Novel Cover Image

Huaa Deewana Tera

User Avatar

Nandini Avatare

Comments

0

Views

2

Ratings

0

Read Now

Description

"कहते है प्यार एक ऐसी चीज है जो किसी भी इंसान को बहोत ही ताकतवर बना देती है और और बहोत ही ज्यादा कमजोर भी। चाहे वो इंसान कितना ही क्यों ना कठोर और बेदर्द क्यों ना हो लेकिन प्यार उसके अंदर भी जज्बात भर ही देता है, ये कहानी विरांशु रायचंद की है विरांशु...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. Huaa Deewana Tera - Chapter 1

    Words: 2050

    Estimated Reading Time: 13 min

    "चार महीने बाद"... रायचंद मेंशन "- मुंबई के एक पोर्च एरिया में बना आलीशान महल जैसा खूबसूरत और बड़ा सा बंगलो" जिस पर बड़े - बड़े आक्षरों में लिखा था रायचंद मेंशन। पहले से इस बंगलो का लुक थोड़ा चेंज हो गया था, रायचंद मेंशन के एक बेहद खूबसूरत से कमरे में कायनात आलीशान बेड पर आराम से सो रही थी, विरांशु  ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा होकर ऑफिस के लिए रेडी हो रहा था और बार बार पीछे मुड़ कर कायनात को देख रहा था "...!!! विरांशु का खुद पर कम और कायनात पर ज्यादा ध्यान था। विरांशु जल्दी जल्दी में रेडी हो गया और धीमी कदमों से कायनात के पास आ गया, और कायनात के बगल में बैठ गया और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए उसे प्यार से उठाते और बोला "- विरांशु - प्रिंसेस...उठिए बच्चा मुझे ऑफिस जाना हैं। आपको रेडी भी करना है, चलिए बच्चा जल्दी से उठिए मुझे रेडी करने दीजिए आपको। आपको पता हैं ना बच्चा जब तक मैं आपको रेडी कर के आपने हाथों से खाना ना खिला दू तब तक मैं खुद भी खाना नही खाता हूं, pls जान उठ जाइए ना"...!!! विरांशु के ऐसे उठाने से कायनात की आंखे खुल गई और वो टुकुर टुकुर विरांशु को देखने लगी, विरांशु ने मुस्कुराकर आगे बढ़ कर कायनात के माथे को चूम लिया और प्यार से बोला"- विरांशु - Good Morning Jaan"...!!! विरांशु की बात सुन कर कायनात उठ कर बेड पर बैठ गई, और विरांशु को घूरते हुए आपने क्यूट से गुस्से से बोली"- कायनात - काहे की गुड मॉर्निंग? आपने हमारी गुड मॉर्निंग को bad मॉर्निंग बना दिया हैं, एक तो आप रात भर हमे सोने नही देते हो और सुबह भी जल्दी ही उठा देते हो। आपको पता भी है हमे हमारी नींद कितनी प्यारी है, पर जब से हमारी शादी हुई है आपने हमारा सोना हराम किया हुआ हैं"...!!! कायनात की बात सुनकर विरांशु हसने लगा और कायनात को आपने गोद में बैठा कर उसकी नाक से अपनी नाक रगड़ते हुए बोला"- विरांशु - प्रिंसेस...आपके लिए आपकी नींद मुझ से भी ज्यादा प्यारी हैं"...? कायनात विरांशु को देखने लगी विरांशु भी उसे ही देख रहा था और उसके जवाब का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था, कायनात कुछ देर तो विरांशु को देखती रही फिर मासूम सा मुंह बना कर बेहद मासूमियत से बोली"- कायनात - आप बहुत बहुत बहुत ज्यादा प्यारे हो, पर निंद आप से थोड़ा ज्यादा प्यारी हैं वीर"...!!! इतना कहकर कायनात विरांशु को देखने लगी, विरांशु कायनात को बात सुनकर पहले तो मुस्कुराने लगा। पर जैसे ही उसने कायनात की लास्ट लाइन सुनी उसकी आंखे सिकुड़ गई, और विरांशु कायनात को हल्के गुस्से से घूरने लगा। विरांशु कायनात का उतरा हुआ चेहरा देख कर जोर जोर से हंसने लगी, और हस्ते हुए विरांशु को देखते हुए बोली"- कायनात - वीर हम मजाक कर रहे थे, आप का चेहरा तो देखो कैसा हो गया हैं"...!!! विरांशु ने कायनात की बात सुन कर भी कुछ रिएक्ट नही किया और उसे आपनी गोद में से नीचे उतार कर उसे बेड पर बैठा दिया, और कायनात से आपनी नजरे फेर कर बैठ गया। कायनात ने मासूम सा चेहरा बना लिया और विरांशु के सामने जाकर आपने घुटनो के बाल बैठ गई। विरांशु ने अभी भी कुछ नही कहा और बिना कायनात की तरफ देखे वैसे ही बैठा रहा, कायनात ने विरांशु के चेहरे को आपने दोनो हाथों में थाम लिया और उसके माथे को बड़े प्यार से चूम लिया। विरांशु की आंखे अलग से सुकून से बंद हो गई " कायनात ने विरांशु के माथे और दोनो आंखो को चूम लिया फिर उसके दोनों गालों को चूम लिया और उसके होंठो को देखने लगी"...!!! विरांशु ने भी अपनी आंखे खोल ली और कायनात को देखने लगा जो एक टक उसके होंठों को देख रही थी। जब विरांशु ने देखा की कायनात एक टक उसके होंठों को देख रही हैं तो उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई, और जल्दी से गायब भी हो गई। विरांशु जान बूझ कर कायनात को इग्नोर करने की कोशिश कर रहा था ताकि उसकी प्रिंसेस खुद उसके करीब आए उसके होंठो को प्यार से चूमे। विरांशु ने कायनात पर से आपनी नजरे हटा ली और दूसरी तरफ देखने लगा "...!!! विरांशु के ऐसे नजरे फेरने से कायनात बैचैन हो उठी" उसने विरांशु के चेहरे को अपने हाथों में थाम लिया। और बिना एक पल की भी देरी किए विरांशु के सक्त तपते होंठो पर आपने मुलायम नाजुक से होंठ रख दिए, और बेहद प्यार और इमोशन से उसके होंठो को धीरे धीरे चूमने लगी "...!!! विरांशु बिना कुछ रिएक्ट किए चुप चाप से बैठा हुआ था, पर जैसे ही उसे आपने सक्त होंठों पर कायनात के नाजुक से मुलायम होंठों का स्पर्श हुआ, विरांशू का रोम रोम खिल उठा। विरांशु ने कस कर कायनात की कमर को पकड़ लिया और उसे और आपने करीब कर लिया, और उसके चेहरे पर अपना चेहरा झुकाने लगा"...!!! कायनात अपनी आंखे बंद कर के धीरे - धीरे उसके होंठो को चूम रही थी और विरांशु अपनी आंखे बंद कर के उसके किस को महसूस कर रहा था। कायनात के होंठों के स्पर्श से विरांशु बेकाबू हो रहा था और खुद को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। कायनात एक छोटी सी किस करके विरांशु से दूर होने लगी तो विरांशु ने उसके होंठो को अपने मुंह में भर लिया। और उसके होंठो पर टूट पड़ा "...!!! कायनात ने भी अपनी आंखे बंद कर ली और धीरे धीरे विरांशु का साथ देने लगी, कायनात का साथ मिलते ही विरांशु और ज्यादा बेकाबू होकर उसके होंठो को चूमने लगा काटने लगा। विरांशु बेकाबू होकर कायनात के होंठों को चूम रहा था और उसकी कमर को मसल रहा था। कायनात के पूरे शरीर पर रौंगटे खड़े हो गए थे उसका पूरा बदन कांप रहा था" उसे बस यही डर सता रहा था की विरांशु अभी इस से ज्यादा आगे ना बढे, अभी इन सब चीजों को सहने की कायनात में बिल्कुल भी हिम्मत नही थी। अगर विरांशु एक बार शुरू हो गया तो वो दो तीन घंटे तक बिल्कुल भी नही रुकने वाला था"...!!! कायनात विरांशु से दूर होने लगी तो विरांशु ने उसे कसकर पकड़ लिया, और उसकी आंखों में देखते हुए बेशुमार प्यार और हक से बोला"- विरांशु - कहा जा रहे हो आप प्रिंसेस? आपको पता हैं ना आप मुझे छोड़ कर कही भी नही जा सकते हो। आपको पूरी जिंदगी मेरे साथ रहना हैं मेरी बाहों में मेरी बनकर, मुझे प्यार करने के लिए तयार हो जाइए my little wify"...!!! विरांशु की बात सुनकर कायनात घबरा गई और परेशान होते हुए बोली"- कायनात - अभी नहीं प्लीज...आप जो करना चाहते है वो अभी मत कीजिए। आपको पता हैं ना हमे कालेज जाना है, और आपको ऑफिस जाना हैं"...!!! कायनात के मासूम से चेहरे और उसकी मासूमियत भरी बातों को सुनकर विरांशू को आपनी प्रिंसेस पर बहुत ज्यादा प्यार आ रहा था। विरांशु ने एक बार फिर से कायनात के होंठो पर आपने होंठ रख दिए और उसके होंठो को बेहद प्यार से चूमने लगा। कुछ देर बाद विरांशु ने कायनात को खुद से दूर कर दिया और उसे बेड पर लिटा कर खुद भी उसके ऊपर झुकने लगा " कायनात घबराते हुए विरांशु को देखने लगी, वही विरांशु कायनात के पूरे शरीर को अजीब तरह से मसलते हुए देखने लगा"...!!! विरांशु ने कायनात के नाइट सूट के नोड को खींच लिया तो कायनात का सीना हल्का हल्का सा दिखने लगा। कायनात डरते हुए विरांशु को देखने लगी और खुद में ही सिमटने लगी। विरांशु ने कायनात के सभी कपड़े उतार दिए और उस से दूर हो गया। और खुद के भी कपड़े उतारने लगा, अब विरांशु और कायनात दोनों एक दूसरे के सामने पूरी तरह से निर्वस्त्र थे। कायनात तो शर्म और डर की वजह से विरांशु से नजरे तक नही मिला पा रही थी, विरांशु एक बार फिर से उसके ऊपर आ गया और उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए "...!!! विरांशु दीवानों की तरह कायनात के होंठो को चूम रहा था और उसके पूरे बदन को सहला रहा था। दोनों के बदन उत्तेजित हो चुके थे और एक दूसरे के होने के लिए आतुर थे, विरांशु के आरामान तो सातवे आसमान पर थे और कायनात को एक बार फिर से हासिल करने की मदहोशी उसके सिर चढ़ चुकी थी। विरांशु कायनात को आपने बाहों में भर कर बेतहाशा उसे चूम रहा था और कायनात आपनी आंखे बंद कर के उसके प्यार को महसूस कर रही थी"...!!! कायनात को बेहद सुकून मिल रहा था विरांशु के करीब आने से पर उसे अभी ये सब करना भी नही था। क्योंकि अभी इन सब चीजों के लिए बिल्कुल भी टाइम नही था, कायनात विरांशु को रोक भी नही पा रही थी और ना ही वो खुद रुकना चाहती थी। कायनात खुद मदहोश हो रही थी और ये सब करने के लिए बेताब हुए जा रही थी "...!!! धीरे धीरे विरांशु उसके गले पर आ गया और उसके गले को चूमने लगा। कायनात आपनी आंखे बंद कर के विरांशु को महसूस कर रही थी, और विरांशु उसके होंठो से होते हुए उसके गले को चूम रहा था। कायनात के मुंह से सिसकियां निकल रही थी और उसे सुनकर विरांशु पागल हुए जा रहा था। विरांशु कायनात के गले को चूमते हुए उसके सीने को मसल रहा था और कायनात हसीन सिसकियां ले रही थी"...!!! कुछ देर बाद विरांशु कायनात के चेहरे के पास आया और उसे पागलों की तरह और दीवानों की तरह देखते हुए बोला"- विरांशु - I Love You Princess"...!!! विरांशु की बात सुनकर कायनात के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई। विरांशु ने कायनात के दोनों हाथो को पकड़ लिया और बेड पर रख कर, उसके अंदर इंटर हो गया। कायनात की दर्द भरी चीख पूरे रूम में गूंज उठी, और उसके आंखों की कोर से आंसू बहने लगे। विरांशु कुछ देर रुक गया, और फिर से कायनात को प्यार करने लगा। दोनो आपने चरम पर पहुंच गए थे। उस ठंडे रूम में भी दोनों के बदन पसीने से लथपथ हो गए थे "...!!! कायनात आंखे बंद कर के हसीन सिसकियां ले रही थी विरांशु का नाम ले रही थी। कायनात के मुंह से खुद का नाम सुनकर विरांशु को काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था, और वो तेजी से उसे प्यार कर रहा था। लगभग तीन घंटे बाद विरांशु रुका और तेज तेज सांसे लेते हुए कायनात के बगल में लेट गया। विरांशु ने कायनात को देखा जो आपनी आंखे बंद कर के लेटी गहरी गहरी सांसे ले रही थी, विरांशु ने प्यार से कायनात को देखा और उसे आपने बाहों में भर लिया "...!!! कुछ देर बाद विरांशु ने कायनात को आपने गोद में उठा लिया, और उसे अपने साथ लेकर वॉशरूम में चला गया" विरांशु ने आपनी प्रिंसेस को अच्छे से क्लीन किया और उसे बाथरोब पहना कर खुद की  कमर पर टॉवल लपेट लिया। और कायनात को लेकर रूम में आ गया"...!!! विरांशु ने कायनात को धीरे से बेड पर लिटा दिया और और उसके माथे को चूम कर बड़े प्यार से बोला - विरांशु - "प्रिंसेस... आप थोड़ी देर आराम कीजिए। मैं बस अभी आया ओके"...!!! कायनात ने कुछ नहीं कहा बस हा में सिर हिला दिया। विरांशु ने मुस्कुराकर कायनात के होंठों को हल्के से चूम लिया, और उसके गालों को सहलाते हुए क्लोजेट रूम की तरफ चला गया। उसके जाने के बाद कायनात ने धीरे से आपने होंठों को छू लिया और मुस्कुराने लगी" उसके आंखो के सामने कुछ देर पहले के पल घूमने लगे। जिसे याद कर के कायनात के होंठों पर शर्मिली मुस्कुराहट आ गई " कायनात ने ब्लैंकेट को आपने ऊपर ओढ लिया और विरांशु को याद करते हुए शरमाने लगी"...!!! विरांशु ने ब्लैक बिजनेस सूट पहन लिया और वापस रूम में आ गया। और कायनात को देखने लगा जो अपने चेहरे तक ब्लैंकेट लेकर सो रही थी" विरांशु के चेहरे पर हल्की हल्की सी मुस्कुराहट आ गई कायनात को देख कर, विरांशु मुसकुराते हुए मिरर के सामने जाकर खड़ा रेडी गया और ऑफिस के लिए रेडी होने लगा"...!!! कुछ समय में ही विरांशु ऑफिस जाने के लिए पूरी तरह से रेडी हो चुका था। उसने टेबल पर रखा अपना फोन उठा लिया और एक नजर कायनात को देखकर रूम मे से बाहर चला गया" कायनात अभी भी आपने ऊपर ब्लैंकेट लिए सो रही थी। एक बार फिर से उसकी आंख लग गई थी और वो गहरी नींद में सो रही थीं"...!!! Guy's Agar Support Huaa Tabhi Ye Story Aage Continue Rahegi...❤️❤️

  • 2. Huaa Deewana Tera - Chapter 2

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 3. Huaa Deewana Tera - Chapter 3

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min