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Unwanted Marriage!

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कहते है जब दो अनजान लोग शादी के पवित्र बंधन में बंधते है तो वो पल, वो दिन उन दोनों के लिए बहुत खास होता है। लेकिन क्या हो, जब ये बंधन ही अनचाहा हो? नैना और अभय एक दूसरे से काफी अलग थे। नैना एक मध्यम वर्गीय परिवार से थी। उसकी उम्र अभी 18 साल थी और वो...

Total Chapters (4)

Page 1 of 1

  • 1. Unwanted Marriage! - Chapter 1

    Words: 1968

    Estimated Reading Time: 12 min

    ऋषिकेश, त्र्यम्वकेश्वर मन्दिर में भगवान शिव की पूजा की तैयारी बड़े जोरों शोरों से चल रही थी, शिवरात्री का पर्व था इसलिए मन्दिर में काफी ज्यादा भीड़ थी। सारी तैयारी होने के बाद मन्दिर के पंडित जी ने आरती शुरू की, बहुत ही सुहावना दृश्य था, शंखनाद और झांझर की ध्वनि उस शाम को और अधिक सुहाना बना रही थी।  वहीं एक तरफ नैना अपनी फैमिली के साथ खड़ी थी, वह भी महा आरती के लिए मन्दिर आयी हुई थी, इस वक्त नैना की आंखें बंद थी और उसके चेहरे पर एक सुकून प्यारी सी मुस्कान थी।  अभी महा आरती खत्म होने वाली थी कि मन्दिर के सामने 5-6 लग्जरी गाड़ियां एक साथ रुकीं और उनमें से कई सारे बॉडीगार्ड बाहर निकले। एक बॉडीगार्ड ने जाकर दूसरे नम्बर वाली कार का डोर ओपन किया, और उसमें से एक लम्बी चौड़ी पर्सनालिटी वाला आदमी निकला, उसने अपने बॉडीगार्ड को वहीं मन्दिर के बाहर रुकने को कहा और खुद अपने जूते उतार कर कर मन्दिर में चला गया। पंडित जी ने जब उस आदमी को देखा तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी।  पंडित जी ने उस आदमी की तरफ देखते हुए कहा "आप लेट हो गए हो अभय, आरती अब समाप्त हो चुकी है" और आरती की थाल नैना को देते हुए कहा "नैना बेटा सबको आरती दिखा दो, हमें अभय से कुछ बात करनी है" इतना बोल कर वो अभय के साथ मन्दिर के एक तरफ चले गए। "माफ कीजिए पुरोहित जी काम के सिलसिले में देर हो गयी" अभय ने पंडित जी से माफी मांगते हुए कहा।  "कोई बात नहीं, कम से कम आप यहां आए तो सही" पुरोहित जी ने अभय से कहा। "जी" अभय ने पुरोहित जी की बात पर इतना ही कहा।  अभी वह दोनों बातें कर ही रहे थे कि नैना अभय के सामने आरती की थाल करते हुए बोली "आपने आरती नहीं ली" नैना की आवाज सुनकर अभय का ध्यान नैना की तरफ गया, उसने एक नजर नैना को देखा और फिर जैसे ही आरती के लिए अपना हाथ उठाया तो गलती से उसका हाथ थाल में लग गया, ये सब इतनी जल्दी हुआ कि नैना को थाल सम्भालने का मौका ही नहीं मिला और थाल नैना के हाथ से छूट दूर जा गिरी और थाल में रखा सिन्दूर नैना के ऊपर बिखर गया।  अभय को जब ये बात रियलाइज हुई कि अभी-अभी उसके हाथों क्या हुआ है, तो उसने नैना की तरफ देखा जो अभी पूरी तरह से सिन्दूर में रंगी थी और शाॅक्ड होकर अभय को ही देख रही थी, नैना की हालत देखकर अभय का चेेहरा सख्त हो गया उसने तुरन्त अपनी नजरें चारों तरफ दौड़ाई, तो पाया कि सभी लोग अजीब नजरों से उसे ही घूर रहे थे और आपस में खुसुर-पुसुर कर रहे थे। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे।  "हे भगवान ये क्या हो गया, अब इस बेचरी को कौन अपनाएगा" एक लेडी ने अपने पास में ही खड़ी लेडी से कहा। "सही कह रही हो बहन, अब कौन करेगा इससे शादी जब लोंगों को इस बारे में पता चलेगा" उस लेडी ने भी अपने पास खड़ी लेडी की हां में हां मिलाते हुए कहा। वहां पर हो रहीं बातों को सुनकर अभय का मूड और ज्यादा खराब हो चुका था, वो तो यहां भगवान शिव के दर्शन करने आया था, उसे क्या पता था कि यहां आकर ये सब हो जाएगा, उसने अएक मन ही मन सोचा "क्या मुसीबत है" उसने अपनी सर्द नजरों से सबको देखा तो वहां पर मौजूद सभी लोगों की बोलती बन्द हो गयी।  फिर उसने पलट कर एक नजर अपने सामने खड़ी नैना पर डाली, जो अभी भी अपने ख्यालों में गुम थी, नैना का मासूम सा चेहरा देखकर एक पल के लिए तो अभय भी उसे देखता रहा, लेकिन दूसरे ही पल उसने अपनी नजरें नैना से हटाकर, सभी की तरफ देखते हुए कहा "यहां जो कुछ भी हुआ है, वह सब गलती से हुआ है, इसलिए मैं इन सब बातों को नहीं मानता" अभय के शब्द सुनकर वहां खड़े लोग जो कुछ देर पहले अभय की डर की वजह से चुप रह हो गए थे, फिर से खुसुर-पुसुर करने लगे। जब नैना ने ये सुना तो वह निढाल सी जमीन पर बैठ गयी, अभी तक जो नमी उसकी आंखों में थी वह आंसू बनकर उसकी आंखों से बहने लगी। नैना की ऐसी हालत देखकर नैना की मां मालिनी जी ने तुरंत उसे अपने सीने से लगाया और दिलासा देते हुए कहा "रो मत मेरी बच्ची, सब ठीक हो जाएगा" ये सब बोलते वक्त उनकी आंखों में भी नमी थी और हो भी क्यों न, नैना उनकी इकलौती बेटी थी, उन्होंने उसे बड़े ही प्यार से बड़ा किया था। एक बुजुर्ग ने आगे आते हुए कहा "बेटा ये कोई गलती नहीं है, ये भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद है, तुम जिसे एक गलती का नाम दे रहे हो वो सब ईश्वर की मर्जी से हुआ है" "अब तुम मानों या मानों हिन्दू धर्म के अनुसार तुम्हारी इस लड़की से शादी हो गयी है और अब ये तुम्हारी पत्नी है" उस बुजुर्ग ने अपनी बात रखते हुए अभय से कहा। "ये सब बकवास बातें हैं, सिर्फ सिन्दूर मांग में भर जाने से शादी नहीं हो जाती, इन सब बातों को मैं नहीं मानता" अभय ने अपनी कठोर आवाज में कहा। अभय की बात सुनकर पुरोहित जी इतनी देर से यह सब होता हुआ देख रहे थे, आगे आए और अभय से कहा "अभय आप ऐसा नहीं कर सकते, हिन्दू धर्म के मुताबिक जिस लड़की की मांग में सिन्दूर होता है वह सुहागन होती है और नैना की मांग में आपके नाम का सिन्दूर है, इसलिए वह आपकी पत्नी हैं, नैना आपकी जिम्मेदारी है, आप अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकते" "लेकिन पुरोहित जी में इस शादी को नहीं मानता, यह सिर्फ गलती से हुआ है तो न ही ये लड़की मेरी पत्नी है और न ही मेरे ऊपर इसकी कोई जिम्मेदारी है" अभय ने गुस्से से कहा और वहां से जाने लगा।  पुरोहित जी ने तुरंत उसे रोकते हुए कहा "अभय सिंघानिया वहीं रुक जाओ, आप ऐसे नहीं जा सकते, तुम्हें नैना को अपनाना ही होगा, ऐसे अपनी जिम्मेदारी से भागना आपको शोभा नहीं देता"  पुरोहित जी की बात सुनकर अभय पीछे पलटा और नैना की तरफ देखकर अजीब मुस्कुराहट के साथ कहा "ठीक है मैं अपनी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हूं, बताइए क्या करना होगा मुझे" अभय की बात सुनकर पुरोहित जी के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी, वहीं दूसरी ओर नैना अपनी हैरान भरी नजरों से अभय को देखने लगी, उसे अभय की बातों पर यकीन नहीं हो रहा था, उसके मन में एक साथ कई सारे सवाल चल रहे थे, अभी नैना अपने मन में चल रहे सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश कर रही थी कि तभी उसे अपने कानों में पुरोहित जी की आवाज सुनाई दी "ठीक है तो फिर, आपको नैना से पूरे विधि-विधान के साथ शादी करनी होगी, और वह भी आज के दिन ही" इतना बोलने के बाद पुरोहित जी अभय की आंखों में देखने लगे जैसे वह उसकी आंखों में कुछ ढूँढ रहे हों उन्होंने अपने मन में कहा "हम जानते हैं अभय आप इन सब चीजों में विश्वास नहीं, लेकिन हमें यकीन है नैना ही वो लड़की है जो आपकी बेरंग जिन्दगी को खुशियों से भरेगी और आपको प्यार और रिश्तों पर विश्वास करना सिखाएगी"  पुरोहित जी की बात सुनकर नैना और उसके मम्मी पापा शाॅक्ड रह गए नैना अपनी नम आंखों से अभय की तरफ देखते हुए उसके जवाब का इन्तजार करने लगी, इस वक्त सभी की नजरें अभय पर थी, सबको अभय के बोलने का इन्तजार था, सभी जानना चाहते थे कि अभय का जवाब क्या होगा। पुरोहित जी की बात सुनकर भी अभय के चेहरे पर कोई बदलाव नहीं था, जैसे उसे इस बारे में पहले से ही पता हो कि पुरोहित जी उससे क्या बोलेंगे, उसका चेहरा एक्सप्रेशनलेस था, कोई भी उसके चेहरे को देखकर नहीं बता सकता था कि उसके मन में क्या चल रहा है, मन्दिर में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था, वहां का माहौल काफी अजीब था, एक दम से बहुत शांति छा गयी थी। इन सब के बीच नैना का दिल काफी तेज रफ्तार से धड़क रहा था और उसके चेहरे पर घबराहट थी। अभय ने नैना के घबराये हुए चेहरे को देखा और मुस्कुराया, उसकी मुस्कुराहट कोई आम मुस्कुराहट नहीं थी, वो तो भगवान ही जाने की उसकी इस मुस्कुराहट के पीछे क्या राज था। अभय ने वहां की शांति को तोड़ते हुए कहा "ठीक है मैं शादी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन एक बार आप उस लड़की से तो पूछ लीजिए, जिससे आप मेरी शादी कराना चाहते हैं, कि वो इस रिश्ते में रहना चाहती है या नहीं, शायद वो शादी के लिए मना कर दे।"  "अगर वो ये शादी नहीं करना चाहेगी तो मैं कुछ नहीं कर सकता फिर..." अभय ने ऐरोगेंटली मुस्कुराते हुए कहा जैसे उसे यकीन हो कि नैना इस शादी के लिए हां नहीं करेगी। लेकिन अगले ही पल नैना की हरकत देखकर अभय का चेहरा गुस्से से लाल हो गया क्योंकि नैना ने अपना सर झुका रखा था। वहां मौजूद सभी लोगों को नैना का जवाब मिल गया था। पुरोहित जी ने वहां खड़े लोगों में से कुछ लोंगों को शादी की तैयारी करने के लिए कहा और नैना की मां को नैना को तैयार करके लाने को बोल वह भी तैयारियां कराने लगे। इन सब के बीच अभय ने अपने असिस्टेंट रोनित को काॅल करके फ्लाइट की टिकट कैंसल कर सुबह की टिकट बुक करने का आर्डर दे दिया। दरअसल अभय ऋषिकेश अपनी बिजनेेस मीटिंग के चलते आया था और आज ही मुम्बई जाने वाला था इसलिए उसने रात की फ्लाइट की टिकट बुक करवायी थी। मीटिंग खत्म हो जाने के बाद उहने अपनी रिस्च्ट वाॅच में देखा गयी थी, फ्लाइट में अभी टाइम था इसलिए उसने अपने असिस्टेंट को मन्दिर चलने को बोल दिया।  अभय का आर्डर सुन रोनित ने अपने फोन को घूर कर देखा और झुंझलाते हुए कहा "ये बाॅस का भी कुछ पता नहीं चलता कब इनका मूड बदल जाए" उसने मन्दिर की तरफ देखा और एक आह भरी फिर जाकर अपनी कार में बैठ गया। मन्दिर के पिछले हिस्से में मालिनी जी नैना को तैयार कर.रहीं थी उन्होंने नैना को समझाते हुए कहा "नैना बेटा, अभी भी समय है अगर तुम इस शादी से खुश नहीं हो तो मना कर सकती हो" मालिनी जी की बात सुनकर नैना उनकी तरफ देखने लगी, नैना को ऐसे अपनी तरफ देखता देख मालिनी जी ने फिर कहा "हां मेरी बच्ची , तू जो भी फैसला लेगी उसमें मैं तेरे साथ हूं, अगर तू ये शादी नहीं करना चाहती तो मना कर दे उसके बाद जो होगा वो मैं सम्भाल लूंगीं" इतना बोलने के बाद वो नैना को मन्दिर मैं ले जाने लगीं लेकिन नैना उनके साथ जाने से मना कर दिया। नैना की मां नैना को अपनी सवालिया नजरों से देख रहीं थीं, नैना ने अपना सर न में हिलाते हुए कहा "नहीं मां मुझे इस शादी से कोई परेशानी नहीं है, मैं ये शादी करने के लिए तैयार हूं" इतना बोल कर नैना ने अपना सर झुका लिया । उसकी आंख से आंसू की एक बूंद निकल कर जमीन पर जा गिरी।  वो ये शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन उसकी मजबूरी है, इतना सब होने के बाद अगर उसने अभय से शादी के लिए मना कर दिया, तो समाज में उसके मम्मी पापा की कितनी बेइज्जती होगी ये सोच कर ही नैना का दिल बैठा जा रहा था। वो नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से कोई उसकी फैमिली पर उंगली उठाये, इसीलिए उसने अपनी परवाह न करते हुए शादी के लिए हां कर दी। नैना को ऐसे रोता देख उसकी मां ने उसे अपने सीने से लगा लिया, नैना उनके गले लगते ही फूट फूट कर रोने लगी।  क्या नैना और अभय की शादी हो जायेगी?    आगे क्या होगा कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए 👉 Unwanted Marriage !    

  • 2. Unwanted Marriage! - Chapter 2

    Words: 2196

    Estimated Reading Time: 14 min

    नैना को ऐसे रोता देख उसकी मां ने उसे अपने सीने से लगा लिया , नैना उनके गले लगते ही फूट फूट कर रोने लगी । इधर  शादी की सभी तैयारी हो चुकीं थीं , पुरोहित जी ने अभय को मंडप में बुलाया , कुछ देर बाद अभय हवन कुण्ड के सामने बैठा था उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे , उसे देखकर किसी को भी समझ नहीं आ  रहा था कि वह इस शादी से खुश है या दुखी । पंडित जी शादी के मंत्र पढ़ रहे थे , उन्होंनें  नैना को मंडप में लाने के लिए कहा । पंडित जी की बात सुनकर  मालिनी जी नैना को लेकर आयीं , अभय ने जब नैना को देखने के लिए अपनी नजरें उठायीं,  तो उसकी नजर एक पल  के लिए नैना पर थम सी गयीं । शादी के लाल जोड़े में नैना कहर ढा रही  थी , नैना ने बिल्कुल सिम्पल सा शादी का जोड़ा पहना  हुआ था , हाथों में लाल चूड़ी , गले में एक सिम्पल सा नेकलेस  । मेकअप के नाम पर नैना ने सिर्फ  आंखों में काजल और होंठों पर लिपस्टिक लगायी थी । कुछ पल नैना को देखने के बाद अभय ने अपने ख्यालों को झटका  और नैना से  अपनी  नजरें हटा लीं । मालिनी जी ने नैना को ले जाकर अभय के पास बैठा दिया और शादी की रस्में शुरू हो गयीं । पंडित जी ने दोनों को अपना हाथ आगे करने को कहा , अभय ने अपना हाथ आगे किया और नैना  के हाथ आगे करने का इंतजार करने लगा , कुछ समय बाद जब नैना ने अपना हाथ नहीं बढ़ाया तो उसने नैना की ओर देखा , इस वक्त नैना के चेहरे पर कोई इमोशंस नहीं थे , वह गुम सुम सी बैठी हुई थी । अभय ने नैना का हाथ पकड़ कर अपने हाथ में रख लिया , अभय के यूं हाथ पकड़ने से नैना के शरीर में अजीब सी सरसराहट फैल गयी ,उसने अपनी नजरें उठा कर  अभय को देखा । इस वक्त अभय ने अपना चेहरा सामने कर रखा था , नैना की तरफ उसका ध्यान नहीं गया । कुछ देर तक नैना अभय को ही निहारती रही , उसका चार्मिंग फेस नैना को उसकी तरफ अट्रैक्ट कर रहा था , नैना ने अब जाकर अभय को ध्यान से देखा था । कुछ देर तक उसे देखने के बाद  नैना ने अपनी नजरें दूसरी तरफ फेर लीं और अभी जो उसके साथ हो रहा है , उसके बारे में सोचने लगी । कुछ ही घंटों में उसके साथ क्या से क्या हो गया , उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर भगवान उससे चाहते क्या हैं , उसने मन ही मन भगवान से शिकायत करते हुए कहा " क्यूं भगवान जी , मेरे साथ ही ऐसा क्यूं हुआ अभी तो मुझे अपना कालेज पूरा करके अपने सपनों को हकीकत मे बदलना था , " सोचा था उसी इन्सान से शादी करूंगी,  जिससे मुझे प्यार होगा , पर यहां तो मेरी शादी एक ऐसे इन्सान से हो रही है जिसे मैं जानती तक नहीं ,ये सब सोचते हुए नैना की आंखों से आंसू निकल कर उसके गालों पर लुढ़क गए। नैना के मम्मी पापा ने उसका कन्यादान किया , फिर दोनों  फेरों के लिए खड़े हुए  । दो कदम चलते ही नैना के कदम लड़खड़ा गए , वो जैसे ही गिरने को हुई अभय ने तुरंत उसे सम्भाल लिया , नैना ने अपनी भीगी पलकों से अभय को देखा और खड़ी हो गयी , फेरे पूरे होने के बाद अभय ने नैना के गले में मंगलसूत्र पहनाया और फिर उसकी मांग में सिन्दूर भरा । अभय ने जैसे ही नैना की मांग में सिन्दूर भरा नैना ने अपनी आंखे मूंद लीं । सारी रस्में होने के बाद पंडित जी ने कहा " शादी सम्पन्न हुई,  अब से आप दोनों पति पत्नी हैं , अब आप अपने बड़ो का आशीर्वाद ले लीजिए । वहां पर अभय का तो कोई फैमिली मेम्बर नहीं था , सिर्फ नैना की ही फैमिली थी , नैना ने अपने मम्मी पापा के पैर छुए , अभय जिसे यह सब बिल्कुल पसंद नहीं था , वो अपने इमोशनलेस चेहरे के साथ खड़ा रहा । उसने नैना के मम्मी पापा के पैर नहीं छुए अभय को आशीर्वाद लेते न देख नैना ने अभय की तरफ देखा । अभय की इस हरकत ने नैना के मम्मी पापा को भी शर्मिंदा कर दिया , सिचुएशन को सम्भालते हुए नैना के पापा राजेंद्र जी ने कहा " कोई बात नहीं , वैसे भी आजकल की जनरेशन इन सब बातों में विश्वास नहीं रखती " । अपने पिता की बात सुनकर नैना ने अपनी नजर अभय से हटा लीं । अभय ने उनकी बात पर कोई जवाब नहीं दिया और नैना का हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगा । मन्दिर के बाहर आकर उसने अपने असिस्टेंट रोनित को काॅल किया , रोनित जो अपने बाॅस का इन्तजार करते करते कार में ही सो गया था , फोन  की आवाज सुनकर हड़बड़ा कर उठा और अपने फोन को देखा , कालर आईडी में शो हो रहे नाम को देख उसके पसीने छूटने लगे , उसने अपने आप से कहा " अगर बाॅस को पता चल गया कि मैं सो गया था तो पता नहीं वो मेरा क्या हश्र करेंगें  " और अपनी सोच में डूब गया । " अभय ने उसे उल्टा लटका रखा था , और उसे सख्त वार्निंग दी गयी थी कि एक हफ्ते तक वो बिल्कुल नहीं सोएगा , अगर ऐसा हुआ तो उसे भूखा प्यासा जंगल में छोड़ दिया जाएगा " इतना  सोच कर रोनित जोर से चिल्लाया " नही....।" तभी उसका फोन दुबारा रिंग हुआ,  उसने जल्दी से अपना फोन पिक करते हुए कहा " हेलो बाॅस " ...। अभय जो कि रोनित के काॅल पिक न करने की वजह से बहुत गुस्से में था , रोनित के काॅल  पिक करते ही उस पर गुस्से में चिल्लाते हुए कहा. " काॅल क्यूं नहीं उठा रहे थे , कहां मर गए थे " अपने बाॅस की गुस्से भरी आवाज सुनकर रोनित कांप उठा । उसने अपनी कांपती हुई आवाज में कहा " Sorry boss , वो गल्ती से मेरी आंख लग गयी थी , इसलिए फोन उठाने में देर हो गयी "  उसे सच बताना ठीक समझा  , क्योंकि वो अपने बाॅस को अच्छी तरह से जानता था कि वो कैसा है । रोनित की बात सुनकर अभय ने एक गहरी सांस ली । उसे रोनित पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर इस वक्त वो कुछ नहीं कर सकता क्यूंकि अभी उसकी प्रॉब्लम नैना थी , जिसे जबरदस्ती उसके गले बांध दिया गया था , ये कह कर कि नैना उसकी जिम्मेदारी है । वो उसे अपने साथ नहीं ले जाना था , और न ही वो उसे यहां छोड़ सकता था , उसने रोनित से कहा " तुम्हें में बाद में देखूंगा , पहले गाडी निकालो हमें होटल जाना है" उसके बाद उसने मुड़ कर नैना की तरफ देखा , जो अभय को इतने गुस्से में देख काफी डर गयी थी , अभय को उसकी आंखों में डर साफ दिखाई दे रहा था " मेरे पीछे आओ " उसने नैना से कहा और आगे बढ़ गया । रोनित गाड़ी से टिककर  खड़ा था अपने बाॅस को आता देख सीधा खड़ा हो गया और अभय  के लिए कार का दरवाजा खोला , अभय जाकर कार में बैठ गया , नैना जो अभय के पीछे आ  रही थी ,  कार के पास जाकर खड़ी हो गयी । रोनित ने जब नैना को देखा तो अपनी पलकें झपकाना ही भूल गया , वो अपनी बड़ी बड़ी आंखों से नैना को ही घूर रहा था , उसने अपने मन में कहा  " इतनी खूबसूरत लड़की यहां बास के साथ क्या कर रही है वो भी इतनी रात को शादी के जोड़ें में , कहीं बाॅस ने शादी तो नहीं कर ली ? , नहीं , नहीं बाॅस शादी कैसे कर सकते हैं , बाॅस को तो लड़कियां पसन्द ही नहीं हैं , " रोनित ये सब अपने मन में सोच रहा था इस बात से अनजान कि अभय अपनी लाल आंखों से उसे ही घूर रहा है । अभय जो कि कब से नैना का गाड़ी में बैठने का इन्तजार कर रहा था , उसने अपनी सख्त आवाज में नैना से कहा " अन्दर गाडी में बैठो " । अभय की आवाज से रोनित का ध्यान टूटा उसने नैना को देखा और कार की दूसरी साइड का दरवाजा खोल दिया , नैना जो चुपचाप बाहर खड़ी थी वह तुरन्त गाडी में बैठ गयी । " गाड़ी होटल ले चलो " अभय ने कहा और अपना फोन चलाने लगा । रोनित ने कार होटल की ओर घुमा दी । अभय की कार  हवा से बातें करती हुई अपनी मंजिल की ओर चल पड़ी  । अभय के बगल में बैठी नैना ने एक नजर अभय को देखा और फिर अपनी नजरें घुमा कर बाहर सड़क को देखने लगी । उसकी आंखों में अभी नमी थी , वो अपनी आने वाली जिन्दगी के बारे में सोच रही , न जाने अब उसकी जिन्दगी क्या नया मोड़ लेगी , नैना काफी थक चुकी थी , उसकी पलकें भारी हो रहीं थी इसलिए कब उसकी आंख लग गयी उसे पता ही नहीं चला और बहुत जल्द वो नींद के आगोश में चली गयी। नैना सुकून से सो रही थी , इस बात से बेखबर कि उसकी जिन्दगी में अभी इससे भी बड़ा तूफान आने वाला है । अभय की कार तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रही थी , अचानक से अभय ने अपना फोन पोकेट में रखा और नैना की तरफ देखा  " सोते वक्त नैना किसी मासूम बच्ची की तरह दिख रही थी , उसका चेहरा रोड़ साइड लगी स्ट्रीट लाइट से आ रही रोशनी में चमक रहा था । उसे सोता देख अभय के होंठ थोडे ऊपर की ओर मुड़े , जब अभय को एहसास हुआ कि अभी अभी उसके साथ क्या हुआ तो उसने तुरन्त अपना चेहरा सख्त कर लिया । उसने अपने मन में कहा " ये मुझे क्या हो रहा है , नहीं एक मामूली सी लड़की मुझे अपनी तरफ अट्रैक्ट नहीं कर सकती " , इस लड़की से मेरा कोई लेना देना नहीं है , इतनी आसानी से मैं इसे अपनी जिन्दगी में नहीं आने दे सकता , ऐसे कोई भी अभय सिंघानिया की कमजोरी नहीं बन सकता । इस लड़की की मेरी जिन्दगी मैं कोई अहमियत नहीं हैं , इसके साथ शादी सिर्फ एक गलती है जिसे मैं नहीं मानता । रोनित जो कि कार ड्राइव कर रहा था , बीच बीच में वो रिव्यू मिरर से अभय नैना को भी देख रहा था , उसके मन में हजारों सवाल चल रहे थे नैना को लेकर  " क्या ये बाॅस की वीबी है , अगर ऐसा है तो बाॅस ने शादी कब की और अगर बाॅस ने शादी कर ली है तो मुझे कैसे पता नहीं चला , " नहीं बाॅस ऐसा कैसे कर सकते हैं , वो मुझे बिना बताए शादी , ऐसे कैसै कर सकते हैं " । इन्हीं सब ख्यालों में रोनित का ध्यान ड्राइविंग से जिससे कार थोडी डिसबैलेंस हो गयी और नैना की नींद खुल गयी । अभय ने रोनित को डांटते हुए कहा " तुम्हारा ध्यान कहां है ,   सही से कार चलाओ " " सॉरी बॉस, गलती हो गयी , आगे से ऐसा नहीं होगा " रोनित ने डरते हुए कहा । " हम्म्म गुड , ऐसा होना भी नहीं चाहिए वरना तुम जानते ही हो कि इसकी सजा क्या होगी " अभय ने कठोरता से कहा । " यस बाॅस " रोनित ने कहा और ड्राइविंग पर ध्यान देने लगा । नैना बस चुपचाप बैठी उनकी बातें सुन रही थी । अभी 20 मिनिट ही हुए थे कि अचानक अभय ने रोनित से कहा " स्टॉप द कार " रोनित ने फौरन कार रोक दी और अपने बाॅस से कहा " लेकिन बाॅस अभी तो होटल पहुंचने  में आधा घण्टा बांकी है आपने रास्ते में रोकने को  कार क्यूं कहा " रोनित की बात का अभय ने कोई जवाब नहीं दिया , उसने नैना को देखा जो अपनी सवालिया नजरों से अभय को देख रही थी जैसे पूछ रहीं  हो कि " रोनित सही तो बोल रहा है आपने ऐसे बीच रास्ते  में कार रोकने को क्यूं कहा " अभय उसकी आंखों में छिपे हुए सवालों को पढ़ सकता था । उसने नैना की तरफ देखते हुए सख्ती से कहा . . . . . ." देखो अभी कुछ घंटे पहले  मन्दिर में जो कुछ भी हुआ , सब भूल जाओ , क्योंकि मैं यह शादी नहीं मानता  " अभय की बात  सुनकर रोनित तो जैसे सदमें में चला गया था रोनित को अब जाकर यकीन हुआ था की उसके बाॅस ने सच में शादी कर ली और उसके सामने बैठी लड़की उसकी लेडी बाॅस है , वो अपना मुंह खोले उन दोनों को ही देख रहा था । नैना अभय की बात पर उसे अपनी आँसू भरी आंखों से देखने लगी जैसे पूछ रही हो  . . . . . " तो फिर आपने ये शादी ही क्यूं की " अभय ने रोनित को कार रोकने को क्यूं कहा ? जब अभय इस शादी को नहीं मानता तो क्यूं की उसने नैना से शादी ? आगे क्या होगा कहानी में जानने के लिए पढ़ते रहिए 👉 Unwanted Marriage!

  • 3. Unwanted Marriage! - Chapter 3

    Words: 1841

    Estimated Reading Time: 12 min

    अभय उसकी आंखों में छिपे हुए सवालों को पढ़ सकता था।उसने नैना की तरफ देखते हुए सख्ती से कहा

    "" देखो अभी कुछ घंटे पहले  मन्दिर में जो कुछ भी हुआ , सब भूल जाओ , क्योंकि में यह शादी नहीं मानता  "

    अभय की बात  सुनकर रोनित तो जैसे सदमें मैं चला गया था। रोनित को अब जाकर यकीन हुआ था की उसके बाॅस ने सच में शादी कर ली और उसके सामने बैठी लड़की उसकी लेडी बाॅस है , वो अपना मुंह खोले उन दोनों को ही देख रहा था। नैना अभय की बात पर उसे अपनी आँसू भरी आंखों से देखने लगी जैसे पूछ रही हो
     " तो फिर आपने ये शादी ही क्यूं की? "

    अभय जो की नैना की आंखों में छुपे सवालों को पढ़ सकता था , उसने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा
    " मेरी बात ध्यान से सुनो में ये शादी नहीं करना चाहता था ,मुझे ये शादी मजबूरी में करनी पड़ी , क्योंकि में नहीं चाहता था कि वहां मौजूद लोग मेरे नाम को लेकर तमाशा बनाएं"

    " लेकिन अब मेरा क्या होगा , आप मेरे ऐसा कैसे कर सकते हैं " नैना ने सिसकते हुए कहा ।

    " मैं कुछ नहीं जानता , मैने कहा न मेरे लिए यह शादी कोई मायने नहीं रखते  , इसलिए तुम अपने रास्ते और मैं अपने  रास्ते . . . . " अभय ने गुस्से से कहा ।

    उसे नैना पर बहुत गुस्सा आ रहा था , नैना का रोना उसे इरिटेट कर रहा था ।वह गुस्से में कार से बाहर निकला और नैना की तरफ का डोर ओपन कर नैना से बोला

    "" चलो अब जल्दी से कार से निकलो "

    अभय के कहने पर भी जब नैना बाहर नहीं आयी तो अभय ने गुस्से से उसका पकड़ा और उसे कार से बाहर निकालते हुए कहा

    " लगता है तुम्हे प्यार की भाषा समझ नहीं आती , " और उसे कार से बाहर फैंक दिया ।
    उसके बाद उसे एक नजर देख गाड़ी में बैठ रोनित से कहा
    " चलो"

    रोनित का बिल्कुल मन नहीं कर रहा था उसे  नैना के लिए बहुत बुरा लग रहा था , लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था । उसने कार स्टार्ट की और अपनी मंजिल की ओर बढ़ा दी। कार को चलता देख नैना कार के पीछे भागी और कार की विंडो पर मारते हुए बोली

    " अभय जी , आप मुझे ऐसे यहां छोड़कर  नहीं जा सकती , इतनी रात को मैं अकेली कहां जाऊंगी ? "जब आपको ये ही सब करना था तो आपने शादी ही क्यूं की , आप ऐसा नहीं कर सकते , अभय  मेरी बात सुनिये"

    नैना यह सब कहते हुए कार के पीछे भाग रही थी , लेकिन अभय पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हो रहा था  , कार आगे निकल गयी नैना अपनी नम आंखों से उसे अपनी भीगी आंखों से कार को तब तक देखती रही जब कार उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गयी। अभय की कार गायब होते ही नैना घुटनों के बल जमीन पर बैठ गयी और फूट फूट कर रोने लगी ।उसने आसमान की ओर देखा  और चीखते हुए

    " आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यूं हुआ  , मैने किसी का क्या बिगाडा था जो मेरे साथ इतना बुरा हुआ  "
    फिर नैना ने अपनी गुस्से भरी लाल आंखों से उस तरफ देखा जिस तरफ अभय की कार गयी थी और कहा

    " अभय सिंघानिया ये तुमने ठीक नहीं , मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं " यह कहते हुए नैना की आंखों में अभय के लिए सिर्फ ओर सिर्फ नफरत और गुस्सा था । इधर अभय कार में बैठा हुआ था कि तभी उसे हिचकी आने लगी  , रोनित ने जब अभय को देखा तो तुरन्त ड्रोवर से पानी की बोतल निकाल कर अभय को देते हुए कहा

    " ये लीजिए बाॅस पानी "

    अभय ने तुरंत उसके हाथ से बोतल ली और एक ही सांस में पी गया  , लेकिन फिर भी उसको हिचकी आना बन्द नहीं हुआ।

    उसने  गुस्से में कहा . . . . . " पता नहीं किसे मरने की इतनी जल्दी है जो आधी रात को मुझे याद कर रहा है "

    अपने आप को सम्भालते हुए नैना ने आसपास नजरें दौड़ाई  , रोड खाली था और एक दो ही गाड़ी रोड़ पर आ जा रही थीं , वह उठी और थोड़ी ही दूर पर रोड़ साइड लगी बैंच पर बैठ गयी , उसकी आंखों से अभी भी आँसू वह रहे थे , उसे समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे ?

    " अगर वह घर जाएगी , उसके मम्मी पापा उससे सवाल करेंगें  , जिनके जवाब उसके पास नहीं थे , अगर वो घर नहीं जाएगी तो कहां जाएगी  वो , "

    ये सब सोचते हुए नैना एक बार फिर रोने लगी । रोते रोते वो उसी बैंच पर कब सो गयी उसे पता ही नहीं चला। अगली सुबह नैना की जब नींद खुली , तो अपने आप  को अनजान जगह पा कर वह एक दम से घबरा गयी , फिर उसे याद आया कि वो कल  रात यहीं सो गयी थी , कल रात के बारे में सोचते ही नैना की आंखों में आंसू आ गए । उसने अपने आस पास देखा , अभी सुबह के 7 :00 ही बजे थे इसलिए रोड़ खली था , कुछ एक दो कार ही निकल रहीं थीं , नैना वहां से जैसे ही निकलने लगी उसके कदम लड़खड़ा गए , लेकिन फिर भी वह हिम्मत करके अपने लड़खड़ाते  हुए कदमों से आगे बढ़ गयी , नैना रोड  पर चले जा रही थी , थोड़े आगे चलने पर नैना  ने देखा कि उससे कुछ ही दूरी पर , 4 - 5 लड़के अपनी बाइक्स के साथ ग्रुप बना कर खड़े थे , उन लड़कों को देखकर नैना ने अपनी नजरें नीचे की और रोड़ को देखते हुए आगे बढ़ने लगी , क्योंकि वो लड़के सकल से ही गुंडे बदमाश दिख रहे थे इसलिए नैना को उनसे डर लग रहा था ।

    नैना जल्दी जल्दी कदम बढ़ाते हुए वहां से निकल गयी , अभी वो बस कुछ दूर ही पहुंची थी कि , पीछे से किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया  , जब नैना को इस बात का एहसास हुआ तो वह अन्दर तक कांप गयी , क्योंकि उसका हाथ उन्हीं बदमाशों के ग्रुप के एक लड़के ने पकड़ा था । दरअसल उन लोगों ने नैना को पहले ही देख लिया था और मौका मिलते ही उसे पकड़ लिया।
    उस लड़के ने नैना का हाथ पकड़ कर.हवस भरी नजरों से देखते हुए कहा

    " कहां जा रही हो जान हमें बताओ हम तुम्हें वहां तक छोड़ देंगें , क्यूं अपने इन नाजुक पैरों को तकलीफ दे रही हो " और नैना को एक गन्दी सी स्माइल दी ।

    नैना उससे अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली
    "इसकी जरूरत नहीं है , मैं खुद चली जाउंगी "

    इतना बोल वो पलट  कर जाने लगी , लेकिन वो लड़का बिजली की फुर्ती से उसके  सामने आ गया, और नैना को ऊपर से नीचे तक घूरते हुए बोला

    " अरे ऐसे कैसे चली जाओगी , जब में बोल रहा हूं कि हमें अपना पता बता दीजिए हम छोड़ देंगें आपको आपके घर तक "
    उसकी बात सुनकर नैना ने अपने डर को दबाते हुए कहा .

    " मैने कहा न कि मैं खुद चली जाऊंगी,  मुझे आपकी मदद की जरूरत नहीं है " और आगे बढ़ने को हुई , लेकिन उस लड़के ने एक ही पल में उसे पकड़ लिया ।

    "तेरी जुवान बहुत चल रही है , लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी"

    वो लड़का अब अपनी असिलयत में आ चुका था , वो नैना को पकड़ कर ले जाने लगा , उसके साथी जो थोड़ी देर पहले तक  दूर खड़े थे वो भी अब उसके पास आ गये थे और नैना को ले जाने में उसकी मदद  करने लगे ।नैना को काफी डर लग रहा था , वो अपने आप को छुड़ाते हुए बोली

    " छोडों मुझे , नहीं तो मैं चिल्लाऊंगी  "

    उसकी बात  पर वो सभी ठहाके मार कर हँसने लगे , और उनमें से एक ने कहा 

    " चिल्लाएगी तो तू तब न जब हम तुझे चिल्लाने देंगें "

    उनकी बात सुनकर नैना अन्दर  तक कांत  गयी , वो जैसे ही किसी को मदद के लिए आवाज लगाने को हुई , उसकी आवाज उसके मुंह में ही दब  कर रह गयी , क्योंकि एक लड़के  ने अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया था । नैना अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी , लेकिन उन लोगों के सामने उसकी कोशिश बेकार थी , आखिर में नैना स्ट्रगल  करते हुए थक  गयी उसकी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा और वो बेहोश हो गयी ( नैना ने दो दिन  से कुछ भी नहीं खाया था  , इसलिए वो कमजोरी की वजह  से बेहोश हो गयी ) वो लड़के नैना को एक पुरानी  सी बिल्डिंग में ले आए और जमीन  पर पटक दिया , नैना धड़ाम की आवाज के साथ जमीन पर गिर गयी , एक लड़के ने उसे देखते हुए कहा . . . .

    " नितिन ये तो बेहोश हो गयी " उसकी बात पर नितिन ने जवाब दिया ( नितिन वही लड़का है जिसने  सबसे पहले नैना का रास्ता  रोका  था ।

    " कोई बात नहीं मोहित थोडी बाद इसे होश आ जाएगा , इसके हाथ  पैर बांध दो ताकि ये यहां से भाग  न पाए , आज  रात खूब मजे  करेंगें इसके साथ"

    यह कहते हुए वह अपनी हवस भरी नजरों  से नैना  को ही देख रहा था।फिर वो बाहर चला गया बांकी  लड़कों के साथ बाहर  चला गया , अब वहां सिर्फ मोहित ही बचा था उसने नैना के हाथ पैरों को रस्सी से कस दिया और वह भी बाहर  आ गया।

    देेहरादूून,

    इधर  अभय  में अपने असिस्टेंट रोनित और गार्ड्स के साथ एयरपोर्ट पर  खड़ा था , कुछ  ही देर  में वह फ्लाइट के अन्दर  चला गया और अपनी आंखें बंद कर सीट पर सर टिका कर बैठ गया , उसे अपनी आंखें बंद किए कुछ ही टाइम हुआ था कि उसकी आंखों के सामने  नैना  का रोता  हुआ चेहरा  आ गया उसने झट से अपनी  आंखें खोल  ली एक बार विंडो से  बाहर देखा  और  फिर अपना लेपटोप खोलकर अपना काम  करने लगा।शाम हो चुकी थी , लेकिन नैना को अभी तक होश नहीं आया था , मोहित चार , पांच  बार  चक्कर लगा चुका था देखने के लिए , अब उसे भी गुस्सा  आने लगा था , उसने मन में सोचा  " कहां वो इस लड़की  को मजे  करने  के लिए  लाये  थे , और  ये लड़की  अभी तक बेहोश है ,उसने वहीं पर रखी  पानी से भरा जग उठाया  और नैना के ऊपर  उड़ैल दिया ।मुंह पर पानी ड़ालने से नैना को थोड़ा-बहुत होश आया , उसने अपनी धुंधली आंखों  से सामने देखा , सामने  देखते ही वो डर  के मारे अन्दर  तक कांप गयी ( उसके सामने  वही पांचों लड़के खड़े थे और उसे अपनी गुस्से और हवस भरी नजरों से देख रहे थे ) , उसने अपने आस पास नजर दौड़ाई  , उसके हाथ पैर बंधें हुए थे।

    आगे क्या होगा  जानने के लिए पढ़ते रहिए  👉


    Unwanted Marriage!
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  • 4. Unwanted Marriage! - Chapter 3

    Words: 1819

    Estimated Reading Time: 11 min

    अभय उसकी आंखों में छिपे हुए सवालों को पढ़ सकता था।उसने नैना की तरफ देखते हुए सख्ती से कहा

    " देखो अभी कुछ घंटे पहले  मन्दिर में जो कुछ भी हुआ , सब भूल जाओ , क्योंकि में यह शादी नहीं मानता  "

    अभय की बात  सुनकर रोनित तो जैसे सदमें मैं चला गया था। रोनित को अब जाकर यकीन हुआ था की उसके बाॅस ने सच में शादी कर ली और उसके सामने बैठी लड़की उसकी लेडी बाॅस है , वो अपना मुंह खोले उन दोनों को ही देख रहा था। नैना अभय की बात पर उसे अपनी आँसू भरी आंखों से देखने लगी जैसे पूछ रही हो।

     " तो फिर आपने ये शादी ही क्यूं की? "

    अभय जो की नैना की आंखों में छुपे सवालों को पढ़ सकता था , उसने अपनी बात आगे जारी रखते हुए कहा

    " मेरी बात ध्यान से सुनो में ये शादी नहीं करना चाहता था ,मुझे ये शादी मजबूरी में करनी पड़ी , क्योंकि में नहीं चाहता था कि वहां मौजूद लोग मेरे नाम को लेकर तमाशा बनाएं"

    " लेकिन अब मेरा क्या होगा , आप मेरे ऐसा कैसे कर सकते हैं " नैना ने सिसकते हुए कहा।

    " मैं कुछ नहीं जानता , मैने कहा न मेरे लिए यह शादी कोई मायने नहीं रखते  , इसलिए तुम अपने रास्ते और मैं अपने  रास्ते . . . . " अभय ने गुस्से से कहा।

    उसे नैना पर बहुत गुस्सा आ रहा था , नैना का रोना उसे इरिटेट कर रहा था ।वह गुस्से में कार से बाहर निकला और नैना की तरफ का डोर ओपन कर नैना से बोला।

    " चलो अब जल्दी से कार से निकलो "

    अभय के कहने पर भी जब नैना बाहर नहीं आयी तो अभय ने गुस्से से उसका पकड़ा और उसे कार से बाहर निकालते हुए कहा

    " लगता है तुम्हे प्यार की भाषा समझ नहीं आती" और उसे कार से बाहर फैंक दिया।

    उसके बाद उसे एक नजर देख गाड़ी में बैठ रोनित से कहा

    "चलो"

    रोनित का बिल्कुल मन नहीं कर रहा था उसे  नैना के लिए बहुत बुरा लग रहा था , लेकिन वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था । उसने कार स्टार्ट की और अपनी मंजिल की ओर बढ़ा दी। कार को चलता देख नैना कार के पीछे भागी और कार की विंडो पर मारते हुए बोली

    ""अभय जी , आप मुझे ऐसे यहां छोड़कर  नहीं जा सकती , इतनी रात को मैं अकेली कहां जाऊंगी ? "जब आपको ये ही सब करना था तो आपने शादी ही क्यूं की , आप ऐसा नहीं कर सकते , अभय  मेरी बात सुनिये"

    नैना यह सब कहते हुए कार के पीछे भाग रही थी , लेकिन अभय पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हो रहा था  , कार आगे निकल गयी नैना अपनी नम आंखों से उसे अपनी भीगी आंखों से कार को तब तक देखती रही जब कार उसकी आंखों से ओझल नहीं हो गयी। अभय की कार गायब होते ही नैना घुटनों के बल जमीन पर बैठ गयी और फूट फूट कर रोने लगी ।उसने आसमान की ओर देखा  और चीखते हुए

    "आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यूं हुआ  , मैने किसी का क्या बिगाडा था जो मेरे साथ इतना बुरा हुआ  "

    फिर नैना ने अपनी गुस्से भरी लाल आंखों से उस तरफ देखा जिस तरफ अभय की कार गयी थी और कहा

    " अभय सिंघानिया ये तुमने ठीक नहीं , मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं"

    यह कहते हुए नैना की आंखों में अभय के लिए सिर्फ ओर सिर्फ नफरत और गुस्सा था । इधर अभय कार में बैठा हुआ था कि तभी उसे हिचकी आने लगी  , रोनित ने जब अभय को देखा तो तुरन्त ड्रोवर से पानी की बोतल निकाल कर अभय को देते हुए कहा

    " ये लीजिए बाॅस पानी "

    अभय ने तुरंत उसके हाथ से बोतल ली और एक ही सांस में पी गया  , लेकिन फिर भी उसको हिचकी आना बन्द नहीं हुआ।

    उसने गुस्से में कहा . . . . . " पता नहीं किसे मरने की इतनी जल्दी है जो आधी रात को मुझे याद कर रहा है"

    अपने आप को सम्भालते हुए नैना ने आसपास नजरें दौड़ाई  , रोड खाली था और एक दो ही गाड़ी रोड़ पर आ जा रही थीं , वह उठी और थोड़ी ही दूर पर रोड़ साइड लगी बैंच पर बैठ गयी , उसकी आंखों से अभी भी आँसू वह रहे थे , उसे समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे ?

    "अगर वह घर जाएगी , उसके मम्मी पापा उससे सवाल करेंगें  , जिनके जवाब उसके पास नहीं थे , अगर वो घर नहीं जाएगी तो कहां जाएगी वो"

    ये सब सोचते हुए नैना एक बार फिर रोने लगी।
    रोते रोते वो उसी बैंच पर कब सो गयी उसे पता ही नहीं चला। अगली सुबह नैना की जब नींद खुली , तो अपने आप  को अनजान जगह पा कर वह एक दम से घबरा गयी , फिर उसे याद आया कि वो कल  रात यहीं सो गयी थी , कल रात के बारे में सोचते ही नैना की आंखों में आंसू आ गए । उसने अपने आस पास देखा , अभी सुबह के 7 :00 ही बजे थे इसलिए रोड़ खली था , कुछ एक दो कार ही निकल रहीं थीं , नैना वहां से जैसे ही निकलने लगी उसके कदम लड़खड़ा गए , लेकिन फिर भी वह हिम्मत करके अपने लड़खड़ाते  हुए कदमों से आगे बढ़ गयी , नैना रोड  पर चले जा रही थी , थोड़े आगे चलने पर नैना  ने देखा कि उससे कुछ ही दूरी पर , 4 - 5 लड़के अपनी बाइक्स के साथ ग्रुप बना कर खड़े थे , उन लड़कों को देखकर नैना ने अपनी नजरें नीचे की और रोड़ को देखते हुए आगे बढ़ने लगी , क्योंकि वो लड़के सकल से ही गुंडे बदमाश दिख रहे थे इसलिए नैना को उनसे डर लग रहा था ।नैना जल्दी जल्दी कदम बढ़ाते हुए वहां से निकल गयी , अभी वो बस कुछ दूर ही पहुंची थी कि , पीछे से किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया  , जब नैना को इस बात का एहसास हुआ तो वह अन्दर तक कांप गयी , क्योंकि उसका हाथ उन्हीं बदमाशों के ग्रुप के एक लड़के ने पकड़ा था । दरअसल उन लोगों ने नैना को पहले ही देख लिया था और मौका मिलते ही उसे पकड़ लिया।उस लड़के ने नैना का हाथ पकड़ कर.हवस भरी नजरों से देखते हुए कहा

    "कहां जा रही हो जान हमें बताओ हम तुम्हें वहां तक छोड़ देंगें , क्यूं अपने इन नाजुक पैरों को तकलीफ दे रही हो " और नैना को एक गन्दी सी स्माइल दी ।
    नैना उससे अपना हाथ छुड़ाते हुए बोली

    "इसकी जरूरत नहीं है , मैं खुद चली जाउंगी " इतना बोल वो पलट  कर जाने लगी , लेकिन वो लड़का बिजली की फुर्ती से उसके  सामने आ गया, और नैना को ऊपर से नीचे तक घूरते हुए बोला

    " अरे ऐसे कैसे चली जाओगी , जब में बोल रहा हूं कि हमें अपना पता बता दीजिए हम छोड़ देंगें आपको आपके घर तक "

    उसकी बात सुनकर नैना ने अपने डर को दबाते हुए कहा" मैने कहा न कि मैं खुद चली जाऊंगी,  मुझे आपकी मदद की जरूरत नहीं है " और आगे बढ़ने को हुई , लेकिन उस लड़के ने एक ही पल में उसे पकड़ लिया ।

    "तेरी जुवान बहुत चल रही है , लगता है तू ऐसे नहीं मानेगी" वो लड़का अब अपनी असिलयत में आ चुका था , वो नैना को पकड़ कर ले जाने लगा , उसके साथी जो थोड़ी देर पहले तक  दूर खड़े थे वो भी अब उसके पास आ गये थे और नैना को ले जाने में उसकी मदद  करने लगे ।नैना को काफी डर लग रहा था , वो अपने आप को छुड़ाते हुए बोली

    "छोडों मुझे , नहीं तो मैं चिल्लाऊंगी"

    "उसकी बात  पर वो सभी ठहाके मार कर हँसने लगे , और उनमें से एक ने कहा

    " चिल्लाएगी तो तू तब न जब हम तुझे चिल्लाने देंगें उनकी बात सुनकर नैना अन्दर तक कांप  गयी , वो जैसे ही किसी को मदद के लिए आवाज लगाने को हुई , उसकी आवाज उसके मुंह में ही दब  कर रह गयी , क्योंकि एक लड़के  ने अपने हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया था । नैना अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी , लेकिन उन लोगों के सामने उसकी कोशिश बेकार थी , आखिर में नैना स्ट्रगल  करते हुए थक  गयी उसकी आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा और वो बेहोश हो गयी ( नैना ने दो दिन  से कुछ भी नहीं खाया था  , इसलिए वो कमजोरी की वजह  से बेहोश हो गयी ) वो लड़के नैना को एक पुरानी  सी बिल्डिंग में ले आए और जमीन  पर पटक दिया , नैना धड़ाम की आवाज के साथ जमीन पर गिर गयी , एक लड़के ने उसे देखते हुए कहा

    " नितिन ये तो बेहोश हो गयी "

    उसकी बात पर नितिन ने जवाब दिया ( नितिन वही लड़का है जिसने  सबसे पहले नैना का रास्ता  रोका  था। " कोई बात नहीं मोहित थोडी बाद इसे होश आ जाएगा , इसके हाथ  पैर बांध दो ताकि ये यहां से भाग  न पाए , आज  रात खूब मजे  करेंगें इसके साथ"यह कहते हुए वह अपनी हवस भरी नजरों  से नैना  को ही देख रहा था।फिर वो बाहर चला गया बांकी  लड़कों के साथ बाहर  चला गया , अब वहां सिर्फ मोहित ही बचा था उसने नैना के हाथ पैरों को रस्सी से कस दिया और वह भी बाहर  आ गया।

    देेहरादूून,

    इधर  अभय  में अपने असिस्टेंट रोनित और गार्ड्स के साथ एयरपोर्ट पर  खड़ा था , कुछ  ही देर  में वह फ्लाइट के अन्दर  चला गया और अपनी आंखें बंद कर सीट पर सर टिका कर बैठ गया , उसे अपनी आंखें बंद किए कुछ ही टाइम हुआ था कि उसकी आंखों के सामने  नैना  का रोता  हुआ चेहरा  आ गया उसने झट से अपनी  आंखें खोल  ली एक बार विंडो से  बाहर देखा  और  फिर अपना लेपटोप खोलकर अपना काम  करने लगा।शाम हो चुकी थी , लेकिन नैना को अभी तक होश नहीं आया था , मोहित चार , पांच  बार  चक्कर लगा चुका था देखने के लिए , अब उसे भी गुस्सा  आने लगा था , उसने मन में सोचा  " कहां वो इस लड़की  को मजे  करने  के लिए  लाये  थे , और  ये लड़की  अभी तक बेहोश है ,उसने वहीं पर रखी  पानी से भरा जग उठाया  और नैना के ऊपर  उड़ैल दिया ।मुंह पर पानी ड़ालने से नैना को थोड़ा-बहुत होश आया , उसने अपनी धुंधली आंखों  से सामने देखा , सामने  देखते ही वो डर  के मारे अन्दर  तक कांप गयी ( उसके सामने  वही पांचों लड़के खड़े थे और उसे अपनी गुस्से और हवस भरी नजरों से देख रहे थे ) , उसने अपने आस पास नजर दौड़ाई  , उसके हाथ पैर बंधें हुए थे।

    आगे क्या होगा  जानने के लिए पढ़ते रहिए  👉


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