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गुजारिश ए इश्क़.......

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Anchal Gupta

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रात का वक्त एक कर एक बड़े से आलीशान विला के बाहर आकर रूकी और उसमें से एक शक्श बाहर आया और अब उस विला के अंदर चला गया वो शक्श अब विला के अंदर आया तो हॉल में पूरी तरह से अंधेरा था अब उस शक्श की नजर एक कमरे पर टिक गई उस कमरे में अभी भी लाइट जल रही थी श...

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  • 1. गुजारिश ए इश्क़....... - Chapter 1

    Words: 681

    Estimated Reading Time: 5 min

    रात का वक्त एक कर एक बड़े से आलीशान विला के बाहर आकर रूकी और उसमें से एक शक्श बाहर आया और अब उस विला के अंदर चला गया वो शक्श अब विला के अंदर आया तो हॉल में पूरी तरह से अंधेरा था अब उस शक्श की नजर एक कमरे पर टिक गई उस कमरे में अभी भी लाइट जल रही थी शायद कमरे के अंदर अभी भी कोई जाग रहा था अब उस शक्श ने उस कमरे से अपनी नजरे हटाई और अब वहां से अब विला के दूसरे कमरे में चला गया वो शक्श अब कमरे में आया और अब वॉशरूम में चला गया वो कमरा इस विला की ही तरह काफी खूबसूरत और लग्जीरियस था अब वो शक्श वॉशरूम से बाहर आया और इस वक्त वो शक्श शर्टलेस था और उसने सिर्फ लोअर पहन रखा था और अब वो शक्श अब अपने रूम में ही बने एक छोटे से मिनी बार की तरफ बढ गया और अब उसने से वाइन लेकर ग्लास में भरने लगा और अब उसने अब उस वाइन की एक घूंट पी और तभी किसी ने उस शक्श को बाहों में भर लिया तो उस शक्श ने अपनी आंखे मिंच ली और अब उस शक्श की तरफ मुड़ा तो वहा तकरीबन 19 साल की एक लड़की खड़ी थी जिसने इस वक्त कार्टून प्रिंट वाला नाइट सूट पहना हुआ था और उस लड़की के लंबे बाल उसकी पीठ पर फैले हुए थे और उस लड़की की बड़ी बड़ी आंखों में इस वक्त मोटे मोटे आंसू भरे हुए थे और उस लड़की का चेहरा इतना मासूम था जिसे देखकर कोई भी पिघल जाए अब उस शक्श ने उस लड़की कि तरफ देखकर कहां, ये क्या बेहूदा हरकत है इश्क, अब इस लड़की ने उस शक्श की तरफ नमी भरी आंखों से देखा और बोली आपको तो  हमेशा मेरी बातें और हरकतें तो बेहूदा ही लगती हैं ना कबीर तो क्यों ना एक बार बेहूदगी की ही जाए अभी वो शक्श कुछ समझ पाता उससे पहले ही इश्क ने अपने पैरो के बाल उचक कर कबीर के होंठो पर अपने नाजुक से होंठो को रख दिया और उसे किस करने लगी और वहीं कबीर ने भी इश्क की कमर पर हाथ रखकर उसे संभाल लिया और अब उसे धक्का दे दिया और उसने अब इश्क के गालों पर एक थप्पड़ मार दिया और इश्क का चेहरा अब नीचे की तरफ झुक गया अब कबीर ने इश्क की तरफ देखकर कहा, ये क्या हरकत है हां, दिमाग खराब है तुम्हारा ? इसी वजह से यहां नहीं आता हूं तुम्हारी हरकतों से परेशान हो चुका हूं मैं अब इश्क ने कबीर की तरफ देखा और बोली, कोई बात नही बस कुछ और दिन रुक जाइए उसके बाद आपको मेरी ये हरकते नहीं बर्दास्त करनी पड़ेगी इश्क की बात सुनकर अब कबीर ने इश्क की तरफ कन्फ्यूजन से देखा और बोला, मतलब.…... इश्क ने अब गहरी सांस ली और अब उसे देखकर बोली , कल मुझे देखने लड़के वाले आ रहे है कबीर, और आपको पता है लड़का भी काफी हैंडसम है और अमेरिका में डॉक्टर भी है मैं तो सोच रही हूं की अब तो शादी के लिए हां ही कर दु , कर दु ना कबीर ? इश्क की बात सुनकर अब कबीर का चेहरा गुस्से से लाल होने लगा था उसने एक झटके में इश्क की नाजुक सी कमर को अपने हाथों में पकड़ा और अब खुद उसने इश्क के होंठो को अपने होंठो में भर लिया और उसे उसे किस करने लगा और कुछ देर बाद जब उसने इश्क को छोड़ा और अब उसकी तरफ देखकर बोला, तुम सिर्फ मेरी हो, समझी तुम्हे छूने का , तुम्हे देखने का और तुम्हारी हर एक चीज पर सिर्फ और सिर्फ कबीर अग्निहोत्री का हक है समझी  इतना कहकर अब कबीर ने दोबारा उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर उसे किस करना चालू कर दिया........ जिसे महसूस करके उस लड़की की पकड़ कबीर पर कस गई और उसकी आंखों से आंसुओं की कुछ बंदे लुढ़क गई और वह लड़की से सिसकते हुए उसे लड़के की बाहों में पूरी तरह से चूर हो गई...... लेकिन तभी उस लड़की को