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ध्रुव तारा The novel world

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Shrisha

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ये कहानी है तारा की, तारा एक नोवेल राइटर है ..... तारा अपनी कहानियों के लिए मशहूर है तारा की कहानियां लोगों में प्यार के लिए और प्यार जगाती है तो विलेन के लिए नफरत भी... लेकिन क्या होगा जब तारा खुद ही अपनी कहानी जीएगी….. अपनी एक कहानी लिखते हुऐ तारा...

Total Chapters (8)

Page 1 of 1

  • 1. ध्रुव तारा the novel world - Chapter 1

    Words: 1152

    Estimated Reading Time: 7 min

    Hello everyone ये मेरी इस प्लेटफार्म पर पहली कहानी है आशा करती हु आप लोगो को अच्छी लगेगी follow my Instagram ID _shriaha_101....... मिलते है तारा से गोरा रंग शॉर्ट हेयर , हेजल आँखे मुस्कुराता चेहरा और आँखों पर चश्मा , 5.4 हाईट , तारा बहुत खूबसूरत थी लेकिन उससे ज्यादा लोग उसकी कहानियों के दीवाने थे लड़कियो और लड़के सभी उसकी नोवेल को पढ़ना और उससे एक बार जरूर मिलना चाहते थे तारा की फैमिली मे कोई नही था वो एक अनाथ थी जो 17 साल की उम्र से ही नोवेल लिखती थी और आज 23 साल की तारा युवाओ मे एक मशहूर चेहरा थी तारा की एक ही बेस्ट फ्रेंड थी जिसका नाम संध्या था संध्या की फैमिली थी संध्या तारा से स्कूल मे मिली थी और आज भी उसके साथ थी तारा एक स्कूल मे टीचर थी वो भी एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी तारा ने एक छोटा सा घर भी लिया हुआ था हमारे देश मे लेखको का सम्मान तो है लेकिन उतना पैसा नही मिलता है तारा अपना खर्चा निकाल लेती थी उसके पास एक छोटी गाड़ी भी थी जिसे उसने अपने पैसे से खरीदी थी तारा अपनी छोटी सी जिंदगी मे बहुत खुश थी मुंबई का एक होटल का एक हॉल ढेर सारे रिपोर्टर बैठे थे उनकी नजर सामने बैठी एक लड़की पर थी और सारे कैमरे उस लड़की की तरफ थे वो थी तारा , और उसके साथ उसका मैनेजर करन ( 30 साल ) ( जो एक नोवेल कंपनी का ओनर था ) साथ मे करन की सेक्रेटरी निशा ( 23 साल ) भी थी करन - देखा निशा मैने कहा था ना ये लड़की एक दिन बहुत बड़ी नोवेल राइटर बनेगी निशा मसुमियत से - सर मुझे कैसे पता होगा की आपने ये बोला, मै तो अभी अभी आई हूँ ना करन निशा को देख कर - पागल लड़की.... निशा करन को देखती है तारा जो अपने फैंस से मिल रही थी और सभी को ऑटो ग्राफ दे रही थी कुछ लोगो के साथ पिक्चर भी ले रही थी सभी तारा को बोल बोल कर जा रहे थे की मैम हम आपके बहुत बड़े फैन है तारा मुस्कुरा दे रही थी करन खड़ा होकर - चलिए चलिए अब ये फैंस meetup खतम करते है और मीडिया से बात करते है तारा मीडिया की तरफ देखती हैं और बैठ जाती है करन तारा को देख कर _ तारा अच्छे से इंटरव्यू देना तारा हस कर _ क्या बात है तुम कही जा रहे हो क्या , तुम भी तो यही रहने वाले हो करन हस कर _ हा मेरा कंपनी की स्टार हो तुम तो मेरा यहां होना तो बनता है करन की सेक्रेटरी निशा मुस्कुरा कर _ मैम मैं भी यही हूं all the best mam... तारा स्माइल करके _ थैंक यू सो मच निशा निशा नीचे आकर लोगों के बीच एक कुर्सी पर बैठ जाती है मीडिया तारा को कैप्चर करने लगती है तारा बहुत विश्वास ओर कॉन्फिडेंस से सबको मुस्कुरा कर देख रही थी करन और तारा अपने हाथ में तारा की अभी पब्लिश हुई नई नोवेल बुक को लेकर फोटो क्लिक कराते है मीडिया अपने सवाल पूछना शुरू करती हैं एक रिपोरेट _ हेलो करन , तारा ने जब से काम करना शुरू किया है वो आपके साथ ही काम कर रही हैं क्या आप उन्हें जाने नहीं दे रहे है या फिर वो खुद आपके साथ है तारा मुस्कुरा देती है करन तारा की तरफ देख कर _ ऐसा नहीं है मैने कभी तारा को ये नहीं कहा कि वो किसी दूसरी एजेंसी के साथ काम नहीं कर सकती , लेकिन रूल तो यही कहता है कि जब तक आप किसी एक एजेंसी के साथ काम करे आप कही दूसरी जगह नहीं जा सकते लेकिन मुझे भरोसा है मेरी और तारा की जोड़ी हिट है सभी मीडिया रिपोर्टर तालिया बजा देते है कह सकते है कि सब लोगों को तारा करन की जोड़ी पसंद थी सबको ये भी लगता था कि तारा करन रिलेशनशिप में है वो बस अभी बताना नहीं चाहते हैं करन आगे कहता है _ तारा ने जब अपनी पहली नोवेल पब्लिश की तो मेरी कंपनी के साथ और जब मेरी कंपनी ने अपनी पहली नोवेल राइटर को साइन किया तो वो थी तारा , हम दोनों का पहली बार था उसके बाद तो हम दोनों ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा उसके बाद मेरी कंपनी के बहुत सारे राइटर्स को साइन किया लेकिन तारा हमेशा फर्स्ट होगी सभी तालिया बजा देते हैं तारा मुस्कुरा देती हैं रिपोर्टर _ तारा अपनी पब्लिश हुई इस कहानी के बारे मे कुछ बताओ तारा मुस्कुरा कर _ ओके , तो कहानी एक म्यूट लड़की है है एक लड़की जो बोल नहीं सकती लेकिन उसके सपने बहुत बड़े हैं इस कहानी में यही दिखाया गया है कि जब कोई अपना आपके साथ हमेशा रहता है आपका साथ देता है तो आप कैसे सारी मुश्किलों को पार कर लेते है कहानी में विलेन भी है हीरो भी है ये एक लव स्टोरी है जिसमें एक लड़के को एक म्यूट लड़की से प्यार हो जाता है रिपोर्टर _ मैडम आपकी सारी कहानियों में विलेन लास्ट में सही क्यों हो जाता है आप विलेन को मारती क्यों नहीं है तारा मुस्कुरा कर_ क्योंकि हर इंसान में अच्छाई छुपी होती हैं और मेरी कहानी में विलेन की अच्छाई बाहर आती है वो सुधर जाता हैं रिपोर्टर _ आप ऐसी कोई कहानी क्यों नहीं लिखती जिसमें विलेन मर जाए , क्योंकि जब सतयुग ओर त्रेतायुग में विलेन यानी रावण और कंश का वध हो सकता है तो इस कलयुग की कहानी में क्यों नहीं दो पल को पूरे ऑडिटोरियम में शांति हो जाती हैं तारा मुस्कुरा कर _ जी जरूर सही कहा आपने मैं अपनी नई कहानी ऐसे ही लिखूंगी रिपोर्टर _ तो कब आ रही है आपकी नई कहानी.... तारा थोड़ा सोच कर _ आपने नोटिस किया होगा मेरी कहानी छह महीने बाद आती हैं तो काउंट करिए छह महीने..... मैं जल्दी ही नई कहानी लाऊंगी सभी तालिया बजा देते है रिपोर्टर _ तारा आप लव स्टोरी लिखती है आपकी हर कहानी में लव स्टोरी होती हैं जिसमें दो लोगों को एक दूसरे से प्यार होता है तो हमें ये जानना था कि आपकी कोई लव स्टोरी नहीं है , कोई है जो आपका हीरो हो तारा स्माइल कर देती हैं और कहती है _ जी नहीं अभी तक तो मेरी कोई लव स्टोरी नहीं है रिपोर्टर _ तो बताइए न कैसा होगा आपका हीरो कौन होगा जो इस नोवेल राइटर तारा का प्यार होगा तारा चुप हो जाती हैं और थोड़ा सोच कर कहती है _ कभी इस बारे मे सोचा नहीं...... करन खड़ा होकर _ चलिए चलिए , इंटरव्यू खत्म हुआ आप लोग नोवेल जरूर पढ़ें थैंक्यू तारा भी खड़ी होकर _ thank you so much..... तारा चली जाती हैं करन और निशा भी चले जाते है ....... कैसी लगी मेरी इस कहानी का पहला एपिसोड , कहानी पसन्द आए तो लाइक शेयर और कमेंट जरूर करें thank you

  • 2. ध्रुव तारा the novel world - Chapter 2

    Words: 1106

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे करन के ऑफिस में निशा करन को आगे की पब्लिश होने वाली नोवेल्स के बारे में बताती रहती है करन _ ओके बाकी की नोवेल्स की डिटेल्स तुम मुझे ईमेल कर देना मैं बाद में देख लूंगा अब तुम जाओ निशा वहां से चली जाती है करन तारा को देखता है तारा कहीं खोई हुई थी करन _ क्या हुआ तारा.... तारा करन की तरफ देख कर कहती है _ मैने तुम से कोई हेल्प मांगी थी करन थोड़ा सोच कर _ अच्छा हा तारा उसे घूर कर _ तो बताओ , कहा तक पहुंची इन्वेस्टिगेशन करन एक गहरी सांस लेकर कहता है _ तारा दो साल से पता लगा रहा हूं लेकिन कोई इन्फॉर्मेशन नहीं मिल रही है तुम ही बताओ अब मैं और क्या कर सकता हूं तारा _ लेकिन कोई तो होगा न , तुम खुद सोचो इस धरती पर मे कही से टपक तो नहीं गई होगी न , कोई तो फैमिली होगी मेरी कोई तो मां होगी कोई पिता होगा जैसे सभी बच्चे पैदा होते है वैसे ही मैं भी हुई होगी न तो कहा गए मेरे मां पापा यार उस अनाथ आश्रम में मुझे किसी ने तो छोड़ा होगा न ..... तुम खुद सोचो करन _ हा तारा मैं समझता हूं लेकिन आश्रम में तुम्हे जिसने छोड़ा तरीका डेथ हो चुकी है मैने उसकी फैमिली से पता लगाया लेकिन उन्हें इस बारे मे कुछ नहीं पता तारा एक गहरी सांस लेकर_ कौन होगा जिसने मुझे पैदा करके छोड़ दिया , क्या इतनी बदकिस्मत थी मैं करन _ तारा, तारा तुम बहुत लक्की हो और जिसकी जिंदगी में जाओगी वो और भी लक्की होगा so don't worry तुम देखना दो दिन सिर्फ दो दिन में तुम्हारी नई नोवेल धमाका कर देगी हर जुबान पर तुम्हारा और तुम्हारी नोवेल का नाम होगा..... जाओ एक ट्रिप पर जाओ एंजॉय करो और वापस आकर अपनी नई नोवेल लिखना तारा एक गहरी सांस लेकर _ ok.... तारा उठ कर चली जाती है तारा बाहर निकलती है तो बाहर एक निशा खड़ी थी और उन लोगो की बात सुनने की कोशिश कर रही थी तारा उसे देखती हैं निशा हड़बड़ा करे_ वो मैं मैंम..... तारा हा कर _ हमरे बीच कुछ नहीं है निशा... we are just friends just friends ...... ok और चली जाती हैं निशा इधर उधर देख कर _ मैने कहा कुछ कहा..... और चली जाती हैं तारा अपनी कार में थी तभी उसकी फ्रेंड संध्या का कॉल आता है तारा _ हा बोल संध्या _ यार तेरी नई नोवेल तो धमाका कर रही है ऑनलाइन भी ओर ऑफलाइन भी तारा _ तुझे अभी से पता चल गया , सुबह ही तो पब्लिश हुई है संध्या _ तो क्या , तारा की नोवेल है बहुत बिक रही हैं यार मेरे स्कूल में सभी टीचर्स आपस में उस नोवेल की बात कर रहे थे उन सबको पता है कि तू मेरी दोस्त है सभी तुझसे मिलने के लिए मुझसे रिक्वेस्ट कर रहे थे तारा संध्या हंसने लगते है तारा _ अच्छा कहा है संध्या एक गहरी सांस लेकर _ घर पर हूं यार..... तारा _ चल आज घर आ जा पार्टी करेंगे.... संध्या खुश होकर _ क्या , कोई ग्रैंड पार्टी रखी है तुमने तारा हस कर _ नहीं यार , तुझे तो पता है न मुझे पार्टीज नहीं पसंद है मैं तो बस अपने करीबी लोगो के साथ रहना पसंद करती हूं और मेरी फैमिली मेरी करीबी तो बस तू ही है न तो आ जाना संध्या _ ओके मैं आती हूं रात को मैं तेरे घर ही रुक जाऊंगी तारा खुश होकर _ that's great यार..... तारा फोन कट कर देती हैं तारा की गाड़ी ट्रैफिक में रुकती है तारा की नजर फुटपाथ पर झोपडी बना कर रहने वाली एक फैमिली पर पड़ती है फैमिली में एक छोटी बच्ची और उसके माता पिता थे तारा उन्हें देखती रहती हैं मां अपनी बच्ची को गोद में लेकर उसे खिलौने दे रही थी और उसका पिता उसे खाना खिला रहा था तीनों बहुत खुश थे तारा उन्हें देख कर मायूसी से कहती हैं _ अगर मेरे मां पापा होते तो मैं भी... इतना बोल कर वो इमोशनल हो जाती हैं ट्रैफिक खुल गया था सभी गाड़िया जा रही थी तारा अभी भी वैसे ही गुमशुम सोच में थी उसके पीछे की गाड़ियां हॉर्न बजाने लगती है तब जाकर तारा अपने सेंस में वापस आती हैं और गाड़ी लेकर आगे बढ़ जाती हैं तारा घर पहुंचती हैं तारा का एक 2BHK फ्लैट था वो अंदर आती है और अपना पर्स टेबल पर रख कर किचेन में जाती हैं और पानी पीकर आकर सोफे पर बैठ जाती हैं उसके हॉल में एक बड़ा सा बुक सेल्फ था जिसमें उसकी सारी नोवेल्स रखी थी और कुछ बुक्स जो तारा पढ़ती थीं L साइज सोफा रखा था और बीच में एक कांच का छोटा सा टेबल... सोफे के सामने टीवी थी और टीवी के ऊपर तारा की एक पिक्चर लगी हुई थी और सोफे के पीछे ओपन किचेन था हॉल से अटैच बालकनी थी जिसमें ब्लू व्हाइट पर्दे लगे थे , हॉल से ही तारा के रूम का गेट था एक वॉल पर बने शो केश में तारा के सारे प्राइज रखे थे जिसे उसने आज तक जीते थे तारा इधर उधर देख कर अपने रूम में जाती हैं और शॉवर लेकर अपने दूसरे रूम में जाती है जो उसका राइटिंग रूम था वहां एक टेबल चेयर , तारा का लैपटॉप उसकी कुछ फाइल्स पेन पेंसिल और पेंटिंग का सामान रखा था तारा यही पर पेंटिंग भी करती थी यही पर एक टाइप राइटर भी रखा था एक मेक बुक भी रखा हुआ था तारा की कुछ पिक्चर्स दीवारों पर सजी हुई थी और टेबल पर एक पिक्चर रखी थी जिसमें तारा और संध्या थे तारा रूम को देख कर कहती हैं _ अभि नहीं पहले कुछ खाते हैं शाम हो चुकी थी इसलिए तारा किचेन में जाती हैं और अपने छोटे से मंदिर में बप्पा की मूर्ति के सामने दीया जलाती हैं और कहती है _ बप्पा आपसे एक ही चीज मांगी है मेरे मां पापा से मिला दो s तारा अपने लिए कॉफी बनाती हैं और अपने राइटिंग रूम में जाती है तारा वहां चेयर पर बैठ कर कॉफी पीते हुए मेक बुक में कुछ काम करती हैं और खड़ी देख कर बाहर आती हैं रात के आठ बज गए थे तारा कुछ कुकिंग करती हैं और सारी डिशेज लाकर सोफे के सामने टेबल पर रखती हैं दो ग्लास , वाइन भी रखती है और टेबल को देख कर _ सब सेट है तारा मुस्कुराती हैं तभी उसके घर की बेल बजती हैं तारा गेट की तरफ जाती हैं ..... कैसा लगा आज का एपिसोड कमेंट करके बताए और लाइक शेयर करें thank you

  • 3. ध्रुव तारा the novel world - Chapter 3

    Words: 1146

    Estimated Reading Time: 7 min

    please like and comment and follow me on instagram _shrisha_101 अब आगे तारा बेल की आवाज पर गेट की तरफ जाकर गेट खोलती है सामने संध्या खड़ी थी दोनों एक दूसरे के गले लगते तारा _ आजा आज तो पार्टी करेंगे संध्या अपना पर्स टेबल पर रखती हैं तो उसे टेबल पर रखे सारे सामान दिखते है संध्या मुस्कुरा कर तारा को देख कर _ वाह मेरी जान तूने सारी तैयारी भी कर ली तारा _ हा मुझे पता था तू आने ही वाली है संध्या तारा हस कर सोफे पर बैठ जाते है संध्या तारा की तरफ देख कर _ क्या करु यार , फैमिली ही ऐसी है आने ही नहीं देती हैं वो तो बहाना बना कर आई हूं और कल संडे भी है तो मैने कह दिया कि कल भी तेरे साथ ही रहूंगी तारा मुस्कुरा कर _ ये की न मेरी बेस्ट फ्रेंड वाली बात दोनों हस देती हैं संध्या _ अब क्या तारा _ मूवी लगाते है और खाते पीते देखते है मूवी संध्या _ अरे यार दारू के साथ कोई मूवी देखता है तारा हस कर _ ओ ओ , ये दारू नहीं है ये फूट जूस है संध्या मायूस होकर _ क्या यार इतना सोचा था कि आज तेरे साथ दारू पाऊंगी तारा _ स्कूल टीचर है तू , बाहर सबको पता चलेगा कि उनकी टीचर इतनी बड़ी पियक्कड़ है तो क्या सोचेंगे लोग और वो भी छोड़ तेरी चाची को पता चला न कि तूने दारू पी है तो जान ले लेंगी तेरी संध्या हस कर _ हा यार बात तो तू सही कह रही है, मां के जाने के बाद भले ही पापा ने दूसरी शादी नहीं की लेकिन मेरी चाची सौतेली मां के सारे फर्ज निभाती है तारा हस कर _ कोई बात नहीं , ये फ्रूट जूस पीकर काम चलाते है एक दिन दोनों मिलकर दारू पियेंगे संध्या हस कर _ हा , संध्या म्यूजिक चलाती हैं और दो ग्लास में जूस डाल कर एक तारा को देती हैं और एक खुद लेती हैं दोनों जूस पीते हुए डांस करती है कुछ देर बाद तारा थक कर बैठ जाती हैं उसके बगल में संध्या भी बैठ जाती हैं दोनों एक दूसरे को देख कर हंसती है तारा _ ये डांस वांस हमने नहीं होगा मैं बस एक जगह बैठ कर लिख सकती हूं संध्या _ me too यार मैं भी एक जगह बैठ कर पढ़ा सकती हूं बस तारा _ चल खाते पीते मूवी देखते है संध्या _ good idea तारा एक मूवी लगा देती है दोनों खाते पीते मूवी देखती है और वहीं सो जाती हैं तारा के राइटिंग रूम में हलचल होती हैं उसके लैपटॉप में एक पेज खुलता है जिस पर खुद ब खुद लिखा जाता है ध्रुव तारा..... तारा संध्या गहरी नींद में सो रही थी तभी बालकनी से तेज हवा आती है और तारा के ऊपर आ जाती हैंतारा की नीद अचानक से खुलती है वो उठती हैं तारा अपने इधर उधर देख कर _ ऐसा लगा कुछ अजीब सा हुआ तारा टेबल से एक ग्लास उठा कर पानी पीती है और संध्या को नीद में ही उठा कर रूम में बेड पर सुला देती हैं और बाहर आती हैं तारा खुद से कहती हैं _ पता नहीं कैसे हुआ क्या हुआ... बालकनी का दरवाजा तो मैने बंद कर दिया था तारा बालकनी के पास जाकर दरवाजा बंद करती हैं और हॉल में आती हैं उसे राइटिंग रूम की लाइट जली हुई थी दिखती है उसे ऐसा लगता है जैसे रूम में कुछ हलचल हो रही है तारा खुद से कहती हैं _ मैने तो लाइट ऑफ की थी तारा धीरे धीरे कदमों से रूम की तरफ जाती हैं क्योंकि उसे ऐसा लगता हैं कि वहां कोई है तारा अचानक से झटके से रूम में आती हैं तो रूम में कोई नहीं था तारा हैरान थी वो इधर उधर देखती हैं और कहती हैं _ लैपटॉप क्यों खुला है मैने तो बंद किया था , तारा थोड़ा रुक कर _ शायद बंद किया था याद नहीं.... तारा अपनी चेयर पर बैठती है और लैपटॉप में देखती है स्क्रीन देख तारा दंग रह जाती हैं स्क्रीन पर ध्रुव तारा लिखा हुआ था तारा हैरानी से _ मैने तो अभी कहानी का नाम सोचा ही नहीं है तो मैने ये लिखा कब , और मैं अपने ही नाम की कहानी क्यों लिखूंगी तारा काफी देर सोच कर कहती है _ कब लिखा यार मैने ये.... जब से आई हूं तब से तो काम कर रही हूं फिर संध्या आ गई तो कब .... तारा काफी देर सोच कर _ क्या फालतू नाम है ध्रुव तारा..... तारा नाम डिलीट करके लैपटॉप बंद करके रूम की लाइट्स ऑफ करके अपने रूम में चली जाती है और संध्या के बगल में सो जाती है सुबह का टाइम संध्या की आंखे खुलती है वो बाहर आती हैं तो तारा बालकनी में योगा कर रही थी उसके पास जूस रखा होता है संध्या उसके पास आकर बैठती हैं और जूस पी लेती है तारा _ मुंह तो धूल लेती संध्या _ छोड़ न यार..... तारा हस कर खड़ी होती हैं संध्या _ क्या जरूरत है तुझे योगा करने की , इतनी स्किनी बॉडी , सुंदर हॉट चेहरा इतनी खूबसूरत और क्या चाहिए तुम्हे..... तारा हस कर _ अच्छा , अगर इतनी सुन्दर हूं तो अकेली क्यों हूं आज तक..... संध्या सोचते हुए _ हा यार, हा मुझे पता है शायद भगवान ने तुम्हारे लिए कोई बहुत अच्छा इंसान सोचा हो कोई राजकुमार टाइप.... तारा हस कर _ राजकुमार , राजकुमार सिर्फ राजकुमारियां की मिलता है मैं एक अनाथ हूं मुझे कोई नॉर्मल इंसान मिलेगा वो भी शायद.... संध्या _ अरे यार तू इतनी नेगेटिव क्यों है सोच इतनी बड़ी हो गई हैं आज तक सिंगल है भगवान ने कुछ तो सोचा होगा न तारा अंदर जाते हुए _ हा सोचा है न , एक अनाथ आश्रम खोलना है जहां किसी भी बच्चे को अनाथ फील न हो , हर बच्चे को वो सब मिले तो एक नॉर्मल बच्चे को मिलता है संध्या _ वाह इतनी अच्छी सोच है तारा _ सपना है मेरा संध्या तारा को पीछे से हग करके _ हा पता है मुझे , हजारों बार बता चुकी है , लेकिन सोच तेरे सपने को पूरा करने में अगर कोई तेरा साथ दे तो , और तारा को छोड़ देती हैं तारा मुड़ कर संध्या को देखती हैं संध्या _ हा तेरे लिए एक डेट फिक्स्ड कि है आज शाम को तारा इरिटेट होकर _ नो यार , प्लीज़.... तुझे पता है न मैं इन सब चीजों में बिल्कुल अच्छी नहीं हूं पिछली बार याद है न संध्या हसने लगती हैं तारा _ संध्या shut up संध्या चुप हो जाती हैं तारा नहाने चली जाती हैं संध्या मुंह धूल कर किचेन में जाती रहती है तभी उसे राइटिंग रूम से कुछ आवाज आती हैं संध्या रूम की तरफ देखती हैं ....... कैसा लगा आज का एपिसोड कमेंट करके बताए और लाइक शेयर करें thank you

  • 4. ध्रुव तारा the novel world - Chapter 4

    Words: 1217

    Estimated Reading Time: 8 min

    please review जरूर दे अब आगे संध्या राइटिंग रूम की तरफ देखती है जहां उसे कुछ अजीब लगता हैं संध्या खुद से कहती हैं _ मुझे बोला नहाने जा रही है और वहां पहुंच गई रुको अभी बताती हूं संध्या को लगता हैं तारा उस रूम में है इसलिए वो उस रूम की तरफ जाती है अन्दर पहुंचती तभी उसके कंधे पर कोई हाथ रखता है संध्या चिल्ला कर _ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ...... पीछे खड़ी लड़की भी चिल्ला कर _ आ आ आ आ आ आ..... संध्या देखती हैं सामने तारा खड़ी है दोनों चिल्ला रही थी तारा डर कर _ चिल्ला क्यों रही हैं संध्या _ तू क्यों चिल्ला रही हैं तारा _ तू चिल्लाई इसलिए.... संध्या _ मुझे लगा तू अंदर है... तारा _ तुझे कहा था ना , नहाने जा रही हूँ तो अंदर वहां राइटिंग रूम में क्यों जाऊंगी मैं.... संध्या रूम की तरफ देख कर _ ऐसा लगा तू वहां पर है इसीलिए तुझे देखने जा रही थी तारा _ क्या बोल रही हैं यार , तारा भी रूम की तरफ देखती हैं तारा रूम में जाती हैं और संध्या उसके पीछे जाती हैं तारा रूम को देखती हैं चारो तरफ रूम में कोई नहीं था संध्या तारा की तरफ देख कर _ यार लेकिन मुझे लगा कि कोई है यहां... तारा _ संध्या यार , तभी तारा ध्यान देती हैं कि रात को तो वो लैपटॉप बंद करके गई थी लेकिन तभी लैपटॉप टेबल पर रखा था और खुला हुआ रखा था तारा खुद से कहती हैं _ यार , लैपटॉप तो मैं बंद करके गई थी संध्या _ क्या बोल रही हैं तारा टेबल के पास जाकर चेयर पर बैठती है और कहती हैं _ यार संध्या सच में लैपटॉप मैं बंद करके गई थी संध्या कन्फ्यूजन से तारा को देखती हैं तारा लैपटॉप ऑन करती हैं तो वही पेज खुला हुआ था जो रात को उसने डिलीट किया था संध्या पेज देख कर _ तूने नई कहानी शुरू भी कर दी..... क्या नाम है , ध्रुव तारा... संध्या हस कर। _ वाह अपने नाम से ही कहानी लिख रही हैं तारा _ नहीं यार , मैंने अभी कोई नई कहानी नही शुरू की है संध्या _ तो ये क्या है मैडम तारा _ पता नहीं यार , कल रात को मैने ये पेज डिलीट कर दिया था पता नहीं कैसे फिर से आ गया है टाइपिंग भी हुई है नाम डिलीट किया था मैने संध्या हस कर _ अच्छा तो खुद ही टाइपिंग हो गई , वाह तारा संध्या को देख कर _ I'm serious..... संध्या हसी रोक कर _ ओके यार.... शायद तूने अच्छे से डिलीट नहीं किया होगा इसलिए वो रह गया जा नहा ले मैं नाश्ता बनाती हूं तारा काफी सोचती हैं फिर नहाने चली जाती है और लैपटॉप वही छोड़ जाती हैं संध्या नाश्ता बनाने लगती हैं तारा अभी भी उसी बारे मे सोच रही थी कुछ देर में दोनों नाश्ते की टेबल पर बैठी हुई थी और नाश्ता कर रही थी संध्या _ क्या सोच रही हैं तारा तारा _ पता नहीं यार मुझे पूरा याद है कि मैंने लैपटॉप में वो पेज डिलीट कर दिया था फिर ऐसा कैसे हुआ संध्या अपना सर पकड़ कर _ अरे यार , सुन ध्यान देना बंद कर अपनी नई कहानी और मेरी फिक्स की हुई डेट के बारे मे सेसोच यार तारा संध्या को देख कर _ नहीं यार मुझे नहीं जाना है संध्या _ सुन तारा , मेरी फैमिली मेरी शादी के पीछे पड़ी है और मैं चाहती हूं मेरी शादी से पहले मैं तुझे सेटल कर दु... तारा मुस्कुरा देती हैं और कहती है _ वाह तू मुझे इतना प्यार करती हैं संध्या _ हा बिल्कुल तू लड़का होती तो मैं तुझसे ही शादी कर लेती तारा संध्या हंसने लगते है संडे उनका मौज मस्ती करते हुए बीतता है रात का समय तारा संध्या के फॉर्स करने पर उसकी सेट की हुई डेट पर जाती हैं तारा ने एक सिंपल से चिकनकरी कुर्ता और बॉटम में जींस डाली हुई थी कानो में सिंपल छोटे इयरिंग्स और हाथ में वॉच , तारा ने हिल्स पहनी हुई थी और अपनी पर्स लेकर गाड़ी से उतरती है तारा रेस्टोरेंट के अंदर जाती हैं तो सामने खड़ा वेटर पूछता है _ मैम शीट नंबर तारा थोड़ा सोच कर _ आ वो 102 वेटर _ ओके मैम मेरे साथ आइए वेटर उसे सीट नंबर 102 के सामने लाकर खड़ा कर देता है और कहता है _ एंजॉय मैडम तारा सामने बैठे लड़के को देखती हैं वो लड़का खड़ा होकर _ हाय वेटर चला जाता हैं तारा उस लड़के से हाथ मिला कर _ हाय मैं तारा सामने खड़ा लड़का मुस्कुरा कर _ मेरा नाम समीर है समीर गुप्ता तारा बैठ जाती हैं सामने की कुर्सी पर समीर भी बैठ जाता है तारा समीर को देखती हैं समीर ने चश्मा पहना हुआ था फॉर्मल कपड़े पहने थे और सेट बाल थे हाथ में सिम्पल सी घड़ी थी और पैरों में फॉर्मल जूते तारा उसे ऊपर से नीचे तक देखती हैं समीर _ कुछ ऑर्डर करे समीर तारा कुछ डिश ऑर्डर करते है और उसके बाद बाते करते है समीर _ जब तक ऑर्डर आ रहा है तब तक कुछ बात कर लेते है तारा हस देती हैं समीर _ देखो यार , मुझे ये डेट वेट पर आना आता नहीं है वो संध्या ने मेरा जीना हराम कर डाला था इसलिए मैं आया और यहां आकर पता चला कि वो तुम हो जो मेरी डेट है तारा हस कर _ अच्छा , मतलब तुम्हारी पहली डेट है समीर _ हा , मै कभी डेट पर नहीं गया.... तारा _ मैं भी। समीर _ अच्छी बात है मुझे लगा इतनी फेमस लड़की हो तो.... तारा हस कर _ नहीं ऐसा नहीं है मैं कभी डेट मत नहीं गई फेमस हूं तो क्या.... समीर _ हा बात सही है , अच्छा मैं अपने बारे मे कुछ बताता हूं दोनों नर्वस थे समीर _ मेरा नाम समीर है ये तो तुम जानती ही हो , मैं 26 साल का हूं और एक कंपनी मैं हेड मैनेजर हूं मेरी प्लेसमेंट जॉब है कंपनी इंटरनेशनल है उसके ऑनर अमेरिका से है और उनका एक ऑफिस यहां भी है तारा _ अच्छा समीर _ खाना सिंपल ही पसंद करता हूं मां पापा है एक छोटी बहन है जो स्कूल में पढ़ती हैं तारा _ अच्छा समीर _ मुझे ये डेट वेट समझ नहीं आती , शादी करना चाहता हूं तो ऐसी लड़की ही चाहता हूं शादी टाइप.... तारा _ मुझे भी शादी करनी है क्योंकि प्यार व्यार कभी फील नहीं किया समीर _ क्या बात है, रोमेंटिक नोवेल लिखने वाली मशहूर राइटर तारा किसी से प्यार नहीं करती तारा हस कर _ हा ऐसा ही है मेरी नोवेल्स जितनी रोमेंटिक होती हैं मैं उतनी ही अनरोमांटिक हूं समीर हस देता है तभी दोनों का खाना आ जाता है तारा समीर बाते करते करते डिनर करते है दोनों की बॉन्डिंग अच्छी हो गई थी डिनर के बाद तारा अपनी गाड़ी में बैठने लगती हैं समीर _ फिर मिलेंगे तारा थोड़ा सोच कर स्माइल करके _ क्यों नहीं..... समीर मुस्कुरा देता है दोनों अपने अपने रास्ते चले जाते है तारा घर आकर सो जाती हैं क्यों कि संध्या अपने घर चली गई थी .... कैसा लगा आज का एपिसोड कमेंट करके बताए और लाइक शेयर करें thank you

  • 5. ध्रुव तारा The novel world - Chapter 5

    Words: 1487

    Estimated Reading Time: 9 min

    follow for more episodes..... ❤️❤️ अब आगे दूसरी सुबह तारा उठती है और अपना नाश्ता बना रही थी तभी उसका फोन बजता है तारा नाश्ता बनाते हुए फोन लेने जाती हैं और फोन देख कर हस कर कहती है _ इस लड़की को बिल्कुल चैन नहीं हैं तारा फोन उठाती हैं उधर अपने स्कूल में पहुंच कर अपना बैग रखते हुए संध्या कहती हैं _ यार बता न कल क्या हुआ , मैं तुझे पूछने वाली थी लेकिन नीद आ गई थी तारा _ क्या बताऊं ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है संध्या भौहें सिकोड़ कर _ क्या मतलब कुछ नहीं हुआ , डेट पर गए थे न क्या बाते हुई क्या फील किया तूने , अच्छा ये ही बता दे कैसा लगा तुझे समीर तारा नाश्ता टेबल पर रखते हुए कुर्सी पर बैठ कर कहती हैं _ समीर अच्छा है मुझे उसका नेचर अच्छा लगा , वही सब नॉर्मल बाते की हमने, एक दूसरे के बारे मे जाना बहुत कुछ...... फील क्या किया? ये तो अभी कुछ आइडिया नहीं है यार.... संध्या _ क्या मतलब आइडिया नहीं है तुझे अच्छा लगा होगा तो दोबारा मिलना होगा तारा _ अरे यार पहली बार मिले थे क्या ही फील करु सांध्य _ देख तारा , अच्छा दिखता है तो तू सकल की वजह से रिजेक्ट नहीं कर सकती , अच्छा पैसा कमाता है अच्छी जॉब भी है तो फिर तारा हस कर _ तो फिर क्या , संध्या _ तो बता तुझे कैसा लगा , अगर वो मुझसे पूछेगा कि अब आगे उसको तुझसे मिलना है तो मैं क्या बोलूंगी तारा थोड़ा सोच कर _ अरे यार मैं क्या बोलूं मुझे खुद नहीं पता कि मुझे क्या बोलना है.... संध्या _ अरे यार , तारा बस इतना बता की तुझे वो कैसा लगा , तू दोबारा उससे मिलना चाहती है कि नहीं..... तारा थोड़ा सोच कर _ अच्छा लगा , समीर अच्छा है संध्या _ ठीक है मैं उससे कह दूंगी कि तुझे वो अच्छा लगा है तुम लोग दोबारा मिल सकते हो तारा _ अरे ऐसे डायरेक्टली बोल देगी संध्या हस कर _ तो क्या करु , एक मीटिंग बुलाऊं उसके बाद बोलूं.... तारा _ ऐसा कुछ नहीं है..... फिर मिलेंगे तो मैं बोल दूंगी संध्या _ ठीक है वो तेरा नंबर मांग रहा था मैं उसे दे दूंगी तुम दोनों आपस में बात कर लेना तारा _ ठीक है दे देना , अच्छा लड़का है मुझे भी नॉर्मल लाइफ और नॉर्मल फैमिली चाहिए ...... संध्या _ हा हा एक नॉर्मल लाइफ ही होगी तेरी , एक छोटा सा परिवार होगा..... जिसमें तू बहुत खुश रहेगी तेरी कहानियों की तरह नहीं जिसमें मार धड़ हो.... तारा हस देती है तारा _ चल मुझे करन से मिलने जाना है ताकि नई कहानी के बारे मे कुछ सोच सकू...... संध्या _ ठीक है तारा फोन कट कर के अपना नाश्ता खत्म करती हैं और फिर नहा धो कर करन से मिलने के लिए चली जाती हैं करन के ऑफिस में करन _ तारा नई कहानी का नया नाम है कुछ टाइटल सोचा तारा काफी देर सोचती है तभी करन की असिस्टेंट आकर कहती हैं _ सर मैम की नई कहानी का टाइटल ध्रुव तारा है तारा उसको देखती है करन थोड़ा सोच कर _ wow nice title.... तारा _ ऐसा कुछ नहीं है , कहा देखा तुमने.... करन की असिस्टेंट _ मैम आपका लैपटॉप बाहर था मैं ले आ रही थी तब देखा करन _ ऐसा नहीं करना चाहिए किसी की पर्सनल चीजों को हाथ नहीं लगाना चाहिए तारा _ कोई बात नहीं , लेकिन मेरी न्यू नोवेल का टाइटल ध्रुव तारा नहीं है मैं ऐसा नाम क्यों रखूंगी करन _ नो नो तारा , इट्स परफेक्ट..... तारा कहानी जो भी हो टाइटल यही रखना , कहानी का टाइटल जब तुम्हारे अपने नाम पर होगा तो देखना लोगो को कहानी पढ़ने में और इंटरेस्ट आएगा लोगों के अंदर क्यूरोसिटी होगी कि ऐसा क्या है कहानी में , कही कहानी तुम्हारी ही लाइफ पर बेस्ड तो नहीं है तारा थोड़ा सोचती हैं करन _ तारा अच्छी पब्लिसिटी होगी देखना तुम तारा काफी देर सोच कर _ यस एस.. मैं यही टाइटल रखूंगी करन _ तो कब आ रही हैं कहानी तारा करन को घूर कर _ बोला न अब छह महीने बाद.... मैं भी तभी मिलूंगी और कहानी भी तभी आएगी और उठ कर जाने लगती हैं करन तेज आवाज में _ अरे हम आ जायेंगे मिलने , घर देखा है तुम्हारा.... तारा हस कर _ ओके.... और चली जाती हैं तारा शाम को समीर से फिर मिलती है दोनों काफी देर बैठते है और बाते करते है ऐसे ही दिन बीतते है और डेढ़ महीना हो जाता है दोनों बहुत मिलते है तारा समीर की फैमिली से भी मिलती है दोनों एक दूसरे को काफी पसंद करने लगे थे तारा ने भी सोच लिया था कि समीर उसके लिए बहुत अच्छा है लेकिन उसे नहीं पता था कि उसकी कहानी लिखने वाला उसकी कहानी में कुछ और ही लिख रहा है संध्या तारा बैठे थे संध्या _ क्या बोल रही हैं समीर ने सच में शादी के लिए पूछा तारा _ हा। , उसने ऐसे ही बातों बातों मे कह दिया कि उसे मुझसे शादी करनी है उसे मैं बहुत पसंद हूं संध्या खुश हो जाती हैं और कहती हैं _ वाह यार , फाइनली वो दिन आएगा जब तेरी शादी होगी..... मैं बहुत खुश हूं कि तुझे तेरा लाइफ पार्टनर मिल गया जिससे तू इतना प्यार करती हैं तारा हस कर _ नहीं मुझे समीर से प्यार नहीं है.... संध्या हैरानी से _ क्या क्या बोल रही हैं तू , तुम दोनों मिलते हो बाते करते हो तू उसकी फैमिली से मिली उसने तुझे शादी के लिए पूछा और तू अब कह रही हैं कि तुझे उससे प्यार नहीं है तारा _ हा कभी ऐसा फील नहीं हुआ, कभी प्यार जैसा लगा ही नहीं जैसा किताबों और कहानियों में लिखा होता है कि प्यार होते ही क्या क्या होता है संध्या _ तो तुझे किताबों वाला प्यार चाहिए था तारा _ नहीं यार ऐसा नहीं है बस एक दोस्त की तरह लगता हैं अच्छा इंसान है बाकी कभी फील नहीं हुआ कि उसके आते ही दिल धड़कने लगे सांसे थम जाए या या फिर हवाएं भी अच्छी लगने लगे संध्या अपना माथा पीट कर _ हे भगवान अब उसके लिए क्या किया जाए , तारा ये कोई नोवेल नहीं है लाइफ है और तूने कहा न दोस्त की तरह लगता हैं यार हर प्यार की पहली नींव ही दोस्ती होती हैं जब तक एक दूसरे को जानोगे नहीं पहचानोगे नहीं तब तक प्यार कैसे होगा और दोस्ती होती ही इसलिए है ताकि एक दूसरे को जान सके.... तारा संध्या को देख कर _ वाह , कहानियां मैं लिखती हूं और इतनी अच्छी स्पीच तूने दी है संध्या _ स्पीच नहीं है यार , देख मैं समीर को बहुत पहले से जानती हूं वो बहुत अच्छा लड़का है और तुझे प्यार भी करता है तो मुझे लगता हैं कि मेरी बेस्ट फ्रेंड उसके साथ रहे जो उससे इतना प्यार करता हो... तारा _ तो तू क्या चाहती हैं मैं कर लू शादी उससे.... संध्या _ देख वो तुझे पसंद तो है हा अभी एक दोस्त की तरह पसंद है लेकिन है तो न.... अभी तुम दोनों सगाई कर लो फिर एक दो साल में शादी कर लेना..... ऐसा तो नहीं है कि इसके बीच कुछ ऐसा हो जाएगा कि शादी नहीं हो पाएगी तो इस बीच तुम दोनों एक दूसरे को जान भी जाओगे और तेरी दोस्तो प्यार भी बन जाए शायद तारा हस देती हैं संध्या _ बोल ना यार तारा हस कर _ ओके..... ठीक है मैं समीर को हा कह दूंगी संध्या खुशी से उसके गले लगा जाती हैं एक दिन टाइम निकाल कर समीर तारा मिलते है जहां तारा समीर को कहती हैं _ की हम अभी सगाई कर लेते है समीर खुश हो जाता हैं दो महीने बीत चुके थे आज समीर तारा की सगाई थी बहुत छोटी सी सेरेमनी थी समीर की फैमिली थी तारा के साथ संध्या और करन और उसकी असिस्टेंट थी करन _ सोचा नहीं था कि दो महीने के अंदर तारा सगाई कर रही होगी करन की असिस्टेंट कहती हैं _ सर आपकी उम्र तो मैडम से भी ज्यादा है आपको भी अब शादी कर लेनी चाहिए करन उसे घूर कर _ अच्छा अब तुम मुझे बूढ़ा कह रही हो करन की असिस्टेंट _ नो नो सर मैने बूढ़ा नहीं कहा मैने तो कहा कि आप की उम्र अब शादी की हो चुकी हैं इधर तारा समीर खड़े थे तारा ने एक पेस्टल कलर का लहंगा पहना था वहीं समीर ने उसी कलर का इंडो वेस्टर्न कुर्ता पहना हुआ था दोनों खुश थे मुस्कुरा रहे थे संध्या भी बहुत खुश थी समीर की मां आकर तारा को टीका करती हैं और उसको चुनरी देती हैं साथ में कुछ गहने भी दोनों एक दूसरे को अंगुठी पहनाते है और सभी खुश होकर ताली बजाते है ....... कैसा लगा आज का एपिसोड कमेंट करके बताए और लाइक शेयर करें thank you

  • 6. ध्रुव तारा The novel world - Chapter 6

    Words: 1133

    Estimated Reading Time: 7 min

    follow for more episodes अब आगे तारा समीर को अंगूठी पहनाती है और समीर तारा को , दोनों स्माइल करते है सभी तालियां बजाते है समीर धीरे से _ कांग्रेटस .... तारा मुस्कुरा कर _ तुम्हे भी... तारा समीर, समीर के माता पिता से मिलते है दोनों उनका आशीर्वाद लेते है समीर की मां तारा को गले लगा कर _ सदा खुश रहो , अपने परिवार को हमेशा खुश रखो तारा मुस्कुरा देती हैं समीर की बहन सिया उसके गले लग कर कहती है _ भाभी आप जल्दी घर में जाओ अब मैं सबको बताऊंगी कि मेरी भाभी कितनी सुंदर है तारा मुस्कुरा देती हैं संध्या भी दोनों को बधाई देती है वो सबसे ज्यादा खुश थी तारा करन और उसकी असिस्टेंट से मिलती है दोनों तारा को बधाई देते है तारा मुस्कुरा रही थी करन _ यार तुम्हे इतनी जल्दी शादी की क्या जरूरत थी तारा _ शादी कहा है यार , अभी तो सगाई हुई है मैं तुम्हारी ये नोवेल पूरी करने के बाद ही शादी करूंगी करन _ वो बात नहीं है मुझे लगा था तुम लव मैरिज करोगी फिर ये कैसे.... संध्या आकर उन लोगो के पास खड़ी होती हैं और कहती है _ क्या पता शादी होते होते लव भी हो जाए..... दोनों मुस्कुरा देते है करन _ बढ़िया है फिर तो..... खाना पीना होता है थोड़ा बहुत डांस होता है और सब अपने अपने घर चले जाए है तारा घर में अकेली थी वो कपड़े बदल कर बेड पर बैठती हैं और अपने हाथ को देख कर _ शादी कर रही हूँ मैं..... सोचा नहीं था कि लाइफ की इस स्टेज पर आ जाऊंगी थोड़ी देर सोचते हुए तारा सो जाती है दूसरी सुबह तारा नाश्ता करके अपना लैपटॉप लेकर बैठती है और सोचते हुए कहती हैं _ इस कहानी में विलेन को स्ट्रांग दिखाना है और उसे मारना है पहला नोट , सेकंड नॉट लीड का नाम ध्रुव तारा होना चाहिए..... ओके लिखना शुरू करते हैं दो घंटे तक तारा कहानी को लिखती रहती है tanhi तारा के पेट से आवाज आती हैं तारा अपना पेट पकड़ कर _ भूख लग गई हैं तारा लैपटॉप रख कर कुछ बनाने चली जाती हैं आधे घंटे में तारा अपना नॉर्मल आ खाना दाल चावल और आलू की सब्जी लाकर बैठती हैं और खाने हुए लैपटॉप उठाती है तारा की नजर पेज पर जाती हैं वो कुछ नोटिस करती है उसमें विलेन का नाम ध्रुव हो गया था और लीड का नाम विलेन के नाम पर था जो राघव हो गया था क्योंकि तारा ने विलेन का नाम राघव उर्फ रघु रखा था और लीड का नाम ध्रुव रखा था तारा पेज को ध्यान से देखती हैं उसे अपनी आंखे पर भरोसा नहीं होता है वो तुरंत खाने की प्लेट बगल में रख कर तुरंत लैपटॉप अपने हाथों में ले लेती है और ध्यान से देखती हैं जो वही हुआ था हीरो और विलेन का नाम आपस में बदल गया था तारा _ ऐसे कैसे हो सकता है मैने तो जहां तक याद है यही लिखा था कि हीरो का नाम ध्रुव और विलेन का नाम राघव होगा तारा फिर से नाम सारे पेजों से बदलती है और सेव कर देती हैं तारा गहरी सास लेकर _ अब ठीक हुआ लेकिन मुझे याद है कि मैंने सही नाम लिखा था कोई बात नहीं...... तारा कुछ चैप्टर्स लिख चुकी थी वो सेव करके आराम करने के लिए अपनी आंखे बंद कर लेती है कुछ देर में तारा गहरी नींद में आ जाती हैं रात का समय तारा सड़क पर भाग रही है उसके पीछे चार बड़ी गाड़ियां उसका पीछा कर रही थी तारा भागते हुए _ अब क्या होगा कोई बचाओ मुझे.... तारा अपनी पूरी जान लगा कर भाग रही थी पीछे आ रही गाड़ियां उसकी ओर तेजी से आ रही थी उनमें से एक गाड़ी से एक बंदा निकलता है और तारा पर गोली चला देता है तारा चिल्लाकर _ नहीं और उठती है तारा पसीना पसीना हो गई थी तारा अपने आस पास देखती हैं वो बेड पर थी तारा का दिल जोरो से धड़क रहा था तारा अपने सीने पर हाथ रख कर _ कैसा सपना था मुझ पर गोली कौन चलाएगा तारा खिड़की से बाहर देखती हैं शाम हो चुकी थी तारा _ मैं इतना सोई... तारा अपना फोन चेक करती हैं उस पर समीर का उसकी मां का और संध्या का फोन आया हुआ था तारा _ पहले कॉफी पी लेती हुं तारा उठ कर अपना मुंह धुलती है और कॉफी बना कर आती हैं समीर की मां को कॉल करके उससे बात करती हैं उसके बाद वो संध्या से बात करती हैं और फिर समीर से समीर तारा को रात का डिनर उसके साथ बाहर करने को कहता है तारा हामी भर देती हैं तारा अपने घर की बालकनी में आती हैं और बाहर की शहर की लाइट्स देखते हुए कहती है _ कैसा सपना था..... क्या मैं ऐसी कहानी लिखूंगी कभी की लोग मुझ पर गोली चला देंगे या फिर कहानियां लिखने का असर है कुछ देर में तारा रेडी होकर समीर के साथ डिनर पर चली जाती हैं दूसरी सुबह तारा अपना रूटीन फॉलो करती है नोवेल का अगला चैप्टर लिखती है वो पिछला चैप्टर नहीं देखती है तारा राइटिंग कर रही थी तभी उसका फोन बजता है तारा फोन उठाती हैं तो करन का फोन था तारा _ बोलो करन करन _ शाम को मिलते हैं कहानी का रिव्यू भी करना है मेरे साथ रिया भी होगी रिया ( करन की कंपनी की एंप्लॉई जो कंपनी की सारी नोवेल्स का रिव्यू करती है ) तारा _ ओके शाम को मिलते है साथ में डिनर करेंगे.... करन _ बढ़िया... तारा कहानी पूरी करने लगती हैं शाम का टाइम तारा अपना लैपटॉप लेकर घर से निकलती हैं कुछ देर में करन रिया और तारा टेबल पर बैठे थे सभी ऑर्डर कर रहे थे करन _ हा तारा रिया आ गई है अब अपनी नोवेल का रिव्यू हो जाएगा रिया _ तारा नोवेल.... तारा अपना लैपटॉप रिया की तरफ कार देती हैं करन तारा रियल को देख रहे थे रिया नोवेल को रिव्यू कर रही है तारा _ कैसी लगी रिया रिया _ अच्छी है लेकिन तुमने विलेन और हीरोइन के नाम पर, नोवेल का टाइटल लिखा है तारा हैरानी से _ नहीं ऐसा तो कुछ नहीं है.... रिया _ नहीं तुमने टाइटल ध्रुव तारा दिया है लेकिन विलेन का नाम ध्रुव दिया है और फीमेल लीड का तारा.... और मेल लीड का राघव..... तारा _ नहीं तुमने नाम बदल दिया है ऐसा कुछ नहीं है रिया करन की तरफ लैपटॉप करके कहती हैं _ तुम देखो करन करन भी देखता है रिया सही बोल रही थीं करन _ हा तारा , रिया इज राइट... तारा लैपटॉप अपनी तरफ मुड़ती है और पढ़ना शुरू करती है तारा हैरान थी ........ कैसा लगा आज का एपिसोड कमेंट करके बताए और लाइक शेयर करें thank you

  • 7. ध्रुव तारा The novel world - Chapter 7

    Words: 1746

    Estimated Reading Time: 11 min

    अब आगे

    तारा हैरानी से लैपटॉप की तरफ देख रही थी उसके चेहरे के हाव भाव बता रहे थे कि वो खुद हैरान थी

    रिया करन एक दूसरे को देखते है करन _ तारा क्या हुआ

    तारा हैरानी से _ ऐसा कैसे हो सकता है यार ,

    रिया _ what you means

    तारा उन लोगो को देखते हुए कहती हैं _ मैने तो नाम सही रखा था , मैने हीरो का नाम ध्रुव और विलेन का नाम राघव उर्फ रघु रखा था , पता नहीं कैसे ऐसा हो गया....

    करन रिया एक दूसरे को देखते है रिया _ hold on hold on... मैं बदल देती हूं न कोई प्रॉब्लम नहीं है ok

    करन _ yahh it's great

    तारा परेशान होकर कुछ सोचते हुए _ लेकिन मैने.....

    रिया काफी देर से नाम बदलने की कोशिश कर रही थी लेकिन बार बार इरर बता रहा था

    रिया _ तारा तुम्हारे लैपटॉप में कुछ प्रॉब्लेम है क्या या ये बिगड़ गया है

    करन _ ऐसा क्यों

    तारा भी रिया की बात सुनती हैं

    रिया _ क्योंकि सिस्टम बार बार इरर बता रहा है नाम बदल ही नहीं रहा है न

    तारा लैपटॉप को अपने हाथ में लेती हैं और खुद नाम बदलने की कोशिश करती हैं लेकिन उसके साथ भी वैसा ही हुआ

    तारा _ ये सब क्या हो रहा है

    करन तारा के हाथ से लैपटॉप लेकर उसे बंद कर देता है और कहता है _ डॉन्ट वरी मैं कल तुम्हे न्यू ब्रांडेड लैपटॉप भिजवाता हूं तुम उस पर काम करो ठीक है

    तारा रिया एक दूसरे को देखते है

    तारा _ फाइन , लेकिन मेरा भरोसा करो मैने वही नाम रखा था जो डिसाइड हुआ था

    रिया तारा का हाथ पकड़ कर _ इट्स ओके तुम स्ट्रेस मे हो थोड़ा आराम करो फिर काम करो ओके

    तारा परेशान हो गई थी कि अचानक उसके लैपटॉप को क्या हुआ

    थोड़ी देर बाद तीनों घर के लिए निकल जाते है

    तारा घर पहुंचती है और उसी बारे मे सोच रही थी तारा बेड पर लेटती है और कहती हैं _ मैने तो सही नाम रखा था….... ये सब क्या हो रहा है

    ये सब सोचते हुए तारा सो जाती हैं

    सुबह का वक्त

    मुंबई शहर का एक आफिस सभी एम्प्लॉय अपना काम कर रहे थे कुछ गर्ल्स एम्पलॉइज अपने हैंडसम डैशिंग और रूड सी ई ओ के बारे में बात कर रही थी कि वो कितना हैंडसम है कितना अमीर है इतनी बड़ी फैमिली का बेटा है और वारिश भी ,

    वहीं काम करने वाली एक एंप्लॉई तारा जो उन सब लड़कियों के लिए कॉफी लाकर रखती हैं और अपना चश्मा ठीक करती है

    तभी एक लड़का भागते हुए आकर कहता है _ guys guys , boss is here

    सभी लड़कियों अपने आप को ठीक करने लगती है

    तारा जो मासूमियत से सामने से आ रहे सी ई ओ को देख रही थी उसके हाथ में अभी भी एक कॉफी थी

    सभी लड़कियों सामने देखती हैं

    सामने से कंपनी के सी ई ओ आ रहे थे भूरी आंखे गेहूंआ रंग खतरनाक चेहरा 6.11 हाइट, चेहरे पर डरा देने वाला भाव , उस सी ई ओ ने ब्लैक कलर का सूट पहना हुआ था जो उसकी पर्सनेलिटी को शूट कर रहा था

    उसके पीछे दो बॉडीगार्ड उसके पीछे चल रहे थे और साथ में उसका राइट हैंड विशेष उसके साथ खड़ा था

    सी ई ओ बिना किसी को देखे आगे आ रहा था वहीं सभी लड़कियां अपना काम छोड़ उसे देखते हुए _ good morning president good morning president बोल रही थी

    तारा भी अपने हाथ में एक कॉफी मग लेकर सामने देख रही थी

    सी ई ओ वहां से गुजरते है तभी एक लड़की मन में कहती हैं _ तारा तुम बहुत प्रेसिडेंट के आस पास उनकी सेक्रेटरी बन कर रहती हो न , आज तुम्हे मजा चखाती हूँ

    वो लड़की तारा को धक्का दे देती हैं तारा अचानक हुए इस वार से बच नहीं पाती है सीधा सी ई ओ के ऊपर गिर जाती हैं

    सभी की आंखे बड़ी हो जाती है सी ई ओ ऐसे ही खड़े थे जैसे कोई पत्थर हो वही तारा को एहसास हुआ कि उसने कॉफी सी ई ओ के ऊपर गिरा दी है और उनका पूरा कोट खराब कर दिया है

    विशेष हैरान था क्योंकि सी ई ओ तारा को घूर रहे थे

    तारा डरते हुए _ सॉरी सॉरी प्रेसिडेंट....... सॉरी

    सी ई ओ तुरंत विशेष को चिल्ला कर कहते है _ इसको अभी के अभी फायर करो right now..... और चले जाते है

    तारा वही बैठ कर रोते हुए _ नहीं प्लीज़ ऐसा मत करो नहीं.....

    तभी दो गार्ड आते है और तारा को उठा कर ऑफिस से बाहर धक्का दे कर निकाल देते हैं

    तारा चिल्ला कर _ नहीं......

    तभी वो उठती है

    तारा हाफ रही थी वो पसीने से भीगी हुई थी

    तारा अपने दिल पर हाथ रख कर _ मैं सपना देख रही थी what the hell

    तारा सीधे बेड पर लेट जाती हैं और छत को देखते हुए _ क्या घटिया सपना था , मैं क्यों किसी की सेक्रेटरी बनूंगी और इतना बुरा काम की धक्का देकर निकाल दी जाऊंगी

    लेकिन चेहरा मेरा ही था

    तारा अपने माथे को रगड़ती है तारा _ सी ई ओ..... ओह माय गॉड नोवेल्स लिखते लिखते मैं पागल हो गई हूं कुछ भी सोच रही हूँ

    ऐसा लगा जैसे जी रही थी वो लाइफ , सब कुछ रियल लग रहा था

    तारा बेड से उठती है और नहाने के लिए शॉवर के नीचे आ जाती हैं

    तारा नहाते हुए उसी सपने के बारे मे सोच रही थी तभी उसे कुछ याद आता है तारा अचानक हैरान हो कर _ no way ऐसा नहीं हो सकता

    तारा तुरंत शॉवर बंद करके टॉवेल पहन कर अपने राइटिंग रूम में चली गई थी और लैपटॉप खोलते हुए खुद से कहती हैं _ पॉसिबल ही नहीं है ऐसा कैसे हो सकता है

    तारा लैपटॉप में नोवेल का वो पार्ट पढ़ती हैं और हैरान होकर _ ये कैसे हो सकता है मैं अपनी ही नोवेल का सपना कैसे देख रही हूं ये पार्ट तो मैने पहले एपिसोड में लिखा था जहां विलेन और हीरोइन का आमना सामना होता है और हीरो आकर उसे बचाता हैं

    तारा पागल हो रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है

    तारा _ how is this possible.... मेरी पूरी नोवेल ही बदल रही है कि ये सब मैं ही सोच रही हूँ

    तभी करन का फोन आता है तारा फोन के पास जाकर फोन उठा कर _ क्या हुआ

    करन _ तुम्हे क्या हुआ

    तारा _ करन आज मैं ऑफिस आऊंगी बहुत जरूरी बात करनी है

    करन _ ओके आ जाओ

    तारा तुरंत रेडी होने लगती हैं वो फटाफट नाश्ता करती है और अपना कुछ जरूरी सामान लेकर और साथ में लैपटॉप लेकर वहां से ऑफिस के लिए निकल जाती हैं

    तारा अपनी गाड़ी में थी तभी उसके मंगेतर का फोन आता है तारा _ मैं तुमसे बाद में बात करती हूँ

    और चली जाती हैं थोड़ी देर में वो ऑफिस पहुंचती हैं बाहर तारा के कुछ फैन्स मिलते है तारा उनके साथ पिक्चर लेती है और अंदर चली जाती हैं

    करन तारा का वेट कर रहा था तारा को देख कर वो खुश होते हुए _ तारा My star

    वो तारा को हग करने वाला होता है तभी उसका हाथ पकड़ कर उसको मीटिंग रूम में ले जाती हैं करन की सेक्रेटरी भी पीछे पीछे जाती हैं

    तारा करन को चेयर पर बैठना का बोलती हैं और फिर लैपटॉप को उसके सामने खोल देती हैं

    और कहती हैं ये चैप्टर पढ़ो

    करन और उसकी सेक्रेटरी पढ़ते हैं दस मिनट में वो उस पार्ट को पढ़ लेते है

    करन _ अच्छा पार्ट तो है लेकिन तुमने नाम फिर से चेंज कर दिया है

    तारा परेशान होकर _ करन ऐसा कुछ नहीं है

    तारा थोड़ा गुस्से में थी तारा करन के सामने बैठ कर _ सुनो करन , मैने हीरो का नाम ध्रुव रखा और विलेन का नाम राघव रखा ओके

    करन _ ओके

    तारा _ तुम मानोगे नहीं लेकिन बार बार, मतलब बार बार नाम बदल जा रहा है हीरो के कैरेक्टर का नाम राघव और विलेन के कैरेक्टर का नाम ध्रुव हो जा रहा है मैं क्या करु इसके लिए बातओ मुझे......

    करन और उसकी सेक्रेटरी को लगता है कि तारा पागल हो गई हैं

    करन _ तारा रिलेक्स , तुम बहुत थक गई हो एक काम करो एक हफ्ते का रेस्ट ले लो , ओके

    तारा करन को घूर कर देखती हैं और कहती हैं _ तुम्हे लग रहा होगा न कि मैं बहकी बहकी बातें कर रही हूँ शायद पागल हो गई हूं

    करन _ ऐसा नहीं है.....

    तारा _ करन जो एपिसोड तुमने अभी अभी पढ़ा ये पूरा मैने सामने से जिया है

    करन और उसकी सेक्रेटरी एक दूसरे को देखते है क्योंकि दोनों को ही कुछ समझ नहीं आ रहा था

    तारा _ करन , मैने ये पूरा सीन किसी मूवी की तरह देखा है जिसमें मैं विलेन यानी तारा विलेन के सामने थी और विलेन का नाम ध्रुव था

    जो कंपनी मैने नोवेल में लिखी है वहीं कंपनी थी तुम मानोगे नहीं मैने विलेन का चेहरा भी देखा.....

    करन _ कहा देखा तुमने.....

    तारा दो मिनट चुप थी और फिर कहती हैं _ सपने में.....

    करन दो मिनट साइलेंस के साथ तारा को देखता है और फिर कहता है _ तारा तुम बहुत थक गई हो नोवेल लिख रही हो तो उसके बारे मे ज्यादा ही सोच रही हो

    इसलिए तुमने सपने में ऐसा कुछ देख लिया होगा

    एक काम करो तुम अभी के लिए हॉलिडे पर चले जाओ , और हम नोवेल के रिलीज डेट आगे बढ़ा देंगे

    ठीक है

    तारा गुस्से से _ तुम्हे समझ नहीं आ रहा है करन , ये सब अजीब है बहुत अजीब है

    करन _ तारा तुम....

    तारा खड़ी होकर _ करन मैने इतनी सारी नोवेल्स लिखी है मेरे साथ ऐसे आज तक नहीं हुआ तुम्हे क्या लगता है कि मैं

    करन _ तारा तारा रिलेक्स , एक काम करो तुम घर जाओ हम शाम को मिलते है

    तारा _ करन यार , तुम समझ नहीं रहे हो कुछ तो अजीब है

    करन _ तारा रिलेक्स घर जाओ ठीक है

    तारा एक गहरी सास लेकर _ ठीक है

    तारा अपना पर्स उठाती हैं और लैपटॉप को कार में रखकर वहां से निकल जाती हैं

    तारा उसी नोवेल के बारे में सोचती रहती हैं तभी सामने से एक गाड़ी आती हैं और तारा की कार से टकरा जाती हैं और तारा की गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है

    .......

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    thanku ❤️❤️

  • 8. ध्रुव तारा The novel world - Chapter 8

    Words: 1114

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे

    तारा का एक्सीडेंट होते ही उसकी नजर पहले अपने लैपटॉप पर जाती हैं उसकी कार उलट गई थी उसके माथे और सर से खून निकल रहा था

    तारा की नजर अपने लैपटॉप पर थी वो लैपटॉप को देखते देखते अपनी आंखे बंद कर लेती है

    तभी वहां एंबुलेंस आती हैं और उसे गाड़ी से बाहर निकालती है

    पुलिस ऑफिसर उसका पर्स चेक करते है और उसमें जो फोन निकलता है पुलिस फोन में पहला नंबर डॉयल करती हैं और करन को तुरंत फोन कर बताते है कि जिसका ये फोन है उसका एक्सीडेंट हुआ है और उसे हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है आप फौरन आ जाए

    तारा को एम्बुलेंस से हॉस्पिटल ले जाया जाता है

    करन सदमे में था और फोन उठा कर तुरंत संध्या को कॉल करता है और उसे बताता है कि तारा का एक्सीडेंट हो गया है

    संध्या घबरा जाती हैं

    करन हॉस्पिटल के लिए निकलता है और संध्या तारा के मंगेतर को बताती है कि उसका एक्सीडेंट हुआ है समीर घबरा जाता है

    संध्या बताती हैं कि वो हॉस्पिटल जा रही हैं समीर मीटिंग में था वो अपनी बहन और मां को बताता है

    इधर हॉस्पिटल में डॉक्टर तारा को चेक करते है और कहते है _ अभी सांसे चल रही है

    पुलिस तुरंत उसे एडमिट कराती हैं

    डॉक्टर तारा को तुरंत ले जाते है और उसका इलाज शुरू करते है

    तारा की आंखे बंद थी उसका पूरा शरीर खून से लतपथ था

    करन हॉस्पिटल पहुंचता है तो पुलिस उससे पूछती हैं कि उसका तारा से क्या रिश्ता है

    करन _ मैं उसका दोस्त हूं वो अनाथ है

    पुलिस हॉस्पिटल के पेपर्स को करन से फिल कराती हैं करन करता है वो घबराया हुआ था

    पुलिस बताती हैं कि अभी इलाज चल रहा है

    करन टेंशन में था

    तभी संध्या आती हैं और करन से पूछती हैं करन उसे वही सारी बातें कहता है जो उसे पुलिस ऑफिसर से बोली

    करन और संध्या ही उसके सब कुछ थे उसके दोस्त उसका परिवार थे जो बहुत परेशान थे

    पुलिस ऑफिसर चले जाते है क्योंकि तारा के गार्जियन आ चुके थे

    संध्या रोते हुए _ करन ये सब कैसे हुआ

    करन _ पता नहीं यार , मुझसे मिल कर निकली और फिर मेरे पास पुलिस ऑफिसर का कॉल आया

    संध्या _ ज्यादा चोट लगी है , करन _ मैं भी देख नहीं पाया , यही प्रे करो कि वो ठीक रहे

    संध्या _ हा

    इधर दो घंटे हो चुके थे डॉक्टर ओ टी से बाहर आते है संध्या करन तुरंत उसके पास जाते हैं करन _ डॉक्टर वो कैसी है वो ठीक है न उसे कुछ हुआ तो नहीं

    डॉक्टर दोनों को एक एक बार देखते हैं और कहते है _ दो घंटे में उन्हें होश नहीं आया तो हम आगे का कुछ बता नहीं पाएंगे

    संध्या _ आप क्या बोल रहे हो डॉक्टर , वो ठीक है न

    डॉक्टर _ अभी हम कुछ नहीं कर सकते

    डॉक्टर चले जाते है संध्या करन एक दूसरे को देखते है

    करन _ तुमने उसके मंगेतर को बताया , वो आया क्यों नहीं

    संध्या _ पता नहीं , मैने बताया तो था

    करन _ शाम हो चुकी है हम छह घंटे से यहां है और उसके होने वाले परिवार से कोई भी मौजूद नहीं है

    संध्या _ पता नहीं , मैने तो कहा था

    तभी समीर की मां और बहन आती हैं वो संध्या को देख कर उनके पास आती हैं और कहती है _ क्या हुआ बहु ठीक तो है न

    करन को पता नहीं क्यों गुस्सा आ रहा था करन कोई जवाब नहीं देता है

    संध्या _ आंटी ऑपरेशन हो चुका है लेकिन अभी होश नहीं आया है

    समीर की मां _ हे भगवान उसे ठीक रखना

    तभी समीर भागता हुआ आता है और कहता है _ तारा ठीक तो है न

    समीर _ डॉक्टर ने कहा है कि दो घंटे में होश नहीं आया तो वो कुछ बता नहीं सकते

    समीर _ हम मिल सकते है उससे

    संध्या _ हा चलो उसे वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया है मिल लेते है लेकिन वो अभी होश में नहीं है

    समीर वॉर्ड ने जाता है

    तारा हॉस्पिटल के कपड़ों में थी उसकी आंखे बंद थी वो लेती हुई थी उसके माथे पर पट्टियां लगी हुई थी नाक में ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था एक हाथ में ब्लड की ड्रिप लगी हुई थी

    संध्या की आंख में आशु आ जाते हैं समीर उसके पास बैठता है और उसका हाथ अपने हाथों में लेता है

    करन _ अचानक से ये सब कैसे हो गया

    संध्या _ इसने किसी का क्या बिगाड़ा था

    करन _ पुलिस ऑफिसर बोल रहे थे कि ट्रक का ब्रेक फेल था

    समीर की मां _ भगवान मेरी बहु को जल्दी ठीक कर दो

    समीर तारा का हाथ पकड़ कर _ क्या हो गया ये , तारा हम शाम को मिलने वाले थे न

    तारा वैसे ही बेजान पड़ी हुई थीं

    संध्या _ दो घंटे होने वाले है लेकिन तारा में कोई भी फर्क नहीं आया है

    इधर

    तारा की आंख खुलती है तो वो एक बाथरूम में बैठी थी

    तारा के बाल लंबे उसके कपड़े बदले हुए थे और उसकी नाक पर एक चश्मा था

    तारा खुद से कहती है _ मैं गाड़ी से ये कहा पहुंच गई

    तारा _ ये बाथरूम है

    तारा तुरंत बाथरूम से बाहर आती हैं और खुद को मिरर में देखती है

    तारा अपना लुक अपने कपड़े देखती है और कहती है _ ये क्या है मैं कहा हूं और मैंने ये कैसे कपड़े पहने हैं

    मैं तो गाड़ी में थी न......

    तारा थोड़ा सोचती हैं और बाथरूम से बाहर निकलती हैं और किसी से टकरा कर फर्श पर गिर जाती हैं

    तभी उसकी आंख खुलती हैं

    संध्या खुश होकर _ तारा को होश आ गया

    समीर उसकी मां और बहन के साथ साथ करन भी तारा को देखते हैं

    समीर _ तारा तारा तुम ठीक हो तुम्हे होश आ गया

    करन _ मैं डॉक्टर को बुलाता हूं

    करन जाने लगता है

    तारा धीरे से _ मैं कहा हूं और धीरे धीरे उसकी आंखे बंद हो जाती हैं

    समीर _ तारा तारा , तारा आंखे खोलो

    तभी डॉक्टर आते हैं

    डॉक्टर तारा को चेक करते हैं

    समीर हट जाता है

    डॉक्टर तारा को पूरी तरह चेक करते हैं और नर्स को उसका ऑक्सीजन मास्क ब्लड ड्रिप निकालने को कहते है

    नर्स सब कुछ निकालने लगती हैं

    सभी डर जाते है

    संध्या _ डॉक्टर आप ये क्या कर रहे हो

    करन _ डॉक्टर क्या हुआ तारा ठीक है न

    समीर _ डॉक्टर अभी अभी तो उसे होश आया था आप ये सब क्या कर रहे हो

    समीर की बहन रोते हुए _ क्या भाभी अब नहीं रही

    सभी शॉक हो जाते है

    ......

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