यज्ञ सिंह शेखावत x वादिनी कश्यप
वादिनी कश्यप
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यज्ञ सिंह शेखावत
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मुंबई शेखावत हवेली शेखावत हवेली मुंबई के जाने माने बिजनेसमैन विकास सिंह शेखावत का था इन्होने अपने पिता स्व. श्री पुनीत सिंह शेखावत द्वारा शुरू किये गए छोटे बिजनेस को अपनी कडी मेहनत से आगे बढ़ाया और इनके बिजनेस को पूरी दुनियाभर मे फैलाने का काम इनके बेटे यज्ञ सिंह शेखावत ने की इनके परिवार मे विकास की पत्नी जया सिंह शेखावत , और उनकी बेटी दिव्या सिंह शेखावत है दिव्या कि शादी तय हो गई थी जो कि दो हफ्ते बाद थी हलांकि यज्ञ दिव्या से 2 साल बड़ा फिर भी दिव्या की शादी पहले हो रही थी लव मैरिज का चक्कर जो है बाबू भैया 😁 खैर चलिए देखते है आज शेखावत हवेली मे ब्रेकफास्ट मे क्या बना है क्योंकि उनकी पूरी हवेली जया जी के द्वारा बनाये गए नास्ते की खुशबु से भर गया है 😋 शेखावत हवेली के किचन मे जया जी ने नास्ता तैयार कर दिया था और मेड को नास्ता डाइनिंग टेबल पर रखने बोल रही थी और साथ ही एक ट्रे मे दो ब्लेक कॉफी रखती है और अपने रूम मे जाती है जो कि फस्ट फ्लोर पर था वह रूम मे जाती तो देखती है हमेशा की तरह उसके पति उनका इंतजार कर रहे थे वह ना मे सिर हिलाते है और ट्रे को कॉफी टेबल पर रखती है और एक कॉफी का कप उठाकर उनके पास जाती है और कॉफी का कप उनके हाथ मे रखकर उनके हाथ मे रखी टाई को अपने हाथ मे लेती है और साइड से एक स्टूल निकालती है जो कि हाइट मे ज्यादा नही थी पर उस पर चढ़कर वह विकास जी के बराबर जरूर आ जाती थी " आप दोनो बाप - बेटे टाई बांधना कब सीखेंगे ? " जया सी विकास जी की टाई बाँधते हुए कहती है " जब हमारी इतनी सुन्दर बीवी है जो अपने इन सुन्दर और कोमल हाथो से हमारे इतने करीब आकर ( विकास जी जया जी के कमर पर अपनी बाँहे लपेट कर उन्हे अपने करीब करते हुए ) प्यार से टाई बाँधती है तो फिर अपने बीवी को ऐसे करीब से देखने का मौका कौन कमबख्त छोड़ेगा " "बस बस ज्यादा मस्का मत लगाए और आपको देखकर ही उस नालायक ने आज तक टाई बांधना नही सिखा " जया जी कहती है " आप नीचे ब्रेकफास्ट के लिए चलिए मै आपके लाडले को देखती हूँ " जया जी ट्रे उठाते हुए कहती है तो पीछे से विकास जी कहते है " और मै आपकी लाडली को देखता हूँ " जिस पर जया जी मुस्कुरा देती है सेकण्ड फ्लोर मे उनके बच्चो का रूम था जया जी यज्ञ के रूम मे जाती है तो देखती है यज्ञ फोन पर बात करते हुए अपनी घड़ी पहन रहा था जया जी ट्रे रखती है और बेड से उसकी टाइ उठाकर उसके पास जाती है यज्ञ की नजर जब अपने माँ पर पड़ती है तब वो जाकर बेड पर बैठ जाता है और जया जी उसकी टाइ बाँध देती है जिसके बाद यज्ञ अपनी जगह से उठकर अपनी ब्लेक कॉफी उठाकर पीने लगता है " आखिर कब तक मुझसे टाई बंधवाने का इरादा है तेरा " जया जी अपना रोज के सवालो के तीर फिर से एक बार यज्ञ पर छोड़ देता है "हमेशा " यज्ञ जवाब देता है "डुग्गु बेटा अब तो तेरी बहन की भी शादी हो रही है उसने तो दिखा दिया मेरे दामाद की शक्ल , पर तू कब मुझे मेरी बहु का चेहरा दिखाएगा " जया जी यज्ञ के चेहरे पर हाथ रखकर पुछती है " पहले आपकी तक्कर की बहु तो मिल जाऐ माँ " यज्ञ जया जी के कंधे पर हाथ रख उनके साथ जाते हुए कहता है " हाँ मेरा घर तो युद्ध का मैदान है ना जिसमे हम सांस बहु लडाई करेंगे " " हू नेवर नोस " यज्ञ कहता है और कॉफी का कप डाइनिंग टेबल पर रखकर अपनी जगह बैठ जाता है " गुड मार्निग डैड , गुड मार्निग दिवी " यज्ञ उन्हे वीस करता है " मॉर्निंग भाई, मॉर्निंग बेटा " विकास जी और दिव्या एक साथ कहते है जया जी भी अपनी जगह पर बैठ जाती है और मेड उन्हे सर्व करती है वे सभी अपना नास्ता इन्जॉय करते हुए दिव्या के शादी की तैयारी के बारे मे बात कर रहे थे दिव्या को एकदम रॉयल वेडिंग करनी थी जिस वजह से उसकी शादी उदयपुर के महल मे होने वाली थी वे सभी डिस्कश कर ही रहे थे कि विकास जी का मोबाइल बजने लगता है वे अपना मोबाइल देखते है तो ये किसी और का नही बल्कि उसके जिगरी यार जय का कॉल था " कैसा है मेरा यार " विकास जी बहुत ही खुशी से कहते है "मै ठीक हूँ तू बता तू कैसा है " जय जी के कहते है " बस बेटी के शादी के तैयारी मे बीजी हूँ , और तू मुझे पहले ये बता तू कब आ रहा है दिवी के शादी मे बस दो ही हफ्ते बचे है " " यार हम तो आज ही आने वाले थे पर लास्ट मिनट मे कुछ इम्पॉटेन्ट काम निकल आया पर तू चिन्ता मत कर हम अगले सनडे को आ जाएंगे " विकास जी के सवाल पर जय जी कहते है " हम्म ठीक है लेकिन मै तेरे से अभी भी नाराज हूँ " विकास जी करते है " तेरी इस नाराजगी को दूर करने के लिए मै आज वादी को तेरे पास भेज रहा हूँ " जय जी के कहने पर विकास जी खुश हो जाते है " क्या वादी आ रही है कितने समय की फ्लाइट है तू बता मै यज्ञ को उसे लेने के लिए भेजता हूँ " " शांत हो जा याद वो शाम को वहाँ पहुँच जाएगी " जय जी कहते है " छोटी सी थी जब उसे आखिरी बार देखा था अब तो बहुत बड़ी हो गई होगी " विकास जी पुछते है " शाम को खुद ही देख लेना कितनी बड़ी हुई है " जय जी कहते और कुछ देर बात करने के बाद कॉल रख देते है तो अभी जिनका कॉल आया था वो जय कश्यप थे विकास जी के चड्डी बडी बोले तो बेस्ट फ्रेड , जय जी अपनी पत्नी और बेटी के साथ यू एस ए मे सेटल हो गए थे लेकिन इससे इनकी दोस्ती मे जरा-सा भी फर्क नही आया था " ओके माँ मै निकलता हूँ शाम को मिलते है " यज्ञ अपनी जगह से उठते हुए कहता है और जया जी के गाल पर किश कर वहाँ से जाने लगता है कि उसे विकास जी रोकते है " शाम को वादी को साथ लेते हुए आना " विकास जी कहते है " डैड आप भूल गए शाम को मेरी बहुत इम्पॉटेन्ट मिटिंग है " यज्ञ कहता है " अरे हाँ मै तो भूल ही गया था , ठीक है मै ही वादी को लेने चला जाऊंगा " विकास जी कहते है तो यज्ञ सबको बाय बोलकर वहा से अपनी ब्लेक कलर की महंगी कार मे बैठकर निकल जाता है ***** शाम के वक्त इधर एयरपोर्ट से एक लड़की बाहर आती है जिसने ब्लेक कलर के बैगी लोवर के साथ वाइट कलर का क्रॉप टॉप पहन रखा था आँखो पर सेड्स लगा रखा था जिस वजह से उसकी आँखो को देख पाना मुश्किल था एक हाथ से उसने बैग को खींचते बाहर आती है और आस पास नजर घुमाकर देखती है तो उसे कुछ काले कपड़े पहने बॉडीगार्ड्स के बीच उसे उसके पिता के उम्र का एक आदमी दिखाई पड़ते है जिसने उसके नाम लिखा हुआ था " वादिनी कश्यप " वो उनके पास जाती है उनके सामने खडे होकर उनसे सवाल करती है " अम्म,, विकास अंकल ? " जी हाँ ये कोई और नही विकास जी थे जो अपने बॉडीगार्ड्स के साथ वादिनी को लेने आए थे और उनके हाथ मे बोर्ड था जिसमे वादिनी का नाम लिखा था " वादी ये तुम हो बेटा " विकास जी पुछते है जिस पर वादिनी हाँ मे सिर हिलाकर झुककर उनके पैर छू लेती है " अरे बस बस बेटा ,बेटियाँ पैर नही छूती, तुम तो कितनी बड़ी हो गई हो वादी " विकास जी वादिनी के चेहरे को छूकर करते है " मुझे याद तो नही है बट आई थींक आप पहले से हैण्सम हो गए है " वादिनी के ऐसा कहने पर विकास जी खिलखिला कर हँस देते है तो वादिनी भी उसके साथ ही हँस देती है " पागल " विकास जी प्यार से उसके गाल पर हल्का सा थप्पड मारते हुए कहते है जिसके बाद वे वादिनी को लेकर घर के लिए निकल जाते है **** " जया , दिवी देखो कौन आया है " विकास जी घर के अंदर आते ही जया जी और दिव्या को आवाज लगाते है " हाय,,,,, कितनी बड़ी हो गई है ये तो विकास जी " जया जी उनके पास आते हुए कहती है तो वादिनी उसके पैर छू लेती है " बस बस बेटा , हमेशा खुश रहो " जया जी वादिनी के मांथे को चुम कर कहती है " दिव्या देख ये है वादिनी तेरे जय अंकल की बेटी ऐसे तुझे तो याद भी नही होगे " विकास जी कहते है तो दोनो एक दूसरे को हाय कहती है फिर विकास जी वादिनी को फ्रेस हो कर कुछ देर आराम करने को कहकर वहाँ से चले जाते है जया जी उसे फस्ट फ्लोर पर बने गेस्ट रूम मे उसे आराम करने को बोलती है और उसके लिए कुछ नास्ता भिजवाने का कह कर वहाँ से चली जाती है क्रमश:-