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His Dark Possession

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कहते हैं हर किसी को वो सब नही मिलता जो उन्हें चाहिए, किस्मत उन्हें ही मिलाती है जो एक दूसरे के लिए बने होते हैं। नायरा शर्मा एक 23 साल की मासूम सी लड़की जिसको सपने देखना, उन्हें जीना बेहद पसंद था। जिसको प्यार पे सबसे ज्यादा भरोसा था और उसे इंतजार था...

Total Chapters (2)

Page 1 of 1

  • 1. His Dark Possession - Chapter 1

    Words: 2049

    Estimated Reading Time: 13 min

    उत्तराखंड, देहरादून, सुबह का समय.... हर तरफ सूरज की लाल रौशनी बिखरी हुई थी, हर तरफ सुकून से भरा अहसास था। उत्तराखंड की हवाएं, वादियाँ ही ऐसी हैं कि किसी का भी मन मोह ले। हर तरफ पंछियों के चहकने की आवाजें आ रही थीं। फूलों की प्यारी सी खुशबू से हवा महक रही थी। इन हवाओं में भी प्यार की महक है और इन वादियों में भी प्यार का अहसास है। एक घर जो ना तो बहुत बड़ा था और ना तो बहुत छोटा.... उस घर के अंदर, एक कमरे में, एक लड़की बेड पर आराम से सो रही थी ..... लड़की दिखने में किसी अप्सरा से कम नहीं थी.... काले लम्बे बाल जो कमर तक लहरा रहे थे, हरी खूबसूरत आंखें जो इस वक्त बंद थीं, दूध सी गोरी रंगत और बेदाग चेहरा, पतली छोटी सी नाक और गुलाब से मुलायम होंठ, हाइट 5 फीट 3 इंच, उम्र 23 वर्ष, जितनी खूबसूरत ये दिखने में है उससे कई ज्यादा बड़ा इसका दिल है, जिसमें सबके लिए अच्छाई है.... जो सपने में भी किसी का बुरा नहीं सोच सकती है, ये है हमारी स्टोरी की हीरोइन नायरा...... घर के बाहर एक छोटा सा लेकिन खूबसूरत गार्डन था। उसमें रंगबिरंगी फूल खिले हुए थे। यह गार्डन नायरा की जिद की वजह से बनाया गया था, क्योंकि नायरा को पेड़-पौधे, फूल और नैचरल चीजे बहुत पसंद हैं। उस गार्डन में एक आदमी, जिनकी उम्र लगभग 50 वर्ष होगी, पौधों को पानी दे रहा था, साथ ही साथ उसकी पत्नी, जो कि इस वक्त रसोई में नाश्ता बना रही थी, उसे बोल रहा था "अरे! जाओ, नायरा को उठाओ, आज उसको इंटरव्यू देने जाना है, पहले ही दिन लेट होगी ये लड़की।" तब वो औरत, जिनकी उम्र लगभग 45 वर्ष थी और जो उस आदमी की पत्नी थी, वो बोली, "आप और आपकी लाडली बेटी दोनों एक जैसी हैं। आप भी पहले दिन शॉप की ओपनिंग में ही लेट हो गए थे और आज आपकी लाडली बेटी भी वही करेगी।" इतना कहकर वह औरत, जो कि नायरा की मां रचना शर्मा थी , वो उसके कमरे की तरफ बढ़ गई। रचना जी नायरा के कमरे में आई, तो देखा कि नायरा अभी तक वैसी ही सो रही है। इसी बीच नायरा सपने में लगी थी। सपने में वह एक लड़के के साथ बहुत ही खूबसूरत माहौल में घूम रही थी, और उस लड़के का हाथ थामा हुआ था। वह लड़का प्यार से नायरा को देख रहा था और उसे कुछ कहने ही वाला था कि तभी रचना जी ने नायरा को जोर से आवाज लगाई, "नायरा, बेटा उठ जा, आज इंटरव्यू है तेरा, और तू अब तक सो रही है, 9 बज रहे हैं, उठ जा।" ये सुनते ही नायरा, जो आराम से सो रही थी, वह एकदम से हड़बड़ा के उठकर बैठ गई और अपनी मां से बोली, "क्या, 9 बज रहे हैं और आप मुझे अब उठा रही हैं, मां। पक्का, आज तो मैं लेट हो ही जाऊंगी और खुशी भी आती ही होगी, अब मुझे कैसे भी 1 घंटे के अंदर रेडी होना होगा।" फिर वह नौबत में वॉशरूम में जाकर अपनी मां से पूछती है, "आज तो कृष्ण जी की आरती भी हो गई है?" तो रचना जी बोली, "हाँ, सब हो गया है, बस तू तैयार हो जा, खुशी आती ही होगी, मैंने नाश्ता रेडी किया है, जल्दी से चलके नाश्ता कर लेना।" इतना कहकर रचना जी कमरे से बाहर चली गई। नायरा भी जल्दी से बाथरूम में गई, शॉवर के नीचे खड़ी हो गई और अपनी आंखें बंद कर ली। आंखें बंद करते ही उसके सामने कुछ धुंधली सी तस्वीरें आने लगीं। एक लड़का, एक लड़की के साथ बेंच पर बैठा हुआ था। दोनों शायद स्कूल में थे। लड़का वैसे ही हाथ थामे हुए उस लड़की से बोलता है, "जान, शायद आज लास्ट डे है, कल से हो सकता है स्कूल नहीं आऊंगा।" लड़की ये सुनती ही थोड़ा उदास होकर बोलती है, "ह्म, पर फिर भी मुझसे मिलने तो आओगे ना?" लड़का प्यार से बोलता है, "क्यों नहीं, स्कूल आकर तुमसे डेली मिलूंगा, ओके, अब डोन्ट बी सैड।" लड़की थोड़ा खुश होते हुए बोली, "अगर ऐसा है तो मैं बिल्कुल sad नहीं हूँ। बस, आप आ जाना मिलने और मुझे क्या चाहिए।" इस पर लड़के के चेहरे पर मुस्कान आ गई और वह उस लड़की को देखते हुए बोला, "तुम्हे देख लू, उससे ज्यादा मुझे भी कुछ नहीं चाहिए। बस, सारी ज़िन्दगी तुम मेरी रहना। क्योंकि तुम हमेशा से मेरी ही हो और हमेशा मेरी ही रहोगी। तुम पर हमेशा हक मेरा ही होगा।।" इससे ज्यादा कुछ याद आता उससे पहले, नायरा को अपने सिर में जोर का दर्द महसूस हुआ और एक झटके में उसने अपनी आंखें खोली और जोर जोर से सांसे लेने लगी। गहरी-गहरी सांसें लेकर वह खुद से बोली, "कौन है वह लड़का? क्यों बार-बार मुझे ये सब दिखता है? क्यों उसकी आवाज सुनाई देती है? कभी सपने में, तो कभी ऐसे ही आंख बंद करके। मुझे ये कैसी धुंधली तस्वीरें दिखाई देती हैं। मैं तो किसी को नहीं जानती, तो क्यों हर बार मुझे बेचैनी महसूस होती है? हो सकता है शायद मैं ही कुछ ज्यादा सोच रही हूँ।" फिर वह खुद को समझाते हुए बोली, "छोड़, नायरा, ये सब और तैयार हो वरना दिन भर सोचती ही रह जाएगी और तो कुछ नहीं होगा। Huh." कुछ समय बाद, नायरा ने shower लेकर रेडी हो गई। आज उसने एक red color का अनारकली सूट पहना था। बालों को खुला छोड़ा था, आंखों में काजल और lips पर lip balm। इतने में ही वह हद से ज्यादा सुंदर दिख रही थी। उसका चेहरा ही ऐसा है कि ज्यादा किसी मेकअप की उसको कभी जरूरत ही नहीं आई, और नायरा को पसंद भी नहीं है ज्यादा मेकअप। एक नजर खुद को देखने के बाद नायरा बाहर आई और बाहर आकर सबसे पहले मंदिर में कृष्ण जी के दर्शन किए और पूजा की, फिर जाकर dining table पर बैठ गई। बैठते ही नायरा के पापा निनाद जी बोले, "नायरा बेटा, सब तैयारी तो हो गई है ना?" उसपर नायरा उनको बोली, "जी पापा, सब हो गया है। After all, मेरी favorite कंपनी है यही। बस अब इंटरव्यू अच्छे से हो जाए और मेरी internship यही से हो।" इस पर निनाद जी बोले, "बिलकुल, जैसे तूने CA की तरह की एग्जाम को फर्स्ट attempt में ही clear किया है, वैसे ही ये भी हो जाएगा।" इससे आगे कोई कुछ बोल पाता उससे पहले दरवाजे पर नायरा की ही उम्र की एक लड़की आई और बोली, "बिलकुल सही कहा अंकल, आपने हमारी नायरा किसी से कम तोड़ी नहीं है, देखना बहुत अच्छे से इंटरव्यू crack कर लेगी ये और select भी हो जाएगी।" आवाज को सुनके सबने दरवाजे की तरफ देखा, जहाँ पर yellow पटियाला सूट पहनी एक लड़की खड़ी थी। यह है खुशी, नायरा की दोस्त। दिखने में यह भी खूबसूरत है, नायरा से कम नहीं। यह नायरा के साथ बचपन से है जो नायरा का बहुत ध्यान रखती है और दोनों दोस्त एक दूसरे की जान हैं। निनाद जी बोले, "खुशी बेटा, आओ तुम भी हमारे साथ नाश्ता कर लो।" खुशी बोली, "नहीं, अंकल, फिर कभी। आज तो करके आई हूँ।" नायरा बोली, "पापा, वैसे आज मेरे साथ कोई और भी है जो इंटरव्यू देगी।" निनाद जी बोले, "खुशी बेटा, तुम भी उसी कंपनी में इंटरव्यू दोगी?" इसपर रचना जी बोली, "मुझे तो पहले से ही पता था कि दोनों दोस्त साथ में ही होंगी, जहाँ भी हो, दोनों ही बहुत अच्छे से इंटरव्यू देंगी। दोनों को भी मेरी तरफ से all the very best।" निनाद जी बोले, "मेरी तरफ से भी all the best। कन्हैया करे दोनों बच्चों का इंटरव्यू अच्छा हो।" उसके बाद नायरा ने अपना नाश्ता फिनिश किया और फिर दोनों ने , नायरा और खुशी ने निनाद जी और रचना जी का आशीर्वाद लिया और आंगन में आ गए, जहाँ नायरा की scooty रखी हुई थी। नायरा ने स्कूटी को देखा और बोली, "बस, मेरी टुनटुन, आज कुछ गड़बड़ मत करना और हमें समय से पहुंचा देना।" खुशी ने उसको देखा तो बोली, "तेरी टुनटुन को ऐसे बोल मत, वरना तो ये पक्का गड़बड़ करेगी।" ऐसा बोलके दोनों मुस्कराए और फिर नायरा ने scooty निकाली और एक नजर garden में डाली और अपनी मंजिल की तरफ उसकी गाड़ी ने रफ्तार पकड़ली। उसके जाने के बाद निनाद जी भी अपनी स्कूटर से दुकान के लिए निकल गए। निनाद जी की एक medical shop थी और रचना जी एक housewife थी। उनके दो बच्चे, एक नायरा और दूसरा उसका छोटा भाई, जो कि 20 साल का था और अभी अभी IIT Roorkee के लिए select हुआ था और दो दिन पहले ही कॉलेज चला गया था। देहरादून की सड़कों पर इस वक्त ज्यादा भीड़ नहीं थी, तो नायरा को भी आसानी हुई जल्दी पहुंचने में, पर बोलते हैं ना, होनी को कोई नहीं रोक सकता है। नायरा और खुशी मस्ती में बातें करते हुए जा रहे थे कि suddenly scooty का हैंडल turn हो गया और स्कूटी टकराई साइड से जा रही चमचमाती हुई BMW car से। नायरा और खुशी धड़कन की आवाज से नीचे गिरे, हालांकि हेलमेट की वजह से चोट नहीं आई। दोनों को भी समझ नहीं आया क्या हुआ, पर जब समझा तो नायरा एकदम से उठी, तो उसके पैरों में मोच आ गई जिस वजह से दर्द हुआ, पर फिर भी वह उठी और उस कार के ड्राइवर जो बाहर आया था, उससे बोली, "सॉरी अंकल, हमारी वजह से आपको problem हुई। तो उसपर वो ड्राइवर बोला, "नहीं बेटा, हमें कोई प्रॉब्लम नहीं हुई हम तो बस आपको देखने आए थे। आप दोनों ठीक हैं, बेटा? तो उसपर नायरा कुछ बोलती, उससे पहले खुशी थोड़े गुस्से में बोली, "आप देख के नहीं चला सकते इतनी महंगी कार जब चलानी नहीं आती तो लेके क्यों घूमते हो? नायरा खुशी को चुप कराते हुए बोली, "खुशी, शांत हो जा, गलती मेरी थी मुझे ध्यान देना चाहिए था।" इसपर खुशी कुछ बोलती, उससे पहले ही कार के अंदर बैठा शख्स, जो कबसे इनकी बातें सुन रहा था, वह अपने ड्राइवर से arrogant और थोड़ी गुस्से भरी आवाज में बोला, "हो गई पूछताछ तो चलो जल्दी, इन सड़कछाप लोगों के साथ मुलाकात करने जितना वक्त नहीं है मेरे पास।" इसपर खुशी कुछ बोलती, उससे पहले वह कार वहाँ से जा चुकी थी। नायरा तो उस शख्स की आवाज से ही सहम गई थी। जाति भी क्यों ना आज तक उसने सिर्फ़ अपनी बुआ की नफरत और गुस्सा देखा था। क्योंकि वह आपको बाद में पता चल जाएगा। बाकी तो घर में सब उससे प्यार ही करते थे। खुशी बोली, "कभी मिलें ना तो इसको बताऊंगी कौन सड़कछाप है और कौन नहीं।" नायरा बोली, "चल, ये सब तो होता रहता है, हमे late हो जाएगा।" इतना बोलके दोनों वापस से scooty पर बैठ कर निकल गई। नायरा की गाड़ी एक बड़े 20 मंजिला बिल्डिंग के आगे आकर रुकी, जिसपर बड़े ही खूबसूरत अक्षरों में "Singhania Industries" लिखा हुआ था। नायरा बहुत ही ध्यान से सब देख रही थी, after all जब से उसकी CA intermediate की एग्जाम हुई थी, तबसे ही वह इस कंपनी में जॉब करना चाहती थी। और आज उसी सपने की तरफ एक पहला कदम बढ़ाना था। नायरा अपने ख्यालों में गुम थी, कि उसको खुशी की आवाज आई, "जो बोल रही थी, अगर देखना हो गया तो अंदर चलें।" नायरा ने खुश होकर कहा, "हा हा, चलो देर किस बात की।" और फिर दोनों दोस्त अंदर आई और reception पर जो लड़की थी, उससे नायरा ने प्यार से पूछा, "गुड मॉर्निंग। New candidates का इंटरव्यू कहाँ पे होने वाला है? तो उस लड़की ने उन्हें 3rd floor पे जाने को कहा, जहाँ पर उनका इंटरव्यू होने वाला था। नायरा ने उसको "thank you" बोला। फिर नायरा और खुशी लिफ्ट से 3rd floor पे आ गई, जहाँ पर पहले से बहुत से candidates बैठे हुए थे। उनको देखकर नायरा थोड़ा उदास आवाज में बोली, "खुशी यार, क्या लगता है हमारा हो तो जायेगा ना।" खुशी उसको cheer up करते हुए बोली, "क्यों नहीं होगा, जरूर होगा, मेरा नहीं हुआ तो भी मेरी जान तेरा जरूर होगा। इसपर नायरा बोली, "क्यों तेरा क्यों नहीं होगा देखना, हम दोनों का क्लियर होगा और हम दोनों भी select होंगे।" इतना बोलकर दोनों डेस्क पर बैठ गई। CONTINUE ✍🏻 कैसा रहेगा इनका इंटरव्यू ? क्या हो जायेगी ये दोनो select? कोन था वो शख्स जिसकी आवाज सुनके नायरा सहम गई? कोन सी धुंदली तस्वीरे नायरा को दिखी? कोन थे वो लड़का और लड़की?? 

  • 2. His Dark Possession - Chapter 2

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