"Obsessed Hubby" दक्ष रघुवंशी—अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह, जिसे पूरी माफिया दुनिया "किंग" के नाम से जानती है। पूरे एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन, जिसकी एक झलक पाने के लिए लोग तरसते हैं और जिसके सामने बड़े-बड़े घुटने टेक देते हैं। वहीं दूसरी... "Obsessed Hubby" दक्ष रघुवंशी—अंडरवर्ल्ड का बेताज बादशाह, जिसे पूरी माफिया दुनिया "किंग" के नाम से जानती है। पूरे एशिया का नंबर वन बिजनेसमैन, जिसकी एक झलक पाने के लिए लोग तरसते हैं और जिसके सामने बड़े-बड़े घुटने टेक देते हैं। वहीं दूसरी तरफ है वान्या—एक मासूम, भोली-भाली लड़की, जिसके पास उसके बड़े भाई के सिवा कोई नहीं। वो अपने भाई की लाडली है, पर न जाने क्यों उसका भाई उसे हमेशा खुद से और हिंदुस्तान से दूर रखता है। सालों बाद जब वो इंडिया लौटी, तो उसने कभी सोचा भी नहीं था कि जिस शादी को अटेंड करने आई है, वहीं उसे दुल्हन बना दिया जाएगा! आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक आम सी लड़की, माफिया किंग की दुल्हन बन बैठी? क्यों उसकी किस्मत ने एक ऐसा मोड़ लिया, जिससे वापसी नामुमकिन थी? जानने के लिए पढ़ते रहिए—"Obsessed Hubby"।
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इंडिया छत्रपति शिवा जी एयरपोर्ट मुम्बई.... एक लडकी अपने बैग को सम्भालते हुए एक लड़की अपने बैग को सम्हालते हुए एयरपोर्ट से बाहर आती है उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट थी वो खुद से ही कहती है 'आह! इतने सालों बाद वापस से इंडिया आकर मुझे कितनी खुशी हो रही है ये तो मैं शब्दों में बयां ही नही कर सकती। thanks भाभी अगर आपने जिद्द ना कि होती तो भाई कभी मुझे इंडिया आने की परमिशन ना देते। फिर वो अपनी नज़रे चारो तरफ घूमाते हुए कहती है ये भाई भी ना जाने कहाँ रह गए। तभी उसके पिछे से एक आवाज आती है........"हेलो 'वान्या मैम' कहीं मैं ज्यादा लेट तो नही हुआ।' ये आवाज सुनते ही उस लड़की यानी की 'वान्या मेहरा' हमारी कहानी नायिका उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट आ जाती है वो पलट कर पिछे खड़े शख्स को देखती है जो एक 32 साल युवक था जिसने इस वक़्त वाइट कलर का फॉर्मल शर्ट और पेंट पहन रखा था वान्या दोड़ते हुए जाकर उस शख्स के गले लग जाती है और फिर रोते हुए कहती है भाई "I missed you so much' मैने आपको और 'सौम्या भाभी' को बहुत मिस किया। वहीं 'विराट मेहरा' वान्या का बड़ा भाई वान्या का सिर प्यार से सहलाते हुए कहते है........"वान्या बच्चा भाई और आपकी सौमू भाभी पिछले ही month तो आपसे मिलने लंदन आए थे तो वान्या विराट से दूर हो अपने आँखो में आए मोटे-मोटे आँसूओं को साफ करते हुए अपने फुले हुए गालों को और फुलाते हुए कहती है हाँ तो मैने इसी 1month में आप दोनों बहुत ज्यादा miss किया। वान्या की बात सुन कर विराट अपना सिर ना में हिला देता है और वान्या के गाल खिचते हुए कहता है चल अब जल्दी से सुबह से तेरी भाभी ने पूरे घर को सिर पर उठा रखा है वान्या मुस्कुरा देती है और दोनों घर के लिए निकल जाते हैं थोड़ी देर बाद उनकी कार आकर एक खूबसूरत से घर के बाहर आकर रुकती है आज 9 साल बाद अपने घर को देख वान्या की आँखे वापस से नम हो जाती है उसके जहन में कई सारी यादें आने लगती है वो अपने बचपन के दिनों में खो जाती है जब इस घर में वो अपने मम्मा पापा और भाई के साथ रहा करती थी पर जब वो 10 साल की हुई तो उसके मम्मा पापा की मौत एक कार एक्सिडेंट में हो गई उसके कुछ दिनों के बाद ही विराट ने उसे लंदन भेज दिया था आज वो 19 साल की हो गई थी आज वर्षों बाद अपने घर को देख वो अपने पूरानी यादों में खो चुकी थी तभी उसको अपने कंधों पर एक हाथ महसूस होता है वो अपनी नजरें घूमा कर देखती है तो विराट की भी आँखे नम हो चुकी थी वान्या रुधें गले से कहती है भाई आखिर क्यूं मम्मा पापा हमें अकेला छोड़कर चले गए। वान्या की बात सुन विराट कसकर वान्या को अपने गले से लगा लेता है वहीं सौम्या विराट की पत्नी जो कार के रुकने की आवाज सुन बाहर आई थी और उन दोनों को ऐसे देख उसकी भी आँखे नम हो जाती है क्यूं कि सौम्या वान्या और विराट के पापा के असिस्टेंट की बेटी थी जो उनके साथ ही उस कार एक्सिडेंट में ही मारे गए थे और सौम्या की माँ सौम्या के जन्म के वक़्त ही इस दुनिया को छोड़कर जा चुकी थी सैम्या भी वान्या और विराट के तरह ही अनाथ थी जब विराट और वान्या के मम्मा और पापा की मौत हुई थी उस वक्त विराट 23साल का था समझदार था इसलिए वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वो अपने पापा के बिजनेस को भी सम्भालने लगा था और उसने वान्या और सौम्या को लंदन पढाई के लिए भेज दिया और खुद यहाँ रह कर अपने पापा के सारे बिजनेस सम्भाल लिए जिसमें उसने ना अपने दादा धर्मेंद्र मेहरा की कोई मदद ली ना अपने बड़े चाचा महेश मेहरा की, उसने अकेले खुद के दम पर ही सब सम्भाला, और उधर सौम्या भी वान्या का ध्यान अच्छे से रखती थी बिल्कुल उसकी बड़ी बहन की तरह ही रखती थी सौम्या वान्या से उम्र में बड़ी थी सौम्या वान्या से 8साल बड़ी थी सौम्या जिस तरह से वान्या का ख्याल रखती थी उसे देख विराट को सौम्या के प्रति एक खिचाव महसूस होता था सौम्या भी अब वान्या और विराट को ही अपने परिवार के रुप में देखा करती थी सौम्या और विराट दोनों के दिलों में एक दूसरे के लिए मोहब्बत उम्र के साथ ही बढ़ती गई और पिछले साल दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। सौम्या अपने आँखो में आए आंसुओ को साफ कर अपने चेहरे पर बनावटी गुस्सा लाकर कहती है अगर तुम्हारा अपने भाई से मिलना हो गया हो तो इधर भी देख लो मैं भी यहीं खड़ी है ये नही कि थोड़ा मुझसे भी मिल ले थोड़ी बातें कर ले पर नही। सौम्या की बात सुन विराट और वान्या अलग होकर सौम्या की ओर देखते हैं जो अपना मुँह फुलाए वहीं खड़ी थी वान्या अपने आँखो की नमी को साफ करते हुए जाकर सौम्या के गले लग जाती है और प्यार से सौम्या के गालों को खीचते हुए कहती है,,,,,,,"अरे मेरी सौमू भाभी मैने आपको बहुत मिस किया। सौम्या अपना मुँह बनाए कहती है वो देखा मैने कि तूने मुझे कितना मिस किया।
सौम्या की बात और सिकायत सुन वान्या प्यार से उसके गाल पर किस करते हुए कहती है "अरे बहुत जोरो की भूख लगी है प्लीज कुछ खाने को दे दो।' सौम्या उसके सिर पर हल्के से मारते हुए कहती है....... 'सब समझती हूँ मैं तू मुझे बहला रही है चल तेरे फेवरेट छोले भुटूरे बनाए है मैने, तीनों इसी तरह हंसी मजाक करते हुए घर के अंदर आ जाते हैं थोड़ी देर बाद तीनों लंच कर चूके थे और वही हाॅल में सोफे पर बैठे बाते कर रहे थे तभी कोई गेट नाॅक करता है जिसकी आवाज सुन सभी गेट की तरफ देखते हैं तो सामने से आ रहे शख्स को देख सभी के चेहरे के भाव बदल जाते हैं सामने और कोई नही धीरेन्द्र मेहरा और महेश मेहरा खड़े थे जिन्हें देख विराट अपनी नजरें घूमा वान्या को देख प्यार से कहता है ,,,वान्या बच्चा आप जाकर थोड़ी देर आराम कर लो आप थक गई होंगी।., वान्या अपना सिर हाँ में हिलाकर अपने रुम की ओर चली जाती है पर धीरेन्द्र जी अब भी उस ओर नफरत से घूरे जा रहे थे जिधर वान्या गई थी धीरेन्द्र जी को ऐसे देखता देख विराट तेज आवाज में कहता है ''मिस्टर मेहरा क्या मैं आपके इस तरह से मेरे घर आने का कारण जान सकता हूँ।' विराट की बात सुन धीरेन्द्र जी जो बिन बुलाए मेहमान के तरह आकर सोफे पर बैठ चुके थे उन्हें अपनी बेइज्जती महसूस होती है वो महेश की ओर नजरे घुमाकर देखते हैं जो उन्हें अपनी आँखों से ही शांत रहने का इशारा करता है तो वो भी मन मसोश कर शान्त हो जाते हैं महेश अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाकर विराट को देखते हुए कहता है विराट बेटा हम तुम्हें यहाँ ये याद दिलाने आए हैं कि कल तुम्हारी बहन अर्चना की शादी रघुवंशी परिवार के छोटे बेटे दक्ष रघुवंशी के साथ होनी है दक्ष रघुवंशी को कौन नही जानता इस बिजनेस वर्ल्ड में, उसके जैसा कोई दूसरा नहीं है. वहीं विराट उनकी बात सुनकर उन्हें धिक्कार भरी नजरों से देखने लगता है क्यूंकि वो ये बात अच्छे से जानता था कि ये शादी,शादी नही सिर्फ और सिर्फ एक बिजनेस डिल है जिसमें महेश अपनी बेटी को use कर रहा है विराट भी बचपन से ही दक्ष रघुवंशी को जानता था क्यूंकि मेहरा परिवार और रघुवंशी परिवार में अच्छे ताल मेल थे जिसके कारण उनका एक दूसरे के घर आना जाना भी लगा रहता था पर उसकी कभी भी दक्ष के साथ नही बनी इसका कारण था दक्ष का arrogant नेचर और उसका रुड बिहेवियर जिसके कारण वो अपने आगे किसी को कुछ समझता ही नही है विराट ये भी जानता है कि दक्ष दूनिया वालों के सामने सिर्फ एक बिजनेसमैन है पर असलियत में दक्ष रघुवंशी अंडरवर्ल्ड का cruel,hearted माफिया लीडर है और ये सच्चाई बहुत कम लोग ही जानते हैं 'विराट महेश को घूरते हुए कहता है क्या अर्चना इस शादी से खुश है. महेश विराट को जब खुद को ऐसे घूरते हुए देखता है तो अपने गले में आए पानी को तर करते हुए कहता है,,,"हाँ और नही तो क्या तुम्हें क्या लगता है मैं अपनी बेटी को शादी के लिए फोर्स करुगा।,. इतना सुनते ही विराट अजीब नजरों से उन्हें देखने लगता है जिसे देख महेश समझ जाता है कि क्यूं विराट उसे ऐसे देख रहा है क्यूं कि सच्चाई यही थी कि वो बिना अर्चना के मर्जी के ये शादी करवा रहा है वो वहाँ से उठते हुए धीरेन्द्र जी को देखते हुए कहता है चलिए पापा अब हमें चलना चाहिए। तभी सौम्या उन्हें रोकते हुए कहती है,,,,,, "अरे चाचा जी आपने तो चाय पानी कुछ लिया ही नही।' महेश जी अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाकर कहते हैं 'अरे नही बेटा फिर कभी कल शादी है तो अभी हमें ढेरों काम है घर में तो हम चलते हैं धीरेन्द्र जी जाते हुए रुक कर विराट की ओर एक नजर देखते हैं जो धीरेन्द्र जी को देख अपनी नजरें फेर लेता है धीरेन्द्र जी नर्म भाव के साथ कहते हैं "कल उस लड़की को भी अपने साथ लेते आना, क्यूं कि हमारी पोती ऐसा चाहती है। "वो लड़की बहन है मेरी वान्या नाम है उसका 'वान्या मेहरा' है।,.विराट तेज आवाज में अपने दांत पिसते हुए कहता है इधर दूसरी तरफ वान्या जो वहीं सीढ़ियों के पास खड़ी होकर उनकी बाते सुन रही थी उसकी आँखे नम हो जाती है वो अपने मन में कहती है 'ना जाने क्यूं दादू मुझसे इतनी नफरत करते हैं बचपन में भी वो इसी तरह मुझसे नफरत किया करते थे इतना कहकर वो अपने कमरे में चली जाती है जो ऊपर दूसरे फ्लोर पर था दूसरे दिन धीरेन्द्र मेहरा के घर चारो तरफ शादी की तैयारी चल रही थी सब अपने अपने काम में बिजी थे वही वान्या भी अपने भैया और भाभी के साथ आई थी विराट तो उसे नही लाना चाहता था पर वान्या के जिद्द करने पर वो मान गया। वान्या अपनी नजरें घुमाकर चारो तरफ देख रही थी तभी वहाँ एक औरत आती है जिसने इस वक़्त हल्के लाल रंग की बनारसी साडी पहना हुआ था और उसके चेहरे पर एक छोटी सी स्माइल थी उसके आते ही विराट और सौम्या उनका पैर छू उनसे आशीर्वाद लेती है फिर वान्या भी उनसे आशीर्वाद लेती है तो वो औरत जो महेश मेहरा की पत्नी 'विभा' थी वो वान्या के गाल को छूकर कहती है कितनी बड़ी हो गई, जब ये यहाँ से गई थी तो कितनी छोटी थी वान्या उनकी बात सुन हल्के से मुस्कुरा देती है तो विभा वान्या के हाथ में एक थाल देते हुए कहती है जरा ये पकड़ और जाकर अर्चना की मदद कर दे तैयार होने में, कब से तेरे बारे में ही पूछे जा रही थी वान्या उनकी बात सुन हल्के से मुस्कुरा देती है और उनके हाथ से वो थाल ले लेती है जिसमें शादी का जोड़ा था वो उस थाल को लिए उस डायरेक्शन में बढ़ जाती है जिधर विभा जी ने बताया था वो जब उस कमरे में पहुंचती है तो कमरे में कोई नहीं था वो आवाज लगाती है अर्चना दी, अर्चना दी कहाँ हो आप ? पर कोई आवाज नहीं आती तभी वो गौर करती है तो कमरे के अटैच वाशरूम से सावर चलने की आवाज आ रही थी जिसे सुन वो वहीं बैठ जाती है लगभग आधे घंटे बाद भी जब अर्चना बाहर नही आती है तो वो वाशरूम के डोर को नाॅक करती है पर अंदर से कोई आवाज नही आती तभी कमरे में सौम्या और विभा जी आते हुए कहती है "अरे वान्या, अर्चना बेटा हुआ कि नही बेटा जल्दी करो बारात आ गई, तभी वान्या उनके पास आते हुए कहती है आन्टी देखो ना मैं कब से अर्चना दी का इंतज़ार कर रही थी पर वो तो बाहर आई ही नही , और मैं कब से वाशरूम के डोर को नाॅक कर रही हूँ पर वो खोल ही नही रही। Please Guy's follow me 🙏