" गौरी शर्मा" 18 साल की मासूम चुलबुली कॉलेज गोइंग गर्ल बन बैठी है अपने होने वाले brother -in -law अभिमान सिंह राठौड़ की दुल्हन " | अभिमान के नाम मै झलकता गुरूर ही है उसके व्यक्तित्व की पहचान | अपनी शादी की पहली रात मै ही अपने पति का क्रूर व्यवहार देख... " गौरी शर्मा" 18 साल की मासूम चुलबुली कॉलेज गोइंग गर्ल बन बैठी है अपने होने वाले brother -in -law अभिमान सिंह राठौड़ की दुल्हन " | अभिमान के नाम मै झलकता गुरूर ही है उसके व्यक्तित्व की पहचान | अपनी शादी की पहली रात मै ही अपने पति का क्रूर व्यवहार देख गौरी का टूट जाता है दिल वो कभी उसकी शक्ल तक नहीं देखना चाहती है ! पर किस्मत को ये मंजूर नहीं होता अभिमान है गौरी का प्रोफेसर तो कैसे करेगी गौरी मिस्टीरियस और ruthless अभिमान का सामना आने वाली जिंदगी मै क्या कभी इनकी प्यार की गाड़ी ट्रैक पकड़ पायेगी जानने के लिए पढ़िए.. MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️
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श्री गणेशाय नमः 🙏🏻 ✨️ 💕 हर हर महादेव 🙏🏻❤️ 🌸 ☺️ PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE 😊 🙏🏻 एक बड़े से हवेली को बहुत अच्छे से सजाया हुआ था । जेसे मानो किसी की शादी हो रही हो । और ये सच भी था आज राठौड़ खानदान के बेटे की शादी जो थी । सभी तरफ नोकर चाकर जल्दी जल्दी काम मे लागे थे | गलती से भी कोई गलती ना हो जाए कोई भी कमी ना छूट जाए । garden area मे बहुत सुन्दर मंडप सजा हुआ था । धीरे-धीरे सभी मेहमान आना शुरू हो जाते हैं । वही उसी हवेली के एक कमरे में एक 29 साल का लंबा चौड़ा दिखने में कहीं से कम नहीं । well maintained body देख कर ही पता चलता कि जिम में घंटो मेहनत करने का मौका था। वही घेहरी नीली समंदर सी आँखे जिनमें कोई emotions नहीं , तिखी jaw line , हल्की हल्की beard , पतले होंठ | सोफे पर बैठे इसकी पतली उंगली लैपटॉप पर यह चल रही थी जैसे कि ये पियानो बजा रहा हो । तभी रूम का गेट खुला और एक middle age औरत उस कमरे में आती है। और उस लड़के को लैपटॉप में busy देख अपना सर पीट लेती है । वो औरत गुस्से में कहती है ये क्या हरकत है अभि आज तुम्हारी शादी है और तुम आज भी काम कर रहे हो । कम से कम तैयार तो हो जाओ शादी है आज तुम्हारी आज के दिन तो अपने इस लैपटॉप से बाहर निकलो । वो लड़का उस औरत की तरफ देखता है ये कोई और नहीं अभिमान सिंह राठौड़ होता और सामने खड़ी हुई औरत उसकी माँ देविका राठौड़ थी । वो कहता है माँ बस 2 मिनट देविका टुरेंट आगे बढ़ उसके हाथ से लैपटॉप छीन लेती है । और कहती है अब ये लैपटॉप तुम्हें तुम्हारी शादी के बाद मिलेगा जल्दी तयार हो महूरत का समय हो रहा है और मेहमान भी आना शुरू हो गए हैं । अभिमान अपनी माँ को देखता है फिर वो हार मन्ते हुए उठाकर बाथरूम में चला जाता है । हवेली के एक और कमरे में । एक खुबसूरत सी लड़की बिस्तर पर बेथी थी । वो अपने फोन पर कुछ कर रही थी। तभी उसके कमरे का दरवाज़ा खटखटाया गया और फिर एक 18 साल की लड़की के कमरे के अंदर आती ये लड़की तो और भी सुंदर और मासूम सी थी । वो लड़की आ के कहती है आप अभी तक तैयार होना शुरू भी नहीं हुए आप जल्दी तैयार हो मेहमान आना शुरू हो चुके हैं । वही बेड पर बेथी हुई लड़की बेड से उठती हुई कहती है गौरी में तैयार होने ही जा रही हूं । तभी पीछे से एक औरत की आवाज़ आती। तिया बेटा अभी तक तुम तैयार भी नहीं हुई हो । हे भगवान ये लड़की भी ना बेटा तुम जल्दी तैयार होजाओ beautician आ चुकी है चलो अब जल्दी जल्दी करो । गौरी जो अपनी मम्मी को इतना हाइपर होते हुए देखती है । वो अपनी मम्मी के गले में एक हाथ डालती है । अरे beautiful तुम क्यों इतना टेंशन ले रही हो आपको मालूम नहीं आज आप कितनी सुंदर लग रही हो कहीं ऐसा ना हो जीजू दी की जगह आपसे शादी कर ले । फिर बिचारे पापा और दी इनका क्या होगा और अपनी चिन पर एक हाथ रख सोचने की एक्टिंग करने लगती है । फ़िर वो तिया और अपनी माँ की तरफ देख एक आंख मार देती है । वाह उसकी माँ राधिका शर्मा। उसकी बात सुन थोड़ा सा शरमाने लगती है फिर उसकी तरफ देख कहती है बदमाश लड़की और हल्के से उसके हाथ पर मरती है । उनका ऐसा शर्मना देख गौरी खिलखिलाके हंसने लगती है । तिया भी थोड़ा सा हास देती है । राधिका फिर गौरी को देख कहती गौरी चल मेरे साथ जरा। और तिया बेटा तुम जल्दी से तैयार हो जाओ महूरत का समय हो रहा। तिया आगे बढके अचानक से अपनी माँ को गले लगा लेती है । वही राधिका उसकी पीठ सहलाते हुए प्यार से कहती बच्चा किया हुआ है । तिया अपना सारा हिला देती है वही गौरी अपने कमर पर हाथ रख आँखे छोटी करके उन दोनो को देख कहती है हा भाई मुझे तो भूल ही गई दोनो माँ बेटी । मैं भी यहीं हूं और मुंह फुलाके हाथ मोड़कर दूसरी तरफ देखने लगती है । उसके इस बचपने को देख तिया राधिका से अलग होती है और राधिका अपनी इस छोटी बेटी को देख अपना सर हिलाती है। तिया हस्ते हुए कहती तू भी आजा और अपना एक हाथ आगे बढ़ाती। गौरी अपना गुस्सा भूल तुरंट उसके गले लग जाती है । कुछ देर बाद , राधिका गौरी से कहती बेटा जाके जरा देखना तिया अब तैयार है। गौरी भी हा में सर हिलाते हुए ऊपर अपनी बहन के कमरे की तरफ चली जाती है। गौरी जेक रूम का गेट खोलती तो उससे तिया कहीं भी नज़र नहीं आती है । वही गौरी बाथरूम में देखती है वहां भी तिया नहीं होती है । गौरी को अब डर लगने लगता है वो दी दी केहके प्योर रूम में देख रही होती पर तिया का कोई नमो निशान नहीं था । वही उसका शादी का लाल जोड़ा बिस्तर पर अच्छी तरह से रखा हुआ था। तभी गौरी की नज़र बिस्तर पर राखे एक letter ✉️ पर पड़ती है । वो कप्ते हुए हाथो से जा वो लेटर उठाके पड़ती इस वक्त लगता उसकी आँखों से आसु चल रहे थे। वो मन ही मन प्रार्थना कर रही थी जेसा उसका दिल कह रहा वो सच ना हो । क्या लगता है ऐसा क्या था उस लेटर में, क्या टिया कि और अभिमान की शादी नहीं हो पाएगी और क्या होगा आगे क्या होगा जब अभिमान को पता चलेगा ये सब और क्या हो जाएगा गौरी का डर सच । सभी सवालो के जवन मिलेंगे उसके लिए मेरे साथ पढ़ते रहिए । MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️ PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE 🙏🏻 ☺️
हर हर महादेव 🙏🏻 ☺️ ❤️ ✨️ PLEASE LIKE COMMENT SHARE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PIYARE PIYARE READERS 🙏🏻 ❤️ 😊 Garden area, 🌺 पंडित जी वाहा मंडप में मंत्र पढ़ रहे थे। पुरी राठौड़ परिवार वाही gardenक्षेत्र मुझे bethe रंग the . तभी पंडित जी देविका की ओर देख कहते हैं कि " वर को बुलाया जाए"। देविका जी पंडित जी कहती हैं |और अपने बड़े बेटे वीर सिंह राठौड़ की तरफ देखिए। वीर हवेली के अंदर जा अभिमान के कमरे की तरफ जाता है। वो कमरे के अंदर जाकर देखता है। अभिमान बिल्कुल तैयार हो चूका। off white रंग की शीरवानी पहने हुए। किसी राजा से काम नहीं लग रहा था। वही अभिमान ने जब गेट खुलने की आवाज सुनी तो पीछे मुहके देखा। जहां उसका बुरा भाई खड़ा था। वीर चलके आगे आता और उसको कंधे से पकड़ बिस्तर पर बैठा देता। फिर वो सेहरा उठा उसके सर पर बढ़ने लगता। वीर के चेहरे पर भी अभिमान की तरह कोई भाव नहीं था। पर उसकी आँखों में अपने छोटे भाई के लिए ख़ुशी की चमक दिख रही थी। वीर सेहरा बढ़ अभिमान से कहता है। अभि मुझे अच्छे से पता है तू इस शादी से खुश नहीं पर बेटा ऐसे कब तक तू अकेला रहेगा और उसका कबतक इंतज़ार करेगा। वही अभिमान वीर की बात सुन अपने हाथों की मुट्ठी कसके बंद कर देता है। वो थोड़े गुस्से से कहता है भाई आप सब जानते हैं। वीर कहता है कि जानता हूं इसलिए समझा रहा एक मौका दे आगे बढ़ जिंदगी में किया पता तिया सच में तेरी जिंदगी में खुशियां ले आएं। ऐसे ही वीर कुछ देर अभिमान को समझता है। फिर वो एक बार फिर से अभिमान को ऊपर से नीचे देख के कहता चलते हैं । सभी इंतज़ार कर रहे हैं दूल्हे का और मैंने कहा उसके बारे में सोचना जरूर अभिमान भी बिना किसी expression केे अपना सारा हिला देता है और फिर वीर अभिमान को लेके नीचे मंडप की ओर चला जाता है। वही अभिमान के एंट्री होती है ही Garden area का माहोल एक दम से बदल गया उसका aura ही ऐसा था कि उसमें एक रुतबा arrogance झलकती थी | वो एक राजा की तरह मंडप में आ बेथ जाता पूरे समय उसके चेहरे पर कोई expression नहीं। वही दूसरी तरफ, गौरी वो लेटर पढ़ती है और वो खुद से ही रोते हुए कहती है ये आपने क्या किया dii एक बार नहीं सोचा हमारे बारे में। वो वही बेथके रोने लगती है। तभी राधिका भी रूम में आती है और अपनी छोटी बेटी को इसे रोता हुआ देख उनका दिल धक से रह जाता है उनको अंदाज़ा हो जाता है कुछ गलत नहीं बहुत गलत हो चूका है। वो गौरी को देख कहती है गौरी बेटा तू यहाँ इसे क्यू रो रही औ... और ती.. तिया कहा है। उनका दिल को किसी अनजाने डर ने घेर रखा था। तभी उनकी नज़र गौरी के हाथ में पकड़े पेपर पर जाती है। वो उस पेपर को लेके पड़ती और मानो उनके शरीर में अब जान ही नहीं बची हो। वो गिरने को होती की गौरी एकदम से उनको पकड़ लेती। वो रोते हुए कहती तिया तिया ये तुमने क्या कर दिया बेटा। आह.... गौरी अपनी मम्मी को बिस्तर पर बिठाती। और टेबल पर रखे हुए पानी के गिलास से उनको थोड़ा पानी पिलाती। तभी रूम में गौरी के पापा और बड़ा भाई भी आजते। वही रूम में ऐसा माहोल देख उनको कुछ गड़बड़ लगती है। राजेश शर्मा गौरी के पापा , नितिन शर्मा गौरी का बड़ा भाई | नितिन अपनी मां के हाथ में पकड़े हुए पेपर को देख लेता वो उनके हाथ से वो पेपर लेके पढ़ता। तोह उसके पेरो से भी ज़मीन खिसक गई थी। वही राजेश जो नितिन को वो पढ़ता देख पूछता नितिन क्या लिखा है उस पेपर में नितिन हिम्मत कर कहता है पापा तिया भाग गई है। राजेश के कानो में जेसे ही ये शब्द पड़ते हैं वो तो मानो गिरने को होते हैं कि नितिन उनको जल्दी से पकड़ लेता है राजेश को तो भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उनकी बड़ी बेटी भी esa कर सकती है। वही गौरी जल्दी से पानी अपने पापा को पिलाती। राजेश थोड़ा सा पानी पीकर कहते ये क्या हो गया अब हम क्या करेंगे। अगर गलती से भी राठौड़'s को पता चला तो.... तो... हमें कहीं का नहीं छोड़ेंगे नहीं वो। वही Garden area मे , पंडित जी कहते "वधू को मंडप में बुलाये"। देविका देखती है कि शर्मा परिवार का कोई सदस्य वहा था ही नहीं। वो खुद ही अपनी होने वाली बहू को lene ke liye हवेली के अंदर की तरफ chali जाती है। जल्दी ही वो तिया के कमरे के बाहर थी। अपने सामने का नजारा देख उनका दिल भी धक्क से रह गया। उनका दिल अंदर से कह रहा था कि कुछ हो गया जो नहीं होना था। क्योंकि door खुले होने के कारण अंदर राधिका राजेश गौरी और नितिन सभी दिख रहे थे। और कमरे में उन्हें एक नज़र घुमाके देखी तो तिया कहीं नहीं दिख रही थी। वही वो अंदर जा अपने रौबीले अंदाज़ में पूछती क्या हो रहा है यहाँ और तिया कहा है Mrs sharma वही राधिका तो देविका राठौड़ को अपने सामने देख कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं कर पाई। देविका की नज़र भी उस letter पर पड़ती जिसको वो साइड टेबल से उठती और पड़ती। वही शर्मा परिवार का तो इस वक्त बहुत बुरा हाल हो रहा था। नीचे मंडप में पंडित जी एक और बार कहते "वधू को जल्दी बुलाए यजमान महूरत का समय हो गया है।" Kiya hoga abhimaan ko Pata chalega ki uski Dulhan to bhaag gai . Kiya likha tha letter me aur kiske intzaar ki baat kar raha tha veer abhimaan se kya abhimaan ki life me koi pehle se thi . Sabhi swalo ke Javan milege iske liye mere sath padte rahiye MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕✨️ THANK YOU FOR READING 🙏🏻 📚 ❤️ PLEASE KEEP SUPPORTING ME 🙏🏻 🥺 PLEASE LIKE COMMENT SHARE FOLLOW JARUR KARE 🙏🏻 🥺
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जेसा की अपने पिछले चैप्टर में पढ़ा।
पंडित जी फिर कहते हैं "वधू को बुलाये यजमान महूरत निकल रहा"
देविका को गये हुए वक्त हो गया था। अब तो राठौड़ परिवार को भी अंदाज़ा हो गया था कि कुछ तो गड़बड़ है।
वही अभिमान का गुस्सा हर बीतते हुए समय के साथ बढ़ रहा था उसके गुस्से में पेट्रोल का काम कर रही थी मेहमानों की बातें जो दुल्हन के ना आने से अब बातें करने लगें थे ।
वही अब अभिमान के बर्दाश्त के बाहर हो चुका था। वो मंडप से खड़ा हो हवेली के अंदर सीधे तिया के कमरे की तरफ चल देता। उसके साथ ही उसके पापा दादाजी और वीर भी चले जाते क्योंकि उन्हें अभिमान के गुस्से का पता था। वही बाकी सदस्यों मेहमानों के कारण वही थे।
वही कमरे में
देविका ने जब वो लेटर पढ़ा तो वो लेटर पढ़ गुस्सा भी आ रहा था और अपने बेटे के लिए बहुत बुरा लग रहा था।
उसके बेटे ने कितनी मुश्किलों से इस शादी के लिए हा की थी और उसके बेटे की दुल्हन आज उसके बेटे को उसकी शादी के मंडप में छोड़ भाग गई।
राधिका अपने हाथ जोड़ के लिए देविका के सामने। और रोते हाथ जोड़े कहती देविका जी माफ कर दीजिए हमें नहीं मालूम था तिया ऐसे हमें शर्मिंदा कर भाग जाएगी अपनी ही शादी के दिन।
तभी किसी की दमदार आवाज हमें कमरे में गूंजती है।
जिसे सुन 1 पल को सब काप जते। क्योंकि ये आवाज किसी और की नहीं अभिमान की थी जो अभी भी वाहा आया था और उसकी राधिका जी की आखिरी बात सुनली थी।
"कौन भाग गया "
सभी की नजर दरवाजे पर खड़े अभिमान पर जाति और उसके पीछे खड़े दादाजी वीर और उसके पापा पर जाति।
सभी के चेहरे पर इस वक्त गुस्सा झलक रहा था।
वही राजेश शर्मा तो वाह अभिमान के साथ बाकी राठौड़ों को देख उन्हें अब डर लगने लगा था क्योंकि उन्हें अंदाज़ा था राठौड़ों की ताकत का।
वही अभिमान राजा की तरह अंदर आ सीधे अपनी मां की तरफ देख सवाल करता है। मां क्या हुआ है उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं, वो अपना गुस्सा कंट्रोल कर रहा था ये उसके चेहरे को देख कोई भी साफ बता सकता था। और इसका अंदाज़ा वहाँ खड़े सभी को समझ भी आ रहा था।
देविका कहती है बेटा बेटा... तिया भाग गई। वही ये सुन उस कमरे का तापमान बिल्कुल कम हो गया। अभिमान के कानो में जेसे ही देविका की बात गई उसकी आंखे गुस्से से लाल हो चुकी थी।
तबी उस कामरे में एक बुज़ुर्ग और दमदार अवाज अति है। राजेश शर्मा ये क्या सुन रहे हैं हम इसे कैसे आपकी बेटी भाग सकती है आपका अंदाज भी है ये बात अगर बाहर मालूम चली तो हमारी किआ इज्जत रह जाएगी।
तभी अभिमान के पापा की गुस्से भरी आवाज आती है ये क्या हरकत है राजेश तुम जानते भी हो इसका अंजाम।
तभी राजेश अपना सर नीचे कर सभी के सामने अपना हाथ जोड़ खड़ा हो जाता है। वो कहता माफ़ करदो हमें Mr rathore मुझे जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि तिया एसा कुछ करेगी।
हम तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचे।
तभी अभिमान की खतरनाक आवाज आती है आपको अब मुंह दिखाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी Mr Sharma ये सुन एक पल को राजेश शर्मा और रूम में खड़े सभी लोग इतनी ख़तरनाक आवाज सुन डर जाते हैं। वही गौरी रूम के साइड में अपने भाई के पीछे खड़ी थी वो अभिमान की ऐसी अवाज सुन डर से कपने लगती।
तभी रघुनाथ सिंह राठौड़ (अभिमान के दादाजी) की दमदार आवाज सभी को सुनाई देती है। जो कह रहे थे हमें बिल्कुल मंजुर नहीं कि हमारी इज्जत पर कोई भी कीचड़ उछाले। और शादी आज ही होगी अभी भी होगी। राजेश बेटा अब जो हुआ तो हुआ हम बदल नहीं सकते। पर हाँ शायद सुधार सकते है।
हम अपने अभिमान का हाथ आपकी छोटी बेटी गौरी के लिए मांगते हैं। यही एक रास्ता है कि दोनो परिवार की इज्जत बच जाये। उनकी बात सुन पूरा रूम में बिल्कुल सन्नाटा पसर जाता है। वही राधिका तो उनकी ये बात सुन बिना देर किये कहती है। अंकल जी पर गौरी तो अभी बहुत छोटी है, शादी के लिए पिछले महीने ही तो वो 18 साल की हुई। अभी तो वो कॉलेज में आई ये केस। राधिका की बातों में अपनी बेटी के लिए साफ चिंता झलक रही थी।
वही अभिमान भी अपने दादाजी की बात सुन खामोश हो जाता है। पर उसके अंदर का गुस्सा शांत नहीं होता। वो अभी कुछ कहने को होता है कि उसकी नज़र गौरी पर पड़ती है जो उसके दादाजी की बात सुन जाम सी गई थी। और उसकी पियारी पियारी आँखों से आसु लगतर गिरे जा रहे थे।
वही गौरी अभी शादी के लिए तैयार नहीं थी। वो अपने भाई का हाथ कसके पकड़ लेती है। अभी कोई कुछ कहता है कि राजेश की आवाज अति जो कह रहे थे हमें ये रिश्ता मंजूर है।
गौरी राधिका और नितिन ये बात सुन राजेश की तरफ देखते हैं। गौरी को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी उसके पापा इस रिश्ते के लिए हां कर देंगे। वही नितिन अभी कुछ कहने को आगे बढ़ता है वो कहता है इससे पहले एक बार फिर रघुनाथ राठौड़ की आवाज आती है।
ठीक है हमारी होने वाली बहू को जल्दी ही तैयार कर मंडप में ले आओ और फिर वो अपनी बेटा बहू और दोनों पोटो की तरफ देखें और बाहर निकल जाते ।
बाकी राठौड़ भी कमरे से बाहर निकल जाते उनके पीछे-पीछे। वही कमरे में सभी के जाने के बाद सिर्फ शर्मा परिवार बची थी।
इधर अभिमान आब गुस्से से हवेली से बाहर की ओर जाने लगता है कि उसके कानों में एक दमदार आवाज आती है।
अभिमान सिंह राठौड़ खबरदार जो तुम ये शादी छोड़ के गए। और हमारी बात को सिर्फ धमकी मत समझो हम क्या कर सकते हैं इसका अंदाज़ा है तुम्हें। अभिमान रघुनाथ यानी अपने दादाजी की आवाज सुन कसके अपनी आंखे मीच लेता। वो तुरत ही गुस्से से ही मंडप की ओर चल देता है।
पंडित जी अभिमान को मंडप में बैठते देख और इतना गुस्से में देख उन्हें भी डर लग रहा था। तभी पंडित जी के कानो में अभिमान की आवाज आती जो कह रहा था। सुरू करो मंत्र पढना। अभिमान इस वक्त अपने चेहरे पर गुस्से के भाव के लिए अपने सामने हवन कुंड में जलती हुई आग को देख रहा था। उसके अंदर भी एक आग लगी थी। जो ना जाने आने वाले समय में कितना कुछ अपने साथ जलाने वाली थी।
तभी सभी के कानो में एक बार फिर पंडित जी की आवाज पड़ती जो कह रहे थे। वदु को बुलाए यजमान। उनका इतना कहते ही.
Garden मैं गौरी अपने भाई के साथ दुल्हन के लाल जोड़े में आती हुई दिखती। सभी की नज़र उधर की ओर चली जाती है।
तो अजका अध्याय यही ख़तम होता है।
क्या लगता है आगे क्या होगा। केसे निभाएगी गौरी ये शादी और राजेश इतनी जल्दी क्यों मान गए शादी के लिए। अभिमान निभाएगा गौरी के साथ अपना रिश्ता फिर तोड़ देगा। सभी सवालो के जवाब जान ने के लिए मेरे साथ आगे पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY.
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कहती देविका जी माफ कर दीजिए हमें नहीं मालूम था तिया ऐसे हमें शर्मिंदा कर भाग जाएगी अपनी ही शादी के दिन। तभी किसी की दमदार आवाज हमें कमरे में गूंजती है। जिसे सुन 1 पल को सब काप जते। क्योंकि ये आवाज किसी और की नहीं अभिमान की थी जो अभी भी वाहा आया था और उसकी राधिका जी की आखिरी बात सुनली थी। "कौन भाग गया " सभी की नजर दरवाजे पर खड़े अभिमान पर जाति और उसके पीछे खड़े दादाजी वीर और उसके पापा पर जाति। सभी के चेहरे पर इस वक्त गुस्सा झलक रहा था। वही राजेश शर्मा तो वाह अभिमान के साथ बाकी राठौड़ों को देख उन्हें अब डर लगने लगा था क्योंकि उन्हें अंदाज़ा था राठौड़ों की ताकत का। वही अभिमान राजा की तरह अंदर आ सीधे अपनी मां की तरफ देख सवाल करता है। मां क्या हुआ है उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं, वो अपना गुस्सा कंट्रोल कर रहा था ये उसके चेहरे को देख कोई भी साफ बता सकता था। और इसका अंदाज़ा वहाँ खड़े सभी को समझ भी आ रहा था। देविका कहती है बेटा बेटा... तिया भाग गई। वही ये सुन उस कमरे का तापमान बिल्कुल कम हो गया। अभिमान के कानो में जेसे ही देविका की बात गई उसकी आंखे गुस्से से लाल हो चुकी थी। तबी उस कामरे में एक बुज़ुर्ग और दमदार अवाज अति है। राजेश शर्मा ये क्या सुन रहे हैं हम इसे कैसे आपकी बेटी भाग सकती है आपका अंदाज भी है ये बात अगर बाहर मालूम चली तो हमारी किआ इज्जत रह जाएगी। तभी अभिमान के पापा की गुस्से भरी आवाज आती है ये क्या हरकत है राजेश तुम जानते भी हो इसका अंजाम। तभी राजेश अपना सर नीचे कर सभी के सामने अपना हाथ जोड़ खड़ा हो जाता है। वो कहता माफ़ करदो हमें Mr rathore मुझे जरा भी अंदाज़ा नहीं था कि तिया एसा कुछ करेगी। हम तो किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचे। तभी अभिमान की खतरनाक आवाज आती है आपको अब मुंह दिखाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी Mr Sharma ये सुन एक पल को राजेश शर्मा और रूम में खड़े सभी लोग इतनी ख़तरनाक आवाज सुन डर जाते हैं। वही गौरी रूम के साइड में अपने भाई के पीछे खड़ी थी वो अभिमान की ऐसी अवाज सुन डर से कपने लगती। तभी रघुनाथ सिंह राठौड़ (अभिमान के दादाजी) की दमदार आवाज सभी को सुनाई देती है। जो कह रहे थे हमें बिल्कुल मंजुर नहीं कि हमारी इज्जत पर कोई भी कीचड़ उछाले। और शादी आज ही होगी अभी भी होगी। राजेश बेटा अब जो हुआ तो हुआ हम बदल नहीं सकते। पर हाँ शायद सुधार सकते है। हम अपने अभिमान का हाथ आपकी छोटी बेटी गौरी के लिए मांगते हैं। यही एक रास्ता है कि दोनो परिवार की इज्जत बच जाये। उनकी बात सुन पूरा रूम में बिल्कुल सन्नाटा पसर जाता है। वही राधिका तो उनकी ये बात सुन बिना देर किये कहती है। अंकल जी पर गौरी तो अभी बहुत छोटी है, शादी के लिए पिछले महीने ही तो वो 18 साल की हुई। अभी तो वो कॉलेज में आई ये केस। राधिका की बातों में अपनी बेटी के लिए साफ चिंता झलक रही थी। वही अभिमान भी अपने दादाजी की बात सुन खामोश हो जाता है। पर उसके अंदर का गुस्सा शांत नहीं होता। वो अभी कुछ कहने को होता है कि उसकी नज़र गौरी पर पड़ती है जो उसके दादाजी की बात सुन जाम सी गई थी। और उसकी पियारी पियारी आँखों से आसु लगतर गिरे जा रहे थे। वही गौरी अभी शादी के लिए तैयार नहीं थी। वो अपने भाई का हाथ कसके पकड़ लेती है। अभी कोई कुछ कहता है कि राजेश की आवाज अति जो कह रहे थे हमें ये रिश्ता मंजूर है। गौरी राधिका और नितिन ये बात सुन राजेश की तरफ देखते हैं। गौरी को बिल्कुल उम्मीद नहीं थी उसके पापा इस रिश्ते के लिए हां कर देंगे। वही नितिन अभी कुछ कहने को आगे बढ़ता है वो कहता है इससे पहले एक बार फिर रघुनाथ राठौड़ की आवाज आती है। ठीक है हमारी होने वाली बहू को जल्दी ही तैयार कर मंडप में ले आओ और फिर वो अपनी बेटा बहू और दोनों पोटो की तरफ देखें और बाहर निकल जाते । बाकी राठौड़ भी कमरे से बाहर निकल जाते उनके पीछे-पीछे। वही कमरे में सभी के जाने के बाद सिर्फ शर्मा परिवार बची थी। इधर अभिमान आब गुस्से से हवेली से बाहर की ओर जाने लगता है कि उसके कानों में एक दमदार आवाज आती है। अभिमान सिंह राठौड़ खबरदार जो तुम ये शादी छोड़ के गए। और हमारी बात को सिर्फ धमकी मत समझो हम क्या कर सकते हैं इसका अंदाज़ा है तुम्हें। अभिमान रघुनाथ यानी अपने दादाजी की आवाज सुन कसके अपनी आंखे मीच लेता। वो तुरत ही गुस्से से ही मंडप की ओर चल देता है। पंडित जी अभिमान को मंडप में बैठते देख और इतना गुस्से में देख उन्हें भी डर लग रहा था। तभी पंडित जी के कानो में अभिमान की आवाज आती जो कह रहा था। सुरू करो मंत्र पढना। अभिमान इस वक्त अपने चेहरे पर गुस्से के भाव के लिए अपने सामने हवन कुंड में जलती हुई आग को देख रहा था। उसके अंदर भी एक आग लगी थी। जो ना जाने आने वाले समय में कितना कुछ अपने साथ जलाने वाली थी। तभी सभी के कानो में एक बार फिर पंडित जी की आवाज पड़ती जो कह रहे थे। वदु को बुलाए यजमान। उनका इतना कहते ही. Garden मैं गौरी अपने भाई के साथ दुल्हन के लाल जोड़े में आती हुई दिखती। सभी की नज़र उधर की ओर चली जाती है। तो अजका अध्याय यही ख़तम होता है। क्या लगता है आगे क्या होगा। केसे निभाएगी गौरी ये शादी और राजेश इतनी जल्दी क्यों मान गए शादी के लिए। अभिमान निभाएगा गौरी के साथ अपना रिश्ता फिर तोड़ देगा। सभी सवालो के जवाब जान ने के लिए मेरे साथ आगे पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY. THANK YOU FOR READING 🙏🏻 📚 ❤️ PLEASE KEEP SUPPORTING ME PIYARE PIYARE READERS 🙏🏻 🥺 PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE 🙏🏻 ❤️ 😊 BYE BYE TATA PIYARE READERS ✨️ 🥰 GOOD NIGHT 😴 🥱 🌃 🌙 ✨️ 💓 TAKE CARE EVERYONE 💜 ✨️ 💕
हर हर महादेव 🙏🏻 ❤️ ✨️ 😊 . PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE 🙏🏻 ❤️ 😊 . COMMENT KRDIA KRO YRR PLSSS 👀🥺🥺 जेसा के पिछले अध्याय में पढा। गौरी रास्ते भर रोटी ही रही देविका ने कोसिस की थी एक बार पर उसे भी समझ ही नहीं आ रहा था वो केसे चुप करवाये। तभी कार एक बड़ी हाई आलीशान हवेली के सामने रुकती है। गेट खुलते ही कार अंदर जाति। तो रोड के डोनो तरफ पेड़ लगे हुए थे। और डोनो तरफ ही बोहोत सुन्दर सा Garden था कार थोड़ी चलने के बाद रुकती। वही गौरी अब भी सर नीचे किये रो रही थी। तभी देविका उससे कहती बेटा घर आ गया अब तो चुप हो जाओ कितना रोगी बेटा जादा रोने से तबियत खराब हो जाएगी। वही गौरी अपना सार हल्के से हिला देती देविका उसके सर पे हाथ फेरती फिर पहले खुद निकलती फिर गौरी को भी साथ में ही बाहर निकलती है। वही बाकी की राठौड़ परिवार पहले ही आ चुकी थी। उन्होन गौरी के गृह प्रवेश ही तयारी करली थी। देविका इधर उधर देखती है पर उसका अभिमान कहीं नहीं दिखता। वो अपने बड़े बेटे वीर की तरफ देखती है। वीर अपना सार ना में हिला देता। जिसका मतलब समझ देविका थोडा परेशान हो जाती है। वही गौरी को लेके घर के मेन गेट पर आती। गौरी अब भी सर को झुकाए हुए ही खड़ी थी उसके सर पर घूघट किया था। तभी देविका कहती है बेटा तुम यहीं खड़ी रहो हम अभी तुम्हारा गृह प्रवेश की रस्म पूरी करते हैं। वही गौरी अपना सर हिलाती और अपनी तरफ देखती। वाहा कोई नहीं था. गौरी ये देख कि पति पत्नी का गृह प्रवेश साथ में होता पर उसका पति तो था ही नहीं। वही ये चीज़ सभी ने नोटिस की थी। वही देविका बात याद दिलाते हुए कहती बेटा वो अभिमान को ऑफिस में जरूरी काम आ गया इसलिए वो बाद में आजायेगा तुम चिंता मत करो। इतना कह वो अपनी बड़ी बहू की तरफ इशारा करती है। वही पलक वीर सिंह राठौड़ यानी की वीर की पत्नी और राठौड़ खानदान की बड़ी बहू। वो अपना सारा हिला जल्दी से आरती की थाली लेके आती साथ में ही 2 नौकरानियां आके आलता की थाल और चावल का कलश घर की देहलीज़ पर रख देती। देविका भी आरती की थाली पलक से ले गौरी की आरती। वही गौरी को बहुत अजीब सा लग रहा था उससे nervousness हो रही थी. उसके किये सब कुछ ही नया और unexpected था | वही देविका आरती कर उसको तिलक करवाती और फिर गौरी से कहती बेटा तुम अपने दिन पर से कलश को पहले हल्का सा मार्के गिराओ फिर अपने पैर आलता की थाली में राख छाप छोड़ती हुई अंदर आओ। गौरी भी वेसा ही करती थी लेकिन उसकी सास ने उससे कहा था। गौरी अन्दर आती. वही उसके कदमो की एक सफ़ेद कपडे पर चाप छूट चुकी थी। सभी ये देख खुश थे कि उनकी बहू आ गई। वही इस समय रात हो चुकी थी उस समय भी बहुत हो चुका था सभी थके हुए थे शादी की थकावट थी। वही देविका कहती है चलो गौरी पहले मंदिर में चलके दीया प्रज्वलित कर दो फिर सभी को आराम करना। वही देविका गौरी को मंदिर में ले जाती। सभी लोग पीछे-पीछे आते गौरी अपना सारा उठाके देखती हैं। तो एक बहुत ही बड़ा और सुंदर का मंदिर था उसके सामने। जिसमें माता पार्वती और शिवजी बैठे हुए थे । वही गौरी धीरे धीरे चली जाती है और सबसे पहले भगवान के सामने हाथ जोड़ अपना सारा झुकती है। फ़िर वो दीपक जलती। क्योंकि रात बहुत हो गई थी तो आरती तो करनी नहीं थी वो और बाकी सभी भी अपने हाथ जोड़ लेते। वही गौरी की आँखों से एक बूँद आसु निकल गिर जाता। देविका सभी को देखते हुए कहती हैं। आप सभी अभी जाएंगे कल हम आपको गौरी से मिलवाएंगे पर अभी आप सभी और गौरी भी थकी हुई हैं इसलिए सभी जाके आराम करें। सभी अपने-अपने काम की ओर चले जाते हैं। अभी वाहा देविका और पलक थी। देविका कहती है पलक बेटा तुम भी जाके आराम करो हम गौरी को अभी के कमरे में छोड़ देंगे। वही पलक कहती है मम्मी आप भी बहुत थक गए होंगे आप जाके आराम करो हम जाके अपनी नई देवरानी को देवर जी की कमरे तक छोड़ देंगे। वही गौरी को अभी भी अजीब लग रहा था ये सब उसके लिए सब कुछ ही नया था वो भी इस उमर में। देविका एक नजर गौरी को देखती है वो उसके सर पे हाथ फेरती फिर पलक की तरफ देख कहती है ठीक है हम जा रहे तुम गौरी को ध्यान से अभि के कमरे तक छोड़ आना। वही पलक भी देविका के जेन के बाद गौरी के सामने अति। वो गौरी से खेती हैलो गौरी में पलक गौरी ढेरे से अपना सारा उठाके पलक की तरफ देखती है। वही पलक तो गौरी की मासूमियत देख पिघल जाति। वो कहती है हम तुम्हारी जेठानी है। पर तुम मुझे दीदी बुला सकती हो। वही दीदी शब्द सुनते ही गौरी के दिमाग में तिया का ख्याल आता है और उसकी आंखे भर आती है। वही पलक ये देख कहती अरे अरे रोना नहीं। सॉरी मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो। वही गौरी अपने सर ना में हिलाती फिर धीरे से कहती नहीं वो हमें अपनी दी की याद ए गई थी। वही पलक को बहुत बुरा लग रहा था गौरी के लिए। वो गौरी से कहती है अच्छा ये सब छोड़ो चलो रात बहुत हो गई है तुम भी थक गई होगी ना। हम तुम्हें तुम्हारे और देवर जी के कमरे तक छोड़ आते हैं। गौरी भी अपना सर धीरे से हिलाती है और पलक के साथ अभिमान के कमरे की तरफ चल देती है। वही पलक कहती गौरी ये पूरा floor अभिमान का हाय है. यहाँ पर जिम रूम, स्टडी रूम एक लाइब्रेरी और भी बहुत सारे रूम हैं और सब कुछ है और यहाँ आना किसी को अनुमति नहीं है। वही गौरी सभी चीज़ों को दियान से ऑब्जर्व कर रही थी वही पलक एक कमरे के आगे रुकी और गौरी से कहती है ये है तुम्हारे पति का कमरा और अभी से तुम्हारा भी ठीक है। वही गौरी भी हल्का सा सर हिलाती पलक गौरी से कहती तुम खड़ी क्यों हो अंदर जाओ फिर थोड़ा झिझकते हुए खेती स्याद .... उम्म्म्म.... स्याद अभिमान नहीं ऐ तो तुम बदलाव करके इसलिए जाना ठीक है उसका इंतजार मत करना आज जो कुछ भी हुआ हमसे तुम भी परेशान हो और थकी होगी तो आराम करना और प्यार से एक बार गौरी को गले लगाती और फिर चली जाती है। वही गौरी धीरे से कमरे का गेट खोलती और ......... तो आजका अध्याय ख़तम होता। कल मिलेंगे नए चैप्टर के साथ। और एक और कल का चैप्टर थोड़ा स्पेशल होगा क्योंकि चलो इसे सरप्राइज देने के लिए था पर थोड़ा हिंट देदु कल होगी पहली रात गौरी की। देखना ये होगा कि अभिमान कहा गया है मंडप से इसे गुस्से में और क्या वो आएगा और अगर आएगा तो क्या करेगा वो गौरी को अपने कमरे में देख क्या स्वीकार करेगा गौरी को। बहुत मजा आएगा कल के चैप्टर में तो मेरे साथ पढ़ना ना भूलना। MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️ THANK YOU FOR READING 📚 ❤️ 🙏🏻 KEEP SUPPORTING ME PLEASE 🙏🏻 🥺 PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE REQUEST 🙏🏻 ❤️ Kal ke chapter m bhot Maja ayega syd aap sabhi jiska wait kr rhe the wahi mile apko 😅😅. Ok piyare piyare readers bye bye tata 🙋🏼♀️ 🙋🏼♀️ 🥰 Good night 😴 🥱 🌃 🌙 ✨️ 💓 Take care everyone ❤️ 🤭
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🙏🏻 ✨️ 💕 ☺️ PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE REQUEST 🙏🏻 😊 ❤️ |जेसा की आप सभी ने पिछले चैप्टर में पढ़ा था। पलक गौरी को अभिमान के कमरे के गेट पर छोड़ के चली जाती है। वही गौरी धीरे से कमरे का गेट खोलती तो देखती कमरे के अंदर कोई लाइट नहीं जल राही थी। room मे खिड़की से चाँद की रोशनी आ रही है। गौरी धीरे-धीरे चलती हुई कमरे के अंदर आती है। उसे डर लग रहा था क्योंकि उसने सुन रखा था अभिमान के गुस्से के बारे में वो धीरे-धीरे चलती हुई आगे को जाती है। कमरे का गेट भी बंद हो गया था। गौरी को घुटन सी हो रही थी आब वो विंडो के पास जा उसे खोलने की कोसिस करती पर उससे विंडो नहीं खुल रही थी। इसी चक्कर में उससे गलती से साइड में राखी हुई टेबल पर से sandclock गिर जाती जिसकी वजह से गौरी डर जाती वो देखती है कि वो टूटी नहीं ये देख वो चैन की सांस लेती है वो नीचे झुक उसको उठाने को होती की। तभी उसके कमरे का गेट खुलने की आवाज आती है। गौरी एकदम से सीधी खादी हो जाती है तो अभिमान रूम के अंदर आ चुका था वो टेबल की ओर बढ़ता है और गिलास में पानी डालकर पीने को ही होता है कि उसकी नज़र गौरी पर जाती है जो कि कमरे में एक कोने में खादी थी अब भी शादी के ही लाल जोड़े में । और गौरी को अपने कमरे में देख वो गुस्से से ग्लास को फेक देता what the hell तुम यहाँ मेरे कमरे में क्या कर रही हो तुम्हें यहाँ आने की अनुमति किसने दी हा...। वही गौरी उसको इतने गुस्से में ग्लास फेंकता देख और इतने गुस्से में बोलता देख डर जाती है। डर के मारे वो कपने लगती है वही अभिमान गौरी को कुछ बोलता नहीं देख वो गुस्से से उसकी तरफ बढ़ता है। वही गौरी अभिमान को अपनी तरफ अता देख वो पीछे होने लगती है। पीछे जाते वो दिवाल से टकरा जाती अब पीछे जाने की कोई जगह नहीं थी। वही अभिमान उसके पास आ गुस्से से उसके हाथ की बाजू को पकड़ उसकी आँखों में अपनी गुस्से से देखते हुए कहता है। answer me dame it इसी के साथ उसकी पकड़ गौरी की बाजू पर कस्ती जाति वही गौरी को बहुत दर्द हो रहा था उसकी आँखों से लगा तार आसु बह रहे थे उसे बहुत दर्द हो रहा था। वही अभिमान उसको ही देख रहा था उसको रोता देख वो गुस्से से कहता है। oh please ये रोने धोने का नाटक मेरे सामने नहीं करो मैं तुम्हारे इन आसुओ से नहीं पिघलने वाला। अभिमान अब भी गौरी से जब कोई जवाब नहीं पता तो उसे झटके से छोड़ते हुए कहता तुम जैसी लड़कियों को मैं बहुत अच्छे से जानत हूं अपनी ही बहन के पति से शादी के लिए इतनी जल्दी हा करदी सिर्फ पेसो के लिए, तुम जैसी लड़की पेसो के लिए खुदको कितना भी गिरा सकती है किसी का भी बिस्तर गरम कर सकती है पेसो के लिए। और तुमसे किसने कहा कि तुम मेरे कमरे में आ सकती हो, मुंह से आवाज नहीं निकल रही, अब तुमने सच सुन लिया तो क्या ही बोलोगी। वही गौरी तो शादी के पहली रात अपने ही पति के मुंह से ये सब सुन उसका मासूम सा दिल टूट गया था। उसने कभी सोचा ही नहीं था उसका पति उसको इतना गलत बोलेगा उसके character को लेके अभिमान उसके बारे में ये सोचता था उसने indirectly usko कितना गंदा बोला था इसका अंदाज़ा भी नहीं लगया जा सकता था। पर उसकी इन बातों से गौरी के दिल का क्या हाल हुआ था। उसने भी सभी लड़कियों की तरह सपने देखे थे उसका पति केसा होगा पर उसने ऐसा तो कभी बुरे से बुरे सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके साथ उसका पति शादी के पहली रात ही ये सब बोलेगा। वो मानती थी कि वो उसकी बहन का होने वाला पति था और ये शादी में वो फंस गया था पर उसने भी ये शादी कोई अपने मन से नहीं की थी कि ये अपने पापा और परिवार के लिए थी। उसकी प्यारी आँखों से आसु रुक ही नहीं रहे अभिमान की बातें सुनके। वो अभिमान की बाते सुनो अपना सर नीचे झुका लेती है क्योंकि वो क्या बोलती है उसे याद आता शादी से पहले सभी राठौड़ परिवार के जाने के बाद क्या हुआ था। (Flashback) उसके पापा ने जिंदगी में पहली बार उसके सामने हारके हाथ जोड़े थे कहा था कि वो उनकी ये एक आखिरी इच्छा पूरी करदे उनकी इज्जत बचा ले वरना राठौड़s उनको और उनकी कंपनी को बर्बाद कर देंगे और कंपनी की मुझे फिक्र नहीं बेटा पर अगर तुम सबको कुछ भी हुआ तो मैं जीते जी मर जाऊंगा। माफ़ करदो अपने पापा को बेटा इसी के साथ उसके पापा उसके कदमों में गिर गए थे इसे देख गौरी एकदम से पीछे हट जाती है। वही नितिन और राधिका भी उनको ऐसा हारता हुआ नहीं देख पा रहे थे। नितिन जो अब तक अपने पापा को गलत समझ रहा है क्योंकि उन्हें बिना सोचे ही हा करदी उसने जब सुना उसके पापा ने ये सब सिर्फ उनके लिए किया तो वो भी क्या करता क्योंकि राठौड़ की ताकत का अंदाज़ा उससे भी था। गौरी जल्दी से अपने पापा को खड़ा करती और कहती पापा आप ये क्या कर रहे हैं। अगर आप यहीं चहाते तो मैं तैयार हूं इस शादी के लिए आपकी इज्जत और आपको कभी कुछ नहीं होने देंगे आप टेंशन ना ले। ( Flashback end) अभिमान गौरी को अपनी ही सोच में गुम देखता है तो गुस्से से उसको पकड़ एक बार फिर दिवाल से सता देता है। कहता है तुमसे मैंने कुछ पूछा है तुम यहाँ क्या कर रही हो। वही गौरी उसे पकड़ने से एक बार फिर उसे दर्द होने लगता है। वो अभिमान का गुस्सा देख धीरे से कहती au.... aunt .... aunty........ ने वही अभिमान को समझने में देर नहीं लगती कि ये उसकी मां थी। वही अभिमान को अब और गुस्सा आने लगता है उसे बिल्कुल पसंद नहीं था कोई उसके floor पर भी आये और यहाँ तो ये लड़की पूरी की पूरी उसके कमरे में आके बैठी है। अभिमान गुस्से से एक पंच दिवाल पर मरता वही अभिमान को हाथ उठाता देख गौरी अपनी आंख कस के बंद कर लेती है उसे लगता अभिमान उसपर हाथ उठाने वाला ये सोच उसकी आंखों से लगतर आसु बेह रहे थे। वही तभी उसे आवाज आती थी वो अपनी आंखें खोलती थी तो पंच उसको नहीं उसके साइड से होते हुए दिवाल में जाके लगा था। वही अभिमान गुस्से से......... तो आजका अध्याय यही ख़तम होता है। मिलते है कल नये चैप्टर के साथ। तो क्या लगता है अभिमान क्या करेगा आगे। क्या अभिमान गुस्से से गौरी को चोट पहुँचाएगा। केसी रहेगी अभिमान और गौरी की 1st night आगे जान ने कहा, आगे मेरे साथ पढ़ना ना भूले MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️ THANK YOU FOR READING 📚 ❤️ 🙏🏻 PLEASE KEEP SUPPORTING ME 🙏🏻 😢 LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE 🙏🏻 😊 ❤️
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🙏🏻 ❤️ ✨️ 😊 PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE JARUR KARE MERE KO FOLLOW BHI ... 🙏🏻 🥺 PLEASE 🙏🏻 💗 . तोह जेसा की आपने पिछले चैप्टर में पढ़ा। अभिमान अपने हाथ का पंच बना दिवाल पर मरता है। वही इस डर से गौरी अपनी आंखें बंद कर लेती है। अभिमान गुस्से से गौरी को घूरता वो कहता तुम अभी के अभी मेरे कमरे से बाहर निकलो। गौरी तो ये सुन अपनी बड़ी बड़ी आंखे कर डर से अभिमान को देख रही थी पहले ही उसकी इतनी कड़वी बाते जिसने गौरी के दिल को इतने गहरे घाव दे दिए थे जो कभी ना भर सकते हैं । आब वो इतनी रात को किस रूम में सोएगी और इस टाइम तक तो सभी सो भी गए होंगे उसे तो इस घर में किसी का रूम तक नहीं मालूम था । वही अभिमान कहता सुना नहीं क्या तुमने हा I said get out ... , गौरी हिम्मत कर धीरे से डरते हुए कहा.. हम इस वा... वक्त किस र... कमरे में जाएंगे....। वही अभिमान उसकी बात सुन गुस्से से अपनी आंखें बंद करता है। और गौरी की बाजु कसके पकड़ उसे जबरदस्त खीचते हुए कमरे के बाहर धक्का दे देता है। जिसके कराड गौरी सीधे जमीन पर गिर जाती उसको लगती नहीं क्योंकि carpet था जमीन पर। वही अभिमान गुस्से से गौरी के मुँह पर ही अपने कमरे का दरवाज़ा बंद कर देता है। वही गौरी तो अपनी आँखों में आसु के लिए उस बंद दरवाजे को ही देख रही थी। वो वही ज़मीन पर पड़ी हुई रोने लगती है। गौरी अपनी ही किस्मत को कोसे जा रही थी | कमरे के अंदर अभिमान गुस्से से दरवाजा बंद कर सीधे वॉशरूम में चला जाता है। वो ठंडे पानी का शॉवर ऑन कर उसी के नीचे खड़ा हो जाता है। वही अभिमान के दिमाग में वही सब चल रहा था जो आज उसके साथ हुआ पहले उसकी दुल्हन का भाग जाना उसके बाद उसके दादा जी का गौरी के साथ शादी करवाने का फैसला और फिर गौरी का उसके कमरे में होना वो गुस्से से अपनी आंखें खोलता तो इस वक्त उसकी आंखे लाल हो चुकी थी वो करीबन 1 घंटे तक शॉवर में खड़ा रहता है। और अपने गुस्से को शांत करने की कोसिस करता है। उसके बाद एक लोअर पहन वो रूम में आता है उसके बालों से अब भी पानी टपक रहा था और उसके मस्कुलर 8 pack body पर उसके लोअर तक जा रहा था इस वक्त लग तो बहुत ही ज्यादा devilish hot रहा था . वही अभिमान अपना लैपटॉप लेके रूम से ही अटैच study room की ओर चला जाता है और अपने काम में व्यस्त हो जाता है वो अपनी आज ही बनी हुई बीवी गौरी के बारे में मैं बिल्कुल भूल गया था कि वो इस घर में किसी को जानती भी नहीं और रात के इस समय वो केसी होगी इस घर में क्या कर रही है होगी उसे कोई मतलब नहीं था | वही कमरे के बाहर, गौरी वही फ्लोर पर ही बेटी थी और रोए जा रही थी उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि वो करे तो क्या करे। उसके पति ने शादी के पहली रात ही उसको कमरे से बाहर निकाल दिया और उसके मुंह पर ही दरवाजा बंद कर दिया। गौरी वही रोटी रोटी ही फ्लोर पर ही सो जाती है। गौरी ने इस समय भी वही शादी का लाल जोड़ा पहनना हुआ था। वो बोहोत ही uncomfortable तरिके से सोई हुई थी | सुबहे का समय, देविका नीचे servants को काम समझ रही थी। तभी पलक अजाती वो कहती है गुड मॉर्निंग मां वही देविका जिसकी नजर सिर्फ सीढ़ियाँ पर थी वो पलक की आवाज सुन उसकी ओर देख प्यार से पलक के गाल पर हाथ फेर कहती है गुड मॉर्निंग बेटा। तभी पलक कहती है मां आपको अगर चिंता हो रही है तो आप एक बार ऊपर अभी भैया के फ्लोर पर जाके खुद ही देख क्यों नहीं लेतीं। देविका को भी पलक की बात ठीक लगती है। वो कहती है सोच तो हम भी यही रहे बेटा चलो हम जाके एक बार देख ले गौरी ठीक तो है अभिमान का गुस्सा तो सब जानते ही हैं कहीं उसने गौरी के साथ नहीं। ...वही पलक देविका को शांत करवाते हुए कहती है मां आप शांत हो जाएं और चले ऊपर जाके देखते हैं। देविका भी हा में सर हिलाती है वही पलक और देविका डोनो ही अभिमान के फ्लोर की ओर बढ़ती है। पता नहीं क्यों देविका के मन में बहुत बुरे बुरे ख्याल आ रहे थे। देविका और पलक अभिमान के फ्लोर पर पूछो रूम की तरफ जाते हैं और वही सामने देख शॉक हो जाते हैं। सामने गौरी दुल्हन के लाल जोड़े में कमरे के बाहर सो रही थी। और कमरे का दरवाज़ा बंद था। ये देख पलक और देविका जल्दी से गौरी के पास जाते हैं। वही देविका को इस वक्त अभिमान पर बहुत गुस्सा आ रहा था। पलक जल्दी से गौरी को उठने की कोसिस करती पर गौरी उठ ही नहीं रही थी। वही ये देख वो दोनो ही समझ जाति की गौरी बेहोश है। दोनों जब उसके चेहरे को गौर से देखती हैं तो गौरी के चेहरे पर उनको आसू के निशान दिखते हैं जो सुख चुके थे। गौरी का चेहरा इतना मासूम लग रहा था वही उसके चेहरे पर दुख साफ झलक रहा था। वही देविका जल्दी से खादी को कमरे का गेट खटखटाने लगती है। कुछ ही देर में मैं अभिमान गेट खोलता और सामने अपनी मां को देखता वही तब भी उसकी नजर नीचे बेटी हुई पलक और वही लड़की दिखती जिस से कल उसकी शादी हुई थी। वही अभिमान कहती है माँ क्या हुआ आप इस समय मेरे कमरे में देविका गुस्से से कहती अभिमान ये क्या है अभिमान भी लापरवाही से कहता है क्या माँ? देविका अपने गुस्से पर कंट्रोल करती हुई उसे गौरी की ओर इशारा करती है। वही अभिमान की नज़र फिर से गौरी की ओर जाती है। वो लपरवाही से कहती है लड़की है। देविका गुस्से से कहती है मैं भी जानती हूं कि ये लड़की है अभिमान पर ये लड़की तुम्हारी बीवी है और ये इसके कमरे के बाहर क्यों है इसको तो कमरे के अंदर होना चाहिए। अभिमान अब भी लापरवाही से ही कहता है मां आपको मालूम है मुझे कोई भी इंसान अपने कमरे में बर्दाश्त नहीं और फिर ये तो अंजान लड़की है। उसकी बात सुन देविका गुस्से से कुछ कहती है इस से पहले पलक कहती है मां गौरी का शरीर बहुत तेज ताप रहा है। हमें जल्दी से डॉक्टर को बुलाना चाहिए और इसको रूम में ले जाना चाहिए। वही अभिमान भी पलक की बात सुनता है पर उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा हो देविका एक नज़र अभिमान की तरफ देखती है। फिर वो पलक से कहती है पलक वीर को बुलाओ और कहो गौरी को उठाके नीचे guest room मुझे ले चलें हम family डॉक्टर को फोन करते हैं और जल्दी से जल्दी उनको आने को कहते हैं वही अभिमान एक नज़र गौरी को देख कमरे के अंदर चला जाता है। वही देविका को गुस्सा तो बहुत आती है पर अभी वो शांत थी पर ये तूफ़ान से पहले की शांति थी। पलक भी वीर को बुला लेती है। वही वीर तो गौरी को इस हाल में कमरे के बाहर देख समझ जाता क्या हुआ होगा क्योंकि वो अपने छोटे भाई को अच्छे से समझता था। वो गौरी को उठाके नीचे ले जाता है। वही गौरी को एसे वीर की गोद सभी घर वाले देविका की ओर देखते हैं। देविका उनको बाद में बातों का बोल वीर के पीछे चली जाती है सभी घर वाले भी पीछे ही जाते हैं। वही सब थोड़ा बहुत तो समझ ही गए थे । तभी एक डॉक्टर जल्दी से राठौड़ हवेली में आता है। एक नौकरानी उसको गेस्ट रूम तक ले जाती है। वही डॉक्टर सभी परिवार वालों को बाहर इंतजार करने को कहते हैं। परिवार वाले भी बाहर खड़े इंतजार करने लगते हैं। देविका तो बहुत परेशान थी क्योंकि उसे मालूम था जो कुछ भी हुआ था उसमें गौरी की कोई गलती नहीं थी। तभी डॉक्टर गौरी का चेकअप कर बाहर आता.... तो आज का चैप्टर यही ख़तम होता है। कल मिलेंगे नये अध्याय के साथ। तो क्या लगता है डॉक्टर क्या बोलेगा गौरी की तबीयत अब कैसी होगी। क्या अभिमान को अपने किये का पछतावा होगा। क्या करेगी देविका अभिमान के साथ। क्या होगा सभी परिवार वालों का रिएक्शन जब वो सच जानेंगे। और क्या गौरी होश में आने के बाद रहेगी राठौड़ हवेली में या चली जाएगी। सभी सवालो के जवाब के लिए बस आगे मेरे साथ पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕✨️ THANK YOU FOR READING 📚 💖 PLEASE KEEP SUPPORTING ME 🙏🏻 🥺 LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE REQUEST 🙏🏻 😊 ❤️ 😢
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं 🙏🏻 ❤️ ✨️ ☺️ PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE PLEASE REQUEST 🙏🏻 🥺 💖 Aur comment Kara karo yrr mtlb hadh hai comments tk nhi karte atleast mujhe batao toh kesi lag rahi kuch man m h ki esa hona chaiye vo bhi btao to me kosis karugi aage add krdu . 🥺 pls like comment kia kro yrr pls pls piyare piyare readers 🙏🏻 ☺️ जेसा की आप सभी ने पिछले चैप्टर में पढ़ा था। गौरी का चेकअप करके डॉक्टर बाहर आता है। सभी परिवार के सदस्य लाइन बहार ही खड़े थे और सभी के चेहरे पर तनाव साफ नज़र आ रहा था। सभी डॉक्टर को बाहर आता देख उसकी तरफ देखने लगते हैं। देविका कहती है डॉक्टर कैसी है मेरी बहू? डॉक्टर देविका की तरफ देख कहता है। Mrs राठौड़ patient की हालत ठीक नहीं है. उनको अभी बहुत तेज बुखार है ऐसा लगता है वो बहुत ज्यादा डरी हुई है , मैंने इंजेक्शन दिया है, और ऐसा लग रहा है, उन्हें किसी बात का बहुत stress है। वही उनके शरीर में कमजोरी भी है। बाकी मैंने ये प्रिस्क्रिप्शन लिखा है उनको दवाइयां टाइम से देते रहना और खाने का ध्यान रखना है। और हो सके तो stress से बिल्कुल दूर रहना है। हो सके तो जिस से वो डर रही हो ऐसी कोई भी चीज या कुछ भी उनके सामने ना लेके आए वरना हो सकता है इसका असर उनकी mental health पर पड़े डॉक्टर की बात सुन देविका डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन लेलेटी और डॉक्टर फिर चला जाता है। वही वो प्रिस्क्रिप्शन देविका एक नोकर को दे देती है medicines लेके आने के लिए। देविका अंदर जाके एक नज़र गौरी को देखती है वो उसके सर पर प्यार से हाथ फेरती है और कमरे से बाहर निकल जाती है कमरे का गेट भी बंद कर देती है। सभी लोग बाहर हाल में थे। तभी तो रघुनाथ राठौड़ कहते हैं। देविका बेटा क्या हुआ गौरी को इतने सुबहे उसकी ये हालत कैसी हुई है। कल तक तो बिल्कुल ठीक थी वो। देविका कुछ कहती है, पहले उसकी नज़र सीढ़ियों पर जाती है जहां से अभिमान आता हुआ दिखता है। अभिमान को ही देख कर देविका के चेहरे पर साफ साफ गुस्सा दिखने लगता है। वो अपने गुस्से को कंट्रोल कर रही है अभिमान कह जा रहे हो तुम आज के दिन। अभिमान बेफिक्री से कहता है मां आपको पता ही है कि मैं कॉलेज जाता हूं तो आज भी वही जा रहा हूं। तभी उस हॉल में एक थप्पड़ की आवाज गूंजती है। वही पुरी राठौड़ परिवार आंखे फाडे देविका और अभिमान की तरफ देख रही थी। क्योंकि ये थप्पड़ देविका ने ही अभिमान को मारा था। वही अभिमान की मुठिया गुस्से में कसी थी। तभी वीर माँ कहते हुए आगे बढ़ने को हुआ कि देविका ने उसको वही अपना हाथ दिखाके रोक दिया। देविका की आवाज सभी के कानों में पड़ी, जो कोई भी मेरे और अभिमान के बीच आया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा । वही अभिमान का सर एक तरफ झुक गया था उसने सर उठाके एक बार अपनी मां की ओर देखा जो गुस्से से ही उसकी ओर ही देख रही थी। तभी देविका कहती है अभिमान राठौड़ शरम नहीं आई तुम्हें अपनी ही बीवी को रात में कमरे के बाहर निकलते हुए और खुद चेन से बिस्तर पर सोते हुए। कल ही तुम्हारी शादी हुई तभी अभिमान कहता है शादी हुई नहीं करवायी गई वो भी जबरदस्त उसकी नजर इस वक्त अपने दादा जी रघुनाथ पर थी। तभी अभिमान के कानो में देविका की आवाज जाती है जो कह रही थी तो क्या हुआ क्या वो लड़की जिस से तेरी शादी हुई वो इंसान नहीं है। तू इतना पत्थर दिल हो गया है तूने उसको चोट पहुंचाई है येह सून अभिमान उसकी तरफ देखता है देविका कहती है तुझे क्या लगता है मैंने देखा नहीं वो निशान उसके हाथों पर जो कि तेरी वजह से आए है। अभिमान अपनी नज़र फेर लेता है. देविका कहती है अभिमान पहली और आखिरी बार कह रही हूं इन सब में उस बिचारी बच्ची की कोई गलती नहीं है। अभिमान गुस्से से अपनी माँ की ओर देखता है और इस से पहले देविका और कुछ कह पाती अभिमान गुस्से से घर से बाहर निकल जाता है। इधर देविका सीधे मुधकर गौरी के कमरे की तरफ चली जाती है। उसके आँखो से भी आसु निकल रहे थे. शायद ही उसने कभी अभिमान पर हाथ उठाया था। इधर अभिमान के पीछे ही वीर भी निकल जाता है वीर को पलक ने सब बता दिया था कि वीर को बुरा तो गौरी के लग रहा था पर वो अपने भाई को इग्नोर नहीं कर सकता था। इसलिए वो भी अभिमान के जाते ही उसके पीछे निकल जाता । Guest room में, देविका धीरे से अंदर आती है गेट खोलके। वो देखती गौरी अभी भी सो रही होती डॉक्टर ने कहा था कि थोड़ी देर में गौरी को होश आ जाएगा। वो वही गौरी के बगल में बिस्तर पर बैठ जाती है और गौरी के सर पे हाथ फेरने लगती है। थोड़ी देर बाद गौरी को हल्का हल्का होश आने लगता है। वो धीरे से अपनी पलकें खोलती है उसको छत दिखती है आँखो के सामने तब भी वो इधर उधर देखती है जान ने कहा है कि कोसिस करती है पर उसको समझ ही नहीं आता वो झटके से उठके बैठ जाती है। वही उसके ये झटके से उठे से देविका जो कुछ सोच रही थी वो गौरी की तरफ देखती है और उसको panic कर्ता देख . वो गौरी को कहती बेटा तुम अब कैसी हो। वही गौरी जब आवाज सुनती तो उसकी तरफ देखती देविका को देख उसकी आंखों के सामने कल जो भी हुआ सब घुम जाता है। शादी, राठौड़ हवेली आना, अभिमान के कमरे में जो भी हुआ, और उसके बाद जो हुआ। वही वो जल्दी से बेड के साइड में आती क्यूकी देविका खड़ी हुई थी। गौरी जल्दी से देविका को गले लगा लेती है अपना चेहरा वो देविका के पेट में छुपा लेती है। गौरी को इस समय भी बहुत डर लग रहा था अभिमान का गुस्सा याद कर ही। वही देविका उसको इससे डरता और उसको गले लगाके रोता देख उसकी आँखों में भी आसु अजाते वो प्यार से गौरी का सर सहलाती है। देविका कहती है बच्चा शांत हो जाओ देखो मैं हूं ना कुछ नहीं होगा ठीक है। गौरी पर फिर भी कोई असर नहीं पढ़ रहा था। तभी देविका गौरी को अलग करती है। और गौरी का चेहरा अपने दोनो हाथो में भरति है उसके आसु पूछती है सबसे पहले गौरी भी अपनी आसू भरी आँखों को समयबद्ध तरीके से देविका को देखती है। देविका गौरी को खुदको इस मासूमियत से दिखता है थोड़ा सा मुस्कुराती है। फिर कहती बच्चा क्या हुआ था कल रात मेरे को बताओ। वही गौरी कल रात का जिक्र सुनके बहुत दार जाती देविका समझ जाती है अभिमान ने अंजाने में ही एक मासूम बच्ची के मन में दार बिठा दिया। देविका गौरी को कप्ता देख कहती हूँ बच्चा मैं शांत नहीं हूँ जाओ बिल्कुल गौरी देविका को देखती है। देविका उसके सर पर प्यार से ममता के साथ हाथ फेरती है। गौरी को शांत होता देख देविका उसके साथ रहती है। फिर कहती है गौरी बच्चा आपको मेरे पर भरोसा नहीं है क्या। गौरी अपने सार में हिलती है देविका कहती है क्या नहीं है मतलब गौरी जल्दी जल्दी अपने सार में हिलने लगती है। देविका कहती मतलब नहीं है. गौरी ये सुन मासूमियत से कहती आंटी मुझे आप पर पूरा भरोसा है। वही उसकी बात सुन देविका हल्का सा मुस्कुराती है। फ़िर केहती अरे ...... तो आजका अध्याय यही ख़तम होता है। मिलते कल नये चैप्टर के साथ। तो क्या लगता है अभिमान गुस्से में कहा गया होगा। और किया देविका गौरी को समझ पायेगी। क्या गौरी देविका पर भरोसा कर उसको रात का सच बताएगा क्या अभिमान ने। क्या अभिमान को अपनी गलती का पछतावा होगा सभी सवालों के जवाब मिलेंगे जब आप मेरे साथ पड़ेंगे MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕✨️ THANK YOU FOR READING 📚 💖 PLEASE KEEP SUPPORTING ME 🙏🏻 🥺 PLEASE LIKE COMMENT SHARE REVIWE AUR MUJHE FOLLOW JARUR KARE PLEASE 🙏🏻 ❤️ Bye bye piyare piyare readers 💖 🙋🏼♀️ Take care everyone ❤️ 💕
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जेसा की आप सभी ने पिछले chapter में पढ़ा था |
देविका ने गौरी से पूछा था। "बच्चा तुम्हें मेरे ऊपर भरोसा है ना"
गौरी ने भी देविका को मासूमियत से देख कर कहा था "हा आंटी मुझे आप पर पूरा भरोसा है"
देविका गौरी के मुँह से ये सून हलाका सा मुस्कुराता है। फिर थोड़ा झूठा गुस्सा दिखाते हुए कहते हैं "अरे तुम मुझे आंटी क्यों कह रही हो"।
गौरी देविका को ये गुस्सा करता देख गलत समझ लेती है। वो जल्दी से कहती है s.... so. .... सॉरी मिसेज राठौड़ "
देविका गौरी के मुँह से ये सुन उसके सर पर हल्की सी चपत मारते हुए कहती है "अरे पागल लड़की मेरा मतलब था कि तुम मुझे माँ क्यों नहीं कहती जैसी पलक कहती है मुझे बहुत अच्छा लगेगा "।
गौरी देविका की बात सुन वो इमोशनल हो जाती है और उसकी आंखों में फिर से आंसू आजाते हैं। वही देविका उसकी आँखों में आसु देख पूछती है "क्या हुआ बेटा अब ये आसु क्यू हा"
गौरी अपना सर ना मुझे हिला देती है और देविका को एक बार फिर गले लगाती है। देविका भी उसका सर प्यार से सहलती है।
वो गौरी से कहती है "बेटा एक बच्चा अपनी माँ को सब बता देता है तो क्या तुम मुझे नहीं बताओगी कि कल रात ऐसा क्या हुआ था"।
गौरी देविका की तरफ देखती है देविका गौरी की आँखों में ही देख रही थी जिसमें अब आसुओ ने जगह फिरसे बना ली थी।
देविका अब bed पर ही गौरी के बगल में बैठ चुकी थी। गौरी देविका की गोद में अपना सर रख लेती और उसको कल रात जो कुछ भी हुआ वो सब बताना शुरू करती है इस दौरन उसकी आँखों से आसु लगतर बेह रहे थे । देविका भी गौरी की बातें सुन रही थी और उसकी आँखों में भी आसु थे वो हल्के हल्के गौरी के सर पे हाथ फेर रही थी।
दूसरी तरफ़,
अभिमान गुस्से से कार बहुत स्पीड में ड्राइव कर रहा था और उसके पीछे ही वीर भी अपनी कार को लगाए था।
अभिमान की कार पर तभी फायरिंग होना शुरू हो जाती है।
वीर ने भी ये चीज़ नोटिस कर ली थी अभिमान की कार रुक चुकी थी। वीर ने भी उसकी कार के पीछे ही अपनी कार रोक दी थी। अभी भी लगातार फायरिंग हो रही थी। पर आस पास देखने में पता ही नहीं चल रहा था काहा से हो रही क्योंकि आस पास पूरा जंगल का इलाका था। अभिमान कार ड्राइव करते हुए ना जाने कहां जंगल में आ गया था।
राठौड़ परिवार के तो ना जाने कितने दुश्मन थे सब बस घात लगाए बैठे कि कब उनके हाथ कोई लगे और वो राठौड़ों को सबक सिखा सके।
पर आज शायद जो भी दुश्मन अपनी दुश्मनी निकालने आया था उसे पता नहीं था कि वो किस से पंगा ले रहा था क्योंकि आज तो शेर घायल था और आज तो वो और भी खतरनाक था।
अपनी कार पर फायरिंग होती देख। अभिमान की आँखे बिल्कुल dark हो जाती है। इधर वीर ने भी फायरिंग होती देख ली थी क्योंकि उसकी कार पर भी फायरिंग हो रही थी। इस वक्त वीर की भी आंखे आग उगलने लगी थी।
वीर ने सबसे पहले अपनी घड़ी पर लगे 1 बटन को दबाया था।
तभी उसने देखा अब फायरिंग बंद हो चुकी है। जब अभिमान ने ये देखा तो उसने खुद से ही कहा "लगता है आज सीकरी खुद सिकर होने आया है" और उसके lips पर एक devil smirk आजाती है |
अभिमान अपनी बंदूक निकलता है और कार में ही बेथे हुये पहले वो चारो तरफ देखता है। वो 2 गन को अपने हाथ में लेता है। एक को अपने पैंट में घुस्स लेता हे और दूसरे को हाथ में पकड़ बाहर निकलता है।
उसने अभी-अभी कार का गेट खोला ही था कि फायरिंग होनी शुरू हो जाती है।
अभिमान की smirk और बड़ी हो जाती है ये देख।
इधर वीर जो कार के अंदर से ही ये सब होते हुए देख रहा था उसे अंदाज़ा था क्या होने वाला है। वो खुद से कहता है अब क्या ही किया जाए जब सीकारी खुद चलकर शेर की गुफा में आ जाए। वो भी अपनी बंदूक लोड करता है और खिड़की का शीशा नीचे कर एक जगह शूट करता है।
इसके साथ एक आदमी ऊपर से नीचे टपक जाता है।
वीर भी अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कान के लिए कार का गेट खोलता है।
राठौड़ हवेली,
देविका इस टाइम रूम में अकेली ही बेथी हुई थी। गौरी इस समय बाथरूम में थी। देविका ने गौरी को fresh हो तैयार होने को बोला था।
थोड़ी ही देर में ,
Closet room का दरवाज़ा खुलता है और गौरी बहार आती है। गौरी ने एक रेड कलर का लॉन्ग फ्रॉक सूट पहना था। वो बाहर आके देखती है तो देविका वही रूम में थी। देविका ने भी गौरी की ओर देखा और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई, अब गौरी उस लाल सूट में इस समय किसी fresh गुलाब का फूल लग रही थी।
देविका ने कहा "बेटा तुम तैयार हो बाहर चले"। गौरी ने हा मैंने अपना सारा हिला दिया था।
गौरी ने इस समय कोई मेकअप नहीं किया था। उसके बाल खुले हुए लहरा रहे थे।
देविका गौरी को लेके बहार आती है।
सभी लोग अपने-अपने काम पर जा चुके थे पर कुछ अभी भी घर पे थे और वो सभी शायद अपने अपने कमरे में थे। बस दादाजी हाल में बैठे हुए news देख रहे थे।
उनकी नज़र भी गौरी पर जाती है। तोह गौरी को देख उनके चेहरे पर एक मुस्कान अजाती है। गौरी भी उनके पास है और उनके पेर छुटी है। तो दादा जी कहते हैं अरे बस बस बेटा इसकी जरूरत नहीं है और फिर तुम्हारी तोह तबियत भी खराब है।
गौरी बस एक फिक्की सी स्माइल कर देती है। तभी देविका कहती हैं पापा जी मैं गौरी को नाश्ता करवा दूं फिर इसको दवा भी देनी है। अभी वो हॉल से डाइनिंग एरिया की तरफ जाते की टी.वी. पर से एक न्यूज़ रिपोर्टर कहती है। राठौड़ परिवार के बेटों पर हुआ हमला अभी-अभी की ख़बरों से मालूम हो रहा है कि अभिमान सिंह राठौड़ और वीर सिंह राठौड़ पर उनके ही किसी दुश्मन ने किया भयानक हमला ।
वही ये खबर सुन सबके पेरो तले ज़मीन ही खिसक जाती है।
देविका तो अपने बेटों के बारे में ये खबर सुनती है बिल्कुल ही होश गवा देती है और धम्म से सोफ़े पर बैठ जाती है। वही उसके साइड में खड़ी गौरी वो तो आंखे फाड़े टीवी की ओर देख रही थी। जिसपर 2 cars बोहोत ही बुरी हालत में दिखा रहे थे ।
गौरी तो समझ ही नहीं पा रही थी उसकी जिंदगी में ये हो रहा है पिछले कुछ दिनों से।
रघुनाथ सिंह राठौड़ अब भी बड़ी ही शांति से अपनी गहरी आंखों से टीवी को ही देख रहे हैं।
पीछे से तभी किसी के गिरने की आवाज आती है।
तो आज का चैप्टर यह ख़तम होता है.
मिलते है कल नये चैप्टर के साथ।
तो क्या लगता है अभिमान और वीर बच जायेंगे अपने दुश्मन से या फिर हो जायेगा कोई बड़ा हादसा, क्या गौरी स्माल पायेगी खुदको कोन गिरा था, और रघुनाथ यानि कि अभिमान के दादाजी इतने शांत थे कि क्या उनको कुछ मालूम था। सभी सवालों के जवाब तो मिलेंगे पर उसके लिए मेरे साथ पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕✨️
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जेसा की आप सभी ने पिछले चैप्टर में पढ़ा।
टीवी पर न्यूज़ सुनके देविका और गौरी बहुत ही शॉक में हैं तभी पीछे से कुछ गिरने की आवाज़ आती है।
आब आगे,
गौरी जल्दी से पीछे मुड़के देखती तो उसे दिखता है कि पलक जमीं पर बेहोश पड़ी हुई थी।
गौरी खुदको स्मालते हुए जल्दी से पलक की तरफ जाती है।
देविका और दादा जी भी पलक के पास आते हैं। गौरी नीचे पलक को उठाती है। भाभी..... भाभी..... उठिये ना.
देविका अपने आसु पूछते हुए कहती है लगता है इसने ये खबर देख ली शायद बेहोश हो गई है। गौरी देविका की ओर देखती है।
दूसरी तरफ़,
जंगल के बीचो बीच एक खंडर में कुछ लोग 2 लोगो को घेरे हुए खड़े थे। तभी उन्हें गोली चलाने की आवाज आती है।
सभी लोग जो उन दोनों को घेरे हुए खड़े थे वो दूसरी तरफ हो जाते हैं जैसे किसी को आने का रास्ता दे रहे हो।
वही ये दोनो जो उन लोगो के बीच में बेहोश पड़े हुए थे ये कोई और नहीं अभिमान और वीर थे। तभी एक आदमी अपने चेहरे पर गंदी सी हंसी हस्ते हुए अंदर आता है। और कहते हैं " चू चू चू बिचारे Rathore brothers आख़िरकार मेरे चांगुल में आ ही गये हा हा हा हा। और तेज़ तेज़ हसने लगता है। उसकी ये हंसी सुन उसके बॉडीगार्ड्स भी मुस्कुराते लगते हैं।
पर वो सभी अंजान थे जो आगे होने वाला था। तभी एक गोली और चलती है। और जो आदमी अभी अपनी दाँत फाड़ रहा था वह एक दम से दर्द से चिल्ला उठाता है।
सभी बॉडीगार्ड तो हेरान रह जाते हैं कि ये क्या हुआ था। वो आपने आस पास देखे तो उन्हें बहुत से काले कपड़े पहनने वाले गार्ड ने घेर लिया था जिनकी uniform पर एक अलग तरह का निशान बना हुआ था।
तभी एक और गोली चलती है और सबका ध्यान अब गोली चलाने वाले पर था ये किसी और ने अभिमान ने नहीं चलाई थी।
तभी अभिमान अपनी आँखों में आग लिए गुस्से से खड़ा होता है। उसकी आंखे इस वक्त पूरी की पूरी लाल हो राखी थी। वो सीधे चलते हुए उस आदमी के करीब जाता है जो अभी अभी आया था और हंस रहा था।
वो आदमी इस वक्त दर्द से तड़प रहा था और नीचे बैठा हुआ था। अभिमान जाके उसको एक लत मारता है। और वो आदमी गिर जाता है। तभी अभिमान अपनी लाट उसके मुँह पर बेरहमी से रख उसे मसलने लगता है।
वो आदमी जिसके लिए एक गोली लगी हुई थी वो पहले से ही दर्द में तड़प रहा था। और अभिमान का एसा करना तो क्या ही बोला जाए अब वो बहुत बुरी तरह झटपटा रहा था।
अब वहा का पूरा मामला जो कुछ वक्त पहले तक ठीक था अब dangerous हो गया था। उस पूरे माहोल को और डरावना बना दिया था अभिमान की हंसी ने। अभिमान उस आदमी के मुंह को मसलते हुए जोर जोर से हंसने लगता है। वो कहता है कि अब मजा नहीं आ रहा गुप्ता। "बहुत शोक था ना तुझे तो Rathore brothers को अपने चांगुल में लेने का तो अब क्या हुआ हा हस ना और हस " और उसके मुंह में एक लाट दे देता है।
जिस से वो आदमी यानि कि गुप्ता दूर जा गिर जाता है। वही गुप्ता के बॉडीगार्ड्स की तो हालत ये देख कर ही ख़राब हो गई थी।
वीर वही खड़ा अभिमान का ये रूप देख रहा था। actual मैं तो वीर और अभिमान में से कोई बेहोश था ही नहीं वो तो बस सभी को बेवकूफ बना रहे थे।
वीर कहता है "अभि जल्दी ख़त्म कर ये सब ये न्यूज़ फ़ेल चुकी है, और घर पे भी सबको ख़बर मिल चुकी होगी इस हमले की सभी परेशानियाँ हो रहे होंगे"।
अभिमान वीर की बात सुन कोई react नहीं करता वो अपना काम करने में ही लगा रहता है । वो तो अभी गुप्ता को बेरेहमी से toucher कर रहा था, गुप्ता के सभी बॉडीगार्ड्स को उन काले कपड़े वाले अधमियो ने पकड़ लिया था। और उनको लेके चले गए. कुछ बॉडीगार्ड्स अब भी अभिमान और वीर के लिए वही खड़े थे।
अभिमान अब गुप्ता को मारने लगा तभी वीर जाके उसको गुप्ता से दूर करने लगता है और एक गार्ड को कुछ इशारा करता है। वो guard भी इशारा समझ जाता है। और गुप्ता को पकड़के ले जाने लगता गुप्ता की हालत बहुत खराब हो चुकी थी अब तक वो तो बेहोसी की हालत में था। वीर के इसे दूर करने से अभिमान एकदम अपने लाल गुस्से वाली आंखों से वीर की तरफ दिखता है। पर सामने वीर था ये देख अभिमान अपनी नज़र फेर लेता है।
वीर कहता है क्या बात है अभि ऐसा क्या हो गया जो तू इतने गुस्से में, मैं जानता हूं तू इस हमले की वजह से नहीं बल्कि किसी और वजह से है। तू सुबह भी गुस्से से घर से निकल गया था । और कल जो तूने गौरी के साथ किया वो सब क्या था।
अभिमान वीर के मुँह से गौरी का नाम सुन अब तो उसका पारा इतना high हो चुका था कि पुछो ही मत।
वो तेज़ गुराते हुए कहता भाईiii....... वीर अभिमान की तरफ देखता है तो अभिमान अपने गुस्से पर control करते हुए कहता है। भाई आप जानते हैं मेरे को कोई शादी नहीं करनी थी और वो लड़की वो लड़की मुझसे कितनी छोटी है। और फिर ये सब भी छोड़ो तो उस लड़की ने 1 बार में ही हा करदी शादी के लिए ऐसी लड़की सिर्फ पेसो की भूखी होती है। पेसो के लिए वो किसी का बिस्तर गरम कर ......इतना कहा ही था कि एक थप्पड़ अभिमान के गाल पर लगता है। जो कि वीर ने मारा था। वीर गुस्से से अभिमान को देखते हुए कहता हैं "अभिमान सिंह राठौड़ खबरदार जो अपने मुंह से एक शब्द और निकला "।
अभिमान तो शॉक होते हुए वीर को दिखता है। वही वीर इस वक्त गुस्से से अभिमान को ही देख रहा था। अभिमान कहता है भाई .. ....अभिमान की आँखों में भी गुस्सा आ गया था अब तक। आज से पहले तक वीर ने कभी भी अभिमान पर हाथ नहीं उठाया था। फ़िर ग़लती अभिमान की ही क्यूँ ना हो पर उसने कभी भी हाथ नहीं उठाया था।
अभिमान गुस्से से वाहा से जाने को होता है कि वीर उसे रोकते हुए कहता है मैंने जाने को नहीं कहा है अभी तुझे। अभिमान गुस्से में अपनी मुट्ठी कस लेता है।
वीर कहता तूने अभी कितनी घटिया बात बोली है वो भी अपनी बीवी के लिए अरे तुझे मालूम भी है उसने शादी की हा क्यू बोली, अभिमान अब भी कुछ नहीं कहता वीर गुस्से से कहता तूने हा किस वाझे से शादी की, अभिमान अब भी कुछ नहीं कहता तो वीर गुस्से से कहता अभिमान .... अभिमान कहता है "आप कहना क्या चाहते हो भाई" वीर कहते हैं जब तूने दादू की वजह से हा कि तो उस लड़की ने भी परिवार की वाझे से ही हा कि अरे तूने देखा भी था उसके पापा ने तो उस से पूछा तक नहीं था और हा करदी थी दादू को।
अरे उस बिचारी लड़की की यह time अपनी जिंदगी जीने की थी और उसकी तेरे जैसे एक राक्षस से शादी हो गई जिसने अपनी ही बीवी शादी की पहली रात ही कमरे से बाहर निकाल दिया।
तेरी शादी में तेरी दुल्हन भाग गई इसमें उस लड़की की क्या गलती है और उसकी बहन भी थी वो, जैसे तुझे ये शादी करनी पड़ी ना मजबूरी में वेसे ही उसे भी शादी करनी पड़ी उसकी फैमिली की इज्जत बचाने के लिए।
तूने तो उसे आऐ हुए पूरे 12 घंटे नहीं होने दिए और उसने इस स्थिति में पोहचा दिया ..........
तो अजका अध्याय ख़त्म होता है।
मिलते हैं कल नये चैप्टर के साथ।
क्या लगता है पलक क्यों बेहोश हुई होगी, कोन था ये गुप्ता क्या दुहमानी थी इसकी राठौड़ भाइयों से, क्या वीर को पता चलेगा कि अभिमान ने क्या सुलूक किया है गौरी के साथ, और क्या अभिमान को उसकी गलती का एहसास हो जाएगा। क्या अभिमान वीर की बातों से कुछ समझ आएगा या ले जाएगा इसको भी गलत ही सभी सवालो के जवाब जान ने के लिए मेरे साथ पढ़ना ना भूले MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️ .
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तो जैसा कि आपने पिछला चैप्टर पढ़ा था।
पलक बेहोश हो गिर जाती है वीर और अभिमान की खबरें देख कर और वीर ने अभिमान को थप्पड़ मारा था यहां तक सुना भी जा रहा था।
अब आगे,
तूने तो उस लड़की को घर आए 12 घंटे तक puure नहीं होने दिया और उसकी ये हालत कर दी।
अभिमान वीर को दिखता है। पर कुछ जवाब नहीं देता।
वीर कहता है "अभि वो बच्ची है और उसने शादी तुझसे तेरे पैसे और किसी गलत वाझे से नहीं की तूने एक मोका तक नहीं दिया वो लड़की अपने परिवार अपनी आजादी सब छोड़के तेरी और तेरी असली दुल्हन की वजह से यहां तेरे साथ शादी कर हाँ आयी है. और तूने क्या किया है उसके साथ"
अभिमान कहता है "भाई मैंने जो किया सही किया आप उस लड़की को नहीं समझ पाए"। वीर अभिमान को देखता है। अभिमान कहता है "और मान ली आपकी बात तो क्या भाई क्या हा आप जानते हैं मेरे को ये शादी नहीं करनी थी"।
वीर अभिमान के कंधे पर हाथ रख कहता हैं। "अभि मैं जनता हूं पर एक बार तू मोका तो दे उसे तुझे मालूम नहीं है और ना इस बात का अंदाज़ है कि तूने उस, मासूम का दिल कितनी बुरी तरह तोड़ा है कल रात। उसके भी कुछ सपने होंगे और इस जबरदस्त की शादी में उसने उन सभी को अपने अंदर ही रख लिया पर ये उसने शायद नहीं सोचा होगा कि उसका पति ऐसा हो सकता है"।
अभिमान गुस्से से कहता "भाई बार बार ये मासूम मासूम क्या लगा रखा है। कोई लड़की आजके टाइम में मासूम नहीं होती सब दिखावा होता है बस। और ये भी कोई अलग नहीं है "
वीर कुछ कहने को होता है कि अभिमान गुस्से से जंगल से बाहर की तरफ निकल जाता है। वीर अभिमान को जाता देख खुद से कहता है "अभिमान कहीं ऐसा न हो कि एक दिन तुझे खुदके बोले गए 1 1 शब्द पर इतना पछतावा हो पर तब तक बहुत देर हो चुकी हो"
राठौड़ हवेली ,
डॉक्टर पलक को चेक कर रही थी। बाकी सभी family members बहार खड़े हुए थे। गौरी भी चुपचप एक तरफ खड़ी थी क्योंकि वो देविका पलक के अलावा किसी को जानती नहीं थी। तभी डॉक्टर बाहर आ जाती है। सभी उसकी तरफ देखते हैं। डॉक्टर अपने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए कहती हैं "बधाई हो Mrs राठौड़ आपकी बहू pregnant है"। वही ये सुन सभी के चेहरे पर अभी तक जो टेंशन थी वो एकदम मुस्कुराहट में बदल जाती है। ।
देविका भी ये खबर सुन बहुत खुश थी। डॉक्टर कुछ बातों का ख्याल रखने का बोल वहां से चली जाती है। गौरी अब भी साइड से ही खड़ी थी शायद उसपर किसी ने इस टाइम ध्यान ही नहीं दिया था। वो बहुत खुश थी पलक के लिए पर अपने लिए उतनी ही दुखी थी।
सभी लोग रूम के अंदर चले जाते हैं पलक से मिलने के लिए। वही गौरी अब भी बहार ही खड़ी थी।
वो सोचती है कि उसे अंदर जाना चाहिए या नहीं।
सभी को अंदर गए हुए 5 मिनट हो जाती है अभी भी गौरी अपनी ही सोच में गुम थी।
अंदर पलक को सभी ने बधाई दी और पलक भी ये खबर सुन बहुत खुश थी। पर उसे याद आता है कि कुछ समय पहले उसने क्या देखा था टीवी पर और उसकी आँखों से आसू बेह जाते हैं।
पलक जल्दी से देविका के गले लग कहती है माँ... माँ... वीर को कुछ होगा तो नहीं कहा है वीर माँ... कैसे है वो....
तभी किसी की गहरी आवाज आती है "बिलकुल ठीक हूं मैं wifey" पलक सर उठाके कमरे के दरवाजे की तरफ देखती है। साथ ही मैंने सभी को देखा उस तरफ तो देखा कि वीर वही खड़ा था वो भी बिल्कुल सही सलामत।
ये देख पलक खुश हो जाती है। वही वीर अपने कमरे में सभी को देख और पलक को bed पर देख confusion में था।
वीर कहता हैं "आप सभी यहां क्या कोई बात है क्या" । तभी वीर एक लड़का जो वही खड़ा था वो कहता "भाई भाभी बिल्कुल ठीक है बाल्की न्यूज़ सुनिए आप भी बिल्कुल मस्त जो जाओगे"। वीर उस लड़के की तरफ देखता है। ये कोई और नहीं अरव सिंह राठौड़ था जो वीर और अभिमान के चाचा का बेटा है।
वीर को अब भी कुछ समझ नहीं आता है। देविका बिस्तर से उठ इधर उधर देखती है उसे गौरी कमरे में कहीं नहीं दिखती है। वो ये देख एकदम से घबरा जाती है। वो कहती है "गौरी गौरी कहा है"।
वीर अपनी माँ की बात सुन कहता "माँ वो तो कमरे के बाहर खड़ी है"। "पर हुआ क्या कोई मुझे बताएगा" तभी सभी एक साथ कहते हैं। ""तुम पापा बन ने वाले हो""। वीर को तो समझ ही नहीं आया उसके सर पे ये क्या बम फूटा एकदम से।
वीर जल्दी से पलक की ओर देखती पलक शर्मा कर अपनी नज़र नीचे कर लेती है। वीर रूम के अंदर आता है। वही सभी परिवार के सदस्य दोनों को समय देने के लिए बाहर निकल जाते हैं।
देविका बहार आके देखती तो गौरी अब भी वही खड़ी थी। देविका उसके पास जाके कहती "बेटा क्या हुआ तुम यहां क्यों अकेली खड़ी हो अंदर क्यों नहीं आई"।
गौरी इसका क्या जवाब दे उसे समझ ही नहीं आ रहा था। वो अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान करते हुए कुछ कहने कि कोसिस करती पर क्या कहती उसे खुद समझ नहीं आ रहा था।
देविका कहती है बेटा ये तुम्हारा भी घर है समझी तुम वही ये सून गौरी देविका को अपनी भरी हुई आँखों से देखती है। देविका कहती है कि इन सब में भूल ही गई तुम्हें दवा भी खानी है। चलो पहले चलकर कुछ कहो तुम फिर दवा खानी है तुम्हें।
देविका गौरी को लेके नीचे डाइनिंग एरिया में आजाति है। देविका गौरी को खाना खिलाती है। तभी अरव आके कहता बड़ी माँ मुझे भी भूख लगी है। और पीछे से देविका को गले लगाता है। वही गौरी ये देखती है पर वो अरव को नहीं जानती थी। तभी देविका कहती है बेटा मैं तुम्हारे लिए भी प्लेट लगाती हू । अरव की नज़र फिर गौरी पर जाती है।
वो कहता अरे भाभी आपसे तो introduction हो ही नहीं पया पर कोई नहीं अभी देता हूं तो "myself arav singh rathore आपका छोटा सा प्यारा सा और सबसे handsome देवर" उसके इस तरह बोलने से गौरी के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आजाती है। वही उसको मुस्कुराता देख अरव अपने दिल पर हाथ रख flirting करते हुये कहता है "उफ्फ...... भाभी रहम करो अपने इस मासूम से देवर पर आप तो अपनी मुस्कुराहट से ही मार डालोगी लगता है मुझे"।
देविका गौरी को स्माइल करते देख उसके चेहरे पर भी स्माइल आजाती है।
अरव की बात सुन गौरी खिलखिलाकर हंसने लगती है।
उसकी प्यारी सी हंसी पूरे area में गूंज जाती है।
तभी एकदम से गौरी हसना रोक एक तरफ देखने लगती है...
Toh ajka chapter yahi khatam hota hai .
Milte hai kal new chapter ke sath ...... 🤧 🤧 🤧
क्या लगता है वीर की बातों का असर हुआ होगा अभिमान पर, और वीर अकेला ही आया क्या घर वापस अभिमान कहा गया, क्या गौरी को अपना पाएगी पुरी राठौड़ परिवार, कैसा रहेगा गौरी का आगे का सफर, गौरी क्यू एकदम से हंसते हुए रुक गई ऐसा क्या देख लिया उसने . सभी सवालो के जवाब जान ने के लिए मेरे साथ पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️
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Sorry for late update piyare readers par mere exam lagtar the aab gap mil gaya toh m daily kosis karugi ki update krdu 😁 .
Aap sabhi ko story kesi lag rahi pls comments me jarur bataye .
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me dekh rhi hu comments nhi kar rahe ho sabhi kyu bhai kya ho gya hai Shanti se comments karo samjhe aur like bhi . 🫣 😒 😒 😒 . Jaldi jaldi comments karo chalo ftafat.
तो जैसा कि आप सभी ने पिछले चैप्टर में पढ़ा था।
आरव गौरी से flirting कर रहा था जिसकी वजह से गौरी खिलखिलाती थी। पर उसकी हंसी एक दम से बंद हो जाती है।
अब आगे,
देविका और गौरी के ऐसे हंसने से जो मुस्कुरा रही थी। वो एकदम से उसे रुका देख उसकी ओर देखता है। गौरी अभी एक दिशा में देख रही थी। देविका और अरव भी उसकी नजरों का पीछा करते हैं। तोह उन्हें समझ आता है गौरी एकदम से इसे क्यों रुक गई हसते हसते । क्योंकि अभिमान था सामने।
अभिमान जो तभी वीर के साथ ही घर आया था। वो सीधे आके रूम में जाता है क्योंकि उसके कपड़ों पर गुप्ता का खून लगा था और बहुत ही गंदे भी हो चुके थे।
अभिमान अभी अपने कपड़े में बदलाव कर नीचे आया था। तभी उसके कानों में किसी की मीठी सी हंसी की आवाज जाती है। वो आवाज का पीछा करते हुए डाइनिंग एरिया में चला आता है।
और अपने सामने गौरी को ऐसे खिल खिलाके हस्ता हुआ देख वो उसकी हंसी में ही कहीं खो जाता है। पर तभी गौरी की नज़र उस् पर जाती है। और एक बार फिर उसके सामने कल जो भी अभिमान ने किया वो एक reel की तरह गुम जाता है. वो बेथी बेथी ही डर से कपने लगती है। इधर उसकी ये हालत देविका अरव और अभिमान से छुपी नहीं थी।
अभिमान एक नज़र गौरी को देख गुस्से से वाहा से सीधे ऊपर अपने floor पर चला जाता है वो सीधे जिम में जाता है।
उसके दिमाग में इस समय वीर की बोली हुई सभी बातें चल रही थी। वही उसकी आँखों के सामने अभी भी गौरी का ऐसा खुलकर हंसता हुआ खुबसूरत और मासूम चेहरा आ रहा था।
उस्का frustration गुस्से में बदल चुका था। वो गुस्से से punching bag पर पंच करने लगता है बार-बार उसके सामने गौरी को सुबह कमरे के बाहर बेहोश पड़े देखना, कल रात उसकी आशु भरी आंखें, और आज उसको ऐसा हस्ता हुआ देखना यहीं सब चल रहा था। साथ में ही वीर की बोली हुई बाते।
इधर नीचे डाइनिंग हॉल में,
गौरी एकदम से अभिमान को देख एकदम से चुप हो जाती है। और नीचे सर करके खुदमे ही खुदको समेटती है। वही ये चीज़ देविका भी देखती है। उसको बहुत बुरा लगता है गौरी को ऐसे देख कर।
पर उसने मन ही मन बहुत कुछ थान लिया था गौरी के लिए वो गौरी को ऐसा कामजोर नहीं रहने दे सकती थी देविका जानती थी जो कुछ भी हुआ है उसमें गौरी की कोई भी गलती नहीं है। अगर किसी की गलती है तो वो तिया की है, अभिमान की है, तो सजा गौरी को क्यों मिले।
वो गौरी के पास जाके उसके साइड वाली कुर्सी पर बैठ जाती है। सामने ही अरव भी बैठा था उसे भी गौरी को ऐसे देख अच्छा नहीं लग रहा था। गौरी से उमर में वो बड़ा ही था।
देविका गौरी के चेहरे को ऊपर करती है। गौरी भी अपनी उदास आँखों से देविका को देखती है। देविका उसको देख कुछ नहीं कहती बस प्लेट में से उसको अपने हाथों से खाना खिलाने लगती है। गौरी भी चुपचप अपनी सासु मां के हाथों से खा रही थी। ये देख अरव भी मुस्कुराने लगता है।
वो थोडा नोटंकी करते हुए खेता है। बड़ी माँ ये तो गलत बात है, भाई कितनी बड़ी नाइंसाफी है। गौरी और देविका उसकी बात सुनो उसकी ओर confusion से देखती है |
देविका कहती है क्या नाईसाफी है अरव बेटा।
अरव मुँह बनाते हुए कहते हैं "बड़ी माँ आप भाभी के आने से मुझे भूल गई अपने इस छोटे से पियारे से बेटे को और सारा प्यार सिर्फ भाभी के लिए that's not fair " और वो अपना मुँह फुलाके बैठ जाता है। वही उसको ऐसे बच्चों की तरह नोटंकी करता देख गौरी को हंसी आ जाती है।
अरव भी गौरी को जब हंसते हुए देखा तो उसको बहुत अच्छा लगता है। क्योंकि उसको गौरी को ऐसा उदास नहीं देखा जा रहा था। अरव थोड़ी और नोटंकी करता हुआ कहता है "हा हा भाभी आप हसलो हसलो हह" देविका भी उसकी नोटंकी देख मुस्कुराती हुई प्यार से कहती है। "बेटा तुम भी आ जाओ मैं तुमको भी अपने हाथों से खिला देती हूँ"
ऐसी ही हंसी खुशी से देविका गौरी और अरव को अपने हाथों से प्यार से खिलाती है।
फिर वो गौरी को लेके अभी तो guest room मैं ही ले आती हैं | क्योंकि उसको मालूम था कि गौरी को अभिमान के कमरे में ले जाना ठीक नहीं है।
वो गौरी को उसकी दवा देती है और उसको आराम करने का बोलती है।
अभी वो जाने को होती है गौरी देविका का हाथ पकड़ रोक लेती है।
देविका गौरी के तरफ देख प्यार से पूछती है "क्या हुआ बेटा कुछ चाहिए , कोई प्रॉब्लम है क्या"
गौरी देविका का सवाल सुन ना मैं सारा हिला देती हैं। गौरी को समझ नहीं आ रहा वो देविका से कैसे बोले अपने मन की बात को।
देविका उसकी हिचकीचाट समझ जाती है वो उसके साइड में ही बेथ उसका हाथ पकड़ कहती है।" बेटा बच्चा अपनी माँ से बेझिझक कुछ भी बोल सकता है और तुम भी तो मेरी बेटी ही तो हो ना तो बताओ क्या परेशानी है हा " |
गौरी देविका की तरफ देखती है फिर अपना सर नीचे कर कहती है। "मां क्या मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर सकती हूं मेरा मतलब है वो...वो मैं क्या....क्या कॉलेज जा...जा सकती हूं.. सकती हूं..." गौरी अपनी उम्मीद भरी आँखों से देविका को देखने लगती है।
देविका को गौरी की बात सुनो बहुत ख़ुशी होती है। वो मुस्कुराते हुए कहती है बच्चा ये बात बोलने में तुम्हे इतना डर लग रहा था और मुझे क्या समस्या होगी तुम्हारी पदाई से मैं तो खुद चाहती हू कि तुम बहुत strong बनो।
गौरी देविका की बात सुनती है और उसकी ओर देखती है। तो देविका भी प्यार से उसकी ओर ही देख रही थी। गौरी थोड़ी हिचकिचाती हुई कहती है पर...पर माँ....वो... बाकी... उम् .... बाकी लोग , देविका गौरी को बीच में ही काट ते हुई कहती है अरे कोई कुछ नहीं कहेगा बच्चा बल्कि सबको खुशी ही होगी। पर गौरी अब भी देविका को ही देख रही थी। गौरी देविका की बात सुन खुश हो जाती है पर उसके दिमाग में फिर एक ख्याल आता है और उसका चेहरा फिर से मुर्झा जाता है।
देविका भी ये चीज़ देखती है। गौरी कहती है माँ अगर.... Mr . Rathore ने मना कर दिया तो.... देविका भी उसकी बात सुन समझ जाती है। गौरी अभिमान की बात कर रही है।
देविका कहती है "उसकी टेंशन तुम मत लो और तुम कल से ही अपना कॉलेज शुरू करोगी बाकी सब मुझ पर् छोड़ दो मुझे सबको बता दूंगी इस बारे में"। और गौरी के सर पे प्यार से हाथ फेरती है फिर गौरी को आराम करने का बोल बाहर निकल जाता है।
गौरी भी खुश हो जाती है क्योंकि उसकी उसकी पडाई पूरी करनी थी , उसके उसके सपने पूरे करने थे जो अब वो कर सकती है इसलिए वो बहुत खुश थी।
देविका बहार आती है देखती है हाल में इस टाइम पर रघुनाथ राठौड़ थे। वो उनके पास जाती है। रघुनाथ भी उसकी ओर देखते हैं और कहते हैं "देविका बेटा कैसी है अब गौरी की तबीयत"।
देविका कहती है "पापा जी उसकी तबीयत अब ठीक है मैं अभी उसको दावा खिला उसको थोड़ा आराम करने का केह के i हू |
देविका की बात सून रघुनाथ अपना सार हा में हिलाते हैं। तभी देविका कहती है "पापा जी गौरी अपनी पडाई पूरी करना चाहती है"।
रघुनाथ राठौड़ भी उसकी बात सुन रहे हैं "ये तो अच्छी बात है वैसे भी वो अभी बच्ची ही है उसको उसकी पडाई पूरी करनी भी चाहिए हमें कोई दिक्कत नहीं है, वो कर सकती है , और देविका बेटा ये बात आपको हमसे पूछने की जरूरत नहीं है गौरी को जो करना है वो कर सकती है जैसे पलक बहू कम बेटी है, इस घर की वैसी ही , गौरी भी बहू कम बेटी है भले ही शादी केसे भी हुई हो और फिर इन सब में उसकी क्या गलती है" |
देविका भी ये सुन खुश हो जाती है। वो कहती है पापा जी मैंने भी गौरी को उसको कल से ही कॉलेज जाने को कह दिया जितना वो यहां रहेगी उतना सब चीजें के बारे में सोचेगी। रघुनाथ भी अपना सर हा मै हिलाते है। फ़िर देविका वहां से चली जाती है।
तो आज का अध्याय यही ख़तम होता है।
मिलते हैं कल नये चैप्टर के साथ।
तो क्या लगता है अभिमान को हो रहा है अपने किये पर पछतावा, और क्या गौरी जा पायेगी कॉलेज, क्या सोच रखा है देविका ने ऐसी गौरी को कामजोर देख कर। और क्या होगा जब पता चलेगा गौरी को उसके ही प्रोफेसर हैं उसके पति, क्या अभिमान गौरी को कॉलेज जाने देगा। सभी सवालो के जवाब मिलेंगे जब आप मेरे साथ पढ़ते रहें MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️
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जैसा आप सभी ने पिछले चैप्टर में पढ़ा। गौरी ने अपनी पढ़ाई करने की बात देविका को बताई थी। देविका ने भी उससे हा करदी थी। गौरी इस बात से बहुत खुश थी। रघुनाथ राठौड़ ने भी गौरी की पढ़ाई के लिए हा करदी थी।
अब आगे,
रात का समय,
सभी लोग डिनर के लिए डाइनिंग एरिया में आ रहे थे।
सभी family members आ चुके थे सिवाए अभिमान के और गौरी के।
देविका एक प्लेट में खाना लगा रही थी वीर कहती है "मां आप ये किसके लिए लगा रही हो" देविका कहती है "ये गौरी के लिए है"। रघुनाथ कहते हैं "देविका बेटा गौरी को भी यहीं ले आओ वो भी सभी के साथ ही डिनर करेगी वहा अकेली रूम में क्यू ही करेगी जब सभी है"।' देविका थोड़ा सोचती है फिर वो गौरी को लेने रूम में चली जाती है।
देविका के जाते ही अभिमान डाइनिंग एरिया में आता है। और वो अपनी chair पर बैठ जाता है आके ।
अभिमान सभी को एक नज़र दिखता है। पर किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया था क्योंकि उसने जो भी गौरी के साथ किया था उससे कोई भी खुश नहीं था। तभी देविका गौरी को लेके डाइनिंग एरिया में आती है।
उसे देख रघुनाथ गौरी से पूछते हुए कहते हैं। "बेटा अब कैसी तबीयत है तुम्हारी"। गौरी की नज़र अब तक अभिमान पर नहीं थी वो नीचे सर किये हुए देविका के साथ आ रही थी।
गौरी दादी जी की तरफ देख मुस्कुराहट करते हुए अपनी मीठी सी आवाज़ में ढेर से कहती हैं "अब ठीक हैं दादा जी"।
अभिमान की नज़र भी गौरी पर थी। गौरी की नज़र अब अभिमान पर जाती है। वही गौरी अब तक जो मुस्कुरा रही थी। वो अभिमान को देखते ही एकदम से उसके चेहरे से गायब हो जाती है।
ये चीज़ वाह बेथे सभी ने नोटिस किया था। देविका गौरी को अपनी साइड वाली chair पर बेठती है. देविका ने अभिमान पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया और कहा कि देख कर भी नजरंदाज कर दिया था।
अभिमान ने भी ये चीज़ नोटिस की थी उसने अपनी मुट्ठी गुस्से में कास ली थी। उसको अब लग रहा था कि उसकी फैमिली ही उसे आज इतनी नाराज़ है ये भी सिर्फ गौरी की वजह से है। वो एक नज़र घूर के गौरी को देखता है।
गौरी बेचारी ने तो जबसे अभिमान को देखा था तबसे वो हल्का हल्का काप रही थी और अपना चेहरा नीचे ही करके रखा था। देविका गौरी की हालत को समझ रही थी पर क्या करती वो भी पर उसने ये तो थान रखी थी कि आज नहीं तो कल वो गौरी के मान से ये डर निकल देगी।
सभी लोग शांति से अपना अपना डिनर करते हैं। अभिमान भी चुपचप अपना डिनर करता है। फिर अभिमान सबसे पहले उठके अपने floor की तरफ चला जाता है |
तभी रघुनाथ कहते हैं "गौरी बेटा आप कल से कॉलेज शुरू कर रही हैं हमने सुना है, आप किस कॉलेज में हैं"। गौरी के चेहरे पर ये सुन मुस्कुराहट आजाती है वो कहती है "हम R.R international college , मैं हू "| ये सुन सभी उसकी तरफ देखते हैं। क्योंकि ये कॉलेज तो राठौड़ों का ही कॉलेज था। और यही वह कॉलेज था जिसका अभिमान भी पढ़ता था। रघुनाथ राठौड़ कहते हैं "ये तो बहुत अच्छी बात है आपको पता ये हमारा ही कॉलेज है"।
देविका कहती है गौरी बेटा मैं तुम्हें सभी से मिलवाती हूं सब इतनी जल्दी जल्दी मैं हुआ और फिर सुबह से भी इतना कुछ हो गया कि तुम सबसे मिल ही नहीं पाई थी। कोई नहीं अब मिल लो |
देविका कहती है ये है दादा जी इनको तो जानती ही हो। गौरी भी अपना सर धीरे से हा मैं हिला देती है।
फ़िर देविका कहती है ये है मेरे पति और वीर और अभिमान के पापा JAIVEER RATHORE गौरी एक छोटी सी मुस्कान कर उनको देखती है जयवीर भी गौरी को देख मुस्कुरा कर अपना सर हिलाते हैं। जयवीर एक बोहोत बड़े बिजनेसमैन है। अब भी राठौड़ कंपनी के चेयरमैन हैं।
फ़िर देविका वीर की ओर इशारा करती और कहती। ये है मेरे बड़े बेटे वीर सिंह राठौड़। वीर भी मुस्कुराते हुए गौरी को देखता है।
देविका पलक की ओर इशारा कर कहती है ये पलक वीर की पत्नी। गौरी मुस्कान कर पलक को देखती है।
देविका कहती है ये अरव इस से दोपहर में मिल ली तुम है। अरव कहता है कोई नहीं भाभी आपका ये पियारा or cute सा देवर फिर अपना introduction डे देगा अरव अपना हाथ आगे कर कहता है hello भाभी myself arav rathore यह घरका छोटा बेटा और सबसे हैंडसम भी। गौरी को उसके इस अलग तरह के introduction से हंसी आती है। सभी गौरी को हंसते हुए देखकर मुस्कुराते है ।
तभी देविका कहती है अभी 2 लोग याहा नहीं है तुम्हारा बड़ा देवर अदिति सिंह राठौड़ और दूसरी तुम्हारी छोटी ननद आलिया राठौड़।
गौरी स्माइल कर देविका को देख हा मैं सर हिलाती हूं।
तभी दादा जी ठीक है सभी को शुभ रात्रि 😴 हम अपने कमरे में जा रहे हैं।
जयवीर भी उठके चले जाते हैं। देविका गौरी को ले जाती की अरव कहती बड़ी माँ आप भाभी को यहीं रहने दीजिए ना वैसे भी वीर भाई पार्टी देंगे तो हम सभी मजे करेंगे फिर पलक भाभी को रूम में छोड़ देगी।
देविका कुछ कहती है इस से पहले वीर अपनी एक आइब्रो उठा कहती है मैं कोनसी पार्टी दे रहा हूं अरव मुंह बनाते हुए कहता है भाई... हद है इतनी बड़ी good news मिली है और कोई पार्टी भी नहीं that's not fair. Atleast एक ice-cream party तो बनती है |
देविका कहती है ठीक है बच्चों में जा रही हूं अपने कमरे में तुम सब करलो जो करना और हा गौरी तुम अपनी दवाएं लेना और जल्दी जाना टाइम से ही कल कॉलेज जाना है बच्चे। गौरी भी मुस्कुरा कर हा मे सर हिला देती है।
वही वीर माना करने को होता है की पलक उसको अपनी puppy eyes से देख रही थी वीर जब अरव की तरफ देखता तो अरव भी उसको puppy eyes से देख रहा था , ये देख देविका हस्ते हुए वहां से अपने कमरे की तरफ चली जाती है।
गौरी भी पलक और अरव के साथ comfortable हो गई थी गौरी जब पलक और अरव को ऐसी दिखती तो वो खिलखिला कर हंसने लगती है। वही उसको ऐसा हस्ता हुआ देख वीर पलक और अरव की नज़र भी गौरी पर जाती है। गौरी बहुत ही मासूम सी लग रही थी।
2 जोड़ी आंखें और थी जो ऊपर से गौरी की हंसी को ही देख रही थी। ये कोई और अभिमान हीं था जो किसी काम से नीचे आ रहा था पर बीच में ही रुक वो गौरी को ऐसे हसता देख वो उसी को रुक देखे जा रहा था।
वीर कहता ठीक है ठीक है चलो तो।
पलक खुशी से वीर के गालों पर किस कर देती है। वही ये देख अरव तो सिटी मारता है। और इधर गौरी को पलक ऐसे देख उसकी गाल गुलाबी हो जाती है। वही पलक शायद भूल गई थी कि वो अभी अरव और गौरी के साथ है।
जब उसे ध्यान अता तो वो भी blush करने लगती है उसको ऐसे देख वीर उसके कान में कहता है धीरे से। "जान क्यों ना हम आइसक्रीम का प्लान कैंसिल करें। और क्यू ना मै मेरे dessert को room मे enjoy karu क्या कहती हो", वीर की इतनी बेशर्मी भारी बात सुन्न पलक तो शर्म से पानी-पानी हो गई थी। वो वीर के हाथ पर हल्के से मरती है। वीर के चेहरे पर उसका blushing face देख कर smrik आजाती है |
अरव खस्ते हुए कहते हैं बस बस हम सिंगल पर रहम करो भाई आप दोनों अपने रोमांस को रूम में continue करना अभी चलो आइसक्रीम पार्टी के लिए।
पलक अरव की बात सुन ब्लश करने लगती है। वही गौरी भी वीर और पलक को ही देख रही थी। उसके चेहरे पर इस समय एक मुस्कान थी पर उसकी आँखों में कुछ अनकहे दर्द थे, जो शायद कोई नहीं देख पाया। वही ऊपर खड़े अभिमान ने सब कुछ देख लिया था।
ऐसे ही वो सभी आइसक्रीम पार्टी के लिए निकल जाते हैं।
सुबहे का समय,
गौरी अपने बिस्तर पर सो रही थी। तभी कोई उसके कमरे का गेट खटखटाता है। पर हमारी गौरी तो शायद घोड़े गधे सब बेचकर सो रही थी।
तो अजका chapter यही ख़तम होता है
मिलते हैं कल नये चैप्टर के साथ।
ab suru hone vali hai gauri ki college life toh dekhte hai kya hoga aage 👀 🤭 😁 .
तो क्या लगता है अभिमान को पता चलेगा कि गौरी कॉलेज जाएगी। वो भी उसी कॉलेज में है जिसका अभिमान पढ़ता है। क्या अभिमान जो गौरी के लिए सोचता है वो बदलाव कर पाएगा। कैसा रहेगा गौरी की शादी के बाद कॉलेज का पहला दिन। और कौन है गेट पर जो knock कर रहा है | सब जान ने के लिए मेरे साथ पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️
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Piyare piyare readers please yrr like or comments kia kare or share bhi kro noval ko kahi iski bhi reach kam na ho jaye pls yrr views badao .
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तो जैसा कि आप सभी ने पढ़ा था पिछले chapter मे।
गौरी अपने सपनों की दुनिया में थी वही कोई बाहर खड़ा उसके गेट पर नॉक करने जा रहा था।
अब आगे,
गौरी तो अब भी घोड़े गधे सब बेच कर सो रही थी। वही दूर के बाहर खड़ी पलक जब कोई response नहीं पाती तो वो थोड़ा घबरा जाती है। क्योंकि पलक इतनी देर से गेट नॉक कर रही थी।
पलक अभी भी कुछ करती है देविका आती हुई कहती है "क्या हुआ बेटा तुमने गौरी को नहीं देखा वो तैयार हुई भी है या नहीं वो late हो जाएगी कॉलेज के लिए।"
पलक कहती है मम्मी मे दरवाजे को knock कर रही हु इतनी देर से पर गौरी का कोई जवाब नहीं आया। ये सुन देविका कहती क्या...
तभी वाहा जयवीर आते हुए कहते हैं क्या हुआ आप दोनों यहां ऐसे क्यों खड़ी हुई हैं।
देविका सीधे एक maid से उस room की दूसरी key लाने के लिए कहती है। वो तीनो ही वाहा परेशान से खड़े थे अभी तक पलक ने भी जयवीर को सब कुछ बता दिया था। आब वो तिनो ही थोड़े टेंशन में लग रहे थे।
तभी वो maid key लेके अजाती है, देविका जल्दी से उस से चाबी लेके गौरी के कमरे का गेट खोलती है।
और वो सभी जल्दी से अन्दर चले जाती है। पर अंदर का नजारा देख वो तीनो शॉक हो एक दूसरे को देखते है।
क्यूकी बिस्तर पर गौरी मजे से सो रही थी। उसे तो बहार की दुनिया से कोई मतलब नहीं था। वही वो बोहोत ही फनी स्टाइल में सो रही थी।
ये देख पलक देविका और जयवीर तिनो को ही हंसी आजाती है क्योंकि तिनो ने ही ना जाने क्या सोच लिया था।
फिर जयवीर राठौड़ के कमरे से बाहर चले जाते हैं। देविका और पलक एक दूसरे को देखते हैं और फिर गौरी को, दोनों ही अपनी हंसी नहीं रोक पाते और हंसते लगते हैं। वही इतना सब हो गया था पर गौरी उसके कानों में तो जू तक ना रेगे वो तो मस्त अपनी नींद पूरी कर रही थी। (बिल्कुल मेरी तरह सोना बहुत ज़रूरी है दुनिया में क्या हो रहा है उससे हमारा क्या ही लेना देना)।
देविका कहती है कि " मैं इसको उठाती हूं क्योंकि अगर ऐसी ही सोती रही तो ना जाने कब कॉलेज जाएगी।"
देविका bed पार बैठे हुए गौरी के सर पर हाथ फेरती है। देविका प्यार से कहती है " गौरी बच्चे उठो देखो सुबह हो गई है। और तुम्हें कॉलेज के लिए देर हो रही है"। पर हमारी प्यारी सी गौरी के कानों में तो जैसी आवाज ही नहीं गई थी। वो अपना सारा तकिया से उठा देविका की गोद में रख लेती है और उसको गले लगाते हुए फिर से सो जाती है।
ये देख देविका के चेहरे पर मुस्कुराहट आजाती है। देविका को गौरी बहुत ही प्यारी और मासूम बच्ची लगती थी। पलक को ये देख हंसी आजाती है।
देविका गौरी को फिर से उठे हुए कहती है "गौरी उठो बच्चे तुम्हारे कॉलेज के लिए देर हो रही है"। देविका गौरी को थोड़ा सा हिलाती है। गौरी भी देविका की ऐसी थोड़ी देर लगतर उठने की वजह से गौरी थोड़ी देर के बाद अपनी थोड़ी सी आंख खोलती है। वो लाइट की वजह से फिर से आंखें बंद कर लेती है। वो अपनी मासूमियत भरी पियारी सी आवाज में कहती है। "माँ सोने दो ना प्लीज़ "।
गौरी तो ये समझ रही थी कि वो अपने घर में शर्मs के साथ है और राधिका यानी की उसकी मां उसको उठा रही है।
देविका प्यार से कहती है " बेटा कॉलेज के लिए देर हो रही है"।
वही गौरी ये आवाज सुन अपनी आंखे जल्दी से खोलती है तो उसे सबसे पहले देविका दिखती है। वो इधर उधर देखती है तो उसे पलक भी दिखती है वही खड़ी हुई। तभी उसे याद आता है कि उसकी तो शादी हो चुकी है। और इस वक्त वो अपने घर में नहीं राठौड़ हवेली में है। और उसको उसकी माँ नहीं बल्कि देविका उठा रही थी।
ये सब याद कर गौरी की आँखो में आसु आ जाता है। देविका गौरी को प्यार से गले लगते हुए उसके माथे पर चूमते हुए कहते हैं। "बेटा कुछ नहीं हुआ चलो अब जल्दी से तैयार हो जाओ। वरना तुम लेट हो जाओगे कॉलेज के लिए। "
गौरी देविका के इस प्यार को देख उसकी माँ की याद आजाती है। वो देविका को और कसके गले लगा लेती है। देविका भी उसकी पीठ सहलाती है और फिर गौरी दूर होती है। देविका कहती है कि तुम जल्दी से तैयार हो जाओ ठीक है और कुछ चाहिए हो तो बताना ठीक है। गौरी अपना सारा हा माई हिलाती है।
गौरी थोड़ा हिचकिचाते हुए कहती है माँ....वो...वो...मेरे कपडे....। गौरी की शादी ही ऐसी हुई थी कि वो कपडे तो छोड़ो कुछ भी नहीं लाई थी अपना।
देविका गौरी को देख कहती है " तुम उसकी चिंता नहीं करो मैंने कुछ कपड़े रखे हैं और तुम्हारी ज़रूरत का सब सामान भी बाकी है आज मैनेज करो लो , तुम कॉलेज से आओगी तो फिर मैं तुम्हें लेके शॉपिंग पर चालूगी ठीक है। "
गौरी ने जब देविका की बात सुनी तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आती है। उसे देविका बहुत अच्छी लगती है।
गौरी जल्दी से हा मे सर हिलाती है। वही पलक ये सब खड़े हुए मुस्कुराते हुए देख रही थी। तभी उसकी नज़र दीवार घड़ी पर पड़ती है। वो कहती है "गौरी जल्दी करो वरना तुम्हें कॉलेज के लिए देर हो जाएगा"।
गौरी भी जल्दी से हा मे सर हिलाके बाथरूम मे भाग जाति है। वही उसके इस बचपने पर पलक और देविका दोनों को ही हंसी आती है।
दूसरी तरफ़,
अभिमान के कमरे में ,
अभिमान रोज़ की तरह जल्दी उठ जाता है। वो सबसे पहले जिम करता है फिर करीब 2 घंटे जिम करने के बाद वो रूम में वापस आता है।
वोह इस समय बोहोत ही sexy लग रहा था उसकी पूरी बॉडी पसीने में नहीं हुई थी। उसकी टी शर्ट पूरी उसकी बॉडी से चिपकी हुई थी। जिस से उसकी मस्कुलर बॉडी साफ imagine की जा सकती थी |
अभिमान जल्दी से नहाने के लिए वॉशरूम के अंदर चला जाता है।
थोड़ी ही देर बाद अभिमान सिर्फ एक तौलिया अपने कमर पर लपेटे हुए बाहर आता है।
आब अभिमान की muscular well maintained body नज़र आ रही थी, वही अभिमान के बालों से टपकता हुआ पानी उसके 8 packs abs से होते हुए तौलिया मैं चला जा रहा था।
अभिमान जल्दी से कॉलेज के लिए तैयार होने लगता है।
अभिमान closet room मैं जाता हूं और एक black shirt with black pant पेहेन के बाहर आता है वो , और mirror के सामने खड़ा हो अपना बाल सेट करता है। यह पूरे time अभिमान का चेहरा expressionless ही था .
इधर गौरी के room मे ,
गौरी जल्दी से गिरती पड़ती हुई वॉशरूम से एक bathrobe पेहने बहार आति है | और जल्दी जल्दी तैयार होने लगती है।
गौरी सबसे पहले अपने लंबे बालों को सुखाती है dryer की मदद से । फ़िर वो देविका ने जो उसके लिये कपडे रखे थे उनको change करने के लिए closet room मैं चली जाती है |
वो अपने कपडे देख हेरान थी क्योंकि देविका ने एक short kurti और wide leg jeans राखी थी | ऐसा नहीं था गौरी ऐसे कपड़े नहीं पहचानती थी। बाल्की उसको तो ये बहुत पसंद था पर वो कल ही शादी करके इस घर में आई तो क्या उसके दिमाग में यहीं सब चल रहा था।
तभी उसको कमरे के बाहर से नॉक करने की आवाज़ आती है बाहर कोई और नहीं देविका थी। देविका कहती हैं, "गौरी बेटा तुम तैयार हो गई या नहीं जल्दी तैयार हो बेटा देर हो जाएगा तुमको वरना"।
गौरी को समझ नहीं आता है कि वो ये पहने या नहीं गौरी बाहर निकलती है। देविका उसके रूम में ही थी अभी, देविका गौरी को देख कहती बेटा तुम अभी तैयार नहीं हुई बहुत देर हो जाएगी तुम्हें। चलो जल्दी तैयार हो जाके. गौरी कहती माँ.... ये ये कपड़े.... देविका कहती है "क्या तुम्हें पसंद नहीं ऐ कोई बात नहीं बेटा आज मैनेज करो बस बाकी आज तुम अपनी पसंद के लिए आना। "
गौरी कहती "नहीं माँ मेरे कहने का मतलब है कि..." वो थोड़ी रुकती है। फ़िर वो कहती "माँ....क्या मैं ये पहन सकती हूँ...मतलब...वो...उम......" गौरी को शब्द नहीं मिल रहे थे वो बोले तो क्या बोले. ........ कैसे बोले देविका को |
देविका गौरी के ऐसे हिचकिचाने से और बातों से समझ गई थी कि गौरी क्या कहना चाह रही थी।
देविका कहती है "बेटा तुम कॉलेज जा रही हो और कॉलेज में तो सभी लड़कियां ऐसे ही कपड़े पहनती हैं। और फिर तुम हमारे लिए आलिया की तरह ही हो जो पहचानो ठीक है। गौरी देविका को देखती है।"
देविका जल्दी करते हुए कहती है। गौरी जल्दी जाओ बेटा तैयार होके आओ जल्दी से वरना तुम्हें बहुत देर हो जाएगी।
गौरी भी एक नज़र दीवार घड़ी को देखती है फिर जल्दी से closet room मैं चली जाती है , और थोड़ी ही देर में जल्दी जल्दी बाहर आती है।
गौरू जल्दी से mirror के सामने खड़े हो अपने बाल बनाती है। फिर वो अपनी आँखों में काजल लगाती है और अपने माथे पर एक छोटी सी बिंदी लगाती है। और होठों पर एक लिप बाम लगा अब वो तैयार थी।
उसने बाकी अपने सुहाग की निशानियां छुपा ली थी। जिस से उसको देख कोई नहीं बता सकता था कि उसकी शादी हो चुकी है।
गौरी अपने आप को एक बार फिर mirror मैं देखती हूं, तभी उसकी नजर टाइम पर जाती है। वो जल्दी से बाहर निकलती है रूम से।
गौरी सीधे मुख्य हॉल में अजाती है।
वाहा पर सभी बैठे हुए थे वही सभी को देख गौरी एक बांध से रुक जाती है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो ऐसे अपने ससुराल वालों के सामने कैसे जाए।
तभी अरव की नज़र गौरी पर जाती है। वो गौरी को देखते हुए कहता हैं "अरे भाभी आप तो कितनी क्यूट लग रही हो ।" अरव की बात सुनो सबकी नज़र गौरी पर चली जाती है। रघुनाथ राठौड़ गौरी को देख कहते हैं।" गौरी बेटा आप वहां क्यों खड़ी हैं आओ हम सभी आपका ही इंतजार कर रहे हैं"।
गौरी दादा जी को confusion से देखती है, वही गौरी को ऐसे कंफ्यूज देख पलक कहती है "अरे दादा जी के कहने का मतलब था कि हम तुम्हारा इंतजार कर रहे थे। चलो अब सभी नाश्ता करते हैं फिर तुम्हें कॉलेज भी जाना है।"
गौरी को अब समझ आता है कि सभी उसका नाश्ता के लिए इंतजार कर रहे हैं। ये देख और सबका अपने लिए इतना प्यार देख उसको बहुत अच्छा लगता है।
सभी डाइनिंग एरिया में जाके चुपचाप नाश्ता करते हैं। देविका ने इस बात का बहुत अच्छे से ध्यान रखा था कि गौरी ठीक से खाए।
सभी का नाश्ता हो गया था। तभी देविका गौरी को देख कहती है। बेटा ये तुम्हारा कॉलेज बैग गौरी देखी है वो एक ब्लैक कलर का ना ज्यादा बड़ा ना छोटा बैग था।
गौरी देविका से बैग लेती है देविका कहती है" इसमें तुम्हारी दवा भी रख दी है। और तुम अरव के साथ कॉलेज चली जाओ और कोई दिक्कत हो तो अरव भी उसी कॉलेज में है तुम उसको बोल सकती हो।"
अरव कहता बड़ी मा मे कार निकलता हूं भाभी आप जल्दी से बाहर आ जाओ और वो बाहर की ओर चला जाता है।
गौरी सभी की ओर देखती है। तोह सभी उसको पियारी सी स्माइल दे रहे थे। वही पलक आगे आ गौरी को गले लगाते हुए कहती है। "अच्छे से पढाई करना और कोई भी बात अगर हो तो मुझे कॉल करना ठीक है। "
गौरी भी हा मैं सर हिलाती है। पर तभी उसे याद आया कि जल्दी जल्दी इस शादी में वो अपना फोन तो लेके आई ही नहीं थी। .
तभी देविका उसकी तरफ एक बॉक्स बड़ा देती है। गौरी देविका को देखती है. देविका कहती है "मुझे मालूम है तुम्हारा फ़ोन नहीं है। तो ये तुम्हारा नया फ़ोन है।"
देविका गौरी से कहती है "इसमें सभी का नंबर सेव है तुम्हें कोई भी परेशान कर सकता हूं मुझे कॉल करना चाहिए वरना किसी को भी कॉल करना ठीक है। "
गौरी छोटी सी स्माइल किये हा मे सर हिलाती है। तभी सभी को बाहर से कार के horn की आवाज आती है, देविका गौरी के गालों पर थपथपाते हुए कहती जल्दी जाओ वरना देर हो जाओगी ठीक है। गौरी भी हा मे सर हिलाती है।
तो अजका अध्याय यही ख़तम होता है।
मिलते है कल new chapter के साथ ।
तो क्या लगता है अभिमान को पता है कि गौरी कॉलेज जा रही है। वो भी गौरी उसी के कॉलेज में है। और अगर नहीं पता अभिमान , तो वो गौरी को कॉलेज में देख कैसे react करेगा, और कैसा जाएगा शादी के बाद गौरी का कॉलेज का पहला दिन। सब जान ने के लिए मेरे साथ पढ़ते रहिए MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY 💕 ✨️
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जैसा कि आप सभी ने पढ़ा पिछले चैप्टर में।
अरव बहार कार निकलने चला जाता है। दीपिका गौरी को उसका नया मोबाइल देती है।
अब आगे,
गौरी सबसे पहले रघुनाथ राठौड़ के आगे झुक उनका आशीर्वाद लेती है। रघुनाथ गौरी को ऐसा करते हुए देखें, उन्हें बहुत खुशी होती है कि इतनी छोटी होने के बावजूद भी गौरी के संस्कार बहुत अच्छे हैं। वो गौरी के सर पे हाथ रख आशीर्वाद देते हैं "खूब खुश रहो बेटा अच्छे से पढाई करना"। गौरी उनको देख मुस्कुराती है और वो जयवीर राठौड़ के पास जा झुकती है। तो जयवीर उसको पहले ही रोक लेते हैं और प्यार से गौरी के सर पे हाथ फेरते हुए कहते हैं "बेटियाँ पैर नहीं छूटती है"। गौरी उनको ऐसा करते हुए देख उसकी आँखे भर आती है क्योंकि उसे उसके पापा की याद आती है।
तभी सभी को कार के हॉर्न की आवाज आती है। गौरी जल्दी से वीर की तरफ जा अभी झुकती है वीर भी उसको रोकते हुए कहता है "लगता है गौरी तुमने पापा की बात सुनी नहीं बेटियां और बहनें पैर नहीं छूटती हैं"।
गौरी की आँखों में पहले ही आसू थे वीर के ऐसे अपने पान से बोलने से उसके आसू गालों पर आजाते हैं। वीर प्यार से उसके आसु पोच कहता है।" अरे अरे बच्चे आप रो क्यों रही हो ऐसे रोते नहीं हम्म। और कोई भी बात हो कॉलेज में तो अपने इस भाई को कॉल करना ठीक है।" गौरी भी मुस्कुराके अपना सारा हा मैं हिला देती हूं।
फिर गौरी देविका राठौड़ के पास जाती है , देविका तो गौरी को सीधे अपने गले से लगाती है। वो गौरी के माथे को चुंमते हुए कहती हैं " बच्चे अच्छे से पढ़ना ठीक है और कोई भी दिक्कत हो तो डरना मत अपनी इस मां को बताना ठीक है। अब जल्दी जाओ वरना अभी अंदर ही आ जाएगा। "
गौरी भी जल्दी से सभी की तरफ एक बार देख main gate की तरफ चली जाती है । उसके बहार निकलते ही ऊपर से अभिमान नीचे आता है बिल्कुल तैयार। अभिमान black शर्ट और black पैंट में , बाल बिल्कुल gel से सेट, हाथ में रोलेक्स की घड़ी। इसमें ही वो बहुत ज्यादा हैंडसम लग रहा था।
वो अपने expressionless face के साथ नीचे आ सभी को एक नज़र दिखता है। पर बदले में किसी ने उसकी ओर नहीं देखा था। उसको ये देख गौरी पर बहुत गुस्सा आ रही थी। आज तक उसकी मां जो हमें उसकी इतनी फिक्र करती थी वो आज उससे बात तो छोड़ो देख तक नहीं रही है सिर्फ उस कल की आई लड़की की वजह से। ऐसा अभिमान सोच रहा था ।
अभिमान एक नज़र सभी को दिखता है। फिर वो बिना कुछ बोले सीधे गुस्से में घर से निकल जाता है।
उसको ऐसे जाता देख पलक देविका से कहती है "मम्मी अगर अभिमान को पता चल गया कि गौरी कॉलेज जाती है वो भी उसी के कॉलेज में जहां वो प्रोफेसर है तो।
देविका अभिमान को पीछे से जाता देख कहती है। "पलक हम सिर्फ गौरी को रास्ता दिखा सकते हैं उसपर चलना उसको ही पड़ेगा अब उसके रास्ते में काटे है या फूल ये तो आगे ही पता चलेगा। पर अगर काटे भी हुए तो हम मरहम लेके हमेशा उसके पास ही खड़े मिलेंगे उसको। हम जानते हैं उस बच्ची की इन्साब में कोई गलती नहीं है फिर भी बिचारी इतना सब सह रही है। "
दूसरी तरफ़,
गौरी के बहार आते ही अरव जल्दी से उसके लिए पैसेंजर सीट का गेट खोल उसको थोड़ा सा झुक बैठने के लिए कहता है " छोटी सी भाभी आपका स्वागत है अरव राठौड़ की बिल्लो रानी में" ।
गौरी अरव को घुर्के दिखती है। अरव गौरी को अपनी बत्ती सी दिखा देता है।
अरव गौरी के बेटे के बाद जल्दी से खुद ड्राइविंग सीट पर बैठता है और कार को राठौड़ हवेली से निकल सीधे कॉलेज को तरफ ले जाता है।
तबी अरव कहता है "भाभी आपको पता है सबको मेरी बिल्लो रानी में बैठने का मौका नहीं मिलता है वो तो आप बहुत खुशनसीब हैं।"
गौरी अरव की तरफ देख कहती है "बिल्लो रानी ये कौन है" अरव गौरी की तरफ देख कहती है "भाभी आप जिस कार में बैठी है यही है मेरी बिल्लो रानी"। उसके मुँह से ये सुन गौरी की छूट जाती है। वो हंसते हुए कहते हैं अरव भाई seriously से हाहाहाहा आप... हाहा.... अपने ..... हाहा .... बिल्लो रानी .... हाहा रखा है वो भी कार का नाम। गौरी ऐसे हंसते हुए बहुत हाय प्यारी लग रही थी। हसते हुए उसके गालों पर डिंपल भी पढ़ रहे थे जो उसको और क्यूट बना रहे थे।
अरव अपनी टेडी आंखे कर थोड़ा गुस्सा होने की acting करते हुए कहते हैं. भाभी इसमें इतना खी खी करने वाली कौन सी बात है। जो आपको इतनी हंसी आ रही है।
अभी गौरी कुछ कहती है और कार रोकती है। गौरी इधर उधर देखती है तो वो लोग कॉलेज पोहच गए थे।
इधर,
आरव की कार राठौड़ हवेली से निकले ही अभिमान थोड़े गुस्से में बाहर आता हुआ दिखता है।
अभिमान का ड्राइवर और बॉडीगार्ड उसकी कार तैयार हैं, खड़े हैं। अभिमान सीधे एक attitude मैं चलते हुए अपनी ब्लैक रोल्स-रॉयस के पास आता हूं। एक बॉडीगार्ड जल्दी से उसके लिए उसकी कार का गेट खोलता है।
अभिमान भी कार में बैठ जाता है। ड्राइवर कार स्टार्ट करके कॉलेज के लिए निकल लेता है।
अभिमान अपने लैपटॉप में कुछ कर रहा था।
कॉलेज में,
कॉलेज कैंपस बहुत ही बड़ा था। बहुत सारे बच्चे ग्रुप बना के बात कर रहे थे वही ग्राउंड में खड़े। कुछ अभी भी आ रहे हैं. तभी सभी की नजर कॉलेज के main gate पार जाती है तो कॉलेज के गेट से एक बहुत ही लग्जरी ब्लैक स्पोर्ट्स कार अंदर आ रही थी।
वाह खादी सभी लड़कियों में खुसुर फुसुर होने लगती है जैसे वो जानती हो ये कार किसकी है।
वो कार आके रुकती है, उस कार का गेट खुलता है। हमसे एक हैंडसम सा लड़का निकलता है। जिसे देख लड़की तो आहे भरने लगती थी। तो ये कोई और नहीं आरव राठौड़ थे। अरव जल्दी से कार से उतर दूसरी साइड जाता वही सभी उसको दूसरी साइड जाता देख बहुत हीरां होते हैं।
क्यूकी ये पहली बार था कि अरे किसी के लिए गेट खोलो। अरव कॉलेज में बहुत ही rude टाइप लड़का था जिसे किसी से कोई मतलब नहीं था।
अरव दूसरी तरफ का गेट खुलता है और उस तरफ से गौरी बाहर आती है। वही एक लड़की को वो भी अरव सिंह राठौड़ की कार से बाहर आता देख सभी लड़कियों का दिल चूर चूर हो गया था। उनको गौरी से बहुत जलन महसूस होती है।
तो अजका अध्याय यही ख़तम होता है।
मिलते है कल नये चैप्टर के साथ।
क्या लगता है अभिमान को पता चलेगा कि गौरी कॉलेज गई है। और अगर उसको पता चला तो वो कैसे react करेगा, कैसा जाएगा गौरी का पहला दिन शादी के बाद कॉलेज में, सभी लोग क्या सोचेंगे गौरी को अरव की कार से निकलता देख, और जब ये खबर अभिमान तक जाएगी तो उसका क्या रिएक्शन होगा सभी अच्छी जान ने के लिए मेरे साथ पढ़ते रहिये MY RUTHLESS PROFESSOR HUBBY ♥️ 😀 ✨️
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