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माफिया खूंखार लवर गर्ल

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Riya Sahu

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ये कहानी है एक ऐसे लड़के की है जिसको सिर्फ ल़डकियों में बहुत इंट्रेस्ट है लेकिन ये हर लड़की को वैसा ही समझते है जेसे ये खुद है और यहा दो बहनो की कहानी है और उनकी माँ जिनका नाम सुमित्रा देवी है यहा इनकी बड़ी बेटी का नाम प्रीति और छोटी बेटी का नाम बुलब...

Total Chapters (4)

Page 1 of 1

  • 1. माफिया खूंखार लवर गर्ल - Chapter 1

    Words: 1508

    Estimated Reading Time: 10 min

    प्रीति और बुलबुल निकल जाते है कॉलेज के लिए तभी वही कार फिर निकालती है दोनों बहनो पर कीछड़ उछाल ती हुई चली जाती है और बुलबुल गाड़ी रोक एक पत्थर उठा उस कार के पीछे वाले सीसे मे मार देती है बुलबुल को बहुत गुस्सा आ रहा था ये क्या किया सारे कपड़े खरब कर दिए इसने दी देख ना प्रीति कहती हैं तू चिंता मत कर हम वापिस से बदल लेगे कपड़े दी आप बहुत भोली हो कबतक ईन जैसे लोगों को सहोगी वो देख वो कार पीछे आ रही है प्रीति कहती हैं तूने पत्थर फेंका है अब पता नहीं वो क्या करेगा हमारे साथ मे... बुलबुल कहती आप बहुत डरती हो आने तो दो इस राइस ज्यादे को बाहर तभी कार पीछे कर्ता हुआ वो वापिस से कीचार बुलबुल पर उच्चता देता है लेकिन इस बार प्रीति चुप रहने बाली नहीं थी क्युकी उसने उसकी बहन पर कीचड़ फेंका था प्रीति उसके पास जाकर कार को नोक करती है और कहती है बाहर निकलो निकलो बाहर तभी उसके से एक लड़की बाहर निकालती है और वो दोनों पर बहुत हस रही थी बुलबुल पास मे आकर ओ बिगड़ी हुई बाप की olad मे तो सोची थी कि कोई लड़का होगा लेकिन तू तो पापा की पारी कार उड़ाते हुई चल रहीं हैं दिखता नहीं कभी आशमान से धरती पर भी देख लिया कर तभी मिस घमंडी बोलती है घमंडी लड़की का नाम दिया है. माइंड योर टंग. बुलबुल कहती हैं क्या क्या सुनाईं नहीं दिया दुबारा तो बोल बुलबुल उसके मजे लेते हुई बोलती है लेकिन दिया कहती हैं बहुत बोल लिया तुम लोगों ने मेने सुन लिया ये लो पैसे और ड्रेस चंगे कर लो और अब मुझे जाने दो. ओ मेडम rice zadi ज्यादा पैसे मत दिखाओ हमारा जो तुमने time खरब कर दिया है उसको कैसे menege करेगे हम लोग तुम्हरी बजह से हम कितना लेट हो गए पता है तुम्हें ऊपर से अब घर जना पड़ेगा कपड़े बदलने के लिए.. दिया बुलबुल को इग्नोर करते हुई वापिस कार मे बैठने लगती है तभी बुलबुल कहती हैं ओ मेडम कहा चली भरपाई कोण करेगा. तो दिया कहती है दे तो रहीं हू पेसे लेलो वेसे भी तुम जेसे गरीब लोगों की okad ही क्या होती है बोल कितने पैसे चाइये तभी बुलबुल कहती हैं हमे तेरे पैसे नहीं हमे अपना hishb करना है और नीचे पड़ी मिट्टी उठाकर दिया के चेहरे और कपडों पर लगा देती है अब हुआ हिसाब बराबर बुलबुल कहती हैं प्रीति कहती हैं ये क्या कर दिया दूने तभी दिया बुलबुल को गुस्से से घूरते हुई छोड़ेगी नहीं तुम लोगों को ये कहते हुई दिया अपनी कार मे बैठ गुस्से से चली जाती है उसके आखों मे गुस्सा और हल्के आशु थे क्युकी कभी किसी ने उसके साथ ऐसा नहीं किया था इस बजह से उसने किसी के साथ भी बदतमीजी की हो जबाव मे वो पैसे उनके मुह पर मार देती थी.. उसने पैसा खूब देखा था वो अपने भाई की एसी बहन थी जिसको उसका भाई पालकों पर बिठा कर रखता था उसकी हर गलती नादानी समझ माफ कर देता था.. गलती दिया कि रहने पर भी वो गलती दिया कि नहीं मानता था ब्लकि किसी ओर को ही ब्लेम कर देता था लेकिन अब क्या होगा यहा पर क्या दिया फिर से अपने बुरे इरादों मे कामयाब होगी और अपने भाई से मनमर्जी कर वायगी...? क्या होगा दिया गुस्से मे घर पोंछ जाती है बाकी सब घर मे थे उसका भाई बही टेबल पर बैठा था और लेपटोप पर काम कर रहा था अक्ष सिह राय. जादा. नाम था दिया के भाई का लंबी हाइट 6'फुट, गौरा रंग शारीर भारी बॉडी बिल्डर और मिजाज इनके इत ने तेज अगर कोई लड़की इनको पसंद आ जाए तो वो इनके आगे पीछे डोलीगी, प्यार तो इनकी लाइफ मे है नहीं इन्होंने कभी प्यार किया ही नहीं क्युकि इनको प्यार जेसी चीज पर बिस्वास नहीं है.. तभी दिया गुस्से से अंदर आती है वो देखती है कि भाई उसका लेपटोप मे लगा हुआ है वो उसके पास जाकर कहती है भाई. अक्ष कहता है बोलो. लेकिन ऊपर नि देखता है और दिया को ये देखकर गुस्सा आता है और वो चिल्लाते हुई भाई. अक्ष तब जाकर उसकी तरफ देखता है और एक दम से दिया को देखकर खड़ा हो जाता है और कहता है दिया ये सब क्या है किस् ने किया है ये सब दिया कहती हैं भाई वो दो लड़किया जिन होने मेरे साथ ऐेसे किया है गलती से उनपर कीचड़ उछल गया था तो बदले मे मेने उनको पेसे दिए लेकिन नहीं उन्होंने पेसे ना लेकर मेरा ये हुलिया बना दिया. देखो ना लड़कियों का नाम सुन अक्ष कहता है क्या लड़किया. वो कोण है कहा रहती है बता मुझे उनकी इतनी हिम्मत की अक्ष सिह राय जादा की बहन को हाथ लगाया वो भी मेरी बहन के मुह में मिट्टी पोतकर छोड़ूंगा नहीं उन को मे चल मुझे बता कोण है चल अभि के अभी चल... लेकिन दिया कहती है भाई रुको तो सही अब थोड़ी मिलेगी वो अब तो सुबह मिलेगी जब वो कॉलेज जायगी.. अछा ठीक है एक काम करना अब कल तुम मेरे साथ चलना सुबह देखता हू उनको तो मे ये कहता हुआ वो वापिस अपने लेपटोप पर काम करने लगता है और दिया अंदर जाकर wasroom मे जाती है और अपना मुह धोती है और अपने कपडों को साफ करती फिर बाहर आ जाती है और अपने face पर facecream लगाती है ताकि कोई रिएक्शन ना हो तभी वो बाहर जाती है और देखती है अक्स कहा गया उसका भाई. वो आवाज देती है लेकिन उसकी कोई आवाज नहीं आती है भाई आप कहा हो आर यू देयर ब्रो वेयर आर यू जब उसको भाई की आवाज नहीं आती तो वो अपनी माँ के पास जाती है और उनसे पूछती है माम ब्रो किधर है परिधि जी कहती है पता नहीं कभी बोलकर जाता है तेरा भाई जो आज बोलकर जायगा. Oky मोम मे उन्हें फोन करके पूछ लेती हू की वो कहा है. Asr तो गए थे उन दो ल़डकियों का पता लगाने किसने किया और इतनी हिम्मत किसमें आगई जो asr की बहन को हाथ लगा सके कोण है वो जिसने ये सब किया था बही बुलबुल को प्रीति कहती हैं देख तूने ठीक नहीं किया पता नहीं किसकी बेटी थी किसकी बहन थी अब हमारी खैर नहीं. अरे दीदी आप बहुत डरती हो ईन जैसे लोगों के साथ यहि करना चाइये नहीं तो ये लोग हर गरीब को कुचल कर चले जाय गे प्रीति और बुलबुल निकल जाते है कॉलेज के लिए तभी वही कार फिर निकालती है दोनों बहनो पर कीछड़ उछाल ती हुई चली जाती है और बुलबुल गाड़ी रोक एक पत्थर उठा उस कार के पीछे वाले सीसे मे मार देती है बुलबुल को बहुत गुस्सा आ रहा था ये क्या किया सारे कपड़े खरब कर दिए इसने दी देख ना प्रीति कहती हैं तू चिंता मत कर हम वापिस से बदल लेगे कपड़े दी आप बहुत भोली हो कबतक ईन जैसे लोगों को सहोगी वो देख वो कार पीछे आ रही है प्रीति कहती हैं तूने पत्थर फेंका है अब पता नहीं वो क्या करेगा हमारे साथ मे... बुलबुल कहती आप बहुत डरती हो आने तो दो इस राइस ज्यादे को बाहर तभी कार पीछे कर्ता हुआ वो वापिस से कीचार बुलबुल पर उच्चता देता है लेकिन इस बार प्रीति चुप रहने बाली नहीं थी क्युकी उसने उसकी बहन पर कीचड़ फेंका था प्रीति उसके पास जाकर कार को नोक करती है और कहती है बाहर निकलो निकलो बाहर तभी उसके से एक लड़की बाहर निकालती है और वो दोनों पर बहुत हस रही थी बुलबुल पास मे आकर ओ बिगड़ी हुई बाप की olad मे तो सोची थी कि कोई लड़का होगा लेकिन तू तो पापा की पारी कार उड़ाते हुई चल रहीं हैं दिखता नहीं कभी आशमान से धरती पर भी देख लिया कर तभी मिस घमंडी बोलती है घमंडी लड़की का नाम दिया है. माइंड योर टंग. बुलबुल कहती हैं क्या क्या सुनाईं नहीं दिया दुबारा तो बोल बुलबुल उसके मजे लेते हुई बोलती है लेकिन दिया कहती हैं बहुत बोल लिया तुम लोगों ने मेने सुन लिया ये लो पैसे और ड्रेस चंगे कर लो और अब मुझे जाने दो. ओ मेडम rice zadi ज्यादा पैसे मत दिखाओ हमारा जो तुमने time खरब कर दिया है उसको कैसे menege करेगे हम लोग तुम्हरी बजह से हम कितना लेट हो गए पता है तुम्हें ऊपर से अब घर जना पड़ेगा कपड़े बदलने के लिए.. दिया बुलबुल को इग्नोर करते हुई वापिस कार मे बैठने लगती है तभी बुलबुल कहती हैं ओ मेडम कहा चली भरपाई कोण करेगा. तो दिया कहती है दे तो रहीं हू पेसे लेलो वेसे भी तुम जेसे गरीब लोगों की okad ही क्या होती है बोल कितने पैसे चाइये तभी बुलबुल कहती हैं हमे तेरे पैसे नहीं हमे अपना hishb करना है और नीचे पड़ी मिट्टी उठाकर दिया के चेहरे और कपडों पर लगा देती है अब हुआ हिसाब बराबर बुलबुल कहती हैं प्रीति कहती हैं ये क्या कर दिया दूने तभी दिया बुलबुल को गुस्से से घूरते हुई छोड़ेगी नहीं तुम लोगों को

  • 2. माफिया खूंखार लवर गर्ल - Chapter 2

    Words: 1562

    Estimated Reading Time: 10 min

    ये कहते हुई दिया अपनी कार मे बैठ गुस्से से चली जाती है उसके आखों मे गुस्सा और हल्के आशु थे क्युकी कभी किसी ने उसके साथ ऐसा नहीं किया था इस बजह से उसने किसी के साथ भी बदतमीजी की हो जबाव मे वो पैसे उनके मुह पर मार देती थी.. उसने पैसा खूब देखा था वो अपने भाई की एसी बहन थी जिसको उसका भाई पालकों पर बिठा कर रखता था उसकी हर गलती नादानी समझ माफ कर देता था.. गलती दिया कि रहने पर भी वो गलती दिया कि नहीं मानता था ब्लकि किसी ओर को ही ब्लेम कर देता था लेकिन अब क्या होगा यहा पर क्या दिया फिर से अपने बुरे इरादों मे कामयाब होगी और अपने भाई से मनमर्जी कर वायगी...? क्या होगा दिया गुस्से मे घर पोंछ जाती है बाकी सब घर मे थे उसका भाई बही टेबल पर बैठा था और लेपटोप पर काम कर रहा था अक्ष सिह राय. जादा. नाम था दिया के भाई का लंबी हाइट 6'फुट, गौरा रंग शारीर भारी बॉडी बिल्डर और मिजाज इनके इत ने तेज अगर कोई लड़की इनको पसंद आ जाए तो वो इनके आगे पीछे डोलीगी, प्यार तो इनकी लाइफ मे है नहीं इन्होंने कभी प्यार किया ही नहीं क्युकि इनको प्यार जेसी चीज पर बिस्वास नहीं है.. तभी दिया गुस्से से अंदर आती है वो देखती है कि भाई उसका लेपटोप मे लगा हुआ है वो उसके पास जाकर कहती है भाई. अक्ष कहता है बोलो. लेकिन ऊपर नि देखता है और दिया को ये देखकर गुस्सा आता है और वो चिल्लाते हुई भाई. अक्ष तब जाकर उसकी तरफ देखता है और एक दम से दिया को देखकर खड़ा हो जाता है और कहता है दिया ये सब क्या है किस् ने किया है ये सब दिया कहती हैं भाई वो दो लड़किया जिन होने मेरे साथ ऐेसे किया है गलती से उनपर कीचड़ उछल गया था तो बदले मे मेने उनको पेसे दिए लेकिन नहीं उन्होंने पेसे ना लेकर मेरा ये हुलिया बना दिया. देखो ना लड़कियों का नाम सुन अक्ष कहता है क्या लड़किया. वो कोण है कहा रहती है बता मुझे उनकी इतनी हिम्मत की अक्ष सिह राय जादा की बहन को हाथ लगाया वो भी मेरी बहन के मुह में मिट्टी पोतकर छोड़ूंगा नहीं उन को मे चल मुझे बता कोण है चल अभि के अभी चल... लेकिन दिया कहती है भाई रुको तो सही अब थोड़ी मिलेगी वो अब तो सुबह मिलेगी जब वो कॉलेज जायगी.. अछा ठीक है एक काम करना अब कल तुम मेरे साथ चलना सुबह देखता हू उनको तो मे ये कहता हुआ वो वापिस अपने लेपटोप पर काम करने लगता है और दिया अंदर जाकर wasroom मे जाती है और अपना मुह धोती है और अपने कपडों को साफ करती फिर बाहर आ जाती है और अपने face पर facecream लगाती है ताकि कोई रिएक्शन ना हो तभी वो बाहर जाती है और देखती है अक्स कहा गया उसका भाई. वो आवाज देती है लेकिन उसकी कोई आवाज नहीं आती है भाई आप कहा हो आर यू देयर ब्रो वेयर आर यू जब उसको भाई की आवाज नहीं आती तो वो अपनी माँ के पास जाती है और उनसे पूछती है माम ब्रो किधर है परिधि जी कहती है पता नहीं कभी बोलकर जाता है तेरा भाई जो आज बोलकर जायगा. Oky मोम मे उन्हें फोन करके पूछ लेती हू की वो कहा है. Asr तो गए थे उन दो ल़डकियों का पता लगाने किसने किया और इतनी हिम्मत किसमें आगई जो asr की बहन को हाथ लगा सके कोण है वो जिसने ये सब किया था बही बुलबुल को प्रीति कहती हैं देख तूने ठीक नहीं किया पता नहीं किसकी बेटी थी किसकी बहन थी अब हमारी खैर नहीं. अरे दीदी आप बहुत डरती हो ईन जैसे लोगों के साथ यहि करना चाइये नहीं तो ये लोग हर गरीब को कुचल कर चले जाय गए..........! ASR पता करने निकल जाता है उन मासूम सी लड़कियों का. वो कोण थी जिन्होंने मेरी बहना के साथ बदसलूकी की अब नहीं बचेगी दोनों बही दोनों कॉलेज से घर आती है और बुलबुल कहती हैं माँ माँ ओ मेरी माँ कहा हो जल्दी मुझे पानी ला दो बहुत प्यास लगी है और भूख भी. तभी कुछ देर बाद सुमित्रा देवी आती है.. है राम ये लड़की कितनी आलसी है खुद एक ग्लास पानी भी नहीं ले पाती ऊपर से ये देखो कैसे आराम से बैठी आराम कर रही है. और अपनी दीदी को देख चेहरे पर कोई थकान नहीं और अपना काम खुद कर लेती है ऊपर से सबके लिय खना बना कर कॉलेज जाती है और तुम मेडम बनी सब पर हुकुम चलाती हो जाओ खुद लेकर आ और अपनी दीदी को भी ले आ. अरे माँ आपको पता नि में कितनी मेहनत करके आई हू एक लड़की का जबाब उसी के अंदाज मे देकर आई हू उपर से sctooty चाला ना इतना आसान काम लगता है क्या आपको अरे पूरे 5 किलो मीटर इस भारी समान लो लादकर गई थी बुलबुल प्रीति की बात कर रही थी. प्रीति क्या कहा मे भारी समान रुक आज तुझे बताती हू मे छोड़ूं गी नहीं अपनी दीदी के बारे मे ऐसे बोलती हो और कौनसी लड़की क्या हुआ है सुमित्रा जी कहती है... अरे कुछ नहीं माँ आप तो जान टी हों ये लड़की थोड़ी है बावल है जहा जाती है बहा तूफान लेकर तो आती ही है ना 🤣 खैर चलो तुम दोनों हाथ मुह ढोलों और खाना खा लो और वो लोग हाथ धोकर वापिस आती है और खाना खाने लगती है. वहीं asr प्रीति और बुलबुल को ढूढ़ रहा था.. लेकिन उसे कुछ पता नहीं चलता क्युकी जिससे भी उसने उनके बारे मे पुछा उन्होंने यहि बटाया की साहब यहा से बहुत से स्टूडेंट निकालते हैं अब वो कोण है मे कैसे बता सकता हू asr के गॉर्ड चारो जगह फैल जाते हैं और कहते हैं बॉस उसका कुछ पता नहीं asr अपनी मुट्ठी भींच लेता है और गुस्से से हुई लाल आखें देखकर शकीरा डर जाता है आखिर वो क्या कर्ता.. और कहता है आप चिंता मत करे हम यही सारी रात रुकेंगे उनका पता चल ही जायगा. Asr अपना सिर हिला देता है और वापिस अपने बिला मे चाला जाता है उसको आता देख दिया जल्दी ही आती है और कहती है भाई आप कहा चले गए थे... कहीं आप उन दो लड़कियों का पता तो.  Asr कहता है उनका पता कल तक चल जायगा.. दिया कहती है भाई बो मुझे सुबह मिली थी आपको भी वो कॉलेज जायगी तो वहीं 10'11 के समथिंग मिल जायगी और वेसे आप क्या करेगे उनके साथ. दिया मजे ले रही थी कि अब पता चलेगा मैं कोण हू..  वहीं asr चुपचाप अपने कमरे मे चला जता हाँ और दिया उसे जाते हुइ देखती रहती है. अखिर में दिया पीछे से उसे आवाज देती है लेकिन वो अकड़ मे चला जाता है एक बार वो चल दे तो पीछे देखता कहा है उसकी पीछे देखने की आदत नहीं थी. अब देखते है इनकी मालिका के आने के बाद क्या होगा क्या ये बदलेंगे या फिर इनके यही मिजाज रहेगे.. वहीं रात हो चुकी थी  प्रीति और बुलबुल दोनों बैठी टीवी देख रही थी बुलबुल को बहुत शौक था टीवी सीरियल देखना और प्रीति भी साथ मे देखने बैठ जाया करती सास बहु फिल्मी ड्रामा बहा सुमित्रा ज़ी आती है और टीवी बंद कर देती है और कहती है जाओ जाकर सो जाओ दोनों. आर यार ममा टीवी बंद क्यु की मे देख रही हू और कबतक ये सीरियल चलता है मे कहीं नहीं जाने बाली आप जाओ और सो जाओ. और बुलबुल जाकर tv चालू कर देती है सुमित्रा जी वापिस से टीवी बंद करने जाती है तभी प्रीति कहती है प्लीज़ मम्मा. प्रीति तू भी इसके साथ. 😁 प्रीति कुछ नहीं बोलती और सुमित्रा जी चली जाती है और चैन की सास लेते हुई प्रीति. चल अब जल्दी कर कहीं वो सीरियल निकल ना जाय बुलबुल कहती हैं मामा भी ना हाथ तो उनके बिल्कुल चलते रहते हैं चुपचाप बैठ ही सकते तो pirti कहती हैं हाथ भी चलते है क्या.. आर didu तू भी ना कुछ नहीं समझती अब उनके हाथ चलते हैं ज्यादा पेर कहा आप ही बताओ वो भी जब हम कुछ करते हैं हाँ ये तो तुमने ठीक कहा चल अब सीरियल देखते हैं सीरियल मे दिखाया जा रहा था कि एक लड़का कैसे एक लड़की को बेइंतिहा प्यार कर्ता है और पागलों की तरह प्यार कर्ता है लेकिन लड़की उससे दूर भाग रहीं हैं क्युकी लड़का एक क्रीमनल है. तभी बुलबुल कहती है देख didu कितना प्यार कर्ता है ये समझ ही नहीं रहीं हैं. Pirti कहती हैं वो भी क्या करे आखिर है तो एक क्रीमनल. हाँ didu लेकिन प्यार करने वाला है तो सब चलता है मे तो कर लेती ऐसे ईशान से प्यार. ये सब सीरियल है बुलबुल रियल लाइफ में ऐसा कुछ नहीं होता है. Didu अगर आपके पीछे भी कोई सनकी आशिक पर जाय तो आप क्या करोगी. चुप कर ऐसा कुछ नहीं होगा. प्रीति कहती है कुछ देर बाद सीरियल खत्म हो जाता है और बुलबुल कहती हैं चल didu सोते हैं अपन सुबह उठना भी प्रीति कहती हैं तू चल मे चेंज करके आती हू. कुछ देर बाद प्रीति सूट उतर कर नाइट वाले कपड़े पहन लिए थे लोवर शर्त क्युकी दिनभर सूट मे रहना रात मे सुकून से सोना था वो और हर रात उसकी सुकून से इन्हीं कपडों मे निकल जाती थी.

  • 3. माफिया खूंखार लवर गर्ल - Chapter 3

    Words: 1500

    Estimated Reading Time: 9 min

    दोनों बहने सो जाती है अगली सुबह होते ही बुल बुक ओ बुलबुल उठ आज फिर लेट हो जायगे कॉलेज के लिए अरे आर didu सोने दे भूल गई क्या आज संडे हाँ प्रीति कहती हैं संडे की बच्ची... मैं भूल गई तू रात मे ही बता देती मुझे. मे भी जल्दी उठ गई हफ्ते मे एक दिन तो आराम का मिलता है मेने कैलेंडर भी नहीं देखा. तो क्या हुआ didu अब सो जाओ क्या दिक्कत है दीदी वैसे भी आज तो पूरा दिन पड़ा हुआ है अब जल्दी उठ गई हू तो मंदिर ही चली जाती हूं भोलेनाथ का अभिषेक ही कर आऊंगी ओके दीदी आप जाओ मैं तो आज आराम से सोउगी तभी प्रीति नहाने के लिए वॉशरूम में चली जाती है उसने ग्रीन कलर का सूट पहना हुआ था और अपने चेहरे पर हल्का फेस क्रीम हल्का सा पाउडर और हल्की सी लिपस्टिक लगाई हुई थी उसके बाद वह मंदिर में जाती है अपने घर में ही जो मंदिर रखा था उसमें जाती है और वहां पर एक दिया जला देती है और कुछ सामान लेकर भगवान शिव के मंदिर निकल जाती है वही अभी तो सुबह के 7:00 बजे हुए थे हल्की-हल्की धूप निकली हुई थी मंदिर में जाकर वह भगवान शिव की पूजा करती है और सामने देखती है एक लड़का जो भगवान के सामने खड़ा सिर्फ शिवलिंग को निहार रहा था लेकिन प्रीति उस पर ध्यान न देते हुए भगवान शिव की पूजा करने लगती है तभी पंडित जी जाकर उसे ठोक देते हैं की बेटा जब तक एसआर साहब पूजा नहीं कर लेते तब तक तुम रुको प्रीति एक नजर एसआर को देखते हैं और मन में सोचती है asr कौन है खैर मुझे क्या मे तो भोलेनाथ की पूजा करने आई हू वो तो मे करके रहूंगी. और जाकर वो पूजा करने लगती है पंडित जी की बात को इग्नोर करके तभी पंडित जी दोबारा कहते हैं मेने आपको रोका था ना रुक जाइए. तभी प्रीति कहती है देखिये पंडित जी वो आदमी तो आखें बंद करके खाड़ा हुआ हैं उसको क्या पता चलेगा वेसे पंडित जी ये है कोण.. तुम्हें नहीं पता ये asr है इस सहर के सबसे बड़े रईस आदमी ओ अछा तभी आपने मुझे रोका क्युकी ये बड़े आदमी है प्रीति कहती है नहीं बेटा ऐसी कोई बात नहीं है दरसल ये रईस आदमी के साथ एक खतरनाक इंशा भी है जिन्हें तुम जानती नहीं हो अगर इनके कोई बीच मे भी आए तो उन्हें ये छोड़ते नहीं है और यहा सबसे पहले पूजा यही करते हैं इसलिए मेने तुम्हें रोका था अगर वो देख लेते तो तुम्हरी समात आ जाती लेकिन तुम्हें तो बिल्कुल भी डर नहीं है. क्यु लेकिन प्रीति कहती है डर तो मुझे बहुत लगता है इन जेसे लोगों से लेकिन भोले के आगे सब कुछ भूल जाती हू चलिए पंडित जी चलती हू अब पंडित जी कुछ नहीं कहते हैं और प्रीति को जाते हुई देखते हैं और कहते हैं अजीब लड़की है बही asr अपनी आखें खोलता है तो देखता है पंडित उसे ही दड़ी सहमी नजरो से देख रहा है अरे क्या हुआ पंडित जो मुझे ऐसे घूर रहे हो वहीं पंडित asr की बात सुनकर कुछ नहीं कुछ नि लीजिए प्रसाद ये कहकर उसको प्रसाद दे देते हैं वहीं asr निकल जाता है आपने ऑफिस के लिए बही उसका ऑफिस बेहद आलिशान था बेहद ख़ूबसूरत था उसने अपनी मनपसंद की चीजों से अपना केविन सजा रखा था. और उसकी फॅमिली की फोटो भी थी जिसमें सब के चेहरे पर स्माइल थी शिवाय इनके asr बैठा बैठा काम कर रहा था तभी उसके गेट पर नोक होता है नोक अर्जुन ने किया था जो asr का पीए था और साथ मे गॉर्ड भी अर्जुन का बेहद काश था क्युकी उसकी फॅमिली मे कोई नि जब वो छोटा था तब से अर्जुन के काका उसके घर पर काम कर रहे थे .  तब से दोनों एक दूसरे को जानते थे साथ मे रहते थे बाकी अर्जुन और अक्ष की अछि खासी दोस्ती हो गई थी अक्ष उतनाही कठोर था लेकिन लड़कियों के मामले मे तो बिल्कुल दिल हार जाता था उसका सबको लगता था कि अक्ष ऐसा इन्सान है जो लड़कियों के साये से दूर रहता है लेकिन किसी को क्या पता था कि वो कितना प्राइवेट जट है अर्जुन आया केविन मे नोक किया. और अक्ष बोला कम ईन अर्जुन आया और अक्ष से बोला सर एक लड़की आई है इण्टर व्यू देने अंदर भेज दु ओह कामों in अर्जुन तुम जानते हो ना मे लड़कियों के मामले मे कितना नर्म दिल हू तुम तो जानते ही हो मुझे की मे किसी भी लड़की को मना नहीं कर्ता हू. अर्जुन मन मे कहता है हाँ मुझे सब पता है लड़कियों को तो बस अपनी जागीर समझते हैं. एक लड़की बस ये सी मिल जाय कि इस बिगड़ खोर इंसान की आदत सुधर जाए और ये खुद पता नहीं कितनी लड़कियों को प्यार का झासा देता फिरता है asr बना फिरता है मुझे तो. हसी आती है इस पर asr वे असर है सिर्फ अपनी फॅमिली के लिए दिखाता है asr कितना परफेक्ट है अरे कोई मुझसे पूछे तो मैं बताऊ. अर्जुन kabin से बाहर निकल कर ये सब बडबड़ा रहा था. और बहा जाकर देखता है वो लड़की इन्तजार मैं बैठी हुई है. अर्जुन बहा जाकर कहता है मिस नित्या जाइए बॉस ने आपको बुलाया है. जाइए जल्दी, जी. जाती हू... नित्या धीरे धीरे अपने कदम बढ़ाए जा रही थी. उसे अनदर ही अंदर बैचेनी हो रही थी आखिर पता नहीं कोण होगा उसका बॉस. नित्या ने शॉर्ट टॉप और वाइट कलर की शर्ट पहन रही थी.. वो अक्ष के केविन के बाहर अपना हुलिया सभार रही थी ये देखकर की . मेरा लुक ठीक तो है आखिर वो भी तो चालु आइटम थी और उसके पास एक बेग था जिसमें से उसने face पाउडर निकल अपने face पर टच किया और गले पर भी फिर जल्दी से फ्रेश माइंड से वो नोक करती है मे आई कम in सर. वहीं अक्स तो उसी के इंतजार मे बैठा था और कहता है कॉम in और नित्या अंदर आ जाती है. जिसको देखकर अक्स थोड़ा नाटक कर्ता है ना देखने का लेकिन उसके दिल और दिमाग मे तो खुराफात मची थी हर एक लड़की को अपने दिल की रानी बना कर रखना चाहता था उसका तो ये अंदाज था क्युकी उसे मोहब्बत होती कहा थी वो तो बस मज़े कर्ता था 😁 आख़िर कार नित्या अक्ष की तरफ अपना हाथ बढ़ाते टाइम् हेलो सर मे नित्या नित्या रॉय. अक्ष उसका हाथ पकड़ कर चूम लेता है और कहता है प्लीज़ सित तुम जैसी लड़कियों के लिए तो मेरे दिल मे होना चाइये. I mean,  इस office में तुम्हरी जैसी खूबसूरत लड़कियों की बहुत जरूरत है अक्ष नित्या का हाथ पकड़े पकड़े ही बोल रहा था. अखिर मे नित्या भी शर्मा रही थी वो अक्ष के इशारे समझ रही थी उसे तो लग रहा था अक्ष उसकी खूबसूरती देखकर बौखला गया है लेकिन उसे क्या पता था उसका तो ये पेसा ही है खूबसूरत लड़कियों को दाना डालना फिर उन्हें कैद करना और जब उससे कोई शादी की कहता तो वो उन लड़कियों से दूरी बना लेता ना जाने कितनी लड़कियों का दिल तोड़ा. उसकी नजर मे लड़किया आसानी से बहुत जल्द मान भी जाती थी आखिर वो था ही बहुत hand's am स्मार्ट की लड़किया देखकर ही Pagal हो जाती थी उसके लिए इस बजह से उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती थी लड़कियों को अपने पास लाने के लिए लेकिन जितनी भी लड़किया उसके पास जाती थी सिर्फ उसके आमिर होने की वज़ह से वो तो यही सोचती थी एक दिन उनकी asr से शादी हो जायगी लेकिन उनको क्या पता asr कभी उन जैसी लड़कियों से शादी नहीं करेगा. वो प्यार करना जानता कहा था जब उसे प्यार होगा तभी तो शादी होगी,,,  वहीं नित्या asr को फाइल दिखा रही थी लेकिन, asr फाइल बंद करके. नित्या से कहता है इसकी कोई जरूरत नहीं है. तुम्हारा सिलेक्शन हो गया है तभी तुम्हें यहा बुलाया है क्या सच मे सर thank you thank you so much मुझे नहीं पता था कि आप मुझे इतने जल्दी नोकरी पर रख लोगे वो भी बिना मेरे इंटर व्यू दिए... Thank you so much लेकिन asr कहता है. Come on ये जॉब मेंने तुम्हारे telent पर नहीं तुम्हरी खूबसूरती नाप कर दी है अगर लड़की हद से ज्यादा सुन्दर हो तो फिर उसको में ये जॉब कैसे ना दू. नित्या तो अपनी तारीफ सुन सुन कर लाल हुई जा रही थी. नित्या कहती हैं क्या सर सच मे. मैं आपको इतनी पसंद आई हू. Asr हाँ और इतनी पसंद की कल तुम इस पते पर पोंछ जाना इसके बाद मे तुम्हें इतनी सैलरी दूँगा की तुम्हें पैसों की कभी नहीं होगी. और ये कहकर नित्या वो कार्ड ले लेती है लेकिन वो Asr के इशारे समझ चुकी थी. की वो क्या चाहता है. उसने मना करना बेहतर नहीं समझा क्युकी बात उसकी जॉब की थी और उसको पैसों का लालच भी तो आ गया था. इसलिए वो जल्दी ही उसकी बात मान ली.... .

  • 4. माफिया खूंखार लवर गर्ल - Chapter 4

    Words: 1780

    Estimated Reading Time: 11 min

    कार्ड लेते ही Asr ने कहा कल wqt पर आना और मुझे खुस कर देना तुम्हें में पैसों से टोल दूँगा.., मगर नित्या ने सोचा ठीक हाँ अब किसी चीज के बदले पैसा मिल रहा है वो भी मे जितना चाहूं उतना अछा है ना or वो बेहद खुश होती है. की चलो फ़ाइनल हो गया अब Asr मेरा हो गया. और खुसी खुसी नित्या बहा से चली जाती है बही शाम हो चली थी अक्ष अपना काम करके घर के लिए निकल गया साथ मे उसके बॉडीगार्ड भी उसके साथ चल रहे थे 3 कार पीछे तो 2 आगे थी,,, बही प्रीति घर पर बुलबुल के साथ अपने सास बहु के सीरिअल देखने मे मगन थी, बुलबुल, अरे दीदी देख ना ये सास है कि क्या है बिचारी बहु को कितना परेशान कर रही है. अब मे क्या करू मुझे ऐसा लग रहा है इसकी जगह मे होती तो पूरे दो, दो मिनट मे अकाल ठिकाने लगा देती.. जी तो मेरा बहुत होता है कुछ करने का मगर क्या करू टीवी सीरियल है. नहीं तो मे बताती. बही प्रीति बुलबुल की बकबक सुन रही थी कर भी कुछ नहीं सकती थी क्युकी बुलबुल का मुह तो बंद होता नहीं उसका स्पीकर एक बार चालू जो हुआ वो बंद भी नहीं होता . कुछ देर सुन सुन कर प्रीति बोल पडी ओ मेरी माँ अपना ये स्पीकर बंद कर ले अब वॉल्यूम बटन तो है नहीं जिसे मे धीमा कर दु एक बार चालू हुई बस दिमाग मे मक्खियाँ भिन्न भैना देती है. बुलबुल नाराज होकर बोली didu तू मुझसे ऐसे क्यु बोल रही है मे कब ज्यादा बोलती हू कितना कम तो तो बोलती हू देख ना अब आप ही मुझे क्या क्या बोल रही हो. अब उसका बोलना फिर चालू हो चुका था. प्रीति बोली मेरी बहन मेरी प्यारी बहन मे सीरिअल देखू या तुम्हरी बाते सुन लू बता दे मुझे और नहीं तू चुप बैठ सकती तो मे यहा से जा रही हू. इतने में प्रीति उठ जाती है और जाने लगती है तभी बुलबुल कहती हैं रूकना दीदी मे नहीं कहती चुप चाप देख उगी ठीक है,, प्रीति भी अपना मुह बिगाड़ते हुई देखते हैं. अब क्या था दोनों चुप चाप बैठी थी लेकिन बुलबुल का मन कर रहा था कुछ कहे. उससे. वो बार बार tv देखती और फिर प्रीति पर नजर डालती, बही अक्ष बड़ी सी गाड़ी लेकर एक बड़े से दरवाजे के खुलते ही अंदर इंटर कर्ता है,,, और अपनी गाड़ी रोक देता है एक गार्ड आकर गेट खोलता है.... गेट खुलते ही अक्स नीचे उतार आता है और गाड़ी का डोर गार्ड बंद कर देता है... अक्स घर के अंदर जाता है अंदर आते ही वो अपने सूज उतारकर अंदर की ओर निकलता है वो अपने रूम मे जाने वाला ही था कि अक्स की माँ बीच मे आते हुई बेटा खाना खालो लग वा दू क्या थाली. Nop mom अभी मैं सवार लेकर आता हू उसके बाद आज देखो ना कितनी गर्मी है.. लेकिन अक्ष की माँ बोली नहीं तो कहा गर्मी है तू काम करके लोटा है इस बजह से तुझे लग रहा होगा. Oky बाइ मोम आता हू अभी. और ये कहकर वो बहा से चाला जाता है और अंदर रूम मे जाकर अपने लिए एक बातरोब निकालता है और वो लेकर bathroom मे चला जता हैं और अपने कपड़े उतार कर बाहर की ओर फेंक देता है और उसके कपड़े हमेशा उसके नोकर उठा कर ले जाया करते थे , अक्ष सवार ऑन कर उसके नीचे खड़ा हो जाता है वो इस waqt नित्या के ही ख्वाब देख रहा था. बस आजकी रात और कल तुम सीधा मेरे पास मेरे बैड पर होगी. बही कुछ दूर प्रीति बुलबुल की हरकत नोटिस कर कहती है कुछ कहना है तुझे. कबसे देख रही हू बहुत हाथ पैर चाला रही है. अब बोल दे मुझे पता है जबतक बोलेगी नहीं तबतक तोते की तरह चोंच हिलाती रहेगी,,,,वो didu मे कह रही थी कि. इसकी जगह मे होती तो. अरे रहने दे मेरी माँ. बस कर तू एक काम कर जा उसकी जगह लेले. प्रीति कहती हैं लेकिन. बुलबुल कहती है हाँ didu मेरे बस मे नही. नहीं तो मे कब का ये सुन प्रीति का दिमाग टन ताना जाता है और वो बहा से उठ जाती है और अपने रूम की ओर जाकर आराम से अपने बैड पर लेट जाती है. वहीं बुलबुल ये देख हैरान थी. की उसकी दीदी कभी उसकी बात नहीं सुनती. आख़िर सुनती भी कैसे बुलबुल बोल कर इतना paka जो देती है बही. बुलबुल की माँ आती है और बुलबुल की मुंडी पर होल से चट देती है. और कहती है नहीं बैठने दिया ना परेशान कर दिया ना तूने उसे अरे कभी तो संत हो लिया कर आज बिचारी आराम से सीरियल देख रही थी लेकिन तू बस. अरे माँ मेने क्या किया जब देखो didu और आप डाट ते रहते हो मुझे... 😏 चल जा अब सोना जाकर उसको तो भागा ही दिया है अब क्या करेगी. यहा बैठकर बिना didu के तो टीवी देखने से रही नहीं. जा अब. बुलबुल मुह बिगाड़ते हुई जा रही हू.   और अंदर जाकर प्रीति के पास जाकर उसके बगल मे लेट जाती है और कहती है didu लेकिन प्रीति कुछ नहीं बोलती. बुलबुल दुबारा कहती है sun ना didu. प्रीति के जबाब ना देने पर. बुलबुल प्रीति को गुदगुदी कर देती है जिससे ना चाहते हुई नहीं बो खुदको रोक नहीं पाती और जोर जोर से हसने लगती है. अ अह अब बस कर ना और कितना परेशान करेगी. मुझे अब सोने दे सुबह मुझे स्कूल भी जाना है. और तू भी souja तुझे भी तो college जाना होगा..  हाँ didu और गुड नाइट बोलकर दोनों करवाते लेकर सो जाती है. बही Asr सावर लेकर नीचे आता है. और उसकी बहन को आवाज देता है. Diya दिया बाहर आई हाँ ब्रो बोलो माँ से बोलों की मेरे लिए कुछ स्पेशल बना दे. Oky तभी दिया उसकी मा के पास जाती है और कहती है भाई को कुछ अछा बना दीजिए.. दिया कि माँ बोली क्या उसकी tabiyat तो ठीक है कभी नहीं कहता कुछ स्पेशल बनाने को आज अचानक क्या हो गया. अरे माँ आप भी ना अब ब्रो बोल रहे है तो बना दीजिए na..हाँ ठीक है बना रही हू. कुछ स्पेशल क्या बनाऊँ गाजर का हलवा या खीर पता नहीं क्या खाएगा.. अगर कुछ मन का नहीं बना तो गुस्सा करेगा खाएगा नहीं.. तभी आवाज आती है माँ कुछ भी बना बस मीठा होना चाइये. आज जो भी बनाएगी सब खा लूँगा.. दिया कि माँ सोच रहीं थीं इसे आज अचानक से हुआ क्या. जब कि अक्स नित्या को लेकर खुस था एक तो नित्या इतनी सुन्दर ऊपर से वो उसके साथ रूम मे भी जाने वाला था.... नित्या के साथ रात बिताने को लेकर बेहद खुस था Asr खूंखार और अपने मन ही मन सोच रहा था नित्या के साथ वो क्या ही करेगा.. कुछ देर बाद अक्स की माँ खीर बना कर लाई थी और उन्होंने अक्स के सामने खीर रखी साथ मे दिया भी थोड़ी खीर लेकर अक्ष के साथ मे बैठ गई और. और दिया बोली माँ आप भी खाओ ना. नि बेटा तुम लोग खाओ मुझे जरा काम है वो कर लू ओके माँ... दिया अक्स से बोली खीर खाते हुई ही भाई अपने पता किया उन नक छडी ल़डकियों का. तभी अक्स के हाथ खाते खाते रुक गए और दिया कि तरफ़ देखकर बोला अभि नहीं लेकिन बहुत जल्दी पता लग जायगा तुम खीर इन्जॉय करो उसकी फ़िक्र मत करो... कुछ देर बाद दोनों भाई बहन खा लेते है.. कुछ देर बाद asr फिर अपने रूम मे चाला जाता है. और लेपटोप मे कुछ नोट्स रेडी कर. उन्हें पेन ड्राइव मे मे सेव कर रख देता है. फिर जाकर अपने लिए टीशर्ट और लोवर निकल पहन कर बेड पर उल्टा पीठ के बल पसर जाता है. वो तो बस नित्या के बारे मे सोचे जा रहा. नित्या की ख़ूबसूरती मे इस कदर खो गया था. की वो हर हाल मे नित्या के करीब जाना चाहता था. वो ये तो अछे से जनता था नित्या ये सब पेसे के लिए कर रहीं है. और ये भी हो सकता है As था भी इतना स्मार्ट हैंडसम चार्मिंग गुड लुकिंग कोई भी लड़की एक नंबर देख ले तो उसे पर Lattu हो ही जाए. कुछ देर अपने ख़्यालों से निकल उसे याद आया उन दो लड़कियों का भी पता लगाना है नित्या के चक्कर मे मे तो भूल ही गया.. फिर अक्स अपने सबसे करीबी. दोस्त अर्जुन को फोन karta है अर्जुन जो पेट भर कर सो रहा था. वो भी घोरे बेच कर. वरुण के बगल मे ड्रेसिंग डेविल पर फोन रखा हुआ था.. इतनी रात मे कोन मर गया चैन से सोने भी नहीं देते है. 🤨.... उधर अक्स ने देखा अर्जुन फोन अटेंड नि कर रहा है. अक्स को गुस्सा आया और अर्जुन को जब तक कॉल कर्ता रहा जब तक अर्जुन फोन नहीं उठा लेता. अर्जुन नीद मे ही फोन उठाया. और बोला कोण है वे रात मे भी तुझे चैन नहीं सोने क्यु नहीं देता. मे हजार बार कह चुका हू. मे दिया से शादी नहीं करूगा. समझा तू. अब मुझे फोन मत करियो और करो तो अपनी बहन की बात बीच मे मत लाईओ. इधर एक्स बोला. शादी तो तुझे मेरी बहन से ही करनी पड़ेगी क्युकी मेरी बहन तुझे प्यार करती है हाँ अगर वो तुझे प्यार ना करती तो इस धरती पर तेरा भोज कम हो जाता तेरा कीमा बना देता वो भी मिक्सर मे डाल कर. और मेने तुझे दिया की बात करने के लिए फोन नहीं किया. मुझे तुझे ये बताना था कल एक मीटिंग अरेंज करनी है उसकी तैयारी कर लेना तुम. सब को फोन करके इन्फॉर्मे करदे. अर्जुन ने कहा. तू क्या कर रहा है. तू भी तो सबको कोल कर सकता था.. अक्स बोला ये मेरा काम नहीं है मेरा पीए तू है. तो ofcourse तू ही करें गा. ना ये तेरा काम है... चल मुझे नीद आ रही है see you tomorrow. Bye bye. और ये बोलकर अक्स अपना फोन सर के बगल मे रख सो जाता है. लेकिन यहा अर्जुन को बहुत ही ज्यादा गुस्सा आ रहा था. डेम. ये जुआरि मेरा पीछा कब छोड़ेगा. जब भी फोन कर ता हाँ दिमाग की बाट लगा कर रख देता है. पता नहीं क्या दुश्मनी हाँ इसकी मुझसे कहने को तो दोस्त है लेकिन. भगवान ऐसा दोस्त किसी को ना दे और उसके बाद अर्जुन बाकी सब क्लाइंट को कॉल करके कल होने वाली मीटिंग के बारे में सबको बता देता है फिर उसके कुछ देर बाद अपने लैपटॉप में एक-दो घंटे का काम करके अर्जुन भी फिर से अपने बेड पर पसार कर सो जाता है हां यही तो एक सुकून है कितना सुकून मिलता है सोने मे