ये कहानी है आश्वी मल्होत्रा और रियान कपूर की जो है बॉलीवुड के उभरते हुए सितारे , लेकिन ये दोनों ही करते है एक दूसरे से बेइंतहा नफ़रता ।। वही कुछ समय बाद आश्वी की मौत हो जाती है और रियान उसकी मौत का बदला लेकर ख़ुद भी उसके साथ ख़ुदख़ुशी कर लेता है ।। आ... ये कहानी है आश्वी मल्होत्रा और रियान कपूर की जो है बॉलीवुड के उभरते हुए सितारे , लेकिन ये दोनों ही करते है एक दूसरे से बेइंतहा नफ़रता ।। वही कुछ समय बाद आश्वी की मौत हो जाती है और रियान उसकी मौत का बदला लेकर ख़ुद भी उसके साथ ख़ुदख़ुशी कर लेता है ।। आश्वी ये बर्दाश्त नहीं कर पाती और ना ही ये समझ पाती है की आख़िर क्यों रियान ने उसके लिए अपनी जान देने की कोशिश की ? तभी आश्वी एक गहरे सपने से जागती है और उसे एहसास होता है की वो सिर्फ़ सपना नहीं बल्कि उसका पुनर्जन्म था ।। और इस जन्म में वो अपने क़ातिलो को ढूढ़ेगी और रियान की नफ़रत को प्यार में बदलने की कोशिश करती है आख़िर कौन है। लोग जिन्होंने आश्वी को टॉरचर करने के बाद मार डाला , और क्या रियान की नफ़रत आश्वि के लिए प्यार में बदलेगी ? जानने के लिए पढ़िए "Reborn- Risky Romance
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एक लड़की जो किसी बंद कमरे में बेजान से लेटी हुई थी , वो इस वक्त बहुत ही कमजोर और बदसूरत नज़र आ रही थी ,, आश्वी मल्होत्रा जो कि बहुत ही खूबसूरत लड़की थी , साथ ही bollywood की नई उभरती हुई नायिका , लेकिन बदक़िस्मती से उसकी ख़ूबसूरती ही उसकी दुश्मन बन जाती है , 22 साल की छोटी सी उम्र में ही उसकी मौत हो जाती है ,, उसका चेहरा बहुत ही ज़्यादा ख़राब हो गया था साथ ही उसका पूरा शरीर सड़ चुका था , दर्सल वो किसी की क़ैद में थी , उसके साथ बहुत ही बुरा व्यवहार किया जाता था , उसे रोज़ अलग अलग तरीक़े से टॉरचर भी किया जाता था ।। आख़िर एक दिन भूख , कमजोरी और अत्याचार के बाद उसकी मौत हो जाती है ।।। वो शक्स जो आश्वी को टॉरचर करता था उसने उसे मरने के बाद एक घर के गार्डन में ज़मीन में दफ़ना दिया था और उसके ऊपर कई तरह के फूलो और फलों के पेड़ लगा दिये थे , ।। कोई सोच भी नहीं सकता था कि इस खूबसूरत गार्डन में किसी निर्दोष की लाश दफन होगी ।। एक महीने बाद एक रात के अंधेरे में एक बहुत ही भयानक दिखने वाला आदमी जो खून से पूरी तरह लथपथ था , उसने किसी तरह आश्वी को खोज निकाला था ।।। उसका चेहरा अभी भी रात के अंधेरे में पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा था ,, लेकिन उसकी पर्सनालिटी बहुत ही अट्रैक्टिव और डरावनी थी ।। रियान किसी अनजान आदमी को अपने साथ उसके कॉलर से पकड़ते हुए घसीटते हुए उस गार्डन में लेकर जा रहा था , उस अनजान आदमी का चेहरा भी खून से लथपथ था , उसकी हालत इतनी ख़राब थी की कोई उसे पहचान ही नहीं सकता था।। रियान उसे मारते हुए पूछता है ,-- बोल कहाँ तूने मेरी आश्वी को छुपाया है ? बोल कहाँ है मेरी आश्वी ?? वो आदमी डरते हुए एक तरफ़ इशारा करता है ,रियान एक ज़ोरदार पंच उसके मुँह पर मारता है ,जिससे वो आदमी निढाल सा होकर जमीं पर गिर जाता है ।। रियान उस तरफ़ देखता है और जल्दी जाकर वो गार्डन की मिट्टी को खोदने लगता है , और तब तक वहाँ से मिट्टी खोदता है जब तक कि उसे वहाँ से कोई बॉडी नहीं मिल जाती ।। उसने उस लाश के सामने घुटने टेक दिये , उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी ,, वो पूरी तरह से थक चुका था साथ ही उसमे अब और हिम्मत नहीं थी कि वो दो सेकंड के लिए भी खड़ा हो सके ।।उस बॉडी में से बदबू आने लगी थी और उसने अपने हाथ से उस डेड बॉडी के चेहरे को प्यार से सहलाया ।। साथ ही उसकी आँखों से लगातार आंसू निकल रहे थे।। तभी एक आत्मा जो की आश्वी की थी वो उस आदमी के करीब आती है और धीरे धीरे उस आदमी को देखने लगती है वह बहुत ही हैंडसम और बेदाग़ चेहरा था। आश्वी ने हेरानी से उस आदमी को देखा— आश्वी की आँखें हेरानी से फटी की फटी रह गई । रियान कपूर !!!!! जी हाँ ये बॉलीवुड का सुपर स्टार और लाखों लड़कियों के दिल की धड़कन रियान कपूर था , जो आश्वी से बहुत ही नफ़रत करता था ,, आश्वी और रियान ने कई फ़िल्मो में साथ काम किया था लेकिन दोनों की बिलकुल नहीं बनती थी ।। रियान आश्वी से इतनी नफ़रत करता था कि वो उसके साथ आगे कोई भी फ़िल्म नहीं करना चाहता था लेकिन परदे पर उनकी हिट जोड़ी को देखते हुए कई प्रोड्यूसर्स उन दोनों को साथ में कास्ट करते थे ।। लेकिन रियान और आश्वी एक दूसरे का चेहरा भी नहीं देखना चाहते थे ।। रियान ने इस वक़्त काले रंग की शर्ट पहनी हुई थी उसकी शर्ट इतनी ज़्यादा टाइट थी कि उसकी मसल्स बहुत ही अच्छे से दिखाई दे रही थी ।। रियान आश्वी की बॉडी को वहाँ से बाहर निकालता है , । उसकी आँखों से आँसू निकलने लगते है ।। वो आश्वी को देख देख कर बहुत रो रहा था ।। लेकिन अपनी साथ में आख़िरी फ़िल्म के बाद उन दोनों ने एक दूसरे को कभी नहीं देखा था ।। आश्वी के होंठ कांप रहे थे।, वो रोते हुए रियान से कहती है “मैंने उस समय तुम्हारे साथ जो व्यवहार किया था, उसके बाद तुम मेरी लाश को टुकड़ों में क्यों नहीं काट रहे हो?” please रियान मुझे माफ़ कर दो , मैंने घमंड और तुमसे बदला लेने के लिए इतनी पागल हो गई थी की मुझे सही और ग़लत का पता ही नहीं चला ।। मैंने तुम्हारी ज़िंदगी बर्बाद करने की कोशिश की । तुम्हारा कैरीअर ख़राब करने की कोशिश की ।। जाहिर है, रियान उसकी आवाज़ नहीं सुन पा रहा था , और ना ही उसकी आत्मा को देख पा रहा था ।। वो बस आश्वी की डेड बॉडी को देखकर रोये जा रहा था — मुझे माफ़ कर दो आश्वी , मैंने कभी तुम्हारी बात नहीं सुनी , कभी तुम्हें समझने की कोशिश नहीं की ,, मैंने तुमसे कभी नहीं कहा की मैं तुमसे प्यार करता हूँ लेकिन ये सिर्फ़ मैं ही जानता ही की मैंने अपनी ज़िंदगी में सिर्फ़ एक लड़की से प्यार किया है और वो तुम हो ।। तुम्हारी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी गलती को मैंने माफ़ किया है आश्वी ।। मैंने कभी तुम्हारी किसी बात का बुरा नहीं माना , मैंने कभी नहीं कहा की मैं तुमसे प्यार करता हूँ , लेकिन ये सच है आश्वी की लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ , और मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता ।।। इतना कहते हुए रियान अपनी पीछे से एक रिवाल्वर निकालता है , ,, ये देखकर आश्वी घबराहट और हेरानी के साथ चिल्लाई। “तुम क्या कर रहे हो, रियान ?”तुम ऐसा नहीं कर सकते ।। “आख़िर मैंने तुम्हारे लिए ऐसा क्या किया कि तुम मेरे लिये बदला लेने के लिए मजबूर हो गये और अब मेरे लिए मर रहे हो ?” प्लीज़ रियान गोली मत चलाना ,, तुम मर नहीं सकते !!!क्या तुम मेरी बात सुन रहे हो?” चाहे वह कितनी भी चिल्लाए, और उसे रोकने की कोशिश करे, यह बेकार था!क्योंकि रियान उसकी बात नहीं सुन पा रहा था ।। उसकी काली और धुंधली आँखें आश्वी की डेड बॉडी को देख रही थीं और उसका बड़ा हाथ उसके सड़े हुए हाथ को पकड़े हुए था। उसके पतले होंठ उसके कान के पास गए और उसने कर्कश आवाज़ में कहा । “आश्वी , मैंने अपना वादा पूरा किया।” वादा?? कैसा वादा ?? क्या बकवास हैये । हमने एक दूसरे से कभी कोई वादा किया ही कब था?— आश्वी हेरानी से चिल्लाती है ।। देखते ही देखते रियान अपनी कनपत्ती पर रिवॉल्वर रखता है और गोली चला देता है ।। रियान के सर से बहते खून को देखकर, आश्वी को लगा जैसे उसका दिमाग फट जाएगा। उसकी आखिरी सांस के साथ उसका दिल दर्द से भर गया। वह बहुत ही बुरी तरह चिल्लाई। — रियान !! रियान प्लीज़ मत करो ऐसा !!! आश्वी ने उस आदमी का हाथ इतनी मजबूती से पकड़ा कि उसके नाखून उसकी त्वचा में धंस गए। वह पागलों की तरह चिल्लाने लगी , और उसका गला सूखने लगा था और उसकी आवाज़ काफ़ी भारी हो गई , उसकी आँखों से आँसू आने लगे थे ।। प्लीज़ रियान मेरे लिये मत मरो ,, “आख़िर तुम क्यों मेरे लिये अपनी जान देना चाहते हो ?? ।। आश्वी की आँखें बंद थी ,, -“ वो बेसुध होकर बस रोये जा रही थी ,, जिस हाथ को पकड़कर वो रो रही थी , , वह अचानक उससे दूर हो गया और एक ठंडी आवाज़ उसके कान में तिरस्कार से बोली— “पागल।” आश्वी ने रोते हुए अपनी आँखें खोली ,,उसकी आँखों से बेकाबू आँसू बहने लगे। उसका पूरा शरीर काँपने लगता है ।।। उसके पास खड़ा शक्स आश्वी को घिन भरी नजरो से देखकर वहाँ से चला जाता है ।।।। आश्वी उसे तब तक देखती रहती है जब तक की वो उसकी आँखों से ओझल नहीं हो गया ।।। वो शक्स यानी की रियान कपूर सीधा जाकर अपनी वैनिटी कार में बैठ जाता है ।। उसके जाते ही आश्वी की हिरणी जैसी आँखें चौड़ी हो गई , और वो जैसे सदमे में चली गई ।। वो अपने आस पास खड़े सब लोगो को देखती है , जो आश्वी पर हंस रहे थे , तो वही उसकी फ़िल्म का डायरेक्टर आश्वी से नाराज़ था ।। आज आश्वी की वजह से उनका शॉट फिर से ख़राब हो गया ।। डायरेक्टर कुछ देर के लिए रेस्ट करने के लिए कहता है , और वहाँ से चला जाता है ।। आश्वी अभी भी हैरान थी कि कुछ देर पहले उसके साथ क्या हुआ ??? लेकिन जैसे जैसे वो याद कर रही थी , वैसे वैसे उसकी आँखें हेरानी से फैलती जा रही थी ।।।। आश्वी अभी अपने ख़यालों में ही थी कि तभी उसकी सेक्रेटरी राया उसके पास आती है और उसे चेयर ओर बिठाते हुए कहती है ,—- मैम क्या हुआ ??? आप रियान सर का हाथ क्यों पकड़ रही थी , जबकि ये आपके इस शॉट का हिस्सा नहीं था ।।। और आप ये भी क्यों कह रही थी की उन्हें आपके लिये मरना नहीं चाहिए ।। क्या आप अपने डायलॉग भूल गई थी, या फिर ये आपकी किसी दूसरी फ़िल्म के डायलॉग थे ??? रियान कपूर बॉलीवुड का नया चेहरा था, साथ ही वो बहुत कम समय में बहुत फेमस हो चुका था ।।। रियान से पहले अद्विक मल्होत्रा काफ़ी लोकप्रिय था और आश्वी उसकी बहुत बड़ी फैन थी और मन ही मन अद्विक को पसंद भी करती थी ।। लेकिन रियान की वजह से अद्विक के हाथ से कई प्रोजेक्ट चले गये थे ,, रियान बहुत ही टेलेंटेड था और उसकी फ़िल्में लगातार चल रही थी ,, आश्वी को बहुत बुरा लगता था कि जिस फ़िल्म में उसका मैन लीड अद्विक था, उसकी जगह अब रियान ने ले ली थी ।। आश्वी को मजबूरी में रियान के साथ काम करना पड़ रहा था , लेकिन वो आद्विक की जगह रियान को देखकर बहुत नाराज़ थी ।।।। इसका नतीजा यह था कि आश्वी रियान से ना तो ढंग से बात करती थी और ना ही फ़िल्म में उसके साथ अच्छे से काम कर पा रही थी ।। बल्कि वो अद्विक के साथ साथ वो ख़ुद भी रियान को अपना दुश्मन समझने लगी थी ।।। ***********
आश्वी को मजबूरी में रियान के साथ काम करना पड़ रहा था , लेकिन वो आद्विक की जगह रियान को देखकर बहुत नाराज़ थी ।।।। इसका नतीजा यह था कि आश्वी रियान से ना तो ढंग से बात करती थी और ना ही फ़िल्म में उसके साथ अच्छे से काम कर पा रही थी ।। बल्कि वो अद्विक के साथ साथ वो ख़ुद भी रियान को अपना दुश्मन समझने लगी थी ।।। आश्वी फेमस फ़िल्म डायरेक्टर की बेटी थी और बहुत ही रिच फ़ैमिली से बिलोंग करती थी ,, इसलिए शायद वो घमड़ी भी थी और थोड़ी सी बिगड़ैल भी ।। आश्वी अपने डैड से कहकर रियान को फ़िल्म से निकालने की कोशिश करती है , लेकिन रियान का टैलेंट और उसकी फैन फॉलोइंग को देखते हुए बड़े से बड़ा प्रोडूसर उसे अपनी फ़िल्म में लेना चाहता था ।। आश्वी की मनमानी नहीं चल पा रही थी ।। इसलिए आश्वी ने क़सम खाई थी कि वो कुछ भी करके रियान को सबकी नजरो में गिराएगी ताकि उसे फ़िल्में मिलना ही बंद हो जाये ।।।। और अद्विक फिर से नंबर वन पोजीशन पर आ जाये ।।साथ ही वो अद्विक का दिल जीत सके ।।। आश्वी के सेक्रेटरी जो उसकी दोस्त भी थी वो उसके पास आकर कहती है — “चिंता मत करो, आश्वी । ये रियान कपूर की आपके साथ आख़िरी फ़िल्म होगी ,, शायद उसकी ज़िंदगी की भी …” “shut up —-!” आश्वी ने ग़ुस्से से कुर्सी को लात मारकर दूर फेंक दिया और वो वहाँ से चली जाती है ।।। आश्वी वाशरूम जाकर तेज तेज साँसे लेने लगती है ,, उसकी अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि अभी थॉफ़ी देर पहले उसने क्या देखा था ,, क्या वो उसका सपना था ?? या फिर उसका वहम ?? या वो उसके पिछले जन्म का सच था ।। आश्वी अपने फ़ोन में टाइम देखती है तभी उसकी नज़र आज की डेट पर जाती है ,, 12 december 2022— आश्वी डेट देखकर हैरान हो जाती है ।।। वो लगभग सात महीने पीछे जा चुकी थी ।।।। तभी उसे याद आता है कि जिस फ़िल्म की वो शूटिंग कर रही थी , वो तो जनवरी में रिलीज़ भी हो चुकी है,, और वो 6 महीने बाद मरने वाली है ।।।। आश्वी को सब कुछ फिर से याद आने लगता है और उसे यक़ीन हो जाता है, कि वो मर चुकी थी और ये उसका फिर से जन्म हुआ है ।। मतलब उसने पुनर्जन्म लिया है ।।। हालाँकि वह नहीं जानती थी कि रियान ने पिछले जन्म में मरने से पहले क्या वादा किया था, उसने उसका बदला लिया था, फिर उसकी बॉडी को निकाला और उसके साथ ख़ुद भी मर गया। लेकिन क्यों ?? आख़िर रियान ने ऐसा क्यों किया ?? और साथ ही उसे ये भी पता चला कि रियान कपूर किसी बहुत ही गहरे डिप्रेशन से जूझ रहा है ,, वो अपने मन में वादा करती है ,—- मैं मेरे क़ातिलो का पता लगाऊँगी , मैं उनमे से किसी को नहीं छोड़ूँगी ,, साथ ही मैं अब रियान की भी मदद करूँगी ,, मैं उसे मेरे लिये मरते नहीं देख सकती ,, मैं उसके हमेशा चुप रहने के राज का भी पता लगाऊँगी , कि आख़िर वो इतना खोया खोया सा क्यों रहता है ?? दूसरी तरफ़ रियान खुली हवा में टहल रहा था ,,, उसका चेहरा बहुत ही डार्क और ग़ुस्से में लग रहा था ।।।। आज आश्वी की वजह से उसका शॉट फिर से अधूरा रह गया था ।। रियान ने इस वक्त वाइट कलर की शर्ट पहनी हुई थी ,जिसके ऊपर के दो बटन खुले हुए थे। उसकी मसल्स शर्ट के अंदर से ही बहुत ही स्ट्रॉंग दिखाई दे रही थी ।। आश्वी रियान को ढूँढते हुए उसकी तरफ़ जाती है , वह दूर से ही उसके व्यक्तित्व से निकलती ठंडक को महसूस कर सकती थी। वह रियान के क़रीब जाने की कोशिश करती है । तभी रियान ने अपना सिर ऊपर उठाया और उसकी तरफ़ एक नज़र डाली। उसकी गहरी, काली आँखें नफ़रत से भरी हुई थीं और जब उसने उसे देखा तो उनमें कोई गर्मजोशी नहीं थी। आश्वी का दिल डर और घबराहट से तेज़ी से धड़क रहा था ,, वो रियान से नजरे नहीं मिला पा रही थी , लेकिन वो उससे मिलकर माफ़ी माँगना चाहती थी , और उसकी दोस्त बनना चाहती थी ।। आश्वी अभी उसके क़रीब जा ही रही थी की तभी फ़िल्म के डायरेक्टर ने गुस्से में आश्वी को देखते हुए रोका ,- “आश्वी , तुम अपने काम को लेकर सीरियस क्यों नहीं हो । तुम हर बार सिर्फ़ इसलिए अपनी मनमर्ज़ी नहीं कर सकती क्योंकि तुम एक रिच फ़ैमिली से बिलोंग करती हो ।। माना कि तुम्हारी पूरी फ़ैमिली फ़िल्मी बैकग्राउंड से है , लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि तुम बिना मेहनत के कामयाब हो सकती है ।। तुम्हें कामयाबी पाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी ,, वरना टेलेंटेड लोगो की कमी नहीं है , और ये मेरी आख़िरी वार्निंग है आश्वी , अगर तुम ठीक से काम नहीं करोगी तो मुझे मजबूरन तुम्हारी जगह किसी और को कास्ट करना पड़ेगा ।। आश्वी किसी की भी बात सुनती नहीं थी ,,वह सिर्फ़ अपनी शर्तों पर जीने वाली लड़की थी ।। लेकिन आज उसने डायरेक्टर को मुड़कर कोई जवाब नहीं दिया बल्कि सिर झुकाकर हाँ में स्वीकार किया ।। दर्सल डायरेक्टर को आश्वी जैसे स्टार्स पसंद नहीं थे जो अपनी मनमर्ज़ी के मुताबित सेट पर आते थे , और अच्छे से परफॉरम नहीं करते थे ।।। लेकिन आश्वी के बैकग्राउंड और पिछली फ़िल्मो की सफलता को देखते हुए लगता था की वो काफ़ी आगे तक जाएगी ।।। डायरेक्टर के वहाँ से जाने के बाद , आश्वी रियान की तरफ़ देखती है , जो अभी भी पेड़ के नीचे खड़ा था और फिर से शूटिंग शुरू होने का वेट कर रहा था ।।। आश्वी रियान के क़रीब जाती है लेकिन हर बार से अलग इस बार आश्वी के फेस पर स्माइल थी , वो रियान को नफ़रत से नहीं बल्कि प्यार से देख रही थी ।। वो रियान से कहती है ,- तुम मेरे साथ कॉफ़ी पियोगे ?? आश्वी की बात सुनकर रियान ग़ुस्से से उसे घूरता है ,, उसकी लाल आँखें देखकर आश्वी भी एक पल के लिये घबरा जाती है ।। लेकिन वो अपना डर छुपाते हुए कहती है —- प्लीज़ रियान क्या तुम —- आश्वी आगे कुछ कहती , रियान उसे नफ़रत से देखते हुए कहता है - "stay away from me।" रियान की बात सुनकर आश्वी उदास हो गई ,, रियान आश्वी को नफ़रत भरी नजरो से देखता है और वहाँ से चला जाता है ,, आश्वी अपनी जगह ही खड़ी रही , और अपने मन में कहती है ,— क्रुएल डेविल !! तुम मुझसे प्यार करते हो लेकिन अपनी फ़ीलिंग्ज़ अपने मन में ही रखते हो । आख़िर क्यों तुम मुझसे नफ़रत करने का दावा करते हो रियान?? लेकिन तभी उसे धीरे-धीरे उसे वह सब याद आ गया जो उसने कुछ दिन पहले रियान के साथ किया था । याद आते ही आश्वी को ख़ुद से नफ़रत होने लगी ।। कभी कभी ख़ुद की ग़लतिया माफ़ करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है ।। कुछ ही देर में शूटिंग फिर से शुरू हो गई ,, रियान और आश्वी का इमोशनल सीन था , जिसमे रियान उसका दिल तोड़ता है और वो रोते हुए वहाँ से चली जाती है ।। लेकिन इस वक्त आश्वी की आँखों में सच में आंसू थे और उसे अपनी गलती का पछतावा था कि उसने बिना मतलब ही रियान को अपना दुश्मन बना लिया था ।।। शॉट बहुत अच्छे से हो गया था ,, पैक अप हो चुका था ,, सब लोग अपने अपने काम पर लग गये थे ।। तभी स्टूडियो के दूसरी तरफ़ अद्विक की फ़िल्म की शूटिंग हो रही थी ,, वो भी अपनी शूटिंग ख़त्म करके घर जाने वाला था ।।। अद्विक रॉय बहुत ही हैंडसम था , और उसके चेहरे पर हमेशा एक सुकून देने वाली कोमल मुस्कान रहती थी। वही रियान कपूर का चेहरा हमेशा नफ़रत और शत्रुता से भरा रहता था। लेकिन जब फ़िल्म की शूटिंग होती थी तब वह अपने करैक्टर में ऐसे ढल जाता था जैसे की वो वही जीवन जी रहा हो ।। आश्वी अद्विक की इसी स्माइल पर मरती थी लेकिन वो ये नहीं जानती थी कि ये चेहरा बहुत ही धोखेबाज़ है ।।। आश्वी अद्विक को देखकर भी अनदेखा करते हुए वहाँ से जाने लगती है , तभी उसके कानों में अद्विक की आवाज़ आती है - आश्वी , रुको , कहाँ जा रही हो ? आश्वी उसे देखकर कहती है ,- शूटिंग ख़त्म हो गई है , तो बस अपने दोस्तों के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करना चाहती हूँ ।।। ग्रेट , मैं भी फ्री हूँ , क्या तुम मेरे साथ चलोगी ?? अद्विक मुस्कुराते हुए क़हता है आश्वी उसके साथ नहीं जाना चाहती थी , लेकिन वो अचानक कैसे मना करती ,, क्योंकि आज से पहले वो अद्विक की एक झलक तक पाने के लिए मर मिटने को तैयार थी ।। फिर आज अचानक ऐसा क्या हूँ की वो अब अद्विक से दूर रहने लगी थी और रियान के क़रीब आना चाहती थी , ये बात वो ख़ुद भी ठीक से नहीं जानती थी ।।। आश्वी उसे मना नहीं कर पाई और अद्विक के साथ चली जाती है , तभी उसकी नज़र सामने सीडियो से आते हुए रियान पर पड़ती है , जो अद्विक और अश्वि को एक साथ जाते हुए देख रहा था ।। आश्वी ये देखते ही उदास हो जाती है कि वो रियान को कैसे समझाए कि अब उन दोनों के बीच ऐसा कुछ भी नहीं है ।। अश्वी उसके साथ जाना नहीं चाहती थी , इसलिए वो जानबूझकर गिरने का नाटक करती है ,-“ आह मेरा पैर , अद्विक उसे गिरने से बचाते हुए कहता है ,— क्या हुआ , आश्वी , तुम ठीक तो हो ना ।।। आश्वी दुखी होते हुए कहती है — मेरे पैर में मोच आ गई है , लगता है मैं चल नहीं पाऊँगी ।। एक काम करो तुम जाओ मैं अपने ड्राइवर के साथ घर चली जाऊँगी ।। कोई बात नहीं आश्वी , मैं तुम्हें घर छोड़ दूँगा ,- अद्विक उसे सहारा देते हुए कहता है ।। आश्वी को जब लगा कि अद्विक उसे ऐसे नहीं जाने देगा , तो वो और भी ज़्यादा मायूस हो गई ,, वो लँगड़ाते हुए अद्विक के साथ चलने लगती है , और जानबूझकर अद्विक को साथ लेकर नीचे गिर जाती है ।। अद्विक संभल नहीं पता और पीठ के बल नीचे गिर जाता है और आश्वी उसके ऊपर , अद्विक को लगा कि उसने अपनी रीढ़ की हड्डी लगभग तोड़ दी है। लेकिन आश्वी की हिरण जैसी आँखों को देखकर, वह उसे डांट नहीं सका। अपना सिर हिलाते हुए, उसने अपने दाँत पीसते हुए कहा, “मैं ठीक हूँ।” “sorry अद्विक ,”मुझ माफ़ कर दो लेकिन मैंने ये सब जानबूझज़र नहीं किया ।। आश्वी ने आद्विक को ऊपर खींचने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन ऐसा करने से पहले, उसने अपना बैलेंस खो दिया और अद्विक फिर से फर्श पर गिर गया , और साथ ही आश्वी लेकिन इस बार आश्वी की कोहनी उसके 'प्राइवेट पार्ट' पर ज़ोर से लगी। “आह…” --अद्विक दर्द के मारे कराहरने लगता है ।। आश्वी ने अद्विक को एक दुखी होते हुए देखा। आश्वी ऐसा सच में नहीं करना चाहती थी । उसने अपनी आवाज़ में अपराधबोध और दिल के दर्द के साथ कहा, “आद्विक , मुझे माफ़ कर दो , मेरा ऐसा करने का इरादा नहीं था। मुझे नहीं पता कि मैं कैसे फिसल गई। क्या तुम ठीक हो? चलो मैं तुम्हें फिर से खड़ा होने में मदद करती हूँ…” अद्विक ने डरते हुए उसे रोकते हुए कहा , नहीं आश्वी , please इसकी ज़रूरत नहीं है ।। वह इतने दर्द में था कि वह आश्वी का गला घोंटना चाहता था। लेकिन वह आश्वी को नाराज़ नहीं कर सकता था, और खुद ही उठने की कोशिश करने लगा ।। आश्वी फर्श पर बैठ गई और अपना चेहरा अपनी बाहों में छिपा लिया।वह बुरी तरह से काँप रही थी।। अद्विक ने सोचा कि आश्वी रो रही है, इसलिए उसने अपने दर्द और गुस्से के बावजूद उसके कंधों को थपथपाने के लिए हाथ बढ़ाया। “आश्वी , मुझे पता है कि तुम्हारा मुझे चोट पहुँचाने का कोई इरादा नहीं था। मैं इसके लिए तुम्हें दोष नहीं दूँगा ।” “अद्विक , मुझे बहुत बुरा लग रहा है कि मैंने तुम्हें चोट पहुँचाई। क्या तुम वाकई ठीक हो?” आश्वी ने अपनी नम आँखें उठाईं और अद्विक को देखा। “मैं सच में ठीक हूँ।” तुम फ़िक्र मत करो ।। ठीक है फिर , तुम जाओ , मैं भी घर जाकर आराम करती हूँ ,— कहते हुए आश्वी जल्दी से वहाँ से चली जाती है , वो ये भी भूल गई थी कि अभी कुछ देर पहले उसने चोट लगने का बहाना किया था ।। अद्विक हेरानी से उसे जाते हुए देख रहा था और , ख़ुद दर्द में कराहरते हुए वो अपनी कार तक पहुँचता है।। ************* **** ***************
अद्विक , मुझे बहुत बुरा लग रहा है कि मैंने तुम्हें चोट पहुँचाई। क्या तुम वाकई ठीक हो?” आश्वी ने अपनी नम आँखें उठाईं और अद्विक को देखा। “मैं सच में ठीक हूँ।” तुम फ़िक्र मत करो ।। ठीक है फिर , तुम जाओ , मैं भी घर जाकर आराम करती हूँ ,— कहते हुए आश्वी जल्दी से वहाँ से चली जाती है , वो ये भी भूल गई थी कि अभी कुछ देर पहले उसने चोट लगने का बहाना किया था ।। अद्विक हेरानी से उसे जाते हुए देख रहा था और , ख़ुद दर्द में कराहरते हुए वो अपनी कार तक पहुँचता है।। अद्विक के जाने के बाद आश्वी सेट पर वापस जाती है , जहां रियान अभी भी अपने अगले शॉट की तेयरी कर रहा था ,, आज उसका सोलो टेक था इसलिए आश्वी का वहाँ कोई काम नहीं था ,, आश्वी रियान के रेस्ट रूम की तरफ़ जाती है , जहां वो अपने फ़ोन में कुछ इमेल्स चेक कर रहा था ,, लेकिन जैसे ही वो रियान के सामने जाती है ,उसके कदम रुक जाते है , वो रियान को समझाना चाहती थी कि अद्विक के लिये उसके मन में कोई फीलिंग नहीं है ।। लेकिन, जैसे ही वह बोलने वाली थी, उसके शब्द उसके गले में ही अटक गये । क्योंकि आश्वी को रियान का वो कहना याद आ गया -“ मुझे अकेला छोंड़ दो “ उसका वो रूप बहुत ही डरावना था।। वो वही दरवाज़े के पीछे छिप गई ,, तभी वहाँ डायरेक्टर आकर रियान से कहता है - रियान तुम बहुत ही अच्छा कर रहे हो ,, मुझे पूरी उम्मीद है कि ये फ़िल्म सुपर हिट होने वाली है ।।। डायरेक्टर की बात सुनकर रियान अपनी कोल्ड वॉइस में कहता है ,- मुझे भी उम्मीद है सर , बस उस लड़की की वजह से कोई गड़बड़ ना हो ।। आप जल्दी से इस फ़िल्म की शूटिंग ख़त्म कीजिए ,, मैं दोबारा उस लड़की के साथ कभी कोई फ़िल्म नहीं करूँगा ।। ये सुनते ही आश्वी निराश हो जाती है ,, कल तक वो ख़ुद रियान के साथ काम ना करने के बहाने ढूँढ रही थी लेकिन आज ख़ुद रियान को भी ये कहते सुन उसे बिलकुल अच्छा नहीं लग रहा था ।। आश्वी वहाँ से चली जाती है , और अपने असिस्टेंट को अपने पीछे आने के लिए कहती है ,, वो एक रूम में जाकर उससे मेकअप रिमूवर की बॉटल लेकर बाथरूम चली जाती है , और कुछ देर बाद वो फ्रेश होकर बाहर आती है ।। आश्वी भारी मेकअप में जितनी खूबसूरत लग रही थी उससे कहीं ज़्यादा खूबसूरत वो बिना मेकअप के लग रही थी ,, उसका बोल्ड मेकअप उसे उम्र से ज़्यादा बड़ा दिखा रहा था लेकिन अब वो बिना मेक अप के और सिंपल से कपड़ों में अपनी उम्र से काफ़ी छोटी लग रही थी ।। उसका दूध जैसा सफ़ेद रंग , तीखे नैन नक़्श देखकर ऐसा लग रहा था जैसे की वो किसी स्वर्ग की परी हो ।। सच में, उसे किसी मेकअप की ज़रूरत नहीं थी। उसकी त्वचा कोमल और दाग-धब्बों से मुक्त थी और उसके गालों पर प्राकृतिक लाली थी। आश्वी ने वॉशरूम से निकलने से पहले अपने बालों को एक छोटे से बन में बाँध लिया। उसकी असिस्टेंट राया उसे ढूँढने आई और आश्वी को बिना मेकअप के देखकर चौंक गई । “वाह! क्या यह वही मिस आश्वी मल्होत्रा है जिसे मैं जानती हूँ?” आश्वी उसे देखकर मुस्कुराने लगती है ,, “तुम्हें क्या लगता है ?” उसने मीठी आवाज़ में उसकी चापलूसी करते हुए कहा , “यह सच में हमारी सबसे खूबसूरत एक्ट्रेस आश्वी ही है। हेहे।” आश्वी उससे कहती है , “ साफ़ साफ़ बताओ कि बात क्या है ।” राया सीरियस होकर कहती है ----आश्वी , उस रियान की वजह से ही अद्विक को इस फ़िल्म से बाहर होना पड़ा, और तुम ठीक से उसके साथ काम भी नहीं कर पा रही हो ।।। हमारे पास एक आईडिया है जिससे हम उस रियान को नीचा दिखा सकते है।। जब उसने राया के घटिया विचार को सुना, तो आश्वी को उसका गला घोंटने की इच्छा हुई! हालाँकि वह उसकी बेवकूफ़ी पर नाराज़ थी, लेकिन वह उसे यह बताने के लिए दोषी नहीं ठहरा सकती थी कि उसके दिमाग में क्या चल रहा था। अब तक, वह ख़ुद भी रियान को परेशान करने के लिए पूरी तरह तैयार थी ।। राया भी ये सब कुछ उसके लिए कर रही थी , इसलिए वह उसे डांट नहीं सकती थी। उस समय रियान को अपना कट्टर दुश्मन मानने के लिए उसे यह सब सहना पड़ा। आश्वी और राया बाहर आये जहां रियान अपने अगले सीन की रिहर्सल कर रहा था ,, वहाँ मोजूद हर लड़की रियान को देख रही थी क्योंकि वो बहुत ही हैंडसम और अट्रैक्टिव था ।। लड़कियाँ उसकी ओर प्यार भरी और शर्मीली नज़रों से देख रही थीं। रियान का इस वक्त किसी गुंडे के साथ फाइट सीन था ,, जिसमे दूसरा आदमी रियान को घायल करने की कोशिश करता है ।। लेकिन यहाँ जब राया को इस सीन के बारे ने पता चला तो उसने डुप्लीकेट नाइफ़ से ओरिजिनल नाइफ़ बदल दिया ।। आश्वी जानती थी कि रियान के साथ क्या होने वाला है ,वो जल्दी से भागते हुए उसे रोकने वाली थी कि तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आश्वी का दिल मुँह में आ गया था। “ रियान की बाँह पर कट लग चुका था , और खून बहने लगा था ।। ये देखकर सब लोग हैरान थे कि आख़िर हुआ क्या है ।। आख़िर इतना बड़ा हादसा कैसे हो सकता है ,, वहाँ खड़े सब लोग रियान को घेर कर खड़े थे , तभी किसी के चिल्लाने की आवाज़ आती है ,— कोई डॉक्टर को बुलाओ , जल्दी ।। आश्वी की आँखों में आँसू थे , वो चाहकर भी इसका क़सूरवार राया को नहीं ठहरा सकती थी ।। क्योंकि पहले बो भी इस साज़िश में शामिल थी ।। कुछ देर बाद रियान का इलाज होने के बाद आश्वी उसके पास जाती है , और उससे कहती है ,— बहुत दर्द हो रहा है तुम्हें ।। रियान का चेहरा इमोशनलेस था , वो आश्वी से कहता है ,— उतना नहीं जीतना तुम चाहती थी ।। रियान का जवाब सुनकर अश्वी समझ जाती है कि रियान का क्या मतलब था , वो सीधे आश्वी को ही इस हालत का ज़िम्मेदार समझ रहा था ।। आश्वी अभी कुछ सोच ही रही थी की रियान आगे कहता है ,- तो तुम इसीलिए वापस आई थी , ताकि मेरे साथ ये सब कर सको।। नहीं रियान मेरा ये मक़सद बिलकुल नहीं था , बल्कि मैं तो तुमसे उस दिन की गलती के लिए माफ़ी माँगना चाहती थी ।। प्लीज़ — रियान बिना आश्वी की बात सुने वहाँ से चला जाता है ।। आश्वी हमेशा से ही बिना वजह से रियान से दुश्मनी निभाती रही जबकि बदले मैं रियान ने उसे कभी भी नुक़सान पहुँचाने के बारे में नहीं सोचा ।। रियान जितनी अच्छी एक्टिंग करता था उसे देखकर कोई कह ही नहीं सकता था , की वो डिप्रेशन में है ।। उसका बचपन बहुत ही ख़राब था ।। उसे बहुत टॉरचर सहना पड़ा था ।। उसने बड़ी मुश्किल से ख़ुद को सम्भाला था लेकिन कभी कभी वह फिर से अपनी पुरानी यादें याद करके डिप्रेशन में चला जाता था ।। आश्वी वहाँ से आ जाती है ,बो जानती थी की एक दिन में वो रियान का विश्वास नहीं जीत सकती थी ,वो कितना भी कह ले कि अब वो उससे दुश्मनी नहीं रखना चाहती कोई उस पर विश्वास नहीं करेगा ।।ये उसके कहने से नहीं बल्कि उसे साबित करना पड़ेगा ।। वो अभी कुछ कदम आगे बड़ी ही थी की उसकी supporting ऐक्ट्रेस लावण्या उसके पास आकर कहती है --hey आश्वी , देखा तुमने आज कितना बड़ा हादसा होने से टल गया ।। लेकिन आश्वी मज़ा तो तब आता जब ये नाइफ़ उसके हाथ पर नहीं बल्कि उसके फेस पर लगती ।। बेचारा किसी फ़िल्म में काम करने के लायक़ ही नहीं रहता ।। लावण्या के मुँह से ये बात सुनकर आश्वी को इतना बुरा लगा की उसका मन किया वो लावण्या का मुँह नोच ले ।। आश्वी रियान के ख़िलाफ़ कुछ भी सुन नहीं पा रही थी लेकिन उससे ज़्यादा ग़ुस्सा उसे ख़ुद पर आ रहा था क्योंकि वो भी इस सब में शामिल थी ।। लेकिन बदक़िस्मती से इसे आश्वी की बुरी क़िस्मत कहेंगे की उन दोनों के बीच की बात रियान और डायरेक्टर ने सुन ली थी ,, जो शायद अब घर के लिए निकल रहे थे ,, रियान तो अभी भी चुपचाप खड़ा था,जैसे उसे कुछ फ़र्क़ ना पड़ा हो ।। वही डायरेक्टर ग़ुस्से में लावण्या के पास आता है और कहता है ,—- क्या कहा तुमने ?? तुम रियान के चोट लगने पर खुश हो रही हो ,, सिर्फ़ इतना ही नहीं बल्कि तुम चाहती हो कि वो और भी बुरी तरह से घायल हो जाए ।।।। मुझे नहीं पता था कि मेरी फ़िल्म की एक्ट्रेस ऐसी है ।। मैं तुम्हें अभी और इसी वक्त मेरी फ़िल्म से बाहर करता हूँ ।। लावण्या हेरानी से कहती है ,— नो सर , प्लीज़ ऐसा मत कीजिए ,, मेरा कैरीअर शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाएगा , प्लीज़ सर ।।। डायरेक्टर इतने ग़ुस्से में था कि वो उसकी एक बात नहीं सुनता , और वहाँ से जाने लगता है , तभी रियान उन्हें रोकते हुए कहता है ,— सर , रहने दीजिए ना ।। वैसे भी किसी के कुछ भी कहने से क्या फ़र्क़ पड़ता है , जो होना था वो हो चुका है ।। आप इन्हें माफ़ कर दीजिए ।। डायरेक्टर ग़ुस्से से एक गहरी साँस लेता है , और रियान को देखते हुए कहता है ,- तुम्हारी यही बात तुम्हें दूसरो से अलग बनाती है रियान ,, माफ़ करना इतना आसान नहीं होता लेकिन तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है ।। वो रियान के कंधे पर थपथपाते हुए वहाँ से चला जाता है , और रियान भी उनके पीछे ।।। **************
डायरेक्टर ग़ुस्से से एक गहरी साँस लेता है , और रियान को देखते हुए कहता है ,- तुम्हारी यही बात तुम्हें दूसरो से अलग बनाती है रियान ,, माफ़ करना इतना आसान नहीं होता लेकिन तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है ।। वो रियान के कंधे पर थपथपाते हुए वहाँ से चला जाता है , और रियान भी उनके पीछे ।।। वही आश्वी बहुत ही प्यार से रियान को देख रही थी ,, वो अपने पिछले जन्म में कितनी बेवकूफ थी जो बिना वजह रियान से दुश्मनी निभा रही थी जबकि रियान ने कभी किसी के साथ कुछ ग़लत नहीं किया ।।। उसे लगता था कि रियान की यहाँ कोई ज़रूरत नहीं है जबकि अद्विक जैसे स्टार पहले से ही बॉलीवुड में है जबकि उनका बैकग्राउंड भी फ़िल्मी है ।।। और रियान इंडस्ट्री से बाहर का था , लेकिन आश्वी नहीं जानती थी की उसकी माँ भी फ़िल्मो में छोटे बड़े रोल किया करती थी लेकिन वो बड़ी एक्ट्रेस नहीं बन पाई और शादी के बाद वो फ़िल्मो से बहुत दूर हो गई ।। रियान के डैड बिजनेसमैन थे ।। लेकिन रियान क़िस्मत से फ़िल्मो ने आ गया।। लावण्या अपनी आँखों में आँसू लिए वही खड़ी थी ,, और आश्वी भी मुस्कुराते हुए रियान को जाते हुए देख रही थी ।। लावण्या आश्वी के साथ कॉलेज में थी ,, और वही से दोनों की दोस्ती भी हुई और उसकी सिफ़ारिश से ही उसे फ़िल्म में एक छोटा सा रोल मिला था ,इसलिए वो आश्वी को इम्प्रेस करने की कोशिश करती थी ।। साथ ही वह हर दिन एक नौकर की तरह उसके पीछे-पीछे घूम रही थी, उसका पक्ष लेने की कोशिश कर रही थी, ऐसा व्यवहार कर रही थी मानो वह उसके प्रति बहुत वफादार है।लेकिन असलियत ये थी की वो आद्विक जैसे स्टार को इम्प्रेस करके ख़ुद सेटल होना चाहती थी ।।। उसने रियान को नुकसान पहुँचाने के लिए घटिया विचार सोचे, सब उसकी मदद करने के नाम पर। लेकिन, सच यह था कि उसने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह भी अद्विक को पसंद करती थी और उसके लिए खड़ी होना चाहती थी! उसे लगता था कि एक दिन वो आद्विक को खुश करके उसके साथ किसी लीड रोल में काम कर सकती है ।। वैसे भी आद्विक एक प्लेबॉय टाइप का इंसान था , उसके चारों और लड़कियाँ मंडराती रहती थी ।। इसलिए लावण्या ने सोचा कि वो अद्विक को इस तरह इम्प्रेस कर सकती है ।। रियान अभी अपनी कार में बैठने ही वाला था कि आश्वी भागते हुए उसके पास जाती है और कहती है —- रियान रुको, मुझे तुमसे कुछ कहना है ।। रियान आश्वी को अपनी लाल हो चुकी नीली आँखों से घूर रहा था ।।। आश्वी उसे देखकर घबराने लगती है ।।। कुछ दे बार उस ने होश संभाला और एक मीठी और कोमल आवाज़ में बोली— मुझे तुम्हें कुछ बताना है। मैं अतीत में बहुत ही बेवकूफ थी और मैंने बहुत ही ग़लतिया की थीं। मैंने तुम्हें बहुत नुकसान पहुँचाया है। लेकिन मैं वादा करती हूँ कि ऐसा दोबारा नहीं करूँगी रियान ने ऐसा बिहेव किया जैसे कि उसने कुछ सुना ही ना हो ।। वो उसे इगनौर करके कार में बैठने लगता है ।। ये देखकर आश्वी अचानक उसका हाथ पकड़कर रोक लेती है ।। रियान के हाथो की मुठिया बन जाती है , वो उसे घूर कर देखने लगता है ।।। वही आश्वी रियान की आँखों में देखने लगती है ,इससे पहले आश्वी को उसकी आँखों में देखकर डर लगने लगता था लेकिन आज वो डर नहीं रही थी बल्कि उसमे अपने लिए प्यार देखना चाहती थी जो उसने मरने के बाद उसकी आँखों में देखा था ।।।।। उसके हाथ ठंडे थे , बिल्कुल उसकी तरह ।। वह जानती थी कि इतने कम समय में उनके रिश्ते को सुधारना संभव नहीं था। सिर्फ़ आश्वी ही थी जो अब बदल चुकी थी , लेकिन वो ये बात इतनी जल्दी कैसे साबित करती ।। हालाँकि, वह नहीं चाहती थी कि उनके बीच की गलतफहमियाँ और बढ़ें। “रियान, मेरी बात सुनो…” उसने अपनी आँखों में गहरी नज़र से उसे देखा। उसके पतले होंठ एक बहुत ही ठंडी मुस्कान में मुड़े हुए थे ,— पहले मेरा विश्वास जीतो फिर उसका फ़ायदा उठाकर मेरी पीठ में छुरा घोंप दो ।। यही करती हो ना तुम !! वे दोनों इस समय एक दूसरे के बहुत करीब थे और उसे एक हल्की खुशबू आ रही थी। उसकी आँखें उपहास से भरी हुई थीं। “लेकिन आश्वी ने उसकी बात का बुरा नहीं माना , वह प्यार से कहती है — मुझे एक बार अपनी बात कहने का मोका तो दो ।।। रियान एक झटके में अपना हाथ छुड़ाता है , और कार में बैठ जाता है ।।।। आश्वी की आँखों में आँसू थे वो बस उसे जाते हुए देख सकती थी ।। तभी वहाँ राया आती है , और आश्वी से कहती है , - तुम उससे क्या बात कर रही थी ? वैसे तुम्हें हुआ क्या है आश्वी , तुम इतना अजीब बिहेव क्यों कर रही हो ।। आश्वी राया को ग़ुस्से से देखती है और जल्दी ही वहाँ से चली जाती है ।। आश्वी अपने घर पहुँच गई थी , आज वो बहुत उदास थी , क्योंकि वो रियान से बहुत कुछ कहना चाहती थी लेकिन रियान उसकी बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं था , आश्वी को एक दिन में अपने कई सालों की ग़लतियों का एहसास हो चुका था , साथ ही उसने मौत को बहुत क़रीब से देखा था , वो बस रियान से अपनी दुश्मनी ख़त्म करके एक नई शुरुआत करना चाहती थी ।। रियान के जाने के बाद आश्वी भी घर के लिए निकल जाती है , कुछ ही देर में वो भी अपने घर पहुँच जाती है ।। रात का वक्त --- आश्वी अपने डाइनिंग टेबल पर बैठी डिनर कर रही थी की तभी उसे मैन डोर से कोई आते हुए दिखाई देता है ।।आश्वी खुश होकर भागते हुए उसके पास जाती है और कहती है ,-- भाई आप आ गये !! मैं आपको कितने दिनों बाद देख रही हूँ , कैसे है आप ? वो शक्स आश्वी का बड़ा भाई रोहित मल्होत्रा था , जो अभी अभी विदेश से वापस आया था , वो आश्वी से कहता है ,-- मैं ठीक हूँ प्रिंसेस , बस थोड़ा थक गया हूँ , मैं रूम में जा रहा हूँ , कल सुबह बात करते है ।। रोहित को ऐसे जाते देख उसकी वाइफ आध्या भी थोड़ी परेशान हो जाती है । लेकिन वो अपनी सास और आश्वी के डिनर फिनिश करने का वेट करती है ।। रोहित अपने रूम में चला जाता है , और आश्वी अपनी मॉम के पास आकर कहती है ,-- मॉम भाई को क्या हुआ है ।। वो इतने उदास तो कभी नहीं होते ।।आध्या ने भी देखा की आज रोहित बिना उसे मिले ही रूम में चला गया ।।उसने सोचा शायद इतने लंबे सफ़र से वो थक गया होगा ।। वही मिसेज़ शालिनी मल्होत्रा के चेहरे पर एक डेविल स्माइल थी जो वो आश्वी से छुपाते हुए कहती है ,-- बेटा तुम्हारा भाई इतना लंबा सफ़र करके आया है , थक गया होगा , अब तुम भी जाकर आराम करो ।।। ओके मॉम -- आश्वी अपने रूम में चली जाती है वही शालिनी मुस्कुराते हुए अपने मन में कहती है ,-- लगता है वो वक्त आ गया जिसका में इतने सालों से इंतज़ार कर रही थी ।।। रोहित अपने रूम में जाकर सोफ़े पर बेठ जाता है , तभी कुछ देर बाद उसकी प्यारी सी वाइफ आध्या रूम में आती है ।। रोहित उसकी तरफ़ देखकर हल्का सा मुस्कुराता है और अपने कपड़े लेकर बाथरूम जाने वाला था कि तभी आध्या उसे पीछे से अपनी बाहों में जकड़ लेती है !! रोहित आध्या की बाहों में ख़ुद को ढीला छोड़ देता है , वो उसकी तरफ़ पलट कर देखता है , जहाँ उसे आध्या की नजरो में सिर्फ़ प्यार दिखाई दे रहा था ।। रोहित उसे कुछ पल प्यार से देखता है और उसके चेहरे को अपने हाथो में भरते हुए उसे किस करने लगता है , वो दोनों ही एक दूसरे के एहसास में डूबे हुए थे ।। अचानक, कुछ देर बाद सब कुछ शांत हो गया , रोहित आध्या को छोड़कर नहाने के लिए बाथरूम में चला जाता है ।।।। आध्या बाथरूम के बंद दरवाज़े को देखकर शर्माते हुए मुस्कुराने लगती है ।।। तभी उसे रोहित के फ़ोन की बेल सुनाई देती है , आध्या लगातार रिंग बजने के कारण उसका फ़ोन उठा लेती है , आध्या के बोलने से पहले ही फ़ोन के दूसरी तरफ़ से एक लड़की की आवाज़ आती है ,,- रोहित क्या तुम घर पहुँच गये ? और तुमने आध्या को हमारे बारे में बताया ?? ये सुनते ही आध्या अपनी जगह जम गई ।।उसका दिमाग एक पल के लिए खाली हो गया। वह जानती थी कि आवाज़ किसकी है। रोहित की फ़िल्म की हेरोइन और उसकी सास की सहेली की बेटी नताशा मेहरा ।। “ रोहित क्या हुआ ,, क्या तुमने अभी तक आध्या से बात नहीं की ।।क्या वो तुम्हें तलाक़ देने के लिए तेयर है ? बोलो ना रोहित ।। काफ़ी देर तक आध्या के ना बोलने पर नताशा समझ जाती है कि फ़ोन रोहित ने नहीं बल्कि किसी और ने उठाया है,, वो जल्दी से फ़ोन कट कर देती है ।। आध्या रोहित का फ़ोन वापस अपनी जगह रखकर ख़ुद सोफ़े पर ही बैठ जाती है ।। कुछ देर बाद रोहित शावर लेकर बाहर आता है ,, और वो डिम लाइट में बैठी आध्या को कुछ ना बोलता देख कहता है — तुम सोई नहीं ।। बहुत रात हो चुकी है ,चलो सोते है ।। आध्या को कुछ अनहोनी के होने का संकेत हो रहा था ,, वो रोहित से कहती है — आपको कुछ कहना है मुझसे ।।। रोहित हेरानी से आध्या की तरफ़ देखता है , और कहता है — नहीं ।। रोहित इतना कहकर वापस बेड पर जाने लगता है , की तभी आध्या उससे कहती है —- नताशा से आपका क्या रिश्ता है ।। ये सुनते ही रोहित हैरान हो गया , उसे उम्मीद नहीं थी कि आध्या उससे सवाल करेगी ? अगर तुम्हें पता चल ही गया है तो ठीक है , मुझे डाइवोर्स दे दो ।। ये सुनते ही आध्या की आँखों में आँसू बहने लगते है , वो रुँधे हुए गले से कहती है - लेकिन क्यों ?? आख़िर तुम क्यों मुझसे डिवोर्स चाहते हो ? मेरी गलती क्या है ?
अगर तुम्हें पता चल ही गया है तो ठीक है , मुझे डाइवोर्स दे दो ।। ये सुनते ही आध्या की आँखों में आँसू बहने लगते है , वो रुँधे हुए गले से कहती है - लेकिन क्यों ?? आख़िर तुम क्यों मुझसे डिवोर्स चाहते हो ? मेरी गलती क्या है ? रोहित बिना किसी इमोशंस के कहता है ---नताशा प्रेगनेंट है ,और वो बच्चा मेरा है ।। “ ऐसा लगा जैसे किसी ने उसके दिल की गहराई में चाकू घोंप दिया हो; वह दर्द से काँप उठी----- तुम ऐसा कैसे कर सकते हो मेरे साथ रोहित ,, मैंने तुमसे हमेशा सच्चा प्यार किया । फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?? देखो आध्या मैंने जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं किया , लेकिन — लेकिन क्या रोहित ?? लेकिन क्या ? नताशा तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली है और तुम कह रहे हो की तुमने जानबूझकर कुछ नहीं किया !! रोहित आध्या पर चिल्लाते हुए कहता है — चुप रहो! जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ भी नहीं है ।। आध्या ग़ुस्से से रोहित को थप्पड़ मार देती है और कहती है ,— तुम्हें नहीं लगता कि तुम बहुत बेशर्म हो?” इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी तुम कह रहे हो की मैं ग़लत सोच रही हूँ ।। रोहित अपने दांत पीसते हुए कहता है ---“मैंने कहा ना की जैसा तुम सोच रही हो वैसा कुछ नहीं है , फिर तुम्हें मेरी बात समझ क्यों नहीं आ रही ।।। और हाँ , अगर मैं बेशर्म हूँ, तो तुम क्या हो ,? ऐसा मत सोचो कि मुझे नहीं पता कि जब तुमने मुझसे शादी की थी, तब तुम क्या चाहती थी!” आध्या हेरानी से रोहित को देखते हुए कहती है ,- मैं क्या चाहती थी?” तुम मुझसे नहीं बल्कि मेरे पैसे से प्यार करती थी , तुम मल्होत्रा परिवार की बहू बनी ताकि तुम अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा कर सको ।। तुम एक नंबर की लालची औरत हो !! “क्या तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो?”आध्या हेरानी से रोहित को देखते हुए कहती है ।।। रोहित का लहजा ठंडा और मज़ाकिया दोनों था: “बिलकुल ? क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो?” आध्या के हाथ पैर जैसे सुन हो गये थे ,, उसका शरीर काँपने लगा था ।। रोहित का आध्या से ऐसे बात करना उसे पसंद नहीं आया ।।वह ग़ुस्से से भड़क चुकी थी , उसने परवाह न करने का नाटक किया और कहा: " हाँ,, तुम सही हो, मैंने मल्होत्रा परिवार के पैसे के लिए तुमसे शादी की है। जहाँ तक तुम्हारा व्यक्तिगत रूप से सवाल है, तो प्यार करने जैसा कुछ भी नहीं है, तुम्हारा शरीर ठीक-ठाक है और तुम सिर्फ़ एक टूल मैन हो जो मेरा बिस्तर गर्म कर सकता है।" आज पहली बार आध्या ने रोहित से ऐसे बात की थी ,, सिर्फ़ बात ही नहीं बल्कि बहुत ही कठोरता से उसकी बेइज़्ज़ती भी की थी ।। वह सिर्फ़ एक औरत के बिस्तर को गर्म रखने के लिए अच्छा है? उसने उसे cold voice में चेतावनी दी, “अपनी हद में रहो , आध्या!” मैं अपनी हद में रहु ?? , नहीं बल्कि “तुम ही अपनी हद भूल चुके हो, अपनी बीवी के होते हुए किसी और लड़की के साथ रिलेशन में थे ।। तुमने , मुझसे प्यार करने का नाटक किया और दूसरी लड़की के साथ सोते रहे ।। क्या तुम्हारे पास ज़मीर है?” “एक लालची और पेसो के लिये शादी करने वाली लड़की का काम यह नहीं है कि तुम मुझे ज़मीर के बारे में उपदेश दो!” “मैं अभी भी तुम्हारी पत्नी हूँ। और एक पत्नी के होते हुए तुम्हारा अफेयर था और तुम एक बच्चे के बाप बन गए, तो मुझे तुमसे जवाब माँगने का पूरा हक़ है ।। “और ये हक़ ज़्यादा समय तक नहीं रहेगा !” --रोहित ने कहा -- जब वे बहस कर रहे थे, रोहित का मोबाइल फ़ोन फिर से बज उठा। उसने फ़ोन की स्क्रीन पर नज़र डाली, और कॉल का जवाब देने के लिए अपने तीखे रवैये को नरम किया, “नताशा , क्या हुआ? ठीक है, मैं आ रहा हूँ।” फोन रखने के बाद, रोहित बिना पीछे देखे चला गया। अध्या कमरे में अकेली रह गई। और ऐसे ही बेसुध होकर ज़मीन पर बैठकर रोने लगी। उसे आश्चर्य हुआ कि क्या वह उसे कभी देख पाएगी , चाहे उसने उससे कितना भी प्यार करने की कोशिश की हो या उसने कितनी भी कोशिश की हो कि वह एक नेक और अच्छी पत्नी बन सके। क्या उसे लगता है कि वह एक लालची लड़की है ? क्या उसे लगता है कि वह उसके परिवार की संपत्ति के पीछे है? जबकि उसने आजतक कभी भी रोहित से कभी कोई पैसा नहीं माँगा ? एक पत्नी होने के नाते उसे जितनी ज़रूरत थी बस उतना ही माँगा ।। … बाहर काफ़ी बारिश हो रही थी ,, रोहित जब नताशा के फ्लैट में पहुँचा तो वो सोफे पर बैठी थी, अपने कान ढँक रही थी, काँप रही थी। जब उसने रोहित को देखा, तो नताशा की आँखें चमक उठीं, "रोहित , मुझे बहुत खुशी है कि तुम आए। तुम्हारे यहाँ होने से, मुझे बाहर की गड़गड़ाहट से डर नहीं लगता।"रोहित ने सिर हिलाया, "देर हो गई है।रूम में जाकर सो जाओ।" नताशा की आवाज़ नरम पड़ गई, ", क्या तुम मेरे साथ रूम में नहीं चलोगे? मुझे अभी भी अकेले सोने में डर लगता है।" नताशा ने कुछ देर तक उसे देखा, फिर आखिरकार कहा,-- "मैं बहुत नशे में थी और उस दिन गलती कर बैठी। ऐसा दोबारा नहीं होगा।" नताशा रोने लगी, "लेकिन मेरा ऐसा कहने का कोई मतलब नहीं था। मैं सच में डरी हुई हूँ। रोहित ने अपनी मुट्ठी भींची और सिर हिलाया, “ठीक है, चलो ऊपर चलते हैं।” नताशा बहुत खुश थी, उसने अपने आंसू पोंछे और रोहित का हाथ थामने के लिए हाथ बढ़ाया, “मुझे पता था कि तुम मेरे लिए सबसे अच्छे हो, रोहित !” रोहित ने उसका हाथ देखकर भी अनदेखा कर दिया, और बिना देखे कहा -- तू आराम से चलो ।” नताशा हैरान रह गई। उसे उम्मीद नहीं थी की रोहित उसे ऐसे इगनौर करेगा ।।वो अपने आप खड़ी हुई और कहा, “रोहित ,प्लीज़ मुझे सम्भाल लो ,, मुझे चक्कर आ रहे है , मैं गिर जाऊँगी ।। रोहित ने उसकी बांह को सहारा देने के लिए आगे बढ़ने से पहले अपनी आँखें थोड़ी देर के लिए बंद कर लीं। ऐसा लग रहा था जैसे रोहित किसी मजबूरी में नताशा का ख़्याल रख रहा था ।।।। बेडरूम में पहुँचकर, नताशा लेट गई, जबकि पास के सोफे पर बैठकर उसे देख रहा था। मंद रोशनी में, उसने पूछा, “नताशा , उस रात, क्या तुमने देखा था कि हमारी ड्रिंक मे किसने नशे की दवाई मिलाई थी ?” “मैंने नहीं देखा। मैं भी नशे में थी इसलिए मुझे कुछ याद नहीं है रोहित ।” , "क्या हम इस बारे में बात नहीं कर सकते? मैं इसे याद नहीं करना चाहती।" मैं जब भी उस हादसे को याद करती हूँ तो मुझे ख़ुद से बहुत नफ़रत होती है ।।। "ठीक है, मैं इस बारे में बात नहीं करूँगा। लेकिन तुम्हें अब सो जाना चाहिए।" खिड़की के बाहर, तूफ़ान चल रहा था, गरज और बिजली बार-बार गिर रही थी, मानो किसी को सज़ा दे रही हो। ठीक उसी तरह रोहित के मन में भी तूफ़ान चल रहा था जो थमने का नाम नहीं ले रहा था ।।। सुबह-सुबह, भारी बारिश पहले ही रुक चुकी थी। जब रोहित वापस घर जाने की तैयारी कर रहा था, अचानक एक अधेड़ उम्र की महिला बाहर से अंदर आई और उसे रोक दिया। वह नताशा की माँ, रीमा थी। “रोहित , मैंने तुम्हें कई दिनों से नहीं देखा है, क्या तुम मुझसे बचने की कोशिश कर रही हो?” “नहीं, आप बहुत ज़्यादा सोच रही हो, क्या आपको कुछ चाहिए?” “ओह, ज़्यादा कुछ नहीं, मैं बस तुमसे पूछना चाहती थी , क्या वह तुम्हें छोड़ने को तैयार होगी? अगर वह नहीं चाहती, तो मैं अपना आत्मसम्मान भुला कर उससे भीख माँग सकती हूँ ।। तुम क्या कहते हो ?” रोहित ने अपनी आईब्रो उठाते हुए कहा : “वह डाइवोर्स देगी , आपको कुछ भी कहने की ज़रूरत नहीं है।” रीमा हेरानी से रोहित को देखते हुए कहती है ,: “क्या वह वाकई तैयार है? क्या तुमने उससे बात की है?” “हाँ, वह तैयार है।” रीमा हैरान थी ।। क्या सच में आध्या रोहित को तलाक देने के लिए तैयार थी? रोहित फ़िल्म इंडस्ट्री का बहुत ही जाना माना चेहरा था , वो फ़िल्म प्रोडूसर के साथ साथ फ़िल्म डायरेक्टर , था ।। आध्या के पापा फ़िल्म प्रोडूसर थे लेकिन बहुत ज्यादा कामयाब नहीं थे ।।आध्या की मुलाक़ात रोहित से एक पार्टी में हुई थी ।। रोहित आध्या की ख़ूबसूरती पर फ़िदा हो गया था ।। रोहित भी दिखने में काफ़ी हैंडसम था भले ही उसका रंग थोड़ा गेहुआ था ।। रोहित के पापा भी इंडस्ट्री के बहुत बड़े फ़िल्म मेकर थे , लेकिन एक साल पहले उनकी डेथ हो गई थी , उनके बाद रोहित ने ही उनका पूरा काम सम्भाला था ।। वही रोहित की छोटी बहन आध्या भी बहुत अच्छी एक्ट्रेस थी ।। भले ही वो थोड़ी घमंडी थी लेकिन उसमे शायद टैलेंट विरासत में मिला था ।।। रोहित आध्या से प्यार करता था इसलिए उनकी शादी हो गई वरना रोहित की फ़ैमिली आध्या जैसी नार्मल लड़की से कभी शादी नहीं करवाते ।। “हाहाहा, अगर वह तैयार है, तो यह बहुत अच्छा है। तो, आप नताशा के साथ शादी कब कर रहे हैं? ऐसा नहीं है कि मैं बहु जल्दी कर रही हूँ, मैं सिर्फ इसलिए कह रहु हूँ कि नताशा के पेट में पल रहा बच्चा इंतज़ार नहीं कर सकता, मुझे लगता है कि आप नहीं चाहेंगे कि आपका बच्चा नाजायज़ हो, है न?” रीमा की बात सुनकर रोहित को बहुत अजीब लगा , उसे रीमा से ना जाने क्यों लेकिन चिड़ सी हुई ।। लेकिन वो अपने इमोशंस दबाते हुए कहता है ,— आप फ़िक्र ना करे ,, मैं बहुत जल्द इसका समाधान ढूँढूँगा ।। “आंटी, आप नताशा को देखने के लिए ऊपर जा सकती हैं। मुझे कंपनी में कुछ काम करने हैं, मैं पहले वहाँ जाऊँगा।” कुछ बातों के बाद उसे जाने की कोशिश करते देख, रीमा का चेहरा काला पड गया!!!
आध्या की रातों की नींद उड़ चुकी थी , वह पूरी रात जागती रही, सुबह उसे बहुत बुरा लग रहा था, उसे बहुत घबराहट हो रही थी और वह बाथरूम में उल्टी कर रही थी, जब तक कि उसके चेहरे पर आंसू नहीं आ गए। जब वह उल्टी कर रही थी, अचानक एक आवाज़ सुनाई दी: “ये तुम्हें क्या हो गया है? क्या तुम गुस्से से बीमार हो?” आध्या ने ग़ुस्से से अपना सिर घुमाया और देखा कि रोहित वापस आ गया था। वह उसके पीछे खड़ा था , रोहित इस वक्त काफ़ी हैंडसम लग रहा था ।। आध्या ने अपना मुँह धोया और लापरवाही से जवाब दिया: “मैंने कल रात कुछ खराब खाया होगा। मैं अच्छी तरह से सोई, मैं नाराज़ नहीं हूँ, तो मैं गुस्से से बीमार कैसे हो सकती हूँ?” रोहित अध्या को गौर से देखते हुए कहता है ,—“तो तुम्हारी आँखें क्यों सूजी हुई हैं, क्या तुम रो रही थी?” आध्या ने हिचकिचाते हुए कहा: “मैंने एक सपना देखा था। मैंने अपने कॉलेज के एक लड़के का सपना देखा जिस पर मेरा क्रश था और उसके लिए रोई थी । यह तुम्हारी वजह से नहीं था।” आध्या की बात सुनकर रोहित का चेहरा काला पड़ गया: “तुम्हें अभी भी किसी पर क्रश है?” “हाँ, क्या हुआ, क्या तुम्हें जलन हो रही है?” “तुम बहुत ज़्यादा सोच रही हो!”रोहित अपने ग़ुस्से को दबाते हुए कहता है ।।। बेशक, आध्या जानती थी कि वह बहुत ज़्यादा सोच रही थी और उसने जल्दी से विषय बदल दिया: “मेरी तबियत ठीक नहीं है ,और मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है, इसलिए आज का ब्रेकफास्ट तुम बनाओ !” रोहित ने ठंडे स्वर में कहा: “क्या तुम मुझे order दे रही हो?” “देखो रोहित , तुम्हें घर में बाहरी लोग पसंद नहीं हैं, इसलिए नौकर सिर्फ़ तय समय पर ही सफाई करने आते हैं। शादी के बाद से मैं ही तुम्हारे लिए खाना बना रही हूँ। अब जब मेरी तबियत ठीक नहीं है और मैं तुमसे नाश्ता बनाने के लिए कह रही हूँ, तो तुम नहीं बनाना चाहते?” और वैसे भी अब हमारा डाइवोर्स होने वाला है तो हमारा कोई रिश्ता ही नहीं है जो मैं तुम्हारे लिए अपनी तबियत को नज़रंदाज़ करते हुए तुम्हारे लिए ख़ुशी ख़ुशी खाना बनाऊ ।। रोहित ने आध्या को देखकर भौंहें सिकोड़ीं, उसे लगा कि वह रातों-रात किसी तरह बदल गई है। उसने उसे order देने की हिम्मत भी की। वह काफ़ी देर तक चुप रहा और आख़िरकार ब्रेकफास्ट बनाने के लिए किचन में चला गया। घर में अजीब तरह की शांति थी; दोनों ने बिना किसी बात के चुपचाप खाना खाया। मिसेज़ मल्होत्त्रा के आने तक चुप्पी नहीं टूटी। आलीशान पोशाक पहने, मिसेज़ मल्होत्रा ने आते ही लिविंग रूम में में आकर सीधे उनके पास डाइनिंग टेबल पर बैठ गई ,, शालिनी को आध्या का इस तरह रोहित के साथ बैठकर ब्रेकफास्ट करना बिल्कुल अच्छा नहीं लगा क्यूंकि इसके पहले अद्ध्या पहले शालिनी जी को बुलाकर उनके लिए खाना लगाती थी फिर ही वो ख़ुद खाती थी लेकिन आज आद्या ने उनसे एक बार भी नहीं पूछा ।। वो अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान लाते हुए कहती है --: “आध्या, कैसी हो बहुरानी ।। आध्या उनके प्यार भरे लहजे से बोलने के तरीके से उनका टोंट समझ गई थी , वो अपना चमच प्लेट में रखते हुए अपनी आई आईब्रो ऊपर उठाती है और फेक स्माइल करने लगती है ।। वही दूसरी तरफ़--- , आज आश्वी सुबह टाइम से ही रेडी होकर फ़िल्म सेट पर चली गई थी , आज आश्वी को सब लोग वक्त से पहले पहुँचते देख हैरान थे , वरना इससे पहले वो हमेशा अपनी मर्ज़ी से सेट पर आती थी।। आज उसे रियान से बहुत कुछ कहना था लेकिन जब उसने उसके कोल्ड फेस को देखा, तो उसने अपने सारे शब्द वापस निगल लिए। वह धीरे-धीरे रियान से दोस्ती करना चाहती थी ,, उसके दिल का हाल जानना चाहती थी ।। और उसजे चुप रहने का कारण जानना चाहती थी लेकिन ऐसा तुरंत नहीं किया जा सकता था। कल तक, वह उसे किसी भी तरह से फ़िल्म इंडस्ट्री से बाहर करवाना चाहती थी।लेकिन एक ही दिन में बहुत कुछ हो गया था। अगर आश्वी बताना भी चाहती तो कोई भी इस पर विश्वास नहीं करेगा। आश्वी अपने मन में सोचती है ,—भूल जाओ अश्वी , बेहतर होगा कि वह आज रियान को नाराज़ ना करे । आश्वी अपनी सीट पर वापस आ गई और उसे देखे बिना ही अपने सीन की रिहर्सल करने लगी । “तुमने इतनी जल्दी हार मान ली?”उसकी गहरी आवाज़ में मज़ाक का एक संकेत था। राया, जो अभी अभी अभी आई थी वो आश्वी को देखते हुए कहती है ,और गुस्से से रियान को घूरने लगती है । कहना क्या चाहती हो ?? आश्वी हेरानी से कहती है ।। तुम रियान को फ़िल्म से निकालना चाहती थी लेकिन अब तुम उसके साथ ख़ुशी खुशी काम कर रही हो ।। आख़िर तुम इतना बदल क्यों गई हो ?? “राया चुप रहो।” आश्वी ने घूरकर देखा। “पहले जाओऔर मेरे लिये ब्रेकफास्ट लेकर आओ। .मैं आज बिना ब्रेकफास्ट किए ही आ गई ।” राया को नहीं पता था कि कल आश्वी के साथ क्या हुआ था। या शायद यह इसलिए था क्योंकि वह रियान का विश्वास जीतना चाहती थी ।। । हालाँकि, वो उसकी सेक्रेटरी थी इसलिए उसे उसकी बात माननी पड़ी ।।और चुपचाप वहाँ से चली गई ।।। हालाँकि, वह कुछ कदम चलने के बाद रुक गई । सामने अद्विक खड़ा था , उसके चेहरे पर बहुत ही कोल्ड एक्सप्रेशन थे ।।वो आश्वी से मिलने आया था ।।राया उसे देखकर कहती है ,- अद्विक सर आप यहाँ ! आश्वी कहाँ है ,,और वो मेरा फ़ोन क्यों नहीं उठा रही है ।। सर , मैम अपने शूट की तेयरी कर रही है ,, माफ़ कीजिए शायद उन्होंने ध्यान नहीं दिया होगा ।।आप इसे दिल पर मत लो!” वही कुछ दूरी पर रियान खड़ा था , वो आद्विक को देखकर हैरान नहीं था , लेकिन उसे बिलकुल अच्छा नहीं लगता था जब अद्विक बिना किसी वजह से उसकी फ़िल्म के सेट पर आ जाता था ।। अद्विक सीनियर था ,साथ ही बहुत ही फेमस और रिच आदमी , इसलिए सब लोग रियान से ज़्यादा उसे इम्पोर्टेंस देते थे ।। रियान उसे देखकर मुस्कुराया जबकि उसकी निगाहें उदास थीं। आद्विक उसके पास जाकर कहता है ,— और मिस्टर रियान कपूर , तो कैसी चल रही है आपकी फ़िल्म की शूटिंग ।।अगर एक्टिंग को लेकर कुछ सीखना हो तो ज़रूर बताना ।। रियान के दिल का उबलता हुआ गुस्सा उसके चेहरे पर आ गया--- “अपने काम से काम रखो ,!”अपनी गर्लफ़्रेंड से मिलने आये हो , तो मिलो उससे और जाओ यहाँ से ।। हमारी रिहर्सल का टाइम हो गया है ,, और मैं वक्त बर्बाद नहीं करना चाहता ।। रियान इतना कहकर वहाँ से चला जाता। है ।।। ।अद्विक रियान को जाते देखकर ग़ुस्से से अपने दांत पीसता है , लेकिन वो अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर ना करते हुए मुड़कर आश्वी को देखता है , अद्विक आश्वी को देखकर हैरान हो जाता है , आश्वी इस वक्त बिना मेकअप के थी , इससे पहले आद्विक ने उसे हमेशा भारी मेकअप में देखा था , जिसमे वो बहुत ख़ूबसूरत लगती थी ।। लेकिन आज उसकी नेचुरल ब्यूटी देखकर जैसे अद्विक कहीं खो सा गया था ।। उसका दूध जैसा सफ़ेद रंग , बेदाग़ त्वचा , नेचुरली गालों पर आई लाली!! वो आज बहुत ख़ूबसूरत लग रही थी ।। आश्वी को स्क्रिप्ट की माँग के हिसाब से मेकअप करना पड़ता था लेकिन उसे किसी मेकअप की ज़रूरत नहीं थी ।।।। आश्वी अपनी माँ से काफी हद तक मिलती-जुलती थी। अद्विक ने उसेजब पहली बार देखा था, तो उसे पता था कि वह बड़ी होकर बहुत ही खूबसूरत होगी ।लेकिन अद्विक की मुलाक़ात जब भी उससे हुई तो आश्वी हमेशा ही भारी मेकअप में दिखी ।। अद्विक आश्वी के पास आकर कहता है -, तुमने आज अपना मेकअप क्यों नहीं किया ” आश्वी ने झूठा ग़ुस्सा दिखाते हुए कहा “क्या मैं अच्छी नहीं लग रही हूँ?” “ऐसा नहीं है, मैं बस पूछ रहा हूँ की आज तुम शूट के लिए रेडी नहीं हुई … दर्सल शूटिंग में अभी काफ़ी वक्त है , मैं और रियान अभी रिहर्सल कर रहे है ।। ओह , ठीक है फिर तुम …. अद्विक थोड़ा आगे बड़ा और रियान की कुर्सी पर बैठने ही वाला था कि आश्वी ने कुर्सी पर अपना पैर मारकर उसे गिरा दिया । अद्विक चौंक गया और ज़ोर से फर्श पर गिर पड़ा।। कल भी आश्वी की वजह से अद्विक घायल हो गया था और आज उसे लगा जैसे उसकी टैलबोन में फ्रैक्चर हो गया हो। “आश्वी, ये तुम क्या कर रही हो? क्या तुम मुझे अपाहिज करने की कोशिश कर रही हो?” अद्विक के माथे पर ठंडा पसीना आ गया था। उसका सुंदर चेहरा पीला पड़ गया। यह वाकई बहुत दर्दनाक था। “सॉरी अद्विक , लेकिन रियान बहुत ही ख़तरनाक है । अगर उसे पता चले कि तुम उसकी कुर्सी पर बैठे हो तो वह निश्चित रूप से अपना आपा खो देगा।” आश्वी ने अपनी बड़ी, नम आँखों से अद्विक को देखा। शिकायत भरी आवाज़ में उसने कहा, “मैंने यह तुम्हारे लिए किया, तुम मुझ पर दोष कैसे लगा सकते हो?” अद्विक अपना ग़ुस्सा कंट्रोल करते हुए आश्वी की तरफ़ देखता है । जो बिना उसकी परवाह किए उठकर वहाँ से अपने ड्रेसिंग रूम की तरफ़ चली गई ।
कल भी आश्वी की वजह से अद्विक घायल हो गया था और आज उसे लगा जैसे उसकी टैलबोन में फ्रैक्चर हो गया हो। “आश्वी, ये तुम क्या कर रही हो? क्या तुम मुझे अपाहिज करने की कोशिश कर रही हो?” अद्विक के माथे पर ठंडा पसीना आ गया था। उसका सुंदर चेहरा पीला पड़ गया। यह वाकई बहुत दर्दनाक था। “सॉरी अद्विक , लेकिन रियान बहुत ही ख़तरनाक है । अगर उसे पता चले कि तुम उसकी कुर्सी पर बैठे हो तो वह निश्चित रूप से अपना आपा खो देगा।” आश्वी ने अपनी बड़ी, नम आँखों से अद्विक को देखा। शिकायत भरी आवाज़ में उसने कहा, “मैंने यह तुम्हारे लिए किया, तुम मुझ पर दोष कैसे लगा सकते हो?” अद्विक अपना ग़ुस्सा कंट्रोल करते हुए आश्वी की तरफ़ देखता है । जो बिना उसकी परवाह किए उठकर वहाँ से अपने ड्रेसिंग रूम की तरफ़ चली गई । आश्वी अभी अपने रूम की तरफ़ जा ही रही थी की तभी उसकी नज़र रियान पर पड़ती है जो एक लड़की के साथ खड़ा था ।। उसके साथ एक लड़की थी जो बहुत प्यार से रियान से बात कर रही थी ।। रियान भी उसके साथ मुस्कुरा रहा था , वो लड़की रियान को देखकर शर्मा रही थी ।। आश्वी उनसे थोड़ी दूर थी इसलिए वह उनकी बातचीत नहीं सुन सकी। हालाँकि, उस लड़की ने रियान को एक बुके दिया था, ये देखते ही आश्वी ने ग़ुस्से से अपने हाथ की मुठिया बना ली । वो लड़की कोई और नहीं बल्कि लावण्या थी जो अद्विक को पसंद करती थी और उसके लिए रियान को इस फ़िल्म से निकालना चाहती थी ।। आश्वी हेरानी से अपने मन में सोचती है ,— ये लावण्या को क्या हुआ ? क्या ये रियान को पसंद करने लगी है ? आश्वी जानती थी लावण्या अद्विक को इम्प्रेस करने के लिए ही रियान को नीचा दिखाने की कोशिश करती थी , क्या ये भी लावण्या के प्लेन का ही हिस्सा है ? या फिर कल रियान ने लावण्या को फ़िल्म से बाहर होने से बचाया था इसलिए वो उसे पसंद करने लगी है या फिर वो सिर्फ़ उसे थैंक यू कहना चाहती है ।। वजह चाहे जो भी हो ! लेकिन आश्वी को बिलकुल अच्छा नहीं लगा था कि कोई और लड़की रियान के इतने क़रीब जाये ।।। पहले उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता था की कोई भी लड़की रियान के क़रीब जाये लेकिन अब वो ये बर्दश नहीं कर सकती थी ।। रियान उससे बुके ले लेता है , ये देखकर आश्वी ग़ुस्से से उन दोनों को घूर रही थी —मिस्टर रियान कपूर , तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई किसी दूसरी लड़की से गिफ्ट लेने की ।। उधर मल्होत्रा फ़ैमिली में --- मिसेज़ शालिनी आद्या से फिर से पूछती है --- आध्या कहाँ खो गई सब ठीक तो है ना ? , और तुम्हारे पापा कैसे है ? क्या उनकी प्रॉब्लम सोल्व हो गई ?? आध्या पहले इस दबंग सास से कुछ हद तक डरती थी, लेकिन अब, जब उसे तलाक का सामना करना पड़ा, तो डरने की क्या बात रह गई थी? न तो विनम्रता और न ही अहंकार के साथ, उसने कहा: मैं ठीक हूँ आंटी , और मेरे पापा भी ठीक है । और उम्मीद करती हूँ की उनकी प्रॉब्लम भी जल्दी ही सोल्व हो जाएगी ।।।” मिसेज़ शालिनी मल्होत्रा कहती है , मेरी प्यारी बहू, मैं तुम्हें एक फ्री की एडवाइस देती है ,की तुम अपने डैड से कहो की वो बड़ी फ़िल्में बनाना छोड़कर पहले की तरह सिर्फ़ छोटे मोटे एडवरटाइज़मेंट ऐड ही करे , वरना बहुत जल्द ऐसा आएगा कि तुम्हारे डैड पर करोड़ों का करज चढ़ जाएगा और तुम लोग सब कुछ बेचकर भी उसे उतार नहीं पाओगे ।। आध्या जानती थी कि उसकी सास हमेशा उसे नीची निगाह से देखती थी, जब भी वे बात करते थे, तो वो आध्या और उसकी फ़ैमिली को उसके बराबर ना होने के लिए ताना देती थी ।।। वह पहले भी ऐसे comment बर्दाश्त करती थी, लेकिन अब उसे ऐसा करने की कोई आवश्यकता नहीं लगी। और यह अहसास उसके लिए कुछ हद तक मुक्तिदायक था। “इस बारे में चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह सिर्फ़ 10- 12 करोड़ है, मेरे डैड इसे ज़रूर चुका देंगे, हम कर्जदार नहीं बनेंगे।” मिसेज़ मल्होत्रा ने व्यंग्यात्मक ठहाका लगाया: “अनजान होने का नाटक करना फिर ख़ुद को महान साबित करना।। ! क्या तुम्हें शर्म नहीं आती मुझसे झूठ बोलते हुए ? तुम्हारे डैड सुबह-सुबह हमारे परिवार से पैसे उधार लेने आए थे, और वो भी 100 करोड़ माँग रहे थे। वह पूरी तरह से रो रहे थे , लगभग मेरे सामने घुटने टेकने को तैयार थे। और यहाँ तुम ऐसे घमंड दिखा रही हो जैसे की तुम किसी बहुत बड़े बाप की बेटी हो ।।या ख़ुद कोई टाइकून होने का दिखावा कर रही हो ?” "क्या उसके पिता पैसे उधार लेने मल्होत्रा परिवार के पास आये थे ।" आध्या हेरानी से अपनी जगह फ्रीज़ हो जाती है ,उसके अचानक पीले पड़ जाने पर, मिसेज़ मल्होत्रा का अहंकार बढ़ गया, “क्या बात है? लगता है सारी अकड़ निकल गई या नहीं?” “अपना सिर ऊँचा रखने के लिए थोड़े बहुत पेसो की आवश्यकता होती है। लेकिन तुम्हारे पास कुछ भी नहीं है। इसके अलावा दिखावा करने से तुम्हें ही मुँह की खानी पड़ेगी ।। जब इंसान अमीर ना हो तो अमीर बनाने का नाटक भी नहीं करना चाहिए।। हमारा मल्होत्रा परिवार ऐसी बेशर्म बहू को बर्दाश्त नहीं कर सकता।” “तुम कभी भी हमारे रोहित के लायक नहीं थी। अगर रोहित तुम्हारी ख़ूबसूरती देखकर पागल ना हुआ होता , तो तुम्हारे लिए दूसरे जन्म में भी मल्होत्रा परिवार में शादी करना असंभव होता।” एक तो तुम्हारी जैसी लड़की को हमने अपने घर की बहू बनाकर पहले ही बहुत बड़ा एहसान किया ऊपर से तुम्हारे डैड अपनी मदद के बहाने से बार बार हमसे पैसे माँगते रहते है वो भी 100 करोड़ !! बेवकूफ समझ रखा है क्या तुम बाप बेटी ने ।। “ “मैं ऐसे बेशर्म और लालची रिश्तेदारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती।।बेहतर होगा कि तुम अपना सामान पैक करो और बाहर निकल जाओ!” जैसे ही आध्या ने अपनी सास के कड़वे शब्दों को सुना तो उसने अपना आपा नहीं खोया और पलटकर कहा: “आप मुझसे छुटकारा पाने के लिए इतनी ज़्यादा उत्सुक हो, कहीं इसलिए तो नहीं ताकि आप अपनी भावी बहू के लिए रास्ता आसान बना सको ? आखिरकार, वह अपनी प्रेगनेंसी को लंबे समय तक छिपाकर नहीं रख सकती।” मिसेज़ मल्होत्रा का चेहरा बदल गया, “तुम क्या बकवास कर रही हो?” आध्या ने उस पर फिर से पलटवार किया: “मैं बकवास कर रही हूँ या नहीं, आप मुझसे बेहतर जानती हो। अनजान होने का नाटक करना, फिर ख़ुद को महान साबित करना” वैसे काफ़ी अच्छी एक्टिंग कर लेती है आप ?? मिसेज़ मल्होत्रा अपनी कुर्सी से उठीं, और ज़ोर से चिल्लाई -- “तुम!” "उन्हें उम्मीद नहीं थी कि आध्या उन्हें ही पलटकर जवाब देगी ।।" रोहित, जो इस दौरान चुप था , अचानक कोल्ड वॉइस में बोला : “आध्या, अपना मुंह संभालो!” आध्या ने उसकी ओर देखा, वो इस वक्त बहुत दुखी थी लेकिन उसने रोहित को ये ज़ाहिर नहीं होने दिया , आध्या जब से इस घर की बहू बनकर आई थी वो तब से अपनी सास की कड़वी बातें सुन रही थी वो भी सिर्फ़ इसलिए क्योंकि वो रोहित से बहुत प्यार करती थी लेकिन अब तो रोहित भी उसके साथ नहीं था तो वो किसलिए अपनी इंसल्ट करवाती ।। उसने शांत स्वर में जवाब दिया: “मैं बस आपकी माँ के शब्दों का जवाब दे रही हूँ। क्या यह अपमान है? ? आप दोनों बहुत ही कठोर दिल के हैं । आप दोनों मुझे परेशान कर सकते हो लेकिन मैं बदला नहीं ले सकती ?? मिसेज़ मल्होत्रा क्रोधित हो गईं: “ज़रा अपनी तरफ़ देखो, आध्या! इतने समय से तुम अच्छे होने का दिखावा कर रही थीं, और अब तुम्हारा असली चेहरा सामने आ गया है! मैं तुम्हारी सास हूँ, तुम्हारी बड़ी हूँ। क्या तुम अपने बड़ों से इस तरह बात करती हो? कितनी बेशर्म हो तुम!” “आप जल्द ही मेरी सास नहीं रहोगी।” आध्या ने पीछे हटने से इनकार कर दिया, उसके दिल में जितना ग़ुस्सा था आज वो सब निकाल देना चाहती थी -- “मुझे दबाने के लिए आपने अपने सास होने का फ़ायदा उठाया , मुझे हर दिन ताने दिये की मैं रोहित के लायक़ नहीं हूँ ।। नौकरों की तरह घर का काम करवाया ।। और मैं भी एक अच्छी बहू बनने के लिए सब करती रही लेकिन आपके दिल में कोई जगह नहीं बना सकी ।। किसी को पहले एक बड़े का व्यवहार करना चाहिए, और रिस्पेक्ट पाने के लिए ईमानदार और सदाचारी होना चाहिए!” रिस्पेक्ट माँगने से नहीं मिलती बल्कि कमानी पड़ती है ।। “आपके द्वारा पाला गया अच्छा बेटा, हमारी शादी के सिर्फ़ एक साल बाद, एक दूसरी औरत से नाजायज़ बच्चा पैदा कर लिया है।!” “मल्होत्रा परिवार की यह एक तरह की विकृत और बेशर्म ‘पारिवारिक परंपरा’ है। नैतिकता और संस्कारों को गाली देने जैसा है । चाहे ऐसा परिवार कितना भी अमीर क्यों न हो, मैं उनके बीच रहना कभी भी पसंद नहीं करूँगी ।” ये परिवार सच में मेरे जैसी लड़की के उसूलों के ख़िलाफ़ है ।।मैं भी अब एक ऐसे आदमी के साथ बिलकुल नहीं रह सकती जो मेरी पीठ पीछे मुझे धोखा दे रहा था ।।। ************* ********
“आपके द्वारा पाला गया अच्छा बेटा, हमारी शादी के सिर्फ़ एक साल बाद, एक दूसरी औरत से नाजायज़ बच्चा पैदा कर लिया है।!” “मल्होत्रा परिवार की यह एक तरह की विकृत और बेशर्म ‘पारिवारिक परंपरा’ है। नैतिकता और संस्कारों को गाली देने जैसा है । चाहे ऐसा परिवार कितना भी अमीर क्यों न हो, मैं उनके बीच रहना कभी भी पसंद नहीं करूँगी ।” ये परिवार सच में मेरे जैसी लड़की के उसूलों के ख़िलाफ़ है ।।मैं भी अब एक ऐसे आदमी के साथ बिलकुल नहीं रह सकती जो मेरी पीठ पीछे मुझे धोखा दे रहा था ।।। “you!!---आध्या की तीखी बातें सुनकर मिसेज़ मल्होत्रा ग़ुस्से से लाल होती जा रही थी ।। वो आज ख़ुद को रोहित के सामने शांत रखने की कोशिश कर रही थी वरना वो अध्या को जलील करना का मोका कभी नहीं छोड़ती ।। मिसेज़ मल्होत्रा ने अपना सिर पकड़ लिया और नीचे गिर गई, “मेरा bp” रोहित लगता है मेरा bp बहुत बड़ गया है , प्लीज़ जल्दी से मेरी दवा लाओ ।।, !” रोहित जल्दी से रूम में जाकर दवाई लेकर आता है और उन्हें खिलाने में मदद करता है । जब मिसेज़ मल्होत्रा थोड़ी ठीक ठाक कंडीशन में होती है तो वो आध्या की तरफ़ ग़ुस्से से देखते हुए कहता है —- “तुम मेरी माँ को मौत के घाट उतारने की कोशिश कर रही हो? इस परिवार ने हमेशा तुम्हें अपनी बहू माना , इतना प्यार दिया , तुम्हारे साथ इतना अच्छा व्यवहार किया ,लेकिन अब तुम अपनी हद भूलती जा रही हो ।। आध्या रोहित की बात सुनकर हैरान हो गई —- , “मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया? लेकिन कब ?? इस परिवार ने मुझे क्या दिया है? क्या मैं ही हमारी शादी में सभी sacrifices नहीं कर रही हूँ? मैंने तुम्हारे घर के कामों को संभालने के लिए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया, तुम्हारे लिए सब कुछ व्यवस्थित कर दिया, लेकिन तुमने मेरे साथ कैसा व्यवहार किया? बताओ रोहित, आख़िर कौन ज़्यादा आगे बढ़ रहा है?” “मैंने तुम्हें कभी नौकरी छोड़ने के लिए नहीं कहा। काम करने में तुम ही बहुत आलसी थी । और तुम इसका दोष मुझ पर मत लगाओ।” “मैं, आलसी? रोहित मैं जॉब पूरे मन से करती थी ,, और मेरा काम करना मेरा सपना था ,! लेकिन तुम्हारी माँ ने ही मुझे काम पर जाने से मना किया था, और कहा था कि एक अच्छी पत्नी को घर पर रहकर घर और परिवार की देखभाल करनी चाहिए!” मिसेज़ मल्होत्रा ने नफ़रत से देखा, “मैंने तुमसे कहा था कि काम पर मत करो, तो तुम मान गई ? मैंने तुम्हें इतना आज्ञाकारी कभी नहीं देखा। बल्कि असली बात ये है कि तुम इस ऐशोआराम में रहना चाहती थी ।। तुम मल्होत्रा परिवार के पेसो पर ऐश करना चाहती थी इसलिए तुमने जॉब छोड़ दी ।।तुम स्पष्ट रूप से मल्होत्रा परिवार में एक बहू के रूप में शानदार जीवन का आनंद लेना चाहती थी लेकिन तुम दोष हमे दे रही हो कि हमने तुम्हें जॉब नहीं करने दी ।। तुम सच में बहुत बेशर्म हो ।। उसने सहानुभूतिपूर्वक अपने बेटे का हाथ पकड़ा और कहा, “बेटा, जल्दी से उससे तलाक ले लो। इस तरह की औरत इसके लायक नहीं है। यह सब हमारी ख़राब क़िस्मत की वजह से है जो हमने इसे अपने घर की बहू बनाया ।।।। मैं शुरू से ही राजी नहीं थी, वह एक साधारण परिवार से है, वह तुम्हारी बराबरी नहीं कर सकती। मेरा बेचारा बेटा।” मिसेज़ मल्होत्रा जितना बोलती गई, आध्या के दिल में उतनी ही आग भड़कती गई। यह उसके दिल को इतना जलाती रही कि वह दर्द से भर गई, “ सासू माँ ,शायद आप भूल गई है कि तलाक दोनों पक्षों के लिए मायने रखता है। आध्या एक कुटिल मुस्कान के साथ कहती है ।। आपको नहीं लगता की अगर रोहित तलाक़ चाहता है तो मैं भी उसके साथ पूरी ईमानदारी से सहयोग करूँगी ??? “तुम्हारा क्या मतलब है? तुम तलाक देने से इनकार करती हो?”शालिनी के चेहरे पर हैरानी साफ़ दिखाई दे रही थी ।। “मुझे तलाक क्यों लेना चाहिए? क्या अभी अभी आपने ऐसा नहीं कहा की मैं मल्होत्रा परिवार की बहू के आरामदायक जीवन का आनंद लेती हूँ।” “मिसेज़ मल्होत्रा उसे घूरते हुए कहती है ,— , तुम अब इस परिवार की किसी भी चीज़ का फिर से आनंद नहीं ले पाओगी, इस विला सहित। तुम यहाँ एक और दिन भी नहीं रहोगी!” “ठीक है, तो मैं रोहित के साथ अपनी शादी को मीडिया के सामने उजागर कर दूँगी। वैसे, मैं यह भी बता दूँगी कि हमारी शादी के दौरान उसका एक अफेयर था। अंदाज़ा लगाओ किसके साथ? मिस्टर रोहित मल्होत्रा के प्रोडक्शन में बनने वाली फ़िल्म की हेरोइन के साथ ।। वह उसके नाजायज़ बच्चे से गर्भवती भी है। सबूत चट्टान की तरह ठोस हैं। मिसेज़ मल्होत्रा , क्या आपको लगता है कि यह खबर काफ़ी है इस परिवार की मर्यादा को गिराने के लिए ।। ये तो कुछ भी नहीं है मिस्टर रोहित मल्होत्रा , मीडिया कौ सिर्फ़ सबूत चाहिए कि आपका अफेयर नताशा के साथ है , उसके बाद न्यूज़ में मिर्च मसाला कैसे लगाना है वो लोग बखूबी जानते है । आध्या कुछ सोचने का नाटक करते हुए —- क्या रोहित मल्होत्रा नई एक्ट्रेस को चांस देने के बहाने उनका फ़ायदा उठाता है ?? या फिर नताशा कास्टिंग काउच का शिकार हुई है ?? ओर ना जाने क्या क्या ।। आपकी इस हरकत का असर बेचारी आश्वी पर भी होगा ।। उसका कैरीअर भी शुरू होने से पहले ही ख़त्म हो जाएगा ।।।कोई भी आश्वी को काम नहीं देगा और ना ही कोई उसकी फ़िल्म देखना चाहेगा ।। अध्या की बात सुनकर रोहित और उसकी माँ का चेहरा डर से पीला पड़ गया ।। मिसेज़ मल्होत्रा बहुत ही भयभीत और क्रोधित दिखीं, “रोहित , तुमने सुना, है न? । वह तुम्हें बर्बाद करना चाहती है, वह हमारे मल्होत्रा परिवार को नष्ट करना चाहती है! तुम्हारे डैड ने इतनी मेहनत से ये प्रोडक्शन हाउस खड़ा किया था और ये लड़की सब कुछ बर्बाद करना चाहती है ।।तुम एक घटिया लड़की को घर ले आए हो। उसका सारा पहले का सौम्य और शांत स्वभाव नकली था, यहाँ तक कि तुम भी इसके भोले भाले चेहरे को देखकर बेवकूफ बन गये ।। रोहित भी हैरान था ।।आध्या ने पहले कभी इस तरह बात नहीं की थी। वह हमेशा शांत और आज्ञाकारी, एक गुड़िया की तरह अच्छे स्वभाव वाली रही थी। अब, वह एक अलग व्यक्ति की तरह थी, यहाँ तक कि उन्हें धमकी भी दे रही थी। उसने ठंडे स्वर में कहा, “आध्या, तुम क्या चाहती हो, बस कह दो। इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है।” रोहित का हैंडसम , उदासीन चेहरे को देखकर, अध्या को बहुत बुरा लगा , फिर भी, वह कहने में कामयाब रही, " Divorce agreement" । मुझे 100 करोड़ चाहिए!” “क्या?!” मिसेज़ मल्होत्रा इतनी नाराज़ थी कि वह पीली पड़ गई, “100 करोड़? तुम बैंक क्यों नहीं लूट लेती?मल्होत्रा परिवार तुम्हें आसानी से इतना पैसा दे सकता है , लेकिन क्या तुमने खुद को आईने में देखा है, क्या तुम्हें लगता है कि तुम 100 करोड़ के लायक हो?!”तुम्हारी औक़ात है एक करोड़ की भी है ?? “मैं एक करोड़ के लायक हूँ या नहीं, मुझे नहीं पता । लेकिन नताशा और उसके पेट में पल रहा बच्चा निश्चित रूप से है। मैं पूरे सौ करोड़ लूँगी, एक पैसा भी कम नहीं।” “तुम सपना देख रही हो!” “तुम पैसा नहीं देना चाहते हो लेकिन फिर भी तलाक चाहते हो? तुम ही सपना देख रहे हो । रोहित हेरानी से अध्या को देख रहा था , उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि अध्या इतनी बड़ी रक़म माँग सकती है , उसे अपनी माँ की बातों पर यक़ीन होने लगा था कि वो अध्या के बारे में ठीक कहती है कि अध्या सच में लालची औरत है वही दूसरी तरफ़--- इधर आश्वी ग़ुस्से से उन दोनों को घूर रही थी , उसे ये बिलकुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था कि कोई लड़की रियान के इतने क़रीब आये ।। लावण्या शर्माते हुए रियान को देख रही थी। उसकी मुस्कुराहट ऐसी थी कि कोई भी लड़का उसे देखकर उस पर फ़िदा हो सकता था ।। लावण्या शर्माते हुए कहती है ,—- मुझे नहीं पता कि आपको कौन से फूल पसंद है लेकिन मैं आपको थैंक यू बोलना चाहती थी इसलिए आपके लिये ये रेड रोज लेकर आई हूँ । मुझे उम्मीद है कि आपको यह पसंद आएगी ।। रियान के चेहरे पर कोई इम्प्रैशन नहीं थे ,उसने अपनी लेफ्ट साइड किसी को खड़े होकर उन्हें देखते हुए देखा तो उसने चुपचाप लावण्या से वो फूल ले लिये ।। रियान के बुके एक्सेप्ट करते ही वो लड़की वहाँ से चली गई,, रियान हेरानी से बुके को देखकर कुछ सोचने लगता है , वही लावण्या बहुत खुश थी कि रियान ने उसका बुके एक्सेप्ट कर लिया है ।। वो एक्साइटेड होकर कहती है ,—- रियान , क्या तुम आज मेरे साथ कॉफ़ी डेट पर चलोगे ? रियान ने अहंकार से अपनी एक आईब्रो उठाई और अनजान बनते हुए कहा — “Who are you ?” लावण्या की मुस्कान उसके चेहरे पर जम गई। जब रियान ने पहले ही उसका गिफ्ट एक्सेप्ट कर लिया था, तो वह उससे यह क्यों पूछ रहा था कि वह कौन है? रियान ने बिना किसी परवाह के उस बुके को डस्टबिन में फेंक दिया।और वो अपने रूम की तरफ़ चला गया।। लावण्या हेरानी से रियान को जाते हुए देख रही थी , उसे रियान के इस बिहेव के लिये बहुत बुरा लगा ।। आश्वी को लावण्या और रियान का एक साथ होना बहुत बुरा लग रहा था ।। आज वो पूरा दिन बहुत उदास रहने वाली थी ।। उसने जैसे कैसे करके अपनी फ़िल्म की शूटिंग पूरी की और बिना रियान से बात किए वो घर के लिए निकल गई ।। कुछ ही देर में लावण्या का फ़ोन आता है ,— आश्वी तुम कहाँ हो ? और मुझसे मिले बिना तुम कैसे चली गई ? आश्वी लावण्या से बात नहीं करना चाहती थी , वो बात को टालते हुए कहती है ,— सॉरी लावण्या , मुझे आज बहुत ज़रूरी काम था , इसलिए मैं जल्दी में चली गई , मैं तुमसे बाद में बात करती हूँ ।। नहीं आश्वी , प्लीज़ मुझे अपने साथ ले चलो , मैंने अपने ड्राइवर को पहले ही घर भेज दिया है ।।प्लीज़ मेरा वेट करो ।। “हाँ , तुम्हारे अगले जन्म में “।आश्वी अपने मन में सोचती है ।। बेशक, आश्वी उसे सीधे मना नहीं करने वाली थी। उसने फ़ोन को और दूर खिसका दिया और शर्मीली आवाज़ में कहा, "लावण्या , आप क्या कह रही हैं? यहाँ सिग्नल नहीं आ रहा । मैं आपको सुन नहीं पा रही हूँ... आह, मेरे फ फ़ोन की बैटरी खत्म होने वाली है..." इससे पहले कि दूसरी तरफ़ से लावण्या कुछ कह पाती , आश्वी ने फ़ोन बंद कर दिया। आश्वी इस समय बहुत गुस्से में थी। रियान के साथ उसकी गलतफहमी बढ़ती जा रही थी। ड्राइवर जो आगे गाड़ी चला रहे थे उन्होंने अपना फोन वापस ले लिया और उससे हैरान होकर पूछा। “आश्वी बेटा , क्या तुम कुछ दिन पहले तक लावण्या के बहुत करीब नहीं थी?” ड्राइवर यानी की केशव गुप्ता आश्वी के घर के बहुत पुराने ड्राइवर थे आश्वी के साथ साथ उनका पूरा परिवार उन पर बहुत भरोसा करता था ।। उसने अपनी हिरणी जैसी आँखें झपकाईं और एक प्यारे लहजे में कहा, “जब दादी मुझे इस लावण्या से दूर रहने के लिए कहती थीं, तो मुझे बहुत ग़ुस्सा आता था ॥ लेकिन पिछले कुछ दिनों में मुझे एहसास हुआ है कि दादी ही वो इंसान हैं जो मेरे लिए सबसे अच्छी हैं।” केशव ने यह सुनकर भावुक होकर सिर हिलाया। “यह बहुत खुशी की बात है कि आश्वी ऐसा सोचती है। मैडम वास्तव में तुमसे बहुत प्यार करती हैं।” आश्वी के सुंदर चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई जब उसने अपनी दादी के बारे में सोचा। आश्वी कुछ सोचते हुए कहती है ,— अंकल क्या आप आज मुझे दादी से मिलवाने ले जाएँगे ।। मेरा बहुत मन है उनसे मिलने का ।। केशव आश्वी की बात सुनकर मुस्कुराते हुए हाँ में सर हिला देता है , और आश्वी के चाचा के घर की तरफ़ गाड़ी मोड़ देता है ।।। ***
रोहित को पता था कि आगे बात करना बेकार है , इसलिए वो अपनी माँ से कहता है -: “मॉम, मैं तलाक को खुद ही संभाल लूँगा। अब आपको इसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, आप अपने रूम में जाकर रेस्ट करो ।” मिसेज़ मल्होत्रा ने आध्या को गुस्से और नफ़रत से देखा और अपने रूम में चली गई ।। रोहित आध्या की तरफ़ देखकर ग़ुस्से से कहता है : “तुम्हें मेरी माँ से इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी, तुम आज हद से बहुत आगे निकल गई।” आध्या की आँखें बेकाबू होकर लाल हो गई थीं: “रोहित, तुम्हें भी मेरे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था। तुमने मुझसे शादी की, लेकिन तुम्हारा बच्चा किसी और की कोख में है और फिर मुझे अपनी जिंदगी से ही निकाल रहे हो। हद से ज़्यादा आगे मैं नहीं बल्कि तुम निकल गये हो।” रोहित ने असामान्य रूप से कोई जवाब नहीं दिया और चुप हो गया। क्योंकि वह जानता था कि वह में इस मामले में पूरी तरह से गलत था। "मैं तलाक में तुम्हें मुआवजा दूँगा, लेकिन इतना पैसा देना पॉसिबल नहीं है। कुछ दिनों तक इस बारे ने सोचो और मुझे ठीक से बताओ की तुम्हें कितना पैसा चाहिए ।। ।" यह कहकर, वह भी चला गया। आलीशान विला में, केवल आध्या ही अकेले रह गई। उसने अपने होठों के कोने को खींचा, रोने जैसी मुस्कान अपने चेहरे पर लाते हुए वो हेरानी से पूरे घर को देख रही थी , "हर कोई घर से बाहर निकल गया है, ऐसा लग रहा था जैसे कि वह इस विला की अकेली मालकिन हो ।। खुद से बुदबुदाते हुए, उसने अपना सिर नीचे किया और अपने काँपते हाथ को देखा। उसके चेहरे पर से कठोर मुखौटा गायब हो गया था। अभी उसका घमंडी व्यवहार सब दिखावा था। वह कभी बहस करने में अच्छी नहीं थी, लेकिन इतना बड़ा धोखा मिलने के बाद वो शांत कैसे रह सकती थी ।। वो पिछले एक साल से अपनी सास के ताने बर्दाश्त कर रही थी , सिर्फ़ रोहित के लिये लेकिन आज रोहित भी उसके लिए पराया हो चुका था ।। रोहित ने कितनी आसानी से कह दिया कि वो किसी और के बच्चे कि बाप बनने वाला है , इसलिए वो आध्या से तलाक़ चाहता है ।। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि आध्या के दिल पर क्या बीतेगी ।। क्या उसने आध्या से कभी सच्चा प्यार नहीं किया था ।। थोड़ा शांत होने के बाद, आध्या ने अपना मोबाइल फ़ोन निकाला और अपने डैड मिस्टर अनुभव मेहरा को फ़ोन किया। “डैड, क्या आपने मल्होत्रा परिवार से पैसे लिए हैं?” “हाँ, क्या हुआ?” “आपने उनसे कितने पैसे उधार लिए?” 100 करोड़।” “ आप इतना उधार लेकर क्या कर रहे हैं?” मिस्टर अनुभव मेहरा ने ऐसे कहा जैसे यह स्वाभाविक बात हो: “मल्होत्रा परिवार के पास पैसे की कमी नहीं है।और वैसे भी मैं एक बहुत अच्छी फ़िल्म बनाने जा रहा हूँ , जिसमे खर्चा तो आएगा ही , लेकिन उसके बाद प्रॉफिट भी होगा तो मैं सारा करज उतार दूँगा।। और वैसे भी मैंने किसी बाहर वाले से नहीं अपने रिश्तेदारों से ही तो पैसे लिये है , वो लोग हमारी मदद नहीं करेंगे तो और कौन करेगा ? यह सुनकर, आध्या का खून खौलने लगा, और वह उससे बेहद निराश महसूस करने लगी। “डैड, क्या मैंने नहीं कहा था कि मल्होत्रा परिवार से पैसे उधार न लें? हमें अपने कर्ज़ों का समाधान खुद ही ढूँढ़ना चाहिए। आपको उनसे भीख क्यों माँगनी है?” मिस्टर मेहरा भी क्रोधित हो गये , उसे लगा कि उसकी बेटी नासमझी कर रही है: “ आध्या तुम जानती हो ना मैं पहले से ही कितने क़रज़े में हूँ ! जिन लोगो से मैंने पहले कर्जा लिया है वो लोग वापस माँग रहे है , और मेरे पास इतने पैसे नहीं है कि मैं उन्हें वापस कर सकु ।। और वैसे भी आध्या मेरे ऊपर भले ही करोड़ो का कर्जा हो लेकिन मैंने मल्होत्रा परिवार से कोई कर्ज नहीं लिया है , बल्कि उनकी प्रोडक्शन कंपनी मेरे प्रोजेक्ट में सहयोग दे रही है , इस फ़िल्म में पैसा लगाकर उनका भी फ़ायदा ही है ।। और बड़ी बड़ी फ़िल्मो में इतना पैसा लगाना आम बात है आध्या , क्या रोहित ने तुम्हें नहीं बताया कि मुझे ये फ़िल्म बनाने के लिए उसने ही कहा था । साथ ही उसने वादा किया था कि वो हमारी मदद करेगा ।। मैं पहले रोहित के पास नहीं गया था बल्कि वो ख़ुद आया था और उसने कहा था कि ये फ़िल्म दोनों प्रोडक्शन के सहयोग से बनेगी ।। आध्या ये सुनते ही हैरान हो जाती है , उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके डैड सच कह रहे है क्योंकि थोड़ी देर पहले उसकी सास ने कहा कि उसके डैड उसके पास कर्ज माँगने आये थे ।। आध्या के डैड परेशान होते हुए कहते है ,— क्या हुआ आध्या, तुम इतनी परेशान क्यों हो ? क्या रोहित ने तुमसे कुछ कहा ।। “ आध्या ने गहरी साँस ली, वह अपने डैड से आगे बहस करने को तैयार नहीं थी: --- “इसका मुझसे कोई लेना-देना नहीं है। भले ही मैंने इस घर के किए जो भी किया हो, फिर भी वे मुझे नीची नज़र से देखेंगे।मेरी सास मुझे पसंद नहीं करती ।और रोहित का भी किसी और लड़की के साथ अफेयर है इसलिए मैं उससे डाइवर्स ले रही हूँ ।। । प्लीज़ डैड आप आगे से मल्होत्रा फ़ैमिली से कोई कांटैक्ट नहीं रखेंगे।” “तलाक?!” मिस्टरमेहरा की आवाज़ कुछ डेसिबल ऊँची हो गई: “क्या तुम पागल हो गई हो ? तुम क्या बकवास कर रही हो? तुम बिल्कुल भी तलाक नहीं ले सकती ! तुम जानती भी हों की क्या कह रही हो , मल्होत्रा फ़ैमिली बहुत ही रिच और सफल फ़ैमिली है ।। हम उस फ़ैमिली के बग़ैर कुछ नहीं कर सकते ।। तुम्हें रोहित को खुश रखना होगा ।। अपनी सास का सम्मान करना होगा ।। अगर तुमसे कोई गलती हुई भी है तो उसके लिए माफ़ी माँगो उनसे लेकिन तुम रोहित से डाइवोर्स नहीं लोगी ।। आध्या अब अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पा रही थी, वह बहुत दुखी महसूस कर रही थी, उसकी आवाज़ भावनाओं से भर गई: “डैड, क्या आप यह नहीं पूछना चाहते कि मैं तलाक क्यों चाहती हूँ?” “इसमें पूछने की क्या बात है? रोहित के पास ज़्यादा से ज़्यादा एक गर्ल फ़्रेंड है, अरे रोहित जैसे रिच और कामयाब आदमी के पीछे लड़कियों की लाइन लगी हुई होगी ।। अगर घर से बाहर उसकी कोई गर्ल फ्रेंड है भी तो क्या हुआ , आख़िर बीवी तो तुम ही हो उसकी ।। “जानबूझकर कोई ऐसा काम मत करना जिससे हमे कोई परेशानीहो । मैं तुम्हे बता दूँ, ऐसे मुद्दों पर आँखें मूंद लें, अगर कोई आदमी बाहर मौज-मस्ती करता है तो कोई बात नहीं, जब तक वह घर आकर एक अच्छा पति हो!” “मल्होत्रा परिवार, बहुत ही प्रतिष्ठित परिवार है , और उससे दूर होकर तुम कोई ग़लत कदम नहीं उठा सकती ।। आध्या अब और बर्दाश्त नहीं कर सकी, उसने अनजाने में अपनी आवाज़ ऊँची कर दी:-- “डैड, आपकी बेटी वास्तव में कौन है? आप रोहित को इतनी बड़ी गलती के लिये कुछ नहीं कहेंगे ,, बल्कि मुझे ज़िद्दी होने का दोषी ठहराएँगे? मैं परेशानी नहीं पैदा कर रही हूँ, मुझे विश्वास नहीं हो रहा की मेरे डैड अपनी बेटी को एक ऐसे इंसान के साथ रहने के लिए कह रहे है जो वफ़ादार नहीं है !! आप अपनी बेटी की भावनाओ को नहीं समझते क्यूंकि आपको सिर्फ़ अपना सपना पूरा करना है ।। लेकिन मैंने सोच लिया है ,,मैं सिर्फ़ तलाक़ चाहती हूँ , क्योंकि उसने धोखा दिया है। मैं अब उसके साथ नहीं रह सकती!” मिस्टर मेहरा ग़ुस्से से तिलमिला उठे : “मैं सहमत नहीं हूँ! चाहे वह बेवफ़ा रहा हो या नहीं, तुम्हें उसके साथ रहना होगा। मुझे अभी भी मल्होत्रा परिवार की ज़रूरत हैं। मैं नहीं चाहता कि तेरी एक बेवक़ूफ़ी की वजह से मैं करोड़ो के करज में डूब जाऊँ ।। ये प्रोजेक्ट मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है ।। मैंने अपनी पूरी ज़िंदगी की जमा पूँजी लगा दी है ।। साथ ही मार्केट से भी करोड़ो का कर्ज लिया है ।। अगर मल्होत्रा फ़ैमिली ने आगे मदद नहीं की तो ये प्रोजेक्ट अधूरा रह जाएगा ।। और मैं बर्बाद हो जाऊँगा ।। प्लीज़ आध्या अपने डैड को मरने के लिए मजबूर मत करो ।। कम से कम अपने छोटे भाई के बारे में तो सोचो , क्या तुम चाहती हो कि वो मेरे कंगाल होने के बाद दर दर की ठोकरें खाये ।। उसकी ज़िंदगी ख़राब हो जाए ।। “आध्या, मेरी बात सुनो, मैं तुमसे विनती कर रहा हूँ, तलाक के बारे में बात मत करो। अगर तुम सच में उससे तलाक ले लेती हो, तो तुम दूसरी बार किससे शादी करोगी? तुम्हें कौन चाहेगा? तुम जल्द से जल्द मल्होत्रा परिवार को वारिस पैदा करके दो , देखना उसके बाद सब ठीक हो जाएगा ।। आध्या अपनी आँखे बंद करके अपने दर्द को छुपाते हुए कहती है --- मल्होत्रा परिवार को वारिस देने के लिए पहले से ही कोई उत्सुक है, मुझे इस बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है ।। एक लंबी चुप्पी के बाद, उसने पूछा: "क्या होगा अगर मैं उससे तलाक ले मल्होत्रा परिवार से आपके कर्ज चुकाने के लिए बड़ी रकम मांग लू?" "कितना मुआवजा... तुम्हें मिल सकता है?" मिस्टर मेहरा ने पूछा !! आध्या अचानक मुस्कुराई, उसके आंसू एक-एक करके गिरने लगे: "आपको वाकई सिर्फ़ पैसे की परवाह है।" आपको एक बार भी ये जानकर बुरा नहीं लगा कि मेरा घर टूट रहा है ।। मैं परेशान हूँ ।। "इतना बेवकूफ मत बनो, मैंने बचपन से ही तुम्हें हर वो चीज दी है ,जिसकी तुम्हें ज़रूरत थी ।। मैंने तुम्हें कभी कोई तकलीफ़ नहीं होने दी? तुम्हें क्या लगता है कि मैं पैसे कमाने के लिए इतनी मेहनत क्यों करता हूँ? यह सब तुम्हारे लिए है!" “नहीं, मैं अभी भी तुम्हारे तलाक से सहमत नहीं हूँ। वैसे भी तलाक समझौते से तुमगे कितना मिल सकता है? तुम्हारे लिए रोहित के साथ अच्छे से रहना बेहतर है, भविष्य में पैसे की कमी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी ?” आध्या रोते हुए फ़ोन कट कर देती है ,, वो अपने परिवार को बर्बाद होते नहीं देख सकती थी और ना ही रोहित के धोखे के बाद उसे माफ़ कर सकती थी ।। ********** प्लीज़ कमेंट करके बताए कि आपको स्टोरी कैसी लगी ।।
इतना बेवकूफ मत बनो, मैंने बचपन से ही तुम्हें हर वो चीज दी है ,जिसकी तुम्हें ज़रूरत थी ।। मैंने तुम्हें कभी कोई तकलीफ़ नहीं होने दी? तुम्हें क्या लगता है कि मैं पैसे कमाने के लिए इतनी मेहनत क्यों करता हूँ? यह सब तुम्हारे लिए है!" “नहीं, मैं अभी भी तुम्हारे तलाक से सहमत नहीं हूँ। वैसे भी तलाक समझौते से तुमगे कितना मिल सकता है? तुम्हारे लिए रोहित के साथ अच्छे से रहना बेहतर है, भविष्य में पैसे की कमी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी ?” आध्या रोते हुए फ़ोन कट कर देती है ,, वो अपने परिवार को बर्बाद होते नहीं देख सकती थी और ना ही रोहित के धोखे के बाद उसे माफ़ कर सकती थी ।। उधर आश्वी इस सब से अनजान,,अपने चाचा के घर पहुँच चुकी थी , शाम का वक्त था , उसे अभी तक अपने भाई भाभी के तलाक के बारे में कुछ नहीं पता था ।।बल्कि वह आज अपनी दादी से मिलने के लिए बहुत एक्साइटेड थी ।। इससे पहले आश्वी अपनी दादी से बिना बात के ही नाराज़ हो जाती थी ।। दरसल आश्वी की माँ शालिनी का बिहेवियर अच्छा नहीं था , अपनी माँ के नक़्शेक़दम पर चलते हुए आश्वी भी बहु ही घमंडी हो चुकी थी ।। शालिनी को उनकी सास बिलकुल पसंद नहीं थी साथ ही वो अपने देवर देवरानी को भी ज़्यादा पसंद नहीं करती थी ।। लेकिन आश्वी को अब एहसास हो चुका था कि उसकी दादी ने हमेशा उसका भला ही सोचा था ।। आश्वी की दादी मिसेज़ तनुजा मल्होत्रा हेरानी से उसे अपने घर में आते हुए देखती है ।। वरना इससे पहले आश्वी बहुत कम ही अपने चाचा के घर आई थी ।। आश्वी ने भागकर अपनी दादी को गले से लगा लेती है , तनुजा जी ने भी खुश होकर आश्वी को अपने गले से लगा लिया ।। वो इस समय भी बहुत स्वस्थ थीं। उनकी आँखों से बेकाबू होकर गर्म आँसू बह रहे थे। “दादी, दादी, दादी…” वह उन्हें पुकारती रही। तनुजा जी ने प्यार से आश्वी के काँपते कंधों को थपथपाया। “तुम क्यों रो रही हो?” “मुझे तुम्हारी बहुत याद आ रही थी, दादी।” “silly girl"। जब मैं तुम्हारे करीब आने की कोशिश करती थी तो तुम मुझे अनदेखा कर देती थी!”और अब आकर कहती हो कि मेरी याद आती है ।। आश्वी तनुजा जी से थोड़ा दूर होती है और उसके गोरे चेहरे पर चमकते हुए आँसुओ की दो बूंदे थीं। तनुजा जी को यह देखकर बहुत दुख हुआ। “रो मत, मेरी प्यारी परी। मैं तुम्हारे साथ ही हूँ ।” “क्या महक वापस आ गई है?” निशा ने किचन से बाहर आते हुए पूछा । लेकिन सामने देखकर उसकी आँखें हेरानी से चौड़ी हो गई , उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि आश्वी इस वक्त यहाँ होगी वो भी तनुजा जी से इस तरह गले मिलते हुए ।। वो जल्दीसे आश्वी के पास जाती है और कहती है ,— आश्वी बेटा , तुम यहाँ कैसे? आश्वी निशा को देखते हुए कहती है ,— चाची क्या मैं यहाँ नहीं आ सकती !! कैसी बातें करती हो आश्वी , बल्कि मैं तो बहुत खुश हूँ तुम्हें यहाँ देखकर।। तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कॉफ़ी लेकर आती हूँ , कुछ ही देर में निशा कॉफ़ी लेकर आती है तब तक निशा की बेटी महक भी आ जाती है ,, वो आश्वी को अपने घर पर देखकर हैरान हो जाती है ,, क्योंकि इससे पहले आश्वी सर्फ किसी ख़ास वजह से ही उनसे मिलने आती थी लेकिन आज ऐसा कुछ भी नहीं था ।। बचपन से ही आश्वी की माँ ने उसे सिखाया था कि उसे कैसे अमीर लड़कियों की तरह रहना चाहिए।। उसने उसे अपनी ज़िंदगी अपनी मर्ज़ी से जीने के लिए कहा। आखिर में, आश्वी एक दिमाग़हीन अमीर लड़की बन गई, जबकि उसकी कजिन महक दूसरों की नज़र में एक मामूली लड़की थी। अतीत में, आश्वी ने कभी भी अपने चाचा चाचीऔर कजिन सिस्टर को अपना नहीं माना था ।।वो बस दिखावे की ज़िंदगी जी रही थी ।। वो लावण्या को अपनी बेस्ट फ्रेंड मानती थी ,, उसे कभी एहसास नहीं हुआ कि एक इंसान इतना लालची और दुष्ट हो सकता है। “तुम वापस आते ही रोने का नाटक क्यों कर रही हो ?? महक ने आश्वी का मजाक बनाते हुए कहा। महक ये क्या तरीक़ा है अपनी बड़ी बहन से बात करने का , वो नाटक नहीं कर रही है बल्कि वो थोड़ी इमोशनल हो गई है ,क्योंकि हम काफ़ी महीनों से एक दूसरे से नहीं मिले है ,, है ना आश्वी ?? दादीमा आश्वी की तरफ़ देखकर पूछती है ।।। आश्वी अपने आंसू पोंछते हुए महक के पास आती है — महक मैं जानती हूँ की मैंने तुम्हें हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की है , लेकिन मेरा विश्वास करो , मुझे मेरी गलती का एहसास है और मैं वादा करती हूँ की मैं अब वैसे नादानी कभी नहीं करूँगी ।। महक आश्वी की बात सुनकर बोरिंग सा मुंह बनाती हो जैसे उसे विश्वास हो की आश्वी झूठ बोल रही हो ।। आश्वी महक के हाथ को पकड़कर उससे प्यार से कहती है --- मैं जानती हूँ महक , मैंने तुम्हें हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश की ।। तुमारे साथ कभी भी एक बहन जैसा बर्ताव नहीं किया । लेकिन मेरा विश्वास करो , तब मैं नादान थी , सही गलत का मुझे बिल्कुल नहीं पता था । लेकिन अब मैं बदल चुकी हूँ , मुझे पता है कि मैं पहले बहुत ग़लत थी ।। और मैं अपनी गलती सुधारना चाहती हूँ ।। प्लीज़ महक मुझे माफ़ कर दो।। महक को आश्वी की बातों में सच्चाई नज़र आ रही थी , इसलिए वो उसे माफ़ करते हुए गले से लगा लेती है ।। “क्या हो रहा है? दोनों लड़कियाँ क्यों रो रही हैं? आश्वी के चाचा रुद्र मल्होत्रा अंदर आते हुए कहते है ।।। निशा मुस्कुराते हुए कहती है ---जी कुछ नहीं , हमारी आश्वी बेटी आज बहुत दिनों बाद एक दूसरे से मिल रही है ना तो बस थोड़ी इमोशनल हो रही है ।। रुद्र को ये बात कुछ हज़म नहीं हो रही थी , लेकिन फिर भी वो खुश होते हुए कहते है — क्या हमारी भतीजी अपने चाचा के गले नहीं लगेगी ।। आश्वी जल्दी से रुद्र के पास जाती है और उन्हें गले लगाते हुए कहती है,— चाचू , मुझे माफ़ कर दीजिए , मैंने आप लोगो से कभी भी अच्छे से बात नहीं की ।। लेकिन मैं आपसे वादा करती हूँ की आज के बाद मैं कभी कोई बत्तमीजी नहीं करूँगी ।। ऐसे नहीं कहते बेटा , तुम तो बहुत समझदार बच्ची हो । और देखो इतनी छोटी सी उम्र में कितनी बड़ी स्टार बन चुकी हो ।। तुम्हारी लगातार पहली दो दो फ़िल्में सुपर हिट हो चुकी है , उम्मीद है तुम आगे भी बहुत अच्छा करोगी ! और वो एक्टर क्या नाम है उसका — हाँ रियान कपूर , वो भी बहुत ही अच्छा एक्टर है।। रियान का नाम सुनते ही आश्वी की आँखों में चमक आ जाती है , वो जल्दी से कहती है ,— हाँ चाचू वो एक्टर के साथ साथ इंसान भी बहुत अच्छा है , मेरी अगली फ़िल्म भी उसके साथ ही है , और वो फ़िल्म भी बहुत बड़ी हिट हो जाएगी और उसके बाद —— ये कहते हुए अचानक आश्वी रुक जाती है , उसे याद आता है कि सिर्फ़ वो जानती है कि उसकी ये फ़िल्म सुपर हिट होने वाली है लेकिन उसके बाद जो होने वाला है वो बहुत ही भयानक है ।। आश्वी को पूरा सच नहीं पता कि क्या होने वाला है और वो उस ट्रैप में कैसे फ़सेगी ?? लेकिन वो ख़ुद को बचाने की पूरी कोशिश करेगी ।। आश्वी को सोचते देख रुद्र कहता है ,—- क्या हुआ आश्वी ! कहाँ खो गई ?और मेरी भतीजी को इतना विश्वास है की उसकी अगली फ़िल्म भी सुपर हिट होगी तो इसका मतलब है फ़िल्म बहुत ही बेहतरीन होने वाली है ।। आश्वी अपने ख़यालों से बाहर आते हुए कहती है ,— बिल्कुल चाचू , I hope की मेरा विश्वास सही साबित हो ।। आश्वी दादी माँ के पास जाकर बैठ जाती है और उनसे बातें करने लगती है ।। रात का वक्त -- वही दूसरी तरफ, आध्या खिड़की के बाहर देख रही थी , वह लगभग टूट चुकी थी , आज का दिन उसके लिए बहुत थका हुआ था ।। पहले रोहित से झगड़ा फिर अपने डैड से बहस ।।। उसके डैड रातो रात कंगाल नहीं हुए थे बल्कि उन्होंने कई सालों पहले ही काफ़ी करज लिया हुआ था ।। उनका एक बड़ी फ़िल्म बनाने का सपना उन्हें सच में बर्बाद करने जा रहा था।। उन्हें लगा कि मल्होत्रा परिवार से संबंध बनने के बाद उनका सपना आसानी से पूरा हो जाएगा ।। आध्या अभी चुपचाप बालकनी में खड़ी अपनी सोच में गुम थी कि तभी उसे अचानक अपनी तबियत ख़राब होती महसूस हुई ।। उसे उल्टी जैसा फील हो रहा था ।। शायद आज सुबह उसने रोहित को नार्मल दिखाने के चक्कर में कुछ ज़्यादा ही खा लिया था , और जो ब्रेकफास्ट उसने खाया था वो ठीक से बना भी नहीं था , क्यूंकि रोहित को कुछ ख़ास बनाना नहीं आता था ।।इसलिए वो सुबह से काफ़ी बेचैन दिखाई दे रही थी ।। आध्या की शादी से पहले घर में कुक था लेकिन शालिनी ने ये कहकर उसे निकाल दिया की रोहित को किसी बाहर के लोगो का बनाया खाना पसंद नहीं है ।।आद्या अपने रोहित के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थी ।।इसलिए उसने बिना शिकायत के ख़ुद ही खाना बनाना शुरू कर दिया । हालांकि उसे भी पहले कुछ ख़ास बनाना नहीं आता था , लेकिन धीरे धीरे उसने सब सीख लिया ।। आध्या के डैड की भले ही एडवर्टिजमेंट कंपनी थी लेकिन आद्या को मॉडलिंग या फ़िल्मों में कुछ ख़ास इंटरेस्ट नहीं था।। वह बहुत ही ब्रिलियंट स्टूडेंट थी , और शादी से पहले एक बहुत अच्छी जॉब भी करती थी ।।। आध्या अपनी पुरानी लाइफ के बारे में सोचते हुए भावुक हो जाती है और अपने आँसू साफ़ करते हुए वहाँ से अंदर आ जाती है ।। एक गिलास पानी पीने के बाद वो डिनर किए बग़ैर ही सोने के लिये बेड पर चली जाती है । कल सुबह उसे फिर से एक नई शुरुआत करनी थी ।। ***********
अगली सुबह —— आध्या नींद से जागती है , और जल्दी से एक कॉल करती है ,,जैसे ही कॉल का जवाब दिया गया, दूसरी तरफ़ से एक हैरान करने वाली आवाज़ आई, "आध्या, तुमने आखिरकार मुझे कॉल किया। तो, क्या तुमने अपना मन बना लिया है? क्या तुम काम पर वापस आने के लिए तैयार हो?" " अर्णव सर ,मैं काम पर वापस आने के लिए तैयार हूँ। मुझे निराश न करने के लिए धन्यवाद।" "तुम बहुत ही होशियार हो, बेशक मैं चाहूँगा कि तुम वापस आओ। मेरी problems को और कौन solve कर सकता है? एक तुम ही हो जो मेरे कठिन से कठिन प्रोजेक्ट को संभाल सकती हो; मैं टैलेंट को इम्पोर्टेंस देता हूँ।" "ठीक है सर मैं आज ही काम पर वापस आऊँगी।"ये सुनते ही अर्णव खुश हो जाता है और फ़ोन कट कर देता है लेकिन उसके चेहरे से स्माइल जा नहीं रही थी ।।। फ़ोन रखने के बाद, आद्या ने राहत की साँस ली। उसका बॉस पहले भी उसे काम पर वापस आने के लिए कह रहा था लेकिन उसने मना कर दिया था। अब जबकि वह अभी भी उसे वापस चाहता है, उसे बहुत ही ख़ुशी हो रही थी । आखिरकार, कुछ सही हो रहा था। आध्या ने अब वापस अपने काम पर जाने का मन बना लिया था , और वो अपने लाइफ के डिसिशन मन से नहीं बल्कि दिमाग़ से लेगी ताकि आगे चलकर उसे कभी किसी धोखे का शिकार ना होना पड़े ।। वह जल्दी से नहाकर रेडी हुई और अपने कपड़े पैक करना शुरू कर दिया, वह बाहर जाने की तैयारी कर रही थी। उसके पास अपना एक छोटा सा फ्लैट था, जो कंपनी से ज्यादा दूर नहीं था। यहाँ का विला कंपनी से बहुत दूर था, यहाँ आना-जाना असुविधाजनक था। शालिनी नहीं चाहती थी कि वह इस विला में रहे। वह वास्तव में यहाँ रहना भी नहीं चाहती थी, क्योंकि हर दिन रोहित को अपने सामने देखना उसके लिए एक तरह का दर्द था । आध्या जब अपना सूटकेस नीचे लेकर जा रही थी, लिविंग रूम का दरवाज़ा अचानक से खुला। आध्या के सामने एक लड़की खड़ी थी जिसने पिंक कलर की बहुत ही खूबसूरत ड्रेस पहनी थी ।।। वह कुछ कमज़ोर लग रही थी। उसकी ड्रेस थोड़ी ढीली थी जिससे उसका पैट छुप सकेवह किसी प्रेगनेंट लड़की की तरह नहीं बल्कि किसी सुपर मॉडल की तरह लग रही थी । जी हा ये कोई और नहीं बल्कि नताशा थी ।।। आध्या उसे देखकर हैरान रह गई, वह सोचने लगी कि वह यहाँ किस लिए आई थी? नताशा ने उसे एक सौम्य मुस्कान दी, उसकी आवाज़ भी नरम थी, "आध्या तुम सूटकेस लेकर कहाँ जा रही हो ? आध्या के चेहरे पर एक धीमी मुस्कान आ गई उसने उसे ग़ुस्से से देखते हुए कहा—-“ क्या मिस नताशा को कारण नहीं पता? “ तुम मुझसे क्यों पूछ रही हो?" नताशा ने तुरंत अपना सिर नीचे कर लिया, उसके चेहरे पर अपराधबोध का भाव था, वह हकलाते हुए बोली, "मुझे दुख है, आध्या ,, मुझे नहीं पता कि चीजें इस तरह कैसे हो गईं। आपको...आपको बाहर जाने की ज़रूरत नहीं है, आप यहाँ रह सकती हैं।" "हालाँकि यह कहना थोड़ा मुश्किल है, फिर भी मैं आपको समझाना चाहती हूँ... यह पूरी बात... यह एक गलतफहमी थी। उस वक्त रोहित सर नशे में थे , मैंने उन्हें बहुत मना किया , लेकिन मैं उन्हें रोक नहीं पाई ।।। “मैं वास्तव में तुम्हारे रिश्ते को बर्बाद करने का इरादा नहीं रखती थी, लेकिन अब जब मैं प्रेगनेंट हूँ, तो मैं अपने अजन्मे बच्चे को कैसे मार सकती हूँ । रोहित ने भी बच्चे को रखने पर जोर दिया, यहाँ तक कि शालिनी आँटी ने भी... please मुझे माफ़ कर दे ।। प्लीज़ आध्या !, यह सब मेरी गलती है, तुम मुझ पर चिल्ला सकतीहै आध्या हेरानी से नताशा को देख रही थी , उस नहीं पता था की वो उसे क्या जवाब दे या उससे नाराज हो की नहीं ।। ############## आश्वी , कल रात अपनी दादी के घर पर ही थी , वो आज यहाँ से ही फ़िल्म सिटी जाने वाली थी ,, उसने जल्दबाज़ी में ब्रेकफास्ट भी नहीं किया था ।। और ड्राइवर केशव के साथ वो अपनी शूटिंग पर चली गई ।। उसने ड्राइवर को एक रेस्टोरेंट की तरफ़ जाने के लिए कहा , वो कार से उतरकर कहती है —अंकल , क्या आप मुझे यहाँ छोड़ सकते। है ? मेरे को- स्टार्स यही पर है , मैं उनके साथ ब्रेकफास्ट करने जा रही हूँ ।। ये रेस्टोरेंट बहुत ही बड़ा और फेमस था ।। जहां बड़े से बड़ा सेलिब्रिटी भी अक्सर ब्रेकफास्ट लंच और डिनर के लिए आते रहते थे ।।।। केशव आश्वी को रेस्टोरेंट के बाहर छोड़कर चला जाता है।। दरसल आश्वी ने रेस्टोरेंट के बाहर एक ब्लैक कलर की कार खड़ी खड़ी देखी।“और वो समझ गई की रियान अभी यही पर है । जब आश्वी उस रेस्टोरेंट में दाखिल हुई, तो लोगों की नज़रें उस पर पड़ने लगीं। कई मीडिया वाले भी उसकी फ़ोटोज़ लेने लगे ।। आश्वी के फैन्स उसके साथ फ़ोटो खिंचवाने के लिए उतरवाले हो रहे थे ।।।इस वक्त अश्वी के साथ कोई भी बॉडीगार्ड नहीं था ।।। आश्वी जल्दी से कुछ पोज़ देकर रेस्टोरेंट के अंदर चली जाती है ।। रेस्टोरेंट में भी सबकी नजरे आश्वी पर पड़ती है लेकिन सिर्फ़ कोने में बैठा एक हैंडसम आदमी उदासीन नज़र से अपने नाश्ते पर ध्यान लगाए हुए था। ये जगह बहुत ही आकर्षक थी , लेकिन ऐसा लग रहा था कि वह बिल्कुल अकेला था, इस माहौल से अलग, एक आभा के साथ जो दूसरों को दूर रहने की चेतावनी दे रही थी। वो ब्रेकफास्ट करने के बाद जल्दी से उठकर खड़ा हुआ फिर बाहर की तरफ़ चला गया ।।। आश्वी भी अपना नाश्ता करने के बाद धीरे-धीरे बाहर चली गई। रियान ने सच में उसकी तरफ़ देखा तक नहीं। कितना गुस्सा आ रहा था। क्या वह आज सुंदर नहीं दिख रही थी? वह उसके साथ ऐसा व्यवहार कैसे कर सकता था जैसे वह दिखाई ही ना दे रही हो? … आश्वी वहाँ से नहीं गई। वह कार के सामने खड़ी हो गई। रियान ने आश्वी को प्यार से मुस्कुराते हुए देखा, तो उसने अपनी भौंह उठाई। " उसने अपने डर को छुपाते हुए कहा—-"मैं नाश्ता करने के लिए हे रेस्टोरेंट आई थी । तुम्हें यहाँ देखना मेरे लिए सच में सरप्राइज़ है!” रियान ने अपने पतले होंठों को आपस में दबाया और आश्वी को अनदेखा कर दिया।और अपनी कार की ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ।।। आश्वी ने अपना छोटा सा हाथ बढ़ाया और door को बंद होने से रोकते हुए कहा —“मेरे ड्राइवर ने अभी फोन करके बताया कि कार खराब हो गई है। यहाँ कैब को बुलाना मुश्किल है और मुझे शूटिंग पर जाने के लिए देर हो रही है । क्या तुम मुझे लिफ्ट दे सकते हो?” आश्वी की आँखें जीवन और मासूमियत से भरी थीं। वह बेदाग और मासूम लग रही थी। रियान ने अपने दांत पीसते हुए अपना गुस्सा कंट्रोल किया । वो अपने आस पास मीडिया को देखकर कोई हंगामा नहीं करना चाहता था , इसलिए ना चाहते हुए भी उसने कहा —- चलो बैठो ।।।जब उसने ये दो शब्द बोले तो उसकी आँखें अभी भी काली और ग़ुस्से से लाल थीं। आश्वी दंग रह गई। उसे विश्वाश नहीं हो रहा था कि रियान इतनी आसानी से हाँ कह देगा ।। वह उसके द्वारा अस्वीकार और अपमानित होने के लिए तैयार थी !! रियान , तुम बहुत अच्छे हो। मैंने तुम्हें पहले गलत समझा था।" रियान ने कुछ नहीं कहा और सामने देखते हुए गाड़ी चलाने लगा ।। उसके पास वाली सीट पर बैठने के बाद, आश्वी के मन में एक bad feeling आने लगी ।। उसे रियान का रवैया बहुत अजीब लगा ।। रियान अचानक से आश्वी के बेहद क़रीब आया जिसे देखकर उसकी सांसे थम सी गई ।। आज पहली बार आश्वी को एक अलग सा एहसास हो रहा था ।।। अपनी हर साँस के साथ, वह रियान से आती हल्की खुशबू महसूस कर सकती थी। रियान जल्दी से सीट बेल्ट लगाते हुए उससे कहता है ,। मेरे ज़्यादा करीब मत आओ।" उसने कोल्ड वॉइस में कहा। आश्वी ने एक हल्का 'ओह' कहा और सीट बेल्ट पहन ली । रियान के दूर जाते ही वो जैसे उसकी ख़ुशबू में खो गई थी, तुरंत अपने सेंस में आई ।। रियान कार ड्राइव कर रहा था और आश्वी बस उसे ही देखे जा रही थी।। आज वह उसे लिफ्ट देने के लिए सहमत हो गया था। क्या इसका मतलब यह था कि उनके तनावपूर्ण रिश्ते में थोड़ी राहत मिली थी? हालाँकि, कुछ उसे परेशान कर रहा था। वह ऐसा व्यक्ति नहीं लग रहा था जो उसके साथ इतनी आसानी से शांति बना लेगा! जैसे ही आश्वी को शक हुआ, कार हाईवे के बीचो बीच पहुँच गई । कार की स्पीड लिमिट से ज़्यादा थी ।। आश्वी डरते हुए कहती है — प्लीज स्पीड थोड़ी स्लो करो — हालाँकि वो आगे कुछ कहती कार की स्पीड और भी ज़्यादा हो गई थी ।। तभी अचानक से आगे से एक ट्रक आ रहा था और पीछे भी कई सवारिया आ रही थी , आश्वी डरते हुए उससे कहती है — ये तुम क्या कर रहे हो ?? हम मर जाएँगे ,, इस तरह गाड़ी कौन चलाता है ।। रियान के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान आ जाती है और वो गाड़ी को जल्दी से ट्रक के साइड से निकालता है ।। जिसे देख आश्वी को कुछ राहत मिलती है ।।। लेकिन तभी अचानक सामने से एक बहुत ही घुमावदार मोड़ आता है और दो बड़ी गाड़ियाँ सामने से आ रही थी ।। जिससे आश्वी के मुँह से ज़ोरदार चीख निकल जाती है।। उस का दिल उसके मुँह में था। उसका छोटा सा चेहरा पीला पड़ गया था ।।उसके दोनों हाथ उसकी आँखों पर थे ।।ऐसा लगा जैसे की ये उनका आख़िरी सफ़र होगा ।।। लेकिन कुछ ही देर में गाड़ी एक जगह आकर रुकती है ,, आश्वी अपनी बड़ी हुई धड़कनों को क़ाबू करके धीरे धीरे अपनी आँखें खोलती है ।। ख़ुद को सही सलामत देखकर वो चैन की साँस लेती है ।।।उसे विश्वास नहीं हो रहा था की बो बिल्कुल ठीक है , वो गुस्से से रियान को देखकर अपने मन में सोचती है —-यह पागल, क्या कर रहा था?!? (************* Dear freinds please bataye aapko ye story kaisi lagi !!
मैं वास्तव में तुम्हारे रिश्ते को बर्बाद करने का इरादा नहीं रखती थी, लेकिन अब जब मैं प्रेगनेंट हूँ, तो मैं अपने अजन्मे बच्चे को कैसे मार सकती हूँ । रोहित ने भी बच्चे को रखने पर जोर दिया, यहाँ तक कि शालिनी आँटी ने भी... please मुझे माफ़ कर दे ।। प्लीज़ आध्या !, यह सब मेरी गलती है, तुम मुझ पर चिल्ला सकतीहै आध्या हेरानी से नताशा को देख रही थी , उस नहीं पता था की वो उसे क्या जवाब दे या उससे नाराज हो की नहीं ।। आध्या ने अपने सामने असहाय, शर्मीले चेहरे वाली नताशा को देखा, जो एक छोटी लड़की की तरह लग रही थी, आध्या की बात सुनकर वो कुछ पल कहीं खो सी गई थी, जैसे वो कुछ कहने के लिए सोच रही हो ।। अब उसे समझ में आया कि रोहित को उसे छोड़कर नताशा को क्यों चाहने लगा । वो थी ही इतनी ख़ूबसूरत , उसका चेहरा बहुत ही भोला था ।। जिसे देखकर शायद किसी को भी प्यार हो जाए ।: आध्या को इस वक्त बहुत बुरा लग रहा था ।। नताशा को देखकर लगा कि वो सच में हार चुकी है ।। क्योंकि वो भी पहले नताशा की तरह ही खूबसूरत दिखने वाली और मॉडर्न कपड़े पहनने वाली लड़की थी , लेकिन रोहित का प्यार जीतने के लिए उसने ख़ुशी ख़ुशी अपने सपनों को त्याग दिया था, चुपचाप खुद को उसकी बीवी जैसा बना लिया था।जो उसके घर और माँ की सेवा कर सके ।। वह कितनी बेवकूफ थी , आध्या अपने मन में सोचती है । यह शायद उसकी सबसे बड़ी गलती थी , उसे कभी भी किसी और के लिये ख़ुद को बदलना नहीं चाहिए था ।।उसे बस खुद जैसा होना चाहिए! उसके पेट में फिर से हलचल होने लगी और आद्या अपने पेट को दबाने से खुद को रोक नहीं पाई। नताशा ने चिंता से उससे पूछा, “आध्या, क्या तुम ठीक हो? तुम बहुत कमजोर दिख रही हो। क्या मैं तुम्हें यहाँ बैठने में मदद कर सकती हूँ?” नताशा प्रेगनेंट थी, इसलिए आध्या ने धीरे से उसकी मदद करने से मना कर दिया और सोफे पर बैठ गई, “मैं ठीक हूँ, । तुमने पहले ही माफ़ी माँग ली है, अब तुम जा सकती हो।” नताशा ने धीरे से कहा “लेकिन, तुमने यह नहीं कहा कि तुम मुझे माफ़ कर दोगी, इसलिए मैं नहीं जा सकती। इसके अलावा, तुम बीमार दिख रही हो। क्या रोहित ने ध्यान नहीं दिया? मैं उसकी ओर से तुम्हारी देखभाल करूँगी, प्लीज़ उससे नाराज़ मत होना।” आध्या एक गर्भवती महिला को अपनी देखभाल करने कैसे दे सकती थी? “कोई ज़रूरत नहीं, मैं सच में ठीक हूँ, कुछ आराम करने के बाद मैं ठीक हो जाऊँगी। रोहित शायद ऑफिस चला गया है, तुम उसे वहाँ मिल सकती हो।” फिर भी, नताशा ने रुकने पर जोर दिया, उसने होंठ काटते हुए कहा: “मैं पहली बार तुम्हारे घर आई हूँ, क्या तुम मुझे एक कप कॉफ़ी के लिए नहीं कहोगी क्या ? या तुम अब भी मुझसे नाराज़ हो?” आध्या ने दृढ़ता से खड़े होकर कहा: “किचन उस तरफ़ है, तुम जो चाहो ले सकती हो। मुझे जाना है।” लेकिन नताशा ने जबरदस्ती उसका रास्ता रोक दिया: “आध्या, मेरे लिए कॉफ़ी बनाने से इनकार करना यह दर्शाता है कि तुमने मुझे माफ़ नहीं किया है। तुम्हारी माफ़ी के बिना, मैं तुम्हें आज जाने नहीं दूँगी। मैं तुम्हारी अच्छी तरह से देखभाल करना चाहती हूँ और अपनी गलतियों की भरपाई करना चाहती हूँ।” आध्या पहले से ही काफ़ी थकी हुई थी इसलिए वह बहस नहीं करना चाहती थी, “अगर मैं तुम्हारे लिए कॉफ़ी बनाऊँगी, तो क्या तुम मुझे जाने दोगी?” “अगर तुम मेरे लिए कॉफ़ी बनाओगी, तो मैं निश्चित रूप से तुम्हारा रास्ता नहीं रोकूँगी।” आध्या उसकी बात संकर तुरंत किचन की तरफ़ चली गई और कॉफ़ी बनाने लगी ।। कुछ देर बाद आद्या कॉफ़ी लेकर आई और नताशा के आगे टेबल पर रख दी ।। नताशा ने जैसे ही कॉफ़ी पी तो उसने तुरंत ही उसे थूक दिया। माफ़ी मांगते हुए, वह हकलाते हुए बोली, "मुझे माफ़ कर दो, मुझे माफ़ कर दो, आध्या, मेरा इरादा इसे थूकने का नहीं था, कॉफ़ी बहुत ज़्यादा गर्म है, बहुत ज़्यादा गर्म है, मैं..." "कॉफ़ी मैंने अभी अभी बनाई है , ज़ाहिर है, यह गर्म है, यह तुम्हारी गलती नहीं है ।। नताशा वहाँ ज्यादा देर नहीं रुकी , और जल्दी ही वहाँ से आ गई ।। आध्या भी अब उस घर में नहीं रहना चाहती थी , इसलिए वह भी वहाँ से अपना सूटकेस लेकर चली जाती है ।। आध्या अभी अपने फ्लैट पर पहुँची ही थी , की तभी उसके फोन पर रोहित का फ़ोन आता है, आध्या जैसे हो फ़ोन उठाती है , दूसरी तरफ़ से आवाज़ आती है — आध्या, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई नताशा को नुक़सान पहुँचाने की ? आध्या हेरानी से कहती है — क्या ??? तुम्हारी वजह से नताशा का मिसकैरेज हो गया ।। ****** वही दूसरी और ,आश्वी हेरानी से रियान को देख रही थी ।। आज उसने रियान का अलग ही पागलपन देखा था ।। रियान ने एक सिगरेट निकाली और उसे जलाने के लिए अपना सिर नीचे किया। वह सिगरेट का धुआँ उड़ाते हुए कहता है —“क्या तुम अब भी लिफ्ट चाहती हो?” उसकी आवाज़ धीमी और कर्कश थी ।। रियान की बातों में नफ़रत साफ़ झलक रही थी ।। जब आश्वी को थोड़ा बेहतर महसूस हुआ, तो उसने उसे देखने के लिए अपना सिर ऊपर उठाया। रियान भी इस वक्त काफ़ी कमजोर दिख रहा था , जो उसने आज किया वो उसका भी पहला अनुभव था ।। वो इतना बुरा नहीं था जितना वो ख़ुद को दिखाना चाहता था ।। लेकिन वह ठंडा और बुरा था और उसकी आवाज़ में दुश्मनी की झलक थी।इस वक्त वह पूरी तरह से एक सुपरविलेन था ।। उसे जानबूझकर कुछ करने की ज़रूरत नहीं थी ।। उसकी पर्सनालिटी ही ऐसी थी जो उसे बाकी लोगों से अलग बनाता था! आश्वी ने खुद को शांत करने की बहुत कोशिश की। हालाँकि उसे वास्तव में उसके सुंदर चेहरे पर मुक्का मारने का मन कर रहा था, वो अंदर ही अंदर ग़ुस्से से जल रही थी उसका मन कर रहा था कि वो रियान का सर फोड़ दे ।।लेकिन वह उसके सामने गंदे शब्दों से भरी एक चुड़ैल नहीं बनना चाहती थी। आश्वी ने धुएँ के पीछे रियान के हैंडसम चेहरे को देखा। वह धीरे से मुस्कुराई और धीरे से कहा, "अगर सुपरस्टार रियान कपूर मुझे लिफ़्ट देने की हिम्मत करे तो मैं भी लिफ्ट लेना चाहूँगी ।।" यह देखकर कि वह अभी भी मुस्कुरा सकती है, रियान ने अपने दाँत पीसते हुए ठंडे स्वर में कहा, "आश्वी, मेरे धैर्य की परीक्षा मत लो।" आश्वी ने अपनी नजरे रियान से मिलाते हुए कहा "मैं बस हमारी दुश्मनी ख़त्म करना चाहती हूँ। मेरे पास कोई और इरादा नहीं है।" कोई और इरादा नहीं?उसकी नज़र ठंडी हो गई। मैं अद्विक की गर्लफ़्रेंड से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहता ।। चाहे वो दोस्ती हो या दुश्मनी ।। इसीलिए तुम्हारी नफ़रत के बावजूद भी मैंने तुमसे कभी कुछ नहीं कहा ।। लेकिन अब तुम जान बूझकर मेरे रास्ते में आ रही हो ।। मैं ये बर्दाश्त नहीं कर सकता ।। उतरो मेरी कार से — रियान सामने देखते हुए कहता है।। आश्वी चौंकते हुए कहती है — क्या , तुम मुझे बीच रास्ते में कैसे छोड़ सकते हो ??? प्लीज़ रियान मुझे भी अपने साथ ले चलो ।। मैं यहाँ से अकेली कैसे जाऊँगी ।। … रियान अपनी आँखें बंद करता है फिर कुछ देर बाद अपनी आँखें खोलकर जल्दी से कार ड्राइव करने लगता है ।। आश्वी की नज़र एक पल के लिए भी रियान के चेहरे से हट नहीं रही थी ।। कुछ ही देर में दोनों अपने स्टूडियो पहुँच चुके थे ।। रियान बिना आश्वी को देखे कार से उतरने लगता है तभी उसके मुँह से निकलता है — चोर कहीं का ।। ये सुनते ही रियान अपनी जगह फिर से बेठ जाता है और आश्वीकी तरफ़ झुका और उसका सुंदर चेहरा उसके चेहरे के करीब आ गया।। उदासी और दुश्मनी उसके शरीर से बाहर निकल रही थी। “मैंने तुमसे क्या चुराया?” उसकी आवाज़ इतनी ठंडी थी मानो वह अगले ही पल उसे मार डालेगा! आश्वी ने रियान के पतले होंठों को देखा। “तुमने मेरा दिल चुरा लिया है!” रियान स्तब्ध होकर चुप हो गया। एक शांत पल के बाद, उसने अपने हाथों को कस कर मुट्ठियाँ बाँध लीं और कहा, “क्या तुम सच में मेरे हाथों से मरना चाहती हो?” “अगर मुझे मारने से हम फिर से अच्छे संबंध बना सकते हैं, तो ऐसा करो!” आश्वी ने अपना चेहरा उसकी मुट्ठी के ठीक बगल में रख दिया। रियान ने अपनी आँखें बंद कर रखी सुंदर लड़की को देखते हुए अपने दाँत पीस लिए। “अगर तुम फिर से मेरे रास्ते में आयी तो मैं तुम्हें अगली बार नहीं छोड़ूँगा!” …रियान ग़ुस्से से कार का दरवाज़ा बंद करके वहाँ से चला जाता है ।। आश्वी को उसका यू जाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता ।। अगर वह उसे कम से कम एक थप्पड़ ही मार देता तो उसे बहुत अच्छा लगता। कम से कम, उनके स्कोर बराबर होते। उसे मारने से इनकार करने का मतलब था कि वह उसके साथ सुलह नहीं करना चाहता था! आश्वी कार से बाहर निकलती है तभी उसकी सेक्रेटरी राया वहाँ आती है —- क्या हुआ आश्वी , तुम इतनी परेशान क्यों हो ? क्या रियान ने तुमसे कुछ कहा ? नहीं , उसने कुछ नहीं कहा ।। उसने बस मुझे लिफ्ट दी — आश्वी मयूस होकर कहती है ।। “क्या तुम रियान को पसंद करने लगी हो ??” नहीं , ऐसी बात नहीं है ,मैं उसे पसंद नहीं करती , मैं बस उसकी एहसानमंद हूँ ।।। अश्वि की बातें राया के सर जे ऊपर से जा रही थी , वो हेरानी से उससे पूछती है -- कैसा एहसान … आश्वी कुछ नहीं बोलती और चुपचाप वहाँ से चली जाती है ।। ******** …
ये तुम क्या कह रहे हो रोहित ?? मेरी वजह से कैसे ? तुम मुझे क्यों दोष दे रहे हो ?? क्यूंकि तुम्हारी ही वजह से वो हॉस्पिटल में है , तुमने उसके बच्चे को मारने की कोशिश की है ।। आध्या कुछ हद तक घबराई हुई थी:— “मैंने उसे कोई नुकसान नहीं पहुँचाया, यह मैं नहीं थी!” “क्या यह तुम नहीं थी ? तुमने उसके लिए कॉफ़ी बनाई या नहीं?” “हाँ, लेकिन मैं…”आध्या आगे कुछ कहती उससे पहले ही रोहित ने उसे cold voice में टोका, ---“नताशा कॉफ़ी नहीं पी सकती। उसे कॉफ़ी से एलर्जी है। उसके लिए, कॉफ़ी पीना जानलेवा हो सकता है।” आध्या चौंक गई और जल्दी से समझाया, “मुझे नहीं पता था कि उसे एलर्जी है। यह वह थी जो इसे पीना चाहती थी! और, उसने केवल एक घूँट पिया!” “बकवास बंद करो अपनी ।। वह प्रेगनेंट है, वह बहुत ज़्यादा stress नहीं झेल सकती। ऐसा करने से वह और बच्चा दोनों ख़तरे में पड़ सकते हैं, आध्या यह बहुत ही ग़लत किया तुमने !!” देखो रोहित मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया , मुझे नहीं पता था कि उसे कॉफ़ी से एलर्जी है ।। रोहित की आवाज़ पहले से भी ज़्यादा कोल्ड थी जब वह वहाँ से गया था:--- “आध्या, तलाक का फ़ैसला मेरा था। अगर तुम्हें कोई शिकायत है, तो उसे मुझ पर निकालो। नताशा निर्दोष है, उससे पंगा मत लो।” शायद, इस दुनिया में इन शब्दों से ज़्यादा कुछ भी उसका दिल नहीं तोड़ सकता था ।।। ये सुनते ही आध्या जैसे पूरी तरह से टूट चुकी थी , रोहित के शब्द उसके दिल को कुरेद रहे थे ।। उसे अब इस बात का पछतावा होने लगा कि उसे ऐसे आदमी से प्यार क्यों करना पड़ा? उसके लिए , उसने घर पर खाना बनाने और सफाई करने के लिए अपना सब कुछ स्वेच्छा से त्याग दिया, यहाँ तक कि चुपचाप उसकी शारीरिक ज़रूरतों को भी पूरा किया। अगर वह नताशा से इतना प्यार करता था, तो उसे उससे शादी करके उसकी ज़िंदगी बर्बाद क्यों की ? आध्या को जैसे कोई शब्द ही नहीं मिल रहे थे कुछ कहने के लिए , लेकिन जल्द ही उसकी घबराहट पूरी तरह से गायब हो गई थी, और उसने अपना संयम वापस पा लिया:-- "तुम्हारा क्या मतलब है कि तलाक लेने का फ़ैसला तुम्हारा था, यह मेरा भी फ़ैसला था। तुम यह नहीं सोच सकते कि मैं नताशा को नुकसान पहुँचाना चाहती थी और उसका मिसकैरेज करवाना चाहती थी , क्योंकि मैं तलाक नहीं लेना चाहती थी ?" "मिस्टर रोहित मल्होत्रा , तुम बहुत ज़्यादा सोच रहे हो। मुझे तुममें कोई दिलचस्पी नहीं है, और मैं तुम्हें और नताशा को एक साथ देखकर बहुत खुश हूँ। मैं जानबूझकर उसे कभी नुकसान नहीं पहुँचाऊँगी क्योंकि मेरा कोई मकसद नहीं है।" "इसके आलावा , जब नताशा तुम्हारे बच्चे को जन्म देती है, तभी मैं तुम पर मज़बूत पकड़ बना लूँगी , जिससे मैं आत्मविश्वास के साथ तलाक के मुआवजे में 100 करोड़ की माँग कर सकती हूँ। अगर उसका मिसकैरेज हो जाता है, और तुम उससे शादी नहीं करते, तो क्या मैं हार नहीं जाऊँगी ? मैं वह हूँ जो नताशा के मिसकैरेज की उम्मीद नहीं करती।" और रही बात नताशा को कॉफ़ी पिलाने की तो मुझे कैसे पता होगा कि उसे किस चीज़ से एलर्जी है , और वो कोई छोटी बच्ची नहीं थी जिसे मैंने ज़बरदस्ती कॉफ़ी पीला दी ।। अगर उसे पता था की कॉफ़ी उसके ठीक नहीं है तो उसने क्यों पी ।। फ़ोन के दूसरी तरफ़ रोहित उसके शब्दों से हैरान लग रहा था, और काफ़ी देर तक कोई जवाब नहीं दिया। आध्या के आंसू बहने लगे, उसने कहा: “अगर और कुछ नहीं है, तो चलो फोन रख देते हैं। मुझे बताइए कि आप कब 100 करोड़ देने को तैयार हैं, और हम तलाक ले सकते हैं।” “जैसा कि मैंने पहले कहा, 100 करोड़ इंपॉसिबल है, इसके बारे में सोचना भी मत।” “तो, क्या मिस्टर रोहित मल्होत्रा के दिल में उसके प्यार की क़ीमत 100 करोड़ भी नहीं है?” रोहित कहना चाहता था कि नताशा उसका प्यार नहीं थी, लेकिन उसे लगा कि आध्या के सामने खुद को सही ठहराने की कोई ज़रूरत नहीं है। उसे आध्या के बोलने का तरीका पसंद नहीं आया, इसलिए इस बार उसका लहज़ा बेहद कठोर और cold था: “उसका प्यार 100 करोड़ से भी ज़्यादा अनमोल है , लेकिन तुम उसके लायक नहीं हो! तुम एक पैसे की भी नहीं हो, और मैं तुम्हें तलाक में एक पैसा भी नहीं दूंगा! अगर तुम अपने डैड के कर्ज को चुकाने के लिए मुझसे पैसे चाहती हो, तो तुम्हें पहले मेरे सामने घुटने टेकने होंगे!”मुझसे माफ़ी माँगनी होगी ।। यह सुनने के बाद, आध्या के आंसू और भी खुलकर बहने लगे। वह खुश थी कि वे केवल फोन पर बात कर रहे थे, रोहित उसका वास्तविक चेहरा नहीं देख सकता था ।। “कोई बात नहीं। तुम्हें मुझे पैसे देने की ज़रूरत नहीं है, फिर हम तलाक नहीं लेंगे। मुझे नहीं पता कि नताशा ज़्यादा इंतज़ार कर सकती है या नहीं।” जाहिर है, रोहित उसकी बातों से चिढ़ गया था और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा था। वह स्थिर भावनाओं वाला व्यक्ति हुआ करता था, लेकिन कल से, आध्या कई बार उसके गुस्से को भड़काने में कामयाब रही। वो ग़ुस्से से कहता है ,— ठीक है , मैं तलाक़ के लिए राज़ी हूँ लेकिन पहले नताशा से माफ़ी माँगो और डाइवोर्स पेपर्स पर साइन करो ।। ********** ******* दूसरी तरफ़ रियान अपने शॉट की प्रैक्टिस कर रहा था , आश्वी भी जल्दी से आकर उसके साथ रिहर्सल करने लगती है ।। वो दोनों इस वक्त ऐसे एक्टिंग कर रहे थे जैसे कि वो दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हो ।। उन दोनों को देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये दोनों एक दूसरे के दोस्त नहीं दुश्मन है , हाँ ये बात अलग थी कि आश्वी की आँखों में अब रियान के लिये कोई नफ़रत नहीं थी ।। उसने रियान का उसकी केयर करना , अपनी जान से ज़्यादा उससे प्यार करना बल्कि उसके लिए जान देना पहले ही देख लिया था , वो चाहकर भी उससे नफ़रत नहीं कर सकती थी ।। लेकिन रियान अभी भी उसे सिर्फ़ अपने विरुद्ध समझता था ।।। वो दोनों अपना शॉट देने के बाद अपनी अपनी जगह चले जाते है ।।।। आश्वी अपने रूम में बैठी थी की तभी राया उससे कहती है ,— आश्वी आख़िर ये सब चल क्या रहा है , तुम रियान को नुक़सान पहुँचाने की बजाय उसकी उसके प्यार में पड़ती जा रही हो ।।। आश्वी आगे कुछ कहती तभी लावण्या अंदर आते हुए कहती है — अश्वि तुम कल मुझे छोड़कर क्यों चली गई थी ।। और जाने से पहले बताया भी नहीं ।।। आश्वी कल लावण्या और रियान को एक साथ देखकर बहुत उदास हो गई थी , वो गुस्से से कहती है —- मुझे लगा रियान तुम्हें लिफ्ट दे देगा ।।। लावण्या आश्वी की बात सुनकर हेरन हो जाती है । वो अपनी सफ़ाई पेश करते हुए कहती है —- भला वो मुझे क्यों लिफ्ट देगा ।। मैं तो उससे बात भी नहीं करती ।। आश्वी ये सुनकर दंग रह गई , जबकि उसने अपनी आँखो से लावण्या को बुके देते हुए देखा था ।। आश्वी को लगा की लावण्या उससे सच छिपाना चाहती है ,इसलिए उससे झूठ बोल रही है ।। वो लावण्या से कहती है —- मेरे शूट का वक्त हो गया है , मुझे जाना होगा ।। वह जल्दी से रूम से बाहर चली गई ।राया हमेशा की तरह आश्वी का पीछा करती रही। “आश्वी, मुझे बताओ कि क्या तुम्हें रियान कपूर से वाकई लगाव हो गया है?”क्या तुम सच में उसे पसंद करने लगी हो?? कल से अद्विक हॉस्पिटल में एडमिट है, लेकिन तुम अभी तक उससे मिलने नहीं गई ।। राया को लगा कि वह बदल गई है। “राया , अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो, तो मुझसे अब और मत पूछो और रियान को नुकसान पहुँचाने के लिए कुछ भी मत करो।” आश्वी ने चलते हुए कहा। "जहाँ तक अद्विक की बात है, बस यही मान लो कि पहले मैं अंधी थी !" राया ने अपना सिर हिलाया। "ओके आश्वी , मैं अब तुमसे कोई सवाल नहीं करूँगी " आश्वी ने राया की तरफ़ मुस्कुराते हुए कहा। "thank you dear ।। आश्वी स्टूडियो के उस तरफ़ जाती है जहाँ अभी भी फ़िल्म की शूटिंग चल रही थी ।। ये एक एक्शन सीन था , जहाँ रियान फ़िल्म के विलन के साथ फाइट कर रहा था ।। सीन कुछ इस तरह था —- रियान ने फ़िल्म के विलन की गर्दन पकड़ी हुई थी ,। वो दोनों बहुत ही बुरी तरह से लड़ रहे थे ।।लड़ते हुए उसने अपनी जैकेट उतार दी थी, वही विलन राजीव मेहता ने जवाबी हमला किया, लेकिन कुछ ही समय में रियान ने फिर से बढ़त हासिल कर ली। राजीव हैरान रह गया। वो रियान पर पास में पड़ी बॉटल को उठाकर दो हिस्सो में तोड़ देता है और रियान पर हमला करने वाला था ।। लेकिन रियान उसका हाथ पकड़ कर मरोड़ देता है और उसके हाथ से बॉटल छूटकर नीचे गिर जाती है ।। और जैसे ही रियान एक नाइफ़ के मदद से उसकी आँख पर वार करने वाला था, आश्वी ने बिना सोचे-समझे उसे पीछे से पकड़ लिया। “ आदित्य —, नहीं!”[ फ़िल्म में रियान का नाम आदित्य है ] आदित्य एक बार शुरू हो जाने के बाद लगभग अजेय था, लेकिन आश्वी यानी की फ़िल्म की हेरोइन आरुषि की कांपती हुई आवाज़ ने क्रोधित शेर को शांत कर दिया ।। उसने अपने हाथ पीछे खींच लिए। जैसे ही वह कुछ कहने वाला था, डायरेक्टर की सख्त आवाज़ सुनाई दी। cut it!! “रियान तुम क्या कर रहे हो?”तुम रुक क्यों गए , तुम्हें रुकना नहीं है बल्कि आश्वी को धक्का देकर दूर करना है ।। आश्वी हैरानी से रियान को देख रही थीऔर रियान भी उसे देख रहा था । आश्वी उस नज़र की ठंडक महसूस कर सकती थी। उसने अपनी मुट्ठियाँ भींच लीं क्योंकि रियान की नज़रे उसे अंदर तक काँपने के लिए मजबूर कर रही थी ।। डायरेक्टर फिर से रियान से कहता है ,— रियान आख़िर तुम्हें हुआ क्या है ?? तुम अपने काम में इतने लापरवाह नहीं हो ! रियान अपने हाथ में पकड़ी नाइफ़ से अपने हाथ को घायल कर देता है , और बहुत ही डरावनी आवाज़ में कहता है —— सर अगर मैं इससे कुछ करता तो आपका दूसरा को- एक्टर सच में घायल हो जाता , और आगे चलकर इसका अंजाम कुछ भी हो सकता था ।।। अश्वि को अब समझ आया कि रियान उसे क्यों घूर रहा था उसने जल्दी से समझाया। “यह मैं नहीं हूँ !” “मैंने सच में कुछ नहीं किया “ … रियान बिना उसकी तरफ़ देखे वहाँ से चला जाता है , और डायरेक्टर गुस्से से सबकी तरफ़ देखते हुए कहता है —- इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो गई !! किसकी ज़िम्मेदारी है ये , आख़िर मेरी फ़िल्म में हो क्या रहा है ? बार बार इस तरह का हादसा होना कोई लापरवाही नहीं बल्कि मुझे लगता है कि कोई जान बूझ कर रहा है ।। डायरेक्टर अपने असिस्टेंट से कहता है — एक घंटे के अंदर इस सारी लापरवाही की वजह का पता लगाओ नहीं तो मुझे मजबूरन पुलिस को बताना पड़ेगा ।। असिस्टेंट घबराते हुए वहां से चला जाता है ।। वही आश्वी गुस्से से अपने रूम में आती है और राया पर चिल्लाते हुए कहती है —“तुम ही हो जिसने ये सब किया है न?”। नहीं आश्वी मैंने ऐसा कुछ नहीं किया ? और जब तुमने पहले ही कह दिया था कि अब हम रियान के ख़िलाफ़ ऐसा कुछ नहीं करेंगे तो मैं ऐसा करने की हिम्मत कैसे कर सकती हूँ ।। तभी पूछे से लावण्या की आवाज़ आती है — ये मैंने किया था ।। आश्वी और राया अपने पीछे देखते है और लावण्या को देखकर हैरान हो जाते है , आश्वी गुस्से से कहती है — लावण्या, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई रियान या किसी को भी नुकसान पहुँचाने की कोशिश करने की ।। लावण्या ने हेरानी से अश्वी को देखा, जो हाल ही में इतनी बदल गई थी कि वह उसे पहचान ही नहीं पा रही थी। इसे छिपाने की जहमत उठाए बिना उसने कहा, “, क्या तुम अपना मूल इरादा भूल गई हो? हम दोनों ने वादा किया था कि हम रियान को ग़लत साबित करके उसे ज़्यादा सक्सेस नहीं होने देंगे और यह बहुत अच्छा मौका था। मैं इसे क्यों छोड़ूँ?” आश्वी ने अपनी मुट्ठी भींची और ठंडे स्वर में कहा, “क्यूंकि हमारे अलग-अलग मकसद हैं, इसलिए हमें अपने-अपने रास्ते अलग-अलग करने चाहिए। लावण्या , आज से हम दोस्त नहीं हैं!” आश्वी , तुमने क्या कहा?” “मुझे पता है कि तुम अद्विक को पसंद करती हो। अगर तुम उसे ज़्यादा फेमस होते देखना चाहती हो तो मैं तुम्हें नहीं रोक सकती, लेकिन अब से मैं रियान की ढाल बनकर खड़ी रहूँगी , और तुमसे उसकी रक्षा करूँगी!” आज के बाद तुम हमेशा मुझे रियान और ख़ुद के बीच में खड़ा पाओगी ।। मैं उसे कुछ नहीं होने दूँगी!! और गलती से भी तुमने रियान को थोड़ी सी भी तकलीफ़ देने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।। आश्वी की आँखो में आँसू थे वो जल्दी से वहाँ से बाहर आ जाती है , और लावण्या हेरानी से उसे जाते हुए देखती है ।। *********** 🖊️🖊️🖊️ Geet turna
“मुझे पता है कि तुम अद्विक को पसंद करती हो। अगर तुम उसे ज़्यादा फेमस होते देखना चाहती हो तो मैं तुम्हें नहीं रोक सकती, लेकिन अब से मैं रियान की ढाल बनकर खड़ी रहूँगी , और तुमसे उसकी रक्षा करूँगी!” आज के बाद तुम हमेशा मुझे रियान और ख़ुद के बीच में खड़ा पाओगी ।। मैं उसे कुछ नहीं होने दूँगी!! और गलती से भी तुमने रियान को थोड़ी सी भी तकलीफ़ देने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।। आश्वी की आँखो में आँसू थे वो जल्दी से वहाँ से बाहर आ जाती है , और लावण्या हेरानी से उसे जाते हुए देखती है ।। आश्वी को रियान की बहुत फ़िक्र हो रही थी ,, रियान ने ना जाने क्यों लेकिन ख़ुद को ही घायल कर लिया था ।। … आश्वी रियान को ढूँढते हुए उसके पास जाती है , जहाँ वो अपने रूम में बिना ड्रेसिंग किए वैसे ही बैठा था , उसने किसी को भी अपने रूम में आने के लिए मना किया हुआ था , लेकिन आश्वी बिना किसी की परवाह किए उसके रूम के अंदर चली जाती है ।उसकी शर्ट खून से भीगी हुई थी ,। “राया , जल्दी से पानी लाओ।”और किसी से कहो की रियान की जल्दी से ड्रेसिंग करे ।। आश्वी ने हेरानी से रियान की तरफ़ देखा जो दर्द और ज़्यादा ख़ून निकलने से मर रहा था लेकिन इस आदमी में अभी भी बहुत हिम्मत थी?आख़िर वह किस तरह का इंसान था? आश्वी गुस्से से चिल्लाते हुए कहती है — आख़िर तुम साबित क्या करना चाहते हो ? तुम्हें ख़ुद को ही नुक़सान पहुँचाने की क्या ज़रूरत है ?और अब भी तुम चुप क्यों बैठे हो ।।मुझे तो लगता है की तुम्हें किसी पागलखाने में होना चाहिए। तुम सच में कोई साइको हो । आश्वी ने उसकी ठंडी निगाहों को महसूस किया और वो थोड़ा घबरा गई। आश्वी ने धीरे से कहा "इसे दिल पर लेने की कोई ज़रूरत नहीं है,."मैं सच में तुमसे नफ़रत नहीं करती , लेकिन जब तुम्हें ऐसे देखती हूँ तो मुझे सच में बहुत बुरा लगता है ।। प्लीज़ रियान मेरा विश्वास करो , मैं अब बदल चुकी हूँ । ” “ आश्वी जानती थी कि रियान उसे इस समय नहीं देखना चाहता फिर भी उसने राया से पानी लाने को कहा।राया एक बॉटल लाकर आश्वी को देती है और अश्वी रियान को पानी देते हुए कहती है —- प्लीज़ थोड़ा सा पी लो ।। रियान ने पानी लेने से मना नहीं किया। आश्वी उसके सामने खड़ी थी। उसकी लंबी और मोटी पलकें झुकी हुई थीं और उसके गुलाबी होंठ कसकर एक दूसरे से चिपके हुए थे ।। रियान उठकर बिना अश्वी को देखे वहा से जाने लगता है लेकिन आश्वी ने अपना छोटा सा हाथ आगे बढ़ाया और धीरे से उसकी बाँह पकड़ ली। वह थोड़ा ज़ोर लगाकर अपना हाथ खींच सकता था।लेकिन वह बिना हिले-डुले वहीं खड़ा रहा। "what ?"रियान ने कहा !! आश्वी ने उसकी तरफ़ देखा। उसकी आँखें नम थीं लेकिन उसने मुस्कुराने की कोशिश की। "मैंने सच में कुछ नहीं किया ।" "who cares ?" उसने अपना हाथ उसके हाथ से खींच लिया । यह देखकर कि वह खुश नहीं दिख रहा था, आश्वी ने परेशान होते हुए अपने होंठ काटे और आगे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं की। रियान ने कुछ कदम आगे बढ़ाए। हालाँकि, किसी कारण से, वह उस लड़की को देखने के लिए पीछे मुड़ा जो पहले जैसी नहीं दिख रही थी। आश्वी ने उसे अपनी तरफ़ देखते हुए देखा और मुस्कुराने लगी । रियान ने मन ही मन गाली दी और उसके पास चला गया। “what the hell ! क्या है ? बोलो!” आश्वी ने अपना दूसरा हाथ बढ़ाया, जो इस दौरान उसकी पीठ के पीछे था। उसने अपने हाथ में फर्स्ट ऐड किट पकड़ी हुई थी। “तुम घायल हो।” रियान ने उसकी नम आँखों को देखा और झुंझलाहट से अपनी ऑय ब्रो सिकोड़ लीं। “यह बकवास मेरे सामने करने की जरूरत नहीं है।। क्या तुम्हें लगता है कि मैं अद्विक हूँ?”और तुम्हारी हर बात पर यकीन कर लूँगा ?? आश्वी ने उसके गुस्से से भरे चेहरे को देखा और मुस्कुराई। “तुम अद्विक को बार-बार बीच में क्यों लाते हो। क्या तुम्हें उससे जलन हो रही है?” “get lost ।” वह जाने के लिए मुड़ा। आश्वी ने उसे पकड़ लिया और उसका रास्ता रोक दिया। “अद्विक को बार बार बीच में मत लाओ। और चुपचाप नीचे बैठ जाओ।” रियान स्थिर खड़ा रहा, एक इंच भी नहीं हिला। आश्वी ने अपने होंठ काटे और अपनी आवाज़ को नरम किया। “please?” उसकी आँखें बहुत ही खूबसूरत थीं। वह उनमें अपना कोल्ड और हैंडसम चेहरा देख सकता था। उसकी आवाज़ सॉफ्ट थी।। रियान का दिल धड़क उठा। उसे और भी शर्मिंदगी महसूस हुई।उसने उसे घूर कर देखा। “तुमने मुझे क्यों बैठने के लिए कहा?” आश्वी ने अपना छोटा हाथ बढ़ाया और फिर से उसकी बाँह खींची। आश्वी ने उसका जख्म साफ़ किया और वहा पर बैंडेज कर दी , तब तक रियान सिर्फ़ आश्वी के सुंदर चेहरे को देखता रहा ।।। ••••••••••••••••### उधार रोहित ने बात खत्म करने के बाद तुरंत फोन काट दिया। आध्या भी वहीं बैठी रही, उसका मोबाइल पकड़ने वाला हाथ धीरे-धीरे ढीला पड़ रहा था। वह अपने आंसुओं के बीच हंसने लगी। अस्पताल जाकर, उसे नताशा से माफी माँगनी थी वो भी उस गलती की जो उसने की ही नहीं थी ।। उसके लिए, तलाक एक बहुत बड़ी बात थी, लेकिन रोहित के लिए जैसे उसे कोई फ़र्क ही ना पड़ता हो ।। लगभग एक घंटे बाद आध्या अस्पताल पहुंची।चाहे जिस तरह से भी कहा जाए, नताशा के गर्भपात का उससे सीधा संबंध था, इसलिए उसे माफ़ी मांगने की ज़रूरत थी - आखिरकार, इसमें जान का नुकसान शामिल था। डाइवोर्स भी बहुत ज़रूरी था।।रोहित के साथ जल्दी से जल्दी सब कुछ खत्म करना उसके लिए एक तरह से राहत की बात थी कुछ देर बाद ,,वार्ड में—- नताशा बेड पर लेटी हुई थी, रोहित उसके साथ था। पास में ही एक औरत भी बैठी थी, जिसने आलीशान कपड़े पहने थी।आध्या ने उसे पहचान लिया की वह नताशा माँ रीमा थी। जैसे ही रीमा ने आध्या को अंदर आते देखा, वह भड़क उठी, "आध्या , क्या तुम मेरी बेटी और उसके पेट में पल रहे बच्चे को मारना चाहती हो! तुम इतनी निर्दय कैसे हो सकती हो, मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं !" जब वह बोल रही थी, तो उसने नताशा के चेहरे पर थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठाया ।। लेकिन आध्या के कुछ भी रियेक्ट करने से पहले,रोहित वे उसके सामने आ गया। उसने रीमा का हाथ पकड़ लिया और उसे पीछे धकेला, "मिसेज़ मेहरा , प्लीज़ शांत हो जाओ।" आध्या ने रोहित को हेरानी से देखा लेकिन जल्द ही अपनी नज़रें हटा लीं। उसने सोचा था कि फोन पर उनकी लड़ाई के बाद, वह आते ही उसे डांटेगा। उसे उम्मीद नहीं थी कि वह उसकी रक्षा करेगा, यह आध्या के लिए काफ़ी शॉकिंग था। हालाँकि, वह यह सोचकर खुश नहीं हुई कि रोहित उसे पसंद करता है। वह अपनी इज्जत के लिए ऐसा कर रहा था; आखिरकार, उनका अभी तक तलाक नहीं हुआ था, और अपनी पत्नी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने से उसकी ही बेइज्जती होगी। यह देखकर कि उसे रोक दिया गया था, रीमा ने तुरंत चिल्लाना शुरू कर दिया, "रोहित , तुम अभी भी इस बेशर्म लड़की को बचाना चाहते हो ? उसने नताशा को लगभग मार डाला, उसने उसके बच्चे को भी लगभग मार ही डाला था ।। और तुम चाहते हो की मैं इससे कुछ भी ना कहु ।। " आध्या ने जल्दी से मुख्य शब्दों को समझ लिया और थोड़ा चौंकते हुए पूछा, " रोहित , क्या आपने नहीं कहा कि उसका मिसकैरेज हो गया था?" रोहित ने उसकी ओर देखा, और जवाब दिया, "हम्म , बच्चे को बचा लिया गया है ।" रीमा ने रोते हुए कहा , ", तुम्हारा मतलब क्या है? क्या तुम सच में मेरी बेटी के बच्चे के मरने की उम्मीद कर रही थी? तुम सच में बहुत ही ज़्यादा बुरी हो ।। वो तो भगवान जा शुक्र है की हमें सबसे अच्छे डॉक्टर मिले और हम मुश्किल से इस बच्चे को बचा पाए। वरना तुम्हारा plan सक्सेस हो जाता !" नताशा ने बेड से उठने की कोशिश की, उसकी आवाज़ कमज़ोर थी, " मॉम , प्लीज़ आध्या को दोष मत दो। उसने मेरे लिए सिर्फ़ एक कप कॉफ़ी बनाई थी, वह बस मेरे साथ अच्छा व्यवहार करने की कोशिश कर रही थी।" बेटा तुम बहुत भोली हो , इसने कॉफ़ के बहाने तुम्हें नुक़सान पहुँचाने की कोशिश की , वरना ये लड़की तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार क्यों करेगी ।। इसने तुम्हारे भोलेपन का फ़ायदा उठाया ।। आध्या रोहित के पीछे से बाहर निकली और नताशा को देखा, "नताशा ,तुमने उन्हें क्यों नहीं बताया कि वो तुम ही थीं जिसने मुझसे तुम्हारे लिए कॉफ़ी बनाने पर जोर दिया था? अगर मैंने तुम्हारे लिए कॉफ़ी नहीं बनाई होती, तो तुम मुझे जाने नहीं देतीं।" नताशा ने हेरान होकर कहा, आध्या, तुम किस बारे में बात कर रही हैं? क्या ये तुम ही नहीं थीं जिसने मुझे कॉफ़ी पीने के लिए मजबूर किया।। ######### प्लीज़ लाइक और कमेंट कर दीजिए
आध्या रोहित के पीछे से बाहर निकली और नताशा को देखा, "नताशा ,तुमने उन्हें क्यों नहीं बताया कि वो तुम ही थीं जिसने मुझसे तुम्हारे लिए कॉफ़ी बनाने पर जोर दिया था? अगर मैंने तुम्हारे लिए कॉफ़ी नहीं बनाई होती, तो तुम मुझे जाने नहीं देतीं।" नताशा ने हेरान होकर कहा, आध्या, तुम किस बारे में बात कर रही हैं? क्या ये तुम ही नहीं थीं जिसने मुझे कॉफ़ी पीने के लिए मजबूर किया।। आध्या ने हैरानी से नताशा की तरफ़ देखा , उसे विश्वास नहीं हो रहा था की नताशा इस तरह झूठ बोलेगी ।। अब आध्या को विश्वास हो गया की उसकी प्यारी से दिखने वाली गर्लफ्रेंड उतनी भी सीधी नहीं है जितना उसने सोचा था ।। उसे ये सोचकर भी काफ़ी हैरानी हुई कि आख़िर उसने उसे कॉफ़ी बनाने को क्यों मजबूर किया था शायद क्यूंकि वो यहाँ बेड पर लेटी पहले से ही उसका इंतज़ार कर रही थी ।। आध्या रोहित की ओर देखने के लिए मुड़ी: —"मैंने झूठ नहीं बोला, और, हाँ मैंने कॉफ़ी बनाई थी,लेकिन नताशा ने सिर्फ़ एक घूँठ पीने के बाद उसे थूक दिया, उसने बाकी नहीं पी। आप घर पर सीसी टीवी की जाँच कर सकते हैं कि यहाँ कौन सच को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है।" नताशा ने जल्दी से अपनी सफ़ाई में कहा —, "तुमने मुझे जो कॉफ़ी दी थी वह बहुत गर्म थी, मैं उसे थूकने से खुद को रोक नहीं पाई, मैंने ऐसा जानबूझकर नहीं किया, लेकिन मैंने बाकी कॉफ़ी पी ली।" उसने यह बात इतने विश्वास से कही कि आध्या को अपनी याददाश्त पर ही संदेह होने लगा। हालांकि आज सुबह आध्या की भी तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए उसमे ज़्यादा बहस करने की हिम्मत नहीं थी ।। “ रोहित , तुम सीसीटीवी की जाँचकर लो, लिविंग रूम के सीसीटीवी कैमरास हमेशा लाइव रहते है ।।।” रोहित ने भी उसकी तरफ देखा: “सीसीटीवी कैमरस काम नहीं कर रहे ।।।” आध्या ने अनजाने में ही अपनी ऑय ब्रो उठाई —: “क्या?” सीसीटीवी काम नहीं कर रहे !! रीमा ने व्यंग्य किया,“आद्या को पता था की वहाँ कैमरा काम नहीं कर रहा और इसीलिए उसने रोहित को इसकी जाँच करने के लिए कहने की हिम्मत की। वरना ये कैसा को-इंसिडेंट है ।।” नताशा ने धीरे से रीमा का हाथ पकड़ा और कहा — मॉम प्लीज़ आध्या को कुछ मत कहो ।। मैंने कॉफ़ी पी ली थी ।। आप आध्या को और शर्मिंदा मत कीजिए ।। इसमें उसकी कोई गलती नहीं है , बल्कि सारी गलती मेरी ही है ।। रोहित तुम प्लीज़ आध्या को बाहर छोड़ दो ।। इसका मेरे साथ हुई घटना से कोई वास्ता नहीं है ।। रीमा ने गहरी साँस ली—"आह, इस दुनिया में मेरी बेटी से ज़्यादा भोला और रहमदिल इंसान कोई नहीं है प्लीज़ रोहित मेरी भोली भाली बेटी का ध्यान रखना ।। , " रोहित ने कोई जवाब नहीं दिया। वह पलटा और बाहर चला गया, —"आद्या, तुम भी बाहर आओ।" आध्या भी उसके पीछे वार्ड से बाहर चली गई। वीआईपी वार्ड के बाहर का माहौल बहुत शांत था, मानो दुनिया में सिर्फ़ वे ही दो बचे हों। आध्या ने धीरे से कहा, "मैंने उसे कॉफ़ी पीने के लिए मजबूर नहीं किया। वह खुद ही कॉफ़ी पीना चाहती थी।" रोहित बहुत ज़्यादा परेशान था उसने उसे घूरते हुए कहा — "तो तुम कह रही हो कि उसने जानबूझकर कॉफ़ी पी, जबकि उसे इससे एलर्जी है?" आध्या की आँखें धीरे-धीरे लाल हो गईं जब उसने रोहित के हैंडसम चेहरे को देखा, उसका दिल उदासी से भर गया। वह अक्सर दूसरे मामलों में भी उसका ख्याल रखता था, जैसे कि रीमा के थप्पड़ को रोकना, और झगड़े के बाद उसके लिए नाश्ता बनाना। लेकिन जब नताशा की बात आती थी, तो वह बिना किसी की बात सुने सिर्फ़ नताशा की ही बात सुनता था ।। आध्या ने अपनी आँखें पोंछने के लिए अपना सिर घुमाया, उसकी आवाज़ अभी भी मज़बूत थी: "मेरा मकसद साफ़ है, मैंने झूठ नहीं बोला, चाहे आप मानें या न मानें। तलाक के लिए जल्दी करना सबसे अच्छा है, मैं बहुत बिजी हूँ, मैं जल्द ही कंपनी में काम शुरू करने वाली हूँ और मेरे पास बार बार इसके लिए आने का समय नहीं होगा।" रोहित की कोल्ड नज़र उस पर पड़ी, "अब तुम्हारे पास कोई नौकरी है?" "बेशक।" "कौन सी नौकरी?" रोहित ने पूछा ।। आद्या ने कुछ नहीं कहा ।। "आध्या , तुम फिर से दिखावा कर रही हो, है न?" आध्या ने उसकी बात को नज़रअंदाज़ किया और अपने फ़ोन पर टाइम देखा—-, "तुमने कहा था कि तुम चाहते हो कि मैं तलाक के लिए आऊँ, है न? अगर हम जल्दी नहीं गए, तो सिविल ऑफिस बंद हो जाएगा।” आध्या की बार सुनकर रोहित ने दीवार पर मुक्का मारा। वह उसे कुछ देर तक ठंडेपन से देखता रहा। उसे पहले कैसे पता नहीं चला कि उसकी पत्नी उससे ज़्यादा तलाक लेने के लिए उत्सुक थी? उसने अपने असिस्टेंट द्वारा दिया गया फ़ोल्डर लिया और उसे आध्या को दे दिया, “ये रहा डिवोर्स एग्रीमेंट , इस पर साइन कर दो ।: आध्या पेपर्स लेकर पड़ने लगती है , जहाँ डाइवोर्स एग्रीमेंट में मुआवज़े की रक़म सिर्फ दस लाख रुपये थी ,।। आध्या हैरानी से रोहित को देखती है ।।। वो ये देखकर दंग रह गई और फिर पूछा: “दस लाख ?” रोहित ने अपनी ऑय ब्रो सिकोड़ीं: “बहुत कम है ? इस पैसे के अलावा, मैं तुम्हारे डैड की फ़िल्म को प्रमोट करूँगा। इससे ज़्यादा लालची मत बनो।”मैं सच में इससे ज़्यादा नहीं कर सकता । इससे पहले आध्या ने 100 करोड़ मांगे थे जबकि वो ख़ुद भी जानती थी कि रकम बहुत ज़्यादा है , वो बस रोहित पर अपना गुस्सा उतार रही थी लेकिन सच में वो इतना नहीं चाहती थी ।। लेकिन वो आज रोहित द्वारा दी जाने वाली अमाउंट लेकर चुपचाप उसे डाइवोर्स देने के लिए तैयार थी क्यूंकि वो नताशा और रोहित की माँ के आगे और बेइज्जत नहीं होना चाहती थी ।। लेकिन उसका 10 लाख का प्रस्ताव सबसे ज़्यादा बेइज्जत करने जैसा था । मतलब रोहित की नजर में उसकी बस इतनी सी ही अहमियत थी ।। उसने गुस्से से अपने दाँत पीसते हुए कहा — “ दस लाख ???” तुम मेरे साथ एक भिखारी की तरह पेश आ रहे हो! मैंने तुमसे कहा था, मुझे 100 करोड़ रुपये चाहिए। एक पैसा भी कम नहीं तो तुम तलाक के बारे में बात भी नहीं करोगे । रोहित आध्या बका ये बदला हुआ रूप देखकर हेरान रह गया , उनकी मुलाकात को काफ़ी वक्त हो गया था लेकिन आद्या ने कभी भी अपना आपा नहीं खोया था ।।लेकिन अब वो अपनी तीखी नज़रे दिखा रही थी ।। ” रोहित उससे कहता है —आध्या“ तुमने एक गुणी और सौम्य लड़की का किरदार बहुत अच्छे से निभाया। इतनी अच्छी एक्टिंग तो हमारी फ़िल्म की हीरोइन्स भी नहीं करती , मैं तो तुम्हारी एक्टिंग का कायल हो गया ।। आध्या , मैं क्या कहता हूँ की तुम फ़िल्मों में क्यों नहीं ट्राय करती।। मैं आज तक तुम्हारा असली चेहरा नहीं देख पाया ,, अब जब तुम तलाक चाहती हो, तो तुम्हारा असली चेहरा सामने आ गया है। अगर तुम तलाक नहीं ले रही होती, तो क्या तुम यह दिखावा जिंदगी भर करती ? तुम सच में बहुत ही बड़ी धोखे बाज हो” आध्या गुस्से से काँप रही थी: “तुमने यह कहने की हिम्मत कैसे की कि मैं धोखेबाज हूँ? क्या धोखेबाज तुम नहीं हो?” उसने फ़ोल्डर उस पर फेंका और बाहर निकल गई। उनकी मुलाक़ात को पाँच साल हो चुके थे। यह पहली बार था जब उसने उस पर अपना आपा खोया था। शुरू में, उसने उसका सामना करने की हिम्मत नहीं की, फिर वह उसे इतना पसंद करने लगी कि वह नाराज़ नहीं हो सकती थी। लेकिन अब से, ऐसा नहीं होगा।उसने उसे अपमानित किया था, ? फ़ोल्डर उसकी चेस्ट पर काफ़ी ज़ोर से लगा, जिससे उसे एक चुभन हुई और वह थोड़ा हेरान भी हो गया। किसी ने भी उस पर इस तरह से हमला करने की हिम्मत नहीं की थी, आध्या की तो बात ही छोड़िए, जो उससे बहुत प्यार करती थी ।।। उसकी सौम्यता सिर्फ़ दिखावा थी! रोहित का असिस्टेंट मयूर भी हैरान रह गया। यह पहली बार था जब उसने आध्या को अपना आपा खोते देखा था। फ़ोल्डर उठाते हुए, वह यह कहने से खुद को रोक नहीं पाया: “सर , मुझे नहीं लगता कि मैडम आपको छोड़कर जाना चाहती है । ऐसा भी नहीं लगता कि वह आपको तलाक नहीं देना चाहती, लेकिन दस लाख बहुत कम है। मुझे लगता है आपको कम से कम 25 करोड़ तो देने चाहिए ।। उन्हें अभी पैसे की ज़रूरत है, इसलिए शायद…” रोहित ने गुस्से से घूरते हुए उससे कहा —“ तुम्हारी राय किसने पूछी? get out !” मयूर ने जाने के लिए हड़बड़ाते हुए कहा: “हाँ, हाँ, मैं अभी चला जाऊँगा!” “वापस आओ !” मयूर ने तुरंत जवाब दिया: “ yes sir ।” “ सीसीटीवी ठीक करवाओ ?” मयूर —-सर मैंने एक्सपर्ट से सलाह ली है , दरसल फुटेज में कुछ वायरस इंफेक्टेड हो गया है , और जिसने भी इससे छेड़छाड़ की है उसे कंप्यूटर की कुछ ज़्यादा नॉलेज नहीं है , इसलिए वो इसे डिलीट नहीं कर पाया लेकिन वीडियो को धुधला करने के लिए एक वायरस का इस्तेमाल किया गया है ।। रोहित जानता था कि आध्या और नताशा में से किसी को भी कंप्यूटर की कोई ख़ास नॉलेज नहीं है , तो जाहिर है छेड़छाड़ किसने की होगी !!! रोहित मयूर से कहता है —- जल्दी से गाड़ी निकालो , हमे घर जाना है ।। मैं ख़ुद देखूँगा की क्या गड़बड़ है ।। कुछ ही देर में रोहित घर पहुँच चुका था , लेकिन वो अपने सामने आध्या को कंप्यूटर के सामने बैठा देखकर चौंक गया ।। वो गुस्से से उसे घूरते हुए कहता है — ये तुम क्या कर रही हो ?? आध्या को उम्मीद नहीं थी की रोहित भी इसी वक्त वापस आ जाएगा , उसे ये जानकर थोड़ा अच्छा भी लगा की रोहित भी सीसीटीवी की फुटेज चेक करने आया था ।। कम से कम उसे नताशा पर पूरा भरोसा नहीं था की वो सच बोल रही है ।।, रोहित उसके पास गया और उसका हाथ पकड़ किया — "क्या तुम वीडियो डिलीट करने की कोशिश कर रही हो?" ••••••••••••••••••••••***####***•••••••
रियान अपने घर पर था , उसे बार बार आश्वी का चेहरा याद आ रहा था , वो बाथरूम में खड़ा होकर अपने चेहरे को बार बार पानी से साफ़ कर रहा था ।। वो आश्वी को याद नहीं करना चाहता था लेकिन ना जाने क्यों आश्वी का खूबसूरत और भोला सा दिखने वाला चेहरा भूल नहीं पा रहा था ।। वो अपनी बाँह को देखता है जहाँ पर आश्वी ने बैंडेज की थी ।। उसके चेहरे पर फिर से ग़ुस्सा दिखने लगता है ।उसके हाथ की मुठिया बन जाती है ।। वो दीवार पर पंच मारते हुए कहता है -- आख़िर तुम चाहती क्या हो आश्वी ।।तुम भी तो मुझे सिर्फ़ ज़ख्म देना चाहती हो ? अगर मैं ख़ुद अपने आप को ज़ख़्मी करता हूँ तो तुम्हें फ़र्क़ क्यों पड़ता है ? मैं जानता हूँ कि तुम मुझसे सिर्फ़ नफ़रता करती हो लेकिन मैं चाहकर भी तुमसे नफ़रत नहीं कर सकता ।। लेकिन मैं तुम्हें ख़ुद के क़रीब भी नहीं आने दूँगा और ना ही इस बार तुम्हें तुम्हारी साज़िश में कामयाब होने दूँगा ।।।। वही दूसरी तरफ़ आश्वी बहुत परेशान थी, वो राया के साथ शॉपिंग के लिए गई थी , तभी उसकी मॉम का फ़ोन आता है -- आश्वी कहाँ हो तुम ? और कल तुम घर क्यों नहीं आई ? शहर से बाहर हो क्या ? आश्वी अपना एक हाथ सर पर रखते हुए अपनी मॉम को चुप कराते हुए कहती है --- नहीं मोम, मैं शहर से बाहर नहीं हूँ । बस थोड़ी बिजी हूँ ।। आप चिंता मत कीजिए । मैं आज शाम घर वापस आ रही हूँ ।। ठीक है मेरी प्रिंसेस , जल्दी घर आओ और मुझे तुम्हें बहुत ही अच्छी न्यूज़ देनी है ।। तुम सोच भी नहीं सकती की मैं आज कितनी खुश हूँ ।। ऐसी भी क्या बात है मॉम , जो आप आज इतना खुश है ? वो मनहूस , फाइनली आज हमारे घर से चली गई ।। अब बहुत जल्द मैं अपने रोहित की शादी मेरी बचपन की सहेली की बेटी नताशा से करवा दूँगी ।। कितने सालो से मैंने उस दिन का इंतज़ार किया है । आश्वी शालिनी की बात सुनकर हैरान हो जाती है लेकिन उसकी समझ नहीं आया की उन्होंने मनहूस किसे कहा ?लेकिन अब ये समझते देर नहीं लगी की उसकी माँ उसकी भाभी आद्या की ही बात कर रही थी ।। वो हेरान होकर कहती है -- "मॉम आप क्या कह रही है ?" मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा ।। और भाभी कहाँ चली गई ? सारी बातें फ़ोन पर ही पूछेगी या फिर घर भी आएगी ।। जल्दी से घर आजा । उसके बाद सब बताती हूँ -- कहते हुए शालिनी फ़ोन रख देती है ।। वही आश्वी हेरानी से अभी भी अपने फ़ोन को देख रही थी ।। वो राया को जल्द से जल्द घर चलने के लिए कहती है , और बिना शॉपिंग किए वहाँ से आ जाती है ।। आश्वी अपनी कार में बैठ चुकी थी , वो खिड़की से बाहर देखते हुए कुछ सोच रही थी ।। आश्वी को याद था की कैसे उसने भी अपनी भाभी के साथ कभी अच्छा व्यवहार नहीं किया ।। जैसा की आश्वी पहले अपनी मॉम के नक्शे कदम पर चलते हुए बिल्कुल दिमागहीन बन चुकी थी , उसने भी आध्या को कभी अपनी भाभी नहीं माना था लेकिन जबकि अब उसका ये पुनर्जन्म था तो उसे काफ़ी रिश्तों के बारे में पता चल चुका था कि कोन उसका अपना है और कोन पराया ।।। आश्वी को ये भी याद है की जब उसे किडनैप किया गया था तो आध्या ने बिना किसी मतलब के उसे ढूँढने की कोशिश की थी ।। भले ही रोहित और आध्या का डिवोर्स हो चुका था फिर भी आद्या ने अपने बॉस के साथ मिलकर उसे ढूँढने की पूरी कोशिश की थी ।। वो अपने मन में सोचती है -- सॉरी भाभी मेरी वजह से आपको कितना कुछ सहना पड़ा , भले ही मैंने कभी आपसे ढंग से बात ना की हो लेकिन मैंने आपको कभी ग़लत भी नहीं बोला । लेकिन मॉम ने आपको बहुत परेशान किया है और इस बार मैं वो गलती नहीं होने दूँगी ।। मैं आपको और भाई को अलग नहीं होने दूँगी ।। मैं आपको आपका हक दिला कर ही रहूँगी ।। ****####**** वही दूसरी तरफ़ आध्या हेरानी से रोहित को देख रही थी , उसने नहीं सोचा था की रोहित उस पर ऐसे शक करेगा । आध्या थोड़ा लड़खड़ाई, जब रोहित ने उसे अपनी ओर खींचा था , वो अचानक से रोहित के सीने से जा लगी ।। लेकिन जल्द ही उसने ख़ुद को सम्भाल लिया और उसे समझने की कोशिश की,-- “मेरा इरादा वीडियो डिलीट करने का नहीं था। वीडियो धुंधला है और वायरस से इंफेक्टेड लग रहा है। मैं बस वायरस को हटाने की कोशिश कर रही थी। please मुझे गलत मत समझो ।” रोहित ने उसे छोड़ दिया, वह उसे काफ़ी समय तक शक की नजरों से देखता रहा, फिर उसने अपना मुँह साइड करते हुए कहा — मैंने मयूर को इसकी जांच करने के लिए कहा था। यहां तक कि एक्सपर्ट्स भी इसे ठीक नहीं कर पाए।” आध्या ने पूरे विश्वास के साथ देखा, —“मैं इसे ठीक कर सकती हूँ।” रोहित अचानक हँस पड़ा ,, वो अपना हाथ हवा में लहराते हुए कहता है — “मजाक मत करो,। तुम कब से इतनी इंटेलीजेंट हो गई हो,वो भी एक्सपर्ट्स से भी ज्यादा? आध्या हम तलाक ले रहे हैं, तुम्हें सच में ऐसा व्यवहार करने की ज़रूरत नहीं है जैसे कि तुम सब कुछ जानती हो या कर सकती हो। क्या तुम हमेशा ये दिखावे का ढोंग करते करते थक नहीं जाती?” आध्या ने उसे घूरकर ।वो हेरान थी की रोहित उसे आख़िर समझता क्या है ? वह शायद ही कभी मुस्कुराता था, लेकिन अब, वो उस पर हस रहा था,, जिससे उसका दिल फिर से बेतहाशा धड़क रहा था। आद्या का दिल सच में बहुत कमज़ोर था ! चाहे उसने उसे कितनी बार भी देखा हो, लेकिन आज उसे इस तरह हसते देख आध्या का दिल फिर से धड़क रहा था। लेकिन फिर तलाक के बारे में सोचते हुए, उसका दिल फिर से टूट गया। लेकिन सबसे ज़्यादा दिल उसका इस बात ने तोड़ दिया की रोहित को उसके बारे में ज़्यादा कुछ पता ही नहीं था या उसने कभी उसके बारे में ज़्यादा जानने की कोशिश ही नहीं की ।। क्या उसकी नज़र में, वह कभी थी ही नहीं?? आध्या बिना एक पल रुके वहाँ से आ जाती है , उसका दिल सच में बुरी तरह टूट चुका था ,उसे यह भी एहसास नहीं हुआ कि वह कब अपने घर लौटआई , वही कुछ देर बाद आश्वी अपने घर पहुँच चुकी थी , रोहित और शालिनी डिनर कर रहे थे ।। आश्वी को देखकर शालिनी खुश होते हुए कहती है —- आश्वी , मेरी बच्ची आ गई ।। आओ बैठो , तुम भी डिनर कर लो ।। आश्वी चेयर पर बैठते हुए हेरानी से उन दोनों को देखती है और कहती है — मॉम , भाभी कहाँ है ?? शालिनी अपना मुँह बनाते हुए कहती है —- जहाँ उसे होना चाहिए था ।। देर से ही सही लेकिन कम से कम वो मनहूस इस घर को छोड़ कर तो गई ।। बहुत जल्द नताशा इस घर की बहू बनेगी ।। आश्वी गुस्से से भड़कते हुए कहती है —- मॉम ये आप क्या कह रही है ? भाभी ये घर छोड़कर चली गई और आप भाई की शादी उस नताशा से करने के किए कह रही है ? और भाई आपको क्या हुआ है ? आप तो भाभी से प्यार करते की थे ना ।। आपने ख़ुद उन्हें चुना था ।। कितना चाहते थे आप उसे ।। फिर अचानक उनसे अलग होने का फैसल क्यों लिया आपने ? रोहित अपना चमच्च प्लेट में रखते हुए कहता है — अश्वि तुम घर पर रहती ही कब हो जो तुम्हें आध्या और मेरे बीच में चल रही बातों का पता हो ।। आध्या ना तो उस घर की बहू बनने लायक थी और ना हो मेरी बीवी ।। मैंने उससे बहुत प्यार किया लेकिन वो सिर्फ मेरी प्रॉपर्टी और यहाँ के ऐशोआराम में जीना चाहती थी ।। कैसा ऐशोआराम भाई ?? मैंने भाभी को कभी आराम करते नहीं देखा ।। मैंने उन्हें सुबह हम सब के लिए ब्रेकफास्ट दोपहर को लंच और शाम को डिनर बनांते हुएदेखा है ।। उसके बाद घर की साफ़ सफ़ाई , फिर हम सब की जरूरतों का ध्यान रखते देखा है ।। आपके पास तो उन्हें कभी बाहर ले जाने का भी वक्त नहीं होता था , आप हमेशा कहीं भी जाते तो सिर्फ अपने दोस्तों के साथ या अपनी फ़िल्म के एक्टर्स के साथ ।। कभी कभी तो आप कई महीनों बाद विदेश से वापस आते हो और भाभी आपके घर का काम और आपके आने का इंतज़ार बस यही करती है ।। भाभी को गए सिर्फ एक दिन हुआ है , और अभी से घर में काम करने वाले नौकर भी वापस आ गए , आपको कुक के हाथ का खाना नहीं पसंद लेकिन अभी आप कुक के हाथ का खाना खा रहे है ।। आश्वि को बोलता देख शालिनी अपनी घबराहट छिपाते हुए कहती है — चुप रहो तुम आश्वी ।। ये क्या तरीका है अपने भाई से बात करने का ? तुमसे बहुत बड़ा है वो ? वो सही ग़लत जनता है । तुम्हें क्या मालूम । रही बात आध्या के खाना बनाने की तो वो अपनी मर्जी से बनती थी । उसे जैसी मिडल क्लास लड़की को आदत थी ये सब काम करने की । और वैसे भी जिंदगी भर उसने उसके अलावा किया ही क्या है ? अगर थोड़ी बहुत पड़ी लिखी होती या उसे लोगो के साथ उठने बैठने का ढंग होता तो रोहित उसे अपने साथ काम पर नहीं ले जाता ।। आश्वी अचानक ही हसने लगती है , वो शालिनी जी का मजाक बनाते हुए कहती है — आध्या भाभी क्या है , आप कभी नहीं जान सकती ।। मैंने भी उन्हें हमेशा ग़लत ही समझा लेकिन अब जब उन्हें जानने लगी हूँ तो बहुत देर हो चुकी है । लेकिन बहाई मैं आपसे एक बात कह दु , की आप आध्या भाभी को छोड़कर बहुत बड़ी गलती कर रहे है क्यूंकि नताशा जैसी दिखती है वैसी है नहीं ।। और आध्या भाभी जितना प्यार आपको कोई नहीं कर सकता ।। रोहित और शालिनी उसकी बात सुनकर हेरान थे , उन्हें समझ नहीं आ रहा था की जिस लड़की को इन सब मामलो में कुछ लेना देना ही नहीं था वो अचानक इतना क्यों बोल रही है ।। आश्वी बिना कुछ खाये वहाँ से अपने रूम में चली जाती है और अपने रूम में जाकर ख़ुद से ही बड़बड़ाए जा रही थी —- ये सब मेरी गलती है ।। मैंने ना जाने कितनी गलतिया की है । लेकिन अब जब मुझे पता है कि मैं ग़लत हूँ तो मैं अपनी गलतिया कैसे सुधारू ?? मैं कैसे सब को बताऊ की नताशा भाई को बेवकूफ बना रही है , कोई मेरी बात पर यकीन नहीं करेगा ।। •••••••••••••••••••••••••••••• डियर रीडर्स प्लीज़ अपने कमेंट करके बताए की आपको स्टोरी कैसी लग रही है ।। और वक्त निकालकर मेरी नॉवेल पड़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।। *•••••
एक बेचैन रात के बाद, आद्या अगले दिन नींद से जागी , वो बेड पर बैठते हुए बहुत ही हेरानी से रूम को देख रही थी , तभी उसे याद आया कि वह घर छोड़कर चली गई थी और अब तलाक ले रही है । हालाँकि उसने खुद को रोहित के बारे में न सोचने के लिए मजबूर किया, लेकिन उसके दिल का दर्द बिल्कुल भी कम नहीं हुआ था; बल्कि, यह बढ़ता ही जा रहा था। वो जल्दी से रेडी होकर बिना कुछ खाये पिए अपने काम के लिए निकल जाती है , आध्या एक कंपनी में इनफार्मेशन सिक्योरिटी इंजीनियर के तौर पर काम करती थी ,, मतलब जब उसने रोहित से कहा की वो वीडियो ठीक कर सकती है, तो वह झूठ नहीं बोल रही थी। वह सबसे पहले अपने बॉस के केबिन में गई , और उन्हें बताया , —सर , मैं काम पर वापस आ गई हूँ।” अर्णव ने उसे बहुत ही प्यार से मुस्कुराते हुए देखा और कहा — congratulations आध्या, वेलकम बैक टू वर्क ।।। थोड़ी बातचीत के बाद, आध्या ने उसे कुछ काम देने के लिए कहा ।। अर्णव ने भी जल्द से जल्द कंपनी के कई अनसुलझे मुद्दे बता दिए। हालाँकि आध्या अभी बहुत कम उमर की थी लेकिन उसमें काम के प्रति बहुत ही बेमिसाल शमताये थी ।। अपनी डिग्री पूरी होने के बाद उसने कंपनी के लिए कई समस्याओं का समाधान किया था। अर्णव भी हमेशा उसे बहुत महत्व देता था । जब उसने शादी की और इस्तीफा दे दिया, तोअर्णव को बहुत पछतावा हुआ। उसने बार-बार उसे काम पर लौटने के लिए मनाने की कोशिश की थी, लेकिन वह एक अच्छी पत्नी बनना चाहती थी, वह अपनी जॉब छोड़कर खाने की अलग अलग रेसिपीज ट्राय करने की कोशिश करती ताकि वह रोहित का दिल जीत सके ।। लेकिन उसे क्या पता था कि आज के जमाने में कोई कितने भी अच्छे तरीके से घर चलाना सीख जाए लेकिन उसकी वहा ज़्यादा कदर नहीं होती ।। वैसे भी जवान लड़किया प्यार में आसानी से छली जा सकती है और अपना कैरीअर नौकरी या पड़ाई छोड़कर किसी भी आदमी पर अंधा विश्वास करके शादी कर लेती है ।। शायद आध्या से भी यही गलती हो गई।। आध्या ने अपने बॉस द्वारा उसे सौंपी गई डिफिकल्ट problems को solve करने की कोशिश की ,, और उसे विश्वास था कि वह उन्हें हल कर सकती है। लेकिन फिर, उसकी नज़र एक वीडियो पर पड़ी। क्या यह वह उसके घर का सीसीटीवी नहीं था जिसे उसने रोहित के विला में देखा था? आध्या ये सोचकर हेरान हो गई की रोहित किस एक्सपर्ट्स की बात कर रहा था , मतलब उसके बॉस ही थे जिनसे वो वीडियो ठीक नहीं हुआ था ।। आध्या ने वीडियो की ओर इशारा करते हुए पूछा, “सर , मैं इसे ठीक कर सकती हूँ , लेकिन इसे ठीक करने की क्या क़ीमत है?” “एक लाख।” आध्या ने तिरस्कार से अपना सिर हिलाया, “बहुत कम है ये ।। आप इसमें एक जीरो और जोड़ दे ” एक मामूली से वीडियो को ठीक करने के लिए कोई इतना पैसा क्यों देगा ,, अर्णव हैरानी से कहता है ? कोई इस मामूली सी वीडियो के ठीक करने के एक लाख भी क्यों देगा अर्णव सर ।।। जरूर ये वीडियो उनके लिए बहुत खास है ।। आप उनसे बात कीजिए।। अर्णव अच्छे से जानता था की वीडियो को दोबारा से ठीक करना वाक्य बहुत मुश्किल था , इसे कोई एक्सपर्ट ही ठीक कर सकता था । और उसके लिए शायद एक लाख काफ़ी कम है ।। लेकिन सीधे एक लाख का दस लाख वो भी बहुत ज़्यादा था ।।। अर्णव ने कुछ सोचते हुए कहा —- ठीक है आद्या मैं उनसे बात करूँगा की क्या वो सच में इतनी क़ीमत दे सकते है या नहीं ।। अर्णव ने जल्दी से उसके सामने एक कॉल किया। “मिस्टर मल्होत्रा , हमारे एक्सपर्ट्स कह रहे है कि वीडियो को दोबारा पाने के लिए उन्हें काफ़ी मेहनत करनी पड़ेगी ।। क्या आप इस वीडियो के लिए दस लाख दे सकते है?? ••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• वही दूसरी तरफ़ --- मल्होत्रा हाउस -- आश्वी आज सुबह उठने के बाद काफ़ी थकी सी लग रही थी , क्यूंकि कल पूरी रात वो ठीक से सो नहीं पाई ।। वो एक ऐसे रहस्य और सच से अकेली जूझ रही थी जिसके बारे में सर्फ वही जानती थी ।। वो ये सच किसी और को कैसे समझा सकती थी ।। और वैसे भी आज के जमाने में उसके सच पर कोन यकीन करेगा ।।। आश्वी अभी नहाकर रेडी ही हुई थी की तभी उसके फ़ोन पर किसी का नंबर का फ़्लैश होता है — वो अद्विक का नंबर देखकर हेरान हो जाती है ,वो कॉल उठाती है तभी दूसरी तरफ़ से आवाज़ आती है —- आश्वी , मुझे पता है कि तुम आज फ्री हो , इसलिए प्लीज़ मना मत करना , मैं तुम्हें आज लंच पर लेकर जाना चाहता हूँ ।। क्या तुम आज आ सकती हो ? आश्वी अपनी आँखे बंद करके कुछ देर तक सोचती है फिर वो मना करने ही वाली थी लेकिन ना जाने क्यों उसे क्या सूझा की उसने हाँ कह दिया ।। आश्वी फ़ोन रखने के बाद अपने मन में सोचती है — जब मैं इसके पीछे भागती थी तो ये मुझे कोई भाव ही नहीं देता था और अब जब मैं इसकी शक्ल तक नहीं देखना छती तो ये अब क्यों मुझे बार बार परेशान कर रहा है ।। कहीं ऐसा तो नहीं की मैं इसे इग्नोर कर रही हूँ और ये बात इसकी ईगो को चोट पहुँचा रही है ।। आश्वी अपने ख्यालों को झटकती है और जल्दी से रेडी होकर चली जाती है ।। दोपहर का वक्त —- आश्वी इस वक्त मुंबई के महंगे और आलीशान होटल में थी , जहाँ अद्विक ने उसे बुलाया था । ये होटल आश्वी के पापा का ही था । आश्वी काफ़ी रिच फ़ैमिली से बिलोंग करती थी जिसके कारण हर कोई उससे दोस्ती करना चाहता था ।। फ़र्क़ सिर्फ़ इतना था की पहले वो थोड़ी झल्ली और घमड़ी थी । लेकिन अब वो काफ़ी समझदार होती जा रही थी ।। साथ ही उसने अपनी मौत को इतने क़रीब से देखा था कि वो जान चुकी थी कि इंसान के हाथ में कुछ भी नहीं है ।। जब किसी पर बुरा वक्त आता है तो ना तो पैसा काम आता है और ना ही अपने ख़ूबसूरत और अमीर होने का घमंड ।। वो बहुत ही बुरी मौत मरी थी , जिसे याद करके उसकी रूह तक काँप जाती है ।। आश्वी राया के साथ जैसे ही होटल के अंदर एंटर करती है ,, वो अद्विक को उसका इंतज़ार करते देख रही थी ।। अद्विक अपने हाथो में रेड रोज़ लिए उसके करीब आता है और उससे कहता है —- सॉरी अश्वि मैंने तुम्हें बहुत इंतज़ार करवाया ,, लेकिन मैं आगे से तुम्हें कभी तकलीफ़ नहीं होने दूँगा ।। अद्विक जैसे ही उसे वो रोज देने लगा उसने अपने गोरे हाथों से अपनी नाक को ढक लिया और बार बार छींकने लगी। राया ने जल्दी से आगे बड़कर रेड रोजेस का बुके पकड़ा और उन्हें डस्टबिन में फेंक दिया। " आश्वी को रेड रोज से एलर्जी है। आपको इसके बारे में पता भी नहीं है, और आप अभी भी कहते हैं कि आप उसे तकलीफ़ नहीं होने देंगे? आपने अभी अभी उससे एक वादा किया और यह भी नहीं पता कि उसे क्या पसंद है। क्या आप उसे बेवकूफ़ बनाने की कोशिश कर रहे हैं?" राया ने आश्वी की बात मानी। अतीत में, जब आश्वी अद्विक को खुश करने की कोशिश कर रही थी, तो राया भी अद्विक की बहुत रिस्पेक्ट करती थी । यह पहली बार था जब उसने अद्विक के साथ इस तरह का व्यवहार किया! अद्विक ने राया को केवल आश्वी के नौकर के रूप में देखा इसलिए उससे उसकी बात का बुरा नहीं माना । उसने अपनी भूरी आँखों से आश्वी को प्यार से देखते हुए कहा —- “आश्वी क्या तुम मुझे तुम्हें जानने का मौका देना चाहोगी?" आश्वी चुप खड़ी थी । उसने अद्विक को जवाब नहीं दिया, लेकिन उसने जल्दी ही वेटर को ऑर्डर लेने के लिए बुलाया । ये होटल बहुत ही एक्सपेंसिव था ,और कहा जाये तो आश्वी इस होटल की ओनर भी थी , उसकी आवभगत के लिए एक से अधिक कई वेटर आकर खड़े हो गए ।। उन्होंने आश्वी को उसकी पसंद ना पसंद बताने के लिए कहा ।। अश्वि ने एक से बड़कर एक एक्सपेंसिव जेपनीज़ और चाइनीज़ फ़ूड ऑर्डर किया ।। जिसे देखकर अद्विक के दिल में गर्व और तिरस्कार की एक झलक दिखाई दी। हाल ही में, उसने बहुत सारी अफ़वाहें सुनी थीं कि आश्वी ने रियान के साथ नज़दीकिया बड़ा ली है शायद इसी वजह से वो उसे हॉस्पिटल देखने भी नहीं आई जबकि उसे हॉस्पिटल भी आश्वि की वजह से ही एडमिट होना पड़ा ।। वह इस पर विश्वास नहीं करना चाहता था। उसके अलावा, कोई और नहीं था जिसे वह पसंद करती थी ! आश्वी काफी सुंदर थी। उसका रंग दूध की तरह सफेद था , उसकी फेमिकी भी काफ़ी रिच और इंडस्ट्री पर राज करती थी ।। बड़े से बड़ा एक्टर उनके बैनर में बनने वाली फ़िल्म में काम करना चाहता था,, अद्विक ख़ुद को बहुत ही हैंडसम और सफल एक्टर समझता था , वो एक प्लेबॉय टाइप का था ।। वो आगे बड़कर आश्वी को परपोज़ नहीं करना चाहता था हालांकि वो उसे पसंद करता था । लेकिन अब जब उसने सुना की आश्वी और रियान करीब आ रहे है तो वो हड़बड़ा गया था ।। आखिरकार, आश्वी उसे पसंद करती थी।अद्विक अच्छी तरह से जानता था आश्वी उसके प्रति कितनी अट्रैक्ट है ।। अद्विक हमेशा से घमंडी और अभिमानी रहा था। वह आसानी से समझ गया था की आश्वी उसे पसंद करती है लेकिन उसने जानबूझकर उससे दूरी बनाई , हालाँकि, आश्वी ने अब तक ना जाने कितने महंगे गिफ्ट उसे दिए , कभी बर्थडे के बहाने कभी किसी फ़िल्म की सक्सेस के बहाने तो कभी और भी कई मोके थे ,, लेकिन अद्विक ने बिना हिचकिचाकट के सारे गिफ्ट एक्सपेक्ट किए ।।हा, लेकिन वो ना लेने की बहुत ही अच्छी एक्टिंग करता था ।। अद्विक के लिए चेहरे पर एक गर्मजोशी भरी मुस्कान थी। "आश्वी , प्लीज़ मुझ पर इतना पैसा बर्बाद मत करो।"" राया के अलावा, कई लोग उन दोनों को देख रहे थे।। जैसे ही इतना सारा खाना उनकी तरफ़ पर आया , अद्विक हैरानी से देखता रह गया ।। वो आश्वी से कहता है — सिर्फ हम दोनों के लिए इतना खाना क्यों ?? आश्वी , माना की तुम बहुत रिच हो लेकिन खाना वेस्ट करना अच्छी बात तो नहीं है ।। आश्वी मुस्कुराते हुए अद्विक को देखती है लेकिन वेटर जैसे ही खाना टेबल पर रखने वाले थे एक छोटा सा सफ़ेद हाथ आगे आया और उसने मना कर दिया ।। अद्विक को कुछ सेकंड के लिए अजीब लगा। लेकिन उसने आगे कहा —कोई बात नहीं आश्वी , अब अगर तुमने ऑर्डर कर ही लिया है तो रहने दो ना ।। आश्वी ने अपनी आँखे झपकाई , और अपना हाथ बाहर की तरफ़ करके इशारा किया —- इस सारे खाने को बाहर कुत्तो को डाल दो ।। हर कोई आश्वी को हैरानी से देख रहा था ।। “अब से,कुत्तो को भी अंदर आने की अनुमति है!” लेकिन अद्विक मल्होत्रा इस होटल में कभी नहीं आना चाहिए ।।जैसे ही आश्वी ने यह कहा, वहाँ का माहौल बहुत ही शांत हो गया ।। हर कोई अविश्वास में आश्वी को देख रहा था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके मुंह से ऐसे शब्द निकले हैं! बेशक, अद्विक सबसे ज्यादा हैरान था। उसकी आईब्रो अचानक सिकुड़ गईं, तभी उसे होटल के मैनेजर की आवाज आई — उसने सम्मानपूर्वक पूछा, “मैडम , क्या आप अद्विक सर का जिक्र कर रही हैं?” “हाँ।” आश्वी की आँखें चमक उठीं और उसके होठों की मुस्कान फीकी पड़ गई।। मैनेजर ने सिर हिलाया। "ठीक है, जैसा आप कहेंगे हम वैसा करेंगे।" मैनेजर में तुरंत अद्विक को जाने का इशारा किया। "अद्विक सर प्लीज़ यहाँ से चले जाये ," अद्विक अपनी जगह से नहीं हिला। बल्कि चेयर पर और भी मजबूत पकड़ बनाकर बैठ गया ।। और उसके हाथ के पीछे की नसें उभर आईं। अद्विक ने आश्वी के कोमल चेहरे को देखा जो धीरे-धीरे गुस्से से लाल होता जा रहा था। एक पल के लिए, ऐसा लगा जैसे वह उसे पहचान ही नहीं पाया। उसने अपने दिल में शर्मिंदगी और गुस्से को दबाते हुए धीरे से कहा, "आश्वि , मुझे पता है कि तुम नाराज़ हो।और अब तुम मेरे साथ मज़ाक कर रही हों।।तुम दो साल से मेरा पीछा कर रही हो।" "तुम्हें मेरा ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करने के लिए में इस तरीके का इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं है। मुझे अभी भी तुम पुरानी वाली आश्वी ही पसंद हो!" -------------------------------------- thank you ♥️♥️
अद्विक ने आश्वी के कोमल चेहरे को देखा जो धीरे-धीरे गुस्से से लाल होता जा रहा था। एक पल के लिए, ऐसा लगा जैसे वह उसे पहचान ही नहीं पाया। उसने अपने दिल में शर्मिंदगी और गुस्से को दबाते हुए धीरे से कहा, "आश्वि , मुझे पता है कि तुम नाराज़ हो।और अब तुम मेरे साथ मज़ाक कर रही हों।।तुम दो साल से मेरा पीछा कर रही हो।" "तुम्हें मेरा ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित करने के लिए में इस तरीके का इस्तेमाल करने की ज़रूरत नहीं है। मुझे अभी भी तुम पुरानी वाली आश्वी ही पसंद हो!" अद्विक के अहंकारी रूप को देखकर, आश्वी ने अपने चेहरे पर से fake smile को दूर कर दिया और उसे अब और छिपाने की जहमत नहीं उठाई। उसकी हिरणी जैसी आँखे उसे घूरकर देख रही थी — "मैं पहले अंधी थी था और एक ऐसे शक्स के पीछे अपना कीमती वक्त बर्बाद कर रही थी जिसे किसी और की फीलिंग्स की कोई परवाह ही नहीं है ।।। मैं तुम्हें पहले नहीं जानती थी , लेकिन अब बहुत अच्छे से जानती हूँ कि तुम आख़िर चाहते क्या हो ! अद्विक का चेहरा ग़ुस्से से लाल हो गया ।।"आश्वी , क्या तुम अपने प्यार के कारण मुझसे बदला ले रही हो?"!" आश्वी ने बोरियत से अद्विक को देखा और वह मंद-मंद मुस्कुराई।" देखो अद्विक , अपने दिमाग़ से ये बात निकाल दो की मैं तुम्हें पसंद करती हूँ ।। मैं तुम्हारी शक्ल भी नहीं देखना चाहती ।। मैं तुम्हें बहुत अच्छे से जान चुकी हूँ कि कैसे तुमने मेरी बेवक़ूफ़ी या ये कहो की मेरे भोलेपन का फ़ायदा उठाया ।। तुम रियान से बेहतर कभी नहीं थे इसलिए तुम ए मेरा यूज़ करके रियान को इंडस्ट्री में बदनाम करने की कोशिश की ।। मेरे जरिए उसके हाथ से प्रोजेक्ट छीनने की कोशिश की ।। ये सुनते ही अद्विक की आँखें चौड़ी हो गईं और उसके माथे की नसें उभर आईं। तुम किस बारे में बात कर रही हो?”” मैंने तुमसे ऐसा कुछ भी करने के लिए नहीं कहा था बल्कि वो तुम ख़ुद थी जो मेरे प्यार में पागल थी और रियान को मेरे रास्ते में आने नहीं देना चाहती थी ।। आश्वी ये सुनकर दंग रह गई —- ये सब तुम्हें कैसे पता अद्विक ?? मैंने तो तुम्हें कभी कुछ नहीं बताया । यानी की तुम पहले से ही सब जानते थे और अब तक अनजान बनने का नाटक कर रहे थे ।। अद्विक के पास शब्द नहीं थे कुछ कहने के लिए, उसे सोचते देख आश्वी कहती है —— सब जानती हूँ मैं की तुम्हें ये सब लावण्या ने बताया । कैसे तुम दोनों मुझे बेवकूफ बनाकर ख़ुद का रास्ता साफ़ कर रहे थे ।।।।। अद्विक ने उम्मीद नहीं की थी कि वह उसे सरप्राइज देने , और उसकी फीलिंग्स को और गहरा करने की कोशिश करेगा, उसके लिए उसने आज सुबह ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज लिया था ।।लेकिन उसे नहीपता था कि आश्वी उसे इस तरह से शॉक देगी ।। उसने न केवल उसकी तुलना एक कुत्ते से की बल्कि बहुत ही बेइज्जती से होटल से निकल जाने के लिए कहा क्यूंकि वो इस होटल की ओनर थी ।। अद्विक की समझ नहीं आ रहा था कि अचानक आश्वी को क्या हो गया या उसका दिमाग़ तो ख़राब नहीं हो गया था।। अब अद्विक का भी धेर्य जवाब दे गया था ,, वो गुस्से से खड़ा होकर अपने दाँत पीसते हुए कहता है —- अपनी हद में रहो आश्वी । तुमने मुझे समझा क्या हुआ है ? एक राह चलता मामूली सा इंसान ।। शायद तुम भूल गई हो की मैं क्या हूँ और मेरी क्या इमेज है ? तुम अद्विक मल्होत्रा को सुना रही हो ? किसलिए और किसके लिए ?आख़िर हो क्या तुम , सिर्फ़ अपने डैड और भाई के दम पर ही उस इंडस्ट्री में हो तुम ?? वरना तुम्हारे जैसी बेवकूफ लड़की को कोई अपनी फ़िल्म में एक छोटा सा रोल भी ना दे ।। अद्विक आश्वी और राया को गुस्से से घूरते हुए वहा से चला जाता है ########**#####******•••• दूसरी तरफ़ अर्णव ने जब उस वीडियो को ठीक करने के दस लाख मांगे तो रोहित भड़क गया , वो कहता है — मैं इस वीडियो को ख़ुद ठीक कर सकता हूँ ।। लेकिन मेरे पास टाइम वेस्ट करने के लिए टाइम ही नहीं है ।। मेरे पास और भी बहुत जरूरी काम है इसलिए मैंने इसे तुम्हें सौंपा था ।। लेकिन कोई बात नहीं अगर तुमसे ये काम नहीं होता तो रहने दो ।। मेरे लिए ये वीडियो इतनी ज़्यादा भी जरूरी नहीं है ।। अर्णव ये सुनकर हेरान हो गया , वह काफी देर तक होश में नहीं आया ।। फ़ोन रखने के बाद, अर्णव ने कहा —- ये वीडियो मिस्टर मल्होत्रा के लिए इतनी भी ज़रूरी नहीं है , उन्होंने इसे ठीक करने के लिए मना कर दिया है ।। आद्या चोंक गई — क्या ?? अर्णव ने नाराज होते हुए कहा — तुमने इस वीडियो की इतनी क़ीमत क्यों लगाई , जबकि मैं जानता हूँ कि ये इसकी असली क़ीमत नहीं है ।। सर ये वीडियो काफ़ी चुनौतीपूर्ण है , इसे ठीक करने के लिए हमे काफ़ी टाइम और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की ज़रूरत पड़ेगी जो काफ़ी महँगी है ।। “बस इतना ही, इन बेकार की बातों में मत पड़ो। अगर तुम इसे ठीक कर सकती हो तो सही है नहीं तो रहने दो ।। आध्या ने बस इतना ही कहा: “ठीक है!” यह सिर्फ़ पैसे की बात नहीं थी, भले ही उसे वीडियो के लिए पैसे न मिले, फिर भी उसे इसे ठीक करना होगा क्योंकि उसकी अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। आध्या ने सब कुछ एक किनारे कर सिर्फ़ उस वीडियो को ठीक करना जारी रखा , क्यूंकि सिर्फ़ एक वही सबूत था जो उसे सही साबित कर सकता था ।। आध्या अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार और मेहनती थी , उसे काम करते हुए कब सुबह से शाम हो गई पता ही नहीं चला ।। वह शाम को ऑफिस से निकलकर अपने घर की तरफ़ जा रही थी ।। वो अभी आधे रास्ते ही पहुँची थी कि उसके सामने से आकर एक गाड़ी रुकती है ।। आध्या उस गाड़ी को देखते ही पहचान लेती है , और अपना मुँह बनाते हुए वहाँ से एक साइड होकर जाने लगती है ।। तभी उसके कानो में एक आवाज आती है — भाभी !! भाभी , रुकिये तो सही , मेरी बात सुनिये ।। आश्वी की बात सुनकर आद्या का मन और भी खट्टा हो गया ।। आश्वी और आध्या के बीच संबंध ऐसे नहीं थे कि वो दोनों एक दूसरे से अच्छे से बात भी करे ।। क्यूंकि इससे पहले आश्वी ने उसे अपनी बड़ी भाभी होने का कोई मान नहीं दिया था ।।लेकिन जब वो अब पूरी तरह से बदल चुकी थी तो वो अपनी गलती सुधारना छाती थी ।। आद्या अपना चेहरा बोरिंग सा बनाते हुए कहती है — मैं अब तुम्हारी भाभी नहीं रहूँगी ।। और शायद तुम्हें ये जानकर बहुत ख़ुशी हो की अब तुम्हारी भाभी नताशा बनने वाली है । बेहतर होगा की अब हम एक दूसरे से ना ही मिले । क्यूंकि मैं नहीं चाहती की हम दोनों का रिश्ता भी तुमहरी माँ और भाई जैसा नफ़रत भरा हो ।। आध्या की आँखो के कोने भीग गए थे ।। वो वहाँ से जाने ही वाली थी की आश्वी उससे माफ़ी माँगते हुए कहती है —- प्लीज़ भाभी मुझे माफ़ कर दो ।। मैंने अब तक आपसे जैसा भी बर्ताव किया वो सब मेरी नादानी थी । मेरी बेवक़ूफ़ी या ये समझ लीजिए कि मुझे दुनिया की समझ ही नहीं थी ।। अब जब मुझे कुछ समझ आ रहा है तो सब कुछ बिखर चुका है । प्लीज़ भाभी हमारे घर को बिखरने से बचा लो ।। अगर आप चली गई तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा ।। वो नताशा भाई को बर्बाद कर देगी । ये सुनते ही आध्या हैरानी से पलटकर आश्वी को देखती है , और हैरानी से कहती है — क्या कहा तुमने ?? तुम ये सब क्यों कह रही हो ? आश्वी की समझ नहीं आ रहा था कि बो कैसे समझाये , वो आगे कहती है — प्लीज़ भाभी मैं अभी आपको कुछ भी समझा नहीं सकती , वक्त आने पर मैं आपको सब कुछ बता दूँगी । आप प्लीज़ मेरी बात मानिए । और मेरे साथ चलिए ।। आश्वी उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती अपनी कार में बैठने के लिए कहती है ,— प्लीज़ भाभी आप मेरे साथ दादी के घर चलिए ।। दादी आपसे मिलना चाहती है ।। दादी माँ का जिक्र होते ही आध्या एक दम ख़ामोश हो जाती है , रोहित के बाद सिर्फ़ दादी ही तो थी जो आध्या से सबसे ज़्यादा प्यार करती थी । आध्या चुपचाप गाड़ी में बैठ जाती है , आश्वी आद्या को कुछ ना बोलता देख कहती है — मैं जानती हूँ भाभी आपको मुझपर विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन मैं सच में बदल गई हूँ । और मैं आपसे वादा करती हूँ कि मैं आपको और भाई को अलग नहीं होने दूँगी ।। प्लीज़ आश्वी , तुम्हें मेरी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है , क्यूंकि मैं ऐसे आदमी के साथ बिल्कुल नहीं रहना चाहती जो शादीशुदा होते हुए भी किसी और के साथ संबंध रखता हो ।। आश्वी कुछ नहीं बोलती और चुपचापा अपने फ़ोन में कुछ टाइप करने लगती है ।। कुछ ही देर में दोनों दादी माँ के घर पहुँच चुकी थी ।। दादी माँ आश्वी और आध्या को एक साथ देखकर बहुत ख़ुश थी ।। आध्या आगे आकर दादी माँ के पैर छूती है , तभी उसकी नज़र सामने डाइनिंग टेबल पर पड़ती है , जहाँ उसके चाचा ससुर रुद्र के साथ रोहित भी बैठा था ।। , आध्या हेरानी से उसे देखती है तभी निशा आगे आकर आध्या को डिनर के लिए इन्वाइट करती है ।। महक भी आध्या को देखकर खुश हो जाती है ।। दोनों एक दूसरे से ऐसे गले मिल रही थी जैसे कि वो दोनों एक दूसरे के बिना कितनी अधूरी हो ।। महक और आद्या की बांडिंग को देखकर आश्वी को थोड़ी जलन होती है क्यूंकि आध्या उसकी सगी भाभी थी लेकिन फिर भी वो महक के ज़्यादा क़रीब थी ।। लेकिन इसमें गलती भी उसकी ही थी ।। सब लोग हसी ख़ुशी डिनर कर रहे थे , रोहित की नज़रे बार आध्या पर थी , उसे आध्या इस वक्त बहुत ही मासूम और प्यारी लग रही थी ।। डिनर होने के बाद कुछ ही देर में, दादी माँ ने निशा को आद्या को देने के लिए कुछ गिफ्ट लाने के लिए कहा । आध्या ने भी मना नहीं किया, उसने उन सभी को स्वीकार कर लिया। अचानक, रोहित बोल पड़ा , “तुम्हें वाकई कोई हिचक नहीं है, यहाँ तक कि तुम दादी के पुश्तैनी नेकलेस को भी मना नहीं कर रही हो ।।।” आद्या ने हड़बड़ाते हुए कहा, “दादी, ये नेकलेश …” दादी माँ ने मुस्कुराते हुए उसका हाथ थपथपाया, “वाकई, यह पुश्तैनी नेकलेस है। यह मुझे तब दिया गया था जब मेरी शादी मल्होत्रा परिवार में हुई थी। परंपरा के हिसाब से, यह घर की बड़ी बहू को दिया जाता है। मैंने इसे रोहित की माँ को नहीं दिया , क्यूंकि शालिनी ने कभी भी एक बहू होने का फ़र्ज़ ठीक से नहीं निभाया और निशा को मैं इसलिए नहीं दे पाई क्यूंकि मैं उसे देकर दोनों बहुओं में कोई भेदभाव नहीं करना चाहती थी ।। और मुझे निशा पर गर्व है कि उसे भी कोई आपत्ति नहीं है ।।इसलिए मैं इसे सीधे तुम्हें दे रही हूँ क्यूंकि अगली पीड़ी की बड़ी बहू तुम हो ।।” आद्या हैरान रह गई और उसने जल्दी से नेकलेस वापस कर दिया, “यह बहुत कीमती है, मैं ये नहीं ले सकती ।। दादी माँ ने नेकलेस उठाया और उसे खुद पहनाया, "तुम मेरे द्वारा दिए गए दूसरे गहनों को मना कर सकती हो, लेकिन तुम्हें यह स्वीकार करना होगा। तुम मल्होत्रा परिवार की बहू हो , यह नेकलेस तुम्हारे लिए ही था। देखो, यह तुम पर कितना जंच रहा है, जैसे कि यह तुम्हारे लिए ही बनाया गया हो।" पहले, भले ही वो इस गिफ्ट को एक्सेप्ट कर लेती, लेकिन अब उसे इसे स्वीकार करने का अधिकार नहीं था। आध्या को हिचकिचाते हुए देखकर आश्वी ने जल्दी से आगे बड़ कर कहा — हाँ भाभी ये आप पर बहुत अच्छा लग रहा है ।। सच में ये आपके लिए ही बना है ।। उसने रोहित की ओर देखा, जिसने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया , आध्या दादी माँ को अभी अपने तलाक के बारे में बता कर उदास नहीं करना चाहती थी ।।इसलिए वह चुप रही ।। डिनर के दौरान, रोहित को एक कॉल आया और वह जल्दी से उठकर खड़ा हो गया , फिर उसने आश्वी की तरफ़ देखकर कहा —- आश्वी आज तुम फ्री थी लेकिन कल सुबह तुम्हें जल्दी उठना है क्यूँकि शूटिंग के लिए तुम्हें दूसरे शहर जाना है ।।मेरे साथ घर चलो । आश्वी जाना नहीं चाहती थी लेकिन उसे सच में सुबह जल्दी जाना था और पैकिंग भी करनी थी ।। वो दोनों वहा से चले गए ।। कॉल के दौरान उसकी आवाज़ की सॉफ्टनेस से आध्या ने अंदाजा लगाया कि यह नताशा थी जिसने कॉल किया था। वह केवल नताशा से बात करते समय ही इतने प्यार से बात करता था। उसका दिल बहुत परेशान था, लेकिन वह मुस्कुराती रही , और चुपचाप बैठी रही ।।। हालाँकि, दादी माँ और चाचा चाची को बेवकूफ़ बनाना आसान नहीं था। दादी माँ ने आद्या से पूछा —- आध्या , तुम्हारे और रोहित के बीच सब ठीक तो है ना ।। तुम दोनों ने एक दूसरे से बात भी नहीं की ।। क्या तुम्हारी लड़ाई हुई है ।। आध्या दादी माँ के सवाल पर लगभग रो पड़ी। दादी माँ उससे बहुत प्यार करती थी। यहाँ तक कि जब उसके और रोहित के बीच कोई झगड़ा होता था, तो वह मान लेती थी कि रोहित ने ही उसके साथ गलत किया है। “दादी।” आध्या ने अपनी नम आँखों से कहा: “हम डिवोर्स लेने जा रहे हैं।” “क्या?”रुद्र और निशा हैरान हो गए ।। दादी माँ चौंक कर उठ खड़ी हुई, “क्या हुआ है ?” “ नताशा उसके बच्चे की माँ बनने वाली है।” दादी माँ एक पल के लिए अपनी जगह जम गई, फिर वो अपने होश में आकर गुस्से से बोली, — इतना बड़ा धोखा !! अब मेरी समझ में आया कि वो इतनी जल्दी में क्यों चला गया ।।" उसने आध्या का हाथ पकड़ा और उसे लिविंग रूम में सोफे पर वापस ले गई, "बेचारी बच्ची, तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है। यह सब मल्होत्रा परिवार की गलती है कि उसने अपने बेटे की सही परवरिश नहीं की। वह बहुत बड़ा बेवकूफ़ था जिसने तुम्हारे साथ अन्याय किया।मैं उसे समझाऊँगी और उसकी गलती की सजा भी दूँगी ।बेटा रोहित की तरफ़ से , मैं तुमसे माफ़ी मांगती हूँ।" "निश्चिंत रहो, मैं शालिनी और रोहित से बात करूँगी ।। मैं ये भी जानती ही की शालिनी नताशा को अपनी बहू बनाकर बहुत ख़ुश होगी क्यूंकि वो उसकी सहेली की बेटी जो है । तुम लोग निश्चित रूप से तलाक नहीं लोगे। तुम इस परिवार की बहू हो और हमेशा रहोगी ।" आश्वी ने आज सुबह ही फ़ोन करके बताया था की तुम्हारे और रोहित के बीच कुछ ठीक नहीं है लेकिन उसने ये नहीं बताया कि बात इतनी आगे बड़ चुकी है ।। वो तुम दोनों को एक साथ देखना चाहती है ।। आश्वी की बात सुनकर आद्या हेरान हो गई ।।वो अपने आंसू पोंछते हुए कहती है —- उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है दादी , वो तो मुझसे अच्छे से बात भी नहीं करती ।। नहीं बेटा उसे फ़र्क़ पड़ता है , वो पता नहीं कैसे लेकिन बहुत बदल चुकी है । उसने तुम्हारे और रोहित के बीच सुलह कराना चाह इसीलिए तुम दोनों को आज यहाँ बुलाकर वो तुम दोनों को एक साथ बात करने का मोका देना चाहती थी , लेकिन हम आगे कुछ बातचीत कर पाते रोहित उससे पहले ही चला गया ।। तुम चिंता मत करो मैं रोहित को तुमसे तलाक नहीं लेने दूँगी ।। •••••••••••••••••••••••••• thankyou ♥️♥️♥️
आश्वी ने आज सुबह ही फ़ोन करके बताया था की तुम्हारे और रोहित के बीच कुछ ठीक नहीं है लेकिन उसने ये नहीं बताया कि बात इतनी आगे बड़ चुकी है ।। वो तुम दोनों को एक साथ देखना चाहती है ।। आश्वी की बात सुनकर आद्या हेरान हो गई ।।वो अपने आंसू पोंछते हुए कहती है —- उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है दादी , वो तो मुझसे अच्छे से बात भी नहीं करती ।। नहीं बेटा उसे फ़र्क़ पड़ता है , वो पता नहीं कैसे लेकिन बहुत बदल चुकी है । उसने तुम्हारे और रोहित के बीच सुलह कराना चाह इसीलिए तुम दोनों को आज यहाँ बुलाकर वो तुम दोनों को एक साथ बात करने का मोका देना चाहती थी , लेकिन हम आगे कुछ बातचीत कर पाते रोहित उससे पहले ही चला गया ।। तुम चिंता मत करो मैं रोहित को तुमसे तलाक नहीं लेने दूँगी ।। आध्या ने अपना सिर हिलाया और अपने गले से हार निकाल कर बॉक्स में रखते हुए कहा —: “दादी, जो हो गया सो हो गया। रोहित उससे प्यार करता है, मुझसे नहीं। अगर मैं खुद को रोहित के साथ रहने के लिए मजबूर भी करूँ, तो भी मैं खुश नहीं रहूँगी। मैं यह नेकलेस आपको वापस कर रही हूँ ।।मैं इसे एक्सेप्ट नहीं कर सकती ,। लेकिन इसजे आलावा आप मुझे जो भी देंगी मैं मना नहीं करूँगी ।” दादी माँ ने जबरदस्ती बॉक्स आध्या के हाथ में थमा दिया —“मेरा दिया गया उपहार तुम्हारे लिए एक आशीर्वाद है। अगर तुम इसकी कद्र नहीं करती हो, तो ठीक है , तुम इसे फेंक सकती हो या किसी को दे सकती हो । लेकिन इसे पहनने का हक सिर्फ़ तुम्हें है ।। तुम्हारे अलावा और कोई उसके लायक नहीं है ।। आध्या को समझ में नहीं आ रहा था कि वो कैसे मना करे ।- हालाँकि, दादी ने नेकलेस के बारे में ज़्यादा बात ना करते हुए उसके सर को प्यार से सहलाते हुए कहा —: “आध्या , मुझे सच बताओ, क्या तुम्हारे मन में अभी भी रोहित के लिए फीलिंग्स हैं? भले ही तुम उससे नफ़रत करती हो,लेकिन कहीं ना कहीं तो उसके लिए फीलिंग्स होंगी ना!!! आध्या ना कहना चाहती थी लेकिन उसके मुंह से कोई शब्द नहीं निकला ,, क्यूंकि कहीं ना कहीं उसके दिल में अभी भी रोहित के लिए फीलिंग्स थी।। लेकिन उसे ख़ुद पर पूरा भरोसा था कि वो वक्त के साथ साथ उसे पूरी तरह से भूल जाएगी और एक नया जीवन शुरू कर पाएगी। उसे अपनी पूरी लाइफ रोहित के लिए बर्बाद करने की ज़रूरत नही थी।। मुझे माफ कर दो बेटा , मैं चाहकर भी तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती ।। नहीं दादी आप प्लीज़ ख़ुद को कोई दोष मत दीजिए ।। इसमें आपकी क्या गलती है ।।। “आध्या , क्या तुम रोहित को एक और मौका दे सकती हो? मैंने रोहित को बड़ा होते देखा है। वह अपनी माँ जैसा नहीं है। वह अपनी फीलिंग्स को अपने तक ही सीमित रखता है और कम बोलता है। मुझे उससे बात करने दो; मुझे यकीन है कि उसके मन में भी तुम्हारे लिएगहरी फीलिंग्स है बस उसे उन्हें कहने का एक तरीका चाहिए।” आद्या ने दर्द से अपना सिर हिलाया, उसके चेहरे पर आँसू बह रहे थे: “दादी, नहीं, उसके साथ मेरा रिश्ता खत्म हो गया है। आपको उससे बात करने की ज़रूरत नहीं है। मैं सच में उससे तलाक लेना चाहती हूँ।” दादी माँ की आँखें धुंधली हो गईं, लेकिन उन्होंने फिर भी कहा, “जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला मत लो। घर जाओ और सोचो। कुछ दिनों तक ख़ुद को वक्त दो और सोचो की आख़िर गलती कहाँ हुई है ?" ठीक है दादी , जैसा आप कहे ।”आद्या थोड़ी देर तक दादी माँ के साथ बैठी रही फिर कुछ देर बाद वो अपने गिफ्ट्स लेकर वहाँ से चली गई ।। क्या उसे फिर से सोचना चाहिए?और रोहित को माफ कर देना चाहिये , नहीं , बिल्कुल भी नहीं वह ऐसा नहीं करेगी। उसने पहले ही रोहित को छोड़ने का मन बना लिया था। अगले दिन —— सुबह —- सुबह ब्रेकफास्ट के वक्त रोहित रोहित दादी माँ से मिलने आया ।। क्यूंकि आज सुबह उन्होंने ने ही जल्दबाजी में उसे बुलाया था ।। जैसे ही उसने लिविंग रूम में कदम रखा, एक चाय का कप उसकी ओर उड़ता हुआ आया। रोहित देखकर हेरान हो गया और जल्दी से साइड हट गया और कप नीचे फर्श पर गिर कर टूट गया। उसने दादी की ओर देखा: “आपने मुझे इतनी सुबह सिर्फ इसलिए बुलाया, ताकि आपके पोते का सिर फट जाए?” कप टूटने की आवाज से निशा और रुद्र भी हेरान हो गए और उन्होंने जल्दी से उस तरफ़ देखा जहाँ रोहित खड़ा था ।। रुद्र दादी माँ से कहता है — माँ ये क्या किया आपने । दादी माँ अपने हाथ से इशारा करते हुए चुप रहने के लिए कहती है ।। दादी माँ भड़क उठी: “तुम बेशर्म कहीं के , कल रात डिनर के बीच में ही उठकर चले गए , और, अपनी पत्नी को यही छोड़ दिया।आख़िर ऐसी कोन सी लड़की को तुमने प्यार के जाल में फसा रखा है ।। “आह, उसने आपको बताया होगा की हम डिवोर्स लेने वाले हैं।” दादी माँ गुस्से उबल रही थी: “मैंने तुमसे पूछा था कि तुमने किस बेशर्म को अपने प्यार के जाल में फसाया है ,,तुम्हारे तलाक के बारे में नहीं!” रोहित ने अपनी आईब्रो सिकोड़ीं: “please दादी , ऐसे शब्दों का इस्तेमाल मत कीजिए उसका नाम नताशा है। वह मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है और उसे प्रेगनेसी के कारण कुछ प्रॉब्लम्स हो रही थी इसलिए मैं उसे देखने गया था।” दादी माँ ने उस पर एक और कप फेंका, उनके चेहरे पर सदमे और गुस्से का मिश्रण था: “क्या तुम पागल हो गए हो? तुम्हारी इतनी अच्छी और सुंदर बीवी है, तुमने उसके साथ ऐसा क्यों किया ।। तुम्हारी शादी को एक साल भी पूरा नहीं हुआ और तुम किसी और के लिए आध्या बको छोड़ रहे हो ।। इस बार, रोहित पीछे नहीं हटा जिससे कप सीधा उसके सर पर जाकर लगा और खून निकलने लगा ।।। रोहित को अंदर से तेज दर्द महसूस हुआ, फिर भी उसकी आँखों में बर्फ की तरह ठंडक थी, उसने ऐसे रियेक्ट किया जैसे कुछ हुआ ही ना हो।। यह देखकर कि रोहित इस बार साइड नहीं हुआ और उसके माथे से खून बह रहा है , दादी माँ को तुरंत पछतावा हुआ कि उसने उसे बहुत जोर से मारा। फिर भी उन्होंने गुस्से से कहा —- तुमने ख़ुद आद्या को पसंद किया था रोहित । वो तुमसे बहुत प्यार करती हैब, प्लीज़ उसका दिल मत तोड़ो ।। तुम आध्या से कहो की उसके आगे बहुत लंबी जिंदगी पड़ी है , वो अपना एबॉर्शन करवा कर अपनी लाइफ में आगे बाद सकती है ।। तुम बोलो उसे की वो इस बच्चे को जन्म ना दे ।। निशा और रुद्र दादी माँ की बात सुनकर हेरान थे ।। रुद्र आगे आकर कहता है — माँ ये आप क्या बोल रही है ? इसमें उस मासूम बच्चे की क्या गलती है ? दादी माँ अपने सर पर हाथ रखकर सोफे पर निढाल सी बैठ जाती है और कहती है — पता नहीं मैं क्या बोल रही हूँ लेकिन इस लड़के की वजह से कई जिंदगिया ख़राब हो जायेंगी । हमारे घर का मान सम्मान मिट्टी में मिल जाएगा ।। इस लड़के ने तुम्हारे पापा का नाम मिट्टी में मिला दिया ।। मेरे बेटे की आत्मा को शांति कैसे मिलेगी जब वो देखेगा की उसके बेटे की वजह से उसका कमाया हुआ नाम उसकी इज्जत पर लोग उँगलिया उठायेंगे ।। बाद दादी , मुझे दुनिया की परवाह नहीं है , मुझे सिर्फ़ मेरे बच्चे और नताशा की फ़िक्र है , बेहतर होगा की आप अब कुछ ना ही बोले ।। ” और आध्या के बारे में? क्या उसे तुम दोनों की गलती की कीमत चुकानी पड़ेगी ? क्या तुमने उसकी भावनाओं के बारे में सोचा है?” रोहित काफ़ी देर तक चुप रहा , “मैं उसे मुआवजा दूँगा ।” “कोई भी मुआवज़ा तुम्हारी जगह नहीं ले सकता! अगर तुमने आध्या को तलाक देने की हिम्मत की, तो तुम अब मेरे पोते नहीं रहोगे!” “क्या आपने कभी सोचा है कि आध्या मुझे डाइवोर्स देने के इतनी आसानी से किसे मान गई? वह सिर्फ़ पैसे के लिए मल्होत्रा परिवार में दिखावा कर रही है।” दादी ने बेचारगी से रोहित को देखा —"सिर्फ़ इसलिए कि तुम उसकी परवाह नहीं करते, इसका मतलब यह नहीं है कि वह तुम्हारे बारे में वैसा ही महसूस करती है! आध्या ऐसी लड़की नहीं है जो पैसे का लालच करे ।। "वह है। उसने आपको भी धोखा दिया। अगली बार, उसे ऐसे कीमती जेवर मत देना। वह अपने पापा कर्ज चुकाने के लिए इसे बेच सकती है।" "मैंने उसे जो चीज़ें दी हैं, उनके साथ वह जो भी करती है, वह उसकी मर्जी है! मेरा मानना है कि ऐसा नहीं है आध्या ने मुझे धोखा दिया, बल्कि नताशा ने तुम्हें धोखा दिया! तुम्हें उससे बचना चाहिए ।। एक दिन वो दोनों माँ बेटी मिलकर तुझे ही बेच देंगी ।। "मुझे बेचने वाला कोई भी अभी तक पैदा नहीं हुआ है!"रोहित की cold voice लिविंग रूम में गूंज उठी। वो आगे कुछ कहता रोहित का फ़ोन फिर से बज उठा। उसने उस पर नज़र डाली और कहा, दादी मुझे हॉस्पिटल जाना होगा । उसे मेरी ज़रूरत है ।। कहते हुए रोहित जल्दी से हॉस्पिटल की तरफ़ चला गया ।। " जब वह अस्पताल आया और वार्ड में दाखिल हुआ, तो शालिनी पहले से ही वहाँ मौजूद थी, नताशा से खुशी-खुशी बातचीत कर रही थी, जिसे कोई ख़ास प्रॉब्लम नहीं दिख रही थी। रोहित ने हैरानी से पूछा , "मॉम , आप यहाँ कैसे ?" "मैं नताशा से मिलने आई थी । मैंने सुना है कि आध्या की वजह से इसका मिसकैरेज होने वाला था। सच में वो लड़की बहुत ही घटिया है ।।तुम्हें उससे जल्दी से जल्दी तलाक ले लेना चाहिए ताकि वह तुम्हारे बच्चे को नुकसान न पहुँचा सके!" " "तुम्हारे सर से खून क्यों बह रहा है? तुम्हें किसने मारा? आध्या ? ? उसने तुम्हें इतनी ज़ोर से क्यों मारा?" शालिनी ने रोहित के पास आते हुए कहा ।। "उसने नहीं, मैं गलती से किसी चीज़ से टकरा गया था।" "अब भी तुम उसका बचाव कर रहे हो? उसने तुम्हें मारा, और तुम उसे बचा रहे हो?" "सच में माँ , ये वह नहीं थी।" मैं तो उससे आज मिला भी नहीं ।। , "जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ जो तुमहरे जख्म पर बैंडेज करे।"रोहित ने सिर हिलाया और डॉक्टर को खोजने के लिए वार्ड से बाहर निकल गई। वार्ड में केवल शालिनी और नताशा ही रह गई थीं। उसने नताशा के पेट को देखा और धीरे से कहा, " तीन महीने हो गए हैं, अब बस वो लड़की रोहित को डिवोर्स दे दे ताकि मैं तुम्हारी जल्द से जल्द शादी करवा सकू ।। नताशा थोड़ी असहज थी, "आंटी क्या उसे कोई शक होगा?" शालिनी मुस्कुराई —उसे यह भी याद नहीं होगा कि वह तुम्हारे साथ सोया था या नहीं।" फिर उसे ये कैसे पता चलेगा की तुमने ही उसकी ड्रिंक में नशे दी दवा मिलाई थी।। “मैं जानती हूँ, आंटी । लेकिन कभी कभी डर लगता है की अगर रोहित को सच पता चल गया तो ।। शालिनी के हाव-भाव ठंडे हो गए, "तुम्हें किस बात का डर है? जब तक मैं यहाँ हूँ, उसकी लाइफ़ में सिर्फ़ तुम ही रहोगी। कोई दूसरी औरत उसकी लाइफ में नहीं आ सकती ।। !, तुम्हें सिर्फ़ अपने बच्चे के बारे में सोचना है , किसी और चीज़ की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है!" नताशा ने तुरंत जवाब दिया, "हाँ, जब तक आप मेरे साथ है, मुझे कोई डर नहीं है।" "थैंक यू , आंटी । मैं आगे भी आपकी हर बात मानूँगी ." —————-
अद्विक की कल बहुत ज़्यादा बेइज्जती हुई थी, उसका हैंडसम चेहरा गुस्से से लाल और पीला होता जा रहा था ।।। उसे कभी भी इस तरह का अपमान और शर्मिंदगी नहीं झेलनी पड़ी थी! पहले, आश्वि उसे इम्प्रेस करने की पूरी कोशिश करती थी। वह सावधान रहती और कुछ भी ऐसा नहीं कहती थी जो अद्विक को बुरा लगे ।। लेकिन आज, उसने बहुत ही बेरहमी से उसके अभिमान को कुचल दिया था! उसे चोट गई थी। वो भी आश्वी की वजह से ।। लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल में रहने के दौरान, वह एक बार भी उससे मिलने नहीं गई थी। उसने कभी भी उसके कॉल या मैसेज का जवाब नहीं दिया था। उसे लग रहा था कि कुछ गड़बड़ है। हालाँकि, वह दो साल से उसका पीछा कर रही थी। उसके लिए उसे नापसंद करना इम्पॉसिबल था ।। कुछ तो हुआ होगा! अद्विक सोचते सोचते पागल हो रहा था ।।। कुछ ही देर में अद्विक एक कैफ़े पहुंचता है ।। उसके जाने के कुछ देर बाद ही लावण्या वहाँ आ गई।।, लावण्या अपना हैंड बैग टेबल पर रखते हुए उससे कहती है —— क्या हुआ अद्विक ? आपने मुझे इतनी जल्दबाजी में क्यों बुलाया ।। अद्विक कुछ नहीं बोलता , लेकिन उसके चेहरे से लग रहा था कि वो बहुत गुस्से में है , उसने धीरे से पूछा—-"क्या तुम आश्वी को सरप्राइज देने नहीं गए थे?" लेकिन अब ऐसा लग रहा है जैसे तुम बहुत गुस्से में हो ?? आश्वी की तरह लावण्या भी अद्विक को बहुत पसंद करती थी ।अद्विक और लावण्या दोनों ही एक-दूसरे के बारे में अच्छी धारणा रखते थे, लावण्या आश्वी से जूफी हर बात अद्विक को बताती थी , वो बस अद्विक को इम्प्रेस करना चाहती थी , उसने कभी नहीं सोचा था की अद्विक जैसा हैंडसम और एक सक्सेसफुल एक्टर उसका कभी बॉयफ्रेंड भी बन सकता है ।।।। अद्विक उससे कहता है —"आश्वी को अचानक क्या हुआ है ? वो इतनी कैसे बदल गई ।। अद्विक ने अपनी रेस्टोरेंट में हुई इंसल्ट के बारे में सोचकर अपने दाँत पीस लिए। लावण्या ने धीरे से अपने होंठ काटे, उसकी आँखें दुख से भर गईं— वह सच में बहुत बदल गई है। अब, वह मेरी भी बात नहीं सुनती।’ बल्कि उसने मुझसे भी अपनी दोस्ती तोड़ ली है , और मुझे उससे दूर रहने के लिए कहा है ।। अद्विक हेरानी से कहता है — “क्या तुम्हें पता है कि वह क्यों बदल गई?”” “रियान कपूर की वजह से ” “रियान कपूर ?” अद्विक हैरान था । लावण्या ने अपना सिर हिलाया। “ How is possible?” वह रियान जैसे लोगों से सबसे ज़्यादा नफ़रत करती है। वह मेरे लिए रियान के ख़िलाफ़ जा रही थी!” लावण्या को सच में नहीं पता था कि आश्वी अचानक क्यों बदल गई, लेकिन उसे यकीन था कि आश्वी अब अद्विक को पहले जितना पसंद नहीं करती थी! “देखो अद्विक माना की रियान थोड़ा cold hearted इंसान है है, लेकिन इंडस्ट्री की कई हीरोइन्स उस पर मरती है ।। कई उसके साथ काम करने के लिए तरस रही है ।।। मुझे तो लगता है कि उसके साथ काम करते-करते वो भी उसे पसंद करने लगी है । अद्विक हैरान रह गया ।रियान की वजह से आश्वी इतनी बदल गई थी? हालाँकि अद्विक को आश्वी कुछ ख़ास पसंद नहीं थी, लेकिन वह उसे कभी भी अपना दिल बदलने नहीं देगा, न ही वह उसे रियान के बहुत करीब आने देगा! वह गुस्से से कहता है —“अगर वह आश्वी को मुझसे छीनना चाहता है, तो देखते हैं कि वह ये कैसे करता है??मैं उस रियान को कभी जीतने नहीं दूँगा ।।। अद्विक गुस्से से उठकर वहाँ से चला जाता है ।। लावण्या अच्छी तरह जानती थी कि अद्विक के पास आश्वी से चिपके रहने का एक और मकसद था। वो आश्वि के सहारे लंबे समय तक इंडस्ट्री में बने रहना चाहता था ।। क्यूंकि उसके भाई की बहुत ही बड़ी प्रोडक्शन कंपनी थी , उन्होंने। कई नए एक्टर्स को स्टार बनाया था ।। पहले लावण्या को इससे कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ता था लेकिन जबसे आश्वी उन दोनों से दूर हुई तो उसे भी अपने कैरीअर की चिंता होने लगी थी ।। ख़ासकर तब से जब से उसने वो भयानक सपना देखा था ।। वो सपना लावण्या को बहुत परेशान कर रहा था ।। इसीलिए , वह बस रियान का ध्यान आकर्षित करना चाहती थी और उसे अपने प्यार में डालना चाहती थी। flash back-- कुछ दिन पहले —— कुछ समय पहले, उसने बहुत ही भयानक सपना देखा था ।। उस सपने में, एक साल बाद, अद्विक और उसकी शादी एक अनजान आदमी द्वारा बर्बाद कर दी गई थी। वो और अध्विक खून से लथपथ नीचे ज़मीन पर पड़े थे और अपनी जान की भीख माँग रहे थे ।।लावण्या जब अपनी आखिरी साँस ले रही थी, तो उसके सामने एक परछाई दिखाई दी। उसने धीरे से अपना सिर ऊपर उठाया और एक हैंडसम ,और गुस्से से भरा हुआ चेहरा देखा। “ रियान कपूर”!!!!!!!! सपने में, उस आदमी ने एक महंगी ब्लैक शर्ट और हाथ में महँगी घड़ी पहनी हुई थी। उसने साफ़ साफ़ देखा था कि काले कपड़े पहने कुछ लोग उसके पास आ रहे हैं और उसे सम्मानपूर्वक बॉस कहकर बुला रहे हैं। उसने अद्विक और लावण्या को मरने के लिए छोड़ने से पहले उन पर एक ठंडी, उदास और तिरस्कार भरी नज़र डाली। ऐसा लग रहा था जैसे वे उन्हें सिर्फ़ अपनी आँखो से ही जला कर भस्म कर देगा । सपने में वह सीन इतने रियल थे कि लावण्या को यकीन ही नहीं हुआ कि यह सिर्फ़ एक सपना था! लावण्या अपनि सोच से बाहर आती है और अपना पसीना पोंछते हुए एक गहरी साँस लेती है ।। तब से अब तक लावण्या कुछ भी नहीं समझ पा रही थी की ये सब सिर्फ़ एक सपना था या उसका अतीत ।। या आश्वी का का बदलाव उस सपने से जुड़ा हुआ हो सकता है? यह अफ़सोस की बात थी कि उसने सिर्फ़ शादी के बारे में सपना देखा और उसे नहीं पता था कि उससे पहले क्या हुआ था। क्यों रियान उसे मारना चाहता था ।। और वो अद्विक से शादी क्यों कर रही थी ।। उसे कुछ याद नहीं था ।।। उसे विश्वास था कि रियान उससे प्यार करने लगेगा!इसलुए उसने रियान के करीब भी आने की कोशिश की लेकिन रियान ने उसे अपने आस पास भी नहीं भटकने दिया ।। आद्या अपने ऑफिस में थी ।।उस पल को याद करते हुए की उसके डैड को पेसो की सख्त जरूरत है , वो कुछ सोचते हुए अपनी सेविंग्स में से कुछ पैसे अपने डैड को भेज देती है लेकिन उसके कुछ लाख करोड़ो के कर्ज को उतार नहीं सकते थे ये सोचते हुए वो थोड़ी उदास हो गई।। आध्या अपने ख्यालों को झटककर फिर से काम में लग गई ।। कुछ और घंटों की मेहनत से उसने वो वीडियो बिल्कुल ठीक कर दिया और जल्दी से अपने बॉस को बताया ।। अर्णव को विश्वास था की आध्या ये वीडियो ठीक कर देगी उसने उसे शाबाशी देते हुए कहा — इसे जल्दी से मिस्टर मल्होत्रा के ईमेल पर भेज दो ।। आध्या सोच रही थी कि क्या उसके बॉस को पता होगा कि इस वीडियो में मैं किरदार आध्या का ही होगा ।। उसने ने खुद को लंबे समय तक नेगेटिव रहने नहीं दिया। वह वाशरूम गई , कुछ देर बाद फ्रेश होकर ,अपने डेस्क पर वापस आकर अपना काम फिर से शुरू कर दिया। लगातार काल रात से काम करते रहने से उसका सर दर्द करने लगा था , शाम तक, उसके सहकर्मी जाने लगे, और आध्या ने आखिरकार काम करना बंद कर दिया। उसने अपने बैग में से नेकलेस का बॉक्स निकला जो दादी माँ ने उसे दिया था ।।वो नेकलेस बहुत ही ज़्यादा चमक रहा था ब्जिसका मतलब साफ था कि यह बहुत ही कीमती था। नेकलेस को कुछ देर तक देखने के बाद, उसने उसे उसके बॉक्स में रख दिया। बॉक्स को अपने साथ लेकर, वह अपने ऑफिस की बिल्डिंग से बाहर निकली, एक टैक्सी पकड़ी और सिनेमा हाउस प्रोडक्शन की तरफ़ चली गई ।।। कंपनी के सीईओ ऑफिस में, रोहित , अपनी चेयर पर बैठा हुआ था, ने अचानक आद्ध्या को अपने केबिन के अंदर आते देखा —- "तो, तुमने आखिरकार डिवोर्स लेने का फैसला कर ही लिया ।।" उसके हैंडसम चेहरे को देखते हुए, आध्या का दिल दुखने लगा। उसके माथे पर चोट देखकर, वह खुद को रोक नहीं पाई और पूछ बैठी: "आपको चोट कैसे लगी?" "बस किसी चीज़ से टकरा गया ।"रोहित ने जवाब दिया ।। आध्या को उस पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन उसने आगे कुछ नहीं पूछा। इसके बजाय, उसने उसे बॉक्स थमा दिया: "यह नेकलेस है जो दादी ने मुझे दिया था। मैं इसे वापस कर रही हूँ।" रोहित काफी हैरान था । उसने बॉक्स लिया, उसे खोला, और देखा , यह वही नेकलेस था:रोहित ने उससे पूछा—- “तुम्हें यह नहीं चाहिए?” “पहले मुझे नहीं पता था कि ये मल्होत्रा परिवार का पुश्तेनी हार है। अब जब मुझे पता है, तो बेशक मैं इसे नहीं रख सकती ।।यह तुम्हारे परिवार की बहू के लिए था। तुम्हें इसे अभी के लिए रख लेना चाहिए।” मैंने दादी को बहुत माना किया लेकिन उन्होंने मुझे ये किसी को भी देने के लिए तो मुझे लगता है ये तुम्हारे पास होना चाहिए ।। तुम इसे अपनी पत्नी या फ्यूचर में अपनी बहू को दे सकते हो ।। ये कहते हुए वो पीछे मुड़ी और उसकी आँखो में फिर से आँसू आ गए ।। “आध्या ।” “हम्म?” “क्या तुम्हें अपने डैड के लिए पैसों की सख्त जरूरत नहीं है?” तो , इससे आपको क्या ?? अध्या ने पीछे देखकर कहा !! “तो फिर तुमने पैसो के लिए यह नेकलेस क्यों नहीं बेचा?” आद्या का शरीर बर्फ की तरह जम गया ।। उसके शरीर में एक अजीब सी कंपन हुई ।।” तो तुम्हारी नजरो में एक ऐसी इंसान हूँ जो पैसों के लिए किसी भी हद तक जा सकती हूँ ? यहाँ तक कि एक अमूल्य पारिवारिक विरासत को भी बेच सकती हूँ जिसे दादी ने बहुत संजो कर रखा हैं?” रोहित ने अपनी ऑय ब्रो उठाई—- , क्या वह बिल्कुल इसी तरह की नहीं थी? रोहित को ऐसा क्यों लगा कि उसने उसके साथ गलत किया है? “क्या तुम्हें पता है कि इस नेकलेस की कीमत कितनी है?” •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••