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Campus Love: A Sweet Collage Romance

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Sudha Yadav

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एक तरफ जहां आरव बहुत स्वीट और शरारती नेचर का है वहीं अनिशा थोड़ी गुस्सैल और शांत स्वभाव की है। अनिशा आरव कि मुलाक़ात होती है जयपुर में जहां अनिशा अपनी बचपन कि दोस्त अनाया कि शादी में आई होती है। दोनों कि पहली मुलाकात कुछ खास नहीं होती पर आरव को हो जा...

Total Chapters (14)

Page 1 of 1

  • 1. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 1

    Words: 1024

    Estimated Reading Time: 7 min

    "उठना जा लाडो कितना सोएगी बच्चे" राधिका जी कमरे का पर्दा हटाते हुए बोली लेकिन उनकी लडली लाडो पर कोई असर नही हुआ वो फिर चादर तान कर सो गई । राधिका जी ने फिर एक बार कोशिश करते हुए कहां  - "आज तुझे आपनी दोस्त कम गर्लफ्रेंड ज्यादा सखी की शादी के लिए भी जाना है! वरना तो वो शादी ही नहीं करेंगी! सुबह से दस बार फोन आ चुका है मिसेज रघुवंशी का! आज शाम को निकलना है कल सगाई है ! पर तुझे तो अपनी ग्रलफ्रेंड की फ्रीक ही नहीं है! चल उठ और रेडी हो जा...फिर हमें गिफ्ट भी लेना है अगर मैं अपनी पसंद से ले आउंगी तो तू मुंह फूला लेगी " इतना सुनते ही अनीशा बेड से उठी और कूदते हुए अपनी मां के गले लग गई उसने राधिका जी के गालो को चुमते हुए  गुड मॉर्निंग कहा और उनसे अलग हो के बेड पर बैठ गई । ( अनिशा दिखने में बहुत हि सुंदर थी....नाईट सुट मे बिखरे बाल जो कि कमर तक आ रहे थे बडी बड़ी ग्रे आंखे जो देखे बस देखता रह जाए होटो के नीचे बहुत छोटा सा तिल और फैस पर बहुत प्यारी सी स्माइल)  अनु अपने बालों को समेटते हुए बोली - '' मां आपने मुझे पहले क्यों नही बताया कि हम आज जयपुर के लिए निकल रहे है.... मुझे रिशु के लिए कितने सारे गिफ्ट लेने है '' इतना कह कर वो तूफान की तरफ बाथरूम मे भाग गई "पागल लड़की"  राधिका जी मुस्कुराते हुए बोली और अनु के कपड़े निकाल कर कमरे से बाहर चली गई  जब अनु नहा कर बाहर आई तो उसने बालो को तोलिए मे लपेट रखता था । उसने अपने बालों को तौलिए की गिरफ्त से आजाद किया । उसके काले लंबे बाल इसकी कमर तक आ रहे थे जिनमें से अभी भी पानी टपक रहा था उसने हेयर ड्रायर से अपने बालों को सुखाया! आखो मे पतला सा काजल और होंटों पर हल्की सी लिपस्टिक लगा ली । उसे मेंकअप करना पसंद नहीं और उसे जरूरत भी नहीं वो बिना मैकअप के ही इतनी अट्रैटिव लगती थी । रेडी हो के वो बाहर आई और डाइनिंग एरिया के तरफ चल दी जहां एक लडकी और लडका बैठे थे लडकी लडके को नाश्ता दे रही थी (वो दोनो लडका लडकी अनीशा के भाई भाभी थे आयुष और सांची)  अनु ने आपनी भाभी को गले लगते हुए '' गुड मोनिंग '' कहा और आयुष की तरफ मुडी और उसे भी '' गुड मॉर्निंग '' विश किया '' गुड मॉर्निंग छोटी '' आयुष ने बहुत धीरे से बीचारो की तरह कहाँ।  अनु  ने उसके आंसर को सुना और फिर सांची के कान में धीरे से कहा - '' क्या हुआ भाभी आज ये लुटे हुए राज्य के राजा की तरह क्यो लग रहे है जैसे किसी ने इन से इनकी जमीन छीन ली हो ''  यह बात सुनकर साची को हंसी आ गई और उसने  धीरे से कहा - '' हाँ वहीं समझ लो आज सुबह पापा ने इनका क्रेडिट कार्ड मुझे शॉपिंग के लिए दे दिया इसलिए उनका मुंह ऐसे लटका हुआ है और इन्हें डर है कि आज इनके पैसे बचेंगे या नही हम दोनों से ''  ये बात सुनकर अनु को भी हंसी आ गई और दोनो हंसने लगी और बिचारा आयुष चुप चाप बैठा रहा। नाश्ते के बाद अनु और सांची शोपिंग के लिए निकाल गई क्योंकि उसके बाद उन्हे जयपुर के लिए निकलना था और शोपिंग में भी टाइम लगता है भई (और आप लोगों को तो पता ही होगा लडकियां शोपिंग करते टाइम सब बुल जाती है ) तीन चार घंटे की मेहनत और बेचारे आयुष का आधा खाता खाली करने के बाद दोनो मॉल से बाहर आई तभी कोई लडका अनु से टकरा गया वो बहुत जल्दी में लग रहा था उसने जल्दी से अपना सम्मान उठाया और सॉरी बोल कर बिना देखे और जवाब  सूने ही चला गया ।  अनु अपने में ही बडबड़ाई - "बडा अजीब था बिना सुने देखे सॉरी बोला और बुलेट ट्रेन की तरह निकल गया '' वो  खुद से बोलते हुए आगे बढ़ी ही थी कि उसके पैर के नीचे कुछ आ गया उसने देखा तो एक कैप थी जो शायद उस लडके की थी जो टकराने से गिर गई भी अनु ने उसे उठाया और आसपास उस लड़के को ढूंढने लगी पर लड़का उसे कहीं नहीं दिखा उसने उस केप को अपने पोलिथिन में रख लिया और बाहर आ गई जहां सांची उसका गाडी में इंतजार कर रही थी वो जल्दी से आई और कार में बैठ गई और दोनो घर आ गई । घर आकर दोनो ने सबको सब का सामान दिया और आपने अपने कमरे में रेडी होने चली गई । तब तक आयुष ने आपनी पर्सनल फैमिली बस बुलवा ली जिसमें सब जयपुर के लिए जाने वाले थे ।  [अब थोड़ा सा अनीशा के फैमिली मैम्बर के बारे में जान ले तो अनु की फैमिली मे उसके पापा  वीरेन सैठिया जो दिल्ली के जाने माने टैक्सटाइल डिजाइनर है अनु की मम्मी राधिका विरेन सैठिया हॉउस वाइफ है और वीरेन जी के साथ सबकि जान ए जहां भी.... अनु के बड़े भाई आयुष और भाभी सांची दोनो ही फैशन डिजाइनर है दोनो ही एक कॉलेज मे थे और इनकी शादी लव पलस अरेंज है इसके अलावा अनु की बुआ की बेटी है काव्या जो अनु के घर में ही रहती है क्योंकि उसके मम्मा पापा की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी तो वो आपने मामा जी के साथ ही रहती थी और अनू घर मे सबसे ज्यादा काव्या से ही अटैच थी क्योंकि दोनो हमउम्र ही थी वो सिर्फ २ साल ही छोटी थी अनु से]  बस आ गई थी आयुष ने सारे बैंग अंदर रख दिया अनु और काव्या सबसे पहले आई और पीछे की सबसे बड़ी वाली सीट पर कब्जा कर लिया उसके बाद अनु के मम्मी पापा सांची आयुष और अनु की एक दोस्त मीशा जो अनु के साथ ही आहाना की शादी में जा रही थी (मीशा अनु और आहाना तीनो ही बचपन की बेस्ट फैंड है।)  सबके बैठने के बाद आयुष ने ड्राइवर को चलने को कहा और निकल पड़ी सवारी जयपुर के लिए  **************************** पढ़ के अपनी अनमोल समीक्षा जरूर दे...सुधा यादव©®

  • 2. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 2

    Words: 2145

    Estimated Reading Time: 13 min

    अनु और उसकी फैमली जयपुर के लिए निकल चुके थे सफर लम्बा था  4 से 5 घंटे लगने थे सब लोग बोर भी बहुत हो रहे थे  तभी काव्या के शैतानी दिमाग में झोल सूझा की ''क्यो ना अंताक्षरी खेला जाए ''  (और फैमली के साथ अन्ताक्षरी खेलने का मजा ही अलग है  )  अनु चेहकते हुए बोली - '' हाँ , अन्ताक्षरी खेलते है कितने दिन हो गए डैड का गाना नही सुना लास्ट टाइम आपने आपनी और मम्मा कि सालगिरह पर गाया था तो इसी बहाने गाना सुनने को मिल जाएगा आयुष सबके पास आते हुए बोला - ''  हां चलो स्टार्ट करते है ''  काव्या सोचते हुए बोली -  '' पहले कौन स्टार्ट करेगा ''  अनु सोच के बोली - '' मैं ये बॉटल घुमाऊंगी जिसके सामने रुकेगा उसे गाना गाना होगा....जरूरी नहीं किस शब्द से गा रहे हो जो आए गा लो ''  (आज सब को अपने अंदर की लता मंगेशकर  और कुमार सानू को दिखाने का मोका मिल रहा है 😂😂 )ये कहते हुए उसने सब को देखा  सबने सहमति से सर हिलाया और अनु ने बॉटल को घुमा दिया (🤣सबकि आँखे बोटल पर थी जैसे  बेचारा बोट्स कोई क्राइम कर रहा है🤣) बॉटल रुकी तो सबकी नजर सांची पर गई क्योकि बोटल सांची के सामने रूकी उसने अपनी पोजिसन ली आयुष की तरफ देखा और गाना शुरू किया ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार  सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की  ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार  सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की अब है जुदाई का मौसम  दो पल का मेहमां  कैसे ना जाएगा अंधेरा  क्यूँ ना थमेगा तूफां (2) कैसे ना मिलेगी, मंजिल प्यार की  ऐ मेरे हमसफ़र, एक ज़रा इन्तज़ार सुन सदाएं, दे रही हैं, मंज़िल प्यार की  सांची ने गाना खतम किया सबसे उसके लिए ताली बजाई आयुष अभी भी सांची और उसके गाने में खोया था  अनु ने देखा तो उसने मजाक में आयु के कान में कहा  "भाई बस माना मेरी भाभीजान कयामत लगती है पर आप ऐसे देखोगे तो नजर लग जाएंगी उन्हें '' इतना बोल अनु काव्या को हाई-फाई देते हुए हसने लगती है।  आयु ये सुनकर झैप जाता है और अनु के सर पर चपत लगा के उसे गेम आगे बढ़ाने को कहता है  अनु फिर से बॉटल खुमाती है इस बार बॉटल वीरेनजी पर रुकती है अनु उछ्लती हुए बोलती है '' पापा आप वो गाना सुनाओ जो मम्मी के लिए आपने उनके बर्थडे पर गाया था  ''  वीरेन जी - चाँद से पर्दा कीजिये हा चाँद से पर्दा कीजिये कही चुरा न ले चेहरे का नूर ऑय मेरे हम नावा ऑय मेरे हुज़ूर ऑय मेरे हम नावा ऑय मेरे हुज़ूर हा चाँद से पर्दा कीजिये वीरेनजी ने गाना खतम किया फिर खेल को आगे बढ़ाते हुए काव्य फिर मीशा आयुष ने गाया अनु की बारी आई तो उसने मना कर दिया बहुत कहने पर उसने गाना शुरू किया  एक मुलाकात हो, तू मेरे पास हो जीने की वजह तुम बनो, तुम बनो बन के तू रहबर, मुझको मिला है तू मिल गया, मैं मुकम्मल हुआ एक मुलाकात ज़रूरी, है ज़रूरी, जीने के लिए हाँ मुलाक़ात ज़रूरी... (अनु ने गाते वक्त आपनी आखे बंद की हुई थी उसकी आवाज में एक कशिश थी ) तेरे बिन लम्हां खाली सा लगता है चेहरा तेरा अपना सा लगता है तू मिल जाए मिल जाए ये जहां सजदों में खुदा से माँगा है जाने-जां बन के तू रहबर...मुझको मिला है तू मिल गया, मैं मुकम्मल हुआ एक मुलाकात ज़रूरी, है ज़रूरी, जीने के लिए हाँ मुलाक़ात ज़रूरी... सब अनु की आवाज में खोए थे वीरेनजी राधिकाजी पीछे आराम करने चलें गए थे तभी अचानक से बस रुकी सब जो अभी तक गाने में खोए थे वो ख्यालो से बाहर आए । सबने देखा तो बस एक ढाबे पर रुकी थी सब लोग फ्रेश होने के लिए निचे उतरे और आगे कि तरफ बढ़ गए । अनु अभी भी ख्यालों में खोई चली जा रही थी कि अचानक से किसी से टकराई और गिरने को हुए पर उससे पहले हि किसी ने उसे बचा लिया अनु ने देखा (एक लड़का था गोरा रंग काली आंखे हि दिख रही  थी क्योंकि उसने ऑवर हैड हुडी पहनी भी और सूरज की रोशनी की वजह से अनु उसे देख नही पाई उसने सिर्फ उसकी आंखे देखी )जो अनु को देखे जा रही थी अनु ने खुद को सम्हाला और खडी होकर बोली "सारी " उस  लडके ने सिर्फ "  इट्स ओके  " कहा और वहां से चला गया पर उसके चहरे पर एक अजीब भाव आ गए थे वो एक बार पलटा और तिर्छा मुस्कुरा दिया.... अनु ने भी ज्याद नही बोली और आगे चले गई सब फ्रेश हुए खाना खाया और और कुछ देर रुक के वापस चल दिए 1 घंटे बाद फाइनली बस एक बहुत ही सुंदर से रिजॉट के सामने रुकी सब बस से उतरे आगे कि ओर अंदर चल दिए.... अनु रिजॉट का मुआइना करते हुए चल रही थी कि अचानक से कोई आया और झटके से उसके गले लग गया  अनु उसे अलग कर के अपनी गर्दन पकड़ बोली  - '' कंजर कहीं की इतने झटके से गले कौन लगता है मेरी गर्दन तो आज गई थी ''  अनाया (रिशू)ने झल्लाते हुए उसे मारते हुए कहा - कंजर तू है चुड़ैल मैने तुझे बोला था न कि तो मुझसे पहले यहां पहुच जाइओ लेकिन सबसे लेट आई तू मुझे तो लगा तू शादी में ही आएगी और है तुझे जो बोला था वो लाई कि नही देख अगर बुल गई है तो मैं तुझे अभी वापस भेज दूंगी लेने (वो बोली जा रही थी ) अनु उसकी बातो से झल्ला गई और चिल्ला कर बोली - "बस कर मेरी मां कितना बोलेगी....अरे मुझे अंदर चलने तो दें बिना ब्रेक के गाड़ी की तरह स्ट्राट हो गई.... ये नही देख रही कि बिचारी बच्ची इतने लम्बे सफल के बाद थक गई होगी लेकिन नही तुझे तो बस बकबक करा लो पता नही जीजू कैसे झेलेगे कि तूझ जैसी बवाल को ''  दोनों वहीं पर शुरू हो गई तभी अनाया की मम्मा ने कहा - '' रिशू बच्चे उसे अंदर तो आने दे बाहर ही रोक लिया बिचारी को '' उसकी आवाज़ सुन अनु और रिशू अंदर आ गई ! रिशू उसे अपने रूम में ले गई शाम को सगाई थी तो अनु और रिशू सांची मीशा काव्या और कुछ लडकियां मेंहदी लगवाने लगी....   अनु इन सब से बोर हो रही थी वो डीजे के पास गई और गाना बाजवा दिया उसने मीशा काव्या को साथ लिया और स्टेज पर चल दी गाना बजते ही सब की नजर स्टेज पर थी । अनु मिशा काव्या सांची चारों ने आँखों पर ब्लैक गॉगल्स लगाए थे और गाने पर डान्स स्टेप कर रही थी.... आँख ज़ूम ज़ूम करके देखे मैं लगदी बड़ी प्यारी वे मेरे नाल ही नाचन दे लायी ऐड गयी तेरी गरररि वे आँख ज़ूम ज़ूम करके देखे मैं लगदी बड़ी प्यारी वे मेरे नाल ही नाचन दे लायी ऐड गयी तेरी गरररि वे एह होये शराबी ओए आज होनी खराबी ओए करे ग्रूवे थोड़ा स्विंग स्विंग और ढोल बथेरे विथ बलिये हाय लक्क मेरा हिट बलिये (x 2) ढोल पे तेरे फिट बलिये लक्क मेरा हिट बलिये अब सब लोग स्टेज पर आ गए सब ने खूब सारा नाच गाना किया सब लकड़ीयो औरतो  ने महंदी लगावाई और अपने अपने काम में लग गई ॥ अनु को बहुत प्यास लगी थी वो उठकर पानी लेने जा ही रही थी कि रास्ते में हि किसी से टकरा गई उस लड़के के हाथ का सारा जूस अनू के सूट पर गिर गया ।  अनु आंखे बड़ी किए मुँह खोले रह गई उसने अपनी आंखे मींची और गुस्से में बोला - " देख कर नही चलना आता क्या" सामने खड़े लड़के ने आराम से कहा  -  '' क्यों तुम देखकर नही चल सकती ''  अनु तुनकते हुए बोली  - वॉट द हेल एक तो गलती ऊपर से मुझे ही बोल रहे हो '' लडका अजीब सा मुँह बना के बोला -  '' ओ मिस सिर्फ जूस हि तो गिरा है साफ हो जाएगा इसमें इतना चिल्लाने वाली कौन सी बात है ''    अनु आगे कुछ बोलती राधिका जी ने उसे बुला लिया और वो उसे आंखे दिखा कर चली गई   वो लडका खड़ा उसे देख रहा था तभी एक लडका उसे बुलाते हुए आया "आरव ...आरव" आरव [ चलिए बताती हूँ आरवजी के बारे में तो ये है हमारे हिरो और दिखने  में भी हिरो से कम नहीं है गोरा रंग काली गहरी आँखे जो किसी भी लडकी को अपना दिवान बना दे प्रफेक्ट बॉडी और आटरेक्टिव प्रस्नेलेटी ]   विवान उसे बुलाता हुआ उसके पास आया और बोला "अबे साले कानपूर में कोई परेशानी है क्या कबसे बुला रहा हूँ सूना नही दे रहा क्या किसके ख्यालो में खोया था  आरव बालो में हाथ फेरते हुए बोला - "कुछ नहीं बस एक बवाल से टकरा गया था... तू बता क्यों चीख रहा था   " विवान ने जूस पिटे हुए कहा  - "वो आंटी बुला रही भी अरिश और भाभी की रिंग लेने जाना है '' आरव अपने सर पर चपत लगाते हुए  - "ओ सीट मै भूल कैसे गया अरिश और अनाया की रिंग लेने जाना है अगर दोनो को पता चला कि मैं उनकी रिंग अभी तक नही लाया तो दोनो मेरी जान ले लेंगे चल जल्दी '' इतना बोल आरव विवान को खींचते हुए ले गया और  दोनो वहां से बाहर कि तरफ  चले गए ! दूसरी तरफ अनु बडबडा रही थी "इंडियट...डफोर... दिखता भी नहीं है पूरा सूट गंदा कर दिया बेवकूफ ने " रिशू और मीशा ने देखा तो बोली - " ओए तू किस से बात कर रही है और ये सूट कैसे गंदा हुए जूस तू पी रही थी या सूट को पीला रही थी '' बोल कर दोनों  हंसने लगी   दोनो को हंसता देख अनु चिडकर बोली - "चुप करो दोनो और ये जूस मैने नही गिराया.... एक झैगुन टकरा गया था और सारा जस्ट गिरा दिया मेरे प्यारे सूट पर (बच्चो जैसा फैस बनाकर बोली)पर अब मिले तो बताती हूँ उसे  " अनाया उसको लेहंगा देते हुए बोली - ''  अच्छा चल चलकर रेडी होते है 5 बज गए है 7 बजे तक महमान आना शुरू होगे चल जल्दी '' उसकी बात सुन तीनो रेडी चली गई  7 बजे  सब मेहमान आ चुके थे अनु आपना गाऊन सम्हाल कर चल रही थी लेकिन फिर से वो किसी से  टकरा गई [ एक तो ये लडकी टकराती बहुत है ]  अनु गिरते इसे पहले अपने गबरु जवान अपने हिरो आरव ने पकड़ लिये इस बार अनु की आखे बंद थी और आरव उसे देखता ही रह गया (वो लग ही इतनी प्यारी रही थी पिंक कलर का इवनिंग गऊन उस पर हल्का सा मैकअप आंखों में पतला सा काजल होटो पर हल्की लिपस्टीक और उसका वो तिल जो उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती थी) आरव उसे देख रहा था अनु को जब लगा कि वो गिरी नही तो उसने आंखे खोली और बुरा सा मुंह बना कर बोली "तुम"तब जाकर आरव बाबु ख्यालो से बाहर आए ।  अनु सीधे खडी होते हुए बोली - "तुम्हे दिखता नही है क्या शाम में भी तुम मुझसे टकराए मतलब कोई और नहीं मिलता तुम्हे टकराने के लिए......'' अनु बोली जा रही भी पर  आरव उसे इग्नोर करते हुए मन में बोला - '' यार ये लडकी दिखने में तो बड़ी सीधी क्यूट और स्वीट है पर है पूरी की पूरी हरी मिर्च विथ एस्टर रैड चीली सोस कितना लडती है सही नाम दिया है मैने इसे मिस बवाल ''  जब अनु को लगा कि उसे कोई जवाब नही मिल रहा उसने आरव के सामने हाथ हिलाते हुए कहा - "ओ मिस्टर मैं यहां पागल हूँ जो बोली जा रही हूँ " आरव - " लग तो रहा है कि तुम पागल हि हो क्योंकि मैं तो कुछ भी नही बोल रहा तुम्ही बोली जा रही हो और हा मुझे कोई शोक नही है लड़ने का अब जल्दी से मुझे थैकंस बोलो और मै जाऊ ''  अनु कान चढ़ाते हुए बोली -  "वॉट थैंक्स और तुम्हे.... किस खुशी में"  आरव अपनी ब्लेजर को ठीक करते हुए बोला  - "तम्हे गिरने से बचाया इस खुशी में " अनु गुस्से से उसपर चढ़ते हुए बोली  - " ओ हैलो गिरने वाली मैं तुम्हारे वजह से थी तो तुम सॉरी  बोलोगे और शाम के लिए भी तुमने मेरा सूट खराब किया " आरव हंसते हुए बोला - "लाई सीरियस्ली सॅारी  वो भी तुम्हे नो वै "  अनु आखो मे देखते हुए बोली - "सारी तो तुम बोलोगे मिस्टर"  आरव भी उसकी आँखों में देखती हुए बोला  , " देखते हैं कैसे " इतना बोल दोनो एक दूसरे को घूरते हुए अपने अपने रास्ते चले जाते हैं। ***************************** [तो देखते है आगे और क्या क्या बवाल करते है ये दोनो तो आज मैंने आपने हिरो कि एंट्री कर दी तो बताना मत बुलना कैसी लगी इनकी पहली बवाल भरी मुलाकात तो मिलते है अगले भाग के साथ तब तक के लिए ] # staysafe stay healthy 🤗🤗🤗🤗🤗🤗 धन्यवाद 🙏🙏🙏 ✍सुधा यादव©®    

  • 3. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 3

    Words: 1537

    Estimated Reading Time: 10 min

    अनु और आरव एक दूसरे को घूरते हुए चले गए ! थोड़ी देर बाद अनु काव्या मिशा के साथ अनाया को बाहर ले आई  आनाया की मम्मी ने अनु को रिंग लाने भेजा अनु रिंग लेके बाहर आ ही रही थी कि उसका पैर कार्पेट में फस गया और वो  गिरने को हुई पर तभी उसे किसी का हाथ मिला उसने हाथ पकड लिया और गिरने से बच गई अनु ने सर ऊपर किया तो देखा सामने आरव था जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था अनु झल्लाते हुए बोली - "पागल हो क्या जो ऐसे मुस्कुरा रहे हो "  आरव उसे देखते हुए बोला - '' एक बात बताओ .....मिस बवाल मैं तुम्हे इतना पसंद आ गया क्या जो तुम रिंग लाकर सीधा मुझे प्रपोज कर रही हो ''  अनु आंखे छोटी कर उसे देख कर बोली - '' पागल हो क्या या आज खाना  नही खाया जो दिमाग चलता बंद हो गया है मैं और प्रपोज वो भी तुम्हे.... नो वे ''  आरव उसकी पोजिशन को देखते होते बोला -  "नही तुम रिंग लेकर ऐसे घुटनो पर बैठी हो तो मुझे लगा कि कही पसंद तो नही आ गया मैं तुम्हे " अनु ने उसकी बात सुनी और देखा ....तो वो आरव के सामने ऐसे बैठी थी जैसे सच्च में वो उसे प्रपोज करने वाली हो एक हाथ आरव के हाथ में था और दूसरे में रिंग का बॉक्स ये देख अनु खिझते हुए उठी और बोली - '' ऐसा है मैं बैठी नही थी...मैं गिरने वाले थी तुम्हारा हाथ हाथ में आया तो पकड़ लिया बस बाकी ऐसा वेसा कुछ मत सोचो ''  आरव सिधे खड़े होते हुए बोला  - "देख लो फिर से मैने तुम्हे बचाया तो अब तो थैंक्स बोल सकती हो "  अनु धीरे से मुँह बना के बोली -" हम्म थैंक्स " आरव आंखे छोटी करते हुए बोला - "थैंकस " बोले रही हो या एहसान कर रही हो  अनु उसे देख झल्लाते हुए बोले - '' देखो ऐसा है "थैंक्स " लेना है तो लो वरना मत लो '' इतना बोल वो पैर पटक कर बाहर चली गई ....... आरव भी सर हिलाते हुए मुस्कुरा के बाहर आ गया.....अनु ने रिंग दी और सगाई की रश्म शुरू हुई ....अनाया अरिश ने एक दूसरे को रिंग पहनाई सब ने उन्हे बधाई दी थोड़ी देर बाद .....सब लोग खाने के लिए चले आए एक टेबल पर सारे बड़े लोग थे और थोड़ी दूरी पर सारे नवयुवा थे मतलब (अनु अनाया मीशा काव्या अरिश आरव विवान और कुछ दोस्त ) आनाया अनु से बोली  - अनु आ मै तुझे अपने नए दोस्त से मिलाती हूँ इससे मिले ये  है "आरव....आरव मित्तल " और ये विवान कपूर और आरव ये है... अनाया कुछ बोलती उसे पहले ही आरव बोल पड़ा " मिस बवाल"  अनु ने उसे घुरा जब उसे होश आया कि उसने ये क्या बोल  दिया  तो वो बात को पलटे हुए उसने बोला '' मेरा मतलब की क्या बवाल मचा रखा है यार खाना खाने बैठे है पहले आराम से खाना खाते है जान पहचान बाद में कर लेंगे ''  सबने उसकी बात पर "ऑके" कहा और खाना खाने लगे पर अनु बस गुस्से से आरव को घूर रही थी और आरव सर नीचे किये अपना खाना खा रहा था ! विवान सबको देख कर बोला - '' क्यों न हम सब कल जयपुर दर्शन करने चले शादी की रश्म अब दो दिन बाद शुरू होगी उसके बाद टाइम भी पता नही मिले न मिले तो क्या बोलते हो सब '' उसकी बात सुन सबने सहमति जताई और अगले दिन जयपुर घूमने का प्लान बनाया । पार्टी खतम हो गई थी महमानो में जिसे जाना था वो जा चुके थे और बाकी सब भी खाना खा के अपने अपने रूम में चले गए थे । अनु को नींद नही आ रही थी तो वो बाहर र्गाडन में आकर बैठ गई कुछ देर बार किसी ने उसके कंधे पर हाथ रहा अनु ने देखा तो अनाया थी  उसने उससे बोला - "सोई नही अभी तक " अनाया उसके बगल में बैठते हुए बोली -  "नहीं" नींद नही आ रही थी अरिश से बात कर रही थी फिर तुझे देखा तो आ गई .....तु बता क्या हुआ तुझे आज उदास क्यो है  ''  अनु सामने देखते हुए बोली - " कुछ नही यार बस नींद नही आ रही और ....मै उदास नही हूँ थक गई हूँ बस ''  आनाया गौर से उसे देखते हुए बोली - " किससे झुठ बोल रही है तू.... जबकि तुझे पता है तु मुझसे झुठ नही बोल सकती फिर भी.... चल बता तू उसी को याद करके उदास है न    अनु सर झुकाके धीरे से बोली -  " हम्म"       आनाया उसके सामने बैठ उसका हाथ पकड़ के बोली  - "यार अनु तु क्यो नही भुल जाती उसे....अरे उसको गए हुए 5 साल हो गए लेकिन क्या वो आया नही न....नाहि  वो आया नाहि उसका कुछ अता पता है और पता नही तू उसे याद भी है कि नही .....तु खामखा उसका इंतजार कर रही है वो  नहीं आएगा इसे अच्छा तू आगे बड जा..... अनु ने धीरे से कहा - '' हम्म तू ठीक कह रही है पर उसे भूलना मेरे लिए इतना आसान नहीं है क्योंकि भले हि वो मुझसे  प्यार ना करता हो मै उसे याद ना हूँ पर प्यार तो मैने किया था न उसे ......लेकिन अब मै कोशिश करूंगी उसे भुलने कि और  आगे बढ़ने कि क्यों कि अब मै खुद को और मेरे  अपनो को हर्ट नहीं कर सकती .... अनाया उसकी बात सुन मुस्कुरा के उसके गले लगी और बोली -  '' ये हुई न मेंरी अनु वाली बात चल अब मुस्कुरा '' अनु मुस्कुरा देती है दोनो थोड़ी देर हंसी मजाक करती है .......उसके बाद दोनों रूम मे आ कर सो जाती है ।  _____________अगली सुबह ______________ सब लोग रेडी हो कर आ गए थे और सब बहुत खुश भी लग रहे थे क्योंकि पहली बार सब एक साथ जयपुर घुमने वाले थे सब अनु का इंतेजार कर रहे थे तभी ....गेट से अनु आई उसने आज मल्टी क्लर का लोंग कुर्ता पहना था एक हाथ में वोच चहरे पर मेकअप के नाम पर हमेशा की तरह बस पतला सा काजल और हल्की सी लिपस्टिक ... आरव उसे देखा तो एक पल उसे देखता हि रहा वो मन में बोला - '' कोई सादगी में भी इतना खूबसूरत कैसे लग सकता है यार...ये लड़की मुझे पागल किए जा रही है...कहीं प्यार व्यार ना हो जाए मुझे इससे '' मुस्कुराते हुए वो बालों में हाथ फेर बस में आ कर बैठ गया  सब वहां से निकले और सबसे पहले जयपुर के अक्षरधाम मंदिर गए वहा जाकर सब बहुत खुश हुए क्योंकि वो मंदिर था हि इतना खुबसूरत चारो तरफ से पेड़ो से घिरा हुआ मंदिर हर तरफ सिर्फ हरियलो और एक अगल सी शान्ती....बस चेहकते हुए अंदर कि तरफ बढ़ गए । अनु बस उस वातावरण और खुबसुरती को आंखे में उतना चाह रही थी वहां उसे एक अलग सा सुकुन मिल रहा था ...अनु को यहां आकर कितनी खुशी हो रही थी वो तो उसके चहरे से ही पता चल रहा था .....धीरे धीरे सब अंदर गए प्रसाद लिए और दर्शन करने लगे... अनु मंदिर को और उसकी सुन्दता को निहारे चल रही थी तो वो थोडा पीछे रह गई थी और हमारे आरव वो अनु को देखकर चल रहे थे और उसके बारे में सोच रहे थे....दोनों अपने अपने ख्यालो में कब एक साथ पंडित जी के सामने पहुंच गए पता ही नही चला । जब पंडित जी ने अनु से पूजा की थाली मांगी तो दोनो होश में आए .....अनु ने थाली पंडित जी को दि आरव ने कुछ नही लिया था दोनो साथ में खड़े थे तो पंडित जी को लगा दोनो जोड़े है उन्होंने दोनो को " हमेशा साथ रहने का आशीरवाद दे दिया " ....दोनो ने जैसे ही ये सुना एक दूसरे को देखकर एक साथ बोले "नही "......और आस पास देखकर पंडित जी से बोले - '' पंडिन जी हम साथ में नही है ''  पंडित जी मुस्कुरा के कहा - '' ये आर्शीवाद भगवान ने  दिया है बेटा...क्या पता किस्मत ने क्या सोचा हो और ये उसी का कोई इशारा हो '' इतना बोल वो वो आगे बड़ गए ।  अनु और आरव ने एक दूसरे को एक नजर देखा और फिर नज़रे फेर आगे चले गए । अनु सभी दोस्तो के पास आ गई और आरव बाहर कि तरफ चला गया ....... कुछ देर घुमने और मंदिर के बारे में जानने के बाद सब वहां कि स्ट्रीट मार्किट में चले गए जहां जयपुरी चुनीयां जुतियां बहुत सारे सुंदर सुंदर जयपुरी झुमके थे लडकीयां वहां चली गई [लडकियों को तो बस बहाना चाहिए सोपिंग का ] ....लडकियो ने कुछ समान लिया और चली आई उसके बाद सब एक दो जगह और घुमे......और शाम भी  होने वाली थी तो सब वापस रिजॉट आ गए ..... सब आज काफी थक गए थे तो अपने अपने रुम में जाकर फ्रेश हुए और रेस्ट करने लगे ।  कैनेडा मे एक बहुत ही सुन्दर सा घर चारों तरफ घरियाली ....गार्डन में एक छोट सा स्वीमिंग पुल गेट से अंदर जाने पर एक बड़ा सा हॉल जहाँ एक लडका आर्म चेयर पर बैठा था एक हाथ मे बीयर था.... दूसरे हाथ में एक लडकी की तस्वीर और वो उसे निहारे जा रहा था.......    ----------------To be continue ------------------ ✍✍ सुधा यादव

  • 4. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 4

    Words: 2890

    Estimated Reading Time: 18 min

                                                                           (अनाया-अरिश संगीत स्पेशल) जयपुर (वेडिंग रिजाॅट) दो दिन बीत चुके थे और आज हल्दी थी .........तो सभी लोग हल्दी की रस्म में जुटे हुए थे .........(लडकी और लडके वालो दोनों के रिजॉट एक हि थे तो हल्दी भी एक ही जगह रखी गई थी बस बीच में पर्दा लगा दिया था)........ सब लोग आ गए थे हमारे आरव बाबु उनकी नजरे किसी कि तलाश कर रही थी और उन्हे खुद हि नही पता कि क्यों वो इतना बैचेर हो रहे है वो बस बैचेनी से इधर उधर देखा जा रहा था कि तभी .... सामने से पीले पटियाला मे बालों को खुला रखे हुए कानों में बड़े बड़े जयपुरी झुमके पहने अनु आती दिखी उसे देख कर आरव की बैचेनी ही दूर हो गई और उसके चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान अनायास हि आ गई! वो अनु को देखा जा रहा था और उसके पगल में बैठा विवान उसे (वो तब से उसे नोटिस कर रहा था जब से आरव अनु को खोज  रहा था)....... और आरव इसे बेखबर अनु को देखा जा रहा था और उसे खुद भी नहीं पता चल रहा था कि वो अनु से नजर क्यों नही हटा पा रहा .... जब विवान से बरदाश नहीं हुआ तो वो आरव से बोला - "ऑ भाई क्या चल रहा है ये सब कब से देख रहा हूँ तुझे पहले किसी को ढूंढ रहा था... अब फालतु में मुस्कुरा रहा है क्या लोचा है ब्रॉ कही भाभी तो नही खोज ली तुने" ।। आरव ने उसे घुरते हुए कहा  - "तु ज्यादा न अपना दिमाग मत चला क्योंकि वो तेरे पास है नही......और रही बात मुस्कुराने कि तो शादी है मेरे दोस्त की इसलिए  रोऊँगा तो हे नहीं ....खुश हि हुंगा न ....... पगलेट कुछ भी बोलता है !! दोनों आपस में तू तू मैं मैं कर रहे थे तभी दोनो को म्यूजिक की अवाज सुनाई दी दोनों ने देखा तो सामने सारी लड़किया (अनु अनाया मीशा काव्या सांची ) स्टेज पर खड़ी थी और कुछ देर में सब डान्स स्टेप करने लगी । Lukk - chipp na javo ji, manney deed karavo ji Are kyun tarsavey ho, manney sakal dikhavo ji Thaari saraarat sabb jaanu main chaudhari Mahaarey se levo na pangaaji main kehan lagi Mahaarey hivdhey mein jaagi dhaunkani Rae chandaa main thaari chandni Maney daaman mein baandhi khusi Rae jhoom, jhoom, Jhoom jhoom baa jhoom! लडकियो ने इस बोरिंग हल्दी में अपने धमाकेदार डांस से जान डाल दि उसके बाद अनु ने लडको को डांस के लिए चैलेंज किया अनु की आरव से वैसे ही नही बन रही थी जहां आरव अनु प्यार से देखता वहीं अनु अलग हि खूनदस में उसे देखती आरव ने सुना तो जा कर अनु के सामने खड़ा हो गया और बोला , ''' जी मोहतरमा तो चैलेंज मंजूर है ''  स्टेज पर एक तरफ लडके दूसरे तरफ लड़किया खड़ी हो गई  .............डिजे ने म्युजिक स्ट्राट किया ।। लडके -  "हो अंखा दे कटोरे सुरमा बटोरे लकदे छिछोरे बड़े हाय फाई"               " दिल पे डराती सादे चल जाती मारे दिल गुलाटी पूछे व्हाई व्हाई  " लडकिया  -  "हाय हट रे निगोडे नींम के पकोड़े पीछा क्यों ना छोड़े घूमे दायें बायें"                      " तुझको सुधारुं जुती मैं उतारूं सर पे दे मारूं तेरे ढायें ढायें रोमीयो बिना पर्मिट हो गया "                      [तू तो ऐंवी ऐंवी ऐंवी ऐंवी लूट गया] x 4                                           (हम्यूजिक चैंज  ) लकडे  -  "बचना ऐ हसीनों लो मैं आ गया"                "हाय बचना ऐ हसीनों लो मैं आ गया"                "हुस्न का आशिक़ हुस्न का दुश्मन"                "अपनी ऐडा है यारों से जुड़ा है हो"                "है बचना ऐ हसीनों लो मैं आ गया "(x2) साथ मे  -    आ देखे जरा किसमे कितना है दम जम के रखना कमल मेरे साथियों                (  कम तो दोनो में से कोई नही था और बाकी लोग भी उनका डांस इंजॉए कर रहे थे ) डांस खत्म हुआ तो सब अपने अपने जगह चले गए! हल्की की रस्म होने के बाद सब लोग कल की तइयारी में लग गए... क्योकि कल सगीत जो थी ......लडकियां ऊपर हाल में डांस प्रेकटिस के लिए चली गई क्यो कि कल संगीत में लडकी वालो की नाक  नीची  नही होने  देनी थी सब लडकियां ऊपर आ गई और अनु म्युजिक रूम से म्युजिक सिस्टम लेने चली गई !  अनु म्युजिक सिस्टम लेकर कुछ सोंग की सीडी देख रही थी ..... दूसरी तरफ आरव भी वहां कुछ लेने आ हुआ था दोनों ने एक दूसरे को देखा नही क्योंकि अनु रैक के दूसरे साइड थी और आरव दूसरी तरफ अपना समान खोज रहा था तभी... अनु मे  एक सॉंग प्लेयर में लगाई और गाना बजा   "इश्क़ बुलावा जाने कब आवे" "इश्क़ बुलावा जाने कब आवे" "मैं ता कोल तेरे रहना" "मैं ता कोल तेरे रहना" "मैं ता बैठा कोल तेरे तैनू तकदा " "रवां बातों पे तेरी हांसदा रवां"  "पागल मैं ख़ुद नू बनांदा रवां तू हंसदी रवे मैं हंसंदा रवां तैनू तकदा रवां" ये गाना सुनकर अनु का तो नही पता पर आरव के आंखो के सामने अनु का ही चहरा आ रहा था  और वो  इतना खो गया कि उसे पता भी नही चला कि ......कब अनु उसके पास आ कर खड़ी हो गई ..... "ओ मिस्टर हैलो"अनु आरव को आवाज़ देते हुए चिल्ला रही थी  आरव हड़बड़ाते हुए बोला- "क्या क्या हुआ कुछ कहा क्या"  अनु ने कहा - "हां मैंने पुछा यहां क्या कर रहे हो और कब से आवाज दे रही हूँ सुन भी नही रहे"  आरव कुछ सीडीज दिखाते हुए बोला -  "हा वो तो मैं यहां कुछ गाने की सीडी लेने आया था ...... तुम क्या कर रही हूँ" अनु ने रेक पर देखते हुए कहा  - "मैं भी सीडी लेने आई थी"  आरव भी रेक चेक करते हुए बोला  - "अच्छा तो कौन सा गाना चुना तुमने" '' अ..वो....'' अनु कुछ बोलने को हुई  फिर कुछ याद आते हि आरव को तित्री नजरो से देखते हुए बोली - '' मै क्यो बताऊ तुम्हे तुम अपोजीट साइड के बंदे हो ....इसलिए ज्यादा स्मार्ट बनने कि कोशिश मत करो समझे ।। आरव अपने बालों में हाथ फेरते हुए इतरा के बोला - "अरे लेकिन वो तो मै हुँ हि स्माट्र एन हैडसम लडकियां मरती है मुझ पर " अनु हसते हुए मजाक उड़ाते हुए बोली -  "हाहा जाहिर है मरेगी हि.... जब जॉम्बी सामने आएगा तो" ।।    आरव मासूम सी सक्ल बना के बोला -  "मैं तुम्हे जॉम्बी दिखता हूँ " अनु को पहली दफा उस पे गुस्से की बजाए प्यार आ गया आरव एक छोटे से बच्चे की तरह पप्पी फैस बनाएं बोल रहा था अनु मुस्कुराते हुए बोली  "अरे बस बस अब इतना बुरा मुंह मत बनाओ मै मजाक कर रही थी ......अच्छा चलो बाय रात को संगीत में मिलते है '' बोल कर वो आगे बढी फिर रूक के बोली "और हा  कल हारने के लिए तईयार रहना "    उसकी बात सुन आरव भी तेश में बोला   - "जी नहीं तुम हारने के लिए तईयार रहना हम लड़के वालोंं से "      अनु उसकी आँखों में देख कर बोली  - "देखते है कौन हारता है और कौन नही" इतना बोल वो वहां से चली जाती है आरव भी मुस्कुराते हुए कुछ सीडी लेता है और चला जाता है । अगला दिन (शाम 7 बजे ) पूरा पार्टी हॉल बहुत ही सुन्दर सजा हुआ था महमान आ चुके थे संगीत कि सारी तैयारी हो गई थी लड़के वाले लड़की वाले सब वहां मौजुद थे बस दुल्हन अभी तक आई नहीं थी बाकी सारे मेहमान आ गए थे ...... अरिश ने विवान से पूछा - "ऑए ये आरव कहां है" विवान अपने बालों को सेट करते हुए बोला  - "पता नहीं ब्रो आया तो साथ में हि था.... अंदर आया तो पता नहीं कहा गायब हो गया " बोलते हुए विवान ने इधर उधर देखा तो सामने आरव दो लकडियो से बहुत हंस हंस के बात कर रहा था (उसने आज पिच रंग का कुर्ता पजामा मीथ पिंक एन ऑफ वाइट क्रीम बर्लेजर पहना था बाले को जेल से सेट किया हुआ था आज वो एकदम डैसींग और स्माट्र लग रहा था लड़कियों की नजर ही उसी पर थी )  विवान ने ये देखा तो खुद से बडबडाते हुए बोला - '' ये साला नही सुधरेगा पता नहीं कौन सी चीमक है इसके पास लडकियां खींची चली आती है और साला एक मैं हूँ '' मिनमिनाते हुए उसने आरव को कॉल किया ।। आरव ने कॉलपीक किया तो विवान भड़कते हुए बोला - " साले यहां हम तेरे रिश्ते कि बात करने नहीं आएं है जो तु वहां अपनी बातीसी दिखा रहा है यहां आ अरिश बुला रहा है"     आरव मुँह बना के बोला  - "दुनियां जलती है मुझे से....साले जल मत आ रहा हूँ  "  विवान हँसते हुए बोला  - "बस कर नॉटकी और जल्दी आ "  आरव उठाते हुए बोला - ''  हां हां आ रहा हूँ ज्यादा मर मत मेरे बिना दिल नहीं लगता है दोनों का '' बोलते हुए वो दोनों के पास गए उसने एक बच्चे से आइसक्रीम ली पर बैठ कर खाने लगा.... थोडी देर बाद अनु आनाया को मीशा के साथ लेकर आ गई ....आरव ने अनु को देखा तो बस देखता ही रह गया (अनु ने आज क्रिम क्लर का लहंगा विथ ब्लु एंड गॉलडन बलाऊज पहना था हल्का सा मेकअप और बालों को कर्ल किया हुआ था आज वो कयामत ढा रही थी और आरव आपलक उसे देख रहा था उसकी तो धडकन हि रुक गई अनु को देख के ) अनु ने अनाया को आदिश के पास बेठाया फिर अनु और काव्य ने स्ट्रेज की कमान सम्हाल ली  अनु माइक लेते हुए बोली   -  "हैलो लेडिस एंड जेन्टल मैन तो जैसा कि आप लोग जानते है कि आज मेरी जान जाने जहान मेरी प्यारी सी मासूम दो पर सिर्फ दिखने में मासूम हा... मेरी बेस्ट रिशू यानि आप सब की "अनाया - अरिश "का  संगीत है और आज यहां बहुत धमाल और मस्ती होने वाली है ...तो आप सब अपनी अपनी जगह ले लीजिए और एन्जॉय कीजिए ।  उसके बाद अनु ने सबसे पहले दुल्हा दुल्हन को फ्लोर पर बुलाया अनाया अरिश स्टेज पर आएं और म्यूजिक स्ट्राट हुआ     तू ही तो जन्नत मेरी, तू ही मेरा जूनून  तू ही तो मन्नत मेरी, तू ही रूह का सुकून  तू ही अंखियों की ठंडक, तू ही दिल की है दस्तक  और कुछ ना जानूं मैं, बस इतना ही जानूं  तुझमें रब दिखता है, यारा मैं क्या करूँ  तुझमें रब दिखता है, यारा मैं क्या करूँ  सजदे सर झुकता है, यारा मैं क्या करुँ.... दोनो हि बहुत रोमांटिक डांस कर रहे थे अनु उन्हें देख रही थी तो अनु को आरव दोनो ने डांस खत्म किया सबने  तालिया बजाई और दोनो अपनी अपनी जगह पर बैठ गएं..... फिर स्ट्रेज की लाईट अचानक बंद हो गई तभी सामने स्क्रीन पर किसी बच्ची की फोटो आई उसके साथ दो लडकियां और थी [ ये तीनो कोई और नही हमारी तत्री देविया '' अनु - रिशू - मीशा '' थी तीनो की बचपन से लेकर स्कूल तक कि बर्थदे की बहुत सी फोटोज थी ये देखकर आनाया की आंखे नम हो गई थी ..........[क्योंकि दोस्ती चीज हि ऐसी है अनजान को भी आपने से बड़ा बना देती है] तभी हाथ में माइक थामे अनु और मीशा आई दोनों बहुत सुन्दर गाना गा रही थी साथ मे पीछे फ़ोटो स्लेस हो रही थी । मेरी ज़िन्दगी सवारी मुझको गले लगाके बैठा दिया फलक पे मुझे खात से उठाके मेरी ज़िन्दगी सवारी मुझको गले लगाक बैठा दिया फलक पे मुझे खात से उठाके यारा तेरी यारी को मैंने तो खुदा माना याद करेगी दुनिया तेरा मेरा अफ़साना मेरे दिल की यह दुआ है कभी दूर तू न जाए तेरे बिना हो जीना वह दिन कभी न आये मेरे दिल की यह दुआ है कभी दूर तू न जाए तेरे बिना हो जीना वह दिन कभी न आये तेरे संग जीना यहाँ तेरे संग मर जाना याद करेगी दुनिया तेरा मेरा अफ़साना तेरे जैसा यार कहाँ कहां ऐसा याराना याद करेगी दुनिया तेरा मेरा अफ़साना तेरे जैसा यार कहाँ कहां ऐसा याराना उन्हे देख कर अनाया का कन्ट्रोल खत्म हो गया और वो भाग कर गई दोनों को टाइट से गले लगा लिया ...और जो आंसू आँखों में रूके थे वो बह गए ..तीनो एक दूसरे के गले लगी भवुक हो रही थी  ....उन तीनों को देख कर वहां मौजूद हर ईशान  के चहरे पर मुस्कान और आंखो में नमी थी ........ आरव भी  ये देख रहा था  और उसे आज अनु के अलग हि रूप दिखा वरना उन दोनो कि मुलाकात हुई तो सिर्फ अनु का गुस्सा हि देखा था     विवान उन तीनो के पास गया और बोला - "अरे यार बस भी करो आप लोग सारे आंसू अभी हि बहा दोगे क्या थोडा कल  विदाई के लिए भी बचा लो...! ''  तीनो ने सुना और अलग हुई अनाया दोनों को देखते हुए बोली -  "थैंक्यू अनु मिशु मुझे इतना अच्छा सप्राइज और ये गिफ्ट देने के लिए मै तुम दोनो को बहुत बहुत ज्याद मिस करूंगी ''  अनु थोडी नाराज़गी के साथ बोली - ''  तो फिर इतनी दूर जा क्यू रही है इंडिया में होती तो हम मिल लेते लेकिन तुझे हि हमसे पिछा छुडाना है इसलिए तो सीधा लंदन जा रही है ''  अनाया थोडी उदास हो गई ये देख अनु बोली - '' अच्छा छोड ये सब आज तो हप्पी होने का दिन है तो मुस्कुरा और जा जीजू के पास बैठ हमे प्रोग्राम आगे भी बड़ाना है " अनाया आकर बैठ गई अनु ने माइक लिया और बोली - '' हमने तो अपने प्रफोमिंस दे दी अब लडके वालो की बारी है   आरव विवान ने एक दूसरे को देखा और स्टेज पर आ गए आरव ने हाथ में गिटार लिया और अपनी जगह ले ली उसने विवान को कुछ इशारा किया और फिर स्पोट लाइट आरव पर आई उसकी उंगलीयां गिटार पर चली उसके साथ एक प्यारी सी धुन सबके काम में पडी उसकी के साथ पीछे स्क्रीन पर कुछ फोटो स्लेश  हुई । ( आरव अरिश दोनो हि बचपन से साथ थे दोस्त से बढ़कर भाई थे दोनों ) ओह ले लो पैसा, ते ले लो प्यार  मैनु मेरे यार मोड दो ओह किसे कम दी नि ऐहे महंगी Car  मैनु मेरे यार मोड दो  ओह वी सी समा, एह वी अए समा समय ते चल्ले ज़ोर न  (चल्ले ज़ोर न ) ओही अए Beer, अंबरा दी छाँव मेरे नाल कोई होर ना  ओह मैनु चढ़ दी न बिना मेरे  शराबी यार मोड़ दो  ओह ले लो पैसा, ते ले लो प्यार  मैनु मेरे यार मोड दो  [महौल ज्यादा बोरिंगन ना हो तो उसने गाना बंद किया स्टेज पर अंधेरा छा गया म्युजिक चैज हुआ हल्की लाइट के साथ गाना बजा ] सामने अरिश आरव विवान खड़े थे तीनो ने अपनी ब्लेजर उतार दी और अपनी स्लिवज को कोहनी तक मोड़ दिया तीनो ने आँखों पर काला चश्मा लगाया और पोज लिए खड़े हो गए..... अरिश गाने कि बोल पर लिप्शिंग करते हुए बालों ले हाथ फेर के गाया  - '' घोड़ी चढ़के बांध के सेहरा उसके घर मैं जाऊंगा सच कहता हूं राम कसम मैं जोरू उसे बनाऊंगा आहा आए रे आए रे आए रे ओ नीचे फूलों की दुकान ऊपर गोरी का मकान आहा आए रे आए रे आए रे जब चौबारे से देखे ओ जब वो चौबारे से देखे मेरा दिल हो बेईमान आहा आए रे आए रे आए रे....नीचे फूलों की … मटक मटक चले अइसे छुकरिया अरे बाप रे बाप सरक सरक जाए तन से चुनरिया सर सर लाले लाले होंठवा से बरसाए मुस्कान ओ नीचे फूलों की … तीनो ने बहुत हि जबरदस्त डान्स किया सब लोग उनका डान्स देख खूब हँसे तीनो बीच बीच मे लड़कियों कि अदा भी दिखा रहे थे....सबने खुब मस्ती की उसके बाद .........सब लोग खाना  खाने चले गए ........ अनु आगे बड़ी ही थी कि आरव की आवाज से वो रुक गई ...... आरव उसके पास आते हुए बोला - वाओ "मिस बवाल" ...... आॅ सौरी "मिस अनीशा"  तुमने तो मुझे हरा दिया इतना अच्छा और मेमोरेब्ल गिफ्त देकर तो बोलिए क्या सजा देना पसंद करेंगी मुझे     अनु उसे देखते हुए बोली - ''  हम्म तो तुमने हार मान ली क्या....पर आप सब ने बहुत एनर्जी वाला प्राफोर्मिंस दिया तो हारा कोई नहीं.....पर अगर कुछ करना है तो मुझे सॉरी बोल दो इतना तंग किया तुमने मुझे ''  आरव मुस्कुराते हुए बोला - '' अच्छा जी मैंने कब तंग किया तुम्हें और ये बात भूली नहीं अभी तक '।  अनिशा अपना लेहंगा ठीक करते हुए उसे बिना देखें बोली - '' वो क्या है ना मैं ऐसी मजेदार बातें जल्दी भूलती नहीं हूँ ''  आरव मुस्कुराते हुए बोला  - '' अच्छा जी सही है ये भी .... तो '' सॉरी मैं ..... ''  वो आगे बोलता उसे पहले विवान की आवाज़ आ गई और वो आगे बोल  नही पाया  अनु  बोली - '' चलो तुम ने " सॉरी " बोल दिया अब मै चलती हूँ बाय ''  आरव जल्दी से बोला -  "अरे लेकिन मैने पूरी बात हि नही बोली मुझे कहना था  कि मैं सॉरी बोलुगा पर (धीमी आवाज में बोला)पहले मुझसे दोस्ते करोगी  तब"      अनु उसे देखते हुए - "मैं इतनी जल्दी दोस्त नहीं बनाती मिस्टर... " इतना बोलकर वो वहां चली गई  आरव भी बालो में हाथ फेरते हुए मुस्कुरा के बोला "हम्म अलग है.... बहुत अलग बिलकुल मिस्ट्री गर्ल ......देखने में कुछ और कहने में कुछ ये सोचते हुए वो अपने दोस्तो के पास चला गया ॥     ___________💛TO BE CONTINUE💛 ___________ [तो कैसा लगा ये म्युजिक संगीत स्पेस्ल पार्ट बताना जरूर और कुछ गलतीया हो तो वो भी बताना ताकि आगे से उसे ध्यान रखू ] ✍✍ सुधा यादव

  • 5. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 5

    Words: 1531

    Estimated Reading Time: 10 min

    (जयपुर )


    सबने संगीत में बहुत मस्ती की..... कल शादी थी सब अपने अपने कमरे में आराम करने चले गए थे .....


    अनु को आज बहुत बैचेनी हो रही थी तो वो छत पर चली आई और चांद को निहारने लगी ....वो खुश तो बहुत थी पर अंदर से थोडी उदास भी थी क्योंकि अनाया उसकी बहुत बहुत अच्छी दोस्त थी! एक वही थी जो उसके बोलने से पहले ही उसके दिल का हाल समझ जाती थी लेकिन अब वो भी शादी करके लंडन जा रही थी .....पर इन दिनो अनु को कुछ अलग हि सुकून मिल रहा था ......हवाएं उसे कुछ ज्यादा हि अच्छी लग रही थी.... कल उन्हे यहां से वापस देल्ली जाना था पर उसे कुछ अजीब सा लग रहा था....उसे यहाँ से जाने का मन नहीं था !



    दूसरी तरफ आरव भी इसी उलझन में था कि इन दिनो उसे हो क्या गया है अलग सा अहसास और उसे (अरे अनु को)  देखकर एक सुकून  मिल रहा था  पर कल उसे भी वापस जाना था और उसे पता भी नहीं था कि वो दुबारा उससे मिलेगा भी या नही इसी उधेड़बुन में उस की आंख कब लग गई उसे पता ही नहीं चला.... अनु भी रूम मे आकर सो गई ।।


    _________अगले दिन_________


    आज शादी थी बारात आ चुकी थी अनु अनाया को लेकर आई .....अनाया अरिश की वर्माला हुई फिर दोनो की पुरे विधि विधान से शादी संपन्न हुई ......विदाई के समय अनु तो अनाया को छोड़ हि नही रही थी बड़ी मुस्किल से उन्हे अलग किया गया और अनाया कि विदाई हुई !



    शाम को अनु अपनी फैमिली के साथ दिल्ली आ गई आरब भी उसी शाम वापस चला गया  



    अनीशा का घर  


    अनु घर आकर सीधा कमरे में चली गई थी जयपुर से आकर उसे कुछ अजीब लग रहा था जैसे कुछ अधुरा रह गया हो वो समझ नहीं पा रही थी कि क्यों उसे बैचेनी हो रही है यही सोचते हुए वो सो गई......


    ___________________


    दिल्ली में हि दूसरी तरफ 


    एक बड़ा सा खुबसूरत सा बंगला चारों तरफ सिर्फ हरियाली एक साइड टेबल और चार कुर्सिया लगी थी उसके कुछ दूरी पर एक पूल साइड था  उसके आगे जा कर घर का मैन डोर था अंदर जा के  एक बड़ा सा हॉल सामने सिटिंग एरिया था अंदर से अब कुछ बहुत रोयल था ! 




    लेफ्ट साइड पर डाइनिंग एरिया था जहां इस वक़्त चार लोग बैठे नाश्ता कर रहे थे! 



     एक लकड़ा अंदर आया और भाग कर कुर्सी पर बैठे एक आदमी  के गले लग गया वहां मौजूद हर कोई हैरान था  उस को देख कर ....




    ( तो चलिए बताती हूँ ये लड़का कोई और नहीं हमारे आरव बाबु थे उसकी  फैमिली मे उसके बाबा सा रघुवीर मित्तल छोटी बहन अवनी और उसकी बड़ी बहन सौम्या और उनके पत्ती अभय उसकी मम्मी की तीन साल पहले एक एक्सीडेंट में डेथ हो गई थी)       



    सब आरव को देखकर खुश तो थे पर हैरान भी थे क्योंकि आरव  अपनी मम्मी की डेथ के बाद से  लंडन चला गया था क्योंकि उसे यहां सिर्फ अपनी मम्मी की याद ही आती थी वो सबसे ज्यादा अपनी मम्मी के करीब जो था ......आज तीन साल बाद वो अपने घर आया था      



    "आरु बच्चे आप यहां ऐसे अचानक बताया भी नहीं हम किसी को भेज देते ....हमे तो लगा की आप नही आएंगे ..... वैसे आपको आज यहां देख कर बहुत सुकून मिल रहा है ....पूरे तीन साल बाद जो आप को देख रहे है हम '' रघुवीर जी ने आरव को गले लगा के कहा 

      

    आरव ने उन्हें गले लगाते हुए कहा  - " बाबा सा मै ठीक हूँ और आरिश की शादी थी तो कैसे नही आता फिर  सोचा आप सब को सप्राइज दू तो आ गया और मुझे भी आप लोगो को देख कर बहुत सुकून मिल रहा है सच्ची बहुत मिस किया मेंने आप सब को    



    सौम्या थोडा नाराज होते हुए बोली -  "हां तभी तो छोटे आप आ गए थे हम लोगो से मिलने"     


    आरव उसके गले लगते हुए प्यार से बोला - " दी  ऐसा नहीं है और आपको पता है जब भी यहां आता था मॉम के साथ की मस्ती उनकी यादे ही याद आती थी तो.....वैल अब मैं यही रऊंगा आप सब के साथ अब और दूर नहीं रह सकता मै "     



    '' आरव  बच्चे पर आप के कोर्स को तो अभी एक साल है न तो फिर ? '' रघुवीर जी ने थोड़े चिन्तित स्वर में कहा   



     " बाबा सा आप टेंशन मत लिजिए मैने सब कुछ सेट कर दिया है .......कल मुझे सिर्फ माइगेशन फॉम देना है कॉलेज में बाकि जॉन समहाल लेगा '' आरव उन्हें समझाते हुए बोला

    अवनी खड़ी आरव को घुर रही थी आरव ने देखा को उसे याद आया कि वो तो उसे मिला हि नही उसे गुस्से में देखते हुए पा के आरव ने आंख मिन्च ली और सौम्या से बोला "अरे दि आज यहां कोई है जो बहुत शांत है "


    सौम्या मुस्कुराते हुए - " छोटे तुम मार खाओगे जो मेरी जान को परेशान किया तो "


    आरव उसके पीछे खड़े हो के उसके कड़े पर सर रख कर मासूम फेस बना के बोला   - "पर दि आपकी जान तो मुझसे बात ही नही कर रही है और मै तो उसके लिए चॉटक्लेस लाया था " 




    अवनी जो अभी तक चुप  थी बोली - "दिदू बोल दो इन्हे कि मै बच्ची नही हूँ  सिर्फ 2 साल हि छोटी हूँ  तो  बच्चों की तरह चोकलेट से नहीं मानूंगी .......




    आरव नाटक करते हुए बोला - तो ठीक है दी अगर आपकी जान नहीं मान रही तो मैं जा रहा हूँ ..." बाय एव्रीवन "  वो इतना बोल कर आगे बढ़ा हि था कि अवनी भाग कर उसके गले लग गई और रोने लगी ।




    अवनी रोते हिए बोली - " पता है मैंने आपको कितना सारा मिस किया कोई मुझे परेशान करने वाला नहीं था....नाही कोई मेरी चॉक्लेट छिनने वाला था "      




    आरव उसका सर सेहलाते हुए बोला   - "मैंने भी तो तुझे बहुत मिस किया "   




    दोनों को देखकर सौम्या बोली - "अरे बस बस अगर आप दोनो का ये भरत मिलाप खत्म हो गया हो तो खाना खाले सब ..... छोटे तब तक आप फ्रेस हो जाइए हम खाना गर्म कर देते है अब सब साथ में हि खाएंगे ...........  ''




     "ठीक है"  बोल कर आरव कमरे में चला गया रूम में आकर फ्रेस हुआ खाना खाया और बाहर गार्डन में बैठ कर चांद को देखने लगा ............




    आरव अनु का चहरा याद करते हुए खोया हुआ सा बोला - " पता नहीं क्यों पर आज बहुत अजीब लग रहा है यहां हवाओ में वही खुशबु वही सुकून मिल रहा है पता नहीं  तुमसे फिर मुलाकात होगी भी या नही  ....... 


    तभी पीछे से आवाज आई   , "ओए.... होए....किससे मुलाकात करनी है आपको....कही कोईईई....!!!! '' अवनि ने शरारत से कहा 




    आरव उसे आंख दिखाते हुए बोला - '' चुप कर ऐसा कुछ नही है मैने बोला कि मुझे कॉलेज का एड्रेस मिल गया कल मैं और विवान जाकर आपन दो का और उस आलसी नील का फॉम जमा कर आएंगे ........ और कुछ नही .......इसलिए ज्यादा अपना  दिमाग  मत चला  .........चल अब  मै थक गया हुँ बहुत  " गुड नाइट  "  दोनों सोने चले गए ..........!



    __________________________


    अनु अपने रूम में बैठी चाँद को निहार रही थी उसे आज नींद नहीं आ रही थी वो एकटक चाँद को देखती रही एक ठंडी हवा के झोंके से अनायास हि उसकी आंख बंद हो वो आंखे बंद किये वहां पर बहती हवा को महसूस कर रही थी तभी अचानक उसके आँखों के सामने आरव का सुंदर और मुस्कुराता चहरा आ गया उसने झट से अपनी आंखे खोल ली 





    '' ये क्या है....मुझे वो लगुर क्यूँ याद आ रहा है....अह्ह्ह उसने मुझे इतना तंग कर दिया कि अब उसी के ख्याल आ रहे है '' उसने झुंझला के खुद से कहा अब बार बार उसे आरव कि बातें याद आ रही थी वो परेशान हो गई उसने अपना फोन लिया और उसमें गाना चला दिया.....गाना सुनते सुनते वो कब सो गई उसे बता हि नहीं चला....!!

    _____अगले दिन ____

    Jiva Institute of Fashion and Textile designing   (काल्पनिक स्थान)

    New Delhi ...........

    अनीशा मीशा के साथ कॉलेज आ गई  [ वो दोनो फैशन डिसाइनिंग का कोर्स रही  थी और अभी ये उनका लास्ट ईयर है ]   अनु अपनी क्लास में चली गई और मीश कुछ डिसाइन समेट करने चली गई ....... 




    अनु क्लास में आई वो बैठी हि थी कि तभी पियून आया और अनु से बोला कि उसे प्रिंसिपल सर ने अपने आफिस में बुलाया है   




    अनु ने सुना तो मन में बोली '' सर ने मुझे क्यूँ बुलाया '' बोलते हुए उसने सर हिलाया और एक फाइल समेट करके थोड़ी देर बाद सर के ऑफिस में चली आई वहा दो लोग पहले से बैठे थे अनु रूम मे आई सर को "गुड मोर्निग" बोला और जैसे हि वो  दोनो लोगो पीछे मुड़े दोनो को देखकर अनु हैरान  हो गई और उन्हें हैरानी से  देखने लगी  ............ 



    ________________💛TO BE CONTINUE💛 __________________

    [ ना जाने अब ये दोनो मिलेंगे या नही क्या इनकी ये नोक झोक वाली मुलाकात मोहब्बत मे बदलेगी या नहीं या कोई इनकी मोहब्बत में भी कोई आ जाएगा ये तो आगे हि पता चलेगा तो बने रहीगा इस स्टोरी के साथ तब तक के लिए #STAYSAFE #SRAYHEALTHY]




      ✍✍ सुधा यादव

  • 6. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 6

    Words: 1679

    Estimated Reading Time: 11 min

    अनीशा प्रिंसिपल सर के ऑफिर आई .......उन्हे विश कर के उन दो लोगो की तरफ देखा तो हैरान हो गई ....... समने बैठे दोनो लोगो भी हैरान थे ........(वो दोनो कोई और नही अपने आरव जी और विवान जी थे जो आज एडमिशन के लिए आए थे ).......अनु अश्चर्य से उन्हें देख रही थी आरव तो मन ही मन खुश हो रहा था ........ क्योकि वो यही तो मांग रहा था भगवान से कि वो एक बार फिर अनु से मिल सके ......... अब तो एक साल का साथ मिल गया लेकिन वो अपनी खुशी जहीर नहीं होने दे रहा था ..........

    तभी प्रिंसिपल सर बोले - "मिस अनीशा ये है हमारे नये स्टूडेंट ये लेट आए है ............. ये हमारी लंडन वाले ब्रांच से हि है और अब यहां अपना कॉर्स पूरा करना चाहते है .......आपको इस लिए बुलाया गया क्योंकि आपके बैच में आप हि ज्यादा काबील स्टूडेंट है तो आप इनकी हेल्प करेंगी न "?  

    अनु पहले आरव को देखती है फिर प्रिंसिपल सर को देखते हुए बुलती है , '' यस सर मै जरूर हेल्प करूंगी आप टेन्शन मत लिजिए"  

    सर मुस्कुराते हुए बोले - "थैन्यू बच्चे "

    "इस्ट ऑके सर "अनू हल्का स्माइल देते हिए आराम से बोलती है और फिर आरव विवान को लेकर बाहर आ जाती है .........

    अब तक आरव चुप था तो वो बोला  - '' हे मिस बवाल ''    अनु ने उसको  घूरा तो वो बोला  "सॉरी....सॉरी आय मीन मिस अनीशा"  वैसे फिर से मिलकर अच्छा लगा ( आरव अपने हाथो को आगे करते हुए बोला)    

    अनु उसे इग्नोर करते हुए विवान से बोली - '' हेलो मिस्टर विवान आपसे फिर मिलकर अच्छा लगा .............''

    आरव  को उसकी यें बेज्जाती लगी उसे अनु द्वारा इग्नोर करना बुरा लगा  वो  मन में बोला - '' ये लडकी समझती क्या है खुद को एक नंबर की नक चडी है कभी प्यार से बात हि नहीं करती मुझ से......जैसे पिछले जन्म मे कुछ बिगाड़ा हो मैंने इसका  .......... पर कोई ना इस गुस्से को भी एक दिन कम कर हि दूंगा ...........!

    विवान ने आरव की हालत देखका उसे चिड़ाने के लिए अनु से हाथ मिलाते हुए कहा - "हाएं अनिशा जी" मुझे भी बहुत अच्छा लगा ......वैसे आपकी वो दोस्त नही दिख रही...!! '' विवान इधर उधर देखते हुए बोला   

    अनु अपनी आंखे छोटी करते हुए बोली - " कौन मिशा या कोई और....अगर मिशा को पूछ रहे है आप.....तो वो अभी क्लास में है "   

    विवान सोचते हुए बोला  - '' हाँ! वहीं मिशा जी.... तो हम भी चलते है क्लास में "

    अनु वहां से जाते हुए बोली - "अब कोई फायदा नही है 5 मिनट में क्लास खत्म हो जाएगी तो हम कैंटिन चलते है वो वहीं मिलेगी हमें " वो कैंटिन के तरफ बढ़ गई वो दोनों भी उसके पीछे चले आए ......

    कैंटिन में तीनो बैठे थे मीशा भी अनु को खोजते हुए आ गई कैटिन में उसने अनु को दो लडको के साथ बैठा देखा तो सोच में पड़ गई '' ये कही सपना तो नही जो लडकी लड़को से बोलती तक नही और अगर कोई बोले तो मुंह तोड दे वो आज लडको से बात कर रही है '' वो खुद में बात करते हुए आगे बड़ी उन लडको को  देखा तो हैरानी से बोली , '' आरे आप दोनो तो आदिश जीजू के दोस्त होना '' 

    विवान उसे प्यार से देखते हुए बोला - "जी हां "   

    मीशा ने देखा तो उसे इग्नोर करते हुए आरव से बोली - "तो आप दोनो यहां कैसे" आरव ने उसे सब बताया....

    मीशा खुश होते हुए बोली - '' अरे वाह इसका मतलब अब आप दोनो हमारे  बैचमेट हो गए .......अब हमारे ग्रुप में चार लोग हो गए  .........  तो अब से हम लोग दोस्त  ........ इस बात पर अनु ने मीशा को  खा जाने वाले  नजरो से देखा जैसे अभी कच्चा खा जाएगी वो भी बिना नमक मिर्च के...

    थोडी देर सब बैठे रहे मीशा विवान आरव अपनी बातो में लगे थे अनु अपने फोन में लगी हुई थी आरव ने देखा तो बोला - " हैलो मैडम माना तुम्हे मुझसे बात नहीं करनी.... ऐटलिस्ट इनसे बोल सकती हो ......''

    अनु उसे इग्नोर करती हुई मीशा से बोली  , '' क्लास का टाइम हो गया चले '' मीशा ने हां मे सर हिलाया और दोनो वहां से क्लास कि तरफ चली गई ......

    आरव उसे देखता रह गया विवान आरव को देखकर बोला - " भाई भाभी तो तुझे घास भी नहीं डाल रही  ............

     उसके मुंह से भाभी सुनकर आरव सकपका गया और बोला - " ये ....ये क्या बकवास कर रहा दिमाग तो ठीक है तेरा वो भाभी कैसे हुई  ।।  

    विवान उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला - "भाई मेरा दिमाग तो एक दम ठीक है पर तेरे दिमाग में कुछ दिक्कत लग रही है तभी तो कुल्हाडी पर पैर मार रहा है .....वो नही पड़ने वाली इसमें  ....और तुझे देख कर लग रहा है  कि  कुछ तो झोल जरूर है .......जो लडका  लड़कियों से बोलता भी अपने मन के हिसाब से था आज वो बैचेन हो रहा है एक लड़की से बात करने के लिए !!! ''

    आरव मुँह बना के बोला - "तु सच्ची में पगला गया है कुछ भी बोल रहा है ऐसा कुछ नहीं है समझा" ।।  

    विवान शरारती मुस्कान से बोल - "हम्म सही है ब्रो..... सही है "

    आरव चिड़ कर बोला  -  "क्या सही है देख ज्यादा दिमाग मत लगा समझा  .......... और चल क्लास का टाइम हो गया है वरना वो मेरी शेरनी कच्चा चबा जाएगी (फ्लो फ्लो मे वो बोल गया बाद मे पता चला कि वो बोला क्या ) .........   

    विवान आरव को छेड़ते हुए बोला - "ओ हो मेरी शेरनी" ('' मेरी" उसने थोडा लम्बा खिचते हुए कहा और [पहला पहला प्यार है पहली पहली बार है खुनखुनाते हुए भाग गया]  

    आरव उसे मारने भागा कैंटिन से बाहर भाग  कि तभी किसी से टकरा गया दोनों सम्हल नही पाए और जमीन पर गिर गए। आरव तो बस उसका चेहरा हि निहार रहा था! क्योंकि जिससे वो टकराया था वो अनु हि थी वो अपना बैग लेने वहा आ रही थी ......अनु की आंखे गिरने के डर से बंद थी ........कुछ देर बाद  उसने आँखे खोली तो आरव की काली गहरी आखो मे खो गईं  ....... आरव भी उसकी भुरी आखों मे खोया था दोनो ऐसे ही गिरे थे....दोनों को ख्याल ना था कि वो काॅलेज मे है और सब उन्हे ही देख रहे है .......... तभी विवान  की खाँसी की अवाज से दोनो होश मे आए और झट से उठ कर खडे हो गए ..........दोनों बिना एक दुसरे को देखे वहां से बाहर निकल गए! आरव विवान के पीछे भाग गया और अनु मीशा को अपने साथ खिच कर ले गई ............. थोडी देर बाद  कॉलेज खत्म हुआ और सब अपने अपने घर चले गए ।।    

    **********************

    अनु का घर  

    अनु घर आ कर सीधा कमरे में चली आई फ्रैस हुई और बालकनी में आ कर खड़ी हो गई और आज जो कुछ भी कॉलेज मे हुआ वो सोचने लगी पहला आरव का अचानक से उसके कॉलेज में एडमिशन लेना फिर छोटी सी बात पर लडना ।

    अनु खुद से बोला - '' ये कैसी सी हो रही हूँ मैं.....मैं इतना तो नही लडती फिर जब जब उस लंगूर से मिलती हूँ तो लड़ने क्यूँ लगती हूँ .....और कैंटिन में क्या हो गया था मुझे मैं उसके आंखो में हि खो गई थी ......... पर कुछ तो अलग था उसकी आंखों में और उसके छुआन भी अलग था अपनो की तरह ....... फिर अपने  आप को समहाल के बोली ..... "ये.....ये" क्या सोच रही हूँ यार.... क्यो उसके बारे में सोच रही हूं ........ नहीं अनू फिर से नहीं कर सकती तू ऐसा एक बार तो टूट चुकी है अब नही ये सब बकवास बाते हैं (उसने खुद को समझाते हुए सर झटका और निचे आ गई)      

    **********************

    आरव का घर     

    आरव बैड पर लेटा था और कुछ अनु कि फोटो फोन में देख रहा था जो उसने चुपके से जयपुर में खींची थी - '' सोचा नहीं था कि मुझे भी "लव एट फस्ट साइट" होगा ......लगा नहीं था कि ये एक मुलाकात मुझे तुम्हारा दिवाना बना देगी ......पर अभी कुछ नही सोचूंगा पहले खुद श्यार हो जाओ कि ये सच्चा प्यार है या अट्रेक्शन......... और एक तो तुम मुझसे बात करना तो दूर देखती भी नही पर कोई ना .... क्या पता एक दिन तुम्हे भी कुछ फिल हो जाए ....... पर आज जब तुमसे टकराया तुम्हरी उन भुरी आखों  मे ही  खो गाया था लेकिन उसमे वो खालीपन क्यो था ........ ऐसा क्यो लग रहा है कि बहुत कुछ चुपा रखा है इस गुस्से के पीछे ........कोइ बात नहीं मैं हूँ ना सब पता कर लूँगा और तुम्हारी उदासी कि हर वजह हि खत्म कर दूँगा '' यही सब सोचता हुआ वो भी सो गया।।


    ________________अगला दिन _______________



    JIFTC,New delhi (काल्पनिक स्थान )

    अनु आज जल्दी कॉलेज आ गई मिशा किसी काम से लेट हो गई ! अनु ने अपनी गाड़ी पार्क कि और अंदर बढ़ने लगी पर तभी एक लडका भाग कर आया और उसके गले लग गया! वो समझ नहीं पाई और ऐसे हि खडी रह गई थोड़ी देर बाद कुछ सुन कर वो मुस्कुराई और उसने भी उसे गले लगा लिया     

    ये देख गेट पर खड़े आरव का तो दिल जल भून कर राख हो रहा था किसी और लड़के को अनु के इतने पास देख कर उसका मन उस लड़के का खून करने का हो रहा था....वो अभी हि कॉलेज के अंदर इंटर हुआ था और आते हि उसे ये देखने मिल गया उसकी तो लव स्टोरी शुरू हि नहीं हुई फिर ना जाने ये कौन आ गया सोचते हुए बैचारे आरव का मुंह हि लटक गाया ।।








    ---------------------TO BE CONTINUE ----------------







    आखिर कौन है ये लड़का ? क्या ये बनेगा आरव के प्यार के बीच दरार कि वजह ? क्या आरव कि लव स्टोरी शुरू होने से पहले हि खत्म हो जाएगी ? जानना है तो बने रहे में साथ 😊 







    कहानी अच्छी लगे तो प्लीज रेटिंग दे के रिव्यू जरूर दे और एपिसोड पढ़के कमेंट भी करें ताकि मुझे पता चलें कि मेरा लिखना कितना सफल है 🙂🙂




    ✍✍ सुधा यादव

  • 7. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 7

    Words: 1910

    Estimated Reading Time: 12 min

    अनु उस लडके के गले लगी हुई थी .....आरव ये सब देखकर थोडा उदास हो जाता और अपनी किस्मत को कोस्ता हुआ वो कैंटिन में चला जाता है    

    पार्किंग में वो लडका अनु से अलग हो कर बोलता है "आए मोटो तू तो पतली हो गई.... क्या बात है '' बोलते हुए वो अनु के गाल खिच लेता है 

    अनु चीड़ते हुए बोली - '' कंजर छोड़ मेरे गाल अगर अपने हाथ सही सलामत चाहिए तो '' लड़का एक बार फिर से उसके गाल जोर से खिचता है फिर छोड़ देता है ..........

    अनु गाल को सहलाते हुए बोली = "तु ये बता छेंगुर तु यहां कब आया और बताया भी नही की तू आ रहा है....वैसे तू तो पहले से ज्यादा स्मार्ट हो गया है   ..........  ओर अंशु कैसी है मसी जी मासा जी कैसे है ........ बोल ना अब चुप क्यों है  '' 

    लडका उसे शांत कराते हुए बोला = "अरे मेरी राजधानी एक्सप्रेस रुक तो जा तभी तो बोलूंगा कुछ " ......


    अनु मुँह बना के बोली = "हां तो बोल ना ''

    लड़का उसके कंधों पर अपनी कोहनी टिक्काते हुए बोला = " तो सुन मै यहां पर अपना कोर्स पूरा करने आया हूं .........  अब एक साल का कोर्स यही से करूंगा सब कुछ सेट कर दिया है मेरे दोस्तो ने तो आ गया और रही बात ना बताने कि तो मै सप्राइज देना चाहता था तुझे मोटो .......... और घर पर सब ठीक है .........और कुछ क्वेश्चन बैंक कुछ सवाल रह गया हो तो पुछ ले नही तो मुझे कॉलेज दिखा दे '' 

    अनु उसे मारते हुए बोली = "कमीने में तुझे टुर गार्ड लग रही हू जो कॉलेज का टूर कराऊ "

    लड़का अनु कि मार से बचते हुए बोला = "अरे अरे मैंने कब कहां "   

    अनु उसका हाथ पकड़ के अंदर लाते हुए बोली =  "अच्छा  चल पहले कैंटिन चलते है वहा दो और न्यू स्टूडेंट है प्रिंसिपल सर ने मुझे उन्हें गाइड करने को बोला है '' और दोनो कैटिन चले गए  ।


    कैटिन में  


    आरव वहां बैचेन सा बैठा था उसे बार बार अनु और वो लडका गले लगे हुए नजर आ रहे थे .........  विवान उसे देख रहा था पुछ भी रही था लेकिन आरव कुछ नहीं बोला रहा था .......तभी विवान कि नजर गेट से आते अनु और उस लडके  पर गई ...........

    लडके को देख कर विवान हैरान हुते हुए बोला - "ये यहां कैसे" ... 

    उसकी अवाज सुन के आरव उसके तरफ देखा कर बोला - "कौन कहां है किसे बोल रहा है भाई ".............विवान आरव को उंगली से इशारा करके पीछे देखने को कहा ........ आरव पीछे मुड़ के देखता है तो वो भी लडके को देखकर चौक जाता है ...... वो लडका भी अब तक वहां पहुंच गया । वो उन दोनों को देख कर खुशी से उनके गले लग जाता है। ........... 

    आरव भी मुस्कुराते हुए उसे गले लगा लेता है फिर उसे धक्का मार कर बोलता है "साले कम्मीने तु तो परसो आने वाला था न तो फिर और बताया भी नही हमे कुछ.... कि आने वाला है तु" 

    नील (जी है ये है नील खुरान्ना आरव के दोस्त और अनु का कर्जन ) " कम्भख्त आदमी दोस्त इतने दूर से आया है वैलकम करने की बजाए .........सब मारे जा रहे है । पहले इस मोटो ने अब तू शूरु हो जा ......... सला कोई इज्जत हि नही मेरी तो (मसूम सा चहरा बना कर बोला)..... तो सबको हसी आ गई .... तो वो बोला , '' अब हस बयो रहे हो तुम सब  

    आरव हंसी रोकते हुए  बोला " चल छोड़ ये सब बाते और ये बता कि तू इसे आई मीन अनीशा को कैसे जानता है .......

    तो नील हसते हुए बोला - '' इसे .... इसे तो मै बचपन से जानता हूँ '' 

    "मतलब" आरव ने पूछा तो नील बोला , "मतलब की ये मेरी कर्जन है अनीशा " आरव समझते हुए बोला , '' ओह कर्जन है '' ( फिर मन में बोला ) '' थैंक्यू गोड कि मैंने जो सोचा वो गलत निकला  ......

    नील ने अनु को देखा और बोला - "ओए मोटो सुन इनसे मिल ये है मेरे दोस्त जिनके साथ में आया हूँ कोर्स के लिए "  

    "हम्म और यही दोनो न्यू एडमिशन है मुझे जिन्हे गाइड करना है"   अनु बिना भाव के बोली  

    नील बोला - "तो चलो आज कॉलेज घुम लेते है फिर"

    अनु बोली - "हा बस ५ मिनट रुक जाओ मीशा आने वाली है साथ ही चलेंगे"......... सब मीशा का इंतजार करते है थोड़ी देर बाद मिशा आती है और आते हि नील के गले लग जाती हैं ...........  

    ये देख विवान को थोडी जलन सी हुई तो वो बड़बड़ाया  हुए बोला "ये देखो कैसे गले लगी है इसके मेरे तो हाथ भी नही मिलाए और ये साला भी पूरा इंटरस ले रहा है अपनी होने वाली भाभी के गले लगा है इसे तो बाद में बताऊंगा " ........... बगल में खड़ा आरव ये सुन कर हंसते हुए उसके कान में बोलता है , '' अबे  ओ ये क्या बड बड़ कर रहा है और ये भाभी कब बनी  .. .... और इस दिल के मंदिर में प्यार के घटी कब बजी '' 

     विवान खोया हुए सा बोला - "जब से देखा है तब से हि बजी हुई है यार "  

    आरव उसका कन्धा थपथपाते हुए बोला = "सही है भाई सही जा रहे हो "   

    नील मीशा से दूर होते हुए बोला - "अबे चिपकली छोड मुझे चीपक ही गई तू तो "

    मीशा उसे धक्का देते हुए दूर हुई और बोली - "क्यों बे छुछुंदर .......... क्या बोला था तुने कल कि तु सबको बेवकूफ बनाएगा और यहां तो तु इनके साथ हस रहा है मुझे उल्लू बना कर लेट आने को बोला....और खुद यहाँ आ गया ''   
    ये बात सुन अनु मीशा कि तरफ घूरी और बोली - " इसका मतलब तुझे पता था ये आने वाला है"

     मीशा उसे कंधे से पड़कर कर घुमाते हुए बोली -   "अरे मेरी जान हिंट तो तुझे कल ही दिया था मैने जब मैंने .......... आरब से बोला था कि अब हमारे ग्रुप में 5 लोग हो गए तो सोचना  था न थोड़ा कि "2 ये 2 हम"  तो 1 कौन है  तुझे हिंट मिल जाता पर कोई ना मेरी जान अब इतने छोटे दिमाग में इतने बड़ी फ्लानिग समझ नही आएगी आई नो '' वो अनु को चिडा कर भाग गई अनु भी उसे मारने के लिए भाग गई ।।

    उनके जाते ही विवन नील के ऊपर झपट पड़ा ओर उसकी गर्दन को अपनी कोहनी से दबाते हुए बोला - '' क्यों बे साले बोहोत ज्यादा क्लोज नहीं था तू '' 

    नील को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये उसके साथ क्या हो रहा है वो अपनी गर्दन को छोडाने की कोशिश करते हुए बोला - '' अबे साले पागल हो गया है क्या जान से मरेगा छोड़ मुझे ओर किसके क्लोज हुआ मैं..... मैं तो अभी अनु ओर मिशु से ही मिला हूँ और किसी को जानता भी नहीं  तो तेरी इतनी क्यों जल रही है ............

    आरव विवान को छुड़ाते हुए नील से बोला - '' नील इसकी इस लिए जल रही है क्यों कि जनाब तो इश्क हो गया है ओर वो भी मिशा से तो तू उसके गले लगा तो इसकी जल के राख हो गई.... क्यों कि वो इस बेचारे को घास भी नहीं डालती '' ओर ये बोलते हुए उसने नील से हाई फाई कि ओर दोनों  हसने लगे विवाह बेचारा सा बना खड़ा रहा 

    उसके बाद तीनों भी अनु ओर मिशा को खोज कर उनके साथ कॉलेज देखने लगे फिर थोड़ा बाते की क्लास अटेंड करके घर आ गए ............

    नील अनु के साथ अनू के घर आ गया हॉल में ही उसे राधिका जी मिल गई वो चुपके से गया ओर पीछे से उन्हें गले लग गया ......! 

    राधिका जी चोक गई फिर पलट के देखा तो नील को देख कर खुश होते हुए बोली - '' नील तू यहां तू कब आया और बताया क्यों नहीं और अंशु रिधिमा सुमित जी वो लोग कहा है वो भी आए है क्या....या तू अकेले आया है बोल '' राधिका जी ने एक ही सांस में इतने सारे सवाल पूछ लिए बिचारे नील को समझ ही नहीं आ रहा था कि कोनसा क्वेश्चन का answer पहले दो उसे देख कर अनु को बस हंसी आ रही थी ........

    नील लम्बी साँस लेते हुए बोला - '' अरे अरे मासी सांस तो लेलो....और मुझे बोलने दो तभी तो कुछ बताऊंगा....लेकिन सबसे पहले कुछ खाने को दे दो बोहोत तेज भूख लगी है .... !

    राधिका जी मुस्कुराते हुए बोली - '' अच्छा तो तब तक तुम दोनों  फ्रेश हो जाओ मैं तुम दोनों के लिए कुछ खाने को बनाती हूं तबतक ....दोनों जा कर फ्रेश हो कर आते है ।।।


    आरव का कमरा 


    आरव रुम मे आया बेड पर बैठ गया थोड़ी देर बाद बेड से उठ कर वो बालकनी में आ गया आसमान को देखते हुए सोचने लगा कि आज जब अनु नील के गले लगी तो उसे इतना बुरा क्यों लगा .......क्यों वो  किसी और को उसके इतना पास नहीं देख पाया ?? क्यों उसके पास आने से सांस इतनी तेज हों जाती है ?? ...... क्यों उसके सामने अब बोलती नहीं निकलती मेरी पहले तो कितना लड़ता था ?? अब दो दिनों से क्यों कुछ बोल नहीं पा रहा ?? ....... वो उसी उधेड़बून मे था ।

    तभी अवनी रुम मे आते हुए बोली - "भाई आप कल के आए हो लेकिन हमारी ठीक से बात भी नहीं हुई मुझे आपसे कितनी सारी बाते करनी है "

    आरव उसके गालों को खींचता हुए बोला -  "हा तो बोल न क्या बाते करनी है तुझे मुझसे...और बात करनी है या फिर घूमने य शॉपिंग पर जाना है '' 

    अवनी अपने दांत देखते हुए प्यार से बोली - "भाई......भाई आप कितने स्वीट ओर स्मार्ट हो कितनी जल्दी समझ गए हाउ स्वीट '' वो उसके गालों को खींचता हुए बोली। 

    आरव चिड़ते कर बोला - ''छोटी गाल  छोड़ मेरे दर्द हो रहा है '' 

    अवनी एक बार और जोर से उसके गाल को खींचते हुए बोली - '' देखा लगी ना मुझे भी लगती है जब आप रब्बर समझ कर मेरे गाल खिचते हो '' 

    आरव गाल को सेहलाते हुए बोला - '' ठीक है ना अब नहीं करूंगा अब तू छोड़ तो '' तब अवनी उसके गाल छोड़ देती है और उसे कल शॉपिंग कर लिए बोल कर चली जाती है 

    आरव गाल को सेहालाते हुए बैठ गया तभी वाहा अभय आ जाते है( सौम्या के पति ओर आरव के जीजा जी)

    वो अंदर आते हुए थोड़ा उदासी का नाटक करते हुए बोले - "वाह साले साहब वाह.... मतलब अपने जीजा कम दोस्त को तो आप भूल ही गए कल से आए है आप लेकिन हमसे आप ठीक से नहीं मिले........

    आरव ये सुन मुस्कुराया ओर उनके गले लग कर बोला - '' क्या यार जीजू आपको कैसे भुल सकता हूँ... आप तो जान हो मेरी '' 

    इसपर अभेय उससे दूर हो कर कहता है - '' देखो साले साहब... मै शादी शुदा पतिवर्ता आदमी हूं मुझ पर ऐसी नजर ना डालो ......मुझे मेरी बीवी से बोहोत प्यार है और मैं उस टाइप का भी नहीं हूं '' 

    आरव ये सुन कर हसने लगा और बोला - '' यार जीजू आप ना कभी सुधर नहीं सकते सच्ची मे .......अभय भी हासने लगा दोनों काफी देर तक बाते करते रहे थोड़ी देर बाद सौम्य के बोलने पर दोनों नीचे खाने के लिए चलें गए ।।










    *****************************







    कैसी लग रही है आप सब को ये कहानी....बताए जरूर...? 




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  • 8. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 8

    Words: 2584

    Estimated Reading Time: 16 min

    अगला दी....


    आज संडे था सबके तय अनुसार सांची अनु काव्या मिशा नील आयुष घुमने निकल गए ..........आरव के घर में भी आरव सौम्या अवनी अभय विवान सब घुमने निकल गए ............काफी देर घूमने के बाद आरव और बाकी लोग शोपिंग के लिए मॉल आ गए इतेफाक से अनीश वगेरा भी वही आए थे ...........ये लोग एक दूसरे को देख नही पाए क्योंकि दोनों अपोजिट डायरेक्श में थे सब शोपिंग में बिजी थे !! 

    थोड़ी देर शोपिग के बाद अनु वगैरा  वापस जाने लगे तभी अनु को याद आया उसका पर्स तो उसके पास है हि नही उसने सब को आगे जाने का बोला और खुद वापस सेकंड फ्लोर पर चली गई जहां से वो लोग थोडी देर पहले निकले थे ...........अनु वहा गई दुकानदार से पूछा तो उसने अपने पास से पर्स उसे दे दिया ।।

    अनु पर्स ले कर लिफ्ट में आ गई लिफ्ट का दरवाजा बंद होने वाला था .... कि किसी ने फुर्ती से उसके बीच हाथ लगा कर उसे रोका और जल्दी से अंदर आ गया .........वो अपने दोनों हाथ घुटनो पर रखकर हांफ रहा था शायद वो भाग कर आया था इसलिए ..............अनु उसे ही देख रही थी जिस तरह वो आया था अनु एकदम चौक गई थी ।।

    उसने सर ऊपर किया तो दोनो एक दूसरे को देख एक साथ बोले  "तुम" 

    अनु ने उसे घुरते हुए कहां , " तुम्हे तमीज नही है क्या ऐसे कौन आता है .......और ये कौन सा तरीका है....कभी इंसान वाली हरकत कर सकते हो कि नहीं "।।

     " ये मेरा तरीका है मिस....और मेरा स्टाइल अलग होता "आरव अपने कॉलर को ऊपर करते हुए हिरो वाले अंदाज में कहता है 

    अनु चीड़ते हुए बोली = "तो बहुत ही घटिया तरीका है"।।

    "मतलब अच्छा है "आरव दिवार के टेक लेते हुए बोला 

    उसकि बात पर अनु मुँह बना के झुंझला के बोली , '' पागल हो या कान में कोई दिक्कत है ....मैंने घटिया बोला है"।।

      "हा ... हा सुन लिया मेरा अंदाज तुम्हे अच्छा लगा " ..... वो अनु को और ज्यादा चिडाने के लिए ऐसा बोल रहा था ।।

    अनु झल्लाते हुए बोली - " हे भगवान कहां फसा दिया ........ ये खुद तो पागल है मुझे भी कर देगा '' इतना बोल वो दूसरी तरफ मुंह करके खड़ी हो गई और आरव को मन हि मन कोसने लगी  ।।

    आरव एक साईड खड़ा हो आराम से आपना फोन चलाने लगा ..........तभी अचानक से लिफ्ट में हलचल हुई और लिफ्ट बंद हो गई लिफ्ट में अचानक एकदम अंधेरा हो गया ......... लिफ्ट बंद होने से अनु डर गई और पास में खड़े आरव का हाथ पकड़ लिया आरव की तो दिल की धड़कने हि तेज हो गई अनु के हाथ पकड़ने से वो कभी अपना हाथ देखता कभी अनु को 

    अनु डरी हुई थी उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी ...... वो बार बार कॉल करने की कोशिश कर रही थी पर नेटवर्क नहीं मिल रहा था ।।

    उसे इतना परेशान देख आरव बोला , "हे रिलेक्स इतनी हाइपर मत हो अभी ठीक हो जाएगा कोई इलेक्ट्रिक प्रॉब्लम होगी ........सो जस्ट चील  ।।

    अनु उसे इग्नोर करती हुई दरवाजा पीटते हुए चिल्लाने लगी  ।।

    आरव खुद में बड़बड़ाया - " एक नंबर की जिदी है ये लडकी" बोलते हुए उसने कुछ सोचा और अचानक से अनु का हाथ पकड के झटके से उसे अपनी तरफ खीच के उसे अपने सीने से लगा लिया ........अनु कुछ समझ नहीं पाई ........वो डरी हुई थी तो उसने कुछ नहीं कहा वो आराम से बिना विरोध आरव के सीने से लगी रही .....उसको एक सुकून मिल रहा था आरव के पास 

    आरव उसे शांत कराते हुए प्यार से उसके बाल में हाथ फेरते हुए बोला - "देखो  आई नो तुम्हे बंद जगह का फोबिया है ........तुम्हे ऐसी जगह में डर लगता है तो आराम से और शांति से काम लो हाइपर मत हो  ......... कब से बोल रहा हूँ रिलेक्स रहो ठीक हो जाएगा पर तुम सुन हि नही रही थी .......इसलिए ऐसा किया नाओ डोंट पैनिक ओके ''       

    अनु उसके सीने से लगी आराम से उसे सुन रही थी उसे आरव  के पास एक अलग ही सुकून मिल रहा था उसने कोई रिएक्ट नहीं किया ।।

    काफी देर बाद अनु नोर्मल हुई और आरव से दूर होते हुई बोली ......"वो आयम सॉरी....मुझे....ऐसे जगह पर बहुत सफोकेशन होती है इसलिए में बहुत हाईपर् हो गई थी....सॉरी " 

    आरव हल्का सा मुस्कुरा के बोला  - "इट्स ऑके ....... तुम्हे इसकी जरूरत थी वरना ज्यादा प्रोब्लम हो जाती  '' 

    इतना बोल दोनो अलग अलग खड़े हो गए .... आधे घंडे से ज्यादा हो गया था लिफ्ट अभी तक ठीक नहीं हुई थी  ......... काफी देर तक अनु नहीं आई तो बाकी सब लोग भी अंदर आ गए ..........वहां आ के उन्हें पता चला कि लिफ्ट बीच में हि अटक गई है .......सांची आयुष मिशा काव्या ये सुन कर अनु के लिए परेशान हो गए क्योंकि उन्हे डर था कि अनु ठिक तो होगी या नहीं.....

    नील ने आयुष कहा , "भाई एक काम करिए आप भाभी और सब को  लेकर  घर जाइए मै अनु को ले कर आता हूँ ........पहले तो आयुष नहीं माना पर नील के समझाने पर वो मान गया और बाकीयो को लेकर घर आ गया 


    लिफ्ट में 


    अनु अब नोर्मल थी आरव अनु आराम से बैठे तो थे लेकिन चेहरे पर परेशानी थी दोनों बैठे बैठे लिफ्ट ठीक होने का इंतज़ार कर रहे थे  ............ 

    शांति को भंग करते हुए आरव बोला , "यार अब क्या करे मै तो बहुत ज्यादा बोर हो रहा हूँ '' 

    अनु वैसे ही परेशान थी ये सुनकर खिझते हुए बोली ...."जागरन  करते है रुको में अभी ढोलक मंगवाती हूँ तुम्हारे मनोरंजर के लिए"   

    आरव अपनी आइब्रो ऊचकाते हुए बोला , " देखो तो अभी थोड़ी देर पहले भीगी बिल्ली बनी थी .......अब फिर से शेरनी की तरह  दहाड रही हो ..... ठीक से भी बोल सकती हो ...... हमेशा गबर बनी रहती हो....खडूस कहुँ कि '' बोलते हुए उसने मुँह बना लिया 

    अनु उसे ऊँगली दिखाते हुए बोली - " देखो अभी मेरा दिमाग वैसे ही ठिक नही है .......तुम अपनी बकवास से उसका भाजी पाव मत बनाओ समझे चुपचाप बैठ जाओ '' 

    उसकी बात सुन के आरव कुछ बोलने वाला था कि तभी लिफ्ट में एक झटका लगा और लिफ्ट फिर चल दी ...... 

    वहीं झटका लगने से अनु आकर आरव पर गिर गई आरव का हाथ अनु की कमर पर आ गया और अनु के दोनो हांथ आरव के सीने पर दोनो के दिल की रफ्तार बहुत तेज थी ......दोनों एक दूसरे के आखो में खो गए ........कुछ देर बाद आरव अपने आप को सम्हालते हुए अनु से बोला , "ऑ मैडम अब उठोगी मेरे ऊपर से इतनी हल्की नही हो तुम....मेरी कमर टूट जाएगी "  

    उसकी आवाज़ सुन के अनु को होश आया और वो हड़बडा कर उससे अलग होकर उठ गई........आरव भी उठा और उसके बगल में खड़ा हो गया ......थोड़ी में लिफ्ट का गेट खुला अनु बाहर आई उसके बाद आरव भी आ गया ......

    जब नील ने देखा तो वो भी भाग कर उसके पास आया और उसे गले लगा के बोला परेशान स्वर में बोला , "तु ठीक तो है न अनु "

    अनु अलग होते हुए मुस्कुरा के बोली - "क्यों तुझे क्या लग रहा है मुझे देखकर कि कैसी हुँ ........मै एकदम ठीक हूँ तू टैशन मत ले और बाकी सब कहां है "

    नील आराम से बोला - " मैंने सबको घर भेज दिया आयु भाई के साथ " 

    अनु कहा , "हम्म" ठिक किया अब हम भी चले मम्मा परेशान हो रही होंगी ........

    तभी नील की नजर आरव पर गई उसने अभी तक उसे नोटिस ही नहीं किया था वो उसे देख कर बोला , "अरे तू यहां मतलब तू भी लिफ्ट में था" 

    आरव उससे हाथ मिलाते हुए बोला - "हा भाई मैं भी था (अनु के तरफ देखते हुए ) इस भूखी शेरनी के साथ.....अच्छा है तूने टाइम से लिफ्ट ठीक करा दी वरना आज तो ये मुझे कच्चा  खा जाती '' !

    इसपर अनु उसे घूरते हुए नील से बोली , '' हमे लेट हों रहा है मम्मी और बाकी सब परेशान हो रहे होंगे तो चले अगर तेरी बकवास खत्म हो गई हो तो .....'' 

    नील ने उसे देखा और उसके मूड को समझते हुए आरव से बोला , " ब्रो चल बाय कल मिलते है इसका दिमाग कभी भी बदल सकता है तो तेरे साथ मैं भी पीस सकता हूँ '' फिर दोनो एक दूसरे को देख मुस्कुराए और वहां से अपने अपने रास्ते चल दिए ।।

    अनु नील आ कर कार में  बैठ गए नील ने गाड़ी स्टार्ट कि एफएम पर गाना चला दिया गाना बजा 

    कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
    कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
    कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
    कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है
    दो चार दिन से लगता है जैसे
    सब कुछ अलग है, सब कुछ नया है
    कुछ तो हुवा है, कुछ हो गया है।

    गाना सुनते ही अनु के आंखो के सामने लिफ्ट का दृश्य आने लगा ........जब आरव ने उसे गले लगाया उसके इतना करीब आने से उसे असहज क्यों नहीं लगा .........क्यों उसके करीब उसे अजीब नहीं लगा ...........क्यों वो उससे दूर नहीं हुई .........क्यों उसके सीने से लगाना उसे  सुकून दे गया ! आज एक अलग सा एहसास जगा उसके दिल में .........दिल कि धड़कन भी एबनॉर्मल हो गई थी .......... एक अपनापन लगा उसकी पनाहो मे उसे ............क्यों उसके पास जाने से खुद को रोक नहीं पाई वो ....क्यों क्यों ??

    वो इन सब में इतनी खो गई कि नील की आवाज़ भी उसे नहीं सुनाई दी ........जो कबसे उसे बुला रहा था ........नील ने झटके से ब्रेक लगा दिया अचानक ब्रेक लगने से अनु को होश आया ।।

    वो गुस्से से नील को घूरते हुए बोली - "पागल है ऐसे अचानक से गाड़ी कौन रोकता है ......अभी लग जाती मुझे बेवकूफ कहीं का " ।।

    नील चीड़ते हुए बोला - "चुपकर एक तो कब से बुला रहा हूँ .........कानपुर में हड़ताल है क्या जो  सुनाई नही दे रहा तुझे ....कहां खोई थी तू ........तुझे से बोलने के चक्कर में गाडी के सामने कुत्ता आ गया था ...... इसलिए ब्रेक लगाया पड़ा " ।।

    अनु मुँह बन के बोली  -  "हां तो ठीक है न कुछ सोच रही थी में बस नहीं ध्यान दिया तेरी बात पर .... वैसे पूछ क्या रहा था "।।

    नील थोड़ा रूड होने का नाटक करने हुए बोला - " नहीं कुछ नहीं बोला मैने ....तु सोच जो सोच रही थी ...... मैं तो सिर्फ पिज्जा के लिए पूछ रहा था ..... लेकिन शायद तेरा मन नहीं है '' इतना बोल उसने तिर्छी नजरो से अनु को देखा ।।

    अनु पिज़्ज़ा सुनते ही बोली - " किसने कहा मुझे मन नही है और देख पिज्जे के साथ कोई मजाक नही समझा .......अब चल मुझे खाना है ........नील उसको देखकर मुस्कुराते हुए आगे चल दिया  ।।    


    दूसरी तरफ आरव की कार में 


    आरव भी अनु के बारे में ही सोच रहा था और मुस्कुरा रहा था .......बगल में बैठी अवनी उसे कबसे नोटिस कर रही थी ......बेमतलब मुस्कुराते हुए काफी देर तक देखने के बाद ........अवनी भी मुस्कुराते हुए गुन गुननाने लगी "हां भाई को प्यार हुआ प्यार हुआ अल्लाह मिया " ।।

    ये सुनते ही आरव की मुस्कान बंद हो गई उसने चहरा घुमा कर अवनी को देखते हुए कहा .."ये क्या गा रही है ....किसे प्यार हुआ है ....और किससे हुआ " ।। 

    अवनी अनजान बनते हुए , "क्या भाई मैंने क्या किया में तो गाना गा रही थी अच्छा है न ये गाना '' अवनि अपनी हंसी दबाते हुए बोली

    आरव चीड़ते हुए बोला - " ज्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत कर समझी ....क्या खिचड़ी पक रही है दिमाग में "  ।। 

    "भाई में स्मार्ट बन भी नहीं रही .....क्योंकि मैं ब्यूटिफूल हूँ..... '' अवनि थोडा इतराते हुए बोली ।

    आरव हंसते हुए बोला -   "ओए किस पागल ने तुझसे इतना बडा झुठ बुला कि तु सुंदर है '' इतना बोल वो तेज तेज हंसने लगा ।   

     "भाईईई  आप बहुत गंदे हो  एक नंबर के दुष्ट हो आप "हुह "अवनी चीड़ते हुए बोली और मुंह फुला कर  खिड़की के बाहर देखने लगी .......फिर कुछ सोचके उसने कहा , "वैसे भाई आपकी लिफ्ट वाली से सुंदर ही हुं में " ।।

    ये सुन आरव फट से बोला "ओए ज़्यादा नही हा ...उसे कुछ मत बोलीओ (वो फ्लो फ्लो में ये बोल गया )  

    अवनी चेहरे पर विजय मुस्कान लिए उसे हि देख रही थी .........ये उसका प्लैन था आरव का हाल - ए - दिल जानने के लिए  ....क्यो कि उसने आरव को देख लिया था अनु के साथ लिफ्ट से निकलते हुए और उनकी नोकझोक भी सुनी थी ......उसके बाद उसके भाई के चेहरे की चमक देख .......उसे कुछ गडबड लगी और सीधे सीधे पूछने से तो वो बताने से रहे कुछ तो इसलिए उसने ये षडयंत्र रचा "।।   

    आरव को एहसास हुआ कि उसने जोश जोश में होश खो दिए तो वो खुद में बड़बड़ाते हुए बोला , "अब ये उगलवा कर हि दम लेगी '' आरव उससे नजर चुराते हुए बोला -  "देख छोटी जो तु सोच रही है वैसा कुछ नहीं है"   

    अवनी मुस्कुराते हुए बोली - "भाई मैं जो सोच रही हूँ सही सोच रही हूँ .....और पक्का यकीन के साथ कह रही हूं कि कुछ तो गड़बड़ ज़रूर है " ।।

    आरव सामने देखते हुए बोला - "नहीं ऐसा कुछ नही है .....हा अच्छी लगती है बट प्यार वो इतनी जल्दी कैसे हो सकता है .....अभी तो हम तीन चार बार हि मिले है बस " ।।     

    अवनी (थोडी अदाओं के साथ बोली) - "भाई प्यार , मोहोब्बात , ईश्क .... तो एक संडे में हो जाता है ....उसके लिए मुलाकाते नही देखी जाती ....देखे जाते है ज्जबात ....जिसे देख कर दिल की धडकने तेज हो जाए .....कुछ भी समझ ना आए .... आस पास सब कुछ विरान हो जाए .....सोते जागते सिर्फ वही शक्स दिखाई दे और उसे देख कर लगे कि.....हा यही है जिसका मुझे इंतजार था जिसके लिए दिल बेकरार था.........जिसको देख कर आंखो को ठंडक मिले ......दिल को सुकून मिले ______'' अवनी बोलती जा रही थी आरव मुँह फाडे उसे देख रहा था अवनी की प्यार की परिभाषा अभी भी जारी थी .......

     आरव अपने दोनो हाथ को जोड़ते हुए बोला - "बस कर मेरी मां समझ गया में प्यार के बारे में अब ये अपना प्रेम पुराण बंद कर " 

    अवनी मुंह बिचकाते हुए चुप हो गई और एफएम चला दिया गाना बजा ...... 

    पहला पहला प्यार है
    पहली पहली बार है
    जान के भी अन्जाना
    कैसा मेरा यार है   ...

    आरव ने सामने अनायास हि अनिशा का चहरा आ गया जब लिफ्ट में अनु उसके ऊपर गिरी थी दोनों कि आंखे लड़ी थी और दोनों एक दूसरे में खो गए थे !!

    उसकी नज़र, पलकों की चिलमन से मुझे देखती, उसकी नज़र
    उसकी हया, अपनी ही चाहत का राज़ खोलति, उसकी हया
    छुप के करे जो वफ़ा, ऐसा मेरा यार है
    पहला पहला प्यार है   ...

    आरव गाना सुन कर मुस्कुराने लगा और वो ब्लश भी कर रहा था अवनी उसको देख कर मुस्कुराते हुए बोली , "भाई एक बात बोलू"

    आरव अपनी एक आईब्रो उठा के बोला - "माना करूगा तो नहीं बोलेगी क्या " ।।

    अवनी हस्ते हुए बोली - "तब तो डेफिनेटली बोलोंगी फिर उसने कहा , " भाई भाभी है तो एक दम जहर दी खोजी है इतनी "क्यूट स्वीट" ब्यूटी विथ ब्रेन "।।

    आरव उसकी बात पर मुस्कुरा उठा अवनि पूरे रास्ते उसे पकाति रही और ऐसे हि दोनो थोड़ी देर में घर आ गए।।


    _______________________________💜TO BE CONTINUE💜_________________________


      प्लीज डू कमेंट एंड लाइक द स्टोरी...... 🙂


    ✍ सुधा यादव 

  • 9. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 9

    Words: 1992

    Estimated Reading Time: 12 min

    [ NEXF DAY]





    अनीशा का घर      





    अनु बडे आराम से अपने टैडी को बांहों में भरकर सोई थी ........ एकदम किसी छोटे से बच्चे की तरह ....... खिड़की से आती धुप की किरण उसके चेहरे पर आ रही थी और उसके चहरे की चमक को ओर बड़ा रही थी ........ चुबती धुप उसकी  आँखों पर पड रही थी फिर भी वो अनु की नींद का कुछ बिगाड़ नहीं पा रही थी .......वो बड़े  आराम से सोइ थी ।।।



    तभी दनदनाते हुए मिशा उसके कमरे में घुसी अनु को सोता देख चिडते हुए बोली ......"ये देखो महारानी की नींद अभी तक पूरी नहीं हुई ....... घोड़े....कुत्ते....हाथी.....सब बेच कर सोई है ......यहाँ 8  बज गए है और ये मैडम आराम से कुंभकरण की तरह सोइ  हुई है '' बड़बड़ाते हुए उसने अनु की कम्बल खीच ली  ।



    इससे अनु की निन्द खुल गई  वो चीडते हुए आंखे बिना खोले हि चिल्लाई ......, "चुड़ेल कही कि ......... मतलब तमिज नाम कि चीज है  की नही तेरे अंदर .......सब मेरे नींद के दुश्मन हुए पड़े है .....चैन से सोने भी नहीं देते ......पाप लगेगा तुझे देख लियो तु और फिर तुझे.....तुझे हा तुझे तेरी फेवरेट चॉकलेट आईसक्रीम नही मिलेगी है ....नहीं मिलेगी देखियो पाप लगेगा तुझे ^हुंह^  



    मिशा को अनु की नोटंकी पर हंसी आ रही थी वो अपनी हसी रोकते हुए वो बोली ....."ओए  नोटंकी अपनी ये थर्ड क्लास एक्टिंग बंद कर और टाइम देख 8:20 हो रहे है 9:00 बजे यूनिवर्सिटी पहुंचना है तो जल्दी जा कर रेडी हो जा .....अब जा जल्दी से ''     



    उसकी बात सुन अनु बैड से कुदके बोली ....."क्या 8:20 हो गए और तु मुझे यहां भाषण सुना रही है ........कमबख्त कही कि हम लेट हो जाएंगे आज तो '' चिल्लाते हुए उसने अलमारी से कपडे लिया बड़बड़ाती हुए अंदर चली गई  ।



    मिशा मुंह खुले उसे हि देखती रह गई बिचारी वो पहले आई और लैट होने का बिल भी उसी पर फट गया 😂😂😂 .........10 मिनट बाद अनु आई दोनो ने जन्दी जल्दी नाश्ता किया और घर से निकल गई । नील आरव के घर चला गया था उस के साथ आने के लिए। . 



    आरव का घर       
       


    नील आरव के घर में घुसने हि वाला था कि गेट पर वो किसी से टक्करा गया । जिससे नील टकराया वो अवनी जी थी दोनो हि सम्हल नहीं पाए और नीचे गिर गए । नील नीचे और अवनी उसके ऊपर नील बस अवनी को देखा जा रहा था वहीं अवनि ने डर से उसने आंखे बंद कर रखी थी और वो बहुत ही मासूम लग रही थी । नील उसकी मासूमियत में हि खो गया 



    अवनी ने अपनी आंखे खोली तो नील को देख उसके चेहरे के भाव ही बदल गए.....अभी अवनी के चेहरे डर के भाव थे पर अब सके चहरे पर  गुस्से के भाव आ गए । जिसे नील ने भी महसूस कर लिया था । अवनी बिना नील की ओर देखे ही उठी और बाहर चली गई । 



    नील  उसकी तरफ बस देखता ही रह गया.....अवनी चली गई थी नील अभी भी वही खड़ा था उसके चहरे पर एक अजीब सा दर्द उभर आया था वो खाली आँखों से बस गेट कि तरफ देख रहा था तभी पीछे से आरव ने उसके कंधे पर हाथ रहा तो नील अपनी ख्यालों की दुनिया से वास्तव में लोट आया _____



    आरव उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोप , "क्या भाई तुझे अंदर आने के लिए आरती की थाल लाऊ क्या तब अंदर आएगा ...चल आजा अंदर  आ कर बैठ '' 



    नील अपना कन्धा नीचे कर आरव का हाथ हटाते हुए बोला   -  "अबे ओ बैठने का टाइम नही है ___घड़ी देख अपनी '' 



    आरव घडी देखते हुए बोला -." हां रोज देखता हुँ अच्छी है बहुत __अब यार नंबर 1 बरेन्ड की  है '' 



    नील अपना माथा पीटते हुए बोला -   "अबे मंदबुद्धि! मैं टाइम की बात कर रहा हूँ न की बर्नेड की......टाइम देख 8: 35 हो रहे है..... झासी की रानी कॉलेज के लिए निकल चुकी है......हम लेट हुए तो खेर नही हमारी और तुझे मजाक सूझ रहा है '' नील झलाते हुए बोला  



    आरव ये सुन कर टाइम देखता है फिर एकदम से उछलते हुए बोला है - "ऑ शीट हम लेट हो गए ....अगर वो "मिस बवाल" हमसे पहले पहुँच गई तो आज तो मैं गया काम से....वैसे ही उसका मेरा से छतिस का आकड़ा रहता है चल जल्दी '' इतना बोल वो नील के साथ बाहर निकल जाता है तब तक विवान भी आ जाता है तीनो वहां से यूनिवर्सिटी के निकल जाते है।



    LIFTD (काल्पनिक स्थान) 


    New Delhi         



    आज कैम्पस में ज्यादा चेहल पहल थी सारे स्टूडेंट....टीचर्स....कैम्पस के मैन हाल में जा रहे थे .....जहां आमतोर पर कैम्पस के मुख्य कार्यो की जानकारी या बहुत जरूरी सूचना देने के लिए बुलाया जाता है



    अनु मिशा गेट से अंदर आई दोनों ने कैम्पस का माहौल देखकर एक दूसरे को देखा और एकदम से  दोनों बहुत खुश हो गई🤔🤔शायद दोनो को अदांजा हो गया था कि हाॅल में क्या होने वाला है! दोनो  उन तीनो का इंतजार करने लगती है  



    अनु गेट की तरफ देखते हुए बोली .... "यार ये तीनो कहा रह गए.....ये भगवान जी को क्या मैं हि मिली थी ...इन नमुनी के लिए '' 



    थोड़ी देर बाद बाकी तीनो आ जाते हैं गेट से घुसते हि तीनो की हि नजर गुस्से में उन्हें घुरते हुई अनु पर पड़ती है तीनो एक दूसरे की शकल देखते हुए आगे बड जाते और अनु के सामने खड़े हो जाते है  _____



    अनु आरव को घूरते हुए नील से बोली - "लैट किसकी वजह से  हुआ तू "नील ने आरव की तरफ उंगली की विवान से पुछ तो उसने भी आरव की तरह इशारा किया  



    बिचारा आरव मुंह खोले आंखे बड़ी कर दोनो को देखते हुए मन में बड़बड़ाया ....." साले कितने कमीन दोस्त है ...रास्ते में तो बडा बोल रहे थे ..... भाई हम है ......साथ में लिपट लेंगे.....लेकिन देखो शेरनी के पिंजडे मे अकेले हि ढकेल दिया मुझे ..... इन दोनों को तो बाद मे लिपटुंगा पहले ......इस बवाल से लिपट लु  '' खुद से बोलते हुए वो अनु की तरफ देखा और बोला ....."वो क्या है न मेरी गाडी रास्ते में खराब हो गई थी.....तो लेट हो गया और वैसे भी अभी तो क्लॉस स्ट्राट भी नहीं हुई ....सो जस्ट रिलेक्स"।।    



    अनु बोलती उससे पहले मिशा बोली ....."अरे यार  छोड़ो ये सब  और चलो ..... एमडी ने हाल में बुलाया है.... कुछ जरूरी इंफोमेशन देनी है उन्हे तो चलो जल्दी '' और वो अनु को खिच कर ले गई फिर आगे जा कर  मिश पलटी और आरव को थम्स अप किया और मुस्कुराते हुए आगे चल दी ____



    आरव ने भी मुस्कुराते हुए अपने सीने पर हाथ रखा और एक लंबी सी सांस ली और वो उन दोनो को घुरने लगा विवान नील दोनो ने उसे दांत दिखाते हुए बोले , " सॉरी न भाई अब हम क्या करे वो ज्वाला देवी बनी हुई  थी.....तो उसे देख कर फट गई हमारी '' 
        


    आरव -  "हिटलर का दूसरा जन्म है ये और इसका जन्म मेरे लिए हि हुआ है लगता है....इतना डर तो बाबा सा से नहीं लगता जीतना इस बवाल से लगता है '' इसपर बाकी दोनों को हंसी आ गई उन्हें हस्ता देख आरव और चिङ गया दोनो ने उसे शांत कराया और वो तीनो भी हाल में चले आएं           





    कैम्पस हॉल मे       



    हॉल बहुत ही बड़ा था ! सामने बड़ा सा स्टेज लगा था उस पर प्रिंसिपल सर के साथ कॉलेज के डिन एमडी और कुछ हैड टिर्चर खड़े थे स्टेज के सामने  कतार में खड़े  सारे स्टूडेंटस  ।।  


    प्रिंसिपल सर ने अपनी कमान को सम्हाते हुए माइक में बोलना शुरू किया  ....... "Good morning to all of you....I Extend  warm welcome to all of you present here " तो प्यारे बच्चो कैसे है आप सब...... आज हमने आप लोगो को यहां इसलिए बुलाया है.....क्योकि जैसा कि आप सब को पता है हर साल हमारे कॉलेज के बच्चे .....अपनी स्कील .....अपने काबिलियत को दर्शा ने लिए और अपने स्कील को और अच्छा बनाने के लिए  .....अलग अलग जगह सैमीनार में जाते है और आप में से बहुत से बच्चे है जिन्हें इसका बेसब्री से इंतजार था.....तो आप लोगों का इंतजार अब खत्म..... परोसो आप सब रेडी रहना अपने गुर्प के साथ......रीसेस के बाद फलैशवॉर्ड पर आपको आपका और आपके ग्रुप मेम्बर के नाम के साथ सेमीनार की जगह का पता भी चल जाएगा.....सो ऑल द बैस्ट एंड इजोय यॉर सैमिनार एंड यॉर वैकेशन ऑलसो....."ऑके बाए एन गुडडे " इतना बोल प्रिंसिपल सर वहां से नीचे आ गए और बाकी सब बच्चे टीचर हॉल से बाहर आ गए ..... सभी बहुत ज्यादा खुश और एक्साइटेड थे          


    सब अपनी अपनी क्लास में चले गए.....एक घंटे के बाद  क्लास ओवर हुई..... सब बच्चे फ्लैसबॉर्ड से चीपक गए  (जैसे मधुमक्की के छत्ते पर मधुमक्की चिपकती है वैसे )  


    अनु मिशा भी आ गई बॉर्ड पर अपना ग्रुप देखा....तो अनु की आंखे बड़ी हो गई और मुंह खुला रह गया  ( दरसल हुआ ये  कि उसके ग्रुप मे अनु __मिशा__ नील __विवान और अपने आरव जी थे  )


    ये देख अनु झलाते हुए  बोली  - " यार अब ये क्या लोचा है....मतलब कितनी एक्साइटीड थी मै ..... लेकिन मेरी खुशी देखी किसे जाती है ..... नील और विवान तो तब भी ठीक है पर उस आरव को क्यो सेम ग्रुप में डाला '' 


    मिशा को कोई फर्क नही पड़ा वो सहजता से बोली "देख मुझे कोई दिक्कत नहीं और रही उनकी बात तो उन तीनो को तो होगी ही नही ...... तुझे दिक्कत है तो जाकर बदलवाले अपना ग्रुप पर याद रखिओ मैं नहीं आओगी ..... क्योंकि मुझे तो कोई दिक्कत नहीं है आरव से ''          


    अनु उसकी बात सुन कर अपने कमर पर दोनों हाथ रखकर उसे घुमते हुए बोली - " कंजरीया कहीं की मतलब अब  उस दो दिन के आए सर्किंट के लिए अपनी बचपन की दोस्त को धोखा देखी  तू अरे याद कर वो दिन  जब मैं  तेरे लिए  ईमली लाया करती थी नुक्कड़  पर खडे हो कर गोल गप्पें  और मोमोस खिलाया करती थी..... 
    ' हाए  कैसा जवाना आ गया कन्हा जी देखो तो ' वो अपने माथे पर हाथ रखते हुए थोडी नाटकी करते हुए बोली )     


    उसकी इस बचकान बातो से मिशा को हंसी आ गई और दोनो हंसने लगी जबतक वो तीनो भी आ गए थे ।।



    आरव ने हसती हुई अनु को देखा तो बस देखता ही रह गया आज शायद पहली दफा उसने अनु को इतना खुल के हस्ते हुए देखा था ! हंसते हुए अनु और भी खुबसूरत लग रही थी आरव बस उसे देखा जा रहा था ! अनु की नजर जब आरव पर पड़ी  तो उसकी हसी हि गायब हो गई ! आरव  को अनु की नजर अपने पर दिखी तो वो हड़बडा कर इधर उधर देखने लगा अनु भी इधर उधर देखने लगी ।।


    मिशा ने सबको बताया कि वो पांचो एक हि ग्रुप में है और पारसे ही उन्हे देहरादून के लिए निकलना है  क्योंकि उनकी सेमिनार प्लेस वहा है ये सुन सब बहुत ज्यादा उत्साहित हो गए क्योंकि इस समय वहा कि वादिया का क्या हि कहना 



     "हाए क्या कहना वहा के मौसम का "  मिशा खोई हुई सी बोली उसकी बात सुन सब वहां के मौसम के बारे में सोच कर खुश हो गया ।





    चारों केंटिन में जाने कि योजना बनाने लगे टिकटड का काम नील और आरव को सौपा गया वो लोग फ्लाइट से नही जा रहे थे बल्कि ट्रेन से जा रहे थे क्योंकि दिल्ली से देहरादून का सफर महज 5 घंटे या 6घंटे का था  और उन सब का मानना था की जो मजा ट्रेन के सफर में है वो और किसी में नही  सब कुछ बातचीत करके योजना बना के सब घर लोट आए  ॥



    अगला दिन जाने की तैयारी मे हि निकल गया  ..................................।





    _______💚TO BE CONTINUE💚_______

    आखिर क्या रंग लाएगी ये ट्रिप? क्या इस ट्रिप में आरव अनिशा एक दूसरे के करीब आ पाएंगे ?


    अगर जानना है तो पड़ते रहे मेरी ये कहानी और बने रहे मेरे साथ उससे पहले मुझे कमेंट करके ये जरूर बताए कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है 🙂🙂🙂🙂


    ✍ सुधा यादव

  • 10. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 10

    Words: 3393

    Estimated Reading Time: 21 min

    अनीशा का रूम 



    सुबह (10:00 am)


    अनिशा मिशा अपने कपड़े रख रही थी नील आरव के घर पर था अनिशा बार बार नील को कॉल कर रही थी लेकिन नील कॉल पीक नहीं कर रहा था! जिससे अनु का पारा बड़ रहा था क्योकि 10 बज चुके थे और 12बजे की ट्रेन थी पर अभी तक टिकट का कोई अतापता नही था। 

    अनिशा झल्लाते हुए फोन को देखते हुए बोली - "यर इन दोनों को न कुछ बोलना हि नही चाहिए था खुद हि कर लेती तो ठीक था इन दोना का कोई भरोसा नहीं है पता नही टिकट्स निकलवाई भी है कि नहीं.... बस लम्बी लम्बी फैंकी है कि हम कर लेंगे तुम टैंशन मत लो हम है न.... हुँह" 

    मिशा एप्पल खाते हुए शांति से बोली - " जस्ट चिल स्वीटहार्ट तु क्यो इतनी टैन्शन ले रही है फालतू में...अरे टिकट्स की बुकिंग नॉटिफिकेशन और ऑनलाइन पिक है न तो क्या तू उन कागज के टुकडो के लिए परेशान हो रही है....आ जाएगा ले कर क्या पता उसके पास हो"   

    दोनों अपने में लगी हि थी कि तभी वहां सांची काव्या आ जाती है सांची 2 कोफी अनिशा और मिशा को देती है खुद भी  ले कर बैठ जाती है फिर अनिशा का चहरा देकर बोलती है , "क्या हुआ मेरी प्यारी नंनद को इतनी परेशान और चिडचिडी सी क्यों हो रखी है.....तुम्हे तो खुश होना चाहिए फाइनली तुम अकेले देहरादून जा रही हो अपने दोस्तों के साथ पर तुम तो हिटलर बनी खड़ी हो " ।। 

    मिशा कॉफी का शिप लेते हुए बोली - "अरे भाभी आपको तो पता है मैडम का पारा चोबिसो घंटे चड़ा रहता है....तो बस वही थोडा सा बड़ा हुआ है मैडम का गुस्सा.....क्योंकि इन के पास टिकट् का प्रीन्ट आऊट  नहीं आया और वैसे भी मुझे पता है ये तो बहाना है असल मे  इसे आरव से लड़ना है क्योंकि कल पूरा दिन लड़ी नहीं है न उससे '' उसकी इस बात पर अनिशा फेर कर उसे मरती है और मीशा उस तकिये को पकड़ लेती है ।।

    सांची और काव्या दोनों ही एक साथ बोली "ये आरव कौन है ?? और ये किसकी बात कर रही हो ??       

    मिशा दोनों को समझाते हुए बोली = "अरे या भाभी आरव वही जो अनाया की शादी में मिला था और जिसकी अनु से बिल्कुल नही बनी थी  बार बार टकराते थे और यहां भी दोनो मिले फिर से लेकिन यहां भी एक दूसरे के जानी दुश्मन बने पड़े है 🤔 क्यों आपको इसने कुछ नही बताया ...... चलो कोई ना मैं बताती हूँ '' फिर वो कॉलेज के पहले दिन से लेकर अबतक का सारा खिसा बताती है काव्या सांची ये सून कर खूब हंसती है 

    उन्हें हंसता देख अनिशा चिढते हुए मिशा को घूरते हुए बडबड़ाती है , "कैसी कंजर दोस्त दी है भगवान....इसने सारी इज्जत का फालूदा कर दिया"।     

    काव्या अपनी हसी केंद्रोल करते हुए बोली - "मतलब दिदू कोई तो मिला आपको आपकी टक्कर का एकदम प्रफेक्ट है खुब जमेगी आप दोनो की जोड़ी और वैसे भी दिदू मैंने सुना है प्यार की शुरुआत लडाई से होती है '' काव्या की इस बात पर अनिशा उसे मारने के लिए दोड़ती है दोनो तीनो ऐसे लड़ाई और मस्ती करते हुए तैयारी करती है।           


    आरव का घर     



    आरव विवान आपनी पैकिंग कर रहे थे या ये कहो पैकिंग कम और कपड़े फैला ज्यादा रहे थे.....नील पबजी खेल रहा था तभी उसकी नजर अनिशा की मिस्टकॉल पर गई वो झट से उठा और अनिशा को कॉल बैंक किया कॉल पिक होते ही अनिशा फट पड़ी , "अबे कंजर ! कहा है तू 10:३० बज रहे हैं। 12:00 बजे की ट्रेन हैं एक घंटे में निकलना है और अभी तक टिकट का कोई अतापता नहीं है.....पता नहीं तुमने बुक भी किया है कि नही अभी देख अगर लास्ट मूवमेंट में मुझे ऐसा कुछ पता चला और कोई दिक्कत हुई.....मुझे मेरे मोमोस की कसम तुम दोनो को उसी चलती ट्रेन से बाहर फैक दूंगी देख लेना....अब कुछ बोलेगा भी '' 

    नील जो फोन को कान से दूर करके अनिशा की खड़ीखोटी सुन रहा था वो फोन को कान पर लगा कर बोला - "अरे मेरी फिमेल हिटलर तु कुछ बोलने देगी तब हि तो बोलगा.... तु तो अपनी मधुर वाणी में मुझे संगीत सुना रही थी और रही बात टिकट की तो तु उसकी टैंशन  मत ले.....तु तो बस पैकिंग कर बाकी हम पर छोड़ दे हम बस अंधे घड़े में आते है तुम दोनो रेडी रहना बस.... चल जा बाय '' और वो फोन रखकर एक लंबी साँस खींचता है वो रूम में आता है और आरव को बताया

    आरव कुछ याद आता है तो वो बोलता है , "ओ शीट  हम भूल कैसे गए अगर उस हिटलर को पता चला न तो तेरा तो पता नही लेकिन मेंरी बाॅडी का एक भी हिस्सा नही छोड़ेगी ''  फिर विवान से जाने को  बोलता है 

    विवान मुँह बना के बोलता है  - " चल बे में नही जा रहा जा कर अपना काम स्वम करे मैं नहीं जाने वाला कही "।।    

    आरव उसे बहलाते हुए बोला  - "देख अगर तु मेरा काम कर देगा न तो पक्का मिशा के लिए तेरा कुछ सोचेंगे अब तेरी शक्ल को देखकर वो ना बोल दे वो अलग बात है (ये सुन कर नील की हसी छूट गई विवान ने उसे घुरा नील कान पकडकर सॉरी बोला) 

    विवान उसे घुरते हुए बोला  = "अबे साले एक बात बता तू मेरी मदद कर रहा है या मेरी बेज्जती कर रहा है"।।   

    आरव उसे बेहलाते हुए बोला  = "अरे मेरे सस्ती फिल्म के कार्तिक आर्यन......मैं तो तेरी मदद कर रहा हूँ अब तू ये सब छोड़ और जाकर मेरी और नील की टिकट ले आ और उन दोनों और अपनी टिकट का ओरिजनल प्रिंट भी....फिर हम पक्का मिशा के दिल में तेरे नाम की घंटी बजावा देंगे '' बहुत बेहलाने फुसलाने के बाद उसने आखिर विवान को मख्खन लगा कर भेज हि दिया फिर एक लंब सांस ली और कपड़े लेकर बथरूम में चला गया । 

    नील बालकनी में आकर काऊन पर बैठ गया  तभी अवनी आरव को खोजते हुए उसके कमरे मे आई लेकिन उसे आरव नही दिखा तो वो बालकनी में देखने आई.....वहां नील बैठा दिखा उसकी पीठ अवनी के तरफ थी तो अवनि को लगा वो आरव है वो उसके पास जाकर पीछे से गले लग गई और खुश होते हुए बोलती है , "भाई....भाई.....आप न वर्ल्ड के बेस्ट भाई हो आपने वो ड्रेस खरीद ली थी मेरे लिए और मुझे बताया भी नही सिर्फ मुझे नाराज करने के लिए.....पर अभी जब मैंने अपनी अलमेरा में वो र्डेस देखी तो बहुत खुश हुई.....थैक यू भाई.....आई लव यू सो वेरी मच"

    नील जो अब तक बस बर्फ सा खड़ा हुआ  था अवनी के स्पर्श से उसके दिल की धडकने बुलेट ट्रेन से भी तेज हो गई थी वो खुद को सम्हालते हुए बोला , " मैं नील हुँ अवनी आरव बाथरूम में है " 

    नील नाम सुनते हि अवनी ने झटके से नील से अलग हो जाती है अभी वो इतनी खुश दिख रही थी पर अब उसके चहरे पर कोई भी भाव नहीं थे नील की तरफ नजर उठा कर भी नही देखती और मुडकर जाने लगती है पर नील से अब और बेरुखी बर्दाश नहीं हुई उसके अवनी का हाथ पकडकर उसे रोक लिया! उसका स्पर्श पाते हि अवनी ने अपनी आंखे बंद कर ली और अनायास हि आंसू की एक बूंद निकल कर उसके गालो पर आ गई! फिर हिम्मत करके उससे नील से कहा , "हाथ छोड़ीए मेरा मिस्टर नील खुरान्ना आपकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरा हाथ पकड़ने की.... जा कर उसका हाथ थामिए जहां आपको सुकून मिलता है ..... सो प्लीस लीव माई हैंड" 

    नील को अब बिल्कुल बदार्श के बाहर हो गया उसने खींच के अवनी को अपनी करीब किया अवनी की पीठ नील के सीने से लगी थी  उसने उसके कान मै एक गुस्से बरे लहजे में कहा, "मैंने हज़ार बार बोल दिया कि तुमने उस समय जो देखा वो वैसे नहीं था जैसा तुम समझ कर बैठी हो वो सिर्फ़ एक गलतफहमी थी बस "  

    अवनी बोलने को हुई तब तक बाथरूम का गेट खुलने की आवाज आई नील ने अवनी को खुद से दूर किया अवनी वहां से सीधा अपने रुम में चली गई नील नॅर्मल हो कर काऊच पर बैठ गया ......

    आरव नहा कर आया सीक्स पैक ऐप्स बिखरे बाल और उससे टपकती हुई पानी की बुंदे (उफ्फफ कितना हॉट लग रहा था वो अगर अनु देख लेती तो फिदा ही हो जाती )आज तो एकदम कहर ढा रहा था वो....उसने ब्लू जींस ,वाईट टि शर्ट के ऊपर डेनिम की जैकेट डाली.... वो खुद को आइने में देकर बोला , "अरे वा आरव बाबू आज तो तू बड़ा स्मार्ट लग रहा बस ये उसे भी दिखे ताकि दिल के तार उसके भी झंझनाए " थोड़ी देर बाद नील विवान के साथ निकल गया  ।

    अनिशा के घर के बाहर उन दोनो का वैट करने लगे तभी सामने से अनिशा आई..... उसे देख कर आरव के चेहरे पर स्माइल आ गई उसकी आंखे झपकना ही भूल गई ( आज अनु ने भी वाइट क्रोप टोप के ऊपर डेनिम की जैकिट और सील्वर फूल लेंथ स्कर्ट पहनी थी बालो का हाई बन बनाया हुआ था )

    दोनो आई और सब निकल गए अपने सफर पर.... स्टेशन पहुंच कर सब ट्रेन में चढ़ गए सब अपनी अपनी सीट पर पसर गए अपने अपने समान रखे और बैठ गए दोनो लडकियो ने खिडकी की सीट पहले हि हडप थी ली ।।

    अंधे घंटे का सफर कट गया तो मिशा को बोरियता होने लगी तो वो बोली , "यार चलो न कुछ खेलते है "

    "क्या खेलेगी छिपकली " नील ने कहा तो मिशा चिढ़ गई और उसे मारते हुए बोली , "चल बे झिंगुर मैं किस एंगल से छिपकली दिखती हु " नील उसके बाल खींचते हुए बोला  "हर एंगल से....यकीं नहीं है तो पूछले '' 

    मिशा मुँह बना के बोली - "अच्छा जी अभी पूछवाती हूँ '' फिर उसने अनु को देखा तो वो सर खिड़की से टिका कर बैठी थी तो उसने उसे कुछ नहीं कहा उसने आरव को देखा तो आरव भी काॅल पर था....तो वो विवान से बोली , "विवान जी" (मिशा इतने प्यार से बोली की विवान के हाथ से फोन गिरते गिरते बच गया)

    विवान सम्हलते हुए बोला - "ज्....जी....जी बोलिए " ।।

    मिशा मासूम सा चहरा बना के बोली - "क्या मैं आपको छिपकली दिखती हूँ " 

    विवान उसे देखा प्यार से बोला - "जी बिल्कुल नही ....किस गधे में बोला ऐसे आप को ......आप तो बला की खुबसुरत है "  मिशा शर्मा गई विवान उसे देखने लगा और नील ये देख कर सर पीट लिया 

     कुछ देर बाद मिशा बोली , "गाइस चला ट्रुथ एन डेयर खेलते है '' कोई सुना नही तो उसने सबके फोन उनसे छीन लिए अब सबका ध्यान सिर्फ मिशा पर था उसने मुस्कुराते हुए बॉटल घुमाई सबसे  पहले विवान का नंबर आया ।।    

    नील ने विवान से पूछा कि वो ट्रुथ लेगा या डेयर तो विवान ने कहा कि वो ट्रुथ लेगा फिर नील ने उससे कहा , "आके तो बता तेरी अभी तक कोई गर्लफ्रेस बनी है या नहीं और अगर हां.... तो कितनी"  
       
    विवान = "तुझे पता है साले एक भी नही है......बट अब शायद बन जाए (उसने मिशा को देखते हुए कहा मिशा ने सुन कर अपनी पलके झुका ली ) 

    उसके बाद नील की टन आई उसने भी ट्रुथ चुना मिशा ने कहा , " हां तो बता कि तुने किसी लडकी को डेट किया है और किया है तो कितनी " 

    नील चहरे पर चमक लाते हुए बोला , " हाँ! किया है पर सिर्फ एक ही है जो इस दिल में आई उसके अलावा किसी को जगह नहीं दि " मिशा ने जब नाम पूछा तो नील ने बहाना बना दिया मिशा ने भी उससे ज्यादा जोर जबरदस्ती नहीं कि फिर आई आरव की बारी उसने ड्रेयर चुना । 

    उसको डेयर मिशा ने दिया वो उससे बोली .... " तो आरव बाबू खतरो से खेलने का शोक है न आपको तो चलो आपका डेयर ये है कि आपको अनु का हाथ पकड के उसकी आंखो में आंखे डाल के एक रोमेंटिक गाना गाना होगा बोलो मंजूर है '' 
      
    उसकी बात सुन कर अनिशा बस मिशा को घुरने लगी वहीं आरव की तो हालत खराब हो गई ये सुन के पर उसने हिम्मत करके "हा" बोला और अनिशा को आंखो हि आंखों मे बोलने लगा , "इज्जत का सवाल है .... प्लीस " अनिशा ने "ना" में गर्दन हिला दि आरव उदास हो गया । उसे ऐसे देख अनु थोडा मुस्कुराई और बोली "ओके" उसकी आवाज़ सुन आरव के चहर पर ये सुन मुस्कान आ गई उस ने अपना हाथ अनिशा के सामने किया अनिशा ने झिझकते हुए अपना हाथ उसके हाथ में रखा आरव मे अनु का हाथ हल्का सा पकडा और उसकी आंखो में देखते हुए गाना शुरू किया ........


    चल दिया....दिल तेरे पीछे पीछे....देखता मैं रह गया 
    कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ....जो अनकहा सा रह गया
    मैं जो कभी कह ना सका....आज कहता हूँ पहली दफा 
    दिल में हो तूम आँखों में तुम....पहली नज़र से ही यारा 
    दिल में हो तुम आँखों में तुम....पहली नज़र से ही यारा 
    ये इश्क की है साजिशें....लो आ मिले हम दोबारा
    दिल में हो तूम आँखों में तुम....पहली नज़र से ही यारा 


    अनु आरव की आवाज़ और उसकी उन गहरी काली आंखों मे खो गईं थी .......दोनों ऐसे एक दुसरे मे खोए थे .......और बाकी तीनो (मिशा नील विवान ) कभी अनु को तो कभी आरव को देख रहे थे ..... 

    नील ने आरव को हिलाया तो दोना होश में आए अनु ने आरव के हाथ से अपने हाथ खिचा और खिडकी से बाहर देखने लगी आरव कॉल का बोलके वहां से चला गया उन दोनों की हरकत देख कर तीनो की हसी छूट गई  । करीब 4-5घंटे बाद ट्रेन देहरदून पहुँच गई.....!



    सब देहरादून पहुँच गए.... सब अपना समान लेकर बाहर आए ! 


    वहां का नजारा देखकर पांचो की ही आंखे चमक उठी होटो पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई! वहां का मौसम इस समय इतना सुहाना हो रखा था कि देखने वाला अपना दिल हार जाए! बड़े बड़े पहाड़ जो बर्फ से ढका हुआ था चारो तरफ पेड पोधे उस पर भी हल्की बर्फ थी.... शाम का समय और मौसम खराब होने से आसमान में काले बादल छाए थे हल्की हल्की बारिश भी हो रही थी कप कपाती ठंड चारों तरफ छाई धुंध और सडको की स्ट्रीट लाइट में देहरदूत और भी खुबसूरत लग रहा था

    पांचो वहां के वातावरण में खोए थे .....तभी उन के गाइड टीचर उनके पास आए और वो थोडे से परेशान थे वो बोले , " बच्चो एक प्रोब्लम हो गई है ......जिस साइड हमारा होटल है वहां लैंड स्लाइड हो गया तो रास्ता ब्लॉक है ......आज जाना प्रोसिब्ल नही है और हमें कोई होटल में रूम भी नहीं मिल रहा । 

    " तो सर अब हम क्या करेंगे  कहां जाएंगे और  रात भी  होने वाली है '' अनिशा सर कि बात को सुन परेशान हो के बोली 

    सर नम स्वर में बोले - "हम ट्राए कर रहे है बच्चे बट कोई हल नहीं निकल रहा मौसम भी खराब है"       

    आरव कुछ सोचते हुए बोला - "सर मेरे पास एक रास्ता है ___यहां मेरा फार्म हाउस है ____आप लोग बोलो तो मैं बाबा सा से वहां का ऐड्रेस लू ___क्योंकि मौसम भी बहुत खराब है ____रात भी होने वाली है तो कोई और रास्ता नही है "।।

    सबने इस पर सहमती जताई कोई ओर चॉइस भी नहीं थी आरव ने रघुवीर जी से फार्म हाउस का ऐड्रेस लिया जो कि होटल के अपोजिट ड्रेक्शन में था और अंधे घंटे का रास्ता था सबने एक बस बुक की और चल दिए । करीब 30-45 मिनट में वो लोग एक बहुत ही सुन्दर से फार्महाउस के सामने थे । उसके पीछे लबे लबे पेड एक सुन्दर सा गार्डन  पूरा घर बराऊन बूडन और स्टोन से बना था और वो woodhouse बहुत ही खूबसूरत  था  । 
                                                         
    "यार आरव  तुम्हारा फार्महाऊस तो बहुत सुन्दर है '' मिशा ने घर को देखते हुए कहा उसकी बात सुन कर आरव हल्का सा मुस्कुराया और सबको लेकर अंदर आ गया घर अंदर से भी बहुत सुन्दर था उसका इंटीरिय पूरा बूडन का था । 
                                                                      
    सब अंदर आए घर देख कर सब बहुत ज्यादा खुश थे और तारिफ भी कर रहे थे आरव ने सबको उनके रूम बताए और सब फ्रेश होने चले गए फ्रेश हो के सब खाना खा कर आराम करने चले गए । सफर की थकान से सब जल्दी हि सो गए सिर्फ़ आरव को छोड़ कर.....वो यहां आ कर वो थोड़ा उदास हो गया था वो बाहर बेकयार्ड मे बोनफायर के पास बैठा था .....

    वहीं अनु को भी नींद नही आ रही थी वो बालकनी में घूम रही थी तभी उसकी नजर आरव पर पड़ी उसे देख कर अनु बस उसे देखती रेह गई..... आग की लपटो के बीच से दिख रहा आरव का चमका तेज से बरा चेहरा उसके बिखरे बाल लाल हो चुकी आंखे वो एकटक सामने देख रहा था उसकी लाल आखे देख अनु बैचेन हो उठी वो वहां से सीधा नीचे चली आई ......

    अनु आरव के पास जाकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोली - "क्या में यहां बैठ सकती हूँ " 

    अनु की आवाज सुन आरव ने उसको बिना देखे "हा" में सर हिला दिया 

    अनु आकर उसके बगल मे बैठ गई और उसकी तरफ मुंह करके बोली - "तुम रो क्यों रहे हो"..... ये सुन आरव हैरान नजरो से उसे देखने लगा ।।

    अनु बिना भाव के सामने जल्दी आग को देखते हुए बोली , "ऐसे मत देखो .... मुझे कैसे पता चला यही सोच रहे हो न ..... तो तुम्हारी ये लाल और नम आखे बता रही है .... कि तुम रो रहे थे ..... हर मुस्कुराते चहरे के पीछे कोई न कोई दर्द जरूर छुपा होता है अगर कोई दर्द या कोई बात है तो तुम मुझसे शैयर कर सकते हो दिल हल्का हो जाएगा ''   

    आरव बस उसे एकटक देखा जा रहा था फिर वो बोला "क्या तुम मुझे झपी दे सकती हो " अनु हैरानी से बोली "क्या"  

    आरव मासूम सा फेस बना के बोला - "मां सा कहती थी कि जब भी उदार हो तो एक झपी पा लेना सुकून मिलेगा .... तो क्या तुम मुझे एक झपी दोगी प्लीज '' वो इतनी प्यार से बोला की अनु का दिल भी पिघल गया और उसने मुस्कुराते हुए आरव को एक टाइड हग कर लिया आरव को बहुत सुकून मिला ।

    आरव उसके गले लगे हुए नम आवाज़ मे बोला - "पता है मैं यहां कभी नही आया ..... ये फार्म हाऊस माँ सा ने बनवाया था ..... यहां कि एक एक चीज उन्होंने खुद बनवाई थी ..... आज यहां आकर मां सा की यादे ताजा हो गई ......बस इसलिए खुद को रोक नही पाया"    

    अनु उसकि पीठ को प्यार से सेह्लाते हुए बोली - "तुम्हारी माँसा जहाँ भी होंगी क्या उन्हें आपने बच्चे को उनकी वजह से रोता देख अच्छा लगेगा अगर तुम ऐसे रोते रहोगे तो उन्हें भी बुरा लगेगा न तो चुप हो जाओ और वैसे भी तुम मुझसे लड़ते हुए और मुझे परेशान करते हुए अच्छे लगते हो ..... ऐसे रोतलु से नही 'ऑके' तो चलो अब नॉर्मल हो और जा कर सो जाओ '' 

    आरव उससे अलग हो के बोला - "थैंक्यू मेरा दिल हल्का करने के लिए और इस इपी के लिए भी"।।

    अनु हल्का मुस्कुरा के बोली - " इट्स ऑके अब तुम भी  दोस्त हो तो इतना तो कर सकती हूँ  न "

    आरव आंखे बड़ी करके बोला - " क्या.....क्या  कहा तुम ने दोस्त ....मतलब तुमने मेरी दोस्ती एक्सेप्ट करली " ।

     "हम्म "   अनु ने बिना किसी भाव के धीरे से कहा आरव खुश हो गया दोनो ने एक दूसरे को "गुड नाइट" बोला और सोने चले गए । 

    आज तो आरव को बहुत अच्छी नींद आने वाली थी क्योकि आज उसका दिल थोडा हल्का हुआ और दूसरा आज अनू से दोस्ती भी हो गई यही सोचये हुए वो नींद कि आगोश में चला गया ।।

    दूसरी तरफ अनु रूम में लेटी यही सोच रही थी की ये जो भी उसने किया आरव को पेम्पर करना क्यो किया ऐसा उसने ..... क्यों उसके आंसू बैचेन कर गए उसे ...... लेकिन उसके चेहर पर सुकून देख कर उसे अच्छा लगा ...... वो ऐसे सोचते हुए मुस्कुराने लगी (वो ऐसा सोचना नही चाह रही थी फिर भी ये बाते उसके दिमाग में आ रही थी) ___इन्ही सब में उलझी अनु भी नींद की आगोश में चली गई ।।


    कीप स्पॉटिंग .... कीप रीडिंग ☺️☺️


    _________________________________🖤TO BE CONTINUE🖤 ______________________________



    ✍✍ सुधा यादव

  • 11. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 11

    Words: 1467

    Estimated Reading Time: 9 min

    देहरादून 
    आरव का फार्म हाउस 
    सुबह 7 बजे


    सुबह हो चुकी थी,,,,, सूरज अपनी लालिमा चारों तरफ बिखेर रहा था,,,,,पहाडो के बीच से झाकते सूरज की रोशनी वहां के सौंदर्य को और निखार रही थी,,,,,,अभी सुबह के सात बज रहे थे,,,,,, इतना सुहाना मौसम हो रखा था कि किसी को अपनी रजाई से निकलने का मन हि नही था,,,,,,,,, सिर्फ आरव गार्डन में जिमींग कर रहा था !!!      

    ऊपर कमरे में खिड़की से आती सूरज की हल्की किरण अनीशा के चेहरे पर पड़ रही थी और उसकी नींद में रोडा डाल रही थी,,,,,,, परेशान हो कर अनु झुंझलाते हुए उठी और खिडका का पर्दा लगाने चली गई पर,,,,,,,,वहां जब वो खिडकी बंद करने जा रही थी तो गार्डन में पूशअप करते आरव पर उसकी नजर चली गई उसे देखते ही अनु की सारी नींद ही छुमंत्र हो गई । 

    आरव ने ट्रेक पैंट टीशर्ट पहनी थी चेहरा लाल हो रखा था ,,,,,,,,, इतने अच्छे और ठंडे मौसम में भी उसे पसीने आ रहे थे सूरज की रोशनी में वो और भी ज्यादा आकर्षक लग रहा था ,,,,,,,,, अनु एकटक उसे देखती रही जब आरव खड़ा हुआ और बॉटल से पानी मुंह पर डालने लगा तभी उसकी  नजर ऊपर खड़ी अनु पर गई जो उसे ही देख रही थी तो उसने इशारे से उसे पूछ,,,, "क्या हुँ" !!!!

    अनु को होश आया आरव को अपनी तरफ देखता पाके वो हड़बड़ा के पिछे हुई और "ना"  में अपनी गर्दन हिलाई और जल्दी से पर्दा बंद कर दिया और आकर बैंड पर बैठ गई अपने सर पर हल्की सी चपत लगाई और अपनी ही हरकतो पर मुस्कुराने लगी । नीचे आरव भी उसकी इस हरकत पर मुस्कुराए बिना नहीं रह पाया और मुस्कुराता हुआ अंदर आ गया !!!     

    अनु बेड पर बैठी बडबडा रही थी " ये कैसी छिछोरी वाली हरकत थी,,,,,, अनु कैसे देख रही थी तू उसे,,,,, देख क्या रही थी तू तो ताड रही थी उसे वो क्या सोचेगा तेरे बारे में की,,,,,,,, मैं छुप के उसे देख रही हूं पर मेरी क्या गलती है नजर चली गई,,,,, वो इतना क्यूट और स्वीट लग रहा था तो नजर नही हटी .......लेकिन तू ये क्या क्या बकबक कर रही है अनू,,,,,,तू  सच्ची में पगला गई है '' 

    उसकी अपने आप से बाते नॉन स्टोप चालू थी बगल में सोई मिशा कब से उसकी बडबड से परेशान हो रही थी!

    इरिटेट होते हुए मिशा ने एक तकिया अनू पर फेक कर मारी और झुंझलाते हुए बोली ... " अबे ओए चुड़ैल पागल वागल हो गई है क्या,,,,,,,,क्यों ये  मंतर फूंक रही है सुबह सुबह ..... देख तुझे जो भी जादू टोन्ना करना है न वो बाहर जाके कर मेरी नींद मत खराब  कर फालतू में समझी !! '' और वो दुबारा चर्द तान कर सो गई   

    अनु उसके कंबल खिचते हुए बोली - "अबे ओ कंजरिया उठ जा सुबह के 8 बज रहे है कब तक सोएगी,,,,,,कुंभकरण की नानी बनी पड़ी है ,,,,उठ जल्दी चल '' 

    मिशा कम्बल वापस खिलते हुए - "क्या यार सोने दे न क्यो नींद की दुश्मन बनी पडी है,,,,,, आज खुद जल्दी  ऊठ गई तो कुछ ज्यादा महान बन रही है,,,,,,,मै तो बोलती हूँ तू भी सो जा यार,,,,,, देख कितना अच्छा मौसम हो रखा है हल्की धुप के साथ हल्की फुल्की बुंदा बंदी और ठंडी ठंडी हवा ,,,,,,,,वाओ  ऐसे सुबह हो न तो मै तो सोई रहूँ  '' 

    " ओए ज्यादा आलसी मत बन और  ऊँठ जल्दी  अभी हमे नीचे नाश्ता रेडी करना होगा और कोई है भी नहीं यहां तो चल जल्दी... मैं एक और बार नहीं बोलूंगी इस बार सीधे  ठंडा पानी मुंह पर उड़ेल दूंगी समझी सिर्फ 5 मिनट है  तेरे पास '' इतना बोलकर अनु बाथरूम में चली गई थोड़ी देर बाद दोनो रेडी हो कर नीचे चली आई ,,,,,,,,,

    दोनों नीचे आई तो किचन से आवाज आ रही थी  दोनों किचन की ओर चली आई वहां का नजारा देख दोनो की आँखे  बड़ी बड़ी हो गई फिर अचानक दोनो जोर जोर से हंसने लगी,,,,,,,,( दरसल हुआ ये था कि आरव वहां पर था और शायद नास्ता बना रहा था या ये बोलो की किचन का सत्यानाश कर रहा था ,,,,,,उसके कपडे पर चेहरे पर और किचन से फ्लोर पर आंटा फैला था जैसे वो खाना नहीं  बना  रहा हो ,,,,होली खेल रहा हो ) ........... हंसी की आवाज सुन कर आरव उनके तरफ पहला और आंखे दिखाते हुए बोला...... "कुछ ज्यादा ही दांत नही निकल रहे तुम दोनो लोगों के ज्यादा हसी आ रही तुम्हे "    

    अनु हंसी को रोकते हुए बोली - ये क्या हालत बना रखी है???  तुमने किचन की और खुद की भी नास्ता बना रहे हो?? या होली खेल रहे हो !!

     " वो में ब्रेकफास्ट बना रहा था ,,,,,, तुम सब मेरे मेहमान हो तो तुम से थोड़े काम कराऊंगा '' आरव ने मासूम सा फेस बना कर कहा 

    मिशा कमर पर हाथ रख उसे घुरते हुए बोली - "ओ हैलो मिस्टर क्या मेहमान हा ,,,,,हम मेहमान नही दोस्त है तुम्हारे समझे की समझाए और जब काम नही आता तो कर क्यों रहे हो पूरा किचन का हल बेहाल कर दिया और खुद को भी आटा बाबा बना लिया एक काम करो जाके तुम पहले अपना हुलिया ठीक करो ब्रेकफस्ट हम दोनो बना लेंगे ''

    अनु जो खड़ी होके आरव की शक्ल देख कर हस रही थी! आरव के चेहरे पर भी आटा लगा था! आरव ने देखा तो उसके  दिमाग में झोल सुझा उसने मिशा को "ठीक है " कहा और बाहर जाने लगा पर फिर अनु के पास से निकलते हुए उसने अपने हाथो में लगा आटा अनु के गाल पर लगा दिया अनु ने गुस्से में उसे घूरा ।

     आरव भी अपने दांत दिखाते हुए बोला "क्यों अब हसी नही आ रही अभी तो बड़ा हंस रही थी अब हंसो '' फिर उसके थोड़ा करीब जाके उसके कानों में बोला "अब तो तुम्हारे ऊपर्  मेरा रंग चढ़ गया" इतना बोल वो  मुस्कुराते हुए वहा से चला गया । 

    अनु अभी भी वही खड़ी उसके बातो का मतलब समझने की कोशिश कर रही थी! मिशा की आवाज से अनु का ध्यान टूटा तो वो ये बात इग्नोर करते हुए अंदर आ जाती है! वॉश्बेसन में अपना मुंह धोती है और फिर दोनो सबके लिए नाश्ता बनाती है ..... इनका सेमीनार मौसम ख़राब होने की वजह से कैंसल हो गया था और उन्हें अब वापस दिल्ली जाना था आज का दिन उनको घूमने को मिल गया !!!! 

    थोड़ी देर बाद सब रेडी होके हॉल में आ गए! सबने नाश्ता किया और सर के साथ निकल पड़े देहरादून की सैर करने ,,,,,,,आज सब उल्टा था आज आरव अनु को नही अनु आरव को निहार रही थी आज सुबह से पता नही क्यों पर न चाहते हुए भी अनु आरव की तरफ खींची चली जा रही थी ...... वैसे आज आरव बोहोत स्मार्ट लग रहा था आज उसने रेड हुडी पहनी थी और ब्लैक जींस बाल माथे पे आ रहे थे जिससे वो और भी क्यूट लग रहा था मिशा ने अनु को यू आरव को देखता देखा तो उसे कोहनी मरती हुई बोली ,,,,,,

    "क्या बात है मैडम बड़े प्यार से देख रही हो कही ...... '' वो आगे कुछ बोलती उससे पहले अनु उसे घूरते हुए बोली ''

     "ज्यादा न अपना ये फालतू का दिमाग मत चला समझी जो ये  उलजलूल तेरे दिमाग में चल रहा है न निकल दे समझी.....चुडैल कुछ भी बकी जा रही है पागल '' और इत्ता बोल वो बहार देखने लगी"

    आधे घंटे बाद सब देहरादून के प्रसिद्ध मंदिरों में से  एक *टपकेश्वर महादेव के मंदिर* पहुंचे ______(टपकेश्वर देहरादून के पास मौसमी एशियन नदी के तट पर भगवान शिव का एक प्रसिद्ध पवित्र मंदिर है,,,,, माना जाता है कि यहा की गुफ़ा में बोहोत पुराने शिवलिंग स्थापित है और लोग इसे ही देखने आते है !! )_______सब उतर के अंदर गए दर्शन किया और नदी के तट पर आ के फोटो लेने लगे एक घंटे वहा घूम कर सब लोग झील देखने चले गए कुछ घण्टे वहा मस्ती करने के बाद सब वापस आ गए! सब काफी थक गए थे तो आते ही सब बिस्तर पर पसर गए!! 

    अगले दिन सब दिल्ली के लिए निकल गए थे_____भले यहां कुछ नहीं हुआ पर ____अनु के दिल की घंटी जरूर बज गई !! अब देखना है कि प्यार कब होगा हमारी लेडी सिंघम को हमारे क्यूट से हीरो से 😊😊😊

    _________________❤️To Continue____________

    अगर आप सबको ये स्टोरी अच्छी नहीं लग रही तो आप सब बता दीजिये । मैं अब कहानी यहाँ से हटा दूंगी क्योकि मुझे ऐसा लग रहा है कि किसी को इंट्रेस्ट नहीं आ रहा है ना आप सब कमेंट करते है ना review देते है ना रेटिंग देते है । मुझे कैसे पता चलेंगा कि आपको स्टोरी अच्छी लग रही है या नहीं । 



    प्लीज पड़ ले बताना जरूर अभी भी कुछ रिस्पॉन्स नहीं आया मैं हटा दूंगी 🙏🙏🙏



    ✍✍ सुधा यादव




    ***************** 



    कीप सपोर्टिंग ☺️


    प्लीज कमेंट इफ यू लाइक द स्टोरी 😇😇


    ✍️सुधा यादव©®

  • 12. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 12

    Words: 2141

    Estimated Reading Time: 13 min

                     




    सब देहरादून से दिल्ली आ रहे थे पर इस बार अनु के दिल के तार झनझनाए जरूर.... आरव को लेकर उसके अंदर एक नया एहसास जगा जो वो खुद नही जान पा रही थी और इस सब से अंजान आरव इस बात से खुश था कि कम से कम अनु की दोस्ती तो उसे मिली इन दोनों के अलावा दो लोग और थे जो एक दूसरे के आंखो में खोए थे जी है हमारे दोनो झले - झली विवान और मिशा और हमारे नील बाबु ऊपर लेट के अपने फॉन में अवनी की तस्वीर देख रहे थे। इसी के साथ देहरादून का सफर खतम हुआ शाम तक सब दिल्ली आ गए ॥ 

                                             _________________________________




    अनीशा का घर   




    अनु नील घर के अंदर आ हि रहे थे कि अनु की नजर सोफे पर बैठी बजुर्ग महिला पर गई! उन्हें देखते हि अनु का चेहरा खिल गया! वो बाग कर उनके पास गई और उनके गले लग गई ॥ 




    " डीडी ( अपनी दादी को अनिशा डीडी बोलती है ) कैसी है आप....आपको पता है मैंने कितना मिस किया आपको '' 




    शोभा जी (अनीशा की दादी मां ) - " मैं तो एकदम ठिक हूँ मेरी लाडो और सिर्फ आपने हमें मिस नहीं किया हमने भी अपनी लाडो को बहुत मिस किया! अब ये रोना बंद करो हमें हमारी लाडो की आंखों में एक बूंद आंसू भी नहीं चाहिए ''


    तभी आयुष भी वहां आ गया  दादी पुत्ती का मिलाप देखकर वो नाटक करते हुए बोला , "हा....हां एक यही तो आपकी पोती है मुझे तो कचरे के दबे से लाया गया है न मुझे तो कोई प्यार हि नही करता हु " उसकी नोटंकी देख सब हंसने लगे! शोभा जी ने दोनो को गले लगाया तभी नील भी लपक पडा और बोला ,"ये क्या बात हुई....जीएफ आपने अपने बीएफ को छोड़ दिया....दिस इस नॉट फेयर "  अब वो भी उनके साथ मिला गया सब बातें करने लगे  और अनु अपनी डीडी की स्पेशल हैड मसाज लेने लगी ॥ 





    आरव का घर




    आरव घर आया आज उसके चेहरे पर एक अलग चमक थी! जो अवनी और सौम्या ने नोटिस कर लिया था ___अवनी तो जानती थी कि किसलिए खुश हो सकता!

    वो भी भाग कर आरव के रूम में गई! आरव बेड पर लेटा छत निहार रहा था । अवनी उसके पास गई ओर बोली , "क्या बात है भाई आज तो बड़े खुश और खिलेखिले लग रहे हो कहीं देहरादून में भाभी ने प्रोपोज तो नही कर दिया न" !



     "नहीं अभी इतनी अच्छी किस्मत कहा पर हाँ दोस्ती जरूर हो गई उससे.... पता हैं वो ना बहुत अलग है जब वो पास होती हैं मुझे अच्छा लगता है मैं अभी कुछ नहीं बोलूंगा....मैं पहले उसे अभी और जानना चाहता '' आरव ने कहा



    अवनी बोली - " बिल्कुल भाई जल्दी मत करना लोगो को पहले समझना चाहिए वरना दिल अपना ही दुखता है '' ये बोलते टाइन अवनी शांत हो गई " !!



    आरव उसकी बात सुनकर उसे देखने लगा और बोला , "ओए तू क्यों इतनी सेंटी हो गई "

    अवनी बात बदलते हुए बोली , "अरे यार क्या भाई आप भी ऐसा कुछ नहीं है आप अभी आए है थक गए होंगे इसलिए आप फ्रेश हो जाओ मैं आपके लिए कॉफ़ी लाती हूं '' आरव सर हिला कर वॉशरूम में कपड़े ले कर चला गया !! 




    अनु का रूम। 



    अनु अपनी दादी की गोद में सर रख लेटी थी! शोभा जी उसके बालो में हाथ घुमा रही थी तभी काव्या अंदर आते हुए बोली , " ये सही है नानी आप तो सारा प्यार दिदू को ही देती हो _____ मुझे तो प्यार ही नहीं करती ना आप" 



    दादी मुस्कुराते हुए बोली - "अरे हमरे जीवन की दो ही तो रानिया है एक ये और एक आप हम दोनों से बहुत प्यार करते है तो आईए हम आपकी भी मालिश करदे" 




    अनु मुँह बना के बोली , "हम्म मतलब थोड़ी फ्री की खातिरदारी देखी नहीं लोगो को जलन होनी शुरू हो गई.....कितने माजे से हेड मसाज ले रही थी मै कि गाओ बसा नही था अभी ये लुटेरी लूटने भी आ गई हूंहु😏😏 ''

    दोनो की तु तू मैं मैं सुन कर दादी बोली , "अरे आप दोनों अब लड़ना बंद करिये और आइए हम आप दोनों की मालिश करते है बारी बारी '' कुछ देर बाद दोनों बाते करते करते सो गई !!





    आरव का घर। 




    अवनी रूम मे कॉफी लेकर आ गई! दोनो बैठ कर बातें करने लगे तभी अवनी का फॉन बजा अननोन नंबर देख कर अवनी ने इग्नोर कर दिया !!



    दूसरी बार में उसने खीजते हुए फॉन उठता और बोली _"हैलो कौन और किससे बात करनी हैं "    



    फॉन के दूसरे साइड से आवाज़ आई अवनी को आवाज़ सुनते ही पता चल गया कि कौन हैं! वो आरव के रूम से निकलकर आपने रूम में आ गई और गुस्से में बोली , "मिस्टर नील खुराना आपकी हिम्मत कैसे हुई मुझे कॉल करने की और मेरा नंबर कैसे मिला आपको "   

    नील (शांत लहजे में बोला ) - "अवनी एक बार मेरी बात सुन लो में बस तुम्हारी गलतफहमी दूर करना चाहता हूं! उसके के बाद में तुम्हे अपनी शक्ल नहीं दिखाऊंगा दूर चला जाऊंगा पर ये बोझ ये इल्जाम ले कर नही जी पाऊंगा कि मैंने तुम्हे धोखा दिया है! मेरा प्यार तुम्हारे लिए सच्चा था और रहेगा! तो प्लीज़ कल शाम सात बजे *रैडिसन ब्लू* में मैं तुम्हारा इतेजार करूंगा एंड आइ होप तुम आओगी सच जानने और एक आखरी बार मुझसे मिलने क्योकि पुरसो मैं हमेशा हमेशा के लिए वापस लंदन जा रहा हूं! क्योंकि तुम्हारे सामने अजनबियों की तरह नहीं रह सकता तुम्हारी बेरुखी और नफ़रत भी सह नहीं सकता तो कल आखरी बार तुमसे मिलकर सब ठीक करना चाहता हूँ.... इंतजार रहेगा तुम्हारा "बाय गुड नाइट" इतना बोल वो फॉन कट के देता है .....




    नील के कहे शब्द अभी भी उसके कानो में कुंज रहे थे! अवनी फॉन को एक साइड रखके सोचने लगती है! उसके आखों में आंसू आ जाते है! थोड़ी देर बाद वो उठती है और बाथरूम में चली जाती है.... उसने सोच लिया था कि उसे क्या करना है ।


    वहीं अवनी की ये हालत कोई और भी था जो  देख रहा था वो था आरव !!!




    आरव उसे देखते हुए मन में , "जानता हुँ बच्चे तु नील से और नील तुझसे कितना प्यार करते है! दिखता है तुम दोनो की आंखो में पर ये नहीं पता था वो प्यार तुम दोनो का एक दूसरे के लिए था! वो तो उस दिन कमरे में तुम दोनो की कुछ बाते सुनी तो पता चला .....बट आई प्रोमिस मैं ठीक कर दूंगा सब मेरी प्रिंसिस की आखों मे एक आंसु भी नही देखना मुझे '' और वो अपने कमरे में आ गया!!!!
















    _____________________अगले दिन__________________  













    अनीशा मीशा नील आरव और विवान पांचो कॉलेज के लिए निकल गए! कॉलेज आ के पता चला कि यूनीवस्टी में फेस्ट वीक शुरू होने वाला है कुछ प्रोग्रामस होंगे तो जिसे भी किसी भी चीज़ में इंट्रेस्ट है वो नाम देंदें और अनिशा को डिन ने बुलाया है ! तो अनीशा वहां चली गई मीशा के दिमाग एक खुरापात सुझी उसने अनिशा (अनु) के साथ तीनो बॉइस  का नाम भी फ्ले में लिखवा लिया और फ्ले का थीम लव स्टोरी था!  







    अनू को डीएन ने एक काम और दे दिया वो था सारे परफॉर्मेंस और पूरे इवेंट का मुआयना करने का जब वो सारे "प्ले ,,डांस"की लिस्ट देख रही थी तभी उसे उसमे अपना नाम दिखा आगे  देखा तो उसके ग्रुप के सारे लोग थे! ये देख कर वो समझ गई ये खुराफात किसकी होगी! वो तुरंत मिशा के पास आई जो अराम से सैंडविच खा रही थी! अनु उसे खिचते हुए बाहर ले गई!!!







    अनु उसे घूरते हुए बोली ," ये क्या खुराफात की है तुने मुझसे पूछे बगैर मेरा नाम प्ले में क्यों दिया"

    मिशा - "तो क्या हुआ यार पहले भी तो किया है इस बार क्यों इतना चीचिया रही है ठंड रख न और वैसे भी इस बार  लव स्टोरी है! हाए बहुत मजा आएंगा देख तु ना मत करीओ"   

    अनु -"नही मैं नहीं करने वाली बस बोल दिया तो बोल दिया" 

    मिशा - "देख अगर तुने नाम हटाया न तो फिर बात मत करियो मुझसे और मै सीरियस हूँ मैं सच में बात नही करूंगी तुझसे आज हटा दें अपना नाम.... मत मान मेरी इत्तु सी बात '' बोल कर वो दूसरी तरफ मूंह फुला करके बैठ गई!

    अनु ने अपना सिर पीट लिया और आखिर में उसे घुटने टेकने पड़े वो बोली , "अच्छा ठीक है मैं करूंगी प्ले अब खुश '' ये सुन मिशा के चेहरे पर एक विजय मुस्कान आ गई और दोनो वापस कैंटिन में आ गए! जहां आरव नील विवान बैठे थे! दोनों ने उनके साथ कॉफी पी और अनु की थोड़ी हैल्प करने लगे फैस्ट की वजह से क्लास लग नहीं रही थी इसलिए !!!!




    अनु हाल के पर्दो को ठीक करा रही थी जमीन पर लाइट की तारे और कई सारे पर्दे कार्पेट पड़ी हुई थी ,,,,अनु पीछे होते जा रही थी तभी वो घूमी और अचानक उसका पैर कारपेट में उलझा और वो पीछे खड़े आरव के ऊपर गिर गई और हाथ में पकड़ा पर्दा उनके ऊपर !!




    अनु का हाथ इस वक्त आरव के सीने पर था! उसकी बड़ती धडकन वो महसूस कर पा रही थी जो उसके इतना करीब आने से बड गई थी! आरव का हाथ अनु की कमर पर था दोनों एक दूसरे की आंखों में खोए हुए थे तभी किसी ने उनका पर्दा खिंचा और उन्हें आवाज दी दोनो होश में आए और खडे हुए! उन्होंने अपना अपना समान लिया और नजर चुराते हुए चले गए ......इस बार अनु का चहरा ब्लश कर रहा था । 




    करीब एक घंटे तक हॉल साफ हुआ और कल से उसे सजाना शुरू करना था उसके बाद  सब अपने अपने घर आ गए! आज सब थक ज्यादा गए थे! तो सब आराम करने चले गए पांच बज रहे थे .......नील को अवनी से मिलने भी जाना था तो अनु को घर छोड के वो हाँटल आ गया !!!







    होटल रेडिशन


    वहां के टैरेस को बहुत सुंदर तरह सजवाया गया था! एक बड़ी सी स्क्रीन लगी थी चारों तरफ अवनी और नील की तस्वीरे थी बीच में एक टेबल रखा था जिसपर एक तरफ शैम्पेन रखा था! एक तरफ अरबियन जास्मीन का बुके रखा था ,,,,,करीब एक घंटे बाद वहां किसी के आने की आहट हुई नील ने अपनी नजर गेट की तरफ कर ली अवनी गेट पर थी दोनो एक दूसरे को देख रहे थे ......अवनी ने जब सजावट देखी तो खुश तो बहुत हुई पर दिखाया नहीं वो धीमे कदम से नील के पास आई और बोली .....




    अवनी - "ये सब क्या है तुमने मुझे सच्चाई बताने बुलाया है ना कि डेट पर" 

    नील (तिरछी मुस्कान देकर बोला) - " इतनी नफरत कैसे हो गई भला....खैर बोले था कि सिर्फ आज और झेल लो कल हमेशा के लिए चला जाऊंगा....पर अगर तुम्हे सच्च पहले जानना है तो रुको फिर '' उसके बाद उसने एक विडियो ऑन की (जिसमे ये सुनाई दे रहा था वो कोई गेम खेल रहे है और वो लोग सिर्फ मजान मस्ती कर रहे है ....प्रोपोज करना ये एक डेयर था जो उसे करना था पर उसे क्या पता था कि ये डेयर इतना ज्यादा खतरनाक होगा ! वीडियो ऑफ हुई अवनी आंखे फाडे नील को देख रही थी और अपनी बेवकूफी पर खुद को कोस्स रही थी फिर धीरे से बोली मतलब ये सब ...... 

    नील - " हों ये सब सिर्फ गलतफेमी थी जो अब शायद दूर हो गई .....तो चलो डिनर करते हैं थोडा सा वक्त है मेरे पास सुबह की फ्लाइट है '' ये सुन अवनी उदास हो गई ......


    अवनी ने रोनी सी सूरत बना के बोला  - "तुम मत जाओ न नील प्लीस" 

    नील ने तिरछी नजरो से अवनी को देखकर कहा "क्या करूंगा यहां रह कर प्यार तो तुम अब करती नही मुझसे सिर्फ़ नफरत और गुस्सा है तुम्हें मुझसे " 

    ये सुन अवनी नम आंखों से बोलीं , "नील मानती हुँ मैने गलती कि पर प्लीस मत जाओ मुझे अकेला छोड़ के... आय रियली लव यू "  नील को ये देखा नहीं गया उसने झट से अवनी को उठा कर गले लगा लिया और बोला , "अरे पागल में नही जा रहा कही में तो ऐसे ही बोला वो सब ..... सच्ची मैं कैसे जा सकता हूं अपनी जान को यहां छोड़ कर आय आल्सो रियली लव यू....तो रोना बंद कर वरना अपने तरीके से चुप कराओंगा " ये सुन अवनी चुप हो गई नील ये देख हसने लगा अवनि झेप गई... उसके बाद दोनो ने साथ में डिनर किया और वापस घर आ गए !!!!





















    प्लीज कीप सपोर्टिग....अच्छी लगे कहानी तो प्लीज डु कमेंट एंड मोटिवेटेड मी 🙏🙏







    (💖!!!!बताना ना भूलना कि आज का नील अवनी स्पेशल पार्ट कैसा लगा !!!!  तो जल्दी मिलते है अबतक अपना प्यारा बनाएं रखना ___तबतक के लिए स्टे सेफ स्टे हैल्थी अंड कीप स्माइलिंग 🤗🤗🤗🤗🤗 और पड़ने के लिए तहे दिल से शुक्रिया हुए।💖 )

    ✍✍ सुधा यादव

  • 13. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 13

    Words: 2048

    Estimated Reading Time: 13 min

    कॉलेज में फेस्ट की तैयारी जोरो शोरो से चल रही हैं (वो क्या है न जब बात स्कूल - कॉलेज की रेपुटेशन की आती हैं तो बच्चे क्या टीचर भी अपनी जी जान लगा देते हैं  ऑपोजिट् वालो से जीतने के लिए,,,,खैर आगे बड़ते हैं)

    आज कॉलेज में चारों ओर फेस्ट की रोनक दिख रही थी चारों तरफ बच्चे अपने अपने परफॉर्मेन्स की तैयारी कर रहे थें....अनीशा और उसके ग्रूप के लोग फेस्ट के लिए पूरी मेहनत से तैयारी कर रहे थें ....... उन्होंने  यूनिवर्सिटी के इवेंट हॉल का नक्शा हीं बदल दिया था जिसे देख डीन सर भी अनीशा से इंप्रेस हो गए थे ।।

    फ्लैश कार्ड मीशा को देते हुऐ अनु ने कहाँ  " देख मीशू होस्टिंग के लिए मैंने तेरा नाम नीलम मैम्म को दे दिया हैं  बस एक मेल होस्ट् चाहिए तेरे लिए बाक़ी परफॉर्मेन्स की लिस्ट और स्पीच तू रेडी कर लीओ ठीक " !!

    मिशा = "हां ठीक है पर लड़के का कुछ बता न यार कल का दिन ही है "!!

    अनु अपने नाखून को चबाते हुए बोलीं , "हम्म्म यार ये बात तो है टाइम कम है और किसी अच्छे और गुड लुकिंग बंदे को ढूंढना पड़ेगा कॉलेज की इज्जत का सवाल हैं किसी ललू को नहीं दे सकती इतनी बड़ी जिम्मेदारी "

    अनू और मिशा मेल होस्ट् की तलाश में इधर से उधर चक्कर लगा रही थी की तभी अनू की नजर सामने से आते विवान पर पडी जो मुस्कुराते हुए उन्ही के पास आ रहा था अनू खूश होके उछलते हुए बोलीं

    अनू -"मिल गया मिशू तेरा कॉ होस्ट् मिल गया "

    मिशा - " कौन हैं "

    अनू - "विवान ....... गुड लुकिंग है इतना क्यूट और स्वीट भी हैं .......तेरे साथ वो अच्छा लगेगा ......तो तय रहा तू और विवान होस्टींग करोगे "।।

    तब तक विवान भी उनके पास आ जाता है एक प्यारी सी स्माइल के साथ दोनो को "हेलो" बोलता है ........तो दोनो भी मुस्कुराते हुएँ उसे "हेलो" बुलती है .........विवान उनसे पुछता है "तो क्या बाते हो रही थी देखा मैंने थोड़ी देर पहले आप दोनो परेशान थी अब बड़ी खुश दिख रही हैं "

    अनू उसे सब बताती हैं फिर बोलती हैं ..... "विवान जी क्या आप हमारी एक छोटी सी मदद करेंगे ??

    विवान - " अरे यार तुम दोस्त हो हमारी और मिशा को देख के मन में (और शायद साली भी ...😍हाए मेंरे ये ख्याल)
             तो बिना किसी झिझक के बस ऑडर करो क्या काम हैं "!!

    अनू - "वो एक्चली हमें एक अच्छा और जो होस्टिंग कर पाए ऐसा बंदा चाहिए ....तो क्या आप मिशा के साथ होस्टिंग कर लेंगे " ????

    विवान तो ये सून खूश हो गया की चलो इसी बहाने उसके साथ टाइम मिलेगा और फेस्ट के एंड तक उसे बता भी दूंगा की पसंद करता हूँ ........ये सब सोच वो खूश हो गया ..... "अरे बस इतनी सी बात इनके साथ तो जंग भी लड़ लेंगे ये तो बस होस्टिंग हैं " प्यार से मिशा को देखते हुए कहाँ जिससे मिशा शर्मा गई ।।


    यूनिवर्सिटी हॉल का म्युजिक रूम,,,,,


    आरव हॉल में अपने सोंग की प्रैक्टिस कर रहा था (आरव को गाना गाने का बहुत शोक हैं इसलिए वो अपने र्फी टाइम मे गाना ही गाना पसंद करता था या जब खुश या दूखी होता तो गाना गाता) आरव हाथ में गिटार लिए आंखों को मुंदे बेठा आंखों के सामने सिर्फ़ अनू का ही चेहरा आ रहा था एक प्यारी सी डिम्पल वाली क्यूट सी स्माइल के साथ उसने गाना शुरू किया ।।

    तेरे नालों चल्लिये हसीं कोई ना
    तारे चन्न अम्बर ज़मीन कोई ना
    मैं जड़ो तेरे मोड्डे उत्ते सर रखेया
    एह तों सच्ची समान वी हसीं कोई ना

    सोहनीया वी लग्गन गिया फेर वालिया
    कल्ला नाल जदों टक्करियाँ वालिया
    तारे देखि लभ लभ किवें हरदे
    तू बाहला चिलकोइयाँ जदों राता कालियां


    आरव की आवाज़  सच्च मुच्च बहुत अच्छी थी ये आवाज़ सुन सारे बच्चे अपनी प्रैक्टिस छोड़ म्युजिक रूम के गेट पर खड़े होकर गाना सुनने लगे कुछ वीडियो बनाने लगें  .......अनू और मिशा भी आ गई .........अनू तो गाने के साथ  साथ आरव में ही खो गईं आरव के बाल उसके माथे पर बिखरे थे बंद आँखे और पूरी तरह गाने मे मगन आरव बहुत प्यारा और अट्रेक्टिव लग रहा था और अनू बस उसी में खोंई जा रही थी ।।


    मैं सब कुझ हार तेरे उत्तों देउंगा
    सब कुझ वार तेरे उत्तों देउंगा
    आखिर च जान तैनू देऊ अपनी
    छल्ला तैनू भावें पहली वार देउंगा

    मैं छेति छेति लावां तेरे नाल लेनी आं
    समय दा तां भोरा वी यकीन कोई ना
    तेरे नालों चल्लिये हसीं कोई ना
    तारे चन्न अम्बर ज़मीन कोई ना

    तेरे नालों चल्लिये हसीं कोई ना
    तारे चन्न अम्बर ज़मीन कोई ना
    मैं जदों तेरे मोड्डे उत्ते सर रखेया
    एह तों सची समान वी हसीं कोई ना


    आरव उठ के उसके पास आया उसने होल से अनू का हाथ पकड़ा और घुमा के अपने सीने से लगा लिया और होले होले डांस करने लगा! आरव की छुअन से अनू जम सी गई! आंखों को बंद किए वो ये महसूस कर ही रही थी की उसे लगा कोई उसे हिला रहा हैं एक झटके से उसने आंखे खोली तो देखा वो तो वैसे ही खड़ी है आरव भी आराम से आंखें बंद किए गा रहा हैं (वो ख्वाब देख रही थी) उसे अपनी इस  हरकत पर हसी आ गई ....अपने सर पर एक हल्की सी चपत लगाते हुए वो मिशा को वहां से ले कर बाहर चली गई ।।

    थोड़ी देर बाद आरव नील विवान प्रैक्टिस हॉल में आ गए! जहाँ अनीशा मिशा दोनों पहले से मौजूद थी उन्हें अपने प्ले की तैयारी भी करनी थी वो लोग लेलामजनूँ या हीर-रांझा  का प्ले नहीं  कर रहे थे ये तो हर कोई करता हैं ..........तो ये लोग अपनी खूद की काल्पनिक प्रेम कहानी बना रहे थे जिसका नाम इन्होंने रखा "सच्चे प्रेम की अनोखी दास्ता" जिसमें नायिका अपने प्यार को बचाने के लिए मौत से भी लड जाती हैं और अंत मे क्या उसे उसका प्यार मिल पाता हैं .......खैर ये लोग अपनी रिहर्सल शूरू करते हैं जिसमें शाम हो जाती हैं ।।

    आज का पूरा दिन इसी तैयारीयो में लग गया सब थके हुए अपने अपने घर चले गए .....अगले दिन भी कॉलेज का ऐसे ही हाल था पूरा दिन सिर्फ़ तैयारियों में निकलता कल फेस्ट का दिन हैं आज सब बहुत मेहनत कर रहे हैं ताकि इस बार भी नंबर वन कॉलेज की ट्रोफी भी इन्हीं के पास आए सब जी जान लगा रहे थें और आज का दिन भी इसी में निकल गया !!!!


    अगला दिन (फेस्ट दे )
    समय- 4 : 00 pm


    यूनिवर्सिटी हॉल पूरा लोगो से भरा था ...... दूसरे कॉलेज के बच्चे भी आ चुके थे ......सब लोग सजावट की खूब तारीफ भी कर रहे थे ........ अनु और उसके ग्रुप ने सच्चमुच बहुत मेहनत की थी जो कि दिख रही थी,,,,,,, खैर सब आ चुके थे।।

    मिशा कॉलेज गेट पर खड़ी बाकी लोगो का इंतजार कर रही थी की तभी सामने से अनू उसे आती हुई दिखाई दी मिशा के साथ साथ सारे लडको की नजर सिर्फ उसी पर रुक जाती है क्योकि वो लग हि इतनी गज़ब कि रही थी (ब्लैक ग्रेय मिक्स सिम्पल साड़ी विथ गोल्डन ब्लेक क्ट शोल्डर ब्लाऊज हल्का मेकअप और होटों के नीचे का वो तिल और उसके साथ एक प्यारी सी मुस्कान ) 

    मिशा मम्मी की तरह आंखो से काजल लेके अनू को लगाते हुए बोली  "अबे ओए नजर लग जाएगी इतनी कयामत बन कर जब आएगी .... तु और लडको का तो कुछ सोच विचार कहीं घायल न हो जाए तुझे देखकर 😍😍हाए मेरी जान सच्च में मै लड़की ना होके लड़का होती तो अभी मंदिर में ले जा कर शादी कर लेती रब्ब दि सो 😀😀

    अनू उसकी बात सून हंसी और उसके सर पर हल्का सा मार के के उसके साथ स्ट्रेज के बैक एरिया में आ गई आरेजमेंट देखने फेस्ट शुरू होने वाला था पर विवान और आरव अभी तक आए नही थे ......

    अनू गुस्से से में इधर उधर घूम कर बड़बडा रही थी " मतलब हद है जब पता है प्रोग्राम टाइम से शुरू करना है तो जल्दी आना चाहिए था न और हम लडकिया आ गई  पर ये दोनो महाशय अभी तक नहीं आए पता नहीं कहां है " !!

    तभी नील बोला , "लो आ गए दोनो हिरो हमारे ......उसको सून अनू में गेट की तरफ देखा तो गुस्सा छु हो गया और नजर आरव पर टिक गई थी वहां खड़ी लड़कियां जो अपना मेकअप ठीक कर रही थी ...... उनके हाथ वही रुक गए नजर हमारे दोनों कड़क लोडो पर थी पर हमारे लडको कि नजर अपनी अपनी वाली पर आरव ने (एक फॉर्मल वाइट शर्ट ब्लेजर विथ ब्लेक पेंट पहनी थी चेहरे पर एक अलग सी क्यूटनेस थी ).......

    वो दोनो बाकियो के पास आए आरव ने अनीशा को देखा तो बस देखता ही रह गया नील ने उसे हिलाया और उसे लेकर हाल में आ गया मिशा विवान प्रोग्राम को शुरू करने स्ट्रेज पर चले गए और अनीशा ग्रीन रूम में.... बारी सारी परफॉर्मंस हो गई ..... एक दो डांस बचे थे उसके बाद अनीशा बगैरा का प्ले था .......तो मिशा और विवान ग्रीन रूम में आ गए और तब तक नीलम मैम और अविनाश सर ने  होस्टिंग सम्हाली ...... वो लोग तैयार हुए अनू ने पहले के समय में जैसे रानी कपड़े और गेहंने पहनती थी वैसा लुक लिया था मिशा ने एक बंजारिन लुक लिया था  आरव ने भी राजाओं जैसा वस्त्र पहले थे नील और विवान ने भी राजकुमारी का वैष धारण किया था ........सब तैयार हो गए नाम अनाउंस हुआ! सब स्ट्रेज पर आ गए पर्दा उठा प्ले शुरू हुआ ......सब बड़े ध्यान से उस प्ले को देख रहे थे !!

    आरव (राजा कुंवर सिंह )= आप चली जाईए रानी साहिबा आपको हमारे साथ केवल पीड़ा ही प्राप्त होगी दुख ही प्राप्त होगा इसके पश्चात आपको कुछ प्राप्त नहीं होगा !!

    अनीशा (रानी रूपवती) = हम आपको अकेला छोडकर नही जाएंगे कुंवर सा अंध्रागनी है हम आपकी आपको  पीडा में छोड़ हम सुखी जीवन कैसे जीएंगे बोलिए !!''

    सभी की नजर सामने आरव और अनीशा पर थी उनकी एक्टिंग और डाइलॉग इतने अच्छे थे कि हॉल में चारों तरफ सनांटा पसर गया ॥

    अनिशा ने आरव की आंखो में देखते हुए बड़ी सहजता से और प्यार से कहां "आप प्रेम है हमारा आपके के सिवा दुनियां देखी ही नहीं हमनें ,,,,,, हमनें  जबसे आपको चाहा आपसे प्रेम किया हम खुद को भूल गए,,,,,आप अब जिन्दगी है हमारी और आपको खोना मौत है हमारी,,,,,,,उस इश्वर से भी छीन लाएंगे हम आपको क्योंकि ये अंमोल मोती सिर्फ हमारे है सिर्फ हमारे "

    आरव अनीशा की बातों में  ही खो गया जैसे वो नाटक में नही सच्च में बोल रही हो उसकी आंखों से भी ऐसा लग रहा था,,,,,,,,दोनों का एक्ट खतम हो चूका था,,,,,, दोनो ऐसे ही  हाथों में हाथ लिए एक दूसरे के आंखों में खोएं खड़े थे,,,,,,,,तभी तालियों की गड़गड़ाहट से दोनों वर्तमान में लौटे,,,,,,,उन्होनें  झुक कर सबकों शुक्रिया कहां और पर्दा गिर गया ।।

    उसके बाद रिजल्ट अलाऊंस हुआ और अनीशा आरव  को बेस्ट परफॉर्मर का अवोड मिला कॉलेज इस बार भी नंबर वन रहा,,,,,,,,,उसके बाद  सब लोग पार्टी इंजोए करने लगे ।।

    जूस काउंटर पर एक लडका हुडी में था! चेहरा दिख नही रहा था उसने वेटर को कुछ 500 - 500 के नोट दिए और एक जूस में कुछ डाल के बोला "ये जूस उस ब्लेक साड़ी वाली लड़कि को देना और सून उसी को देना जब उसे बिहोशी आने लगे तो उसे वो ब्लेक कार है वहां तक ले आइयों बाकी पैसे वहां मिल जाएगा समझा.... जा अब " ये बोल वो लडका एक जेहरीली मुस्कान लिए बोला , "अनीशा बेबी आ गया मैं वापस तुम्हे अपना बनाने सो आई एम वेटिंग फॉर यू"..... ये बोल वो  तेजी के साथ बाहर चला गया ॥

    वेटर ने जूस अनू को दिया उसने मुस्कुराते हुए जूस लिया और पीने लगी पहले उसे टेस्ट थोडा अजीब लगा पर बाद में उसे अच्छा लगने लगा पूरा पीकर उसका सर भारी होने लगा,,,,,तो उठ कर बाहर गार्डन में चली गई,,,,,,,,बाकी सब इस सबसे अंजान पार्टी एन्जॉय कर रहे थे काफी देर तक आरव को अनीशा नही दिखी तो उसने मिशा से पुछा तो उसने बोला , "पता नही....अभी तो यही थी " ये आज आरव उसे खोजने लगा काफी देर तक वो नहीं मिली तब बाकी सब भी परेशान हो गए और उसे खोजने लगे ।।

    _______________________TO BE CONTINUED______________________

    ✍✍सुधा यादव








       

  • 14. Campus Love: A Sweet Collage Romance - Chapter 14

    Words: 2508

    Estimated Reading Time: 16 min

    सब अनीशा को ढूंढन रहे थे काफी देर तक ढुंढने पर भी अनीशा नहीं मिली तभी आरव की नजर यूनिवर्सिटी के पूल साइड पर गई! जहां कोई पूल में पैर डाल कर बैठा था आरब के कदम उस तरफ चल दिए पास पहुँचने पर पता चला वो और कोइ नहीं अनीशा है उसे वहां ठीक ठाक देखकर आरव को सुकून मिला वो आगे बड़के उसके पास गाया और बोला

    "ऑ हेलो मिस बकबक तुम यहां आराम फर्मा रही हो हम पागलो कि तरह तुम्हे ढुंढ रहे है आना था तो बता के आना चाहिए था न " !!

    अनीशा तो वैसे हि थोड़े नशे में थी आंखे आधी बंद हो रही थी,,,,,,अपनी नशीली गेहरी आंखो से अनीशा आरव को घूरते हुएं कहती है , "देखो मिस्टर झिंगुर पहली बात तो ये कि तुम मुझ पर न चिल्लाओं मत"

     आरव कुछ बोलने को हुआ अनीशा अपनी होटो पर उंगली रखकर उसे चुप करते हुए बोलती है "शश्श्श,,,,,अभी मेरी बात पूरी नही हुई समझे तो फिंगर ऑन यॉर लिप्स '' आरव चुपचाप मुंह पर उंगली रख लेता है

    अनू लडखड़ाते हुए झूले पर बैठ जाती है और बोलती है,,,, "हां तो क्या बोल रही थी मैं "  

    आरव = "कि मुझ पर चिल्लाओ मत"......

    ये सून अनू पहले उसे अधखुली आंखों से घूरती है फिर कहती है "बोला था मैने कि मुंह पर हाथ रखो जब मैं बोलूंगी तब बोलना"

    आरव जान गया था कि अनीशा होश में नही है शायद इसलिए वो भी शांति से "हां" में गर्दन हिला कर अनिशा की बाते सुन रहा था।।

    अनीशा = "दूसरी बात सुनो एक तो तुम न इतने स्वीट क्यूट हो और आज तो एक दम जहर लग रहे हो,,,,,,, लडकियो को मारने का इरादा है क्या आज (उसकी बात सुन आरव हैरान 😲रह गया और शक याकिन में बदल गया कि जरूरत इसने कुछ पीया है वरना तो अनीशा होश में तो ऐसे कभी नही बोलती उससे सिर्फ लड़ाई करने के सीवा )

    अनू = "पता है मिस्टर झिंगुर तुम्हे देख कर न लगता हैं कि प्यार न हो जाए तुमसे,,,,और एक बात बताऊ शायद न मुझे तुमसे न प्यार हो गया😄,,,,,,, क्योंकि जब तुम सामने होते हो या आसपास होते हो तो ये (अपने दिल की तरफ उंगली करके) इसकी रफ्तार न बुलेट ट्रेन से भी तेज हो जाती है और पता नही क्यो कुछ दिनों से सपनो में भी आने लगे हो?! '' (अनीशा बोले जा रही थी और आरव उसे सुन रहा था,,,,,,खुश था वो कि अनीशा भी वो सब फील करती है जो वो करता है! वो अपने सोच में गुम हो जाता है )

    अनीशा उठके उसके पास आ जाती है आरव के दोनो गालो को पकड कर खिचते हुए बोलती है = "पता है मिस्टर झिंगुर तुम न बडे क्यूट हो और जब हंसते हो तो ये जो डिम्पल होते है न सच्च कमाल के लगते है और तुम और भी क्यूट लगते हो"

    इतनी बार अनीशा के मुंह से क्यूट शब्द सुन कर आरव के गाल शर्म से लाल हो चुका थे🙈🙈

    अनीशा आगे बड़ी तभी उसका पैर फिसल गया और वो पुल में गिरने को हुई आरव उसे बचाने के चक्कर में उसके साथ हि पुल में गिर गया,,,,,, दोनो एक दूसरे की आंखों में देखे जा रहे थे,,,,,,,अनीशा अभी भी हलके नशे में थी उसके आँखे बार बार झपक जाती गिले बिखरे बाल उसके चहरे पर आ रहे थे,,,,,,, एकाएक आरव का हाथ अनीशा की तरफ बड़ गए! अनीशा बस उसके मासूम चहरे को देख रही थी,,,,,,,आरव उसके बालों को पीछे करता है जिससे उसकी उंगली अनीशा के गालो पर छु जाती है,,,,,, जिससे एक हवा के झोके के साथ अनु के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ पड़ती है और वो आंखे बंद कर लेती है।

    तभी अंदर हॉल मे एक गाना बजता है ,,,,,

    कहते हैं ख़ुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए,,,,,,
    किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए
    तेरा मिलना है उस रब का इशारा मानो,,,,,,
    मुझको बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए
    कुछ तो है तुझ से राबता,,,,,,,,कुछ तो है तुझ से राबता
    कैसे हम जाने, हमें क्या पता कुछ तो है तुझ से राबता     


    दोनो अभी भी एक दूसरे में खोए थे तभी अनीशा अचानक उसकी बाहों में गिर कर बेहोश हो गई,,,,,,,आरव घबरा गया और उसने जल्दी से अनु को बाहर निकाला और बैंच पर लेटा दिया अपनी ब्लेजर उतार के अनु को ऊड़ा दिया फिर उसने बाकी सबको भी कॉल करके बुला लिया थोड़ी देर मे सब वहा आ गए,,,,,अनु नशे में थी तो सब ये सोच कर टैंशन में थे कि इस हालत में अगर घर गई तो सब खामखा परेशान हो जाएंगे,,,,,तो क्या किया जाए 

    आरव बोला = "एक काम करते हैं इसे लेकर आज मेरे फार्म हाउस चलते है मिशा और तू भी चल कल ठिक हो जाएंगी ''

    मिशा(कुछ सोचते हुए )= "यार एक बात समझ नही आ रही कि इसे नशा कैसे हुआ,,,,,, पहली बात यहां कोई ऐसा डिक नही है और दूसरा अनिशा डिंग्स को देखती भी नहीं तो पीना दूर की बात है "

    आरव= "हम्म ये तो है पर इसके बारे में बाद में सोचेंगे पहले इसे लेकर चले गिली हो चुकी और रात का टाइम है तबियत खराब हो जाएगी ''  फिर सब अनु को लेकर कॉलेज से निकल जाते है और घर पर बहाना बना देते है कि आज दोस्त लोंग नाइट आऊट पर जा रहे है ।।    



    दूर गड़ी एक काले रंग की ऑडी में एक लड़का गुस्से में उन सब को देख रहा था खासकर आरव को जिस ने इस वक्त अनु को गोद में उठा रखा था! लडका अपना एक हाथ जोर से स्ट्रेरिंग पर मारता है और बोलता है  "इसकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी......मेरी एनी (अरे वही वाला लड़का जिसने नशे कि दवा दि थी ) को छुने की उसके इतना करीब आने कि अनु सिर्फ मेरी है और जो मेरा होता है उसे तो मैं अपना बना कर रहता हूँ और जो बीच में आएगा उसे में बर्बाद कर दूंगा और ये "विद्युत सैठी" का वादा है खुद से (और एक जहरीली मुस्कान देकर गाड़ी लेकर वहा से चला जाता)


    आरव अनीशा नील मिशा विवान सब आरव के फार्म हाउस पर आ गए थे,,,,, आरव ने अनु को रूप में लेटा दिया मिशा को कुछ अवनी के कपड़े दे दिये (जो वहां थे क्योंकि यें फार्म हाउस उन दोनों  का हि था जहां वो लोगा फैमली टाइम एन्जॉय करने आते थे) मिशा ने कपड़े लिए और अनु का गिला कपड़ा बदल दिया,,,,

    दो ढाई घंटे बाद अनू नींद से जगी उसका सर भारी हो रहा था! वो अपना सर पड़कर उठी अपने आपको अंजान जगह पर देखकर वो थोड़ी हैरान हो गई,,,,,,,तभी कमरे का गेट खुला और आरव अंदर आया उसके हाथ में नींबू पानी था,,,,,,उसने ग्लास अनु को दिया

    अनू अपनी एक आइब्रो ऊपर करके इशारा करती है जैसे पूछ रही हो कि "ये क्यू"

    आरव मुस्कुराते हुए बोला = "शाम को तुम ने ड्रिंक की थी शायद,,,,,इसलिए हम तुम्हे यहां ले आएं और ये इसलिए क्यूँकी  उसकी वजह से तुम्हारे सर में दर्द होगा तो पी लो आराम मिलेगा"

    अनु चुपचाप वो पि लेती है पर उसे ऐसा लगता है आरव उसे हि एकटक देख रहा है वो उसे देखती है तो आरव बड़ी शिद्दत से उसे देख रहा था उसकी नजर अपने पर देख अनु थोडा हड़बडा गई,,,,, दिल में अजीब सी बैचेनी होने लगी और वो उठ के जाने लगी कि तभी आरव ने उसका हाथ पकड़ लिया अनु तो जैसे जम सी गई उसके छुने से

    आरव उसके पास आकर बोला = "एक बात बताओ वैसे तो तुम मुझे खाने को दोड़ती हो कि बस मिल जाऊ तो कच्चा चब्बा जाओं,,,,, पर मेरे करीब आने से इतना खबर क्यों जाती हो,,,,,डर है क्या कि कही तुम्हे मुझसे प्यार न हो जाएं मेरी आंखों में न खो जाऊ बोलो (आरव उसके मन की बात जान चुका था वो बस उसकी भावनाओ को उकेर रहा था )

    अनु (झुंझलाते हुए बोली) = "ये.... ये क्या बकवास कर रहे हो ऐसा कुछ नही है और पूरी दुनिया में मुझे और कोई नही मिला क्या जो तुमसे प्यार करूंगी,,,,, ये सपने मत देखो समझे तो मिस्टर झिंगुर तुम आखिरी इंसान भी होगे न तो भी नही करूंगी"

    आरव (अपने बालो में हाथ फेरते हुए बोलता है) = "ऐसा है मिस बकबक प्यार तो आपको होगा और होगा क्या हो गया और ये बात तुम........वो आगे कुछ कहता मिशा और नील वहां आ गए और आरव की बात अधुरी रह गई।।

    नील मिशा अनु के पास आएं उसकी तबियत पूछी और उसे लेकर जाने लगे अनु ने एक बार मुड के आरव को देखा आज वो कुछ बदला सा लग रहा था उसकी आंखों में आज कुछ अलग हि कशिश थी अनु ने उसे देखा आरव ने उसे देख मुस्कुराते हुए उसे हल्की सी आंख मार दि,,,,,,,अनु ने देखा तो सकपका गई उसे मिशा का हाथ पकड़ा और जल्दी से रूम के बाहर आ गई

    अनु मन में "ये कैसी हरकते कर रहा है सुबह तक तो ठीक था,,,,,अचानक प्यार का भुत कैसे चड़ गया,,,,,,और कैसी बहकी बहकी बाते कर रहा था कि मुझे इससे प्यार और और अभी आंख मारी उसने मुझे नही नही दूर दूर रहना पड़ेगा इससे ये पागल कर देगा मुझे '' अपने बड़बड़ाते हुए वो नील के साथ वहां से निकल गई !   

    कमरे आरव अभी भी मुस्कुरा रहा था बालो में हाथ फेरते हुए बोला "मिस बकबक आज तो तुम्हारे दिल की बात भी पता चल गई बस अब तुम्हारे मुह से भी पूरे होशो हवास में सुनना चाहता हूँ और बस पाँच दिन तुम खुद मेरी आंखो में आंखें डाल के अपने प्यार का इजहार करोगी '' यही सोचते सोचते वो सो जाता है !!!     




    अगले दिन कॉलेज में !!!!


        

    कैंटिन में बैठे नील मिशा  कुछ बाते कर रहे थे और शायद बहस भी तभी वहां आरव विवान आएं,,,,दोनों को सोचते हुए देखा तो आरव ने पूछा

    आरव = "क्या हुआ गाइस तुम दोनो किस सोच में डूबे हो (और चारों तरफ नजर घुमा के बोला )और वो मिस बकबक कहां है दिख नही रही ??

    मिशा = "वो नहीं आई सर दर्द था उसका कल के वजह से "

    आरव (मायूस होकर) =ओह तब ठीक है !! आराम करने दो !! वैसे तुम दोनो क्या सोच रहे थे !!   

    नील = "वो दो दिन बाद अनिशा का बर्थडे  है तो उसके लिए सप्राइज पार्टी रखनी है पर कुछ अलग तरह से देना है सप्राइज तो बस वही सोच रहे है पर !! (मिशा को चिढ़ाते हुए) इस मंदबुद्ध के दिमाग में कोई आईडिया आ हि नही रहा है "

    मिशा (उसे घूरते हुए उसके बाल खिचते हुए बोली)=  "कमीने में मंदबुद्ध नही हूँ और अभी तक इतने आइडिया बता चुकी हूँ तुझे ही नखरे आ रहे है "  (उसे ऐसे गुस्से मे बाल नोचता देख विवान ने अपनी हुड्डी को सर पर डाल लिया😂)

    नील (अपने बालों को छुड़ाते हुए बोला)= "अरे छोड मेरे बाल चूड़ेल इतनी मुश्किल से सेट किए है" 

    आरव (दोनों को शांत कराते हुए बोला) = "ये क्या तुम दोनो बच्चों के जैसे लड रहे हो शांत बैठो और सुनो मेरे पास एक आइडिया है यूनिक सा,,,,,,दोनो शांत हो जाते हैं आरव दोनो को अपना आइडिया बताता है"   

    नील = "अबे पागल हो गया है देख तरीका तो नया है,,,,,, पर वो सुनाएगी बहुत बाद में मुझे,,,,,,उसकी पिटाई नही खानी "

    मिशा = "नही मुझे पसंद आया ये आइडिया तो तैय रहा अनु की सप्राइज का प्लेन यही होगा !! '' फिर क्या नील को मानना पड़ा नील विवान अपने चारों  के लिए ओडर देने चले गए !!

    मिशा (अारव को देख कर बोली) = "परसो मोका अच्छा है वैसे,,,,,,, बोल देना अपने दिल की बात मोहतमा से !!

    उसकी बात सुन आरव उसको हैरानी से देखने लगा मिशा मुस्कुराते हुए बोली = "क्या ऐसे क्या देख रहे हो,,,,,,बेटा तुम्हे क्या लगा मेरी दोस्त को पसंद करोगे,,,,, प्यार भरी नजरो से ऐसे देखोगे और तुम्हारे जज्बात हमें पता नही चलेंगे,,,,,मुझे पहले दिन से ही लगा था यू लाइक हर!! 

    आरव सर झुका के मुस्कुराते हुए बोला - '' येस आए लाइक हर !! पर यार वो भी करती है पर बोलती नहीं कल नशे में उसने मुझसे कहा भी हलाकि पूरी तरह से कंफेस नहीं किया पर बोला उसने ''

    मिशा = "टेंशन मत लो मैं हूँ न हम मिलकर उसके दिल की बात जुबा पर लाएंगे !! '' तभी  पीछे से आवाज आई , "हम भी है और हम भी साथ देंगे"

    आरव ने पीछे देखा नील विवान मुस्कुरा रहे थे वो बोल , "तुम दोनों ने सुन लिया"

    नील = "सुन लिया क्या हमे तो पता ही था" आरव ने शर्म से सर झुका लिया तीनो ने थोड़ी बाते की हंसी मजाक किया और क्लास में चले गए !!


    अनू का घर     


    अनू अपने रुम की खिड़की के पास खड़ी थी और कुछ सोच रही भी उसके दिमाग में आरव के हि ख्याल आ रहे थे,,,,,,,

    तभी काव्या उसके रूम में आई वो अनू के फोन में फेस्ट की फोटो - विडियो देख रही थी उसने अनु से कहा , "यार दिदू ये आरव न सच्ची कितने क्यूट है न.... हाय लडकियां तो दिवानी हो गई होंगी कल....काश में भी कल वहां होती (अनू बस काव्या को घूर रही भी और काव्य भी शायद उसे जलाने के लिए बोल रही थी ) वो आगे बोली , '' वैसे दिदू आप दोनों की जोड़ी बहुत मस्त लग रही है सच्ची !!

    तभी सांची भी आ गई और बोली , "किसकी जोड़ी अच्छी लग रही है कवी"

    "भाभी ये जोड़ी....देखो '' बोलते हुए वो दोनों की फोटो सांची को दिखाती है"

    अनु झुंझलाते हुए काव्या को तकिया से मारती है और बोलती है , "अबे छोटी क्या बकवास कर रही है ऐसा कुछ भी नही है,,,,,,, सब एक हि बकवास कर रहे हो..... कल वो झिंगुर और आज तू "

    काव्या = " झिंगुर कौन?....जीजू का निकनेम है क्या,,,,,वाह क्या प्यारा नाम है" उसे छेड़ते हुए सांची को हाइफाई दे के हंसने लगी 

    अनु काव्या की नोकझोक चलती रही आज अनू को भी फिल तो हुआ कि वो आरव से लडने लड़ते दूर भागते भागते और पास आ गई है उसके लिए अनू में भावनाएं जाग रही है,,,,,,कही न कही उसके दिल में भी आरव के लिए कुछ है,,,,,,पर अपने पास्ट को लेकर वो फिर से प्यार करने से डर रही है कि कही फिर से कोई उसका दिल ना दुखाए,,,,,,, इस बार तो वो पूरी टूट जाएंगी !!दोनो शात हुई और लंच करने चली गई       


    अगले दिन कॉलेज में



    अनु कैंटिन में पहुंची तो वहां  देख उसके चेहरे का रंग ऊड़ गया सामने कोई लडकि आरव के गले लगी हुई थी और आरव ने भी उसे टाइट हग किया हुआ था ये देख पता नही क्यो अनू के दिल में एक टिस सी उठी !!

    अनु मन में (मुझे  क्यो इतना बुरा फिल हो रहा है किसी को भी गले लगाए मुझे क्या पर ऐसे कैसे कैसे किसी को भी गले लगा सकता है,,,,,,अरे कॉलेज कैंटिन है शर्म वर्ग है  कि नहीं 😏'' वो झुंझलाते हुए क्लास की तरफ चली गई मिशा जो उसके बगल में खड़ी थी उसे भी खीच कर ले गई!!


    ********************

    Thank you 🙏🙏🙏🙏

    Don't forget to comment b-by see you 😊😊

    ✍✍ सुधा यादव