शयन एक अठारह साल का कालेज स्टूडेंट है जो एक सनकी से बचने के लिए अपना शहर छोड कर दिल्ली आ जाता है । उस सनकी के आदमी उसका पीछा नही छोडते है । उनसे बचने के लिए वह एक लडकी का गेटअप ले लेता है । फिर उसकी सच्चाई से अंजान बिजनेसमैन विजय सिंधिया... शयन एक अठारह साल का कालेज स्टूडेंट है जो एक सनकी से बचने के लिए अपना शहर छोड कर दिल्ली आ जाता है । उस सनकी के आदमी उसका पीछा नही छोडते है । उनसे बचने के लिए वह एक लडकी का गेटअप ले लेता है । फिर उसकी सच्चाई से अंजान बिजनेसमैन विजय सिंधिया उसकी शादी अपने बेटे श्रेष्ठ सिंधिया से करा देते है । इस शादी का अंजाम क्या होगा... जानने के लिए पढते रहे ....
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अब आगे:- शयन अपने लाइफ मे आने वाले खतरे से अंजान अपने कमरे मे सोया था। तभी उसके पास एक लडका आकर उसे उठाते हुए कहता है - शयन उठ जा यार, शाम के छह बज गए है ,तुम्हे कैफे भी तो जाना है। शयन उसकी बात सुनकर उठ जाता है और स्माइल करते हुए कहता है- मिहिर थैंक्स यू यार, तू मेरी लाइफ की सबसे प्रेस्टीजीयस चीज है। तूने मुझे अपने घर मे रखा है और मेरा इतना ख्याल रखते हो। ये मिहिर सक्सेना है। यह एक मिडिल क्लास फैमिली से आते है। इनकी ऐज बीस साल है। इनके घर मे इनकी माम लता जी जो लगभग पैंतालीस साल की होगी और डैड नवल रहते है जो पचास साल के है। यह दोनो टीचर है। इनकी एक बेटी भी है जो बारह साल की है। आज से लगभग एक साल पहले शयन मिहिर को रास्ते पर मिला था। वह थोडा घायल था। वह बेहोश था।उसे लेकर अपने घर आ गया ।उसके होश मे आने पर उसने पूछा कि वह कौन है और उसकी ऐसी हालत कैसे हुई शयन- मै शयन हू। थैंक्स यू मेरी मदद करने के लिए, अब मै चलता हू। मिहिर- शयन मै मिहिर हू। तुम अभी घायल हो। तुम मुझे अपने घर का पता बता दो। मै तुम्हे छोड दूंगा। तुम अपने घर वालो का फोन नंबर दे दो उन्हे भी सब बता दूंगा,वो लोग परेशान होगें। शयन- मेरा कोई घर नही है। मै अनाथ हू। मै जहा रहता था वहा से टाइम पर रेंट नही देने के कारण उन लोगो ने निकाल दिया।कुछ दिन बाद जब मेरा कैफे मे काम करते हुए एक महीना पूरा हो जाएगा।तो सैलरी से एक नया रेंट ले लूगा। अब मै चलता हू। मिहिर- हे यार, ऐसी हालत मे कहा जाएगा। तू यही रह जा,जो रेंट तू किसी और को देता ,वही मुझे भी दे देना। शयन उसकी बात मानकर उस घर मे रहने के लिए मान जाता है। तब से वह वही रह रहा है। लता और नवल भी उसे अपने बेटे की तरह मानते है। शयन भी उन लोगो की बहुत केयर करता है। शयन जल्दी से तैयार होकर अपने कैफे के लिए निकल जाता है। वह लेट ना हो जाए इसलिए वह आज साइकिल चलाकर जाता है। वह जैसे ही कैफे पहुंचता है उसकी नजर सामने टेबल पर बैठे अमन और उसके दोस्तो पर जाती है। शयन उन्हे देखकर घबरा जाता है। फिर वह अपने कपडे चेंज कर बाहर आकर लोगो से उनका ऑर्डर बुक करने लगता है। फिर वह अपने साथ काम करने वाले एक लडके रुप को अमन के टेबल पर ऑर्डर बुक करने कहता है। रुप अमन के पास जाकर उसे ऑर्डर करने के लिए कहता है। अमन उसे देखकर स्माइल करता है और कहता है- तुम जिसके बोलने पर मेरे पास आए हो उसे कहो कि वह खुद आकर मेरा ऑर्डर ले। रुप शयन के पास जाकर बताता है कि टेबल नंबर बारह पर बैठे शक्स ने उसे ही ऑर्डर लेने कहा है। उसकी बात सुनकर शयन अमन के पास जाने लगता है। शयन अमन के पास आकर खडा हो जाता है और उससे अपना ऑर्डर देने कहता है। शयन- सर प्लीज प्लेस योर ऑर्डर। यह कहकर वह चुपचाप वहा पर खडा रहता है। अमन- तुम यहा पर क्या कर रहे हो शयन- मै यहा जाब करता हू। अमन उसे आगे कुछ नही कहता और अपना और अपने दोस्तो का ऑर्डर दे देता है। कुछ देर बाद वह लोग वहा से चले जाते है।वहा से बाहर निकल कर अमन अपनी कार मे बैठता है। उसके दोस्त भी उसके साथ थे। अमन के दोस्त- कुछ भी कहो यार, शयन बहुत मेहनती है और क्युट भी। पर आगे क्या होगा ,यही सोच कर डर लग रहा है। अमन- पता किया कि उसके कोई रिश्तेदार है जहा उसे यहा से भेजा जा सके तपन- नही यार, उसका कोई भी नही है। वह बिल्कुल अकेला है। अगर उसे कुछ हो भी जाए तो कोई कंप्लेंट भी नही करेगा। अमन- चुप कर अपनी बकवास। उसे हमे ही बचाना होगा। दुबारा मै वह होने नही दे सकता जो पहले हो चुका है। तपन- टेंशन मत ले,हम सब मिलकर उसे बचा लेंगे। वह लोग आपस मे इस बारे मे बात करते हुए जाने लगते है। दूसरी ओर विकास कल की सुबह का बेसब्री से इंतजार कर रहा था ताकि वह शयन को दुबारा अपने सामने देख सके। वह ऐसे ही उसे याद करते सो गया। शयन भी रात के करीब ग्यारह बजे घर पहुचा। वह बिना आवाज किए अपने कमरे मे जाने लगा। तभी घर की लाइट आन हो गई। सामने हाल मे लता जी खाना लेकर बैठी थी। वह शयन को देख कर मुस्कुराते हुए कहती है कि यह ले और खाकर ही सोना। भूखे पेट नींद नही आएगी। शयन उसकी बात सुनकर अपना सिर हिला देता है। यह देखकर वह लाइट आफ कर अपने कमरे मे चली जाती है। शयन की आंखो के कोनो मे पानी भर गया था। वह जब छोटा था तभी उसके माम डैड नही रहे थे। आज इतने सालो बाद मिहिर और उसकी फैमिली से इतना प्यार पाकर वह खुश था। वह खाना खाकर सो जाता है। सुबह वह कालेज जाता है। आज से कालेज का लेक्चर शुरु था।वह तेजी से अपनी क्लास मे जाने लगता है। कोई इंसान उसे तब से ही देख रहा था जब से वह कालेज आया था। इन सब से बेखबर वह अपनी क्लास का इंतजार कर रहा था। दूसरी तरफ विकास अपने घर मे तेजी से अपना ब्रेकफास्ट फिनिश कर रहा था। उसी समय उसके माम डैड उसके पास आकर बैठ जाते है विकास के डैड- बेटा अब तुम्हे भी शादी करके सेटल हो जाना चाहिए। अब तुम सक्सेसफुल भी हो चुके हो। विकास की माम- अगर तुम हा कहो तो मै लडकिया देखना शुरु कर दू। विकास- ओके माम, पर उसे मुझे भी पसंद आना चाहिए। विकास के माम डैड उसकी बात सुनकर बहुत खुश हो गए। कुछ देर इधर उधर की बात कर ब्रेकफास्ट फिनिश कर वह लोग भी वहा से चले गए। विकास अपने आप से सारी बेबी बाॅय पर तुम्हे मेरा पेट बनके रहना पडेगा। तुम्हे तो छोड नही सकता। तुम मेरी डिजायर को शांत करने के लिए हमेशा मेरे साथ रहोगे।यह कहकर वह हसने लगता है। माय डियर बेबी वेट फार मी आय एम कमिंग। यह कहकर वह अपने ड्राइवर को कार लेकर आने कहता है। वह कार मे बैठ कर ड्राइवर को कार कालेज ले जाने कहता है।वह बीच रास्ते मे रहता है जिसमे उसका फोन बजने लगता है विकास- हैलो,क्या बात है जो मुझे काॅल किया है असिस्टेंट- सर हमे फिलाडेल्फिया मे बनने वाले होटल प्रोजेक्ट मिल गया है। हमे छह महीने के अंदर ही इसे कंप्लीट करना है। सर आपको वहा जाकर यह खुद हैंडिल करना पडेगा जिससे हमारी कंपनी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी एक अलग पहचान बना लेगी और कंपनी को बहुत फायदा होगा। विकास अपने ड्राइवर को कार एयरपोर्ट ले जाने कहता है। विकास अपने आप से बेबी बाॅय जस्ट वेट फार सिक्स मंथ्स। फिर तू मेरे आंखो के सामने ही रहेगा।ताकि मे अपनी छह महीने की प्यास बुझाऊगा।यह कहकर वह एयरपोर्ट के अंदर चला जाता है। अगले भाग मे जारी..... Please comment and share Take care bye