नाम सूरज हल्का सावला रंग देखने में बेहद स्मार्ट और हैंडसम Hight 6 फीट नाम रिद्धिमा उम्र 17 शाल Hight 5 '2 feet दिखने मे बेहद ख़ूबसूरत और सुन्दर तो बहुत थी गोल चेहरा बड़ी बड़ी आखें और पतले हॉट होठों की रंगत हल्के रेड थे. रिद्धिमा जब 15 शाल की थी... नाम सूरज हल्का सावला रंग देखने में बेहद स्मार्ट और हैंडसम Hight 6 फीट नाम रिद्धिमा उम्र 17 शाल Hight 5 '2 feet दिखने मे बेहद ख़ूबसूरत और सुन्दर तो बहुत थी गोल चेहरा बड़ी बड़ी आखें और पतले हॉट होठों की रंगत हल्के रेड थे. रिद्धिमा जब 15 शाल की थी उसके पापा रेंट के घर पर रहते थे एक दिन रिद्धिमा के मोम डेड को घर खाली करने का आदेश आया वो बेहद दुखी से हो गए क्युकी एक दम से दूसरा घर ढूढ़ना मुमकिन ना था... लेकिन उन्होंने सोचा जब करना ही है तो क्या सोचना उन्होंने एक दो बार coll फोन घुमाएं और कुछ लोगों से मालूम किया तो किसी ने बतया आपके घर के पास एक घर खाली पड़ा है लेकिन उसमे आपके दो ही room मिल पाये गे... रिद्धिमा के पिता हाँ. हाँ तो कोई दिक्कत नहीं है हमे तो बस रहने से मतलब है आप. एड्रेस बता दो हम बहा पोंछ जाए गे... फिर उन्होंने एड्रेस लिया और उस पाते पर जाकर मकान मालिक से बात की तो उन्होंने हाँ बोल दिया कि आप लोग रह सकते है... रिद्धिमा के पिता खुस थे उन्होंने भी हामी भरी. और बोला हम लोग कल sipt हो जय गे आप लोगों को कोई दिक्कत तो नहीं.. सामने से वो लोग बोले हमे क्या दिक्कत होगी... आप रख लेना कल समान... रिद्धिमा के पिता ने एडवांस मे उन्हें पैसे देकर रूम बुक कर लिया. अब क्या था घर जाकर उन लोगों ने खाना खाया और सो गए लेकिन रिद्धिमा हैरान थी फिर से नया घर पता नहीं उनका खुद का घर कब बनेगा कुछ देर बाद ridhi भी sogai और सुबह होगई... रिद्धिमा उठी सुबह 6 बजे और उसकी माँ सुबह घूमने जाते थे क्युकी रिद्धिमा की माँ का वजन थोड़ा बड़ा हुआ था लेकिन रिद्धि दुबली पतली थी तो वो यही कहती माँ मे देखो कितनी दुबली पतली हू और आप मुझे ले जाते हो ऐसे कैसे चलेगा माँ मे और दुबली हो जाऊँगी यार लेकिन उसकी मा कहती अरे कुछ नहीं होता है तुम चलो. तुम्हें उल्टा भूक लगेगी तुम ज्यादा खाओगे तो मोटे हो जाओगे. लेकिन रिद्धिमा अपना मुह सिकुड़ ते हुई हाद है इनका तो वजन घट नहीं रहा लेकिन मेरा जरूर घट जायगा हूं 😏 चल बैठा चल तेरी माँ नहीं सुनने बाली. कुछ देर बाद दोनों माँ बेटी घर आ जाती है और दोनों थक कर बैठ जाती है कुछ देर बाद तो रिद्धि सीधा बैड पर. ओ माँ मे तो बहुत थक गई. चलो मै चाय बना देती हू. थोड़ी देर मे चय बनकर रेडी थी अब रिद्धि भी उठी और चाय ले पीने लगी. लेकिन ridhi की आदत thi की बिना biskut के वो चय नहीं पीती थी उसको खाने के लिए चाइये ही कुछ ना कुछ क्युकी उसकी मा जबरजस्ती joining के लिए ले जाती थी. इसलिए उसे हल्की भूक लग जया करती थी. कुछ देर बाद ridhi की माँ नहाने के लिए गई और आकार रेडी हो पूजा घर जा पूजा करने लगी कुछ देर बाद बारी बारी सबने नहा लिया. अब रिद्धि भी नहा धोकर रेडी थी उसने पिंक टॉप और ब्लू जींस पहनी थी. उसे ज्यादा खुले कलर ही पसन्द थे. अब खाना भी बन चुका था सबने खाना खाया और समान उठा एक तरफ रखने लगे क्युकी समान को ट्रांसफार्मर करना था. रिद्धिमा हल्की पुलकि ही मदद कर रहीं थीं क्युकी उससे ज्यादा काम की उम्मीद की भी नहीं जा सकती थी वो अभी 15 शाल की ही थी to. ज्यादा काम तो वो करती नहीं थी. अब waqt हो चुका था कि वो यहा से निकल अपने नए घर मे जाए मतलब रेंट लेकिन उन लोगों के लिए तो वो घर ही था. कुछ देर बाद वो लोग बहा पोंछ जाते है यहा भी दो दिन लग गए थे जहा ridhi की मुलाकात मकान मालकिन से होती है वो भी दिखने बेहद मोती थी लेकिन दिखने मे सुन्दर थी गोल मटोल ridhi उनको बोली नमस्ते anty जब भी उनसे मिलती हर बार नमस्ते करती. उनकी कोई सन्तान नहीं थी इसलिए उन्होंने अपने भांजे को राख रखा था. लेकिन जब ridhima की एंट्री हुई तो वो. लड़का रिया से एक बार भी नहीं टकराया क्युकी वो अपने bussnnis काम से मुंबई गया हुआ था... रिद्धिमा ने जानना चाहा कि वो अगर रहता यहा है तो गया कहा होगा. रिद्धिमा को अलग से उसका नाम सुनकर एक हलचल होती थी लेकिन वो समझ नहीं पाती की क्या हो रहा है. उसे अजीब लग रहा था वो ऐसे घर मे जिसमें एक लड़का भी वो भी उसी के आमने सामने होगा अभी तक जब भी रहीं तो सिर्फ घर था makal मलिक नहीं रहते थे तो कभी आइसा मोका नहीं आया और. उसकी इतनी उम्र भी नहीं थी लेकिन अब वो 15 शाल की हो चुकी थी उसको थोड़ा बहुत नॉलेज था लड़के लड़की के बारे मे.... लेकिन full नहीं. कुछ दिन रिद्धिमा के रहते रहते निकल गए अखिर मे वो लड़का है कहा उसे समझ नि आ रहा था. '5-6 दिन निकल चुके थे लेकिन वो लड़का अभी तक नि आया था ridhima को तो लगता था कोई 19'20 शाल का लड़का होगा लेकिन उसे नहीं पता था वो लड़का 24 shall का था. रिद्धिमा से 8'9 shall बड़ा एक दिन वो लड़का आ गया तब उसकी मामी ने गेट खोले वो अंदर आया. लेकिन ridhima उसे देख नहीं पाई क्युकी. उसकी मामी सामने खड़ी थी. Ridhi को पता नहीं एक हलचल मचती थी उस लड़के को देखने का मन कर्ता था वो जानना चाहती थी वो है कोण अखिर मे. लेकिन अफसोस की वो नहीं देख पाई. फिर Ridhi मन मरकर चुप चाप आकार बैठ जाती. वो लड़का भी अंदर चला गया उसका नाम सूरज था सूरज अंदर गया और अपनी मामी से बात करने लगा कुछ देर बात चीत के बाद उसकी मामी ने उसके लिय अछा अछा खाना बनाया क्युकी सूरज उनके लिए ढेर सारा समान लेकर आया था जब भी वो कुछ लता था तभी उसकी मामी को उसका ख्याल आता था नहीं तो ऐसा हो नहीं सकता कि उसकी मामी उसका ख्याल रखे. सूरज के पास कोई कमी नि थी पैसों की लेकिन वो यहा रहा सिर्फ उसके मोम dad के कहने पर कि उनकी मामा मामी की अपनी कोई सन्तान नहीं है. मजबूरन उसे रहना पड़ा यहा लेकिन उसे क्या पता था उसकी मुलाकात Ridhi से होगी bgavn भी जिधर की जोड़ी लिख दिए उसे अपने आप मिला देते हैं
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नाम सूरज हल्का सावला रंग देखने में बेहद स्मार्ट और हैंडसम Hight 6 फीट नाम रिद्धिमा उम्र 17 शाल Hight 5 '2 feet दिखने मे बेहद ख़ूबसूरत और सुन्दर तो बहुत थी गोल चेहरा बड़ी बड़ी आखें और पतले हॉट होठों की रंगत हल्के रेड थे. रिद्धिमा जब 15 शाल की थी उसके पापा रेंट के घर पर रहते थे एक दिन रिद्धिमा के मोम डेड को घर खाली करने का आदेश आया वो बेहद दुखी से हो गए क्युकी एक दम से दूसरा घर ढूढ़ना मुमकिन ना था... लेकिन उन्होंने सोचा जब करना ही है तो क्या सोचना उन्होंने एक दो बार coll फोन घुमाएं और कुछ लोगों से मालूम किया तो किसी ने बताया आपके घर के पास एक घर खाली पड़ा है लेकिन उसमे आपके दो ही room मिल पाये गे... रिद्धिमा के पिता हाँ. हाँ तो कोई दिक्कत नहीं है हमे तो बस रहने से मतलब है आप. एड्रेस बता दो हम बहा पोंछ जाए गे... फिर उन्होंने एड्रेस लिया और उस पाते पर जाकर मकान मालिक से बात की तो उन्होंने हाँ बोल दिया कि आप लोग रह सकते है... रिद्धिमा के पिता खुस थे उन्होंने भी हामी भरी. और बोला हम लोग कल sipt हो जय गे आप लोगों को कोई दिक्कत तो नहीं.. सामने से वो लोग बोले हमे क्या दिक्कत होगी... आप रख लेना कल समान... रिद्धिमा के पिता ने एडवांस मे उन्हें पैसे देकर रूम बुक कर लिया. अब क्या था घर जाकर उन लोगों ने खाना खाया और सो गए लेकिन रिद्धिमा हैरान थी फिर से नया घर पता नहीं उनका खुद का घर कब बनेगा कुछ देर बाद ridhi भी sogai और सुबह होगई... रिद्धिमा उठी सुबह 6 बजे और उसकी माँ सुबह घूमने जाते थे क्युकी रिद्धिमा की माँ का वजन थोड़ा बड़ा हुआ था लेकिन रिद्धि दुबली पतली थी तो वो यही कहती माँ मे देखो कितनी दुबली पतली हू और आप मुझे ले जाते हो ऐसे कैसे चलेगा माँ मे और दुबली हो जाऊँगी यार लेकिन उसकी मा कहती अरे कुछ नहीं होता है तुम चलो. तुम्हें उल्टा भूक लगेगी तुम ज्यादा खाओगे तो मोटे हो जाओगे. लेकिन रिद्धिमा अपना मुह सिकुड़ ते हुई हाद है इनका तो वजन घट नहीं रहा लेकिन मेरा जरूर घट जायगा हूं 😏 चल बैठा चल तेरी माँ नहीं सुनने बाली. कुछ देर बाद दोनों माँ बेटी घर आ जाती है और दोनों थक कर बैठ जाती है कुछ देर बाद तो रिद्धि सीधा बैड पर. ओ माँ मे तो बहुत थक गई. चलो मै चाय बना देती हू. थोड़ी देर मे चय बनकर रेडी थी अब रिद्धि भी उठी और चाय ले पीने लगी. लेकिन ridhi की आदत thi की बिना biskut के वो चय नहीं पीती थी उसको खाने के लिए चाइये ही कुछ ना कुछ क्युकी उसकी मा जबरजस्ती joining के लिए ले जाती थी. इसलिए उसे हल्की भूक लग जया करती थी. कुछ देर बाद ridhi की माँ नहाने के लिए गई और आकार रेडी हो पूजा घर जा पूजा करने लगी कुछ देर बाद बारी बारी सबने नहा लिया. अब रिद्धि भी नहा धोकर रेडी थी उसने पिंक टॉप और ब्लू जींस पहनी थी. उसे ज्यादा खुले कलर ही पसन्द थे. अब खाना भी बन चुका था सबने खाना खाया और समान उठा एक तरफ रखने लगे क्युकी समान को ट्रांसफार्मर करना था. रिद्धिमा हल्की पुलकि ही मदद कर रहीं थीं क्युकी उससे ज्यादा काम की उम्मीद की भी नहीं जा सकती थी वो अभी 15 शाल की ही थी to. ज्यादा काम तो वो करती नहीं थी. अब waqt हो चुका था कि वो यहा से निकल अपने नए घर मे जाए मतलब रेंट लेकिन उन लोगों के लिए तो वो घर ही था. कुछ देर बाद वो लोग बहा पोंछ जाते है यहा भी दो दिन लग गए थे जहा ridhi की मुलाकात मकान मालकिन से होती है वो भी दिखने बेहद मोती थी लेकिन दिखने मे सुन्दर थी गोल मटोल ridhi उनको बोली नमस्ते anty जब भी उनसे मिलती हर बार नमस्ते करती. उनकी कोई सन्तान नहीं थी इसलिए उन्होंने अपने भांजे को राख रखा था. लेकिन जब ridhima की एंट्री हुई तो वो. लड़का रिया से एक बार भी नहीं टकराया क्युकी वो अपने bussnnis काम से मुंबई गया हुआ था... रिद्धिमा ने जानना चाहा कि वो अगर रहता यहा है तो गया कहा होगा. रिद्धिमा को अलग से उसका नाम सुनकर एक हलचल होती थी लेकिन वो समझ नहीं पाती की क्या हो रहा है. उसे अजीब लग रहा था वो ऐसे घर मे जिसमें एक लड़का भी वो भी उसी के आमने सामने होगा अभी तक जब भी रहीं तो सिर्फ घर था makal मलिक नहीं रहते थे तो कभी आइसा मोका नहीं आया और. उसकी इतनी उम्र भी नहीं थी लेकिन अब वो 15 शाल की हो चुकी थी उसको थोड़ा बहुत नॉलेज था लड़के लड़की के बारे मे.... लेकिन full नहीं. कुछ दिन रिद्धिमा के रहते रहते निकल गए अखिर मे वो लड़का है कहा उसे समझ नि आ रहा था. '5-6 दिन निकल चुके थे लेकिन वो लड़का अभी तक नि आया था ridhima को तो लगता था कोई 19'20 शाल का लड़का होगा लेकिन उसे नहीं पता था वो लड़का 24 shall का था. रिद्धिमा से 8'9 shall बड़ा एक दिन वो लड़का आ गया तब उसकी मामी ने गेट खोले वो अंदर आया. लेकिन ridhima उसे देख नहीं पाई क्युकी. उसकी मामी सामने खड़ी थी. Ridhi को पता नहीं एक हलचल मचती थी उस लड़के को देखने का मन कर्ता था वो जानना चाहती थी वो है कोण अखिर मे. लेकिन अफसोस की वो नहीं देख पाई. फिर Ridhi मन मरकर चुप चाप आकार बैठ जाती. वो लड़का भी अंदर चला गया उसका नाम सूरज था सूरज अंदर गया और अपनी मामी से बात करने लगा कुछ देर बात चीत के बाद उसकी मामी ने उसके लिय अछा अछा खाना बनाया क्युकी सूरज उनके लिए ढेर सारा समान लेकर आया था जब भी वो कुछ लता था तभी उसकी मामी को उसका ख्याल आता था नहीं तो ऐसा हो नहीं सकता कि उसकी मामी उसका ख्याल रखे. सूरज के पास कोई कमी नि थी पैसों की लेकिन वो यहा रहा सिर्फ उसके मोम dad के कहने पर कि उनकी मामा मामी की अपनी कोई सन्तान नहीं है. मजबूरन उसे रहना पड़ा यहा लेकिन उसे क्या पता था उसकी मुलाकात Ridhi से होगी bgavn भी जिधर की जोड़ी लिख दिए उसे अपने आप मिला देते हैं
कुछ देर बाद दोनों बहने अंदर चली जाती है जहा वो देखती है उनके पापा ड्यूटी जाने की तैयारी मे थी q.... रिद्धिमा बोली कहा जा रहे हो dad तो रिद्धिमा के पिता बोले काम पर जा रहा हू बेटा ridhima की माँ उर्मिला जी खाना बनाने मे लगी हुई थी ताकि रोहन जी को टिफिन रख दे जल्दी जल्दी उर्मिला जी ने काम खत्म किया और tipin पेकिंग कर उन्हें देने आई रोहन जी ने जल्दी वो tipin लिया और बाहर की ओर निकल गए Ridhima खुस थी उसके dad जब भी जाते vo खुस हो जया करती थी क्युकी रोहन जी अपनी दोनों लड़कियों को बहुत रोक टोक krte थे उन्हें खेलने नहीं देते थे. रिद्धिमा का मन भले कहीं और जा रहा था लेकिन बचपना तो अभी भी था उसमे और फिर ridhima ने जल्दी टीवी चालू की ओर टीवी मे अपना doremon लगा लिया वो या तो doremon देखती थी या अपने मनपसंद सीरियल वो भी romantic वाले Bo अपनी माँ को भी बोल देती माँ ये सीरियल बहुत अछा आता है तो वो भी देखने बैठ जाती थी. वो तो कम ही देखती थी क्युकी उन्हें घर के काम होते थे... लेकिन वो बिल्कुल रिद्धिमा के मन को नहीं भाप सकीं अखिर रिद्धिमा वो सीरियल देखती है जिनमे प्यार मोहब्बत हो 😲 Kher वो कहा मानने बाली थी उर्मिला जी उसको रोकती भी तो भी बो किसी तरह उन्हें मना लिया करती थी... कुछ देर बाद खाना लेकर रिद्धिमा लेकर आई रिद्धिमा को सब्जिय चावल बेहद पसंद थे और उसके भाई को डाल चावल दोनों मे लड़ाई होती थी इसी बात पर आज डाल चावल बनेंगे तो कभी सब्जी चावल लेकिन उर्मिला को तीनों की मन का करना पड़ता था कभी सब्जिय चावल तो कभी दल चावल एक दिन छोड़ दोनों का मनका बनता. रिद्धिमा का भाई टेड़ी हड्डी था. क्युकी उसके मन का नहीं होता था तो वो बहुत लड़ाई कर्ता था ridhi से. इस बार टीवी का रोमित रिद्धिमा ने छिपा कर रखा था. क्युकी राम को सिम चेन देखना पड़ता था.. तो रिद्धिमा को doremon दोनों भाई बहन अब इसपर भी ladai करते थे. लेकिन एक बात थी जिसने टीवी का रिमोट पहले छिपा लिया तो उसी का टीवी और रिमोट उस वक़्त तक जबतक वो अपने मन का नहीं कर लेता या फिर सारा दिन ही क्यु ना हो जय इसलिए रिद्धिमा राम के उठने से पहले ही romod उठा कर छिपा कर रख लिया करती थी एक दिन ridhima ने 5 बजे सुबह उठकर rimod छुपा लिया तो बड़ी खुस थी कुछ दिन aesa ही करती रही लेकिन उसकी खुसी टिकने बाली कहा था... जब राम को पता चाला रिद्धिमा ऐेसे करती है तो.. अब वो खुद जल्दी उठकर. सबसे पहले rimod छुपा लेता. लेकिन अभी राम घर पर नहीं था वो कुछ दिनों के लिए अपने चाचा के साथ गाओ गया हुआ था इसलिए अभी रिद्धिमा रिचा दोनों खुस थी घर मे कोई ना कोई जरूर होता है जो परेशान करने वाला हो उन्हीं मे से राम था दोनों बहनो को वो बिल्कुल पंसद नहीं था अखिर परेशान ही इतना कर्ता था.... अखिर कार उसे रिमोट जो मिल गया था कुछ देर टीवी यू देखने के बाद उर्मिला जी बोली चलो अब बन्द करो टीवी अब स्टडी करो उठो. तो रिद्धिमा ने अछे बचे की तरह बात मान टीवी बंद कर दिया. और बुक उठाकर स्टडी करने बैठ गई अब. थोड़ी बहुत स्टडी करने के बाद ridima को नीद आने लगी और कुछ देर बाद ridima सो गाई. थोड़ी ही देर बाद सूरज की आवाज आई anty जी anty ji. तब जाकर रिद्धिमा की माँ चावी लेकर dedi. रिद्धिमा की need खुली तो उसने पूछ लिया अपनी माँ से क्या हुआ माँ क्या चाइये था. तो उर्मिला जी बोली कुछ नहीं बेटा. सूरज की मामी कुछ काम से बाहर गई है सूरज के लिए चाबी रख गई थी कि सूरज आए तो ये उसे दे देना. ओ अछा ridima बोली. फिर वापिस से ridima फिर सो गई अब उसकी नीड गायब थी क्युकी वो सूरज के बारे मे सोच रहीं थीं. उसकी मामी घर पर नहीं है वो अकेला है. और मामी के कहे शब्द उसे याद आ रहे थे कि उन्होंने सूरज के बारे मे बोला वो सच है तो मे क्यु उसके बारे मे सोच रही हू हो सकता है बिगड़ा हुआ हो क्या ठिकाना लड़कों का वेसे भी लड़के आजकल अछे होते कहा खैर मुझे क्या करना और ऐसा विचार कर अपनी आखें बंद कर ली. कुछ देर बाद सूरज फिर आया. . Anty जी anty जी उर्मिला जी बाहर गई और बोला क्या हुआ. वो आपने कुछ बना या है क्या सायद मामी खाना बनाना भूल गई होगी अगर आपके यहा थोड़ा बहुत कुछ रखा हो तो. उर्मिला जी बोली हाँ हाँ ao बेटा आओ खाना है हम लोग एक्स्ट्रा बनाकर ही रखते है क्युकी कब in बच्चों मे से किसको कब भूख लग आए क्या पता ridima. ओ didhima उर्मिला जी रिद्धिमा को बुला रही थी लेकिन ridima सब कुछ सुन चुकी थी तो उसका दिल धाक धाक कर रहा था सूरज के सामने जाने से. लेकिन उठना तो था ही वो फिर उठी और सबसे पहले अपना चेहरा देखा. और अपने चेहरे को देखकर छिड़ गई क्युकी उसके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था और बाल बिखरे हुई थीं. ये देखकर उसने 😏मुह फेरा और बोली आई माँ बस 5 मिनट जल्दी उठी और दिल की ढक ढक घबरात के साथ जल्दी जल्दी अपना मुह धोया फिर जल्दी हल्का मेकअप किया अब वो ready थी और खुस भी सूरज के सामने जाने के लिए और ridhima चली गई अपनी माँ के पास जी माँ अपने बुलाया हाँ बेटा... सूरज के लिए खाना परोस दो मेरे हाथ छापे हुई है मे बेसन के लड्डू बना रहीं थीं.. तो सूरज आ गया बोल रहा है कोई नहीं है घर पर तो यहा आ गया जाकर तुम थाली लगा दो.... सूरज को उर्मिला जी ने अंदर बुलाया और बैठने को कहा सूरज अंदर आकार जमीन पर बैठ गया. तभी ridhima आई और बोली अरे आप जमीन पर मत बैठो उठिए मे ये Fars बिछा देती हू और रिद्धिमा Fars बिछा देती है जिसपर सूरज बैठ जाता है... उर्मिला की होने की वज़ह से सूरज अपनी नजर रिद्धिमा को देखने के लिए उठा भी नहीं पा रहा था और. Ridhima बस सूरज को खुलकर देख पा रही थी कि क्युकी सूरज की नजर नीचे थी. कुछ देर बाद रिद्धिमा खाना ले आई और सूरज को थाली लगा दी और साथ मे ये भी बोला कुछ जरूरत हो तो बेझिझक माग लीजियेगा... 🙂 और सूरज खाना खाने लगा.. बाद मे ridhima और खाना लेकर आई और थोड़ा और पड़ोस कर वापिस चली गई.. अब सूरज खाना खा चुका था वो अपनी थाली उठा कर रखने ही जा रहा था तभी रिद्धिमा आई और सूरज से थाली ले बोली ये क्या कर रहे हैं आप मे हू ना रख aaugi तब जाकर सूरज ने रिद्धिमा को देखा था.. सूरज का तो दिल कहीं जाकर रुक सा गया था. और ridhima की भी नजर सूरज से टकरा गई... और दोनों एक पल को वहीं ठहर गए.. लेकिन उर्मिला जी ये सब देख रही थी. वो पीछे से बोली क्या हुआ थाली रख आ. 🤨तब जाकर रिद्धिमा बोली हाँ हाँ. जा रही हू. वो सूरज जी हाथ धों रहे थे तो. मे जरा रुक गई थी..
सूरज जी हाथ धों रहे थे तो. मे जरा रुक गई थी.. अछा अब धूल गए होगे जा रख aa. हाँ जा रही हू. 😏...... और सूरज और सुनाओ आपका काम धाम कैसा चल रहा है है उर्मिला जी बोली. सूरज bola बस anty बढ़िया चल रहा है अभि मीटिंग थी मुंबई मे तो वहीं कहा था bussnise के सिलसिले मे. अछा और यहा कबसे रह रहे हो आप आपके mumy पापा वो कहा है... Bo गाओ मे रहते है anty मे यहा rhta में जब 15 शाल का था तो मुझे यहा भेज दिया क्युकी मामा मामी के यहा कोई बच्चा नहीं हुआ जिस बजह से मेरी माँ ने और नानी ने यहा भेज दिया ताकि मेरी स्टडी भी होती रहे और मामा मामी को बचे की कमी ना हो लेकिन... मामा तो खुस रहते हैं मुझ से लेकिन मामी मुझे अपना नहीं समझती... . तभी उर्मिला जी इंट्रेस्ट दिखाते हुई बोली क्यु क्या हुआ और सूरज के पास मे आकार बैठ गई.. सूरज बोला मे वो सब कर्ता हू जिसकी उनको जरूरत हो सब कुछ कोई कसर नहीं छोड़ता मे लेकिन जब भी कोई नया किराये दार आता है वो सबसे यही बोलती है. वो बिगाड़ हुआ है कुछ काम का नहीं है हम लोगों का ध्यान नहीं रखता पता नहीं क्या मिल जाता है उन्हें ऐसा करते सायद आप लोगों से भी बोला होगा उनको आदत है मेरी बुराई करने की... Ridhima पीछे से सब सुन रही थी.... उर्मिला जी बोली हाँ बोला तो था उन्होंने मुझसे भी लेकिन हमे लगा vo सच कह रही है.. हाँ anty आप की क्या गलती सामने बलों को जो दिखाया जाए वही देखते है लोग और आप लोग तो नए हो कैसे पता होगा कुछ आप लोगों को जो उन्होंने बोला आपने maan लिया. मामी की तो आदत है लेकिन मेंने जब आप लोगों को देखा तो मुझे आपसे अपने पन की भावना आई मुझे इसलिए मेने आपको ये सब बता दिया कि आप लोग बाकी लोगों की तरह मुझे ही गलत ना समझ लो और मुझसे पर्दा करने लगे इसलिए.. मामी है भी नहीं तो Orr मोका मुझे मिलता भी नहीं.. मुझे तो वो time पर खाना तक नहीं देती और कुछ बोलो तो लड़ने बैठ जाती है.... मैं भी अपने मामा की बजह से बस सुनकर रह जाता हू और बाहर ही रहता हू ज्यादा तर मुझे किसी चीज की कोई कमी नहीं है बस एक बाहर का खाना नि खाया जाता . आज आपके यहा खाया तो पेट और आत्मा दोनों को सुकून मिला. आपको जब भी मुझसे कोई काम पड़े तो आप बिल्कुल बेझिझक बोलना मुझसे.. और सूरज कहता है चलो anty चलता हू... लेकिन उर्मिला जी बोली आप चाय नहीं पीते आप तो कॉफी पीते होगे.. नहीं anty में चाय ही पीता हू मेरी फेवरिट है एनी टाइम्. आपको ऐसा क्यु लगा मे चाय नहीं पीता. सूरज बोला. उर्मिला जी बोली वो बड़े लोग cofi पीते है ना इसलिए. सूरज नहीं इसी बात नहीं है. तभी उर्मिला जी बोली रिद्धिमा चाय बना ला.. रिद्धिमा मुह बना बोली 😏 हाव बना रहे है बस बैठी बैठी odar डेट रेट है. हमे सोने तो हम सो भी नहीं पाए अब. चलो कोई नहीं इस बहाने सूरज जी से तो मिल लिया अब चाय देने जाऊँगी तो फिर देख lugi लेकिन. मे उन्हें देखू तब तक कितना अछा लगता है ना... ☺️ और जब वो मुझे देखते है तो मेरा दिल कैसे ढक ढक करता है मे ही जानती हू एक दम दिल मे वो अजीब सी हलचल अजीब सा अह्सास कितना अजीब लगता है लेकिन प्यारा लगता है 🤗चलो मे चाय बना दु नहीं तो सूरज जी चले जाए कि इतना time क्यु लग रहा है... Ridhima जल्दी जल्दी dhoodh उठाई और चाय पत्ती शक्कर उठाकर डाल दी लेकिन इतने मे मजा नहीं आएगा चाय. तो उसने ilaichi और अदरक डाल दिया कुछ देर बाद चाय बनकर रेडी थी... और ridhima ने kup उठाए उनमे चाय ली और दो कप लेकर चली गई.. एक कप उठाकर सूरज को देने लगी तो सूरज ने जब चय ली तो हल्का touch रिद्धिमा kei hath par हो गया इस अह्सास से तो रिद्धिमा के तन बदन में आग लग गई एक पल को तो उसे ऐसा लगा कि सूरज का हाथ पकड़ कर उसके पास मे बैठ जाय लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकती थी... उसके बाद उसने उर्मिला जी को चाय दी. और अंदर चली गई कुछ ढेर बाद. सूरज चाय पीकर चला गया. फिर रिद्धिमा ने देखा उसके लिए चाय है नहीं सूरज के जाने के बाद अब होने थे ridhi के नाटक सुरु. माँ चाय बना ओ. उर्मिला जी क्यु अभी बनी थी वो. वो तो आप दोनों को dedi मुझे नहीं बची.. उर्मिला जी अरे तो उसी me थोड़ा बड़ा लेती तुम भी वे फालतू के काम करती हो.. Ges भी जा लेगा और ektra समान फिर लगेगा उर्मिला जी बोली... Ridhima बोली अरे माँ ज्यादा मत बोला करो इतनी कंजूसी अछि नहीं होती एक तो मुझसे बनाई चाय आप जानती हो मुझसे कभी ज्यादा तो कभी कम बन जाती है अब बन गई तो बन गई उसमे हम का करे.. 🙄 आप बना दो जल्दी से.. हाव बनाए दे रहे है उर्मिला जी बोली... ये लड़की 15 शाल की होगई है मगर EKAU ढंग नहीं है इसमे उस समय तो 12 शाल मे विवाह हो जाट तो तब हमारो सब काम करात ते ये मेडम है इनको चाय को नापतौल PATO नैया का कर है जे का ने कर उर्मिला जी अपने मूं मऊ ही बड़बड़ा ये जा रही थी.. RIDHIMA तो चुप चाप बैठी HEADPHONE लगाए SONG सुन रही थी वो भी कौनसा.. तु थाम ले जो दामन संभाल जायेगे क़दम.. उसके बाद NEXT यारा हो यारा तेरी ADAO ने मारा बिन तेरे हम कैसे रहें जीना है मुस्किल हमारा यारा हो यारा तेरी AADAO ने मारा.. कुछ देर बाद चय बनकर आ गई. RIDHIMA बोली बिस्कुट है. उर्मिला जी बोली नैया सूबा खाया जाता है बिस्कुट जो कोण सो TEM है.... हाव मत दो नहीं चाइये चाय ही पी ले रहे हैं 😔 कुछ देर बाद चाय पीने के बाद शाम हो चली थी सब रिद्धिमा के ऊपर जाने का wqt हो चुका था.. रिद्धिमा क्षत पर जाती थी शाम होते ही वो क्षत पर चली जाया करती थी. कुछ देर बाद ridhima क्षत पर चली गई.. कुछ देर तो वो घूमती रही. बाद मे रिचा भी ऊपर चली गई और रिद्धिमा के साथ छत पर टहलने लगी दोनों बहने बाते कर रही थी. फिर अँधेरा होने को था अंधेरा हो चुका था.. अब रिचा का मन ऊब गया तो वो बोली चलो नीचे चलते हैं लेकिन रिद्धिमा तो मस्त मोला. वो बोली तुम जाओ मे आती हू थोड़ी देर बाद... और रिचा बोली okye मे जाती हू.....और कुछ देर बाद रिचा भी नीचे चली जाती है. उसके बाद सूरज वापिस घर आता है और रिचा को नीचे उतरता देख अंदाजा लगा लेता है. सायद रिद्धिमा ऊपर होगी... लेकिन रिचा से पहले रिद्धिमा पहले आ चुकी हो क्या पता... चलो एक बार जाकर देख लेता हू क्या हर्ज हैं! और ये सोचकर सूरज ऊपर चाला जाता है.. और बहा वो देखता है.. रिद्धिमा इधर से उधार और उधर से इधर हो रही है.. और रिद्धिमा के पास सूरज अपने kadam बड़ा देता है ridhima जैसी ही मुड़ी सूरज के सीने से जाँ लगी ऊपर अंधेरा होने के बजह से. उसे कुछ समझ नहीं आया लेकिन हल्की लाइट आ रही थी जिसमें सूरज का चेहरा साफ दिख रहा था. Ridhima अपनी नजर ऊपर करती है और देखती है सूरज उसे ही देख रहा है. आप यहा रिद्धिमा सूरज से बोली.. सूरज बोला हाँ वो मे क्षत पर टहलने आया था लेकिन. इतना andhera था मुझे तुम दिखी नहीं.. हाँ वो तो है चलो अब मुझे चलना चाइये ridhima बोली अगर माँ ने मुझे आपके साथ देख लिया तो पता नहीं क्या क्या सोचेंगी.... मे जाती हू और रिद्धिमा जाने लगती है लेकिन सूरज उससे कुछ नहीं कह पाता अखिर किस हक से उसे कुछ कह दे.... लेकिन रिद्धिमा खुस थी... सूरज के हल्के स्पर्श से ही उसके टन बदन मे आग लगा चुका था.. इस उम्र अगर कोई फिसल जाय तो उसके ज़ज्बात बिल्कुल काबु नहीं रह पाते है... सोचने समझने की सकती खो सी जाती है वही रिद्धिमा के साथ हो रहा था.... रिद्धिमा खुसी खुसी नीचे छली गई लेकिन बिचारा सूरज चुपचाप उदास सा एक तक रिद्धिमा को देखता रहा.... कुछ देर बाद सूरज ने भी अपने दोस्तों को फोन किया और कुछ देर बात कर वो भी नीचे आ गया... कुछ देर बाद.. रिद्धिमा अंदर जाकर कुछ टीवी देखा और स्टडी की फिर खाना खाया और सो गई... सूरज तो बेचन था दिल मे बहुत अरमान चल रहे थे रिद्धिमा को लेकर रिद्धिमा के पास होता तो ये कर्ता बो karta उसका दिल बेहद मचल रहा था उसका जी चाह रहा था रिद्धिमा को अपने नीचे दबोच ले और रिद्धिमा को एक ही झटके मे अपना बना ले लेकिन वो मजबूर था. वो जिस उम्र मे था उसका शारीर उसके कंट्रोल मे नहीं था. वो कुछ romtic फिल्म देखकर खुदको कंट्रोल कर भी लेता और बाद मे एक plow लेके उसको दवा के सो जया कर्ता. था कुछ दिन ऐसे ही बीत गए. रिद्धिमा ने अपनी माँ से कहा माँ मुझे एक फोन लेना है.. उर्मिला जी ने कहा क्या फोन क्यु.. बस माँ स्क्रीन touch लेना है उसमे कुछ ऑनलाइन क्लास होती है zisme मे स्टडी करुँगी मेरी मेम ने कहा कुछ समझ नहीं आता तो तुम मुझसे ऑनलाइन ट्यूशन लेकर समझ सकती हो. और अछा भी है ना माँ बोरिंग भी नहीं लगेगा पड़ने मे प्लीज. उर्मिला जी ज्यादा पड़ी लिखी नहीं थी रिद्धिमा ने जो बटाया उन्होंने ने akhan बंद कर के सारी बात मान ली.. और उन्होंने बोला ठीक है.. और रिद्धिमा के माँ और रिद्धिमा अपना काम निपटा कर मार्केट चली गई जहा से रिद्धिमा ने कुछ कपड़े लिया और उर्मिला जी ने अपने घर grah का समान लिया. बहा से तो ridi और उर्मिला जी ओटो मे आए थे लेकिन अब सामन ले चुके थे. तो अब उनको bapish भी जाना था. लेकिन कोई था जो उन दोनों का पीछा कर रहा था.. सामने से सूरज आकर रूक गया और बोला anty आप यहा. Are सूरज बेटा तुम यहा हाँ बोल anty में कुछ काम से आया था. ओ अछा beise आप लोग यहा. हाँ हम लोग bajar आए थे कुछ समान लेने तो ले लिया अब बस ओटो देख रहे है. अछा. Anty आपको प्रॉब्लम ना हो तो मे छोड़ दु आपको घर. हाँ हाँ क्यु नहीं बेटा हमे क्या प्रॉब्लम होगी उर्मिला जी बोली उन्होंने सोचा चलो ओटो का किराया बच जायगा. लेकिन बेटा ये समान भी तो है. अरे आप उसकी चिंता मत करिए मेरा दोस्त है साथ मे वो ये समान रख लेगा. सूरज ने इशारा किया तो टोनी ने उर्मिला जी के हाथ से सामन ले लिया और अपनी baggi मे रख दिया. और अब उर्मिला जी भी खुस. लेकिन रिद्धिमा संकोच कर रही थी वो अखिर सूरज के साथ बेठेगी तो कैसे बैठेगी.
अब उर्मिला जी भी खुस. लेकिन रिद्धिमा संकोच कर रही थी वो अखिर सूरज के साथ बेठेगी तो कैसे बैठेगी. उसने सोचा कि अगर वो बीच मे बेठे गी तो बिल्कुल सूरज से चिपक जायगी रिद्धिमा को बेहद अजीब लगा लेकिन उर्मिला जी को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था उनका तो किराया बच गया था.. उन्हें क्या.. Unhone भी ज्यादा नहीं सोचा अखिर कम पड़ी लिखी orate और गाओ की orat ज्यादा कहा कुछ सोचती है.. Kuch देर बाद उर्मिला जी बोली बैठ जा. तो रिद्धिमा बैठने को हुई... लेकिन उसे पकड़ने को कुछ नहीं मिल रहा था तो उसने सूरज के कंधे पर हाथ रखा और अपने पैर डाल कर बैठ गई सूरज अपनी dukati wike लेकर आया था. जिसपर पहली बार कोई लड़की बैठी थी. Rishima पहले थोड़ा दूर थी लेकिन जैसे ही उर्मिला जी बैठी Rishima बिल्कुल सूरज से ऐसे चिपकी मानो एक इंच का भी गैप नहीं था क्युकी उर्मिला जी हेल्दी थी तो रिद्धिमा बिल्कुल बीच मे दस गई थी रिद्धिमा सूरज से बिल्कुल तार की तरह चिपक गई थी ना तो वो अब पीछे हो सकती थी और ना आगे. सूरज को एक अलग ही नशा सा चड़ रहा था रिद्धिमा को पाने का क्युकी रिद्धिमा का सीना बिल्कुल सूरज की पीठ से लगा था और इतने टाइट बैठने से रिद्धिमा का सीना बार बार प्रेस हो रहा था. अभी तो कम था लेकिन अब असली मजा अना बाकी था... जब सूरज ने wike स्टार्ट की ओर जैसे ही वो wike आगे बढ़ाता और रुक रुक कर ब्रेक मारता तो रिद्धिमा का सीना हर बार प्रेस हो जाता जिसको सूरज अछे तरह से महसूस कर पा रहा था.. Ridhima और उर्मिला जी यहि सोच रहे थे सायद भीड़ बहुत है तो सूरज को प्रॉब्लम हो रही है wike चलाने मे लेकिन असली बजह तो Ridhima की चेस्ट थी. 😮 इसमे सूरज को बहुत अछा लग रहा था तो रिद्धिमा को थोड़ा अज़ीब एक अजनबी इंशा के साथ इतना chipak के बैठना उसे बहुत अजीब लग रहा था लेकिन फिर भी उसने इस सब को इग्नोर किया सिर्फ उसकी मा के लिए बो बोलती भी तो क्या बोलती... थोड़ी देर बाद सूरज का घर आ जाता है और रिद्धिमा की माँ wike से नीचे उतार जाती है और सूरज को thank you कहती है मतलब धन्यबाद.. लेकिन सूरज तो उन्हें ही मन ही मन धन्यबाद दे रहा था... कुछ देर बाद रिद्धिमा सूरज की wike से नीचे उतार आती है एक हाथ सूरज के कंधे पर रखकर उसे बहुत. सुकून मिला उतारते wqt क्युकी इतना दस के जो बैठी थी और comfortable भी नहीं थी वो दोनों के बीच उर्मिला जी तो आगे आगे निकल जाती है... लेकिन रिद्धिमा jese ही आगे जाती है सूरज उसका हाथ पकड़ लेता है एक दम से सूरज के हाथ पकड़ ने से ridhima हैरान सी थी कि हुआ क्या इस तरह अचानक से... Ridhima को सूरज के इस तरह पकड़ने से एक करेंट सा लगा और दिल को खुस करने वाला सुकून. उसने पीछे मुड़कर देखा तो सूरज बोला वो आपकी माँ चली गई उनको बोलो वो ये समान ले जाए मेरा दोस्त पीछे ही है. Ridhima बोली जी मे अभी बोल देती हू.. इतने मे अंदर जाते ही ridhima अपने सेनदिल उतरने लगती है और जेसे ही वो माँ को आवाज देती है पीछे से सूरज उर्मिला जी का समान लिए आ जाता है और. अंदर इंटर हो जाता है रिद्धिमा तो भूत बनकर खड़ी हुई थी आखिर ये क्या हुआ... सूरज ने रिद्धिमा को एक डेविल स्माइल दी... और अंदर चाला गया... उर्मिला जी बोली बैठो बेटा वो मुझे लगा ही था तुम्हारा दोस्त आया नहीं था तो मे अंदर आगई मुझे आवाज दे देते मे समान उठा लेती आपने क्यु tqleef की.. रिद्धिमा जा जाकर पानी ले तो आ मे जबतक चाय बना देती हू.. रिद्धिमा तो सूरज की हर एक हरकत पर हैरान थी... 😮 अखिर सूरज कर क्या रहा था. जेसे ही रिद्धिमा सूरज को पानी देने के लिए गई तो रिद्धिमा ने पानी का ग्लास उठा सूरज की तरफ बढ़ाया... तो सूरज ने पानी के ग्लास के साथ साथ रिद्धिमा का हाथ भी पकड़ लिया. इस बार तो ridhima को चक्कर ही आ गए और सर चकरा गया क्युकी रिद्धिमा की माँ उर्मिला जी के सामने ही सूरज ये हरक़त करने पर तुला था... Ridhima ने हाथ छुड़ाया तो सूरज ने और जोर से उसका हाथ पकड़ लिया ridhima बार बार अपनी माँ की तरफ देख रहीं थीं कि कहीं वो देख ना ले.. कुछ देर बाद उर्मिला जी ने फिर आवाज दी बेटा चय लेजा रिद्धिमा बोली हाँ माँ आई अभी. और रिद्धिमा सूरज को आखें दिखाती हुई हाथ छोड़ने का इशारा करने लगी... थोड़ी सी देर से सूरज रिद्धिमा का हाथ छोड़ देता है. रिद्धिमा जल्दी से जाती है और अपनी माँ से कहती है माँ मुझे बॉस रूम जाना हैं आप दे देना चय अरे सुन तो. और रिद्धिमा जल्दी 100 की स्पीड से भाग जाती है.... और जल्दी से basroom का दरवाजा बंद कर लेती है.. उसे सूरज से बचना जो था अखिर वो अपनी खुसी छुपा भी तो नहीं प रही थी और बहा जाकर वो अपने दिल पर हाथ रखे जोर जोर से मुस्कुराए जा रहीं थीं बस मुह से आवाज नहीं निकल रही थी लेकिन उसकी खुसी का कोई ठिकाना नहीं था नई उम्र का नया अह्सास था ये.... जब उर्मिला जी सूरज को चाय दे देती है और सूरज चाय पीने लगता है लेकिन उसकी नजर तो रिद्धिमा पर थी कि कब आएगी रिद्धिमा लेकिन वो washroom से निकल कर जल्दी से क्षत पर भाग जाती है 🤣 अब क्या कर लेगा सूरज. जब तक सूरज निकल नहीं जाता वो क्षत की सीडीओ से सूरज के निकलने का हो इंतजार कर रही थी अखिर उसे शर्म ही इतनी आ रही थी और उसका दिल तो उसके काबु मे नहीं था इसलिए वो सूरज का सामना नहीं करना चाहती थी और थोड़ी एकड भी तो दिखानी थी उसे की मुझे तुममे कोई इंट्रेस्ट नहीं है कुछ देर बाद सूरज बे मन सा निकाल जाता है तभी उसका coll आ जाता है और फोन उठा कर वो सीधा क्षत पर ही चल देता है. रिद्धिमा की तो आखें ही बाहर निकलने को थी और दिल बाहर आने को ईईई माँ मर गई वो तो यहि आ रहे हैं अब मे क्या करू कहा जाऊँ रिद्धिमा जल्दी से भाग निकली क्षत के साइड पर एक दूसरा रास्ता था जो सीधा सूरज की मामी के कमरे मे से निकलता था.. रिद्धिमा ने सोचा चलो अभी यहि से निकल लेते है लेकिन उस channle मे तो ताला डाला था... मजबूरन रिद्धिमा को बही beithna पड़ा... और. सूरज भी कुछ देर बात करते करते चला गया... रिद्धिमा को जैसे ही उसके पिरो की आवाज आई वो जल्दी उठी और दावे पाओ ऊपर आई पहले उसने आसपास देखा जब उसे कोई नहीं दिखा तो रिद्धिमा ऊपर आकर सीधा नीचे उतार गई
अब रिद्धिमा नीचे आ चुकी थी और सामने उर्मिला जी थी जो बाहर थी और बर्तन साफ कर रही थी क्युकी उनका बरतन माँजने का ऐरियl बाहर ही था.... रिद्धिमा पास बैठ कहती है माँ बताओ हम माज बाय दे रहे तुम हारे बर्तन लेकिन उर्मिला जी कहती है हों गया तुम जाओ और अपना स्टडी करो तुम्हारे पेपर आने वाले है लेकिन रिद्धिमा कहती है मुझे सब याद है परीक्षा मै क्या लिखना है आप चिंता मत कीजिए और वो अंदर चली जाती है इस दोरान सूरज उसे कहीं नहीं दिखा क्युकी सूरज जा चुका था रिद्धिमा बड़ी चंचल टाइप की थी कुछ दिन यू ही बीत गए लेकिन रिद्धिमा को सूरज कहीं नहीं दिख रहा था रिद्धिमा सोच रही थी कि सूरज अचानक से कहा गया होगा लेकिन सामने से सूरज की मामी आती है जो बताती है सूरज मुंबई गया हुआ है उसकी मीटिंग थी एक इस बजह से ये बात उर्मिला जी और मामी के बीच चल रही थी रिद्धिमा ये सब सुन रही थी और साथ मैं उसने ये भी सुना की सूरज जो काम कर्ता है उसमे उसको इसी तरह हफ्तों हफ्तों जाना पड़ता है मुंबई रिद्धिमा तो थी 15 शाल की उसके दिमाग मैं एक बात आई जब ये हफ्तों बाहर रहते है तो मुझे time कैसे देगे ये सोच रिद्धिमा ने सोचा नहीं ये लड़का उसके काम का नि जिसके पास समय ही नहीं वो क्या करेगी ऐसे इंशा के साथ रहकर उसने अपनी ही बुढ़ी चलाई उसने मोबाइल ले रखा था लेकिन उसे समझ नहीं आता था इस फोन मैं क्या फीचर है क्या नहीं क्युकी जब उसने फोन लिया था वो काफी पुराना टाइम् था उसे ज्यादा कुछ नहीं आता था सिवाय मैसेज और कॉल करने के अलावा इसी बीच रिद्धिमा के भाई का बाहर आना जाना हुआ उसकी उम्र तो कम थी लेकिन उसके दोस्त उससे उम्र mai ज्यादा बड़े थे सायद उन लोगों ने ये दोस्ती ridima के बजह से ही की थी और अब राम धीरे धीरे उन लोगों मे घुलने लगा उसने Facebook चलाना भी सीखना जब कि उसे ये सब आता नहीं था ना वो जनता था लेकिन राम के बिगड़े दोस्तों ने उसे सब सीखा दिया बटेर बाजी करना और भी बहुत कुछ एक दिन रिद्धिमा बैठी हुई थी और राम से कहने लगी ये तो बेकार है एंड्रॉयड फोन का भी क्या मतलब है जब इसमे कुछ रहता ही नहीं है बेकार फोन तब जाकर राम ने ridima से कहा aree तुम facebook लोड करो ना रिद्धिमा बोली उसमे क्या होता है राम बोला उसमे दोस्त बनते हैं Ridima को कोई idea नहीं था ram नें ही उसे id banai और ridhima को sikha दिया ये सब नया नया था ridhi भी देखकर बहुत खुश हुई उसके खुसी का ठिकाना ना था उसे लगा उसे भी सब नए नए लड़कों से दोस्ती करने को मिलेगा उसे बहुत खुसी हुई अब उसे एक लड़का मिल जायगा जिससे वो दोस्ती करेगी लेकिन जब उसने facbook Use किया तो उसमे बहुत सारे लड़कों की request थी और कुछ add friend करने को था उसे फिर कुछ समझ नहीं aaya उसने फिर राम से पूछा उसने फिर बताया कि तुम्हें जो accpet करनी है करो और add वाला भी ऑप्शन उसने समझा या अब ridi पर facbook बनने लगा था रिद्धिमा को बहुत से लड़कों की Reqbest आई हुई थी और उसने बहुत से लड़कों की req. Accept भी की और कूच एक दो लोगों से बात भी करने लगी उसकी बात हैलो हए कैसे है यही तक ही होती थी और ज्यादा नहीं उसे कोई और yeisa मिल नहीं रहा था जिसे वो अछे से समझे अछे से दोस्ती कर ले उसका इस सब से भी Man ऊब गया तो उसके दिमाग मैं एक दिन खुराफात हुयी उसने एक नौ लिया और उसके अंकों को उल्टा कर दिया पहले तो वो no. Wrong bataya लेकिन फिर उसने try किया तो वो नौ. कहीं yeise इंशा को लगा जिसकी उम्र 30 शाल होगी पहले तो उसने अछे से बात की लेकिन जब उसे पता छला की रिद्धिमा 15 शाल की है तो उसने कहा तुम बहुत छोटी हो मेने सोचा कोई 19 se 20 शाल की लड़की होगी लेकिन तुम तो और ये कहकर उसने फोन कट कर दिया .................,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,..............,,,,,, इस सब से ridhi फिर सांत हो गई उसके मन मैं अब निराशा थी क्युकी उसे अपनी पड़ाई लिखाई से मतलब नहीं था उसे तो सिर्फ लव करना था फिर वो लड़का कैसा भी हो उसे पता नहीं क्यु इतनी ही उम्र मे एक asiq chaiye था खैर कुछ दिन उसने सांति रखी लेकिन उसके दिमाग ने फिर एक दिन खुराफात machai और उसने अपने पिता के no. को Aage पीछे कर फिर एक no डायल कर दिया और Bo लग भी गया..... उसने 2'3 रिंग की ओर फोन कट कर दिया लेकिन बहा से उसे कोई response नहीं मिला तो उसने दूसरी बार Try किया तो उस लड़के ने जल्दी फोन उठा लिया उस लड़के की आवाज काफी मर्दाना थी.... उसे लगा सायद ये भी कोई आदमी है तो उसने बात नहीं की ओर कहा sory गलती से wrong no. Lag गया लेकिन वो लड़का बोला कोई बात नहीं Ridima बोली ओके बाइ sory Bo लड़का उसका नाम मनीष था जो एक वन विभाग का रक्षक था उसकी ड्यूटी बन विभाग मैं लगी होती थी.... लेकिन ridhima को उसकी आवाज़ सुन कुछ काश इंट्रेस्ट नहीं आया उसमे हाँ इतना जरूर था की उसे उसकी आवाज़ काफी अछि लगी lekin थी मर्दाना आवाज उसके चलते ridhima को कुछ दिन बाद फिर उसी no से फोन आया ridhi बोली hello मनीष बोला आप कोण ridhi को ग़ुस्सा aaya फोन आपने किया है मेने पहले बोला था गलती से आपको उस दिन कॉल लग गया था तो मनीष बोला ओ तो तुम rong no बाली बोल रही हो Ridhi बोली हाँ ठीक है बाइ लेकिन मनीष बोला क्या हम बात कर सकते हैं रिद्धिमा को लगा सायद मनीष सिंगल है तभी बोला है वो बात करने का..... Ridhima बोली जी बोलिए क्या बात करनी है और रिद्धिमा छत पर चली जाती है ताकि उर्मिला जी उसकी कोई भी बात गलती से भी ना सुनले.... Manish कहता है सच btao तुम्हारे पास ये. No. Aaya कहा से.... 🤔
रिद्धिमा बोली कहा तो था wrong no. लग गया था... लेकिन मुझे यकीन नहीं होता ऐसे कैसे हो सकता है. रिद्धिमा को गुस्सा आ गया क्यु लग नहीं सकता है क्या बात आप कर रहे है मैं नहीं ठीक है रखो अब फोन.... रिद्धिमा की बात सुन मनीष कहता है सॉरी मुझे लगा मेरे साथ वाले लोग जान बूझकर मेरा मज़ा ले रहे है लेकिन तुम और कोई हो .. ये सुन रिद्धिमा बोलती है आगे क्या करना है Manish कहता है कुछ नहीं बात करना चाहता हू करोगी मुझसे बात ये सुन रिद्धिमा को बहुत खुसी होती है और कहती है क्यु नहीं उसके लिए आपको मुझसे दोस्ती करनी होगी और कभी ये दोस्ती मत. तोड़ना रिद्धिमा की बात सुन मस्तिष्क बहुत खुश होता है और कहता है मे तो नहीं तोड़े उगा लेकिन आप ध्यान रखना आपका भरोसा नहीं.... क्युकी अक्सर धोका लड़की ही करती है रिद्धिमा कहती है धोखे के लिए मेने थोड़ी लव किया है जो धोखा करुँगी दोस्ती ही की है जब तक निभा पाओगी nibha उगी और ये कहकर रिद्धिमा कहती है वैसे आप क्या करते हो masish बताता है कि मैं वन विभाग मैं जगल मैं काम कर्ता हू जो छोरे होते हाँ वो लकड़ियां काटने आते हैं पेड़ों को काटते हैं उनकी रक्षा कर्ता हू मैं ये सुन रिद्धिमा को समझ आ जाता है. अछा तुम क्या करती हो रिद्धिमा कहती है मैं तो स्टडी अछा है गुड किस क्लास मैं हो रिद्धिमा ने सोच लिया था......... अब वो सच नहीं बोलेगी अगर सच बोला तो फिर मुझे छोटा समझ कर दोस्ती तोड़ देगा.... इसलिए रिद्धिमा इस बार झूठ कह देती है कि मैं 12 th class मैं हू.... और जल्दी ही कॉलेज मैं आने बाली हू मनीष कहता है अछा तब तो तुम्हरी ऐज 17, या 18 होगी ये सुन रिद्धिमा कहती है हाँ मैं 17 शाल की हू Manish कहता है फिर भी अभी बालिक नहीं हुई तुम Ridima फिर कहती है हों jaugi कुछ महिने बाद उम्र से क्या फर्क पड़ता है मनीष कहता है बहुत फर्क़ पड़ता है.... तो Ridima कहती है क्या करना है दोस्ती ही करनी है ना और कुछ तो नहीं कि और कोई इरादा है रिद्धिमा की बात सुन मनीष कहता है नहीं कुछ नहीं Ridhima कहती है चलो मैं रखती हू बाद मैं तुमसे बात करुँगी..... रिद्धिमा kii बात सुन manish कहता है oky bye Ridhima फोन रख देती है और उसे लगता है सायद मनीष भी उससे बात नहीं करेगा क्युकी रिद्धिमा को लगा कि मनीश कुछ response नहीं दे दे रहा ज्यादा इसलिए वो भी फिर ज्यादा serious नहीं होती है और वापिस से फ़ेसबुक मैं लग जाती है उसे अजीब लग रहा था... एक तो सूरज भी नहीं था ऊपर से मनीष भी उसमे इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहा था दो दिन बाद अचानक से मनीष का कॉल आया और ये देखकर तो रिद्धिमा सोच मे ही पद गई अचानक से फोन अभि तो.. जनाब ने फोन नहीं किया इसलिये रिद्धि भी थोड़ा भाव खाने लगती है और एक बार मे फोन नहीं उठाती और कट कर देती है... थोड़ी देर बाद मनीष फिर फोन कर्ता है और इस बार रिद्धिमा बाहर क्षत पर जाकर उसका फोन उठा लेती क्युकी वो जानती थी अगर उर्मिला जी ने सुन लिया तो प्रॉब्लम हो जायगी इसलिए उसने बाहर ही जाना बेहतर समझा बही. उर्मिला जी अपने काम मैं बिजी थी रिद्धिमा छत पर जकर फोन उठा. थोड़ा attitude मैं कहती है अब किसलिए फोन किया तुमने ये सुन. Manish कहता है क्यु कर नहीं सकता क्या अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम है तो मैं नहीं कर्ता Ridhima भाव खाकर कहती है हाँ मत करो और ये देख मनीष भी सामने से फोन काट देता है ये देख. रिद्धिमा तो sokd सी हो जाती है क्युकी उसे उम्मीद थी सायद मनीष उसे मनाय और सॉरी बोलेगा लेकिन नहीं. यहा तो उल्टा ही हो गया बही. रिद्धिमा को गुस्सा आया और उसने कुछ देर खुद मैं सोच समझ कर फोन उठा या और फिर से मनीष को फोन लगाया और बोली क्यु बड़ी जल्दी थी फोन काटने की. बहा से मनीष बोला अब आपको बात नहीं करनी तो मैं क्या कह सकता हू. रिद्धिमा बोली मेने ये कब कहां की मुझे बात नहीं करनी तुमने ही इतने दिन मैं फोन किया. मतलब जब तुम्हारा मन होगा तब तुम फोन करोगे. रिद्धिमा की बात सुन ऐसा कुछ नहीं जब आपको बात. करनी हो आप फोन कर लिया करो मनीष की बात सुन रिद्धिमा बोली मेरा ही मन है आपका नहीं है क्या मनीष बोला बिल्कुल है लेकिन. मुझे लगा आप इंट्रेस्ट नहीं ले रही हो. वहीं Ridhima और मनीष की दोस्ती गहरी होगई. एक दिन उर्मिला जी को तेजी से दर्द उठा तो Ridhima के डैडी उर्मिला जी को हॉस्पिटल ले गए तो हॉस्पिटल मैं बटाया की ............. उर्मिला जी को बच्चेदानी मैं गठन है कुछ दिन दवाये खाओ नहीं आराम लगा तो फिर आपका opretion करना होगा ये सुन उर्मिला जी को डर लग रहा था क्युकी कोई भी हो उसे ये सुन दर होगा ही उन्होंने नसबंदी कारवाई थी जिसकी बजह से उनके Periods बिगड़े और उन्हें ये बीमारी लगी . वो यही बोलती रहती की bagvan कभी किसी को ये दिन ना दिखाए और ये नसबंदी तो Mseeno डोरा कराओ ही मत ये सुन Ridhima को काफी दुख लगा क्युकी उसने अपनी माँ को सुरु से ही परेशान देखा था और अब ये सब. घर मै कोई नहीं था जो उन्हें सम्भाल ले आखिर रिद्धिमा bhi तो 15 शाल की थी और राम भी छोटा था... अगर उर्मिला जी का ऑपरेशन होगा तो सब की zimmedri कोण निभाएगा रोटी पानी कोण करेगा बहुत प्रॉब्लम थी और वो यही सोच रही थी कि Ridhima उनके पास आई और बोली क्या हुआ माँ a आप क्या सोच रही है.. रिद्धिमा की बात सुन उर्मिला जी कहती है कि. अभी डॉक्टर opretion बोल दिए है अब घर कोण समा लेगा Ridhima कहती है माँ आप चिंता मत करो मैं खाना कर lugi और रिचा बर्तन और हम इतने छोटे भी नहीं है कि. कुछ कर ना सके लेकिन उर्मिला जी janti थी घर मै बहुत काम होते है इतना आसान नहीं है घर grasthi सम्भाला बही उनके hospital मैं admit hone की तैयारी हो रही थी समीक्षा देना ना भूले दोस्तों
रिद्धिमा बोली कहा तो था wrong no. लग गया था... लेकिन मुझे यकीन नहीं होता ऐसे कैसे हो सकता है. रिद्धिमा को गुस्सा आ गया क्यु लग नहीं सकता है क्या बात आप कर रहे है मैं नहीं ठीक है रखो अब फोन.... रिद्धिमा की बात सुन मनीष कहता है सॉरी मुझे लगा मेरे साथ वाले लोग जान बूझकर मेरा मज़ा ले रहे है लेकिन तुम और कोई हो .. ये सुन रिद्धिमा बोलती है आगे क्या करना है Manish कहता है कुछ नहीं बात करना चाहता हू करोगी मुझसे बात ये सुन रिद्धिमा को बहुत खुसी होती है और कहती है क्यु नहीं उसके लिए आपको मुझसे दोस्ती करनी होगी और कभी ये दोस्ती मत. तोड़ना रिद्धिमा की बात सुन मस्तिष्क बहुत खुश होता है और कहता है मे तो नहीं तोड़े उगा लेकिन आप ध्यान रखना आपका भरोसा नहीं.... क्युकी अक्सर धोका लड़की ही करती है रिद्धिमा कहती है धोखे के लिए मेने थोड़ी लव किया है जो धोखा करुँगी दोस्ती ही की है जब तक निभा पाओगी nibha उगी और ये कहकर रिद्धिमा कहती है वैसे आप क्या करते हो masish बताता है कि मैं वन विभाग मैं जगल मैं काम कर्ता हू जो छोरे होते हाँ वो लकड़ियां काटने आते हैं पेड़ों को काटते हैं उनकी रक्षा कर्ता हू मैं ये सुन रिद्धिमा को समझ आ जाता है. अछा तुम क्या करती हो रिद्धिमा कहती है मैं तो स्टडी अछा है गुड किस क्लास मैं हो रिद्धिमा ने सोच लिया था......... अब वो सच नहीं बोलेगी अगर सच बोला तो फिर मुझे छोटा समझ कर दोस्ती तोड़ देगा.... इसलिए रिद्धिमा इस बार झूठ कह देती है कि मैं 12 th class मैं हू.... और जल्दी ही कॉलेज मैं आने बाली हू मनीष कहता है अछा तब तो तुम्हरी ऐज 17, या 18 होगी ये सुन रिद्धिमा कहती है हाँ मैं 17 शाल की हू Manish कहता है फिर भी अभी बालिक नहीं हुई तुम Ridima फिर कहती है हों jaugi कुछ महिने बाद उम्र से क्या फर्क पड़ता है मनीष कहता है बहुत फर्क़ पड़ता है.... तो Ridima कहती है क्या करना है दोस्ती ही करनी है ना और कुछ तो नहीं कि और कोई इरादा है रिद्धिमा की बात सुन मनीष कहता है नहीं कुछ नहीं Ridhima कहती है चलो मैं रखती हू बाद मैं तुमसे बात करुँगी..... रिद्धिमा kii बात सुन manish कहता है oky bye Ridhima फोन रख देती है और उसे लगता है सायद मनीष भी उससे बात नहीं करेगा क्युकी रिद्धिमा को लगा कि मनीश कुछ response नहीं दे दे रहा ज्यादा इसलिए वो भी फिर ज्यादा serious नहीं होती है और वापिस से फ़ेसबुक मैं लग जाती है उसे अजीब लग रहा था... एक तो सूरज भी नहीं था ऊपर से मनीष भी उसमे इंट्रेस्ट नहीं दिखा रहा था दो दिन बाद अचानक से मनीष का कॉल आया और ये देखकर तो रिद्धिमा सोच मे ही पद गई अचानक से फोन अभि तो.. जनाब ने फोन नहीं किया इसलिये रिद्धि भी थोड़ा भाव खाने लगती है और एक बार मे फोन नहीं उठाती और कट कर देती है... थोड़ी देर बाद मनीष फिर फोन कर्ता है और इस बार रिद्धिमा बाहर क्षत पर जाकर उसका फोन उठा लेती क्युकी वो जानती थी अगर उर्मिला जी ने सुन लिया तो प्रॉब्लम हो जायगी इसलिए उसने बाहर ही जाना बेहतर समझा बही. उर्मिला जी अपने काम मैं बिजी थी रिद्धिमा छत पर जकर फोन उठा. थोड़ा attitude मैं कहती है अब किसलिए फोन किया तुमने ये सुन. Manish कहता है क्यु कर नहीं सकता क्या अगर तुम्हें कोई प्रॉब्लम है तो मैं नहीं कर्ता Ridhima भाव खाकर कहती है हाँ मत करो और ये देख मनीष भी सामने से फोन काट देता है ये देख. रिद्धिमा तो sokd सी हो जाती है क्युकी उसे उम्मीद थी सायद मनीष उसे मनाय और सॉरी बोलेगा लेकिन नहीं. यहा तो उल्टा ही हो गया बही. रिद्धिमा को गुस्सा आया और उसने कुछ देर खुद मैं सोच समझ कर फोन उठा या और फिर से मनीष को फोन लगाया और बोली क्यु बड़ी जल्दी थी फोन काटने की. बहा से मनीष बोला अब आपको बात नहीं करनी तो मैं क्या कह सकता हू. रिद्धिमा बोली मेने ये कब कहां की मुझे बात नहीं करनी तुमने ही इतने दिन मैं फोन किया. मतलब जब तुम्हारा मन होगा तब तुम फोन करोगे. रिद्धिमा की बात सुन ऐसा कुछ नहीं जब आपको बात. करनी हो आप फोन कर लिया करो मनीष की बात सुन रिद्धिमा बोली मेरा ही मन है आपका नहीं है क्या मनीष बोला बिल्कुल है लेकिन. मुझे लगा आप इंट्रेस्ट नहीं ले रही हो. वहीं Ridhima और मनीष की दोस्ती गहरी होगई. एक दिन उर्मिला जी को तेजी से दर्द उठा तो Ridhima के डैडी उर्मिला जी को हॉस्पिटल ले गए तो हॉस्पिटल मैं बटाया की ............. उर्मिला जी को बच्चेदानी मैं गठन है कुछ दिन दवाये खाओ नहीं आराम लगा तो फिर आपका opretion करना होगा ये सुन उर्मिला जी को डर लग रहा था क्युकी कोई भी हो उसे ये सुन दर होगा ही उन्होंने नसबंदी कारवाई थी जिसकी बजह से उनके Periods बिगड़े और उन्हें ये बीमारी लगी . वो यही बोलती रहती की bagvan कभी किसी को ये दिन ना दिखाए और ये नसबंदी तो Mseeno डोरा कराओ ही मत ये सुन Ridhima को काफी दुख लगा क्युकी उसने अपनी माँ को सुरु से ही परेशान देखा था और अब ये सब. घर मै कोई नहीं था जो उन्हें सम्भाल ले आखिर रिद्धिमा bhi तो 15 शाल की थी और राम भी छोटा था... अगर उर्मिला जी का ऑपरेशन होगा तो सब की zimmedri कोण निभाएगा रोटी पानी कोण करेगा बहुत प्रॉब्लम थी और वो यही सोच रही थी कि Ridhima उनके पास आई और बोली क्या हुआ माँ a आप क्या सोच रही है.. रिद्धिमा की बात सुन उर्मिला जी कहती है कि. अभी डॉक्टर opretion बोल दिए है अब घर कोण समा लेगा Ridhima कहती है माँ आप चिंता मत करो मैं खाना कर lugi और रिचा बर्तन और हम इतने छोटे भी नहीं है कि. कुछ कर ना सके लेकिन उर्मिला जी janti थी घर मै बहुत काम होते है इतना आसान नहीं है घर grasthi सम्भाला बही उनके hospital मैं admit hone की तैयारी हो रही थी समीक्षा देना ना भूले दोस्तों
रिद्धिमा कहती है मज़ाक नहीं कर रही मैं अभी उनसे आप की बात करवा देती हू लेकिन उर्मिला जी बिलकुल भी नहीं मान ती. ये देख रिद्धिमा मनीष को फोन कर देती है और एक miscoll छोड़ देती है और कहती है अभि आएगा फोन आप देखना आप बात करना उससे उर्मिला जी सच जान ने के लिए हाँ कह देती है. वहीं कुछ देर बाद मनीष का फोन आता है और रिद्धिमा फोन उठा बात करती हैं और साथ मे स्पीकर को ऑन कर देती है ताकि उर्मिला जी को यकीन हो जाए, और कहती है हमारी माँ मान गई है शादी के लिए, मनीष कहता है क्या सच मै यैसा कब हुआ रिद्धिमा कहती हैं आप कार्लो बात ये सुन उर्मिला जी कहती है लाओ फोन ये सुन कर रिद्धिमा बहुत खुस होती है कि उसकी मा उसकी शादी के लिए मां गई,,,,,, बही उर्मिला जी से मनीष कहता है नमस्ते aunty उर्मिला जी कहती है नमस्ते के बच्चे तुम्हें शर्म नहीं आई हमारी बेटी से बात करते हुई वो अभी छोटी है उसकी उम्र भी नहीं है जो तुम उससे ये सब बात कर रहे हो, बही ये सुन कर तो रिद्धिमा के होश ही उड़ गए और वो कहती हैं और हाँ आज की बात फोन ना आ जाए वैसे तो अब ये फोन रिद्धिमा को नहीं मिलेगा लेकिन और तुमने अब उससे किसी भी तरह की बात करने की कोशिश की तो तुम सोच लेना रिद्धिमा को करीबबन 5'6 महिने हो चुके थे बात करते करते और इसके बाद उसे इतना लगाव हो गया था मनीष से की उसे लगा कि वो मर जायगी उसके बिना उसे बहुत ज्यादा दुख हो रहा था लेकिन, वो उर्मिला जी के आगे कुछ नहीं कर सकती थी ,,,,,,..... बही रिद्धिमा कहती हैं अपने झूठ बोला मुझसे जब नहीं करना था तो मना कर देती वो क्या सोच रहे होगे मेरे बारे मैं उर्मिला जी बोली वो तेरा पति नहीं हो गया जो ये वो हो गए खुदको देख पिद्दी सी है शर्म नहीं आई ये सब करते हुई अभी तो तू 16 की ही हुई है कैसे सोच लिया इतने जल्दी शादी हो जायगी तेरी क्यु किया तूने तुझे मेने फोन दिलाया पड़ाई के लिए तू झूठ बोली थी ना padai का तुझे यही सब करना था तुझे पड़ना नहीं था... अब आने दे तेरे पापा को उनको सब कुछ बताऊ गी रिद्धिमा... कहती है पापा को नहीं माँ नहीं उन्हें कुछ मत कहना मैं उर्मिला जी कहती है padai अछे से करो रिद्धिमा के 10th के पेपर हो चुके थे वो भी उसने ठीक से नहीं दिए थे इन्हीं चक्कर मैं जो लग चुकी थी, इतना सब होने के बाद रिद्धिमा की कोचिंग क्लास अछे से लगा दी गई थी ताकि अब जब वो 12th. मैं आए तो उसके no. अछे आए बही उर्मिला जी और रमन जी ने एक ट्यूटर रख लिया था ताकि रिद्धिमा को और रिचा राम को अछे से सीख मिल सके थोड़ा होशियार हो जाए उनके बच्चे,,,, मेंन तो रिद्धिमा के लिए रखा गया था अब वो सर रोज उनके घर आने लगा उन्हें पढ़ाने के लिए उसका टाइम् रात 8 बजे से 9 तक एक घन्टा लेकिन वो उर्मिला जी के कहने पर हमेशा 9:30 तक ही जाया करता था,,,,,, ************'' '',,,,,,,,,, ****'' '' '',,,,,,,,,, ** बही उस टीचर की नजर भी रिद्धिमा पर रहती थी वो भी कोई ज्यादा उम्र का नहीं था 23 या 24 शाल का होगा और वो अब सरकारी टीचर बनने की तैयारी मैं था,,,, इसलिए वो कोचिंग भी पड़lता ताकि उसकी नॉलेज बड़े उसे खुद के पढ़ाने का एक्सपीरियनस मिल सके.... वो रिद्धिमा को पड़ा ता तो बहुत अछे से था लेकिन उसकी नजर भी उसपर ही रहती थी रिद्धिमा थी बहुत सुन्दर बहुत गोरी नारी थी वो क्युकी उर्मिला जी का रंग बहुत खुला हुआ था जिस बजह से रिद्धिमा का रंग भी बिल्कुल सफेद था, वहीं जब भी रिद्धिमा से कोई गलती होती तो वो टीचर उसके पाओ पर हाथ पर मसल देता था रिद्धिमा की आह निकल जाया करती थी उसे नहीं मालूम था कि इसके इरादे गलत है क्युकी उसका मन तो अब भी मनीष मैं ही लगा रहता था मनीष भी रिद्धिमा के बिना बहुत बुझा बुझा सा रहने लगा था,,,, यहा suraj भी अब अपने काम के सिलसिले मैं हदसे ज्यादा बिजी रहने लगा था उसका मकसद था पैसे बनाना बहुत पैसे बनाना और उन पैसों से किसी को भी झुका लेना. देखते हैं उसकी सोच के हिसाब से वो क्या मुकाम हासिल करेगा..... उसकी मामी तो बहुत खुस थी सूरज के जाने से वो कौनसा उसे रखना चाहती थी वो तो उसका बोझ मजबूरी मैं ढ़ो रही थी.... ताकि उसके पति यानी सूरज के मामा सूरज को ही गलत समझे और इन्हें अछा समझे उसने सूरज की माँ को तो पहले ही बुरा कर दिया था अब बुरा सूरज को भी कर दिया,,,,,,, खैर सूरज भी ईन लोगों से तंग आ गया था और उसने वो घर छोड़ना ही बेहतर समझा वो रिद्धिमा को प्यार तो कर्ता था लेकिन ridhima की नजर भी उसे कुछ कुछ खटकने लगी थी उसे लगा कि सायद रिद्धिमा उसे पसंद नहीं करती लेकिन अब सूरज क्या सोचकर बाहर चाला गया ये तो समय ही बतायेगा. यहा रिद्धिमा को बहुत तड़प लगी हुई थी मनीष से बात करने की उर्मिला जी ने तो उससे फोन ले ही लिया था लेकिन उसके पास एक सिम थी जिसे वो उसे कर सकती थी... और रिद्धिमा ने वहीं किया सबके सो जाने के बाद वो अपनी माँ का फोन उठा छत पर गई और उसमे सिम डालकर उसने मनीष को फोन किया.. मनीष फोन नहीं उठा रहा था लेकिन. रिद्धिमा ने एक दो बार और फोन किया तो उसने उठा लिया रिद्धिमा ने बोला फोन क्यु नहीं उठा रहे थे बहा से मनीष बोला कोण अरे मैं हू ridhi अब आवाज भी भूल गए हों क्या ये सुन मनीष कहता है कहा थी तुम तुमने मुझे धोखा दे दिया ना..... Ridhima बोली क्या धोखा दिया तुम्हें पता भी मेरा क्या हाल है तुम्हारे बिना माँ ने मुझसे झूठ बोला था कि वो हमारी शादी करा देगी,,,, 😢
मनीष कहता है तुमने इतने दिन एक काल नहीं किया कम से कम एक coll तो करती लेकिन तुम्हें क्या है तुम्हें मतलब नहीं है तभी देखो खुद तो चैन से रह रही होगी आराम से सोई होगी ये सुन रिद्धिमा कहती हैं पागल हो गए हों क्या यहा मैं मेरी हालत मैही जानती हू इतना risq लेकर तुम्हें फोन किया पता है ना माँ का फोन लाई एक्स्ट्रा सिम रखे हुई थी उसी से फोन किया इतनी रात को सब सो चुके है और तुम बेकर की बात कर रहे हो कि मुझे परवाह नहीं है अछा ठीक है नहीं करनी mujhe भी बात मैं ही पगली हू जो तुम्हें फोन कर ली गलती करदि अब नहीं करुँगी, ये सुन मनीष कहता है फोन मत काटना मुझे भी गुस्सा आ गया था यार इतने दिन से बात नहीं हुई जी नहीं सकता हू तुम्हारे बिन..... जानती हो कैसे रहा इतने दिन कैसे तड़पा तुम्हारे लिए और तुम्हरी माँ ने भी किस तरह से बात की मुझसे रिद्धिमा कहती हैं मैं उन्हें मनाउगी अगर नहीं माने तो मनीष कहता है तुम भागकर आ जाओगी बेबी मेरे पास ये सुन रिद्धिमा कहती हैं मे भागकर तुम्हारे पास, ये कैसे हो सकता है नहीं ये नहीं हो सकता है मनीष कहता है क्यु नहीं हो सकता प्यार कर्ता हू तुम भी करती हो ना अगर नहीं माने तो तुम्हें आना ही होगा मेरे पास रिद्धिमा सोचती है वो तो अभी 18 की भी नहीं हुई और मैं कैसे रिद्धिमा कहती हैं चलो मैं रखती हू मुझे लगता है कोई आ रहा है लेकिन मनीष कहता है थोड़ी देर और बात करो ना बेबी ये सुन रिद्धिमा कहती हैं Pagal हो क्या तुम्हारे चक्कर मैं सब धरा का धरा रह जायगा रखो फोन और ये कहकर वो फोन रख देती है.... और वापिस माँ की सिम डाल कर खुद की सिम निकल कर रख देती है और नीचे दबे पाओ चली जाती है ताकि कोई उठ ना जाय लेकिन रिचा बाहर आती है रिद्धिमा से टकरा जाती है कहा गई थी तुम रिद्धिमा घबरा कर बोली वो वो मे washroom गई थी क्युकी lethboth बाहर ही था तो रिचा ने भी सोचा कि हाँ गई होगी रात मैं जाना आना होता रहता है बही अब रिद्धिमा चुप चाप से kichten मैं जाकर अपनी माँ का फोन बही रख देती है क्युकी किचन मैं ही उनका फोन रखा होता था और उनके पास दो कमरे तो थे ही एक किचन और रूम बहुत मुस्किल से दिन कट रहे थे ऊपर से रिद्धिमा की हरकते उर्मिला जी जैल रही थी उनका तो opretion हुआ था और ऊपर से ये डिप्रेशन भी उन्हें झेलना पर रहा था. .................,,,,,,,,,,,,,,,.................,,,,,,,,,,,,,................ अगली सुबह रिद्धिमा उठी और जल्दी से रेडी होकर छत पर चली गई और अपनी माँ का फोन ले गई ताकि फिर से वो मनीष से बात कर सके लेकिन रिचा भी चुप चाप से जाती है उसे उर्मिला जी ने ही भेजा था क्युकी उन्हें सक था कि वो अब भी बात करती हैं और उनका सक सही निकला रिचा जाकर बता देती है वो बात कर रही है और उसके पास एक्स्ट्रा सिम है ये सुन उर्मिला जी कहती है लेकिन ये इसने कब ली होगी रिचा बोली मुझे क्या पता कब ली अछा उर्मिला जी बोली ये ऐसे नहीं मानेगी इस का फोन बेचकर आओ राम से कहती है और इसकी सिम जब ये सो जाए तो मैं तोड़ दूंगी किचन मैं एक बेग रखा हुआ था वो सिम उसी मैं रखती थीं,, अब वो नीचे आई तो उसको उर्मिला जी ने चय दी और ये से बात कर रही थी जैसे उन्हें कुछ पता ना हो वो भी सोच रही करो जितना करना हो अब ये खेल ही खत्म कर देगे बही शाम को जब रिद्धिमा फिर से अपनी सिम बेग से निकलने जाती है तो देखती है उसकी सिम टूटी हुई थी उसे तो अब बर्दास्त ही नहीं हो रहा था उसे बहुत गुस्सा आ रहा था वो घबरा रही थी कि कैसे बो मनीष से बात करे लेकिन वो बिना मन के छत पर भाग गई और बहा चिल्ला चिल्ला कर रोने लगी कुछ देर बाद उसके teacher आ चुके थे लेकिन रिद्धिमा नीचे नहीं गई थी उसे तो बहुत गुस्सा आ रहा था कि उसकी मा ने एक जरिया था वो भी खत्म कर दिया, अब वो कैसे बात करेगी अपने मनीष से उपर जाकर रो रही थी और चुप भी नहीं हो रही थी उर्मिला जी राम को भेजती है उसे कहो कि सर आ गए हैं आकर स्टडी करे राम उसे जाकर कहता है चलो नीचे लेकिन रिद्धिमा कहती हैं नहीं आ रहे हैं जाकर कह दो हमे किसी से कोई मतलब नहीं है ये सुनकर राम कहता है अगर नहीं आई तो माँ बोल रही है वो पापा को बुलाएगी अब तुम सोच लो दस मिनिट है तुम्हारे पास चुप चाप आ जाना लेकिन दस मिनिट बाद भी रिद्धिमा नीचे नहीं गई और अब उर्मिला जी को गुस्सा आ गया था रिद्धिमा जी बोली रिचा और राम दोनों जाकर नीचे लेकर आओ उसे उर्मिला जी तो सीढिया चड़ नहीं सकती थी इसलिए दोनों ही अब उपर गए और रिद्धिमा को पकड़ कर नीचे ले जाने लगे रिद्धिमा रो रही थी फिर खुद के आशु पोंछे क्युकी वो नहीं चहती थी कि कोई उसे यैसा देखे कि वो रोई है वो जाकर बिना मन के पड़ने बैठ जाती है.... और कुछ देर पड़ने के बाद अपना दिमाग कहीं और लगाने लगी उसकी मा बोली किताब मैं ध्यान दो लेकिन नहीं वो तो थी कि बस ना उसके कानो मैं टीचर की आवाज जा रही थी और ना ही अपनी माँ की उर्मिला जी से बर्दास्त नहीं हुआ तो उन्होंने आकर रिद्धिमा को बालो से पकडा और एक खीच कर दिया और बोली बहुत नाटक हो गया तुम्हारा चुप चाप पड़ो और इस बार तुम्हारा कम नो. आए ना तो देख लेना तुम्हारा विवाह करवा देगे पड़ना है या शादी अब तुम खुद सोच लो... रिद्धिमा के आशु इस waqt बहे जा रहे थे.... उसे तो yeisa लग रहा था जैसे उसे किसी ने आरी से काट दिया हो इस समय वो बहुत दर्द मैं थी भले कम उम्र की थी लेकिन उसने प्यार सच्चा किया था तो दोस्तों ये रियल घटना से आधारित है कहानी कैसी लगी समीक्षा देना ना भूले रेटिंग जरूर करे
एक बार फिर रिद्धिमा उठकर ऊपर जाने को होती है क्युकी उसका खुदको सम्भाला मुस्किल हो रहा था एक तो उसका दिल टूट चुका था ऊपर से उर्मिला जी का हाथ उठाना. उसके तो हर बात कानो से बाहर जा रही थी उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया तो उसने सोचा अब वो फिर से बहा से भाग जाए लेकिन जैसे ही जाने को हुई तो उसके टीचर ने रोक लिया कहा जा रहीं हो बैठो यहा और पदों जब अपनी माँ ने आपको रोका है तो आप क्यु नहीं मान टी और मेरे पास टाइम् नहीं है जो यहा तुम्हारे लिए अलग से रुका रहूँगा इतना टाइम निकल कर आता हू इसलिए कि तुम लोगों को पड़ा सकूँ रिद्धिमा के पास कोई ऑप्शन नहीं था उसने सोचा अब वो क्या करे उसके सर से पड़ने के अलावा कुछ देर बाद वो बेशर्म बनकर बैठ जाती और उस टीचर को जबतक झेलती है जबतक उसके जाने का टाइम् नहीं हो जाता........ कुछ देर बाद सर जा चुके थे रिद्धिमा अपनी माँ से कहती है आपने मेरी सिम तोड़ दी क्यु की ताकि तू बात ना कर सके तुझे शर्म नहीं आती है ये सब करते हुई अरे हम मरे जा रहे हैं तुम लोगों की चिंता मैं सबसे जायदा तुम्हरी चिंता मैं. आप झूठ बोलती है अगर आपको मेरी चिंता होती तो मुझसे मेरा फोन नहीं छीनी होती सब झूठ है आप झूठ बोल रहे है आपने मेरा फोन भी ले लिया और अब सिम भी तोड़ दिया आपने.... ये सब सुन उर्मिला जी बोली हाँ किया और अब ज्यादा कुछ किया तो हम बताये गे तुझे तेरा शादी करा देगे समझ गई ना ये सुन रिद्धिमा कहने लगी तो कार्रवाई दो ना शादी मेरी शादी मनीष से करवा दो उर्मिला जी को कुछ समझ नि आ रहा था वो क्या करे. वो बोली Bo हमारी cast का नहीं है कैसे करवाई दे तुम्हारा उससे शादी हाँ. रिद्धिमा बोली माँ ये सब कुछ नहीं होता है प्यार जरूरी होता है माँ प्यार अगर हम कहीं और भी कर लिय तो बहा प्यार ना मिला तो हम क्या करेगे, उर्मिला जी कहती है तुम्हरी उम्र देखी है तुमने अरे अभी तुम्हरी उम्र नहीं है साधी के लायक 18 की नहीं हुई हो..... और हो भी जाओगी तो उससे कभी नहीं हो पाएगी. वो तुझसे कोई प्यार बयार नहीं कर्ता तुझे फाँस के मौज करके बेच aaayga कहीं तू जानती भी आजकल के लड़के कैसे होते हैं माँ लेकिन मनीष नहीं. माँ वो बहुत अछा है उर्मिला जी कहती है जब प्यार का भूतहा लगता है तो सब कुछ अछा ही लगता है ब्लकि उस इंशा की गलत बात भी अछि लगती है. तुम जाओ जाकर सो जाओ मुझे इस बारे मैं कोई बात नहीं करनी है फालतू मैं अभी मार खा logi हमसे,,,, ये सुन रिद्धिमा अपनी माँ को बेहद गुस्से भरी नजरिए से देखती है उसे नफरत हो रही थी उर्मिला जी से बहुत नफरत उर्मिला जी का प्यार उसके लिए कुछ भी नहीं था अब सिर्फ उसे अपना प्यार दिख रहा था ये देखकर. उर्मिला जी के भी आखों मैं आशु आ गए थे बताओ ये लड़की को समझ नहीं आ रहा राई भारी लड़की है हमारी लेकिन इसके दिमाग मैं कुच्छछू नहीं घुस रहा है अरे क्या पाप किए हमने जो ये नालायाक olad हमारे घर जन्मी अगर रोहन जी को ये पता चलेगा तो वो क्या करेगे इस लड़की का यही गलती इसकी बुआ ने की थी तो उनका उन्होंने 16 शाल मैं ही विवाह करवा दिया था अरे कैसे समझाए इसको हम ये सोच सोच कर उन्हें बहुत tention हो रही थी.... इसको समझना होगा नहीं तो रोहन जी को पता लगा तो ये घर मै बावल होगा एक राई भरी लड़की की बजह से सब कुछ अर्थ व्यर्थ हो जायगा रिद्धिमा अपने बिस्तर पर जा कर लेट गई तो उर्मिला जी भी बेड पर लेती हुई थी मगर उनकी आखों मैं नीद ही नहीं थे बही रिचा और राम को कुछ समझ नि आ रहा था कि घर मै हो क्या रहा है......... कुछ देर बाद सब सो जाते हैं लेकिन रिद्धिमा की जो tadap थी वो उसे सोने नहीं दे रही थी उसे घुटन हो रही थी वो जाकर फिर उठी और किचन मैं जाकर देखती है कि उसे उसकी मा का फोन मिल जाए लेकिन जब वो जाकर देखती है कि फोन किचन मैं नहीं है तो वो वापिस अपना मन मारकर सो जाती है उर्मिला जी जानती थी इतना आसान नहीं है रिद्धिमा को समझना वो जरूर कोशिश करेगी फोन पर बात करने का इसलिए उन्होंने पहले ही अपना फोन अपने पास रख लिया था वो तो सो चुकी थी सुकून से अब उन्हें इतना तो था कि रिद्धिमा की कोशिश बेकार ही है..... वो क्या करेगी लेकिन रिद्धिमा मान जाय वो इतना आसान कहा अगले दिन सुबह होने के बाद वो कहती हैं माँ मन्दिर जा रही हू बहा जाकर कुछ सन्ति ही मिलेगी मुझे, ये सोचकर वो की वो बाहर जाकर बाहर के फोन से मनीष को कोल करेगी S. टी. D पर लेकिन जब वो गई तो उर्मिला जी बोली रिचा को साथ ले जाओ अकेली मत जाओ ये सुन RIDHIMA सोची अब क्या करेगी,,, उसने कहा ठीक है कुछ देर बाद दोनों रेडी हो जाती है...... रिद्धिमा और रिचा निकल जाती है और मंदिर पोंछ जाती है बही रिद्धिमा कहती हैं तुम चलो मन्दिर मे प्रसाद लेकर आती हू ये बोलकर रिचा को बहा भेज देती है और कहती है चलो मैं जल्दी s. T. D जाकर मनीष को फोन करती हू और ये बोलकर वो बहा से निकल जाती है और सीधा s. T. D पोंछ जाती है क्युकी मन्दिर के पास ही था तो वो जल्दी से फोन उठा मनीष का no. डायल करती है लेकिन वो फोन नहीं उठाता वो फिर से फोन करती है लेकिन वो फिर नहीं उठाता क्युकी वो तो अपनी ड्यूटी मैं लगा हुआ था और बहा का रूल था जब भी ड्यूटी हो तो फोन used नहीं करना फोन को japt जो कर लिया जाता था बिचारी रिद्धिमा बेढंग से bapish लौट आती है और प्रसाद ले मन्दिर मैं इंटर हो जाती है रिचा जबतक सब जगह के दरसन कर लेती है और ridhi को देख कहती हैं क्या हुआ इतना time कहा लगा दी रिद्धिमा बोली अरे भीड़ थी दुकान पर वो देखो बहा कितनी भीड़ लगी हुई थी अरे तो तुम उस दुकान पर क्यु गई दूसरी पर चली जाती,,,, 🙄
रिद्धिमा कहती है अरे कुछ नि मेने सोचा उसके यहा भीड़ है तो अछा प्रसाद मिलता होगा लेकिन दोनों मे ही कोई फर्क़ नी था अब बहा जब मनीष को मिला तो unknown no. को देख वो सोचता है कोई कम्पनि का काल होगा उसने एक बार ये नि सोचा कि रिद्धिमा का तो कॉल नहीं था अब वो उदास थी और मनीष तो अपनी ड्यूटी मे बिजी था उसका तो Waqt निकल जाता दिनभर तो काम ही काम था उसके पास लेकिन रिद्धिमा क्या करती वो तो परेशान थी रिद्धिमा. रिचा से कहती है चलो प्रसाद चाड़ा कर आते हैं उसके बाद घर चलते हैं रिद्धिमा ने पहले ही काफी time लगा दिया था इसलिए उसने ज्यादा देर ना करते हुई सिर्फ भोलेनाथ को भएथ रखी और मन्नत मागी की हो सके तो मनीष उसे भूल जाए क्युकी मुझे नहीं लगता अब कभी भी मनीष से मेरी बात हो पाएगी ये कहकर वो नारियल रख बहा से निकल जाती है और रिचा का हाथ पकड़ जल्दी ही घर की तरफ निकल जाती है रास्ते मे रूपेश मिलता है और कहता है क्या बात है आज तुमने मेरे यहा से प्रसाद नहीं लिया ये सुन कर रिद्धिमा कहती हैं मेने तुम्हें देखा ही नहीं सॉरी भूल गई अगली बार से पक्का लुंगी रूपेश बहुत सुन्दर था स्मार्ट था मनीष और सूरज से भी कहीं गुना ज्यादा सुन्दर था लेकिन ridhima उसकी इज्जत नहीं करती थी क्युकी वो गरीब था nariyal का थैला लगा ता... इसलिये रिद्धिमा उसे रिस्पॉन्स नहीं देती थी उसने सिर्फ उसे एक दोस्त की नजर से ही देखा था कभी उसने उस नजरिए से देखा ही नहीं था लेकिन रूपेश उसे प्यार कर्ता था लेकिन वो ridhima से डरता था कि कहीं अगर उसे उसने बोला तो वो रिजेक्ट कर देगी साथ मैं उससे दोस्ती भी खत्म कर देगी इसलिए वो कुछ ना बोलना ही बेहतर समझा रिद्धिमा रिचा पैदल जा रही थी और कुछ देर बाद घर पोंछ जाती है दोपहर हो चली थी रिद्धिमा की माँ आराम कर रही थी उसने सोचा सोचा माँ तो आराम कर रही है फोन लेकर मनीष को फोन कर दे कि वो आजकी बाद कभी बात नहीं कर पाएगी माँ ने शादी के लिए मना कर दिया है और उसे बता देगी की वो कोई बड़ी उम्र की नहीं है सिर्फ 16 शाल की है ये सोच वो फोन उठा जाने लगी उसने फोन को अपने जीन्स के पेंट मे डाला वो जा ही रही थी कि उर्मिला जी ने उसे रोकते हुई कहा फोन तो नहीं ले जा रही हो रिद्धिमा ने ना मैं सर हिलाया लेकिन ridhima के जेब से फोन का नक्शा सा नजर आ रहा था इसलिए उर्मिला जी उठी और बोली ये क्या है और वो हाथ डालकर फोन निकल ली.... अब उनका गुस्सा 7.वे आसमान पर था क्युकी इतना समझने के बाद भी. अब उन्होंने झाड़ू उठाया और रिद्धिमा को उसी झाड़ू की बैंक sight से बहुत मारा इतना की उसकी दर्द भरी आवाज उस कमरे मैं गूँज रही थी थी सूरज की मामी घर पर नहीं थी उनको घर मे ज्यादा मत रहना ही पड़ता था वो तो इधर उधर बात करने के लिय जाती,,,, नहीं तो faltu मैं बाते बन जाती रिद्धिमा ने यही लिए फोन लिया था कि मनीष को आखिरी बार फोन करके सच बता क्युकी जब रिद्धिमा ने मनीष से बात की तो रिद्धिमा को उसने एक सच बताया था कि पहले उसकी एक गर्लफ्रेंड थी जिससे वो बहुत प्यार कर्ता था और उससे शादी भी करना चाहता था लेकिन वो नर्सिंग की पड़ाई कर रही थी वो पड़ना चाहती थी इसलिए उसने मनीष का ईस्तेमाल किया ताकि उसकी पड़ाई पूरी हो जाए और जब वो नर्स बनी तो उसने उसे छोड़ दिया हालाकि मनीष और उसकी गर्लफ्रेंड के बीच सब कुछ हो गया था ये बात भी उसने बताई थी..... Ridhima को बुरा तो बहुत लगा था कि जिससे वो प्यार करती है वो पहले ही किसी और के साथ इंटिमेट हो चुका है... उसे बुरा लगता था लेकिन उसने सोचा इस सब मे मनीश की क्या गलती वो तो पहले ही बता चुका है ऊपर से धोका तो उस लड़की ने दिया जिसने मनीष का इस्तेमाल किया था.... वों कहता है मे ही जनता हू मे कैसे जिया उसके बिना बस बेबी तुम मुझे धोका मत देना वो बताना चाहती थी कि वो धोखेबाज नहीं है और अपने माँ के खिलाफ जायगी तो वो उसकी शादी करा देगे और वो इतनी बड़ी भी नहीं है कि खुदा फेसला खुद ले सके वो बहुत गिरा हुआ महसूस करती थी खुदको की उससे धोखा हो गया लेकिन वो धोखेबाज नहीं है... इतनी मार खाने के बाद रिद्धिमा रोये जा रही थी बही उर्मिला जी उसको और मारने के लिए हाथ उठाती है तो Ridhima के अंदर जो इतने दिनों का दर्द था वो निकला वो कराह कर चिल्लाती हुई जोर से चीखी. और ये देखकर तो उर्मिला जी डर गई क्युकी वो रो भी रहीं थीं और हास भी रहीं थीं और एक tadap उसके अंदर देखी जा सकती थी वो रो रो कर टूट चुकी थी उर्मिला जी से बर्दास्त नहीं हुआ तो उन्होंने उसे गले से लगा लिया और खुद भी रोने लगी Ridhima उनको रोता देख कहती हैं आप मत रो माँ आपका अभी अभी opretion हुआ है आपको दिक्कत होगी मे भूल जाओगी उसे वो तो मे उसे यही कहने के लिय फोन कर रही थी कि वो भूल जय सब कुछ माँ ये बात रिद्धिमा सिसकते हुई बोल रही थी उर्मिला जी बोली कोई जरूरत नहीं है वो भूल जायगा तू सोजा बहुत रो लिया देख क्या हॉल बना लिया अपना... Ridhima उर्मिला जी की बगल मे लेट गई और अपनी माँ को पेट पर हाथ डालकर चिपक कर सो गई लेकिन उसके सीने मैं बहुत दर्द था उसने प्यार सच्चाई से किया था और उसे बर्दास्त ही नहीं हो रहा था कि कैसे सहे वो उसे यकीन नि हो रहा था कि जो भी हुआ उसके साथ हक़ीक़त मे हुआ उसे लगता कि वो सपना देख रही है और नीद लगती उसकी तो उसे लगता कि उसने कोई बुरा सपना देखा है
रिद्धिमा ने खुद से समझोता कर लिया था कि आगे अब वो कुछ नहीं करेगी और अपनी माँ को और तक़लीफ नहीं देगी रिद्धिमा सब कुछ भूलकर रोज मंदिर जाने लगी थी कुछ दिन यू ही निकल गए थे लेकिन सूरज का कुछ अता पता नहीं था एक दिन पता चला कि उनकी मामी भी गर बतिया हो गई है वो भी 40 शाल की उम्र मे उन्होने बहुत इलाज करवाया था लेकिन तभ भी वो माँ नहीं बन पा रही थी रिद्धिमा को उनपर बड़ा तरस आता था एक दिन रिद्धिमा भोलेनाथ के मन्दिर गई और उनको नारियल का चढावा रखकर आई और बोलकर आई उन anty जी की गोद भर देना bagvan जी उनके यहा कोई बच्चा नहीं है प्लीज़ पता नहीं कौनसी दुआ लगी कि वो pegrent हो गई आखिर मैं जब उनकी delivery का टाइम आया तो डॉक्टर ने बोला था कि opretion होगा और उनको भी देखते देखते उर्मिला जी से चीड़ होने लगी थी क्युकी वो वेवहरिक थी और उन्हें बुरा लगता था उनका घुल मिलकर रहना क्युकी वो तो सबसे लड़ती फिरती थी. एक दिन सूरज आया और रुका तभी उसके मुह से सुना कि उनकी मामी चाहती है उर्मिला जी कमरा खाली करदे क्युकी उनका बेबी होना था इतने बड़े घर मै उन्हें यहीं कमरा मिला था ये तो एक बहाना था उन्हें तो उर्मिला जी को यहा से भगाना था उर्मिला जी जब ये सब सुना तो उन्हें बहुत बुरा लगा कि एक शाल ही हुआ है और खाली का बोल दिया उन्होंने बोला भी जब आपके बेबी हो जायगा तो तुरंत खाली कर देगे ये सुन सूरज की मामी कुछ महीने के लिय रुक गई इस बीच सूरज उन्हें बहुत समझता रहा की आप क्यु खाली करवा रही है मत कर आइए ना खाली बो लोग कितने अच्छे से रहते हैं परेशान भी नहीं करते हैं सन्ति से रहते हैं सूरज की मामी बोली ज्यादा मत बोलों बड़ा प्यार आ रहा है कहीं उस रिद्धिमा से कोई चक्कर तो नहीं चल रहा तुम्हरा ये सुन सूरज की बोलती बंद होगई की फालतू मैं बात बढ़ेगी उसने कुछ ना बोलना ही बेहतर समझा और बहा से निकल गया कुछ देर बाद लौटकर आया तो सीधा उर्मिला जी के कमरे मे आ गया और बोला anty जी वो तो मान नहीं रही है मेने उन्हें बहुत समझाया लेकिन नहीं माने आप एक काम करो मे एक परिवार को जानता हू उनके कमरे खाली पड़े हुई है वो आपको कमरे दे देगे आप अंकल जी को बोल देना तो मे उन्हें कमरे दिखा दूँगा रिद्धिमा का बहा से निकलने का बिल्कुल भी मन नहीं था क्युकी उसे अछा लगने लगा था और बार बार यही तो होता था जहा भी रहती एक दो शाल रहती फिर खाली करो थक चुकी थी वो अब तो उसका एक ही सपना था कि जल्द से जल्द उसका खुद का घर बन जाए अब तो उसे सूरज से भी ज्यादा प्यार नहीं था मतलब ही नहीं था उसका वो प्यार करने का भूत उर्मिला जी की मार से भाग गया था उसके मन मैं बहुत डर बैठ गया था कि अब वो क्या करेगी और कुछ किया तो उर्मिला जी उसे नहीं छोड़ेगी कुछ दिनों बाद रिद्धिमा के पापा वो दूसरी जगह गए जहा सूरज ले गया था और उन्होंने बात भी करली क्युकी घर अछा था. रिद्धिमा भी देखने गई और उर्मिला जी भी लेकिन उनको एक बात नहीं ज़मी lethboth ऊपर था और ऊपर और भी किरायेदार रहते थे रिद्धिमा को तो शर्म आती थी इतने लोगों के बीच वो यहा ऊपर आएगी अब वो कर भी क्या सकती थी जहा उसके माँ बाप ले जय गे बही रहेगी समय बीत गया था लेकिन मनीष ने रिद्धिमा का पीछा नहीं छोड़ा रिद्धिमा तो भूल गई थी अपनी माँ की खातिर लेकिन मनीष नहीं भूक पा रहा था उसने ridhi के डैड के फोन पर काल करना सुरु कर दिया था और एक ही बात बोलता था ridhima से बात करवा दो बहुत गाली देने के बाद भी वो नहीं मानता था बस एक ही बात बोलता था रिद्धिमा से बात krva दो और रमन जी उसे गाली देकर फोन कट कर देते लेकिन घर मे किसी को कुछ नहीं बोलते थे क्युकी वो जानते थे ridhima अभी छोटी है तो वो ये सब नहीं कर सकती कोई जानबूझकर मेरी बेटी को परेशान कर रहा है कुछ दिनों बाद फिरसे फोन आया तब रमन जी की जोर से फोन पर चीखने की आवाज आई ridhima आखें बंद कर सो रही थी लेकिन नीद नहीं लगी थी उसकी तभी उर्मिला जी कहती है क्या हुआ आप चिल्ला क्यु रहे है रमन जी बोले कोई लड़का है और कहता है रिधि से बात करबाओ पता नहीं कौन है कितना बोल चुके हैं उसे समझा चुके गाली दे चुके लेकिन कितना बेशर्म इंशा है धीरे धीरे कुछ टाइम के बाद सूरज की मामी का डिलेवरी टाइम आ गया और उनके यहा लड़का हुआ और जैसी बात हुई थी उर्मिला जी ने उनका कमरा खाली कर दिया लेकिन सूरज का मन बहुत दुखी था और बहुत उदास उसके आखों मे तो इस waqt आशु थे लेकिन रिद्धिमा को कोई मतलब नहीं रह गया था अब तो उससे सूरज कुछ कह भी नहीं पाया था ना ही अपनी दिल की बात बता पाया था उसे और उन लोगों ने शिफ्टिंग बही करली जब शिफ्टिंग हुई तो सूरज बहा से निकल चुका था क्युकी उससे ये सब देखा नहीं जा रहा था तो उसने बाहर जाना ही बेहतर समझा और अपने काम पर लग गया ridhima उर्मिला जी और बाकी सब समान रख वा रहे थे और बहा पोंछ गए थे तो ridhima और रिचा बहा की साफ सफाई कर रही थी दोनों बड़ी खुश थी अपने बच्चपने मे उनको तो अछा ही लग रहा था कि उनका खुश anty से पीछा छुतहा लेकिन उन्हें क्या पता था ये सब कितना मुस्किल होता है यहा से वहा ट्रांसफर करने मैं उपर से सूरज का हाल भी बेहाल था जिससे रिधि अंजान थी पूरा दिन हो चुका था सफाई और समान ज़माने मैं लेकिन सूरज के बार भी देखने नहीं आया कि कैसा रहा इन लोगों को कोई प्रॉब्लम तो नहीं हुई उसे ठीक नहीं लगा बिन बुलाए जाना सो वो नहीं गया पता नहीं क्या सोचेंगे ये लोग उसके मन मैं अलग ही सवाल the
बही सूरज की मामी के लड़का हुआ था बहा जश्न मनाया जा रहा था लेकिन सूरज खुस नहीं था कैसे होता उसकी छोटी सी चुहिया अब उस बिल से निकल कर दूसरे बिल मैं जा घुषि थी सूरज अब जब भी काम पर जाता था तो एक चक्कर रिद्धिमा के घर से जाकर जरूर निकलता था कि कहीं उसे रिद्धिमा मिल जय और वो अपने दिल की बात को उसे बता दे लेकिन रिद्धिमा बहा नई नई थी तो उसका बाहर निकलने का मन ही नहीं कर्ता था उपर से मनीष का फोन करना वो भी उसके पापा को तो उसके अंदर डर और घुटन दोनों थी उर्मिला जी कहती देख लिया जिसके पीछे तुम Pagal थी वो कैसे परेशान कर रहा है अब उन्हें कौन समझाये की मनीष भी रिद्धिमा के लिए तड़प रहा था लेकिन वो कुछ कह नहीं सकती थी अब वो बोलती भी तो क्या बोलती की नहीं वो सिर्फ उससे बात करना चहता है उसने कहा माँ एक बार फोन देदो मुझे मैं उसे समझा दूगी की वो फोन बगैरह ना करे लेकिन उर्मिला जी बोली बिल्कुल भी नहीं अगर तुमने उससे बात की तो वो फिर और बार बार फोन करेगा तुम शांत बैठो तुम्हरो डैड तो कह ही देते हैं जो उनको बोलना है उनको कहकर सिम change करवा देगे रिद्धिमा टूट चुकी थी अखिर वो भी तो अपने प्यार को इस हालत मैं नहीं देख pa रही थी ऊपर से उसका ये डर की कहीं कुछ हो ना जाए कहीं मनीष सब कुछ बता ना दे की मैं भी उससे बात करती थी.. लेकिन जैसा उसने सोचा था रात हो चुकी थी मनीष रात मैं ही फोन कर्ता था 11 बजे की हो सकता है सब सो गए हों और रिद्धिमा उससे बात कर ले लेकिन ये सब बेकार था इस बार तो उसने रिद्धिमा के पापा से कहा मेरी एक बार बार बात करा दो अगर रिद्धिमा बोल देगी की मैं झूठ बोल रहा हू तो मैं कभी फोन नहीं करूंगा लेकिन रोहन जी को उसपर ज़र्रा भी बिस्वास नहीं था वो तो बस यही सोचते थे कि उनकी बेटी को बदनाम करने की चाल है और कुछ नहीं इसलिए वो मनीष को गालिया देकर फोन कट कर देते लेकिन ridhima के सीने मैं पत्थर सा चुभ जाता था जब वो अपने पिता के इतने कठोर सब्द sunti तड़प उठती वो लेकिन उसकी तड़प दूर करने वाला कोई नहीं था वो लोग सब सो चुके थे लेकिन rishima दुआ कर रही थी कि बस एक बार bhagvan जी मनीष से बात हो जाए फिर मैं कभी किसी को अपनी जिंदगी मे आने भी नहीं दूगी बहुत परेशान हो लिया सूरज और रिद्धिमा की उल्टी सीधी कट रही थी अब एक शाल बीत गया था ridhima 17 shall की हो चुकी थी लेकिन सूरज तो 26 शाल का हो चुका था लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी मनीष के फोन आना भी बंद हो चुके थे रिद्धिमा उसे भूल चुकी थी और धीरे धीरे अपनी लाइफ मैं आगे बड़ने की कोशिस कर रही थी बही सूरज भी अपने काम मैं बिजी हो गया था उसे फुर्सत ही नहीं थी एक दिन रिद्धिमा के डैड घर पर थे और उनके फोन मैं नेट बैलेंस था तो रिद्धिमा ने उनके no. से facebook id बनाई जो कि उसमे सूरज का no. सेव था तो रिद्धिमा ने देखा कि सूरज की id शो हो रही है उसने अपने डैड के फोन से उसे फ्रेंड req. Bhej di बॉ भी इसलिए कि वो उन्हें janti थी इसी बजह से उसने ये सब किया उसका कोई Galt मतलब नहीं था उसने सोचा कि सूरज को पहचान है तो उसने भेज दी अब सूरज ने वो एक्सेप्ट करली पहले तो उसने सोचा कि ये id किस की है क्युकी उसने अपने भाई के नाम से id बनाई थी तो सूरज ने msg किया और सब बढ़िया तुम लोग तो हमे भूल ही गए रिद्धिमा ने msg पड़ा तो वो बोली यैसा कुछ नहीं है मुझे याद हो तो सूरज बोला तो ठीक है बुलाओ कभी अपने घर हमे सूरज राम समझ कर बात कर रहा था उसे तो पता ही नहीं था ये id ridhima चाला रही थी आधा एक घन्टा बात हुई और रिद्धिमा ने लोग आउट कर दिया उसे समझ आया कि id के जरिए अपने दोस्त से राम बनकर वो बात करेगी और सूरज को कुछ पता भी नहीं चलेगा धीरे धीरे रिद्धिमा का दिल और दिमाग नॉर्मल हो गया था सूरज को भी खुसी हुई थी कि चलो अब kamse कम राम के जरिए वो रिद्धिमा तक पोंछ पाएगा बही रात हो चली थी रमन जी को अब अगली सुबह bapish से अपने काम पर जाना था तो आज फिर सबका मन पसंद पनीर बनाया गया था सब लोग खा रह थे तभी बहा अचानक से सूरज आ गया ये देखकर तो रिद्धिमा के प्राण गले मैं ही अटक कर रह गए बही रमन जी बोले आओ बेटा आओ बैठो बड़े दिनों बाद आना हुआ रिद्धिमा जो खाना खा रहीं थीं वो उठकर दूसरे कमरे मे ले जाकर खाने लगी सूरज कहने लगा I am so sory में ग़लत टाइम पर आ गया मैं बाद मैं aauga लेकिन रमन जी कहने लगे अरे ये क्या बात हुई आप भी आओ और बढ़िया खाना खाओ रमन जी बोले एक थाली और लगा लाओ और उर्मिला जी थाली लगा लाई रिद्धिमा तो एक बार बाहर नहीं आई लेकिन सूरज तो उसे देखने के लिए मरा जा रहा था राम जो बही बैठा था वो सूरज के पास आकर बात चीत करने लगा सूरज ने भी यही सोचा था पहले राम से दोस्ती करो फिर रिधि से तभी बात बनेगी सूरज कहने लगा अरे कुछ नहीं यहा पीछे मेरा एक दोस्त रहता है उससे मिलने आया था मुझे याद आया कि अंकल anty भी यही रहते हैं तो मैं निकल रहा था तो मेने सोचा मिलता चालू अछा किया आ जाया करो उर्मिला जी थाली लेकर बोलते हुई आई और सूरज बोला जी पर उर्मिला जी ने नीचे थाली पड़ोस दी और बोली बैठो बेटा खाओ खाना और सूरज कहने लगा हाथ dholu और ये कहकर उसने पूछा कि वो हाथ कहा ढ़ो तो उन्होंने कहा अंदर चले जाओ जहा रिद्धिमा खाना खाकर फ्री हो चुकी थी
सब लोग नीचे आ चुके थे सूरज भी जा चुका था और उर्मिला जी ने सबके बिस्तर लगा दिए थे अब सब बिस्तर पर लेट गए बिस्तर जमीन पर बिछाया गया था और सब लेटने के बाद अपनी अपनी चादर ओर कर सो गए और उर्मिला जी रमन जी साथ मे ही सोते थे तीनों बच्चे अलग रिद्धिमा अब भी मनीष को याद कर रही थी और फ़िर धीरे धीरे वो भी सो गई थी कुछ देर बाद वो अपने मीठे मीठे सपनो मैं खो गई कि उसे कोई प्यार मिल गया है लेकिन वो उससे बिछड़ रही है है अब हकीकत उसके सपनो मे भी पीछा नहीं छोड़ रही थी फिर क्या था उसकी अचानक से नीद खुली और वो जब अपनी आखे खोलती है तो सामने अंधेरा था बस और कुछ नहीं अंधेरा देखकर तो पहले वो थोड़ा घबरा जाती है फिर सन्त मन कर फिरसे सो जाती है अगली सुबह जब सब लोग सो रहे थे तो उर्मिला जी उठ चुकी थी और उन्होंने देखा कि उनके बच्चे कैसे आराम से सोये हुई है और रमन जी भी अभी तक सोही रहे थे कुछ देर बाद सब लोग उठ गए और फिर उर्मिला जी बोली कि जाओ एक एक करके ब्रास करो फिर चाय देगे चाय बन चुकी है बार बार अलग से नहीं बनाएंगे ये सुनकर सबसे पहले तो ridhima ही उठी और जल्दी जाकर ब्रास उठाया और मंजन लेकर करने लगी फिर क्या था गई और अपनी माँ से चाय लेली और फिर उसे पीने लगी और पहले की तरह ही बिस्किट खाने लगी बही उसकी छोटी बहन रिचा भी उठी लेकिन उसे अब tention नहीं थी चाय खत्म होने की क्युकी जब भी चय खत्म हुई तो दोनों बहनो मे से किसी एक को बनानी पड़ती थी इसलिए आज ridhima सबसे पहले उठकर चाय पीली फिर क्या था अब रिचा भी आई तो उसने चाय पी ली इस बार कम नहीं पड़ी थी क्युकी सब जल्दी ही उठ गई थी और अब बचा था राम तो वो भले देर तक सोता लेकिन उसके लिय बन ही जाती क्यु की एक लोटा बारिश जो था इसलिए मगर रिद्धिमा को बहुत बुरा लगता था ये उर्मिला जी का अपने bchho के साथ अलग अलग बर्ताव करना लेकिन वो सोचती अब क्या कर सकते है इस बात को बदल नहीं सकते उसे जिससे प्यार मिल रहा था उर्मिला जी ने वो भी छीन लिया उर्मिला जी कुछ भी करती या रमन जी तो सबसे पहले राम के लिय ही करते थे ये देखकर दोनों बहनो को बहुत गुस्सा आता था घर मे कुछ भी आया तो राम के हिस्से पहले जायगा लेकिन क्या करेगी वो बो ये सब देख रही थी तब तक उर्मिला जी आई और बोली रिद्धिमा ये sabji रिचा काट लेगी तुम आता घूँट लो और रोटी बना लेना रिद्धिमा को ये काम बहुत बुरा लगता था अरे यार क्या क्या करना पड़ता है और फिर उसने आते का कोपरा लिया और उसमे आता छाना और आते को छानकर वो अब छन्नी से छानने लगी फिर आता ghoothne के लिए पानी भरा और नमक के डिब्बे मे से नमक निकल कर डाल दिया अब क्या था अब उसने सब कर लिया अब रोटी बनाना सुरु की उसकी रोटियां ज्यादा अछि तो नहीं बनतीं थी लेकिन फिर भी वो अपना काम कर रही थी उर्मिला जी ये देख हैरान होती और जमकर गुस्सा उत्तरी उसपर अब तो सीख जा कुछ अब छोटी नहीं हो तुम अरे तुमसे अछा काम तो तुम्हरी बहन रिचा ही कर लेती है रिद्धिमा को इस बात से फिरसे आगी लग गई उसने बोल दिया ज्यादा टोंट मत मारा करो बना तो रहे है ज्यादा है तो उसी से बना वा लो उर्मिला जी बोली पहले विवाह तुम्हरा होना है उसका नहीं यही लिए सीखा रहे है तुम्हें नहीं तो ससुराल मै जाकर मार खाती रहना उर्मिला जी बहुत Galat galat बोल deti थी use लेकिन वो अपनी माँ से कुछ नहीं कहती थी अखिर क्या कहती ओ भी तो सोचती थी कि उसने खुद ही इतनी गलती की है कि उसकी माँ अब कुछ नहीं समझती है उसे बहुत ज्यादा दूरिया हो चुकी थी दोनों माँ बेटी मैं अब तो रोज का काम हो गया था अब रिद्धिमा फ्री हुई और राम और रिचा स्कूल के लिय निकल चुके थे अब वो हाथ धोकर आई और खाना खाने लगी और मम्मी को बोला आप खालों खाना तो उर्मिला जी बोली बाद मे khaugi ये सुन रिद्धिमा ने अपना खाना खा लिया और अब वो सांत ही बैठी हुई थी उर्मिला जी का मोबइल उठा कर उसमे गेम खेलने लगी उसका मण नहीं लगा तो उसने फिर fb id खोली तो उसमे सूरज के बहुत सारे msg थे ये देखकर रिद्धिमा sokd होगई उसमे लिखा था तुम हारे घर आए तो तुम तो बोले तक नहीं ऐसी दोस्ती कोण निभाता है और भी बहुत से msg थे सूरज की बैचेनी बहुत बड़ती जा रही थी उसकी आत्मा तड़प रही थी रिद्धिमा से बात करने के लिए रिद्धिमा से रहा नहीं गया कि झूठ बोलना ठीक नहीं है अगर राम को पता लगा तो फालतू मे इसलिए उस ने msg मे लिख दिया मैं राम नहीं राधिका हू ये msg पड़कर तो सूरज के होश ही उड़ गए थे फिर क्या था उसने बोला सच बोल रही हो नि नि तुम राम ही हो और मेरा मज़ा ले रहे हो रिद्धिमा बोली मुझे क्या माजा आया गा उसको फिर भी यकीन नहीं हो रहा था क्या ये सपना है जो तुम नहीं मुझे बिस्वास नहीं तुम पहले फोन करो तुम्हरी आवाज सुन उगा तो मानूँगा रिद्धिमा को अब गुस्सा आ गया वो बोली ओके मत मानो और अब बाइ सूरज बोला अरे यार ये क्या बात हुई पहले मुझे राम ने msg किया था ridhima बोली राम नहीं था वो मैं ही थी जिसने msg किया था मेने एक दम कहना ठीक नहीं समझा कि पता नहीं आप कैसा रिएक्शन दोगे इसलिए मेने उसके नाम से id बनाई और आप कहीं मेरे घर मे हल्ला ना krdo तो सूरज बोला मैं क्यु यैसा करूंगा पगल थोड़ी हू
मुझे पता लड़किया इस बात से बहुत डरती है कहीं कोई उनके बारे मैं कुछ कह ना दे मैं अच्छे से जानता हू लडकियों की respecte करना और उन्हें देना इसलिए तुम बेफिक्र रहो तुम ठीक से जानती नहीं हो मुझे लेकिन मुझसे बात करोगी तो तुम जानने लग जाओगी तो ridhima बोली कि और मैं बात क्यु करुँगी आपसे तो सूरज बोला दोस्ती दोस्ती करना चाहता हू तुमसे ridhima सोची दोस्ती करके देख चुकी हू लेकिन अगर इसके बाद बात आगे बड़ी तो पहले तो उसने सोचा मना कर देती हू लेकिन इतने दिन रहने के बाद वो सूरज को अछे से जान चुकी थी और वो उसके पास मैं भी रहता था तो वो उसे मना नहीं कर पा रही थी तो उसने कहा ठीक है अगर दोस्ती ही चाहते हो तो ठीक है लेकिन इसके आगे तुम और कुछ मत सोचना समझ गए रिधिमा ने डायरेक्ट बोल दिया इससे सूरज को बुरा लगा लेकिन उसने सोचा कि कोई बात नहीं बाद मैं सब ठीक हो जायगा ridhima समझेगी मेरे प्यार को इस लिए उसने ज्यादा ध्यान ना देते हुई उसने कहा कैसी चल रही है तुम्हरी स्टडी तो ridhima बोली ठीक ठाक और अगर तुम्हें कुछ प्रॉब्लम हो पड़ने मैं तो मुझे बता देना मैं उस समस्या को हल कर दूँगा रिधिमाँ बोली इसकी कोई जरूरत नहीं है मुझे ज्यादा रुचि नहीं है पड़ने मैं तो सूरज बोला ये क्या बात हुई पड़ना लिखना अछि बात होती है पड़ जाओगी तो आगे बड़ोगि लेकिन ridhima बोली अब नहीं है मन तो क्या करू आपको क्या प्रॉब्लम है रिधि बहुत जल्दी जल्दी चीड़ जाती थी कोई भी बात पर सूरज से ही नहीं घर मे हर सदस्य से ऐसी ही थी अखिर दिमाग की कमी जो थी उसके अंदर और उम्र भी क्या थी जो समझ आती उसे कुछ कुछ देर बाद दोनों की बात यू ही चलती रही तो रिधि बोली अब मुझे नीड आ रही है मे सोने जा रहीं हू सूरज बोला थोड़ी और बात करो ना लेकिन रिधि बोली बाद मैं तो सूरज बोला पक्का करोगी ना भूल तो नहीं जाओगी इस दोस्त को रिधि बोली हाँ करुँगी पक्का. सूरज बोला प्रॉमिस तो रिधि बोली प्रॉमिस अब जाऊँ तो सूरज बोला बाइ take care तो ridhima ने जल्दी id lock की ओर अपने लिए खाना निकला और दो रोटी खाकर आराम करने चलि गई कुछ देर आराम करने के बाद उर्मिला जी आई और बोली मामी को फोन लगा दे जरा तो रिधि बोली अरे आपको कोई काम नहीं है कभी इसको फोन लगा तो कभी उसको बस परेशान करती रहती हो आप तो ridhima की बात सुन उर्मिला जी बोली कम बोला कर कितना बोलती है चुप चाप लगा दे नहीं तो फिर मैं भी तुझे doremon नहीं देखने दूगी ridhima भले 17 शाल की हो चुकी थी लेकिन वो अब भी doremon देख टि थी और उसके भाई बहन भी उसके साथ देख लेते थे रिधि को बहुत मजा आता था doremon देखने मैं अभी उर्मिला जी का neture रिधि के तरफ थोड़ा change हो गया था बहुत दिनों बाद वो उस से अच्छे से बात की थी और ये बात रिधि ने भी नोटिस की थी सायद उन्हें सूरज अछा लगता था और वो चाहती थी की उनकी बेटी की शादी सूरज से ही हो हालाकि उनके मन मैं सिर्फ ख्याल आया था और ये जरूरी नहीं कि वो जो चाहती है वो सबको राजी हो और सबको पसंद भी इन लोगों के यहा जाती का बहुत महत्व था हालाकि किस्मत से सूरज भी उन्हीं की कास्ट का था ये सोचकर उनके मन मैं बिचार आ गया था लेकिन रिधि के मन मैं क्या चल रहा था अभी किसी को कुछ पता नहीं था बही रमन जी भी उनके काम से ऑफिस जा चुके थे और उर्मिला जी भी अब उनकी भाभी से बात करने मैं बिजी थी मतलब रिधि की मामी से बात करने मैं और रिधि को आ रही थी बहुत नीद और उर्मिला जी की बात चीत उसे बहुत परेशान कर रही थी वो बोली माँ tanak धीरे बतया लो हमे सोने दो और आप यैसा ही करती है खुद तो सो लेती है जब मुझे सोना होता है तो इधर उधर बात करने लग जाति हो ये सुनकर उर्मिला जी बोली चैन से बात तक नि करने देती हो चलो मैं जाती हू बाहर टहल भी आऊंगी और उनसे बात भी हो जायगी लेकिन रिधि बोली अब मेरी नीद उड़ गई है अब मे doremon देख रही हू और ये कहकर bo टीवी चालू कर लेती है और रिचा और राम 4 बजे आते थे स्कूल से इसलिए वो बिल्कुल बेफिक्र और फ्री माइंड रहती थी उसको तो कहीं जाना ही नहीं था वो तो खुश थी कि चलो अब टीवी का remod उसके हाथ मैं ही रहता था क्युकी उर्मिला जी भी रिधि के साथ doremon देखने लग जाती उन्हें भी अब वो देखने की 😂 हल्की आदत हो चुकी थी सिर्फ वही था जो पूरा घर बैठकर देख लेता था सिर्फ रमन जी के अलावा रमन जी बहुत चीड़ जाया करते थे अगर ridhima देखती थी तो तुरंत tv बंद कर देते थे लेकिन वो भी रामन जी के जाने का इंतजार करती रहती थी कि कब वो जाए और उसके सिर से ये बोझ उतर जाए ये सोचकर ही की रमन मतलब उसके पापा कल चले जायेगे तो वो अंदर ही अंदर बहुत खुश होती थी और मन मैं सोचती थी ये कितने खड़ूस है पापा है कहीं यैसा राज हो सिर्फ उसका ही हो जो वो चाहे बही कर सके उसका ये सोचना ही तो उसे प्रेम करने पर मजबूर कर देता था कि कोई लड़का हो जो उसका ख्याल रखे हालाकि ये उसकी सोच थी अब वो doremon देख रही थी और उर्मिला जी ridhima के साथ ही बैठी हुई थी और वो फोन पर बात कर रही थी और ridhima के साथ वो भी एक नज़र टीवी पर मार लेती थी ये देखकर ridhima फिर परेशान हो गई क्युकी उर्मिला जी कहती की टीवी की आवाज थोड़ा स्लो krlo लेकिन नहीं ridhima को मज़ा नहीं आता टीवी स्लो होने पर क्युकी उसे सुनाई नहीं देता कुछ और वो बोली आप जाओ बाहर ही बात करो 😒
ऐसे ही सब कुछ चल रहा था एक दिन रिधि की माँ को मार्केट जाना था तो रिधि माँ की माँ रिधि से बोली आज बाजर जाना है घर का समान खत्म हो गया है रिधि बोली माँ पैदल जाना होगा मेरे पैर दुखते है तो उर्मिला जी बोली नहीं हम ऑटो से चलेंगे थोड़ा चलकर ऑटो पकड़ लेगे लेकिन रिधि ने सोचा चलना तो पड़ेगा माँ हर बार यैसा ही करती है कितना पैदल चलवा टी है चलो अब क्या कर सकते ही जाना तो पड़ेगा रिधि ने कहा ठीक है माँ उर्मिला जी ने जल्दी जल्दी खाना बनाया और रिधि ने भी उनकी हेल्प की फिर बर्तन साफ किए और उर्मिला जी रिधि राम और रिचा सब खाना खाने को बैठ गए सबने पैट भर कर खाना खाया अब बर्तन मांजने की बारी रिचा की थी रिचा ने सारे बर्तन उठाए और चल दी बर्तन मांजने
अब सब फ्री होकर फिर अपनी स्टडी करने लगे लेकिन रिधि ने तो टीवी ऑन की ओर टीवी देखने लगी वैसे भी उसका मन नहीं लगता था स्टडी करने मैं अब सब टीवी मैं फिल्म आ रही थी कोई न्यू मूवी आई थी उस टाइम और सब बही देखने लगे रिधि ने जब देखा कि सब बिजी है तो उसने फोन उठाया और अपनी id खोली तो उसमे उसने देखा कि सूरज के msg पड़े हुई है उसने msg देखकर reply दिया हैलो तो जैसे सूरज तो रिधि के इंतजार मैं ही बैठा था उसने तुरंत reply किया हे dear कैसी हो तो रिधि बोल पड़ी मैं ठीक हू मगर मुझे एक tention है तो सूरज बोला क्या हुआ dear मुझे बताओ तो उसने बताया कि माँ आज मार्केट जाने का बोल रही है और मुझे पैदल जाना पड़ेगा तो सूरज बोला एक बात बोलू अगर बुरा ना मानो तो रिधि बोली बोली मैं क्यु बुरा manugi फिर सूरज बोला अगर मैं छोड़ दु तुम लोगों को मार्केट तो रिधिमाँ बोली वो तो ठीक है लेकिन माँ को क्या बोलोगे तो सूरज बोला तुम जब निकलो तो msg कर देना मैं बोल दूँगा मे यहा पेट्रोल भरवाने आया था क्युकी ridhima जहा रहती थी बहा पेट्रोल पंप था इसलिए सूरज ने भी दिमाग लगा लिया अब क्या था दोनों की रज़ा मंडी होगई और ridhima जाकर सुकून से सो गई दोपहर का टाइम था सब सो ही रहे थे लेकिन सूरज बिचारा 4 बजे से इंतजार कर रहा था कि ridhima कब उसे msg करेगी कबसे इन्तजार कर रहा था वो उसका लेकिन शामको 5 बजे जब रिद्धिमा उठी तो उस ने फोन उठा कर देखा कि अभी तो 5 ही बजे है और उसने I'd खोली तो उस मे सूरज के बहुत सारे msg पड़े हुई थे जिसमें लिखा था मैं बाहर ही खड़ा हू कबसे इन्तजार कर रहा हू आप आई नहीं तो रिधि तो पगला गई उसने बोला अरे मे शाम को 6 बजे निकल aaougi जब शाम हो जायगी mosam ठण्डा हो जायगा अभी देखो गर्मी के दिन है धूप कितनी है रिधि का एक काम ही था कि जब भी मार्केट जाना होता उसे तो वो शाम को जाया करती थी भले लौटने मैं रात के 9. या 10 बज जय उसकी माँ साथ होती तो उसे tention नहीं रहा करती थी कोई भी बात की सूरज ने बोला थोड़ा जल्दी करो यार और इन्तजार नहीं होता रिधि बोली क्यु क्यु नहीं होता इन्तजार सूरज बोला वो क्या है तुम्हें देखे बहुत दिन हो गए है रिधि बोली तो क्या जरूरत है मुझे देखने की क्यु देखना चाहते हो मुझे सूरज बोला वो. वो मुझे अछा लगता है इसलिए रिधि की बेज़ान पड़ी धडकन फिर दोड़ पड़ी उसने कहा क्यु अछा लगता है सूरज बोला पता नहीं बस जब तुम पहले मेरे घर मै मतलब यहा रहती थी तो भी मुझे तुम्हें देखकर सुकून मिलता था रिधि बोली अछा जी लेकिन हम तो अभी दोस्त है और दोस्त के लिए ये सब सोचना गलत है हाँ तो मेने कब कहां की तुम मेरी गर्लफ्रेंड हो मुझे अछा लगता है तो लगता है क्यु तुम्हें नहीं लगता मुझे देखकर अछा तो रिधि बोली लगता है लेकिन सिर्फ दोस्त के नाते ही और कुछ मत सोच लेना सूरज बोला मेने कब और कुछ सोचा जबतक तुम्हरी मरज़ी नहीं होगी मैं कैसे कुछ सोच सकता हू रिधि बोली फिर ठीक है सूरज बोला मैं कबसे इंतजार कर रहा हू थोड़ा जल्दी आजाओ ना मार्केट जाने के लिए क्या इतना टाइम लगाना जरूरी है रिधि बोली ठीक है मे माँ से बोलकर रेडी हो जाती हू वैसे भी 5 तो बज ही गए है अब रेडी होगी तो 6 बज ही जाय गे सूरज बोला नहीं जल्दी करो ना प्लीज़ मुझसे इंतजार नहीं होता रिधि बोली तुम भी ना पागल हो एक नौ के सूरज मन मैं बोला हाँ तुम्हरे प्यार मैं Pagal हू रिधि बोली ठीक है बस अब मैं जा रही हू रेडी होने अब तुम इंतजार करो मैं msg कर दूगी तुम्हें जब घर से निकलने lgugi तो सूरज बोला ठीक है अब ridhima बोली माँ रेडी हो जाओ बाजर चलने के लिए तो उर्मिला जी बोली हाँ तुम हो जाओ मुझे बस साड़ी ही पहनना है तो रिधि बोली माँ मैं क्या पहन लू तो उर्मिला जी बोली तुम्हें जो पहनना हो पहल लो रिधि ने एक जीन्स निकल लिया जो रेड वाले कलर मे ब्लैक पीस मे था और ब्लेक टॉप और अपने बालों को खोलकर उनमे कीलीचर फसा लिया था और अब वो एक दम टिक टॉप बनकर रेडी थी उर्मिला जी भी रेडी हो चुकी थी और राम और रिचा से बोल दिया था अंदर से गेट लगा लो और टीवी देखते रहना हम लोग आए गे तो बाजर से कुछ लेकर आयेगे तुम दोनों के लिए ये सुनकर दोनों खुस हो गए थे अब क्या था वो लोग बाहर निकल गई और अंदर से गेट लगा वा लिय और ridhima ने भी अपना काम कर दिया सूरज को msg कर दिया कि हम लोग निकल आय है सूरज जल्दी से जाकर पेट्रोल पंप पर खड़ा हो गया ताकि किसी को कोई सक ना हो
रिधि ने msg किया सूरज को की हम लोग निकल आय है सूरज जल्दी से देखकर आगे को खाड़ा हो गया ताकि वो ridhima को दूर से देखने लगा उसका दीदार करने को कितना मरा जा रहा था बही रिद्धिमा भी नीचे नजरे करके चल रही थी क्युकी उसे तो शर्म आ रही थी इसलिए वो अपनी नजरे नीचे झुकाए ही रही और आगे आगे चलती जा रही थी बही उर्मिला जी ऊपर नजरे करके चल रही थी वो देख कर ही जाया करती थी इधर उधर उन्हें खूब देखना पड़ता था रिद्धिमा इन्हीं बातों पर गुस्सा करती थी कि ये हरक़त मत किया करो अछा नहीं लगता सब लोग देखते है तो उर्मिला जी बोली Hao तो ज्यादा होशियारी मत बताया करो मम्मी तुमसे अछि बात कहो तो बुरा ही लगता है आपको अछा लगता है कि सब लोग ताके
हमे तो उर्मिला जी बोली अछा तो नहीं लगता लेकिन आदत से मजबूर हू इन्हीं की हरकत से इधर उधर देखने की बजह से उनको सूरज दिख गया उर्मिला जी रिद्धिमा को हिलाकर बोली ये देख ये तो सूरज लग रहा है यहा क्या कर रहा है रिधि बनकर बोली हाँ तो होगा आपको क्या उर्मिला जी बोली अरे तो हम उसको बोल देते है कि हमे छोड़ दे रिधि बोली क्या माँ आप भी तो उर्मिला जी बोली चुप कर आटो के पैसे बच जाये गे यही बहुत है रिधि कुछ नहीं बोली और अंदर ही अंदर सोच रही थी मै जिस आटो के पैसे आप बचाना चाहती है उस ड्राईवर को तो मेने ही हटाया है और सूरज को बुलाया है आप क्या जानो तभी सूरज इधर ही आने लगा और बीच रोड पर गाड़ी रोकर बोला अरे आंटी आप यहा तो उर्मिला जी बोली वो बैटा हम लोग मार्केट जा रहे थे वैसे तुम यहा क्या कर रहे हों सूरज बोला वो मैं पेट्रोल पेट्रोल डल आने आया था आप लोग कहीं जा रही है तो मैं छोड़ देता हू मार्केट जा रही है ना आप बैठो मे छोड़ दूँगा तो उर्मिला जी बोली हाँ हाँ बेटा क्यु नहीं तो तुम घर जैसे ही हो तुमसे क्या छुपाना उर्मिला जी बोली बैठ जाओ रिधि बीच मैं तो रिद्धिमा अनजान बनते हुई चुप चाप बैठ गई जैसे ही सूरज को रिद्धिमा के सरीर का स्पर्श हुआ वो तो सहर सा गया और उसके तन बदन मे एक आग लगी कि रिद्धिमा को कस कर पकड़ ले और जोर से गले लगा ले ताकि उसका अंग अंग उसमे समा जाए उसके बाद उर्मिला जी बैठ गई और ridhima और दस गई आगे और खिसक गई और उर अब रिद्धिमा का सरीर सूरज से बिल्कुल chipak गया था इतना कि बिल्कुल भी हवा पास नहीं हो सकती थी और उर्मिला जी को तो आगे का कुछ दिख ही नहीं रहा था क्या हो रहा है क्या नहीं सूरज ने रिधि का हाथ पकड लिया और अपने आगे तरफ अपने पेट पर रख लिया लेकिन उसे अजीब लगा कि एक दम से कोई यैसा कैसे कर सकता है लेकिन उसने माइंड ना कर तें हुई वो खुद का हाथ हटा लिया और शांत बैठी रही सूरज को तो ऐसी आग लगी हुई थी लेकिन वो भी बहुत कंट्रोल किए हुए था उर्मिला जी बोली और बताओ घर मै सब कैसा है सूरज बोला ठीक ठीक है सब लेकिन आप लोग नहीं हो तो बहा अब अछा नहीं लगता आपके रहने से एक सुकून था घर मे जाने की खुसी होती थी लेकिन अब वो माहौल नहीं रहा
फिर उनके लड़का हुआ था वो कैसा है ठीक तो है अब तो सूरज बोला हाँ अब ठीक है लेकिन थोड़ी बहुत मेरी जरूरत थी अब वो नहीं है पहले तो कुछ मुझे समझती थी लेकिन अब तो कोई इज्ज़त नहीं है अपनी उस घर मै तो रिद्धिमा बोल पड़ी ऐसे घर मै रहो ही मत अलग हो जाओ अलग रहो तो उर्मिला जी बोला हाँ सही बात है तुम अछा कमा लेते हो लेकिन मामा को बुराई होगी अलग रहूँगा तो और खाना की भी विवशता नहीं है कैसे मेनेज़ करूंगा तो उर्मिला जी बोली तुम्हें किस बात की कमी है तुम तो tipin bandh लेना तो सूरज बोला वो मैं देख लूँगा और बताओ सब बढ़िया आप लोग खुस तो है ना कोई प्रॉब्लम तो नहीं है आप लोगों को बहा तो उर्मिला जी बोली नहीं हमे कोई प्रॉब्लम नहीं है खुस रहने के लिय क्या चाइये दो waqt की रोटी तो वो हमे मिल ही रही है बस bagvan की दाया से अपना खुद का घर बन जाए फिर बहुत खुसी होगी सूरज बोला वो बात तो सही है अपकी आंटी अपना घर अपना ही होता है उसकी बात ही अलग होती है वैसे आप लोग ले क्यु नहीं लेते अपना घर सूरज बोला तो उर्मिला जी बोली अरे बेटा जैसा घर चाइये वैसे जगह भी तो मिले और फिर अभी उतने पैसों की विवशता भी नहीं है सूरज बोला तो आप लोग लोन लेलो ना किस्त मैं अपने पैसों से बाँध दूँगा तो उर्मिला जी बोली नहीं बैटा हम खुद जोड़कर लेगे तो सूरज बोला जोड़कर वो पैसे आप मुझे दे देना तो उर्मिला जी बोली raman जी नहीं manege tum जानते नहीं हो बेटा बेकार मे फालतू ड्रामा होगा कि इतनी महरबानी क्यु इसलिए जो चल रहा है चलने दो वो रमन जी तो इतना कमा ही लेगे एक दो शाल मे हम ले लेगे खुद का घर तुम चिंता मत करो बस बेटा यही रोक दो कतरा आ गया है कतरा बाजर आ गया तो सूरज बोला जी और गाड़ी रोक दी सूरज बोला आंटी दुबारा छोड़ने भी आना है क्या तो आप मेरा नौ लेलो उसपर फोन कर देना उर्मिला बोली हाँ बेटा देदो नौ तो उर्मिला जी ने ridhima के फोन मे सूरज का no ले लिया और बोला miscoll कर दो आप हमे तो रिद्धिमा ने मिसकोल कर दी तो अब सूरज के पास रिद्धिमा का no भी पोंछ गया था और अभी तो सिर्फ Facebook msg होते थे अब no भी पोंछ गया था सूरज खुस तो था लेकिन जब उसको रिद्धिमा पूरी मिल जाती तो फिर बहुत खुस होता वो.