यह कहानी है गांव में रहने वाली 20 साल की माही गुप्ता की जो अपने भाई के इलाज और अपने बेहतर जिंदगी के लिए पहली बार शहर आता है मगर शहर आते ही उसकी जिंदगी बन जाती है जहन्नुम जब उसकी मुलाकात होती है 27 साल के अविनाश सिंह राठौर से जो बना लेता है उसे अपनी म... यह कहानी है गांव में रहने वाली 20 साल की माही गुप्ता की जो अपने भाई के इलाज और अपने बेहतर जिंदगी के लिए पहली बार शहर आता है मगर शहर आते ही उसकी जिंदगी बन जाती है जहन्नुम जब उसकी मुलाकात होती है 27 साल के अविनाश सिंह राठौर से जो बना लेता है उसे अपनी मिस्टीरियस कैसे निकलेगी माही अविनाश के चंगुल से जानने के लिए पढ़िये " my mysterious" सिर्फ sorry mania पर !
माही गुप्ता
Heroine
अविनाश सिंह राठौड़
Hero
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छोटे अब तुम जल्दी अपने पैर पर खड़े हो जाओगे जब इस बड़े से शहर के बड़े से अस्पताल में तुम्हारा इलाज होगा माही आंखों में चमक लिए एक्साइड आवाज में अपने भाई से बोली ।
"पर दी बड़े अस्पताल में इलाज करने के लिए बड़े पैसों की भी तो जरूरत होती है आप इतना पैसे कहां से लेकर आएंगी ।
उसकी तुम फ़िक्र मत करो छोटी जब तक तुम्हारी दी जिंदा है तुम्हें पैसे की चिंता करने की जरूरत नहीं है मैं बहुत मेहनत करूंगी लेकिन तुम्हारा इलाज करके रहूंगी मां पापा के बाद एक तुम ही तो हो अगर मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखूंगी तो किसका रखूंगी ।
पर दी इस शहर में हम किसी को जानते भी नहीं है हम यहां अपनी जिंदगी की शुरुआत कैसे करेंगे गांव में तो फिर भी हमें बहुत लोग जानते थे मगर इस अनजान जगह इन अनजान लोगों के बीच हम कैसे रहेंगे ।
मैंने कहा ना तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं और रही बात अंजान शहर की, तो एक बात हमेशा याद रखना छोटे कभी भी शुरुआत शून्य से होती है और उसी शून्य को लोग मेहनत करके अंक में बदलते हैं
तुम समझ लो यह शहर भी हमारे लिए शून्य ही है, जिसे हम मिलकर अंक में बदलेंगे, मेरे साथ बदलोगे ना छोटे शून्य को अंक में ।
इतना बोल के वह अपना हाथ आगे बढ़ातीं है, तो वह लड़का पहले उसको देखता है फिर उसके हाथ को फिर अपना हाथ बड़ा कर उसके हाथ में रख देता है ।
यह देखकर वह लड़की मुस्कुरा देती है और उसके हाथ को टाइटली पड़कर अपने होठों के पास ला उसके हाथों को चूम लेती है ।