ये कहानी है ईवा की। जो अचानक एक नॉवेल की विलियन बन जाती है। जहां सब उससे नफ़रत करते हैं। उसके भाई भी उससे नफ़रत करते हैं और उससे ज्यादा उसके घर की मेड कामना को इंपोर्टेंट मानते हैं। जहां कामना पढ़ाई में होशियार, मेहनती, सबका दिल जीतने वाली लड़की है व... ये कहानी है ईवा की। जो अचानक एक नॉवेल की विलियन बन जाती है। जहां सब उससे नफ़रत करते हैं। उसके भाई भी उससे नफ़रत करते हैं और उससे ज्यादा उसके घर की मेड कामना को इंपोर्टेंट मानते हैं। जहां कामना पढ़ाई में होशियार, मेहनती, सबका दिल जीतने वाली लड़की है वहीं ईवा जिद्दी और घमंडी। अपनी असली दुनिया में वापस जाने के लिए ईवा को सबका दिल जीतना होगा। क्या वो ऐसा कर पाएगी? क्या अपनी जिद्दी और घमंडी इमेज को मिटाकर अपनी नई पहचान बना पायेगी? और क्या होगा जब उसे नॉवेल के विलियन मनन ओबरोय से प्यार हो जाएगा?
Eva
Heroine
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कहानी के बारे में जान लेते हैं ये कहानी है ईवा की ईवा बचपन से ही बहुत ज्यादा टैलेंटेड थी जिस वजह से उसके मां बाप बचपन में ही उसे बोर्डिंग में डाल देते हैं वहां वो खुद को बहुत अकेला महसूस करती है लेकिन उसे लगता है जल्द उसके मां बाप उसे ले जायेंगे लेकिन ऐसा नहीं होता बल्कि एक रिसर्च कंपनी उसके मां बाप को बहुत सारे पैसे देकर उसे अपने साथ ले जाती है ईवा जो कभी एक चंचलता से भरी मासूम बच्ची थी वह खामोश रहने लगती है वो हंसना खिलखिलाना भूल चुकी थी हर फोन कॉल पर उसके मां बाप उसका हाल चाल पूछकर रख देते उन्होंने कभी उसकी इच्छा जानने की कोशिश नहीं की कि वो क्या चाहती है ईवा का पूरा समय सिर्फ लेब में बीतता था अब तो उसके मां बाप के फोन कॉल आने भी बंद हो चुके थे ईवा खुद को कैद महसूस करने लगी थी वो बस रोबोट की तरह अपनी जिंदगी जी रही थी उसी समय में उसकी एक दोस्त बन जाती है, जो एक बार उसे नॉवेल लाकर देती है उसे खुश करने के लिए ईवा रात को अपने रूम में उसे पढ़ती है, नॉवेल में विलियन का नाम भी ईवा था और उस कहानी की हिरोइन थी कामना, बहुत पीढ़ियों बाद ईवा का जन्म हुआ था एक लड़की का इसलिए वो घर की प्रिंसेस थी उसके मां बाप ने भाईयों ने डांटना तो दूर की बात है कभी उससे ऊंची आवाज में बात भी नहीं की थी अपने एक आंसू से सारा घर सर पर उठा लेती थी जो उसकी ख्वाहिश होती वो तुरंत पूरी हो जाती ऐसे में वो जिद्दी और बिगड़ैल बन चुकी थी फिर एक ऐसा हादसा होता है कि उसके भाई उससे नफ़रत करने लगते हैं जिससे वो प्यार करती है उसे पाने के लिए वो हिरोईन को परेशान करती है जिससे हीरों गुस्सा होकर उसे मार देता है।
ईवा पहली बार इस तरह की कोई नॉवेल पढ़ रही थी पढ़ते-पढ़ते कब ईवा को नींद आ जाती है उसे पता ही नहीं चलता जब वो उठती है वो खुद नॉवेल का किरदार ईवा बन चुकी थी। उसके दिमाग में एक आवाज गुंजती है
अगर तुम वापस अपनी दुनिया में जाना चाहती हो तो तुम्हें इस कहानी की विलियन ईवा को मरने से बचाना होगा, तुम्हारा असली शरीर कोमा में हैं अगर तुम कहानी की विलियन ईवा को नहीं बचा पाई तो तुम्हारा असली शरीर कभी कोमा से बाहर नहीं आयेगा और तुम मर जाओगी।
नॉवेल वर्ड
राधा ने ईवा को देखा राधा की आंखों में बेइंतहा दर्द था, अपने आंसू पोंछते हुए वो अपने कमरे में आ गई, राघव जी बैठे मेगजीन पढ़ रहे थे अपनी पत्नी का उदास चेहरा देखकर वो सब समझ गए वो उठे और राधा को अपने पास बिठाकर शांत कराते हुए बोले
"राधा चिंता मत करो सब ठीक हो जाएगा"
राधा उनके गले लगकर सिसकने लगी "सब मेरी ग़लती है मेरे लाड़ प्यार की वजह से आज...."
राघव जी राधा की बात को काटते हुए - नहीं राधा इसकी जिम्मेदार सिर्फ तुम नहीं मैं भी हूं हम दोनों ने ही कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि हमारे ज्यादा लाड़ प्यार की वजह से हमारी बच्ची अपने ही भाई के साथ ऐसा व्यवहार करेगी"
राघव जी का गला रूंध गया उनके माथुर खानदान में कयी पीढ़ियों से लड़की की चाह थी राघव जी की मां को तीन लड़के हुए उन लड़कों के भी लड़कें ही हुए जब सबने उम्मीद छोड़ दी थी तब किसी चमत्कार की तरह ईवा का जन्म हुआ पुरे खानदान में इकलौती लड़की ईवा सबकी लाडली प्रिंसेस थी उसकी एक मुस्कान से सब खिलखिला उठते और उसके आंसू सबकी जान ले लेते।
ईवा की प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी जिस कारण वो बेहद कमजोर थी घर में हर कोई उसे लाड़ करता था लेकिन कहते हैं ना किसी भी चीज की अति बुरी होती है आज उसका परिणाम उनके सामने था।
दोनों पति पत्नी दुखी थे और ईवा ये सब दरवाजे पर खड़ी देख रही थी उसके माता-पिता ने तो उसे बचपन से ही दूर कर दिया था हर महीने रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से एक मोटी रकम उन्हें भेज दी जाती थी अपने सामने राधा और राघव जी को ईवा ने देखा जिनकी आंखों में आज भी अपनी बेटी के लिए इतना प्यार था।
राधा की नजर ईवा पर गयी और वो उसके पास आई अठारह साल की ईवा अभी बच्ची ही लगती थी नाज़ुक सी गुड़िया की तरह राधा ने अपने तीसरे बेटे की हालत याद कर दिल पर पत्थर रखकर कठोर आवाज में कहा
"ईवा इस बार तुमने बहुत बड़ी ग़लती की है तुम्हारे कारण तुम्हारे भाई को बहुत तकलीफ़ हुई है तुम्हें हमारे साथ जाकर उससे माफी मांगनी होगी ठीक है?"
ईवा ने चुपचाप हां में सर हिला दिया उसे पता था अभी कुछ भी कहने से कोई फायदा नहीं बिना किसी सबूत के अगर वो अपने ऊपर लगे इल्जाम को इन्कार करेगी तो उसका वहीं हश्र होगा जो नॉवेल की ईवा का हुआ था।
शाम को राधा घर की मेड मीना से सूप और हल्का खाना बनवाकर पैक कर लेती है।
माथुर हाऊस मनाली के पहाड़ों से घिरा था जहां और भी पॉवरफुल फैमिली रहती थी वहां से हॉस्पिटल आधे घंटे की दूरी पर था ये हॉस्पिटल शहर का सबसे अच्छा हॉस्पिटल था।
वीआइपी वार्ड में एक लड़का लेटा हुआ था उसका एक हाथ मशीनों से घिरा हुआ था लड़का देखने में बहुत हेंडसम और मासूम था लेकिन इस वक्त उसके चेहरे पर गहरी उदासी छाई थी जैसे जीने की सारी उम्मीदें छूट गई हो ये था समर ईवा से एक साल बड़ा भाईयों में सबसे छोटा उसके पास उसके दोनों भाई सागर और सम्राट भी बैठे थे अपने भाई की हालत देख वो भी बहुत दुखी थे।
राधा अंदर दाखिल हुई हमेशा मुस्कुराते रहने वाले अपने बेटे को ऐसे जिंदगी से निराश देख राधा के दिल में टीस उठी अपने आप को संभालते हुए होंठों पर मुस्कराहट लाते हुए वो समर के पास आई
"देख समर मम्मी तेरे लिए खाना लेकर आई है तेरी फेवरेट डिश है अपनी मम्मी के हाथ से खायेगा ना?"
समर ने राधा को देखकर मुंह फेर लिया
राधा उसके पास बैठकर उसे समझाने की कोशिश करने लगी
"कामना आई थी उसने खिला दिया है इसे" सम्राट ने कहा
राधा एक पल को खामोश हो गई कामना उनके घर की मेड लता की बेटी थी, लतिका के पति की मृत्यु होने के कारण लता अपनी बेटी को अपने साथ ही रखना चाहती थी राधा को कोई परेशानी नहीं थी उनके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी कामना अपनी मां के साथ सर्वेंट क्वाटर में रहती थी।
समर और ईवा की लड़ाई भी कामना को लेकर हुई थी लेकिन राधा कामना को भी तो दोष नहीं दे सकती थी ग़लती उसकी बेटी ईशा की ही थी आखिर उसका भाई पूरी जिंदगी बिना दोस्तों के कैसे रह सकता था?
"अच्छा है तुमने खा लिया खाने से तुम्हारे शरीर में ताकत आयेगी और तुम्हारा हाथ जल्दी ठीक हो जाएगा, तुम्हारे पापा तुम्हारे लिए अच्छे से अच्छा सर्जन ढूंढ रहे हैं तुम हिम्मत मत हारो"
समर उदासीनता से घिरा हुआ था उसने अपनी मां की तरफ देखा "झूठ मत बोलो मेरे हाथ की नसें खराब हो गई है अब मैं कभी म्यूजिक नहीं बजा पाऊंगा... अपाहिज हो चुका हूं मैं,,"
"नहीं,,समर,,ऐसा मत बोल ,,सब मेरी ग़लती है मैं जानती हूं तू अभी सदमे में हैं,," राधा की आंखों में आंसू भर आए
"आप क्यों माफी मांग रही है? माफी तो उसे मांगनी चाहिए कहो उसे मुझे अपना हाथ काटकर देदे मैं सब भूल जाऊंगा" समर ने गुस्से में भरकर कहा
"समर!!" राधा का गला रूंध गया "मैं मानती हूं उससे ग़लती हुई है लेकिन वो अभी बच्ची है और तुम्हारी छोटी बहन,,"
"बहन?? आप सब के सब बुरे हो किसी को मेरी परवाह नहीं है एक वो ही आपकी बेटी है मुझे तो सड़क से उठाया होगा,," समर गुस्से में फट पड़ा उसका दिल आक्रोश से भरा पड़ा था
"समर!!! अपनी मां से ऐसे बात करते है?" राघव जी ने उसे डांटा और राधा को चुप कराने लगे
सम्राट ने समर को समझाते हुए कहा
"मैं समझता हूं मां पापा की ग़लती है लेकिन ईवा का हाथ तोड़ देना भी प्रेक्टिकल नहीं है हम सब उपाय सोच रहे हैं तुझे शांत रहना होगा भाई तुझसे वादा करता है ईवा को सजा जरूर मिलेगी"
सम्राट सबसे बड़ा था पापा के बाद घर में उसी की चलती थी समर कुछ हद तक शांत हो गया वैसे भी ईवा का हाथ तोड़कर भी कौन-सा उसका हाथ वापस आ जाएगा? समर ने आंखें बंद कर ली एक बार फिर वो गहरे अंधकार में डूब गया
ईवा दरवाजे पर खड़ी सबकुछ देख रही थी समर का हाथ फ्रेम पर लटका हुआ था जिसपर बहुत सारी मेडिकल मशीनें लगी हुई थी नॉवेल में समर का हाथ कभी ठीक नहीं हुआ था जिस कारण वो ईवा से बेहद नफरत करने लगा था ऊपर से जब वो देखता कैसे उसके मां बाप अभी भी ईवा से प्यार करते हैं उसका मन करता ईवा को मार ही दे ऐसे गहरे अंधकार में उसका एक ही सहारा थी इस नॉवेल की हिरोइन कामना।
ईवा ने अपने हाथों को देखा वो ऑपरेशन कर सकती थी रिसर्च इंस्टीट्यूट में उसने बहुत सारी सर्जरी की थी लेकिन अभी के लिए उसे पर्याप्त मेडिकल इक्विपमेंट चाहिए थे और प्रेक्टिस भी जिससे उसके हाथ ना कांपे।
सम्राट ने ईवा को देख लिया और बाहर निकल आया,
"अंदर आकर माफी मांगो" उसकी आवाज सर्द थी
"वो गुस्सा हो जाएगा" ईवा ने सिर झुकाकर कहा
"ओह! तो तुम्हें पता है कि वो गुस्सा हो जाएगा? ये सब करने से पहले नहीं सोचा था? मैं कुछ नहीं जानता अगर समर ने तुम्हें माफ़ नहीं किया तो मैं भी तुम्हें माफ़ नहीं करूंगा जाओ और माफी मांगो" सम्राट की भौंहें तनी हुई थी सम्राट लंबा था और ईवा सिर्फ उसके सीने तक आ रही थी सफेद फर वाले स्वेटर पिंक जींस और पिंक बूट्स में वो सफ़ेद खरगोश की तरह लग रही थी पर सम्राट को लगता था उसकी बहन जैसी मासूम दिखती है उतनी है नहीं उसका दिल कोयले की तरह काला हो गया है
ईवा ने हां में सिर हिलाया और अंदर घुस गई समर की नजर जैसे ही ईवा पर गयी गुस्से से उसका रोम रोम कांप उठा
"बहुत खुश हो ना मुझे ऐसे देखकर? मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी मुझे अपाहिज बना दिया,,अब मैं कभी पियानो नही बजा पाऊंगा कभी नहीं" समर चिल्लाता रहा और ईवा सिर झुकाकर सब सुनती रही अगर सागर ने उसे ना पकड़ा होता तो वो उछलकर ईवा पर झपट पड़ा होता
ईवा को चुप देखकर भी समर का गुस्सा शांत नहीं हुआ उसने अपने पास रखा टिफिन बॉक्स अपने सही वाले हाथ से उठाया और ईवा की ओर फेंक दिया
ये टिफिन बॉक्स कामना लाई थी समर के लिए समर की भूख मर चुकी थी इसलिए उसने थोड़ा सा ही खाया था टिफिन बॉक्स ईवा के सिर पर लगा और उसका सारा खाना ईवा के ऊपर गिर गया
"ईवा!!" ईवा की हालत देखकर राधा का दिल बैठ गया
ईवा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
"क्या हुआ? बुरा लग रहा है? जरा सी चोट लगी तो इतना बुरा लग रहा है मेरा सोचो जिसका एक हाथ जिंदगी भर के लिए खराब हो गया मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी?"
ईवा की ओर बढ़ते राधा के कदम ठिठक गए वो दोनों बच्चों के बीच फंस चुकी थी
"मैं अभी आती हूं" अपनी मां को दोराहे से निकालने के लिए ईवा बाहर निकल गयी अपनी बेटी को इस तरह जाता देख राधा का मन विचलित हो उठा लेकिन समर के कारण वो कुछ नहीं कह पाई
कुछ देर बाद राधा बाहर आई ईवा वैसे ही खड़ी थी राधा को समझ नहीं आ रहा था वो क्या कहें
"मैं बाहर आपका इंतजार करती हूं" ईवा ने चुप्पी तोड़कर कहा
"ठीक है ज्यादा दूर मत जाना" राधा ने कहा और वापस अंदर चली गई
उसके बाद राधा ने समर के पास हॉस्पिटल में ही रूकने का फैसला किया समर की मानसिक स्थिति इस समय सही नहीं थी ऐसे में उसे अकेला नहीं छोड़ा जा सकता था राघव जी और सम्राट ईवा के साथ घर की ओर निकल गए।
सम्राट ड्राइवर के बराबर में आगे बैठा था ईवा और राघव जी पीछे बैठे थे
"ईवा एक हफ्ते तक तुम कॉलेज नहीं जाओगी छुट्टी की बात मैं तुम्हारे कॉलेज में कर लूंगा घर रहकर अपनी ग़लती पर ध्यान दो" सम्राट सख्ती से बोला उसकी आवाज में गुस्सा साफ झलक रहा था
"सम्राट ईवा का अभी फस्ट ईयर है इतनी कठोर सजा?" राघव जी ने टोका
"पापा प्लीज आपने और मम्मी ने वादा किया था कि आप ईवा के साथ सख्ती करेंगे वैसे भी कॉलेज में जाकर पढ़ाई करने से ज्यादा जरूरी एक अच्छा इंसान बनना है"
राघव जी चुप हो गए
"सुन रही हो तुम एक हफ्ते घर पर रहकर अपनी ग़लती पर विचार करो आगे से ऐसा कभी ना हो" सम्राट ने कड़क आवाज में कहा
ईवा ने हां में सर हिला दिया
नॉवेल में ईवा ने इसी बात पर सम्राट से बहुत लड़ाई की थी वो नहीं जानती थी सम्राट ये सब उसी के भलाई के लिए कर रहा था जिससे उसकी बहन एक अच्छी नेक दिल इंसान बने लेकिन वो कभी इस बात को नहीं समझ पाई दोनों के बीच खाई इतनी गहरी हो गई कि सम्राट ने ईवा से कोई उम्मीद ही छोड़ दी ईवा की जगह उसने कामना को दे दी जो समझदार थी कामना की कामयाबी में सम्राट का बहुत बड़ा रोल था।
घर आकर राघव जी और सम्राट अपने अपने कमरों में चले गए ईवा अपने कमरे में ना जाकर अपने भाई सागर के लेब रूम में चली गई
सागर लंदन से बायोलॉजी पढ़ रहा था घर पर उसका बाओ लैब भी था
ईवा अंदर आई वहां मायक्रो स्कोप भी था सर्जरी के जितना परफेक्ट नहीं था लेकिन फिलहाल उसका काम हो गया था ईवा किचन से अंडे लाई और एक्सपेरिमेंट करने लगी इसी तरह वो काफी बिजी थी कि घर में एक मेहमान की एंट्री हुई वो था इस कहानी का हीरो।
सम्राट ने केशव को बुलाया था ईवा को ट्यूशन देने के लिए और सबसे ज्यादा उसे कुछ तमीज सिखाने के लिए।
केशव इस कहानी का हीरो था बहुत मेहनती और टैलेंटेड, उसकी मां जिससे प्यार करती थी उससे उनका ब्रेकअप हो जाता है लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है वो प्रेग्नेंट है अपने बच्चे को वो अकेले ही पालती है केशव को अभी नहीं पता वो बहुत बड़े खानदान का बेटा है ये सब आगे जाकर उसे पता चलता है फिलहाल अपनी मां के इलाज और अपनी कॉलेज फीस के लिए उसे पैसों की बहुत जरूरत थी जिस कारण वो ईवा को ट्यूशन देने को तैयार हो गया जबकि उसने ईवा के बारे में बहुत सुना था कि वो अमीर खानदान की बिगड़ी हुई लड़की है एकदम जिद्दी और बिगड़ैल अपनी मनमानी करने वाली पर सम्राट उसे अच्छे पैसे दे रहा था जिसकी उसे सख्त जरूरत थी।
कहानी में ईवा इसी दौरान केशव के प्यार में पड़ जाती है क्योंकि यहीं समय था जब सबने उससे मुंह मोड़ लिया था केशव उसे अपना सा लगने लगा था।
ईवा को जब पता चला घर में केशव आया है वो अपने कमरे से बाहर ना निकली लेकिन अब तक छिपती सम्राट उसके कमरे में आया
"ईवा मेरे साथ आओ तुम्हें किसी से मिलवाना है"
ईवा सम्राट के साथ उसके स्टडी रूम में आई जहां पहले से ही केशव बैठा था कहानी का हीरो था केशव बहुत हेंडसम भी था वाइट शर्ट और ब्लैक ट्राउज़र्स में वो चार्मिंग लग रहा था पर ईवा को इससे कोई लेना-देना नहीं था क्योंकि केशव ही नॉवेल वाली ईवा की मौत का कारण था।
ईवा का कॉलेज पूरा होते ही केशव से उसका मिलना नहीं हुआ था लेकिन ईवा उसे नहीं भूल पाई घर में या बाहर सभी उसे गलत समझते थे उससे नफ़रत करने लगे थे ऐसे में ईवा पूरी तरह केशव के प्यार में पागल थी।
जब वो दोबारा केशव से मिली केशव वो पुराना वाला गरीब लड़का नहीं बल्कि एक करोड़पति परिवार का प्रिंस बन चुका था पर ईवा उसके पैसों से नहीं उससे प्यार करती थी लेकिन केशव उसे नहीं कामना को प्यार करता था क्योंकि कामना एक सुंदर, समझदार, सुलझी हुई लड़की थी जिसने अपनी काबिलियत से सबकुछ पाया था ईवा की तरह नहीं जो एक नंबर की नकचढ़ी घमंडी थी जो चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुई थी जिसे सबकुछ बिना मेहनत के मिल जाया करता था।
ईवा से बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए वो बदले की आग में जल उठी जो उसका नहीं हुआ वो किसी और का भी नहीं हो सकता उसने केशव और कामना को तबाह करने की ठान ली लेकिन इस सब में उन दोनों को कुछ नहीं हुआ बल्कि वो खुद ही मर गई।
ईवा को अब ये सब नहीं दोहराना था।
ईवा ने अपने हाथों को देखा वो ऑपरेशन कर सकती थी रिसर्च इंस्टीट्यूट में उसने बहुत सारी सर्जरी की थी लेकिन अभी के लिए उसे पर्याप्त मेडिकल इक्विपमेंट चाहिए थे और प्रेक्टिस भी जिससे उसके हाथ ना कांपे।
सम्राट ने ईवा को देख लिया और बाहर निकल आया,
"अंदर आकर माफी मांगो" उसकी आवाज सर्द थी
"वो गुस्सा हो जाएगा" ईवा ने सिर झुकाकर कहा
"ओह! तो तुम्हें पता है कि वो गुस्सा हो जाएगा? ये सब करने से पहले नहीं सोचा था? मैं कुछ नहीं जानता अगर समर ने तुम्हें माफ़ नहीं किया तो मैं भी तुम्हें माफ़ नहीं करूंगा जाओ और माफी मांगो" सम्राट की भौंहें तनी हुई थी सम्राट लंबा था और ईवा सिर्फ उसके सीने तक आ रही थी सफेद फर वाले स्वेटर पिंक जींस और पिंक बूट्स में वो सफ़ेद खरगोश की तरह लग रही थी पर सम्राट को लगता था उसकी बहन जैसी मासूम दिखती है उतनी है नहीं उसका दिल कोयले की तरह काला हो गया है
ईवा ने हां में सिर हिलाया और अंदर घुस गई समर की नजर जैसे ही ईवा पर गयी गुस्से से उसका रोम रोम कांप उठा
"बहुत खुश हो ना मुझे ऐसे देखकर? मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी मुझे अपाहिज बना दिया,,अब मैं कभी पियानो नही बजा पाऊंगा कभी नहीं" समर चिल्लाता रहा और ईवा सिर झुकाकर सब सुनती रही अगर सागर ने उसे ना पकड़ा होता तो वो उछलकर ईवा पर झपट पड़ा होता
ईवा को चुप देखकर भी समर का गुस्सा शांत नहीं हुआ उसने अपने पास रखा टिफिन बॉक्स अपने सही वाले हाथ से उठाया और ईवा की ओर फेंक दिया
ये टिफिन बॉक्स कामना लाई थी समर के लिए समर की भूख मर चुकी थी इसलिए उसने थोड़ा सा ही खाया था टिफिन बॉक्स ईवा के सिर पर लगा और उसका सारा खाना ईवा के ऊपर गिर गया
"ईवा!!" ईवा की हालत देखकर राधा का दिल बैठ गया
ईवा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
"क्या हुआ? बुरा लग रहा है? जरा सी चोट लगी तो इतना बुरा लग रहा है मेरा सोचो जिसका एक हाथ जिंदगी भर के लिए खराब हो गया मेरे दिल पर क्या बीत रही होगी?"
ईवा की ओर बढ़ते राधा के कदम ठिठक गए वो दोनों बच्चों के बीच फंस चुकी थी
"मैं अभी आती हूं" अपनी मां को दोराहे से निकालने के लिए ईवा बाहर निकल गयी अपनी बेटी को इस तरह जाता देख राधा का मन विचलित हो उठा लेकिन समर के कारण वो कुछ नहीं कह पाई
कुछ देर बाद राधा बाहर आई ईवा वैसे ही खड़ी थी राधा को समझ नहीं आ रहा था वो क्या कहें
"मैं बाहर आपका इंतजार करती हूं" ईवा ने चुप्पी तोड़कर कहा
"ठीक है ज्यादा दूर मत जाना" राधा ने कहा और वापस अंदर चली गई
उसके बाद राधा ने समर के पास हॉस्पिटल में ही रूकने का फैसला किया समर की मानसिक स्थिति इस समय सही नहीं थी ऐसे में उसे अकेला नहीं छोड़ा जा सकता था राघव जी और सम्राट ईवा के साथ घर की ओर निकल गए।
सम्राट ड्राइवर के बराबर में आगे बैठा था ईवा और राघव जी पीछे बैठे थे
"ईवा एक हफ्ते तक तुम कॉलेज नहीं जाओगी छुट्टी की बात मैं तुम्हारे कॉलेज में कर लूंगा घर रहकर अपनी ग़लती पर ध्यान दो" सम्राट सख्ती से बोला उसकी आवाज में गुस्सा साफ झलक रहा था
"सम्राट ईवा का अभी फस्ट ईयर है इतनी कठोर सजा?" राघव जी ने टोका
"पापा प्लीज आपने और मम्मी ने वादा किया था कि आप ईवा के साथ सख्ती करेंगे वैसे भी कॉलेज में जाकर पढ़ाई करने से ज्यादा जरूरी एक अच्छा इंसान बनना है"
राघव जी चुप हो गए
"सुन रही हो तुम एक हफ्ते घर पर रहकर अपनी ग़लती पर विचार करो आगे से ऐसा कभी ना हो" सम्राट ने कड़क आवाज में कहा
ईवा ने हां में सर हिला दिया
नॉवेल में ईवा ने इसी बात पर सम्राट से बहुत लड़ाई की थी वो नहीं जानती थी सम्राट ये सब उसी के भलाई के लिए कर रहा था जिससे उसकी बहन एक अच्छी नेक दिल इंसान बने लेकिन वो कभी इस बात को नहीं समझ पाई दोनों के बीच खाई इतनी गहरी हो गई कि सम्राट ने ईवा से कोई उम्मीद ही छोड़ दी ईवा की जगह उसने कामना को दे दी जो समझदार थी कामना की कामयाबी में सम्राट का बहुत बड़ा रोल था।
घर आकर राघव जी और सम्राट अपने अपने कमरों में चले गए ईवा अपने कमरे में ना जाकर अपने भाई सागर के लेब रूम में चली गई
सागर लंदन से बायोलॉजी पढ़ रहा था घर पर उसका बाओ लैब भी था
ईवा अंदर आई वहां मायक्रो स्कोप भी था सर्जरी के जितना परफेक्ट नहीं था लेकिन फिलहाल उसका काम हो गया था ईवा किचन से अंडे लाई और एक्सपेरिमेंट करने लगी इसी तरह वो काफी बिजी थी कि घर में एक मेहमान की एंट्री हुई वो था इस कहानी का हीरो।
सम्राट ने केशव को बुलाया था ईवा को ट्यूशन देने के लिए और सबसे ज्यादा उसे कुछ तमीज सिखाने के लिए।
केशव इस कहानी का हीरो था बहुत मेहनती और टैलेंटेड, उसकी मां जिससे प्यार करती थी उससे उनका ब्रेकअप हो जाता है लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है वो प्रेग्नेंट है अपने बच्चे को वो अकेले ही पालती है केशव को अभी नहीं पता वो बहुत बड़े खानदान का बेटा है ये सब आगे जाकर उसे पता चलता है फिलहाल अपनी मां के इलाज और अपनी कॉलेज फीस के लिए उसे पैसों की बहुत जरूरत थी जिस कारण वो ईवा को ट्यूशन देने को तैयार हो गया जबकि उसने ईवा के बारे में बहुत सुना था कि वो अमीर खानदान की बिगड़ी हुई लड़की है एकदम जिद्दी और बिगड़ैल अपनी मनमानी करने वाली पर सम्राट उसे अच्छे पैसे दे रहा था जिसकी उसे सख्त जरूरत थी।
कहानी में ईवा इसी दौरान केशव के प्यार में पड़ जाती है क्योंकि यहीं समय था जब सबने उससे मुंह मोड़ लिया था केशव उसे अपना सा लगने लगा था।
ईवा को जब पता चला घर में केशव आया है वो अपने कमरे से बाहर ना निकली लेकिन अब तक छिपती सम्राट उसके कमरे में आया
"ईवा मेरे साथ आओ तुम्हें किसी से मिलवाना है"
ईवा सम्राट के साथ उसके स्टडी रूम में आई जहां पहले से ही केशव बैठा था कहानी का हीरो था केशव बहुत हेंडसम भी था वाइट शर्ट और ब्लैक ट्राउज़र्स में वो चार्मिंग लग रहा था पर ईवा को इससे कोई लेना-देना नहीं था क्योंकि केशव ही नॉवेल वाली ईवा की मौत का कारण था।
ईवा का कॉलेज पूरा होते ही केशव से उसका मिलना नहीं हुआ था लेकिन ईवा उसे नहीं भूल पाई घर में या बाहर सभी उसे गलत समझते थे उससे नफ़रत करने लगे थे ऐसे में ईवा पूरी तरह केशव के प्यार में पागल थी।
जब वो दोबारा केशव से मिली केशव वो पुराना वाला गरीब लड़का नहीं बल्कि एक करोड़पति परिवार का प्रिंस बन चुका था पर ईवा उसके पैसों से नहीं उससे प्यार करती थी लेकिन केशव उसे नहीं कामना को प्यार करता था क्योंकि कामना एक सुंदर, समझदार, सुलझी हुई लड़की थी जिसने अपनी काबिलियत से सबकुछ पाया था ईवा की तरह नहीं जो एक नंबर की नकचढ़ी घमंडी थी जो चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुई थी जिसे सबकुछ बिना मेहनत के मिल जाया करता था।
ईवा से बर्दाश्त नहीं हुआ इसलिए वो बदले की आग में जल उठी जो उसका नहीं हुआ वो किसी और का भी नहीं हो सकता उसने केशव और कामना को तबाह करने की ठान ली लेकिन इस सब में उन दोनों को कुछ नहीं हुआ बल्कि वो खुद ही मर गई।
ईवा को अब ये सब नहीं दोहराना था।
केशव की नजर ईवा पर गयी जो अठारह साल की उम्र में सोलह साल की लग रही थी मासूमियत उसके चेहरे पर कूट कूट कर भरी थी आंखें बड़ी बड़ी गोल थी बालों की ऊंची सी पोनी टेल बनाई हुई थी वाइट टॉप और पिंक शोर्ट्स में वो नजरें झुकाए खड़ी थी।
'जैसा सुना था ये वैसी तो नहीं लगती या भोली होने का नाटक कर रही है?' केशव ने मन ही मन सोचा उसने सुना था कैसे ईवा ने अपने ही भाई को सीढ़ियों से धक्का दे दिया जिस कारण समर का हाथ खराब हो गया। केशव के दिल में ईवा की कोई अच्छी इमेज नहीं थी।
"ये हैं केशव तुम्हारे लिए ट्यूटर जबतक तुम घर पर रहोगी यहीं तुम्हें पढ़ायेंगे उसके बाद वीकेंड में" सम्राट ने केशव को इंट्रोड्यूस करवाया फिर हिदायत देते हुए कहा - और हां तुम केशव को परेशान मत करना मुझे कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए?"
ईवा ने हां में सिर हिला दिया दरअसल वो बहुत कम बोलती थी कारण था वो बचपन से रिसर्च इंस्टीट्यूट में भेज दी गई थी जहां वो अपने पेरेंट्स को बहुत याद करती थी धीरे-धीरे वो गुमसुम रहने लगी थी ये ख़ामोशी ही उसकी दोस्त थी।
"ठीक है फिर केशव तुम आज से ही अपना काम शुरू कर दो"
सम्राट के कहने पर केशव ने हां कहा और ईवा के पीछे उसके स्टडी रूम में आ गया वैसे भी उसे इस नौकरी के हर दिन पैसे मिलने वाले थे अपनी बीमार मां के इलाज के लिए उसे इस समय पैसों की सख्त जरूरत थी।
ईवा का स्टडी रूम पिंक शेड में था प्रिंसेस स्टाइल।
केशव ने चारों तरफ देखा ईवा वाकई में माथुर खानदान की प्रिंसेस थी बाहर लोग कहते हैं कि वो डेविल है खैर उसे क्या? चाहें प्रिंसेस हो या डेविल उसे तो अपना काम करने से मतलब है।
"पहले तुम ये क्वेश्चन पेपर सोल्व करके दिखाओ इससे मुझे पता चलेगा तुम्हें कहां परेशानी होती है" केशव ने एक क्वेश्चन पेपर आगे बढ़ाया।
ईवा ने पेपर लिया केशव कुछ दूरी पर सोफे पर बैठा अपने फोन में कुछ कर रहा था एक क्वेश्चन करने के बाद ईवा धीरे से अपना फोन निकालकर काम करने लगती है कुछ देर बाद केशव उठा और ईवा की तरफ आया ईवा ने तुरंत फोन नीचे छिपाकर लिखना चालू कर दिया।
केशव ने देखा ईवा ने एक ही क्वेश्चन करा है लेकिन सही करा है वो उसे जल्दी क्वेश्चन सोल्व करने का तरीका बताता है वो एक टॉपर स्टुडेंट था और उसके पढ़ाने का तरीका भी बहुत अच्छा था
पढ़ाते हुए एक बार केशव की उंगलियां ईवा की उंगलियों से छू जाती है ईवा सहमकर एकदम से पीछे हो गई उसकी आंखों में डर था केशव हैरान रह गया उसे ऐसा लग रहा था जैसे वो कोई गुंडा हो?
लेकिन ईवा ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया था वो अजनबी लोगों से डरती थी और केशव से तो वो जितना दूर रहें उतना अच्छा था आखिर केशव ही नॉवेल वाली ईवा की मौत का कारण था और अब वो उसी नॉवेल में कैद थी।
रात को जब राघव जी घर आए वो ईवा को दादा दादी की हवेली ले गए।
दादा दादी अकेले रहते थे लेकिन कोई ना कोई उनसे मिलने आता रहता था चाहें कोई भी त्योहार हो या कोई खास बात। हवेली में नौकर चाकर तो लगे ही रहते थे।
ईवा जैसे ही हवेली में दाखिल हुई दादा दादी लिविंग रूम में ही उनका इंतजार कर रहे थे ईवा को देखते ही दादी मां ने ईवा को अपने पास खींच लिया "मेरी गुड़िया बेटा किसी ने तुझे डांटा तो नहीं?"
दादी मां ईवा को ऊपर से नीचे तक देखने लगी कि वो सही सलामत तो है ये देखकर राघव जी की भौंहें तन गयी - मां चोट समर को लगी है ईवा को नहीं और इस बार ग़लती ईवा की है।
"तू चुप कर" दादी मां ने राघव जी को डांट लगाई दी
"मुझे मेरी ईवा पर पूरा यकीन है वो ऐसा नहीं कर सकती देखा भी है कितनी कमजोर है ये? ये क्या किसी को धक्का देगी वो अपने भाई को? तू इसपर यकीन कर सकता है मैं नहीं, समर का खुद ही पैर फिसला होगा और इल्जाम बिचारी ईवा पर लगा दिया"
कोई विशवास करें ना करें दादी मां को ईवा पर पूरा विश्वास था
उनके तीन बेटे हुए थे उन्हें बेटी की बड़ी चाह थी लेकिन उनके एक भी लड़की नहीं हुई दादी मां ने अपनी उम्मीदें अपने बेटों से लगा ली तीनों की शादी हो गई किसी के तो लड़की होगी लेकिन नहीं आठ पोते हो गए लेकिन पोती एक भी नहीं दादी मां बहुत मन्नतें मांगी पूजा करनी आखिरकार भगवान ने उनकी सुन ली और ईवा का जन्म हुआ ईवा उन्हें अपने बेटों से भी ज्यादा प्यारी थी बचपन में ज्यादातर वो हवेली में ही रहती थी दादी मां को पता था ईवा थोड़ी गुस्से वाली नकचढ़ी हो सकती है लेकिन उसका दिल कपटी नहीं है घर में सबको वो बहुत प्यार करती है।
"मां आप ईवा की साइड लेना बंद करो ऐसे तो ये और बिगड़ जाएगी" राघव जी ने समझाया
"तू कहना क्या चाहता है? मुझे बच्चें पालने नहीं आते? तीन तीन बच्चों को पाला है मैंने और आज जब मैं बुढ़ी हो गई तो तू मेरी परवरिश पर सवाल उठा रहा है?" दादी मां की जोरदार फटकार के बाद एकपल तो राघव जी देखते ही रह गए फिर होश में आकर अपनी मां का हाथ पकड़कर बोले - मां तुम जानती हो मेरा वो मतलब नहीं था
"जो भी हो मुझे अपनी ईवा पर पूरा विश्वास है और वो तुम्हारे घर की मेड, उसे निकालो घर से नौकर मालिक की सेवा के लिए होते हैं गुस्सा दिलाने के लिए नहीं अगर ईवा को वो लड़की पसंद नहीं है तो उसे घर में नहीं रहना चाहिए" दादी मां ने राघव जी का हाथ झटक दिया
ईवा ने देखा दादी मां और डैड में उसे लेकर झगड़ा हो रहा है उसने धीरे से दादी मां का हाथ खींचा - दादी मां आप डैड को कुछ मत कहो ग़लती मेरी ही थी
ईवा ने कहानी के बारे में सोचा नॉवेल में ईवा ने भले ही समर को धक्का ना दिया हो पर कामना को लेकर झगड़ा करना भी ग़लत था आखिर समर किसी को भी अपना दोस्त बनाए वो उसकी लाइफ है नॉवेल में ईवा अड़ियल तो थी
दादी मां ने ईवा को गले लगा लिया
राघव जी को भी लगा उनकी बेटी सच में बदलने की कोशिश कर रही है
दादाजी जो अबतक चुप थे उन्होंने ईवा को अपने पास बुलाया
ईवा सिर नीचा करके उनके पास आकर खड़ी हो गई
दादाजी भी दादी की तरह ईवा से बहुत प्यार करते थे लेकिन घर के बड़े होने के नाते उन्हें अपने पोते समर के लिए भी सोचना था
"पहले मैं तुमपर गुस्सा था लेकिन तुमने अपनी ग़लती मांगी मुझे अच्छा लगा आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए?"
"जी दादाजी" ईवा ने मासूमियत से कहा
दादी मां आई और ईवा को अपने पीछे खींचकर दादाजी पर गुस्सा करने लगी - तुम मेरी पोती को क्यों डांट रहे हो? एक तो पहले ही सबने बहुत सुनाया है उसे" ये बात उन्होंने राघव जी को देखकर कहीं
कुछ देर बाद सबने डिनर किया दादाजी और राघव जी बैठकर सोफे पर बातें कर रहे थे
"सुना है वो लड़का मनाली आ रहा है?"
राघव जी समझ गए दादाजी किसकी बात कर रहे हैं उन्होंने जवाब दिया - वो आ गया है मनाली
"तुम दूर रहना उससे सुना है बहुत बड़ा सनकी है" दादाजी ने कहा
"हां सनकी भी और खतरनाक भी ओबरोय खानदान का इकलौता बेटा है"
"फिर भी कुछ ज्यादा ही प्रोटेक्शन में नहीं रहता वो?" दादाजी ने सुना था मनन ओबरोय के साथ हर समय बॉडीगार्ड्स रहते हैं
"सिर्फ इकलौता वारिस ही नहीं उसे दिल की बीमारी भी है इसलिए उसके दादाजी उसे संभाल कर रखते हैं"
"अच्छा?"
"हां और आपको पता है मनन के चाचाजी विक्रम भी बहुत पावरफुल है,
विक्रम पहले बहुत शैतान था इस चक्कर में उसने बहुत सारे दुश्मन भी बना लिए एक बार उसका किडनैप हो गया और विक्रम की जान बचाने के लिए उसके बड़े भाई की जान चली गई जबसे ही विक्रम सुधर गया और खुद को मनन का अपराधी मानने लगा इसलिए विक्रम ने कभी शादी नहीं की उसकी सारी संपत्ति का वारिस मनन है"
ईवा जो आइसक्रीम खा रही थी ये सब सुन रही थी अचानक उसके दिमाग में एक ख्याल आता है और उसकी आंखें बड़ी हो जाती है मनन? ये तो इस कहानी का विलिन है।
मनन ओबरोय कहानी का विलिन था ईवा को बस इतना ही पता था वो बेहद ख़तरनाक और सनकी था और केशव से उसकी दुश्मनी थी।
नॉवेल में जब ईवा की मौत हो जाती है उसके बाद वो सो गई थी और फिर इस नॉवेल में आ गई इसलिए आगे केशव और मनन में क्या हुआ वो उसे भी नहीं मालूम
राघव जी ईवा को लेकर जाने लगे तो दादी मां उन्हें रोकने लगी - तू दिनभर ऑफिस में रहता है राधा हॉस्पिटल में है ईवा घर में अकेली क्या करेगी? इसे यहीं छोड़ जा
"मां ये मिलने आ जाएगी आपसे" राघव जी को डर था दादी मां के लाड़ प्यार में ईवा फिर से ना बिगड़ जाए इसलिए उन्हें समझा बुझाकर वो ईवा को घर ले आए।
अगले दिन सुबह का समय
सम्राट का सिर भारी हो रहा था उससे उठा ही नहीं जा रहा था गला भी भारी था शायद उसे फीवर था पापा ऑफिस चले गए थे और मां घर में थी नहीं सम्राट वापस लेट गया शायद लेटकर आराम मिले।
कुछ देर बाद उसके कमरे का दरवाजा धीरे से खुला और ईवा अंदर आई,
सम्राट को एहसास हुआ ईवा का नाज़ुक हाथ अपने माथे पर फिर वो कमरे से निकल गई सम्राट को लगा वो चली गई लेकिन पांच मिनट बाद ईवा हाथ में कुछ लेकर आई वो ठंडे पानी का बाउल था और सफेद रूमाल ईवा ने दोनों चीज टेबल पर रखी और मेडिकल किट से दवाई निकालकर सम्राट के पास आई, सम्राट ने हल्की सी आंखें खोलकर ईवा को देखा - तुम्हें कैसे पता चला मैं बीमार हूं?
बोलने में भी उसे काफी तकलीफ़ हो रही थी
"आप आज समय पर नहीं उठे" ईवा ने छोटा सा जवाब दिया रोजाना सम्राट जल्दी उठता था एक्सरसाइज़ करता था जब आज उसे देर हो गई ईवा को लगा कुछ गड़बड़ है उसने देखा तो सच में सम्राट को फीवर था
ईवा ने सम्राट का सिर पकड़कर दवाई खिला दी और पानी पिला दिया दवाई के असर से सम्राट गहरी नींद में सो गया इस दौरान ईवा उसके पास ही रही ठंडी पट्टियां करती रही जब सम्राट उठा ईवा सामने कुर्सी पर बैठी किताब पढ़ रही थी उसे उठता देख ईवा बाहर निकल गयी और गरमागरम सूप लेकर आई
सूप की खुशबू से सम्राट को एहसास हुआ उसने सुबह से कुछ नहीं खाया एक बाउल सूप पीकर उसे बहुत अच्छा लगा सूप भी बहुत टेस्टी था ईवा फिर बाहर गयी और इस बार उसके हाथ में ट्रे थी ट्रे में ब्रेकफास्ट था चीज़ टोस्ट फ्रेश फ्रूट सलाद और ओरेंज जूस खाना खूबसूरती से सजाया गया था सम्राट ने सारा ब्रेकफास्ट चट कर दिया उसे लगा उसका शरीर एनर्जी से भर गया ईवा चली गई सम्राट के दिल में ईवा के प्रति गुस्सा थोड़ा कम हो गया था।
सम्राट ने गर्म पानी से शॉवर लिया और अपना लैपटॉप लेकर काम करने लगा काम करते हुए उसे स्वादिष्ट ब्रेकफास्ट याद आया - मीना आंटी कबसे वेस्टर्न ब्रेकफास्ट बनाने लगी था तो बहुत टेस्टी जब समर घर आयेगा उनसे फिर बनवाऊंगा समर खुश हो जायेगा
सम्राट को नहीं पता था आज तो मीना आंटी ने छुट्टी ले रखी थी घर पर सिर्फ़ वो और ईवा ही थे।
अगले पांच दिनों तक ईवा एक्सपेरिमेंट करती थी केशव से ट्यूशन लेती थी,
फिलहाल उसके दो मेन मकसद थे पहला समर के लिए सर्जरी करना और उसका हाथ ठीक करना और दूसरा था अपनी बेगुनाही साबित करना उसके लिए उसे वो सीसीटीवी फुटेज चाहिए थी ये हादसा रिसोर्ट में सीढ़ियों के ऊपर हुआ था जहां कैमरा तो होगा ही लेकिन किसी ने इस बात पर गौर नहीं किया बल्कि सबने समर की बात मान ली थी
यहां तक नॉवेल में ईवा ने भी इसपर ध्यान नहीं दिया वो पहले तो मना करती रही कि उसने कुछ नहीं किया लेकिन जब किसी ने उसकी नहीं सुनी तब ईवा चिल्लाई - हां मैंने भी धक्का दिया था समर को करलो जो करना है एक काम करो मेरा हाथ काटकर समर को दे दो
अगले दिन सम्राट ईवा को लेकर हॉस्पिटल जा रहा था ईवा ने कंधे पर एक बेग ले रखा था जो काफी भरा हुआ लग रहा था सम्राट ने देखा लेकिन कुछ पूछा नहीं, कार घर से निकालते ही उसे कामना दिख गई जो लंच बॉक्स लिए खड़ी थी आज वीकेंड था शायद कामना समर के लिए ही लंच लेकर जा रही थी
सम्राट ने उसके सामने गाड़ी रोक ली - आ जाओ
आवाज सुनकर ईवा ने भी बाहर देखा वो पहली बार इस नॉवेल की हिरोइन कामना को देख रही थी जैसा नॉवेल में लिखा था कामना देखने में सुंदर थी ओवल चेहरा, गोरा रंग, और तीखे नैन-नक्श,
आप जाइए मैं बस लेकर चली जाऊंगी" कामना ने नम्रता से कहा
"यहां इस समय बस नहीं मिलेगी वैसे भी हम सब एक ही जगह तो जा रहे हैं चलो" सम्राट ने फिर कहा तो कामना बैठ गई वो सम्राट के साथ आगे बैठी थी क्योंकि पीछे ईवा के पास कपड़ों का बड़ा सा बेग रखा था।
सम्राट ने रियल व्यू मिरर से ईवा का चेहरा देखा अगर ईवा सच में बदल गई है तो उसे गुस्सा नहीं आना चाहिए सम्राट ने देखा गुस्सा तो दूर की बात है ईवा उनकी तरफ देख भी नहीं रही बल्कि अपने फोन में लगी हुई थी
सम्राट ने रियल व्यू मिरर से ईवा का चेहरा देखा अगर ईवा सच में बदल गई है तो उसे गुस्सा नहीं आना चाहिए सम्राट ने देखा गुस्सा तो दूर की बात है ईवा उनकी तरफ देख भी नहीं रही बल्कि अपने फोन में लगी हुई थी
सम्राट कामना से समर के बारे में पूछने लगा दो साल से वो घर से बाहर था इसलिए कामना समर के उससे बेहतर जानती थी। दोनों में काफी बातचीत हुई कभी कभार दोनों एक नजर ईवा को देख लेते लेकिन ईवा तो जैसे अपनी ही दुनिया में थी।
हॉस्पिटल पहुंचकर सम्राट ने ईवा को बाहर रूकने को कहा और खुद कामना के साथ अंदर चला गया ईवा चुपचाप अपना बेग लिए कोरिडोर में रखी बैंच पर बैठ गई उसके सामने वाली बेंच पर एक लड़का लेटा हुआ था उसके मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और उसके पेट से गुड़गुड़ की आवाजें आ रही थी जैसे वो भूखा हो, ईवा ने अपने बैग से लंच बॉक्स निकाला ये लंच उसने अपने हाथों से समर और मां राधा के लिए बनाया था लेकिन घर से निकलते ही कामना मिल गई अब उसके लंच के सामने उसके खाने की कोई कीमत नहीं थी फेंकने से अच्छा था किसी भूखे को ही दे दिया जाए,
ईवा आगे बढ़ी और उस लड़के के हाथ को हल्के से हिलाया लड़के ने अपने मुंह से कपड़ा हटाया सबसे पहले तो ईवा ने ये देखा कि ये लड़का इतना ज्यादा हैंडसम था कि वो इंसान कम और वंपायर किंग ज्यादा लग रहा था
ये लंच तुम खा लो मैंने आज सुबह ही बनाया था अभी किसी ने नहीं खाया" ईवा ने लंच उसकी तरफ बढ़ा दिया उसने इसलिए बताया कि लड़के को ये ना लगे कि वो बचाकुचा खाना उसे दे रही है
मनन की शार्प नजर अपनी सामने खड़ी डॉल जैसी लड़की पर गयी फिर उसके हाथ में पकड़े पिंक लंच बॉक्स पर 'ये बच्ची उसपर दया कर रही है? मनन ओबरोय के अब ये दिन आ गए?'
तभी वार्ड से किसी के बाहर निकलने की आवाज आई ईवा ने तुरंत लंच बॉक्स मनन के हाथों में थमा दिया और भागकर वार्ड की तरफ चली गई।
मनन के पतले होंठों पर मुस्कराहट आ गई वो इस समय बहुत कातिलाना लग रहा था।
राधा वार्ड से बाहर निकली और ईवा को लेकर अंदर चली गई,
ईवा को देखते ही समर जो अभी तक शांत था गुस्से में उफनने लगा "क्यों आईं हो यहां? मैं अपाहिज हो गया इसका तमाशा देखने या मगरमच्छ के आंसू बहाने?"
राधा का दिल दुख रहा था वो समर को रोकना चाहती थी लेकिन सम्राट ने इशारे से मना कर दिया राधा चुप रही वो समझती थी इस समय वो जितना ईवा का बचाव करेगी समर ईवा से उतनी ही नफरत करेगा
ईवा तो सब चुपचाप सुनती रही
"तुम्हारे चुप रहने से या मेरे लिए कुछ भी करने से मेरा दिल नहीं पिघलेगा मैं तुमसे नफरत करता हूं और जिंदगी भर करता रहूंगा मैं तुम्हें अपनी बहन नहीं मानता" बहुत देर तक कोसने के बाद समर थककर चुप हो गया
"मां आज मैं समर के पास रूक जाता हूं आप घर चली जाओ" सम्राट ने कहा
"ठीक है" राधा ईवा को लेकर निकल गई पार्किंग एरिया तक आकर राधा ने अपनी नन्ही गुड़िया को देखा
"ईवा तुमने बहुत अच्छा किया जो कुछ नहीं बोला अपने भाई को थोड़ा समय दो वो गुस्से में कुछ भी बोल रहा है लेकिन तुम उसकी नन्ही परी हो वो तुमसे ज्यादा देर तक गुस्सा नहीं रह पायेगा"
ईवा ने हां में सर हिला दिया
राधा की आंखों में आंसू आ गए अपने बेटे की ऐसी हालत ऊपर से उसके बच्चे ही आपस में लड़ रहे हैं ये किसी भी मां के लिए असहनीय पीड़ा थी
ईवा ने अपना हाथ राधा के आंसू साफ़ करने के लिए बढ़ाया फिर वापस खींच लिया वो इन रिश्तों में बिल्कुल नयी थी
राधा ने ईवा की हरकत देखी और फिर उससे अपने आंसू नहीं रोके गए ईवा के गले लगकर वो जोर जोर से रोने लगी
ईवा की मासूम आंखें बड़ी हो गई राधा को कांपता महसूस कर ईवा ने अपना हाथ राधा की पीठ पर रख दिया
कुछ देर जी भर रोने से राधा के मन हल्का हो गया वो ईवा से अलग हुई और बोली - ईवा अब तुम्हें अच्छी बच्ची बनना है, ऐसी कोई शैतानी नहीं करनी जिससे किसी को तकलीफ़ हो?"
ईवा ने हां में सर हिला दिया
राधा ने ईवा का माथा चूम लिया "तुम्हारे पापा सर्जन ढूंढ रहे हैं समर का हाथ ज़रूर ठीक हो जाएगा और हम सभी पहले की तरह खुशी खुशी रहेंगे" राधा ईवा को तसल्ली दे रही थी साथ में खुद को भी।
आज सोमवार था और ईवा को कॉलेज जाना था कॉलेज में एक ही चर्चा थी ईवा इज द डेविल सिस्टर
कॉलेज फोरम पर स्टुडेंट्स के कमेंट्स भी ईवा को लेकर थे जैसे
ये ईवा बहुत दिनों से कॉलेज नहीं आई लगता है इसे कॉलेज से निकाल दिया गया है
ऐसी लड़की को हमारे कॉलेज में रहने का कोई अधिकार नहीं है जो लड़की अपने भाई के साथ इतना बुरा कर सकती है वो हमारे साथ पता नहीं क्या करेगी?
माथुर परिवार का कलंक है ईवा कहां उसके टैलेंटेड भाई और कहां ये बत्तमीज लड़की?
ईवा यहीं सब पढ़ रही थी कि उसे एक मैसेज आया ईवा ने देखा
डॉ मिरेकल आपने जो रिपोर्ट्स भेजी थी दे आर जस्ट ओसम हम आपसे मिलना चाहते हैं
ईवा की उंगलियां लैपटॉप पर चली
आय एम नोट फ्री नाओ
उधर से कुछ समय बाद रिप्लाई आया
इट्स ओके आपके पास जब समय हो हम तब मिल सकते हैं तब-तक हम ओनलाइन कोंटेक्ट में रहेंगे
ईवा ने लैपटॉप बंद कर दिया क्योंकि कॉलेज आ चुका था ईवा के आते ही सभी स्टुडेंट्स उसे अजीब नज़रों से देखने लगे लेकिन ईवा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा वो आगे बढ़ती रही
उसी समय कामना की बस आकर रूकी जैसे ही वो कॉलेज के अंदर आई उसकी दोस्त संजु ने उसका हाथ पकड़ लिया
"कामना यु नो व्हाट?? आज ईवा कॉलेज आई है? आई मीन हाउ इज इट पोसिबल? उसने अपने भाई के साथ इतना बुरा किया और फिर भी ये कॉलेज आ गई?"
"मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता लेकिन कोई भी फेमिली अपने बच्चों को बचायेगी"
"तू सही कह रही है मैंने भी सुना था माथुर फैमिली ईवा को लड़कों से ज्यादा फेवर करती है लेकिन आज देख भी लिया बट इट्स सो डिस्गस्टिंग"
संजु समर और कामना क्लासमेट्स थे संजु समर को पसंद करती थी पहले उसने ईवा से दोस्ती की क्योंकि ईवा समर की इकलौती बहन थी उसके जरिए वो समर को पाना चाहती थी लेकिन ईवा ने उसे बिल्कुल घास नहीं डाली बल्कि उसके इरादे भांप गई और बोली - मेरे भाई से दूर रहना समझी?
संजु गुस्से में बोखला गई थी वो क्यों समर के लायक नहीं है? ये ईवा सबसे चिढ़ती है फिर संजु की दोस्ती कामना से हुई क्योंकि कामना समर की दोस्त थी ईवा की जहां करेले की तरह कड़वी ज़ुबान थी वहीं कामना की कोयल जैसी मीठी।
"अच्छा कामना हमारी क्लास में सबने समर के लिए वेल विशेज कार्ड तैयार किए हैं लेकिन हमें नहीं पता वो किस हॉस्पिटल में है क्या तू हमें अपने साथ ले जाएगी?" संजु ने कहा
"अभी समर को आराम करने दो वो इतने सारे लोगों को देखकर गुस्सा हो जाएगा"
कामना का जवाब सुनकर संजु का चेहरा लटक गया "ठीक है फिर तुम ही हमारे कार्ड ले जाना"
कामना ने देखा संजु नाराज हैं तो वो बात संभालते हुए बोली - जब समर का मूड अच्छा होगा मैं बात करती हूं उससे"
"सच?" संजु खुशी के मारे उछल पड़ी "तू कितनी अच्छी है एक वो घमंडी ईवा है ना तेरे जितनी सुंदर ना होशियार गुस्सा तो नाक पर रखा रहता है"
"धीरे से कहीं वो सुन ना ले"
"सुनती है तो सुने मैं क्या डरती हूं इससे? कैसे मुंह उठाकर चली आई इसे नहीं पता इसकी बेंड बजने वाली है?"
"मतलब?" कामना ने उत्सुकता दिखाई
"अरे अपनी वो लेडी डॉन सोफी है ना? उसने कसम खा रखी है इस ईवा को सबक सिखाने की"
सोफी कॉलेज के चेयरमैन की बेटी थी पूरे कॉलेज में उसका दबदबा था कोई उसके खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं करता था सोफी समर के म्यूजिक की फैन थी और जैसे ही उसे खबर मिली कि ईवा ने समर का हाथ तोड़ दिया और समर अब कभी पियानो नही बजा पायेगा सोफी गुस्से में फट पड़ी।
डीके कॉलेज (काल्पनिक नाम) शहर का बेस्ट कॉलेज था यहां तीन तरह के स्टुडेंट्स होते थे पहले जो पढ़ाई में टॉपर है जैसे कामना दूसरे जिनका फेमिली बैकग्राउंड बहुत अच्छा है जैसे ईवा और तीसरे जिनके पास टेलेंट भी है और फेमिली बैकग्राउंड भी जैसे ईवा का भाई समर।
ईवा पढ़ने में बिल्कुल जीरो थी ईवा जैसे ही क्लास में घुसी सबकी नजरें उसपर।
ईवा सबकी नजरों के बीच अपनी सीट के पास गयी उसने देखा वहां उसकी जो बुक्स रखी रहती थी वो गायब है ईवा की नजर क्लास में पीछे रखे डस्टबिन में गयी जहां उसकी किताबें किसी ने फेंक दी थी क्लास में घोर सन्नाटा छा गया ईवा की नजर अपनी डेस्कमेट पर गयी ये थी गुंजन गुंजन डरपोक स्वभाव की थी ईवा को नजरें देखकर ही उसकी सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई
"मैंने कुछ नहीं किया ये सोफी का काम है मैं सच बोल रही हूं" वो कांपते हुए बोली
सोफी? ईवा ने याद किया ये सोफी इस कॉलेज की लेडी डॉन थी और इसकी कामना से काफी गहरी दोस्ती थी कामना का एक नौकरानी से सोसाइटी में ऊंचा स्थान पाने तक के सफर में इस सोफी का बड़ा रोल था। कामना ऐसी हिरोइन थी जिसकी सबसे बनती थी।
शैतान का नाम लिया और शैतान हाजिर
सोफी दनदनाती हुई पीछे के दरवाजे से अंदर घुसी उसके पीछे उसकी पूरी टोली थी
ईवा के आने की खबर सुनते ही वो यहां धमक पड़ी थी ईवा को उंगली दिखाते हुए सोफी चिल्लाई "तेरी हिम्मत कैसे हुई कॉलेज में आने की? अपने भाई को धक्का देते हुए तेरा दिल नहीं कांपा? तुझमें शर्म नाम की चीज है या नहीं? निकल जा अभी के अभी वापस कॉलेज में मत आना यहां कोई तेरी शकल नहीं देखना चाहता"
"किसने कहां मैंने समर को धक्का दिया?" ईवा ने बेहद शांत भाव से कहा
ये सवाल उसने नॉवेल वाली ईवा की तरफ से पूछा था जिसने कभी इसपर ध्यान नहीं दिया
जो देखो वो उसे सुनाये ही जा रहा है उसके घरवालों तक तो ठीक था लेकिन अब ये लोग जिन्हे वो सही से जानती भी नहीं उसे बेमतलब में जो मन कर रहा है वो सुना रहे हैं
"सब लोग जानते हैं तुमने ही अपने भाई को धक्का दिया है" सोफी कमर पर हाथ रखकर बोली
"सबने कहा है? उन सबमें से किसी ने अपनी आंखों से कुछ देखा है? या किसी के पास कोई सबूत है?"
ईवा का सवाल सुनकर सोफी की बोलती बंद हो गई क्योंकि वाकई में इस बात का किसी के पास कोई सबूत नहीं था
लेकिन वो इतनी आसानी से हार नहीं मान सकती ये लड़की जानबूझकर उसे घुमा रही है
सोफी ने ईवा को उंगली दिखाई "मैं तुम्हारी गोल गोल बातों में नहीं फंसने वाली समझी तुम?"
ईवा ने जोर से मेज पर हाथ मारा सब आंखें बड़ी करके उसे देखने लगे ईवा का हाथ अपने बैग के अंदर गया और उसने कुछ बाहर निकाला ये क्या चाकू??
"चाकू?????" कुछ देर तक जो लड़की खुद को डॉन समझ रही थी वो डरकर दो कदम पीछे हट गई
"एक शर्त लगाते हैं अगर तुमने सबूत दिखा दिया तो तुम मेरा हाथ काट सकती हो लेकिन,,,, अगर सबूत नहीं है तो मैं तुम्हारा हाथ काटूंगी"
"तुम पागल हो!!!" सोफी चींखी
गुंजन भी डरकर पीछे हट गई थी बाकी के बच्चे भी आंखें फाड़े ईवा को देख रहे थे
"डरने की क्या बात है? तुम्हारे पास सबूत है तो हाथ मेरा कटेगा,,या तुम्हारे पास सबूत ही नहीं है?"
सोफी की बोलती बंद हो गई अगर वो ना कहेगी तो उसकी क्या इज्जत रह जाएगी? और हां कहेगी तो हार जायेगी क्योंकि उसके पास वाकई में कोई सबूत नहीं था
सभी की नजर सोफी पर थी सोफी के माथे पर पसीने आ गए ऐसी परिस्थिति में वो पहली बार फंसी थी ना भागते बनता था ना खड़े होते तभी उसकी साथी बोली - बॉस आप क्यों इसके मुंह लग रही हो? ये कॉलेज में चाकू लाई है इसकी क्लास टीचर से कंप्लेन करते हैं वो जरूर इसे कॉलेज से निकाल देंगे
सोफी ने तुरंत हां में सर हिलाया ईवा की बातों ने उसका दिमाग ही बंद कर दिया था सोफी फुफकारती हुई अपनी टोली के साथ चली गई
सभी स्टुडेंट्स हैरत भरी नजरों से ईवा को देखने लगे ईवा ने सोफी को भगा दिया??
थोड़ी देर बाद क्लास टीचर आए वो पचास के लगभग के मोटे थुलथुले थे सिर के बीचोंबीच कुछ बाल बचे हुए थे
आते ही उन्होंने सभी स्टुडेंट्स पर नजर घुमाई और उनकी नजर ईवा पर रूक गई "ईवा मैंने सुना है तुम कॉलेज में चाकू लाई हो?"
उन्हें ही नहीं कॉलेज में सबको पता था ईवा ने अपने भाई के साथ क्या किया? लेकिन ईवा के फेमिली बैकग्राउंड की वजह से कोई टीचर कुछ नहीं कह सकता था क्लास टीचर ने बिना सच जानें सिर्फ अफवाहें सुनकर अपने मन में ईवा की ग़लत इमेज बना ली थी
"मेरे पास कोई चाकू नहीं है" ईवा ने बड़े शांत अंदाज में कहा
"हाऊ डेर यू!!!! मैंने अपनी आंखों से तुम्हें अपने बैग से चाकू निकालते देखा था यहां तक कि क्लास में सभी ने देखा था" सोफी चिल्लाई
क्लास टीचर ने भी ईवा को घूरा "ईवा चुपचाप अपनी ग़लती मान लो और चाकू इधर लाओ नहीं तो मजबूरन मुझे तुम्हारे पेरेंट्स को बुलाना होगा"
ईवा ने अपने बेग में से चाकू निकाला
चाकू देखते ही सोफी उछल पड़ी "सर देखिये मैंने कहा था ना इसके पास चाकू है?"
"ये चाकू नहीं टॉफी है" ईवा ने कहा
"टॉफी? तुमने सबको पागल समझता है?" सोफी गुर्राई
सबकी नजरों के सामने ईवा ने चाकू अपने मुंह में रख लिया सबकी चींख निकल गई
तभी सबने कच की आवाज सुनी वो चाकू टूट गया
ईवा ने अपने होंठों पर जीभ फिराई "ये टॉफी चीनी से बनी है इट्स शुगर आर्ट"
कहते हुए ईवा ने अपने बेग से एक और नाइफ निकाला और मेज पर तोड़ दिया चाकू के टुकड़े टुकड़े हो गए
सबके मुंह देखने लायक थे
खासकर सोफी और क्लास टीचर
इस लड़की ने मुझे इतना बड़ा पोपट बनाया? सोफी गुस्से में उफन रही थी
टॉफी?
टॉफी??????
क्लास टीचर बिलबिला कर रह गए कौन इस तरह की टॉफी लाता है? ये लड़की जानबूझकर बवाल करना चाहती थी
"सब अपनी सीट पर बैठ जाएं" क्लास टीचर ने कहा सोफी भी वापस जाने को मुड़ी तभी
"वेट अ मिनट! सर मुझे कंप्लेन करनी है किसी ने मेरी बुक्स डस्टबिन में फेंक दी" ईवा ने कहा
सोफी ने ईवा को घूरा उसकी आंखें आग उगल रही थी जैसे अभी उसे भस्म कर देगी
क्लास टीचर को भी ईवा की कंप्लेन में कोई इंट्रेस्ट नहीं था क्योंकि उनके हिसाब से वो सिर्फ पैसों के दम पर इतने बड़े कॉलेज में है लेकिन अब पूरी क्लास के सामने वो चुप भी नहीं रह सकते थे इसलिए क्लास टीचर ने सभी स्टुडेंट्स की तरफ देखकर कहा - किसने किया है ये सब? किसी को पता है तो वो आगे आए नहीं तो इससे बड़ी पनिशमेंट मिलेगी"
सब चुप रहे सबको पता था ये काम सोफी का था सोफी ने सबके सामने ईवा की बुक्स फेंकी थी लेकिन उसके खिलाफ कोई नहीं जाना चाहता था गुंजन ने भी सिर झुका लिया
क्लास टीचर ने सभी स्टुडेंट्स की तरफ देखकर कहा - किसने किया है ये सब? किसी को पता है तो वो आगे आए नहीं तो इससे बड़ी पनिशमेंट मिलेगी"
सब चुप रहे सबको पता था ये काम सोफी का था सोफी ने सबके सामने ईवा की बुक्स फेंकी थी लेकिन उसके खिलाफ कोई नहीं जाना चाहता था गुंजन ने भी सिर झुका लिया
सोफी सर के पीछे खड़ी थी उसने सभी स्टुडेंट्स को अपनी नजरों से धमकाया जैसे कह रही हो
अगर किसी ने मुंह खोला तो अंजाम अच्छा नहीं होगा 😡
सबने सिर झुका लिया
"किसी को नहीं पता तो अभी इस बात को यहीं खत्म करते हैं किसी को कुछ पता चले तो मेरे ऑफिस में आकर बता सकता है" क्लास टीचर ने बात टालते हुए कहा
सोफी ने ईवा को विजयी मुस्कान दी जैसे कह रही हो
तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती 😈😈
क्लास टीचर वापस अपनी चेयर पर बैठने को हुए तभी
"सर ये घटना इसी हफ्ते हुई है आय एम श्योर सीसीटीवी फुटेज से सब क्लीयर हो जाएगा" ईवा ने बड़े शांत अंदाज में कहा
सोफी की तो जान ही सूख गई कैमरे में तो सब रिकोर्ड हो गया होगा?
क्लास टीचर के एक्सप्रेशन भी कुछ ज्यादा अच्छे नहीं थे उन्होंने ईवा को डांटते हुए कहा - अब तुम मुझे बताओगी मुझे क्या करना है? मैं सिर्फ उस बच्चे को अपनी ग़लती सुधारने का मौका दे रहा था
ईवा ने हां में सर हिलाया - ओके लेकिन अगर वो अपनी ग़लती ना सुधारें तो आप रिकार्डिंग चैक कर सकते हैं
क्लास टीचर इतना गुस्सा थे कि उन्हें समझ नहीं आया क्या बोले? सोफी ने एक सरसरी निगाह ईवा पर डाली और चली गई उसे किसी तरह उस रिकोर्डिंग से छुटकारा पाना होगा।
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दूसरी ओर केशव अपने रूम में आया जहां वो अपने दोस्तों के साथ रहता था केशव अभी सेकेंड ईयर में था,
उसके कमरे में घुसते ही उसका दोस्त सौरभ उसपर कूद पड़ा,
"दूर रह मुझे लड़कों में कोई इंट्रेस्ट नहीं है" केशव ने मुंह बनाकर उसे धक्का दे दिया
"केशव एक ऐसी खुश खबरी है जिसे सुनकर तू भी खुशी से झूम उठेगा"
"ऐसी क्या बात है?"
"हमारे सोफ्टवेयर के लिए इंवेस्टमेंट मिल गई है वो भी पुरे बीस लाख" सौरभ खुशी से झूम रहा था
वो लोग एक सोफ्टवेयर बना रहे थे उन सभी दोस्तों में टेलेंट था पर पैसा नहीं ऐसे में उन्हें इंवेस्टर की जरूरत थी
ये सुनकर केशव का चेहरा भी खिल उठा "सच?"
"हां भाई सच"
"नाम क्या है उनका?"
"मिरेकल"
" मुझे उनका नंबर दे"
सौरभ ने नंबर दे दिया
केशव ने मेसेज किया
हेलो आय एम केशव द ऑनर ऑफ लाइट सोफ्टवेयर
इधर ईवा के फोन पर ये मैसेज आया उसने तुरंत कोई रिप्लाई नहीं किया
वो केशव से दूर रहना चाहती थी नॉवेल की ईवा केशव का प्यार चाहती थी लेकिन इस ईवा को पैसों से मतलब था तभी तो उसने अपना नाम बदल रखा था नॉवेल में केशव का ये सोफ्टवेयर बहुत सक्सेसफुल हुआ था और ईवा अपने हाथ से पैसे कमाने का ये सुनहरा मौका नहीं छोड़ना चाहती थी।
छुट्टी के समय आज सम्राट उसे लेने आया था राधा दो दिन के आराम के बाद वापिस हॉस्पिटल चली गई थी समर को उसकी इस समय सबसे ज्यादा जरूरत थी
ईवा ने सम्राट का चेहरा देखा जो थकान से चूर लग रहा था आंखों के नीचे काले गहरे हो रखे थे, दरअसल सम्राट फोरेन में अपनी कंपनी को भी यहां से संभाल रहा था और समर की भी देखभाल करनी थी सुबह के चार बजे तक वो काम करता था और मुश्किल से चार घंटे की नींद लें पा रहा था।
ईवा के बैठने के बाद सम्राट ने गाड़ी स्टार्ट की और बोला - आज घर पर सिर्फ़ हम दोनों है खाना बाहर खा लेते हैं
सम्राट का गुस्सा पहले से कम था लेकिन अभी भी वो ईवा से ऐसे बात कर रहा था जैसे वो उसकी इंप्लाइ हो बहन नहीं
सम्राट ने घर की मेड लतिका को भी अपनी मां राधा की देखभाल के लिए भेज दिया था वो नहीं चाहता था कि समर के ठीक होने से पहले ही उसकी मां बीमार हो जाए
"घर चलकर खा लेंगे" ईवा ने कहा
"ये भी ठीक है बाहर से खाना आर्डर कर लेंगे" सम्राट ने गहरी सांस ली बाहर जाकर खाने की उसमें बिल्कुल हिम्मत नहीं थी
घर आकर सम्राट की नजर दरवाजे के पास रखें पार्सल पर गयी
"इन्हें मैंने आर्डर किया है" ईवा ने सामान उठाकर कहा
सम्राट ने आगे कुछ नहीं पूछा
"आप जाकर रेस्ट कीजिए खाना जब रेडी होगा मैं आपको बुला लूंगी"
सम्राट ने ईवा की बात का ये मतलब समझा कि वो खाना आर्डर करेगी जब खाना सर्व हो जाएगा वो उसे बुला लेगी सम्राट हां कहकर अपने कमरे में चला गया उसे नहीं पता था कि उसके जाते ही ईवा किचन में चली गई और खाने की तैयारी करने लगी।
ईवा ने एक्सपर्ट शेफ की तरह बहुत ही स्वादिष्ट खाना तैयार कर दिया।
एक घंटे बाद सम्राट नीचे आया "आज टेक आउट आने में बड़ी देर लग गई?" वो बुदबुदा रहा था कि उसकी नजर डायनिंग टेबल पर गयी जहां गरमागरम खाना सर्व हो गया था खाना की लजीज महक से पूरा लिविंग रूम महक गया था।
सम्राट ने आज कुछ ज्यादा ही खा लिया 'डिलवरी में देर तो ज्यादा लगी लेकिन खाना बहुत टेस्टी था' उसने मन ही मन सोचा।
खाने के बाद ईवा ने किचन साफ किया और अपने कमरे में आकर उसने पार्सल खोला पहले पार्सल में एक मिनी कैमरा था ये इतना छोटा था मतलब पैन शार्पनर से भी छोटा दूसरा पार्सल खोला तो उसमें ऊन और सिलाई थी
कुछ देर तक ईवा ने बुनाई की उसे हर काम का शौक था और वो एक ही काम ज्यादा देर तक नहीं करती थी थोड़ा थोड़ा सब चीज करती थी बुनाई के बाद वो अपने स्टडी रूम में पढ़ने चली गई क्योंकि पहले वाली ईवा पढ़ने में वीक थी और वो भी नयी थी वो अपनी पढ़ाई पूरे दिल से कर रही थी।
रात के ग्यारह बजे सम्राट ने जब ईवा के स्टडी रूम की लाइट खुली देखी वो अंदर आया ईवा टेबल पर सिर रखकर पढ़ते पढ़ते सो गई थी।
सम्राट ने देखा ईवा बहुत कमजोर लग रही है चेहरा भी हल्का पीला पढ़ गया था आजकल ईवा भी देर से सोती थी
सोते हुए ईवा बहुत मासूम और प्यारी लग रही थी सम्राट का दिल अपनी प्यारी बहन के लिए दुखा वो आगे आया और ईवा को गोद में उठाकर बाहर ले जाने लगा वो ईवा को उसके कमरे में ले जा रहा था जिससे वो आराम से सो सके लेकिन
जैसे ही सम्राट ने ईवा को गोद में उठाया ईवा ने घबराकर आंखें खोल दी उसकी आंखों में डर और दहशत थी सम्राट को देखकर उसकी आंखों का डर धीरे-धीरे कम हो गया
ईवा बचपन से ही अपनों से दूर रही थी उसने अपने पूरे जीवन में किसी का प्यार नहीं देखा था यहीं कारण था कि वो इतना डर गई थी और किसी के साथ सहज नहीं हो पा रही थी
सम्राट भी ईवा के रियेक्शन से हैरान था
ईवा तुरंत सम्राट की गोद से उतर गई अपना समान समेटकर वो चली गई।
"क्या इन दिनों मैं ईवा के प्रति ज्यादा सख्ती बरत रहा हूं? नहीं मुझे समर के लिए भी सोचना होगा समर भी मेरा छोटा भाई है जो ईवा ने समर के साथ किया उसकी माफी इतनी आसानी से नहीं मिल सकती और ईवा को सिर्फ दो दिन की थकान है जबकि समर का तो भविष्य अंधकार में डूब गया है"
अपने भाई को याद करके सम्राट का मन दुखी हो गया क्योंकि उन्होने पूरा जोर लगा लिया था लेकिन समर का हाथ ठीक होना लगभग नामुमकिन लग रहा था
सम्राट ने ईवा की चिंता दिल से निकाल दी और सोने चला गया।
अगली सुबह सम्राट ईवा को कॉलेज छोड़ने गया रास्ते भर दोनों ने एक शब्द नहीं कहा,
क्लास में एंटर करते ही सोफी अपनी टोली के साथ आ धमकी।
ईवा के रिकार्डिंग वाली बात से सोफी बहुत डरी हुई थी लेकिन अपनी पॉवर का इस्तेमाल करके उसने रिकोर्डिंग डिलीट कर दी अब वो ईवा का मजाक बनाने आई थी।
"क्यों? बहुत शौक था ना मुझे फंसाने का? लेकिन तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगी वो रिकार्डिंग डिलीट करदी मैंने अब कैसे प्रूफ करेगी कि मैंने ही तेरी किताबें फेंकी थी?" सोफी इतराते हुए बोली
उसके पीछे खड़ी पलटन खी खी करके हंसने लगी
ईवा शांत रही और धीरे से कहा - अगर रिकोर्डिंग गायब हो जाएंगी तो सबको शक नहीं होगा?
"शक होने से मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता पता है क्यों? क्योंकि मेरे पापा इस कॉलेज के चेयरमैन हैं"
ईवा खामोश रही सोफी को बहुत मज़ा आ रहा था
"आज की रिकोर्डिंग डिलीट नहीं करूंगी मैं तेरा मन करे तो दिखा देना सबको और रो रोकर बताना कैसे मैंने तेरी बेज्जती की है" एक बार फिर सब ठहाके लगाकर हंसने लगे
दरअसल कॉलेज के कैमरों में साउंड रिकार्ड नहीं होती थी सिर्फ विडियो होती थी इसलिए सबको यहीं लगेगा सोफी उससे बातें कर रही है इसी कारण सोफी खुलेआम उसे धमकी दे रही थी रहा सवाल क्लास में मौजूद स्टूडेंट्स का वो तो मुंह खोलने से रहे
"अपने पिता की पोजिशन का इस तरह इस्तेमाल करना अच्छा नहीं है" ईवा ने कहा
"क्यों जलन हो रही है? हा हा हा तू सिर्फ जल सकती है लेकिन कर कुछ नहीं पायेगी मेरे डैड इस कॉलेज के चेयरमैन हैं इस कॉलेज में मेरा राज चलता है मेरे सामने सबको झुकना पड़ता है मैं चाहू तो तूझे अभी धक्के मारकर इस कॉलेज से निकलवा सकती हूं"
सोफी ईवा के सामने आई - ये मेरी आखिरी वार्निंग है इज्जत के साथ इस कॉलेज से निकल जा नहीं तो तेरा जीना मुश्किल हो जाएगा
टीचर के आने का समय हो गया था इसलिए सोफी अपनी पलटन के साथ निकल गई आज वो बहुत अच्छे मूड में थी। ईवा के साथ वो मारपीट इसलिए नहीं कर सकती थी क्योंकि ईवा की फैमिली बहुत पॉवरफुल थी नहीं तो अब तक वो उसकी धुलाई भी कर चुकी होती।
सोफी के जाते ही ईवा ने अपनी शर्ट की जेब में फिट हुआ कैमरा निकाला और उसमें से मेमोरी कार्ड निकालकर अपने लैपटॉप में लगा दिया
गुंजन हैरान रह गयी "तुमने सब रिकार्ड कर लिया?"
"हम्म" ईवा ने छोटा सा जवाब दिया और विडियो की एडिटिंग करने लगी
कॉलेज के कैमरों में एक तो साउंड रिकार्ड नहीं होता था दूसरा सोफी चेयरमैन की बेटी होने की वजह से उन्हें डिलीट कर देती ईवा ने सबकुछ पहले ही सोच लिया था इसलिए उसने ये तरकीब अपनाई थी
दस मिनट की एडिटिंग के बाद विडियो में सबके चेहरे ब्लर हो गए थे और कहीं भी ईवा का नाम नहीं था इसके बाद ईवा ने वो विडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी।
जल्द ही वो विडियो वायरल हो चुकी थी सभी विडियो को शेयर और कमेंट कर रहे थे
किस कॉलेज का विडियो है ये? ये लड़की समझती क्या है ख़ुदको? चेयरमैन की बेटी है तो किसी के साथ कुछ भी करने का लाइसेंस मिल गया?
मैं तो कहता हूं इस चेयरमैन को ही सस्पेंड कर देना चाहिए और इस लड़की को भी कॉलेज से निकाल देना चाहिए
ये रैगिंग है दिस इज ए क्रिमिनल ओफएंस
क्योंकि फ़ोटो ब्लर थी और किसी का नाम सुनने में नहीं आ रहा था किसी को नहीं पता था ये किस कॉलेज का विडियो है लेकिन जिस कॉलेज की ये विडियो थी वो तो सोफी का थुलथुला शरीर और उसके पीछे खड़ी उसकी दो चमचियो को देखकर ही पहचान गये थे कि ये उनके कॉलेज की सोफी का विडियो है चेयरमैन को ऊपर से सब जल्दी ठीक करने का आर्डर आया नहीं तो उसकी नौकरी जा सकती थी
चेयरमैन मिस्टर भूषण के माथे पर लकीरें पड़ गई, उन्होंने अपनी बेटी को अपने ऑफिस में बुलाया, सोफी अभी तक अपने किए कारनामे से अंजान थी
जैसे ही वो अंदर आई मिस्टर भूषण उसपर भड़क उठे - कैसी नालायक बेटी को जन्म दिया है मैंने? तुम्हारे अंदर दिमाग नाम की कोई चीज है या सिर्फ भूसा भरा है? तुम पढ़ाई पर ध्यान नहीं देती लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा पर तुम बाज नहीं आओगी,,पढ़ाई लिखाई तो दूर की बात है मैडम को लेडी डॉन बनने का भूत सवार है,,, क्या करना क्या चाहती हो? मुझे गुस्से से मारने का इरादा है?
कुछ पल तो सोफी पागलों की तरह मुंह खोले देखती रह गई फिर उसे भी गुस्सा आ गया - मुझे डांटने के अलावा कुछ आता है आपको? किया क्या है मैंने?
किया क्या है? ये देखो अपनी करतूत? - मिस्टर भूषण ने फोन सोफी के आगे कर दिया
सोफी ने फोन उठाया विडियो देखती ही उसकी आंखें हैरानी से फ़ैल गई
ये तो आज सुबह का ही विडियो है? इसका मतलब वो ईवा मेरी विडियो बना रही थी?
सोफी का चेहरा पीला पड़ गया
भूषण ने फोन छीन लिया - क्या हुआ बोलती बंद हो गई?
भूषण जी को लगा सोफी को अपनी ग़लती का एहसास होगा लेकिन उल्टा सोफी उनपर भड़क उठी - मुझे सुनाने से पहले अपने आप को देखिए,,, आपने मेरी मां को चीट नहीं किया था क्या? यहां तक आप कभी बैठकर मुझसे बात करते हो? मुझे बेटी मानते भी हो?
वाह बेटा वाह!! अगर मैं तुम्हें बेटी नहीं मानता तो तुम इस कॉलेज में पैर रखकर तो दिखा देती? मेरी बदौलत है जो तुम सबके सामने दादागिरी करती फिरती हो
सोफी की बोलती बंद हो गई क्योंकि ये सब सच था भलेही डैड उसके साथ बातें नहीं करते थे समय नहीं देते थे लेकिन पैसों की कोई कमी नहीं थी और वो तो पढ़ने में भी जीरो थी
ये विडियो मैं इंटरनेट से हटवा दूंगा लेकिन आज शाम तक ओरिजनल विडियो से छुटकारा पाओ अगर असली विडियो सामने आ गई तो तुम अपने साथ मुझे भी ले डूबोगी
सोफी ने हां में सर हिलाया - मुझे पता है असली विडियो किसके पास है
हम्म आज रात मैं एक बड़ी पार्टी से मिलने जा रहा हूं अगर तुम्हारी वज़ह से कोई दिक्कत आई तो तुम्हारी इस महीने की पौकेट मनी कैंसिल
अल्टीमेटम मिलते ही सोफी हवा की रफ्तार से भाग निकली छुट्टी का समय था ईवा अपना बेग पैक कर रही थी कि सोफी दनदनाती हुई आई
ईवा!!!!!! तेरी इतनी जुर्रत तूने मेरी विडियो बनाई? तू जानती नहीं मैं क्या कर सकती हूं??
ईवा ने शांति से अपना बेग पैक करा जबकि क्लास में सारे स्टुडेंट्स की सांसें अटकी हुई थी
सोफी को लगा ईवा के बेग में ही वो डिवाइस होगा जिसमें उसकी विडियो है उसने छीनने के लिए हाथ बढ़ाए
कोई फायदा नहीं है तुम्हारी विडियो की बहुत सारी कॉपी है मेरे पास तुमने मुझे नाखुश किया तो आगे तुम खुद ही समझदार हो ईवा ने शांति से उसकी आंखों में देखा
सोफी फुफकारकर रह गई, अगर वो असली विडियो वायरल हो गई तो उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी सोफी ने गहरी सांसें लीं और कहा - आखिर चाहती क्या है तू?
ईवा ने सिर हिलाया अब इस लड़की ने काम की बात की - सिंपल है जब तक तुम मुझसे पंगा नहीं लोगी ये विडियो मेरे पास सुरक्षित हैं नहीं तो,,,
तू मुझे धमकी दे रही है?
ईवा ने कुछ नहीं कहा बस सोफी की आंखों में देखा सोफी का मन कर रहा था ईवा का मुंह तोड़ दे
सभी स्टुडेंट्स को लगा अब तो पक्का ईवा का भरता बनने वाला है
ठीक है इस बार तू जीत गई - सोफी ने हार मानकर कहा
ईवा ने अपना बेग कंधे पर डाला और चली गई
अब स्टुडेंट्स के मुंह खुले रह गए पहली बार किसी ने सोफी को सबक़ सिखाया और वो भी नाज़ुक सी दिखने वाली ईवा ने।
इस समय उन्हें ईवा बहुत कूल लग रही थी।
शाम को मिस्टर भूषण मनोज जी से मिलने गए मनोज जी से उनके दस साल से बिजनेस रिलेशन थे मनोज जी के घर ही मनन ओबरोय रूका हुआ था मनोज जी का बेटा आनंद मनन का दोस्त था।
मनन मनोज जी की पुरानी हवेली में रूका हुआ था वो हवेली ईवा के दादा दादी की हवेली के बराबर में थी।
भूषण जी ने बहुत ही कीमती तोहफा तैयार किया था इस समय वो मनोज जी के सामने बैठे थे
"आपका बहुत बहुत धन्यवाद"
"इतनी जल्दी मेरा धन्यवाद मत करो भूषण मैं तुम्हें उस तक ले जा सकता हूं लेकिन आगे का काम तुम्हारे हाथ में है"
"मैं समझ गया" भूषण ने कहा और मन ही मन सोचने लगा एक जवान अमीर घर के लड़के से इतना क्या डरना इन लड़कों के मिले जुले शौक होते हैं
भूषण को देखकर मिस्टर मनोज सब समझ गए कि वो क्या सोच रहा है उन्होंने अपना सिर ना में हिलाया 'इसे नहीं पता वो कोई साधारण लड़का नहीं आग का गोला है'
"वो ऊपर आनंद के साथ बिलियर्ड्स खेल रहा है चलो"
भूषण मुस्कुराते हुए उनके पीछे-पीछे चल दिया फस्ट फ्लोर पर बने बड़े से हॉल में अनेकों तरह के इनडोर गेम्स थे दो हैंडसम लड़के खेल रहे थे, पहला लड़का जेंटलमैन की तरह था उसके चेहरे पर एक कोमलता थी वहीं दूसरा लड़का पहले वाले से भी ज्यादा हैंडसम था उसमें एक अलग सा ओरा था उसकी स्माइल जितनी दिलकश थी उतनी ही डेंजरस, उनके चारों तरफ बॉडीगार्ड्स खड़े थे।
भूषण ने पहली बार मनन को देखा था उसे लगा था मनन बीमार सा दिखने वाला कमजोर लड़का होगा लेकिन सामने खड़ा मनन कहीं से भी कमजोर नहीं लग रहा था उसने ब्लैक शर्ट पहनी थी ब्लैक पैंट्स, शर्ट के ऊपर के तीन बटन खुले हुए थे जिसमें उसकी कसी हुई बॉडी साफ नजर आ रही थी
भूषण की हिम्मत नहीं हुई कि वो बीच में मनन को टोके इसलिए उसने बाहर ही इंतजार किया जबतक कि गेम खत्म नहीं हो गया।
गेम पुरा होते ही वो मुस्कुराते हुए अंदर आया - ओबरोय साहब आपसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई ये आपके लिए इस नाचीज़ की तरफ से छोटा सा तोहफा
भूषण ने अपने हाथ में पकड़ा गिफ्ट आगे बढ़ाया - ये लिमिटिड एडिशन कार की चाबी है
मनन ने फायनली भूषण की तरफ देखा मनन की नजर बाज की तरह थी जो किसी की आत्मा तक देख ले कि सामने वाला किस मकसद से उसके पास आया है
भूषण की तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई
मनन ने एक तिरछी मुस्कान दी - इधर आओ
भूषण धड़कते दिल के साथ आगे बढ़ा मनन ने अपने हाथ में पकड़ी क्यु स्टिक भूषण को पकड़ा दी "प्ले विद हिम" मनन ने आनंद की तरफ इशारा किया और बिना गिफ्ट पर नजर डालें सोफे पर पैर पर पैर चढ़ाकर बैठ गया,
भूषण को तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन मनन के सामने उसकी आवाज ही नहीं फूट रही थी खेलने के अलावा कोई चारा नहीं था
मनोज जी मनन के पास आए उन्होंने डरते हुए कहा - मनन तुम्हें बुरा लगा क्या? मैं तुम्हारी इजाजत के बिना इसे यहां ले आया?
मनन कुछ देर चुप रहा फिर खतरनाक स्टाइल में कहा - आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए
"डोंट वरी आगे से ऐसा कभी नहीं होगा - मनोज जी जल्दी से बोले बिना मनन की इजाजत के कोई उससे नहीं मिल सकता था
जैसे कि अब, भूषण को मनन से बात करने का मौका ही नहीं मिला ना उसकी हिम्मत थी उसकी ऐसी हालत थी उसकी हालत ऐसी थी जैसे बब्बर शेर के सामने बकरी
कुछ देर में आनंद मनन के पास आया - अच्छा सबक सिखाया इसे कॉलेज में बहुत दादागिरी करता था
दरअसल आनंद भी उसे कॉलेज से पढ़ा था जहां ईवा पढ़ती है
बड़े साहब (मनन के दादाजी) ने आर्डर दिया है तुम्हें लड़कियों से मिलवाऊं - आनंद ने बताया
ये कोई पहली बार नहीं था बड़े साहब यानी मनन के दादाजी मनन की शादी के पीछे पड़े हुए थे
कारण भी था मनन की उम्र नहीं उम्र तो उसकी अभी बाइस साल ही थी कारण था मनन की बीमारी
मनन देखने में तो स्वस्थ लगता था कोई नहीं कह सकता था उसे जानलेवा बीमारी है लेकिन सच यह था कि उसे दिल का एक गंभीर रोग था
दादाजी को यहीं डर लगा रहता था मनन को कुछ हो गया तो उनका वंश कैसे चलेगा उनका बड़ा बेटा मर चुका था छोटे बेटे ने आजतक शादी नहीं की थी और पोता था कि उनकी बात नहीं मानता था
मनन को अपनी जान की बिल्कुल फिक्र नहीं थी उसे अपने जीवन से कोई खास लगाव नहीं था जबकि जिंदगी में उसे किसी चीज की कोई कमी नहीं थी
दादाजी ने मनन के लिए लड़की देखने का जिम्मा आनंद को सौंप रखा था लेकिन आनंद बिचारा खुद परेशान
मनन के लिए लड़की देखना मतलब रेगिस्तान में कुआं ढूंढना
मनन को हर चीज में इंटरेस्ट था सिवाय लड़कियों के
तुम संभाल लेना - मनन कहकर चला गया
आनंद ने गहरी सांस ली - कहां फंस गया? दादा कहते हैं लड़की ढूंढ़ो पोता कहता है ख़ुद संभाल लो,,,हे भगवान कोई चमत्कार दिखाओ मनन के जीवन में जल्दी से ऐसी लड़की भेज दो जिससे मनन को बेइंतहा प्यार हो जाए
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ईवा अपने कमरे में पढ़ रही थी जब राघव जी और सम्राट कमरे में आए दोनों के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे वो कुछ कहना चाहते हो लेकिन कह ना पा रहे हो
राघव जी हिम्मत करके आगे बढ़े - ईवा,,पापा को तुमसे कुछ बात करनी है
ईवा ने सीरीयस होकर सिर हिलाया
"तुम्हारा भाई समर,,,उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल गया है,,," राघव जी अटकते हुए बोले और चुप हो गए आगे की बात कहने की उनकी हिम्मत नहीं हुई
"डैड आप रहने दीजिए मैं बोलता हूं" सम्राट आगे आया उसके चेहरे पर इतनी घबरआहट नहीं थी
समर को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल रहा है लेकिन उसका हाथ अभी ठीक नहीं हुआ है ना कोई सर्जन हमें मिला है ऐसे में डॉक्टर ने कहा है कि समर को घर ले जाना चाहिए इससे उसका मूड ठीक हो जाएगा,, लेकिन समर तुमसे नहीं मिलना चाहता अगर तुम उसके सामने रहोगी तो वो ठीक होने की जगह पैनिक हो जाएगा इसलिए हम सबने फैसला किया है कुछ दिनो के लिए तुम दादा दादी की हवेली में रहोगी हमने उनसे बात करली है जो सामान ले जाना है वो पैक कर लो कल कॉलेज के बाद डायरेक्ट हवेली चले जाना - सम्राट ने बिना पलकें झपकाए सबकुछ कह दिया
सम्राट और राघव जी ध्यान से ईवा का चेहरा देख रहे थे ईवा रोएगी चिल्लाएंगी कि उसे कहीं नहीं जाना और वो उसे समझाएंगे
"ठीक है" ईवा ने बिना किसी भाव के सिर हिलाया और अपनी पैकिंग करने लगी
रोने चिल्लाने से ज्यादा ईवा की खामोशी ने उनका दिल छलनी कर दिया था।
ईवा चुपचाप अपना सामान पैक करने लगी
सम्राट और राघव जी खड़े ईवा को देख रहे थे उनका दिल बहुत भारी हो रहा था
ईवा ने ये सब नॉवेल में पढ़ा था इस समय नॉवेल वाली ईवा बहुत रोई थी गिड़गिड़ाई और उसके मां बाप का दिल पिघल गया उन्होंने ईवा को नहीं भेजा।
लेकिन इसका परिणाम बहुत बुरा हुआ ज़िद करके ईवा रूक तो गई पर जैसे ही समर घर आया ईवा को देखते ही लड़ने लगा उस दिन से दोनों में लड़ाईयां और बढ़ गई दोनों एक दूसरे को सीधे मुंह देखना पसंद नहीं करते थे, घरवालें भी ईवा से बहुत दुखी हो गए थे।
इसलिए ईवा ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहती थी जो किसी को दुख पहुंचाए।
ईवा तुम्हें कुछ चाहिए तो पापा को बता सकती हो - राघव जी ने दुखी मन से कहा
ईवा ने ना में सिर हिला दिया।
राघव जी को खुद पर ही शर्म आ रही थी उस दिन जब उनकी मां ने कहा था ईवा को यहां छोड़ दो तो उन्होंने मना कर दिया था और आज जब भेज रहे हैं तो क्या कारण है कि ईवा को देखकर उसका ही भाई गुस्सा हो जाएगा।
राधा की तो हिम्मत नहीं थी वो अपनी गुड़िया को घर से जाने की बात कह सके इसलिए वो नहीं आई अपने कमरे में अकेली बैठी रोती रही।
अगली सुबह दादी मां ईवा से मिलने आई, राघव जी ने उन्हें देखा - मां आपने तकलीफ़ क्यों की? मैं ईवा का सामान भिजवा दूंगा ईवा को छोड़ भी आऊंगा।
दादी मां ने उन्हें अनदेखा कर दिया उनकी नजर लिविंग रूम में रखे ईवा के लगेज पर गयी उन्होंने ड्राइवर से कहकर सामान गाड़ी में डलवाने को कहा।
राघव जी अपनी मां के पीछे पीछे आए - मां तुम नाराज़ मत हो तुम्हें तो पता है हमारे पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं था?
दादी मां ने राघव जी की तरफ देखा - मैंने कुछ कहा? मैं समझती हूं तुम्हारी अपनी मजबूरी है दुख दर्द है मैं सब समझती हूं,, लेकिन जब किसी के पास उस मासूम बच्ची के लिए समय नहीं है तो क्या मैं उसे वो समय नहीं दे सकती? या मेरा इतना भी हक़ नहीं है?
राघव जी ने सिर झुका लिया - माफी चाहता हूं मां कुछ दिन आपको तकलीफ़ उठानी होगी.
तकलीफ़ नहीं मुझे बहुत खुशी होगी ईवा को साथ रखने में और मैं तो कहती हूं उसे वापस ले जाने की भी कोई जरूरत नहीं है, मैं इतनी भी बुढ़ी नहीं हुई कि अपनी पोती को ना पाल सकूं?
राघव जी सिर झुकाकर चुपचाप सुनते रहे वो बेहद आत्मग्लानि महसूस कर रहे थे ईवा को हमेशा के लिए हवेली में छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं था वो बस उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब समर का गुस्सा शांत हो जाए
दादी मां जाने के लिए मुड़ी तो उन्होंने रूककर कहा - मैं नहीं मानती ईवा दिल की बुरी है अगर उससे ग़लती हुई भी होगी तो उसने जानबूझकर कुछ नहीं किया होगा
दादी मां चली गई राघव जी सोचने लगे - कहीं हम सब कोई ग़लती तो नहीं कर रहे?
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ईवा के कॉलेज के बाहर एक ब्लैक मर्सडीज खड़ी थी दादी मां बार बार बाहर झांककर चारों ओर नजर दौड़ा रही थी
ड्राइवर जो कबसे ये सब देख रहा था बोला - मां जी आप परेशान ना हों ईवा मेडम आ जाएंगी
तुम्हें नहीं पता इन दिनों मेरी ईवा पर क्या बीत रही है? सबने उससे मुंह मोड़ लिया है अपने भाई की हालत देखकर सबके ताने सुनकर उसे भी तो दुख होता होगा लेकिन सब सिक्के का एक पहलू देख रहे हैं ईवा की तकलीफ़ किसी को नजर नहीं आ रही - दादी मां ने उदास होकर कहा
तभी ईवा आते हुए दिखी
दादी मां तुरंत गाड़ी से उतरकर ईवा के पास आई और उसके बेग पकड़कर कार में अपने साथ बिठा लिया और प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरकर कहा - दादी मां ने अपनी गुड़िया रानी को बहुत सारा मिस किया इसलिए दादी मां ने तुम्हारे पापा से बात कर ली है कि वो तुम्हें मेरे पास छोड़ दें तुम्हें तो पता ही है तुम्हारे पापा की मेरे सामने कहां चलती है? - दादी मां नहीं चाहती थी ईवा को ये बात दिल पर लगे कि उसके भाई के लिए उसके मां बाप ने उसे अपने से दूर कर दिया।
ईवा ने सिर हिलाया उसने दादी मां का झूठ नहीं खोला नहीं बताया कि उसे पहले से ही सब पता है।
यहां दो हवेली थी एक माथुर परिवार की और एक शर्मा परिवार का दोनों का बराबर का ही स्टेटस था और दोनों परिवारों में जान पहचान थी।
हवेलियों के सामने की रोड पर एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था जिससे जाम लग गया ईवा और दादी मां की कार भी जाम में फंस गई क्योंकि उनका घर सामने ही था वो उतरकर पैदल जाने लगे।
आगे रेड स्पोर्ट्स कार थी और पीछे येलो स्पोर्ट्स कार थी जिसने रेड कार को पीछे से ठोक दिया था हालांकि किसी को चोट नहीं आई थी लेकिन रेड कार पर डेंट पड़ गया था।
रेड कार की ड्राइविंग सीट पर बैठा मनन बहुत कूल लग रहा था आंखों पर गोगल्स बिखरे बाल विंडो पर कोहनी टिकाए वो आराम से आंखें बंद करें था जैसे उसे इस एक्सीडेंट के कारण लगे जाम से कोई फर्क नहीं पड़ता।
ईवा की नजर अकस्मात ही रेड कार में बैठे मनन पर गयी वो पहचान गई ये तो वहीं लड़का है जिसे उसने अपना टिफिन दिया था।
ईवा की नजरों को महसूस कर मनन ने अपना चश्मा उतारा और उसकी तरफ देखा ईवा को देखते ही उसके होंठों पर मुस्कराहट आ गई
ईवा ने तुरंत नजरें फेर ली
लेकिन मनन अभी भी उसी तरफ देख रहा था आनंद आया तो उसने यहीं देखा उसने मनन की नजरों का पीछा किया वहां ईवा और दादी मां थी
ईवा और दादी मां अपनी हवेली में चली गई तब जाकर मनन ने अपनी नजरें हटाई
"क्या हुआ तू दादी मां और ईवा को इतने ध्यान से क्यों देख रहा था?"
"ईवा?" मनन ने नाम दोहराया
"हां ये हवेली माथुर खानदान की पुरानी हवेली है माथुर परिवार में तीन पुश्तों तक लड़की नहीं हुई थी ईवा इस परिवार की इकलौती बेटी है माथुर परिवार की जान है ईवा" आनंद ने बताया
"ईवा के दादाजी से मिलने चलते हैं" मनन ने कुछ सोचकर कहा
"क्या??" आनंद चौंक गया क्योंकि मनन खुद किसी से मिलना चाहता है ये किसी अजूबे से कम नहीं था
मनन कार से निकल चुका था पीछे से आनंद चिल्लाया - लेकिन ट्रेफिक पुलिस आने वाली है उसका क्या?
वैसे कार तो ये आनंद की थी लेकिन ड्राइव मनन कर रहा था।
आनंद की बात सुनकर मनन ने येलो कार में बैठे लड़के को घूरा उस लड़के की घिग्घी बंध गई।
लड़के के हाथ टैटू से भरे पड़े थे बाल कलर थे वो अमीर बाप की बिगड़ा हुआ लड़का था उसने पहले तो रेड कार को पीछे से टक्कर मारी फिर सॉरी कहने की जगह अपनी ग़लती होने के बावजूद पैसों के दम पर ट्रैफिक पुलिस को भी बुला लिया उसे लगा सामने वाला उसका नाम सुनकर ही डर जाएगा लेकिन जैसे ही उसने मनन को देखा उसके तोते उड़ गए इससे अच्छा तो वो यहां से भाग जाता कहा इस शैतान से पंगा ले लिया।
दादी मां ईवा के साथ हवेली के लिविंग रूम में आई वहां सरीता बैठी थी
राघव जी के दो छोटे भाई थे और उनके अपने भाइयों से अच्छे संबंध थे
सरीता बीच वाली बहु थी वो पहले एक्ट्रेस थीं और उनकी लव मैरिज हुई थी सरीता को हमेशा यहीं लगता था कि उसके पति को बिजनेस में कम हिस्सा मिला है और राघव को ज्यादा, ऊपर से ये ईवा वो ईवा से बहुत चिढ़ती थी क्योंकि ईवा दादा दादी की लाडली थी सरीता को डर था कहीं उसके सास ससुर अपनी सारी संपत्ति और ये हवेली ईवा के नाम ना कर दे इसलिए वो अपने छोटे बेटे सोमित को अक्सर यहां लाती रहती थी जिससे सोमित अपने दादा-दादी का लाडला बना रहे।
सोमित इस समय दादाजी के साथ स्टडी रूम में था, ईवा को देखते ही सरीता ने होंठों पर मुस्कान बिखेर ली मन में चाहें जो हो लेकिन वो एक्ट्रेस थीं और एक्टिंग करना अच्छे से जानती थी
ईवा तुम तो पहले से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही हो - कहते हुए सरिता ने ईवा का हाथ पकड़ लिया
ईवा ने अपना हाथ छुड़ाना चाहा लेकिन सरिता छोड़ने को तैयार नहीं थी
क्या हुआ? मैं तो तुम्हारी फेवरेट चाची हूं ना? तुम्हारा मूड ख़राब है? किसी ने तुम्हें परेशान किया? मुझे बताओ चाची तुम्हारी हेल्प करेंगी - आज सरिता को ईवा का बिहेवियर कुछ अलग लग रहा था
इससे पहले ईवा उसके बहुत क्लोज थी सरीता उसे चने के झाड़ पर चढ़ाती थी वो चाहती थी ईवा बिगड़ जाए जिद्दी हो जाए और गलतियां करें तभी तो वो परिवार मे सबकी नजरों से गिरेगी सरीता ईवा को ज्यादा पढ़ने से भी मना करती थी उसका कहना था इतनी मेहनत करने की क्या जरूरत है? तुम्हारे मां बाप भाई तुम्हारा खर्चा उठायेंगे जब तुम्हारी शादी हो जाएगी तो तुम्हारा पति खर्चा उठाएगा और तुम्हारे दादा दादी की सारी संपत्ति भी तुम्हें मिलेगी जिससे तुम्हें पूरी जिंदगी पैसों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ईवा के रूखे व्यवहार ने आज उसे डरा दिया था ऐसे तो ईवा उसके हाथ से निकल जाएगी फिर उसके इरादों का क्या होगा?
सरिता फिर आगे बढ़ी तो ईवा पीछे हट गई साफ था वो सरिता से कोई बात नहीं करना चाहती थी
सरिता कुछ बोलती उससे पहले ही दादी मां ने उसे डांट दिया - क्यों परेशान कर रही है बच्ची को? जब उसका मन नहीं है तो दूर रहो
दादी मां को अपनी सभी बहुओं में सरिता पसंद नहीं थी बाकी की दो बहु उन्होंने खुद पसंद करी थी लेकिन सरिता को उनके बेटे ने पसंद किया था लेकिन दादी मां को इससे भी कोई आपत्ती नही थी उन्हें नाराजगी थी सरीता के स्वभाव से सरिता के साथ उन्हें कभी अपनत्व की भावना नहीं आती थी ये औरत चालाकियों से भरी पड़ी थी पर इसका मतलब यह नहीं था वो सरिता को परेशान करती थी या उसे अपनाया नहीं था ये उनके बेटे की जिंदगी का निजी फैसला था इसलिए उन्होंने कुछ नहीं कहा।
लेकिन ईवा को तो उनके बेटे भी डांटने की हिम्मत ना करें? फिर ये सरीता क्या चीज़ है?
सरिता का चेहरा काला पड़ गया
दादी मां ने थोड़ा धैर्य से समझाया - अभी ईवा को अपने एक्जाम का स्ट्रैस है जब वो बेहतर महसूस करेगी तब तुमसे बात करेगी
अच्छा?? ईवा बेटा तुम्हें पढ़ाई पर इतना ध्यान देने की जरूरत नहीं है हम सब है ना तुम्हारे लिए? - सरिता फिर ईवा को देखकर मुस्कुराई
लेकिन ईवा ने उसे इग्नोर किया और दादी मां की तरफ देखकर मासूमियत से अपने पेट पर हाथ रखकर कहा - भूख लगी है
दादी मां का दिल पिघल गया उन्होंने तुरंत सर्वेंट को आदेश दिया - जल्दी खाना लगाओ मेरी गुड़िया रानी को भूख लगी है
दादी मां ईवा को लेकर चली गई सरिता दांत किटकिटाने लगी "मुझे पता है आप मुझे पसंद नहीं करती क्योंकि मैं राधा की तरह अमीर खानदान से नहीं हूं लेकिन मैं भी सरिता हूं अपने बेटे को मैं उसका हक दिलवाकर रहूंगी और इस ईवा को तो मैं कभी अपने रास्ते में नहीं आने दूंगी" 😈😈
खाने के पहले सरिता बहाना बनाकर बाथरूम गई और एक कॉल लगाया
दूसरी तरफ से जल्द ही किसी ने कॉल पिक कर ली ये थी माथुर फेमिली की मेड लतिका (कामना की मां)
जी मेमसाब?
ये ईवा को क्या हुआ है? इतनी बदली हुई क्यों लग रही है?
मुझे नहीं पता मेमसाब मैं तो समर बाबा के पास हॉस्पिटल में हूं मुझे ईवा बेबी को देखने का समय ही नहीं मिलता
तुम वो काम कर रही हो ना? समर को बताया है ना कि उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद हो गई है वो कभी ठीक नहीं होगा?
जी मेमसाब मैं उन्हें याद दिलाती रहती हूं लेकिन मुझे डर है कहीं उन्हें सब याद ना आ जाए? मैंने डॉक्टर से सुना है इंसान जब घबराहट में होता है तो कुछ यादें भूल जाता है लेकिन जब वो शांत हो जाता है वो यादें वापस आ सकती है कहीं समर बाबा को याद ना आ जाए कि उन्हें ईवा बेबी ने धक्का नहीं दिया?
तुम ज्यादा डरो मत ऐसा कुछ नहीं होगा वैसे भी इतने दिन हो चुके हैं अगर उसे कुछ याद आना होता तो आ जाता,,,उन दोनों में लड़ाई तो हुई थी ना? समर को बस यहीं लगेगा उसकी बहन कितनी निर्दयी है,,,, सबसे पहले तुमने उसे देखा था तो वो तुम्हारी ही बात पर यकीन करेगा ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है
मेमसाब मैं क्या कहती हूं अब बस करते हैं ईवा बेबी को अपना सबक मिल चुका है और बड़े साहब (ईवा के पापा) भी बहुत अच्छे है उन लोगों ने मेरी बेटी को भी अपने घर में जगह दी और मुझे तन्खवाह भी अच्छी देते हैं मैं उन्हें और दुख नहीं देना चाहती,,,,
सरिता की आवाज कठोर हो गई - बहुत दया आ रही है?? मत भूलो तुम्हारी बेटी जो इतने बड़े कॉलेज में ईवा के साथ पढ़ रही है वो मेरी बदौलत है मैं वो खर्चा देती हूं और ये नौकरी तुम्हें किसने दिलाई थी? मैंने। अगर तुम्हें मेरा साथ नही देना तो अपनी बेटी का खर्चा खुद उठाना
ये सुनते ही जैसे लतिका जड़ हो गई उसकी बेटी कामना सुंदर थी पढ़ने में होशियार थी उसकी वजह से वो अपनी बेटी का भविष्य अंधकार में नहीं डाल सकती थी कामना उसकी कमजोरी थी
ठीक है मेमसाब मैं आपका साथ दूंगी
ये सुनकर सरिता के चेहरे पर विजयी मुस्कान छा गई उसने अपनी आवाज मीठी करके कहा - तुम बिल्कुल सही कर रही हो अपनी बेटी के बारे में सोचो आज वो बड़े घर के बच्चों से मिलती है दोस्ती करती है उसका फ्युचर ब्राइट है लेकिन तुम्हारे कारण उसके सपने बिखर सकते हैं फिर तुम जिंदगी भर पछताओगी,,,अब मैं रखती हूं कोई खबर हो तो बताना
जी मेमसाब
फोन काटकर सरीता बाहर निकल गयी 'इस लतिका का भी कोई भरोसा नहीं है अब जो करना है मुझे ही करना होगा'
ईवा पहली बार सोमित से मिली थी सोमित ईवा को देखकर मुस्कुराया
सोमित समर की उम्र का ही था समर और सोमित भाइयों में सबसे छोटे थे
सरिता के विपरित सोमित अपनी बहन ईवा को बहुत प्यार करता था बचपन में भी ईवा एकदम डॉल लगती थी वो उसके साथ खेलना चाहता था लेकिन घर में छोटा होने के कारण उसे मौका ही नहीं मिलता था वो सिर्फ दूर से ही देख पाता था कैसे बड़े भाई ईवा के साथ खेल रहे हैं
आज जब ईवा उसके सामने है और कोई भाई भी नहीं है सोमित खुशी से फुला नहीं समां रहा था
ईवा भी सोमित को देखकर मुस्कुराई सोमित ईवा के पास ही बैठा था और उसे अलग अलग डिश सर्व कर रहा था - ईवा और खाओ तुम कितनी कमजोर लग रही हो?
सरिता भी बीच में बोली - हां ईवा ज्यादा खाओ तुम्हें अपना फिगर मेनटेन करने की कोई जरूरत नहीं है इन सब चीजों पर बड़े होकर ध्यान देना
सरिता चाहें कुछ भी बोलती ईवा चुपचाप अपना खाना खा रहीं थीं थक-हारकर सरिता चुप हो गई उसे अब ईवा पर बहुत गुस्सा आ रहा था
खाने के बाद सभी बाहर गार्डन में चाय पीने बैठे थे दादाजी को गार्डनिंग का बहुत शौक था पुरा बगीचा हरियाली से भरा हुआ था और फुलों की खुश्बू आ रही थी
गार्डन के बीच में लकड़ी का फर्नीचर था जहां सभी बैठे थे
ईवा देखो मेरे हाथ में कुछ नहीं है? - सोमित ने ईवा को अपने हाथ आगे करके दिखाए
अपने हाथ को आगे पीछे दिखाने के बाद सोमित ने अपने हाथों की हथेलियों को बंद किया और जब वापस खोला तो वहां एक लाल गुलाब का फूल था फिर उस गुलाब में लाइट चमकी और उसकी जगह अब हाथों में की-चेन थी सोमित ने की चेन ईवा को दे दी - तुम्हारे लिए गिफ्ट
ईवा ने की चेन देखी वैसे उसे इस तरह की चीजें पसंद नहीं थी लेकिन सोमित उसकी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा था इसलिए ईवा मुस्कुरा दी - थैंक्यू
सोमित बहुत खुश हो गया ईवा कितनी क्यूट है? मैं उसके लिए और भी क्यूट गिफ्ट लाऊंगा वो खुश हो जाएगी
सोमित अब अच्छी जादूगरी करने लगा है - दादाजी ने कहा
सोमित के बचपन का सपना था जादूगर बनना दादा दादी को इससे कोई समस्या नहीं थी लेकिन सरिता इसके लिए राजी नहीं थी सरीता के तीन बेटे थे
दोनों बड़े बेटों में से एक भी बिजनेस में इंटरेस्टेड नहीं था वो दोनों तो बड़े हो गए थे लेकिन सोमित को वो किसी भी तरह बिजनेस कराना चाहती थी
"सोमित बेटा अपनी ग्रेजुएशन के बाद मैं तुम्हारे लिए एक अच्छा टीचर ढूंढूंगा जो तुम्हें मैजिक सिखाये" दादाजी ने कहा
सोमित बहुत खुश हो गया - थैंक्यू दादाजी
चुप कर तू - सरिता ने डांटा फिर दादाजी से बोली - डैड आप कहां इसकी बातों में आ रहे हैं? ये पढ़ाई में बहुत अच्छा है मैजिशियन बनकर अपने टेलेंट का वेस्ट ही होगा
नहीं सरिता तुम गलत सोच रही हो पढ़ाई भी सोमित के काम आएगी लेकिन मैजिशियन बनने का टेलेंट हर किसी में नहीं होता - दादी मां ने कहा
सरिता दांत किटकिटाने लगी आपका क्या है? आपके तो तीन तीन बेटे बिजनेस में हैं इतने सारे पोती पोते खेल रहे हैं लेकिन मेरे एक भी बेटे को बिजनेस में इंट्रेस्ट नहीं है अगर ये नहीं कमायेंगे तो क्या मैं अपने भतीजों से भीख मांगूंगी?
तभी एक मेहमान की एंट्री हुई मनन ओबरोय और आनंद शर्मा। दादाजी खुद उन्हें लेने गए
"बैठो बेटा" दादाजी ने कहा
मनन की नजर सिर्फ ईवा पर थी वो उसके सामने बैठ गया उसके बराबर में आनंद बैठ गया
मनन की नजरें अपनी बहन पर देखकर सोमित को मनन पर गुस्सा आ रहा था सबको पता था मनन एक प्लेब्वॉय है
वही इतनी उम्र में भी मनन को देखकर सरिता की हार्टबीट तेज हो गई ये तो वो जानती थी मनन बहुत पॉवरफुल फैमिली से बिलोंग करता है लेकिन उसे ये नहीं मालूम था कि मनन इतना हॉट एंड हैंडसम है
वहीं ईवा के विचार थे कि उसने उस दिन मनन को समझने में ग़लती कर दी उसे लगा वो कोई जरूरतमंद है लेकिन जिसके पीछे हर समय बॉडीगार्ड्स घूमते हो उसे खाने की क्या कमी?
जब दादाजी मनन से बातें करने लगे मनन ने अपनी नजरें ईवा पर से हटा ली
दादाजी मनन से काफी प्रभावित हुए वो जान गए मनन बहुत टैलेंटेड बिजनेसमैन हैं
आपको आईटी कंपनी में इंवेस्टमेंट करना चाहिए आगे चलकर इसमें बहुत फायदा होगा - मनन ने सुझाव दिया
ईवा भी काफी इंप्रेस हुई और मनन को देखने लगी दरअसल नॉवेल में केशव आईटी कंपनी का बादशाह बना था और उसका सबसे बड़ा राइवल था मनन लेकिन ईवा को ये नहीं मालूम था कि ये दोनों दुश्मन कैसे बन गए?
ईवा को मनन की तरफ देखता देख सोमित को चिंता होने लगी मनन जैसे प्लेब्वॉय ईवा जैसी मासूम लड़कियों को अपने रूपजाल में फंसा लेते हैं लेकिन वो अपनी बहन को इस मनन के जाल में नहीं फंसने देगा
कुछ देर बाद आनंद बोला - हमने मनन के लिए एक छोटी सी वेलकम पार्टी रखी है इसी शनिवार को, हम चाहते हैं कि ईवा और सोमित भी आए?
ईवा और सोमित दोनों को ऐसी पार्टी में कोई दिलचस्पी नहीं थी दोनों मना करने वाले थे कि
जरूर सोमित जरूर आएगा - सरिता ने कहा वो सोमित को छुट्टी वाले दिन कुछ ना कुछ काम दे देती थी जिससे सोमित को मैजिक सीखने का समय ही ना मिले
सोमित का मुंह लटक गया वो अब सरिता की दादागिरी से परेशान हो चुका था
ईवा जो मना करने वाली थी सोमित का उदास चेहरा देखकर हां कर देती है - मैं भी आ जाऊंगी
सोमित का चेहरा एकदम से खिल उठा अब उसे कोई परेशानी नहीं थी वैसे भी उसे अपनी बहन को इस मनन से बचाना होगा
वहीं ईवा पार्टी में आएगी सुनकर मनन के होंठों पर मुस्कराहट आ गई।
वहीं माथुर हाऊस में इस समय सभी डिनर कर रहे थे समर घर आ चुका था क्योंकि ईवा घर में नहीं थी वो काफी शांत था
समर को खुश रखने के लिए राघव जी ने कामना को भी यहां बुला लिया था कुछ दिन वो सर्वेंट क्वार्टर में नहीं यही घर में रहने वाली थी और इस समय ईवा की जगह बैठी थी
कामना को ये सब बहुत अजीब लग रहा था - अंकल मैं मां के साथ खा लूंगी मुझे यहां नहीं बैठना चाहिये
इट्स ओके बेटा इस समय तुम लतिका की बेटी नहीं समर की दोस्त हो आराम से बैठो - राघव जी ने कहा
कामना को थोड़ी तसल्ली हुई
राघव जी का खाने में बिल्कुल ध्यान नहीं था उनका ध्यान ईवा पर था पता नहीं क्या कर रही होगी उनकी बच्ची? खाना भी खाया होगा या नहीं? गर्म कपड़े तो लेकर गयी होगी कहीं ठंड ना लग जाए? उन्हें ईवा की चिंता खाए जा रही थी
राधा का तो और भी बुरा हाल था वो गुमसुम बैठी थी कुछ नहीं बोल रही थी लेकिन कुछ कह भी नहीं सकती थी
कामना भी चुप रही खाना खाने के बाद जब वो अपने कमरे में आई, लतिका ने उससे कहा - कामना सम्राट का बर्थडे आ रहा है तुझे उसके लिए गिफ्ट तैयार करना है
नहीं मां मैं ऐसा कुछ नहीं करने वाली मैं उन्हें जानती कितना हूं कितना अजीब लगेगा उन्हें गिफ्ट देते हुए? - कामना ने इन्कार कर दिया
तू पागल है अरे इसमें अजीब क्या है? जब भी मौका मिले हमें माथुर परिवार के सदस्यों को धन्यवाद करना चाहिए उन्होंने हमें यहां रहने दिया इतना सम्मान दिया इसलिए कह रही हूं समझा कर
कामना को भी ये बात सही लगी - लेकिन मैं क्या दे सकती हूं उन्हें? तुम्हें तो पता है सम्राट के कपड़े हमारी महीने भर कमाई जितने महंगे हैं
तोहफे की कीमत उसके पैसों से नही मन की भावना से होती है हमारे पास पैसे नहीं लेकिन कला तो है तुझे मैंने बुनाई कढ़ाई सब सिखाई है तू एक काम कर सम्राट के लिए अपने हाथ से स्कार्फ बुन ले इससे कीमती तोहफा और क्या होगा?
लतिका पहले स्वेटर बुनकर पैसे कमाती थी और ये कला उन्होंने कामना को भी सिखाई थी
ठीक है मां - कामना ने कहा तो लतिका खुश होकर बाहर चली गई
कामना के सर पर पढ़ाई का भी जोर था अभी उसके पास इन चीजों के लिए बिल्कुल समय नहीं था। कामना परेशान हो गई।
आज शुक्रवार था ब्रेक टाइम में ईवा के पास रिसर्च इंस्टीट्यूट का मैसेज आया - डॉक्टर मिरेकल हमने आपकी रिसर्च रिपोर्ट देखी ये बहुत हेल्पफुल थी हमारे चीफ आपसे मिलना चाहते हैं क्या आप इस शनिवार मिल सकते हैं?
ईवा ने मना कर दिया क्योंकि शनिवार को मनन के घर पार्टी थी और संडे को केशव पढ़ाने आएगा
प्लीज़ डॉक्टर हम आपको मुंह मांगी कीमत देने को तैयार हैं - दूसरी तरफ से फिर मैसेज आया
ओके इस मंडे को दोपहर में - ईवा ने सोचा वो लंच टाइम में किसी बहाने कॉलेज से छुट्टी लेकर निकल जाएगी
उधर से तुरंत रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अपना एड्रेस और क्यू आर कोड भेज दिया - ये हमारा एड्रेस और क्यू आर कोड हैं इसके बिना कोई अंदर नहीं आ सकता
ईवा ने क्यू आर कोड सेव कर लिया
कुछ देर बाद गुंजन बोली - ईवा तुझे पता है तेरे बारे में कॉलेज फोरम में जितनी उल्टी-सीधी बातें थीं वो सब डिलीट हो गई है क्या ये तूने किया?
ईवा ने ना में सर हिलाया और कॉलेज फोरम की वेबसाइट खोली वाकई उसके बारे में जितने कमेंट्स थे वो गायब हो गए थे
मुझे तो लगता है ये उस इंसान का काम है जो तुझे चोरी छिपे पसंद करता होगा - गुंजन ने आंखें मटकाई अब वो ईवा से नहीं डरती थी उसे समझ आ गया था ईवा कोल्ड दिखती है लेकिन उसका दिल औरों से भी ज्यादा नर्म है।
अगली सुबह आनंद ईवा को लेने आया
आनंद ईवा का ध्यान रखना मैं उसे तुम्हारे भरोसे भेज रही हूं - दादी मां ने कहा
आप चिंता मत कीजिए ये एक छोटी सी पार्टी है बस कुछ लोग आयेंगे और कुछ गेम्स होंगे
ठीक है जाओ ईवा
ईवा आनंद के साथ चली गई शर्मा हवेली भी उसी तरह थी जैसे माथुर हवेली ईवा ने देखा अभी तक कोई भी नहीं आया था एक भी मेहमान नही दिख रहा था सिर्फ घर के नौकर चाकर ही थे
अभी कोई आया नहीं है दरअसल मैं तुम्हें जल्दी लेकर आया हूं कुछ काम था तुमसे - आनंद ने बताया
उसे फिलिंग आ रही थी जैसे वो किसी छोटी बच्ची का किडनैप करके ले जा रहा हो
अंदर हॉल में सोफे पर मनन बैठा था उसने ईवा को देखा जो उसे लिटिल बनी लग रही थी
तुम्हारे लिए एक गिफ्ट है - मनन ने टेबल की ओर इशारा किया जहां एक गिफ्ट रखा था
ईवा समझ गई मनन उस दिन के लंच के बदले में गिफ्ट दें रहा है उसने मना करते हुए कहा - कोई जरूरत नहीं है
मैं जो एक बार किसी को दे देता हूं वो वापस नहीं लेता - मनन ने आंखें छोटी करके कहा
आनंद ने गिफ्ट उठाकर ईवा के हाथों में थमा दिया - एक बार खोलकर तो देखो
ईवा ने खोला तो वो एक रजिस्टर था ब्लू स्टार होटल (काल्पनिक नाम) का इस रजिस्टर में उन लोगों के नाम लिखे जाते थे जो होटल की सीसीटीवी फुटेज देखते थे
ईवा ने देखा जिस दिन समर के साथ वो हादसा हुआ था उससे अगले दिन उसकी चाची सरिता ने रिकोर्डिंग चेक की थी ईवा की आंखें सर्द हो गई उसे समझ आ गया कि रिकार्डिंग गायब होने में सरिता का हाथ है
ईवा ने मनन की ओर देखा - तुम मेरी हेल्प क्यों कर रहे हो?
मनन उठकर उसके पास आया ईवा का सिर मनन के सीने तक ही आ रहा था ईवा ने चेहरा ऊपर करके उसकी आंखों में देखा
तुम अभी बच्ची हो बड़े कोई चीज दे तो रख लेनी चाहिए - मनन ने कहा
तुम मुझसे ज्यादा बड़े नहीं हो - ईवा ने कहा
मनन को हंसी आ गई ईवा ने देखा मनन हंसते हुए और भी ज्यादा हैंडसम लग रहा था
तुम्हारी मदद के बदले तुम कुछ भी मांग सकते हो - ईवा को किसी का एहसान लेना पसंद नहीं था
मनन के पास सबकुछ है तुम उसे क्या दे सकोगी? - आनंद बोला
मैं बहुत कुछ कर सकती हूं - ईवा ने कहा
मनन ने सोचा ईवा खाना बहुत अच्छा बनाती है लेकिन कहां नाज़ुक सी ईवा किचन में अगर चाकू लग गया तो? या फिर हाथ ना जल जाए? मनन ने ये ख्याल निकाल दिया
मसाज करवाऊं? नहीं ये इतनी नाज़ुक है कि मुझे कुछ पता भी नहीं चलेगा और इसके हाथ लाल हो जाएंगे ये ख्याल भी दिमाग से निकाल दिया
ठीक है समय आने पर मैं तुमसे कुछ मांग लूंगा - मनन ने कहा
ईवा ने इस बारे में ज्यादा ना सोचते हुए हां कह दिया।
अभी पार्टी शुरू होने में बहुत समय है जबतक तुम जाकर रेस्ट करो - मनन ने कहा
ईवा आंखें बड़ी करके उसे देखने लगी, वो यहां रेस्ट करने थोड़ी ही आई थी?
आंखें देखो अपनी खरगोश की तरह लाल हो रही है
ईवा ने सिर झुका लिया वो इन दिनों कम ही सो रही थी एक तो रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट फिर समर की सर्जरी की तैयारी और उसका कॉलेज, दादी मां के बाद मनन पहला इंसान था जिसने इस बात पर ध्यान दिया था
ये सुनकर आनंद ईवा के सामने आ गया - मैं भी देखूं?
ईवा घबराकर पीछे हो गई उसे किसी का भी अपने पास आना पसंद नहीं था
मनन ने आनंद का कॉलर पकड़कर पीछे खींच लिया - कोई ताजमहल है क्या जो मैं भी देखूं? जाकर ईवा को रूम दिखाओ
आनंद ईवा को ऊपर गेस्ट रूम में छोड़ दिया और मन ही मन सोचने लगा ये मनन ईवा को कुछ ज्यादा अटेंशन नहीं दे रहा? 🤔
उधर सोमित आया और कार से बहुत सारे सामान उतरवा रहा था दादी मां आई - सोमित तू क्या यहां रहने आ रहा है?
नहीं दादी ये तो ईवा के लिए सोफ्ट ट्वायज है - सोमित ने अपनी सारी पौकेट मनी इसमें लगा दी थी
ईवा कहां है?
वो तो सुबह ही आनंद के घर चली गई
क्या?? मैं भी जा रहा हूं आप ये सामान ईवा के कमरे में रखवा देना बाय - सोमित आनंद के घर की ओर दौड़ गया उसके दिमाग में मनन का एविल चेहरा घूमने लगा।
शाम को सभी मेहमान आने शुरू हो गये सभी पच्चीस से कम की उम्र के नौजवान ही थे
सबके मन में मनन को देखने की इच्छा थी
इसी समय सोफी और कामना की भी एंट्री हुई कामना का पापा भूषण और आनंद के पापा मनोज क्योंकि दोस्त थे इसलिए सोफी को तो इंविटेशन मिला ही था लेकिन वो अकेली नहीं आई थी साथ में कामना को भी लाई थी
कामना ने चारों तरफ देखते हुए धीरे से सोफी का हाथ खींचा - सुन ना सोफी मुझे यहां बहुत अजीब लग रहा है मैं यहां किसी को जानती भी नहीं
इट्स ओके कामना तू मेरी दोस्त है ऐसी पार्टी में सब दोस्तों के साथ आते हैं तू बस इंज्वॉय कर - सोफी ने समझाया उसकी कामना से अच्छी दोस्ती थी
मुझे बस इस बात का डर है कि मैं तुझे इंबेरेस ना कर दूं - कामना ने अपना होंठ भींचते हुए कहा
ऐसा कुछ नहीं होगा तू सुंदर है पढ़ने में होशियार है यहां के अमीरज़ादों की तरह नहीं जिन्हें सिर्फ शराब पीना और खेलना आता है
मैं इतनी भी अच्छी नहीं हूं - कामना शरमा गई
चिल कर देख उस तरफ स्वीट है उस तरफ स्नेक्स है और उधर ड्रिंक तेरा जो मन करे इंज्वॉय कर
तभी उनके पास एक लड़का आया - सोफी ये खूबसूरत लड़की कौन है? पहले तो कभी नहीं देखा?
ये लड़का था विनय यहां सबलोग सोफी को जानते थे लेकिन कामना को नहीं
ये मेरी दोस्त है कामना बहुत इंटेलिजेंट है ये - सोफी ने इंट्रोडक्शन कराया
विनय ने कामना की तरफ हाथ बढ़ाया - हेलो आय एम विनय सिन्हा
कामना ने भी उससे हाथ मिलाया
सोफी गलत बात तुम्हारी इतनी सुंदर दोस्त है और तुमने मिलवाया भी नहीं? - विनय ने सोफी के कंधे पर हाथ रखा
चुप कर यार मेरा मूड बहुत खराब है - सोफी चिढ़कर बोली
तेरा मूड ख़राब? किसी ने कुछ किया क्या? तू उसे सबक क्यों नहीं सिखा देती?
उसने मुझे ब्लैकमेल किया है - सोफी भुनभुनाई उसे ईवा पर बहुत गुस्सा आ रहा था उसके चक्कर में डैड ने उसे कितना डांटा
मुझे बता उसका नाम मैं तेरी मदद करूंगा बदला लेने में
सच? - सोफी की आंखें चमक उठी - उसका नाम ईवा माथुर है
ईवा माथुर? - विनय बुदबुदाया दरअसल उसका भी इस ईवा से पंगा था जब उसने पहली बार ईवा को देखा वो उसकी खूबसूरती का दीवाना हो गया लेकिन ईवा ने उसकी बेज्जती कर दी जबसे वो ईवा से चिढ़ता है
ठीक है तेरा काम हो जाएगा - विनय शैतानी ढंग से मुस्कुराया।
ईवा को अच्छी नींद आ गई थी उठकर उसने ठंडे पानी से मुंह धोया और नीचे आ गई
नीचे हॉल में गेस्ट आ चुके थे ईवा की नजरें सोमित को ढूंढ रही थी इसी समय किसी ने उसके पैर पर पैर रख दिया ईवा के वाइट शूज पर तुरंत जूते का निशान पड़ गया
सॉरी ग़लती से हो गया - विनय ने दांत चमकाए वो कहीं से सॉरी नहीं लग रहा था बल्कि उसके भाव ऐसे थे जैसे कह रहा हो मैंने जानबूझकर किया जो करना है कर लो
वहीं सोफी कामना के साथ छिपकर तमाशा देख रही थी सोफी को डर था वो सामने होगी तो ईवा समझ जाएगी इसमें उसका हाथ है और उसकी विडियो वायरल कर देगी
वहीं कामना बिना कुछ कहे तमाशा देखने में सोफी का साथ दे रही थी
ईवा ने एक पल विनय को देखा उसकी आंखों में जरा भी गुस्सा नहीं था
फिर ईवा ने अपना पैर उठाया और पूरी ताकत के साथ विनय के पैर पर दे मारा
विनय को इसकी बिल्कुल उम्मीद नहीं थी उसने तो ईवा को परेशान करने के हल्के से पैर मारा था लेकिन ईवा ने जरा भी दया नहीं दिखाई थी विनय को इतनी तेज दर्द हुआ कि वो चिल्ला उठा - आआआआआआआआ,,,,
उसकी चींख सुनकर सभी लोग उनकी तरफ देखने लगे ईवा ने टेबल पर रखी वाइन की बोतल अपने हाथ में पकड़ ली
उसी समय सोमित वहां आ गया - ईवा तुम ठीक हो?
ईवा ने हां में सर हिलाया
सोमित विनय की तरफ मुड़ा - विनय ये क्या बत्तमीजी है? क्यों मेरी बहन को परेशान कर रहा है?
मैं तो सिर्फ हेलो बोलने आया था मुझे क्या पता था ये पागल है देखा कितनी तेज मारा मुझे मेरे जूते में भी गड्ढा हो गया - विनय ने अपना पैर आगे किया
सोमित ईवा की तरफ मुड़ा जिसने अभी भी बोतल पकड़ रखी थी और विनय को सतर्क नजरों से देख रही थी
ईवा तुमने ये बोतल क्यों पकड़ रखी है?
लड़ने के लिए - ईवा ने कहा
सोमित ने ईवा के हाथ से बोतल ले ली - ईवा इसे मुझे दे दो मैं आ गया हूं ना तुम्हें कुछ नहीं होगा
पहले इसने मुझे मारा - ईवा ने कहा
सोमित ने गुस्से में विनय को घूरा - तू मर्द भी है या नहीं? एक लड़की को बुली करते हुए तुझे शर्म नहीं आई? पहले तूने ईवा को मारा था तू इतना भारी है मेरी बहन को कितना दर्द हुआ होगा?
विनय थोड़ा भारी शरीर का लड़का था सोमित की डांट सुनकर विनय बिदक गया - वजन पर मत जा तेरी बहन देखने में हल्की लगती है लेकिन मेरा पैर तोड़ दिया इसने और यहां सबको पता है इसी ने अपने भाई को भी धक्का दिया था तो फिर मैं क्या चीज़ हूं?
ये सुनकर सब लोग ईवा को क्रिमिनल की तरह देखने लगे उन्हें यकीन नहीं हो रहा था इतनी मासूम सी दिखने वाली लड़की दिल की इतनी काली है
क्या बकवास कर रहा है? समर खुद गिरा था - सोमित आग बबूला हो गया
तो जाकर समर से पूछ ले वो खुद अपनी बहन से नफ़रत करता है
मैं क्यों समर से पूछूं? जिसे चोट लगी है जरूरी नहीं वो इंसान हमेशा सच ही बोले
विनय की बोलती बंद हो गई फिर वो खिसियाकर बोला - तूझे नहीं मानना तो मत मान जिस दिन तेरी ये पागल बहन तुझे लंगड़ा लूला कर देगी तो मेरे पास मत आना रोते हुए
सोमित को इतना गुस्सा आया कि उसने विनय के पंच मार दिया - एक शब्द और बोला ना मेरी बहन के खिलाफ तो तेरे दांत तोड़ दूंगा 😡
विनय के होंठ पर कट लग गया और खून निकलने लगा उसने लाल आंखों से ऊपर देखा और अपना हाथ घुमाया
क्या तमाशा हो रहा है यहां? - आनंद ने विनय को नाराजगी से देखा
विनय ने अपना हाथ नीचे कर लिया और सोमित ईवा को उंगली दिखाकर कहा - मैं नहीं तमाशा ये लोग कर रहे हैं
मैं बताता हूं सच क्या है इस विनय ने पहले ईवा को परेशान किया फिर उसे उल्टा सीधा बोला इसलिए इसे ईवा से माफी मांगनी होगी - सोमित ने कहा
मैं क्यों माफी मांगू? - विनय किटकिटाते हुए बोला एक तो उसका पैर दुख रहा था और उसका मुंह भी
चुपचाप माफी मांग लो नहीं तो मिस्टर ओबरोय का गुस्सा अगर तुमपर फूटा तो तुम माफी मांगने के लायक भी नहीं बचोगे - आनंद ने धमकी भरे लहजे में कहा
मिस्टर ओबरोय सुनकर विनय डर गया उसके डैड ने कहा था कि मिस्टर ओबरोय बहुत खतरनाक है उससे पंगा मत लेना इसलिए ना चाहते हुए भी विनय को ईवा से माफी मांगनी पड़ी - सॉरी मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था
इसके बाद वो चला गया और जाते जाते कोने में छिपी सोफी को घूरना नहीं भूला
हुंह ये ईवा फिर बच निकली - सोफी पैर पटकती रह गई फिर वो कामना को लेकर आनंद के पास गई
"आनंद मिस्टर ओबरोय कब आएंगे?"
"किसने कहां ये पार्टी उनके लिए है?" - आनंद ने कहा
उसे सिर्फ पार्टी में सबको बुलाकर पार्टी की फोटोज़ खींचकर मनन के दादाजी को भेजने थे जिससे उन्हें लगे कि हां वो मनन को लड़कियों से मिलवा रहा है बाकी अब मनन को किसी में इंटरेस्ट आए या नहीं वो उसकी जिम्मेदारी नहीं थी
वैसे भी मनन अपनी मर्जी का मालिक है उसके बुलाने से कभी नहीं आएगा
सोफी का चेहरा लटक गया उसके डैड ने कहा था मिस्टर ओबरोय से मिलने को लेकिन शायद वो नहीं आने वाले
आनंद ये मेरी फ्रेंड है कामना - सोफी ने कामना को इंट्रोड्यूस करवाया, कामना यहां बिल्कुल अलग नहीं लग रही थी उसका लहजा किसी अमीर घर की लड़की के जैसा ही था
विनय के विपरित आनंद को कामना में कोई इंट्रेस्ट नहीं था - तुम अपनी फ्रेंड के साथ इंज्वॉय करो मुझे कुछ कम है
आनंद के जाने के बाद कामना ने उत्सुकता से पूछा - ये मिस्टर ओबरोय कौन है? बहुत पॉवरफुल है क्या?
तू ये समझ लें मिस्टर ओबरोय प्रिंस है उनसे हर कोई नहीं मिल सकता यहां तक कि मेरे डैड उनसे मिलने गए तो पसीना पसीना हो गए उन्हें एक शब्द कहने का मौका भी नहीं मिला
अच्छा? - कामना बहुत हैरान रह गयी ये मिस्टर ओबरोय बहुत खतरनाक बंदा लगता है
पार्टी के बाद सोमित ने ईवा को घर छोड़ दिया अगले संडे केशव ट्यूशन के लिए आया
दादी मां ने केशव को अपने पास बुलाया - बेटा ईवा को ज्यादा पढ़ाने की जरूरत नहीं है वो थके ना, तुम चाहो तो उसके साथ खेल सकते हो जिससे वो खुश रहे
केशव ने हां कह दिया
आज वो दोनों गार्डन में थे टेबल पर चाय और स्नेक्स रखें थे
केशव के इंप्रेशन में ईवा बहुत शांत रहने वाली लड़की थी और शायद उससे थोड़ा डरती भी थी जबकि उसे नहीं पता था कि वो उससे क्यों डरती है?
ईवा चलो कोई गेम खेलते हैं?
ईवा ने ना कर दिया
जो तुम्हें पसंद हो वहीं खेल लेंगे तुम्हारी दादी ने कहा है
केशव ने नर्म आवाज में कहा और ईवा के सामने अपना लैपटॉप कर दिया जिसमें बहुत सारे गेम्स डाउनलोड थे
ईवा ने मोनस्टर फाइट स्लेक्ट कर लिया
ये बहुत खतरनाक है कुछ और सलेक्ट करते हैं - केशव को लगा ईवा जितनी नाज़ुक और डरपोक है ये गेम शुरू होने से पहले ही रोने लगेगी
इस गेम में बड़े बड़े मोंस्टर होते हैं जिन्हें हमें बंदूक से मारना होता है
मुझे यहीं गेम खेलना है - ईवा ने कहा
केशव ने हार मानकर गेम डाउनलोड कर लिया और ईवा को समझाने लगा इसमें बहुत सारी गन है जैसे,,,,,
केशव बोलते बोलते चुप हो गया क्योंकि ईवा ने गन लेकर मोंस्टर को मारना भी शुरू कर दिया था दस मिनट बाद गेम फिनिश भी हो गया और वो फस्ट थी
तुमने ये गेम पहले खेला है?
नहीं
केशव हैरान था पहले उसने सुना था ईवा बहुत घमंडी और जिद्दी है जब वो उससे मिला तो उसे समझ आया ईवा मासूम और भोली भाली लड़की है साथ ही डरपोक भी लेकिन आज उसे लगा ईवा के अंदर बहुत सारे टेलेंट भी है आखिर कितने और सरप्राइज़ देने वाली हो तुम? केशव ने मन ही मन कहा
उसके बाद ईवा फिर पढ़ाई करने लगी ईवा क्वेश्चन सोल्व कर रही थी केशव खाली ही बैठा था कि उसने डॉक्टर रावत को मैसेज किया डॉक्टर रावत उसकी मां का इलाज कर रहे थे केशव की मां की तबियत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी
डॉ मेरी मां कैसी है अब? मैं जल्द से जल्द पैसों का इंतजाम कर दूंगा
सिर्फ पैसों की बात नहीं है केशव, हमारे पास इतनी टेक्नोलॉजी नहीं है अगर तुम अपनी मां को बचाना चाहते हो तो तुम्हें एच एम मेडिकल इंस्टीट्यूट से कोंटेक्ट करना होगा
मैंने कोशिश की लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया
ऐसा ही होता है उनके पास रोज हजारों लोगों के मैसेज आते हैं वो हर किसी को ट्रीटमेंट नहीं देते
डॉ आप मुझे एच आर इंस्टीट्यूट का एड्रेस भेज दीजिए मैं खुद वहां जाऊंगा
एड्रेस तो मैं दे दूंगा लेकिन अंदर हर कोई अलाउड नहीं है
मैं हर कोशिश करना चाहता हूं
ठीक है मैं देता हूं एड्रेस
उसी समय ईवा को एच आर इंस्टीट्यूट का मैसेज आया
डॉ मिरेकल आप को याद है ना कल हमें मिलना है?
आई विल बी देयर ऑन टाइम
मैं आपको रिसीव करने गेट पर आ जाऊंगा
ओके
जो एच आर इंस्टीट्यूट की तरफ से बात कर रहा था वो था डॉ तन्मय उनके पीछे खड़े प्रोफेसर रनावत ने पूछा - वो आ रहा है ना?
जी प्रोफेसर
कोई गड़बड़ नहीं होनी चाहिए सुबह एक बार फिर उनसे कोंटेक्ट कर लेना - प्रोफेसर ईवा की रिपोर्ट्स देखकर ही उसके फैन हो चुके थे और वो नहीं चाहते थे इतना बड़ा टेलेंट उनके हाथ से निकल जाए।
अगले दिन ईवा लंच टाइम में कॉलेज से निकल गई और एच आर इंस्टीट्यूट के लिए बस पकड़ ली
इंस्टीट्यूट शहर से बाहर की ओर था
ईवा जब गेट के सामने आई सिक्योरिटी गार्ड उसके सामने आकर खड़ा हो गया - बेटा क्या चाहिए तुम्हें?
मुझे अंदर जाना है
ऐसे अंदर कोई भी नहीं जा सकता तुम अपने घर जाओ
मेरे पास अपाइंटमेंट है
क्या मजाक कर रही हो? अंदर पता है कितने बड़े बड़े डॉक्टर है? - सिक्योरिटी गार्ड को ईवा जिद्दी बच्ची लग रही थी
ईवा के फोन पर मैसेज आया
डॉ आप कहां है?
आय एम आउटसाइड
उधर से रिप्लाई आया - आय एम कमिंग
थोड़ी देर में एक लड़का बाहर आया उसने सफ़ेद कोट पहना था आंखों पर चश्मा था जिसे वो समय समय पर उचकाता रहता था ये थे डॉ तन्मय
डॉ तन्मय ने इधर उधर नजर दौड़ाई लेकिन डॉ मिरेकल कहीं नहीं दिखे दरअसल ईवा को देखकर भी उन्होंने अनदेखा कर दिया अब इतनी काबिल डॉ इतनी छोटी बच्ची तो नहीं होगी डॉक्टर मिरेकल कोई पचास की उम्र के सज्जन व्यक्ति होंगे या तीस की उम्र का कोई हेंडसम लड़का होगा
यहां कोई और आया था क्या? - तन्मय ने गार्ड से पूछा
नहीं साहब
डॉ तन्मय ने फिर मैसेज किया - डॉक्टर मिरेकल आप कहां है? मैं यहां आ गया हूं
ईवा ने मेसेज देखा और फोन की स्क्रीन तन्मय के सामने करके कहा - आपके सामने
दो मिनट तक तो तन्मय मुर्ख की तरह ईवा के फोन को घूरता रहा ये कैसे हो सकता है डॉ मिरेकल की बातचीत इस लड़की के फोन में?
डॉ मिरेकल ने अपनी जगह तुम्हें भेजा है? - तन्मय ने अपना चश्मा चढ़ाकर पूछा
आय एम मिरेकल
लेकिन,,,, डॉक्टर मिरेकल तुम???? - तन्मय ने अपने माथे पर हाथ रख लिया
जब प्रोफेसर रनावत ने मिस्टर मिरेकल को देखा उनके भी होश उड़ गए - ये है डॉ मिरेकल???
तन्मय ने उन्हें पानी दिया - प्रोफेसर पहले मेरा भी यहीं हाल था आप पानी पीजिए
कहीं तुमसे कुछ ग़लती तो नहीं हुई? - प्रोफेसर को अभी भी यकीन नहीं था इतनी कम उम्र की लड़की इतनी बड़ी मेडिकल रिपोर्ट्स उन्हें भेजती थी
नहीं आते हुए मैंने इनसे सवाल किए आय एम हंड्रेड परसेंट श्योर यहीं मिरेकल है - तन्मय ने कहा
प्रोफेसर ने सिर हिलाया अब उन्हें यकीन हो गया था जरूरी नहीं टेलेंट उम्र के साथ ही हो कुछ बच्चे जीनियस होते हैं ऐसे भी केसेस सुनने में आए हैं जहां तीन साल या पांच साल के बच्चे सुपर जीनियस होते हैं इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है
एच आर इंस्टीट्यूट ज्वाइन करने के लिए सबको कुछ एक्सपेरिमेंट करने होते थे कुछ टेस्ट देने होते थे ईवा ने भी दिए पांच घंटे के टेस्ट उसने मात्र दो घंटे में दे दिए
अब तो प्रोफेसर रनावत बच्चों की तरह उछल पड़े वेरी गुड मुझे यहीं टेलेंट हमारे इंस्टीट्यूट में चाहिए था ईवा वेलकम टू एच आर इंस्टीट्यूट तुम्हें यहां मुंह मांगी सैलेरी मिलेगी और यहां दुनिया के बेस्ट मेडिकल इक्विपमेंट है
प्रोफेसर रनावत पचास साल के हो चुके थे उनके कुछ बाल सफेद होने लगे थे और उनकी बड़ी-बड़ी मूंछें थी आजतक उन्होंने ईवा जैसा टेलेंट नहीं देखा था
सैलेरी की कोई समस्या नहीं है मेरी बस दो रिक्वेस्ट है - ईवा ने कहा
हां हां बोलो - प्रोफेसर रनावत मुस्कुराएं
पहला मुझे क्वालिफिकेशन चाहिए और दूसरा मुझे मेडिकल इक्विपमेंट चाहिए
कोई प्रोब्लम नहीं है हो जाएगा - प्रोफेसर ने सिर हिलाया
ईवा को समर की सर्जरी करने के लिए डॉ की क्वालिफिकेशन चाहिए थी जो उसे इतने कम समय में कहीं और नहीं मिल सकती थी अब वो जल्द ही समर की सर्जरी कर पायेगी
मैं यहां सिर्फ वीकेंड में आऊंगी - ईवा ने बताया
वीकेंड में क्यों? - प्रोफेसर रनावत तो अभी से ईवा को रिसर्च सेंटर ले जाना चाहते थे
मुझे कॉलेज जाना होता हैं एक महीने बाद मैं सिर्फ वीकेंड में आऊंगी अगर आपको मंजूर नहीं है तो मैं चली जाऊंगी - एक महीने बाद केशव ट्यूशन देना बंद कर देगा फिर वो वीकेंड में फ्री हो जाएगी
ईवा के जाने की बात सुन प्रोफेसर तुरंत मान गए - ठीक है हमें मंजूर है
ईवा ने सारे डोक्युमेंट साइन कर दिए और वो एच आर इंस्टीट्यूट की मेंबर बन गई
तन्मय जाओ ईवा को ड्रोप कर दो
जी प्रोफेसर
तन्मय ने ईवा को उसके कॉलेज के बाहर छोड़ दिया।
छुट्टी के समय दादी मां ईवा को लेने आई
माथुर हाऊस के सामने कार रोक लेना - ईवा ने ड्राइवर से कहा
माथुर हाऊस पुरानी हवेली से पहले रास्ते में ही पड़ता था
ड्राइवर ने गाड़ी रोक दी
ईवा तुम्हें घर से कुछ लाना है? मैं चलूं तुम्हारे साथ? - दादी मां ने चिंता जताई उन्हें डर था कहीं ईवा को देखते ही समर उसे उल्टी सीधी ना सुनाने लगे
नहीं आप रूकिए मैं बस दो मिनट में आई - ईवा ने अपने बेग में से एक पेपर बैग निकाला जो उसने पहले से तैयार किया था और दरवाजा खोलकर माथुर हाऊस की तरफ बढ़ गई
हाई सिक्योरिटी गेट पर अपने फिंगर प्रिंट से ही कोई अंदर जा सकता था ईवा ने फिंगर प्रिंट्स दिए और घर के दरवाजे के बाहर पेपर बैग रखकर वापस आ गई
ईवा ये क्या रख कर आई हो? - दादी मां गाड़ी की खिड़की से सब देख रही थी
बर्थडे गिफ्ट - ईवा ने कहा
दादी मां को अचानक याद आया कि कल सम्राट का बर्थडे है शायद किसी को याद भी नहीं रहा होगा लेकिन इतना सब सुनने के बाद भी ईवा ने सम्राट का बर्थडे याद रखा और गिफ्ट भी तैयार किया दादी मां के दिल में ईवा के प्रति प्यार और बढ़ गया
उन्होंने ईवा के सर पर हाथ फेरा - तुम्हें याद रहा?
ईवा को याद आया नॉवेल में ईवा ने सोचा था वो भाई को गिफ्ट देगी उसने नेट पर सर्च करा और किसी ने सजेशन दिया कि उसे स्वेटर बुनकर देना चाहिए ईवा को इतने अच्छे से बुनना नहीं आता था उसने पहली बार ही वो स्वेटर बुना था ये दिखाता है कि वो भलेही गुस्से वाली थी घमंडी थी लेकिन अपने घरवालों से बहुत प्यार करती थी
आज ईवा ने नॉवेल वाली ईवा की इच्छा पूरी करने के लिए ही ये गिफ्ट दिया था
उधर माथुर हाऊस के अंदर
क्योंकि समर अपने हाथ के कारण कॉलेज नहीं जा पा रहा था इसलिए कामना उसकी मदद कर रही थी वो रोज उसके लिए नोट्स लाती थी जिससे वो पढ़ाई में पीछे ना रह जाए
आज फिर सब डिनर कर रहे थे अब तो कामना को भी माथुर फेमिली के साथ डिनर करने की आदत हो गई थी
उसी समय मीना (घर की दूसरी मेड) हाथ में पेपर बैग लिए अंदर आई - साहब जी बाहर ये बैग रखा था
बैग? - राधा ने अनमने मन से कहा अपनी बेटी के जाने के ग़म में वो काफी गुमसुम रहने लगी थी
जी इसपर हैप्पी बर्थडे लिखा है - मीना ने स्लिप देखकर कहा
सम्राट ने बेग उनके हाथ से ले लिया
राधा और राघव जी को अब याद आया कि कल सम्राट का बर्थडे है समर और ईवा की टेंशन में वो इतना जरूरी दिन भूल गए थे
सम्राट ने गिफ्ट निकाला ये एक ब्लैक कलर का सोफ्ट खूबसूरत स्वेटर था उसके साथ मैचिंग स्कार्फ
उसी समय लतिका किचन से बाहर आई सम्राट के हाथ में स्वेटर और स्कार्फ देखकर उन्होंने कामना को प्यार से डांटा - कामना जब तुमने इतनी मेहनत से गिफ्ट तैयार किया था तो सम्राट बाबा को अपने हाथों से क्यों नहीं दिया? ऐसे बाहर रखने से खो जाता तो?
कामना हक्की बक्की रह गई ये उसने नहीं दिया था उसने गिफ्ट तैयार ज़रूर किया था लेकिन वो तो उसके कमरे में ही है वो उसे कल बर्थडे के दिन देना चाहती थी
अब लतिका की गलतफहमी भी स्वाभाविक है बिना फिंगर प्रिंट के कोई अंदर आ नहीं सकता था माथुर फेमिली के अलावा उनके और कामना के ही फिंगर प्रिंट से गेट खुलता था
टेबल पर बैठे हुए किसी ने ये गिफ्ट तैयार नहीं किया होगा ईवा को तो उन्होंने दिमाग से ही निकाल दिया उन्होंने नहीं सोचा ईवा भी घर आ सकती है और वैसे भी ईवा एक बिगड़ी हुई लड़की है जो सिर्फ अपने बारे में सोचती है उसे कहां किसी का बर्थडे याद रहेगा और सिलाई कढ़ाई तो उसके लिए दूर की बात है
और रही बात कामना ने बाहर क्यों छोड़ दिया गिफ्ट वो इसलिए क्योंकि उनकी बेटी शर्मा गई होगी कल भी वो शरमा रही थी
कामना ने जब अपनी मां को इतना खुश देखा उसे लगा उसकी मां ने ये गिफ्ट बाजार से खरीदकर दिया होगा उन्हें पता होगा कि वो अपनी पढ़ाई में बहुत बिजी हैं
कामना को ये झूठ अच्छा तो नहीं लगा कि बाजार की खरीदी हुई चीज का क्रेडिट वो खुद ले लेकिन अगर वो मना करेगी तो मां की बेज्जती होगी
कामना ने सिर झुका लिया उसकी खामोशी में ही उसकी सहमति थी
समर ने भी सम्राट को बर्थडे विश किया - हैप्पी बर्थडे भैया इस बार मैं आपके लिए कोई गिफ्ट नहीं ला पाया लेकिन अगले साल पक्का
सम्राट को उसकी कोई बात सुनाई नहीं दे रही थी वो अपने हाथों में उस स्वेटर और स्कार्फ को देखें जा रहा था स्कार्फ पर ग्रे कलर से इंब्राइड्री भी हो रही थी
सम्राट ने कामना की तरफ देखा - तुमने अपने हाथों से तैयार किया है?
कामना ने कोई जवाब ना देकर सिर झुका लिया
तुम्हें कढ़ाई करनी आती है? - सम्राट ने फिर पूछा
कामना ने जवाब नहीं दिया तो लतिका अपनी बेटी की तरफ से तुरंत बोल उठी - साहब मैं पहले बुनाई कढ़ाई का काम करती थी कामना भी कभी कभी मेरी मदद कर देती थी
सम्राट की मुट्ठियां कस गई उसने कढ़ाई पर उंगली फिराई जहां नाम कड़ा हुआ था - ईवा
और ये दोनों मां बेटी सामने से झूठ बोल रही है।
सम्राट को सच पता था ये बात उसने फिलहाल अपने मन में रखी खाना खाने के बाद उसने घर की मेड मीना को अपने स्टडी रूम में बुलाया
मीना लतिका से बहुत पुरानी मेड थी वो राधा के साथ इस घर में आई थी और उन्होंने कभी शादी भी नहीं की थी इसलिए राधा के चारों बच्चों को वो अपना ही समझती थी
मीना उम्र में ज्यादा होने के कारण घर का पुरा काम नहीं कर पाती थी इसलिए राधा ने लतिका को काम पर रख लिया मीना की हेल्प के लिए
सम्राट ने बात शुरू की - मीना आंटी मुझे आपसे कुछ बात करनी है ये लतिका आंटी कैसी है? मतलब आपको कुछ अजीब लगता है उनके बारे में?
मीना एक पल तो हैरान रह गयी
देखिए आप घबराए नहीं जो भी आपके मन में है आप बेझिझक मुझसे कहिए मैं आपको अपने परिवार की सदस्य मानता हूं - सम्राट ने कहा
मीना को इस बात की खुशी हुई और वो बोली - वैसे तो लतिका काम करने में मेहनती हैं लेकिन,,
लेकिन क्या?
लेकिन कभी कभी मुझे उसकी कुछ बातें अजीब लगती है जैसे एक दिन मैंने उसे समर बाबा से बात करते हुए सुना था वो उनसे कह रही थी कि अब उनके हाथ कभी ठीक नहीं होंगे उन्हें पूरी जिंदगी इसी तरह गुजारनी पड़ेगी और राधा बेटी आज भी ईवा को याद करके रोती है
सबको पता था समर इस बात से चिढ़ता था लेकिन लतिका जानबूझकर उसे उकसाती थी उसके कान में जहर भरती थी
सम्राट को लतिका और कामना पर बहुत गुस्सा आया अपने हाथों में पकड़े स्वेटर को देखकर वो एकदम से उठा कार की चाबी उठाई और निकल गया
रात के आठ बज रहे थे जब वो पुरानी हवेली पहुंचा दादा दादी टीवी देख रहे थे
सम्राट इतनी रात को क्या काम था? - दादाजी ने पूछा
मुझे लगता है ये ईवा से मिलने आया है - दादी मां ने सम्राट से पहले ही जवाब दे दिया क्योंकि आज ही ईवा ने सम्राट को गिफ्ट दिया था
हां दादी मां कहां है ईवा?
अपने स्टडी रूम में - दादी मां ने कहा फिर कठोर आवाज में बोली - सम्राट मैं बता रही हूं अगर आज तुमने ईवा को डांटा या मुंह फुलाया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा मैं समझती हूं तुम ये सब उसके भले के लिए कर रहे हो जिससे वो सुधर जाए लेकिन अब वो बदल गई है तुम उसे बेवजह डांटते रहोगे तो एक दिन वो खुद तुमसब से इतनी दूर हो जाएगी कि तुम पछताते रह जाओगे
मैं समझ गया दादी मां - सम्राट जल्दी से ईवा के कमरे की ओर बढ़ गया उसने दरवाज़े पर दस्तक दी
अंदर से ईवा की मीठी आवाज आई कम इन तो सम्राट अंदर चला गया
ईवा डेस्क पर बैठी मेडिकल रिपोर्ट्स लिख रही थी सम्राट को देखकर वो एकपल को हैरान रह गयी उसे लगा था मेड आई होगी दूध देने ईवा ने मेडिकल रिपोर्ट्स अपने कॉलेज नोट्स के नीचे दबा दी
सम्राट ईवा के पास आया और घुटनों के बल नीचे बैठ गया जिससे वो ईवा के बराबर रह सके
ईवा एकदम से पीछे हो गई उसे बिल्कुल पसंद नहीं था कोई उसके जरा भी पास आए
सम्राट चौंक गया उसने देखा मासूम ईवा की आंखें लाल हो रखी है जैसे वो कम सोती हो
सम्राट ने अपनी आवाज नम्र करके धीरे से कहा - ईवा मैंने तुम्हारा गिफ्ट देखा मुझे बहुत पसंद आया थैंक्यू,, थैंक्यू मेरा जन्मदिन याद रखने के लिए
ईवा ने कोई जवाब नहीं दिया
क्या तुम मुझसे गुस्सा हो? या मुझसे डरती हो? - सम्राट ने पूछा
ईवा ने फिर कोई जवाब नहीं दिया लेकिन अब साफ था कि वो उससे गुस्सा है
आज पहली बार सम्राट को समझ आया कि उसने कितनी बड़ी ग़लती की है
उसने कहा - ईवा मैं नहीं चाहता कि तुम वो इंसान हो जिसने अपने भाई को धक्का दिया लेकिन मैं ये भी नहीं समझना चाहता कि समर ऐसा है जिसने इतना बड़ा झूठा इल्जाम लगाया तुम दोनों ही मेरे बच्चों की तरह हो परिवार में सबके लिए किसी एक को चुनना मुश्किल है
सम्राट ईवा और समर से दस साल बड़ा था उसे आज भी याद है जब वो स्कूल से घर आता था नन्ही सी ईवा और नन्हा सा समर आकर उसके दोनों पैरों से लिपट जाते थे
ईवा को मीठा बहुत पसंद था और समर को आइसक्रीम अगर वो उन्हें नहीं देता तो ठुमककर चले जाते सागर भाई के पास
सम्राट के लिए दोनों में से एक को चुनना नामुमकिन था अचानक उसे एहसास हुआ कि जबसे समर का एक्सीडेंट हुआ है ईवा ने उसे एक बार भी भैया नहीं पुकारा
सम्राट ने ईवा को देखा - ईवा मुझे भैया कहकर बुलाओ
ईवा ने मुंह फेर लिया और अपने सामने रखा केक सम्राट के आगे कर दिया
इतनी आसानी से ये माफी नहीं मिलने वाली थी
इस पल सम्राट को दादी मां की बात याद आई अगर अब भी तुमने उसे डांटा तो वो हमेशा के लिए तुमसे दूर हो जाएगी
सम्राट कुछ देर वहीं रहा उसने केक खा लिया और ईवा के होमवर्क में भी मदद की लेकिन ईवा ने एक बार भी उसे भैया नहीं पुकारा
सम्राट सोचने लगा और कितना इंतजार करना होगा ईवा के मुंह से भैया सुनने के लिए।
नीचे आकर सम्राट ने दादा दादी से कहा कि वो ईवा को वापस घर ले जाना चाहता है।
दादी मां गुस्सा हो गई - तुम लोगों ने ईवा को समझ क्या रखा है? जब मन किया छोड़ दो जब मन किया ले जाओ? हम दोनों बुढ़े जरूर है लेकिन अपनी पोती का ध्यान रख सकते हैं
सम्राट ने मदद के लिए दादाजी को देखा
मेरी तरफ मत देखो मैं भी तुम्हारी दादी से सहमत हूं ये हवेली हमेशा सूनी लगती थी जबसे ईवा यहां आई है घर में रौनक लौट आई है मैं भी उसे वापस नहीं भेजना चाहता
दादी मां अपने पति के जवाब से संतुष्ट दिखाई दी और सम्राट से कहा - मैंने तुम्हारे दादाजी के साथ मिलकर ये फैसला किया है हम अपनी अस्सी प्रतिशत जायदाद ईवा के नाम कर देंगे बाकी का बीस परसेंट तुम आठों भाई आपस में बांट लेना
सम्राट नाराज होकर बोला - दादी मां मुझे आपकी प्रोपर्टी नहीं चाहिए आप चाहें ईवा को सारी संपत्ति दे दीजिए मैं तो बस ईवा को घर ले जाना चाहता हूं
सम्राट के पास खुद बहुत पैसा था उसके इतनी बड़ी कंपनी थी उनके मां बाप ने ऐसे संस्कार दिए थे कि उन्हें सपने में भी संपत्ति का लालच नहीं था
नहीं ईवा को मैं नहीं जाने दूंगी अगर तुमने दोबारा ये बात उठाई तो मैं तुम्हें घर में घुसने नहीं दूंगी - दादी मां ईवा के जाने के विचार से ही दुखी हो गई
दादाजी ने थोड़ा धैर्य से समझाया - सम्राट पहले समर के बारे में भी तो सोचो उसी की वजह से तुमने ईवा को यहां भेजा था ईवा वहां जाएगी तो दोनों बच्चों में विवाद होगा इससे अच्छा है पहले तुम समर की सर्जरी के बारे में सोचो
सम्राट के पास इसका कोई जवाब नहीं था हार मानकर वो चला गया।
घर से निकलकर वो डॉक्टर खन्ना के पास गया जो समर का इलाज कर रहे थे
डॉ मुझे आपसे जानकारी चाहिए थी?
बोलिए?
समर के सिर में भी चोट लगी थी तो क्या ऐसा हो सकता है कि वो थोड़ी सी मेमोरी भूल गया हो?
हो सकता है गिरते समय समर शोक में चला गया था और गिरने से पहले वो ईवा से लड़ रहा था तो स्वाभाविक है उसके दिमाग में ये बात घर कर गई हो कि ईवा ने ही उसे धक्का दिया था
सम्राट सोच में पड़ गया समर के गिरने के बाद लतिका ही उसे हॉस्पिटल लेकर गयी थी और उसी ने सबको बताया था समर को ईवा ने धक्का दिया है
जिसने भी मेरे परिवार को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश की है उसे मैं छोड़ूंगा नहीं - सम्राट को लतिका पर शक था लेकिन उसके पास पक्के सबूत नहीं थे
दुसरी तरफ माथुर मेंशन में कामना अपनी मां से नाराज़ होकर बोली - मां प्लीज़ आप मुझे बताकर कुछ किया करो क्या जरूरत थी झूठ बोलकर वो स्वेटर और स्कार्फ देने की?
लतिका कंफ्यूज हो गई - लेकिन दिया तो तूने ही था? मैंने क्या ग़लत किया?
कामना आंखें बड़ी करके बोली - मतलब वो स्वेटर आपने नहीं खरीदा था?
नहीं मतलब तूने भी गिफ्ट बेग वहां नहीं रखा था?
नहीं
हे भगवान! ये क्या अनर्थ हो गया? - लतिका ने अपना माथा पकड़ लिया - अगर ये राज खुल गया तो? और अगर साहब ने मुझे नौकरी से निकाल दिया? मैं तेरी कॉलेज की फीस कैसे भरूंगी?
कामना भी चिंता में डूब गई
मैं ही बेकार हूं मुझे तुझपर गिफ्ट देने का जोर देना नहीं चाहिए था एक तो तू पहले से ही पढ़ाई में व्यस्त है और मैंने सब गड़बड़ कर दिया मेरे साथ तू भी फंस गई - लतिका रोने लगी
कामना को अपनी मां के लिए बहुत बुरा लगा - चुप हो जाओ मां तुमने जानबूझकर तो कुछ नहीं किया सब मेरे भले के लिए ही किया था?
लेकिन अगर साहब को सच पता चल गया तो हमारी क्या इज्जत रह जाएगी? - लतिका की जान निकली जा रही थी
मेरे पास एक आइडिया है मैंने जो स्वेटर बुना था वो भी बस तैयार है मैं उसकी कुछ फोटो खींच लूंगी और जैसे बेग में वो गिफ्ट था उसी तरह का बेग बाहर गार्डन में फेंक दूंगी अगर किसी ने हमसे पूछा तो हम कह देंगे कि हम भी धोखा खा गए हमने गिफ्ट तो तैयार किया था लेकिन एक जैसा बेग होने की वजह से कंफ्यूजन हो गई
लतिका थोड़ी शांत हुई फिर कामना के सिर पर हाथ रखकर बोली - मैं कैसी मां हूं? मेरी वजह से तूझे ऐसी जिंदगी जीनी पड़ रही है? अगर मेरे पास पैसे होते तो तू भी उस ईवा की तरह शान की जिंदगी जीती
मां आप चिंता मत करो एक दिन मैं बहुत सारा पैसा कमाऊंगी फिर तुम्हें किसी के यहां नौकरी नहीं करनी पड़ेगी - कामना ने अपनी मां के हाथ देखकर कहा जो झाड़ू पोछे के काम से काफी सख्त हो गए थे
लतिका राधा से सात आठ साल छोटी थी लेकिन फिर भी आज जब दोनों साथ खड़ी होती है तो राधा उसकी मां से दस साल छोटी लगती है क्योंकि राधा बचपन से ही अमीर खानदान में पली बढ़ी थी और अब शादी भी अमीर खानदान में हुई उसमें भी पति का प्यार आज्ञाकारी बच्चें मतलब जीवन में कोई दुख देखा ही कहां था उसने? शायद राधा ने कभी किचन में काम भी ना किया हो? झाड़ू पोछा तो दूर की बात है? और एक उसकी मां है जिसका पति भी उन दोनों मां बेटी को छोड़कर किसी औरत के साथ चला गया कभी कभी कामना को उन सब से बहुत जलन होती थी।
यहां कामना ये भूल रही थी कि नौकर मालिक का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है जो उसकी मां लतिका पहले ही तोड़ चुकी थी जिस दिन उसने सरिता से हाथ मिलाया था और माथुर परिवार ने उन्हें अपने घर में भी रखा कभी तन्खवाह की कमी नहीं की कभी पैसे मांगे तो मना नहीं किया यहां तक उन्हें कभी अपने से नीचा नहीं देखा तभी तो समर ने कामना से दोस्ती कर ली राघव जी और राधा ने उसे अपने साथ एक ही टेबल पर खाने दिया, जिस परिवार ने उन्हें इतना सब दिया उसी के साथ लतिका ने विश्वासघात किया था अपनी बेटी का जीवन संवारने के लिए उसने किसी और की बेटी के जीवन से खिलवाड़ किया था।
आज मंगलवार था कॉलेज में आज एग्जाम थे
इसी समय कॉलेज फोरम पर एक न्यूज आई
धमाकेदार खबर! एक लड़का कॉलेज के गेट पर खड़ा है और प्रपोज कर रहा है पता है किसे? ईवा को
इसी के साथ दो फोटो थी एक में गेट पर बैलून फूल लगे हुए थे एक बड़ा सा बैनर लगा था जिसपर बड़े बड़े शब्दों में लिखा था आय लव यू ईवा तुम मेरे जीवन की रोशनी हो मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता
इसी के साथ दूसरी पिक्चर थी उस लड़के की वो एक दुबला पतला सा लड़का था कलर करें हुए बाल जींस कटी फटी वाली शर्ट आगे से खुली हुई हाथ में फुलों का बुके वो नंबर वन मवाली लग रहा था सड़क का गुंडा
ओ मॉय गॉड ईवा डेटिंग कर रही है?
ये कैसे कैसे लड़कों के साथ घूमती है? ये लड़का एक नंबर का टपोरी लग रहा है ईवा की वजह से हमारे स्कूल का नाम भी बदनाम हो रहा है
इसमें ईवा की क्या ग़लती है?
ईवा की ग़लती है अगर वो ऐसे लोगों के साथ नहीं घूमती तो ये लड़का ईवा को ही प्रपोज क्यों कर रहा है? कॉलेज में इतनी लड़कियां हैं हमारे साथ तो ऐसा नहीं हुआ?
कॉलेज को इस लड़के और ईवा पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए
ये ईवा बिना कोई तमाशा किए रह नहीं सकती?
सारे कमेंट्स पढ़कर सोफी शातिराना तरीके से मुस्कुराई - अब आएगा मजा मुझसे पंगा लेने चली थी
विनय भाई ने भी क्या टपोरी ढूंढ़ा है ईवा के लिए? अब तो ईवा किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी - उसकी चमची बोली
तुम दोनों जाओ और ये फ़ोटो इंटरनेट पर वायरल कर दो उस ईवा ने बहुत बेज्जती की थी ना मेरी, मेरी विडियो वायरल करके? अब उसका बदला लेने का समय आ गया है
हम अभी जाते हैं
धीरे धीरे ये खबर आग की तरह फ़ैल गई
ईवा क्योंकि एग्जाम हॉल में थी उसे इस सारे मामले की कोई खबर नहीं थी एग्जाम पूरा होते ही गुंजन भागती हुई आई - ईवा,, बहुत बड़ी गड़बड़ हो गई ये देख
ईवा ने उसके हाथ से फ़ोन लिया न्यूज देखकर वो समझ गई फिर किसी ने उसे फंसाने की कोशिश की है
बाहर आकर ईवा ने अपना फोन निकाला और डॉ तन्मय को फोन किया - मुझे दो सिक्योरिटी गार्ड चाहिए अभी
ईवा ने तन्मय को सारी बात बता दी
एच आर इंस्टीट्यूट बहुत बड़ा मेडिकल इंस्टीट्यूट था इसके हर एक डॉक्टर के पास हाई सिक्योरिटी रहती थी
तन्मय एकदम सीरियस हो गया - डोंट वरी मैं अभी भेजता हूं
फोन रखने के बाद तन्मय खुद उठकर जाने लगा ईवा का क्यूट चेहरा याद करके उसे उसकी टेंशन होने लगी
तभी किसी ने उसका कॉलर पकड़कर खींच लिया
तन्मय मुड़ा ये थी इस इंस्टीट्यूट की दूसरी फीमेल मेंबर आर्या आर्या नार्मल से थोड़ी ज्यादा लंबी थी और अपनी फाइटिंग के लिए प्रख्यात थी
आर्या प्लीज़ अभी नहीं मुझे जरूरी काम से जाना है
क्या काम है?
अपनी ईवा किसी मुसीबत में फंस गई है तन्मय ने भी आर्या को सबकुछ बता दिया
आर्या ने ईवा की फोटो देखी थी और वो उसकी मासूमियत की फैन हो चुकी थी
ये सुनकर कि ईवा मुसीबत में है आर्या ने अपनी मुठ्ठियां कस ली - उस गुंडे लोफर को तो मैं छोड़ूंगी नहीं
आर्या ने गुस्से में तन्मय को घूरा - तुम क्या खड़े हो अभी तक? चलो जल्दी 🤣
उधर आनंद के घर में आनंद न्यूज देख रहा था और मनन लैपटॉप पर काम कर रहा था
आनंद ने ऐसे ही कॉलेज फोरम की वेबसाइट खोली और फोरम ईवा की न्यूज़ से भरा पड़ा था
डेमिट!! ये लफंगा कहां से आया? हमारी ईवा को प्रपोज करेगा? शक्ल देखी है अपनी लंगूर जैसी? - आनंद दो फीट ऊंचा उछल पड़ा
मनन के हाथ एकदम से रूक गये उसने आनंद के हाथ से फ़ोन छीन लिया ईवा के बारे में ग़लत बातें पढ़कर मनन का ओरा डेंजरस हो गया।
संजु कामना के पास भागती हुई आई - कामना देख ईवा ने फिर कुछ लफड़ा कर दिया?
कामना ने न्यूज़ देखी और शांत लहजे में कहा - दूसरों के मामलों में ज्यादा नहीं घुसना चाहिए
तू ना बहुत सीधी है वो ईवा हमेशा नाक ऊंची करके ऐसे घूमती है जैसे वो कहीं की महारानी हो अब देखा कैसे गुन्डे के साथ चक्कर है उसका? मजा आएगा तमाशा देखने में चल ना हम भी चलते हैं?
नहीं हमें भी गुंडों से दूर रहना चाहिए - कामना बात घुमाते हुए ये कह रही थी कि ईवा गुंडों से मिलती है
चल ना चलते हैं? - संजु ने बार बार कहा तो कामना मान गई
कॉलेज गेट के पास भीड़ जमा थी सभी तमाशा देखने के लिए खड़े थे यहां तक कुछ बच्चे तो फोन लेकर खड़े थे जिससे वो विडियो बनाकर वायरल कर सके और लाइक पा सके
एक आदमी इस घटनाक्रम की लाइव विडियो विनय को दिखा रहा था - भाई सब तैयार है बस ईवा आ जाए उसके बाद आप देखना क्या पिक्चर बनती है?
विनय जो इस समय अपने अपार्टमेंट में था विडियो देखकर दांत चमकाकर बोला - बहुत बढ़िया मोनू(जो लड़का ईवा को प्रपोज कर रहा था) से कहना ईवा का हाथ पकड़कर उसे गले लगा ले फिर ये तस्वीरें मैं इंटरनेट पर डाल दूंगा
जी भाई
विनय मुस्कुराया वो अपनी उस दिन की बेज्जती का बदला ले रहा था ये प्लेन सोफी और उसने मिलकर बनाया था और इसमें कोई ख़तरा भी नहीं था
तभी पीछे से जोर की आवाज के साथ दरवाजा खुला
विनय हैरान रह गया - इस समय कौन होगा?
वो पीछे मुड़ा गुस्से में लबरेज उसके पिता मिस्टर विनीत खड़े थे विनय कुछ पूछता उससे पहले दो और शख्स अंदर आए आनंद और मनन उनके पीछे बहुत सारे बॉडीगार्ड्स
मनन को देखते ही विनय तो सदमे में था
मनन ने इशारा किया दो बॉडीगार्ड्स ने आकर विनय को पकड़ लिया और उसका फोन छीनकर आनंद को दे दिया
आनंद को जल्द ही विनय और सोफी के मैसेजेस दिख गए उसने सारा चैट रिकॉर्ड अपने फोन से कॉलेज फोरम पर अपलोड कर दिया ये सबूत था कि सारा किया धरा सोफी और विनय का था
विनय तो अभी तक सदमे में था
उसने सपने में भी नहीं सोचा था उनका फुल प्रूफ प्लेन इतनी जल्दी धराशाई हो जाएगा
और ये मिस्टर ओबरोय यहां क्यों आए है? ईवा को बचाने? लेकिन ईवा से रिश्ता क्या है इनका?
विनय को समझ आ गया यहां सिर्फ मनन की ही चलेगी इसलिए गिड़गिड़ाने लगा - मनन साहब,, मुझे माफ़ कर दीजिए,,आगे से ऐसा नहीं होगा
रस्सी कूदना आता है? - मनन ने एक डेविल स्माइल दी
विनय को गूज़बंप आ गये उसने हां में सर हिलाया
रस्सी दो इसे - मनन ने बॉडीगार्ड से कहा फिर विनय से बोला - जब तक ईवा सही सलामत कॉलेज से नहीं निकल जाती जब तक तुम्हें तीन हजार बार जंप करनी है अगर नहीं हुई तो तुम्हारी कंपनी ,,, - मनन ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी लेकिन मिस्टर विनीत के चेहरे का रंग उड़ गया मनन के लिए उनकी कंपनी तिनके के बराबर है लेकिन उनकी जीवन की पूंजी है उन्होंने विनय को घूरा - खड़े क्या हो तुमने सुना नहीं मिस्टर ओबरोय ने क्या कहा? तीन हजार जंप शुरू करो अगर तुम्हारी वज़ह से कंपनी को कुछ हुआ तो मैं तुझे एक पाई नहीं दूंगा
विनय अब अपनी किस्मत को कोस रहा था
टाइम शुरू - आनंद ने टाइमर शुरू कर दिया
और एक बॉडीगार्ड गिनती करने लगा
दूसरी तरफ कॉलेज में बहुत सारी बुलेट प्रूफ ब्लैक गाड़ियां आकर रूकी सबसे आगे वाली गाड़ी का गेट खुला और एक लंबी सी लड़की बाहर निकली हमेशा की तरह आज उसने वाइट कोट नहीं बल्कि ब्लैक ओवरकोट पहन रखा था जिसमें वो पूरी माफिया क्वीन लग रही थी
आर्या की नजर हाथ में बुके लिए मोनू पर गयी और वो तुरंत समझ गई यहीं वो लफंगा है जिसने ईवा को प्रपोज किया
आर्या गुस्से में आगे बढ़ी और उस चंपू के मुंह पर जोरदार मुक्का जड़ दिया - चिलगोजा कहीं का हमारी ईवा को प्रपोज करेगा? पहले शीशे में अपनी शक्ल तो देख लेता? ये तो वहीं बात हुई मेंढक चला हंसिनी के पीछे
जितना आर्या बोल रही थी उसे और गुस्सा आ रहा था लगातार बारिश की तरह बरसते उसके पंच के आगे मोनू को तारें नजर आने लगे
सबलोग जो विडियो बनाने में लगे हुए थे वो दंग रह गए और दो कदम पीछे हट गए
उसी समय विनय के लगाए हुए बाकी के गुन्डों ने एकसाथ आर्या पर अटेक किया
एच आर इंस्टीट्यूट के बॉडीगार्ड तुरंत एक्शन में आ गए
कोई आगे नहीं आयेगा - आर्या के आर्डर से सभी पीछे हट गए उसके बाद चार गुंडे और अकेली आर्या
दस मिनट बाद सब जमीन पर धूल चाट रहे थे
ईवा जैसे ही क्लास से बाहर निकली तन्मय उसका इंतजार कर रहा था ईवा को सही सलामत देखकर उसने चैन की सांस ली ईवा को वो अपनी छोटी बहन मानने लगा था
हमने सबकुछ संभाल लिया है चलो मैं तुम्हें घर तक छोड़ दूं - तन्मय ने ईवा का बेग भी ले लिया
आप यहां क्यों आए? - ईवा ने हैरानी से कहा उसने तो सिर्फ दो बॉडीगार्ड्स मांगे थे
तन्मय ने मुस्कुराकर ईवा के सिर पर हाथ रखा - तुम मुसीबत में हो तो मुझे तो आना ही होगा चलो अब
ईवा कुछ देर तन्मय को देखती रह गई वहीं गुंजन जो पुलिस को फोन करने को तैयार थी उसने सोचा ये ईवा के भाई हैं तो उसे तसल्ली हुई
नीचे जाकर जो नजारा गुंजन ने देखा उसकी आंखें फैल गई
सारे गुंडे धराशाई हो चुके थे किसी की आंखें फूटी थी किसी की नाक किसी ने अपनी कमर पकड़ रखी थी किसी ने अपना पैर
ईवा को देखते ही आर्या उसे पहचान गई दो मिनट पहले जो उसके सख्त एक्सप्रेशन थे वो एकदम नर्म पड़ गए
ईवा? मैं आर्या हूं - आर्या ने आकर ईवा को गले लगा लिया
थैंक्यू - ईवा ने लफंगों को दर्द से बिलखते देख कहा
ये तो मेरा फ़र्ज़ है - आर्या का मन कर रहा था ईवा के क्यूट क्यूट गालों को खींच दे लेकिन उसे डर था कहीं ईवा उससे डर ना जाए
ईवा आगे आई और मोनू के सीने पर पैर रख दिया - सच बोल नहीं तो? कहते हुए ईवा ने जोर से उसका सीना दबाया मोनू लगभग बेहोश ही हो गया
मुझे ये सब करने के ,, पैसे मिले थे मैं तो तुम्हें जानता भी नहीं
जोर से - मोनू को ईवा इस समय साक्षात महाकाली लग रही थी
उसने बार बार अपनी ग़लती मानी तब जाकर ईवा ने उसे छोड़ा और एक नजर उन स्टूडेंट्स पर डाली जो किसी की मदद करने की जगह तमाशा देखने और विडियो बनाने हाथ में फोन लेकर खड़े थे
किसी की ईवा से नजरें मिलाने की हिम्मत नहीं हुई जिन्होंने भी ईवा के खिलाफ गलत कमेंट्स करें थे उनके सिर झुक गये
मनन और आनंद ये सब लाइव देख रहे थे मनन के आदमी कॉलेज में मौजूद थे लेकिन शायद अब उन्हें कुछ करने की जरूरत नहीं थी
लगता है ईवा को हमारी हेल्प नहीं चाहिए? और ईवा एच आर इंस्टीट्यूट को कैसे जानती है? - आनंद हैरानी से बोला
वहीं मनन कुछ नहीं बोला उसकी नजर सिर्फ ईवा पर थी।
सबसे बुरा हाल यहां सोफी का था उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी बाजी उल्टी पड़ जाएगी
आनंद ने जो पोस्ट किया था उसमें उसकी और विनय की सारी चैट रिकॉर्ड थी और सबमें उसका नाम था
उसकी दोनों चमची डर गई सोफी तो चेयरमैन की बेटी थी लेकिन वो दोनों साधारण परिवार से थी
बॉस ये सब कैसे हो गया?
अब हम क्या करेंगे?
सोफी जो पहले ही गुस्से में खौल रही थी उन दोनों पर चिल्ला उठी - दोनों को बस बक बक करना आता है इसके अलावा किसी काम धाम की नहीं हो दोनों
दोनों ने सिर झुका लिया
तभी मिस्टर भूषण का फोन आया
मेरे ऑफिस में आओ फास्ट
सोफी का मुंह बन गया जैसे ही वो ऑफिस में घुसी
तड़ाक!!!!!!!!!!!!!!!!