साहिल जो रह रहा था अपने किराए के मकान में और तभी वहां पर हुई कुछ ऐसी अजीब घटनाएं जिसे देखकर वह हो गया परेशान और तब उसे पता चला कि वह जिस घर में रह रहा था वह वहां अकेला नहीं था और तभी उसका सामना हुआ एक भटकती हुई आत्मा से लेकिन जब साहिल को पता चली सच्च... साहिल जो रह रहा था अपने किराए के मकान में और तभी वहां पर हुई कुछ ऐसी अजीब घटनाएं जिसे देखकर वह हो गया परेशान और तब उसे पता चला कि वह जिस घर में रह रहा था वह वहां अकेला नहीं था और तभी उसका सामना हुआ एक भटकती हुई आत्मा से लेकिन जब साहिल को पता चली सच्चाई के वह आत्मा उससे कुछ चाहती है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई आखिर क्या चाहती थी वह आत्मा उसे जानने के लिए स्टोरी को पूरा पढ़िए
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1 साहिल अचानक से चिल्लाता है और पूछता है - "कौन - कौन है वहां?" तभी अचानक से उस की आंख खुल जाती है और वह अपने बिस्तर पर उठ कर बैठता है; और अपने माथे का पसीना पोंछते हुए साहिल खुद से ही बोलता है - "फिर से वही धुंधली तस्वीर! आखिर कौन है? जो मुझे बार-बार सपने में दिखाएं देता है। वह बड़ा सा शीशा और उस में दिखती हुई काली परछाईं आखिर किस की है और वह क्यों मुझे बार-बार दिखती है मेरा उस के साथ क्या संबंध है? या वह मुझ से क्या चाहती है, और इस सपने का क्या मतलब है, जो हर बार रोज-रोज मुझे वही सपना आता है ।आखिर ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा है।" साहिल अपने में ही बड़बड़ाता हुए परेशान हो कर बोलरह होता है, तभी वह घड़ी की तरफ देखता है ,सुबह के 5:00 बज रहे होते हैं वह अब वापस सोना नहीं चाहता इसलिए अपने बिस्तर से उठ कर वह फ्रेश होने के लिए वॉशरूम जाता है और वहां पर मुंह धो कर जैसे ही टावल से अपना मुंह पूछता है। अचानक से उसे शीशे में वही काली परछाई दिखती है ,जो उसे कुछ देर पहले अपने सपने में दिखाई दी थी ।सहिल बहुत ही डर जाता है ,और भागता हुआ वाशरुम से बाहर निकलता है। सोचने लगता है ,यह क्या हो रहा है मेरे साथ कहीं यह मेरा कोई वहम तो नहीं। साहिल अपने आप को समझाता है और बोलता है कि यह मेरा वहम भी है। और वह हिम्मत जुटा कर फिर से वॉशरूम जाता है ।और फिर से उसी आईने में देखता है इस बार उसे कुछ भी नहीं दिखता। सब नॉर्मल लगता है तो वह वाशरूम से बाहर निकल कर तैयार हो कर जोगिंग के लिए निकल जाता है । (साहिल एक छोटे से गांव से दिल्ली में पढ़ने के लिए आया है, और वो नॉर्मल मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करता है । साहिल अपनी फैमिली में सब से बड़ा है, साहिल की फैमिली छोटी ही है। साहिल के अलावा उसकी छोटी बहन और मां पापा ही रहते हैं ।साहिल दिल्ली में एक पेइंग गेस्ट के रूप में रहता है। साहिल का मकान मालिक एक आदमी है ,जिनकी वाइफ काफी साल पहले एक्सपायर हो चुकी हैं। और वह अकेले ही अपने घर में रहता है। उस ने उसी घर में साहिल को एक रूम दे दिया है, साहिल के मकान मालिक वैसे तो ठीक-ठाक ही लगते हैं ।लेकिन रात को शराब पीना यह उनकी एक गंदी आदतों में शामिल है। साहिल को मजबूरी में इस रूम में रहना पड़ रहा। क्योंकि दिल्ली में वो किसी को जानता नहीं था ,और उस के बजट में यही रूम उसे मिल पाया। और साहिल शहर में ज्यादा कहीं इधर-उधर नहीं जाता। बस कॉलेज से पढ़कर अपने रूम में ही रहता इसी वजह से साहिल के ज्यादा दोस्त भी नहीं थे । कॉलेज में ही बस वह एक दो लोगों से ही बोलता था ,साहिल पढ़ने में काफी अच्छा है ।और वह पढ़ लिख कर एक अच्छा सक्सेसफुल आदमी बनना चाहता है।) अगली सुबह साहिल जोगिंग करते हुए यही सोचता जा रहा था कि आज उस के साथ सुबह वॉशरूम में जो हुआ, उस का क्या मतलब है? वह समझ नहीं पा रहा था, कि उस के साथ क्या हो रहा है। और वह इसी बात से काफी परेशान भी था। साहिल जोगिंग से वापस आता है ,और ब्रेकफास्ट कर के कॉलेज के लिए निकल जाता है लेकिन आज कॉलेज मैं साहिल का पढ़ने में मन ही नहीं लग रहा होता है। वह उसी सोच में डूबा रहता है वह सोचता है, कि यह सपना मुझे कई बार आया जब से मैं दिल्ली आया हूं। लेकिन इस बार मुझे इस तरह अचानक उस आईने में काला साया दिखना बहुत ही अजीब सी बात लग रही है ,और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा; वह सोचता है अगर उस ने यह बात किसी से शेयर करें तो लोग उसे पागल ना समझे। इसलिए वो यह बात किसी को नहीं बताता और कॉलेज से घर जाने का उस का मन ही नहीं हो रहा था और वह कॉलेज की कैंटीन में बैठा यही सब बातें सोच रहा था , तभी उस का फोन रिंग करता है ,और वह कॉल रिसीव कर के देखता है, कॉल उस के घर से आ रहा होता है ,और कॉल उठा कर बात करता है। उधर से उस की छोटी बहन प्रियांशी बोलती है - "नमस्ते भैया! कैसे हैं? आप कॉलेज से अपने रूम पहुंच गए या अभी भी कॉलेज में ही है?" तो साहिल उसे कहता है - "अभी मैं कॉलेज में ही हूं !" तो वह पूछती है - "क्या हुआ भैया!" आज बहुत लेट कर दिया अभी तक अपने रूम वापस क्यों नहीं गए ? तो वह प्रियांशी से बोलता है बस मैं जाने ही वाला था क्या हुआ तुमने कॉल किया घर पर सब ठीक तो है। प्रियांशी बोलती है हां, सब ठीक है भैया बस मां को आपकी थोड़ी चिंता हो रही थी ।वह सुबह से आप से बात करना चाह रही थी। इसलिए मैंने कॉल किया साहिल बोलता है मेरी मां से बात करा दो। उस की मां फोन लेती हैं, और बोलती हैं साहिल बेटा तू ठीक तो है ना? तो साहिल उस पर बोलता है,- "हां मां मैं ठीक हूं। आप मेरी इतनी चिंता क्यों करती हैं मैंने आप से बोला तो है ,अगर मुझे कोई दिक्कत या परेशानी होगी मैं आपको खुद बता दूंगा वाह कहता है अब मां रखिए फोन। अब मैं कॉलेज से जा रहा हूं।" ओके - नमस्ते करके अपनी मां का फोन काट देता है। तब साहिल की मां को बड़ा अजीब लगता है ,और वह सोचने लगती हैं ,साहिल ने फोन क्यों काट दिया। इस से पहले तो कभी ऐसा नहीं करता । तो प्रियांशी बोलती है, अरे मां भैया को कोई काम होगा। इसलिए फोन काट दिया ,आप भी बेकार परेशान होती हैं । उधर साहिल रास्ते में सोचता है जब से मैं इस रूम में शिफ्ट हुआ हूं , तब से कुछ ना कुछ अजीब मेरे साथ हो रहा है ।और आज तो मेरा वापस उस रूम में जाने का मन ही नहीं कर रहा। लेकिन मेरे पास और कोई जगह भी तो नहीं है ।जो मैं इतनी जल्दी यहां से कहीं और जा सकूं ,वही सब सोचते हुए उस के घर के पास टैक्सी रूकती है । लेकिन साहिल का तो ध्यान ही कहीं और लगा रहता है। वह टैक्सी से उतरता नहीं, तो टैक्सी वाला बोलता है। क्या हुआ भैया कहीं और जाना है क्या ? या यही ठिकाना है। साहिल अपनी सोच में डूबा हुआ अचानक से बोलता है - "हां क्या हुआ भैया? तो टैक्सी ड्राइवर बोलता है - "भैया तुम्हारा घर आ गया उतरोगे नहीं क्या? या मेरे साथ मेरे घर चलने का इरादा है । इतना बोल कर टैक्सी ड्राइवर मुस्कुराने लगता है ,और साहिल जल्दी से टैक्सी से उतरकर पैसे देने लगता है ।और भारी कदमों से अपने घर की तरफ बढ़ता है । क्रमशः
2 घर के रूम में जाते समय साहिल को बहुत ही अजीब सी फीलिंग होती है। जैसे कुछ तो अजीब हो रहा हैं उसके साथ साहिल कपड़े चेंज करने के लिए वॉशरूम का दरवाजा पकड़ता है, और जैसे खोलने चलता है। वैसे ही उसे सुबह वाली बात फिर से याद आती है। और वह रुक जाता है, थोड़ी देर वहीं पर रुक कर व कुछ सोचता है, फिर हिम्मत करके डोर खोलकर वॉशरूम में जाकर कपड़े चेंज करता है। कपड़े चेंज करते वक्त उसे फिर से ऐसा लगता है जैसे आईने में कोई है, जो उसे देख रहा है। साहिल आईने की तरफ देखता है। और उसे उस वक्त कुछ भी नहीं दिखाई देता वह सोचता है ,कहीं मैं कुछ ज्यादा ही तो नहीं सोच रहा इस बारे में, और वह खुद को समझाता है और फिर फ्रेश होकर बाहर आ जाता है। अपने बेड पर बैठता है ,डिनर करता है ,और कॉलेज का बैग उठाकर कुछ बुक्स उसमें से खोलकर पढ़ने लगता है। कुछ देर पढ़ने के बाद वाह अपने रूम से बाहर निकलता है, और बालकनी पर आकर खड़ा हो जाता है। और बाहर देखते हुए कुछ सोचने लगता है, तभी कुछ देर बाद, उसके रूम में से कुछ गिरने की आवाज आती है ।और वह आवाज उसे डरा देती है, साहिल चौक जाता है। और जल्दी से अपने रूम में आता है और देखता है कि उसकी बुक्स जो बेड पर थी, वह बेड से नीचे गिरी हुई है, अचानक से यूं बुक्स का गिरना उसे डरा देता है, वह जल्दी से आकर अपनी बुक्स उठाता है। और उन्हें चूमने के लिए अपने माथे से लगाता है । तभी उसे अपने माथे पर कुछ पानी जैसा महसूस होता है, वह अपने माथे पर हाथ लगा कर देखता है तो उसके माथे पर थोड़ा सा खून लगा हुआ दिखता है, वह खून अपनी उंगलियों पर देखकर साहिल डर के मारे चिल्ला देता है। तभी उसके मकान मालिक भी ऊपर आकर उसका दरवाजा खटखटाते हैं ,और पूछते हैं - क्या हुआ साहिल तुमने चिल्लाया क्यों? तब साहिल मकान मालिक को कुछ नहीं बताता है और कहता है "कुछ नहीं सर , बस मेरा पैर मुड़ गया। शायद मोच भी आ गई है इसी लिए दर्द की वजह से मेरी चीख निकल गई, यह सुन कर मकान मालिक उस के रूम से बाहर आ जाते हैं । साहिल जल्दी-जल्दी अपने माथे का खून पोछता है, और वॉशरूम में जाकर हाथ धोता है, तभी उसे फिर से आईने में वही काला साया दिखाई देता है। इस बार भी साहिल साया देख कर पहले की तरह ही डर कर वॉशरूम से बाहर निकलना चाहता है। मगर निकल नहीं पाता, क्योंकि इस बार उससे दरवाजा खुलता ही नहीं है। ऐसा लगता है दरवाजा किसी ने लॉक कर दिया है, साहिल कई बार दरवाजा खोलने के लिए ट्राई करता है ।मगर दरवाजा नहीं खोल पाता। साहिल दरवाजे के पास ही खड़ा हो कर चिल्लाता है ,खोलो !खोलो ! प्लीज - कोई यह दरवाजा खोलो । लेकिन उसकी आवाज उस वॉशरूम से बाहर नहीं जा पाती। तभी वह फिर से आईने की तरह मुंह करता है, और वह काला साया अभी भी वही दिखता है । साहिल और भी ज्यादा घबरा जाता है। और डरते डरते पूछता है ,कौन हो - तुम कौन हो ? और मुझे क्यों परेशान कर रहे हो ? तुम्हें मुझसे क्या चाहिए? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? तुम मुझे क्यों परेशान कर रहे हो? यह सब बोलते बोलते साहिल को रोना आ जाता है। और साहिल वहीं पर बैठकर अपने हाथों को मुंह पर रखकर रोने लगता है । और जब रोता हुआ साहिल कुछ देर रोने के बाद वह अपने चेहरे पर से हाथ हटाता है । तो वह देखता है वॉशरूम में अजीब सी शांति है ।सब कुछ बहुत शांत लग रहा है। वह दरवाजा खोलता है ,और वॉशरूम का दरवाजा एक ही बार में खुल जाता है। साहिल थोड़ा सोच में पड़ जाता है। साहिल सोचता है इतनी आसानी से दरवाजा कैसे खुल गया। साहिल को कुछ समझ नहीं आता। कि उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। और वह यही सब सोचता है वह अपने बेड पर आंखें बंद करके सोने की कोशिश करता है ।लेकिन सो नहीं पाता ,और यही सब सोचते हुए ,उसे अपने वॉशरूम में कुछ गिरने की आवाज सुनाई देती है ।साहिल जल्दी से उठता है, और हिम्मत करके अपने वॉशरूम में जाता है ।तो वह वही पर गेट के पास ही खड़ा होकर देखता है ,तो उसे आईने में काले साये की जगह - उसे काला साया दिखा था, अब वहां पर खून से हेल्प(HELP) लिखा हुआ था। साहिल जैसे ही आईने पर हेल्प लिखा हुआ देखता है , वह घबरा जाता है ।और जल्दी से बाथरूम के बाहर आता है ,और अपने बेड पर बैठ कर अपने माथे का पसीना पोछते हुए बोलता है , यह क्या था ? क्या किसी को मुझसे मदद चाहिए। और यह कौन है ?जो मेरी मदद चाहता है, साहिल को कुछ समझ नहीं आता ,और वह अपने माथे का पसीना पोछ कर हिम्मत जुटा कर खड़ा होता है। और बाथरूम का दरवाजा खोलकर अंदर जाता है और पूछता है कौन हो तुम? क्या चाहते हो मुझसे ? मेरी क्या मदद चाहिए तुमको ? तभी आईने पर लिखा हुआ हेल्प(HELP) गायब होने लगता है ,और बाथरूम में अचानक से हल्का धुंआ उठने लगता है, और साहिल बेहोश होकर वही फर्श पर गिर जाता है। और जब साहिल बेहोश होता है, बेहोशी की हालत में उसे वही काला साया नजर आता है। जो उसे आईने में दिखा था। साहिल उनसे पूछता है ,आप कौन हैं ?और आपको मेरी क्या मदद चाहिए ? इस पर वह साया जो काले रंग का था , सफेद रंग का हो जाता है साया सफेद कपड़ों में एक लड़की का रूप ले लेता है। तब वह लड़की कहती है -हैलो साहिल ! मेरा नाम सुनैना है ।और मैं इसी रूम में रहती थी। आज से 6 महीने पहले मैं भी तुम्हारी तरह कॉलेज की पढ़ाई के लिए अपने गांव से यहां आई थी ।और मुझे कोई और जगह नहीं मिली ,तो मैं यहां तुम्हारी ही तरह पेइंग गेस्ट थी । लेकिन मेरे साथ जो हादसा हुआ - वह बहुत ही दिल दहला देने वाला था । ये मकान मालिक जो शुरुआती दिनों में मेरे साथ बहुत ही अच्छा व्यवहार करता था। एक दिन जब मैं कॉलेज से वापस आई , तो मैंने देखा घर में मकान मालिक नहीं था । और मैं सीधे अपने रूम में आ गई , डिनर किया और पढ़ रही थी । कि तभी मकान मालिक शराब पीकर घर पर आया ,और चीजों को इधर-उधर गिराने लगा ,चीजों के गिरने की आवाज सुनकर मैं अपने रूम से नीचे उतर कर देखने गई तो, मैंने देखा मकान मालिक शराब के नशे में चूर था । और वाह बिल्कुल भी होश में नहीं था । तभी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और वह सीढ़ियां चढ़कर मेरी तरफ आने लगा। मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ, तो मैं वापस अपने कमरे में जल्दी से आ गई , और दरवाजा अंदर से बंद करने लगी। लेकिन मकान मालिक के एक ही धक्के से दरवाजा खुल गया ।
3 तभी उसकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, और वह सीढ़ियां चढ़कर मेरी तरफ आने लगा। मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हुआ, तो मैं वापस अपने कमरे में जल्दी से आ गई , और दरवाजा अंदर से बंद करने लगी। लेकिन मकान मालिक के एक ही धक्के से दरवाजा खुल गया । मकान मालिक मेरे रूम की तरफ बढ़ ने लगा। और मेरे हाथो को जकड़ लिया और मेरे साथ जोर जबरदस्ती करने लगा । उस ने मुझे ज़मीन पर गिरा दिया और जब मैं चिल्लाने लगी तो उस ने मेरे मुंह को कपड़े से बांध दिया, और मेरे हाथों को भी कपड़े से बांधने लगा। मेरे साथ उस तरह का व्यवहार देखकर उस वक्त मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। तो मैंने उसे अपनी पूरी ताकत से मकान मालिक को धक्का दिया। तो वह कुछ दूर पीछे जा कर गिर गया ,उस समय मैंने खुद को किसी तरह से खोला। कुछ ही देर में वापस उठ कर मेरे पास आने लगा, और मैंने उसे फिर से धक्का देना चाहा। लेकिन इस बार ना दे पाई, उसने मुझे पकड़ कर अपनी तरफ झटके से घसीटा, और मेरा सर टेबल पर जा लगा और मैं बेहोश हो गई ,उसके बाद उसने मुझे उठाने की बहुत कोशिश करी । लेकिन मैं नहीं उठी। तो वह मकान मालिक वहीं पर मेरे ही बिस्तर पर सो गया। जब सुबह उठा तब उसने देखा कि मेरे सर से बहुत ही ज्यादा खून बह चुका था । और मेरी सांसे रुक चुकी थी । उसने जब मेरी धड़कन रुकी हुई पाई तो वह घबरा गया ,और सोचने लगा यह लड़की तो मर गई ।अब मैं क्या करूंगा? और उसने मेरा शव मेरे ही बेड पर बिछी चादर में लपेटा । खून को साफ किया ,और यही बाथरूम में इसी आईने के नीचे मेरे मृत शरीर को दफना दिया । और ऐसे रहने लगा जैसे कि कुछ हुआ ही ना हो। उस ने मेरा सारा सामान, किताबें ,कपड़े सब कुछ जला दिया। और अपनी नॉर्मल जिंदगी वापस जीने लगा । जब मेरे घर वालों को कुछ दिनों तक मेरी कोई खोज खबर नहीं मिली तो मेरे घरवालों ने मकान मालिक से आकर पूछा , तो उस ने बताया कि आप की बेटी तो एक महीना पहले ही मैं मेरा रूम छोड़ कर चली गई ।" उसने मेरे घर वालों को झूठ बोल दिया। उसके बाद मुझे नही पता मेरे घर वालो ने मुझे कहां कहां ढूंढा, ढूंढा भी या नहीं। और तब से आज तक मेरी आत्मा इस बाथरूम से बाहर नहीं जा पाई। ना ही आज तक मुझे इस संसार से मुक्ति मिली । मेरे बाद और कोई भी इस रूम में रहने नही आया ।अब इतने दिनो बाद तुम ही इस रूम में रहने आए हो, तुम ही बताओ ,मेरे साथ जो अन्याय हुआ है क्या वह सही है? इसीलिए जब तक मैं अपना बदला नहीं ले लूंगी ।मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगी। और ना ही मेरी आत्मा को मुक्ति मिल पायेगी। इसलिए मुझे तुम्हारी थोड़ी हेल्प चाहिए, साहिल । मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती हूं ।क्या तुम मेरी हेल्प करोगे ?उस पर साहिल हां बोलता है ।और कहता है तुम्हारे साथ बहुत गलत हुआ है , बताओ मुझे क्या करना होगा । मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं । सुनैना की आत्मा साहिल से कहती है , तुम्हें आज रात मकान मालिक को इस बाथरूम में लाना होगा और दरवाजा बाहर से बंद करना होगा । तो साहिल सुनैना से पूछता है , तुम क्या करने वाली हो ? उस पर सुनैना कहती है ,वह तुम मुझ पर छोड़ दो, तो साहिल कहता है, अरे अगर तुमने उसे मार दिया, तो उसके मर्डर का सारा ब्लेम मुझ पर आ जाएगा ना। और पुलिस मुझे ही पकड़ कर लें जाएगी । फिर सुनैना बोलती है - "नहीं मैं उसे मारूंगी नहीं, तुम बस उसे बाथरूम में ले आना। साहिल उस से कहता है अगर वह मर गया तो मैं फंस जाऊंगा , साहिल थोड़ा डरता हुआ कहता है, तो सुनैना की आत्मा उसे कहती है, कि तुम्हारे ऊपर कोई इल्ज़ाम नहीं लगेगा ।तुम परेशान मत हो साहिल ।और मुझ पर भरोसा रखो। उस की बात सुनकर साहिल थोड़ा सोचता है , और कहता है, ठीक है। मैं मकान मालिक को रूम में लाने की कोशिश करता हूं । इतना बोलते ही साहिल बेहोशी की हालत से वापस होश में आ जाता है साहिल उठ बैठता है और सोचने लगता है , मैं आज रात किस तरह से मकान मालिक को बाथरूम में ले कर आऊंगा और बाथरूम से बाहर आ कर सोचने लगता है (यार! यह सुनैना के साथ तो बहुत ही गलत हुआ है, और उस को इंसाफ दिलाना ही चाहिए ।) साहिल सोचने लगता है , कि मैंने सुनैना से तो बोल दिया कि हां मैं उसकी हेल्प करूंगा । लेकिन मैं मकान मालिक को बाथरूम तक लाऊंगा कैसे? इसी सोच में वह बैठा होता है, कि तभी उसे मकान मालिक के आने की आहट सुनाई देती है ,और वह चिल्लाता है हेल्प मी ! कोई हैं ? प्लीज़ हेल्प मी ।और अपने कमरे का कुछ सामान पटकने लगता है ,जिससे आवाजे होती हैं । तो मकान मालिक वो आवाजें सुनकर ऊपर आता है । और साहिल का दरवाजा खोलकर बाहर से ही पूछता है, क्या हुआ साहिल तुम चिल्लाए क्यों ?क्या हुआ ? तो साहिल वॉशरूम से आवाज देता है ,सर ! इधर आइए । मैं बाथरूम में हूं । मुझे उठा दीजिए मैं बाथरूम में गिर गया हूं। और उठ नहीं पा रहा हूं ,मकान मालिक बाथरूम में जैसे ही आता है ,वाह देखता है , साहिल जमीन पर गिरा हुआ है। तो वह झुक कर साहिल को उठाने लगता है ,तभी साहिल मकान मालिक के सहारे से खड़ा होने का नाटक करता है। साहिल खड़ा होकर मकान मालिक का पैर फंसा कर मकान मालिक को धोखे से गिरा देता है। और बाथरूम से बाहर आ जाता है । और दरवाजा बाहर से बंद कर लेता है, मकान मालिक अंदर से चिल्लाता है कि क्या कर रहे हो साहिल दरवाजा खोलो यह कैसा मजाक है, मैं तुम्हें अपने घर से निकाल दूंगा। तुमने मुझे बाथरूम में क्यों बंद किया है, बाथरूम का गेट खोलो ,मैंने कहा गेट खोलो साहिल । लेकिन साहिल वही गेट के पास ही खड़ा हो कर गेट नहीं खोलता है और कहता है, सर मैंने तो दरवाजा नहीं बंद किया। शायद अपने आप ही बंद हो गया। सर आप दरवाजा खोलने की कोशिश तो करिए । तभी अचानक से मकान मालिक की नज़र उसी आईने में पड़ती हैं। और उस आईने मे एक काला साया बनने लगता है , और सुनैना की आत्मा काले साये की तरह ही मकान मालिक को नजर आती है, जैसे ही उस आईने पर मकान मालिक की नजर पड़ती है। उसे अपने 6 महीने पहले का वाक्या याद आ जाता है, और वहां डर के मारे पसीना पसीना हो जाता है । और मकान मालिक हकलाते हुए बोलता है ,कौन हो तुम ?कौन हो ?क्या - क्या कर रही हो, कौन हो तुम? और डर के मारे उसके मुंह से कुछ भी आवाज नहीं निकलती , तभी सुनैना उस काले साए में से अपना असली चेहरा उसे दिखाती है ,और कहती है - कुछ याद आ रहा तुम्हें या अभी तक याद नहीं आया ।कहो तो मैं याद दिला दूं? यह सब देख कर मकान मालिक हाथ जोड़कर रोने लगता है ,और कहता है, सुनैना मुझे माफ कर दो । मैंने तुम्हारे साथ बहुत बुरा किया , मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। और तुम्हें मारना तो बिल्कुल भी नहीं चाहता था , मुझे माफ कर दो , प्लीज सुनैना ! तो सुनैना कहती है ,माफी !अभी भी तुम मुझ से माफी की उम्मीद रख रहे हो ,मुझे मार कर दफना दिया, मेरे घर वालों से झूठ बोला । मेरा करियर , मेरी फैमिली , मेरी लाइफ सब कुछ बर्बाद कर दिया । और इतना सब कुछ करने के बाद भी तुम मुझे से माफी मांग रहे हो।
4 तभी सुनैना मकान मालिक की तरफ बढ़ने लगती है ,और मकान मालिक हाथ जोड़कर फर्श पर बैठ जाता है, और कहता है, प्लीज ! ऐसा मत करो। मेरी बात सुनो मुझे समझने की कोशिश करो। सुनैना उसे गुस्से से घूर कर देखती है उंगली मुंह पर रख कर चुप रहने का इशारा करती है। सुनैना कहती हैं "तुमने मुझसे मेरा सब कुछ छीन लिया, मैं भी तुमसे तुम्हारा सब कुछ छीन लूंगी ।और तुम्हें जब तक मौत के घाट नहीं उतार देती , तब तक मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी" ,यह सुनकर मकान मालिक और घबरा जाता है, और कहता है, क्या तुम मुझे जान से मार दोगी ? सुनैना! तो सुनैना कहती है "जान से मारना तुम्हारे लिए बहुत ही छोटी सजा होगी। मैं तो तुम्हें पहले तड़पा तड़पा कर अधमरा करूंगी उसके बाद तुम्हें मारूंगी ।" और इतना कह कर सुनैना हंसने लगती है , मकान मालिक फिर से दरवाजे की तरफ मुड़कर, दरवाजा पीटने लगता है और कहता है साहिल जल्दी दरवाजा खोलो और मुझे यहां से बाहर निकालो वरना या मुझे मार देगी। तो साहिल उसे से पूछता हैं, क्या हुआ सर ? कौन आपको मार रहा है ? मकान मालिक उस से कहता है - "तुम दरवाजा खोलने की कोशिश करो प्लीज " सुन रहे हो ना साहिल ? तभी मकान मालिक की शरीर में कुछ अजीब सी चमकदार चीज प्रवेश कर जाती है और मकान मालिक बोलते बोलते ही वहीं फर्श पर गिर पड़ता है और बेहोश होने लगता है। तभी दरवाजा खोल कर साहिल अंदर आता है और पूछता है "सुनैना क्या तुमने उसको मार दिया? यह कुछ बोल क्यों नहीं रहा।" सुनैना साहिल की तरफ देख कर कहती है , नहीं मैंने उसे मारा नहीं है अभी तक या सिर्फ बेहोश है। अब तुम इसे हॉस्पिटल ले जाओ । अब मैं इस बाथरूम से बाहर निकल सकती हूं । तो इस बात पर साहिल थोड़ा सा कंफ्यूज हो कर सुनैना से पूछता है-" ऐसा क्या किया तुमने जो तुम अब इस बाथरूम से निकल सकोगी ?" क्या तुम मुझे बताओगी क्या हुआ अभी यहां पर । तो सुनैना कहती है-" तुम अभी फिलहाल इसे हॉस्पिटल ले जाओ ,नहीं तो यह मर जाएगा। तो साहिल जल्दी से उसे हॉस्पिटल लेकर जाने लगता है । साहिल एंबुलेंस को फोन करता है जब साहिल फोन रखता है तभी पीछे से सुनैना उसके कंधे पर हाथ रखती हैं , साहिल को बहुत अजीब महसूस होता है । साहिल पीछे घूमता है ,अरे ! तुम हो सुनैना। सुनैना कहती है-" मेरी बात बहुत ध्यान से सुनो साहिल जब तुम हॉस्पिटल में जाओगे, और तुमसे कोई पूछेगा क्या हुआ? तो तुम उन से कहना - "यह मेरे मकान मालिक हैं और जब मैं घर पहुंचा तो मुझे यह बाथरूम में गिरे हुए मिले और इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं पता।" साहिल सुनैना की तरफ देखता है और कहता है -"ठीक है"। तभी एंबुलेंस दरवाजे पर आकर रूकती है, और मकान मालिक को साहिल और दो और कंपाउंडर स्ट्रेचर पर लिटा कर एंबुलेंस वैन में ले जाते हैं । सुनैना यह सब वहीं पीछे खड़ी होकर देखती रहती है । जैसे ही एम्बुलेंस वैन हॉस्पिटल की तरफ निकलती है। सुनैना भी पीछे से हॉस्पिटल में जाने लगती है हॉस्पिटल पहुंचकर साहिल बिल्कुल वैसे ही करता है जो सुनैना ने उसे करने के लिए कहा होता है । साहिल हॉस्पिटल की सारी फॉर्मेलिटी पूरी करता हैं और वहीं बेंच पर बैठ जाता है। तभी उसे अपने आसपास सुनैना के होने का एहसास होता है । और वह इधर उधर देखने लगता है, लेकिन उसे सुनैना कहीं नहीं दिखती, फिर वह बेंच से उठकर वॉशरूम जाता है। तभी वहां पर उसे फिर से सुनैना के होने का एहसास होता है उस वक्त साहिल के अलावा और कोई भी इस वाशरूम में नहीं होता, तो साहिल ऐसे ही शीशे में मुंह धो कर अपना मुंह पूछते हुए, पूछता है-" सुनैना क्या तुम यही हो मुझे तुम्हारे होने का एहसास हो रहा है। इतना सुन कर सुनैना फिर से उसी तरह वाशरूम के आइने मे आकृति लेने लगती है और उसके सामने आती है, और कहती है "हां मैं यही हूं, क्या हुआ तुम कुछ परेशान लग रहे हो?" तो साहिल कहता है, हां तुम मुझे यह बताओ कि तुम अभी तक उस बाथरूम से क्यों नहीं निकल पाती थी ? और अब तुम उस बाथरूम से बाहर हर जगह जा रही हूं? आखिर तुमने ऐसा क्या किया? तो सुनैना उससे कहती है मैंने मकान मालिक के शरीर में अपनी आत्मा का एक अंश प्रवेश करवाया है । जिस वजह से अब जब तक मकान मालिक बाहर रहेगा, मैं भी वाह-वाह जा स सकूंगी। इतना सुनकर साहिल सुनैना से पूछता है, तुमने मकान मालिक को बेहोश कैसे किया ? तो सुनैना कहती है - "मैंने उसे बेहोश नहीं किया , मैंने तो बस अपना एक अंश उसके दिमाग और दिल पर हावी किया है। जिसकी वजह से मकान मालिक को हाट ट्रैक आया। यह सुनकर साहिल चौक जाता है और कहता है -"क्या मकान मालिक को हार्ट अटैक आया है ?" तो सुनैना कहती है -"हां मैंने ही तो हार्टअटैक के लिए उस की धड़कनों को कुछ देर अपनी काबू में किया था , इसलिए उसे हार्टअटैक आया"। तो साहिल सुनैना से पूछता है -"अच्छा अब बताओ आगे क्या करना है "? तो सुनैना उसे कहती है- "अभी कुछ नहीं करना बस कुछ दिन उसे यही हॉस्पिटल में रहने दो ।" तभी साहिल सुनैना से कहता है -"अच्छा ठीक है जब मेरा कोई काम हो तो मुझे बता देना , इतना बोल कर साहिल बाथरुम से बाहर आता है"। और अपने घर में फोन करके अपनी मां से बात करता है । और सुनैना सोचती है। कि अब उसे आगे क्या करना है ,वह मकान मालिक के कमरे में जाती है। और वहीं खड़ी होकर मकान मालिक को देखने लगती है । तभी अचानक से महान मालिक की आंख खुलती है, और वह सुनैना को देकर चिल्लाने लगता है। तभी वहां पर नर्स और डॉक्टर जल्दी से भागकर आते हैं, और पूछते हैं- व्हाट हैपन सर ? तो मकान मालिक सुनैना की तरफ इशारा करके कहता है "मुझे इससे बचा लो वो मुझे मार डालेगी , प्लीज! मुझे बचा लो । प्लीज़! मुझे बचा लो।
5 प्लीज! मुझे इस से बचा लो। यह मुझे मार डालेगी! डॉक्टरों को समझ नहीं आता आखिर इस पेशेंट को क्या हुआ है , और वह किस से खुद को बचाने की बात कर रहा है ? डॉ उसे शान्त रहने के लिए बोलते हैं, मगर वो शांत नहीं होता। इसलिए डॉक्टर नर्स से बोलकर उसे बेहोशी का इंजेक्शन देते के लिए कहते हैं। थोड़ी ही देर में इंजेक्शन का असर होता है जिससे मकान मालिक बेहोश हो जाता ह। और सुनैना वहां से गायब हो जाती है, तभी साहिल की भी अपनी मां से बात हो जाती हैं, और साहिल फोन काट देता है । साहिल डाक्टर से पूछता है कि -"डॉक्टर अभी और कितने दिन लगेंगे हॉस्पिटल में ?" डॉक्टर साहिल की तरफ देखते हैं और कहते हैं आप मुझसे मेरे केबिन में आकर मिलिए, मिस्टर! साहिल । साहिल उनके पीछे-पीछे चला जाता है , उनके केबिन में जा कर डॉक्टर मकान मालिक की फाइल को उठाकर अपनी टेबल पर बैठकर उसके कुछ पन्ने पर पलटते हुए बोलते हैं। मिस्टर साहिल हमें इन की कंडीशन कुछ समझ में नहीं आ रही है । पहले हार्टअटैक आना बाथरूम में गिर जाना और हॉस्पिटल में यूं अचानक से होश आ जाना बड़ा ही अजीब सा है क्योंकि ज्यादा तर किसी पेशंस के साथ ऐसा होते हुए हमने नहीं देखा या केस बड़ा ही अजीब है ! तो साहिल डॉक्टर से पूछता है मैं यहां हॉस्पिटल में ज्यादा दिन नहीं रुक पाऊंगा। क्योंकि मुझे उसने कॉलेज में पढ़ाई वगैरा सब मैनेज करना है , इसलिए मैं मकान मालिक को देखने के लिए आता रहूंगा। तो डॉ साहिल से कहते हैं , कोई बात नहीं आप जा सकते हैं मिस्टर साहिल। हम और हमारा डिपार्टमेंट इनकी पूरी देखभाल करेगा यू डोंट वरी । आप कभी-कभी आते रहिएगा । साहिल डॉक्टर को थैंक्यू बोलता है और केबिन से बाहर आ जाता है। बाहर आते ही उसे सुनैना दिखती है । और वह उसे मकान मालिक के कमरे में आने का इशारा करती है तभी साहिल मकान मालिक के कमरे में चला जाता है , और वहां जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लेता है और सुनैना से पूछता है, क्या हुआ? तो सुनैना कहती है मैंने सुना है तुम जा रहे हो! साहिल कहता है हां मैं जा रहा हूं। यहां हॉस्पिटल में मैं यूं नहीं रुक सकता और मुझे ना कॉलेज पढ़ाई सब देखना है । इसलिए मैं वापिस जा रहा हूं । मेरी कोई भी हेल्प की जरूरत हो तो तुम मुझे बुला लेना ओके । सुनैना साहिल की तरफ देखती है , और कहती है ठीक है। तुम चले जाओ मेरे लिए और भी अच्छा रहेगा। और वह थोड़ा सा मुस्कुरा देती है । साहिल सुनैना की तरफ देखता है और शक भरे अंदाज में से पूछता है -" अब तुम क्या करने वाली हो ? बताओगी नहीं मुझे ?" तो सुनैना कहती है -"कि तुम अगर यहां से चले जाओगे तो मैं उसे आसानी से मार सकती हूं। तुम्हारे पर कोई शक भी नहीं करेगा।" साहिल उसकी तरफ देखता है और पूछता है-" क्या तुम उसे जान से मार दोगी?" तो सुनैना उस की तरफ देख कर उसे जवाब देती है , क्यूं नहीं मारना चाहिए क्या ? तुम्हें क्या लगता है साहिल क्या मैं गलत कर रही हूं ? तो साहिल उसे जवाब देता है नहीं ! तुम इसे पुलिस के हवाले क्यों नहीं कर देती सुनैना ? क्यों इस हत्या को अपने सर लोगी । बेकार में ही एक गंदे घटिया इंसान की हत्या का आरोप तुम्हारे ऊपर लग जाएगा। तो सुनैना से कहती है, पुलिस को देने से कुछ नहीं होगा। दो दिन में वह बड़ी ही आसानी से छूट जाएगा । पुलिस वाले उसे बड़ी आसानी से बेल पर छोड़ देगे। क्या तुम्हें यह सब बातें पता नहीं है जो इतने नादान बन रहे हो । साहिल वहां से चला जाता है और वह टैक्सी में सुनैना की बातों को सोचता है। और अपने रूम में आ कर लेट जाता है और सुनैना की बातों को ही सोचने में लगा रहता है। तभी उस की आंख लग जाती है, और वह अपने सपने में देखता है कि सुनैना उस के पास आई है। और उस से कहती है ,साहिल उठो ! और मेरे साथ चलो। सुनैना साहिल का हाथ पकड़ती है । और उसे उसके बाथरूम की तरफ ले जाती है। तभी साहिल की आंख खुलती है और ऐसा लगता है कि सुनैना उसे कुछ दिखाना चाहती है, तभी अचानक से उठकर साहिल सुनैना सुनैना चिल्लाता है और सुनैना वहीं पर उसे खड़ी मिलती है। तो वह सुनैना को देखकर पूछता है अभी मैंने तुम्हें अपने सपने में देखा क्या तुम मुझ से कुछ कहना चाहती हो? सुनैना उस से कहती है -"कहना नहीं मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं महसूस करवाना चाहती हूं , जो तुमने अभी मुझसे कुछ देर पहले कहा था। तभी सुनैना साहिल के शरीर में प्रवेश करती है। और साहिल बेहोश हो जाता है । अभी उसे ऐसा महसूस होता है कि वह कहीं और है ! अपने रूम जैसी ही जगह पर । पर वह जगह थोड़ी-थोड़ी बदली हुई सी लग रही थी । उसे समझ नहीं आता कि वह कहां है? तभी रूम का दरवाजा खोल कर सुनैना भागते हुए अपने कमरे में आई ।और अंदर से दरवाजा बंद करने लगी , और मकान मालिक शराब के नशे मे एक ही झटके में दरवाजे के अंदर आ गया ।और सुनैना के साथ जोर जबरदस्ती करने लगा। साहिल के सामने वह सब कुछ एक मूवी की तरह चल रहा था । और वह समझ नहीं पा रहा था, यह क्या हो रहा है मेरी साथ ? तभी साहिल सुनैना की चीख की आवाज सुनता है और जल्दी से अपने कानों को अपने हाथों से बंद कर लेता है । उस चीख में इतना दर्द था कि साहिल से बर्दाश्त नहीं होता।और देखते ही देखते वह सब जो सुनैना ने बताया था। वह सब साहिल को दिखता है और साहिल उसे महसूस करता है। कि सुनैना किस दर्द से गुजरी थी उस वक्त? और आज भी वह उसी दर्द में है, जब यह दर्द साहिल को महसूस हुआ तो वह समझ गया। कि सुनैना से अंदर जो बदले की आग है । वह किस वजह से है । और वह उसके दर्द को बयान कर रही है। अब साहिल समझ चुका था, कि सुनैना ने क्यों मकान मालिक को जान से मारने का प्लान बनाया था ,अभी साहिल अचानक से होश में आ जाता है। और समझ जाता है कि सुनैना सही है। और वह सुनैना की तरफ देख कर कहता है -"सुनैना मैं तुम्हारा दर्द महसूस कर सकता हूं और अब मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या कहूं तुमसे ? तो सुनैना से कहती है -"मैं बस तुम्हे यही समझाना और एहसास दिलाना चाहती थी, कि मैंने जो दर्द सहा है वह आज तक मेरे साथ है और मैं हर रोज हर वक्त उसे बार-बार महसूस करती हूं ,और यह मेरे लिए बहुत ही दर्दनाक है।।
6 सुनैना मैं तुम्हारा दर्द महसूस कर सकता हूं और अब मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या कहूं तुमसे ? तो सुनैना से कहती है -"मैं बस तुम्हे यही समझाना और एहसास दिलाना चाहती थी, कि मैंने जो दर्द सहा है वह आज तक मेरे साथ है और मैं हर रोज हर वक्त उसे बार-बार महसूस करती हूं ,और यह मेरे लिए बहुत ही दर्दनाक हैं। अगर मैं तुम्हें या दर्द महसूस ना कराती, तो शायद तुम उसे कभी ना समझ पाते । साहिल सुनैना से कहता है कि - "मुझे माफ कर दो सुनैना मैं तुम्हारे इस प्लान में मैं तुम्हारे साथ हूं। और जो तुम कहोगी मैं वह करूंगा, मैं तो बस उस वक्त तुम्हें एक हत्या के बोझ से बचाना चाहता था बस । बाकी मेरा और कोई इंटेंशन नहीं था, या बात तुम भी जानती हो।" सुनैना उसकी बात सुनकर हां में अपना सर हिलाती है। और कहती है -"अब तुम सो जाओ कल तुम को अपने कॉलेज भी तो जाना है । तुम्हे हॉस्पिटल आने की जरुरत नहीं है ।" और साहिल सोने के लिए अपने बिस्तर पर चला जाता है और सुनैना वहां से गायब हो जाती है। सुनैना वहां से गायब होकर हॉस्पिटल में मकान मालिक के रूम में ही आकर खड़ी हो जाती है। और मकान मालिक की तरफ देखकर सोचती है।कि कितने आराम से सोया हुआ है ये । और देखते ही देखते वह अपना हाथ मकान मालिक की छाती पर रख देती है तभी अचानक से मकान मालिक की आंखें खुलती है । मकान मालिक सुनैना को अपने सामने देखकर डर जाता है, और चिल्लाने की कोशिश करने लगता है मगर चिल्लाने की आवाज कमरे से बाहर ही नहीं जा पाती , वह समझ जाता है कि या सुनैना की आत्मा है और उसकी ही वजह से आवाज कमरे से बाहर नहीं जा रही है। और मकान मालिक चुप हो जाता है और सुनैना की तरफ देखता हुआ उससे पूछता है-" सुनैना क्या चाहती हो तुम मुझसे? मैं अपनी गलती मान तो रहा हूं, और माफी भी मांग रहा हूं, प्लीज ! मुझे माफ कर दो ,और मुझे बख्श दो ! क्यों इस तरह से मुझे परेशान कर रही हो।तुम क्या चाहती हो बताओ मुझे मैं तुम्हें सब कुछ देने के लिए तैयार हूं , तुम जो कहोगी मैं वैसा ही करूगा । तुम्हें क्या चाहिए, बताओ? इस पर सुनैना उसे देखती है, और हंसते हुए बोलती है-" अच्छा मुझे जो चाहिए वो तो मुझे दोगे .....हम्ममम । मुझे जो चाहिए वह तुम तो क्या मुझे कोई भी नहीं दे सकता । तो मकान मालिक उससे बोलता है एक बार बोल कर तो देखो मैं तुम्हें अपनी सारी जायदाद सारा पैसा सब कुछ देने के लिए तैयार हूं। इस पर सुनैना उसे घूरती हुई बोलती है -" मुझे मेरी जान वापस चाहिए क्या तुम मुझे मेरी जान वापस दे सकते हो ? बोलो ! क्या मुझे वापस जिंदा कर सकते हो ?क्या मुझे फिर से इंसान बना सकते हो? बोलो ना, दे सकते हो मुझे तुम मेरी जान ! यह सब बोलते बोलते सुनैना की आंखें लाल हो जाती है और वाह मकान मालिक के गले को पकड़ कर उसका गला दबाने लगती है । मकान मालिक उस से कहता है,"मुझे छोड़ दो सुनैना प्लीज ! मुझे छोड़ दो प्लीज़ ! सुनैना कहती है-"मैं अपने हत्यारे को ऐसे कैसे छोड़ दूं ? अगर मैंने तुम्हें छोड़ दिया, तो तुम फिर से मेरे जैसी ही किसी लड़की के साथ वही सब करने की कोशिश करोगे। जो मेरे साथ किया था । इस पर मकान मालिक कहता है नहीं ! नहीं ! वह मेरी एक गलती थी, जो मैंने शराब के नशे में आकर कर दी। मैं और किसी दूसरी लड़की के साथ ऐसा कभी नहीं कर सकता। मुझे माफ कर दो ना प्लीज ! तुम कहो तो मैं मैं अपनी सारी प्रॉपर्टी सारी जायदाद तुम्हारे घर वालों के नाम करवा दूंगा और तुम्हारे घर वालों को किसी भी चीज की कमी नहीं होने दूंगा। बस तुम मुझे मत मारो , सुनैना उसकी बात नहीं सुनती और अपने दाहिने हाथ को उसके शरीर के अंदर डालते हुए उसके दिल को छू ने लगती है और जैसे ही दिल को छूती हैं वैसे ही मकान मालिक के दिल में कुछ अजीब सी हलचल होती है। मकान मालिक की हालत खराब होने लगती है । और ईसीजी मशीन में से एक बीप बीप की आवाज आनी शुरू हो जाती है। और उसकी धड़कनें ऊपर नीचे होने लगती हैं, तभी वहां पर दौड़ते हुए 1 नर्स आती है और जल्दी से ईसीजी की मशीन के कुछ स्विच को ऑन करने लगती है। और मकान मालिक को ऑक्सीजन लगा कर उसे गहरी सांसें लेने के लिए कहती है । और सुनैना को वहां से जाना पड़ता है। तभी डॉक्टर भी वहां पर आ जाते हैं और और वह पूछते हैं -" व्हाट हैपेंस नर्स ? नर्स उन्हें जवाब देती है-" पता नहीं डॉक्टर अचानक से क्या हो गया ? मैं तो यहां ईसीजी की आवाज सुन कर दौड़ती हुई आई । तो डॉक्टर उसे कहते हैं -" नर्स पेशेंट को इंजेक्शन लगाओ और मकान मालिक को इंजेक्शन देने लगती है और मकान मालिक की आंखें बंद हो जाती हैं और बेहोश हो जाता है। और सुबह जब साहिल उठता है , कल वाली सारी बातें याद करता है साहिल उठ कर फटाफट से तैयार होकर कॉलेज के लिए निकल जाता है, और कॉलेज की क्लासेस खत्म करके अपने एग्जाम के लिए कुछ नोट्स तैयार करता है । और शाम को वापिस अपने रूम में आ जाता है , और सोचने लगता है -"कि सुनैना ने क्या किया होगा ? साहिल सोचता है कि क्या उसे हॉस्पिटल जाना चाहिए या नहीं। तभी वह अपना फोन उठाकर देखता है तो हॉस्पिटल के स्टाफ की कुछ मिस कॉल लगी होती हैं। तो वह सोचता है ऐसा क्या हुआ होगा , हॉस्पिटल में जो हॉस्पिटल वालों ने मुझे कॉल किया । इस बात से परेशान हो कर वह जल्दी से हॉस्पिटल के लिए निकलने लगता है । हॉस्पिटल में जाकर साहिल देखता है , उसे से कुछ नार्मल लगता । साहिल नर्स से पूछता है, मुझे हॉस्पिटल से फोन किया गया था । मैं अपना फोन घर पर छोड़ कर गया था इसलिए मुझे मिस कॉल लगी मिली । मैं कॉलेज में था इसलिए फोन कॉल रिसीव नहीं कर पाया । क्या हुआ ? क्यों कॉल करा था आप लोगों ने? एक नर्स ने उसे बताया कि कल देर रात में पेशेंट की हालत बहुत खराब हो गई थी। इसलिए वह आपको कॉल कर रही थी, और साहिल उनकी बात बहुत गौर से सुनता है और अच्छा बोल कर अपना सिर हां में हिलाता है ।और कुछ नहीं बोलता। तभी सुनैना वहां पर साहिल को दिखाई देती हैं। और साहिल सुनैना के पास जाने लगता है। और सुनैना वहां से गायब हो जाती है । तो साहिल सोचता है इसे क्या हुआ? साहिल सोचने लगता है सुनैना मुझे देखकर चली क्यों गई आज से पहले तो उसने ऐसा कभी नहीं किया। तभी वहां पर डॉक्टर आ जाते हैं और साहिल को कुछ मेडिसिन लाने के लिए बोल देते हैं। साहिल बाहर निकल कर मेडिसिन लेने जा रहा होता है, तभी सुनैना उसे कहती है मैंने तुमसे मना किया था ना हॉस्पिटल मत आना तो तुम क्यों आए। तुम्हें एक बार में बात समझ में नहीं आती क्या ? क्रमशः
7 तभी सुनैना उसे कहती है, मैंने तुमसे मना किया था ना। हॉस्पिटल मत आना तो तुम क्यों आए। तुम्हें एक बार में बात समझ में नहीं आती क्या ? अचानक से सुनैना की आवाज को सुनकर साहिल घबरा जाता है, और कहता है -"तुमने तो मुझे डरा दिया, ऐसे अचानक से पीछे आकर कौन बोलता है?"और तुम मुझे देख कर अचानक से गायब क्यों हो गई, ऐसा बिहेव क्यों ? हां बोलो । तभी सुनैना साहिल की बातो को इग्नोर करते हुए उस से पूछती है-"साहिल तुम यहां क्या करने आए हो मैंने तुम्हें मना किया था ना ?" साहिल उसे बताता है-" कि वह कुछ दवाइयां डॉक्टर ने दी है वही लेने जा रहा हूं।" तभी सुनैना साहिल को गुस्से भरी नजरों से उसकी तरफ घूर कर देखती है , और बिना कुछ बोले ही, फिर से वहां से गायब हो जाती है । तो साहिल को समझ में नहीं आता आखिर क्यों सुनैना उस के साथ ऐसा बिहेव कर रही हैं। और वह दवाइयां लाकर डॉक्टर को दे देता है । डॉक्टर दवाइयां ले कर मकान मालिक के रूम में जाते हैं, और उसे इंजेक्शन लगाते हैं , तभी कुछ देर बाद मकान मालिक को धीरे धीरे होश आता है। और साहिल को वहां देख कर मकान मालिक कहता है-"साहिल मुझे बचा लो । प्लीज , साहिल ! प्लीज, मुझे बचा लो । वह मुझे मार डालेगी। साहिल मकान मालिक से पूछता है -" क्यों क्या हुआ सर? कौन आप को मार डालेगा ? आप किसकी बात कर रहे हैं? मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा ? क्या आप डिस्चार्ज लेना चाहते हैं मैं आपको डिस्चार्ज करवा कर घर ले चलूं क्या ?" तो मकान मालिक कहता है -" नहीं! नहीं! मुझे घर नहीं जाना । मुझे घर नहीं जाना। मैं घर नहीं जाऊंगा। तो साहिल मकान मालिक की तरफ संदेह भरी निगाहों से देखता है और कहता है -" क्यों सर ! आपको घर क्यों नहीं जाना , तो मकान मालिक बिल्कुल चुप हो जाता है ,और कुछ नहीं कहता । और तभी बाहर से एक नर्स रूम के अंदर आती है। और साहिल से कहती हैं-" सर आपको डॉक्टर ने अपने केबिन में बुलाया हैं और इतना कह कर नर्स रुम से बाहर आ जाती है। तभी साहिल डाक्टर के केबिन में आता है । और कहता हैं -" सर आपने मुझे बुलाया हैं क्या ?" और वहां साहिल को देख कर डाक्टर कहते हैं -" यस यस कम इन & सिट साहिल "। डॉ साहिल से बात करते हुए कहते हैं, कि अब इनकी हालत में थोड़ा-थोड़ा सुधार आ रहा है । कुछ ही दिनों में आप इन्हें वापस घर ले जा सकते हैं। साहिल डाक्टर को थैंक्यू कहता है, और उनके केबिन से बाहर आ जाता है। साहिल इधर-उधर देखकर सुनैना को ढूंढने लगता है, जब उसे सुनैना कहीं नहीं दिखती और ना ही महसूस होती है।तब वह सोचने लगता है , क्या हो गया ऐसा, जो सुनैना मुझसे बात ही नहीं करना चाह रही। बहुत देर से नैना को ढूंढने के बाद भी जब सुनैना नहीं मिलती। तो साहिल परेशान होकर घर की तरफ निकलता है, और घर जाने के लिए टैक्सी ढूंढने लगता है, लेकिन उसे कोई टैक्सी नहीं मिलती। क्योंकि रात काफी हो चुकी होती है और अंधेरे में घर वापस नहीं जाना चाहता था इसलिए वहां वही हॉस्पिटल में वापस लौट आता है । वॉशरूम जाता है और आईने में देख कर कहता है -"सुनैना तुम यही हो मुझे पता है। पर तुम मेरे सामने क्यों नहीं आ रही हो? प्लीज! मेरे सामने आओ। तो सुनैना अचानक से वॉशरूम के आईने में नजर आती है। और कहती है -"मुझे तुम्हारी मदद चाहिए साहिल"। साहिल पूछता है -"सुनैना तुम मेरे सामने क्यों नहीं आ रही थी आखिर क्या हुआ ? तो सुनैना उसकी बात का कोई जवाब नहीं देती और फिर से कहती है -"क्या तुम मेरी मदद करोगे साहिल "। साहिल सुनैना से कहता है -"हां करुंगा ! लेकिन तुम मेरी बातों का जवाब क्यों नहीं दे रही ? क्या हुआ है सुनैना? सुनैना साहिल से कहती हैं -"मैंने तुम्हारी और डॉक्टर की सारी बातें सुन ली। मकान मालिक अब ठीक हो रहा है, और मैं नहीं चाहती मकान मालिक अपने घर जाए क्योंकि मैं उसे वहां नहीं मार सकती, तुम्हारी वजह से । इसलिए मुझे उसे हॉस्पिटल में ही मारना होगा । और मुझे इसके लिए तुम्हारी मदद चाहिए। क्योंकि जब मैं अकेली थी कल रात में - तो मैं कुछ खास नहीं कर पाई । नर्स और डॉक्टर के आ जाने की वजह से। इसलिए आज तुम मेरे साथ रहोगे, और मकान मालिक को मारने में मेरी मदद करोगे । सुनैना साहिल से पूछती है-"करोगे ना साहिल ?" साहिल कहता है -"हां ठीक है मैं तुम्हारी मदद करूंगा, अब बताओ मुझे क्या करना है "। तो सुनैना उसे कहती है-" तुम रूम के बाहर खड़े रहोगे बस और कुछ भी नहीं करोगे बस इतना ध्यान देना अगर कोई नर्स या डॉक्टर आए , तो तुम उन्हें अन्दर आने से रोक लेना, बस तुम्हारा इतना ही काम होगा।" साहिल कहता है-" ठीक है कब करना है यह काम मुझे"। तो सुनैना उसे कहती है -"अभी "। साहिल उसकी तरफ देखता है और कहता है -"ठीक है "। और वह दोनों वॉशरूम से बाहर आते हैं साहिल मकान मालिक की रूम के बाहर ही बैठ जाता है और नर्स रुम में जाकर कुछ दवाइयां मकान मालिक को देकर उस के रूम से बाहर निकलती है और गेट बाहर से बंद कर देती है। गेट के बाहर ही साहिल बैठा रहता है वह नर्स से पूछता है-"ऑल ओके ना नर्स!" नर्स - यस बोलती है, और वहां से चली जाती है । साहिल वही रुम के बाहर ही बैठा रहता है, तभी सुनैना दरवाजे के अंदर जाती है। साहिल उसे देख कर पूरी तरह से चौकन्ना होकर दरवाजे के बाहर बैठा रहता है। तभी मकान मालिक के रूम से रूम से हल्की सी आवाज आती हैं और ऐसा लगता है कुछ गिरा है। साहिल अपनी जगह पर जल्दी से खड़ा हो जाता है। तभी उसे रूम से कुछ अजीब अजीब सी हलचल महसूस होती है। और धीमी धीमी सी कुछ दर्द भरी आवाजें भी आती है। और उसके बाद अचानक से सब कुछ शान्त हो जाती है ।और सुनैना वहां से निकलकर बाहर आ जाती है । और साहिल भी उसके पीछे-पीछे जाने लगता है । सुनैना कहती है -"अब तुम मेरे पीछे क्यों आ रहे हो साहिल जाओ मेरे पीछे मत आओ"। तो साहिल कहता है -"क्या हुआ अंदर ? क्या किया तुमने? मुझे बताओ तो?" सुनैना साहिल से कहती है तुमने अपना काम बहुत अच्छा किया, और मेरी मदद करने के लिए शुक्रिया। और शायद अब हम कभी दोबारा ना मिले । यह सुनकर साहिल कहता है-" नहीं रुको मेरी बात सुनो मुझे तुमसे बात करनी है " तो सुनैना कुछ नहीं कहती है बिना कुछ बोले ही बस साहिल को देखती है। साहिल कहता है-" मुझे बताओ तुमने अंदर क्या किया? सुनैना उसे कुछ नहीं बताती।" तभी अचानक से साहिल का फोन बजता है वह देखता है फोन हॉस्पिटल से है , साहिल फोन उठाता हैं-" हेलो मिस्टर साहिल? साहिल जवाब देता है-" हां जी " मिस्टर साहिल आप कहां हैं ? जल्दी से हॉस्पिटल आइए! साहिल हॉस्पिटल की तरफ जाने लगता है और सुनैना भी वहां से चली जाती है। क्रमशः।
8 नर्स कहती हैं -" हेलो आप कहां हैं? जल्दी से हॉस्पिटल आइए! मिस्टर साहिल। साहिल हॉस्पिटल की तरफ दौड़ता हुआ जाने लगता है , और सुनैना की तरफ देख कर कहता है-"नर्स का कॉल था, मुझे अभी जल्दी से आने के लिए बोला है।और मुझे तुमसे बात भी करनी है ।" सुनैना उसकी तरफ देखती है लेकिन कुछ बोलती नहीं है। साहिल सुनैना से पूछता है -" सुनैना अभी तुम कहां जा रही हो।" सुनैना बिना कोई जवाब दिए ही वहां से गायब हो जाती है। और साहिल हॉस्पिटल की तरफ भागता है, और रूम के पास जा कर रूकता है। और नर्स से पूछता है -" क्या हुआ नर्स आपने मुझे फोन करके क्यों बुलाया "? तो नर्स कहती है -"आई एम सॉरी मिस्टर साहिल ! योर पेशेंट इज डेट, डिड यू नो? ही इज नो मोर ! साहिल पूछता है -"व्हाट? पर यू ऐसे क्या हुआ अचानक से कैसे "? साहिल थोड़ा सा एक्टिंग करते हुए पूछता है। तभी डॉक्टर कहते हैं -"अचानक से इस तरह हार्टअटैक आना, यह तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहा है! पता नहीं कैसे? पर हार्ट अटैक की वजह से ही पेशेंट की मौत हुई है।" मिस्टर साहिल आप पेपर वर्क करके सुबह बॉडी ले जा सकते हैं, साहिल हां में सर हिलाता है और नर्स उससे कहती है सर आप इनके घर वालों को इन्फोर्मेशन दे दीजिए गा। और पेपर वर्क के लिए सुबह हॉस्पिटल आ जाइएगा। अभी आप अपने घर जा सकते हैं । और साहिल वहां से बाहर आता है, एक टैक्सी में बैठकर घर की तरफ निकल जाता है। और घर पहुंच कर साहिल बिना रूके हुए सीधे अपने वॉशरूम में जाता है, और हाथ मुंह धोता है। और आईने में देखकर सुनैना को सोचने लगता है और वैसे ही साहिल को सुनैना महसूस होती है और साहिल तुरंत आईने की तरह देख कर कहता है -"सुनैना क्या तुम यहां हो ?प्लीज! एक बार मुझसे बात तो करो सुनैना ?. सुनैना उसके सामने आती है, और कहती है-" क्या हुआ क्या बात करनी है तुम्हें साहिल"? तो साहिल कहता है -"अब तो तुम खुश तो हो ना सुनैना? तुम्हारा बदला पूरा हो गया, मकान मालिक तो मर गया !अब तुम्हारा आगे का क्या प्लान है मैडम?" तो सुनैना साहिल की तरफ देखती है , और कहती है-" मेरा बदला पूरा हो गया , अब मुझे कुछ नहीं चाहिए । और इतना कहकर सुनैना उसी आईने मे जाने लगती है , साहिल कहता है -"रुको !मेरी बात तो सुनो सुनैना? सुनो तो एक मिनट। मगर सुनैना उसकी कोई बात नहीं सुनती, और अपने आईने में कहीं गायब हो जाती है। और साहिल कुछ देर तक आईने में ही देखता रहता है, और उसे के बाद जल्दी से फ्रेश होकर वॉशरूम से बाहर आ जाता है। और बिना कुछ खाए ही, सोने के लिए बेड पर बैठता है। और सुनैना के बारे में ही सोचता रहता हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ ? जो सुनैना मुझ से कोई बात क्यों नहीं कर रही? ना हीं मेरी बातों का कोई जवाब नहीं दे रही है ? साहिल को यह सब बातें बहुत अजीब लगती है। और वह थोड़ा सा परेशान हो जाता है , उसे कुछ तो खटकता है लेकिन सुबह से शाम तक की भाग दौड़ की वजह से इतना ज्यादा थका हुआ था। उसे कब नींद आ गई। पता ही नहीं चला।और वह जल्द ही सो जाता है । सुबह उठकर साहिल जल्दी से हॉस्पिटल की तरफ निकलता है। हॉस्पिटल पहुंच कर साहिल वहां से पेपर वर्क करके मकान मालिक की बॉडी लेकर सीधा श्मशान घाट पहुंच जाता है और वहां पर पंडित से सारे क्रिया कर्म करवाने के बाद मकान मालिक की बॉडी को चिता पर लिटा कर जैसे ही पंडित चिता पर आग लगाते हैं तभी साहिल सुनैना को वही पर महसूस करता है और उसके मुंह से सुनैना निकलता है और साहिल सुनैना की आत्मा को उसी आग में जाता हुआ देखकर सोचता है या क्या दिख रहा है मुझे उसे कुछ समझ नहीं आता और वह जल्दी से घर आता है और वॉशरूम के दरवाजे को खोलकर जैसे ही उस आईने पर पर देखता है साहिल के पैरों तले जमीन खिसक जाती है वह देखता है उस आईने पर लिखा हुआ था मेरी मदद करने के लिए शुक्रिया साहिल और अब हम कभी नहीं मिल सकते मुझे मुक्ति दिलाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। अलविदा मेरे दोस्त। साहिल को यह सब देख कर। सब कुछ समझ आ जाता है और सोचता है मकान मालिक की मरते ही सुनैना की आत्मा को मुक्ति मिल गई । चलो अच्छा है मैं किसी के काम तो आया और आईने की तरफ देखकर मुस्कुराता है और कहता है, अलविदा सुनैना । समाप्त।।। A.A