* "गलतफहमी का जाल: जब नफ़रत मोहब्बत बन जाती है" ध्वनि कपूर, एक ऐसी लड़की जो नियति के क्रूर हाथों से लाचार है, अपने ही चाचा के अत्याचारों को चुपचाप सहते हुए अपनी ज़िंदगी गुज़ार रही है। उसका जीवन दुख और पीड़ा से भरा है, और उसे कोई रास्ता नहीं दिखत... * "गलतफहमी का जाल: जब नफ़रत मोहब्बत बन जाती है" ध्वनि कपूर, एक ऐसी लड़की जो नियति के क्रूर हाथों से लाचार है, अपने ही चाचा के अत्याचारों को चुपचाप सहते हुए अपनी ज़िंदगी गुज़ार रही है। उसका जीवन दुख और पीड़ा से भरा है, और उसे कोई रास्ता नहीं दिखता। तभी, एक गलतफहमी के कारण, उसकी मुलाक़ात होती है ओम सिंघानिया से, जो एक सफल और प्रभावशाली बिजनेसमैन है। ओम, एक ग़लतफ़हमी के चलते, ध्वनि से बेइंतहा नफ़रत करने लगता है। उसकी नफ़रत इतनी गहरी हो जाती है कि वह उसे अगवा करवा लेता है। क्या ओम को अपनी गलती का एहसास होगा? क्या वह ध्वनि को उस पीड़ा से मुक्त कर पाएगा जिसका वह हकदार नहीं है? क्या ध्वनि ओम की नफ़रत को प्यार में बदल पाएगी?
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ओम श्री गणेशाय नम:
Hello guys कैसे हैं आप सभी आशा करती हूं अच्छे ही होंगे । । ये मेरी new novel hai जिसे पढ़ कर आप सभी हमे अपना सपोर्ट दो । । और साथ ही पढ़ कर लाइक और कमेन्ट करना ना भूले । । आइए story की ओर चलते है । ।
एक बड़े से आलिशान Hotel के एक बड़े से प्राइवेट room में मीटिंग चल रही थी । । रुम में एक बहुत ही भयानक माहौल था । । सभी लोग सामने हेड चेयर पर बैठे शक्स को देख खौफ में थे । । । ।
शक्स : मुझे झूठ से सक्त नफरत है । । और धोखा देने वाले इनके लिये मेरे पास एक ही चीज है । । और वो है मौत सो ये ध्यान में रखते हुए ही । । इस डील के contact पेपर पर sign करना । । क्योंकि ओम सिंघानिया अपनी बात का पक्का है । । are u get that ( जी हा ये है ओम सिंघानिया हमारी कहानी के mean man lead) । ।
yes sir सभी ने एक साथ कहा और sign कर दिया । । जिसे देख कर ओम के face पर एक evil स्माइल आ गई । । । ।
ओम : मीटिंग ओवर you all can go now उसके इतना कहते ही सभी रुम से बाहर आए । । और एक लंबी राहत भरी साँस ली । । तो उनकी जान में जान आई । । ओम भी वहां से उठ कर उसकी होटल में अपने बुक किये हुए कमरे में चला गया । । फ्रेस होकर ओम होटल के पार्किंग एरिया में चला गया । । और गाड़ी में बैठकर होटल से बाहर चला गया । ।
ओम सिंघानिया सिंघानिया एम्पायर के CEO age 24 साल कम उम्र में ही बिजनेस वर्ल्ड में बहुत ही महारत हासिल की है इसने । । गुस्से में स्वयं महादेव के रौद्रा रूप के समान है । । गोरा रंग नीली आंखे ,जेल से सेट किए बाल, क्लिन सेव पर्सनालिटी बिल्कुल किसी साउथ कोरिया के हीरो की तरह । । आइए story की ओर चलते है । । । ।
ओम की कार बड़े से पैलेस के सामने आकर रुकी । । गार्ड ने आकर गेट खोल ओम कार से निकल कर पैलेस के अंदर चला गया । । ओम को देख पैलेस के सभी गार्ड और सर्वेंट अपना सर झुका कर खड़े हो गए । । ओम उन्हें इग्नोर करता हुआ । सीधा लिफ्ट की ओर चला गया । । और लिफ्ट के रुकते ही ओम लिफ्ट से निकल कर सीधा एक रूम में चला गया । । भाई आप आ गए मैं कब से आपका वेट कर रहा था । । देखिए ना इसका फीवर तो बढ़ता ही जा रहा है । । उस कमरे में मौजूद एक यही कोई 20 से 21 साल का हैंडसम सा लड़का था । । जो ओम को कमरे में आया हुआ देख कर बेड से उठ कर उसके पास आते हुए । अपनी घबराहट भरी आवाज में बोला । ।
ओम : तुम सब खड़े - खड़े मुंह क्या देख रहे हो । । चेक करो मेरे बेटे को अगर कुछ भी हुआ तो तुम सब कुछ जिंदा नहीं छोडूंगा । । ईशान कमरे मौजूद डॉक्टरों की टीम को घूरता हुआ बोल । । जिससे वो सभी डर से कांपने लगे । । उस कमरे में एक छोटा सा बहुत ही ब्यूटीफुल यूनिक सा बेड रखा था । । जिस पर एक छोटा सा यही कोई ढाई तीन साल के आस पास का बच्चा बेहोशी की हालत में पड़ा था । । उसे देख कर ऐसा लग रहा था । । जैसे किसी राज्य का प्रिंस हो । और वैसे भी वो किसी प्रिन्स से काम नहीं था । । ईशान की गुस्से भरी आवाज सुन कर सभी डॉक्टर डर से कांपने लगे । । उनमें से एक डॉक्टर थोड़ी हिम्मत करके बोल । । । ।
डॉक्टर : बॉस इस में घबराने 😟 वाली कोई बात नहीं है । । फीवर ज्यादा नहीं है एक इंजेक्शन से बच्चे का फीवर थोड़ी हि टाइम में उतर जाएगा । । और होश इन्हें होश आ जाएगा । ।
ओम : तो अब तक किस का वेट कर रहे थे तुम सब । । ईशान गुस्से में उस डॉक्टर को घूरते 😠 हुये बोला । ।
डॉक्टर : बॉस🥺 हम तो कब से इन्जक्शन लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन । ।
ओम : लेकिन क्या डॉक्टर 🤨😠 ओम उसकी बातों को बीच में ही काटते हुए बोला । ।
डॉक्टर : बॉस छोटे बॉस हमें लगाने नहीं दे रहे हैं इंजेक्शन डॉक्टर ईशान के बगल में खड़े लड़के की ओर इशारा करते हुए बोला । । जिसे सुन कर ईशान की भौंहे तन की गई । । । ।
ओम : रुद्र तुमने इन्हें क्यों रोका क्या ये मैं जान सकता हूं । ।
रुद्र सिंघानिया ओम सिंघानिया का छोटा और लाडला भाई age 20 साल गोरा रंग , height 6'1 काली आंखे, काले बाल माथे पर बिखरे हुए । । ये भी बिल्कुल ओम के टक्कर का ही है । ।
रुद्र : भाई ध्रुव को पेन होगा ना ये डॉक्टर तो पागल है । । मैंने इसे बोला कि कोई मेडिसिन दे दो । लेकिन नहीं इस पागल डॉक्टर को तो मेरे ध्रुव को हर्ट करना है । । और अब ये पागल डाक्टर आप से मेरी शिकायत भी कर रहा है । । इस डॉक्टर को तो मैं छोड़ूंगा नहीं । । रुद्र की बात सुन कर डॉक्टर बहुत ही ज्यादा डर गया । । और वही उसकी बात सुनकर ओम ने ना में सिर हिला दिया । । जैसे कह रहा हो इस लड़के का कुछ नहीं हो सकता है । । जैसे ही रुद्र उस डॉक्टर की तरफ गुस्से से बढ़ा । बीच में ही ओम ने उसकी बाजू को पकड़ लिया । । और डॉक्टर को कुछ इशारा किया । । ओम का इशारा मिलते ही वो इंजेक्शन लेकर उस छोटे से बेड के पास उस छोटे से बच्चे की तरह बढ़ने लगा । । जिसे देख कर रुद्र की आंखें बड़ी-बड़ी हो गई । । । ।
रूद्र : डॉक्टर अगर तूने मेरे बच्चे को जरा भी हर्ट किया ना तो तुझे मैं जिंदा नहीं छोडूंगा । । रुद्र छूटने कीda कोशिश करते हुए बोला । । लेकिन ईशान ने उसे इतनी मजबूती से पकड़ा हुआ था । । कि वो उसकी पकड़ से छूटने की नाकाम कोशिश करता रहा । । लेकिन नाकामयाब ही हुआ । । ओम के कहने पर डॉक्टर ने उस छोटे से बच्चे को इंजेक्शन आखिरकार लगा ही दिया । । ओम और रुद्र दोनों ने ही अपना फेस दूसरी साइड घूम लिया । । वो छोटा सा बेबी हल्का सा कशमसाया लेकिन फिर शांत हो गया । । बेहशी की हालत में उसे ज्यादा कुछ महसूस नहीं हुआ था । । रुद्र अपनी आंखों में आंसू लिए जानलेवा नजरों से उस डॉक्टर को घूरने लगा । ।ओम ने डॉक्टर की टीम को बाहर जाने का इशारा किया । । ओम का इशारा मिलते ही वो सभी वहां से तुरन्त ही नौ दो ग्यारह हो गए । । जिसे देखकर ओम ने रुद्र को छोड़ दिया । । । ।
रुद्र : आपसे बात नहीं करूंगा मैं । आपने क्यूं पकड़ा मुझे । । इतना बोल कर रुद्र ने अपना मुँह फुलाते हुए ओम के पास से हटकर बेड पर सो रहे छोटे से ध्रुव के पास जाकर बैठ गया और प्यार से उसे देखने लगा । ।
ध्रुव सिंघानिया ओम सिंघानिया का एकलौता बेटा age 3 साल दूध सा गोरा रंग, गुलाब की पंखुड़ियों की तरह face, छोटी से नाक नीली आंखे बिल्कुल ओम की तरह, ।
ओम कुछ देर उन दोनों को देखने के बाद कमरे से बाहर चला गया । । वहाँ से निकल कर सईद के कमरे में चला गया । । कमरा पूरा ब्लैक एंड ग्रे कलर का था । उसमें कर्टन भी ब्लैक एंड ग्रे कलर का था । । कमरे के बीचो भींच एक बड़ा सा किंग साइज का राउंड सेप का बेड रखा हुआ था । । सईद में एक बड़ा सा लग्जरियस सोफा और उसके ठीक सामने कांच का बना कॉफी टेबल रखा था । । कमरे में हल्का अंधेरा फैला हुआ था । । ओम अपना ब्लेजर निकाल कर सोफे पर रखते हुए washroom में चला गया । । कपड़े निकाल कर शावर के नीचे खड़ा हो गया । । और आंखे बंद करके वाॅल से हाथ टीकाकार शावर लेने लगा । । । ।
डैड मुझे मेली मोम चाहिए मोम चाहिए सबके पास उनकी मोम है पल मेले पास मेली मोम नहीं है । । मुझे भी मेली मोम चाहिए । । मोम चाहिए मोम चाहिए मोम चाहिए । । ये आवाज ओम के कानो मैं ये बातें गूंजने लगीं । । ओम ने थोड़ी देर बाद अपनी आंखे खोली उसकी आंखे बिल्कुल खून की तरह रेड हो गई थी । । जो दिखने में बहुत डरावनी सी लग रही थी । । शावर बंद करके बाथरोब पहनकर washroom से निकलकर कमरे में आया वहाँ से क्लोजेट रूम में चला गया । । थोड़ी देर बाद ब्लैक फुल लोअर और व्हाइट हाफ टी - शर्ट में बाहर आया । । और अपने कमरे से निकलकर ध्रुव के कमरे में चला गया । । कमरे के अंदर जाते ही वहाँ का नजारा देखते ही उसकी भौहें सिकुड़ गईं । । नजारा कुछ ऐसा था कि ध्रुव को होश आ गया था । । रुद्र उस छोटे से बेड पर खुद को बड़ी मुस्किल से एडजस्ट करते हुए सो गया था । । और धुव्र रुद्र के ऊपर बैठ कर बार बार झुक कर उसके होंठों पर कभी गाल पर तो कभी माथे पर kiss करतें हुये खिलखिलाकर हंस रहा था । । की तभी वो खुद को हवा मेलटका हुआ उसे महसूस हुआ । । वो कुछ रिएक्ट कर पाता कि उससे पहले ही उसके कानो में एक भारी आवाज पड़ी । । । ।
ओम : ये क्या कर रहे थे तुम । । ओम की आवाज सुन कर धुव्र ने ने अपना सिर घुमा कर उसे देखा । । और देखते ही अपना मुंह फुला कर दूसरी ओर देखने लगा । । । ।
ध्रुव : ध्रुव डैड से गुच्छा है वो ऊंछे (उनसे) बहुत गुच्छा है । । इस लिए ध्रुव को नीचे उतालो । वालना (वारना) ध्रुव बहुत लोने लगेगा छमझे आप । । धुव्र मानो ओम को धमकी देते हुए बोला । । उसकी बातें सुन कर ओम की भौंहे तन गईं । ।
ओम : क्या तुम मुझे धमकी देने की कोशिश कर रहे हों । । तुम्हें डर नहीं लग रहा है मुझसे हम्म । । ओम उसे घूरते हुये अपने दांत पीसकर बोला । । । ।
धुव्र : धुव्र सिंदानिया (सिंघानिया) को किसी से डल नहीं लगता है । i am ब्रेव बॉय धुव्र फुल जोश के साथ बोला । । । ।
ओम : 🤨 तो तुम्हें मुझसे भी डर नहीं लगता है । । मैं क्या सोच रहा हूँ । क्यूं नहीं मैं तुम्हें छोड़ दूँ ऊपर से । । ओम एक evil स्माइल😈 करतें हुये बोला । । ओम की बात सुनते ही धुव्र डर गया । । और नीचे की ओर देखा तो वो काफी ऊँचाइ पर था बेड से । । भाई ये आप क्या कर रहे हों उसे लग जाएगी । । रुद्र जो कि दोनों (ओम और धुव्र) की आवाज सुन कर उठ गया । । तो वो धुव्र को ऐसे देख कर ध्रुव के बोलने से पहले ही घबराते हुये बोल पड़ा । । । ।
ध्रुव : चाचू बचा लो अपने अपने प्याले से ध्रुव को । । वलना (वरना) आप के ध्रुव को चोट लग जाएदी (जाएगी) । । ध्रुव रोते हुए बोला उसकी छोटी छोटी आँखों से आँसू बहने लगे थे । ये देख कर रुद्र तड़प उठा वहीं ओम की भौंहे सिकुड़ गईं । । । ।
रुद्र : what's wrong with you भाई आपने रुला दिया ना मेरे बच्चे को । । रुद्र बेड से उठ कर ध्रुव को लग भग ओम के हाथो सेे छीनते हुए । अपने सीने से लगाते हुए बोला । । ध्रुव ने भी अपना छोटा सा चेहरा रुद्र के सीने में छुपा लिया । । और तिरछी नजरो से ओम को देखकर एक evil स्माइल करने लगा । । जिसे देखकर ओम भी उसे गुस्से में घूरने लगा । । । ।
ओम : 5 मिनट के अंदर दोनों मुझे डाइनिंग टेबल पर देखने चाहिए वरना । । ओम ने अपनी बातें अधूरी छोड़ दी और एक नजर दोनों को घूरता हुआ कमरे से बाहर चला गया । । उसकी धमकी सुन कर रुद्र ने भी ध्रुव को अपनी गोद में लिए बाहर की ओर दौड़ लगा दिया । । और ओम के पहुचने से पहले ही दोनों दूसरी लिफ्ट से नीचे पहुंच गए । ।और वहाँ से डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गए । । । ।
ध्रुव : चाचू क्या मैने डैड को हर्ट कर दिया । । वो कितने गुस्से में है । । क्या अब वो अपने ध्रुव को प्याल नहीं कलेंगे (करेंगे) । । चाचू ध्रुव को अच्छा नहीं लगता । । स्कूल मैं सभी के डैड उनकी मोम के साथ लेकल आते है । । उन्हें लेने और छोड़ने के लिए । । पल मेले डैड मेली मोम को लेकल नहीं आते । । मुदे (मुझे) बहुत सैड फील होता है । । । ।
रुद्र : ध्रुव ऐसा नहीं है तुम्हारे डैड तुमसे बहुत प्यार करते है । । तुम कोशिश करते रहे वो तुम्हारे लिए मोम लाने के लिए मान ही जायेंगे एक ना एक दिन । । ये वालीं लाइन रुद्र ने धीरे से ध्रुव के कानो में कहीं जिसे सुनते ही ध्रुव ने अपना छोटा सा सिर जोर जोर से हाँ में हिलाया । । ओम जो कि उनके पिछे खड़ा था । । ध्रुव कि बातें सुन कर उसकी हाथो की मुट्ठी कश गईं । । और आकार हेड चेयर पर किसी राजा की तरह बैठ गया मेड ने आकार तीनों को डिनर सर्व किया । । ध्रुव ने जैसे ही अपने आगे सूप रखा हुआ देखा तो उसका मुँह बन गया । । अपने मुँह मैं उंगली डाल कर मुँह फुलाते हुए बोला । । । ।
ध्रुव : मुझे ये नहीं थाना (खाना) है । हल रोज आप लोग मुझे यही सब थाने (खाने) को देते हो । । सब बच्चे तो कितनी अच्छी अच्छी डिशेज टिफिन में लेकल (लेकर) आते है । । मुझे तो टिफिन में भी घास ही मिलती है । । मुझे ये नहीं खाना मुझे मेली मोम चाहिए । । फिल वो भी मुझे अच्छी अच्छी डिशेज बना कर थिलाएंगी (खिलाएंगी) । । । ।
ओम : ये तुम्हारी हेल्थ के लिए अच्छा रहेगा इसलिए तुम्हे ये सब खाने को दिया जाता है । । ध्रुव आख़िरी बार कह रहा हूं मोम की जिद छोड़ दो मैं ही तुम्हारा सब कुछ हूँ ये बात अपने दिमाग में बिठा लो । । ओम उसे घूरते हुये अपने दांत पीसकर बोला । । । ।
ध्रुव : चाचू मुझे नीचे उतालो (उतरो) मुझे नहीं करना है डिनर । । और जब मुझे डैड मोम लाकल (लाकर) नहीं देंगे । मैं तब तक कुछ भी नहीं खाऊँगा । । ध्रुव चेयर से उतरने की कोशिश करते हुए बोला । । उसकी हाइट के हिसाब से चेयर काफी ऊंची थी । । जिस वजह से वो उतर नहीं पा रहा था । । । ।
ओम : okay मैं तुम्हारी बात मानने को तैयार हूं । । लेकिन मुझे थोड़ा सा वक़्त चाहिए । लेकिन उसके लिए तुम्हें ये खाना होगा । । मेरी सारी बातें माननी होगी । । और नो मस्ती तो मैं तुम्हारे लिए मोम लेकर आऊंगा । । ओम की बातें सुन कर ध्रुव की खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं रहा वो बैठे बैठे ही खुशी से उछल पड़ा । । वो गिरता की वक़्त रहते ही ओम ने उसे पकड़ लिया । ।
रुद्र : ध्रुव अभी तुम्हें लग जाती तो । रुद्र घबरा कर बोला । ।
ध्रुव : Don't wary चाचू मेरे सुपर हीरो मुझे कभी कुछ नहीं होने देंगे । । धुव्र ओम के सीने से लगते हुए खिल खिला कर बोला । । उसकी बात सुन कर ओम उस पर अपनी पकड़ कसते हुए अंदर ही अंदर खुश हो गया । । रुद्र और धुव्र में ही तो उसकी जान बस्ती थी । । family के नाम पर यही दोनों थे उसके पास । । एक और शख़्स है जो आगे चलकर मिलेगा आप सभी को । ।
ओम : ध्रुव तुम्हें तो अभी भी फीवर है । । मना करता हूँ इतनी शैतानियां मत करो । । लेकिन नहीं अभी कुछ घंटों पहले तुम बेहोश पड़े थे । । जरा सा ठीक हुआ नहीं की फिर से तुम्हारी शैतानियां शुरू हो गई । । ओम परेशान होते हुये बोला । । ध्रुव ने कुछ नहीं कहा वो अब काफी सुस्त महसूस कर रहा था इसलिए चुप चाप ओम के सीने से अपना सिर टिका लिया । । ये देख कर ओम का दिल पिघल गया । वो भले ही कित ना ही क्यूँ ना rude हो लेकिन अपने बेटे की ऐसी हालत देख कर वो तड़प उठा । । उसे ऐसे ही लिए हुए धीरे धीरे सूप पीला दिया और खुद भी थोड़ा बहुत खाने के बाद उसे लेकर लिफ्ट की ओर जाने लगा कि तभी रुक कर रुद्र से बोला । । । ।
ओम : रुद्र कल की तरह बिना सिक्योरिटी के अगर कहीं भी गए । । तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा तुम्हारे लिए ये याद रखना तुम । । मेरी नजर हमेशा तुम्हारे ऊपर ही रहती है समझ गए ओम उसे घूरते हुये अपनी सख्त आवाज में बोला । । उसकी बातें सुनकर रुद्र सकपका गया । । । ।
रुद्र : ठीक है भाई रुद्र अपना हाँ में सिर हिलाते हुये बोला । ।
ओम : ह्म्म्म्म यही तुम्हारे लिए ठीक रहेगा वारना pannisment के लिए रेडी रहना । । इतना बोल कर ओम उसे घूरते हुये लिफ्ट के अंदर चला गया । ।
रुद्र : हद होती है किसी चीज़ की कोई फ्रीडम ही नहीं है । ऐसा लगता है जैसे ये कोई जेल हो । । (रुद्र बड़बड़ा ही रहा था । । कि इतने में उसका phone बजा phone पर सो ही रहे नाम को देख कर रुद्र का जल्दी से फोन उठा लिया । ।) हाँ समर्थ बोल क्या काम है । । । ।
समर्थ : अरे यार भाई तू भूल गया क्या । आज हम क्लब जाने वाले थे । । अब ये मत कहींयों की तू नहीं चल रहा है । । तू चुप चाप पीछे वाले रास्ते से आजा किसी तरह से मैने यहां खड़ा हूं । । उधर से समर्थ की आवाज आई । । । ।
रुद्र : ठीक है तू रुक आता हूं इतना बोल कर रूद्र ने कॉल कट कर दिया । । माफ करना भाई इतना बोल कर रुद्रा पैलेस के पीछे वाले रास्ते से चुपके छुपाते हुए किसी तरह बाहर निकल गया । । सामने देखा तो एक लड़का कर से ठीक लगे खड़ा फोन में कुछ स्क्रोल कर रहा था । । आर्यन रुद्र ने उसे आवाज दी जिसे सुन कर समर्थ ने रुद्र की तरफ देखा । । और मुस्कराते हुए हाथ हिलाकर हाय किया । । समर्थ ने भी आगे बढ़ कर उसे hug कर लिया । । । ।
समर्थ सिंह राठौर रुद्र का जिगरी दोस्त age 20 साल, height 6,1 गोरा रंग, भूरी आंखें, पतले और खूबसूरत होंठ, Handsome बहुत ही अभी के लिए इसके बारे में इतना ही जानिए आगे । ।
समर्थ : भाई चल जल्दी से पार्टी तो शुरू भी हो गईं होगी । । समर्थ गाड़ी में जल्दी से बैठते हुए बोला । ।
रुद्र : चल तो रहा हूँ लेकिन मुझे बहुत डर भी लग रहा है । । कहीं भाई को पता चला कि मैंने उनकी बात नहीं मानी । । उनके मना करने के बावजूद भी मैं बिना गार्ड के बाहर गया । । तो ना जाने वो क्या pannisment देंगे मुझे । । रुद्र ने गाड़ी में बैठ कर अपनी डर भरी आवाज में बोला । । । ।
समर्थ : अबे यार भाई तू डरा मत अगर उन्हें पता चला तो pannisment दोनों को मिलेंगी । । खैर तू परेशान मत हो हम सुबह होने से पहले ही वापस आ जाएंगे । । जिससे भाई को पता भी नहीं चलेगा और हम पार्टी भी इंजॉय कर लेंगे । । इतना बोल कर दोनों गाड़ी लेकर निकल गए । । । ।
एक बड़ा सा मेंशन इसके आग नेम प्लेट पर बड़े-बड़े अक्षरों में कपूर मेंशन लिखा मेंशन के बाहर तक किसी लड़की की दर्द भरी चिक सुनाई दे रही थी । । — पापा please मत मारो ना छोड़ दो हमारी दी को please छोड़ दो उन्हें दो लड़किया सामने खड़े आदमी से रोते हुए विनती कर रही थी अपनी बहन को छोड़ने की वो आदमी अपनी बेल्ट से एक लड़की को बहुत ही बेरहमी से पीटे जा रहा था । । कुछ देर बाद जब थक गया तो उसे छोड़ दिया जिसे देखते ही दोनों लड़किया भाग कर उस लड़की से चिपक गई । । । ।
आदमी : अब शायद तुम तीनों बहनो को अक्ल आ ही गईं होगी । । आइंदा इस घर से बाहर इस मनहूस ने अपना कदम भी बाहर निकाला तो इसकी खैर नहीं । । भागने की कोशिश तो बिल्कुल भी मत करना ये शादी तो होकर ही रहेगी । । अगर तू यहां से भागने की कोशिश करेगी तो अपनी दोनों बहनो से हाथ धो बैठेगी । । मेरी बातों को हल्के में लेने की कोशिश तू मत करना । । अजीत कपूर की बात पत्थर की लकीर है मेरे हाथ जरा भी नहीं कांपेंगे इन्हें जान से मारने में । । पल्लवी इन पर नजर रखने की जिम्मेदारी तुम्हारी है । । याद रहे गड़बड़ नहीं होनी चाहिए । । । ।
पल्लवी : अजीत तुम ये ठीक नहीं कर रहे हों । तुम्हारा ध्वनि पर कोई अधिकार नहीं है । । तुम अपनी मर्जी उस पर नहीं थोप सकते हो । । वो बड़ी दीदी और भाई साहब की अमानत है । । तुम्हारे अंदर दिल है भी या नहीं कैसे जानवरों की तरह मारा है तुमने इस बच्ची को याद रखना । एक ना एक दिन तुम्हारे ये पापो का घड़ा फूट ही जाएगा । । और तब तुम्हें इसकी सजा जरूर मिलेगी । । पल्लवी गुस्से में उस पर चिल्लाते हुए बोली । । । ।
अजीत : जान तुम्हारी जुबान कुछ ज्यादा ही नहीं चल रही हैं । । क्या तुम्हारे अंदर से मेरा डर निकल गया है । । अपनी औकात मत भूलो मेरे सौतेले भाई जूठन हो जिसे मैंने अपनी बीवी बनाया है । । और तुम्हारी इन दोनों बिना बाप की बेटियों को अपना नाम दिया । । अजीत पल्लवी के बाजुओं को भींचते मुझे अपने दांतों को पीसकर बोला । । । ।
पल्लवी : तो छोड़ क्यूँ नहीं देते हमे । नहीं चाहिए मेरी स्वरा और रूही को तुम्हारे जैसे नीच इंसान का नाम दे दो मुझे डायवोर्स । ।
अजीत : ना ना ना ऐसा सोचना भी मत जान तुम्हें तुम्हारी आखिरी साँस तक मेरे साथ रहना होगा । । मेरी बात याद रखना अगर अपनी दोनों बेटियों के जिंदा देखना चाहती हों । । तो उससे कहो कि बिना किसी नाटक के इस शादी के लिए रेडी हो जाए । । वारना फिर तुम खुद ही समझदार हो इतना बोल कर अजीत चला गया । । । ।
अजीत कपूर कपूर ग्रुप ऑफ कम्पनी का CEO age 45 साल एक नंबर का घटिया और लालची इंसान जिसे प्रॉपर्टी, बिजनेस ,और पैसों के अलावा किसी चीज से कोई मतलब नहीं है । । जो प्रॉपर्टी इसकी है ही नहीं उस पर खुद का कब्जा जमाए हुए बैठा है । ।
पल्लवी अजीत कपूर पहले ये पल्लवी आदर्श कपूर हुआ करती थी जो इनके पहले पति थे । । दो जुड़वा बेटियों के हो जाने के कुछ समय बाद ही एक कार accident में अपने बड़े भाई और भाभी के साथ ही उनकी मौत हो गई । । उनकी मौत के बाद पल्लवी जी के ससुर जी ज़बर्दस्ती इनकी शादी अपने सौतेले बेटे अजीत कपूर से करा दी । । इनकी age 42 साल है । । बहुत ही मधुर स्वभाव की है ये लेकिन खराब किस्मत की वज़ह से पूरी जिंदगी इनकी बेकार हो गई । । । ।
ध्वनि कपूर age 19 साल इस story की मेन फीमेल लीड प्योर हॉटेड गर्ल, दूध सा गोरा रंग , काली गहरी बड़ी बड़ी आंखे , सुर्ख लाल होंठ लंबे कमर से नीचे तक आते हुए काले बाल , height 5,1 इसके माँ बाप की मौत एक कार आदि में हो गई थी । । इसकी देखभाल पल्लवी जी ने ही की थी । । । ।
स्वरा कपूर पल्लवी जी की बेटी age 18 साल गोरा रंग हल्की काली आंखे, गुलाबी होंठ, लंबे बाल , height 5 फिट ध्वनि की तरह ही ये भी दिल की बहुत अच्छी है पल्लवी जी ने अपनी दोनों बेटियों को अच्छे संस्कार दिए है । ।
रूही कपूर पल्लवी जी की दूसरी बेटी ये और स्वरा दोनों ही ट्विन सिस्टर है । । एक दूसरे से मिलती है इन्हें बस इनके बालों से ही पहचाना जा सकता है रूही के बाल ब्राउन कलर के है और स्वरा के बाल काले है यही इन दोनों की पहचाना है । ।
पल्लवी जी : स्वरा रूही ध्वनि को लेकर कमरे में जाओ में medicine और हल्दी वाला दूध लेकर आती हूँ । । इतना बोल कर पल्लवी जी अपने आंसुओ के पोछते हुए कीचन में चली गई । । क्योंकि ध्वनि की हालत उनसे देखी नहीं जा रही थी । । दोनों बहने किसी तरह से ध्वनि को संभालते हुए एक कमरे में ले आई । । और आराम से बेड पर लिटाने लगीं की दर्द से ध्वनि की सिसकियों निकल गईं । ।
ध्वनि : आह आ आह आ
स्वरा : sorry sorry दी माफ करना दोनों बहने ध्वनि की खराब हालत को देख नहीं पा रही थी । । इस वक़्त ध्वनि आधी बेहोशी के हालत में हो गई थी । । किसी तरह से दोनों बहने उसे सम्भाल रही थी । । थोड़ी ही देर में पल्लवी जी medicine लेप और हल्दी वाला दूध लेकर कमरे में आई । इस वक़्त वो बहुत ही चुप सी थी । ।
पल्लवी जी : स्वरा डोर बंद करके आओ इतना बोलकर इनर वेयर को छोड़ कर पल्लवी जी ने ध्वनि के सारे कपड़े निकाल दी । । उसके शरीर पर बेल्ट के निशान अब कुछ नीले और हल्के काले रंग के हो गए थे । । और कहीं कहीं से ब्लड भी निकल रहा था । । जिसे देख कर तीनों की सिसकियां निकल गईं पल्लवी जी अपने आँसूओ को कन्ट्रोल करते हुए अपने साथ लाया हुआ लेप ध्वनि को लगाने लगीं उसे लगाकर एक पतली सी चादर से उसे कवर कर दी । ।
स्वरा : mumma आखिर ये कब तक होगा कब तक आखिर कब तक दी कि ऐसी हालत होती रहेगी । । वो इंसान है कोई जानवर नहीं । । कितना बेरहमी से पीटा है इन्हें उस जानवर ने । । आज तो हमारी गलती थी तो भी मार दी को पड़ी ऐसा क्यूँ हुआ mumma ऐसा क्यूँ हुआ स्वरा रोते हुए गुस्से से बोली । ।
पल्लवी जी : मेरी बच्ची की बस इतनी गलती है कि ये पूरे बिजनेस और प्रॉपर्टी की इकलौती वारिस है ये । ।जिस वज़ह से वो दरिन्दा इस पर अपना गुस्सा निकालता रहता है । ।
रूही : mumma क्या होगा अब हम कैसे बचाएंगे दी को इस शादी से वो विनोद राव सब जानते है । । वो एक गुंडा मवाली है और तो और 38 साल का आदमी है । । और दी अभी 19 की है नहीं नहीं mumma कुछ तो करो आप please बचा लो दी को । । वरना दी कि पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी । । रूही रोते हुए पल्लवी के सामने अपने हाथो को जोड़ते हुए विनती करते हुए बोली । ।
पल्लवी जी : रूह (प्यार से इसे सब रूह ही कहते है) बच्चे चुप हो जाओ हम कोई ना कोई रास्ता निकालते है अभी मैं चलती हूँ दोनों ही ध्वनि का ध्यान रखना इतना बोलकर पल्लवी जी कमरे से बाहर निकल गईं । । और अपने कमरे में चली गई । । कमरे में सामने बैठे शख़्स को देख कर उनकी सांसे अटक गईं । । सामने अजीत बेड पर बैठ हुआ उसे देखते हुए । अपने गले में हाथ फ़ेर था । । उसके होंठों पर एक डेविल स्माईल थी । । जो पल्लवी को अंदर तक डर से कांपने के लिए मजबूर कर रही थी । ।
अजीत : जान क्या हुआ डर लग रहा है डरों मत यार मैं तुम्हें कोई खा थोड़ी ही जाऊँगा । । बस तुमसे थोड़ा प्यार करूंगा । । अगले ही पल अजीत ने पल्लवी को बेड पर फेंक दिया । और खुद भी उसके ऊपर आते हुए अपनी मनमानी करने लगा । । पल्लवी बस आंखे बंद किए हुए अपने दर्द को सह रही थी । । पूरी रात वो पल्लवी के शरीर से खेलता रहा । फिर थक कर दूसरी ओर अपना face करके सो गया । । पल्लवी तो ना जाने कब की बेहोश हो गईं थी । । । ।
अब तक आप सभी ने पढ़ा................
रूही : mumma क्या होगा अब हम कैसे बचाएंगे दी को इस शादी से वो विनोद राव सब जानते है । । वो एक गुंडा मवाली है और तो और 38 साल का आदमी है । । और दी अभी 20 की है नहीं नहीं mumma कुछ तो करो आप please बचा लो दी को । । वरना दी कि पूरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी । । रूही रोते हुए पल्लवी के सामने अपने हाथो को जोड़ते हुए विनती करते हुए बोली । ।
पल्लवी जी : रूह (प्यार से इसे सब रूह ही कहते है) बच्चे चुप हो जाओ हम कोई ना कोई रास्ता निकालते है अभी मैं चलती हूँ दोनों ही ध्वनि का ध्यान रखना इतना बोलकर पल्लवी जी कमरे से बाहर निकल गईं । । और अपने कमरे में चली गई । । कमरे में सामने बैठे शख़्स को देख कर उनकी सांसे अटक गईं । । सामने अजीत बेड पर बैठ हुआ उसे देखते हुए । अपने गले में हाथ फ़ेर था । । उसके होंठों पर एक डेविल स्माईल थी । । जो पल्लवी को अंदर तक डर से कांपने के लिए मजबूर कर रही थी । ।
अजीत : जान क्या हुआ डर लग रहा है डरों मत यार मैं तुम्हें कोई खा थोड़ी ही जाऊँगा । । बस तुमसे थोड़ा प्यार करूंगा । । अगले ही पल अजीत ने पल्लवी को बेड पर फेंक दिया । और खुद भी उसके ऊपर आते हुए अपनी मनमानी करने लगा । । पल्लवी बस आंखे बंद किए हुए अपने दर्द को सह रही थी । । पूरी रात वो पल्लवी के शरीर से खेलता रहा । फिर थक कर दूसरी ओर अपना face करके सो गया । । पल्लवी तो ना जाने कब की बेहोश हो गईं थी । ।
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अगली सुबह...............
सिटी हॉस्पिटल......................
बॉस पता चल गया किसने दोनों छोटे बॉस का accident करवायी है । । एक शख्स अपने सामने खड़े शख़्स को देखते हुए बोला । । उसकी बातें सुन कर उस शख़्स की आंखे गुस्से से लाल हो गई नसे तन गईं । ।
शख़्स : अब क्या मुहूर्त निकालूँगा रोहन तब तुम मुझे बताओगे किसकी मौत आ गई । । जिसने ओम सिंघानिया के भाई को चोट पहुंचाई है । । ये शख़्स ओम था जो आधी रात से हॉस्पिटल में था । । क्योंकि रुद्र और समर्थ की गाड़ी का बहुत ही भयानक एक्सीडेंट हो गया था । । और दोनों को ही बहुत ही ज्यादा चोटे आई थी दोनों इस वक़्त आईसीयू में थे । ।
रवि ( ओम का असिस्टेंट) : बॉस जिस ट्रक से छोटे बॉस की गाड़ी का एक्सीडेंट हुआ दरअसल वो ट्रक का था । । और उस ट्रक के ड्राईवर भाग गया है जिसे हमारे आदमी ढूंढ रहे है । । लेकिन हमे वो ट्रक एक ढाबे पर खड़ा मिला है जिसमें कोई नहीं था । । लेकिन उस ट्रक में एक फोन मिला पता करने पर पता चला उस ड्राईवर का ही है । । उसके फोन से पता चला कि उस पर आख़िरी कॉल किसी अननोन नंबर से आए थे । । पता करने पर पता चला । । कि वो अननोन नंबर किसी ध्वनि कपूर के नाम पर रजिस्टर्ड है । । ( ध्वनि का नाम सुनते ही अचानक ही ओम के का दिल जोरो से धड़कने लगा । । कि तभी रोहन की पूरी बात को सुनते ही उसका फेस काला पड़ गया । ।) ध्वनि कपूर के बारे में कुछ ज्यादा तो नहीं पता । । लेकिन जो पता चला है वो ये है । कि शायद वो मिस्टर अजीत कपूर की बेटी हो सकती है । । इतना बोलकर रोहन चुप हो गया । ।
ओम : मुझे वो वो ध्वनि कपूर हर हाल में बेसमेंट में चाहिये understand और हाँ doctor को बोलो की दोनों को डिस्चार्ज करे पैलेस में hospital का रुम रेडी करवाओ दोनों को यहां नहीं रख सकता ये सेफ नहीं है । । बेस्ट डाक्टर की पूरी टीम को बुलाओ इतना बोलकर ओम आईसीयू के अंदर चला गया । । । ।
कपूर मेंशन
ध्वनि का कमरा.........
ध्वनि को होश आ गया था लेकिन दवाइयों के असर की वज़ह से वो सो रही थी । । स्वरा और रूही दोनों इस वक़्त कमरे में नहीं थी । । धीरे - धीरे ध्वनि की नींद टूट गई । । करवट लेते ही उसकी दर्द भरी आह निकल गईं । ।
ध्वनि : आह आह (किसी तरह से उठ कर बैठ गई । । बेड के क्राउन से टेक लगा कर बैठी अपने दर्द को बर्दाश्त करने लगीं । ।) mumma पापा क्यूं मुझे अकेले छोड़ कर चले गए । । मुझे भी अपने साथ क्यूँ नहीं ले गए । । आप दोनों अब ये दर्द और नहीं बर्दाश्त होता है । । और ना ही मौत ही आती है । । कि मुझे इस दर्द भरे जीवन से मुझे छुटकारा मिल जाए । । किसी तरह खुद को संभालते हुए वो उठाकर washroom में चली गई । ।
2 घंटे के बाद..............
सभी ध्वनि के कमरे में बैठी हुई थी अजीत ऑफिस चला गया था । । इस लिए चारो ( ध्वनि स्वरा पहल और रूही) एक साथ बैठी हुई थी कमरे में सन्नाटा फैला हुआ था । । उस सन्नाटे को चीरते हुए पल्लवी जी बोली । ।
पल्लवी जी : ध्वनि बच्चे अब कैसा फील हो रहा है कहीं ज्यादा पेन तो नहीं है ना । ।
ध्वनि : छोटी माँ इस दर्द से तो हमारा बहुत गहरा नाता है । । ये दर्द मुझे अब उतना महसूस नहीं होता है । । अब तो इसकी आदत सी हो गई है आप सभी परेशान मत होइए मैं ठीक हुँ । ।
स्वरा : दी अब यहां से चली जाओ अब जो भी होगा हम सभी देख लेंगे फ़िलहाल के लिए आप यहां से भाग जाओ । ।
ध्वनि : स्वरा तू तो जानती हैं ना ये नामुमकिन है इससे पहले भी हम पकड़े गए है । । ये सब बेकार की कोशिशे है और कुछ नहीं है । ।
पल्लवी जी : ध्वनि तुम्हारी दोस्त है ना जिसके बारे में तुम अक्सर बताती रहती हो । । और अजीत को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है है ना । ।
ध्वनि : हाँ छोटी माँ लेकिन ये आप क्यूँ पूछ रही है आप तो जानती है । । अगर मिस्टर अजीत को इस बारे में पता चला तो वो उसे भी चोट पहुंचा सकते है । । क्योंकि अपने मकसद में कामयाब होने के लिए वो किसी भी है तक गिर सकते है । ।
पल्लवी जिसके : ध्वनि मुझे पता है तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है । । बस इतना बताओ क्या तुम्हारे पास तुम्हारी दोस्त का नंबर है । ।
ध्वनि : हाँ छोटी माँ मुझे याद है उसका नंबर । ।
पल्लवी जी : ये तो बहुत ही अच्छी बात है ये लो फोन और उसे कॉल करो जो मैं कहती हूँ । ।वो करो आज रात मैं अजीत को किसी तरहें उलझा लुंगी । । बस किसी तरहें पीछे के रास्ते से तुम तीनों भाग जाना । । मैंने बेड के नीचे गार्ड के कपड़े रखे है । । उसे पहन कर मुह छुपाकर जाओगी तो कोई देख भी लेगा । । तो उसे तुम तीनों पर शक नहीं होगा । । जाओ बेटा इस नर्क से चली जाओ ( फिर ध्वनि के सामने हाथ जोड़ते हुए बोली ।) ध्वनि मेरी स्वरा और रूही का ख्याल रखना । । तुम इन दोनों से बड़ी हों इसलिए ये जिम्मेदारी में तुम्हें देती हूं अपनी छोटी माँ को निराश मत करना जिंदगी ने चाहा तो हम फिर मिलेंगे । ।
ध्वनि : नहीं नहीं छोटी माँ मैं कहीं नहीं जाऊँगी आपको छोड़ कर । । वो राक्षस हमारे भागने के बाद आपको नहीं छोड़ेगा । । ध्वनि घबराते हुये पल्लवी जी के सीने से लगते हुए बोली । ।
पल्लवी जी : पागल मत बनो ध्वनि क्या तुम ये चाहती हों । । कि जिस तरह से तुम्हारी जिंदगी अजीत बर्बाद कर रहा है । । वैसे ही आगे चल कर वो तुम्हारी दोनों बहनो की भी जिंदगी बर्बाद करे । । जिनके हिस्से की सजा भी तुम अपने ऊपर ले लेती हो । । जिन पर एक खरोंच नहीं आने देती हो । । उनको बर्बाद होते हुये देख पाओगी । । अगर हाँ तो ठीक है मत जाओ । । और अगर नहीं देख पाओगी तो चली जाओ इन्हें लेकर और मेरी चिंता मत करो अजीत मुझे कुछ नहीं करेगा । । हाँ ग़ुस्सा होगा लेकिन जान तो नहीं लेगा ना । । क्योंकि चाहे जो हो वो मुझ से प्यार करता है । । (मुझसे नहीं मेरे तन से ये बात उन्होंने अपने मन में बोली । ।) बहुत समझाने पर और खुद की कसम देने पर वो तीनों उन्हें छोड़ कर जाने के लिए बेमन से तैयार हो गई । ।
क्या ध्वनि अपनी बहनो को लेकर भाग पाएगी अजीत के कैद से । । या फिर होगी नाकामयाब । । क्या होगा अब ओम की नफरत का सिला जानने के लिए पढ़ते रहें । ।
My dengerous husband 😈😡
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ध्वनि : स्वरा तू तो जानती हैं ना2 ये नामुमकिन है इससे पहले भी हम पकड़े गए है । । ये! सब बेकार की कोशिशे है और कुछ नहीं है । ।
पल्लवी जी : ध्वनि तुम्हारी दोस्त है ना जिसके बारे में तुम अक्सर बताती रहती हो । । और अजीत को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है है ना । ।
ध्वनि : हाँ छोटी माँ लेकिन ये आप क्यूँ पूछ रही है आप तो जानती है । । अगर मिस्टर अजीत को इस बारे में पता चला तो वो उसे भी चोट पहुंचा सकते है । । क्योंकि अपने मकसद में कामयाब होने के लिए वो किसी भी है तक गिर सकते है । ।
पल्लवी जी : ध्वनि मुझे पता है तुम्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है । । बस इतना बताओ क्या तुम्हारे पास तुम्हारी दोस्त का नंबर है । ।
ध्वनि : हाँ छोटी माँ मुझे याद है उसका नंबर । ।
पल्लवी जी : ये तो बहुत ही अच्छी बात है ये लो फोन और उसे कॉल करो जो मैं कहती हूँ । ।वो करो आज रात मैं अजीत को किसी तरहें उलझा लुंगी । । बस किसी तरहें पीछे के रास्ते से तुम तीनों भाग जाना । । मैंने बेड के नीचे गार्ड के कपड़े रखे है । । उसे पहन कर मुह छुपाकर जाओगी तो कोई देख भी लेगा । । तो उसे तुम तीनों पर शक नहीं होगा । । जाओ बेटा इस नर्क से चली जाओ ( फिर ध्वनि के सामने हाथ जोड़ते हुए बोली ।) ध्वनि मेरी स्वरा और रूही का ख्याल रखना । । तुम इन दोनों से बड़ी हों इसलिए ये जिम्मेदारी में तुम्हें देती हूं अपनी छोटी माँ को निराश मत करना जिंदगी ने चाहा तो हम फिर मिलेंगे । ।
ध्वनि : नहीं नहीं छोटी माँ मैं कहीं नहीं जाऊँगी आपको छोड़ कर । । वो राक्षस हमारे भागने के बाद आपको नहीं छोड़ेगा । । ध्वनि घबराते हुये पल्लवी जी के सीने से लगते हुए बोली । ।
पल्लवी जी : पागल मत बनो ध्वनि क्या तुम ये चाहती हों । । कि जिस तरह से तुम्हारी जिंदगी अजीत बर्बाद कर रहा है । । वैसे ही आगे चल कर वो तुम्हारी दोनों बहनो की भी जिंदगी बर्बाद करे । । जिनके हिस्से की सजा भी तुम अपने ऊपर ले लेती हो । । जिन पर एक खरोंच नहीं आने देती हो । । उनको बर्बाद होते हुये देख पाओगी । । अगर हाँ तो ठीक है मत जाओ । । और अगर नहीं देख पाओगी तो चली जाओ इन्हें लेकर और मेरी चिंता मत करो अजीत मुझे कुछ नहीं करेगा । । हाँ ग़ुस्सा होगा लेकिन जान तो नहीं लेगा ना । । क्योंकि चाहे जो हो वो मुझ से प्यार करता है । । (मुझसे नहीं मेरे तन से ये बात उन्होंने अपने मन में बोली । ।) बहुत समझाने पर और खुद की कसम देने पर वो तीनों उन्हें छोड़ कर जाने के लिए बेमन से तैयार हो गई । ।
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अगली सुबह .............
कपूर मेंशन.........................
तुम सब कहां मर गए थे तुम सबकी नाक के नीचे से वो तीनों यहां से निकल गई । । और तुम सभी को भनक भी नहीं लगी । । इससे पहले कि मैं तुम सभी की लाश यहां बिछा दु । । दफा हो जाओ मेरी नजरों के सामने से । । जाकर ढूंढो उन तीनों को और जल्द से जल्द उन्हें मेरे सामने लेकर आओ । । इस बार उन्हें ऐसी सजा दूँगा । की दुबारा भागने का नाम सुन कर ही उनकी रूह काँप जाएगी । । और फिर कभी वो तीनों की तीनों भागने की कोशिश भी नहीं करेंगी । । बहुत पर निकल आए हैं ना उन तीनों के उनके परों को मैंने कुतर ना दिए तो मेरा नाम अजीत कपूर नहीं । । अब खड़े-खड़े मुंह क्या देख रहे हो मेरा जाओ जाकर ढूंढो उन तीनों को । । अगर वो नहीं मिली तो मिस्टर राव (वहीं जिसके साथ अजीत ने ध्वनि की शादी फिक्स की है । ।) मैं क्या जवाब दूँगा । । अजीत गुस्से से अपने सभी गार्ड पर चिल्लाते हुए बोला । । पल्लवी जी किचन में खड़ी उसकी नाकामयाबी और अपनी बेटियों के यहां से भागने की कामयाबी से मन ही मन बहुत खुश हो रही थी । ।
पल्लवी जी : हे प्रभु आज तक मैंने आपसे कोई शिकायत नहीं की । । आपकी मर्जी को मैंने आपनी किस्मत मानकर स्वीकारा है । । लेकिन आज आपसे बस एक ही विनती कर रही हूँ । । कुछ भी करना पर मेरी बेटियों तक इस राक्षस को ना पहुंचने देना । । वरना ये राक्षस उन्हें नहीं छोड़ेगा । । पल्लवी जी मन ही मन भगवान जी से प्रार्थना करते हुए बोली । ।
क्या कहा आपने भगवान से तुम्हें क्या लगता है तुम्हारा वो भगवान मुझसे तुम्हारी बेटियों को बचा लेगा । । तो ये तुम्हारी गलतफहमी है । उन्हें तो मैं छोड़ूंगा नहीं । । लेकिन उससे पहले तुमसे तो अपने हिसाब किताब पूरे कर लूं । । क्योंकि मैं पूरी तरह से श्योर हूँ कि उन्हें यहां से भगाने में तुम्हारा ही हाथ है अजीत किचन में आता हुए पल्लवी जी के बालों को पीछे से कस कर पकड़े हुए उन्हें खिंच कर बोला । ।
पल्लवी : आह आह अजीत ये क्या कर रहे हों । मेरे बाल छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है । । पल्लवी जी सिसक ते हुए बोली । । उन की बात सुन कर अजीत की पकड़ उन के बालों में और भी ज़्यादा कस गईं । । और ऐसे ही पकड़े हुए वो सभी सर्वेंट के सामने से ही उन्हें बालों से पकड़कर घसीटते हुए । अपने कमरे की ओर बढ़ गया । । पल्लवी जी की ऐसी हालत को देख कर सभी सर्वेंट की आंखे नम हो गई । ।
अजीत : अब तक तुमने मेरा असली रूप नहीं देखा इसीलिए तुम्हारी हिम्मत इतनी बढ़ गई । । आज के बाद तुम कभी भी ऐसी गलती नहीं करोगी जान । । अजीत बहुत ही बेदर्दी से उसे बेड पर फेंकते हुए अपनी बेल्ट को निकालते हुए बोला । ।
पल्लवी जी : अजीत तुम होश में तो हो ना तुम अब मुझ पर हाथ उठाओगे । । अजीत please ऐसा मत करो । । (पल्लवी जी डर से घबराते हुये बोली । ।) उसे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि अजीत उस पर हाथ भी उठा सकता है । । वो डर से पीछे सरकते हुये बोली । ।
अजीत : मैं ऐसा ही करूंगा मेरे प्यार का तुम्हें मैं फायदा नहीं उठाने दूँगा । । इतना बोल कर वो उसे अपनी बेल्ट से मारने लगा । । जिससे पल्लवी जी की दर्द भरी चीखें उस कमरे में गूंजने लगीं । । कुछ देर मारने के बाद अजीत ने बेल्ट सईद में फेंक दी । । पल्लवी के पैरों को खिंचते हुये अपनी शर्ट उतार कर उसके ऊपर आते हुए उस पर हावी हो गया । । और उसके साथ मनमानी करने लगा । । पल्लवी ने आंखे बंद कर ली और उसे मनमानी करने दी । । तकरीबन 2 घंटों तक वो पल्लवी के साथ मनमानी करता रहा । । फिर उसे किसी गंदगी की तरह धकेलते हुए उठ कर washroom चला गया । । उसके जाने के बाद पल्लवी ने किसी तरह खुद पर चादर डाल ली । । और दर्द को सहते हुए अपनी आंखे बंद कर ली । ।
एक कमरा जो अंधेरे से भरा हुआ था जो बहुत ही भयानक और डरावना नजर आ रहा था । । उस कमरे में एक कोने में हल्की सी रोशनी आ रही थी । । जहां एक लड़की एक चेयर से बंधी हुई थी और उसकी आँखों पर भी एक काली पट्टी बंधी हुई थी । । उसकी गर्दन एक सईद में झुकी हुई थी । । जो शायद ये बता रही थी कि वो लड़की बेहोशी की हालत में पड़ी है । । तभी अचानक से उस कमरों में एक तेज रोशनी आई और उसी के साथ एक लड़का और उसके पीछे उसके कुछ बॉडीगार्ड उस कमरे में इंटर हुए । । वो शख़्स कोई और नहीं बल्कि ओम सिंघानिया था । ।
बॉस यही है ध्वनि कपूर अजीत कपूर की बेटी इससे साथ दो और लड़किया थी । । जिसे इसने बड़ी ही चलती से कहीं छुपा दिया । । लेकिन ये भाग नहीं पाई और हमारे हाथ लग गई । । आपके कहने पर हम इसे यहां लेकर आये अभी ये बेहोश है । । वो लड़की कोई और नहीं ध्वनि थी । । जिसको ओम आदमियों ने किडनैप कर लिया था । । और उसकी भनक होते ही ध्वनि ने जल्दी से स्वरा और रूही को अपनी दोस्त के साथ भेज दिया । । ये कह कर की वो थोड़ी देर में आ जाएगी । । आगे—
ओम की धड़कने जाने अनजाने में ध्वनि को देखकर बढ़ गई थी । । जो आज से पहले किसी लड़की को देख कर नहीं होती थी । । ध्वनि के रेड लिप्स उसे खुद की ओर खिंच रहे थे । । उसके होंठों के किनारे पर ब्लड लगा था जो कि काफी है तक सुख गया था । । जिसे देखकर ना जाने क्यूँ ओम बेचैन सा हो उठा । । और गुस्से से एक नजर अपने सभी बॉडीगार्ड पर डाली जिसे देख सभी डर से कांप गयें । । हालांक ओम ने ध्वनि का पूरा चेहरा ठीक से नहीं देखा था । । धीरे धीरे ओम को रुद्र और समर्थ की हालत याद आई । । जिससे उसके गुस्से को हवा मिल गई । । और जिन नजरो में अभी थोड़ी देर पहले कुछ और ही दिखाई दे रहा था । ।वहां अब गुस्से और नफरत ने ले ली थी । ।
ओम : खड़े खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हों तुम सब इसे होश में लाओ । । ओम ने गार्ड को देखते हुए गुस्से में चीखते हुए कहा । । ओम के कहने भर की देर थी कि एक गार्ड ने आगे बढ़ कर बहुत ही बेदर्दी से ध्वनि की आँखों पर बंधी हुई पट्टी को खींच कर निकाल दिया । । जिससे विधि का सिर झटके की वजह से चेयर से जा टकराया । । ये देख कर ओम का दिल नजाने क्यूँ तड़प उठा और गुस्से में उस गार्ड को घूरने लगा । । जैसे अभी उसकी जान उसके शरीर से खिंचकर निकाल लेगा । ।
उस गार्ड ने पानी से भरी हुई बाल्टी लेकर एक झटके से ध्वनि के face पर फेंक दिया । । जिससे अचानक ही लंबी लंबी सांसे लेते हुए ध्वनि ने आंखे खोल ली । । आंखें खुलते ही उसकी नजरे सीधा ओम की नजरो से जा टकराई । । जिसे देख कर ओम बेचैन हो उठा ध्वनि का चेहरा ओम के सामने पूरी तरह से आ गया था । । ओम एक टक ध्वनि की आंखे में देख रहा था ध्वनि की बार बार झपकती हुई । पलके उसकी काली गहरी आँखों को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । । दोनों की नजरे आपस में मिली हुई थी लेकिन अजीत के लोगों ने उसे पकड़ लिया है । । ये सोच कर ध्वनि ने अपनी नजरे झुका ली । । उसकी नजरों के झुकतेही ओम भी होश में आ गया । । और अचानक ही क्रोध की ज्वाला फिर से उसके ऊपर हावी हो गई । ।
ओम : how dare u (तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई) ध्वनि कपूर अपने बाप की तरह तुम भी एक गिरी हुई और घटिया लड़की हो मानना पड़ेगा । । अपने उस क*मी*ने बाप की तरह ही पीठ पीछे वार करना तुमने भी सीख ही लिया है । । वैसे मैंने सुना था खूबसूरती एक छलावा होती है । । और आज देख भी लिया । । तुम्हारे पास बस एक बाहरी खूबसूरती है । । बाहर से तुम जितनी ही खूबसूरत हो अंदर से तुम उतनी ही बदसूरत हो । । तुमने जो गलती की है उसके लिए तुम्हें अब अपनी जिंदगी के आखिरी सांस तक पछताना होगा । । ये ओम सिंघानिया का तुमसे वादा रहा । । ना तो तुम्हें जीने दूंगा चैन से और ना ही तुम्हें चैन से मरने दूंगा । । ओम गुस्से और नफरत से न जाने क्या - क्या ध्वनि से बोल गया था । । साथ ही जाने अनजाने में वो ध्वनि की तारीफ कर बैठा था । । लेकिन विधि ने उसकी एक बात का भी जवाब नहीं दिया । । उसे तो यह लग रह लग रहा था कि ये अजीत के आदमी है । । जो उसके कहने पर अब उसे सजा देंगे । ।
अजीत अक्सर उसके मरे हुए मां - बाप को गा*लियां देता था । । उन्हें बुरा भला कहता था । । इस लिए ध्वनि को जरा भी ये महसूस नहीं हुआ कि ये अजीत के आदमी नहीं है । । वो बस खुद को मिलने वाली सजा के लिए रेडी कर रही थी । । जैसा कि वो हमेशा करती थी आंखें बंद किया सिर को नीचे झुकाए हुए । वो वैसे ही बैठी रही । । उनकी तरफ देखने की कोशिश भी नहीं कि । । उसका यूँ चुप रहना ओम के गुस्से को और भी ज्यादा बढ़ा गया । । अगले ही पल ओम ने अपने कदम ध्वनि की ओर बढ़ा कर ध्वनि के बालों को पीछे से कस कर अपनी मुट्ठी में खींच लिया । । जिससे ध्वनि का चेहरा ऊपर उठ गया । । ओम भी उस की ओर झुका हुआ था जिससे दोनों के बीच फासला बहुत कम था । । शायद ओम के जरा सा और झुकने पर दोनों के होंठ आपस में मिल जाते हैं । ।
ओम : damit तुम कुछ बोल क्यूं नहीं रही हो । ।जबान नहीं है क्या तुम्हारे मुंह में । । ओम अपने दांत पीस कर बोला । । तभी उसकी नजर दर्द से हिलते हुए ध्वनि के चेरी की तरह लाल होठों पर गई । । जो काफी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहे थे । । ओम को अपनी ओर खींच रहे थे । । जिसे देख ना जाने ओम को क्या हुआ । । और वो उसके होठों की ओर झुकने लगा । । इससे पहले की दोनों की होंठ आपस में उलझा पाते की ओम के कानों मे ध्वनि के शब्द पड़े । । जिसे सुनते ही ओम के जबड़े कस गए । ।और आंखों में से आग बरसने लगी । ।
ऐसा भी क्या कह दिया ध्वनि ने । । जो ओम का गुस्सा और नफरत उसके लिए और भी ज्यादा बढ़ गया । । अब क्या करेगा ओम ध्वनि के साथ । । जानने के लिए पढ़ते रहें । ।
My dengerous husband
सिर्फ और सिर्फ पॉकेट नॉवेल रीडर पर । ।
अब तक आप सभी ने पढ़ा.............
उस गार्ड ने पानी से भरी हुई बाल्टी लेकर एक झटके से ध्वनि के face पर फेंक दिया । । जिससे अचानक ही लंबी लंबी सांसे लेते हुए ध्वनि ने आंखे खोल ली । । आंखें खुलते ही उसकी नजरे सीधा ओम की नजरो से जा टकराई । । जिसे देख कर ओम बेचैन हो उठा ध्वनि का चेहरा ओम के सामने पूरी तरह से आ गया था । । ओम एक टक ध्वनि की आंखे में देख रहा था ध्वनि की बार बार झपकती हुई । पलके उसकी काली गहरी आँखों को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रही थी । । दोनों की नजरे आपस में मिली हुई थी लेकिन अजीत के लोगों ने उसे पकड़ लिया है । । ये सोच कर ध्वनि ने अपनी नजरे झुका ली । । उसकी नजरों के झुकतेही ओम भी होश में आ गया । । और अचानक ही क्रोध की ज्वाला फिर से उसके ऊपर हावी हो गई । ।
ओम : how dare u (तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई) ध्वनि कपूर अपने बाप की तरह तुम भी एक गिरी हुई और घटिया लड़की हो मानना पड़ेगा । । अपने उस क*मी*ने बाप की तरह ही पीठ पीछे वार करना तुमने भी सीख ही लिया है । । वैसे मैंने सुना था खूबसूरती एक छलावा होती है । । और आज देख भी लिया । । तुम्हारे पास बस एक बाहरी खूबसूरती है । । बाहर से तुम जितनी ही खूबसूरत हो अंदर से तुम उतनी ही बदसूरत हो । । तुमने जो गलती की है उसके लिए तुम्हें अब अपनी जिंदगी के आखिरी सांस तक पछताना होगा । । ये ओम सिंघानिया का तुमसे वादा रहा । । ना तो तुम्हें जीने दूंगा चैन से और ना ही तुम्हें चैन से मरने दूंगा । । ओम गुस्से और नफरत से न जाने क्या - क्या ध्वनि से बोल गया था । । साथ ही जाने अनजाने में वो ध्वनि की तारीफ कर बैठा था । । लेकिन विधि ने उसकी एक बात का भी जवाब नहीं दिया । । उसे तो यह लग रह लग रहा था कि ये अजीत के आदमी है । । जो उसके कहने पर अब उसे सजा देंगे । ।
अजीत अक्सर उसके मरे हुए मां - बाप को गा*लियां देता था । । उन्हें बुरा भला कहता था । । इस लिए ध्वनि को जरा भी ये महसूस नहीं हुआ कि ये अजीत के आदमी नहीं है । । वो बस खुद को मिलने वाली सजा के लिए रेडी कर रही थी । । जैसा कि वो हमेशा करती थी आंखें बंद किया सिर को नीचे झुकाए हुए । वो वैसे ही बैठी रही । । उनकी तरफ देखने की कोशिश भी नहीं कि । । उसका यूँ चुप रहना ओम के गुस्से को और भी ज्यादा बढ़ा गया । । अगले ही पल ओम ने अपने कदम ध्वनि की ओर बढ़ा कर ध्वनि के बालों को पीछे से कस कर अपनी मुट्ठी में खींच लिया । । जिससे ध्वनि का चेहरा ऊपर उठ गया । । ओम भी उस की ओर झुका हुआ था । । जिससे दोनों के बीच फासला बहुत कम था । । शायद ओम के जरा सा और झुकने पर दोनों के होंठ आपस में मिल जाते हैं । ।
ओम : damit तुम कुछ बोल क्यूं नहीं रही हो । ।जबान नहीं है क्या तुम्हारे मुंह में । । ओम अपने दांत पीस कर बोला । । तभी उसकी नजर दर्द से हिलते हुए ध्वनि के चेरी की तरह लाल होठों पर गई । । जो काफी ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहे थे । । ओम को अपनी ओर खींच रहे थे । । जिसे देख ना जाने ओम को क्या हुआ । । और वो उसके होठों की ओर झुकने लगा । । इससे पहले की दोनों की होंठ आपस में उलझा पाते की ओम के कानों मे ध्वनि के शब्द पड़े । । जिसे सुनते ही ओम के जबड़े कस गए और आंखों में से आग बरसने लगी । ।
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ध्वनि : मुझे सजा मंजूर है वो चाहे जो हो । ध्वनि अपनी आंखे बंद करते हुए बोली । । ध्वनि अपनी गलती मानती है । इस लिए वो सजा को एक्सेप्ट कर रही है । । सोच कर ओम तो मानो नफरत से ही भर गया । । और अगले ही पल बेसमेंट के उस कमरे में ध्वनि की एक दर्द भरी भयानक चीख गूंज उठी । । क्योंकि ओम ने एक झटके से उसके बालों को छोड़ते हुए । उसे धक्का दे दिया था । । जिस वजह से वो संभाल नहीं पाई और ऐसे ही चेयर से बंधी हुई गिर गई । । दर्द के कारण उसका हाल बेहाल हो गया था । । अभी कल के जख्म भर ही नहीं थे । कि आज फिर से उसे दर्द से गुजरना पड़ रहा था । । उसकी चीखें ना जाने क्यों ओम को बेचैन कर रही थी । । लेकिन रुद्र का ख्याल आते ही उसका क्रोध फिर से उस पर हावी होने लगा था । ।
ध्वनि वैसे ही गिरी पड़ी थी । कि अचानक ही उसके ऊपर बर्फ सा ठंडा पानी गिरने लगा । । जिससे एक दिल दहला देने वाली ध्वनि की दर्द भरी चीख उस कमरे में गूँजने लगीं । । लगातार 10 मिनट तक वो पानी ऐसे ही उसके ऊपर गिरता रहा । । अचानक ही उसकी चीखें बंद हो गई । । जिसे देख ओम ने साइड वॉल पर लगीं बटन को प्रेस कर दिया जिससे वो पानी गिरना तुरन्त ही बंद हो गया । । ओम ने देखा तो ध्वनि की आंखें बंद हो चुकी थी । । उसके होंठ पूरे नीले पड़ चुके थे । । ये देखते ही ना जाने क्यों वो बहुत ही ज्यादा घबरा गया । और अगले ही पल चेयर से बड़ी रस्सी को खोलते हुए ध्वनि को अपनी गोद में उठा लिया । । और बेसमेंट के उस कमरे से निकल कर बाहर चला गया । ।
बिना किसी पर ध्यान दिए ही ओम ध्वनि को लेकर गाड़ी की बैक शीट पर बैठ गया । । तो ड्राइवर ने गाड़ी आगे बढ़ा ली । । वही उसकी इस हरकत पर सभी गार्ड एक दूसरे का मुंह देखने लगे । । क्योंकि आज से पहले ओम ने अपने दुश्मनों के लिए कभी ऐसा नहीं किया था । । चाहे लड़की हो या फिर लड़का हो । । तो फिर आज क्या हुआ जो ओम ने एक लड़की को बाहों में उठा लिया और उसके लिए बहुत परेशान भी हो उठा । ।
थोड़ी देर बाद गाड़ी ओम के पैलेस के सामने आकर रुकी । । जिसे देख कर वहां मौजूद गार्ड ने तुरन्त आकर ओम की गाड़ी का डोर ओपन किया । । और एक सईद सिर झुका कर खड़ा हो गया । । ओम ध्वनि को बाहों में लिए बाहर निकल आया । । और उसे लिए पैलेस के अंदर की ओर चला गया । । पैलेस के सभी गार्ड और सर्वेंट तो मानो सदमें में ही चले गए हों ओम की बाहों में किसी लड़की को देख कर । । खैर गनीमत तो ये थी । कि ध्रुव अभी सो कर नहीं उठा था । । वरना ना जाने उससे ध्वनि को लेकर कितने ही सवाल कर डालता । । ना जाने ओम ने दिल में क्या आया वो ध्वनि को लेकर उस फ्लोर चला गया । । जहां सिर्फ उसका ही पर्सन स्पेस था । । उस फ्लोर पर तो रुद्र का भी रुम नहीं था वो तो जब ध्रुव हुआ तो ओम ने अपने रुम से एक रुम छोड़ कर उसके बगल के रुम को ध्रुव के लिए रेडी करवा दिया । । क्योंकि वो तो अभी छोटा था । । और रुद्र ध्रुव के सिवा किसी और को आने की इजाजत नहीं थी । । ओम ध्वनि को लेकर अपने और ध्रुव के बीच वाले खाली कमरे में चला गया । । और बेड पर बहुत ही केयरफुल ध्वनि को लिटा दिया । । ध्वनि के कपड़े गीले थे । जिस वजह से बेहोशी की हालत में भी वे ठंड से कांप रही थी । । जिसे देख कर ओम ने एक गहरी सांस ली । । और अपने फोन को निकाल कर किसी को कॉल किया । । पहली ही रिंग में कॉल सामने वाले ने रिसीव कर लिया । ।
ओम : अगले 10 मिनट के अंदर बेस्ट लेडी डॉक्टर मुझे मेरे पैलेस में चाहिए । । अगर इसमे 1 मिनट भी एक्स्ट्रा हुआ तो अपनी जॉब भूल जाना । । और हाँ वो डॉक्टर लेडी डॉक्टर ही होनी चाहिए । । इतना बोल कर बिना सामने वाले की बात सुने ही ओम ने कॉल कट कर दिया । । और वहाँ से सीधा क्लोजेट रूम की तरफ चला गया । । थोड़ी देर बाद कपड़े चेंज कर के बाहर आया । । ओम इस वक़्त एक ब्लैक ट्राउजर और एक वाइट टी शर्ट में था । । और उसके हाथों में भी एक वाइट शर्ट थी । ।
ओम उसे लेकर वो ध्वनि के पास आया । । और उस शर्ट को बेड पर रखते हुए विंडो के पास चला गया । । और उस पर लगे कर्टन को बंद कर दिया । । जिससे कमरे में हल्का अंधेरा हो गया । । तो ओम ने फिर कमरे की लाइट भी ऑफ कर दी । । जिस वजह से कमरे में पूरी तरह से अंधेरा हो गया । । किसी तरह से ओम बेड के पास आया । । और ध्वनि की साइड पर बैठते हुए अंधेरे में ही आपके कपड़ो को एक झटके में उसके शरीर खींच लिया । । जिससे एक बार चर की आवाज करते हुए उसके कपड़े ओम के हाथो में बड़ी ही आसानी से आ गए । । वैसे भी वो कपड़े काफी ज्यादा पुराने थे । । जो जरा सा जोर लगाने पर फट गए । । तो ओम ने उसे फ्लोर पर फेंक दिया । । अपने हाथ अंधेरे में ही आगे बढ़ा दिया । । जो सीधा जा कर ध्वनि के बैक से टच हो गया । । जिससे ओम को करंट सा लगा । । और अगले ही पर उसे एहसास हो गया । । कि ध्वनि ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ है । । और जो पहना था वो तो उसके हाथों में आ गए थे । । सर को झटक कर ओम शर्ट उठा कर उसे किसी तरह से पहना दिया । । क्योंकि अगर ज्यादा देर तक वो बिना कपड़ों के रहती तो । । शायद ओम के लिए अपना कंट्रोल करना मुस्किल हो जाता । । उसका शरीर हीट करके रिएक्ट करने लगा था ध्वनि के टच होने से ही । । शर्ट पहना कर चादर से कवर करते हुए लाइट ऑन कर दिया । । और ध्वनि के बेजान पड़े हुए चेहरे को देखते हुए बोला । ।
ओम : काश कि तुम वो नहीं होती तो शायद ये ओम सिंघानिया अपना शादी न करने का डिसीजन बदल देता । । पहली नजर में ही देख कर धड़कन इन फूल नहीं हुआ करो फेल होने लगे मत सोचना कि मैं तुम्हारी केयर कर रहा हूं मैं तुम्हें इतनी आसानी से मरने नहीं दूंगा समझी तुम बहुत बड़ी ध्वनि को देखते हुए बोला कि इतने में डोर नाॅक हुआ । । एक नजर ध्वनि पर डालते हुए ओम डोर के पास चला गया । । देखा तो बाहर एक लेडी डाक्टर खड़ी थी जो काफी डरी हुई थी । ।उसका ओम से डरना तो स्वाभाविक था । । क्योंकि ओम अपने गुस्से को लेकर काफी फेमस जो हो गया था और गुस्से में क्या कर जाता ये कोई नहीं जानता था । ।
डॉक्टर अंदर आई और ओम कुछ कहता कि उसका फोन बजा उसे उठाते हुए डॉक्टर को ध्वनि को चेक करने का इशारा करते हुए उस कमरे से निकल कर अपने कमरे में चला गया । । डॉक्टर आकर ध्वनि को चेक करने लगीं ध्वनि की खराब हालत को देख कर उसे ध्वनि के लिया काफी बुरा महसूस हो रहा था । । मगर वो कुछ कह नहीं सकती थी । । सिर में और हाथो में लगीं चोट को अच्छे से क्लीन करने के बाद उस पर पट्टी बाँध दी । । क्योंकि इन दो जगहों पर चोट काफी ज्यादा आई थी होंठों के किनारे पर जो चोट आई थी । । उस पर ऑइंटमेंट लगा कर उसे ऐसे खुला ही छोड़ दी । ।
ऐसे ही और भी कई जगहो पर ध्वनि को चोट लगी थी । । जिस पर वो लेडी डॉक्टर ऑइंटमेंट लगा कर ऐसे ही रहने दी । । शर्ट पहनने की वज़ह से वो अंदर की छोटे नहीं देख पाई और उसे कोई ऐसा अंदाजा भी नहीं था । । कि उसके साथ क्या हुआ है या क्या होता था । । इस लिए जो चोटे उसे दिखाई दी । उस पर उसने दवा लगा दी । । फिर एक इंजेक्शन लगा कर Medicine की prescription. लिखने लगीं । । की इतने में ओम वापस आ गया । । उसे देख कर वो लेडी डॉक्टर फिर से डरने लगीं । । लेकिन खुद के डर को काबु करते हुए बोली । ।
लेडी डॉक्टर : sir ये Medicine की prescription आप इसे मंगवा लीजियेगा । ।
ओम : ह्म्म्म्म अब तुम है सकती हो ओम सेे जाने का ऑर्डर मिलते ही वो लेडी डॉक्टर वहां से तुरन्त नव दो ग्यारह हो गई । ।
आगे क्या होगा ये जानने के लिए पढ़ते रहें । ।
My dengerous husband
सिर्फ और सिर्फ पॉकेट नॉवेल रीडर पर । ।