ये कहानी है दो ऐसे शख्स की जो एक दूसरे से कहते है बेइंतहा इश्क लेकिन एक दूसरे के सच्चाई से है अनजान अवनी आरव को होके भी उसकी नहीं है उसकी जान हर मौत के दलदल में है वही आरव जो प्यार में बना है मजनू लेकिन अपनी प्रेमिका के आसमी रूप से है अनजान ,, इस अज... ये कहानी है दो ऐसे शख्स की जो एक दूसरे से कहते है बेइंतहा इश्क लेकिन एक दूसरे के सच्चाई से है अनजान अवनी आरव को होके भी उसकी नहीं है उसकी जान हर मौत के दलदल में है वही आरव जो प्यार में बना है मजनू लेकिन अपनी प्रेमिका के आसमी रूप से है अनजान ,, इस अजनबी कहानी का क्या होगा अंजाम? क्या है आरवी की सच्चाई ? क्यों है वो मौत की दलदल में वो ? आरव क्या जान पाएगा आरवी के बारे में ? क्या प्यार में डूब जायेगा ? क्या रूप लेगी ये कहानी ?
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"अरु.. बेटा उठो सुबह हो गई है कॉलेज नहीं जाना है। " आरवी का नाम ही अरु है घर में सब अरु ही बुलाते है
"डैड थोड़ी देर और सोने दीजिए प्लीज" कंबल को खींचते हुए वो बोली
"नही अभी उठो कॉलेज जाना है तुम्हारे एग्जाम आने वाले है। " आरवी के डैड कंबल हटाते हुए बोले आरवी के डैड यानी अतुल रॉय
"डैड मैं आप की प्यारी सी बेटी हूं ऐसी बेटी बहुत किस्मत से मिलती है । आप को परेशान नहीं करना चाहिए थोड़ी देर और सोने दीजिए ना प्लीज़ थोड़ी देर में उठ जाऊंगी।"
Mr रॉय.. "बिल्कुल नहीं अभी उठो और रेडी होके जल्दी नीचे अजाओ मैने तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट बनाया है। "
इतना सुनते ही अरु बेड पर बैठ जाती है और अजीब सा मुंह बना कर कहती है " क्या अपने फिर से ब्रेकफास्ट बनया है पर क्यू मैं उठ कर बना देती ना ??
"चुप रहो तुम उठ तो नही रही ब्रेकफास्ट बनाने चली हो मुझे लेट नही होना था और न तुम्हे होने देता इस लिए मैंने बना दिया है " इतना कह कर जाने लगते है। "
वही आरवी मुंह लटका कर अपने डैड को बस जाते हुए देखती है।
"वैसे खा के बताना कैसा बना है?" mr. रॉय पीछे मुड़ते हुए हल्के स्माइल के साथ बोले ,"अब जल्दी से जाओ रेडी होके आओ मैं वेट कर रहा हु। "
उन्हे देख के आरवी बस hmm बोलती है Mr. रॉय इतना कह कर कमरे से बाहर चले जाते है आरवी उठ कर वाशरूम में चली जाती है। आरवी वाशरूम में बाथटब में बैठ कर कुछ सोचने लगी । आज आरवी का कॉलेज जाने का बिलकुन मन नही था । बस वो यही सोच रही है की आज कॉलेज जाने से बचे कैसे ," अरे यार मैं डैड को कैसे बताऊं । की मुझे क्यू नही जाना है कॉलेज अगर डैड को पता चला तो बहुत गुस्सा करेंगे । और मैं बिलकुल भी ऐसा नहीं होने दे सकती हूं । और वैसे भी किसी को पता नहीं है मैं कौन हूं । अगर डैड गुस्से में कुछ कर दिए तो सब को पता चल जायेगा । नही नही मैं ऐसा कुछ नही करने दे सकती हूं । अब तो मुझे कॉलेज जाना ही पड़ेगा । नही तो डैड को पता चल जायेगा । "
आरवी खुद से बाते कर रही थी । अचानक से अरु के कानो में उसके डैड की आवाज पड़ती है ।
तो जल्दी से नहा कर रेडी होने लगी । अरु के कमरे में शिला मैया आई । बुलाने के लिए । Mr. Roy ने उन्हे भेजा था देखने के लिए की अरु रेडी हुई या नहीं । शिला जी की उम्र 50 के आस पास है अतुल रॉय जब छोटे थे तभी से शिला उनका ख्याल रखती थी । अरु का पूरा बचपन भी शिला के साथ बिता है । बचपन से ही शिला ने अरु को मां का प्यार किया है । अरु शिला को मैया कहती है । शिला को अपनी मां मानती है । शिला मैया के बोलने पर ही अरु जल्दी से रेडी होके नीचे आ जाती है । किचेन के पास में ही एक काफी लंबा सा डाइनिंग टेबल लगा हुआ था जिसपे कम से कम 15 _20 लोग बैठ सकते है ।
अरु अपना चेयर खींच कर बैठ जाती है,"good morning ☺️dadu "
अरु अपने दादू को विश करती है ।
"Good morning princess रात कैसी रही आज नीद अच्छे से आई थी न ।"
अरु के दादा जी पूछते है " जी दादू बहुत अच्छी नीद आई है। आप बताओ आपकी कैसी रही ".अरु बोलती है अपने दादा जी तभी उसे अजवान मिलता है ," बहुत अच्छी था "
"पहले हम खाना शुरू करते है । नहीं तो ठंडा हो जायेगा ।" Mr. रॉय टेबल पर बाउल रखते हुए बोलते है।
"sir आप बैठो मैं सर्व करती हूं। "शिला कहती है । शीला को सर्व करने के लिए देके अतुल अपनी चेयर पर बैठ जाते है । अरु कहती है शिला को देखते हुए" मैया आप भी हमारे साथ ब्रेकफास्ट कर लो ।
"नही बेटा अभी मुझे भूख नहीं है मैं बाद में खा लूंगी तुम खाओ। " शिला जी कहती है । अरु के प्लेट में रखते हुए
"Mr. रॉय बाहर निकलो घर में बैठे हो..." एक तेज आवाज़ सब के कानो में पड़ती है । अरु अपने डैड को देखने लगती है " ये कौन है जो इस तरह से गला फाड़ रहा है" अरु के दादा जी बोलते है अतुल की तरफ देखते हुए " शिला जी कहती है " आप लोग खाइए मैं देख कर आती हूं कौन है ?? इतना बोल कर शिला बाहर चली जाती है ।
सब साथ में खा ही रहे थे की शिला जी से अचानक भागते हुए अंदर आती है ।
सर वो ... शिला अंदर आते हुए कहती है सब लोग सवालिया निगाहों से शिला जी को ही देख रहे थे " क्या हुआ कौन आया है?? अतुल पूछते है ।
शिला.. सर वो Mr और Mrs शर्मा आए है । कुछ लोगो के साथ , शिला जी ने अतुल की तरफ देखते हुए कहा ।
" जिसका डर था वही हो रहा है अब तो डैड को पता चल ही जाएगा " अरु अपने मन में सोचती है , घबराहट में अपने होठों हो चबाना शुरू कर देती है ।
अतुल..". मैं देखता हूं , इन लोगो को क्या चाहिए । कोई बाहर नही आयेगा जब तक मैं न कहूं ," इतना बोल कर mr. रॉय घर के बाहर जाने लगते है ।
रुको.. एक तेज़ आवाज़ अतुल के कानो में पड़ती है पीछे देखते है तो उनके पिता चेयर से उठते हुए कहते है ।
"जरूर ये सब फिर से शिकायत करने आए होंगे , इनके पास दूसरा कोई काम तो नही है इसके अलावा,इतना बोल कर वो भी बाहर जाने लगते है ।
डैड दादू मैं भी चलती हूं , अरु अपने डैड के पास आते हुए बोलती है ।
" नही बेटा तुम यही रहो मैं नही चाहता हूं की किसी की गंदी नजर तुम्पे पड़े,हम देख लेंगे , तुम कॉलेज जाओ । अतुल अरु के बालो पर हांथ फेरते हुए बोलते है ।
पर dad ... Aru ने इतना ही बोला था की उसके कानो में फिर से एक आवाज़ आती है "देख रहे है आप लोग अभी तक कोई बाहर नही आया है , यहां बेटी कांड पर कांड किए जा रही है और बाप को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है ।
Mr. शर्मा चिल्लाते हुए बोलते है ,क्यू की mr. शर्मा अकेले नहीं आए थे साथ में न्यूज रिपोर्टर को लेके आए थे ।
अंदर सब समझ जाते है की न्यूज वालो को साथ लेके आया है ये इंसान, अरु इतना सुन कर घबराने लगती है फिर से अपने होठों को चबाना शुरू कर देती है ।
अपनी बेटी को घबराया हुआ देख कर, अतुल समझ जाते है जरूर कुछ बड़ी बात है ।
"तुम कॉलेज जाओ , यहां का मैं देख लूंगा ठीक है तुम बिलकुल मत घबराओ, मुझे पता है मेरी बेटी ना कुछ गलत करती है और न होने देती है , तो तुम्हे इतना टेंशन लेने की जरूरत नहीं है । तुम बस अपनी पढ़ाई पर फोकस करो , यहां का देखने के लिए मैं हूं "
आरु एक बार अपने डैड दादू और शिला मैया को देखती है उनके आंखो में खुद के लिए इतना विश्वास देख कर उसके आंखो में आंसु आ जाते है , जल्दी से अपने आंसुओ को छुपा लेती है और सब को एक स्माइल देकर अपने कमरे में चली गई ।
बाहर का शोर जादा बड़ गया था । बीना देरी किए सब बाहर चले जाते है ।
बाहर का नज़ारा देख कर सब की आंखे फटी की फटी रह गई ।
दूसरी तरफ....
आरू अपने कॉलेज के गेट के सामने खड़ी होके, कॉलेज को घूरे जा रही थी।"घूरने से तु।अंदर नही पहुंच पाएगी अंदर जाने के लिए पैरो को यूज करते है", पीछे से किसी लड़की की आवाज आती है । आरू पीछे मुड़ कर देखती है तो एक लड़की आंखो पर चस्मा लगा कर कार से टेक लगा कर खड़ी थी ।वो पूरा ब्रांडेड चीजों से घिरी हुई थी।
अरु घूरते हुए बोलती है " , तू न अपना मुंह बंद रखा कर , जब भी ये खुलता है तब गटर वाली बाते बाहर आती है "
अच्छा तो अब तुम्हे मेरी बाते गटर जैसे लगने लगी हां,,,,,हां लगेगा ही अब तो किसी और की बाते अच्छी जो लगने लगी है" इतना बोल कर सना हसने लगती है ।
सानू आरू की बेस्ट फ्रेंड है । दोनो एक ही क्लास में है , सानू काफी रिच फैमिली से है । सानू के डैड का बिजनेस इंडिया में नही बल्कि यूएस में भी काफी नाम है । दिखने में जहां अरु पतली है , वही सना थोड़ी हल्दी है , बाल
कमर के ऊपर तक ही है ,
"मोटी कही की अब तुम्हे खाने से फुरसत मिल गई है जो यहां आई हो मेरे पास ,"आरू गुस्से में aaru को बोलती है ।
"तुम मुझे मोटी नही बोल सकती हो, मैं किस एंगल से तुम्हे मोटी लग रही हूं , लड़के मरते है मुझे देखने के लिए समझी" , पतली रोटी कही की ।
अरु अपना नाम पतली रोटी सुन कर गुस्से में कॉलेज के अंदर चली जाती है और उसके पीछे पीछे सानू भी अंदर चली जाती है ।
दोनो हॉल से गुजरते हुए जा हो रहे थे , पीछे से एक आवाज़ आती है । "आरवी तुम्हे प्रेंसपल सर ने अपने कैबिन में बुलाया है ," दोनो पीछे मुड़ कर देखते है तो एक लड़का भागते हुए उसके पास आ रहा होता है ।
दोनो पहले एक दूसरे को देखती है उसके बाद सानू उस लड़के से पूछती है क्यू क्या कोई काम है , वो लड़का बोलता है" मुझे नहीं पता बस सर ने बोला है की जब आरवी कॉलेज आए तो सबसे पहले उसे मेरे कैबिन में भेजना । इस लिए मैं काफी देर से अरु का वेट कर रहा था।"
"सिर्फ मुझे बुलाया है"
" पर क्यू?? अरु उस लड़के की तरफ देखते हुए बोलती है आकाश क्या तुम्हे सच में नही पता, अगर तुम जान बूझ कर झूठ बोल रहे हो ना तो मैं तुम्हे छोडूंगी नही समझे, उस लड़के का नाम आकाश दिखने में दुबला पतला सा है ।आंखो पर चस्मा लगा हुआ ।
"नही मैं झूठ क्यू बोलूंगा यार , मुझे सर ने जो कहा है मैं बस वही बोल रहा हूं । तुम चाहो तो जा के पूछ सकती हो ।
आकाश से सानू कहती है " ठीक है मैं जाके देखती हूं हो सकता है कोई इंपोर्टेंट काम हो ," अरु सानू की तरफ देखते हुए बोलती है ।फिर आकाश वहा से चला जाता है ।
"अच्छा हुआ मैं पकड़ा नही गया नही तो ये दोनो मुझे
यही मार डालती" , इधर ये दोनो है उधर वो राक्षस भगवान मेरी रक्षा करना plz" , आकाश खुद से बड़बड़ाते हुए चला जाता है ।
"ठीक है तू क्लास में जा मैं सर से मिल कर आती हूं अरु सानू के कंधे पर हाथ रखते हुए बोलती है । सना ok बोल कर क्लॉस की तरफ चली जाती है जेड?"
अरु... को आज प्रेंसपल सर के कैबिन में जाते हुए पता नहीं क्यू बहुत ज्यादा डर लग रहा था , ऐसा पहली बार था । नही तो आज तक जब भी वो यहां आई है तो ऐसा कुछ भी एहसास नहीं हुआ था ।
अरु...केबिल के बार खड़ी होके पहले दरवाजे को देखती है और एक गहरी सास लेके छोड़ती है । धीरे से दरवाजे पर नॉक करती है पर अंदर से कोई रिस्पॉन्स नही आता है । दुबारा से एक बार करती है पर कोई जवाब नही आता है,तो धीरे से गेट खोल कर अंदर देखती है तो कोई नही दिखाई देता है
थोड़ा सा घबराती है , फिर एक गहरी सांस लेके अंदर चली जाती है ।
"Sir sir.. अरु.".. अंदर जाते समय प्रिंसपल सर को आवाज देती है पर वहा कोई नही दिखाई देता है। वो चारो तरफ देखने लगती है , अचानक से उसे अहसास होता है की दो आंखे उसे घूर रही है ।
आरवी चारो तरफ नजारे घुमा कर देखती है । पर उसे कोई नजर नहीं आता है । किसी के जूतों की कट कट की आवाज अरु के कानो में पड़ती है , ऐसा एहसास होता है कि कोई पीछे चलते हुए उसके पास तक आ रहा 6 है ।
पर पीछे देखने की हिम्मत नही हो रही थी । आज पहली बार अरु को इतनी घबराहट हो रही थी । अचानक से आरवी पीछे मुड़ के देखती है तो डर से कांपने लगती है , आंखे बड़ी बड़ी कर के देखते हुए कहा । "अ.. आ... आप ,या.. यहां क्या कर रहे है"
आरवी सामने खड़े इंसान से अटकती आवाज में पूछती है । सामने खड़े इंसान को देखने लगती है , 30 साल का एक लड़का खड़ा था जिसने इस समय ब्लैक थ्री पीस सूट पहना था सांवला रंग , तीखी काली आंखे , पतले पिंक होठ , लंबी और पतली नाक। दिखने में काफी हैंडसम बंदा है ।।।।।।।।
जारी ✍️
अरु... कैबिन के बार खड़ी होके पहले दरवाजे को देखती है और एक गहरी सास लेके छोड़ती है । धीरे से दरवाजे पर नॉक करती है पर अंदर से कोई रिस्पॉन्स नही आता है । दुबारा से एक बार करती है पर कोई जवाब नही आता है,तो धीरे से गेट खोल कर अंदर देखती है तो कोई नही दिखाई देता है
थोड़ा सा घबराती है , फिर एक गहरी सांस लेके अंदर चली जाती है ।
Sir sir.. अरु... अंदर जाते समय प्रिंसपल सर को आवाज देती है पर वहा कोई नही दिखाई देता है। वो चारो तरफ देखने लगती है , अचानक से उसे अहसास होता है की दो आंखे उसे घूर रही है ।
आरवी चारो तरफ नजारे घुमा कर देखती है । पर उसे कोई नजर नहीं आता है । किसी के जूतों की कट कट की आवाज अरु के कानो में पड़ती है , ऐसा एहसास होता है कि कोई पीछे चलते हुए उसके पास तक अजाता है ।
पर पीछे देखने की हिम्मत नही हो रही थी । आज पहली बार अरु को इतनी घबराहट हो रही थी । अचानक से आरवी पीछे मुड़ के देखती है तो डर से कांपने लगती है , आंखे बड़ी बड़ी कर के देखते हुए कहा । अ.. आ... आप ,या.. यहां क्या कर रहे है ।
आरवी सामने खड़े इंसान से अटकती आवाज में पूछती है । सामने खड़े इंसान को देखने लगती है , 28 साल का एक लड़का खड़ा था जिसने इस समय ब्लैक थ्री पीस सूट पहना था सांवला रंग , तीखी काली आंखे , पतले पिंक होठ , लंबी और पतली नाक। दिखने में काफी हैंडसम बंदा है ।।।।।।।।
अब आगे ...
सामने खड़े इंसान कोई और नहीं अरव सिंघानिया है ...जो हर लड़की के सपनो का राजकुमार है ... वो यहां अपनी क्वीन से मिलने आया है ।
जब अरव ने आरवी को पहली बार देखा था ...तभी आरवी से पहली नजर का प्यार हो गया था ।
फ्लैसबैक....
शहर के बाहर खाली सड़क पर कुछ गाड़िया दौड़ रही थी। पहले दो ब्लैक कार फिर बीच में एक स्पोर्ट्स ब्लू कलर की कार थी । एक के बाद एक लाइन से चल रही थी ।
अचानक से सभी गाड़िया रुक जाती है.. आगे वाली कार से एक आदमी बाहर आता है और ब्लू कार के पास आके खड़ा हो जाता है ।
सर आगे का रास्ता ब्लॉक है ... ब्लू कार में पैसेंजर सीट पर एक 27 साल का लड़का बैठा था । वो पहले तिरछी निगाहों से पीछे देखता है।
"जा के देखो क्यू ब्लॉक है ... आगे का रास्ता खाली करो। कार में बैठा हुआ लड़के ने सामने वाले आदमी से कहा ।
Ok ... बोल कर वो लड़का चला जाता है.. तभी फिर पीछे से एक आवाज़ आती है " 10 मिनट में रास्ता क्लीन हो जाना चाहिए "
Ok sir हो जायेगा . आगे बैठे हुए लड़के ने कहा." .10 मिनट में रास्ता क्लीन हो जाना चाहिए " अपनी बॉस की बताओ को रिपीट करते हुए मन ही मन में गुस्से से कहा ।
" शिव. " तभी एक कोल्ड आवाज उस लड़के के कानो में जाती है ...आगे कार में जो लड़का बैठा था उसका नाम शिव है... अभी वो मन में अपने बॉस को कोस ही रहा था बिचारा... बीच में ही अपना नाम सुनाई दे गया ।
" जी सर" शिव ने पीछे देखते हुए कहा ।
" मुझे कोसना हो गया हो तो बाहर जाके देखो क्लीन हुआ की नही " ... पीछे बैठे आदमी ने शिव से कहा ।
शिव कार का गेट खोल कर बाहर चला जाता है... आगे और पीछे जो कार खड़ी थी उनमें से सारे बॉडी गार्ड कार के बाहर एक अपनी पोजिसन लेके खड़े हो जाते है ।
"Sir... रास्ते पर बहुत बड़ा सा एक पेड़ गिरा है... वहा से गाड़ियों का जाना मुस्किल है ... और हमारे पास इतने लोग नही है... कि टाइम पर हटा सके" शिव ने अंदर बैठते हुए कहा।
"मैने तुम्हे बस 10 मिनट दिया है... तो प्रोबल्म तुम्हारी हुई मुझे बस टाइम पर पहुंचना है ."इतना सुनते ही शिव झल्ला जाता है " क्या यार तुम ऐसा नहीं कर सकते मेरे साथ मैं तेरा दोस्त हूं ... मुझपे थोड़ा सा तो रहम किया करो .जब देखो ऑडर छाड़ देते हो".शिव अपनी सीट पर बैठे हुए कहा ।
पीछे बैठा इंसान कोई और नहीं अरव सिंघानिया है ... यहां किसी मीटिंग की वजह से आए थे । शिव के डैड और अरव के डैड बेस्ट फ्रेंड है ... शिव बचपन से अरव के साथ रहता है
शिव के डैड चाहते थे...कि उनका बेटा बिजनेस को आगे लेके जाए... लेकिन शिव को इसमें कोई इंट्रेस्ट नही था इस वजह से अरव का एसिस्टेंट बन के काम करना स्टार्ट कर दिया ।
"अगर हम लोग यहां से रिटर्न जायेंगे तो काफी टाइम वेस्ट होगा वहा तक चल कर जाते है और दूसरी गाड़ियों को बुला लेंगे .. ऐसे तो टाइम भी बचेगा और हम पहुंच भी जाएंगे "
शिव ने अरव की तरफ देखते हुए कहा ... कार खोल कर अरव बाहर की तरफ जाने लगते है ."अरे यार रुक मैं भी आ रहा हूं मुझे तो अपने साथ लेके चल "शिव , अरव को आवाज देते हुए बाहर आ जाता है ।
दोनो लोग खाली सड़क पर चलने लगते है ... कुछ बॉडी गार्ड पीछे थे तो कुछ लोग आगे चल रहे थे ... सब ने ब्लैक यूनिफॉर्म पहन रखा था ... चलते टाइम ही शिव ने कॉल करके दूसरी गाड़ी मंगा ली
सब लोग अब उस जगह पहुंच चुके थे... जहा पर पेड़ गिरा था..." क्या ये सब आज ही होना था..एक तो घर जल्दी नही पहुंचे तो दादा जी घर के अंदर घुसने नही देंगे
तेरा क्या है तुझे तो कोई फर्क ही नहीं पड़ेगा... पर वो तो मुझे अपनी नजरो से ही भस्म कर देंगे" शिव ने घबराते हुए कहा।
फिर सब लोग एक एक कर के पेड़ को क्रॉस करते है .... आगे काफी अंधेरा था ... "यहां इतना अंधेरा क्यू है कोई लाइट नहीं है क्या ?. शिव ने अंधेरा देखते हुए कहा।
"थोड़ी देर तुम अपना मुंह बंद रख सकते हो अगर नही हो रहा हो तो मुझे बता तो मैं अच्छे से कर दूंगा... अरव ने इरिटेट होके कहा शिव के इतना बोलने पर आरव झल्ला गया था ।।
आरव की बात सुन के शिव ने जल्दी से अपने होठों पर एक उंगली रख कर अरव की तरफ देखने लगता है ।
" Good... आरव ने आगे चलते हुए कहा ।
शिव ने अचानक से आरव का हांथ पकड़ कर रोक लिया सब एक साथ शिव की तरफ देखने लगते है ... आरव सवालिया निगाहों से शिव को देखने लगे... शिव ने जल्दी से अपना हाथ वापस पीछे ले लिया ।
" क्या हुआ अब कुछ बोलोगे भी ? .. आरव ने शिव को घूरते हुए पूछा ... शिव से आगे की तरफ इशारा किया तो सब लोग उस दिशा में देखने लगते है ।
सड़क के किनारे पर लाइट की थोड़ी सी रोशनी आ रही थी.. और एक लंबी सी परछाई दिखाई दी... देखते ही सारे बॉडी गार्ड ने सामने गन प्वाइंट कर के खड़े हो जाते है ... चारो तरफ से सब लोगो ने आरव को कवर कर लिया
जैसे जैसे सब लोग आगे बड़ रहे थे वैसे ही परछाई कम होती जा रही थी जहा से परछाई आई थी वहा अब सब लोग पहुंच चुके थे... आरव ने सब को गन नीचे करने को कह दिया
"तुम ये क्या कर रहे हो क्या पता कोई हमारा दुश्मन हो ?? शिव ने आरव की तरफ देखते हुए कहा ।
La la la la la .... Ho ho ho ... सब के कानो में ये अजीब सी आवाज पड़ती है तो सब उस दिशा में देखने लगते है ... वहा पर एक लड़की जिसने फ्रॉक सूट पहन रखा था , बाल काफी लंबे थे , दिखने में पतली सी जो स्ट्रीट लाइट के उजाले को उछल उछल कर पकने की कोशिश कर रही थी ।
"ये पागल लड़की कौन है और यहां अकेले क्या लाईट की रोशनी को पकड़ने आई है?...शिव ने सामने देखते हुए कहा।
जब कोई जवाब नही मिला तो वो आरव की तरफ मुड़ा तो शॉक रह गया ... जो इंसान कभी हंसता नही है वो आज मुस्कुरा रहा है वो भी एक लड़की को देख कर ।
गोरा सा चेहरा लाईट के सामने और चमक रहा था । भूरी आंखो की पलके बार बार ऊपर निचे हो रही थी... फ्रॉक को पकड़ कर गोल गोल बस घूमे जा रही थी... उस लड़की को डांस करते हुए सब बड़े प्यार से देख रहे थे ।
आरव के कदम कब उस लड़की की तरफ बड़ गए उसे पता ही नही चला बस पास में पहुंचने ही वाला था कि आगे एक कार आके रुकती है ।
"आरु अगर तेरा डांस हो गया हो तो घर चले काफी रात हो गई है...सामने जो लड़की डांस कर रही थी वो कोई और नहीं आरवी ही थी..जिस ऑटो से आरवी घर जा रही थी बीच रास्ते में ही ऑटो खराब हो जाती है इस लिए अकेले खाली रास्ते पर चलने लगती है । कुछ दूर चली ही थी कि रास्ते में लड़के पीछे पड़ जाते है .. उसने भागते हुए आरवी यहां पहुंच जाती है ।
"तुम अभी आ रही हो मैने तुम्हे जल्दी आने को कहा था ना...अब मुझे तुम्हारे साथ नही जाना है मेरा मन नही है ... मैं सोच रही हूं कि मैं आज यही रुक जाती हूं " आरवी ने अपना मुंह फेरते हुए कहा ।
"Sorry.. मेरी जान तुझे पता है ना अगर घर पर बता देती की यहां पर क्या हुआ है तो तुम जानती ही हो डैड पुरा शहर अपने सिर पर उठा लेेते इस लिए उनसे झूठ बोल कर आना पड़ा है "आरवी की दोस्त सानू ने अपने कान पकड़ते हुए कहा।
*अच्छा ठीक है ठीक है मैने तुम्हे माफ किया ... अब जल्दी चलो मुझे भूख बहुत तेज लगी है"दोनो लड़किया कार में बैठ कर वहा से निकल जाती है ।
आरव बस पीछे से कार को देख रहा था ।जब गाड़ी आंखो से ओझल हो जाती है...तो वो भी अपने कार में बैठ के घर के लिए निकल जाता है ।
एक आलीशान बंगले के सामने कुछ गाड़िया आके रुकती है .. जहा बड़े बड़े शब्दों में ... "सिंघानिया मेंसन" लिखा था ... आरव सीधे अपने कमरे में जा के बेड पर लेट जाता है लेटा तो था पर आंखो में नीद कही भी नहीं था । आरवी का खूबसूरत चेहरा याद करते हुए बस मुस्कुराए जा रहे थे .. कार में ही शिव से आरवी की information निकलने के लिए कह दिया था ।
शिव को जिस बात का डर था ... आज उसके साथ वही हुआ था....बेचारा अभी दादा जी के सामने सर झुका कर खड़ा था
जारी..✍️
क्या होगा आगे ?? क्या आरवी आरव के प्यार को समझेगी?? शिव के साथ दादा जी क्या करे
अच्छा ठीक है ठीक है मैने तुम्हे माफ किया ... अब जल्दी चलो मुझे भूख बहुत तेज लगी है। दोनो लड़किया कार में बैठ कर वहा से निकल जाती है ।
अरव बस पीछे से कार को देख रहा था ।जब गाड़ी आंखो से ओझल हो जाती है...तो वो भी अपने कार में बैठ के घर के लिए निकल जाता है ।
एक आलीशान बंगले के सामने कुछ गाड़िया आके रुकती है .. जहा बड़े बड़े शब्दों में ... "सिंघानिया मेंसन" लिखा था ...अरव सीधे अपने कमरे में जा के बेड पर लेट जाता है लेटा तो था पर आंखो में नीद कही भी नहीं था । आरवी का खूबसूरत चेहरा याद करते हुए बस मुस्कुराए जा रहे थे .. कार में ही शिव से आरवी की information निकलने के लिए कह दिया था ।
शिव को जिस बात का डर था ... आज उसके साथ वही हुआ था....बेचारा अभी दादा जी के सामने सर झुका कर खड़ा था ।
अब आगे...
" तुम दोनो को आने में इतनी देर कैसे हो गई.?शिव से... "प्रकाश" जी पूछते है ..यानी अरव के दादा जी जिनका नाम ( प्रकाश सिंघानिया ) है ।
"वो... वो ... दादू... शिव ने हकलाते हुए कहा।
"क्या तुम कोई नसा करके आए हो जो इस तर से बात कर रहे हो " प्रकाश जी ने गुस्से से कहा ।।
शिव ने जल्दी से अपना सर ना में हिला दिया.
" तो फिर इस तरह से जवाब क्यू दे रहे हो " प्रकाश जी ने थोड़े गुस्से भरे लहजे में फिर से बोले ।।
" नही दादू मैं तो बस वो कह रहा था कि... मैं आज थोड़ा ज्यादा थक गया हूं इस लिए ऐसे बहकी बहकी बाते बोलते जा रहा " शिव ने प्रकाश जी को अपना दांत देखते हुए कहा।
" अच्छा ठीक है .मुझे लगता है आज तुम ज्यादा थक गए हो इस लिए जाके थोड़ा आराम कर लो ." इतना सुनते ही शिव खुश हो जाता है ... और जल्दी से अपना सिर हां में हिला के जैसे ही जाने को होता है की तभी प्रकाश जी फिर से कहते है ।।
"मैने अभी जाने के लिए नही कहा है तो तुम कहा जा रहे हो इतना सुनते ही शिव के कदम वही रुक जाते है " वो मन में कहता है " आरव इसके लिए तुझे कल बताऊंगा कमीने तू जो मजे से अपने कमरे में सो रहा है " फिर शिव ने पीछे मुड़ कर दादा जी के तरफ देखने लगा ।
"दादा और पोता एक जैसे है.. अपने आगे दूसरो का सुनते ही नही है बस अपनी मर्जी चलाते है हर किसी पर ... इनसे अच्छे तो" ओम अंकल" है।
( आरव के dad का नाम "ओम सिंघानिया " है ) शिव मन में बड़बड़ाता है ... "क्या सोचने लग गए हो मैं कुछ पूछ रहा हूं" प्रकाश जी शिव को घूरते हुए कहते है
हार मान के शिव ने वहा पर जो कुछ हुआ था सारी चीजे बता कर एक गहरी सांस लेते हुए अपने कमरे की तरफ चला जाता है जैसे उसकी मंजिल की ट्रेन अभी झूट जाएगी. वही Mr. प्रकाश भी अपने कमरे में आराम करने चले जाते है ..इस वक्त रात के 10 बज रहे थे ।
" अच्छा हुआ मैने उस लड़की के बारे में नही बताया नही तो दादा जी पता नही क्या करते ... शिव ने कहा फिर खुद को सबासी देते हुए " Whh शिव तूने तो कमाल का काम किया है.. तुझे तो पुरुष्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए आज तूने प्रकाश सिंघानिया को अपनी बताओ में घुमा दिया ..अच्छा किया उस लड़की के बारे में नही बताया नही तो दादा जी के साथ साथ तेरा राक्षस बॉस भी पता नही तेरे साथ क्या करते " शिव मन में सोचते हुए अपने कमरे में पहुंच जाता है... बिचारा बेड पर ऐसे गिरा जैसे कई बरसों से आराम करने को तरस गया हो ।
दूसरी तरफ ... आरव अभी भी आरवी के ख्यालों में खोए थे ... कब सुबह हो जाती है पता ही नही चलता है." एक बार तुम्हे सामने से बडी सिद्दत से देखना है जब तक देखूंगा नही मुझे सुकून नहीं मिलेगा ... आखिर तुम जो मेरे पहली चाहत जो बन गई हो "
आरव खुद से कहते हुए वॉशरूम में फ्रेश होने चला जाता है ।
कुछ देर बाद " Sir ये लीजिए... सारी डिटेल्स इस फाइल में है " शिव ने कमरे में आते हुए कहा ... अरव जो अभी अभी वाशरूम से बाहर आया था .... शिव की बात सुन कर सीधे उस फाइल को लेके पढ़ने लगता है ।
फाइल को पढ़ते समय आरव की नजर एक नाम पर जा के जम जाती है .... ( RPS कॉलेज) ... कॉलेज का नाम पढ़ते ही आरव के फेस पर स्माइल आ जाती है ।
" Ooo तो तुम इस कॉलेज में पढ़ती हो ... अच्छी बात है अब तो तुमसे रोज मुलाकात होगी ... मेरी जान" आरव फाइल को टेबल पर रख कर चेंज करने चले जाते है । और शिव को कार निकलने को कह दिया ।
शिव सीधे कमरे से निकल कर बाहर चला जाता है ... कुछ देर में आरव रेडी होके अपनी कार की तरफ चला गया ।
" कल रात ये इतना लेट आया और आज इतनी सुबह जा रहा है ... पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ था कल से ये सब चल क्या रहा है पता लगाना पड़ेगा मुझे नही तो कही ऐसा ना हो ये लड़का मेरे हांथ से निकल गए " दादा जी ने बाहर जा रहे आरव को देखते हुए कहा।
आरव सीधा कार में जा के बैठ गया ... जहां शिव पहले से वेट कर रहा था ।
" Sir पहले कहा चले" ... शिव ने ड्राइविंग सीट पर बैठे हुए पूछा... ऑफिस... अरव ने अपने फोन में आरवी की तस्वीर को देखते हुए कहा ।
ये तस्वीर शिव ने ही भेजी थी .... आरवी के बारे में पता लगाते टाइम दो तीन फ़ोटो भी लाने को कहा था... सुबह ही अरव के पास सेंड कर दिया था ।
शिव ने कार को ऑफिस की तरफ घुमा लिया और अपनी ड्राइविंग पर फ़ोकस करने लगा.. पर फिर भी आज उसकी नजर पीछे बैठे आदमी पर जा रही थी ... आरव जब से आरवी से मिला है तभी से अलग बिहेव करने लगा था ... आरव बस अपने फोन में देखते हुए स्माइल किए जा रहा
और वही शिव बस हैरानी से बार बार मिरर से आरव को देख रहा था... अचानक से जब कार रुकती है तो आरव अपना sir घुमा कर देखे तो बाहर बहुत ज्यादा ट्रैफिक लगी थी ।
" ये भोपाल के लोगो को क्या हो गया है इतनी सुबह भीड़ मचा कर रखा है "शिव ने बाहर देखते हुए कहा ।
बगल से एक आदमी को गुजरते हुए देखा तो रोक कर पूछने ही वाला था कि तभी आरव ने गाड़ी दूसरी साइड से ले जाने को कह दिया ।
शिव ने गाड़ी को दूसरी तरफ ले जाना शुरू कर दिए ... इस रास्ते की सड़क काफी खराब थी , जगह जगह पर पानी रुका हुआ था ,कई सारे गढ्ढे थे ।
जाने में थोड़ी प्रॉबलम हो रही थी , पर फिर भी टाइम से पहुंचना था ... आज एक इंपोर्टेंट मीटिंग जो थी , इस डील के लिए आरव ने काफी मेहनत किया था ... काफी टाइम बाद क्लाइंड ने इस मीटिंग के लिए माने थे ... तो लेट होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है ।
अचानक से कार की ब्रेक लगती है तो आरव ने गुस्से से शिव से पूछा ... "क्या तुम पागल हो गए हो , मारने का इरादा है क्या तुम्हारा " शिव ने जब आरव को गुस्से में देखा तो जल्दी से बोल पड़ा " अरे नही यार वो आगे कोई लड़की आ गई थी "
"तो जा के देखो ज्यादा चोट तो नही आई है ," अभी आरव... शिव से बोल ही रहा था कि तभी कुछ टूटने की आवाज़ आती है तो दोनो लोग बाहर देखने के लिए निकल जाते है ।
दोनो लोग बस गुस्से और शॉक में अपनी कार को देख रहे थे , जिसका साइड मिरर टूट चुका था.... आरव की गुस्से से मुठ्ठी कस गई थी ।
शिव बिचारा तो पहले कार देखता फिर आरव को उसकी हालत ही खराब हो गई थी ... तभी उन दोनो के कानो में एक आवाज पड़ती है ,"ओए देख कर गाड़ी नही चला चलते हो , सुबह क्या पी रखी है जो इस तरह से गाड़ी हवा में लेके जा रहे थे , अगर मुझे कुछ हो जाता ना तो मैं यही पर तुम दोनो को जिंदा गाड़ देती समझे.इडियट्स.. ।
शिव बस आरव के फेस को देखते हुए अपने आप से कहा ." क्या ये लड़की पागल है जो आरव सिंघानिया के सामने उसे जिंदा गाड़ने की बात बोल रही है , मुझे लगता है बिचारी को पता नही है कि ये किसके सामने खड़ी है "
इतना कह शिव जैसे ही पीछे पलट कर देखता है तो शॉक हो जाता है उसके सामने आरवी अपने कमर पर हाथ रख कर खड़ी थी... जिसने रेड कलर का अनारकली सूट पहल रखा था ।
कानो में झुमके , माथे पर छोटी काली बिंदी ... काफी खूबसूरत लग रही थी... आरव अभी भी गुस्से से बस अपनी कार को ही देख रहा था ... ये उसकी फेवरेट कार जो।थी , ।
शिव तो कभी आरव के गुस्से फेस को देखता , फिर कभी आरवी को जो गुस्से से दोनो को घूर रही थी... आरवी ने कहा ," दिखने में तो आप दोनो अच्छे घर के लगते हो...पर इस तरह से चलना अच्छी बात नहीं है अगर मेरी जगह कोई और होता तो उसकी क्या हालत होती ,मैं तो काफी स्ट्रॉन्ग हूं इस लिए बच गई लेकिन वो नहीं बस पाते ".
आरवी की बात सुन आरव जब पीछे मुड़ कर देखा तो देखता ही रह गया , उसके सामने वही लड़की खड़ी है जिसने रातों की नीद उठा रखा है... आरवी खुद को घूरते हुए पाती है तो वहा से निकलना ही सही समझा अभी वो खुद के लिए कोई प्रॉबलम नही क्रिएट कर सकती थी , वैसे भी पहले से उसकी लाइफ में बहुत कुछ हो रहा है ।
वो आगे बड़ती की पीछे से किसी ने आरवी का हांथ पकड़ लिया , जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तो आरव ने हांथ पकड़ रखा था." मेरा हांथ छोड़िए.."आरवी ने अपने हाथों को छुड़ाते हुए कहा.. पर आरव के ऊपर तो उसकी बातो का कोई असर ही नही हो रहा था , अचानक से आरव ने आरवी को अपनी तरफ खींचा , आरवी जाके सीधे अरव के सीने से लगी ।
वो बस आंखे फाड़े आरव को देख रही थी फिर उसने कहा " . ओ मिस्टर! ये क्या बत्तमीजी है ,मैने कहा मुझे छोड़ो " आरवी ने आरव की पकड़ से खुद को छुड़ाते हुए कहा ... शिव बिचारा तो पीछे बस शॉक होके सब कुछ देख रहा था उसे तो यकीन नहीं हो रहा था उसका बॉस ऐसी हरकते भी कर सकता है ।
₹ क्या आप बहरे हो जो सुनाई नही दे रहा है , एक तो मुझे सुबह सुबह मारने की कोशिश की है , और अब बत्तमिजी कर रहे हो" , आरवी ने आंखो में देखते हुए कहा ।
आरव को इस बात की आज ज्यादा खुशी थी ... कि कोई उसकी आंखो में देख कर बात कर रहा है , नही तो आज तक किसी की हिम्मत तक नही हुई है कोई नजर उठा कर देखे , पर आरवी में एक अलग बात थी जो आज देख भी रही थी , और तो सीधे धमकी भी दे रही ।
अरव ने आंखो में देखते हुए कहा " इसे प्यार करना कहते है क्यूटी" .. सुनते ही आरवी का पारा ही चढ़ गया ... आरव के पैरो पर एक जोर की किक मार कर खुद को छुड़ा लेती है , और दूर जाके खड़ी हो जाती है ।
"देखो मिस्टर! मुझसे दूर रहो उसी में तुम्हारी भलाई है ,नही तो तुम्हारा वो हाल होगा कि तुम कभी भूल नहीं सकते समझे, ...और ये मजनू गिरी कही और दिखाना मेरे सामने तो बिल्कुल भी नही क्यू की इन सब का कोई फायदा नही है ... मैं कोई तुम्हारे प्यार में गिरने वाली हूं नही "
आरवी ने अपनी एक उंगली आरव की तरफ प्वाइंट करते हुए कहा ," वो तो वक्त ही बताएगा बेबी... आरव ने अपने हांथ को दोनो पॉकिट में रखते हुए कहा
" मैं आप को याद रखूंगी आज सुबह कोई पागल मिल गया था जिसने पी रखी थी , आरवी ने कहा .... और अपने आगे के दोनो दांत दिखा कर चली गई ।
"मैं तुम्हे खुद को भूलने भी नही दूंगा" , आरव ने जाती हुई आरवी की तरफ देखते हुए कहा , फिर दोनो लोग अपने मंजिल की तरफ बड़ जाते है ।
फ्लैसबैक एंड.......
अब क्या करेगी आरवी क्या अरव के प्यार को एक्सेप्ट करेगी ? क्या ये आरव का प्यार ही है कि कोई चाल ? आरवी क्या कभी समझ पाएगी अरव को ?
तुम्हे खुद को भूलने भी नही दूंगा , अरव ने जाती हुई आरवी की तरफ देखते हुए कहा , फिर दोनो लोग अपने मंजिल की तरफ बड़ जाते है ।
फ्लैसबैक एंड.......
अब आगे ....
आगे हमने यहां तक पढ़ा था, कि आरव कॉलेज आया है आरवी से मिलने , तो यही से स्टार्ट करते है ।
"आप यहां क्या कर रहे है? ,और आप बार बार मेरा हांथ क्यू पकड़ लेते है ? छोड़िए मुझे । आरवी ने अपने हांथ छुड़ाते हुए कहा ।
आरव जब सामने आया तब खुद से दूर जाते हुए आरवी को देख तुंरत ही अपनी तरफ खीच लेता है ... , और आरवी के हाथो को कस के पकड़ रखा था जिससे आरवी के हाथो में अब दर्द होना शुरू हो गया
"मुझे छोड़ो दर्द हो रहा है." आरवी ने आंखो में आंसु लिए आरव की तरफ देखते हुए कहा ।
दूर जाने की बात से ही आरव को गुस्सा आ गया था इस वजह से ये एहसास ही नहीं हुआ कि काफी रूड तरीके से हाथों को पकड़ रखा है , बस आरव के माइंड में जो कुछ देर पहले आरवी ने कहा था वही बाते घूम रही थी ।
प्लीज़. छोड़िए मुझे काफी दर्द हो रहा है " आरवी ने फिर से और काफी तेज आवाज में कहा आरव को अब जाके एहसास होता है... कि अभी वो क्या कर रही है उसने एक नजर हांथ को देखा फिर तुरंत ही आरवी के हाथो को छोड़ दिया ।
आरवी ने अरव के आंखो में देखते हुए कहा ." आखिर आप को मुझसे क्या चाहिए जो मेरा पीछा करते हुए यहां तक पहुंच गए हां ना मैं आप को जानती हूं ना आप मुझे फिर क्यू ऐसे पीछे पड़े है मैं समझ नही पा रही प्लीज बताइए मुझे ।
तुम ." अचानक से आरवी के कानो में आरव की बात पड़ती है तो दोनो एक दूसरे के आंखो में देखते ही खो जाते है , काफी टाइम तक दोनो एक दूसरे को यूंही देखते रहे ।
दोनो की आंखे काफी कुछ बया कर रही थी , जहां आरवी आरव के आंखो में खुद के लिए प्यार और जुनून देख रही थी और वही आरव उसकी आंखो में दर्द देख रहा था ।
आरवी के आंखों में दिख रहे दर्द को उसे अपने सीने में महसूस होने लगा था ... उसे ऐसा लगा की कोई उसके सीने पर दो तीन पत्थर रख दिया ।
आरवी के आंखो में एक काशिस था , जो आरव बर्दाश नही कर पा रहा वो अपनी नज़रे फेर लेता है दुबारा से उसकी नजर आरवी के होठों पर जा के रुक गई . जो गुलाब की पंखुड़ियो की तरफ खिला था ।।
आरव की आंखो में देखते हुए उसे महसूस हुआ की वो उसके होठों को घूर रहा है तो एक पल के लिए आरवी डर जाती है और एक कदम पीछे ले लेती है ।
आरव ने जब देखा की वो उससे दूर जाने की कोशिश कर रही है तो उसने अपने कदम आगे बड़ाना शुरू कर दिया ।
आरवी अपने कदम पीछे लेते हुए जा रही थी तो वही आरव अपना कदम उसकी तरफ ... अचानक से आरवी रुक जाती है क्यू कि उसके पीछे टेबल रखा था ।
टेबल से टकराकर रुक जाती है ये देख कर आरव के फेस पर स्माइल आ जाती है ।
" अब कहा जाओगी " . अरव ने आरवी के आंखो में देखते हुए कहा । जहां पर इस समय डर साफ नजर आ रहा
स्माइल देख कर तो आरवी की सांसे ही रुक जाती है , वो गहरी गहरी सांसे लेने लगती है ।
"ये ... ये ... आप क्या कर रहे है दूर हटिए"आरवी ने डरते हुए कहा ।
किस me " ... आरव ने आगे झुकते हुए कहा ।
व्हाट... ये क्या बकवाश कर रहे दूर हटो" आरव को बात सुन आरवी ने छिड़ते हुए कहा , और पीछे की तरफ झुक कर खड़ी हो गई ।
" अगर तुम नही करोग तो मैं खुद कर सकता हूं . पर मैं चाहता हूं तुम करो " आरव थोड़ा और झुकते हुए।बोला ।
और मैं ऐसा क्यों करूं? आरवी ने और पीछे झुकते हुए कहा ।
क्यू की मैं चाहता हूं " आरव ने और आगे की तरफ झुकते हुए कहा ।
आप को क्या लगता है आपने कह दिया तो मैं मान जाऊंगी , तो ये आप की भूल है मैं ऐसा कुछ नही करने वाली हूं समझे आप , और मेरे ऊपर से हटिए मुझे जाना है ... मेरी क्लास है पता नही कहा कहा से आ जाते है मैं जानती तक नही और इन्हे किस चाहिए " आरवी ने गुस्से से धक्का देते हुए कहा ।
लेकिन आरव अपनी जगह से टस से मस नहीं हुआ वही की वही खड़ा रहा " मैने कहा ! मुझे जाने दीजिए , अगर किसी ने देख लिया तो मेरी वाट लग जायेगी . आप का क्या है मुंह उठा के आए और मुंह उठा के चले जायेंगे।
आरवी ने कहा और आरव को खोद से दूर करने की कोशिश करने लगी ।
काफी कोशिश के बाद फाइनली आरवी खुद को छुड़ा कर बाहर जाने लगी , तभी पीछे आरव ने उसकी कमर से पकड़ कर खुद के पास खीच लिया । और कहा
" इतनी जल्दी क्या है ? पहली बार मिलने के बात भी तो कर सकते है ना "
आरवी ने कसमसाते हुए कहा.... " देखिए मिस्टर! ना आप मुझे जानते है न मैं आप को तो इस तरह से ये सब आप क्यू कर रहे है मुझे जाने दीजिए "
आरव ने आरवी के कान में कहा " अगर ना जाने दूं तो "
आरवी ने आरव के हांथ की पकड़ ख़ुद से दूर करते हुए कहा " नही करोगे तो पछताओगे मैं तुम्हारा मुंह तोड़ दूंगी समझे तुम ये जो रोमियो बन रहे हो ना सारा रोमियो गिरी निकाल दूंगी तुम जानते नही हो मैं कौन हूं "
आरव ने एक बार ध्यान से देखा फिर कहा ... मैं तो मजाक कर रहा था तुम गुस्सा क्यू हो रही तुम जाओ मुझे जो जानना था वो मुझे पता है और रही बात तुम्हारी तो धीरे धीरे जान जाओगी मुझे मैं कौन हूं ?
अभी तो मुझे बस तुम्हारी किस चाहिए.... चलो जल्दी से दे दो अब मैं और ज्यादा देर वेट नही कर सकता हूं ok ... अपने फिंगर से आरवी के होठों को टच करते हुए कहा ।
आरवी तो छूने से ही सिहर रही थी ... उसका दिल तो ट्रेन की रफ्तार से भी ज्यादा दौड़ रहा
आरवी ने अपने मन सोचते हुए कहा.... ये मुझे हो क्या रहा है मेरा दिल इतनी जोर जोर से क्यू धड़क रहा है ? कुछ समझ नही आ रहा है... मैं क्या करूं?.. ये पागल आदमी तो मेरे पीछे हांथ धो के पीछे पड़ गया है ... अब मैं कैसे बचू इनसे ... ये भगवान अपने इस भक्त की रक्षा करो plz।
मुझे तो इनका नाम भी नहीं पता है? ... करते क्या है वो भी नही जानती ? " अरव सिंघानिया " . किसी से भी पूछ लेना पता चल जायेगा ....।
आरव ने स्माइल करते हुए कहा... अभी जो लड़की उसकी बाहों में खड़ी थी वो शॉक में चली गई थी। ....
"क्या ये आदमी कोई जादूगर है ? मन की बाते भी पढ़ सकता है " अरवी ने खुद से बड़बड़ाते हुए कहा ।
तभी दोनो के कानो के किसी की आवाज आती है ... आरु क्या तू अंदर है ? ... ये सानू थी आरवी को ढूंढ़ते हुए यहां तक आई ।
सानू क्लास में काफी टाइम से आरवी का वेट कर रही थी। पर जब वो नही आई तो खुद ही उसे ढूंढते हुए यहां आना पड़ा ... वैसे वो एक बार जानना चाहती थी की ये अचानक से आरवी को प्रिंसपल सर ने क्यू बुलाया है? ।
कैबिन की तरफ आते टाइम अचानक से सानू की नजर बाहर गार्डन में चली गई ... वहा सर को खड़े देख कर उसे कुछ ठीक नहीं लगा इस लिए वो आरवी को ढूंढना शुरू कर देती है।
"जब sir बाहर है तो ये आरू कहा है न दिख रही है।और न ही उसका कुछ पता चल रह है " सानू ने कैबिन के सामने बड़बड़ाते हुए कहा
सानू की सारी बाते आरवी सुन रही थी ... वो सानू को आवाज देने ही वाली थी की तभी खुद के ऊपर किसी के हांथ महसूस हुए नजरे उठा कर देखा तो आरव ने अपने हाथो से उसके मुंह को बंद कर रखा था ।
"अगर तुमने एक शब्द भी अपनी ज़बान से निकाली तो मैं खुद को रोक नही कर पाऊंगा और सब को।बता दूंगा" आरव ने अपने हांथ हटाते हुए कहा ।
" मेरी फ्रैंड मुझे ढूंढ रही है , मुझे जाना है ... आरवी ने घबराते हुए कहा , और गेट की तरफ देखने लगी ।
आरव ने पॉकेट से फोन निकाल कर किसी को msg किया, फिर आरवी को सीधा खड़ा कर के फोन रख दिया ।
"मैंने तो पहले ही कहा था मुझे किस करो और जाओ अपनी फ्रैंड के पास मैने कब मना किया है" आरव ने अपना फेस एकदम पास में करते हुए कहा ।
आरवी थोड़ा पीछे होती हुए कहा "मैं ऐसा कुछ नही करने वाली हूं समझे आप।
"ठीक है तो तुम यहां से कही नही जा सकती हो ... जब तक तुम मुझे किस नही करोगी... मैं जाने नही देने वाला हूं, "आरव ने बिच में कहा
"आप को शर्म नही आ रही है ऐसे किसी के कॉलेज में आके उसके साथ जबरजस्ती करना "आरवी ने गुस्सा दिखाते हुए कहा ।
"अभी तो मैने कुछ किया ही नहीं है , मैं तो प्यार से मांग रहा हूं ... दे दो फिर जाओ लेकिन तुम हो की कहा सुन रही हो मेरी बात " आरव ने आरवी के फेस पर अपनी फिंगर घुमाते हुए कहा ।
"ये इंसान मुझे ऐसे जाने नही देखा ... क्या करूं मैं ,कुछ समझ में नहीं आ रहा है ... आरवी ने रुहासा सा फेस बनाते हुए कहा ।
आरवी आंखे बंद कर खड़ी हो गई ।।
तभी उसके कानो में किसी की आवाज आई " जाओ अपनी क्लास में" आरव ने कहा तो आरवी को यकीन नहीं हो रहा था आरव इतनी आसानी से उसे जाने के लिए कह रहा है ... उसे समझ नही आ रहा था कि वो खुश हो या दुखी ... आरव का मना करना उसे अच्छा नहीं लग रहा था।
"मैं सिर्फ अभी के लिए जाने के लिए कहा है ये मत सोचना की तुम मुझसे बच जाओगी " अरव ने अपने हाथो में आरवी का फेस लेते हुए कहा और सिर पर एक प्यारी सी किस देके बाय कहा।
आरवी की आंखे खुदबखुद बंद हो गई और उसके हांथ अपने माथ को छूने लगी... शॉक में रहते ही वो कैबिन के बाहर चली जाती है ... आज पहली पर उसे काफी सुकून मिल रहा था ।
कैबिन में आरव अभी भी अपनी आंखे बन्द करके उसी जगह।पर खड़ा था " ये अभी सही टाइम नही है और जहा तक किस की बात है वो तो मैं तुमसे लेके रहूंगा लेकिन गलत तरीके से नही दोनो के दिल की दी हुई मर्ज़ी से " आरव ने मन में आरवी के क्यूट फेस को याद करते हुए कहा ।
जब शिव अंदर आया , तब जाके आरव ने अपनी आंखे खोली ... शिव कैबिन के कुछ दूरी पर ही खड़ा था ... जब उसे आरवी बाहर जाते दिखी तो वो सीधा अंदर आ गया ।
वही जब सानू यहां, आरवी को ढूंढते हुए आई थी तभी आरव ने शिव से उसे यहां से ले जाने को कह दिया था ।
कुछ देर बाद आरव कॉलेज से सीधा अपने ऑफिस के लिए निकल गया और दूसरी तरफ आरवी क्लास में खुद के ख्यालों में खोए हुई थी ... उसे पता ही नही चला कुछ लोग उसके पास आके बैठ गए थे ।
जारी..✍️
जब सना यहां, आरवी को ढूंढते हुए आई थी तभी अरव ने शिव से उसे यहां से ले जाने को कह दिया था ।
अरव कॉलेज से सीधा अपने ऑफिस के लिए निकल गया और दूसरी तरफ आरवी क्लास में खुद के ख्यालों में खोए हुई थी ... उसे पता ही नही चला कुछ लोग उसके पास आके बैठ गए थे ।
अब आगे....
आरवी के सीट पर आके पायल बैठ जाती है वही आरवी अपने ख्यालों में इतना घूम थी की उसे पता ही नही चला ।
"Oo मिस बहन जी ... तुम्हे सर ने क्यू बुलाया था " पायल ने गुस्से से आरवी को घूरते हुए पूछा " इससे तुमसे कोई मतलब नहीं होना चाहिए " वहा से उठते हुए आरवी ने कहा . अचानक से आरवी के सामने एक लड़का आके खड़ा हो जाता है "रॉकी मेरे रास्ते से हटो ".. आरवी ने सामने खड़े लड़के से कहा .... रॉकी, पायल का फ्रैंड है ... पायल , रॉकी, टिया और पाखी चारो बेस्ट फ्रेंड है पर ये लोग हमेशा आरवी को परेशान करते है
जब सानू होती है तो किसी की हिम्मत नही होती है कुछ बोलने की .... उसके न होने पर ये लोग फायदा उठाते है ।।। ऐसा नहीं है कि आरवी इन सब से डरती है वो अच्छे से जवाब दे सकती है बट वो किसी भी चीज की प्रॉबलम नही चाहती है वो नही चाहती है कि उसके डैड परेशान हो उसकी वजह से इस लिए वो सब को इग्नोर करती है ।।। और अपना काम शांति से करती है इसे लिए कॉलेज के हर प्रोफेसर की आरवी फेवरेट है ।।।इस चीज से काफी लोग जलते भी है ।
दूसरी तरफ .....
आरवी के घर पर काफी ज्यादा तमाश हो गया था ।।कहा आज mr. Roy की इन्पोटेट मीटिंग थी ... वो तो यहां फसे थे .... Mr. Sharma ne काफी तमासा किया था ... आरवी पर कई सारे झूठे इल्जाम लगाए जा रहे थे "ये इनकी बेटी तो बिल्कुल अपनी मां की तरह बेशरम है ... उसने मेरे बेटे को प्यार का नाटक किया और जब शादी की बात आई तो ब्रेकअप कर के चली गई बस वो अलग अलग मर्दों के साथ हरना चाहती है जैसे उसकी मां थी "Mrs. Sharma ने रोते हुए सब के सामने कहा सारे न्यूज में आज का टॉपिक यही था .... सब लोग बिना देखे और जाने आरवी के बारे में भला बुरा बोल रहे थे।
mr. Roy को अब अपने गुस्से पर काबू करना बहुत मुश्किल हो गया था ... जैसे ही वो कुछ बोलने वाले थे कि तभी किसी ने पीछे से उनका हांथ पकड़ लिया पीछे मुड़ कर देखा तो उनके डैड थे .... जो आंखो के इशारों से मना कर रहे थे कुछ भी बोलने से " Dad आप चाहते है की मैं इन सब को ऐसे ही छोड़ दूं ये लोग क्या बकवास कर रहे है हमारी प्रिंसेस के बारे में ". अतुल ने अपने डैड से सिकायती लहजे में कहा ।।।।
"जिसको जो कहना है कहने दो ।सब लोग यही चाहते है की तुम उन्हें जाके कुछ कहो और वो लोग इसका फायदा उठा कर आरु को बुलाने के लिए कहे और अगर आरवी बाहर आ गई फिर हमे इस चीज को संभालना काफी मुस्कील हो जायेगा। तुम अच्छे से जानते हो इन सब के पीछे कौन है ?उसे बस एक मौका चाहिए आरवी तक पहुंचने का और हम ये गलती नही कर सकते है नही तो इतने सालो की मेहनत पर सारा पानी फिर जाएगा ... तुम ऑफिस जाओ ये लोग थक कर खुद चले जायेंगे
इन्हे तो तुम अपने बिज़नेस में ही अच्छा सबक शिखा सकते हो "
अतुल को समझाते हुए दादा जी कहा ... इतना कह कर दादाजी घर में चले जाते है और मेन गेट बंद करवा देते है और वही से अतुल जी ऑफिस के लिए निकल जाते है ।।।।
हर एक चैनल पर यही न्यूज़ चल रही थी ... इस लिए अतुल ने सानू को कॉल कर के बोल दिया था कि इस बारे में आरू को कुछ पता न चले नही तो उसे काफी दुख होगा ... इस लिए सानू आरवी को ढूंढते हुए क्लॉस में चली जाती हैं।।।
आरवी mr. Roy की नज़ायस बेटी है .... आरवी की मां एक नाचने वाली थी ... जब आरवी 10 साल की थी तब अतुल के पास झरना ने उसे छोड़ दिया था .... आरवी की मां का नाम झरना है ।।।।
आरवी नजायस है इस लिए उसे कोई पसंद नहीं करता है सब उसे नाचने वाली की बेटी कहते है बचपन में भी काफी कुछ सुनने को मिलता ।आरवी को कोई उसके साथ खेलता भी नही था । सब गंदे तरीके से ट्रीट करते थे काफी लोग बत्तमीजी पर उतर आते थे ।।। झरना का काफी नाम था बहुत लोग उनकी डांस के
दीवाने है ।।।।
आरवी अपने दुस्मानो से लड़ना अच्छे से जानती थी पर कुछ लोग ऐसे थे जो छुप कर वार करते है ।।।।इस लिए आरवी की पहचान छिपा कर अतुल ने उसे पाला था ।।बाहर की दुनिया को पता ही नहीं था कि असल में आरवी दिखती कैसी है उसे देखने के लिए लोग इस हद तक जाते थे ।।।।
वही आरव को जो पता चला था आरवी के बारे में वो उतना ही था जितना mr. Roy ने कहा था इस लिए कॉलेज में भी कोई नही जानता था कि वो अतुल रॉय की बेटी है तभी तो लोग इस तरह से परेशान करते थे नही तो किसी की हिम्मत नही है कोई mr. Roy की बेटी को परेशान करे ।।।।
अचानक से धड़ाम की आवाज आती है .... सब ने देखा तो एक 25 साल का लड़का जमीन पर मुंह के बल गिरा था ।।।ये कोई और नहीं रॉकी था जो आरवी का रास्ता रोक कर खड़ा था । सानू जब क्लास में आई तो उसने रॉकी को आरवी से बत्तमिजी करते देखा अपना एक पैर उसके पैरो में फसा कर जमीन पर फेंक दिया ।जिससे रॉकी जाके जमीन पर मुंह के बल गिरा रॉकी की ये हालत देख कर सब लोग हसने लगे थे।।।
"अगर अब किसी ने अपने दांत दिखाया तो मैं किसी को छोडूंगा नही समझे "गुस्से से रॉकी ने आरवी को देखा और क्लास से बाहर चला जाता है ।।।।
एक क्लास सुबह ही आरवी की छूट गई थी ।इस लिए उसने दूसरे क्लास को अटेंड किया भी दोनो लोग घर के लिए कॉलेज से निकल जाते है ।
"आरू बेबी चल आज कही बाहर खाने के लिए चलते है
"सानू ने आरवी के गाल पर किस करते हुए कहा
"नही आज मेरा मन नहीं है मुझे घर जाना है पता नही क्या हो रहा होगा ?आरवी ने ऑटो रोकते हुए कहा पर आज आरवी को कोई भी ऑटो नही मिल रही थी .. वो और ज्यादा परेशान हो जाती है ।आज मेरा दिन ही खराब है पहले घर पर फिर वो ... आरवी ने इतना ही कहा था कि तभी किसी की आवाज उसके कानो में पड़ी ।.
"कौन वो और किस किस ने तुझे परेशान किया है। बता जरा ? मैं उसकी टांगे तोड़ दूंगी कौन था ." सानू ने अपनी शर्ट के बाजुओं को फोर्ड करते हुए कहा ।"अरे मेरी जान ऐसा कोई नही है मैं तो बस उस रॉकी को बोल रही थी "
आरवी ने बात को संभालते हुए कहा " मैं इसे अभी कुछ नही बता सकती नही तो ये बीना सोचे समझे जाके भीड़ जायेगी ... पहले मैं पता करती हूं ये बंदा है कौन और इसने मुझे देखा कहा "आरवी को कही खोया देख कर सानू ने उसके सामने अपने हांथ हिलाने लगी ।।।baby तू कहा खो गई । आरवी ने टाइम देखते हुए कहा .... कही नही बस मैं सोच रही हूं की ये ऑटो वालो आज रुक क्यों नहीं रहे है मुझे लगता है की।आज वो लोग भी चाहते है कि तू मेरे साथ थोड़ा इंजॉय करे चलना चलके कुछ खाते है मुझे भूख बहुत जोर की आई है सानू ने आरवी को अपने कार की तरफ ले जाते हुए कहा ।।।। सानू को लेने उसका ड्राइवर पहले ही एक खड़ा था ।।।।
दोनों जा के कार में बैठ जाती है ....उनसे कुछ ही दूरी पर एक ब्लैक कार काफी टाइम से रुकी थी ।।।। अंदर बैठा इंसान बस एक तक आरवी को ही घूर रहा था ।।। जब वो हस्ती तो उसके फेस पर भी स्माइल आ जाती ।।।। जब उन दोनो अपने मंजिल पर निकल जाते है तो वो ब्लैक कार भी आगे बड़ जाती है ।।।
वही दूसरी तरफ
। कॉलेज के कैंटीन में पायल अपने ही ख्यालों में घूम थी । Mr. सिंघानिया प्रिंसपल sir के कैबिन में क्या कर रहे थे ? .... और आरवी भी वही से बाहर आई है सर तो बाहर थे तो वो दोनो कर साथ क्या रहे थे ? मुझे इस बारे में डैड से बात करनी होगी" पायल अपने ही दुनिया में सोच रही थी तभी किसी की गिरने की आवाज आती है तो वो अपने ख्यालों से बाहर आती है ।जब पायल ने आवाज वाली दिशा में देखा तो एक लड़की को ग्रुप A वाले बुली कर रहे थे ।कॉलेज में तीन ग्रुप बने थे A,B,C .... जो जितना अमीर था उसको उस हिसाब से ग्रुप मिला था । पायल ग्रुप B में थी ।।।और वही सना ग्रुप A में पायल के डैड भी काफी पैसे वाले थे पर इस टाइम उनका बिज़नेस अच्छा नहीं चल रहा था ।।। इस लिए पायल को ग्रुप B में कर दिया गया था।।।
आरवी और सानू एक चाइनीज रेस्टोरेंट में अपने अपने खाने को इंजॉय करने लगते है काफी मजे से दोनो खा रहे होते है इससे बेखबर हो के कि कोई सुबह से ही अब नजर बना के रखा है ।वो कोई और नहीं आरव था आज ऑफिस में काफी बार मन लगाने के बाद भी कोई फायदा नही था बार बार बस आरवी का चेहरा याद आ रहा था इस लिए वहा से सारी मीटिंग कैंसल कर के सीधा कॉलेज चला गया ।।।।
आरवी से बात करने के बाद भी ऑफिस दुबारा नहीं गया बाहर ही रहकर आरवी का वेट करने लगे ।।। आरव ने ही किसी भी ऑटो वाले को रुकने के लिए माना।किया आरव ने सोचा जब वो घर जाने के लिए परेशान होगी तो इसका फायदा उठा कर मेरे कार में बैठ जाएगी ।पर सारे प्लान पर पानी फिर गया था सानू अपने साथ आरवी को बाहर ले आई थी ।।।
वैसे देखा जाए तो आरव को भी पता नहीं था सानू क्यू इतना ख्याल रख रही है । सानू को तो कैसे भी करके आरवी से फोन से दूर रखना था । अतुल रॉय कल तक तो सारी न्यूज़ हटा ही देंगे इस लिए आज कुछ खास ख्याल रखना था है सानू को।।।
आरव बस एक टेबल पर बैठ कर आरवी को प्यार से देख रहा था वो जिस तरीके से खा रही थी और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी और वही बिचारा शिव परेशान हो गया था ।।।।उसे समझ नही आ रहा था कोई एक दिन में इतना कैसे बदल सकता है
जारी..✍️
अरव बस एक टेबल पर बैठ कर आरवी को प्यार से देख रहा था वो जिस तरीके से खा रही थी और भी ज्यादा क्यूट लग रही थी और वही बिचारा शिव परेशान हो गया था ।।।।उसे समझ नही आ रहा था कोई एक दिन में इतना कैसे बदल सकता है
अब आगे।।।।
अब हम थोड़ा आरव सिंघानिया के फैमिली के बारे में जान लेते है । आरव के दादा जी प्रकाश सिंघानिया बहुत गुस्से वाले इंसान है ।उनसे हर कोई डरता है चाहे वो कोई छोटा बच्चा हो या बड़ा बच्चा ( मतलब घर के सारे मेंबर बस आरव को छोड़ कर ) सब उनकी काफी रिस्पेक्ट भी करते है ।प्रकाश सिंघानिया के 5 फ्रैंड थे जिनमे से एक आरवी के दादा जी भी है ।।।। पर जब से आरवी उनकी लाइफ में आई है तब से उनका रिश्ता खत्म हो चूका है ।
आरवी की वजह तो आप लोगो को तो पहले से पता चल गया होगा क्यू की मैने पहले ही बताया था की वो नज़ायस है ।
सब फैमिली की तरह है वैसे ही इन सब के बेटे भी है ।
अतुल और आरव के डैड ( यानी ओम ये दोनो भी बेस्ट फ्रेंड हुआ करते थे ।
पहला जनरेशन यानी .... Mr. Prakash के सभी के एक एक लड़के थे ।।वही अतुल और ओम ये लोग भी 5 फ्रैंड थे ।बस इसमें से तीन जन को बेटे और दो जन को बेटी है ।
इनमे से एक आरवी भी थी ।वही हर साल15 सितंबर को एक पार्टी रखी जाती है हर साल अलग अलग लोग अपने घर पर ये फैमिली पार्टी रखते है जिसमे 1 महीने तक सब साथ में रहते थे ।एक दूसरे की फैमिली के साथ इसी बहाने काम के बिच में साथ में वक्त गुजारने का ये नया तरीका है पायल भी उन्ही फैमिली में से है इस लिए वो पहले से आरव को जानती थी ।।।।।
15 साल से अतुल और उनके डैड इस पार्टी में कभी सामिल नहीं हुए ऐसा नहीं है उन्हें किसी ने इनवाइट नही किया था ।पर वो हर बार किसी न किसी बहाने से वहा जाने के लिए मना कर देते है
आरवी को पार्टी पसंद नहीं है और वैसे भी कोई उसे पसंद नहीं करते है और उसे अकेले घर पर छोड़ कर जा भी नही सकते थे अतुल अपनी बेटी से इतना प्यार करते है की उसके लिए सालो पुरानी दोस्ती क्या कुछ भी छोड़ने के लिए तैयार है
पर दूसरी तरफ सब को लगता था कि उनकी नज़ायस बेटी है इस लिए वो सरमिंदा है किसी के सामने आना नही चाहते पर सच्चाई से हर कोई अंजान है ।
एक महल जैसा घर जिसमे सोफे पर कुछ आदमी बैठे थे और उनके सामने tv par आरवी का न्यूज चल रहा था ।
"मैंने पहले ही कहा था उस औरत को पैसा देके उसे अपनी बेटी ले जाने को बोल दो पर ये अतुल है किसी का सुनता भी नही है एक तरफ उसे अपनी बेटी पसंद भी नहीं है। दूसरी तरफ उसने अपने घर में रखा है इस लड़की की वजह से पूरी रॉय फैमिली की बदनामी हो रही है पूरे समाज में क्या नाम रह जायेगा कौशल ने इतनी मेहनत से उसने इतनी बड़ी अंपायर खड़ा किया था आज इस लड़की और इसकी मां की वजह से सब मिट्टी में मिल रहा है ।।। कौशल यानी आरवी के दादा जी ) ।।।।
उन्ही लोगो में से एक 60_65 साल के आदमी ने कहा " अब तो उसने सब से बात करना ही छोड़ दिया है ।न कोई मैसेज न कॉल वो ग्रुप से निकल गया है । उसी उम्र के एक और आदमी ने कहा ।
उन्ही में से फिर एक आदमी ने दूसरे के कान में कहा ।"तुझे क्या लगता है वो अपनी बेटी से प्यार नहीं करता इस लिए हम सब से दूर चला गया " ओम ने धीमे से कहा
"चुप हो जा मार खाना है क्या अपने बाप के हाथो से ओम कभी तो मजाक करना छोड़ दिया कर"
ये ओम थे आरव के डैड जो शिवाय कान में बोल रहे थे वो शिव के डैड थे ( यानी शिवाय) जिस तरह इनके डैड एक दूसरे के बेस्ट फ्रैंड है उसी तरह उनके बेटे भी एक दूसरे के फ्रैंड है ।
सुबह जब ये न्यूज़ चल रही थी तभी सब लोग सिंघानिया मेंशन आए थे इसी टॉपिक पर बात करने ।ये कोई नही चाहता था कि रॉय फैमिली का तमासा बने उन्हे तो ये सब सच लगता था ।। कि उनकी बेटी ऐसी है। पर सच कोई नही जानता ।।
तभी फिर से एक आदमी ने कहा " जैसा दिख रहा है जरूरी नहीं की वैसा ही हो अगर वो लड़की खराब हो ती तो कौशल कभी भी अपने घर में रहने की इजाज़त नहीं देता ये हम सब जानते है कि वो किस तरह का इंसान है ।और अगर वो लड़की नज़ायस है तो इसमें उनकी क्या गलती है ।।क्या पता कोई ये सब जन बूझ कर कर रहा हो ।ये तो हम सब भी जानते है वो इंसान कौशल से कितना जलता है क्या पता उसने ही ये सब किया हो ।
चाय टेबल पर खाते हुए शुभम खन्ना ने कहा ।।। (शुभम यानी शिव के दादा जी , शिवाय के डैड )
कोई कुछ भी कहे पर शुभम को कभी भी किसी के बातो पर यकीन नही होता था। कौशल ने जब सब से बात करना बंद कर दिया था तो एक शुभम जी ही थे जो बार बार मिलने को जाते थे। उन्होंने कई बार ये जानने की कोशिश की अचानक से कौशल ने सब से दूरी क्यू बना लिया पर उन्हे कुछ भी नही पता चला ।ऐसे ही कई साल निकल गए
पर अब कुछ लोग से एक दूसरे से महीनो तक बात नही होती है बस कभी एक दूसरे को मैसेज पर hii hlo बोल देते है ।
"तुम्हे तो सब के पीछे लॉजिक ही लगता है ।" वेद मिश्र ने कहा ।। वेद मिश्र , प्रकाश और शुभम के फ्रैंड है ।।। कौशल रॉय को लेके चार लोग ही है ।कुछ साल पहले इनके एक फ्रैंड की मृत्यु हो गई थी ।वो पायल के दादा जी थे ।
शुभम जी ने अपने बेटे शिवाय की तरफ देखते हुए कहा ।"शाम तक सारे न्यूज़ हट जाना चाहिए "
"आप नही कहते तो भी मैं यही करता मैं "शुभम ने बड़बड़ाते हुए कहा "।क्या कहा तुमने ?? ।।। शुभम ने अपने बेटे की तरफ घूर कर देखते हुए पुछा"कुछ नही डैड आप का काम हो जायेगा "
चाहे इन सब में कितनी भी नाराज़गी हो पर सब एक दूसरे की हेल्प हमेशा करते थे ।।।।
Good ... शुभम ने अपने बेटे की तारीफ करते हुए कहा ।।
ऐसा कह सकते ही की डरने में शिव अपने डैड पर ही गया है
"सारे न्यूज़ पहले से ही हटा दिया गया है "एक लड़के ने अंदर आते हुए कहा । ये शौर्य मिश्र है। आरव का फ्रैंड ( यानी वेद मिश्र के पोते ) शौर्य के डैड शेखर मिश्र इस समय यहां नही है वो अपने काम के सिलसिले में इण्डिया से बाहर गए हुए है ।
"ये किसने किया वो भी इतने जल्दी "ओम ने शौर्य से पूछा "यही तो मैं भी पता कर रहा हूं अभी तक उस आदमी का कुछ पता नहीं चला ये किसने भी किया है ।।।
तभी शुभम ने सब को देखते हुए कहा "किसी ने भी किया हो काम हो गया उतनी ही बहुत बड़ी बात है "
इस बार प्रकाश सिंघानिया ने कुछ नही कहा ।।।बस वो अपनी किसी सोच में घूम थे वही उनके बेटे अच्छे से समझ गए थे की उनके डैड क्या सोच रहे है ।
अब किसी ने कुछ नही कहा ।थोड़ी देर ऐसे ही बात करके सब अपने अपने घर की तरफ चले गए ।
वही दूसरी तरफ । सानू ने आरवी का पूरा ध्यान फोन से हटा दिया था अब सानू को किसी का कॉल आया तब पता चल गया था कि सारे न्यूज़ हट चुके है
दोनो लड़कियों ने इतना इंजॉय कर लिया था कि काफी ज्यादा थक गए थे दोनो । आरवी के पास बैठे हुए सानू ने कहा "चल यॉर अब घर चलते है काफी टाइम हो गया है । अब तो 6 बजने वाले है ।"
तभी आरवी ने घड़ी की तरफ देखा तो उसकी आंखे बाहर ही आ गई "अरे पागल 6 बजने वाले नही है बज रहे है ।जल्दी चल नही तो आज मेरा मरन डे हो जायेगा "।आरवी ने सानू के हाथों को खींचते हुए कहा ।।।।
"डोंट वरी मेरी जान मैं हूं ना कुछ नही होगा हम अभी घर पहुंच जायेंगे ।"सना ने कार की तरफ जाते हुए कहा ।
उन दोनो को बिलकुल भी आइडिया नही था की सुबह से ही आरव उनके आस पास में ही है और उनकी सारी बाते सुन रहा है। ।
वो भी इनके पीछे अपनी कार में जाके बैठ जाता है सानू ने अपनी कार को जंगल की तरफ लेने के लिए बोली
वही दूसरी तरफ शिव को बिलकुल समझ में नहीं आ रहा था कि ये लोग जंगल की तरफ क्यू जा रहे है अब तो काफी रात होने वाली है ऐसे में जंगल में जाना काफी खतरनाक है ।।।।।
वो भी अपनी कार उनके पीछे लगा देता है आरव भी same वही सोच रहा था की ये लोग जंगल की तरफ क्यू जा रहे है ?? ।।।।
आरवी को अचानक से काफी घबराहट होने लगी तो वो अपने आगे पीछे मुड़ कर बार बार देखे जा रही थी ।।।कुछ दूरी पर एक कार आते हुए नजर आती है ।।।।
"सानू देख वो कार हमारा पीछा कर रही है "। सना ने जब पीछे देखा तो उसे भी वही लगा ।।।इस लिए उसने ड्राइवर वो गाड़ी घर के तरफ ले जाने को कह दिया ।।
"अरे हम घर क्यू जा रहे है ? "आरवी ने पीछे देखते हुए कहा "क्यू की अभी हम कोई भी रिस्क नहीं ले सकते है हम यहां से नही जा सकते है ।हमे घर ही जाना होगा ok "
इस बार आरवी ने कुछ नही कहा और चुपचाप बैठ कर कुछ सोचने लगी ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या आरव को। आरवी के बारे।में पता चलेगा? क्या होगा आरबी का ?
पर अब उसकी बात है तो मुझे किसी से कोई लेना देना नही है किसके बीच क्या है ?....बस सानु की सेफ्टी के लिए हमसे जो होगा हम करेंगे ।।।हमारी भी वो बेटी है ।।।
अब आगे.....................!
एक बड़ा सा कमरा जिसने काफी अंधेरा था ।उस कमरे में चांद की हल्की हल्की रोशनी से अंधेरा खत्म कर रहा ।वही बालकनी में एक लड़का सिगरेट का कस ले रहा थोड़ी देर लेने के बाद वो बड़े गौर से चांद को देखने में खो सा गया
"तुम्ही मेरी पहली चाहत और तुम्ही आखरी हो तुम नही तो कोई नही उस लडके ने मन में कहा की तभी उस लड़के के कंधे पर किसी का हांथ पड़ता है फिर भी वो वैसे ही खड़ा रहा पीछे मुड़ कर देखा तक नहीं कौन है ।
"क्या तुम मुझसे बात नही करोगे मुझे पता है तुम अभी तक मुझसे नाराज़ हो पर कब तक ऐसे रहोगे ।तुम जो कर रहे हो वो गलत है तुम्हे पता है वो तुम्हे कभी नहीं मिल सकती है उसका रिश्ता किससे है ये तुम अच्छे से जानते हो मैने सुना है उसे गोद लिया है तो तुम्हे क्या लगता है क्या वो अपनी बेटी को हमारे घर में देगा "
प्रकाश सिंघानिया ने आरव की तरफ देखते हुए कहा आरव और उसकी फैमिली को लगता है कि आरवी को शेखावत फैमिली ने गोद लिया है ।पर वो फिर भी अनाथ आश्रम में रहती है क्यू की उसे काफी लगाव है । लेकिन ये कोई नही जानता की सब झूठ है ।
"मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है वो किसकी बेटी है किसकी नही है बस एक बार वो बोल दे की मैं उसे पसन्द हूं उसके बाद मैं देख लूंगा "आरव ने बीना प्रकाश की तरफ देखे कमरे में आते हुए कहा ।
उनका पोता उनकी तरफ देख भी नहीं रहा है इस बात पर प्रकाश जी को काफी गुस्सा आया पर अपने गुस्से के घोट को पीते हुए वो पिछे पिछे अंदर आ गए ।
"तुम्हे क्या लगता है क्या हम सब तुम्हारी खुशी नही चाहते है "प्रकाश जी ने सोफे पर बैठे हुए कहा
"अगर मेरी खुशी की इतनी ही चिंता होती आप को तो 15 साल पहले आप वो सब नही करते जो किया आप को कभी मेरी खुशी चाहिए ही नही था आप को तो अपना नाम सोहर्त ही पसंद है " आरव ने काउच पर बैठते हुए कहा
"तुम कुछ ज्यादा नही बोल रहे हो " प्रकाश जी ने गुस्से से कहा ।l
"मैने तो अभी कुछ कहा भी नही है आप को इतना गुस्सा आ रहा है जिस दिन बोलने लगूंगा पता नही आप बर्दाश कर भी पाएंगे या नहीं "अरव ने अपनी उंगली में पहनी रिंग को हिलाते हुए कहा
"तुम्हे अब शादी के लिए हां कर देनी चाहिए हम और वेट नही कर सकते है "प्रकाश ने उठते हुए कहा और कमरे के बाहर जाने लगे ।
"आपको मैने पहले ही बता दिया था की मुझे क्या चाहिए पर मुझे लगता है उम्र के साथ साथ कान भी कम साथ देने लगे है आप के "आरव ने प्रकाश जी की तरफ देखते हुए कहा
वही इतना सुनते ही प्रकाश जी के पैर वही पर रुक जाते है ।पीछे मुड़ कर देखते ही दोनो की नजर आपस में मिलती है दोनो के ही आंखों में गुस्सा भरा था ।
लेकीन प्रकाश जी बीना कुछ कहे कमरे के बाहर चले गए"चाहे कुछ भी हो जाए मैं इस लड़की को इस घर की बहु तो बनने नही देने वाला जिस घर में रहती है उस घर के एक एक इंसान कातिल है एक कातिल की बेटी मेरी पोता बहु बने ऐसा कभी नहीं होगा ना मैं होने दूंगा "
प्रकाश जी सोचते हुए अपने कमरे में चले जाते है और बेड पर बैठ कर कुछ सोचने लगते है
वही आरव अभी भी आरवी के ही ख्यालों में ही था " चाहे कुछ भी हो जाए होना तो तुम्हे मेरा ही है ।मैं भी देखता हूं किसमें इतना दम है की आरव सिंघानिया को रोक सकता है " अरव बड़बड़ाया।
तभी फोन के रिंगटोन से आरव वर्तमान में आता हैं। फोन अपने कानो पर लगाते ही दूसरी तरफ से एक आदमी बोलना सुनो करता है वही आरव बस सुन रहा था दूसरी तरफ की बात खत्म होते ही लास्ट में hmm बोल कर फोन कट हो जाता है
" Ooo तो तुम हो आरवी शेखावत,,राकेश शेखावत की गोद ली हुई बेटी ,,कोई बात नही भले ही तुम मेरे दुश्मन की बेटी हो पर प्यार और शादी तो मैं तुमसे ही करूंगा । आरव ने मिस्टीरियस स्माइल के साथ कहा ।।
वही दूसरी तरफ .....
शेखावत मेंशन में काफी चहल पहल हो गई थी जब से आरवी आई थी अब तक तो आदर्श भी आ गया था सब एक साथ डिनर करते है वो कुछ गेम खेलते है उसके बाद सब अपने अपने कमरे में चले गए ।
थोड़ी देर में ही पूरे घर में ही शांति पसरी रहती है ।
वही आज अतुल रॉय को ठीक से नीद नही आती थी।ऐसा नहीं था कि आरवी की चिंता हो पर बीना एक बार देखे नीद आता भी तो नही था
आरवी वॉशरूम से जैसे ही बाहर आती है वैसे ही उसका फोन बजने लगता है स्क्रीन पर देखा तो डैड नाम से फ्लैस हो रहा था
Hlo डैड कैसे हो आप डिनर किया और दवाई ली दादू कैसे है आप अभी तक सोए नही है आरवी ने एक ही सांस में सब कुछ पूछने लगती है ।
"अरे बस। बस पहले थोड़ा सांस ले लो फिर बोलो ।अतुल ने कहा "जो पूछ है वो तो बताइए "आरवी ने कहा/
"सब ठीक है मैने और डैड ने डिनर किया दवाई भी ले ली है । बस तुम्हारी याद आ रहि थी इस लिए सोचा थोड़ा बात कर लूं ₹ अतुल जी ने कहा ।
क्या हुआ डैड ? आप थोड़ा परेशान लग रहे है क्या कोई बात है ? आरवी ने सीरियस होते हुए पूछा ।और जाके बालकनी में खड़ी हो जाती है
"नही ऐसा कुछ नही ही बस तुम्हारे बीना घर खाली है तुम्हे तो पता है तुम नही होती हो तो ठीक से डैड खाना भी नही खाते है "अतुल ने कहा ।
"अरे मैं बस आज ही तो आई हूं।आप ऐसे बोल रहे है कि महीनो से मैं घर नही आई "आरवी ने हंसते हुए कहा ।
"तुम ।मूझपे हस रही हो "।अतुल ने कहा ।
"अरे नही मैं अपने पूज्य पिता श्री पर हंस नही सकती हूं पाप न लगे मुझे.।न बाबा ना मैं ऐसा नहीं कर सकती "
"अब बस करो ये एक्टिंग अपना।"अतुल थोड़ा नाराज़ होते हुए कहा
"अच्छा बाबा ठीक है सॉरी अब से नही करने वाली ठीक है "आरवी ने अपना एक कान पकड़ते हुए कहा
"अच्छा चलो रात काफी ज्यादा हो गई है तुम जाके so जाओ कल कॉलेज से सीधा घर आना है और कल कोई बहाना नही मैं नही चाहता मेरी बेटी उस राकेश के घर रहे ।उसे क्या लगता है क्या मुझसे ज्यादा वो तुमसे प्यार करता है कभी नही ।तुम मेरी बेटी हो समझी उसकी नही।अतुल ने गुस्सा दिखाते हुए कहा ।।।
"ये अचानक से पापा को बीच में क्यू ला रहे है"आरवी ने कन्फ्यूज होते हुए कहा "
”मेरे सामने तुम उसे पापा मत बोला करो तुम्हारा एक ही बाप है वो भी मैं वो नही ।अतुल ने फोन की दूरी साइड घूरते हुए कहा
आरवी ने नजरो का पीछा किया तो उसके पीछे राकेश खड़े थे और वो गुस्से से फोन को ही घूर रहे थे
आरवी समझ गई की उसके डैड ये सब क्यू बोल रहे है ।पीछे राकेश जी को देख लिया था ।
"अबे तुझे क्यू जलन हो रही है ।मेरी बेटी है अगर मैं चाहूं न तो तेरे पास आने भी न दूं समझा ये जो अकड़ है ना किसी और को दिखाना मुझे नही " आरवी मेरी बेटी है और मेरी ही रहेगी "राकेश ने आरवी से फोन अपने हांथ में लेते हुए कहा
"ऐसे ही काफी टाइम तक दोनो लोगो में काफी ज्यादा
बहस हुआ ।आरवी का तो सर दर्द करने लगा .
"अरे आप दोनो अब बस करो।रात हो गई है जाके सो जाइए मुझे भी कॉलेज जाना है ok bye डैड मैं आपसे कल मिलती हूं और पा आप भी जाके सो जाइए।आप काफी थके होंगे "आरवी ने फोन लेते हुए कहा ।
।राकेश थोड़ा मुस्कुरा के आरवी के सिर पर अपना हांथ रखते है इसके बाद जाने लगे।तभी उनके कानो में अतुल की आवाज पड़ती है ।"वो थका है मैं नहीं हूं "
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या आरव को अरबी के बारे में पता चाहेगा?
क्या राजेश जो ने अरबी को ले लिया
अरे हम घर क्यू जा रहे है ? ।।।आरवी ने पीछे देखते हुए कहा ।।।।क्यू की अभी हम कोई भी रिस्क नहीं ले सकते है ।।।अभी हम यह नही जा सके है ।।।।हमे घर ही जाना होगा ok ।।।।
इस बार आरवी ने कुछ नही कहा ।।।और चुपचाप बैठ कर कुछ सोचने लगी ।।।।
अब आगे ।।।।
अचानक से कार रुकने से आरवी वर्तमान में आती है ।।खिड़की के बाहर देखा तो वो सानु के घर पर आई थी
वही सानु ने पहले ही mr. Roy को सब बता दिया था । कि कोई उनका पीछा कर रहा है इस लिए वो आरवी को अपने साथ घर लेके जा रही है ।।
अतुल ने हामी तो भर दिया था पर उनका आज मन नहीं लगा रहा था ।वो एक दिन भी अपनी बेटी के बीना नही रह सकते थे।पर उसकी सेफ्टी के लिए उन्हें सब कुछ करना पड़ता था ।
दोनो कार से निकल कर घर के अंदर चली जाती है ।। अब तक काफी रात हो गई थी । जैसे ही उन्होंने अपने कदम अंदर की तरफ रखे ।किसी के चिल्लाने की आवाज आती है " अरे वो देखो आरू दी आई है ।
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हाल में बैठे सभी लोग गेट से आ रही दोनो लड़कियों को देखने लगते है।
"हाए मेरी बच्ची कितनी दिनों के बाद आ रही है क्या तुम्हे अपनी मां की याद नहीं आई ? एक औरत जो आरवी की माथे पर किस करते हुए कहती है ।आरवी ने पहने उनके पैर छुए फिर उनको गले लगते हुए कहा
"ऐसा नही है मैं तो दिन रात आप को याद करती हूं पर एक ये सानु है मुझे यहां लेके ही नही आती है "
सना बस आंखे फाड़ कर देख रही थी उसने मन में कहा " ये लड़की कितना झूठ बोलती है ।आज मुझे मरवाने का पूरा प्लान बना रखा है इस पागल ने ।
हेमा सानु की मां ने सानु के कान को खींचते हुए कहा " नालायक कही की मेरी बेटी को मुझसे मिलने के लिए रोकने वाली तू होती कौन है?
आ....आ मॉम छोड़िए मुझे दर्द हो रहा है आप की लाडली बेटी खुद नही आती है उसके पास टाइम होता कहा है " सानु ने अपने कान को छुड़ाते हुए कहा ।
" नही नही मां ये झूठ बोल रही है " आरवी ने हेमा जी को पीछे से गले लगाते हुए कहा हेमा सानु की मॉम है सानु के साथ जब वो पहली बार उनसे मिली थी तभी सब का दिल जीत लिया था ।आरवी के बारे में सानू की पूरी फैमिली जानती है जैसे सानू इस घर की बेटी थी वैसे ही आरवी को भी सानु के मॉम डैड अपनी बेटी मानते है ।उनके लिए दो नही तीन बच्चे थे ।
सानु का एक बड़ा भाई है ।जो इंडिया के बाहर रह कर बिसनेस करता है ।काफी बार उसकी फैमिली ने कहा वो यहां आके बिजनेस करे ।पर हर बार सनी ने आने से मना कर दिया था ।।। सना और सनी दोनो भाई बहन है ।।।दोनो का नाम same है।
आरवी जाके सारे फैमिली के लोगो से मिलती है आंचल और काजल तो इतना खुश हो गई थी आरवी को नही देख जैसे किसी एक्टर से मिली हो
"अरे अब तुम दोनो बस भी करो हमे भी मिलने दो कितने दिनों बाद हमारी क्यूटी आई है घर और तुम दोनो छोड़ने का नाम नहीं ले रही हो "
जूही ने आरवी से दोनो को दूर करते हुए कहा " मॉम आप बच्चो की तरह हरकते करना बंद कर दिया करिए "
"क्यू तुम्हे क्या प्रोब्लम है ?"जूही ने आरवी को गले से लगाते हुए कहा "क्यू की इस घर में और भी सारे बच्चे है" काजल ने सोफे पर बैठे हुए कहा ।
( राकेश और विशाखा, सानु के मॉम डैड है ।और वही राकेश के छोटे भाई , नितिन और जूही , आंचल और काजल के मॉम डैड है ।।।दोनो भाई के एक एक बेटे है ।राकेश जी के बेटे के नाम सनी जो विदेश में रहता है ।।।नितिन के बेटे "आदर्श जो अभी कॉलेज में है ... सानु,आरवी और आदर्श एक ही उम्र के है बस सनी तीनो से चार साल बड़ा है ।।।।)
राकेश शेखावत काफी जाने माने बिसनेस मैन है।। यहां की सारी कंपनी वो खुद देखते है और यूएस की उनका बेटा सनी ने संभाला है ।।।इनके छोटे भाई को बिजनेस में कोई इंट्रेस्ट नही था इस लिए वो लॉ कर रखा है ।भोपाल के सबसे जाने माने वकील है
और आदर्श अभी कॉलेज में है पर कभी कभी अपने बड़े पापा की हेल्प के लिए कंपनी चला जाता है ।
हॉल में सब एक साथ बात करने लगते है ।।।।काफी हसी मजाक हो रहा था ।अचानक से राकेश ने आरवी से पूछा " आरू बेटा क्या तुम ठीक हो ? मैं काफी टाइम से देख रहा हूं तुम थोड़ा परेशान लग रही हो " आरवी का मुंह लटका हुआ देख के राकेश जी बोले वही आरवी कुछ कहने वाली थी तभी सानू ने उन्हें घर आने से पहले कोई उनका पीछा कर रहा था उस बारे में बता दिया एक बार सब ये सुन कर घबरा गए ।
राकेश ने कहा " तुम फिकर मत करो मैं पता करता हूं वो आदमी कौन है " आरवी ये सुन हां के सिर हिला देती है वही आंचल और काजल ने जब से आरवी घर आई थी तब से उसे पकड़ कर ही बैठे थे जैसे की वो आरवी को छोड़ते तो वो कभी गायब हो जाती ।
फिर राकेश ने कहा " क्या तुमने अपने डैड से बात किया इस बारे में " आरवी ने बस सिर हां में हिला दिया " तू टेंशन मत ले तुम्हारे डैड देख लेंगे " नितीन जी ने कहा तो आरवी कुछ नही बोली
सब समझ रहे थे उसकी हालत की वो छुप छुप कर जिंदगी जीते जीते थक चुकी है ।पर किसी ने कुछ नही कहा
आंचल और काजल ने आरवी को अपने कमरे में ले गई ।"चलो दीदी जब आप आ ही गई है तो हमे भी थोड़ा डांस सीखा दीजिए हमारे कॉलेज में कंपीटीशन होने वाला है । अगर हम आप से सीखेंगे तो पक्का जीत हमारी ही होगी " काजल ने सोफे पर बैठे हुए कहा
"अच्छा ऐसे बात है तो मैं तुम दोनो को ऐसा डांस सिखाऊंगी सब देखते ही रह जायेंगे "आरवी ने स्माइल के साथ कहा ।।।
"नही ये सब नही होगा हमारे एग्जाम आने वाले है ।हमे पढ़ना है "। सानू ने कमरे में आते हुए कहा
होगा तीनो ने साथ में कहा ।सना ने तीनो को घूर के देखा फिर चेंज करने वॉशरूम में चली गई और उन तीनो ने song डिसाइंड करने लगी ।।।।
दूसरी तरफ.....
चारो लोग हॉल में एक साथ बैठे थे ।राकेश ने कुछ सोचते हुए कहा,"अब ऐसा कौन है जो हमारी अरु का पीछा कर रहा है जल्द से जल्द इसका पता लगाना ही होगा और हमने इतने अच्छे तरीके से तारे इनफॉर्मेशन को छुपाया है कि कोई भी इतने आसानी से पहुंच नही सकता है लेकिन फिर भी लगा हूं चाहे " नितिन ने कुछ सोचते हुए कहा।
" अभी हम इस बारे में अतुल से बात करना भी चाहे तो हमसे तो न बात करेगा और न ही कुछ बोलेगा ।। वो तो है अभी भी उसने हमे अपना दुश्मन बना रखा है " । राकेश ने नितिन को देखते हुए कहा ।
"अगर ऐसा होता तो वो अपनी जान से भी प्यारी बेटी को हमारे घर कभी आने नही देते ।भले ही वो किसी से बात नही करते है बाहर से ऐसा दिखते है की हम उनके दुश्मन है पर वो हम पर भरोसा करते है आज भी उतना ही जो बरसो पहले हुआ करता था ।।
" हां दीदी सही कह रही है "जूही ने सहमत होते हुए कहा ।।।।
तभी दोनो भाईयो ने कहा "तुम दोनो की बात तो सही है पर ये हमारी दुस्मनी आज की नही है बरसों पुरानी है ।आज तक उन लोगो से हमारा कोई लेना देना नही रहा है चाहे वो रॉय फैमिली हो या सिंघानिया वो 5 फैमिली से हमारी सालो से कोई लेना देना नही है अगर आरवी हमारी लाइफ में नही आती तो शायद कभी बात करना तो दूर की बात है हम एक दूसरे को देखते तक नही ।
मगर अब आरवी की बात है तो मुझे किसी से कोई लेना देना नही है किसके बीच क्या है ?....बस आरवी की सेफ्टी के लिए हमसे जो होगा हम करेंगे हमारी भी वो बेटी है " ।
दोनो की बात से सभी हसमत थे प्यार लिविंग रूम में गंभीर माहौल बना था ।। इस बात ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या आरवी को पता चलेगा पीछा कौन कर रहा है ?
अब आगे ....
अतुल जी की बात सुन आरवी ने सर पर फिंगर से टैब करते हुए कहा " ठीक है डैड मैं कल बात करती हूं नीद आ रही है ।
आरवी इतना कह फोन रख देती है ।
अगली सुबह आरवी जल्दी उठ जाती है ।क्यू की आज उसे सुबह ही मन्दिर जाना था
" सानू उठ न तू कब से सो रही है तूने प्रॉमिस किया था आरती से पहले मुझे मंदिर छोड़ेगी उठ ना " आरवी सानू को आवाज लगाती है पर एक सानू है जो उठने का नाम नहीं ले रही ।
काफी आवाज के बाद सानू ने आखिर में कसमसाते हुए बोली " बस थोड़ी देर उसके बाद चलते है न प्लीज आरु "सानू ने कंबल से खुद को और अच्छे से ढक लिया था ।
"बिलकुल नहीं उठ जा नही तो मैं तुम्हे नीचे फेक दूंगी
"आरवी ने सानू के पैरो को खींचते हुए कहा लेकिन सानू पर कोई असर नहीं हुआ ।
"क्या हुआ? ये उठ नही रही है आदर्श ने कमरे में आते हुए कहा
" नही यार पता नही ये इतना सोती क्यू है आरवी ने कहा और तभी आरवी को एक आइडिया आया है वो आदर्श को कुछ इशारे करती है।
आदर्श उसका इशारा अच्छे से समझ रहा था ।इस लिए दोनो लोग प्यार से बोलते है "सानू हम आखरी बार बोल रहे है क्या तुम अभी भी नही उठोगी ।
जब सानू ने कोई जवाब नही दिया तो ।दोनो ने सानू के एक एक पैरो को पकड़ लिया और घसीटे हुए नीचे पटक दी। सानू इतनी जोर से गिरी की बिचारी को कुछ समझ में ही नही आया की उसके साथ अभी अभी हुआ क्या है ।
लेकिन जब उसने दो लोगो को अपने सामने हंसते हुए देखा तो उसके कान ही लाल हो गए
"तुम दोनो की इतनी हिम्मत हो गई है कि मुझे ऐसे जमीन में फेकोगे"।वो उठ कर दोनो को पकड़ने में लिए उनके पास जाती ही है तभी फिर से वो जमीन पर मुंह के बल गिर गई ।
आरवी और आदर्श हाई फाई देके जोर जोर से हसने लगते है।।"।क्या बात है बिल्ली मुंह के बल गिर गई आज "
इतना सुनते ही सानू पहले कंबल में फसे अपने पैरो को छुड़ाती है उसके बाद गुस्से से दोनो के तरफ बड़ जाती है ।
"रुको मैं तुम दोनो को छोडूंगी नही "इतना कहते ही सानू दोनो के ऊपर झपट पड़ती है ।। सानू के हाथों में आदर्श का बाल था और एक हांथ में आरवी के
"हे सानू तुमने हमारे बाल क्यू पकड़े है बाल से कोई मस्ती या लड़ाई नही होगी "आरवी ने अपने बाल छुड़ाते हुए बोली
आदर्श ने भी इसने हामी भरी "।छोड़ छोड़ "जोर जोर से आदर्श चिल्लाने लगा "तुम्हे क्या लगता है तुम कहोगे और मैं तुम दोनो को छोड़ दूंगी कभी नही तुम दोनो ने मेरे साथ अच्छा नहीं किया है अब हर्जाना तुम दोनो ही भरो "
आरवी और आदर्श ने भी सना के बाल पकड़ कर खींचने लगे थे तीनो ने एक दूसरे का बाल पकड़ रखा था।
" ये सब क्या हो रहा है तुम लोग फिर से शुरू हो गए हो छोड़ो एक दुसरे को " विशाखा जी ने तीनो को छुड़ाते हुए कहा ।
"मां पहले इससे बोलो की हमे छोड़े पहले इसने पकड़ा है" आरवी ने कहा वही बस आदर्श ने हां में हां मिला दिया
काफी कोसिस के बाद तीनो ने एक दूसरे को छोड़ा ।विशाखा जी ने आदर्श और आरवी को अपने साथ नीचे लेके गई ।और वही सना फ्रेश होने वॉशरूम में चली गई ।
सना जब आई तो दोनो घर से निकल गए थे "।अरे यार तुझे क्या जरूरत थी लड़ने की थोड़ा तो कंट्रोल कर लेती है दोनो को नाराज होने का मौका मिल गया अब तो।
अब दोनो नाराज़ होके बैठे होंगे तभी अकेले चले गए ।। सानू ने सोचते हुए कहा " ।वो भी जल्दी से खा पी कर कॉलेज के लिए निकल जाती है ।
और वही आरवी , आदर्श के साथ मंदिर चली जाती है कुछ भी हो जाए वो मंदिर नही छोड़ती उसके बाद फिर वही से दोनो कॉलेज के निकल गए
आज आरवी का दिल काफी खुश था ।सुबह से ही ये कह सकते है कभी कभी अच्छी महोल में रहने से दिमाग़ और मन दोनों शांत रहते है ।इस लिए जब से वो शेखावत के घर से आई है इस लिए काफी खुश नजर आती आदर्श ने आरवी को उसके कॉलेज छोड़ कर ।अपने बड़े पापा के ऑफिस के लिए निकल जाता है ।
आरवी जैसे ही हॉल से होके क्लॉस में जा रही होती है तो बाहर की भीड़ देख कर रुक जाती है हॉल के पास में ही एक छोटा सा हॉल था ।वो वही पर जाने लगती है ये।देखने के लिए की। यहां पर हो क्या रहा है? मगर
जैसे ही आरवी भीड़ को चीरते हुए आगे जाती है । वहा का नज़ारा देख कर उनके आंखो में गुस्सा उतर आता है
ज़मीन पर एक लड़की गिरी हुई थी उसके घुटनों ने खून निकल रहा था ।उसके ऊपर काफी सारे अंडे फोड़े गए थे और जूस जिससे वो भीग गई थी ।
तभी एक लड़की बोतल का पानी लाती है " ओ हो तुम कितनी गंदी लग रही हो कोई बात नही मैं तुम्हे साफ होने में थोड़ा सा हेल्प कर देती हूं" इतना बोल कर वो लड़की बोतल का सारा पानी उस लड़की पर डाल देती है ।
तभी पीछे से भी दो लड़कियां एक एक कर ऊपर पानी डालने लगती है अरबी ये सब देख कर और ज्यादा गुस्सा हो गई थी उसे बिल्कुल पसन्द नही था कोई कॉलेज में रहने वाले शख्स के साथ ऐसा कुछ करे ।
"तुम लोग ये क्या कर रहे हो पागल हो गए हो ऐसे किसी के साथ करना चाहिए इडियट कही के . आरवी सब को हटा के उस लड़की के पास सगाई ओर उसे उठाते हुए कहती है ।
वहा मौजूद सभी लोग गुस्से से आरवी को देखते है ।तभी एक लड़की गुस्से से आरवी का हांथ पकड़ लेती है
" आरवी तू न अपने काम से काम रखा कर ये तेरा काम नहीं है ।तो तुम चुप चाप यह से चली जा समझी ।
तभी पीछे से एक और लड़की बोलती है "अरे अगर ये चुप चाप चली जायेगी तो महान कैसे बनेगी लोगो के बीच में महान बनने के लिए हेल्प तो करेगी न लेकिन मैडम आप भूल रही है ये हमारी गैंग है ।
आरवी ने उनकी बातो को इग्नोर कर के उस लड़की को उठाने लगती है ।"किरण क्या तुम ठीक हो ज्यादा दर्द तो नही हो रहा है अगर तुम ठीक न हो तो हम अभी हॉस्पिटल चल सकते है
किरण आरवी की क्लास मेट है जो कल ही आरवी से मिली थी दोनो में एक ही मुलाकात में अच्छा रिश्ता बन गया किरण ने आरवी को देखते हुए कहा " नही मैं ठीक हूं " किरण अपना चस्मा ठीक करके जाने लगती है लेकिन उसे चलने के काफी प्रोब्लम हो रही थी इस लिए आरवी ने उसका हांथ पकड़ कर चलने लगी ।
थैंक्यू ! किरण ने आरवी को देखते हुए कहा
तभी एक लड़का दोनो के सामने आके खड़ा हो जाता है " तुम्हे क्या लगता है तुम इस चस्मिस को यहां से लेके जा सकती हो हम्मम
मेरे रास्ते से हट जाओ वरना अच्छा नहीं होगा " आरवी ने अपना एक फिंगर दिखाते हुए बोली
" ओ मैं तो डर गया " इतना कहते ही वहा खड़े सब लोग हसने लगते है ।तभी एक लड़की किरण का हांथ पकड़ कर अपनी तरफ करती है और उसे जैसे ही थप्पड़ लगाने वाली होती है आरवी उसके हाथों को पकड़ लेती है।
सोचना भी मत नही तो मैं तुम लोगो का ये जो रैगिंग करने का भूत सवार है न एक मिनट में उतार दूंगी " आरवी ने इतना जोर से हांथ पकड़ था की पायल को काफी ज्यादा तेज दर्द होने लगा " जिसका हांथ आरवी ने पकड़ा था वो पायल ही थी ।
पायल , रॉकी और उसके फ्रैंड थे जो आज किरण को परेशान कर रहे थे आरवी ने झटके से पायल का हांथ छोड़ देती है वो सीधा जा के जमीन पर गिर गई लेकिन टिया और पाखी तुंरत ही पायल के पास बैठ जाती है।
क्या तू ठीक है ? पायल की एक दोस्त ने पूछा लेकिन पायल ने कुछ नही कहा बस आंखो में आंसू लिए आरवी को घूर रही थी ।
तू खुद को समझी क्या है ? रॉकी ने आरवी का हांथ पकड़ते हुए कहा ।
मेरा हांथ छोड़ो " आरवी ने गुस्से से अपना दांत पीसते हुए कहा
ना छोडूं तो " रॉकी ने एटीट्यूड में कहा पहले आरवी ने एक फिकी सी स्माइल दि और रॉकी को ऊपर से लेके नीचे तक देखा ।
इसका अंजाम काफी बुरा होगा जो तुम कभी सोच भी नही सकते हो " आरवी ने अपना चेहरा रॉकी के पास लाते हुए कहा
एक बार के लिए रॉकी भी डर लगा " आरवी की आवाज काफी धीमी थी पर धमकी साफ साफ नजर आ रहा था वो भी इसके आंखो में दोनो एक दूर के आंखो के देख रहे थे ।
बहुत हो गया ये तमाशा सब अपनी अपनी क्लॉस में जाओ " पीछे से एक आवाज आती है सब उस दिशा में देखने लगते है ।
जहा एक काफी हैंडसम लड़का खड़ा था ।जिसके बगल में उसी के उम्र के दो।और लड़के थे।। और उन्ही में पीछे दो लड़कियां खड़ी थी ।जो दिखने में लग रही थी कि काफी अमीर घर से है पूरा जो मेकअप से पोती हुई थी
जारी ✍️
कौन है वो लड़का ? क्या आरवी का दोस्त है या कोई और ? क्या सही टाइम पर सना आ पाएगी ? आगे जानने के लिए पड़ते रहे
तो एक काफी हैंडसम लड़का खड़ा था ।जिसके बगल में उसी के उम्र का दो।और लड़के थे ।।।।।और उन्ही में पीछे दो लड़कियां खड़ी थी ।।।।।जो दिखने में लग रही थी कि काफी अमीर घर से पूरा मेकअप से पोती हुई थी ।।।।
अब आगे ।।।।।
आरवी ने अपने पीछे मुड़ कर देखा तो उसकी चेहरे पर एक कड़वी स्माइल आ गई। पायल जल्दी से उठ कर उस लड़के के पास जाती है ।।
विकी देखो ना ये हमारे काम के बीच में आ रही है ।तुमने इससे पहले ही कहा था ना की ये हमारे काम से दूर रहे पर ये है कि हर बार आके अपना टांग अड़ाती है"।पायल ने अपनी एक उंगली को आरवी के तरफ पॉइंट करते हुए कहा ।।।।।
तभी पीछे से एक लड़की आते हुए कहा "ओ बहन जी देखो सानू विकी की फ्रैंड है और तुम सानू की फ्रैंड इस लिए हम तुम्हे हर बार छोड़ देते है इसका ये मतलब ये नही है कि हम तुम्ही इन सब चीजों को भूल जाए " ।मोनी ने आरवी के सामने आते हुए कहा ।।।।।
विकी, मोनी , सानू , पीयूष , प्रियांश , ये पांचों ग्रुप A के है ।।।। और" B ग्रुप के रॉकी, पायल , टीया, किरण। इन सब का अलग ग्रुप था सब एक जैसे थे नया स्टूडेंट आते थे पहले उन्हें इन ग्रुपों से लड़ना पड़ता है ।
वही हाल सोनम का भी था ।आरवी, अंश को गुस्से से घूर रही थी ।तभी टिया सोनम के पास आती है ।चल बहुत हो गया पहले तेरी खातिर दारी तो हो जाए ।।तेरी वजह से पायल को आज चोट भी लग गई है ।
जैसे ही टिया ने सोनम को पकड़ना चाहा ।एक तेज आवाज़ पूरे हॉल में गुजता है nजहा हो वही रुक जाओ आरवी ने गुस्से से अपना दांत पीसते हुए कहा
आवाज इतने गुस्से में थी कि ये एक पल के लिए सब डर जाते है टीया का हांथ तो हवा में ही रुक गया था।।एक पल के लिए तो उसके पैर कापने लग गए ।।उसने आज से पहले आरवी को इतने गुस्से में कभी नही देखथा ।।
देखो अगर तुम अपने लिए और ज्यादा कोई प्रोब्लम नही चाहती हो तो अपने इस नए मदद्तगार को यह से जाने के लिए बोलो ।नही तो तुम्हारे ही लिए अच्छा नहीं होगा
।
अंश ने सोनम के सामने खड़ा होके कहा ।अच्छा तुम लोग जो अभी किया है क्या वो कम है ? मैं चाहूं तो अभी तुम सब लोगो का प्रिंसपल सर के पास कंप्लेन कर सकती हूं ।।।।
फिर तुम लोग सोच भी नही सकते हो तुम्हारे साथ क्या होगा आरवी ने सब को धमकी देते हुए कहा ।सब लोग आरवी कि बाते सुन कर अंश को देखने लगते है
अंश प्रिंसपल सर के फ्रैंड का बेटा था ।इस लिए वो प्रिंसपल से बिलकुल भी डर नहीं रहा अंश ने एक तिरछी स्माइल की ओर आरवी को देखते हुए कहा
" ठीक है तुम्हे जो ठीक लगे तुम कर सकती हो पर तुम
सायद भूल रही हो की हम सब लोग एक अमीर घर से है तो ये बात हमारे पैरेंस तक जायेगी और वो लोग यहां अपना जवाब तुमसे और इस लड़की से भी लेने आयेंगे
तब क्या करोगी? । क्या संभाल पाएगी हमारे पैरेंस को ?अंश ने कहा इस बात पर सब लोग हसने लगते है क्युकी ये सब जानते है आरवी कोई अमीर घर की नही है ।
"और यही नहीं कॉलेज के डायरेक्टर तक भी ये बात जा सकती है और यहां के डायरेक्टर हमारे फैमिली के। क्लोज फ्रैंड है तुम इससे अंदाजा लगा सकती हो की तुम्हारी बात कोई नहीं सुनेगा बस तुम अपने साथ साथ इस लड़की का मजाक बना कर रख दोगी " पायल ने तंज मुस्कान के साथ कहा ।
आरवी सब की बाते सुन रही थी ।पर अभी तक उसे पता नही था यहां के डारेक्टर है कौन ? ।पर उसे इन सब से कोई मतलब था नही ये लोग कोई भी हो कितने भी अमीर हो वो अब कॉलेज में ये सारे चीज बर्दास नही कर सकती है ।
काफी लड़के और लड़कियों की लाइफ बर्बाद हो चुकी है कई बार उसने रोकने की कोशिश की है लेकिन हर बार सानू उसे रोक देती थी ।वो सिर्फ अंश के कहने पर ग्रुप A ज्वाइन किया था । सानू कभी भी किसी भी इंसान के साथ मिसबिहेब नही करती थी बस अमीर होने के नाते वो ग्रुप के थी । ।
इस बार आरवी ने तय कर ही लिया था अब कुछ भी हो जाए कोई भी आए वो अब ऐसा कुछ होने नही देगी ।बस उसे सोनम का साथ चाहिए था ।इस लिए वो सोनम की तरफ मुड़ जाती है
" क्या इन सब में तुम मेरा साथ दोगी ? आरवी ने अपना एक हांथ सोनम की तरफ करते हुए कहा सोनम जो पहले से काफी ज्यादा डरी थी आगे का सोच कर अब वो और डर रही थी ।
"आरवी plz तुम मेरे लिए इन सब से लड़ाई मत करों ये तो बस कुछ दिन की बात है समझ लो ये मेरा एग्जाम है इस कॉलेज में रहने के लिए"सोनम ने अपना सिर नीचे करते हुए कहा
क्या सच में तुम ये सोचती हो ? आरवी ने सोनम का चेहरा ऊपर करते हुए कहा " मेरी तरफ देखो "आरवी ने कहा
सोनम ने अपनी नज़रे उठा कर आरवी को देखा जिसके आंखो में साफ गुस्सा और खुद के लिए प्यार नजर आ रहा था ।
"एक बार तुम अच्छे से सोच लो अगर तुमने मेरा साथ दिया तो सोचो आज जो तुम्हारे साथ हो रहा है वो किसी और के साथ भी होगा, क्या तुम चाहती हो? सोनम ने ना में अपना सर हिला दिया "तो क्या तुम मेरा साथ दोगी ? आरवी ने बड़े उम्मीद के साथ एक बार फिर से पूछा
इस बार फिर सोनम ने इस बात पर कुछ नही कहा ।" मुझे पहले ही पता था ये तुम्हारा साथ नही देगी तुम्ही पागल हो जो इस बिखारन की मददत कर रही हो ये बात तो तुम अच्छे से जानती हो बात कहा से कहा तक जा सकती है हम सब के एग्जाम भी आने वाले है तो मुझे नही लगता इन सब में तुम पड़ कर अपना टाइम खराब करना चाहूंगी " अंश ने अपने दोनो हांथ फोर्ल्ड करते हुए कहा
"मैने एक बार कह दिया मतलब कह दिया कंप्लेन तो मैं तुम लोगो की करूंगी ही चाहे उसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़ा और जहा तक सोनम की बात है तो वो उसकी मर्जी है मेरा साथ देने की इसका मतलब ये नही है की मैं तुम लोगो को इतने आसानी से छोड़ दूंगी "
आरवी ने भी उसी एटीट्यूड अपना हांथ फोल्ड करते हुए अंश से कहा दोनो गुस्से से बस एक दूसरे को घूर रहे थे
" यहां हो क्या रहा है ? सानू ने हॉल में आते हुए कहा ।सब उसकी तरफ देखने लगे किसी ने कुछ नही कहा ।तो सना ने फिर से पूछा " मैं कुछ पूछ रही हूं कोई बताएगा ।तभी गुस्से में उसे आरवी दिखाई दी क्या हुआ तू यहां क्या कर रही है ।क्या किसी ने परेशान किया है ?
सानू ने आरवी के कंधे से पकड़ते हुए अपनी तरफ कर के पूछा मुझे बता मैं छोडूंगी नही अगर किसी ने ऐसा किया होगा तो आरवी ने कुछ नही कहा वो बस चुप चाप सानू को देख रही थी ।
आरवी को ये नही समझ मे आ रहा था कि अगर इस बारे में सानू को पता चला की उसने सब की कंप्लेन करने वाली है तो पता नही सानू कैसा रिएक्ट करेगी ।इसके लिए आरवी ने कई बार बात कर चुकी है पर हर बार सना ने मना कर दिया है ।।ये कह कर की उसे इन सब मामले में नही पड़ना चाहिए ।उसके लिए नई प्रोब्लम हो जायेगी ।उसे बस शांति से अपना फाइनल ईयर कंप्लीट करना है
पर हर बार आरवी जिद करती थी इस लिए सानू ने अंश से बोल कर काफी लोगो छोड़ दिया था । सानू अंश की स्कूल फ्रैंड थी इस लिए वो उसकी हर बात मानता था । पर इस बार इन सब ने अपनी हद पार की थी
और इस टाइम पर सानू भी नही थी जो बात यहां तक आ गई। आरवी अभी ये सब सोच ही रही थी की तभी किसी की गुस्से भरी आवाज हॉल में गुजा
ओ हेलो..... मिस सानू शेखावत क्या यहां पर हम सब क्रिमिनल दिख रहे है जो तुम्हारी फ्रैंड के साथ गलत किया है आरवी और सानू ने मुड़ कर देखा तो मोनी ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा ।
तुम्हे इस तरह से चिल्लाने की जरूरत नहीं है मोनी तुम उसे आराम से भी बता सकती हो ।पीयूष ने कहा और यहां अभी तक जो कुछ हुआ था वो सब , सानू को बता देता है
सानू बस एकटक आरवी को देखे जा रही थी और वही आरवी उससे अपनी नज़रे चुरा रही थी
जारी ✍️
अब क्या करेगी सना ? क्या देगी आरवी का साथ या छोड़ देगी ? कौन है कॉलेज का डारेक्टर? क्या देगी सोनम
तुम्हे इस तरह से चिल्लाने की जरूरत नहीं है मोनी तुम उसे आराम से भी बता सकती हो ।पीयूष ने कहा और यहां अभी तक जो कुछ हुआ था वो सब , सानू को बता देता है
सानू बस एकटक आरवी को देखे जा रही थी और वही आरवी उससे अपनी नज़रे चुरा रही थी
अब आगे....
सानू ने जब देखा " आरवी उससे अपनी नज़रे चुरा रही है तो उसने मोनी की तरफ देखते हुए कहा
अगर आज कंप्लेन करने की नौबत आई है तो उसकी वजह तुम लोग खुद हो मैने कितनी बार कहा है ये सब छोड़ दो पर तुम सुनते कहा हो करते अपनी मन की
तो अब जो होगा वो तुम लोग खुद संभालो, इतना बोल कर सानू बीना आरवी की तरफ देखे हॉल से क्लास की तरफ चली जाती है
आरवी को थोड़ा बुरा लगा ,कि एक।बार सानू ने उसे कुछ नही कहा इस लिए वो भी सानू के पीछे चली जाती है ।
सानू रुक मुझे तुमसे कुछ बात करनी है आरवी सानू के पीछे जाते हुए आवाज देती है । पर सानू ने उसे पूरा इग्नोर कर दिया और आगे चली गई
लगता है ये मुझसे नाराज़ हो गई है, अब क्या करूं ? कैसे बनाऊं इस लड़की को ? आरवी ने परेशान होते हुए सोचा
सानू जाके अपनी डेस्क पर बैठ जाती है आरवी भी उसी के बगल में बैठती है क्या हुआ तुम कुछ बोल क्यू नही रही हो ? आरवी ने सानू का चेहरा अपनी तरफ करते हुए पूछा
मैं बात करूं या नहीं करूं , कुछ बोलूं या नहीं , तुम्हे कब से फर्क पड़ने लगा । तुम्हे तो हर बार अपनी मर्जी ही चलानी है कुछ भी बोलो , कितना भी समझाओ , पर नही मैं वही करूंगी जो मुझे ठीक लगेगा यहां तो सब बेवकूफ बैठे है , जो तुम्हारे लिए परेशान होते है सानू ने अपना चेहरा दूसरी तरफ करते हुए कहा
मैं तेरी बात समझ रही हूं , पर वो लोग गलत है अगर आज हमने कुछ नही किया तो वो लोग हर बार ऐसे ही सब के साथ करते रहेंगे । आरवी ने सानू का हांथ अपने हाथों में लेते हुए कहा ।।।।
मुझे समझ में नही आता तुम अपनी छोड़कर लोगो के बारे में ,इतना क्यों सोचती हो ? और लोग तो तुम्हारे बारे में अच्छा नहीं सोचते है अगर उन्हें तुम्हारे बारे में पता चला तो सब तुम्हे चारो तरफ से नोच खाने के लिए तैयार रहेंगे और एक तुम हो जो किसके साथ बुरा हो रहा है किसके साथ अच्छा बस यही सोचती रहो
सानू ने आरवी की तरफ गुस्से से कहा ।
अरे यार तुम बात को कहा से कहा लेके जा रही हो ।।। मैं बस इतना चाहती हूं कि वो लोग सोनम को सॉरी बोल और प्रोमिस करे की आज के बाद ऐसा कुछ नही करेंगे
तो बात यही पर खत्म हो जाएगी , पर तुम तो कही और ही जा रही हो " आरवी ने भी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा
अच्छा तुम कहोगी तो ये लोग , सोनम से सॉरी बोल देंगे है न , तुम जितना आसान समझ रही हो न उतना है नहीं सानू ने कहा ।।।।
हां मुझे पता है ये इतना आसान नहीं है , पर फिर भी इनकी अक्ल ठिकाने लाना जरूरी है और वो तो मैं ला के ही रहूंगी आरवी ने खड़ी होते हुए कहा ।।।।
अब कहा जा रही है सानू ने आरवी का हांथ पकड़ते हुए कहा " आरवी ने सानू की तरफ देखा और कहा ।
तुझे पता है मैं अपने बात से पीछे नहीं हटती हूं , किसी भी किमत पर मैं अपनी कही हुई बात को पूरा कर के ही रहती हूं मैने जो करने का सोचा है। "I know" वो थोड़ा मुस्किल है , मैं करूंगी उन लोगो की गलती है अगर वो सॉरी बोलते है तो ठीक नही तो आगे जो होगा उसके जिम्मेदार वो खुद होंगे ।
इतना बोल कर आरवी क्लास से बाहर निकल जाती है ।अरु मेरी बात तो सुन, सानू ने काफी आवाज लगाई लेकिन आरवी रुकी नहीं ... वो सीधा प्रिंसपल सर के कैबिन के बाहर जा के खड़ी हो गई ।
अरे यार ये लड़की किसी की नही सुनती है , अब मैं क्या करूं ? डैड को पता चला तो मुझे ही चार बात सुनने को मिलेगा। क्या करूं ? क्या करूं ? ।
कुछ सोच सानू नही तो वो जायेगी, साथ में मुझे भी ले डूबेगी " पागल लड़की" सानू ने क्लास में चक्कर लगाते हुए सोचने कही सानू आज आरवी को लेके कुछ ज्यादा परेशान हो गई थी ।उसे डर था कि कही इन सब से कुछ बहुत बड़ा कांड न हो जाए ।
अभी वो ये सब सोच ही रही थी तभी किसी का हांथ अपने कंधे पर महसूस हुआ पलट कर देखी तो पीछे अंश खड़ा था
क्या हुआ तुम परेशान लग रही हो ? अंश ने सानू के पास आते हुए कहा ।
पहले गलती कर उसके बाद , मुझसे पूछो परेशान क्यू हो ? सानू ने गुस्से से अंश का हांथ झटकते हुए कहा
मैने क्या किया यॉर? , जो तुम मुझसे इस तरह से बात कर रही हो , अंश ने कन्फ्यूज होते हुए पूछा
अच्छा अब तुम मेरे मुंह से सुनना चाहते हो , कि तुमने क्या किया है सानू ने कहा ।।।
हां बिलकुल मुझे पता तो होना चाहिए न, कि मैंने किया क्या है ? अंश ने कहा
अच्छा ठीक है , तुम लोगो ने आज जो सोनम के साथ किया ही न उसकी वजह से मेरी अरवी इतना परेशान हो गई है और वो सर से मिलने गई है वो चाहती है कि तुम लोग सॉरी बोलो और बात यही खत्म करो , पर उसे पता नही है कि यहां पर कोई सॉरी बोलने वाला है नही सानू ने अपने हाथों को फोल्ड करते हुए कहा ।।।।
हम्म.... तुम्हारी बात तो सही है , हम एक लड़की से सॉरी बोले ऐसा तो हो नहीं सकता है तो तुम अपनी बेस्ट फ्रेंड को समझो की ये ज़िद छोड़ दे
अगर वो मेरी बात मानती तो क्या मैं तुमसे कहती यार वो मेरी सुन ही नही रही है बस एक बार वो जो ठान लेती है तो उसे कर के ही दम लेती है सानू ने अपना सर पकड़ते हुए बोली
तो करने दो उसे जो करना है वो अपना काम करे और और हम अपना , क्या प्रोब्लम है ? अंश ने कहा सानू ने पहले अंश को ऊपर से लेके नीचे तक देखा फिर कहा तुम पागल हो , तुम्हे पता भी है , तुम क्या बोल रहे हो ? अच्छे से जानते हो , आगे क्या होगा फिर भी तुम मैं बेफिजूल में परेशान दिख रही हूं ।।।।
सानू ने कहा
और अपनी आंखे छोटी करके अंश को देखने लगी "मुझे कोई प्रोब्लम नही है तुम्हारी फ्रैंड को जो करना है वो करे मुझे कोई लेना देना नही ।इतना बोल कर अंश आगे बड़ जाता है
ये पागल लड़का खुद को समझता क्या है ? ... तंज मुस्कान के साथ कहा
अब मुझे लगता है , अरु ने अच्छा डिसीजन लिया है । इसका दिमाग सायद ऐसे ही ठिकाने आ जाए
इतना बोल कर सना भी आरवी को ढूंढने निकल जाती है वही थोड़ी दूरी पर एक पिलर के पास छुप कर अंश काफी टाइम से सानू को ही देख।रहा था
तुम उस लड़की के लिए इतना परेशान क्यू रहती हो , उसके लिए तुमने अपने बचपन के दोस्तो को भी छोड़ दिया है आखिर ऐसा क्या है , उस लड़की में ? वो है कौन?
अंश ने जाती हुई सानू को देखते हुए सोचा । तुम कितना भी मुझसे उसके बारे में छिपा लो मैं एक दिन पता कर के ही रहूंगा । इतना कहते ही अंश वाला से टैरिस पर चला जाता है
जारी ✍️
नही मुझे जाना है आरवी ने उठते हुए कहा । " तुम चाहती हो मैं तुम्हे कॉलेज आऊं तुम्हे लेने के लिए ? इतना बोल कर अरव ने उसके हांथ छोड़ दिए । " नही मैं कल यही बाहर।मिल जाऊंगी आप को , आरवी ने अपने आगे के दांत दिखाते हुए
Good.... अरव ने कहा और कार ले जाने को कहा दिया । आरवी अभी भी वही खड़ी होके बस कार को जाते हुए देख रही थी फिर कुछ सोचते हुए आश्रम के अंदर चली गई ।
अब आगे ....
आरवी बेड पर लेटे हुए आरव के बारे में सोच रही थी कि उसके कानो में फोन की रिंग सुनाई देती है , बीना देखे ही उसने फोन अपने कानो पर जैसे ही लगाई फोन के दूसरी साइड से एक लड़की की आवाज आती है " बेबी तू कैसी है ??
आरवी ने जैसे ही आवाज सुनी पहले उसने फोन की स्क्रीन को देखा जहा पर नेहा नाम सो हो रहा था । ( नेहा आरवी की बचपन की फ्रैंड है , जैसा रिश्ता आरवी और सानू में है वैसे ही आरवी का नेहा से भी है आरवी की बस 2 ही बेस्ट फ्रैंड है सानू और नेहा )
आरवी ने फिर से फोन कान से लगा के बोली " क्या बात है ? आज सूरज कहा निकला है जो इंडिया की सबसे बड़ी पागल लड़की ने मुझे कॉल किया "
, इतना बोल कर वो जोर जोर से हंसने लगीं।
वही दूसरी तरफ नेहा ने मुंह बनाते हुए बोली " वेरी फनी, पर मुझे कोई हंसी नही आई है तेरे बात पर समझी"
आरवी, " ठिक है हंसी नही आई तो मत आए ! छोड़ ये सब बता कॉल क्यू किया है ?
नेहा ने अपने बालो से खेलते हुए कहा ," तुझे कैसे पता की मुझे कोई बात है ? इसी लिए मैने कॉल किया ।
आरवी ने बेड पर बैठते हुए कहा , " अरे बहन बचपन से देख रही हूं दुनिया इधर से उधर हो जाए पर तू कभी अपना गेम छोड़ कर एक बार कॉल कर के ये तक नही पूछती है की हम मर रहे है या जिंदा है तूझे सिर्फ अच्छा खाना और गेम इसके अलावा और कुछ सूझता भी नही है । ।
नेहा ने थोड़ा ऊंची आवाज में बोली ," ऐसान फरामोश , तुझे कोई काम होता है तो मैं दुनिया की सबसे अच्छी बन जाती हूं और आज मेरा काम है तो मतलबी हो गई । क्या बात है ? यहां तो अपने ही पराए हो गया है ।
आरवी, " मैने ऐसा कुछ नही कहा ! अब ज्यादा नौटकी बंद कर मुद्दे पर आ क्या काम है आज तेरा । ।
नेहा ," होटल जाना है ।
आरवी ने चौक के कहा ," क्या फिर से , अरे यार तुझे पता है ना मेरा 6 बजे के बाद घर से बाहर जाना बैन है । और तू मुझे होटल बुला रही है , मरवाने का इरादा है क्या बहन ?
नेहा " मुझे पता है तेरा घर से निकलना बैन है इसी लिए तो बस मैं और तुम चलेंगे , सानू को मैने कॉल नही किया है ।
आरवी ," तुम्हे क्या लगता है कॉल नही किया , तो उसे पता नही चलेगा हम कहा जा रहे है मैं नही जा रहि तुम जाओ । ।
नेहा ," प्लीज मेरी मां मान जा , अगर वो इस बार हांथ से निकल गया न तो तेरी बेस्ट फ्रेंड की जिंदगी बर्बाद हो जायेगी । क्या तू यही चाहती है ? की मैं शादी के बाद रोते हुए तुम सब के गले लगूं यही चाहती है ।
आरवी ने एक गहरी सांस छोड़ के बोली , " बस बस इतना dialogue काफी है ,वरना मुझे फांसी लगाने पर मजबूर होना पड़ेगा ।
आरवी की बात सुन नेहा का मुंह बन गया तभी आरवी बोली " अच्छा! चल , अब वही मिलेंगे जहा जाना है "
इतना कह कर उसने कॉल कट कर दिया फोन को बेड पर रख कर वह वाशरूम में चली गई ।
रात 8 बजे ....
आरवी ने ब्लैक टीशर्ट और ब्लैक ट्राउजर पहन कर आश्रम के पीछे के गेट से बाहर निकल जाती है । उसने पहले ही नेहा को पीछे के गेट पर वेट करने को बोल दिया था ।
नेहा अपनी स्कूटी लेके आई थी आने से पहले उसने आरवी को मैसेज कर के बता दिया था वो लोग 5 स्टार होटल जा रहे है । नेहा ने भी ब्लैक जींस और ब्लैक टीशर्ट पहन रखा था ।
दोनो ने सेम कलर पहना था जिससे कोई ठीक से पहचान न पाए उसके लिए ब्लैक मास्क लगा लिया ।
कुछ देर में दोनो अपनी मंजिल पर पहुंच चुकी थी , नेहा ने स्कूटी पाक किया फिर दोनो लिफ्ट से 35 फ्लोर पर पहुंच गए ।
आरवी ने अपने आस पास देखते हुए कहा , " तुझे यकीन है ना की वो यही पर है ।
नेहा ने फोन में देखते हुए बस हां में सिर हिला दिया ।
"तू फिर से गेम में लग लगी है , आरवी ने नेहा का फोन छीनते हुए कहा ,।
ये क्या है ? आरवी ने फोन देखते हुए पूछा ।
" बहन यही है रूम नंबर जिसमे वो रहने वाला है । नेहा ने अपने अगल बगल रूम के नंबर देखते हुए कहा ये देख आरवी भी अपनी नजरो चारो तरफ करने लगी लेकिन कोई नही पता ।
" मिल गया, नेहा ने अचानक से चिल्लाते हुए कहा "
क्या कर रही है ? मरवाने का इरादा है क्या ? आरवी ने नेहा के मुंह पर अपने हांथ रखते हुए कहा ।
नेहा ने अपने मुंह से आरवी के हाथो को हटाते हुए धीमी आवाज में कहा " बहन वो रहा कमरा 9903 ये वही है ।
आरवी ने फोन में लिखे नंबर से कमरे के नंबर को मिलाने लगी । दोनो अभी खुश ही हुई थी तभी पीछे से किसी की आवाज आती है , " तुम दोनो यहां क्या कर रही हो ?
दोनो लड़किया इस आवाज को अच्छे से पहचानती थी ।
ये कौन है अब दोनो के लिए सांस लेना थोड़ा मुस्किल हो रहा था पहले उन्होंने एक दूसरे का चेहरा देखा फिर अपने अपने दांत दिखाते हुए पीछे मुड़ गई ।
आरवी ने अपनी स्माइल और बड़ी कर ली और अपने दोनो हाथो को हिलाने लगी जैसे किसी बच्चे को झूला झुला रही हो ।
सोना वो....... वो ... अभी आरवी बोल ही रही थी कि तभी नेहा बीच आते हुऐ बोली , " सानू तुम यहां क्या कर रही हो ?
सानू दोनो के पास आते हुए कहा ," मेरा छोड़ो पहले मैंने तुम दोनो से पूछा है , यहां क्या कर रही हो ?
नेहा ने धीरे से आरवी के कान में कहा ," यार तेरी ये फ्रैंड तो आज काफी नाराज़ लग रही है ,क्या तुमने कुछ किया है ?
आरवी ने नेहा की तरफ देख मासूम सा चेहरा बना के बस हां में अपना सिर हिला देती है ।
" ले भैंस गई पानी में , नेहा ने अपना मुंह टेढ़ा करते हुए कहा और रूम no. 9903 की तरफ देखने लगी । जैसे उसमे उसका कुछ फेवरेट चीज़ छूटी गई हो ।
वो हम लोग भी यहां कुछ काम से आए है , आरवी ने अपने नाखुल चबाते हुए कहा ।
" अच्छा ऐसा क्या काम है तुम्हे जो इतनी रात को यहां आना पड़ा ये पता होते हुए भी की तुम्हे घर से बाहर जाना मना किया गया है , सानू ने आरवी की तरफ अपना एक आईब्रो उठा के कहा ।
क्या यॉर?, तुम लोग अपना कोट कहचेरी यहां मत खोल लो घर जाके बात कर लेना या एक दूसरे को पीट लेना ।नेहा ने आरवी के हांथ से अपना फोन लेते हुए कहा उसे लग रहा सानू के आने से उसका प्लान खराब हो सकता है क्योंकि बोडीगार्ड्स से ज्यादा अच्छे से आरवी का ख्याल सानू रखती है ।
" अगर तुम चाहो तो हमे ज्वॉइन कर सकती हो , नेहा ने सानू को देखते हुए फिर से कहा ।
सानू ने कुछ देर सोचा फिर बोली हां ठीक है , पर करना क्या है ? इतना सुनते ही दोनो लड़कियों ने एक दूसरे को देखा फिर दोनो ने सानू के एक एक हाथों को पकड़ लिया ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? आखिर नेहा क्यू लेके आई है ?
अब आगे.....
आरवी ने कैबिन में जाके देखा तो कोई नही था । इस लिए वो वहा से बाहर आ जाती है । सानू को कुछ काम था इस लिए वो पहले ही घर चली गई । आरवी ने भी अपना क्लास खत्म किया और घर के लिए निकल गई । क्युकी प्रिंसपल सर से उसकी मुलाकात हो ही नही पाई ।
आज भी आरवी को कॉलेज के बाहर कोई ऑटो नही मिला तो उसने वही से पैदल जाने का सोचा जैसे ही उसने अपने कदम आगे बढ़ाए।
एक स्पोर्ट्स कार उसके सामने आके रुकती आरवी ने बड़े गौर से देखा पर अंदर का कुछ भी दिखाई नहीं दिया ।ब्लैक कांच लगने की वजह से बाहर से अंदर का देखना काफी मुस्किल था ।
आरवी इग्नोर कर के आगे बड़ गई कि अचानक से किसी ने उनका हांथ पकड़ कर कार में खीच लिया और वो सीधा जाके उसके गोद में गिरी , आरवी ने जब अपना सर ऊपर कर के देखा तो एक हैंडसम लड़का था । जिसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था । वो कोई और नही आरव था ।
जिस दिन वो आरवी से मिलने आया था उसी दिन से कोई भी ऑटो को यहां रुकने से मना कर दिया आज जब शिव ने बताया कि सानू कॉलेज से जल्दी चली गई है तो आरव उसी टाइम अपने ऑफिस से कॉलेज के लिए निकल गया ।
कुछ ही दूरी पर अपनी कार रोक कर आरवी का वेट कर ही रहा था तभी आरवी गेट से बाहर आते हुए दिखी तो उसने अपनी कार आगे बड़ा दिया ।
आरवी ने आरव को देख गोद से उठने की कोशिश की पर आरव ने उसकी कमर को काफी मजबूती से पकड़ रखा था । जिससे आरवी हिल भी नहीं पा रही थी । काफी कोशिश के बाद भी जब आरवी खुद को छुड़ा नही पाई तो वो आरव को घुर के देखने लगी । ।
लेकिन अचानक से आरव ने आरवी को पलट दिया आरव के सीने से आरवी की पीठ लगी थी और उसका चेहरा सामने की तरफ था । आरव का चीन आरवी के कंधे पर और उसके दोनो हाथो को अपने हाथों में भर कर उसके पेट के चारो तरफ लिपटा हुआ था ।
ये आप क्या कर रहे है ? छोड़िए मुझे " आरवी ने खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली ।
लेकिन आरव अपनी पकड़ और कसते हुए कहा " बस थोडी देर ऐसे ही बैठी रही प्लीज।
पता नही क्यू लेकिन आरव के रिक्वेस्ट पर आरवी कुछ न बोल पाई ना उठने की कोषिश की बस वैसे ही बैठी रही। दोनो ने काफी टाइम तक ऐसे ही शान्ति से बैठे रहे दोनो में से किसी ने कुछ नही कहा । और वही दूसरी तरह बिचारे शिव की हैरानी का कोई ठिकाना नहीं था । उसने अपने बॉस को कभी भी किसी लड़की के इतने करीब नही देखा था ।
वो तो बार बार मिरर से दोनो को घूर रहा था । आरव को पता था उसका दोस्त काफी टाइम से घूर रहा है इस लिए उसने अपने बगल से एक बटन प्रेस किया । तभी कार का पाटीसन ऑन हो गया ।
" कमिना कही का, शिव ने अपने होठों को तिरछा करते हुए कहा उसे आरव पर गुस्सा आ रहा था क्युकी उसके दिल में आरवी के लिए क्या है उसने एक बार भी इस बारे में बताया नही उसे ।
अभी भी दोनो वैसे ही बैठे थे । तभी आरवी ने फिर से उठने को हुई लेकिन आरव ने उसका चेहरा अपनी तरफ कर दिया । अब दोनो एक दूसरे के आंखो में देख रहे थे । आरवी का दिल काफी जोरो से धड़क रहा था उसे काफी घबराहट भी हो रही थी ।
आरव ने अपना चेहरा थोड़ा पास लाया और उसकी आंखो में देखते हुए कहा । " तुम जितना मुझसे भागने की कोसिस करोगी मैं उतना ही तुम्हारे पास आता जाऊंगा तो आगे से मुझसे भागने की कोसिस मत करना समझी तुम्हारे लिए सायद अच्छा न हो "।
आरवी के चेहरे पर एक छोटी से मुस्कान आ गई । क्युकी उसे ये शब्द बहुत सुकून दायक लगा उसने आरव को देखते हुए कहा " मै कब आप से भागने की कोशिश कि वैसे एक सावल करूं
आरव ने पलके झपका दिए तो आरवी बोली " अगर मैं आप को ना मिलूं, तो क्या करेंगे आप ?
आरवी के इतना कहते ही आरव की पकड़ उसकी कमर पर और तेज हो गई उसने एक झटके से उसे अपने और करीब कर लिया । अब आरव का एक हांथ कमर पर और दूसरा गर्दन पर आरवी के दोनो हांथ अरव के गर्दन पर थे दोनो का चेहरा इतना पास में था कि दोनो एक दूरी की सांसे महसूस कर पा रहे थे । दोनो के ही दिल की धड़कन काफी तेज़ थी जिसे दोनो ही सुन पा रहे थे ।
लेकीन अचानक से कार का ब्रेक लगने की वजह से दोनो का सर एक दूसरे से जा टकराया । आरवी के मुंह से एक अह्ह्ह्ह भरी आवाज निकल गई वो जोर जोर से वो अपना सर सहलाने लगी ।
आरव ने पाटिसन को हटा और शिव से गुस्से से कहा " क्या तुम ढंग से कार का ब्रेक नही लगा सकते"
शिव इतना सुनते ही घबरा गया पीछे देखते हुए कहा । " आप ने जहा कहा था हम वहा पहुंच गए है ।
आरव ने कुछ नही कहा और आरवी को देखने लगा जो अभी भी अपना सर सहला रही थी । और वही शिव दोनो को इतने पास में देख कर शॉक में था उसने बड़बड़ाते हुए कहा " ये दोनो इतने पास में है जरूर कुछ हो रहा था, नही नही क्या मैं जो सोच रहा हूं वो सकता है ? फिर से वो मुड़ कर दोनो की तरफ देखने लगा जहा आरव अपने हाथों से आरवी का सर सहला रहा था" क्या ज्यादा जोर से लगी है , आरव ने पूछा ।
आरवी ने बस हां में अपना सर हिला दिया । तभी उसके कानो में किसी की आवाज पड़ी । इतना भी जोर से नही लगा है आरवी ने जब अपने पीछे देखा तो शिव उसी की तरफ देख रहा था । " आरवी ने शिव की तरफ अपना मुंह बनाते हुए बोली " मेरा नाजुक सा सर है अब ऐसे किसी पत्थर से टकराएगा तो दर्द तो होगा ना ।
उसकी बाते शिव को पहले तो समझ में नही आई पर जब उसने बातो के सेंटेंस को समझा उसकी नज़र आरव पर जा के टिक गई । मजाक ही सही पर आरवी ने उसके बॉस के सिर को पत्थर कहा था ।
अंदर ही अंदर उसे बड़ी खुशी हो रही थी और वही आरव के चेहरे को देख कर और खुशी हो रही थी जो इस टाइम बस अपने गुस्से के घोट को पी रहा था ।
आरवी आरव के तरफ बीना एक बार देखे अपना बैग लिया और कार से बाहर चली गई । जब आरवी ने देखा तो आरव ने उसे अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ा था ।
आरवी अभी गेट तक पहुंची ही थी पता नही उसके मन में क्या आया लौट कर वो फिर से कार में आके बैठ जाती है ।
आरवी इतनी जल्दी आई की दोनो लड़के उसे सवालिया निगाहों से देखने लगे । आरवी कार में ही थोड़ा झुक कर घुटनों के बल बैठ गई और आरव का चेहरा अपने हाथों दोनो हाथो से पकड़ लिया ।
ये सब देख कर शिव तो सदमे में चला गया उसे समझ में नही रहा था, ये लड़की कर क्या रही है ? एक बार के लिए तो आरव को भी झटका लगा लेकिन उसे खुशी थी कम से कम आरवी खुद से उसके पास तो आई।
आरवी ने धीरे से अपने माथे को आरव के माथे से टच कराया और दूर होके बैठ गई । " ये क्या था ? , आरव ने अपनी एक आईब्रो उठाते हुए कहा ।
" मैने सुना है कि अगर दो लोगो का सिर आपस में टकरा जाए तो उन्हे दुबारा करना चाहिए । अगर नही करते तो बिल्ली कटती है" । आरवी ने स्माइल करते हुए कहा।
कार से जाने लगी जैसे ही वो बाहर ही निकलने वाली थी कि आरव ने उसका हांथ पकड़ कर अपनी तरफ खीच लिया
आरव ने कहा " कल सुबह मैं तुम्हे लेने आऊंगा , तुम्हे मेरे साथ कही चलना है । ,
पर कहा ? और कल मेरा कॉलेज है आरवी ने कहा ।"
तो कल कॉलेज मत जाना , आरव ने कहा ।
नही मुझे जाना है ".आरवी ने उठते हुए कहा ।
" तुम चाहती हो मैं तुम्हारे कॉलेज आऊं तुम्हे लेने के लिए ? इतना बोल कर आरव ने आरवी का हांथ छोड़ दिया।
" नही मैं कल यही बाहर।मिल जाऊंगी आप को , आरवी ने अपने आगे के दांत दिखाते हुए कहा वो नही चाहती थी की आरव कॉलेज उसे लेने आए और लोग ये सब देख के बात करे ।
Good.... अरव ने कहा और कार ले जाने को कह दिया । आरवी अभी भी गेट के पास।में।खड़ी होके बस कार को जाते हुए देख रही थी फिर कुछ सोचते हुए आश्रम के अंदर चली गई ।
जारी ✍️
अब आगे....
सानू को जब पता चला दोनो यहां क्या करने आई है तो उसका पारा ही चढ़ गया " तुम दोनो पगल हो गई हो क्या ? इसका मतलब भी पता है अगर पकड़े गए न तो सीधा पुलिस लेके जायेगी समझी।
"Pls बहन कर दे ना तेरा अहसान कभी नही भूलेंगे "नेहा ने सानू का हांथ पकड़ के कहा ।
सानू ने दोनो से अपने हांथ छुड़ाते हुए कहा " नही नही मुझसे से नही होगा अगर मेरे घर वालो को पता चला ना तो मेरी टांगे तोड़ देंगे और मेरा भाई मुझे जीते जी मार डालेगा मैं ऐसा कुछ नही करने वाली हूं यार तुम दोनो के दिमाक में इतने खतरनाक आईडिया आया कहा से है । ।
सानू घबराती हुई मुड़ कर जाने लगती है तभी उसके पैर अपनी जगह पर ही रुक जाते है सना ने जब अपने पैरो को देखा तो 4 हाथों ने उसके पैरो को जकड़ रखा था ।
आरवी और नेहा दोनो ने सानू के पैरो को बड़ी मजबूती से पकड़ रखा _
"प्लीज़ कर दो ना हेल्प "दोनो लड़कियों ने साथ में कहा , सानू ने एक बार दोनो को देखा फिर ऊपर देखते हुए एक गहरी सांस छोड़ती है ।
ठीक है ! पर इन सब में मेरा नाम नही आना चाहिए "
सानू ने कहा और सीधे खड़ी हो जाती है ।
ठीक है !ठीक है ! तू टेंशन न ले तेरा नाम कही भी नही आने वाला है जो होगा हम देख लेंगे " आरवी ने अपने हांथ झड़ते हुए कहा ।
फिर तीनो ने कुछ डिस्कसन किया और जाके एक दीवाल से चिपक कर खड़ी हो गई और किसी के आने का वेट करने लगी फिर कुछ देर में उन्हें एक वेटर आते हुए दिखाई दिया ।
वेटर को देखते हुए, नेहा ने कहा " वो आ गया "
फिर अचानक से सानू उस वेटर के आगे जा के खड़ी हो जाती है वह वेटर पहले ऊपर से लेके नीचे तक सानु को देखा और कहा ।
" Hlo मैम क्या कोई प्रॉबलम है ? क्या कुछ चाहिए आप।को ??
उसकी बात सुन के सानू ने नखरे करते हुए अपने पर्स से पैसों की गड्डी निकल।के उस वेटर के ट्रे में डाल दिया ।
( जो ट्रे वो लेके जा रहा था उसमे।) इतने सारे पैसे देख के वेटर की आंखे बड़ी।हो गई लेकिन फिर वो अपनी हैरानी छुपा के वेटर ने सानू के तरफ देख के कहा
" सॉरी मैम मैं ऐसे वैसे काम नहीं करता हूं "
इतना बोल कर वो आगे जाने लगता है को सानू ने वेटर को रोकते हुए कहा ।
" पहले बात तो सुन लेते "
वेटर ने जैसे ही ये सुना वो रुक गया और पीछे देखने लगा ।
" देखो मुझे पता है ये तुम्हारा काम है और तुम अपने काम में काफी ईमानदार हो लेकिन अगर तुम मेरा काम करोगे तो ये सारा नोट तुम्हारा हो जायेगा और ज्यादा कुछ करना नही है "
वेटर ने पहले कुछ सोचा फिर पैसे देख के हांमी भर दिया , सानू ने उससे रूम की चाभी ले लिया जिस रुम के बाहर तीनो खड़ी थी । वेटर वहा से गया तो तीनो वहा से निकल कर सीधे रूम के अंदर चली गई
"Wow कितना अच्छा उसने बुक किया है मुझे तो पता ही नही था " नेहा ने चारो तरफ देख के बोली
तभी आरवी ने जवाब दिया " लेकिन तेरे लिए नही है बहन "
ये सुन नेहा का मुंह बन गया । अभी तीनो रूम को देख ही रही थी कि तभी उनके कानो में किसी की आवाज आती है तो तीनो एक दूसरे को देख अलग अलग जगह पर छुप जाती है । सानू परदे के पीछे थी आरवी सोफे और वही नेहा बेड के नीचे ऐसे ही तीनो अपनी अपनी जगह पर शांत होके किसी के आने का वेट करने लगती है ।
कुछ देर में रूम का गेट जैसे ही खुलने की आवाज आती है तीनों की नजर उसी तरफ चली गई । नेहा बेड के नीचे से बस दो लोगो के पैर देख रही थी और वही सानू को।उनकी आवाज , बस आरवी ऐसी जगह थी जो अच्छे से देख भी सकती थी और सुन भी ।
दो लोग चल कर अंदर आते है आरवी ने जैसे ही थोड़ा झाक कर देखा तो एक लड़का जिसकी उम्र 30_35 के आस पास थी और दूसरी लड़की जो लगभग 27 साल की थी उसने वन पिच पहन रखा था वो ड्रेस काफी ज्यादा छोटा था इतना की उस लड़की की थाई पूरी दिखाई दे रही थी , पीछे का नेक कमर तक खुला था ।
लड़के ने अपनी गोद में लड़की को उठा रखा था (उन्हे देखने में लग ही रहा था कि दोनो ने काफी ज्यादा पी रखी है । ) ...
लड़के ने अंदर आते ही अपने पैरो से दरवाज़े को जोर से लात मार कर बंद कर दिया । और उस लड़की को सीधे बेड पर फेका और उसके ऊपर आके लेट गया ।
लड़के ने जैसे ही होठों को छूना चाहा उस लड़की ने अपने होठों पर हांथ रख दिया
" बेबी ये तुम क्या कर रही हो ? उस लड़के ने हाथों को हटाते हुए कहा ।
उस लड़की ने पहले अपने ऊपर लेटे लड़के को धक्का देके साइड कर दिया और बेड पर उठ कर बैठ गई । लड़का कुछ समझ नही पाया वहा हाल तीनो।का भी।था ।।
" तुम मुझसे प्यार नही करते ना , लडकी ने लड़के के तरफ घूर के।कहा ।
लडके ने लडकी की बात का कोई जवाब न देके लडकी के। कमर से पकड़ कर उसे।अपने नीचे दबा दिया और उसके हाथों को ऊपर करते हुए जकड़ लिया । वो लड़की अभी कुछ बोल पाती उससे पहले ही दोनो के होठ एक दूसरे से मिल गए ।
जहा वो दोनो किस कर रहे है । वही 3 लड़कियां गलियों पर गालियां दिए जा रही थी । सानू जो पर्दे के पीछे थी अपना सर दीवाल पर। मारते हुए नेहा और आरवी को गालियां दे रही थी
" इन दोनो को तो मैं छोडूंगी नही , कहा फस गई मैं , वो उस समय को कोस रही थी जब उसने दोनो की बात मानी थी ।
और वही आरवी जो सोफे के पीछे बैठ कर सारा सीन अपने आंखो से देख रही थी इस समय अपने हांथ में कैमरा पकड़ रखा था ।
वही बेड के नीचे बैठी नेहा , " कीड़े पड़े कामिने, अब देख मैं तेरा क्या हाल करूंगी बस थोड़ा और तुझी शादी करनी है ना मुझसे करती हूं तेरे से शादी।मैं।।
तीनो अपने ही ख्यालों में थी की तभी तीनो के कान में फिर से उस लड़की की आवाज आती है ।
" विक्की पहले मुझे मेरे सवालों के जवाब दो , अगर नही दे सकते तो मैं जा रही हूं , वो लड़की जैसे ही गेट के पास जाने को होती है तभी पीछे से विक्की उसे अपने पास खींच लेता है ।
रोमी बेबी.... तुम इतना गुस्सा क्यू हो रही हो ? विक्की ने रोमी का चीन पकड़ के उसके चेहरे को ऊपर करता है ।
( उस लड़के का नाम विक्की है और उस लड़की का रोमी जिसका वीडियो ये तीनो बनाने आई है। 😂)
रोमी, "तुम चाहते हो मैं गुस्सा ना करूं , तो मुझे बताओ तुम उस गवार नेहा से शादी करने के लिए हां कैसे बोल सकते हो जब की।मैं तुमसे।इतना प्यार करती हूं ।
विक्की," अरे बेबी, तुम्हे लगता है मैं उस गवार से शादी करने वाला हु
बीच में ही रोमी ने पूछा , फिर हां क्यू बोले?
विक्की ," उसका चाचा चाहता है कि मैं उससे शादी करने का नाटक करूं उसके लिए वो मुझे पैसे दे रहे है तो मैं कैसे माना कर सकता हूं ।
" नाटक, रोमी ने कन्फ्यूज होते हुए पूछा । विक्की ने रोमी को कमर से पकड़ कर अपने और पास सटा लिया । उसकी आंखो में देखते हुए कहा ।
बेबी तुम्हे पता नही है उस गवार की मां काफी अमीर है उसके बाप ने मरने से पहले सारी प्रॉपर्टी अपनी बेटी के नाम किया था पर उसकी मां है कि अपने बाप का एक पैसा भी नही लेना चाहती ।
( यह नेहा के बारे बात हो रही है नेहा के नाना जी ने नेहा की मां यानी सीमा जी के नाम अपनी सारी प्रॉपर्टी की है पर वो कभी भी इन पैसे को यूज नही करती है)
रोमी ," इससे शादी से क्या मतलब है ?
विक्की," तुम खुद सोचो उनकी एक ही इकलौती बेटी है तो उसकी शादी तो ऐसे किसी से नहीं करवाने वाली, एक अच्छा लड़का चाहिए और अच्छे लड़के के लिए तो दहेज़ देना ही पड़ेगा ना ।
Wow " मैं अब समझी , ये सारा गेम उस गवार के चाचा का है मतलब तुम अच्छे लड़के हो और तुम्हारे लिए उसकी मां को दहेज देना होगा । और क्या सारा पैसा उसका चाचा ही लेगा । रोमी ने पूछा
".क्या मैं ऐसा होने दे सकता हु। ? बेबी ये सब छोड़ो पहले मुझे प्यार करो । विक्की ने कहा ।
जैसे ही रोमी अपना अगला सवाल पूछना चाहा विक्की ने फिर से रोमी को किस करना स्टार्ट कर दिया । रोमी के दोनो हांथ विक्की के गले में और विक्की ने रोमी के कमर को पकड़ रखा था ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? इस धोखे का नेहा क्या सिला देगी ?
Wow " मैं अब समझी , ये सारा गेम उस गवार के चाचा का है मतलब तुम अच्छे लड़के हो और तुम्हारे लिए उसकी मां को दहेज देना होगा । और क्या सारा पैसा उसका चाचा ही लेगा । रोमी ने पूछा
".क्या मैं ऐसा होने दे सकता हु। ? बेबी ये सब छोड़ो पहले मुझे प्यार करो । विक्की ने कहा ।
जैसे ही रोमी अपना अगला सवाल पूछना चाहा विक्की ने फिर से रोमी को किस करना स्टार्ट कर दिया । रोमी के दोनो हांथ विक्की के गले में और विक्की ने रोमी के कमर को पकड़ रखा था ।
अब आगे .....
प्यार के नशे में दोनो काफी वाइल्ड हो गए थे , पूरे कमरे में बस सिसकियो की आवाज आ रही थी , रोमी की एक तेज आवाज कमरे में गूंजती है , जहा दो लोग प्यार में पूरी तरह डूब चुके थे । उन्हे किसी चीज का ख्याल हो।नही था जैसे वो इस दुनियां से काफी दूर।हो ।
लेकिन तभी अचानक से उनके कानो में कुछ टूटने की आवाज आती है जो काफी तेज़ थी
विक्की तो पूरी तरह मदहोश था उसके कानो को।।जैसे कुछ सुनाई ही।नही दिया वो और आगे बड़ता इस प्यार में की। एक जोरदार आवाज के साथ जमीन पर फिर से कुछ जाके गिरा ये सब इतने तेज़ और अचानक हुआ की उसे कुछ समझ में ही नही आया ।
गुस्से से उसकी मुठिया कस गई । जैसे ही उसने अपनी नज़रे उठा के रोमी को देखा , तो उसकी आंखे ही सिकुड़ गई ।
क्युकी आवाज के साथ साथ रोमी ने विक्की को खुद से दूर कर खुद को ब्लैंकेट से कवर कर के बैठी गई। और विक्की।के। बजाय किसी को घूरने लगी ।
विक्की ने जब रोमी के नजरो का पीछा किया तो आंखे बड़ी।हो।गई सामने एक लड़की ब्लैक ड्रेस में खड़ी थी । लेकिन विक्की ने चेहरे पर ध्यान नहीं दिया और गुस्से में खड़ा होके उस लड़की की तरफ जाने लगा मगर फिर से इसी बीच एक तेज आवाज गूंजती है ।
अह्ह्ह्ह्ह.... आरवी एक तेज चीख के साथ पीछे मुंह कर के खड़ी हो जाती है ।
( रोमी वो भारी आवाज सुन कर आरवी के हाथो से कैमरा छूट कर जमीन पर गिर गया विक्की तो इतना नशे में था कि उसने ध्यान नहीं दिया पर रोमी ने अपनी तिरछी नजरों से आरवी को देख लिया था । जो आंखे फाड़े दोनो को ही घूर रही थी । स्विचवेशन ऐसे हो गई थी कि रोमी को खुद ही कुछ समझ में नही आया उसने विक्की को नीचे फेक कर खुद को पहले कवर किया और उठ कर बैठ गई )
विक्की ने आरवी को जब नजरे फेरते हुए देखा तो उसके कदम रुक गए उसे एक पल कुछ समझ में नही आया तभी उसे खुद के ऊपर कुछ बारी गिरता हुआ महसूस हुआ नजरे उठा कर देखा तो रोमी ने उसके ऊपर टावल फेका था तब जाके उसे समझ में आया वो किस तरह से खड़ा हुआ है ।
" तुम हो कौन और यहां क्या कर रही हो ?. रोमी ने कपड़े पहनते हुए कहा और आके आरवी के सामने खड़ा हो गई जो मुंह फेर के खड़ी थी ।।
लेकिन फिर आरवी अपनी आंखे बंद करके ही पलट गई पहले उसने अपनी एक आंख खोली जब सामने सब ठीक था फिर अपनी दोनो आंखे खोल कर घुमाने लगी , इस टाइम उसने अपने फेस पर मास्क लगा रखा था इस वजह से दोनो ने उसके फेस को देखा नही की।वो।कौन।है है इतना पता चल गया वो कोई लड़की है।।
" क्या तुम्हे सुनाई नही दे रहा है ? रोमी ने गुस्से से आरवी के पास आते हुए कहा । उसने मौका देख कर विक्की की शर्ट को पहन लिया था ।
दोनो ने जब देखा आरवी कुछ नही बोल रही है तो रोमी ने पहले उसका मास्क हटाने के लिए आगे बड़ी लेकिन आरवी अपना कदम पीछे खींच लेती है ।
आरवी तो घबराने की वज़ह से कुछ बोल तक।नही पा रही थी उसने जो देखा था उसके।लिए एक सदमे की तरह था उसने उम्मीद नहीं की थी ये सब देखना पड़ेगा उसे ।
" विक्की पुलिस को कॉल करो जल्दी मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है , रोमी ने आरवी का हांथ पकते हुए कहा । आरवी का न बोलना और निचे कमरा टूटा देखा रोमी को। सक हुआ ।
( बिचारी आरवी फस गई थी बस वो अपने मन में नेहा को गली दिए जा रही तीनो का प्लान था एक साथ छिप कर बस फोटो क्लिक लेने का उसके बाद कुछ भी करके कमरे से बाहर निकल जाती । ये लोग इतने अचानक कमरे में आ गए की तीनो अलग अलग जगह पर छुप गई और कैमरा आरवी के हांथ में होने की वजह से सब उसे ही करना पड़ रहा था । और विडियो के बजाय सीधा आंखो से ही सारा सीन देख लिया )
विक्की ने उसकी बात सुन के कहा " तुम।सही कह रही हो मैं अभी पुलिस को कौन करता हूं और यहां के मैनेजर को भी पता नही कैसी सर्विस दे रहे है "
इतना कह विक्की ने। पैंट से अपना फोन निकला जो निचे गिरा था ।जैसे ही पुलिस को कॉल करने के लिए अपने फोन को लिया कि पीछे से एक जोर दार लात किसी ने मारी वो जाके सीधा मुंह के बल बेड पर गिरा ।
( ये कोई और नही नेहा थी उसने जब विक्की को बेड के पास आते देखा था तभी नीचे से निकल कर भागने से पहले लात मारा )
यहां सानू ने आरवी का हांथ रोमी से छुड़ा लिया था सानू ने रोमी का हांथ इतने जोर से झटका था कि वो जाके सीधा जमीन पर गिरी थी । ये सब सानु ने अचानक से किया ना रोमी समझ।पाई ना विक्की ।
वही तीनो लड़कियों ने मौका देखा और कहा " भागो यहां से "
इतना कह तीनो तेज कदमों से कमरे से बाहर निकल कर भागने लगती है । वही तुरंत ही विक्की ने होटल स्टाफ को कॉल कर के बुलाया उसके बाद रोमी को जमीन से उठा कर उसे सोफे पर बैठाया ।
" बेबी थोड़ा पानी पिलो , विक्की ने पानी का ग्लास रोमी के होठों पर लगते हुए कहा । रोमी ने थोड़ा सांस लिया गिरने की वज़ह से उसके सिर सर में चोट लग गई थी पानी पीने के बाद रोमी ने विक्की की तरफ देखते हुए कहा ।
" बेबी उनके पास कैमरा था इसका मतलब समझ रहे हो।ना वो लोग जानबूझ कर यहां आई थी वो भी पूरे प्लान के हाथ अब उनके पास हमरा वीडियो है और वो तीन लड़किया है हमे कुछ करना होगा वरना मैं बर्बाद हो जाऊंगी"
, रोमी को इतना ज्यादा घबराहट हो रही थी कि वो लंबी लंबी सांसे लेने लगी और साथ में डर भी लग रहा था।।
" मेरी जान तुम ये सब मुझ पर छोड़ दो मैं देखता हूं कि वो लोग थी कौन और यह किसने भेजा था मैं तीनो में से किसी को नही छोडूंगा " विक्की ने रोमी के बालो में अपना हांथ फेरते हुए कहा।
( तीनो ने पहले से ही मास्क लगा रखा था और ऊपर से ब्लैक कलर का ड्रेस पहना था कमरे की लाईट भी काफी डीम था इस वजह से विक्की और रोमी ने उन्हें पहचान नहीं पाए थे )
वही दूसरी तरफ तीनो को कुछ समझ में नही आ रहा था कि अब जाना कहा है बस भागते हुए वो लोग गलियारे में रुक के हाफने लगी " तभी सानू ने नेहा की तरफ देख के कहे " कुत्तीय तेरे चक्कर में पता नही क्या क्या देखना पड़ गया मन कर रहा है तेरा गला दबा दूं "
सानू की बात सुन नेहा का मुंह बन गया तभी आरवी ने कहा " तू कहा कुछ देखी देखा तो मैने पता नही कैसे कैसे सीन थे वो सब तो मूवी में भी नही दिखते लेकिन आज सारी मूवी मैने लाइव देखा है "
आरवी का मुंह रोने जैसा बना गया ।
" चल झूठी पुरा सीन कहा देखी सीन आगे बड़ने से पहले तूने गड़बड़ कर दी " नेहा ने सीधे खड़ी होके कहा ।
आरवी और सानू नेहा की बात सुन के उसे घूरने लगी एक तो इतनी हेल्प करने के बाद वो ऐसे कैसे कह सकती है दोनो ने कितना रिस्क लिया ये सब सोच दोनो लड़किया नेहा की तरफ मारने के लिए दौड़ी की नेहा अपनी जान बचाने के चक्कर में बगल के एक कमरे में घुस गई लेकिन तभी उसका पैर फस गया और वो सीधे मुंह के बल गिरी वही सानू और आरवी जो उसके पीछे भागी थी वो दोनो भी नेहा के साथ सीधे उसके ऊपर जा गिरी ।
उधर विक्की ने पुलिस को बुला लिया और सारी बात बताई की उनके कमरे में कोई घुस के वीडियो बना रहा ।वही विक्की ने मैनेजर को भी काफी सुनाया जिसकी वज़ह से होटल के सारे गार्ड्स अब तीनो को ढूंढने में लग गए ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? विक्की तीनो को ढूंढ पाएगा ? क्या करेगी नेहा ?
अब आगे .....
एक बड़ा सा कमरा जहा पर हल्की हल्की लाइट की रोशनी फैली हुई थी । वही तीनो लड़किया एक दूसरे के ऊपर जा गिरी थी । लेकिन ख़ुद को संभाल एक उठ के बैठ गई ।
" भगवान का शुक्र है बाल बाल बच गए नही तो आज हमारा सारा प्लान पानी में फिर जाता " नेहा ने जमीन पर लेटते हुए कहा।
" कमिनी तुझे अभी अपने प्लान की पड़ी है यहां मेरी हालत खराब हो गई है , आरवी ने नेहा के ऊपर बैठते हुए कहा ।
"मेरे ऊपर से हट आरवी नही तो मैं मर जाऊंगी " नेहा ने आरवी को धक्का देते हुए कहा ।
आरवी सीधा नेहा के ऊपर लेट जाती है अपना फेस नेहा के गले में डाल देती है और उसने अपने दोनो पैरो को भी मोड़ रखा था । नेहा जो अभी बस आरवी के भार को नही संभाल पा रही थी उसके ऊपर सानू भी एक चढ़ जाती है ।
" तुम दोनो का मुझे मारने का इरादा है क्या ? प्लीज़ उठ जाओ नही तो मैं मर जाऊंगी । नेहा ने भारी गले से कहा , दोनो की भार के वजह से नेहा की आवाज मोटी आ रही थी ।
अचानक से सानू पलट कर नेहा के गले में अपना हांथ डाल कर जमीन पर ही लेट जाती है ।
" मेरा मन तुम्हे प्यार करने को कर रहा है , आरवी ने अपना चेहरा उठाते हुए कहा ।अब वो नेहा को परेशान करने का इरादा कर लेती है ।
"तुम्हारे कहने का क्या मतलब है ? नेहा ने चौकते हुए पूछा क्युकी आरवी के ताव कुछ गड़बड़ लग रहे थे
आरवी : " विक्की और रोमी को प्यार करते हुए मैने अपने इन दोनो आंखो से देखा है और वो सीन मेरे सामने से जा नही रही है इस लिए मैं सोच रही हूं क्यू ना एक बार मैं तुम्हारे साथ कर लूं वो सब " आरवी ने मुस्कुराते हुए कहा और नेहा को एक आंख मार देती है ।
वही इतना सुनते ही नेहा की हालत खराब हो गई उसे पसीने आने लगे , घबराते हुए बोली " यार तू पागल हो गई है मैं लड़की हूं ना की कोई लड़का अगर तुम्हारा इतना ही मन है तो जाके किसी लड़के को पकड़ लो ।
" लड़के में वो मजा कहा बेबी, मुझे तो तुम ज्यादा अच्छी लगती हो " आरवी थोड़ी शरारती अंदाज में बोली
के.... के ... क्या मतलब है तुम्हारा ? नेहा ने घबराते हुए पूछा
।नेहा को इस तरह से डरते हुए देख आरवी और सानू को काफी अच्छा लग रहा था , और क्यू ना आए उसकी वजह से दोनो आज जेल में जाने वाली थी अगर सही टाइम पर वहा से भागती नही तो उनकी इज्जत का फालूदा हो जाता ।
अब आरवी का साथ सानू भी देने लगी थी दोनो को अपनी तरफ इस तरह से देखते देख नेहा बहुत ज्यादा घबरा रही थी उसके माथे पर पसीने के मूंद आने लगे ।
"देखो अब मजाक छोड़ो और यहां से चलो हमे घर जाना चाहिए , अगर किसी ने देख लिया न तो गड़बड़ हो जायेगी , तुम दोनो मेरी बात समझ रही हो न " नेहा ने दोनो को अपने ऊपर से हटाते हुए कहा ।
लेकिन दोनो लड़कियों ने नेहा को इस तरह से जकड़ रखा था की नेहा उन्हे जरा सा हिला भी नही पाई आरवी थोड़ी दुबली पतली थी और नेहा भी पतली थी पर सानू दोनो से काफी हेल्दी थी इस लिए नेहा के लिए दोनो को हटाना आसान नहीं था ।
उधर सानू ने नेहा के गालों पर बार बार किस करना स्टार्ट कर दिया और वही आरवी सानू को देख दूसरे गाल पर नेहा की तो सांसे अटक गई थी उसका दम घुटने लगा था ।
प्लीज मुझे छोड़ दो , नेहा ने रोते हुए कहा , उसकी आवाज सुन के आरवी और सानू ने एक दूसरे को देखा फिर हंसते हुए नेहा की एक एक साइड में पलट कर लेट गई ।
नेहा जो अपनी सांसे कंट्रोल कर रही थी वही दोनो लोट पोट के हंस रहे थे पूरे कमरे में बस हसने की आवाज सुनाई दे रही थी मगर तभी अचानक से पूरे कमरे की लाईट ऑन हो गई ।
जहा अभी हंसी ने अपनी जगह बनाया था अब वही डर आ गया था" ये लाइट किसने चालू किया "आरवी ने बैठते हुए कहा ।
यार कही पुलिस तो नही आ गई मुझे अभी जेल नही जाना है मेरी तो अभी शादी भी नही हुई है और मेरे बच्चे भी नही ही ये भगवान रक्षा करो मेरी , नेहा ने ऊपर भगवान से प्राथना करते हुए कहा ।
नेहा की बाते सुन कर आरवी और सानू का पारा ही चढ़ गया , दोनो एक एक हांथ नेहा के सर पर मारी " तुम लोग मुझे मार क्यू रही हो ? नेहा ने अपना सर सहलाते हुए कहा ।
" सिर्फ अपने लिए भगवान से मांग रही हो हम दोनो भी तो तुम्हारी वजह से यहां पर फसे है , आरवी ने कहा ।
" और नही तो क्या ? अगर हम तेरी हेल्प नही करते ना तो कल तेरी शादी उस छछुंदर से हो जाती है " सानु ने कहा
छछुंदर वह्ह्ह, क्या नाम दिया है ? तू ग्रेट है सानू " । आरवी ने सानू के गालों को पकड़ते हुए कहा वो काफी इंप्रेस थी
तीनो जहा एक दूसरे में बीजी थी वही कई सारी आंखे उन्हे देख रही और उनकी सारी बाते सुन रही थी जिससे तीनो ही अंजान थे वैसे सच के अंजान थे या बस ध्यान नही दिया ।
अभी तीनो बात कर ही रही थी कि तीनो को गेट पर नॉक करना सुनाई दिया । तीनो की सांसे ही अटक गया । तीनो को कुछ समझ में नही आया और ना आस पास देखा बस सामने रखे एक बड़े से टेबल के नीचे छिप गई । जैसे कोई चोरी कर के भागी हो ।
तीनो अंदर बैठी थी तभी गेट खोल कर कुछ लोग अंदर आए और चारो तरफ देखने लगे तीनो लड़की के बजाय वहा काफी सारे लोगो को देख एक आदमी ने अपना थोड़ा सिर झुका कर कहा , एम सॉरी सर हमने तीन लड़कियों को यहां आते हुए देखा इस लिए चले आए हमे पता नही था यहां आप की डिनर है ।। ।
सामने बैठे एक आदमी ने कहा जो टेबल के सेन्टर के मेन चेयर पर बैठा था ।
यहां कोई नही आया है , इंस्पेक्टर दुबारा ऐसे किसी के प्राइवेट रूम में घुसना नही वरना तुम्हारी नौकरी जा सकती है आज तो मेने माफ कर दिया है आगे से ध्यान रखना । सामने बैठे आदमी ने आदमी ने गुस्से से कहा और सामने देखने लगा ।
वही तीनो टेबल में नीचे से सब की आवाज सुन रही और अपने आस पास देखा तो टेबल के नीचे से उन्हे उनका पैर दिखा वो तीनो एक दूसरे को देख समझ गई कोई उनका पीछा कर रहा है ।
तभी एक और आदमी ने अपनी कड़क आवाज के कहा, तुम लड़कियों को क्यू ढूंढ रहे हो ?
इंस्पेक्टर ने जवाब दिया " तीनो ने किसी के प्राइवेट रूम में घुस कर उनकी प्राइवेट मूमेंट को कमरे ने कैच किया है इसी लिए उन तीनो के खिलाफ केस दर्ज हुआ है ।
इतना बोल कर पुलिस इंस्पेक्टर ने सॉरी कहा और वहा से चले गए , तीनो जो टेबल के नीचे बैठी थी अब उसकी हिम्मत नही हो रही थी वहा से निकल कर किसी के सामने आए उन्हे भी पता था जो किया है काफी सरमिंदगी वाला काम है और ऊपर से सारी पोल पट्टी खुल भी गई है ।। ।
लेकिन हिम्मत कर पहले नेहा टेबल से बाहर आते हुए कहा" चलो हमे चलना चाहिए अब रात काफी ज्यादा हो गई है अगर घर नही पहुंची तो मां चप्पल से मरेंगी । नेहा जान बुझ कर बोली जिससे लगे की वो नही गई थी
।
तीनो ने सोचा कुछ बहाना कर के यह से निकल जायेंगे लेकिन तीनो जैसे ही बाहर आके देखी उनकी आंखे बाहर सी आ गई। यहां जब आई थी तो तब ध्यान नहीं दिया था पर अब अपने सामने इतने सारे लोगो को देख कर हैरान हो गई थी ।
वही आरवी और सानू की नज़र तो किसी और की नजरो में मिली थी । डर से उसका गला सुख गया था ।
" सॉरी हमे पता नही था कि यहां आप लोग डिनर कर रहे है कमरे में काफी अंधेरा था इस लिए हम पता नही चला , उम्मीद है आप सब समझेंगे चलिए हम चलते है ।। नेहा ने सामने अपने दांत दिखाते हुए कहा ।
" तुम दोनो यहां क्या कर रही हो , उन्ही लोगो में से किसी ने कहा । आरवी और सानू ने अपनी नज़रे झुका लि । क्यू की सामने दोनो ने अपने पिता को जो देख लिया था ।
आज यह पर कोई डील होने वाली थी इस लिए सारी फैमली एक दूसरे के साथ डिनर कर रहे थे यह पर दोस्त दुश्मन दोनो लोग आए थे । शेखावत फेमिल भी यही थी
उधर कोई और भी था जिसकी नजर बस आरवी को घूर रही थी इस समय उसके आंखो में अंगारे वर्ष रहे थे , गुस्से से हाथों की सारी नसे तनी थी , कोई और नही ये आरव था जब से आरवी ने नेहा को किस किया उससे आरव का खून खौल गया जिस तरीके से वो आरव को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था उसका तो मन कर रहा था नेहा को वो कही दूर फेक दे।
जारी ✍️
अब आगे....
जहा सानू की हालत खराब थी अपने डैड को देख कर वही आरवी के चेहरे पर मुस्कान थी । और नेहा तो इनमे से किसी को भी नही जाती थी वो सब सब को देख रही थी।
आरवी जैसे ही अपने डैड और पा को एक साथ देखा वो दौड़ते हुए उनके गले जा लगी । यहां सब के होने से आरवी अपने डैड यानी अतुल रॉय के गले न लग कर । राकेश शेखावत के गले लगी। आरवी ने आरव के ऊपर ध्यान नही दिया जो इसे ही देख रहा था ।
Mr. Roy को बुरा थोडा सा लगा पर वो अपनी बेटी को अच्छे से जानते है की उसने ऐसा क्यू किया है । क्यू उसने किसी के सामने ये बताने से इनकार किया वो राकेश की नही उनकी बेटी है ।
राकेश शेखावत ने नाराजगी से अपने गले से आरवी का हांथ हटाते हुए बोले " तुम इतनी रात को यहां क्या कर रही हो अरु तुमने इसका जवाब मुझे नही दिया अभी तक ।
आरवी ने जैसे ही देखा की अब सवाल का पिटारा खुलने वाला है वह अपने नजरे गोल गोल घुमाने लगी और बोली
" वो हम लोग ऐसे यहां डिनर करने आए थे और कुछ नही " आरवी ने घूमते हुए कहा ।
"तुम पहले ठीक से खड़ी रहो और मुझे साफ साफ बातो यहां क्या करने आई थी जहा तक मुझे लगता है तुम लोगो ने कोई न कोई कांड किया है नही तो तुम इतनी रात को घर से बाहर जाओ ऐसा कभी नहीं हो सकता है । और ऊपर से आज पुलिस ढूंढ रही है " राकेश जी ने सानू को तिरछी नजर से देखते हुए कहा । क्युकी उन्होंने उसे साफ कहा था सानू को कोई ऐसी वैसी हरकत करने से आरवी को हर वक्त रोकना लेकिन आज उसका साथ सानू खुद दे बैठी ।
सानु आज पकड़ी गई थी उसे पता था आरवी तो अपना क्यूटनेस दिखा कर निकल जायेगी पर सुनना पड़ेगा उसे ही इस लिए उसने अपनी नज़रे झुका लीं न देखेगी ना कुछ कहेगी और अब तक तो नेहा को भी पता चल गया था की यहां आरवी और सानू की फैमली है । तो उसने भी कुछ नहीं कहा बस खड़ी थी। ।
" अब हमे यही बचा सकती है इसके अलावा और कोई नही" नेहा ने धीरे से सानू के कान में कहा । लेकिन। सानु ने इसका कोई जवाब नही दिया
।
इधर आरवी के ना बोलने पर राकेश के दुबारा सक्त होके पूछने पर ,, आरवी ने कोई बहाना न करके सारी बाते डिटेल में बता दी। की वो नेहा को हेल्प करने आई है ।
लेकिन उसकी बात सुन के जहा राकेश जी अपना सर पकड़ कर बैठे थे वही अतुल जी की हंसी बंद ही नही हो रही थी । उन्हे पता था ऐसे खुरा पाती उनकी बेटी ही करती है वहीं आरवी ने सारी बाते इतने डिटेल में बताया था की वहा पर जो लेडी थी वो शर्म के मारे अपना चेहरा नीचे कर रखा था । और आरव के साथ साथ इसके दोस्त भी स्पीचलेश होके आरवी को आंखे फाड़ कर देख रहे थे कैसे वो ये सब इतनी आसानी से बता सकती है ? कई तरह के सावल मन में थे ।।
प्रकाश जी यानी अरव के दादा जी जो काफी टाइम से आरवी की बकवास सुन कर बोर हो गए थे उन्होंने राकेश की तरफ देखते हुए कहा । " मुझे लगता है शेखावत फैमली के लोगो ने अपने घर की बेटियो को तमीज नही सिखाया है जो ऐसे बेशर्मों जैसी बाते कर रही है ।
आरवी ने जैसे ही प्रकाश जी के मुंह से अपने पा के लिए ताना मारते हुए सुना उसका सर ही घूम गया " एक्सक्यूज मी आप कहना क्या चाहते है हमने ऐसा क्या कर दिया जो बेशर्म हो गए । आरवी ने प्रकाश को घूरते हुए कहा ।
"बेशर्म लड़की क्या तुम मुझसे जानना चाहती हो किसी के कमरे में घुस कर उसका वीडियो बनाना ऐसे संस्कार मिले है तुम्हे । प्रकाश ने गुस्से से कहा उनका गुस्सा कुछ और। ही था जिसकी वज़ह से वो आरवी को सुना रहे थे ।
इतनी बाते सुनते ही आरवी का गुस्सा अपने चरम सीमा कर आ गया उसे बिल्कुल पसंद नहीं है की कोई उनके संस्कारों पर उंगली उठाए।
आरवी ने भी प्रकाश जी के अंदाज में बोली " ,अरे वाह ये तो वही बात हो गई । खुद करो तो रास लीला और हम करे तो कैरेक्टर ढीला, जो आप लोग TV में देख कर मजे लेते है वो हमने लाइव देख लिया तो इसमें गलत क्या है , और वैसे भी वहा हम अपनी फ्रेंड की हेल्प करने गए थे ना की सीन देखने । और क्या पता आप भी अपने कोलेज टाइम पर इससे भी बत्तर चीज करते हो । और दूसरी बात मेरे पा को कोई प्रोब्मल नही है तो आप होते कौन है मुझे बोलने वाले , आप मुझसे बड़े है इस लिए थोड़ा रिस्पेक्ट कर रही हूं वरना अगर यही बात किसी और ने बोली होती ना तो वो दुबारा बोलने के लायक नही रहता ।
वहा पर मौजूद हर कोई आंखे फाड़े बस आरवी को देख रहे , प्रकाश सिंघानिया से आज तक किसीने भी इस तरह से बात नही की ये बात सब जानते है वही , पूरे खानदान में और फैमली फ्रैंड में भी या फिर उनके दोस्तो के बेटे हो या उनके पोते किसीने ऊंची आवाज क्या, हूं हां के अलावा किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकला है सिर्फ आरव को छोड़ के ।
एक आरव था जो प्रकाश सिंघानिया के आगे खड़ा रहता सब को यही लगता था की आरव के अंदर जो गुस्सा है वो प्रकाश से ही मिला है दोनो सेम एक जैसे हैं। ।
आरवी की बात कर न तो राकेश ने कुछ बोले और न ही अतुल ने उन्हें पता था उनकी बेटी कभी गलत बर्दाश नही करती है तो आज कैसे कर लेती । वही सानू को मॉम उसे इशारे से चुप करने को बोल रही पर आरवी का गुस्सा काफी बड़ गया था । लेकिन आरवी ने एक नजर भी अपनी मॉम के तरफ नहिंदेखे ।
बात बिगड़ते देख सानू जल्दी से आरवी के पास आती है , और उसकी बाजू पकड़ के कहती है " चुप हो जा मेरी मां तुझे पता भी है तू किसे बोल रही है " सानू ने आरवी का हांथ खींचते हुए कहा ।
" मुझे जानना भी नही है कि ये महान है कौन वैसे भी इनकी बातो से तो मुझे पता चल ही गया है ये कौन है , सठियाई बुड्ढा, " आरवी ने सानू से अपने हांथ छुड़ाते हुए काफी तेज आवाज में बोली
" तुम्हारी हिम्मत कैसे हुए मुझे बूढ़ा बोलने की , प्रकाश जी ने चेयर से खड़े होके बोले
" अब बुड्ढे को बुड्ढा न बोलूं तो क्या हैंडसम बंदा बोलूं ,
आरवी ने प्रकाश जी के सामने हंसते हुए कहा ।
"राकेश अपनी बेटी के जबान पर लगाम दो ऐसे ही जबान रही ना कोई अपने घर की बहु तक नही बनाएगा इसे " प्रकाश जी ने टेबल पर हांथ मार के कहे धीरे धीर वहा पर गर्म गर्मी होने लगी थी ।
सानु जो अभी आरवी का हांथ पकड़ कर बाहर ले जा रही थी । उसे भी काफी गुस्सा आ रहा था प्रकाश जी के बात पर ,, मगर उसने कुछ नही कहा बस आरवी का हांथ पकड़ के उसे वहा से ले जाने लगीं
" रुक ! जरा तो " आरवी ने सानू को रोकते हुए कहा सानू रुकना तो नही चाहती थी लेकिन वो चहती भी थी आज प्रकाश जी को आरवी झाड़ दे क्युकी एक वजह आज की है जो प्रकाश जी ने कहे और एक वज़ह पुरानी है जो शायद आरवी को नही पता बस सानू जानती है ।
आरवी सानू से हांथ छुड़ा के सीधे प्रकाश जी के सामने अपने दोनो हांथ टेबल पर रख दी उनको घूरते हुए बोली " आप ने क्या कहा अभी की मेरी शादी कही नही होगी क्या आप कोई ज्योतिषी है या फिर कोई धर्म पुरुष जिन्हे सब पता है मेरे बारे में "
इतना कह आरवी ने एक तिरछी मुस्कान के साथ फिर बोली " वैसे आज मैं आपकी जान कारी के लिए बता दूं मैं किसी के घर की बहु बनू या नहीं पर आप के घर की जरूर बनूगी " आरवी ने फूल कॉन्फिडेंस के साथ कहा ।
लेकीन बीच में ही प्रकाश जी चिल्ला के बोले " अपनी हद में रहो लड़की ज्यादा हो रहा है "
वही आरव जो काफी देर से सब कुछ सुन रहा था लेकिन कुछ कहा नही अचानक से आरवी की बात सुन कर उसके चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान तैर गई पर जल्दी से उसने उसे छुपा भी लिया वो गौर से बस आरवी के चेहरे को देखने लगा जिस पर घमंड साफ दिखाई दे रही थी उसे काफी सुकून मिल रहा था की फाइनली आज आरवी ने सब के सामने उसे एक्सेप्ट कर लिया उसे तो लगा था आरवी दूर भागते भागते सच में दूर न हो जाए ।
" क्या हुआ आप को बुरा लग रहा है तो अपने पोते से पूछ लीजिए जो मेरे पीछे पड़ा है और अभी तो हम कल ही कही बाहर घूमने जा रहे है क्या आप को नहीं पता ,, मैने तो अभी तक हां नही कहा था पर अब मेरी तरफ से हां है मैं आप के ही घर की बहु बनूंगी और आप के ही सर पर तांडव भी करूंगी ये मेरा आखिरी फैसला है वैसे पहले मैं इसके बारे में सोचने वाली थी लेकिन अब नही "
आरवी ने टेबल से अपने हांथ उठाए और उसे स्टाइल में झाड़ के सब को एक स्माइल के साथ बाय बोल कर रूम से बाहर चली गई उसकी बात सुन के किसी की बोलने की हिम्मत हो नही हुई क्युकी सब के सामने यानी अपने बाप के सामने ही उसने आरव को प्रपोज किया है किसी के पास शब्द ही नही थे कुछ कहने के लिए ।
वही प्रकाश जी गुस्से से जो उबल रहे थे वो आरव को घूर के देखे और आंखे से ही बोले " पूरी दुनिया में यही मिली थी क्या तुम्हे "
आरव उनकी आंखों का मतलब समझ गया लेकिन उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं आया वो चुप चाप बैठा रहा जैसे उसे इससे कोई फर्क ही नही पड़ा हो । लेकिन उसका दिल ही जनता था इस वक्त वो कितनी रफ्तार से भाग रहा है ।
वही दूसरी तरफ मुंह खोले अतुल और राकेश दोनो अपनी बेटी को जाते हुए देख फिर एक दूसरे को उन्हे यकीन नही हो रहा उनकी बेटी को सच में प्यार हुआ है या बस फ्लो फ्लो में बोल गई लेकिन एक तरफ , उन्हे भी नही पता था की इतना सब हो रहा है उसके साथ और उन्हे पता ही नही ।
" भाई तेरी फ्यूचर वाइफ तो लड़ाकू विमान निकली " शौर्य ने धीरे से आरव के कानो में कहा जो उसके बगल वाले चेयर पर बैठा था पर आरव ने उसे कोई जवाब नही दिया क्युकी अब तो बस इसे इंतेजार था प्रकाश जी क्या करेंगे क्युकी वो इतनी आसानी से किसी दुश्मन की बेटी से उसकी शादी तो नही होने देंगे।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या आरवी ने सही किया ? अतुल और राकेश को आरवी क्या जवाब देगी ?
अब आगे ....
आज जो हुआ उसकी वजह से कुछ हो न हो लेकिन नेहा का काम हो गया था दो दिन बाद नेहा की शादी थी उससे पहले ही नेहा और आरवी ने मिल कर पूरी तयारी कर लिया होटल से निकलने के बाद नेहा अपने घर के लिए निकल गई थी क्युकी अभी उसे काफी तैयारी करनी थी अपनी शादी को तोड़ने के लिए । वही बस सानू और आरवी बचे थे सानू ने आरवी को बहुत सुनाया था क्यू कि बिचारी आरवी ही बची थी नेहा तो पहले भाग गई । लेकिन आरवी के कान में कहा किसी की बात जाति है ।
दोनो पार्किंग एरिया में ही खड़े होके अपने अपने डैड का वेट करने लगी पहले ही उन्हें मैसेज मिल गया था की वो लोग उनके साथ घर के लिए जायेंगी इस लिए दोनो वही कार के पीछे जाके बैठ गई उन्हे आने के थोडा टाइम जो लगता ।
उधर जब से आरवी ने बोला तभी से प्रकाश जी अपना मुंह फूला कर बैठे रहे किसी के भी बात का सीधा जवाब नही दिया उन्होने एक बार भी बस आरव को घूरते या फिर बार बार mr. शेखावत को ताने मारते उनकी गोद ली बेटी कैसी है लेकिन उन्हें क्या पता वो Mr शेखावत की नही अतुल रॉय की बेटी है जिससे पूरी दुनियां नफरत करती है । प्रकाश जी जब भी कुछ बोलते राकेश जी अतुल जी की तरफ देखने लगता आंखों से ही उन्हे कहते " कर आरवी का क्लॉस अच्छे से लेना तो " राकेश और अतुल की इशारे बाजी एक शख्स के नजर के आ गई थी वो थे ओम जी यानी आरव के डैड जो काफी वक्त से देख रहे थे मगर सब के सामने कुछ कहा नहीं वो अपने दोस्त को अच्छे से जानते थे ।
राकेश और अतुल में दोस्ती कभी नही हो सकती है दोनो कॉलेज से ही दुश्मन है और जहा तक बात करने की बात है उसकी भी कोई वजह होगी इस लिए ओम जी ने ज्यादा ध्यान न दे कर प्रोजेक्ट पर ध्यान दिया।।।
वही आरव अभी भी आरवी के बातो के बारे में ही सोच रहा था आरवी से थोड़ा गुस्सा भी है इस लिए की आरवी ने नैना को किस दिया ।।जब कॉलेज में आरव ने मांगा था तो आरवी डर रही थी और आज नेहा को जबरन ये सब किया दूसरी बात उसने किसी के रूम में घुस कर इतना बड़ा कांड किया था । इसका जवाब वो कल लेगा । आरव मन में कहने लगा ।
कुछ देर में बाते खत्म हुई तो सब अपना अपना डिनर करके रूम से बाहर निकल गए सब साथ में ही पार्किंग एरिया तक गए पर किसी ने एक दूसरे से बात तक नही की । आरव, शौर्य, शिव एक साथ थे वही प्रकाश जी उनके दोस्त एक साथ ,, इधर राकेश उनकी पत्नी, अतुल, ओम जी , और उनके तीन दोस्त सब एक साथ अपनी अपनी पत्नियों के साथ चल रहे लेकिन किसी ने किसी से भी बात नही की ।
कुछ देर में जब सब लोग पार्किंग एरिया में जैसे ही सब पहुंचे सामने का नजारा देख कर सब की आंखे बड़ी हो गई और मुंह एक बार फिर खुल गया वही कुछ लोग मुंह दबाए हंसने लगे ।।बस वहा पर एक प्रकाश जी थे जिनके चेहरे पर गुस्सा झलक रहा था हंसी का तो नमो निशान नही था ।
इधर सामने सानू जहा कार से टिक कर खड़ी थी वही आरवी सामने अपने दोनो हांथ कमर पर रखा था " हे लड़की क्या तुम्हे तमीज नही है अपने बड़ों से बात करने की " आरवी ने प्रकाश जी की एक्टिंग उतारते हुए बोली। इतना कह वो जाके कार के ऊपर बैठ जाती है और कहती है " राकेश तुमने अपनी बेटी को संस्कार नही दिए है ये मुझे बूढ़ा कर रही है क्या कई बूढ़ा दिखाई दे रहा हूं मैं तो जवान 16 साल का लड़का हूं हा हा हा"
इतना कह वो जोर जोर से हंसे लगी सानू भी फोन चलते हुए हंस रही थी ।
वही बाकी सब बस खड़े उसकी बाते सुन रहे किसी ने भी आहट नही की जिससे आरवी को उनकी उपस्थिति का पता चले आरवी हंसते हुए फिर बोली
" मुझे तो समझ नही आता वो बूढ़ा पागल था या सनकी "
आरवी ने सोचते हुए कहा इस बात पर सानू ने कहा "
मुझे सनकी लगे मेरी जान तुम खुद सोचो , वहा पर इतने सारे लोग थे पर किसी को कोई प्रॉबलम नही थी पता नही उनको तुम्हे देख कर क्या जली तेरे पीछे ही पड़ गए सच में वो सनकी है ऐसे लोगो के लिए तू अपना मूड खराब मत कर "
" तू सही कह रही है मुझे नही सूचना चाहिए लेकिन मैं एक बात कहना चाहूंगी ये वही बात हो गई yrr , खुद तो किसी और की गर्लफ्रेंड भागा कर शादी कर लिए और हमने किसी का थोड़ा वीडियो क्या बना लिया इतना भड़क रहे है खुद की गलती नही समझ में आती है उन्हे " आरवी ने कहा ।
लेकिन उसकी बात सुन के सानू चौक के बोली " क्या किसी और की गर्लफ्रेंड, क्या सच में ?
" क्या तुम्हे नही पता है ? आरवी ने कार से उतरते हुए पूछा
सानु ने बस ना में अपना सिर हिला दिया तो आरवी बोली " अरे कॉलेज में उन्होंने बड़े कारनामे किए है ।ये कोई नही जानता आज तक उनकी फैमिली भी नही जानती पर मैं उनके बारे में सब जानती हूं .....
"उनकी वाइफ कॉलेज की सबसे खुबसुरत लड़की थी जो बूढ़ा है ना उन्ही को पसंद करते थे पर उन्हे कोई और पसंद था दोनो की शादी होने वाली थी ये सब बूढ़े आदमी को पसंद नही आया इस लिए शादी के मंडप से लेके भाग गए थे और खुद शादी कर ली .....
मैं तो ये सोच रही ही बिचारी इनकी वाइफ क्या सोचती होंगी इनके बारे में । वैसे अगर देखा जाए तो उनका पोता भी कुछ कम नहीं है , जान न पहचान पीछे ही पड़ गए । और सानू सुन मैने तुम्हे बताया नही था न उस दिन कॉलेज में वो मुझसे किस भी मांग रहे थे लेकिन मैने दिया नही सही किया न "
आरवी ने बीना सानू की तरफ देखे सारी बाते एक सांस में कह डाला उसका चेहरा इस वक्त किसी बच्चे की तरह हुआ था और वही सानू की सांस उसके गले में अटकी थी असल में सानू आरवी की बाते सुनते ही जैसे ही अपने बगल में सभी को देखी वो बातो को छोड़ कर आंखे फाड़े सब को देखने लगी और वही आरवी बीना रुके बस बोले जा रही थी ।
आरवी जब बोल के चुप हुई और सानु को कुछ ना कहते देखी वो उसकी तरफ पलट गई लेकिन सानू को कही और देखते देख आरवी ने सानू के नजरो का पीछा किया
जैसे ही आरवी सब को खुद के तरफ देखते हुऐ पाई उसने दांत के निचे अपना जीभ दबा दिया । और जल्दी से कार के पीछे जाके छिप गई । उसकी इस हरक़त को देख कर आरव को हंसी आ रही लेकिन वो अपने दादा जी की वजह से हंसा नही क्युकी उनका चेहरा कोयले जैसा हो गया था ।
मेजर आरव ने ध्यान नहीं दिया पर आरव के डैड उसे ही देख रहे थे अपने बेटे के फेस पर स्माइल देख कर उन्हे थोड़ा आश्चर्य हुआ पर आरवी की बात याद आते ही वो सारी बाते समझ गए की सच में उनके बेटे को प्यार हो गया है
और वही प्रकाश जी इस बात से परेशान थे कि जो बात उनके दोस्तो के अलावा किसी और को नही पता वो आरवी को कैसे पता है प्रकाश और आरव के बारे में जान कर सब थोड़ा हैरान थे पर किसी की हिम्मत नही हुई की कोई उनके सामने बोलने इस लिए बीना कोई कुछ बोले वहा से घर के लिए निकल गए ।
इधर राकेश शेखावत ने आरवी और सानु को अपने साथ ले गए और अतुल रॉय अकेले निकल गए ।
राकेश जी की कार कुछ देर बाद अचानक से एक सुन सान रास्ते पर जाके रुक गई और ठीक उनसे थोडी दूरी पर एक और कार रुकी थी ।।।
" पापा हम यहां क्यू रुके है , आरवी ने राकेश की तरफ सवालिया नजरों से देखते हुए पूछी।
" जाओ वो तुम्हारा वेट कर रहा है , मुझे लगता है आज तुम्हारी क्लास अच्छे से लगने वाली है तुमने इतने अच्छे अच्छे कारनामे जो किए है , राकेश ने मुस्कुराते हुए कहा जिसे सुन के आरवी समझ गई की वो किस बारे में कह रहे है आरवी अपना मूंह बना सीट बेल्ट खोल के कार से बाहर निकल गई और दूसरी कार के तरफ बड़ गई लेकिन उसे नही पता जिस कार के तरफ वो बड़ रही है और जिस कार से वो निकली है उन दोनो कार के ठिक पीछे एक और कार खड़ी थी जिसकी नजर उसके उपर ही था ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? तीसरी गाड़ी किसकी है ? कौन है वो शख्स जिसकी नजर आरवी पर है ? और किसके पास जा रही है आरवी?
अब आगे.....
कार से निकल कर आरवी ने अपने अगल बगल देखा जब तसल्ली हो गई कोई नही है तो वो आगे बड़ गई इस चीज से अंजान की कोई उसके ऊपर नजर बना कर रखा है जो काफी दूर से उसे ही देख रहा ।
वही आरवी फिर से एक बार पीछे मुड़ कर अपने पापा को देखी फिर कार में बैठ गई आरवी के बैठते ही दोनो गाड़िया आगे बड़ गई और उसकी के साथ उनके पीछे एक और कार चल रही थी जो लगा तार आरवी को ही देख रहे थे ।।
आरवी ने अपने बगल में बैठे इन्सान को देखा जो अपनी आंखे बंद कर बैठे थे " डैड क्या आप मुझसे नाराज़ है , आरवी ने अतुल जी के बाजू को पकड़ते हुए बोली । Mr. Roy ने जैसे ही अपनी बेटी की आवाज सुनी आंखे खोल कर उसकी तरफ देखने लगे ।
मुस्कुराते हुए उन्होंने अपना सर ना में हिला दिया और प्यार से उसके सर पर अपना हांथ फेरने लगे तो आरवी उनके सीने पर सर रख के बोली " फिर आप ऐसे क्यू बैठे है आप को पता है ऐसे सेड फेस मुझे आपका बिल्कुल पसन्द नही मेरे डैड मुझे हर वक्त हंसते और खुश अच्छे लगते है ना की ऐसे मुंह लटका के " इतना कह आरवी उनकी तरफ देखने लगी ।
" कुछ नही बस कुछ सोच रहा था तो चेहरा उतर गया " अतुल जी ने प्यार से आरवी के बल बिगाड़ के बोले ।
आरवी अतुल जी के सीने से सर हटा के सीधे बैठ गई और बोली " किस बारे में आप सोच रहे है , क्या जो मैने किया उस बारे में या फिर सच के मैने कुछ ज्यादा बोल दिया मिस्टर सिंघानिया को "
नही वो बात नही है " अतुल ने आरवी की तरफ देखते हुए कहा
फिर किस बारे में आप हमे बताइए मैं आप को कोई सलाह दूं " आरवी ने चहक के कहा ।
" चलो पहले घर चलते है फिर बात करेंगे वैसे भी तुम दो दिन बाद आ रही हो अपने डैड के साथ ,, पता है मैने कितना मिस किया तुम्हे तुम घर पर नही रहती तो घर अजीब सा लगता है ऐसा लगता है जैसे उस घर में कोई है नही ही नही न खाने का दिल करता है ना सोने को "
अतुल जी ने आरवी का सर अपने कंधे पर रखते हुए कहा और समझे देखने लगे ।
डैड," आरवी ने धीमे से बोली अतुल ने बस हम्मम कहा ।
तो आरवी फिर से उनकी तरफ देख के बोली : मुझे भूख लगी है , पहले खाना फिर आप कुछ पूछिएगा क्युकी इस वक्त मैं बताने की हालत के बिल्कुल नही हूं ।
"कोई बात नही हम कल सुबह बात करेंगे , वैसे भी मैं कल ऑफिस नही जाने वाला हूं सोच रहा हूं कल तुम्हारे साथ रहूं काफी दिन हो गया अपनी बेटी के साथ टाइम बिताए " अतुल रॉय ने कहा फिर वो कांखियो से देख के बोले " लेकिन चलो पहले मैं अपनी बेटी को कुछ बना कर खिलता हूं उसका मूड और दिल अच्छा हो जायेगा ।
आरवी ने जैसे ही अपने डैड के मुंह से खाना बनाने की बात वो।झट से अपना सर ऊपर करके देखने लगी और बैठ गई और देखने लगी " क्या हुआ तुम ऐसे क्यू देख रही हो , तुम्हे भूख नहीं है अतुल जी ने आरवी को देख के बोले ।
" मुझे भूख है पर डैड आप मेरे लिए इतनी तकलीफ मत उठाइए मैं बना लूंगी वैसे भी मुझे अपने हांथ का खाए काफी दिन हो गया है आप को सब आराम करना चाहिए ऑफिस के कितना थक जाते है....
बीच में ही बात काटते हुए अतुल रॉय बोले " ,,तुम अपने हांथ से कभी भी बना के खा सकती हो पर मैं अपनी बेटी को कभी कभी ही देख पता हूं ज्यादा तर वो तो शेखावत मेंशन या आश्रम में रहती है फिर कैसे बना के खिलाऊंगा और जब आज मौका मिल रहा है तो कैसे छोड़ सकता हूं बताओ मुझे ।
इस बात पर आरवी कुछ नही बोली वो जानती है इस दुनियां से छुपते छुपते वो अपने ही परिवार को वक्त नही दे पा रही है अगर उसकी जान खतरे में ना होती तो वो भी नॉर्मल लड़कियो की तरह अपने परिवार के साथ होती लेकिन उसके जिन्दगी के कहा ये सब लिखा है ।
बात करते करते कब घर आ गया किसी को पता ही नही चला कार सीधे विला के अंदर गई आरवी उतर कर सबसे पहले अपने दादू से मिलने गई इस डिनर पार्टी में बस उसके डैड गए थे इस लिए उसने दादू को नहीं देखा था जैसे ही वो हॉल में पहुंची दौड़ कर दादू को गले से लगा लिया जो सोफे पर बैठ कर न्यूज़ देख रहे थे ।
अचानक से ऐसे किसी को गले लगते ही आरवी के दादा जी समझ गए की उसकी गुडिया आई है एक वही है जो कही से भागते ही उनके गले लग जाति है ।
* तो आज तुम आखिर आ ही गई " दादा जी बोले तो आरवी उनके बगल में बैठ के उनके हांथ को अपने हांथ में लेके बोली " यहां नही आऊंगी तो कहा जाऊंगी एक आप दोनो ही तो है मेरे "
दादा जी " नही बेटा बस हम दोनो नही है तेरी दुनियां में उसमे तो अभी अभी तो वो सब है जिन्हे तुमसे प्यार है "
आरवी खुश होके बोली " आप सही कह रहे है दादू मैं तो इसके बारे के सोचा ही नही कुछ "
दादा जी ज्यादा कुछ नही बोले वही अतुल जी बगल वाली सीट पर बैठ गए और अपनी बेटी की नौटंकी को देखने लगे वही आरवी ने जैसे ही शीना मैया को देखा जो हांथ में ट्रे लेके आ रही थी वो उनके ऊपर खुद गई
। शीना आरवी की दाई मां है जिन्होंने बचपन से उसे पाला है ।
काफी टाइम तक ऐसे ही करती रही उसके बाद सब ने डिनर करने चले गए अतुल जी ने पहले ही खा लिया था इस लिए वो बस वहा पर बैठे शान्त थे थोड़ी देर तक हंसी मज़ाक करके सब अपने अपने कमरे में चले गए
आरवी के आने से फिर से इस घर में जैसे खुशियां लौट आई हो दो दिन तक नही आई थी ये बात किसी को पसंद नही आया पर मजबूरी थी इस लिए ये सब करना पड़ा ।
।अरबी ने अपने कार्टून बने नाइटी ड्रेस को पहला जो वनपीस वो बस घुटने तक आता है उसमे हर जगह कार्टून की फोटो छपी थी
।अपनी ड्रेस पहन कर सीधे किंग साइज बेड पर गिर जाती है "यह्ह्ह यहां मुझे अच्छी नीद आ जाए बस "
।अगली सुबह ।।।।
।सुबह के 9 बज रहे थे पर इस वक्त आरवी को कोई जगाने नही आया ।वैसे हर बार अतुल रॉय खुद आते उठाने के लिए पर आज वो भी घर पर रहने वाले है इस लिए आरवी को नही उठाया आरवी एक बार अपनी आंखे खोली और टाइम देख कर फिर से सो गई 10 बजे जाके उसकी नीद खुली नीद खुलते ही उसे याद आया की आज उसे आरव के साथ कहि जाना है पर अब वो क्या करे काफी दिनों।बाद अपने डैड के साथ भी रहने आई है सोचते हुए वो वॉशरूम में चली जाती है
जारी ✍️
अब आगे.....
आज आरवी ने वाइट फ्रॉक करना था जिसमे जगह जगह पर छोटे छोटे पेंटिंग की गई थी फ्रॉक स्लिवलेस था जिसकी वजह से उसके पतले हांथ साफ दिखाई पड़ रहे थे ।
आरवी रेडी होके नाश्ता के लिए टेबल पर आगे बैठ गई उसे लगा वो आज लेट सो के उठी है पर आज सभी लोग लेट हुए थे ।
Good morning दादू डैड " आरवी ने स्माइल के साथ बोली
Good morning,, मेरी बच्ची नीद आचे से आई ना "
दादा जी बोले जिसे सुन के आरवी ने हां में सिर हिला दी । तभी शीना जी आके नाश्ता देती है और सब शांति से नाश्ता करते है ।
नाश्ते के बाद सब गार्डन के चले गए आरवी भी कल की बात भुल गई थी आज आरवी बस पूरे टाइम अपने दादू और डैड के साथ में ही गेम खेलना ,बाते करना थोड़ा बहुत,, आरवी ने अपने डैड के कामों में हेल्प भी कि जिसके चक्कर में वो पूरी तरह भूल गई थी की आज उसे आरव के साथ कही बाहर जाना था और आरव उसे कहा था वो खुद आश्रम उसे लेने आयेगा ।
आरवी को इन सब चीजों की फिकर ही नही थी ।
अभी सब लोग हॉल में बैठ कर बात ही कर रहे थे तभी अतुल जी ने आरवी से पूछा" क्या तुम उसे पसंद करती हो "
आरवी जो दादा जी के साथ सेल्फी ले रही थी अचानक से अपने डैड के मुंह से आरव के बारे में सुन कर वो उनकी तरफ देखने लगती है । वो हां कहे या ना उसे कुछ समझ के नही आ रहा उसे हिचकिचाहट होने लगी
लेकिन फिर कुछ देर में उसने खुद को सही किया और कुछ सोचते हुए आरवी बोली " सच कहूं तो मुझे नही पता की मैं कार्य हूं या नही ,,बस मुझे उनके पास से एक अलग सा एहसास होता है उनसे मिले ज्यादा टाइम नही हुआ है फिर भी मैंने एक बात नोटिस कि है , जब भी मैं उनसे मिली हूं ,, मुझे ऐसा लगा है की मैं सबसे सेफ जगह पर हूं जहा मुझे कोई नही छू सकता है जैसे मैं आप।के पास होने पर फील करती हूं की मैं दुनिया की ऐसी जगह कर हूं जहा न किसी की नजरे मुझे छू सकती है ना किसी के हांथ ,, इस लिए सायद मैं उनकी तरफ खींची चली गई मुझे पता ही नही चला ये सब कब हुआ लेकीन बस अच्छा लगने लगे ।
इतना।कह आरवी कुछ देर चुप हो गई फिर बोली " मैं इस बारे में आप से बात करने वाली थी पर मुझे कोई मौका ही नही मिला " इतना कह आरवी ने फोन टेबल पर रखा दिया और सामने देखने लगी
" उस दिन कोई तुम्हारा पीछा कर रहा था पता है वो कौन है" , अतुल जी ने आरवी से पूछा इस बात पर आरवी ने बस ना में अपना सिर हिला दि ।
" वो कोई और नही आरव था वो तुम्हारे पीछे ही गया था शायद तुमसे मिलना चाहता हो " अतुल जी अंदाजा लगा के कहे ।
उनकी बात सुन के अचानक से आरवी को कुछ याद आया वो एकदम से बोली "
, अरे हां याद आया उसी दिन तो मुझसे मिलने भी आए थे हो सकता है आप जो बोल रहे है वो सही हो " आरवी ने कहा
दोनो की बात सुन के दादा जी बोले तुम दोनो किस बारे में बात कर रहे हो मुझे भी बताओ मैं कुछ समझ नही पा रहा कौन किसे पसंद कर रहा है और कौन किसका पीछा।
कुछ नही डैड आपकी पोती को आरव पसंद आ गया है ।Mr. Roy ने अपने डैड से कहा ।
क्या ये सच है ? दादाजी ने आरवी की तरफ देखते हुए सवालिया नजरो से पूछा
आरवी ने बस अपना कंधा उचका दि ।
". अगर ये सच है तो ये खुशी की बात हुई पर .... दादा जी कहते कहते परेशान हो गए एक बार अतुल की तरफ देखा जो उन्हे ही देख रहे थे लेकिन दोनो आदमी एक दूसरे के आंखो से कुछ कहने लगे । जिसका संबंध आरवी से दूर दूर तक नही था ।
" क्या उसे पता है ये रॉय खानदान की बेटी है " दादा जी ने अचानक से अतुल जी से सावल किए अतुल जी ने बस अपना ना में सर हिलाए। दोनों जन के दीमाक में।कई सवाल थे इस वक्त लेकिन आरवी के समाने पूछना सही नही समझ रहे ।
" ये सब छोड़िए आप दोनो किसको क्या पता है मुझे एक फोन चाहिए " अचानक से आरवी ने बात काटते हुए बोली । जिसे सुन के आरवी के दादा जी और डैड दोनो उसे घूरने लगे ।
" तुम्हे अचानक से फोन क्यू चाहिए आज तक तो तुम्हे फोन की जरूरत नहीं पड़ी है जब भी कोई काम था तो तुम मेरे फोन से करती थी " दादा जी ने आरवी से पूछा ।
" वो दादू अब मैं बड़ी हो गई हूं तो मुझे अब पर्सनल फोन चाहिए न " आरवी ने अपनी नजरे गोल गोल घुमाते हुए बोली ।
" सीधा सीधा ये क्यू नही कर रही हो की तुम्हे बात करने के लिए चाहिए " जैसे ही आरवी ने अपने डैड के मुंह से ये बात सुनी शर्म से अपना चेहरा नीचे कर लिया और अपने नाखूनों को चबाने लगी । भले ही दोनो एक दोस्त की तरह अपनी सारी बाते शेयर करते है लेकिन रिश्ता तो बाप बेटी का है ।
" वैसे आज तुम कही बाहर जाने वाली थी न आरव के साथ ", अतुल जी ने थोड़ा हंस के बोले " जिसे सुन के आरवी बस अपनी आंखे फाड़े देख रही थी ये सच था की वो पूरी तरह भूल गई थी और अब तो शाम भी हो गई और आश्रम भी बंद हो गया होगा अगर आरव आया भी होगा तो वो जा चुका होगा क्यू की वो सुबह 8 बजे आने के लिए कह गया था ।
(अतुल भले ही आरवी के डैड थे पर वो अपनी बेटी के साथ हमेशा एक फ्रेंड की तरह रहते जिससे आरवी को कोई भी बात बताने में झिझक न हो और आरवी ने पर्सनल फोन इस लिए नही लिया क्यू की फोन से कभी कोई उसे ढूंढ न पाए ,वैसे सानू और ऐसे कुछ बॉडीगार्ड थे जो छुप कर आरवी के साथ रहते है और कभी कुछ ऑनलाइन काम हुआ तो आरवी दादू का फोन यूज कर लेती । आरवी खुद के लिए कोई रिक्स नही ले सकती थी कई बार उसके साथ ऐसा बहुत कुछ हुआ था इस लिए वो डरती है लेकिन आज वो आरव के लिए फोन लेना चाहती है । )
दूसरी तरफ
आरव सुबह ही आश्रम चला गया था इस बात से अनजान होके की आरवी वहा पर है ही नही आरव ने वाइट शर्ट और ग्रे पैन्ट को पहन रखा था ।
वो बाहर ही कार से टिक कर खड़ा होके आरवी का वेट करने लगा काफी टाइम तक जब आरवी नही आई तो शिव को अंदर भेज कर पता लगाने के लिए कहा ।
शिव ने आके बताया आरवी अंदर नही है इस लिए आरव को लगा हो सकता है आरवी शेखावत मेंशन में हो इस लिए उसने अपने आदमियों को पता लगाने के लिए भेज दिया । किसी के बारे में पता लगाना आरव के लिए कोई बड़ी बात नही थी पर एक आरवी थी जिसके बारे में कभी कभी आरव को सक होता है क्या जैसी वो दिख रही है वैसी है लेकिन फिर वो इस बात को इग्नोर कर देता ।
कुछ चीज अभी तक आरव को पता नही चल पाया था पर उसने सब को नजर अंदाज करके आरवी को चाहा ।।।।
आरवी का कुछ पता न चलने पर आरव ने कुछ आदमियों को लगा दिया पता करने के लिए और खुद ऑफिस के लिए निकल गया पर वहा पर भी आरव का मन नहीं लग रहा था
उसके मन में बस एक बात खटक रही थी कि अचानक से आरवी जा कहा सकती है ना कॉलेज में है और नही आश्रम, शेखावत मेंशन में तो वो गई ही नही कॉलेज से आरवी का फोन नंबर भी लाया पर उसपे कई बार ट्राई करने के बाद भी कोई फायदा नही था ।
वो काफी परेशान हो गया था । उसे कुछ समझ में नही आ रहा आरवी गायब हुई तो हुई कहा । आरव ने एक बार फिर से ट्राई करने का सोचा इस लिए उसने नम्बर डायल किया । दो रिंग के बाद ही कॉल रिसीव हो गया । जिसे देख के आरव के चेहरे पर स्माइल आ गई इतने देर की बेचनी जैसे खतम हो गई हो वो लेकिन वो जैसे ही कुछ कहने को हुआ की दूसरी तरफ से एक आदमी की आवाज आई ।
जारी ✍️
क्या होगा आगे ? क्या आरव को पता चला जायेगा आरवी के बारे में ?