रूहानी रावत एक फेमस एक्टर, जो अधीर के प्यार मे इतनी पागल थी की उसके लिए अपने पति से लड़ जाती थी। रणधीर रावत R.R इंडस्ट्रीज का सीईओ, जो इंडिया का मोस्ट पावरफुल बिजनैसमैन था। उसके आगे दुनिया झुकती थी और वो रूहानी के प्यार आगे नतमस्तक हो जाता था। रुहानी... रूहानी रावत एक फेमस एक्टर, जो अधीर के प्यार मे इतनी पागल थी की उसके लिए अपने पति से लड़ जाती थी। रणधीर रावत R.R इंडस्ट्रीज का सीईओ, जो इंडिया का मोस्ट पावरफुल बिजनैसमैन था। उसके आगे दुनिया झुकती थी और वो रूहानी के प्यार आगे नतमस्तक हो जाता था। रुहानी अधीर के झुटे प्यार के जाल में फस कर रणधीर से लड़ कर डिवोर्स ले लिया और रणधीर से वो कॉन्ट्रेक्ट लेकर अधीर को दे दिया। अधीर को कॉन्ट्रेक्ट मिलते ही उसने रूहानी को धोखा दिया और उसे मार दिया।इस प्लान में रूहानी के सौतेले भाई बहन ने भी अधीर का साथ दिया था। क्या रूहानी अपना बदला लेने वापस आएगी? कैसी लेगी वो अपनों से ही अपनी मौत का बदला? जानने के लिए पढ़िए "Rebirth To Take Revenge" Maya
Randheer Rawat
Hero
Ruhani Rawat
Heroine
Adhir shingh
Villain
Rudhra Chauhan
Side Hero
Kirti Sharma
Advisor
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रूहानी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसने अपने प्यार अधीर के लिए रणधीर को डिवोर्स देकर अधीर के पास आ गई थी।" रुहानी खुशी से अधीर के गले लगकर कहती है, "अधीर देखो, मेने रणधीर से डिवोर्स ले लिया और वो कॉन्ट्रेक्ट भी जो तुम्हे चाहिए था, देखो।" कहते हुए रूहानी अधीर को एक कॉन्ट्रेक्ट देती है और डिवोर्स पेपर भी। अधीर जल्दी से रुहानी के हाथ से वो कॉन्ट्रेक्ट छीनकर देखने लगता है। यह वही कॉन्ट्रेक्ट था जिस के लिए रणधीर ने एक साल से मेहनत करके हासिल किया था, जिसका मूल्य पूरे हजार करोड़ था। यह कॉन्ट्रेक्ट उसे इंडिया के नंबर 1 बिजनेसमैन बनाने का मौका देता और उसकी कंपनी को उच्चाईयों तक पहुँचाता है, लेकिन रूहानी ने उससे इनकार करते हुए कहा कि यह उसकी जिद्द नहीं कामयाबी थी, जिससे पता चलता है कि रणधीर रूहानी से प्रेम करता है। अधीर कॉन्ट्रेक्ट देखने के बाद, वह जोर जोर से हसने लगता है। उसकी हंसी रूहानी को अजीब लग रही थी, लेकिन वह इस पर ध्यान नहीं दे रही थी और अधीर के गले लग गई। उसकी सांसें तेज हो गईं और एक तेज दर्द महसूस हुआ। रूहानी अधीर से दूर हो गई तो उसके हाथों में एक चाकु था, जिससे उसने रूहानी के पेट में घोंपा था। उसे इस शौक से बाहर निकलने के लिए यह एक झटका लगता है। उसकी छोटी सौतेली बहन यामिनी अधीर के पास जाकर उसे किस करती है दोनों एक दूसरे के सामने। जब रूहानी से बर्दास्त नहीं होता तो वह चिल्लाती है। "तुम दोनों ने मुझे धोखा दिया, क्यों? अधीर, मैंने तुमसे हमेशा प्यार किया, फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?" तब तक उसका सौतेला भाई कार्तिक आता है और कहता है, "तुम इसके साथ ऐसा कैसे कर सकते हो, जानते नहीं, ये मेरी छोटी बहन है।" कहते हुए उसके पास बैठ जाता है। यामिनी अपने सामने अपने बड़े भाई को देखकर रूहानी को उसकी भाई की तरह देखती है, और अधीर से दूर हो जाती है। रूहानी भी अपने भाई को देखकर इमोशनल हो जाती है और रोते हुए उसके गले लग जाती है, कि उसका भाई भी उसे फिर एक बार चाकु से घायल कर देता है। रूहानी को इस बार फिर धोखा मिला, अपने भाई से, वह जमीन पर गिर जाती है। तभी उसके कान में तीनों की हंसने की आवाज़ आती है। कार्तिक अधीर के गले लगते हुए कहता है, "आखिर कार, अपने रस्ते का सबसे बड़ा काटा हट ही गया। दादा जी को भी इसमें पता नहीं क्या दिखा, जिसने उनकी सारी जायदाद इसके नाम लिख दी।” "दादा तो चलो सठिया गए थे बुढ़ापे में, पर रणधीर रावत को इसमें ऐसा क्या दिखता है जो इसके पीछे इतना पागल है? मेरा भी जादू उस पर नहीं चलता, पर तुमने इसको अच्छा बेवकूफ बनाया। खुद को इसके सामने लाचार दिखाते रहे और इसे लगता है कि रणधीर बहुत बुरा है और तुम्हारे झासे में फँसती गई बेचारी रूहानी पर मुझे एक बात का अफसोस है, ये मेरे लिए बहुत अच्छी डिजाइन्स बनाती थी," यामिनी जोर जोर से हंसते हुए कहती है। रूहानी ये सब सुनकर मुस्कुराकर अपना दम तोड़ देती है। रणधीर को जब रूहानी की मरने की खबर मिलती है, तो वह पूरा टूट जाता है। रूहानी को अपने गोद में लिए बैठा रहता है, किसी को भी रूहानी को छूने नहीं देता। रूहानी की आत्मा ये सब देखकर पश्चाता रही थी कि उसने इतने प्यार करने वाले पति को छोड़ दिया था। रणधीर को हमेशा गलत समझती रही थी पर रणधीर उसे हमेशा प्यार करता आ रहा था। रणधीर की ऐसी हालत रुद्र से देखी नहीं जा रही। रुद्र रणधीर का दोस्त था और साथ में उसका सेक्रेटरी भी था, जो उसे समझाने की कोशिश करता है। "रणधीर, संभाल खुद को। भाभी, अब इस दुनिया में नहीं रही, अब उन्हें आजाद कर दो, उन्हें अपनी दुनिया में जाने दो। नहीं, मैं रूहानी को कहीं जाने नहीं दूंगा," रणधीर ये सब पागलों की तरह कह रहा था और रूहानी को अपने सीने में जकड़ लेता है। उसकी ऐसी हालत उसकी माँ नहीं देख पा रही है और रणधीर को एक थप्पड़ जड़ देती है और उसकी कॉलर पकड़कर कहती है, "जाने दो रणधीर, रुहानी अब नहीं रही, उसकी रूह तो कबका उसकी शरीर को छोड़ चुकी है। अब तुम भी उसे जाने दो और पकड़ो उन कमीनों को जिन्होंने तुम्हारी रूहानी को मारा है।" रणधीर अब रूहानी को जाने देता है। कुछ ही देर में रूद्र मेरी रूहानी की चिता ठंडी होने से पहले मुझे इनके कातिल के बारे में जानना है। रणधीर का ऑर्डर मिलते ही रुद्र रूहानी के कातिलों की तलाश में निकल पड़ता है और कुछ ही घंटों में रुद्र ने रूहानी के कातिल की जानकारी रणधीर के पास ले आता है और बताता है, "बॉस मेम को मारने वाले कोई और नही, अधीर," कार्तिक और यामिनी हैं। "तीनों को ब्लैक पैलेस लेकर आओ।" ब्लैक पैलेस में, कुछ ही देर में तीनों रणधीर के सामने थे। रणधीर उनको घूरते हुए कहता है, "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी रूहानी को मारने की?" तीनों को लगा था कि रुहानी के डिवोर्स लेने के बाद रणधीर को रुहानी से कोई रिश्ता नहीं पड़ेगा, पर रणधीर को अपने सामने देख, तीनों डर से कांप रहे थे और ये सब रुहानी की रूह देखकर खुश हो रही थी। तभी वहां रणधीर उनको मारने जाता है, तो तीनों गिड़गिड़ाते हुए कहते हैं, "मुझे माफ कर दो, प्लीज, मुझे माफ कर दो, रणधीर, हम तुम्हारे सामने अपनी जान की भिख मांगते हैं।" पर रणधीर को किसी पर रहम नहीं आता, वह उन्हें मार डालता है। और खुद से कहता है, "रूहानी, मैं तुम्हारे बिना यहाँ रह कर भी क्या करूंगा?" कहते हुए वह खुद को भी मार देता है। रूहानी की रूह यह देख रो पड़ती है और चिखने चिल्लाने लगती हैं। वह चाहती थी कि उसके कातिलों को सजा मिले, पर रणधीर को तो मरते हुए नहीं देख सकती थी। वह भगवान से गुहार लगाते हुए कहती है, "भगवान जी, सब कुछ सही कर दीजिए ना।" कहती हुए रुहानी की रूह रो पड़ती है और गायब हो जाती है। और जब उसकी आंखें खुलती हैं, तो वह चौंक जाती है। वह इस वक्त अपने सुहागरात की सेज पर थी और खुद को चिकोटी काटती है और खुद से कहती है, "क्या मेरा रिबर्थ हुआ? मैं शादी के पहले रात में कैसे यहाँ आ गई?" वह कुछ सोचती है कि वहां रणधीर आता है और कमरे का दरवाजा बंद कर देता है। जारी है
जब उसकी आंखें खुलती हैं तो वह चोक जाती हैं वह इस वक्त अपने सुहागरात की सेज पर थी वो खुद को चुंटी काटती है और खुद से कहती हैं क्या मेरा रिबर्थ हुआ मे शादी के पहले रात मे कैसे आ गई वो कुछ सोचती कि वहा रणधीर आता है और कमरे का दरवाजा बंद कर देता है तब रूहानी को याद आता है कि उस दिन भी यही हुआ था और रणधीर उससे गुस्सा था क्योंकि रूहानी ने शादी ना करने के लिए अपनी नस तक काट ली थी और अपने दादा को इमोशन ब्लैक मेल किया पर दादा जी नही माने और जबर्दस्ती रणधीर से शादी करवा दिया उन्होंने तब रूहानी सोचती थी कि उसके दादा जी बिजनेस में बढ़ोतरी के लिए रावत खानदान मे उसकी शादी करवा दी थी पर ये गलत था दादा जी ने रूहानी की शादी इसलिए रणधीर से करवाई थी क्योंकि रणधीर एक अच्छा इंसान था और रूहानी से प्यार भी करता था रूहानी को अब अपनी ही सोच पर शर्म आ रही थी कि वह पहले कितनी बेवकूफ थी जो अधीर कार्तिक और यामिनी के बहकावे में आ जाती थी पर अब नही अब वो सब ठिक करेगी जो उसके वजह से खराब हुआ था तभी दरवाजे पर दस्तक होती है और रूहानी को याद आता है कि उस दिन यामिनी यहा आई थी उसके जख्म पर मरहम लगाने और रणधीर के दिल में उसके खिलाफ जहर भरने अभी रूहानी ये सोच ही रही थी कि रणधीर ने दरवाजा खोल दिया और यामिनी बड़े अदा के साथ कमरे में दाखिल होती है यामिनी को सामने देख रूहानी की मुट्ठी कश चाती है और वह गुस्से से यामिनी को घुरने लगती हैं पर यामिनी सबसे बेखबर रुहानी को अपने बातो मे बहकाने और रणधीर के दिल में रूहानी के लिए जहर घोलना शुरू कर देती है और अपनी झुटी हमदर्दी रूहानी को दिखाते हुए कहती हैं ये क्या किया दीदी तुमने शादी रोकने के लिए अपना नस काट लिया आप ये कैसे कर सकती हैं माना आप अधीर से प्यार करती थी और ये शादी आपकी मर्जी से नही हुई इसका मतलब ये तो नही कि आप अपनी जान ही ले ले " कहते हुए रुहानी के हाथों मे बैंडेज करने लगती है रुहानी को यामिनी के बातो से याद आता है कि कैसे शादी के एक रात पहले यामिनी ने रूहानी को ये आइडिया दिया था और कहा था आपको याद ही दी जब आपको बचपन मे कही चोट लग जाती थी दादा कितने परेशान हो जाते थे फिर इस बार भी आप ऐसा कुछ किजिए कि दादा जी आपकी शादी उस रणधीर से ना करवाए उसकी ऐसी ही बातो को सुन कर रूहानी ने अपना नस काट लिया था जिससे दादा जी शादी रुकवा दे पर बारात द्वार पर आ जाने के वजह से दादा जी ने रुहानी को अपनी कसम दे कर मंडप पर बिठा दिया था ये सब याद आते ही रूहानी से उसका गुस्सा कंट्रोल नही होता और वह यामिनी को एक चांटा रशीद देती है ये देख कर तो रणधीर शौक हो जाता है कि रूहानी अपनी छोटी बहन पर कैसे हाथ उठा सकती है जिस से उसने उची आवाज में बात भी नही किया पर रणधीर कुछ नही करता बल्कि दुर से ये सब तमाशा देखता है दीदी आपने मुझे क्यों मारा मे तो बस आपकी हेल्प कर रही थी " यामिनी रोते हुए रणधीर को देखकर ये सब बाते कहती हैं पर रणधीर उससे अपनी नजरे फेर लेता है पर वजह तो वह भी जानना चाहता था तुमने मेरे जख्म को दुखाया तो मे बर्दश्त ना कर सकी और तुम्हे थप्पड़ जड़ दिया पर तुम ये क्या बकवास कर रही थी मेने अपनी नस नही काटी बल्कि मे लहंगे में फस कर गिर गई थी जिस वजह से मेरे हाथों कि चुड़िया टुट कर मेरे ही हाथ को घायल कर गई तुम ये अफवाह फैला कर कि मे शादी से बचने के लिए अपने हाथ की नस काट ली है मुझे बदनाम करना चाहती हो " रूहानी का ऐसा अवतार देख यामिनी डर जाती है और रणधीर फिर से शौक मे चला जाता है कि एक लड़की एक ही दिन में इतना कैसे बदल सकती है आप गलत समझ रही है दि मेरे कहने का ये मतलब नही था दादा जी ने बताया कि तुमने खुद को चोट पहुंचा ली है और आप पहले ये शादी नही करना चाहती थी तो मुझे लगा आपने खुद को चोट पहुंचा लिया है शादी से बचने के लिए मे परेशान हो गई और आपको देखने चली आई और सोचा जख्म पर मरहम भी लगा दुंगी " यामिनी इनोसेंट बनते हुए कहती हैं तुम्हे मेरी फ्रिक करने कि जरूरत नही है उसके लिए मेरे पति है और अब तुम जा सकती हो पर अगली बार इतनी रात को मत आना मुझे तो नही पर तुम्हारे जीजु को जरूर बुरा लग सकता है तुम तो जानती ही हो ना सुहागरात पर दुल्हा दुल्हन को डिस्टर्ब नही करते " रूहानी ने ये बात बड़े नॉटी तरीके से कहा था और थोड़ा शर्माते हुए भी रूहानी की ऐसी बाते और ऐसे एक्सप्रेशंस देख कर तो रणधीर की हार्ट बीट ही मिस हो गई थी और वही यामिनी ये सुन कर जल भुन गई थी रणधीर बिजनेस वल्ड का किंग था और उसे पाना तो हर किसी कि ख्वाहिश थी और यामिनी तो थी ही लालची पर अब वह कुछ नहीं कर सकती थी सिवाए अपने पैर पटकने और उसने वही किया पैर पटकते हुए वहा से चली गई यामिनी के जाने के बाद ही रणधीर रूहानी को पकड़ दिवार से लगा देता है और कहता है ये सब तुम्हारी कौनसी चाल है मिसेज रावत ये बात तुम भी जानती हो और मे भी कि तुम मुझसे प्यार नही करती और ये शादी तुमने दादा जी के मर्जी से किया है फिर ये नाटक क्यों कि तुम इस शादी से खुश हो रणधीर को अपने इतने करीब देख कर रूहानी को सुकुन मिल रहा था वह अपने हाथ रणधीर के गाल पर रखते हुए प्यार से सहलाने लगती है रणधीर उसे ऐसा करते देख कहता है " इस बार तुम्हे मुझसे क्या चाहिए पक्का कुछ बड़ा ही चाहिए होगा जो तुम मुझे इतने प्यार से देख रही हो हां इस बार मुझे आप चाहिए रणधीर जन्म जन्मांतर के लिए जारी है
रणधीर उसे ऐसा करते देख कहता है " इस बार तुम्हे मुझसे क्या चाहिए पक्का कुछ बड़ा ही चाहिए होगा जो तुम मुझे इतने प्यार से देख रही हो हां इस बार मुझे आप चाहिए रणधीर जन्म जन्मांतर के लिए " रूहानी रणधीर के गले लग जाती है तुम क्या करना चाहती हो रूहानी मुझे तुम्हारी बेरुखी बर्दाश्त है पर धोखा नही तुम मुझे अपने झुटे प्यार के जाल में नही फंसा सकती मे ये बात बहुत अच्छे से जानता हुं कि तुम अधीर से प्यार करती हो और ये चोट तुम्हे चुड़ियो से नही बल्कि तुमने खुद इस शादी से बचने के लिए नस को काट लिया मे अपनी मा के कारण मजबुर ना होता न तो मे खुद तुमसे शादी नही करता " कहते हुए रणधीर रुहानी को खुद से अलग कर देता है और बेड पर जाकर एक तरफ सो जाता है रूहानी अफसोस से अपनी नजरे झुका लेती है रणधीर गलत नही था रूहानी ने उसका दिल इतनी दफा तोड़ा था कि अब उसके प्यार पर एतबार करना मुश्किल था फिर भी वह हार नही मानती और रणधीर के बगल में लेट कर उसके सीने पर अपना सर रख देती है और उसके शेरवानी के बटन से खेलते हुए कहती हैं जो भी हुआ वह बिता हुआ कल था और आप मेरे आज है मे इस रिश्ते को दिल से निभाना चाहती हुं प्लीज एक बार मुझ पर ट्रस्ट कर लिजिए गॉड प्रोमिस मे ऐसा कोई काम नही करूंगी जिससे आपको बुरा लगे " रूहानी अब रणधीर के सीने पर सर रखे ही उसके आखों में देखते हुए कहती है यार भगवान को तो अपनी साजिशों में शामिल मत करो थोड़ा खौफ करो " कहते हुए रणधीर अपनी गर्दन ना मे हिलाते हुए कहता है रणधीर को उसके बात पर भरोसा ना करते देख रूहानी गुस्से में अपना सर रणधीर के सीने पर पटकती है तो रणधीर के मुंह से दर्द मे आह निकल जाता है पर फिर भी वह कुछ नही कहता और अपना दोनो हाथ सर के नीचे दबा कर आंखे बंद कर लेता है पर रुहानी गुस्से में रणधीर के शेरवानी मे जड़ी बूटियों को नोंचने लगती है तो रणधीर अपनी आंखें बंद किए हुए ही कहता है तुम मुझे उकसा रही हो तो रुहानी खुश हो कर कहती हैं " किस चीज़ के लिए यहा से उठकर दुसरे रूम मे सोने जाने के लिए अगर तुम नही चाहती कि मे दुसरे रूम मे सोऊ और सुबह मा तुमसे सवाल करे तो अच्छी बच्ची की तरह मुझसे दुर बेड के किसी कोने में सो जाओ रणधीर के ऐसे रुखे जवाब सुन कर रूहानी रणधीर से अलग हो जाती है और उससे दुर जाकर सो जाती है और रूहानी थोड़े ही देर में नींद के सागर में गोते लगाने लगती है उसे इतने सुकुन से सोते देख रणधीर उसे पीछे से अपने सीने में छुपा कर सोते हुए कहता है मे नही जानता रूहानी कि तुम सच बोल रही हो या झूठ पर मेरा दिल चाहता है तुम हमेशा मेरे साथ ऐसे ही रहो मेने तुम्हे बहुत चाहा है रूहानी इतना जितना तुम सोच नही सकती पर इस वक्त मुझे तुम्हारी बातो पर चाह कर भी भरोसा नहीं कर पा रहा हूं तुमने मुझे इतनी बार ठुकराया है कि तुम्हारा मेरे करीब आना भी किसी सपने कि तरह लग रहा है जो मेरे आंख खोलते ही टुट जाएगा सुबह सुबह रूहानी जल्दी उठ जाती है तो देखती है रणधीर अभी भी सो रहा है तैयार हो जाइए मिस्टर रावत मिसेज रावत के जलवे देखने के लिए " कहते हुए उसके फोरहेड पर किस कर देती है और शावर लेने चली जाती है कुछ ही देर में रूहानी चटक सिंदूरी लाल रंग की साड़ी में थी और शादी के लाल और गोल्डन चुड़ा उसके खुबसुरती मे चार चांद लगा रहे थे उसके पांव के पायल की झनक से रणधीर का नींद हल्का खुल जाता है रणधीर की आंखे फड़फड़ाते देख रूहानी कमरे के सारे पर्दे खोल देती है तो रणधीर कि नींद पूरी खुल जाती है और अपने सामने रुहानी को साड़ी मे देख रणधीर फिर एक बार रूहानी का दिवाना हो जाता है और एक टक बिना पलके झपकाए रूहानी की खुबसुरती में खो जाता है रूहानी जब रणधीर को ऐसे खोये देखती है तो उसके करीब चली जाती है और उसके कान मे प्यार से कहती हैं मे साड़ी में सेक्सी लगती हुं न रणधीर बिना सोचे समझे कह देता है " बहुत फिर अपनी ही बातों को याद कर कि उसने अभी क्या कहा हड़बड़ा कर उठ जाता है रूहानी उसे हड़बड़ाते हुए देखती है तो मुस्कुरा पड़ती है और रूहानी को मुस्कुराता देख रणधीर उसे एक टफ लुक देते हुए कहता है अच्छा किया जो साड़ी पहन लिया हमारे घर मे बहु शादी के पहले दिन लाल साड़ी पहनती हैं मा देखेंगी तो उन्हे अच्छा लगेगा " कहते हुए वह भी शावर लेने चला जाता है जानती हूं मा को अच्छा लगेगा " रूहानी याद करती है उस जन्म में रूहानी देर से सोकर उठी थी और प्रेमा जी रणधीर कि मा उसे एक लाल रंग कि साड़ी देकर तैयार होने को कही थी पर रूहानी ने प्रेमा जी के साथ बदतमीजी से बात कर के उनकी साड़ी लोटा दी थी और वेस्टर्न कपड़े पहन कर बाहर चली गई तभी दरवाजे पर दस्तक होती है तो रूहानी दरवाजा खोलती है तो वहा प्रेमा जी को देख कर खुशी से उनकी पैर छु कर आशिर्वाद लेती है प्रेमा जी रूहानी को ऐसा करते देख खुश हो जाती है और उसे अपने गले लगाते हुए कहती हैं दुधो नहाओ पूतों फलो ऐसा आशीर्वाद सुन रूहानी शर्मा जाती है और उसे शर्माता देख प्रेमा जी अपने आंखें मे से काजल निकाल रूहानी के कान के पीछे लगाते हुए कहती है किसी की नजर ना लगे मेरी बहु को आज तो मेरी बहु अपसरा लग रही है रणधीर पीछे से सास बहू का प्यार देख बहुत खुश हो रहा था कि उसे खड़े खड़े मुस्कुराता देख प्रेमा जी कहती हैं जल्दी से बाहर आ जाओ नाश्ता तैयार है रणधीर :- जी मा हम अभी आ रहे हैं रणधीर और रूहानी एक साथ कमरे से बाहर निकलते हैं कि तभी रूहानी की नजर प्रेमा जी के सामने बैठे शख्स पर पड़ती है तो वह दौड़ पड़ती है और गले लग जाती है जारी है
रणधीर और रूहानी एक साथ कमरे से बाहर निकलते हैं कि तभी रूहानी की नजर प्रेमा जी के सामने बैठे शख्स पर पड़ती है तो वह दौड़ पड़ती है और गले लग जाती है ये शख्स कोई और नही रुहानी के दादा जी विश्वनाथन शेखावत थे जो रूहानी से बेहद प्यार करते थे कैसा है मेरा बच्चा " दादा जी रूहानी के बाल सहलाते हुए कहते हैं मे बहुत खुश हूं दादा जी " कहते हुए रूहानी दादा जी को और कस कर गले लगा लेती हैं दादा जी ने ये तो एक्सपेक्ट नही किए थे कि रूहानी इतनी खुश होगी उन्होने तो सोचा था कि रूहानी उनसे गुस्सा होगी और उनसे बात तक नही करेगी इसलिए वो उसे मनाने के लिए उसकी पसंद की कई चीजे लाए थे और उसमें से सबसे खास था the blue sea diamond जिसे देख रूहानी खुश हो जाती है और उसे याद आता है उसके पहले जन्म मे भी दादा जी उसके लिए ये डायमंड लेकर आए थे पर रुहानी गुस्सा हो कर दादा जी के दिए सारे गिफ्ट वापस कर दी थी जिससे उसके दादा जी हर्ट हुए थे दादा जी आपको याद था कि मुझे ये डायमंड चाहिए था " रूहानी उस डायमंड को देखते हुए कहती हैं याद था मुझे बचपन मे तुम हमेशा इस डायमंड को मांगती थी और मे कहता था कि तुम्हारी शादी हो जाएगी तो मे तुम्हे दूंगा। ' दादा जी की बात सुन यामिनी रूहानी को इतना प्यार मिलता देख जलन से दादा जी से कहती हैं बचपन में तो मे भी आपसे कहा करती थी कि मुझे भी ये डायमंड चाहिए आप भुल गए दादा जी मे कुछ नही भुला यामिनी तुम्हारे लिए भी रखा है मेने एक वाइट डायमंड और रही बात इस डायमंड को रूहानी को देने कि तो वह शेखावत खानदान कि बड़ी बेटी है उसका इस डायमंड पर पुरा हक बनता है " ये सुन यामिनी को गुस्सा आ जाता है क्योंकि जिस डायमंड कि बात दादा जी कर रहे थे वह एक नॉर्मल सा डायमंड था और जो रुहानी को दिया गया था वह फ्लॉलेस शीर्ष ग्रेड का ब्लु डायमंड था जिसके किमत का अंदाजा कोई आम व्यक्ति लगा ही नही सकता था फिर भी यामिनी अच्छी पोती होने कि एक्टिंग करते हुए कहती हैं जी दादा जी आप सही कह रहे हैं ये डायमंड दीदी को ही मिलना चाहिए मे सोच रही थी रणधीर और रूहानी कि शादी बहुत जल्दी जल्दी मे कर दी गई पर रिसेप्शन धुम धाम से किया जाए मे भी अपनी बहू को दुनिया वालो से मिलाना चाहती हु अभी तक तो किसी को पता भी नही है कि रणधीर और रूहानी के शादी के बारे में आप इस बात पर क्या कहते हैं " प्रेमा जी दादा जी से राय मांगती है तो दादा जी से पहले रुहानी प्रेमा जी के पास बैठ कर बोल पड़ती है मा मे चाहती हुं कि पहले में अपना नाम बनाऊ और खुद को रणधीर के साथ खड़े होने कि काबिल बनाऊ मे चाहती हुं लोग मुझे मेरे सरनेम से नही बल्कि मेरे नाम से पहचाने कि आप भी गर्व से सबके सामने कहे कि ये मेरी बहु है मिसेज रूहानी रावत " रूहानी को इतने आगे तक सोचता देख और उसके अंदर कुछ हासिल करने का जुनुन देख प्रेमा जी को तो अभी से गर्व होने लगा कि रूहानी उनकी बहु है और रणधीर भी रूहानी के लिए यही चाहता था कि रूहानी अपने सपने पुरे करे जो वो चाहती है मेरे तरफ से पुरी छुट है तुम जो चाहो वो कर सकती हो पर कुछ सोचा है क्या करना है " प्रेमा जी उसके गाल को सहलाते हुए कहती है मे सोच रही थी कोई नई कम्पनी खोलु " रूहानी ये बात बहुत उदास होते हुए कहती है उसे उदास देख दादा जी को अच्छा नहीं लगता वह रुहानी को डांटने हुए कहते हैं अपनी कम्पनी रहते हुए तुम्हे जरूरत क्या है नई कम्पनी खोलने कि पर दादा जी वो प्रोडक्सन हाउस तो कार्तिक भाई हैंडल करते हैं और आप तो जानते हैं न मुझे किसी के ऑडर फोलो करने कि आदत नही है " रूहानी मासुम सी शक्ल बना कर दादा जी से कहती हैं रणधीर और यामिनी को समझ नही आ रहा था कि रूहानी क्या करना चाहती है पर उनके सोचने से पहले ही रुहानी अपने मकसद मे कामयाब हो गई थी तुम जैसा चाहती हो वैसा ही होगा तुम्हे किसी के ऑडर फोलों नही करने पड़ेंगे मे ऐसा कुछ करूंगा " दादा जी की बात सुन यामिनी को फ्रिक होने लगती है कि कही दादा जी कार्तिक को कम्पनी से निकाल कर रूहानी को उनकी पोजिशन तो नही देने वाले पर दादा जी दीदी ने कभी ऑफिस में कदम नही रखा वो कैसे इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकती है और भाई कम्पनी के लिए दिन रात बहुत मेहनत करते हैं " यामिनी दादा जी के फैसले को बदलने कि कौशिश करती है प्रोडक्शन हाउस संभालना कोई बड़ी बात नहीं है और रूहानी ने तो एक एक्ट्रेसेज के रूप मे कई सारी फिल्मे कि है मुझे नही लगता कि रूहानी के लिए ये सब संभालना कोई बड़ी बात है और रही कार्तिक कि बात तो मे उसे तुमसे ज्यादा जानता हूं कि वह कितना मेहनत करता है " दादा जी कार्तिक से परेशान थे क्योंकि कार्तिक कुछ खास कर नही पा रहा था इसलिए दादाजी ने कार्तिक के उपर तंज कसा जो बात यामिनी को भी समझ आ रहा था कुछ देर सबने ऐसे ही बात कि और नाश्ता करने चले गए प्रेमा जी हेड चेयर पर बैठी थी और उनके दाए तरफ रणधीर और रूहानी बैठे हुए थे तो बाए तरफ यामिनी और दादा जी बैठे हुए थे रणधीर एक दम सलीके से खाना खा रहा था जैसे खाना खाने के लिए भी उसने ट्रेनिंग ली हो काटे छुरी तो वह इस्तेमाल कर रहा था पर मजाल हो कि एक भी आवाज उसके प्लेट से निकली हो वह रणधीर को घुरते हुए यही सोच रही थी लगता है मिसेज रावत को भुख नही या मुझे देख कर ही पेट भरना है आपको " रणधीर रुहानी कि नजर खुद पर महसुस कर बिना उसके तरफ देखे धीरे से कहता है जिसे सिर्फ रूहानी ही सुन पाती है और सुनते ही उसपर से नजर हटाते हुए कहती हैं जारी है
लगता है मिसेज रावत को भुख नही या मुझे देख कर ही पेट भरना है आपको " रणधीर रुहानी कि नजर खुद पर महसुस कर बिना उसके तरफ देखे धीरे से कहता है जिसे सिर्फ रूहानी ही सुन पाती है और सुनते ही उसपर से नजर हटाते हुए कहती हैं बिना खाए सिर्फ देखने से पेट कहा भरने वाला है मिस्टर रावत " रूहानी की बात सुन रणधीर उसके तरफ देखते हुए पुछता है तुम्हारा कहने का मतलब क्या है वही जो आप समझ रहे हैं खाने को देखते रहने से पेट थोड़े भरेगा खाना ठंडा हो जाएगा या कोई और आकर खा लेगा इसलिए किसी और को खाने से पहले खुद खा लेना चाहिए " रूहानी रणधीर के तरफ एक नॉटी स्माइल पास करती है रणधीर रावत अपना जुठा भी किसीको खाने ना दे तो खाना देना तो दुर कि बात है ये बात मिसेज रावत अपने दिमाग में अच्छे से बैठा ले तो उनके लिए अच्छा होगा " ये बात रणधीर ने रूहानी का हाथ कस पकड़ कर उसे धमकी भरे टोन में कहता है जिसे रूहानी बहुत अच्छे से समझती है ये तुम दोनों भी क्या खाने के लिए झगड़ रहे हो रावत पैलेस में कोई खाने की कमी है रूहानी के एक बार कहने से मे अपनी बहु के लिए किस्म किस्म कि लाजवाब खाने मंगवा सकती हुं " प्रेमा जी उनके डबल मीनिंग बाते समझ नही पाती और अपना प्यार रूहानी को जताती है जिसे सुन रणधीर को तो ठसका लग जाता है और वह पानी पिते हुए अपने मन मे सोचता है मा आप ये क्या कह रही है अपनी ही बहु के लिए कोई दुसरे मर्द कि बात कर रही है क्या मा है मेरी रूहानी तो अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए प्रेमा जी से कहती हैं " थैंक्स मा भगवान करे आपकी तरह सास हर लड़की को मिले जो अपनी बहु के लिए किस्म किस्म के खाने मंगवाए " ये बात रुहानी रणधीर को देखते हुए आई विंक करते हुए कहती हैं अभी थोड़े पल ही गुजरे थे कि रूहानी के पैरों में किसी की छुवन महसुस हुई और उसे समझते देर नही लगती कि ये यामिनी है जो उसके पति को सिड्यूस करने की कोशिश कर रही है रूहानी के दिमाग मे एक खुराफात जन्म लेती है और वह यामिनी के पैरो को अपने हिल से कुचलने लगती है जिससे यामिनी को तेज दर्द का अहसास होता है और उसकी चिख निकल जाती है उसे चिखते देख रूहानी अपनी हिल हटाते हुए कहती हैं क्या हुआ यामिनी तुम चीखी क्यों सब ठिक तो है ना या रावत खानदान का खाना तुमसे खाया नही जा रहा " रुहानी उसे पुरी तरह गुस्से मे घुरते हुए कहती हैं वो कुछ नही बस वो मेरे पैर मे लगता है चींटी ने काट लिया था इसलिए मेरी चिख निकल गई " यामिनी अपने दर्द को सहते हुए कहती हैं दादा जी अब मुझे लगता है कि यामिनी को आपको अपने साथ ले जाना चाहिए अब मे ज्यादातर काम मे बीजी हो जाउंगी और ये बोर हो जाएगी और इसे अपने एक्टिंग और डिजाइनिंग पर भी तो ध्यान देना है हां बेटा मे इसे लेने ही आया था इसकी दादी इसे याद कर रही थी " दादा जी कि बात सुन उसे याद आता है कि उसकी दादी ने कभी उसे अपनी पोती नहीं माना उनके लिए उनकी सिर्फ एक ही पोती थी यामिनी नाश्ता करने के बाद दादा जी और यामिनी अपने घर के लिए निकल जाते हैं ये अलग बात है कि यामिनी को जाने का जरा भी मन नहीं था पर दादा जी के आगे वो कुछ कह नही पाती है रूहानी भी शेखावत प्रोडक्शन हाउस के लिए निकलने लगती है तो रणधीर उसे गेट पर ही रोक लेता है और कहता है तुम आज पहली बार अपने प्रोडक्शन हाउस जा रही हो तुम्हारी सेफ्टी के लिए मैं राधे को तुम्हारे साथ भेज रहा हूं कोई भी दिक्कत हो उसे बता देना " रणधीर अपने सबसे खास बॉडीगार्ड को रूहानी के साथ भेज रहा था वह नही चाहता था कि रूहानी को को कोई हर्ट करे या उसे कुछ भी हो तो मेरे पतिदेव को मेरी फ्रिक सता रही है जो वो मेरे पीछे बॉडीगार्ड लगा रहे हैं " कहते हुए रूहानी उसके गले मे अपना हाथ डाल देती है मिसेज रावत अपना हाथ नीचे करो और दुर रह कर बात किया करो यहा सब देख रहे हैं " कहते हुए उसके हाथ को अपने गले से निकालता है तो रूहानी नही निकालने देती है तो रणधीर अपने बॉडीगार्ड्स को इशारा करता है और उसका इशारा पाते ही सारे बॉडीगार्ड्स अपनी आँखे बंद कर के रणधीर के तरफ पीठ करके खड़े हो जाते हैं देखिए आपकी मा और मेरी सासु मा हम दोनों को ही देख रही है अगर आप मुझे खुद से दुर करेंगें है तो मे मा से जाकर कह दूंगी कि आप मुझसे प्यार नही करते मुझे परेशान करते हैं तो अच्छे पति कि तरह बताइए क्या आपको मेरी फ्रिक हो रही है नहीं हो रही है बस मे नही चाहता कि तुम किसी मुसीबत मे पड़ो और मुझे तुम्हे बचाने के चक्कर मे अपना काम छोड़ना पड़े " रणधीर के ऐसी जवाब सुन रुहानी उससे दुर हो जाती है और जाते हुए कहती हैं मुझे आपका किमती समय नहीं चाहिए मे मरती भी रहुंगी न तो आप मुझे बचाने मत आइएगा " उसकी ऐसी बात सुन रणधीर मुस्कुरा देता है और राधे से कहता है मैम का ख्याल रखना उन्हे कुछ नही होना चाहिए अगर उन्हें एक भी चोट लगी या तकलीफ हुई तो उससे 10 गुना ज्यादा तुम्हे पेबैक करना पड़ेगा येस बॉस आप फ्रिक मत किजिए में मैम का ख्याल अपनी जान से ज्यादा रखुंगा " राधे अपने काम के लिए पुरा सिंसेयर था वह जिसकी रक्षा का जिम्मेदार ले ले तो अपनी जान देकर भी उस इंसान कि रक्षा करता है तुमसे यही उम्मीद है राधे " कहते हुए रणधीर अपने शेड्स पहन कर अपने रॉल्स रॉयस कार में बैठ कर चला जाता है रूहानी अपनी प्रोडक्शन हाउस पहुंचती है तो सबकी नजर उस पर ही जम जाती है वो लग ही इतनी खुबसुरत रही थी कि किसी का भी नजर उस पर से हट ही नहीं रही थी रूहानी अभी भी सुबह वाली लाल साड़ी मे थी और हाथों मे भी लाल चुड़ीया थी पर मंगलसूत्र और सिंदुर को रूहानी ने छुपा रखा था