Flame of love❤️
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(Introduction)
अद्वैत खुराना,जिसे सभी मिस्टर AK कहकर बुलाते है, रिच होने के साथ साथ मिस्टर AK इतना हैंडसम है कि इसके गुड लुक को देखकर लड़किया उस पर फिदा हो जाती है,अद्वैत खुराना को लगता है कि इस दुनिया में उस जैसा परफेक्ट इंसान कोई बना ही नही है और ना ही कोई उसके जितना परफेक्ट हो सकता है,उसके पास जितने पैसे,उससे भी कई गुणा उसके अंदर इगो और एटीट्यूड है,जो अपने सामने किसी को कुछ भी नहीं समझता है!
वही दूसरी और है हमारी श्रीशा गुप्ता,जो एक मिडिल क्लास फैमिली में पली बड़ी है,श्रीशा बहुत ही सिंपल
मेहनती और अपने सपनो कों लेकर थोड़ी सी जिद्दी लड़की है, श्रीशा की खूबसूरती ऐसी है जिसके आगे मिस्टर AK भी हार जाए,वो जितनी मेहनती उससे भी कई गुणा ज्यादा खूबसूरत है!
श्रीशा और मिस्टर AK दोनों एक दूसरे से ऑपोजिट है,दोनो की लाइफ और दोनों का लाइफ को जीने का तरीका, दूसरों के साथ बिहेव करना,एक तरफ मिस्टर AK अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझता है,खुद को जो सबसे बेहतर बताता है,और दूसरों को नीचा दिखाना पसंद करता है,वही श्रीशा,जो खुद से पहले दूसरो के बारे में सोचना,खुद से पहले दूसरो की फिक्र
परवाह करना,सभी के साथ प्यार से मिल -जुल कर रहना पसंद करती है!दोनो में कुछ कॉमन है तो वो है सिर्फ ‘मेहनत ’दोनों ही अपने अपने काम में मेहनती अग्रणी है,जो भी करते है जी जान लगाकर करते है!
मिस्टर AK की मुंबई में, “AK COFFEE ” नाम की बहुत बड़ी कॉफ़ी की कंपनी है,जो आज पूूरे इंडिया
में फेमस है,हर एक स्टेट में जिसकी ब्रांच है,एंड AK coffee कंपनी की कॉफी का एक अलग ही अंदाज है,अलग ही टेस्ट है,जिसको पीकर लोग उस कॉफी के ही दीवाने हो जाते है,उस कॉफी की सबको ऐसी आदत लग जाती है कि उस आदत से छूटना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है! कोई भी उस कॉफी का इक्जैक्ट स्वाद नही बता पाता बस अंदर ही अंदर सभी को अलग सी खुशी महसूस होती है,इस स्वाद और इस फेमस कॉफी के पीछे AK का हाथ ही नहीं बहुत मेहनत भी है, मिस्टर AK की मेहनत के कारण मिस्टर AK का बिजनेस आज ऊंचाइयों पर है,भले ही बिज़नेस स्टार्ट,मिस्टर AK के पापा ने किया था,
पर आज जो मुकाम हासिल था उस कंपनी उनके बिजनेस को उसकी वजह Ak ही था यानि अद्वैत खुराना!
जब मिस्टर AK के पापा ने छोटा सा बिज़नेस स्टार्ट किया तब इस कंपनी का नाम KCC था,khurana COFFEE company,जिसे बाद में AK ने फेमस कर अपने नाम से बदल दिया,मिस्टर AK की फैमिली में दादी ,पापा,सौतेली मां और छोटा सौतेला भाई है, खुराना फैमिली में पैसे तो बहुत सारे है लेकिन वहां पर खुशियां नहीं है,पापा ,सौतेली मां और छोटा भाई अलग घर में रहते है और दादी खुराना विला(खुराना फैमिली का अपना घर)में रहती है,सब साथ रहना पंसद नही करते है! AK फैमिली में इतना तनाव होने के कारण खुद की शांति के लिए अलग अपने एक बड़े अपार्टमेंट में रहता है,जब भी मन नही लगता है तो दादी के पास खुराना विला चला आता है जहां उसका पूरा बचपन बीता है!
श्रीशा की कॉलेज से graduate की पढ़ाई खत्म हो चुकी है,उसका सपना है की वो अपनी खुद की एक एडवरटाइजिंग कंपनी खोले,बचपन से उसका सपना रहा है एडवरटाइजिंग करने का,वो हमेशा से टीवी पर ऐड देख उनमें कमियां निकालती रहती है,
श्रीशा का मानना है,किसी भी कंपनी को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में किसी का सबसे ज्यादा रोल होता है तो वो एडवरटाइजिंग का होता है! श्रीशा की ये बात भी सही ही क्योंकि किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट का प्रमोशन एड के जरिए ही होता है जितनी लोगों के दिलोंदिमाग को छूने वाली एड होगी उतना ही उस कंपनी को फायदा होगा और उससे एडवरटाइजिंग कंपनी को होगा! श्रीशा की फैमिली ने सिर्फ बड़े बड़े सपने देखना ही नही बल्कि उनको पूरा करना भी सिखाया है,श्रीशा भी अपने सपने को पूरा करने के लिए कॉलेज की पढ़ाई के खत्म होते ही पैसे इक्ट्ठा करने के लिए जॉब ढूंढने में लग गई है, पैसे इक्ट्ठा करने में उसकी फैमिली भी पूरा सपोर्ट करती है!
फैमिली में पापा,मम्मी और एक छोटा भाई है,पापा
मम्मी मिलकर घर के साइड में एक कैफे चलाते है जिससे उनकी फैमिली का गुजारा आराम से हो ही जाता है छोटा भाई अभी 11th क्लास में है,घर में श्रीशा सब की लाडली है,सबको पता है वो फैमिली के लिए कितनी मेहनत करती है,श्रीशा अभी तक पांच छः अलग अलग कंपनियों में इंटरव्यू दे चुकी है लेकिन हर बार उसे वहां रिजेक्ट कर दिया जाता है क्योंकि वहां पर जॉब हमेशा सिफारिश से किसी और को मिल जाती और वो बिना जॉब के रह जाती!
_________
सुबह का समय,
एक स्क्रीन में से वीडियो के साथ एक लड़की की आवाज आती है–‘गुड मॉर्निंग’ , सुबह हो गई है बॉस उठ जाईए!" मिर्रर के सामने खड़े रेडी हो रहे शख्स की एटीट्यूड के साथ आवाज आती है-" मेरी गुड मॉर्निंग हुए दो घंटे हो गए है,तुम पूरे दो घंटे चालीस सेकंड लेट हो"कहते वो स्क्रीन की ओर मुड़ा-
एक शानदार बॉडी, डैशिंग लुक, गोरी चिट्ठी शक्ल ,
एक अलग ही स्टाइल और अंदाज में शानदार सूट पहने खड़े शख्स को देख कर स्क्रीन पर आ रही लड़की की मुंह से निकल पड़ा -"ओह वाव,वाव मिस्टर AK…"इतना बोलकर वो बस मिस्टर AK
को ही देखती रहती है,मिस्टर AK ‘कॉल कट’बोलते है और कॉल अपने आप कट हो जाती है!
कॉल कट होने के बाद स्क्रीन के उधर साइड बैठी हुई लड़की गंदा सा मुंह बना कर खुद से बोलती है- "क्या हुआ लेट हो गई,एक गुड मॉर्निंग बोलने में कौन सी जान निकल जाती है,गुड मोर्निंग भी नहीं बोला,यह है मिस्टर AK की नई सेक्रेटरी,जिसका आज कंपनी में पहला दिन था! कॉल कट होने के बाद, मिस्टर AK अपना फोन उठाता है और स्टाइल से कॉट का बटन बंद करते हुए रूम से ऑफिस के लिए निकल जाता है,उनकी गाड़ी एक बड़ी सी बिल्डिंग के आगे जाकर रुकती है,ड्राइवर भाग कर गाड़ी का दरवाजा खोलता है,मिस्टर AK बड़े ही स्टाइल से गाड़ी से उतरता है,वो
कॉट के बटन को बंद करते,इगो एटीट्यूड के साथ ही ऑफिस बिल्डिंग में एंट्र करता है,एंट्री गेट पर खड़े ऑफिस के कुछ लोग मिस्टर AK का वेलकम करते है,जिनमें एक वही सुबह स्क्रीन पर दिखने वाली लडकी भी थी जो AK की न्यू सेक्रेटरी है!
और एक मिस्टर AK का ही दोस्त करण होता है जो
उसकी कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर है,बाकी उसी के ऑफिस के लोग होते है,मिस्टर AK लड़की की तरफ बिना देखे, सीधे चलते हुए करण से कहता है-"नई सेक्रेटरी ढूंढो?" लड़की हैरान और गुस्सा होते बाहर ही खड़ी रह जाती है और बाकी सब मिस्टर AK के पीछे अंदर की ओर चले जाते है,
करण-" ये इस महीने की तीसरी सेक्रेटरी थी,आज ही तो उसका फर्स्ट डे था!"
मिस्टर AK अपने साइड में चल रहे करण से-"आज का शेड्यूल? करण को पता था अब वो किसी की सुनने वाला नहीं उसने जो फैसला कर लिया सो कर लिया,इसलिए वो बिना कोई बहस किए Ak को आज का शेड्यूल बताने लगा-"एक घंटे बाद सभी एम्प्लॉय के साथ मीटिंग है, फिर न्यू एड के लिए डेमो, फिर कॉफ़ी बीन पर रिसर्च देखनी है, एंड देन आपका मिस वालिया के साथ लंच है जिसमें आपको वालिया कंपनी के साथ इन्वेस्टमेंट की डील करनी है!
मिस्टर AK को अंदर आता देख सभी अपनी जगह से खड़े होकर गुड मॉर्निंग विश करते है, मिस्टर AK बिना किसी की गुड मार्निंग लिए लिफ्ट से होते हुए करण के साथ अपने कैबिन में पहुंच जाते है, AK -"शेड्यूल मुझे सेंड कर दो,और मेरा ब्रेकफास्ट भी मंगवायो?"
करण-"ये काम तुम्हारी सेक्रेटरी का है मेरा नहीं!"
AK लेपटॉप पर अपने काम में लगते हुए-"तो तुम मेरे लिए कोई ढंग की सेक्रेटरी ढूंढकर क्यों नही ले आते? सेक्रेटरी लाना तो तुम्हारा काम है ना,काम नहीं करना ठीक से तो जॉब छोड़ दो!"
करण मुंह बनाता है्-" वेरी बैड मंगवाता हूं,भूखड़ कही का,तुम्हे बहुत अच्छे से पता है ना किसी से कैसे काम करवाना है!"
AK हल्का सा मुस्कुरा दिया,
करण-"जब तक नई सेक्रेटरी नही मिलती है तब तक झेल रहा हूं तुम्हें,आईमीन काम करूंगा तुम्हारे मैं ये खाने पीने वाले,इस बार नयी सेक्रेटरी के आते ही तुमसे एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाऊंगा कि जो भी सेक्रेटरी आएगी उसे तुम दो महीने तक जॉब से नहीं निकालोगे!"
AK -"डन, जाओ अब और ब्रेकफास्ट आर्डर कऱो मेरे लिए,ध्यान रहे,लहसुन से एलर्जी है मुझे!"
करण-" हां हां,पता है मुझे लहसुन नहीं खाते तुम,जा रहा हूं......"
(मिस्टर AK अपनी दादी को छोड़कर सभी से एटीट्यूड में बात करता है कभी कभी वो अपने दोस्त करण के साथ भी एक दोस्त की तरह बात कर लेता है,वैसे उसको कम ही बोलना पसंद है!)
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आज भी थकी हारी, गुस्से से लाल टमाटर श्रीशा एक जॉब के लिए इंटरव्यू देकर घर पर लौटती है श्रीशा को आता देख मम्मी पापा भाग कर उसके पास चले आते है और श्रीशा को गुस्से में देखकर उसे कैफे में ले जाते है,पापा उसे चेयर पर बिठाते है,मम्मी भाग
कर उसके लिए पानी लाती है! पापा-"क्या हुआ बेटा?"
श्रीशा गुस्से से-" हद होती है, हर बार ऐसा होता है जब उन्हें जॉब ही नहीं देनी होती तो पोस्ट क्यों निकालते है ,इंटरव्यू के लिए क्यों बुलाते है!"
श्रीशा की बातों को सुन उसके पेरेंट्स एक दूजे की ओर देखते है,पापा मम्मी को उसके लिए खाना लेकर आने का इशारा करते है,मम्मी"ओह हां" बोल श्रीशा के लिए खाना ले आती है,जैसे ही उन्होनें श्रीशा के सामने खाने की थाली रखी वो बोलते बोलते चुप हो गयी,चुप क्या हो गयी खाने पर टूट ही पड़ी,खाना खाते खाते उसका गुस्सा भी ठंडा पड़ जाता है,उसके पेरेंट्स भी अच्छे से जानते है,श्रीशा को खाना मिल जाए तो उसका गुस्सा अपने आप ही फुर्र हो जाता है!
श्रीशा खाना खाते–खाते-" पता है,आज फिर उन्होंने सिफारिश पर किसी और को जॉब दे दी,ऐसे तो मुझे कभी जॉब ही नही मिलेगी (रोने जैसी शक्ल बनाते हुए), मेरे सपने कभी पूरे नही होंगे?"
पापा-"ऐसे नही बोलते बेटा, जरूर मिलेगी ,आज नहीं तो कल तुम्हें भी मिल जाएगी जॉब!"
मम्मी-" कोई तो ऐसा होगा जो सिफारिश नहीं टैलेंट के बेस पर जॉब देता होगा, दुनिया में अच्छे लोग भी होते है बेटा जो टैलेंट को महत्व देते है सिफारिश को नहीं!"
पापा-"बस फर्क इतना है कि अच्छे लोगो के मिलने में टाइम लगता है, तुम फिक्र मत करो तुम्हे जॉब जरूर मिलेगी, सब्र का फल मीठा होता है!"
मुंह में भरे खाने और हाथ में भी लिए खाने के साथ अपने मम्मी पापा को देखते हुए फिर से मोटिवेट होते हुए शीश्रा ‘हम्म ’कहते हुए हां में गर्दन को हिलाती है! श्रीशा को इस तरह देख कर मम्मी पापा हंसने लगते है, मम्मी पापा को हंसता देख श्रीशा भी हंसने लगती है कि तभी......"
(क्रमशः)
अगला भाग जल्द🤗
तभी कैफे में कस्टमर आ गये,उन्हें देखकर "आप कस्टमर देखो,मैं चली"बोल श्रीशा खाना साथ लेकर खाना खाते खाते कस्टमर को"हाय"बोलकर वहां से चली गयी और उसके पेरेंट्स कस्टमर को देखने लग गये!
अगले दिन कैफे के कुछ सामान की लिस्ट लेकर श्रीशा की मम्मी श्रीशा के रूम में आती है,श्रीशा अभीतक सो रही थी, मम्मी श्रीशा को जगाती है और उसके हाथ में लिस्ट दे कर प्यार से बोलती है-"तेरे पापा और भाई दोनों ही घर नहीं है और अभी ये सामान चाहिए मुझे,मेरी प्यारी बेटी ही अब मेरी हेल्प करेगी,चलो उठ्ठो,जल्दी से उठो और भाग कर जल्दी से ये सारा सामान लेकर आओ!"
श्रीशा उबासी लेते-"मम्मी आप खुद ले आओ न?" मम्मी-" कैफे में कस्टमर है उनको भी तो देखना है चली जाओ न बेटा!"
श्रीशा मुंह बनाते हुए-"मैं ही क्यों जाऊं? मम्मी श्रीशा को प्यार दुलार करते हुए-" चली जा, मेरा प्यारा बेटा है ना तू,मम्मी का छोटा सा काम कर दोगी न,उठ जा बच्चा....."
थोड़ी देर बाद श्रीशा फ्रेश होकर ,अपना बैग लेकर जाते जाते कैफे से कुछ खाने का भी हाथ में ही लिए,अपने डिलीवरी वाले स्कूटर पर बैठ,हेटमेट लगाकर,कैफे में खड़ी उसको ही देख रही अपनी मम्मी को "बाय "कह मार्केट से सामान लेने के लिए निकल जाती है,उसकी मम्मी उसको जाते देखकर अपना सिर पकड़ लेती है-"अब ये अपना बैग लेकर क्यों जा रही है वापिस भी तो आना है इसको वो भी जल्द पर अब तो लग रहा है आ गया आज सामान शाम से पहले!"
(श्रीशा अपने बैग में एक डायरी,एक छोटा सा कैमरा रखती है जो उसके लास्ट बर्थडे पर रिचा उसे गिफ्ट किया था,जिससे वो छोटी छोटी एड बनाती रहती है, और डायरी में डिजाइन के कुछ आइडिया ड्रॉ करती रहती है) श्रीशा अपना स्कूटर एक बड़े से घर के आगे रोकती है और जोर से चिलाती है-“ ओह मेरी छमक छलो!"
तभी घर से बाहर की ओर भागते हुए एक सुंदर, स्टाइलिश और बिंदास सी लड़की “ बस आ गई” बोलते आती है, ये है श्रीशा की बचपन की बेस्टफ्रेंड फॉरेवर मिस रिचा चड्डा,रिचा खुशमिजाज सी लड़की है,जोकि अपनी जिंदगी में प्यार की खोज में है,जिसे अपनी लाइफ में एक ऐसा लड़का चाहिए जो पैसों से नही सिर्फ उससे प्यार करे और सच्चा प्यार करे,
क्योंकि रिचा की लाइफ में ना करियर बनाने की प्रोब्लम है और ना ही पैसों की, रिचा के पापा एक जाने माने बहुत बड़े बिजनेसमैन है, जिनका ट्रांसपोर्ट का बिजनेस है,जिनके बिजनेस को रिचा ही संभालने वाली है ऐसा रिचा के पापा चाहते है लेकिन रिचा को लाइफ में कोई बिजनेस नही करना है उसे तो अपने प्यार के साथ सिंपल सी जिंदगी जीनी है!
रिचा श्रीशा के कमर में मुक्का मारती है-"आगे हो , मैं क्या इस डिलीवरी वाली टोकरी पर बैठूं? श्रीशा-"ज्यादा जगह चाहिए तो अपनी गाड़ी में आजा!"
रिचा श्रीशा को आगे धकेल कर पीछे बैठते हुए-"तुम्हें काफी अच्छे से पता है मुझे गाड़ी में अकेले जाना पसंद नहीं और तुम अपने स्कूटर को छोड़ कर मेरी गाड़ी में बैठोगी नही ,फिर क्यों चिड़ाती हो मुझे,क्यों बोलती हो गाड़ी का?"
श्रीशा हंस दी-"मेरी छमक छलो चिड़ जाती है इसीलिए चिड़ाती हूं,पता है मुझे मैं आई हूं तो मेरे साथ ही मेरी स्कूटर पर जाओगी गाड़ी में नहीं!"
रिचा-" हां हां ठीक है चलो अब!"
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दोनों एक बड़े से स्टोर पर जाती है,रिचा अपना कुछ सामान लेने के लिए अलग चली जाती है और श्रीशा लिस्ट को देखते हुए सामान लेने लगती है,काफी सारा सामान लेने के बाद श्रीशा बिलिंग के लिए जाने लगती है पर जैसे सी मुड़ी दूसरी साइड से ट्रॉली लेकर आ रहे एक शख्स के साथ जोर की टक्कर हो जाती है,टक्कर होने के कारण ट्रॉली टेढ़ी होकर गिरने ही लगती है कि श्रीशा उस ट्रॉली को गिरने से बचाने लगती है जल्दबाजी में श्रीशा का एक पैर ट्रॉली में फंस गया जिस के कारण वो खुद नीचे गिर जाती है, श्रीशा ट्रॉली को और उसके अंदर के समान को तो बचा लेती है लेकिन खुद नीचे गिर जाती है ,नीचे गिरने से श्रीशा का बैग खुल जाता है और बैग का सारा सामान जमीन पर बिखर जाता है!"
श्रीशा को गिरा देख वो शख्स श्रीशा के पास आया और उठने में हेल्प करने लगा-" आई एम रियली सॉरी, क्या आप ठीक है!"
श्रीशा उस शख्स की तरफ देखती है ये और कोई भी बल्कि करण होता है, श्रीशा-" इट्स ओके,मैं ठीक हूं!"
करण फिर से सॉरी बोलता है, श्रीशा उसकी ओर देख मुस्कुरा देती है-" इट्स ओके मैं ठीक हूं बस थोड़ी सी हाथ के लगी है जो मामूली है ज्यादा चोट नही आई है मुझे,एंड जो आई है वो थोड़ी देर में ठीक हो जाएगी सो डोंट वेरी......"
करण कुछ नहीं बोला वो नीचे बिखरा श्रीशा के बैग का समान और बैग नीचे बैठकर उठाने लगा,एक एक चीज उठाकर बैग में डालने लगा,श्रीशा उसको कुछ कहती रिचा आ गयी-"क्या हुआ,ये तेरा बैग,बैग का सामान कैसे गिर गया,और तेरे हाथ को (श्रीशा को कोहनी मसलते देख) क्या हुआ तू ठीक है न?"
श्रीशा रिचा को सब बताती है -"कुछ नहीं यार बस बाय मिस्टेक ट्रॉली टकरा गई और समान बचाने के चक्कर में मैं खुद गिर गई,रिचा को सारी गलती करण की लगती है,वो करण पर चिल्लाने लगी-" रोड़ पर तो तुम अपनी मर्जी से गाड़ी चलाते ही हो अब स्टोर को भी क्या तुमने अपना समझ लिया है?
देख कर नही चल सकते,ध्यान नहीं रख सकते,श्रीशा रिचा को रोकने की कोशिश भी करती है लेकिन रिचा नही रुकती है!
करण उसी पल नीचे से खड़ा होते"जानबूझकर नहीं किया मैनैं वो"बोलते हुए रिचा की ओर देखता है,पर जैसे ही रिचा पर उसकी नजर पड़ी वो आगे कुछ भी नहीं बोल पाया,होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट चली आई,रिचा जो उसे घूर रही थी वो उसमें खो सा गया, रिचा अभी भी करण को सुना ही रही थी लेकिन वो चुपचाप हाथ में बैग लिए सिर्फ रिचा को देखे जा रहा होता है ,उसे कुछ सुनाई नहीं दे रहा होता है उसे सिर्फ रिचा ही दिखाई दे रही होती है,करण खुद कुछ नहीं समझ पा रहा था क्या हो रहा है वो तो सिर्फ उस पर चिला रही रिचा को ही देखे जा रहा था!
खूब चिल्लाने के बाद भी रिचा को करण की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया ये देख रिचा करण के मुंह के सामने चुटकी बजाते हुए “ओह मिस्टर ”कहती है और उससे श्रीशा का बैग छीन लेती है और फिर सामान और श्रीशा को लेकर वहां से चली जाती है,जाते हुए श्रीशा पीछे मुड़कर रिचा से छुपकर करण से इशारों में रिचा की हरकतों से सॉरी बोलती है,करण इशारों में स्माइल के साथ श्रीशा को इट्स ओके बोलता है!
बिलिंग कराने के बाद दोनो सामान को स्कूटर में रख रही होती है कि तभी श्रीशा रिचा से-" कुछ ज्यादा ही नही सुना दिया तुमने उस बेचारे को,उसकी तो गलती भी नहीं थी!"
रिचा -"कोई जरूरत नही है ऐसे किसी की साइड लेने की, जिसकी वजह से तुम्हें चोट लगी उसकी तो तुम साईड मत ही लो!"
इधर स्टोर में करण अपना सामान लेने के लिए ट्रॉली लेकर वहां घूम रहा था तभी उसका ध्यान सामान की रैंक के नीचे पड़े कुछ सामान पर जाता है,करण उसे निकालकर देखता है,कैमरा था वो जिस पर श्रीशा का नाम सुंदर से डिजाइन में लिखा होता है,थोड़ी देर उसे देखने पर ही करण समझ जाता है वो कैमरा उसी का आईमीन उसी लड़की का जिससे वो टकराया था!
"यही होगी अभी वो लड़की,देकर आता हूं!"बोलते वो बाहर की ओर बढ़ा,
श्रीशा -"ऐसे अगर छोटी छोटी बातों पर मेरे लिए हर एक लड़के से लड़ती रही तुम तो कैसे तुझे तेरा प्यार मिलेगा? कहीं ऐसा न हो तू सिंगल ही इस दुनिया से चली जाए ,पहले ही कह देती हूं मुझे ब्लेम मत करना तेरी वजह से मुझे मेरा प्यार नहीं मिला!"
रिचा श्रीशा के गले लग जाती है-"नहीं करूंगी ब्लेम, मेरी जानेमन तेरे लिए ऐसे सौ प्यार कुर्बान!"
श्रीशा-" बस सौ ही?"
रिचा-" तो तू क्या चाहती है मैं सिंगल ही मरूं,सौ ही करूंगी कुर्बान,एक सौ एक नंबर वाला तो चाहिए मुझे मेरे साथ जीने के लिए.....और दोनों इस बात पर हंसने लगी और फिर स्कूटर पर बैठ वहां से निकल गयी,जब तक करण कैमरा देने बाहर आया वो दोनों वहां से जा चुकी थी,
"ओह नो"बोलते हाथ में पकड़े कैमरे की ओर देखते वापस स्टोर में चला गया,कुछ सामान और लेने के बाद बिलिंग करवाते टाइम बिलिंग गर्ल करण से कॉन्टैक्ट नंबर पूछती है तभी करण को ध्यान आया कि यहां श्रीशा रिचा के भी कॉन्टैक्ट नंबर मिल सकते है हालाकिं वो अभी उनके नाम सही से नहीं जानता था!
करण बिलिंग गर्ल से-"अभी जो कुछ टाइम पहले दो लड़कियां यहां से समान लेकर गए थी उनके कॉन्टैक्ट नंबर मिल सकते है क्या?"
बिलिंग गर्ल डायरेक्ट मना कर देती है क्योंकि वो अपने किसी कस्टमर की कोई भी पर्सनल इनफॉर्मेशन किसी के भी साथ शेयर नहीं करते है,लेकिन करण तो करण ठहरा जो अपनी मीठी मीठी प्यारी बातों से हर लड़की को वश में करने में माहिर है यहां कैसे चूक जाता,यह़ां भी उसने वहीं किया,थोड़े एफर्ट के बाद बिलिंग गर्ल को इम्प्रेस कर उससे नंबर ले ही लेता है!
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रास्तें में श्रीशा और रिचा दोनों अपने बचपन की फेवरेट दुकान पर रुक कर अपनी फेवरेट गर्मा गर्म जलेबियाँ खाती है,जलेबियाँ खाने के बाद दोनों बीच पर घूमने के लिए निकल जाती है,बीच पर पहुंचने के बाद दोनो खूब एंजॉय करती है,और फिर थक हारकर एक जगह बैठ जाती है!
श्रीशा-"तुझे पता है कल मैंने एक नई एड बनाई, मम्मी ने नए ग्लव्स लिए है बर्तन साफ करने के लिए उनपर!"
रिचा हंसते हुए-" अच्छा,दिखा फिर?"
श्रीशा अपने आस पास की, किसी ना किसी चीज पर , बहुत ही स्टाइल से छोटी छोटी एड रिकॉर्ड करती रहती है अपने कैमरा में ये बात रिचा भी अच्छे से जानती है,
श्रीशा"हां दिखाती हूं"बोलते अपने बैग से अपना कैमरा निकालने के लिए बैग में हाथ डालती है पर उसे बैग में कैमरा नही मिलता है,जिससे चलते वो परेशान हो जाती है-"ओह नो?"
श्रीशा को परेशान देख रिचा-" क्या हुआ?"
श्रीशा -"मेरा कैमरा,यार कैमरा नहीं मिल रहा है मेरा!"
रिचा-"ध्यान से देख,बैग में ही होगा!"
श्रीशा-"नहीं है!"
रिचा-"घर पर रह गया होगा?"
श्रीशा-"बैग में ही था मेरे,मैनैं डाला था!"
रिचा;"पक्का लेकर आई थी ना?"
श्रीशा-"हां यार तुझे ही दिखाने के लिए लाई थी साथ में कैमरा,मैनैं खुद रखा था बट अब नहीं है,पता नहीं कहां चला गया....कि तभी रिचा नीचे से उठ खड़ी हुई-"कही उस स्टोर वाले लड़के ने तो नहीं चुरा लिया?जो टकराया था,तेरा बैग उसी ने तो उठाया था,सामान भी,हो सकता है उसको अच्छा लग गया हो उसने रख लिया हो,हमसे छुपा लिया हो,यही हुआ है श्रीशा मान मेरी बात उसी लड़के ने चुरा लिया तेरा कैमरा,चोरी करके ले गया वो अपने साथ तेरा कैमरा!"
ये सुन श्रीशा रिचा का हाथ पकड़ उसे वापस नीचे बैठा लेती है और उसके सिर पर चपत लगाती है-" पागल है क्या ,कुछ भी बोलती है,चोर वो शक्ल से भी चोर नहीं लग रहा था,स्टाईल देखती उसका,चोर वो चोरी करेगा, कुछ भी, तुझे किस एंगल से चोर लग रहा था वो?
रिचा-"आजकल तुझे पता नहीं चोर भी किसी हीरो से कम नहीं लगते,शक्ल की तो तू बात ही मत कर,चेहरे पर थोड़ी लिखा होता है ये चोर है ये चोर नहीं!"
श्रीशा -"अच्छा!"
रिचा-"येस,पक्का उसी का किया धरा है मान न मान वो लड़का ही तेरा कैमरा चोर है उसी ने चुराया है......कि तभी......."
(क्रमशः)
अगला भाग जल्द🤗
"मान न मान वो लड़का ही तेरा कैमरा चोर है उसी ने चुराया है......रिचा बोल रही थी कि तभी श्रीशा जोर से बोल पड़ी-"याद आया......याद आया मेरा कैमरा घर पर ही छोड़ आई मैं?"
रिचा-"क्या अभी तो बोल रही थी लाई थी तुम,मुझे ऐड दिखाने के लिए....."
श्रीशा हंस दी-"वो एक्चुअली जब मैं रेडी हो रही थी तो मैनैं सोचा था मुझे कैमरा लेना है साथ में,जल्दी से
रेडी होकर मैं उसे बैग में रख लूंगी तुमसे मिलूंगी तब तुम्हें ऐड दिखाऊंगी बट आईंथिंक जल्दी जल्दी में मैं
भूल गयी....."
ये सुन रिचा ने अपना सिर पीट लिया-"पागल लड़की हो तुम...."
श्रीशा अपने कान पकड़ लेती है-"सॉरी"
रिचा उसके हाथ नीचे कर देती है-"सॉरी छोड़ मुझे नहीं चाहिए सॉरी!"
श्रीशा-"अच्छा!"
रिचा-"हां!"
श्रीशा-"सॉरी नहीं चाहिए तो क्या चाहिए?"
"तू....तू चाहिए मुझे सिर्फ तू....."कहते रिचा श्रीशा को हग कर लेती है,श्रीशा भी उसपर अपनी बाहें लपेट लेती है!
रिचा शीश्रा से अलग होते-"सुन मेरी प्री वेडिंग और वेडिंग शूट तुझे ही करना है और हां शादी के बाद मेरे घर का इंटीरियर डिजाइन तू ही करेगी,भूल मत जाना पहले ही बोल रही हूं!"
श्रीशा हंस दी-"ठीक है ,लेकिन पैसे लूंगी मैं!"
रिचा -"नही ,एक पैसा नहीं दूंगी मैं!"
श्रीशा-"तो फिर किसी और से करवाना मैं नहीं करने वाली?"
रिचा श्रीशा की ओर घूरकर देखती है-"क्या बोला?"
श्रीशा खड़ी हो गयी-"वहीं जो तुमने सुना?"
"रूक तुझे अभी बताती हूं"बोलते रिचा भी खड़ी हुई कि तबतक श्रीशा वहां से भाग गयी-"क्या बताएगी पहले पकड़कर तो दिखा मुझे?"रिचा उसके पीछे भागी-"अच्छा बेटा,रुक तू तुझे तो मैं बताती हूं,आज बहुत मार खाने वाली है तू पिटने को रेडी हो जा!"
श्रीशा आगे - पीछे उसके रिचा,न श्रीशा हाथ आ रही थी रिचा के और ना ही रिचा की पकड़ में आ रही थी श्रीशा.....दोनों की हंसी वहां गूंज रही थी आखिरकार
श्रीशा खुद ही रिचा के पास आ गयी और रिचा उसे
अपने साथ ही लेकर गिर पड़ी........दोनों का हंसना अभी भी जारी था......हंसते हंसते दोनों जमीन पर
लेट गयी और आसमां की तरफ देखने लगी,हंसते हंसते दोनों गहरी सांस भरते हुए आंसमा में उड़ रहे
परिंदों को कुछ देर तक देखकर एक दूजे की ओर देखती है.....दोनों के चेहरे पर बेहिसाब सा सकून झलक रहा था जिससे उनकी खुशी भी साफ जाहिर हो रही थी!!
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मिस्टर AK डैशिंग लुक और फुल एटीट्यूड के साथ
ऑफिस में एंट्रर करता है सभी अपनी जगह से खड़े होकर उसे "गुड मॉर्निंग" विश करते है पर वो किसी पर भी ध्यान नहीं देता है,अपने कैबिन की ओर बढ़ जाता है तभी उसकी नजर सामने से आ रहे करण पर पड़ी जो स्माईल करते उसी की ओर आ रहा था!
करण के पास आते ही Ak रूक गया,करण अपना चेहरा AK के कान के पास लाया और धीरे से Ak को चिढाते हुए बोला-"मिस वालिया आई है, थोड़ा गुस्से में लग रही है,कहीं शादी का कार्ड तो बनवा कर नहीं ले आई वो अपने साथ......कह करण ने अपना चेहरा पीछे कर लिया!
मिस्टर AK की भोहें चढ़ गयी,वो करण को घूरता है जो मंद मंद मुस्कुरा रहा था,AK कुछ कहता करण ने
कैबिन की ओर इशारा कर लिया-"जाओ वेट हो रहा है काफी देर से!"
Ak कैबिन की ओर बढ़ गया और एटीट्यूड के साथ
कैबिन में एंट्री ली,कैबिन में काउच पर एक स्टाइलिश लड़की बैठी थी,स्टाइलिश ब्राउनिश हेयर ,थोड़ा फेस पर मेकअप,हाइट 5फुट 8इंच से भी ज्यादा, उपर से नीचे तक देखने में किसी मॉडल से कम नहीं लग रही थी और उसकी ड्रेसिंग सेंस को देखकर कोई भी बता सकता है वो एक रिच फैमिली से है,वो मिस वालिया
थी!मिस वालिया का पूरा नाम कनिका वालिया है,जो एक बहुत बड़े बिजनेसमैन की बेटी है जिसको पैसे की कभी कमी नहीं हुई,बड़ी होकर मिस वालिया ने अपनी खुद की एक अलग कंपनी खड़ी कर ली जो रॉयल नाम की कंपनी है जो लोगो को लॉन देती है!
मिस वालिया के पापा की RAI ( reality and impartial)नाम की न्यूज beats कंपनी है,मिस वालिया के पापा और मिस्टर AK के पापा दोस्त है इसलिए मिस वालिया और मिस्टर AK का बचपन से
ही मिलना जुलना रहा है,मिस वालिया मिस्टर AK को बहुत पसंद करती है,मिस वालिया के बारें में कहे
तो उसे जो चीज एक बार पंसद आ जाए वो उसे हर हाल में चाहिए होती है,पंसद जिद्द बन जाती है!
AK कैबिन में आते ही मिस वालिया की तरफ देखे बिना ही अपने टेबल की ओर बढ गया,टेबल के पास आते ही उसने अपना कोट उतारकर अपनी चेयर पर डाल दिया और फिर खुद भी चेयर पर बैठ कर सामने टेबल पर रखे लेपटॉप पर काम करने लग गया,मिस वालिया उसे ही देख रही होती है पर वो बोली कुछ नहीं......कुछ देर बाद Ak अपना काम करते करते
मिस वालिया से कहता है-"कैसे आना हुआ?"
हालांकि उसका ध्यान अभी भी उसके लेपटॉप पर था,मिस वालिया मुस्कुरा उठी और काऊच से उठ-
कर Ak की ओर चली आई-"मुझे तो लगा तुमने मुझे देखा ही नहीं, मैं तो सोच में पड़ गई कही मैं तुम्हारे लिए इनविजिबल तो नही हो गई?"
Ak ने अभी भी ना तो मिस वालिया की तरफ देखा और ना ही उसमें इंट्रेंस दिखाया,मिस वालिया टेबल पर हाथ रख Ak के सामने खड़ी हो गयी-"तुम्हें याद दिला दूं, कल कोई डीनर के लिए आने वाला था,पूरे दो घंटे वैट करने के बाद उसका मैसेज आता है कि वो नही आ पाएगा, क्या दो घंटे वेट करने वाले को रीजन जानने का हक है,अगर हक नही तो उस वेट
का जुर्माना चुकाना पड़ेगा?"
Ak-" सॉरी मैं आपको इंतजार करवाना नहीं चाहता था ,वैसे जुर्माना क्या है?"
मिस वालिया को AK का दूसरा ऑप्शन चूज करना बिल्कुल भी पसंद नही आता है,उसे गुस्सा आता है पर वो हंस दी-"ये तो तुम्हें बहुत अच्छे से पता है Ak जुर्माना क्या हो सकता है और तुम ये भी जानते हो कनिका वालिया का जुर्माना चुकाना इतना आसान नहीं!"
AK ने मिस वालिया की तरफ देखा- "डीनर तो एक बहाना ही था बात तो बिजनेस के इन्वेस्टमेंट की डील की थी वो तो हम अभी भी कर सकते है!"
मिस वालिया Ak के पास चली आई उसने अपना हाथ उसकी बाहं पर रखा और धीरे धीरे वो अपना
हाथ बाहं से गर्दन तक ले आई और उसकी चेयर
के पीछे जा खड़ी हुई-"मिस्टर अद्वैत खुराना के लिए तो सिर्फ बिजनेस की डील थी लेकिन किसी और के लिए तो दिल को सुकून दिलाने का जरिया था,ऐसे किसी का दिल दुखाना अच्छी बात नहीं होती......"
बोलते वो Ak के कंधों पर हाथ रख पीछे से उसके करीब आने लगी,Ak उसीपल चेयर से खड़ा हो गया
और कॉफी मशीन की तरफ चल दिया!
Ak को यूं खुद से दूर जाते देख मिस वालिया मंद मंद हंसने लगी,तभी वहां करण आ गया,वो Ak के लिए
ब्रेकफास्ट लेकर आया था,......करण को देख मिस वालिया Ak से-"आई हॉप नेक्स्ट मीटिंग में मुझे वेट करना नहीं पड़ेगा......इतना कहकर वो अपना पर्स काउच से उठाती है और" सेक्रेटरी की जॉब में जच रहे हो"करण से बोलकर वहां से चली जाती है!
करण को मिस वालिया की इस बात पर गुस्सा आ जाता है-"देखो तो जरा इसे…....."कहते उसने AK की ओर देखा.......तो उसका गुस्सा और बढ़ गया,
क्योकि मिस वालिया की जिस बात पर करण को
गुस्सा आया उसी बात पर Ak मुस्कुरा रहा था!
करण उसको घूरते हुए उसका ब्रेकफास्ट टेबल पर रखता है और अपने कोट से दो पेपर निकालकर Ak को उनपर साईन करने को बोलता है-"आकर साईन करो इनपर?"
Ak कॉफी पीते उसकी ओर आता है और पेपर्स की ओर इशारा कर पूछता है-"क्या है ये?"
"मेरा रिजाइन लेटर......"
(क्रमशः)
अगला भाग जल्द🤗
"रिजाइन लेटर"सुनते ही Ak ने हैरानी से करण की ओर देखा तो करण हंस दिया-"इतनी जल्दी मुझसे तुम्हारा पीछा छूटने वाला नहीं है,रिजाइन लेटर नहीं
ये सेक्रेटरी वाला कॉन्ट्रैक्ट है!"
Ak करण को घूरता है और कॉफी पीते अपनी चेयर पर आ बैठा-"अभी सेक्रेटरी है कहां?"
करण-" तभी आएगी जब साइन करोगे?"
ये सुन Ak हल्का सा मुस्कुरा दिया और उसने पेपर्स भी साईन कर दिये.....करण खुशी के मारे उन पेपर्स को चूम लेता है-"ये हुई न बात,अब नो टेंशन!"
तभी Ak सिरियश लहजे में बोला-"मिस वालिया के साथ मेरी नेक्स्ट मीटिंग प्लान करो और न्यू कॉफी बीन पर रिसर्च कहां तक पहुंची उसकी सारी रिपोर्ट मेरे पास लेकर आओ,कल रिसर्च का फाइनल डे है तो रिजल्ट फाइंड करना है मुझे और हां इस कॉफी बीन की एडवरटाइजमेंट के लिए कोई नई मॉडल भी हायर करो!"
करण हैरान होते-"बाकी सब तो ठीक है लेकिन नईं मॉडल?"
Ak एटीट्यूड वाले लहजे "में-क्यों ,दुनिया में मॉडल खत्म हो गई?"
करण आह भर लेता है-"जिस तरह से तुम मॉडल बदल रहे हो एक दिन ख़त्म भी हो जानी है!"
AK-"क्या मतलब?"
अर्जुन मुंह बनाते -"कुछ नहीं, देखता हूं नई मॉडल"
कह वहां से चल दिया और जाते जाते खुद से बोला
पहले इन्हें लड़का मॉडल चाहिए था अब इन्हें लड़की मॉडल चाहिए वो भी नईं….और एक नहीं चार पांच हायर करनी पड़ेगी क्योंकि किसी की एक्टिंग पसंद नही आयेगी,किसी की शक्ल पसंद नही आएगी,
किसी की हाइट पसंद नही आयेगी और किसी का खड़े होने का स्टाइल पसंद नही आएगा बहुत काम
है करण लग जा काम पर फटाफट,काम टाईम पर नहीं हुआ तो तेरी बैंड बज जाएगी,एक बार भी नहीं
सोचा जाएगा ऑर्डर देना आसान होता है काम करना
मुश्किल....."
_______
श्रीशा घर पहुंचते ही अपने रूम की ओर भागती है,जाते जाते वो अपनी मम्मी को स्कूटर से सामान निकालने के लिए भी बोल जाती है-"सामान ले लो"
मम्मी स्कूटर के पास चली आई -"कितने का आया सामान ,बाकी पैसे कहां है,बिल कहां है,कहा भागे जा रही है ,क्या हुआ?".....मम्मी श्रीशा को आवाज देती है पर वो न तो रूकती है और न कुछ कहती है,
भागी दौड़ी अपने रूम में चली आती है-"कैमरा मेरा"
बोलते वो जल्दी जल्दी अपना कैमरा ढू़ंढने लगती है
कमरे का हर कोने में वो अपने कैमरे को ढूंढ रही थी,
इस चक्कर में उसने पूरे कमरे को अस्त व्यस्त कर दिया,सारी चीजें इधर से उधर पटक डाली पर उसे उसका कैमरा वहां पर न मिला!"
"कहां गया मेरा कैमरा,यहां तो नहीं है,कहां देखूं,हां कैफे में देखती हूं,क्या पता वहां छोड़ दिया हो मैनैं?
और मम्मी ने देखा हो........"सोचते वो मम्मी मम्मी
चिल्लाते हुए भागी कैफे में चली आई-"मम्मी,क्या अपने मेरा कैमरा देखा?"
मम्मी-"नहीं,क्या हुआ?"
श्रीशा-"मिल नहीं रहा है….."कहते वो अपना सिर पकड़ लेती है तभी उसको स्टोर का ख्याल आता है,
जहां पर उसके बैग का सामान गिर गया था- "जब
मैं गिरी थी बैग भी तो गिर गया था,वहीं तो नहीं छूट गया मेरा कैमरा........."सोचते वो फिर भागी अपने
स्कूटर के पास आई,स्कूटर लेती है और स्टोर के लिए
उसीवक्त निकल जाती है!
मम्मी फिर आवाज देते रह जाती है-"कहां जा रही हो अब,ये लड़की भी ना पता नही क्यों इतनी हड़बड़ी में रहती है....."
________
स्टोर पहुंचकर श्रीशा वहां काम करने वालों से अपने कैमरे के बारे में पूछती है,सबसे पूछा उसने लेकिन उसे कुछ पता नहीं चलता है,ना तो किसी ने उसके कैमरे को देखा और ना ही उस स्टोर में उसे उसका कैमरा मिला.....श्रीशा बहुत उदास हो जाती है और वो वहां से एक पार्क में चली आती है,थोड़ी देर बाद
रिचा भी वहां आ जाती है खाने पीने का बहुत सारा सामान लेकर क्योकि श्रीशा उसे कॉल पर बता चुकी है वो कहां है और उसका कैमरा खो गया है!
रिचा श्रीशा के पास आ बैठी-"मैं आ गयी!"
श्रीशा उदासी भरे चेहरे के साथ उसकी ओर देखती है-"मेरा कैमरा…."
रिचा उसे खाने की चीजे देती है-"तू पहले ये पकड़ और रही बात कैमरे की.....मिल जाएगा!"
श्रीशा-"कैसे मिलेगा....."
रिचा-"कहा न मिल जाएगा.....पहले तू कुछ खा जब तक तू कुछ खाएगी नहीं खुद का दिमाग खराब तो करेगी सो करेगी मेरा भी दिमाग खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी!"
ये सुन श्रीशा रिचा को घूरने लगी,रिचा बतीसी दिखा देती है और खाने को इशारा करती है,श्रीशा बेड मूड के साथ खाने लगी,पर खाते खाते उसका मूड थोड़ा ठीक हो जाता है,अच्छा फील करते करते वो थोड़ी इमोशनल भी हो जाती है और रिचा से कहती है-"
तू ना हो तो मेरा क्या हो? एक तू ही जो मेरा इतना ख्याल रखती है",,बोलते वो रिचा को टाईटली हग कर लेती है!
ये देख रिचा एक पल मुस्कुरा देती है पर दूजे ही पल श्रीशा को खुद से दूर कर देती है-"हां हां ठीक है अब इतनी भी एक्टिंग करने की जरूरत नहीं,लास्ट पीस था इसलिए अपने खाने पर फोकस कर!"
"हां"श्रीशा खुश होते आईमीन खाते खाते बोली,
(रिचा श्रीशा का फेवरेट स्नैक्स लेके आती है जो वो हमेशा खाती है खासकर जब वो प्रोब्लम में होती है उसका मूड ऑफ होता है,जिसे खाकर मूड भी ठीक हो जाता है उसका और वो खुश भी इतना ही नहीं थोड़ी देर के लिए वो अपनी प्रोब्लम्स भी भूल जाती है!)
________
उसी शाम
ऑफिस से फ्री होकर करण अपने घर आया,फ्रेश हुआ और खाना पीना करके वो रेस्ट करने के लिए
अपने रूम में आता है कि तभी उसकी नजर टेबल
पर रखे कैमरे पर पड़ती है जो उसी ने घर आते ही
वहां पर रखा था,करण उसे हाथ में लेता है-"इतना
बीजी था आज,इसका जो करना था वो कर ही नह़ी पाया.....वैसे इसमें है क्या लेटस सी ....बोलते वो उस
कैमरे को चैक करने लगा,ज्यों ही उसने चैक किया तो उसकी आखें फटी की फटी रह गयी,मुंह खुला
का खुला रह गया....वो श्रीशा की बनाई गयी उस
कैमरे में रिकोर्डिग छोटी छोटी सारी एड की क्लिप देख लेता है,हर एक एड को देखकर वो हैरान भी होता है और सरप्राइज आईमीन खुश भी और तो और श्रीशा के टैलेंट की तारीफ भी खूब करता है!
तभी उसे श्रीशा का ख्याल आता है-"इस कैमरे में इतना सब और इतना इम्पोर्टेन्ट,उस लड़की के लिए
बहुत जरूरी होगा उसका ये कैमरा,डेफिनेटली होगा और अभी उसका कैमरा उसके पास नहीं मेरे पास है तो वो अपने कैमरे को लेकर बहुत परेशान भी हो रही होगी,....सोचते वो अपना फोन लेता है और श्रीशा को कॉल करता है,उसके फोन में श्रीशा का नं सेव
था जब बिलिंग गर्ल से नंबर लेते ही उसने सेव जो कर लिया था!
श्रीशा का फोन रिंग किया वो unknown नंबर देख पास बैठी रिचा से-"ये किसका नंबर है? "बोलती है और कॉल उठाती है-" हेल्लो,कौन?
दूसरी तरफ से करण बोला-"श्रीशा?"
श्रीशा-" हम्म्म, लेकिन आप कौन?"
करण-" वो तुम्हारा कैमरा मेरे पास है!"
ये सुनते ही श्रीशा का चेहरा खिल उठता है -"मेरा कैमरा...."
श्रीशा को खुश होते देख और कैमरे का जिक्र सुन रिचा अपना कान श्रीशा के फोन के पास ले आती
है,जानने के लिए कि किसका फोन है और वो साथ
साथ इशारों इशारों में श्रीशा से भी पूछती है-"कौन
है?कौन है?"
श्रीशा करण से बात कर रही थी वो उसे उसके कैमरे के बारें में बताता है कि उसे स्टोर में मिला,श्रीशा की तो जान में जान ही आ गयी-" थैंक यू,थैंक्यू सो मच कहां हो आप?"
करण-"अभी तो लेट हो गया है रात होने वाली है,मैं
कल आपको आपका कैमरा लोटा दूंगा,बता दो कब ,
कहां देना है?"
श्रीशा इधर उधर देखती है,वाकई में रात होने वाली थी,....करण ने फिर पूछा-"बताईए कब-कहां देना है?"
श्रीशा-"कब , कहां…....मैं कल कैमरा लेने आऊंगी
आपसे अपना,आने से पहले कॉल करके बता दूंगी
आपको मैं कहां हूं!"
(रिचा बार बार श्रीशा के फोन के पास आकर सुनने की कोशिश कर रही थी और श्रीशा से पूछ भी रही थी पर श्रीशा उसको हर बार खुद से दूर कर देती है और उसे हाथ के इशारे से रूकने को भी बोलती है,
ये देख रिचा का मुंह बन जाता है जबकि श्रीशा यह सब जानबूझकर कर रही थी क्योकि वो जानती थी
अगर रिचा को पता चल गया वो स्टोर वाला लड़का
है तो वो उसे न तो करण से बात करने देगी और तो
और उससे लड़ने भी लग जाएगी!)
करण-" चलो एक काम करते है,न पूछने की जरूरत पड़ेगी कहां मिलना है न बताने की दोनों को पहले से पता होगा कहां आना है,सो कल हम 9:30 AM पर स्टर्लिंग रिजॉर्ट में मिलते है?"
श्रीशा हैरान होते-"स्टर्लिंग रिजॉर्ट?"
करण-" क्या हुआ? कोई प्रोब्लम है,चेंज कर लेते है जगह?"
श्रीशा -"नही, नहीं कोई प्रोब्लम नही है कल मिलते है
हम!"
करण-"ओके".........श्रीशा एक बार फिर करण को
थैंक्यू कहती है और फिर कॉल कट कर देती है जैसे ही उसने फोन रख गहरी सांस भरी रिचा उससे पूछने लगी-"अब तो बता दे कौन था?किससे बात कर रही थी तू,कहां पर है कैमरा,बोल न किसके पास है तेरा
कैमरा,कहां मिलने जा रही है, किससे मिलने जा रही है और वो भी स्टर्लिंग रिजॉर्ट में?"
रिचा ने श्रीशा के सामने सवालों का पहाड़ खड़ा कर दिया, रिचा बोले जा रही थी,वो उसके मुंह पर हाथ रख देती है-"बस बस शांत तो हो जा यार जरा सांस
तो ले लो,तू रुकेगी तभी तो मैं कुछ बोलूंगी,तभी तो बताऊंगी ना,खुद ही बोले जा रही है मुझे बोलने ही नहीं दे रही ..."
रिचा- "ओके,ओके अब तू बोल मैं नहीं बोलूंगी,बता जल्दी बता....कौन था किसका फोन था!"
श्रीशा-" वो जो आज स्टोर में मिला था न वही लड़का था जिससे टकराकर मैं गिर गयी थी......वो बोल रही थी रिचा बोल पड़ा-"मुझे पता था,वही होगा,वही चोर है ,मैने बोला था न शक्ल और कपड़ो मत जा उसके
दिखने में ही अच्छा था वो,एक नंबर का चोर है चोर और तू उस चोर से मिलने जा रहा है?"
ये सुन श्रीशा अपना माथा पीट लेती है,
रिचा-"तू नहीं जाएगी उससे मिलने?"
श्रीशा-"इसीलिए मैं तुझे नही बता रही थी,पता था मुझे जब सुनेगी वही था तो ऐसे ही रियेक्ट करेगी!"
रिचा-"तो और कैसे रियेक्ट करूं?"
श्रीशा-" जैसा तू सोच रही है वैसा बिल्कुल भी नहीं है वो,उसे कैमरा वहां स्टोर पर मिला था?"
रिचा-"तो उसने वो कैमरा उसी टाइम क्यों नहीं दिया हमें?और उसके पास में तुम्हारा नंबर कहां से आया? और वो तुझे कैमरा देने के लिए इतने बड़े और महंगे स्टर्लिंग रिजॉर्ट में आने को क्यों कह रहा है?"
ये सुन श्रीशा भी सोच में पड़ जाती है!
रिचा-"मेरी बात सुन वो पक्का कोई फ्रॉड है?
श्रीशा हाथ में पकड़े चिप्स को खाते हुए-"फ्रॉड?"
रिचा -"हां फ्रॉड!"
श्रीशा-"बट उसके पास मेरा कैमरा है,जाना तो पड़ेगा न कैमरा लाने के लिए!"
ये सुन रिचा कुछ सोचती है और एटीट्यूड वाले लहजे में श्रीशा से बोलती है-"हां सही कहा कैमरा लाने के लिए तो जाना ही होगा हमें पर तू न परेशान मत हो जब तक तेरी दोस्त तेरे साथ है (खुद की ओर इशारा करते )कुछ गलत नहीं होने देगी तेरे साथ,फिर चाहे सामने (करण को याद करते)कोई भी हो!"
ये सुन श्रीशा मुस्कुरा उठी,रिचा उसकी ओर देखती है-"कल देखते उसको तो?"
(क्रमशः)
अगला भाग जल्द🤗
रिचा की बात पर श्रीशा "हम्म" कहा,रिचा उसके कंधे पर हाथ रखते हुए फिर बोलती है-"तुझे परेशान होने की कोई जरूरत नही है मैं देख लूंगी उसे अच्छे से,मैं भी कल तुम्हारे साथ चल रही हूं........"
श्रीशा-"ओके,आई होप कल कोई बखेड़ा खड़ा नहीं करोगी तुम,प्लीज कोई परेशानी मत खड़ी कर देना, जो कुछ भी करना सोच समझकर करना!"
रिचा श्रीशा के चेहरे पर उंगली फैरने लगी-"तू अपनी दोस्त को जानती ही कहां है अभी तक ,क्या चीज हूं मैं?पता भी है तुझे?"
श्रीशा हंस दी-"सब पता है और हां बचपन से जानती हूं ,सारे कारनामें तेरे मैनैं देखे है,अच्छे से जानती हूं मैं तुझको जो हर बार कोई न कोई बखेड़ा खड़ा कर ही देती है!"
ये सुन रिचा चिढ़ गयी-"हां हां ठीक है ठीक है,मैं चाहे कुछ भी करती हूं लेकिन तुझे तो बचा ही लेती हूं जब भी तू किसी प्रोब्लम में फंसती है,सही बोला न!"
श्रीशा रिचा से लिपट गयी-"हां यार ये बात तो माननी पड़ेगी,मेरी छमक छलो है बड़ी ब्रेव, हर बार बचाया है तुमनें मुझे प्रोब्लम्स से,चाहे फिर बाद में तुमनें और नयी प्रोब्लम खड़ी क्यों न की हो!"
ये सुन रिचा श्रीशा को पीटने लगी,जो उसकी मार खाते खाते हंस रही थी.....उसे पीटते पीटते रिचा
भी हंस पड़ी.....और फिर दोनों घर की तरफ चल
दी रात जो हो रही थी!
________
अगले दिन करण के दिये वक्त पर और बताई जगह
के सामने रिचा और श्रीशा खड़ी थी,स्टर्लिंग रिजार्ट
को दोनों एकटक देख रही थी वो भी बिना पलकों को झपकाए-
श्रीशा-" क्या हमें अंदर जाना चाहिए?"
रिचा -"अगर कैमरा चाहिए तो जाना ही पड़ेगा!"
और फिर दोनों एक दूजे की ओर देख,गहरी सांस भर एक दूसरे का हाथ पकड़कर रिजार्ट के अंदर की ओर बढ़ गयी!
अंदर पहुंचकर दोनों इधर उधर देखती है लेकिन उन्हें वहां कहीं भी करण दिखाई नहीं देता,जिससे मिलने
मतलब जिसके बुलाने पर जिससे अपना कैमरा लेने
वो दोनों वहां आई थी.....तभी एक वेटर उनके पास आता है-"मिस श्रीशा?"
श्रीशा वेटर की ओर देखती है-" हां ?"
वेटर-"आइए?"
इतना कह वेटर वहां से चल देता है,श्रीशा रिचा की ओर देखती है तभी रिचा ने श्रीशा को वेटर की ओर
धक्का दिया और वेटर के पीछे पीछे उसको अपने साथ लेकर चल दी!
श्रीशा-"हम इस वेटर के साथ कहां जा रहे है?कहां ले जा रहा है ये हमें?"
रिचा-"ये तो वहां जाकर ही पता चलेगा कहां ले जा रहा है,चल चुपचाप....."
_______
वेटर श्रीशा रिचा दोनों को एक VIP टेबल के पास ले आया और दोनों को वहां बैठने का इशारा किया,दोनों
वेटर की तरफ ही देख रही थी,वेटर से इशारा पाकर जैसे ही दोनों ने टेबल की तरफ देखा तो पाया करण वहां पहले से ही बैठा हुआ था,करण मुस्कुराते दोनों
को "हाय बोलता है और बैठने को कहता है-"सिट!"
श्रीशा हल्का सा मुस्कारते करण के हाय का जवाब "हेल्लों" से देती है और "थैंक्यू" कहते चेयर पर बैठ जाती है वही रिचा न हेल्लो बोलती है न हाय सीधा
चेयर पर बैठते ही करण से कैमरे को लेकर सवाल
करती है वो भी थोड़ा रूडली लहजे म़े-"हेलो हाय
तो ठीक है पहले कैमरा दिखाओ हमारा,है भी या नहीं तुम्हारे पास कैमरा,पता तो चले सच में कैमरा देने हमें यहां पर बुलाया है या फिर टाईमपास करने
अगर टाईमपास करने के लिऐ बुलाया है तो पहले
ही बता देती हूं हम वैसे नहीं है और तो तुम्हें बहुत मंहगा पड़ सकता है हमारा टाईमवेस्ट करना?"
रिचा की बातें सुन करण हंस पड़ा और उसने कैमरा निकालकर टेबल पर रख दिया-"आपका कैमरा!"
श्रीशा ने ज्यों ही कैमरा देखा खुशी से उछल पड़ी-"
मेरा कैमरा "और उसने फट से अपना कैमरा उठा लिया और करण को थैंक्यू बोला-"थैंक्यू सो मच!"
करण मुस्कुराते हां में सिर हिला देता है वहीं रिचा मुंह बनाते इधर उधर देखने लगी!"
श्रीशा रिचा को अपना कैमरा दिखाती है-"मिल गया
मेरा कैमरा!"
रिचा उसे खुश देख खुश हो जाती है-"हम्म मिल गया
अब खुश...."
श्रीशा-"बहुत....."और वो रिचा को हग कर लेती है,
तभी रिचा की नजर करण पर पड़ी जो मुस्कुरा रहा
था,ज्यों ही रिचा ने उसकी तरफ देखा उसने भोहें उचका दी,ये देख रिचा उसे घूरने लगी और श्रीशा
से अलग होते हुए करण से बोलती है-"जब तुम्हें कैमरा मिला था,तुम उसी टाइम भी तो दे सकते थे
न हमें हमारा कैमरा?"
करण-"मैम....."वो आगे बोलता रिचा फिर बोल पड़ी
-"रिचा....रिचा चड्डा!"
श्रीशा दोनों की ओर देख रही थी!
करण-"ओके,रिचा जी,जब मुझे आपका कैमरा मिला तो मैं उसे आपको देने के लिए बाहर आया भी था पर तब तक आप दोनों वहां से जा चुकी थी!"
रिचा-"मिस्टर....."वो आगे बोलती करण बोल पड़ा-"
करण मेहता"
रिचा ने एक नजर श्रीशा को देखा और फिर करण की ओर -"हम्म....मिस्टर करण मेहता,समझ आया
कि हम वहां से चले गये थे तो आप हमें उस वक्त
हमारा कैमरा नहीं लौटा पाए,बट आप हमें हमारा
कैमरा बाहर भी तो दे सकते थे न,आईमीन यहां
इस स्टर्लिंग रिजॉर्ट में क्यूं बुलाया?"
ये सुन करण हंस पड़ा और हंसते हंसते रिचा को छेड़ते प्यार से बोला -"वो मैनैं सोचा कैमरा भी दे
दूंगा और थोड़ा रिचा जी के साथ टाईम संपेड कर लूंगा!"
इस बात पर श्रीशा को भी हंस आ गयी वहीं रिचा चिढ़ गयी और करण से नजरें फैर ली,करण ये देख
ना में सिर हिलाता है और फिर श्रीशा से बोलता है
-"मुझे तुम्हारी एडवरटाइजिंग काफी पसंद आई,वो
मैनैं(कैमरे की ओर इशारा कर)देखी!"
श्रीशा-"थैंक्यू एंड इट्स ओके!"
करण-"क्या तुम किसी एडवरटाइज कंपनी में काम करती हो?"
श्रीशा-"नहीं,मैं किसी भी कंपनी में जॉब नहीं करती,
कभी कभी मन करता है तो मैं बना लेती हूं ऐड और अभी तक इंटरव्यू ही दे रही हूं कहीं जॉब नहीं मिली मुझे,वो सिफारिशों पर जॉब देते है न लोग........"वो
बोल रही थी करण बोल पड़ा-"अगर में तुम्हें जॉब दूं तो क्या तुम करोगी?"
ये सुन रिचा श्रीशा दोनों एक दूजे की ओर देख हैरानी से करण की तरफ देखती है,करण फिर बोला-"
करोगी
जॉब?"
श्रीशा-"जॉब…? आप....देगें?"
करण-" हां ,मैनें आपकी एड देखी,आपका काम करने तरीका देखा,आपका टेलेंट आपका वर्क जो
और से बहुत डिफरेंट और काफी हट कर है,मुझे आपकी एड काफी अट्रैक्टिव लगी,उसमें मतलब आपके कैमरे में जो वीडियो ग्राफी, content,
जो जो मैनैं देखे बहुत इंट्रेस्टिंग लगे मुझे,जॉब दे
सकता हूं मै तुम्हें बिकोज श्रीशा यूअर वर्क वेरी
ओसम एंड यू आर वेरी टेलेंटेड!"
ये सुन श्रीशा कुछ कहती रिचा बोल पड़ी-"मिस्टर
करण मेहता,पहले आप हमें अपने बारे में बताईए
कुछ?"
करण रिचा से-"आप मुझे ऐसे क्यूं देख रही है!"
रिचा एटीट्यूड दिखाते-"जैसी मेरी मर्जी वैसे देखूं?"
करण-"कहीं मैं आपको फोर्ड तो नहीं लग रहा?"
रिचा मुस्कुरा दी-"जो पूछा है पहले वो बताएगें!"
करण हंस दिया-"जरूर,मैं AK COFFEE कंपनी
का मैनेजिंग डायरेक्टर हूं!"
AK कंपनी का नाम सुनते ही रिचा और श्रीशा दोनों शॉक हो जाती है और एक दूसरे की ओर देख करण की ओर देखती है,करण हां में सिर हिलाते फिर से बोला-"मैं सच कहा रहा हूं....शक की(रिचा की ओर
देखते)जगह यकीन करोगी तो बेटर रहेगा!"
श्रीशा-"AK COFFEE कंपनी?"
करण-"हां!"
श्रीशा- वो फेमस कॉफी वाली AK COFFEE कंपनी की ही बात कर रहे हो ना आप?"
करण-"जी हां, वही फेमस अद्वैत खुराना कॉफी बीन कंपनी की बात कर रहा हूं!"
श्रीशा-" आप उस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हो?"
कि तभी करण ने अपना कार्ड निकालकर टेबल पर रख दिया-"जी हां.....देख लिजिए प्रूफ!"
रिचा ने कार्ड उठाया और दोनों कार्ड को देखने लगी,
रिचा धीरे से श्रीशा से-"बोल तो सच रहा है कार्ड को देख कर तो यही लग रहा है,ये मैनैजिंग डारेक्टर है!"
श्रीशा खुश हो गयी-"तो मैं जॉब के लिए हां बोल दू? बहुत बड़ी कंपनी है यार...."
रिचा -"रुक,इतनी जल्दी हां नहीं बोलनी?"
श्रीशा-"क्यूं?"
रिचा-"अपनी भी कुछ तो इज्जत है,अभी थोड़ा भाव खा वरना आगे चलकर बहुत प्रोब्लम होगी!"
श्रीशा-"प्रोब्लम?"
रिचा-"हां अभी इनके जॉब ऑफर को तुमने ले लिया
तो आगे चलकर तुमसे बहुत काम लेगें,इन्हें तेरा काम
पंसद आया है न तो बस तू थोड़ा रूक,इनकी मान ली अभी तो न जाने तुझसे क्या क्या मनवाएगें!"
श्रीशा -" नही यार,ऐसा थोड़ी होगा,सोच मैनैं अभी हां नही बोली,ये जॉब भी हाथ से चली गई तो?"
रिचा-"नहीं जाएगी अगर इसे सच में तुम्हे जॉब देनी है,सच में इसने तुम्हारा टैलेंट जाना है तुम्हारा काम पंसद आया है तो तुम्हें ही जॉब देगा ये करण मेहरा!"
श्रीशा-"सुन ना...."
रिचा-"तू सुन,चुप रह मैं बात करती हूं...."कह रिचा
ने करण की ओर देखा जो उन दोनों की ओर देख रहा था,श्रीशा रिचा को रोकने की कोशिश करती है
पर रिचा करण से बोल पड़ी-"अभी तो हम जॉब के लिए हां ना कुछ नहीं कहेगें बट हां कल शाम तक सोचकर बता देंगे हम आपको,हमें आपकी कंपनी
में जॉब करनी है या नहीं ओके!"
करण-"ओके,मैं इंतजार करूंगा आपके जवाब का (श्रीशा की ओर देखते)आप बता देना?"
श्रीशा हल्का सा मुस्कुरा दी-"जी थैंक्यू!"
करण-"हम्म...अच्छा क्या खाओगे...ऑर्डर?"
श्रीशा मना करती है-" नही इसकी कोई जरूरत नही है!"
रिचा-"या हमें कुछ नहीं खाना?"
करण-"क्यूं....अगर आप दोनों ऑर्डर नही करोगे तो फिर में अपनी मर्जी से ऑर्डर कर दूंगा और आपको
खाना पड़ेगा?"
रिचा-"जबर्दस्ती है?"
करण-"रिकवेस्ट है....प्लीज कुछ तो खाना पड़ेगा?"
श्रीशा-"ओके देन....आप ही फिर कुछ ऑर्डर कर लिजिए(रिचा की ओर देख)जब इतना कह रहे है
तो खा लेते है(करण की ओर देखते)कर लिजिऐ
आप ऑर्डर.......कि तभी रिचा मेन्यू उठा लेती है
-"मैं अपनी मर्जी का ऑर्डर करूंगी,दूसरे की मर्जी
का ऑर्डर किया नहीं खाऊंगी!"
कि तभी श्रीशा ने रिचा के पैर पर अपना पैर दे मारा और करण की ओर मुस्कुराते देख रिचा से धीरे से बोली-"क्या कर रही हो?"
रिचा श्रीशा के कान में-" मैं अपनी पसंद का खाना खाना पसंद करती हूं दूसरे की नहीं....समझी!"
और फिर करण अपना और रिचा अपना और श्रीशा
के खाने का ऑर्डर देती है........खाने के बाद करण
पेमेंट करने लगा तो श्रीशा उसे रोकती है-"आप मत
किजिए....?"
करण-"मैं ही करूंगा,इसे मेरी तरफ से ट्रीट समझ लो ,नेक्स्ट टाइम तुम मुझे ट्रीट दे देना ओके!"
श्रीशा कुछ कहती रिचा उसे रोकते धीरे से बोली-"
देने दे ना,जब उसका इतना ही मन है पे करने का
तो करने दो!"
श्रीशा रिचा को आंखे दिखाती है, रिचा मुस्कुरा देती है!"
_________
और फिर तीनों पार्किंग एरिया की तरफ चले आते है-" उम्मीद करता हूं कल शाम तक आपका जवाब
हां ही होगा.....श्रीशा स्माइल के साथ थैंकयू बोलती है कि रिचा बोल पड़ती है-"अगर ना हुआ तो?"
(क्रमशः)
रिचा की बात सुनकर करण हंस दिया और दोनों को "बाय"बोल वहां से चला गया,उसके जाते ही श्रीशा
रिचा को अपने बैग से मारने लगी-"क्या क्या करती रहती हो,कुछ भी बोलती रहती हो!"
रिचा उसे रोकते आईमीन खुद को उसकी मार से बचाते हुए-"क्या कर दिया मैनैं?"
श्रीशा-"क्या कर दिया,अगर ये वाली जॉब भी मेरे हाथ से चली गई ना तो इसकी जिमेदार तू होगी,
सिर्फ तू....समझी!"
रिचा-"हां हां....ठीक है ठीक है!"
श्रीशा-"क्या ठीक है.....?श्रीशा फिर रिचा को मारने को हुई रिचा वहां से भाग खड़ी हुई......."रूक तू?"
बोलते श्रीशा भी पीछे पीछे दौड़ पड़ी....रिचा आगे श्रीशा उसके पीछे!
_______
कुछ देर बाद
श्रीशा -"कल पापा का बर्थडे है तो चल प्लांट स्ट्रीट मार्केट से उनके फेवरेट प्लांट लेकर आते है!"
रिचा-"हां वैसे अंकल का फेवरेट प्लांट है कौनसा?"
श्रीशा -"लिली प्लांट,पापा को उसके फ्लावर उनकी खुशबू बहुत पसंद है!"
रिचा-"ओके,तो चल फिर!"
और दोनों प्लांट स्ट्रीट मार्केट जाती है जो मुंबई का फेमस मार्केट है,मुंबई के सभी रिचज लोगों के यहां वही से प्लांट्स जाते है,भले ही बड़े लोग खुद वहां आकर नहीं लेकर जाते....दोनों कई शॉप पर जाती
है पर उन्हें वहां पर जो प्लांट लेना होता है वो नहीं मिलता,एक भी लिली प्लांट उन्हें वहां दिखाई नहीं
देता जिसे खरीदने वो वहां आई थी!
श्रीशा-"यहां तो है ही नहीं?"
रिचा-"मिल जाएगा......और दोनों नेकस्ट शॉप पर आती है!
रिचा-"अंकल लिली प्लांट है?"
श्रीशा -"अंकल प्लीज मना मत करना, लिली प्लांट नही है ऐसा मत कहना!"
शॉप कीपर-"बेटा सच्ची में नहीं है,आजकल लिली प्लांट पीछे से आने बंद हो गए है,तुम्हें शायद ही कोई एक आधा प्लांट मिले यहां,मेरे पास तो नहीं है आगे जाकर पूछ लो,क्या पता मिल जाए....."
"जी "बोल दोनों वहां से निकलकर आगे की तरफ बढ़ गयी...दोनों के चेहरे लटक चुके थे थककर चूर हो चुकी थी दोनों कबसे एक दुकान से दूसरी दुकान जो कर रही थी पर दोनों ठान चुकी थी आज लिली
प्लांट लेकर ही जाएगी!
रिचा-" तू उस साइड पूछ मैं इधर पूछती हूं!"
श्रीशा -"हां ये सही रहेगा.....और दोनों अलग अलग शॉप में चली जाती है,दो तीन शॉप पर देखने के बाद
श्रीशा आखिरी शॉप पर पहुंची इस उम्मीद के साथ कि वहां पर मिल जाए.....जैसे ही वो शॉप के अंदर
जाने लगी तभी पीछे से ब्लैक कलर की हुडी पहने एक लड़का उसको साईड कर उससे पहले शॉप में
घुस गया......ये देख श्रीशा का मुंह बन गया-"कैसे
कैसे लोग है इस दुनिया में,मैं जा रही थी ना मुझसे
पहले चला गया,इतनी भी क्या जल्दी?".....वो खुद
से बड़बड़ाती है वहीं वो लड़का अंदर जाकर लिली
प्ल़ांट का बोलता है तो शॉपकीपर "हां"कह उसके लिए लिली प्लांट लाने चला गया!
श्रीशा अंदर आई तो उसकी नजर शॉपकीपर के हाथ
में मौजूद लिली प्लांट पर पड़ी,वो खुशी के मारे उछल
पड़ी-"मिल गया"और भागी शॉपकीपर के पास चली
-"लिली प्लांट...अंकल (शॉपकीपर के हाथ से प्लांट लेते)यह प्लांट कितने का है?"
शॉपकीपर-"450!"
श्रीशा चौंक उठी-" इतना महंगा?"
दुकानदार-" बेटा पीछे से ही आजकल कम ही आते है ये प्लांट और हम ज्यादा पैसे लगा कर लाते है तो इतना तो बनता है!"
श्रीशा-" फिर भी अंकल इतना महंगा तो नहीं होना चाहिए?खैर मुझे ये चाहिऐ,मैं ले रही हूं इसे?"
शॉपकीपर-"पर बेटा ये तो एक पीस था मेरे पास और मैं ये उस लड़के के लिए लेकर आया हूं जिसने तुमसे पहले आकर मुझसे लिली प्लांट मांगा,उसे ना देकर
तुम्हें......कि श्रीशा बोल पड़ी-"आप उन्हें कोई और
दे दो न?"
शॉपकीपर-"ऐसा कैसे हो सकता है बेटा,मैनैं पहले उसे हां बोला है तो उसे ही देना होगा न,दो होते तो
मैं तुम्हें भी दे देता......तुम दूसरा ले लो,ये मुझे उसे
देने दो....."बोलते शॉपकीपर श्रीशा से प्लांट लेने लगा उसने नहीं दिया-"नो"और मुड़कर उस लड़के
की ओर देखा जो काऊंटर के पास खड़ा था,लंबा तगड़ा एकदम फिट फाईन लड़का जिसने हुड्डी से
अपना चेहरा ढक रहा था....श्रीशा की नजर जैसे
ही उस लड़के पर पड़ी एक पल उसे कुछ अजीब
सा फील हुआ मानों उससे उसका कुछ कनेक्शन
हो?पर दूजे भी पल उसे प्लांट का ख्याल आ गया
तो वो उस लड़के की तरफ अजीब नजरों से देखने लगी और प्लांट को खुद से चिपकाते शॉपकीपर से
बोली-"ये मैने लिया पहले,तो इसे मैं ही खरीदूंगी!"
हुडी वाला लड़का उनकी बातें सुन रहा था श्रीशा
को प्लांट पर हक जमाते देख बोल पड़ा -"पहले
पूछा मैंने था?"
श्रीशा-" तो, हाथ मैनें पहले लगाया!"
हुड्डी वाला लड़का-"तो....मैं ही लूंगा इसे?"
कि तभी शॉपकीपर दोनों से बोल पड़ा-"सुनो सुनों मैं अगले हफ्ते और मंगवा दूंगा, अभी वो ले लो जिसको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है!"
श्रीशा-" मुझे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है!"
कि हुडी वाले लड़के ने 500–500 के तीन नोट
निकालकर काऊंटर पर रख दिये-"इसे पैक कर दो
मेरे लिए....."
शॉपकीपर की आखें चमक उठी,श्रीशा उस लड़के को घूरने लगी,उसे गुस्सा आ गया था उस पर जो ज्यादा पैसे देकर उस प्लांट को लेने की कोशिश
कर जिसे वो लेना चाहती थी अपने पापा के लिऐ,
वो उस लड़के के पास चली आई-"तुम्हारे पास पैसे
है ज्यादा तो इसका मतलब ये नहीं तुम अपनी मन
मर्जी करोगे,ये क्या तरीका हुआ,मुझे इसकी ज्यादा जरूरत है और मैं इसके लिए काफी सारी दुकानें जाकर आई हूं......"वो बोल रही थी उस लड़के ने
एक और 500 का नोट निकाल कर काऊंटर पर
रख दिया-"दो मिनट में मुझे चाहिए ये प्लांट?"
इतने सारे पैसे देखकर शॉपकीपर खुश हो गया वो "हां"कहकर श्रीशा से प्लांट लेने लगता है, लेकिन श्रीशा का मन बिल्कुल भी उस प्लांट को छोड़ने का नहीं होता लेकिन आखिर में उसे छोड़ना ही पड़ता है!
हुडी वाला लड़का-" पैक करके बाहर गाड़ी में रखवा देना..........."इतना बोलकर वो बाहर जाने लगा कि
श्रीशा गुस्से से उसकी तरफ बढ़ी उसे रोकने के लिए
-"हे यू....."इस चक्र में वो उस लड़के के सिर से हुडी खींच लेती है और उसको "सुनो"कहते अपनी तरफ
घुमाती है.........वो लड़का कोई और नहीं ब्लकि Ak था अद्वैत खुराना जो आज अपनी दादी से मिलने जा रहा था और उनके लिए लिली प्लांट लेकर जा रहा था!
दोनों की नजरें जैसे ही एक दूजे पर पड़ी,नजरे़ एक दूजे पर ही ठहर गयी,कुछ देर के लिए दोनों ही सब
भूल जाते है........बस एक दूसरे को देखते रहते है
एक अलग सा कनेक्शन दोनों को फील सा होता है,
मानों दोनों एक दूजे को जानते हो पर ऐसा नहीं था
दोनों आज से पहले कभी मिले ही नही थें.....ना तो
Ak ने श्रीशा को देखा था ना ही श्रीशा उसे जानती थी उसने तो आजतक AK की कोई तस्वीर वगैरह
भी नहीं देखी थी!
कुछ देर बाद दोनों का ध्यान एक दूजे से हटा तो
Ak श्रीशा पर गुस्सा करते बोला-"ये क्या हरकत
है,पैसे चाहिए तुम्हें मुझसे तो तुम डायरेक्ट मांग सकती हो बतमीजी करने की क्या जरूरत है!"
ये सुन तो श्रीशा का गुस्सा उसपर और बढ़ जाता है
-"हद है,भगवान ने मुंह दिया है तो किसी को कुछ भी बोलोगे.....आगे बोलती Ak बोल पड़ा-"कुछ भी तो तुम बोल रही हो,तुम जैसो को अच्छे से जानता हूं मैं,
पहले जानबूझ कर दूसरों को परेशान करती हो और फिर पीछा छुड़ाने के लिए पैसे मांगती हो,फालतू का
ड्रामा कर पैसे ऐंठने आते है तुम्हें और वहीं कर रही
हो तुम काफी देर से!"
श्रीशा उस पर चिल्लाती है-"जस्ट शटअप.......क्या समझ रखा है तुमने खुद को और हां जैसा तुम मुझे समझ रहे हो ,वैसी तो मैं बिल्कुल नहीं हूं और क्या लगा रखा है पैसा पैसा.........ज्यादा ही पैसा है ना तुम्हारे पास मुझे तो नहीं चाहिए तुम्हारा पैसा पर हां अपने उन पैसों से जाकर तुम अपना इलाज करवा लो,खुद को तुम किसी अच्छे से दिमागी डॉक्टर को दिखाओ,अपने दिमाग का इलाज करवाओ,...आया बड़ा पैसों के दम पर अकड़ दिखाने वाला,हुऊं!"
AK को आज तक किसी ने इतना नहीं सुनाया और ना ही कोई उसपर चिल्लाया,श्रीशा का यूं चिल्लाना
Ak के गुस्से में घी डालने का काम कर गया-"दिमाग के इलाज की जरूरत तुम्हें है,सो कोल्ड illitrate पीपल......इतना कह वो उसी वक्त अपने चेहरे को
हुड्डी से ढक वहां से चला गया,शॉपकीपर प्लांट को
उसकी गाड़ी में रखवा चुका था,,,,,वो बाहर आकर अपनी गाड़ी में बैठना लगा,श्रीशा पीछे पीछे बाहर चली आई और जोर से चिल्लाते उसे आवाज दी-"
ओये बड़े अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद!"
Ak ने उसे घूरते हुऐ देखा,श्रीशा उसकी तरफ आने लगी उससे पहले वो उसे इग्नोर कर गाड़ी में बैठकर
वहां से चला गया........श्रीशा उसे जाते देख पीछे से गुस्से से चिल्लाती है-"छछुंदर कही का,हिम्मत है तो वापिस आ, डरपोक इडियट…."
कि तभी रिचा वहां आ जाती है,श्रीशा को ऐसे देख
परेशान हो जाती है-"श्रीशा क्या हुआ,क्यों चिला रही हो ,किस पर गुस्सा कर रही हो?"
श्रीशा -"वो छछुंदर, डरपोक, बतमीज अपने आपको समझता क्या है,अगर वो मुझे दोबारा दिखा ना तो मैं उसका खून कर दूंगी!"
रिचा को कुछ समझ नहीं आता,वो इधर उधर देखती है-"कौन,किसकी बात कर रही हो,हुआ क्या है यार,
किसका खून कर दोगी तुम,यहां तो कोई है ही नहीं!"
"चला गया वो"श्रीशा बोली और फिर उसने रिचा को हुड्डी वाले लड़के की यानि Ak की सारी बात बताई,
जिसे सुन रिचा को भी उस पर गुस्सा आ गया-"उस
की इतनी हिम्मत मिलने दो उसे,मिलकर खून करेंगे
उस इडियट का!"
श्रीशा ने "हम्म"कहा और फिर वो दोनों जाकर पहले आईसक्रीम खाती है,अपने मूड को ठीक कर अच्छी खुशबू वाला दूसरा प्लांट खरीदकर वो घर की ओर चल देती है..........हालाकिं Ak को लेकर अभी भी श्रीशा का खूल खौल रहा था,,,,अगर अभी उसका फिर उससे सामना हो जाता तो वो अपनें हाथों उस
का गला दबा देती....."
(क्रमशः)
घर पहुंच कर श्रीशा अपने पापा को प्लांट देती है,जो उन्हें बहुत पसंद आता है,वो खुश होते उस प्लांट को अपने सभी प्लांट्स के बीच में रख देते है!
"क्या खुशबू है इसकी ,मन करता है इसी के पास बैठा रहूं!"......श्रीशा के पापा उस प्लांट को गमले
में लगाते बोले,
श्रीशा -" आपको ये पसंद तो न आया पापा?"
(दरअसल श्रीशा अपने पापा का फेवरेट लिली प्लांट
नहीं ला पाई थी इसलिए थोड़ी उदास थी!)
पापा-"पसंद क्यूं नहीं आएगा बेटा,कितना प्यारा तो है ,वैसे भी प्लांट में पसंद नापसंद की तो कोई बात ही नही होती है,इनकी सुंगध इनके रंग इतने अच्छे
होते है,देखते ही अटेचमेंट हो ही जाती है,थैंक्यू बेटा
मन खुश कर लिया तुमने मेरा!"
श्रीशा उसी पल पीछे से अपने पापा को हग कर लेती है-" आप भी इस प्लांट जैसे है पापा बहुत प्यारे और आपका प्यार इनकी खूशबू जैसा,आप भी तो सबका
मन खुश कर देते है,हमेशा सबको खुश रखते है,लव
यू पापा!"
पापा हंस दिये-"लव यू टू बेटा!"
श्रीशा भी फिर प्लांट लगाने में उनकी मदद करने लगी-"पता है पापा आज क्या हुआ?"
"क्या हुआ बताओ?"पापा प्लांट में थोड़ा पानी डालते बोले,
श्रीशा -"आज जब में प्लांट लेने गई तब वहां मुझे?"
कह जो भी हुआ था वो सब अपने पापा को बताने
लगी,पापा उसकी बातें सुनते किचन में चले आते है
जहां श्रीशा की मम्मी उसके पापा के लिए कैक बना रही होती है....जैसे ही श्रीशा की नजर कैक पर पड़ी वो पापा को बताना छोड़ी भागी ममी के पास चली
आई-"ओह हो क्या बात है यहां अपने पति परमेश्वर के लिए केक बनाया जा रहा है?"
ये सुनते ही श्रीशा की ममी शर्मा जाती है और पापा
मुस्कुराने लगे.......तभी नक्षत बोल पड़ा श्रीशा का छोटा भाई -"आज तो मम्मी पापा के लिए सब कुछ करने को तैयार है,देख लो पापा(पापा के पास आते) अगर आपकी कोई विश रहती है तो, बोल लो अभी,
पूरी हो जाएगी!"
"हां पापा बोल दो बोल दो"श्रीशा भी पापा के पास चली आई........"तुम्हारी मम्मी मायके कब जा रही है?"पापा धीरे से मुस्कुराते हुऐ बोले....ये सुन श्रीशा
नक्षत हंस पड़े!
और ये बात ममी को भी सुन जाती है-"मैं तो मायके चली भी जाऊंगी,फिर दूसरे दिन ही फोन करके मत बोलना कि आ जाओ घर भूखे मर रहे है हम, तुम्हारी याद आ रही है!"
ये सुन तीनों हैरानी से एक दूजे की ओर देखने लगे
कि आखिर ममी को सुनाई कैसे दिया.......?"
_______
इधर AK अपनी दादी के पास आया,आते ही उनके गले लगा और उन्हें लिली प्लांट दिया जो वो उनके लिए लेकर आया था,दादी बहुत खुश होती है उससे मिलकर भी और वो प्लांट देखकर भी,फिर Akदादी के साथ गार्डन में चले आता है,जो उसकी दादी की फेवरेट जगह थी,पूरा गार्डन तरह तरह के फूल पौंधों
से भरा पड़ा था और उनकी खूशबू से महक भी रहा था श्रीशा के पापा की तरह मिस्टर Ak की दादी को भी प्लांट्स वगेरहा बहुत पंसद थे उनकी तरह दादी भी खुद देखभाल करती है बस फर्क इतना था श्रीशा के पापा का छोटा सा बगीचा था और दादी का गार्डन जिनके मुकाबले दादी के पास फूल पौधों की वैरायटी ज्यादा थी!
मिस्टर AK अपने कोट उतार कर ,शर्ट की बाजू को फॉल्ड कर अपनी दादी के साथ उस प्लांट को वहां
लगाते है,फिर दादी उसमें पानी डालती है,Ak कभी
दादी की तरफ देख रहा था कभी प्लांट की ओर-
तभी दादी ने मुस्कुराते Ak की तरफ देखा-"मैं चाहती हूं तेरी जिंदगी में जल्द कोई ऐसा आए जो इन फूलों
की भांति हो,जिस तरह ये गार्डन महक रहा है ठीक
वैसे तेरा जीवन महक उठे,सारी खुशबू सारे रंग भर दे
वो आकर तेरी जिंदगी में,मुझसे भी ज्यादा वो तुझसे
प्यार करें!"
ये सुन Ak मुस्कुरा दिया-" ये तो होने से रहा,कोई भी मुझे आपसे ज्यादा प्यार नहीं कर सकता!"
दादी पानी देना छोड़ते हुए बोली-"क्यूं नहीं दे सकता
है?"
Ak उन्हें पीछे से हग कर लेता है-"आप जितना कोई प्यारा ही नहीं है.....इस पर दादी कुछ बोलते वो फिर
बोल पड़ा-"बातों से ही पेट भर दोगे क्या मेरा या कुछ खाने को भी दोगे मुझे?"
दादी हंस दी-"नहीं नहीं खाने को भी दूंगी!"
Ak-"फिर दो जल्दी खाना!"
दादी-"अब छोड़ेगा तभी तो खाना दूंगी!"
पर मिस्टर Ak ने अपनी दादी को नहीं छोड़ा,वो उन्हें आगे कर उनको पीछे से हग किये किये वहां से अंदर ले गया.......दोनों ने फिर साथ साथ खाना खाया और
खूब सारी बातें की.....बातें करते करते Ak दादी की
गोद में ही सो गया,जब दादी ने देखा उनका आदु सो
चुका है तो वो मुस्कुरा दी और प्यार से उसका सिर
सहलाने लगी!
साफ पता चला रहा था,Ak का दादी की गोद में सर रखना सोना और दादी का प्यार से सुलाना,वो दोनों
कितना प्यार करते है एक दूसरे से,Ak अपनी दादी
के साथ एकदम अलग मासूम - प्यारा बन जाता है,
वो दिल का बुरा भी नहीं है और ना ही उनके साथ वो
बुरा बनता है जो दादी की तरह उसे सच्चा प्यार करते है पर ऐसे लोग उसकी जिंदगी में ज्यादा नहीं है दादी
के सिवा उसे कोई अच्छा नहीं लगता,वो मानता है उसकी दादी सी सबसे अच्छी है और वो ही उसका अच्छा चाहती है बाकि दुनिया मतलबी है!
बस इसलिए AK लोगो के साथ अच्छा बिहेव नहीं करता है,बस जो अपने काम को अच्छे से करते है और टाइम की वैल्यू रखते है,उन्ही को इंपोर्टेंस देता
है वो और उन्ही के साथ काम करना पसंद करता है उनका मानना है कि जो इंसान फालतू के कामों को छोड़कर सिर्फ अपने काम की ओर ईमानदार होते है वही बोलने लायक इंसान हैं बाकियों से कोई मतलब
नहीं!
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उधर श्रीशा डाईनिंग टेबल पर बैठी अपने पापा मम्मी भाई तीनों को जो हुआ प्लांट शॉप पर वो सब बता देती है जिसे सुन तीनों हैरान हो गये!
श्रीशा-"बहुत गुस्सा आया मुझे उसपर!"
श्रीशा की मम्मी उसे खाना देते हुए-"छोड़ो उसे ,ऐसे लोगों को याद ही मत करो बेटा,तुम अच्छे से खाना खाओ,ऐसे लोगो से दूर ही रहना चाहिए ,मुंह लगने का कोई फायदा नहीं होता!"
श्रीशा के पापा-"सही कहा,मूड ऑफ मत करो उसे
याद कर!"
श्रीशा ने "हम्म"कहा और खाना खाने लगी!
नक्षत-"जल्दी जल्दी डीनर करते है फिर पापा का बर्थडे मनाएगें कैक कट होगा,डांस होगा पार्टी होगी,
है ना........इस बात पर सब मुस्कुराते जोर से "येस"
बोले!
कुछ देर बाद सबने मिलकर पापा का बर्थडे सेलिब्रेट किया ,पापा ने केक कट कर सबको खिलाया,सबने
बर्थडे सोंग गाया और फिर खूब डांस लिया खूब सारा
इंजोये किया......कि वक्त का भी पता न चला,मम्मी
का ध्यान जब वक्त पर गया तो उन्ह़ोनें श्रीशा नक्षत
को सोने भेज दिया हालांकि दोनों का मूड बिल्कुल न
था जाने का और डांस जो करना था पर ममी के आगे उनकी कहां चलती.......उनके जाते ही ममी पापा के
पास आई और मुस्कुराते बोली-"हैप्पी बर्थडे!"
पापा ने मुस्कुराते "थैंक्यू"कहा और फिर दोनों ने एक दूजे को हग कर लिया......!
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अगली सुबह
श्रीशा और रिचा दोनों लटके चेहरे के साथ एक पार्क
में बैठी थी,दोनों चुपचाप वहां आ रहे - जा रहे लोगों को देख रही थी और साथ साथ Roll खा रही थी जो
श्रीशा घर से आते वक्त अपने कैफे से लाई थी जोकि रिचा के फेवरेट थे!
पार्क में कई तरह के लोग थे,कुछ कपल्स थे जो एक दूसरे की प्यार से केयर कर रहे थे,कोई अपने बच्चों के साथ खेल रहा था,कोई अपने दोस्तों के साथ था
कोई एक्सरसाइज कर रहा था ,कोई नाच कूद रहा था,श्रीशा रिचा की नजरें उन सब पर ही ठहरी हुई थी तभी श्रीशा रिचा से बोलती है-"ये लोग कितने खुश है न,देखो कितने अच्छे लग रहे है!"
रिचा roll खाते हुए-" हम्मम,उस कपल को देख वो भी कितने खुश है,कितने प्यारे लग रहे है साथ में!"
श्रीशा roll खाते -"हां!"
तभी रिचा ने रोनी सी शक्ल बना ली-" सब खुश है, वो खुश है क्योंकि उनको उनका लाइफ पार्टनर मिल गया हैऔर एक मैं हूं, जो अभी तक सिंगल हूं(ऊपर
आसमान की तरफ देखते हुए) क्या इस जन्म मुझे सिंगल ही मारने का प्लान बनाया है आपका?"
श्रीशा भी उपर आसमान की तरफ देखती है-"लगता है मुझे भी इस जन्म में कोई जॉब नहीं दिलाना चाहते ये.....कि तभी ऊपर से उड़कर जा रही चिड़िया दोनों
के चेहरे पर बीट कर जाती है,दोनों उसी पल आखें
बंद करते वहां से उठ खड़ी हुई और उस सब से वो दोनों इरिटेट होते गुस्से को कंट्रोल करते हुए जोर से चिल्लाई-"आआआआआआ……....."दोनों ने फिर जल्दी से अपने चेहरे साफ किये!
श्रीशा-"बस जिंदगी में एक इसी की कमी बची थी!"
रिचा -"तो लो हो गई पूरी!"
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श्रीशा कैफे का सामान लेकर घर पहुंचती है, कैफे में अपनी मम्मी को समान देकर,कुछ खा पीकर वो वहां से अंदर घर में चली जाती है,घर जाकर और नहाकर अपना बैग उठाकर अपनी स्कूटी लेकर घर से निकल
जाती है-"शाम (मम्मी से कहते हुए)को आऊंगी!"
उसे जाते देख ममी ने आवाज दी-"लो चली गयी,ये लड़की भी ना, हवा की तरह आती है और तूफ़ान की तरह जाती है कुछ पता नहीं रहता इसका तो!
तभी कैफे से किसी ने उन्हें आवाज दी...."आती हूं"
कहते वो कैफे में चली गयी!!
_______
श्रीशा एक पार्क में बैठी एक पेड़ को देख रही थी जो
ठीक उसके सामने था और बहुत सुंदर भी,वो सोचती
है उस पेड़ पर एड की जाए तो?........वो उस पेड़ पर
ऐड कैसे बनाई जा सकती है और क्या क्या किया जा
सकता है इसकी प्लानिंग करने लगी,वो उसी पेड़ में
उसी काम में पूरी खो जाती है कि उसे ये भी ध्यान न
रहता उसके आसपास क्या हो रहा है,उसे बहुत सारे
आईडियाज आते है,उस सबमें उसे वहां पूरे दो घंटे लग जाते है,उसीई बीच वो स्क्रिप्ट भी बना लेती है
और फिर गहरी सांस छोड़ते,खुश होते श्रीशा अपने
बैग से कैमरा निकालती है और उस पेड़ पर वो एड
बनाने लग जाती है!
उस पेड़ के बेनिफिट बताते हुए उसे कहां,कैसे,क्यों सभी को लगाना चाहिए,उसके बारे में बहुत ही अच्छे अंदाज में बोलते वो विडिओ सूट करती है,उस काम को कंप्लीट करती है,बस एडिटिंग बचती है जो घर जाकर होगी.....सोचते हुए वो अपना सामान वहां से
समेटने लगी तभी उसका फोन बज उठा,रिचा की ही
कॉल थी,श्रीशा ने कॉल पिक की-"हां, बोलो?"
रिचा-"कहां हो?"
श्रीशा-" बस यही पार्क में!"
रिचा -"खाना खाया?"
श्रीशा -"पहले खाया था अभी का नहीं खाया!"
रिचा-"अच्छा,और बताओ तुम कैसी हो?"
कि तभी श्रीशा वहीं पलाथी लगाकर बैठ गयी-" बात को इधर उधर घुमाए बिना सीधे प्वाइंट पर आ,जल्दी बता क्या हुआ?"
(क्रमशः)