समर्थ सिंह चौहान शांत मगर गुसैल जिसके गुस्से से उसका परिवार भी डरता है और दुनिया के लिए किसी राक्षस से कम नहीं अपने पैसे और घमंड में चूर समर्थ को करनी पड़ती है एक छोटे से गांव में रहने वाली अदिति से शादी जिसकी किस्मत में खुशियाँ लिखी ही नहीं गई मां... समर्थ सिंह चौहान शांत मगर गुसैल जिसके गुस्से से उसका परिवार भी डरता है और दुनिया के लिए किसी राक्षस से कम नहीं अपने पैसे और घमंड में चूर समर्थ को करनी पड़ती है एक छोटे से गांव में रहने वाली अदिति से शादी जिसकी किस्मत में खुशियाँ लिखी ही नहीं गई मां बाप के मरने के बाद अपनी नानी के साथ रहती है अपनी मामी के अत्याचार को सहकर भी मुस्कुराती अदिति जिसकी खुबसूरती ऐसी की कोई देख ले तो बस उसका दीवाना हो जाए चेहरे में दुनिया भर की मासूमियत लिए सपने संजोती अदिति की उसका हमसफ़र आएगा जो उसे दुनियाभर की खुशियाँ लाकर देगा क्या पैसे के घमंड में चुर समर्थ करेगा अतिथि के सपनों को पूरा क्या समर्थ देगा अदिति को दुनिया भर की खुशियाँ या कर देगा मासूम सी अदिति के सपनों को चूर क्या शादी जैसे पवित्र बंधन को निभा पाएंगे अदिति और समर्थ क्या मिलेगी इनको इनकी प्यार की मंजिल जानने के लिए पढ़ते रहिए "हमसफर की बाहों में"
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अदिति अरे ओ अदिति कहा मर गइ जब देखो तब ये लड़की बस इधर उधर घूमती रहती है अपनी मामी की आवाज़ सुन अदिति छत से दौड़ते हुए नीचे आती है उसके पायल की शोर उस घर में गूंजने लगती है और गुलाबी रंग के सलवार सूट पहने चेहरे पर आ रहे बालों को पीछे कर कहती है जी मामी वो मैं कपडे सुखाने गई थी अदिति की बात सुन उसकी मामी उसपर गुस्सा कर कहती है कपडे सुखाने गई थी या फिर नैन मटक्का करने इतना देर लगता है कपडे सुखाने में अपनी मामी की बात सुन अदिति की आंखों में आंसू आ जाते हैं कि उसकी मामी कहती है अब रोना बंद करो और जा पोछा लगा और फिर नाश्ता भी बनाना है इतना कह अदिति की मामी वहां से चली जाती है और अदिति वो अपने आंसू पूछ बाल्टी में पानी ले घर में पोछा लगाने लगती है पोछा लगाने के बाद अदिति नाश्ता बनाती है और एक प्लेट में नाश्ता ले एक कमरे में जाती है जहाँ उसकी नानी बिस्तर पर सोई थी अपनी नानी के पास जाकर अदिति अपनी नानी को जगाती है अदिति की नानी उठकर बैठ जाती है उनकी तबियत ख़राब थी जिसके कारण वो बिस्तर पर ही सोई रहती थी वो चल फिर नहीं पाती थी अदिति अपने हाथ से एक निवाला ले अपनी नानी को खिलाती है जब उसकी नानी अपना निवाला अदिति को खिलाकर कहती है तुमने भी सुबह से कुछ नहीं खाया..मुझे पता था वो चुड़ैल मेरी बच्ची से सारे काम करवाती है और खाना भी नही दी होगी उसकी नानी की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वो रोने लगती है जब अदिति उनके गले लग कहती है नानी मां आप मत रोइये भगवान जी ने मेरी किस्मत मे भी खुशियाँ लिखे है और आप है ना अदिति आपके रहते कभी दुखी नहीं हो सकतीं आप कहते हैं ना कि मेरा हमसफ़र मुझे दुनिया की सारी ख़ुशीया देगा अदिति की बात सुन नानी जी रोटी हुई कहती है मैं जानती हूं बेटा तुम यहां खुश नहीं हो इसलिए मैंने अपनी सहेली को फोन कर यहां बुला लिया है वो कुछ दिनों में यहाँ आ जायेगी और तुझे यहां से ले जाएगी अब मेरा भी वक्त आ गया है बेटा मुझे नहीं लगता कि अब मैं ज्यादा दिन जी पाऊंगी और मेरे मरने के बाद वो औरत तुझे जिने नहीं देगी इसीलिये ठीक यही होगा कि तू अपने हमसफ़र के पास चली जा जो तुझे दुनिया भर की ख़ुशी देगा अपने हमसफ़र की बाहो में जिसे मैंने पहले से तेरे लिए चुन रखा है वो तुझे कभी दुखी नहीं होने देगा कह नानी जी अदिति को अपनी गले लगा लेती है और फिर कहती है हमसफर की बाहों में मेरी बच्ची एक सारे दुख भूल जाएगी जो तुझे मिले है मुझे माफ करना मेरी बच्ची मैं तुझे खुश नहीं रख पायी नहीं नानी मां आप ऐसा मत बोलिए आप मेरे लिए सब कुछ है और आपको कुछ नहीं होगा आप हमेशा मेरे साथ रहेंगे अपने अदु के पास अपनी नानी को गले लगा अदिति बैठी हुई थी जब उसकी मामी कहती है अगर हो गया होगा तो जाओ मार्केट से सब्जी ले आओ जब देखो पता नहीं ये बुधिया और ये मनहूस क्या कहते रहते हैं कह उसकी मामी बदबदाते हुई वहां से चली जाती है अपनी मामी की आवाज सुन अदिति अपनी नानी को खाना खिलाती है और वहां से जाने लगती है जब उसकी नानी कहती है जय जल्दी वरना वो चुड़ैल तुम्हें कच्चा खा जायेगी अपनी नानी को अपनी मामी के लिए चुड़ैल शब्द सुन अदिति मुस्कुरा कर कहती है नानी मां आप उन्हें ऐसा क्यों कहती हैं क्योंकि वो है कह नानी माँ मुस्कुरा देती है तो अदिति भी मुस्कुरा देती है अदिति बहार आती है और अपनी मामी के पास जाकर कहती है मामी वो पैसे चाहिए सब्जी लाने के लिए मामी घूर कर अदिति को देखती है और कहती है क्यू तेरे पास नहीं है क्या बच्चों को जो ट्यूशन पढ़ती है उसमें से ले आ हम तुझे पाल रहे हैं वो नहीं दिख रहा और तू सब्जी ले आएगी तो तेरे पैसे खत्म हो जाएंगे मां मेरा शर्ट नहीं दिख रहा जी मैंने कल धोने के लिए दिया था अदिति के मामी का बेटा कमरे से चिल्लाता है जा देख कुणाल को उसकी शर्ट दे कहा रखी है तो अदिति अपना सर हेला कुनाल के रूम में जाने लगती है लेकिन उसे डर भी लग रहा था अदिति डरती हुई कमरे में जाती है जहा कुणाल शर्टलेस खड़ा था अदिति को देख वो गुस्से में कहता है अब खड़ि क्या हो मेरा शर्ट ढूंढो कुणाल की बात सुन अदिति उसका शर्ट ढूंढ कर उसे देती शर्ट लेते हुए उसका हाथ को पकड़ा लेता है अदिति जल्दी से अपना हाथ छुड़ा वहा से चली जाती है और कुणाल तिरछी मुस्कान लिए अपना शर्ट पहनने लगता है अदिति बाहर आती है और मार्केट जाने लगती है जब। अदिति की मामी की बेटी। मिताली कहती है। अदिति मार्केट जा रही हो तो मेरे लिए फेस वॉश और सनस्क्रीम ले आना. अदिति अपना सर हीला देती है और वहां से चली जाती है रास्ते में अदिति की दोस्त श्रेया मिलती है वो अदिति को देख कहती है क्या हुआ आज क्या फिर से तेरी चुड़ैल मामी ने तुझे कुछ कहा श्रेया की बात सुन अदिति अपना सर ना मे हिला कहती है नहीं उनको कुछ नहीं कहा लेकिन नानी मां ने अपनी बेस्ट फ्रेंड को बुलाया है जिनके पोते से मेरी शादी होने वाली है। अदिति की बात सुन श्रेया खुश हो अदिति को गले लगाती है कहती है वाह क्या बात है .आखिर अब तुम जाओगी.अपने हमसफ़र के बाहो मे श्रेया की बात सुन अदिति शर्मा जाती है जिस पर श्रेया उसे छेड़ते हुए कहती है ओये होये कोई शर्मा रहा है लेकिन एक हमसफ़र की बाहों में जाकर अपने इस दोस्त को भूल मत जाना अदिति मुस्कुराती है और फिर दोनों मार्केट कर घर चले जाते हैं घर में रात का खाना बना अदिति अपने कमरे में आती है और बिस्तर पर लेट खुद से कहती है कैसे होंगे मेरे हमसफ़र क्या वो भी मुझे प्यार करेंगे क्या मुझे दुनिया भर खुशियाँ देंगे यह सब सोचते हुए अदिति को कब नींद आ जाती है पता ही नहीं चलता अगली सुबह अदिति अपने घर के कामो लगी हुई थी जब उसके घर से बहार से शोर शराबे की आवाज़ आती है जहां 4 बड़ी कार उसके घर के पास आकर रुकी थी जिसके चारो तरफ गांव के बच्चे घूमते हुए चिल्ला रहे थे To be continue ✍️ ✍️ ✍️ क्या अदिति का हमसफ़र देगा उसे दुनिया भर ख़ुशी जिसका सपना अदिति देखती है .कौन है अदिति का हमसफर क्या होगा आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहों में कैसा लगा मेरी नई कहानी का पहला चैप्टर कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏 🙏 🙏
बहार शोर की आवाज़ सुन रिधिमा बाहर आती है जहां उसकी मामी और माम पहले से खड़े थे और उनके सामने एक 70 वर्षीय महिला जिनहोने सफ़ेद बनारसी सारी गले मे रानी हार चेहरे में रोब लिये खड़ी थी यह है अदिति की नानी के बेस्ट friend शांति देवी थी उनके साथ उनका बेटा दिग्विजय सिंह चौहान और उनकी पत्नी सावित्री सिंह चौहान थी अदिति की मामी इतने अमीर लोगों को अपने घर में देख खुश हो कहते हैं जी आप लोग ,हम यहां अपने दोस्त से मिलने आये हैं शांति देवी मुस्कुरा कर कहती है मामी जी कन्फ्यूज्ड हो कहती हैं आप के दोस्त जब मामा जी कहते है आप मेरी माँ की दोस्त हैं ना शांति जी अपना सर हा मैं हिला कहती है हा वो मुझे ।उसे मिलना है मामा जी कहते हैं आपको देख कर ख़ुशी हुई आये ना माँ आपका इंतज़ार कर रही है वो रोज आपका नाम लेती है कि आप उनसे मिलने आने वाली हैं हमारे दोस्त ने हमें बुलाया है तो भला मैं कैसे ना आती शांति जी कहती हैं और नानी माँ के कमरे में चली जाती है जहां अपने दोस्त को बिस्तर पर सोए देख उनकी आंखों में खुशी और दुख दोनों के आंसू भर आते हैं ख़ुशी इस बात की वो आज अपने दोस्त से सालो बाद मिल रही थी और दुखी इसिलिये क्योंकि उनकी हालत ऐसी थी जैसी वह कितनी तकलीफ़ में है नानी माँ अपनी बचपन की सहेली को देख खुश हो कहती है शानू तुम आ गयी बहुत इंतज़ार करवाया तुमने अब आई हो मिल्ने .अब तो मेरे जाने के समय हो गया है तुम अभी भी नहीं बदली ना जब देखो इमोशनल बातें चुप रहो कुछ नहीं होगा तुम्हें शांति जी नानी माँ के पास बैठती है अपने दोस्त की फटकार सुन नानी माँ मुस्कुरा देती है और कहती है इसमें ग़लत नहीं है मेरी हालत जैसी है डॉ. ने भी जवाब दे दिया है .तो बस अपनी आखिरी सास में तुमसे कुछ मांगना चाहती हू शांति जी की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वो अपने आंसू पोछ कहती है फालतू बाते मत करो तुम मार खाओगी मेरे हाथ से इस उम्र में भी नानी माँ मुस्कुराती है कि उनकी सास तेज़ हो जाती है सभी घबरा जाते हैं और अदिति जो सबके लिए पानी लेकर आई थी वो जल्दी से पानी लेकर नानी माँ के पास जाकर उन्ह पानी पिला कहति है नानी माँ आप ठीक तो है ना नानी मां अपना सर हीला देती है और फ़िर शांति जी की तरफ देखती है और कहती है क्या तुमने पहचाना शांति जी मुस्कुराकर अदिति के सर में हाथ फेर कहती है हा हम क्यू नहीं पहचानेंगे अपनी बच्ची को। अदिति अपना सिर झुकाए बैठी थी जब नानी माँ कहती है तो अब अपनी अमानत को अपने साथ ले जाओ अब मेरी अदिति .21 साल की हो गई है और अब मैं इसके हमसफर के हवाले कर चेन से मरना चाहती हूं मेरे मरने के बाद तुम इसे अपने साथ ले जाना और इसकी शादी अपने पोटे समर्थ से करवाना शांति जी भीगी पलकों से नानी माँ को देखती है और उनके हाथ को अपने हाथ ले कहती है तुम चिंता मत करो ये मेरी बेटी है कोई भी परेशानी नहीं होगी बस मुझे यहीं सुनना था अब मैं चेन से जा सकती हूं कह नानी माँ मुस्कुराती है और अपनी आंखें बंद कर लेती हैं नानी माँ के आखे बंद करते ही वहा जैसी शांति फेल गई थी तभी अदिति जोर से रोती हुई कहती है नानी मां शांति जी भी रोने लगती है उनकी बचपन की सहेली अब इस दुनिया से जा चुकी थी जिनके साथ उनहोने अपना पूरा बचपन बिताय था सभी की आखे नम थी वही कोई था जिनकी आख गुस्से से लाल थी और वो कोई और नहीं बल्की मामी जी और उनकी बेटी मिताली थी जो गुस्से से लाल हो रही थी मिताली अपनी माँ से कहती है माँ ये दादी ने इस बिखारन की शादी इतने अमीर घर तय कर रखी है मामी जी गुस्से में अपनी बेटी को देखती है फिर अदिति को जो रो रही थी नानी माँ .को गुजरे 1 week हो गया था और आज शांति जी और बाकी सब अपने घर जाने वाले थे .और उनके साथ अदिति भी जा रही थी उसकी दोस्त श्रेया रोती हुई कहती है मुझे भूलना मत समझी तुम अदिति भी अपनी आंखों में आंसू ले श्रेया को .गले लगा लेती है कि गांव के बच्चे आ जाते हैं और वो अदिति को देख कहते है दीदी, आप जा रही हैं।अब हमें कौन पढ़ाएगा अदिति उनको देख कहती है रो मत श्रेया है ना वो तुमलोगो को पढेगी अच्छे से पढाई करना तभी एक बच्चा कहता है नहीं श्रेया दीदी मारती है आप अच्छी हैं हमें नहीं मारती श्रेया मुँह बना कहती है अच्छा मेरे सामने मेरी बुराई बच्चे अदिति के पीछे छुप जाते हैं अदिति और श्रेया हस देते है मामी जी और मामा जी एक तरफ अपना सर झुकाये खड़े थे और शांति जी उनको देख गुस्से में कहती हैं सिर्फ चार दिन के लिए हमने अपनी बच्ची को आप लोगो के हवाले किया था अगर हमें कुछ काम न होता तो हम उसी दिन अपनी बच्ची को यहां से ले जाते फिर मामा जी की तरफ देख कहती है तुम्हारी पत्नी से तो हम कोई उम्मीद करते भी नहीं लेकिन तुम तुम भी तुम्हारी सागी भांजी है वो हाथ नहीं कापे तुम्हारे उस बच्ची को बेचने मे मामा जी कुछ नहीं कहते और शांति जी वहां से चली जाती हैं उनके साथ दिग्विजय जी आये थे वो कहते हैं माँ चलिए फ्लाइट का टाइम हो रहा है शांति जी अपना सिर हिला देती हैं और अदिति से कहती हैं बेटा चलो देरी हो रही है अदिति अपना सर हिला श्रेया से गले लग रोने लगती है और कहती है मैं आउंगी तुमसे मिलने और तुम भी आना श्रेया भी अपने आंसू पूछती है हा आउंगी चल अब रो मत चुड़ैल दिखती है अदिति हस्ती है और शांति जी के साथ कार में बैठ वहां से उनकी कार निकल जाती है जिसके पीछे 3 और कार थी जिसमे गार्ड थे कार में बैठी शांति जी अदिति से कहती हैं बेटा तुम ठीक तो हो ना अदिति शांति जी को देखती है और कहती है दादी हम कह जा रहे हैं दादी जी अदिति की बात सुन हस्कर कहती है वही जहां तुम्हारा हमसफर है जिसे तुम्हारे लिए तुम्हारी नानी माँ ने चुना है बचपन से अदिति अपना सर हिला देती है और हल्का सा मुस्कुरा देती है शाम का वक्त कारो काफ़िला एक बड़े से मेन्शन के सामने रुकता है जिसमे से शांति जी बाहर आती है और उनके साथ अदिति , अदिति उस मेन्शन को देख शांति जी को देखती है और कहती है दादी ये आपका घर है शांति जी अदिति की बात सुन मुस्कुरा देती है और कहती है हाँ और अब से तुम्हारा भी शांति जी अदिति और दिग्विजय जी घर के अंदर आते हैं जहां हाल में पूरा परिवार बैठा था सावित्री जी जो रसोई से आ रही थी वो अदिति को देख खुश हो कहती है अरे आप लोग आ गये फिर अपनी देवरानी से कहती है मालती देखो कौन आया है मालती दिग्विजय जी के छोटे भाई रणजीत सिंह चौहान की पत्नी जल्दी से किचन से बाहर आती है और शांति जी को देख अदिति की तरफ़ इशारा कर कहती है माजी क्या यही है हमारे समर्थ कि होने वाली पत्नी हाल में बैठे रंजीत खड़े होते हैं और कहते है माँ बैठिए ना आप खड़ी क्यू हैं भैया आप भी बैठिये फिर अदिति को तरफ देख कहते हैं बेटा तुम भी आओ लम्बे सफ़र से आये हो आप लोग दिग्विजय जी सोफे पर बैठते हुए कहते हैं वो सब ठीक है लेकिन बच्चे कहा है और समर्थ वो अभी तक ऑफिस से नहीं आया नही की ऊपर से एक 19 साल की लड़की निचे डौडते हुए आती है जिसके पीछे एक लड़का था वो लड़की जल्दी से नीचे आकर दिग्विजय जी के गले लग जाती है और लड़के की तरफ़ इशारा कर कहती है पापा देखिये ना भैया मुझे परेशान कर रहे हैं वह लड़का गुस्से में कहता है मानसी की बच्ची पापा को देख झूठ बोल रही ह युग क्या हुआ क्या किया मानसी ने जो तुम इतना गुस्सा हो रही हो युग अपने पापा की बात सुन अपने हाथ के लिए शर्ट को दिखा कर कहता है देखिये इसने मेरी शर्ट का क्या हाल किया है मानसी मासूम सा चेरहा बना दिग्विजय जी से कहती है पापा मैने फोन में देखा था की शर्ट से कैसे टॉप बनता है मैं बस वही कर रही थी लेकिन मुझसे हुआ नहीं मानसी की बात सुन दिग्विजय जी मुस्कुरा देते हैं तो मानसी भी अपन दिखा देती है और युग वो गुस्से में मानसी को घूरने लगता है जब उसकी नज़र अदिति पर जाती है जो सावित्री जी और दादी के पास बैठी थी। युग दादी के पास एकर उनके पास बैठते हुए कहता है दादी ये कौन है।अब जाकर मानसी की भी नजर अदिति पर जाती है वो भी अदिति को देखने लगती है। दादी कहती है ये है तुम्हारी होने वाली भाभी अदिति दादी जी की बात सुन युग मायुस हो अदिति को देखते हुए कहता है फिर तो कोई चांस नहीं है इतनी ख़ूबसूरत बीवी भाई की किस्मत में है मैंने सोचा थोड़ी लाइन मारूंगा तो पट जाएगी फिर मैं इनसे शादी कर लूंगा लेकिन कोई बात नहीं भाभी भी चलोगी आप युग की प्लानिंग सुन दादी जी आखे दिखा कहती है अभी वो तुम्हारी होने वाली भाभी है हां तो मैंने कब कहा कि मेरी बीवी होने वाली है उसकी बात सुन सभी हंस देते हैं और अदिति भी बस हल्के से मुस्कुरा देती है कि मानसी कहती है भाभी आपकी मुस्कान बहुत प्यारी है और आप कितनी सुन्दर हैं दादी जी मानसी से कहती है मानसी जाओ अदिति को घर दिखाओ मानसी खड़ी हो कहती है चलिए भाभी मैं आपको घर दिखाती हूं फिर युग से कहती है चाओ आप भी युग भी खड़े हो कह्ता हैं।हाँ चलो इधर हाल में सावित्री जी कहती हैं माँ हम तो अदिति को शादी करके आने वाले थे तो ऐसे अचानक दादी जी कहती हैं इस स्वार्थ की दुनिया में अपने ही कब दगा कर जाए किसी को पता नहीं वैसा ही इस बच्ची के साथ हुआ है जब आज.हम और दिग्विजय अदिति को देखने गए थे तो वहा जाकर पता चला की उन लोगों ने अदिति को बेच दिया है सिर्फ कुछ पैसों के लिए अगर आज हम वहां नहीं पहुँचते तो बेचारी बच्ची के साथ अनर्थ हो जाता सावित्री जी आंखो में नमी के लिए कहती है हैं दुनिया में कैसे लोग होते हैं वो सब छोड़िये माँ आप ये बताईये की समर्थ को शादी के लिए कैसे मनाना है दादी जी मुस्कुराकर कहती हैं उसे शादी करना होगा क्योंकि उसे भी पता है उसकी शादी पहले से अदिति से तय है और कल ही शादी होगी और सुबह से सारी रस्मे शुरू हो जाएगी दिग्विजय ज अपनेसर हिला देते हैं अदिति भी वहा आ जाती है जिसके साथ मानसी और युग सावित्री जी अदिति के पास जाकर कहती हैं चलो बेटा मैं आपको आपका कमरा दिखाता हूँ और मालती तुम जाओ खाने की तयारी को मैं भी आती हूँ थोड़ी देर में उनके जाने के बाद दादी जी कहती हैं कल तक सारी तैयारी हो जानी चाहिए किस चीज की तैयारी दादी युग कहता है अभी बेटा कल शादी होगी तुम्हारे भाई की उसी की तैयारी दिग्विजय जी कहते हैं इतनी जल्दी मानसी चिल्लाकर कहती है और फिर कहती है .अभी तक मैंने कपड़े नहीं लिए पार्लर भी जाना होगा कह मानसी अपने चेहरे को छूती है युग मानसी के सर में थप्पड़ मार कहता है बंदरिया तू बंदरिया ही दिखेगी चाहे जितना मेकअप कर ले दोनों फिर से लड़ने लगते हैं और वहा से चले जाती है जब रंजीत जी कहते है मां आपने समर्थ से बात तो की है ना कही वो ,तुम चिंता मत करो वो शादी जरूर करेगा क्यूंकि तुम सब जानते हो कि वो मेरी बात कभी नहीं टालता तो वो मेरी बात जरूर मानेगा और ये शादी कल ही होगी कह दादी जी अपने कमरे में चली जाती है और दिग्विजय जी और रंजीत जी कल की तैयारी में लग जाते है सुबह का वक्त सभी तैयारी हो गई थी लेकिन समर्थ अभी तक नहीं आया था और सावित्री जी हॉल मे परेशानि सी बैठी थी मालती कहती दीदी आप परेशान मत होइए .समर्थ आ जाएगा माँ जी ने कहा है ना सावित्री जी कहती हैं क्या करें हम बेचारी बच्ची शादी के लिए तैयार जिसने देखा भी नहीं है इतनी प्यारी बच्ची है पता नहीं कब आएगा To be continue ✍️✍️✍️ क्या समर्थ आएगा कहा है समर्थ क्या वो आएगा क्या होगी ये शादी जनाने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहों में आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏🙏🙏
इधर चौहान इंडस्ट्री के 30वें मंजिल में एक केबिन मे जहा एक शक्स अपने. सामने सिर झुकाए खड़े अपने असिस्टेंट से कहता है नकुल मैं सब बरदास कर सकता हूँ लेकिन नुक्सान बिलकुल नहीं .और अपनी reputation को, मैंने पहले ही कहा था कि ये डील मुझे चाहिए फिर तुम्हें वह पहुचने में देरी कैसे हुई अपने बॉस की बात सुन नकुल डर से कापते हुए कहता है बॉस रास्ते में मार्पिट हो गए थ जिसकी वजह से ट्रैफिक ज्यादा हो गई थी इसिलिये कार आगे बढ़ने नहीं दे रहे थे इसिलिए मिटिंग मे पहुचने मे डेरी हो गई वह शक्स कुछ और कहता कि उसे पहले एक लड़का अंदर आता है और बिना नोक किये केबिन घुस जाता है और जोर से कहता है समर्थ जल्दी चलो दादी ने बुलाया है तुम्हारी कल शादी है अपने दोस्त की बात सुन समर्थ का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था और वो अपने दाँत पिस्ते हुए कहता है अभी तुम क्या बकवास कर रहे हो वो लड़की तो next week आने वाली थी तो कल कैसे समर्थ का दोस्त अभिनव अपने कंधे उचका कहता है वो मुझे नहीं पता दादी ने तुम्हें कॉल किया था लेकिन शायद तुम्हारा फोन साइलेंट में है इसलिए दादी ने मुझे कॉल किया वही नकुल वो भी फटी आँखों से कभी अभिनव को देखता तो कभी अपने बॉस को जो आग बबुला हो रहा था समर्थ घूर कर नकुल को देखता है जीसे देख नकुल दुम दबा कर वहा से भाग जाता है जैसे उसके पीछे कोई राक्षस लगा हो वही समर्थ वो गुस्से में इधर उधर टहल और अपने माथे पर दो उंगली रख रब कर रहा था अभिनव कुर्सी में बैठ सेब उठा खाते हुए कहता हैं चलो यार ज्यादा सोचो मत तुम्हें पहले से पता था कि तुम्हारी शादी उसी होने वाली है इतना ओवर रिएक्ट क्यों? कर रहे हो शादी चाहे कल हो या आज आखिर होनी तो उसी से है समर्थ घुर कर अभिनव को देखता है और कहता है पता नहीं दादी को उस लड़की में ऐसा क्या दिख गया जो वो शादी के लिए पीछे पड़ गई है अभिनव एप्पल खाते हुए कहता है शायद तुम भूल रहे हो कि तुम्हारी शादी बचपन में तय कर दी गई थी और दादी की बात तुम टाल नहीं सकते इसलिए चलो घर चलते हैं शादी कल है तो तुम्हें देखने को नहीं मिलेगा लेकिन मैं तो अपनी होने वाली भाभी को देखना चाहता हूँ समर्थ घूर कर अभिनव को देखता जिसके चेहरे में चिढाने वाली मुस्कुराहट थी जिसे देख समर्थ को चिढ मच रहा था समर्थ अभिनव को इग्नोर कर केबिन से बाहर निकल जाता है जिसके पीछे अभिनव भी मुस्कुरा कर चले जाता है इधर चौहान मेंशन मे रात का वक्त था तो सभी डिनर कर रहे थे जिनके साथ अदिति भी थी समर्थ अभी तक नहीं आया था और किसी ने उसका इंतजार भी नहीं किया क्योंकि वो हमेशा रात को देर से आता था सभी का डिनर हो जाता है जब अदिति थाली समेटने लगती है जिसे देख सावित्री जी कहती है अरे बेटा रहने दो घर में नौकर है ना वो कर देंगे तुम जाओ आराम करो कल बहुत सारे काम है कल आराम करने नहीं मिलेगा सावित्री जी को बात सुन अदिति उन्हें देख कहती है कल क्या है आंटी जी कल कोई फंक्शन है क्या घर में अदिति का सवाल सुन सावित्री जी मुस्कुराकर कहती हैं नहीं बेटा कल तुम्हारी और समर्थ की शादी है माँ जी ने कहा है वो कल ही तुम दोनो की शादी करोगे और ये फोटो समर्थ का क्योंकि कल शादी है तो अभी तुम दोनों एक दूसरे को नहीं देख सकते तो तुम फोटो देख लो सावित्री जी की बात सुन अदिति कभी उनको देखती तो कभी फोटो को लेकिन फिर हिचकिचाते हुए फोटो ले लेती है और वहा से अपने कमरे को तरफ चली जाती है अदिति के जाते ही समर्थ मेनशन के अंदर आता है जहां उसे अपनी मां सावित्री जी दिखती हैं जिन्हे देख वो उनकी तरफ अपना कदम बढ़ा देता है अभिनव भी उसके पीछे आ जाता है समर्थ सावित्री जी के पास जाकर कहता है मोम समर्थ को देख सावित्री जी कहती हैं तुम आ गए बैठो मैं तुम दोनों के लिए खाना लगा देती हूँ माँ मुझे आपसे बात करनी है ,मुझे पता है कि तुम क्या बात करना चाहते हो लेकिन इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता क्योंकि ये माँ जी का फैसला है और अदिति अच्छी लड़की है और फिर तुम 28 के हो गए हो कब शादी करोगे इसीलिये शादी कर लो बाकी तुम्हारी मर्जी कि तुम अपनी दादी को क्या जवाब दोगे ,उनको ने अपने दोस्त को जुबान दी है वो उनकी पोती का ख्याल रखेगी, और तुमसे उसकी शादी करवाएगी और ये बात तुम्हें भी पता थी समर्थ क्योंकि तुम्हारी शादी बचपन से तय है अपनी माँ की बात सुन समर्थ कुछ नहीं कहता और अपने कमरा की तरफ चला जाता है जिसके जाने के बाद सावित्री जी अभिनव से कहती है उसे समझाओ बेटा अदिति अच्छी लड़की है वो हमेशा खुश रखेगी समर्थ को अभिनव सावित्री जी से कहता है आप चिंता मत कीजिए मां आप जानती हैं ना वो दादी की बात कभी नहीं टालता वो शादी करेगा आप फिकर मत कीजिए अभिनव भी जाने लगता है की सावित्री जी कहती हैं खाना तो खा लो अभिनव जाते हुए कहते हैं मां हमने मिटिंग में खा लिया है आप भी जाकर सो जाइये कह अभिनव सावित्री जी को good night कह चला जाता है इधर समर्थ गुस्से में अपने कमरे में आता है और अपनी टाई की नोट ढीली कर यहां वहा टहलने लगता है कि उसकी नजर नाईट लैप के पास रखी फोटो पर जाती है जो पलट कर रखी गई थी जिसे उस फोटो में रहे शक्स का चेहरा दिख नहीं रहा है उस फोटो को देख समर्थ को समझने में देरी नहीं लगती ये फोटो अदिति की है जिसे देख समर्थ को और गुस्सा आ जाता है और वो उसकी फोटो को डस्टबिन में फेक देता है इधर अदिति वो समर्थ की फोटो को अपने हाथो में लिए बिस्तर पर लेटी देख रही थी और खुद में ही शर्मा रही थी यूस फोटो को देख अदिति फोटो से बात करती हुई कहती हैं क्या आप मेरे हमसफ़र हैं? जिनकी बाहो मुझे.मुझे दुनिया भर की खुशियाँ मिलेंगी जैसा नानी माँ कहती थी कह अदिति समर्थ की फोटो को अपने सीने से लगा अपनी आंख बंद कर लेती है To be continue ✍️✍️✍️ कैसा होगा इनका रिश्ता.जहां एक तरफ प्यार है तो दूसरी तरफ नफ़रत जनाने के लिए पढ़ते रहिये "हमसफ़र की बाहो मे" Thankyou 🙏🙏🙏
सुबह का वक्त चौहान मेंशन मैं चारो तरफ़ शादी की तैय्यारिया हो रही थी वही समर्थ वो दादी के सामने खड़ा था वही दादी वो समर्थ को देख अपना मुँह फेर कहती है अगर तुमहे ये शादी नहीं करनी तो फिर तुम जा सकते हो यहाँ से और हां कभी मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना कह दादी रोने लगती है अपनी दादी को रोता देख समर्थ गहरी सास ले कहता है दादी आप मुझे फोर्स क्यों कर रही हैं और आप जानती हैं कि मुझे आपके आंसू पसंद नहीं हैं फिर आप उस लड़की के लिए रो रही है तुम मुझसे बात मत करो तुम्हें अपनी दादी की कोई चिंता नहीं है मैंने तुम्हारी शादी बचपन में तय कर दी थी और तुम भी शादी के लिए तैयार थे फिर अब क्यों मना कर रहे हो मैं उस बच्ची को क्या मुंह दिखाऊंगी कि मेरा पोता मेरी बात नहीं मानता अपनी दादी की बात सुन समर्थ गहरी सास लेता है और कहता है ठीक है. मैं शादी के लिए तैयार हूं लेकिन सिर्फ आपके लिए मुझे उस लड़की से कोई भी मतलब नहीं है और शादी तो हो जाएगी लेकिन उसके बाद आप मुझसे कोई भी उम्मीद मत रखिएगा इतना कह समर्थ कामरे से निकल जाता है जब वो अभिनव से टकरा जाता है जिसे समर्थ को और गुस्सा आ जाता है और वो गुस्से में अभिनव को देख कहता है ध्यान कहा है तुम्हारा जो बहुत की तरह चल रहा है अरे तू वो सब छोड़ चल हल्दी का वक्त हो रहा है कहा ताड़का सुर बने घुम रह रहा है अभिनव की बात सुन समरथ कुछ नहीं कहता और वहा से अपने रूम में चला जाता है इधर दादी के कमरे में दिग्विजय जी दादी जी से बात कर रहे थे दिग्विजय जी कहते हैं मां हम ठीक तो कर रहे है ना कहीं समर्थ को फोर्स कर शादी तो हम करा देंगे लेकिन आप भी उसके गुस्से को जानती हैं कहीं वो अपने गुस्से में मासूम बच्ची को कोई नुक्सान ना पहुचा दे नहीं तुम उसकी चिंता मत करो वो उससे कुछ नहीं करेगा क्युकी अदिति की मासूमियत और सादगी उसके दिल में घर कर जायेगी बहार सावित्री जी समर्थ के सामने खड़ी थी और आद्विक उनको देख रही थी मानसी जल्दी से आगे आकर कहती है भाई मुझे हल्दी लगानी है आप बैठिये ना समर्थ एक नजर सबको दादी को देख बैठ जाता है और मानसी उसे हल्दी लगाती है समर्थ ने बस मानसी से गाड़ी लगवायी थी वो भी बस गाल में थोड़ा सा बाकी किसी से भी उसने हल्दी लगवाई थी अदिति की भी हल्दी और अब अदिति को मेहंदी लग रही थी अदिति ने अभी हरे रंग का लहंगा पहननी थी जिसने सोने की तार से कारीगरी की थी और वो बहुत खुबसूरत दिख रही थी शादी में किसी को भी नहीं बुलाया गया था सब घर के थे इसिलिये वहा भिड भी नहीं थी मेहंदी लगाने के बाद सावित्री जी कहती हैं मानसी भाभी को रूम में ले जाओ और हा कुछ देर में मेकअप वाली आ जाएगी तब तक तुम भाभी के पास रही तब तक मेहंदी सुख जाएगी रस्मो और सबही रितिरिवाजो के कारण कब शाम हो गई किसी को पता ही नहीं चला अदिति अपने कमरे में दुल्हन के जोड़े में तैयार बैठी थी लाल रंग के लहंगे अदिति बहुत ही खुबसूरत दिख रही थी उसकी आखो में आंसू थे और मेरे हाथ में अपनी नानी की तस्वीर बैठी थी जब उसके कमरे का दरवाज़ा खुलता है और मिताली मानसी के साथ अंदर आती है अनलोगो को अंदर आता देख अदिति खड़ी हो जाती है जब मिताली अदिति की नजर उतारती हुई कहती है बहुत सुन्दर दिख रही हो किसी की नज़र ना लगे अदिति हल्के से मुस्कुराती है भाभी आप सच मे बहुत खुबसूरत हो भाई आपको देखेंगे तो बस देखते रह जायेंगे मानसी की बात पर अदिति शर्म से अपनी नजरें नीचे कर लेती हैं मिताली अदिति को घूंघट ओढ़ा कहती है चलो मुहूर्त का समय हो गया है और अदिति को नीचे ले जाती है नीचे समर्थ मंडप में बैठा था सबकी नजर अदिति पर थी लेकिन समर्थ ने अदिति को एक नजर भी नहीं देखा वो अभी भी जलती हुई अग्नि को गुस्से में देख रहा था मिताली अदिति को समर्थ के बगल में बैठा देती है जिसे समर्थ की हाथो को मुट्ठी कस जाती ह शादी की रस्मे शुरू होती ही बितते वक्त के साथ समर्थ का गुस्सा भी बढ़ रहा था उसकी आखे लाल हो गयी थी लेकिन अपनी दादी की वजह से वह चुप था कुछ घंटो बाद शादी पूरी हो गई थी और अदिति समर्थ सभी का आशीर्वाद लेते हैं अदिति को समर्थ के कमरे में ले गया गया था और समर्थ वो घर के मिनी बार में ड्रिंक कर रहा था जिसे देख अभिनव कहता यार बस कर अब भाभी तेरा इंतज़ार कर रही होगी नाम मत लो तुम मेरे सामने उस लड़की का जिसकी वजह से दादी ने मुझे शादी के लिए फोर्स किया समर्थ की बात सुन अभिनव कहता है अदिति अच्छी है तुम उसे एक बार देखो तो वो बहुत प्यारी और मासूम है और तुम्हारी जल्दी शादी किस लिए हुआ है हां तो तुम्हें दादी ही बता सकती हैं बाकी तुम अपने कमरे में जाओ रात काफी हो गई अदिति तुम्हारा इंतज़ार कर रही होगी समर्थ कुछ नहीं कहता और वहा से चला जाता है कमरे में आती हूं समर्थ को अदिति दिखती है जो बिस्तर पर घूंघट के लिए बैठी थी जिसे देख वो अपने हाथ की मुट्ठी कस लेता है और गुस्से में अदिति की तरफ बढ़ जाता है वही अदिति जो समर्थ के कमरे में आने पर अपने हाथों की मुट्ठी अपने लहंगे में कस देती है इधर समर्थ गुस्से में अदिति को देख रहा था और उसके हाथ को अचानक ही पकड़ लेता है और उसे बिस्तर से नीचे उतार देता है वही अदिति समर्थ के ऐसा करने पर .हिरानी से उसे देखने लगती है कि समर्थ गुस्से में कहता खबरदार जो मेरे बिस्तर पर सोने की कोशिश की तो मेरे घर वालों को बेवकूफ बनाना चाहिए लेकिन मुझे नहीं बहुत अच्छे से जानता हूं मैं तुम जैसी गांव की गंवार लड़कियो को अपने भोलेपन की जाल में सबको कैसे फ़साती हो लेकिन मुझसे दूर रहो कह समर्थ बिस्तर पर जाकर सो जाता है वही अदिति वो अभी भी वैसे ही खड़े हो समरथ को देख रही थी वो अभी भी घूँघट में थी उसकी आंखो से आंसू बहे जा रहे थे उसकी नानी मा ने ऐसा तो नहीं कहा था उसकी नानी माँ ने कहा था कि उसका.हमसफ़र उसे प्यार देगा उसे दुनिया भर की खुशियाँ देगा लेकिन हां तो उसका हमसफर उसे देखना भी नहीं चाहता था वो अपनी आँखों में आँसू लिए समरथ को देख रही थी अपने आंसुओं से भरी आँखों से उसे देख रही थी और आला जमीन में सो जाती है क्योंकि दादी जी ने पहले ही काउच को वहां से हटवा दिया था अदिति ज़मीन में सो जाती है और समर्थ को देखने लगती है उसकी आंखों से आंसू अभी भी बह रह था वही समर्थ वो सो गया था वही अदिति उसकी आंखो से नींद कोसो दूर थी जिस दिन का वो सपना देख रही थी वो ऐसा होगा ये तो उसने नहीं सोचा था यह सब सोचते हुए कब अदिति की निन्द पड़ जाती है वो उसे खुद पता नहीं चलता To be continue ✍️ ✍️ ✍️ क्या होगा आगे क्या समर्थ और अदिति का रिश्ता ऐसा ही होगा कौन सा मोड लेगा जनने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहों में कैसा लगा चैप्टर कमेंट जरूर करें और लाइक कर रिव्यु जरूर दे और हाआ प्लीज रिव्यु देना ना भूले Thankyou 🙏 🙏 🙏
अगली सुबह अदिति की नींद सुबह पांच बजे खुल गई थी सुबह जल्दी उठने की आदत थी जिस वजह से वो नहाकर तैयार हो गई लाल रंग की साड़ी हाथो में शादी का चूड़ा गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर और उसके काले घने बाल जो उसके कमर से नीचे थे जो खुले हुए थे और उसका सुन्दर चेहरा जिसको रौनक कहीं गायब थी लेकिन सुंदर वो अभी भी बहुत दिख रही थी रेडी हो अदिति एक नजर समर्थ को देखती है जो अभी भी सो रहा था समरथ को देख अदिति बाहर चली जाती है आला हॉल में अदिति देखती है तो कोई भी नहीं था अभी सुबह के 6 बजे थे तो कोई उठ भी नहीं था अदिति चारो तरफ देख रही थी जब उसके मंदिर में सावित्री जी और मिताली आती हुई दिखती है अदिति को देख सावित्री जी कहती हैं अरे बेटा तुम उठ गयी सावित्री जी की बात सुन अदिति धीरे से कहती है जी वो हमें सुबह जल्दी उठने की आदत है तो नींद खुल गयी अदिति की बात पर मिताली कहती हैं हमारे यहां सब 7 बजे के बाद उठते हैं बस एक इंसान को छोड़ कर अदिति कंफ्यूज हो गई मिताली को देखती है मिताली कहती है तुमहरा पति उसे सुबह 5 बजे उठकर जिम जाने की आदत है क्या वो आज नहीं उठा मिताली के सवाल पर अदिति अपना सर नहीं मे हिला देती है सावित्री जी कहती हैं बेटा रात को वो ठीक तो था ना मतलब उसने तुम्हारे साथ कुछ ,नहीं वो ठीक थे माँ जी बस कल थोड़ा थक गये थे तो फिर इसीलिये आज नहीं उठे होंगे अदिति कहती है तो सावित्री जी अदिति से कहती हैं चलो तुम जल्दी उठ गयी हो पूजा कर लो अदिति सावित्री जी की बात सुन पूजा करने मंदिर में चली जाती है जहां राधा कृष्ण की सुंदर प्रतिमा स्थापित थी अदिति मंदिर में जा पूजा की थाल जो पहले से सजी हुई थी उसे ले खड़ी हो पूजा शुरू करती है पूजा होने के बाद अदिति जब पीछे मुड़ देखती है तो वहा पूरा परिवार खड़ा था लेकिन समर्थ वो वहां नहीं था बुझे मन से अदिति सबसे पहले दादी जी को आरती देती है तो दादी जी अदिति आरती ले अदिति को आशीर्वाद दे कहती हैं इसमें कोई दो राह नहीं है कि तुम मुझे कोई कमी है तुम मेरे पोते के लिए सही हमसफ़र हो और मुझे यकीन है कि तुम मेरे विस्वास को टूटने नहीं दोगी अदिति कुछ नहीं कहती बस मुस्कुरा देती है फ़िर अदिति सबको आरती देती है जब युग आरती लेते हुए अदिति से कहता है आप बहुत सुंदर दिख रही हो भाभी वैसे तो मेरा मन बिल्कुल नहीं, आपकी भाभी कहने का फिर उदास हो कहता है लेकिन क्या करूं कहना पड़ेगा आप मेरे खड़ूस भाई की बीवी हैं मैंने दादी से पहले कहा था कि मेरी शादी आपसे करा दे कह युग रोने का नाटक करणे.लगता है वही समर्थ जो जिम से अपने कमरे में जा रहा था उसके कदम युग की बात सुन दुख जाता है और वो मंदिर की तरफ देखने लगता है. है लेकिन अदिति का चेहरा नहीं दिख रहा था लेकिन अदिति के सुंदर हाथ में वो लाल चूड़ा समर्थ को दिख रहा था जिसे वो एक तक देख रहा था कितना सुंदर था अदिति का हाथ जिसे वो अपनी नज़र से नहीं हटा पा रहा था जब पीछे खड़ा अभिनव कहता है बस कर कल तो तुम उसकी शक्ल नहीं देखना चाहता था अब उसे घूरे जा रहा है अभिनव की बात सुन समर्थ घूर कर अभिनव को देखता है जिसे देख अभिनव अपने कमरे में जाता हुआ कहता है डरते होंगे सब तेरी इस बात जैसी आँखों से मैं नहीं समझा कह अभिनव अपने कमरे में चला जाता है और समर्थ वो घूर कर देख वो अदिति की तरफ देखता है जिसका चेहरा अभी भी उसे नहीं दिख रहा था समर्थ अपने कमरे में जाता है और बाथरूम में जैसे एंटर होता है वहां का नजारा देख उसे गुस्सा आने लगता है क्युकी वहा अदिति की स्मेल उससे महसुस हो रही थी जो मनमोहक थी लेकिन अभी उससे ये खुशबू गुस्सा दिला रही थी समर्थ अपने हाथो की मुट्ठी कस गुस्से में कहता है बहुत शोक है ना इसे मुझसे शादी करने का अब तुम देखो मैं तुम्हारे साथ क्या करता हूं कह समर्थ शावर ले बहार आता है जहाँ उसे अदिति दिखती है जो उसकी अलमारी में कपडे रख रही थी जिसे देख समर्थ गुस्से में उसकी तरफ बढ़ता है और उसके कपड़ों को अपनी अलमारी से निकल बाहर फेंकते हुए गुस्से में कहता है कल मेरी बात तुम्हारे दिमाग में नहीं घुसी क्या जो तुम फिर से मुझे गुस्सा दिला रही हो समर्थ को एक बार फिर गुस्से में देख अदिति डर से काम.जाती है और उसके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था वो बस अपना सर झुकाये खड़ि थी जिसे देख समर्थ गुस्से में कहता है अब चुप क्यों हो गूंगी हो क्या जुबां नहीं है वो वो अदिति बस इतना ही बोल पायी थी उसे बोला भी नहीं जा रहा था समरथ के गुस्से से उसे बहुत डर लग रहा था अदिति हिम्मत कर सिसकते हुई बोलती है वो वो हम कपडे रख रहे थे , हाय अदिति की इतनी प्यारी आवाज़ सुन समर्थ का दिल एक बार धड़कना ही भूल गया कितनी मीठी आवाज़ थी उसकी बिलकुल कोयल की जैसी उसका चेहरा अभी भी समर्थ को नहीं दिख रहा था दिखता भी कैसे वो समर्थ के कांधे तक भी नहीं आती थी ऊपर से अपना सिर झुकाए खड़ी थी और उसके वो बाल जो उसके चेहरे को छुपाये हुए थे लेकिन उसकी आवाज़ और उसके हाथो में वो चुदा बार बार समर्थ का ध्यान अपनी तरफ से खींच रहा था जिसे देख समर्थ को और भी गुस्सा आ. रा था To be continue ✍️✍️✍️ क्या समर्थ को नफ़रत कम होगी अदिति के लिए जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बाहो में Hello dear readers Please novel को लाइक करें और कमेंट कर रिव्यु देना ना भूले. नई कहानी है please support जरूर करें आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं Thankyou 🙏 🙏 🙏 अगली सुबह अदिति की नींद सुबह पांच बजे खुल गई थी सुबह जल्दी उठने की आदत थी जिस वजह से वो नहाकर तैयार हो गई लाल रंग की साड़ी हाथो में शादी का चूड़ा गले में मंगलसूत्र मांग में सिंदूर और उसके काले घने बाल जो उसके कमर से नीचे थे जो खुले हुए थे और उसका सुन्दर चेहरा जिसको रौनक कहीं गायब थी लेकिन सुंदर वो अभी भी बहुत दिख रही थी रेडी हो अदिति एक नजर समर्थ को देखती है जो अभी भी सो रहा था समरथ को देख अदिति बाहर चली जाती है आला हॉल में अदिति देखती है तो कोई भी नहीं था अभी सुबह के 6 बजे थे तो कोई उठ भी नहीं था अदिति चारो तरफ देख रही थी जब उसके मंदिर में सावित्री जी और मिताली आती हुई दिखती है अदिति को देख सावित्री जी कहती हैं अरे बेटा तुम उठ गयी सावित्री जी की बात सुन अदिति धीरे से कहती है जी वो हमें सुबह जल्दी उठने की आदत है तो नींद खुल गयी अदिति की बात पर मिताली कहती हैं हमारे यहां सब 7 बजे के बाद उठते हैं बस एक इंसान को छोड़ कर अदिति कंफ्यूज हो गई मिताली को देखती है मिताली कहती है तुमहरा पति उसे सुबह 5 बजे उठकर जिम जाने की आदत है क्या वो आज नहीं उठा मिताली के सवाल पर अदिति अपना सर नहीं मे हिला देती है सावित्री जी कहती हैं बेटा रात को वो ठीक तो था ना मतलब उसने तुम्हारे साथ कुछ ,नहीं वो ठीक थे माँ जी बस कल थोड़ा थक गये थे तो फिर इसीलिये आज नहीं उठे होंगे अदिति कहती है तो सावित्री जी अदिति से कहती हैं चलो तुम जल्दी उठ गयी हो पूजा कर लो अदिति सावित्री जी की बात सुन पूजा करने मंदिर में चली जाती है जहां राधा कृष्ण की सुंदर प्रतिमा स्थापित थी अदिति मंदिर में जा पूजा की थाल जो पहले से सजी हुई थी उसे ले खड़ी हो पूजा शुरू करती है पूजा होने के बाद अदिति जब पीछे मुड़ देखती है तो वहा पूरा परिवार खड़ा था लेकिन समर्थ वो वहां नहीं था बुझे मन से अदिति सबसे पहले दादी जी को आरती देती है तो दादी जी अदिति आरती ले अदिति को आशीर्वाद दे कहती हैं इसमें कोई दो राह नहीं है कि तुम मुझे कोई कमी है तुम मेरे पोते के लिए सही हमसफ़र हो और मुझे यकीन है कि तुम मेरे विस्वास को टूटने नहीं दोगी अदिति कुछ नहीं कहती बस मुस्कुरा देती है फ़िर अदिति सबको आरती देती है जब युग आरती लेते हुए अदिति से कहता है आप बहुत सुंदर दिख रही हो भाभी वैसे तो मेरा मन बिल्कुल नहीं, आपकी भाभी कहने का फिर उदास हो कहता है लेकिन क्या करूं कहना पड़ेगा आप मेरे खड़ूस भाई की बीवी हैं मैंने दादी से पहले कहा था कि मेरी शादी आपसे करा दे कह युग रोने का नाटक करणे.लगता है वही समर्थ जो जिम से अपने कमरे में जा रहा था उसके कदम युग की बात सुन दुख जाता है और वो मंदिर की तरफ देखने लगता है. है लेकिन अदिति का चेहरा नहीं दिख रहा था लेकिन अदिति के सुंदर हाथ में वो लाल चूड़ा समर्थ को दिख रहा था जिसे वो एक तक देख रहा था कितना सुंदर था अदिति का हाथ जिसे वो अपनी नज़र से नहीं हटा पा रहा था जब पीछे खड़ा अभिनव कहता है बस कर कल तो तुम उसकी शक्ल नहीं देखना चाहता था अब उसे घूरे जा रहा है अभिनव की बात सुन समर्थ घूर कर अभिनव को देखता है जिसे देख अभिनव अपने कमरे में जाता हुआ कहता है डरते होंगे सब तेरी इस बात जैसी आँखों से मैं नहीं समझा कह अभिनव अपने कमरे में चला जाता है और समर्थ वो घूर कर देख वो अदिति की तरफ देखता है जिसका चेहरा अभी भी उसे नहीं दिख रहा था समर्थ अपने कमरे में जाता है और बाथरूम में जैसे एंटर होता है वहां का नजारा देख उसे गुस्सा आने लगता है क्युकी वहा अदिति की स्मेल उससे महसुस हो रही थी जो मनमोहक थी लेकिन अभी उससे ये खुशबू गुस्सा दिला रही थी समर्थ अपने हाथो की मुट्ठी कस गुस्से में कहता है बहुत शोक है ना इसे मुझसे शादी करने का अब तुम देखो मैं तुम्हारे साथ क्या करता हूं कह समर्थ शावर ले बहार आता है जहाँ उसे अदिति दिखती है जो उसकी अलमारी में कपडे रख रही थी जिसे देख समर्थ गुस्से में उसकी तरफ बढ़ता है और उसके कपड़ों को अपनी अलमारी से निकल बाहर फेंकते हुए गुस्से में कहता है कल मेरी बात तुम्हारे दिमाग में नहीं घुसी क्या जो तुम फिर से मुझे गुस्सा दिला रही हो समर्थ को एक बार फिर गुस्से में देख अदिति डर से काम.जाती है और उसके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकल रहा था वो बस अपना सर झुकाये खड़ि थी जिसे देख समर्थ गुस्से में कहता है अब चुप क्यों हो गूंगी हो क्या जुबां नहीं है वो वो अदिति बस इतना ही बोल पायी थी उसे बोला भी नहीं जा रहा था समरथ के गुस्से से उसे बहुत डर लग रहा था अदिति हिम्मत कर सिसकते हुई बोलती है वो वो हम कपडे रख रहे थे , हाय अदिति की इतनी प्यारी आवाज़ सुन समर्थ का दिल एक बार धड़कना ही भूल गया कितनी मीठी आवाज़ थी उसकी बिलकुल कोयल की जैसी उसका चेहरा अभी भी समर्थ को नहीं दिख रहा था दिखता भी कैसे वो समर्थ के कांधे तक भी नहीं आती थी ऊपर से अपना सिर झुकाए खड़ी थी और उसके वो बाल जो उसके चेहरे को छुपाये हुए थे लेकिन उसकी आवाज़ और उसके हाथो में वो चुदा बार बार समर्थ का ध्यान अपनी तरफ से खींच रहा था जिसे देख समर्थ को और भी गुस्सा आ. रा था To be continue ✍️✍️✍️ क्या समर्थ को नफ़रत कम होगी अदिति के लिए जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बाहो में Hello dear readers Please novel को लाइक करें और कमेंट कर रिव्यु देना ना भूले. नई कहानी है please support जरूर करें आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं Thankyou 🙏 🙏 🙏
अदिति समर्थ के गुस्से से काप रही थी जब समर्थ ने उसकी बाजुओ को गुस्से में पकड़ा अदिति सिसक उठी और रोते हुए कहती है छोडे हमें दर्द हो रहा है आप आप ये क्या कर रहे हैं अदिति की बात सुन समर्थ गुस्से में उसे देख कहता है अपना ये समान उठाओ यहाँ से निकलो समझी मुझे तुम्हारा सामान तो क्या तुम्हें देखना भी पसंद नहीं आ रहा लेकिन सिर्फ अपनी दादी की वजह से बरदास कर रहा हूं मैं तुम्हें इतना कह समर्थ अपना कपड़ा ले वार्डरोब मैं चला जाता हूं और अदिति वो रोते हुए अपने बिखरे हुए कपडे समेटने लगती है और खुद से कहती है हे कान्हा जी हमारी गलती क्या है जो आप हमें ऐसी सजा दे रहे हैं पहले हमारे माँ पापा को हमसे छीन लिया फिर हमारी नानी मां और अब जिसका सपना हमें बचपन से दिखाया गया की हमारा हमसफ़र हमें बहुत प्यार करेगा लेकिन वो भी हमारे नसीब में नहीं है क्यु क्यु क्या हमें खुश रहने का अधिकार नहीं है कहते हुए अदिति रोने लगती है उसकी आंखो के आंसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे कुछ देर में समर्थ बहार आता है तो देखता है अदिति रूम में नहीं थी वो नीचे हाल में देखता है जहां सभी नाश्ते के लिए बैठे थे जिन्हे एक नजर देख समर्थ बहार जाने लगता है जब दादी जी कहती है समर्थ नाश्ता कर लो समर्थ अपनी दादी की आवाज सुन रुक जाता है और कहता है ऑफिस में कर लूंगा दादी अभी मुझे देरी हो रही है तो दादी कहती है कोई जरूरी नहीं है अभी तुम्हे और अदिति को कुलदेवी का मंदिर जाना है और शाम तक वापस आना है इसीलिये चुपचाप नाश्ता करो और मंदिर जाने. की तैय्यारी करो तुम्हारा जो भी काम है वो अभी कर लेगा कह दादी अभिनव को देखती है तो अभिनव जल्दी से कहता है हा दादी मैं सारे काम कर लूंगा लेकिन दादी समर्थ कुछ कहता है उसके पहले दादी कहती है वो हमारी कुलदेवी है और उनका आशीर्वाद लेना जरूरी है तो मैं चाहती हूं कि तुम भी अदिति को लेकर जाओ और मैं तुम्हारी ना सुनना नहीं चाहती अपनी दादी का आदेश सुन समर्थ कुछ नहीं कहता है और नाश्ता करने बैठ जाता है अदिति जो वही खड़ी थी उसे देख दादी कहती है अदिति समर्थ को नाशता दो समर्थ दादी के ऐसा कहने पर गुस्से में अपना दांत बीच लेता है वही अदिति वो डरते हुए समरथ के पास आती है और अपने कांपते हाथों से समर्थ को सर्व करने लगती है अदिति समर्थ को खाना दे ही रही थी कि उसके हाथ से सब्जी गिर जाता है जिस्से समर्थ गुस्से में भर जाता है और गुस्से में कहता है what the hell क्या कर रही हो दिखता नहीं है क्या समर्थ के जोर से चिलाने पर अदिति दो कदम पीछे हो जाती है और कापने लगती है वही समर्थ के गुस्से को देख दिग्विजय जी कहते हैं समर्थ ये क्या बेहुदगी है तुम अदिति से ऐसे कैसे बात कर सकते हो समर्थ गुस्से में कहता है मैंने पहले ही कहा था कि मुझे इस गांव की गंवार लड़की से शादी नहीं करनी लेकिन पता नहीं आप लोगो को क्या हुआ है जो इस लड़की से मेरी शादी करवा दीये कह समर्थ गुस्से में वहा से अपने कमरे में चला जाता है इधर अदिति वो डर से रो रही थी उससे समर्थ का ऐसा व्यवहार दुखी कर रहा था उसका ऐसे सबके सामने चिलाना हर्ट कर गइ थी अदिति का रोना सुन सावित्री जी कहती हैं बेटा रो मत वो उसकी शादी जल्दी हो गयी है इसिलिये वो थोड़ा नाराज़ है कुछ दिनों में सब ठीक हो जाएगा सावित्री जी की बात सुन दिग्विजय जी, सावित्री जी की बात सुन कहते हैं आप उसकी गलतियों पर पर्दा डाल रही हैं इसीलिये वो ऐसा हो गया है हिम्मत कैसे हुई ऐसा करने की सावित्री जी कुछ नहीं कहती तब दादी कहती है अदिति अपने कमरे में जाओ और मंदिर जाने के लिए तैयार हो दादी वो ,अदिति कुछ कहती की दादी कहती है हमने कहा ना रूम में जाओ और तैयार हो दादी की कड़क आवाज़ सुन अदिति अपने कमरे में चली जाती है माँ आपने अदिति को रूम में क्यों भेजा जब आप जानती थी कि समर्थ अभी भी गुस्से में है सावित्री जी कहती हैं क्युकी जब तक वो साथ नहीं रहेंगे तब तक वो एक दूसरे से ऐसे ही दूर दूर रहेंगे इसलिए उनका साथ होना जरूरी है और आज मंदिर भी वो दोनो अकेले जायेंगे दादी की बात सुन कोई और कुछ नहीं कहता और सब अपने काम में निकल जाते हैं मानसी और युग भी कॉलेज के लिए निकल जाते है कमरे में अदिति डरती हुई आती है जहां अंदर उसे समर्थ कहीं नहीं दिखता तो अदिति राहत की सास लेती है और अपना बैग जो उसने वही ज़मीन में रखा था उसमें से कपडे निकाल बाथरूम में चली जाती है और शावर लेती है क्योंकि उन्हें मंदिर जाना था तो वो एक बार फिर शावर ले बहार आती है समर्थ अभी भी रूम में नहीं था अदिति ड्रेसिंग के पास खड़े हो साड़ी का पल्लू बनाने लगती है जो उसे बार-बार बिगड़ रहा था जब बालकिनी से समर्थ अंदर आता है और अदिति को देख उसकी आंखे उसपर ठहर जाती है अब जाकर उसने अदिति का चेहरा देखा उसकी बड़ी बड़ी पलकें जो झुकी हुई थी और उसके गुलाबी होठ जिसमें उसने सेप्टी पिन दबायी हुई थी गिले बाल जो उसके चेहरे पर बार बार आ रही थी जिन्हे वो पीछे कर रही थी और उसका दामन जो बिना पलू के समर्थ के सामने था समर्थ की नजर अदिति पर से हट ही नहीं रही थी जब अदिति की नजर समर्थ पर जाती है और उसके हाथ से उसका पल्लू छूट के नीचे गिर जाता है और अदिति का तरासा हुआ बदन समर्थ के सामने आ जाता है समर्थ अपने कदम अदिति की तरफ बढ़ा देता है वही अदिति वो डर से कपने लगती है कि पता नहीं समर्थ उसके साथ अब क्या करेगा To be continue ✍️ ✍️ ✍️ क्या करने वाला है समर्थ अदिति के साथ और कैसा होगा अदिति और समर्थ का कुलदेवी मंदिर जाना क्या लाएगी इन्हे नजदिक क्या दादी कर पाएगी समर्थ और अदिति के बीच की दुरिया को कम जनाने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहों में आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏 🙏 🙏
समर्थ अदिति के पास आकर उसके पास खड़ा हो उसे देखने लगता है वही अदिति वो सर झुकाए हुई थी उसे समर्थ से अब डर लगने लगा था अदिति के रोंगटे खड़े हो गए जब समर्थ के ठंडे हाथों का स्पर्श अदिति को अपने हाथों में महसुस होता है समर्थ के छूने से अदिति सिहर गई और अपनी आंखे बंद कर समर्थ के ठंडे हाथों के स्पर्श को महसुस कर रही थी अदिति मन में कहती है हे कान्हा जी अब इन्हे क्या हो गया ये हमारे करीब क्यू आ रहे हैं वही समर्थ वो अदिति की खुबसूरती में खो रहा था अदिति के बदन से आती वो चंदन की खुशबू उसे मदहोश कर रही थी समर्थ अदिति के ऊपर झुकने लगता है जिसे महसुस कर अदिति अब जल्दी से अपनी आंख खोल समर्थ को देखती है जो उसके चेहरे के करीब था और उसे किस करने वाला था जब अदिति कहती है आप आप ये क्या कर रहे हैं लेकिन समर्थ को कुछ सुना ही नहीं दे रहा था वो अदिति के ऊपर झुकते हुए अपने होठों से अदिति के गले को चूम लेता है जिसे अदिति अपनी आंखे बंद कर लेती है वही समर्थ वो अदिति के गर्दन को चुमे जा रहा था अदिति की खुशबू और उसकी खूबसूरती मैं तो वो खो चुका था जब अदिति एक बार फिर कहती है आप क्या कर रहे हैं अदिति की आवाज सुन समर्थ अपने होश में आता है और अदिति को अपने इतने करीब देख उसे पीछे ढकेल देता है जिसे अदिति ड्रेसिंग से लग टकरा जाती है और उसके हाथों में ड्रेसिंग से चोट लग जाती है और वो सिसक उठती है आह! समर्थ एक नजर अदिति को देख अपने कपड़े ले वार्डरोब मैं चला जाता है यहा अदिति अपने हाथ में आए चोट को देखती है जिसमें से खून आने लगे थे अदिति अपनी आँखों से आँसू पोछ रेडी होने लगती है और लगभाग 20 मिनट बाद अदिति रेडी थी उसने Orange रंग का शिफॉन की साडी पहनी थी जिसमें वह बहुत खुबसूरत दिख रही थी रेडी हो वह निचे चली जाती है जहां उसे दादी जी सावित्री जी और मालती जी दिखती है जो कुछ तैयारी कर रही थी जिन्हे देख अदिति उनके पास चली जाती है अदिति को देख दादी जी कहती हैं अदिति ये देवी मैया में चढ़ा देना और बाकी पूजा करना तो तुम जानती हो इसीलिए सब अच्छे से करना समर्थ नीचे हॉल में आता है जहां उसे अदिति दिखती है जिसे दादी कुछ बता रही थी वही समर्थ को देख सावित्री जी कहती समर्थ चलो बेटा वक्त हो रहा है फिर वहां से वापस भी आना है शाम तक अदिति नजर उठा समर्थ को देखती है जो सावित्री जी से बात कर रहा था जिसके चेहरे में किसी की भी तरह के भाव नहीं थी वो बस सावित्री जी की बाते सुन रहा था जब आखिरी में दादी जी कहती हैं समर्थ अदिति का ख्याल रखना और अच्छे से माता रानी का दर्शन करना समर्थ हा मैं अपना सर हिला एक नजर अदिति को देख मेंशन से बाहर चला जाता है जिसे देख अदिति दादी जी के पैर छू सावित्री जी और मालती जी का पैर छू कहती है अच्छा दादी जी हम आते हैं तो दादी जी कहती है हा बेटा अच्छे से जाना और अच्छे से आना अदिति दादी जी की बात पर हा मैं अपना सर हिला बहार आती है तो देखती है समर्थ पहले से कार में बैठ गया था अदिति भी कार के दूसरे साइड जाकर बैठ जाती है और कार निकल पड़ती है इधर सावित्री जी कहती है मां आज सवेरे जो हुआ उसके बाद मुझे इन्डोनो को अकेला भेजना सही नहीं लग रहा लग रहा है कहीं समर्थ फ़िर से अदिति के साथ , कुछ नहीं होगा तुम निश्चित रहो इतना कहा दादी जी अपने कमरे में चली जाती है इधर अदिति और समर्थ मंदिर पहुच चुके थे यह मंदिर शहर से बहुत दूर था और बहुत पुराना मंदिर था मन्दीर को देख अदिति अपने सर में पल्लो रख लेती है और समर्थ के पीछे चली जाती है जो उसे छोड़ कर मंदिर में जा रहा था मंदिर में पहुंचअदिति दादी के दिए थाल में प्रसाद और सिंगार के समान माता रानी में चढ़ती है और माता रानी की आरती करती है सब करते हुए शाम हो गया था और अब अदिति अपने बगल में देखती है जहां समर्थ नहीं है जिसे देख अदिति घबरा जाती है और समर्थ को ढूंढने लगती है लेकिन उसे समर्थ नहीं दिखता अदिति अब घबराहट में चारो तरफ अपनी नजर घुमा देखती है तो वहा समर्थ के गार्ड जो कुछ दूर मैं खड़े थे लेकिन अदिति को फ़िर भी घबराहत हो रही थी वो उन्हें नहीं जानती थी वो तो समर्थ के साथ आई थी चाहे वो उसे अपनाये या नहीं लेकिन वो उसे अपना पति मानती थी यस पर भरोसा करती थी लेकिन अब उसे डर लग रहा था कि कहीं समर्थ उसे छोड़ कर तो नहीं चला गया अदिति गार्ड से कुछ ना बोलकर खुद ही समर्थ को ढूंढने लगती है जिसे अदिति जंगल की तरफ आ गई थी और अब उसे और भी ज्यादा डर लगने लगा था शाम होने को थी तो अब वाह अजीब अजीब सी आवाज आ रही थी तभी किसी ने उसके कांधे पर हाथ रखा जिसे महसुस कर अदिति कांप गई और डर से कपने लगी जब उस आदमी को आवाज़ अदिति के कानों में परी तो उसके चेहरे में सुकून पसर गया और वो जल्दी से मुड़ कर अपने सामने खड़े समरथ को देखती है और जल्दी से उसके सीने से जा लगती है वही समर्थ जो एक फोन कॉल करने के लिए मंदिर से थोड़ी देर पर गया था क्योंकि मंदिर में आरती और घण्टियो की आवाज की वजह से कुछ सुनायी नहीं दे रहा था लेकिन जब वो वापस आता है उसे अदिति कहीं नहीं दिखती जिसे वो थोड़ा परेशान हो जाता है और सभी तरफ अदिति को ढूंढने लगता है जब उसे एक महिला बताती है कि अदिति जंगलो की तरफ चली गई है तो समर्थ जल्दी से जंगल की तरफ आ जाता है समर्थ गुस्से में था अदिति के गले लगाने पर उसका सारा गुस्सा कहीं गायब हो जाता है और उसका दिल जोरो से धड़कने लगता है आप कह चले गये थे हमे छोड़ कर आप हमे जानबूझ कर छोड़ गये थे ना क्या बकवास कर रही हो मैं तुम्हें छोड़ गया था या फिर तुम खुद इधर आई हो और तुम यहां आई क्यों हो अदिति समर्थ के डाट को सुन उससे अलग हो सिसकते हुए कहती है आप हमें छोड़ कर चले गये थे तो हम डर गए कि आप हमें कहीं छोड़ कर चले तो नहीं गए अदिति की बात सुन समर्थ घूर कर अदिति को देखता है और फिर गुस्से में कहता है अगर अब तुमने थोड़ी सी और बकवास की तो तुम्हें यहीं छोड़ कर चला जाऊंगा समझी चलो अब कह समर्थ जाने लगता है तो अदिति मुँह बना समर्थ के पीछे चली जाति है रस्ते में अदिति और समर्थ के बीच कोई भी बात नहीं हुई थी कार अपनी रफ़्तार में चल रही थी कि कार में जोर की ब्रेक लगती है जब उनके सामने कुछ करे आ जाती है तो कार में ब्रेक लगने की वजह से अदिति सामने की तरफ गिर जाती है और उसके सर में चोट लग जाती है आह नानी माँ समर्थ गुस्से में ड्राइवर से कहता है कैसे चला रहे हो कार तो ड्राइवर कहता है सर वो हमारी कार के सामने .कुछ गड़िया रास्ता रोक रखी है To be continue ✍️ ✍️ ✍️ कौन है जो समर्थ का रास्ता रोक रखा है क्या होगा आगे जनाने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहों में Hello dear readers मेरी नई कहानी को अपना प्यार ज़रूर दे और आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं Thankyou 🙏 🙏 🙏
ड्राइवर की बात पर समर्थ बहार की तरफ देखता है जहां उनकी कार गाडियों से घिरी हुई थी जिन्हे देख समर्थ गहरी सास ले कार से बाहर जाने लगता है जब गन फायर होती है जिन्हे देख अदिति डर से कांप जाती है और समर्थ से चिपक जाती है गोलियों की आवाज से अदिति काफी ज्यादा सहम गई थी जिसे समर्थ भी महसुस कर सकता था उसके शरीर की कम्पन समरथ को महसुस हो रही थी जैसे अनायास ही समर्थ का हाथ अदिति के पीठ पर चला जाता है और वो उसे शांत करने लगता है समर्थ की कार बुलेट प्रूफ थी जिसकी उसकी कार में लगी गोलियों से कुछ नहीं हुआ था बाकी उसके बॉडीगार्ड उनकी सुरक्षा कर रहे थे जिनकी कार में ज्यादा गोलियाँ नहीं लगी थी 10 मिनट तक gun firing के बाद एक आदमी कार से बाहर निकलता है समर्थ सिंह चौहान बाहर आओ क्या तुम डर गए यूस आदमी की बात सुन समर्थ अदिति को खुद से दुर करने की कोशिश करता है लेकिन अदिति समर्थ पर अपनी पकड़ कस कर नहीं आप कहीं मत जाइये वो लोग आपको मार देंगे फिर उसके बाद मुझे भी मार देंगे नहीं नहीं आप कहीं मत जाइय और अगर आप बहार जाओगे तो मुझे भी साथ ले चलिए अदिति की बात सुन समर्थ अपना सर झुका अदिति को देखता है जो उसके सीने से किसी बच्चे की तरह चिपकी हुई थी और उसे छोड़ने को तैयार नहीं थी समर्थ अदिति को दूर कर गुस्से में कहता है चुपचप यहीं बैठो और हा बहार आने की जरुरत नहीं है अदिति समर्थ के गुस्से को देख अपना सर तीन बार हा में हिला देती है जिसे एक नजर देख समर्थ बाहर निकल अपने कोर्ट के बटनों को बंद कर अपने सामने खड़े आदमी को देखता है जो उसे देख रहा था समर्थ arrogantaly कहता है तो अब तुमने गुंडो वाले काम करना भी शुरू कर दिया है वैसे तुमसे ऐसी ही उम्मीद रखी जा सकती है क्योंकि परवरिश ही तुम्हारी ऐसी है समर्थ की बात सुन वो लड़का जिसका नाम अनिरुद्ध था गुस्से में कहता है समर्थ तुम्हें बहुत घमंड है ना अपने पैसे और रुतबे पर वो सब तुमसे छीन लूंगा मैं लेकिन उसका पहले मैंने सुना तुमने शादी कर ली अब तुमने तो बुलाया नहीं तो मैंने सोचा कि मैं खुद आ जाउ अपनी भाभी से मिलने कार में बैठी अदिति को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि बहार क्या हो रही है और ना ही आवाज सुनाई दे रही थी कि बहार क्या बात हो रही है लेकिन उसे समर्थ के लिए डर लग रहा था वो उसका पति था और उसने बचपन से समर्थ को ही प्यार किया था अनिरुद्ध की बात सुन समर्थ तीरछा मुस्कुरा कर कहता है क्या सच में तुम ये कर पाओगे तुम्हारे बाप ने तुम्हें उस लायक बनाया नहीं बनया जो तुम समर्थ सिंह चौहान के सामने टिक भी पाओ और मेरी चीज़ पर कोई नज़र भी डाल दे वो जिंदा नहीं रहता फिर तुम तो मेरी बीवी की बात कर रहे हो तो तुम सोच सकते हो कि मैं क्या कर सकता हूँ इसीलिये मेरा रास्ता छोड़ो और निकलो यहां से अनिरुद्ध समर्थ की बात पर अपनी जेब से बंदूक निकालने को होता है उसे पहले समर्थ अपनी बंदूक से अनिरुद्ध के हाथ में चला देता है और गन की नोक को फुक कर कहता है अब बहुत हो गया तुम्हारा बकवास नहीं तो अभी गोली सिर्फ हाथ में लगी है अगली बार तुम्हारे भेजे को लगेगी अनिरुद्ध घूर कर समर्थ को देखता है और कार में बैठ वहा से निकल जाता है उनके जाने के बाद समर्थ कार की डोर ओपन करता है तो देखा अदिति कार की खिड़की से चिपकी हुई थी जिसे देख समर्थ कहता है क्या अब तुम खिड़की को तोड़ कर बाहर चली जाओगी समर्थ की बात सुन अदिति ठीक से बैठती है और समर्थ से कहती है ऐसा नहीं है लेकिन वो कौन था और वो क्या कह रहा था तुम्हें इससे कोई मतलब नहीं है इसीलिये काम से काम रखो समझी समर्थ की फटकर से अदिति मुँह बना खुद में कहती है हम्म सिर्फ पूछा ही तो था इसमे गुस्सा होने वाली कौन सी बात है खड़ूस कही के कह अदिति बहार देखने लगती है करीब 2 घंटे के लंबे सफर के बाद समर्थ और अदिति मेंशन पहुच जाते है और अदिति बहार निकल जल्दी से समर्थ को छोड़ अंदर चली जाती है और समर्थ वो अदिति के पीछे अंदर आता है तो देखता है वहा पूरा परिवार पहले से बैठा था और सावित्री जी अदिति को गले लगायी हुई थी समर्थ को देख दिग्विजय जी कहते हैं समरथ सब ठीक तो है ना हमने सुना कि तुमलोगो पर हमला हुआ था तुम ठीक तो होना दिग्विजय जी की बात पर समर्थ नॉर्मल हो कहता है कोई बड़ी बात नहीं थी पापा बस अनिरुद्ध था जिसे पता चल गया है कि मेरी शादी हो गई है दिग्विजय जी समर्थ की बात सुन गुस्से में कहता है ये दोनो बाप बेटे कभी सुधर नहीं सकते दादी जी कहती हैं वो सब छोड़ो बच्चे थक गए है अब उन्हें आराम करने दो दादी जी की बात पर सावित्री जी कहती हैं हाँ तुम दोनो कमरा मे जाओ मैं खाना भीजवाती हू कमरे में आने के बाद समर्थ बाथरूम चला और अदिति वो ड्रेसिंग के पास जा ज्वेलरी उतारने लगती है थोड़ी देर बाद समर्थ बाथरूम से बाहर आता है तो अदिति अंदर जाने लगती है जब वो समर्थ से टकरा जाती है और बुरी तरह गिरने को होती है लेकिन वह गिरती उसके पहले ही समर्थ उसे कमर से पकड़ लेता है जिस्से अदिति समर्थ के करीब आ जाती है इतनी कि उनके सास आपस में घुल रही थी और अदिति वो समर्थ को देख रही थी वही समर्थ की नजर अदिति के गुलाबी होठों पर जिन्हे वो अपने होठो में भर लेना चाहता था और उसे चुमना चाहता था उसके रस भरे होठों का रस पीना चाहता था और उसने वो भी किया समर्थ अचानक अदिति के होठों पर अपने होठों को रख देता है और अदिति वो अपनी आंखे बड़ी किये समर्थ को देखने लगती है To be continue ✍️ ✍️ ✍️ कौन है अनिरुद्ध और क्या दुश्मनी है अनिरुद्ध और उसके पिता का समर्थ से जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बाहो में Hello dear readers . Readers comment जरूर करें और रिव्यु भी दे दे please आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏 🙏 🙏
समर्थ अदिति को होठो को चूम रहा था उसके नरम मुलायम होठ समर्थ के कठोर ठंडे होठो के स्पर्श से जैसे जान आ गयी हो अदिति के निचले होठों को अपने मुँह में भर समर्थ उसे किस करने लगता है अदिति भी समर्थ के अहसास में पिगल रही थी और उस किस में खो रही थी समर्थ अपनी हथो को अदिति के पीठ पर लेजा उसपर अपनी पकड़ कस देता है और पैशनेट किस करने लगता है लगभाग 10 मिनट के किस के बाद समर्थ अदिति को रिहा करता है जिस्से अदिति अपनी आंखें बंद किये गहरी सास लेने लगती है जिस सीना ऊपर नीचे हो रहा था जिसे देख समर्थ को अपना गला सुखता हुआ महसुस हो रहा था और उसके वो गुलाबी होथ जो किस की वजह से और भी ज्यादा लाल हो गए थे वो एक बार फिर उन्हें चूमना चाहता था और वो किस करने के लिए आगे बढ़ता है तभी दरवाजा नोक होने की आवाज आती है Door की आवाज सुन दोनो ही अपने होश में आते हैं अदिति अपनी आंख खोल समर्थ को देखती है जो उसे ही देख रहा थी अदिति जल्दी से बाथरूम में घुस जाती है और दरवाजे को जोर से बंद करती है जैसे सून समर्थ बाथरूम के बंद दरवाजे को देखने लगता है उसका ध्यान फिर एक बार दरवाजे की आवाज से टूटती है और वो एक नजर बाथरूम का दरवाजा देख दरवाजा खोलने चला जाता है जहा malti जी सर्वेंट के साथ खड़ी थी malti को देख समर्थ कहता है चाची आप हा मैं खाना लेकर आई थी तुम दोनो के लिए कह वो सर्वेंट को खाना रखने को कहती है और खुद समर्थ से कहती है समर्थ देखो हम जानते हैं कि तुम नाराज हो कि तुम्हारी शादी जल्दी करा दी गई लेकिन उसमें अदिति की कोई गलती नहीं है उसे खुद नहीं पता था कि उसकी शादी हो रही है जिस दिन तुम्हें पता चला उसी दिन मां जी ने उसे बताया और रही बात अदिति के यहां अचानक आने की तो वो अभी नहीं आती लेकिन उसकी नानी माँ के मौत के बाद उसके मामा मामी ने एक ऐसे आदमी को बेच दिया था जो लड़कियो की दलाली करता था अगर उस दिन तुम्हारे पापा और मां जी किसी काम के बहाने अदिति से मिलने नहीं जाते तो पता नहीं आज वो बच्ची किस हाल में होती इसिलिये उसे समझो वो मासूम है उसे नरम से पेश आओ वो अपना दिल खोल कर तुम्हारे सामने रख देगी उसने बचपन से सिर्फ तुम्हें अपना हमसफर माना है जिसके सपने उसे बचपन से दिखाये गये हैं बाकी तुम खुद समझदार हो कह malti वहां से चली जाती है और समर्थ वो malti की बातों को सोचने लगता है अगर पापा को वहा पहुंचने में थोड़ी भी देर होती तो अदिति के साथ क्या अनर्थ हो जाता है वो दरवाज़ा बंद कर पीछे मुड़ देखता है जहा अदिति ज़मीन में अपना बिस्तर लगा रही थी जिन्हे देख समर्थ कहता है तुम क्या कर रही हो समर्थ के सवाल.को.सुन अदिति अपना सर उठा समर्थ को देखती है और मासूमियत से कहती है हम अपना बिस्तर लगा रहे हैं कल आपने हमें जमीन में सुला दिया था जिसकी वजह से हमें ठंड लग रही थी इसलिए हम बिस्तर लगा रहे हैं अदिति के जवाब को सुन समर्थ कुछ नहीं कहता और अपने सोफे के पास जाते हुए कहते हैं चाची खाना ले आई हैं खाना है तो आजाओ अदिति जल्दी से सोफ़े में बैठ समर्थ के लिए खाना निकाल अपने लिए है और फिर bina समर्थ का इंतजार करने लगती है उसकी स्पीड देख समर्थ उसे देखने लगता है तो अदिति अपने मुंह में एक और निवाला डाल क्यूट सा फेस बना कहती है वो हमें भूख लगी थी हमने सुबह से कुछ नहीं खाया इसिलिये कह अदिति अब अपना सिर झुकाए धीरे-धीरे खाने लगती है और समर्थ वो अदिति को देख अपना डिनर करने लगता है कुछ देर बाद डिनर करने के बाद अदिति प्लेट समेट रसोई में चली जाती है और समर्थ वो अपना लैपटॉप ले काम करने लगता है और अदिति वो अपनी जमीन में बिछाए बिस्तर पर जाकर सो जाती है रात के 2 बजे जाकर समर्थ अपने लैपटॉप को बंद अपनी नज़र उठा देखता है जब उसकी नज़र सो रही अदिति पर जाती ही जिस्की बंद घनी पल्के खुबसूरत गुलाबी होठ और उसके वो चबी चिक्स वो बहुत प्यारी दिख रही थी जिसे समर्थ अपनी नज़र नहीं हटा पा रहा था अदिति से अपनी नज़र हटा समर्थ सिगरेट ले बाल्किनी में चला जाता है और लम्बी लम्बी कश लेने लगता है उसकी नज़र में अदिति का वो मासूम सा चेहरा उसकी आँसुओं से भीगी पलकें बार-बार उसे याद आ रही थी जिसे इरिटेट हो समर्थ सिग्रेट को ऐस्टरे म फेक रेलिंग को पकड़गुस्से में कहता है ये लड़की मैं क्यूं सोच रहा हूं इसके बारे में कह समर्थ एक और सिगरेट ले उसकी कश लेने लगता है दिल में हलचल मची थी जिसका करण सिर्फ अदिति थी जो उसका दिल और दिमाग में घर कर गयी थी उसका समर्थ के गले लगना सवाल करना उसकी आंखों के आंसू उसका रोना सब कुछ समर्थ के नज़र के सामने घूम रहा था थोड़ी देर बाद समर्थ रूम में आता है और बिना अदिति को तरफ देखे बिस्तर पर जाकर सो जाता है अगली सुबह आज अदिति की पहली रसोई थी और अदिति किचन में गाजर का हलवा बना रही थी जो कि उसने सावित्री जी से पूछकर समर्थ के पसंद का बनाई थी हलवा बनाने के बाद अदिति ने बकियो के पसंद का भी खाना बनाया था और खाना लगभाग तैयार हो चूका था डाइनिंग में पहले ही लग चुके थे बस हलवा बचा था अदिति हाथो में हलवे का bowl खाने के लिए आती जहां सभी थे बस समर्थ को छोड़ कर जब सिद्धियों से समर्थ आता है और अपनी जगह में बैठता जिसे एक नजर देख अदिति सभी को सर्व करने लगती है लेकिन उसने अभी तक समर्थ को खाना नहीं दिया था जिसे देख दादी जी कहती अदिति समर्थ को भी खाना दो दादी जी की बात सुन अदिति समर्थ को देखती हैं जो उसकी तरफ नहीं देख रहा था और अपने फोन में लगा हुआ था अदिति समर्थ को खाना परोसने लगती है लेकिन समर्थ अपने हाथो की मुट्ठी कसे अदिति के सारी झलक रही उसकी पतली कमर को देख रहा था जिसे देख समर्थ का मन कर रहा था कि वो उसके कमर को अपनी मुट्ठी में भर नोच ले उसे अपने हाथों से सहलाए और सबसे ज्यादा उसका वो काला तिल जो उसके नाभि के पास था समर्थ अदिति के कमर से अपनी नजर हटा मन में कहता है समर्थ क्या कर रहे हो तुम क्यू सोच रहे हो इस लड़की के बारे में ऐसा और वो भी ऐसे थाउट पागल हो गए हो तुम समर्थ अपना ख्याल झटका ब्रेकफास्ट करने लगता है। कुछ देर बाद सभी अदिति को गिफ्ट देते हैं जब युग एक छोटा सा बॉक्स अदिति को देते हुए कहता है भाभी वैसे मैं काम तो नहीं करता लेकिन मैने जो अपनी पॉकेट मनी बचाई थी uसे आपके लिए ये अदिति उसके हाथ से बॉक्स ले कहती है धन्यवाद, अगर आपने दिया है तो बहुत ख़ूबसूरत होगा सभी कुछ ना कुछ अदिति को देते हैं लेकिन समर्थ ने कुछ नहीं दिया था और वो समर्थ उठन लगता है जब दादी जी कहती है समर्थ तुमने अदिति को कुछ नहीं दिया दादी की बात सुन समर्थ अदिति को देख दादी से कहता हूँ वो मुझे पता नहीं था दादी मैं शाम को लेता आउंगा कह सावित्री जी से कहता है माँ आज रात को मुझे यू एस जाना है तो आप मेरा समान पैक कर दीजिएगा कह समर्थ जाने लगता है जब दादी फिर कहती हैं ठीक है दो टिकट करवा लेना अदिति भी जाएगी तुम्हारे साथ इसी बहाने तुम दोनों कहीं घूम भी लोगे अपनी दादी की बात सुन समर्थ कहती हूं दादी मैं वहां काम से जा रही हूं घुमने नहीं जो आप ,मैंने कहा ना अदिति भी जाएगी तुम्हारे साथ।बात यहीं ख़त्म फिर अदिति से कहती है अदिति समर्थ का कपडा पैक करने के साथ तुम अपना भी कपडा पैक कर लेना समर्थ गुस्से में वहा से चला जाता है और उसके पीछे सक्षम जाते हुए दादी को फ्लाइंग किस देता है तो दादी भी सक्षम को फ्लाइंग किस देती हैं उनके जाने के बाद युग दादी से मुँह बनाना कहता है दादी आप मेरी गर्लफ्रेंड हैं या सक्षम भाई की मुझे भी किस्सी चाहिए।कह युग दादी के गाल पर किस कर लेता है तो सभी हंसते लगते हैं रूम में अदिति कपडे रख रही थी जब उनके रूम में सवित्री जी मिताली जी और मानसी आती है जी के साथ दादी भी थी दादी जी मिताली के हाथ में पकड़े कपडे के पैकेट को .अदिति को देते हुए कहती है .को ये तुम्हारे लिए हम सब की तरफ से अदिति दादी जी के हाथ से वो पैकेट ले उसके रखे कपड़ो को निकलती है जो नाइट हॉट मिनीड्रेस जिस्की लेंथ थाई के भी ऊपर थी जिसे देख उसकी आंखे बड़ी हो जाती है और वो जल्दी से उन कपड़ो को रख शर्म से अपनी नजर झुका कहती है ये ये कपड़े वो वो हम ऐसा कपड़ा अदिति की हिचकिचाहट को देख दादी जी हंसते हुए कहती हैं शर्माओ मत और रख लो और समर्थ के सामने रात को पहनना क्योंकि मर्द चाहे जितना भी सख्त हो लेकिन औरत की सुन्दरता के सामने हार ही जाता है दादी की बात सुन अदिति शर्म से अपनी अदिति दादी की बात सुन बिना अपना सर उठाय हां मैं अपना सर हिला देती जिसे देख मिताली जी हस्ती हुई कहती है अगर तुम यहाँ इतनी शर्मोगी थी तो समर्थ के सामने कैसे जाओगी ऐसे कपड़ो में कह वो हंसने लगती है तो अदिति का चेहरा और भी लाल हो जाता है l इधर चौहान इंडस्ट्री के 30वीं मंजिल के केबिन में समर्थ गुस्से में सक्षम को देख रहा था जो उसके सामने बैठे उसे देख रहा था जब अभिनव कहता है अरे मुझे क्या देख रहे हो मैंने थोड़ी कहा था दादी को कि वो अदिति को तुम्हारे साथ भेजे अभिनव को देख समर्थ गुस्से में कहता है तुम जानते हो ना कि मैं वहा उसे नहीं ले सकत क्योंकि जिस काम के लिए मैं जा रहा हूं और जहां मैं जा रहा हूं वो जगह उसके लिए ठीक नहीं है ा जिसकी बात पर अभिनव कहता है हां मुझे पता है लेकिन वो तुम्हारी पत्नी है तो तुम उसे प्रोटेक्ट जरूर करोगे समरथ घूर कर अभिनव को देखता है तो अभिनव वहा से जाते हुए कहता है मैं नकुल से कह देता हूं कि वो अदिति के लिए भी टिकट कर दे कह अभिनव वहां से चला जाता है और समर्थ वो उसे घूरते रह जाता है To be continue ✍️✍️✍️ किस काम के लिए जा रहा है समर्थ यू एस जो वो अदिति को नहीं ले जा सकता और ऐसा कौन सा काम है समर्थ का जहां अदिति के लिए खतरा होगा .जानने के लिए पढ़ती रहिये हमसफर की बाहों में भर Hello dear readers आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏🙏🙏
रात का वक्त अदिति और समर्थ एयरपोट पर खड़े थे उनकी फ्लाइट पांच मिनट में आने वाली थी नकुल चेक इन कर कहता है बॉस हो गया अब हमें चलना चाहिए समर्थ अपना सर हा मे हिला देता है और जाने लगता है तो अदिति समर्थ के बाजुओं को पकड़ लेती है जिसे देख समर्थ कुछ नहीं कहता और फ्लाइट में चढ़ जाता है वैसे तो वो दोनों अपनी पर्सनल जैट से जाने वाले थे लेकिन दादी जी के कहने पर समर्थ को पब्लिक प्लेन से जाना पड़ रहा था अदिति और समर्थ का सीट last corner में था जहां से उन्हें कोई भी देख नहीं पाता और नकुल वो सामने बैठा था समर्थ अदिति के साथ बैठा था और अदिति वो अपनी आखे बड़ी किये चारो तरफ देख रही थी की फ्लाइट की उड़ान भरने की announcement होती है और सभी सीटबेल्ट लगाने लगते हैं समर्थ सिटबेल्ट लगा अपने हाथ में पकड़े फाइल को पढ़ने लगता है की उसकी नजर अदिति पर जाती है जो सिटबेल्ट लगाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसे वो लग ही नहीं रहा था जिसे देख समर्थ गहरी सास ले अदिति के सीटबेल्ट को लगाने लगता है अदिति समर्थ को एक बार फिर अपने करीब महसुस कर उसकी सास तेज चलने लगती है और वो गहरी गहरी सास लेने लगती है और उसके दिल की धड़कन तेज होने लगती है जिसकी आवाज समर्थ को भी सुनायी दे रही थी वही समर्थ भी अदिति के स्लिम कमर को देख अपना कंट्रोल खो रहा था और उसका वो तिल जिसे देख समर्थ को अपना गला सुखता हुआ महसुस होने लगता है और वो अनायास ही अपने हाथ अदिति के कमर पर रख झुक कर अदिति के उस तिल को चूम लेता है समर्थ की इस हरकत से अदिति काप जाती है और समर्थ वो अपने होश में आता है और अदिति से अपनी नज़रे फेर फ़ाइल को देखने लगता है वही कोई था जो अदिति को देख रहा था और वो उनके बगल में बैठा एक आदमी था जो विदेशी था जिसकी नजर अदिति और समर्थ पर थी और वो समर्थ को अदिति के कमार पर किस करट देख लेता है जिसे देख वो अदिति को देखने लगता है वही अदिति वो किसी की नजर खुद पर महसूस कर इधर उधर देखने लगती है जहां उसकी नजर उस विदेशी पर जाती है जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था जिसे देख अदिति जल्दी से अपनी नज़र फेर लेती है और खुद को थिक करने लगती है थोड़ी देर फ्लाइट टेक ओफ होती है और अदिति वो अपनी आंख बंद करके समर्थ के बाजुओं को अपने दोनों हाथों से कस कर पकड़ लेती है हमें हमे डर लग रहा है कहीं ये प्लेन के पंखे बंद हो गए और हम गिर तो हम सब मर जायेंगे नहीं नहीं हम मरना नहीं चाहते अगर तुम ऐसे ही पागलो वाली हरकत करोगी तो तुम्हें खिड़की के बाहर फेक दूंगा इसलिए चुप चाप बैठी रहो अदिति के बेवकूफी भारी बात सु अपने अपने दांत पिस्ते हुए कहता है समर्थ की बात सुन अदिति डरती हुई कहती है यहां हमें डर लग रहा है और आप हमें बाहर फेंकेंगे हम दादी को बताएंगे की आप हमें खिड़की से फेंकना चाहते थे समर्थ कुछ नहीं कहता कि अदिति को महसुस होता है कि प्लेन उड़ रही थी जिसे एक नजर देख अदिति कहती है आपने हमारा ध्यान भटकन्व के लिए ऐसा कहा था ना समर्थ अदिति को देखता है और कहता है .हमे पहुचने में 6 घंटे लगेंगे तो तुम सो जाओ समर्थ की बात सुन अदिति अदिति अपनी आंखें बंद कर सो जाती है जिसे एक नजर देख समर्थ अपने बैग से एक mini blancket निकाल अदिति को कवर कर देता हूं और फिर अपनी नजर घुमा उस विदेशी को देखता है जो अभि भी बेशमरमी से अदिति को देख रहा था समर्थ की जल्दी हुई नजर को देख वो आदमी अदिति से अपनी नजर फेर लेता है और समर्थ वो अदिति को देख फिर से फाइल पढ़ने लगता है 6 घंटे के लंबे सफर के बाद फ्लाइट यू एस लैंड होती है और समर्थ वो अदिति को देखता है जो अभी भी सो रही थी जिसे देख समर्थ गुस्से में कहता है अब क्या तुम सोती रहोगी या फिर उठोगी भी समर्थ के ऐसे उठने पर अदिति हदबदा कर उठ जाती है और समर्थ को देख कहती है क्या हम पहुच गए समर्थ अपने दांत पीस कर कहता है नहीं अभी पाताल लोक में जाना है .अभी टाइम है उसके लिए अदिति मुँह बना समर्थ को देखती है और उठकर देखती है तो वहा कोई नहीं था। तो अदिति अपने कपड़े ठीक कर कहती है अब चलिए क्या यहीं पर रहना है आपको समर्थ अदिति घुर कर देखती है तो अदिति बस हल्का सा मुस्कुरा देती है और वो बहार आते है जहा नकुल पहले से कार के पास खड़ा था वह लोग कार मैं बैठ वहां से निकल जाता है कार मे बैठ अदिति यू एस के सड़क को देख रही थी जहां की ख़ूबसूरती देख अदिति के चेहरे में बहुत ही प्यारी मुस्कान थी जिन्हे समर्थ अपनी कनखियों से देख रहा था अदिति खुश हो समर्थ से कहती है सुनिए क्या आप हमें यू एस घुमाएंगे देखिये ना कितनी सुंदर जगह है ये समर्थ अदिति को देखता है और अपने लैपटॉप में देख बिना किसी भाव के कहता है ये यू एस है तुम्हारा गांव नहीं जहां तुम घूमोगी तुम जैसे गांव की लड़कियों के लिए ये नहीं है समर्थ के जवाब को सुन अदिति की आंखें भर आती हैं और वो सीधा बैठ अपना सर झुका लेती है .जो कुछ देर पहले अपने चेहरे में चमक लिए सब कुछ देख रही थी अब उसके चेहरे में उदासी छा गई थी लेकिन समरथ को कोई फर्क नहीं पड़ता। वही नकुल वो अदिति को देख अपने मन में कहता है बोस कितने क्रूर है मिस कितनी खुश थी लेकिन इस राक्षस को देखा नह गया ीं, बेचारी मीस को नाराज कर दिया कुछ ही देर में उनकी कर एक बांग्लो के.सामने रुकती है समर्थ कार से बाहर निकलता है तो दिति भी बहार आती है और उस बंगले को देखती है जो सफेद संगमरमर से बना हुआ था जो बहुत ही खूबसूरत था समर्थ आगे बढ़ जाता है जिसे देख अदिति भी उसके पिच्छे जाते हुए कहती है रुकिये हमें भी साथ ले चलिए लेकिन समर्थ अदिति के बातों को इग्नोर कर तेज़ी से चलने लगता है और बेचारी अदिति चल काम रही थी दौड़ना जयादा रही थी To be continued ✍️✍️✍️
अदिति और समर्थ अंदर आते हैं तो वहा एक बटलर पहले से था जो उस बंगलो का देखभल करता था वो जल्दी से आता है और उन को .ग्रिट करते हुए कहता है Hello sir you came here after a long time समर्थ बटलर की बात पर कहता हैं yes mister thomas there was some work to be done that's why बटलर अपना सर हीला देते हैं जब वो अदिति को देख कहते है Sir who is she बटलर की बात सुन समर्थ अदिति को देखता है जो अभी भी अपना सर झुकाये खड़ी थी she is my wife बटलर समर्थ की बात सुन खुश हो कहता है oh congrats sir your wife is so beautiful नकुल अपने कमरे में जा चुका था समर्थ ऊपर अपने कमरे में जाते हुए कहता है send food to my room and bring me a coffee बटलर अपना सर हीला देता है और एक नौकर से समर्थ और अदिति का समान रूम में भेजवा देता है कमरे में अदिति अपने लगेज से कपडे ले समर्थ को इग्नोर कर बाथरूम में चली जाती है वही समर्थ को अदिति के उदास चेहरे को देख कुछ अच्छा नहीं लग रहा था अब खुद पर गुस्सा आ रहा था कि उसने अदिति को वो सब क्यों कहा कितनी खुश थी वो जब यहाँ आयी थी तो कुछ देर में अदिति बाथरूम से बहार आती है तो समर्थ अपने कपड़े ले बाथरूम में चला जाता है समर्थ जब बहार आता है तो देखता है अदिति जमीं में सोई थी और खाना वो वैसे ही टी टेबल में रखा हुआ था समर्थ अदिति को देख अपने कदम उसकी तरफ बढ़ा देता है और अदिति के पास जा उसे देखने लगता है जो अपनी आँखें बंद किये सो रही थी समर्थ उसे जगाने को होता है लेकिन फिर अपने हाथ को पीछे खींच लेता है लेकिन फिर कुछ सोच वो अदिति के कंधे में हाथ रख उसे हिलाता है तो अदिति अपनी आंखे खोल समर्थ को देखती है जो उसके एक दम करीब था समर्थ को अपने करीब देख अदिति जल्दी से उठती है वही समर्थ वो खड़े हो अदिति से अपना नज़र फेर कहता है खाना खा लो तुमने फ्लाइट में भी कुछ नहीं खाया था अगर तुम भूख में मर गई तो दादी मुझे ही दोषी थहरायेन्गी कि मैंने तुम्हारा ख्याल नहीं रखा समर्थ की बात सुन अदिति मुँह बना कहती है नहीं आपको हमारी फ़िक्र करने की ज़रूरत नहीं है हम ठीक है समर्थ अदिति को देखता है और फ़िर जबरदस्त अदिति को उठा उसे सोफ़े में बैठा कहता है चुपचाप खाना खाओ वरना यहीं तुम्हें छोड़ कर इंडिया चला जाऊंगा अदिति घुर कर समर्थ को देखती है और खाना खाने लगती है जिसे एक नजर देख समर्थ भी खाने लगता है थोड़ी देर खाना खाने के बाद अदिति फ़िर से ज़मीन में सोने जाती है तो समर्थ की आवाज उसके कानों में जाती है तुम बिस्तर पर सो सकती हो यहा ठंड है अगर तुम जमीन पर सोगी तो ठंड लग जाएगी समर्थ की बात सुन अदिति की आखे बड़ी हो जाती है और वो हेरान हो समर्थ को देखने लगती है क्या क्या कहा आपने. समर्थ अदिति के मासूम चेहरे को देखता है जो उसे अपनी आखे टीमटीमाटे हुए देख रही थी क्या तुम एक बार में नहीं सुन सकती मैने कहा तुम बिस्तर पर सो जाओ क्योंकि यहाँ ठंड है समर्थ की बात सुन अदिति मुँह बना कहती है लेकिन आपने ही मुझे मना किया कि मैं आपके साथ नहीं सोउगी ,हा ठीक है लेकिन अब मैं कह रहा हूं कि तुम बिस्तर पर सो सकती हो अदिति समर्थ को देखती है फिर चुप चाप जाकर बिस्तर पर सो जाती है और समर्थ अदिति को देख दूसरे तरफ जाकर सो जाता है अगली सुबह समर्थ की नींद खुलती है उसे भी सुबह जल्दी उठने की आदत थी सुबह के अभी 5 बजे थे और समर्थ की नींद खुलती है तो अपने सीने में भार महसुस होता है वो अपनी आंखे खोल देखता है जह उसके सीने में अदिति अपना सिर रखे सो रही थी उसकी बंद घनी पलके बहुत खुबसूरत दिख रही थी और उसके वो गुलाबी होठ जिसे देख समर्थ को एक बार फिर उसके होठों को चूमने का मन कर रहा था समर्थ अदिति को पलट अपने नीचे कर लेता है अदिति अचानक से ऐसा होने पर आपनी आंखे खोल घबराई हुई नजर से समर्थ को देखती है जो उसके ऊपर था समर्थ को देख अदिति कुछ कहने को होती है उसके पहले समर्थ बिना देरी किये अदिति के होठों को अपने गिरफ़्त में ले लेता है अदिति को कुछ समझने का मौका नहीं मिलता क्या हुआ वो अपनी आंखे बड़ी किये समर्थ के बंद पलकों को देखती है जो अपनी आखे बंद किये हुए उसे किस कर रहा था अदिति भी समर्थ का विरोध नहीं करती है और अपनी आखे बंद कर समर्थ के किस को महसस कर रही थी समर्थ बहुत ही प्यार से अदिति को चूम रहा था और उसके हाथ अदिति के नगन कमर पर चल रहे थे जो उसके खुली कमर को सहला रहा था वही अदिति के हाथ अपने आप समर्थ के बालों पर चला जाता है और वो समर्थ के बालो को सहलाने लगती है लगभग 20 मिनट के किस के बाद समर्थ अदिति से दूर होता है और उसे देखने लगता है वही अदिति वो भी समर्थ की आँखों में देख रही थी लेकिन ज्यादा देर तक वो समर्थ की आँखों में नहीं देख पाती और अपनी आँखे शर्म से झुका लेती है वही समर्थ वो अदिति के शरमाने पर मुस्कुरा देता है और अदिति के गाल को सहलाते हुए कहता हैं रेडी हो जाओ आज मुझे meeting मे जाना है उसके बाद हम बाहर चलेंगे अदिति अपना सर हा में हिला देती है।समर्थ अदिति के ऊपर से उठ अपने कपडे लेता है जब उसकी नज़र अदिति के तरफ रखे कपड़ो में जाता है .जिसे एक नजर देख समर्थ उन्हें अपने हाथों में ले अदिति की तरफ देखता है वह कपडा वही था जिसे दादी ने अदिति को दिया था जिस कपडे के डिजाइन से अदिति का चेहरा दीख रहा था। जब अदिति की नजर उस कपड़े में जाती है जो समर्थ के हाथों में थी उसे देख अदिति की आखे बड़ी हो जाती है और वो जल्दी से बिस्तर से उतर समर्थ के हाथो से वो कपडा ले अपने पीछे छुपा लेती है और शर्म से अपनी नजर नीचे कर लेती है वही समर्थ के चेहरे में तिरछी मुस्कान आ जाती है और वो अदिति के करीब बढ़ उसके कमर में हाथ रख अदिति के कान के पास जा बहुत ही सरगोशी से कहता है क्या तुम ये कपड़े मेरे सामने पहनोगी मुझे सुड्यूस करने के लिए वैसे मैं बुरा नहीं मानूंगा अगर तुम ये कपड़ा मेरे सामने समर्थ की अधूरी बात सुन अदिति जल्दी से समर्थ को देख कहती है ऐसा कुछ नहीं है, वो दादी ने दिया था हाँ तो पहनने के लिए दी है ना दादी ने तो मेरे सामने .कुछ भी फालतू मत सोचिये हम हम ऐसे कपडे नहीं पहनते कह अदिति जल्दी से उस मिनी ड्रेस को अलमारी में रख अपने कपड़े में ले भागते हुए बाथरूम में चली जाती है वही समर्थ वो अदिति को देख मुस्कुरा देता है .और बाहर आकर बालकिनी में खड़े हो देखता है जहा बर्फ़बारी हो रहा था सुबह का समय था तो स्नो फ़ाल हो रहा था समर्थ खुद से कहता ह क्या हो तुम? जो मुझे ै अपनी तरफ से खिच रही हो बचपन की यादें धुंधली है लेकिन तुमने मेरा इंतज़ार किया थोड़ी देर बाद समर्थ कमरे में आता है तो अदिति बाथरूम से बाहर आ चुकी थी और ड्रैसिंग के पास खड़ी हो रेडी हो रही थी उसने अभी हल्के गुलाबी रंग की शिफोन की साड़ी पहन रखी थी जो उसके गोरे बदन में बहुत खील रही थी समर्थ अदिति के पास जाता है और ड्रेसिंग पर रखी सिन्दूर की डब्बी ले उसकी मांग को भर देता है जिसके अहसास से अदिति की आँखें बंद हो जाती हैं और सिंदूर के कुछ कड अदिति की नाक में गिर जाता है अदिति अपनी आंख खोल समर्थ को देखती है तो समर्थ अदिति को देख उसके चीन को पकड़ उसे देखता है अदिति कहती है आप आप को क्या हो गया आप ऐसा क्यों कर रहे है समर्थ झुक कर अदिति के होठों पर किस.कर सकता है तुम्हें अच्छा नहीं लगा,समर्थ का जवाब सून अदिति शर्म से आपना चेहरा झुका कहती है . ऐसा नहीं है लेकिन आपने तो कहा था की मैं गांव की गंवार शशश जो हो गया वो हो गया लेकिन अब तुम मेरी बीवी हो तो मैं जो चाहूँ वो कर सकता हूँ कह अदिति के होठों के चुम लेता है और बाथरूम चला जाता है और थोड़ी देर बाद समर्थ और अदिति meeting के लिये निकल जाते हैं उनके साथ नकुल भी था ऑफिस में पहुचने पर समर्थ अंदर आता है जिसे देख सभी खड़े हो जाते है और समर्थ को ग्रिट करते है और उस देख हैरान भी थे क्यूकी समर्थ काफी महिनो बाद यहाँ आया था .ये समर्थ का यू एस का ब्रांच था जहाँ वो कभी कभी आता था वही समरथ के पीछे अदिति को देख सभी अदिति को देख रहे थे कि ये कौन है जो उनके बॉस के साथ है क्योंकि जहां तक उनको पता है उनके बॉस की अभी शादी नहीं हुई है और अदिति की खुबसूरती देख सबको हैरानी हो रही थी वो लोग कभी इतनी सुंदर लड़की नही देखे थे सबकी नज़र अदिति पर थाहर गया था समर्थ एक केबिन में आता है जिसके साथ अदिति भी आती है नकुल बाहर चला जाता वही समर्थ वो अदिति से कहता है तुम यहाँ बैठो मैं थोड़ी देर में आता हूँ तब तक तुम यहीं रहना ये फोन जब तक तुम फॉन चला सकती हो मैं आ जाऊंगा और हां और कहीं बाहर मत जाना.यही रहना और किसी चीज की जरूरत हो तो इसमें मेरा और नकुल का नंबर है किसी को भी फोन कर देना कह समर्थ जाने लगता है जब अदिति कहती है क्या मैं आपके साथ नहीं जा सकती वो मुझे यहाँ डर लगेगा अकेले अदिति की बात सुन समर्थ रुक जाता है और कहता है तुम्हें यहां डरने की जरूरत नहीं है और रही बात अपने साथ ले जाने की तो मैं ल जाेता लेकिन मैं तुम्हें वहां नहीं ले जा सकता जिसका कुछ रिजन है और डरो मत मैं जल्दी. आ जाऊंगा. कह समर्थ चला जाता है और अदिति वो केबिन देखती हुई वही सोफ़े में बैठ जाती है और फोन चलने लगती है वही बहार में समर्थ मिटिंग हाल में जाने लगता है जिसके पीछे .नकुल चलते हुए कहता हैं बॉस हम मिस को भी मिटिंग मे ले चलते ना वो अकेली वहा बोर हो जाएगी फिर उन्हें कोई जानता भी नहीं नकुल तुम जानते हो कि हम जिनसे मिलने जा रहे हैं उनके सामने अदिति का जाना ठीक नहीं है और ये तुम भी जानते हो कह समर्थ मिटिंग हाल मे एंटर होता है जहा कुछ विदेशी पहले से बैठे थे जिनके साथ कुछ लड़कियाँ थी जो उन विदेशी लोगों की बॉडी से चिपकी हुई थी जो देखने से ही बहुत अश्लील दिख रहे थे समर्थ वहा के नजारे को इग्नोर कर अंदर आता है तो समर्थ को देख वह आदमी खड़े हो समर्थ से हाथ मिला कहता है Hello mister chouhan After a long time we are meeting समर्थ कहता है hello mister davidson Why do we start the meeting without any delay? Devidson कहते है ofcourse mister chouhan इधर केबिन में अदिति अपना फोन चला रही थी जब केबिन में एक आदमी अंदर आता है और वो अदिति को देख तिरछा मुस्कुरा उसकी तरफ अपना कदम बढ़ा देता है वही अदिति फॉन मे रील देखने में बिजी थी To be continue ✍️ ✍️ ✍️ कौन है वो जो केबिन में आया है .और क्या होगा आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये हमसफर की बाहों में Hello dear readers आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏 🙏 🙏
वह आदमी अदिति को ऊपर से नीचे तक देख रहा था और अदिति का कमर उसके अस्त व्यस्त बैठने के ढग से दिख रहा था वही अदिति को खुद पर किसी की नजरों की तपिश महसुस होती है तो वो सर उठा देखती है जहां एक अंजान आदमी उसे देख रहा था उस आदमी को देख अदिति जल्दी से उठ जाती है और डरते हुए कहती है कौन कौन है आप और ऐसे किसी के केबिन में बिना पूछे कैसे आ सकते है वह आदमी अदिति की तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए कहता है यही सवाल तो मैं तुमसे पूछ सकता हूं कौन हो तुम और इस केबिन में क्या कर रही हो कहते हुए वो आदमी अदिति के करीब आ गया था और अदिति वो दीवार से सट गयी थी वो आदमी अदिति के ऊपर झुकते हुए कहता है तुम यहाँ किसी ने भेजा है फिर अदिति को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहता है कमल का फिगर है तुम्हारा कह वह आदमी अदिति के चेहरे को छूने ही वाला था जिसके अहसास से अदिति अपनी आंखें बंद कर लेती है प्लिज हमें छुना मत अदिति लगभग गिदगिदाते हुई कहती है वो आदमी अदिति को छुता उसके पहले केबिन का दरवाजा खुलता है और समर्थ के साथ नकुल अंदर आता है डोर की आवाज़ सुन वो आदमी पीछे मुड़ समर्थ को देखता है है और अदिति भी समर्थ को देखती है लेकिन वही समर्थ जो अंदर का नजारा देख हाथो की मुट्ठी कस गई थी वही अदिति लगभग रोने वाली थी वो समर्थ को देख जल्दी से समर्थ के पास जा उसके गले लग जाती है और रोने लगती है वही समर्थ वो अदिति को रोते देख अदिति के बाल को सहलाते हुए उस आदमी से कहता है केविन क्या किया तुमने इसके साथ वह आदमी जो केविन था वह कहता है कुछ नहीं यार मैं तो बस मैने पूछा क्या किया तुमने अगर तुमने कुछ नहीं किया तो वो रो क्यों रही है तुम उसके करीब क्या कर रहे थे कहते हुए समर्थ केविन का गला पकड़ दिवाल से सटा देता है केविन लगभग चटपटते हुए कहता है यार छोड़ क्या कर रहा है पहले मुझे छोड़ तभी तो बताऊंगा कविन की बात सुन समर्थ कुछ शांत होता ही और उसे छोड़ देता है तो केविन एक नजर अदिति को देख कहता है वो मैं जब अंदर आया तो ये सोफ़े में बैठ फोन चला रही थी तो मुझे लगा किसी ने इसके मेरे साथ सोने केविन कुछ कहता उसके पहले समर्थ उसके मुँह में घुसा मार देता है और गुस्से में कहता है.तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई उसके बारे में ऐसी घटिया सोचने की वही अदिति वो अब समर्थ के गुस्से से कांप रही थी केविन अपने मुँह में आया खुन थूक कर कहता है क्या हुआ कौन है ये जिसके लिए तुम मुझे मारे जा रहे हो कहते हुए केविन अदिति की तरफ इशारा करता है जो डर से काप रही थी बीवी है वो मेरी .उसके ऊपर किसी की छुअन तो क्या किसी की नज़र भी बरदास नहीं कर सकता और तुम उसे छूने की कोशिश कर रहे थे। समर्थ की बात सुन कविन घबरा जाता है .और लगभाग समर्थ से माफ़ी मांगते हुए कहता है माफ करना मुझे नहीं पता था कि ये तुम्हारी पत्नी है मैं तो बस तुमसे मिलने आया था जब मुझे पता चला कि तुम. आये हो समर्थ गुस्से में कहता है.मेरे गैर मोजुदगी में तुमने इस ब्रांच को संभाला जिसके लिए मैंने तुम्हें पैसे दिए लेकिन अब तुम। जा सकता हूँ तुम्हारे जैसे लोगो की ज़रूरत नहीं है मेरे ऑफिस में।जो लड़कियो के साथ बदतिजी करे so now gate lost समर्थ I said gate lost समरथ गुस्से में कहता है तो कविन एक नजर अदिति को देख वहां से चला जाता है समर्थ अदिति को देखता है जो अभी भी रो रही थी समर्थ अदिति के पास जा उसे अपने सीने से लग उसके बालों को प्यार से सहला कहता है तुम ठीक तो हो ना अदिति अपना सर हां मैं हिला देती है तो समर्थ कुछ देर रुक कहता है उसने कुछ किया तो नहीं ना तुम्हें कोई नुक्सान तो नहीं पहुचाया ना अदिति अपना सर फिर से नहीं मैं अपना सर हिला देती है तो समर्थ अदिति को सोफे पर बैठा उसके चेहरे को देखता है जो रो रो कर लाल हो गया था उसके गाल को प्यार से सहला कहता है रोना बंद करो कुछ नहीं हुआ है मैं आ गया हूं ना अदिति समर्थ को देखती है और रोते हुए उसके गले लग जाती है तो समर्थ भी उसे शांत करने लगता है वही नकुल जो अपनी आंखे फाड़े अपने खड़ूस बॉस को देख रहा था जिसके मुँह से प्यार के दो बोल नहीं निकलते जो उसकी लेडी बॉस से शादी नहीं करना चाहता था वो आज उसकी लेडी बॉस से प्यार से बात कर रहा था सब सोचते हुए नकुल उन्हें एक तक देख रहा था .जब उसके कानो मे समर्थ की कड़क आवाज़ पड़ती है जो उससे कह रहा था अब क्या तुम यहीं खड़े रहोगे नकुल समर्थ को देखता है और ना मे अपना सर हिला देता हूं।और वहा से चला जाता है इधर अदिति अब समर्थ से दूर होती है उसे अब जाकर एहसास होता है कि वो समर्थ के कितने करीब थी लेकिन ये गलत भी तो नहीं था समर्थ उसका पति था और फिर उनके बीच किस भी तो हुआ था अदिति यही सब सोच रही थी और समर्थ को देख रही थी उसे ही देख रहा था अदिति अपना सर झुका धीरे से कहती है वो वो मुझे आपसे कुछ पूछना था समर्थ अदिति की झुकी हुई पलकों को दिखता है और अदिति को देखते हुए कहता है हम्म कहो वो वो आपने मेरी मदद की उसके लिए धन्यवाद अदिति की बात सुन समर्थ अदिति को देखा है अभी भी अपना सिर झुकाए बैठी थी समर्थ कुछ नहीं कहता है और अदिति को कमर से पकड़ अपने गोद में बैठा लेता है वही अदिति अचानक से ऐसा होने पर समर्थ को देखने लगती है .उसे बहुत अजीब लग रहा था ऐसे समर्थ के गोद में बैठने से उसके पेट में तितलियां उड़ रही थी अजीब सी सिरहन पेदा हो रही थी उसके शरीर में वही समर्थ वो एक तक अदिति के आखे में देख रहा था .और उसके कमर को सहलाते हुए अदिति के बाल जो उसके चेहरे में आ रहे थे उनको कान के .पिछे करते हुए कहता है तुम बीवी हो मेरी और अगर कोई तुम्हारे साथ कुछ गलत करेगा तुम्हें अपनी गंदी नजर से देखने की हिम्मत भी करेगा तो मै उसके साथ इससे भी ज्यादा बुरा कर सकता हूं अदिति समर्थ को देखती है ऐसे अचानक से बदला . हुआ समर्थ उसे कुछ अजीब महसूस करा रहा था जो उसके लिए पज़ेसिव ऑब्सेसिव और जूनुनी हो लेकिन क्यूं वो तो उसे अपनी पत्नी नहीं मानता था उसे देखना भी नहीं चाहता था फिर अचानक से क्या हो गया अदिति यही सब सोच रही थी जब उसे अपने चेहरे में समरथ की गर्म सास महसस होती है जो उसके चेहरे के एकदम करीब था अदिति समर्थ के चेहरे को देख कहती है आप आप ऐसा क्यों कर रहे हैं कहीं आप हमसे बदला तो नहीं ले रहे क्यूकी दादी ने अपनी शादी मुझसे जबरदस्त कराई है उसका बदला तो नहीं ले रहे ना आप हमारे साथ आप इसीलिये हमारे करीब आ रहे हैं ताकी आप हमें बारबाद कर सके और अपना बदला ले सके क्योंकि हम आपकी जिंदगी में आ गए आपको हमारी जैसी गांव की गंवार लड़की से शादी नहीं करनी थी अदिति के मन में जो था वो सब उसके समर्थ से कह दिया था वही समर्थ जो अदिति को किस करने जा रहा था।वो अदिति की बात सुन उसके चेहरे को देखने लगता है जो आँसुओं से भरी हुई थी अदिति समर्थ के जवाब का इंतज़ार कर रही थी लेकिन समर्थ वो बस अदिति को देख रहा था लेकिन कह कुछ नहीं रहा था To be continue ✍️✍️✍️ क्या जवाब देगा समर्थ अदिति के सवालो का क्या समर्थ अदिति से बदला ले रहा है या है कोई और बात जजने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहो Thankyou 🙏🙏🙏
अदिति अभी भी अपने सवालों के जवाब के लिए समर्थ को देख रही थी लेकिन समर्थ कुछ कह नहीं रहा था समर्थ कुछ कहता उसके पहले केबिन का डोर नोक होता है जीससे समर्थ और अदिती दोनो का ध्यान डोर की तरफ जाता है समर्थ कहता है come in नकुल अन्दर आता है और कहता है बोस कार आ चुकी है आज आप और मैडम के लिए डिनर होटल में रखा गया है समर्थ कुछ कहता उसके पहले अदिति कहती है नहीं हम किसी होटल में नहीं जाएंगे हमने टीवी में देखा है यहां का मार्केट बहुत अच्छा है हम वही देखेंगे अगर आपको हमे कहि लेकर जाना है तो वही ले चलो नहीं तो हमे घर छोड़ दे फीर आपको जहां जाना है आप चले जाएं कह अदिति मुंह फुला सोफ़े में बैठ जाती है समर्थ अदिति के गुस्से होने पर उसे आखे बड़ी किए देख रहा था समर्थ मन में कहता है दादी कहती है कि ये भोली गाय है और देखो गुस्सा कैसे हो रही है समर्थ ये लड़की तुम्हारी बैंड बजाएगी समर्थ नकुल से कहता है नकुल डिनर कैंसिल करो हम आज स्ट्रीट मार्केट चलेंगे और हा बॉडी गार्ड्स को कह दो की वो सिविल ड्रेस में चारो तरफ फेल जाये नकुल हां कह कर वहां से बाहर आता है और मुंह बना कहता है oh god कहि बॉस की तबियत ख़राब तो नहीं हो गई वो स्ट्रीट मार्केट जाएगी लेकिन उन्हें तो रोड पर चलने से भी ऐलर्जी होती है फिर वहा कैसे, बॉस मिस के प्यार में गिर गये है और उनके प्यार में वो सब कर रहे है जो वो कभी नहीं किये केबिन के अंदर समर्थ अदिति को देख रहा था जो खुश थी और उसके पास बैठी थी लेकिन उससे कुछ कह नहीं रही थी वही समर्थ वो अदिति के ख़ुशी से खिले चेहरे को देख रहा था समर्थ अदिति को देख रहा था जब अदिति की नजर समर्थ पर जाती है और वो उसे देख कहती है क्या हुआ? आप हमें ऐसे क्यों देख रहे हैं क्या हमारे चेहरे में कुछ लगा है क्या हम अच्छे नहीं लग रहे कह अदिति अपने चेहरे को छू फ़ोन के कैमरे में अपना चेरा देखने लगती है समर्थ अदिति के चेहरे के करीब बढ़ उसके कान में किस करता है जीससे अदिति के रोंगटे खड़े हो जाते हैं समर्थ फिर अदिति के सामने आ उसके चेहरे को देखता है और मदहोश कर देने वाली आवाज के साथ कहता है मैं तुम्हे वही मार्केट में छोड़ने का सोच रहा हूं अदिति जो समर्थ के मदहोश कर देने वाली आवाज से मदहोश हो अपनी आखे बंद कर गहरी सास ले रही थी वो समर्थ की बात सुन अपनी आंखे खोल घूर कर समर्थ को देखती है और मुँह बना कहती है आप हमें वहा छोड़ देंगे कोई फिर आएगा और हमारे साथ बदतिजी करेगा तो क्या आपको अच्छा लगेगा हमने टीवी मे देखा है यहाँ के लोग गंदे होते है वो लड़कियों के साथ अदिति आगे कुछ कहती उसके पहले समर्थ अदिति के मुँह में हाथ रख नहीं मैं अपना सर हिला कहता है कभी नहीं कोई तुम्हें देख भी ले तो मैं उसकी आंखें निकाल लूं छूने की तो बहुत देर की बात है बीवी अदिति समर्थ को देखने लगती है और कहती है बीवी क्या आपने हमें बीवी कहा समर्थ अदिति के सवाल को सुन अपना सर हा मैं हिला कहता है हा बीवी क्योंकि तुम मेरी बीवी हो और सोच रहा हूँ जब तुमसे बदला लेना ही है तो अलग तरह से किया जाए कह समर्थ अदिति के ऊपर झुक जाता है जिसे अदिति पीछे की तरफ झुकने लगती है और सोफ़े में लेट जाती है समर्थ अदिति को देख रहा था वही अदिति वो समर्थ को अपने ऊपर देख हकलाते हुए कहती है क्या क्या कर रहे हैं आप और आप हमसे कैसे बदला लेंगे समर्थ अपने होठ अदिति के क्लिवेज में रख देता है समर्थ के होठों को अपने क्लिवेज पर महसुस कर अदिति काप जाती है और समर्थ वो अदिति के क्लिवेज पर अपने होठ चलते हुए कहते हैं ऐसे बदला लूंगा मैं तुमसे इतनी सुंदर बीवी से दूर रहने का कोई मतलब नहीं है तो क्यों ना उसके करीब हो मदहोश कर उस्की सिस्किया और कराह सुनु बिस्तर पर अपने नीचे कह समर्थ अदिति के होठों की तरफ बढ़ रहा था समर्थ की ऐसी बात सुन अदिति को शर्म आ रही थी और हेरानी भी हो रही थी aditi मन मे कहति है हे कान्हा जी ये क्या कह रहे हैं पहले तो बात भी नहीं करते थे और अब कर रहे हैं तो कैसी गंदी गंदी बातें कर रहे हैं अदिति यह सब सोच ही रही थी जब समर्थ अदिति के चेहरे को देख कहता है क्या तुम imagine कर रही हो कि मैं और तुम बिस्तर पर ब्लैंकेट के नीचे बिना कपड़ो के बस क्या कह रहे हैं आप कितने बेशर्म हैं।कैसी कैसी बातें कर रहे हैं अदिति की बात सुन समर्थ मुस्कुरा कर कहता है अभी तो बस कह रहा हूं कुछ दिन बाद वो भी करूंगा कह समर्थ अपने होठ अदिति के होठों पर रख उसे चूमने लगता है लगभाग 20 मिनट के किस के बाद समर्थ अदिति से दूर होता ती देखता है अदिति शर्म से अपनी आखे बंद कर गहरी सास ले रही थी और उसका चेहरा शर्म और किस के कारण से लाल हो गया था समर्थ अदिति से दूर होता है और सोफ़े में बैठ अदिति से कहता है फ्रेश हो जाओ हम थोड़ी देर में निकलेंगे अदिति जल्दी से बाथरूम में घुस जाती है और समर्थ वो कुछ फ़ाइल पढ़ने लगता है थोड़ी देर में अदिति बहार आती है उसका चेहरा अभि भी लाल था और वो अपना सिर झुकाए खड़ी थी समर्थ की बातें उसे शर्म से लाल होने पर मजबूर कर रही थी जो उसे बार-बार याद आ रहा था समर्थ अदिति को देखता है जो अभी भी ज़मीन को घूरे जा रही थी समर्थ कहता है क्या तुम ज़मीन में घुसना चाहती हो जो उसे देखे जा रही हो अदिति समर्थ की बात सुन अपना सर उठा कर समर्थ को देखती है और कहती है हम आपकी तरह बेशर्म नहीं हैं हमें शर्म आती है समर्थ मुस्कुराता है और अदिति के कमर में हाथ रख उसे खुद से चिपका कहता है कोई नहीं बीवी कुछ दिन बाद ये शर्म भी ख़त्म हो जाएगी अदिति कुछ नहीं कहती क्योंकि समर्थ का अदिति के कमर में हाथ रखना उससे .और भी ज्यादा .शर्म से.भर रहा था थोड़ी देर बाद समर्थ और अदिति यू एस के स्ट्रीट मार्केट में जहां अदिति अपनी चमकती हुई नजर से चारो तरफ देख रही थी यहां के लोग यहां का सब कुछ अदिति के लिए थोड़ा अलग था लेकिन उसे बहुत अच्छा लग रहा था थोड़ी देर स्ट्रीट मार्केट घुमने के बाद अदिति को बीच पर ले आया था जीसे देख अदिति समर्थ को घूर रही थी और समर्थ वो चेहरे में तिरछी मुस्कान लिए उसे देख रहा था To be continue ✍️✍️✍️ क्या हो रहा है समर्थ को अदिति से प्यार कैसे संभालेगी अदिति अपने बदले हुए पति के बेशर्मी को जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बात करो. Hello dear readers कैसा लगा आज चैप्टर और समर्थ का ये बदला हुआ बेशर्मी से भरा लुक कमेंट कर जरूर बताएं और लाइक कर रिव्यु जरूर दे Thankyou 🙏🙏🙏
अदिति समर्थ को घूर कर देख रही थी वही समर्थ वो अदिति को देख मुस्कुरा रहा था अदिति गुस्से में समर्थ से कहती है छी आप कैसी जगह लेकर आये हैं हमे समर्थ अदिति की बात सुन चारो तरफ देख कहता है ये अमेरिका की सबसे सुन्दर जगह है तो मैंने सोचा कि क्यों ना तुम्हें यहां घुमा दूं समर्थ की बात सुन अदिति चारो तरफ देखती है और उसका चेहरा शर्म से लाल हो जाता है और वो शर्म से लाल हो धीरे से कहती है कैसी बातें कर रहे हैं क्या आपको ऐसी जगह अच्छी लगती है और यहाँ के लोग इन्हे शर्म नहीं आती क्या कैसे कपडे पहनते है सब समर्थ अदिति की बातों को एग्नोर कर उसके हाथ को पकड़ आगे कदम बढ़ाते हुए कहता हैं चलो अदिति चुपचप समर्थ के पीछे जाने लगती है समर्थ अदिति को बिच के किनारे ले आया था अदिति मुँह बना समर्थ से कहती है चलिए ना यहां से हमें अच्छा नहीं लग रहा समर्थ कुछ नहीं कहता और अदिति के साथ बिच के किनारे चलने लगता है अदिति भी ज्यादा जिद नहीं करती रेत और समर्थ के साथ चलने लगती है की अदिति को शरारत सुझती है और वो सागर के पानी को समर्थ के ऊपर फ़ेक भागनी लगती है समर्थ अदिति को देख कहता है रुको अभी तुम्हे बताता हूँ कह समर्थ अदिति को पकड़ने के लिए भागता है लेकिन अदिति पहले ही समर्थ से बचने के लिए भाग जाती है वही समर्थ वो अदिति के पीछे दौड़ रहा था जब अदिति अचानक से एक आदमी से टकरा जाती है वह एक विदेशी था जो अदिति से टकराया था वह आदमी इस वक्त शॉर्ट्स मैं था और वो अदिति को ऊपर से नीचे तक अजीब सी नज़र से देखने लगता है जिसे देख अदिति डर जाती है तब तक समर्थ भी उनके पास आ गया था और अदिति वो समर्थ के पिच्छे छुप गयी थी उस आदमी की नजर अदिति पर देख समर्थ अपने हाथो की मुट्ठी कस लिया था वह आदमी कहता है can't you walk after seeing यूस आदमी की बात सुन अदिति डर जाती है तो समर्थ अपने हाथों की मुट्ठी कस कहता है its ok it happened by mistake she had not seen you वह आदमी और कुछ नहीं कहता और अदिति को देखते हुए वहा से चला जाता है समर्थ पीछे मुड़कर अदिति को देखता जो डर से काप रही थी जिसे देख समर्थ अपने सीने से लगा कहता है शांत हो जाओ कुछ नहीं हुआ थोड़ी देर अदिति शांत होती है और वो लोग आगे चलने लगते हैं अदिति समर्थ के पीछे थी जब उसकी नज़र एक प्यारे से पपी पर पड़ी वो बहुत ही प्यारा था जिसे देख अदिति खुश हो उसके पास चली जाती है वही समर्थ वो फ़ोन मे व्यस्त था तो उसे अहसास ही नहीं हुआ कि अदिति उसके साथ नहीं है थोड़ी देर बाद समर्थ पीछे मुड़ता है लेकिन उसे अदिति नहीं दिखती अदिति को अपने पास ना देख समर्थ चारो तरफ देखता है अब हल्का अँधेरा होने लगा था और ऐसे में अदिति का अकेले रहना सही नहीं था समर्थ तुरन्त नकुल को फोन कर अदिति को ढूंढना कहता है और खुद भी अदिति को ढूंढने लगता है इधर अदिति वो अपने हाथ में उस पपी को पकडे हुइ थी और चारो तरफ देख रही थी उसकी आँखों में आँसू थे और वो समर्थ को ढूंढ रही थी अदिति रोते हुए कहती है कहा है आप हमे हमें डर लग रहा है कहां चले गए आप क्या क्या आप हमें छोड़ कर चले गए कहते हुए अदिति वही पास में रखे पत्थर के पास बैठ कर रोने लगती है इधर समर्थ अदिति को ढूंढ रहा था लेकिन अदिति उसे कहीं नहीं मिलती उसे और टेंशन हो रही थी समर्थ कहता है कहा हो तुम बीवी अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा नकुल समर्थ के पास आता है साथ में उसके बॉडीगार्ड भी नकुल कहता है बोस हमने मिस को सब जगह ढूंढ लिया लेकिन वो हमें नहीं मिली समर्थ गुस्से में नकुल को देख कहता है मुझे अदिति चाहिए अगर उसे. कुछ हुआ तो मैं तुम लोगो की जान ले लूंगा नकुल और गार्ड फिर से अदिति को खोजने चले जाते हैं और समर्थ भी चारो तरफ देख कहता है एक बार मिल जाओ प्लीज कहा हो तुम समर्थ को अदिति की फिक्र हो रही थी क्यूकी वो यहां नई थी यहां क्या वो कभी गांव से बाहर गई ही नहीं थी फिर ऐसे विदेश में उसका अकेला रहना सही नहीं था और अगर अदिति के साथ कुछ गलत हो गया तो वो यहीं सब सोच रहा था जब उसकी नजर पत्थर के पीछे बैठी अदिति पर जाती है जिसे देख वो खुश हो उसके पास जाता है और जैसे ही अदिति के कांधे पर हाथ रखता है अदिति डर से काप जाती है और रोते हुए कहती है नहीं मुझे छूना नहीं प्लिज मुझे छूना मत अदिति बस यहीं सl कह रही थी समर्थ अदिति को panic होता देख उसे अपने सीने से लगा कहाता मैं हूँ डरो मत देखो मैं हूँ अदिति समर्थ की आवाज पर उसे देखती है और उसके गले लग रोते हुए कहती है आप जानूबुझकर मुझे छोड़ कर गये थे मैं जानती हूँ आपने मुझे जानबूझ कर छोड़ा आपको मुझसे शादी नहीं करनी थी आपने कहा था आप मुझसे बदला लेंगे आपने ये सब जानबूझ कर किया कहते हुए अदिति रोने लगती है वही समर्थ वो अदिति की बात सुन सन्न रह गया था कि अदिति उसके बारे में ऐसा सोचती है हा वो उससे शादी जल्दी नहीं करना चाहता था लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं था कि वो उससे नफ़रत करता है वो बस शादी को स्वीकार नहीं कर पा रहा था लेकिन अपनी चाची की बात सुन वो समझ गया था कि दादी ने शादी जल्दी क्यों कराई जिसके बाद उसकी सोच अदिति के लिए बदल गई थी। वो प्यार करता था अदिति से लेकिन वो उसे कैसे कहे यहीं बस नहीं आता था उसको .अपनी भावनाओं को किसी और को बताना वो सपने में भी अदिति के साथ ऐसा करने का नहीं सोच सकता अदिति रो रही थी और समर्थ उसे शांत करा रहा था कुछ देर बाद समर्थ अदिति से दूर होता है और उसके आँखों से आँसू पूछ कहता है तुमने ऐसा सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम्हें छोड़ कर चला जाऊँगा तुम बीवी हो मेरी ऐसे कैसे छोड़ दूंगा और वैसे भी अभी हमारी सुहागरात भी नहीं हुई है वो भी करना है समर्थ की बात सुन अदिति शर्मा जाती है और समर्थ के सीने पर सिर रख अपने छोटे छोटे हाथों से मारते हुए कहती है धत्त अदिति अब नॉर्मल हो गई थी समर्थ ने उसे नॉर्मल करने के लिए ही ये कहा था और वो हो भी गई थी नकुल और गार्ड भी वाह आ जाते हैं नकुल कहता है बोस अब हमें चलना चाहिए मिस मिल गई है क्या वो ठीक है समर्थ अदिति को अपनी गोद में उठा लेता है ऐसे सबके सामने गोद में उठने पर अदिति शर्म से भर जाती है और समर्थ के सीने में अपना चेहरा छुपा कहती है क्या कर रहे हैं नीचे उतरिए मुझे सब देख रहे हैं मुझे शर्म आ रही है समर्थ कुछ नहीं कहता और अदिति को कार में ला. बैठा देता है और बिना मौका गवाए अदिति के होठों को अपने होठों मे भर पैशनेट किस करने लगता है समर्थ बहुत ह ीpassionate हो अदिति के होठों को चूम रहा था वो उसके होठों को चबाये जा रहा था जिसे अदिति हल्का कराह रही थी To be continue✍️ ✍️ ✍️ क्या होने लगा है समर्थ को अदिति से प्यार जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफर की बाहो मे Thankyou🙏 🙏 🙏
समर्थ के हाथ अदिति के कमर पर उसे सहला रहा था जिसकी वजह से अदिति को अपने पेट में हजारो तितलिया उड़ती हुई महसुस हो रही थी समर्थ अदिति के निचले होठों को बहुत ही प्यार से सक कर रहा था वही अदिति वो अपनी आँखें बंद किये हुई समरथ के किस को महसुस कर रही थी अदिति को समर्थ की बाहो में सुकून मिल रहा था वह कुछ घंटे जो अदिति ने बिना समर्थ के बिताए जब उसे यकीन हो गया कि समर्थ उसे छोड़ गया है तो वह डर गई थी इस हद तक गई थी कि उसका शरीर काप उठा था एक long passionate किस के बाद समर्थ अदिति से अलग होता है और अदिति को देखने लगता है जो आखे बंद किये गहरी गहरी सांसे ले रही थी जिसे अदिति का सीना ऊपर नीचे हो रहा था जिसे देख समर्थ को अपने शरीर शरीर में गर्माहट महसूस हो रही थी वो उसको उभारो को पकड़ना चाहता था सहलाना चाहता था उसे अपने मुँह में ले उसका स्वाद लेना चाहता था समर्थ की निगाहें अभी भी अदिति के सीने पर थीं वही अदिति अपनी असमान्य हो चुकी सासों को संभाल कर जब आंखे खोलती है तो समर्थ को एक तक देखता हुआ पाती है लेकिन ये क्या समर्थ की नज़र उस पर ना होकर कहीं और है अदिति जब समर्थ की नजरों का पीछा करती है तो उसके गाल शर्म से लाल हो जाते हैं और वो अपनी साड़ी जो थोड़ा अस्त व्यस्त हो गया था वह ठीक कर गुस्से में मुँह बना कहती है आप कितने गंदे हैं ऐसे ऐसे क्या देख रहे हैं समर्थ जो अदिति के सीने का मैप अपनी आंखों से ही कर रहा था वो अदिति की बात सुन होश में आता है और अदिति के लाल चेहरे को देख उसके मन में शरारत सूझती है और वो अदिति को अपने और करीब कर अपने हाथ अदिति के उभारो पर रख देता है और उसे हल्का सा प्रेस कर कहता है परफेक्ट मेरी हाथो में एकदम फिट है ये जिसे सुन अदिति के कान नाक गाल सब लाल हो जाते हैं और वो समर्थ के हाथो के ऊपर अपने हाथ रख हकलाते हुए कहती है ये ये क्या कर रहे हैं आप हटाइये अपना हाथ आप ऐसे नहीं छू सकते समर्थ अदिति के उभारो को इस बार थोड़ी जोर से प्रेस करता है जिसे अदिति की आख निकल जाती है और वो अपनी आंखें बंद कर लेती है समर्थ अदिति के उभारो को सहलाते हुए कहता है क्यू, क्यू ना छू वो वो अदिति के मुँह से एक बोल भी नहीं निकल रहे थे क्यूकी समरथ के हाथ लगातर उसके उभारो को और कमर को सहला रहे थे अदिति हिम्मत करके कहती है प्लिज ऐसे ना छुए हमें हमें अजीब सा लग रहा है अदिति पर होते एक असर को देख समर्थ मुस्कुरा देता है और फिर अचानक से उसके हाथ रुक जाते हैं और वो अदिति को छोड़ देता है अचानक से समर्थ के हाथो के स्पर्श को डर होता महसुस कर अदिति अपने आखे खोल समर्थ को देखने लगती है जिसे देख समर्थ अपनी एक आइब्रो उठा अदिति से कहता है क्या .तुमने कहा छोड़ दूं तो मैंने छोड़ दिया समर्थ की बात पर अदिति अपनी नजरें नीचे कर लेती हैं और ठीक से अपनी जगह बैठ जाती है समर्थ ड्राइवर और नकुल को कार में आने को कहता है और उनकी कार होटल के लिए निकल जाती है समरथ अदिति को अकेला छोड़ जा रहा था क्योंकि वो कल घर जाने वाले थे और आज उसने अपने कुछ दोस्तों से मिलना था जो उसके कोलाज दोस्तों समर्थ रेडी हो रहा था जब पीछे खड़ी हो अदिति कहती है जी वो आप जा रहे है तो हम अकेले यहां कैसे रहेंगे समर्थ अदिति की बात सुन अपनी टाई ठीक करते हुए कहता है मैं थोड़ी देर में आ जाऊंगा और हां अगर कोई डोर नोक करे तो ओपन मत करना मेरे पास डोर की चाबी है मैं खुद आ जाऊंगा ओके कह समर्थ वहा से निकल जाता है समर्थ के जाने के बाद अदिति अकेली हो गई थी वो भी उसके साथ जाना चाहती थी लेकिन वो जानती थी की वो समर्थ के दोस्तों के सामने कितनी छोटा महसस करेगी उसके दोस्त जो यहाँ के थे वो पश्चमी द जिंका स्टैंडर्ड कहीं ऊपर था उससे समर्थ कभी उससे किसी भी अपने दोस्त से मिलने में शर्म आएगी वो उनकी जितनी पढ़ाई लिखी नहीं थी पहांती थी शायद इसीलिये समरथ उसे अपने साथ नहीं ले गया हो वो ये सब सोचते हुए कब उसकी नींद लग गई उसे पता ही नहीं चला देर रात अदिति को अपने कमर पर किसी के हाथों का ठंडा स्पर्श महसुस होता है जिसे महसुस कर अदिति कप जाती है लेकिन समर्थ के अहसास से वो पीछे मुड़ देखती है जहां समरथ उसे ही देख रहा था समर्थ अदिति को देखा उसके पास आते हुए अपनी पकड़ उसके कमर पर कस देता है और उसके ऊपर आते हुए अपने होठ उसके होठो पर रख उसे किस करने लगता है समर्थ का किस अदिति के वो विचार जो उसके मन में उसे दर्द महसूस करा रहा था वो गायब हो जाता है और उसके आँखों से आँसू की बून्द बह जाती है समर्थ वो नशे में था उसके मुँह से आती शराब की बदबू से अदिति को उलटी सा महसुस होने लगता है और वो समर्थ को धक्का दे जल्दी से बाथरूम की और भागती है वही समर्थ अचानक से अदिति के धक्का देने पर वह बिस्तर पर ऐसा ही सो जाता है अदिति जब बहार आती है तो देखती है समर्थ ऐसे ही बिस्तर पर सो गया था उसने जूते भी नहीं उतारे थे जिसे देख अदिति समर्थ के पास जा उसके जूट उतार अच्छे से बिस्तर पर सुलाती है और फ़िर उसके शर्ट के कुछ बटन खोलती है जिसे समर्थ को सोने में कोई तकलीफ न हो समर्थ को अच्छे से लेता देने के बाद अदिति अपनी तरफ आती है और जाति है और समर्थ के चेहरे को निहारने लगती है जो सोते हुए कितना शांत और मासूम लग रहा था जो समर्थ बाकी समय दिखता था ये उससे अलग था समर्थ को देखते हुए अदिति को आज दिन में हुए वो घटना याद आ जाती है और इसी के साथ वो पल जब समर्थ ने उसे गले लगाया था और तब जब उसने हमें किस किया था और साथ वो भी जब समर्थ के हाथ उसके उभारो पर थे और वो जो उसने कहा था .जिसे याद कर अदिति गाल शर्म से लाल हो जाती है और वो समर्थ को देख कहती है बहुत बुरे हैं आप ऐसा कोई करता है क्या कहते हुए अदिति समर्थ के नजदिक आ जाती है और उसके सीने पर अपना सर रख अपनी आखे बंद कर लेती है अगली सुबह खिड़की से आती सूरज की रोशनी अदिति के आँखों में पड़ती है और वो कसमसा कर उठती है जब उसे अपने पेट पर किसी की गर्म सास महसूस होती है जिसे महसूस कर अदिति अपने सर नीचे कर देखती है जहां समर्थ अदिति पेट पर अपना सिर रख सोया था उसके हाथ अदिति को चारो तरफ से घेरे हुए थे जिसे देख अदिति को एक बार फिर अपना गाल गरम हुए महसुस होते है और वो शर्म से लाल हुए जा रही थी जिसकी आंखें अचानक से बड़ी हो जाती हैं जब वह समर्थ के होठों को एक पेट पर दर्द होता है और उसके हाथ जो उसके कमर से होते हैं उसके उभारो तक जा रहे थे To be continued ✍️ ✍️ ✍️ आगे का रोमांस अगले चैप्टर में और आज का चैप्टर कैसा लगा कमेंट कर जरूर बताएं और रिव्यु दे लाइक जरूर करे Thankyou 🙏 🙏 🙏
समर्थ के हाथ अदिति के कमर से होते हुए उसके उभारो तक पहुँच चुके थे जिसे महसुस कर अदिति की सासे आसमां गति से चलने लगी उसका सीना तेजी से ऊपर नीचे हो रहा था वही समर्थ वो अदिति के नाभि को चूमते हुए अपने जिभ को गोल आकार में घुमा चाटता है जिसे अदिति सिहर जाती है और उसके हाथ समर्थ के बालों पर कस जाते हैं अदिति गाहरी गाहरी सासे ले रही थी और समर्थ वो अदिति के पेट से होते हुए उसके उभारो तक आ गया था अदिति की आंखे बंद थी वही समर्थ वो अदिति के सीने से उसके पल्लो को हटा अपने होठ उसके क्लीवेज पर रख देता है और अदिति की सासे समर्थ को अपने सीने पर महसूस कर रुक जाती है वो उससे खुद से डर नहीं सकती थी क्योंकि वो उसका मती था उसका हटक था उससे छूने का और वो भी तो उससे प्यार करती थी समर्थ का प्यार अदिति के दिल में सुकून भर रहा था सुकून इस बात की वो भी उसे चाहने लगा है समर्थ ब्लाउज के ऊपर से ही अदिति को उभारो को चूम रहा था उसके ऊपर मदहोशी छा चुकी थी और उसे कुछ भी ख्याल नहीं था वो क्या कर रहा है बस अदिति के शरीर से आती जैस्मीन की खुशबू में वो खो गया था और अदिति के उभरो से होते हुए उसका सफर अदिति के होठों पर जा रुका वो अदिति के होठों को जैसा कहा जाना चाहता था, वो उसे ऐसे चूम रहा था उसका खुद पर से कंट्रोल लूज़ हो गया था वो अदिति के निचले होंठ को सक करती हुई बाइट भी कर कर रहा था जिसे अदिति की सिसकियाँ निकल रही थी उसके हाथ बराबर अदिति के उभारो को सहला रहे थे साथ ही साथ हल्के हल्के दबाव भी बना रहे थे समर्थ अदिति के होठों को छोड़ अब उसके नेक पर आ गया था और उसके कॉलर बॉन और क्लिवेग को किस क्रते हुए अदिति के ब्लाउज को खोल रहे थे Kuchh hi samay me अदिति का ब्लाउज फ्लोर पर था और अदिति वो सिर्फ अपनी ब्रा में थी लाल रंग की ब्रा में उसका गोरा रंग खिल रहा था जिसे समर्थ लंबी सास लेते हुए देख रहा था वही अदिति कुछ समझ पाती उसे पहले ही समर्थ एक होठ अदिति के उभरो पर रख देता है और हल्का सा ब्रा को खिस्का उसके निप्पल को अपने मुँह में ले लेता है समरथ के गरम मुँह को अपने सीने पर महसुस कर अदिति कराह जाती है और उस्की पकड़ बेडशिट पर कस जाती है उसकी आहे पूरे कमरे में गूंजने लगती है वही समर्थ वो अदिति के एक उभार को एक मुहे ले दूसरे को प्रेस कर रहा था वही अदिति आखे बंद किये हुई आहे भर रही थी उसे दर्द भी हो रहा था क्योंकि समर्थ अपने दांत भी गड़ा दे रहा था आह समरथ जी दुःख रहा है अदिति सिस्किया और कराहे समर्थ को और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था एक उभार को मन भर सक करने के बाद समर्थ अदिति के दूसरे उभार को एक मुँह में ले लेता है और सक करने लगता है और दूसरे उपहार को प्रेस करने लगता है वही उसका दूसरा हाथ अदिति के नगन कमर को सहला रहे थे जब कबाब में हड्डी बांटते हुए उसका फोन बज उठता है और समर्थ वो फोन को इग्नोर कर अपने काम में लगा हुआ था जा लेकिन अदिति वो अपने जोश में आ गयी थी और समर्थ और खुद को देख शर्म से भर गई थी अपनी सास को काबू कर धीरे से कहा जाता है समर्थ जी फोन बज रहा है अदिति के नरम मुलायम उभारो में खोया हुआ समरथ को, वो अदिति की आवाज सुन होश में आता है और अपना सर उठा अदिति को देखा है जो अपनी आंखें बंद किए हुई थी उसका चेहरा शर्म और डर के मिले जूले भाव से लाल हो चूका था समर्थ अदिति से दूर हो जाता है समरथ के दूर होते ही अदिति जल्दी से खुद को कम्बल से कँवर कर लेती है और शर्म से अपना चेहरा झुका लेती है और समर्थ वो बिस्तर से उठ अपना फोन ले वहा से बाल्किनी में चला जाता है और अदिति वो जल्दी से कम्बल हटा खुद को देखती है और अपनी हालत देख शर्म से लाल हो जाती है अपनी साड़ी से खुद को कवर कर जमीन में पड़े अपने ब्लाउज को उठा बाथरूम में घुस जाती है वही समर्थ अभी भी कॉल पर बात कर रहा था मैंने जो कहा है वो करो आज ही मेरी मिटिंग फिक्स करो मैं आज ही आ रहा हूँ समर्थ कुछ देर बाद जब वापस आता है तो देखता है अदिति तैयार हो रही थी समर्थ अपना कदम अदिति की तरफ से बढा देता है और पिछे से अदिति को अपनी बाहों में भरो कहता है समन पैक करो हम आज ही इंडिया वापिस जा रहे है अदिति वो बिना आओना सर उठा अपना सर हा में हिला देती है और समर्थ वो फ्रेश होने बाथरूम में चला जाता है शाम का वक्त अदिति और समर्थ इंडिया आ चुके थे और अभी कार में बैठे हुए थे वही कोई था जा उनकी फोटो ले रहा था वो आदमी मास्क लगाए हुए था और चुप कर समर्थ और अदिति का फोटो ले किसी को कॉल करता है दूसरी तरफ से एक आदमी फोन उठा कहता है बोलो क्या खबर है तो वह आदमी कहता है जी सर समर्थ अपनी बीवी के साथ वापस आ गया है सामने वाला आदमी हम्म्म, फोन काट देता है वही एक बड़ी सी बिल्डिंग के 30 वे फ्लोर पर एक आदमी था वो गुस्से में अपनी मुट्ठी का सवाल कहता है समर्थ चौहान मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगा इधर समर्थ अदिति के साथ घर आ गया था और घर आते ही वो कहीं चला गया था जिसे अदिति मन दुखी था सफ़र में भी दोनों के बीच किसी की भी तरह की बात नहीं हुई थी जहां अदिति वो शर्म के कारण समर्थ से बात नहीं कर पा रही थी वही समर्थ वो एक लैपटॉप में लगा हुआ था लेकिन अब अदिति उदास हो गई थी क्यूकी समर्थ ने एक शब्द भी उसे नहीं कहा था और घर आते ही वो चला गया थी बिना उससे कुछ कहे To be continued ✍️ ✍️ ✍️ कौन है वो आदमी जो समर्थ को बरबाद करना चाहता था कहा गया है समर्थ और क्या होगा इनके आने वाली जिंदगी में जानने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बाहों में Thankyou 🙏 🙏 🙏
रात का वक्त अदिति सभी के साथ डाइनिंग टेबल पर थी और सबको खाना सर्व कर रही थी जिसके साथ सावित्री जी और मालती जी भी थीं खाना खाते हुए दिग्विजय जी कहते हैं अदिति बेटा समर्थ अभी तक नहीं आया जिसकी बात सुन अदिति ना में सर हिला कहती है नहीं वो अभी तक आये है जिसे सुन्न दादी कहती है तुम चिंता मत करो वो आ जाएगा सभी खाना खा कर जा चुके थे सावित्री जी कहती हैं अदिति बेटा तुम, भी खा लो जिसे सुन अदिति ना मैं सर हिला कहती हूं नहीं मम्मी जी समर्थ जी आ जाएं फिर खा लुंगी जिसकी बात पर सावित्री जी शुभरात्रि कह चली जाती है और अदिति वो अपने कमरे में चली जाती है 11 बज चुके थे समर्थ अभी तक नहीं आया था जिसका कारण अदिति बार-बार दीवार पर तांगी घड़ी को देख रही थी कि कमरे का door open होता है और समर्थ अंदर आता है समर्थ को देख जल्दी से उठ कर खड़े हो जाती है और उसके हाथ से बैग ले साइड में रख कहती है मैं खाना लेकर आती है अदिति को अभी तक जगते देख समरथ कहता है तुम सोई नहीं जिसकी बात पर अदिति कहती है वो मैं आपका इंतजार कर रही थी आप फ्रेश हो जाएं माई खाना लेकर आती हूं कह अदिति डाउन चली जाती है और समर्थ बाथरूम में चला जाता है थोड़ी ही देर में दोनों खाना खा चुके थे समर्थ अपने साइड सोया हुआ था और अदिति वो भी लेती हुई थी लेकिन समर्थ को देख रही थी आज जो कुछ भी सुबह हुआ उसके बाद से दोनों के बीच ना के बराबर बात हुई थी और अभी भी समर्थ बिना उससे बात किये सो गया था क्या वो उससे अच्छी नहीं लगी क्या वो उसे सुन्दर नहीं लगी अदिति यहीं सब सोचते हुए उसके आंखों में आंसू आ गए सिसकने लगी अदिति की सिस्की सुन समरथ अपने एको से हाथ हटा देखता है जहां अदिति उसकी तरफ पीठ किये सिसक रही थी जिसे सुनो समर्थ उठ जाता है और अदिति को अपनी तरफ कर दिखता है अदिति के आखो में आंसू थे जिसे देख समर्थ कहता है क्या हुआ क्यू रो रही हो अदिति भी बैठ जाती है और रोने लगती है जिसे देख समर्थ फिर कहता है क्या ही बताओगी क्यों रो रही हो अदिति सिसकिया ले कहती है आप अपने सुबह से मुझसे बात नहीं कि क्या मैं मैं आपको अच्छा नहीं लगी क्या आपको मेरा शरीर अच्छा नहीं लगा अदिति की बात सुन समर्थ शोक हो जाता है वो ये किसी बात को लेकर टेंसन में था इसलिए वो बात नहीं कर रहा था ताकि वो अपना गुस्सा अदिति पर ना निकाल दे लेकिन वो इसे गलत तरीके से ले लेगी ये उसने नहीं सोचा था और क्या मतलब है उसका कि उसका शरीर अच्छा नहीं लगा समर्थ हल्के गुस्से में कहता है क्या बकवास कर रही हो मुझे तुम्हारा शरीर अच्छा क्यों नहीं लगेगा अदिति सिसकते हुई कहती है आपने सुबह से मुझसे बात नहीं की मैने फिल्मो में देखा जब पति को पत्नी अच्छी नहीं लगती और उसका शरीर अच्छा नहीं लगता तो वो उससे बात बंद कर देता है आप भी आज सुबह जो हुआ उसके बाद मुझसे बात भी नहीं की हे भगवान ए लड़की क्या क्या सोचती रहती है पागल हो क्या समर्थ कहता है तुम फालतू के बकवास वाली फिल्म देखना बंद करो पता नहीं क्या-क्या देखती रहती हो और मैं थोड़ा टेंशन में हूं कि इसीलिए तुमसे बात नहीं कर रहा था और तुम हो फालतू की बात सोच रही हो और तुम बहुत खुबसूरत हो कहते हो समरथ को अदिति के चेहरे से होते हुए उसके सीने पर आ रुकती है जिसे देख अदिति के गाल शर्म से लाल हो जाते हैं और वो शर्माकर कहती है धत्त बहुत बुरे हैं आप अरे मैं कैसे बुरा हो गया अभी तो तुम शिकायत कर रही थी अब जब मैं तारीफ कर रहा हूं तो भी मैं बुरा हूं समर्थ अदिति को अपने करीब खिचता है जैसे अदिति समर्थ के सीने से जा लगती है समर्थ अदिति को अपनी बाहो में कस कहा अदिति तुम बहुत सुंदर हो तन से भी और मन से भी और मुझे तुम्हारे तन से नहीं मन से प्यार है अगर तन से होता तो वो तभी हो जाता जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था समर्थ की बात सुन अदिति शर्मा जाती है और समर्थ के सीने पर अपना चेरा छुपा धीरे से कहती है हमें भी आपसे बहुत प्यार है बचपन से जब नानी माँ ने कहा था कि आप हमारे हमसफ़र हैं अदिति की बात सुन समर्थ मुस्कुरा देता है और उसका पर लेता कहता चलो अब सो जाओ रात काफी हो गई है अदिति समर्थ के सीने पर अपना सिर रख सो जाती है उससे इससे ज्यादा सुकून कभी महसुस नहीं हुआ था उसके हमसफर की बाहों में सुकून और रात कब सुबह में बदल जाती है पता ही नहीं चलता आज की सुबह कुछ अलग थी अदिति के लिए पहली बार समर्थ के मुंह से अपने लिए तारीफ सुनी थी जिसका कारण आज वो जल्दी उठ गई थी समर्थ वो अभी भी आओ था और अदिति वो अपनी आंखों में ढेर सारे प्यार के लिए समर्थ को देख रही थी जब उनके कमरे का दरवाज़ा नोक होता है और सावित्री जी की आवाज़ आती है अदिति जल्दी से उठती है और डोर ओपन करती है तो सावित्री जी कहती हैं बेटा आज समर्थ की बुआ आने वाली है वो थोड़ी सख्त है और सबसे बड़ी है तो सब उनका अदार करते है तो तुम जल्दी से रेडी हो जाओ वो आने ही वाली होगी जी माँ मैं अभी आती हूँ कह अदिति जल्दी से बाथरूम में चली जाती है To be continued ✍️✍️✍️ तो क्या होगा आगे जनने के लिए पढ़ते रहिए हमसफ़र की बाहों में Thankyou 🙏🙏