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इश्क़ कभी ना होगा

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khan sahiba

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यह कहानी है एक भाई कि जो अपनी बहन कि ख़ुशी के लिए उसकी पसंद कि लड़की से शादी करता है जो कि एक विधवा है यह कहानी है अक्ष आहुवालिया कि जो hai एक माफिया जिसकी जिंदगी उसकी बहन सबसे ऊपर है लेकिन क्या होगा ज़ब उसकी बीबी अदा बन जाएगी उसकी जिंदगी और वही अदा बन...

Total Chapters (25)

Page 1 of 2

  • 1. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 1

    Words: 1725

    Estimated Reading Time: 11 min

    Hello gyz, यह story है तक्ष और आर्या के बेटे अक्ष आहुवालिया के बेटे कि चलें shuru करते है एक अनोखी मोहब्बत और जूनून का एक नया सफर।   दिल्ली  शर्मा हाउस  "ढूंढो पता करो जल्दी कहा गई यह लड़की अगर mr आहुवालिया को पता लगा तो हम मे से कोई नहीं बचेगा।" एक 35 साल का आदमी जिसका नाम विवेक शर्मा था वह अपने आदमियों से सख्ती के साथ कहता है। वही पास मे खड़ी उसकी माँ  निरंजना शर्मा जिसकी उम्र करीब 60 के करीब होगी वह अपना सर पीट कर बेड पर बैठ कर कहती है -" आज हमारी खानदान की नाक कट के रहेगी वह भी हमारे खुद के खून की वजह से। जिस इज़्ज़त और मान सम्मान को इतने बरसो से हमने सम्भल कर रखा वह एक पल मे तोड़ गई श्रेया। हमारे ही भाग्य मे खोट है जो हम को ऐसी निकम्मी औलादे मिली।" निरंजना जी का सबसे छोटा बेटा अभय शर्मा जिसकी उम्र 29 साल के आस पास थी वह अपनी माँ के पास आ कर - माँ तू फिक्र ना कर हम छोटी को ढूंढ निकलेंगे। " निरंजना जी गुस्से मे - " कैसे ढूंढ़ निकलोगे निकम्मो 2 घंटे हो गए नीचे दूल्हा भी अग्निकुंड के आगे जाकर बैठ गया पर तुम सब अभी तक उस लड़की के घर से जाने का रास्ता तक ना पता कर पाए तो उसकी खबर क्या खाक ढूंढ कर लाओगे. " निरंजना जी की बात पर उनकी बड़ी बहु मेताली शर्मा जिसकी उम्र 30 साल थी जो उन सब को नीचे बुलाने आई थी।बड़ी हिम्मत कर कहती है  " माँ जी नीचे सबको शक हो गया है सब  आप सबको नीचे बुला रहे हैं! वह कह रहे हैं कि अगर आप नीचे अभी नहीं आए तो वह सब ऊपर आ जाएंगे!" मेताली की बात सुन उसका पति विवेक उसके बालो को पकड़ पकड़ कर गुस्से में कहता है -"तुझसे एक काम सही से नहीं होता ना मैंने कहा था नीचे सब संभालने को लेकिन नहीं तुझे तो कोई काम संभालने का होता ही नहीं है।"  मिताली दर्द से चीखते हुए कहती है -"  आह  मेने कोशिश की थी पर आप लोगो को इतनी देर लग रही है इस लिए सब को शक हो गया. मेरी कोई गलती नहीं है!" निरंजना जी विवेक को रोक कर कहती है -"छोड़ उसे अब इससे पहले की बात बिगड जाये नीचे चलो। " यह बोल निरंजना रूम से निकल कर नीचे  की तरफ चल देती है। बाकि लोग भी उनके पीछे पीछे पीछे बाहर आते हैं। नीचे हाल मे   नीचे  पूरा हॉल खचाखच मेहमानों से भरा हुआ था हाल के बीचो बीच एक मंडप लगा हुआ था जिसमें अग्निकुंड के सामने दूल्हा बैठा हुआ था। दूल्हे की उम्र करीब 25 साल थी जिसने अपने चेहरे को सेहरे से ढका हुआ था दूल्हे ने व्हाइट कलर की शेरवानी पहनी हुई थी जिस पर गोल्डन वर्क हुआ हुआ था। सेहरे में होने के बावजूद भी पता लग रहा था कि वह दूल्हा बेहद हसीन है।  और यह दूल्हा है हमारा हीरो अक्ष आहुवालिया। जिसकी आज शादी थी शर्मा फैमिली की इकलौती लड़की श्रेया शर्मा से।  वहीं कुछ दूरी पर एक एक सोफे पर तक्ष अपने पैर पैर पर चढ़ाये बैठा था और उसके ठीक बराबर में आर्य बनारसी साड़ी में बन ठन कर बैठी थी।  इन दोनों को देखकर कोई आज भी नहीं कह सकता कि इन लोगों का एक 25 साल का जवान बेटा है। दोनों आज भी न्यूली वेड कपल की तरह लगते थे।  जहां तक्ष का चेहरा इस वक्त एकदम सीरियस था वही आर्य के चेहरे पर एक उदासी थी लेकिन आंखों में खुशी।  आर्य  तक्ष के  कान  के पास  जाकर हल्के से कहती है - mr हैंडसम देखिए भगवान भी हमें एक मौका दे रहा है लड़की गायब है घर वाले गायब है इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा हमें यह शादी कैंसिल करने का। प्लीज आप जाकर अक्षु को समझाइए ना  पता नहीं यह अक्षु को इस लड़की में ऐसा क्या नजर आ रहा है जो शादी के लिए  बेसब्र होता जा रहा है। कहीं पहले शादी के नाम से इसको आफत आती थी और अब ऐसी लड़की से शादी कर रहा है।  आर्य की बात सुनकर तक्ष उसे घूर कर देखता है और फिर वापस सामने देखने लगता है   आर्या नाराज होकर तक्ष को घूरती है और फिर सामने कोने में खड़ी एक लड़की को देखकर अपने मन मे कहती है -" मुझे तो बिल्कुल इस लड़की की तरह अपनी बहू चाहिए थी कितनी मासूम सीधी सादी है बिल्कुल वैसे ही जैसी मैं बचपन में हुआ करती थी इसकी आंखों में इसकी मासूमियत झलक रही है!  अगर मेरे बस में हो ना तो मैं इसी से अपने अक्षु की शादी कर दूं लेकिन यह बेचारी तो इतनी कम उम्र में.......  इसके आगे आर्य ना तो कुछ कहती है ना सोचती है   कुछ ही देर में वहां पर पूरा शर्मा परिवार आकर खड़ा हो चुका था।  विवेक तक्ष के पास जाकर हाथ जोड़कर कहता है- "हमें माफ कर दीजिएगा सर वह हमारी बहन यह शादी नहीं करना चाहती! "दक्ष जो एक्सप्रेशन लेस चेहरे के साथ उन लोगों को देख रहा था वह वैसे ही अब भी उन्हें देखता रहता है!  वहीं पास में खड़ा ओम विवेक की बात सुनकर कहता हैं-" यह कैसा मजाक है मिस्टर शर्मा आपको लगता है कि यह वक्त है इस तरह की बात करने का भूलिए मत आपकी बहन से शादी करने का प्रेशर आप ने हीं हम पर डाला था! और अब आप एन मौके पर आकर कह रहे हैं कि आपकी बहन यह शादी नहीं करना चाहती! आप जानते भी हैं कि अगर आज  शादी नहीं हुई तो आहूवालिया फैमिली की कितनी बदनामी होगी!  विवेक वैसे ही हाथ जोड़े हुए कहता है -"मैं जानता हूं सर लेकिन मैं इसमें अब कुछ नहीं कर सकता।"¡  वही हमारी आर्या ने जब सुना कि श्रेया शादी नहीं करना चाहती तो उसके मन में तो जैसे लड्डू फूट रहे थे। वह तुरंत खड़ी होकर कहती है-" अरे कोई बात नहीं जब लड़की राजी नहीं शादी करने को तो अब हम क्या कर सकते हैं। तो अब आप........ "  आर्य इसके आगे कुछ कहती तक्ष उसका हाथ पकड़ कर वापस बैठा लेता है।  अब तक तक्ष ने एक भी शब्द नहीं कहा था लेकिन अब उसके मुंह से पहले शब्द निकले थे। " टाइगर क्या करना है अब "  तक्ष ने यह बात हवन कुंड के आगे बैठे अक्ष को देखकर कही थी।  तक्ष की बात सुनकर अक्ष वैसे ही हवन कुंड में बैठे-बैठे कहता है -"मैंने जो एक बार ठान लिया वह मैं कर कर रहता हूं डैड यू नो ना।शादी तो होगी आज होगी अभी होगी i डॉन'टी केयर की वह किससे होगी। लेकिन आज मैं बिना अपनी पत्नी को लिए यहां से नहीं जाऊंगा।"  अक्ष की बात सुनकर अभय उसके पास जाकर कहता है -"लेकिन कैसे????हमारी बहन  शादी करना नहीं चाहती वह घर छोड़कर भाग चुकी है और कोई हमारी बहन है नहीं जिससे हम आपकी शादी कर दे। "" अब अक्ष अपने चेहरे पर से सेहरे को ऊपर हटाता है और उसका चेहरा एकदम साफ नजर आता है उसकी डार्क ब्लू आईज जो किसी डेविल का लुक दे रही थी, हल्की बेयर्ड , सख्त गुलाबी होंठ, और बिल्कुल अपने बाप की तरह एक्सप्रेशन लेस एक्सप्रेशंस।  अक्ष अपने सेहरे को उतार कर फेंक देता है और हवन कुंड से बाहर आकर अभय के सामने खड़ा हो जाता है वह अपना राइट हैंड अपनी गर्दन पर फेरने लगता है और अपनी गर्डन को हल्के -हल्के लेफ्ट राइट मूव करता है उसकी इस हरकत को देखकर ओम के चेहरे पर हल्का पसीना आ जाता है वही आर्या के चेहरे पर भी डर झल क ने लगता है और तक्ष  एक्सप्रेशनस लेस चेहरे के साथ अक्ष को देखता रहता है।  एकदम से अक्ष अभय के गले को पड़कर उसे ऊपर को उठा लेता है। उसकी ऐसा करती वहां पर सब घबरा जाते हैं।  अक्ष अभय की आंखों में देखकर कहता है - "मुझे मेरी बात काटने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं और वह भी तब जब मैं अपने डैड से बात कर रहा हूँ।"  यह बात कहते हुए अक्ष की वह ब्लू आईज और भी ज्यादा खतरनाक लग रही थी।  अभय को लटका हुआ देखकर विवेक तुरंत अक्ष के पास आकर कहता है-"mr आहुवालिया प्लीज प्लीज मेरे भाई को माफ कर दीजिए उसकी तरफ से मैं माफी मांगता हूं. " अक्ष पर अभय की बात का कोई भी असर नहीं होता। तभी निरंजना जी आर्य के पास आकर कहती हैं  -mrs आहूजवालिया प्लीज आप ही समझाओ अपने बेटे को।मेरा बेटा मर जाएगा प्लीज।  निरंजना जी की बात सुनकर आर्या हल्की  आवाज में अक्ष से कहती है-" अक्षु हम यहां तुम्हारी शादी में आए हैं हमें यहां से शमशान घाट जाने का बिल्कुल भी मन नहीं है!"   आर्य की बात सुनते ही अक्ष तुरंत अभय को दूर को फेंक देता है!  उसके फेक जाने से अभय लगभग 30 कदम दूर जाकर गिरता है। यह सीन ऐसा था जैसा फिल्म में किया गया हो।  अब आर्य वहीं से खड़े-खड़े अक्ष से कहती है-" अब जरा मुझे बताओगे कि जब दुल्हन ही नहीं है तो शादी कहां से करोगे!"  अक्ष एक साइड देखकर कहता है-" शादी तो मेरी होकर रहेगी मॉम और वह भी आज ही इसी वक्त। और जिससे होगी वह लड़की यही है   सब लोग जब अक्षकी नजरों का पीछा करते हैं तो उन सब की नजर एक 19 साल की लड़की पर जाकर ठहर जाती है जो डरी सहमी एक कोने में खड़ी हुई थी जिसकी आंखों में डर के साथ नमी थी और होटो पर एक कपकपी थी। वह लड़की बहुत मासूम थी। अब आते हैं उस लड़की पर जिसे हमारी आर्य पहले देख रही थी और अब अक्ष भी, यह है इस घर की मझली बहू अदा शर्मा इसकी उम्र करीब होगी 19 साल बेहद हसीन खूबसूरत। जिसकी ग्रे आइज,रोज की तरह नाजुक होठ हिरनी जैसी आंखें और बदन ऐसा कि किसी सांचे में डांल कर तराशा गया हो। लेकिन उसकी आंखों में एक डर था और बदन पर एक सफेद साड़ी। जो उसके विधवा होने की गवाही दे रही थी हमारी अदा शर्मा  जो की विधवा थी  वह सब के ऐसे खुद को देखे जाने पर डर से बेहद काप जाती है।  अब अक्ष अदा की तरफ उंगली उठाकर कहता है -"इस लड़की से होगी अब मेरी शादी।" Plz यार आप सब पड़ कर भाग मत jana🙏लाइक shere कमेँट कर देना। और आगे बने रहना। Plzzzz  और मेरी नॉवेल की अपडेट जानने के लिए मेरा वाहट्सएप्प चैनल फ़ॉलो करे    https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k  

  • 2. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 2

    Words: 1490

    Estimated Reading Time: 9 min

    Hello gyz,    अक्ष की बात सुनकर वहां पर एक सन्नाटा सा छा जाता है। क्योंकि अक्ष जिस लड़की से शादी करने की बात कर रहा था वह शर्मा परिवार की मझली बहू और एक विधवा थी. किसका हस्बैंड उसकी शादी वाले दिन ही एक कार एक्सीडेंट में मर गया एक तरीके से कहा जाए तो वह कुंवारी विधवा थी। जहाँ अक्ष की बात सुन अदा डर और हैरानी से सबको देखने लगती है। उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।  की तभी विवेक अपनी सारी हिम्मत बटोल कर अक्ष के सामने आकर कहता है- “ mr अक्ष आहुवालिया आपको समझ में भी आ रहा है कि आप क्या बोल रहे हैं। पहली बात वह हमारे घर की बहू है। हमारे घर की मान मर्यादा इज्जत सब है। और दूसरी और सबसे बड़ी बात वह एक विधवा है। और विधवा के जीवन में दूसरी शादी जैसा कोई रिश्ता नहीं होता। अगर आपको शादी करनी है तो मैं आपके लिए दूसरी किसी भी लड़की का इंतजाम कर सकता है। लेकिन हमारे घर की बहु पर आप नजर डालने की गलती ना करें”!  विवेक की बात सुनते ही अक्ष अपनी नज़रें अदा से हटाकर उसके ऊपर डालकर कहता है-” तुम्हारी बात सुनकर तो मुझे  ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी कोठे पर आया हूं और मुझे यहां एक रात बिताने के लिए नई-नई लड़कियां ऑफर की जा रही है कि यह नहीं तो वह सही वह नहीं तो यह सही। सच बताओ पहले किसी कोठे पर दलाल थे। जो कस्टमर को लड़कियां सप्लाई करते थे।  विवेक गुस्से से दांत पीसकर - अपनी हद में रहिए मिस्टर अहूँवालिया। आपको समझ में भी आ रहा है आप इस वक्त किस से बात कर रहे हैं और क्या बात कर रहे हैं।  अक्ष अपने चेहरे पर एक डेविल स्माइल लाकर - जानता हूं अपनी शादी से भागी हुई एक लड़की के भाई से बात कर रहा हूँ। जिसकी इज्जत कभी भी नीलाम हो सकती है अगर मैं यहां से बिना शादी किए गया तो पूरी इंडस्ट्री में शर्मा फैमिली की थू थू हो जाएगी। और रही लड़की वाली बात अब तो मैं इसी लड़की से शादी करूंगा। यह कहकर अक्ष अपनी गर्दन को टेड़ा कर अदा को देखता है। जो डरी सहमी दीवार के अंदर घुसने की कोशिश कर रही थी। उसको डर कर रोता हुआ देख अक्ष मुस्कुरा देता है। अदा जिसकी नजर अक्ष पर ही थी वह अक्ष को मुस्कुराता हुआ देख डर से और ज्यादा काँप जाती है। अक्ष विवेक को अपने एक हाथ से साइड में धक्का देकर गिरा देता है और खुद अदा की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगता है जैसे-जैसे अक्ष अपने कदम अदा की तरफ बढ़ा रहा था । अदा अक्ष को अपनी तरफ आता देख डर से थर-थर काँप जाती है।  वहीं कुछ दूरी पर खड़े तक्ष और आर्या यह सब मंज़र देख रहे थे जहां तक्ष अभी भी एक्सप्रेशन लैस था वही आर्या के चेहरे पर एक परेशानी भरा भाव था।।  हां यह सच था की उसे अदा पहली नजर में पसंद आ गई थी। और वह उसे अपनी बहू बनाना चाहती थी।लेकिन यह भी सच था कि उसकी विधवा रूप में देखकर उसने अपना यह आइडिया ड्रॉप कर दिया था। क्योंकि यह समाज आज भी विधवा औरतों को एक घिन भरी नजरों से देखता है। इस समाज की नजरों से बेवा औरतों को दूसरी बार अपनी जिंदगी को संवारने का मौका नहीं दिया जाता। और आर्य समाज की इस गंदी सोच से बखूबी वाक़िफ़ थी। वह जानती थी कि अगर वह चाहेगी भी तब भी यह समाज उसे अदा को अपनी बहू बनाने नहीं देगा।    अक्ष धीरे-धीरे बढ़ते हुए अदा के सामने जाने वाला होता है कि तभी उसके सामने निरंजना जी आकर खड़े होकर कहती हैं - देखो बेटा पहले मेरी बात सुनो! माना कि हमारी बेटी की गलती है लेकिन उस गलती की सजा आप खुद को मत दे!  उनकी बात सुनकर अक्ष अपनी एक आईब्रो को ऊपर उठाता है।    निरंजना जी अक्ष के चेहरे पर आए एक्सप्रेशन को देखकर - हां बेटा इस लड़की से शादी करना खुद को सजा देना ही है! यह लड़की एक अपशगुनी लड़की है। यह एक डायन है जो शादी के कुछ घंटे बाद ही अपने पति को खा गई। ओर साथ ही साथ बद चलन बदकिरदार भी। विधवा होने के बाद भी यह मेरे छोटे बेटे पर दौरे डालती रहती है अब आप ही बताओ क्या ऐसी लड़की को आप अपनी पत्नी बनाना चाहोगे।  निरंजना जी की बात सुनकर अक्ष अदा को ऊपर से नीचे तक घूर कर देख ता है। इस वक्त उसकी आंखों में बेहद गुस्सा था। और जिस हिसाब से वह अदा को देख रहा था तो सबको यही लग रहा था कि अक्ष का गुस्सा अदा पर उतरेगा।   अक्ष अपने हाथ के इशारे से निरंजना जी को साइड होने को कहता है। अक्ष का इशारा मिलते ही निरंजना जी अब साइड हो जाती हैं।  वह मन ही मन खुश हो रही थी उनको लग रहा था कि वह जो चाहती थी वह उन्होंने कर दिया।  अक्ष अब अदा के बिल्कुल सामने जाकर खड़ा होता है अक्षय को अपने सामने खड़ा देख अदा के नजरे डर की वजह से अपने आप नीचे हो जाती हैं। अक्ष लगभग 10 मिनट अदा को ऊपर से नीचे तक देखता है।  जब काफी देर तक अक्ष कुछ नहीं कहता तो आर्या उसे आवाज देकर कहती है-”अक्षु बेटा वह लड़की बहुत मासूम है मुझे नहीं लगता कि जैसा कहा गया है वैसा कुछ है तु उस बच्ची को छोड़ दे और चल वापस। अगर इनकी बेटी भाग गई है तो तेरे लिए लड़कियों की कमी नहीं है। तुझे शादी करनी है तो मैं किसी और से तेरी शादी कर दूंगी लेकिन उस बच्ची के साथ कुछ मत कर।”    अक्ष अदा को देखते हुए -” मॉम आप जानती हो मुझे जो चाहिए सो चाहिए। और मुझे अब इसी लड़की से शादी करना है और वैसे भी मैंने देखा था आपको यह लड़की शुरू दिन से पसंद है और रही इसके अपशगुनी होने वाली बात तो रोज़ मौत के मुँह मे कूद कर आता हूँ आज एक बार और सही! फिर हल्के से अदा की तरफ झुक कर - और रही डोरे डालने की बात तो मुझे खुद की परफॉरमेंस पर इतना तो यकीन है की मेरे होते हुए मेरी बीबी को दूसरे आदमी को देखने की फुरसत भी नहीं मिलेगी। “  अक्ष की यह बात सुनकर आर्य तक्ष को घूर कर देखती है जो मंद मंद मुस्कुरा रहा था। और मुस्कुराता भी क्यों नहीं यही डायलॉग कभी तक्ष ने आर्या को भी मारा था    अपनी बात बोल कर अक्ष अदा का हाथ पकड़ कर उसे मंडप की तरफ खीच कर ले जाने लगता है। अदा रोते हुए अपना हाथ छोड़ाने की कोशिश करती रहती है। लेकिन उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल रहा था। यह डर था या कुछ और यह तो सिर्फ अदा जानती थी।   मंडप की तरफ जाते हुए अक्ष वहा खडे तीन 22, 23 और 24साल के लड़को को सर हिला कर कुछ इशारा करता है जिसके जवाब में वह लड़के भी अपने सर को हा में दिला देते है।  जैसे ही शर्मा फैमिली देखती है कि अक्ष अदा को खींचते हुए मंडप की तरफ ले जा रहा है वह सब लोग अपने आदमियों को अक्ष को रोकने के लिए कहते हैं लेकिन इससे पहले की कोई आदमी आगे बढ़ता अक्ष के आदमियों ने उन सब को रोक लिया अक्ष के सारे गार्ड शर्मा फैमिली के गार्ड के सर पर अपनी बंदूक लगाए खड़े थे। शर्मा फैमिली जब देखती है कि उनके गार्ड कुछ नहीं कर रहे तो विवेक और अभय खुद अक्ष की तरफ बढ़ते हैं।  लेकिन इससे पहले कि वह आगे बढ़ पाए उन तीन लड़कों में से दो लड़के जिनकी उम्र 23 और 24 साल थी वह अभय और विवेक को दबोच कर खड़े हो जाते हैं।  निरंजना जी जब देखती है कि उनके बच्चे भी अब कुछ नहीं कर पा रहे तो वह आगे बढ़ती हैं। लेकिन इससे लेकिन इससे पहले कि वह कुछ आगे बढ़ पाए वह 22 साल का लड़का उनके सामने खड़े हो जाता है और थोड़े मजाकिया लहजे में कहता है - अरे आंटी जी अब इस उम्र में आप शादी कोई ना करेंगी तो क्यों खा मा खा अपने पैरों को जोर देकर दौड़ रही है इस उम्र में अगर हड्डी टूटती है ना तो जुड़ती नहीं है और वैसे भी मंडप में जाकर आप क्या करेंगी अक्ष भाई की पसंद इतनी बेकार तो नहीं कि आपकी बेटी की जगह वह आपसे शादी करेंगे तो जो हो रहा है वह होने दीजिए वरना कही ऐसा ना हो एक तरफ भाभी की डोली उठे दूसरी तरफ आपकी अर्थी।   मंडप मे   अक्ष ने जबरदस्ती अदा को मंडप में अपने साथ बैठा लिया था।   अक्षय बिना सेहरे के ही मंडप में बैठ जाता है और अदा के हाथ को अपने हाथ में काफी कस कर पकड़ा रहता है।  अक्ष पंडित को देखकर - मंत्र शुरू कीजिए पंडित जी!  अक्ष की बात सुनकर पंडित कुछ कहता है सुनकर अक्ष की आंखें गुस्से में लाल हो जाती हैं।                      

  • 3. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 3

    Words: 1683

    Estimated Reading Time: 11 min

    Hello gyz,  पंडित जी अक्ष से कहते है -"बेटा यूं सफेद कपड़े में शादी नहीं की जाती। शुभ काम मे वह भी विवाह जैसे अवसर पर  सफेद कपड़ा ठीक नहीं।दुल्हन तो लाल जोड़े में ही मंडप में बैठती है इस तरह से यह शादी नहीं हो सकती"   अक्ष गुस्से में पंडित को घूरता है उसकी डार्क ग्रे आइज इस वक्त किसी डेविल का लुक दे रही थी जो उसे भयानक बना रही थी पंडित जी  अक्ष के ऐसे देखने से डर जाते हैं तभी अक्ष एक side में रखी बड़ी सी सिंदूर की थाल को देखता है उसके बाद बिना कुछ बोले खड़े होकर उस थाल को जाकर उठा ता है और अदा के पीछे जाकर खड़े-खड़े ही उस थाल को अदा के कंधों से लेकर पांव तक उड़ेल देता है।  अक्ष का यह एक्शन इतनी जल्दी हुआ था कि वहां किसी को कुछ समझ में नहीं आया और जैसे ही अदा के ऊपर वह सिंदूर गिरता है सबके मुंह हैरानी से बड़े होकर खुल जाते हैं खुद अदा भी जो अभी तक रो रही थी इस एक्शन से एकदम चौंक जाती है।  उसके बाद अक्ष अपनी कड़क आवाज में पंडित जी से कहता है-" क्या इतना लाल रंग काफी है या एक दो सिंदूर की थाली  और लेकर आऊं। वैसे मेरे पास एक और आइडिया भी है लाल रंग के लिए ।" यह कहकर असद अपने बैक साइड से एक गन निकाल लेता है और उस गन से खेलते हुए पंडित को देखने लगता है  अक्ष  ने यह बात कहते हुए अपनी आंखों को इतना गहरा कर लिया था कि पंडित भी डर गया था इसलिए वह डरते हुए कहता है -"नहीं नहीं बेटा सब ठीक है तुम बैठो मैं मंत्र शुरू करता हूं"  पंडित के कहते ही अक्ष अदा के बराबर में आ कर बैठ जाता है और शादी की प्रकिया शुरू होने लगती है   जैसे-जैसे पंडित मंत्र बोल रहा था वैसे-वैसे अदा का रोना बढ़ता जा रहा था उसके बराबर में बैठा अक्ष  उसकी हर एक सिसकी  हर एक आवाज साफ़-साफ़ सुन रहा था लेकिन उसके चेहरे की एक्सप्रेशन ऐसे थे कि उसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा। वही अक्ष के ठीक सामने बैठा तक्ष उसके चेहरे के एक्सप्रेशन और उसके हाथों को देख रहा था। जैसे-जैसे अदा का रोना बड़ रहा था अक्ष के हाथों की मुट्ठियां और कश्ती चली जा रही थी। उसके हाथों की कसती मुठियो को देखकर तक्ष समझ जाता है कि अक्ष खुद को शांत रखने की कोशिश कर रहा है।  तक्ष अपने मन में कहता है -" i डॉन'टी नो की तू क्या करेगा टाइगर लेकिन इतना तो मुझे समझ में आ गया है कि अब तू मेरी बीवी का पीछा छोड़ देगा।" अपने मन में यह सब बातें सोचते हुए तक्ष अक्ष पर अपनी नजर बनाए रखकर आर्य की कमर में अपने हाथ डालकर उसे अपने करीब कर लेता है।  आर्या जो की खुशी और गम के मिले झूले भावो के साथ सामने अपने बेटे की शादी को देख रही थी। तक्ष की हरकत पर वह हड़बड़ा जाती है। और अपना चेहरा घुमा कर तक्ष को देखती हैं जो सामने देख रहा था।  आर्य हल्के से तक्ष के कान के पास- यह क्या हरकत है मिस्टर हैंडसम यहां पर हम अपने बेटे की शादी के लिए आए हैं  और शादी भी पता नहीं कैसी हो रही है और यहां पर आपको रोमांस सूझ रहा है  तक्ष सामने देखते हुए- वो जो हो रहा है होने दो। मैं तो सोच रहा हूं कि क्यों ना आज रात हम भी अपनी फर्स्ट night सेलिब्रेट करें।  आर्य मुंह खोल तक्ष को देखकर- कैसी बातें कर रहे हैं आप मिस्टर हैंडसम यहां आपके बेटे की शादी हो रही है और आप अपनी फर्स्ट नाइट के बारे में सोच रहे हैं और सबसे पहली बात मैं आपको बता दूं हमारी फर्स्ट नाइट हुए बरसों बीत गए है!  तक्ष अब अपनी गर्दन को हल्का सा आर्य की तरफ घूमा कर कहता है -" लेकिन मैंने इतने सालों में अपनी हर स्पेशल नाइट को फर्स्ट नाइट ही माना है। और तुम्हें भी हर बार फर्स्ट नाइट का ही प्लेजर फील हुआ है । हैँ ना little गर्ल।????" आर्या तक्ष की बात सुन कर शर्म से लाल टमाटर बन जाती है। लेकिन अपने गुस्से को बरकरार रखते हुए कहती है। "I am not little girl ok. " तक्ष वापस सामने देखते हुए - ya i know little girl. और यह कह कर वो आर्या के कमर पर अपने हाथ को मूव करने लगता है जिससे आर्या के चेहरे की हवाईया उड़ जाती है। वो तक्ष के एक टच से पिघल जाती थी। और यही वजह भी थी की वो महफ़िलो मे तक्ष से थोड़ी दूरी बनाये रखती थी  क्यू की उसके बाद आर्या खुद को संभाल नहीं पाती थी  आर्या अब गुस्से मे तक्ष के हाथ को कमर से हटाती है लेकिन तक्ष अपनी पकड़ मज़बूत कर लेता है।  इधर मंडप मे   पंडित- अब लड़की के माता-पिता गठबंधन के लिए आगे आये।  पंडित जी की यह बात सुनकर अदा का रोना तेज हो जाता है। आखिर कैसे मां-बाप उसके। उसके मां-बाप ने तो चंद पैसों के लिए अपनी बेटी की शादी ऐसे लोगों में कर दी जो  इंसान के नाम पर धब्बे थे। उसका जो हस्बैंड था वह भी कोई अच्छा इंसान नहीं था एक बहुत बड़ा क्रिमिनल और रेपिस्ट था। शायद उसी के कर्मों की सजा उसे मिली थी की शादी के तुरंत बाद उसकी एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। और पति की मौत के बाद भी ना तो ससुरालयों ने उसे वापस भेजा और ना ही मां-बाप कभी मिलने आए।  अदा यही सब सोच रोई ja रही थी कि तभी उसके कान में अक्ष की आवाज आती है - "ओम चाचू आप हमेशा चाची के पीछे पड़े रहते थे ना कि आपको एक बेटी चाहिए थी और आपको यह दो निकम्मे लड़के मिल गए। तो आइए आगे आज मैं आपको एक बेटी गिफ्ट मे देता हूं। आगे आए और करे गठबंधन।"  ओम जैसे ही यह बात सुनता है वह खुशी से झूम कर  आगे आने ही वाला होता तुरंत वो दो लड़के जो विवेक और अभय को पकड़े हुए थे वह दोनों उन दोनों को अपने गार्डों के हवाले करके तुरंत ओम के आगे आकर खड़े हो जाते हैं जिसमे से बड़ा वाला लड़का ओम का बेटा था जिसकी उम्र 24 साल थी और उसका नाम था शुभ। छोटा वाला जय का बेटा था जिसकी उम्र थी 23 साल और नाम था दानिश। ओम दोनों को घूर कर देखत है और कहता है - "क्या हुआ तुम दोनों मेरे रास्ते मे क्यू खड़े हो। " शुभ ओम को देख कर - "पापा अक्ष भाई आपको एक बेटी दे रहे है तो क्या aap हमें एक बहन नहीं दे सकते।" ओम आँखे छोटी कर - "क्या मतलब????" दानिश - "मतलब यह बड़े पापा आप जब कन्यादान हो ना तब आना आगे। अभी गठबंधन मैं और भाई करेंगे।  क्योंकि अगर अक्ष भाई की बीवी आपकी बेटी हुई तो हमारी बहन हुई ना।।" तभी पीछे से एक और आवाज़ आती है जो ओम के छोटे बेटे वंश की थी जो अपने शिकार यानि की निरंजना जी को दूसरे गार्ड के हवाले कर उनके पास आते हुए बचकाने अंदाज़ ने कहता है - "वाह भई वाह कैसे भई हो आप दोनों। मुझे मेरी अभी अभी बनी बहन से मिलने से पहले ही दूर कर दिआ। मैं क्या आपका ढकोसला बेटा हूं। Mr ओम राणे!भूलिए मत मैं भी आपकी ही बीवी आरध्या राणे का बेटा वंश राणे हूँ। इसलिए अक्ष भाई की टीवी मेरी भी बहन होगी और उसका संबंधक मैं करूंगा क्यू की मैं छोटा हूँ यार समझो mr राणे।" दानिश वंश को देख कर - पहले अपनी हिंदी ठीक करले ढकोसला नही सौतेला होता है शुभ - और बीबी होता है टीवी नही दानिश -और last मै यहाँ संबंदक नही गठबंधन हो  रहा है.. फिर शुभ - "तू कैसे करेगा मैं बड़ा हूँ मैं करूँगा। " दानिश - "तुम दोनों के पास एक एक भाई तो है मैं तो सिंगल चाइल्ड हूं  मेरे मां-बाप ने तो दोबारा कोशिश ही नहीं करी जिससे मुझे एक भाई या बहन दे देते। मुझे करने दो  गठबंधन  ना इसी बहाने मुझे बहन मिल जाएगी। "  तीनों भाइयों में बहन की गठबंधन के लिए लड़ाइयां हो रही थी। कि तभी अक्ष की एक तेज आवाज उन तीनों के कानों में आती है।  अक्ष - "कैसा हो मैं तुम तीनों को इस दुनिया से गायब करा दूं मैंने सुना है यम लोक में तुम्हारे खोए हुए बहुत से पागल भाई-बहन मौजूद हैं।  अक्ष की आवाज सुनते ही तीनों साइलेंटली एक लाइन से खड़े हो जाते हैं।  उन तीनों के चेहरे उतर चुके थे। आर्या जो पहले तक्ष की हरकतों से परेशान थी वह अब उन तीनों के उतरे हुए चेहरे को देखकर कहती है - आज से यह बच्ची हमारे घर की बहू ही नहीं बल्कि बेटी भी है इसलिए वह तुम तीनों की बहन है। और गठबंधन भी अब तुम तीनों साथ में करोगे। आर्या का हुक्म सुनना था कि तीनों भाइयों के उतरे हुए चेहरे खिल गए। तीनों तुरंत दौड़ते हुए अक्ष और अदा के पीछे आकर खड़े हो जाते हैं और तीनों एक साथ अक्ष और अदा का गठबंधन करते हैं।  अदा के लिए यह सारे सीन बहुत ही इमोशनल थे। जहां एक तरफ उसको एक साइको पति मिल रहा था। वहीं दूसरी तरफ उसको बेटी खाने वाला परिवार और बहन कहने वाले भाई मिल रहे थे।  ओम दूर से खड़ा अपने तीनों बेटों की खुशी देख खुश हो रहा था। दानिश  ओम का सगा बेटा नहीं था बल्कि उसके जुड़वा भाई जय का बेटा था। लेकिन कभी भी ओम ने   दानिश को अपने बाकी दोनों बेटों से कम नहीं जाना जय एक एसीपी था और उसकी वाइफ भी कमिश्नर और दोनों ही अपने अलग-अलग पोस्टिंग की वजह से अलग-अलग जगह पर रहते थे दानिश इसलिए तक्ष और ओम के साथ रहता था। गठबंधन के बाद पंडित जी, पंडित जी - वर वधु अब फेरो के लिए खड़े हो जाये। अक्ष  पंडित जी की बात सुनकर खड़ा हो जाता है लेकिन अदा अभी भी वैसे ही बैठी रह जाती है। अदा को बैठा देख अक्ष का गुस्सा बढ़ जाता है और वह ऐसी हरकत करता है जिससे अदा हैरान हो जाती है।                            

  • 4. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 4

    Words: 1417

    Estimated Reading Time: 9 min

    Hello gyz अक्ष खड़ा होकर नीचे नज़र कर देखता है की अदा अभी भी वैसे बैठे ही रो रही थी। पंडित जी दोबारा कहते हैं-“ बेटा मुहूर्त निकाला जा रहा है फेरों का!फेरों के लिए खड़े हो जाये।लेकिन अदा तो जैसे कुछ सुन ही नहीं रही थी वह बस अपने आंखों से आंसू बहा रही थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। अक्ष इरिटेट होकर अपनी गन निकालता है और हवा मे शूट कर देता है जिससे अदा डर कर खुद में समिट जाती है और खुद को ऐसे समेटने लगती है जैसे की कोई ऊंन का गोला हो। अक्ष अब तेज आवाज में कहता है-” अभी और इसी वक्त खड़ी हो जाओ वरना ऐसा ना हो कि तुम खड़े होने लायक ही ना बचो …. अक्ष ने इतना ही कहा था कि उसका फ़ोन जो कि दानिश के पास था वो रिंग होने लगता है.. दानिश तुरंत आगे आकर अक्ष को वो फ़ोन थमा देता है… अक्ष एक नज़र फ़ोन को देखता है फिर मुस्कुराते हुए कॉल रिसीव करता है… दूसरी तरफ से कोई कुछ कहता है जिसे सुन कर अक्ष मुस्कुराते हुए - ओके ओके कर रहा हूँ…. फिर दूसरी तरफ से कोई कुछ कहता है और कॉल कट हो जाता है… अक्ष कर चेहरा बिलकुल ऐसा हो जाता है जैसे किसी बच्चे को बहुत बुरी तरह डाटा गया हो… वही अदा अक्ष की बात से इतना डर जाती है कि तुरंत कापते हुए पैरों से खड़े होने लगती है उसके पैर इतने कांप रहे थे कि खड़े होते होते वह दो-तीन बार वापस नीचे गिर गई लेकिन अक्ष के डर से वह दोबारा जैसे तैसे खड़े हो गई।.. अब तक अक्ष कॉल कट कर दानिश को वापस फ़ोन पकड़ा चुका था… अक्ष अदा के खड़े होते ही उसे अपनी गोद मे उठा लेटा है और फेरे लेना शुरू करता है ….. अदा जो कि पहले ही डरी हुई थी अक्ष के इस सडन एक्शन से घबरा जाती है और वो खुद को ही कस कर पकड़ लेती है.. अक्ष अदा को देख कर फेरे लेते हुए - डरो मत गिराऊंगा नही पकड़ लो मुझको.. अदा अक्ष के एक दम बदले व्यवाहार से हैरान रेह जाती है कि क्या यह वही शख्स नही था जो उसे धमकी दे रहा था और अब अब उसे बाहो मे उठा कर कह रहा है कि उसे गिरने नही देगा… अदा अक्ष के चेहरे को ही देखती रहती है वही अक्ष बिना किसी झिझक के सामने देखते हुए फेरे ले रहा था.. फेरे पुरे होने के बाद अक्ष अदा को अपनी बाहो मे लिए हुए ही बैठता है और अदा को सही से एडजस्ट कर बैठा देता है… वहा मौजूद अक्ष आहुवालिया कि family और बाकि गेस्ट मुस्कुराने लगते है वही अदा के ex ससुराली gusse मे आग बबूला हो रहे थे सिवाए उसकी ex जेठानी के… कन्यादान के लिए ओम आगे आता है. कन्यादान करने के बाद ओम अदा के सर पर हाथ रखकर कहता है - “आज से तुम हमारी बेटी हो! मैं तुम्हारा बाप और जो तीन नालायक अभी गए थे ना वह तीनों तुम्हारे भाई…. अब से तुम आहुवालिया family कि मेंबर हो to बेफिक्र रेहना सीखो… अदा ओम कि बात सुन भावुक हो जाती है इस दुनिया मै ओम पहला ऐसा इंसान मिला था उसे जो उसकी सर पर प्यार कर हाथ रखा था.. फिर ओम अक्ष को देख कर -" अक्ष तुमने जो हरकत की है ना इसकी भरपाई तुम घर चलकर करोगे… मै जनता हूँ जो कॉल आया था वो किसका था.." अक्ष अपने चेहरे पर एक एरोगेट लुक लाकर अदा को अपनी बाहो मै और कस कर पकड़ कर कहता है-" क्या ओम चाचू आप और वो दोनों मेरे सर पर चढ़ कर तांडव मत करो..मैंने जो किया वह शादी को जल्दी पूरा करने के लिए करा वरना आपकी यह मुंह बोली बेटी पूरी रात यही बैठने के मूड में थी अब पूरी रात तो मैं यहां नहीं बैठ सकता था ना!यू नो ना फर्स्ट नाईट या कहो वेडिंग नाइट जैसी भी कोई चीज होती है। " अक्ष अपनी बात कह कर ऐसा हो जाता है जैसे कि उसने कुछ कहा ही नहीं या जो कहा वह कोई नॉर्मल baat थी उसके लिए।वही आर्य अपने बेटे के मुंह से ऐसी बात सुनकर हैरान हो जाती है उसका बेटा है जो शादी और लड़कियों से दूर भागता था और अभी-अभी जिस लड़की से वह शादी कर रहा था वह एक substitute ब्राइड थी। और उसके लिए अक्ष ऐसी बातें बोल रहा था यह आर्य के लिए एक हैरान करने वाली बात थी। वही अदा अक्ष की बातें सुनकर भी कोई रिएक्ट नहीं कर रही थी जैसे कि वह जानती थी कि अगर उसकी यह शादी हो रही है तो जो अक्ष कह रहा है वह भी करेगा जब शादी में उसकी मर्जी नहीं पूछी गई तो फर्स्ट नाइट के लिए उसकी मर्जी क्या मायने रखती है। पंडित जी अक्ष से कहते हैं -"बेटा अब आप वधू की मांग भरीए ” तभी पीछे से दानिश माज़ाक किया अंदाज़ में कहता है-" पंडित जी पूरा सिंदूर तो ब्रो ने भाभी के ऊपर डाल दिया अब सिंदूर कहां से लाएंगे।… तभी वंश दानिश को देख कर - दानी ब्रो यह टाल सलाद किचिन मै मिल जाता है वहा से मंगवा लो ना… शुभ कंफ्यूज होकर दानिश को देखता है.. To दानिश शुभ को देख कर - यह लाल पदार्थ बोल रहा है… फिर दानिश वंश को देख कर - किचिन मै जो रेड पाउडर होता है वो चिल्ली पाउडर होता है वंश.. और जो यहाँ रेड पाउडर है इसको सिंदूर कहते है और इसकी डिटेल ghr जा कर बताउगा अभी शादी इंजॉय करने दे… इधर पंडित कहता है-" कोई बात नहीं बेटा आप thoda सा इस सिंदूर को उठाकर वधू के मांग भर दे। अक्ष पंडित को देखकर कहता है _ सॉरी पंडित जी लेकिन यह अक्ष आहुवालिया की बीवी है आर्या आहुवालिया और तक्ष आहुवालिया की बहु। मैं इसे इसकी ही उतरन वापस नहीं पहने दूंगा तो फिर इसके शरीर पर गिरे इस सिंदूर को उसकी मांग में कैसे सजा सकता हूं यह कहने के बाद अक्ष वहां पर पास में रखी एक नोकीले चीज से अपने अंगूठे पर कट लगा लेता है जिसे उसके अंगूठे से खून बहाने रखता है और इस खून को वह अदा की मांग में सजा देता है! अदा की मांग भरते हुए अक्ष के अंगूठे से खून की कुछ बंदे अदा की नाक पर गिर जाती है। अब अदा सर से पांव तक लाल रंग में थी। उसके सर में अक्ष का लहू सजा था। और बदन पर अक्ष का जिद और जुनून। अक्ष की बातें सुनने के बाद और अपनी मांग़ को भरने के बाद अदा अपनी आंखें कसकर बंद कर लेती है। पहली बार किसी की बातों को सुनकर अदा का दिल जोरो से धड़का था ऐसा क्यों हुआ था यह उसे समझ नहीं आ रहा था। जब पंडित जी अदा को मंगलसूत्र पहनाने को कहते हैं तो अक्ष अपनी पॉकेट से एक मंगलसूत्र निकलता है। उस पर AA बना था।.. जो किसी को नजर तो नहीं आ रहा था लेकिन इंग्लिश अल्फाबेट है यह साफ पता चल रहा था। यह एक यूनिक मंगलसूत्र था जिसमें रेयर डायमंड का यूज़ किया हुआ था और वह डायमंड ब्लैक और रेड थे। मंगलसूत्र पहनाते ही पंडित जी कहते हैं अब यह विवाह संपन्न हुआ आप जाकर अपने बड़ों का आशीर्वाद ले जैसे ही यह बात शर्मा फैमिली के कानों में पढ़ती है उनका सर घूम जाता है। उनमें से किसी को भी अदा से कुछ खास लगाव नहीं था वह शर्मा फैमिली के लिए एक नौकरानी का काम करती थी और उनकी इज्जत को बरकरार रखने का जरिया थी वह।लोगों को यह दिखाने के लिए कि उनके बेटे के मरने के बाद भी वह अपनी बहू को जिंदगी पर बैठा कर खिला सकते हैं। कितने दरया दिल है वह। अपने झूठी शानो शौकत और इज्जत को बरकरार रखने के लिए वह अदा को हमेशा अपने पास रखना चाहते थे शर्मा फैमिली का सबसे छोटा और आवारा लड़का अभय उसकी नजर पहले दिन से अदा पर खराब थी वह तो हर हाल में अदा को हासिल करना चाहता था और इसीलिए वह अदा की शादी अक्ष से नहीं होने देना चाहता था। अदा को अभय के नापाक इरादों से बचाने वाली सिर्फ एक ही इंसान थी वह थी विवेक की धर्मपत्नी मेताली जो अकेली ऐसी इंसान थी जो अदा को इस खूंखार जंगल में इंसान की तरह रखती थी। मेताली ही एक लौती इंसान थी जो अदा कि शादी से खुश थी उसे अब तसल्ली थी कि अदा इस नरक से निकल कर एक नई शुरुआत कर लेगी….

  • 5. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 5

    Words: 1267

    Estimated Reading Time: 8 min

    Hello gyz, Plz like comment krte rahe jisse mea or dil lga kr likh saku   पंडित के कहने के बाद अक्ष अदा को बाहो मे उठाए हुए खड़ा होता है. और चलता हुआ सीधा अपने मां-बाप के सामने खड़ा हो जाता है अदा भी डरते हुए कापते हुए हाथो से अक्ष को पकड़े हुए थी ।जहां-जहां अक्ष कदम रख रहा था वहां वहां अदा के बदन से गिर रहा सिंदूर अपनी छाप छोड़ रहा था।  अक्ष अदा को बाहो मे लिए हुए ही तक्ष और आर्या के सामने खड़े हो जाता हैं। तक्ष - ऐसी ही लेकर jaoge टाइगर अपनी वाइफ को.. अक्ष अदा को नीचे उतार कर तक्ष के पेरो को हल्का सब टच कर - लेकर to ऐसी ही जाता ओल्ड man लेकिन कुछ मामला निबटाना था तो अभी यह आपने पेरो से ही जायगी....  आर्या अक्ष को देखकर कहती हैं -“तुमने यह शादी कर तो ली है लेकिन क्या तुम शादी को निभा पाओगे। क्या is बच्ची को प्यार दे पाओगे।”  अक्ष एक्सप्रेशनलेस होकर कहता है -“ मॉम she इज़ माय वाइफ और अब यह मेरी रिस्पांसिबिलिटी भी है!”  आर्य -“लेकिन प्यार…….. ”  अक्ष हल्का आर्या कि तरफ झुक कर उसकी माथे को छूता है   और कहता है-“ बाकी बातें मॉम होती रहेंगी अभी मुझे कुछज़रूरी काम करने जाना है तो आप अपनी बहू का विदाई समारोह करा कर घर जाये मैं आपसे घर पर मिलता हूँ ।”    यह कहने के बाद अक्ष अपने गले से गठबंधन वाला दुपट्टा उठाकर अदा के हाथ में थमा देता है और तक्ष को  देख कर एक eye विंक कर देता है। तक्ष उसकी इस हरक्त पर मुस्कुरा देता है।  आर्या दोनों बाप बेटों को देख कंफ्यूज हो जाती है। पर अभी वो कुछ नहीं कहती।  वही अदा के कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि यह उसके साथ क्या हो रहा है   वह बस रोए जा रही थी और अपने आंसू बहाये जा रही थी   अक्ष अपने तीनों भाइयों को कुछ इशारा करता है जिससे वह तीनों अक्ष के पीछे निकल जाते हैं वहीं तक्ष अपने बेटे की हरकत पर मुस्कुराता रहता है।आखिर बाप था वो अपने बेटे की रग रग से वाकिफ था।  आर्या अदा के बड़े प्यार से सर पर हाथ रखकर कहती है-“ देखो बेटा जो भी हुआ वह हमारे हाथों में नहीं था लेकिन जो भी है जैसा भी है अब तुम हमारे बेटे की बीवी हो और हम तुम्हें हर हाल में अपनी बेटी बना कर रखेंगे। कुछ वक़्त दो अक्षु को और खुद को ”  आर्य अदा  से बात कर ही रही थी कि तभी वहां पर अभय आगे आते हुए गुस्से में अदा का हाथ पकड़ने वाला ही होता है। कि तभी तक्ष अदा  को साइड कर एक लात अभय के चेस्ट पर मार देता है ।वो लात खाकर अभय जो पहले अक्ष के किक से 30 कदम पीछे गिरा था अब तक्ष की लात से लगभग 60 कदम पीछे गिरा था।  उसके बाद तक्ष अपने ब्लेजर को ठीक करते हुए कहता है-“ सोच समझ के अपने कदम आगे रखना अदा अब तेरे घर की कोई नौकरानी नहीं कि जब तुने चाहा उसे हाथ लगा लिया या उसको अपनी मलकियत समझ लिया। यह अब तक्ष आहुवालिया की बहू है! अगर अब इसके साथ कुछ भी गलत करने की सोची ना तो याद कर लेना इसका एक परिवार है अब जिसमे इसका बाप तक्ष आहुवालिया रहता है और इसका पति अक्ष अहुवालिया।, हड्डिया भी नसीब नहीं होंगी तेरे घर वालो को तेरी। Got it।    यह कहने के बाद तक्ष आर्या से -“अदा को जिससे मिलना है मिलाओ और बाहर चलो।”  आर्य को अब जाकर अदा का नाम पता चला था और शर्मा फैमिली को यह पता चला था कि तक्ष उनके बारे में सब जानता है कि कैसे वह अदा को टॉर्चर करते थे।  आर्या तक्ष की बात सुनकर अदा से -“  अदा!!!! बहुत प्यारा नाम है तुम्हारा।तुम किसी से मिलना चाहती हो”  अदा एक तरफ नजर उठाकर मेताली को देखती हैं जो अपने आंखों में आंसू लिए और चेहरे पर एक हल्की मुस्कान लिए अदा को ही देख रही थी आर्या जब अदा की नजरों का पीछा करती है तो उसे मिताली नजर आती है और साथ में ही विवेक और निरंजन जी भी गुस्से में तिल मिलते हुए नजर आते हैं अभय की तरह उन दोनों का भी दिल कर रहा था कि अभी के अभी अदा को खींचते हुए ले जाए लेकिन वह तक्ष और अक्ष दोनों से ही वाक़िफ़ थे अपनी जान को जोखिम में डालने की गलती दोनों में से कोई नहीं करने वाला था।  और अब तक्ष की बातें सुनकर तो उनका डर के मारे और बुरा हाल था इसलिए वह खामोशी से खड़े यह सब नजारा देख रहे थे लेकिन अब उनकी बर्दाश्त की हद खत्म हो गई थी इसलिए वह दोनों तुरंत वहां से चले जाते हैं    उन दोनों के जाते  ही मेताली हल्के-हल्के कदम बढ़ाकर अदा के पास आती है।  और जाकर उसके सर पर हाथ फेरने लगती है ऐसे करते ही अदा तुरंत मेताली के गले लग कर जोर से रोने लगती है आर्या अदा की हालत को समझ रही थी एक तो वह पहले ही किस्मत के हाथों सताई गई थी जिस से उसकी खुश हाल जिंदगी मे बसने से पहले ही आग लग गई थी और अब बची कुची आज उसके बेटे ने लगा दी थी लेकिन आर्या अपने बेटे और बेटे के बाप दोनों को अच्छे से जानती थी अगर अक्ष के इस कदम पर तक्ष ने कुछ नहीं कहा है यानी कि उसकी भी इन सब मे मर्जी है तो इसके आगे तो आर्या अब कुछ कहने से ही रही।   शहर से दूर एक पहाड़ी पर,   एक लड़का अपनी गाड़ी की बोनट पर एक पैर फोल्ड करें और एक पैर फैलाए बैठा था उसके फोल्ड हुए पैर के घुटने पर वह अपना हाथ रख बैठा था जिसमें एक गन थी और उस गन को वह अपनी उंगलियों में नाचा रहा था।  उस लड़के ने इस वक़त एक ब्लैक कलर की शर्ट पहनी थी जिसके बटन खुले हुए थे। उस खुली शर्ट से उसका ब्रॉड चेस्ट साफ नज़र आ रहा था। उसके eight एब्स, मुस्कुलर बॉडी सब कुछ साफ नज़र आ रहा था  हवा मे उड़ते उसके हल्के सिल्की बाल, blueish gry कलर की eyes और उन्ही आँखो मे गुस्से के अँगारे।  लाइट ब्रॉउन कलर के होठ जो सिगरेट पी कर किये गए थे।  वह लड़का सीटी बजाते हुए उसे गन से खेल रहा था उस सिटी की आवाज ऐसी लग रही थी जैसे की मौत की धुन बज रही हो  उस लड़के के ठीक सामने एक लड़की शादी की जोड़े में बहुत बुरी हालत में पड़ी हुई थी उसे देखकर लग रहा था कि उसे बहुत ज्यादा टॉर्चर किया गया है। और उसके साथ ही एक लड़का भी पड़ा हुआ था जो अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे गिन रहा था।    वह लड़का अपनी गन से खेलते हुए कहता है-“ तुमसे प्यार करती हूं तुम्हारे बिना जी नहीं सकती मर जाऊंगी, तुम हो जिसने मेरे बंजर दिल में हरयाली की तुम पहले वह मर्द होंगे जो मुझे हाथ लगाओगे। मुझे तुम्हारी दौलत से कोई लेना देना नहीं तुम मुझे अगर एक कच्चे मकान में भी रखोगे तो मैं उसे स्वर्ग बना दूंगी।    तभी उसे लड़की के पास खड़ा एक लड़का एक ऊंघ लेकर अपने दोनों हाथो को सर के ऊपर कर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस मे उलझा कर बोरियत भरे अंदाज़ मे कहता है - big bro मैं बोर हो गया इन बकवास डायलॉग से। Say something new. वो लड़का  एक खतरनाक मुस्कान के साथ कहता है - ”no दानी,,,,,, यह सारे डायलॉग आज तुमको सच कर कर दिखायेगी यह श्रेया darling “ Chale dekhte h aage kia hoga  Plz follow my WhatsApp channel  https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k            

  • 6. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 6

    Words: 1170

    Estimated Reading Time: 8 min

    Hello gyज़ वह लड़का जो कि कोई और नहीं हमारा हीरो अक्ष ही था कार के बोनट से कूद कर उस लड़की यानी कि श्रेया की तरफ कदम बढ़ाता है सीटी बजाते हुए।  जैसे-जैसे अक्ष श्रेया की तरफ कदम बढ़ा रहा था श्रेया की जान हलक को आ रही थी।  अक्ष श्रेया और उसके बराबर में जमीन पर पड़े उसके बॉयफ्रेंड के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए कहता है _तो श्रेया शर्मा आप मुझसे शादी करना चाहती थी मुझसे बहुत प्यार करती थी ना! तो प्यार में तो हम हर इंसान को अपने हर राज़ से रूबरू करते हैं hai na,लेकिन आपने तो मुझे बताया ही नहीं अपने बारे में कुछ भी। लेकिन देखो मैं आपके प्यार की कदर करता था इसलिए मैंने आपकी सारी कुंडली निकल वाली। कि आपके चार अबॉर्शन हो चुके हैं! और उन चारों अबॉर्शन में मरने वाले बच्चे अलग-अलग बाप के थे। दिल्ली का 80% बंदा आपको अपने बिस्तर की रौनक बना चूका है अब तक आपके 29 बॉयफ्रेंड रह चुके हैं। और फिलहाल में आपका यह बॉयफ्रेंड है जिसका बच्चा अभी भी आपकी कोख में पल रहा है जिसको अपने बॉयफ्रेंड के साथ प्लानिंग कर के आप मेरा बच्चा साबित करने वाली थी शादी के बाद।  देखा मैंने आपके बारे मे सब पता लगा लिया……  फिर अक्ष श्रेया के सामने एक घुटने पर बैठकर बंदूक के नोक से उसकी थोड़ी को ऊपर उठाता है और कहता है - लेकिन शायद आप मुझसे प्यार सच्चा नहीं करते थे तभी तो बिना मेरे बारे में जाने मेरे साथ इतना बड़ा गेम खेलने चली थी!  उसके बाद अक्ष उस बंदूक को उसके चेहरे पर फिराहते हुए उसके मुंह के अंदर रख देता और कहता है - क्या कहा था तुमने मुझसे तुम मेरे बिना मर जाओगी! चलो दिया तुम्हें मौका मैं अब तुम्हें मैं मिलूंगा नहीं तो चलो अब तुम मर जाओ!  अक्ष अपनी बात कहते हुए उस बंदूक को श्रेया के मुंह के अंदर घुसाया जा रहा था श्रेया जिसके दोनों हाथ बंधे हुए थे वह अपने सर को इधर-उधर हिला कर गन मुँह से बाहर निकालने की कोशिश कर रही थी।  अक्ष उसके मुंह में से बंदूक निकालकर उसे उल्टा घुमा कर उसके सीने पर ले जाकर रख देता है और कहता है - क्या कहा था तुमने कि मैं ही हूं वह जिसने तुम्हारे इस बंजार ज़मीन पर हरियाली की थी! To जब हरियाली मेरी वजह से थी तो यहां पर वापस बंजर भी मैं ही करूंगा यह कहकर वह उसके सीने में अपनी बंदूक कि एक साइड की एक नोक घुसाने लगता है जिससे उसके सीने में कट लग कर खून निकल जाता है।  श्रेया की एक चीख निकल जाती है।  फिर अक्ष दूसरे हाथ से श्रेया के बाल पकड़ कर खींच लेता है जिससे उसका चेहरा ऊपर उठ जाता है। अक्षय अपने चेहरे पर एक कातिलाना अंदाज़ रखे हुए कहता है - तुमने क्या कहा था मैं अगर तुम एक कच्चा मकान दे दूंगा तो तुम उसे स्वर्ग बना दोगी तो देखो मैं तुम्हारे लिए एक कच्चा मकान बना दिया है यह कहकर अक्ष के चेहरे को एक साइड घुमा देता है जहां पर एक क़ब्र खोदी जा रही थी।   अक्ष -वैसे तो मैं यह मकान तुम्हारा नाम करना चाहता था लेकिन वह क्या है ना तुम्हारे अंदर एक नन्ही सी जान पल रही है और मैं निर्दोष की जान लेने पर कभी विश्वास नहीं करता   इसलिए इस मिट्टी के मकान में मैं तुम्हारे आशिक को दफन कर रहा हूं क्योंकि तुम्हें जिंदा रहना है मौत से बदतर जींदगी के लिए ।  अक्ष यह बात कहकर अपने पास खड़े दानिश को इशारा करता है जिसे दानिश अपने दो आदमियों को बुलाकर पास में पड़े श्रेया के बॉयफ्रेंड राहुल को जो की 90% डेट पहले ही था उसे उस कब्र में दफन कर देता है उसके बाद कुछ आदमी उस क़ब्र मे कुछ साल्ट डालते हैं जो की इंस्टेंट उसकी बॉडी को गलाने का काम करती है और उसके बाद उस कब्र को मिट्टी से ढक दिया जाता है।  श्रेया इस सारा हाल अपनी आंखों से देख रही थी और उसकी हालत अब बेहद पूरी हो रही थी।  उसके मुंह से कुछ भी नहीं निकल रहा था ना अपनी सफाई में ना अपने बचाव।  अक्ष अब खड़ा होता है और अपने दूसरे भाई शुभ को आवाज देकर कहता है - lucky mujhe श्रेया डार्लिंग के लिए kuch good luck ला कर do। शुभ जिसे अक्ष प्यार से lucky कहता था - वह एक खतरनाक मुस्कान लेकर एक बॉक्स लेकर श्रेया के पास आता है और kuch वायर को एक डिवाइस से कनेक्ट कर श्रेया के सर मे उस वायर को टच कर देता है जिससे श्रेया को शोक लगता है और kuch देर baad वह बेहोश होकर वही गिर जाती है। उसके गिरते ही वंश जो मोबाइल मे गेम खेल रहा था वह कहता है - और इसी के साथ वह तर जो khud को ओवरस्मार्ट समझ रहा था गेम से आउट। शुभ वंश के पास जाकर एक चपट लगा कर - ooe वनु खेल की दुनिया से बाहर आजा। वंश अपना सर सेहलाते हुए अक्ष की तरफ बढ़ने लगता है। अक्ष अब apni कार के बोनट पर अपना एक पैर रख कर गाड़ी की तरफ मुँह किये खड़ा था। उसके पीछे उसके तीनो bhai आकर खडे हो कर -  दानिश - आगे क्या करना है। अक्ष - इस बच्चे के जन्म तक इसको ज़िंदा रखो उसके baad इसके घर वालो के हवाले कर देना पर याद रहे। इसकी हालत bhi वही होनी चाहिए जो यह और इसका भाई har लड़की के साथ करते थे । दानीश अपने आदमियों को bol कर श्रेया को उठवा लेता है। और गाड़ी मे डाल कर kahi भिजवा देता है।   आहुवालिया मेंशन,   आहुवालिया मेंशन मे अदा दरवाज़े पर खड़ी थी वह abhi bhi सिन्दूर से नहाई हुई थी। आर्या ने बड़ी मुश्किल से उसे संभाला था।  अदा को चौखट पर खड़ा कर आर्या अंदर जाकर आरती की थल लेकर आती है और अदा की आरती करती है। इस वक़्त वहा का माहौल बड़ा अजीब था। अंदर मौजूद  तक्ष का सौतेला भाई जो उसे जान से प्यारा था कृष उसकी वाइफ छवि जो आर्या की बचपन की दोस्त थी और unki बेटी जो अक्ष के साथ ही एक हॉस्पिटल मे पैदा हुई थी। ओम की पत्नी आराध्या। यह सब आँखे फाड़ कर नई दुल्हन को देख रहे थे। अंतरा आराध्या के पास जाकर कान मे - आराध्या माँ यह सब क्या है यह कौन है और इस हाल मे और बड़ी माँ इसकी आरती क्यू उतार रही है। आरध्या सामने देखते हुए - भूलो मत tumhare साथ mujhe bhi shadi मे nhi ले jaya गया था जाकर apni माँ से पूछो। अंतरा उदास होकर - उनको bhi कौन सा लेकर jaya गया था और उनकइ चेहरे के उड़े रंग को देख मे itna to जान गई हूँ उनको भी कुछ ना पता।  सब लोग apni कश्माकश मे थे इधर आर्या आरती कर अदा से कहती है बेटा अब आप अपना दाया पैर आगे बढ़ाओ और अंदर आओ।  अदा मेताली की बातो को याद करती है अपने कापते कदम अंदर रखने लगती है की तभी एक आवाज़ आती है                                  

  • 7. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 7

    Words: 1144

    Estimated Reading Time: 7 min

    हेलो गाइज़ एक बड़े से मेंशन में एक लड़का, जिसकी उम्र लगभग 30-32 वर्ष है, वो शर्टलेस बिस्तर पर लेटा हुआ था और फ़ोन पर किसी से बात कर रहा था... या यूँ कहें कि वो सिर्फ़ सुन रहा था, बोल दूसरी तरफ़ वाला रहा था... वो लड़का, जिसकी परफेक्ट बॉडी थी, जिसे देखकर हॉलीवुड-बॉलीवुड के हीरो भी कम नज़र आ रहे थे, जिसे सिर्फ़ देखने से लड़कियाँ अपना होश और कण्ट्रोल दोनों खो देती थीं... फ़ोन पर सारी बातें सुनकर वो बिना कुछ बोले कॉल कट कर देता है... तभी उसका फ़ोन वापस रिंग होता है। वो लड़का एक बोरिंग लुक देकर कॉल रिसीव करता है - "अब क्या चाहिए..." दूसरी तरफ़ से एक अधेड़ उम्र का आदमी गुस्से में कहता है - "जॉनसन ने अपनी डील हमसे ना करके A&A इंडस्ट्री के साथ करने का फैसला किया है और तुम जानते हो VS ये इंडस्ट्री किस..." वो लड़का, जिसका नाम वीरांश सिंघानिया (VS) था, वो एकदम से उठकर बैठ जाता है - "अक्षरा अहुवालिया की... तक्ष अहुवालिया की बेटी और अक्ष अहुवालिया की बहन..." "इसकी ही है ये इंडस्ट्री..." वो आदमी, जो VS का सौतेला बाप था, वो गुस्से में - "तुम्हें सब पता है फिर भी अभी तक कुछ नहीं किया तुमने..." VS एक तिरछी नज़र से अपने बाजू पर बने एक टैटू को देखकर - "मैं अपनी मर्ज़ी का मालिक हूँ, किसी के बाप का नौकर नहीं। मुझे क्या और कब करना है, मैं देख लूँगा। नाउ गेट लॉस्ट..." जोगेंद्रनाथ खून का घूंट पीकर - "भूलना मत, उस तक्ष अहुवालिया ने तुम्हारे बाप के साथ क्या किया था..." VS नज़र घुमाते हुए - "उसने मेरे बाप के साथ कुछ नहीं किया, जो किया है वो तुम्हारे साथ किया है। बाकी मेरा और अक्ष अहुवालिया का अलग हिसाब है..." यह बोलकर VS कॉल कट कर देता है और VS किसी बात को सोचकर मुस्कुराते हुए बाथरूम की तरफ़ चल देता है... एक लड़की वीडियो कॉल पर बात करते हुए मॉल के अंदर एंट्री करती है। उसने इस समय एक ऑफ-शोल्डर टॉप और जींस पहनी हुई थी। बालों को सिम्पली स्ट्रेट करके सबको आगे एक साइड छोड़ा गया था। अक्षरा के बाल ज़्यादा बड़े तो नहीं थे, लेकिन फिर भी उसकी आधी से ज़्यादा पीठ छुप जाती थी... यह है अक्षरा अहुवालिया, अक्ष की जुड़वाँ बहन, जो इस समय लंदन में किसी डील के लिए आई हुई है। कॉल पर तक्ष से बात करते हुए - "मैं ठीक हूँ, डैड। Don't worry, मैं संभाल लूँगी..." तक्ष, जो अभी अपनी कार में बैठा था घर जाने के लिए - "I know my tigress, you are fine..." "बस घर जा रहा हूँ, तो अपनी भाभी से मिल लेना..." अक्षरा मुस्कुराते हुए - "डैड, उसके लिए ही तो वेट नहीं हो रहा। मैं जल्द डील फ़ाइनल कर उस गधे से और अपनी क्यूट सी भाभी से मिलने आऊँगी। अब मैं जाती हूँ, okay, bye डैड। Love you." अक्षरा कॉल कट कर ही रही होती है कि किसी लम्बे-कड़े आदमी से उसकी टक्कर हो जाती है... अब ये बिलकुल मत सोचना कि टक्कर हुई है तो अक्षरा गिरेगी और वो आदमी उसे कमर से पकड़कर संभाल लेगा... अक्षरा की जब टक्कर हुई तो वो थोड़ा डिस्बैलेंस हुई और उसके हाथ में मौजूद फ़ोन गिर गया... अक्षरा तुरंत फ़ोन को उठाकर गुस्से में सामने खड़े शख्स को घूरकर देखती है। वो गुस्से में उस आदमी को देखती है। वो आदमी इंतज़ार में था कि अक्षरा कुछ सुनाएगी उसे, लेकिन अक्षरा उसे कुछ नहीं कहती और साइड से निकलने लगती है। वो शख्स अक्षरा को आवाज़ देकर - "एक्सक्यूज़ मी, तुम कुछ भूल रही हो..." अक्षरा के कदम वहीं रुक जाते हैं। वो मुड़कर उस शख्स को देखती है - "और वो क्या???" वो शख्स - "सॉरी कहना। तुम मोबाइल इस्तेमाल करते हुए मुझसे टकराई हो। देखो, मेरा सूट ख़राब हो गया..." अक्षरा उस आदमी के पास जाकर उसकी आँखों में आँखें डालकर - "ओह्ह, ऐसा क्या...!" फिर वो अपना फ़ोन ज़मीन पर ज़ोर से पटक देती है जिससे उसके पुर्ज़े अलग हो जाते हैं। वो शख्स अक्षरा की इस हरकत पर मुस्कुरा देता है। अक्षरा - "तुम्हारा सूट ख़राब हुआ, मेरा फ़ोन। हिसाब बराबर। सॉरी की कोई गुंजाइश ही नहीं।" फिर अपनी नज़र घुमाकर अपने करीब आने वाले एक लड़के पर उसकी नज़र जाती है जो कोल्ड ड्रिंक पीते हुए उसी साइड आ रहा था। अक्षरा उस शख्स को देखकर - "लेकिन हिसाब में थोड़ा ऊँच-नीच है, थोड़ा बैलेंस करना पड़ेगा।" यह बोलकर वो अपने करीब आ चुके लड़के के हाथ से कोल्ड ड्रिंक लेती है और बड़े आराम से उस शख्स के कपड़ों पर डालने लगती है। उस आदमी के साथ आया हुआ उसका PA अपना दिल थामे यह मनज़र देख रहा था। उसे लग रहा था कि अब ये लड़की दुनिया से ग़ायब होने वाली है। अक्षरा उस कोल्ड ड्रिंक को ख़ाली करके उसका कैन वापस उस लड़के को थमाकर उसे अपने क्लच से कुछ नोट निकालकर देकर - "थैंक यू फॉर द ड्रिंक। सही टाइम पर लाने के लिए।" और यह बोलकर वो वहाँ से जाने लगती है, लेकिन वो शख्स कुछ नहीं कहता, बस मुस्कुराता रहता है और जाती हुई अक्षरा को देखता रहता है... दूसरी तरफ़, आर्या यादव का गृह प्रवेश करवाने के लिए दरवाज़े पर खड़ी थी, लेकिन तभी उसे एक आवाज़ सुनाई देती है - "स्टॉप इट..." ये आवाज़ बाहर की तरफ़ से आई थी। सब लोग उस तरफ़ देखते हैं जहाँ से आवाज़ आई थी। ये आवाज़ आँगन के पीछे से आ रही थी। सब लोग जब देखते हैं तो चार लोग वहाँ से आ रहे थे। आगे-आगे अक्ष, उसके पीछे राइट में दानिश और लेफ़्ट में शुभ और वंश आ रहे थे। चारों इस वक़्त एकदम किलर लुक में नज़र आ रहे थे। अक्ष ने इस समय ब्लैक कलर की शर्ट और ग्रे कलर की जींस पहनी हुई थी। जींस से मैच करता ग्रे कलर का ब्लेज़र उसके हाथ में था। उसकी ब्लैक कलर की शर्ट के ऊपर की दो बटन खुले हुए थे जिससे उसका ब्रॉड चेस्ट साफ़ नज़र आ रहा था। चेहरा एक्सप्रेशनलेस था। वही उसके पीछे आ रहा शुभ भी उसी तरह बिना किसी भाव के था। उसने एक ब्लू कलर की शर्ट पहनी थी और ब्लैक कलर की जींस। चेहरे पर एक ना दिखने वाली स्माइल। दानिश ने एक व्हाइट टी-शर्ट डाली थी, उसपर एक डेनिम की हाफ़ जैकेट थी और डेनिम की ही जींस पहनी थी। वही सबसे छोटा और थोड़ा नॉटी वंश ब्लू और व्हाइट जींस और टी-शर्ट पहना था। और उसके चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कान थी। सब लोग चलते हुए अंदर आते हैं जहाँ अंश आर्या के बराबर में खड़ा हो जाता है और बाकी लोग उसके पीछे। अक्ष आर्या को देखकर - "लिटिल मॉम, आप भूल क्यों जाती हैं कि इस आरती पर सबसे पहला हक़ मेरा होता है, बाकी सब सेकंड पर्सन होते हैं।" अक्षरा का जलवा देखकर कमेंट्स करके बताना क्या आपको इसके जलवे देखने हैं या सिर्फ़ अक्ष-अदा ही दिखाती रहूँ। फ़ॉलो माई व्हाट्सएप्प चैनल https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k

  • 8. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 8

    Words: 1615

    Estimated Reading Time: 10 min

    Hello gyz, सब लोग उस तरफ देखते है जहा से आवाज आयी थी ये आवाज़ अदा के पीछे से आ रही थी सब लोग जब देखते है तो चार लोग वहा से आ रहे थे आगे आगे अक्ष उसके पीछे राइट मे दानिश और left मे शुभ और वंश आ रहे थे चारो इस वक़्त एकदम किलर लुक में नज़र आ रहे थे अक्ष ने इस टाइम ब्लैक कलर की शर्ट और ग्रे कलर की जींस पहनी हुई थी। जींस से मै आर्या अक्ष को आख दिखाते हुए- कैसी बातें कर रहा है अक्ष यह अब तेरी बीवी है और पति पत्नि के लिए कुछ पहले और आखिरी नहीं होता सब एक बराबर एक साथ होता है अक्ष अपनी नजर घुमा कर अदा को देखता है जो इस वक्त एक भूत की लुक में थी लेकिन उसके चेहरे की मासूमियत और खूबसूरती इस लुक पर कोई फर्क नहीं dal रही थी। अक्ष अदा को देखते हुए कहता है- ओके लिटिल मॉम तो जब हमारा सब साथ में है तो आरती भी हमारे साथ में होगी ना आर्या तक्ष की बात सुनकर मुस्कुरा देती है और दोनों की आरती करती है। आरती के बाद आर्य अदा से - बेटा अपने दाहिने पैर से यह कलश गिरा कर अंदर आओ। अदा एक रोबोट की तरकी थल के ही अदा अपने पैरो की छाप छोड़ते हुए अंदर आती है। अक्ष अदा के साथ अंदर आता है। कुछ देर बाद आर्या अदा को अक्ष के रूम में ले गई थी जहां उसे चेंज करने और फ्रेश होने के लिए छोड़ा गया था। वह पूरा रूम वेडिंग night के लिए सजाया गया था। अदा उस सबको नज़रअंदाज़ कर बाथरूम मे चली जाती बाथरूम के अंदर अदा शावर के नीचे ख़डी थी। अदा खुद से मन मे बात करते हुए - यह सब क्या है क्या हो गया यह सब! क्यू मेरे साथ ही क्यू। पहले भी मुझे किसी की ज़िद बना कर मंडप मे ज़बरदस्ती बिठा दिआ गया। बिना मेरी मर्ज़ी जाने, मुझसे मेरी ha या ना पूछे बिना, किसी की पत्नि बना कर मेरे माँ बाप ने घर से निकाल दिआ! एक रेपिस्ट की wife बन कर शर्मा हाउस पहुँच गई। घर जाने से पहले ही मेरे पति का कार एक्सीडेंट हो गया। जब वह मरा to सोचा की शयद अब यहाँ से जा पाउगी। लेकिन वहा भी मुज्जे एक नौकरानी और बाज़ारू औरत की तरह एक कोने मे dal दिआ गया जहाँ रोज़ अपनी इज़्ज़त को बचाने के लिए मुझे फूक फूक कर कदम रखने pdte थे। और अब श्रेया की jgh मुझे उस घर के लोगो के साथ भेज दिआ गया जिनको मैं जानती भी नहीं और यह mr अक्ष, इनको to मैंने एक अच्छा इंसान समझा था लेकिन यह भी,,,,,,,,, अदा वही फर्श पर बैठ कर रोने लगती है। Study room तक्ष एक सोफे पर पैर पर पैर चढ़ाये बैठा सिगरेट पी रहा था और उसके ठीक सामने अक्ष तक्ष के ही स्टाइल मे बैठा था। बस फ़र्क़ था की तक्ष left पैर ऊपर रखा था और अक्ष राइट। तक्ष सिगरेट का कश ले कर =तो शर्मा family की शर्त इस लिए मान ली थी तूने क्यू कि तू पहले ही सब decide कर चूका था कि तू उनकी बेटी से नहीं बल्कि उनकी बहु से शादी करेगा। अक्ष सिगरेट का धुआँ छोड़ कर - कमऑन डैड आप तो ऐसे कह रहे है जैसे आप कुछ जानते ही नहीं। तक्ष ऐश try मे सिगरेट मसलते हुए - या टाइगर मैं सब जनता हूँ but मुझे तुमसे जानना है सब। तुम्हारे मुँह से वह भी शुरू से। अक्ष अपनी सिगरेट पीते हुए - मेरे मुँह से सुनकर बात बदल तो नहीं जायगी ना। तक्ष - नहीं बस मेरी little girl तुम्हारी पत्नि के साथ बिजी है तो मैं बोर हो रहा हूँ इस लिए सोचा तुमसे ही कुछ इंटरटेनमेंट करवा लु। अक्ष -not a good joke dad। तक्ष - या i know अब तुम बताओ। अदा बीच मे कहा से आई। तुम्हारा प्लान श्रेया को गयब कर वहा से लौट आना था अदा से शादी जैसी कोई बात ही नहीं थी। अक्ष तक्ष कि बात सुन उस दिन मे खो जाता है जब वह शर्मा हाउस गया था। फ़्लैशबैक। शर्मा हाउस के हाल में अक्ष, शुभ वंशऔर दानिश बैठे थे। जो शर्मा फैमिली से किसी डील के सिलसिले में बात करने आए थे। शर्मा फैमिली की तरफ से विवेक, अभय और श्रेया इस डील के बारे में डिस्कस करने वाले थे। श्रेया अपने दोनों भाइयों के साथ बराबर से बिजनेस में हाथ बटाती थी। विवेक - देखिए मिस्टर अक्ष, हम जानते हैं कि आप कि इस डील के लिए हमारी यह जमीन बहुत जरूरी है लेकिन आप भी समझिए हमें भी इस जमीन की बहुत जरूरत है अब आप जितने अमीर तो हम हैं नहीं बस यही जमीन हमारा सब कुछ है जहां से हम अपना नया प्रोजेक्ट शुरू करने वाले है आप किसी और से कहीं और की जमीन भी ले सकते हैं। अक्ष जो व्हाइट शर्ट और ब्लैक जींस में एक पैर पर दूसरा पर चढ़ाए,आंखों पर शेड्स चढ़ाए बैठा था। वह सामने विवेक को देखकर कहता है- मैंने अपने डैड से हमेशा एक ही चीज सीखि है। जो चीज़ पसंद आए उसे हर हाल में हासिल करो। चाहे वह जमीन हो या कोई चीज या फिर कोई इंसान। बेफिक्र रहे आपको यह जमीन मुझे देकर कोई घाटे का सौदा नहीं होगा मैं आपको आपके मुंह मांगी रकम दूंगा। विवेक अक्ष की बात सुन कर अपने भाई बहन की तरफ देखता है। श्रेया उसे आंखों में कुछ इशारा करती है जिसे देखकर विवेक एक गहरी सांस लेकर अक्ष से कहता है - अच्छा ठीक है फिर एक डील करते हैं हम आपको जमीन देंगे उसके बदले आपको हमें कुछ देना होगा। अक्ष- आप बस रकम बोलिए। विवेक मुस्कुरा कर अपने सर को ना में हिला कर कहता है- हमें रकम नहीं चाहिए हमें अपनी बहन के लिए पति चाहिए। अक्ष विवेक की बात सुनकर श्रेया को देखता है जो उसे बड़ी ही लस्ट भरी नजर से देख रही थी उसके बाद वह अपने तीनों भाइयों की तरफ हाथ से इशारा करके कहता है -देख लो इन तीनों में से जो पसंद हो उसे चुन लो। अक्ष की बात सुनकर उन तीनों के चेहरों का रंग उड़ जाता है। श्रेया के बारे में वह लोग सब जानते थे कि वह कितनी चीप और घटिया लड़की है। इसलिए वह तीनों अक्ष को देखकर अपना सर ना में हिलाते हैं। विवेक फिर से अक्ष कि तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहता है - मेरी बहन आपके इन तीन दोस्तों से शादी नहीं करना चाहती बल्कि आपसे शादी करना चाहती हैँ। विवेक की बात जैसे ही वह चारों सुनते हैं तो अक्ष के चेहरे के एक्सप्रेशन तो नहीं बदलते लेकिन बाकी तीनों के चेहरों की हवाईया उड़ जाती है। अक्ष विवेक की बात सुनकर कुछ नहीं कहता बस श्रेया को देखता रहता है। 15 मिनट तक वहां किसी की भी कोई आवाज नहीं निकलती 15 मिनट बाद अक्ष अपनी जगह पर खड़ा होकर कहता है- मुझे मिस श्रेया से पर्सनल में कुछ बात करनी है। अक्ष की बात सुनकर श्रेया की तो कली-कली खिल गई वहीं उसके तीनों भाई यह सोच रहे थे कि उसके भाई को यह क्या हुआ। जिस प्रॉपर्टी के लिए वह श्रेया से शादी करने के लिए राजी हो रहा है वह प्रॉपर्टी अक्ष किसी और तरीके से भी चंद मिंटो मे हासिल कर सकता है। श्रेया तुरंत अक्ष को एक साइड रूम मे लेकर जाती है। अक्ष बड़े स्टाइल में चलता हुआ जाकर बेड पर बैठ जाता हूं।और श्रेया को देखकर कहता है - मुझसे शादी क्यों करना चाहती हो । वजह???? श्रेया अक्ष के बराबर में बैठकर उसके सीने पर अपने हाथ से सहलाते हुए कहता है-” बिकॉज़ आई लव यू मैं तुमसे प्यार करती हूं बहुत प्यार करती हूं अगर तुम मुझे नहीं मिलोगे तो मैं मर जाऊंगी तुम यहां नहीं आते तभ भी मैं तुम्हारे पीछे-पीछे वहा पहुंच जाती जहां तुम थे लेकिन अब जब तुम यहां खुद ही आ गए हो तो मैं इस मौके को अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती। तुम्हें पता नहीं है तुम कौन हो मेरे लिए तुमने क्या कर दिया तुमने मेरे इस बंजर दिल मे हरियाली कर दि। आगे कहते हुए श्रेया का हाथ अक्ष के सीने से होते हुए उसके tummyपर और उससे नीचे की तरफ जाने लगता है अक्ष श्रेया की हरकत पर तुरंत उसका हाथ पकड़ कर रोक लेता है श्रेया अक्ष की हरक्त पर मुस्कुराते हुए कहती है- यू नो व्हाट तुम पहले वह मर्द होंगे जो मुझे हाथ लगाओगे। उसके बाद अपने दूसरे हाथ को अक्ष के कंधे पर रखकर अगर तुम यह समझते हो कि मैं तुम्हारी दौलत की वजह से तुमसे शादी करना चाह रही हूं तो ऐसा कुछ भी नहीं है तुम मुझे अगर कच्चे मकान में भी रखोगे तो मैं उसको स्वर्ग बना दूंगी और हमेशा हम दोनों खुश रहेंगे अक्ष श्रेया की बात सुनकर एक डेविल स्माइल करता है और श्रेया के गाल पर हाथ रखकर थपथपाते हुए कहता है -ओके फाइन जब तुम मुझसे इतना प्यार करती हो तो हम कल ही शादी करेंगे। Be प्रिपेयर बेबी यह बोलकर अक्ष बेड से खड़ा होता है और बाहर की तरफ जाने लगता है। श्रेया को तो अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि अक्ष इतनी आसानी से मन जाएगा। अक्ष जब बाहर निकल रहा था तो बाहर जाते हुए वह एक लड़की से टकरा जाता है उस लड़की के हाथ में एक पूजा की थाल होती है उस में कुमकुम प्रसाद और कुछ चावल के दाने रखे थे अक्ष और उस लड़की की टक्कर होती हैं वह थाल हवा में उड़ जाती है और वह कुमकुम और चावल के दाने उन दोनों पर गिरने लगते हैं। Plz लाइक कमैंट्स और shere ज़रूर करे. साथ में वाहट्सएप्प chnnl को फॉलो ज़रूर करे. https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k

  • 9. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 9

    Words: 1231

    Estimated Reading Time: 8 min

    Hello gyz  अक्ष श्रेया की बात सुनकर एक डेविल स्माइल करता है और श्रेया के गाल पर हाथ रखकर थपथपाते हुए कहता है -ओके फाइन जब तुम मुझसे इतना प्यार करती हो तो हम कल ही शादी करेंगे। Be प्रिपेयर बेबी     यह बोलकर अक्ष बेड से खड़ा होता है और बाहर की तरफ जाने लगता है।    श्रेया को तो अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था कि अक्ष इतनी आसानी से मन जाएगा। अक्ष जब बाहर निकल रहा था तो बाहर जाते हुए वह एक लड़की से टकरा जाता है उस लड़की के हाथ में एक पूजा की थाल होती है उस में कुमकुम प्रसाद और कुछ चावल के दाने रखे थे अक्ष और उस लड़की की टक्कर होती हैं वह थाल हवा में उड़ जाती है और वह कुमकुम और चावल के दाने उन दोनों पर गिरने लगते हैं। अब आगे      अक्ष और उस लड़की की टक्कर के बाद वह लड़की नीचे गिरने लगती है और अक्ष उसे  अपनी बाहों में समभाल लेता है अक्ष उस लड़की को देखता है तो बस देखता रह जाता है सफेद सूट में वह लड़की  किसी स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी। लम्बे बालो की  अच्छे से तेल डाल कर गुधी हुई छोटी, हेज़ल आईज़, पतले नाजुक होंठ, बेदाग चेहरा उसपर उसकी नज़र उतरता उसके होंठ ke नीचे  काला तिल, गुलाबी होंठ, बिना सिंगार के वह क़यामत ढा रही थी ऊपर उड़ती पूजा की थाल से गुलाब सिन्दूर और चावल जब उन दोनों पर गिरते है तो वह सिन्दूर  अक्ष के सर से होता हुआ उस लड़की की मांग मै सज जाता है अक्ष उसकी हेज़ल आईज मै खो जाता है वही वह लड़की अक्ष के कंधो को कस कर पकड़ी डरी सहमी आँखों से बार बार पलके  झपकाते हुए अक्ष को देख रही थी तभी पीछे से आवाज़ आती है -“तुम यहां क्या कर रही हो। इस आवाज को सुनकर वह लड़की हड़बड़ा कर खड़ी होने की कोशिश करती है।और अब अक्ष भी होश में  आ जाता है और उस लड़की को सीधा खड़ा होने में मदद करता है।  अब तक तो आप लोग जान ही गए होंगे यह लड़की कौन है। और यह लड़की थी अदा जो अपने सामने खड़ी श्रेया को देखकर काँप जाती है। श्रेया उनके पास आती है और अदा को घूरने लगती है।  श्रेया अदा को गुस्से में दांत पीसकर कहती है-“ यहां क्या कर रही हो जाओ जाकर काम करो। हज़ार दफा मना किया है मेरे सामने अपनी मनहूस सूरत मत लाया करो लेकिन नहीं तुम्हे तो अपनी चलानी होती है ना????  अदा तुरंत हकलाते हुए जी जी कहकर वहा से भाग जाती है।  फिर श्रेया अपने चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान सजाकर अक्ष से कहती है - उस पर ध्यान मत देना वह ऐसे ही है कामचोर कही  की  मेरे स्वर्गीय भाई की Wife है।  अक्ष अपने आइब्रो को आपस में मिलाकर-“ Wife????? ” ,  श्रेया- हां  उनकी बीवी। बड़ी मनहूस लड़की है यह शादी वाले दिन ही मेरे भाई को खा गई मेरा बस चलता तो मैइसे यहां से दफा कर देती लेकिन मेरी मां है जो ईसको यहां रोके पढ़ी । वह सब छोड़े आप हमारी शादी…..  अक्ष अब श्रेया से बिना कोई बात सुने और जवाब dea  फौरन वहां से निकल जाता है। श्रेया अक्ष के ऐसे जाने से परेशान हो जाती है।   अक्ष हाल मे आते टाइम फोन पर किसी को कुछ मैसेज करता है और हॉल में आकर विवेक से कहता है-“ कल शादी है मेरी तैयारी करो। “ विवेक और अजय तो जैसे हवा में उड़ने लगे थे वही अक्ष के तीनों भाई या कहले दोस्त आंखों को हैरानी से बाहर निकाले अक्ष को देख रहे थे अक्ष उन सबको इग्नोर कर अपने फोन में कुछ टाइप करते हुए बाहर निकल जाता है उसके पीछे-पीछे इसके तीनों दोस्त भी बाहर निकल जाते हैं।   कुछ टाइम बाद अक्ष कॉल pr   अक्ष -पक्का यकीन है तुमको??? दूसरी तरफ से अक्षरा - हा यार यह वही है जिसको मैने उस दिन dekha था....और तेरे लिए चुना था लेकिन उस दिन मैंने इसको ऐसे getup मै नहीं देखा था जिससे यह लगे कि वो विडो है.. कोई झोल है ब्रो pkka कोई झोल है वरना 1 हफ्ते मै कोई लड़की शादी कर विडो हो जाये कैसे मुमकिन है.. अक्ष - यह प्रेम कि वाइफ है.. अक्षरा एक दम शोक होकर - whattttttt प्रेम वो कमीना जिसको तूने.. अक्ष - हा वही जिसको मैंने टपकाया है.. अक्षरा -लेकिन एक बात समझ नहीं आई ब्रो यह लड़कि उससे शादी कब कर ली.... i mean मैंने इसको last संडे ही तो देखा था मार्किट मै नार्मल girl कि तरह ही lg रही थी और एक हफ्ते मै यह सब... अक्ष - मैं पता करता हुँ.. अक्षरा - जो krna है कर लेकिन एक बात याद रख मेरी भाभी वही बनेगी किसी और ko मेरी भाभी बनाने का सोचा भी na तो किसी हस्बैंड भले ही बन जायगा तू लेकिन बाप बनने वाला सिस्टम खत्म करवा दूंगी.. अक्ष अपनी आँखे choti कर - शर्म नहीं आती अपने भाई ko ऐसी बेशर्मी भरी धमकी देते हुए.. अक्षरा - na कतई na.. अब मैं जा रही हुँ सोने तू जा और कुछ भी कर मुज्जे मेरी वापसी पर यही मेरी भाभी चाहिए.. यह bol अक्षरा कॉल कट कर देती है.. अक्ष phone ko घूरते हुए - यह मेरी बहन है ya दुश्मन... प्रेजेंट टाइम    अक्ष सोफे pr बैठा सिगरेट पिए जा रहा था। तक्ष  सिगरेट को ऐश try मे मसल कर - तो इसका मतलब मैं यह समझू  टाइगर???? अदा पसंद आ गई ??  अक्ष धुआँ हवा मे छोड़ते हुए -ऐसा कुछ नहीं डैड पहली बात वो बुग्गु कि पसद है दूसरी बात उसकी इस हालात का जिम्मेदार मैं हूं  अगर मैंने उसकी शादी से पहले उस कमीने पति को मारा होता तो शायद आज ऐसी na जी रही होती..  और मेरी लिटिल मॉम कहती हैं कि अगर गलती हमारी हो तो फाइन भी हमें ही भरना चाहिए। तो बस….. तक्ष - वह मेरी लिटिल गर्ल है तुम्हारी लिटिल मॉम नहीं, अक्ष - ओ कम ऑन डैड। एक ही बात बोलते बोलते अब थकते नहीं है। तक्ष - ठीक है मैं नई बात बोलता हूं तुझे प्यार हो गया है little टाइगर। अक्ष खड़े होकर - no way डैड। कभी नहीं मुझे इस प्यार वयार pr कोई भरोसा नहीं और करना भी नहीं आपकी मॉम की love स्टोरी सक्सेस हुई क्यू की एक आप थे दुसरी मेरी little mom..  बाकि इस दुनिया मै प्यार जैसा कुछ नहीं और प्यार मै सिर्फ दो लड़कियों से करता हुँ एक मेरी बुग्गु दूसरी मेरी लिटिल mom..  उसके बाद अक्ष वहां से बाहर जाने लगता है फिर कुछ सोच कर रुक कर बिना तक्ष को देख कहता है - वह मेरी जिम्मेदारी है मेरे रिस्पांसिबिलिटी। मैं उसे हर वह चीज़ दूंगा जो वह डीज़र्व करती है but प्यार….. कभी नहीं।  यह कहकर अक्ष वहां से बाहर चला जाता है।  अक्ष का रूम अक्ष जब अपने रूम में आता है तो उसे अदा के हल्के हल्के लाल कदम नजर आते हैं जो की बाथरूम की तरफ जा रहे थे।  अक्ष टाइम देखता है और खुद से कहता है डेढ़ 2 घंटे हो गए थे यहां आए हुए और यह अभी तक बाथरुम में क्या कर रही है। अक्ष अपने कदम बाथरूम की तरफ बढ़ा देता है वह दरवाजे पर हाथ रख  खटखटाने वाला होता है तो उसे महसूस होता है कि दरवाजा खुला है। वह हल्का सा दरवाजा खोलकर जब अंदर देखा है उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है।                  

  • 10. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 10

    Words: 1186

    Estimated Reading Time: 8 min

    Hello gyz  उसके बाद अक्ष वहां से बाहर जाने लगता है फिर कुछ सोच कर रुक कर बिना तक्ष को देख कहता है - वह मेरी जिम्मेदारी है मेरे रिस्पांसिबिलिटी। मैं उसे हर वह चीज़ दूंगा जो वह डीज़र्व करती है but प्यार…..   कभी नहीं।    यह कहकर अक्ष वहां से बाहर चला जाता है।    क्ष करो अक्ष जब अपने रूम में आता है तो उसे अदा के हल्के हल्के लाल कम नजर आते हैं जो की बाथरूम की तरफ जा रहे थे।    अक्ष टाइम देखता है और खुद से कहता है डेढ़ 2 घंटे हो गए थे यहां आए हुए और यह अभी तक बाथरुम में क्या कर रही है। अक्ष अपने कदम बाथरूम की तरफ बढ़ा देता है वह दरवाजे पर हाथ रख  खटखटाने वाला होता है तो उसे महसूस होता है कि दरवाजा खुला है। वह हल्का सा दरवाजा खोलकर जब अंदर देखा है उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। अब आगे     अक्ष जैसे ही बाथरूम का गेट खोलकर अंदर देखता है तो उसे शावर के नीचे अदा बैठी मिलती है। अक्ष तुरंत दौड़ के अदा के पास जाता है और सबसे पहले शावर बंद करता है उसके बाद अदा के पास बैठते हुए कहता है - हे गेट अप। उठो यहाँ ऐसे क्यू भीग रही हो।  अक्ष की आवाज सुनकर अदा अपना चेहरा उठाकर अक्ष को देखती हैं अदा का चेहरा देखकर अक्ष का दिल धक से हो जाता है अदा का चेहरा एकदम लाल था आंखें एकदम लाल उसके चेहरे से पानी की बूंदे गिर रही थी और साथ में आसू भी।  अदा को यूं देखकर अक्ष को बड़ी तकलीफ होती है। फिर अक्ष महसूस करता है कि अदा कांप रही है इसलिए वह तुरंत उठ कर टॉवल उठाकर अदा को कवर कर देता है और उसे गोद में उठाकर क्लोजेट रूम की तरफ ले जाता है।  अदा अक्ष के यूं उठाने से घबरा जाती है और कसकर अक्ष के कंधे पकड़ लेती है। अक्ष सबसे पहले क्लोजेट रूम में जाकर अदा को बैठा ता है और क्लोजेस्ट रूम की एक अलमारी में से एक साड़ी निकालकर अदा को थमा कर कहता है- “जो भी सवाल जवाब करना है बातचीत करना है वह बाद में करेंगे पहले कपड़े चेंज करो वरना कोल्ड हो जाएगा।”  अक्ष की यह बात सुनकर अदा जो अब तक नीचे देख रही थी वह चेहरा उठाकर अक्ष को देखती हैं।  क्या उसके बीमार होने से अक्ष को कोई फर्क पड़ने वाला था क्या हकीकत में अक्ष अदा को अपनी बीवी का हक देने वाला था या यह भी पहले के लोगों की तरह उसका सिर्फ इस्तेमाल करने वाला था अदा के दिमाग में यही सब बातें चल रही थी।  अक्ष जब देखता है की अदा उसके हाथ से साड़ी नहीं ले रही है तो वह सारी को यही पास में रखकर कहता है-“ मैं बाहर वेट कर रहा हूं 10 मिनट में अगर तुम कपड़े चेंज करके नहीं आई तो मैं खुद आकर तुम्हारे कपड़े चेंज करूंगा गॉट इट।” अदा अक्ष की बात में एक रूखापन महसूस करती है इसलिए वह तुरंत डर कर सर को हां में हिला देती है -  अक्ष क्लोज़ेट रूम से निकल कर बाथरूम मे चला जाता है। वहा जा कर पहले शावर लेता है जितनी देर वह शावर लेता है उसकी आंखों के सामने अदा का वही सुर्ख चेहरा और आंखों से बहते आंसू नजर आते रहते है।   अक्ष के दिमाग में इस वक्त न जाने क्या चल रहा था। जो सिर्फ वह जनता था और यह राइटर भी अभी अनजान बनी बैठी है अक्ष की सोच से 🤣🤣    वह जैसे तेसे खुद की सोच पर कंट्रोल करता है और शॉवर लेने के बाद बाथरोब पहन कर बाहर आ जाता। बाहर आकर वह देखता है की अदा अभी भी बाहर नहीं आई है। वह जब टाइम देखता है तो15 मिनट बीत चुके थे। अक्ष वापस जाकर क्लोजेट रूम के दरवाजे को खटखटाकर कहता है - ओ हेलो बाहर आ रही हो या मैं अंदर….  अक्ष आगे कुछ कहता है उससे पहले क्लोजेट रूम का दरवाजा खुलता है और अदा सर को नीचे झुकाए बाहर को आती है। अक्ष अदा को देखकर बिल्कुल खो जाता है। अक्ष ने अदा को एक पिंक कलर की सिंपल साड़ी दी थी जिसके बॉर्डर पर लाइट एंब्रॉयडरी हुई थी। उसका ब्लाउज बैकलेस था। अदा का चेहरा जो पहले ही सुर्ख था और उसके बाल अभी भी गीले थे जिससे अभी भी पानी टपक रहा था।  अक्षय ने अदा की खूबसूरती को अब और गौर से देखा था। जितनी खूबसूरत वह उसे सफ़ेद साड़ी में लगी थी  उसे लाख गुना खूबसूरत और हसीन वह अब लग रही थी  एक नेचुरल ब्यूटी क्वीन यह शब्द शायद अदा के लिए ही बना था उसके सुर्ख चेहरे पर उसका वह काला सा तिल गजब ढा रहा था। अक्ष अब अदा को देखकर आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा था।  अक्षय ऐसे ही खड़े-खड़े अदा को देखता रहता है और अदा अक्ष को अपने आप को ऐसे देखने से डरने लगती है।  लगभग 10 मिनट अक्ष ऐसे ही खड़ा रहता है तभी एक जोर की आवाज आती है अअअअ छीईईईई।  इस आवाज को सुनकर अक्ष होश में आता है। क्योंकि अदा को बहुत जोर से छींक आई थी। और उसके पास लगातार 3 4 5 6 छीके आती रही।  अक्ष तुरंत अदा का हाथ पकड़ कर बेड के पास लाकर उस पर बैठाता है और ड्रॉर से जाकर एक मेडिसिन बॉक्स निकलता है। उसमें से एक कोल्ड की मेडिसिन निकाल कर और पास के जग से पानी गिलास मे निकाल कर अदा की तरफ बढ़ाता है। अदा बेड पर अपनी छिको को कंट्रोल करते हुए मुंह नीचे करे रहती है।  अक्ष जब देखा है की अदा मेडिसिन नहीं ले रही है और उससे ऐसे नज़रे चुरा रही है तो उसको बहुत गुस्सा आता है वह तुरंत अदा का चेहरा ऊपर उठता है और मेडिसिन उसके मुँह मे dal कर पानी का ग्लास मुँह को लगा देता है यह सब इतनी जल्दी हुआ क्या अदा को कुछ भी समझ नहीं आया। वह जल्दी जल्दी पानी को पीती है और ग्लास को अलग करने लगती है। अक्ष ग्लास हटा कर side मे रख देता है।  और अपनी इंडेक्स फिंगर अदा की चिन pr रखकर उसके चेहरे को ऊपर उठकर कहता है - लिसन केयरफुली मुझे यह बात बात पर नजर चुराने और चेहरा छुपाने वाले लोग बिल्कुल पसंद नहीं।नजर को वह चुराते हैं जो कुछ गलत करते हैं नेक्स्ट टाइम तुम्हारी नजरें मेरे सामने नीची नहीं होनी चाहिए। अंडरस्टूड।  अक्ष की बात सुनकर अदा की आंख में हल्की नमी आ जाती है क्योंकि उसे एक हफ्ते मै शर्मा फैमिली ने ऐसे ऐसे रुल्स सुना kr डरा दिआ था ki वो kise के भी समने कुछ बोलने या देखने से पहले एक हज़ार बार सोचती थी हमेशा नज़र झुकाए रखे रहती थी.. शादी के दूसरे ही दिन श्रेया ने उसे बेल्ट से मारा भी था क्यू की अदा ने श्रेया की तरफ सिर्फ देखा था । और यही नहीं उसके मां-बाप तक उसे हमेशा डरा kr रखा करते थे।  यही सब सोचते हुए अदा की आंख से एक आंसू निकल कर अक्ष की उंगली तक पहुंच जाता है।  जिसे देखकर और महसूस कर कर अक्ष बेचैन हो जाता है        फ़ॉलो my व्हाट्सप्प chnnl  https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k                      

  • 11. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 11

    Words: 1464

    Estimated Reading Time: 9 min

    Ab aage     अक्ष अदा की आंखों में आंसू देख कर बेचैन हो जाता है और उसे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता की अदा रो रही है इसलिए वह अपने दूसरे हाथ से अदा के आंसू साफ कर कर कहता है -“मैंने तुम्हें मारा तो नहीं हैँ जो तुम ऐसे रो रही हो।  अदा जो पहले अक्ष की बातों से इमोशनल हो कर रो रही थी अब उसके आंसू साफ करने से वह फिर भावुक होकर और तेज़ी से रो देती है  अक्ष अदा को रोते हुए देख परेशान हो जाता है   इतना तो वह अदा के बारे में जानता था कि उसकी माज़ी यानी पास्ट बिल्कुल भी अच्छा नहीं था उसे हर जगह दुख और तकलीफ ही मिले हैँ यहां तक की उसके माँ बाप के घर पर भी उसको सिर्फ टॉर्चर ही टॉर्चर मिला। लेकिन अक्ष के यह समझ नहीं आ रहा था कि उसने ऐसा क्या कर दिया की अदा रो रही है।  अक्ष ने आज से पहले कभी किसी और लड़की को चुप नहीं कराया था यह काम वो सिर्फ अक्षरा के लिए करता था और बहन और बीबी मै फ़र्क़ होता है बल्कि उसका काम तो हर किसी को रुलाना था इसलिए वह अदा के होठों पर अपनी उंगली रखकर कहता है चुप बिलकुल चुप,और यह बात उसने बहुत गुस्से में कही थी। जिस वजह से अदा यह सुनकर सहम कर चुप हो जाती है लेकिन उसकी हल्की हल्की सिसकी बनी रहती हैँ अब अक्ष अपना लेफ्ट हैंड बेड से टिका कर अदा पर धीरे-धीरे झुक कर कहता है-“ मेने तुम्हे मारा?-पीटा?, गुस्सा करा,? चिल्लाया? या फिर गाली दी जो तुम ऐसे अपनी आँखों के समंदर बहा रही हो। अक्ष अपनी बात कहते हुए जैसे-जैसे अदा की तरफ झुक रहा था वैसे-वैसे अदा भी बेड के ऊपर लेटी चली जा रही थी और लास्ट में अदा बिल्कुल बेड पर लेट गई और अक्ष उस पर आ जाता है। अदा अक्ष के अपने करीब आने से घबरा रही थी।   अक्ष अपनी गहरी आवाज में अदा से वापस कहता है -“बताओ मुझे????मैंने तुम्हें कुछ किया।  अदा अपने सर को ना में हिलाने लगती है   अक्ष अपने चेहरे को अदा के चेहरे के बिल्कुल करीब लेकर जाता है जिससे उसके गीले बालों का पानी अदा के चेहरे पर गिरने लगता है  “ अक्ष ज़बान है ना,तुम्हारे पास ”तो क्या तुम्हारी जबान का स्पीकर डाउन है यह तुम अपनी जबान को हिलाने की ज़हमत नहीं करना चाहती। अदा जो अब तक पूरी स्टोरी में कुछ नहीं बोली थी वह अपनी जबान से पहली दफा कहती है-“ न न नहीं नहीं!!!!! है हमारे पास जबान है।हम बोलते भी हैं   अक्ष अदा की आवाज सुनकर हिप्नोटाइज हो जाता है।  उसने कई लड़कियों के साथ बिजनेस किया था और कई लड़कियां उसके आगे पीछे फिरती भी थी लेकिन कभी भी उसने अदा की जैसी खूबसूरत लड़की और उसकी जैसी मीठी आवाज ना तो कभी देखी और ना सुनी।  अक्ष-जब ज़बान है तो इस्तेमाल किया करो हर वक्त गर्दन का क्यों तकलीफ देती हो   अदा हकलाते हुए कहती है- वह वह हमें डर लगता है  अक्ष अदा के और करीब होते हुए - किस बात का डर। अदा गहरी सांसे लेते हुए -कहीं कहीं हम कुछ ऐसा ना ब बोल जाए जिससे हमें मार पड़े।   अदा की बात सुनकर अक्ष की आईब्रो आपस में जुड़ जाती हैं और वह अदा से कहता है -तुम्हें किसी ने मारा????  अक्ष की बात सुनकर अदा को एहसास होता है कि उसने क्या कह दिया!  अपनी बात कहने के बाद अदा खुद हैरान थी अदा जल्दी किसी से बात नहीं करती थी और ना ही किसी की बात का जवाब देती थी लेकिन अक्ष ने उसे इतने प्यार से और अपनेपन से बातें की थी कि वह उसके गुस्से में होने के बाद भी उसकी बातों का जवाब कर दे रही थी और अपने दिल की बात कर रही थी  वह तुरंत अपने गर्दन को ना में हिलाने लगती है। अक्ष अपनी आंखें छोटी कर उसको घूर कर कहता है -फिर अपनी गर्दन को हिलाया सच-सच बताओ तुम्हें किसने हाथ लगाया  अदा -नहीं नहीं किसी ने नहीं मारा वह तो हमने बस ऐसे ही कह दिया  अदा अभी कह ही रही थी कि वह अक्ष की नजरों का पीछा करती है जो उसकी गर्दन को बड़े गौर से देख रहा था । अक्ष की नजरों का पीछा कर अदा की आंखें बड़ी हो गई क्योंकि उसे पता था कि अक्ष अब क्या देख रहा है।   गलत बात रीडर्स गलत नहीं सोचते 🤣🤣🤣🤣    अदर तुरंत अपना एक हाथ उठाकर अपने कंधे से उतरे पल्लू पर रखने ही वाली होती है कि तभी अक्ष उसका हाथ पकड़ कर रोक लेता है और वह अदा का हाथ हटाकर उसकी गर्दन को दूसरी तरफ करके उसके गर्दन के साइड एक निशान देखता है जो किसी के दांतों का बड़ा गहरा निशान था जिसको अदा ने साड़ी के पल्लू से बड़े सलीके से छुपा के रखा था लेकिन अक्ष के अचानक उसके करीब आने से वह उसको संभाल नहीं पाई और पल्लू हल्का सा कंधे से सरक गया और वह निशान नजर आने लगा। अक्ष उस निशान pr अपनी उंगली रख कर सेहलाते हुए बड़ी गहरी आवाज़ me और अँगारे जैसी आँखो से देख अदा से - नाम बताओ, अदा - न न नहीं आप ग गलत  अक्ष चीख कर -नाम बताओ उस का  अदा आँखे बंद कर एक दम से तेज़ी से - अ अ अभय भईया। अक्ष जिसका पहला शक अभय पर ही था वह अब और ज़्यदा गुस्से me आ जाता ह लेकिन अभी उसे अदा से शर्मा फॅमिली की सारी ज़्यादतीयों के बारे me जानना था इस लिए वह अदा की आँखो me देख कर - open your eyes व्हाइट फेरी  अक्ष की सॉफ्ट आवाज़ सुन अदा अपनी आंसू से भरी आँखे खोल कर अक्ष को देखती है दोनों की आँखे आपस मे टकरा जाती है। अक्ष अदा के चेहरे पर अपने हाथ रख कर - और क्या क्या किया उन लोगो ने तुम्हारे साथ। अदा अक्ष की आवाज़ सुन तेज़ी से रो देती है। अक्ष उसे रोता देख उसके ऊपर से हट कर उसके side मे लेट जाता है। और एक गहरी सास लेता है और फिर एक दम से अदा और पकड़ कर अपने ऊपर कर लेता है। अब सीन यह था की अक्ष बेड पर अदा उस पर थी। अक्ष के हाथ अदा की कमर पर और अदा के हाथ अक्ष के कंधो पर।  अब तक अदा की साड़ी का पल्लू उसके सीने से सरक कर अक्ष के ऊपर गिर चूका था लेकिन अक्ष की नज़र सिर्फ और सिर्फ अदा के चेहरे पर थी।  अक्ष की इस हरक्त पर अदा सदमे मे थी उसका रोना बंद हो चूका था। अक्ष - अब बताओ शर्मा फॅमिली क्या करती थी तुम्हरे साथ white फेरी। अदा - जो आपने किया मंडप मे मेरे साथ वही, ज़बरदस्ती। मेरी मर्ज़ी जाने बिना मुझे फैसला सुना देना। अक्ष अदा की बात सुन हैरान हो जाता है इस बारे मे उसने सोचा ही नहीं था। की अदा उससे सीधे शिकायत करेगी उसकी वह भी उसी से।  वह अदा के सवाली का कोई जवाब नहीं देता। अभी वह कुछ भी clear करने वाला नहीं था।  वह अदा के गीले बालो को उसके कान के पीछे कर कहता है - मैंने clear way मे पूछा है क्लेअर्ली जवाब दो वरना मैं खुद पता कर लूंगा अपनी तरीके से, अदा अक्ष की बात सुन कंफ्यूज हो जाती है। अक्ष अपने हाथ जो अदा की कमर पर थे उसे अदा की ब्लाउज पर लेजा कर उसका हुक़ खोल देता है। और ऐसा करते ही वह अदा को बेड पर वापस लेता देता है अदा अक्ष ki किसी भी हरकतो को ज़ब तक समझती तब तक अक्ष एक नई हरकत कर चूका होता था अब भी यही हुआ था। अदा को वापस बेड पर लेता कर अक्ष उसके ऊपर आकर उसका ब्लाउज हटा देता है अब अदा सिर्फ इन्नर वियर मे अक्ष की सामने थी। अदा अपने दोनों हाथ क्रॉस कर अपने सीने पर रखने वाली होती है की अक्ष उसकी दोनों हाथ पकड़ कर उसकी सर के ऊपर कर पकड़े रखता है। अक्ष की निगाहेँ अब अदा के बदन पर मौजूद निशानो पर थी उसके बदन पर नीले काले जले हुए और ना जाने कौन कौन से निशान थे जिसे उसने हमेशा अपने कपड़ो मे बहुत अच्छे से छुपाये रखे थे लेकिन आज वह पूरी बेनकाब अक्ष की सामने थी। अदा को इस हाल में  बेलिबास देखकर अक्ष की आंखों में कोई लस्ट नहीं बल्कि एक दर्द था।अक्ष अदा की ज़ख्मो पर अपने हाथ को फेरा कर अदा की आँखो मे देख कहता है - यह सब, उस कमीने ने किया?????? अदा अक्ष से हाथ छुड़ाते हुए - plz छोड़ dejea किसी ने कुछ नहीं किया यह सब मेरी गलती उम्मम्मम्मममममममममममम  अदा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाती उससे पहले ही अक्ष अदा के नर्म होठो को अपने सख्त होठो की गिरफ्त मे ले लेता हैं।     वाहट्सएप्प chnnl फ़ॉलो करे https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k            

  • 12. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 12

    Words: 1436

    Estimated Reading Time: 9 min

    अदा को वापस बेड पर लेता कर अक्ष उसके ऊपर आकर उसका ब्लाउज हटा देता है अब अदा सिर्फ इन्नर वियर मे अक्ष की सामने थी। अदा अपने दोनों हाथ क्रॉस कर अपने सीने पर रखने वाली होती है की अक्ष उसकी दोनों हाथ पकड़ कर उसकी सर के ऊपर कर पकड़े रखता है। अक्ष की निगाहेँ अब अदा के बदन पर मौजूद निशानो पर थी उसके बदन पर नीले काले जले हुए और ना जाने कौन कौन से निशान थे जिसे उसने हमेशा अपने कपड़ो मे बहुत अच्छे से छुपाये रखे थे लेकिन आज वह पूरी बेनकाब अक्ष की सामने थी। अदा को इस हाल में  बेलिबास देखकर अक्ष की आंखों में कोई लस्ट नहीं बल्कि एक दर्द था।अक्ष अदा की ज़ख्मो पर अपने हाथ को फेरा कर अदा की आँखो मे देख कहता है - यह सब, उस कमीने ने किया??????   अदा अक्ष से हाथ छुड़ाते हुए - plz छोड़ dejea किसी ने कुछ नहीं किया यह सब मेरी गलती उम्मम्मम्मममममममममममम    अदा अपनी बात पूरी भी नहीं कर पाती उससे पहले ही अक्ष अदा के नर्म होठो को अपने सख्त होठो की गिरफ्त मे ले लेता हैं। अब आगे    अक्ष अदा के होठो को बड़ी ही बेदर्दी के साथ काट raha था उसके किस करने से पता चल raha था कि वह कितना गुस्सा है अदा अक्ष के किस करने से बिन पानी कि मछली कि तरह तङप rahi थी वह पूरी कोशिश कर rahi थी अक्ष के चंगुल से निकलने कि। अक्ष 5 मिनट इनाया के होठो को बड़ी बेरेहमी से काटने के baad उससे दूर hota है और एक सख्त आवाज़ मे अदा से कहता है -“ एक बात मेरी अपने दिमाग़ मे बैठा लो मैं झूठ बिलकुल बर्दाश्त nhi करता जो मैं पुछु उसका सीधा सीधा जवाब दो, दूसरी बात मुझसे दूर जाने या मुझसे पीछा छुड़वाने के बारे मे सपने मे bhi मत सोचा। यह bol वह अदा के होंठ से रिस रहे खून को अपनी तंग से लिंक कर लेता है। अदा के dil मे एक अजीब सी बेचैनी और डर ने जगह बना ली थी।, अक्ष - अब मुझे हर एक जख्म के बारे मे सही सी बताओ यह बोलते हुए असद सबसे पहले अदा कि गर्दन पर मौजूद दांतो के निशान पर ले जाकर अपने होंठ रख कहता है - यह कैसे hua, यह bol वह अदा के उस ज़ख्म पर टंग फिरा कर लिंक करने लगता है  अदा अपनी आँखे बंद कर गहरी सास ले कर - वह वह अभय भईया कि मुझ पर गंदी नज़र थी वह मुझे खुद को भाई भी नहीं बोलने देते थे। इन 1 हफ्ते मै Jab भी उनको मैं अकेली मिलती to मेरे साथ बद्तमीज़ी करने लगते। इसलिए मेताली भाभी मुझे हमेशा अपने साथ रखती थी lekin 2दिन पहले वह ज़बरदस्ती मेरे रूम मे aa गए और मेरे कपड़े फाड़ कर मुझसे………  आगे अदा खामोश हो जाती है और रोने लगती है। अक्ष लिंक करना छोड़ कर - बात पूरी करो white फेरी और इस baar भाई नहीं बोलना उसे , यह bol वह वापस लिंक करने लगता है,  अदा रोते हुए -अभय मेरे साथ गंदा kaam करना चाहता था उस दिन अगर मेताली भाभी सही वक़्त पर नहीं आती to meri आबरू नीलाम हो चुकी होती। यह जख्म उसने उसी दिन दिया था।  अक्ष अब अदा के सीने कि तरफ जाता है जहा एक जले का बड़ा सा निशान था  अक्ष उस निशान पर चारो तरफ टंग फेराता है। अदा समझ जाती है अक्ष आगे जानना चाहता है इसलिए वह बिना अक्ष के बोले गहरी सांसे लेते हुए और अपनी तेज़ धड़कनो पर काबू करते हुए कहती है - पहले ही दिन ससुराल मै गलती से माँ जी कि साड़ी पर चाय गिर गई थी मुझसे, तो गुस्से मे उन्होने चाय मेरे सीने पर उधेल दी थी उसी का निशान है यह। अक्ष ने अब तक अदा का जितना सीना विजिबल था उसे अपनी तंग से गीला कर दिया था। अदा के रुकते ही असद अदा के पेट पर kuch काले नीले निशान पर पहुंच जाता है और हल्के हल्के स्मूच करने लगता है जिससे अदा कि आहे निकलने लगती है। और वह खुद पर कण्ट्रोल रखने कि कोशिश करती हुए कहती है - मेरी गलती हो या na हो मैंने kaam किया हो या na किया हो मैं चरित्रहीन हूँ या चरित्रवान हूँ इन सबसे koi फ़र्क़ नहीं पड़ता था वह सब बस मौक़ा ढूंढ़ते थे मुझे मारने का, कभी कभी तो मैं दुसरो के लिए सिर्फ रेलक्सिंग पंचिंग बेग़ बन जाती थी। मेरे आंसू झूठ होते थे, कभी चोर बनी कभी उनका पालतू कुत्ता जो उनकी झूठी प्लेटो को अपनी ज़बान से साफ करती।  यह सब बातें कहने के बाद अगर फूट-फूट कर रोने लगती।  अक्ष जिसका गुस्सा अदा की हर बात को सुनकर बढ़ता चला जा रहा था लेकिन वह अपने आप को शांत रखने की कोशिश कर रहा था।वह अदा के रोने की आवाज सुनकर अपना चेहरा ऊपर कर अदा को देखता है   वह अदा के चेहरे के करीब जाकर अपने हाथ से अदा के चेहरे के आंसू साफ करता है और उसके माथे पर शिद्द्त से चुमता है उसके बाद बारी-बारी दोनों आंखों को चूमता है उसके बाद अदा को देखकर कहता है -“मेरी तरफ देखो व्हाइट फेरी लुक एट मी।  अदा अक्ष की बात सुनकर अपनी आंख खोल देती है  अक्ष अदा की आंखों में झांक कर कहता है- पूरे रीति रिवाज से मैंने तुम्हें अपनी पत्नी बनाया है मेरी मॉम कहती है की शादी के बाद हस्बैंड और वाइफ की खुशी और गम आपस मे बट जाते हैं मुझे अपनी मॉम की कसम जितने सुख और जितनी तकलीफ तुम्हें मिले है वह तुम्हारा पति उन सब को सूद समेत वापस देगा यह तुमसे तुम्हारे पति का वादा है अदा अक्ष की बात सुनकर बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाती है और उसकी आंखों से फिर से आंसू गिरने लगते हैं क्या यह सब सच था क्या यह हकीकत थी कि कोई उसका दर्द सुन रहा था और उसके दर्द को बांट भी रहा था और साथ ही साथ उसके दर्द का बदला लेने को भी बोल रहा था!  अपनी बात कहने के बाद अक्ष अदा के साइड हट बेड पर लेट कर अदा को अपने ऊपर ले लेता है ऐसा करने से अदा के बाल उसके चेहरे को कवर करने लगते है अक्ष जो बाल अदा के मुंह पर आने लगते हैं उसे अपने हाथ से कान के पीछे करता है और अपना दूसरा हाथ अदा की कमर पर रखता है और बालों वाले हाथ को हटा कर सर के पीछे ले जाकर धीरे-धीरे उसका सर अपने करीब करने लगता है और एक बार फिर अदा के होठों पर अपने होंठ रख देता है इस बार वह अदा को बहुत ही सॉफ्टली किस कर रहा था जैसे वह अपने दिए गए ज़ख्म पर खुद मरहम लगा रहा हो,  वह धीरे-धीरे अदा के अपर लिप और लोअर लिप को स्मूथ कर रहा था अक्ष को अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने की कोई जल्दी नहीं थी वैसे भी वह अदा को सिर्फ एक जिम्मेदारी समझ कर अपना रिश्ता निभा रहा था लेकिन अदा मे ना जाने ऐसा क्या था कि वह पहले दिन ही अदा से दूर रह नहीं पाया असद धीरे धीरे अदा को किस करते हुए खो गया और वह बड़ी शिद्द्त से अदा को किस करने लगता है।  अदा जो पहले से ही किसी की प्यार की और सहारे की मारी थी वह अक्ष के अहसास मे खो जाती है और अपनी आँखे बंद कर अक्ष को महसूस करने लगती है।  अक्ष धीरे धीरे वाइल्ड hota जाता है वह अदा को पकडे हुए ही पलट जाता है जिससे अदा बेड पर और अक्ष उसके ऊपर होता है। अक्ष अदा के होठ छोड़ कर उसकी कॉलर बोन पर आकर वेट किसेस करने लगता है जिससे अदा कि आहे निकलने लगती है और उसके हाथ खुद बा खुद अक्ष के बालो मे चलने लगते है। अदा कि आहे सुन अक्ष आउट of कण्ट्रोल हो जाता है। अक्ष जो बाथरोब पहना था उसकी नॉट अब तक खुल चुकी थी और अक्ष का ब्रॉड चेस्ट अदा के चेस्ट से टकराने लगा था दोनों के बदन भट्टी कि तरह तप रहे थे। अक्ष अब अदा कि सीने कि तरफ बढ़ता है और और अपने होठो से अदा के बदन का स्वाद ले raha था।। अक्ष अदा के सीने से hota hua नीचे पेट कि तरफ बढ़ता है और अपने होठो को लगातार चलाता रहता है kahi लिंक kahi स्मूच कही वेट किसेस। अक्ष जैसे ही अदा के कमर से नीचे जाने लगता है कि तभी kuch ऐसा hota है,कोईईईई         कि अब मेरे रीडर हुए गुस्सा पर क्या करू itna ही लिखना था रोमेंस फर्स्ट नाईट अभी नहीं hogi...   मेरे वाहट्सएप्प chnnl ko फ़ॉलो करना ना भूले, https://whatsapp.com/channel/0029VanGa9XLikgGwcGzKx3k            

  • 13. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 13

    Words: 2410

    Estimated Reading Time: 15 min

    ak chptr अक्षरा और vs के नाम, next अदा और अक्ष का मॉल के एक प्राइवेट एरिया के वीआईपी रूम में अक्षरा बैठी हुई थी, और उसके ठीक सामने दो आदमी बैठे हुए थे। अक्षरा उनकी प्रेजेंटेशन देख रही थी। अक्षरा उनकी प्रेजेंटेशन देखने में इतनी बिजी थी कि अपने सामने बैठे आदमी की नज़र कैसी है, उसे अहसास ही नहीं था। अक्षरा फ़ाइल रीड करने के बाद अपने सामने बैठे खुराना कंपनी से आए दोनों रिप्रेजेंटेटरों को देखकर बोली, "आपकी प्रेजेंटेशन तो बड़ी अच्छी है, लेकिन मुझे पता लगा है कि आप लोग पहले सिंघानिया के साथ डील करने वाले थे, और यही नहीं, आप लोग उनके काफ़ी पुराने पार्टनर भी हैं। तो अचानक अहलूवालिया के साथ डील करने का मतलब?" सामने बैठा विकास पांडे, जो कि खुराना कंपनी की तरफ़ से इस प्रोजेक्ट का हेड था, वो हँसकर बोला, "सिंघानिया के साथ हमारी कंपनी की काफ़ी डील हुई हैं। अहलूवालिया के साथ डील करने के लिए हमें सक्सेस की ज़रूरत थी, जो हमने हासिल कर ली है। इसलिए अब हम आपके साथ डील करने के लिए तैयार हैं।" अक्षरा: "तो यह तो आपकी सिंघानिया के साथ गद्दारी हुई ना? उन्होंने आपको अपने इतने बड़े प्रोजेक्ट दिए थे, और सिंघानिया की वजह से आज आप इस मुकाम पर पहुँचे हैं। और जब आपने सक्सेस हासिल कर ली, तो आपने उन्हें छोड़कर, उनसे बड़ी कंपनी में काम करने की सोच ली? वैसे सिंघानिया कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं है। अहलूवालिया के बाद अगर किसी कंपनी का नाम आता है, तो सिंघानिया ही है।" विकास पांडे: "मैम, सक्सेस किसको पसंद नहीं है? हमें जहाँ तक पहुँचना था, वहाँ तक पहुँचने में सिर्फ़ सिंघानिया की मदद से हम अपनी कंपनी को दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करवा पाए। और अब हमें लगता है कि हम उससे ऊपर काम कर सकते हैं, तो हम आपके साथ डील करने को तैयार हैं। और वैसे भी, इंसान अपने फ़ायदे के लिए ही तो बिज़नेस करता है।" अक्षरा बड़ी ही पॉलाइटली कहती है, "दूसरे के साथ गद्दारी करके जो बिज़नेस होता है, वो बिज़नेस नहीं होता, इसको धोखा कहते हैं। और इसकी क्या गारंटी है कि आप अहलूवालिया के साथ सेम गद्दारी नहीं करेंगे? कल को अगर आपको बाहर किसी कंपनी ने कोई बड़ा प्रॉफ़िट दिखाकर हमसे गद्दारी करने को कहा, तो आप लोग अहलूवालिया के साथ गद्दारी करके हमारे सीक्रेट्स उन तक पहुँचा देंगे।" विकास पांडे, जिसको यह पता ही नहीं था कि उसके सामने बैठी हुई लड़की कोई और नहीं, बल्कि अहलूवालिया फैमिली की बेटी है (क्योंकि अक्षरा बिज़नेस में कभी कदम नहीं रखी थी, और अब यह उसका पहला बार था, इसलिए इसके बारे में अभी किसी को भी नहीं पता था), इसलिए विकास पांडे आगे कहता है, "क्या मैम, आप भी... इतना हाइपर होने की ज़रूरत नहीं है। आप अहलूवालिया के लिए काम करती हैं, हम खुराना के लिए काम करते हैं। अपने-अपने कंपनी का हर कोई फ़ायदा देखता है, और हमें पता है कि हमारे साथ काम करके आपको बहुत फ़ायदा होने वाला है। आफ़्टर ऑल, हमने कई घाटों का पानी पिया है।" अक्षरा उन लोगों को देखकर एक डेविल स्माइल करती है, और फिर खड़े होकर उन दोनों को देखकर कहती है, "अहलूवालिया कभी दोहरे लोगों के साथ डील नहीं करते हैं। वैसे, मेरा टाइम बर्बाद करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं आगे इस बात का ध्यान रखूँगी कि आप जैसे दो-कोड़ी के क्लाइंट्स अपनी दो-कोड़ी की कंपनी की डील लेकर हमारी कंपनी के आसपास भी ना भटके।" यह कहकर अक्षरा वहाँ से जाने के लिए मुड़ जाती है। विकास के साथ आया दूसरा आदमी आगे बढ़कर अक्षरा के कंधे पर हाथ रखकर बड़े अजीब ढंग से कहता है, "हमें और हमारी कंपनी को दो-कोड़ी का कहने वाली लड़की, तेरी औक़ात ही क्या है? अरे तू जानती ही क्या है बिज़नेस के बारे में? अपनी खूबसूरती का फ़ायदा उठाकर तूने इतनी बड़ी कंपनी में जगह बना ली है। बता, तुझे अहलूवालिया कितना देते हैं? हम उससे डबल देंगे तुझे, लेकिन हमारी डील फ़ाइनल करवा।" वह दो बेचारे, जो कंपनी की तरफ़ से डील करवाने आए थे, वह दोनों अक्षरा को भी अपनी ही तरह एक एम्प्लॉई समझ रहे थे। अक्षरा अपनी नज़र टेढ़ी कर अपने कंधे पर रखे उस हाथ को देखती है। जैसे ही वह आदमी अपने हाथ को अक्षरा के कंधे पर कुछ हरकत करने वाला होता है, अक्षरा अपने दूसरे हाथ से उसका हाथ पकड़कर एक झटके से मोड़ देती है, और एक चट की आवाज़ के साथ उसके हाथ की हड्डी टूट जाती है। अक्षरा ने उसके हाथ को पूरा 180 डिग्री के एंगल पर घुमा डाला था। उस आदमी की एक चीख निकल जाती है। अक्षरा भले ही लड़की थी, लेकिन तक्ष ने उसे अक्ष से कम फ़ाइट नहीं सिखाई थी। फ़ाइट में अक्षरा, दानिश, शुभ और वंश इन सब की हेड थी, और अक्ष की बराबर की पार्टनर। अक्षरा को फ़ाइट में अगर कोई बीट कर सकता था, तो वह तक्ष था, और कोई टक्कर दे सकता था, तो वह अक्ष था। अक्षरा जैसे ही उस आदमी का हाथ तोड़ती है, तो प्रोजेक्ट हेड विकास की आँखें हैरानी से बाहर आ चुकी थीं। अक्षरा अब घूमकर वहाँ टेबल पर रखे एक टिश्यू को उठाकर अपना कंधा बड़े ही स्टाइल में साफ़ करती है। विकास अपने साथ आए आदमी को संभालते हुए वहाँ सोफ़े पर बैठता है, और अक्षरा पर चिल्लाते हुए कहता है, "यह लड़की, यह क्या कर दिया तूने? तू जानती भी है कि यह कौन था?" अक्षरा उसके होंठों पर अपनी उंगली रखकर, "शशशश... आहिस्ता बोलो, क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि मैं कौन हूँ।" फिर अपने होंठ विकास के कान के पास ले जाकर, "माय नेम इज़ अक्षरा अहलूवालिया, ए एंड ए कंपनी की ओनर, तक्ष अहलूवालिया की बेटी, अक्ष अहलूवालिया की बहन..." अब तो विकास की साँसें उसकी हलक में ही अटक गई थीं, क्योंकि उसने अनजाने में अहलूवालिया के साथ दुश्मनी मोल ले ली थी। उसे सबसे बड़ी गलती यह हुई कि उसने अक्षरा को पहचाना नहीं। उसकी एक वजह थी, जिसे अक्ष ने देखा होगा, वही अक्षरा को पहचान पाता, लेकिन अक्ष जल्दी ही किसी मीटिंग को अटेंड नहीं करता था; वह हाई लेवल की मीटिंग में ही पहुँचता था। और खुराना के साथ मीटिंग कोई बहुत बड़ी मीटिंग नहीं थी, लेकिन अक्षरा को बिज़नेस में कदम रखवाने के लिए छोटी-मोटी मीटिंग में भेजना ज़रूरी था, और इसीलिए अक्ष ने उसे खुराना के साथ डील करने भेजा था। और रही खुराना कंपनी की बात, तो खुराना कोई बहुत बड़ी कंपनी नहीं थी। सिंघानिया ने भी उस पर तरस खाकर अपने साथ काम करने का मौक़ा दिया था, क्योंकि सिंघानिया के पास बहुत बड़ी और छोटी कंपनियाँ थीं काम के लिए, लेकिन खुराना के ये वर्कर्स ने उनको सिंघानिया और अहलूवालिया दोनों का दुश्मन बना दिया था। अक्षरा विकास को देखती है, जिसका पूरा चेहरा पसीने में तर हो चुका था। अक्षरा अब अपने चेहरे पर एक हल्की मुस्कान लाकर कहती है, "मेरे साथ बदतमीज़ी करने की सज़ा तो मैं तुम लोगों के साथ बहुत कुछ चाहती हूँ, लेकिन वह क्या है ना कि अहलूवालिया के साथ तो तुमने दुश्मनी ले ही ली, साथ ही साथ अहलूवालिया के साथ दोस्ती बढ़ाने के चक्कर में तुमने सिंघानिया के साथ भी दुश्मनी ले ली। अब तो तुम्हारी जान वैसे ही ख़तरे में है, और तुम लोगों की वजह से खुराना भी अब ख़तरे में है। तो मैं तुम लोगों के साथ कुछ भी खेल खेलने के मूड में नहीं हूँ। अब तुम्हारे साथ जो भी करना होगा, वह सिंघानिया, मेरे डैड और मेरा भाई करेंगे। मुझे घर जाकर थोड़ा रेस्ट करना है, पहली बार इतना काम किया है ना मैंने..." उसके बाद अपने क्लच में से कुछ पैसे निकालकर नीचे सोफ़े पर पड़े उस आदमी के मुँह पर मारकर, "इलाज करवा ले, क्योंकि अब जो-जो तेरा टूटेगा ना, उसके बाद तुझे वह जुड़वाने के लिए मोहलत और पैसा कुछ भी नहीं मिलेगा..." यह कहने के बाद अक्षरा उस रूम से बाहर निकल जाती है। वही यह सारा सीन कोई अपने लैपटॉप में बैठकर देख रहा था। जो इंसान लैपटॉप में बैठकर यह सारा सीन देख रहा था, उसके हाथ में से खून बह रहा था, क्योंकि अभी-अभी उसने अपने हाथ में ही एक काँच का ग्लास दबाकर तोड़ दिया था, और यह उसने उस वक़्त किया था जब अक्षरा के कंधे पर उस आदमी ने हाथ रखा था। लेकिन उस आदमी के चेहरे पर दर्द और शिकन नहीं थी, बल्कि उसके चेहरे पर एक ख़तरनाक मुस्कान थी। वह मन में कुछ सोचकर अपना फ़ोन निकालकर कॉल करता है, "हेलो... डोडो... खुराना कंपनी के ओनर और वह दोनों वर्कर जो अहलूवालिया के साथ डील करने मेरे मॉल आए थे, मुझे मेरे अड्डे पर चाहिए..." फिर वह फ़ोन काटकर, "माय स्वीट पॉइज़न, थोड़ा सा टेस्ट करना है तुमको। आफ़्टर ऑल, एक मीठी मौत तो मैं भी डिज़र्व करता हूँ... और किसी गैर-मर्द के होंठों को छूने की सज़ा तो मिलेगी ना... वैसे भी, अभी हिसाब भी तो बराबर करना है..." यह बोलकर वह नज़र नीचे कर अपने कोल्ड्रिंक्स से भीगे कोट और शर्ट को देखता है, और मुस्कुरा देता है। अक्षरा मीटिंग रूम से निकलकर बाहर आती है। उसके चेहरे पर ना डर, ना कोई फ़िक्र थी। उसे पता था कि उसका भाई अब खुराना को कहीं का नहीं छोड़ेगा, पर उसे नहीं पता था कि अब कोई और भी था जो खुराना को बर्बाद करने का प्लान भी बना चुका है, साथ ही उसे भी... अक्षरा वीआईपी एरिया से बाहर निकलती है, तो उसे एक छोटा बच्चा नज़र आता है जो रो रहा था। अक्षरा उस बच्चे के पास जाकर, "क्या हुआ बेटा? आप क्यों रो रहे हो? मम्मा कहाँ है आपकी?" वह बच्चा रोते हुए एक साइड इशारा कर कहता है, "मम्मा वहाँ गई है मुझे छोड़कर..." अक्षरा उस साइड देखती है, तो वहाँ पीवीआर नज़र आता है। अक्षरा का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच जाता है। कोई कैसे अपने छोटे बच्चे को छोड़ फ़िल्म देखने जा सकता है? इसलिए वह उस बच्चे का हाथ पकड़ खुद उस साइड जाती हुई, "कोई बात नहीं बेबी, हम लोग वहाँ जाएँगे और मम्मा को खूब डाँट लगायेंगे कि कैसे वो प्यारे बेबी को छोड़कर चली गई। ओके, नाउ डोंट क्राई बेबी..." अक्षरा अब तक पीवीआर एरिया में एंटर कर चुकी थी। अंदर एंट्री करते हुए उसे किसी ने ना तो रोका और ना ही उसे कोई नज़र आया। अक्षरा उस बच्चे की मम्मी को ढूँढ़ते हुए एक थिएटर के अंदर पहुँच जाती है जहाँ अँधेरा था और पर्दे पर फ़िल्म चल रही थी। अक्षरा अंदर आती है, तो उसे कोई भी नज़र नहीं आता। वह हर जगह नज़र दौड़ाती है, लेकिन उसे कोई भी नज़र नहीं आता। अब तक वह बच्चा भी अक्षरा से हाथ छुड़ाकर वहाँ से ग़ायब हो चुका था। अक्षरा जब अपने खाली हाथ को देखती है, तो हर जगह नज़र दौड़ाती है और आवाज़ देती है, "बेबी, आप कहाँ हो? यहाँ आपकी मम्मा यहाँ नहीं है, बेबी, इधर आओ मेरे पास..." अक्षरा अभी बोल ही रही थी कि उसे अपनी गर्दन पर किसी की गरम साँसें महसूस होती हैं। जिसको महसूस कर अक्षरा तुरंत मुड़ने वाली होती है, लेकिन तभी उस शख्स ने अक्षरा को कमर से पकड़कर अपने सीने से लगा लिया था। अब अक्षरा की पीठ उस शख्स से सीने से लगी थी, और उसकी पीठ हल्की गीली महसूस हुई। अक्षरा अपने हाथ को चलाते हुए चिल्लाकर, "व्हाट अ फ़क? हू द हेल आर यू? हिम्मत है तो सामने आओ, यू नामर्दों की तरह पीछे से वार करते शर्म नहीं आ रही?" वह शख्स अपनी गहरी आवाज़ में अक्षरा के कान के बिल्कुल करीब होंठ रखकर, "हमला करने में शर्म आती है, लेकिन प्यार करने में बिल्कुल नहीं, स्वीट पॉइज़न..." यह आवाज़ सुन अक्षरा को अलग सी कपकपी चढ़ जाती है। अक्षरा अपनी आवाज़ में सख्ती लाकर, "प्यार? व्हाट अ फ़क...?" शख्स: "बेबी... आई विल... बट नॉट नाउ। आफ़्टर मैरिज आई विल फ़क यू वेरी बैडली..." यह बोल वह शख्स अक्षरा के कान पर बाइट कर लेता है। उस शख्स के ऐसा करते ही अक्षरा के पेट में तितली उड़ने लगती है। लेकिन खुद पर कण्ट्रोल कर वह वापस चिल्लाकर, "बकवास बंद करो और छोड़ो मुझे। अगर मेरे डैड और भाई को पता लगा ना तो..." वह शख्स: "तो वो तुम्हारी शादी करवा देंगे मुझसे। क्योंकि वीएस की पसंद को कोई उससे छिपा दे या छीन ले, ऐसा मुमकिन ही नहीं। तुम्हारे बाप और भाई भी नहीं..." वह शख्स, जो कि वीएस (वीरांश सिंघानिया) था, जो आप लोग पहले ही समझ गए होंगे... फिर वीएस एक झटके से अक्षरा को घुमाकर अपने सामने करके उसे अपने सीने से चिपका लेता है। ऐसा करते वक़्त अक्षरा के बाल उसके चेहरे पर परदा कर देते हैं। वीएस बड़े ही स्टाइल से अक्षरा के बालों को उसके चेहरे से हटाकर उसकी आँखों में देख कहता है, "जिस पर मेरी नज़र का पहरा हो, उसे किसी और के पहरे की ज़रूरत नहीं..." अक्षरा अब वीएस के चेहरे को देखती है, तो उसे याद आता है, यह तो वही इंसान था जिस पर उसने कोल्ड्रिंक्स फेंकी थी। अक्षरा वीएस को देखकर, "ओह्ह! तो तुम हो? क्या कोल्ड्रिंक्स से दिल को ठंडक नहीं पहुँची, जो अपनी अस्थियों को आग में डालने आए हो?" वीएस मुस्कुराकर, "ठंडक ही तो नहीं पहुँची इस कमबख़्त दिल को।" यह बोलकर वह अक्षरा के होंठों के पास जाकर, "इसे इस स्वीट पॉइज़न के होंठों की तलब लगी है। एक बार यह पॉइज़न मेरे होंठों से होकर मेरे दिल में उतर जाए, फिर मेरे दिल को ठंडक और क़रार भी आ जाएगा..." अक्षरा के हाथ उसकी कमर के साथ वीएस की पकड़ में थे, इसलिए वह कोई हरकत नहीं कर पा रही थी। अक्षरा गुस्से में, "मुझे यूँ कैद कर अपनी मर्दानगी दिखा रहे हो? हिम्मत है तो छोड़कर देखो मुझे। तुम्हारी नानी याद ना दिलाई तो कहना..." वीएस अक्षरा को ऐसे ही गोद में लिए फ़र्स्ट रो की चेयर पर लाकर छोड़ देता है, जिससे अक्षरा उस कुर्सी पर बैठ जाती है। वीएस कुर्सी के इर्द-गिर्द हाथ रख अक्षरा पर झुककर, "लो, छोड़ दिया। लेकिन मेरी नानी की मुझे याद नहीं आती, बिकॉज़ आई हेज़्ट माय नानी..." फिर अक्षरा को देखकर, "तुम आग हो, और मैं भी। जब आग सामने हो, तो प्यास बहुत लगती है।" यह बोल वीएस वह कोल्ड्रिंक्स की बोतल अपने मुँह से लगा लेता है। वह ऐसे ड्रिंक कर रहा था कि बोतल से ड्रिंक उसके मुँह से निकलते हुए उसके होंठों से बहते हुए उसके गर्दन को छूकर उसके सीने तक बह जा रही थी। वीएस जो शर्ट पहना था, उसके तीन बटन उसने खोल रखे थे, जिससे उसका पूरा सीना साफ़ नज़र आ रहा था। अक्षरा वीएस के बदन को छूकर बहती कोल्ड्रिंक्स को देख अपना गला सूखता हुआ महसूस कर रही थी।

  • 14. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 14

    Words: 1195

    Estimated Reading Time: 8 min

    अदा की आह सुनकर अक्ष आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता है। अक्ष जो बाथरोब पहना था, उसकी नॉट अब तक खुल चुकी थी और अक्ष का ब्रॉड चेस्ट अदा के चेस्ट से टकराने लगा था। दोनों के बदन भट्टी की तरह तप रहे थे। अक्ष अब अदा के सीने की तरफ बढ़ता है और अपने होठों से अदा के बदन का स्वाद ले रहा था। अक्ष अदा के सीने से होता हुआ नीचे पेट की तरफ बढ़ता है और अपने होठों को लगातार चलाता रहता है; कभी लिंक, कभी स्मूच, कभी वेट किसेस। अक्ष जैसे ही अदा के कमर से नीचे जाने लगता है कि तभी कुछ ऐसा होता है... अक्ष जैसे ही आगे बढ़ने वाला होता है, तभी उसका फोन रिंग होने लगता है। अक्ष अचानक फोन के बजने से रुक जाता है और अपने चेहरे को अदा के पेट में घुसा कर रख देता है। अदा भी फोन की आवाज से होश में आती है। उसके लिए यह सिचुएशन बहुत ही ज्यादा शर्मदायक थी। वह अक्ष को रोकने के बजाय उसकी हर हरकत पर मचल रही थी। यह सोच-सोचकर उसे शर्म आ रही थी। अक्ष अपना चेहरा अदा के पेट से हटाकर ऊपर की तरफ ले जाता है और उसके माथे पर एक किस करता है। अदा की आँखें इस वक्त शर्म से बंद थीं। अक्ष अदा की बंद आँखों पर एक-एक किस करता है और कहता है- “मुझे कुछ काम से जाना है। अभी कुछ देर में मॉम आएंगी खाना लेकर। खा लेना, ओके? मैं रात में आऊँगा, तब सो जाना। और अब टेंशन किसी बात की भी नहीं करनी है तुमको। आई नो पास्ट भूलना आसान नहीं, लेकिन कोशिश कर सकते हैं ना।” अदा जो अब तक आँखें बंद किए अक्ष की बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी, वह हल्के-हल्के अपनी आँखें खोलती है और सामने अक्ष का हसीन चेहरा देखकर अपनी नम आँखों के साथ सर को हाँ में हिला देती है। अक्ष ने अदा को आँखें दिखाकर फिर सर को हिलाया। अक्ष की बात सुनकर अदा कहती है- “जी जी, समझ गई।” अक्ष “गुड गर्ल” कहता है और उसके बाद अदा के ऊपर से हटकर खड़ा हो जाता है और अदा की तरफ पीठ करके अपने बाथरोब की नॉट बांधता है। इस वक्त अक्ष के एक्सप्रेशन ऐसे थे जैसे कि वह कोई बहुत खूंखार आदमखोर हो। यह अक्ष, वह अक्ष लग ही नहीं रहा था जो अभी तक अदा से बात कर रहा था। बाथरोब की नॉट बांधने के बाद अक्ष क्लोजेट रूम की तरफ चला जाता है। जाते-जाते साथ में अपना मोबाइल लेना वह नहीं भूलता। क्लोजेट रूम में आते ही अक्ष अपने फोन से एक नंबर डायल करता है। अक्ष- काम हुआ, दानिश? दूसरी साइड से दानिश- यस, हो गया। अक्ष- प्लान में चेंजिंग है। श्रेया की डिलीवरी के बाद श्रेया वापस शर्मा हाउस नहीं जानी चाहिए। उसे मेरे अड्डे पर लाना। गॉट इट? दानिश- यूं अचानक चेंज की कोई खास वजह? अक्ष- वह सब बातें बाद में बताऊँगा। फिलहाल मेरी दूसरी बात सुनो। अभय शर्मा के खिलाफ जितने भी सबूत हमारे पास हैं, वह सब मीडिया में दे दो। और जब पुलिस और सब लोग उसके पीछे उसे ढूँढने में लगे हों, तब वह मुझे मेरे अड्डे पर चाहिए। दानिश- लेकिन अभी तो हम... अक्ष- जितना बोला उतना करो। मेरे बाप बनने की गलती मत करो। यह बोलकर अक्ष फोन कट कर साइड में रख देता है और अपने कपड़े निकालकर चेंज करने लगता है। बाहर अदा, अक्ष के जाते ही अपने ब्लाउज पहनकर साड़ी सही करती है। उसके चेहरे की लाली जाने का नाम ही नहीं ले रही थी। वह अपनी शादी के हालात, अपने गम, तकलीफ, सब भूल गई थी। साड़ी को सही करते वक्त वह आईने के सामने जाकर खड़ी हो जाती है। उसकी नज़र जैसे ही अपने चेहरे पर जाती है तो उसे अक्ष के दिए गए निशान उसके होठों पर नज़र आते हैं। अनजाने में ही वह अपने हाथ ले जाकर होठों को छूकर देखती है और मुस्कुरा देती है। कुछ ही देर में अक्ष ने अदा को बिलकुल बदल दिया था। जो नज़र उठाकर देखती भी नहीं थी, अक्ष ने उसे मुस्कुराने पर मजबूर कर दिया। अक्ष पीछे खड़ा अदा को देख रहा था। जो वह चाहता था, उसने वह कर दिया था। उसने अदा को अपने ख्यालों में डूबा दिया था। अक्ष अदा को उसके पास्ट से निकलना चाहता था, जिसके लिए उसे अदा को कुछ अच्छी यादें देनी थीं, सो उसने वह कर दिया था। अक्ष धीरे-धीरे अदा के पीछे आकर खड़ा होता है और उसकी कमर से पकड़कर उसे खुद से चिपका लेता है। फिर दूसरे हाथ से टेबल पर रखे सिंदूर को अदा की मांग में सजाकर बाहर निकल जाता है। अदा खुद में इतना खो चुकी थी, उसे अक्ष के आने का पता ही नहीं लगा था। जब अक्ष ने उसे पकड़ा तो वह अपने ख्यालों से बाहर आई, लेकिन तब तक अक्ष उसकी मांग सजाकर जा चुका था। अदा बस खड़ी हुई अपने इस सिंगार को निहार रही थी। बाहर तक्ष आर्या का रूम तक्ष शर्टलेस आर्या को अपनी बाहों में भरे लेटा हुआ था। उम्र के इस पड़ाव पर भी उसकी बॉडी और पर्सनालिटी पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा था। वहीं आर्या एक सिंपल लोअर टी-शर्ट में तक्ष की बाहों में लेटी थी। देखने में वह आज भी एक छोटी लड़की का ही लुक देती थी, या कह सकते हैं तक्ष ने अपनी लिटिल गर्ल को कभी बड़ा होने ही नहीं दिया। आर्या तक्ष के सीने में सर रखे मुँह को तक्ष की तरफ कर- “मि. हैंडसम, बताइए ना अक्षु ने क्या कहा आपसे? उसने बताया कि उसने अदा से शादी क्यों की? आप तो सब जानते हैं ना उसके बारे में।” तक्ष आर्या के नाक पर किस कर- “लिटिल गर्ल, तुम चाहती थी ना कि तुम्हारा बेटा शादी कर खुश रहे, सो वह कर चुका। अब क्यों उसके पीछे पड़ी हो? भूलो उसे और मुझ पर ध्यान दो।” आर्या मुँह बनाकर- “बुड्ढे हो गए, अब क्या ध्यान दूँ?” यह बोल आर्या करवट लेने ही वाली होती है कि तक्ष उसे बेड पर लेटाकर उसके ऊपर आ जाता है- “ओह्ह रियली? तुमको मैं बुड्ढा लगता हूँ? अभी भी इतना स्टैमिना रखता हूँ कि अक्ष के बच्चों से ज़्यादा बच्चे पैदा कर सकता हूँ।” “नो डैड, मुझको मेरा और कोई भाई-बहन नहीं चाहिए।”- अक्ष रूम में इंटर होते हुए कहता है। अक्ष की आवाज़ सुन तक्ष मुँह बनाकर आर्या के ऊपर से हट जाता है और बेड पर बैठकर उसे घूरने लगता है। वहीं आर्या शर्म से लाल-पीली हो रही थी। अक्ष आर्या और तक्ष की तरफ पीठ किए अंदर आया था और वैसे ही खड़ा था। आर्या अपने बेटे की आदत जानती थी, इसलिए वह आराम से बेड से उठकर खड़े होने लगती है कि तक्ष उसका हाथ पकड़ रोक कर- “तुम कहाँ चली? टाइगर की तो आदत है गलत टाइम पर हमारे बीच आने की। सॉरी, गलत टाइम क्या? इसके लिए तो मेरा रूम धर्मशाला है। जब दिल चाहे पीठ घुमाकर चला आता है।” अक्ष अब चेहरा तक्ष की तरफ कर- “नो डैड, इट्स नॉट धर्मशाला। इट्स माई लिटिल मॉम रूम।” तक्ष- “शी इज़ ओनली माई लिटिल गर्ल, नॉट योर लिटिल मॉम। एंड इट्स माई रूम आल्सो।” अक्ष- “ओल्ड मैन, ट्राई अ न्यू डायलॉग।” आर्या चिल्लाकर- “बस करो दोनों!”

  • 15. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 15

    Words: 1959

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब आगे   आर्य के चिल्लाते ही अक्ष और तक्ष दोनों नजर घुमा के आर्य को देखते हैं जो गुस्से में उन दोनों को ही घूर रही थी।  आर्य अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर कहती है “-तुम दोनों लड़ना बंद करो ना तो मैं किसी की लिटिल गर्ल हूं ना ही किसी की लिटिल मॉम आई एम ए बिग गर्ल now।”  अक्ष और तक्ष दोनों एक दूसरे को देखते हैं और उसके बाद अपने सर ko एक साथ ना me हिला कर कहते हैं-  अक्ष-“ i know लिटिल मॉम ” तक्ष -“i know लिटिल गर्ल ”  आर्या अपने पति और बेटे को ऐसे देखती है जैसे की अभी दोनों का सर फोड़ देगी है।उसका हस्बैंड और उसका बेटा दोनों ही उसके लिए लड़ते रहते हैं और दोनों ही उसको ही चुप करा देते हैं। आर्या 14 15 साल के बच्चे की तरह मुंह फुला कर बेड पर अलती-पलटी मारकर बैठ जाती है और अपने दोनों हाथों को अपने सीने पर बांध कर के मुंह फुला लेती है।  अक्ष और तक्ष जब आर्या को ऐसे बैठे देखते हैं तो वह एक बार फिर आपस में लड़ना शुरू कर देते हैं।  अक्ष तक्ष को घूर के कहता है -“ओल्ड मैन आपने मेरी लिटिल मॉम को नाराज कर दिया!”  तक्ष अपनी आँखो को कुछ छोटा कर अक्ष को घूर कर -“शट अप टाइगर यह हरकत तुमने की है ना कि मैंने वह तुम ही थे जो हमारे रोमांस के बीच में टांग अड़ाने आ गए अब देखो तुम्हारी मॉम का मूड खराब हो गया। ”  अक्ष तक्ष के सामने हाथ बांध के खड़े होकर कहता है -“ओह रियली मैंने तो अपनी मॉम को बचाया है आप जैसे आदमखोर इंसान से बेचारी मेरी लिटिल मॉम पता नहीं आपको कैसे झेल रही है इतने सालों से।”  तक्ष -“ओ हेलो मुझे झेला है तभी तू आया है समझा क्या।” अक्ष अब तक्ष की बात को इग्नोर करता है और आर्य के बराबर में बैठकर कहता है-“ मॉम मुझे बाहर जाना है प्लीज आप white फेरी को खाना खिला दोगी plz !  आर्या अक्ष के व्हाइट फेरी कहने से कंफ्यूज ho जाती है। वही तक्ष समझ गया था ki अक्ष अदा ki बात कर रहा है।  तक्ष अक्ष का हाथ पकड़ कर उठाते हुए कहता है -“ ओ हेलो तुम्हारी बीबी है वह, खुद देखो उसे। मेरी बीवी का पीछा छोड़ दो समझे। ”  तक्ष की बात सुनकर आर्या को समझ आता है कि अक्ष अदा की बात कर रहा है। आर्या अक्ष को देख उसे चिढ़ाने वाले अंदाज में - ओह्ह to मुझे तुम्हारी व्हाइट फेरी को खाना खिलाना है। अक्ष जो खड़ा हुआ था वह वापस आर्य के पास बैठकर उसके दोनों कंधों को पकड़ कर कहता है-“ मॉम सच बताइए आपको लड़की पसंद है ना” आर्या सोचते हुए -ह्म्म्मम्म्म्म ठीक ठाक ही है थोड़ी शर्मिंली और डरपोक है उस सबको मैं और तेरी बुग्गु हेंडल कर लूंगे तू बेफिक्र रह।” आखरी लाइन कहते हुए आर्य अपना हाथ अक्ष के चेहरे पर रखकर हल्का सा था थपथपा देती है।  अक्ष आर्य को गले लगा कर-“ थैंक यू मॉम मुझे समझने के लिए।”  आर्य-“ वह सब तो मैं समझ रही हूं लेकिन तूने मुझे अभी भी नहीं बताया कि तूने अदा को ही क्यों चुना शादी के लिए।”  अक्ष-“ वह सब मॉम अभी आपका जानना जरूरी नहीं। सही वक्त आने पर मैं आपको सब बता दूंगा। ओके मैं चलता हूं रात में लेट आऊंगा।”  अपनी बात कहने के बाद अक्ष आर्या के गाल पर एक किस करता है और जाने के लिए मुड़ता है। की तभी आर्या उसे आवाज देकर कहती है-“ तुम आज भी वही करने जा रहे हो। “  आर्या की बात सुनने के बाद अक्ष और तक्ष दोनों अपने हाथों की मुठिया कस के बंद कर लेते हैं।  अक्ष बिना आर्य को देखे कहता है - उस काम बिना मैं नहीं रह सकता मॉम।  यह बोलकर अक्ष तेज़ी में उस रूम से बाहर निकल जाता है  अक्ष की बात सुनकर आर्या की आंख से एक आंसू निकल कर गिर जाता है।  तक्ष जो अब तक अपने बेटे से लड़ने के मूड में था वह एक टक एक्सप्रेशन लेस चेहरे से अक्ष को जाते हुए देखता रहता है।  अक्ष के जाने के बाद तक्ष आर्या को देखता है जो रो रही थी तक्ष आर्या के पास बैठता है तक्ष के बैठते ही आर्या उसके सीने से लगकर कहती है-“सब kuch कब ठीक होगा mr हैंडसम मैं कब तक यह सब देखु। मुझे सब पहले जैसा चाहिए mr हैंडसम सब पहले जैसा।  तक्ष -“ अपने mr हैंडसम पर भरोसा है ना little girl। आर्या चेहरा ऊपर कर तक्ष को देख सर को हा मै हिला देती है “ तक्ष -“ to यकीन करो मैं सब ठीक कर दूंगा।” आर्या वापस तक्ष के सीने लग कर - “lekin agr उसकी इस गलती की वजह से अक्षु की शादी शुदा जिंदगी पर कोई असर पड़ा to,” तक्ष - little girl टाइगर अदा को अपनी ज़िम्मेदारी बना कर यहाँ लाया है और देखना एक दिन यह ज़िम्मेदारी उसकी मोहब्बत बन जाएगी। “ आर्या -“ काश के ऐसा ही ho।” तक्ष आर्या के बालो को सेहलाते हुए किसी गहरी सोच मै था उसके dimag का हाल रीडर भले ना जाने पर यह राइटर जानती है 😉 अक्ष आर्या और तक्ष के room से बाहर आता है to उसको सभी लोग हाल मै मौजूद मिलते है। ओम, आराध्या उनके दोनों बेटे शुभ और वंश, कृष और छवि उनकी बेटी अंतरा, और दानिश। वंश अक्ष की शादी का सारा सीन एक्टिंग करके उन सब को बता रहा था। और ओम,दानिश और शुभ को छोड़कर बाकी सब उसकी बातें बड़े ध्यान से सुन रहे थे जैसे कि वह अक्ष की शादी की लाइव टेलीकास्ट देख रहे हों।  वंश अक्ष की नकल उतारते हुए - अब पता है जब सिंदूर लगाने की बारी है ना तो अक्ष भाई के डायलॉग क्या थे? सब एक साथ - क्या थे? वंश - सॉरी पंडित जी लेकिन यह अक्ष आहुवालिया की बीबी है आर्या आहुवालिया और तक्ष आहुवालिया की बहू। मैं इसको इसकी ही उतरन दोबारा नहीं पहने दूंगा to फिर इसके शरीर पर गिरे सिंदूर को दोबारा इसकी मांग में कैसे सजा सकता हूं। यह डायलॉग कहने के बाद वंश अपने अंगूठे को कट करने का नाटक करता है और सामने इमेजिन की हुई एक लड़की की मांग भरने का ड्रामा करता है।  सब लोग वंश की एक्टिंग की दाद दे रहे थे। जैसे ही वंश पूरा सीन कंप्लीट करता है एक ताली की आवाज हाल में गूंजती है।- well done वनु   इस आवाज को सुनकर सभी लोग खामोशी से खड़े होकर अपने-अपने रूम की तरफ निकलने लगते हैं। वंश भी अपनी आंखें बंद किए खड़ा रहता है क्योंकि वह जानता था यह किसकी आवाज़ थी। बड़ी हिम्मत करके वह उस तरफ चेहरा करता है जिधर अक्ष खड़ा था।   अक्ष जैसे ही देखता है वहां से सब निकालने की कोशिश कर रहे हैं तो वह आवाज देकर कहता है -“खबरदार अगर कोई यहां से हिला तो।”  कृष और ओम जो पास पास ही खड़े थे आपस में बात करते हुए कहते हैं  कृष ओम से -“क्या ओम भाई क्या भतीजा है मेरा मतलब मेरा भाई कम था जो यह उसका हूबहू सैंपल भी मुझे और मिल गया। कोई मौका नहीं छोड़ता हमें डाटने का। ओम -तू हमारी बात करता है यह अपने बाप को नहीं छोड़ता।  कृष -“लेकिन कब तक ऐसे चलेगा कभी तो कोई आए जो उसके आगे अपनी जबान खोले ।”  ओम हल्का मुस्कुरा कर कहता है-“ आ गई है बस उसका मुंह खुलवाना बाकी है उसके बाद इसका मुंह बंद।”  कृष -“तो उसका मुंह खोलने के लिए हमें क्या करना होगा।”??  ओम -“उसके लिए हमें कुछ नहीं करना होगा हमारे घर की स्त्रियां है ना स्त्री कुछ भी कर सकती है।”  कृष ओम की बात सुनकर दांत dikha कर मुस्कुरा देता है   अक्ष अपने दोनों चचाओं को बात करते हुए देखकर कहता है - अगर आप दोनों की क्राइम स्टोरी कंप्लीट हो गई हो तो जरा आप लोग मेरे साथ बाहर चलेंगे!  कृष और ओम जो कि अभी तक अपनी बात में मगन थे अक्ष की बात सुनकर उसकी तरफ देखकर हल्के से कहते हैं -“हां हां क्यों नहीं।”  और यह कहते ही तुरंत दोनों बाहर को चले जाते हैं।  अक्ष शुभ और दानिश को देखकर कहता है -“गाड़ी निकालो तुम दोनों भी अपनी “  अक्ष का हुक्म था और दानिश और शुभ ऐसे भागे जैसे कि उनके पीछे भूत पड़ा हो  उसके बाद अक्ष धीरे-धीरे वंश के सामने आकर खड़ा होता है और उसके कंधे पर एक हाथ रखकर कहता है- “आई थिंक तुम्हें एक ड्रामा कंपनी खोल लेनी चाहिए वह क्या है न आहुवालिया बिजनेस से हमें इतना प्रॉफिट नहीं मिल रहा है और राणे इंडस्ट्री भी कुछ खास तरक्की नहीं कर रही। तो शायद तुम्हारी ड्रामा कंपनी हमें तरक्की पर पहुंचा दे। वंश रोनी सी सूरत बनाकर अक्ष को देखता है और उसके सामने हाथ जोड़ कर ड्रामा करते हुए कहता है- अरे मेरे प्यारे प्यारे बिग ब्रदर कैसी बातें कर रहे हो आपकी बाहुबली इंडस्ट्री का कोई मुकाबला है एशिया में नंबर वन पर आती है आपकी बाहुबली आहुवलिया इंडस्ट्री बड़े पापा ने तो उसे कहां पहुंचा था। ( यह कहते हुए वंश अपने हाथ को अपने सर तक उठता है)और आपने तो उसे जाने कहां ही पहुंचा दिया!( यह बात कहते हुए वंश अपने दोनों हाथ को हवा में आसमान की तरफ लहरा देता है ।और रही बात राणे इंडस्ट्री की तो उसके लिए तो पापा है हमें क्या करना है उसका कुछ!  अक्ष वंश को साइड कर बाहर जाते हुए कहता है-“ कल से तुम राणे इंडस्ट्री ज्वाइन कर रहे हो । “  अक्ष की बात सुनकर वंश रोते हुए उसके पीछे भागता है -“नहीं नहीं बिग ब्रदर ऐसे जुल्म मत कीजिए मुझे इंडस्ट्री में बिल्कुल intrust नहीं मुझे मेरा गेम ही प्यारा है प्लीज बिग ब्रदर प्लीज  अक्ष जाते हुए -“अगर तुमने अभी मेरी बात नही मानी तो तुम्हें राणे इंडस्ट्रीज ज्वाइन करने के साथ-साथ आहुवालिया बिजनेस के साथ जुड़े सारे कॉरपोरेशन भी संभालने होंगे। वंश जो अब तक अक्ष से अपनी सजा कम कराने के लिए उसके पीछे भाग रहा था वह तुरंत पीछे रुक जाता है और चिल्ला कर कहता है-“ ओके ओके फाइन मैं कल से रही राणे इंडस्ट्री जॉइन करूंगा।”  अक्ष वंश की बात सुनकर एक ना दिखने वाली मुस्कान के साथ बाहर निकल जाता है।  घर में मौजूद अंतरा छवि और आराध्या अक्ष के इस रूप से डरती जरूर थी लेकिन वह जानती थी कि अक्ष का जो भी फैसला होता था वह बिल्कुल सही होता था इसलिए अक्ष के जाते ही वह तीनों खिलखिला के हंसने लगती है।  वह लोग अभी हंसी रही थी कि तभी उन्हें आर्या और तक्ष आते हुए देखते हैं।  आर्या अभी भी लोअर टीशर्ट में ही टहल रही थी आहुवलिया फैमिली में रहने वाले सभी लोग यहां तक की राणे फैमिली की भी औरतों के पहनावे पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं थी ज्यादातर औरतें घर में लोअर टीशर्ट नाइटी या फिर शॉर्ट्स में ही घूमती थी। आराध्या थोड़ी शर्मीली टाइप की थी इसलिए वह घर में सूट पहन लिया करती थी। बाकी आर्य छवि और अंतरा पर किसी भी तरह की कोई भी पाबंदी नहीं थी  ठीक इसी तरह यहां के आदमियों पर भी किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं थी कोई भी बिना शर्ट के और शॉर्ट्स में पूरे घर में टहलता रहता था।  अब इसका मतलब यह मत समझना कि तक्ष बिना शर्त के बाहर आ गया था। उसे बाहर जाना था is लिए वह अपने बिजनेस सूट मे था।  तक्ष आर्या को उस मंडली के हवाले कर बाहर निकल जाता है।   एक सुनसान रास्ते पर    नहीं नहीं plz मुझे छोड़ दो छोड़ दो मुझे, एक लड़की खुद को बचाने के लिए ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी।  वही चार पांच लडके उसके कपड़ो को नोंचते हुए उसके शरीर को नोंचने को आ चुके थे। वह लड़की अपने इनर वियर मे बीच सड़क पर खून से लटपथ थी।                  

  • 16. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 16

    Words: 1319

    Estimated Reading Time: 8 min

    मॉल मे, पीवीआर मे Hello gyz, VS जैसे कोल्ड्रिंक्स पि रहा था उस हिसाब से वो अक्षरा की प्यास बड़ा रहा था… अक्षरा की नज़रे vs के होठो से होकर गिरने वाली कोल्ड्रिंक्स पर बनी हुई थी जो होठो को छूकर उसके neck को पार क़र उसके सीने को छू रही थी… अक्षरा कर अब वहा बैठना ना मुमकिn हो रहा था वो तुरंत नज़र हटा क़र वहा से जाने के लिए उठने लगती है की तभी vs उसे वापस कुर्सी पर बैठा क़र - क्या हुआ sweet poison कहा जा रही हो अभी to meri प्यास badi है और तुम चल दी… इस बड़ी हुई प्यास को बुझाओगी नहीं… अक्षरा vs को देख अपने ऐटिटूड वाले फेस के साथ अपनी ak एएब्रो ऊपर चढ़ा क़र - ज़रा ध्यान दो तुम मुझे ज़हर कह रहे हो और ज़हर ज़ब प्यास बुझाता है to उम्र भरोसा की प्यास खत्म क़र देता है कही ऐसा ना हो इस मीठे ज़हर को मुँह लगा क़र तुम कुत्ते की मौत mr जाओ… Vs मुस्कुराते हुए अक्षरा के चहरे के बिलकुल करीब जा क़र - i like your ऐटिटूड एंड कॉन्फिडेंस but यह सब वहा अच्छा लगता है जहा ज़रूरत हो इसकी… मेरे सामने मैं तुम्हे पिघलता हुआ देखना चाहता हूँ… अक्षरा इतना सुनती है की उसे अपने कंधे पर ak दम चिल्ड cold सा कुछ गिरता महसूस होता है जिससे उसकी दरदरी बन जाती है वो नज़र घुमा क़र कंधे को देखती है to vs अक्षरा को देखते हुए ak कोल्ड्रिंक्स की बोतल को उसके कंधे और गिरा रहा था…. अक्षरा अपने हाथ से उसे रोकने की कोशिश करती उससे पहले ही vs उसे खीच क़र अपने करीब क़र उसके दोनों हाथो को उसकी कमर के साथ अपनी पकड़ मै ले लेता है और अब हाल यह था की वो कोल्ड्रिंक्स अक्षरा और vs दोनों को भिगो रही थी अक्षरा पर ak अलग ही केफियत छा चुकी थी वो ऊपर से खुद को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता दिखा रही थी लेकिन हक़ीक़त मै वो सच मै अंदर ही अंदर पिघल ही रही थी… और अक्षरा की यह हालात vs से छुपी नहीं थी… अक्षरा खुद को कण्ट्रोल क़र vs से - दें देखो तुम जो कोई भी हो सही नहीं क़र रहे हो तुम जानते नहीं हो मुझे…. अगर मेरे साथ कुछ बजी गलत करने की सोच… Vs तुरंत बोतल को फेक अक्षरा के होठो पर अपनी उंगकी रख क़र- shshshsjsjsjs अपनी होने वाली वाइफ के साथ गलत नहीं…रोमेंस किया जाता है समझी sweet poison… यह बोल क़र वो अक्षरा के होठो को seductive way मे टच करने लगता है अक्षरा तुरंत vs की ऊँगली को अपने दांतो के नीचे दबा क़र काट लेती है और इस हद तक तेज़ काटती है की vs की ऊँगली से खून निकल जाता है लेकिन in सब के बाद भी vs के चेहरे की मुस्कान नहीं जाती अक्षरा जितना vs को हस्ते देखती वो उतनी ज़ोर से vs की उंगली को चबा देती है… लेकिम vs कहा in बचकानी हर्क़ातो पर रियेक्ट क़र ता… जब अक्षरा के मुँह मै vs के ब्लड कर टेस्ट आने लगता है to वो उसकी ऊँगली को छोड़ देती है.. उसके चेहरे पर ak जंग जीतने वाले एक्सप्रेशन थे… वही vs उसके मुह से ऊँगली निकाल के उसकी आँखो मै देखते हुए उस उंगकी को अपने मुँह मै लेकर बड़े ही seductive way मै लेकर उस ऊँगली को लिंक क़र लेता ह यह हरक़त ऐसी थी की अक्षरा के पेट मै तितलियाँ उड़ने लगी उसके शरीर के रोंगटे खडे हो गए… फिर vs अक्षरा को देख - तुमहरा प्यार करने का तरीका देख लिया मैंने अब मेरा तरीका भी देखो….. यह बोल क़र vs अपने होंठ लेजा क़र अक्षरा के कंधे और रख देता ह और वहा मौजूद कोल्ड्रिंक्स को अपनी toung से लिंक क़र करने लगता ह,,, अक्षरा vs की इस हरकत पर मचल जाती है उसकी बॉडी पैदा हुए बेचैनी को vs बखूबी महसूस कर रहा था… VS अक्षरा की बेचैनी को बढ़ाते हुए अब वहां पर और भी ज्यादा टंग और lips को हरकत कराने लगता है…  अब अक्षरा बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही है…    यह वो वक़्त था ज़ब अक्षरा भूल चुकी थी वो किसके साथ और कहा है… अगर किसी और ने यह हरक़त की होती to अक्षरा उसकी जान ले चुकी होती लेकिन vs उससे अक्षरा को कोई गंदी vibe नहीं आ रही थी ना उसे vs कर टच गंदा लग रहा था बल्कि वो पूरा उसके साथ खो रही थी…. यह अहसास यह मदहोशी यह सब अक्षरा को पहली बार महसूस हो रहे थे…. Vs अब अक्षरा के हाथो को फ्री क़र देता है लेकिन उससे पहले उसने उसकी इंडेक्स फिंगर मै कुछ पहना दिआ था अब वो अक्षरा के कंधे पर सॉफ्टली किस करने लगता है जिससे अक्षरा की आहे निकलने लगती है अक्षरा की अह्ह्ह सुन क़र thoda सा वाइल्ड होने लगता है उसका ak हाथ अक्षरा की कमर पर लगातार हरकत क़र रहा था…अक्षरा के हाथ जो अब फ्री थे vs उनको लेजाकर अपने गले मै डाल देता है और अक्षरा भी मदहोशी मै वो हाथ लेजाकर vs के बालो मै फसा देती है.. अब धीरे धीरे vs अपनी वाइल्डनेस बड़ा क़र अक्षरा के कंधे पर love bite देने लगता है और ऐसे ही वो कलर बोन तक करता रहता है यहाँ अक्षरा की अहे और सांसे तेज़ हुई उधर vs ने अक्षरा के neck से होकर दूसरे कंधे पर हक़ जमा लिया और अपने हाथ को अक्षरा के कमर से अब उसकी पीठ की तरफ बड़ा दिआ था    अक्षरा बिलकुल भी होश मै नहीं थी.. वो ऐसी नहीं थी की किसी के साथ भी होश गवा दें लेकिन vs उसका अहसास उसे सेफ महसूस हो रहा था…वो vs के हर टच मै गंदगी या लस्ट नहीं बल्कि ak प्यार महसूस क़र रही थी… VS ab akshra को ऐसे ही अपनी गोद मै उठ कर खुद कुर्सी pr बैठ जाता h और akshra को अपनी गोद मै बैठा लेटा h akshra अपने पेरो कोvs के इधर उधर आराम रख कर बैठ जाती h… Ab vs अक्षरा के गर्दन pr एक हाथ लेजा कर उसकी गर्दन को पकड़ कर उसके चहेरे को अपने समने करता h तो उसे akshra ka सुर्ख और पसीने से भीगा बंद आँखो वाला चेहरा नज़र आता है….. Vs धीरे धीरे akshra के होठो ki तरफ बढ़ता है और उसके होठो pr अपनी टंग चलाने लगता है उसके बाद वो akshra के होंठ को अपने होठो के बीच फसा कर समूच करने लगता है कभी उप्पर लिप तो कभी लोअर लिप.. Akshra भी ab उसका साथ देने लगी थी akshra और vs एक दूसरे को किस करना शुरू कर देते है.।  VS अक्षरा को अपने सीने के चिपका कर बड़ी पेशीनेट होकर किस करने लगता है वही akshra भी पीछे nhi थी वो भी vs ka पूरा साथ दे रही थी.। Akshra ka साथ मिलते ही vs अपनी विल्डनेस बढ़ाने लगता है वो ab अपनी टंग को akshra के मुँह मै इंटर करता है तो akshra उसकी टंग को समूच करने लगती है vs ab तक akshra ki ऊपर बॉडी pr मौजूद टॉप को उसके बदन से जूदा कर चूका था और उसके हाथ ab akshra के चेस्ट pr आकर बड़े ही शिद्द्त से हरक्त कर रहे थे,,,,जिससे akshra पहले से ज़्यदा मदहोश होकर आहे भर रही थी जो उसके मुँह मै दबी रह गई थी.. यह वो वक़्त था jb vs और akshra दोनों एक दूसरे pr हावी थे लगभग 20 मिनट के किस के बाद akshra ki सांसे भारी होने लगती है तो vs ना चाहते हुए भी akshra के होठो को छोड़ देता है वही akshra ki सांसे भारी होने के बाद भी उसे अभी vs के साथ और किस करना था इस लिए वो vs के होठो को दूर जाने ही nhi दे रही थी… Vs akshra के चेहरे को पकड़ कर उसके माथे को अपने मैथ से जोड़ कर akshra से - breat स्वीट poison breath. Akshra ab गहरी सांसे लेकर खुद को शांत कर रही थी….   आहुवालीया mention मे  

  • 17. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 17

    Words: 1552

    Estimated Reading Time: 10 min

    Hello gyz, आहुवालिया mention  तक्ष के जाते ही आर्या किचन में जाती है और उसके पीछे-पीछे ही उसकी पूरी मंडली भी जाती है।  अंतरा आर्य के पीछे से गले लग कर चलती हुई-“  मॉमसी मुझे एक बात बताओ ना प्लीज, यह जो बिग ब्रदर है इन्होने भाभी से शादी की है यह खुश तो है ना??मतलब यह जैसे हम लोगों ने दरवाजे पर उनको देखा था ऐसी रेड कलर की मंजूलिका टाइप की लग रही थी वह। आर्या अपने कंधे के side उसके माथे पर चपत लगाकर कहती है- स्टॉप it अंतरा भाभी है तुम्हारी    Behave your सेल्फ। अंतरा -ओके ओके मॉमसी मैं समझ गई लेकिन मुझे एक बात बताइए यह जो भाभी है ना अदा भाभी। जैसा कि वंश भाई ने हमें बताया कि अदा भाभी की शादी उनकी मर्जी से तो नहीं हुई है तो क्या वह खुश है इस रिश्ते से मतलब बिना उनकी मर्जी के शादी हुई है तो ऐसे कौन सी लड़की खुश होगी।  आर्या अंतरा की बात सुनकर रुक जाती है। उसके मन मे कुछ सवाल थे जिसके जवाब उसे चाहिए थे जो ना तक्ष ने dea ना अक्ष ने जिसे अब वह अदा से जानना चाहती थी। Lekin उससे पहले उसे अदा से उसके बारे मे सब जानना था। तक्ष ने उसे सिर्फ अदा की शादी और ससुराल मे हुए उसके ऊपर सितम के बारे मे बताया था।   अंतरा जब आर्या को यूं खामोश देखती है तो वह अपनी मां को इशारा करती है जैसे कि पूछती हो कि यह मॉमसी को क्या हुआ  छवि आर्या का हाल बखूबी समझ रही थी। उसकी बचपन की दोस्त और बरसों से उसकी देवरानी बनकर रही थी। उससे बेहतर आर्या का हाल कौन जान सकता था।  छवि आर्य के कंधे पर हाथ रखकर - ज़्यदा मत सोच जाकर अदा से बात कर ले। आर्या - आँखो से हाँ मे जवाब दे कर किचन से खाना लेकर अक्ष के कमरे की तरफ चल देती है। इधर बीच सड़क पर  Plz मुझे छोड़ दो मैं तुम लोगों के बारे में किसी को नहीं बताऊंगी प्लीज मुझे छोड़ दो।  उन चार-पांच लड़कों में से एक लड़का भयानक हंसी हस कर कहता है -तुमसे एक बार मज़े ले ले उसके बाद जिससे जो दिल चाहे वह कह लेना हम ना रोकेंगे तुमको और वैसे भी हमारे खिलाफ आखिर जाने वाला ही कौन है।  दूसरा लड़का- तुम जानते नहीं हो हम लोगो को कानून को तो हम अपनी जेब में लेकर घूमते हैं।  यह कहने के बाद वह लड़के उस लड़की की तरफ झुकने लगते हैं और वह लड़की सड़क पर लेटे हुए मदद की उम्मीद छोड़कर खुद को बचाने की कोशिश करती है।  तभी उस सड़क पर एक तेज़ रफ्तार से चलती हुई कार आकर रूकती है। और कुछ ही पलो बाद उस कार के अगल बगल से आकर पांच गाड़ियां आकर लाइन से खड़ी हो जाती है।  वह लड़के इतनी सारी कार देख आपस मे इशारे करते है। फिर उनमें से एक लड़का उस लड़की के बाल पकड़ कर उठाकर उसे साइड में ले जाता है। और बाकी के लड़के उन कारों के आगे खड़े होकर कहते हैं-“ओ हेलो तुम लोग जो कोई भी हो निकलो यहां से इधर हमारा माहोल बना हुआ है। बना बनाया मूड की वहाट मत लगाओ।  उन लोगों के ऐसा कहते ही वह गाडियां जो बंद हो गई थी वह दोबारा स्टार्ट होने लगती है। बाहर खड़े लड़के समझते हैं कि उन गाड़ियों में बैठे लोग उनसे डर गए लेकिन अचानक उनकी गलतफहमी दूर होती है क्योंकि उन गाड़ियों ने तेजी के साथ उन चारों को उड़ा दिया था और वह चारों लोग सड़क से काफी दूर जाकर गिरते हैं।  जो लड़का उस लड़की को पकड़े खड़ा था वह डर के उसे लड़की को छोड़कर उन लड़कों के पास जाता है।    अपने चारों दोस्तों को बारी बारी देखने के बाद वह लड़का उन गाड़ी वालों को आवाज देकर कहता है-“ओह हेलो तुम लोग हो कौन जो मेरे दोस्तों को ऐसे उड़ा रहे हो तुम्हे पता नहीं है यह कौन हैं। तुम मे से कोई ज़िंदा नहीं बचेगा agr इनको कुछ हुआ to   तभी उस गाड़ी के दरवाजे खुलने लगते हैं सबसे पहली गाड़ी में से दोनों door खोल कर वंश और शुभ निकलते है उसके बाद वाली गाड़ी से दानिश बीच वाली से कोई भी नहीं निकलता और लास्ट वाली गाड़ी से ओम और कृष बाहर निकलते है।वह पाचो बाहर निकाल के अपने-अपने गाड़ियों के बाहर आकर खड़े हो जाते हैं।  उसके बाद जो गाड़ी बची थी उसके दोनों गेट खोलते हैं एक गेट से अक्ष और दूसरे गेट से दक्ष बाहर निकाल कर आता है दोनों बाप बेटे के हाथ में सिगरेट थी जिसको जलाते हुए वह दोनों बाहर आ रहे थे।   दोनों बाप बेटे बड़ी स्टाइल में चलते हुए आगे जाकर गाड़ी के आगे खड़े हो जाते हैं। उन दोनों को देखकर कोई यह तो कह सकता था कि दोनों जुड़वा भाई हैं लेकिन दोनों बाप बेटे हैं ऐसा किसी के दिमाग में सपने में भी नहीं आ सकता क्योंकि जहां अक्ष हॉट और हैंडसम था वही तक्ष भी किसी से काम नहीं था। आखिर बाप था भई अक्ष का   अब सब लोग कार ले आगे आकर खड़े हो जाते हैं    वंश अपनी आदत से मजबूर सबसे पहले बोलना शुरू करता है- हे big ब्रदर यह हम लोग मुसीबत के सामने जाकर खड़े होते हैं या मुसीबत खुद हम लोगों के सामने आती है।  कृष जो जवान बेटी का बाप हो चुका था लेकिन वंश से कम नहीं था। वह side से मुँह कर थोड़ा टेड़ा होकर  -“ नो वनु नो बात को करेक्ट करो जरा। बात यह कहो की मौत के मुँह जाने वाले लोग हमारे पास आते हैं या हम मरने वालो के पास कंधा देने जाते हैं।  वंश साइड में झुक कर कृष को देखकर- आपके समझ में आ गया ना बस काफी है चाचू। कामना पर ध्यान दो चाचू शब्बो पर ना जाओ।  दानिश शुभ ओम और कृष वंश को घूर कर देखते है।  वंश उन लोगों को देखकर कहता है व्हाट अब मैं क्या कह दिया। ओम - कामना नहीं भावना होता है, शुभ - और शब्बो नहीं शब्दों होता है इडियट। वंश - ओह्ह shit यह हिंदी कभी मेरी जान लेकर छोड़ेगी। दानिश - तेरी गलती में दोष हिंदी का नहीं लड़की का है। तो हिंदी के शब्द भूल जाता है लेकिन लड़कियों के नाम नहीं भूलता। यह कहने के बाद दानिश उस लड़की की तरफ कदम बढ़ाने लगता है। जो अर्धनंग और जख्मी हालत में सड़क किनारे पड़ी थी वह लगभग बेहोशी की हाल में थी लेकिन वहां पर आए सब लोगों को देख और सुन पा रही थी । दानिश कोट उतारकर उस लड़की के पास जाता है और अपना चेहरा दूसरी तरफ करके उस लड़की को वह कोट उड़ा देता है। फिर मुड़ कर अक्ष को देखता है जैसे पूछ रहा हो क्या करना है आगे। अक्ष सामने लड़को को जलती आँखो से देखते हुए सिगरेट के कश लेते हुए।    -दानी लड़की को गाड़ी में डालो! दानिश उसे लड़की को अपने गोद में उठाकर अपनी गाड़ी की बैक सीट पर ले जाकर लेटा देता है वह लड़की जो सबसे स्ट्रगल करते-करते थक गई थी वह दानी की गोद में आते ही बेहोश हो जाती है। दानिश उसे लड़की को गाड़ी में डालने के बाद वापस अपनी जगह पर आकर खड़ा होता है।  अक्ष -वनु , अक्ष की आवाज़ सुनकर वंश ऐसे खुश हो जाता है जैसे कि उसके मन की मुराद पूरी हुई हो वह भागते हो जाता है और गाड़ी की डिग्गी में से पेट्रोल की दो केन उठाकर लाता है। कैन को लाकर अक्ष के हाथ में दे देता है अक्ष उसमें से एक केंन तक्ष को पास करता है और दूसरी केन अपने पास रखता है उसके बाद दोनों बाप बेटे सिगरेट के कश लेते हुए आगे बढ़ते हैं। वह चार लड़के जो लगभग बेहोशी की हालत में थे शुभ ने उन चारों को बीच सड़क पर लाकर डाल दिया था और जो लड़का सही सलामत था उसको ओम ने पकड़ा हुआ था।   अक्ष और तक्ष सिगरेट को अपने मुंह में दबाते हैं और उन दोनों कैन को खोलकर उन पांचो के ऊपर छिड़कने लगते हैं। चार लड़के जो बेहोश थे वह पेट्रोल अपने ऊपर डालने से हल्के हल्के होश में आने लगते हैं वही पांचवा पेट्रोल की खुशबू से ही कांपने लगा था।  कुछ ही देर में वह पांचो होश में होकर कांप रहे थे।  उन पांचों में से एक दर्द में कराहते हुए कहता है -“ कौन हो तुम लोग और यह क्या कर रहे हो आखिर हमारी तुम्हारी दुश्मनी क्या है।यह तुम लोग क्या कर रहे हो देखो यह ठीक नहीं है तुम हमारे बाप को जानते नहीं हो। वह तुम में से किसी को नहीं छोड़ेंगे तुम सबको मार डालेंगे। ”  अक्ष और तक्ष उनकी बातें सुनकर ऐसे रिएक्ट करते हैं जैसे कि वह दोनों बेहरे हो। अब तक अक्ष और तक्ष दोनों की सिगरेट खत्म हो चुके थे इसलिए वह अपने सिगरेट को फेंक कर दूसरी सिगरेट निकलाते हैं और उसको जलाने लगते हैं वह लड़के अपनी पहुंच के बारे में बताए जा रहे थे और अक्ष और तक्ष दोनों ही अपने कानों में रुई डाले खड़े थे। जैसे ही उन दोनों की सिगरेट जल जाती है। वह दोनों अपने-अपने लाइटर वही उन लोगों के ऊपर डाल देते हैं और देखते ही देखते वह पाचो आग की लपटो में जलने लगते है। वह सुनसान सड़क अंधेरी रात में आंख की लपतो से जलने लगती है.. पीवीआर मे                          

  • 18. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 18

    Words: 1848

    Estimated Reading Time: 12 min

    पीवीआर मे VS अक्षरा के बालों or पीठ को सहलाते हुए कहता है breath sweet poison breath अक्षरा जिसको सांस नहीं आ रही थी लेकिन फिर भी किस को अधूरा छोड़ने की वजह से वह गुस्से में थी अक्षरा कीसांसे जैसे तैसे नॉर्मल होती है वह वी एस के कॉलर को अपने हाथों में पकड़ कर गुस्से में कहती है -जब किस को अधूरा ही छोड़ना था तो फिर किया ही क्यों???? वी एस अक्षरा की बात सुनकर मुस्कुराने लगता है वही अक्षरा को एहसास होता है कि उसने बातों बातों में कितनी बड़ी बात कह दी अपनी बात का एहसास होती है अक्षरा वीएस के गोद से हड़बड़ा क़र उठने लगती है लेकिन vs अक्षरा के पीठ पर हाथ रख उस को पकड़ के वापस उसे अपने सीने से लगा लेता है vs अक्षरा के चेहरे पर अपनी इंडेक्स फिंगर चलते हुए कहता है - तो मेरी स्वीट प्वाइजन को और किस चाहिए थी कोई नहीं मैं तो पूरी रात पूरा दिन बल्कि पूरी जिंदगी किस करने को तैयार हूं लेकिन मेरी मजबूरी यह है ना कि तुम सांस लेना नहीं जानती बीच में… यह कहते हुए vs अपनी फिंगर से seductive way मै चलाते हुए उसकी गर्दन तक आ gya था अक्षरा vs के हर टच के पिघल रही थी लेकिन फिर यह याद क़र की वो ak अजनबी के कितनी करीब है अपने हाथों को vs के सीने पर रखकर उसे पीछे को धक्का देकर उठने की कोशिश करती है कि तभी उसकी नजर अपनी अप्पर बॉडी पर जाता है तुमसे एहसास होता है कि उसके अपर बॉडी पर मौजूद टॉप अलग हो चुका है और वह इस वक्त इनर में vs के सामने है… इस चीज का एहसास होते ही अक्षरा तुरंत अपने हाथों से अपने चेस्ट को कवर कर लेती है उसके बाद वह नजर उठा कर vs को देखती है जो सिर्फ और सिर्फ उसकी आंखों में देख रहा था Vs अक्षरा की आंखों में देखते हुए उसके बालो से खेलते हुए - डॉन'टी वरी मेरी नज़रें तुम्हारी नजरों के सिवा कहीं नहीं जाएंगे… Vs का ईमान इतना कच्चा नहीं कि वह सिर्फ एक छोटे से कपड़े के पर्दे पर डिपेंड करे ,, हां लेकिन इस पर्दे को खुद हटाने वाली और खुद लगाने वाली अगर मुझसे पहल करेगी तो शायद में खुद को भूल जाऊं… Vs की बातें अक्षरा के दिल में एक असर कर रहे थे लेकिन फिर अक्षरा के आंखों के सामने कुछ तस्वीरे आती h वह सब याद आते ही अक्षरा तुरंत इधर-उधर नज़र करके अपना टॉप पहन क़र सही करती है उसके बाद vs की गोद से हटकर खड़ी होकर - लिसन नेक्स्ट टाइम अगर मेरे करीब आने की या यह सब हरकत करने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा, विरांश अपने पैर पर पैर चढ़ा कर बड़े स्टाइल में बैठता है उसके बाद साइड की कुर्सी से एक कोल्ड ड्रिंक की कैन उठता है और उसे अपने होठो के pass लेजाते हुए कहता है- ओह रियली क्या सिर्फ मैंने हरकत की थी या फिर कोई और भी एंजॉय कर रहा था यह बात कह कर vs एक डेविल मुस्कान देता है और फिर उसको कोल्ड ड्रिंक को पीने लगता है… Vs की बात सुनकर अक्षरा को खुद के ऊपर गुस्सा आने लगता है कि कैसे-कैसे वह अपना कंट्रोल खो सकती थी वह इतनी जल्दी कंट्रोल खोने वालों में से नहीं थी वो तक्ष की बेटी और अक्ष की बहन थी हालांकि वह यह भूल गई थी की वो आर्या की भी बेटी थी इसलिए आर्या के जैसे सेल्फ कंट्रोल खोना उसे भी आता था बशर्ते उसके सामने उसके दिल के करीब इंसान हो लेकिन vs तो अजनबी था उससे तो अक्षरा आज पहली बार मिली थी क्या यह हकीकत थी कि अक्षरा vs से आज पहली बार मिली थी????? अक्षरा vs के ऊपर झुक क़र अपनी ak eyebro चढ़ा क़र or चुटकी बजाते हुए - लिसीन mr uvwxyz जो भी हो तुम….गलती तुम्हारी है तुमने मुझे यहां धोखे से बुलाकर मेरे साथ यह सब घटिया हरकत करने की हिम्मत की… मैं चाहूं तो इस हरकत के लिए तुम्हारी टांगें अपने भाई और पापा से कहकर तुड़वा सकती हूँ… फिर चेहरे पर एक कतील मुस्कान ला क़र - लेकिन तुम्हारा टेस्ट ना मुझे पसंद आया इसलिए जाओ तुम्हें मैंने माफ किया… लेकिन एक बात मैं तुम्हें बता दूं तुमने मुझे स्वीट प्वाइजन कहा है और यह स्वीट प्वाइजन अब तुम्हारे मोबाइल लग चुका है तो धीरे-धीरे मीठी मौत मरने के लिए तैयार रहना… यह कहने के बाद अक्षर एक eye विंग करके वहां से निकल जाती है… वही उसके जाने के बाद vs अपने सीने पर हाथ फेर के आहै भरकर कहता है - हाय रे यह मीठी मौत अब बड़ी प्यारी लग रही है मुझे इस मीठी मौत को करने के लिए तो मैं भी तैयार हूं स्वीट प्वाइजन…. अब जब गेम शुरू कर ही दिया है तो इस गेम को जितना भी बनता है… यह कहने के बाद भी है अपने हाथ में मौजूद कोल्ड ड्रिंक कैन को वापस पीने लगता है… आहुवालिया मेंशन अक्ष का room  अदा खिड़की के पास ख़डी अभी भी अक्ष के ख्यालो मै खोई हुई थी। हमारे अक्ष का जादू ही ऐसा था की कोई उसके खयालो से निकल ही ना पाए फिर यहाँ तो अदा ने अक्ष की करीबी को महसूस किया था। आर्या गेट पर नॉक करती है। अदा आवाज़ सुन डर जाती है। वह बचपन से एक डर के साये मै पली थी एक दिन मै आदत कहा बदलनी थी। अदा काँपती आवाज़ से -“ क कौन कौन है।” आर्या दरवाजा खोल अंदर आते हुए - “अभी तो सास हु अगर चाहो तो दोस्त भी बन सकती हूँ। ”यह कहते हुए आर्या अपने साथ आये नौकर से खाने की ट्रॉली लेकर नौकर को bhej कर खुद अंदर आकर खाना टेबल पर लगाने लगती है।  अदा दौड़ कर खुद खाना लगाते हुए - अरे आप आप क्यू कर रही है यह सब आप बैठे मैं मैं आपके लिए खाना लगती हूं।  आर्या अदा की आवाज़ से डर घबराहट सब अच्छे से समझ रही थी। वह अदा को सीधा खड़ा कर उसे कंधो से पकड़ कर - बच्चा इधर देखो मेरी तरफ। आर्या की आवाज़ मै एक मिठास एक ममता थी जिसे सुन अदा जो डर कर नज़र झुका रही थी वह आर्या को देखने लगती है। आर्या अदा को सोफे पर बैठा कर उसके बाजु मै बैठ कर उसके दोनों हाथ पकड़ कर - मुझे mr हैंडसम ने सब बताता तुम्हारी शादी और ससुराल के बारे मै। सच कहु तो मुझे bhut ख़ुशी है की अक्षु ने तुमसे शादी की क्यू की मुझे वह श्रेया बिलकुल पंसद नहीं थी। शादी के दिन तुम्हे देखते ही अपनी बहु बनाने का ख्याल दिल मै आया था। और देखो मेरे बेटे ने बिना मेरे बोले जान लिया की तुम मुझे पसंद हो।। अदा आर्या की बाते बड़ी गौर से सुन रही थी। आर्या अदा से फ्रेंडली बातें कर रही थी ऐसी बातें जैसी बातें अदा से कभी उसकी सगी मां या सास ने नहीं की। मेताली भी उससे बात बड़ी छुप छुप कर करती थी क्योंकि मेताली और अदा के पास इतना वक्त ही नहीं होता था और ना ही कोई जगह जहाँ दोनों एक दूसरे से दिल की बाते कर सकते। वो लोग साथ मे रहे भी तो 1 ही हफ्ता ..  आर्या अदा को खुद को इस तरीके से देखते हुए मुस्कुराकर कहती है -“ऐसे क्या देख रही हो।”  अदा अपने सर को जल्दी से जोर-जोर से ना मे हिलाती हैं।  आर्य अदा के गाल पर हाथ रखकर बड़े प्यार से कहती है -“एक बात याद रखो बेटा तुम आज से इस परिवार की एक सदस्य हो बहु नहीं तुम बेटी हो हमारे घर की। मेरे बेटे मेरी जान की अर्धांगिनी हो। तुमने आज तक बहुत दुख तकलीफ झेले।मुझे तुमने अपनी झलक नजर आती है लेकिन जैसे मुझे मेरे मिस्टर हैंडसम मिल गए और उन्होंने मेरी जिंदगी बदल दी वैसे ही तुम्हारी life मै मेरा बेटा ज़बरदस्ती आ गया। मुझे अपने बेटे पर पूरा यकीन है कि वह तुम्हें जिंदगीभर दुनिया की सारी खुशियां देगा। तुम कभी मुड़कर अपनी पुरानी लाइफ की तरफ नहीं देख पाओगी ।  अदा अब भी बड़ी गौर से आर्या की बातें सुन रही थी मेताली के बाद यह पहली ऐसी औरत थी जिसने अदा से इतनी मोहब्बत से बात की थी।आर्या अदा को अब भी चुप देखकर -“अब बोलोगी भी कुछ या मै ही बोलती रहूं।” अदा -“क्या मैं आपको गले लगा सकती हूं। आर्या अदा की बात सुनकर दिल ही दिल टूट जाती है कितनी अकेली थी अदा यह अदा के इस सवाल से पता चलता है।  आर्या खुद आगे बड़ कर अदा को अपने गले से लगा लेती है। अदा भी सुकून से अपनी आंखें बंद कर आर्या के गले लगे रहती है।  और ऐसा करते ही अदा की आंख से आंसू जारी हो जाते है। आर्या को अपनी पीठ पर अदा के आंसू महसूस होते हैं आर्या अदा का सर को सहलाते हुए कहती है-“ जितना रोना है आज आखिरी बार रोलो क्योंकि उसके बाद हम तुम्हारी आंखों में एक भी आंसू बर्दाश्त नहीं करेंगे।” यह कहते हुए आर्या खुद रूआसु हो चुकी थी। कुछ देर होती है उसके बाद आर्या अदा को खुद से अलग करके कहती है-“ अब चलो खाना खा लो तुम्हारा हस्बैंड मुझे खास तौर से कह कर गया था कि मेरी पत्नी को खाना खिला देना अगर वह आया और उसे पता चला कि मैं यहां बैठकर उसकी बीवी को खाना नहीं मिला रही थी बल्कि रुला रही थी फिर तो तांडव होगा इस घर में। अदा आर्या की बात सुनकर शरमाते हुए मुस्कुरा देती है।    हॉस्पिटल मै,   दानिश उस लड़की को हॉस्पिटल ले आया था उसके साथ वंश और शुभ भी थे।  तीनो डॉ का wait कर रहे थे जो उस लड़की का अभी चेकअप कर रही थी। वंश phone मै game खेलते हुए - दानी ब्रो एक बात बताओ हम यहाँ क्यू रुके है मतलब डॉ उसे ट्रीट करेगी हम क्यू दोज़ख का वक़त बर्बाद कर रहे है।  दानी कंफ्यूज होकर - दोज़ख का???? शुभ -फोकट बोल रहा है इडियट। दानिश वंश के सर पर एक चपट लगा कर - कुछ तो ढंग से बोल लिया कर जब हिंदी आती नहीं तो बैंड क्यू बजाता है हिंदी का। वंश एक हाथ से game खेलते हुए - क्या दानी ब्रो। मैं छोटा हूँ तो क्या आप लोग मुझसे ऐसे भार्ताव करेगे। शुभ और दानिश एक साथ उसके सर पर मार कर -“भार्ताव नहीं बर्ताव। वंश अब game बंद कर अपने सर को सेहलाते हुए - आप दोनों अच्छा नहीं कर रहे मेरे साथ। अगर पॉप्स ने इंग्लिश बैन ना की होती मेरी तो बताता मैं आप को। शुभ - हाँ सबसे बड़ी सज़ा तो पॉप्स ने हमें दी है यह जो हमें तेरी ख़राब हिंदी बर्दाश्त करनी पढ़ रही है। वंश - क्या करनी पढ़ रही बर बर्खार। शुभ - तू चुप जा bus। तभी डॉ बाहर आती है दानिश - कैसी कंडीशन हैउसकी। डॉ - उसकी हालत काफ़ी सीरियस थी अगर सही टाइम पर ना लाया जाता तो वह कोमा मै जा सकती थी। उसका रेप हुआ नहीं लेकिन टॉर्चर की कोई कसर भी नहीं छोड़ी philhal हमने उनको under ऑब्जरवेशन रखा है कल तक पता लग जायेगा उनकी कंडीशन का।                  

  • 19. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 19

    Words: 1042

    Estimated Reading Time: 7 min

    Hello gyz,   आर्या जब अदा से अक्ष के बारे में बात करती है तो उसको शर्माता हुआ देख उसे एक तसल्ली होती है वह नोट करती है कि उसे अदा की आंखों में अक्ष के लिए डर या नफरत नहीं बल्कि कुछ और नजर आ रहा था  यह देखकर आर्या को एक तसल्ली होती है और वह अदा को अपने हाथ से खाना खिलाना शुरू करती है अदा को यह बड़ा ही अजीब लगता है  और वह कंफ्यूज होकर आर्या को देखती रहती है आर्य अदा को उसे ऐसे देखने से कहती है-“ अरे ऐसे क्या देख रही हो मां जैसी हूं मैं तुम्हारी खाना खिला रही हूं क्या एक मां अपने बच्चों को अपने हाथ से खाना भी नहीं मिला सकती    अदा आर्य की बात सुनकर रो देती है और रोते हुए अपना मुंह खोल देती है उसके बाद आर्या ऐसे ही अदा को सारा खाना खिला देती है  आर्या अदा से- आज तुम रेस्ट करो कल को पूरी फैमिली से तुमको मिलना है  अदा सर को हा में हिला कर आर्या को एक बार फिर गले लगा लेती है। आर्या सारे बर्तनों को ट्राली में इकट्ठा करती है और बाहर दरवाजे पर खड़े सर्वेंट को थमा देती है।  असल में अक्ष को अपने कमरे में सर्वेंट का आना पसंद नहीं था इसलिए उसके कमरे के सारे काम पहले आर्या करती थी और अब यह जिम्मेदारी अदा को मिलने वाली थी।  अदा आर्या के जाने के बाद बेड पर बैठ जाती है और सोचने लगती है मिताली की बातों के बारे में जो विदाई के वक्त में मिताली ने उससे कही थी   फ्लैशबैक  मिताली अदा को अपने गले लगा करके कहती है -“बस बच्चा मत रो जो होना था हो गया मुझे नहीं पता तेरी आगे कि जिंदगी कैसी है यह लोग कैसे हैं यह तेरा पति कैसा है लेकिन एक बात का मुझे यकीन है कि भगवान अब तेरे साथ कोई नाइंसाफी नहीं करेगा। शायद तेरी जिंदगी जन्नत बन जाये।   एक बात कहूंगी मैं तुझसे कि अपने लिए लड़ना सीख ले मैं दुआ करुंगी कि तेरी आगे की लाइफ बेहतर हो और तुझे एक अच्छी जिंदगी मिलजाए।  प्रेजेंट टाइम  अदा यह सब बातें सोचते हुए खुद से अपने मन में क़हती है -“क्या मिताली भाभी की दुआएं मेरे लिए लग गई क्या मेरी जिंदगी बेहतर बन गई क्या मैं एक अच्छी लाइफ जी पाऊंगी यह सब बातें कहते हुए अदा अक्ष और उसके पूरे परिवार की बातें याद करने लगती है जो शादी से लेकर अब तक उसके लिए कही गई थी     कहीं दूर जंगलों में एक ऊंची पहाड़ी पर पहाड़ी की एकदम किनारे दो लोग खड़े थे दोनों ने अपने हाथ अपने पीछे बंधे हुए थे और सामने चांद को घर रहे थे।  हल्की हवा में उन दोनों के चेहरे पर बाल उड़ उड़ कर आँखो तक आ रहे थे।  तभी वहां पर दो-तीन गाड़ियां आकर रुकती हैं।  उसे गाड़ियों से कुछ लोग बाहर निकाल के उन दोनों लोगों के पीछे आकर खड़े हो जाते हैं।  पीछे खड़े लोग दानिश शुभ वंश थे।  और पहाड़ी पर वह दो लोग जो खड़े थे वह अक्ष और तक्ष थे।  दानिश- बिग ब्रो वह लड़की अब खतरे से बाहर है!  लेकिन उसे ठीक होने में अभी वक्त है कंडीशन उसकी बिल्कुल ठीक नहीं है अभी।  अक्ष वैसा ही सामने चांद को देखते हुए - उस लड़की का खास ख्याल रखना आखिर हमारे दुश्मन की बेटी है। सही वक्त आने पर उसका इस्तेमाल होगा।  वंश -लेकिन बिग ब्रदर हमें उस लड़की को बचाने की जरूरत क्या थी आप चाहते तो उसके फादर को इन्फॉर्म करवा सकते थे।  शुभ -वंश के सर पर एक चपत लगाकर -उसके बाप ने ही उसे आलरेडी बेचा hua था था वही से bhag कर वह इन कमीनो ke चंगुल मे फसी।  वंश मुँह फाड़ कर शुभ को देखने लगता है और चिल्ला कर कहता है -व्हाट  तक्ष - हिंदी…. वंश…..हिंदी।  वंश तक्ष की तेज आवाज सुनकर घबरा कर कहता है -सॉरी सॉरी i mean माफी माफी माफ कीजिए मुझे अब,वह मैं यह बोल रहा हूं क्या। एक बाप अपनी बेटी को कैसे बेच सकता है   लेकिन उसके बाप ने ऐसा क्यों किया। तक्ष उन सब से पीठ करे हुए चांद को घूरते हुए ही कहता है - जिनके घर लक्ष्मी बिना मांगे आ जाती है उन्हें उस लक्ष्मी की कदर नहीं होती।बेटा चाहिए था उसको,बेटी मिल गई इसलिए बेटी को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा था।  अक्ष -भाग रही थी उन लोगों से बचकर लेकिन जो अपनों से ना बचा हो वह गैरो से क्या ही बच जाए। लग गयी तिवारी के बेटों के हाथ।  शुभ - लेकिन तिवारी का क्या करना है वह अपने बेटो को ढूंढने के लिए दिन रात एक कर देगा।  अक्ष मुड़ के शुभ को देखकर कहता है -“तो तुम नहीं लगता कि तुम्हें उसकी खोज पर फुल स्टॉप लगा देना चाहिय।  शुभ अक्ष की बात सुनकर मुस्कराने लगता है! तक्ष अभी भी चांद को ही देख रहा था अक्ष जब देखता है कि उसका बाप अभी भी चांद को घूर रहा है तो वह अपने बाप के कंधे पर हाथ रख कर कहता है - बस करो ओल्ड मैन मेरी मां का चेहरा इससे भी ज्यादा खूबसूरत है और आपके ऐसे देखने से यह मेरी मां से ज्यादा खूबसूरत नहीं हो जाएगा!  तक्ष अक्ष को अपनी तिरछी निगाहों से देखकर कहता है-“ ओह रियली मुझे तो यह बात पता ही नहीं थी अच्छा हुआ तुमने बता दिया मुझे।आज मैं अपनी बीवी को तसल्ली से जाकर देखूंगा तक्ष तसल्ली शब्द पर बहुत ज्यादा जोर देता है और अपने बेटे को eye विंक विंग कर देता है।  जहां शुभ दानिश और वंश उनकी बातों पर अपने सर पीट लेते हैं वही अक्ष अपने बाप को घूर के देख कर कहता है-“ खबरदार मेरी मां को परेशान करने का सोचा भी तो।”  तक्ष -मूड तो पूरा नहीं था मेरा लेकिन अब बन गया है तो तुम लोग कंटिन्यू करो मैं चला अपना लिटिल गर्ल के पास। By the way tiger अदा का सच little girl को पता ना लगे।  अक्ष - no worry dad mom को कभी पता नहीं लगेगा की अदा कौन है। , note -तो gyz पुराने रीडर्स के लिए खास note.. पिछ्ली बार अदा का राज़ नही खोला था ना ही हॉस्पिटल वाली लड़की का अब वही खुलेंगे.. तो कमैंट्स करो और अपनी राये दो वरना भूल जाओ आगे लिखूँगी                      

  • 20. इश्क़ कभी ना होगा - Chapter 20

    Words: 1103

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    हेलो gyz  तो lejea आज का एक और chptr. छोटा है पर  उम्मीद krti हूँ नाराज़ नहीं होंगे इसे पढ़ कर, आहुवालिया मेंशन  अदा बेड पर बैठे-बैठे ही सो चुकी थी।  तभी उसके रूम का दरवाजा खुलता है और एक बड़ी सी परछाई अंदर आती है यह परछाई अक्ष की थी जो आहिस्ता आहिस्ता चलकर अदा के पास जाकर खड़ा होता है।  कुछ देर खड़ा अदा को ऐसे ही देखते रहता हैं उसके बाद उसे बेड पर सही से लेटा कर उसके पास बैठ जाता है उसके बाद उसके चेहरे को अपने हाथ से सेहला कर मन me अपने -एक गलती मैंने की थी एक गलती तुम कर गई मैंने अपनी गलती का हरजाना भर दिया है लेकिन तुम्हारी गलती का हर्जाना अभी बाकि है और वो हर्जाना मै खुद wasool कर लूंगा.. यह कहते हुए उसकी चेहरे पर एक शतीर muskan थी    तुम्हें उम्र भर संभल कर रखूंगा तुम्हारी जरूरत तुम्हारी ख्वाहिश सब पूरी करूंगा लेकिन तुम्हारी गलती की सज़ा यह है कि tumhe खुद से ishq करने पर मजबूर कर दूंगा। और…..   इसके आगे अक्ष खामोश ho जाता है     यह कहने के बाद असद वहां से उठकर चला जाता है और अदा इन सब से अनजान आराम से सोती रहती है।   तक्ष का रूम।   तक्ष और आर्या बेलिबास एक हल्की चादर ओढे लेटे थे।  तक्ष आर्या को अपनी बाहो me समेटे हुए था वही आर्या दुनिया से बेखबर सुक़ून से लेटी थी।  तक्ष आँखे बंद किए किसी सोच me गुम था वही आर्या बस तक्ष को निहार रही थी।  तक्ष आँखे बंद किये आर्या को अपने सीने me भर कर - do जन्म ले लिए is चेहरे को निहारने के लिए और कितना निहारो गी लिटिल girl। आर्या 200 जन्म भी मिले ना is चेहरे के लिए कम है मेरे लिए mr हैंडसम। तक्ष अपनी आँखे खोल कर आर्या ko देखता है जो अपनी गहरी आँखो से तक्ष को निहार रही थी। तक्ष आर्या को अपने नीचे कर उसके ऊपर आकर उसे देखता है। तक्ष - तो फिर चलो आज की रात तुमको मैं अपने चेहरे me और डूबा देता हूँ। Yeh कह कर तक्ष आर्या के होठो पर अपने होंठ रख देता है और उसे बड़ी ही पेशेनेट किस करने लगता है। आर्या अपने हाथ तक्ष के बालो पर ले जाकर अपनी उंगलियां usme फसा लेती है। तक्ष और आर्या दोनों ही एक दुसरे को ऐसे किस कर रहे थे जैसे जन्मों के भूखे ho। दोनों की टंग आपस मे जंग लड़ रही थी. लगभग 20 मिनिट तक किस करने के baad तक्ष आर्या की नेक पर आकर किस करने लगता है वह किस करते हुए वहा love बाईट छोड़ रहा था। उसके बाद वह आर्या के सीने पर आकर उसे पूरा love बाईट से भर देता है ऐसा ही वह आर्या के tummy का हाल krta है. आर्या बेचैनी से बेहाल ho रही थी और तक्ष उसे साफ महसूस कर रहा था उसके बाद तक्ष आर्या के लोअर पार्ट की तरफ बढ़ जाता है और इसके बाद आर्या की आहे और बेचैनी हद से ज़्यदा बढ़ जाती है। तक्ष आर्या को 1 घंटे ऐसे ही तड़पाता है। आर्या बिना पानी की मछली की तरह तड़पती रहती है वह baar baar तक्ष से कहती है की वह अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही लेकिन तक्ष कब किसकी सुनता था।  आखिर मे तक्ष आर्या के ऊपर आकर अपने हाथ से अपने होठो को बड़ी ही सेडुक्टिव वे मे साफ krta है और आर्या के कान के पास आकर - कैसा लगा बेबी  आर्या तक्ष को अपनी बाहो मे भर कर - बस कर दे mr हैंडसम अब बर्दाश्त नहीं hota। तक्ष आर्या के चेहरे के ऊपर अपना चेहरा लाकर जैसा tum कहो लिटिल girl yeh कह कर तक्ष आर्या को किस करते हुए ही usme इंटर कर जाता है आर्या के चीख उसके गले मे ही घुट गई।   अक्ष का कमरा    अक्ष बेड पर लेटा हुआ अदा की तरफ करवट लिये हुआ था। वह अदा को देखते हुए कुछ सोचने लगता है।   फ्लशबैक    अक्षरा - तू क्या जाने ishq किस बला का naam है जिसे ho जाये कमबख्त मार कर दोबारा ज़िंदा करवाने की तक़त रखता है jis दिन तुझे होगा ना तो पता लगेगा तुझको।  अक्ष - ishq???? मुझे????? क्या मज़ाक कर रही है . अक्षरा eyebro ऊपर चढ़ा कर - बिल्ले मैं मज़ाक नहीं करती तू जानता है.. और वैसे भी तुझसे इश्क़ कोई कभी नहीं करेगा??? हा अक्ष - अब itna भी बुरा नहीं मैं. लड़की - जो itna बोल रहा है ना मेरे सामने बोलता है बस बाकि सबके सामने तो गुस्सैल बिल्ला बने घूमता है। अक्ष - acha वह सब छोड़ yeh बता अगर मुझसे कोई इश्क़ कर गया तो???? अक्षरा - जिस दिन ऐसा हुआ ना दूसरे ही दिन तेरा जीजा तेरे सामने ला कर खड़ा कर दूंगी...   प्रेजेंट टाइम  अक्ष अदा की तरफ देख कर - बुग्गु be रेडी मेरे जीजा से मिलवाने का टाइम आ गया है   Yahi सब बाते सोचते हुए अक्ष की आँख लग जाती है।    सुबह के वक़्त    5 बजे    अक्ष की आँख खुलती है तो अपने सामने अदा को उसकी बाहो मे पाता है। अक्ष शर्ट लेस सोता था is लिए अभी भी वह shirtless ही लेटा था। और अदा का नाजुक बदन उसे बखूबी महसूस ho रहा था। अक्ष अदा के चेहरे पर आ रहे बालो को हटा कर निहरने लगता है।      जो देखे एक बार को पलट के बार बार वो   खुदा जाने क्यों तुझे देखने लगता है   सच बोलूं ईमान से खबर है आसमान से   हैरत में.. चाँद भी तुझको तकतl है..   की.. कोई इतना खूबसूरत कोई इतना खूबसूरत   कोई इतना खूबसूरत कैसा हो सकता है   कोई इतना खूबसूरत कोई इतना खूबसूरत   कोई इतना खूबसूरत कैसा हो सकता है   खूबसूरत पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया   मुस्कुरा के देखा तू ने दीवाने पर एहसान किया   खूबसूरत पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया   मुस्कुरा के देखा तू ने दीवाने पर एहसान किया   धूप भी तेरे रूप के  सोने पे क़ुर्बान हुई है   तेरी रंगत पे खुद होली की रट हेयरां हुई है   तुझको चलते देखा...   तुझको चलते देखा तब हिरनों ने सीखा चलना   तुझे ही सुनके कोयल को सुर की पहचान हुई है   तुझ से दिल लगाये जो उर्दू ना भी आये तो शख़्स वो शायरी करने लगता है   की.. कोई इतना खूबसूरत कोई इतना खूबसूरत   कोई इतना खूबसूरत कैसा हो सकता है कोई इतना खूबसूरत कोई इतना खूबसूरत   कोई इतना खूबसूरत कैसा हो सकता है   खूबसूरत पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया   मुस्कुरा के देखा तू ने दीवाने पर एहसान किया   खूबसूरत पर तेरी ख़ुद को मैंने क़ुर्बान किया   मुस्कुरा के देखा तू ने दीवाने पर एहसान किया   अक्ष बस अदा को निहारता रहता है jab तक अदा की आँखे नहीं khul जाती।...