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म्हारा बेहरम पिया

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शादी एक एसा रिश्ता है ........जिसमे दो शरीर नही दो मन का भी मिलाप होता है पर क्या हो किसी जीवन इस रिश्ते के चलते सिर्फ किसी कठपुतली ही बन कर रह जाए .....एसा ही होने वाला था नंदनी के साथ .......एक एस शख्स से ब्याह हो रहा था उसका जिसे आज तक देखा नही उस...

Total Chapters (16)

Page 1 of 1

  • 1. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 1

    Words: 1005

    Estimated Reading Time: 7 min

    राजस्थान .........

    बेहद खूबसरत जगह ......उसी एक खूबसरत शहर की ओर चलते है .....जो काफी वहा की संस्कृति को बताता है .........

    सीकर शहर .....के एक छोटे गाव की ओर ....जहा का रहन सहन ....ही नही वहा की संस्कृति आपको ..राजस्थान की अलग ही ...संस्क्रती को दिखाती है ........

    चलिए चलते है सीकर शहर के गाव में ........एक बड़ी सी हवेली ..........इतनी बड़ी उतनी खूबसरत .........पर पूरी जग म्गाह रही थी ...किसी ब्याह हुआ है आज ......

    किसी नये सदस्य ने ग्रहप्रवेश किया है .....अपने नए जीवन में ......बहोत से खुबसूरत सपने साथ ही ........एक न्यू उम्मीद लिए ..कोई यहा आया है ......

    पर अब उतनी ही घबराहट थी ......इस वक्त खुसको सिमटे हुए ........काफी ही घबरा रही अब क्या होगा केसा होगा ....घुघट में ...इतने बड़े कमरे में .........जिसे घुघट से देखने की वो कोशिश कर रही थी .....

    दुल्हन के लाल जोड़े में .....इस वक्त .....बेहद खूबसरत लग रही थी .......अपने हाथो को आपस मेंमल रही थी क्या होगा उसके साथ ......जेसे ही ...दरवाजे की आवाज हुई ....

    उसका दिल जेसे बाहर आने को हुआ .......वो वक्त उस बड़े से बेड पर भी छोटी एस सिकुड़े थी ..पूरा बेडरूम सजाये था ........किसी चलने की आहट महसूस हुई ...तो वो अपनी आखे मीच ली ......घबरा ही इतना रही थी ......

    महसूस कर पा रही थी किसी निगाहें खुद पर ......एक शख्स जो इस वक्त उसे अपनी लाल आखो से देख रहा था ...साफ़ था उसकी आखो में शराब का नशा इतना छाया था ....पर उस शराब का भी जेसे उस पर इतना असर ना हुआ हो ..........

    उसकी नजर नंदनी पर थी ...जो इस वक्त घुघट की आड़ में .....सर जुकाए बेठी थी ....वो शख्स जिसकी पुथ नजर आ रही थी वो अपने कुरते के बटन खोलने लगा ........

    नंदनी जिसे हमने अब तक देखा नही था ...पर इस वक्त काफी डरी हुई थी ....क्या होगा ..जो उसने अपनी सहेलियों से सूना क्या सच है .......उसके साथ भी वो सब ...ये सोच ही .....वो क्या करेगी ...केसे मना करेगी .....उसने तो अपने बिन्द को देखा नही ......जेसा वो सोचती वेसे वो है नही ......

    जेसे ही उसका घुघट उठा तो शर्म लिए नजरे जुकाए हुए ....वो उसके माथे पर चूम लिया तो नंदनी अपनी आखे बंद कर ली ...जेसे एहसास हुआ वो क्या सोच रही है .......शर्म भरी मुस्कराहट उसके होठो पर आ गयी ये पहले तो ना सोचा उसने कभी ....केसे ख्याल आ रहे उसे ..........

    वो शख्स अपना कुरता उतार बेड पर डाल दिया .........उसकी शर्टलेस ..बोडी नजर आई काफी atractive .....थोडा कुछ इस शख्स के बारे में ही बता देते है .......

     

    इन्द्रजीत सिंह राणा .........उम्र कुछ 28 से 30 के बीच ......बेहद ही कुरुर ...ओर घमंडी स्वभाव ...वो आपको आगे आने वालो कुछ ही पाठको में समझ आ जाएगा ....बोडी एसी कोई भी मोहित हो जाए .....पर गरूर है काफी खुद पर ..........चहरे पर एक अलग ही तेज .......पर काफी handsome ..........चहरे पर मुछे .......आखो में एक कोफ़ ....जो किसी भी ओर उठे ...वो काप जाए .......

    गोरा रंग ......बोडी पर काफी मसल्स उभरी हुई .....सब परफेक्ट सा .....चहरे के फीचर .....साथ बोडी पर 8 एब्स ...पर नजर इस वक्त नंदनी पर टिकी हुई .......

    वो एक नजर उस बेड की जगमगाहट को देखा ....फूलो से चारो ओर सजाया हुआ था ....जिन्हें वो मुठी में मल दिया .........एक झटके से खीच लिया .....वो आस पास झालर सी निचे आकर गिर गयी इन सभी से बेखर .......नंदनी अपने करीब किसी मोज्दगी महसूस कर अलग सी गुदगुदी हो रही थी पुरे बदन में ......

    इन्द्रजीत ....उसके करीब आ गया ..........एक नजर उसे उपर से निचे देखा ..गोरे गोरे छोटे हाथ जिनमे मेहँदी रची थी ........गोरे से पैर ....जिनमे मेहँदी के साथ पायल भी थी .....लाल रंग के जोड़े में .....

    वो नजर उठा अब नंदनी की ओर देखा .....

    नंदनी जिसकी साँसे रुकी पढ़ी थी .....अपने करीब महसूस कर सक्ति थी ......जेसे इन्द्रजीत उसका घुघट एक पल में उठा दिया ......उसकी ह्ल्द्की सिसिक निकल गयी ........

    क्युकी वो उसका दुप्पटा ही खीच लिया उसके तन से ........नंदनी सिमट सी गयी .......हेरानी लिए इन्द्रजीत को देखने लगी ..........इन्द्रजीत के भाव उसे लेकर काफी कठोर थे .......

    नंदनी हकलाते हुए बोली ...आ ....आप .....जेसे ही इन्द्रजीत के भाव क्रिपी से हो गए .......नंदनी जेसे ....हक्का बक्का रह गयी ........उसकी बड़ी बड़ी काली सी आखे .......गहनों से पूरी सजी हुई ....इतने गहने पहने थी ....होठोगुलाबी सी लाली ....बेहद खूबसरत.....उतना ही मासूम चहरा उसका ......

    पर इन्द्रजीत को देख उसने इस तरह ...उसका रिएक्ट करना ...ये कुछ समझ ना आया .......

    इन्द्रजीत उसे देखते हुए ...दुप्पटे को निचे गिराते हुए ठंडी आवाज में बोला ...के हुआ ...मने याद करने की कोशिश कर रही से ....तो नंदनी उसे हेरानी लिए देख रही थी ....जेसेउसे तो विशवास ना हुआ .......

    इन्द्रजीत उसके हाथ जो बेड पर था उस पर हाथ रख अपने हथेली से उसके कोमल से हाथ पर पकड़ कसते हुए बोला ....कोई ना पूरी रात से थारे पास मने याद करने में ......वो सब तो बिता से ....पर आज तो सुहागरात से .....

    तो नंदनी उसे आखे फाड़े देखने लगी ..तेज दर्द सा हुआ हाथ में उसकी आह निकल गयी वो हाथ लेने की कोशिश करने लगी इन्द्रजीत उसके करीब आ बोला .......के हुआ .....मने तो कुछ किया भी कोणी थारो गीत अबार से ही शुरू हो गयो से ....

    तो नंदनी की आखे नम हो गयी ....

    अब आगे ----------------------------

    एसा भी क्या हुआ था नंदनी केसे इन्द्रजीत को जानती .....

    क्या होने वाला था ये तो नेक्स्ट चेप्टर में पता चलेगा ....

    वेसे बताइयेगा जरुर ....केसा लगा ....

     अब आगे ----------------------------

    एसा भी क्या हुआ था नंदनी केसे इन्द्रजीत को जानती .....

    क्या होने वाला था ये तो नेक्स्ट चेप्टर में पता चलेगा ....

    वेसे बताइयेगा जरुर ....केसा लगा ....

     अब आगे ----------------------------

    एसा भी क्या हुआ था नंदनी केसे इन्द्रजीत को जानती .....

    क्या होने वाला था ये तो नेक्स्ट चेप्टर में पता चलेगा ....

    वेसे बताइयेगा जरुर ....केसा लगा ....

     अब आगे ----------------------------

    एसा भी क्या हुआ था नंदनी केसे इन्द्रजीत को जानती .....

    क्या होने वाला था ये तो नेक्स्ट चेप्टर में पता चलेगा ....

    वेसे बताइयेगा जरुर ....केसा लगा ....

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 2. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 2

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  • 3. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 3

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  • 4. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 4

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  • 5. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 5

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  • 6. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 6

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  • 7. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 7

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  • 8. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 8

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  • 9. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 9

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  • 10. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 10

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  • 15. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 15

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  • 16. म्हारा बेहरम पिया - Chapter 16

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