........
Page 1 of 1
Chapter 1 - अजलांन अशमारा दुर्रानी आज चलते है एक नई कहानी की ओर जो की एक मुस्लिम लॉव स्टोरी है लेकिन इस मे आप लोगो को बहुत कुछ नया पढ़ने को मिलेंगा मुझे उमीद है आप लोग इस स्टोरी को भी मेरी बाकी की स्टोरी के जैसे प्यार देगे....... तो बिना किसी देरी की शुरू करते हैं स्टोरी....... अब आगे, अलाहाबाद........ एक बड़े से हाल के अंदर चारों तरफ अंधेरा ही अंधेरा छाया हुआ था । लेकिन हाल के बीचों - बीच एक लड़का अपने हाथों को फोल्ड किए हुए किसी राजा की तरह वहां पर खरा था और उस हाल में चिखने - चिल्लाने की आवाज गुंज रही थी । वही उन चीखों को सुनने के बाद भी उस लड़के के चेहरे पर कोई इमोशंस नहीं आ रहे थे । उस का चेहरा बिल्कुल शांत नजर आ रहा था । । वह लड़का बिल्कुल अपने शांत पथराइ नजरों से सामने की तरफ देख रहा था । वही उस लड़की के बगल में एक और उससे कम उम्र का एक लड़का खड़ा था । वही वो लड़का भी अपने हाथों को बांधे हुए चुपचाप एक दम सामने की तरफ देख रहा था । वही उन दोनों के सामने दो आदमी जख्मी हालत में थे और उन दोनों पर लगा तार चाबुक से वार किया जा रहा था । उन दोनों के ही चीखों से वहां के माहौल की शांति को भंग कर रहा था । वही वह लड़का जो काफी ज्यादा शांति से सामने की तरफ देख रहा था । उस के गार्ड यह काम कर रहे थे । वह सभी गार्ड काफी ज्यादा बेरहम नजर आ रहे थे । उन सब को देखने के बाद ही महसूस किया जा सकता था कि उन सब के मन में किसी के लिए कोई रहम नहीं है । साथ ही उन सब ने जो यूनिफॉर्म कैरी किया हुआ था । उस यूनिफॉर्म को देख कर ही लोगों के अंदर में एक अजीब सा डर भर जाता था । । वहां मौजूद गार्ड काफी देर तक उन दोनों जख्मी आदमियों पर लगा तार वार करते रहते हैं । उन दोनों की हालत एक टाइम पर ऐसी हो जाती हैं कि वह लोग ना चीख़ पा रहे थे और ना ही अपने दर्द को बाहर निकाल पा रहे थे । उन सब की सांस अब धीमी होने लगी थी और वह सभी अब शांत से दिखने लगे थे । वही उन सब की ऐसी हालत देख कर उसमें से एक गार्ड जल्दी से आता है और हाल के बीचों - बीच खड़े उन दोनों आदमियों के पास जाकर उस छोटी उम्र वाले आदमी के कान में धीरे से बोलता हैं । । नाहयाण सर प्रेसिडेंट से कहिए कि उन दोनों के हि सांसे अब शांत होने लगी है और कब तक उन दोनों को टॉर्चर करना है....... उस बॉडी गार्ड की बात सुन कर वह लड़का जिस का नाम नाहयाण था वो उस गार्ड की तरफ देख कर अपने सर को हा मे हिलाता है । उस के बाद नाहयाण अपने सर को घुमाते हुए धीरे से अपने बगल मे खरे हुए लड़के को बोलता है । । नाहयाण :- भाई जान उन दोनों के सांस अब कम चलने लगी है आगे और क्या करना है....... नाहयाण की बात सुन कर उस के बगल मे खरा लड़का जिस का अजलांन था और नाहयाण का बरा भाई था । अजलांन अपने भाई की बात सुन कर उसकी तरफ देखता है । फिर वह सामने उन आदमीयो की तरफ देखते हुए अपनी बेहद ठंडी और भारी आवाज़ मे बोलता हैं । । अजलांन :- साँसे धीमी चल रही है अभी मरे नही है..... वैसे भी सांस धीमी चल रही हैं तो क्या हुआ इन्हें फिर से जगाओ और इन के किए कि इनाम इन्हे देते रहो जब तक के इन के body से इन की रूह अलग नहीं हो जाती आखिर इन्हें भी तो पता चले बच्चियों के साथ गलत करने का नतीजा क्या होता है..... नाम :- अजलांन अशमारा दुर्रानी उम्र :- 30 साल हाइट :- 6 ' 3 इंच गोरा रंग काले सिल्की बाल मस्कुलर बॉडी 8 पैक्स एब्स अजलांन अपने नाम के साथ अपने अम्मी का नाम लगाते है । अजलांन के सिल्की बाल जो इस समय काफी तरीके से सेट किए हुए थे । उस की वो काली गहरी आँखे जो इस वक़्त काफी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रही थी जिस मे कई राज दफन थे । उस के वह तीखे नाक जिस पर हर समय सिर्फ और सिर्फ गुस्सा ही छाया रहता था और उसके वह पतली पिक सॉफ्ट से होठ इन शॉर्ट अजलांन अशमारा दुर्रानी कटई जेहर लगता है । इस के साथ ही अजलांन अशमारा दुर्रानी इंडिया का मोस्ट एलिजिबल बैचलर ! जिस के साथ उस की हुकूमत पूरे इंडिया पर राज करती हैं । AAD मल्टीनेशनल कम्पनी का President अजलांन अशमारा दुर्रानी है । लेकिन इस के अलवा भी अजलांन की एक और पहचान है जिससे ये दुनिया अंजान है । । अजलांन की वह काली आंखें इस समय एक टक सामने उन दोनों लड़कों की तरह ही देख रहा था । जिस की हालत काफी ज्यादा खराब हो चुकी थी । लेकिन उस की गहरी नजरों में इस समय कोई भी दया और रहम नाम की चीज नहीं थी । उसके चेहरे के शार्प फैसियल फीचर्स काफी ज्यादा अट्रैक्टिव नजर आ रहे थे । लेकिन जितने ज्यादा वह अट्रैक्टिव नजर आ रहा था । उससे कहीं ज्यादा वह खतरनाक इस समय नजर आ रहा था । दुनिया जितना ज्यादा उन की लूक की दीवानी थी । उससे कहीं ज्यादा दुनिया इन से खौफ खाती थी । किसी ने सच्ची कहा है कि इंसान के चेहरे पर कभी नहीं जाना चाहिए चेहरे से जो दिखता है वह अंदर से होता नहीं है । वहीं चीज अजलान के साथ थी अजलांन जितना ज्यादा अट्रैक्टिव और हैंडसम दिखता था । वह उस से कहीं ज्यादा क्रूएल और खतरनाक था । । नाम :- नाहयाण अशमारा दुर्रानी उम्र :- 28 साल हाईट :- 6 ' 2 इंच मस्कुलर बॉडी 6 पैक एब्स गोरा रंग दिखने में बहुत ही हैंडसम और थोड़े से करक स्वभाव के लेकिन सिर्फ बहारी लोगो के लिए कड़क और अपने अपनों के लिए नरम अपने भाई के साथ किसी साए के साथ रहता है । । अपने भाई से अपनी बात कह कर अजलान अपने गहरी पथराई आंखों से उन सब की तरफ देखता है । उसके बाद अजलांन मुड़ कर उस हाल से बाहर की तरफ निकल जाता है । वही अजलांन के पीछे - पीछे नाहयाण भी चलने लगता है । । अजलांन हाल से बाहर आता है कि उस की कार पहले से ही बाहर तैयार थी । अजलांन आकर सीधा कार में बैठता है और उसके पीछे - पीछे आ रहा अरहान भी आकर आगे की पैसेंजर सीट पर बैठ जाता है । उनके बैठने ही कार सीधा वहां से निकल जाती है । वही अजलांन के रेंज रोवर के आगे चार ब्लैक कार चल रही थी और अजलांन के कार के पीछे चार ब्लैक कार चल रही थी । जिस मे अजलांन के बहुत सारे बॉडी गार्ड थे । । अजलांन की कार के अभी सरको पर चल रही थी । वही कार मे अभी पूरी तरह से शांति छाई हुई थी कि तभी आगे पैसेंजर सीट पर बैठे नाहयाण का फोन रिंग होती है और वह कॉल रिसीव करता है । कॉल रिसीव करते हैं नाहयाण थोड़ी देर तक खामोश रहता है । उस के बाद कॉल डिस्कनेक्ट करके वह पीछे पलट कर अजलान की तरह देखते हुए धीरे से बोलता है । । नाहयाण :- भाई जान आधे घंटे बाद हमारी एक मीटिंग है इन्फिनिटी मॉल में क्या आप उसे अटेंड करेंगे या हम इस मीटिंग को कैंसिल कर दे...... नाहयाण की बात सुन कर अजलांन अपनी नजर उठा कर उस की तरफ देखते हुए बोलता हैं । । अजलांन :- इस की कोई जरूरत नहीं है कार को सीधा इनफिनिटी मॉल की तरफ मोड़ लो हम यह मीटिंग करेंगे...... अजलांन की बात सुन कर नाहयाण ड्राईवर को कार इन्फिनिटी मॉल चलने को कहता है । वही नाहयाण की बात सुन कर ड्राईवर भी तुरंत ही कार को इनविटेशन मॉल की तरफ मोड़ लेता है और कुछ ही देर में वो सभी कार एक साथ इन्फिनिटी मॉल के सामने आकर रुकती हैं । कार के रुकते ही पीछे वाली कार मे से एक गार्ड तुरंत ही बाहर आकर कार के बैक सीट का डोर ओपन करता है । जिसमें से अजलांन बाहर आता है और वह बाहर आकर बड़े ही रॉब के साथ सीधा इनफिनिटी मॉल के अंदर चला जाता है । वही अजलांन के पीछे - पीछे नाहयाण भी मॉल के अंदर आता हैं । अजलांन जैसे ही मॉल के अंदर एंट्री लेता है वहां का मैनेजर तुरंत ही भागता हुआ अजलांन के पास आता है और वह अपने सिर झुकाते हुए अजलांन को बहुत ही रिस्पेक्ट के साथ ग्रीट करता है । जिस के जवाब में अजलांन बस अपने सर को हिला कर वहां से आगे की तरफ बढ़ जाता है । । अजलांन वहां से निकल कर सीधा मीटिंग हो रूम में आता है । जहां पर पहले से ही काफी लोग मौजूद थे । वही अजलांन के आने के बाद उस मीटिंग रूम का माहौल एक दम से शांत हो गया था । जहां अब तक सभी एक दूसरे से बातें कर रहे थे अब सभी बस एक दूसरे के चेहरे को ही देख रहे थे । अजलांन के आते ही वह सभी अपनी चेयर से खड़े हो जाते हैं । अजलांन उन सब की तरफ एक नजर देखता है और वह जाकर अपनी जगह पर बैठ जाता है । अजलांन के बैठते ही सभी उसे ग्रीट करते हैं और एक - एक कर के सभी अपने चेयर पर बैठ जाते हैं । जिस के बाद मीटिंग शुरू हो जाती है । । । । । । यह मीटिंग काफी देर तक चलती है और मीटिंग खत्म होने के बाद फाइनली सभी एक दूसरे की तरफ देख कर अजलांन के जवाब का इंतजार करने लगते हैं । अजलांन काफी देर तक खामोश रहता है उस के बाद वह सब की तरफ देखते हुए अपने हाथ को टेबल पर रख कर धीरे से टैप करते हुए बोलता हैं । । अजलांन :- Done...... इतना कह कर अजलांन सीधा मीटिंग रूम से बाहर चला जाता है । वही अजलांन के एक शब्द को सुन कर ही सभी के चेहरे पर एक खुशी के लहर दौड़ उठती है । वह सभी समझ जाते हैं कि अजलांन ने यह प्रपोजल एक्सेप्ट कर लिया है । वह सभी मुस्कुराते हुए वह अब एक - एक कर के एक दूसरे को कंग्रॅजुलेशन करते हैं । उस के बाद धीरे - धीरे वह सभी भी वहां से चले जाते हैं । इधर अजलांन मीटिंग से बाहर आकर सीधा मॉल से बाहर आता है । । अजलांन अभी मॉल से बाहर आया ही था कि उस का फोन रिंग करने लगता है । अजलांन तुरंत ही अपने पॉकेट से फोन निकाल कर देखता है । तो उस के फोन पर उस की अम्मी का नाम शो हो रहा था । अपनी अम्मी का कॉल आता हुआ देख कर अजलांन के चेहरे पर थोड़ी सी नरमी आ जाती हैं और वह कॉल रिसीव कर के मॉल से बाहर निकलते हुए वह बातें करने लगता है । अभी अजलांन मॉल से बाहर निकल कर वहीं पर खड़े होकर बातें करता है । उस के बाद वह कॉल डिस्कनेक्ट करके अपने फोन को अपने पॉकेट में रखता है । । अजलांन ने जैसे ही अपने फोन को अपने पॉकेट में रखता है एक गण शॉट की आवाज पूरे माहौल में गूंज उठती है और इसी के साथ एक चिखने की आवाज भी गूंज जाती हैं । सभी एक दम हरबरा जाते हैं । । - - - - - - - PRESIDENT CUTE GIRL - - - - FARHEEN 😇
Chapter 2 अब आगे, इन्फिनिटी मॉल...... गण शॉट की आवाज पूरे माहौल में गूंज उठती है और इसी के साथ एक चिखने की आवाज भी गूंज जाती हैं । सभी एक दम हरबरा जाते हैं और एक दूसरे के जानिब देखने लगते हैं । वहां पर जितने भी बॉडी गार्ड मौजूद थे सभी के चेहरे पर हैरानी थी । अयान (नाहयाण) के चेहरे पर डर साफ - साफ निगाहें आ रहा था । । नाहयाण का शॉर्ट नाम अयान हैं, पिछले चैप्टर में इसलिए पूरा नाम बताया था , क्योंकि वो एक तरह से intro चैप्टर भी था.... अजलांन अपने सामने अपनी बाहों में गिरी हुई उस लड़की के जानिब देख रहा था । जो की एक तेज चीख के साथ उस की बाहों में ही बेहोश हो गई थी । अभी जो गाना शॉर्ट हुई थी वो अजलांन के ऊपर हुई थी । लेकिन वो गोली अजलांन को ना लग कर उस की बाहों में गिरी उस लड़की को सीधा जा लगता है । । उस लड़की को अपनी बाहों में इस तरह से बेजान पड़ा हुआ देख कर अजलांन एक दम से उसे अपनी बाहों में उठा लेता है और दौरते हुए अपनी कार की तरह बढ़ते हुए अपनी ड्राइवर के जानिब अपने गुस्से भरी आंखों से मुखातिब होते हुए चिल्ला कर बोलता है । । अजलांन :- जल्दी से कार निकालो....... अजलांन का इतना कहना था कि ड्राइवर तुरंत कार को मोड़ कर अजलांन के पास लाकर रोकते हुए तुरंत ही ड्राइवर सीट से बाहर आता है और वो अजलांन के लिए कार का डोर ओपन है । अजलांन तुरंत ही बैक सीट पर बैठता है और ड्राइवर भागता हुआ आकर अपनी जगह पर बैठता है । अयान भी दौरता हुआ आकर पैसेंजर सीट पर बैठ जाता है और उन सब के बैठते ही अजलांन बिना ड्राइवर के जानिब मुखातिब होते हुए ही अपनी बाहों में बेहोश परी उस लड़की के जानिब देख कर उसके गालों को थपथपाते हुए बोलता हैं । । अजलांन :- कार को सिधे हॉस्पिटल के जानिब ले चलो....... अजलांन का इतना कहना था कि ड्राइवर तुरंत ही हॉस्पिटल की ओर चला देता है । कुछ देर में अजलांन के कार हॉस्पिटल के सामने आकर रुकती हैं और बिना देरी किए हुए अजलांन उस लड़की को अपनी बाहों में लेकर कार से बाहर आता है और उसे लेकर सीधा हॉस्पिटल के अंदर चला जाता है । । । । । । अजलांन ऐसे ही अस्पताल के अंदर आता है । अजलांन जैसे अंदर आता हैं उस की निगाहें ें सामने से आ रही एक लड़की पर पड़ती है जिसने इस वक़्त एक डॉक्टर एप्रोंन पढ़ा हुआ था । उस लड़की के जानिब मुखातिब होते हुए अजलांन सीधे अपने कदम उस लड़की के जानिब बढ़ा देता है । वो लड़की भी अजलांन को देख कर उस के जानिब आते हुए हैरानी से अजलांन की गोद में उस लड़की के जानिब देखती हैं । अजलांन उस लड़की के पास पहुंच कर उस लड़की को मुखातिब होते हुए उस लड़की से बोलता हैं । । । । । । अजलांन :- माहिन...... कयान कहा है उसे जल्दी बुलाओ...... नाम :- डॉक्टर माहिन तारिक अहमद उम्र :- 25 साल हाइट :- 5 फीट 5 इंच भूरि गहरी आंखें छोटा सा चेहरा उसके वो पतले नैन नक्ष बिल्कुल किसी डॉल की तरह उस के बाद छोटी सी आंखें और उसके साथ से गुलाबी होंठ जिसके ऊपर एक छोटे से मुस्कुराहट हर वक़्त रहती है डॉक्टर माहिन तारिक अहमद अजलांन के खाला (मासी) की बेटी है जो इस हॉस्पिटल में इंटर्न हैं और ये हॉस्पिटल इनके फादर डॉ अबरार तारिक अहमद का हैं । । माहिन अपने सामने खड़े अजलांन की गोद में उस लड़की के जानिब ही देख रही थी जो इस वक़्त अजलांन की गोद मे बेहोस थी और उसके हाथो से खून निकल रहा था । लेकिन माहिन वो तो अपने आँखों को फ़ारे और मुह को खोले अजलांन के गोद मे बेहोस लड़की को देख रही थी । अजलांन जब देखता हैं की माहिन अभी भी अपने जगह पर उसी तरह खरी है तो अजलांन अपनी करक आवाज़ मे गुस्सा करते हुए माहिन से कहता हैं । । अजलांन :- माहिन तुम यहा पर अभी तक क्यों खरी हो जाओ जल्दी से कयान को बुलाओ...... अजलांन की इतनी कड़क आवाज साथ ही जोर से बोलने पर माहिन अपने सेंस में वापस आती है और हरबरा कर अजलांन के जानिब देखने लगती है । माहिन अपने सेंस में वापस आकर अजलांन की बात सुन कर माहिन अजलांन के जानिब मुखातिब होते हुए बोलती हैं । । माहिन :- भ... भाई जान... कयान भाई तो इस समय ऑपरेशन थिएटर में है उनके एक पेशेंट का इस समय ऑपरेशन चल रहा है....... माहिन के बाद सुन कर अजलांम अपनी घुरति हुई नजरों से उस के जानिब मुखातिब होते हुए बोलता हैं । । अजलांन :- अगले 2 मिनट के अंदर मुझे वो मेरे सामने चाहिए जाओ और उसे लेकर आओ...... अजलांन माहिन से अपनी बात कहने के बाद अपने कदमों को VIP वार्ड के जानिब बढ़ा देता है । अजलांन जल्दी से VIP वार्ड के पास पहुंच कर VIP वार्ड के अंदर के बेड पर बहुत आइस्ता से अपने गोद में पकड़ी हुई लड़की को बेड पर लेटा देता है और उस के चेहरे को देखने लगता है । इस वक्त अजलांन के चेहरे पर बेचैनी और घबराहट साफ दिख रही थी । जो शायद उस लड़की के लिए थी । अजलान के पीछे आया हुआ अयान भी अजलांन अपने भाई के चेहरे पर किसी के लिए घबराहट और बेचैनी साफ देख सकता था । अयान ये बात देख कर काफी हैरान भी था । । वार्ड के बाहर अपने भाई की बात सुन कर माहिन एक गहरी सांस लेती है और वो अपने सर को हिलाते हुए सीधा ऑपरेशन थिएटर के जानिब चली जाती हैं । माहीन ऑपरेशन थिएटर के अंदर जाकर देखती हैं । तो अंदर एक ऑपरेशन चल रहा है और एक लड़का अपने बॉडी पर Scrubs पहने अपने चेहरे पर मास्क लगाए बाकी डॉक्टरश को बेड पर लेटे एक पेशेंट का ऑपरेशन के लिए गाइड कर रहा था । ये कयान था और वो इस वक़्त ऑपरेशन में बिजी था । जब ऑपरेशन थिएटर का गेट खोलने की आवाज आती है । तो सब लोग हैरानी से उधर देखने लगते हैं । तभी उन सब की निगाहें माहिन पर पड़ती है । माहीन को अपने सामने देख कर कयान अपने फेस से अपने मार्क्स को नीचे करता है और हैरान निगाहों से देखने लगता है । । नाम :- डॉ कयान तारिक अहमद (द फेमस कार्डियोलॉजिस्ट) उम्र :- 28 साल हाईट :- 5 ' 10 इंच गोरा रंग भुरी आंखों सिल्की काले बाल मस्कुलर बॉडी दिखने से डॉक्टर नहीं बल्कि एक मॉडल लगते हैं । अजलांन की खाला (मासी) का बेटा माहिन का बड़ा भाई और द फेमस कार्डियोलॉजिस्ट । । कयान अभी हैरानी से माहिन के जानिब देख रहा था । माहिन कयान के जानिब मुखातिब होते हुए गहरी सांस लेती हैं और उसके पास पहुंच कर वो उसके हाथों से सारे इक्विपमेंट लेकर उसके साथ खड़े हुए डॉक्टर के हाथों में पकराते हुए बोलती हैं । । माहिन :- अब आगे का आप संभाल ले..... इतना कह कर वो कयान को खींचते हुए ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाते हुए बोलती हैं । । माहिन :- जल्दी चलो अजलांन भाई आए हैं , और वो तुम्हें बुला रहे हैं...... कयान जो पहले माहिन की इस हरकत को देख कर काफी हैरानी से उस के जानिब मुखातिब होते हुए खुद को उस से छुड़ाने की कोशिश कर रहा था । वो जैसे ही अजलांन का नाम सुनता है वो एक दम से शांति से माहिन के पीछे - पीछे चल देता है । । माहीन कयान को खींचते हुए लेकर अजलांन के पास VIP वार्ड पहुंचती हैं । कयान जैसे ही अजलांन को देखता है और जब उसकी निगाहें वार्ड के बेड पर लेटी एक लड़की जिस की हाथो को अजलांन पकर कर बैठा था । उस की आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है और वो अपनी पालके बार - बार झपकाते हुए उस लड़की के जानिब देखने लगता है । लेकिन उस की इस हरकत को देख कर अजलांन अपने घूरती हुए नजरों से उस के जानिब मुखातिब होते हुए बोलता हैं । । अजलांन :- अगर तुम्हारा देखना हो गया हो तो जल्दी से इस का इलाज करो अगर इसे कुछ हुआ तो तुम्हारी खैर नहीं है..... अजलांन का इतना बोलना ही था कि माहीन और कयान दोनों ही एक दम से हड़बड़ा जाते है । माहीन और कयान हड़बड़ाते हुए जल्दी से आगे बढ़ते हैं । कयान जाकर उस लड़की को ध्यान से देखने लगता है और माहींन वो अजलान को बाहर जाने का इशारा करती है । लेकिन अजलांन उसे घूर कर देखने लगता है । अजलांन की घूरती हुई निगाहें अपने ऊपर देख कर माहीन अयान के जानिब अपनी बेचारी निगाहों से देखने लगती है । अयान महीन को इस तरह से देख कर अपने सर को हां में हिला देता है और अजलांन को बाहर चलने के लिए कहता है । । अजलांन अयान की बात सुन कर एक लंबी गहरी सांस लेकर छोड़ता है और वार्ड से बाहर आ जाता है । कयान अभी भी बेड पर लेटी उस लड़की के जानिब देख रहा था । खूबसूरत चांद सा चेहरा जो बिल्कुल बेदाग था । मखमली त्वचा उस खूबसूरत चेहरे पर उस लड़की के घनी लंबी आंखों की पलकें ऐसा लग रहा था । जैसे बादलों में चांद घिरा हो । उस लड़की के रेशमी काले बाल जो नीचे तक लहरा रहे थे । पतले गुलाबी होंठ , छोटी सी लाल नाक , कयान उस लड़की को देख रहा था जो किसी हुरो से कम नहीं लग रही थी । तभी माहीन जो खुद उस लड़की को देखने में खोई हुई थी । वो अपने भाई को अपनी कोहनी से मारती है । जिसे एहसास करके कयान हड़बड़ा जाता है और जल्दी से बेड पर लेटी हुई लड़की का चेकअप करने लगता है । । तकरीबन आधे घंटे बाद माहीन और कयान वार्ड से बाहर निकलते हैं । वो दोनों जैसे ही बाहर निकलते हैं । बाहर अयान के साथ खड़ा अजलांन जल्दी से कयान के पास जाता है और अपनी गहरी नजरों से कयान को देखने लगता है । अपने भाई का ऐसा उतावलापन देख कर कयान एक लंबी गहरी सांस लेकर छोड़ता है और अजलांन से कहता है । । कयान :- Don't worry भाई जान , वो लड़की अभी बिल्कुल ठीक है , उसे गोली बस छूकर निकली थी और उस ज्यादा चोट भी नहीं आई है , लेकिन थोड़ी कमजोरी है , दवाई उसे चढ रही है , कुछ देर में दवाई का असर खत्म होगा तो उसकी कमजोरी दूर हो जाएगी और उसे होश भी आ जाएगा , लगता है डर से बेहोश हो गई है , आपने इतना बड़ा बखेरा खड़ा कर दिया , आपको पता भी है मैं कितनी इंपॉर्टेंट सर्जरी कर रहा था..... कयान अभी अपनी बात बोल ही रहा था कि तभी अजलांन कयान की बातों को बीच में काटते हुए अपनी घुरती हुई निगाहों से कयान को देख कर कहता है । । अजलांन :- अगर अपना लाइसेंस cancel करवाना नहीं चाहते तो चुपचाप से यहां से निकलो , और हां बीच - बीच में आकर उसे चेक करते रहना , और एक बात आइंदा से उसे उस लड़की मत कहना , क्योंकि तुम जानते हो मुझे पसंद नहीं कोई हमारी फैमिली मेंबर से इस तरह से बदतमीजी से बात करें...... अजलांन अपनी बात कयान से कह कर वार्ड के अंदर चला जाता है । कयान और माही अजलांन के इस बात को सुन कर अपनी जगह जम कर खड़े रहते हैं । अयान उन दोनों की ऐसी हरकत देख कर अपने सर को नागवाड़गी से हिला देता है और खुद हॉस्पिटल के दूसरी तरफ चला जाता है । अभी उसे जगह पर पूरी तरीके से सन्नाटा छाया हुआ था कि तभी माहीन जोर से चिल्लाते हुए कहती है । । माहीन :- ओ माय गॉड , ओ माय गॉड , भाई जान को किसी लड़की की परवाह हो रही है , इसका मतलब ये है कि हमारे जिंदगी में भाभी जान आ चुकी है , अब ये बात मुझे पता चल गई है , इसका मतलब फैमिली ग्रुप में इस बात का जिक्र करना ही पड़ेगा..... माहीन काफी ज्यादा एक्साइटेड होते हुए उछल कूद करते हुए कयान से अपनी बात कहती है । माहीन के चिल्लाने पर कयान भी अपने होश में आता है और इसी के साथ उसके फेस पर एक बड़ी सी स्माइल आ जाती है । कयान मुस्कुराते हुए माहीन के जानिब देख कर अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला देता है । माहीन कयान के सर को हा में हिलता देख अपना मोबाइल अपने पॉकेट से निकलती है और फैमिली ग्रुप में मैसेज सेंड कर देती है । कयान को जैसे याद आता है कि वो बहुत इंपॉर्टेंट सर्जरी बीच में छोड़ कर यहां आया है । तो कयान जल्दी से ऑपरेशन थिएटर के जानिब दौड़ते हुए जाने लगता है । माहीन कयान को इस तरह से भागता हुआ देख कर हंसने लगती है । । वार्ड के अंदर अजलांन बेड के साइड चेयर पर बैठा उस लड़की के चेहरे को ध्यान से देख रहा था । ना जाने क्यों अजलांन को उस लड़की के जानिब बहुत खिंचाव महसूस हो रहा था । आज तक अजलांन ने बहुत सारी खूबसूरत लड़कियां देखी थी । जो उसे अपना बनाना चाहती थी । यहां तक की बहुत सी लड़कियों ने उसे फसाने के नए तरीके भी अपनाए है । लेकिन इस बेड पर बेहोश लेटी हुई लड़की से कुछ अलग ही लगाओ अजलांन को महसूस हो रहा था । जिसे अजलांन खुद समझ नहीं पा रहा था । ये कहना गलत नहीं होगा कि आज अजलांन का दिल पहली बार धड़क रहा था । वो भी किसी लड़की को देख कर । । - - - - President Cute Girl - - - Farheen 😇
Chapter 3 अब आगे, इलाहाबाद..... एक बड़ा सा 100 एकड़ के एरिया में बना हुआ एक बेहद खूबसूरत महलों जैसा घर । जो दूर से ही देखने पर दिख जाए । उस घर का पूरा पेंट सफेद रंग से किया हुआ था । इस घर को देखने से ऐसा लग लग रहा था । जैसे ये कोई पुश्तैनी हवेली हो । हवेली के बड़े से गेट के के बगल की दीवार पर बड़े - बड़े सुनहरे अल्फाज़ो में लिखा हुआ था "हमारा आशियाना " । उस बड़े से गेट के बाहर बहुत सारे बॉडीगार्ड पहरा दे रहे थे । सिर्फ गेट के बाहर नहीं गेट के अंदर भी बहुत सारे बॉडीगार्ड पहरा दे रहे थे । । मेंशन के इर्द - गिर बहुत बड़ा बगीचा बना हुआ था । जिसमें हर तरह के फूल पौधे लगे हुए थे । गार्डन के बीचो - बीच एक बड़ा सांप फाउंटेन था । जिसमें से गिर रहे पानी उस फाउंटेन के बने छोटे से तालाब में जा रहे थे । मेंन गेट से हवेली तक जाने का एक घुमावदार रास्ता बना हुआ था । जिस जिस पर से कार्स चल के हवेली के अंदर जाती है । । हवेली के कुछ दूरी पर पेड़ पौधे भी लगे हुए थे । जो वहां के नेचर्स को बहुत ज्यादा खूबसूरत बना रहे थे । हवेली के अंदर से लेकर बाहर तक बॉडीगार्ड भरे हुए थे । हवेली के अंदर बड़े से एल साइज के सोफे पर एक बुजुर्ग आदमी इत्मिनान से बैठ कर न्यूज पेपर पढ रहे थे । वो बुजुर्ग आदमी देखने से 70 - 80 साल के लग रहे थे . लेकिन उनके चेहरे का रुबाब अभी भी काम नहीं हुआ था । । उनके बगल में एक बुजुर्ग खातून जिनकी उम्र 70 के आसपास ही होगी वो भी इत्मिनान और पुरसुकून से चाय का लुत्फ़ (मजा) उठा रही थी । साथ ही अपने बगल में बैठे हुए बुजुर्ग आदमी को घुर भी रही थी । वो बुजुर्ग आदमी तो पेपर पढ़ रहे थे । लेकिन उनकी चोर नजर अपने बगल में बैठी हुई खातून को ही देख रही थी । उन दोनों के सामने बैठे दो लड़के जिन में से एक लड़के की उम्र यही कोई 25 साल के आस - पास होगी । तो दूसरे लड़के की उम्र यही कोई 23 साल के आस - पास की होगी । वो दोनों ही लड़के अपने सामने बैठे हुए बुजुर्ग आदमी और खातून को देख कर मंद मंद हंस रहे थे और एक दूसरे को कुछ इशारा करते हैं । तभी वो लड़का जो दिखने में 23 साल का था । वो अपने बगल में बैठे हुए लड़के की बाजू में हल्के से कोहनी मारते हुए कहता है । । रयान भाई आप को क्या लगता है , आज कौन जीतेगा दादू या दादी..... उस लड़के की बात सुन कर उसे लड़के के बगल में बैठा उसका भाई जिसका नाम रयान था । वो अपने सामने बैठे हुए बुजुर्ग आदमी और खातून जो कि उनके दादा - दादी थे । उन्हें देखते हुए थोड़ा सा हंस कर अपने भाई से कहता है । । रयान :- शाहज़ेब , मुझे ऐसा लगता है कि आज भी हमेशा की तरह दादी ही जीतेगी , क्योंकि दादू तो दादी के सामने क्लीन बोल्ड हो जाते हैं..... रयान अपने भाई शहज़ेब से अपनी बात कह कर हंस देता है । शहज़ेब भी अयान की बात सुन कर हंसने लगता है । उन दोनों के सामने बैठे हुए उनके दादा - दादी घुर कर शहज़ेब और रयान को एक साथ देखते हैं । शहज़ेब और रयान जब देखते हैं कि उनके दादू - दादी उन्हें कैसे देख रहे हैं । तो शहज़ेब उठते हुए अपनी दादी के पास जाकर बैठ जाता है और अपने दादी को साइड हग कर लेता है । रयान अपने जगह से उठ कर अपने दादू के पास जाता है और उन्हें साइड हग कर लेता है । । रयान और शहज़ेब के दादू अयान को मुस्कुराते हुए गाल थपथपा देते हैं । शहज़ेब और अयान की दादी शहज़ेब के गालों को मुस्कुराते हुए थपथपा देती हैं । अभी वो चारों बैठे हुए कुछ बातें करने लगते हैं । तभी एक खातून अपने रूम से अपने हाथों में पकड़े हुए मोबाइल में नंबर डायल करते हुए थोड़ी परेशानी से हॉल में आती है और अपने सामने बैठे उन चारों को देख कर परेशानी जाहिर करते हुए कहती हैं । । देखिए ना अम्मी अब्बू ये अजलांन हमारा फोन ही नहीं उठा रहा है , कितनी बार इसे कहा है कि ये अगर फोन नहीं उठाता , तो हम परेशान हो जाते हैं , लेकिन इसे तो जैसे अपने काम के अलावा कुछ दिखता ही नहीं , पता नहीं कभी कुछ और सोचेगा या फिर नहीं..... वो खातून अपनी बात कह कर अपनी निगाहों को उठा कर सामने की तरफ देखते हैं । उन खातून की उम्र यही कोई 50 साल के आसपास की होगी । उन्होंने बेहद सिंपल सा लोंग कुर्ती और पलाज़ो पहना हुआ था । उसी का दुपट्टा सेट अपने सर पर बहुत ही सलीखे से रखा हुआ था । साथ ही उन्होंने अपने एक कंधे पर एक शॉल को रखा हुआ था और अपने बालों की ढीली चोटी करके उन्हें पीछे कर रखा था । जो दुपट्टे की बाहर की तरफ झांक रहे थे । उन्होंने अपने दोनों हाथों में हीरे के पतले - पतले चार कंगन पहने हुए थे और अपने कानों में छोटी - छोटी डायमंड की बालियां पहनी हुई थी । । वो खातून भी दिखने में काफी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी । इस सिंपल लुक में भी उस खातून के चेहरे पर काफी ज्यादा रौनक और गलो था । लेकिन उनकी आंखों में एक खालीपन भी था । जिसे शायद कोई देख नहीं पता था । या देख कर भी कोई कुछ कह नहीं पता था । । उन खातून की बात सुन कर रयान अपनी जगह से उठता है और उन्हे पीछे से जाकर गले लगता है । फिर अपने ठुड्डी को उठा कर उनके कंधे पर रख कर के गाल पर एक हल्का सा किस करके कहता है । । रयान :- अम्मी, आप तो जानती है ना की भाई जान कितने ज्यादा मशरूफ (busy) रहते हैं , अरे उन्हें काम के अलावा कुछ दिखता ही कहां है , कभी - कभी तो मुझे लगता है कि वो इतने ज्यादा वर्क होलिक है , कि उनके साथ कोई लड़की टिक ही नहीं सकती..... रयान अपनी बात अपनी अम्मी से कहता हैं । तभी शहज़ेब अपनी जगह से उठ कर अपने कमर पर हाथ रख कर अपने मुंह को बना कर रयान से कहता है । । शहज़ेब :- लड़की तो तप टिकेगी ना , जब भाई जान को लड़कियों में इंटरेस्ट होगा , भाई जान को तो लड़कियों में कोई इंटरेस्ट ही नहीं है , अरे सारा इलाहाबाद भाई जान के पीठ पीछे उन्हें गेय कह कर बुलाता है , वो लोग कहते हैं कि अजलांन दुर्रानी एक गेए हैं , जिसे लड़कियों में इंटरेस्ट नहीं..... शहज़ेब की बात सुन कर वहां पर बैठे दादा दादी और रयान की अम्मी घुर कर शहज़ेब को देखने लगते हैं । शहज़ेब भी अपने दांतों को दिखा कर उन तीनों को देखता है । रयान अपनी अम्मी को छोड़ कर अपने मुंह पर अपने हाथों को रख कर हंसने लगता है । तभी दादी रयान की तरफ देख कर अपने बगल में रखे हुए कुशन को उठा कर रयान की तरफ फेंक कर मरती हैं । रयान भी उस कुशन को पकड़ लेता है । दादी रयान को घुर कर देखते हुए कहती हैं । । दादी :- पीठ पीछे वो लोग मेरे बच्चे की बुराई इसलिए करते हैं , क्योंकि उनमें इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वो मेरे बच्चे के सामने कुछ कह सके , समझे , और तू क्या ये सब फालतू बात लेकर बैठा है , लगा कर दे फोन मुझे , जरा मैं भी तो देखु की कहां रह गया है , तू छोर तू रहने दे , तुझसे कुछ नहीं होगा , असमारा बेटा तुम फिर से फोन लगाओ , देखना इस बार उठा लेगा..... कहानी मे आगे बढ़ने से पहले , चलिए थोड़ा जान लेते हैं दुर्रानी फैमिली के बारे में.... नाम :- हबीब इस्तखार दुर्रानी (दादा जी) उम्र :- 75 साल नाम :- नाज़नीन हबीब दुर्रानी (दादी जी) उम्र :- 70 साल इन दोनों के दो बेटे और दो बेटी है , इन के दूसरे बेटे का नाम शादाब हबीब दुर्रानी है और उनकी बेटी का नाम सिद्रा तारीख अहमद है , लेकिन एक हादसे में इनकी छोटी बेटी का इंतेकाल हो गया , ये दोनों आसमारा दुर्रानी को भी अपनी बेटी से कम नहीं मानते , दादा और दादी के लिए आसमारा बेगम उनकी बेटी है । । नाम :- असमारा दुर्रानी उम्र :- 50 साल अजलांन , जयान और रयान की अम्मी , बहुत ही सिंपल खातून है , साथ ही बहुत ज्यादा अच्छे दिल की , घर में सभी इनकी इज्जत करते हैं और इनसे प्यार भी बहुत करते हैं , घर में इनकी बातों का बहुत मान है , अजलान एक वक़्त को किसी की भी बात टाल दे , लेकिन अपनी अम्मी की बात कभी नहीं टालता..... अजलांन असमारा दुर्रानी (बिग ब्रदर) उम्र :- 30 साल जिनके बारे में हम लोगों ने पहले chapter में जान लिया है अजलांन को सब फैमिली का हेड भी कहते हैं , दादा के रहने के बावजूद अजलांन को सब फैमिली ऑफ हेड इसलिए मानते हैं , क्योंकि इतना बड़ा अंपायर अजलांन ने ही खड़ा किया है , वो सभी जानते हैं कि अगर अजलांन उन लोगों के साथ नहीं होता , तो आज वो सब सड़क पर भीख मांग रहे होते हैं । । जयान , रयान असमारा दुर्रानी (ट्विंस ब्रदर अजलन से छोटा) उम्र :- 25 साल जहां रयान हंसमुख और मजाकिया अंदाज़ का लड़का है , वही जयान थोड़ा शांत शांत रहता है , ऐसा नहीं है कि वो हंसता बोलता नहीं है , लेकिन वो रयान से बिल्कुल अलग है दोनों ही भाई दिखने में किसी हीरो से कम नहीं , दोनों ट्विंस होने के बावजूद अलग - अलग शक्ल रखते हैं । । शादाब हबीब दुर्रानी (चाचा , छोटे अब्बू) उम्र :- 54 ये भी अजलांन के साथ कंपनी चलाते हैं , इन्हें कभी भी ऐसा एहसास नहीं होता कि अजलांन इनका भतीजा है , फिर भी वो अजलांन के अंदर काम करते हैं , बल्कि ये इस बात से काफी खुश है , कि अजलन के अंदर ये काम करते हैं , क्योंकि ये कंपनी अजलांन ने हीं अपने बलबूते पर खड़ी की है , अपने बच्चों से बेहद प्यार करते हैं , कभी - कभी तो ये बच्चों के साथ बच्चे भी बन जाते हैं । । राफिया शादाब दुर्रानी (चाची छोटी अम्मी) उम्र :- 49 साल ये भी बहुत अच्छे नेचर की खातून हैं , ये एक एनजीओ चलाती हैं , जहां लड़कियों के लिए स्पेशल सुहुलत (सुख सुविधा) मिलती है , जहां अनाथ बुजुर्ग सब मिल कर रहते हैं इनका मिज़ाज़ बहुत ज्यादा अच्छी हैं , साथ ही आसमारा जी को अपनी सगी बहन के जैसा प्यार करती हैं , असमारा जी भी रफिया बेगम को कम प्यार नहीं करती , लेकिन रफिया बेगम को बच्चो के लिए थोड़ा स्ट्रीक बन कर रहना पड़ता है , क्योंकि ये अच्छे से जानती हैं कि शादाब साहब बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं , और असमारा बेगम को बच्चे अपने बातों में फंसा लेते हैं । । इजहान शादाब दुर्रानी (बड़े बेटे ) उम्र :- 28 साल दुर्रानी कंपनी के CEO हैं , दिखने में किसी हीरो से कम नहीं , इनका नेचर भी काफी शांत है । कुछ कुछ इनका नेचर जयान से मिलता है , दोनों भाई एक ही नेचर के लगते हैं । ये अपने छोटे भाई , अयान और अब्बू से परेशान रहते हैं , क्योंकि वो तीनों ही घर में हड़कंप मचा के रखते हैं । । शहज़ेब शादाब दुर्रानी (छोटे बेटे ) उम्र :- 23 साल बहुत ही ज्यादा शरारती और शैतान है । घर में सबके साथ बस हंसी मजाक करते रहते हैं । ये अभी BBA फाइनल ईयर के स्टूडेंट है । साथ ही घर में सबसे छोटे होने की वजह से ये इतने शरारती बन चुके हैं । लेकिन इसका मुंह बस दो लोगों के सामने ही चुप होता है । पहले अपनी अम्मी और दूसरा अजलांन के सामने , अपनी अम्मी के सामने तो ये कभी कभार बोल भी देते हैं । लेकिन अजलांन के सामने इनकी सिटी गुल रहती है । इन्हें बहुत शिद्दत से अपनी होने वाली भाभी का इंतजार है । ताकि वो आए और इन्हे अजलांन के दांट से बचा सके , लेकिन लोगों के ये कहने पर की अजलांन एक गेय है , ये भी मान बैठे हैं कि इनका भाई एक गेय हैं , ये क्या उनके घर में लगभग - लगभग सभी बच्चे मान चुके हैं कि अजलांन एक गेय हैं । । नाज़नीन और हबीब ने अपनी बेटी की शादी अबरार तारीख अहमद से की थी । अबरार तारीख अहमद एक फेमस ऑर्थोपेडिक हैं । इनकी बेटी सिद्रा बेगम भी हमेशा से एक डॉक्टर बनना चाहती थी और इस दौरान उन्हें अपने सीनियर डॉक्टर से मोहब्बत हो गई । जिसका जिक्र उन्होंने अपने अम्मी अब्बू से किया और दोनों फैमिली के रजामंदि से इन दोनों का निकाह हुआ । सिद्रा बेगम अपने भाई भाभियों और बच्चों से बहुत मोहब्बत करती हैं । वो भी काफी अच्छे मिज़ाज़ की खातून है । अबरार साहब भी काफी मजाकिया अंदाज के इंसान हैं । । डॉ अबरार तारिक अहमद (फूफा जान द फेमस ऑर्थोपेडिक) उम्र :- 56 साल डॉ सिद्रा तारिक अहमद (फूफी अम्मी द फेमस गाइनेकोलॉजिस्ट) उम्र :- 50 साल डॉ कायान तारिक अहमद ( बड़े बेटे द फेमस कार्डियोलॉजिस्ट ) उम्र :- 28 साल डी माहिन तारिक अहमद (इंटर्न) उम्र :- 25 साल उनकी फैमिली के बारे में तो आप लोग जान ही चुके हैं खैर जैसे - जैसे कहानी आगे बढ़ेगी आपको पता चला जाएगा । । अब आते हैं कहानी की तरफ.... अभी दादी ने अपनी बात असमारा बेगम से कहीं ही थी कि तभी दादू के फोन का नोटिफिकेशन बजता है । दादू अपने फोन को नोटिफिकेशन सुन कर अपनी निगाहों घूमा कर अपने बगल में रखा अपना मोबाइल फोन उठाते हैं । अभी दादू ने अपना मोबाइल फोन उठाया ही था कि तभी दादी के भी मोबाइल पर नोटिफिकेशन आता है । ठीक उसी वक़्त असमारा बेगम , शहज़ेब और रयान के भी मोबाइल पर एक साथ नोटिफिकेशन आता है । । उस नोटिफिकेशन को देख कर सब लोग हैरान हो जाते हैं । वो सभी एक साथ मैसेज ओपन करते हैं । तो उन लोगों की आंखें बेयकिनी से बड़ी - बड़ी हो जाती है । वो सभी अपना सर उठा कर एक दूसरे को देखने लगते हैं । दादू बिना एक पल की देरी गवाई अपने जगह से खड़े होते हैं और उन चारों के जानिब मुखातिब होते हुए कहते हैं । । दादू :- मैं जा रहा हूं , अगर आप में से किसी को आना है , तो आप आ जाइए क्योंकि अभी मैं नहीं रुकने वाला..... उन सब से इतना बोल दादू बिना एक पल भी वहां रुक अपनी छड़ी को लेकर आगे बढ़ जाते हैं । दादू को इतनी जल्दी में बाहर जाता हुआ देख कर दादी भी अपनी जगह से उठती हैं और असमारा बेगम को चलने का इशारा करती हैं । असमारा बेगम अपने सर को जल्दी - जल्दी हां मे हिला कर दादी के साथ बाहर निकल जाती है । शहज़ेब और रयान एक दूसरे की तरफ बेयकिनी से देखते हैं । जैसे उन्हें किसी बात का शॉक्ड लगा हो । तभी उन लोगों को कुछ याद आता है और वो दोनों भी बिना एक पल की देरी किए दौड़ते हुए बाहर के जानिब निकल जाते हैं । । - - - - - PRESIDENT CUTE GIRL - - Farheen 😇
अब आगे , इलाहाबाद..... एक बड़े से विला मैं जहां पर बड़ी से गेट के बाहर सिक्योरिटी गार्ड खड़े हुए थे और उस विला के बड़े से गेट के दाएं जानिब के वॉल पर बड़े - बड़े अल्फाजों में लिखा हुआ था । दुर्रानी विला । दुर्लनी विला भी काफी ज्यादा बड़ा था । लेकिन हमारा आशियाना के सामने वो थोड़ा छोटा ही दिखता था । विला के गार्डन से होते बीच का रास्ता बना हुआ था । जो विला के अंदर पहुंच रहा था । इस वक्त उस बड़े से विला में मुलाजिम विला की साफ सफाई में लगे हुए थे । । सीढ़ियों से एक 25 साल का लड़का अपने हाथों में मोबाइल पकड़े हुए अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट लिए और अपनी आंखों में चमक लिए जल्दी - जल्दी सीढ़ी से उतर रहा था । वो लड़का दिखने में काफी ज्यादा हैंडसम था । वो लड़का अभी एक्साइटेड होकर हॉल में पहुंच कर बाहर के जानिब कदम बढ़ा ही रहा था कि तभी उस लड़के के पीछे से एक खातून की आवाज आती है । । हमजा बेटा इतनी जल्दी में कहां जा रहे हो , नाश्ता तो करते जाओ..... उन खातून की आवाज सुन कर हमजा अपनी जगह पर रुक जाता है और पीछे घूम कर अपने सामने खड़ी खातून को देखता है । । जिनकी उम्र 55 साल की थी । उन्हें ने इस वक्त ब्लू कलर का प्लाजो कुर्ती पहना हुआ था । इसके साथ ही उन्होंने अपने बदन पर बहुत ही सलीके से दुपट्टा रखा हुआ था और अपने पूरे बालों को खोल कर आधे बालों का कलचर करके छोड़ा हुआ था । वो खातून दिखने में काफी ज्यादा खूबसूरत थी । उनके हाथों की सोने की बालियां कानों में सोने के झुमके गले में सोने का लॉकेट जिसमें डायमंड का पेंडेंट लगा हुआ था । वो उनकी रईसी झलका रहा था । । वो खातून डाइनिंग टेबल पर नाश्ते की प्लेट रखते हुए हमजा के जानिब देख रही थी । हमजा अपने चेहरे पर बड़ी से मुस्कुराहट लिए दौड़ कर उस खातून के पास जाता है और उन खातून के पास आकर उनके दोनों कंधों को पकड़ कर बहुत ही एक्साइटेड होते हुए कहता है । । हमजा :- अम्मी अभी वक्त नहीं है , अभी मुझे जल्द से जल्द अहमद हॉस्पिटल पहुंचना है , मैं वहां से आकर नाश्ता करूंगा , ठीक है.... हमजा की बात सुन कर वो खातून जिनका नाम दिलशाद बेगम था । वो घबराते हुए हमजा के जानिब देख कर कहती हैं । । दिलशाद बेगम :- या खुदा सब खैरियत हमजा , अहमद हॉस्पिटल क्यों जा रहे हो , अब्बू मम्मी सब ठीक तो है , कुछ हुआ है क्या , क्या घर में से किसी को कुछ..... दिलशाद बेगम घबराते हुए हमजा से सवाल करने लगती है । दिलशाद बेगम को यूं घबराता हुआ देख कर हमजा दिलशाद बेगम को रिलैक्स करते हुए कहता है । । हमजा :- अम्मी , अम्मी , अम्मी रिलैक्स कुछ भी नहीं हुआ है , सब ठीक है , घबराने की कोई बात नहीं है , बल्कि एक बहुत बड़ी गुड न्यूज़ है..... हमजा की बात सुन कर दिलशाद बेगम ना समझी में हमजा के जानिब देखते हुए कहती हैं । । दिलशाद बेगम :- गुड न्यूज़ , कैसे गुड न्यूज़ बेटा , और अगर गुड न्यूज़ है , तो हॉस्पिटल क्यों जा रहे हैं..... दिलशाद बेगम की बात सुन कर हमजा हंसते हुए दिलशाद बेगम को साइड हग करते हुए अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट लिए कहता है । । हमजा :- अम्मी गुड न्यूज़ ये है कि , जिनका हम सब को बेसब्री से इंतजार था , वो बहुत जल्द हमारे पास होगी , भाई जान किसी लड़की को पसंद करते हैं , माहीन का अभी - अभी फैमिली ग्रुप में मैसेज आया था , पूरे फैमिली ग्रुप में हड़कंप मची है , हमारी होने वाली भाभी जान को शायद चोट लगी है , इसलिए भाई जान बहुत ही ज्यादा पैनिक कर गए थे और वो उनको सीधे अस्पताल ले गए , आपको पता है अम्मी उन्होंने तो कयान भाई को सीधे सर्जरी से ऑर्डर देकर बुलवा लिया और वो भी सर्जरी मिनिस्टर की हो रही थी , बल्कि माहीन बता रही थी की चोट बहुत मामूली है , तो सोचिए अम्मी कि हमारी होने वाली भाभी से भाई जान कितनी मोहब्बत करते हैं , बस अपनी होने वाली भाभी को देखने जा रहे हैं , सारी फैमिली वहीं गई हुई है , आप एक काम करो आप नाश्ता कर लो , और आपके शौहर साहब अभी आते होंगे आप उन्हें नाशता करवा देना , मैं तो चला अपनी भाभी जान से मिलने...... हमजा दिलशाद बेगम से अपनी बात कहते हुए खुशी से फुले नहीं समा रहा था । हमजा की बात सुन कर दिलशाद बेगम के होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट और आंखों में चमक आ जाती है । दिलशाद बेगम चहकते हुए हमजा से कहती है । । दिलशाद बेगम :- सच में , मतलब , मतलब हमारे , हमारे अजलांन को कोई लड़की पसंद है , मतलब अब जल्दी उसका निकाह हो जाएगी , और असमारा आपा को उनकी बहु मिल जाएगी , या अल्लाह बस वो लड़की मेरे अजलांन से मोहब्बत करें और उसके सीने में जो भी गम , जो भी तकलीफ लोगों की वजह से आई है , वो उस लड़की की वजह से चली जाए , और असमारा आपा भी खुश रहे , तो मैं शुकराना की नमाज पढ़ूंगी और हर जुमराज (thursday) फकीरों कोई जकात दूंगी. .... दिलशाद बेगम अपनी बात कहते हुए अपनी निगाहों को ऊपर के जानिब उठा कर अल्लाह से जैसे दुआ मांगती है । दिलशाद बेगम की बात सुन कर हमजा हंसते हुए दिलशाद बेगम से कहता है । । हमजा :- बेशक अम्मी , बेशक और आप देखना मेरे होने वाली भाभी जान के आने से मेरे भाई जान की जिंदगी किस तरह बदल जाती है , बस अल्लाह मेरे भाई जान की जिंदगी में खुशियां ही खुशियां भर दे..... हमजा अपनी बात कहते हुए मुस्कुरा रहा था । दिलशाद बेगम भी मुस्कुराते हुए हमजा की लफ़्ज़ों को सुन कर अपने सर को हां में हिला कर हमजा से कुछ कहने के लिए मुंह खोलने वाली थी । तभी उन लोगों के कानों मे एक रॉबदार आवाज आती है । । जितना तुम अपने भाई जान की खुशियों के लिए दुआएं मांग रहे हो , उतना अगर अपने बिजनेस के लिए दुआएं मांगते और अपने बिजनेस के ऊपर ध्यान देते , तो आज अपने भाई जान से आगे होते , और मैं भी फकर से कह सकता की हमजा दुर्रानी मेरा एक लायक बेटा है..... उस आवाज को सुन कर दिलशाद बेगम और हमजा के होठों की मुस्कुराहट गायब हो जाती है । दिलशाद बेगम अपने चेहरे को बिना किसी एक्सप्रेशन के बना कर डाइनिंग टेबल पर नाश्ता की प्लेट ठीक करने लगती है । हमजा के चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था । हमजा गुस्से में अपने पीछे घूम कर उस आवाज के जानिब देखता है । तो वहां पर एक 55 साल का आदमी खड़ा था । जिन्होंने इस वक्त ब्लैक कलर का अरमानी सूट पहना हुआ था । अपने बालों को सलीके से सेट किए अपने पैरों में चमचमाती हुई जूते और हाथों में रोलेक्स वॉच पहने वो आदमी इस 55 साल की उम्र में भी काफी ज्यादा स्मार्ट लग रहा था । वो आदमी हमजा को घूरते हुए आगे बढ़ता है और डाइनिंग टेबल की हेड चेयर को पीछे खींसकाते हुए उस पर बैठ कर हमजा से कहता है । । तुम्हें नहीं लगता ये जो तुम दिन भर , भाई जान , भाई जान करते रहते हो , इसका एक परसेंट भी तुम्हारा भाई जान तुम्हारे ऊपर ध्यान देता है , ये सोच कर कभी तुमने देखा है , जब देखो तब बस तुम्हारी जुबान से भाई जान , भाई जान का नाम निकलता रहता है , आखिर तुम्हारा भाई जान क्यों नहीं तुम्हें हमजा हमजा कहते हुए दिन भर ढूंढता रहता है , और क्यों नहीं तुम्हें बिजनेस पर ध्यान देने के लिए कहता है , मैं बताता हूं क्यों नहीं कहता है , क्योंकि अजलांन दुर्रानी एक मगरूर और घमंडी इंसान है , जिसे अपने अलावा और किसी की फिक्र नहीं है , लेकिन तुम्हें ये बात समझ में कहां आएगी , तुम्हारे ऊपर तो तुम्हारे भाई जान का भूत सवार है , जिसके आगे तुम उसकी प्लानिंग देख रही पा रहे..... वो आदमी अपनी बात हमजा से कहते हुए घुर कर हमजा को देख रहा था । उस आदमी की बात सुन कर हमजा का हर बीते वक्त के साथ गुस्सा बढ़ता जा रहा था । हमजा अपने हाथों को जोर से डाइनिंग टेबल पर मारते हुए गरज कर कहता है । । हमजा :- खबरदार..., खबरदार दुर्रानी साहब की आपने मेरे भाई जान के खिलाफ कुछ भी कहा तो , आप मेरे अब्बू है इसलिए आपकी इज्जत मैं करता हूं , लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप मेरे भाई जान के बारे में कुछ भी कहेंगे , मेरे लिए सारी दुनिया एक जानिब और मेरे भाई जान एक जानिब है , और मैं सारी दुनिया से अपने भाई जान के लिए लड़ सकता हूं , ये आप बहुत ही अच्छे से जानते हैं , फिर हर बार , हर बार क्यों मेरे भाई जान के बारे में आप ऐसी बात करते हैं , हर बार में बर्दाश्त कर जाता हूं , इसका मतलब ये नहीं कि मैं कमजोर हूं , अपने भाई जान के खिलाफ बोलने वाले हर मुंह को हमजा दुर्रानी अच्छे से बंद करना जानता है , इसके बावजूद आप मेरे भाई जान के बारे में ऐसी बातें करते हैं , और हां है मेरे भाई जान मगरूर , क्योंकि ये मगरूरीयात उन्होंने कमाई है , जिस घमंड की बात कर रहे हैं ना वो घमंड नहीं मेरे भाई जान की मोहब्बत है , जो उन्होंने कमाई है , मेरे भाई जान को अपनी मोहब्बत जताना नहीं आता है , इसका मतलब ये नहीं कि वो हम सबसे मोहब्बत नहीं करते , मेरा भाई कैसा है ये कोई मुझसे पूछे , दिल चीर के दिखा देगा हमजा दुर्रानी , ताकि सामने वाले को पता चले की उसके दिल में उसका भाई अजलांन दुर्रानी बसता किस तरह बसता है..... हमजा की बात सुन कर उमर दुर्रानी साहब अपनी जगह पर से उठ कर टेबल पर हाथ मारते हुए गुस्से में हमजा से कहते हैं । । उमर साहब :- ये तहजीब रह गई है तुम्हारे अंदर , इस बदतमीजी से बात करोगे तुम अपने बाप से , यही सिखाता है ना तुम्हारा भाई जान तुम्हें...... उमर साहब गुस्से में फनफनाते हुए हमजा को देखे जा रहे थे । हमजा उमर साहब की बात सुन कर अपने चेहरे पर से गुस्से की लकीर हटा कर अपने होठों पर तिरछी मुस्कुराहट लाकर उमर साहब के जानिब देख कर कहता है । । हमजा :- शुक्र मनाए , दुर्रानी साहब की मेरे अंदर मेरे भाई जान की दी हुई तहजीब है , वरना मेरे रगों में जो खून है , वो सिर्फ अपनों को धोखा देना और बेइज्जत करना जानता है.... इतना कह कर हमजा उमर साहब को घुर कर देखते हुए तेज कदमों से विला के बाहर चला जाता है । उमर साहब अभी भी अपने दांतों को किटकिटाते हुए हमजा को जाते हुए देख रहे थे । उमर साहब वापस से अपनी जगह पर बैठ जाते हैं और अपने बगल में खड़ी हुए दिलशाद बेगम को देखते हैं । जो बिना किसी एक्सप्रेशन की खड़ी हुई उनके लिए नाश्ते की प्लेट तैयार कर चुकी थी । उमर साहब दिलशाद बेगम के जानिब देख कर बहुत ही नॉर्मल अंदाज में कहते हैं । । उमर साहब :- देख रही हो तुम दिलशाद , किस तरीके से ये मुझसे बात कर रहा है , अरे बिल्कुल भी तहजीब नहीं रह गई इसके अंदर , कोई ऐसी बात करता है अपने अब्बू से..... दिलशाद बेगम उमर साहब की बात सुन कर कप में टी पॉट से चाय डालते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के कहती हैं । । दिलशाद बेगम :- अब इसमें उसकी भी क्या गलती है , बदतमीजी करना तो उसके खून में लिखा है , और मैं वैसे भी सब देखती हूं , पर क्या कह सकती हूं , जैसे अब्बू वैसे बच्चे , नाश्ता करें वरना नाश्ता ठंडा हो जाएगा..... इतना कह कर दिलशाद बेगम चाय का कप उमर साहब के जानिब बढ़ा देती हैं । उमर साहब अपने सर को ना में हिलाते हुए अपने दांतों को किटकिटाते हुए रह जाते हैं । दिलशाद बेगम भी अपनी जगह पर बैठ कर नाश्ता करने लगते हैं । जैसे अभी जो कुछ भी हुआ ये रोज का ही है । । दूसरी जानिब , अहमद हॉस्पिटल.... अजलांन इस वक्त VVIP वार्ड में अपने दोनों हाथों को अपने पीठ की तरफ बांधे हुए खड़ा हुआ था और बहुत ध्यान से बेड पर लेटी हुई उस मासूम सी गुड़िया जैसी लड़की को देख रहा था । जिसको शायद अब होश आ रहा था । क्योंकि उसकी आंखों की घनी पलके हिल रही थी । अजलांन बहुत ध्यान से उस हसीन लड़की को देख रहा था । वो लड़की धीरे - धीरे अपनी निगाहों को खोल देती है और कुछ वक्त तक एक टक सीलिंग को घूरती रहती है । फिर वो लड़की अपनी निगाहों को घुमा कर अपने बगल में देखती है । तो अपने सामने खड़े अजलांन को देख कर अपनी आंखो की पलकों को बार - बार झपकाने लगती है । अजलांन तो बस उस लड़की की कत्थई आंखों में गुम सा गया था । जो दुनिया जहां की मासूमियत लिए अपनी पलकों को झपकाते हुए अजलान को देख रही थी । तभी अजलांन का ध्यान उस हुसंन की मलिक की मीठी आवाज से खुलता है । । आप मुझे ऐसे क्यों देख रहे हैं , क्या आपको भी पैरों में दर्द हो रहा है , और आपको इस बेड पर लेटना है...... उस लड़की की मासूम बात सुन कर अजलांन जैसे अपने जहन में वापस से लौटता है और उस लड़की के जानिब देखते हुए अपने सर को ना में हिलाते हुए बगल में रखे हुए चेयर पर बैठ जाता है । वो लड़की भी अपने पलकों को बार - बार झपकाते हुए अजलांन को देख रही थी । अजलांन भी उस लड़की को बहुत ध्यान से देखते हुए कहता है । । अजलांन :- नाम क्या है तुम्हारा..... वो लड़की भी अजलांन की बात सुन कर अपनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए अजलांन के चेहरे को बहुत ध्यान से देखते हुए बहुत ही आहिस्ता से कहती है । । उजाला..... - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
Chapter 5 अब आगे , इलाहाबाद.... अहमद हॉस्पिटल , अजलांन :- नाम क्या है आपका..... वो लड़की भी अजलांन की बात सुन कर अपनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए अजलांन के चेहरे को बहुत ध्यान से देखते हुए बहुत ही आहिस्ता से कहती है । । उजाला..... तो चलिए जानते हैं हमारी उजाला के बारे में.... नाम :- उजाला फारूक अहमद उम्र :- 17 साल बिल्कुल किसी बच्चे जैसी मासूम बड़ी-बड़ी कमर तक आती लंबी सिल्की बाल संगत ऐसी जैसे दूध में केसर मिला हो घणी घणी पाल के कत्थई आंखों जिसमें दुनिया जहां की मासूमियत भरी हो 2 साल पहले एक हाथ से में उनके वालिद फारूक अहमद और वाल्दा निदा फारूक अहमद का इंतकाल हो गया तब से शहजादी जैसी रहने वाली उजाला की जिंदगी पूरी तरीके से पलट गई..... जैसे - जैसे कहानी आगे बढ़ेगी , वैसे - वैसे इनके बारे में आगे जानेंगे , अब आते हैं कहानी की तरफ.... उजाला का अपना नाम बताते ही वो नाम बार - बार अजलांन के कानों में गूंज रहा था । जैसे किसी ने जलते अंगारों पर ठंडा पानी डाल दिया हो । उजाला नाम सुन कर अजलांन अपनी आंखों को बंद कर लेता है और उजाला नाम को बार - बार अपने जहन में उतारने लगता है । जैसे अजलांन इस आवाज को अपनी रूह में बसा लेना चाहता हो । बेड पर लेटी हुई उजाला तो अभी भी अपनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए अपनी कत्थई आंखों से अजलांन के ही चेहरे को देखे जा रही थी । उजाला जब देखती है कि अजलांन अभी भी अपनी निगाहों को खोल कर उजाला के जानिब नहीं देख रहा हैं । तो उजाला अपने होठों को आपस में जोड़ कर अजलांन को देखती हुए बहुत आहिस्ता से कहती है । । उजाला :- क्या हमें कुछ खाने को मिलेगा , हमने कल सुबह से कुछ नहीं खाया..... उजाला की आवाज सुन कर अजलांन अपनी निगाहों को खोल कर उजाला के जानिब देखने लगता है । इस वक्त अजलांन को दुनिया भर की मासूमियत उजाला के चेहरे पर आ रही थी । उजाला की बात सुन कर अजलांन उजाला के जानिब देख कर बिना किसी एक्सप्रेशन के अपने सर को हां में हिलाता है और अपने फोन को उठा कर उस पर मैसेज टाइप करके अयान को भेज देता है । अजलांन अपना फोन अपने पॉकेट में वापस से डाल कर उजाला के जानिब मुखातिब होते हुए अपनी गहरी आवाज में कहता है । । अजलांन :- आपको पता भी है , आपने क्या किया है..... अजलांन की बात सुन कर और उसकी गहरी आवाज सुन कर उजाला को एक अजीब सा डर सताने लगा था । उजाला अपने घबराई हुई निगाहों से अजलांन के जानिब मुखातिब होते हुए कहती है । । उजाला :- ठ., ठी.., ठीक है , आप खाना मत दो , हम दोबारा नहीं मांगेगे आपसे खाना , लेकिन आप हमें डाटो मत , हमे डर लगता है..... उजाला अपनी बात कहते हुए अजलांन को अपनी मासूम कत्थई निगाहों से देखे जा रही थी । अजलांन भी उजाला की आंखों में देख रहा था । इस वक्त उजाला की निगाहों मे पानी उतर आया था । जो शायद अजलांन की गहरी आवाज सुन कर था । अजलांन अपने एक हाथ को बढ़ा कर उजाला के बालों पर रख देता है और उजाला के बालों को सहलाते हुए अपने नर्म लहजे में कहता है । । अजलांन :- हम आपको खाने के लिए नहीं बोल रहे , और खाना मांगना गलत बात नहीं है , हम ये पूछ रहे थे कि आपने जो कुछ वक्त पहले हमें बचाने के लिए खुद को चोट लगाइ , वो आपने क्यों किया है , क्या आप बताएंगी..... अजलांन को अपना बाल सहलाते हुए महसूस कर उजाला को बहुत ही अच्छा लग रहा था । अजलांन की बातें सुन कर और नर्म लहज़ा सुन कर उजाला के भी चेहरे से डर गायब होने लगता है । उजाला अजलांन को अपनी मासूम निगाहों से देखते हुए अपने सर को हां में हिला कर कहती है । । उजाला :- हां हमें पता है , हमने आपको चोट लगने से बचाया है , अगर आपको चोट लग जाता , तो फिर आप अल्लाह के पास चले जाते ना , जैसे हमारे अब्बू अम्मी चले गए , उन्हें भी इसी तरीके से चोट लगा था , उसके बाद उन्होंने कभी अपनी आंखें नहीं खोली , हम बहुत रोए थे उनके लिए , लेकिन अम्मी अब्बू उठे ही नहीं , तो सानिया आपा ने हमसे कहा कि उजाला के अम्मी अब्बू को अल्लाह ने अपने पास बुला लिया , और अगर आपको अल्लाह अपने पास बुला लेते , तो फिर उजाला को और बाकी के और बच्चों को खाना कैसे मिलता , इसलिए हमने आपको बचा लिया...... उजाला अपनी मासूमियत में सारी बातें अजलांन को कहती जा रही थी । उजाला के मुंह से उसके अम्मी अब्बू के इंतेकाल की बात सुन कर अजलांन को एक अलग सी बेचैनी होने लगती है । उजाला की मासूमियत भरी बात अजलांन को उसके जानिब खींचती चली जा रही थी । लेकिन अजलांन को अभी भी एक बात खटक रही थी । अजलांन उजाला की मासूम निगाहों में देखते हुए कहता है । । अजलांन :- अगर हमें चोट लग जाती तो आपको खाना क्यों नहीं मिलता , और बाकी के बच्चों को खाना क्यों नहीं मिलता , ये बात हमें समझ में नहीं आई...... अजलांन की बात सुन कर उजाला अपने दूसरे हाथ से अपने पेशानी पर धीरे से मारते हुए कहती है । । उजाला :- उफ्फ हो , आपको इतना भी नहीं याद , आप तो कितने बुद्धू हो.... उजाला अपनी बात कह कर अजलांन के जानिब अपनी टिमटिमाती हुई निगाहों से देख रही थी । उजाला के मुंह से अपने लिए बुद्धू अल्फाज सुन कर अजलांन के चेहरे के एक्सप्रेशन पूरी तरीके से सफेद पड़ जाते हैं । अजलांन एक टक बस अपनी बेयकिन निगाहों से उजाला को देखे जा रहा था । । ( अब भाई हमारी मासूम उजाला ने अजलांन असमारा दुर्रानी को बुद्धू जो कह दिया था । आखिर जिसे सारी दुनिया उज्जवल अंपायर के प्रेसिडेंट के नाम से जानती है । उसे हमारी मासूम उजाला बुद्धू कह रही है । तो भाई उनका खून तो सुख ही जाएगा ना 🤭) अजलांन गहरी सांस लेकर छोड़ता है और अपने एक हाथ को बढ़ा कर उजाला के हाथों को उसके परेशानी से हटा देता है । अजलांन देखता है कि उजाला के धीरे से ही मारने से उसकी पेशानी लाल पड़ चुकी है । जिस वजह से अजलांन उजाला के पेशानी को हल्के से सहलाते हुए उजाला के जानिब देख कर कहता है । । अजलांन :- अच्छा तो फिर हमें बताएं कि हम बुद्धू कैसे हुए.... अजलांन के पूछने पर उजाला अपनी टिमटिमाती हुई निगाहों से अजलांन के जानिब मुखातिब होते हुए कहती है । । उजाला :- हमने आपको चार दिन पहले बड़े पीर साहब के मजार के पास देखा था , वहां पर आपके साथ एक और भाई थे , आप पीछे खड़े होकर फोन पर बात कर रहे थे , और आपके साथ जो भाई थे , वो वहां पर मौजूद सभी को खाना दे रहे थे , और जो बच्चे थे , उन्हें तीन - तीन डब्बे दे रहे थे , हमने भी वहीं से खाना खाया था , तो वहां पर एक आंटी ने कहा कि आप बहुत अच्छे हैं , आपकी वजह से उन्हें हर रोज खाने मिलते हैं , आपके आदमी हर रोज आकर उन्हें खाने देते हैं , और आप हर जुम्मे को खुद जाकर सबको खाना देते हैं , और आपकी वजह से ही तो हमने पूरे 2 दिन बाद खाना खाया था , तो अगर आपको चोट लग जाती और आप अल्लाह के पास चले जाते , तो फिर आप हमें और बाकी सब को खाना कैसे देते..... उजाला की बात सुन कर अजलांन बस एक टक उजाला को ही देखे जा रहा था । जैसे वो कुछ समझने की कोशिश कर रहा हो । उजाला भी अपनी बात कह कर अपनी मासूम निगाहों को बार - बार झपकाते हुए अजलांन के जानिब देख रही थी । अजलांन गहरी सांस लेकर छोड़ता है और उजाला से कहता है । । अजलांन :- आप वहां पर कैसे पहुंची , जहां पर हमें गोली लग सकती थी , और अपने गोली अपने ऊपर क्यों ली , आपको भी तो चोट लग सकती थी..... अजलांन की बात सुन कर उजाला उसी तरह अजलांन को देखते हुए कहती है । । उजाला :- वो हमें ना बहुत भूख लगी थी , तो हमने एक आंटी से पूछा कि हमें खाना कहां मिलेगा , तो वो आंटी ने कहा कि वो हमें खाना दिलाएगा और रहने के लिए घर भी देगी, अगर हम उनके साथ चले गए तो , हम उनके साथ चले गए , आंटी ने हमें मॉल के बाहर ही रुकने को कहा और खुद किसी से बात करने चली गई , हम भी वहीं पर आंटी के आने का इंतजार कर रहे थे , वो आंटी दो काले कपड़े पहने आदमी से और एक दूसरी आंटी से बात कर रही थी , जिन्होंने बहुत चमक धमक वाले कपड़े पहने हुए थे , उजाला उन्हीं के जानिब देख रही थी , लेकिन तभी हमें आप नजर आए मॉल के बाहर , हमें लगा आप फिर से खाना देने आए होंगे , इसलिए उजाला ने उन आंटी को बिना कुछ बताएं आपके जानिब कदमों को बढ़ा दिया , तभी मैंने देखा कि एक लाल लाल डॉट आपके ऊपर हैं , हमें समझ नहीं आया कि वो क्या है , तो हमने उस जानिब देखा , जहां से वो डॉट आ रहा हैं , तो वहां पर एक अंकल अपने हाथों में गण लिए आपके जानिब पॉइंट कर रहे थे , उजाला के अब्बू को भी किसी ने इसी तरह पॉइंट किया था , और फिर उसने गोली चला दी , उसके बाद हमारे अब्बू नहीं बचे तो हम डर गए , हमने आपको आवाज भी दिया , पर आपने हमारी आवाज सुनी ही नहीं , इसलिए हम आपके पास आए थे , आपको बताने के लिए , लेकिन तब तक वो चोट हमें लग गई...... उजाला अपनी बात कह कर अपनी नम आंखों से अजलांन के जानिब देखे जा रही थी । अजलांन भी अपनी निगाहों को उजाला की कत्थई निगाहों से जुड़े हुआ था । अजलांन को अपने दिल में बहुत ही ज्यादा भार महसूस हो रहा था । उजाला की बातों से अजलांन इतना तो समझ चुका था कि बेड पर लेटी हुई ये लड़की सच में एक मासूम गुड़िया है । जिसे दुनिया जहां की कोई समझ नहीं है । अजलांन अपने हाथों को आगे बढ़ा कर उजाला के सड़कों सहलाते हुए कहता है । । अजलांन :- अब अगर आपको कुछ भी चाहिए हो तो आप सीधा हमसे बोलेंगी , हम आपको सब कुछ लाकर देंगे , क्योंकि आप अब हमारे साथ रहेंगी , हम आपकी सारी जिम्मेदारी उठाएंगे , आपको हमारी इस बात से कोई परेशानी तो नहीं है..... अजलांन की बात उजाला ऐसे सुन रही थी । जैसे अजलांन की सारी बातें उजाला के दिमाग से ऊपर जा रही थी । उजाला के जहन में बस एक बात घूम रही थी कि अजलांन उसे सब कुछ लाकर देगा । उजाला के होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट और आंखों में चमक आ जाती है । उजाला मुस्कुराते हुए अजलांन के जानिब देख कर कहती है । । उजाला :- इसका मतलब आप हमें बहुत सारा खाना भी देंगे , और जब हमें ठंड लगेगी तो आप हमें ब्लैंकेट भी देंगे , और.... और.., और हमें कपड़े भी देंगे , हमारे चप्पल भी टूट गई है , तो क्या आप हमें स्लीपर भी देंगे..... उजाला अपनी बात कहते हुए बहुत ही ज्यादा खुश नजर आ रही थी । अजलांन भी उजाला को ध्यान से देखते हुए अपने सर को हां में दिला देता है । जिसके बाद उजाला के होठों से मुस्कुराहट जाने का नाम ही नहीं ले रही थी । अजलांन बहुत ध्यान से उजाला के चेहरे को देखे जा रहा था । जैसे वो किसी गहरी सोच में गुम हो । तभी उजाला के बातों से अजलांन पूरी तरीके से हैरान हो जाता है । । उजाला :- सानिया आपा , तो कहती है कि इस पूरे जहांन में सिर्फ दो ही शख्स हमें ये सब चीज लाकर दे सकते है , एक हमारे वालदैन होते हैं , और दूसरा हमारा शौहर होता है , तो क्या आप हमारे शौहर है..... उजाला की बात सुन कर अजलांन अपनी बेयकींन निगाहों से उजाला को ही देखे जा रहा था । जिसके आंखों में दुनिया भर की चमक और होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट थी । उजाला अपनी कत्थई आंखों की घणी - घणी पलकों को झपकाते हुए अजलांन को देख रही थी । अजलांन अभी उजाला की बातों पर अपने मुंह को खोल कर कुछ जवाब दे पता । तभी वार्ड का दरवाजा धम की आवाज से खुलता है और इसी के साथ बहुत सारे लोग वार्ड के अंदर आकर खड़े हो जाते हैं । इस तरह दरवाजा खोल कर किसी के आने पर अजलांन अपनी गहरी निगाहों को घूमा कर वार्ड के डोर के जानिब देखता है । तो अपने सामने खड़े हुए शख्स को देख कर हैरान हो जाता है । उजाला भी हैरानी से उस जानिब देखे जा रही थी । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
Chapter 5 अब आगे , इलाहाबाद , अहमद हॉस्पिटल..... इतना जोर से वार्ड का दरवाजा खुलने की वजह से उजाला और अजलांन की निगाहें वार्ड के दरवाजे के जानिब जाती है । अजलांन के लंबे चौरे वजूद की वजह से उजाला अजलांन के पीछे छुपी हुई थी । जिस वजह से उजाला अच्छी से दिख नहीं पा रही थी । अजलांन अपने सामने खड़े हुए सभी को देख कर अपनी आंखों को छोटी - छोटी कर घूरते हुए उन सब से कहता है । । अजलांन :- आप सब यहां वो भी एक साथ , क्या बात है... अजलांन के सामने इस वक्त उसका पूरा परिवार खड़ा हुआ था । सबसे आगे दादू दादी उन के पीछे रयान खड़ा हुआ था । रयान के पीछे शहज़ेब और असमारा बेगम खड़ी हुई थी । असमारा बेगम के ही एक जानिब माहीन और दूसरी जानिब कयान खड़ा हुआ था । वो सभी अजलांन को ही देख रहे थे । अजलांन के पूछने पर भी वो लोग कोई जवाब नहीं देते और बार - बार अपने सर को इधर - उधर घूमाते हुए अजलांन के पीछे बेड पर मौजूद उजाला को दिखाने की की कोशिश करने लगते हैं । जो उन लोगों को नजर ही नहीं आ रही थी । उन सभी को इस तरह करता हुआ देख कर अजलांन अपनी जगह पर खड़े होता है और अपने दोनों पेंट के पॉकेट में अपने हाथों को डाल कर अपने फैमिली को घूरते हुए फिर से कहता है । । अजलांन :- दादू , दादी , अम्मी रयान और शहज़ेब क्या आप लोग मुझे बताएंगे कि आप लोग यहां पर क्या कर रहे हैं , और आप लोग इस तरह हमारे पीछे क्या देखने की कोशिश कर रहे हैं , हम यहां हैं आप लोगों के सामने , तो हमसे बात कीजिए..... अजलांन की बुलंद आवाज सुन कर दादू दादी असमारा बेगम रयान शहज़ेब माहीन कयान बिल्कुल सीधा खड़े हो जाते हैं और मुस्कुराते हुए अजलांन के जानिब देखने लगते हैं । अजलांन भी अपनी सख्त निगाहों से उन सब को ही देख रहा था । दादी के दिमाग में कुछ आता है और दादी जल्दी से अपने कदमों को पीछे लेते हुए दादू के पीठ पर हल्के से हाथ रख कर धीरे से दादू को आगे बढ़ा देती है । जिसे देख कर दादू हड़बड़ा हुए अपने पीछे खड़े अपनी बेगम को देखते हैं । जो हर बार उन्हें को फंसा देती है । दादू को अपनी जानिब देखता हुआ देख दादी भी दादू को हाथों से इशारा करते हुए अजलांन को कुछ बोलने के लिए कह रही थी । अजलांन भी दादू को सबसे आगे खड़ा हुआ देख कर कहता है । । अजलांन :- दादू क्या बात है , बताएंगे आप लोग , आप लोग यहां क्या कर रहे हैं..... अजलांन की एक बार फिर से बुलंद आवाज सुन कर दादू अजलांन के जानिब देखते हैं और अपने सर को हां में हिला के कुछ सोचने लगते हैं । दादू जल्दी से पीछे जाकर रयान के सर पर अपने हाथों को प्यार से फिराते हुए रयान को जल्दी से आगे कर देते हैं । दादू को ऐसा करता हुआ देख कर रयान की आंखें फटी की फटी रह जाती है और रयान पूरी तरीके से हड़बड़ाते हुए सामने खड़े अजलांन को देखने लगता है । जो रयान को अपनी आंखें छोटी - छोटी करते हुए घर रहा था । अजलांन रयान को कुछ बोलना कि तभी रयान हड़बड़ा कर अजलांन के जानिब देखते हुए कहता है । । रयान :- भ... भा... भाई जान , भाई जान मैंने कुछ नहीं किया , ये लोग मुझे लेकर आए हैं , म.. मैं... मैं तो कुछ नहीं बोल रहा था , ए..., एक मिनट , एक मिनट , आप को आपके सवालों का जवाब चाहिए ना , बस एक मिनट..... इतना कहते हुए रयान जल्दी से असमारा बेगम के पास जाकर असमारा बेगम का हाथ पकड़ कर आगे लाते हुए कहता है । । रयान :- अ... अम्मी... अम्मी आप भाई जान को बोले कि आप सब लोग , मतलब हम सब लोग यहां क्यों आए हैं , और , और किस... किसे देखने आए हैं , आप.... आप बोले.... रयान इतना कह कर असमारा बेगम के पीछे छुप जाता है । असमारा बेगम भी रयान को एक नजर घुर कर देखती है । फिर अपनी निगाहों को घूमा कर अजलांन के जानिब देखती है । अजलांन अब अपने चेहरे पर बहुत नॉर्मल एक्सप्रेशन लाकर असमारा बेगम को देख रहा था । जिसे देख कर असमारा बेगम मुस्कुराते हुए अजलांन से कहती हैं । । असमारा बेगम :- बच्चे हमें ना कोई दिक्कत नहीं है , लड़की जैसे भी है जिस भी मिजाज की है , हम सभी उसे अपना लेंगे , और वैसे भी उसे हम लोगों को अपनाना है , हम तो वैसे भी तुम्हारी पसंद पर बहुत खुश है , क्योंकि हम जानते हैं हमारा बेटा कोई गलत लड़की थोड़ी पसंद करेगा और , और अगर तुम उससे नॉर्मल तरीके का निकाह भी करना चाहते हो ना तब भी हम लोग तुम्हें ये नहीं कहेंगे कि धूमधाम से निकाह करो , क्योंकि निकाह तुम्हारा और हमारी होने वाली बहू का होगा , जिसे हम बेटी के रूप में अपनाएंगे , हमें पता है तुम्हें ज्यादा शोर शराबा पसंद नहीं , इसलिए हम नॉर्मल निकाह करवा देंगे , पर बच्चे एक बार दिखाइए तो , आखिर हम भी तो मिले , अपनी होने वाली बहू से..... असमारा बेगम अपनी बात कहते हुए बहुत खुशी से अजलांन के जानिब देखे जा रही थी । असमारा बेगम की बात सुनते ही दादू दादी रयान शहज़ेब माहीन और कयान भी अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिलाते हुए अजलांन को ही मुस्कुराते हुए देख रहे थे । अजलांन भी बहुत ध्यान से असमारा बेगम की बात सुन रहा था और उनके चेहरे की मुस्कुराहट के साथ आंखों में वो चमक देख रहा था । जो इतने सालों में उसने अपनी अम्मी में खोस दिया हो । असमारा बेगम की बात अजलांन को अच्छे से समझ नहीं आ पा रही थी । अजलांन गहरी सांस लेते हुए असमारा बेगम के जानिब देख कर कहता है । । अजलांन :- अम्मी , आप क्या कहना चाह रही हैं , आपकी सारी बातें हमारे समझ के बाहर है , आप किस बारे में बात कर रही हैं..... अजलांन की बातें सुन कर असमारा बेगम मुस्कुराते हुए अजलांन के जानिब बढ़ कर अपने एक हाथ को बढ़ा कर अजलांन के गाल को मोहब्बत से छूते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- अच्छा , तो आप अब अपनी अम्मी से भी ये बात छुपाएंगे , जल्दी से बताएं कहां है हमारी बहू.... असमारा बेगम की बात जैसे ही खत्म होती है । अजलांन की निगाहें माहीन के जानिब घूम जाती है । अजलांन घूरते हुए माहीन को देखने लगता है । अजलांन को समझते देर नहीं लगती की ये पूरा राएता माहीन का फैलाया हुआ है । आखिर उसके पूरे खानदान में सिर्फ एक माहीन ही तो है । जो ऐसा राएता फैलाता है । माहीन जब देखती है की अजलांन उसी के जानिब घूर रहा है । तो पहले माहीन अपने दांतों को फाड़ के अजलांन के जानिब देखते हुए मुस्कुरा देती है । फिर जल्दी से दादू के पीछे छुप जाती है । अजलांन का भी शक अब माहीन को ऐसे छुपते हुए देख कर यकीन में बदल चुका था । अजलांन असमारा बेगम के जानिब देख कर अभी कुछ कहता कि तभी पूरे वार्ड में उजाला की शहद जैसी मीठी आवाज गूंज जाती है । । उजाला :- ये लोग कौन है , क्या ये लोग भी हमसे मिलने आए हैं.... उजाला की इतनी प्यारी आवाज सुन कर सब लोग उजाला को देखने के लिए और भी ज्यादा बेचैन हो गए थे । रयान शहज़ेब और कयान तो अपने मुंह को बेयकिनी से खोले अपने पैरों को उचका - उचका कर अजलांन के पीछे बेड पर लेटी हुई उजाला को देखने के लिए बेचैन हो रहे थे । उजाला की आवाज सुन कर असमारा बेगम अब बिना देर किए हुए अजलांन को साइड करती है और जल्दी से उजाला के सामने जाकर खड़ी हो जाती है । बेड पर बैठी हुई उजाला भी असमारा बेगम को अपनी कत्थई आंखों से टिमटिमाते हुए देख रही थी । असमारा बेगम तो एक वक्त को बस उजाला के चेहरे के जानिब ही देखती रह गई थी । जैसे हिज्जी मुफ़्त (मंत्र मुक्त) हो चुकी थी । उजाला की दोबारा कह गए अल्फाज से जैसे असमारा बेगम अपने जहन में वापस आई हो । । उजाला :- क्या आप हमसे मिलने आई हैं..... उजाला की इतनी प्यारी और मीठी आवाज सुन कर असमारा बेगम के होठों पर से मुस्कुराहट जाने का नाम ही नहीं ले रहा था । असमारा बेगम की आंखों में नमी उतर आई थी और असमारा बेगम जल्दी - जल्दी अपने सर को हां में हिला कर जल्दी से आगे बढ़ कर उजाला के पूरे चेहरे को अपने हाथों से छूकर आगे बढ़ कर उजाला के पेशानी को प्यार से बोशा (kiss) कर लेती हैं । असमारा बेगम के ऐसा करते ही उजाला की आंखों में भी नमी आ जाती है और अचानक से ही उजाला के के मुंह से निकलता है । । उजाला :- अम्मी...... उजाला के मुंह से अपने लिए अम्मी लफ्ज़ सुन कर असमारा बेगम के आंखों में ठैहरा हुआ आसु बह कर निकल जाता है । असमारा बेगम जल्दी से उजाला से दूर हटती है और उजाला का चेहरा पकड़े हुए ही उजाला का पूरा चेहरा सहलाते हुए अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला कर उजाला से कहती हैं । । असमारा बेगम :- हां, मेरी बच्ची , हम तुम्हारी अम्मी ही है , और तुम हमारी प्यारी सी गुड़िया , या अल्लाह किसी की भी हमारी गुड़िया को नजर ना लगे..... इतना कह कर असमारा बेगम उजाला की बलाए लेने लगती है । उजाला भी अपनी आंखों को टिमटिमाते हुए असमारा बेगम को देख रही थी । असमादा बेगम उजाला के चेहरे के जानिब देखते हुए बहुत अच्छे से समझ रही थी कि उनके बेटे ने जो लड़की पसंद की है । वो बेहद मासूम है । असमारा बेगम तो फूले ही नहीं समा रही थी । असमारा बेगम घूम कर पीछे देखी है । तो अजलांन अभी भी वैसे ही सबके सामने खड़ा हुआ था । असमारा बेगम अपने सर को धीरे से मार के अजलांन को सामने से हटा कर दादू दादी रयान शहज़ेब माहीन और कयान के जानिब देखती हैं । जो अभी भी उजाला की मीठी आवाज के जानिब देखने की कोशिश कर रहे थे । असमारा बेगम उन सब के जानिब मुखातिब होते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- अम्मी , अब्बू देखे तो कितनी प्यारी और मासूम हैं , हमारी होने वाली बहू , हमारी तो निगाहें हटने का नाम ही नहीं ले रही , जी कर रहा है सारी दुनिया से छुपा कर रख ले इसे , ताकि किसी की नजर ना लग जाए , आप भी आए देखिए..... असमारा बेगम के बस इतना कहने की देरी थी की दादी दादू रयान शहज़ेब माहीन और कयान जल्दी - जल्दी आगे बढ़ जाते हैं । दादी और दादू तो अजलांन को साइड हटाते हुए जल्दी से उजाला के सामने खड़े हो जाते हैं । दादी दादू तो अपनी आंखों में चमक लिए उजाला को देख रहे थे । रयान शहज़ेब तो अपने मुंह को बेयकीनी से खोले और अपनी आंखों को बेयकीनी से बड़ी - बड़ी किए हुए कभी उजाला के जानिब देख रहे थे । तो कभी अजलांन के जानिब देख रहे थे । । दादी तो उजाला की बार - बार बलाए ले रही थी । दादू भी उजाला के सर पर प्यार से हाथ फेर रहे थे । हमारी मासूम उजाला सबको अपनी कत्थई आंखों से टिमटिमाते हुए देख रही थी । दादी बिना कुछ सोचे समझे अपने हाथों में पहने हुए एक खानदानी हीरे के कंगन को निकालती है और उजाला के दूसरे हाथ में पहना देती हैं । जिसमें ड्रिप नहीं लगा हुआ था । दादू अपने कुर्ते के जेब में से 2000 के नोटों की गद्दी निकाल कर उजाला के सर पर से न्योच (घुमा) देते हैं । दादी खुश होते हुए असमारा बेगम के जानिब देख कर कहती हैं । । दादी :- कितनी हसीन पोता बहुत दी है हमें अल्लाह ने , इसलिए तो इतनी देर हुई है , अरे इतनी हसीन इतनी मासूम जो बना रहे थे अल्लाह मेरे अजलांन के लिए , जो सबसे मुख्तलिफ (different) हो, तो वक़्त तो लगना ही था.... दादी की बात सुन कर असमारा बेगम भी खुशी से अपने सर को हां में हिलाते हुए दादी से कहती हैं । । असमारा बेगम :- हां अम्मी आप बिल्कुल ठीक कह रही है , देखिए ना कितनी प्यारी है और कैसे हमें अपनी मासूम निगाहों से देख रही है , जी तो चाह रहा है कि अभी घर ले जाएं और सारी जहांन की मोहब्बत और खुशियां अपनी बच्ची के दामन में भर दे..... असमारा बेगम और दादी तो अपनी बातों में ही लगी हुई थी । अजलांन तो बस बिना किसी एक्सप्रेशन के अपने फैमिली को देख रहा था । जो उसे बिना कुछ कहे बिना कुछ सुने अपने में ही ख्याली पुलाव बना रहे थे और हमारी मासूम उजाला उनका तो कहना ही अलग है । वो बस अपनी मासूम निगाहों से सबको देख रही थी । क्योंकि वहां पर हो रही सभी बातें तो उनके सर के ऊपर जा रही थी । । सभी अपनी बातों में पूरी तरीके से मशगुल (busy) थे कि तभी उन लोगों को शहज़ेब की आवाज सुनाई देती है । । शहज़ेब :- एक मिनट, एक मिनट , एक मिनट , ये छोटी सी भाभी जान को देख कर ना जाने क्यों मुझे अजलांन भाई जान के लिए Sugar Daddy वाली फीलिंग आ रही है..... शहज़ेब की बात असमारा बेगम दादी अम्मी और दादू समझ नहीं पाए थे । इसलिए वो सवालिया नजरों से शहज़ेब को देख रहे थे । Sugar Daddy वाली बात सुन कर अजलांन अपनी गुस्से भरी जलती हुई निगाहों से शहज़ेब को घूरे जा रहा था । माहीन और कयान अपने मुंह पर हाथ रख कर कभी शहजेब तो कभी अजलांन को देख रहे थे । रयान वो तो जैसे शहज़ेब की ही दुनिया में मशगुल था । शहज़ेब की बात सुन कर रयान भी अपने सर को हां में हिला कर शहज़ेब से कहता है । । रयान :- हां यार , तू बिल्कुल ठीक कह रहा है , हमारी होने वाली भाभी जान तो देखने से ही कम उम्र की लगती है , ऐसे तो सच में बिल्कुल वही वाली feeling आ रही हैं , Sugar Daddy Azlaan Durrani..... रयान और शहज़ेब अपनी दुनिया में इस कदर मशगुल हो गए थे कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि वो लोग किसके सामने किसकी बात कर रहे हैं । तभी उन लोगों के कानों में अजलांन की गरजती हुई बुलंद आवाज सुनाई देती है । । - - - - - - - Cruel President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
Chapter 7 अब आगे , इलाहाबाद , अहमद हॉस्पिटल..... शहज़ेब और रयान अपनी ही दुनिया में मुशगुल होकर अपनी बात कह रहे थे । तभी वार्ड का दरवाजा एक बार फिर से खुलता है और अयान अंदर आता है । इस वक्त अयान के हाथों में खाने की एक पैकेट थी । अयान अंदर जाकर अपने सामने खड़े सभी फैमिली मेंबर को देख कर हैरान हो जाता है । अयान के आते ही सभी की निगाहें अयान के जानिब घूम जाती है । अजलांन शहज़ेब और रयान को घूरते हुए अपने बुलंद आवाज में कहता है । । अजलांन :- अयान , कल से 2 months तक रयान और शहज़ेब की ट्रेनिंग की जिम्मेदारी तुम्हारी है , make sure की ट्रेनिंग में कोई कमी ना रहे , सुबह फजर (सुबह 4 बजे) के वक्त उठने से लेकर एशा (रात 8 बजे) के बाद तक जितने भी ट्रेनिंग और काम होते हैं , वो सब तुम अपनी देख - रेख में करवाओगे , and make sure कोई mistake ना हो..... अजलांन की बात खत्म होते ही शहज़ेब और रयान की नजर अजलांन के जानिब घूम जाती है । अजलांन अभी भी अपनी जलती हुई निगाहों से रयान और शहज़ेब को देख रहा था । अजलांन का फरमान सुन कर अयान अपने सर को हां में हिला कर कहता है । । अयान :- जी भाई जान हो जाएगा , और ये खाना जो आपने मंगवाया था...... इतना कह कर अयान अपने हाथों में पकड़े हुए पैकेट को अजलांन के जानिब बढ़ा देता है । अजलांन अपनी निगाहों को घुमा कर अयान के जानिब देख कर अयान के बढ़े हुए हाथ से खान की पैकेट ले लेता है । अयान को अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि सारे फैमिली मेंबर यहां क्या कर रहे हैं और अभी - अभी जो अजलांन ने रयान शहज़ेब को सजा का फरमान (order) सुनाया है । तो उसके पीछे की वजह क्या है। अयान अपने कदमों को धीरे से पीछे खिसकाते हुए कयान के बगल में खड़ा हो जाता है और कयान के जानिब देख कर आंखों के इशारे से पूछता है । । कयान और अयान की बॉन्डिंग बचपन से ही बहुत अच्छी थी । कयान अयान के सारे इशारे को समझ सकता था । अयान भी कयान की सभी इशारे को अच्छे से समझता था । कयान धीरे से अपने सर को झुका कर अयान के कान के पास अपने मुंह को करके आहिस्ते आवाज में अब तक यहां जो भी हुआ सब कुछ अयान को बता देता है । कयान की बात सुन कर अयान अपनी आंखों को बेयकीनी से बड़ी - बड़ी कर कयान क्या के जानिब देखे जा रहा था । कयान भी अयान के जानिब देख कर अपने सर को हां में हिला देता है । अयान नावाड़र्गी से अपने सर को ना में हिला कर बेचारी निगाहों से रयान और शहज़ेब के जानिब देखने लगता है । । अजलांन दादू दादी और असमारा बेगम के जानिब घूम कर बिना किसी एक्सप्रेशन के कहता है । । अजलांन :- अम्मी, दादू , दादी आप लोग घर जाए.... अजलांन की बात सुन कर सभी एक दूसरे के चेहरे के जानिब देखने लगते हैं । असमारा बेगम आगे आते हुए अजलांन से कहती हैं । । असमारा बेगम :- बेटा घर तो हम लोग चले जाएंगे , लेकिन तुमने ये खाना किसके लिए मंगवाया है , क्या तुम्हें भूख लगी थी..... असमारा बेगम की बात सुन कर अजलांन कुछ कहता कि तभी उजाला की खनकती हुई आवाज उन लोगों के कानों मे एक बार फिर से परती है । । उजाला :- नहीं ये खाना तो इन्होंने हमारे लिए मंगाया है , क्योंकि हमें बहुत भूख लगी है ना , हमने 2 दिन से कुछ नहीं खाया और हमने ये बात इन्हें बताई , तो इन्होंने हमारे लिए खाना मंगवा दिया , क्योंकि ये हमारे शौहर है ना , और हमारा ख्याल रखना इनका फर्ज है , ऐसा इन्होंने ही कहा है..... उजाला की बात सुन कर सभी उजाला के जानिब अपनी फटी आंखों से देखने लगते हैं । उजाला की आखिरी लाइन सभी के लिए किसी सुनामी से कम नहीं थी । जो अभी - अभी उन सब के ऊपर से गुजरी थी । अजलांन भी उजाला के जानिब बिना किसी एक्सप्रेशन के देखने लगता है । उजाला तो अपनी बात कह कर अपनी चमकती हुई निगाहों से अजलान के हाथों में पकड़े हुए खाने की पैकेट को देख रही थी । इस वक्त उजाला के कत्थई आंखों में अजलांन के हाथों में पकड़े हुए खाने को देख कर लालच साफ नजर आ रहा था । अजलांन उजाला को देखते हुए गहरी सांस लेकर छोड़ता है और अपने दूसरे हाथ को उठा कर अंगूठे से अपने दाएं जानिब के आइब्रो को सहला कर धीरे से कहता है । । अजलांन :- एक और ब्लास्ट..... वाकई अजलांन की बात सच थी । उजाला की शौहर वाली बात सबके ऊपर ब्लास्ट के जैसा गिरी थी । असमारा बेगम अपनी आंखों में आंसू लिए अजलांन के जानिब देखते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- अजलांन बेटा क्या कमी रह गई थी हमारे मोहब्बत में कि तुमने अपने निकाह में हमें अपनी अम्मी को शामिल नहीं किया , हम सब तो तुमसे बहुत मोहब्बत करते हैं , फिर क्यों तुमने हम सबसे चोरी चुपके निकाह कर लिया , अरे हम लोगों ने कभी थोड़ी मना किया था तुम्हारी शादी के लिए , बल्कि हम और अम्मी तो हमेशा तुम्हें शादी के लिए कहते रहते थे , लेकिन तुमने कभी भी हमारे बातों पर जवाब ही नहीं दिया , और आज हम सबसे छुपा कर तुमने इस मासूम से निकाह कर लिया , और तो और दो दिन से इस बेचारी को कुछ खाने को भी नहीं दे रहे , ऐसा क्यों किया तुमने बेटा..... असमारा बेगम की बात सुन कर अजलांन थके हुए चेहरे के साथ असमारा बेगम के जानिब देखता है । असमारा बेगम तो अपने शॉल को अपने मुंह पर रख कर अपनी निगाहों से आंसू बहाए जा रही थी । दादू अजलांन के जानिब देख कर थोड़े गुस्से में कहते हैं । । दादू :- ये क्या है बरखुरदार , ये किस तरह की हरकत की है आपने , अगर अपने निकाह कर लिया था तो हम सबसे छुपा कर रखने की जरूरत क्या थी , क्या आप इस मासूम बच्ची को उसका हक नहीं देने वाले थे , या आप चाहते ही नहीं थे कि हम आपकी खुशी में शामिल हो , बोलिए इस तरह खामोश क्यों खड़े हैं..... दादू की बात सुन कर रयान शहज़ेब माहीन और कयान जो अभी भी अपनी बेयकींन निगाहों से अजलांन के जानिब देख रहे थे । वो अपने सर को हां में हिलाने लगते हैं । अयान तो अपने सर पर हाथों को रखे हुए सब की बातों को सुन रहा था । क्योंकि सच्चाई क्या थी । ये अयान भी अच्छी तरीके से जान रहा था । दादी भी असमारा बेगम को संभालते हुए असमारा बेगम और दादू से कहती हैं । । दादी :- आप दोनों थोड़ा शांत रहिए , हम बात करते हैं...... दादी अपनी निगाहों को घुमा कर अब अजलांन के जानिब मोखातिब होते हुए कहती हैं । । दादी :- अजलांन , ऐसी क्या वजह थी कि आपने हम सब से ये बात छुपाई , हम वो वजह जानना चाहते हैं बेटा , क्योंकि हमें पता है हमारा अजलांन कोई भी गलत काम नहीं कर सकता , और अगर उसने अपने निकाह की बात छुपाई है , तो इसके पीछे बहुत बड़ी वजह होगी , हम वो वजह जानना चाहते हैं बेटा..... दादी की बात सुन कर अजलांन गहरी सांस लेकर छोड़ता है और दादी के जानिब मुखातिब होकर अपनी बुलंद आवाज़ में कहता है । । अजलांन :- दादी , क्या आपको हम पर भरोसा नहीं है , क्या आपको लगता है कि हम ऐसा कुछ कर सकते हैं , और अगर हमने निकाह कर भी लिया , तो क्या आपको ये लगता है कि अजलांन असमारा दुर्रानी इस बात को छुपाएगा , अजलांन दुर्रानी जो करता है , डंके की चोट पर करता है , तो कैसे ये बात हम छुपा सकते हैं..... अजलांन की बात सुन कर रयान शहज़ेब माहीन और कयान एक दूसरे के जानिब देखते हुए अपने सर को हां में हिला देते हैं । असमारा बेगम भी अपने आंसू को पोछते हुए अजलांन के जानिब देख कर पूछती हैं । । असमारा बेगम :- तो आप कहना क्या चाहते हैं , हमारे सामने बैठी ये मासूम सी गुड़िया हमसे झूठ बोल रही है , हम इस गुड़िया की आंखों में देख कर ही बता सकते हैं , कि ये कितनी मासूम है , और झूठ से तो कोई इसका नाता ही ना हो , और इसने अभी - अभी आपको शौहर कहा है , उसका क्या , और ये भी कहा कि जिम्मेदारी वाली बात आपने ही इसे बताई है , उसका क्या...... अजलांन गहरी सांस लेकर छोड़ता है और असमारा बेगम से कहता है । । अजलांन :- अम्मी, जो भी बात है घर पर होगी ,फिलहाल आप लोग घर जाए , हम वहां पर आकर सारी बात एक्सप्लेन करेंगे और आपकी मासूम गुड़िया को भी हम वहां पर लेकर आएंगे , फिलहाल आप लोग यहां से जाइए , अयान गार्ड्स से कहो कि सबको safely घर पहुंचा कर आए.... इतना कह कर अजलांन अपने हाथों में पकड़े हुए खाने के पैकेट को बेड के साइड टेबल पर रख देता है । अजलांन की बातें सबके लिए एक हुकुम जैसा था । अजलांन किसी को अपने अल्फाजों से हुकुम नहीं देता था । ना ही किसी के ऊपर जोर जबरदस्ती करता था । लेकिन घर के सभी मेंबर्स अजलांन की इतनी रिस्पेक्ट करते थे कि अजलांन के एक बार बोलने पर वो हर काम करने को तैयार हो जाते थे । चाहे वो छोटे हो या बड़े हो । उन सब की दिल में और जहन में अजलान के लिए बहुत ज्यादा रिस्पेक्ट थी । क्योंकि वो सभी जानते थे कि अजलांन ने उन सब को अच्छी जिंदगी देने के लिए क्या कुछ नहीं सहा है । । अजलांन की बात खत्म होते ही असमारा बेगम आगे जाकर उजाला के पेशानी को चूमती है और उजाला के हाथों को पकड़ के उजाला के हाथों को भी चूम कर मुस्कुरा कर उजाला को देखते हैं । उजाला भी अपनी आंखों को टिमटिमाते हुए मुस्कुराकर असमारा बेगम को देखती हैं ।असमारा बेगम भी मुस्कुराते हुए वार्ड से बाहर चली जाती हैं । जिसके बाद दादी दादू भी उजाला को ढेर सारा प्यार करके चले जाते हैं । माहीन सबको जाते हुए देख कर पहले ही खिसक जाती है । क्योंकि उसे पता था अगर वो यहां रही तो अजलांन के गुस्से का अगला शिकार वो बनेगी और अपने दोनों भाइयों के जैसे उसको भी ट्रेनिंग करवाया जाएगा । जो किसी टॉर्चर से काम नहीं था । । शहज़ेब और रयान एक दूसरे के जानिब देखते हैं । फिर एक साथ अजलांन के जानिब देखकर अपने चेहरे पर दुनिया जहांन की शराफत लाकर कहते हैं । । रियान :- भाई जान , कुछ तो कम कर दीजिए , 2 महीने की ट्रेनिंग , प्लीज भाई जान..... शहज़ेब :- हां भाई जान थोड़ी तो कमी कर दीजिए , हमने बेख्याली में ही आपको Sugar Daddy कह दिया था , हमारा आपको Sugar Daddy कहने का कोई इरादा नहीं था , वो तो बस..... शहज़ेब अपनी बात कहते हुए चुप हो जाता है । शहज़ेब की बात खत्म होते ही अयान और कयान अपने सर को पीट लेते हैं । । अजलांन जो अब तक खाने के पैकेट में से खाने के बाउल निकाल चुका था और उसमें मौजूद दलिया को स्पून से मिक्स करते हुए उजाला के बेड साइड टेबल पर बैठा हुआ था । वो बिना किसी एक्सप्रेशन के बाउल के जानिब देखते हुए अपने बुलंद आवाज में कहता है । । अजलांन :- अयान make sure की ये ट्रेनिंग अब 4 महीने तक चले..... इतना कह कर अजलांन स्पून में दलिया को उठा कर उजाला के चेहरे के जानिब बढ़ा देता है । उजाला जो वहां पर हो रही बातों को सुन तो रही थी । लेकिन उसे ज्यादा कुछ समझ में नहीं आ रहा था । वो बस अपनी टिमटिमाती हुई आंखों से सबको देख रही थी । उजाला जब अजलांन को अपने मुंह के जानिब खाना बढ़ाते हुए देखती है । तो जल्दी से अपना मुंह खोल लेती है । जिसके बाद अजलांन बहुत इत्मिनांन से उजाला को खिलाने लगता है । । उजाला को खिलाते वक्त अजलांन के चेहरे पर हल्की सी मुस्कुराहट आ गई थी । जो अयान रयान शहज़ेब और कयान देख लेते हैं । उन सभी को अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था । वो सभी बेयकीनी से अजलांन के जानिब देख रहे थे । तभी उन लोगों के कानों मे एक बार फिर से अजलान की आवाज सुनाई देती है । । अजलांन :- अयान.... अजलांन के इतना बोलते ही अयान अपने जहन में वापस लौट कर अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिलाते हुए कहता है । । अयान :- जी.., जी भाई जान हो जाएगा..... फिर अयान अपनी निगाहों को घुमा कर रयान और शहज़ेब के जानिब देख कर कहता है । । अयान :- चलो , बाहर चलो , घर भी जाना है ना , तुम दोनों जैसा बेवकूफ तो मैंने कभी नहीं देखा , चलो अब.... इतना कह कर अयान कयान को भी इशारा करता है । तो कयान भी अपने सर को हां में हिला कर बाहर चलने लगता है । रयान और शहज़ेब अयान के पीछे जाते हुए एक साथ अयान भाई जान कहते हुए पुकारते हैं । । अजलांन अभी भी उजाला को बहुत ही इत्मीनान से खिला रहा था । 2 दिन की भूखी उजाला भी दलिया का मजा लेकर खाने लगती है । अजलांन उजाला के चेहरे के जानिब ही देख रहा था । उसकी मासूम निगाहें जैसे अजलांन को सारी दुनिया से उसे छुपाने के लिए कह रही थी । अजलांन उजाला के जानिब देखते हुए कहता है । । अजलांन :- उजाला , क्या आप हमसे निकाह करेंगी..... - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , इलाहाबाद , 2 दिन बाद , मेरा आशियाना हवेली..... पूरे आशियाना को किसी दुल्हन की जैसे सजाया गया था । बाहर खड़े बॉडीगार्ड वहां पर आ रहे एक - एक मेहमान को अच्छे से ग्रीड कर रहे थे और अच्छे से सिक्योरिटी चेकिंग करने के बाद ही अंदर जा रहे थे । मेरे आशियांना के दूसरी तरफ बहुत सारे मीडिया प्रसन भी खड़े हुए थे । जो वहां पर आ रहे हर गेस्ट की पिक्चर्स ले रहे थे । उनमें से कुछ मीडिया वाले अंदर जाने की कोशिश भी कर रहे थे । लेकिन वहां पर मौजूद बेल ट्रेन बॉडीगार्ड उन सब को रोक के रखे हुए थे । वहां पर आ रहा हर गेस्ट किसी ना किसी बिजनेस से रिलेटेड ही था । वो सभी बहुत ही नामी - ग्रामी लोग थे । । वहां पर बहुत सारे मिनिस्टर्स भी अपनी फैमिली को लेकर आ रहे थे । तो कुछ फिल्मी सितारे भी वहां पर आ रहे थे । क्योंकि अजलांन दुर्रानी का इन्वेस्टमेंट प्रोडक्शन हाउस में भी था । हर मीडिया पर्सन इस मोमेंट को कैप्चर करना चाहता था । वहां पर आ रहे सभी की आंखें चमक रही थी । क्योंकि उन सभी को दुर्रानी फैमिली की तरफ से इनविटेशन मिला था । । बिजनेस पार्टनर के साथ - साथ बिजनेस राइवल्स भी वहां पर मौजूद थे । लेकिन वो लोग कुछ भी गलत करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे । क्योंकि उन सब को पता था कि अगर उन्होंने गलती से भी कुछ गलत सोचा तो अजलांन दुर्रानी उनका क्या हाल करेगा । सभी गेस्ट एक - एक करके अंदर जा रहे थे । । बाहर के साथ अंदर भी बहुत सारे बॉडीगार्ड्स हर तरफ फैले हुए थे । वो सभी बॉडीगार्ड हर एक गेस्ट के ऊपर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे । वहां की सिक्योरिटी बहुत ही हाई स्टैंडर्ड की थी । । हवेली में बहुत सारे मेहमान अपने हाथों में बड़े - बड़े तौफे लिए अंदर जा रहे थे । सबके होठों पर एक अलग ही मुस्कुराहट थी और सब की आंखें आशियाना हवेली की खूबसूरती के ऊपर टिकी थी । उस खूबसूरती को चार चांद लगाते हुए वहा पर वेलकम म्यूजिक एक अलग ही रौनक बिखेर रही थी । सभी ने बहुत ही चमक धमक वाले कपड़े पहने हुए थे । । "मेरे आशियाना" के बड़े से गार्डन एरिया में दादू और दादी एक साथ खड़े हुए थे । दादू के ही बगल में कयान भी खड़ा हुआ था । । दादू ने इस वक्त पैठानी कुर्ता और पजामा पहना हुआ था । दादू अपने एक कंधे से लेकर दूसरे हाथ में पकड़े हुए शॉल खड़े हुए थे । उनकी ये बुलंद पर्सनालिटी एक अलग ही चमक बिखेर रही थी । दादू की यही बुलंद और अट्रैक्टिव पर्सनालिटी अजलांन को भी विरासत में मिली थी । । दादू के ही बगल में खड़ी दादी ने इस वक्त गोल्डन कलर की कुर्ती और घेर वाला प्लाजो पहना हुआ था । सलीके से जराउदार दुपट्टा लपेटे हुए अपने सर पर दुपट्टा सजा कर और दोनों कंधे पर बहुत ही मोटा चमकीला शॉल ओढ़े दादी इस उम्र में भी बहुत हसीन लग रही थी । दादी ने अपने दोनों हाथों में सोने के कंगन पहने हुए थे । अपने गले में मोती की माला के साथ अपने दोनों कानों में छोटे से डायमंड के टॉप्स पहने हुए थे । । दादी के बगल में खड़ा हुआ कयान भी बहुत हैंडसम लग रहा था । कयान ने इस वक्त क्रीम कलर का पैठानी सूट पहना हुआ था । उसके ऊपर से स्काई कलर का वैस्टकोट पैहना हुआ था । जो उसकी पर्सनालिटी में चार चांद लगा रहे थे ।अपने बालों को सलीके से सेट किए हुए अपने एक हाथ में रोलेक्स वॉच और पैरों में वाइट कलर का जूता पहने कयान अपने सामने खड़े दादी दादू के दोस्त के साथ आए उनके पोते से बात कर रहा था । । दादी और दादू के कुछ दूरी पर ही माहीन खड़ी हुई थी । माहीन ने इस वक्त रॉयल ब्लू कलर का लहंगा पहना हुआ था । अपने बालों का जुड़ा बनाएं अपने गले में पतला डायमंड नेकलेस पहने और डायमंड नेकलेस का सेट इयररिंग अपने कानों में पहने अपने दोनों हाथों में रॉयल ब्लू कलर की चूड़ियों के साथ बाला पहने अपने चेहरे पर हल्के मेकअप किए सामने खड़ी हुई लड़की से बात कर रही थी । । माहीन के बगल में ही अबरार साहब भी खड़े हुए थे । उन्होंने इस वक्त हल्के गोल्डन खान ड्रेस पहना हुआ था और अपने एक कंधे पर शॉल रखें अपने बालों को बहुत ही सलीके से सेट किए हुए थे । अबरार साहब को देख कर कोई भी नहीं बता सकता था कि वो इतने बड़े बच्चों के फादर है । माहीन और अबरार साहब इस वक्त अबरार साहब के दोस्त के साथ खड़े हुए थे । जिनकी बेटी माहीन की काफी अच्छी दोस्ती है । । दो वेटर के सामने जयान खरा था । जयान ने इस वक्त बिलकुल कयान के ही तरह हल्का क्रीम पैठानी कुर्ता पजामा पहना हुआ था । उसके ऊपर आसमानी रंग का वेस्ट कोट पहने अपने बालों को सेट किए अपने एक हाथ में रोलेक्स वॉच और पैरों में चमचमाती हुई वाइट कलर की जूती पहने वेट्स को समझाते हुए कहता है । । जयान :- देखो कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए , make sure की किसी भी गेस्ट के हाथ खाली ना रहे , हर गेस्ट के हाथ में या तो जूस या फिर स्नेक्स होने ही चाहिए , और किसी को भी कोई प्रॉब्लम ना हो , अगर कोई जूस पीना चाहता है , तो उसे जूस सर्व करो और अगर कोई कोल्ड ड्रिंक लेना चाहता है , तो उसे कोल्ड ड्रिंक सर्वे किया जाए , ध्यान से एक भी गेस्ट छूटने नहीं चाहिए , चाहे वो छोटे हो , बड़े हो , या बुजुर्ग हो , अंडरस्टैंड..... जयान की बात सुन कर जयान के सामने खड़े हुए दो वेटर अपने सर को हां में हिला देते हैं । जिसके बाद जयान उन्हें हाथों से दूसरी तरफ जाने का इशारा करके खुद दूसरी तरफ घूमता है । तो उसके सामने शादाब साहब , शहज़ेब और अयान से कुछ बात करते हुए नजर आ रहे थे । शहज़ेब और रयान ने भी इस वक्त कयान और जयान के तरह ही कपड़े पहने हुए थे । क्योंकि ये उन सभी भाइयों का आज के लिए ड्रेस कोड था । उन दोनों की बात एक दूसरे के चेहरे के बिल्कुल करीब होकर हो रही थी । जिसे देख कर जयान अपनी आंखों को छोटी - छोटी कर उन दोनों को घूरते हुए देखता है । फिर अपनी निगाहों को इधर -उधर घूमने लगता है । तभी जयान को एक गेस्ट के साथ खड़ा इजहान नजर आता है । इजहान ने भी इस वक्त अपने भाइयों को यह मैचिंग करते हुए कपड़ा पहना हुआ था । जयान अपनी कदमों को इजहान की तरफ बढ़ा देता है । जयान इजहान के पास आकर उसके सामने खड़े हुए गेस्ट को देख कर बहुत ही तेहज़ीब से मुस्कुराते हुए कहता है । । जयान :- एक्सक्यूज मी मिस्टर कुरैशी , क्या मैं अपने भाई से 2 मिनट बात कर सकता हूं..... जयान की बात सुन कर मिस्टर कुरेशी भी मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में हिलाते हैं । फिर दूसरी तरफ बढ़ जाते हैं । जिसके बाद इजहान जयान की तरफ देख कर कहता है । । इजहान :- क्या बात है जयान , तुमने इस तरह से मिस्टर कुरेशी को दूसरी तरफ भेज दिया, कोई जरूरी बात है क्या..... इजहान की बात सुन कर जयान गहरी सांस लेकर छोड़ता है और इजहान को शहज़ेब रयान और शादाब साहब की तरफ इशारा करते हुए इजहान से कहता है । । जयान :- भाई , ये शहज़ेब रयान और छोटे अब्बू को देख रहे हैं आप , किस तरह से अपनी मंडली बना कर बात कर रहे हैं , इसका मतलब आप समझ रहे हैं ना..... जयान अपनी बात कह कर इजहान की तरफ देखता है । इजहान भी अपनी आंखों को छोटी - छोटी कर अपने अब्बू अयान और अपने छोटे भाई की तरफ शक भरी निगाहों से देखने लगता है । इजहान अपने बगल में खड़े हुए जयान से कहता है । । इजहान :- देखना पड़ेगा , अब इन तीनों के दिमाग में क्या खिचड़ी पक रहा है , वैसे भी आज भाई जान का निकाह है , कुछ देर में ही भाई जान अपनी होने वाली बेगम के साथ यहा पर तशरीफ लाएंगे , तब तक इनकी खिचड़ी के बारे में हम भी पता कर लेते हैं..... इजहान की बात सुन कर जयान भी अपने सर को हां में हिलाते हुए उन तीनों की तरफ देखता है । इजहान और जयान अपने निगाहों को घूमा कर एक दूसरे की तरफ देखते हुए हल्की सी मुस्कुराहट एक दूसरे को करके एक साथ कहते हैं । । इजहान :- अम्मी..... जयान :- छोटी अम्मी...... इतना कहकर वो दोनों ही उन तीनों की तरफ वापस से मुस्कुरा कर देखते हैं फिर दूसरी तरफ एक साथ बढ़ जाते हैं असमारा बेगम इस वक्त गार्डन एरिया के दूसरी तरफ खड़ी हुई थी । असमादा बेगम के साथ ही दो और खातून खड़ी हुई थी । । असमारा बेगम ने इस वक्त हल्के नीले रंग का प्लाजो कुर्ती पहना हुआ था । उनके दुपट्टे में बहुत ही खूबसूरत वर्क बना हुआ था । असमारा बेगम उस जरवाद दुपट्टे को बहुत ही तरीके से अपनी बदन पर रख कर अपने सर के ऊपर रखा हुआ था । अपने एक तरफ के कंधे पर चमकीला शॉल रखें अपने बालों को खुला छोड़ा हुआ था । जो दुपट्टे की बाहर से झांक रहा था । अपने चेहरे पर बहुत हल्के से मेकअप लगाए अपने हाथों में हीरे के कंगन पहने असमारा बेगम बहुत ही खूबसूरत लग रही थी । । असमारा बेगम के सामने खड़ी हुई खातून जिन्होंने इस वक्त रेड एंड गोल्डन मिक्स प्लाजो कुर्ती पहनी हुई थी । जिस पर बहुत ही खूबसूरती से वर्क किया गया था । उस प्लाजो कुर्ती का दुपट्टा भी रेड और गोल्डन मिक्स था । जिस पर बहुत ही हैवी वर्क था । जिस वजह से उन खातून ने उस दुपट्टे को एक तरफ के कंधे पर रखा हुआ था । अपने बालों को आधा खोलें आधा क्लेचर लगाए अपनी आंखों में काजल सजाएं , गले में पतला सा नेकलेस दोनों हाथों में डायमंड के बाले के साथ एक हाथ में डायमंड वॉच पहने अपने कानों में डायमंड के टॉप पहने वो खातून बहुत ही एलिगेंट लग रही थी । ये खातून कोई और नहीं बल्कि अजलांन की छोटी अम्मी राफिया बेगम थी । । राफिया बेगम के बगल में जो दूसरी खातून खड़ी हुई थी । वो अजलांन की फूफी सिद्रा बेगम थी । सिद्रा बेगम ने इस वक्त ऑरेंज कलर की साड़ी पहनी हुई थी । जिसके बॉर्डर पर काफी खूबसूरती से वर्क किया गया था । सिद्रा बेगम ने अपने दूसरे कंधे पर एक बहुत ही खूबसूरत शॉल रखा हुआ था । फरवरी का महीना होने के वजह से हल्की - हल्की ठंड महसूस हो रही थी । सिद्रा बेगम ने अपने गले में रूबी का पतला नेकलेस अपने एक हाथ में चूड़ियों के साथ डायमंड बाला पहना था । दूसरे हाथ में बहुत ही महंगी और एलिगेंट वॉच पहनी हुई थी । सिद्रा बेगम ने अपने गले के नेकलेस रूबी सेट का इयररिंग अपने कानों में पहना हुआ था । वो मुस्कुराते हुए असमारा बेगम और राफिया बेगम से बात कर रही थी । असमारा बेगम की निगाह बार - बार "मेरे आशियांना" के में गेट की तरफ जा रही थी । जिसे देख कर राफिया बेगम और सिद्रा बेगम मुस्कुरा देती हैं । राफिया बेगम असमारा बेगम की तरफ देख कर कहती हैं । । राफिया बेगम :- भाभी , अरे आ जाएगा हमारा अजलांन आज उसका निकाह है , इसलिए खूब अच्छे से तैयार होकर आ रहा होगा डोंट वरी..... राफिया बेगम की बात सुन कर सिद्रा बेगम भी मुस्कुराते हुए असमारा बेगम से कहती हैं । । सिद्रा बेगम :- और नहीं तो क्या भाभी जान , वैसे हमें पता है आप अजलान से ज्यादा अपनी होने वाली बहू का इंतजार कर रही है..... सिद्रा बेगम की बात सुन कर असमारा बेगम भी राफिया बेगम और सिद्रा बेगम की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में हिला कर कहती हैं । । असमादा बेगम :- हां आप दोनों ने बिल्कुल ठीक कहा , हम उसी का ज्यादा इंतजार कर रहे हैं , जब से अजलांन ने हमें परसों के दिन फोन करके कहा कि वो दो दिन बाद ही निकाह करने वाला है , हम तो बहुत डर गए थे की इतना जल्दी कैसा होगा , इतनी सारी तैयारियां इतने सारे ड्रेस , लेकिन उसने सभी मना कर दिया और सिर्फ ये कहा कि दो दिन बाद निकाह होगा , वैसे तो हम और भी बहुत सारी तैयारी करते , लेकिन इतनी जल्दी बस ये ही हो पाया , ये सभी इतना जल्दी इजहान , जयान , शादाब , कयान , अयान और अबरार भाई की वजह से हुआ है , वरना बहुत कम उम्मीद थी कि इतने कम वक्त में इतना काम हो पाएगा , अस्पताल में मिलने के बाद तो हम उस बच्ची से मिल भी नहीं पाए , कैसे मिलते इतना काम जो हो गया था निकाह का..... असमारा बेगम अपनी बात कहते हुए अपने चेहरे पर मायूसी ले आती है । असमारा बेगम को मायूस देख कर राफिया बेगम असमारा बेगम के कंधे पर हाथ रख कर मुस्कुराते हुए कहती हैं । । राफिया बेगम :- अरे भाभी आप इसलिए मायूस है क्योंकि आप हमारी होने वाली बड़ी बहू से मिल नहीं पाई , हम सब का तो सोचिए , मैं सिद्रा , इजहान , जयान , शादाब और अबरार भाई साहब तो अपनी होने वाली बहू से मिल भी नहीं पाए..... राफिया बेगम की बात खत्म होते ही सिद्रा बेगम भी मुस्कुराते हुए असमारा बेगम का हाथ पकड़ कर कहती हैं । । सिद्रा बेगम :- और नहीं तो क्या , हम दोनों तो कॉन्फ्रेंस मीटिंग के लिए देश से ही बाहर गए थे , कल रात जब आए तो पता चला कि अजलांन ने क्या बम फोड़ा है , फिर सुबह से यही पर है तैयारी में , और अब तो लगता है कि निकाह के बाद ही हम अपने अजलांन की बेगम को देख पाएंगे , क्यों भाभी.... सिद्रा बेगम असमारा बेगम से अपनी बात करते हुए राफिया बेगम की तरफ देख कर पूछता है । तो राफिया बेगम भी मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में हिला देती हैं । अभी वो लोग बात कर ही रहे थे कि तभी एक साथ बहुत सारी कार "मेरे आशियाना" के सामने आकर रूकती है । कार की आवाज सुनते ही सभी की निगाहें मेंन गेट की तरफ चली जाती है । उस तरफ देखते हुए सभी की आंखें हैरानी से फटी की फटी रह जाती है । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , इलाहाबाद , मेरा आशियाना…. हवेली के गेट पर एक साथ पांच कार आकर रूकती है । सभी कार से बॉडीगार्ड्स निकाल कर अपने - अपने पोजीशन में खड़े हो जाते हैं । अंदर जितने भी लोग मौजूद थे । उन सभी की निगाहें गार्डन में बने बीचो - बीच की सड़क पर लाइन से लगी पांचो कार पर चली जाती है । बीच वाली कार के पैसेंजर सीट से अयान बाहर आता है । तब तक एक बॉडीगार्ड जाकर जल्दी से बैक सीट का डोर ओपन करता है । अयान भी खड़े होकर अपने वेस्ट को को ठीक करते हुए इधर - उधर देख गार्डन में जयान और इजहान के पास चला जाता है । । अयान में भी इस वक्त बिलकुल अपने भाइयों से मैचिंग ड्रेस पहना हुआ था । बैक सीट से अजलांन के वाइट चमचमाती हुई जूते बाहर निकलते हैं इसके साथ ही अजलांन अपने बुलंद पर्सनालिटी के साथ पूरी तरीके से कार से बाहर आता है । अजलांन ने इस वक्त वाइट कलर की शेरवानी पहनी हुई थी । अजलांन के वाइट शेरवानी पर सोने के तार के काम बने हुए थे । शेरवानी के लेफ्ट साइड के पॉकेट पर एक रेड कलर का कपड़ा लगा हुआ था और उस शेरवानी के बटन डायमंड के जैसे चमक रहे थे । अजलांन ने अपने दाएं कंधे पर एक मोटा मखमल का जरवादार शॉल रखा हुआ था । जिसके बॉर्डर पर बहुत ही बाड़ीकी से कारीगरी की हुई थी । अजलांन अपने एक हाथ में घड़ी पहने अपने बालों को सलीके से सेट किए बहुत ही ज्यादा हैंडसम लग रहा था । । वहां पर आई सभी लड़कियों की अजलांन को देख कर आह निकल गई थी । अजलांन अपने चेहरे पर बिना किसी एक्सप्रेशन के लिए सब जगह अपनी निगाहों को घुमाता है ।अजलांन की निगाहें अपने परिवार के ऊपर जाकर टिक जाती है । जो उन्हें के जानिब अपनी चमकती हुई आंखों और बड़ी सी मुस्कुराहट लिए देख रहे थे । अजलांन घूम कर अपने दूसरे हाथ को बैक सीट के अंदर बढ़ा देता है । इस वक्त अजलांन के हाथों पर एक नाजुक सा छोटा सा हाथ जाकर रखा जाता है । अजलांन उस हाथ को संभाल कर उजाला को बाहर निकलता है । उजाला को देख कर सभी की निगाहें उजाला पर थम जाती है । उजाला इस वक्त किसी परी से कम नहीं लग रही थी । । उजाला ने क्रीम वाइट कलर का गरारा कुर्ती पहना हुआ था । उजाला के क्रीम वाइट कुर्ती पर गोल्ड का वर्क बना हुआ था और वो गोल्ड वर्क दिखाने से ही लग रह रहा था । जैसे वो वाकई सोने का काम कयान गया है और उसमें छोटे - छोटे चमकते हुए हीरे चार चांद लगा रहे थे । उजाला का गरारा इतना घेरदार था कि वो पूरे फर्श पर बिखर रहा था । उजाला ने अपने एक हाथ से अजलांन का हाथ और दूसरे हाथ से अपना गरारा पकड़ा हुआ था । उजाला के सर पर बहुत ही सलीके से दुपट्टा रखा हुआ था । जिसका बॉर्डर गोल्ड के काम से चमक रहा था । उजाला के पेशानी पर सजा हुआ टीका उजाला के पेशानी को कवर कर रहा था । जिससे उजाला के टिके की रौनक और बढ़ रही थी । उजाला ने अपने गले में एक गला बंद पहना हुआ था और उसी का सेट बड़े से इयररिंग अपने दोनों कानों में पहने हुए थे । जिसका मोतीदार चैन बालों में फसाया हुआ था । उजाला ने अपने दोनों हाथों में गुलाब से बना हुआ गजरा पहना था । उजाला के हाथों की वो सिंपल मेहंदी बहुत ही ज्यादा चमक रही थी । उजाला के चेहरे पर किया गया मेकअप जो सिंपल तरीके से कियान गया था । लेकिन उजाला की खूबसूरती में वो मेकअप भी अपना एक अलग रंग बिखेर रहा था । । दादू दादी असमारा बेगम कयान महिमा अयान शहज़ेब रयान जो उजाला से मिल चुके थे । वो तो मुस्कुराते हुए उजाला की खूबसूरती को ही देख रहे थे । लेकिन इजहान , जयान , शादाब साहब , अबरार साहब , राफिया बेगम सिद्रा बेगम जिन्होंने उजाला को देखा ही नहीं था । वो बस अपनी बेयकीं निगाहों से उजाला कोई देखे जा रहे थे । राफिया बेगम अपने सेंस में आकर असमारा बेगम के जानिब देख कर बहुत ही खुशी से कहती है । । राफिया बेगम :- भाभी कितनी प्यारी है हमारी होने वाली बहू , अरे ऐसा लग रहा है , जैसे कोई..... राफिया बेगम अभी अपनी बात कह ही रही थी कि तभी सिद्रा बेगम भी खुशी से चमकती हुई आंखों से उजाला को देख कर राफिया बेगम की बात पूरी करने से पहले ही कहती हैं । । सिद्रा बेगम :- जैसे कोई जापानी गुड़िया..... सिद्रा बेगम की बात खत्म होते ही राफिया बेगम सिद्रा बेगम असमारा बेगम एक दूसरे के जानिब देखती है और एक साथ कहती हैं । । बिल्कुल बार्बी डॉल जैसी....... इतना कहते ही वो तीनों ही हंसते हुए सामने देखने लगते हैं । अजलांन बहुत ही ध्यान से उजाला का हाथ पकड़े हुए आगे बढ़ रहा था । उजाला भी अपनी चमकती हुई निगाहों से सब कुछ देखते हुए मुस्कुरा कर आगे बढ़ रही थी । पूरी दुर्रानी फैमिली उजाला और अजलांन को आते हुए देख रहे थे । वहां पर के आए हुए बड़े - बड़े गेस्ट भी उजाला और अजलांन के जोड़े की तारीफ करते नहीं थक रहे थे । उजाला आगे चलते हुए अपने बगल में खड़े हुए अजलांन से बहुत ही आहिस्ते से कहती है । । उजाला :- अमीरी , अभी होगा हमारा निकाह , फिर आप हमारे शौहर पूरी तरीके से बन जाएंगे , और हम आपकी बेगम पूरी तरीके से बन जाएंगे..... उजाला अपनी बात कह कर मासूम निगाहों से अजलांन के जानिब देखती है और अपनी पलकों को बार- बार झपकाते हुए अजलांन के बोलने का इंतजार करती है । अजलांन भी उजाला के जानिब अपनी निगाहों को घूमा कर बहुत ही इत्मिनांन से कहता है । । अजलांन :- हां रूही , हमारा निकाह अभी कुछ वक्त में होगा , तब तक हम बाकी सब से मिलेंगे.... (अमीरी और रूही एक अरबी लफ्ज़ है , दरअसल अमीरी का मतलब होता है मेरे प्रिंस , जो निकाह के बाद बीवी अपने शौहर को मोहब्बत से बुलाती है , और रूही का मतलब होता है मेरी रूह , जो रूह में बसती है , जो निकाह के बाद शौहर अपनी बीवी को मोहब्बत से इस नाम से नवाजता है) अजलांन की बात सुनकर उजाला अपनी कत्थई आंखों को टिमटिमाते हुए अजलांन को देख कर अपने सर को हां में हिला देती है । जिसके बाद अजलांन उजाला को लेकर आगे बढ़ जाता है । असमारा बेगम आ कर उजाला को देखती हैं । उजाला भी चमकती हुई आंखों से असमारा बेगम के जानिब देख कर जल्दी से आगे बढ़ कर असमादा बेगम के गले लग जाती है और अपने खनकती हुई आवाज में कहती है । । उजाला :- अम्मी , आप तो हमसे दोबारा मिलने आई ही नहीं , हम तो आपका कितना इंतजार कर रहे थे.... उजाला की बात सुन असमारा बेगम उजाला के पीठ पर प्यार से अपने हाथों से सहला कर अलग होती है और उजाला के चेहरे का दीदार करते हुए बहुत ही मोहब्बत से कहती हैं । । असमारा बेगम :- हम तो आना चाहते थे अपनी बेटी से मिलने , लेकिन काम इतना पड़ गया की अम्मी अपनी बेटी से मिलने आ ही नहीं पाई , पर कोई बात नहीं अब तो अम्मी की बेटी अम्मी के पास ही रहेगी ना , तो अम्मी खूब सारा प्यार अपनी बेटी को करेगी..... असमारा बेगम की बात सुन कर उजाला अपनी आंखों को टिमटिमाते हुए असमारा बेगम को देखती हैं और बहुत ही मासूमियत से मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में हिला देती है । तब तक सिद्रा बेगम और राफिया बेगम भी आगे आ जाती है । असमारा बेगम राफिया बेगम और सिद्रा बेगम को उजाला से मिलवाने लगती है । राफिया बेगम आगे बढ़ कर उजाला के पेशानी को प्यार से चुमते हुए कहती हैं । । राफिया बेगम :- कितनी प्यारी है , और बिल्कुल मासूम गुड़िया.... राफिया बेगम की बात सुन कर उजाला मुस्कुराते हुए अपने कत्थई आंखों की पलकों को झपकाते हुए राफिया बेगम को देखती हैं । सिद्रा बेगम भी आगे आते हुए उजाला के चेहरे को प्यार से सहला कर उजाला के पेशानी को चूम लेती हैं ।उजाला उन्हें भी मुस्कुराते हुए देखने लगती है । राफिया बेगम अजलांन के जानिब देख कर कहती हैं । । राफिया बेगम :- अजलांन बेटा , उजाला को लेकर जाए कुछ , देर में आप लोगों के निकाह का प्रोग्राम भी शुरू करना है..... राफिया बेगम की बात सुन कर अजलांन भी अपने सर को हां में हिला कर उजाला के हाथों को पकड़ते हुए स्टेज के जानिब बढ़ जाता है । जो गार्डन एरिया में बहुत ही बड़े पैमाने पर बनाया गया था । आज के फंक्शन के लिए । अजलांन स्टेज पर चढ़ के अपने हाथों को उजाला के जानिब बढ़ा देता है । तो उजाला भी अजलांन के हाथों को पकड़ के मुस्कुराते हुए अजलांन को देखती हैं । अजलान भी उजाला को देख कर हल्के से मुस्कुराते हुए देख कर स्टेज पर चढ़ा लेता है और वहां पर लगे बड़े से सोफे पर बैठ जाता है । । अयान अजलांन के पास आकर एक नजर अजलांन और उजाला को देखता है । जो इस वक्त सोफे पर बैठे हुए थे । जहां अजलांन वहां पर आए सभी हुए गेस्ट को अपनी पैनी नजर से देख रहा था । वही उजाला तो अपनी आंखों में चमक लिए मुस्कुरा कर सभी जानिब देख रही थी । अयान अजलांन और उजाला को देख कर कहता है । । अयान :- भाई जान ये कुछ खास दोस्त है , जो आपसे और भाभी जान से मिलने आए हैं , ये सभी आप दोनों को निकाह की मुबारकबाद और ढेर सारी मोहब्बत अफजाई से नवाजने आए हैं.... अयान की बात सुन कर अजलांन और उजाला की निगाह है अयान के बगल में खड़े हुए लोगों के जानिब घूम जाती है । उजाला अपने सामने खड़े हुए लोगों को देख कर मुस्कुराने लगते हैं । अयान के साथ आए हुए लोगों को देख कर सभी परिवार वाले के होठों पर भी मुस्कुराहट आ जाती है ।अजलांन और उजाला अपने सामने खड़े हुए दो स्पेशल गेस्ट को देख कर खुद भी अपनी जगह से खड़े हो जाते हैं । अयान अपने बगल में खड़े हुए लोगों को देखते हुए अजलांन और उजाला से कहता है । । अयान :- भाई जान , भाभी जान , ये है सना खान जी..... अयान के कहते ही अयान के बगल में खड़ी हुई बेहद खूबसूरत सी मोहतरमा अजलांन और उजाला को देख कर कहती हैं । । सना खान जी :- अस्सलाम अलैकुम, आप दोनों को आपके निकाह की बहुत - बहुत मुबारक.... जिसके जवाब में अजलान और उजाला उनको मुस्कुराते हुए देख कर कहते हैं । । अजलांन :- वालेकुम अस्सलाम.... उजाला :- वालेकुम अस्सलाम , हमें बहुत खुशी हुई कि आप हमारे निकाह में शरीक होने आए , और हम आपका तहे दिल से शुक्रिया करते हैं..... सना खान जी उजाला की आवाज सुन कर मुस्कुरा देती हैं । अयान भी मुस्कुराते हुए सना खान जी के बगल में खड़ी हुई दूसरी बेहद क्यूट सी मोहतरमा के जानिब इशारा करते हुए कहता है । । आयरन :- इनसे मिलिए ये है , लक्ष्मी जी , ये भी आप दोनों को मुबारकबाद देने आई है..... अयान की बात खत्म होते ही अयान के बगल में खड़ी हुई लक्ष्मी जी अजलांन और उजाला को देख कर मुस्कुराते हुए कहती हैं । । लक्ष्मी जी :- हेलो , बहुत - बहुत मुबारक हो आप दोनों को आपका निकाह के लिए , हम सच में बहुत खुश हैं..... लक्ष्मी जी की बात सुन कर उजाला मुस्कुराते हुए लक्ष्मी जी से कहती है । । उजाला :- बहुत- बहुत शुक्रिया आपका , और हमें भी बहुत खुशी हुई कि आप लोग हमसे मिलने आए , और हमें मुबारकबाद देने आए , हम भी तहे दिल से आप लोगों का इस्तकबाल करते हैं..... उजाला की बात खत्म होने पर अजलांन भी लक्ष्मी जी के जानिब देख कर अपने सर को हां में हिला कर कहता है । । अजलांन :- बहुत शुक्रिया..... अजलांन लक्ष्मी जी और सना खान जी के जानिब मुखातिब होते हुए उन दोनों से कहता है । । अजलांन :- लक्ष्मी जी , सना खान जी , हमें बहुत खुशी है कि आप दोनों हमारे निकाह में शरीक होने आए , और हमें अपने दिल से मुबारकबाद दी , be comfortable और खाना खाकर जाएंगा..... अजलांन की बात सुन कर लक्ष्मी जी और सना खान जी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराती है । फिर अजलांन के जानिब अपनी निगाहों को घुमा कर अपने सर को हां में हिला देती है । उजाला लक्ष्मी जी और सना खान जी के जानिब देख कर आगे बढ़ती है और उन दोनों से बाड़ी - बाड़ी गले मिल लेती है । लक्ष्मी जी और सना खान जी उजाला से अलग होने के बाद उजाला को ढेर सारी मुबारकबाद देकर अयान के साथ दूसरी जानिब खाने की स्टाल के पास चली जाती हैं । । तभी वहां पर कयान आ कर अजलांन से कहता है । । कयान :- भाई जान , देखे तो आपसे मिलने देहरादून से कौन आया है.... कयान की बातें सुन कर अजलांन अभी कयान से कुछ पूछता कि तभी कयान के साथ आए हुए दो लोगों को देख कर अजलांन की आंखें चमक जाती है । अजलांन आगे बढ़ कर बिना किसी की परवाह किए हुए अपने सामने खड़े हुए शख्स से गले लग जाता है । अजलांन के सामने खड़ा हुआ शख्स भी अजलांन के गले लगाते हुए मुस्कुरा कर कहता है । । कैसे हो अजलांन , long time no see..... अपने सामने खड़े हुए शख्स की बात सुन कर अजलांन उससे अलग होता है और घूरते हुए उस शख्स से कहता है । । अजलांन :- Doctor Ezad Murtaza , अब वक्त मिला है तुम्हें यहां आने का..... अजलांन की बात सुन कर उसके सामने खड़ा हुआ Ezad मुस्कुराते हुए अजलांन से कहता है । । Ezad :- भई अब हम तो तुम्हारे निकाह के इंतजार में थे , लेकिन तुमने ही निकाह करने में देर कर दी , अब जब तुम निकाह कर रहे हो तो देखो मैं और मेरी बेगम तुम्हारे निकाह में शरीक होने आ गए... Ezad अपनी बात अजलांन से कह कर अपने बगल में खड़ी हुई बेहद हसीन लड़की के जानिब घूम कर कहता है । । Ezad :- क्यों My Beautiful Tuilip, मैंने सही कहा ना..... Ezad की बात सुन कर Lilyana मुस्कुराते हुए Ezad के जानिब देखती है । फिर अजलांन के जानिब देख कर कहती है । । Lilyana :- बहुत - बहुत मुबारकबाद आपको खुदा आपकी जिंदगी में ढेर सारी खुशियां दे , और आपका आने वाला सफर को बहुत ही हसीन गुजरे.... Lilyana की बात सुन कर अजलांन भी मुस्कुराते हुए Lilyana से कहता है । । अजलांन :- शुक्रिया Lilyana , और तुम दोनों का भी बहुत शुक्रिया यहां आने के लिए , मुझे खुशी हुई कि तुम दोनों ने अपने इतने बिजी शेड्यूल से अपना वक्त निकाला , और देहरादून से इलाहाबाद हमसे मिलने आए , क्योंकि मैं अच्छी तरीके से जानता हूं कि तुम दोनों का प्रोफेशन एक डॉक्टर का है और वो कितना बिजी प्रोफेशन है , उसमें अपनों के लिए ही वक्त बहुत मुश्किल से निकलता है , लेकिन तुम दोनों एक दूसरे के लिए भी वक्त निकालते हो , और अपनों के लिए भी , और आज तुम दोनों वक्त निकाल कर मेरे निकाह में शरीक होने का सोचा मुझे इस बात से काफी खुशी है.... अजलांन की बात सुन कर Ezad कहता है । । Ezad :- ऐसे कैसे नहीं वक्त निकालते , आखिर तुम हमारे इतने अजीज दोस्त जो ठहरे , वैसे अपनी बेगम से तो हमें मिलवाओ.... Ezad की बात सुन कर अजलांन अपने सर को हां में हिलता है और Ezad , Lilyana को लेकर उजाला के पास आता है । उजाला भी उन दोनों के जानिब अपनी मासूम निगाहों से टुकुर - टुकुर देख रही थी । Lilyana आगे बढ़ कर उजाला से गले मिलती है । जिसके बाद उजाला भी Lilyana से गले मिलते हुए मुस्कुरा देती है । Lilyana उजाला के गले से अलग होकर मुस्कुराते हुए अजलांन को देख कर उजाला के जानिब देखा कर दो उंगलियों से जोड़ कर बहुत ही अच्छा का इशारा करती है । जिसे देख अजलांन भी उजाला को देख कर हौले से मुस्कुरा देता है । उजाला Lilyana के जानिब देख कर बहुत ही मासूमियत से पूछता है । । उजाला :- हमने आपको पहचाना नहीं , लेकिन आप बहुत अच्छी हैं , ये हमें आप को देख कर ही फील हो गया.... उजाला की मासूम बातें सुन कर Lilyana भी मुस्कुराते हुए उजाला के जानिब देख कर कहती है । । Lilyana :- मेरा नाम Doctor Lilyana Murtaza हैं , और उजाला आप भी बहुत ही ज्यादा अच्छी और मासूम है , वैसे अगर आप हमें नहीं जानती तो जल्द ही जान जाएगी और आपके साथ - साथ बाकी के लोग भी हमें जान जाएंगे..... Lilyana की बात सुन कर उजाला अपने सर को मुस्कुराते हुए जल्दी - जल्दी हां में हिला देती है । Ezad अजलांन के जानिब झुक कर बहुत ही आहिस्ते से कहता है । । Ezad :- मेरे भाई ये बहुत मासूम है , मैं तुम्हें पहले ही कह देता हूं , तुझे बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे , क्योंकि ये मासूमियत और ये भोलापन तुझसे बहुत पापड़ बेलवाएंगे , पर्सनल एक्सपीरियंस के साथ कह रहा हूं , लेकिन हां तेरे जिंदगी में वो वक्त भी आएगा , जब तेरे जीने की वजह यही मासूमियत और यही क्यूटनेस होगी..... Ezad की बात सुन कर अजलांन कुछ वक्त तक Ezad को घुर कर देखता है । जिसके बाद Ezad हंसते हुए Lilyana का हाथ पकड़ता है । Ezad Lilyana अजलांन और उजाला से एक साथ कहते हैं । । निकाह की बहुत - बहुत मुबारकबाद , तुम दोनों का ही आने वाला कल , बहुत ही ज्यादा हसीन और तरीन गुजरे , इस सफर में जो भी मुश्किलाता आए , तुम दोनों ही उसे मिल कर पार करना , जैसे हमने कियान हैं..... इतना कह Ezad Lilyana मुस्कुराते हुए अजलांन और उजाला को देखते हैं । उजाला भी मुस्कुराते हुए उन दोनों को देख कर अपने सर को हां में हिला देती है । अजलांन Ezad के जानिब देखते हुए कहता है । । अजलांन :- Ezad ,क्या तुम रुकोगे नहीं कुछ देर और , अभी ही निकालना जरूरी है , निकाह के बाद चले जाते..... अजलांन की बात सुन कर Ezad मुस्कुराते हुए अजलांन से कहता है । । Ezad :- हम जरूर रूकते , लेकिन अभी जाना जरूरी है , वो क्या है ना अभी निकलेंगे तो जल्दी पहुंच जाएंगे , और घर पर बच्चे भी तो हमारा इंतजार कर रहे हैं , वैसे भी हमारे बच्चों को नींद ही नहीं आती, जब तक वो लोग हमसे कहानी नहीं सुन लेते , और आज तो मुझे उन लोगों को फिर से वही कहानी सुननी है , (Lilyana के जानिब देख ) How I Met Your Mother...... इतना कह कर Ezad अजलांन उजाला के जानिब देखता है । अजलांन भी अपने सर को हां में हिला कर कहता है । । अजलांन :- All The Best Both Of You For Your New journey.... (तुम दोनों को तुम्हारे नए सफर के लिए मोबारीकबाद).... Ezad :- Thank You.... Ezad आगे बढ़ कर अजलांन के गले लग जाता है । फिर वहां से Ezad और Lilyana कयान के साथ स्टेज से उतर कर बाहर के जानिब चले जाते हैं । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , इलाहाबाद , मेरा आशियाना..... इस वक्त सभी लोग अजलांन और उजाला के जानिब ही देख रहे थे । तभी शादाब साहब अपने साथ मौलवी साहब को लेकर आते हैं और स्टेज के जानिब बढ़ जाते हैं । दादी और दादू भी स्टेज पर आकर दूसरे बड़े से सोफे पर बैठ जाते हैं । असमारा बेगम , राफिया बेगम सिद्रा बेगम भी स्टेज पर आकर उजाला के साइड खड़ी हो जाती है । महीन आ कर दादू दादी के बगल में बैठ जाती हैं । जयान , रयान, इज़हान, कयान अयान और शहज़ेब स्टेज के नीचे ही खरे उन सब को मुस्कूराते हुए देख रहे थे । उजाला असमारा बेगम को देख कर अपनी आंखों को टिमटिमाते हुए अपनी क्यूट सी आवाज में कहती है । । उजाला :- अम्मी , आप वहां पर क्या कर रही हैं , आप हमारे पास बैठिए ना , हमें अच्छा नहीं लग रहा अपनी अम्मी के बिना यहां पर बैठना..... उजाला की बातें सुन कर असमारा बेगम की आंखों में नमी आ जाती है । दादू और दादी भी मुस्कुराते हुए एक दूसरे के जानिब देखते हैं । फिर उजाला के जानिब देखने लगते हैं । अजलांन भी उजाला के चेहरे पर देख रहा था । जिसमें वाकई असमारा बेगम को दूर देख कर मायूसी थी । असमारा बेगम उजाला की बात सुन कर अपनी आंखों के कोनों से आंखों में आई हुई नमी को पोछ कर उजाला के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- बेटा , अम्मी तो अपनी बेटी के पास ही है और हम तो यहां पर खड़े हुए हैं ना..... असमारा बेगम की बात सुन कर उजाला अपने होठों को बाहर के जानिब निकाल होठों का पाउट बनाते हुए अपने कत्थई आंखों से टुकुर - टुकुर असमारा बेगम के जानिब देखते हुए कहती है । । उजाला :- तो फिर हमारे पास बैठीए ना..... उजाला की बात सुन कर राफिया बेगम भी असमारा बेगम के हाथ पर अपना हाथ रख कर मुस्कुराते हुए कहती हैं । । राफिया बेगम :- भाभी जान , बैठ जाइए ना , देखिए कितना प्यार से बच्ची बोल रही है..... असमारा बेगम राफिया बेगम की बात सुन कर राफिया बेगम के जानिब लाचारगी से देखते हुए थोड़ा हिचकिचा कर दबे हुए अल्फाजों में कहती है । । असमारा बेगम :- राफिया , हम कैसे , तुम तो जान रही हो ना की ये सब , कहीं हमारे साथ जो हुआ , वो अल्लाह ना करे , लेकिन..... असमारा बेगम की बात सुन कर राफिया बेगम अपने हाथों की पकड़ असमारा बेगम के ऊपर टाइट करते हुए आसमान बेगम को कहती हैं । । राफिया बेगम :- भाभी ये सब मत सोचिए , जो कुछ भी माजी में हुआ उसमें आपकी कोई गलती नहीं थी , इसलिए उस बातों को इतना तवज्जो मत दीजिए , और आपकी बात अगर अजलांन या फिर दूसरे बच्चे सुनेंगे तो उनके ऊपर क्या बीतेगी , और देखिए तो भाभी हमेशा से हम लोगों को एक बेटी की चाह थी और आज वो बेटी हमें मिली है , और आपको किस तरह अपने पास बुला रही है , अगर आप वहां पर उसके पास नहीं जाएंगी , तो क्या उस मासूम का दिल नहीं दुखेगा , उसे तो माजी के बारे में कुछ पता भी नहीं है..... राफिया बेगम की बात सुन कर असमारा बेगम गहरी सांस लेती है । लेकिन चेहरे पर हिचकिचाहट उनकी अभी भी नजर आ रही थी । अजलांन जो काफी देर से असमारा बेगम को बिना किसी एक्सप्रेशन के देख रहा था वो कहता है । । अजलांन :- अम्मी, बैठ जाइए ना या फिर आप किसी और के बारे में सोच रही हैं..... अजलांन की बात सुन कर असमारा बेगम हड़बड़ाते हुए अपने सर को जल्दी - जल्दी ना में हिला कर मुस्कुराते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- अरे नहीं हम किसी और के बारे में क्यों सोचेंगे हम तो बस अपने बच्चों के बारे में सोच रहे हैं..... इतना कह कर असमार बेगम दादी और दादू के जानिब देखती है । तो वो दोनों भी मुस्कुराते हुए असमारा बेगम को देख कर हां में सर हिलाते हैं और बैठने के लिए इशारा करते हैं । जिसके बाद असमारा बेगम फिर से हिचकीचाते हुए बहुत मुश्किल से उजाला के बगल में बैठ जाती हैं । उजाला तो असमारा बेगम को अपने बगल में बैठा कर अपनी आंखों में चमक लिए देखने लगती है । असमारा बेगम जब उजाला को इतना मुस्कुराते हुए देखती हैं और सिर्फ इस वजह से क्योंकि वो उसके बगल में बैठ गई थी । तो असमारा बेगम की आंखों में खुशी के आंसू आने लगते हैं । लेकिन माहौल को देखते हुए वो आंखों के कोनों से अपने आंसू को जप्त कर लेती हैं । मौलवी साहब के साथ सोफे पर बैठे हुए शादाब साहब और अबरार सब एक दूसरे से कुछ बातें करते हैं । फिर अबरार साहब मौलवी साहब से कहते हैं । । अबरार साहब :- मौलवी साहब , निकाह शुरू करें..... मौलवी साहब अबरार साहब की बात सुन कर अपने सर को हां में हिलाते हुए अभी कुछ कहता कि तभी अजलांन अपने बुलंद आवाज में मौलवी साहब को रोकते हुए कहता है । । अजलांन :- 1 मिनट मौलवी साहब..... अजलांन की बात सुनते ही सभी की निगाहें अजलांन के जानिब घूम जाती है । उजाला भी अजलांन के जानिब अपनी निगाहों को घूमा कर टुकुर - टुकुर अजलांन को देखने लगती है । अजलांन मौलवी साहब के जानिब देख कर अपनी बुलंद आवाज में सख़्ती से कहता है । । अजलांन :- मौलवी साहब , ध्यान रहे हमारे निकाह नामा में हमारे साथ सिर्फ हमारी अम्मी का नाम जूड़ना चाहिए और किसी का भी नहीं...... अजलांन की बात सुन कर मौलवी साहब हैरानी से अजलांन के जानिब देखते हुए कहते हैं । । मौलवी साहब :- माफ कीजिए , लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है आपकी अम्मी के नाम से आपका निकाह नहीं पढ़ाया जा सकता , ये इस्लाम में नहीं है , निकाह पढ़ते वक्त आपके वालिद का नाम या फिर वली नाम से पढ़ना जरूरी है..... ( वली उसे कहते हैं जिसे वालिद की जगह पर निकाह में नाम दिया जाए , जैसे अगर किसी शख्स को उसके वालिद का नाम नहीं पता है , या फिर वो अपने वालिद का नाम अपने साथ नहीं जोड़ना चाहता , तो अपने खानदान में से दादा , ताया , चाचा जो उसे अपने बच्चों की तरह प्यार देते हैं , अपना बच्चा मानते हैं , अपने बच्चों की तरह इज्जत देते हैं , तो उस का नाम वली के तौर पर जोर दिया जाता है )..... मौलवी साहब के इतना कहते ही अजलांन की निगाहें सख्त हो जाती है और उसके दोनों हाथों की मुठिया कस जाती है । अजलांन अपनी निगाहों को घुमा कर मौलवी साहब के जानिब देख कर अपनी सर्द आवाज में कहता है । । अजलांन :- हमने कह दिया ना मौलवी साहब हमारे बाप का नाम हमारे साथ नहीं जुड़ेगा , अजलांन असमारा दुर्रानी सिर्फ अपने मां का नाम अपने साथ जोड़ेगा..... अजलांन की सर्द आवाज सुन कर उजाला डर से असमारा बेगम के दोनों हाथों को पकड़ के बैठ जाती है । असमारा बेगम उजाला का डर समझ कर जल्दी से उजाला के हाथों को सहलाते हुए दूसरे हाथ से उजाला के पीठ सहलाने लगती हैं । असमारा बेगम अजलांन का गुस्सा अच्छी तरीके से समझ रही थी और उजाला की मासूमियत भी अच्छी तरीके से समझ रही थी । उन सबको तो अजलांन के गुस्से की आदत थी । लेकिन उजाला वो तो इतनी मासूम थी कि अजलांन के तेज आवाज से भी डर जाए । अजलांन के गुस्से को देख कर सभी लोग हैरान परेशान निगाहों से अजलांन को देखने लगते हैं । तभी असमारा बेगम मौलवी साहब के जानिब देख कर कहती हैं । । असमारा बेगम :- मौलवी साहब आप अजलांन के नाम के साथ वली में हबीब इस्तखार दुर्रानी नाम लीजिएगा जो अजलांन के दादा हुजूर हैं , और उन्होंने हमेशा अजलांन को अपना बेटा समझा है , अजलांन उनके नाम से भी जाना जाता है , तो ये इस्लामी शरीयत में भी माना जाता है और इससे किसी को परेशानी भी नहीं होगी..... असमारा बेगम की बात सुन कर सभी एक गहरी सांस लेकर छोड़ते हैं । अजलांन असमारा बेगम के जानिब देखता है । तो असमारा बेगम अजलांन के जानिब देख कर अपनी पलकों को झपका कर उसे शांत रहने का कहती हैं । मौलवी साहब भी असमारा बेगम की बात सुन कर अपने सर को हां में हिला कर कहते हैं । । मौलवी साहब :- जी ये बेहतर है..... इतना कह कर मौलवी साहब दस्तावेजों को उठाते हुए निकाह पढ़ना शुरू करते हैं । । शुरू करते हैं अल्लाह के नाम से , बिस्मिल्लाह - हिर्रहमा - निर्रहीम , अजलांन दुर्रानी वली हबीब इस्तखार दुर्रानी आपका निकाह वकील की वकालत से गवाहों की मौजूदगी में अल्लाह को हाजिर नाजिर जान कर शरीयत मोतामारा के मुताबिक हक मेंहर 7 लाख 8 हजार 600 रुपया एराइज़लवक उसके एवद आपके निकाह में आपको उजाला फारूक अहमद वल्ड फारूक अहमद दि जाती हैं क्या आपको निकाह कबूल है....... मौलवी साहब के पूछने पर अजलांन अपने निगाहों को घुमा कर उजाला के जानिब देखता है । उजाला भी अपनी आंखों की घनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए अजलान के जानिब देख रही थी । अजलांन उजाला को देखते हुए अपनी बुलंद आवाज में कहता है । । अजलांन :- कबूल है..... अजलांन के इतना कहते ही सभी एक दूसरे को मुबारकबाद देने लगते हैं । मौलवी साहब सुभानल्लाह कहते हुए अजलांन से दो बार और निकाह के लिए पूछते हैं । जिसमें अजलांन कबूल है कहता है । जिसके बाद मौलवी साहब अब उजाला के जानिब घूम कर उससे पूछते हैं । । उजाला फारूक अहमद वल्ड फारूक अहमद आपका निकाह वकील की वकालत से गवाहों की मौजूदगी में अल्लाह को हाजिर नाजिर जान कर शरीयत मोतामारा के मुताबिक हक मेंहर में आपको 7 लाख 8 हजार 600 रुपया एराइज़लवक उसके एवद आपके निकाह में आपको अजलांन दुर्रानी वली हबीब इस्तखार दुर्रानी दिए जाते हैं क्या आप को निकाह कबूल है....... मौलवी साहब के पूछने पर अब सभी की निगाहें उजाला के जानिब घूम जाती है । उजाला अजलांन को टुकुर - टुकुर देख रही थी । जिसे देख कर अजलांन अपनी पलकों को झपका देता है । जिसके बाद उजाला मुस्कुराते हुए अपनी शहद जैसी मीठी आवाज में कहती है । । उजाला :- कुबूल है..... उजाला के कबूल है कहने पर सब एक बार फिर से एक दूसरे को मुबारकबाद देने लगते हैं । मौलवी साहब दो दफा और उजाला से निकाह के बारे में पूछते हैं । जिसके जवाब में उजाला कबूल है कह देती है । इसके बाद मौलवी साहब निकाह नामा पर उजाला और अजलांन के दस्तखत लेते हैं और दुआओं के लिए हाथ उठाते ही मौलवी साहब के साथ सभी लोग दुआओं के लिए हाथ उठा देते हैं । उजाला और अजलांन की अच्छी जिंदगी के लिए दुआ मांगने के बाद सभी लोग एक बार फिर से एक दूसरे को मुबारकबाद देने लगते हैं । । सभी खुशी से एक दूसरे के गले मिलने लगते हैं । असमारा बेगम तो आंखों से आंसू पोछते हुए उजाला के पेशानी को प्यार से चुम कर गले से लगा लेती हैं । राफिया बेगम अपने बगल में खड़ी सिद्रा बेगम को मुस्कुराते हुए कहती हैं । । लाफिया बेगम :- सिद्रा , कहां खो गई , अरे आपको भी मुबारक हो , हमारे अजलांन का निकाह हुआ हैं..... सिद्र बेगम जैसे किसी और ही दुनिया में घूम थी । वो राफिया बेगम की आवाज से अपनी जहन में वापस आती है और हैरान निगाहों से राफिया बेगम के जानिब देखने लगती हैं । राफिया बेगम सिद्रा बेगम के चेहरे पर ऐसे एक्सप्रेशन देख कर सिद्रा बेगम के हाथों को पकड़ कर थोड़ा पीछे ले जाते हुए कहती हैं । । राफिया बेगम :- क्या हुआ सिद्रा तुम्हारे चेहरे पर ये हैरानी के निशान , सब ठीक तो है , कुछ हुआ है..... सिद्र बेगम राफिया बेगम की बात सुन कर कपकपाती हुई आवाज में कहती है । । सिद्र बेगम :- राफ... राफिया भाभी , फा..., फारू..., फारूक अह.. अहम... फारूक अहमद , उजाला के वालिद , आप जानती है ना , फारूक अहमद यानी..... सिद्रा बेगम के चेहरे पर इस वक्त जैसे हवाइयां उड़ी हुई थी और उनकी आंखों में नमी थी । सिद्र बेगम की बात खत्म होते ही राफिया बेगम के भी चेहरे की रौनक पूरी तरीके से खत्म हो जाती है । राफिया बेगम की भी आंखों में नमी आ जाती है । राफिया बेगम बेयकीनी से सिद्रा बेगम के चेहरे पर देखती है । जिसमें एक घबराहट नजर आ रहा था । राफिया बेगम सिद्रा बेगम की बातों को पूरा करते हुए कहती हैं । । राफिया बेगम :- उजाला फारूक अहमद वर्ल्ड फारूक अहमद , यानी फारूक अहमद , उसका भाई...... - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , इलाहाबाद , खान मेंशन..... खान मेंशन दिखने में काफी ज्यादा खूबसूरत था । लेकिन इस मेंशन में जैसे रौनक कहीं गुम थी । खान मेंशन में बहुत सारे नौकर चाकर अपने काम को कर रहे थे । लेकिन उन सभी नौकर चाकर के चेहरे पर खुशी के कोई भी निसान नजर नहीं आ रहे थे । खान मेंशन के बड़े से हाॅल में इस वक्त एक 45 साल की एक खातून जिसने इस वक्त काफी ज्यादा महंगी साड़ी पहनी हुई थी । उस खातून ने अपने आप को पूरी तरीके से गहने से लादा हुआ था । उस खातून ने अपने चेहरे पर ढेर सारा मेकअप भी थोपा हुआ था । जिससे वो खातून दिखने में काफी ज्यादा मॉडल लग रही थी । उस खातून के चेहरे पर इस वक्त गुस्सा साफ नजर आ रहा था । वो खातून अपने गुस्से भरी निगाहों को घुमाते हुए दूसरी जानिब सोफे पर एक कपल को देखती हैं । जिसमें से उस आदमी की उम्र यही 55 साल की होगी और उस के बगल में बैठी हुई उस खातून की उम्र 50 साल की होगी । उस खातून के जानिब वो गुस्से मे खरी औरत अपने गुस्से भरी निगाहों से देखते हुए उन दोनों से कहती है । । एक पीद्दी सी लड़की आप लोगों से संभाली नहीं गई , क्या कुछ नहीं किया मैंने उस को अपने कैद में रखने के लिए , क्या कुछ नहीं किया मैंने इस प्रॉपर्टी को पाने के लिए , और आप लोगों को क्या करना था , सिर्फ एक पीद्दी सी लड़की को अपने कैद में कर के रखना था , वो भी तब तक जब तक वो 21 साल की नहीं हो जाती , अरे अगले महीने तो वैसे भी वो 18 की हो जाती है , उसके बाद सिर्फ 3 साल और बचे थे , उस के 21 साल पूरे होने में लेकिन तुम लोगों से वो 3 साल और नहीं संभाली गई , वो भी वो लड़की जो दिमाग से एक बच्चे की जैसी मासूम है , और हम लोगों से इतना डरती है , और वो निकाल के जा पहुंची कहां दुर्रानीयो के पास , अजलांन की बेगम बन के बैठी है वो , उन दुर्रानीयों के पास जिनको मैं तबाह होते हुए देखना चाहती हूँ , उसको अपने कैद में रखने के लिए मैंने उस नामाकूल , जाहिल अनाथ लड़की सानिया को भी अपने पास रखा , लेकिन वो भी उसके साथ रहते हुए उस पर अपनी मोहब्बत बरसाने लगी , और मुझे अच्छे से पता है ये सब में हाथ उस सानिया का है , बस वो लड़की मुझे एक बार मिल जाए , उसकी भी चंमडी उधर के रख ना दिया तो मेरा नाम भी सबीना खान नहीं.... अभी वो औरत गुस्से में अपने सामने बैठे हुए कपल के ऊपर चिल्लाते हुए अपना बात कह ही रही थी । तभी उस कपल में से बैठी हुई औरत अपनी जगह से गुस्से में उठते हुए अपने सामने खड़ी हुई औरत जिस का नाम सबीना बेगम था । उससे कहती है । सबीना बेगम तुम हमें क्या बोल रही हो , इसमें तुम्हारी भी तो गलती है , आखिर तुमने ही तो उजाला को हॉस्पिटल भिजवाया था , वरना आज तक उजाला हमारे पास ही थी , तुम तो खुद न्यू यॉर्क चली गाई थी , और वहां से बैठे - बैठे बोलती हो कि उसे हॉस्पिटल ले जाओ , इससे पहले भी वो बहुत बाड़ बीमार हुई थी , लेकिन घर में ही उसका जैसे तैसे इलाज करके जिंदा रखा था की नहीं , अरे 5 साल तक मैंने उसे अपने डर के अंदर रखा था , यहां तक कि वो लड़की मेरे और मेहर के डर से थर - थर कांपने लगती थी , लेकिन वो इस बार बीमार क्या पड़ी , ना जाने तुम्हें क्या हुआ तुमने न्यूयॉर्क से बैठे - बैठे फरमान सुना दिया कि उसे हॉस्पिटल लेकर जाओ , और उस सानिया को भी 6 महीने पहले यहां से धक्के मार कर निकाल दिया था तुमने , हम लोग उसे हॉस्पिटल लेकर गए थे , हम लोगों के हाथों से निकल गई , इसमें गलती तुम्हारी है , तो हम दोनों को ब्लेम करने से कुछ नहीं होगा...... उस खातून की बात सुन कर सबीना बेगम जी तंज़िया (व्यंग्नता) मुस्कुराहट मुस्कुराते हुए अपने सामने खड़ी हुई खातून से कहती है । । सबीना बेगम :- मेहविश अगर तुम्हें को याद ना हो तो मैं तुम को बता दूं कि तुम इस वक्त मेरे पैसों पर पल रही हो , ये सारा पैसा इस वक्त मेरे नाम पर है , क्योंकि मैं उजाला की गार्जियन हूं , 2 मिनट , 2 मिनट नहीं लगेगा मुझे कि मैं तुम को और भाई को यहां से निकाल दूं , वो तो मेरी अच्छाई है कि मैं तुम दोनों को यहां बर्दाश्त कर रही हूं , और रही बात हॉस्पिटल भेजने का तो मैंने उजाला को इसलिए हॉस्पिटल भेजा था क्योंकि उसके ब्लड में इंफेक्शन हो गया था , जिसका इलाज यहां पर होना आसान नहीं था , और अगर वो उसी तरह बीमार रहती तो अगले महीने जो आमिर उससे निकाह के लिए आने वाला था वो उसे देख कर ही मना कर देता , क्योंकि बुखार से वो बिल्कुल मरयल होती जा रही थी , और मुझे ये बात बताने की जरूरत तो नहीं की आमिर से उजाला का निकाह क्यों जरूरी है , वैसे अगर याद ना हो तो बता दूं , उजाला के 21 साल होते ही मैं आमिर और उजाला का निकाह करवा देती , क्योंकि प्रॉपर्टी में हमारे सो कॉल्ड वालिद साहब ने यही लिखा था , कि उजाला की सारी प्रॉपर्टी उस के नाम तभी होगी जब वो अपने पसंद के लड़के से निकाह करेगी , और उन दोनों के सिग्नेचर के बाद ही वो सारी प्रॉपर्टी किसी और को जाएगी , वरना उस के पहले वो सारी प्रॉपर्टी ट्रस्ट में चली जाएगी , फिर जिस प्रॉपर्ट और पैसे पर तुम इतना इतरा रही हो ना , ना वो प्रॉपर्टी रहेगी , ना ही वो पैसा.... सबीना बेगम जी अपनी बात मेहविश बेगम से कहते हुए अपनी नजरों को मेहविश बेगम जी के बगल में बैठे हुए आदमी के जानिब देख कर कहती हैं । । सबीना बेगम :- क्यों शब्बीर साहब मैं सही कह रही हूं ना..... मेहविश बेगम के बगल में वो आदमी जिस का नाम शब्बीर खान था और जो सबीना बेगम जी का छोटा भाई मेहविश बेगम के शौहर थे । वो जब सबीना बेगम जी की पूरी बातों को सुनते है । तो शब्बीर साहब जी के होठों पर एक अजीब सी मुस्कुराहट आ जाती है । शब्बीर साहब जी अजीब से मुस्कुराहट मुस्कुराते हुए अपनी जगह से उठते हैं और अपने कदमों को हॉल के दूसरी जानिब बढ़ा देते हैं । शब्बीर साहब को इस तरह से जाता हुआ मेहविश बेगम जी और सबीना बेगम जी ना समझी में देखने लगती है । । शब्बीर साहब अपने दोनों पैंट के पॉकेट में अपने दोनों हाथों को डाले हुए हॉल के दूसरे जानिब आते हैं और वहां पर वॉल पर लगे एक बड़ी सी फोटो को देखते हैं । जिसमें एक बुजुर्ग आदमी बड़े से सोफे पर काफी ज्यादा रॉब के साथ बैठा हुआ था । उस बूढ़े आदमी के बगल में एक बूढी खातून भी मुस्कुराते हुए बैठी हुई थी । उन बुजुर्ग आदमी के पीछे एक खातून खड़ी हुई थी । जो कि अपने होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट लिए उस बुजुर्ग आदमी और खातून को देख रही थी । उस खातून की आँखें हूं - ब - हू उजाला से मिलती थी । यानी अन खातून की भी कत्थई आंखों थी । उन खातून के बगल में सबीना बेगम खड़ी हुई थी । जिन के चेहरे पर नकली मुस्कुराहट थी । सबीना बेगम जी के बगल में मेहविश बेगम और शब्बीर साहब भी हल्की सी मुस्कुराहट लिए खड़े थे । शब्बीर साहब उस फोटो को ध्यान से देखते हुए अपने पीछे खड़ी हुई सबीना बेगम और मेहविश बेगम से कहते हैं । । शब्बीर साहब :- इन सब में गलती इनकी है , ये जो खुद को हमारे वालिद कहते थे , लेकिन इन्होंने कभी भी हमें अपनी औलाद नहीं समझा , क्योंकि हम इन के सौतेली औलाद थे , इनकी अपनी औलाद तो सिर्फ निदा फारूक अहमद थी , तभी तो इन्होंने सारी प्रॉपर्ट उस के नाम कर दी थी , और उस के बाद उस की बेटी उजाला के नाम कर दी थी , कितना कुछ नहीं किया था हमने निदा को यहां से निकालने के लिए , हमने उसे उस फारूक के साथ भागने में मदद की , निदा और फारूक के खिलाफ उन के दिल में नफरत की बीज बोए और ये उनसे नफरत भी करने लगे , लेकिन जब इन्हें अपनी नातिन के होने की खबर मिली , तो ये अचानक ही बदल गए और जब इन्होंने एक फंक्शन में अपनी बेटी दामाद और नातिन को देखा , तो इन के अंदर के वालिद और नाना की मोहब्बत अचानक ही जग गइ , इन्होंने सारी प्रॉपर्ट उन के नाम कर दी , और उन्हें लेने के लिए चले गए , अगर उस वक्त हमें ये सब पता ना होता , तो आज हम कहां होते हमें ये भी नहीं पता है , अगर उस वक्त हम लोगों ने उन दोनों को और इन को अपने रास्ते से नहीं हटाया होता , तो आज ये प्रॉपर्टी ये पैसा हमारा ना होता , इस प्रॉपर्टी और इस पैसे के लिए हमने बहुत कुछ किया है , और अब इस प्रॉपर्टी और पैसे को इतनी आसानी से हम अपने हाथों से नहीं जाने देंगे , चाहे इस के लिए हमें और भी खून क्यों ना बहाना पड़े...... शब्बीर साहब जी अपनी बात फोटो में देखते हुए अपने पीछे खड़ी मेहविश बेगम और सबीना बेगम से कहते हैं । मेहविश बेगम और सबीना बेगम शब्बीर साहब जी की बात सुन कर अपने चेहरे पर अजीब सी मुस्कुराहट लाती हैं । फिर एक दूसरे का चेहरा देखते हुए अपने सर को हां में हिला देती हैं । शब्बीर साहब अपने सर को घुमा कर अपने पीछे खड़े हुए सबीना बेगम और मेहविश बेगम के जानिब देख कर उन दोनों से कहते हैं । । शब्बीर साहब :- हम लोग आज ही दुर्रानी विला जाएंगे और देखते हैं कि हमें उजाला को वहां से लाने से कौन रोक सकता है , और सबीना आपा आप घबराओ मत , उजाला के साथ - साथ सानिया भी इस घर में आएगी , जैसे वो सालों पहले उजाला के लिए आई थी , वैसे ही वो सालों बाद भी उजाला के लिए आएगी फर्क बस इतना होगा कि सालों पहले वो उजाला को जानती नहीं थी और अपने काम से आइ थी , लेकिन अब वो उजाला की मोहब्बत में आएगी और उसने जो उजाला की भागने में मदद की है उससे उसका हिसाब भी लेंगे , उजाला की शादी इल्लीगल है , क्योंकि उजाला अभी सिर्फ 17 साल की है , जब तक वो लीगली शादी के लिए तैयार नहीं हो जाती , तब तक उजाला अजलांन दुर्रानी की बेगम नही कहलाएगी...... शब्बीर साहब अपनी बात सबीना बेगम जी और मेहविश बेगम जी से कहते हुए चुप हो जाते हैं । शब्बीर साहब जी की बात खत्म होते ही सबीना बेगम जी भी आगे आता है और अपने चेहरे पर शैतानी मुस्कुराहट लिए शब्बीर साहब से कहती है । । सबीना बेगम :- तुम सही कह रहे हो , उजाला को वापस इसी कैद में आना पड़ेगा , और तब मैं बताऊंगी कि हमारे कैद से भागने का अंजाम क्या होता है , बहुत चहक रही थी ना उस फोटो में , सारी चहचहाहट उन की मैं यहां निकलूंगी , जब उन्हें वापस से मेरे चाबुक का दर्द होगा , तब पता चलेगा कि हंसने का अंजाम क्या होता है...... इस वक्त सबीना बेगम जी की आंखों में उजाला के लिए साफ नफरत नजर झलक रही थी । जैसे वो इस नफरत में उजाला को पूरी तरीके से बर्बाद कर देना चाहती हैं । मेहविश बेगम भी सबीना बेगम , शब्बीर साहब जी की बातों को सुन कर अपने होठों पर शैतानी मुस्कुराहट लिए अपने चेहरे पर गुस्सा और आंखों में नफरत लिए अपने सर को हां में हिला देती हैं । कुछ ही देर में वो तीनों ही खान मेंशन के बाहर आते हैं और कार में बैठ जाते हैं । । उन तीनों के कार में बैठते ही कार खान मेंशन के बाहर निकल जाती है । उन की कार जैसे ही खान मेंशन के बाहर निकलती है । एक मुलाजिम जो की गार्डन में काम कर रहा था । वो सब की नजरों से बचते - बचाते गार्डन के एक कोने में जाता है । फिर अपने मोबाइल को निकाल कर एक नंबर डायल कर देता है और मोबाइल को अपने कान से लगा लेता है । फोन जैसे ही कनेक्ट होता है । मोलाज़िम फोन के दूसरी जानिब वाले शख्स से कहता है । । वो तीनों यहां से निकल चुके हैं , और वो तीनों ही दुर्रानी हवेली जा रहे हैं , मैंने पहले ही चुपके से सारी रिकॉर्डिंग कर ली है , और आप को भेज दिया है , अब आगे आप संभाल लेना..... वो मुलाजिम अपनी बात फोन के दूसरी जानिब वाले शख्स से कह कर चुप हो जाता है । फोन के दूसरी जानिब से उस मुलाजिम की बात सुन कर कुछ कहा जाता है । जिसे समझ कर वो मुलाजिम अपने सर को हां में हिलाते हुए ठीक है कह देता है और फोन को कट कर के वापस अपने जेब में रख लेता है । फिर वापस से गार्डन में अपनी जगह पर जाकर अपने काम को करने लगता है । जैसे वो कुछ जानता ही ना हो और उसने कुछ किया ही ना हो । । दूसरी तरफ , मेरा आशियाना.... अजलांन इस वक्त अपने बड़े से कमरे में मौजूद था । पूरे कमरे में अंधेरा छाया हुआ था । बस बेड पर के ऊपर की हल्की लाइट जल रही थी । जिस पर बेड पर पुरसुकून से सोई हुई उजाला का हसीन चेहरा चमक रहा था । उजाला सोते वक्त मासूम गुड़िया जैसी लग रही थी । उजाला ने अपने कपड़े भी चेंज कर लिए थे । इस वक्त उजाला ने बहुत ही सिंपल वाइट कलर की कुर्ती और प्लाजो पहनी हुई थी । उजाला के लंबे बाल पूरे बिस्तर पर फैले हुए थे । अजलांन उजाला के सामने अपने दोनों हाथों को अपने सीने पर बांधे खड़ा एक टक उजाला को देख रहा था । अजलान ने इस वक्त वाइट कलर का कुर्ता पजामा पहना हुआ था । अजलांन आगे बढ़ कर उजाला के चेहरे पर आए हुए एक दो बालों की लटो चेहरे से हटता है । सोते वक्त उजाला के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट बिखरी हुई थी । अजलांन उजाला के चेहरे को ध्यान से देखते हुए कहता है । । अजलांन :- बहुत खेल लिया दूसरों ने खेल , अब बाड़ी है अजलांन दुर्रानी की , और अब सबको पता चलेगा जब , अजलांन दुर्रानी अपना खेल शुरू करता है , तो बड़ी- बड़ी रियासतें गिर जाती हैं...... - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , अगली सुबह , इलाहाबाद.... मेरा आशियाना.... इस वक्त हमेशा की तरह दादू हॉल में बड़े से बैठे सोफे पर अपने हाथों में पकड़े हुए न्यूजपेपर को बहुत ही इत्मीनान से पढ़ रहे थे और उनके बगल में बैठी हुई दादी चाय का लुफ्त उठाते हुए दादू को घूर रही थी । सामने बैठे रयान और शहज़ेब बहुत ही मजे से दादी दादू का ये हमेशा वाला सुबह का कोल्ड वॉर देख रहे थे की इस बार उन दोनों में से पहले कौन एक दूसरे को कुछ बोलता है । इस बात का इंतजार कर रहे थे । । दूसरी तरफ सोफे पर बैठे हुए शादाब साहब और अबरार साहब कल की पार्टी में आए हुए कुछ गेस्ट के बारे में डिस्कशन कर रहे थे । । हॉल के थोड़ी दूरी पर लगे दूसरे सोफे पर इज़हान और जयान बैठे हुए थे । इस वक्त उन लोगों के सामने शीशे के टेबल पर एक लैपटॉप रखा हुआ था और उसमें एक दूसरे को दिखाते हुए कुछ बात कर रहे थे । । डाइनिंग हॉल की तरफ असमारा बेगम फ्रूट काटते हुए उसका फ्रूट सलाद बना रही थी और माहीन उनकी मदद कर रही थी । डाइनिंग टेबल पर मुलाजिम के हाथों से राफिया बेगम और सिद्रा बेगम नाश्ता लगवा रही थी । लेकिन सिद्रा बेगम का ध्यान कहीं और था । राफिया बेगम नाश्ता लगवाते हुए सिद्रा बेगम से कहती हैं । । राफिया बेगम :- सिद्रा एक काम करना आज जब मैं NGO जाऊंगी तो मेरे साथ चलना , वहां पर कुछ लड़कियां आई हैं , जिन्हें उनके साथ हुए हादसे की वजह से उनके घर वालों ने अपनाने से मना कर दिया था , तुम रहोगी तो समझने में आसानी होगी , वरना जानती हो वो लोगों से इतना डरती है कि किसी और डॉक्टर को अपने पास आने नहीं देती..... राफिया बेगम अपनी बात कहते हुए सिद्रा बेगम के बोलने का इंतजार करने लगती है । लेकिन जब राफिया बेगम को उन की आवाज सुनाई नहीं देती । तो वो अपनी निगाहों को उठा कर उन की तरफ देखती हैं । उन्हें किसी और सोच में गुम देख राफिया बेगम आगे बढ़ती है और सिद्रा बेगम के कंधे पर अपने हाथों को रख कर कहती हैं । । राफिया बेगम :- किस ख्यालातों में गुम हो...... राफिया बेगम के इस तरह अचानक बोलने पर सिद्रा बेगम जैसे अपनी जहन में वापस लौट कर आती है और राफिया बेगम की तरफ घूम कर उन्हें देखने लगते है । सिद्रा बेगम के चेहरे पर इस वक्त परेशानी साफ नजर आ रही थी । जिसे देख कर राफिया बेगम एक लंबी गहरी सांस लेकर छोड़ती है और उन का हाथ पकड़ कर डायनिंग एरिया के साइड में ले जाते हुए उन को अपने सामने खड़ा करके कहती हैं । । राफिया बेगम :- क्या तुम अभी कल रात वाली बातों के बारे में सोच रही हो..... राफिया बेगम की बात सुन कर सिद्रा बेगम उनकी तरफ देखते हुए अपने सर को हां में हिला देती है । जिसे देख कर राफिया बेगम अपनी निगाहों को इधर - उधर घूमा कर पहले ये चेक करती है कि उनकी बात कोई सुन ना रहा हो । इस बात की तसल्ली करने के बाद वो वापस से सिद्रा बेगम की तरफ घूम कर बहुत ही आहिस्ते लफ्जों में कहती हैं । । राफिया बेगम :- देखो सिद्रा मैं जानती हूं तुम्हारे दिमाग में इस वक्त क्या चल रहा है , लेकिन बिना सच्चाई को जाने , या फिर बिना किसी बात की तह तक पहुंचे हम उस बारे में कुछ नहीं कर सकते , और ऐसा भी तो हो सकता है ना की उजाला के जिस अब्बू को हम लोग वो फारूक अहमद समझ रहे हैं , वो वो हो ही ना , वो कोई और हो , एक नाम के बहुत सारे इंसान इस दुनिया में होते हैं..... राफिया बेगम की बात सुन कर सिद्रा बेगम उन की तरफ देख कर उलझे हुए अल्फाजों में कहती हैं । । सिद्रा बेगम :- और अगर वही हुए तो , तो क्या करेंगे भाभी , उजाला के आ जाने से इस घर में कितनी खुशी का माहौल है , ये आपने देखा , असमारा भाभी को इतने सालों बाद मैंने खुल कर हंसते हुए मुस्कुराते हुए देखा है , सिर्फ इस आस में कि उनके अजलांन ने निकाह कर लिया , और उन्हें उजाला जैसी नेक बहू मिली , अम्मी अब्बू सब कितने खुश है , यहां तक कि कल मैंने अजलांन के भी आंखों में उजाला को देख कर चमक देखी है , उसके चेहरे पर एक सुकून देखा है , जो मैंने इन 17 सालों में आज तक अजलांन के चेहरे पर नहीं देखा , अगर उजाला उस फारूक अहमद की बेटी हुई , तो क्या होगा भाभी..... राफिया बेगम सिद्रा बेगम की बात सुन कर उन्हें गहरी नजरों से देखते हुए अपनी गहरी आवाज़ में कहती है । । राफिया बेगम :- कुछ नहीं होगा , तुम्हें क्या लगता है अगर उजाला उन्हीं की बेटी हुई तो क्या ये बात अजलांन को नहीं पता चलेगी , क्या तुमने अजलांन को इतना कमजोर समझा है , पूरे उज्जवल अंपायर का प्रेसिडेंट है वो , तख्ता पलटना जानता है , बड़े - बड़े नेता उसके सामने आकर मदद मांगते हैं , तो तुम्हें क्या लगता है , हमारा अजलांन इतना कमजोर है..... राफिया बेगम की बात सुन कर सिद्रा बेगम बिना कुछ बोले राफिया बेगम के चेहरे पर आए हुए गहरे एक्सप्रेशन को देख रही थी । राफिया बेगम सिद्रा बेगम से आगे कहती हैं । । राफिया बेगम :- और रही बात हमारे परिवार के खुशी की , तो हमारे परिवार की पूरी खुशियों को मैं किसी को भी आग लगाने नहीं दूंगी , सालों पहले ये परिवार पूरी तरीके से टूट कर बिखर चुका था , जिसे मेरे अजलांन ने संभाला था और अब बात उसके खुशियों की है , तो उसकी खुशियों को तो आग लगाने मैं किसी को भी नहीं दूंगी , चाहे वो हमारा परिवार हो खान परिवार हो या अहमद परिवार हो , और तुम भी इस बारे में ज्यादा मत सोचो , जो होगा देखा जाएगा , अभी सभी के साथ सबकी खुशियों में खुश हो जाओ , जो बीत गई वो बात गई..... इतना कह कर राफिया बेगम सिद्रा बेगम की बिना कुछ बात सुन डाइनिंग टेबल की तरफ चली जाती हैं । सिद्रा बेगम भी राफिया बेगम की बातों को ध्यान से सोचते हुए गहरी सांस लेकर छोड़ती है और डायनिंग एरिया की तरफ बढ़ जाती है । । दूसरी तरफ , अजलांन का रूम.... अजलांन का मास्टर बेडरूम वाइट गोल्डन और ग्रे कलर के कांबिनेशन में था । फर्स पर बिछी हुई वाइट टाइल्स के ऊपर हल्की - हल्की ग्रे लकिर की दिजाइन थी । रूम के बीचो - बीच वाइट कलर का बड़ा सा मास्टर बेड रखा हुआ था । उस मास्टर ब्रेड के ऊपर ग्रे पिल्लो कवर लगाए चार पिल्लो रखे हुए थे । बेड पर भी वाइट बेड शीट के ऊपर हाफ बेड पर बहुत ही सलीखे से ग्रे ब्लैंकेट फोल्ड करके रखे हुए थे । बेड के ठीक सामने एक वाइट कलर का बेड काउच रखा हुआ था । जिसके पहिए गोल्डन लड़के थे और बेड के नीचे एक मखमलदार ग्रे कलर का मोटा कालीन बिछा हुआ था । जिसके ऊपर पत्ते बने हुए थे । बेड के क्राउन पर वाइट मार्बल के डिजाइन बने हुए थे और सभी कोनों में गोल्डन वर्क का काम था । बेड के ठीक ऊपर एक गोल्डन झूमर लटका हुआ था । बेड के लेफ्ट और राइट साइड बेड साइड टेबल रखा हुआ था । उस पर भी गोल्डन कलर का लैंप रखा हुआ था । बेड के लेफ्ट तरफ दो सिंगल सोफे लगे हुए थे और एक गोल्डन कलर का कॉफी टेबल रखा हुआ था । बेड के बाई तरफ दूसरा दरवाजा बना हुआ था । जो वॉकिंग क्लोजेट रूम था । वॉकिंग क्लोज इट रूम के अंदर ही लग्जरी बाथरूम भी था । । (किसी को इमेजिनेशन करने में दिक्कत हो रही हो , तो वो WhatsApp Channel पर जाकर बेडरूम का पिक्चर देख सकता है , मैं इस चैप्टर को अपलोड करने के बाद वहीं पर दिखा दूंगी , और क्लोज इट रूम का भी वीडियो WhatsApp Channel में दे दूंगी , ताकि आप लोगों को इमेजिन करने में ज्यादा मजा आए 😁) उजाला इस वक्त अपने रूम में मौजूद अपने पहने हुए कपड़ों को टच करके मुस्कुराते हुए देख रही थी । इस वक्त उजाला ने बहुत ही खूबसूरत वाइट कलर का ड्रेस पहना हुआ था । उस ने वाइट कलर का लॉन्ग कुर्ती के साथ घेरदार शरारा पहना हुआ था । जिसे देख कर वो काफी ज्यादा खुश हो रही थी । वो अपने शरारा और कुर्ती को दोनों हाथों से पकड़े हुए गोल - गोल घूमते हुए काफी खुश थी । तभी क्लोज इट रूम का दरवाजा खुलता है और वाइट कोट पैंट पहने अजलांन बाहर आता है । अजलांन इस वक्त काफी हैंडसम लग रहा था । लेकिन हमारे हैंडसम प्रेसिडेंट की निगाहें तो अपनी क्यूट गर्ल के ऊपर बंध चुकी थी । जो बहुत ही खुश नजर आ रही थी । अजलांन उजाला को कुछ देर देखता है और उजाला की तरफ अपने कदमों को बढ़ा देता है । उजाला अजलान को अपने सामने देख कर खड़े हो जाती है और मुस्कुराते हुए अपनी कत्थई आंखों की पलकों को बार - बार झपकाते हुए उस से पूछती है । । उजाला :- कैसी लग रहे हैं हम , ये कपड़े कितने अच्छे हैं ना , हम इन कपड़ो में कितने अच्छे लग रहे हैं ना...... उजाला अपनी बात करते हुए अपने चेहरे पर चमक लिए अजलांन जवाब का इंतजार कर रही थी । अजलान आगे बढ़ कर उजाला के चेहरे पर आए हुए बाल को बहुत ही इत्मीनान से उस के चांद से चेहरे पर से हटाता है और कहता है । । अजलांन :- बहुत अच्छी लग रही है , लेकिन words में correction है , तुम इन कपड़ो में अच्छी नहीं , बल्कि ये कपड़े तुम पर अच्छे लग रहे हैं..... अजलांन की बात सुन कर उजाला उस को अपनी पलकों को झपका कर देखते हुए अपने सर को हां में हिला देती है । जैसे वो बहुत जरूरी बात समझ गई हो उजाला अजलांन से कहती है । । उजाला :- वो तो हम समझ गए , लेकिन इसका मतलब क्या हुआ..... उजाला की मासूम बातें सुन कर अजलांन के होठों पर ना चाहते हुए भी मुस्कुराहट आ जाती है । अजलांन उजाला के गाल पर अपने हाथों को रख कर उजाला का गाल प्यार से थपथपाते हुए कहता है । । अजलांन :- बहुत जल्द समझ में आ जाएगा , जब तुम ये सब समझने के लायक हो जाओगी , फिलहाल हमें ये बताएं , इसका दुपट्टा कहां है , और अपने बालों को क्यों नहीं सुलझाया...... अजलांन की बात सुन कर उजाला मासूमियत से अजलांन की तरफ देखते हुए थोड़ा मायूस होकर उससे कहती है । । उजाला :- दुपट्टा बार-बार गिर जा रहा है , और ये बाल , ये हमसे सुलझ ही नहीं पा रहा हैं , कुछ समझ ही में नहीं आ रहा है कि क्या करें..... उजाला की बात सुन कर अजलांन अपनी निगाहों को घुमा कर इधर - उधर देखता है । जैसे कुछ ढूंढ रहा हों । फिर उजाला की तरफ देख कर अपने सर को हां में हिला कर कहता है । । अजलांन :- हम्म..... उजाला से सिर्फ इतना कह कर अजलांन उस का हाथ पकड़ कर रूम में ही बेड के सामने रखे काउच पर बैठा देता है । फिर वॉकिंग वार्डरोब के अंदर चला जाता है । कुछ देर में अजलान बाहर आता है । इस वक्त उस के हाथों में एक comb था । अजलांन को comb लाता हुआ देख कर उजाला बस अपनी कत्थई आंखों से टुकुर - टुकुर देख रही थी । अजलांन आगे बढ़ कर उजाला के पीछे खड़ा होता है और उस के बालों को बहुत ही इत्मीनान से सुलझाने लगता है । इस वक्त अजलांन के चेहरे पर कोई भी झुझलाहट या चिढ़ नजर नहीं आ रही थी । वो बहुत ही इत्मीनान और सुकून से उजाला के बालों को सुलझा रहा था । । उजाला भी मुस्कुराते हुए बैठी हुई थी । उजाला के बाल सच में बहुत ही ज्यादा उलझे हुए थे । जिसे अजलांन अच्छे से सुलझा कर comb को अपने हाथों में लिए वापस से वॉकिंग वार्डरोब के अंदर चला जाता है । उजाला तो बस अजलांन को ही देख रही थी । उस के होठों पर हल्की सी मुस्कुराहट आ जाती है और वो अपने सर को ऊपर उठा कर देखते हुए कहती है । । उजाला :- अम्मी अब्बू जैसे आप उजाला के बालों को सुलझाते थे , वैसे ही अमीरी भी उजाला के बालों को सुलझा रहे हैं , हमें बहुत अच्छा लग रहा है , लेकिन डर भी लग रह है कहीं अमीरी हमसे किसी बात पर नाराज ना हो जाए , जैसे आप दोनों हमसे हो गए , अम्मी अब्बू अमीरी को हम बिल्कुल भी नाराज नहीं होने देंगे , I Promise..... ऊपर देखते हुए उजाला अपनी बात कहते हुए अपनी पलकों को बार - बार झपका कर मुस्कुरा देती है । तब तक अजलांन भी आ जाता है । अजलांन के हाथों में इस वक्त एक चमकता हुआ सेपटिपिन था । अजलांन उजाला के पास आकर बेडसाइड पर रखे हुए उजाला के दुपट्टे को उठना है और उजाला की तरफ अपने दूसरे हाथ को बढ़ा देता है । उजाला भी अजलांन की तरफ देख कर मुस्कुरा कर पलके झपकाते हुए अपने हाथों को उस के हाथों में रख देती है । अजलांन उजाला को खड़ा करता है और उस के कंधे पर दुपट्टा रखते हुए उसके दुपट्टे को सलीके से ठीक करके उसमें पिन लगा कर सेट कर देता है । । अजलांन अपने कदमों को पीछे लेते हुए उजाला को थोड़े दूर से देखता है और अपनी निगाहों को उठा कर उजाला के चेहरे की तरफ देखता है । जो अभी भी अपनी पलकों को बार - बार झपका कर मुस्कुराते हुए अजलांन को देख रही थी ।उजाला को इस तरह से मुस्कुराता हुआ देख अजलांन आगे बढ़ता है और बहुत ही शिद्दत से अपने होठों को उजाला के पेशानी पर रख देता है । अजलांन के ऐसा करते ही उजाला की आंखें खुद - ब - खुद बंद हो जाती है । अजलांन भी अपनी आंखों को बंद कर उजाला के पेशानी को अपने होठों पर महसूस करने लगता है । कुछ देर तक ये सुकून महसूस कर अजलांन पीछे होता है और उजाला के चेहरे को देखने लगता है । उजाला भी अपनी निगाहों को खोल कर अजलांन को देखती हैं । अजलांन उस का हाथ पकड़ के कहता है । । अजलांन :- चले सब नीचे इंतजार कर रहे होंगे , ब्रेकफास्ट टेबल पर..... अजलांन के कहने पर उजाला भी अपनी आंखों में चमक लिए अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट लिए अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला देती है । अजलांन उजाला का हाथ पकड़ के रूम के बाहर निकल जाता है । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , मेरा आशियाना..... सभी घर वाले अब तक लिविंग हॉल में मौजूद हो जाते है वो सभी लोग अजलांन और उजाला के आने का इंतजार कर रहे है तभी मैंन गेट से कयान और अयान भी अंदर आते हैं उन दोनों के ही चेहरे को देख कर लग रहा जैसे वो लोग काफी थके हो कयान अयान को आता देख कर असमारा बेगम सोफे से खड़े होकर उन दोनों के ही पास जाती हैं । । असमारा बेगम कयान अयान की तरफ देख कर फिक्र से पूछती है । । "अयान , कयान , बच्चे क्या हुआ आप लोगों के चेहरे से ही देख कर लग रहा है कि आप लोग काफी थके हुए हैं कहां से आ रहे हैं आप दोनों सुबह से हमने आप दोनों को नहीं देखा और अयान आज आप अपने भाई जान के बिना कहां चले गए थे वरना दुनिया इधर की उधर हो जाए बिना भाई जान के तो आप घर से कदम नहीं निकालते" असमारा बेगम की बात सुन कर कयान अयान दोनों ही एक दूसरे को देख कर आंखों से कुछ इशारा करते हैं और वापस से अपनी निगाहों को घुमा कर असमारा बेगम की तरफ देखते हैं अयान आसमारा बेगम को देख कर मुस्कुराते हुए उनके दोनों हाथों को पकड़ के कहता है । । "अम्मी बाहर भाई जान के काम से ही गया था भाई जान ने हीं मुझे जबरदस्ती भेजा था वरना आप तो जानती हैं आपका ये बेटा अपने भाई जान के बिना कहीं नहीं जाता" अयान की बात सुन कर असमारा बेगम अयान के सर को प्यार से सहलाते हुए कहती हैं । । "हर वक्त भाई जान के ही पीछे घूमते हो उनके साथ ही उनके साए के जैसे बने रहते हो कभी अपनी अम्मी के भी साथ रहा करो बच्चे , बाकी बच्चों के जैसे मैं भी चाहती हूं कि तुम और अजलांन मेरे साथ थोड़ा वक्त गुजारो , लेकिन तुम दोनों को तो जैसे काम से फुर्सत ही नहीं है चलो आ जाओ नाश्ता लगने का वक्त हो गया है हम लोग अजलांन और उजाला का इंतजार कर रहे हैं , चलो कयान आज बेटा" असमारा बेगम अयान से कहने के बाद अपनी बात कयान से कहती हैं , वो दोनों ही मुस्कुरा के अपने सर को हां में हिलाते हैं , जिसके बाद असमारा बेगम भी मुस्कुराते हुए वापस से हॉल में आकर सोफे पर बैठ जाती है , कयान अयान को देख कर आंखों से ही कुछ इशारा करता है , जिसे समझ कर अयान भी अपनी पलकों को झपका देता है , फिर वो दोनों ही मुस्कुराते हुए हॉल में बैठ जाते हैं तभी उन लोगों के कानों में उजाला की प्यारी खनकती हुई आवाज सुनाई देती है । । " अस्सलाम वालेकुम , आप लोग कैसे हैं , देखिए हम आ गए आप सब से मिलने" उजाला की आवाज सुन कर सभी लोग अपनी निगाहों को घूमा कर आवाज की तरफ देखते है , उजाला अजलांन के हाथों को पकड़ कर सीढ़ियों से उतरते हुए नीचे ही आ रही थी , उनको आता हुआ देख कर सभी लोग मुस्कुराते हुए अपनी जगह से खड़े हो जाते हैं । । दादी भी अपने सोफे से खड़े होकर मुस्कुराते हुए उजाला के पास जाती है , तब तक उजाला सीढ़ियों से नीचे आ जाती है , दादी उजाला के पास आकर उस का पूरा चेहरा अपने हथेलियां से सहलाते हुए बहुत ही मोहब्बत भरे अल्फाजों में कहती हैं । । "आ गई मेरी बच्ची अरे हम सब आप दोनों का ही तो इंतजार कर रहे थे कितनी प्यारी लग रही है अल्लाह बुरी नजर से बचाए नाश्ता करने के बाद सबसे पहले नजर उतारेंगे" दादी की बात सुन कर बाकी सब भी मुस्कुरा देते हैं , असमारा बेगम भी आगे आकर उजाला के एक गाल पर अपने हाथों को रख कर प्यार से सहलाते हुए कहती हैं । । "हां मम्मी आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं मेरी गुड़िया को किसी की नजर ना लगे देखिए तो ये कपड़ा इसके ऊपर कितना जच रहा है ना , बिल्कुल परी जैसी लग रही है" असमारा बेगम की बात सुन कर उजाला खिलखिला कर हंस देती है , उजाला की खिलखिला भड़ी हंसी सुन कर सभी की निगाहें उजाला के ऊपर ही जम जाती है , अजलांन भी उजाला की शहद जैसी खिलखिलाहट में कुछ वक्त के लिए खो जाता है , तभी वो लोग रयान की बातों से अपनी जहन में आते हैं । । "अस्सलाम वालेकुम भाभी जान , मैं आपका सबसे छोटा और प्यारा सा देवर हूं , रयान दुर्रानी कहते हैं लोग मुझे , आप जो भी चाहे उस नाम से बुला सकती हैं क्योंकि आपके लिए तो सब चलता है आखिर आप है भी तो खुद इतनी प्यारी तो आपका दिया कोई भी नाम प्यार ही होगा" रयान की बात सुन कर सभी लोग रयान की तरफ देख कर अपने सर को ना में हिला देते हैं , अजलांन घूरते हुए रयान को देखने लगता है , उजाला भी अपनी कत्थई की आंखों की घनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए रयान की बातों को सुनती हैं । । शहज़ेब अपने कमर पर हाथ रख कर आगे आता है और अपनी एक हाथ को आगे बढ़ा कर रयान का कंधा थपथपाते हुए कहता है । । "क्या कहा अपने रयान भाई कि आप सबसे छोटे देवर हैं , for your kind information रयान भाई , अगर आप भूल रहे हो तो मैं आपको याद दिल देता हूं कि इस घर में सबसे छोटा मैं हूं , मैं शहज़ेब शादाब दुर्रानी" शहज़ेब की बात सुन कर रयान अपना मुंह बीचकाते हुए शहज़ेब को देखने लगता है , शहज़ेब भी अपने कॉलर को उठा कर उजाला के सामने आता है और मुस्कुराते हुए उजाला से कहता है । । "हेलो भाभी जान सॉरी सॉरी , अस्सलाम वालेकुम , मैं हूं इस घर का सबसे छोटा मेंबर और मेरे बाद आप है इस घर की सबसे छोटी मेंबर क्योंकि आप तो हमारी छोटी सी भाभी जान ना , आप मुझे शहज़ेब भाई कह सकती हैं और हम दोनों मिल कर साथ में बहुत सारी मस्तियां कर सकते हैं पता है क्यों" शहज़ेब की बात सुन कर सभी लोग शहज़ेब को नागवार्गी से देखने लगते है , उजाला की तो आंखों में शहज़ेब को देख कर और उसकी बातों को सुन कर चमक आ जाती हैं , अजलांन भी अपने दोनों हाथों को अपने पीठ पर बांधे हुए शहज़ेब को खा जाने वाली नजरों से घुरने लगता हैं , उजाला शहज़ेब की तरफ देख कर अपने सर को जल्दी - जल्दी ना में हिला देती है , तो वो हंसते हुए उजाला से कहता है । । "अरे क्योंकि आप छोटी सी भाभी जान है ना इसलिए" इतना कह कर शहज़ेब जोर - जोर से हंसने लगता है लेकिन शहज़ेब की बातों पर कोई नहीं हंस हंसता है उजाला की आंखों में शहजेब की बात सुन कर जो चमक कुछ वक़्त पहले आई थी वो चली जाती है उजाला अपने होठों का पाउच बना कर अपनी कत्थई आंखों से शहज़ेब को घूरते हुए कहती है । । "हम छोटी सी भाभी जान नहीं है , हमारा नाम उजाला है और हम बड़ी हैं" उजाला की क्यूटनेस भरी बात सुन कर शहज़ेब का मुह लटक जाता है । बाकी के घर वालों की हंसी निकल जाती है । उजाला के चेहरे का क्यूट एक्सप्रेशन और उसके बोलने का तरीका इस तरीके का था की कोई भी अपनी हंसी रोक नहीं पता और सभी लोग हंसने लगते हैं । शहज़ेब अभी कुछ आगे कहता कि तभी अजलांन उजाला के हाथों को पकड़ कर डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ते हुए अपनी बुलंद आवाज में कहता है । । "बस बहुत हो गया हंसी मजाक अब चल के नाश्ता करते हैं और हमेशा की तरफ आज भी डाइनिंग टेबल पर हमें कोई भी शोर नहीं चाहिए" अजलांन की बात सुन कर और उस का बिहेवियर देख कर सभी लोग एक दूसरे का चेहरा बेयकिनी से देखने लगते हैं । कुछ देर बाद सभी के होठों पर मुस्कुराहट खिल जाती है । पूरी फैमिल डायनिंग एरिया की तरफ बढ़ जाती है । सिवाय शहज़ेब रयान और शादाब साहब के , शादाब साहब रयान और शहज़ेब को देख कर अपने सर को नगा नागवार्गी से हिलाते हुए कहते हैं । । " मना किया था उसके सामने इतना नहीं बोलने के लिए लेकिन तुम दोनों मानते कहां हो सारे प्लान पर पानी फिर जाएगा तुम लोगों की वजह से फिर हम लोग अपनी छोटी सी बहू को अपनी तरफ नहीं कर पाएंगे जब हमारा शेर यहां पर नहीं होगा तभी हम उसकी शेरनी को अपनी तरफ कर पाएंगे , आई बात समझ" शादाब साहब की बात सुन कर रयान और शहज़ेब एक दूसरे का चेहरा देखते हैं । फिर शादाब साहब की तरफ देख कर अपने सर को हां में हिला देते हैं । जिसे देख कर शादाब साहब भी अपने सर को हल्के से मारते हुए आगे बढ़ जाते हैं । उन सबके जाने के बाद रयान और शहज़ेब उस तरफ देखते हैं । जहां पर अजलांन हेड चेयर पर बैठा हुआ हैं और उसकी राइट साइड वाली चेयर पर असमारा बेगम उजाला को बैठा रही है । अजलांन को देखते हुए शहज़ेब रयान एक दूसरे की तरफ देखते हैं और एक साथ रहते हैं । । खडूस भाई जान..... - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , इलाहाबाद से 128.9 km दूर फतेहपुर..... फतेहपुर के एक छोटे से गांव में बना एक सुंदर सा घर । घर दिखने में ज्यादा बड़ा नहीं था । तीन - चार कमरे का बना छोटा मगर बहुत ही खूबसूरत नुमा घर । घर के बाहर दाएं तरफ छोटी सी गार्डनिंग की गई थी । वहीं घर के बाहर बाई तरफ चापा नल लगा हुआ था । जो अक्सर गांव में देखने को मिल जाता है । । घर के बाहर से 56 साल की एक बुजुर्ग खातून अपने एक हाथ में थैला पकड़े आती हैं । उन खातून ने बहुत ही सादे और हल्के नीले रंग के कपड़े पहने हुए थे । कपड़े को देख कर बताया जा सकता हैं कि बार - बार की गई धुलाई की वजह से कपड़े का रंग तक उड़ गया है । वो खातून दूसरे हाथ से अपने दुपट्टे के आंचल से अपने पेशानी पर आ रहे पसीने को पूछते हुए घर के अंदर दाखिल होती हैं । घर के अंदर छोटा सा हॉल में पुराने जमाने के लकड़ी से बना और मोटे प्लास्टिक से बिना हुआ सोफा रखा हुआ था । वो बुजुर्ग खातून अपने हाथों में पकड़े हुए सब्जी के थैले को उस सोफे के सामने लकड़ी के ही टेबल पर रखती है और उस लकड़ी के सोफे पर बैठ कर आवाज देते हुए कहती हैं । । अरे ओ सानिया कहां रह गई , अरे एक गिलास पानी पिला दे और देख मैं सब्जी लिया आई हूं , ला बर्तन और चाकू दे दे काट देती हूं , तो फिर तू चढ़ा देना..... वो खातून अपनी बात कहते हुए गहरी सांस लेती हैं । जब वो खातून देखती है कि सानिया अभी भी उनके आवाज देने पर नहीं आई तो अपनी जगह से उठाते हुए कहती हैं । । अरे करीमन बीवी तुम्हें खुद जाकर देखना पड़ेगा आखिर ये लड़की रह कहां गई..... इतना कह कर करीमन बेगम अपनी जगह से उठ कर किचन की तरफ जाती है । किचन भी बहुत ही मामूली और छोटा सा था । लेकिन किचन में जरूर के हिसाब के सारे सामान मौजूद थे । किचन में भी करीमन बेगम को कोई भी नजर नहीं आता तो वो कुछ सोचते हुए घर के पीछे बने दरवाजे की तरफ चली जाती हैं । वो जब घर के पीछे बने दरवाजे के बाहर आती है । तो अपनी निगाहों को घुमा कर चारों तरफ देखने लगते हैं । । घर के पीछे एक तालाब बना हुआ था । उस तालाब के इर्द - गिर्द बहुत सारे बतक मौजूद थे । तालाब के कुछ दूरी पर भी छोटी सी गार्डनिंग की गई थी । जो वहां पर की खूबसूरती को बढ़ा रही थी । । करीमन बेगम अपनी निगाहों को घुमा के दूसरी तरफ देखती है । तो तालाब के कुछ दूरी पर बने पक्के पर एक 25 साल की लड़की कपड़े को फिच - फिच के धो रही होती हैं । उस लड़की को देख कर करीमन बेगम गहरी सांस लेकर छोड़ती है और आगे बढ़ा कर उस लड़की के बगल में रखे हुए छोटे से लकड़ी के टेबल पर बैठ कर कहती हैं । । करीमन बेगम :- तुझे भी चैन नहीं है , बोला था कुछ देर बैठी रह सब्जी लेकर आऊंगी तो काट कर बना दिया जाएगा , लेकिन उसमें भी तूने एक और काम निकाल लिया , और क्या होता है ये कपड़ा बाद में घुल जाता तो , वैसे भी इन कपड़ों की अब रंगत पूरी तरीके से चली गई है , ये कपड़े अब तेरे ऊपर अच्छे नहीं लगते , अरे मैं तुझसे ही बात कर रही हूं सानिया..... करीमन बेगम की बात खत्म होते ही सानिया अपने सर को उठा कर उन की तरफ देखती हैं । साफ सुथरा चेहरा जिस पर तीखे नैन नक्श उसकी खूबसूरती बढ़ा रहे थे । नाक के दाएं तरफ एक छोटी सी चांदी की बाली कमर तक आते बालों को चोटी गुथे हुए अपने सर पर हल्के से सर्फ का झाग लगाए हुए सानिया बेहद खूबसूरत लग रही थी । काम करते वक्त भी उसने दुपट्टे को अलग नहीं किया था और बहुत ही सलीखे से अपने सर पर ओढ़े हुए बैठी थी । सानिया करीमन बेगम के चेहरे की तरफ देखते हुए मुंह बना कर कहती है । । सानिया :- तो क्या करूं इन कपड़ो को फेंक दूं , अरे कपड़े हैं जब तक चलेंगे चलेंगे , मेरे पास तो फिर भी यह कपड़े हैं उनका सोचो खाला जिनके पास पहनने के लिए दो जोड़े कपड़े नहीं रहते हैं , मेरे पास तो फिर भी अल्लाह ने इतने कपड़े दिए हैं , रंगत खत्म हो गई तो क्या हुआ , शरीर को ढकने के लिए कपड़ों की रंगत की नहीं कपड़ों की जरूरत होती है..... सानिया अपनी बात करीमन बेगम से कह कर वापस से कपड़े को धोने लगती है । जिसे देख कर करीमन बेगम कहती हैं । । करीमन बेगम :- अरे तो कुछ नए कपड़े खरीद ले ना वैसे भी तुझे भी तो मन करता होगा कि बाकी की लड़कियों के जैसा अच्छे - अच्छे और नए - नए कपड़े पहनने को , जहां बचपन से काम करती थी वहां भी उन लोगों ने अच्छे से कपड़ा नहीं दिया हमेशा अपना उतरन ही दिया तो तेरा दिल नहीं कचोटा नए और अच्छे कपड़े पहनने के लिए..... करीमन बेगम की बात सुन कर सानिया अपने हाथ को रोक कर करीमन बेगम की तरफ अपनी निगाहों को घूमा कर एक लंबी गहरी सांस लेकर छोड़ती है और उनसे कहती है । । सानिया :- सबसे बड़ी बात तो ये है खाला कि मैं उनके कोई खानदान की थी नहीं जो वो मुझे नए कपड़े देती , अरे अनाथ थी आपके अनाथ आश्रम से वो मुझे ले गई थी , तो महलों की राजकुमारी बनाती नहीं और जो सच में महलों की राजकुमारी थी उसका तो हश्र बिगड़ के रखती थी पता नहीं उससे मोहब्बत कैसे नहीं हुई उन लोगो को वो तो इतनी मासूम है कि मुझ जैसी अनाथ को भी अपने पास अपने साथ रखती थी जो खुद पहनती थी मुझे देती थी एक अलग सा लगाओ होने लगा था उससे जैसे वो मेरी छोटी बहन है और उसने भी हमें हमेशा मुझे अपनी बड़ी बहन माना , जब पता चल गया कि उनके सजा देने पर भी मैं उसे खाना देती हूं तो मुझे घर से निकल बाहर किया वो तो अच्छा हुआ कि उसके हॉस्पिटल जाने की खबर मुझे मिल गई और मैं अस्पताल में ही काम कर रही अपनी पुरानी सहेली जो उस अस्पताल में नर्स थी उसे कह कर उसे भगवाने में मदद की , अब वो कल तक यहां मेरे साथ होगी , तो उसके लिए भी तो पैसे जमा कर रखना हैं ना खाला, क्योंकि भले ही मेरा खून का रिश्ता नहीं पर दिल का रिश्ता है , आज तक उसने मुझे अपनी बड़ी बहन मान कर मुझे हर वो चीज देने की कोशिश की जो उसके पास थी , तो मैं भी तो उसे छोटी बहन मानती हूं ना , तो उसके आगे के मुस्तकबिल (फ्यूचर) के लिए कुछ तो पैसे जमा करने पड़ेंगे खाला , आखिर उसके मुस्तकबिल का सवाल है..... करीमन बेगम से इतना कह कर सानिया मुस्कुराते हुए उन की तरफ देखती है और वापस से कपड़े धोने जुट जाती है । करीमन बेगम भी मुस्कुराते हुए सानिया के सर पर अपने हाथों को फेरा कर चुप हो जाती है । फिर कुछ सोच कर करीमन बेगम सानिया से कहती है । । करीमन बेगम :- वैसे सानिया मुझे एक बात बता , तू तो कह रही थी कि उसके दूसरे भी खाँदान वाले हैं , जिन्हें आज तक ये लगता है कि वो बच्ची अब इस दुनिया में नहीं है , वो अपने वालदैन के साथ ही इस दुनिया को छोड़ कर चली गई , तो तू उनके पास उसे अपने साथ क्यों नहीं ले जाती , और उन्हें सच क्यों नहीं बता देती..... करीमन बेगम की बात सुन कर सानिया के हाथ एक बार फिर से रुक जाते हैं और सानिया गहरी सोच में डूब जाती है । करीमन बेगम भी सानिया के चेहरे की तरफ देखते हुए सानिया के बोलने का इंतजार कर रही थी । सानिया कुछ वक्त तक सोचने के बाद कहीं खोए हुए अंदाज में ही करीमन बेगम से कहती है । । सानिया :- नहीं खाला ये दुनिया बहुत ही मतलबी है यहां दौलत के लिए रिश्ते रिश्ते नहीं रहते दौलत में इंसान इस कदर अंधा हो चुका है कि अपनों के मारने की प्लानिंग बनाता है अपनों को जलील करता है दौलत का गुरूर बहुत खराब है खाला कभी - कभी सोचती हूं कि अच्छा ही हुआ कि खुदा ने हमें दौलतमंद नहीं बनाया वरना हमें भी उसका गुरुर हो जाता और हम गुनाह करने से पहले खुदा का खौफन नही खाते , खाला मैं ऐसी जिंदगी में बहुत खुश हूं जहां मुझे दौलत तो नहीं मिला लेकिन दौलत के नाम पर बहुत अनमोल रिश्ते मिल गए जैसे मेरी उजाला और तुम.... इतना कह कर सानिया वापस से करीमन बेगम की तरफ देखती है । करीमन बेगम भी मुस्कुराते हुए सानिया के सर पर अपने हाथों को फिरा कर प्यार से सानिया से कहती हैं । । करीमन बेगम :- मुझे भी तो तू मिली वरना मुझ जैसी बेऔलाद को कौन पूछने वाला था मैंने तो बस एक बार तेरी मदद की थी तेरे अपनों को छोड़ जाने के बाद तुझे उस अनाथ आश्रम में रखा था जिसमें मैं खुद खाना बनाने का काम करती थी , लेकिन जब वहां से निकलना पड़ा तो तू ही मेरा सहारा बनी और मेरी बेटी बन कर आज मेरे साथ है और सच्ची कहा तूने दौलत का गुरूर इंसान बहुत करता है , लेकिन वो इंसान ये भूल जाता है कि जिस तरह इंसान खाली हाथ इस दुनिया में आया है उस तरह इस दुनिया से भी खाली हाथ जाना है और जिस मिट्टी से वो बना हैं उसी मिट्टी में दफन हो जाना हैं , पर दुनिया में रहते हुए दौलत की इतनी लालच हो जाती है कि मां - बाप भाई बहन कोई किसी का सगा नहीं होता , सारा रिश्ता खत्म कर देता है ये दौलत का गरूर जबकि इंसान ये जनता हैं की जमीन के लालच रखने वाले को कबर में यही जमीन दबाती है...... करीमन बेगम की बात सुन कर सानिया अपने सर को हां में हिलाते हुए करीमन बेगम से कहती है । । सानिया :- हां खाला और इसीलिए जैसे ही उसके दूसरे खानदान वालों का पता चलेगा सबसे पहले तो मैं उनके जांच पड़ताल करवाऊंगी , अगर वो लोग इस तरीके के लालची ना हुए तभी मैं उनके पास उजाला को लेकर आऊंगी , वैसे भी आज शाम तक या कल सुबह तक नेहा उजाला को अपने साथ लेकर यहां आ जाएगी , फोन नहीं लग रहा उसका सायद नेटवर्क प्रॉब्लम होगी , वरना पूछ लेते की आज आएगी या कल सुबह..... इतना कह कर सानिया मुस्कुराते हुए वापस से कपड़े को धोने लगती है । करीमन बेगम भी मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में हिलती है । तभी करीमन बेगम की नजरे सानिया के पहने हुए कपड़े पर जाती है । करीमन बेगम देखती हैं कि सानिया ने जो प्लाजो पहना हुआ हैं । उसकी एरिया के पास का कपड़ा थोड़ा - थोड़ा फट चुका था । लेकिन सानिया ने फिर भी उस कपड़े को बहुत ही बारीकी से सुई धागा से सिल लिया था । जिसे देख कर करीमन बेगम सानिया से कहती हैं । । करीमन बेगम :- अरे देख ये कपड़ा भी तेरा फट गया , मैं मानती हूं कि तू उजाला के मुस्तकबिल के लिए और आगे आने वाली जिंदगी के लिए पैसे बचना चाह रही है , लेकिन इसका मतलब ये थोड़ी की खुद फटे कपड़े पहन के रहेगी और वैसे भी मैंने भी तो बहुत सारे पैसे बचा कर रखे हैं तो वो पैसे कहां जाएंगे तेरा और उजाला के सिवा मेरा कौन है , तो तुम ही दोनों के मुस्तकबिल के लिए लगेंगे ना , और तूने भी बहुत पैसे बचा के रखे हैं , मुझे पता है कम पैसे नहीं कमाए तूने , तो इतना पैसा बचा के क्या करेगी कहीं ऐसा तो नहीं उजाला के मुस्तकबिल के साथ - साथ तू वो पैसे अपने दहेज के लिए जमा कर रही है... इतना कह कर करीमन बेगम हंसने लगती हैं । करीमन बेगम की बात सुन कर सानिया कपड़ा छोड़ कर करीमन बेगम की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए करीमन बेगम से कहती है । । सानिया :- नहीं खाला ये तुमने गलत सोचा , मैं वो पैसे अपने दहेज के लिए नहीं किसी और काम के लिए जमा कर रही हूं..... सानिया की बात सुन कर करीमन बेगम भी सानिया की तरफ बहुत ही दिलचस्पी से देखते हुए पूछती हैं । । करीमन बेगम :- अच्छा तो और किस चीज के लिए जमा कर रही है , जरा मैं भी तो सुनू.... करीमन बेगम की बात सुन सानिया करीमन बेगम की तरफ देख कर अपनी आंखों को गोल - गोल घूमते हुए करीमन बेगम से कहती है । । सानिया :- वो क्या है ना खाला की आपके सिवा मेरा हैं ही कौन तो मैं सोच रही हूं कि पैसा ज्यादा जमा कर लूं , ताकि आपके मरने के बाद आपका बड़ा सा मजार बनाऊ , कसम से खाला हर जुम्मेरात (thursday) और जुम्मे (friday) के दिन आकर तुम्हारे मजार पर चादर चढ़ाऊंगी और अगल - बगल वालों को जमा करके खुद बैठ कर कव्वाली भी गाउंगी... इतना कह कर सानिया अपने दोनों हाथों को पीटते हुए ताली बजाकर गाना शुरू करती है । । सानिया :- होहो मेरी खाला तो थी बहुत अच्छी थी , मेरी खाला तो बहुत अच्छी , लेकिन वो अल्लाह को प्यारी हो गई , लेकिन वो अल्लाह को प्यारी हो गई , मेरी खाला की बात ना पूछो , मेरी खाला की बात ना पूछो , मेरी खाल तो मतवाली थी , मेरी खाला तो मतवाली थी, ओ खाला ओ खाला..... सानिया की बात सुन कर करीमन बेगम एक हाथ सानिया के कंधे पर मारते हुए कहती हैं । । करीमन बेगम :- बक , पागल काम कर अपना जब देखो तब उटपटन की फालतू बातों में लग जाती है.... इतना कह कर करीमन बेगम उठने लगती है और सानिया हंस देती है । करीमन बेगम उठ कर घर के अंदर की तरफ जाने लगती है । तभी सानिया चिल्लाते हुए पीछे से करीमन बेगम से पूछता है । । सानिया :- अरे खाला जाने से पहले ये तो बता दो तुम्हारा जो मजार बनेगा उसमें टाइल्स लगवाऊंगी या फिर मार्बल.... जाती हुई करीमन बेगम अपने हाथों को गोल - गोल नचाते हुए आगे बढ़ कर सानिया से कहती हैं । । करीमन बेगम :- अरे सपने सजाती रह , इतनी जल्दी नहीं मारूंगी मैं बहुत सख्त जान हूँ अल्लाह इतना जल्दी नहीं उठाएगे मुझे बड़ी आई मेरा मजार बनवाने वाली , चल जा कपड़ा धो अपना मैं चली खाना बनाने , जब देखो तब मेरे मरने की बात करती रहती है और मजार बनाने की , पागल कहीं की.... करीमन बेगम बुदबुदाते हुए घर के अंदर चली जाती हैं । वहीं सानिया हंसते हुए अपने सर को ना में हिला कर वापस से कपड़े धोने लग जाती है । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
अब आगे , मेरा आशियाना..... अजलांन ऑफिस जा चुका था । उसका काम ही ऐसा था कि वो ज्यादा दिन तक घर पर नहीं रह सकता । इस वक्त उजाला लिविंग हॉल में दादू दादी राफिया बेगम असमारा बेगम और सिद्रा बेगम के साथ बैठी हुई थी । माहिन भी उजाला के ही बगल में बैठे हुए थे । कयान और शादाब साहब हॉस्पिटल जा चुके थे । लेकिन सिद्रा बेगम और माहीन ने आज छुट्टी ले ली थी । उजाला बस मुस्कुराते हुए असमारा बेगम दादी और राफिया बेगम की बात सुन रही थी । तभी माहीन ने अपनी जगह से उठती है और उजाला के हाथों को पकड़ के उसे भी उठाते हुए कहती है । । माहीन :- भाभी जान आप यहां पर बोर हो रही हैं चलिए हम लोग शहज़ेब के रूम में चलते हैं वहीं पर रियान भी मौजूद है हम लोग वहां पर कोई गेम खेला जाएगा.... इतना कह कर माहीन अपनी निगाहों को घुमा कर दादू दादी की तरफ देख कर कहती है । । माहीन :- नानू नानी मैं जाऊं भाभी जान को लेकर... माहीन की बात सुन कर दादी मुस्कुराते हुए कहती हैं । । दादी :- अरे हां बिल्कुल वैसे भी बच्ची हम लोगों के बीच में बोर ही हो रही है हम लोग तो कल के फंक्शन के बारे में बात कर रहे हैं तू ले जा बेटा.... दादी की बात सुन कर माहीन भी मुस्कुराते हुए अपने सर को हां में सर हिला कर उजाला को चलने के लिए कहती है । लेकिन उजाला अपनी जगह पर रूक कर असमारा बेगम की तरफ देख कर अपनी कत्थई आंखों की पलकों को बार - बार झपकाते हुए मासूमियत से पूछती है । । उजाला :- अम्मी हम जाए माहीन अप्पी के साथ... उजाला की बात सुन कर सबके होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट आ जाती है । असमारा बेगम के भी होठों पर मुस्कुराहट के साथ आंखों में नमी आ जाती है । वो भी अपना जगह से उठ कर उजाला के सर को प्यार से सहलाते हुए अपने सर को हां में हिला कर कहती हैं । । असमारा बेगम :- हां बेटा जाओ यहां पर वैसे भी तुम्हारा दिल नहीं लग रहा होगा ना थोड़ी देर में जब लंच बन कर तैयार होगा तो हम तुम सब को बुला लेंगे.... असमारा बेगम की बात सुन कर उजाला अपने होठों पर बड़ी सी मुस्कुराहट ला कर अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला देती है । फिर माहीन की तरफ देख कर मुस्कुरा कर अपनी पलकों को दो - तीन बार झपका देती है । जिसे देख कर माहीन को उजाला पर बहुत ही ज्यादा प्यार आ रहा था । माहीन उजाला के गाल को हल्का सा खींचते हुए कहती है । । माहीन :- ओह , भाभी जान यू आर सो क्यूट.... माहीन के गाल खींचने पर उजाला के गाल टमाटर की तरह लाल पड़ जाते हैं । उजाला अपने होठों का पाउट बनाते हुए अपने गालों को सहलाने लगती है । उजाला के लाल गाल देख कर सिद्रा बेगम माहीन के कमर पर मारते हुए कहती हैं । । सिद्रा बेगम :- क्या जरूरत थी इतना कस के उसकी गाल खींचने की देखो पूरा बच्ची क्या चेहरा लाल कर दिया.... सिद्रा बेगम की बात सुन कर माहीन अपने कमर को सहलाते हुए अपने सर को घूमा कर उजाला की तरफ देख कर कहती है । । माहीन :- सॉरी अम्मी.... फिर अपनी नजरों को घूमा कर माहीन उजाला की तरफ देख कर मायूसी से कहती है । । माहीन :- सॉरी भाभी जान मुझे नहीं पता था कि आपके गाल सिर्फ हल्के से पकड़ने पर इतने लाल हो जाएंगे सो सॉरी.... माहीन की बात सुन कर उजाला मुस्कुराते हुए कहती है । । उजाला :- कोई बात नहीं माहीन अप्पी आपको नहीं पता था आपसे गलती हो गई गलती के लिए आपने सॉरी भी बोल दिया आपको मायूस होने की जरूरत नहीं है हम आपसे बिल्कुल भी नाराज नहीं होंगे... उजाला की बात सुन कर सब लोग मुस्कुराने लगते हैं । असमारा बेगम जल्दी से उठ कर उजाला के गालों को सहलाने लगती हैं । जिसे देख कर उजाला मुस्कुराते हुए उन्हें कहती है । । उजाला :- अम्मी अब हम ठीक हैं आप फिकर मत करें ये थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा.... उजाला की बात सुन कर असमारा बेगम मुस्कुरा कर उजाला की तरफ देखती हैं । फिर अपनी निगाहों को घुमा कर सिद्रा बेगम की तरफ देखते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- ये ठीक तो हो जाएगा ना देखो ना बच्ची का चेहरा किस तरह से लाल पड़ गया है कोई दवा की जरूरत पड़ेगी तो लगा देते हैं.... असमारा बेगम की फिक्र देख कर सभी लोग मुस्कुरा देते हैं । सिद्रा बेगम कुछ कहती कि तभी राफिया बेगम मुस्कुराते हुए असमारा बेगम से कहती हैं । । राफिया बेगम :- भाभी जान Don't worry उजाला का रंग इतना ज्यादा गोरा है और उसकी स्किन सेंसिटिव है इसलिए इतना लाल हो गया है वरना घबराने की कोई बात नहीं है.... असमारा बेगम राफिया बेगम की बात सुन कर उनकी तरफ अपनी निगाहों को घुमा कर कहती हैं । । असमारा बेगम :- पक्का ना कोई घबराने की बात नहीं है... राफिया बेगम मुस्कुराते हुए असमारा बेगम को देख कर अपने सर को हां में हिला देती हैं । उजाला भी असमारा बेगम की तरफ देख कर अपनी पलकों को बार - बार झपकाते हुए कहती है । । उजाला :- अम्मी आप फिक्र मत कीजिए हमें दर्द भी नहीं हो रहा है सच्ची में.... असमारा बेगम मुस्कुराते हुए उजाला को देखती हैं और आगे बढ़ कर उसके पेशानी को प्यार से चूम लेती हैं । उजाला भी मुस्कुराते हुए असमारा बेगम को देख रही थी । उसके बाद राफिया बेगम उजाला को जाने का इशारा कर देती हैं । माहीन उजाला का हाथ पकड़ के सीढ़ियों से होते हुए ऊपर की तरफ बढ़ जाती है । असमारा बेगम भी नीचे में सबके साथ वापस से बैठ कर बातों में लग जाती हैं । । शहज़ेब का रूम..... इस वक्त शहज़ेब और रयान रूम में लगे बड़े से किंग साइज बेड पर बैठे हुए सामने एलइडी टीवी पर चल रही मूवी देख रहे थे । । शहज़ेब के रूम में बीचो - बीच एक बड़ा सा किंग साइज बेड था । रूम के दाएं तरफ बालकनी खुलती थी । रूम के बाएं तरफ वॉकिंग वार्डरोब के साथ वॉशरूम था । बेड के ठीक सामने 98 inch Ultra HD LED टीवी लगी हुई थी । उसके नीचे टीवी सेटअप किया गया था और वहीं पर पूरा गेम का सेटिंग था । उसके थोड़ी दूरी पर काउच और टेबल भी रखा हुआ था । । अभी शहज़ेब और रयान पूरी तरीके से टीवी देखने में मशरूफ थे । तभी उन लोगों के रूम का दरवाजा धीरे से खुलता है और माहीन उजाला के साथ अंदर आती हैं । उजाला तो अपनी निगाहों को घुमा कर टीवी की तरफ टुकुर - टुकुर देखते लगी थी । माहीन अपने दोनों कमर पर हाथ रख कर शहज़ेब और रयान को घुर कर देखते हुए कहती है । । माहीन :- अच्छा तो यहां पर पढ़ाई के बहाने टीवी देखा जा रहा है मुझे तो पहले से ही पता था कि यहां कोई पढ़ाई वढ़ाई नहीं चलने वाली यहां पर या तो वीडियो गेम चल रहा होगा या फिर टीवी और देखो मेरा सक सही निकला आज तो मैं भाई जान को बात कर रहूंगी.... माहीन की बात सुन कर शहज़ेब और रयान हड़बड़ा जाते हैं । वो दोनों ही अपनी निगाहों को घुमा कर गेट की तरफ देखते हैं । जहां पर माहीन और उजाला खड़े हुए थे । माहीन तो उन दोनों को ही घुर कर देख रही थी । लेकिन उजाला तो टीवी की तरफ देख रही थी । माहीन को अपने सामने खड़ा देख शहज़ेब और रयान जल्दी - जल्दी टीवी का रिमोट ढूंढने लगते हैं । जिसे देख कर माहीन आगे आते हुए कहती है । । माहीन :- ये सब नाटक करने की अब जरूरत नहीं है मैंने ऑलरेडी तुम लोगों को टीवी देखते हुए देख लिया है , तो इसलिए शांत रहो और देखो भाभी जान को मैं अपने साथ लेकर आई हूं ताकि हम सब लोग साथ में बैठ सके और अब जब मूवी चल रहा है तो चलने दो , और अब तुम दोनों साइड हटो तो क्योंकि बेड पर सिर्फ मैं और भाभी जान ही बैठेंगे..... माहीन की बात सुन कर शहज़ेब और रयान जल्दी से बेड पर से कूद कर उतर जाते हैं । क्योंकि वो दोनों भी जान रहे थे अगर उन्होंने माहीन की बात मानने से इनकार कर दिया तो वो कोई ना कोई पैत्रा लगा कर अजलांन को ये बता देगी कि वो दोनों पढ़ाई के टाइम पर टीवी पर मूवी चला कर देख रहे थे । शहज़ेब बेड से उतर कर अपने दांतों को फारते हुए माहीन को देख कर कहता है । । शाहदेव :- अरे मेरी खूबसूरत हसीन बहन ये बेड क्या ये पूरा का पूरा कमरा ही तुम्हारा है आओ आओ बैठो.... शहज़ेब अपने दांतों को चमकाते हुए माहीन को देख रहा था । रयान भी अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला देता है ।लेकिन माहीन शहज़ेब और रयान को अपनी तीखी नजरों से घूरे जा रही थी । जिसे देख कर शहज़ेब बातों को बदलते हुए जल्दी से अपनी निगाहों को घुमा कर उजाला की तरफ देख कर कहता है । । शहज़ेब :- और हमारी छोटी सी भाभी जान हमारे इस छोटे से आशियाने में आई इससे बड़ी बात क्या हो सकती है आए छोटी सी भाभी जान आए बैठिए.... शहज़ेब के कहने पर उजाला अपनी निगाहों को घूमा कर शहज़ेब की तरफ देख कर अपने होठों का पाउंड बना कर कहती है । । उजाला :- हम छोटी सी भाभी जान नहीं है , हम बड़ी हैं.... उजाला की बात सुन कर शहज़ेब मुस्कुराते हुए उजाला के पास जाकर कहता है । । शहज़ेब :- लेकिन आप हम सबसे छोटी तो हैं , तो हुई ना आप हमारे लिए छोटी सी भाभी जान , वो सब छोड़िए आप आए यहां बेड पर बैठिए और बताइए कुछ खाएगा हम अभी इंटरकॉम से मुलाजिम से मंगवा देते हैं.... शहज़ेब की बात सुन कर उजाला उसकी तरफ देखते हुए अपने सर को ना में हिला देती है । फिर माहीन की तरफ देखती है । तो माहीन उजाला की हाथ पकड़ कर शहज़ेब के बेड पर पसरते हुए उजाला को बैठा कर कहती है । । माहीन :- अरे भाभी जान बैठिए ये लोग तो है ही पागल इनकी बातों को छोड़िए और आप बताइए आप ये मूवी देखिएगा या कोई दूसरा लगा दूं... माहीन की बात सुन कर उजाला टीवी की तरफ अपनी निगाहों को घुमा कर अपनी चहकती हुई आवाज में कहती है । । उजाला :- नहीं नहीं हम यही मूवी देखेंगे ये देखने से अच्छी लग रही है माहीन अप्पी आप दूसरा मत लगाइए.... माहीन भी उजाला की बात सुन कर अपने सर को हां में हिला कर टीवी देखने लगती है । शहज़ेब और रयान एक दूसरी के तरफ देख करके गहरी सांस लेकर छोड़ते हैं । तभी उन दोनों की ही निगाहें काउच पर जाती है । वो दोनों ही एक दूसरे को देख कर काउच की तरफ दौड़ जाते हैं । शहज़ेब अभी काउच तक पहुंच पाता उससे पहले ही रयान काउच पर बैठ कर पूरी तरीके से पसएते हुए कहता है । । रयान :- चल जा तू सोफे पर बैठ मैं यहीं पर लेटूगा.... रयान को सोफे पर पसरते हुए देख कर शहज़ेब का मुंह बन जाता है और वो अपने पैर को पटकते हुए सोफे पर जाकर बैठ जाता है । वो चारों ही मूवी देख रहे थे । तभी मूवी में एक रोमांटिक सीन आता है और हीरो अपनी हीरोइन को किस करने लगता है । जिसे देख कर माहीन के गाल शर्म से लाल हो जाते हैं और वो अपनी निगाहों को इधर - उधर घूमाने लगती है । । शहज़ेब रयान भी एक दूसरे को देखते हैं । फिर उजाला और माहीन की तरफ देखते हुए अनजान बनने की कोशिश करने लगते हैं । लेकिन हमारी उजाला वो तो बहुत ही ध्यान से पूरे मूवी को देख रही थी । उजाला अपनी कत्थई आंखों को टीवी के ऊपर गराए हुए हर एक सीन को देख रही थी । माहीन जब देखती है कि वो सीन अभी खत्म नहीं होगा । तो जल्दी से रिमोट उठा कर टीवी बंद कर देती है । । टीवी बंद होते ही उजाला अपनी निगाहों को घूमा कर माहीन की तरफ देख कर मायूसी से कहती है । । उजाला :- माहीन अप्पी अपने टीवी क्यों बंद कर दिया कितनी अच्छा तो मूवी हैं.... उजाला की बात सुन कर माहीन अपने जुबान को अपने होठों पर फिराते हुए कुछ सोचती है । फिर उजाला की तरफ देख कर कहती है । । माहीन :- नहीं नहीं भाभी जान वो ना मूवी बिल्कुल भी अच्छी नहीं हैं पता है आखिरी में क्या होगा हीरो हीरोइन का एक बेटा होगा और बाद में हीरोइन मर जाएगी और उसी के गम में हीरो भी मर जाएगा इसलिए वो फिल्म बिल्कुल भी अच्छी मूवी नहीं है... माहीन की बात सुन कर उजाला माहीन की तरफ देखते हुए अपने सर को जल्दी - जल्दी हां में हिला देती है । जैसे वो माहीन की सभी बात समझ गई हो । उजाला माहीन की तरफ देखते हुए कहती है । । उजाला :- लेकिन उन दोनों का बेटा कैसे होगा और वो लोग अभी क्या कर रहे थे.... उजाला की बात सुन कर माहीन को समझ ही में नहीं आ रहा था कि वो उजाला की बातों का क्या जवाब दे वो अपनी निगाहों को घूमा कर शहज़ेब और रयान की तरफ घूर कर देखने लगती है । जो खुद अनजान बनने की कोशिश करते हुए अपने मोबाइल में पूरी तरीके से अपने सर को घुसा कर बैठ चुके थे । उन दोनों को देख कर माहीन अपने दांतों को किटकिटाती है । फिर अपनी निगाहों को घूमा कर उजाला की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए कहती है । । माहीन :- वो भाभी जान अभी जो वो लोग कर रहे थे ना उसको किस कहते हैं , और और उनके किस करने की वजह से ना उवो जो लड़की हैं वो लड़की प्रेग्नेंट हो जाएगी और उन दोनों को एक बेटा हो जाएगा.... माहीन की बात सुन कर उजाला बहुत ही ध्यान से माहीन की तरफ देख कर अपने सर को हां में हिला देती है और अपनी पलकों को झपकाते हुए कुछ सोचने लगती है । उजाला को खामोश देख कर माहीन शहज़ेब और रयान भी गहरी सांस लेकर छोड़ते हैं । रयान काउच पर अच्छे से बैठ कर बगल में रखे टेबल पर से कोल्ड ड्रिंक का ग्लास उठा कर पीते हुए गहरी सांस लेता है । शहज़ेब भी आकर रयान के बगल में बैठ जाता है । तभी उन लोगों के कानों में उजाला की आवाज सुनाई देती है । उजाला माहीन की तरफ बहुत ही संजीदा चेहरे के साथ देखते हुए कहती है । । उजाला :- माहीन अप्पी आपको पता है हम प्रेग्नेंट है और हमें भी बेटा होने वाला है..... उजाला की बात सुन कर माहीन की निगाहें बेयकीनी से बाहर आने को तैयार थी । वहीं रयान जो दूसरा कोल्डिंग का सिप ले रहा था । उसके मुंह से कोल्ड ड्रिंक फव्वारे की तरह निकल कर पूरा शहज़ेब के ऊपर गिर जाता है और वो बुरी तरीके से खासने लगता है । शहज़ेब भी अपने मुंह को हैरानी से खोले हुए और आंखों को बेयकीनी से बड़ा किए हुए उजाला के चेहरे को देखने लगता हैं । उन तीनों का ही एक्सप्रेशन इस वक्त किसी सदमे से काम नहीं था । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇
Chapter 16 अब आगे , इलाहाबाद , उज्जवल अंपायर.... उज्जवल अंपायर का 40 मंजिला बिल्डिंग पूरा शीशे का बना हुआ था । इस अंपायर में काम करने के लिए आपके पास बहुत ही अच्छा एजुकेशन और टैलेंट होना चाहिए बहुत ही दूर - दूर से लोग इस अंपायर में काम करने का सपना देख कर यहां आते हैं । क्योंकि उन्हें भी पता है उज्जवल अंपायर में Job मतलब उनकी जिंदगी सवार जाना । क्योंकि यहां पर पैकेज के साथ हर तरीके की फैसिलिटी मिलती है । उज्जवल अंपायर खास कर लड़कियों के लिए काफी ज्यादा फैसिलिटी प्रोवाइड करती है और उनकी सिक्योरिटी का पूरा ध्यान रखती है । लड़कियां यहां खुल कर काम कर सकती हैं । यहां किसी भी एंपलॉयर के साथ भेदभाव बिल्कुल भी नहीं किया जाता । इसलिए सभी इस अंपायर का हिस्सा बनने के लिए यहां अपनी किस्मत आजमाने जरूर आते हैं । बड़े - बड़े बिजनेसमैन भी उज्जवल अंपायर के साथ Collab करना चाहते हैं । या किसी प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं । ताकि इस अंपायर के नाम से उनकी कंपनी आसमान छू सके और इन सब से बड़ी बात अगर वो लोग उज्जवल अंपायर के साथ जुड़ेंगे तो कहीं ना कहीं अजलांन दुर्रानी से उनका कनेक्शन अच्छा बना रहेगा जिसे हर कोई चाहता था । । उज्जवल अंपायर के सबसे ऊपर 40 से फ्लोर पर बना बड़ा सा प्रेसिडेंट केबिन । उस केबिन के डोर पर बड़े - बड़े हर्फ़ में लिखा होता हैं । "President Of Ujjwal Empire Azlaan Asmara Durrani " ये केबिन बहुत ही बड़ा और लग्जरियस हैं । केबिन के एक साइड मे काउच सोफे और टेबल मौजूद हैं । केबिन के अंदर एक और गेट हैं जो अजलांन का Private रूम हैं । केबिन में तरह - तरह के एंटीक पीस भी मौजूद हैं । पूरे केबिन का कलर कांबिनेशन वाइट और ग्रे में मिक्स है । इसके साथ ही इस केबिन के बीचो - बीच एक बड़ा सा टेबल मौजूद हैं । जिस के क्राउन जैसे चेयर पर अजलांन किसी शहंशाह की तरह बैठा हुआ हैं और अपनी हाथो में पकरी हुई फाइलों में पूरी तरह से मसरूफ (Busy) हैं । अजलांन इस वक्त जी चेयर पर बैठा हुआ हैं उसके ठीक पीछे बड़ा सा ग्लास विंडो हैं । जो विंडो कम और ग्लास वॉल ज्यादा लग रहा हैं । उस ग्लास वॉल से पूरा इलाहाबाद शहर आप देख सकते हैं । । अजलांन के बड़े से टेबल के ठीक सामने लगे चेयर पर अयान बैठा हुआ किसी दूसरे फाइल को रीड करने में मसरूफ हैं । अजलांन अपनी फाइल को रीड करते हुए अयान से कहता है । । अजलांन :- अयान उनका क्या हुआ.... अजलांन की बात सुन कर अयान अपनी निगाहों को उठा कर अजलांन की तरफ देखा है और अपने होठों पर एक तिरछी मुस्कुराहट लाकर कहता है । । अयान :- भाई जान आज ही सुबह में जैसे ही हमें खबर मिली हमने अपना काम करना शुरू कर दिया है वैसे तो वो आशियांना के लिए निकल चुके थे लेकिन जैसे ही उन्हें उनकी गिरते हुए स्टॉक और उनके हवेली पर अचानक से पड़े income tax की raid परने से पूरी तरीके से बौखला चुके हैं और अभी बैक टू बैक स्टॉक गिरने और income tax raid परने की वजह से वो कुछ भी समझने में नाकाम है , जैसे आपने कहा था बिल्कुल वैसा ही हो रहा है..... अयान की बात सुन कर अजलांन अपनी निगाहों को फाइल में बरकरार किए हुए ही अपने सर को हां में हिला कर कहता है । । अजलांन :- हम्म..... अयान भी वापस से अपने कामों में लग जाता है । तभी अजलांन के केबिन का डोर नॉक होता है । जिसे सुन कर अजलांन अपनी बुलंद और भारी आवाज में कहता है । । अजलांन :- Come In..... अजलांन की परमिशन मिलते ही केबिन का डोर ओपन होता है । इसी के साथ इजहान और जयान केबिन के अंदर तशरीफ लाते हैं । उन दोनों को एक साथ आता देख अयान अपनी निगाहों को उठा कर उन दोनों की तरफ देखा है और कहता है । । अयान :- इजहान भाई आप यहां आपकी तो मीट्टिंग थी ना और जयान भी यहां पर हैं लगता है कुछ जरूरी मसलों पर बात करना है.... अयान की बात सुन कर इजहान आगे बढ़ता है और अयान के कंधे पर हाथ रख कर कहता हैं । । इजहान :- मीट्टिंग हो गई..... इतना कह कर इजहान अपनी निगाहों को घुमा कर अजलांन की तरफ देख कर कहता है । । इजहान :- और बात तो करना है , लेकिन हमें नहीं किसी और को.... इजहान की बात सुन कर अयान ना समझी में उसकी तरफ देखता है । इसी के साथ अजलांन भी अपनी निगाहों को उठा कर अपने दोनों आइब्रो को आपस में जोड़ कर इजहान और जयान की तरफ मुखातिब होता है । जिसे देख कर इजहान जयान की तरफ देख कर कुछ इशारा करता है और वो समझ कर अपने सर को हां में हिला कर अजलांन की तरफ मुखातिब होकर कहता है । । जयान :- वो भाई जान दादू का फोन आया था वो कह रहे थे कि आप फौरन से फौरन घर पहुंचे..... जयान की बात सुन कर अजलांन अपने भारी वॉइस में कहता है । । अजलांन :- लेकिन उन्होंने मुझे तो फोन नहीं किया और दादू ने कब से तुम दोनों को अपना postman बना लिया. अजलांन की बात सुन कर इजहान और जयान एक दूसरे का चेहरा देखने लगते हैं । अयान भी बहुत ध्यान से उन दोनों का चेहरा देखने लगता हैं । जैसे वो उन दोनों की बात समझने की कोशिश कर रहा हो । इजहान जयान की तरफ देख कर अपनी पलकों को झपका कर उसे शांत रहने का इशारा करता है । फिर अजलांन की तरफ मुखातिब होकर कहता है । । इजहान :- वो Actually भाई जान दादू कह रहे थे कि आपने उन्हें थोड़ा मायूस कर दिया है इसलिए उन्होंने हमें फोन किया था और वो अभी इसी वक्त आपको घर बुला रहे हैं अब्बू को भी बुलाया हैं अब्बू जा चुके हैं घर पर कुछ जरूरी मसाला हुआ है इसलिए फॉरेन बुला रहे हैं..... इजहान की आवाज सुन कर अजलांन अपने हाथों में पकड़े हुए फाइल को बंद करता है और अपनी जगह से उठ कर अपने कोर्ट को ठीक करते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के इजहान को कहता है । । अजलांन :- Really, Then Let's Go..... इतना कह कर अजलांन अपने मोबाइल को उठा कर केबिन के बाहर निकल जाता है । अयान भी अपनी जगह से जल्दी से उठ कर इजहान और जयान को एक नजर देखता है । फिर केबिन से अजलांन के पीछे ही निकल जाता है । अजलांन को इतना नॉर्मल बिहेव करता हुआ देख कर और उसके पीछे अयान को भागता हुआ देख कर इजहान जयान दूसरे की तरफ देखते हैं । फिर अपने सर को ना में हिला कर वो दोनों भी जल्दी केबिन से बाहर निकल जाते हैं । । मेरा आशियाना..... आशियाना के बाहर एक साथ आकर छे कार रूकती है । कार के रुकते ही आशियाना हवेली पर मौजूद बॉडीगार्ड अपने प्रेसिडेंट की कार आता हुआ देख कर जल्दी से गेट खोलते हैं । गेट के खुलते ही अजलांन की कार का काफिला गेट के अंदर बढ़ जाता है । बॉडीगार्ड्स की कार पार्किंग एरिया की तरफ चली जाती है । सिर्फ दो कार हवेली के बीचो - बीच बने सड़क से होते हुए में हवेली की तरफ बढ़ जाती है । वो दोनों ही ब्लैक कार आकर हवेली के सामने रूकती है । । पहले वाली कार के पैसेंजर सीट से अयान बाहर निकलता है और बैक सीट से अजलांन बाहर निकाल के अपने कोर्ट को ठीक कर बिना किसी के ऊपर ध्यान दिए हुए आशियाना की तरफ अपने कदमों को बढ़ा देता है । अजलांन के पीछे ही अयान भी निकल जाता है । दूसरी कार के ड्राइविंग सीट से जयान बाहर निकलता है और उसके पैसेंजर्स सीट से इजहान बाहर निकलता है । वो दोनों भी अपने कदमों को हवेली के अंदर बढ़ा देते हैं । हवेली के अंदर जैसे ही अजलांन पहुंचता है । ठीक उसके पीछे अयान जयान और इजहान मौजूद होते हैं । उन सब की निगाह हॉल के बीचों - बीच रखें L साइज वाले सोफे पर बैठे दादी दादू और उन्हीं के बीच में बैठी उजाला पर परती हैं । । जो अपने हाथों में जूस का गिलास पकड़ी हुई थी और थोड़ा - थोड़ा सा सिप लेटे हुए जूस के गिलास से पी रही हैं । दादी तो बस उजाला का सर सहला रही है । असमारा बेगम भी अपने हाथों में एक बाउल पकड़ के बैठी हुई हैं । उस बाउल में सूजी का हलवा मौजूद हैं । जिसमें खूब सारे में मेवे और ड्राई फ्रूट भरे हुए हैं । । हॉल में ही दूसरे सोफे पर सिद्रा बेगम राफिया बेगम और माहीन बैठी हुई हैं । उनके सामने वाले सोफे पर शादाब साहब अबरार सब कयान बैठे हुए हैं । शहज़ेब और रयान उन सब के सोफे के पीछे खड़े हुए हैं और एक दूसरे के सर में अपना सर दिए बहुत ही खुफिया तरीके से कुछ बात कर रहे हैं । जैसे अगर उनकी बातें किसी ने सुन ली तो रॉकेट बनाने का सबसे जरूरी फार्मूला चोरी हो जाएगा । । अजलांन अपने रॉबदार कदमों से अंदर आते हुए अपनी बुलंद आवाज में कहता है । । अजलांन :- इजहान तो कह रहा था की दादू ने कहा है बहुत जरूरी मसला हो गया है , लेकिन मुझे तो यहां सब नॉर्मल दिख रहा है... अजलांन की आवाज सुन कर सभी लोग अपनी निगाहों को घुमा के अजलांन के जानिब देखने लगते हैं । अजलांन अपने रॉबदार कदमों से अंदर आते हुए सामने लगे सिंगल सोफे पर एक शहंशाह के जैसे बैठ जाता है । अजलांन को अपने सामने देख कर दादू और दादी घूरने लगते हैं । दादू अजलांन को देखते हुए कहते हैं । । दादू :- बरखुरदार मसला तो बहुत जरूरी है ही क्योंकि ये मसला आपसे जुड़ा हुआ है हमें आपसे ये उम्मीद नहीं थी माना की आपकी उम्र है लेकिन जिस बच्ची से आपने शादी किया है वो अभी उस उम्र की नहीं है कि आप ऐसा काम करें उसकी उम्र के बारे में तो सोचते इसकी मासूम शक्ल देख कर आपको एक बार भी ख्याल नहीं आया कि अगर ये सब इतना जल्दी होगा तो बच्ची के ऊपर क्या बीतेगी.... दादू अपनी बात कह कर अजलांन को घूरने लगते हैं । अजलांन भी दादू की बातें सुन कर ना समझी में दादू को देखने लगता हैं । अजलांन की नजर दादू के बगल में बैठी हुई उजाला पर जाती है । जो मुस्कुराते हुए अजलांन को ही देख कर अपनी पलकों को बार - बार झपका रही हैं । अजलांन भी उजाला की तरफ देख कर कुछ सोचने लगता है । फिर अपनी निगाहों को घूमा कर दादू की तरफ देखता है । जिनके चेहरे पर नाराजगी अभी भी नजर आ रही हैं । अजलांन दादू की तरफ देख कर कहता है । । अजलांन :- आपके कहने का मतलब क्या है दादू क्या आप हमें सीधे - सीधे अल्फाजों में कहना चाहेंगे... अजलांन की बात सुन कर दादू अजलांन को घूरते हैं । फिर अपनी निगाहों को नाराजगी से मोड़ लेते हैं । जिसे देख कर अजलांन दादू को बस देखता रह जाता है । असमारा बेगम अपनी जगह पर बैठे हुए अपनी आंखों में नामी लिए अजलांन से कहती है । । असमारा बेगम :- बेटा हम जानते हैं कि जवानी की उम्र ऐसी होती है कि ये सब इंसान कर बैठता है लेकिन कम से कम तुम उजाला की उम्र का ख्याल तो करते अभी वो सच में बच्ची है और सच - सच बताओ तुमने इसीलिए दो दिन के अंदर निकाह की बात की ना क्योंकि ये सब हो चुका था.... इतना कह कर असमारा बेगम अपनी आंखों में आई नमी को पोछते हुए उजाला के पास जाती है और उजाला का सर सहलाने लगती हैं । उजाला भी अपनी निगाहों को उठा कर आसमारा बेगम की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए अपनी पलकों को दो - तीन बार झपका देती है । जिसे देख कर असमारा बेगम की आंखों में फिर से नमी आ जाती है और वो अपनी निगाहों को घुमा कर अजलांन की तरफ देखते हुए कहती हैं । । असमारा बेगम :- देखो इस बच्ची को कितनी मासूम है इसे तो इन सब के बारे में कुछ खबर ही नहीं है , दो बार पलकों को झपका कर देख ले तो किसी का भी दिल पिघल जाएगा अब बताओ ऐसा दर्द वो इस उम्र में कैसे झेलेगी..... असमारा बेगम अपनी बात कहते हुए अजलांन को ही नम आंखों से देखने लगती हैं । अजलांन का चेहरा तो इस वक्त ऐसा हो गया हैं कि उसे किसी ने कह दिया हो कि फादर का Physics गैलीलियो गैलीली, आइजैक न्यूटन और अल्बर्ट आइंस्टीन ना होकर Antoine Lavoisier हैं । । अजलांन असमारा बेगम से कुछ कहता कि तभी अबरार साहब अजलांन की तरफ मुखातिब होते हुए कहते हैं । । अबरार साहब :- अजलांन देखो बेटा हम जान रहे हैं कि तुम और उजाला निकाह में हो तो ये सब हो सकता है लेकिन ये सब करने से पहले तुम्हें उसके उम्र का ख्याल करना चाहिए क्योंकि मेडिकल साइंस भी इतनी कम उम्र में किसी भी लड़की को इस कंडीशन में एक्सेप्ट नहीं कर सकती वो अभी तक इन सब चीजों के लिए ना मेंटली प्रिपेयर है ना फिजिकल प्रिपेयर है तुम्हें थोड़ा ख्याल रखना चाहिए था हां अगर ऐसा कुछ शहज़ेब या रयान में से कोई करता तो इस बात की हम उम्मीद भी कर सकते थे लेकिन तुमने ऐसा किया इस बात को एक्सेप्ट करना थोड़ा मुश्किल है..... अबरार साहब ने अभी इतना कहा ही था कि तभी शहज़ेब और रयान जो अपना नाम सुन कर हैरान हो जाते हैं । वो पहले एक दूसरे को देखते हैं । फिर अबरार साहब को हैरानी से देखने लगते हैं । । - - - - - - - President Cute Girl - - - - FARHEEN 😇