा था कहानी का हीरो था केशव बहुत हेंडसम भी था वाइट शर्ट और ब्लैक ट्राउज़र्स में वो चार्मिंग लग रहा था पर ईवा को इससे कोई लेना-देना नहीं था क्योंकि केशव ही नॉवेल वाली ईवा की मौत का कारण था। ईवा का कॉलेज पूरा होते ही केशव से उसका मिलना नहीं हुआ था लेकिन ईवा उसे नहीं भूल पाई घर में या बाहर सभी उसे गलत समझते थे उससे नफ़रत करने लगे थे ऐसे में ईवा पूरी तरह केशव के प्यार में पागल थी। जब वो दोबारा केशव से मिली केशव वो पुराना वाला गरीब लड़का नहीं बल्कि एक करोड़पति परिवार का प्रिंस बन चुका था पर ईवा उसके पैसों से नहीं उससे प्यार करती थी लेकिन केशव उसे नहीं कामना को प्यार करता था क्योंकि कामना एक सुंदर, समझदार, सुलझी हुई लड़की थी जिसने अपनी काबिलियत से सबकुछ पाया था ईवा की तरह नहीं जो एक नंबर की नकचढ़ी घमंडी थी जो चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुई थी जिसे सबकुछ बिना मेहनत के मिल जाया करता था। ईवा से बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए वो बदले की आग में जल उठी जो उसका नहीं हुआ वो किसी और का भी नहीं हो सकता उसने केशव और कामना को तबाह करने की ठान ली लेकिन इस सब में उन दोनों को कुछ नहीं हुआ बल्कि वो खुद ही मर गई। ईवा को अब ये सब नहीं दोहराना था। केशव की नजर ईवा पर गयी जो अठारह साल की उम्र में सोलह साल की लग रही थी मासूमियत उसके चेहरे पर कूट कूट कर भरी थी आंखें बड़ी बड़ी गोल थी बालों की ऊंची सी पोनी टेल बनाई हुई थी वाइट टॉप और पिंक शोर्ट्स में वो नजरें झुकाए खड़ी थी। 'जैसा सुना था ये वैसी तो नहीं लगती या भोली होने का नाटक कर रही है?' केशव ने मन ही मन सोचा उसने सुना था कैसे ईवा ने अपने ही भाई को सीढ़ियों से धक्का दे दिया जिस कारण समर का हाथ खराब हो गया। केशव के दिल में ईवा की कोई अच्छी इमेज नहीं थी। "ये हैं केशव तुम्हारे लिए ट्यूटर जबतक तुम घर पर रहोगी यहीं तुम्हें पढ़ायेंगे उसके बाद वीकेंड में" सम्राट ने केशव को इंट्रोड्यूस करवाया फिर हिदायत देते हुए कहा - और हां तुम केशव को परेशान मत करना मुझे कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए?" ईवा ने हां में सिर हिला दिया दरअसल वो बहुत कम बोलती थी कारण था वो बचपन से रिसर्च इंस्टीट्यूट में भेज दी गई थी जहां वो अपने पेरेंट्स को बहुत याद करती थी धीरे-धीरे वो गुमसुम रहने लगी थी ये ख़ामोशी ही उसकी दोस्त थी। "ठीक है फिर केशव तुम आज से ही अपना काम शुरू कर दो" सम्राट के कहने पर केशव ने हां कहा और ईवा के पीछे उसके स्टडी रूम में आ गया वैसे भी उसे इस नौकरी के हर दिन पैसे मिलने वाले थे अपनी बीमार मां के इलाज के लिए उसे इस समय पैसों की सख्त जरूरत थी। ईवा का स्टडी रूम पिंक शेड में था प्रिंसेस स्टाइल। केशव ने चारों तरफ देखा ईवा वाकई में माथुर खानदान की प्रिंसेस थी बाहर लोग कहते हैं कि वो डेविल है खैर उसे क्या? चाहें प्रिंसेस हो या डेविल उसे तो अपना काम करने से मतलब है। "पहले तुम ये क्वेश्चन पेपर सोल्व करके दिखाओ इससे मुझे पता चलेगा तुम्हें कहां परेशानी होती है" केशव ने एक क्वेश्चन पेपर आगे बढ़ाया। ईवा ने पेपर लिया केशव कुछ दूरी पर सोफे पर बैठा अपने फोन में कुछ कर रहा था एक क्वेश्चन करने के बाद ईवा धीरे से अपना फोन निकालकर काम करने लगती है कुछ देर बाद केशव उठा और ईवा की तरफ आया ईवा ने तुरंत फोन नीचे छिपाकर लिखना चालू कर दिया। केशव ने देखा ईवा ने एक ही क्वेश्चन करा है लेकिन सही करा है वो उसे जल्दी क्वेश्चन सोल्व करने का तरीका बताता है वो एक टॉपर स्टुडेंट था और उसके पढ़ाने का तरीका भी बहुत अच्छा था पढ़ाते हुए एक बार केशव की उंगलियां ईवा की उंगलियों से छू जाती है ईवा सहमकर एकदम से पीछे हो गई उसकी आंखों में डर था केशव हैरान रह गया उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई गुंडा हो? लेकिन ईवा ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया था वो अजनबी लोगों से डरती थी और केशव से तो वो जितना दूर रहें उतना अच्छा था आखिर केशव ही नॉवेल वाली ईवा की मौत का कारण था और अब वो उसी नॉवेल में कैद थी।
रात को जब राघव जी घर आए वो ईवा को दादा दादी की हवेली ले गए। दादा दादी अकेले रहते थे लेकिन कोई ना कोई उनसे मिलने आता रहता था चाहें कोई भी त्योहार हो या कोई खास बात। हवेली में नौकर चाकर तो लगे ही रहते थे। ईवा जैसे ही हवेली में दाखिल हुई दादा दादी लिविंग रूम में ही उनका इंतजार कर रहे थे ईवा को देखते ही दादी मां ने ईवा को अपने पास खींच लिया "मेरी गुड़िया बेटा किसी ने तुझे डांटा तो नहीं?" दादी मां ईवा को ऊपर से नीचे तक देखने लगी कि वो सही सलामत तो है ये देखकर राघव जी की भौंहें तन गयी - मां चोट समर को लगी है ईवा को नहीं और इस बार ग़लती ईवा की है। "तू चुप कर" दादी मां ने राघव जी को डांट लगाई दी "मुझे मेरी ईवा पर पूरा यकीन है वो ऐसा नहीं कर सकती देखा भी है कितनी कमजोर है ये? ये क्या किसी को धक्का देगी वो अपने भाई को? तू इसपर यकीन कर सकता है मैं नहीं, समर का खुद ही पैर फिसला होगा और इल्जाम बिचारी ईवा पर लगा दिया" कोई विशवास करें ना करें दादी मां को ईवा पर पूरा विश्वास था उनके तीन बेटे हुए थे उन्हें बेटी की बड़ी चाह थी लेकिन उनके एक भी लड़की नहीं हुई दादी मां ने अपनी उम्मीदें अपने बेटों से लगा ली तीनों की शादी हो गई किसी के तो लड़की होगी लेकिन नहीं आठ पोते हो गए लेकिन पोती एक भी नहीं दादी मां बहुत मन्नतें मांगी पूजा करनी आखिरकार भगवान ने उनकी सुन ली और ईवा का जन्म हुआ ईवा उन्हें अपने बेटों से भी ज्यादा प्यारी थी बचपन में ज्यादातर वो हवेली में ही रहती थी दादी मां को पता था ईवा थोड़ी गुस्से वाली नकचढ़ी हो सकती है लेकिन उसका दिल कपटी नहीं है घर में सबको वो बहुत प्यार करती है। "मां आप ईवा की साइड लेना बंद करो ऐसे तो ये और बिगड़ जाएगी" राघव जी ने समझाया "तू कहना क्या चाहता है? मुझे बच्चें पालने नहीं आते? तीन तीन बच्चों को पाला है मैंने और आज जब मैं बुढ़ी हो गई तो तू मेरी परवरिश पर सवाल उठा रहा है?" दादी मां की जोरदार फटकार के बाद एकपल तो राघव जी देखते ही रह गए फिर होश में आकर अपनी मां का हाथ पकड़कर बोले - मां तुम जानती हो मेरा वो मतलब नहीं था "जो भी हो मुझे अपनी ईवा पर पूरा विश्वास है और वो तुम्हारे घर की मेड, उसे निकालो घर से नौकर मालिक की सेवा के लिए होते हैं गुस्सा दिलाने के लिए नहीं अगर ईवा को वो लड़की पसंद नहीं है तो उसे घर में नहीं रहना चाहिए" दादी मां ने राघव जी का हाथ झटक दिया ईवा ने देखा दादी मां और डैड में उसे लेकर झगड़ा हो रहा है उसने धीरे से दादी मां का हाथ खींचा - दादी मां आप डैड को कुछ मत कहो ग़लती मेरी ही थी ईवा ने कहानी के बारे में सोचा नॉवेल में ईवा ने भले ही समर को धक्का ना दिया हो पर कामना को लेकर झगड़ा करना भी ग़लत था आखिर समर किसी को भी अपना दोस्त बनाए वो उसकी लाइफ है नॉवेल में ईवा अड़ियल तो थी दादी मां ने ईवा को गले लगा लिया राघव जी को भी लगा उनकी बेटी सच में बदलने की कोशिश कर रही है दादाजी जो अबतक चुप थे उन्होंने ईवा को अपने पास बुलाया ईवा सिर नीचा करके उनके पास आकर खड़ी हो गई दादाजी भी दादी की तरह ईवा से बहुत प्यार करते थे लेकिन घर के बड़े होने के नाते उन्हें अपने पोते समर के लिए भी सोचना था "पहले मैं तुमपर गुस्सा था लेकिन तुमने अपनी ग़लती मांगी मुझे अच्छा लगा आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए?" "जी दादाजी" ईवा ने मासूमियत से कहा दादी मां आई और ईवा को अपने पीछे खींचकर दादाजी पर गुस्सा करने लगी - तुम मेरी पोती को क्यों डांट रहे हो? एक तो पहले ही सबने बहुत सुनाया है उसे" ये बात उन्होंने राघव जी को देखकर कहीं कुछ देर बाद सबने डिनर किया दादाजी और राघव जी बैठकर सोफे पर बातें कर रहे थे "सुना है वो लड़का मनाली आ रहा है?" राघव जी समझ गए दादाजी किसकी बात कर रहे हैं उन्होंने जवाब दिया - वो आ गया है मनाली "तुम दूर रहना उससे सुना है बहुत बड़ा सनकी है" दादाजी ने कहा "हां सनकी भी और खतरनाक भी ओबरोय खानदान का इकलौता बेटा है" "फिर भी कुछ ज्यादा ही प्रोटेक्शन में नहीं रहता वो?" दादाजी ने सुना था मनन ओबरोय के साथ हर समय बॉडीगार्ड्स रहते हैं "सिर्फ इकलौता वारिस ही नहीं उसे दिल की बीमारी भी है इसलिए उसके दादाजी उसे संभाल कर रखते हैं" "अच्छा?" "हां और आपको पता है मनन के चाचाजी विक्रम भी बहुत पावरफुल है, विक्रम पहले बहुत शैतान था इस चक्कर में उसने बहुत सारे दुश्मन भी बना लिए एक बार उसका किडनैप हो गया और विक्रम की जान बचाने के लिए उसके बड़े भाई की जान चली गई जबसे ही विक्रम सुधर गया और खुद को मनन का अपराधी मानने लगा इसलिए विक्रम ने कभी शादी नहीं की उसकी सारी संपत्ति का वारिस मनन है" ईवा जो आइसक्रीम खा रही थी ये सब सुन रही थी अचानक उसके दिमाग में एक ख्याल आता है और उसकी आंखें बड़ी हो जाती है मनन? ये तो इस कहानी का विलिन है।
मनन ओबरोय कहानी का विलिन था ईवा को बस इतना ही पता था वो बेहद ख़तरनाक और सनकी था और केशव से उसकी दुश्मनी थी। नॉवेल में जब ईवा की मौत हो जाती है उसके बाद वो सो गई थी और फिर इस नॉवेल में आ गई इसलिए आगे केशव और मनन में क्या हुआ वो उसे भी नहीं मालूम राघव जी ईवा को लेकर जाने लगे तो दादी मां उन्हें रोकने लगी - तू दिनभर ऑफिस में रहता है राधा हॉस्पिटल में है ईवा घर में अकेली क्या करेगी? इसे यहीं छोड़ जा "मां ये मिलने आ जाएगी आपसे" राघव जी को डर था दादी मां के लाड़ प्यार में ईवा फिर से ना बिगड़ जाए इसलिए उन्हें समझा बुझाकर वो ईवा को घर ले आए। अगले दिन सुबह का समय सम्राट का सिर भारी हो रहा था उससे उठा ही नहीं जा रहा था गला भी भारी था शायद उसे फीवर था पापा ऑफिस चले गए थे और मां घर में थी नहीं सम्राट वापस लेट गया शायद लेटकर आराम मिले। कुछ देर बाद उसके कमरे का दरवाजा धीरे से खुला और ईवा अंदर आई, सम्राट को एहसास हुआ ईवा का नाज़ुक हाथ अपने माथे पर फिर वो कमरे से निकल गई सम्राट को लगा वो चली गई लेकिन पांच मिनट बाद ईवा हाथ में कुछ लेकर आई वो ठंडे पानी का बाउल था और सफेद रूमाल ईवा ने दोनों चीज टेबल पर रखी और मेडिकल किट से दवाई निकालकर सम्राट के पास आई, सम्राट ने हल्की सी आंखें खोलकर ईवा को देखा - तुम्हें कैसे पता चला मैं बीमार हूं? बोलने में भी उसे काफी तकलीफ़ हो रही थी "आप आज समय पर नहीं उठे" ईवा ने छोटा सा जवाब दिया रोजाना सम्राट जल्दी उठता था एक्सरसाइज़ करता था जब आज उसे देर हो गई ईवा को लगा कुछ गड़बड़ है उसने देखा तो सच में सम्राट को फीवर था ईवा ने सम्राट का सिर पकड़कर दवाई खिला दी और पानी पिला दिया दवाई के असर से सम्राट गहरी नींद में सो गया इस दौरान ईवा उसके पास ही रही ठंडी पट्टियां करती रही जब सम्राट उठा ईवा सामने कुर्सी पर बैठी किताब पढ़ रही थी उसे उठता देख ईवा बाहर निकल गयी और गरमागरम सूप लेकर आई सूप की खुशबू से सम्राट को एहसास हुआ उसने सुबह से कुछ नहीं खाया एक बाउल सूप पीकर उसे बहुत अच्छा लगा सूप भी बहुत टेस्टी था ईवा फिर बाहर गयी और इस बार उसके हाथ में ट्रे थी ट्रे में ब्रेकफास्ट था चीज़ टोस्ट फ्रेश फ्रूट सलाद और ओरेंज जूस खाना खूबसूरती से सजाया गया था सम्राट ने सारा ब्रेकफास्ट चट कर दिया उसे लगा उसका शरीर एनर्जी से भर गया ईवा चली गई सम्राट के दिल में ईवा के प्रति गुस्सा थोड़ा कम हो गया था। सम्राट ने गर्म पानी से शॉवर लिया और अपना लैपटॉप लेकर काम करने लगा काम करते हुए उसे स्वादिष्ट ब्रेकफास्ट याद आया - मीना आंटी कबसे वेस्टर्न ब्रेकफास्ट बनाने लगी था तो बहुत टेस्टी जब समर घर आयेगा उनसे फिर बनवाऊंगा समर खुश हो जायेगा सम्राट को नहीं पता था आज तो मीना आंटी ने छुट्टी ले रखी थी घर पर सिर्फ़ वो और ईवा ही थे। अगले पांच दिनों तक ईवा एक्सपेरिमेंट करती थी केशव से ट्यूशन लेती थी, फिलहाल उसके दो मेन मकसद थे पहला समर के लिए सर्जरी करना और उसका हाथ ठीक करना और दूसरा था अपनी बेगुनाही साबित करना उसके लिए उसे वो सीसीटीवी फुटेज चाहिए थी ये हादसा रिसोर्ट में सीढ़ियों के ऊपर हुआ था जहां कैमरा तो होगा ही लेकिन किसी ने इस बात पर गौर नहीं किया बल्कि सबने समर की बात मान ली थी यहां तक नॉवेल में ईवा ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया वो पहले तो मना करती रही कि उसने कुछ नहीं किया लेकिन जब किसी ने उसकी नहीं सुनी तब ईवा चिल्लाई - हां मैंने ही धक्का दिया था समर को करलो जो करना है एक काम करो मेरा हाथ काटकर समर को दे दो।
अगले दिन सम्राट ईवा को लेकर हॉस्पिटल जा रहा था ईवा ने कंधे पर एक बेग ले रखा था जो काफी भरा हुआ लग रहा था सम्राट ने देखा लेकिन कुछ पूछा नहीं, कार घर से निकालते ही उसे कामना दिख गई जो लंच बॉक्स लिए खड़ी थी आज वीकेंड था शायद कामना समर के लिए ही लंच लेकर जा रही थी सम्राट ने उसके सामने गाड़ी रोक ली - आ जाओ आवाज सुनकर ईवा ने भी बाहर देखा वो पहली बार इस नॉवेल की हिरोइन कामना को देख रही थी जैसा नॉवेल में लिखा था कामना देखने में सुंदर थी ओवल चेहरा, गोरा रंग, और तीखे नैन-नक्श, "आप जाइए मैं बस लेकर चली जाऊंगी" कामना ने नम्रता से कहा "यहां इस समय बस नहीं मिलेगी वैसे भी हम सब एक ही जगह तो जा रहे हैं चलो" सम्राट ने फिर कहा तो कामना बैठ गई वो सम्राट के साथ आगे बैठी थी क्योंकि पीछे ईवा के पास कपड़ों का बड़ा सा बेग रखा था। सम्राट ने रियल व्यू मिरर से ईवा का चेहरा देखा अगर ईवा सच में बदल गई है तो उसे गुस्सा नहीं आना चाहिए सम्राट ने देखा गुस्सा तो दूर की बात है ईवा उनकी तरफ देख भी नहीं रही बल्कि अपने फोन में लगी हुई थी सम्राट कामना से समर के बारे में पूछने लगा दो साल से वो घर से बाहर था इसलिए कामना समर को उससे बेहतर जानती थी। दोनों में काफी बातचीत हुई कभी कभार दोनों एक नजर ईवा को देख लेते लेकिन ईवा तो जैसे अपनी ही दुनिया में थी। हॉस्पिटल पहुंचकर सम्राट ने ईवा को बाहर रूकने को कहा और खुद कामना के साथ अंदर चला गया ईवा चुपचाप अपना बेग लिए कोरिडोर में रखी बैंच पर बैठ गई उसके सामने वाली बेंच पर एक लड़का लेटा हुआ था उसके मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और उसके पेट से गुड़गुड़ की आवाजें आ रही थी जैसे वो भूखा हो, ईवा ने अपने बैग से लंच बॉक्स निकाला ये लंच उसने अपने हाथों से समर और मां राधा के लिए बनाया था लेकिन घर से निकलते ही कामना मिल गई अब उसके लंच के सामने उसके खाने की कोई कीमत नहीं थी फेंकने से अच्छा था किसी भूखे को ही दे दिया जाए, ईवा आगे बढ़ी और उस लड़के के हाथ को हल्के से हिलाया लड़के ने अपने मुंह से कपड़ा हटाया सबसे पहले तो ईवा ने ये देखा कि ये लड़का इतना ज्यादा हैंडसम था कि वो इंसान कम और वंपायर किंग ज्यादा लग रहा था "ये लंच तुम खा लो मैंने आज सुबह ही बनाया था अभी किसी ने नहीं खाया" ईवा ने लंच उसकी तरफ बढ़ा दिया उसने इसलिए बताया कि लड़के को ये ना लगे कि वो बचाकुचा खाना उसे दे रही है मनन की शार्प नजर अपनी सामने खड़ी डॉल जैसी लड़की पर गयी फिर उसके हाथ में पकड़े पिंक लंच बॉक्स पर 'ये बच्ची उसपर दया कर रही है? मनन ओबरोय के अब ये दिन आ गए?' तभी वार्ड से किसी के बाहर निकलने की आवाज आई ईवा ने तुरंत लंच बॉक्स मनन के हाथों में थमा दिया और भागकर वार्ड की तरफ चली गई। मनन के पतले होंठों पर मुस्कराहट आ गई वो इस समय बहुत कातिलाना लग रहा था। राधा वार्ड से बाहर निकली और ईवा को लेकर अंदर चली गई, ईवा को देखते ही समर जो अभी तक शांत था गुस्से में उफनने लगा "क्यों आईं हो यहां? मैं अपाहिज हो गया इसका तमाशा देखने या मगरमच्छ के आंसू बहाने?" राधा का दिल दुख रहा था वो समर को रोकना चाहती थी लेकिन सम्राट ने इशारे से मना कर दिया राधा चुप रही वो समझती थी इस समय वो जितना ईवा का बचाव करेगी समर ईवा से उतनी ही नफरत करेगा ईवा तो सब चुपचाप सुनती रही "तुम्हारे चुप रहने से या मेरे लिए कुछ भी करने से मेरा दिल नहीं पिघलेगा मैं तुमसे नफरत करता हूं और जिंदगी भर करता रहूंगा मैं तुम्हें अपनी बहन नहीं मानता" बहुत देर तक कोसने के बाद समर थककर चुप हो गया "मां आज मैं समर के पास रूक जाता हूं आप घर चली जाओ" सम्राट ने कहा "ठीक है" राधा ईवा को लेकर निकल गई पार्किंग एरिया तक आकर राधा ने अपनी नन्ही गुड़िया को देखा "ईवा तुमने बहुत अच्छा किया जो कुछ नहीं बोला अपने भाई को थोड़ा समय दो वो गुस्से में कुछ भी बोल रहा है लेकिन तुम उसकी नन्ही परी हो वो तुमसे ज्यादा देर तक गुस्सा नहीं रह पायेगा" ईवा ने हां में सर हिला दिया राधा की आंखों में आंसू आ गए अपने बेटे की ऐसी हालत ऊपर से उसके बच्चे ही आपस में लड़ रहे हैं ये किसी भी मां के लिए असहनीय पीड़ा थी ईवा ने अपना हाथ राधा के आंसू साफ़ करने के लिए बढ़ाया फिर वापस खींच लिया वो इन रिश्तों में बिल्कुल नयी थी राधा ने ईवा की हरकत देखी और फिर उससे अपने आंसू नहीं रोके गए ईवा के गले लगकर वो जोर जोर से रोने लगी ईवा की मासूम आंखें बड़ी हो गई राधा को कांपता महसूस कर ईवा ने अपना हाथ राधा की पीठ पर रख दिया कुछ देर जी भर रोने से राधा के मन हल्का हो गया वो ईवा से अलग हुई और बोली - ईवा अब तुम्हें अच्छी बच्ची बनना है, ऐसी कोई शैतानी नहीं करनी जिससे किसी को तकलीफ़ हो?" ईवा ने हां में सर हिला दिया राधा ने ईवा का माथा चूम लिया "तुम्हारे पापा सर्जन ढूंढ रहे हैं समर का हाथ ज़रूर ठीक हो जाएगा और हम सभी पहले की तरह खुशी खुशी रहेंगे" राधा ईवा को तसल्ली दे रही थी साथ में खुद को भी।
आज सोमवार था और ईवा को कॉलेज जाना था कॉलेज में एक ही चर्चा थी ईवा इज द डेविल सिस्टर कॉलेज फोरम पर स्टुडेंट्स के कमेंट्स भी ईवा को लेकर थे जैसे ये ईवा बहुत दिनों से कॉलेज नहीं आई लगता है इसे कॉलेज से निकाल दिया गया है ऐसी लड़की को हमारे कॉलेज में रहने का कोई अधिकार नहीं है जो लड़की अपने भाई के साथ इतना बुरा कर सकती है वो हमारे साथ पता नहीं क्या करेगी? माथुर परिवार का कलंक है ईवा कहां उसके टैलेंटेड भाई और कहां ये बत्तमीज लड़की? ईवा यहीं सब पढ़ रही थी कि उसे एक मैसेज आया ईवा ने देखा डॉ मिरेकल आपने जो रिपोर्ट्स भेजी थी दे आर जस्ट ओसम हम आपसे मिलना चाहते हैं ईवा की उंगलियां लैपटॉप पर चली आय एम नोट फ्री नाओ उधर से कुछ समय बाद रिप्लाई आया इट्स ओके आपके पास जब समय हो हम तब मिल सकते हैं तब-तक हम ओनलाइन कोंटेक्ट में रहेंगे ईवा ने लैपटॉप बंद कर दिया क्योंकि कॉलेज आ चुका था ईवा के आते ही सभी स्टुडेंट्स उसे अजीब नज़रों से देखने लगे लेकिन ईवा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा वो आगे बढ़ती रही उसी समय कामना की बस आकर रूकी जैसे ही वो कॉलेज के अंदर आई उसकी दोस्त संजु ने उसका हाथ पकड़ लिया "कामना यु नो व्हाट?? आज ईवा कॉलेज आई है? आई मीन हाउ इज इट पोसिबल? उसने अपने भाई के साथ इतना बुरा किया और फिर भी ये कॉलेज आ गई?" "मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता लेकिन कोई भी फेमिली अपने बच्चों को बचायेगी" "तू सही कह रही है मैंने भी सुना था माथुर फैमिली ईवा को लड़कों से ज्यादा फेवर करती है लेकिन आज देख भी लिया बट इट्स सो डिस्गस्टिंग" संजु समर और कामना क्लासमेट्स थे संजु समर को पसंद करती थी पहले उसने ईवा से दोस्ती की क्योंकि ईवा समर की इकलौती बहन थी उसके जरिए वो समर को पाना चाहती थी लेकिन ईवा ने उसे बिल्कुल घास नहीं डाली बल्कि उसके इरादे भांप गई और बोली - मेरे भाई से दूर रहना समझी? संजु गुस्से में बोखला गई थी वो क्यों समर के लायक नहीं है? ये ईवा सबसे चिढ़ती है फिर संजु की दोस्ती कामना से हुई क्योंकि कामना समर की दोस्त थी ईवा की जहां करेले की तरह कड़वी ज़ुबान थी वहीं कामना की कोयल जैसी मीठी। "अच्छा कामना हमारी क्लास में सबने समर के लिए वेल विशेज कार्ड तैयार किए हैं लेकिन हमें नहीं पता वो किस हॉस्पिटल में है क्या तू हमें अपने साथ ले जाएगी?" संजु ने कहा "अभी समर को आराम करने दो वो इतने सारे लोगों को देखकर गुस्सा हो जाएगा" कामना का जवाब सुनकर संजु का चेहरा लटक गया "ठीक है फिर तुम ही हमारे कार्ड ले जाना" कामना ने देखा संजु नाराज हैं तो वो बात संभालते हुए बोली - जब समर का मूड अच्छा होगा मैं बात करती हूं उससे" "सच?" संजु खुशी के मारे उछल पड़ी "तू कितनी अच्छी है एक वो घमंडी ईवा है ना तेरे जितनी सुंदर ना होशियार गुस्सा तो नाक पर रखा रहता है" "धीरे से कहीं वो सुन ना ले" "सुनती है तो सुने मैं क्या डरती हूं इससे? कैसे मुंह उठाकर चली आई इसे नहीं पता इसकी बेंड बजने वाली है?" "मतलब?" कामना ने उत्सुकता दिखाई "अरे अपनी वो लेडी डॉन सोफी है ना? उसने कसम खा रखी है इस ईवा को सबक सिखाने की" सोफी कॉलेज के चेयरमैन की बेटी थी पूरे कॉलेज में उसका दबदबा था कोई उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करता था सोफी समर के म्यूजिक की फैन थी और जैसे ही उसे खबर मिली कि ईवा ने समर का हाथ तोड़ दिया और समर अब कभी पियानो नही बजा पायेगा सोफी गुस्से में फट पड़ी।
डीके कॉलेज (काल्पनिक नाम) शहर का बेस्ट कॉलेज था यहां तीन तरह के स्टुडेंट्स होते थे पहले जो पढ़ाई में टॉपर है जैसे कामना दूसरे जिनका फेमिली बैकग्राउंड बहुत अच्छा है जैसे ईवा और तीसरे जिनके पास टेलेंट भी है और फेमिली बैकग्राउंड भी जैसे ईवा का भाई समर। ईवा पढ़ने में बिल्कुल जीरो थी ईवा जैसे ही क्लास में घुसी सबकी नजरें उसपर। ईवा सबकी नजरों के बीच अपनी सीट के पास गयी उसने देखा वहां उसकी जो बुक्स रखी रहती थी वो गायब है ईवा की नजर क्लास में पीछे रखे डस्टबिन में गयी जहां उसकी किताबें किसी ने फेंक दी थी क्लास में घोर सन्नाटा छा गया ईवा की नजर अपनी डेस्कमेट पर गयी ये थी गुंजन गुंजन डरपोक स्वभाव की थी ईवा को नजरें देखकर ही उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई "मैंने कुछ नहीं किया ये सोफी का काम है मैं सच बोल रही हूं" वो कांपते हुए बोली सोफी? ईवा ने याद किया ये सोफी इस कॉलेज की लेडी डॉन थी और इसकी कामना से काफी गहरी दोस्ती थी कामना का एक नौकरानी से सोसाइटी में ऊंचा स्थान पाने तक के सफर में इस सोफी का बड़ा रोल था। कामना ऐसी हिरोइन थी जिसकी सबसे बनती थी। शैतान का नाम लिया और शैतान हाजिर सोफी दनदनाती हुई पीछे के दरवाजे से अंदर घुसी उसके पीछे उसकी पूरी टोली थी ईवा के आने की खबर सुनते ही वो यहां धमक पड़ी थी ईवा को उंगली दिखाते हुए सोफी चिल्लाई "तेरी हिम्मत कैसे हुई कॉलेज में आने की? अपने भाई को धक्का देते हुए तेरा दिल नहीं कांपा? तुझमें शर्म नाम की चीज है या नहीं? निकल जा अभी के अभी वापस कॉलेज में मत आना यहां कोई तेरी शकल नहीं देखना चाहता" "किसने कहां मैंने समर को धक्का दिया?" ईवा ने बेहद शांत भाव से कहा ये सवाल उसने नॉवेल वाली ईवा की तरफ से पूछा था जिसने कभी इसपर ध्यान नहीं दिया जो देखो वो उसे सुनाये ही जा रहा है उसके घरवालों तक तो ठीक था लेकिन अब ये लोग जिन्हे वो सही से जानती भी नहीं उसे बेमतलब में जो मन कर रहा है वो सुना रहे हैं "सब लोग जानते हैं तुमने ही अपने भाई को धक्का दिया है" सोफी कमर पर हाथ रखकर बोली "सबने कहा है? उन सबमें से किसी ने अपनी आंखों से कुछ देखा है? या किसी के पास कोई सबूत है?" ईवा का सवाल सुनकर सोफी की बोलती बंद हो गई क्योंकि वाकई में इस बात का किसी के पास कोई सबूत नहीं था लेकिन वो इतनी आसानी से हार नहीं मान सकती ये लड़की जानबूझकर उसे घुमा रही है सोफी ने ईवा को उंगली दिखाई "मैं तुम्हारी गोल गोल बातों में नहीं फंसने वाली समझी तुम?" ईवा ने जोर से मेज पर हाथ मारा सब आंखें बड़ी करके उसे देखने लगे ईवा का हाथ अपने बैग के अंदर गया और उसने कुछ बाहर निकाला ये क्या चाकू?? "चाकू?????" कुछ देर तक जो लड़की खुद को डॉन समझ रही थी वो डरकर दो कदम पीछे हट गई "एक शर्त लगाते हैं अगर तुमने सबूत दिखा दिया तो तुम मेरा हाथ काट सकती हो लेकिन,,,, अगर सबूत नहीं है तो मैं तुम्हारा हाथ काटूंगी" "तुम पागल हो!!!" सोफी चींखी गुंजन भी डरकर पीछे हट गई थी बाकी के बच्चे भी आंखें फाड़े ईवा को देख रहे थे "डरने की क्या बात है? तुम्हारे पास सबूत है तो हाथ मेरा कटेगा,,या तुम्हारे पास सबूत ही नहीं है?" सोफी की बोलती बंद हो गई अगर वो ना कहेगी तो उसकी क्या इज्जत रह जाएगी? और हां कहेगी तो हार जायेगी क्योंकि उसके पास वाकई में कोई सबूत नहीं था सभी की नजर सोफी पर थी सोफी के माथे पर पसीने आ गए ऐसी परिस्थिति में वो पहली बार फंसी थी ना भागते बनता था ना खड़े होते तभी उसकी साथी बोली - बॉस आप क्यों इसके मुंह लग रही हो? ये कॉलेज में चाकू लाई है इसकी क्लास टीचर से कंप्लेन करते हैं वो जरूर इसे कॉलेज से निकाल देंगे सोफी ने तुरंत हां में सर हिलाया ईवा की बातों ने उसका दिमाग ही बंद कर दिया था सोफी फुफकारती हुई अपनी टोली के साथ चली गई सभी स्टुडेंट्स हैरत भरी नजरों से ईवा को देखने लगे ईवा ने सोफी को भगा दिया?? थोड़ी देर बाद क्लास टीचर आए वो पचास के लगभग के मोटे थुलथुले थे सिर के बीचोंबीच कुछ बाल बचे हुए थे आते ही उन्होंने सभी स्टुडेंट्स पर नजर घुमाई और उनकी नजर ईवा पर रूक गई "ईवा मैंने सुना है तुम कॉलेज में चाकू लाई हो?" उन्हें ही नहीं कॉलेज में सबको पता था ईवा ने अपने भाई के साथ क्या किया? लेकिन ईवा के फेमिली बैकग्राउंड की वजह से कोई टीचर कुछ नहीं कह सकता था क्लास टीचर ने बिना सच जानें सिर्फ अफवाहें सुनकर अपने मन में ईवा की ग़लत इमेज बना ली थी "मेरे पास कोई चाकू नहीं है" ईवा ने बड़े शांत अंदाज में कहा "हाऊ डेर यू!!!! मैंने अपनी आंखों से तुम्हें अपने बैग से चाकू निकालते देखा था यहां तक कि क्लास में सभी ने देखा था" सोफी चिल्लाई क्लास टीचर ने भी ईवा को घूरा "ईवा चुपचाप अपनी ग़लती मान लो और चाकू इधर लाओ नहीं तो मजबूरन मुझे तुम्हारे पेरेंट्स को बुलाना होगा" ईवा ने अपने बेग में से चाकू निकाला चाकू देखते ही सोफी उछल पड़ी "सर देखिये मैंने कहा था ना इसके पास चाकू है?" "ये चाकू नहीं टॉफी है" ईवा ने कहा "टॉफी? तुमने सबको पागल समझता है?" सोफी गुर्राई सबकी नजरों के सामने ईवा ने चाकू अपने मुंह में रख लिया सबकी चींख निकल गई तभी सबने कच की आवाज सुनी वो चाकू टूट गया ईवा ने अपने होंठों पर जीभ फिराई "ये टॉफी चीनी से बनी है इट्स शुगर आर्ट" कहते हुए ईवा ने अपने बेग से एक और नाइफ निकाला और मेज पर तोड़ दिया चाकू के टुकड़े टुकड़े हो गए सबके मुंह देखने लायक थे खासकर सोफी और क्लास टीचर इस लड़की ने मुझे इतना बड़ा पोपट बनाया? सोफी गुस्से में उफन रही थी टॉफी? टॉफी??????
क्लास टीचर बिलबिला कर रह गए कौन इस तरह की टॉफी लाता है? ये लड़की जानबूझकर बवाल करना चाहती थी "सब अपनी सीट पर बैठ जाएं" क्लास टीचर ने कहा सोफी भी वापस जाने को मुड़ी तभी "वेट अ मिनट! सर मुझे कंप्लेन करनी है किसी ने मेरी बुक्स डस्टबिन में फेंक दी" ईवा ने कहा सोफी ने ईवा को घूरा उसकी आंखें आग उगल रही थी जैसे अभी उसे भस्म कर देगी क्लास टीचर को भी ईवा की कंप्लेन में कोई इंट्रेस्ट नहीं था क्योंकि उनके हिसाब से वो सिर्फ पैसों के दम पर इतने बड़े कॉलेज में है लेकिन अब पूरी क्लास के सामने वो चुप भी नहीं रह सकते थे इसलिए क्लास टीचर ने सभी स्टुडेंट्स की तरफ देखकर कहा - किसने किया है ये सब? किसी को पता है तो वो आगे आए नहीं तो इससे बड़ी पनिशमेंट मिलेगी" सब चुप रहे सबको पता था ये काम सोफी का था सोफी ने सबके सामने ईवा की बुक्स फेंकी थी लेकिन उसके खिलाफ कोई नहीं जाना चाहता था गुंजन ने भी सिर झुका लिया सोफी सर के पीछे खड़ी थी उसने सभी स्टुडेंट्स को अपनी नजरों से धमकाया जैसे कह रही हो अगर किसी ने मुंह खोला तो अंजाम अच्छा नहीं होगा 😡 सबने सिर झुका लिया "किसी को नहीं पता तो अभी इस बात को यहीं खत्म करते हैं किसी को कुछ पता चले तो मेरे ऑफिस में आकर बता सकता है" क्लास टीचर ने बात टालते हुए कहा सोफी ने ईवा को विजयी मुस्कान दी जैसे कह रही हो तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती 😈😈 क्लास टीचर वापस अपनी चेयर पर बैठने को हुए तभी "सर ये घटना इसी हफ्ते हुई है आय एम श्योर सीसीटीवी फुटेज से सब क्लीयर हो जाएगा" ईवा ने बड़े शांत अंदाज में कहा सोफी की तो जान ही सूख गई कैमरे में तो सब रिकोर्ड हो गया होगा? क्लास टीचर के एक्सप्रेशन भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं थे उन्होंने ईवा को डांटते हुए कहा - अब तुम मुझे बताओगी मुझे क्या करना है? मैं सिर्फ उस बच्चे को अपनी ग़लती सुधारने का मौका दे रहा था ईवा ने हां में सर हिलाया - ओके लेकिन अगर वो अपनी ग़लती ना सुधारें तो आप रिकार्डिंग चैक कर सकते हैं क्लास टीचर इतना गुस्सा थे कि उन्हें समझ नहीं आया क्या बोले? सोफी ने एक सरसरी निगाह ईवा पर डाली और चली गई उसे किसी तरह उस रिकोर्डिंग से छुटकारा पाना होगा। दूसरी ओर केशव अपने रूम में आया जहां वो अपने दोस्तों के साथ रहता था केशव अभी सेकेंड ईयर में था, उसके कमरे में घुसते ही उसका दोस्त सौरभ उसपर कूद पड़ा, "दूर रह मुझे लड़कों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है" केशव ने मुंह बनाकर उसे धक्का दे दिया "केशव एक ऐसी खुश खबरी है जिसे सुनकर तू भी खुशी से झूम उठेगा" "ऐसी क्या बात है?" "हमारे सोफ्टवेयर के लिए इंवेस्टमेंट मिल गई है वो भी पुरे बीस लाख" सौरभ खुशी से झूम रहा था वो लोग एक सोफ्टवेयर बना रहे थे उन सभी दोस्तों में टेलेंट था पर पैसा नहीं ऐसे में उन्हें इंवेस्टर की जरूरत थी ये सुनकर केशव का चेहरा भी खिल उठा "सच?" "हां भाई सच" "नाम क्या है उनका?" "मिरेकल" " मुझे उनका नंबर दे" सौरभ ने नंबर दे दिया केशव ने मेसेज किया हेलो आय एम केशव द ऑनर ऑफ लाइट सोफ्टवेयर इधर ईवा के फोन पर ये मैसेज आया उसने तुरंत कोई रिप्लाई नहीं किया वो केशव से दूर रहना चाहती थी नॉवेल की ईवा केशव का प्यार चाहती थी लेकिन इस ईवा को पैसों से मतलब था तभी तो उसने अपना नाम बदल रखा था नॉवेल में केशव का ये सोफ्टवेयर बहुत सक्सेसफुल हुआ था और ईवा अपने हाथ से पैसे कमाने का ये सुनहरा मौका नहीं छोड़ना चाहती थी।