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Rebirth of divine soul

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rebirth of fairy on earth

Total Chapters (40)

Page 1 of 2

  • 1. Rebirth of divine soul - Chapter 1

    Words: 1540

    Estimated Reading Time: 10 min

    गर्म दोपहर का समय था। सूरज की किरणें घने जंगल के पेड़ों से छनकर ज़मीन पर पड़ रही थीं। चारों तरफ़ हरियाली थी। हवा में पक्षियों की चहचहाहट गूंज रही थी, और हल्की ठंडी हवा पेड़ों को झुला रही थी। जंगल के बीचों-बीच, एक सफेद शेर धीरे-धीरे चलता हुआ किसी को ढूंढता सा दिख रहा था। उसकी नीली आँखें इधर-उधर भटक रही थीं, जैसे किसी खास चीज़ की तलाश में हो।

    कुछ दूरी पर झाड़ियों के पीछे हलचल हुई। शेर ने अपनी नज़र उस ओर घुमाई। वहाँ दो लड़के खड़े थे, आपस में कुछ बात कर रहे थे।

    जैसे ही सफेद शेर उनकी तरफ़ बढ़ने लगा, उनमें से एक लड़का घबरा गया और तुरंत पीछे हटने लगा। उसका चेहरा डर से सफेद पड़ गया था, और उसका शरीर हल्के-हल्के कांपने लगा। लेकिन दूसरा लड़का वहीं खड़ा रहा। उसकी आँखें बिल्कुल शांत थीं, जैसे उसे ज़रा भी डर न हो।

    उसने शेर की आँखों में सीधा देखा। कुछ पल के लिए, दोनों के बीच बस नज़रों का ही खेल चला। फिर, अचानक, सफेद शेर ने आगे बढ़कर लड़के के ओवरकोट का कोना अपने मुंह में पकड़ लिया और हल्के से खींचने लगा, जैसे उसे कहीं ले जाना चाहता हो।

    पीछे खड़ा लड़का घबराकर फुसफुसाया, "ये शेर वहां कहां से आया?"

    लेकिन सामने खड़ा लड़का बिना हिले-डुले शेर को देखने लगा। कुछ तो अलग था इस शेर में। उसकी आँखों में कोई हिंसा नहीं थी, बल्कि एक अजीब सी बेचैनी थी, जैसे वह कुछ बताना चाह रहा हो।

    लड़के ने बिना कोई विरोध किए, शेर के खिंचाव के साथ चलना शुरू कर दिया। वह उस शेर के पीछे-पीछे जाने लगा। और वह दूसरा लड़का भी उनके पीछे डरते हुए आया। वह शेर उन्हें एक झील के किनारे एक लड़की के पास ले आया जो बहुत जख्मी थी। पर उस लड़के ने जैसे ही उस लड़की की तरफ देखा, उसके दिल की धड़कन फुल स्पीड में भागने लगी। वह एकटक उसे देख रहा था।

    वह उस लड़की की खूबसूरती में पूरी तरह खो चुका था। उसका चेहरा छोटा और हल्का गोल-मटोल था, गोरी रंगत के साथ, लेकिन कुछ जगहों पर काले निशान थे, जैसे किसी ने जानबूझकर उसकी खूबसूरती छुपाने की कोशिश की हो। मगर झील के पानी में भीगने की वजह से अब उसका असली रंग साफ नज़र आ रहा था—निखरा हुआ और चमकता हुआ।

    उसकी घनी पलकों की हल्की सी हरकत भी उसे और खूबसूरत बना रही थी, और उसके गुलाबी होंठ किसी ताज़े फूल की तरह लग रहे थे। उसकी आँखें उस लड़की से हट ही नहीं रही थीं। भले ही वह इस वक्त घायल थी, लेकिन उसकी खूबसूरती पर इसका कोई असर नहीं पड़ा था। और उसके चेहरे की मासूमियत... उफ, वह तो दिल को छू जाने वाली थी!


    वह शेर उस लड़के को कुछ न करते देख दहाड़ता है। जिससे वह लड़का होश में आता है। और पीछे खड़े लड़के एक बार फिर डर जाते हैं और कांपने लगते हैं। वह लड़का जो आगे खड़ा था, वह होश में आता है और उस शेर की तरफ देखता है जो उस लड़की की तरफ इशारा कर रहा था। जिससे वह समझ जाता है कि वह शेर इस लड़की के लिए उससे मदद मांग रहा है। वह जाकर उस लड़की को अपनी गोद में उठा लेता है।



    वह आगे बढ़ने लगा। वह सफेद शेर भी उसके साथ-साथ चल रहा था, उस लड़के के ड्रेस का एक कोना अपने मुंह में पकड़े हुए। वहीँ वह दो लड़के कांपते हुए उनके पीछे जा रहे थे।

    वहाँ तीन कारें थीं। वे उनके पास पहुँचे। वह लड़का अपने पीछे खड़े लड़के को चिल्लाते हुए बोला, "समर आकर जल्दी से गेट खोलो।"

    वह लड़का, जो उसके पीछे था, उसे अब भी डर लग रहा था, पर अब शेर से ज़्यादा अपने सामने खड़े लड़के से। वह डरते हुए दरवाज़ा खोलता है। वह लड़का उस लड़की को अपनी गोद में लेकर कार में बैठ जाता है, और वह शेर भी। समर कार चलाता है। समर की कार के साथ एक कार और उसके पीछे चलती है, पर एक कार वहीं रुकी हुई थी।

    समर कार चला रहा था। तभी वह शेर जोर से दहाड़ता है कार जल्दी चलाने के लिए। जिससे एक पल के लिए समर कार से वापस को देता है। पीछे बैठा लड़का समर पर चिल्लाते हुए कहता है, "ठीक से कार चलाओ वरना कुछ चलाने लायक नहीं छोड़ूँगा तुम्हें।"

    समर कार का बैलेंस बनाते हुए कहता है, "सॉरी बॉस।"

    समर फुल स्पीड में कार चला रहा था। समर का ध्यान रास्ते के साथ-साथ पीछे बैठे अपने खूंखार बॉस और शेर दोनों पर भी था। डरते हुए जैसे-तैसे वह लेक के सामने रुकता है। वहीं पहले ही पीछे बैठे लड़के ने फ़ोन कर वहाँ एक हेलीकॉप्टर मँगवा लिया था। कार रुकते ही सबसे पहले फुल स्पीड में समर बाहर निकल अपने बॉस के लिए गेट खोलता है।

    वह लड़का, समर का बॉस, उस लड़की को लेकर कार से बाहर आता है और साथ ही वह सफेद शेर। वह लड़का लड़की को अपनी गोद में लिए हेलीकॉप्टर में बैठ जाता है। यह देख वह शेर दहाड़ता है।

    वहीं वह लड़का शेर की तरफ देख कहता है, जैसे वह उसकी बात समझ रहा हो, "मैं पहले हेलीकॉप्टर से जा रहा हूँ, तुम समर के साथ बोट में आ जाओ।"

    वह शेर भी सर हिलाता है जैसे उसकी बात समझ रहा हो। वह समर की तरफ जाता है, और हेलीकॉप्टर उड़ जाता है। लेक के बीच में एक विला था। वह लोटस की शेप में व्हाइट कलर का था, वहाँ लैंड होता है। वह लड़का उस लड़की को लेकर उतर अंदर जाता है। वहाँ ऑलरेडी एक डॉक्टर की टीम खड़ी थी जिसमें सबसे आगे एक व्हाइट कोट पहने एक डॉक्टर खड़ा था। उसकी उम्र करीब 25 होगी। उसके पीछे खड़े सारे डॉक्टर सामने खड़े लड़के से डर रहे थे, पर वह अकेला, बिना किसी शरारती स्माइल के, उसे और उसकी बाहों में लगी लड़की को देख रहा था।

    वह आगे आकर उस लड़के से कहता है, "अनंत, यह तेरी गर्लफ्रेंड है ना? तूने मुझे बताया भी नहीं। वेरी बैड।"



    वह लड़का, यानी अनंत, बिना किसी एक्सप्रेशन के सामने खड़े डॉक्टर से तीन शब्द कहता है, "इसका ट्रीटमेंट करो।"

    वह डॉक्टर उसकी बात सुनकर मुस्कुराता है। वह जैसे ही उस लड़की को अपनी गोद में लेने लगता है, अनंत दो कदम पीछे हट जाता है, बिना कुछ कहे खुद को लड़की को एक रूम में ले जाता है जिसमें हॉस्पिटल वार्ड में लगने वाली हर चीज़ मौजूद थी।

    वह लड़का खुद में बुदबुदाता है, "पजेसिव।"

    फिर वह अपनी टीम के साथ अंदर जाता है, और अनंत बाहर आ जाता है।

    वहीं वह शेर और समर बोट में बैठ जाते हैं। वह बोट ऑटोमैटिक थी। समर और शेर बोट के एक-एक कोने में बैठे हुए थे। वह शेर को देख वह रोने जैसी शक्ल बनाकर अपने मन में कहता है, "सब मेरी ही गलती है। न मैं बॉस को उनकी कड़वी कॉफी की जगह अपनी मीठी कॉफी देता, न मेरी संडे की छुट्टी बर्बाद होती, न ही मुझे इस शहर के साथ बैठना पड़ता। भगवान, यह 5 मिनट का रास्ता भी मुझे आज 5 साल जितना लंबा लग रहा था। यह शेर कब से मुझे घूर रहा था। कहीं इसे मेरा हैंडसम फेस पसंद न आ जाए और यह मुझे खा न ले।"

    यह सब वह मन में बोल ही रहा था, तभी बोट किनारे पहुँच जाती है। समर बोट से निकलता है। फिर शेर और दोनों लोटस विला में जाते हैं। अनंत उन दोनों को बिना एक नज़र देखे कहता है, "गार्डन में जाओ।"

    समर को लगता है कि उसके बॉस उसे कह रहे हैं, इसलिए वह पूछता है, "पर बॉस, मैं क्यों?"

    तभी वह शेर दहाड़ता है, जैसे कह रहा हो, "वह तुम्हें नहीं, मुझे कह रहे हैं।"

    फिर वह वहाँ से चला जाता है। उसे यहाँ से जाते देख समर भी समझ जाता है और एक चैन की साँस लेता है उसके जाने के बाद। पर उसे पहले ही अनंत उससे कहता है, "इन्फॉर्मेशन निकालो।"

    समर कहता है, "ओके बॉस।"

    फिर अपना फोन निकालते हुए मन ही मन कहता है, "यह बॉस भी ना, कभी पूरा सेंटेंस नहीं बोलते। सिर्फ़ दो-तीन शब्द। हुम्फ़!"

    फिर वह अपने फ़ोन में काम पर लग जाता है। वहीं डॉक्टर उस लड़की का ट्रीटमेंट करता है। सबसे पहले एक फीमेल डॉक्टर उसके कपड़े बदलती है, और फिर ट्रीटमेंट करके सारे डॉक्टर की टीम वहाँ से जाती है। सिर्फ़ एक डॉक्टर वहाँ था। अनंत उसके बाहर आते ही ब्लैंक एक्सप्रेशन के साथ उससे पूछता है, "कैसी है?"

    वह डॉक्टर कहता है, "ठीक है, और यही सबसे बड़ी हैरानी की बात है। न ही उसका ब्लड लॉस हुआ, न ही कोई गहरी चोट है।"

    "उसे होश कब आएगा?" अनंत पूछता है।

    "उसे होश 2 से 3 दिन में आ सकता है।" वह डॉक्टर कहता है।

    तभी समर वहाँ आता है और अपने बॉस से कहता है, "बॉस, उसकी सारी इन्फॉर्मेशन मिल चुकी है।"

    और वह फिर अनंत को फ़ाइल देता है। फिर वह उस डॉक्टर से पूछता है, "शशांक, वह लड़की कैसी है अब?"

    शशांक समर से कहता है, "ठीक है, बस 2 से 3 दिन में होश आ जाएगा।"

  • 2. Rebirth of divine soul - Chapter 2

    Words: 1789

    Estimated Reading Time: 11 min

    अंदर आया। एक लड़की आराम से बिस्तर पर लेटी हुई थी। पूरे कमरे में अंधेरा था। वह आकर सबसे पहले कमरे के पर्दे खोले। जिससे धूप अंदर आई। और उस लड़की के चेहरे पर पड़ी।

    धूप की वजह से उसका चेहरा चमक रहा था। अयान उसके चेहरे को कुछ सेकंड देखा। फिर वह कमरे से निकल गया। वही उसके कमरे से जाते ही वह लड़की हल्का-हल्का हिलने लगी। और वह धीरे-धीरे अपनी आँखें खोली। आँखें खुलने के बाद रोशनी की वजह से उसकी आँखें एक बार बंद हुईं। और लाइट में अपनी आँखें एडजस्ट कर उसने आँखें खोलीं।

    उसने अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से पूरे कमरे को स्कैन किया। पूरा कमरा व्हाइट कलर का था जिसकी पीछे की दीवार पर एक लोटस का डिज़ाइन था। वही कमरे में एक व्हाइट काउच था। साथ ही एक एसी और टीवी भी था। और एक किंग साइज़ बेड। उसके बेड के साइड में सिर्फ़ हॉस्पिटल में यूज़ होने वाली मशीन और एक सलाइन बॉटल के लिए स्टैंड था। वह एक पर्सनल होम हॉस्पिटल वार्ड था। पर फिर भी उससे लग्ज़ीरियस होने की फीलिंग्स आ रही थीं।

    कुछ देर वह कमरा देखने के बाद उठकर वाशरूम गई। उसे अपने शरीर में एक अलग एनर्जी फील हो रही थी। वह वाशरूम में जाकर मुँह धोया। और जैसे ही वह वहाँ सामने आईने में खुद का रूप देखा, वह हैरान हो गई। उसने जल्दी से अपनी आँखें बंद कर लीं।

    उसे एक जादुई दुनिया दिखाई दी।

    फ्लैशबैक

    एक दुनिया जो पृथ्वी ग्रह से बहुत दूर है, ब्रह्मांड के किसी कोने में।

    वहाँ हर चीज़ जादू से होती है। एक जादुई दुनिया और उन जादू को करने वाली वहाँ की परियाँ। परी लोक हमारी दुनिया से बहुत दूर एक ऐसी जगह जहाँ सभी अमन और शांति से रहते हैं और वहाँ की खूबसूरती देखते ही बनती है। रंग-बिरंगे फूल और हरियाली। हर चीज़ जादुई; यहाँ तक कि पेड़, पौधे, नदी, तालाब, झरने सभी जादुई। झरने और नदियाँ तो सतरंगी रंग में बहती हैं और परियों के सुंदर महल जिन्हें बनाना पृथ्वीवासियों के लिए नामुमकिन है। इतने सुंदर, इतनी बारीक कारीगरी और इतने बड़े कि बस कोई भी देखकर मंत्रमुग्ध हो जाए (कॉमेंट सेक्शन में पिक अवेलेबल है, प्लीज चेक इट आउट)।

    आज से कई साल पहले, जब किसी ने पृथ्वी पर अपनी सत्ता जमाने की कोशिश की, तब जन्म हुआ परी तारा का, जिन्होंने परी लोक बनाया। वहाँ कई सारी परियाँ रहती हैं जिनका काम पृथ्वी पर रह रहे लोगों की मदद करना है। और उन परियों पर राज करती हैं रानी परी। जिनकी एक बेटी है जो दिव्य है। वह रानी परी से भी ज़्यादा शक्तिशाली है। वहाँ हर परी के पास अलग-अलग शक्तियाँ होती हैं, पर दिव्य परी के पास हर तरह की शक्तियाँ थीं। जब शक्तियाँ ज़्यादा हों तो ज़िम्मेदारी भी बड़ी होती है।

    दिव्य परी के जन्म पर ही भविष्यवाणी हुई थी कि दिव्य परी, परियों और परी लोक के दुश्मन काल लोक के राजा कालिंद की मौत बनेगी, जब वह 21 की होगी। क्योंकि कालिंद ने कई तरह के तप, हवन, पूजन कर कई काली शक्तियाँ पाई थीं और काल लोक पर राज करने लगा। लेकिन समय के साथ उसके सपने और लालच बढ़ने लगे। अब वह पृथ्वी के साथ पूरे ब्रह्मांड पर राज करना चाहता है, लेकिन उसके लिए उसे परी लोक को खत्म करना होगा। लेकिन उसकी शक्तियाँ दिन पर दिन बढ़ती जा रही थीं। ऐसा ही चलता रहा तो वह परी लोक को खत्म कर देता और फिर पूरे ब्रह्मांड पर राज करता, जिससे भगवान और परियाँ परेशान थीं। जिस वजह से भगवान के आशीर्वाद से रानी परी ने दिव्य परी को जन्म दिया जो कालिंद और काल लोक का अंत बनेगी।

    वही काल लोक के राजा को जैसे ही उस भविष्यवाणी के बारे में पता चला, वह दिव्य परी को मारकर उसका ऊर्जा कुंड, जिसमें परियों की सारी शक्तियाँ होती हैं, वो लेकर और शक्तिशाली बनना चाहता है।

    दिव्य परी को पैदा हुए सिर्फ़ 1 महीना हुआ था। वह अपने पालने में सो रही थी। रानी परी अभी अपने कक्ष में नहीं थी, वह अपने सिंहासन पर बैठी हुई थी। उसके बगल में पालने में दिव्या (दिव्य परी का नाम) लेटी हुई थी। सभी परियाँ उन्हें पृथ्वी के बारे में बता रही थीं। तभी दिव्या अपनी उंगली से एक पानी के गिलास को उठाकर रानी परी के सर पर डाल देती है। रानी परी ऐसे अचानक से गिरने की वजह से जल्दी से अपनी जगह से खड़ी होती है और पानी साफ़ करते हुए गुस्से से बोली, "यह किसने किया? किसमें इतनी हिम्मत है जो इतने गंभीर विषय पर बातचीत के बीच हम पर पानी डाले?"

    रानी परी की गुस्से से भरी आवाज़ सुनकर सारी परियाँ डरते हुए ना में सर हिलाती हैं। जैसे कह रही हों हमने कुछ नहीं किया है। पर उनमें से एक परी अपना हाथ ऊपर करती है। रानी परी यह देख उससे पूछती है, "मस्ती परी, आपने किया यह?"

    मस्ती परी थोड़ा डरकर बोली, "नहीं रानी परी, हमने नहीं किया यह, परन्तु हमने अभी दिव्या को अपनी उंगली से पानी का गिलास उठाते हुए देखा।"

    रानी परी कहती है, "यह क्या कह रही है आप? दिव्या सिर्फ़ 1 महीने की है अभी। वह कैसे कुछ कर सकती है?"

    मस्ती परी: "रानी परी, मैंने जो देखा वह, कहाँ आप खुद इस बार देखना, कुछ ना कुछ फिर ज़रूर करेगी।"

    रानी परी को अब भी विश्वास नहीं था। कुछ देर वह और इंतज़ार करती हैं। तभी दिव्या एक बार फिर अपनी उंगली से एक कोने में रखा कपड़ा ऊपर उठाती है और आर-पार परी के ऊपर फेंक देती है। यह दृश्य देख सभी हैरान थे। रानी परी यह देख चिंता होने लगती है। वह सभी परियों को महल से जाने के लिए कहती है और दिव्या को कमरे में छोड़कर वह परियों के देवगुरु के पास आती है।

    देवगुरु रानी परी को वहाँ देखकर पूछते हैं, "आप इस वक्त यहाँ?"

    रानी परी कहती है, "देवगुरु, हमें दिव्या को लेकर बहुत चिंता हो रही है।"

    देवगुरु उससे पूछते हैं, "क्या हुआ दिव्या को?"

    रानी परी चिंतित स्वर में, "देव गुरु, दिव्या सिर्फ़ 1 महीने की है पर वह अब से अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकती है। हमें उसकी चिंता हो रही है।"

    देव गुरु आसन में बैठकर देखते हुए, "रानी परी, आप दिव्या के जन्म से पहले ही जानती थीं कि दिव्या की ज़िंदगी का एक मकसद है, जिसके लिए ही उसका जन्म हुआ है।"

    रानी परी: "जानते हैं हम, पर यह माँ का दिल मानने को तैयार ही नहीं है। हम हमारी बेटी की जान खतरे में जाते हुए नहीं देख सकते हैं। हम कुछ न कुछ ज़रूर करेंगे।"

    फिर रानी परी वहाँ से उड़कर चली जाती है। देव गुरु उन्हें जाते देख पीछे से कहते हैं, "रानी परी, नियति को कोई नहीं बदल सकता। जो होना है होकर रहेगा।"

    ऐसे ही कुछ साल बीत गए। रानी परी दिव्या की हर हरकत पर नज़र बनाए रखती है। दिन ब दिन अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर दिव्या की शरारतें बढ़ती जा रही थीं। यह देख रानी परी एक निर्णय लेती है। अब से दिव्या दिव्य महल में रहेगी जिसमें उससे मिलने उनके अलावा कोई नहीं जा सकता। और उसने दिव्या के युद्ध विद्या सीखने पर रोक लगा दी थी।

    पर देव गुरु पर ज़िम्मेदारी थी दिव्या को सब सिखाने की, जिससे वह पीछे नहीं हट सकते थे। इसलिए वह चुपके से दिव्य महल में जाकर दिव्या को जादुई, लड़ने की, आदि बहुत सी चीज़ें सिखाने लगे। जिसके बारे में सिर्फ़ मस्ती परी जानती है क्योंकि वही देवगुरु की अनुपस्थिति में उसे अभ्यास करवाया करती थी।

    वही कालिंद ने बहुत बार दिव्य महल पर हमला करने की कोशिश की पर असफल रहा। पर वह हार नहीं मानता और 18 वर्षों तक तपस्या करने बैठ जाता है। और उसे तपस्या के फलस्वरूप दिव्य महल में जाने के लिए रानी परी का कवच तोड़ने की शक्ति मिल गई।

    सभी इस बार दिव्या के 20वें जन्मदिन की तैयारियों में लगे हुए थे। तभी कालिंद दिव्य महल पर हमला करता है और महल में पहुँच जाता है। वह वहाँ जाते ही सीधे दिव्या के कक्ष में जाता है जहाँ वह अपने जन्मदिन के लिए तैयार हो रही थी।

    कालिंद उसे एक बार देखकर हैरान रह जाता है। गोरा रंग, नीली आँखें, सुनहरे बाल, चेहरे पर मासूमियत। उसे देख कालिंद एक पल के लिए मोहित हो जाता है।

    पर फिर उसे भविष्यवाणी याद आती है। वह कुछ मंत्र पढ़कर दिव्या की तरफ़ एक वार करता है। दिव्या यह अपने कांच में देख लेती है और वह सही समय पर वहाँ से हट जाती है। और पीछे मुड़कर कालिंद को देखकर कहती है, "तुम कौन और यहाँ कैसे आए?"

    कालिंद कहता है, "मैं वह हूँ जिसके वध के लिए तुम्हारा जन्म हुआ।"

    दिव्या सोचने का नाटक करते हुए कहती है, "तुम वही चूहे हो जिसे मारने के लिए मुझ जैसी शेरनी को पैदा होना पड़ा।"

    यह सुनकर कालिंद गुस्से में कहता है, "कुछ ज़्यादा कह नहीं रही है तुम।"

    दिव्या कहती है, "आज हमारा जन्मदिन है। वैसे हम तुम्हारा वध 21 वर्ष की होने के बाद करना है, पर तुम आज यहाँ खुद अपनी मौत के पास आए हो, तो मैं पीछे कैसे हट सकती हूँ?"

    फिर वह कुछ मंत्र पढ़कर कालिंद की तरफ़ वार करती है। पर कालिंद भी पीछे हट जाता है और वार से बच जाता है। ऐसे ही दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो जाती है। जैसे ही दोनों एक-दूसरे पर वार करते हैं, दोनों के वार एक-दूसरे से टकराते हैं और एक धमाका होता है जिससे दोनों दूर जाकर गिरते हैं।

    और वह दिव्या के कुछ समझने से पहले उसे दिल पर एक घातक वार करता है जिससे दिव्या बेजान जमीन पर गिर जाती है और फिर उसका ऊर्जा कुंड निकलने लगता है।

    क्या बच पाई दिव्या?

    कैसे परियाँ रोकेंगी कालिंद को परी लोक नष्ट करने से?

  • 3. Rebirth of divine soul - Chapter 3

    Words: 1610

    Estimated Reading Time: 10 min

    सभी परियाँ और रानी परी वहाँ पहुँच गईं।

    सभी मिलकर कालिंद पर वार किया जिससे वह घायल होकर बेहोश हो गया। तभी रानी परी ने दिव्या के बेजान शरीर को उठाकर कैलाश पर्वत पर स्थित एक गुफा में ले जाया। यह गुफा महादेव का आशीर्वाद थी, जो रानी परी को प्राप्त हुआ था। उस गुफा में कोई भी बुरी शक्ति प्रवेश नहीं कर सकती थी। मस्ती परी तुरंत देव गुरु को वहाँ ले आई।

    देव गुरु के आते ही रानी परी ने दिव्या का शरीर उनके चरणों में रखते हुए रोते हुए कहा, "देव गुरु, हम इसे बात का डर था। हमारी दिव्या के प्राण कालिंद ने ले लिए हैं। कैसे भी करके मेरी बच्ची के प्राण वापस ला दीजिए।"

    सभी रानी परी को रोता देख हैरान थे। उन सभी के लिए रानी परी ही उनकी हिम्मत थी। पर उन्हें ऐसे रोते देख सबको बुरा लग रहा था। देव गुरु ने मस्ती परी को दिव्या को थोड़ी ऊंची जगह लेटाने को कहा। फिर उन्होंने रानी परी से कहा, "दिव्य परी का शरीर अब किसी भी तरह ठीक नहीं हो सकता है। लेकिन एक तरीका है, हम दिव्या के ऊर्जा कुंड को निकालकर किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर में डाल सकते हैं जिसकी मृत्यु अभी कुछ क्षण पहले हुई हो, लेकिन उसके जीवन का उद्देश्य पूरा न हुआ हो।"

    "परंतु देव गुरु, इतनी जल्दी कैसे होगा सब?" रानी परी ने पूछा।

    "रानी परी, सोचने का समय नहीं है। जो करना है, जल्दी करना होगा।" देव गुरु ने कहा।

    तभी वहाँ एक परी आई जो थोड़ी घायल थी। उसने रानी परी से कहा, "रानी परी, राजा कालिंद और उनके सैनिक परी लोक को नष्ट कर रहे हैं। हमें जाकर जल्दी से उन्हें रोकना होगा।"

    रानी परी ने अपना हृदय कठोर कर दिव्या का ऊर्जा कुंड बाहर निकाला। यह उनके लिए बहुत कठिन था क्योंकि ऊर्जा कुंड निकलते ही दिव्या का शरीर मिट्टी में मिलने वाला था। पर उन्होंने जल्दी से ऊर्जा कुंड निकालकर वहाँ मौजूद एक व्हाइट शेर को बुलाया और कहा, "शौर्य, यह ऊर्जा कुंड लेकर पृथ्वी लोक जाओ और जल्दी किसी अच्छे और सच्चे इंसान के अंदर यह ऊर्जा कुंड डाल दो।"

    शौर्य ने सिर हिलाया और ऊर्जा कुंड लेकर वहाँ से चला गया।

    फ्लैशबैक एंड्स

    धीरे-धीरे दिव्या, यानी वह लड़की, अपनी आँखें खोली। उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। उसने एक बार फिर आँखें बंद कीं, आगे क्या हुआ होगा यह देखने के लिए। पर उसे कुछ नज़र नहीं आया। दिव्या ने बहुत कोशिश की, पर उसे कुछ नहीं दिख रहा था। फिर अंत में उसने आँखें खोलकर कहा, "हम आगे क्यों नहीं देख पा रहे हैं? क्या हुआ? कहीं कालिंद ने माँ को या परी लोक को कुछ कर तो नहीं दिया होगा?"

    फिर खुद से कहा, "नहीं, वो हमारी माँ या बाकी परियों का कुछ नहीं बिगाड़ सकते।"

    फिर उसकी नज़र सामने आईने पर गई। उसने खुद के चेहरे को देखकर कहा, "हम तो अब भी उतने ही सुंदर लग रहे हैं। पर पहले हमारे बाल सुनहरे थे, ये काले बाल भी जच रहे हैं हम पर। पर हमारी प्यारी नीली आँखें चाहिए, ये तो काली हैं। पर ये भी अच्छी ही हैं। आँखें नीली हों या काली, हम दोनों में ही सुंदर लगते हैं।"

    कुछ देर अपने चेहरे को निहारने के बाद दिव्या ने खुद से पूछा, "पर यह चेहरा किसका था? और शौर्य कहाँ है? इस शरीर की मालकिन की मौत कैसे हुई? वो बाद में। अभी मुझे नहाना है। पूरे शरीर से अजीब सी बदबू आ रही है।"

    यह कहकर वह ब्रश करने और शावर लेने लगी। उसने अपने सारे बैंडेज खोल दिए। उसके शरीर पर अब एक भी घाव का निशान नहीं था, सिर्फ एक को छोड़कर, जो शौर्य के ऊर्जा कुंड डालने से हुआ था। वहाँ ब्राउन निशान था। उसने फिर शावर लेकर देखा। वह अपने साथ कपड़े लेकर नहीं आई थी। वहाँ बाथरोब देखकर वह उसे पहनकर बाहर आई।

    तभी उसकी नज़र बेड के दूसरे साइड एक स्टैंड पर लटके हुए पिंक पोल्का डॉट हॉस्पिटल गाउन पर गई। गाउन पहनने के बाद वह बेड पर बैठ गई और अपनी आँखें बंद कर इस शरीर की मालकिन की यादें ताज़ा करने लगी।

    फ्लैशबैक

    नंदनी ओबरॉय, जानी-मानी ओबरॉय फैमिली और लंदन के मशहूर बिज़नेसमैन निलेश ओबरॉय की प्रिंसेस। इनकी लाइफ में सब कुछ परफेक्ट था: एक सुंदर लेडी, एक हैंडसम आदमी और उनकी एक प्यारी सी क्यूट सी बच्ची। Perfect Example of Happy Family। लेकिन कहते हैं ना, लाइफ बहुत अनप्रेडिक्टेबल है और लाइफ में कभी भी सब परफेक्ट नहीं होता। बस ऐसे ही एक दिन एक तूफान आया और इस परफेक्ट फैमिली को उजाड़ गया।

    नंदनी के पेरेंट्स की डेथ एक कार एक्सीडेंट में हो गई। पर वो एक्सीडेंट था या प्लैंड मर्डर, ये कोई नहीं जानता था।

    नंदनी के पेरेंट्स का एक्सीडेंट हुआ तब वो सिर्फ 6 साल की थी। तभी उसके पास उसके छोटे दादा (दादा जी के छोटे भाई) अपने बेटे-बहू के साथ आए और उसे इंडिया ले गए।

    वो लोग बहुत लालची थे। वो नंदनी को अपने साथ उसका ध्यान रखने नहीं, बल्कि उससे उसकी प्रॉपर्टी छीनने के लिए साथ ले आए थे। नंदनी के डैड के विल में लिखा था कि उनकी प्रॉपर्टी पर सिर्फ नंदनी का हक है, जो उसे उसके 21वें बर्थडे पर मिलेगी। और अगर उससे पहले उसे कुछ हो गया तो उनकी पूरी प्रॉपर्टी ट्रस्ट में चली जाएगी।

    पर उस एक्सीडेंट से पहले क्या हुआ था? ऐसा क्या था उस काली रात में जो नंदनी से उसके मॉम और डैड दोनों छीन गए? तो जानते हैं।

    एक पिंक और व्हाइट रूम, जिसके बीच में एक बड़ा बेड था। जिस पर एक बड़े से सॉफ्ट टेडी बियर को हग करते हुए करीब 6 साल की लड़की सोई हुई थी। उस बेड पर उस टेडी के अलावा कुछ हार्ट शेप पिलो और छोटे-छोटे सॉफ्ट टॉय थे। वही बेड के राइट साइड कॉर्नर के सेमी सर्कल एरिया में दीवार पर एक कैसल पेंटेड था। और वहाँ एक माइक स्टैंड भी था। और एक छोटे से स्टैंड पर कुछ ड्रेसेस टंगी हुई थीं।

    वही बेड के लेफ्ट साइड कॉर्नर में उस बच्ची के हाइट से बड़ा टेडी बियर था। और उसके आगे मूविंग हॉर्स वाला टॉय था जो आगे और पीछे जाता है। और उसके बेड के जस्ट सामने एक राउंड सॉफ्ट सोफा जिस पर भी कुछ एनिमल सॉफ्ट टॉयज थे। और उसके कुछ आगे उसका वार्डरोब जिसके अंदर उस बच्ची की बहुत सी क्यूट-क्यूट ड्रेसेस थीं। और उसके जस्ट राइट साइड में बाथरूम था। और लेफ्ट साइड में बालकनी, जिसमें बहुत सारे प्लांट्स थे, एक झूला और एक टेबल और चेयर। वो पूरा रूम एकदम ड्रीमी था। वहाँ वो हर एक चीज थी जो एक छोटी बच्ची चाहती है।

    तभी उस रूम का दरवाजा खुला और अंदर एक आदमी आया। वह बेड पर बैठकर उस बच्ची के सर पर हाथ फेरते हुए बोला, "प्रिंसेस, उठ जाइए। अब सुबह हो गई है। आपको आज स्कूल जाना है। आज आपका स्कूल का फर्स्ट डे है। अगर आप अभी नहीं उठीं तो स्कूल लेट हो जाएंगी। फिर आपकी मम्मा की डांट से आपको हम भी नहीं बचा पाएँगे।"

    वह आदमी की आवाज सुनकर वह लड़की अपनी आँखें मसलते हुए उठी और उस आदमी के गले लगकर अपनी प्यारी आवाज में बोली, "ओह डैडा, मुझे पता है आप मुझे मम्मा की डांट से बचा लोगे।"

    यह सुनकर वह आदमी, यानी उस बच्ची का डैड, उसके गाल खींचते हुए बोला, "आपको तो हम बचा लेंगे, पर हमें कौन बचाएगा डांट पड़ने से?"

    वो बच्ची भी उस आदमी के गाल खींचते हुए बोली, "ओह माय हैंडसम डैडा। आप जो पूरा दिन ऑफिस वालों और हेमंत अंकल पर गुस्सा करते हो, उसका बदला किसी न किसी को तो लेना ही होगा ना।"

    और यह कहकर वह बच्ची खिल-खिलाकर हँसने लगी। तभी वहाँ एक औरत आई, जिसकी उम्र 30 साल के आसपास होगी। वह अंदर आते हुए अपने कमर पर हाथ रखकर बोली, "अच्छा, अगर आप दोनों का मेरी चुगली करना हो गया है, तो तुम जाकर तैयार हो जाओ। और आप नीचे जाइए, हेमंत भैया आए हैं। उन्हें आपसे कुछ बात करनी है।"

    फिर वह औरत उस बच्ची को बाथरूम तक छोड़ आई। वहीं उस बच्ची का डैड हेमंत, यानी अपने असिस्टेंट से मिलने नीचे चला गया।

    वही वो बच्ची जैसे ही बाथरूम से बाहर आई, नहाकर बाथरूम का दरवाजा खोलकर देखा, तो उसके सामने वो पिंक रूम नहीं था, सिर्फ अंधेरा था, जिसे देखकर वह डर गई। और डर से चिल्लाते हुए भागने लगी, और भागते हुए मम्मा-डैडा को पुकार रही थी। और अचानक मम्मा-डैडा चिल्लाते हुए वह उठ बैठ गई।

  • 4. Rebirth of divine soul - Chapter 4

    Words: 1638

    Estimated Reading Time: 10 min

    और उसने अपने चहरे पर आया पसीना पोछा। उसे हर रात यही सपना आता था। जो पहले उस बच्ची के लिए खूबसूरत याद थी, पर अब एक डरावना सपना बन गया था। उसे प्यास लगी हुई थी। उसने साइड टेबल पर पानी का जग देखा जो खाली था।

    वह पानी पीने के लिए नीचे गई। उसका कमरा फर्स्ट फ्लोर पर था। वह सीढ़ियों से नीचे जा रही थी। तभी उसकी नज़र सामने के दरवाज़े पर गई। वहाँ उसके चाचा, चाची और उसके भाई-बहन, उसकी नैनी को पकड़कर कहीं ले जा रहे थे।

    वह लड़की उन्हें अपनी नैनी को खींचकर ले जाते देख उनके पीछे गई।

    जैसे ही वे कार में बैठकर निकलने वाले थे, दिव्या जाकर उनके कार की डिक्की में बैठ गई। कार एक ऊँचे झरने के पास आकर रुकी।

    सभी के कार से बाहर निकलने के बाद नंदनी भी डिक्की से बाहर निकली। उसने देखा कि वे सभी झरने के एकदम एंड पॉइंट पर खड़े थे। वह उनसे थोड़ी दूर थी, इसलिए वह कुछ नहीं सुन पा रही थी। पर जैसे ही उसने देखा कि वे उसकी नैनी को धक्का देकर नीचे फेंकने वाले हैं, वह जल्दी से वहाँ भागी और उन्हें बचा लिया।

    वहाँ नंदनी के चाचा, चाची और उसके कज़िन भाई-बहन उसे देख हैरान थे। नंदनी अपनी नैनी, मारिया आंटी को उठाकर खड़ा किया और उन्हें चेक किया कि उन्हें कहीं चोट तो नहीं लगी। फिर उसने अपने सामने खड़े अपने चाचा-चाची से पूछा,
    "आप लोग मारिया आंटी को क्यों मार रहे हो?"

    यह सुनकर चारों एक पल के लिए सन्न रह गए। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि नंदनी यहाँ कैसे पहुँची। फिर चाची ने अपने चेहरे पर एक झिलमिलाती मुस्कान लिए हुए कहा,
    "अच्छा, तो अब जब तुम्हें सच पता चल ही गया तो तुमसे कुछ भी क्या छिपाना। वैसे भी हमने तुम्हें इतना कमज़ोर कर दिया है कि अब तुम हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती हो।"

    और फिर वह जोर-जोर से हँसने लगी। और साथ ही बाकी सभी भी हँसने लगे। नंदनी यह सुनकर रोने लगी और रोते हुए उनसे पूछा,
    "चाची, आप ऐसा क्यों कर रही हो?"

    नंदनी की चाची उसके पास आकर उसके बाल पकड़कर बोली,
    "चुप! एकदम नहीं हूँ मैं कोई तुम्हारी चाची। तुमसे और तुम्हारी मॉम से नफ़रत करती हूँ मैं। क्योंकि तुम भी अपनी माँ जितनी सुंदर हो। हर जगह उसे मुझसे ज़्यादा अहमियत मिलती है अपनी खूबसूरती की वजह से। इसलिए मैंने उसे मरवा दिया और आज तुम्हें भी मरना ही होगा, वो भी मेरे हाथों से ही। तुम्हारी मॉम को तड़पा नहीं पाई, पर तुम्हें मैं तड़पा-तड़पा मारूँगी।"

    नंदनी को अपने सिर में बहुत तेज दर्द महसूस हो रहा था। वह अपनी चाची के हाथ से अपने बाल छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली,
    "चाची, मेरे बाल छोड़िए, मुझे दर्द हो रहा है।"

    चाची ने उसके बाल छोड़े और उसके गाल पर एक तेज थप्पड़ मारा जिससे वह गिर गई। उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे। उसकी नैनी जल्दी से उसके पास आकर उसे उठाया। चाचा जी बोले,
    "तुम्हारे दादा, तुम्हारे पापा और तुम तीनों की किस्मत बहुत अच्छी है। तुम्हारे दादा जी और मेरे पापा ने एक साथ अलग-अलग बिज़नेस स्टार्ट किया था। पर उनका बिज़नेस हर दिन के साथ बढ़ता गया और मेरे पापा को बिज़नेस में बहुत बड़ा लॉस हुआ। फिर तुम्हारे पापा ने उसी बिज़नेस को इंटरनेशनल लेवल पर पहुँचाया जब कि मैं जॉब ढूँढ रहा था। और मुझे कितना बिज़नेस में लॉस भी हुआ। जहाँ तुम प्रिंसेस की तरह रहती थीं, वहीं मेरे बच्चे एक अच्छी लाइफ के लिए तड़पते थे। यह मुझसे और सहन नहीं हुआ। इसलिए मैंने तुम्हारे मम्मी-पापा का एक्सीडेंट करवा दिया। पर जब जैसे ही पता चला कि सारी प्रॉपर्टी सिर्फ़ तुम ट्रांसफर कर सकती हो, वो भी जब तुम 21 साल की होगी। अगर उससे पहले तुम्हें कुछ भी हुआ तो प्रॉपर्टी ट्रस्ट में चली जाएगी। जिसकी वजह से इतने सालों से हम तुम्हें पाल रहे हैं। पर अब तुम्हें हमारा सच पता चल गया है, तो तुम्हें मरना होगा।"

    पर तभी उसकी कज़िन बहन आगे आकर बोली,
    "डैड, एक मिनट! अब यह मरने वाली ही है तो मुझे भी इससे हिसाब बराबर करना है।"

    फिर वह नंदनी के पास आकर उसके चेहरे पर उंगली घुमाते हुए बोली,
    "तुम्हें पता भी है मुझे तुम्हारी खूबसूरती से कितनी जलन होती है। इसी वजह से तो मैंने तुम्हारा चेहरा डार्क करवा दिया जिससे तुम खूबसूरत न लगो। अब तुम मरने वाली हो तो कोई टेंशन ही नहीं है।"

    नंदनी का कज़िन भाई भी उसके पास आकर बोला,
    "मुझे भी तुमसे नफ़रत है। क्योंकि तुम्हें पता भी नहीं है हमने कितना सफ़र किया है तुम्हारी और तुम्हारी फैमिली की वजह से।"

    यह सब कहते हुए उसकी कज़िन भाई-बहन उसकी तरफ़ बढ़ रहे थे और वह पीछे की तरफ़ जा रही थी। तभी अचानक एंड पॉइंट आ गया और नंदनी का पैर फिसल गया और वह गिर गई। यह देखकर एक पल के लिए सभी हैरान हो गए। मारिया आंटी यह देखकर जोर से चीखी। चाची उसके पास आकर उसके हाथ पकड़कर बोली,
    "बहुत टेंशन है ना उस लड़की की, तो जाओ उसके पास।" और उसने उन्हें भी धक्का दे दिया।

    इसी के साथ दिव्या की आँखें खुल गईं।

  • 5. Rebirth of divine soul - Chapter 5

    Words: 1588

    Estimated Reading Time: 10 min

    अनंत सिंह राजपूत, एक बहुत बड़े बिज़नेसमैन थे। अनंत, इंडिया ही नहीं, एशिया के नंबर वन बिज़नेसमैन थे, जिन्हें दुनिया ASR के नाम से जानती थी। इनकी कुछ और सीक्रेट आइडेंटिटी थीं, जो आगे कहानी में पता चलेंगी। इनके लुक्स की बात करें तो काली आँखें, शार्प जॉलाइन, घनी पलकें, गुलाबी हाथ, गोरा रंग, और मस्कुलर बॉडी, ये सब चीख-चीख कर बताते थे कि वो अपना कुछ समय जिम में ज़रूर बिताते थे। इनकी स्माइल बहुत प्यारी थी, पर वो इसे कम ही दिखाते थे। चेहरे पर 24/7 ब्लैंक एक्सप्रेशन रहता था। एकदम कोल्ड-हार्टेड सीईओ।

    इनके माता-पिता का देहांत पहले ही हो चुका था। इन्हें इनके दादा जी ने पाल-पोसकर बड़ा किया था, लेकिन अभी वो हरिद्वार गए हुए थे। वो अपना जीवन शांति से व्यतीत करना चाहते थे; उन्हें सिर्फ़ अपने पोते के भविष्य और शादी की चिंता रहती थी। अनंत के अलावा, परिवार में तीन और लोग थे: समर राव, सुशांत राव, और प्रिंस रॉय।

    समर राव इनके असिस्टेंट थे।

    सुशांत राव इनके हेड और पर्सनल बॉडीगार्ड थे।

    प्रिंस रॉय, समर और सुशांत का छोटा भाई था, जिसे अनंत अपना छोटा भाई मानता था। ये तीनों अनंत से कैसे मिले, ये भी जान लेते हैं।

    समर और सुशांत जुड़वाँ थे। समर और सुशांत के पिता अनंत के पिता के लिए काम करते थे। जब अनंत की फैमिली पिकनिक पर गई थी, वापस आते वक़्त उनका एक्सीडेंट हो गया था। उस एक्सीडेंट में सिर्फ़ अनंत (जो तब सिर्फ़ 10 साल का था), समर और सुशांत (जो 9 साल के थे), और उनका एक छोटा बच्चा (लगभग 1 साल का) बच पाए थे। दादा जी ने ही इन सभी को पाला था। अब अनंत इन तीनों पर अपनी जान छिड़कता था, पर कभी ये सामने नहीं दिखाता था।

    प्रिंस अब हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा था, और समर उसका असिस्टेंट बन गया था, और सुशांत उसका बॉडीगार्ड।

    ये रहा सबका इंट्रो।

    दिव्या ने जैसे ही अपनी आँखें खोलीं, उसे बहुत गुस्सा आ रहा था। पर एक हैरानी की बात थी कि अब उसकी आँखें काली नहीं, नीली थीं।

    वो अब से, जब भी दिव्या को गुस्सा आएगा, उसकी आँखें नीली हो जाएँगी।

    वो गुस्से में खुद से कहती है, "कितने लालची लोग हैं! सिर्फ़ प्रॉपर्टी और पैसों के लिए एक हँसते-खेलते परिवार को उजाड़ दिया। मन तो कर रहा है अभी जाकर उन सबको जलाकर मार दूँ। पर उन्हें इतनी आसान मौत देना तो इन पर रहम होगा, जोकि नंदनी और उसकी फैमिली के साथ गलत होगा।"

    "और उनके साथ तो पहले ही इतना गलत हो चुका है, लेकिन अब मैं और कुछ गलत नहीं होने दूँगी उनके साथ। नंदनी के हर एक दर्द का बदला लूँगी। आखिर उसकी वजह से मुझे मेरी ज़िंदगी का उद्देश्य पूरा करने का एक और मौका मिला है। नंदनी की नकली फैमिली, अपनी उल्टी गिनती शुरू कर दो! अब पता चलेगा बुरा करने वाले के साथ भी बुरा ही होता है।"

    ये सब कहते हुए उसके चेहरे पर गुस्से के साथ एक शैतानी स्माइल भी थी। वो एक परी थी, पर उसे देव गुरु और मस्ती परी ने बखूबी बताया था कि अगर किसी को उसके पाप की सज़ा देने के लिए हमें अधर्म का ही सहारा लेना पड़े, तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि धर्म कभी-कभी हमें पापियों को सज़ा देने में कमज़ोर कर देता है। फिर अचानक उसका मूड बदल गया और अपने कमरे को देखकर उसने सोचा कि फ़िलहाल तो सबसे पहले ये कमरा ही देखा जाए, जहाँ अब उसे न जाने कितने समय के लिए रहना था।

    फिर वो उस कमरे से निकलकर पूरे घर को देखने लगी। पूरा घर व्हाइट कलर का था। घूमते हुए उसकी नज़र बैकयार्ड के गार्डन पर पड़ी, जो बहुत खूबसूरत था। इससे आकर्षित होकर वो जल्दी से वहाँ गई।

    वहाँ के सुंदर फूलों को देखकर वो उन्हें छूने से खुद को रोक नहीं पाई और उन्हें छूने लगी। तभी उसकी नज़र दो लोगों पर गई, जिन्हें देखकर उसका चीख निकल गई, क्योंकि वो दो लोग नहीं, बल्कि... जानवर थे।

    उसके सामने एक व्हाइट लायनेस और एक ब्लैक पैंथर थे, जो उसे चीखते देख खुद भी जोर से दहाड़े। व्हाइट लायनेस डर से और ब्लैक पैंथर गुस्से में, आखिर किसी और को अपने घर पर देख उन्हें अच्छा नहीं लगा।

    वही तीनों की आवाज़ सुनकर स्टडी रूम में एक फ़ाइल चेक करता हुआ अनंत, कमरे में तैयार हो रहा समर, और शौर्य, बैकयार्ड की दूसरी तरफ़ से जल्दी से वहाँ आ गए।

    जहाँ अनंत और समर को लगा कि दिव्या, जो अब नंदनी बन चुकी थी, उन दोनों जानवरों को देख डर गई है। पर सिर्फ़ शौर्य जानता था कि वो दोनों को देखकर एक्साइटमेंट में चीखी थी, क्योंकि वो जानता था कि नंदनी को एनिमल्स बहुत पसंद थे। उसे देखकर उसने ऐसे ही रिएक्ट किया था।

    नंदनी जल्दी से शौर्य के पास जाकर उस व्हाइट लायनेस की तरफ़ इशारा करते हुए, अपने गालों पर हाथ रखकर, क्यूटली कहती है, "शौर्य, देखो न इसे! ये कितनी क्यूट और प्यारी है! तुम बताओ न, तुम्हें कैसी लगी ये?"

    उसकी बात सुनकर सभी हैरान थे। वहीँ नंदनी की बात सुनकर शौर्य एक नज़र उस व्हाइट लायनेस की तरफ़ देखता है, जो नंदनी के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनकर शर्मा गई थी और इसलिए उसने अपना सर भी झुका लिया था। ये देखकर शौर्य भी स्माइल, या कहें तो ब्लश करने लगता है।

    पर फिर एक बार नंदनी क्यूट गुस्से में पाउट करते हुए उस ब्लैक पैंथर की तरफ़ उंगली करके शौर्य से बोली, "पर मुझे ये अच्छा नहीं लगा, कालू कहीं का! ये मुझ पर चिल्लाया।"

    अनंत, जो कब से उसकी बात सुन रहा था, वो उस ब्लैक पैंथर को घूरता है। और अनंत को घूरते देख वो ब्लैक पैंथर जल्दी से मासूम बनकर दहाड़ता है, जैसे अनंत से कह रहा हो, "नहीं बॉस, ये लड़की सरासर झूठ बोल रही है। मैं तो इसे चिल्लाते देख डर से चिल्लाया।"

    उसने ये कह तो दिया, पर उसे कहाँ पता था कि नंदनी को वो जो कह रहा है, सब समझ आ रहा था। नंदनी उसकी बात सुनकर हँसने लगती है और उसकी तरफ़ चलकर, उसे चिढ़ाते हुए कहती है, "वाउ! मतलब तुम मुझसे डर गए हो?" ये कहते हुए उसके चेहरे पर एक उसे चिढ़ाने वाली स्माइल आ जाती है। वो आगे कहती है, "क्या फ़ायदा तुम्हारे इतने बड़े और डरावने होने का, जब तुम मुझ जैसी क्यूट लड़की से डर गए?"

    ये सुनकर वो ब्लैक पैंथर एक बार फिर दहाड़ता है, जैसे कह रहा हो, "मैं डरावना नहीं, हैंडसम हूँ।"

    ये सुनकर नंदनी पेट पकड़कर हँसते हुए कहती है, "क्या कहा तुमने? तुम और हैंडसम? अगर ऐसा है तो वो पीछे खड़े भैया तुमसे भी ज़्यादा हैंडसम हैं।" वो लास्ट लाइन पीछे खड़े समर की तरफ़ इशारा करके कहती है। बिचारे समर को समझ नहीं आता वो हँसे या रोएँ। आज उसकी हैंडसमनेस का कंपेरिज़न एक ब्लैक पैंथर से हो रहा है।

    नंदनी एक बार फिर उस व्हाइट लायनेस के पास जाकर उससे पूछती है, "तुम्हारा नाम क्या है? मेरा तो नंदनी है।"

    उस लायनेस के कुछ करने से पहले ही, कब से शांत खड़ा अनंत कहता है, "ये स्नोफ्लैक्स है, और वो (पैंथर की तरफ़ इशारा करके) शैडो।"

    नंदनी स्नोफ्लैक्स का चेहरा अपने हाथ में पकड़कर पाउट करके, "तुम बहुत क्यूट हो, इसलिए मैं तुम्हें स्पेशल निक नेम दे रही हूँ, स्नोइ। कैसा लगा?"

    स्नोफ्लैक्स उसके हाथ पर अपना चेहरा रगड़ती है, जैसे कह रही हो उसे पसंद आया। फिर नंदनी एक बार शैडो को घूरती है और अनंत की तरफ़ देखती है और चलकर उसके पास आकर, अपने हाथ चेस्ट पर फोल्ड करके, अपनी आँखें छोटी करके, "आप कौन हो? मैंने तो आपको पहले कभी नहीं देखा?"

    अनंत या समर कुछ कहने से पहले शौर्य दहाड़ता है, "ये वही हैं जिसकी मदद से मैं तुम्हें यहाँ लेकर आया और इन्होंने ही तुम्हारे घावों का इलाज भी करवाया।"

    नंदनी शौर्य की बात सुनकर अनंत को एक स्माइल देकर, "तो आपने मेरी हेल्प की, थैंक यू सो मच।"

    फिर थोड़ा रुककर, अपनी उंगलियों से खेलते हुए पूछती है, "क्या ये घर आपका है? और ये दोनों भी (स्नोफ्लैक्स और शैडो की तरफ़ देखकर)?"

    अनंत हाँ में सर हिलाता है।

    "मुझे आपका घर और ये (स्नोफ्लैक्स) बहुत अच्छे लगे, पर ये कालू मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा, ये बहुत खड़ूस है।" और ये कहकर वो शैडो को आँखें छोटी करके घूरती है। शैडो भी उसे घूर रहा था, पर वहीँ अनंत की नज़रें नंदनी के चेहरे से हट ही नहीं रही थीं।

    क्या हमेशा शैडो और नंदनी के बीच रहेगी एक कोल्ड वॉर? जानने के लिए पढ़ते रहिए नोवेल।

  • 6. Rebirth of divine soul - Chapter 6

    Words: 2181

    Estimated Reading Time: 14 min

    मुझे आपका घर और ये (स्नोफ्लैक) बहुत अच्छे लगे। पर ये कालू मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगा, ये बहुत खडूस है।" और ये कहकर वह शैडो को आँखें छोटी कर घूरती है। शैडो भी उसे घूर रहा था। पर वही अनंत की नज़रें नंदनी के चेहरे से हट ही नहीं रही थीं।

    वह नंदनी के सर पर हाथ रख बोला, "ठीक है, तुम्हें सब पसंद आया पर अब तुम्हें चलकर कुछ खाना चाहिए क्योंकि फिर मेडिसिन भी लेनी है न तुम्हें। और फिर बहुत सारा रेस्ट भी करना है।"

    उसकी बात सुन नंदनी को याद आता है कि कल से उसने कुछ खाया ही नहीं है। वह अपने पेट पर हाथ रख कहती है, "हाँ, नानू को भूख तो बहुत लगी है। लेकिन (थोड़ा झुक अपने घुटनों को पकड़, बिचारा सा मुँह बनाकर) मिस्टर रिचिरिच, नानू के पैर दुख रहे हैं, वो थक गई है। कैसे चलकर अंदर जाएगी?"

    अनंत उसकी नौटंकी को देख हल्की सी स्माइल करता है जो किसी के देखने से पहले गायब हो जाती है और वह नंदनी को एक झटके में गोद में उठा लेता है। नंदनी गिरने के डर से जल्दी उसे गले में अपनी बाहें डाल देती है। अनंत उसे अंदर की तरफ लेकर बढ़ जाता है।

    वहीं पीछे खड़े समर, सुशांत और शैडो की हालत ऐसी थी जैसे उन्होंने कोई भूत देख लिया हो। समर और सुशांत को पता था कि अनंत को उससे चिपकने वाली लड़कियाँ बिलकुल पसंद नहीं हैं, पर वह अब खुद उनके सामने नंदनी को अपनी गोद में उठाकर ले गया। वहीं शैडो इसलिए क्योंकि नंदनी नौटंकी कर रही थी और उनके बॉस उनसे कुछ नहीं कह रहे थे। वही यह वो करता तो उसके बॉस उसे पनिशमेंट देते।

    समर और सुशांत कुछ देर वहीं खड़े रहते हैं, फिर अपने होश में आकर जल्दी से अनंत के पीछे जाते हैं। अनंत नंदनी को अंदर ले जाते हुए कहता है, "अब तुम्हें चलने की ज़रूरत नहीं है।"

    नंदनी स्माइल कर कहती है, "थैंक यू, मिस्टर रिचिरिच, आप बहुत अच्छे हो। आप नानू को बहुत अच्छे लगे।"

    "पर तुम मुझे रिचिरिच क्यों कह रही हो?" अनंत उससे पूछता है।

    नंदनी अपने सर पर एक हाथ रख कहती है, "ओफ़्फ़ो! आप न बुद्धू हो। नानू को आपका नाम पता नहीं है। मैं आपको क्या कहकर बुलाऊँ, इसलिए नानू ने खुद ही आपका नाम रख लिया मिस्टर रिचिरिच, क्योंकि आप बहुत अमीर हो न इसलिए और आपके पास इतना बड़ा और सुंदर घर भी है।"

    वह लास्ट लाइन को घर की तरफ़ इशारा कर कहती है। तब तक वे अंदर पहुँच चुके थे।

    अनंत उसे डाइनिंग टेबल की चेयर पर बिठाकर कहता है, "मेरा नाम अनंत सिंह राजपूत है।"

    नंदनी पाउट कर अपने दोनों गालों पर हाथ रख कहती है, "आपका नाम तो बहुत बड़ा है। नानू आपको आनु कहकर बुलाएगी। ओके?"

    अनंत एक पल के लिए 'आनु' सुन हैरान रह जाता है। उसे यह सिर्फ़ उसके मम्मी-पापा बुलाते थे। उनके अलावा और कोई नहीं, पर आज नंदनी के मुँह से 'आनु' सुन उसे एक अपनापन महसूस हुआ। वहीं समर और सुशांत को एक और झटका लगा नंदनी को अनंत को 'आनु' बुलाते देख।

    उन्हें अब नंदनी के लिए डर लग रहा था क्योंकि अनंत को 'आनु' सिर्फ़ उसके पैरेंट्स ही बुलाते थे। उनके जाने के बाद उसे 'आनु' बोलने का हक़ अनंत ने आज तक किसी को नहीं दिया था। पर उनकी सोच से उलट अनंत स्माइल कर कहता है, "ओके। तुम जो चाहो कह सकती हो, प्रिंसेस। चलो अब बताओ कि तुम अब क्या खाना चाहोगी?"

    नंदनी अपनी आँखें बड़ी कर उसे पूछती है, "जो मैं कहूँगी वो खिलाओगे?"

    अनंत को वह एक बार फिर बहुत क्यूट लगती है और उसके चेहरे से उसकी नज़र हटाना मुश्किल हो गया था। वह कहता है, "हाँ, प्रिंसेस, तुम जो कहोगी वो खा सकती हो।"

    "सच्ची?" नंदनी अपनी बड़ी-बड़ी आँखें टिमटिमाते हुए पूछती है। अनंत उसका गाल लाइटली खींचकर कहता है, "मुच्ची।"

    तो नंदनी अपनी उंगलियों पर गिनते हुए कुछ डिशेज का नाम कहना शुरू करती है, "पाव भाजी, सैंडविच, खमन, दाल, बाटी, मक्के की रोटी, सरसों का साग, छोले भटूरे, आलू पराठे, राजमा चावल, मंचूरियन, नूडल्स, पिज़्ज़ा, पास्ता और मीठे में गुलाब जामुन, रसगुल्ले, काजू कतली, खीर, जलेबी, रबड़ी, आइसक्रीम, ब्राउनी और साथ में मैंगो स्मूदी, वो मेरी फ़ेवरेट है। और कुछ खाना होगा तो नानू बता देगी।"

    वहीं इतनी सारी डिशेज का नाम सुन सभी सोच में पड़ जाते हैं। यह छोटी सी बच्ची इतना सब खा पाएगी? अनंत भी प्यार से उसे पूछता है, "प्रिंसेस, तुम सब खा पाओगी?"

    नंदनी हाँ में सर हिलाते हुए मासूमियत से कहती है, "हाँ, नानू खा लेगी। वैसे भी नानू ने बहुत सालों से टेस्टी खाना नहीं खाया है। वो लोग नानू को सिर्फ़ रोटी, प्याज़ और मिर्च ही देते थे, पर मारिया आंटी कभी-कभी मेरे लिए अच्छा खाना लेकर आती थी, पर उसमें भी सिर्फ़ रोटी-सब्ज़ी होती या दाल-चावल।"

    उसकी बात सुन सबको उसके लिए बुरा लगता है। वहीं अनंत को पहले तो नंदनी के फैमिली वालों पर बहुत गुस्सा आता है, पर फिर वह खुद को शांत कर अपने शेफ़ को सारी चीज़ें बनाने का ऑर्डर देता है। शेफ़ एक-एक कर चीज़ें बनाकर लाते जाते हैं। नंदनी बड़े आराम से खा रही थी। तभी वह देखती है कि बाकी तीनों में से कोई नहीं खा रहा था। वह तीनों से कहती है, "आप में से कोई क्यों नहीं खा रहा है? नानू हमेशा अकेले खाती है। पर आज मैं सबके साथ खाऊँगी। आप दोनों भी बैठ जाइए और फिर सब साथ में खाएँगे।"

    यह सुन समर और सुशांत उनके सामने वाली चेयर पर बैठ जाते हैं और अब चारों एक साथ खाते हैं। पर वह देखती है कि समर और सुशांत तो छोले-भटूरे और राजमा-चावल खा रहे थे, पर वहीं सर्वेंट्स ने अनंत के लिए अलग से हेल्थी फ़ूड लाया था। हेल्थी फ़ूड यानी उबला हुआ बेस्वाद खाना। नंदनी यह देख उसकी तरफ़ आलू के पराठे का एक बाइट बढ़ाकर कहती है, "आनु, ये खाओ न, ये बहुत टेस्टी है। क्या ये उबला हुआ खाना क्यों खा रहे हो?"

    अनंत कहता है, "प्रिंसेस, ये हेल्थी फ़ूड है। अब ये खाओ, पर फिर बाद में जब तुम ठीक हो जाओगी, तब तुम्हें भी मेरे साथ ये हेल्थी फ़ूड ही खाना है।"

    "नहीं-नहीं, बिलकुल नहीं, नानू ऐसा खाना नहीं खाएगी। ये अच्छा नहीं होता है।" नंदनी मुँह बनाकर कहती है।

    अनंत उसके हाथ से पराठा खाकर कहता है, "ओके, ठीक है। अब खाओ, फिर मेडिसिन भी लेनी है।"

    खाना ख़त्म होने के बाद समर और सुशांत को कुछ काम था इसलिए वे दोनों निकल गए। अनंत नंदनी से कहता है, "चलो रूम में चलते हैं। मेडिसिन लेकर थोड़ी देर सो जाना।"

    नंदनी अनंत को देख पाउट कर एक बार फिर कहती है, "आनु, नानू ने बहुत ज़्यादा खा लिया है, मुझसे अब चला भी नहीं जाएगा।"

    अनंत को उसकी हरकत पर बहुत हँसी आती है, पर वह उसे कंट्रोल कर इस बार भी गोद में उठा लेता है और फिर उसे रूम में लेकर जाता है। वह रूम भी व्हाइट कलर का ही था, पर इसके बेड का स्टाइल अलग था। पीछे लोटस का डिज़ाइन, लेफ्ट साइड में बहुत बड़ी विंडो। (बाकी रूम देखना है तो कमेंट्स में देख लेना) नंदनी रूम देखते ही कहती है, "वाउ! इतना ब्यूटीफ़ुल और स्टाइलिश रूम है। वैसे ये किसका रूम है?"

    "मेरा है, पर अब से तुम्हारा भी। ओके, चलो अब जल्दी से मेडिसिन लेकर थोड़ा आराम कर लो।"

    अनंत ड्रॉअर से दवाई निकालता है। जिसे देख जल्दी से नंदनी अपने मुँह पर हाथ रख कहती है, "नहीं, मैं दवाई नहीं लूँगी। इसे लेते ही टेस्टी-टेस्टी खाने का टेस्ट चला जाएगा और फिर सिर्फ़ रहेगा इस कड़वी दवाई का टेस्ट।"

    अनंत उसे बेड पर बिठाकर दवाई की गोली दिखाकर कहता है, "ये कैप्सूल है। इसका टेस्ट नहीं आता है।"

    नंदनी फिर भी ना में सर हिलाती है। अनंत कहता है, "चलो, अगर मेडिसिन लोगी तो रात को आइसक्रीम खाएँगे।"

    नंदनी अपनी छोटी उंगली उसके सामने बढ़ाकर कहती है, "पक्का प्रॉमिस।"

    अनंत उसकी छोटी उंगली को अपनी उंगली में पकड़ कहता है, "प्रॉमिस।"

    अनंत फिर उसे दवाई देता है और नंदनी के बेड पर लेटने के बाद उसका सर थपथपाता है जब तक वह सो नहीं जाती। फिर वह ऑफिस जाने की जगह घर पर रहकर ही काम करने का सोचता है।

    उसे काम करते हुए शाम के 5 बज जाते हैं। वह टाइम देख सोचता है कि नंदनी को एक बार रूम में देखकर आए, वह उठी या नहीं। वह जैसे ही अपने रूम का दरवाज़ा खोलता है, उसे नंदनी बेड पर बैठ आँखें मसलती हुई दिखती है, जिससे साफ़ था वह भी उठ गई है। अनंत को वह अब भी बहुत क्यूट लग रही थी।

    वह रूम में जाकर उसके पास बैठ उसका सर सहलाकर कहता है, "गुड इवनिंग, प्रिंसेस, तुम उठ गई। चलो जाकर फ्रेश अप हो जाओ।"

    नंदनी उठने की जगह सामने की तरफ़ हाथ बढ़ा देती है, जिसका मतलब अनंत साफ़ समझ जाता है और वह एक बार फिर नंदनी को अपनी गोद में उठाता है और वाशरूम में लेकर बेसिन के बगल में बिठाता है और खुद उसका फेस वॉश करता है क्योंकि नंदनी का खुद से कुछ भी करने का इरादा नहीं लग रहा था। वह नंदनी का फेस वॉश करने के बाद जैसे ही टॉवेल लेने जाता है, पीछे बैठी नंदनी के दिमाग में शैतानी करने का आइडिया आता है। वैसे भी बिना शैतानियाँ किए दिव्या को अच्छा नहीं लगता था और अब नंदनी को भी।

    वह जल्दी से अपनी जगह से उठ शावर के पास जाकर उसे ऑन कर अनंत को भिगाने लगती है। कुछ ही सेकंड्स में अनंत पूरा भीग गया। वह जल्दी से नंदनी के पास आता है और शावर बंद करने की कोशिश करता है, पर नंदनी भी इतनी जल्दी हार मानने वालों में से थोड़ी थी। इसी चक्कर में अनंत के साथ नंदनी भी पूरी भीग गई। कुछ देर की मेहनत के बाद अनंत शावर बंद करता है और देखता है कि दोनों भीग चुके हैं। अनंत अपने गीले बाल पीछे करते हुए कहता है, "ये क्या, प्रिंसेस? देखो, दोनों भीग गए। ऐसे मस्ती नहीं करनी चाहिए न, तुम बीमार भी हो सकती हो।"

    नंदनी सैड फेस बनाकर अपने नकली आँसू पोछते हुए कहती है, "आप मुझे डाँट रहे हो। मैं आपसे बात नहीं करूँगी।"

    अनंत को समझ नहीं आता वह क्या कहे अब। पर फिर वह उसका चेहरा अपने हाथों में भर कहता है, "अच्छा, सॉरी, प्रिंसेस, अब नहीं डाँटूँगा। चलो, जल्दी से कपड़े चेंज करो, मैं अभी लेकर आता हूँ।"

    और यह कहकर वह जल्दी से बाहर जाकर अपने वॉर्डरोब से एक टी-शर्ट और शॉर्ट्स निकाल बाथरूम में आता है और कपड़े नंदनी की तरफ़ बढ़ाकर कहता है, "अभी के लिए ये पहन लो, कल तक तुम्हारे कपड़े आ जाएँगे।"

    पर नंदनी अपने हाथ आगे नहीं करती कपड़े लेने के लिए। अनंत उसे पूछता है, "क्या हुआ, प्रिंसेस? कपड़े लो और जल्दी से चेंज कर लो, वरना ठंड लग जाएगी।"

    "नहीं, आपने मुझे डाँटा, इसलिए पनिशमेंट में आपको मेरे कपड़े चेंज करने होंगे।" यह सुन तो जैसे अनंत को सदमा लग जाता है। वह हकलाते हुए कहता है, "मैं...कैसे...प्रिंसेस?" यह पहली बार था कि अनंत किसी के सामने ऐसे हकला रहा हो।

    "नहीं, आपको ही मेरे कपड़े चेंज करने होंगे, वरना मैं जाकर किसी और से कह दूँगी।" और यह कहकर जैसे ही वह बाथरूम के दरवाज़े की तरफ़ बढ़ती है, अनंत जल्दी से उसका हाथ पकड़ उसे रोकता है। वह थोड़ी सी किसी फीमेल सर्वेंट को भी अपनी प्रिंसेस को बिना कपड़ों के देखने दे सकता था। यह बात अलग है कि घर में कोई फ़ीमेल सर्वेंट नहीं है। उसने एक फ़ीमेल स्टाफ़ को अप्वाइंट किया है, पर वह कल से ज्वाइन करने वाली है। उसे खुद अपनी फ़ीलिंग समझ नहीं आ रही थी, वह नंदनी से कल ही मिला था, पर फिर भी पता नहीं उसे क्या हो रहा था नंदनी को देख।

    क्या करेगा अनंत? क्या वह माना लेगा नंदनी को खुद से कपड़े चेंज करने या खुद करेगा उसके कपड़े चेंज? जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 7. Rebirth of divine soul - Chapter 7

    Words: 1555

    Estimated Reading Time: 10 min

    अनंत थोड़ी किसी और को अपनी प्रिंसेस को ऐसे देखने देगा? बिल्कुल नहीं! इसलिए आखिर में उसने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "ओके, मैं चेंज करता हूँ तुम्हारे कपड़े, पर अब बिल्कुल शैतानी नहीं, और अपनी जगह से हिलना भी मत!"

    नंदनी ने बड़ी मासूमियत से, अच्छी बच्ची की तरह, सर हिलाया, जैसे पूरी तरह से उसकी बात मानने को तैयार हो। अनंत ने आँखें बंद कीं, खुद को संभाला, और जैसे-तैसे उसके कपड़े चेंज करने लगा।

    लेकिन ये इतना आसान थोड़ी था? जब भी अनंत का हाथ गलती से भी नंदनी की नर्म, मुलायम स्किन को छू जाता, एक अजीब सी सिहरन दोनों के शरीर में दौड़ जाती। नंदनी का ध्यान शायद इस ओर नहीं था, पर अनंत के लिए ये पहली बार था जब उसे लग रहा था कि उसका खुद के माइंड पर कोई कंट्रोल ही नहीं रहा। जैसे दिमाग काम करना ही बंद कर दे और हर एहसास सिर्फ उसकी स्किन के टच तक सीमित हो जाए।

    ये टास्क उसकी लाइफ का सबसे मुश्किल टास्क था!

    लेकिन वो इसे पूरा करता है, वो भी बखूबी! किसी तरह खुद को काबू में रखते हुए, उसने नंदनी को अपनी टी-शर्ट पहनाई। उसकी खुद की टी-शर्ट जो नंदनी पर घुटनों तक आ रही थी। और उसका शॉर्ट? अरे, वो तो इतना बड़ा था कि नंदनी उसमें लगभग डूब ही गई थी!

    नंदनी ने खुद को शीशे में देखा और उसका चेहरा रोने जैसा हो गया। होंठ बाहर निकालते हुए उसने गुस्से से कहा, "नानू तो इसमें भालू दिख रही है! सब देख के हँसेंगे नानू पर!"

    छोटी सी बच्ची जैसी मासूमियत से उसने अनंत की तरफ देखा, जैसे कह रही हो—'अब बताओ, आप ही बोलो, क्या मैं ऐसी अच्छी लग रही हूँ?'

    और अनंत? अनंत बस उसे देखता रह गया...

    "कोई नहीं हँसेगा तुम पर।" फिर वो टी-शर्ट को नंदनी की कमर तक ऊपर कर उसकी एक नॉट बांधता है। और नॉट के एक्स्ट्रा कपड़े को अंदर की साइड फोल्ड करता है।

    "अब ठीक है। तुम रूम में जाओ, मैं कपड़े चेंज कर आता हूँ।" अनंत के कहने पर वो अच्छे बच्चे की तरह रूम में जाकर बेड पर बैठ जाती है। अनंत कपड़े चेंज कर टी-शर्ट और ट्राउजर पहन बाहर आता है।

    फिर दोनों साथ में नीचे जाते हैं। सर्वेंट्स अनंत के लिए ब्लैक कॉफी और नंदनी के लिए दूध, जिसका ऑर्डर अनंत ने ही दिया था, लाते हैं। वो अपनी कॉफी पीने लगता है। पर नंदनी दूध को देख टेढ़े-मेढ़े मुँह बनाने लगती है। जिसे देख कुछ सर्वेंट्स हँस रहे थे। अनंत उनकी आवाज सुन उन्हें एक नज़र देखता है। जिसे देख सर्वेंट्स जल्दी हँसना बंद करते हैं।

    फिर अनंत नंदनी को दूध को घूरते हुए देख पूछता है, "क्या हुआ? पियो।"

    "मुझे ये नहीं पसंद है।" नंदनी पाउट करती है।

    "नहीं, इस बार ये नहीं चलेगा। इस बार पीना ही पड़ेगा।" अनंत स्ट्रिक्ट टोन में कहता है।

    नंदनी पप्पी आइस बनाकर ना में सर हिलाती है। अब अनंत कुछ नहीं कर सकता था। वो सर्वेंट को बुलाता है और उसे कुछ इशारा करता है। फिर नंदनी से कहता है, "ओके, मैंने उसे कुछ और लाने को कहा है।"

    नंदनी के चेहरे पर जंग जीतने वाली स्माइल थी। वो एक ग्लास में कोई ब्राउन कलर की ड्रिंक लेकर आता है। नंदनी ये देख पूछती है, "ये क्या है?"

    "ये चॉकलेट स्मूदी है।" अनंत कहता है।

    नंदनी जल्दी से ग्लास लेती है और पीना शुरू करती है। उसे उसका टेस्ट अच्छा लगता है। अनंत उसको पूरा ग्लास खत्म करते देख एक टेढ़ी स्माइल करता है। वो नंदनी से भी ज़्यादा तेज था। उसने दूध में ही चॉकलेट पाउडर मिलने को कहा था। फिर वो नंदनी के चेहरे पर चॉकलेट दूध से बनी मूँछ साफ़ करता है।

    तभी वहाँ एक 25 के आस-पास का एक लड़का अपने कुछ आदमियों के साथ अंदर आता है। जिनमें से किसी के हाथ में बैग्स और किसी के पास ट्रॉली थी। जो सबसे आगे था उसका नाम रॉबिन सेन था। ये हाफ अमेरिकन-इंडियन है। इनकी मॉम अमेरिकन और इनके डैड इंडियन हैं। ये गे हैं। उन्हें लड़कों में इंटरेस्ट है। इन्हें एक्टर से लेकर हैंडसम बॉयज़ सब पर क्रश है। पर इनका प्यार है सुशांत, अनंत का पर्सनल बॉडीगार्ड। इनकी एक आदत है, ये लड़की और लड़कों दोनों के साथ फ़्लर्ट करते हैं।

    ये बात अलग है कि इसे अनंत से डर लगता है। पर आदत से मजबूर, फ़्लर्ट करने से खुद को रोक ही नहीं पाता है। अनंत सिर्फ़ इसे इसलिए झेलता है क्योंकि वो बहुत बड़े और फ़ेमस फैशन ब्रांड के ओनर हैं और ये बहुत अच्छा फैशन डिज़ाइनर भी है। इनके फैशन सेंस का दीवाना हर कोई है, पर इनके ब्रांड के कपड़े खरीदना हर किसी के बस का नहीं है। और ये अनंत के पर्सनल डिज़ाइनर भी हैं। इनके अच्छे काम और साफ़ दिल की वजह से अनंत इन्हें सह लेते हैं।

    रॉबिन अंदर आते ही अनंत को देख, "मिस्टर अनंत, आप तो हर दिन के साथ और हैंडसम और हॉट होते जा रहे हैं। हाय, मेरा बिचारा दिल हर बार आपको देख सुपरफ़ास्ट ट्रेन से भी ज़्यादा फ़ास्ट भागता है। आपको मैं दिन भर देखते रह सकता हूँ। आप बिज़नेस सूट में हों या कैज़ुअल में, उतने ही हैंडसम लगते हो। और I guess आप बिना उसके..."

    अनंत एक बार नंदनी की तरफ़ देखता है, जो बड़ी-बड़ी आँखें कर रॉबिन को देख रही थी। पर उसकी आँखों में रॉबिन के लिए गुस्सा था, जिस पर किसी का ध्यान नहीं गया था। फिर अनंत रॉबिन को अपनी जानलेवा नज़रों से घूरता है, जिससे एक पल में ही रॉबिन चुप हो जाता है। और सीरियस होकर, "मिस्टर अनंत, अपने जैसे कहाँ था, वैसे सभी चीज़ें लेकर आया हूँ जो एक लड़की को चाहिए। और वो आपने इस ब्यूटीफ़ुल बेबी गर्ल के लिए मँगवाया है ना।"

    'बेबी गर्ल' सुन दोनों एक साथ उसे घूरते हैं। ऐसे अचानक दोनों के द्वारा घूरे जाने की वजह से वो हड़बड़ा जाता है और हकलाते हुए कहता है, "वो मेरा मतलब था, मैंने आपसे जिस साइज़ के आउटफ़िट लाने को कहा था, उसमें मैंने कैज़ुअल, इंडियन, वेस्टर्न, ट्रैडिशनल, फ़ॉर्मल, गाउन, उसके साथ हर आउटफ़िट से मैचिंग ज्वेलरी, वॉचेज़, फ़ुटवियर, बैग, सनग्लास, और मेकअप प्रोडक्ट भी लेकर आया हूँ। पर पहले पैच टेस्ट करना होगा। ये देखने के लिए कि मैडम को किसी प्रोडक्ट से एलर्जी तो नहीं है ना।"

    अनंत अब उसे अपने प्रोफ़ेशनल बिहेवियर में देख, "गुड जॉब। तुम जाकर ये सारा सामान मेरे वॉर्डरोब रूम में सेट कर दो। मैं इसे लेकर अभी रूम में आता हूँ पैच टेस्ट के लिए।"

    रॉबिन स्माइल करता है, "मिस्टर अनंत, आपको आने की ज़रूरत नहीं है।"

    "मैंने कहा ना, मैं आऊँगा!"

    अनंत की आवाज़ इतनी ठंडी और कठोर थी कि रॉबिन एक पल के लिए काँप गया। ऐसा लगा जैसे कमरे का तापमान अचानक गिर गया हो। उसकी आँखें अनंत के एक्सप्रेशन को पढ़ने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन अनंत के चेहरे पर वही बर्फ जैसी ठंडक थी—कोई भावना नहीं, कोई नरमी नहीं।

    कमरे में खड़े स्टाफ़ और सर्वेंट्स तक एक अजीब सी सिहरन महसूस कर सकते थे। एक पल के लिए सबने अपनी साँसें रोक लीं, किसी को भी कुछ कहने की हिम्मत नहीं हो रही थी।

    पर इस सब से बेखबर, नंदनी का पूरा ध्यान विंडो के बाहर था।

    वहाँ बाहर, स्नोइ, शौर्य और शैडो मौजूद थे। शौर्य और स्नोइ आराम से बैठे थे, शायद कुछ बात कर रहे थे। शौर्य की पूँछ हौले-हौले हिल रही थी, और स्नोइ उसके पास बड़े आराम से बैठी थी। वो दोनों ऐसे लग रहे थे जैसे किसी गहरे टॉपिक पर डिस्कशन कर रहे हों।

    पर तभी...

    शैडो बीच में आकर बैठ गया!

    नंदनी ने तुरंत अपनी आँखें छोटी कर लीं और घूरते हुए बड़बड़ाया, "ये कालू... मेरे शौर्य और प्यारी स्नोइ की लव स्टोरी शुरू ही नहीं होने देगा! लगता है इसको तो मैं कल सबक सिखाऊँगी!"

    उसका एक्सप्रेशन ऐसा था जैसे वो किसी बहुत बड़े मिशन की प्लानिंग कर रही हो। उसकी आँखों में एक अलग ही शरारत थी, जैसे सुबह होते ही वह शैडो से बदला लेने वाली हो!

    इस बीच, रॉबिन अपने स्टाफ़ के साथ अनंत के रूम की ओर बढ़ चुका था। कमरा अब पहले जैसा शांत था, पर अनंत का ध्यान नंदनी पर चला गया था। वह उसे देख रहा था—जो अभी भी बड़बड़ा रही थी, चेहरे पर गुस्सा, पर मासूमियत अब भी बरकरार।

    अनंत ने हल्का सा सिर झुकाते हुए पूछा, "क्या हुआ?"

    नंदनी ने झट से सिर ना में हिला दिया, जैसे कुछ हुआ ही ना हो।

    पर अनंत को इतनी आसानी से संतोष नहीं होने वाला था। उसकी आँखें हल्के संदेह से भर गईं, पर फिर भी उसने दूसरा सवाल पूछ लिया, "वो मुझे तुमसे कुछ पूछना है..."

    नंदनी ने हल्की जिज्ञासा से उसकी ओर देखा।

    अनंत ने एक सेकंड के लिए रुका, फिर सीधे पूछा, "तुम्हें जानवरों की बातें कैसे समझ आती हैं?"

    क्या होगा नंदनी का जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिए ये नोवेल।

  • 8. Rebirth of divine soul - Chapter 8

    Words: 1879

    Estimated Reading Time: 12 min

    नंदनी ने अनंत का सवाल सुनकर एक पल के लिए हड़बड़ाया। पर फिर खुद को संभालते हुए उसने अपने सर पर एक उंगली रखकर सोचने का नाटक करते हुए कहा, "ये तो नंदनी को भी नहीं पता। नानू तो हमेशा से ही एनिमल से बात करती आ रही हूँ। पहले तो नानू को लगता था कि सभी लोग कर सकते हैं, लेकिन डेडा ने नानू को बताया कि ये सिर्फ उसकी स्पेशल क्वालिटी है जो गोद ने नानू को गुड गर्ल होने के लिए गिफ्ट में दिया है ताकि नानू एनिमल्स की हेल्प कर पाए।"

    अनंत ने उसकी बात सुनकर हाँ में सिर हिलाया। फिर नंदनी ने मन ही मन सोचा, "हम जानते हैं हम झूठ बोल रहे हैं, लेकिन हम अभी किसी को कुछ नहीं बता सकते। तब तक बिलकुल नहीं, जब तक शौर्य से हमारी बात न हो जाए। और वैसे भी हमारी शक्तियाँ भगवान का वरदान ही हैं, जनकल्याण, इंसानों की हेल्प और अच्छे के लिए ही हैं।"

    अनंत कहीं खोए हुए दिख रहे थे। नंदनी ने उसे हिलाते हुए पूछा, "कहाँ खो गई प्रिंसेस?"

    "वो कुछ नहीं। वैसे मुझसे आपसे कुछ पूछना है। आप जानवरों को आखिर कैसे समझते हो? मैंने गार्डन में देखा था आप कालू जो कह रहा था, वो समझ रहे थे।" इस बार उसने उसे सही सवाल पूछा।

    "वो जब स्नोफ्लेक और शैडो को एडॉप्ट किया था, तब मुझे उसकी बातें समझ नहीं आती थीं। पर धीरे-धीरे उन्हें ऑब्जर्व करने लगा, तब से मैं उनकी दहाड़ से गेस कर लेता हूँ कि वो क्या कहना चाहते हैं।" अनंत ने कहा। नंदनी मुस्कुराई। फिर दोनों कमरे में गए।

    वहाँ रॉबिन के स्टाफ ने जल्दी से पूरा वार्डरोब अरेंज कर दिया था। रॉबिन फिर एक-एक प्रोडक्ट लेकर उस पर ट्राय करता है। जब-जब रॉबिन नंदनी के चेहरे को टच करता, अनंत का मन करता कि उसे दूर करके खुद करे, पर उसे मेकअप करना आता ही नहीं था। तभी उसने अपने मन में ठान लिया। वह नंदनी के लिए मेकअप सीखेगा, जिससे अगली बार कोई और उसकी प्रिंसेस के चेहरे को टच न करे।

    वह अपने ख्यालों में खोया हुआ था, तभी उसने देखा कि रॉबिन नंदनी के होंठों को टच करने वाला था। उसने अचानक तेज आवाज़ में कहा, "नो।"

    उसके अचानक तेज बोलने की वजह से सभी एक साथ उसकी तरफ देखने लगे। इससे अनंत को एम्बेरसिंग फील हुआ, पर फिर भी उसने पोकर फेस बनाए रखते हुए कहा, "वो तुम उसके लिप्स को टच किए बिना लिपस्टिक लगा सकते हो, न? तो बार-बार उसे टच करने की क्या ज़रूरत है?"

    रॉबिन ने यह सुनकर उसे चिढ़ाने वाली मुस्कान देते हुए कहा, "Someone is jealous।" अनंत ने उसे घूर कर देखा, तो वह अपने काम पर ध्यान लगाने लगा। पूरा मेकअप का पैच टेस्ट होने के बाद रॉबिन अपने स्टाफ के साथ वहाँ से चला गया। अनंत जाकर नंदनी को वार्डरोब से कुछ और पहनने को कहा।

    नंदनी वार्डरोब रूम में भागी और जल्दी से वार्डरोब खोला। उसमें बहुत सारे कपड़े देखकर वह कन्फ्यूज हो गई। फिर उसने जोर से अनंत को आवाज़ लगाई, "आनु!"

    अनंत जल्दी से अंदर आया। नंदनी ने सारे कपड़ों की तरफ इशारा करते हुए कहा, "ये कितने सारे हैं! नानू को कुछ समझ नहीं आ रहा है। आप चुन कर दो न।"

    अनंत ने हाँ में सिर हिलाकर वहाँ एक छोटे से काउच पर बैठने को कहा और खुद उसके लिए कपड़े निकालने लगा। वह सारे कपड़े देख रहा था, तभी उसकी नज़र एक हूडी पर गई जिसके सर पर खरगोश के कान बने थे। उसने उससे एक शॉर्ट्स भी निकाला। फिर उसने वे कपड़े नंदनी को पकड़ा कर क्लोज़ेट से जल्दी बाहर निकल गया।

    नंदनी ने उसे कपड़े बदलने से मना कर दिया। नंदनी ने वह हूडी और शॉर्ट्स पहनकर बाहर आई, पर अलग स्टाइल में। वह एक रैबिट की तरह जम्प करते हुए आई। अनंत को वह बिलकुल एक रैबिट ही लग रही थी। नंदनी रैबिट की तरह जम्प करते हुए उसके पास आकर पूछी, "मैं कैसी लग रही हूँ?"

    अनंत ने उसका नाक खींचते हुए (धीरे से) कहा, "एक क्यूट बनी की तरह।"

    नंदनी ने अपने दोनों कान पकड़ते हुए कहा, "वो तो नानू है! ये देखो कान और रैबिट वाले स्लीपर।" उसने अपने पैरों की तरफ इशारा किया। उसकी हरकत देखकर अनंत मुस्कुरा दिया।

    नंदनी ने यह देखकर कहा, "आपकी स्माइल बहुत सुंदर है। ऐसे ही मुस्कुराया करो, और हैंडसम लगोगे।"

    अनंत को खुद रियलाइज़ नहीं हुआ था कि वह मुस्कुरा रहा है। फिर नंदनी ने अपने पेट पर हाथ रखते हुए कहा, "नानू को भूख लग रही है।"

    "तो चलो नीचे चलते हैं। खाना बन चुका होगा।" अनंत जैसे ही उसका हाथ पकड़ने लगा, नंदनी ने अपना हाथ पीछे खींचते हुए उसे खुद को गोद में उठाने के लिए कहा।

    अनंत ने उसे गोद में उठाया। जैसे ही वह सीढ़ियों के पास पहुँचा, उसका फ़ोन बज गया। यह देखकर नंदनी ने उसे खुद को नीचे उतरने के लिए कहा और नीचे उतरने के बाद बोली, "आप फ़ोन उठा लो, ज़रूर कोई ज़रूरी कॉल होगा।"

    अनंत ने हाँ में सिर हिलाकर कॉल रिसीव किया और बात करने लगा। वहीं नंदनी वहाँ खड़ी थी, तभी उसकी नज़र सर्वेंट्स पर गई जो टेस्टी-टेस्टी खाना डाइनिंग टेबल पर सर्व कर रहे थे। नंदनी ने अपने होठों पर जीभ फेरते हुए सीढ़ियों से नीचे उतरना शुरू किया।

    उसका ध्यान खाने पर था, जिससे वह एक स्टेप मिस कर गई। वह गिरने वाली ही थी कि किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया। पर गिरने के डर से उसके मुँह से चीख निकल गई। यह सुनकर अनंत जल्दी से वहाँ आया और नंदनी को गिरते देख हैरान रह गया। उसे बचाने वाला सुशांत था, जो सीढ़ियों से उन्हें खाने के लिए बुलाने ही आ रहा था।

    यह देखकर अनंत ने राहत की साँस ली। वरना उसके दिल की धड़कन एक पल के लिए रुक गई थी। नंदनी ने डर से आँखें बंद कर ली थीं। जब उसे डर का अहसास नहीं हुआ, तो उसने अपनी आँखें खोलीं और अपने सामने सुशांत को देखा। सुशांत उसे सीधा खड़ा करता है। उसने उसे देखा था, पर वह उसका नाम नहीं जानती थी। अनंत भी उसके पास पहुँचा और पूछा, "तुम ठीक हो न? ध्यान कहाँ था तुम्हारा?"

    "वो... मेरा ध्यान खाने पर था।" नंदनी ने मासूमियत से कहा।

    अनंत ने उसके चेहरे को अपने हाथों में थामते हुए कहा, "बच्चा, ध्यान रखकर चला करो। अभी चोट लग जाती तुम्हें।"

    नंदनी ने हाँ में सिर हिलाया। फिर सुशांत की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए कहा, "थैंक यू मुझे बचाने के लिए।"

    सुशांत ने कहा, "ये मेरा फ़र्ज़ है।"

    नंदनी कन्फ्यूज़ होकर बोली, "फ़र्ज़ मतलब?"

    सुशांत के कुछ कहने से पहले अनंत बोला, "खाना खाते हुए बात करते हैं। वैसे भी, प्रिंसेस तुम्हें बहुत भूख लगी है न।"

    नंदनी ने अपने पेट पर हाथ रखते हुए कहा, "हाँ आनु! नानू के पेट में चूहे फुटबॉल खेल रहे हैं।"

    नंदनी यह करते हुए फिर एक बार बहुत क्यूट लग रही थी। यह देखकर दोनों को हँसी आ गई।

    फिर तीनों साथ में डाइनिंग टेबल के पास आये। समर भी वहीं खड़ा था। तीनों वहाँ आकर एक साथ बैठ गए। सभी ने खाना शुरू किया। खाने में सैलेड, चोले-भटूरे, दाल-चावल, मसाला पापड़, दही, छाछ था। मीठे में सूजी का हलवा था। यह देखकर नंदनी के मुँह में पानी आ गया।

    सभी ने खाना शुरू किया। नंदनी खाते हुए समर और सुशांत की तरफ़ देखकर बोली, "वैसे मैंने आप दोनों का नाम नहीं पूछा। आप दोनों का नाम क्या है?"

    समर ने कहा, "मैं समर राव। अनंत सर का असिस्टेंट।"

    फिर सुशांत ने कहा, "मैं सुशांत राव। अनंत सर का पर्सनल बॉडीगार्ड।"

    नंदनी बोली, "ओह! इसलिए आपने कहा था कि ये आपका फ़र्ज़ है। और क्या आप दोनों भाई हो?"

    समर ने कहा, "हाँ, हम दोनों जुड़वा भाई हैं।"

    नंदनी बोली, "ओह! पर मैं आप दोनों को क्या कहकर बुलाऊँ? आप दोनों मुझसे बड़े हो?"

    "अगर तुम चाहो तो हमें भाई बुला सकती हो।" समर ने कहा।

    "हाँ, अब से आप दोनों मेरे भाई।" नंदनी ने बच्चों की तरह मुस्कुराते हुए कहा।

    फिर सभी ने साथ में खाना खाया। अनंत ने नंदनी से आइसक्रीम खाने का वादा किया था। चारों साथ में बैठकर आइसक्रीम खाते हैं। और फिर सभी अपने-अपने कमरों में सोने जाते हैं। अनंत और नंदनी जैसे ही बिस्तर पर लेटे, नंदनी ने कहा, "आनु, आपके मॉम-डैड कहाँ हैं?"

    अनंत बिना कुछ बोले उठकर बैठ गया। नंदनी ने उसे चुप देखकर पाउट करते हुए कहा, "आपको नहीं बताना है तो चलो, पर ऐसे चुप मत रहो। नानू को अच्छा नहीं लग रहा है आपको ऐसे देखकर।"

    अनंत ने कहा, "आज तक किसी से मैंने इस टॉपिक पर बात नहीं की। मैं सिर्फ़ 10 साल का था। पिकनिक पर गए थे, मेरी और समर की फैमिली। तब एक एक्सीडेंट हुआ, उसमें मेरे और उसके पेरेंट्स की डेथ हो गई। फिर दादा जी ने मुझे और समर, सुशांत और उसके छोटे भाई को पाल-पोसकर बड़ा किया।"

    नंदनी उत्साह से पूछी, "समर भाई और सुशांत भाई का एक छोटा भाई है?"

    अनंत ने हाँ में सिर हिलाया। नंदनी ने कहा, "मतलब नानू उसकी बड़ी बहन हुई! मुझे हमेशा से एक छोटा और बड़ा भाई चाहिए थे, और आज मुझे दोनों मिल गए!"

    और वह तालियाँ बजाने लगी। फिर अनंत ने कहा, "चलो सो जाते हैं। और तुमने दवा ली न?"

    नंदनी ने हाँ में सिर हिलाया। फिर दोनों लेट गए। अनंत नंदनी के बालों में उंगली घुमा रहा था, जिससे नंदनी को जल्दी नींद आ गई। और अनंत को भी नंदनी को देखते हुए नींद आ गई।

    वहीं करीब आधी रात को अनंत आराम से सो रहा था, तभी उसे अपने ऊपर कुछ भारी का एहसास हुआ।

    चलो आप स्नेह बताओ वो भारी चीज़ क्या हो सकती है?

    और आगे क्या होगा, ये जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 9. Rebirth of divine soul - Chapter 9

    Words: 1771

    Estimated Reading Time: 11 min

    वही करीब आधी रात को अनंत आराम से सो रहा था। तभी उसे अपने ऊपर कुछ भारी का एहसास हुआ। उसने अपनी आँखें खोलीं और देखा। नंदनी उस पर सोई हुई थी। अनंत यह देख मुस्कुराया और फिर उसे अपनी बाहों में पकड़कर एक बार फिर सो गया।

    अगली सुबह

    अनंत को जल्दी उठकर एक्सरसाइज करने की आदत थी। इसलिए वह जल्दी उठा और नंदनी को आराम से बिस्तर पर लिटा दिया। और खुद उठकर विला में बने जिम में चला गया।

    नंदनी आराम से सो रही थी। तभी उसे एक डरावना सपना आया। जिसमें वह एक अंधेरी जगह पर थी। उसके पीछे एक राक्षस पड़ा हुआ था। अनंत उसे बचाने आया, पर वह राक्षस उसे मार देता है। यह देख वह आवाज लगाते हुए उठ बैठी।

    बिस्तर पर बैठने के बाद उसने अपने बगल में देखा। वहाँ अनंत नहीं था। उसने टाइम देखा, जो सिर्फ़ 5 ही बजे थे। फिर वह खुद से बोली, "यहाँ आए हुए मुझे सिर्फ़ 2 दिन हुए हैं, उसमें से भी सिर्फ़ आज का दिन है जो मैंने अनंत के साथ बिताया, फिर भी न जाने मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे मेरे और अनंत के बीच एक गहरा नाता, एक कनेक्शन है।"

    फिर उसने सारे ख़्यालों को झटककर अनंत को ढूँढना शुरू किया। यह जानने के लिए कि वह इतनी सुबह सोने के अलावा क्या कर रहा है। उसने अपनी आँखें मसलते हुए स्लीपर पहने और कमरे से बाहर आई। और अनंत को ढूँढने लगी। वहीं उसे एक नौकर दिखाई दिया जो एक ट्रे में कुछ लेकर जा रहा था।

    वह उस नौकर के पास पहुँची। "आप यह कहाँ लेकर जा रहे हैं? और क्या आपने अनंत को कहीं देखा है?"

    नौकर ने सम्मानपूर्वक पहले गुड मॉर्निंग कहा, फिर उसके सवाल का जवाब दिया। "मैम, मैं यह अनंत सर, समर सर और सुशांत सर के लिए लेकर जा रहा हूँ। यह जिम में उनके लिए प्रोटीन शेक और एनर्जी ड्रिंक है।"

    नंदनी ने हाथ से ट्रे लेकर कहा, "आप मुझे जिम का रास्ता बता दो। मैं अनंत के पास ही जा रही हूँ, मैं दे दूँगी।"

    नौकर जल्दी से उसके हाथ से ट्रे लेने की कोशिश करते हुए डरते हुए बोला, "मैम, मैं आपके साथ चलता हूँ। यह मुझे दे दीजिए, वरना सर मुझे डाँटेंगे।"

    नंदनी ने अपने चेहरे पर नकली गुस्से वाला एक्सप्रेशन लाकर कहा, "अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं अनंत से कहकर तुम्हें पनिशमेंट दिलवाऊँगी।"

    यह सुनकर नौकर डर गया। क्योंकि सारे नौकर कल से ही देख रहे थे कि अनंत नंदनी की हर फ़रमाइश पूरी कर रहा था और उसके सामने गुस्सा भी नहीं कर रहा था। फिर वह नौकर उसे जिम का रास्ता बताता है। नंदनी मुस्कुराकर उसे थैंक यू कहती है और जिम की तरफ़ जाती है।

    जिम के पास पहुँचकर उसने देखा कि दरवाज़ा खुला था। वह अंदर गई और देखा वहाँ सिर्फ़ अनंत नहीं, समर और सुशांत भी थे। नंदनी ने सबको वहाँ देखकर एक साथ गुड मॉर्निंग कहा। किसी की आवाज़ सुनकर तीनों एक साथ दरवाज़े की तरफ़ देखते हैं और वहाँ नंदनी को ट्रे लिए खड़े देख समर जल्दी से उसके पास जाकर उसके हाथ से ट्रे लेते हुए बोला, "गुड मॉर्निंग एंजेल। और तुम यह ट्रे क्यों लेकर आई? कितना भारी है यह, तुम्हारे हाथ में दर्द हो सकता है। और सारे नौकर क्या कर रहे हैं? जो उन्हें खुद लेकर यह लाना पड़ा।"

    उसे इतना सब एक साथ एक साँस में कहते देख नंदनी ने अपने सर पर हाथ रखते हुए कहा, "ओफ़्फ़ो समर भाई! आप कितना बोलते हो! साँस तो लो। और यह ट्रे या मैं इसके जैसे 10 ट्रे उठा सकती हूँ। मुझे कम मत समझो समझे। और मैंने भी नौकर से जिद की थी यह लेकर आने की, वह तो मान ही रहा था। पर मेरा मन था इसलिए लेकर आई हूँ।"

    समर फिर उसे अंदर एक बेंच पर बिठाता है और खुद वापस एक्सरसाइज करने लगता है क्योंकि उसने देख लिया था कि अनंत नंदनी के पास आ ही रहा है। अनंत नंदनी के पास बैठकर बोला, "गुड मॉर्निंग प्रिंसेस।"

    नंदनी मुस्कुराकर बोली, "गुड मॉर्निंग आयु। आप यहाँ कब आए? जब मैं उठी और आप वहाँ नहीं थे, मैं डर गई थी कहीं आप भी मुझे मम्मी-डैडी की तरह छोड़कर तो नहीं चले गए।"

    आखिरी लाइन कहते हुए उसकी आँखों में आँसू आ चुके थे। अनंत उसे रोते देख पैनिक करने लगा और जल्दी से उसके आँसू पोछते हुए बोला, "आई एम सॉरी प्रिंसेस। मेरे वजह से तुम डर गई। और मैं तुम्हें छोड़कर कभी नहीं जाऊँगा।"

    और फिर उसने उसके माथे पर किस किया। जिसे देखकर समर और सुशांत की हालत ऐसी हुई जैसे उन्हें किसी ने 440 वोल्ट का झटका दिया हो। पहला रीज़न अनंत ने पहली बार किसी को सॉरी कहा था और दूसरा रीज़न वह फिजिकल टच हमेशा से अवॉइड करता है। पर आज वह खुद उसे किस कर रहा था।

    वहीं नंदनी को जैसे ही अनंत के मुलायम होंठों का एहसास अपने माथे पर हुआ, उसके पेट में तितलियाँ उड़ने लगीं और उसे ऐसा लग रहा था जैसे वह हवा में हो। और उसके गाल हल्के लाल हो गए। जिसे देख अनंत उसे छेड़ते हुए बोला, "प्रिंसेस, तुम्हारे गाल तो टमाटर जैसे लाल हो रहे हैं सिर्फ़ मेरे माथे पर किस करने से। तो तब क्या होगा जब मैं इससे ज़्यादा कुछ करूँगा?"

    नंदनी का चेहरा अब पूरा लाल हो गया। उसने अपना चेहरा हाथों में छिपाते हुए कहा, "मुझे शर्म आ रही है।" अनंत को उस पर बहुत प्यार आया।

    वहीं समर और सुशांत यह देख रहे थे। उन्हें लग रहा था कि वे कभी भी बेहोश होकर गिर सकते हैं। उनके सामने जो अनंत था, वह अनंत उस अनंत से बिलकुल अलग था जिसे वे 20 से ज़्यादा सालों से जानते हैं। उनका सर चकरा गया और वे एक्सरसाइज करने के बजाय वहाँ से जाकर गार्डन में बैठकर मेडिटेशन करने का सोचते हैं क्योंकि उन्हें लग रहा था कि इतना सब कुछ देखने के बाद उनका अपना दिमाग शांत करना बहुत ज़रूरी है, वरना उन दोनों का आर कभी भी ब्लास्ट हो सकता था।

    वे दोनों वहाँ से निकल गए। अनंत उन्हें जाते देखता है पर कुछ नहीं कहता। नंदनी कहती है, "अब आपको एक्सरसाइज करनी चाहिए। मैं जाकर कमरे में थोड़ी देर और सो जाती हूँ।"

    इतना कहकर वह जल्दी से बुलेट ट्रेन की स्पीड में वहाँ से निकल जाती है। अनंत उसे जाते देख हँसता है और वापस ट्रेडमिल पर दौड़ने लगता है। वह दौड़ते हुए अपने बिहेवियर पर हैरान था। वह कभी ऐसा नहीं था, पर नंदनी के सामने पता नहीं उसे क्या हो जाता था। वह उसके सामने वह सभी चीज़ें करता था जो उसने करने का सोचा भी नहीं था।

    वहीं नंदनी जाकर सीधे अपने कमरे में रुकती है और बिस्तर पर लेट सोचने लगती है। उसे यह क्या हो रहा है? उसने और अनंत ने दोनों ने कभी अपनी लाइफ़ में यह फ़ीलिंग्स महसूस नहीं की थीं। यह सब सोचते हुए वह एक बार फिर सो जाती है। 1:30 घंटे बाद अनंत एक्सरसाइज करके कमरे में आता है। वह पसीने से भीगा हुआ था। वह आते ही सीधे नहाने जाता है और एक ब्लैक सूट पहनकर बाहर आता है जिसमें वह बहुत हैंडसम और हॉट लग रहा था।

    बाहर आकर अपने बाल सेट करके वह नंदनी को उठाने लगा। "प्रिंसेस, उठो।"

    नंदनी अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठी और अनंत को देखकर एक स्माइल पास करती है। अनंत उसके चेहरे पर आ रहे बाल पीछे करते हुए बोला, "प्रिंसेस, उठो, जाकर शावर लो, तब तक मैं तुम्हारे लिए कपड़े निकालता हूँ।"

    नंदनी ने हाँ में सर हिलाकर वाशरूम में जाकर सबसे पहले ब्रश किया। फिर कुछ सेकंड अपने चेहरे को निहारते हुए बोली, "हाय! कितनी सुंदर हूँ मैं! भगवान ने सारी खूबसूरती कूट-कूट कर मुझे ही भर दिया है। कोई भी मुझे देखकर कैसे मेरा दीवाना नहीं होगा।"

    फिर मिरर में देखकर एक फ्लाइंग किस खुद को देकर वह शावर लेने लगी। और शावर लेने के बाद उसने अपने बालों में टॉवेल बाँधा और बाथरोब पहनकर बाहर आई। बाथरोब उसके लिए बहुत बड़ा था। अनंत उससे बोला, "तुम्हारे कपड़े निकाल रखे हैं। जाकर पहन लो, फिर मैं तुम्हारे बाल सुखा दूँगा प्रिंसेस।"

    नंदनी क्लोसेट रूम में जाती है और देखती है कि अनंत ने उसके लिए क्यूट प्लश काउ आउटफिट निकाला था। नंदनी वह देखकर पाउट करती है, पर अनंत ने निकाला था इसलिए वह उसे पहनकर बाहर आती है। अनंत को वह बहुत क्यूट लग रही थी। वह उसे लेकर ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा करता है, उसके हेयर ब्लो ड्राई करता है और फिर उसकी एक पोनी बनाकर उसके सर पर ड्रेस से जॉइंटेड कैप पहनाता है।

    फिर वह उसका हाथ पकड़कर बाहर लेकर चलता है। नंदनी को वह पहनावा थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि वह एक काउ की प्रिंट का था। जिसे देख उसे लग रहा था कि सब उसका मज़ाक उड़ाएँगे। इसलिए उसने अनंत को खुद को गोद में उठाने के लिए नहीं कहा।

    वह जैसे ही नीचे आती है, समर उसके गाल खींचता है, "एंजेल, तुम बहुत क्यूट लग रही हो आज।"

    नंदनी अपनी आँखें झपकते हुए बोली, "सच्ची? मैं अजीब नहीं लग रही हूँ ना?"

    सुशांत भी कहता है, "हाँ, तुम सच में बहुत क्यूट लग रही हो एंजेल।"

    नंदनी यह सुनकर मुस्कुराती है। वहीं अनंत समर को घूर रहा था क्योंकि उसने उसकी प्रिंसेस के गालों को टच किया था।

    फिर सभी बैठकर ब्रेकफ़ास्ट करते हैं। फिर तीनों ऑफ़िस के लिए निकल जाते हैं क्योंकि आज अनंत की बहुत इम्पॉर्टेन्ट मीटिंग थी जिसके लिए जाना बहुत ज़रूरी था।

    शाम को अनंत जैसे ही घर आता है, घर का हाल देख अनंत की आँखें गुस्से में लाल हो जाती हैं।

    क्या हुआ होगा, जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 10. Rebirth of divine soul - Chapter 10

    Words: 1771

    Estimated Reading Time: 11 min

    वही करीब आधी रात को अनंत आराम से सो रहा था। तभी उसे अपने ऊपर कुछ भारी का महसूस हुआ। उसने अपनी आँखें खोलीं और देखा। नंदनी उस पर सोई हुई थी। अनंत यह देख मुस्कुराया और फिर उसे अपनी बाहों में पकड़कर एक बार फिर सो गया।


    अगली सुबह


    अनंत को जल्दी उठकर एक्सरसाइज करने की आदत थी। इसलिए वह जल्दी उठा और नंदनी को आराम से बेड पर लिटाया। और खुद उठकर विला में बने जिम में गया।


    नंदनी आराम से सो रही थी। तभी उसे एक डरावना सपना आया। जिसमें वह एक अंधेरी जगह पर थी। उसके पीछे एक राक्षस पड़ा हुआ था। अनंत उसे बचाने आया, पर वह राक्षस उसे मार देता है। यह देख वह चीखते हुए उठ बैठी।


    बेड पर बैठने के बाद उसने अपने बगल में देखा। वहाँ अनंत नहीं था। उसने टाइम देखा, जो सिर्फ़ 5 ही बजे थे। फिर वह खुद से बोली, "यहाँ आए हुए मुझे सिर्फ़ 2 दिन हुए हैं, उसमें से भी सिर्फ़ आज का दिन है जो मैंने अनंत के साथ स्पेंड किया। फिर भी, न जाने मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे मेरे और अनंत के बीच एक गहरा नाता, एक कनेक्शन है।"


    फिर उसने सारे ख्यालों को झटककर अनंत को ढूँढना शुरू किया। यह जानने के लिए कि वह इतनी सुबह सोने के अलावा क्या कर रहा है। उसने अपनी आँखें मसलते हुए स्लीपर पहने और कमरे से बाहर आई। और अनंत को ढूँढने लगी। वहीं उसे एक सर्वेंट दिखा जो एक ट्रे में कुछ कहीं लेकर जा रहा था।


    वह उस सर्वेंट के पास पहुँची।
    "आप यह कहाँ लेकर जा रहे हैं? और क्या आपने अनंत को कहीं देखा है?"


    सर्वेंट ने रिस्पेक्टफुली पहले गुड मॉर्निंग कहा, फिर उसके सवाल का जवाब दिया।
    "मैम, मैं यह अनंत सर, समर सर और सुशांत सर के लिए लेकर जा रहा हूँ। जी हाँ, उनके लिए प्रोटीन शेक और एनर्जी ड्रिंक है।"


    नंदनी ने उससे ट्रे लेकर कहा,
    "आप मुझे जिम का रास्ता बता दो। मैं अनंत के पास ही जा रही हूँ, मैं दे दूँगी।"


    सर्वेंट जल्दी से उसके हाथ से ट्रे लेने की कोशिश करते हुए डरते हुए बोला,
    "मैम, मैं आपके साथ चलता हूँ। यह मुझे दे दीजिये, वरना सर मुझे डाँटेंगे।"


    नंदनी ने अपने चेहरे पर नकली गुस्से वाला एक्सप्रेशन लाकर कहा,
    "अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं अनंत से कहकर तुम्हें पनिशमेंट दिलवाऊँगी।"


    यह सुनकर सर्वेंट डर गया। क्योंकि सारे सर्वेंट्स कल से ही देख रहे थे कि अनंत नंदनी की हर फरमाइश पूरी कर रहा था और उसके सामने गुस्सा भी नहीं कर रहा था। फिर वह सर्वेंट उसे जिम का रास्ता बताता है। नंदनी मुस्कुराकर उसे थैंक यू कहती है और जिम की तरफ़ जाती है।


    जिम के पास पहुँचकर उसने देखा कि दरवाज़ा खुला था। वह अंदर गई और देखा कि वहाँ सिर्फ़ अनंत ही नहीं, समर और सुशांत भी थे। नंदनी ने सबको वहाँ देखकर एक साथ गुड मॉर्निंग कहा। किसी की आवाज़ सुनकर तीनों एक साथ दरवाज़े की तरफ़ देखते हैं और वहाँ नंदनी को ट्रे लिए खड़े देखकर समर जल्दी से उसके पास जाकर उसके हाथ से ट्रे लेते हुए बोला, "गुड मॉर्निंग एंजल। और तुम यह ट्रे क्यों लेकर आई? कितना भारी है यह, तुम्हारे हाथ में दर्द हो सकता है। और सारे सर्वेंट क्या कर रहे हैं जो उन्हें खुद लेकर यह लाना पड़ा?"


    उसे इतना सब एक साथ एक ही साँस में कहते देख नंदनी ने अपने सर पर हाथ रखते हुए कहा, "ओफ्फ़ो समर भाई! आप कितना बोलते हो! साँस तो लो। और यह ट्रे या मैं इसके जैसे 10 ट्रे उठा सकती हूँ। मुझे कम मत समझो। और अनंत ने भी सर्वेंट से जिद की थी यह लेकर आने की, वह तो मान ही रहे थे। पर मेरा मन था इसलिए लेकर आई हूँ।"


    समर फिर उसे अंदर एक बेंच पर बिठाता है और खुद वापस एक्सरसाइज करने लगता है क्योंकि उसने देख लिया था कि अनंत नंदनी के पास आ ही रहा है। अनंत नंदनी के पास बैठकर बोला, "गुड मॉर्निंग प्रिंसेस।"


    नंदनी मुस्कुराकर बोली, "गुड मॉर्निंग आयु। आप यहाँ कब आए? अनंत जब उठी और आप वहाँ नहीं थे, वह डर गई थी कहीं आप भी मुझे मम्मी-डैडी की तरह छोड़कर तो नहीं चले गए।"


    लास्ट लाइन कहते हुए उसकी आँखों में आँसू आ चुके थे। अनंत उसे रोते देख पैनिक करने लगा और जल्दी से उसके आँसू पोछते हुए बोला, "आई एम सॉरी प्रिंसेस। मेरे वजह से तुम डर गई। और मैं तुम्हें छोड़कर कभी नहीं जाऊँगा।"


    और फिर वह उसके फोरहेड पर किस करता है। जिसे देखकर समर और सुशांत की हालत ऐसी हो जाती है जैसे उन्हें किसी ने 440 वोल्ट का झटका दिया हो। पहला रीज़न, अनंत ने पहली बार किसी को सॉरी कहा था और दूसरा रीज़न, वह फिजिकल टच हमेशा से अवॉइड करता है। पर आज वह खुद उसे किस कर रहा था।


    वहीँ नंदनी को जैसे ही अनंत के मुलायम होंठों का अहसास अपने फोरहेड पर हुआ, उसके पेट में बटरफ़्लाई उड़ने लगी और उसे लग रहा था जैसे वह हवा में हो। और उसके गाल हल्के लाल हो जाते हैं। जिसे देखकर अनंत उसे छेड़ते हुए बोला, "प्रिंसेस, तुम्हारे गाल तो टमाटर जैसे लाल हो रहे हैं सिर्फ़ मेरे फोरहेड पर किस करने से। तो तब क्या होगा जब मैं इससे ज़्यादा कुछ करूँगा?"


    नंदनी का चेहरा अब पूरा लाल हो जाता है। वह अपना चेहरा हाथों में छिपाकर बोली, "अनंत, मुझे शर्म आ रही है।" अनंत को उस पर बहुत प्यार आया।


    वहीँ समर और सुशांत यह देख रहे थे। उन्हें लग रहा था कि वे कभी भी बेहोश होकर गिर सकते हैं। उनके सामने जो अनंत था, वह अनंत उस अनंत से बिलकुल अलग था जिसे वे २० से ज़्यादा सालों से जानते हैं। उनका सर चक्कर आने लगा और वे एक्सरसाइज़ करने की जगह वहाँ से जाकर गार्डन में बैठकर मेडिटेशन करने का सोचते हैं क्योंकि उन्हें लग रहा था इतना सब कुछ देखने के बाद उनका अपना दिमाग शांत करना बहुत ज़रूरी है, वरना उन दोनों का आर कभी भी ब्लास्ट हो सकता था।


    वे दोनों वहाँ से निकल जाते हैं। अनंत उन्हें जाते देखता है पर कुछ नहीं कहता। नंदनी कहती है, "अब आपको एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। मैं जाकर रूम में थोड़ी देर और सो जाती हूँ।"


    इतना कहकर वह जल्दी से बुलेट ट्रेन की स्पीड में वहाँ से निकल जाती है। अनंत उसे जाते देख हँसता है और वापस ट्रेडमिल पर भागने लगता है। वह भागते हुए खुद के बिहेवियर पर हैरान था। वह कभी ऐसा नहीं था, पर नंदनी के सामने पता नहीं उसे क्या हो जाता था। वह उसके सामने वह सभी चीज़ें करता था जो उसने करने का सोचा भी नहीं था।


    वहीँ नंदनी जाकर सीधे अपने रूम में जाती है और बेड पर लेट सोचने लगती है। उसे यह क्या हो रहा है? उसने और अनंत दोनों ने कभी अपनी लाइफ़ में यह फीलिंग्स महसूस नहीं की थीं। यह सब सोचते हुए वह एक बार फिर सो जाती है। डेढ़ घंटे बाद अनंत एक्सरसाइज़ करके रूम में आता है। वह पसीने से भीगा हुआ था। वह आते ही सीधे नहाने जाता है और एक ब्लैक सूट पहनकर बाहर आता है जिसमें वह बहुत हैंडसम और हॉट लग रहा था।


    बाहर आकर अपने बाल सेट करके वह नंदनी को उठाने लगता है।
    "प्रिंसेस, उठो।"


    नंदनी अंगड़ाई लेते हुए उठ बैठती है और अनंत को देखकर एक स्माइल पास करती है। अनंत उसके चेहरे पर आ रहे बाल पीछे करते हुए कहता है, "प्रिंसेस, उठो, जाकर शावर लो। तब तक मैं तुम्हारे लिए कपड़े निकालता हूँ।"


    नंदनी हाँ में सर हिलाकर वाशरूम में जाती है। और सबसे पहले ब्रश करती है। फिर कुछ सेकंड अपने चेहरे को निहारते हुए कहती है, "हाय! कितनी सुंदर हूँ मैं! भगवान ने सारी खूबसूरती कूट-कूट कर मुझे ही भर दिया है। कोई भी मुझे देखकर कैसे मेरा दीवाना नहीं होगा?"


    फिर मिरर में देखकर एक फ्लाइंग किस खुद को कर वह शावर लेने लगती है। और शावर लेने के बाद वह अपने बालों में टॉवेल बाँधकर और बाथरोब पहनकर बाहर आती है। बाथरोब उसके लिए बहुत बड़ा था। अनंत उससे कहता है, "तुम्हारे कपड़े निकाल रखे हैं। जाकर पहन लो, फिर मैं तुम्हारे बाल सुखा दूँगा प्रिंसेस।"


    नंदनी क्लोज़ेट रूम में जाती है और देखती है कि अनंत ने उसके लिए काऊ प्लशी सॉफ्ट आउटफिट रखा था। नंदनी वह देखकर पाउट करती है, पर अनंत ने निकाला था इसलिए वह उसे पहनकर बाहर आती है। अनंत को वह बहुत क्यूट लग रही थी। वह उसे लेकर ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा कर उसके हेयर ब्लो ड्राई करता है और फिर उसकी एक पोनी बनाकर उसके सर पर ड्रेस से जॉइंटेड कैप पहनाता है।


    फिर वह उसका हाथ पकड़कर बाहर लेकर चलता है। नंदनी को वह पहनावा थोड़ा अजीब लगता है क्योंकि वह काऊ की प्रिंट का था। जिसे देखकर उसे लग रहा था सब उसका मज़ाक उड़ाएँगे। इसलिए उसने अनंत को खुद को गोद में उठाने के लिए भी नहीं कहा।


    वह जैसे ही नीचे आती है, समर उसके गाल खींचकर कहता है, "एंजल, तुम बहुत क्यूट लग रही हो आज।"


    नंदनी अपनी आँखें झपकाते हुए कहती है, "सच्ची? मैं अजीब नहीं लग रही हूँ ना?"


    सुशांत भी कहता है, "हाँ, तुम सच में बहुत क्यूट लग रही हो एंजल।"


    नंदनी यह सुनकर मुस्कुराती है। वहीँ अनंत समर को घूर रहा था क्योंकि उसने उसकी प्रिंसेस के गालों को टच किया था।


    फिर सभी बैठकर ब्रेकफ़ास्ट करते हैं। फिर तीनों ऑफ़िस के लिए निकल जाते हैं क्योंकि आज अनंत की बहुत इम्पोर्टेन्ट मीटिंग थी जिसके लिए जाना बहुत ज़रूरी था।


    शाम को अनंत जैसे ही घर आता है, घर का हाल देख अनंत की आँखें गुस्से में लाल हो जाती हैं।


    क्या हुआ होगा, जानने के लिए पढ़ते रहिये नॉवेल।

  • 11. Rebirth of divine soul - Chapter 11

    Words: 2163

    Estimated Reading Time: 13 min

    नंदनी अपने कमरे में आकर शावर ली। फिर एक शॉर्ट जंपसूट पहना। फिर अपने बाल देखे, जो थोड़े बिखरे हुए लग रहे थे। उसने उन्हें खोला। फिर उन्हें बांधने की कोशिश की, पर उसके बाल बहुत लंबे थे जिसकी वजह से वे नहीं जम रहे थे। सिर्फ़ उसने उन्हें खुला ही छोड़ हेयरबैंड पहना। फिर अपने स्नीकर्स पहने और नीचे हॉल में गई। वहाँ नौकरों ने दो टिफिन पैक कर रखे थे। दो क्यों, ये बाद में पता चलेगा।

    अनंत ने नंदनी के लिए एक फीमेल स्टाफ बुला ली थी। नंदनी उसके साथ ऑफिस के लिए निकल गई। वह स्पीड बोट पर बैठी। उसे पहले थोड़ा डर लगा, फिर उसे मज़ा आया। लेक क्रॉस कर वह कार में बैठी। ड्राइवर उसे राजपूत इंडस्ट्री के बिल्डिंग के पार्किंग में छोड़ गया।

    वह अपने हाथ में टिफिन लेकर जैसे ही अंदर गई और लिफ्ट की तरफ बढ़ी, उसे कोई पीछे से आवाज़ लगाता है। वह पीछे मुड़कर देखती है। रिसेप्शन पर बैठी लड़की उसे अपने पास बुलाती है। नंदनी उसके पास जाती है। वह रिसेप्शनिस्ट उससे पूछती है, "तुम यहां किससे मिलने आई हो? और तुम्हारे पास अपॉइंटमेंट है?"

    "और नानू तो आनु को सरप्राइज़ देने आई है। तो अपॉइंटमेंट कैसे होगा?" नंदनी पाउट कर बोली।

    "तुम्हारा नाम क्या है और तुम किससे मिलने आई हो? मैं अभी कॉल कर पूछती हूँ?" उस रिसेप्शनिस्ट के बगल में बैठी हुई दूसरी रिसेप्शनिस्ट उससे पूछती है।

    नंदनी अनंत का नाम याद कर कहती है, "मेरा नाम नंदनी ओबरॉय और मैं अनंत सिंह राजपूत से मिलने आई हूँ।"

    अनंत का नाम सुन वह पहली वाली रिसेप्शनिस्ट एटीट्यूड में बोली, "तुम यहां सीईओ से मिलने आई हो! तो चुपचाप यहां से चली जाओ। रोज़ कोई न कोई लड़की मुँह उठाकर सीईओ से मिलने आ जाती है। अच्छे से जानती हूँ तुम जैसी मिडिल क्लास लड़कियों को बस अमीर लड़कों के साथ सोकर अमीर होना होता है।"

    नंदनी को उसकी बात सुनकर बहुत गुस्सा आ गया। जिससे उसकी आँखें नीली हो गईं।

    "नानू यहां सिर्फ़ आनु, समर भाई और सुशांत भाई के लिए लंच लेकर आई है।" नंदनी अपने गुस्से को शांत करने की कोशिश करते हुए बोली।

    "तुम तो उन सभी लड़कियों से अलग हो जो अभी तक आई हैं। वो सिर्फ़ सीईओ को फँसाना चाहती हैं, पर तुम तो एक साथ तीन-तीन! मुझे भी देखने दो कौन-सा-सा दिया तुम हमारे लिए लेकर आई हो।" ये कहते हुए वह रिसेप्शनिस्ट नंदनी की तरफ बढ़ती है और जैसे ही नंदनी के हाथ से टिफिन लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाती है,

    नंदनी एक हाथ में दोनों टिफिन पकड़, दूसरे हाथ से उसका हाथ रोकती है। जिसे देख वो रिसेप्शनिस्ट दूसरे हाथ से उसे थप्पड़ मारने वाली होती है। नंदनी ने जो उसका हाथ पकड़ा हुआ था, उसे मरोड़कर उसकी पीठ पर रखते हुए कहा, "नानू की भोली शक्ल पर मत जाना। नानू को गुस्सा आया ना, तो तुम्हारा ये मेकअप वाला मुँह भी तोड़ सकती हूँ।"

    उस रिसेप्शनिस्ट को बहुत दर्द हो रहा था। वह नंदनी से बोली, "मेरा हाथ छोड़ो, वरना मैं गार्ड्स को बुला दूँगी।"

    नंदनी उसके हाथ पर अपनी पकड़ कसते हुए बोली, "जो करना है कर लो।"

    यह सुन रिसेप्शनिस्ट गार्ड्स को बुलाती है। गार्ड्स अंदर आते हैं। नंदनी उन्हें आते देख उस रिसेप्शनिस्ट को धक्का दे देती है, जिससे वह रिसेप्शनिस्ट जमीन पर जाकर गिरती है। नंदनी वह टिफिन दूसरी रिसेप्शनिस्ट को संभालने को कहकर खुद उसके सामने खड़ी हो जाती है।

    नंदनी कहती है, "मेरे पास जो भी आएगा, उसका क्या हाल होगा, तुम सोच भी नहीं सकती हो।"

    सारे गार्ड शांत ही खड़े थे, पर उनमें से एक था, जिसके अहंकार पर यह बात जाकर लग गई। वह आगे बढ़ा, जैसे ही नंदनी का हाथ पकड़ने वाला होता है, नंदनी एक कदम पीछे लेकर उसे इतना जोरदार धक्का देती है कि वह जमीन पर गिर जाता है। उनके आस-पास में भी बहुत लोग जमा हो चुके थे।

    वहीं समर, जो कब से खाने का इंतज़ार कर रहा था, जब खाना नहीं आया तो वह नीचे देखने आया था कि ड्राइवर लंच लेकर आया कि नहीं। पर जैसे ही वह नीचे पहुँचा, वहाँ इतनी भीड़ देख वह वहाँ जाता है और वहाँ नंदनी को देख शॉक हो जाता है। वह अपनी स्ट्रिक्ट वॉइस में सभी को वहाँ से जाने के लिए कहता है। फिर नंदनी के पास आकर कहता है, "एंजल तुम यहां?"

    नंदनी की आँखें समर को देख वापस नीली से काली हो गई थीं। वह उसे देख बोली, "भाई, वो मैं आप तीनों के लिए लंच लेकर आई थी, पर ये कामिनी रिसेप्शनिस्ट है ना, वो मुझे आने ही नहीं दे रही थी।"

    वह उस रिसेप्शनिस्ट की तरफ़ इशारा करती है। समर उससे कहता है, "पहले तुम लंच लेकर आई हो, वो खा लेते हैं। बहुत भूख लगी है।"

    नंदनी उस दूसरी रिसेप्शनिस्ट से टिफिन लेती है और जैसे ही खुद उठाने वाली होती है, समर उसके हाथ से ले लेता है और कहता है, "जब तक मैं हूँ, मुझे कोई भी तकलीफ़ नहीं होने दूँगा एंजल।"

    फिर दोनों लिफ्ट की तरफ़ बढ़ जाते हैं। समर टॉप फ्लोर का बटन दबाता है। समर उससे पूछता है, अब क्या हुआ था नीचे?

    नंदनी उसे सब बताती है। फिर उससे बोली, "भाई, आनु को मत बताना। प्लीज़।"

    समर कहता है, "ओके। अब चलो जल्दी से लंच खाते हैं। बहुत भूख लग रही है।"

    नंदनी भी कहती है, "हाँ भाई, भूख तो नानू को भी बहुत लगी है। नानू ने आज खुद सभी के लिए खाना बनाया है।"

    समर हैरान होते हुए कहता है, "सच्ची? तुम्हें खाना बनाना आता है एंजल?"

    नंदनी हाँ में सर हिलाती है। तब तक टॉप फ्लोर भी आ गया था। समर सुशांत को भी कॉल कर अनंत के केबिन में बुला लेता है।

    तीनों केबिन में पहुँच जाते हैं। अनंत कोई फाइल पढ़ रहा था। केबिन का दरवाज़ा खुलते देख वह सामने देखता है और तीनों को एक साथ अंदर आते देख अनंत को समझ नहीं आता कि नंदनी यह क्या कर रही है। वह उठकर नंदनी के पास आता है

    और उससे पूछता है, "प्रिंसेस तुम यहां?"

    "हाँ, वो मैं आज खुद लंच बनाकर लाई हूँ सबके लिए। और एक बात, मैंने खुद बनाया है।" नंदनी बोली।

    "और प्रिंसेस, तुम्हें ये करने की ज़रूरत नहीं थी। और ऑफिस आ रही थी तो कॉल कर मुझे बता देती। मैं खुद तुम्हें नीचे लेने आता।" अनंत ने कहा।

    "और नानू के पास फ़ोन ही नहीं है और आनु का नंबर भी। और दूसरी बात, नानू आनु को सरप्राइज़ देना चाहती थी।" नंदनी ने पाउट कर कहा।

    समर कहता है, "अगर बातें हो गई हों तो खा लेते हैं। मुझे बहुत भूख लग रही है।"

    फिर सभी सोफ़े पर बैठते हैं। नंदनी ने साथ में प्लेट्स भी लाई थीं। पहले वह एक टिफिन खोलती है, जिसमें कॉन्टिनेंटल फ़ूड था:- क्वीनोआ सैलेड, वेजिटेबल स्टीर फ्राई, चिकपिया एंड स्पिनैच स्ट्यू और एक मिक्स्ड वेजिटेबल सूप।

    सुशांत सारा खाना देखकर कहता है, "एंजल, तुम्हें कॉन्टिनेंटल फ़ूड बनाना आता है?"

    नंदनी कहती है, "हाँ। मैं ना मारिया आंटी के साथ खाना बनाती थी पहले, तब मैंने अलग-अलग तरह की डिशेज़ सीखी उनसे।"

    मारिया आंटी के बारे में बात कर नंदनी की आँखों में एक अलग चमक थी। मारिया आंटी नंदनी के लिए दूसरी माँ थी, पर उसे अब पता भी नहीं था कि वह ज़िंदा भी है या नहीं। पर उसके दिल के एक कोने में यह भी आशा थी कि उसकी तरह वह भी शायद ज़िंदा हो सकती है, ठीक हो सकती है।

    उन दोनों को खाना सर्व कर वह दूसरा टिफिन खोलती है, जिसमें था इंडियन फ़ूड:- दो सब्ज़ी, रोटी, कढ़ी चावल, पापड़ और साथ में मीठे में गाजर का हलवा।

    वह यह दोनों की डिश में सर्व करती है। अनंत उससे पूछता है, "हमारे लिए ये और तुम्हारे लिए वो क्यों?"

    "वो शेफ़ ने मुझे बताया था। आप दोनों को घास-फूस खाना ही पसंद है, तो मैंने सोचा कॉन्टिनेंटल बना देती हूँ, आप दोनों को अच्छा लगेगा। वहीं मुझे और समर भाई को मसालेदार खाना पसंद है, इसलिए ये।" नंदनी रोटी का एक बाइट खाकर कहती है।

    फिर ऐसे ही सब लंच करते हैं। जहाँ अनंत और सुशांत शांति से खा रहे थे, वहीं नंदनी और समर का मुँह खाने के साथ-साथ बातें करने के लिए भी चल रहा था। लंच खाने के बाद नंदनी चारों को हलवा देती है। हलवा खाकर समर कहता है, "एंजल, क्या हलवा बनाया है तुमने! माँ ने आज तक नहीं खाया है। तुम्हारे हाथ का खाना खाने के बाद लग रहा है मैं कितने सालों से इन दोनों के साथ रहते हुए कितना टेस्टलेस खाना खा रहा था। और वो शेफ़ भी कुछ अच्छा नहीं बनाते हैं।"

    अगर उन्हें शेफ़ ये बात सुन लेते तो पक्का खुद का गला दबा लेते। वो इंटरनेशनल शेफ़ हैं, जिनके हाथ का खाना खाने के लिए लोग तरसते हैं और यहाँ समर उनकी बुराई कर रहा था।

    सुशांत भी कहता है, "हाँ एंजल, सच में तुमने बहुत अच्छा बनाया है खाना।"

    अनंत जो कब से नंदनी से बात करना चाहता था, पर समर रुक ही नहीं रहा था। वह फिर उनसे कहता है, "अगर लंच हो गया हो तो जाकर मीटिंग की तैयारी देख लो। क्लाइंट्स आने वाले हैं और ट्रांसलेटर भी तैयार है, ये देख लेना।"

    दोनों वहाँ से चले जाते हैं।

    अनंत नंदनी को अपने करीब खींच, उसके चेहरे पर आ रहे बाल पीछे करते हुए कहता है, "प्रिंसेस, तुमने अपने बाल क्यों नहीं बाँधे?"

    "नानू को इतने बड़े बाल बाँधना ही नहीं आते। पहले मारिया आंटी ही मेरे बाल बनाती थीं और कल आनु ने बनाए थे। अब बिचारा नानू कैसे बाँधे अपने बाल? इसलिए नानू को खुले ही छोड़ने पड़े बाल।" नंदनी ड्रामैटिक वे में बोली।

    अनंत वहाँ से अपने टेबल के पास जाकर उसका एक ड्रॉअर खोलता है, जिसमें बहुत सारे हेयर क्लिप, रबर बैंड, छोटा सा मेकअप किट, लिपस्टिक वगैरह सब रखे हुए थे। अनंत ने ये सब इसलिए रखवाया था कि कभी नंदनी उसके ऑफिस में आए और उसे किसी चीज़ की ज़रूरत पड़े तो। पर उसे कहाँ पता था आज ही ज़रूरत पड़ सकती है।

    वह एक हेयर क्लिप लेता है और नंदनी के बालों का एक अच्छा सा बन बनाकर क्लिप लगा देता है। नंदनी खुशी से अनंत के गालों पर किस करती है, "आनु, तुम बेस्ट हो!"

    नंदनी को तो कोई फर्क नहीं पड़ा, पर अनंत को लगा जैसे उसकी दुनिया ही रुक गई हो। वो एहसास सिर्फ़ एक सेकंड का था, पर अनंत उसे अब ही महसूस कर सकता था। वह आगे कुछ करता उससे पहले ही समर दरवाज़े पर नॉक कर उसे क्लाइंट्स के आने की खबर देता है।

    अनंत नंदनी को ले जाकर अपनी चेयर पर बिठाता है और उससे कहता है, "यहाँ बैठना और मैंने नीचे से लेफ़्ट ड्रॉअर में कुछ ब्लैंक पेजेज़ और कलर्स रखे हैं तो उससे टाइम पास कर सकती हो और यहाँ एक आईपैड भी है, उसमें भी विडियोज देख सकती हो। मीटिंग लंबी भी चल सकती है और घर बोर हो जाओ तो वहाँ फ़ोन है, उससे इस नंबर पर कॉल करना, समर तुम्हें लेने आ जाएगा। तुम मीटिंग रूम में आ जाना।"

    नंदनी हाँ में सर हिलाती है। अनंत स्टाफ़ को बुलाता है और जहाँ खाना खाया था, वो जगह साफ़ करने के लिए कहता है। फिर वह मीटिंग के लिए चला जाता है।

    कल के पार्ट की छोटी सी झलक:

    नंदनी अपने सामने खड़ी लड़की के बाल खींचते हुए कहती है, "कामिनी! मेरे आनु को अपना कहती है! तेरा ये मेकअप वाला मुँह ही तोड़ दूँगी कि तुझे ठीक करवाने के लिए सौ सर्जरी करवानी पड़ेंगी!"

    क्या होने वाला है आगे? जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 12. Rebirth of divine soul - Chapter 12

    Words: 1720

    Estimated Reading Time: 11 min

    नंदनी ने अनंत के जाने के बाद आईपैड उठाया और उसमें तारक मेहता का उल्टा चश्मा देखना शुरू कर दिया। जिसमें टप्पू सेना कॉलेज के लिए शॉपिंग कर रही थी। और फिर कॉलेज का पहला दिन, जिसमें टप्पू सेना की रैगिंग हो रही थी। वह आराम से, चेयर को हल्का-हल्का हिलाते हुए, देख रही थी। वह एपिसोड खत्म होने के बाद ड्राइंग करने के लिए कुछ पेपर बाहर निकाली, जो एक फाइल में थे।

    वह उन पर ड्राइंग करने लगी।

    ऑफिस के सारे स्टाफ कैंटीन में लंच करके वापस आ रहे थे। तभी रिलेशन डिपार्टमेंट की मैनेजर, त्रिशा, एक फाइल लेकर सीईओ के केबिन की तरफ आने लगी। सेक्रेटरी डिपार्टमेंट को समर ने साफ-साफ कहा था कि कोई भी उसकी गैरमौजूदगी में उसके केबिन में न जाए। वे उसके अंजाम से भी वाकिफ थे।

    समर ने उन्हें खास तौर पर बताया था कि अंदर जो लड़की बैठी है, वह सीईओ के लिए बहुत खास है। और सेक्रेटरी डिपार्टमेंट के एक एम्प्लॉय ने खुद देखा था कि समर खुद नंदनी को नीचे से ऊपर लेकर आया था। सेक्रेटरी डिपार्टमेंट के एक एम्प्लॉय जल्दी से त्रिशा के पास गए और उसे गुड आफ्टरनून विश किया। एक फीमेल एम्प्लॉय बोली,

    "मैनेजर त्रिशा, आप सीईओ के केबिन में क्यों जा रही हैं? आपको पता है ना उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं कि कोई उनके केबिन में जाए।"

    तो मैनेजर त्रिशा, जो किसी एक्ट्रेस से कम खूबसूरत नहीं थी, हंसते हुए बोली,

    "सेक्रेटरी पिया, शायद तुम भूल रही हो। सीईओ को बाकियों का आना पसंद नहीं है, मेरा नहीं। और मैं तो काम से आई हूँ।"

    तो एक मेल एम्प्लॉय बोला,

    "सीईओ तो मीटिंग रूम में है। आप केबिन में क्या करेंगी?"

    तो त्रिशा बोली, "ऑफकोर्स, वेट करूंगी।"

    मेल और फीमेल सेक्रेटरी ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन त्रिशा ने एक नहीं सुनी और अंदर चली गई। त्रिशा का फैमिली स्टेटस बहुत बड़ा था। वह भी हाई सोसाइटी से बिलॉन्ग करती थी। उसके पापा का बिजनेस टॉप 15 में आता है। और वह अनंत को बहुत पसंद करती थी और उसका दिल जीतने के लिए ही राजपूत इंडस्ट्री को ज्वाइन किया था। वह रिलेशन डिपार्टमेंट की मैनेजर थी।

    वह सच में काबिल थी। जैसे ही त्रिशा अंदर गई, उसकी नज़र नंदनी पर पड़ी। नंदनी को होश ही नहीं था, वह तो ड्राइंग बनाने में लगी हुई थी।

    त्रिशा ने जब अनंत के चेयर पर एक लड़की को बैठे देखा और एक डॉक्यूमेंट फाइल के पेपर में पेंसिल से कुछ करते देखा, तो उसे बहुत गुस्सा आया। ऑफिस में सेक्रेटरी डिपार्टमेंट और रिसेप्शनिस्ट के अलावा कोई और नहीं जानता था कि नंदनी ऑफिस आई है और उसने सीईओ के साथ लंच भी किया था।

    त्रिशा गुस्से में चिल्लाकर बोली,

    "हाउ डेयर यू? तुम हो कौन? और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई? सीईओ अनंत की चेयर में बैठकर उनके इम्पॉर्टेन्ट फाइल के साथ खेलने की?"

    जब नंदनी ने आवाज सुनी, तो वह एकदम से चौंक गई और सिर उठाकर देखा। त्रिशा उसे देखकर बोली,

    "दिखने में तो तुम कोई कॉलेज की लड़की लगती हो। तुम्हारी इतनी औकात कि तुम सीईओ की चेयर में बैठी हो? चलो, जल्दी से उठ जाओ।"

    नंदनी ने अचानक किसी को केबिन में आते देखा और खुद पर ऐसे चिल्लाते देखा तो उसे गुस्सा आया, पर ज़्यादा नहीं। वह उठने की जगह और आराम से चेयर पर बैठ गई। तभी त्रिशा खुद आई। उसे बहुत गुस्सा आ रहा था कि उसके कहने पर भी नंदनी अपनी जगह से नहीं हिली थी।

    उसने उसका हाथ पकड़कर उठाकर खींचते हुए बोली,

    "तुम हो कौन? जो सीईओ के चेयर पर बैठी हो? अगर उनकी कोई फ्रेंड भी हो, तो तुम्हें यह नहीं पता क्या? अनंत को जब यह बात पता चलेगी कि तुम उसकी गैरमौजूदगी में उसकी चेयर पर बैठी थी और तो और उसके डॉक्यूमेंट फाइल में पेंसिल वर्क कर रही थी? क्या तुम्हें नहीं पता? क्या तुम बेवकूफ हो जो एक इम्पॉर्टेन्ट फाइल के पेपर में यह सब कर रही हो? क्या तुम्हें इतनी भी समझ नहीं है? क्या तुम अंधी हो?"

    उसके चिल्लाने से नंदनी को और भी गुस्सा आ रहा था कि वह लड़की उस पर ऐसे क्यों चिल्ला रही है, वह भी बेवजह। त्रिशा उसे उठाने की कोशिश करती है, पर वह अपनी जगह से नहीं हिलती। नंदनी ने एक टेढ़ी मुस्कान के साथ कहा, "आंटी, आप क्या कह रही हो? मैं आनू की दोस्त नहीं हूँ। और मैं यहाँ सिर्फ आनू, समर भाई और सुशांत भाई के लिए लंच लेकर आई थी।"

    त्रिशा ने अपने लिए 'आंटी' सुनकर गुस्से में कहा, "तुमने मुझे आंटी कहा? और तुम यहाँ मेरे अनंत को फँसाने के लिए आई हो न। मैं तुम जैसी मिडिल क्लास लड़कियों को अच्छे से जानती हूँ। जो अमीर लड़कों के साथ सोकर उनसे मोटी रकम लेती हैं, राइट?"

    वही बात एक बार फिर सुनकर नंदनी को बहुत गुस्सा आया। वह फिर चेयर से खड़ी होकर त्रिशा की तरफ बढ़ते हुए बोली, "आंटी, मैं जब से ऑफिस आई हूँ, तब से यही सुन रही हूँ। हाँ, मैं और अनंत साथ रहते हैं और साथ ही सोते हैं, तो क्या हुआ? और आनू सिर्फ मेरा है।"

    यह सुनकर त्रिशा भी गुस्से में आ गई। और जैसे ही वह नंदनी को थप्पड़ मारने के लिए हाथ उठाती है, नंदनी उसका हाथ रोकती है और उसे पकड़कर मरोड़ उसकी पीठ से लगा लेती है। त्रिशा फिर भी कहती है, "नहीं, अनंत सिर्फ मेरा है। मैं उसे अपना बनाकर ही रहूँगी।"

    नंदनी को अब बहुत गुस्सा आता है।

    "कुत्ती कामिनी! तू मेरे आनू को अपना बनाएगी? मेरे आनू को अपना कहेगी?" फिर उसका हाथ छोड़कर उसके बाल पकड़कर खींचते हुए, "आनू सिर्फ मेरा है, सिर्फ नानू का! समझी चुड़ैल, कहीं की! 100 किलो का मेकअप अपने चेहरे पर लगाकर घूमने वाली चुड़ैल, डायन! तेरा ऐसा हाल करूँगी कि मेकअप से भी छुपा नहीं पाएगी।"

    नंदनी ने उसके बाल बहुत कसकर पकड़े हुए थे। त्रिशा अपने बाल छुड़ाने की कोशिश करते हुए नंदनी को जोर से धक्का देती है, जिससे नंदनी 2-3 कदम पीछे हो जाती है और नीचे गिर जाती है। तभी केबिन का दरवाजा खुलता है।

    और अनंत समर के साथ केबिन में आता है और नंदनी को नीचे गिरे देखकर जल्दी से उसके पास जाता है और उसे खड़ा करके चेहरे पर चिंता के साथ बोला, "प्रिंसेस, तुम ठीक हो न?"

    नंदनी हाँ में सर हिलाती है। फिर मासूम सा चेहरा बनाकर, "पर इस आंटी ने मुझे धक्का दिया और बिना वजह चिल्लाई भी। और कहा कि मैं आनू के साथ सोने के लिए पैसे लेती हूँ और आनू को फँसाया है। और आंटी ने कहा कि मैं मिडिल क्लास लड़की हूँ।"

    समर और अनंत ने जैसे ही यह सुना, दोनों की आँखें गुस्से में लाल हो गईं। अनंत त्रिशा को खुद अपने हाथों से मारना चाहता था, पर वह नंदनी के सामने अपना गुस्से वाला रूप नहीं दिखाना चाहता था, वरना नंदनी डर सकती थी। इसलिए वह खुद को कण्ट्रोल करता है और अपने गार्ड्स को बुलाता है।

    गार्ड्स अंदर आते हैं। अनंत उन्हें त्रिशा को डेविल किंगडम ले जाने के लिए कहता है। त्रिशा गार्ड्स से खुद को छुड़वाने की कोशिश करते हुए अनंत से कहती है, "अनंत, यह झूठ बोल रही है। यह तुम्हारे ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स पर ड्रॉ कर रही थी। मैं तो बस इसे रोक रही थी।"

    अनंत उसकी बात सुनकर गार्ड्स से चिल्लाते हुए कहता है, "सुनाई नहीं दिया? तुम्हें लेकर जाओ इसे।"

    गार्ड उसे वहाँ से लेकर जाते हैं। अनंत फिर नंदनी से कहता है, "प्रिंसेस, तुम अभी मेरे साथ चलो।"

    "नहीं, आनू, मैं वहाँ बोर हो जाऊँगी।" नंदनी पाउट करके कहती है।

    "नहीं, वापस कोई आ गया और तुम्हें चोट पहुँचाएगा तो। इसलिए मेरे साथ चलो।" अनंत अपनी बात पर अड़े हुए कहता है। नंदनी अब हार मान लेती है और उसके साथ चल देती है। और एक बात बताना मैं भूल ही गई। अनंत केबिन में एक फाइल लेने आया था। समर भी आ सकता था, पर उसे अपनी प्रिंसेस को देखना था, इसलिए वह खुद ही आ गया था।

    मीटिंग रूम में

    अनंत नंदनी को अपने बगल में एक और चेयर रखकर उस पर बिठाता है और मीटिंग वापस शुरू होती है। अनंत की मीटिंग आज एक कोरियन क्लाइंट के साथ थी। उसे उनकी बात सुनकर पता चलता है कि जो प्रोजेक्ट वे उनके साथ करने वाले हैं, उसमें वे 50-50 प्रॉफिट लगेंगे, पर वह ट्रांसलेटर क्लाइंट्स को 60-40 बताता है। अब नंदनी को तो बहुत सी लैंग्वेजेस आती थीं।

    और उसमें बिज़नेस स्किल्स भी अपने डैड से आई थीं। वह इससे समझ जाती है कि ट्रांसलेटर मिसकम्युनिकेशन से यह डील नहीं होने देना चाहता है या खुद वह 10 परसेंट प्रॉफिट रखना चाहता है।

    तभी अनंत का कॉल बजता है, जो उसके दादा जी का था। अनंत एक्सक्यूज में कहकर बाहर जाता है। वहीं वह ट्रांसलेटर भी वाशरूम चला जाता है। समर वहीं था। अचानक से नंदनी क्लाइंट्स से कोरियन में कुछ बातें करती है और फिर उनके साथ हैंडशेक करती है। फिर वे क्लाइंट्स वहाँ से चले जाते हैं।

    समर तो नंदनी को कोरियन में इतनी फ्लुएंट देखकर हैरान था। फिर क्लाइंट्स को वहाँ से जाते देख हैरान रह जाता है, पर उसे अपनी एंजल पर पूरा भरोसा था। अनंत जब क्लाइंट्स को वहाँ से जाते देखता है, जल्दी से मीटिंग रूम में जाता है। उसने नंदनी को क्लाइंट्स से बातें करते हुए देख लिया था। वह अंदर आते ही नंदनी पर सवालों की बौछार करते हुए कहता है, "प्रिंसेस, क्या बात कर रही थी तुम उनसे? और तुम्हें कोरियन कैसे आती है? और वे यहाँ से चले क्यों गए?"

    क्या जवाब देगी नंदनी अनंत के सवालों का?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए यह नोवेल।

  • 13. Rebirth of divine soul - Chapter 13

    Words: 1946

    Estimated Reading Time: 12 min

    अनंत अपने दादा जी से बात करने बाहर निकला और कॉल उठाकर कहा, "दादा जी, आपने इस टाइम कॉल किया? कुछ हुआ है क्या? आप ठीक हो ना?"

    "हाँ, मैं ठीक हूँ। और अपने पोते को कॉल करने के लिए दादा को टाइम देखने की ज़रूरत है।" अनंत के दादा जी ने हल्की नाराजगी भरी आवाज़ में कहा।

    "नहीं दादा जी, ऐसा कुछ नहीं है।" अनंत ने कहा।

    "बेटा, मुझे आज पंडित जी ने एक लड़की का फ़ोटो दिखाया है। बड़ी अच्छी लड़की है। पढ़ी-लिखी भी है। घर-परिवार भी अच्छा है। फ़ोटो भेजा है तुझे; तू बोले तो बात आगे बढ़ाऊँ।"

    अनंत की नज़र केबिन में गई, जहाँ नंदनी क्लाइंट्स से कुछ बात कर रही थी। फिर उसने दादा जी को जवाब दिया।

    "दादा जी, आप जानते हैं ना मुझे अभी शादी में कोई इंटरेस्ट नहीं है। इसलिए आप भी यह लड़की देखना बंद कीजिए।"

    अनंत के कहते ही दादा जी बोले, "बेटा, कब तक ऐसा रहेगा? यही सही एज है शादी की। तू एक बार सोच कर ले तो मैं भी गंगा नहाऊँ। तुझे कोई पसंद हो तो बता, उसके घरवालों से मैं बात कर लूँगा।"

    "दादा जी, आप भूल रहे हैं। आप अभी हरिद्वार में हैं तो आपको गंगा नहाने के लिए मेरी शादी करने की ज़रूरत नहीं है, ठीक है? और अब मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहता। इसलिए अब आपको कोई और बात करनी हो तो करो, नहीं तो मैं फ़ोन रख दूँगा।"

    दादाजी नाराज़गी से बोले, "हाँ तो रख ही दे। मुझे भी कोई इंटरेस्ट नहीं है तुझे बात करने में। खड़ूस डेविल कहीं का!" वे यह सब बिलकुल बच्चों की तरह मुँह बनाकर बोले।

    तभी उसने क्लाइंट्स को बाहर आते हुए देखा। वह जल्दी से केबिन में गया। वह अंदर आते ही नंदनी पर सवालों की बौछार करने लगा, "प्रिंसेस, क्या बात कर रही थी तुम उनसे? और तुम्हें कोरियन कैसे आती है? और वे यहाँ से चले क्यों गए?"

    नंदनी ने अनंत को देखकर चेयर पर बैठते हुए प्यारी सी आवाज़ में कहा, "और आनू, आप एक साथ इतने सारे सवाल करोगे तो नानू जवाब कैसे देगी? एक-एक कर पूछो ना।"

    अनंत उसके बगल वाली चेयर पर बैठ गया, "ओके प्रिंसेस। अब पहले यह बताओ, तुमने ऐसा उनसे क्या कहा कि क्लाइंट्स यहाँ से इतनी जल्दी चले गए बिना मीटिंग पूरी किए?"

    "अरे, वह जो आपका ट्रांसलेटर था ना, वह उन्हें गलत-गलत बात ट्रांसलेट करके बता रहा था। जैसे आपने बोला था कि डील 50-50 की होगी, लेकिन उसने उन्हें 60-40 बताया। शायद वह प्रॉफिट का 10% खुद रखना चाहता होगा या फिर आपकी डील कैंसल करवाना चाहता होगा। इसके अलावा कुछ और टर्म एंड कंडीशंस भी गलत बताईं।" यह बोलकर वह एक फाइल ओपन कर सभी टर्म एंड कंडीशंस बताने लगी। उन्होंने क्या डिसाइड किया था और उसने उन्हें क्या बताया।

    पूरी फाइल बंद करके आगे बोली, "इसलिए मैंने उन लोगों से कहा कि ट्रांसलेटर को कुछ पर्सनल प्रॉब्लम की वजह से जाना पड़ा है। इसलिए यह डील हम किसी और दिन लंच पे डिस्कस कर लेंगे और उसी दिन डील साइन कर लेंगे, तो डील साइन और लंच दोनों हो जाएगा।" वह यह सब बोलकर चुप हो गई और डेस्क पर रखा पानी पी लिया।

    "ओह, नानू तो थक गई इतना बोलकर।" फिर उसने अपनी बाहें फैलाकर कहा, "आनू, नानू को गोदी में लो ना।"

    नंदनी की बात सुनकर वे होश में आए। उन्हें लगा नहीं था कि इतनी छोटी सी बच्ची को इतनी बड़ी बिज़नेस डील के बारे में सब समझ आएगी, वह भी बिना कोई फाइल पढ़े, प्रेजेंटेशन/प्लान देखे, सिर्फ़ उनकी बातें सुनकर।

    अनंत होश में आकर नंदनी को गोद में ले लिया और उसे अपनी गोद में बिठाकर पूछा, "अच्छा प्रिंसेस, आपको बिज़नेस आता है?"

    "हाँ नानू को बिज़नेस आता है। नानू के टीचर्स ने नानू को सब कुछ सिखाया है और इसके अलावा नानू के डैडी जब भी काम करते, नानू उनके साथ ही रहती। इसलिए नानू को सब आता है।" नंदनी अनंत की बियर्ड को हाथ लगाते हुए बोली। वैसे तो अनंत किसी को अपने फ़ेस को टच भी नहीं करने देता था, पर वह अपनी प्रिंसेस को थोड़ी-बहुत बातों के लिए मना कर सकता था।

    "और यह कोरियन लैंग्वेज, यह भी आपको आती है?" अनंत ने पूछा।

    "हाँ, नानू को न हिंदी, इंग्लिश, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगु, बंगाली, जापानी, चाइनीज, कोरियन, फ़्रेंच, स्पेनिश, इटालियन भी आती है।" नंदनी एक-एक लैंग्वेज का नाम गिनती हुई उंगलियों पर, जो-जो उसे आती थीं।

    "लेकिन एंजल, तुमने इतनी लैंग्वेजेस सीखी क्यों?" समर ने यह सवाल बहुत क्यूरियोसिटी के साथ पूछा। अनंत भी इसका जवाब जानना चाहता था। दोनों उसके चेहरे को घूर रहे थे जवाब के इंतज़ार में।

    "नानू को ना पापा ने कहा कि अगर नानू किसी और कंट्री गई और उससे भूख लगी तो नानू उनसे खाना कैसे मांगेगी? उसके लिए तो नानू को उनकी लैंग्वेज आनी चाहिए ना, वरना नानू को भूखा रहना पड़ेगा। इसलिए नानू ने ना सारी लैंग्वेज सीख ली ताकि नानू को प्रॉब्लम ना आए।" नंदनी यह सब बहुत मासूमियत के साथ कहती है। समर और अनंत को समझ नहीं आता था कि वे अनंत के पापा के दिमाग की तरफ़ करें या अपनी भोली-सी प्रिंसेस/एंजल की मासूमियत पर हँसें।

    समर उसकी बात सुनकर एक स्माइल के साथ बड़बड़ाया, "जो भी कहो, एंजल के पापा तो बड़े समझदार थे। कैसे झांसे में लिया उन्होंने एंजल को कि उसने खुशी-खुशी सब सीख लिया होगा।"

    यह सब वह नंदनी की खाने की आदत को याद करके कह रहा था। आख़िर नंदनी को सबसे ज़्यादा प्यारा उसका खाना ही है। अच्छे खाने का ऑफ़र देकर आप उससे कोई भी काम करने के लिए मना सकते हो।

    फिर तीनों वापस केबिन में आते हैं।

    वहीं हरिद्वार में,

    दादा जी अभी एक आश्रम में रुके हुए थे। तभी एक महागुरु उनके पास आते हैं और उन्हें चिंतित देखकर कहते हैं, "क्या हुआ राजपूत साहब? बड़े चिंतित लग रहे हैं आप?"

    "कुछ नहीं गुरुजी, बस अनंत, मेरे पोते की चिंता लगी रहती है। पता नहीं क्या होगा उसका?" दादा जी उनसे कहते हैं।

    "अब उसकी चिंता छोड़ दीजिए, क्योंकि अब कोई आ गया है जो उसका खुद से ज़्यादा ध्यान रखेगा। परेशानियाँ आएंगी, लेकिन दोनों मिलकर हर परेशानी को पार कर लेंगे। आपका पोता बहुत जल्द एक अटूट बंधन में बंधने वाला है। एक ऐसा बंधन जिसे कोई तोड़ नहीं पाएगा, बिलकुल शिव-पार्वती की तरह। मुश्किलें होंगी, लेकिन समाधान उनके साथ से ही होगा। दोनों एक-दूसरे की ताकत होने के साथ-साथ एक-दूसरे का कवच भी होंगे।"

    दादा जी उनकी बात सुनकर थोड़े शांत हो जाते हैं, पर पूरे नहीं।

    वहीं केबिन में,

    नंदनी ने जो केबिन में बैठकर स्केच किया था, वह अभी भी अनंत के डेस्क पर ही था। अनंत जैसे ही अपने चेयर पर बैठता है, उसकी नज़र स्केच पर जाती है। उसे देखकर उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती है। वह हैरान भी था क्योंकि नंदनी ने बहुत ही अच्छा स्केच बनाया था। उसमें समर, अनंत, सुशांत, शौर्य, स्नोइ और कालू, आई मीन शैडो भी था और उसने लोटस विला का भी स्केच बनाया था।

    अनंत फिर नंदनी से पूछता है, "प्रिंसेस, यह स्केच आपने बनाया?"

    नंदनी उछलते हुए उसके पास आकर कहती है, "हाँ आनू, यह स्केच नानू ने ही बनाया है।"

    अनंत: "अच्छा, तो प्रिंसेस, तुम हर किसी का स्केच बना लेती हो?"

    नंदनी: "नहीं, नानू ना सिर्फ़ उनके ही स्केच बनाती है जो नानू को पसंद आते हैं।"

    समर भी वह स्केच देखता है। फिर नंदनी से कहता है, "पर एंजल, अभी तुमने कहा कि तुम्हें जो अच्छे लगते हैं, तुम सिर्फ़ उनका स्केच बनाती हो, तो कालू...?"

    उसने इतना ही कहा था कि अनंत और नंदनी एक साथ उसे घूरने लगे। समर जल्दी से अपनी बात सही करता है, "तो शैडो का स्केच? अगर वह तुम्हें पसंद हो तो उससे बहस क्यों करती हो?"

    "वो मुझे ना, कालू के साथ बहस करने में बहुत मज़ा आता है, एस्पेशली जब वह छिड़ता है। और एक बात, उसे काली सिर्फ़ मैं बुला सकती हूँ। और यह बात उसे बताना मत कि वह मुझे पसंद है।" नंदनी ने आखिरी लाइन उन्हें धमकी देते हुए कही।

    अनंत फिर कुछ याद करके उसे पूछता है, "और एक बात बताओ, मुझे कुछ देर पहले तुम त्रिशा को ना जाने क्या-क्या कह रही थीं, वह कहाँ से सीखा?"

    नंदनी कहती है, "वो ना मैंने एक मूवी और टीवी सीरियल में देखा।"

    यह सुनकर अनंत अपना सिर पीट लेता है। फिर वह उसे कहता है, "पर प्रिंसेस, वो सारी बातें गलत होती हैं। ऐसी बातें सिर्फ़ बैड गर्ल करती हैं। अब से टीवी सीरियल और मूवीज़ देखना बंद कर दो। और कार्टून देखो।"

    नंदनी अपनी आँखें छोटी करके ड्रामा करती है, "क्या? क्या? क्या? (एकदम सीरियल में तीन कर शॉट कैसे होता है वैसे) यह क्या कह रहे हो आप आनू? आप मुझे मेरी साँस माँग लेते, मैं खुशी-खुशी से देती, पर टीवी सीरियल देखना बंद नहीं कर सकती मैं। नहीं! नहीं! नहीं!"

    उसे यह करते देख अनंत की हालत ऐसी थी जैसे उसकी आँखें कभी भी बाहर आ सकती हों। वहीं समर को जैसे नंदनी को देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। समर यह देखकर सीटी बजाते हुए कहता है, "वाह एंजल! क्या एक्टिंग करती हो!"

    अनंत उसे घूरकर देखता है। और अनंत का नंदनी को अब शांत बैठाने का सिर्फ़ एक ही तरीका था। वह एक चॉकलेट निकालकर नंदनी की तरफ़ बढ़ाता है। नंदनी वह देखकर बच्चे की तरह खुश हो जाती है और चॉकलेट लेकर खाने लगती है।

    कुछ सेकंड में चॉकलेट खत्म हो चुकी थी। साथ ही चॉकलेट नंदनी के मुँह पर भी बहुत लगी हुई थी, साथ ही हाथ पर भी। अनंत यह देखकर उससे कहता है, "प्रिंसेस, पूरा मुँह और हाथ तुमने गंदा कर लिया है। जाओ जाकर मुँह और हाथ धो लो। केबिन में एक रूम है, उसके बेडरूम में।"

    नंदनी अच्छी बच्ची की तरह उठकर मुँह और हाथ धोने लगती है। वहीं उसके जाते ही अनंत समर से कहता है, "जाकर प्रिंसेस के लिए बेस्ट कॉलेज ढूँढो।"

    समर कन्फ़्यूज़ होकर कहता है, "पर बॉस, आप एंजल को कॉलेज क्यों भेज रहे हो? उसके नॉलेज के हिसाब से तो वह हमारी कंपनी में किसी भी हायर पोस्ट पर काम कर सकती है।"

    "हाँ, वह कर सकती है, लेकिन मैं नहीं चाहता वह अभी से वर्कलोड ले। और इसके अलावा उसकी एज मस्ती करने की है। लोगों से घुलने-मिलने, दुनिया देखने की है। इसलिए उसका एडमिशन कॉलेज में कराना है मुझे। तुम एक काम करो, कुछ शैडो गार्ड को बुलाओ जो हमेशा नंदनी के पीछे रहेंगे, उसकी सिक्योरिटी के लिए।"

    समर को उसकी बात सही लगती है।

  • 14. Rebirth of divine soul - Chapter 14

    Words: 1350

    Estimated Reading Time: 9 min

    समर, कन्फ्यूज़ होकर बोला, "पर बॉस, आप एंजल को कॉलेज क्यों भेज रहे हो? उसके नॉलेज के हिसाब से तो वो हमारी कंपनी में किसी भी हायर पोस्ट पर काम कर सकती है।"

    "हाँ, वो कर सकती है, लेकिन मैं नहीं चाहता कि वो अभी से वर्कलोड ले। और इसके अलावा, उसकी उम्र मस्ती करने की है। लोगों से घुलने-मिलने, दुनिया देखने की है। इसलिए उसका एडमिशन कॉलेज में कराना है मुझे। तुम एक काम करो, कुछ शैडो गार्ड्स को बुलाओ जो हमेशा नंदनी के पीछे रहेंगे, उसकी सिक्योरिटी के लिए।"

    समर को उसकी बात सही लगी।

    समर ने कहा, "ओके बॉस, हमने दो साल पहले ही एक यूनिवर्सिटी खरीदी थी। वो इंडिया की बेस्ट यूनिवर्सिटी है।"

    तभी नंदनी बाहर आई। अनंत अपनी चेयर से खड़ा होकर नंदनी से पूछा, "प्रिंसेस, क्या तुम कॉलेज जाना चाहती हो?"

    नंदनी ने कुछ देर पहले ही टप्पू सेना का कॉलेज वाला सीन देखा था। इसलिए वो भी जल्दी से हाँ कर दी। अनंत आगे उससे पूछा, "तो तुम कौन से कोर्स में ज्वाइन करना चाहती हो?"

    नंदनी कुछ सोचकर बोली, "मैं MBA में ज्वाइन करना चाहती हूँ।"

    अनंत ने ओके कहा। फिर उसने कहा, "तो चलो, चलते हैं। आज सैटरडे है। आज एडमिशन करवा लेते हैं। फिर परसों मंडे से कॉलेज ज्वाइन कर लेना।"

    नंदनी ने आँखें झपकाते हुए कहा, "इतनी जल्दी क्यों?"

    "अगर अभी नहीं किया तो फिर लेट हो जाएगा।" अनंत ने कहा।

    फिर नंदनी मान गई। फिर अनंत, समर और नंदनी एडमिशन के लिए निकल गए।

    मुंबई यूनिवर्सिटी।

    स्टूडेंट्स कैंपस में घूम रहे थे, और कुछ क्लास में थे। जब यूनिवर्सिटी के गेट से एक साथ पाँच कारें अंदर आईं, जिनमें से पाँच बेंटले थीं। जो स्टूडेंट्स कैंपस में घूम रहे थे, वे एक साथ इतनी सारी लग्ज़रीयस गाड़ियाँ देखकर हैरान थे।

    वे अभी सोच ही रहे थे कि उनके कॉलेज में इतना अमीर कौन आ रहा है, जैसे ही आगे की दो कारें और पीछे से दो कारों से गार्ड्स बाहर आए। फिर मिडिल वाली कार से ड्राइवर पहले बाहर आकर नंदनी और अनंत के लिए दरवाज़ा खोला।

    अनंत बाहर आया। उसने ब्लैक सूट पहना हुआ था। वहाँ कुछ लड़कियाँ थीं जो अनंत को देखती ही रह गईं। गोरा रंग, वेल-बिल्ट बॉडी, चेहरे पर बियर्ड और आँखों पर ब्लैक गॉगल्स थे। वहीं कुछ लड़के नंदनी को ताड़ रहे थे।

    वो अपने जंपसूट में बहुत प्यारी और क्यूट लग रही थी। अनंत उन लड़कों को अपनी प्रिंसेस को घूरते देख खुद उनकी तरफ घूरने लगा, जिससे सभी को अपनी रीढ़ की हड्डी में एक ठंडक का एहसास हुआ। और सभी जल्दी से नंदनी से नज़रें हटा लिए।

    वहीं अनंत, नंदनी और समर अंदर की तरफ़ बढ़े। वे डायरेक्ट प्रिंसिपल के केबिन में गए। प्रिंसिपल अनंत को नहीं पहचानता था क्योंकि अनंत अब तक कभी मीडिया के सामने नहीं आया था, जिससे कोई भी उसका चेहरा नहीं जानता था।

    पर प्रिंसिपल समर से यूनिवर्सिटी के डेवलपमेंट की मीटिंग में बहुत बार मिल चुका था। और समर भी कोई छोटा-मोटा इंसान नहीं था। उसका खौफ़ अनंत से सिर्फ़ थोड़ा कम था; पर उसे पॉलिटिशियन तक डरते थे।

    प्रिंसिपल अपनी चेयर से खड़ा होकर बोला, "वेलकम मिस्टर राव। आप आज यहाँ? कुछ काम था तो मुझे बुला लेते।"

    समर, अनंत और नंदनी के चेयर पर बैठ जाने के बाद बोला, "मिस्टर खान (प्रिंसिपल का सरनेम), आज मुझे नहीं, मेरे बॉस को आपसे काम है।"

    मिस्टर खान समर के मुँह से 'मेरे बॉस' सुनकर समझ गया। उसके सामने बैठा इंसान और कोई नहीं, अनंत सिंह राजपूत था। प्रिंसिपल जल्दी से रिस्पेक्टफुली अनंत को ग्रीट किया, "गुड आफ्टरनून मिस्टर राजपूत। आपको कुछ काम था तो मुझे ऑफिस बुला लेते, आपको यहाँ आने की तकलीफ़ उठाने की ज़रूरत नहीं थी।"

    अनंत ने कहा, "ऐसे कोई बात नहीं है। मैं अपनी प्रिंसेस का एडमिशन करवाने आया हूँ।"

    ये सुनकर मिस्टर खान नंदनी की तरफ़ देखे। फिर जल्दी से बोले, "मैं जल्दी से इसका प्रोसीज़र करवाता हूँ। तब तक आप क्या लेंगे, चाय कॉफ़ी?"

    ये सुनकर नंदनी जल्दी से बोली, "नानू को चॉकलेट मिल्कशेक चाहिए और चॉकलेट कुकीज़ भी।"

    ये सुनकर जल्दी से प्रिंसिपल पीयून को लाने भेज दिया। अनंत कुछ ऑर्डर नहीं किया। चॉकलेट मिल्कशेक और कुकीज़ आने के बाद नंदनी उसे एन्जॉय करते हुए खाई और एक कुकी अनंत को खिलाई और दूसरी समर को।

    प्रिंसिपल ये देख हैरान रह गया। यह सबसे खतरनाक इंसान एक लड़की की बात मान रहा था!

    नंदनी के एडमिशन का प्रोसीज़र जल्दी हो गया। वहाँ कुछ प्रोफ़ेसर्स भी थे।

    प्रिंसिपल रिस्पेक्ट के साथ बोला, "ओके, तो मिस नंदनी, आप मंडे से कॉलेज ज्वाइन कर सकती हैं।"

    नंदनी ने हाँ में सर हिला दिया।

    अनंत: "जी, और ध्यान रहे मिस्टर खान, मेरी प्रिंसेस को जरा सी भी दिक्क़त हुई तो आपके लिए अच्छा नहीं होगा। उम्मीद करता हूँ मेरी बात को अच्छी तरह समझ गए होंगे आप।"

    ये बोला तो उसने नॉर्मली ही था, लेकिन प्रिंसिपल समझ गया था कि ASR उसे वार्निंग दे रहा है। और ASR की क्रुएल्टी कौन नहीं जानता?

    फिर वे वहाँ से निकल गए। जब वे कार में बैठे हुए थे, नंदनी का शॉपिंग पर जाने का बहुत मन हो रहा था। जब से उसने टप्पू सेना को शॉपिंग करते हुए देखा था। कार में दोनों एक-दूसरे के बगल में बैठे हुए थे। नंदनी ने अनंत का हाथ पकड़कर झुलाते हुए कहा, "आनू, नानू को कुछ चाहिए?"

    अनंत अपने लैपटॉप पर कुछ ईमेल्स देख रहा था। वो सिर्फ़ "हम्म" कहा। नंदनी ने उसका ध्यान अपनी तरफ़ करके कहा, "आनू, नानू की तरफ़ देखो ना।"

    अनंत लैपटॉप बंद करके नंदनी की तरफ़ देखा। नंदनी बोली, "आनू, नानू को शॉपिंग के लिए जाना है।"

    अनंत ने पूछा, "क्या हुआ? तुम्हें कुछ चाहिए क्या? तो मैं मँगवा लेता हूँ। तुम्हें खुद जाने की क्या ज़रूरत है?"

    नंदनी पाउट बनाकर बोली, "नहीं आनू, नानू को जाना है। उसे खुद शॉपिंग करनी है।"

    अनंत मान गया। तब तक शाम हो चुकी थी। वे डायरेक्ट घर गए। घर आने के बाद नंदनी का मुँह फूला हुआ था। अनंत डायरेक्ट स्टडी रूम में चला गया और नंदनी शौर्य के पास गई।

    शौर्य उसे उदास देखकर पूछा, "क्या हुआ परी?"

    नंदनी ने कहा, "कुछ नहीं शौर्य। और तुम मुझे परी मत कहो। तुम मुझे नंदनी ही कहो और मुझे ये बताओ, माँ ठीक है ना?"

    शौर्य ने कहा, "नंदनी, मेरे पास परी लोक की खबर नहीं है। और कुछ जानना हो तो पूछ सकती हो?"

    "शौर्य, मुझे परी लोक जाना हो तो मैं कैसे जा सकती हूँ और मेरी शक्तियाँ, वो कैसे यूज़ करूँ?" नंदनी ने उससे पूछा।

    "नंदनी, अगर आपको परी लोक जाना है तो पहले आप जिस शरीर में हैं, उसके जीवन का उद्देश्य जो अधूरा है, उसे पूरा करना होगा। और आपकी शक्तियाँ आपके पास हैं, लेकिन उसका इस्तेमाल आपको संभाल के करना होगा क्योंकि किसी को आपकी शक्तियाँ और परी होने के बारे में पता नहीं चलना चाहिए।" शौर्य ने उसे कहा।

    नंदनी ये सुनकर बोली, "मुझे ये जल्दी से करना होगा। मुझे माँ से मिलना है।"

    शौर्य ने हाँ में सर हिलाया।

    कैसे मनाएगी नंदनी अनंत को शॉपिंग के लिए जाने के लिए, पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 15. Rebirth of divine soul - Chapter 15

    Words: 1819

    Estimated Reading Time: 11 min

    नंदनी अब यह सोच रही थी कि वह अनंत को कैसे मनाए। तभी उसे एक आइडिया आया। वह जाकर टेरेस पर बैठ गई। अनंत स्टडी रूम से बाहर आकर नंदनी को ढूँढने लगा। उसने उसे कमरे में, गार्डन में, लिविंग रूम में और पूरे घर में ढूँढा, पर वह कहीं नहीं दिखी। इससे वह घबराने लगा।

    वह जल्दी से गार्ड्स को बुलाया और उनसे नंदनी के बारे में पूछा। क्या वह बाहर तो नहीं गई? पर गार्ड्स ने कहा कि उन्होंने किसी को घर से बाहर जाते हुए नहीं देखा। अनंत ने जल्दी से सुशांत को सीसीटीवी फुटेज दिखाने को कहा।

    फुटेज में नंदनी टेरेस की तरफ जाती हुई दिख रही थी। यह देखकर अनंत, समर और सुशांत तीनों पूरी तेज़ी से टेरेस की तरफ गए। वहाँ जाकर उन्होंने देखा कि टेरेस के एक झूले पर नंदनी बैठकर चाँद की तरफ़ देख रही थी।

    वह अपने आस-पास का होश ही नहीं रख रही थी। अनंत जैसे ही उसके कंधे पर हाथ रखा, नंदनी अपने होश में आई। और अपने कंधे पर किसी और का हाथ देखकर जल्दी से खड़ी होकर पीछे मुड़कर देखी। वहाँ अनंत, समर और सुशांत खड़े थे। तीनों के चेहरे पर नंदनी के लिए चिंता साफ़ दिख रही थी।

    समर लिविंग रूम से टेरेस पर (जो तीसरे फ्लोर पर है) आते-आते हाँफने लगा था। वह हाँफते हुए नंदनी से बोला, "एंजल, तुम ऐसे बिना किसी को बताए ऊपर टेरेस पर क्यों आई? हम सब कितना डर गए थे।"

    "सॉरी भाई। नानू की वजह से आप सभी परेशान हो गए। वह नानू आनू से गुस्सा थी इसलिए वह ऊपर आ गई।" नंदनी पाउट करके बोली।

    "पर तुम अनंत भाई से गुस्सा क्यों हो?" सुशांत ने पूछा।
    (समर और सुशांत अनंत को सिर्फ़ ऑफिस में या किसी अनजान के सामने बॉस कहते हैं। घर पर या अकेले में वे उसे भाई ही कहते हैं। अनंत भी उन्हें अपना छोटा भाई ही मानता है।)

    नंदनी बच्चों की तरह मुँह बनाकर बोली, "गुस्सा नहीं होऊँ तो और क्या करूँ? नानू ने आनू से शॉपिंग पर चलने को कहा पर उसने मना कर दिया। तो क्या नानू गुस्सा भी नहीं हो सकती?"

    अनंत अब अपनी प्रिंसेस को खुद से नाराज़ थोड़ी भी नहीं देख सकता था। इसलिए वह उसके पास आकर बोला, "ओके, हम कल शॉपिंग पर चलेंगे। खुश?"

    नंदनी अनंत का हाथ पकड़कर झूलते हुए खुशी से बोली, "हाँ नानू, बहुत खुश हूँ।"

    फिर चारों नीचे आए और साथ में डिनर किया। और सभी जैसे ही अपने-अपने कमरों में जाने वाले थे, नंदनी सभी से बोली कि वे लोग कल सुबह ब्रेकफास्ट के बाद सीधे शॉपिंग के लिए जाएँगे।

    सभी ने हाँ में सर हिलाया। जैसे नंदनी उनकी टीचर हो और वे उसके स्टूडेंट हों। फिर सभी अपने-अपने कमरों में सो गए। अनंत बेड पर और नंदनी अनंत पर। दोनों ने शॉवर लेना था और नंदनी ने अभी नाइट सूट पहना हुआ था।

    वहीं सुबह जैसे ही सभी ब्रेकफास्ट करने नीचे आए, नंदनी हैरान रह गई। क्योंकि तीनों ने ब्लैक सूट पहना हुआ था। चारों साथ में बैठकर ब्रेकफास्ट करते हैं, पर पूरे समय नंदनी उन तीनों को घूर रही थी। जिसका कारण तीनों समझ नहीं पा रहे थे। ब्रेकफास्ट करके जैसे ही वे बाहर की तरफ़ बढ़े, नंदनी अपनी जगह से हिली तक नहीं।

    अनंत ने उससे पूछा, "चलो प्रिंसेस, अब शॉपिंग करने नहीं जाना है क्या?"

    नंदनी उन्हें घूरते हुए बोली, "नानू को एक बात बताओ, आप तीनों किसी बिज़नेस मीटिंग के लिए जा रहे हो?"

    तीनों ने एक साथ ना में सर हिलाया। नंदनी आगे बोली, "तो शॉपिंग पर जाते हुए ऐसे कपड़े नहीं पहनते हैं। मेरे जैसे कैज़ुअल कपड़े पहनते हैं।"

    और आखिर में अपनी आउटफिट की तरफ़ इशारा करते हुए बोली। उसने ब्राउन स्वेटर, फुल स्लीव लूज़ टॉप और उस पर डेनिम शॉर्ट जंपसूट पहना हुआ था।

    अनंत बोला, "पर प्रिंसेस, हमारे पास और कोई आउटफिट नहीं है।"

    नंदनी बोली, "पूरा वॉर्डरोब तो भरा हुआ है आप तीनों का। मैं आप तीनों के लिए कपड़े निकालती हूँ।"

    फिर वह एक-एक करके तीनों के क्लोज़ेट रूम में गई।

    पर तीनों के पास मैक्सिमम ब्लैक आउटफिट ही थीं। यह देख नंदनी का सिर चकरा गया। और अनंत और सुशांत के फुल ब्लैक कैज़ुअल आउटफिट निकले। पर लकीली समर के पास कुछ डेनिम जैकेट और व्हाइट टी-शर्ट थे। नंदनी ने उसे वे पहनने को कहा। चारों कार में बैठकर वहाँ से निकल गए।

    नंदनी अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से रास्ता देख रही थी। कल उसने पहली बार परी लोक के अलावा बाहर की दुनिया देखी थी। और आज दूसरी बार वह सभी चीजें देख रही थी। यह सब उसके लिए बहुत नया था। कार एक मॉल की पार्किंग में रुकी।

    चारों साथ में बाहर आए और मॉल में गए। यह मॉल अनंत का ही था और आज उसने अपनी प्रिंसेस के लिए पूरा मॉल खाली करवा लिया था। वह नहीं चाहता था कि उसकी प्रिंसेस को कोई परेशानी हो। अनंत को लगा कि नंदनी को कुछ कपड़े खरीदने होंगे, इसलिए वह उसे सीधे फीमेल क्लोथ्स के स्टोर में ले गया।

    उस स्टोर में जाते ही नंदनी कुछ कपड़े देखती है और एक-एक ड्रेस ट्राय करके अनंत को दिखाती है। अनंत को हर ड्रेस अपनी प्रिंसेस पर अच्छी ही लगती है। नंदनी अब ट्रायल रूम से एक गाउन पहनकर बाहर आई जो बॉडी फिटिंग था। उसमें नंदनी का हर कर्व अच्छे से साफ़ दिख रहा था। वह गाउन रेड कलर का था और साथ ही बैकलेस भी, जिसमें नंदनी की पूरी पीठ साफ़ दिख रही थी। अनंत नंदनी में खो गया।

    तेरी काली आँखियों से ज़िन्द मेरी जागे,
    धड़कन से तेज़ दौड़ू, सपनों से आगे,
    अब जान लुट जाए, ये जहां छूट जाए,
    संग प्यार रहे, मैं रहूँ ना रहूँ,
    सजदा.. तेरा सजदा.. दिन रैन करूँ.. नाही चैन करूँ..
    सजदा.. तेरा सजदा.. रात वार करूँ.. मेरी जान करूँ..


    नंदनी उसे कहीं खोए हुए देख उसके सामने चुटकी बजाकर उसे होश में लाते हुए पूछती है, "आनू, नानू, यह गाउन मुझे कैसा लग रहा है?"

    अनंत होश में आकर बोला, "प्रिंस, तुम बहुत ब्यूटीफुल लग रही हो।"

    फिर वह हर एक ड्रेस खरीद लेता है जो नंदनी ने ट्राय की थी।

    फिर नंदनी वहाँ से निकलकर एक सॉफ्ट टॉयज़ की शॉप में जाती है और वहाँ से बहुत सारे सॉफ्ट टॉयज़ खरीद लेती है। और फिर बहुत सारी चॉकलेट्स, कुकीज़ और बहुत सारी खाने की चीजें। अनंत उसके लिए वह सब खरीद रहा था। तब तक समर और सुशांत के दोनों हाथ भर चुके थे।

    और नंदनी ने गार्ड्स को भी अंदर नहीं आने दिया था, इसलिए तीनों ही उसके बैग्स उठा रहे थे। फिर नंदनी को भूख लगी। चारों मॉल के रेस्टोरेंट में लंच करते हैं, पर पहले कार में सारे बैग्स रखकर आते हैं। फिर नंदनी लंच के बाद उनके साथ एक मेन्स क्लोथिंग स्टोर में जाती है।

    अनंत ने उससे पूछा, "प्रिंसेस, यहाँ से क्या खरीदना है तुम्हें?"

    "आनू नानू, आपके, समर भाई और सुशांत भाई के लिए कुछ कपड़े खरीदने हैं। आप तीनों हमेशा सिर्फ ये ब्लैक कलर के ही कपड़े पहनते हो। और आज भी कितने मुश्किल से कुछ कैज़ुअल ढूँढा है मैंने आप तीनों के लिए, वो भी मिला तो सिर्फ़ ब्लैक। सिर्फ़ समर भाई के पास कुछ कलरफुल कपड़े हैं, पर वो भी सिर्फ़ कुछ ही हैं।" नंदनी मुँह बनाकर बोली। फिर तीनों के लिए पहले एक-एक शर्ट लेकर आती है। अनंत के लिए रेड, समर के लिए स्काई ब्लू और सुशांत के लिए ब्राउन।

    तीनों पहनकर आते हैं। नंदनी को तीनों बहुत अच्छे लगते हैं। वह ऐसे ही कुछ और देर में उनके लिए १० से ज़्यादा शर्ट सेलेक्ट कर देती है।

    अनंत पर हर शर्ट ऐसा लग रहा था जैसे हर शर्ट उसके लिए कस्टम मेड हो। नंदनी की नज़रें तो अनंत से हट ही नहीं रही थीं। फिर वह अनंत के लिए कुछ टी-शर्ट खरीदती है।

    वहाँ की एक सेल्स गर्ल भी नंदनी की तरफ़ से अनंत से नज़रें नहीं हटा पा रही थी। वह अपने मन में कहती है, "कितना हैंडसम बंदा है। और पूरा मॉल खाली करवा दिया, यानी अमीर भी होगा। इसके साथ एक रात भी बीता लूँ तो भी मैं मालामाल हो सकती हूँ।" और वह अनंत को लस्टफुल नज़रों से देख रही थी।

    अब नंदनी यह कैसे बर्दाश्त कर सकती थी? त्रिशा के एयर कहने पर से उसने उसका वह हाल किया था, अब यह सेल्स गर्ल तो उसके आनू को घूर रही थी। वह अपने मन में सोचती है, "इसे तो अपने तरीके से सबक सिखाती हूँ।"

    फिर उस सेल्स गर्ल से एक और शर्ट मँगवाती है। जैसे ही वह रैक से शर्ट निकाल रही थी, नंदनी सभी नज़रों से छुपाते हुए अपनी शक्तियों से उस सेल्स गर्ल को गिरा देती है। जिससे वह सेल्स गर्ल खुद तो गिरती ही है, साथ में रैक के सारे कपड़े भी अपने साथ ले आती है।

    मैनेजर यह देख बहुत गुस्सा हो जाता है। वह उस सेल्स गर्ल की एक महीने की सैलरी और तीन महीने का बोनस कैंसल कर देता है। जिससे नंदनी के चेहरे पर संतुष्टि वाली मुस्कान आ जाती है।

    और फिर नाइट सूट एरिया से अनंत की नज़रों से बचकर अपने और अनंत के लिए कुछ क्यूट कपल नाइट सूट लेती है।

    फिर वे अब मॉल में आए हैं, बिना मूवी देखे थोड़ी जाएँगे। इसलिए वे मूवी देखने जाते हैं। अनंत पहले ही नंदनी पर टीवी सीरियल का भूत देख चुका था, इसलिए वह इस बार एक एनिमेटेड मूवी देखने का फैसला करता है। और मूवी थी "The Magicians Elephant"।

    वे चारों 3D थियेटर में जाते हैं। नंदनी का यह पहला एक्सपीरियंस था। उसे बहुत मज़ा आता है। पूरी मूवी में वह अपने तीन अलग-अलग फ्लेवर के पॉपकॉर्न और कोका-कोला और पेप्सी के कैन लेकर बैठी थी। वह उन्हें एन्जॉय करते हुए बड़े मज़े से मूवी देखती है। वहीं सुशांत को तो यह मूवी इतनी बोरिंग लगती है कि वह सो जाता है।

    मूवी के बाद नंदनी ऐसा कुछ करती है जिससे तीनों हैरान रह जाते हैं।

    क्या किया होगा नंदनी ने? कोई नई शरारत?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए नोवेल।

  • 16. Rebirth of divine soul - Chapter 16

    Words: 2514

    Estimated Reading Time: 16 min

    मूवी देखने के बाद पहले समर को किसी का कॉल आया। वहीँ सुशांत को भी, फिर अनंत को भी; तीनों कॉल पर लगे हुए थे। तभी नंदनी वहाँ से निकलकर एक शॉप में गई। वह शॉप म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट की थी।

    नंदनी ने एक गिटार देखा और उसे उठाया। और उसने तारों को अपनी नाजुक उंगलियों से छेड़ा। जिससे एक मधुर धुन बजी। नंदनी को इसमें बड़ा मज़ा आया। और ऐसे ही कुछ और सेकंड उसने गिटार के तार छेड़े।

    नंदनी अब गिटार के पास से हटकर एक पियानो के पास गई। और वहाँ रखे स्टूल पर बैठकर पियानो बजाने लगी। उसकी पियानो की धुन इतनी अच्छी थी कि उस शॉप का सारा स्टाफ वहाँ खड़े होकर नंदनी को पियानो बजाते हुए सुन रहा था।

    वहीँ समर, सुशांत और अनंत ने कॉल रखे। जैसे ही उन्होंने नंदनी को अपनी जगह से गायब देखा, वे जल्दी से उसे ढूँढने लगे। तभी उनके कानों में भी पियानो की धुन सुनाई दे रही थी। तीनों के कदम अपने आप उस धुन की दिशा में चलने लगे। और वहाँ पहुँचकर नंदनी को पियानो बजाते देख तीनों हैरान थे, पर साथ ही तीनों नंदनी के इतने सारे टैलेंट जानकर बहुत प्राउड भी थे।

    कुछ देर बाद नंदनी पियानो बजाना बंद करती है। और जैसे ही उसने अपने आस-पास देखा, उस शॉप का सारा स्टाफ उसके लिए तालियाँ बजाने लगा। नंदनी ने नज़र घुमाकर तीनों की तरफ देखा। वे तीनों भी उसके लिए तालियाँ बजा रहे थे।

    नंदनी स्टूल से उठकर खड़ी हुई। एक फीमेल स्टाफ उसके पास आकर उसकी तारीफ़ करते हुए बोली, "मैम, आज तक हज़ारों लोग यहाँ पियानो खरीदने से पहले बजाते हैं। पर आपके जितना अच्छा पियानो आज किसी ने नहीं बजाया है।"

    नंदनी मुस्कुराकर "थैंक यू" कहकर तीनों के साथ शॉप से बाहर आती है। बाहर आते ही अनंत उससे पूछता है, "प्रिंसेस, तुम्हें पियानो बजाना आता है?"

    "हाँ आनू, नानू को सिर्फ़ पियानो नहीं, बहुत सारे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने आते हैं। और नानू सिंगिंग भी बहुत अच्छा करती है।" नंदनी खुद की तारीफ़ करते हुए कहती है।

    "एंजल, तुम तो मल्टी-टैलेंटेड हो।" सुशांत उसका सिर थपथपाते हुए कहता है।

    नंदनी के कुछ कहने से पहले समर बोला, "आखिर बहन किसकी है? समर राव की। तो मेरी तरफ़ से मल्टी-टैलेंटेड तो होगी ही ना।"

    यह सुन नंदनी कहती है, "समर भाई, आपके कौन-कौन से टैलेंट हैं नानू की तरह?"

    समर के कुछ कहने से पहले सुशांत हँसते हुए कहता है, "इसके टैलेंट तो सिर्फ़ तीन हैं: खाना, पीना और सोना।"

    यह सुन नंदनी भी हँसती है। और समर मुँह बना लेता है। वे वापस जाने के लिए पार्किंग की तरफ़ जाने वाले थे, तभी अनंत को कुछ याद आता है और फिर वह एक स्मार्टफ़ोन की शॉप में जाता है। नंदनी के पास फ़ोन भी नहीं था। अब कल से उसे कॉलेज जाना था, तो उसे फ़ोन की ज़रूरत पड़ने वाली ही थी।

    फ़ोन की शॉप में जाने के बाद अनंत नंदनी को अपनी पसंद का कोई फ़ोन चुनने के लिए कहता है। नंदनी को सैमसंग का फ़ोल्डेबल फ़ोन बहुत क्यूट लगता है। इसलिए वह उस फ़ोन को चुनती है। फिर बाद में वह उस फ़ोन के लिए एक क्यूट सा कवर लेती है। और फिर वे सभी पार्किंग एरिया में आते हैं और कार में बैठ जाते हैं।

    सुशांत ड्राइव कर रहा था, समर उसके बगल में बैठा हुआ था। वहीँ बैक सीट में नंदनी अनंत से अपने हाथ दबवा रही थी क्योंकि बिचारी के पियानो बजाकर हाथ दुखने लगे थे। और हमारा गुस्सैल पर नंदनी का प्यारा आनू उसे मना थोड़ी कर सकता था।

    नंदनी कार से बाहर देख रही थी। तभी उसे एक बेकरी दिखती है। जिसे देखकर उसका पेस्ट्री खाने का मन करता है। वह अचानक जोर से कहती है, "कार रोको!"

    यह सुन सुशांत जल्दी से ब्रेक लगाता है। जिससे सभी को एक झटका लगता है। पर आगे दोनों ने सीटबेल्ट पहना था, तो उन्हें फ़र्क नहीं पड़ा। पर पीछे जैसे ही नंदनी का सिर आगे वाली सीट से टकराने वाला था, अनंत उसे पकड़ लेता है।

    फिर वह उससे पूछता है, "क्या हुआ प्रिंसेस?"

    पर नंदनी बिना कुछ कहे जल्दी से कार का दरवाज़ा खोलकर बाहर निकलती है। तीनों अभी भी हैरान थे, पर वे भी जल्दी से बाहर निकलते हैं। अनंत नंदनी के पास आकर एक बार फिर पूछता है, "प्रिंसेस क्या हुआ? कहीं चोट लगी क्या तुम्हें?"

    नंदनी ना में सिर हिलाते हुए बेकरी की तरफ़ उंगली करके कहती है, "आनू, नानू को पेस्ट्री खानी है। नानू का बहुत मन हो रहा है। कुछ मीठा खाने का।"

    "पर अभी लंच में तो तुमने रसमलाई खाई थी।" अनंत एक आईब्रो ऊपर करके कहता है।

    "आनू, लंच किए हुए 3 घंटे ही हुए हैं। प्लीज ला दो ना पेस्ट्री, प्लीज प्लीज।" नंदनी ज़िद करने लगती है।

    पर अनंत नहीं मानता।

    "अगर पेस्ट्री नहीं दिलाई तो नानू यहीं ज़मीन पर बैठ जाएगी। और घर भी नहीं आएगी।" यह बोल वह जैसे ही नीचे बैठने वाली थी, अनंत उसे जल्दी से रोकता है, "ओके बाबा, मैं लेकर आता हूँ तुम्हारे लिए पेस्ट्री और तुम यहीं खड़ी रहना।"

    "नहीं, नानू भी साथ आएगी। अगर आनू नानू की फ़ेवरेट फ़्लेवर की पेस्ट्री नहीं लेकर आया तो नानू पेस्ट्री अच्छे से एन्जॉय नहीं कर पाएगी।" नंदनी यह बात ऐसे कहती है जैसे दुनिया की सबसे इम्पोर्टेन्ट बात यही हो।

    अनंत के पास अब कोई और रास्ता नहीं था। वह फिर नंदनी को अपने साथ लेकर चलता है। उसके साथ सुशांत आया था। समर वहीँ कार के पास रुका हुआ था।

    बेकरी में बहुत सारी डिफरेंट पेस्ट्री के फ़्लेवर देखकर उसके मुँह में पानी आने लगता है। वह पाँच पेस्ट्री लेना चाहती थी, पर अनंत से कहाँ वह सब कर सकती है? वह 2 पेस्ट्री से ज़्यादा एक भी नहीं लेने देता। अब नंदनी इतना तो कॉम्प्रोमाइज़ कर ही सकती थी। वह दो पेस्ट्री लेती है: एक चॉकलेट ओरियो फ़्लेवर और दूसरा माँगो फ़्लेवर। दोनों पैक करवाने के बाद वह खुशी-खुशी बेकरी से निकलकर कार में बैठ जाती है।

    कार वापस चलने लगती है। अनंत इस बार नंदनी का फ़ोन सेटअप कर रहा था, जैसे उसकी ईमेल आईडी बनाना, व्हाट्सएप ओपन करना, नंबर सेव करना। ऐसे ही वे घर पहुँच जाते हैं।

    अंदर आते ही नंदनी पेस्ट्री के बॉक्स सर्वेंट को फ़्रिज में रखने के लिए कहती है। वह सर्वेंट जैसे ही दोनों बॉक्स हाथ में लेता है, उसे एक बॉक्स बहुत हल्का लगता है। वह उस बॉक्स को जैसे ही ओपन करके देखता है, वह बॉक्स तो खाली था। वह नंदनी से पूछता है, "मैम, यह खाली बॉक्स फ़्रिज में क्यों रखना है?"

    खाली बॉक्स सुनकर समर जाकर दोनों बॉक्स देखता है। चॉकलेट पेस्ट्री अंदर थी, पर माँगो पेस्ट्री गायब थी। अब वह गायब कैसे हुई यह तो सिर्फ़ नंदनी ही बता सकती थी। अनंत उससे पूछता है, "प्रिंसेस, माँगो पेस्ट्री कहाँ गई?"

    नंदनी अपने फ़ेस पर ज़बरदस्ती वाली स्माइल लिए हुए कहती है, "वो नानू ने कार में ही खा ली चुपके से।"

    यह सुन तीनों एक बार फिर सर पीट लेते हैं अपना।

    फिर चारों जाकर अपने-अपने रूम में कपड़े चेंज करते हैं। फिर नंदनी शौर्य, स्नोफी (स्नोफ्लैक्स का नाम चेंज कर रही हूँ, यह वाला ज़्यादा अच्छा लग रहा है मुझे स्नोफी से) और शैडो के लिए कुछ लाती है। उसने शौर्य के लिए एक गोल्ड चैन ली थी। चैन के साथ एक लायन शेप का लॉकेट भी था, जिसके पीछे शौर्य लिखा हुआ था और एक छोटे से कॉर्नर में स्नोफी। नंदनी को लगा था जब वो स्नोफी लिखवा रही है किसी ने नहीं देखा, पर अनंत का ध्यान उस पर ही था।

    वह नंदनी की हरकत पर सिर्फ़ मुस्कुरा देता है।

    नंदनी शौर्य को वह गोल्डन चैन पहनाती है। फिर वह स्नोफी के लिए एक क्यूट सा हेयर बैंड ले आई थी, वह उसे पहना देती है जो उसे बहुत पसंद आता है। फिर वह कालू यानी शैडो के लिए एक एंकलेट बनाया था, जिस पर एक ब्लैक पैंथर पर येलो में शैडो लिखा हुआ था और साइड में ब्रैकेट में (कालू)। वह शैडो को एंकलेट पहनाती है। फिर शैडो के लिए एक और चीज़ निकालती है जो था एक पिंक कैट हेयर बैंड।

    शैडो यह देखते ही जान गया था कि नंदनी उसे वह पहनाना चाहती है। इसलिए वह खिसकने की तैयारी करने लगता है। पर नंदनी यह देख लेती है और उसे डायरेक्ट पहनाने लगती है। पर शैडो भी कहाँ इतनी जल्दी मानने वाला था।

    वह वहाँ से भागने लगता है, नंदनी उसके पीछे। नंदनी जानती थी कि वह कालू की स्पीड मैच नहीं कर पाएगी। इसलिए वह शौर्य और स्नोफी को भी मदद के लिए बुलाती है। वह मैजिक से भी यह कर देती है, पर उसे इसमें मज़ा नहीं आता। कुछ मिनट की मेहनत के बाद तीनों उसे घेरकर रोक ही लेते हैं।

    नंदनी शैतानी स्माइल के साथ कहती है, "अब तो तुम्हें यह पहनना ही होगा।"

    स्नोफी भी दहाड़ती है, "पहन लो ना। देखो यह कितना प्यारा है भैया।"

    (स्नोफी पहले से ही शैडो को अपना भाई मानती है। पर जब से शौर्य आया है उसने भाई कहना भी शुरू कर दिया है।)

    पर शैडो ऐसे ही थोड़ी मान सकता था। वह उन्हें चकमा देकर फिर वहाँ से भाग जाता है। नंदनी यह देख मायूस हो जाती है और वह फर्स्ट फ़्लोर की रेलिंग के पास खड़े अनंत से कहती है, "आनू, देखो ना यह कालू नानू का यह प्यार से लाया हुआ गिफ़्ट नहीं पहन रहा है।"

    अनंत यह सुन शैडो की तरफ़ घूरकर देखकर बोलता है, "जो प्रिंसेस कह रही है, वह करो।"

    अब बिचारा शैडो अब अपने बॉस की बात थोड़ी टाल सकता था। वह एक मायूस बच्चे की तरह नंदनी के पास जाता है और शांति से वह हेयर बैंड पहन लेता है।

    नंदनी अपने फ़ोन में कालू की फ़ोटो खींचते हुए कहती है, "अरे वाह कालू कितना क्यूट लग रहा है इसमें! एक फ़ोटो तो बनती है इसकी।"

    यह कहकर वह उसकी दो-तीन फ़ोटो खींचती है। फिर शैडो गार्डन में भागकर चला जाता है।

    नंदनी फिर फ़्रिज से जाकर पेस्ट्री निकालती है और एक प्लेट में डालकर स्पून के साथ सोफ़े पर आकर बैठकर फ़र्स्ट बाइट खाकर कहती है, "वाउ! कितना अच्छा टेस्ट है इसका!"

    यह देख समर के मुँह में भी पानी आ जाता है। वह नंदनी के पास बैठकर कहता है, "एंजल, तुम तो मेरी प्यारी बहन हो ना, तो सिर्फ़ एक बाइट खिला दो।"

    नंदनी ना में सिर हिला देती है। समर फिर भी उससे मनाने की कोशिश करते हुए कहता है, "प्लीज ना एंजल, एक बाइट। मैं तुम्हें नेक्स्ट टाइम नई पेस्ट्री लाकर दूँगा, प्लीज अभी के लिए एक बाइट।"

    नई पेस्ट्री की बात सुन नंदनी खुश हो जाती है और समर को एक बाइट खिलाती है। समर को भी उसका टेस्ट सच में बहुत अच्छा लगता है।

    सुशांत दूर से उन्हें प्यार से देख रहा था। नंदनी की नज़र सुशांत पर जाती है और वह खुद पेस्ट्री के साथ सुशांत की तरफ़ बढ़ जाती है और एक बाइट उसकी तरफ़ बढ़ाकर कहती है, "सुशांत भाई, आप भी एक बाइट लो ना, यह सच में बहुत यम्मी है।"

    "नहीं एंजल, यह तुम ही खाओ।" सुशांत उसे मना करते हुए कहता है।

    "प्लीज ना भाई, आप भी खाओ ना, वरना मैं गुस्सा हो जाऊँगी।" नंदनी एक हाथ अपनी कमर पर रखकर अपनी आँखें बड़ी-बड़ी कर लेती है जैसे वह अभी गुस्सा होने वाली हो।

    सुशांत जल्दी से कहता है, "नहीं-नहीं, मैं खाता हूँ ना, मैं एंजल, गुस्सा मत होना।"

    फिर नंदनी उसे पेस्ट्री खिलाती है। सुशांत को भी पेस्ट्री का टेस्ट बहुत अच्छा लगता है।

    समर अपनी जगह से उठकर नंदनी के पास आकर कंप्लेंट करते हुए कहता है, "एंजल, यह तो गलत बात है। मैंने इतनी रिक्वेस्ट की और तुम्हें रिश्वत दी तब तुमने मुझे पेस्ट्री खिलाई, पर भाई को ऐसे ही?"

    सुशांत पेस्ट्री की थोड़ी सी क्रीम अपनी उंगली पर लेकर समर के नाक पर लगाते हुए कहता है, "क्यों तुझे जलन हो रही है? और वैसे भी प्रिंसेस मुझसे ज़्यादा प्यार करती है, इसलिए तुझे जलना भी चाहिए।" यह सब कहते हुए सुशांत के चेहरे पर समर को चिढ़ाने वाली स्माइल थी।

    "भाई, आपको ना बहुत बड़ी गलतफ़हमी हो रही है। एंजल मुझसे ज़्यादा प्यार करती है, ना कि आपसे।"

    ऐसे ही वे दोनों लड़ने लगते हैं। वहीँ अनंत उन्हें दूर से देख रहा था और खुश भी था।

    समर और सुशांत बचपन में ऐसे ही हर चीज़ को लेकर लड़ा करते थे। फिर वह कोई टॉय हो, कोई चॉकलेट हो या माँ-बाप का प्यार, लेकिन उनके पैरेंट्स की डेथ के बाद सब बदल गया। समर तो फिर भी हँसी-मज़ाक कर लेता, लेकिन सुशांत बिलकुल बदल गया था। आखिर अपने दोनों छोटे भाइयों की ज़िम्मेदारी थी उस पर।

    लेकिन आज एक बार फिर उन्हें ऐसे बच्चों की तरह लड़ते देख अनंत खुश था और यह उसकी प्रिंसेस नंदनी की वजह से हो रहा था। अगर वह उस दिन वहाँ नहीं गया होता तो आज प्रिंसेस उनके साथ नहीं होती, ना ही सुशांत को वह कभी ऐसे देख पाता। अपनी प्रिंसेस का ध्यान आते ही वह उसे देखने के लिए सिर घुमाता है, तो देखता है उसकी प्रिंसेस दोनों भाइयों में लड़ाई होते हुए आराम से स्नोफी के साथ बैठकर पेस्ट्री और Shinchan एन्जॉय कर रही थी। अनंत ने ही उसे Shinchan देखने को कहा था, पर अब उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था देखने में।

    अनंत उसे डिनर करने चलने के लिए कहता है, पर नंदनी सोफ़े से उठने को तैयार ही नहीं थी, उसे Shinchan देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था। अनंत डिनर सोफ़े पर ही मँगवा लेता है। सभी आज सोफ़े पर बैठकर ही डिनर करते हैं। फिर अनंत कहता है, "चलो अब सोने चलते हैं प्रिंसेस।"

    "नहीं आनू, नानू को एक और एपिसोड देखना है। बस एक और, प्लीज।" नंदनी पाउट करके कहती है। अनंत अच्छे से जानता था नंदनी अपनी बात मनवाकर ही मानती है। इसलिए वह उसे एक और एपिसोड देखने देता है पर कहता है, "सिर्फ़ 1 ही। कल तुम्हारे कॉलेज का फ़र्स्ट डे है। लेट नहीं होना है तो जल्दी सो जाना।"

    नंदनी हाँ में सिर हिलाती है। अनंत लैपटॉप लेकर उसके बगल में ही बैठ जाता है।

    कैसा रहेगा नंदनी का फ़र्स्ट डे कॉलेज में?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए नोवेल।

  • 17. Rebirth of divine soul - Chapter 17

    Words: 2566

    Estimated Reading Time: 16 min

    अनंत अपने काम में लगा हुआ था। कुछ देर बाद उसका ध्यान हटा। उसने नंदनी की तरफ देखा। वह टीवी देखते हुए सो गई थी। वहीं स्नोफी भी उसके पास सोई हुई थी। उसने टीवी बंद कर नंदनी को गोद में उठाया और कमरे में ले गया। फिर वे सो गए।

    अगली सुबह अनंत सबसे पहले उठा और नंदनी को अपने ऊपर से उठाकर बेड पर लिटाया, जो आधी रात को नींद में उसके ऊपर आकर सो गई थी। फिर वह जिम गया। एक घंटे बाद वह जिम से आकर नंदनी को देखा, जो अब पूरे बेड पर पसर कर सोई हुई थी।

    अनंत उसे उठाने की कोशिश करता है, पर नंदनी कल की शॉपिंग की थकान की वजह से हाथी, घोड़े या कहें तो पूरे जू को बेचकर सो रही थी। अनंत सोचता है, पहले जाकर शॉवर ले ले। फिर आकर उसे उठा देगा। वह जाकर शॉवर लेता है और एक बार फिर एक ब्लैक बिज़नेस सूट पहन लेता है। और नंदनी को एक बार फिर उठाने की कोशिश करता है, पर नंदनी पर तो कोई असर ही नहीं हो रहा था।

    फिर वह उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले जाता है और उसे बाथटब में लिटा देता है। जैसे ही पानी की वजह से नंदनी की नींद खुलती है, वह पानी में हाथ-पैर चलाते हुए कहती है,
    "और बाढ़ आ गई! आनू! नानू को बचाओ! मैं डूब जाऊँगी!"

    "प्रिंसेस, आँखें खोल! देखो, तुम बाथटब में हो।" अनंत उसका ड्रामा देखकर सिर हिलाते हुए कहता है।

    नंदनी जल्दी से अपनी आँखें खोलती है और खुद को बाथटब में देखकर हैरानी से कहती है, "नानू बाथटब में? कैसे? वो तो कल रात टीवी देखते हुए सो गई थी।"

    "प्रिंसेस, मैं तुम्हें लेकर आया हूँ। आज तुम्हारे कॉलेज का फर्स्ट डे है। तुम उठ नहीं रही थीं, और मैं नहीं चाहता था कि तुम कॉलेज के फर्स्ट डे लेट हो जाओ, इसलिए मैंने तुम्हें बाथटब में बिठा दिया।" अनंत बोला।

    "ये गलत बात है, आनू! नानू को ऐसे बाथटब में बिठाना। इसलिए तुम्हें पनिशमेंट मिलेगी। आज तुम्हें नानू को नहलाकर रेडी करना होगा कॉलेज के लिए।" नंदनी अनंत को नाराजगी में घूरते हुए कहती है।

    यह सुनकर अनंत को अपनी पिछली वाली हालत याद आ जाती है। वह मना करना चाहता था, पर उससे पहले ही नंदनी अपनी आँखें छोटी करके कहती है, "अगर आनू ने नानू की पनिशमेंट नहीं मानी, तो नानू से एक हफ़्ते बात नहीं करेगी।"

    अब बिचारा अनंत क्या कर सकता था? वह अब नंदनी को नहलाते हुए उसकी हालत खराब हो जाती है। फिर वह जैसे-तैसे उसे नहलाकर बाथरोब पहनाता है और क्लोज़ेट रूम में ले जाकर उसके लिए रेनबो कलर ओवरसाइज स्वेट टॉप निकालता है और साथ ब्लैक जीन्स। और नंदनी को वह कपड़े पहनाता है।

    फिर ड्रेसिंग टेबल पर बिठाकर उसके बाल बनाने वाला होता है। नंदनी उसे रोकती है, "आनू, नानू को आज न्यू हेयरस्टाइल करना है, जो नानू ने कल फोन में देखा था। एक मिनट रुको, मैं अभी फोन लेकर आती हूँ।"

    यह कहकर वह भागकर जल्दी से कमरे में जाकर साइड टेबल पर रखा फोन उठाकर क्लोज़ेट में आती है और अनंत को वह फोटो दिखाती है जिसमें वेवी कर्ल बाल थे।

    अब अनंत को सिम्पल कर्ल करना नहीं आता था, पर वह अपनी प्रिंसेस की बात भी नहीं टाल सकता था। इसलिए वह, जो कभी फोन को कॉल और मैसेज करने के अलावा उसे नहीं करता था, पर आज पहली बार YouTube ओपन कर वेवी कर्ल कैसे करते हैं यह देखता है। फिर धीरे-धीरे नंदनी के बाल कर्ल करता है।

    नंदनी अपने बाल देखकर बहुत खुश थी। फिर वह खुद मेकअप करना शुरू करती है, जो थोड़ा बहुत उसने रॉबिन को करते हुए देखा था। पहले वह सबसे पहले चेहरे पर सनस्क्रीन लगाती है, फिर आँखों पर आईलाइनर। उसे रॉबिन की बात याद आती है। रॉबिन ने कहा था कि आईलाइनर एक बार में ही सही लगाना बहुत मुश्किल है और दोनों बिल्कुल सेम लगाना यह भी बहुत मुश्किल है।

    पर नंदनी को तो मुश्किल काम करना बहुत पसंद है। इसलिए वह लाइनर लगाना शुरू करती है और नंदनी एक ही बार दोनों साइड परफेक्ट आईलाइनर लगा देती है, जिससे उसके चेहरे की खुशी देखने लायक थी। उसका चेहरा देख ऐसा लग रहा था जैसे उसे कोई खज़ाना मिल गया हो। फिर वह होठों पर लिपस्टिक की जगह लिप बाम लगाती है, वह भी स्ट्रॉबेरी फ्लेवर/शेड। उसके ऑलरेडी गुलाबी होठ अब और अट्रैक्टिव लग रहे थे।

    अनंत उसे तैयार होते हुए बड़े प्यार से देख रहा था। जैसे ही उसकी नज़र उसके होठों पर जाती है, उसे लगता है अचानक से ही उसका गला सूख गया हो। उसकी नज़रें होठों से हट ही नहीं रही थीं। आज पहली बार उसे लग रहा था कि वह खुद को आज नंदनी को किस करने से रोक नहीं पाएगा। इसलिए वह जल्दी से बाहर जाते हुए कहता है, "प्रिंसेस, तैयार होकर नीचे आ जाना। तुम्हारा बैग लेकर जा रहा हूँ।"

    फिर वह बाहर चला जाता है। नंदनी खुद को मिरर में निहारने के बाद नीचे जाती है। आज उसने ब्रेकफास्ट में सैंडविच बनाने को कहा था। सैंडविच खाकर वह तीनों के साथ कॉलेज के लिए निकलती है। तीनों उसे छोड़ने वाले थे।

    कॉलेज पहुँचने में उन्हें पूरा 1 घंटा लगता है। कॉलेज 9 बजे का था, वे 8 बजे घर से निकल गए थे। कॉलेज से थोड़ी दूरी पर ही वह कार रुकवा देती है क्योंकि वह अच्छे से जानती थी कि अगर वह इन 8 लग्ज़रीयस गाड़ियों के साथ कॉलेज के बाहर उतरी, तो पक्का वह स्टूडेंट्स का अननेसेसरी ध्यान अट्रैक्ट कर लेगी। इसलिए वह कुछ दूर ही कार रुकवाती है और कार से बाहर आती है। सुशांत सबसे पहले उसे कहता है, "एंजल, all the best। और कॉलेज में बहुत सारे फ्रेंड्स बनाना।"

    समर कहता है, "और एंजल, घर आकर मुझे ज़रूर बताना आज क्या-क्या होगा कॉलेज में, सब कुछ।"

    फिर लास्ट में अनंत कहता है, "प्रिंसेस, अगर तुम्हें कॉलेज में कोई परेशान करे, तो उसे अच्छे से सबक सिखाना, बाकी चीज मैं संभाल लूँगा।"

    नंदनी स्माइल करती हुई कहती है, "ओके, अब मैं जाऊँ।"

    तीनों हाँ में सिर हिलाते हैं। फिर नंदनी उन्हें बाय कर यूनिवर्सिटी की तरफ बढ़ती है। जैसे ही वह कॉलेज के गेट के अंदर जाती है, अनंत, समर और सुशांत कार में बैठ जाते हैं। अनंत ड्राइवर को डेविल किंगडम चलने को कहता है। ड्राइवर "ओके बॉस" कहकर कार डेविल किंगडम लेकर जाता है। डेविल किंगडम पहुँचकर जब तीनों अंदर आते हैं, तो वहाँ पर सभी जगह अंधेरा ही अंधेरा था और लोगों की चीखों की ऐसी आवाज़ें गूंज रही थीं कि सुनने वाले की रूह काँप जाए, लेकिन अनंत, समर और सुशांत को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। समर, जो हमेशा हँसी-मज़ाक करता रहता था, वह आज बिलकुल अलग लग रहा था।

    वहाँ पर बहुत सारे गार्ड्स थे, जो बहुत ही खतरनाक थे। सिर्फ़ गार्ड्स ही नहीं, वह जगह ही बहुत खतरनाक थी, जिसे देखकर लोगों को इससे ज़्यादा तो नरक अच्छा लगने लगे। कोई भी इंसान ऐसी जगह पर आने से ज़्यादा नरक जाना पसंद करता।

    उसके दुश्मन भी कई थे, जिसमें सबसे पहले अंडरवर्ल्ड आता था, लेकिन अनंत की डेविल आर्मी के डर से वे सब शांत होकर बैठे थे और अनंत की कमज़ोरी ढूँढ रहे थे, लेकिन अनंत वह इंसान था जिसकी कोई कमज़ोरी नहीं थी।

    अनंत के साथ जो गार्ड्स रहते थे, वे बेहद खतरनाक थे, लेकिन वे गार्ड्स उसकी डेविल आर्मी के ब्लैक कमांडोज के सामने कुछ नहीं थे। ब्लैक कमांडोज ऐसे इंसान थे जो सिर्फ़ नाम के ही इंसान थे। उनके अंदर इंसानों वाली कोई भावनाएँ नहीं थीं। उनकी ज़िन्दगी का सिर्फ़ एक मकसद था: अनंत के हर आदेश का पालन करना। उसके अलावा वे किसी की सुनते भी नहीं थे और उसके अलावा उनके लिए कोई मायने भी नहीं रखता था।

    अनंत एक राजा की चाल चलते हुए वहाँ आखिर में बने एक कमरे में आ गया। पूरे डेविल किंगडम में सिर्फ़ वही कमरा था जहाँ पूरी तरह से उजाला था। वहाँ एक काले रंग का थ्रोन रखा हुआ था, जिस पर सुनहरे रंग से किंग का सिम्बॉल बना हुआ था। अनंत अपने खतरनाक आॅरे के साथ उस थ्रोन पर बैठ गया और अपनी उंगली से एक कमांडो की तरफ़ इशारा किया, तो वह तुरंत जाकर एक लड़की को बाल पकड़े हुए ले आया और उसे बेरहमी से वहाँ फर्श पर फेंक दिया, जिससे वह लड़की चिल्ला उठी। वह लड़की और कोई नहीं, तृषा ही थी। उसकी हालत बहुत खराब थी। उसे बहुत सी चोटें आई हुई थीं। जहाँ दो दिन पहले उसका चेहरा मेकअप से चमक रहा था, और आज आँखों के नीचे काले घेरे, चेहरा भी पीला पड़ा हुआ था।

    अनंत राजा की तरह उस सीट पर बैठा हुआ था। उसके राइट और लेफ्ट में समर और सुशांत खड़े थे। अनंत अपनी डरावनी नज़रों के साथ अपनी ठंडी आवाज़ में तृषा से कहता है, "तुम में इतनी हिम्मत आ गई कि तुम मेरी प्रिंसेस को चोट पहुँचाओ? तुमने मेरी प्रिंसेस को हाथ भी लगाने के बारे में कैसे सोचा? और तुमने उसे क्या कहा? 'मैं तुम्हारा हूँ'? यह सोचना और इसका ख्याल मन में लाना तुम्हारी सबसे बड़ी और आखिरी गलती है, जिसकी सज़ा में मिलेगी तुम्हें एक दर्दनाक मौत।"

    यह समय बहुत डरावना लग रहा था। तृषा रोते हुए उसके सामने हाथ जोड़कर कहती है, "प्लीज़ मिस्टर राजपूत, मुझे माफ़ कर दीजिए। प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए। मैं यहाँ से बहुत दूर चली जाऊँगी। प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए।"

    "AR सिर्फ़ सज़ा देता है, माफ़ करना उसने कभी सीखा ही नहीं।"

    यह कहकर उसने अपना हाथ बढ़ाया, तो उस कमांडो ने एक तेज़ धार वाला चाकू उसे दे दिया। अनंत ने चाकू लेकर दूसरे ही पल उसे तृषा के हाथ में घुसा दिया, जो उसके हाथ को चीरता हुआ फर्श में भी घुस गया था। उसके बाद उसने झटके से वह निकाल दिए और बड़ी बेदर्दी से पूरी रफ़्तार के साथ एक के बाद एक उसके शरीर पर चलाने लगा, जिससे तृषा की दिल दहला देने वाली चीखें निकल रही थीं।

    अनंत ने उसकी पूरी बॉडी को ऐसे छोटे-छोटे घाव दिए थे कि उसकी जान ना जाए, लेकिन नमक की वजह से उनमें मौत सी जलन पैदा हो जाए। वह खड़ा होकर सुशांत की तरफ़ बढ़ गया, तो सुशांत एक पानी की बोतल खोलकर उसके खून से सने हाथ धुलानें लगा।

    फिर वह समर से कहता है, "तुमने वह किया जो मैंने कहा था?"

    "येस बॉस। मैंने तृषा के फैमिली के सारे काले कारनामे मीडिया के सामने ला दिए हैं। वे कुछ ही मिनट्स में बैंकरप्ट हो जाएँगे और फिर पुलिस भी उन्हें जेल में लेकर चली जाएगी।" समर कहता है।

    अनंत अपने दुश्मनों के साथ यही करता था।

    वहीं नंदनी यूनिवर्सिटी को देखते हुए कैंपस में जाती है। वह अपना क्लास ढूँढ रही थी। वह एक लड़के को रोककर पोस्ट ग्रेजुएशन के 1st ईयर की क्लास के बारे में पूछती है। वह उसे इस क्लास की तरफ़ इशारा करता है।

    नंदनी उसे थैंक यू कहती है। फिर उस क्लास में जाती है। वहाँ कुछ 10 स्टूडेंट्स थे। नंदनी के अंदर आते ही सबकी नज़र उसकी तरफ़ मुड़ जाती है। वहाँ एक ग्रुप में 6 स्टूडेंट्स खड़े थे, वहीं उनके सामने चार स्टूडेंट्स।

    उस ग्रुप में से एक लड़की एरोगेंटली कहती है, "Hey, you, come here?"

    नंदनी को उसका ऐसे बुलाना अच्छा नहीं लगता, पर फिर भी वह चली जाती है और बाकी चार स्टूडेंट्स के साथ खड़ी हो जाती है। उस ग्रुप का इंट्रोडक्शन जान लेते हैं पहले:

    सूर्या रावत (सीनियर ग्रुप का लीडर) और कॉलेज का हैंडसम हंक (ऑब्वियसली हीरो से कम)। इनके पापा की कंपनी टॉप 5 में आती है। ये बहुत अमीर हैं, पढ़ाई में भी अच्छे हैं, टॉपर हैं, कॉलेज के स्पोर्ट्स में तो बास्केटबॉल टीम के कप्तान हैं। यानी ये किसी भी लड़की के ड्रीम बॉय होने के सारे पॉइंट्स को टिक (✅) करते हैं।

    रोहन कुमार ग्रुप के सेकंड मेंबर। ये बड़े शांत किस्म के हैं। रोहित शर्मा ग्रुप के थर्ड मेंबर। ये एक फ्लर्ट इंसान है।

    मयंक बर्मा ग्रुप के फोर्थ मेंबर। ये बहुत भोले हैं या तेज, किसी को समझ नहीं आता। इनके जो मन में होता है, वही मुँह पर होता है। इसी वजह से ये कभी फ्लर्ट लगते हैं, किसी को तो कभी भोले, तो कभी छंट चालक। असल में ये मुँहफट हैं, तारीफ़ और बुराई बिना देखे कर देते हैं, इन्हें नहीं फर्क पड़ता सामने वाला कौन है, क्या पोजीशन रखता है। रिया वर्मा ग्रुप की फिफ्थ मेंबर। ये रोहित की गर्लफ्रेंड है।

    सानिया चक्रवर्ती लास्ट और जबरदस्ती ग्रुप में घुसी मेंबर।

    सानिया को कोई पसंद नहीं करता। ये सिर्फ़ सूर्य के पापा के फ्रेंड की बेटी होने की वजह से ग्रुप में है। यही वह लड़की थी जिसने नंदनी को एरोगेंटली बुलाया था।

    वहाँ हर कोई नंदनी की खूबसूरती को देखकर हैरान था। कुछ सेकंड्स तो सबको नंदनी की खूबसूरती से बाहर आने में लगे थे। मयंक नंदनी से कहता है, "Wow, तुम तो बिलकुल किसी डॉल की तरह दिखती हो।"

    नंदनी अपनी तारीफ़ सुनकर स्माइल करती हुई कहती है, "थैंक यू, तुम भी हैंडसम हो।"

    यह सुन मयंक बहुत खुश हो जाता है। वहीं सानिया को यह सुनकर बहुत गुस्सा आता है क्योंकि मयंक कभी उसे सीधे मुँह बात भी नहीं करता है और इस लड़की की तारीफ़ कर रहा है। वह नंदनी की तरफ़ देखकर अपनी एरोगेंट वॉइस में कहती है, "मयंक, तुम अंधे हो गए हो क्या? इस लड़की को देखकर लग रहा है, जाइए पागलखाने से भाग आई हो।"

    उसकी बात सुनकर किसी के कुछ कहने से पहले नंदनी कहती है, "पर मुझे लगता है वह तुम्हारा घर है। मैं तुमसे पहली बार मिल रही हूँ। इसका मतलब तुम अकेली वहाँ रहती हो।"

    नंदनी चेहरे पर एक स्माइल के साथ उसकी अच्छे से इंसल्ट कर देती है, जिससे सभी को हँसी आ जाती है।

    नंदनी भी हँस रही थी। वहीं सूर्य नंदनी से नज़रें ही नहीं हटा पा रहा था। वह नंदनी के मासूम चेहरे को देख रहा था।


    मेरी खामोशी से बातें चुन लेना
    उनकी डोरी से तारीफ़ें बुन लेना
    कल नहीं थी जो आज लगती हूँ
    तारीफ़ मेरी है
    खामखां तोहफ़ा है
    तेरा मेरी अदा


    वह नंदनी में खोया हुआ था। तभी रोहन उसके कंधे पर हाथ रखता है, जिससे सूर्या होश में आता है।

    सानिया को बहुत गुस्सा आ रहा था।

    क्या होगा आगे कॉलेज में नंदनी के साथ?

    क्या कॉलेज के पहले दिन ही नंदनी दोस्त की जगह दुश्मन बना बैठेगी?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 18. Rebirth of divine soul - Chapter 18

    Words: 2115

    Estimated Reading Time: 13 min

    सूर्या के होश में आने के बाद उसने नंदनी से पूछा, "तुम्हारा नाम क्या है और तुम कौन से कोर्स की हो?"

    "क्यूँ में आपको क्यों बताऊँ मेरा नाम या कुछ भी?" नंदनी ने अपनी आँखें छोटी कर उसे बोला।

    "क्योंकि हम तुम्हारे सीनियर हैं और तुम्हें हमारी बात माननी होगी।" इस बार रोहित ने कहा। नंदनी रोहित को भी घूरने लगी।

    "रहने दो सुर (सानिया सूर्या को 'सुर' बोलती है जो सूर्या को बिलकुल नहीं पसंद), इसका नाम जानकर क्या करेंगे? डायरेक्ट टास्क देते हैं।" सानिया ने सूर्या का हाथ पकड़ने की कोशिश की, पर सूर्या ने उसे इग्नोर किया। फिर वो नंदनी से बोली,

    "तुम्हारा टास्क है, अब क्लास में जो भी पहला लड़का आएगा, तुम उसे लिप्स पर किस करोगी।"

    सानिया के इस तरह बोलने पर, सूर्या कुछ बोलता, उसके पहले ही नंदनी ने, सानिया का मजाक उड़ाते हुए कहा, "ओह हे भगवान! मुझे भी अपने या तुम्हारे इस 'सुर-ताल' जैसा समझा है क्या, जो किसी भी राह चलते को मुँह लगा लूँ?"

    उसकी बात सुनकर सानिया को बहुत गुस्सा आया। उसने नंदनी की तरफ एक उंगली करके कहा, "यू!"

    "इनफ सानिया! तुम जानती हो न, हम यहाँ पर सिर्फ जूनियर्स का इंट्रो लेने, उन्हें कम्फ़र्टेबल करने और फ्रेशर्स पार्टी के लिए कुछ इन्फो देने आए हैं। इस तरह की चीज़ें हम न कभी किसी को करने को बोलते हैं और न हमारे रहते हुए कोई किसी जूनियर से ऐसा कुछ कर सकता है। और दूसरी बात, तुम्हें कितनी बार कहना होगा, मेरा नाम सूर्या है, तो अच्छा होगा वही बोलो, आइन्दा तुम्हारे मुँह से ये नहीं सुनना चाहता।"

    यह बोलकर उसने रोहित और रोहन से कुछ कहा और वहाँ से निकल गया।

    फिर रोहित उनसे बोला, "फ्रेशर्स पार्टी की इन्फो ये है कि फ्रेशर्स पार्टी में डांसिंग, सिंगिंग या कुछ भी परफॉर्म करना हो तो नाम लिखा दो आज ही, क्योंकि फ्रेशर्स पार्टी की डेट जल्द ही अनाउंस होने वाली है।"

    फिर रोहन बोला, "और लास्ट मोमेंट में कोई भी परफॉर्मेंस नहीं होगा, किसी का भी, क्योंकि उसके हिसाब से पूरे पार्टी का टाइम मैनेजमेंट होगा। इसलिए अब आप अपनी-अपनी क्लास में जा सकते हैं।"

    "अगर कोई भी सीनियर आपको परेशान करता है या कुछ भी ऐसा करने को बोलता है जो वैलिड नहीं है, तो आप लोग हमसे कंप्लेंट कर सकते हैं।" यह बोलकर उसने सानिया को तिरछी नज़रों से देखा, फिर रोहित और रोहन के साथ क्लासरूम से बाहर चली गई। साथ ही नंदनी और वो बाकी चार स्टूडेंट्स भी।

    मयंक और सानिया ही अब क्लासरूम में थे। मयंक बाहर जाने से पहले उसे ताना मारते हुए बोला, "खुद के सुर-ताल ठीक नहीं हैं और तुम दूसरों को सुर-सुर कर रही हो।"

    सानिया अब गुस्से में पागल ही होने वाली थी, तभी एक लड़की, जो उस क्लासरूम के बाहर कब से खड़ी थी और सब सुन और देख रही थी, वो अंदर आई और सानिया का गुस्सा शांत करवाते हुए बोली, "चिल्ल सेन बेबी! ये मयंक तो हमेशा सभी से ऐसी ही बात करता है। और रही बात उस जूनियर की, पूरा साल है हमारे पास, तुम्हारे हर एक इंसल्ट का बदला हम चुन-चुनकर लेंगे।"

    वो लड़की मीना, सानिया की फ्रेंड है, या कहें तो चमची। वो अमीर फैमिली से बिलॉन्ग करती है, पर उतनी नहीं जितनी सानिया है।

    इसलिए वो सानिया के साथ रहती है ताकि फायदा उठा सके। बदले में उसकी झूठी तारीफ़ करना और छोटे-मोटे काम करके वो उसकी चापलूसी करती है। वो तो सूर्या के ग्रुप, जिसको कॉलेज में 'The Unpredictables' नाम से जाना जाता है, उसकी मेंबर बनना चाहती है। लेकिन सूर्या ने यह होने नहीं दिया। उन लोगों से एक सानिया नहीं संभल रही, एक और कैसे संभालेंगे?

    वहीं नंदनी अब सोच रही थी अपनी क्लास कैसे ढूँढे। वो चल ही रही थी कि कोई पीछे से उसे आवाज़ लगाता है। नंदनी पीछे मुँह देखती है। उसे एक लड़का आवाज़ लगा रहा था, जो उसके साथ उसी क्लास में था।

    वो लड़का उसके पास आकर बोला, "हाय! मैं अंशुल और तुम?"

    नंदनी को यह लड़का शक्ल से अच्छा लगता है। इसलिए वो भी अपना नाम बताती है। "हेलो! मैं नंदनी।"

    "ओह! तुमने कौन सा कोर्स लिया है? मेरा MBA है।" अंशुल बोला।

    "ओह! मैंने भी MBA ही लिया है। वैसे, तुम्हें क्लासरूम पता है? तुम्हें मिल ही नहीं रही है।" नंदनी ने पूछा।

    अंशुल हाँ में सिर हिलाकर अपने साथ चलने को कहता है।

    "वैसे, अब हम दोनों एक ही क्लास में पढ़ने वाले हैं, तो क्यों न फ्रेंड्स बन जाते हैं।" यह कहकर वो हाथ आगे बढ़ाता है, फ्रेंडशिप के लिए।

    नंदनी को अब दोस्त बनाने ही हैं, तो शुरुआत यहीं से क्यों नहीं? वो भी उससे हाथ मिलाती है और दोनों की फ्रेंडशिप हो जाती है।

    फिर वो एक क्लासरूम में जाते हैं जहाँ बहुत से स्टूडेंट्स पहले से ही बैठे हुए थे। अंशुल नंदनी के साथ अंदर जाता है। नंदनी फर्स्ट बेंच पर बैठ जाती है और वहीं अंशुल उससे कुछ बेंच पीछे, जहाँ दो लड़कियाँ बैठी थीं, उनके पास बैठ जाता है।

    अंशुल जैसे ही बैठता है, उसके बगल में बैठी लड़की कहती है, "तुम्हें इतना टाइम कहाँ लगा?"

    अंशुल कुछ जवाब देता, उससे पहले क्लासरूम में प्रोफेसर आ जाते हैं। सबसे पहले इंट्रोडक्शन थोड़ा होता है सभी का। फिर प्रोफेसर सभी को पढ़ाना शुरू करते हैं। ऐसे ही कुछ और लेक्चर्स होते हैं। फिर उन्हें 1 घंटे का ब्रेक मिलता है। नंदनी जैसे ही क्लासरूम से बाहर जाने वाली थी, अंशुल एक बार फिर उसे आवाज़ लगाता है। नंदनी पीछे मुड़कर देखती है। वो इस बार अकेला नहीं था। उसके साथ और दो लड़कियाँ भी थीं।

    अंशुल नंदनी से कहता है, "नंदनी, चलो कैंटीन में चलते हैं।"

    नंदनी हाँ में सर हिलाती है। वो अंशुल से दोनों लड़कियों के बारे में पूछना चाहती थी, पर सोचती है कैंटीन में आराम से बैठकर पूछ लेगी।

    कैंटीन में पहुँचकर वो एक टेबल पकड़ लेते हैं। अंशुल नंदनी से एक लड़की की तरफ इशारा करके कहता है, "नंदनी, ये मेरी बहन अंशिका है।"

    फिर दूसरी लड़की की तरफ इशारा करके कहता है, "ये मेरी बहन की बेस्ट फ्रेंड, सोनालिका, सिर्फ़ नाम में सोना आता है, पर्सनालिटी बिलकुल अलसी गधे जैसी है।"

    ये सुनकर वो लड़की, यानी सोनालिका, अंशुल के कंधे पर घूँसा मारते हुए कहती है, "सुअर जैसे शक्ल वाले इंसान! तू मुझे गधा बोल रहा है?"

    ऐसे ही दोनों लड़ना शुरू कर देते हैं। अंशिका जल्दी से उन्हें रोकते हुए कहती है, "भाई, सोना लड़ना बंद कर।"

    नंदनी उन्हें आँखें फाड़कर देख रही थी। कोई इतनी छोटी-छोटी बात पर भी इतने जल्दी कैसे लड़ सकता था? अंशिका जैसे-तैसे उन्हें शांत करवाती है। अंशुल अब नंदनी की तरफ इशारा करके कहता है, "और ये है नंदनी, मेरी न्यू सुपरवुमन फ्रेंड।"

    ये सुनकर अंशिका क्यूरियोसिटी से पूछती है, "न्यू फ्रेंड तो ठीक है, लेकिन सुपरवुमन?"

    "अरे, तुम लोगों को पता नहीं है। अभी जब मैं क्लास में आ रहा था तो कुछ सीनियर्स ने मुझे रोक लिया। मुझे तो लगा था खतरनाक रैगिंग होगी आज मेरी, लेकिन फिर नंदनी आई और उसने सीनियर्स को ऐसे जवाब दिया कि वो लोग दुम दबाकर भागे।"

    "अच्छा, ठीक है, ठीक है। अब तुम ज़्यादा बोल रहे हो। वैसे भी, नंदनी सुपरवुमन नहीं है। सुशांत भाई कहते हैं नंदनी सुपरक्यूट और सुपर इनोसेंट है।" नंदनी अपनी बड़ी-बड़ी पलकें झपकाते हुए।

    "ओह! तुम सच में बहुत क्यूट और इनोसेंट हो। तुम बिलकुल एक डॉल जैसे दिखती हो।" अंशिका नंदनी के गाल खींचती है।

    सोनालिका अंशुल से कहती है, "जा, जाकर हमारे लिए कुछ खाने के लिए लेकर आ, बहुत भूख लग रही है।"

    अंशुल अपनी चेयर से उठते हुए कहता है, "इस बार जा रहा हूँ, अगली बार तमीज़ से बोलना।"

    फिर अंशुल उठकर खाने के लिए कुछ लेने जाता है। वो जाकर सभी के लिए पिज़्ज़ा लेकर आता है। वहीं उसके जाते ही नंदनी उन दोनों से कहती है, "एक बात कहूँ, अगर तुम दोनों को बुरा नहीं लगे तो?"

    सोनालिका कहती है, "अब फ्रेंड्स हैं हम, तो तुम्हें बोलने से पहले सोचने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि फ्रेंड्स से भी सोच-समझकर बात करनी पड़े, तो वो दोस्त कैसे हुए?"

    अंशिका भी उसकी बात पर सिर हिलाती है। नंदनी कहती है, "वो, तुम दोनों का नाम बहुत बड़ा है, तो मैं तुम्हें अंशी और तुम्हें सोना बुला सकती हूँ?"

    ये सुनकर अंशिका कहती है, "ये भी कोई पूछने वाली बात है? तुम जो कहना चाहती हो, कह सकती हो।"

    तभी अंशुल पिज़्ज़ा लेकर आता है और सभी पिज़्ज़ा खाना शुरू करते हैं। नंदनी को पिज़्ज़ा बहुत टेस्टी लगता है। नंदनी उन तीनों की तरफ देखकर अपने मन में सोचती है, "अच्छा हुआ नानू को इतने अच्छे लोग पहले दिन ही मिल गए। अब नानू के पास दोस्त हैं, जिसके साथ नानू मस्ती कर सकती है।"

    अब वो अच्छे हैं, वो नंदनी को अपनी शक्तियों से पता चला, वो किसी की आँखों में देखकर बता सकती है वो इंसान अच्छा है या बुरा। सानिया तो उसे एक्शन से ही बुरी लगी और जब उसने उसकी आँखों में देखा, जिसमें साफ़ चालाकी, धोखेबाज़ी साफ़ दिख रही थी।

    इसलिए उसने किसी और की आँखों में देखा ही नहीं। उसने सोचा, एक बुरा है, बाकी सभी भी बुरे ही होंगे। नंदनी अपने ख्यालों में गुम थी, तभी उसका फ़ोन बजता है, जो समर का था। वो जल्दी से उठती है। समर एक्साइटमेंट में उससे पूछता है, "एंजल, क्या कर रही हो?"

    "समर भाई, नानू अपने फ्रेंड्स के साथ कैंटीन में पिज़्ज़ा खा रही है।" नंदनी कहती है।

    "एंजल, तुमने इतनी जल्दी फ्रेंड्स भी बना लिए! वाउ! घर आकर जल्दी से मुझे सब बताना। अब मीटिंग है मुझे, जाना होगा।" समर कहता है।

    नंदनी हाँ कहकर कॉल रखती है।

    अंशी उसे पूछती है, "मैंने अभी नोटिस किया, तुम हमसे बात कर रही थी, तब तुम बार-बार अपना नाम 'नंदनी' लेकर रही थी और अभी कॉल पर 'नानू' कह रही थी खुद को। ऐसा क्यों?"

    "वो क्या है न, मेरे डैडा मुझे 'नानू' कहकर बुलाते थे, प्यार से। उनके जाने के बाद मैं ये खुद को कहती हूँ, जिससे मुझे अहसास होता है डैडा अब भी मेरे पास हैं।" नंदनी थोड़ा इमोशनल होते हुए कहती है।

    "ओह! ऐसी बात है। तो हमारे सामने 'नंदनी' क्यों कह रही हो?" सोना बोली।

    "वो, नंदनी को लगा तुम्हें अजीब लग सकता है न।" नंदनी पाउट करती है।

    "और अब हम फ्रेंड्स हैं, तुम जो हो वो हमारे रह सकती हो। तुम्हें हमारे सामने बदलने की ज़रूरत नहीं है।" अंशुल कहता है।

    "ओके! नानू बहुत खुश है, उसे इतने अच्छे दोस्त मिले हैं।" नंदनी स्माइल करती है।

    अंशी कहती है, "हम तुम्हें 'डॉल' बुलाएँगे।"

    बाकी दोनों भी हाँ कहते हैं। फिर नंदनी अंशी से पूछती है, "तुम दोनों कज़िन हो?" अंशुल की तरफ इशारा करते हुए।

    दोनों के कुछ कहने से पहले सोना बोलती है, "नहीं, अनफॉर्चूनेटली ये बंदर अंशी का ट्विन ब्रदर है।"

    जिसे सुनकर अंशुल सोना को घूरता है और नंदनी हँसने लगती है। फिर सोना उनसे पूछती है, "वैसे, फ्रेशर्स पार्टी है जल्द ही, तो बताओ कौन क्या परफॉर्म करेगा पार्टी में?"

    अंशी कहती है, "मैं तो रैंप वॉक में पार्टिसिपेट करूँगी।"

    सोना कहती है, "मैं भी। और तुम, डॉल?"

    "नानू को डांस करना बहुत पसंद है। वो डांस परफॉर्मेंस करेगी।" नंदनी खुशी से कहती है।

    अंशी कहती है, "ओके! तो चलो सीनियर के पास चलते हैं, नाम लिखवा देते हैं। और भाई, आप इसमें पार्टिसिपेट करोगे?"

    "मैं पोएट्री बोलूँगा।" अंशुल कहता है।

    नंदनी कहती है, "तो साथ में ही चलते हैं, एक साथ नाम लिखवा देते हैं।"

    क्या फिर हो सकता है नंदनी और सानिया का आमना-सामना?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए नॉवेल।

  • 19. Rebirth of divine soul - Chapter 19

    Words: 1811

    Estimated Reading Time: 11 min

    नंदनी अपने फ्रेंड्स के साथ सीनियर्स को ढूंढ रही थी । वो उन्हे ऑडिटोरियम हॉल में मिलते है । वहां रिया , मयंक , रोहित और रोहन खड़े थे और कुछ डिस्कस कर रहे थे । सूर्या वहां नहीं था । और सानिया उई क्युकी वो सिर्फ सूर्या की वजह से ग्रुप में थी इसौए जब वो सतह ही होता सानिया भी इनसे दूर ही रहती क्युकी जब भिवो इनके साथ होती अभी उसे इग्नोर ही करते । नंदनी और उसके दोस्त उनके पास पहुंचते है । नंदनी उसने कहती है , " हम भी फ्रेशर्स पार्टी की एक्टिविटीज में परफॉर्म करना चाहते है । " रिया ने जब पहले बार नंदनी को देखा था वो उसे बहुत क्यूट और प्यारी लगी थी। वो एक स्माइल के साथ नंदनी से कहती है , " अच्छा है । कौन सी एक्टिविटी में पार्टिसिपेट कर है तुम सभी को । " फिर सभी एक एक कर अपना अपना नाम लिखवाते है। जैसे ही रोहित सुनता है नंदनी डांसिंग में नाम लिखवा रही है । अब उसकी आदत ही फ्लर्ट करना था। तो वो खुद को कैसे रुक सकता था। वो नंदनी से फ्लर्ट करते हुए , " hey you beautiful girl । सुबह के लिए सॉरी। " नंदनी उन सभी की आंखों में देखती है जिससे उसे पता चलता है की वो चारो बहुत अच्छे है। जिसे नंदनी भी स्माइल कर , " its ok । वैसे उसी वजह से मुझे इतने अच्छे दोस्त मिले । " नंदनी बाकी सभी की तरफ इशारा कर । ये सुन रिया भी स्माइल करती है वो उससे कहती है , " तुम न सच में बहुत क्यूट हो अगर यूनिवर्सिटी में कोई भी प्रॉब्लम हो मेरे पास आ जाना । " नंदनी हां में सर हिलाती है। फिर वो लोग वहां से चले जाते है । फिर कुछ और लेक्चर्स थे। उसके बाद सभी यूनिवर्सिटी से बाहर आते है । अंशुल अपनी बाइक पार्किंग से लेकर आता है और सोना अपनी स्कूटी लेकर आती है । अंशी नंदनी से पूछती है , " डॉल तुम्हे कोई लेने आने वाला है ? अगर नहीं तो सोना तुम्हे छोड़ देगी । " नंदनी कहती है , " नहीं नहीं नानू को लेने कोई आने वाला है । " फिर अंशुल अपनी बाइक पर और अंशी और सोना सोना की स्कूटी पर निकल जाते है वहा उसे बाय कहकर । नंदनी कॉलेज गेट के बहार जा रही थी देखने की उसे लेने उसका आनू आया की नहीं तभी सूर्या अपनी कार उसके सामने रोकता है और कार की विंडो नीच कर उससे पूछता है , " मिस फ्रेशर तुम्हे ड्रॉप कर दू? " लेकिन तभी उसकी कार के पीछे नंदनी को अयान की कार देखती है। वो उसे देख स्माइल करते हुए उसकी तरफ बढ़ने लगती है। सूर्या को लगता है वो उसकी तरफ आ रही है पर नहीं वो सूर्या की कार को क्रॉस कर अनंत के कार के पास जाती है । अनंत का ड्राइवर उसके साथ ही था वो कार के बाहर खड़ा था। वो नंदनी को देख बैक सीट का दरवाजा खोलता है । और नंदनी अंदर कार में बैठ जाती है। वही सूर्या तो नंदनी को उस कार ने बैठ बैठते देख हैरान रह जाता है ।यहां अनंत अपने बॉडीगार्ड को कुछ दूर रोक आया था। लेकिन उसकी वो भी कार में आता था वो कस्टम मेड फुल ब्लैक ऑडी थी। जिसे देख सूर्या और भी हैरान था। क्युकी ये कार तो उसे भी नहीं मिली थी। उसने बहुत कोशिश की थी उसने अपने डैड से भी कहा कहीं फिर भी उसे ये कार नहीं मिल पाई । वही सूर्या को नंदनी को लिफ्ट के लिए पूछते हुए सानिया ने देख लिया था। ये उसको गुस्सा दिलाने के लिए काफी था पर जब उसने देखा नंदनी स्माइल करते हुए सूर्या की कार की तरफ जा रही है । ये देख उसका गुस्से में खून उबलने लगता है। और वहां से निकल पार्किंग एरिया में आती है। वो पहले सूर्या से लिफ्ट मांगने का सोच वहां आई थी पर वो देख वहां जाने का कोई फायदा नहीं था। पार्किंग एरिया में पहुंच वो अपनी कार के पास जा अपनी वॉटर बॉटल को जोर से कार की विंडो पर फेक्ती है। वैसे तो और कोई वहां आस पास नहीं था। क्योंकि ओलेज के आधे से ज्यादा बच्चे जा चुके थे और वो सभी को डरा कर रखती है। आखिर वो एक अमीर फैमिली की बिगड़ी हुई रईसजादी थी और उसे ये गलतफहमी थी की सूर्या की शादी उसे होगी जिसके बाद वो रावत फैमिली बहु होगी जो इंडिया की टॉप 2 और वर्ल्ड के टॉप 5 में रिचेस्ट फैमिली में आती है । बाकी स्टूडेंट को पहले उसपर भरोसा नहीं था पर सूर्या के उसे अपने ग्रुप में ऐड करने से सभी स्टूडेंट्स को इस बात पर विश्वास हो गया क्युकी सूर्या कभी किसी को अपने ग्रुप में ऐड नहीं किया था। उन पांचों का ग्रुप स्कूल टाइम से था। वही सूर्या और सानिया के ख्यालों से अनजान नंदनी कार में जा सीधे अनंत की गोद में बैठ गई और उसे टाइट हग करती है । ये नंदनी और अनंत का फर्स्ट हग था। नंदनी के इस एक्शन की अनंत का दिल एक पल के लिए धड़कना भूल जाता है । और अनंत को लगता है उसकी सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे थम गई हो । कुछ सेकंड्स उसे खुद को नॉर्मल करने में लगते है। फिर वो उसकी पीठ सहलाता हैं। और उससे पूछता है , " प्रिंसेस are you okay ? " " हां आनू नानू ठीक है । " नंदनी का चहरा अभी अनंत के कंधे पर था पर अनंत नंदनी की सांसे अपने गर्दन पर महसूस कर सकता था। वो एक दो गहरी सांस लेकर , " अच्छा फर्स्ट डे कैसा गया प्रिंसेस। " नंदनी एक्क्यूटेड होकर उसी थोड़ी दूर होती है पर अब भी उसकी गोद में ही थी। " बहुत अच्छा आपको पता है नानू ने न आज तीन न्यू फ्रेंड्स बनाए। अंशुल , अंशी और सोना । तीनो न बहुत अच्छे है। और आनू पता है कॉलेज मे न एक छिपकली दीदी है । उन्होंने नानू को परेशान करने की लेकिन नानू बहुत स्ट्रॉन्ग है । नानू ने उसे बहुत अच्छे से मजा चखाया और उन्हे न्यू नेम भी भी दिया छिपकली दीदी" ऐसे ही कर वो उससे अपने पूरे कॉलेज के दिन की डिटेल्स देने लगी तब तक वो लोटस विला पहुंच गए थे। कार से बाहर आकर अनंत नंदनी को बोट में बिठाता है और साथ ही एक गार्ड को भी फिर वो नंदनी को वहां से जाते देख वापस कार में बैठ जाता है। क्युकी उसे वापस ऑफिस जाना था उसने अपनी प्रिंसेस से प्रोमिस किया वो उसे पिक अप और ड्रॉप दोनो करेगा । इसलिए वो सिर्फ नंदनी को कॉलेज से घर ड्रॉप करने आया था। नंदनी घर के अंदर जाते ही बैग सोफे पे रख खुद भी सोफा पर ऐसे पसर जाती है । जैसे पता नहीं कितनी मेहनत का काम जैसे पत्थर तोड़ आई हो । अनंत ने जो फीमेल में बुलाई थी नंदनी के लिए । वो उसे जूस और पानी लाकर देती है । और वो मेड उससे कहती है , " मैम आप जाकर चेंज कर लीजिए और स्नैक्स में आपको क्या पसंद है ये बता दीजिए आपके आने तक सब तयार करवा दूंगी । " नंदनी जूस पीते हुए स्नैक्स के नाम बताती है । फिर अपने रूम में जाकर कपड़े चेंज करती है। और नीचे आकर अपने लिए बनाए हुए स्नैक्स खाते हुए सोचती है , " अब क्या करू मैं ? " तभी उसके मन में स्नोफी, शौर्य के साथ खेलना का ख्याल आता है । वो जल्दी स्नैक्स खाकर गार्डन में जाती है । वहां शौर्य और स्नोफी भी कुछ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर रहे थे वही शैडो उन्हे बैठ घूर रहा था । नंदनी गार्डन में आते हुए वो देख लेती है । और शैडो के सामने खड़ी होकर अपनी कमर पर हाथ रख , " कालू तुम तो महोल्ले की आंटी बनते जा रहे हो । बिचारे बच्चे आपस में टाइम स्पेंड कर रहे है बात कर रहे है तो तुम नजर रख रहे हो क्यू ताकि आनू को कंप्लेन कर सको तो तुम सुन लो ऐसा नहीं होगा । मैं अपने शौर्य स्नोफी के प्यार का दुश्मन तुम्हे नहीं बनने दूंगी समझे । " " मै कोई आंटी नहीं बन रहा हूं । स्नोफ्लैक्स मेरी बहन है तो में देखूंगा न की कोई भी आवारा शेर उसके आस पास न भटके । आखिर मैं अपनी बहन की जिंदगी खराब थोड़ी होने दूंगा । " फिर दोनो बिलकुल ऐसे लड़ने लगते है जैसे भाई अपनी बहन के बॉयफ्रेंड की बेस्टफ्रेंड से लड़ रहा हो । जहां बेस्टफ्रेंड दोनो को सपोर्ट में है लेकिन भाई प्यार का दुश्मन बना बैठा है । इसके बाद नंदनी शैडो को जबरदस्ती अपने साथ वहां से जबरदस्ती लेकर जाती है । और हॉल में बैठ शैडो को अपने साथ बिठाकर टीवी शुरू करती है जिसमे अनुपमा आ रही थी। पहले तो कालू को कोई इंटरेस्ट नहीं आ रहा था पर फिर वो थोड़ा थोड़ा देखता है जिससे उसको इंटरेस्ट आने लगता हैं ।वो नंदनी से पूछता है , " ये पार्टी किस चीज की हो रही है ? " नंदनी ये सुन उसे पूरा बताने लगती है अब तक सीरियल में क्या क्या हुआ है ? फिर दोनो पूरे इंटरेस्ट के साथ देख रही थी और अब आगे क्या हो सकता है उसका प्रिडिक्शन कर रहे थे। ऐसे ही कब शाम के 6बज जाते है। अनंत , समर सुशांत जैसे ही अंदर आते है । सामने का नजारा देख हैरान रह जाते है । जो दो लोग बिना झगड़े रहने खड़े तक नहीं रहते वो आज एक साथ बैठ टीवी देख रहे थे । सर्वेंट्स उनके लियेपानी लाते है । और वो बिना उन दोनो को डिस्टर्ब किए अपने अपने रूम में जाते है । और जाकर कपड़े चेंज करते है । फिर समर नंदनी के पास बैठ उससे एक्साइटमेंट के साथ पूछता है , " वैसे एंजल आज का दिन कैसा रहा ? " नंदनी उन्हे पूरी बात फुल ड्रामेटिक वे में बताती है । फिर अनंत उनसे कहता है , " चलो डिनर करते है ? " सभी उठ डाइनिंग टेबल पर बैठ जाते है नंदनी और समर जैसे ही सारी डिशेज देखते है । दोनो की आंखें बाहर आने वाली थी । नंदनी ये देख रोनी शकल बनाकर , " आनू नानू को ये पसंद नहीं है । प्लीज ये नहीं । " अनंत स्ट्रिक्ट चहरे के साथ , " नहीं आज नहीं ये खाना होगा तुम्हे अब से सिर्फ हेल्थी खाना खाना होगा सभी को । " समर और नंदनी के पास अब और कोई रास्ता नहीं था । दोनो मुंह बनाते हुए खाना खा लेते है फिर नंदनी रूम में जल्दी चली जाती है और रूम में जाकर एक टेडी को गले लगाकर सो जाती है । अब नंदनी को अनंत कैसे मनाएगा अनंत ? जानने के लिए पढ़ते रहिए novel

  • 20. Rebirth of divine soul - Chapter 20

    Words: 2245

    Estimated Reading Time: 14 min

    नंदनी टेडी बियर को गले लगाए हुए ले जा रही थी। अनंत कमरे में आया। तो नंदनी झट से अपनी आँखें बंद कर लीं। अनंत उसे देखकर मुस्कुराया। पर उसे वह टेडी नंदनी के इतने करीब देखकर बहुत गुस्सा आ रहा था, या कहें तो उसे उस टेडी से जलन हो रही थी।

    वह नंदनी के बगल में लेट गया। और कमरे की लाइट्स बंद कर लीं और अपनी आँखें बंद कर लीं। नंदनी ने करवट ली और उसे देखा। अनंत आँखें बंद किए हुए था। यह देख नंदनी ने अपने मन में कहा, "इधर नानू को नींद नहीं आ रही है और आनू आराम से सो रहा था। मैं भी सो ही जाती हूँ। गुस्सा आराम से करूँगी, पर नींद के साथ कॉम्प्रोमाइज नहीं।"

    फिर वह अनंत के ऊपर लेट गई। अनंत आँखें खोलकर उसे देखने लगा। नंदनी ने अपने चेहरे पर नकली गुस्से के साथ कहा, "यह मत सोचना कि मैं तुमसे गुस्सा नहीं हूँ। बस नींद ऐसी ही आती है मुझे, इसलिए सो रही हूँ।"

    अनंत यह देखकर और उसकी बातें सुनकर मुस्कुराया और उसके बालों को सहलाने लगा। जिससे कुछ देर बाद नंदनी और अनंत दोनों सो गए।

    अगली सुबह, अनंत एक्सरसाइज़ कर आया और शावर लेकर तैयार हो गया और नंदनी को उठाया। और नंदनी आज एक ही बार में उठ गई और अनंत को गुड मॉर्निंग बोले बिना सीधे बाथरूम में चली गई। अनंत यह देखकर अपने मन में सोचा, "लगता है ज़्यादा गुस्सा है।"

    नंदनी ब्रश करके शावर लेकर आई। अनंत ने उसके लिए कपड़े निकाल रखे थे। नंदनी वे पहनती है और कंघी लेकर अनंत के पास आई। अनंत यह देखकर मुस्कुराया और नंदनी के बालों का बन बना दिया। क्योंकि नंदनी ने आज व्हाइट टैंक टॉप, उस पर येलो शर्ट एस अ जैकेट और डेनिम ब्लू जैकेट पहना था। साथ ही स्नीकर्स।

    फिर वे नीचे आए। और ब्रेकफास्ट में आज फल, दूध और पैनकेक थे।

    पैनकेक देखकर नंदनी खुश हो गई। उसने समर और सुशांत को गुड मॉर्निंग कहा। समर और सुशांत यह साफ़ देख सकते थे कि वह अनंत को इग्नोर कर रही है। फिर वे कार में बैठ गए। वह समर से बात कर रही थी और सुशांत से भी, पर अनंत की बात का जवाब भी नहीं दे रही थी।

    यूनिवर्सिटी पहुँचकर, जैसे ही नंदनी कार से बाहर निकलने वाली थी, अनंत ने उसका हाथ पकड़कर रोक दिया। और उसकी तरफ़ एक डेयरी मिल्क सिल्क बढ़ाया। जिसे देखकर नंदनी इतनी खुश हो गई कि एक ही सेकंड में उसका गुस्सा उड़ गया। वह खुशी में अनंत के गालों पर किस कर दी। जिससे अनंत को एक और झटका लगा। कल से उसे दूसरा झटका लग रहा था। जैसे ही उसे अपने गालों पर नंदनी के मुलायम होंठ महसूस हुए।

    "थैंक यू आनू। यू आर बेस्ट।" नंदनी कैडबरी खोलते हुए बोली।

    अनंत फिर उसे यूनिवर्सिटी जाने के लिए कहा। कैडबरी खाते हुए वह अंदर चली गई। उसे उसके फ्रेंड्स मिले। सभी साथ में क्लासरूम में गए। लेक्चरर के आने से पहले सीनियर्स क्लास में आए और उन्हें फ्रेशर्स पार्टी की तारीख बताई जो अगले हफ़्ते 15 तारीख थी। फिर लेक्चरर आया और क्लासेस शुरू हुईं।

    3 लेक्चर्स के बाद उन्हें ब्रेक मिला, जिसमें वे कैंटीन गए। जो ऑलरेडी फ़ुल थी। जिसे देखकर वे उदास हो गए और वे वापस जाने वाले ही थे कि तभी रिया ने उन्हें आवाज़ लगाई। वहाँ जगह थी उनके पास। चारों जाकर उनके पास बैठ गए।

    सानिया वहाँ नहीं थी। अंशुल उन चारों के लिए कुछ खाने को लेकर आया। वे खाना शुरू करते हैं। रोहित आदत से मजबूर एक बार फिर फ़्लर्ट करना शुरू कर दिया।

    "वैसे नंदनी, तुमने डांस प्रैक्टिस शुरू की? अगर कोई प्रॉब्लम हो तो मुझे बताना। मैं तुम जैसी खूबसूरत लड़की की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ।"

    नंदनी यह सुनकर मुस्कुराई, "थैंक यू भैया। आप बहुत अच्छे हो। और मेरी तारीफ़ करने के लिए बहुत शुक्रिया। और इसलिए मैं अभी आपके लिए कोल्ड ड्रिंक लेकर आती हूँ।"

    और नंदनी उठकर वहाँ से उसके लिए कोल्ड ड्रिंक लेने गई। वहीं रोहन, रिया और मयंक रोहित पर हँसने लगे क्योंकि नंदनी ने 'भैया' बोलकर रोहित की फ़्लर्टिंग पर कोल्ड ड्रिंक फेर दी। तीनों का हँसकर बुरा हाल था।

    नंदनी रोहित को कोल्ड ड्रिंक देती है। सूर्या नंदनी से कहता है, "वैसे तुमने मुझे नाम नहीं बताया, पर फिर बाद में इनको अपना नाम बता दिया, ऐसा क्यों?"

    "वो क्या है ना मिस्टर सीनियर, मेरी मर्ज़ी।" नंदनी एक एटीट्यूड वाली स्माइल के साथ बोली। जिसे सुन सभी एक बार फिर हँसने लगे। यह पहली बार था कोई सूर्या को ऐसे जवाब दे रहा था।

    ऐसे ही कैंटीन में वे थोड़ी और देर टाइमपास करते हैं और फिर अपनी-अपनी क्लास की तरफ़ जाते हैं।

    वहीं सानिया कैंपस के एक अंधेरे कोने में किसी से बात कर रही थी।

    सानिया फ़ोन पर, "हेलो वेर, तुम पार्टी में तो आओगी ना?"

    कॉल के दूसरी तरफ़ से, "ऑफ़ कोर्स मैं आऊँगी।"

    सानिया कॉल पर, "तुम्हें आना ही होगा वेर, मुझे उस लड़की को सबक सिखाने के लिए तुम्हारी ज़रूरत है। उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरे सुर बेबी को सिड्यूस करने की?"

    सामने से कॉल करके, "डॉन्ट वरी सेन, इतना टेंशन इस नॉट गुड फॉर योर ब्यूटी (हाँ भाई अब ज़्यादा टेंशन में पसीना आता है और उससे उसका मेकअप धुल सकता है और फिर वो चुड़ैल जैसी लगेगी ना।)"

    "हाँ वेर, अब तुम पार्टी में आओ और रोनी और जतिन भी पार्टी में आने वाले हैं ना?" सानिया सामने वाले इंसान से पूछती है।

    "हाँ वो भी आने वाले हैं।"

    सानिया यह सुनकर, "तो अच्छा है, और वो दोनों होंगे तो और मज़ा आएगा।"

    वहीं अंशुल, अंशी, सोना और नंदनी जैसे ही क्लास में आते हैं, उन्हें पता चलता है आगे के सारे क्लास ऑफ़ हैं फ्रेशर्स पार्टी की तैयारी के लिए। तो अंशुल उन्हें कैफ़े चलने कहता है। नंदनी कैफ़े फ़र्स्ट टाइम जाने वाली थी, वह बहुत एक्साइटेड थी।

    वे कॉलेज के पास वाले कैफ़े में जाते हैं। वे जाकर विंडो सीट पर बैठ जाते हैं। फिर तीनों अपने लिए कॉफ़ी ऑर्डर करते हैं, वहीं नंदनी अपने लिए ओरियो शेक।

    वेटर उनका ऑर्डर लेकर आता है। नंदनी का ध्यान शेक पीते हुए कैफ़े के एक कोने में जाता है, वहाँ छोटा सा म्यूज़िक कॉर्नर था। जहाँ कुछ म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट रखे हुए थे और साथ ही एक माइक भी। यह वहाँ के कस्टमर्स के लिए था, अगर कोई भी कस्टमर चाहे तो उसे यूज़ कर सकता है। इसके अलावा यहाँ हर सैटरडे नाइट एक शो भी होता है।

    यह देख नंदनी का मन गाने का होता है। अंशी उसे वहाँ देखते हुए देखती है। और वह उससे पूछती है, "डॉल, क्या तुम्हें गाना गाना है? और तुम्हें सिंगिंग आती है?"

    नंदनी हाँ में सिर हिलाती है। तो वे तीनों उसे गाना गाने के लिए कहते हैं। नंदनी उठकर वहाँ जाती है। और गिटार उठाकर गाना शुरू करती है।

    इक वारी आ भी जा यारा
    इक वारी आ
    राह तकूँ मैं बेचारा
    इक वारी आ
    ढल रही शाम है, दिल तेरे नाम है
    इसकी आदत बनी है तेरी यारियाँ
    चाँद हूँ मैं, तू है तारा
    इक वारी आ...
    ये इश्क़ की इन्तेहाँ, लेने लगी इम्तेहाँ
    हद से गुज़रने लगी हैं मेरी चाहतें
    धड़कन की बेताबियाँ, करने लगी इल्तेजा
    लग जा गले से ज़रा तो मिले राहतें
    बस तुझे चाहना, इक यही काम है
    काम आने लगी सारी बेकारियाँ
    उसपे समां भी है प्यारा
    इक वारी आ...

    कैफ़े में जितने भी लोग बैठे हुए थे, सभी का ध्यान सिर्फ़ नंदनी पर था। एक उसका मासूम चेहरा और दूसरा उसकी मीठी आवाज़ और गिटार की धुन। वहीं धुन कैफ़े के प्राइवेट रूम में बैठे सूर्या का ध्यान भी खींच लेती है। वह प्राइवेट रूम से बाहर आकर देखता है। और नंदनी को गाते देख उसमें खो जाता है।

    नंदनी सिंगिंग करके अपने टेबल पर बैठ जाती है। सोना उससे कहती है, "डॉल, तुम कितना अच्छा गाती हो। तुम्हारा यह टैलेंट, मेरा बहुत मन हो रहा है जल्दी से तुम्हारी डांसिंग स्किल भी देख पाऊँ। वैसे तुम दोनों से एक बात पूछनी है, फ्रेशर्स पार्टी में क्या पहनने वाली हो?"

    अंशी कहती है, "वैसे कोई थीम तो नहीं है पार्टी की, तो मैं साड़ी पहनने का सोच रही हूँ?"

    यह सुन सोना और नंदनी भी साड़ी पहनने का ही सोचती हैं। इतने में ही कॉलेज का टाइम ख़त्म होने वाला था। नंदनी यूनिवर्सिटी के पास जाने के लिए उसी ब्लैक कार में बैठ जाती है। उसे लगा था आज भी अनंत उसे लेने आया होगा, पर नहीं, सिर्फ़ ड्राइवर था।

    यह देख वह अनंत को कॉल करने के लिए जैसे ही फ़ोन ओपन करती है, उसे अनंत के मिस्ड कॉल थे और एक मैसेज भी। उसने फ़ोन साइलेंट कर दिया था एक लेक्चर में। पर फिर साइलेंट से निकालना ही भूल गई।

    वह मैसेज ओपन कर देती है। उसमें अनंत ने लिखा था आज उसकी एक इम्पॉर्टेन्ट मीटिंग है, इसलिए वह उसे लेने नहीं आ पाएगा, पर वह घर जल्दी आ जाएगा।

    नंदनी ने "ओके" रिप्लाई में लिखकर ड्राइवर के साथ घर जाती है। वह कार में बैठकर रील्स देख रही थी, तभी उसे एक एंटरटेनमेंट मूवी की रील दिखती है जिसमें दोनों डॉग्स की शादी हो रही थी। यह रील देखकर उसका पूरी मूवी देखने का मन होता है।

    वह घर पहुँचकर जल्दी से उन्हें अपने लिए पास्ता बनाने के लिए कहती है। और रूम में जाकर लूज़ कपड़े पहन लेती है। और टीवी स्टार्ट करके एंटरटेनमेंट मूवी लगा देती है।

    पूरी मूवी देखते हुए वह पास्ता एन्जॉय करती है। पूरी मूवी देखने के बाद कल रात उसने TMKOC का शेरू वाला ट्रैक देखा था जिसमें शेरू का प्रपोज़ल था। और यह मूवी देखकर उसके मन में एक ख़ुराफ़ाती आइडिया आता है। और वह आइडिया था अपने शौर्य और स्नोफ़ी की शादी का।

    वह जल्दी से फ़ोन निकालकर गूगल पर सर्च करती है शादी करवाने का प्रोसेस क्या होता है। गूगल पर पूरी रिसर्च करने पर उसे पता चलता है सबसे पहले पंडित जी से कुंडली मिलवाना होता है।

    नंदनी खुद से कहती है, "शौर्य और स्नोफ़ी की कुंडली ही नहीं है।"

    फिर कुछ सेकंड्स रुककर, "है नहीं तो क्या हुआ? बनवा तो सकती हूँ ना। कुंडली मिलवाने के लिए पंडित जी के पास जाना ही है तो क्यों ना बनवा और मिलवा दोनों एक साथ ही लूँगी।"

    यह सोचकर वह खुद की पीठ थपथपाती है। और अपने रूम में जाकर थोड़े ढंग के कपड़े पहनकर अनंत को कॉल करती है।

    "आनू, नानू को मंदिर जाना है।"

    अनंत अचानक मंदिर जाने की बात सुनकर, "पर क्यों?"

    "आनू, कितने सवाल पूछते हो। नानू को जाना है, बस जाना है।" नंदनी ज़िद करते हुए।

    "अच्छा ठीक है। मेरी एक मीटिंग है अभी, लेकिन अगर तुम्हें अभी जाना है तो मैं मीटिंग पोस्टपोन कर देता हूँ।"

    नंदनी यह सुनकर उसे रोकते हुए, "अरे नहीं आनू, उसकी ज़रूरत नहीं है। आप सिर्फ़ ड्राइवर अंकल को मुझे ले जाने के लिए बोल दो।"

    इस पर अनंत मान जाता है। पर वह घर पर जो गार्ड्स थे उन्हें उसका खास ख्याल रखने के लिए कहता है। फिर नंदनी उनके साथ मंदिर के लिए निकल जाती है। मंदिर पहुँचकर वह सबसे पहले भगवान जी के दर्शन करती है। और फिर पंडित जी के पास जाकर उनसे कहती है, "पंडित जी, मुझे 2 बच्चों की कुंडलियाँ बनवानी हैं और साथ ही उनकी शादी और सगाई का मुहूर्त भी निकलवाना है।"

    यह सुन पंडित जी उसे अजीब नज़रों से देखते हैं। वह किसी टीनेजर जैसी दिखती है और बच्चे पर फिर उसके साथ आए बॉडीगार्ड को देख वह शांत रहकर उससे दोनों का नाम, जन्मस्थल, जन्म तारीख और तिथि पूछते हैं। नंदनी उनके बारे में पूरी रिसर्च करके आई थी, यही वह उन्हें सब कुछ बताती है। पंडित जी कुंडली बनाकर कहते हैं, "बेटा, यह कुंडली कुछ अजीब नहीं लग रही है।"

    "और पंडित जी, अजीब-सजीब को छोड़ो, शादी और सगाई के लिए मुझे डेट बता दीजिए।"

    "बेटा, उनकी सगाई के लिए इस महीने की 29 तारीख और शादी के लिए अगले महीने की 15 तारीख को शुभ मुहूर्त है। इसके बाद का मुहूर्त साढ़े तीन महीने बाद का है।"

    "आई एम सॉरी पंडित जी, यह ही ठीक है।" और फिर वह दक्षिणा की थाल, जो वह रास्ते में प्रिपेयर कर लेती थी, पंडित जी को देकर वहाँ से चली जाती है।

    क्या होगा घर पर सब का रिएक्शन? नंदनी जो करने जा रही है यह जानकर?

    जानने के लिए पढ़ते रहिए नोवेल।