गहरे जंगलों के बीच, जहाँ सूरज की किरणें भी डरते-डरते पहुँचती थीं, वहाँ एक रहस्यमयी मंदिर था। इस मंदिर की रक्षा करता था एक काला नाग—ब्लैक कोबरा। कहा जाता था कि यह कोई साधारण नाग नहीं, बल्कि एक शापित योद्धा की आत्मा थी, जो हजारों वर्षों से इस स्थान की... गहरे जंगलों के बीच, जहाँ सूरज की किरणें भी डरते-डरते पहुँचती थीं, वहाँ एक रहस्यमयी मंदिर था। इस मंदिर की रक्षा करता था एक काला नाग—ब्लैक कोबरा। कहा जाता था कि यह कोई साधारण नाग नहीं, बल्कि एक शापित योद्धा की आत्मा थी, जो हजारों वर्षों से इस स्थान की रक्षा कर रही थी। जिसने भी इस मंदिर की रहस्यमयी शक्ति को चुराने की कोशिश की, वह कभी लौटकर नहीं आया। लेकिन लालच इंसान को अंधा कर देता है। एक दिन, प्रसिद्ध खजाना शिकारी अर्जुन अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँचा। वह नहीं जानता था कि उसकी यह यात्रा उसे अंधकार और भय की एक भयानक दास्तान में धकेलने वाली है।
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अध्याय 1: रहस्यमयी जंगल का बुलावा गहरे जंगल में हल्की-हल्की धुंध फैली हुई थी। पेड़ों की ऊँची शाखाएँ आपस में इतनी उलझी थीं कि सूरज की रोशनी भी ज़मीन तक पहुँचने से पहले ही गुम हो जाती थी। हर तरफ़ अजीब-सी खामोशी थी, जिसे सिर्फ़ झींगुरों की आवाज़ और कभी-कभी किसी अनजान जीव की डरावनी चीख़ तोड़ती थी। यही जंगल था, जिसके बीचों-बीच स्थित था रहस्यमयी मंदिर, जहाँ ब्लैक कोबरा का साया मंडराता था। अर्जुन और उसकी टीम जंगल के रास्तों से होते हुए आगे बढ़ रहे थे। उनके पास आधुनिक हथियार, नक्शे और खजाने की तलाश में इस्तेमाल होने वाले सारे उपकरण थे। लेकिन अर्जुन को सबसे ज़्यादा भरोसा अपनी सोच और अनुभव पर था। उसने दुनिया के कई खतरनाक खजानों की खोज की थी, लेकिन यह जगह अलग थी... बहुत अलग। "मुझे ये जगह कुछ ठीक नहीं लग रही," अर्जुन के साथी रवि ने घबराई हुई आवाज़ में कहा। "डरने की ज़रूरत नहीं है," अर्जुन ने आत्मविश्वास से जवाब दिया। "अगर कहानियों पर ही यक़ीन करते रहोगे, तो कभी कोई बड़ा खजाना नहीं मिलेगा।" लेकिन तभी, हवा में एक अजीब-सी सरसराहट हुई। जैसे ही अर्जुन ने पीछे मुड़कर देखा, झाड़ियों के पीछे कुछ हलचल हुई। सबकी नज़रें वहीं टिक गईं। एक जोड़ी चमकती हुई लाल आँखें अंधेरे में चमक रही थीं। "कौन है वहाँ?" अर्जुन ने टॉर्च की रोशनी उस ओर फेंकी, लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं था—सिर्फ़ गहरी, भयावह ख़ामोशी। "शायद हमारा भ्रम था," अर्जुन ने कहा, लेकिन उसकी आवाज़ में भी हल्की घबराहट थी। टीम आगे बढ़ी और कुछ घंटों के सफ़र के बाद मंदिर का बाहरी ढांचा सामने आ गया। यह कोई आम मंदिर नहीं था। विशाल पत्थरों से बना यह प्राचीन ढांचा टूट-फूट चुका था, लेकिन इसकी भव्यता अभी भी डराने वाली थी। दीवारों पर नागों की आकृतियाँ उकेरी गई थीं, और हर मूर्ति की आँखें ऐसे चमक रही थीं, जैसे वे जीवित हों। रवि ने दीवार पर हाथ फेरा और कहा, "लगता है, यह हज़ारों साल पुराना है।" अर्जुन ने धीरे से मंदिर की सीढ़ियों पर पहला क़दम रखा। तभी अचानक हवा तेज़ हो गई, और मंदिर के भीतर से एक ज़ोरदार फुफकार की आवाज़ आई। "sssshhhh...." टीम के सभी सदस्य ठिठक गए। यह कोई आम आवाज़ नहीं थी—यह ब्लैक कोबरा के जागने की चेतावनी थी।