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My professor loves me

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Description

यह कहानी है समायरा और समर की। समायरा के माता-पिता और भाई साथ रहते हैं और समायरा पहले दिन ही कॉलेज देर से पहुँचती हैं और उनके प्रोफेसर उन्हें डाँटते हैं, जिससे समायरा को नफ़रत है।, और दूसरी तरफ हमारे समर हैं जो एक कंपनी के सीईओ हैं, उनकी कंपनी भारत की...

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Samaira singhania

Heroine

Total Chapters (16)

Page 1 of 1

  • 1. My professor loves me - Chapter 1

    Words: 1498

    Estimated Reading Time: 9 min

    Promo एक लड़की  dining table के पास खाना खा  रही थी तभी उसके पापा कहते है। समाइरा  (हमारी कहानी की नाईका) के पापा मानव सिंघानिया -  समाइरा कल तुम्हें मेरे friend का लड़का देखने आएगा तो time पे ready हो जाना। समायरा - पर पापा इतनी जल्दी शादी अभी तो मेरा कॉलेज start हुआ है। मानव जी - मैं सिर्फ मिलने को बोल रहा हूं मिलने के बाद तुम लोगों का जो सही लगे वह फैसला लेना। समायरा - ठीक है पापा मानव जी - यह हुई ना बात   Next day समायरा और लड़का एक दूसरे को देखकर सारा शौक हो गए और एक साथ बोले -  तुम आप दोस्तों यह मेरी पहली कहानी है दोनो एक दूसरे को देख के शॉक क्यों हो गए # क्या दोनो जानते है एक दूसरे को # आख़िर बात क्या है जानेंगे आगे इस कहानी में मुख्य लीड की जानकारी महिला लीड समायरा सिंघानिया - ये है हीरोइन मेरी कहानी की बहुत ही प्यारी खूबसूरत और क्यूट लेकिन अगर गुस्सा आए तो वो सामने वाले को बोलने को मौका नहीं देती, पढ़ने बहुत तेज उम्र 21 साल और अपने मम्मी पापा से से बहुत प्यार करती है और लाडली भी है घर की । पापा - मानव सिंघानिया मम्मी - मीरा सिंघानिया भाई - शिवम सिंघानिया मुख्य अभिनेता समर कपूर - ये है सिर्फ कहानी का हीरो, जो एक बिजनेस मैन है, जो इंडिया की नंबर 1 कंपनी है, ये एक कॉलेज का प्रोफेसर है। उम्र 27 साल ये एकदुम सक्त मिजाज के है अगर कोई इनका नियम नहीं मानता तो उस इंसान को चेन से जीने नहीं देते । इनकी मम्मी - गीमा कपूर पापा - संजय कपूर बहन - स्नाया कपूर   hope you  are like it 💓💓💓💞 Episode 1 एक लड़की और एक लड़का एक दूसरे को देख रहे थे  लड़का लड़की के पास आकर उसके गालों पे अपने हाथ उस के होंठ के पास अपने होंठ लेके जाने लगता है और वो उसे kiss करने को होता हैं  की तभी उसे कुछ आवाजें आने लगती है और उसे ऐसा लगा जैसे कोई उसके हाथ को हीला रहा है और खिंच रहा है । समाइरा को लगता है यह आवाज़  तो जानी पहचानी सी है | समायरा अचानक से उठ जाती है और अपने सामने देखती है उसकी मां उसे कॉलेज के लिए उठाने आई थी मम्मी बोलती है | मीरा जी - समायरा तुम्हें क्या कॉलेज नहीं जाना इतनी देर से उठा रहे हैं और तुम अपने नींद और सपने में खोई हो कि तुम्हें मेरी आवाज़ ही नहीं आ रही हैं । समायरा - मम्मी कितना अच्छा सपना था और आप ना एक दम गलत समय पर उठाने आ जाते हैं। मीरा जी - तुम और तुम्हारा सपना उठाना तो है नहीं । उठ के जल्दी से ready होके नीचे आ जाना। तब तक मैं तुम्हारे लिए नाश्ता निकाल के रखती हूं। ठीक है पहले उठो तो । समायरा - मम्मी उठ तो रहीं हूं तब तक आप मैरा टिफिन तैयार करके रखना मैं जल्दी नीचे आती हूं। मीरा जी - ठीक है मैंरा प्यारा बच्चा। उसके बाद मीरा जी नीचे चली जाती है अपना काम करने। समायरा जल्दी से तैयार होके और अपना बैग लेके नीचे जाती है डाइनिंग टेबल के पास और एक कुर्सी निकाल के बैठ जाती है और अपना बैग वहीं पर रख देती है समायरा अपने भाई को देखती है वो फोन पर कुछ कर रहा था . समायरा उससे कहती हैं। समायरा - तू क्या कर रहा है फोन में । शिवम - मैं तुमसे बड़ा हूँ , तुम मुझसे इज्जत से बात नहीं कर सकती। समायरा - मैं तुझसे इज्जत से ही बात कर रही हूँ तू मुझसे बड़ा सिर्फ कुछ साल बड़ा है तो क्या हो गया जितना दे रही हूँ कभी। शिवम - मैं तुमसे 5 साल बड़ा हूँ और तुम मुझसे हाइट में भी छोटी हो। पता नहीं तेरे Future Husband का क्या हाल होगा। समायरा - अब तू ज्यादा बोल रहा है। समायरा उसे मारने  वाले ही थी कि तब भी उनकी मम्मी उन दोनों को रोकती हुई कहती है। मीरा जी - तू दोनो शांति से बैठ भी नहीं सकते और देर नहीं हो रहा तुम दोनो को। दोनों चूप होके बैठ जाते हैं। मीरा जी दोनो के प्लेट में खाना रख के उन दोनो को जल्दी से खाने को कहती है समायरा तो एक दम जल्दी - जल्दी खाने लगती है क्योंकि उसे कॉलेज के लिए देर हो रही थी और उसे पहले दिन डांट नहीं खाने थे। समायरा जल्दी खाना खत्म करके बैग लेके अपनी मम्मी और अपने भाई को बाय बोलके निकल जाती है समायरा को जाने में लेट हो जाता है क्लास नो ढूंढ के क्लास में एंटर की | सब बच्चे उसे ही देख रहे थे क्योंकि उन सब को समझ में आ गया था कि सर कैसे हैं वो जीतने हैंडसम है उतना ही गुस्सैल। वहीं क्लास में समायरा की दोस्त बैठी थी   वह चुप रहने का बोलती है लेकिन समझ में नहीं आ रहा था समायरा भी दूसरी तरफ से नजर डालती है तो प्रोफेसर उसी को देख रहा था प्रोफेसर उसको कहता है प्रोफेसर - मिस ये कॉलेज आने का कोन सा समय है , तुम्हें क्लास का समय नहीं पता है क्या । समायरा - सॉरी सर, देर से आने के लिए सॉरी सर अनुपस्थित ऐसा नहीं होगा । Professor - miss ye konsa time h college aane ka kya tumhe class ka time nahi pta. प्रोफेसर - मिस ये कौनसा टाइम है कॉलेज आने का क्या तुम्हें क्लास का टाईम नहीं पता। समायरा - सॉरी सर अब से लेट नहीं होगा। प्रोफेसर - क्या सॉरी तुम सब के वजह से स्टूडेंट बिगरते  है तुम अपना नाम बताओ कल अपने पापा का पेपर पर सिग्नेचर लेके आना। समायरा - मैरा नाम समायरा सिंघानिया है । सर अब ऐसा नहीं होगा आखिरी मौका। प्रोफेसर - मिस समायरा, मैंने आपसे कहा था कि आप जाकर  GATE पास  खड़े होने को और इस क्लास के बाद मेरे ऑफिस में मुझसे मिलें। उसके बाद प्रोफेसर सब को अपना इंट्रो देता है मेरा नाम समर कपूर है और मैं आप सब की मैथ और इंग्लिश की क्लास लूंगा और मुझे पसंद नहीं कोई मेरा रूल फॉलो ना करे उसके बाद समर क्लास मे प पढाने लगता है  लगता है और समायरा को बहार जाके खड़े होने को कहता है समायरा जाके बाहर खड़ी हो जाती है और अपने मन में सर को कहती है (अकड़ू गुस्सेल कही का पहले दिन ही सुना दिए) और गाली दे के सामने खड़ी हो जाती है। से खड़ी हो जाती है उसे बाहर अच्छा नहीं लग रहा था ख़रे होने में ऐसे ही क्लास का पीरियड ख़तम हो गया प्रोफेसर सब को कल का बनाने को दे के |  बाहर आके समायरा को ऑफिस में आने को कह के चला जाता है। समायरा ऑफिस के गेट के पास जाकर कहती है। समायरा - क्या मैं अंदर आ सकती हूँ सर। अंदर से आवाज आई समायरा गेट खोले के अंदर जाकर खड़ी हो जाती है। समर उसको एक पेपर देता है और उसको पापा के सिग्नेचर करके लाने को कहता है। समायरा - yes sir  समायरा जाने लगती अचानक कुर्सी से टकराकर उसका बैलेंस बिगाड़ने लगता है कि समायरा गिरने वाली थी कि समर उसको संभाल लेता है दोनों एक दूसरे की आंखों में देख के खो जाते हैं समर को पहली बार अपने अपने शरीर में हलचल हो रही थी और उसने उसके करीब धीरे-धीरे जाने लगा, तभी किसी गेट को दस्तक देता, दोनों अचानक से होश में आते, समर उसको खड़ा करता, समायरा जल्दी से गेट खोले के निकल जाती है समायरा को ये सब फील पहली बार हो रहा था खुद को कहती है। समायरा - ये मुझे क्या हो गया था मैं कैसे उन्हें वो सब करने वाली थी वो क्या शोच रहे होंगे मेरे बारे में। समायरा को शर्म आ रही थी कि वह सब करने वाली थी, वो जल्दी से क्लास में बैठ जाती है उसकी दोस्त स्वाति उसे कहती थी। स्वाति - क्या कहा सर ने तुझे फिर से डांटा तो नहीं ना। समायरा - नहीं वो पेपर पर पापा के सिग्नेचर लेन को कहा है। स्वाति उसे देखती है कि वह कुछ अजीब तरह से बात कर रही थी, ज्यादा कुछ नहीं बोल रही थी। स्वाति - कुछ हुआ क्या | समायरा - नहीं तो कुछ नहीं हुआ । स्वाति - नहीं वो इतनी देर से शांति से बैठी है तो मुझे लगा के कुछ हुआ है। समायरा - नहीं वो आज college का first day है ना इसलिए और कोई बात नहीं। लेकिन स्वाति को अभी भी लग रहा था कि कुछ तो बात है तभी lunch का टाइम हो गया था सब बच्चे कैंटीन जाने लगते हैं स्वाति समायरा को अपने साथ ले जाती है स्वाति और समायरा एक -  एक कुर्सी निकाल के बैठ जाती है। समायरा किसी को देखकर गुस्सा और शर्म दोनों आ रहा था और वो अपना गुस्सा खाने पर निकाल रही थी। #आपको क्या लगता है कौन होगा वो आदमी जिसको देखकर उसको गुस्सा आ रहा था जानेंगे अगले  एपिसोड में।

  • 2. My professor loves me - Chapter 2

    Words: 1031

    Estimated Reading Time: 7 min

    स्वाति और समायरा कैंटीन में जाकर अपना टिफिन निकाल के देखा और वो खुश हो जाती है क्योंकि उसकी मम्मी ने उसका पसंदीदा खाना छोले भटूरे दिए तो स्वाति उसका टिफिन देख के बोलती है। स्वाति - यार मुझसे भी शेयर कर खाना। समायरा - नहीं मैं शेयर नहीं करूंगी तू भी तो टिफिन लेकर आई है। वैसे तू क्या ले आई। स्वाति ने अपना टिफिन खोल के देखा तो उसमें आलू के पराठे थे और स्वाति मुस्कुरा कर समायरा की तरफ देख के बोली। स्वाति - मेरी मम्मी ने मुझे आलू के पराठे दिए हैं। समायरा - आलू के पराठे क्या तू मेरे साथ शेयर करेगी। स्वाति - तू तो नहीं कि मेरे साथ शेयर करूँ क्यों । समायरा - मैं करुँगी ना तेरे साथ शेयर वैसे भी मिल- बाट के खाना चाहिए। समायरा स्वाति - ठीक है इस बार तुझे छोड़ रही हूँ । समायरा -thik h [और आप लोग कमेंट में बताएं आपको ज्यादा छोले भटूरे पसंद है या आलू के पराठे ] तो  चलते है story pe समायरा और स्वाति अपना खाना खाने लगते हैं, समायरा की नज़र खाते वक़्त एक इंसान पे ठहर जाती है और वो गुस्से से उस इंसान को देख के कहती है      समायरा - मैं तुम्हें इतनी आसान से नहीं  छोरुंगी । स्वाति ने उसे कही और देख वो बोली। स्वाति - कहां देख रही। समायरा - कहीं नहीं। उधर समायरा जहां देख रही थी वहां पर समर को ऐसा लगा के कोई उसे देख रहा है लेकिन उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया समर को वो ऑफिस वाला इंसिडेंट याद आ रहा था कि वो क्या सोच रही होगी। मेरे बारे में पर वो भी तो मेरे पास आ रही थी लेकिन मैं प्रोफेसर हूं उसका कहते हुए अपना काम करने लगता है । ऐसे ही दिन बीत जाता है समायरा घर आकर सोफे पर बैग फ़ेक के बैठ जाती है समायरा की मम्मी आकर कहती है। मीरा जी - कैसा था बेटा कॉलेज का पहला दिन। समायरा - ठीक था मम्मी। मीरा जी - बेटा जल्दी से फ्रेश होकर तैयार होजा ठीक वो आने वाले ही होंगे। समायरा - ठीक है मम्मी। समायरा ऊपर अपने कमरे में फ्रेश होने के लिए चली जाती है फ्रेश होने के लिए fresh होके वो थोड़ा आराम करती है। तभी समायरा को उसकी मम्मी की आवाज आती है बोलती (बेटा तैयार होकर कमरे में रहना मैं लेने आऊंगी ठीक है मैंरा बेटा) उसके बाद उसकी मम्मी वहां से चली जाती है और नीचे देखने के लिए सब चीजें ठीक से होती, उसके बाद मीरा जी हॉल में देखती हैं, सब चीजें ठीक होती हैं, तभी घर की घंटी बजती है, मानव जी गेट खोलते हैं मानव जी अपने दोस्त को देख के खुश हो जाते हैं।   मानव जी - कितने समय बाद मिल रहे हैं, काम के वजह से समय ही नहीं मिलता दोस्तो से मिलने का। मानव जी के दोस्त - अब तो मिलते रहेंगे अब तो ये रिश्ते बदलने वाला है  अगर दोनो एक दूसरे को पसंद करें तो मेरा बेटा कंपनी के काम में ही लगा रहता है और तू मुझसे गेट पे ही खरा रखेगा मानव जी - अरे मुझे भी याद नहीं रहा और चल अंदर बैठे हैं वैसे तेरा बेटा अभी तक नहीं आया। मानव जी के दोस्त - वो आता ही होगा तब तक हम बातें करते हैं। उसके बाद सब हॉल में जाकर बैठते हैं मीरा जी नौकरानी को बुलाती हैं और सबकी चाय नाश्ता लेने के लिए कहती हैं मीरा जी भी सब के साथ बैठ जाती हैं नौकरानी सबके लिए नाश्ता लेके आती हैं और सब को नाश्ता देके चली जाती है सब नाश्ता करते हुए बातें करते हैं तभी गेट की घंटी बजती है मानव जी जाके गेट खोलते हैं तो लड़का रहता है लड़का मानव जी के पैर छुता  है मानव जी उसको आशीर्वाद देते हैं और उसको अपने साथ लेके हॉल में आते हैं लड़का भी वहीं बैठ जाता है। लड़का की मम्मी कहती है - समायरा को तो बुलाये कितने साल हो गये देखे हुए कितनी सी थी और अब तो इतनी बड़ी हो गयी होगी मुझे तो इंतज़ार ही नहीं हो रहा के कब मैं उसको अपनी साथ अपनी बहै बना के ले जाऊं फिर मेरी दो बेटियां हो जाएगी। मीरा जी - मैं भी चाहती हूँ कि शादी आपके बेटे के साथ हो। लड़के की मम्मी - समायरा को तो बुलाये हम भी तो देखे कितनी बड़ी हो गयी। मीरा जी समायरा को बुलाने चली जाती है यहीं हॉल में लड़के को लग रहा था कि ये नाम तो सुना सुना लग रहा है फिर भी वो कहता नहीं वो यहाँ कैसे हो सकता है और होगी मीरा जी समायरा को लेके आती है मीरा जी समायरा को लेके आती है समायरा सबके पैर छुती है उसके बाद अपने मम्मी पापा के पास जाकर बैठ जाती है और अपना सर नीचे की होती है लेकिन लड़का उसको देख के शॉक हो गया था तभी मीरा जी समायरा को लड़के से बात करने को बोलती है समायरा अपना सर उठाकर उसकी तरफ देखती है और वही रिएक्शन उसका भी निकलता है दोनों एक साथ अपने मन में बोले - तुम ,आप उसके बाद दोनो चुप हो जाते हैं और दूसरी तरफ देखने लगते हैं। मीरा जी - बेटा ये है समर तुम्हारे पापा के दोस्त का बेटा। गीमा कपूर - और ये है समायरा जिसे हम तेरे लिए देखने आये लेकिन अभी तुम दोनो ना मत कहना तुम दोनो पहले एक दूसरे को जाना समझ ना उसके बाद तुम दोनो का जो फैसला होगा हम मान जायेंगे। पहले तुम दोनो एक दूसरे से बात करो। उसके बाद उन दोनो को बात करने के लिए समायरा के कमरे में भेज देते है। आप सबको क्या लगता है, क्या दोनो एक दूसरे से बात करेंगे , कमेंट बॉक्स में बताएं अगर कहीं गलती हो जाए तो माफ कर देना। to be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . See you in  next episode Bye guys 👋 👋 👋 💕 💕 💕 💕 💕 💞 💞 💞💞 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹 🌷 🌷 🌷 🌷 🌷 😊 😊 😊 😊

  • 3. My professor loves me - Chapter 3

    Words: 932

    Estimated Reading Time: 6 min

    Episode 3 दोनो को कमरे में बात करने के लिए भेज देते है दोनो कमरे में समायरा के बिस्तर पर चुप बैठे हुए थे तभी समर कहता है। समर - मैं नहीं जानता था वो तुम हो जिसे माँ देखने जा रही है। समायरा - मुझे भी नहीं पता था कि वो आप हो लेकिन मैं आपसे शादी नहीं करूंगी और अगर आप भी मुझसे शादी करना चाहोगे तो भी बिलकुल भी नहीं आप के साथ कोन शादी करेगी जिसको चिलाने और डांटने के अलावा कुछ दिखाई नहीं देता जिसकी शादी होगी आपसे वो तो पागल ही हो जाएगी  😇 😇 समर - तुम मेरे बारे में ऐसे कैसे बोल सकती हो। 🤨 🤨 समायरा - अच्छा आप सबके सामने मुझसे, डांट और चिल्ला😡 😡 सकते हो और मैं आपको कुछ बोल नहीं सकती। मैं बोलूंगी | समर उसके पास आकर कहता है - अच्छा तो तुम मेरे बारे में ऐसा बोलोगी हू । समर उसके पास आता है तो समायरा थोरा पीछे होने लगती है समायरा अपनी नज़र नीचे कर लेती है समर की नज़र समायरा के चेहरे पर होती है और वो जान बुझ कर समायरा के पास आता है और समायरा पीछे होने लगती है लेकिन पीछे जगह ना होने के कारण समायरा गिरने ही वाली होती है कि समर उसको पकड़ लेता है लेकिन लेट हो जाता है दोनों एक साथ नीचे गिर जाते है लेकिन समायरा को चोट ना लगे इसीलिए समायरा के नीचे हाथ रख देता और यहाँ पे समायरा को थोड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि वो पहली बार किसी लड़के के इतने पास गयी समायरा अपनी नज़र ऊपर 🙄 की तो देखा समर उसको ही देख रहा था दोनों ही एक दूसरे को देख रहे थे देखते देखते पता नहीं कैसे दोनों पास होंगे आगे दोनों के होंठ आपस में मिलने ही वाले थे की दोनों को आवाज़ आती दोनों ही देखते है की आवाज़ कहां से आ रही है । समायरा देखती उसका Mobile  📱 बज रहा था दोनो उठ के दोबारा Bed पर बैठ जाते हैं । समर उसको कहता है - हम दोनो को ट्राई करना चाहिए। समायरा - क्या। समर - जो घर वाले बोल रहे हैं। समायरा - पर हम दोनो प्यार थोड़ी ना करते । समर - क्या पता आगे चलके हो गया तो अगर अभी ना बोल दिए तो हमारे मम्मी पापा दूसरे रिश्ते लेकर आ जायेंगे इसीलिए हम try  करते हैं। समायरा - हमम. ये सही रहेंगा कुछ देर तक संत रहेंगे। समर - हम अभी से try करें।😏😏 समायरा - क्या मतलब. समायरा बोल ही रही थी कि समर उसके पास आकर उसके होठों को किस कर लेता है समायरा एकदम से शॉक हो जाती है कि अभी क्या हुआ लेकिन उसे ये अच्छा लग रहा था लेकिन उसकी पहली  first kiss  ले ली वो गुस्से से उसे अलग करने लगती लेकिन वो रुक ही नहीं रहा था समर का भी ये पहला किस था वो समायरा को छोड़ने के मूड में बिल्कुल नहीं था समर उसको किस किये जा रहा था धीरे - धीरे वो 💋 💋 😘 passionate हो गई समायरा भी धीरे धीरे उसे किस करने लगी समर को उसकी तरफ से इशारा पके वो उसके होंठ  के नीचे जाने लगा वो उसके गले पर चूमने लगा समायरा उसके माथे के बाल को सहला रही समर उसके top को थोरा नीचे करके उसके कंधे पर चूमने लगा अचानक समर को लगा के नहीं वो ज्यादा आगे बढ़ रहा है और वो रुक गया समायरा उसके रुकने से होश में आती है और अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती हूँ क्योंकि उसे शर्म  😊☺️☺️☺️आ रही थी और समर को लग रहा था के वो नाराज़ हो गयी इसलिए वो चेहरा दूसरी तरफ की हुई है समर - I am sorry😔. समायरा को लगा के वो सॉरी क्यों बोल रहा है वो भी तो बहक गई थी । समर - मैं ऐसा दोबारा नहीं करूंगा जब तक तुम्हें मुझसे प्यार नहीं हो जाता। उसके बाद समर एक नज़र समायरा को देखता है तो समायरा के टॉप पे नज़र जाता है और उसके पास जाकर उसके टॉप को ऊपर कर डेता है। समर - मैं ऐसा दोबारा तब ही करूंगा जब तुम कहोगी । समर - मैं नीचे जा रहा हूँ तुम आ जाना। समर के जाने के बाद समायरा उठ के अपना चेहरा आईना 🪞 में देखती है जहां समर ने छुआ था वह अपने हाथ गले पर लगाती है जहां हल्का लाल के निसान हो गए थे उसे अभी भी गुदगुदी हो रही थी। वो हल्का सा फाउंडेशन लगा लेती है इसलिए किसी को दिखे ना वो अपना चेहरा दोबारा देखकर कमरे से निकल कर हॉल में आके बैठ जाती है। उसके बाद मीरा जी बोली - क्या बात हुई तुम दोनो की बात कहाँ तक पहुंची। समायरा बात का नाम सुनते ही उसको कमरा🛋️ में क्या हुआ याद आ गया और वो समर की तरफ  अपनी नज़र करती है समर भी उसे देख रहा था समायरा उसकी आँखों 👀 में देख के बोली। समायरा - हम दोनो एक दूसरे को 1 महीने का समय ⌚ देना चाहते है उसके बाद हम दोनो फैसला लेंगे। गीमा जी - ये तो बहुत अच्छी बात है कि तुम दोनो एक दूसरे को जानना चाहते हो। समर उसी को देख रहा था कि कैसे वो उसके साथ रहना चाहती है। उसके बाद सब बात करते हैं और फिर समर के मम्मी पापा घर चले जाते हैं। आपको क्या लगता है , क्या समायरा उसे अपने प्यार का इजहार करेगी और आप सब को आज का एपिसोड कैसा लगेगा आप सब मुझे comment box मुझे बताओ मैं मिलती हूं आप सब से अगले एपिसोड से Bye guys

  • 4. My professor loves me - Chapter 4

    Words: 977

    Estimated Reading Time: 6 min

    next day, समायरा आज कॉलेज में आकर क्लास में बैठ गई थी और अपनी दोस्त स्वाति से बात कर रही थी। स्वाति - कल जो तुझे लड़का देखने आया था वो दिखने में कैसा था तूने मुझे बताया नहीं समायरा - अच्छा था क्यों तुझे मिलना है उनसे। स्वाति - बेशक मिलना तो परेगा ना वो जो हमारे जीजू जो होने वाले हैं वो दिखते कैसे हैं । समायरा - दिखने में तो हैंडसम है प्रोफेसर जैसा। स्वाति - कहीं प्रोफेसर तो नहीं जो तुझे देखने आये थे। स्वाति भी अपनी ही बात पे हस🤭🤭 के बोली - मजाक कर रही हूँ सर तो हमेशा गुस्से में रहते लेकिन यार हैंडसम और क्यूट तो है कोई भी लड़की इनके दिल हार बैठे लेकिन इनकी बातों से लड़कियां डर के भाग जाती होंगी। शायद इसीलिए अब तक सिंगल होंगे। सर समायरा - कुछ भी ऐसा थोड़ा होता है शायद ये किसी को पसंद करते होंगे इसलिए और वैसे भी इनकी ज्यादा उम्र थोड़ी हुई है। स्वाति - तू भी इनकी तरफदारी कर रही है‌। समायरा - मैं कह रही हूँ चल ये सब छोड़ नहीं तो सर आएंगे और हमें डांटने लग जाएंगे भी मुझे मत कहना कि तेरी बात में लग गई। तभी क्लास में सर की एंट्री होती है और सारी लड़कियां तो सर को देखने में बिजी हो जाती हैं, लेकिन समायरा को जलन होने लगती है कि ये यहा सज सबर के क्यों आये देखो तो सारी लड़कियां उन्हें कैसे देख रही हैं। उसके बाद सब बच्चे समर को गुड मॉर्निंग 🌞 विश करते समर भी सब को गुड मॉर्निंग विश करता है और एक नज़र समायरा को देख अपनी क्लास लेने लगता है समायरा तो उसका चेहरा ही देख रही थी कोई इतना हैंडसम कैसे हो सकता है समर का क्लास पीरियड खत्म होने के बाद वह सब बच्चों को होम वर्क देकर समायरा को एक नजर देख के चला जाता है। उसके बाद एक क्लास और होने के बाद लंच का टाइम हो जाता है समायरा समर के ऑफिस के बाहर खड़ी होकर गेट नॉक करती है अंदर से आवाज आती है। Come 🫴 in समायरा गेट खोलने के अंदर चली जाती है और गेट लगा देती है। समर को जब कोई आवाज नहीं आती तो अपनी नजर🧿, गेट के पास करता है तो देखता है समायरा खड़ी है। समर - समायरा तुम यहां क्या कर रही हो। समायरा - क्यों मैं यहां नहीं आ सकती।🤨 समर - मेरा मतलब वो नहीं था। कोई काम था| समायरा - काम ही तो था आपके कुछ सवालों के के जवाब देने आई थी बता दूँ आपको।😊😉 समायरा समर के पास जाकर उसे गले लगा लेती है और कहती है - आई लव यू ❤️। समर शॉक हो जाता है समायरा समर के पास जाकर उसे किस कर कहती है।😚 समायरा - क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करते। समर - i love you too । समर भी समायरा को किस करता है दोनो इस किस 😘करने में डूब जाते हैं समर समायरा के गले पर चूमने लगता है दोनो होश खोने लगते हैं । लेकिन समायरा उसे रोक के कहती है- ये सही समय नहीं है ये सब करने का  । समायरा अपने हाथों से समर के चेहरे को पकड़ के कहती हैं। समायरा - अभी हमारी शादी नहीं हुई है अभी हमें ये नहीं करना चाहिए। समर अपनी भावनाओं को नियंत्रित करता है और कहता है - ठीक है फिर दोनो कुछ देर बात करते है उसके बाद समायरा समर को बाय बोलने चली जाती है। समर उसको जाते हुए देखता है और उसे अपना नंबर मागता है दोनो नंबर एक्सचेंज करते है । उसके बाद समायरा बाहर निकाल के देखती है कोई है तो नहीं कोई ना पाकर समायरा जल्दी   वहां से चली जाती है और क्लास  में बैठ जाती है थोड़ी के बाद स्वाति वहां आती है और बोलती है। स्वाति - कहाँ चली गई थी मैं तुझसे कहाँ कहाँ ढूंढ रही थी। समायरा - वो मेरा मन नहीं था बाहर जाने का बस इसीलिए। स्वाति - क्या हुआ तुझे ठीक तो है ना। समायरा - ठीक हूँ यार कुछ नहीं हुआ है तू बेकार में टेंशन ले रही है। 🙂 🙂 उसके थोड़ी देर बाद कॉलेज की छुट्टी हो जाती है समायरा घर जाकर बैग रख के ऊपर कमरे में फ्रेश होने चली जाती है फ्रेश होकर नीचे आती है और मीरा जी से कहती है। समायरा - मम्मी क्या बना है खाने में 💞 । मीरा जी - आलू के पराठे🥰🥰🥰 समायरा - हम्म. आलू के पराठे जल्दी से प्लेट में निकाल दो खाना । मीरा जी - देती हूँ। मीरा जी समायरा को प्लेट में निकाल के देती है खाने के लिए  समायरा खाने लगती है समायरा खा ही रही थी की उसका भाई शिवम आ जाता है और उसको बोलते है -  बात कहा तक पहुची। समायरा - जहाँ तक पहुच न होगा पहुच जाएगा तुझे उससे क्या । तुझे भी शादी करनी है बता मैं बात करूंगी तेरे लिये। शिवम - तू अपनी बात से मेरी तक कह से आ गयी। समायरा - इसलिए कहती हूँ तुझे बात नहीं करने के लिए लेकिन तू मानता ही नहीं तो मैं क्या करूँ। उसके बाद शिवम कुछ नहीं कहता समायरा अपना खाना खाने लगती है खाना खाने के बाद। अपने कमरे में चली जाती हूँ समयरा अपने कमरे में जाकर आराम करने लगती हूँ उसके बाद समायरा सीधे डिनर 🍽️ टाइम में उठती है फिर डिनर करके सो जाती है। आज समायरा सोके 9 बजे उठती है क्योंकि आज सन्डे होता है मीरा जी और मानव जी किसी दोस्त के बेटी की शादी के लिए निकल गए थे और शिवम काम के सिलसिले में देश से बाहर था तो समायरा आज घर पर अकेली   यह समायरा का मन हुआ के समर को बुलाले और वो समर को घर पर बुला लेती लेकिन वो आएगा कि पता नहीं  है । आगे का अगले एपिसोड में तब तक के लिए bye

  • 5. My professor loves me - Chapter 5

    Words: 648

    Estimated Reading Time: 4 min

    एपिसोड 5

    समायरा बेसब्री से समर का इंतज़ार कर रही थी, लेकिन घड़ी की सुइयाँ लगातार आगे बढ़ रही थीं, और समर अब तक नहीं आया था। कई बार इधर-उधर देखने के बाद, जब उसका धैर्य जवाब देने लगा, तो उसने आखिरकार फोन उठा लिया और समर को कॉल कर दिया।

    फोन की दूसरी तरफ से समर की आवाज़ आई—
    "समायरा, मैं नहीं आ पाऊँगा। अभी ऑफिस के काम में बहुत बिजी हूँ, तुम थोड़ी देर और इंतजार करना मेरा।"

    समायरा ने भौंहें चढ़ाते हुए पूछा—
    "कहाँ है तुम्हारा ऑफिस? मुझे बताओ!"

    समर थोड़ा हैरान हुआ—
    "क्यों? क्या हुआ?"

    समायरा ने बिना किसी झिझक के जवाब दिया—
    "कुछ नहीं, बस ऐसे ही जानना था।"

    समर ने उसे अपने ऑफिस का एरिया बता दिया। दोनों ने थोड़ी और बातें कीं, फिर फोन रख दिया। लेकिन समायरा के दिमाग में अब कोई और ही ख्याल चल रहा था। उसने एक गहरी सांस ली, अपनी चाबी उठाई और बिना किसी देरी के घर से निकल गई।

    समायरा का फैसला

    ड्राइव करते हुए समायरा के मन में सिर्फ एक ही ख्याल था—"समर काम में बिजी है या मुझसे बच रहा है?"
    वो जानना चाहती थी कि आखिर समर के लिए इतना ज़रूरी क्या था कि वो उससे मिलने नहीं आ सकता।

    कुछ देर बाद, उसकी कार एक बड़ी और शानदार बिल्डिंग के सामने आकर रुकी। उसने ऊपर देखा—"Kapoor's Enterprises" लिखा था। यही समर का ऑफिस था!

    समायरा ने गहरी सांस लेते हुए कार का दरवाज़ा खोला और सीधे अंदर जाने लगी। लेकिन रिसेप्शनिस्ट ने उसे रोक लिया—

    "मैम, आप कहाँ जा रही हैं?"

    समायरा ने आत्मविश्वास से कहा—
    "मुझे अंदर जाना है, तुम्हारे सर से मिलना है।"

    रिसेप्शनिस्ट ने प्रोफेशनल लहज़े में जवाब दिया—
    "मैम, आप ऐसे अंदर नहीं जा सकतीं। आपके पास अपॉइंटमेंट होना चाहिए। बिना अपॉइंटमेंट के आपको अंदर जाने की इजाज़त नहीं मिलेगी।"

    समायरा ने ठंडी नजरों से उसे देखा और थोड़ा झुंझलाते हुए कहा—
    "मुझे कोई नहीं रोक सकता, तुम्हारे सर भी नहीं! मैं अभी समर को कॉल कर रही हूँ, वो खुद आकर मुझे अंदर ले जाएंगे!"

    समर का गुस्सा

    समायरा ने बिना देरी किए समर को कॉल किया—
    "समर, अभी बाहर आओ। मैं तुम्हारे ऑफिस के बाहर खड़ी हूँ!"

    समर, जो मीटिंग में था, उसकी बात सुनकर चौंक गया।
    "क्या?! तुम ऑफिस आ गई?"

    "हाँ, और अगर तुम नहीं आए, तो मैं खुद अंदर आ रही हूँ!"

    समर ने झट से फोन रखा और जल्दी से बाहर आया। जैसे ही उसने रिसेप्शन एरिया में कदम रखा, उसकी नज़र समायरा पर पड़ी, जो रिसेप्शनिस्ट से उलझ रही थी।

    "क्या हो रहा है यहाँ?" समर ने सख्त लहज़े में पूछा।

    रिसेप्शनिस्ट थोड़ा सहम गई—
    "सर, ये मैम अंदर जाने की ज़िद कर रही थीं, और मैंने इन्हें रोका, क्योंकि इनके पास अपॉइंटमेंट नहीं था..."

    समर ने उसकी बात काटते हुए कहा—
    "समायरा, तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

    समायरा ने हाथ मोड़कर उसकी तरफ देखा—
    "तुम कह रहे थे कि बिज़ी हो, तो मैंने सोचा खुद ही देखने आ जाऊँ कि इतनी भी क्या बिज़ीनेस है जो मुझे मिलने का भी टाइम नहीं!"

    समर को समझ नहीं आया कि वो हंसे या गुस्सा करे। उसने एक तेज़ नज़र रिसेप्शनिस्ट पर डाली—
    "तुम्हें कोई हक़ नहीं कि इन्हें रोको! समझ में आया? अगर आज के बाद तुमने इन्हें रोका, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा!"

    रिसेप्शनिस्ट ने झट से सिर हिलाया—
    "सॉरी, सर!"

    समायरा ने विजयी मुस्कान के साथ समर को देखा।

    "अब तो अंदर आने दूँगे, मिस्टर बिज़ी?"

    समर ने उसकी तरफ देखा और एक गहरी सांस ली—
    "चलो, आ जाओ। अब तुम्हें कौन रोक सकता है?"

    To be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .






    दोस्तों आगे का पार्ट में कल दूंगी, आज छोटा सा पार्ट लिख पाई क्योंकि आज टाइम नहीं मिला कल पक्का पार्ट दूंगी लेकिन आप लोग कमेंट ना स्टार देते हो तो लिखने का मन नहीं करता।

  • 6. Samaira Samar ke office me

    Words: 659

    Estimated Reading Time: 4 min

    एपिसोड 6

    समर का गुस्सा देखकर पूरे ऑफिस में सन्नाटा छा गया। किसी की हिम्मत नहीं हुई कुछ कहने की, लेकिन हर कोई हैरान था। समर, जो हमेशा प्रोफेशनल और रिज़र्व रहता था, आज पहली बार किसी लड़की के लिए इतना गुस्सा कर रहा था। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि आज तक किसी ने उसे किसी लड़की के साथ देखा ही नहीं था।

    समर बिना कुछ कहे समायरा का हाथ पकड़कर उसे अपने केबिन में ले गया और कुर्सी पर बैठने का इशारा किया। समायरा ऑफिस की भव्यता को देखते हुए चारों तरफ नज़र दौड़ाने लगी।

    समर अपनी कुर्सी पर बैठकर काम करने लगा, लेकिन कुछ ही देर बाद उसने स्टाफ से दो कॉफी मंगवाई।

    ऑफिस में गॉसिप शुरू

    उधर, ऑफिस के स्टाफ के बीच खुसुर-फुसुर शुरू हो गई—

    "तुमने देखा? सर कैसे उसे अपने केबिन में ले गए!" एक स्टाफ ने फुसफुसाते हुए कहा।

    "हाँ, और सर के साथ किसी लड़की को देखना... मतलब अजूबा ही है!" दूसरे ने सहमति जताई।

    एक तीसरी महिला कर्मचारी बोली—
    "अरे, दोस्त होगी उनकी, और क्या? तुम लोग ज्यादा मत सोचो। सर वैसे भी बहुत सख्त हैं, अगर उन्होंने सुन लिया कि हम गॉसिप कर रहे हैं, तो समझ लो नौकरी गई!"

    लेकिन चौथे स्टाफ ने सर हिलाते हुए कहा—
    "नहीं यार, सर उसे लेकर कुछ ज्यादा ही प्रोटेक्टिव लग रहे थे। और लड़की भी काफी सुंदर है... सर से बहुत छोटी लग रही थी।"

    "क्या सर को छोटी उम्र की लड़कियाँ पसंद हैं?" किसी ने मजाक में कहा।

    "मुझे तो लगता है कि सर उसे पसंद करते हैं, वरना रिसेप्शनिस्ट पर इतना गुस्सा क्यों करते?"

    "हाँ, और दोनों की जोड़ी भी अजीब लेकिन परफेक्ट लग रही थी—एक फूल सा नाज़ुक, और एक पत्थर सा सख्त। लगता है, सर भी प्यार में फँस ही गए!"

    समर और समायरा के बीच तकरार

    समर के केबिन में समायरा ने आँखें घुमाते हुए कहा—
    "वैसे, मैं किसी काम से नहीं आई थी... बस मिलने का मन किया, तो आ गई!"

    समर ने उसकी तरफ देखा और हल्की मुस्कान के साथ कहा—
    "क्यों? मैं क्या तुम्हें मिलने की इजाज़त नहीं दे सकता?"

    समायरा ने भौंहें उठाईं—
    "बिल्कुल दे सकते हो, लेकिन तुम सवाल ज्यादा कर रहे हो, और मुझसे प्यार से बात कम कर रहे हो!"

    समर ने सिर झटकते हुए कहा—
    "ठीक है, अगली बार से सिर्फ प्यार से ही बात करूँगा। वैसे तुम्हारे घर पर कोई नहीं है, इसलिए आई हो न?"

    समायरा ने मुस्कराते हुए जवाब दिया—
    "बिल्कुल नहीं! मैं मम्मी-पापा को बता कर आई हूँ। और हाँ, एक और बात... मुझे भूख लगी है!"

    "ओह, अच्छा?!" समर ने चौंकते हुए कहा।

    "हाँ, देखो, मेरे पेट से आवाज़ भी आ रही है!" समायरा ने मजाकिया अंदाज में कहा।

    समर ने हल्की मुस्कान के साथ अपना सिर हिला दिया। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई।

    "सर, आपकी कॉफी!" एक स्टाफ अंदर आया और कॉफी टेबल पर रखकर जाने लगा।

    लेकिन समर ने उसे रोक लिया—
    "रुको! समायरा, तुम्हें क्या खाना है?"

    समायरा ने बिना किसी संकोच के कहा—
    "बर्गर, चिप्स, सैंडविच, पिज्जा, चॉकलेट, और साथ में कोक... बस इतना ही! और हाँ, मैंने सिर्फ अपने लिए मंगवाया है, अगर तुम्हें भी कुछ खाना है, तो तुम भी ऑर्डर कर सकते हो!"

    समर ने मुस्कुराते हुए कहा—
    "नहीं, मुझे अभी भूख नहीं है। तुम खाओ।"

    स्टाफ ने तुरंत ऑर्डर ले लिया और बाहर चला गया।

    शादी की बात

    समायरा ने एक गहरी सांस लेते हुए समर की आँखों में झाँका और गंभीर लहज़े में पूछा —
    "तुमने मम्मी-पापा से हमारी शादी के बारे में बात की?"

    समर ने एक पल को उसकी आँखों में देखा, फिर हल्की मुस्कान के साथ कहा—
    "आज ही बात करने वाला था। और तुमने?"

    समायरा ने सिर हिलाया —
    "नहीं, मैं भी आज ही बात करूँगी।"

    क्या होगा आगे ?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए . . .

    To be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

  • 7. My professor loves me - Chapter 7

    Words: 503

    Estimated Reading Time: 4 min

    सीन: समायरा और समर का ऑफिस वाला मोमेंट

    समायरा और समर आपस में बातचीत कर ही रहे होते हैं कि तभी स्टाफ एक ट्रे में खाना लेकर आता है। खाना देखकर समायरा की आंखें चमक उठती हैं, जैसे उसे सबसे बड़ा खजाना मिल गया हो।

    स्टाफ ट्रे टेबल पर रखकर मुस्कुराता है और चला जाता है।

    समायरा बिना एक पल गंवाए खाने पर टूट पड़ती है।

    समर अपनी भौंहें उठाते हुए मुस्कराता है और धीरे से सिर हिलाता है,
    "कमाल है... इसे तो जैसे हज़ार साल से भूख लगी हो।"

    वो धीरे से बोलता है,
    "आराम से खाओ समायरा, कोई छीन नहीं रहा।"

    समायरा ने बड़े मजे से खाना खत्म किया और उंगलियाँ चाटते हुए बोली,
    "अरे! तुम्हारे लिए तो कुछ बचा ही नहीं…"

    समर उसकी तरफ झुकते हुए आँख दबा कर बोला,
    "कोई बात नहीं... तुम हो ना मेरे लिए, मैं तुम्हें ही खा जाता हूँ। क्या बोलती हो?"

    समायरा का चेहरा एकदम गुलाबी हो गया। वो शरमाकर अपनी हथेलियों से चेहरा छुपा लेती है। समर उसकी हालत देख हँस पड़ता है।

    "क्या हुआ समायरा?" – वो मुस्कराते हुए पूछता है।

    समायरा अपनी उंगली के बीच से झांक कर देखती है कि समर उसे देख कर और ज्यादा मुस्कुरा रहा है। वो झट से कुर्सी से उठती है और उसकी तरफ दौड़ती है,
    "अब बताती हूँ तुम्हें… बदमाश कहीं के!"

    वो हल्के-हल्के उसे मारने लगती है।

    "अरे! क्या कर रही हो पगली… लग रहा है!" – समर हँसते हुए बोलता है।

    "लगने दो! मज़ाक करते हो मुझसे… अब भुगतो!" – समायरा झुँझलाकर बोलती है।

    समर उसके दोनों हाथ पकड़कर खींच लेता है और उसे अपने पास कर लेता है।

    अब दोनों एक-दूसरे की आँखों में देख रहे होते हैं। कुछ पल के लिए समय जैसे ठहर सा जाता है।

    समर धीरे-धीरे उसके और करीब आता है।

    समायरा हल्की-सी घबरा कर पीछे हटती है, लेकिन समर रुकता नहीं। जैसे ही वो उसके चेहरे के पास आता है, समायरा झट से अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है। और समर के होंठ उसके गाल से टकरा जाते हैं।

    समायरा के चेहरे पर हैरानी छा जाती है।

    "छो़ड़ो मुझे..." – वो हल्के गुस्से में कहती है।

    "अभी नहीं…" – समर उसके कान में धीमे से कहता है।

    ये सुनते ही समायरा जान जाती है कि अब समर उसे ऐसे नहीं छोड़ेगा, तो उसने एक चाल चली। धीरे से उसने अपना पैर समर के पैर पर रखकर ज़ोर से दबाया।

    "आउच!" – समर झुकते हुए अपने पैर पकड़ता है,
    "ये क्या था समायरा? मारा क्यों?"

    समायरा मुस्कराकर बोली,
    "तुम छोड़ ही नहीं रहे थे। और मुझे बस यही रास्ता समझ आया…"

    दोनों की आंखों में अब हंसी की चमक थी... लेकिन दिलों में कुछ और भी जागने लगा था...

    To be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .


    कैसा लगा ये चैप्टर कमेंट कृपया दोस्तों सिर्फ पढ़ के चले जाते हैं क्या ये ठीक है नहीं थोरा कमेंट भी कर दिया करो
    see you soon 🔜

  • 8. My professor loves me - Chapter 8

    Words: 539

    Estimated Reading Time: 4 min

    अब तक आपने देखा...

    समर समायरा को छोड़ ही नहीं रहा था, और आखिरकार समायरा ने उसकी ‘कमज़ोरी’ पकड़ ली – यानी उसका पैर! जैसे ही उसने अपना पैर समर के पैर पर मारा, समर को छोड़ना ही पड़ा।

    अब आगे...

    "मुझे घर जाना है," समायरा ने अपनी कलाई छुड़ाते हुए कहा।

    समर थोड़ा चौंका, "इतनी जल्दी?"

    "हां, मम्मी-पापा आने वाले होंगे... और वैसे भी, अब मुझे जाना है। बस!" – समायरा ने थोड़ी सख्ती से कहा।

    समर शरारत से मुस्कुराया, "बस एक बार शादी हो जाने दो, फिर मैं तो तुम्हें तुम्हारे कमरे से बाहर भी नहीं जाने दूंगा… कुछ दिन तक तो पक्का!"

    समायरा की आँखें फटी की फटी रह गईं। "तुम ना... कुछ भी बोलते हो! तुम्हें शर्म नहीं आती?"

    समर कंधे उचका कर बोला, "अपनी होने वाली बीवी से कौन शर्माता है भला?"

    समायरा का चेहरा एकदम गुलाबी हो गया था। वो खुद से बड़बड़ाई, "अगर यहीं और रुकी तो ये तो जाने ही नहीं देगा… बेटा, भाग ले समायरा वरना पिघल जाएगी तू!"

    "मुझे घर जाना है," समायरा ने दोबारा कहा, इस बार थोड़ा जल्दी में, "और वैसे भी… मम्मी-पापा को तो अभी तक हमने बताया नहीं कि हम दोनों साथ रहना चाहते हैं। इसलिए… जल्दी घर छोड़ दो, प्लीज़!"

    समर ने लंबी साँस ली, "ये तो नाइंसाफी है। लेकिन कोई बात नहीं… मैं तुम्हें छोड़ देता हूँ। ताकि तुम घर पर जाकर सोचो कि तुम्हारा होने वाला पति कितना सेंसिटिव और स्वीट है!"

    समायरा मुस्कराई, "वो तो बाद में पता चलेगा तुम कितने स्वीट हो… अभी तो चलो बस।"

    समर ने उसके हाथ थामे और ऑफिस से बाहर ले जाने लगा।

    ऑफिस में मौजूद लोग ये सब देख रहे थे – समर का यूँ खुलेआम समायरा का हाथ पकड़ना किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रहा था।

    समायरा को सबकी नज़रें महसूस हुईं, वो थोड़ी असहज हो गई।

    "समर, जल्दी चलो न… सब देख रहे हैं," उसने धीमे स्वर में कहा।

    समर ने उसकी घबराहट समझ ली और तेज़ी से उसे बाहर ले गया।

    कार में बैठ कर समर ने उसे ड्रॉप किया।

    जैसे ही कार घर के सामने रुकी, समायरा ने झट से समर के गाल पर एक प्यारी सी किस की, और बिना कुछ कहे गेट की तरफ भाग गई।

    गेट के पास पहुंचकर वो मुड़ी और मुस्कुरा कर बोली,
    "समर… आई लव यू!"

    समर जैसे कुछ पल के लिए जाम सा हो गया। उसके चेहरे पर हैरानी, प्यार और ख़ुशी – सब कुछ एक साथ था।

    वो तेजी से कार से बाहर निकला, लेकिन तब तक समायरा गेट के अंदर चली गई थी।

    "तुम ना..." समर मुस्कराकर बोला, "एक दिन ऐसे ही मुझे हार्ट अटैक दिला दोगी। लेकिन… मैं तुमसे भी ज़्यादा प्यार करता हूँ मेरी जान।"

    फिर वो अपने हाथों से दिल का शेप बनाकर उसे दिखाने लगा, और उस दिल के बीचोंबीच किस कर के समायरा को "बाय" किया।

    समायरा भी बालकनी से दिल बनाकर दिखाती है और शरमा कर अंदर चली जाती है।

    समर मुस्कुराते हुए बोला,
    "बाय जान… कल मिलते हैं!"

    और वो कार स्टार्ट करके चला गया।


    to be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

    pls प्यार दिखाइये इस novel को

    bye 👋

  • 9. My professor loves me - Chapter 9

    Words: 569

    Estimated Reading Time: 4 min

    जैसे ही समायरा घर के अंदर आई, उसने देखा कि उसके मम्मी-पापा और भाई—सब उसकी तरफ गंभीर निगाहों से देख रहे थे।

    उसके कदम धीमे हो गए… और चेहरा अपने आप ही झुक गया।

    पापा – मानव जी – ने पूछा, "कहाँ गई थी अभी तुम? और… ये बताओ, आ कहाँ से रही हो?"

    समायरा की साँस अटक गई। हल्के काँपते लहजे में बोली,
    "पापा… मैं समर से मिलने गई थी।"

    थोड़ी देर की ख़ामोशी के बाद, मानव जी मुस्कराए।
    "तो फिर… इतना घबरा क्यों रही हो समायरा? इसका मतलब… तुम्हें समर पसंद है, है ना?"

    शिवम, उसका भाई हँसते हुए बोला,
    "मतलब… मेरी बहन को झेलने वाला कोई मिल गया! भगवान का लाख-लाख शुक्र है, अब मैं आज़ाद हूँ!"

    नैना, उसकी बड़ी बहन, जो वहीं बैठी थी, हाथ में तकिया मारते हुए बोली,
    "अभी मैं गई नहीं हूँ, और ये बड़ा उड़ रहा है! ज़रा संयम रखो श्रीमान!"

    सबके बीच समायरा थोड़ा मुस्कराई… लेकिन उसकी नज़रें अभी भी नीचे थीं।

    मानव जी गंभीर होकर बोले,
    "मतलब… तुम्हें ये रिश्ता मंज़ूर है, समायरा?"

    समायरा ने मम्मी-पापा की ओर देखा। उनकी आँखों में सवाल नहीं, बस स्नेह था… और एक मौन समर्थन।

    धीरे से बोली,
    "हाँ पापा… मुझे समर पसंद है।"

    मीरा जी, उसकी माँ, थोड़ी हैरानी से पूछ बैठीं,
    "इतनी जल्दी समर पसंद आ गया तुम्हें?"

    समायरा ने नज़रें नहीं चुराईं। सीधी आँखों में आँखें डालकर बोली,
    "मम्मी… समर मेरे कॉलेज में प्रोफेसर हैं… और वो मेरे क्लास में पढ़ाते हैं।
    हम दोनों एक-दूसरे को पहले दिन से जानते हैं।
    वो सिर्फ मेरे टीचर नहीं… मेरे सबसे अच्छे दोस्त भी बन गए थे।"

    मानव जी और मीरा जी एक-दूसरे को देख कर मुस्कराए।
    "ओह… तो मतलब तुम दोनों पहले से जानते हो एक-दूसरे को?" उन्होंने पूछा।

    समायरा सिर हिलाकर बोली,
    "हाँ मम्मी-पापा।"

    ये कहकर वो अपने कमरे की ओर बढ़ गई।

    कमरे में दाखिल होते ही उसने दरवाज़ा बंद किया, और दीवार से टिककर गहरी साँस ली… जैसे उसके सीने से कोई भारी बोझ उतर गया हो।

    उसकी आँखें नम थीं।

    वो बिस्तर पर बैठ गई और खुद से बुदबुदाई…
    "जिस रिश्ते को देखना था… उसी को मैंने बिना देखे मना कर दिया था।
    अब उसी रिश्ते के लिए… मुझे हाँ बोलनी पड़ी।
    शायद ये भी इश्क़ की कोई अजीब सी किस्मत होती है।"

    उधर समर भी अपने मम्मी-पापा को सब कुछ बता चुका था।

    "मुझे समायरा पसंद है," उसने साफ कहा था।
    "अगर आप दोनों को मंज़ूरी हो… तो मैं यही रिश्ता चाहता हूँ।"

    समर की माँ और पिता, दोनों ही मुस्करा उठे थे।

    "किसी और की बेटी नहीं, हमारी सबसे प्यारी दोस्त की बेटी है समायरा,
    हमारे लिए इससे बेहतर क्या होगा?"

    अब दोनों घरों में एक ही ख्वाहिश पल रही थी—दोस्ती को रिश्तेदारी में बदलने की।

    अगले दिन दोनों परिवार एक साथ पंडित जी के पास जाने वाले थे,
    अपनी बच्चों की शादी की तारीख़ निकलवाने के लिए।
    और इस बार… समायरा और समर खुद भी साथ जाने वाले थे।
    आख़िरकार… उनकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दिन तय होना था।

    to be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

    कल के एपिसोड में पढ़िए —
    क्या निकलेगी उनकी शादी की तारीख़?
    कौन सी उलझनें आएंगी बीच में?
    और क्या हर कोई इस रिश्ते को उतना ही अपनाएगा जितना इन दोनों ने?




    Writer:
    'Kanchan'

    See you in the next episode… till then, take care & stay tuned!

  • 10. My professor loves me - Chapter 10 <br>स्नाया ने चोड़ी पकड़ी दोनो की

    Words: 524

    Estimated Reading Time: 4 min

    Next day,

    समायरा आज जल्दी उठ गई थी वो आज कुछ ज्यादा ही खुश नजर आ रही थी और वो ख़ुशी उसके चेहरे से ही झलक रही थी और  हो भी क्यों ना आज उसकी शादी की डेट निकलने वाला था।


    दूसरी तरफ हमारा हीरो वो भी आज जल्दी जल्दी में अपना काम कर रहा था। इसलिए वो काम से जल्दी फ्री हो और सबके साथ मंदिर जा सके आज उन दोनो के घर में अलग ही माहौल था सब तैयारी में लगे हुए थे।

    समायरा अभी तैयार हो रही थी उसने आज पीले रंग का सूट पहना हुआ था। और साथ में मैचिंग दुपट्टा भी लिया था।

                    

    समर ने भी आज समाइरा से मैचिंग कुर्ता पायजामा पहना था क्योंकि समाइरा ने कहा कि वह पीले रंग का पहन रही है और मंदिर भी जाना है तो भारतीय परिधान है इसलिए समर ने इसे पहन लिया।

                      

                     

    समाइरा और उसके माता-पिता भी एक गाड़ी से जाने वाले थे। और समर के मम्मी पापा और बहन एक गाड़ी से जाने वाले थे । पहले समाइरा की गाड़ी निकल जाती है उसके बाद समर की गाड़ी।


    समाइरा और उसके माता-पिता पहले पाहुच के मंदिर में पंडित जी से बात कर रहे थे तब तक समर की भी गाड़ी आ गई और पूजा शुरू हो गई।




    समर समायरा को ही देखे जा रहा था और समायरा समर को दोनो ही आज बहुत प्यारे लग रहे थे दोनो ही एक दूसरे को देख रहे थे तभी कोई उन दोनो को देख के बोला - क्या बात है भाई आपकी तो नजर ही नहीं हट रही है भाभी से।



    ये है हमारे हीरो की बहन स्नाया जो इन दोनो को बहुत देर से देख रही थी कि दोनों एक दूसरे पर से नजर ही नहीं हटा रहे हैं तो मना करने को पड़ा।


    दोनो किसी की आवाज़ सुनकर एक दूसरे पर से नज़र हटा देते है और सामने देखते है तो सब उन दोनो को देख रहे थे।


    दोनो अपनी नज़र इधर उधर करने लगते है जैसे उन दोनो ने कुछ किया ही नहीं।


    दोनो को अनजान बंता देख के गीमा जी बोली - तुम दोनो क्या कर रहे थे अभी तक स्नाया नहीं बोलती तो हमलोग तो ध्यान ही नहीं देते तुम दोनो को इतना देर नहीं रह रहा तो अब कैसे रहोगे जब तुम दोनो मिलोगे नही।


    समर बोला - हम दोनों क्यों नहीं मिलेंगे।



    मीरा जी बोली - क्योंकि जब तक तुम दोनों की शादी नहीं हो जाती, तुम दोनों मिल नहीं सकते।

    डोनो ये सूरज के शॉक हो जाते हैं कि डोनो नहीं मिलेंगे लेकिन क्या डोनो रोक पाएंगे खुद को मिलने से एक दूसरे को रोक पाएंगे ये तो आगे के पार्ट में पता चलेगा।



    to be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

    आगे के पार्ट के लिए बने रहिए मेरे साथ और कमेंट तो कर दीजिए कोई एक तकी मुख्य चैप्टर डाल सकता है यहां पर लेकिन कोई ये नहीं कर रहा है कमेंट ही नहीं कर रहा सोर पढ़ के चले जाते हैं।


    बार-बार बोलने से कोई फ़ायदा नहीं चेलो बाय ,

  • 11. Chapter 11- शादी की डेट फिक्स होना

    Words: 514

    Estimated Reading Time: 4 min

    पूजा पूरे होने के बाद दोनो के शादी की डेट निकलने लगे ।


    पंडित जी बोले - इन दोनो की शादी आज से 15 दिन बाद की तारीख निकली।


    उसके बाद पंडित जी को दान करके चले जाते हैं फिर वही एक रेस्टोरेंट में सब खाने चले जाते हैं सब बातें करते हुए खाना खा रहे थे समर और समायरा के साथ बैठे और खाना खा रहे थे लेकिन हमारे समर जी समायरा को खाने नहीं दे रहे थे क्योंकि समर अपना एक हाथ से समायरा के जोड़े को टच कर रहा था और अपना एक हाथ से समायरा के थाई को टच कर रहा था जिसका समायरा को गुदगुदी हो रही थी और उसके पेट  में तितली उड़ रही थी पता नहीं क्यों लेकिन जब भी समर उसके करीब आता है वह एकदम से पिगल जाती है समर को देख के ।


    समायरा थोरा ही खाती है क्योंकि उसे खाने में नहीं हो रहा था समर के वजह से सब खाने के बाद समर और समायरा से बोले आज से 15 दिन तक तुम दोनों नहीं मिलोगे और यह एक नियम है कि शादी से पहले दूल्हा और दुल्हन नहीं मिलते हैं।



    समर बोला - मैं कोई नियम नहीं मानता।

    गीमा जी बोली - तुम्हें रुल मनाना पड़ेगा।


    समर ऊपर ऊपर दिखता है कि उसने उनकी बात मान ली है लेकिन वह मन में कुछ सोच रहा था कि - वह तो समायरा से मिलेगा ही चाहे कुछ भी।


    समर सबको बोलता है - ठीक है जैसा आपलोग चाहे।


    और समायरा बेचारी क्या ही बोलती वो तो उदास हो गई कि समर कितनी आसानी से मान गया कि वो नहीं मिलेगा मुझसे।


    समायरा मन में कहती है - अब तो मैं बात ही नहीं करूंगी समर से चाहे जो हो जाए।


    फिर सब रेस्टोरेंट से निकल कर अपने घर चले जाते है।


    रात का समय,


    समायरा सो रही थी तभी उसका फोन बजता है नैना जब फोन पर नाम देखती है तो उसके होने वाले पति का फोन था उसने तुरन्त फोन काट दिया समर ने जितनी बार फोन किया समायरा ने हर बार कॉल कट दी तभी समायरा के फोन पर समर का massage आया जिसने लिखा था - मेरा कॉल उठाओ नहीं तो मैं तुम्हारे कमरे में आ जाऊंगा।


    समायरा फिर भी उसका कॉल नहीं उठाती अब समर बाबू को कुछ करना होगा ना उनसे बात करने के लिए।


    समायरा अभी भी नाराज़ हुई बैठी थी कि तभी उसके कमरे की खिड़की खुली और कोई बाहर आया समायरा डर गई कि कोई चोर तो नहीं आया और वो जैसे ही चिल्लाने वाली थी कि किसी ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया।


    to be continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .
    आपको क्या लगता है कौन हो सकता है,

    क्या आप दोनों की शादी देखने के लिए उत्साहित हैं?  


    मुझे कमेंट बॉक्स में बताएं,

    और आज का एपिसोड कैसा लगा वो भी बताएं,


    आगे का जानने के लिए दूसरे एपिसोड का इंतज़ार कीजिए , तब तक के लिए ,


           Bye guys

  • 12. My professor loves me - Chapter 12

    Words: 1080

    Estimated Reading Time: 7 min

    कल के एपिसोड में आपने पढ़ा की समर समायरा से मिलने के लिए आता है लेकिन समायरा डर जाती है |

    अब आगे,

    समायरा के कमरे में कोई खिड़की से बाहर आता है और समायरा डार के चिल्लाने वाली होती है कि कोई उसके मुँह पर हाथ रख देता है।

    समायरा उसके हाथ पर अपने दांत से करने वाली होती है कि उसको कोई जानी पहचानी सी आवाज आती है।

    वो बोला - मैं हूँ समर।

    ये बोलके समर समायरा के मुँह पर से हाथ हटा लेता है समर के हाथ हटाते ही समायरा उसको मारने लगी।

    समायरा उसको मरते हुए बोली - कोई ऐसा आता है क्या और इतनी रात को पता है मैं कितना डर गई थी कि कोई चोर तो नहीं आ गया।

    समायरा उसको मरते हुए बोल रही थी और वो चुप ही नहीं हो रही थी तो अब क्या समर को एक आईडिया आया और उसने समायरा को पकड़ के अपने पास कर दिया और उसके हाथ पकड़ के पीछे कर दिया और समर उसको किस करने के लिए उसके ऊपर झुकने लगा और समायरा नीचे होने लगी।

    समायरा बोली - ये क्या कर रहे हो तुम अभी हम दोनो को एक दूसरे को देखना भी नहीं है तुमने ही तो कहा था अब देय हो मुझसे।

    समर बोला - अरे मैंने ऐसे ही बोल दिया उन्हें इसलिए पता ना चले कि हम दोनो मिल रहे हैं और तुम मेरा कॉल क्यों नहीं उठा रही थी बोलो।

    समायरा बोली - वो मैं तुम्हारी बात से नाराज़ हो गयी थी।

    समर - सिर्फ उस बात के लिए मैंने सिर्फ मजाक में बोला था इसलिए उनको हमपे सक ना हो।

    अभी तुम सो रही थी क्या।

    समायरा - नहीं तुम्हें याद कर रही थी।

    समर - तुम कल कॉलेज आने वाली हो ना।

    समायरा - हा।

    समर - मुझे लगा के हमारे माता पिता को तो पता है ना कि मैं तुमसे कॉलेज में भी मिल सकता हूँ इसलिए मेरा कॉलेज जाना अभी माना है तो हमें ऐसे ही मिलना पड़ेगा।

    समायरा - क्या तुम कॉलेज नहीं आओगे मेरा मन भी नहीं लगेगा।

    समर बोला - तुम्हारी दोस्त भी तो होगी ना वहा ।

    समर जानता है कि उसकी एक दोस्त भी साथ पड़ती है समायरा ने ही बताया था।

    समायरा बोली - नहीं वो अभी एक महीना कॉलेज नहीं आएगी क्योंकि उसके दादा जी की मृत्यु हो गई है इसलिए वो हमारी शादी में भी नहीं आ पाएगी।

    समर - चलो कोई बात नहीं बस 15 दिन उसके बाद मैं कॉलेज आ जाऊंगा ना मेरी baby के लिए।

    समायरा समर के मुंह से अपने लिए baby सुन के उसे बहुत अच्छा लगा क्योंकि समर उससे पहली बार उसके नाम के अलावा एक बॉयफ्रेंड की तरह उसने उसे बोला।


    समायरा और समर एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे कि किसने समायरा के कमरे के दरवाजे को दस्तक देते हुए बोली- समायरा बेटा दरवाजा खोलो।


    समायरा, समायरा।


    समायरा जादी से समर से दूर होगी और समर को कहीं छुपने के लिए बोली फिर अपनी मम्मी से बोली - क्या हुआ मम्मी।

    मीरा जी - पहले दरवाजा खोलो।

    समायरा समर को बाथरूम में जाकर चुप रहने के लिए कहती है, समर भी बेचारा क्या करता वो, समायरा की बात मन लेता है और जल्दी से बाथरूम में चुप चैट करता है।


    समायरा जाके जल्दी गेट खोलती है और बोलती है - मम्मी क्या हुआ आप इतनी रात को।


    मीरा जी - मुझे तुम्हारे कमरे से किसी चीज़ की गिरने की आवाज़ आई इसलिए मैंने देखा कि क्या हुआ है।


    समायरा - मम्मी वो बिल्ली आ गई थी तो बस उसी को भगा रही थी और कुछ नहीं।


    मीरा जी - चला गया बिल्ली।


    समायरा - हाँ मम्मी चला गया।


    मीरा जी बोली - ध्यान से देखा था ना कहीं है तो नहीं ना।



    समायरा बोलो - नहीं मम्मी मैंने अच्छे देखा है और भगा दिया है और बहुत रात हो गई मम्मी मुझे सोना है अब कल जल्दी उठ के कॉलेज भी जाना है ना।


    मीरा जी बोली - ठीक है मैं जा रही हूँ ठीक से सोना ठीक है।



    समायरा बोली - ठीक है मम्मी अब जाओ।


    समायरा मीरा जी के जाने के बाद जल्दी से गेट लगा देती है ताकि कोई ना जाए दोबारा और जाके बाथरूम का दरवाजा खोलती है समर अचानक से उसको किस कर देता है समायरा तो पहले शॉक हो जाती है फिर वो किस को एन्जॉय करती है और उसका साथ देने लगती है दोनों ऐसे ही किस करते हैं बिस्तर तक पहुंच जाते है और दोनो बिस्तर पर साथ में गिर जाते है लेकिन दोनो का किस ब्रेक नहीं हुआ दोनो किस करते हुए एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे समायरा को आज समर की आँखों में एक अलग ही जुनून नज़र आती है जो उसने पहले नहीं देखी थी दोनो किस करते हुए वही एक साथ सो जाते है। सुबह होने से पहले ही समर उठ के समायरा के माथे पर चुंबन करके चला जाता है वह समायरा को नहीं उठता है और चला जाता है समायरा सुबह उठ के समर के तरफ अपने हाथ रखती है लेकिन वहा कोई नहीं था ये देख के वो सोचती है कि समर सायद सुबह होने से पहले निकल गया होगा लेकिन वो कल रात के बारे में सोचती है कि उसके साथ समर की कितनी अच्छी नींद आई वो अभी सोच ही रही थी कि उसकी माँ उसे बुला रही थी - समायरा बेटा उठ गई।





    आज के एपिसोड के लिए बस इतना ही आगे का कल पोस्ट कर दूंगी।



    आपलोग स्टार क्यों नहीं देते और ना ही कमेंट देते हो मैं हर कमेंट पढ़ती हूं कि कोई तो है जो मेरी कहानी का इंतजार कर रहा है तो लिखने का मन भी करता है।



    और प्रोत्साहन भी कोई नहीं देता है।



    ये तो गलत बात है ना अगर आपको कहानी पसंद आई तो एक दो स्टिकर दे दिए लेकिन हमें भी अच्छा लगता है।


    और लिखने का मन भी करता है अभी एक कहानी और शुरू करने का सोच रही हूँ आप लोग कमेंट में बताइये किस तरह की कहानी पर लिखू आप सब के सुझावों से जो अच्छा लगेगा उस पे लिखना शुरू कर दूंगी।




    अभी मैं ये बता दूँ कि मेरे एग्जाम के चलते स्टोरी लिखने में टाइम नहीं मिल रहा है और लिखने के लिए सोचना भी पड़ता है कि क्या स्टोरी में लिखकर परीक्षा देने वालों को अच्छा लगेगा और सोचने में बहुत टाइम लगता है लगता है ।




    Ab kal milenge aur story ko share Krna,


    Bye guys 👋 👋 👋 👋

  • 13. My professor loves me - Chapter 13

    Words: 941

    Estimated Reading Time: 6 min

    Episode 13




    Morning 🌞 🌄

    समायरा कुछ देर बाद तैयार होकर नीचे बैठ जाती है और डिनर टेबल से एक कुर्सी निकाल के बैठ जाती है मीरा जी समायरा के लिए नाश्ता निकालती है और प्लेट में निकाल देती है समायरा जल्दी से नाश्ता कर के थोरी देर अपने फ़ोन में देख के कॉलेज के लिए निकल जाती है।


    समायरा घर से थोड़ी दूर आके समर को कॉल करती है तो देखती है समर उसका रस्ते में इंतज़ार कर रहा था समायरा जल्दी से, जेके कार में बैठ जाती है समायरा कार में बैठने के बाद जल्दी से समर को हग कर लेती और समर को बोलती है -  तुम कितनी देर से मेरा इंतज़ार कर रहे थे यहाँ बताओ।

    समर ज्यादा नहीं 30 मिनट से तुम्हारा इंतज़ार किया।

    समाइरा - तुम अभी ऑफिस जाओगे क्या।


    समर - हाँ।


    थोरी देर दोनो बात करते हुए समायरा के कॉलेज आ जाता है समर उसके लिए कार का गेट खोलता है समायरा कार से उतर जाता है और जाते समय थोरा रुक के थोड़े आगे पीछे देख के जल्दी से समर के गाल पे किस करके चली जाती है वही समर उसके एहसास में खो गया और ड्राइवर गेट लगा के ड्राइव करने लगा फिर समर अपने ऑफिस के लिए जल्दी से निकल गया समर को अभी बहुत काम था क्योंकि वो अपनी शादी का मजा भी लेना चाहती थी इसलिए वो अपना काम जल्दी जल्दी में काम निपटा रहा था और समायरा को समय भी देता था इसलिए समायरा ये ना लगे कि समर उसपे ध्यान नहीं दे रहा है इसलिए वो अभी दोनो चीज पर ध्यान दे रहा था।




    समायरा कॉलेज में अपने क्लास में बैठ जाती है और थोड़ी देर बाद क्लास स्टार्ट हो जाती है आज समायरा को कुछ ज्यादा ही अकेला महसूस हो रहा था क्योंकि ना तो उसकी दोस्त स्वाति आई थी और नहीं उसका होने वाला पति यूएफ प्रोफेसर समायरा का आज का दिन ऐसे ही निकल जाता है जब समायरा कॉलेज से बाहर जाती है।




    तब भी उसके फोन पर समर का मसाज आता है जो लिखा था - क्या तुम कॉलेज से बाहर आ गई हो।


    समायरा ने लिखा - हाँ अभी मैं कॉलेज के गेट से सामने खड़ी हूँ क्यों क्या हुआ।


    समर - नहीं मैं तुम्हें पिक करने आया था पीछे पलट कर देखों।


    समायरा पीछे पलट कर देखी तो समर उसको अपना हाथ दिखा रहा था। समायरा दोड़ के समर के कार के पास गई और उसे गले लगा ली।





    समर समायरा को लेने के लिए उसके कॉलेज आता है समायरा समर को देख के जल्दी से समर के पास जाकर उसको गले लगा लेती है क्योंकि समर कार के बाहर खड़ा था।


    समर समायरा को कार के अंदर सीट पर बैठाता है।उसके बाद समर कार ड्राइव करने लगा क्योंकि आज समर ने ड्राइवर नहीं लाया था मेरे साथ वो समायरा को कहीं घुमाने ले जाने वाला था।


    समर समायरा को दूसरे रास्ते से लेके जा रहा था तो समायरा बोली - समर ये तो घर का रास्ता नहीं है हम कह जा रहे हैं।


    समर बोला - थोरी देर इंतज़ार करो।


    उसके बाद समायरा कुछ नहीं बोलती, समर देखता है समायरा कुछ नहीं बोल रही है तो उसने बोला - तुमने कुछ खाया की नहीं।


    समायरा - वो आज मेरे मन ने कुछ खाने को बस इसलिए नहीं किया।


    समर बोला - ऐसे कैसे नहीं मन किया कुछ खाने को तुम्हें अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए देखो तुम कितनी पतली हो गई हो इधर इसलिए अब तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए मैं नहीं चाहता मेरी पत्नी की शादी के दिन उसका लहंगा ही ना फिट हो फिर मुझे दूसरी दुल्हन खोजना होगा।


    समायरा उसकी सारी बात सुन रही थी लेकिन वो आखिरी वाली बात सुन के तो जैसे वो अभी उसका खून ही कर देगी वो समर को देखती है जो कार के दराज से कुछ खाने को निकल रहा था समायरा तो अब जैसे उसे छोड़ने वाली नहीं थी।


    समायरा तुरंत समर को मरने लगी और बोली - तुम्हें मुझसे शादी नहीं करनी अब मैं तुम्हें प्यारी नहीं लगती।


    और समायरा रोने लगी समर उसको देख के रोड के साइड में कार लगा के बोला - क्या हुआ समायरा तुम रोने क्यों लगी।


    समाइरा रोते हुए - तुमने अभी क्या बोला।

    समर बोला - यहीं कि तुम खाना नहीं खाती हो ठीक से।

    समायरा - ये नहीं तुमने लास्ट में क्या बोला।

    समर - वो मैं मजाक कर रहा था बस तुम रोने लगी इतनी सी बात पर।


    समायरा - ये तुम्हे इतनी से बात लगी इतनी सी बात।


    समर - वो मैंने ऐसे ही बोल दिया तू तो सीरियस हो गया।

    समायरा बोली - अब तुम मुझे प्यार नहीं करते।

    समर - मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और हमेशा तुमसे ही करूँगा।


    समायरा - तुम झूठ बोल रहे हो।

    उसके बाद समायरा अपना सिर नीचे कर जोर जोर से रोने लगी समर उसको रोने देख उसे अच्छा नहीं लगा समर उसको तुरन्त उसको उसकी सीट से अपने भगवान में बैठा देता है।

    समायरा - मैं तो बस ऐसे ही।    

    समायरा चुप नहीं हो रही थी तो अब समर को बस एक ही रास्ता समझ में आ रहा था समर ने समायरा का चेहरा ऊपर करके उसके चेहरे को पकड़ कर उसको किस कर लेता है पहले तो समायरा समर को दूर कर राही थी बाद में हर वो भी समर का साथ देने l 



    आगे के दूसरे एपिसोड में पढ़ेंगे अभी के लिए बस इतना ही l

    आप लोग पढ़ के चले जाते हो कमेंट भी किया करो मुझे पढ़ने में अच्छा लगता है आप सब के कमेंट पढने मेंl

    Ab milte hai dusre episode me
    Tab tak ke liye




    Bye guys 👋 👋 👋 👋

  • 14. My professor loves me - Chapter 14

    Words: 766

    Estimated Reading Time: 5 min

    Episode 14


    अब तक आपने पढ़ा कि समायरा को समर की बात का बुरा लगता है और वो रोने लगती है और समर उसको चुप कराने के लिए उसे किस कर लेता है।


    अब आगे,

    समायरा जब रोना बंद कर देती है तो समर उसको छोड़ के बोला - मुझे माफ कर दो आज के बाद मैं ऐसा कभी नहीं बोलूंगा जिससे तुम्हें दुख हुआ हो।


    समायरा अभी भी अपने सर को ऊपर नहीं कर रही थी तो समर जब देखता है कि समायरा अभी भी अपने सर को ऊपर नहीं देख रही है तो वो उसके सर को ऊपर करके कहता है - मेरी तरफ देखो समायरा और कुछ तो बोलो।


    पर समायरा अभी भी समर ही तरफ नहीं देख रही थी और ना कुछ बोल रही थी तो समर बोला - अगर तुमने अभी मेरे से बात नहीं की तो मैं मर जाऊंगा।




    समायरा समर की बात सुन कर समर के मुँह पर हाथ रख देती है और बोली - खबरदार जो ऐसी बात दोबारा कही तो मुझे बुरा कोई नहीं होगा समझे।




    समर बोला - मुझे माफ़ कर दो अब ऐसा नहीं बोलूंगा।



    उसके बाद समर समायरा को गले लगा लेता है और समायरा भी उसको कस के hug कर लेती है और गले लगे ही बोली - आज के बाद ऐसा कभी मत बोलना।




    थोड़ी देर बाद दोनों अलग होते हैं और समर समायरा के चेहरे को देखता है तो उसकी दोनों आंखें रोने की वजह से लाल हो गए थे और आंशु के निशान हो गए थे।





    और उसकी गाल गुलाबी हो गई, उसके बाद लिप किस करने के बाद पिंक हो गया था उसके चेहरे देख कर, समर अपना कंट्रोल खो रहा था तो अपना ध्यान भटकाने के लिए समायरा को कुछ खाने को देता है समायरा तो पहले मना करती है, बाद में मान जाती है और खाने लगती है फिर कहती है - कुरकुरे हैं मुझे खाना।






    समर तो अभी समायरा को कहने वाला था कि हेल्दी चीज खाने चाहिए लेकिन वो अभी बोलना ठीक नहीं समझता तो जो समायरा का खाने का मन था वो दे दिया और समायरा अपना मस्त होकर खाने लगी।





    थोरी देर बाद समर ने कार रोक दी तो समायरा बोली - क्या हुआ समर।


    समर बोला - कुछ नहीं मैं तुम्हें यहां घुमाने लाया था।


    समायरा फिर अपनी नज़र चारो तरफ करती है तो देखती है सामने एक नदी थी और चारो तरफ हरियाली थी समायरा जल्दी से कार से निकल के बच्चों की तरह खुश होने लगी समर भी कार से बाहर निकल के समायरा के साथ चलने लगता है वहीं सिर्फ शांति थी किसी की आवाज नहीं आ रही थी समायरा समर के हाथ पकड़ के उसे इधर उधर ले के जा रही थी समर समायरा की खुशी देख के ही वो खुश हो गया कम से कम अब वो हंसी तो सही है समायरा उसके बाद रेत से घर बनाने लगी क्योंकि वहा की मिट्टी रेत की तरह थी इसलिए समायरा वहा पे घर बना रही थी लेकिन समायरा से बन ही नहीं रही यह देख के समर बोला - क्या हुआ जानेमन।



    समायरा बोली - ये मेरे से नहीं बन रहा है मैं क्या करु।


    फिर वो रोने जैसा चेहरा बना लेती है जैसे अब रो देगी।


    समर उसको देख के बोला - मैं बना दूँ।



    समायरा - हा।


    उसके बाद समर अपने काम में लग जाता है कुछ समय में समर ने बना के तैयार कर दी तो समायरा बोली - तुम तो बहुत talented हो।


    समर बोला - अभी तक तो तुमने  टैलेंट दिखाने को कहा है।



    समायरा उसकी बात सुन के बोली -  मैंने कब तुम्हे रोका है।


    फिर समर उसके पास आकर बोला - तुमने तो मुझे हर बार रोका है अपने पास आने से बोलो तो अभी अपना टैलेंट दिखा दु।


    समायरा को उसकी बात सुन के तो जैसे उसके कान और गाल दोनो लाल हो गए वो शर्मा के बोली - तुम्हे शर्म नहीं आती ऐसी बातें करते हुए।



    समर बोला - अब इन सब में शर्म कैसी ।


    समायरा बोली - तुमसे बात करना ही बेकार है।



    समायरा उठ के जाने ही वाली थी कि समर ने तुरन्त समायरा को पकड़ के अपने पास करके बोला - तुम मुझसे कभी पीछे नहीं चुराओगे, क्योंकि जन्म में तो अगले जन्म में भी तुम मुझसे पीछे नहीं चुरा सकते।



    समायरा बोली - तुमसे पीछे छुड़ाना कौन चाहता है मैं तो बिलकुल भी नहीं कभी भी नहीं क्योंकि मैं तुमसे प्यार करती हूँ मेरे प्रोफेसर।



    To be Continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

  • 15. My professor loves me - Chapter 15

    Words: 850

    Estimated Reading Time: 6 min

    Episode 15


    दोनो रैत पे लेते थे साथ में और ऊपर की तरफ देख रहे थे तभी समर समायरा को अपने ऊपर पकड़ कर देता है समायरा तुरन्त समर को पकड़ लेती है और उसकी आँखों में देखने लगती है और वो समर के सीने से लग जाती है समायरा को समर की दिल की धड़कन की आवाज़ आ रही थी समायरा उसकी दिल की धड़कन की आवाज़ सुन के बोली - तुम्हारे दिल की आवाज़ इतनी तेज़ क्यों चल रहा है।



    समर बोला - क्योंकि तुम मेरे पास हो इसलिए।


    समायरा बोली - कुछ भी हां।

    ये बोलके समायरा हंसने लगी उसमें समर समायरा का हाथ पकड़ के बोला।


    समर बोला - कुछ भी कहा मैं सच बोल रहा हूँ तुम्हें मजाक लग रहा है रुको अभी बताता हूँ।


    समर समायरा को अपने चेहरे के पास करता है और उससे बोलता है - मेरी आँखों में देखो अब क्या नज़र आ रहा बोलो।


    समायरा समर के आँखों में देखती है जहाँ उसके लिए सिर्फ प्यार ही प्यार नज़र आ रहा था।



    समर पूछता है - बोलो क्या नज़र आया।


    समायरा बोली - तुम्हें क्यों बताऊ ।


    समर समायरा की बात सुन के समायरा को पलट देता है अब समायरा नीचे और समर उसके ऊपर समर अपना हाथ थोड़ा नीचे करके समायरा के ऊपर को थोड़ा ऊपर करके उसे गुदगुदी करने लगता है।


    समायरा को पहले लगता है समर कुछ और करने को सोच रहा है लेकिन अचानक से हंसती है क्योंकि समर उसे गुदगुदी कर रहा था।


    समायरा हंसते हुए कहती है - समर प्लीज रुक जाओ मुझे बर्दाश्त नहीं होती है प्लीज रुक जाओ।


    समर बोला - पहले बोलो जो मैंने पूछा था।


    समायरा बोली - ठीक है बोलती हूँ।


    समर उसको देखने लगा।


    समायरा बोली - मुझे तुम्हारी आँखों में सिर्फ अपने लिए बेहिसाब प्यार दिखता है।



    अब छोड़ो मुझे।


    दोनो के बीच कुछ देर वफा समय बिता कर निकल जाता है समर समायरा को उसके घर से ड्रॉप करके निकल जाता है अपने घर ।



    समायरा अपने गेट के अंदर रखती है कि उनमें उसकी मम्मी की आवाज़ आती है।


    मीरा जी - आज इतना देर लग गया कॉलेज से आने में।


    समायरा थोरा रुक के बोली - वो मम्मी स्वाति के साथ थोरा घूमने गई थी ना तो थोरा लेट हो गया।



    उसके बाद समायरा मीरा जी के पास आकर बोली -  मम्मी मैं जब तक नीचे आती हूँ तब तक आप मेरा खाना लगाने देना बहुत भूख लगी है।



    मीरा जी बोलो - ठीक है जा जल्दी।


    समायरा बोली - ठीक है मम्मी।


    उसके बाद समायरा अपने कमरे में चली जाती है, थोड़ी देर के बाद समायरा डिनर टेबल के पास बैठ के अपना खाना खाने लगती है।



    समायरा खाते हुए पूछती है - शिवम कहा है मम्मी।



    मीरा जी बोली - भाई बोल कर ना वो तेरे से बड़ा है और वो अभी ऑफिस के काम के सिलसिले में बाहर चला गया है कुछ समय में आ जाएगा।



    समायरा बोली - ठीक है मम्मी अबसे शिवम भैया ठीक है।






    दिन ऐसे ही निकले लगता है समर रोज समायरा से मिलने जाता है और उसे घुमाने के लिए जाता है और कभी-कभी रात को कमरे में भी आ जाता है दोनो ऐसे ही हंसी खुशी निकलते हैं।



    कुछ दिन दोनो का ऐसा ही निकल जाता है।



    आज दोनो की सगाई होने वाली है जो एक रिसॉर्ट में होने वाली है और शादी भी यहीं होने वाली है।


    तो चलिए हम आपको हमारे समायरा से मिलवाते हैं जो तैयार होकर हो गयी थी बस आना बाकी था।

                

                

           



    और इधर हमारे समर भी तैयार थे।

               


    मीरा जी समायरा को देखने आती है कि तैयार है कि नहीं जब वह देखती है समायरा को तो वह भावुक हो जाती है लेकिन समायरा को पता नहीं चलने देती और जाके बोली - तुम तैयार हो गई बेटा।



    समायरा बोली - हाँ मम्मी देखो कैसी लग रही हूँ मैं।


    मीरा जी - हाय किसी की नज़र ना लगे मेरी समायरा को।


    और वो अपनी आंख से थोरा काजल लेके समायरा के कान के पीछे लगा देती है।


    मीरा जी बोली - बेटा टाइम हो गया जल्दी चलो स्वाति नहीं आई।


    समायरा बोली - मम्मी वो आज आती है लेकिन कुछ काम हो गया बस इसीलिए लेकिन वो बाकी फंक्शन में आ जाएगी।


    मीरा जी बोली - ठीक है चलो समर बहार तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।



    मीरा जी समायरा को हॉल में लेके समर के हाथ में समायरा का हाथ पकड़ा देती है।


    उसके बाद दोनो के साथ में हाथ पकड़ के आते है।


    To be Continued . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

    अभी के लिए बस इतना ही आगे का पार्ट कल डाल दूंगी हो सके तो।


    और आप सब कमेंट क्यों नहीं करते हो, किया करो ना हमें अच्छा लगता है पढ़ के और आप सिर्फ पढ़ के निकल जाते हो अच्छा नहीं लगता है और अब सिर्फ इन की शादी के जो भी फंक्शन होने वाले में दे रही हो क्योंकि अभी मेरे एग्जाम चल रहे हैं तो अभी मेरे पास टाइम ही नहीं बचता है।

  • 16. My professor loves me - Chapter 16 engagement 💍

    Words: 829

    Estimated Reading Time: 5 min

    समायरा और समर दोनों एक दूसरे के हाथ पकड़ के गेट से बाहर आते हैं।





    दोनो साथ में आते है जहाँ सजावत हुई थी दोनो आज बहुत ही ज्यादा खुश थे।
    और उनकी ये ख़ुशी आज सबको उन दोनो के आँखों में दिख रही थी।


    सब दोनो के पास आकर दोनो को एक सोफे पर बिठा देते है उसके बाद होस्ट उन दोनो के लिए एक प्यारा सा सब एक करके डांस करते है।

    अब आती है बारी हमारे आज के जोड़े की डांस पे।

    दोनो पे एक स्पॉट लाइट आके रुकती है और एक प्यारा सा गाना बजाता है।


    समर अपना हाथ समायरा के तरफ करता है समायरा तुरन्त अपना हाथ समर के हाथ में रख देती है समर समायरा का हाथ पकड़कर उसे स्टेज पर लेके जाता है और गाने के गीत के साथ गाने लगता है जो कुछ इस तरह से थे।





                         Music 🎶 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎶 🎶 🎶 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵




    सुर्ख वाला, सौज वाला,
    फैज वाला love
    होता है जो प्यार से ज्यादा
    वैसे वाला love
    इश्क वाला love

    हुआ जो दर्द भी तो
    हमको आज कुछ ज्यादा हुआ



    इश्क वाला लव
    ये क्या हुआ है क्या खबर
    ये ही पता है ज्यादा हुआ
    इश्क वाला love
    अगर ये उसको भी हुआ है
    फिर भी मुझको ज्यादा हुआ
    इश्क वाला love




           Music 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎵 🎵 🎵


    मेरी नींद जैसी पहली बार टूटी है
    आँखें मल के देखी है मैंने सुबह
    हुई धूप ज़्यादा लेके तेरी रोशनी दिन चड्ढा
    इश्क वाला love

    झांके बादलों की जाली के पीछे से
    करे चांदनी ये मुझको इत्तला





    लेके नूर सारा चाँद मेरा यहीं पे
    है छुपा छुपा हुआ
    इश्क वाला लव

    हुआ जो दर्द भी तो
    हमको आज कुछ ज्यादा हुआ
    इश्क वाला love
    ये क्या हुआ है क्या खबर
    ये पता है ज्यादा हुआ




       



    इश्क वाला प्यार
    अगर ये उसको भी हुआ है
    फिर भी मुझको ज्यादा हुआ
    इश्क वाला love



        Music 🎵 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎶 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵 🎵



    क्यों ना ऐसा होता
    जो मिलते तुम हो जाते गम के साथ मेरे
    होते होते होंगे समझे हम
    थम जा आये थम ओ दिल मेरे

    टूटा जाता जाता तारा जब गिरा
    ज़रा ज़्यादा ज़्यादा माँगू दिल तेरा
    कभी ज़्यादा ज़्यादा माने ना दिल ये सरफिरा
    इश्क वाला love



    ऐसे ही दोनो एक साथ गाते हुए डांस करने लगते हैं जैसे ही दोनो का डांस ख़त्म होता है चारो तरफ से तालियों की आवाज़ आने लगती है उसके बाद दोनो की सगाई की रस्म शुरू हो जाती है।


    दोनो की अंगूठी लेकर आते है जो एक फूलो से साजी प्लेट में राखी होती है उसके बाद दोनो एक दूसरे को अंगूठी पहनते है।





    दोनो के अंगूठी पहनने के बाद सब उन्हें बधाई देते हैं।

    और उनके ऊपर भूलो की बारिश हो जाती है समायरा भी समर के हाथों में रिंग पहन लेती है
    और चारो तरफ से तालियों की आवाज आ रही थी डोनो खुश थे सब उन्हें बारी बारी आके उन्हें विश करते हैं और गिफ्ट देते हैं सब नचते गाते जल्दबाजी में सब को आज दिन याद आया अगर बन गया था।


    Next day,

    हल्दी,


    आज हल्दी है रसम,

    सारा सेटअप तैयार हो गया था जहां हल्दी होने वाली थी।

    और हमारी समायरा भी तैयार हो गई थी। और हमारे समर भी हल्दी के लिए तैयार हो गए।

                   


    दोनो साथ में आते है हल्दी के लिए।

    आज स्वाति भी आती है।


    समर और समायरा अपनी अपनी सीट पर बैठ जाते हैं।


    उसके बाद शुरू हो जाती है हल्दी की रस्म।


    सब नाचते गाते सुरुआत करते हैं ढोल वाले ढोल बजा रहे हैं और सब डांस करते हुए दुल्हन को भी डांस कराते हैं।


    समर और समायरा डांस करने लगते हैं।

    डांस करने के बाद सब एक एक करके दोनो को हल्दी लगाते है।

    पहले समायरा की मम्मी समायरा को हल्दी लगाती है।

    पहले समायरा की मम्मी समायरा को हल्दी लगाती है।

    उसके बाद समायरा के पापा हल्दी लगाते हैं।
    ऐसे ही सब एक एक करके हल्दी लगते है।         
    ऐसे ही हल्दी की रस्म नाचते-गाते निकल जाती है।

    और अगले दिन मेहदी होने वाली हैं।


    अगले दिन,


    आज सब थोरा लेट से उठते हैं क्योंकि सब कल ज्यादा थक गए थे।

    आज के बस इतना ही और लिखने का मन ही नहीं कर रहा है क्योंकि कोई टिप्पणी ही नहीं करता है मुझे लिखने का मोटिवेशन कहाँ से मिलेगा।


    आप लोग मुझे सपोर्ट ही नहीं कर रहे हो इसलिए कुछ भी लिख के पोस्ट कर देती हूँ सिंपल सा अब क्या करु आप लोगों को इंटरेस्ट ही नहीं हो कहानी में तो मैं क्या करु हमें भी बहुत सोचना पड़ता है क्या डाले कहानी में जिसकी कहानी थोड़ी खास हो लेकिन अब मैं थोड़ी देर ही एपिसोड डालूंगी