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A CONNECTION OF THE HEART

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yatri

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ईशा कपूर l उम्र 23 साल l गौरा दूध के समान सफेद रंग l काली गहरी आंखे l जिसमें कोई भी खो जाए l आँखों मे कई ज़ज्बात l ईशा अपने परिवार के साथ मुंबई रहती थी l ईशा पढ़ाई मे बहुत अच्छी है l लेकिन घर में हो रही है उसकी शादी की बात l ईशा अभी इस शादी...

Total Chapters (11)

Page 1 of 1

  • 1. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 1

    Words: 1043

    Estimated Reading Time: 7 min

    दिल्ली ,,

    कमरे की एक खिड़की से सूरज की हल्की किरण अंदर आ रही थी l बेड पर सोई हुई लड़की का दुध की भाँति गौरा रंग और भी चमक रहा था l

    कमरा बहुत ही खूबसूरती से सजा हुआ था l कमरे के बीच मे इक बड़ा सा बेड था l बेड की दाई और अलमारी और बाई और स्टडी टेबल और सोफा था l कमरे मे हल्के नीले और सफेद रंग के पर्दे थे l कमरे मे ढेर सारी तस्वीरे थी l कमरे मे स्टडी टेबल के पास एक बुक शेल्फ भी था l किताबों को बहुत प्यार से सजाया हुआ था l

    तभी उस कमरे की शांति को भंग करने के लिए एक 45 साल की उम्र की औरत आती है l उसने हल्की पिंक कलर की सारी पहनी हुई थी जिसमें डार्क गुलाब की डिज़ाइन बनी हुई थी l यह आरती कपूर है l

    आरती जी हल्के गुस्से में कहती हैं l

    आरती जी ने कहा " अरे ! देखो तो इस लड़की को अभी तक सो रही है l ईशा .... ईशा ..... l "

    वह लड़की जिसका नाम ईशा था l 23 साल उम्र l लंबे बाल जो कमर तक आ रहे थे l वह उसकी खूबसूरती मे चार चांद लगा रहे थे l वह अपनी आंखे खोलती है l आधी खुली हुई आंखो से वह सामने देखती हैं l अचानक से वह हडबडी मैं उठ जाती है l

    ईशा ने कहा " अरे ! चाचीजी आप l सॉरी मुजे उठने मे जरा लेट हो गया l "

    आरती जी उसकी तरफ अपनी आंखे छोटी छोटी कर देखती हैं l

    आरती जी उसके कान को खिंचते हुए कहती हैं l

    आरती जी ने कहा " चाचीजी की बच्ची l तू तो एसे बिहेव कर रही है जैसे कि मे तुझे बहुत टॉर्चर करती हू l "

    ईशा ने कहा " आह ! आह ! अरे चाची दर्द हो रहा है l छोड़ो ना प्लीज l मे तो मज़ाक कर रही थीं l बस और कुछ नहीं l अच्छा सॉरी l सॉरी l जाने भी दो l "

    आरती जी उसका कान छोड़ देती है l

    आरती जी ने कहा " ईशा l मेने कहा था कि आज लड़के वाले तुम्हें देखने आ रहे हैं l लेकिन तुम हो कि किसी की सुननी ही नहीं है l वे लोग दो घंटे बाद आने वाले हैं l "

    ईशा बच्चों की तरह मुह बनाकर कहती हैं l

    ईशा ने कहा " लेकिन मुजे शादी नहीं करनी हैं l प्लीज l "

    आरती जी के चहरे पर सख्त एक्सप्रेशन आ जाते हैं l

    आरती जी ने कहा " ईशा l ये क्या तुमने गलत जिद लगा रखी है l बहुत अच्छा रिश्ता आया है l लड़के का नाम गौरव सिन्हा है l लड़का टेक्सी चलाता है l और संस्कारी है l तुम जल्दी से तैयार हो जाओ l आखिर कब तक मे इस बोझ को ...... l तुम तैयार हो जाओ l "

    ईशा को अपनी चाची की कड़वी बातों से बहुत दुख पहुचा था l

    ईशा आरती जी का हाथ पकड़ कर कहती हैं l

    ईशा ने कहा " आप मुझसे गुस्सा हो क्या ? चाची l "

    आरती जी ने कहा " ईशा l अब तुम बड़ी हो गई हो l तुम्हें अब सभी बातों को समझना चाहिए l वैसे भी वह लोग बिना दहेज के शादी करने के लिए तैयार है l तुम्हारे जाने के बाद मुजे सुकून से जीना है l तुम्हारे चाचा मुजे यहा से ले जाएगे l तुम्हारी वज़ह से वह मुझसे दूर है l अगर तुमको मेरी थोड़ी भी परवाह हो तो तैयार हो जाना l "

    इतना कहकर आरती जी कमरे में से बाहर चली जाती हैं l कमरे मे से बाहर आते ही उनकी आँखों मे से एक आंसू का कतरा बह जाता हैं l

    कमरे मे बैठी ईशा भी घुटनों मे अपना सिर छुपाकर सिसकते हुए कहती हैं l

    ईशा ने कहा " चाची l ईशा आपसे बहुत प्यार करती है l मे ये शादी सिर्फ आपके लिए ही करूंगी l मे अपनी खुशी के लिए आपकी खुशिया दाव पर नहीं लगा सकती l "

    कुछ देर तक ईशा यू ही घुटनों मे अपना सर छुपाई सिसकती है l और फिर उठकर फ्रेश होने के लिए बाथरूम मैं चली जाती हैं l

    आरती जी भी अपने कमरे में जाकर कमरे का दरवाजा बंद कर देती हैं और कमरे के दरवाजे से पीठ लगाकर अपनी आंखे मूँद लेती हैं l

    तभी उनका फोन बजता हैं l

    आरती जी अपने आंसू साफ़ कर फोन को उठाती है l सामने से प्रकाश कपूर जो आरती जी के हसबैंड और ईशा के चाचा थे उनकी आवाज आती हैं l

    प्रकाश जी ने कहा " वह मान गई ? "

    आरती जी ने कहा " हाँ l शायद l प्रकाश क्या कोई और रास्ता नहीं है l ईशा अभी शादी नहीं करना चाहती हैं l "

    प्रकाश जी ने कहा " नहीं l हमारे पास यही रास्ता है l "

    आरती जी ने कहा " लेकिन इसकी क्या गारंटी है कि ईशा वहां खुश रहेगी ? "

    प्रकाश जी ने कहा " यह निर्मल भाई का फैसला है l हम कूछ नहीं कर सकते हैं l गौरव अच्छा लड़का है और वह हमारी ईशा को बहुत खुश रखेगा l शादी के बाद शायद ईशा के सर से खतरा मंडरा रहा है वो दूर हो जाए l "

    आरती जी इसके आगे और कुछ नहीं कहती और ओके कहकर कॉल कट कर देती है l

    आरती जी फिर अपने चहरे को साफ़ कर किचन में जाकर लड़के वाले के आने की तैयारियां करने लग जाती है l

    वहीं ईशा भी हल्के आसमानी रंग का anarakali सूट पहन कर तैयार हो रही थी l कानो मे झूमर और गले में पतली सी लॉकेट वालीं चेन l हाथों मे मैच करती हुई चूडिय़ां और पैर मैं पतली सी कम बजे इसी पायल l

    आँखों में हल्का काजल और होठों पर हल्की लिपस्टिक l ईशा जैसे आसमान से उतरी हुई अप्सरा हो एसे लग रही थी l उसने अपने बालों की चोटी बनाई हुई थी l

    कहानी कैसी लगी यह पढ़कर जरूर बताएगा l देखते हैं कि ईशा की जिंदगी क्या मोड़ लेती है l क्या है आरती जी की मजबूरी जो वह अपने पति के साथ नहीं रहती l इन सभी सवालों के जवाब समीक्षा कर जरूर बताए

  • 2. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 2

    Words: 1076

    Estimated Reading Time: 7 min

    दिल्ली में एक कमरे में ईशा सो रही थी। आरती कपूर उसे जगाती हैं और बताती हैं कि लड़के वाले आने वाले हैं। ईशा शादी नहीं करना चाहती, लेकिन आरती जी ज़ोर देती हैं। आरती जी ईशा को गौरव सिन्हा से शादी करने के लिए कहती हैं, जो एक टैक्सी ड्राइवर है। ईशा दुखी होती है, पर चाची की बात मान जाती है। आरती जी अपने पति से बात करती हैं और फिर लड़के वालों के लिए तैयारी करने लगती हैं। ईशा भी तैयार होती है।

    Now Next

    --------

    ईशा अपने ही ख्यालो मे खोई हुई थी l तभी वहा प्रिया आती है l प्रिया ईशा की बचपन की सहेली थी l प्रिया और ईशा दोनों बहने की तरह थी l

    प्रिया कमरे का दरवाजा खोलकर अंदर आती है l वह ईशा के पास जाती है l ईशा को ख्यालो मे खोया देख प्रिया के दिमाग मे कोई शरारत आने लगती है l

    प्रिया कमरे में इधर उधर देखती हैं l वह कूछ ढूंढने लगती है l तभी अचानक से उसके हाथ एक पालीथीन बेग आती है l वह तिरछा मुस्कराती है और उस पालीथीन बेग को अपने मुह से लगाकर फुलाकर ईशा के पास जाती है l दूसरे हाथ से वह अपने बालों मे से पिन निकाल कर उस पालीथीन बेग को ईशा के कान के पास जाकर पिन से उस बेग को फोड़ देती है l

    ईशा अचानक से हुई इस आवाज से डर जाती है l वह आह जैसी आवाज कर जैसे ही पिछे मुड़ती है सामने प्रिया को देखकर और जोर से चिल्लाती है l

    ईशा ने कहा " आह l भ .... भ .... भ ... भू .... त ... l "

    ईशा पिछे मुड़ती इससे पहले प्रिया ने अपने बालों को आगे कर अपने चहरे को ढक दिया था l और उसने अपने हाथों को भी एसी पोजीशन में रखा हुआ था कि जैसे वह कोई भूत हो l

    ईशा डर कर भागने को हुई कि प्रिया ने उसका हाथ पकड़ लिया था l तभी किसी मैग्नेट के टच होने की आवाज आती हैं l

    ईशा प्रिया के बाल खिंचते हुए कहती हैं l

    ईशा ने कहा " अच्छा तो तुम मुजे डरा हो l रुको अभी बताती हूं l "

    इतना कहकर ईशा प्रिया के बालों को छोड़ देती हैं l

    प्रिया ने कहा " उफ्फ l यह कड़ा हर बार तुम्हारे पास आने पर बजता हैं l "

    ईशा ने कहा " ह्म्म l सही है l वर्ना तेरा बस चले तो मुजे हार्ट अटेक ही दे दे l "

    प्रिया ने कहा " अरे ! अभी तो तुझे मेरे बेटे की सास बनना है l एसे कैसे मे तुमको हार्ट अटेक दे दु l "

    ईशा ने कहा " अच्छा बेटा जी पहले आप करो शादी l इसके बाद मुजे कहना l "

    प्रिया ने कहा " तेरी तो हो ही रही है l जलदी से मेरे लिए भी ढूढ़ लेना l "

    शादी की बात सुनकर ईशा के चहरे पर उदासी आ जाती है l

    प्रिया ने कहा " क्या हुआ l तुम एसे उदास क्यों लग रही हो l "

    ईशा आज सुबह की सारी बातें प्रिया को बता देती है l

    प्रिया कुछ कहती इससे पहले ही वहा आरती जी आ जाती है l

    आरती जी ने कहा " ईशा चलो l मेरे साथ l लड़के वाले आ गए हैं और प्रिया तुम यहाँ क्या कर रही हो l तुम्हें तुम्हारी मम्मा बुला रही है l फिर से घर के काम किए बिना आ गई l चलो अब जाओ जल्दी l "

    प्रिया अपनी आंखे बड़ी करती है और अपने सिर पर अपना हाथ मारते हुए कहती हैं l

    प्रिया ने कहा" मे अभी जाकर आती हूं l "

    इतना कहकर प्रिया वहा से चली जाती हैं l आरती जी ईशा को अपने साथ नीचे ले जाती है l

    ईशा का दिल जोरों से धड़क रहा था l नीचे एक 60 साल की उम्र की औरत बैठी हुई थीं l उसने हरे रंग की सारी पहनी हुई थी l जिसमे ब्राउन रंग की बॉर्डर बनी हुई थी l बड़ी सी गोल बिंदी लगाई हुई थी I उसके चहरे पर कठोरता झलक रही थीं l

    ईशा वहा जाकर उसके पेर छुते हुए कहती हैं l

    ईशा ने कहा " नमस्ते l "

    वह औरत ईशा को सामने बैठने का इशारा करती हैं l ईशा डरते डरते वहा बैठ जाती हैं l

    उस औरत का नाम कालिंदी सिन्हा था l

    कालिंदी जी ने ईशा से पूछा " तुम्हारा नाम क्या है l "

    ईशा ने जवाब दिया " जी ईशा l "

    कालिंदी जी ने कहा " हम गौरव की दादी है l घर का सारा काम कर लेती हो l "

    ईशा ने कहा " जी "

    कालिंदी जी ने कहा " हमारा बेटा नहीं आएगा l आज उसे कोई काम है l "

    उसके बाद वहा कुछ पल के लिए सन्नाटा छा जाता है l

    उसके बाद कालिंदी जी , आरती जी की और देखते हुए कहती हैं l

    कालिंदी जी ने कहा " बिटिया को हम आज ही ले जा रहे हैं l वहा वह गौरव से मिल ले और उसके बाद हम अच्छा सा मुहूर्त देखकर उन दोनों शादी करवा देगे l "

    कालिंदी जी की बात सुनकर ईशा के पैरों तले से जैसे जमीन खिसक जाती है l

    आरती जी ने कहा " जी हाँ l ईशा तुम चलो मे तुम्हारी मदद कर देती हूं l "

    ईशा आरती जी के साथ कमरे मे चली जाती हैं l

    कमरे में आकर ईशा कहती हैं l

    ईशा ने कहा " चाची मे कहीं नहीं जा रही l "

    आरती जी गुस्से में कहती हैं l

    आरती जी ने कहा " मे तुम्हें पूछ नहीं रही l बता रही हूं l एक बात मेरी सुनो मेने तुम्हारी परवरिश की है l तुम्हें इतने सालों तक सम्भाला l अब तुम्हारी बारी l मे कर्ज मे डूब गई थी तब मेने कर्जा लिया था l और उस कर्जे को चुकाना अब मेरे बस मे नही है l कालिंदी जी ने उस कर्जे को माफ़ कर दिया है l लेकिन उसके बदले उन्होंने गौरव के लिए तुम्हें चुना है l अगर तुमने सच मे कभी भी मुजे माँ माना है तो उनके साथ चली जाओ और अपनी मनहूस शक़्ल कभी भी मुजे मत दिखाना l "

    इतना कहकर आरती जी वहा से चली जाती हैं l आरती जी के शब्द ईशा के दिल में तीर की तरह चुभ रहे थे l

    अब आगे क्या होगा ईशा का फेसला? क्या ईशा जाएगी कालिंदी जी के साथ l

  • 3. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 3

    Words: 1010

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा शादी करने से इनकार करती है। आरती जी उसे गौरव सिन्हा से शादी करने के लिए मनाने की कोशिश करती हैं। फिर, प्रिया आती है, जो ईशा की बचपन की दोस्त है। प्रिया ईशा को डराती है, जिसके बाद वे दोनों बात करते हैं। आरती जी आती हैं और प्रिया को जाने के लिए कहती हैं, जबकि ईशा को लड़के वालों के सामने जाने के लिए तैयार करती हैं। कालिंदी जी, गौरव की दादी, ईशा से मिलती हैं और उसे अपने साथ ले जाने का फैसला करती हैं। आरती जी ईशा को जाने के लिए कहती हैं क्योंकि उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए कालिंदी जी से वादा किया था।

    अब आगे

    --------

    ईशा अपने आप को सम्हाले हुए खड़ी होती है और फिर एक बेग मैं अपने कुछ कपड़े और किताबे रख देती हैं l ईशा अपना बेग लेकर आगे बढ़ती है और कमरे की दहलीज पर आकर रुक जाती है l वह एक बार अपने पूरे कमरे को देखती हैं और फिर खुदको सम्हाल नीचे आ जाती हैं l

    वह पूरे घर को देख रही थीं l उसका बचपन इसी घर में बीता था और इस घर से उसकी बहुत सारी यादे जुड़ी हुई भी थी l तभी कालिंदी जी की आवाज आती हैं l

    कालिंदी जी _ " ईशा l चलो l "

    ईशा _ " एक बार मे चाची से मिल लू l "

    कालिंदी जी _ " वो यहा आई थी l वह तुमसे नहीं मिलना चाहती है l "

    ईशा कालिंदी जी की तरफ आशा भरी निगाहों से देखती हैं l कालिंदी जी उसका हाथ पकड़ ती हैं और उसको अपने साथ ले जाती है l

    ईशा और कालिंदी जी दोनों कार मैं बैठ जाते हैं l पूरे रास्ते ईशा और कालिंदी जी एक दूसरे से कोई भी बातें नहीं करते हैं l

    तक़रीबन आधे घंटे के बाद कार एक सुनसान रास्ते पर रुक जाती है l कार से नीचे उतरकर ईशा देखती हैं कि यह एक सुनसान रास्ता है l

    ईशा सवालिया नजरो से कालिंदी जी की तरफ देखती हैं कि तभी वहा एक हेलिकॉप्टर आता हैं l कालिंदी जी ईशा को उसमे बैठ ने का इशारा करती हैं l ईशा और कालिंदी जी दोनों उस हेलीकॉप्टर में बैठ जाते हैं l

    तक़रीबन डेढ़ घंटे बाद वह हेलिकॉप्टर लैण्ड होता है l

    ईशा अपने चारो ओर देखती हैं l यह कोई जंगल का इलाक़ा था l दूर दूर तक सिर्फ पेड़ और पौधे ही दिखाई दे रहे थे l चारो ओर हरियाली ही हरियाली छाई हुई थी l अभी दोपहर का समय था l दिन मे वह जंगल और भी खूबसूरत दिखाई दे रहा था l

    ईशा कालिंदी जी की और देखती हैं l

    ईशा _ " ये हम कहा है ? "

    कालिंदी जी _ " हम अभी फॉरेस्ट मे है l कूछ दिनों तक तुम्हें यही रहना होगा l यह मेरी बेटी का घर है l "

    कालिंदी जी ईशा को चलते हुए सारी बातें बता रही थी l

    कालिंदी जी _ " गौरव और तुम्हारी कुंडली देख कर पंडित जी ने कहा कि अगले 6 महीने तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं है और इतने महीने काफी होते हैं एक दूसरे को पहचानने के लिए l हो सके तो ज्यादा से ज्यादा समय गौरव के साथ बिताना l वह अच्छा लड़का है l "

    वे दोनों घर के मैन डोर तक पहुच जाते हैं l कालिंदी जी सामने खड़ी मेड को इशारा करती है l मेड जल्दी से वहा पर आती हैं l

    कालिंदी जी _ " यह हमारे घर की बहू है l इसका ध्यान रखना l "

    इतना कहकर कालिंदी जी वहा से जाने लगती हैं l ईशा उनको पिछे से आवाज लगाती है l

    ईशा _ " दादी ! "

    कालिंदी जी ईशा की तरफ मुड़ती है l वह आँखों ही आँखों में ईशा को बोलने का इशारा करती हैं l

    ईशा _ " आप l यहा नहीं .... l मेरे कहने का मतलब है कि..... l "

    कालिंदी जी _ " इसके आगे का सफर तुम्हें खुद अकेले ही तय करना होगा l मेरे पति मेरा इंतजार कर रहे हैं l मुजे जाना होगा l "

    इतना कहकर दादी वहा से चली जाती हैं l ईशा अपना निचला होंठ बाहर निकाल कर कहती हैं l

    ईशा _ " अब मे यहा क्या करूँ l कैसे रहूंगी l मे तो किसी को भी नहीं पहचान ती हूं l "

    तभी ईशा को एक लड़की की आवाज आती हैं l ईशा उसकी तरफ देखती हैं l उस लड़की ने ग्रे बिजनैस सूट पहन रखा था l उसकी कंधे से थोड़े नीचे तक बाल थे l उसने अपने एक हाथ में घड़ी पहनी हुई थी l वह लड़की परफेक्ट बिजनेस वुमन लग रही थी l

    ट्विंकल _ " हैलो l मे ट्विंकल सिन्हा l तुम्हारी होने वालीं सिस्टर इन लो l "

    ट्विंकल ईशा के पास आकर प्यार से उसकी आंख मे से काजल निकाल कर ईशा के कान के पिछे लगाकार कहती है l

    ट्विंकल _ " अरे वाह l तुम तो फोटो से भी ज्यादा खूबसूरत हो l चलो मे तुम्हें तुम्हारा कमरा दिखा देती हूं l "

    ईशा भी ट्विंकल से मिलकर खुश हुई l क्योंकि ट्विंकल का बिहेवियर फ्रेंडली था l बहुत जल्दी वे दोनों एक दूसरे के साथ बहुत अच्छे से घुलने मिलने लगी थी l

    ट्विंकल उसको एक कमरे में ले जाती हैं l

    ट्विंकल _ " यह मास्टर बेडरुम है l गौरव का कमरा है l तुम्हें इसी कमरे में गौरव के साथ रहना है l "

    ईशा को यह सुनकर तेज zatka लगता है l उसके मुह से अचानक से निकल जाता हैं l

    ईशा _ " what ! "

    इतना कहकर ईशा बेहोश हो जाती हैं l

    आगे देखते हैं l क्या मोड़ लेती है ईशा और गौरव की कहानी l आखिरकार ईशा के जीवन में आए इस बड़े बदलाव को क्या ईशा सहन कर पाएगी l क्या होगा जब ईशा गौरव से मिलेगी l आखिर क्या छिपा रहे हैं सिन्हा फॅमिली ईशा से l इन सभी प्रश्नों के जवाब जानना चाहते हैं तो कहानी को पढ़ते रहे l और फॉलो करना ना भूले l

  • 4. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 4

    Words: 1073

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा शादी से इनकार करती है और उसे गौरव से शादी करने के लिए मनाने की कोशिश की जाती है। प्रिया के आने से ईशा डर जाती है और वे बात करते हैं। आरती जी प्रिया को जाने के लिए कहती हैं, जबकि ईशा को लड़के वालों के सामने जाने के लिए तैयार करती हैं। कालिंदी जी, गौरव की दादी, ईशा को अपने साथ ले जाती हैं क्योंकि आरती जी ने कर्ज चुकाने के लिए कालिंदी जी से वादा किया था।

    ईशा अपने कपड़े और किताबें लेकर घर छोड़ देती है। कालिंदी जी उसे एक सुनसान जगह पर ले जाती हैं जहाँ वे हेलीकॉप्टर से जंगल में जाते हैं। कालिंदी जी बताती हैं कि गौरव और ईशा को कुछ महीने साथ बिताने होंगे। वे घर पहुँचते हैं जहाँ ट्विंकल, गौरव की बहन, ईशा से मिलती है और उसे अपना कमरा दिखाती है। ट्विंकल बताती हैं कि ईशा को गौरव के साथ उसी कमरे में रहना होगा, जिससे ईशा बेहोश हो जाती है।

    अब आगे

    --------

    ईशा सदमे से बेहोश हो गई थी I उसकी जिन्दगी एक ही दिन में कहा से कहा तक पहुच गई थी l वह बाहर से खुदको मजबूत बनाने की कोशिश कर रही थीं और अंदर से टूटा हुआ महसूस कर रही थीं l

    ईशा को धीरे धीरे होश आता हैं l वह खुदको उसी मास्टर बेडरुम में पाती है l ईशा छोटे बच्चे जैसा मुह बनाकर बैठ जाती हैं l तभी वह खिड़की से देखती हैं l ईशा की आंखे बड़ी हो जाती है l

    ईशा _ " ओह शीट l शाम हो भी गई l "

    तभी उसके पेट में से कुछ आवाज आती हैं l

    ईशा _ " मुजे भूख लग रही है l "

    तभी उसे कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आती हैं l कमरे मे हल्का अंधेरा था l अचानक से बाहर बारिश शरू हो जाती है l ईशा सामने देखती है तो उसे एक 23 साल का लड़का दिखाई देता है l

    कमरे के बाहर रोशनी थी इसीलिए ईशा को एक लड़का दिखाई दे रहा था l वह लड़का कमरे के अंदर आकर दरवाजा बंद कर देता हैं l

    लड़का जैसे ही लाइट ऑन कर्ता है l सामने बैठी लड़की को देखकर वह जोर से चिल्लाता है l

    लड़के की चीख सुनकर ईशा भी जोर से चिल्लाती है l

    ईशा अपने अगल बगल में देखती है l वह बिस्तर पर से खड़ी होती है और नाइट लैम्प के पास पडी flower वास को उठाकर लड़के के ऊपर फेंकती है l

    लड़का जैसे तैसे उस flower वास को पकड़ता है l लड़का कुछ बोलने वाले होता है कि तभी ईशा एक एक कर सारे समान को उठाकर लड़के की तरफ फेंकने लगती है l

    ईशा गुस्से में कहती हैं l

    ईशा _ " चोर कहीं के l तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे कमरे मे आने की l तुम भी जिंदगी भर याद रखो गे l चोरी करने आए थे और किसीसे पाला पद गया l "

    बातें करते करते ईशा सारी चीजें उस लड़के के ऊपर फेंकती जा रही थी l वह लड़का धीरे धीरे ईशा के पास आ रहा था l

    ईशा _ " दे... देखो l आगे मत बढ़ना वर्ना ... वर्ना .... l "

    लड़का _ " वर्ना क्या ..... "

    ईशा घबराकर कहती हैं l

    ईशा _ " ह ... l "

    लड़का _ " वर्ना क्या करोगी तुम l "

    ईशा _ " वर्ना मे तुम्हें गंजा कर दूंगी l "

    लड़का ईशा की धमकी सुनकर लड़का ठहाका लगाकर हसने लगता हैं l

    लड़के को हस्ता देख ईशा को और भी गुस्सा आ जाता हैं l

    ईशा _ " तुम ..... l "

    लड़का _ " जी हाँ l मे क्या l "

    ईशा _ " देखो तुम यहाँ से जाओ l मेरे पति अभी आते ही होगे l "

    लड़का अपनी आंखे छोटी छोटी कर ईशा की तरफ देखता हैं l

    लड़का _ " अच्छा l जरा मुजे भी बताओ तुम्हारे पति का नाम क्या है l "

    ईशा _ " गौरव सिन्हा l सुना l अब जाओ यहाँ से l "

    यह सुनकर लड़के के चहरे पर एक तिरछी मुस्कराहट आ जाती है l

    वह अपनी एक आईब्रो को ऊपर करते हुए कहता हैं l

    लड़का _ " क्या सच में l "

    ईशा उसकी नजरो को अपने ऊपर महसूस कर हकला कर कहती हैं l

    ईशा _ " ना .. वो हमारे .... l "

    लड़का उसके और करीब आते हुए कहता हैं l

    लड़का _ " मे तुम्हारा क्या ? "

    डर की वज़ह से ईशा उसकी बातों पर कोई ध्यान नहीं देती हैं l

    ईशा _ " वो हमारे होने वाले पति है l "

    वह लड़का ईशा के और करीब पहुंच जाता है l तभी कमरे पर कोई नोक करता हैं l

    वह लड़का ईशा की तरफ एक बार देखता हैं और फिर दरवाजे की और जाकर दरवाजा खोल देता है l

    ईशा भी उसके पिछे आती है l

    दरवाजे पर ट्विंकल थी l

    ट्विंकल _ " तुम दोनों क्या कर रहे हों l कमरे को देखो क्या हालत बनाई हुई है l "

    वह लड़का कूछ कहता इससे पहले ही ईशा आगे आकर कहती हैं l

    ईशा _ " अच्छा हुआ आप यहा आगई l "

    ट्विंकल उस लड़के क़ी तरफ घूरती है l

    ट्विंकल _ " गौरव ! तुम ने इसे परेशान तो नहीं किया न ? "
    तभी ईशा कहती हैं l

    ईशा _ " अरे ! दीदी .... l "

    तभी उसको ख्याल आता है कि अभी ट्विंकल ने उस लड़के को गौरव कहा है l

    ईशा बड़ी बड़ी आंखे कर कभी गौरव को तो कभी ट्विंकल को देखती हैं l

    ट्विंकल कुछ कहती इससे पहले ही गौरव बोल पड़ता है l

    गौरव _ '' ट्विंकल l वो तो इसे कोई चूहा देख लिया था l इसीलिए हम चूहे को पकड़ रहे थे l क्यु है न ! "

    इतना कहकर गौरव ईशा की और घूरता है l

    ईशा भी जल्दी जल्दी मे अपना सिर हाँ मैं हिला देती हैं l

    गौरव _ " अच्छा अब आप जाए l आपको सो जाना चाहिए l "

    गौरव ट्विंकल की बात सुने बिना ही दरवाजा बंद कर देता हैं l बाहर खड़ी ट्विंकल और ईशा उस दरवाजे को देखती रहती हैं l

    तभी दरवाजा फिर से थोड़ा खुलता है और एक हाथ ईशा का हाथ पकड़ उसे कमरे में खींच लेता है l और दरवाजा वापस बंद हो जाता है l

    ट्विंकल भी टेढ़े मेढ़े मुह बनाकर वहा से चली जाती हैं l

  • 5. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 5

    Words: 1025

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा शादी से इनकार करती है और गौरव से शादी करने के लिए मजबूर हो जाती है। कालिंदी जी ईशा को अपने साथ ले जाती हैं और उसे गौरव के साथ कुछ महीने बिताने के लिए एक सुनसान जगह पर ले जाती हैं। ट्विंकल, गौरव की बहन, ईशा को अपना कमरा दिखाती है, जहाँ ईशा को गौरव के साथ रहना होता है, जिससे वह बेहोश हो जाती है।

    इस अध्याय में, ईशा को होश आता है और वह खुद को उसी कमरे में पाती है। वह भूखी है और तभी एक लड़का कमरे में आता है। वह लड़का गौरव निकलता है, और ईशा उसे चोर समझकर उस पर हमला करती है। गौरव उसे बताता है कि वह गौरव है। ट्विंकल आती है, और गौरव ईशा को समझाता है कि वे एक चूहे को पकड़ रहे थे। गौरव ईशा को कमरे में खींचता है, जबकि ट्विंकल चली जाती है।

    Now Next

    --------

    कमरे में ,,,

    ईशा गौरव के सामने अपने हाथ बांधे सर झुकाकर किसी छोटे बच्चे की तरह खड़ी हो जाती है l गौरव अपने हाथ बाँधकर उसकी और घूरता है l

    गौरव _ " अच्छा l अब क्या हुआ l कूछ देर पहले तो तुम बहुत बोल रही थीं l "

    ईशा _ '' वो ... मुजे माफ़ करना l मुजे पता नहीं था कि आप गौरव जी है l "

    गौरव _ " अब गलती की है तो सजा तो मिलेगी l "

    ईशा अपनी मासूम शक़्ल बनाकर गौरव की और देखती हैं l

    गौरव _ " ठीक हैं l चलो अब सो जाओ l हम कल बात करते हैं l "

    ईशा और गौरव दोनों बेड की और देखते हैं l कमरा पूरा बिखरा हुआ था l

    गौरव एक ठंडी आह भरकर ईशा को अपने पिछे चलने का इशारा कर्ता है l

    ईशा गौरव के पीछे चल रही थी l बुक शेल्फ मे से गौरव एक बुक निकालता है l तभी बुक शेल्फ साइड मे हो जाता है l वहां पर दूसरे कमरे मे जाने का रास्ता था l

    ईशा आंखे बड़ी बड़ी कर उस कमरे को देखने लगती हैं l

    गौरव _ " अब जाओ और सो जाओ l कल बात करेगे l "

    ईशा अपना सिर जल्दी जल्दी हाँ मैं हिलती है और बिस्तर पर जाकर सो जाती हैं l

    फिर ईशा कंबल मे से अपना थोड़ा सिर बाहर निकाल कर कहती हैं l

    ईशा _ " आप सोफ़े पर सो जाना l मे सोफ़े पर से गिर जाती हूं l "

    इतना कहकर ईशा वापस कंबल ओढ़कर सो जाती है l गौरव ईशा की तरफ मुह बनाकर देखता रहता है l

    फिर वह भी अलमारी मैं से दूसरा कंबल लेकर सो जाता है l

    अगली सुबह ,, ,, ,, ,, ,,

    ईशा अपनी आंखें खोलती है l वह तैयार होकर नीचे आती हैं l

    ईशा घर में यहा वहा गौरव और ट्विंकल को ढूंढ रही थीं l तभी वहा एक मेड आती है l

    मेड _ " छोटी मालकिन , गौरव भाई और ट्विंकल दीदी कुछ काम के लिए कुछ दिनों के लिए बाहर गए हैं और वे परसों आ जाएगे l "

    ईशा को मेड की बात सुनकर थोड़ा बुरा लगता है कि वे उसे अकेले छोड़कर चले गए हैं l

    तभी उसको पीछे से आवाज आती हैं l

    वह पीछे मुड़ती है तो वहां एक 24 साल का लड़का खड़ा हुआ था l उसने प्रोफेशनल कपडे पहन रखे थे l वह किसी बिजनेस मेन की तरह दिखाई दे रहा था l

    विकास _ " मेरा नाम विकास है l मे गौरव का बचपन का दोस्त हूं l आप मुजे विकास कहकर बुला सकतीं हैं l "

    ईशा _ " जी नमस्ते l आए l "

    विकास ईशा को एक तक देखे जा रहा था l उसने अभी लोंग जींस और क्रॉप टॉप पहना हुआ था l आँखों मे काजल और उसने अपने बालों का बन बनाया हुआ था l

    ईशा इससे थोड़ी असहज महसूस करने लगती हैं l

    ईशा _ " आप बेठे l हमे कुछ काम है l मे बाद में आती हूं l "

    इतना कहकर ईशा वहा से जाने को होती है तभी विकास उसका हाथ पकड़ लेता हैं l

    विकास _ " वैसे गौरव के बजाय आप हमे चूज कर सकती है l "

    ईशा को अब गुस्सा आने लगता है l

    ईशा _ " माइंड योर लेंग्वेज l मे कुछ कह नहीं रही इसका मतलब यह नहीं है कि आप मुझसे बदतमीजी करे l "

    विकास _ " लेकीन गौरव मे क्या रखा है l मे उससे ज्यादा handsome हूं और आपको उससे ज्यादा खुश भी रख सकता हूं l "

    ईशा _ " आप अपनी इस गंदी जुबान से हमारे गौरव जी का नाम मत लीजियेगा l आप उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है l "

    ईशा की बात सुनकर विकास को गुस्सा आ जाता हैं l विकास की पकड़ उसके हाथ पर और मजबूत हो जाती है l जिससे ईशा को दर्द महसूस होने लगता है l उसके चहरे पर दर्द की लकीरें साफ़ दिखाई दे रही थी l

    ईशा _ " आप हमे छोड़ दीजिए l हम गौरव जी को सब बता देंगे l "

    विकास को ईशा की बात सुनकर कोई फर्क़ नहीं पड़ता है l वह ईशा के हाथ को छोड़ देता है l ईशा तुरंत वहा से भागकर ऊपर कमरे में चली जाती हैं l कमरे मे जाकर वह दरवाजा तुरंत बंद कर देती हैं l वह दरवाजे से पीठ लगाकर सुबक रही थीं l

    वहीं ईशा के जाने के बाद विकास को गुस्सा आ जाता हैं l वह टेबल पर अपना हाथ मारने ही वाला होता है तभी उसको वहा पर एक फोन दिखाई देता है l

    वह उस फोन को ओपन करता हैं l उसमे कोई लोक नहीं लगा था l विकास फोन चेक कर्ता है l यह फोन ईशा का था l विकास के चहरे पर एक कुटिलता से भरी मुस्कराहट आ जाती है l

    वहा कमरे में ईशा अपना फोन ढूढ़ रही थीं l तभी उसको याद आता है कि वह अपना फोन नीचे ही भूल गई है l

    कहानी कैसी लगी यह पढ़कर जरूर बताएगा l आगे क्या होगा विकास का मकसद l ईशा बच पाएगी विकास के गंदे इरादों से ??????

  • 6. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 6

    Words: 1000

    Estimated Reading Time: 6 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा होश में आती है और गौरव से मिलती है, जिसके साथ उसे कुछ समय बिताना है। गौरव ईशा को एक कमरे में सोने के लिए कहता है। अगले दिन, ईशा को पता चलता है कि गौरव और ट्विंकल कुछ दिनों के लिए बाहर गए हैं। एक लड़का, विकास, जो गौरव का दोस्त है, ईशा से मिलता है और उसे गलत तरीके से छूने की कोशिश करता है। ईशा उसका विरोध करती है और वहाँ से भाग जाती है, जबकि विकास उसका फोन चुरा लेता है।

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    मुंबई ,

    एक बड़ी सी 20 मंजिला इमारत में एक लड़का मीटिंग अटेंड कर रहा था l वह उस कंपनी के सीईओ की कुर्सी पर बैठा हुआ था l उसके चेहरे पर गंभीर भाव थे l यह लड़का गौरव था l तभी गौरव के पास उसका पर्सनल अस्सिटेंट शशांक आता है l

    शशांक उसके कानो मे कुछ कहता है l शशांक की बात सुनकर गौरव के एक्सप्रेशन चेंज हो रहे थे l

    गौरव उसको जाने का इशारा करता हैं l शशांक वहा से चले जाता हैं l

    गौरव उसके बाद मीटिंग खत्म कर वहा से बाहर निकल अपनी गाड़ी की और बढ़ने लगता है l

    वह कार के अंदर बैठ जाता हैं l लगभग आधे घंटे के बाद कार एक विला के अंदर जाकर रुकती है l

    गौरव सीधे उस घर के अंदर जाता हैं और वह देखता हैं कि वहाँ पर एक 22 साल की लड़की बैठी हुई थीं l उसने कोई वेस्टर्न ड्रेस पहनी हुई थी l जो उसके घुटनों तक ही आती थी l उसके चहरे पर मेकअप किया हुआ था l

    गौरव को देख कर वह लड़की खड़ी होकर उसके सामने जाकर गुस्से में कहती हैं l

    लड़की _ " तुम एसा कैसे कर सकते हो l "

    गौरव _ " मेने तुम्हें पहले ही बताया था कि मे तुमसे शादी नहीं करना चाहता हूं I और मुजे मेरी मोम के नाम पर यहा आगे से मत बुलाना l नेहा l "

    नेहा _ " मे तुमसे प्यार करती हू गौरव l बचपन से l तुम एसे कैसे किसी भी लड़की के साथ शादी कर सकते हो ? "

    गौरव _ " यह सिर्फ तुम्हारी एक जिद है l इसके अलावा कुछ नहीं l लिसन नेहा l आज के बाद कोई भी एसी वैसी हरकत कर मुजे यहा मत बुलाना l वर्ना मुजे तुम्हें बर्बाद करने मे एक सेकंड भी नहीं लगेगा l "

    नेहा कुछ कहती इससे पहले ही गौरव वहा से चले जाता हैं l

    नेहा _ " तुम जो कोई भी हो l मे तुम्हें बर्बाद कर दूँगी l गौरव सिर्फ मेरा है l सिर्फ मेरा l "

    उस लड़की के चहरे पर नफरत साफ़ झलक रही थीं l

    वहीं ईशा वहां बिस्तर के सिरहाने सोई हुई थी I उसने सोच रखा था कि वह गौरव के आने तक अपने कमरे में ही रहेगी l वह रोते रोते वहीं पर सो गई थी l

    तभी एक शख्स मास्टर की से बेडरुम का दरवाजा खुलता है l ईशा को दरवाजा खुलने की आवाज नहीं सुनाई दी क्योंकि वह गहरी नींद में थी l

    वह शख्स सोई हुई ईशा के ऊपर लेटने लगता है l वह ईशा के शरीर को छुने लगता है l तभी ईशा अचानक से अपनी आंखे खोलती है l अपने सामने उस शख्स को एसे देख ईशा चीखते हुए उसको एक थप्पड़ रसीद देती हैं l ईशा विकास को धक्का देकर उठ जाती है l

    यह विकास था l विकास को ईशा के थप्पड़ से गुस्सा आ जाता हैं l विकास वहा पाते पानी के ग्लास को जोर से जमीन पर फेंक देता है l जिससे वह ग्लास टूट जाता है l

    ईशा दरवाजे को खोलने की कोशिश कर रही थीं लेकिन दरवाजा विकास ने लोक किया था और चाबी विकास के पास थी l

    विकास उसके पास जाकर उसके बालों को खिंचता है l जिससे ईशा की दर्द भरी चीख गूंज जाती है l उसकी आँखों मे से आंसू गिरने लगते हैं l

    विकास _ " शायद तुम्हें पता नहीं l लेकिन यह कमरा sound प्रूफ है l "

    ईशा गिड़गिड़ाते हुए कहती हैं l

    ईशा _ " मुजे जाने दो प्लीज l "

    विकास _ " तो फिर चलो मुजे खुश करदो l मेरे साथ सुहागरात सेलिब्रेशन करो l "

    ईशा _ " मे एसा कुछ भी नहीं करने वालीं l "

    विकास _ " मे तुमसे पूछ नहीं रहा ब्लकि बता रहा हूं l तुम मेरे साथ अपनी मर्जी से चलो वर्ना जबरदस्ती मे कर रहा हूं l "

    ईशा गुस्से में एक और थप्पड़ उसको लगा देती है l इस बार विकास के गालों पर ईशा के उंगलियों के निशान भी छप गए थे l

    अब विकास का गुस्सा उसके कंट्रोल से बाहर था l वह ईशा के बालों को छोड़कर उसके पेट में एक लात मारता है जिससे ईशा बेड पर गिर जाती हैं l

    विकास ईशा के एक पेर को बेड पर बाँध देता है l पेट में जोर से लगने की वज़ह से ईशा को बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था l उससे खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था l ऊपर से विकास ने उसके पेर को बेड से बाँध दिया था l

    ईशा के मुह से अब डर से आवाज भी नहीं निकल रही थीं l विकास उसकी तरफ टूटे हुए ग्लास का नुकीला टुकड़ा लेकर बढ़ रहा था l ईशा ने अभी trouzar और टीशर्ट पहन रखा था l जिसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही थी l

    विकास को अपनी तरफ बढ़ता देख ईशा अपने पैरों को छुड़ाने की पूरी कोशिश कर रही थीं l लेकिन वह छुट नहीं पा रही थीं l

    कहानी पढ़कर कैसी लगी यह जरूर बताएगा l कहानी अच्छी लगे तो फोलो भी करना l आगे क्या होगा ? क्या ईशा बच पाएगी विकास के गंदे इरादों से ? नेहा कौन है ? गौरव बचा लेगा ईशा को ? ईशा खुदको छुड़ा पाएगी विकास के गंदे इरादों से ?

    इन सभी सवालों के जवाब आपको आगे के episode में मिल जाएगे l पढ़ते रहे यह कहानी l A CONNECTION OF THE HEART

  • 7. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 7

    Words: 1007

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा को विकास से कुछ परेशानी हुई थी। गौरव एक मीटिंग अटेंड करता है और फिर एक विला में जाता है जहाँ उसकी नेहा से बातचीत होती है। नेहा, गौरव से शादी करना चाहती है, लेकिन गौरव इनकार कर देता है। ईशा सो रही है, तभी विकास मास्टर चाबी से कमरे में घुस जाता है और ईशा के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश करता है। ईशा उसका विरोध करती है, लेकिन विकास उसे धमकाता है और उस पर हमला करता है।

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    विकास नेहा के पास जाकर उसको उल्टा लेटा देता है l वह उसके नाइट टीशर्ट को पीछे से पूरा फाड़ देता है l कपड़े फाडने की आवाज सुन ईशा और भी डर जाती है l ईशा की गोरी पीठ देखकर विकास उसको अपने हाथों से टच करने लगता हैं l

    विकास _ " तुम सच मे बहुत खूबसूरत हो l आज मे तुम्हें अपना नाम देता हूं l "

    इतना कहकर विकास ईशा के पेट को अपने एक हाथ से सहला रहा था l विकास इशा की पीठ पर उस कांच के टुकड़े से अपना नाम का पहला अक्षर लिखने लगता है l जिससे पूरे कमरे में उसकी चीखें गूंजने लगती हैं l ईशा का शरीर अब पसीने से पूरा नहा चुका था l विकास ने ईशा को अपनी तरफ किया उसकी आंखे डर की वज़ह से बंद थी l

    इससे पहले कि विकास उसके साथ और कुछ करता विकास को दरवाजा नोक करने की आवाज आती हैं l विकास दरवाजे के पास जाकर चाबी के होल मे से बाहर देखता हैं तो वहा गौरव खड़ा था l

    विकास ईशा के पास आता है l विकास भी कांच के नुकीले टुकड़े को लेकर उसे ईशा के दोनों हांथों और पेट मे घुसा देता है l ईशा की जोरों से चीख निकल जाती हैं l

    बाहर खड़ा गौरव जब ज्यादा बार नोक करने पर कोई दरवाजा नहीं खोलता तो वह अपने पास रखी चाबी से दरवाजा खोलता है l जैसे ही वह दरवाजा खोलता है विकास बाल्कनी मैं से नीचे कूद जाता है l

    दरवाजा खोलते ही सामने का नज़ारा देख गौरव का दिल मानो एक पल के लिए तो धड़कते हुए रुक गया था l

    गौरव ईशा के पास आता है l उसकी हालत देख गौरव की आँखों में आंसू आ जाते हैं l

    गौरव ईशा को अपनी गोद मे उठाता हैं और उसको एक कंबल से ढक बाहर की तरफ ले जाता हैं l गौरव ने ईशा को अपनी गोद मे उठाया हुआ था l ईशा बेसुध सी उसकी गोद मे थी l

    गौरव तुरंत अपने प्राइवेट जेट मे बैठाकर वहा से ले जाता हैं l इसके साथ ही वह शशांक को भी कॉल कर देता हैं कि वह तुरंत ऑपरेशन की तैयारियां शरू करने को अस्पताल में कहें l "

    गौरव ईशा के गालों को थपथपाकर कहता है l

    गौरव _ " ईशा .... ईशा .... ! प्लीज आंखे खोल l देख मे तेरा गोलू हूं l जिसके साथ तु बचपन में खेलती थी l मुजे माफ़ करदो l मे तुमसे वाडा कर तुमसे मिलने नहीं आया l प्लीज आंखे खोलकर एक बार देखो l प्लीज l प्लीज l "

    लेकिन ईशा को तो जैसे होश ही नहीं था l वह बार बार अपनी आंखे खोलती और बंद कर देती हैं l

    गौरव उसकी थोड़ी पट्टियां करता है l लगभग आधे घंटे के बाद वे लोग अस्पताल पहुच जाते हैं l

    ईशा को स्ट्रेचर पर लेटा या जाता है l डॉक्टर उसको ऑपरेशन थिएटर में ले जाते हैं l

    तभी वहा ट्विंकल आती है l गौरव को एसे देख वह उसके पास जाकर उसको अपने गले से लगा लेती हैं l गौरव ट्विंकल के सामने फुट फुट कर रोने लगता है l ट्विंकल गौरव की पीठ सहला रही थीं l

    ट्विंकल _ '' शांत हो जाओ गौरव l ईशा ठीक हो जाएगी l "

    गौरव _ " वो मुजे इतने सालों बाद मिली थी l मे उसको सच तक नहीं बता पाया कि मे .... मे... उसका गोलू हूं l जिसको वह पूरे दिन परेशान करती थी l वो ... वो .... शायद मुजे भूल गई l लेकिन मे उससे प्यार कर्ता था l बहुत बहुत सारा l काश बचपन में .. वो.. वो ... हादसा ना हुआ होता l "

    ट्विंकल की आंखे भी नम थी l लेकिन गौरव के लिए वह खुदको जैसे तैसे सम्हाल रही थीं l

    गौरव अचानक से मुट्ठी बाँधकर गुस्से में कहता है l

    गौरव _ " मे उस इंसान को नहीं छोडूंगा l जिसने भी यह किया है मे उसको कभी माफ़ नहीं करूगा l उसकी जान मैं खुद अपने हांथों से लूँगा l यह गौरव सिन्हा का वादा हैं l मे उसे नहीं छोड़ूंगा l "

    ट्विंकल _ " लेकीन यह सब किसने किया होगा ? "

    गौरव _ " मे जल्दी ही पता लगा लूँगा l "

    इतना कहकर गौरव अपनी पॉकेट में से फोन निकाल कर शशांक को कॉल करने ही वाला था तभी उसको शशांक का सामने से कॉल आता हैं l

    शशांक कुछ बोल पाता उससे पहले ही गौरव उससे कहता हैं l

    गौरव _ " जल्द से जल्द हमारे फॉरेस्ट वाले विला की तलाशी लो l और पता करो की ईशा के साथ यह सब किसने किया है l "

    शशांक _ '' मेने आपको यही बताने के लिए कॉल किया है l "

    गौरव _ " बोलो l "

    शशांक _ " उस फॉरेस्ट वाले विला मैं बॉम्ब ब्लास्ट हुआ है l विला पूरी तरह से राख में तब्दील हो गया है l वहां पर सारे केमरा को भी किसी ने हेक कर सारी फुटेज डिलीट कर दी है l "

    गौरव अपनी आंखे कसकर मूँद लेता हैं l

    गौरव _ " ठीक हैं l लेकिन कोशिश करना और कुछ पता चले तो मुजे कॉल करना l "

    शशांक _ " जी बॉस l "

    इतना कहकर वह फोन काट देता हैं l

    ट्विंकल _ " क्या हुआ ? कुछ पता चला .? तुम परेशान लग रहे हों l "

    गौरव ट्विंकल को सारी बातें बता देता है l ट्विंकल भी शौक थी कि यह सब कौन कर सकता है l

  • 8. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 8

    Words: 1034

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा पर विकास ने हमला करने की कोशिश की। विकास, ईशा के पास जाता है और उसके कपड़े फाड़ता है, ईशा डर जाती है। विकास ईशा को छूने लगता है और उस की पीठ पर कांच के टुकड़े से अपना नाम लिखता है। गौरव आता है और विकास भाग जाता है। विकास के जाने के बाद, गौरव ईशा को अस्पताल ले जाता है। वहाँ ट्विंकल आती है और गौरव को सांत्वना देती है। गौरव गुस्से में ईशा के साथ ये सब करने वाले को मारने की कसम खाता है। शशांक बताता है कि विला में बम विस्फोट हुआ था और कैमरे की फुटेज हटा दी गई है।

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    --------

    ईशा का ऑपरेशन चल रहा था l तकरीबन डेढ़ घंटे के बाद डॉक्टर बाहर आते हैं l डॉक्टर को बाहर आता देख गौरव उनके पास जाकर चिंतित स्वर में कहता है l

    गौरव ने डॉक्टर के पास आकर चिंतित स्वर में पूछा" वो कैसी हैं अब l "

    डॉक्टर ने गौरव की तरफ देखा और कहा , " अब वह खतरे से बाहर है l "

    गौरव की व्हाइट शर्ट पूरी खून से भीग गई थी l यह देखकर डॉक्टर ने कहा ,

    " मिस्टर सिन्हा , क्या आप को भी कोई इंजरी हुई है ? "

    गौरव का ध्यान अपने कपड़ों की और जाता है l

    गौरव ने जवाब में कहा , " जी नहीं l वो पेशेंट को लाते हुए उनका खून मेरे कपड़ों पर लग गया है l "

    डॉक्टर ने गौरव को कपड़े बदलने की सलाह दी और बाद में अपने केबिन मे आने को कहा l ट्विंकल को किसी काम की वज़ह से गौरव को छोड़कर जाना प़डा l वह चाहती तो नहीं थी लेकिन गौरव ने जिद की तो उसे जाना प़डा l

    शशांक वहा पर पहुच गया था l शशांक ने गौरव से कहा ,

    " सर आप कपड़े चेंज कर लीजिये l कार मे आपके कुछ कपड़े है l "

    गौरव अपना सिर हाँ मे हिलाता है और फिर शशांक के पास से चाबी लेकर चला जाता हैं l कूछ देर के बाद वह कपडे बदलकर वापस आता है l और डॉक्टर से मिलने चले जाता हैं l

    गौरव केबिन का दरवाजा नोक करता हैं l डॉक्टर उसे अंदर आने का इशारा करते हैं और सीट पर बैठने के लिए कहते हैं l

    गौरव डॉक्टर से पूछता हैं , " ईशा ठीक तो है न ! कोई सीरियस बात तो नहीं है न ! "

    डॉक्टर कहते हैं , " वैसे हमने सर्जरी तो कर दी है लेकिन होश में आने के बाद ही कुछ कह सकते है l उसको किसी ने बुरी तरह से मारा है l उसकी पीठ पर काँच से बहुत सारे कट लगाए हुए थे l उसके दोनों हाथो पर भी बड़ी बेरहमी से काँच घुसाए हुए हैं l वह बहुत ज्यादा डर गई थी l हो सकता है कि होश के आने के बाद वे किसी सदमे में भी चली जाए l हो सके तो उनको खुश करने की कोशिश कीजिए l "

    तभी वहा नर्स आती है l और डॉक्टर से कहती हैं l

    " पेशेंट को होश आ रहा है l "

    नर्स की बात सुनकर डॉक्टर और गौरव दोनों ही ईशा के कमरे की और चले जाते हैं l डॉक्टर ईशा को चेक करते हैं l

    डॉक्टर ईशा का चेक उप करने के बाद गौरव से कहते हैं l

    " आप इन्हें कल घर ले जा सकते हैं l लेकिन ध्यान रहे कि इन्हें कोई भी काम ख़ुद नहीं करना है l और मेने उनसे कुछ सवाल पूछे हैं l वे कुछ बोल नहीं पा रही l शायद यह डर की वज़ह से है कि उनकी आवाज उनके गले में ही अटक गई हो l "

    गौरव बड़े ही ध्यान से डॉक्टर की सारी बाते सुनता है l उसके बाद गौरव ईशा के पास जाकर बैठ जाता हैं l

    वह ईशा के सर पर प्यार से हाथ फेरता है और उससे कहता हैं l,
    " तुम डरों मत , मे तुम्हारे साथ हूं l तुम मेरी होने वालीं बीवी हो तो मे इस रिश्ते को पूरे दिल से अपनाना चाहता हूं I तुम्हें पूरी आजादी है l तुम चाहो तो अपने सपनों को पूरा कर सकती हो l मुजे अच्छा लगेगा l हमारे रिश्ते मे तुम्हारी मर्जी भी होगी l हम दुनिया के सामने पति पत्नी की तरह रह सकते हैं l जिससे हम दोनों के परिवार का मान रह जाए l "

    गौरव की बाते सुनकर ईशा की आँखों में आंसू आ जाते हैं l

    गौरव _ " अरे ! सो सॉरी l मेरी बातों का तुम्हें बुरा लगा हो तो l मे तो बस ..... l "

    तभी ईशा उसकी बात पर हामी भर देती है l

    गौरव _ " इसका मतलब तुम तैयार हो ? "

    ईशा एक बार फिर अपना सिर हाँ मे हिलाती हैं l

    गौरव बस हल्की सी स्माइल कर्ता है l लेकिन उसके मन मे तो जैसे लड्डू फुट रहे थे l

    तीन हफ्ते बाद , , , , , , ,

    ईशा को डिस्चार्ज मिल गया था l गौरव उसको अपने मुंबई वाले अपार्टमेंट में लेकर आया था l यह एक 23 माले का बिल्डिंग था l इसमे सबसे ऊपर का यानी कि 23 वा माला गौरव का अपार्टमेंट था l

    ईशा अब पहले से ज्यादा अच्छी हो गई थी I ईशा के हाथों की चोट भी ठीक हो गई थी I लेकीन अभी भी वह बोल नहीं पा रही थीं l गौरव उसका उसकी माँ की तरह ख्याल रखता था l इन तीन हफ्ते में गौरव अपना सारा काम घर से ही करता था l ईशा की दबाई या , उसका समय पर खाना और उसको समय पर गौरव खिलाता था l गौरव उससे उस दिन के हादसे के बारे में कुछ नहीं पूछता क्योंकि वह चाहता था कि ईशा खुद उसे बताए l ईशा अपने डर पर काबु करे l

    एक सुबह , , , ,

    अब ईशा की रिकवरी लगभग हो चुकी थी l आज गौरव को किसी काम के सिलसिले से बाहर जाना प़डा l

    दोपहर के 3 बजे अपार्टमेंट का दरवाजा नोक होता है l ईशा को लगा कि शायद गौरव आया होगा l उसने दरवाजा खोला और सामने देखा तो उसके चहरे पर पसीना झलकने लगा ... l

  • 9. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 9

    Words: 1049

    Estimated Reading Time: 7 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि विकास ईशा पर हमला करता है, गौरव आता है और विकास भाग जाता है। गौरव ईशा को अस्पताल ले जाता है। शशांक ने बताया कि विला में बम विस्फोट हुआ था।

    अब, ईशा का ऑपरेशन हुआ। डॉक्टर ने गौरव को बताया कि ईशा अब खतरे से बाहर है, लेकिन सदमे में जा सकती है। नर्स ने बताया कि ईशा को होश आ रहा है। डॉक्टर ने गौरव से कहा कि वह ईशा को कल घर ले जा सकता है। गौरव ने ईशा से बात की और उसे बताया कि वह उसके साथ है और उसे अपने सपनों को पूरा करने की अनुमति देता है। गौरव की बात सुनकर ईशा ने हाँ में सिर हिलाया। तीन हफ्ते बाद, ईशा को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और गौरव उसे अपने अपार्टमेंट में ले गया। ईशा ठीक हो रही थी, लेकिन अभी भी बोल नहीं पा रही थी। गौरव उसका ख्याल रख रहा था। एक दोपहर, अपार्टमेंट का दरवाजा खटखटाया।

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    ईशा ने जैसे ही दरवाजा खोला दरवाजे पर मौजूद शख्स को देख कर उसके चहरे पर से पसीना टपक ने लगा था l वह शख्स अंदर आता हैं l और दरवाजे को बंद कर देता हैं l ईशा जैसे ही भागने को हुई वह शख्स उसका हाथ पकड़ कर उसको कमरे में ले जाता हैं और बाथरूम मैं जाकर बाथरूम का दरवाजा भी बंद कर देता हैं l

    यह शख्स विकास था l

    ईशा डरते हुए कहती हैं l

    ईशा _ " हमे .. हमे ... l "

    विकास उसकी बात बीच मैं काटते हुए कहता हैं l

    " अरे वाह तुम्हारे मुह मे जुबान वापस आ गई ? "

    दरअसल ईशा ने सोचा था कि आज वह गौरव सारा सच बता देगी l आज उसने बोलने की कोशिश की और वह कामयाब भी हो गई l

    ईशा कहती हैं कि वह गौरव को सारा सच बता देगी l

    ईशा की बात सुनकर विकास ईशा के कानो के पास अपने होंठ लेजा कर कहता हैं l

    " ठीक हैं l तुम बता दो l लेकिन मेने इस घर में बम रखवाये है l तुम अपने साथ उसे भी लेकर जाना l अब और कोई शब्द नहीं वर्ना मे तुम्हारे गौरव को बर्बाद कर दूँगा l "

    इतना कहकर विकास उसको वहा अकेला छोड़ अपार्टमेंट में से बाहर निकल जाता है l

    ईशा उसके जाने के बाद तुरंत शावर ऑन कर देती है l ईशा अपने शरीर को रगड़ रगड़ कर साफ़ कर रही थीं l एसा लगता था कि जैसे वह विकास की गंदी छुअन को साफ़ कर रही हो l

    कुछ देर बाद खुदको शांत कर वह बाहर आकर कपड़े चेंज कर लेती हैं l वह वापस आकर पूरे घर में देखती है कि यहा कोई है तो नहीं ? इसके बाद पूरी तरह श्योर हो जाने के बाद वह सोफ़े पर अपनी आंखे मूँद कर अपने सिर अपने एक हाथ से दबाने लगती है l ईशा को विकास की बातें याद आ रही थी l वह गौरव को कुछ हो यह कभी नहीं चाहती थी l देखते ही देखते ईशा को नींद आ जाती है l

    शाम के 6 बजे जब गौरव घर पर आता है तो वह देखता हैं कि ईशा सोफ़े पर बैठ कर सोई हुई थी I उसके बालों की लट उसके चेहरे पर जुल रही थीं l गौरव ईशा के सर पर प्यार से हाथ फेरता है l तभी उसको ईशा की बॉडी गर्म महसूस होती है l

    गौरव ईशा को अपनी गोद मे उठाकर अपने कमरे में ले जाता हैं l वह उसको बेड पर लेटा देता है l ईशा को बहुत ज्यादा बुखार था l गौरव उसके सिर पर पट्टियां करता हैं l गौरव लगतार 3 घंटे ईशा के पास बैठा था l अब ईशा का बुखार थोड़ा नॉर्मल हुआ था l

    तभी गौरव का ध्यान उसके हाथ पर जाता हैं l उसके हाथ पर किसी की उंगलियों के निशान थे l

    गौरव तुरंत शशांक को कॉल करता हैं l और कहता हैं l
    " शशांक पता करो की यहा पर कौन आया था l "

    शशांक जी बोस कहकर फोन काट देता हैं l

    गौरव वहीं ईशा के सिरहाने सो जाता है l

    अगली सुबह ईशा जब उठती हैं तो उसको better फिल हो रहा था l उसने देखा कि गौरव उसके हाथ को पकड़ बैठे हुए ही सो गया था l ईशा आज गौरव को बड़े ही ध्यान से देख रही थीं l

    हल्की दाढ़ी , घुंघराले बाल , श्याम रंग l इस वक़्त सोते हुए वह किसी बच्चे की तरह लग रहा था l ईशा उसके चहरे मैं खो जाती हैं l

    वह अपना हाथ बढ़ाती है और गौरव के बालों से खेलने लगती है l गौरव ने अभी शर्ट पहना हुआ था l ऑफिस से आकर उसने कपड़े बदले भी नहीं थे l ईशा उसके चहरे को अपने हाथों में भर्ती है l और उसे एक तक निहारने लगती है l

    ईशा की नज़र सहसा ही गौरव के होठों पर ठहर जाती हैं l वह अपने होंठ उसकी तरफ बढ़ाती है और गौरव के होंठो को अपने होंठो से हल्का सा छु लेती हैं l

    तभी गौरव अपनी आंखे खोलता है l और ईशा की तरफ घूरता है l ईशा को समज आता है कि वह क्या कर रही थीं l ईशा शर्म से अपनी नजरे नीचे कर लेती हैं l गौरव उसकी और देखकर कहता है l
    " क्या कर रही थीं तुम अभी ? "

    ईशा कहती हैं , " वो ... हम .... l "

    गौरव कहता है , " वो तुम क्या ? "तभी अचानक से उसको कूछ याद आता है l वह फिरसे कहता है , " तुम ... तुम्हारी आवाज वापस आ गई l ओह l वाह l "

    गौरव तुरंत उठकर ईशा को अपनी गोद मे उठाकर उसको गोल गोल घुमाने लगता है l आज गौरव ने उसकी आवाज सुनी थी l

    गौरव अचानक से नीचे उतारकर कहता है ,

    " अब सब ठीक हैं तो कोई मेरा नींद में फायदा उठा रहा था l चलो अब मे भी उसका फायदा उठा लेता हूं l "

    इतना कहकर गौरव ईशा को बिना कुछ बोलने का मोका दे उसके होंठ पर अपने होंठ रख देता हैं l वह ईशा को किस करने लगता हैं l ईशा भी इस किस मे रिस्पांस दे रही थी l जिससे गौरव की किस और डीप हो जाती है l

  • 10. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 10

    Words: 1000

    Estimated Reading Time: 6 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा पर हमला होता है, गौरव आता है और विकास भाग जाता है। गौरव ईशा को अस्पताल ले जाता है, जहाँ शशांक बताता है कि विला में बम विस्फोट हुआ था।

    अब, ईशा का ऑपरेशन हुआ। डॉक्टर ने बताया कि वह खतरे से बाहर है, लेकिन सदमे में जा सकती है। ईशा होश में आ गई और गौरव उसे कल घर ले जा सकता था। गौरव ने ईशा से बात की और उसे अपने सपनों को पूरा करने को कहा। तीन हफ्ते बाद, ईशा अस्पताल से घर आ गई और गौरव उसे अपने अपार्टमेंट में ले गया। ईशा ठीक हो रही थी, लेकिन अभी भी बोल नहीं पा रही थी। एक दोपहर, अपार्टमेंट का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोलने पर ईशा विकास को देखकर घबरा जाती है। विकास उसे बाथरूम में ले जाता है और धमकी देता है कि अगर उसने गौरव को सच बताया तो वह गौरव को नुकसान पहुंचाएगा। विकास के जाने के बाद, ईशा सदमे में आ जाती है और गौरव के आने पर सो जाती है। गौरव को ईशा के हाथ पर उंगलियों के निशान मिलते हैं और वह शशांक को जाँच करने के लिए कहता है। अगली सुबह, ईशा ठीक महसूस करती है और गौरव को सोता हुआ देखकर उसके होठों को चूमती है। गौरव जाग जाता है और ईशा की आवाज वापस आने पर खुश होता है, और वे किस करते हैं।

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    वे दोनों एक दूसरे मे ही खोए हुए थे तभी गौरव का फोन बजता हैं l गौरव फोन की रिंग सुनकर ईशा के होठों पर काटकर उससे अलग होता है और अपना फोन लेकर स्माईल के साथ बाहर बाल्कनी मैं कॉल अटेंड करने चले जाता हैं l

    जैसे ही गौरव बाल्कनी मैं से आता है वह देखता हैं कि ईशा वहा पर नहीं थी l तभी उसे बाथरूम मैं से पानी की आवाज आती हैं l वह समज जाता है कि ईशा नहाने गई है l गौरव भी अपने कपड़े लेकर दूसरे बाथरूम मैं चले जाता हैं l

    आज दोनों के चेहरों पर एक प्यारी सी स्माइल थी l दोनों प्यार के गहरे समुद्र में डूबे हुए थे l

    गौरव नहाकर आता है तभी ईशा भी नहाकर वापस आ जाती है l

    गौरव और ईशा की नज़रे एक दूसरे से टकराती है l

    गौरव को लगा कि ईशा उससे नाराज हैं l इसलिए वह उसको बिना कुछ कहे ऑफिस के लिए निकल जाता है l गौरव को कूछ कहे बिना जाते देख ईशा को लगता है कि शायद वह उससे नाराज हैं कि वह किस ब्रेक कर वहा से भाग गई l

    ईशा अपने आपमें कुछ सोचती है और उसके चहरे पर मुस्कान आ जाती हैं l

    शाम के 9 बजे ,
    गौरव अभी तक नहीं आया था l ईशा ड्रेसिंग टेबल पर बैठ तैयार हो रही थी l आज उसने ब्लैक डीप नेक ब्लाउज के साथ ब्लैक नेट की सारी पहनी हुई थी l गले में छोटा सा मोतियों का हार था l कानो मे बालियां और होठों पर डार्क रेड लिपस्टिक l उसने अपने बालों को खुला रखा हुआ था l आज गौरव ईशा को देखता तो उसके तो होश ही उड़ जाने वाले थे l उसने अपने हाथों में चूडिय़ां और पाव मे पायल पहनी हुई थी l

    तभी अचानक से कमरे की लाइट बंद हो जाती हैं l

    ईशा देखती तुरंत खड़ी हो जाती है वह अपने फोन को ढूंढने लगती है l

    तभी कोई उसको पीछे से पकड़ कर उसके कानो मे कहता है l " हैलो l "

    ईशा इस आवाज को अच्छे से पहचान ती थी l ईशा भी कहती हैं, " तो आप आ गए l हमे आपका ही इंतजार था l गौरव जी l "

    गौरव उसकी आँखों पर पट्टी बांधने लगता है l ईशा कहती हैं l " यह आप क्या कर रहे हैं ? "

    गौरव उसको चुप रहने का कहता हैं l अब ईशा को कूछ दिखाई नहीं दे रहा था l

    गौरव कहता है , " आई नीड़ यू l "

    ईशा अभी तैयार नहीं थी लेकिन गौरव की खुशी के लिए वह मान जाती है l तब तक लाइट भी आ गई थी l

    ईशा को पट्टी मे अच्छा नहीं लग रहा था तो उसने पट्टी निकाल दी l अपने सामने खड़े शख्स को देख कर ईशा के होश उड़ जाते हैं l वहां गौरव की जगह विकास था l

    ईशा कहती हैं, " तुम ... तुम यहाँ क्यों आई हो ... गौरव... गौरव कहा है ? "

    तभी विकास कहता है , " तुम्हारे उस गौरव को मेने किसी काम में उलझा रखा है l तुम उसे जिन्दा देखना चाहती हो तो मे जो करूँ वो करने दो l "

    ईशा डरते हुए कहती हैं , " नहीं ... नहीं .... तुम जूठे हो l गौरव ... गौरव तो ऑफिस में है l और ... वो .. वो ... आते ही होगे l "

    तभी विकास उसके सामने अपना फोन करता हैं l गौरव किसी होटल में था और किसी मीटिंग अटेंड कर रहा था l एक आदमी अपने हाथ में बंदूक लेकर उसकी तरफ निशाना करे हुए था l

    ईशा कहती हैं , " मे... मे ... तुम्हारे सामने हाथ जोड़ती हूं प्लीज प्लीज गौरव को जाने दो l तुम्हें जो करना है वह मेरे साथ करो l लेकिन गौरव को छोड़ दो l प्लीज l "

    इतना कहकर ईशा विकास के सामने अपने हाथ जोड़ लेती हैं l

    विकास ईशा से कहता है _ " ठीक हैं l फिर जो मे करूँ मुजे रोकना मत l "

    ईशा अपना सिर हाँ मे हिला देती हैं l आगे देखते हैं l क्या गौरव बचा पाएगा ईशा को ? क्या होगा जब गौरव को पता चलेगी यह सच्चाई की यह उसका बेस्ट फ्रेंड विकास की हरकत है l

    कहानी पढ़कर कैसी लगी यह जरूर बताएगा l और फोलो करना ना भूले l हम पूरी कोशिस करेगे की रोज episode दे सके I कहानी पढ़ने के लिए आपका शुक्रिया l कहानी मे आगे का नया ट्विस्ट जानने के लिए पढ़ते रहे ये कहानी l

    A CONNECTION OF THE HEART .

  • 11. A CONNECTION OF THE HEART - Chapter 11

    Words: 347

    Estimated Reading Time: 3 min

    पिछले अध्याय में आपने देखा कि ईशा पर हमला होता है और विकास उसे धमकी देता है। ईशा ऑपरेशन के बाद घर लौटती है, लेकिन अभी भी सदमे में है। विकास उसे फिर से धमकाता है। गौरव को ईशा के हाथ पर निशान मिलते हैं। ईशा की आवाज वापस आ जाती है और वे किस करते हैं। गौरव को फोन आता है और वह कॉल अटेंड करने बाहर जाता है। ईशा नहाने जाती है और गौरव भी नहाता है। दोनों के बीच गलतफहमी हो जाती है। शाम को, ईशा गौरव के आने का इंतजार करती है, और तैयार होती है। कमरे की लाइट बंद हो जाती है और विकास आता है, गौरव को फंसाकर। विकास ईशा को धमकी देता है, और गौरव को बचाने के लिए ईशा समर्पण करती है।

    अब आगे क्या होगा, ये जानने के लिए कहानी जारी रखें।

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    विकास के चेहरे पर एक कुटिलता से भरी मुस्कराहट आ जाती है। वह ईशा की साड़ी का पल्लू उसके कंधे से सरका देता है। तभी उसका ध्यान ईशा के लिप्स पर जाता है, जिसके पास दांतों के काटने का निशान था। ये देखकर विशाल को गुस्सा आ गया था। विकास निशान को छूकर देखता है।

    विकास ईशा की कमर पर अपने हाथ और कस देता है l जिससे ईशा की दर्द भरी चीख निकल जाती हैं l विकास अपने नाखुन ईशा के पेट में चुभा रहा था l वह ईशा के ब्लाउज की डोरी को अपने मुह मे भरकर उसको खिंच लेता है I जिससे वह डोरी पर टिका ब्लाउज उसके कंधे पर से सरक जाता है l विकास उसकी पीठ पर अपनी निशानियाँ छोड़ रहा था l विकास का बिहेवियर बहुत वाइल्ड था जिससे ईशा बहुत ज्यादा चीख रही थीं l

    तभी अचानक से एक हाथ विकास को पिछे से पकड़कर उसको खिंचते हुए कमरे के बाहर ले जाता है l यह गौरव था जो अभी अभी घर आया था l गौरव ने विकास के मुह पर एक के बाद एक पंच मारने शरू कर दिए थे l विकास जब भी बोलने की कोशिश कर्ता विकास उसे पंच मार देता था l