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His addiction for his girl......

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Anchal Gupta

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रात का वक्त एक कर एक बड़े से आलीशान विला के बाहर आकर रूकी और उसमें से एक शक्श बाहर आया और अब उस विला के अंदर चला गया वो शक्श अब विला के अंदर आया तो हॉल में पूरी तरह से अंधेरा था अब उस शक्श की नजर एक कमरे पर टिक गई उस कमरे में अभी भी लाइट जल रही...

Total Chapters (15)

Page 1 of 1

  • 1. His addiction for his girl...... - Chapter 1

    Words: 1130

    Estimated Reading Time: 7 min

    रात का वक्त होटल मूनलाइट होटल के एक प्राइवेट रूम में एक शक्श इस वक्त बेड पर पीठ के बल लेटा हुआ था और उस शक्श के बगल में ही एक लड़की उस शक्श के बगल में लेटी हुई थी और उस कमरे का हाल देखकर यह बताया जा सकता था कि कल रात इस कमरे में क्या हुआ होगा ,, अब उस शक्श की आंखे खुली और अब वो शक्श बिस्तर से उठा और अब वॉशरूम की तरफ बढ गया और अब कुछ देर बाद जब वो शक्श बाहर आया और अब उस लड़की के कपड़ो के पास एक ब्लैक चेक रखकर अब उस रूम से बाहर निकल गया और उस शक्श के जाने के बाद अब वो लड़की अंगड़ाई लेते हुए उठी और अब उसने उस कमरे को मुस्कुराते हुए देखा और अब उस लड़की ने बेड की दूसरी तरफ देखा और वहां उस शक्श को ना पाकर उस लड़की को कोई हैरानी नहीं हुई बल्कि अब उस लड़की ने अब अपने कपड़ों को देखा जो पूरी तरह से फटे हुए थे और अब पहनने के लायक तो बिकुल भी नहीं थे अब उसे लड़की ने अपने कपड़ों के ऊपर उसे ब्लैंक चेक को देखा और उसे लेकर मुस्कुराई और बोली ,, it was a amazing night कबीर ,, और इतना कहकर अब वह लड़की बेड से उठी और वॉशरूम के अंदर चली गई कुछ देर बाद जब वह लड़की बाहर आई तो उसके लिए कपड़े बेड पर रखे हुए थे और लड़की ने कपड़ों को पहना और कपड़ों को पहनकर अब उसे होटल से बाहर चली गई वही दूसरी तरफ अग्निहोत्री हाउस तकरीबन 20 साल की एक लड़की इस वक्त मेंशन में दौड़ते हुए आई और अब जल्दी से एक कमरे में बढ़ गई और अंदर आकर उस लड़की ने अब एक लड़के की तरफ देखा जो इस वक्त बेड पर बैठा हुआ था और अब लड़की इस लड़के के पास आकर बोली,, क्या हुआ राहुल ? आपने इतनी जल्दी मुझे आने के लिए क्यों कहा ? अब राहुल ने उस लड़की की तरफ देखकर कहां,, आई एम सॉरी इश्क पर मैं तुमसे शादी नही कर सकता ? राहुल की बात सुनकर अब इश्क के होश उड़ गए और उसने अपने कांपते हुए होठों से अब राहुल की तरफ देखकर कहां,, क ,, क्या ? क्या कहा आपने राहुल ?आप मुझसे शादी नही कर सकते ? जानते भी हैं आप क्या कह रहे हैं ? आज थोड़ी ही देर में शादी है हमारी और आप कह रहे हैं कि आप मुझसे शादी नही कर सकते ? पर क्यों ? अब राहुल ने गुस्से से इश्क की तरफ देखा और अब उसने चिल्लाकर कहा क्योंकि मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूं मैं रागिनी से प्यार करता हूं और मैं उसी से शादी करूंगा,, और मैं आज ही रागिनी के साथ इस शहर को छोड़कर जा रहा हूं इतना कहकर अब राहुल इश्क को उसे कमरे में अकेला छोड़कर अब उस कमरे से बाहर चला गया और यहां अब धम्म से जमीन पर बैठ गई ये है हमारी इश्क ,जैसा नाम वैसा स्वभाव ,खूबसूरती ऐसी की पूरी कायनात की चमक फीकी पड़ जाए , उम्र 20 साल ,गोरा रंग, बड़ी बड़ी आंखें , तीखी नाक , गुलाबी होंठ और लंबे काले बाल आज इश्क की शादी अग्निहोत्री फैमिली के छोटे बेटे राहुल से होने वाली थी पर आज शादी के दिन राहुल ने इश्क को फोन करके इस वक्त अग्निहोत्री हाउस में बुलाया था और उसके बाद जो राहुल ने कहा वो सुनकर तो अब इश्क की सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो चुकी थी अचानक किसी ने उस कमरे का दरवाजा खटखटाया तो इश्क अब होश में आई और उसने अंतर वाला खोला तो सामने दरवाजे पर इश्क की दोस्त नैना खड़ी थी और अब उसने इश्क की तरफ देखकर कहां ,, ओए होए क्या बात है ? क्या बात है राहुल को इतना भी कंट्रोल नहीं हो रहा की शादी से पहले ही तुझे मेंशन में बुलाकर अकेले में मिला जा रहा है पर इश्क को तो नैना की बातें मानो सुनाई ही नहीं दे रही थी और अब उसने नैना की तरफ अपनी आंसू भरी आंखों से देखा और अब अचानक इश्क बेहोश होकर नैना की तरफ गिर गई और उसे इस तरह बेहोश होता देखकर नैना हैरान रह गई वही दूसरी तरफ होटल मूनलाइट में इस वक्त वो शक्श जो थोड़ी देर पहले उस कमरे में था वो इस वक्त होटल के अपने पर्सनल रूम में वर्कआउट कर रहा था और इस वक्त उसने अपने कानो में ब्लूटूथ लगाए हुए थे और वो अब किसी से बातें कर रहा था और अब वो शक्श ऊपर की तरफ उठा और फोन पर सामने वाले को बोला ,, कबीर अग्निहोत्री को अपनी लाइफ खुद की शर्तों पर जीना पसंद है so I am not interested in your project,,so now you get lost,, इतना कहकर अब कबीर ने अपना कॉल कट कर दिया और अब खुद को शीशे में देखने लगा गोरा रंग,, 6 फिट 4 इंच हाइट,, कसी हुई बॉडी,, सिक्स पैक और एब्स ,, कुल मिलाकर एक हॉट बंदा जिसे देखकर लड़कियां मक्खन की तरह फिसल जाए ,, इन्हे न खुद पर पाबंदियां पसंद है और ना ही ये किसी की शर्तो पर जीना ,, मुंबई का टॉप बिजनेसमैन और मोस्ट हैंडसम हंक मिस्टर कबीर अग्निहोत्री ,, अब कबीर ने खुद को आईने में देखने के बाद कबीर अब वॉशरूम में फ्रेश होने चला गया और अब जब वो वॉशरूम से बाहर आया तो अब उसका फोन बजने लगा और फोन पर छपे नंबर को देखकर कबीर अब मुस्कुराया और बोला,, कहिए मॉम अब सामने से कबीर की मॉम गायत्री जी ने कहा ,, ये क्या है कबीर मैने कहा था ना की आज राहुल की शादी है और आज तुम्हे अग्निहोत्री हाउस आना ही होगा गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने उनसे कहा,, मॉम आप जानती है ना की मुझे उस घर में आना बिल्कुल भी नहीं पसंद और अगर आपने मुझे वहां शादी में शामिल होने के लिए कॉल किया है तो सॉरी मॉम लेकिन इस बार मैं वहां नहीं आने वाला हूं कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी ने कबीर से कहा,, तुम्हे मेरी कसम कबीर प्लीज बेटा आज तो आ जाओ 3 महीने हो चुके हैं मुझे तुम्हे देखे हुए ,, प्लीज बेटा बस आज आ जाओ मैं वादा करती हूं कि आज के बाद आपको मैं यहां आने के लिए नही कहूंगी पर बेटा सिर्फ और सिर्फ आज प्लीज कबीर,, गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने गुस्से से अपनी आंखें बंद कर दी और बोला ,, मॉम आप जानती है ना कि सिर्फ वहां आने पर मुझे सबसे ज्यादा हर्ट होता है पर ok मॉम पर सिर्फ आपके लिए मैं अग्निहोत्री मेंशन जरूर आऊंगा ओके कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी ने खुश होकर कहा ,, जल्दी आना मैं तुम्हारा वेट कर रही हूं.......

  • 2. His addiction for his girl...... - Chapter 2

    Words: 1131

    Estimated Reading Time: 7 min

    रात का वक्त होटल मूनलाइट होटल के एक प्राइवेट रूम में एक शक्श इस वक्त बेड पर पीठ के बल लेटा हुआ था और उस शक्श के बगल में ही एक लड़की उस शक्श के बगल में लेटी हुई थी और उस कमरे का हाल देखकर यह बताया जा सकता था कि कल रात इस कमरे में क्या हुआ होगा ,, अब उस शक्श की आंखे खुली और अब वो शक्श बिस्तर से उठा और अब वॉशरूम की तरफ बढ गया और अब कुछ देर बाद जब वो शक्श बाहर आया और अब उस लड़की के कपड़ो के पास एक ब्लैक चेक रखकर अब उस रूम से बाहर निकल गया और उस शक्श के जाने के बाद अब वो लड़की अंगड़ाई लेते हुए उठी और अब उसने उस कमरे को मुस्कुराते हुए देखा और अब उस लड़की ने बेड की दूसरी तरफ देखा और वहां उस शक्श को ना पाकर उस लड़की को कोई हैरानी नहीं हुई बल्कि अब उस लड़की ने अब अपने कपड़ों को देखा जो पूरी तरह से फटे हुए थे और अब पहनने के लायक तो बिकुल भी नहीं थे अब उसे लड़की ने अपने कपड़ों के ऊपर उसे ब्लैंक चेक को देखा और उसे लेकर मुस्कुराई और बोली ,, it was a amazing night कबीर ,, और इतना कहकर अब वह लड़की बेड से उठी और वॉशरूम के अंदर चली गई कुछ देर बाद जब वह लड़की बाहर आई तो उसके लिए कपड़े बेड पर रखे हुए थे और लड़की ने कपड़ों को पहना और कपड़ों को पहनकर अब उसे होटल से बाहर चली गई ........ वही दूसरी तरफ अग्निहोत्री हाउस तकरीबन 20 साल की एक लड़की इस वक्त मेंशन में दौड़ते हुए आई और अब जल्दी से एक कमरे में बढ़ गई और अंदर आकर उस लड़की ने अब एक लड़के की तरफ देखा जो इस वक्त बेड पर बैठा हुआ था और अब लड़की इस लड़के के पास आकर बोली,, क्या हुआ राहुल ? आपने इतनी जल्दी मुझे आने के लिए क्यों कहा ? अब राहुल ने उस लड़की की तरफ देखकर कहां,, आई एम सॉरी इश्क पर मैं तुमसे शादी नही कर सकता ? राहुल की बात सुनकर अब इश्क के होश उड़ गए और उसने अपने कांपते हुए होठों से अब राहुल की तरफ देखकर कहां,, क ,, क्या ? क्या कहा आपने राहुल ?आप मुझसे शादी नही कर सकते ? जानते भी हैं आप क्या कह रहे हैं ? आज थोड़ी ही देर में शादी है हमारी और आप कह रहे हैं कि आप मुझसे शादी नही कर सकते ? पर क्यों ? अब राहुल ने गुस्से से इश्क की तरफ देखा और अब उसने चिल्लाकर कहा क्योंकि मैं तुमसे प्यार नहीं करता हूं मैं रागिनी से प्यार करता हूं और मैं उसी से शादी करूंगा,, और मैं आज ही रागिनी के साथ इस शहर को छोड़कर जा रहा हूं इतना कहकर अब राहुल इश्क को उसे कमरे में अकेला छोड़कर अब उस कमरे से बाहर चला गया और यहां अब धम्म से जमीन पर बैठ गई ये है हमारी इश्क ,जैसा नाम वैसा स्वभाव ,खूबसूरती ऐसी की पूरी कायनात की चमक फीकी पड़ जाए , उम्र 20 साल ,गोरा रंग, बड़ी बड़ी आंखें , तीखी नाक , गुलाबी होंठ और लंबे काले बाल आज इश्क की शादी अग्निहोत्री फैमिली के छोटे बेटे राहुल से होने वाली थी पर आज शादी के दिन राहुल ने इश्क को फोन करके इस वक्त अग्निहोत्री हाउस में बुलाया था और उसके बाद जो राहुल ने कहा वो सुनकर तो अब इश्क की सोचने समझने की शक्ति ही खत्म हो चुकी थी अचानक किसी ने उस कमरे का दरवाजा खटखटाया तो इश्क अब होश में आई और उसने अंतर वाला खोला तो सामने दरवाजे पर इश्क की दोस्त नैना खड़ी थी और अब उसने इश्क की तरफ देखकर कहां ,, ओए होए क्या बात है ? क्या बात है राहुल को इतना भी कंट्रोल नहीं हो रहा की शादी से पहले ही तुझे मेंशन में बुलाकर अकेले में मिला जा रहा है पर इश्क को तो नैना की बातें मानो सुनाई ही नहीं दे रही थी और अब उसने नैना की तरफ अपनी आंसू भरी आंखों से देखा और अब अचानक इश्क बेहोश होकर नैना की तरफ गिर गई और उसे इस तरह बेहोश होता देखकर नैना हैरान रह गई वही दूसरी तरफ होटल मूनलाइट में इस वक्त वो शक्श जो थोड़ी देर पहले उस कमरे में था वो इस वक्त होटल के अपने पर्सनल रूम में वर्कआउट कर रहा था और इस वक्त उसने अपने कानो में ब्लूटूथ लगाए हुए थे और वो अब किसी से बातें कर रहा था और अब वो शक्श ऊपर की तरफ उठा और फोन पर सामने वाले को बोला ,, कबीर अग्निहोत्री को अपनी लाइफ खुद की शर्तों पर जीना पसंद है so I am not interested in your project,,so now you get lost,, इतना कहकर अब कबीर ने अपना कॉल कट कर दिया और अब खुद को शीशे में देखने लगा गोरा रंग,, 6 फिट 4 इंच हाइट,, कसी हुई बॉडी,, सिक्स पैक और एब्स ,, कुल मिलाकर एक हॉट बंदा जिसे देखकर लड़कियां मक्खन की तरह फिसल जाए ,, इन्हे न खुद पर पाबंदियां पसंद है और ना ही ये किसी की शर्तो पर जीना ,, मुंबई का टॉप बिजनेसमैन और मोस्ट हैंडसम हंक मिस्टर कबीर अग्निहोत्री ,, अब कबीर ने खुद को आईने में देखने के बाद कबीर अब वॉशरूम में फ्रेश होने चला गया और अब जब वो वॉशरूम से बाहर आया तो अब उसका फोन बजने लगा और फोन पर छपे नंबर को देखकर कबीर अब मुस्कुराया और बोला,, कहिए मॉम अब सामने से कबीर की मॉम गायत्री जी ने कहा ,, ये क्या है कबीर मैने कहा था ना की आज राहुल की शादी है और आज तुम्हे अग्निहोत्री हाउस आना ही होगा गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने उनसे कहा,, मॉम आप जानती है ना की मुझे उस घर में आना बिल्कुल भी नहीं पसंद और अगर आपने मुझे वहां शादी में शामिल होने के लिए कॉल किया है तो सॉरी मॉम लेकिन इस बार मैं वहां नहीं आने वाला हूं कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी ने कबीर से कहा,, तुम्हे मेरी कसम कबीर प्लीज बेटा आज तो आ जाओ 3 महीने हो चुके हैं मुझे तुम्हे देखे हुए ,, प्लीज बेटा बस आज आ जाओ मैं वादा करती हूं कि आज के बाद आपको मैं यहां आने के लिए नही कहूंगी पर बेटा सिर्फ और सिर्फ आज प्लीज कबीर,, गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने गुस्से से अपनी आंखें बंद कर दी और बोला ,, मॉम आप जानती है ना कि सिर्फ वहां आने पर मुझे सबसे ज्यादा हर्ट होता है पर ok मॉम पर सिर्फ आपके लिए मैं अग्निहोत्री मेंशन जरूर आऊंगा ओके कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी ने खुश होकर कहा ,, जल्दी आना मैं तुम्हारा वेट कर रही हूं.......

  • 3. His addiction for his girl...... - Chapter 3

    Words: 1264

    Estimated Reading Time: 8 min

    रात का वक्त अग्निहोत्री हाउस कबीर की गाड़ी अब अग्निहोत्री हाउस में आकर रूकी और उसमे से अब कबीर बाहर निकला और उसके साथ ही एक लड़की बाहर निकली जिसने इस वक्त एक लॉन्ग ड्रेस पहन रखी थी,, होंठो पर रेड कलर की लिपस्टिक लगा रखी थी ,,चेहरे पर बोल्ड मेकअप किया हुआ था और पैरों में हाई हील्स पहन रखी थी,, कबीर उस लड़की कि तरफ देखकर बोला,, come Monika मोनिका अब मुस्कुराते हुए कबीर के पास आई और अब उसके साथ अब अंदर बढ़ गई और अब मेंशन के अंदर आकर अब कबीर ने गायत्री जी को आवाज दी और.... मॉम कहां है आप ? कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर आई और अब कबीर की तरफ मुस्कुराते हुए देखकर बोली....कहा थे अब तक सभी लोग तो अब होटल में पहुंच भी चुके होंगे ? गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने उनकी तरफ देखकर कहां.....What ? इसका मतलब शादी अग्निहोत्री होटल से हो रही है ? गायत्री जी ने अब कबीर की तरफ देखकर कहां..… हां कबीर अब गायत्री जी की नजर मोनिका पर पड़ी तो अब गायत्री जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा,, ये कौन है कबीर ? अब कबीर ने मोनिका की कमर पर अपना हाथ रखा और अब उसे अपनी तरफ खींच कर बोला ..... ये मोनिका है मॉम मेरी गर्लफ्रेंड और आपकी होने वाली बहु .... कबीर की बात सुनकर गायत्री जी की चेहरे की मुस्कुराहट गायब हो गई और अब उन्होंने कबीर की तरफ देखकर कहा..….अब जल्दी चलो वरना शादी में पहुंचने में लेट हो जायेगा इतना कहकर अब गायत्री जी आगे बढ़ गई और कबीर भी अब मोनिका के साथ अग्निहोत्री होटल के लिए निकल चुका था वही दूसरी तरफ होटल के एक प्राइवेट रूम में इश्क इस वक्त बिस्तर पर बैठी हुई थी और नैना भी उसके बगल में अपने सर पर हाथ रख कर बैठी हुई थी और अब उसने इश्क की तरफ देखकर कहा...राहुल ने सच में ऐसा कहा तुमसे इश्क ? तो अब नैना की बात सुनकर इश्क की आंखो से आंसू बहने लगे और वो अब नैना के गले लग कर रोने लगीं थीं और तभी किसी ने दरवाजा नॉक किया तो अब इश्क ने नैना की तरफ देखा और अब नैना दरवाजे की तरफ बढ गई और सामने खड़े शक्श को देखकर अब नैना ने हैरानी से इश्क की तरफ देखा और नैना को खुद इस तरह देखता हुआ पाकर इश्क हैरान रह गई .... और अब इश्क दरवाजे की तरफ आई और अब उसने दरवाजे पर खड़े इंसान की तरफ देखा तो वो भी हैरान रह गई थी क्योंकि दरवाजे पर राहुल खड़ा था और अब राहुल ने इश्क की तरफ देखकर कहा..… मुझे तुमसे बात करनी है और अब राहुल ने नैना की तरफ देखा तो नैना अब कमरे से बाहर चली गई और अब राहुल ने अंदर आकर इश्क की तरफ देखा और बोला कुछ देर बाद नैना अंदर आई तो इश्क की तरफ देखकर हैरान रह गई क्योंकि इस वक्त इश्क पूरी तरह से दुल्हन की तरफ तैयार हो चुकी थी और काफी खुश लग रही थी और अब नैना ने इश्क की तरफ देखकर कहां....ये सब क्या है इश्क ? तुम इस तरह ? इश्क ने अब मुस्कुराते हुए नैना की तरफ देखा और बोली.... नैना मैं बहुत बहुत खुश हूं तुम्हे पता है राहुल ने कहा की वो आज मुझसे शादी करेंगे उस टाइम उनके मुंह से गलती से निकल गया की ? कि वो तुझे शादी नही करेगा नैना ने अब इश्क की तरफ हैरानी से देखा और बोली.…...प्लीज़ इश्क तुझे ये सब मजाक लग रहा है जो एक पल में उसने कहा की वो किसी और से प्यार करता है और अब वो ये कह रहा है कि उसने गलती से वो बाते कही हैं.....मुझे तो लगता है की ये राहुल तेरे साथ कुछ गेम खेल रहा है इश्क तुम समझती क्यों नहीं हो ? नैना की बात सुनकर अब इश्क ने नैना की तरफ देखकर कहा….. नही नैना तुम राहुल को गलत समझ रही हो वो सच में मुझसे शादी करना चाहते हैं और उन्होंने मुझे खुद कहां है ..... अभी नैना इश्क से कुछ और कहती उससे पहले ही दरवाजा नॉक हुआ और अब एक कमरे में आई और बोली .....नीचे आपको बुला रहे हैं शादी के लिए .....इतना कहकर वो सर्वेंट अब नीचे चली गई और इश्क में भी खुद को शीशे में देखा और मुस्कुराने लगी इस वक्त इश्क काफी खूबसूरत लग रही थीं उसने मैरून कलर का हैवी लहंगा पहना हुआ था..... चेहरे पर ब्राइडल मेकअप किया हुआ था..…गले में अग्निहोत्री फैमिली का खानदानी हार पहना हुआ था.....और उसे हार से ही मैचिंग सारी ज्वेलरी पहन रखी थी... आंखों में गहरा काजल और होठों पर रेड कलर की लिपस्टिक लगा रखी थी इश्क को इतना खुश देखकर नैना उसकी तरह देखकर मुस्कुराई और उसके कान के पीछे काला टीका लगाकर बोली तुम्हारी खुशियों को किसी की नजर ना लगे ना इश्क आज तक तुमने जिंदगी में बहुत सारे प्रॉब्लम झेली है और आज मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी कि आज से तुम्हारी जिंदगी में बहुत सारी खुशियां आएं इतना कहकर इश्क और नैना अब एक दूसरे के गले लग गई..... इश्क के डैड मिस्टर मोहन शर्मा,, अग्निहोत्री फैमिली के काफी अच्छे दोस्त थे और कबीर और राहुल के डैड यानी अमित अग्निहोत्री और मोहन जी ने अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने का फैसला किया था और इसीलिए अमित जी ने मोहन जी से ये वादा किया था की वो इश्क को अपने घर की बहु जरूर बनाएंगे..… और मोहन जी ने भी इस रिश्ते को मंजूरी पहले ही दे दी थी और जब इश्क सिर्फ 10 साल की थी तभी मोहन जी की एक एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी और तब से लेकर आज तक इश्क की सारी जिम्मेदारी अग्निहोत्री फैमिली ने ही संभाली थी और अब जब इश्क 20 साल की हो चुकी थी तो अब उसकी शादी अग्निहोत्री फैमिली के छोटे बेटे राहुल अग्निहोत्री से तय की गई थी क्योंकि कबीर लगभग 12 साल से अमेरिका में था और किसी को भी पता नहीं था कि कबीर को इश्क पसंद आएगी या नहीं और वैसे भी राहुल और इश्क बचपन से ही काफी अच्छे दोस्त थे इसीलिए उनकी शादी के लिए कबीर की दादी सुमित्रा जी ने पहले ही मंजूरी दे रही थी और आज इश्क की शादी राहुल से होने वाली थी और अब कुछ ही देर में इश्क नीचे आई तो सुमित्रा जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा,, काफी खूबसूरत लग रही आप इश्क ...... सुमित्रा जी की बात सुनकर इश्क हल्का सा मुस्कुराई और पंडित जी ने सुमित्रा जी की तरफ देखकर .....माता जी अब आप दूल्हे को बुलाइए शादी का मुहूर्त निकला जा रहा है पंडित जी की बात सुनकर अब सुमित्रा जी ने राहुल के दोस्त निहार को देखकर कहा.... राहुल कहां है निहार ? सुमित्रा जी की बात सुनकर अब निहार के चेहरे पर परेशानी झलकने लगी और उसमें सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहा पता नहीं दादी मैं कब से राहुल का फोन ट्राई कर रहा हूं पर वह फोन उठा ही नहीं रहा है ......निहार की बात सुनकर अब सुमित्रा जी के साथ-साथ इश्क भी हैरान रह गई और तभी वहां गायत्री जी आई और अब सुमित्रा जी की तरफ देखकर बोली...… क्या हुआ मां जी ? तो अब सुमित्रा जी ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहां राहुल अपना फोन नहीं उठा रहा है और वह इस वक्त अपने कमरे में भी नहीं है .…...सुमित्रा जी की बात सुनकर अब गायत्री जी भी हैरान हो गई और उन्होंने अब कबीर को ढूंढना शुरू किया पर कबीर वहां कहीं नजर ही नहीं आ रहा था......

  • 4. His addiction for his girl...... - Chapter 4

    Words: 1223

    Estimated Reading Time: 8 min

    गायत्री जी अब कबीर को ढूंढ रही थी जो इस वक्त एक कोने में खड़ा होकर किसी से फोन पर बात कर रहा था और अब गायत्री जी ने कबीर के डैड अमित जी की तरफ देखकर कहा.... सुनिए राहुल पता नहीं कहां चला गया है ? और अब शादी का मुहूर्त भी अब निकला जा रहा है .......गायत्री जी की बात सुनकर अब अमित जी हैरान रह गए थे और अब उन्होंने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा..... राहुल यहां नहीं है तो आखिर वो गया कहां ? अब सुमित्रा जी उन दोनों के पास आई और बोली.....ये सब क्या है अमित ? राहुल का इस तरह शादी को छोड़कर जाने का क्या मतलब है ? अब अमित जी ने उनकी तरफ देखकर कहा...... पता नहीं मां मुझे भी नही पता की आखिर बात क्या है और राहुल अब तक यहां आया क्यों नहीं ? तभी अचानक राहुल की आवाज आई ......मैं यहां हूं डैड .....राहुल की आवाज सुनकर जब सब लोगों ने राहुल की तरफ देखा और अब राहुल की तरफ देखकर सब लोगों के होश उड़ गए..... क्योंकि राहुल इस वक्त रागिनी के साथ खड़ा था..... और रागिनी ने इस वक्त शादी का जोड़ा पहना हुआ था और राहुल ने भी गले में वरमाला पहन रखी थी और उन दोनों को इस तरह देखकर अब सारे मेहमानो में खुसुर फुसुर शुरू हो चुकी थी और अब सुमित्रा जी ने राहुल की तरफ देखकर कहां..... ये सब क्या है राहुल ? और ये लड़की कौन है जिसे तुम इस तरह इस घर में लेकर आए हो ? अब राहुल ने रागिनी की उंगलियों में अपनी उंगलियां उलझाई और अब उसने सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहा.....दादी ये रागिनी है मेरी वाइफ..... राहुल की बात सुनकर अब इश्क तो मानो टूट चुकी थीं और अब नैना ने इश्क को संभाला और अब सुमित्रा जी ने राहुल की तरफ गुस्से से देखा और बोली..... ये क्या मजाक है राहुल ? आज तुम्हारी शादी इश्क से होने वाली है और तुम कह रहे हों की ये लड़की तुम्हारी पत्नी है..... अब राहुल ने सुमित्रा जी की तरफ देखा और अब उसने इश्क की तरफ देखकर कहा.....मैंने तो इश्क को पहले ही बता दिया था की मैं रागिनी से प्यार करता हूं और रागिनी से ही शादी करूंगा .....राहुल की बात सुनकर अब अमित जी ने गुस्से से राहुल के चेहरे पर एक थप्पड़ मार दिया और अब उसकी तरफ देखकर बोले.....अगर तुम्हे इस लड़की से शादी करना था तो तुमने इश्क से शादी करने के लिए हां क्यों की बोलो राहुल ?  राहुल ने अब अमित जी की तरफ देखकर कहा.... आपने मुझसे पूछा ही कब था डैड ? आपने तो सीधा शादी का फैसला ही सुना दिया था और एक भी बार आपने मुझसे या इश्क से इस बारे में बात की थी ? यू नो व्हाट डैड आपकी इसी तरह फैसले थोपने की आदत की वजह से कबीर भाई आज हमारे साथ इस घर में नही रहते हैं ...... राहुल की बात सुनकर अब सभी लोग हैरान रह गए थे..... और अब गायत्री जी की आंखो में नमी तैर गई थी और अमित जी भी अपने गुस्से का घूंट पीकर चुप ही रह गए थे और अब सुमित्रा जी ने राहुल की तरफ देखा और अब रागिनी की तरफ देखकर कहा.....क्या सच में तुम दोनों इस शादी से खुश हो ? सुमित्रा जी की बात सुनकर अब रागिनी ने राहुल की तरफ देखकर कहा दादी हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं और शादी से पूरी तरह से खुश है ..... और अब उन दोनों की बात सुनकर अब सुमित्रा जी ने मेहमानों की तरफ देखकर कहा..... आप सब लोग यहां शादी में शामिल होने आए हैं और आज यहां पर शादी जरूर होगी सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क हैरान रह गई और साथ ही साथ गायत्री जी भी सुमित्रा जी की तरफ हैरानी से देखने लगी तो आप सुमित्रा जी ने इश्क की तरफ देखकर कहां आज इश्क की शादी इस घर के बड़े बेटे कबीर के साथ होगी और सुमित्रा जी की बात सुनकर अभी होटल के अंदर आए कबीर के होश उड़ गए और अब उसका चेहरा गुस्से से कांपने लगा और अब उसने गायत्री जी की तरफ देखकर ...... वाउ क्या सरप्राइज दिया है आप लोगो ने मुझे ? हम्मम ग्रेट तो जरा बताएंगे कौन है वह जिसे आज आप मेरी शादी करवाने वाली कबीर ने अब सुमित्रा जी की तरफ गुस्से से घूरते हुए देखकर कहा.....तो अब कबीर की बात सुनकर अमित जी कबीर की तरफ गुस्से से देखा बोले..... लगता है तमीज भूल गए हो की बड़ों से किस तरह बातें करते हैं ? तो आप कबीर ने बिना अमित जी की तरफ देख कहां और प्लीज मिस्टर अग्निहोत्री यहां मैं आपसे बात नहीं कर रहा हूं..... और आप दादी आप भी आज मिस्टर अग्निहोत्री की ही तरह अपने फैसले मुझ पर थोपने चाहती हैं अब सुमित्रा जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा.....अगर अपने खानदान की इज्जत को बचाने के लिए हमे ये भी करना पड़े तो हम वो भी करने में वक्त नहीं लगाएंगे....सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क ने उनकी तरफ देखकर कहा.....प्लीज दादी रहने दीजिए ना आप इस तरह किसी को किसी भी रिश्ते के लिए जबरजस्ती नही कर सकती है...... इश्क की बात सुनकर सुमित्रा जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा.....इश्क हम जानते है बेटा की आज आपको काफी दुख हुआ होगा और हम ये भी जानते हैं कि अगर आज इस मंडप में शादी नही हुई तो ये समाज आपको किन नजरों से देखेगा ये हम अच्छी तरह से जानते है बेटा..... और बेटा अगर आप हमारी थोड़ी सी भी इज्जत करती है या आपके दिल में हमारे लिए थोड़ा सा भी प्यार है तो प्लीज इश्क आज हम जो भी फैसला लेंगे उसमे आप हमारा साथ जरूर देंगी ये हमारा विश्वास है आप पर सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क कुछ कह ही नहीं पाई..... और अब कबीर ने गुस्से से इश्क की तरफ देखकर कहा....मैं ये शादी बिल्कुल भी नहीं करूंगा दादी....अब कबीर की बात सुनकर गायत्री जी ने कबीर का हाथ अपने सर पर रख लिया और अब उसकी तरफ देखकर बोली..... तुम्हे मेरी कसम कबीर ......प्लीज तुम मां जी की बात मन लो बेटा और इश्क से शादी कर लो .....गायत्री जी की बात सुनकर अब कबीर ने गुस्से से अपना हाथ गायत्री जी के सर से पीछे खींच लिया और अब उसने उनकी तरफ गुस्से से देखकर कहा....आप जानती है ना की आप मेरी लाइफ में कितनी इंपोर्टेंस रखती हैं और आप ये भी जानती है की आपसे बढ़कर इस दुनिया में मेरे लिए कुछ भी मायने नहीं रखता है कबीर की बात सुनकर अब गायत्री जी ने कबीर की तरफ नमी भरी नजरो से देखा और अब कबीर ने उनकी तरफ देखकर कहा..... आज आप की वजह से सिर्फ और सिर्फ आपकी वजह से मैं इस लड़की से शादी करने के लिए तैयार हूं और अब कबीर ने सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहा..... मैं शादी के लिए तैयार हूं दादी..... कबीर की बात सुनकर अब सुमित्रा जी ने पंडित जी की तरफ देखकर कहा..... शादी की रस्में शुरू करिए पंडित जी आज इस मंडप में इश्क और कबीर की शादी होगी और अब सुमित्रा जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा..... आपको हमारे इस फैसले से कोई दिक्कत तो नहीं है ना इश्क सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क ने कबीर की तरफ देखा और बोली......

  • 5. His addiction for his girl...... - Chapter 5

    Words: 1058

    Estimated Reading Time: 7 min

    इश्क ने अब सुमित्रा जी की तरफ देखा और अब उनकी तरफ देखकर बोली....... मैं ये शादी करने के लिए तैयार हूं दादी ....इश्क की बात सुनकर सुमित्रा जी मुस्कुराई और बोली.....हमें आपसे यही उम्मीद थी इश्क ...... वही इश्क की बात सुनकर अब कबीर का चेहरा गुस्से से कांपने लगा ..... लेकिन इस वक्त वह मजबूर था और वह कुछ भी नहीं कर सकता था..... अब पंडित जी ने सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहा,, बहनजी शादी का मुहूर्त निकला जा रहा है जल्दी करिए...... सुमित्रा जी ने कबीर को मंडप में बैठने के लिए कहा और इश्क की तरफ देखकर बोली......आइए इश्क....और अब इश्क भी मंडप में बैठ गई और अब कबीर ने इश्क की तरफ गुस्से में देखा और उसकी तरफ देखकर बोला......कितनी बड़ी ड्रामे बाज हो ना तुम.....कितनी आसानी से तुमने खुद को लाचार और बेबस बना कर मेरी पूरी फैमिली को आखिर अपनी चाल में फंसा ही लिया है ना.....कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा तो इश्क़ कबीर की तरफ देखती ही रह गई वही इश्क को इस तरह खुद को देखता हुआ देखकर कबीर ने उससे अपनी नजरे हटा ली....और इश्क कबीर की गुस्से भरी नजरों को खुद पर महसूस करके सहम गई थी ....और अब कबीर ने फ्रस्ट्रेशन से पंडित जी की तरफ देखा और बोला.....प्लीज पंडित जी ये यह मंत्र वगैरह रहने दीजिए और जल्दी से शादी की रस्मों को पूरा करवाइए मेरे पास ज्यादा वक्त नहीं है इन फालतू चीज़ों के लिए ..... कबीर की इस गुस्से भरी आवाज को सुनकर अब पंडित जी ने जल्दी जल्दी रस्में पूरी की और कबीर की तरफ सिंदूर बढ़ाकर बोले...... इसे आप कन्या के मांग में भर दीजिए अब कबीर ने उस सिंदूर को अपनी मुट्ठी में भर कर इश्क की मांग में भर दिया जिससे वो सारा सिंदूर इश्क की मांग में भर गया और बाकी का सिंदूर इश्क की नाक पर गिर गया और अब पंडित जी ने कबीर की तरफ मंगलसूत्र बढ़ाया और अब कबीर ने उस मंगलसूत्र को इश्क के गले में बांध दिया और अब मंडप से उठ गया तो अब पंडित जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा......अकेले ऐसे मंडप से नही उठते हैं बेटा....अपशगुन होता है.... पंडित जी की बात सुनकर अब कबीर ने इश्क की तरफ देखकर कहां..... जब इस शादी का ही कोई वजूद नहीं है तो शगुन और अपशगुन क्या मायने रखता है पंडित जी इतना कहकर अब कबीर होटल से बाहर चला गया और इश्क वही मंडप में बैठे ही रह गई..... अब सुमित्रा जी ने सभी मेहमानों को डिनर करने के लिए कहा और अब उन्होंने नैना की तरफ देखा तो अब नैना इश्क को लेकर अब अंदर चली गई ..... वही दूसरी तरफ कबीर इस वक्त होटल के बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा है और तभी मोनिका वहां आई और उसकी तरफ देखकर बोली......what happened कबीर ? और अब मोनिका की नजर जब कबीर के कपड़ो पर पड़ी तो वो हैरान रह गई और अब उसने कबीर की तरफ देखकर कहा.... ये सब क्या है कबीर ? तुम्हारे कपड़ो पर सिंदूर कैसे लग गया ? दरअसल जब कबीर और मोनिका होटल में आए थे तो उसी वक्त मोनिका की एक इंपार्टेंट कॉल आई थी और इसीलिए मोनिका को बाहर ही रुकना पड़ गया था और जब तक उसकी कॉल खत्म हुई तब तक कबीर होटल के अंदर जा चुका था और अब मोनिका जब होटल के अंदर जाने को हुई तो गार्ड्स ने मोनिका से इन्विटेशन कार्ड दिखाने को कहा.... पर मोनिका के पास इनविटेशन कार्ड था ही नहीं क्योंकि वह तो कबीर के साथ यहां आई थी...... और कबीर अब अंदर जा चुका था और इसीलिए गार्ड्स ने मोनिका को अंदर जाने नहीं दिया इसलिए मोनिका होटल के बाहर ही रही और जब उसने कबीर को बाहर आते हुए देखा तो वह कबीर के पास आई....? तो अब मोनिका ने कबीर की तरफ देखकर कहा.....अब ये मत कहना की तुमने उस लड़की से शादी कर ली जिससे तुम्हारा भाई शादी करने वाला था इतना कहकर मोनिका बजने लगी थी पर कबीर ने उनका की तरफ एक्सप्रेशन लेस चेहरे के साथ देखा तो मोनिका के भी चेहरे से हंसी गायब हो गई और अब उसने कबीर की तरफ देखकर कहा.....क्या हुआ कबीर ? तुम कुछ बोल क्यों नहीं रहे हो ? अब कबीर ने मोनिका की तरफ गुस्से से देखा और उसकी बाजू को पकड़ कर अपनी तरफ खींचकर बोला.... क्योंकि जो तुमने अभी कहा वह सच है मैंने उसे लड़की से शादी कर ली.... कबीर की बात सुनकर मोनिका के तो होश ही उड़ गए थे,, और अब उसने कबीर की तरफ हैरानी से देखकर कहा .....what ? व्हाट लेकिन मेरा मतलब है कि तुम क्या कर रहे हो कबीर ? और अब कबीर ने मोनिका को सारी बातें बताई जो होटल के अंदर हुई थी और उन बातों को सुनकर अब मोनिका ने कबीर की तरफ देखकर कहा......तो इसका मतलब तुम भी शादी को मानते हो ? और तुमने उसे लड़की को भी एक्सेप्ट कर लिया है ? यानी की कबीर अग्निहोत्री जिसे सिर्फ अपने मर्जी से जीना पसंद है अब वो किसी और की मर्जी की लड़की से शादी करके इस शादी को एक्सेप्ट कर चुका है है ना कबीर ?मोनिका की बात सुनकर अब कबीर ने मोनिका की तरफ गुस्से से देखा और बोला..... बिल्कुल भी नहीं मैं उसे लड़की को कभी भी एक्सेप्ट नहीं करूंगा और ना ही मैं शादी को मानता हूं भले ही मैंने उसे लड़की से शादी कर ली पर मेरी जिंदगी में सिर्फ एक ही लड़की और वह लड़की है अब कबीर ने मोनिका की तरफ देखकर कहा....... और वो लड़की सिर्फ तुम हो मोनिका.....सिर्फ तुम...... इतना कहकर अब कबीर ने मोनिका के होठों पर अपनी होंठ रख दिया और उसे किस करने लगा..... वही इस वक्त कबीर के पीछे खड़ी इश्क ने जब कबीर की बातें सुनी तो वह हैरान रह गई थी और उसकी आंखों से आंसू बहने लगे थे और मोनिका और कबीर को इतने करीब देखकर इश्क की तो पूरी दुनिया ही बिखर चुकी थी...... और अब इश्क ने बिना उन दोनों की तरफ देखे अब वहां से चली गई थी और अब वो होटल के अंदर आई तो अब सुमित्रा जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा......क्या हुआ इश्क ? कबीर कहा है ? हमने आपसे कहा था ना कि आप दोनों साथ में ही आइएगा.....तो कबीर कहां है ? सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क में सुमित्रा जी की तरफ देखा......

  • 6. His addiction for his girl...... - Chapter 6

    Words: 1002

    Estimated Reading Time: 7 min

    इश्क ने अब सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहां ,, वो दादी मां कबीर इस वक्त बाहर किसी से फोन पर बात कर रहे हैं...... इश्क की बात सुनकर अब सुमित्रा जी ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा..... गायत्री आप इश्क और बाकी सब लोगों को लेकर अग्निहोत्री हाउस चलिए हम कबीर के पास आयेंगे..... सुमित्रा जी की बात सुनकर अब गायत्री जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा......चलो इश्क और अब गायत्री जी और इश्क के साथ सभी लोग होटल से अग्निहोत्री हाउस के लिए निकल चुके थे ........ और अब सुमित्रा जी बाहर आई तो इस वक्त कबीर किसी से फोन पर बात कर रहा था और मोनिका वहां से जा चुकी थी और अब सुमित्रा जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा चलिए कबीर अब बाकी की रस्मों के लिए अग्निहोत्री हाउस चलने की जरूरत होगी...... सुमित्रा जी की बात सुनकर कबीर ने आप गुस्से से उनकी तरफ देखकर कहा.....o please दादी...... stop this bulshit..... आपकी जिद और मॉम की कसम की वजह से मैंने इश्क से शादी तो कर ली है पर ना ही मैं इस शादी को मानता हूं और ना ही उसे लड़की से मुझे कोई भी हमदर्दी है...... और आप ये भी जानती है की मुझे अग्निहोत्री हाउस में आना बिल्कुल भी पसंद नहीं है......आपको यह शादी और आपकी वह सो कॉल्ड बहू दोनों ही मुबारक हो इतना कहकर अब कबीर गुस्से से वहां से चला गया और सुमित्रा जी कबीर की तरफ देखते ही रह गई...... वही दूसरी तरफ अग्निहोत्री हाउस एक कार अग्निहोत्री हाउस के सामने आकर रुकी और अब उसमें से गायत्री जी बाहर निकली और उन्होंने अब इश्क को संभालते हुए बाहर निकाला और दूसरी तरफ से नैना बाहर निकली और उसने भी अब इश्क को सहारा दिया और उसे लेकर मेंशन के दरवाजे पर आई तो अब गायत्री जी ने मुस्कुराते हुए इश्क की तरफ देखा और बोली...... इश्क तुम यही रुकना बेटा मैं अभी आती हूं..... इतना कहकर अब गायत्री जी मेंशन के अंदर चली गई और अब नैना ने इश्क की तरफ देखा जो चुपचाप खड़ी थी और अब नैना ने इश्क के कंधे पर अपना हाथ रखकर उसे अपनी तरफ घुमाया और अब इश्क की तरफ देखकर बोली...... इश्क संभालो खुद को...... मैंने तुम्हें मना किया था ना कि राहुल की बात मत मानो .....और तुमने देखा न कि आखिर उस राहुल ने क्या किया ? नैना की बात सुनकर इश्क अब नैना की तरफ देखकर जैसे ही कुछ कहने को हुई तभी....... अचानक सुमित्रा जी अब मेंशन के दरवाजे पर आई तो उन्हे देखकर इश्क चुप हो गई और अब गायत्री जी आरती की थाल लेकर आई और उनके पीछे ही इशिका...... कबीर की छोटी बहन गृह प्रवेश के लिए कलश लेकर आई और अब इशिका ने सुमित्रा जी की तरफ देखकर कहा......दादी कबीर भाई कहा है ? सुमित्रा जी ने अब इशिका की तरफ देखकर कहा.......वो कबीर को एक इंपोर्टेंट मीटिंग के लिए जाना पड़ा पर चिंता की कोई बात नहीं है वो कुछ देर में आ जाएंगे......सुमित्रा जी की बात सुनकर अब इश्क फीका सा मुस्कुराई और गायत्री जी ने अब इशिका की तरफ देखकर कहा......इशिका बेटा अब आप कलश को नीचे रख दीजिए और अब इशिका ने उस कलश को नीचे जमीन पर रखा और अब गायत्री जी ने इश्क की आरती उतारनी शुरू कर दी और अब उन्होंने इश्क की तरफ देखा और बोली......आई इश्क अब तुम इस कलश को अपने दाहिने पैर से नीचे गिरा कर अंदर आओ...... गायत्री जी के कहे अनुसार अब इश्क ने ठीक वैसा ही किया जैसा गायत्री जी ने कहा था और अब इश्क अंदर आई तो सुमित्रा जी ने अब इश्क की तरफ देखकर कहा......आप काफी थक गई होंगी इश्क तो आप अपने कमरे में जाएं.....और अब सुमित्रा जी ने नैना की तरफ देखा और अब नैना की तरफ देखकर बोली,, आप इश्क के साथ आज यही रुक जाइए और उन्हे उनके कमरे में छोड़ आइए...... सुमित्रा जी की बात सुनकर अब नैना इश्क को लेकर उसके कमरे की तरफ बढ़ गई और इसके बाद इशिका और गायत्री जी भी अपने कमरे में आराम करने के लिए चली गई और सुमित्रा जी हाल में बैठकर कुछ सोचने लगी थी..... वही दूसरी तरफ The heaven mention मेंशन का सबसे खूबसूरत और आलीशान कमरा इस वक्त पूरी तरह से कैंडल्स की खुशबू से महक रहा था और अब कबीर वॉशरूम से बाहर आया ......इस वक्त कबीर टॉवल में था और इस बात कबीर काफी दिलकश लग रहा था और उसकी ब्रॉड चेस्ट और एब्स पर ठहरी हुई पानी की बूंदे उसे और भी दिलकश बना रही थी और अब कबीर आईने के सामने आया तभी किसी ने कबीर को पीछे से बाहों में भर लिया और अब कबीर ने उस लड़की की तरफ देखा और बोला......तुम यहां क्या कर रही हो मोनिका ? अब मोनिका कबीर के सामने आई और अब उसके खुले हुए ब्रॉड चेस्ट पर अपनी उंगलियां फेरती हुई बोली ..... आज तुम्हारी शादी हुई है कबीर..... तो मैने सोचा क्यों ना वेडिंग नाइट सेलिब्रेट कर ली जाए ? मोनिका की बात सुनकर अब कबीर ने मोनिका को अपनी गोद में उठा लिया और अब उसकी तरफ देखकर बोला...... not bad मोनिका so then let's enjoy इतना कहकर अब कबीर ने मोनिका को बेड पर लिटा दिया और अब उसकी नाइटी को उसके बदन से अलग करके अब खुद उसके ऊपर झुक गया और कुछ ही देर में उनकी सिसकियां उस रूम में गूंजने लगी थी..... वही दूसरी तरफ अग्निहोत्री मेंशन...... इश्क इस वक्त अपने कमरे की बालकनी के पास खड़ी थी और अपनी जिंदगी के बारे में सोच रही थी ......जिस इंसान को वो बचपन से जानती थी.... और जिस इंसान से उसकी शादी होने वाली थी वो इंसान उसे इस तरह मंडप में छोड़कर चला गया और जिस इंसान को न तो इश्क ने कभी देखा था और न ही उसके बारे में कुछ जानती थी आज उस इंसान से उसका एक ऐसा रिश्ता जुड़ चुका था जो वो चाहकर भी झुटला नही सकती थी और अब अपनी जिंदगी के बारे में सोचकर इश्क की आंखो से आंसू बहने लगे थे ........

  • 7. His addiction for his girl...... - Chapter 7

    Words: 1022

    Estimated Reading Time: 7 min

    रात का वक्त अग्निहोत्री मेंशन इश्क इस वक्त अपने कमरे की बालकनी के पास खड़ी हो कर रो रही थी और अब नैना की आंख खुली तो उसने इश्क की तरफ देखा और उसे इस तरह रोते हुए देखकर नैना ने अब इश्क के कंधे पर अपना हाथ रखकर उसकी तरफ देखा......तो इश्क ने अब अपने आंखों से आंसू साफ कर लिए और अब उसने नैना की तरफ मुस्कुराते हुए देखा तो नैना ने इश्क के चेहरे को देखकर कहा...... अब अपने आंसू भी मुझसे छुपाने लगी हो इश्क ? नैना का सवाल सुनकर अब इश्क नैना के गले से लग गई और अब इश्क ने रोते हुए नैना की तरफ देखकर कहा......आखिर ऐसा मेरे साथ ही क्यों हुआ नैना ? क्यों ? जब भी मुझे लगा कि अब इससे ज्यादा मुझे क्या ही चाहिए ? तो हर बार किस्मत ने मेरे साथ ये गंदा खेल खेला....... और हर बार मुझे उस गलती की सजा मिली जिसमे मेरा कोई कुसूर ही नहीं था...... इश्क की बात सुनकर अब नैना की भी आंखे नम हो गई थीं और इश्क के कमरे के बाहर खड़ी गायत्री जी भी अब इश्क की तरफ नमी भरी नजरों से देखने लगी थी.......गायत्री जी अब अंदर आई और उन्होंने इश्क की तरफ देखकर कहां......इश्क ? गायत्री जी की आवाज सुनकर अब इश्क ने गायत्री जी की तरफ देखा और अब उनके सीने से लग गई और गायत्री जी ने भी इश्क को अपने सीने में समेट लिया और उसका सर सहलाते हुए बोली.........आज जितना मन हो उतना रो लो लेकिन कल से तुम्हारी आंखों में एक भी आंसू नहीं दिखना चाहिए........ गायत्री जी की बात सुनकर इश्क ने गायत्री जी की तरफ देखा और अपना सर उनकी गोद में रख लिया तो तो गायत्री जी ने अब मुस्कुराते हुए इश्क के माथे को प्यार से चूम लिया और उसके बालों को सहलाते हुए बोली......जानती हो इश्क छोटी सी थी तुम जब तुम्हारे पापा तुम्हे अग्निहोत्री मेंशन में लेकर आते थे......और तुम अग्निहोत्री मेंशन में आकर सबसे पहले मुझे ढूंढती थी....... और कबीर को सबसे ज्यादा चिढ़ मचती थी...... क्योंकि शुरू से ही उसे मुझे किसी और का प्यार करना पसंद नहीं था....... गायत्री जी की बात सुनकर अब इश्क ने गायत्री जी की तरफ देखा तो अब गायत्री जी ने हंसते हुए कहा,, लेकिन सिर्फ एक तुम ही थी....... जिसे देखकर कबीर कभी भी नही चिढ़ता था...... बल्कि वो तो तुम्हारे जाने के बाद काफी देर तक रोता रहता था और एक दिन जब मैने उसे इस तरह रोते हुए देखा तो मैने उससे पूछा कि...... क्या हुआ कबीर ? तब उसने रोते हुए कहा......मम्मा आप इश्क को हमारे साथ ही रख लीजिए ना....... और तब मैने कबीर से कहा कि इश्क हमारे साथ इस घर में कैसे रह सकती है ? तो मेरी बात सुनकर अब कबीर और भी तेजी से रोने लगा था .......और उसे रोते हुए देखकर मैने उससे ऐसे ही कह दिया कि अगर इश्क तुमसे शादी करले तो वो यहां हमेशा रह सकती हैं और तब मेरी बात सुनकर कबीर अचानक चुप हो गया और बोला......तो मैं बड़ा होकर इश्क से शादी जरूर करूंगा......और उस दिन मैंने जाना था कि शायद कबीर के दिल में तुम्हारे लिए कुछ तो था.....लेकिन उस हादसे के बाद उसके बाद तो वो अग्निहोत्री मेंशन छोड़कर ही चला गया और उसके जाने के बाद न तो तुम कभी कबीर से मिल पाई और न ही वो तुमसे कभी मिल पाया....... और देखो आज तुम दोनों मिले भी तो किस तरह और ऐसे बंधन में बंध गए जो तुम्हे सात जन्मों के लिए एक दूसरे के लिए बांध गया.......गायत्री जी की बात सुनकर अब इश्क ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा......लेकिन उस वक्त के कबीर और आज के कबीर में बहुत अंतर है मां......और जो एहसास उस वक्त कबीर के दिल में थे वो उस हादसे के साथ ही दफन हो चुके हैं मां........ इश्क की बात सुनकर गायत्री जी ने इश्क की तरफ देखकर कहा......लेकिन इश्क ? इश्क ने अब गायत्री जी की तरफ देखकर कहा........ मैं जानती हूं मां कि आप मुझसे बहुत प्यार करती है और मैं ये भी जानती हूं कि आपने और दादी मां ने अगर कबीर को मेरे लिए चुना है तो मेरे अच्छे के लिए ही चुना है और आप बेफिक्र रहिए मैं इस शादी को कभी भी टूटने नहीं दूंगी....... और कबीर को वापस इस घर में जरूर लाऊंगी......लेकिन उसके लिए मुझे गायत्री मेंशन जाना होगा....... इश्क की बात सुनकर अब नैना ने इश्क की तरफ देखकर कहा.......ये तुम क्या कह रही हो इश्क तुम गायत्री मेंशन जाओगी.....कबीर के पास ? नैना की बात सुनकर इश्क़ ने उसे कोई जवाब नहीं दिया और अब इश्क ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा...... आप अब सो जाइए मां......मै बिल्कुल ठीक हूं और कल सुबह मैं आपसे इस बारे में बात करूंगी....... इश्क़ ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा तो गायत्री जी ने अब इश्क की तरफ मुस्कुराते हुए देखा और अब उसके चेहरे को थपथपा कर वहां से चली गई और उनके जाने के बाद अब इश्क ने नैना की तरफ देखकर कहा.......हां नैना अगर मुझे इस शादी को अगर एक्सेप्ट करना है तो मुझे गायत्री मेंशन तो जाना ही होगा....... क्योंकि अगर अब ये रिश्ता जुड़ गया है तो निभाना तो होगा ना..... इश्क़ की बातों में नैन को एक विश्वास दिखाई दिया ....और उसकी बात सुनकर अब नैना ने इश्क़ की तरफ देखा और उसकी तरफ देखकर मुस्कुराई और अब इश्क के गले से लग गई और उसकी तरफ देखकर बोली....... मुझे यकीन है तुझ पर ......लेकिन अब नैना ने कबीर के बारे में सोचकर कहा......लेकिन इश्क....... कबीर कही वो तुझे गुस्से में कच्चा न चबा जाए ? नैना की बात सुनकर अब इश्क ने नैना की तरफ देखकर कहा...... अरे यार तू मुझे डरा क्यों रही है ? पहले मुझे वहां जाने तो दे ? इश्क की बात सुनकर अब नैना ने इश्क की तरफ देखकर कहा..... मैं तो तुझे सिर्फ बता रही थी...... क्योंकि कबीर का गुस्सा तो तूने भी शादी न देखा ही था ना...... नैना की बात सुनकर अब इश्क भी सोच में पड़ गई थी और उसकी आंखों के सामने मोनिका और कबीर का वो एक दूसरे को किस करना घूम गया था......

  • 8. His addiction for his girl...... - Chapter 8

    Words: 1004

    Estimated Reading Time: 7 min

    इश्क इस वक्त कबीर के बारे में सोच रही थी जब उसने मोनिका और कबीर को एक दूसरे के इतने करीब देखा था और यह सोचकर कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर जब कबीर मोनिका से प्यार करता है तो उसने इश्क से शादी की ही क्यों......?? इसका जवाब तो सिर्फ कबीर ही दे सकता था इसीलिए इश्क ने अपना सर झटका और चुपचाप बेड पर जाकर लेट गई और धीरे-धीरे थकान की वजह से इश्क को कुछ ही देने नींद भी आ चुकी थी.......!!! वहीं दूसरी तरफ......!!! गायत्री निवास......!!! कबीर इस वक्त गायत्री निवास में था जो कि उसका खुद का मेंशन था और उसने उसे मेंशन का नाम अपनी मॉम गायत्री जी के नाम पर रखा था क्योंकि कभी अगर इस दुनिया में सबसे ज्यादा किसी से प्यार करता था तो सिर्फ और सिर्फ अपने नाम से और उनकी वजह से आज उसने इश्क से शादी की थी वरना उसे तो ना तो शादी में कोई इंटरेस्ट था और ना ही इश्क में......?? लेकिन क्या सच में कबीर को इश्क में कोई इंटरेस्ट नहीं था......?? कबीर के हिसाब से तो उसे कभी इश्क़ पसंद ही नहीं थी और इस वक्त कबीर अपने कमरे में वॉशरूम के अंदर ठंडे पानी से शावर ले रहा था इस वक्त उसका चेहरा गुस्से में कांप रहा था क्योंकि उसे शादी में कोई इंटरेस्ट नहीं था लेकिन गायत्री जी की सुमित्रा जी की जीद की वजह से उसे इश्क़ से शादी करनी पड़ी थी जो उसे बिल्कुल भी मंजूर नहीं था......!!! कबीर जो अभी भी इश्क के ख्यालों में गुम था……अपने फोन की रिंग की आवाज को सुनकर होश में आया और उसमें आप अपने फोन की तरफ देखा जिस पर इस वक्त उसके पर्सनल असिस्टेंट पारस की कॉल आ रही थी यह देखकर कबीर ने अपना फोन पर किया और बिना किसी एक्सप्रेशन के बोला……speak पारस क्या information है उसकी……?? कबीर की बात सुनकर पारस ने सामने से कुछ कहा जिसे सुनकर कबीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गई और उसने अब पारस को जवाब देते हुए कहा……अभी नहीं कुछ वक्त उसे भी अपनी जिंदगी चैन से जी लेने दो ….क्योंकि उसके बाद तो ……?? इतना कहते ही कबीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गई और कबीर ने अपने फोन को सामने बेड पर फेंका और अपनी टी शर्ट उतारते हुए बेड पर लेट गया……और कुछ ही देर में कबीर नींद में जा चुका था……!!! वही दूसरी तरफ……!! Blue diamond hotel……!! मोनिका इस वक्त होटल के एक प्राइवेट कमरे में इस वक्त बेड के किनारे दो लोगों के कपड़े नीचे गिरे हुए थे और इस वक्त मोनिका एक शक्श के साथ बेशर्मी की सारी हदों को पार करते हुए उलझी हुई थी और वो शक्श भी मोनिका की बेशर्मी में उसका साथ देते हुए उसके साथ ही लगा हुआ था और कुछ ही देर में वो गहरी गहरी सांसे लेते हुए एक दूसरे से दूर हुए और एक दूसरे की तरफ मुस्कुराते हुए देखकर एक दूसरे की तरफ देखने लगे……!!! और अगले ही पल उस कमरे में उन दोनों लोगों की हंसी गूंज उठी थी और मोनिका ने उस शख्स की तरफ देखकर कहा……हम्ममम फाइनली हमारा प्लान तो कामयाब हो ही गया है दिग्विजय ( दिग्विजय व्यास.....कबीर का बिजनेस राइवल.....जिसे कबीर से हद से ज्यादा नफरत है......) और अब कल उस पार्टी में कबीर को जब पता चलेगा कि जिस चीज को हासिल करने के लिए उसने अपनी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है वो किसी और चीज की हो चुकी है इतना कहकर मोनिका तिरछा मुस्कुराई तो दिग्विजय ने मोनिका की तरफ देखकर कहा……yes baby……और ये मुमकिन हुआ है तुम्हारी वजह से अगर तुम उस फाइल को मेरे पास नहीं लेकर आती तो वो चीज मुझे कभी मिल ही नहीं पाती……!!! दिग्विजय की बात सुनकर मोनिका में दिग्विजय की तरफ देखकर कहां……यह बात तो है अगर मैं तुम्हारा साथ नहीं देती तो वह चीज तुम्हें कभी भी नहीं मिल सकती थी जो कबीर के पास बिना उसे खबर किए ला पाना इतना मुश्किल था ……तो क्यों ना मुझे उस काम का रिवॉर्ड मिलना चाहिए हम्ममम क्यों क्या कहते हो……?? मोनिका ने तिरछी नजरों से दिग्विजय की तरफ़ देखकर के खुले हुए सीने पर अपनी उंगलियां चलाते हुए कहा तो दिग्विजय ने मोनिका की तरफ इंटेंस नजरों से देखा और अगले ही पल उस कमरे में मोनिका की आहें गूंजने लगीं……!!! अगली सुबह......!!! अग्निहोत्री हाउस में इस वक्त सभी लोग डाइनिंग टेबल पर मौजूद थे और इस वक्त सभी लोग इश्क़ का इंतजार कर रहे थे जो इस वक्त किचेन में थी और ये देखकर गायत्री जी ने इशिका की तरफ देखकर कहा……जरा देखकर आइए इश्क़ आखिर इस वक्त किचेन में कर क्या रही थीं और वो सुबह सुबह बिना किसी से मिले सीधे किचेन में क्यों चली गई हैं……?? गायत्री जी की बात सुनकर इशिका ने उनकी तरफ देखकर कहा……ओहो मम्मा आपको नहीं पता है क्या की जब भी आपकी इश्क़ का मूड ऑफ होता है तो वो इसी तरह पूरा दिन किचेन में ही लगी रहती है……इशिका की बात सुनकर गायत्री जी ने इशिका को घूरकर देखा तो इशिका ने उनकी तरफ देखकर कहा……लीजिए आ गई आपकी इश्क़……इशिका की बात सुनकर गायत्री जी ने इश्क़ की तरफ देखा जो इस वक्त अपने हाथों में कपकेक्स लेकर आ रही थी और ये देखकर गायत्री जी ने इश्क़ की तरफ हैरानी से देखा और उसकी तरफ देखकर बोली……इश्क़ आप इस तरह……?? गायत्री जी को इस तरह खुद को देखता हुआ देखकर इश्क़ ने खुद की तरफ देखा इस वक्त उसके पूरे चेहरे पर आटा लगा हुआ था और इस वक्त उसके सारे कपड़े भी पूरी तरह आटे से सने हुए थे और ये देखकर इशिका……नैना और गायत्री जी की हंसी छूट गई थी और उन लोगों को इस तरह हंसते हुए देखकर इश्क़ ने मुंह बनाया लेकिन अपनी हालत देखकर इश्क़ की भी हंसी छूट गई और उस पूरे हॉल में इस वक्त हंसने की आवाज गूंज उठी थी……!!! और हंसते हंसते इशिका ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा…इश्क ये क्या हाल बना रखा है तुमने खुद का ?? इशिका की बात सुनकर इश्क़ ने उसकी तरफ देखा……!!

  • 9. His addiction for his girl...... - Chapter 9

    Words: 1011

    Estimated Reading Time: 7 min

    अग्निहोत्री मेंशन……!!! कबीर की कार काफी स्पीड से अग्निहोत्री मेंशन में आकर रूकी और कबीर काफी टशन से अपनी कार से उतरकर बाहर आया और उसने अपनी कार की चाभी गार्ड की तरफ उछाली और लंबे लंबे डग भरता हुआ अग्निहोत्री मेंशन के अंदर आया……और अंदर आते ही कबीर के कानों में इश्क़ की खिलखिलाती हुई आवाज गूंज गई जिसे सुनकर कबीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गई और वो मुस्कुराते हुए अग्निहोत्री मेंशन के अंदर आया और हॉल की तरफ बढ़ गया……!!! जहां इस वक्त पूरी अग्निहोत्री फैमिली मौजूद थीं और सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट तैर रही थीं और ये देखकर कबीर वहां आया और कबीर को इस वक्त वहां देखकर सभी लोगों के चेहरे की मुस्कुराहट गायब हो गई और सभी लोग हैरानी से कबीर की तरफ देखने लगे जो इस वक्त वहां खड़ा था……!!! सभी लोगों को खुद को यहां देखकर हैरान होता हुआ देखकर कबीर के चेहरे पर तिरछी मुस्कुराहट कर गई और उसने सभी लोगों की तरफ देखकर क्या हुआ…?? सब लोग ऐसे क्यों देख रहे हैं मुझे……?? कबीर की बात सुनकर सुमित्रा जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा……कबीर आप यहां……?? सुमित्रा जी की बात सुनकर कबीर ने एक तिरछी नजर इश्क पर डाली और उसकी तरफ देखकर बोला……क्यों मैं यहां नहीं आ सकता क्या दादी मां……?? नहीं…कबीर हमारा यह कहने का मतलब नहीं था हम बस आपसे……?? सुमित्रा जी ने कबीर की तरफ देखकर कहा तुम कबीर ने इस बार उनकी तरफ देखकर कहा……I know आप लोग मुझे इस तरह यहां देखकर शॉक्ड हैं और कुछ लोगों के चेहरे पर इस वक्त गुस्सा झलक रहा है……लेकिन मुझे इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा और मैं यहां इसीलिए मैं हूं क्योंकि मेरी एक बेशकीमती चीज यहां रह गई है जिसे मैं वापस लेने आया हूं……!!! कबीर की बात सुनकर सभी लोग हैरान रह गए थे और सभी लोगों के चेहरे पर हैरानी देखकर कबीर ने उन लोगों की तरफ देखकर कहा……what happened …आप लोग इस तरह चौक क्यों गए……?? कबीर की बात सुनकर इस बार इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर कहा……आ…आप…किस…चीज की बात कर रहे हैं कबीर……?? तुम्हारी इश्क ……!! कबीर ने इश्क़ तरफ देखकर कहा तो इश्क के होश उड़ गए और वह अपनी फटी हुई आंखों से कबीर की तरफ देखने लगी जो उसकी तरह काफी इंटेंस निगाहों से देख रहा था……!!! आ…आप…ये…?? इश्क़ की आवाज तक नहीं निकल रही थी कबीर की बात सुनने के बाद अभी भी कबीर की तरफ ही देख रही थी जो उसे ही देख रहा था वही कबीर की बात सुनकर इस बार गायत्री जी ने हैरानी से कबीर की तरफ देखा और उसकी तरफ देखकर बोली……कबीर आप ये क्या कह रहे हैं……?? वही जो आप चाहती थी……i mean आप ही ने तो मेरी शादी इश्क से कराई और शादी के बाद इश्क को अपने पति के साथ रहना चाहिए ना आई मीन मेरे साथ……क्योंकि शादी के बाद तो इश्क़ को मेरे साथ ही रहना था लेकिन वो तो यही डेरा जमाए बैठी है……क्यों इश्क़……?? कबीर ने इस बार इश्क़ की तरफ तिरछी नजरों से देखते हुए कहा तो इश्क़ ने अपना चेहरा झुका लिया और ये देखकर कबीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गई और उसने अब इश्क की तरफ देखकर कहा……let's go इश्क़ हमें गायत्री मेंशन जाना है हम्ममम…!!! लेकिन…?? इश्क़ ने हिचकिचाते हुए कबीर की तरफ देखा और सुमित्रा जी की तरफ देखने लगी जो इश्क़ की ही तरफ देख रही थी और ये देखकर सुमित्रा जी ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा……जाइए इश्क़ ……कबीर अगर इस शादी को एक्सेप्ट करते हुए आपको गायत्री मेंशन ले जाना चाहते है तो……?? सुमित्रा जी ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा तो इश्क़ ने एक नजर कबीर की तरफ देखा जो उसे ही देख रहा था लेकिन कबीर की नजरों में कुछ ऐसा था जिसे देखकर इश्क़ को कबीर से डर लग रहा था लेकिन इस वक्त इश्क़ को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि वो कबीर के साथ जाए या नहीं……?? गायत्री मेंशन………!!! कबीर की कार गायत्री मेंशन में आकर रूकी और कबीर अपनी कार से बाहर निकल कर मेंशन के अंदर बढ़ गया और वही कार के अंदर बैठी इश्क़ जो इस वक्त कबीर के साथ गायत्री मेंशन आ चुकी थीं उसने कबीर की तरफ हैरानी से देखा……!!! लेकिन इश्क़ ने कबीर को अंदर जाते हुए देखकर उसकी तरफ देखकर कहा……मुझे पता है अगर आप मुझे यहां ले आएं है तो इसमें पक्का आपकी कोई ना कोई फायदा जरूर होगी कबीर……क्योंकि जहां तक मैं the कबीर अग्निहोत्री को जानती हूं उन्हें कभी भी घाटे का कोई सौदा पसंद ही नहीं है……और फिर यहां तो मुझसे शादी करना आपके लिए तो एक घाटे का ही सौदा है कबीर……!!! इतना कहकर इश्क़ ने एक गहरी सांस ली और मुस्कुराते हुए मेंशन के अंदर बढ़ गई जहां अंदर आते ही एक कांच का वॉश आकर इश्क के आगे गिरा और वो कांच पुरे फर्श पर बिखर गया जिसे देखकर इश्क की धड़कने बढ़ गई और वो कबीर की तरफ देखने लगी जो इस वक्त अपने होंठो में एक सिगरेट फसाएं उस सिगरेट के गहरे गहरे कस लेते हुए सोफे पर किसी राजा की तरह बैठा था और इस वक्त उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर रही थीं जिसे देखकर इश्क़ के चेहरे पर हैरानी झलक उठी........!!!! और अगले ही पल कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा..... मैंने सुना है जब नई बहु घर में आती है तो उसका स्वागत किया जाता है...... लेकिन हर बार उस दुल्हन के स्वागत के लिए आरती की थाल और फूल रखे जाते है लेकिन तुम्हारा स्वागत में सिर्फ कांच के टुकड़े रखे जाएंगे इश्क़…… क्योंकि जिस रिश्ते में सिर्फ नफरत और दर्द हो उसमें फूलों का कोई मतलब नहीं होता है इश्क़……वहां होते हैं इस कांच की तरह दर्द देने वाले……कबीर की बात सुनकर इश्क़ ने कबीर की तरफ देखा और उन नीचे बिखरे हुए कांच की तरफ देखकर इश्क फीका सा मुस्कुराई और कांच पर अपने पैर रखते हुए कबीर की तरफ बढ़ने लगी और ये देखकर कबीर के चेहरे से वो डेविल स्माइल गायब हो गई पर वो हैरानी से इश्क की तरफ देखने लगा…

  • 10. His addiction for his girl...... - Chapter 10

    Words: 1004

    Estimated Reading Time: 7 min

    इश्क़ जो इस वक्त उन कांच के छोटे-छोटे टुकड़ों पर चलते हुए कबीर की तरफ आ रही थीं ये देखकर कबीर ने इश्क़ की तरफ तिरछी नजरों से देखा और उसकी तरफ देखकर व्यंग भरे लहजे में बोला……हम्ममम तो काफी जिद्दी हो तुम हम्ममम……वरना मुझे तो लगा था कि इतनी बेइज्जती के बाद तुम यहां एक पल भी नहीं रुकने वाली हो लेकिन तुम तो……?? कबीर की बात सुनकर इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर तड़पती हुई आवाज में कहा……आप सच में मुझे यहां इसीलिए लेकर आएं थे कबीर क्योंकि आप मुझे दर्द देना चाहते थे………?? क्यों……?? तुम्हें क्या लगा……?? मैं तुम्हें इसलिए यहां लेकर आया था क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूं या इस शादी को एक्सेप्ट कर चुका हूं………?? कबीर ने इश्क़ की बेवकूफी भरी बात सुनकर इश्क़ की तरफ देखकर कहा तो इश्क़ ने कबीर की तरफ हैरानी से देखा और उसकी तरफ देखकर इश्क़ ने इस बार गुस्से में कबीर की तरफ देखकर कहा……इसका मतलब आप इस शादी को नहीं मानते और ना ही आप……?? च….च…च बुरा लग रहा है तुम्हें……?? कबीर ने इश्क़ के रोते हुए चेहरे को देखकर कहा तो इश्क़ ने अपना चेहरा झुका लिया और ये देखकर कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा……तुम्हें क्या लगा मुझसे शादी करने के बाद तुम वो सब कुछ हासिल कर लोगी जो तुम चाहती हो हम्ममम……??? म……मतलब क्या है आपका कबीर……?? इश्क़ ने हैरानी से कबीर की तरफ देखकर पूछा तो कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर हंसते हुए कहा……रियली इश्क़ तुम्हें सच में नहीं पता मैं किस बारे में बात कर रहा हूं……?? तुम तो यहीं चाहती थी ना कि अग्निहोत्री फैमिली में तुम शादी करके किसी तरह आ जाओ और उसके बाद अग्निहोत्री फैमिली के नाम और फेम को इस्तेमाल कर सको हम्ममम………?? कबीर की उन कड़वी बातों को सुनकर इश्क़ का चेहरा लगभग फीका ही पड़ गया था उसे सच में इस बात का दूर दूर तक अंदाजा नहीं था कि कबीर के दिल में उसके लिए इतनी नफरत होगी और वो इस कदर इश्क़ से इतनी बेइंतहा नफरत करता होगा………और सच में क्या कबीर को इश्क़ के बारे में आज तक ऐसा ही समझ आया था कि इश्क को सिर्फ पैसों के लिए अग्निहोत्री फैमिली से प्यार था या वो इसीलिए इस शादी को एक्सेप्ट करना चाहती थीं……!!! वही इश्क को इस तरह खुद की सोच में गुम देखकर और इस तरह हैरान होता हुआ देखकर कबीर के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गई और उसने इश्क की तरफ देखकर कहा……क्या हुआ…इतनी हैरान क्यों हो गई……?? तुम्हारा सच बाहर आ गया इसीलिए……?? या फिर कहीं मैं तुम्हारा सच सबको बता ना दूं इसलिए हम्ममम……?? कबीर की बात सुनकर इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर कहा……I can't believe कबीर आप इतने यकीन से ऐसे कैसे कह सकते हैं कि मुझे अग्निहोत्री फैमिली से इसलिए प्यार है क्योंकि मुझे उनके नाम और फेम को इस्तेमाल करके अपनी लाइफ एंजॉय करना है……?? खैर आप जैसे इंसान से मैं उम्मीद ही क्या कर सकती हूं जो खुद तो अपनी फैमिली से इतने दूर हैं कि ना तो आपको आपकी फैमिली की इमोशन की कदर है और ना ही उनके प्यार की……?? इश्क़ की बात सुनकर कबीर ने गुस्से में इश्क की तरफ देखा और इसे एक झटके में दीवार से लगाते हुए कबीर ने इश्क़ की गर्दन को अपनी उंगलियों से कसकर दबाते हुए उसकी तरफ देखकर गुस्से में दांत पीसते हुए कहा……तुम जैसी लड़की अगर इन चीजों के बारे में कोई बात ना करें तो ही अच्छा होगा इश्क़ क्योंकि दूसरों के इमोशन को किस तरह रौंदा जाता है ये तुमसे अच्छा कौन जान सकता है हां……?? बताओ ना……सच कह रहा हूं ना मैं……?? कबीर ने जिस तरह इश्क की गर्दन को अपनी उंगलियों से दबाया था उससे इश्क को अपनी सांसे रुकती हुई महसूस होने लगी थीं और उसकी आंखे इस वक्त बाहर निकलने को हो गई थीं और इश्क़ लगातार कबीर से खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए कबीर को खुद से दूर करने की कोशिश कर रही थी……और इश्क़ को इस तरह अपनी सांसों के लिए तड़पते हुए देखकर कबीर ने एक झटके में इश्क़ को छोड़ दिया तो इश्क़ खुद की सांसों को संभालती हुई कबीर की तरफ देखने लगी इस वक्त इश्क़ की आंखों में पूरी तरह से लबालब आंसू भरे हुए थे और इश्क बुरी तरह खांसते हुए कबीर की तरफ देखकर सिसकने लगी थीं………!!! और ये देखकर कबीर अब गुस्से में कांपते हुए मेंशन से बाहर निकल गया था और कबीर के जाने के बाद इश्क़ जो खुद को संभाल रही थीं एक झटके में बिखर गई और तुरंत फर्श पर बैठ गई……उसे तो लगा था शायद गायत्री जी ने उससे उस दिन जो कहा था हो सकता है कि कबीर सच में इश्क़ से प्यार करता हो……लेकिन आज कबीर के बिहेवियर को देखकर इश्क़ को गायत्री जी की बात झूठी लग रही थी अगर कबीर इश्क़ से प्यार करता तो वो इश्क़ को दर्द कैसे दे सकता था……?? लेकिन कबीर के दिल में तो शायद इश्क़ के लिए कोई प्यार था ही नहीं……वो तो एक बेदर्द और बेदिल इंसान हो गया था जिसे ना तो किसी के इमोशन की कदर थी और ना ही किसी के दर्द की……?? इश्क़ इस वक्त फर्श पर बैठी हुई फफक उठी थी और इस वक्त उसकी आंखों से गिर रहें वो आंसू उसकी तकलीफ के दास्तां को बयां कर रहे थे……!!! वही दूसरी तरफ कबीर जो इस वक्त गुस्से में कांपते हुए बाहर आया वो अपनी कार में बैठकर वहां से निकल गया और कुछ ही देर में कबीर की कार एक एक्सपेंसिव फ्लैट पर आकर रूकी और कबीर अपनी कार से निकल कर उस फ्लैट में आया……जो काफी खूबसूरत लग रहा था और काफी एक्सपेंसिव भी लग रहा था और अब कबीर ने अपने फोन से किसी को कॉल किया और तभी अचानक ही उस फ्लैट का दरवाजा खुला और अंदर से मोनिका बाहर आई जिसने इस वक्त एक रिविलिंग सी ड्रेस पहन रखी थीं और वो ड्रेस उसके घुटनों तक ही आ रही थीं……और इस वक्त कबीर को अपने कमरे के बाहर खड़े देखकर मोनिका के होश उड़ चुके थे……!!

  • 11. His addiction for his girl...... - Chapter 11

    Words: 1026

    Estimated Reading Time: 7 min

    कबीर जो इस वक्त मोनिका के अपार्टमेंट के बाहर खड़ा था और इस वक्त कबीर ने डोरेबेल बजाई और जैसे ही दरवाजा खुला सामने मोनिका जो इस वक्त मुस्कुरा रही थी सामने कबीर को देखकर उसके होश उड़ गए और उसने हड़बड़ाते हुए कबीर की तरफ देखकर कहां..... क....कबीर....?? वही मोनिका को इस तरह हड़बड़ाते हुए और हैरान होता हुआ देखकर कबीर ने अपनी आईब्रो ऊपर उठाते हुए कहा……what happened Monika……is everything is alright……?? मोनिका जो अभी भी घबराते हुए कबीर की तरफ देख रही थीं कबीर की बात सुनकर उसने अपना चेहरा हां में हिला दिया और कबीर की तरफ देखकर बोली……तू…तुम…यहां…I mean हम तो कल मिलने वाले थे ना……?? मोनिका की आवाज सुनकर कबीर ने दरवाजे को अंदर की तरफ धक्का देते हुए अपार्टमेंट के अंदर आते हुए मोनिका की तरफ देखकर कहां..... Yes हम कल मिलने वाले थे लेकिन मैंने सोचा क्यों ना आज मैं तुम्हारे साथ क्लब चलूं.....वैसे भी हमें इंजॉय लिए हुए काफी वक्त हो गया है क्यों……?? कबीर ने मोनिका के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा तो मोनिका सकपका गई और उसने जबरजस्ती मुस्कुराते हुए कबीर की तरफ देखकर कहा……उम्म मैं क्या सोच रही थीं कि हम किसी और दिन क्लब चलें I mean मुझे आज अपनी एक फ्रेंड से मिलने जाना था तो……?? मोनिका ने तिरछी नजरों से कबीर की तरफ देखकर कहा तो कबीर ने कुछ पल तक मोनिका की तरफ देखा और वहां से चला गया और कबीर के जाते ही मोनिका ने अपने सर पर अपना हाथ रख लिया और जल्दी में अपनी कार की कीज लेकर वहां से चली गई……!!! तकरीबन 12 बजे……!!! कबीर की कार गायत्री मेंशन में काफी स्पीड में आकर रूकी और कबीर अपने लड़खड़ाते हुए कदमों से चलकर मेंशन के अंदर आया……और अंदर आते ही कबीर ने अपने ब्लेजर को निकालते हुए फर्श पर फेंका……और अपनी शर्ट के बटन खोलते हुए अपने कमरे में आया…… और अपने कमरे के अंदर आते ही कबीर की नजर बेड पर सो रही इश्क़ पर पड़ी…… जो शायद इस वक्त गहरी नींद में सो रही थीं और ये देखकर कबीर के चेहरे पर एक मुस्कुराहट खिल गई और वो मुस्कुराते हुए इश्क़ की तरफ अपने लड़खड़ाते हुए कदमों से चलकर बेड की तरफ आया और उसने इश्क़ के चेहरे को अपनी नशीली आंखों से देखते हुए इश्क़ के चेहरे को अपनी उंगलियों से सहलाते हुए कहा……उम्ममम तुम सो गई……?? इतनी जल्दी……?? अभी तो हमें अपनी वेडिंग नाइट सेलिब्रेट करनी थी ना……और…और मुझे तुम्हें बहुत सारा प्यार भी तो करना था ना……और तुम इतनी जल्दी सो गई……?? इश्क़ जो इस वक्त हल्की सी नींद में सो रही थीं क्योंकि कांच चुभने की वजह से इश्क़ को अपने पैरों में दर्द हो रहा था और जिसकी वजह से इश्क़ को ठीक से नींद ही नहीं आ रही थीं और अचानक कबीर की आवाज सुनकर उसकी नींद खुल गई और इस वक्त कबीर को अपने चेहरे पर इस तरह झुका हुआ देखकर इश्क़ ने कबीर की तरफ हैरानी से देखा जो इस वक्त उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रहा था और ये देखकर इश्क़ तुरन्त बिस्तर से उठ गई और उसने कबीर की तरफ देखकर कहा……क्या…क्या हुआ कबीर आप इस तरह……?? इश्क़ से बोला तक नहीं जा रहा था और वो सहमते हुए कबीर की तरफ देख रही थी जिसका चेहरा कमरे में जल रही डीम लाइट में काफी दिलकश लग रहा था……और नशे की वजह से उसकी वो कातिलाना आंखें और भी अट्रैक्टिव लग रही थीं और उन आंखों की इंटेंसिटी देखकर इश्क़ को कबीर से नजरें हटाने का मन ही नहीं कर रहा था……और कबीर जो इश्क़ को इस तरह खुद को देखता हुआ देखकर मुस्कुरा रहा था उसने अचानक इश्क़ की कमर को पकड़ कर उसे खुद के करीब कर लिया तो इश्क़ चिहुंक गई और उसने कबीर की तरफ अपनी बड़ी बड़ी आंखों से देखा तो कबीर ने इश्क़ के पैरों की तरफ देखा और हल्का सा उसके पैरों की तरफ झुक गया तो इश्क़ ने अपने पैर पीछे खींच लिए जिससे कबीर का चेहरा बेड से टकरा गया और कबीर ने तुरंत अपने माथे पर हाथ रख लिया…... और उसकी एक चिंख निकल गई क्योंकि इश्क़ के पैर इस वक्त बेड के किनारे लटके हुए थे और उसके इस तरह अपने पैरों को ऊपर खींचने की वजह से कबीर का चेहरा सीधा बेड के किनारे से जा टकराया था और कबीर के माथे पर हल्की सी खरोंच आ गई थी......और ये देखकर इश्क़ ने कबीर के चेहरे को तुरंत अपने हाथों में थाम लिया था और उसकी तरफ देखकर हकलाते हुए बोली……स… सॉरी कबीर गलती से लग गया आपको……!!! इश्क़ को इस तरह खुद के लिए परेशान होता देखकर कबीर ने इश्क़ के चेहरे पर झुकते हुए उसकी तरफ देखकर कहा.....हम्ममम कोई बात नहीं ये ठीक हो जायेगा अगर तुम इसे ऐसे किस करोगी तो……कबीर ने अचानक इश्क़ के होंठो को चूमते हुए कहा तो इश्क़ की धड़कने रुक गई और वो हैरानी और अपनी फटी हुई आंखों से कबीर की तरफ देखने लगी जो इस वक्त उसकी तरफ देख रहा था और ये देखकर इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर हड़बड़ाते हुए कहा……आ...आप नशे में हैं कबीर……प्लीज आप जाइए यहां से......?? इश्क ने कबीर की तरफ देखकर कहां तो कबीर ने इश्क को गुस्से से गुस्से में घूरा और उसकी तरफ देखकर बोला....मैं यहां से क्यों जाऊंगा.....?? यह मेरा रूम है......!! कबीर की बात सुनकर इश्क़ ने हैरानी से कबीर की तरफ देखा और उसकी तरफ देखकर अपनी कमर पर अपना हाथ रखकर बोली....ये मेरा रूम है तो आपका कैसे हो गया....आप तो यहां नहीं रहते हैं ना....तो कहां रहता हूं मैं हम्ममम......कबीर ने अपनी आंखें तरेरते हुए इश्क़ की तरफ देखकर कहा तो इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर कहा....गायत्री मेंशन में....!! और तुम इस वक्त कहां हो......?? कबीर ने इश्क का जवाब सुनकर पूछा तो इश्क को होश आया कि इस वक्त गायत्री मेंशन में और इस वक्त कबीर के रूम में है और यह ध्यान आते ही इश्क में कबीर की तरफ देखकर कहा..... स.... सॉरी...आ...आप यही रुकिए मैं दूसरे कमरे में चली जाती हूं .....इतना कहकर इश्क़ जैसे ही जैसे बिस्तर से उठने को हुई तभी अचानक कबीर ने इश्क की साड़ी का पल्लू पकड़ लिया और उसकी तरफ देखकर में घूरते हुए बोला.... कहां जा रही हो....??

  • 12. His addiction for his girl...... - Chapter 12

    Words: 1018

    Estimated Reading Time: 7 min

    कबीर ने इस वक्त इश्क़ के साड़ी के पल्लू को अपनी मुट्ठी में भींच रखा था और इश्क़ कबीर को अपनी बड़ी बड़ी आंखों से देख रही थी..... जो इस वक्त नशे में झूलते हुए उसकी तरफ बढ़ रहा था....और उसके कदम लड़खड़ा रहे थे अब यह देखकर इश्क जैसे कबीर को संभालने के लिए उसके करीब आई कबीर ने उसे झटके में अपनी तरफ खींचकर अपने ऊपर गिरा लिया...... और इश्क़ जो खुद को संभालने की हर मुमकिन कोशिश करते हुए कबीर से दूर जाने को हुई अचानक कबीर के सीने पर ही गिर गई और उसके होंठ कबीर के होंठो से टकरा गए जिसे महसूस करते ही इश्क़ की सांसे गहरी हो गई और वही कबीर के चेहरे पर एक मुस्कुराहट तैर गई और उसने इश्क़ के उन सॉफ्ट लिप्स को अपने हाथों से रगड़ते हुए उसकी तरफ देखकर कहा.... द...देखा तुम्हारी यह होंठ भी मेरे होठों को चूमना चाहते हैं लेकिन तुम....तुम तो मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही हो......!! कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर शिकायती लहजे में कहा तो इश्क़ कबीर की तरफ देखती ही रह गई....इस वक्त उन दोनों का सीना एक दूसरे से टकरा रहा था और इश्क़ की गहरी सांसो का तूफान कबीर को अपने सीने पर साफ साफ महसूस हो रहा था.....जिसे फील करते हुए कबीर ने इश्क़ की क्लीवेज की तरफ देखा जो उसके ब्लाउज के डीप होने की वजह से साफ साफ दिखाई दे रहा था.....ये देखकर कबीर ने इश्क़ को एक झटके में अपने नीचे खींच लिया.......और इश्क़ एक झटके में इश्क़ के भारी भरकम बॉडी के नीचे दबी हुई कबीर की तरफ हैरानी से देखने लगी...... लेकिन इस वक्त कबीर का ध्यान तो इश्क़ के उभरे हुए उन क्लीवेज की तरफ था जिन्हें देखकर कबीर ने अपने होंठो को हल्का सा अपने दांतों में दबा लिया और इश्क़ की तरफ देखने लगा......ये देखकर इश्क़ ने तुरंत अपने सीने पर अपना पल्लू रख लिया और कबीर की तरफ देखकर बोली.....ये क्या कर रहे हैं आप कबीर......?? और कितने बेशर्म है आप .....?? इस तरह.....?? इश्क़ से बोला ही नहीं गया और उसने अपना चेहरा घुमा लिया तो कबीर ने इश्क़ के चेहरे की तरफ देखा और एक झटके में इश्क़ की साड़ी को उसके जिस्म से अलग कर दिया और इश्क़ की तरफ मदहोशी से देखने लगा..... वही कबीर की इस हरकत पर इश्क़ पूरी तरह से ब्लैंक ही रह गई और वो कबीर की तरफ देखने लगी जो इस वक्त पूरी तरह से नशे में चूर हो चुका था और उसकी नशीली आँखें इस वक्त इश्क़ के नाजुक से जिस्म पर नजर गड़ाए थी.....और ये देखकर इश्क़ ने तुरंत कबीर को खुद से धक्का दे दिया और उससे दूर होकर इश्क ने अपने सीने पर अपना हाथ रखकर कबीर की तरफ देखकर कहा......पागल हो गए हैं क्या आप.....?? इस तरह किसी की तरफ देखना बैड मैनर्स होते हैं समझे आप.......?? अच्छा.....और गुड मैनर्स क्या होते हैं.....?? कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर पूछा तो इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर प्यार से कहा......अगर आप मुझे मेरी साड़ी वापस कर देते हैं तो ये गुड मैनर्स होते हैं कबीर......इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर बड़ी चालाकी से अपनी साड़ी को वापस लेने का प्लान बनाया था लेकिन उसे क्या पता था जिस इंसान को उड़ती हुई चिड़िया के भी पर गिनने आते हैं वो इश्क़ की इस चालाकी से अंजान थोड़ी ना था भले ही इस वक्त वो नशे में चूर था.....लेकिन फिर भी इश्क़ के चेहरे पर आई उस मुस्कुराहट को देखकर कबीर को अब कुछ समझ आ चुका था...... खैर इश्क़ को जब ये लगा शायद कबीर ने इश्क़ की बात मान ली है तो उसने कबीर की तरफ अपने कदम बढ़ाए और उसकी तरफ देखकर बोली....आप मुझे मेरी साड़ी वापस कर रहे हैं ना कबीर.....?? इश्क़ की बात सुनकर कबीर ने कुछ पल तक तो इश्क़ की तरफ देखा और उसकी साड़ी की तरफ देखकर कबीर ने इश्क़ को अपनी तरफ आने का इशारा किया तो इश्क़ ने एक गहरी सांस ली और कबीर की तरफ बढ़ गई.....लेकिन कबीर की तरफ आकर अचानक ही इश्क़ के कदम रुक गए और अगले ही पल इश्क़.....कबीर की गिरफ्त में थी और कबीर इश्क़ की तरफ तिरछी नजरों से देख रहा था और ये देखकर इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर कहा.....ये आप क्या.....?? इश्क़ के होंठो से निकले उसके लफ्ज़ जो इस वक्त कबीर ने अनसुना करते हुए उसके होंठो को अपने होंठो में भर लिया और उसे किस करने लगा और इश्क़ जो पहले तो कबीर के इस अन्सपेक्टेड मूव को देखकर हैरान रह गई थी उसने कबीर की तरफ अपनी बड़ी बड़ी आंखों से देखा और इश्क़ को इस तरह खुद की तरफ घूरता हुआ देखकर अब कबीर ने अपने हाथ इश्क़ की पीठ पर रखते हुए उसे लेकर पलट गया तो इश्क़ अब कबीर के ऊपर झुक गई और कबीर इश्क़ की कमर को अपने हाथों में जकड़ते हुए उसे किस करने लगा लेकिन इश्क़ अभी भी अपने होंठो को बंद किए कबीर की हरकत से कसमसाने लगी...... लेकिन कबीर ने इश्क़ के चेहरे को अपनी उंगलियों से कसकर दबाते हुए अपने चेहरे पर झुका लिया और उसे और भी तेजी से खुद से चिपकाते हुए उसे किस करने लगा और इश्क़ कबीर की इंटेंसिटी को देखकर अब हार मान चुकी थीं और वो कबीर की बालों में अपनी उंगलियां फेरते हुए उसे रिलैक्स करने की कोशिश करने लगी थीं....... वही दूसरी तरफ..... अग्निहोत्री मेंशन..... इश्क़ के जाने के बाद सभी लोगों को इस वक्त अग्निहोत्री मेंशन पूरी तरह से सुना लग रहा था......और इस वक्त सभी लोग हॉल में बैठे हुए थे और सभी लोगों के चेहरे पर एक मायूसी सी छाई हुई थी.....और उस मायूसी को देखकर अब इशिका ने गायत्री जी की तरफ देखकर कहा.....मम्मा इश्क़ के जाने के बाद सब कुछ कितना फीका सा लग रहा है ना....क्यों ना हम इश्क़ को यहां बुला ले तो हो सकता है कि कबीर भाई भी यहां गायत्री मेंशन में वापस आ जाएं......!!! इशिका की बात सुनकर सुमित्रा जी ने इशिका की तरफ देखकर कहा.....और आपको लगता हैं कि ऐसा करने से कबीर जो आज तक अग्निहोत्री मेंशन में नहीं वापस आएं वो इस तरह से वापस आ जाएंगे हम्म......???

  • 13. His addiction for his girl...... - Chapter 13

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    इशिका ने जब इश्क़ और कबीर को वापस अग्निहोत्री मेंशन में लाने की बात कही तो इशिका की बात सुनकर सुमित्रा जी ने इशिका की तरफ देखकर कहा.....लेकिन आप भी जानती है इशिका....इश्क़ और कबीर की शादी जिन भी हालातों में हुई थीं उन हालातों और उस समय को देखकर ही हमनें इश्क़ को कबीर के साथ जाने के लिए कहा था.....और हम जानते हैं कबीर का गुस्सा भले ही कितना भी ज्यादा हो इश्क़ उन्हें सम्भाल लेंगी.... और हम ये भी जानते हैं कि कबीर और इश्क के इस रिश्ते को अगर मजबूत करना है तो उन्हें कुछ वक्त एक दूसरे के साथ गुजरना होगा और अपने रिश्ते में आने वाली हर मुश्किल को एक साथ सॉल्व करना होगा....वरना अगर वो लोग बिना किसी कोशिश की अपने इस रिश्ते को खत्म कर देंगे तो उन्हें पता कैसे चलेगा कि आखिर उनके रिश्ते का मतलब क्या है.....?? और उन्हें यह कैसे पता चलेगा कि जरूरी तो नहीं जिससे वह नफरत करते हैं वो इंसान सच में नफरत के ही लायक हो....हो सकता है ना कि वह जिस इंसान से नफरत करते हैं वह नफरत के लायक हो ही ना बल्कि वह प्यार के लायक हो.....?? सुमित्रा जी ने सब की तरफ देखकर कहा तो सभी लोगों ने सुमित्रा जी की बात सुनकर सहमति से उनकी तरफ देखा और तभी गायत्री जी ने सुमित्रा जी की देखकर कहा..... आप सही कह रही है मां जी.... शादी कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है जो एक पल में अपने किसी से रिश्ता जोड़ा और अगले ही पल उसे रिश्ते को तोड़ दिया..... हां मानते हैं कबीर को एक हादसे की वजह से रिश्तों में कोई विश्वास नहीं रह गया है लेकिन..... इश्क वह तो जानती है ना कि अगर एक रिश्ते में विश्वास हो तो कमजोर से कमजोर रिश्ता भी इतना मजबूत हो सकता है जिसे तोड़ना इतना आसान नहीं होगा..... और शायद इसीलिए कबीर की जिंदगी में इश्क़ का आना जरूरी था....!!! गायत्री जी और सुमित्रा जी दोनों लोगों की बातें सुनकर इशिका को भी शायद यकीन हो गया था कि हो सकता है इश्क़ का प्यार कबीर को बदल दे....?? लेकिन क्या यह सच में मुमकिन था यह तो वक्त ही बताएगा ना....?? खैर वहीं दूसरी तरफ.... गायत्री मेंशन..... मेंशन के सबसे लग्जरियस और आलीशान से कमरे में इस वक्त बेड पर कबीर शर्टलेस तकिए में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रहा था..... इश्क इस वक्त कबीर के भारी भरकम शरीर के नीचे दबी हुई उसकी गर्दन में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रही थी.....इस वक्त वो दोनों पूरी दुनिया से बेखबर काफी गहरी नींद में सो रहे थे.....इश्क़ जिसकी साड़ी अभी भी इस वक्त बेड के नीचे गिरी हुई थीं....वो अभी इस वक्त कबीर के सीने में अपना चेहरा छुपाए ब्लाउज और शेप वियर पहने सो रही थीं.... कबीर का एक हाथ इस वक्त इश्क़ की कमर को कसे हुए था तो वहीं उसका एक हाथ इस वक्त इश्क़ के गर्दन के नीचे था....और उन दोनों के पैर भी इस वक्त एक दूसरे से उलझे ही हुए थे....बालकनी से आ रही धूप की वजह से इश्क़ जो इस वक्त कबीर के सीने में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रही थीं उसने अपना चेहरा और भी ज्यादा कबीर की गर्दन में छुपा लिया....लेकिन कुछ ही देर में इश्क़ हल्का सा कुनमुनाई और उसने अपनी आंखे खोली....और मुस्कुराते हुए जैसे ही बेड से उठने को हुई अचानक उसे महसूस हुआ कि इस वक्त वो किसी के भारी भरकम शरीर के नीचे दबी हुई हैं.....जिसे महसूस करते ही इश्क़ की नज़रे कबीर के चेहरे पर चली गई जो इस वक्त उसे अपने बाहों में कसे हुए गहरी नींद में सो रहा था...... ये देखकर इश्क़ की सांसे ही रुक गई और उसके सामने कल रात की सारी बातें किसी रील की तरह चलने लगी जिसे याद करके इश्क़ का डर और भी बढ़ गया.....अगर इस वक्त कबीर की नींद खुल गई और वो इस तरह खुद को और इश्क़ को एक साथ इतने करीब देखकर कहीं गुस्से में कुछ.....?? न...नहीं.... म...मुझे कबीर के उठने के पहले ही उठना होगा वरना.....अगर कबीर उठ गए तो....कहीं वो बिना मेरी बात सुने ही मुझ पर गुस्से में चिल्लाने लगेंगे और पता चला कि कहीं गुस्से में मुझे कच्चा ही चबा जाएं तो फिर तो..... न...नहीं मुझे कबीर का गुस्सा नहीं झेलना ......इतना कहकर इश्क़ ने तुरंत धीरे से कबीर का हाथ अपनी कमर से हटाते हुए उसे खुद से दूर किया और खुद जल्दी से बेड से उतर कर उसने अपनी साड़ी की तरफ देखा और उसे खुद पर लपेटते हुए तुरंत वॉशरूम के अंदर बढ़ गई...... इधर दूसरी तरफ..... इश्क़ के वॉशरूम में जाने के बाद कबीर की नींद खुली और वो इस वक्त बिस्तर पर उठकर बेड के हेड से अपना सिर टिकाते हुए सामने टेबल पर रखी हुई सिगरेट के पैकेट को अपने हाथों में लेकर कबीर ने एक सिगरेट अपने होंठो के बीच फंसा ली......और उसे लाइटर से जलाते हुए उसके कस लेने लगा.....इस वक्त कबीर का चेहरा पूरी तरह से न्यूट्रल था और वो एक टक इस वक्त वॉशरूम के दरवाजे की तरफ देख रहा था.....जो किसी भी पल खुलने वाला था और अब कुछ ही देर में वॉशरूम का दरवाजा खुला और इश्क़ जो इस वक्त वॉशरूम के अंदर से टॉवेल लपेट कर बाहर आई थी सामने कबीर को इस तरह बेड पर बैठे हुए देखकर उसके होश उड़ गए और वो तुरंत वॉशरूम के दरवाजे के पीछे छुप गई..... वही कबीर अभी भी बिना किसी एक्सप्रेशन के इश्क़ की ही तरफ देख रहा था जो दरवाजे के पीछे छुपी हुई खुद को छिपाने की कोशिश कर रही थीं जिसे देखकर कबीर के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट तैर गई लेकिन उसने इश्क़ को कुछ कहा नहीं..... वही इश्क़... कबीर को जगे हुए देखकर खुद ही बड़बड़ाई....क्या जरूरत थी तुझे इश्क़ इतनी जल्दी वॉशरूम से बाहर आने की.....?? तू वॉशरूम से बाहर तो आई तो आई ही और तो और साथ में इस छोटे से टॉवेल को लपेट कर..... पता नहीं कबीर इस वक्त मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे.....इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर खुद से ही कहा.....??

  • 14. His addiction for his girl...... - Chapter 14

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    इशिका ने जब इश्क़ और कबीर को वापस अग्निहोत्री मेंशन में लाने की बात कही तो इशिका की बात सुनकर सुमित्रा जी ने इशिका की तरफ देखकर कहा.....लेकिन आप भी जानती है इशिका....इश्क़ और कबीर की शादी जिन भी हालातों में हुई थीं उन हालातों और उस समय को देखकर ही हमनें इश्क़ को कबीर के साथ जाने के लिए कहा था.....और हम जानते हैं कबीर का गुस्सा भले ही कितना भी ज्यादा हो इश्क़ उन्हें सम्भाल लेंगी.... और हम ये भी जानते हैं कि कबीर और इश्क के इस रिश्ते को अगर मजबूत करना है तो उन्हें कुछ वक्त एक दूसरे के साथ गुजरना होगा और अपने रिश्ते में आने वाली हर मुश्किल को एक साथ सॉल्व करना होगा....वरना अगर वो लोग बिना किसी कोशिश की अपने इस रिश्ते को खत्म कर देंगे तो उन्हें पता कैसे चलेगा कि आखिर उनके रिश्ते का मतलब क्या है.....?? और उन्हें यह कैसे पता चलेगा कि जरूरी तो नहीं जिससे वह नफरत करते हैं वो इंसान सच में नफरत के ही लायक हो....हो सकता है ना कि वह जिस इंसान से नफरत करते हैं वह नफरत के लायक हो ही ना बल्कि वह प्यार के लायक हो.....?? सुमित्रा जी ने सब की तरफ देखकर कहा तो सभी लोगों ने सुमित्रा जी की बात सुनकर सहमति से उनकी तरफ देखा और तभी गायत्री जी ने सुमित्रा जी की देखकर कहा..... आप सही कह रही है मां जी.... शादी कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है जो एक पल में अपने किसी से रिश्ता जोड़ा और अगले ही पल उसे रिश्ते को तोड़ दिया..... हां मानते हैं कबीर को एक हादसे की वजह से रिश्तों में कोई विश्वास नहीं रह गया है लेकिन..... इश्क वह तो जानती है ना कि अगर एक रिश्ते में विश्वास हो तो कमजोर से कमजोर रिश्ता भी इतना मजबूत हो सकता है जिसे तोड़ना इतना आसान नहीं होगा..... और शायद इसीलिए कबीर की जिंदगी में इश्क़ का आना जरूरी था....!!! गायत्री जी और सुमित्रा जी दोनों लोगों की बातें सुनकर इशिका को भी शायद यकीन हो गया था कि हो सकता है इश्क़ का प्यार कबीर को बदल दे....?? लेकिन क्या यह सच में मुमकिन था यह तो वक्त ही बताएगा ना....?? खैर वहीं दूसरी तरफ.... गायत्री मेंशन..... मेंशन के सबसे लग्जरियस और आलीशान से कमरे में इस वक्त बेड पर कबीर शर्टलेस तकिए में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रहा था..... इश्क इस वक्त कबीर के भारी भरकम शरीर के नीचे दबी हुई उसकी गर्दन में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रही थी.....इस वक्त वो दोनों पूरी दुनिया से बेखबर काफी गहरी नींद में सो रहे थे.....इश्क़ जिसकी साड़ी अभी भी इस वक्त बेड के नीचे गिरी हुई थीं....वो अभी इस वक्त कबीर के सीने में अपना चेहरा छुपाए ब्लाउज और शेप वियर पहने सो रही थीं.... कबीर का एक हाथ इस वक्त इश्क़ की कमर को कसे हुए था तो वहीं उसका एक हाथ इस वक्त इश्क़ के गर्दन के नीचे था....और उन दोनों के पैर भी इस वक्त एक दूसरे से उलझे ही हुए थे....बालकनी से आ रही धूप की वजह से इश्क़ जो इस वक्त कबीर के सीने में अपना चेहरा छुपाए गहरी नींद में सो रही थीं उसने अपना चेहरा और भी ज्यादा कबीर की गर्दन में छुपा लिया....लेकिन कुछ ही देर में इश्क़ हल्का सा कुनमुनाई और उसने अपनी आंखे खोली....और मुस्कुराते हुए जैसे ही बेड से उठने को हुई अचानक उसे महसूस हुआ कि इस वक्त वो किसी के भारी भरकम शरीर के नीचे दबी हुई हैं.....जिसे महसूस करते ही इश्क़ की नज़रे कबीर के चेहरे पर चली गई जो इस वक्त उसे अपने बाहों में कसे हुए गहरी नींद में सो रहा था...... ये देखकर इश्क़ की सांसे ही रुक गई और उसके सामने कल रात की सारी बातें किसी रील की तरह चलने लगी जिसे याद करके इश्क़ का डर और भी बढ़ गया.....अगर इस वक्त कबीर की नींद खुल गई और वो इस तरह खुद को और इश्क़ को एक साथ इतने करीब देखकर कहीं गुस्से में कुछ.....?? न...नहीं.... म...मुझे कबीर के उठने के पहले ही उठना होगा वरना.....अगर कबीर उठ गए तो....कहीं वो बिना मेरी बात सुने ही मुझ पर गुस्से में चिल्लाने लगेंगे और पता चला कि कहीं गुस्से में मुझे कच्चा ही चबा जाएं तो फिर तो..... न...नहीं मुझे कबीर का गुस्सा नहीं झेलना ......इतना कहकर इश्क़ ने तुरंत धीरे से कबीर का हाथ अपनी कमर से हटाते हुए उसे खुद से दूर किया और खुद जल्दी से बेड से उतर कर उसने अपनी साड़ी की तरफ देखा और उसे खुद पर लपेटते हुए तुरंत वॉशरूम के अंदर बढ़ गई...... इधर दूसरी तरफ..... इश्क़ के वॉशरूम में जाने के बाद कबीर की नींद खुली और वो इस वक्त बिस्तर पर उठकर बेड के हेड से अपना सिर टिकाते हुए सामने टेबल पर रखी हुई सिगरेट के पैकेट को अपने हाथों में लेकर कबीर ने एक सिगरेट अपने होंठो के बीच फंसा ली......और उसे लाइटर से जलाते हुए उसके कस लेने लगा.....इस वक्त कबीर का चेहरा पूरी तरह से न्यूट्रल था और वो एक टक इस वक्त वॉशरूम के दरवाजे की तरफ देख रहा था.....जो किसी भी पल खुलने वाला था और अब कुछ ही देर में वॉशरूम का दरवाजा खुला और इश्क़ जो इस वक्त वॉशरूम के अंदर से टॉवेल लपेट कर बाहर आई थी सामने कबीर को इस तरह बेड पर बैठे हुए देखकर उसके होश उड़ गए और वो तुरंत वॉशरूम के दरवाजे के पीछे छुप गई..... वही कबीर अभी भी बिना किसी एक्सप्रेशन के इश्क़ की ही तरफ देख रहा था जो दरवाजे के पीछे छुपी हुई खुद को छिपाने की कोशिश कर रही थीं जिसे देखकर कबीर के चेहरे पर एक तिरछी मुस्कुराहट तैर गई लेकिन उसने इश्क़ को कुछ कहा नहीं..... वही इश्क़... कबीर को जगे हुए देखकर खुद ही बड़बड़ाई....क्या जरूरत थी तुझे इश्क़ इतनी जल्दी वॉशरूम से बाहर आने की.....?? तू वॉशरूम से बाहर तो आई तो आई ही और तो और साथ में इस छोटे से टॉवेल को लपेट कर..... पता नहीं कबीर इस वक्त मेरे बारे में क्या सोच रहे होंगे.....इश्क़ ने कबीर की तरफ देखकर खुद से ही कहा.....??

  • 15. His addiction for his girl...... - Chapter 15

    Words: 1011

    Estimated Reading Time: 7 min

    इश्क़ अभी भी वॉशरूम के अंदर खड़ी परेशानी से इधर उधर टहल रही थीं.....इस वक्त उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था क्या जरूरत थी उसे बिना कपड़ों के इस तरह वॉशरूम में आने की.....लेकिन अब इश्क़ को समझ भी नहीं आ रहा था कि आखिर वो करें तो क्या करें..... खैर वॉशरूम में खड़े खड़े इश्क़ को आधे घंटे से ज्यादा वक्त हो चुका था जिसकी वजह से इश्क़ के पैर भी दर्द करने लगे थे और वो इससे ज्यादा अब वॉशरूम के अंदर रुक भी नहीं सकती थी....क्योंकि उसे इस वक्त हद से ज्यादा भूख भी लगी थी.....एक तो कल सुबह सुबह कबीर के अग्निहोत्री मेंशन आने की वजह से इश्क़ अपना नाश्ता भी नहीं कर पाई थीं.....उसके बाद दोपहर से शाम कब हुई ये भी इश्क़ को नहीं पता चला था और रात....रात को तो वो बिना कुछ खाएं पिए ही सो गई थी.....खैर जब ज्यादा देर तक इश्क़ को बर्दास्त नहीं हुआ तो उसने एक गहरी लंबी गहरी सांस ली और अब हार मानकर इश्क़ को वॉशरूम से बाहर निकल ही पड़ा...... लेकिन वॉशरूम से बाहर आने के बाद इश्क़ को एक राहत मिली क्योंकि कबीर इस वक्त कमरे में था ही नहीं.....ये देखकर इश्क़ खुशी से उछल पड़ी और अब मुस्कुराते हुए क्लोसेट की तरफ बढ़ गई.....जहां क्लोसेट के अंदर आकर इश्क़ को एक पल के लिए यकीन ही नहीं हुआ क्योंकि इस वक्त कबीर के कमरे के उस क्लोसेट में काफी सारी लड़कियों की ड्रेसेस थी.....जिनमें इंडियन....वेस्टर्न.....पार्टी वियर्स हर एक तरह की ड्रेसेज थी जिसे देखकर इश्क़ को थोड़ी हैरानी हुई लेकिन फिर उसने खुद का सर झटका.....और एक रेड कलर की साड़ी निकालकर इश्क़ वापस कमरे में आ गई जहां उसने अपना टॉवेल उतारा और ब्लाउज और शेप वियर पहनने के बाद इश्क़ ने वो साड़ी अपने चारों तरफ लपेट ली..... कुछ ही देर में इश्क़ पूरी तरह से तैयार हो चुकी थीं.....उसने इस वक्त सिंपल सी एक रेड कलर की साड़ी पहनी हुई थीं.....हाथों में भरी भरी चूड़ियां पहनी हुई थीं....गले में मंगलसूत्र....और मांग में हल्का सा सिंदूर लगाया हुआ था......कानों में बड़े-बड़े झुमके.....और होंठो पर हल्की सी लिपस्टिक.....उसने अपने बालों को खुले ही छोड़ दिए थे......कुल मिलाकर वो किसी चांद की तरह खूबसूरत लग रही थीं..... वही दूसरी तरफ...... कबीर जो अपने कमरे से बाहर आ चुका था इस वक्त एक दूसरे कमरे में खुद ऑफिस के लिए तैयार हो रहा था.....और साथ ही साथ कानों में ब्लूटूथ लगाएं वो किसी से बात भी कर रहा था.....और तभी फोन में सामने से कुछ कहा गया जिसे सुनकर कबीर ने गुस्से से अपनी मुट्ठियां भींच लीं और गुस्से से लेकिन धीमी आवाज में बोला.....i am coming......!!! इतना कहकर कबीर ने खुद को आईने में देखा और फिर एक कातिलाना एक्सप्रेशन के साथ खुद की तरफ देखकर कबीर व्हिसलिंग करते हुए उस कमरे से बाहर आया..... और अपने कमरे की तरफ बढ़ गया.....वो अपने कमरे में आया तो वहां इस वक्त कोई नहीं था......जाहिर सी बात थीं इश्क़ तैयार होकर कबका नीचे जा चुकी थीं और इस वक्त कमरे में कोई नहीं था ये देखकर कबीर के चेहरे के एक्सप्रेशन थोड़े बदले लेकिन वो अचानक ही तिरछा मुस्कुराया और मुस्कुराते हुए नीचे की तरफ बढ़ गया....... कबीर इस वक्त नीचे हॉल की तरफ आया तो उसे किचेन से कुछ आवाज आई जिसे सुनकर कबीर को अहसास हो चुका था कि इश्क़ जरूर किचेन में होगी ये सोचकर कबीर तुरंत किचेन में बढ़ गया..... जहां कबीर की सोच के मुताबिक इश्क इस वक्त काउंटर पर खड़ी होकर मैगी बना रही थीं.....जिसे देखकर कबीर तिरछा मुस्कुराया और धीमे धीमे कदमों से चलकर वो काउंटर की तरफ आया.....और उसने इश्क़ के करीब आकर उसकी कमर में अपनी बाहें लपेट ली.....और उसके कंधे पर अपना चेहरा टीकाकार इश्क की तरफ देखने लगा..... वही इश्क जो इस चीज से बेखबर अपनी मैगी बनाने में बिजी थी.....जब उसे इस वक्त कबीर की ठंडी उंगलियां अपनी कमर और पेट पर महसूस हुई तो वो चौंक गई.....और अनायास ही उसकी नज़रे कबीर की तरफ घूम गई जो उसकी ही तरफ देख रहा था ये देखकर इश्क़ थोड़ा डर गई.....क्योंकि उसे कबीर का बर्ताव अभी भी पता था.....वो उससे नफरत करता था और कल जो हुआ वो याद आते ही इश्क़ को कबीर से डर लगने लगा था......एक तो वो दोनों एक दूसरे के साथ इस वक्त उस पूरे घर में अकेले थे......क्योंकि इश्क़ ने कल ही नोटिस किया था.....जब वो इस घर में आई थी तो उसे इस घर में कोई नजर ही नहीं आया था...... इश्क़ अभी कबीर की ही तरफ देख रही थीं कि अचानक उसकी एक चींख निकल गई क्योंकि कबीर की तरफ देखते देखते उसने गलती से उस गर्म कढ़ाई को अपने हाथों से ही छू लिया था जिसकी वजह से उसकी सिसकी निकल गई थी.....और वो दर्द से छटपटा उठी थीं जबकि कबीर इस वक्त सिर्फ इश्क़ की तरफ बिना किसी एक्सप्रेशन के ही देख रहा था ये देखकर इश्क़ को अपना दर्द और भी ज्यादा महसूस होने लगा था....... लेकिन तभी अचानक जब कबीर ने इश्क़ के उस जली हुई उंगली को पकड़कर उसे वाशबेसिन के नीचे लगा दिया तो इश्क़ को ऐसा लगा जैसे उसकी जलन पर कबीर ने मरहम लगा दी हो......कल रात भी इश्क़ ने कबीर का वो प्यार देखा था जब वो उसे मदहोशी से चूम रहा था...... उसे प्यार कर रहा था....हालांकि उस वक्त कबीर नशे में था लेकिन इस वक्त तो वो नशे में नहीं था ना.....ये सोचकर इश्क़ कबीर की तरफ देखकर नम आंखों से मुस्कुरा उठी थी लेकिन कबीर की बात सुनकर अचानक इश्क़ की मुस्कुराहट गायब हो गई और वो कबीर की तरफ देखने लगी जब कबीर ने इश्क़ की तरफ देखकर कहा....... सुना है पहली रसोई में लड़कियां अपने पति के लिए कुछ मीठा बनाती हैं.....लेकिन तुम तो.....?? कबीर ने इश्क़ की उस मैगी की तरफ देखकर एक चुड़ैल सास की तरह इश्क़ को ताना मारते हुए कहा तो इश्क़ ने कबीर की तरफ देखा और उसकी तरफ देखकर खुद के मन में बड़बड़ाते हुए बोली.....कहीं ऐसा तो नहीं कि ये आजकल ऑफिस का काम छोड़कर किसी टीवी सीरियल में तो काम नहीं कर रहे हैं ना जो इस तरह के डायलॉग मार रहे हैं.....