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Masum ishq

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Aradhya Mishra

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Description

ये कहानी है एक बहुत बड़े बिजनेसमैन के छोटे बेटे पार्थ सिंह राजपूत की और एक मासूम सी पाखी की । । जो एक हादसे का शिकार हो गई और उसने अपना दिमागी संतुलन खो दिया । । और बन गई एक छोटी बच्ची । । वहीं पार्थ सिंह राजपूत बेहद गर्म मिजाज का इंसान है जिसकी...

Total Chapters (25)

Page 1 of 2

  • 1. Masum ishq - Chapter 1

    Words: 4082

    Estimated Reading Time: 25 min

    MUMBAI ____ AS HOTEL  (काल्पनिक नाम).........

     

     

    एक  लड़की  नशे के  हालात  में  भी  भागते  हुए  आ  रही थी I । और उसके पीछे कुछ लड़के पड़े थे । । लड़की भागते हुए एक रूम में चली गई । । उस रुम का door हल्का सा ओपन था । I जिससे वो आसानी से उसमें चली गई । । 

     

     

    लड़के : शिटयार अभी तो यहीं थी वो लड़की अचानक से कहा चली गई यहीं कहीं होगी ढूंढो । । कह कर उसे ढूंढने लगे उसे । । कुछ देर ढूंढने के बाद शायद दूसरी तरफ भागी होगी । । चलो सब भाग कर कहीं जानी नहीं चाहिए । । लड़के वापस दूसरी तरफ चले गए । । 

     

     

    नशे की हालत में  वो लड़की लड़खड़ाते हुए बेड के पास चली गई और  उस पर लेट  गई । । तभी  अचानक से वॉशरूम का डोर ओपन  हुआ । । उसमें से एक शक्स बाहर  आया  वो  दिखने  में (24 या 25 साल के करीब थी । ।) और जैसे ही उसकी निगाहें बेड पर गई । । अचानक से वह ठंडी हो गई । । अपने रुम में वो भी बेड पर किसी लड़की की देख कर वो लड़का गुस्से से लाल हो गया । । उसकी नीली आँखों से मानो खून निकलने लगा । । वो चलता हुआ बेड के पास पहुंचा । ।

     

    एक झटके में उसका हाथ पकड़ उसे उठा दिया । । लेकिन जैसे - जैसे ही उस लड़की का चेहरा देखा तो देखता ही रह गया । । उसके बेदाग से सुंदर चेहरे में वो शख्स मानो कहीं खो सा गया । । काली काली गहरी बड़ी बड़ी आंखे, दूध के जितना गोरा रंग, चर्बी वाले गुलाबी गाल, नशे के कारण चेरी की तरह लाल हुये होंठ, । । कमर से नीचे तक आते हुए सिल्की काले बाल उसे उसकी तरफ अट्रैक्ट कर रहे थे । । खास कर के उसके वो चेरी की तरह लाल होंठ । । वो अनजाने में ही उसके होंठों के की ओर झुकने लगा । । दोनों के होंठों के बीच बस थोड़े ही फासले बचे थे । । कि तभी उसके कानो में मीठी सी आवाज पड़ी — uncle क्या कर रहे हों छोड़ो मुझे छोड़ो वो शक्स मिस्री से भी मीठी आवाज सुनते ही होश में आया । । 

     

     

    शक्स  : (खुद को सम्भाला कर बोला) किसने भेजा है तुम्हें कौन हो तुम और यहां क्या कर रही हो । । वो भी मेरे बेड🛏 पर । ।

     

     

    लड़की  : अरे  अरे  अरे  आप  तो  कितना  सवाल  करते  हो आप uncle मुझे तो बहुत जोर से निनी आ रही है । । मेरे सर में भी पेन  हो रहा है सोने दो ना वारना बहुत मरूंगी  मै आपको देख लेना । । उसकी प्यारी सी आवाज में बातें सुन वो gussa करने के बजाय मुस्करा दिया । । इतना तो वो जान गया था कि ये लड़की काफी ज्यादा नशे की हालत में है । ।

     

     

    शक्स  : (झूठा गुस्सा करते हुए बोला) ये लड़की मैं तुम्हें किस एंगल से uncle लग रहा हूं । । बोलो (तब तक लड़की फिर से सो चुकी थी । । उसे इतनी जल्दी फिर से सोता देख उसने अपना सिर पीट लिया । ।) क्या नई मुसीबत है ये लड़की । । मुझे इसकी हरकत पर गुस्सा क्यों नहीं आ रहा । । इसे खुद का भी ख्याल नहीं है कैसे सोई है । । और ऊपर से आज ही मुझे ड्रिंक भी करनी थी । । शायद ये पहली बार ड्रिंक की है मैंने इसी लिए इतना असर कर रही है । । आह ये सिर तो लग रहा है फट ना जाए ऊपर से ये लड़की कहीं नशे में कुछ गलत ना हो जाए । । यहीं सब बोल कर उसे ठीक से ब्लैंकेट उढ़ा कर सोफ़े पर सोने चला गया । । और अपनी आँखों पर हाथ रख कर सोने की कोशिश करने लगा । ।

     

     

    थोड़ी देर बाद उसे हल्की सी नींद आई तभी उसे अपने ऊपर कुछ भारी सा महसूस हुआ और उसे अपने होंठों पर खिंचाव सा महसूस हुआ । । ऐसा लगा जैसे कोई उसके होंठों खा रहा है । । अचानक से उसकी सिसकी निकल गई । । उसने आंखे खोल कर देखा तो वो लड़की उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चबा रही थी । । उसने उसे दूर करने की कोशिश की पर लड़की ने उसे और भी कश कर पकड़ लिया । । और उनके होंठों पर जोर से bite कर लिया । । जैसे कि उसका उसे दूर करना पसंद नहीं आया हो । । और उसने उस पर अपना गुस्सा निकाला हो । । अब वो शक्स भी मदहोश सा हो गया था । । तभी अचानक से उसे पलट कर खुद ही उसके ऊपर आ गया । । और उसकी उस किस में उसका साथ देने लगा । । काफी वाइल्ड होकर उसे किस करने लगा । । लग भग 15 मिनट तक उनकी किस चली होंठों को छोड़ कर उसके गले पर आ गया । । किस के साथ साथ उसे love bite भी देने लगा । ।

     

     

    जिससे उस लड़की की सिसकियाँ निकलने लगी । जिसे सुनते ही वो और भी ज्यादा वाइल्ड हो गया । । कुछ देर किस करने के बाद वो एक दम से उठा और लड़की को अपनी बाहों में उठा कर बेड पर लाकर बहुत ही प्यार से लिटाया (जैसे कि वो कोई कांच की गुड़िया हो और जरा सा जोर लगाने पर टूट जाएगी । ।) और फिर खुद भी उसके ऊपर आ गया और किस करने लगा । । दोनों पर ड्रिंक का नशा छाया हुआ था । । और इसी कारण उसे लड़की के इतने करीब आने से वह लड़का भी बहक रहा था । । दोनों की kiss लगभग 15 मिनट तक चली दोनों बहुत ही पैशनेटली एक दूसरे को चूमे जा रहे थे । । फिर दोनों ही हल्के से दूर हुए तो वो लड़की उसके सीने पर अपना सिर रख कर गहरी गहरी सांसे लेने लगीं । । उसकी गर्म सांसो के आपने गले पर महसूस करके उस लड़के की सांसे बेकाबू हो गई । । और वो उसकी कमर पर हाथ रख उसे अपने अंदर समाने की कोशिश करते हुए कस के अपनी बाहों में भींच लिया । ।

     

     

    उस लड़की ने अपना फेस उसके सीने से उठा कर अपनी ठुड्डी  के सहारे उसके सीने पर रखते हो उसे अपनी नशीली आंखों से देखने लगी । । उसका क्यूट सा फेस देख कर उस लड़के का कंट्रोल खुद के ऊपर से अब पूरी तरह से छूट गया । । और झुक कर उसने फिर से उसके होठों को अपने होठों की उनकी कैद में ले लिया । । और उसे kiss करने लगा इसे महसूस कर लड़की की भी आंखें अपने आप बंद हो गई । । और उसके हाथ उस लड़के के बालों में धीरे - धीरे चलने लगे kiss करते हुए ही उसे लेकर वह दोबारा से बेड पर पलट गया । । और अब वो लड़की उसके नीचे थी और वो उसके ऊपर था । । होठों को छोड़ कर उसके गले पर अपने होंठ रख कर वहां हल्के हल्के बाइट करने लगा जिससे उस लड़की की सिसकियाँ उस कमरे में एक मधुर ध्वनि की तरह गूंजने लगीं थी । । जो उस माहौल को बहुत ही रोमांटिक बना रहे थी उसके कंधे से उसके टॉप को नीचे सरका दिया । । और उसके गले पर अपने होंठ रख उसे kiss करने लगा जिससे उस लड़की की सिसकियाँ और तेज हो गई थी  और उसकी मुट्ठी में बेडशीट कश गई । । उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसकी बॉडी में सिहरन सी हो रही हो और उसके पेट में तितलियां उड़ रही हो । । ये फीलिंग उस  लड़की  को  काफी अच्छी महसूस हो रही थी । । 

     

     

    वो लड़का उसके ऊपर से उठा और अपनी शर्ट की बटन को खोलते हुए एक झटके में उसे निकाल कर फेंक दिया । । और झुक कर उस लड़की की टॉप को भी निकाल कर फेंक दिया । । सामने का नजारा देखते ही उसका गला ही सूखने लगा । । लड़की की age भले ही 20 से 21 के आस पास की ही लग रही थी । । लेकिन काफी अच्छी बॉडी सेप थी उसकी । । उस लड़के से कंट्रोल नहीं हुआ और झुक कर  उसके गले के तिल पर अपने होंठ रख कर उसे आपनी जीभ से लिक करने लगा । । तभी अचानक ही उस लड़की को क्या हुआ उसने उस लड़के को धक्का दे दिया । । और बेड पर ही पेट  के बल पलट गई । । जिससे अब उसकी बैक उस लड़के के सामने थी । । जिस पर वो अपने होंठ रख कर जगह जगह चूमने लगा । । उसके हाथ उसकी पूरी बॉडी पर चल रहे थे । और झुक कर एक बार फिर सेे वो भी होंठों को चूमने लगा । ।  धीरे - धीरे दोनों के कपड़े नीचे फ्लोर पर बिखर गए वो अपने पैरों को बेड पर रगड़ने लगीं उसकी हालत अब  काफी खराब लग  रही थी । । जिसे महसूस करके उसने अपना सिर ऊपर उठा कर लड़की की आँखों में देखा जैसे कि आगे बढ़ने की इजाजत मांग रहा हो । । अपनी तरफ देखता देख और लड़के को रुका देख उसे पसंद नहीं आया और वो गुस्से से मुंह फुला कर बोली । ।

     

     

    लड़की  : uncle आप रुके क्यों गए और करो ना वो सब मुझे अच्छा अच्छा फील हो रहा है । । उसकी इजाजत समझ कर वो एक झटके में उसमें समा गया । । दर्द के कारण लड़की की चीख निकल गई । । और वो रोने लगी उसके कंधे पर अपने हाथो से मारते हुए दूर करने लगी । ।

     

     

    लड़की : आहहहह uncle आह छोड़ो दर्द हो रहा है । । मुझे कुछ नहीं करवाना छोड़ो मुझे वो लड़की दर्द से बिलखते हुए रोने लगीं । । उसकी चीखें सुन उसकी तरफ सिर उठा कर देखा तो शौक हो गया । । रोते रोते उसकी नाक लाल हो गई थी । । वो और भी ज्यादा cute लग रही थी । । उनके आँसू देख उसके दिल में एक टीस सी उठी । । सिर नीचे करके देखा तो समझ गया कि इसका First time है । । वो थोड़ा सा रुक गया और उसे प्यार से Pamper करने लगा । । 

     

     

    शक्स : शू बच्चे please शांत हो जाओ रोते नहीं । देखो ये अभी ठीक हो जाएगा । । मुझे पता नहीं था कि तुम्हार ये First time है । । सॉरी बच्चे अब मैं बहुत आराम से तुम्हें प्यार कराऊंगा । । जिससे तुम्हें बिल्कुल भी दर्द नहीं होगा । । (लड़की को उसकी बात समझ नहीं आई । ।)

     

     

    लड़की  : आहहहह  स सच्ची uncle आहह  अब  दर्द  न नहीं  होगा  ना  आ आप  झू  झूठ  तो  नहीं  बोल रहे  हो  ना वो सिसकते हुए बोली । ।

     

     

    लड़का  : मुच्ची जान अब नहीं होगा दर्द उसे फिर से  किस करने लगा । । जब वो कुछ हद तक शांत हुई तो वो हल्के हल्के से अपनी कमर को मूव करते हुए उसे प्यार करने लगा । । जिससे उस लड़की की दर्द भरी सिसकियों का शोर फिर से होने लगा । । लेकिन आँसू लगातर बह रहे थे उसकी आँखों से कुछ टाइम बाद उसे वो सब अच्छा लगने लगा । । तो गहरी गहरी सांसे लेने लगीं । । ऐसे ही उनके प्यार का सिलसिला रात के 2 बजे तक चला थक - हार कर वो लड़की सो गईं । । जिससे उसे भी सोना पड़ा । । वो शक्स उसे बाहों में भर कर उसके गले में मुह छुपा कर कमर को कस कर पकड़ कर सो गया । । 

     

     

    अगली सुबह....................

     

    खिड़की से आती धूप उस लड़की के चेहरे पर पड़ी जिससे वो कशमशाते हुए अपनी आंखे खोली । । अपने आप को किसी अनजान कमरे में देख अपनी आंखे नचाते हुए कमरे का मुआयना करने लगी । । जैसे कि ये जानने की कोशिश कर रही हो कि वो है कहा । । जैसे ही अपने बगल में देखा तो चौक गई । । किसी अनजान लड़के को देख कर वो बहुत डर गई । । हालाकि चेहरा नहीं देख पाई क्योंकि वो शक्स पेट के बल सोया था । । उसका सर दूसरी तरफ था वो हड़बड़ी मे उठना लगी । । तो उसकी दर्द भरी आह निकल गई । । उसने अपने आपको देखा तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था जिसे देख वो चौक गई । । 

     

    लड़की  : पाखी के कपड़े किसने निकले क्या इन uncle ने निकले छि ये कितने गंदे uncle है । । Didu तो कहती है लड़को के सामने कपड़े नहीं निकालते तो इन्होंने पाखी के कपड़े क्यों निकले । । और और ये क्या मेरे शरीर पर ये क्या हो गया ये इतना दर्द क्यों हो रहा है । । (अब उसे क्या पता ये तो लव बाइट) क्या इन्होंने  को मारा है । । अब मैं क्या करूँ कहीं ये उठ कर फिर से मुझे मरने लगे तो क्या होगा । । नहीं नहीं पाखी इनके उठने से पहले यहां से भाग जाएगी हा हा पाखी भाग जायेगी । । वो धीरे से उठ कर अपने कपड़े ढूढ़ कर पहने लगी । ओ हो ये Didu भी ना कैसे कपड़े पहनती है । । इसे कैसे पहनूँ तभी उसे वहां उस लड़के की शर्ट दिखी जिसे देख वो खुस हो गई । । उसे उठा कर पहने लगी शर्ट की लेंथ इतनी ज्यादा थी कि वो पाखी के घुटनों से भी नीचे तक आ रही थी । ।

     

     ये है पाखी हमारी कहानी की में फीमेल लीड दूध जैसा गोरा रंग  काली गहरी बड़ी बड़ी आंखे, घनी पलके चेरी जैसे लाल होंठ age 18 साल height 5 फिट कमर से भी नीचे तक लटकते हुये बाल । । अनाथ है सगी नहीं पर दो मुह बोली बहने है इसकी वो भी इसकी तरह ही अनाथ है और अनाथ आश्रम में ही पली बढ़ी है तीनों । । जिनका जिक्र  आगे  होगा  चलिए  अब  कहानी  की  पे आते है । ।

     

    कपड़े पहन कर पाखी रुम से बाहर निकल गई । हालाकि उसे चलने में काफी प्रॉब्लम हो रही थी । । दर्द की वज़ह से उसकी आंखे नम थी । । ऐसा लग रहा था जैसे वो अभी रो देगी । । सड़क पर आते जाते लोग उससे ही देख रहे थे कुछ घिन भरी नजरो से तो कुछ दया भाव से देख रहें थे । । और कुछ हवस भरी नजरो उसे देख रहे थे । । उसने जो शर्ट पहनी थी हालाकि वो उसके घुटने तक आ रही थी । । फिर  भी  उसकी  गोरी  टांगे  साफ  साफ  दिखाई  दे  रही थी । । अपने  पेट  पर  हाथ  रख कर  वो  आगे  बढ़ती चली  जा  रही  थी । ।

     

     

    पाखी : क्या पाखी खो गई अब क्या होगा पाखी अब घर कैसे जायेगी  उसे  तो भुखु  भी लगा है । । ( तभी उसके पेट से आवाजें आने लगी । ।) पाखी के टमी में तो चूहे दौड़ रहे है कहते हुए उसकी आंखे भार गई । । और वो रोने लगी  Didu  कहा  हो  आप  रोते हुए  वो  चलने लगी । । और तभी अचानक से वो किसी से जोर से टकरा गई । । गिरने लगी पर सामने वाले ने उससे पकड़ लिया । । बेटु एक जानी पहचानी आवाज सुन कर उसकी आँखों में एक चमक आ गई । । जल्दी से सिर उठा कर देखा तो उसकी Didu खड़ी थी । ।

     

     

    पाखी  : Didu कहा थी आप आपको पता है आपकी पाखी खो गई थी । । उससे भुखु भी लगा है ये बोल कर वो अपने पेट पर अपने हाथ फेरने लगीं । । 

     

    आस्था__ (पाखी की Didu) गोरा रंग काली गहरी आंखे काले लंबे कमर के नीचे तक आते बाल  height 5,4 age 22 साल कुल मिला कर बहुत ही सुंदर । । पाखी को एक माँ की तरह प्यार करती है ।ये उम्र भले ही आस्था की छोटी है । । लेकिन ये है बहुत ही समझदार लड़की । । अब आगे_____

     

     आस्था : बेटू तू कहाँ चली गई थी मैंने कहा कहा नहीं ढूँढ़ा तुझे और ये क्या हाल बना रखा है तूने । ।

     

    पाखी : अरे मैं तो खो गई थी । । वो कुछ गुंडे uncle मुझे पकड़ कर ले गए थे । । फिर मुझे कुछ याद नहीं सुबह  आंखे  खुली  तो  मैं एक uncle के साथ सो रही थी । । फिर मुझे बहुत पेन हो रहा था लगता है अंकल ने पाखी को बहुत मारा था । । इस लिए वो सो रहे थे तो पाखी चुपके से उठ कर भाग आई । । मुझे डर लग रहा था कि कहीं वो उठ कर पाखी को फिर से ना मारने लग जाए । । पाखी बहुत ही मासूमियत से बोली । । उसकी बातें सुन कर आस्था का दिल धक्क सा हो गया । । वो दो कदम पीछे की ओर लड़खड़ा गई । । गिरने को हुई कि तभी पीछे से किसी ने उसे थाम लिया । । और उसी के साथ उसकी एक चिंता से बाहरी प्यारी सी आवाज सुनाई दी । । दीदू ध्यान से अभी आप गिर जाती तो आपको चोट लग जाती । ।

     

     

    आस्था  : पाखी ये ये तू क्या कह रही है देख ना मिष्टी ये लड़की क्या कह रही है । । आस्था आँखों में नमी लिए अपने पीछे खड़ी लड़की से बोली जिसने उसे गिरने से बचाया था । ।

     

    मिष्टी __गोरा रंग हल्की भूरी आंखे ब्राउन बाल कमर तक आते हुए । । गुलाबी होंठ height 5 फिट age 18 साल । । तीनो ही दिखने में मिलती जुलती थी । देखने में ऐसा लगता है जैसे सगी बहने हो । । अब आगे_____

     

    मिष्टी  : पाखी क्या हुआ था ठीक से बताओ हमे देखों दी परेशान हो रही है मिष्टी पाखी को देखते हुए बोली । । 

     

     

    पाखी  : तुझे पता है कल मैं ना कैंडी वाले से Candy लेने गई थी बाहर । । तो उन्होंने कहा कि पैसे दो पैसे तो नहीं थे पाखी के पास पाखी ने Candy वाले अंकल की बहुत request की पर उन्होंने Candy देने से ही मना कर दिया । । तो मैं वापस आने लगी तभी ना वहां दो और दूसरे अंकल लोग आए उन्होंने कहा वो पाखी को Candy के लिए पैसे देंगे । । 

     

    फ्लैशबैक 

     

    लड़के  : हे baby यहां आओ हम तुम्हें पैसे देंगे उसके साथ साथ और भी बहुत कुछ देंगे । । कह कर एक दूसरे को हाई - फाई देकर हसने लगे । । 

     

    पाखी : नहीं Didu कहती है अनजान लोगों से कुछ नही लेना चाहिए । । 

     

    लड़के  : हे बेबी हम अनजान नहीं है आओ अभी जान पहचान कर लेते हैं क्या तुम दोस्ती करोगी हमसे । । 

     

    पाखी : दोस्त हा हा पाखी को दोस्त बनाना बहुत अच्छा लगता है । । 

     

    लड़के  : ठीक है आज से हम दोस्त तो आओ अपने नई नई दोस्ती की खुश कहीं घूमने के लिए चलते है । । वहा तुम्हें बड़ी सी Candy भी दिलाएंगे हम दोनों बोलो चलोगी ना हमारे साथ बोलो । ।

     

    पाखी : घूमी घूमी करेगी पाखी चलो चलो कहती हुई उनकी तरफ जाने लगी तभी बीच में ही रुक गई । । 

     

    लड़के  : क्या हुआ बेबी रुक क्यों गई आओ ना हमारे पास । । 

     

    पाखी : नहीं पाखी नहीं जायेगी क्योंकि फिर से Didu gusse करेगी पाखी के ऊपर । । 

     

    लड़के  : हम तुम्हारी Didu से बात कर लेंगे आओ अब तो चलोगी ना । । 

     

    पाखी : (कुछ सोचते हुए) ह्म्म्म्म चलो फिर कह कर उनकी गाड़ी में बैठ गई । । ये ये अब पाखी घूमी घूमी करेगी । । थोड़ी देर बाद एक होटल के बाहर उनकी गाड़ी आकर रुकी सभी बाहर आए । ।

     

     

    पाखी : दोस्त ये कौन सी जगह है । 

     

    लड़के  : (evil स्माइल करते हुए बोले) बेबी ये तो जन्नत है । । जिसके दर्शन आज हम तुम्हें करवायेंगे उसका हाथ पकड़ अंदर ले गए । । उसे लिए सब बार सईद चले गए और जबरदस्ती उसे बहुत ही हार्ड ड्रिंक कराने लगे । ।

     

    पाखी : मुझे नहीं पीना नहीं पीना ये तो बहुत ही कड़वा से है । ।

     

    लड़के  : अरे ऐसे कैसे नहीं पीना चलो पियो आ करो ऐसे ही जबरदस्ती पिलाने लगे । । उनमें से ही एक उसे जबरदस्ती किस करने की कोशिश करने लगा । । तभी पाखी उन्हें अपना पूरा बल लगा कर धक्का देकर भागने लगी । । उसके बाद भागते हुए वो उस शख्स के कमरे मे जा पहुंची । । वहां जो भी उसे याद था वो बताया क्योंकि रात की बातें जो उनके बीच हुई थी । । वो उसे याद नहीं थी क्योंकि वो नशे में थी । । 

     

     

     

    फ्लैशबैक end 

     

    पाखी : Didu देखो ना कितना मारा उन्होंने मुझसे चला भी नहीं जा रहा है बहुत दर्द हो रहा है । । कह कर वो फिर से रोने लगी । । वहीँ उसकी बातें सुन कर दोनों बहनो के तो होश ही उड़ गए थे । । क्योकि कुछ हद तक वो दोनों जान गई थी कि उनकी बहन के साथ हुआ क्या है । । उसकी रोने की आवाज सुन कर दोनों होश में आई दोनों ने उसे कस कर गले लगा लिया और चुप कराने लगी । । 

     

    आस्था  : नहीं नहीं मेरा बेटु रोते नहीं बस बस अब बहुत रो लिया । । चलो आश्रम चलते है भूख लगी है ना चलो कह कर उसे लेकर दोनों आश्रम चली गई । । 

     

     

     वहीं दूसरी ओर होटल में 

     phone call की आवाज से रुम में सो रहे शक्स की नींद टूटी । । इधर उधर बेड पर हाथ फेरा जब उसे कुछ feel नहीं हुआ तो उसकी माथे पर बल पड़ गया । । उसने झटके से आंखे खोल बगल में देखा तो वहां कोई नहीं था । । वो उठ कर बैठ गया कमरे में इधर उधर तेजी से नजरे घूमी उसे कोई नजर नहीं आया । । उठ कर washroom चेक किया वहां भी कोई नहीं था । ।

     

     

    ये देखते ही उसकी आंखे गुस्से से लाल हो गई थी । । तभी उसका phone फिर से बजा देखा तो उसपे जय नाम सो हो रहा था । । जोकि उसके अस्सिटेंट का था कॉल उठा कर बोला पता करो कल रात मेरे रुम में जो लड़की थी वो कौन थी । । मुझे अगले 1 घंटे के अंदर उस लड़की  की  पूरी  डिटेल  चाहिए  वो  भी  उसके  एड्रेस के साथ । । ( इतना बोल कर बिना सामने वाले की बात सुने ही उस शख़्स ने call cut कर दिया । ।)

     

     

    जान आई तो तुम अपनी मर्जी से थी तुम कल रात मेरे कमरें में मेरे बेड पर मेरी बाहों में । । लेकिन अब मुझसे दूर जाने का कोई ऑप्शन ही नहीं है तुम्हारे पास । । ऐसे बिना बताये तुम्हें मुझे छोड़ कर नहीं जाना चाहिए था । ।वो भी इतनी हसीन और खूबसूरत रात बिताने के बाद बिना morning रोमांस किए ही । । वो छोड़ो एक kiss तो होनी ही चाहिए थी हमारी लेकिन कोई बात नहीं । । तुम्हें मुझसे दूर भागने की सजा जरूर मिलेगी लेकिन वो भी  बहुत प्यार से । । पहली बार किसी ने पार्थ सिंह राजपूत के दिल को धड़काया है । । पहली नजर मैं तुमने मुझे घायल किया हैं अब चाह कर भी तुम मुझसे दूर नहीं भाग सकती जान । । जितना भागना है भाग लो आना तो तुम्हें मेरे पास ही है ना जान । । कहते हुए पार्थ अपनी गर्दन पर बहुत ही अजीब तरह से हाथ फिरने लगा । । इस समय वो बहुत ही जुनूँनी सा लग रहा था । ।

     

    ये है हमारी story के main male lead पार्थ सिंह राजपूत गोरा रंग डार्क ब्लैक आइस जेल से सेट किए बाल age 22 saal height 6'2 फिट rude arrogant बहुत ही गुस्से वाला । ।

     

    फिर फ्रेस होने washroom चला गया थोड़ी देर बाद रेडी हो कर अपने ऑफिस के लिए निकल गया । । उसकी गाड़ी मुंबई की सड़कों पर दौड़ने लगी । ।

     

    कुछ समय बाद कार RAJPUT INDUSTRIES के सामने आकर रुकी पीछे आकर रुकी कार का door open हुआ । । और गार्ड ने आकर पार्थ के कार का door open किया । । पार्थ हाथों में अपनी ब्लेजर को पकड़े हुए निकला अंदर चला गया । । उसे देखते ही सभी अपनी सीट से खड़े होकर उसे good morning wish किया । । वो सभी को ignore करते हुए लिफ्ट की ओर चला गया 75 फ्लोर पर पहुंच कर सीधा अपने केबिन मे चला गया । ।

     

     

     

    धन्यवाद 🙏🙏

  • 2. Masum ishq - Chapter 2

    Words: 2991

    Estimated Reading Time: 18 min

    अब तक................. 

     

     

    जान आई तो तुम अपनी मर्जी से थी तुम कल रात मेरे कमरें में मेरे बेड पर मेरी बाहों में । । लेकिन अब मुझसे दूर जाने का कोई ऑप्शन ही नहीं है तुम्हारे पास । । ऐसे बिना बताये तुम्हें मुझे छोड़ कर नहीं जाना चाहिए था । ।वो भी इतनी हसीन और खूबसूरत रात बिताने के बाद बिना morning रोमांस किए ही । । वो छोड़ो एक kiss तो होनी ही चाहिए थी हमारी लेकिन कोई बात नहीं । । तुम्हें मुझसे दूर भागने की सजा जरूर मिलेगी लेकिन वो भी  बहुत प्यार से । । पहली बार किसी ने पार्थ सिंह राजपूत के दिल को धड़काया है । । पहली नजर मैं तुमने मुझे घायल किया हैं । । अब चाह कर भी तुम मुझसे दूर नहीं भाग सकती जान । । जितना भागना है भाग लो आना तो तुम्हें मेरे पास ही है ना जान । । कहते हुए पार्थ अपनी गर्दन पर बहुत ही अजीब तरह से हाथ फिरने लगा इस समय वो बहुत ही जुनूँनी लग रहा था । । 

    ये है हमारी story के main male lead पार्थ सिंह राजपूत गोरा रंग Blue Eyes जेल से सेट किए बाल age 21 saal height 6'2 फिट rude arrogant बहुत ही गुस्से वाला । ।

     

    फिर फ्रेस होने washroom चला गया थोड़ी देर बाद रेडी हो कर अपने ऑफिस के लिए निकल गया । । उसकी गाड़ी मुंबई की सड़कों पर दौड़ने लगी । ।

    कुछ समय बाद कार RAJPUT INDUSTRIES के सामने आकर रुकी पीछे आकर रुकी कार का door open हुआ । । और गार्ड ने आकर पार्थ के कार का door open किया । । पार्थ हाथों में अपनी ब्लेजर को पकड़े हुए निकला अंदर चला गया । । उसे देखते ही सभी अपनी सीट से खड़े होकर उसे good morning wish किया । । वो सभी को ignore करते हुए लिफ्ट की ओर चला गया 75 फ्लोर पर पहुंच कर सीधा अपने केविन में चला गया । ।

     

     

    अब आगे...............

     

    आश्रम में........................

     

     

    आस्था  : बेटू बस थोड़ा रुक जा हम तेरे लिए कुछ बना के लाते है । । (आस्था उसे बेड पर बैठा कर बोली । ।)

     

    मिष्टी  : पाखी चल  तब तक मै तुझे फ्रेस करा दू । 

     

    (कुछ देर में मिष्टी पाखी को फ्रेस कराके और खुद भी फ्रेस होकर बाहर निकली । । तब तक आस्था भी नास्ता लेकर रुम में आ चुकी थी । ।)

     

     

    आस्था  : आओ चलो नास्ता कर लो दोनो तीनो नाश्ते के लिए बैठ गई । । जैसे ही आस्था ने नाश्ते का पहला बाइट आध्या की तरफ बढ़ाया ही था । । कि आस्था की आह निकल गई । । अपना हाथ पकड़े तेजी से सिसक उठी उसके हाथो पर सूजन आ गई थी । । और रेड निशाना पड़ गया था । ।

     

     

    पाखी और मिष्टी तो मुह खोले सामने आस्था को देख रही थी । । तभी तीनो की हड्डियों तक को कांपने पर मजबूर करने वालीं आवाज उनके कानों में पड़ी । । 

     

     

    आज तो मैं तुम तीनो की खाल खींच लुंगी कहा थी तुम सब और ये पागल लड़की तू कहा थी । । कल रात से हा बात कहा मुह काला कराके आई है । । अरे क्यूँ नाम खराब कर रही हो तुम तीनो ना जाने कौन सा पाप किया था मैंने जो तुम तीनो गले पड़ गई । । तुम दोनों से तो बाद में बात करूंगी पहले इससे तो निपटने दो जरा मुझे । । आज इसे पता चलेगा रात भर बाहर बिताने पर क्या सजा मिलती है । । ना जाने कहा अपना मुंह काला करवाकर आई है ये पागल लड़की । । आज तो मैं इस पागल लड़की का सारा पागलपन निकल दूंगी । । ये कहती हुई उसका हाथ पकड़  खिंचते हुए रुम से बाहर लेकर चली गई । । उसके पीछे पीछे आस्था और मिष्टी भी छोड़ देने की मिनते करते हुए जाने लगी । । 

     

     

    वो पाखी को साथ ले जाकर वो एक रुम में चली गईं जब तक की दोनों उस तक पहुच पाती उसने कमरे के door को अंदर से lock कर लिया । । वो दोनों बाहर से ही दरवाजा पीटने लगी । । तभी उन्हें अन्दर से पाखी के चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनाई देने लगी । । जिसे सुनते ही वो दोनों रोने लगी और भी जोर से दरवाजे को पीटने लगी । । तभी उनके कानो में पाखी के चीखने चिल्लाने की आवाजें आने लगी  जो  बहुत ही दर्दनाक थी । ।

     

     पाखी  : माँ माँ क्यूँ मार रही हो मत मारो ना दर्द होता है माफ़ कर दो माँ.........

     

    (आश्रम की केयरटेकर या यू समझ लो खुद को ही उस की मालकिन समझने वालीं निर्मला जायसवाल । । एक नंबर की लालची मक्कार औरत आश्रम की आड़ में गैर कानूनी काम करती है । । आश्रम के सभी बच्चे बहुत ही ज्यादा डरते हैं इससे । । अगर किसी बच्चे से कोई भी चाहे वो कोई छोटी ही क्यों ना हो गलती हो जाए वो उन्हें बहुत ही बेरहमी से मारती पीटती थी । । उसका नाम सुन कर ही बच्चे कांप उठते हैं । । पाखी तो इसे फूट आंख नहीं भाँति है । । उसकी सुंदरता निर्मला सेे देखी ही नहीं जाती है । । निर्मला की एक लड़की है जो इस वक़्त लंदन में है पाखी ने उसका सुन कर ही निर्मला को माँ कहना सीख था । । उसके लाख मना करने के बावजूद वो उसे माँ ही कहती थी । । ) और भी बहुत से राज है जो आगे की कहानी में पता चलेंगी । ।

     

     

    निर्मला  : देख लड़की मैं कोई तेरी माँ वाँ नहीं हूं समझी तू आज तो तेरी खाल खींच लुंगी मैं । । 

     

     

    आस्था और मिष्टी  :  काकी मत मारिये ना ऐसा उसे छोड़ दीजिये आगे से ऐसा नहीं करेगी वो । । माफ़ कर दीजिए  वो  तो  अभी  बच्ची  है  दोनों  रोते  हुए निर्मला सेे बोली । । दोनों  ही  आज  खुद  को  बहुत  ही  ज्यादा लाचार समझ रही थी । । पाखी कि चीखें दोनों को अंदर तक तोड़ रही थी । । थोड़ी देर बाद कमरे का door open हुआ निर्मला बाहर आई आकार बाहर से door को lock कर दिया । । 

     

     

    निर्मला  : अगर किसी ने भी दरवाजा खोला और मुझे पता चला तो उसकी भी खाल खींच लुंगी मैं । । चलो दफा हो जाओ तुम सब । । आस्था और मिष्टी के लाख मिन्नतें करने पर भी उसने पाखी को नहीं छोड़ा और चली गई । ।

     

    मिष्टी  : Didu अब क्या होगा । 

     

    आस्था  : मिष्टी हम अब और नहीं  इनकी ज्याति नहीं सहेंगे । । जो हम कुछ दिनों बाद करने वाले थे वो हम आज रात ही करेंगे । । तब तक के लिए हमें ये सहना ही होगा । । अभी चलते है यहां से ऐसा कह कर दोनों वहां से ना चाहते हुये भी चली गई । ।

     

     RAJPUT INDUSTRIES .........................

     

    पार्थ का केबिन....................

     

    पार्थ : what the hell  तुम कहाना क्या चाहते हो कुछ पता नहीं चल पाया एक लड़की को नहीं ढूँढ पाए । । 

     

     

    राज  : sorry बॉस हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की पर इतनी जल्दी हम कुछ पता नहीं लगा पाए । । सीसीटीवी फुटेज से हमने photos ले ली है हम कोशिश कर रहे हैं । ।

     

    पार्थ  : कोशिश नहीं रिजल्ट चाहिए मुझे I

     

    राज : बॉस एक आखरी मौका दीजिए 24 घंटे के अंदर हम आपको सारी डिटेल लाकर दे देंगे । ।

     

    पार्थ  : okay but last time now go 

     

    राज : सिर झुक कर चला गया ।

    पार्थ  : जान जान जान क्यों इतना तड़पा रही हो  मुझे तुम्हारे बगैर अब तो सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है । । जितना तुमने मुझे तड़पाया है ना उन सब का हिसाब में तुमसे मैं गिन गिन कर लूँगा बेबी । । बस एक बार बस एक बार तुम मुझे मिल जाओ फिर तुम्हें कभी खुद से दूर नहीं जाने दूँगा । । ये सब कहते हुए पार्थ किसी साइको की तरह लग रहा था । ।

     

     

    रात का समय

    आश्रम में

     

    didu सारी packing  हो गयी हैं । प्लीज अब जल्दी चलो । । पता नहीं पाखी इस वक़्त किस हाल मैं होंगी ऐसा कहते हुए मिष्टी लगभग रो ही दी थी । ।

     

    आस्था  : मिष्टी बच्चे रोने से काम नहीं चलेगा । हमें हिम्मत से काम लेना होगा । । आज इस कैद से भरी जिल्लत वालीं जिंदगी से हम आजाद हो ही जाएंगे ।  इस आश्रम में हम सहारा ढूंढने आए थे । । पर यहां के लोगों ने तिल तिल कर हमारी जान ली है । ।

     

     

    दोनों चुपके - चुपके दबे पांव उस कोठरी की तरफ चली गई । । जहां पाखी को उस निर्मला ने बंद किया थी । । अपने आस पास देखने के बाद की कहीं से कोई उन्हें देख तो नहीं रहा है । । जब ये कंफर्म हो गया कि कहीं से भी कोई उनके आस पास कोई नहीं है तो धीरे से उस कोठरी  के दरवाजे को खोल कर दोनों ही अंदर चली गई । । अंदर जाकर देखा तो चारों तरफ अंधेरा फैला हुआ था । । तभी मिष्टी अपने साथ लाई हुई मोमबत्ती को जलाई तो कुछ उजाला हुआ कमरे में दोनों आपनी नजरो से कमरे का निरीक्षण करने लगी । आस्था की नजरे वहां रखे हुए एक टूटे से एक बेड के कोने में पड़ी जहां किसी का हाथ दिखाई दे रहा था । । दोनों जल्दी से वहां गई जाकर देखा तो पाखी बेहोशी की हालत में वहां पड़ी हुई थीं । । उसके पूरे शरीर पर डंडे से मरने के लाल निशान पड़े थे । । शायद भूख लगने और दर्द के कारण वो बेहोश हो गई थी । । दोनों उसके पास बैठ कर उसके गालों को थपथपाते हुए उसे होश में लाने की कोशिश करने लगी । । 

     

    आस्था : मिष्टी बैग से पानी की बोटल दे जल्दी । हम यहां ज्यादा देर रुकने का रिस्क नहीं ले सकते है । । इससे पहले कि कोई यहां आए हमे निकलना है उससे पहले पाखी का होश में आना जरूरी है । ।

     

     

    मिष्टी :  जी Didu मिष्टी ने पानी की बोतल आस्था को दी आस्था ने पानी की बोटल लेकर पाखी  के मुहं  पर पानी के छींटे मार ने लगी । ।

     

    आस्था : बच्चे please please बच्चे आपनी आंखें खोलो खोलो ना अगर आज हम यहां से नहीं निकले । । तो शायद हम कभी भी यहां से निकल नहीं पाएंगे आज तुम्हेंआपनी हिम्मत दिखानी होगी बच्चे । । पाखी को धीरे - धीरे होश आने लगा । । आँखें खोलते ही उसे आस्था और मिष्टी का  धुंधला चेहरा दिखाई दिया । ।

     

    आध्या :  दी......... दीदू...... ब......बहुत दर्द .....दर्द हो रहा है मुझे दर्द में सिसकते हुए बोली । ।

     

    आस्था : बस बस मेरा बच्चा और नहीं  चलो जल्दी से यह पानी पी लो हमें यहां से निकलना है ना । । पाखी  ने  पानी पिया भूख के कारण पानी की वो पूरी बोतल  खाली कर दी  । ।

     

    पाखी :  हम कहां जाएंगे Didu ।

     

    आस्था : यहां से दूर जहां हमें कोई बुराई कोई गम छु भी न पाए । । आस्था की सारी बातें पाखी के सिर के ऊपर से गुजर गई उसे कुछ समझ नहीं आया । । पर आस्था के साथ जाने के लिए वो उठ गई पर तभी एक चीख के साथ फिर सेे गिर गई । । 

     

    आस्था : क्या हुआ पाखी बच्चे तू गिर कैसे गई बोल । ।

     

    पाखी : Didu पा पाखी के पैर में बहुत दर्द हो रहा है । पाखी खड़ी भी नहीं हो पा रही है । । अब क्या होगा हम यंहा से बाहर कैसे जायेगे पाखी रोते हुए बोली । ।

     

    दोनों ने उसकी बात सुन कर नीचे झुक कर उसके पैरों को देखा तो दोनों की आंखें भर आई । । पाखी के दोनो पैरो में सूजन आ गई थी वो और नीले पड़ गये थे । । फिर दोनों ने एक दूसरे की आंखों में देख कुछ इशारे किया । । आस्था ने बैग को अपनी पीठ पर टांग लिया । । और पाखी को एक एक सईद से पकड़ कर सहारा देते हुए दोनों कोठरी से बाहर निकल गई । ।

     

     

    मिष्टी  : Didu सामने से तो हम जा नहीं सकते वो देखो उस मोटी का पहरे दार खड़ा है हम अब क्या करेंगे । । 

     

    आस्था  : तू चिंता मत कर मैंने सब पता कर लिया है पीछे वाले रास्ते पर कोई नहीं है । । आज हम वहीं से यहां से बाहर निकलेंगे । । तीनो बहने पीछे के रास्ते से चुपके से बाहर निकल गई । । पकड़े जाने के डर से तीनो बिना रुके आगे बढ़ने लगी । ।  

     

    पाखी : Didu अब और नहीं चला जाएगा पाखी से बहुत दर्द हो रहा है । । 

     

    मिष्टी : हा मैं भी बहुत थक गई अब मुझसे भी और नहीं चला जाएगा । ।

     

    आस्था  : बस थोड़ी दूर और बच्चे फिर हम अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे । । अभी हमें यहां सेे और चलना होगा वारना हम पकड़े जाएंगे । । 

     

    आश्रम से काफी दूर आने के बाद आस्था दोनों को साथ  लेकर रोड के किनारे एक पेड़ के नीचे बैठ गई । ।

     

    आध्या : Didu बहुत भूख लगा है आध्या को आध्या के पेटू में चूहे दौड़ रहे है । ।

     

    आस्था  : कुछ देर और फिर सुबह हो जाएगी तो हम कुछ न कुछ ला देंगे । । इस वक़्त तो कुछ दिखाई नहीं दे रहा क्या करूँ मैं । । 

     

     

    मिष्टी : Didu बैग में ब्रेड है पाखी को आप दे दो । ।आस्था ने बैग से ब्रेड की पैकेट निकाल कर उसमें से ब्रेड निकाल आध्या को दे दिया । उस वक़्त वो रूखे सूखे ब्रेड के टुकड़े भी पाखी को अमृत नजर आ रहे थे । । उसने ब्रेड के टुकड़े को ज्यों ही मुंह खोल कर खाने गई । । तभी उसकी आंखे बड़ी हो गई और हाथ से ब्रेड का टुकड़ा नीचे गिर गया । । 

    आस्था  : (घबराते हुए बोली) आध्या क्या हुआ दर्द हो रहा है हा । । 

     

    आध्या : (अपना सिर ना में हिलाते हुए बोली) नहीं वो देखो । ।

     

    मिष्टी और आस्था दोनों उसकी उंगली के इशारे की तरह देख तो दोनों ने अपना सिर पीट लिया । । (दरअसल वहां थोड़ी दूर पर एक छोटी सी दुकान थी जो  इस  वक़्त  भी खुली थी । । सामने टंगे चिप्स और कुरकुरे की पैकेट देख कर पाखी की  आंखे  किसी  हीरे  की  तरहें  चमक रही थी । ।) 

     

     

    पाखी : Didu बस एक दिला दो ना please please please ना Didu बस एक दिला दो पाखी मासूम सा face बनाते हुए बोली । ।

     

    ( आस्था  और  मिष्टी  के  पास  कुछ  पैसे  थे  जो  कि उन्होंने आस पास  के बच्चों को  COCHING पढ़ा के कमाए थे । । आस्था ने अपनी scholarship से अपनी पढ़ाई पूरी की थी । । आशी भी अपनी scholarship से ही पढ रही है । इस time उसकी कॉलेज की छुट्टियां चल रही है । । पाखी ने जब 12th के exam दिए थे उसके रिजल्ट आने के कुछ दिन पहले ही उसका accident हो गया था । । तो उसकी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई । ।) चलिए  कहानी की ओर चलते है

     

    आस्था  : मिष्टी तू इसका ध्यान रखना मैं अभी लेके आई ऐसा कह कर वो लेने चली गई । । कुछ देर में कुरकुरे की 2 पैकेट ले कर आई । । एक पाखी को और एक मिष्टी को दे दी । । दोनों ही जल्दी से फाड़ कर खाने लगी उन्हें इस तरह खाते हुए देख कर आस्था ने ना में अपने सिर हिलाया । । तभी उसके मुंह की तरफ कुरकुरे से भरे दो हाथ आए देख तो पाखी और मिष्टी के हाथ थे जो उसे खिलाने के लिए आगे बढ़े थे । । आस्था मुस्करा के दोनों के हाथ से खाने लगी तीनो ने खा कर पानी पिया । । वहीं पाखी ने आस्था की गोद में अपना सिर रख लिया और सो गईं । ।  

     

     

    मिष्टी  : Didu आपने कुछ बाताया नहीं आश्रम से तो निकल आए हम लेकिन जायेंगे कहा । ।

     

    आस्था  : मिष्टी तू चिंता मत कर हमें रहने के लिए घर और पैसों के लिए जॉब भी मिल गई है । । कल वहीं गए थे हम तुझे आश्रम में कुछ बता नहीं सकते थे । । क्योकि किसी को भी पता चल जाता तो हम वहां से बाहर नहीं निकल पाते । ।

     

     

    मिष्टी  : [खुश होते  हुए बोली]  कहीं आप ये तो नहीं बताना चाहती थी । ।  कि जिस कंपनी में आपने इंटरव्यू दिया था । । उसका रिजल्ट आ गया और आप सेलेक्ट हो गई हो । । 

    आस्था  : ह्म्म्म्म 

     

    मिष्टी  : wow Didu मैं आपको बता नहीं सकती की मैं कितना खुश हूं । । ऐसे ही बातें करते करते कब उनकी आंख लग गई और वहीं सड़क के किनारे सो गईं पता ही नहीं चला । । 

     

    वहीं आज राजपूत पैलेस में पार्थ अपने कमरे में अपने बेड पर लेटे हुए करवटें ही बदल रहा था । । आंखे बन्द करते ही पाखी का का चेहरा उसकी आखों के सामने आ जाता था । उसकी मासूमियत से भरी बातें उसके चेरी जैसे सुर्ख लाल होंठ , लंबे सिल्ली काले बाल उसकी बॉडी कहा हर हिस्सा सब पार्थ की आँखों के सामने बार बार आ रहा था । । ये घंटे उसे 24 साल के बराबर लग रहे थे । । 

     

    पार्थ : कुछ समझ में ही नहीं आ रहा जान कहा जाकर छुपी बैठी हो । । तुम्हारा नाम भी नहीं पता क्या करूँ कुछ समझ नहीं आ रहा । । ऐसे ही पूरी रात उसने जग कर बीता दी थी । । सुबह के 4 बजे तब कही जाकर उसे हल्की सी नींद लगी । ।

     

     

    कब और कैसे मिलेंगे पार्थ और पाखी एक दूसरे से क्या यह जानने के बाद भी की पाखी एक नॉर्मल लड़की नहीं है पार्थ अपनाएगा उसे । । जानने के लिये पढ़ते रहे masum ishq

  • 3. Masum ishq - Chapter 3

    Words: 3321

    Estimated Reading Time: 20 min

    अब तक ................

     

    मिष्टी  : Didu आपने कुछ बाताया नहीं । आश्रम से तो निकल आए हम लेकिन जायेंगे कहा । ।

     

    आस्था  : मिष्टी तू चिंता मत कर हमें रहने के लिए घर और पैसों के लिए जॉब भी कल ही मिल गई थी । । कल हम वहीँ गए हुए थे । । हम तुझे आश्रम में कुछ बता नहीं सकते थे । । क्योकि किसी को भी पता चल जाता तो हम वहां से बाहर नहीं निकल पाते । ।

     

    मिष्टी : [खुश होते  हुए बोली]  कहीं आप ये तो नहीं बताना चाहती थी । । कि अभी कुछ दिनों पहले अपने जिस कंपनी में इंटरव्यू दिया था । । उसका रिजल्ट आ गया और आप सेलेक्ट हो गई हो  । ।

    आस्था  : ह्म्म्म्म मैं सेलेक्ट हो गई वो भी सीईओ की अस्सिटेंट की जॉब मिली है । ।

    मिष्टी  : wow Didu मैं आपको बता नहीं सकती की कितना खुश हूं । । ऐसे ही बातें करते करते कब उनकी आंख लग गई और वहीं सड़क के किनारे सो गईं पता ही नहीं चला ।

    वहीँ दूसरी ओर पार्थ कि आज पूरी रात करवटें ही बदल बीत रही थी । । आंखे बन्द करते ही पाखी का चेहरा उसकी आखों के सामने आ जाता था । । उसकी मासूमियत से भरी प्यारी प्यारी बातें उसके चेरी जैसे लाल होंठ , लंबे सिल्ली काले बाल काली गहरी आंखे ये 24 घंटे उसे 24 साल के बराबर लग रहे थे । । 

    पार्थ   : कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है कि जान तुम कहा जाकर छुपी बैठी हो । । मुझे तुम्हारा नाम तक नहीं पता है । । जान क्या करूँ कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है मुझे कहां ढूँढू मैं तुम्हें । । ऐसे ही पूरी रात उसने जग कर बीता दी थी । । सुबह के 4 बजे तब कही जाकर उसे हल्की सी नींद लगी । । 

     

     

    अब आगे....................

     

     अगली सुबह...................

     

    सड़क के किनारे......................

     

    चिड़ियों की चहचहाहट की आवाज से और चेहरे पर पड़ती  हुई  हल्की  हल्की  धूप  के  कारण  आस्था  की नींद  टूट  गई । । देखा  तो  काफी  हद तक  उजाला  हो  गया  था । । हालांकि रोड अभी भी खाली ही थी । । कुछ इक्का दुक्का लोग ही आ जा रहे थे । ।

     

     

    आस्था  : मिष्टी पाखी उठो सुबह हो गई है हमें यहां से निकलना होगा । । उठो उसकी आवाज सुन कर दोनों अपनी आंखें मसलते हुए उठ कर बैठ गई । ।

     

     

    पाखी : दीदू हम कहां जाएंगे क्या फिर से हमें उस गंदे से आश्रम में जाना पड़ेगा । । पाखी अपनी आँखों में नमी लिए हुए बोली । ।

     

    आस्था  : नहीं बच्चे हम वहां अब कभी वापस लौट कर नहीं जाएंगे नहीं बल्कि हम तो अपने नए घर जाएंगे । । जहाँ कोई हमें कुछ भी नहीं कर पाएगा और ना ही अब हमें वहां किसी की मार खानी पड़ेगी । । 

     

     

    पाखी  : Didu सच्ची में अब हम अपने घर जाएंगे woo wow पाखी खिलखिलाते हुए ताली बजाते हुए बोली । । उसकी खुशी को देख कर आस्था और मिष्टी दोनों के ही होंठों पर एक हल्की सी मुस्कराहट आ गई । । साथ ही वो उसके दर्द को भी अच्छे सेे देख और महसूस कर रही थी । । 

     

    मिष्टी  : दी वो मैं कह रही कि आपने तो 

     

    आस्था : बस बस अब औरसवालों ही अभी हमें निकालना है । । ( उसकी बातों को बीच में काटते हुए बोली ) अब तक तो आश्रम में सबको पता चल गया होगा कि हम वहां से भाग चुके हैं । । काकी के आदमी हमें हर जगह ढूंढ रहे होंगे । ।  इससे पहले कि वो हम तक पहुंचे हमें यहां से निकलना होगा । । आस्था और मिष्टी ने पहले की तरह पाखी को सहारा देकर उठाया । इस वक्त रात से भी ज्यादा दर्द हो रहा था पाखी को ।

     

    पाखी : आहहहह बहुत दर्द हो रहा है Didu मुझसे चला नहीं जायेगा दीदू । ।

     

    मिष्टी  : पाखी तू तो कहती है कि तू शेरनी है बहुत ब्रेव भी है । । तू हमेशा कहती रहती तू कि अब तू बहुत बड़ी हों गई है । । बड़े और बहादुर लोगों को तो बिल्कुल भी दर्द नहीं होता । । उसकी में in logical बातों को सुन कर आस्था ने नाग - वारी में अपना सिर हिला दिया । । लेकिन वही उसकी बातों को सुन कर पाखी अपने दर्द को छुपाते हुए बोली । ।

     

    पाखी : नहीं नहीं पाखी को बिल्कुल भी दर्द नहीं हो रहा पाखी तो मज़ाक कर रही थी । । पाखी तो बहुत ही ब्रेव गर्ल है ना । । चलो जल्दी चलो हमे यहां से जल्दी से निकलना भी तो है । । उसकी बातें सुन कर दोनों बहनों की आंखों में आंसू आ गए । । तीनों ही बहने अपनी मंजिल की तरफ जाने के लिए आगे बढ़ गई । ।

     

     

    आश्रम में......................

     

     

     

    सालो कहां मर गए थे? तुम सबके सब तुम्हारे रहते हुए ही तुम्हारी नाक के नीचे से तीनों यहां सेे भाग गई । । और तुम्हें पता भी नहीं चला जाओ उन तीनों को ढूंढ कर लाओ । । वरना मेरा करोड़ों का नुकसान हो जाएगा । । अब जाओ खड़े - खड़े मेरा मुंह क्या देख रहे हो तुम सबके सब । । अगर आज वो तीनों नहीं मिली तो तुम सबकी खैर नहीं । । निर्मला अपने आदमियों पर चिल्लाते हुए बोली उसके सभी आदमी उन तीनों बहनो को सभी खोजने चले गए । ।

     

     

    निर्मला : एक बार बस एक बार तुम तीनो मिल जाओ फिर मैं तुम्हें बताती हूं । । भागते कैसे है ? तुम तीनो की मार मार कर मैंने खाल ना खींच ली तो मेरा नाम निर्मला जायसवाल नहीं । । अरे मैंने ही गलती कर दी उन दोनों को छोड़ कर उनकी भी ख्याल खींचनी चाहिए थी । । तो आज वो यहां से भागने की हिम्मत भी नहीं कर पातीं । ।आखिर ऐसा क्या फायदा होने वाला था निर्मला का उन तीनों (आस्था मिष्टी और पाखी)बहनो से । । जो वो इतनी बौखलाइ हुई है इसका पता तो आप सभी को आगे पता चलेगा । ।

     

    वहीं दूसरी ओर पार्थ आज सुबह - सुबह ही जल्दी से उठ कर अपने वर्क आउट को कंप्लीट कर शावर लेकर जल्दी से रेडी होकर नीचे आया । । वो बाहर की तरफ जा ही रहा था कि पीछे से आवाज आई_ रुको पार्थ । ।

    ये आवाज सुनते ही पार्थ के बाहर की तरफ बढ़ते हुए कदम बीच में ही रुक गए । । उसने उस तरफ देखा जहा से ये आवाज आई थी और उस ओर देखते हुए बोला । ।

     

     

    पार्थ  : मोम यार आज बहुत इंपॉर्टेंट काम है मैं वही ऑफिस में जाकर ही नाश्ता कर लूंगा । । कह कर जैसे ही जाने के लिए आगे कदम बढ़ाया की फिर से पार्थ की मॉम की आवाज आई ___आरव चाहे कितना भी इंपॉर्टेंट काम क्यों ना हो बिना खाए तुम बाहर बिल्कुल नहीं जा सकते हो । । क्या एक ही बात मुझे तुम्हें बार बार बताने की जरूरत है तुम्हें कोई भी बात एक बार में समझ क्यों नहीं आती है । । उनकी बात सुन कर ना चाहते हुए भी पार्थ डाइनिंग टेबल की ओर चला गया और जा कर अपनी चेयर खींच कर उस पर बैठ गया । । डाइनिंग टेबल पर इस वक्त उसकी फैमिली के लोग बैठे थे । । सिवाय उसके दादू और दादी मां और उसकी बहन के अलावा । । 

     

    आइए आप सभी को मिलवाते है हीरो की family से 🙄

     

    Introduction........................

     

    शिवराज सिंह राजपूत..........पार्थ के दादा जी और राजपूत फॅमिली के हेड age 70 साल । ।

     

    सुमित्रा शिवराज सिंह राजपूत...... पार्थ की दादी मां age 67 साल । ।

     

    आर्थिक सिंह राजपूत......आरव के डैड age 44 साल सख्त मिजाज के इंसान राजपूत इंडस्ट्रीज CEO है । ।

     

     प्रिशा आर्थिक सिंह राजपूत........पार्थ की mom age 42 साल स्वीट नेचर गोरा रंग बड़ी बड़ी आंखे दिखने में किसी Heroine से कम नहीं है । । 

     

     शिवाय सिंह राजपूत ............पार्थ का बड़ा भाई  इसकी age 24 साल सख्त मिजाज height 6'3 जेल से सेट किए हुये बाल गोरा रंग जिम में बनाई हुई muscular body

     

    अविका सिंह राजपूत....... पार्थ की छोटी बहन age 17 साल गोरा रंग , उसकी आँखों का रंग हेजल ग्रीन है । जो उसे उसकी माँ यानी कि प्रिशा जी से मिला है height 5 फिट कमर तक बाल, पिंक होंठ । । कुल मिला कर बहुत ही प्यारी है और खूबसूरत । ।

     

    ये है पार्थ की पूरी family का Introduction अब चलते हैं story की

     शिवाय : पार्थ आज Mr मल्होत्रा के साथ हमारी बहुत important meeting है । । उसे तुम देख लेना जरा और डील फाइनल कर लेना अगर सब सही रहा तो । । मुझे कंपनी की दूसरी साईट पर जाना है । । आज और कभी कभी कॉलेज भी चले जाया करो पहले अपनी study को कम्प्लीट करो । । बिजनस सम्भालने के लिए दादू डैड और मैं हूँ ही । । आगे चल कर तो तुम्हें सब सम्हालना ही है मेरे साथ तो अभी जो जरूरी है । । वो करो इतना सीरियस होने की जरूरत नहीं है । ।

    पार्थ : okay भाई 

     

    आर्थिक  : हा पार्थ तुम्हारा भाई सही कह रहा है और मुझे भी तुम अपने भाई की तरह ही हर चीज में नंबर वन दिखने चाहिए । । वैसे मुझे पता है तुम पहले से ही होशियार हो मेरी तरह इतनी छोटी सी उम्र में ही तुम दोनों भाइयों ने मुझे जो प्राउड फील करवाया है सच में ये काबिले तारीफ है । । हालांकि ये सब बोलते हुए भी वो बहुत ही सीरियस लग रहे थे । । जिसे देख कर प्रिशा ने ना में अपना सिर हिला दिया । । जैसे कि कहना चाहती हों कि इस इंसान का कुछ नहीं हो सकता ये खडूस का खडूस ही रहेगा । ।

     

    प्रिशा  : यहां ऑफिस खोल कर मत बैठो तुम दोनों चुप चाप नास्ता करो । ।  एक ही बात इन्हें बार बार बतानी पड़ती है । । (उनकी बातों को बीच में काटते हुए बोली) उनकी डाट सुन कर दोनों भाई चुप चाप बैठे अपना नाश्ता करने लगे । । कुछ देर में सभी आपना अपना नाश्ता finish करके अपने - अपने काम पर चले गए । । 

     

    दूसरी तरफ तीनो बहने चलते हुए अपनी मंजिल पर पहुच गई । । तीनो ही एक छोटे से फ्लेट के सामने आकर रुकी । ।

     

    पाखी  : Didu क्या यही हमारा घर है हम अब से यही रहेंगे । ।

     

    आस्था  : ह्म्म्म्म तुम दोनों यही रुको हम फ्लेट की key लेकर आते है । । तब तक यहां से हिलना भी मत तुम दोनों । । दोनों ने आस्था की बात सुन कर हा में सिर हिला दिया । । आस्था कुछ ही देर बाद मकान मालिक से key लेकर आई और लॉक खोल कर तीनो अंदर गई । ।

     

    पाखी : Didu यहां तो कितनी धूल है हम यहां कैसे रहेंगे ( खांसते हुए बोली । ।)

     

    आस्था  : ह्म्म्म्म धूल तो है बच्चे पर कोई ना हम अभी साफ कर देते है इसे । । तब तक आप दोनों यहां चुप चाप बैठ जाओ । । (वहां रखे एक सोफे को साफ करते हुए उस पर उन्हें बैठने को बोली । ।)

     

    मिष्टी  : मैं भी आपकी हेल्प करूंगी ताकि ये सब काम जल्दी से फिनिश हो जाये । ।

     

    आध्या : हा पाखी  भी आपकी हेल्प करेगी । । 

     

    आस्था ये बात जानती थी कि दोनों ही नहीं मानेंगी इस लिए उसने भी दोनों की बात मान ली । । तकरीबन 2 घंटे लगे उन्हें फ्लेट को साफ करने में सफाई करके तीनो बहने थक के चूर हो गई थी । । सफाई करने के बाद तीनों ही शावर लेकर फ्रेस हो गई । । 

     

     

    आस्था : मैं बाहर जा रही हूं कुछ खाने के लिए लाने । । मेरे आने तक कोई भी बाहर नहीं निकलेगा । । समझ गई तुम दोनों उसकी बात सुन कर दोनों ने हा में सिर हिला दिया आस्था खाना लाने बाहर चली गई । । क्योंकि अभी अभी तो वो तीनों वहां शिफ्ट हुई थी । । इस लिए वहां अभी ग्रोसरी की कोई भी व्यवस्था नहीं थी तो खाना तो बाहर से लाना पड़ता । ।

     

    ऑफिस में 

    पार्थ का केबिन 

     

    पार्थ : क्या इन्फॉर्मेशन मिली है तुम्हारी लेडी बॉस के बारे में । । 

     

    [ राज लेडी बॉस ओह तो इस लिए बॉस इतने परेशान थे उस लड़की ओह sorry sorry लेडी बॉस के बारे में जानने के लिए राज अपने मन ही मन में खुद से ही बड़बड़ाते हुये बोला । । उसे कहीं खोया हुआ देख पार्थ की भौंहे तन गई और वो गुस्से बोला । ।]

     

     

    पार्थ  :  मैं कुछ पूछ रहा हूं damit तुम कहा खोए हुए हो ? क्या तुम्हें मेरी बातें सुनाई नहीं दे रही है aunswer me damit 

     

    राज : ( हड़बड़ाहते हुए ) sorry बॉस so sorry 

     

    पार्थ : तुम्हारी sorry नही इन्फॉर्मेशन चाहिए मुझे तुम्हारी लेडी बॉस की जल्दी बोलो । । 

     

    राज : बॉस लेडी बॉस का नाम miss पाखी है वो अनाथ है । । शांति वन (काल्पनिक नाम) आश्रम में रहती हैं । । और हा बॉस कल रात कुछ लड़के उस होटल में उन्हें लाकर उनके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे थे । । उन्हीं से बचने के लिए वो गलती से आपके रुम में चली गईं थीं । । उसकी बाते सुन कर पार्थ की आंखे गुस्से से लाल हो गई थी । । 

     

     

    पार्थ : उन सभी को ढूंढ के ले आओ उन्हें आपने हाथों से मौत के घाट ऊतारूंगा । । उनकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी जान को चोट पहुंचाने की वो गुस्से से दहाड़ते हुए बोला । । 

     

    वहीं तीनो बहने खा कर आराम कर रही थी रात को सड़क के किनारे ठीक से सो भी नहीं पाई थी । । हालांकि आस्था की आंखों में नींद नहीं थी । । वो एक तक ऊपर सीलिंग को देख रही थी । । ना जाने क्या सोच रही थी । उसकी आँखों के कोने भीगे थे । । तभी आध्या दर्द से कशमसाते हुए उठ गई । । उसकी आवाज सुन आस्था होश में आई और उसकी तरफ देखा । ।  

     

    आस्था  : क्या  हुआ  बेटु ? कहीं  दर्द  हो  रहा  है  बताओ हमें । ।

     पाखी  : Didu बहुत दर्द हो रहा है । पूरे शरीर में कहते हुए रोने लगी । । उसे इस तरह रोते हुए देख आस्था का दिल में दर्द सा होने लगा उसकी भी आँखों भीग गई । । तभी  उसके  रोने  की  कारण  मिष्टी  की  नींद  भी टूट गईं । ।

     

    आस्था  : बेटु रुको medicine खा लो आराम मिलाएगा कह कर उसे medicine खाने को दी । । medicine खिलाके हल्के हाथों से उसके पूरे शरीर की मालिश करने लगी । । जिससे पाखी को आराम मिलने लगा और एक बार फिर से वो गहरी नींद में चली गई । । पाखी के शरीर पर पार्थ के दिए हुए love bite के निशान अब डार्क पर्पल हो गए थे । । पाखी की स्किन काफी ज्यादा सेंसिटिव थी जिस वजह से एक हल्की सी लव बाइट भी उसके शरीर पर गहरा निशान छोड़ जाते गए थे । । जिसे देख एक बार फिर से आस्था और मिस्टेक की आंखें भर गई । । कि वो अपनी मासूम सी बहन को किसी की हैवानियत का शिकार होने से बचा नहीं पाई । । असल में उन्हें सच्चाई कहा पता नहीं थी कि उस रात क्या हुआ था । । बीती बातों को भूल कर आगे बढ़ने का फैसला स्थान ने लिया था । । इस लिए ही उस रात  की  बातों  को  दुबारा  ना  याद  करने  का  फैसला लिया  था  आस्था  और  मिष्टी ने । । आस्था  के  दिमाग को  डाइवर्ट  करते  हुए  मिष्टी  आस्था  से  बोली

     

     

    mist  : दीदू कल कॉलेज जाना है कैसे जाएँगे किसी ने देख लिया तो । ।

     

    आस्था : नहीं अभी 1 हफ्ते तक कहीं नहीं जाना है । । तुम्हें हम नहीं चाहते हमसे ऐसी कोई भी गलती हो जिससे हम पकड़े जाये । । रही बात मेरी तो कल से किसी भी तरह मुझे जाना होगा । । जॉब पे वारना पैसे कैसे आयेंगे कल उधर से आते वक़्त जो पैसे बचे है उनसे मैं घर का राशन ले आऊंगी । । ऐसे ही बातें करते करते दोनों भी सो गईं । । 

     

     

     कुछ घंटों baad

    SINGHANIA INDUSTRIES

     

    पार्थ का केबिन 

     

    मैं कुछ नहीं सुनना चाहता हूं मुझे हर हाल में पाखी चाहिए । । ढूंढो उसे अगर मुझे वो नहीं मिली तो मैं पूरी दुनिया मैने आग लगा दूँगा समझे तुम सब । । पार्थ अपने गार्ड्स पर चिल्ला हुए बोला । । इस वक़्त उसकी आंखे खून की तरह लाल हो गई थी now go सभी सिर झुकाते हुये चले गए । । पार्थ ने अपने चेहरे को अपने हाथों में भर लिया और कुछ घंटे पहले की बातों को सोचने लगा । । 

    फ्लैशबैक 

     

    राज : सर हम आ गए है यही वो आश्रम है जहां लेडी बॉस रहती है । ।

     

     

    पार्थ  : ह्म्म्म्म चलो फिर अंदर चले कह कर गाड़ी से निकल कर आश्रम के अंदर चला गया । । किसी को आश्रम के अंदर आते देख आश्रम के सभी लोग उन्हें देखने लगे और आपस में बातें करने लगे । । पार्थ एक जगह जाकर खड़ा हो गया । । ठीक उसके पीछे ही उसके सभी आदमी जाकर खड़े हो गए । । कौन हो तुम सब यहां किस लिए आए हों एक कडक आवाज आई । । ये आवाज सुन कर सभी ने उस जगह देखा जहा से आवाज आई थी । । ये आवाज किसी और की नहीं बल्कि इस आश्रम जी केयर टेकर निर्मला जायसवाल की थी । । 

     

     

    राज : हमें miss पाखी से मिलना है क्या आप उन्हें बुला सकती है । ।

     

    निर्मला  : [ पाखी  का  नाम  सुनते  ही  वो  बौखला गई वैसे  भी  उसके  ना  मिलने  से  वो  गुस्से  से  पागल  सी  हो  गई  थी । । और  अब  उसके  बारे  में   किसी  लड़के का पूछना  उसके  गुस्से  को  हवा  दे गया । । क्यूँ मिलना है  तुझे ? उस का* मी*नी से अरे वो तीनो भगौड़ीयो से मेरा कितना बड़ा नुकसान करके भागी हैं । । एक बार हाथ लगने दो ऐसा सबक सिखाउगी उन्हें की वो मारते दम तक नहीं भूलेगी । । 

     

    पार्थ  : just sut up तुम्हारी 

     

    राज : बॉस बॉस please हम बात करते है आप please गुस्सा मत करिए। । ( राज पार्थ की बातों को बीच में काटते हुए उसे शांत करते हुए बोला । ।) निर्मला से बोला- हा तो आप क्या कह रही थी । । 

     

     

    निर्मला  : ये तू इतना क्यूँ भड़क रहा है रे छोकरे तूने बाताया भी नहीं की । । क्यूँ मिलना है तुझे उस कलमुही से । । 

     

    राज  : देखिए हमारे सर को उनसे मिलना है । आप उन्हें बुला दीजिए । ।

     

    निर्मला  : वो नहीं मिल सकती । उसकी बातें सुन और भी ज्यादा गुस्से से भर गया । । वो कुछ कहता उससे पहले राज बोला । । 

     

    राज : लेकिन क्यूँ नहीं मिल सकती वो । 

     

     

    निर्मला  : देख छोकरे वो लड़की यहा नहीं है अभी कहा तो भाग गई है यहां से । । साथ में उनकी दोनों मुह बोली बहने भी उसके साथ भाग गई । । और मेरा करोड़ों का नुकसान भी कराके भागी है । । 

     

    आरव  : what the कहा गईं है वो । 

     

    निर्मला  :  देख अगर पता होता तो वो तीनो यहां होती और अब  तक  मैंने  मार  कर  उनकी  खाल भी खींच ली होती । । अब जा यहां से तभी एक आदमी ने आके राज के कानो में कुछ कहा जिसे सुनते ही राज तो बिल्कुल ही शॉक्ड ही हो गया । ।  

     

     

     

    ऐसा भी क्या कहा उस आदमी ने जिसे सुनते ही राज शौक हो गया । । क्या आध्या  औऱ आरव मिल पायेंगे और मिलेंगे भी तो कैसे और कब जाने के लिए पढ़े Meri Masum Mahbuba 💜💜

     

     

     

     धन्यवाद 🙏🙏

  • 4. Masum ishq - Chapter 4

    Words: 2633

    Estimated Reading Time: 16 min

     
    अब तक................. 

    राज : बॉस बॉस please हम बात करते है आप please गुस्सा मत करिए। । ( राज पार्थ की बातों को बीच में काटते हुए उसे शांत करते हुए बोला । ।) निर्मला से बोला- हा तो आप क्या कह रही थी । । 

    निर्मला  : ये तू इतना क्यूँ भड़क रहा है रे छोकरे तूने बाताया भी नहीं की क्यूँ  मिलना है तुझे उस कलमुही से। 

    राज  : देखिए हमारे सर को उनसे मिलना है । आप उन्हें बुला दीजिए । । 

    निर्मला  : वो नहीं मिल सकती। उसकी बातें सुन और भी ज्यादा गुस्से से भर गया। वो कुछ कहता उससे पहले राज बोला । । 

    राज : लेकिन क्यूँ नहीं मिल सकती वो । 

    निर्मला  : देख छोकरे वो लड़की यहा नहीं है अभी कहा तो भाग गई है यहां से साथ में उनकी दोनों मुह बोली बहने भी उसके साथ भाग गई । । और मेरा करोड़ों का नुकसान भी कराके भागी है । । 

    आरव  : what the कहा गईं है वो । 

    निर्मला  :  देख अगर पता होता तो वो तीनो यहां होती और अब  तक  मैंने  मार  कर  उनकी  खाल भी खींच ली होती । । अब जा यहां से तभी एक आदमी ने आके राज के कानो में कुछ कहा जिसे सुनते ही राज तो बिल्कुल ही शॉक्ड ही हो गया । ।  
     


     अब आगे ................. 
     
     राज  : बॉस लेडी बॉस को आश्रम छोड़ने पर मजबूर किया है । । इस औरत ने कल इसने उन्हें बहुत टॉर्चर किया इतना बोल कर राज ने जो भी सब पता किया था वो पार्थ को डिटेल में सब बताने लगा । । जैसे जैसे वो सब बता रहा था वैसे वैसे ही पार्थ का ग़ुस्सा बढ़ता ही जा रहा था । । तभी एक गुण शोर्ट की आवाज वहां गूँज उठीं साथ ही एक चीख भी सुनाई पड़ी । । इसी के साथ निर्मला नीचे जमीन पर गिर चुकी थी और अपनी आखिरी साँस लेते हुए उसकी आंखे बंद हो गई । । गोली सीधे उसके माथे के बीचो बीच लगीं थी । । सभी शॉक्ड होकर पार्थ की तरफ देख रहे थे जिसकी गन से हल्के हल्के धुएँ निकल रहे थे । । इसका मतलब साफ था कि निर्मला के ऊपर गोली उसी की गन से चली थी । ।



     
    पार्थ : damit , Again he could not control his anger and he got such an easy death. ,[ फिर से इस गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाया इसे इतनी आसान मौत मिल गई । ।] इसे तो तड़पा तड़पा कर मरना चाहिए था । । मेरा बस चलता तो इसे जिंदा करके फिर से बहुत बुरी मौत मारता इसकी किस्मत अच्छी थी । । जो इसे इतनी आसान मौत मिली । । राज आश्रम के बच्चों को दादी के आश्रम में शिफ्ट करो और इन सभी के साथ ही इस आश्रम को आग लगा दो । । जिस भी चीज से मेरी जान बुरी यादे जुड़ी होंगी मैं उन सभी को जला कर खाक कर दूँगा । । ये पार्थ सिंह राजपूत का खुद से किया वादा है पार्थ की आंखे खून सी लाल हो गई थी । । 


     
     
    फ्लैशबैक एंड
     
    पार्थ अपनी सोच से बाहर आया अपने बालों में अपनी दोनों हाथ की उंगलियों को फंसाकर अपना सिर नीचे झुकाए हुए पाखी के साथ बिताया हर लम्हें को याद करने लगा । । जो उसकी अब तक की जिंदगी के सबसे हसीन लम्हें थे । । वहीं सब याद करते हुए पार्थ की पाखी से मिलने की बेताबी बढ़ती जा रही थी । । उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि अगर उसे जल्द से जल्द पाखी नहीं मिली तो उसकी सांसे रुक जाएंगी । । पार्थ को ये एहसास ही नहीं था कि वो पाखी के प्यार की गहराई में किस कदर डूब चुका है । । पार्थ उसी तरह बैठे हुए ही पाखी को याद करते हुए खुद से ही बड़बड़ाते हुये बोला । ।
     




    पार्थ  : Darling, where are you? Where should I look for you? Every moment without you is becoming difficult for me. , ( जान कहा हो तुम कहा ढूँढू मैं तुम्हें मेरा एक एक पल तुम्हारे बिना मुस्किल होता जा रहा है । । ) क्यूँ तड़पा रही हो मुझे मेरी ये तड़प मेरी जान ले लेगी । । कभी सोचा नहीं था कि एक लड़की के लिए मैं इतना तड़पुंगा । । तुम्हें पाने की बेताबी हर पल मेरे अन्दर बढ़ती ही जा रही है । । जितना तुम मुझे तड़पा रही हो ना जान । । बस एक बार बस एक बार तुम मुझे मिल जाओ I will take revenge from you by counting every pain of mine. , ( मैं तुमसे अपनी हर तड़प का गिन गिन करके बदला लूँगा । ।) पाखी की खोज में हैं एक और दिन बीत गया पर पार्थ को पाखी क्या पाखी के बारे में एक हल्का सा भी सुराग नहीं मिला । ।



     
    अगला दिन ................ 


     
    आस्था मिस्टी को समझाते हुए कुछ बोल रही थी । ।
    आस्था  : मिष्टी अपना और पाखी का ख्याल रखना तू और जब तक मैं बाहर से आवाज ना दूँ । । ये गेट खोलना मत बच्चे बाहर तो बिल्कुल भी मत निकालना । । भले ही हम आश्रम से काफी दूर आक रह रहे हैं लेकिन काकी (निर्मला) के आदमियों का कोई भरोसा नहीं है । । इस लिए कुछ दिनों तक तो हमें छुप - छुप कर ही रहना होगा । । अब मैं चलती हूं आज ऑफिस का पहला दिन है और मैं लेट नहीं होना चाहती । । मेरी बात का ध्यान रखना और पाखी जब उठे तो उसे बाथ दिलाकर नाश्ता करवा देना । ।




     
    मिस्टी : जी दीदू  मैं आपकी बातों का ध्यान रखूंगी और पाखी का ख्याल रखूंगी । । आप आराम से जाओ और ये दुपट्टा तो लेतीं जाओ इसे तो आप भूल रही हो । । इससे अपना मुंह बांध लेना ताकि अगर उस चुड़ैल के आदमी आपको देख भी तो पहचान ना पाए । । मिस्टी अपना मुंह बनाते हुए बोली । । इस वक्त वो काफी ज्यादा क्यूट लग रही थी । ।
     



     
     
    आस्था  : अच्छा दादी अम्मा आस्था मिष्टी की बातों को सुन कर मुस्कुराते हुए बोली । । और उसे byee करके उस छोटे से फ्लैट से बाहर चली गई  । । उसके जाते ही मिष्टी ने डोर को अंदर से लॉक कर लिया । । आज पहला दिन होने की वज़ह से की उसे कहीं लेट ना हो जाए । । इस वज़ह से आस्था आज आटो से ऑफिस के लिए निकली लग भग आधे घण्टे में ही वो आपने मंजिल तक पहुंच गईं । ।
     




     
    आस्था  :  बस बस भैया यही रोक दीजिये आस्था आटो वाले से आटो रोकने को बोली । । उसकी बात सुन कर आटो वाले ने अपनी आटो को वही पर रोक दी । । आस्था आटो से उतर कर आटो वाले को पैसे देकर पीछे की ओर मुड़ी । । जहाँ थोड़ी दूर पर एक बहुत बड़ी बिल्डिंग थी । । जिस पर बड़े बड़े और साफ अक्षरों में लिखा हुआ था — RAJPUT INDUSTRIES जिसे पढ़ कर आस्था के होठों पर एक स्माईल आ गई । । और वो खुद से ही बोली — देख आस्था तुझे तेरी मंजिल मिल गई तेरी मेहनत और तेरी लगन तुझे यहां ले आई । । अब तुझे खूब मन लगाकर आपने काम को करना है । । ताकि तू जल्द से जल्द पैसे ऑरेंज कर पाए । । जिनसे पाखी को अच्छे से डॉक्टर से दिखा पाऊँ और वो जल्द से जल्द ठीक हो पाए । । फिर मिष्टी और पाखी को एक अच्छी लाइफ दे पाऊँ बस इतनी मेहनत करनी है । । मुझे भगवान जी बस आप मेरे साथ रहना जिससे मैं कठिनाईयों को पार कर पाऊँ । । आस्था ऊपर आसमान की तरफ देखते हुए बोली । । जी हाँ ये लड़की और कोई नहीं आस्था ही है । । फिर आस्था उस बड़े से बिल्डिंग के अंदर चली गई । । अंदर जाकर वो सीधा रिसेप्शन पर गई । । वहा रिसेप्शन पर खड़ी रिसेप्शनिस्ट आस्था को देख ही बहुत ही रिस्पेक्टफुली बोली । ।





     
    रिसेप्शनिस्ट  : Tell me ma'am how can I help you (कहिए मैम मैं आपकी कैसी मदद कर सकती हूँ । ।)
     



    आस्था : सीईओ sir की केबिन कहा है क्या आप मुझे ये बता सकती है । । आस्था हिचकिचाते हुए बोली वो काफी डरी हुई और नर्वस सी लग रही थी । ।




     
     रिसेप्शनिस्ट : do you have an appointment उसकी बात सुनकर आस्था अपने साथ लाया हुआ appointment उसे दे दी । । जिसे देखने के बाद रिसेप्शनिस्ट ने आस्था को सीईओ की केबिन कहां है ये बताई । ।



     
    आस्था  : thank u इतना बोल कर वहाँ सेे सीधा सीढियों से उस फ्लोर्थ की ओर बढ़ गई जहाँ सीईओ की केबिन थी । । दरअसल आस्था को लिफ्ट के बारे में उतनी नॉलेज नहीं थी । । इस लिए आस्था सीढियों ऊपर गई । । सीढिया चढ़ते चढ़ते आस्था की हालत खराब हो गई थी । । फाइनली आस्था 13 फ्लोर्थ पर पहुंच गई जहां सीईओ की केबिन थी । । केबिन के डोर पर खड़ी होकर आस्था अपनी कमर पर हाथ रखे अपनी चढ़ी हुई सांसो को कंट्रोल करने की कोशिश करने लगीं । । जब उसे हल्की सी रहत महसूस हुई तो वो केबिन के डोर को हल्के से नोक की come in अंदर से आवाज आई । । डरते डरते आस्था डोर खोलकर अंदर गई । ।




     
     
    आस्था  ::  good morning sir मैं आपकी new असिस्टेंट आस्था । । आस्था अपनी कांपती हुई आवाज में सामने सीईओ की चेयर पर बैठे हुए शख्स को देखते हुए ग्रीट करते हुए अपना परिचय देते हुए बोली । । उसे डर था कि कहीं वो देर ना हो गई हो । । क्योंकि सीढियों को चढ़ने में उसे काफी वक़्त लग गया था । । अब उसके पास watch तो थी नहीं जिनसे वो time देख सके । । 




     
    उसकी आवाज सुन कर सामने बैठ हुआ शख़्स अपने लेपटॉप से नजर हटाकर  सामने  की  ओर  देखा  तो कुछ  पल  के  लिए  देखता  ही  रह गया । । मन ही मन  सोचते  हुए  खुद  से  बोला । । ऐसा  क्यूं  लग  रहा  है जैसे मैं पहले भी कभी इस बच्ची से मिल चुका हूं । । ये मुझे अपनी सी क्यों लग रही है ये नाम नहीं नहीं ये मैं क्या सोच रहा हूँ  । । ये वो कैसे हो सकती है । । वो तो अब इस दुनिया में ही नहीं है  वो  शख़्स  मन  ही मन बोला । । फिर अपनी सोच को दरकिनार करते हुए अपनी सख्त आवाज में आस्था को घूरते हुये बोला । ।
     



     
    शख़्स  : पहले ही दिन लेट हो मिस आस्था वक़्त की वैल्यु ना करने वाले लोगों की वैल्यु मेरी नजर में कुछ भी नहीं है । । आज आपका पहला दिन है जिस वजह से आपको छोड़ रहा हूँ । । आगे से अगर वक़्त के साथ आपने कोई भी लापरवाही की तो आपकी इस कंपनी में कोई जगह नहीं होगी । ।
     




     ये शख्स और कोई नहीं राजपूत इंडस्ट्रीज के CEO अथर्व सिंह राजपूत है वैसे इसका अंदाजा तो आप सभी ने पहले ही लगा लिया होगा है ना guys । । वैसे सच सच बताना guys किस किसने सही गेस किया था । ।



     
    आस्था  : yes yes sir आस्था अपनी नजरें झुकाते हुये डरते डरते अथर्व जी सेे बोली । ।
     



     
    अथर्व जी  : आस्था नजरे वो झुकाते है जिन्होंने कुछ गलत किया हो । । नजरे उठा कर बात करना सिखों मिस आस्था । । अब खड़ी ही रहोगी या मेरा आज का शेड्यूल भी बताओगी । । अथर्व जी आस्था को घूरते हुये अपनी सख्त आवाज में बोले । । पता नहीं क्यूं आस्था का उनके सामने यूँ सिर झुकाना उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं आया था । । अथर्व जी की बात सुन कर आस्था ने अपना सिर उठाकर उनकी ओर देखा उसे अथर्व जी की डांट में भी ना जाने क्यूँ एक अपना पन सा महसूस हो रहा था । ।




     
    आस्था  : sir 1 घंटे बाद आपकी मिस्टर महेश्वरी के साथ मीटिंग है । । आज आपकी लगातार एक के बाद एक कुल 8 मीटिंग्स है । । आस्था एक एक कर सभी मीटिंग्स के बारे में अथर्व जी को बताने लगीं । । उन्हें उनका शेड्यूल बातकर आस्था चुप हो गई । । तो अथर्व जी ने बेल प्रेश करके प्यून को बुलाया । । 
     



    अथर्व जी  :  संजय (प्यून) मिस आस्था को इनका केबिन दिखा दो । । 
     


     प्यून  : okay बॉस 
     


    अथर्व  : आस्था ये सारी फाइल्स को ध्यान से रीड करके एक एक चीज को पॉइंट आउट करो शाम तक मुझे कम्प्लीट करके दो । । उससे पहले मिस्टर महेश्वरी के साथ मेरी मीटिंग की सारी अरेंजमेंट मीटिंग हाल में करो now go अथर्व जी की बात सुन कर आस्था हा में अपना सिर हिलाते हुये । । फाइल्स लेकर वहाँ सेे बाहर चली गई । । प्यून ने उसे उसकी केबिन दिखाई तो आस्था अपने केबिन में चली गई  l । ऐसे ही धीरे - धीरे सुबह से शाम हो गई थक हार कर आस्था अपने फ्लैट पर वापस आ गई । ।
     



     देखते ही देखते पूरा एक महीना गुजर गया लेकिन अभी तक पार्थ को पाखी नहीं मिली थी । । पार्थ का ग़ुस्सा समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था । । उसने पाखी को ढूढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी हुई थी । लेकिन आस्था और मिष्टी ने पाखी को इस एक महीने के अंदर कभी फ्लैट से बाहर ही नहीं निकलने दिया । । इन एक महीने में आस्था ने भी पूरी लगन और मेहनत से अपना काम किया था । । जिसे देख अथर्व जी उससे बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुए थे । । और उन दोनों के बीच एक बॉन्ड भी बन गया था दोस्ती का आस्था ने प्यार और अपने पन से अथर्व जी के दिल में एक अलग ही जगह बना ली थी । ।आज सुबह सुबह ही आस्था को पता चला था कि उसकी सैलरी उसके अकाउंट में डाल दी गई है । । ये जान कर आस्था की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था । । आस्था की आँखों से खुश के आँसू झलक रहे थे । । वो बस जल्द से जल्द अपने घर अपनी बहनो के बीच पहुचना चाहती थी । । आज ये दूसरी बार था जब आस्था आटो से घर वापस लौट रही थी । । पैसों की तंगी की वजह से आस्था दूसरे दिन से ही पैदल आया जाया करती थी । । शुरू शुरू में तो उसके पैरों में छाले पड़ जाया करते थे फिर धीरे धीरे आदत सी हो गई थी उसे । । आटो उसके फ्लैट के ठीक सामने आकर रुकी । । आस्था उस आटो वाले को पैसे देकर जल्दी से door के पास जाकर नोक की तो अंदर से मिष्टी की आवाज आई जो पूछ रही थी कि कौन है । ।
     
     


     
    आस्था  : मिष्टी मैं हूँ आस्था बच्चे दरवाजा खोलों । । उसकी आवाज़ सुन कर मिष्टी ने तुरन्त आकर दरवाजा खोला । । आस्था जैसे ही अंदर आई सामने का नजारा देखते ही जहाँ अभी थोड़ी देर पहले एक मुस्कान थी । ।  वहां अब डर ने अपनी जगह ले ली थी उसके हाथ पैर ठंडे हो गए थे । ।


     
     
     
    फाइनली मुझे लगता है कि अब पाखी और पार्थ का मिलन हो ही जाना चाहिए । । आप सभी को क्या लगता है जल्दी जल्दी कमेन्ट करके बताए guys ताकि अब आगे episode में मैं पाखी और पार्थ का दिखा सकूं । ।
    ऐसा  भी  क्या  देख  लिया  था  आस्था  ने  जो  वो एक पल में डर गई । । और एक ही पल में उसकी सारी खुशी गायब ही हो गई । । क्या होगा इन तीनों बहनो की आगे की जिंदगी में और किस तरह से मिलेंगे पार्थ और पाखी जानने के लिए पढ़े । । [Meri Masum mahbuba]
     
     
     धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 5. Masum ishq - Chapter 5

    Words: 3672

    Estimated Reading Time: 23 min

     
    अब तक................. 


    आर्थिक  : आस्था ये सारी फाइल्स को ध्यान से रीड करके एक एक चीज को पॉइंट आउट करो शाम तक मुझे कम्प्लीट करके दो । । उससे पहले मिस्टर महेश्वरी के साथ मेरी मीटिंग की सारी अरेंजमेंट मीटिंग हाल में करो now go आर्थिक जी की बात सुन कर आस्था हा में अपना सिर हिलाते हुये । । फाइल्स लेकर वहाँ सेे बाहर चली गई । । प्यून ने उसे उसकी केबिन दिखाई तो आस्था अपने केबिन में चली गई  l । ऐसे ही धीरे - धीरे सुबह से शाम हो गई थक हार कर आस्था अपने फ्लैट पर वापस आ गई । ।


     देखते ही देखते पूरा एक महीना गुजर गया लेकिन अभी तक पार्थ को पाखी नहीं मिली थी । । पार्थ का ग़ुस्सा समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था । । उसने पाखी को ढूढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी हुई थी । लेकिन आस्था और मिष्टी ने पाखी को इस एक महीने के अंदर कभी फ्लैट से बाहर ही नहीं निकलने दिया । । इन एक महीने में आस्था ने भी पूरी लगन और मेहनत से अपना काम किया था । । जिसे देख आर्थिक जी उससे बहुत ही ज्यादा प्रभावित हुए थे । । और उन दोनों के बीच एक बॉन्ड भी बन गया था दोस्ती का । । आस्था ने प्यार और अपने पन से आर्थिक जी के दिल में एक अलग ही जगह बना ली थी । । आज सुबह सुबह ही उसके ऑफिस आने के कुछ देर बाद ही उसके फोन पर मैसेज आया था की उसकी सैलरी उसके अकाउंट में डाल दी गई है । । (आस्था के ऑफिस जॉइन करने के दो दिन बाद ही आर्थिक जी ने उसे न्यू फोन दिलाया था । । ये जानने के बाद की उसके पास फोन नहीं है तो काम के लिए । ।)
    सैलरी की बात जानकर आस्था की खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था । । आस्था की आँखों से खुश के आँसू झलक रहे थे । । वो बस जल्द से जल्द अपने घर अपनी बहनो के बीच पहुचना चाहती थी । । आज ये दूसरी बार था जब आस्था आटो से घर वापस लौट रही थी । । पैसों की तंगी की वजह से आस्था दूसरे दिन से ही पैदल आया जाया करती थी । । शुरू शुरू में तो उसके पैरों में छाले पड़ जाया करते थे फिर धीरे धीरे आदत सी हो गई थी उसे । । आटो उसके फ्लैट के ठीक सामने आकर रुकी । । आस्था उस आटो वाले को पैसे देकर जल्दी से door के पास जाकर नोक की तो अंदर से मिष्टी की आवाज आई जो पूछ रही थी कि कौन है । ।
     
     



     अब आगे................. 


     
    आस्था  : मिष्टी मैं हूँ आस्था बच्चे दरवाजा खोलों । । उसकी आवाज़ सुन कर मिष्टी ने तुरन्त आकर दरवाजा खोला । । आस्था जैसे ही अंदर आई सामने का नजारा देखते ही जहाँ अभी थोड़ी देर पहले एक मुस्कान थी । ।  वहां अब डर ने अपनी जगह ले ली थी उसके हाथ पैर ठंडे हो गए थे । । 


    सामने  नीचे  फ्लोर  पर  पाखी  बेहोश  होकर  गिरी  पड़ी थी । । उसकी  ये  हालत  देख  कर  आस्था  अपनी जगह  से  दो  कदम  लड़खड़ाते  हुये  पीछे  हो गई । । इससे पहले  कि  वो गिरती  मिष्टी  ने  आगे  बढ़ कर उसे  पकड़  लिया । ।



    मिष्टी  :  दी सम्भालो अपने आप को ।



    आस्था : मिष्टी क्या हुआ है पाखी को ये फिर से कैसे आस्था मिष्टी को खुद से दूर करती हुई । । पाखी के पास नीचे बैठ कर उसके सिर को अपनी गोद में रखते हुए अपनी कांपती हुई आवाज में बोली । ।
     



     
    मिष्टी : मैं पाखी के लिए नूडल्स बना रही थी उसके कहने पर वो यही खेल रही थी  । । और अचानक ही मुझे कुछ गिरने की आवाज आई किचन से यहां आयी तो देखा पाखी बेहोश होकर गिरी हुई थी । ।  इतने में आप आ गई । । दी दो हफ्ते से ऐसा ही हो रहा है कभी बेहोश हो जा रही है  तो कभी उल्टियां कर रही है । । और कितनी चिढ़चिढ़ी सी हो गई है । । मैं पानी लेकर आती हूँ इतना बोल कर वो किचन से पानी लेने चली गई जल्दी से एक ग्लास में पानी लेकर आई । । पाखी के face पर पानी के हल्के हल्के छींटे मरने लगीं जिससे धीरे धीरे पाखी को होश आने लगा । । आंखें खुलते ही उसे आस्था और मिष्टी का परेशानी भरा face नजर आया । ।
     


     
     
    आस्था  : बच्चा अब कैसा फील हो रहा है तुझे कहीं पेन तो नहीं हो रहा है ना । । आस्था प्यार से उसके बालों को सहलाते हुये बोली । ।
     



     
    पाखी  : दीदू पाखी ठीक है पाखी को क्या हुआ था आप रो क्यूँ रही हो । । पाखी वैसे ही आस्था की गोद में सिर रखे ही अपने हाथ उठा कर आस्था के आसुओं को पोछते हुए बोली । । 



     
     
    आस्था  :  बच्चा कुछ नहीं हुआ है आपको आप सो रही थी । । और मैं रो नहीं रही हूँ वो आंख में लगता है कुछ चला गया है । । चलो उठो देखों मिष्टी ने आपके लिए नूडल्स बनाए है नूडल्स का नाम सुनते ही आस्था उठ कर खड़ी हो गई । । आस्था उसका हाथ पकड़ कर उसे डाइनिंग टेबल के पास ले आई । । बच्चा अपना नूडल्स फिनिश करो तब तक मैं फ्रेस होकर आती हूँ । । ये बोल कर आस्था बिना एक भी पल गंवाये अपने कमरे में चली गई । । उसे यूँ जाता देख कर मिष्टी भी उसके पीछे चली गई । । कमरे में आकर आस्था बेड पर बैठ गई और अब तक रोक रखे हुए अपने आसुओं को बहाने लगीं । । मुंह पर हाथ रखे आस्था सिसकियों लेते हुए सिसक सिसक का रोने लगीं । । इतने में उसे महसूस हुआ किसी ने पीीछे से उसके कंधे पर अपना हाथ रखा । । ये महसूस करके आस्था जल्दी जल्दी अपने आंसुओ को साफ करके पीछे मुड़ी तो देखा कि मिष्टी खड़ी थी । ।
     
     

     
     मिष्टी  : दी आप ऐसा करोगी तो फिर हमारा क्या होगा आप हिम्मत नहीं हार सकती हो । । जानती हूं पाखी को लेकर आपके मन में एक डर है जो जायज भी है । । कुछ नहीं होगा हमारी पाखी को भगवान जी इतने भी कठोर नहीं हो सकते है हमारे लिए । । आप रो मत वारना फिर मैं भी रोने लग जाऊँगी । । मिष्टी आस्था को समझाते हुए बोली । । 
     



     
    आस्था  : मिष्टी मैं हिम्मत नहीं हार रही हूँ बस यही सोच सोच कर रोना आ रहा है । । कहीं उसे कुछ हो ना जाए पैसे ना होने के कारण आज दो हफ्तों से मैं टाल रही थी उसकी खराब तबीयत को । । लेकिन अब सब ठीक होगा तू सही कह रही है । । बच्चा मुझे हिम्मत से काम लेना होगा  हम  कल  ही  पाखी  को लेकर डॉक्टर के पास जायेंगे । ।
     



     
    मिष्टी  : लेकिन दी पैसे कहां से आयेंगे आपकी तो सैलरी भी अभी नहीं मिली है  । ।
     
     



    आस्था  : मिष्टी सैलरी आज मिली है अब और नहीं मैं पाखी को तकलीफें सहने दूंगी । । दीदू मिष्टी कहा हो पाखी को अकेला छोड़ कर कहा चली गई । । पाखी की आवाज दोनों के कानो में पड़ी जो उन्हें ही ढूंढती हुई उस और आ रही थी । ।



     
    मिष्टी  :  पाखी हम यहां है अभी आई मैं इतना बोल कर मिष्टी कमरे  से  बाहर  निकल कर पाखी के पास चली गई । । आस्था भी वो चली गई फ्रेश होने के लिए थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर बाहर आई । । और कमरे से निकल कर सीधा किचन में चली गई डिनर बनाने के लिए । ।



     
    रात का समय राजपूत पैलेस सभी लोग अपना डिनर कर लिया था । । प्रिशा जी किचन में थी और आर्थिक जी शिवाय और पार्थ इस वक़्त हॉल में लगे  सोफे पर बैठे हुए थे । । पार्थ कहीं खोया हुआ सा बैठा था वो तो यहां बैठना ही नहीं चाहता था । ।लेकिन आर्थिक जी के कहने पर बैठ हुआ था । । क्योंकि आर्थिक जी को कुछ बातें करनी थी । । इस लिए इस वक़्त सभी हॉल में मौजूद थे तभी प्रिशा जी भी वहां आकर आर्थिक जी के पास बैठ गई । । उनके आते ही वहा फैली हुई उस शान्ति को भंग करते हुए आर्थिक जी आपनी बातें उन तीनों के सामने रखते हुए बोले । । 
     




     
    आर्थिक जी  : पापा का कॉल आया था अगले हफ्ते माँ और पापा दोनों ही राजस्थान से वापस आ रहे है । । माँ पापा दोनों ही चाहते है । । कि इस बार उनके जाने से पहले ही शिवाय की शादी करा दी जाए । । और मुझे भी माँ पापा की बात बिल्कुल सही लगीं । । 
     


     
     
    प्रिशा जी : लेकिन इतनी जल्दी ये सब कैसे होगा ये शादी ब्याह का मामला है । । अभी तक तो हमने अपने बेटे के लिए कोई लड़की भी पसंद नहीं की है  है । । और माँ पापा का तो आपको पता ही है वो मुस्किल से तो हफ्ते दस दिन रुकते है यहां पर । । ये नहीं कि यही रह जाए बीच बीच में वहां एक दो दिन के लिए हो आए । ।जब बहु बेटे और पोते यहां है । । तो ना जाने वो हवेली उन्हें क्यूँ इतनी प्रिय है समझ नहीं आता । । प्रिशा जी अपना मुँह बनाते हुए बोली । ।



     
     
    आर्थिक जी  : प्रिशा वो उनकी अपनी पसंद है पापा कह रहे थे वो इस बार एक महीने के लिये आ रहे है । । और शादी के लिए तो एक महीना बहुत ही है । । वैसे भी इसकी उम्र भी हो गई है । । हमारे टाईम में तो मै 19 साल का ही था और तुम 17  साल की थी जब हमारी शादी हुई थी । । आर्थिक जी शिवाय को शादी के लिए बोलते हुए अपनी शादी की उम्र का exampal रखते हुए बोले । । उनकी बातें सुन कर प्रिशा जी का मुँह बन गया लेकिन शिवाय चुप ही था । । आर्थिक जी से बहस करने की उसकी हिम्मत नहीं थी । । वहीँ पार्थ तो अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था । । शायद उस दुनिया मैने जहां उसे उसकी जान उसकी पाखी मिली हो । ।
     
     



     
    प्रिशा जी  :  ये  उम्र पर तो ज्ञान  ना ही  दीजिये  तो ज्यादा  बेहतर  होगा । । वो  भी  क्या  कोई  शादी की उम्र  होती थी । । खेलने खाने की उम्र में बच्चों को शादी के मंडप में बिठा दिया जाता था । । अगर उसकी बात करे तो हमें अब तक अपने तीनों बच्चों की शादी कर देनी चाहिए थी । । क्योंकि जहां तक मुझे पता है माँ और पापा की शादी तो 16 या 17 साल में ही हो गई थी हाँ नहीं तो बात करते है । । अरे ये तो अच्छा है कि हम वहां नहीं रहते हैं वरना हवेली वाले तो अब तक मेरे तीनों बच्चों की जिंदगी बर्बाद कर चुके होते । । छोटी सी उम्र में उनकी शादी कराकर आज का जमाना इतना आगे बढ़ चुका है । । लेकिन आपका गांव है कि वहां के लोगों की सोच नहीं बदली । । लेकिन चलो एक चीज कुछ तो ठीक हुई कम से कम अब लोग 24 या 25 साल पर ही अपने बच्चों की शादी करते है । ।




     
    दुनिया में देखों ज्यादातर लोग अब 30 के पार होकर शादी कर रहे है । । अरे कुछ तो 40 के पार होकर शादी कर रहे है । । और यहां एक मैं हूँ जो 43 साल की उम्र में सास बनने वाली हैं कोई मानेगा इस बात को । । प्रिशा जी आर्थिक जी से बहस करते हुए अपने मन की पूरी भड़ास निकालते हुए गुस्से से बोली । । उनकी इतनी तेज आवाज सुनकर पार्थ अपनी सोच से बाहर आया और अपनी मोम को देखने लगा । । वहीँ उनकी बात सुन कर आर्थिक जी की गुस्से में मुट्ठी कश गई । । शिवाय तो अपनी मोम के लिए god से प्रे करने लगा कि उसके डैड से उसकी मॉम को सेव करे । ।


     
     
    आर्थिक जी  : how dare u तुम कहना क्या चाहती हों कि शादी के बाद तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो गई । । या फिर मुझसे शादी करने के बाद तुम्हारी जिंदगी बर्बाद हो गई । । बहुत जुबान चलने लगी है है ना तुम्हारी जब रोमांस करने जाओ तो कहती हो अब उम्र नहीं रही । । ये सब की और जब सास बनने की बात आई तो कह रही हो कि तुम्हारी अभी उम्र ही क्या है । । आर्थिक जी की गुस्से में भी बेशर्मी भरी बातों को सुन कर । । प्रिशा जी ने अपने दांत पिस लिए की ये कैसा इंसान है बच्चों के सामने भी ये ऐसी बातें  कैसे कर सकता है । ।



     
     प्रिशा जी  : आर्थिक मैं आपको छोड़ूंगी नहीं आपको शर्म नहीं आती बच्चों के सामने ये सब बातें करते हुए । । 



     
    आर्थिक जी  : तुम्हें तो मैं कमरे में चलकर बताऊँगा बेशर्मी किसे कहते है । । अभी फिलहाल मुझे शिवाय से बात करने दो । । (आर्थिक जी की इतनी बेशर्मी भरी बातें सुनकर प्रिशा जी के कान लाला हो गए शर्म से वो नीचे देखने लगीं । । शिवाय ऑकवर्ड होकर इधर उधर देखने लगा वहीँ पार्थ को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा । ।) शिवाय क्या तुम किसी को पसंद करते हो क्या कोई लड़की है तुम्हारी जिंदगी में जिसके बारे में तुम हमे बताना चाहते हो । । उनकी बात सुन कर पार्थ और प्रिशा जी की भी नजरे शिवाय पर टिक गई । । तीनों ही उसके कुछ बोलने काइंतजार करने लगे । । सबको अपनी तरफ देखते देख शिवाय मन ही मन चिढ़ गया । । 


     
     
    शिवाय  : no डैड शिवाय ने बहुत कम शब्दों का use करते हुए अपनी बात कही । । उसकी ना सुन कर आर्थिक जी  की आँखों में एक चमक आ गई । । जैसे कि वो उसके मुंह से बस यही सुनना ही चाहते थे । ।




     
    आर्थिक जी  :  ग्रेट मुझे तुमसे यही उम्मीद थी मेरी नजर में एक लड़की है । । जिसमें वो सारी क्वालिटी जो तुम्हारी होने वालीं पत्नी और इस घर की बड़ी बहु में होनी चाहिए । । मैं उससे बात करके जल्दी ही तुम दोनों की इंगेजमेंट की डेट फिक्स करवाता हूँ । । आर्थिक जी अपना फैसला सुनाते हुए अपनी जगह से उठकर खड़े हो गए । । और प्रिशा जी का हाथ कस कर पकड़ते हुये आगे बढ़ गए । । वहीँ बाकी तीनों को एक झटका दे दिया था । । आर्थिक जी ने पर अब कोई क्या ही बोल सकता था उनके आगे कहा किसी की चलनी थी । । शिवाय भी चुप चाप अपने कमरे की ओर बढ़ गया । । सबके जाने बाद पार्थ भी अपने कमरे में चला गया । । आर्थिक जी ने कमरे में आने के बाद जोर से प्रिशा जी का हाथ छोड़ दिया जिससे वो हल्का सा लड़खड़ा गई । । इतने में आर्थिक जी ने जोर से कमरे का दरवाजा बंद किया इसे देख कर प्रिशा जी का डर से गला ही सुख गया । ।



     
     
    प्रिशा जी  : आ आर्थिक जी आ प आप दर वाजा बंद क्यूँ क र रहे है । । मु मुझे बा हर जाना है कु कुछ काम था । । प्रिशा जी डर के मारे अपनी हकलाहट भरी आवाज में बोली । ।


     
     
    आर्थिक जी  : अरे अरे प्रिशा क्या हुआ इतना डर क्यूं रही हो । । नीचे तो अपने बेटों के सामने बड़ा अकड़ रही थी अब क्या हुआ कहा गई तुम्हारी सारी अकड़ । । आर्थिक जी  आपने  कदम  उनकी  तरफ  बढ़ते  हुए हल्के  गुस्से  में  बोले । । जिसे सुनते ही प्रिशा जी की सिटी  पिटी  गुल  हो  गई  थी । ।  इससे पहले कि वो भाग पाती उनके इरादे को भापते हुए आर्थिक जी ने आगे बढ़ कर उन्हें कमर से पकड़ लिया । । और एक झटके में खुद से सटा लिया । । प्रिशा जी सीधा आर्थिक जी के सीने से जा लगीं । ।
     
     

     
     प्रिशा जी  : आर्थिक जी ये आप 
     
    आर्थिक  : नहीं अब कोई बात नहीं होगी । । होगा तो सिर्फ हमारा रोमांस ( आर्थिक जी प्रिशा जी की बातों को बीच में ही काटते हुए बोले । । ) और झुक कर उन्हें अपनी बाहों में उठा लिया और उन्हें लेकर बेड पर आ गए उन्हें बेड पर लिटा कर खुद भी उसके ऊपर आ गए । । बिना एक भी पल गंवाये प्रिशा के होंठों को अपने होंठों की कैद में ले लिया और फोर्सफुली किस करने लगा । । kiss करतें हार हुए ही हाथ आगे बढ़ाकर लाइट ऑफ कर दिया कुछ ही देर में उस कमरे में प्रिशा की सिसकियों की आवाज गूंजने लगीं । । 
     
     
    अगली सुबह...........
     
     
    what लेकिन कल तो आस्था ने छुट्टी के बारे में कुछ नहीं बताया था । । कि उसे आज के लिए छुट्टी चाहिए थी । । पता करो कोई प्रॉब्लम तो नहीं है ना उसे आर्थिक जी परेशान होकर । । अपने सामने खड़े अपने सामने खड़े अपने सबसे खास आदमी विराट से बोले । ।
     



     
    विराट : जी बॉस इतना बोल कर विराट उनकी केबिन से निकल कर बाहर चला गया । । उसके जाने के बाद आर्थिक जी अपने मन ही मन कुछ सोचते हुए बोले । ।



     
    आर्थिक जी  : मैं जो सोच रहा हूँ ऐसा कुछ ना ही हो तो बेहतर होगा सबके लिए । । मैं अभी तुम्हें सबके सामने नहीं आने दूँगा । । लेकिन तुम्हारे साथ कुछ गलत भी नहीं होने दूँगा । । हर चीज का एक सही समय होता है और तुम्हारा उसके सामने आने का अभी सही समय नहीं आया है । । लेकिन अगर मुझे बीच में ही ऐसा महसूस हुआ । । कि तुम्हें उसके सामने लाना जरूरी है तो मै तुम्हें ले आऊंगा उसके सामने । । लेकिन जब तक मैं नहीं चाहता तब तक तुम तक कोई पहुँच ही नहीं सकता है वो मन ही मन ये सब बड़बड़ाते हुये बोले । । 
     
     
     
    वहीं दूसरी ओर (सिटी हॉस्पिटल)


     
    देखिए मिस आस्था आपकी बहन की सारी रिपोर्ट देखने के बाद ये यकीन हो गया है । । कि ये ठीक हो सकती है लेकिन उसके लिए हमे उसका एक छोटा सा ऑपरेशन करना होगा । । डॉक्टर अपने सामने बैठी हुई आस्था को देखते हुए बोली । । ऑपरेशन का नाम सुन कर आस्था परेशान हो गई । । उसे पाखी के लिए डर लगने लगा कि कहीं उसे कुछ हो ना जाए । । आस्था हिचकिचाते हुए डॉक्टर के सामने अपनी बातें रखते हुए बोली । ।
     


     
    आस्था  : डॉक्टर ऑपरेशन से उसे कहीं कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना उसे कुछ होगा तो नहीं ना । ।


     
    डॉक्टर  :  मिस आस्था मैं आपकी बातों को समझ रही हूं आस्था देखो घबराने वाली कोई बात नहीं है । । इस ऑपरेशन में पेशेंट को  कोई भी हार्म नहीं होगा  हां लेकिन । । इतना बोल कर डॉक्टर चुप हो गई उसे चुप होता देख आस्था अपनी घबराहट भरी आवाज में उससे बोली । ।
     


    आस्था  : लेकिन क्या डॉक्टर ।
     
    डॉक्टर : देखो आस्था जैसा कि मैं कह रही हूं कि घबराने वाली कोई बात नहीं है लेकिन पेशेंट की याददाश्त के जाने का डर ज्यादा है । । हो सकता है पेशेंट की याददाश्त परमानेंट के लिए चली जाए । । या फिर कुछ समय के लिए या फिर बस कुछ टाइम की ही मेमोरी लॉस हो । । इसके बारे में तो ऑपरेशन के पहले कुछ भी कहां नहीं जा सकता है । डॉक्टर एक गहरी सांस लेते हुए आस्था से बोली उसकी बात सुन कर आस्था का दिल धक से रह गया । । फिर खुद को मजबूत दिखाते हुए वो डाक्टर के सामने अपनी बात रखते हुए बोली । ।
     


     
    आस्था  :  डॉक्टर  इस  ऑपरेशन  में  खर्चा  कितना आएगा । ।


     
    डॉक्टर : 13 लाख आपको ऑपरेशन के पहले ही जमा करना होगा । । डॉक्टर की बात सुन कर आस्था को जरा भी झटका नहीं लगा । । क्योंकि उसे इस बात का या इससे कहीं ज्यादा का अनुमान पहले से ही था । ।
     


     
    आस्था : डॉक्टर अभी तो मेरे पास इतने पैसे नहीं है हां लेकिन कुछ महीना तो लग ही जाएंगे मुझे पैसे अरेंज करने में । । तो क्या अगर मैं पाखी का ये ऑपरेशन 6 महीने बाद करवाऊं तो क्या उसे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना । । आस्था अपनी हिचकिचाहट भरी आवाज में डॉक्टर से बोली । ।
     


     
    डॉक्टर  :  देखो  आस्था  मैं  तुम्हारी  बात  को  समझ रही हूं । । लेकिन 6 महीने बहुत ज्यादा है और अब देर करना पेशेंट की जान के साथ खेलना ही होगा । । इस लिए मैं तो यही कहूंगी जितनी जल्द हो सके उसका ऑपरेशन करवा दो । । वरना फिर कुछ कहा नहीं जा सकता है । । क्योंकि धीरे - धीरे कर के पेशेंट का दिमाग बैठ रहा है । ।


     
     
    आस्था  : जी डॉक्टर आस्था अपनी मरी हुई आवाज में बोली । । आस्था अंदर ही अंदर बहुत डर गई थी पाखी की हालत को जान कर के । ।



     
     
    डॉक्टर : शाम तक ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट आ जाएगी अपना फोन नंबर दे दो । । मैं रिपोर्ट सेंड कर दूंगी और रिपोर्ट में क्या है ये भी क्लियर कर दूंगी मैं । । डॉक्टर की बात सुन कर आस्था ने अपना सिर हाँ में हिलायी और फिर अपनी जगह से उठ गई । । फिर पाखी को लेकर घर के लिए निकल गए । ।
     
     
     
     
    आर्थिक जी किसे छुपाने की कोशिश कर रहे हैं  किसे वो सामने नहीं आने देना चाहते है । । वो किस समय का इंतजार का रहे है । । आखिर क्या चल रहा है आर्थिक जी के मन में । । और कौन है वो लड़की जिसे आर्थिक जी ने शिवाय के लिए क्या आप सभी को कुछ अंदाजा है । । तो please कमेन्ट करके बताईये और हा guys like करना ना भूले । ।
     
     
     धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 6. Masum ishq - Chapter 6

    Words: 2229

    Estimated Reading Time: 14 min

     
    अब तक.................



    आस्था : डॉक्टर अभी तो मेरे पास इतने पैसे नहीं है हां लेकिन कुछ महीना तो लग ही जाएंगे मुझे पैसे अरेंज करने में । । तो क्या अगर मैं पाखी का ये ऑपरेशन 6 महीने बाद करवाऊं तो क्या उसे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना । । आस्था अपनी हिचकिचाहट भरी आवाज में डॉक्टर से बोली । ।

    डॉक्टर  :  देखो  आस्था  मैं  तुम्हारी  बात  को  समझ रही हूं । । लेकिन 6 महीने बहुत ज्यादा है और अब देर करना पेशेंट की जान के साथ खेलना ही होगा । । इस लिए मैं तो यही कहूंगी जितनी जल्द हो सके उसका ऑपरेशन करवा दो । । वरना फिर कुछ कहा नहीं जा सकता है । । क्योंकि धीरे - धीरे कर के पेशेंट का दिमाग बैठ रहा है । ।

    आस्था  : जी डॉक्टर आस्था अपनी मरी हुई आवाज में बोली । । आस्था अंदर ही अंदर बहुत डर गई थी पाखी की हालत को जान कर के । ।

    डॉक्टर : शाम तक ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट आ जाएगी अपना फोन नंबर दे दो । । मैं रिपोर्ट सेंड कर दूंगी और रिपोर्ट में क्या है ये भी क्लियर कर दूंगी मैं । । डॉक्टर की बात सुन कर आस्था ने अपना सिर हाँ में हिलायी और फिर अपनी जगह से उठ गई । । फिर पाखी को लेकर घर के लिए निकल गए । ।
     



     अब आगे................
     

     आर्थिक जी का केबिन 

     
    आर्थिक जी : विराट क्या पता चला आस्था के बारे में कहां है वो और वो ठीक तो है ना । ।
     


    विराट : बॉस आस्था मैम अपनी बहन को लेकर हॉस्पिटल गई थी । । डॉक्टर ने  उनकी बहन के ऑपरेशन के लिए 13 लाख जमा करने को कहा है । । और साथ ही जल्द से जल्द ये ऑपरेशन के लिए कहा है क्योंकि उसकी जान को खतरा है । । आस्था मैम ने 6 महीने की मोहलत मांगी डॉक्टर से लेकिन डॉक्टर ने ज्यादा लेट करना रिस्क कहा है । । साथ ही आज की रिपोर्ट शाम तक देने को बोली है वो डॉक्टर । । इतना बोल कर विराट चुप हो गया । । 
     



     
    आर्थिक जी : ग्रेट ये new बहुत बेस्ट दी है तुमने तुमने तो मेरी प्रॉब्लम को ही हल कर दिया है विराट । । तुम उस डॉक्टर से कॉन्टैक्ट करो और उससे कहो कि वो 13 लाख की जगह 23 लाख की बात कहे आस्था से और जल्द से जल्द ऑपरेशन के लिए कहे वो आस्था से । । आर्थिक जी कुछ सोच कर विराट से बोले । । उनकी बात सुनकर विराट को कुछ समझ नहीं आया कि वो आस्था के साथ ऐसा क्यूँ कर रहे है । । इस बात पर ज्यादा ना ध्यान देते हुए विराट अपने ख्यालों को झटकते हुए आर्थिक जी से बोला । ।
     


     
    विराट : okay boss इतना बोल कर विराट आर्थिक जी की केबिन से निकल कर चला गया । ।
     



     
    वहीं दूसरी ओर पार्थ के केबिन में उसका असिस्टेंट राज सिर झुकाए खड़ा था और पार्थ की डांट सुन रहा था । । 
     


    पार्थ  : अखिर कब तक कब तक तुम उसका पता दोगे मुझे एक काम नहीं हो पा रहा है तुमसे । । क्या उसे धरती निगल गई या आसमान खा गया । । एक लड़की का पता नहीं लगा पाया रहे हों तुम सबके सब । । 




     
    राज  : sorry boss मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि हो क्या रहा है । । जहां तक मुझे लग रहा है कि कोई तो है जो लेडी boss की एक एक जानकारी को हम तक पहुंचने से रोक रहा है । । ऐसा लग रहा है जैसे कोई है जो ये नहीं चाहता है कि लेडी boss आप तक पहुचे । । वो आपको मिले राज सीरियस होकर अपनी बातों को पार्थ के सामने रखते हुए बोला । । उसकी बातें सुन कर पार्थ भी सोच में पड़ गया कि किसी तीसरे को पाखी या उसके बारे में भनक कैसे लगीं । । जो वो ऐसा करने की कोशिश कर रहा है । । या जाही खुद पाखी ही तो ऐसा नहीं कर रही है  कि पार्थ उस तक पहुंचे । । और अगर ये सच निकला तो पाखी को इसकी pannisment जरूर मिलेगी पार्थ मन ही मन बोला । ।
     
     


    एक सुनसान सड़क पर एक लड़की बेसुध सी चली जा रही थी लगातार उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे । । जिसे वो बीच बीच में बड़ी ही बेदर्दी से अपने उल्टे हाथों से साफ कर रही थी । । वो अभी कुछ ही कदम चली थी कि उसके सामने एक बड़ी सी काले रंग की गाड़ी आकर रुकी । । जिसे देख कर वो भी वहीं उसकी जगह पर ही ठहर गई । । तभी गाड़ी का गेट खुला और फिर उसमें से एक लंबा चौड़ा आदमी सूट बूट पहने उस गाड़ी से बाहर निकला । । जिसे देखते ही उस लड़की के आँखों से आंसुओ की धारा और तेज हो गई । । और रोते हुए वो भाग कर वो एक झटके में उस आदमी के सीने से जा लगीं । । उस आदमी ने भी उसे अपने सीने से लगाते हुए प्यार से उसके बालों को सहलाते हुये चुप कराते हुए बोला । ।



     
     
    आदमी  : आस्था बेटा क्या हो गया आप बताओ मुझे ऐसे रोते नहीं है बेटे बताओ मुझे । । आप अपने आर्थिक uncle को नहीं बताओगी क्या हुआ है । । आर्थिक जी प्यार से बोले ( ये आर्थिक जी हो थे और वो लड़की कोई और नहीं आस्था थी । । आर्थिक जी ने ही आस्था को ऑफिस के बाहर या फिर अकेले में uncle बोलने को कहा था । । बस ऑफिस में दोनों का रिश्ता सभी के सामने बस बॉस और एम्पलोय का ही रिश्ता था । ।)
     





    आस्था  : uncle सब खत्म हो गया अब क्या होगा मेरी बहन का । । क्या क्या सोचा था मैंने उसके लिए और ये क्या हो गया । । आस्था बेहिसाब रोते हुए बेख्याली में ही आर्थिक जी से बोलने लगी । । उसकी बातें सुन कर ना जाने क्यूँ उनके मन में एक अनजाना सा डर बैठ गया । । फिर भी खुद को तसल्ली देते हुए आर्थिक जी प्यार उसके बालों को सहलाते हुये बोले । ।
     
     




    आर्थिक जी  :  आस्था  बेटे पहले तो आप रोना बंद करो और  मुझे  बातों  की  क्या  हो  गया  है । । साफ  साफ बताओ  मुझे  क्या खत्म हो गया । । क्यूं  रो  रही  हो  आप  क्या  हुआ  है  आपकी  बहन  को । । आर्थिक जी की बात सुन कर अचानक ही आस्था के face पर घबराहट आ गई । । और वो उनसे दूर होकर अपना face दूसरी ओर करते हुए अपनी हकलाहट भरी आवाज में आर्थिक जी से बोली । ।
     



    आस्था  : कु कुछ नहीं uncle मेरी बा त बहन तो  बिल्कुल ठी क है उसे क्या हो गा । ।



     
    आर्थिक जी  : आस्था क्या मुझे आप बेवकूफ समझ रही है । । आप सच सच बताए क्या हुआ है या फिर मैं आपने हिसाब से पता लगाऊँ । । और ये आप अब तक अच्छे सेे जान गई होंगी । । कि मुझे किसी के बारे में पता करने के लिए बस 10 मिनट ही काफी है । । सो अगर आप खुद ही बता देंगी तो ये आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा । । आर्थिक जी बहुत ही गुस्से में बोले उन्हें आस्था की आवाज से ही पता चल गया था । । कि वो उनसे कुछ बहुत बड़ा छुपाने की कोशिश कर रही है । । आस्था अपनी ही बातों और आसुओं में फंस चुकी थी इसलिए उसने सब कुछ बताने फैसला किया और शुरू से सब उन्हें बताने लगीं । । पाखी के accident से लेकर उसके गायब होने तक फिर उससे लेकर आश्रम छोड़ कर एक नए घर में जाने से लेकर उनके ऑफिस को जॉइन । । करने के बाद और पाखी के बीमार होने पर डॉक्टर को दिखाने और डॉक्टर की पैसों की डिमांड तक ही बता कर वो चुप हो गई । । आगे भी आस्था कुछ बताना चाह रही थी कि यदि बातें उसके मुँह में ही रह जा रही थी । । 
     



     
    आर्थिक जी ‐ आस्था क्या यही बात है कुछ ऐसा भी है जो आप हमसे छुपाने की कोशिश कर रही हो । । बेटे देखों आप हमारी बेटी के जैसी हो बेटी के जैसी क्या मैंने तो आपको आपनी बेटी ही माना है । । मैं बहुत लकी हूँ बेटा जो आप जैसी होनहार समझदार संस्कारी लड़की को  अपनी  बेटी  के  रूप  में  पाया  है । । लेकिन  मैं  तो खुद  को  और  ज्यादा  लकी  समझता  जब  आप  मेरा अंश  होती । । आर्थिक  जी  उसे  दुबारा  अपने  सीने  से लगाते  प्यार  से   समझाते  हुए  बोले । । उनके  इतने  प्यार  और  अपनेपन  की  बातें  सुन कर  आस्था  जोर  जोर  से  रोने  लगीं । । आर्थिक  जी  ने  भी उसे रोने दिया  जी  भर कर  रो लेने  के  बाद  तकरीबन  आधे  घंटे  के  बाद । । आस्था  आर्थिक  जी  से दूर  हुई  और सिसकियाँ  लेते  हुए  आगे  बोली । ।
     
     



     
    आस्था  : uncle अ भी थो ड़ी देर पह ले डॉक्टर का कॉल आ या था । । उसने कहा कि मुझे ऑपरेशन के लिए 23 लाख रुपये जल्द से जल्द जमा करने होंगे । । ताकि पाखी का ऑपरेशन जल्द से जल्द हो पाए वारना हम उसे खो देंगे । । उसकी बातें सुनकर आर्थिक के भव ही बदल गए । । वो मन ही मन सोचने लगे कि क्या यही वहां होगी आस्था के आंसुओ की । । अपने मन में आये हुए विचारों को बीच में ही रोकते हुए आस्था से बोले । ।
     




     
    आर्थिक जी  : बस इतनी सी बात के लिए आप यूँ इस तरह से आँसू बहा रही है । । क्या ये बात आप हमसे नहीं बता सकती थी । । इतना तो जान ही गया मैं आपको की आप बहुत खुद्दार लड़की है । । लेकिन क्या आप हमसे कहना जरूरी नहीं समझती है आस्था । । आस्था बेटे आप कुछ कहे या ना कहे लेकिन उससे पहले मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं । । जिसके लिए मैं यहां आज इस वक़्त तुम्हारे सामने खड़ा हूं । ।
     




     
    आस्था  :  uncle  क्या  बात करनी है आपको मुझसे आस्था चुप होकर बोली । । हालाकि अभी भी उसकी सिसक ने की आवाज आ रहीं थीं । ।
     
     



    आर्थिक जी  :  आस्था  मैं  आपसे  कुछ  माँगना  चाहता  हूं । । और आपसे मै  यही म्मीद  करूंगा  कि  आप मुझे निराश नहीं करेंगी । । बहुत  उम्मीद  लेकर आया  हूं  मैं  आपके  पास  बच्चा । । आर्थिक  जी आस्था  को  अपनी  उम्मीद  भरी  नजरो  से  देखते  हुए बोले । । उनकी  बातें  सुन कर  आस्था  उन्हें अपनी असमंजस भरी नजरो से उन्हें देखते हुए बोली । ।
     
     



    आस्था  : uncle मैं आपको क्या दे सकती हूँ मेरे पास आपको देने के लिए क्या होगा । । जो आप मांग रहे हों  मुझसे आप मेरा मजाक बना रहे हों ना । । आस्था नजरे झुकाते हुये बोली उसका रोना भले ही बंद हो गया था लेकिन आंखे अभी भी पूरी भरी हुई थी । ।
     




     
    आर्थिक जी  : नहीं नहीं बच्चा मैं आपका मज़ाक क्यूँ बनाऊँगा मैं सच में आपसे कुछ चाहता हूं । । उससे पहले तुम मुझसे प्रॉमिस करो की मैं आपसे जो भी मांगूंगा वो आप मुझे जरूर देंगी । । आर्थिक जी उसे अपनी बातों का विश्वास दिलाते हुए बोले । । 
     




    आस्था  : क्या चाहिए आपको uncle मैं प्रॉमिस करती हूँ । । अगर वो चीज मेरे पास होगा तो मैं आपको जरूर दूंगी आपनी बहनो की कसम खाकर मैं आपसे कहती हूँ । । मैं तो बस एक जॉब की तलाश में आपके पास आई थी । । ताकि आपकी बहनो को एक बेहत लाइफ दे पाऊँ मैं । । लेकिन आपने तो मुझे जॉब के साथ साथ एक पिता भी दे दिया । । मेरे साथ साथ पाखी और मिष्टी को भी आपने प्यार दिया । । आपको देख कर उनके चेहरे पर जो मुस्कान आती है । । उन्हें जो खुशी मिलती है वो मैं उन्हें कभी नहीं दे पाई थी । । आपको पता है आज सुबह पाखी मेरे साथ हॉस्पिटल जाने के लिए इस शर्त पर तैयार हुई थी कि मैं उसे डैडी से मिलवांगी । । मैं अपनी बहनो की खुशी के लिए कुछ भी कर सकती हूँ । । तो आप भरोसा रखिए अगर मेरे बस में हुआ तो मुझे वो चीज आपको देने के लिए एक पल का भी समय नहीं लगेगा सोचने के लिए । । आस्था अपनी नम आँखों के साथ बोली उसकी बातें सुन कर आर्थिक जी के होंठों पर एक स्माईल आ गई । ।
     




    आर्थिक जी  : मैं अपने बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांगने आया हूं आपसे । । आस्था मैं चाहता हूं आप मेरे बड़े बेटे शिवाय सिंह राजपूत से शादी कर लो । । और हमारे इस बाप बेटी के रिश्ते को दुनिया की नजर में भी नाम मिल जाए । । आपके साथ साथ मिष्टी और पाखी को भी एक परिवार मिल जाएगा । । आस्था बच्चा आपसे अच्छा जीवन साथी मेरे बेटे को कोई मिल ही नहीं सकता है । । मैं अभी इसी वक़्त आपका जवाब जानना चाहता हूं । ।
     
     



    क्या होगा आस्था का जवाब क्या छुपा रहे है आर्थिक जी सबसे आगे क्या होगा । । जानने के लिए पढ़े Meri Masum mahbuba और अभी हमे अपना स्पोर्ट दे । ।
     

     
    धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 7. Masum ishq - Chapter 7

    Words: 2484

    Estimated Reading Time: 15 min

     
    अब तक................
     

    आर्थिक जी  : नहीं नहीं बच्चा मैं आपका मज़ाक क्यूँ बनाऊँगा मैं सच में आपसे कुछ चाहता हूं । । उससे पहले तुम मुझसे प्रॉमिस करो की मैं आपसे जो भी मांगूंगा वो आप मुझे जरूर देंगी । । आर्थिक जी उसे अपनी बातों का विश्वास दिलाते हुए बोले । । 
    आस्था  :  क्या  चाहिए  आपको  uncle  मैं  प्रॉमिस करती हूँ । । अगर  वो  चीज  मेरे  पास होगी  तो  मैं  वो आपको  जरूर  दूंगी । । आपनी  बहनो  की  कसम खाकर  मैं  आपसे  कहती  हूँ । । मैं  तो  बस  एक  जॉब की  तलाश  में  आपके  पास आई  थी । । ताकि आपकी बहनो  को  एक  बेहत  लाइफ  दे  पाऊँ  मैं । । लेकिन आपने  तो  मुझे  जॉब  के  साथ  साथ  एक  पिता  भी  दे दिया । । मेरे  साथ  साथ  पाखी  और  मिष्टी  को  भी आपने  प्यार  दिया । । आपको  देख  कर  उनके  चेहरे पर  जो  मुस्कान  आती  है । । उन्हें  जो  खुशी  मिलती है वो  मैं  उन्हें  कभी  नहीं  दे  पाई  थी । । आपको पता है आज सुबह पाखी मेरे साथ हॉस्पिटल जाने के लिए इस शर्त पर तैयार हुई थी  कि  मैं  उसे डैडी से मिलवांगी । । मैं  अपनी  बहनो  की  खुशी  के  लिए  कुछ  भी  कर सकती  हूँ । । तो आप भरोसा रखिए अगर मेरे बस में हुआ तो मुझे वो चीज आपको देने के लिए एक पल का भी समय नहीं लगेगा सोचने के लिए । । आस्था अपनी नम आँखों के साथ बोली उसकी बातें सुन कर आर्थिक जी के होंठों पर एक स्माईल आ गई । ।


    आर्थिक जी  : मैं अपने बेटे के लिए तुम्हारा हाथ मांगने आया हूं आपसे । । आस्था मैं चाहता हूं आप मेरे बड़े बेटे शिवाय सिंह राजपूत से शादी कर लो । । और हमारे इस बाप बेटी के रिश्ते को दुनिया की नजर में भी नाम मिल जाए । । आपके साथ साथ मिष्टी और पाखी को भी एक परिवार मिल जाएगा । । आस्था बच्चा आपसे अच्छा जीवन साथी मेरे बेटे को कोई मिल ही नहीं सकता है । । मैं अभी इसी वक़्त आपका जवाब जानना चाहता हूं । ।
     
     



    अब आगे..............


     
    उनकी बातें सुन कर आस्था तो मानो सदमें में ही चली गई फिर जल्दी ही होश में आते हुए बोली । । 
    आस्था  :  uncle ये आप क्या कह रहे हो आप होश में तो हो मेरी तो औकात भी नहीं है ये सोचने की । । लोग क्या कहेंगे कि एक अनाथ लड़की को बिजनेस टायकून दा आर्थिक सिंह राजपूत ने अपनी बहुत बना ली । । लोगों का तो छोड़िए क्या आपका बेटा ये चाहेगा की उसकी लाइफ पार्टनर एक अनाथ बेबस और बेसहारा लड़की बने । । मैं मानती हूँ uncle ये आपका मेरे प्रति प्यार है आप मेरा अच्छा चाहते है । । लेकिन मैं आपकी बनी  बनाई  इज्जत  को  खराब  नहीं  होने  दूंगी  अपनी वज़ह  से । । आस्था  आर्थिक  जी  के  सामने  अपने हाथ  जोड़  कर  बोली । । उसकी  कही  एक  एक  बात से  आर्थिक  जी  को  अपने  फैसले  पर  बहुत  प्राउड फील  हो  रहा  था । । 
     




     
    आर्थिक जी  : आस्था मुझे किसी की नहीं पड़ी है लोग क्या कहेंगे मुझे उनसे कोई मतलब नहीं । । फिर कभी दोबारा  ये  खुद  को  बेसहारा  या  अनाथ  मत  कहना बच्चे । । और रही बात मेरे बेटे की तो उसकी हाँ है इस शादी के लिए । । इसके बावजूद भी अब आप अगर इस शादी से मना कर ना चाहती है । । तो क्या में इसका मत लब ये समझूँ की आपने अपनी बहनो की झूठी कसम खाई थी । । आर्थिक जी आस्था से ये बात छुपाते हुए बोले कि शिवाय ने किस तरह से हाँ कहा है । । बल्कि उसे तो आस्था के बारे में कुछ नहीं पता है ना ही नाम पता है । । उनकी बातें सुन कर आस्था परेशान हो गई उसे समझ ही नहीं आ रहा था । । कि वो क्या जवाब दे कुछ देर सोचने के बाद आस्था आर्थिक जी से बोली । ।
     



     
    आस्था  : ठीक है uncle मैं आपके बेटे से शादी करने के लिए तैयार हूं । । लेकिन इसी एक शर्त है आस्था उनके सामने मजबूर होते हुये बोली । ।
     


    आर्थिक जी  :  क्या शर्त है आपकी बच्चे ।


     
    आस्था  : शादी के बाद मेरी बहने मेरे साथ ही रहेंगी मैं उन्हें अकेले नहीं छोड़ सकती हूँ । । 
     



     
    आर्थिक जी  : ये भी कोई कहने की बात है ofcourse बच्चे वो दोनों भी हमारे साथ ही रहेंगी । ।और अब से वो तुम्हारी नहीं मेरी जिम्मेदारी है । । मिष्टी की पढ़ाई और पाखी का ऑपरेशन उसकी पढ़ाई फिर दोनों की शादी मैं करूंगा एक बाप बन कर । । आर्थिक जी आस्था के सिर पर हाथ रखते हुए प्यार से बोले । । वहीँ पाखी के ऑपरेशन की बात सुन कर आस्था की आंखे फिर से भीगने लगीं । । डॉक्टर की कहीं बातें याद आते ही आस्था अंदर ही अंदर टूटने लगीं । । उसे फिर से रोता देख कर आर्थिक जी परेशान हो गए । । उन्हें अब उसके आंसुओ का कारण समझ नहीं आया । । लेकिन उनके दिमाग में कुछ बातें खटकी और वो आस्था पर दबाव डालते हुए बोले । ।
     



     
    आर्थिक जी — आस्था बच्चा क्या बात है क्या मेरी कोई बात आपको बुरी लगीं अब क्यूं रो रही हो । । बच्चा अब आप सच सच बताए क्या बात हाँ मुझे ऐसा क्यूं लग रहा है । । जैसे आप मुझसे कुछ तो छुपा रही है क्या ये बात पाखी से जुड़ी हुई है । । आस्था आपको मेरी कसम सच सच बताए क्या बात है । ।
     



     
    आस्था  : uncle पाखी प्रेगनेंट है वो माँ बनने वालीं है आस्था आर्थिक जी की बातों को बीच में ही काटते हुए जोर से बोली । । फिर अपना face छुपा कर सिसकने लगी । । वहीँ उसकी बातें सुन कर आर्थिक जी मानो सदमें में चले गए उन्हें तो समझ ही नहीं आया कि वो कैसे रिएक्ट करे । । ( उन्हें चुप देख खुद को सम्भाल कर आस्था आगे बोली । ।) आस्था — uncle डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन के लिए उसके बेबी को अबॉर्शन करना होगा । । और अगर ऐसा नहीं होगा तो रिस्क लेकर उसका ऑपरेशन 9 महीने तक रोकना होगा । । पाखी की age अभी 18 साल है उसकी प्रेग्नेंसी में भी इतने कॉम्प्लिकेशन है । । कि अबॉर्शन के बाद उसका दुबारा माँ बनाना मुस्किल है । । मुझे तो ये भी नहीं पता उस बच्चे का बाप कौन है आस्था खुद को रोने से रोकने की कोशिश करते हुए बोली । । 
     




     
    आर्थिक जी  :  बच्चे  चलो  मैं  आपको  घर  छोड़  देता हूं  आप  परेशान  मत  हो  मैं  कुछ  करता  हूं । । कुछ  नहीं  होगा  पाखी  को  और  ना  ही  मैं  उसके  बच्चे  को  कुछ  होने  दूँगा । । लास्ट  लाइन  आर्थिक जी  बहुत  ही ज्यादा  इमोशनल  होकर  बोले । । आस्था उनकी बात सुन कर एक आश भरी नजरो से उन्हें देखते हुए उनके सामने अपने हाथ जोड़ ली । । जैसे उसे आर्थिक जी की हर बात पर एक उम्मीद जग रही हो कि आर्थिक जी अब उसकी बहन को कुछ नहीं होने देंगे । । आर्थिक जी ने उसे सांत्वना देतें हुए अपनी पलके झपका दी । । वो कुछ बोलने की हालत में नहीं थे आस्था को लेकर उसे उसके घर छोड़ने के लिए निकल गए । । थोड़ी देर बाद उनकी गाड़ी आस्था के घर के बाहर आ गई । ।दोनों ही गाड़ी से बाहर निकले और आगे बढ़ कर दरवाजे के पास गए । । आस्था ने डोर बेल प्रेस की कुछ ही समय में दरवाजा खुला मिष्टी ने अंदर से दरवाजा खोला था । । आस्था के साथ में अर्थिक जी को देख कर । । उसके face पर एक बड़ी सी मुस्कराहट आ गई और वो खुशी से चहकते हुए बोली । । 
     



     
    मिष्टी  : uncle o my god इसका मतलब दी ने सच मुच का प्रॉमिस किया था । । पाखी से की वी uncle को ले आयेंगी । । इतना बोल कर मिष्टी ने झुक कर आर्थिक जी के पैर छु लिए । । जिसे देख आर्थिक जी ने भी उसके सिर पर प्यार से अपने हाथ फेर दिए । । लेकिन कुछ कहा नहीं वो बस पाखी को देखना चाहते थे । । ना जाने क्या चल रहा था उनके मन में ये उनके अलावा कोई समझ नहीं पा रहा था । ।




     
     
    आस्था : मिष्टी अब uncle को अंदर भी आने दोगी या सारी बातें यही कर लोगी । ।
     




    मिष्टी  : ohh sorry sorry uncle अंदर आइए ना इतना बोल कर मिष्टी गेट से हट गई । । पाखी जो हॉल में ही अपना छोटा सा टेडी बेयर लेकर अपना मुंह फुलाये बैठी थी । । दरवाजे से अंदर आते हुए आर्थिक को को देखते ही वो खुशी से उछाल पड़ी । । लग भग दौड़ते हुए उनके पास जाने लगी उसे यूँ भाग कर आते हुए देख कर आर्थिक जी और आस्था दोनों ही डर गई । । आर्थिक जी ने तुरन्त ही आगे बढ़ कर उसके पास आ गए । ।
     



     
    आर्थिक जी : बच्चा ऐसे दौड़ते नहीं है अभी आपको कहीं चोट लग जाती तो । । प्यार से उसे अपने सीने से लगाते हुए बोले । ।
     



     
    पाखी : डैडी i miss u पाखी आपका कबसे wait कर रही थी । । आप पाखी से मिलने क्यूं नहीं आए आपके बिना पाखी को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है पाखी आपसे ग़ुस्सा है । । पाखी उनसे दूर होकर अपना face दूसरी तरफ घुमा कर अपने होठों का पाउट बनाते हुए बोली । । उसकी ऐसी हरकतों को देख कर ना चाहते हुये भी तीनों के चेहरों पर स्माइल आ गई । ।
     



     
    आर्थिक जी  : अच्छा तो मेरी छोटी सी नटखट सी प्रिंसेस आपने डैडी से ग़ुस्सा है । । तो फिर डैडी ऐसा क्या करे जो उनकी प्रिंसेस मान जाए आर्थिक जी उसे मनाते हुए बोले । । 
     



     
    पाखी  : अगर डैडी अपनी प्रिंसेस के पास रहें वो  पाखी को छोड़ कर ना जाए । । तो फिर डैडी की प्रिंसेस मान जायेगी पाखी भी उन्हीं के अंदाज में बोली । ।
     



     
    आर्थिक जी  : ह्म्म्म्म तो ये बात है पर डैडी के पास तो इससे भी अच्छा आइडिया है । । अपनी प्रिंसेस के लिए आप चलो डैडी के साथ । ।
     




    पाखी  : डैडी पाखी को कहा ले जाएंगे पाखी सवालिया नजरो से उन्हें देखते हुए बोली । ।




     
    आर्थिक जी  : अपने घर जहाँ पर आपकी मम्मा भी है आप चलोगी ना उनसे मिलने उनके पास आर्थिक जी उसे अपनी बातों से बहलाने की कोशिश करते हुए बोले । । उनकी  बात  सुन  कर  जहाँ  पाखी  और  मिष्टी  खुश  हो  गई । । वहीँ  आस्था  तो  आर्थिक  जी  को  अपनी सवालिया नजरों से देखने लगी । । उसे इस बारे में तो आर्थिक जी ने कुछ  बताया ही नहीं था । । कि वो आज ही उन्हें अपने घर ले जाना चाहते । । आर्थिक जी आस्था की नजरो में उठ रहे सवालों को पढ़ कर अपनी पलके झपकाते हुए शांत रहने को कहा । । 
     



     
    पाखी  : सच्ची डैडी आप पाखी को मम्मा से मिलवाओगे पाखी के पास मम्मा भी है ए ए ऐ ऐ पाखी खुशी से चहकते हुए बोली । ।
     




     
    आर्थिक जी  : मिष्टी आस्था जाओ बच्चे जो जरूरी सामान हो उन्हें ले लो बाकी मैं सब दिला दूँगा । । आर्थिक जी की बात सुन कर मिष्टी आस्था को देखने लगीं । । तो आस्था ने हाँ में अपना सिर हिलाया तो मिष्टी खुशी खुशी अपने कमरे में चली गई अपना समान पैक करने । । थोड़ी देर बाद तीनों बहने आर्थिक जी के साथ उनकी कार में बैठी थी । । और उनकी गाड़ी सड़कों पर दौड़ रही थी । । तकरीबन 2 घंटे के बाद आर्थिक जी की गाड़ी राजपूत पैलेस के सामने आकर रुकी । । उनकी गाड़ी को देख कर वॉचमैन ने पैलेस के बड़े से गेट को खोल दिया । । जिससे उनकी गाड़ी पैलेस के अंदर आ गई ड्राईवर ने गाड़ी से बाहर निकल कर जल्दी से जाकर बैक शीट का door open किया । । और फिर दूसरी साइड जाकर दूसरा door भी open किया । ।
     


     
    आर्थिक जी के साथ साथ आस्था मिष्टी और पाखी भी बाहर निकली । । पैलेस की खूबसूरती को देख कर मिष्टी और पाखी दोनों ही उसमें कहीं खो सी गई थी । । लेकिन वहीं आस्था तो ना जाने कौन सी दुनिया में खोई थी । । तभी पाखी की नजर वहां पर बने बड़े से फाउन्टेन की तरफ गई । । जिसे देख कर पाखी उसकी तरफ भागी बस फिर क्या था । । आर्थिक जी और आस्था भी जल्दी से उसके पीछे गए ताकि वो गिर ना जाए और उसे चोट ना लग जाए । । 



     
     
    आस्था  :  पाखी ये क्या हरकत है अब अगर तू जरा भी मुझसे दूर हुई और कोई भी शैतानी की तो देख लेना मैं तुमसे कोई बात नहीं करूंगी । । आस्था हल्के गुस्से से उस  पर  चिल्लाते  हुए  बोली । । उसकी डांट सुन कर पाखी  की  आंखो  में  बड़े  बड़े  आँसूओ  की  बूंदे  जमा होने लगीं । । जो  किसी  भी  पल  लुढ़क  कर  गालों  पर  आ  सकती  थीं । ।
     




     
    आर्थिक जी  : प्रिंसेस चलो मम्मा से नहीं मिलना क्या बच्चा चलो चलो जल्दी से अंदर चलो । ।आर्थिक जी पाखी का ध्यान भटकाने के लिए बोले । । ताकि वो रोने ना लगे । । और  काफी  हद  तक  वो  उसमें  कामयाब भी  हो  गये । ।
     




     
     पाखी : हा हा पाखी को मम्मा से मिलना है चलो चलो पाखी को मम्मा के पास ले चलो । । पाखी को भी तो देखना है डैडी की मम्मा कैसी होती है । । पाखी की ऐसी बातें सुन कर मिष्टी और आस्था एक साथ साथ आर्थिक जी भी इमोशनल हो गए थे । । आर्थिक जी तीनों को लिये पैलेस के अंदर की ओर बढ़ गए पैलेस के बाहर खड़े सभी गार्ड और सर्वेंट आर्थिक जी के साथ ल़डकियों को देख कर अचंभे में पड़ गए । । आर्थिक जी सभी को ignore करते हुए अंदर जाने लगे अभी वो दरवाजे से एक कदम भी अंदर बढ़ा पाते कि उससे पहले ही अंदर से प्रिशा जी की आवाज सुनाई दी । ।
     



     
    प्रिशा जी  : वहीँ रुक जाइए एक कदम भी अंदर आने की कोशिश मत करियेगा आर्थिक जी । । उनकी बात सुन कर  आर्थिक जी चौंक गए  वहीँ  तीनों  बहने  डर  गई । । पाखी ने तो आर्थिक जी की शर्ट को कस कर अपनी मुट्ठी में कस ली । । उनके पीछे होकर वहीँ मिष्टी ने तो कस कर आस्था के हाथ को पकड़ लिया । । तीनों को  डरता  हुआ  देख  कर  आर्थिक  जी  प्रिशा  जी  से बोले । ।
     



     
    प्रिशा जी का उन्हें देख कर क्या रिएक्शन होगा क्यों उन्होंने सभी के अंदर आने से रोक दिया । । आगे जानने के लिए पढ़े Meri Masum mahbuba
     
     धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     

  • 8. Masum ishq - Chapter 8

    Words: 2677

    Estimated Reading Time: 17 min

     
    अब तक................
     

    पाखी : हा हा पाखी को मम्मा से मिलना है चलो चलो पाखी को मम्मा के पास ले चलो । । पाखी को भी तो देखना है डैडी की मम्मा कैसी होती है । । पाखी की ऐसी बातें सुन कर मिष्टी और आस्था एक साथ साथ आर्थिक जी भी इमोशनल हो गए थे । । आर्थिक जी तीनों को लिये पैलेस के अंदर की ओर बढ़ गए पैलेस के बाहर खड़े सभी गार्ड और सर्वेंट आर्थिक जी के साथ ल़डकियों को देख कर अचंभे में पड़ गए । । आर्थिक जी सभी को ignore करते हुए अंदर जाने लगे । । अभी वो दरवाजे से एक कदम भी अंदर बढ़ा पाते कि उससे पहले ही अंदर से प्रिशा जी की आवाज सुनाई दी । ।
     
    प्रिशा जी  : वहीँ रुक जाइए एक कदम भी अंदर आने की कोशिश मत करियेगा आर्थिक जी । । उनकी बात सुन कर  आर्थिक जी चौंक गए  वहीँ  तीनों  बहने  डर  गई । । पाखी ने तो आर्थिक जी की शर्ट को कस कर अपनी मुट्ठी में कस ली । । उनके पीछे होकर वहीँ मिष्टी ने तो कस कर आस्था के हाथ को पकड़ लिया । । तीनों को  डरता  हुआ  देख  कर  आर्थिक  जी  प्रिशा  जी  से बोले । ।





     
     अब आगे...............
     



     
    आर्थिक जी  : प्रिशा ये क्या है ऐसे रोक क्यूं रही हो बच्चियां डर रही है । । तुम तो ऐसे रियेक्टर कर रही हो जैसे तुम्हें मैने धोखा दिया है । । और तुम मुझे अंदर आने से रोक रही हो । ।



     
     
    प्रिशा जी : आर्थिक जी मैं इन्हें डरा नहीं रही हूँ बल्कि मेरी होने वालीं बहु पहली बार हमारे घर आई है । । तो ऐसे कैसे अंदर आने दूँ में बिना किसी रस्म के पहले इनकी आरती उतरने दीजिये फिर ये अंदर आयेंगी । । आप आइए मेरे पास फिर मिल कर अपनी बहु का स्वागत करते है । । प्रिशा जी की बात सुन कर आर्थिक जी ने सहमति से अपना सिर हिला दिया । ।
     





     
    आर्थिक जी  : प्रिंसेस मुझे जाने दो आपको मम्मा के पास । । ताकि डैडी और मम्मा दोनों ही आप तीनों का अच्छे सेे वेलकम कर पाए । । देखों डरों मत यही आपको मम्मा है । । आर्थिक जी पाखी को खुद दूर करते हुए बोले । । उनकी बात सुन कर पाखी धीरे से नजरे उठा कर प्रिशा जी की ओर देखी । । वहीँ अब जाकर प्रिशा जी को पाखी का का पूरा face नजर आया । । तीनों बहनो के देख कर प्रिशा जी के मन में एक ही विचार गूँज उठा । । की  कोई  इतना  मासूम   और  प्यार  भी  हो सकता  है  क्या । । आर्थिक जी और प्रिशा जी दोनों ने ही मिल कर उन तीनों बहनो का स्वागत किया । । तीनों ही अंदर आई । । पाखी चुपके चुपके प्रिशा जी को अपनी नजरे उठा कर देख लिया कर रही थी पर पास जाने से झिझक रही थी । । वहीँ मिष्टी तो हैरान थी कि प्रिशा जी ने आस्था को होने वालीं बहु क्यों कहा । ।
     
     




     
    मिष्टी  : हम तीनों तो इनसे पहली बार मिल रही है तो ये कैसे जनती है हमे । । और दी कि ओर देखते हुए इन्होंने अपनी उन्हें अपनी होने वालीं बहु क्यों कहा क्या कुछ ऐसा है जो दी ने और uncle ने मुझसे छुपाया है । । मिष्टी अपने मन ही मन खुद से ही बड़बड़ाते हुये बोल रही थी । । वैसे ये सवाल तो आस्था के मन में भी चल रहा था कि प्रिशा जी को कैसे पता कि आस्था उनकी होने वालीं बहु है । । क्या आर्थिक uncle ने इन्हें बताया होगा क्या ये सब पहले से ही फिक्स हो गया था । । बस वो ही इस बात से पूरी तरह से बेखबर थी । ।  फिर अपने मन मे आए हुए सवालों को झटका आगे बढ़ कर झुक कर आस्था ने प्रिशा जी के पैर छू लिए । । उसका देखी देखा मिस्टी ने भी झुक कर प्रिशा जी के पैर छुए । । तो फिर पाखी भी कहां पीछे रहने वाली थी । । उसने भी आगे बढ़ कर जिस तरह आस्था और  मिस्टी ने उनके पैर छुए थे । । ठीक  उसी  तरह  पाखी ने  भी  उनके  पैर  छु  लिया । । तीनों  बहनों  के संस्कार देख कर प्रिशा जी बहुत प्रभावित हुई उनसे । ।
     
     




     
    प्रिशा जी  :  आर्थिक जी मानना पड़ेगा आपकी पसंद को हमारे बेटे के लिया चांद का टुकड़ा ढूँढ़ा है आपने । । वैसे तो तीनों बच्चियां बड़ी प्यारी है । । अगर मेरा बस चले  तो  तीनो  को  ही  अपनी  बहु  बना  लुं । । वैसे मैं अभी भी आपसे नाराज हूँ अगर कल मैने फोर्स ना किया होता की शिवाय के लिए आपने किसे चुना है जरा उसकी फोटो ही दिखा दीजिये या उसके बारे में कुछ बता ही दीजिये तो आप तो सीधा शादी में ही मुझे मेरी बहु से मिलवाते आप है ना । । दरअसल आर्थिक जी ने कल रात ही प्रिशा जी को तीनों बहनो के बारे में बहुत कुछ बता दिया था । । साथ में तीनों बहनो की फोटो भी दिखाई थी जिसकी वज़ह से प्रिशा जी को तीनों बहनो को पहचानने में जरा सी भी देर नहीं लगी । ।
     
     
     



    आर्थिक जी : प्रिशा तुम्हे मैंने तीनों के लिए रूम रेडी करने के लिए कहा था । । क्या रूम रेडी हो गया है अगर हो गया हो तो इन्हें इनका कमरा दिखा दो । ।और किसी सर्वेंट से कहके इनका सामान उनके कमरे में सेट करवा दो । । मेरी एक बहुत जरूरी मीटिंग है मुझे उसके लिए निकलना होगा । । रात में बात होगी इतना बोल कर आर्थिक जी प्रिशा जी की बातों को इग्नोर करते हुए मेन गेट से बाहर की ओर चले गए । । वहीं तृषा जी को तो उनका ऐसा बिहेवियर कुछ समझ ही नहीं है । । लेकिन फिर उनपर ज्यादा ध्यान ना देते हुए प्रिशा जी ने आस्था की ओर देखा और बोली । ।




     
     
    प्रिशा जी  : आस्था आप मिष्टी और पाखी को लेकर मेरे साथ आओ । । आप काफी थकी हुई लग रही हो बच्चे चल कर पहले तीनों फ्रेश हो जाओ । । तब तक मैं कुछ खाने के लिए आपके कमरे में भिजवाती हूँ फिर शाम को अच्छे से बात करेंगे हम लोग okay । । 



     
    आस्था : जी आंटी आस्था बहुत धीरे से बोली । ।


     
    प्रिशा जी : मैं तो अब अपनी होने वालीं मदर - इन - लाॅ हूँ । । तो मुझे मोम या मम्मा कहने की आदत डाल लो ये आंटी नहीं चलेगा यहां । । प्रिशा जी बहुत cool होकर बोली जिसे देख आस्था और भी हाँ में अपना सिर हिला दिया । । इस बीच पाखी बस अपनी चोर नजरों से प्रिशा जी को देख रही थी पर उसने एक बार भी बोलने की हिम्मत नहीं जुटाई । । ये चीज प्रिशा जी भी नोटिस कर रही थी । । और मन ही मन उसकी ऐसी बचकानी हरकतों पर हंस रही थी । । उन्हें तो पाखी बहुत प्यारी लग रही थी । । अपने स्वभाव से अनुसार मिष्टी चुप होकर सब कुछ देख और समझने की कोशिश कर रही थी । ।



     
    प्रिशा जी के कहने पर तीनों ही उनके पीछे पीछे चल दी 14th फ्लोर पर राइट साइड का सेकेंड रुम तीनों बहनो का था । । कमरे का कलर लैवेंडर बैंगनी था कमरे के बीचो बीच एक बड़ा सा बेड था । । एक साइड में ड्रेसिंग टेबल जिसके थोड़ी दूर पर ही एक बड़ा सा सोफा उसके पास ही एक कॉफी टेबल रखा था । । उस कॉफी टेबल के दूसरी साइड एक बड़ा सा काउच था । । कमरे में ही एक साइड में ड्रेसिंग रुम बना था । । कमरा काफी लग्जरियस और ब्यूटीफुल था । ।




     
    सोफे पर एक बड़ा सा टेडी बेयर रखा हुआ था । । और भी बहुत सारे खिलौने उसे कमरे में थे जो शायद पाखी के लिए रखे गए हो । । तीनों बहने हैरान थी । । लेकिन उनकी हैरानी का कारण अलग - अलग था जहां पाखी इसलिए हैरान थी । । क्योंकि उसने आज से पहले इतना खूबसूरत सा दृश्य नहीं देखा था । । इतना खूबसूरत कैमरा तो उसने सपने में भी नहीं देखा होगा । । वो इस लिए  हैरान  थी  और  कमरे  की  खूबसूरती  में  खोई  हुई  थी । । वही आस्था और मिस्टी तो इस लिए हैरान थी कि इतनी जल्दी उनके लिए कमरा अरेंज भी करवा दिया आर्थिक जी ने । ।
     



     
    मिष्टी : क्या uncle पहले से ही जानते थे कि हम यहां आयेंगे । । क्या इतना खूबसूरती कमरा उन्होंने हमारे लिए रेडी करवाया है दी o my god मैंने तो कभी भी इतना खूबसूरत कमरा नहीं देखा था । । मिष्टी अपनी एक्साइटमेंट को दिखाते हुए आस्था से बोली । । 
     



     
    पाखी  :  Didu ये देखों ये टैडु तो कितना बड़ा है ये तो  मुझसे  और  मेरे  इस  छोटू  से  टैडु  से  भी  बहुत  बड़ा है  दीदू । । पाखी सोफे पर रखे हुए टेडी बेयर को को छुते हुए और अपने हाथ में पकड़े हुए । । अपने पुराने वाले छोटे से टेडी बेयर को दिखाते हुए आस्था से बोली । । ऐसे ही आज का पूरा दिन बीत गया पाखी और मिष्टी को खुश देख कर आस्था भी खुश थी । । लेकिन एक चीज उसके मन चल रही थी कि आगे क्या होगा क्या शादी करने का उसका फैसला ठीक है । । लेकिन फिर जब अपनी बहनो को खुश देख रही थी तो अपने मन की सारी बातों को झटक दे रही थी । । सिवाय इस बात के कि जिससे उसकी शादी होने वालीं है । । क्या वो उसे पूरे दिल से अपना पाएगा या बस आर्थिक uncle के दबाव में आकर उससे शादी करने को तैयार है । । और शादी के बाद वो बस उस पर बोझ बन कर रह जाएगी । । यही सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गई door नोक होने की आवाज से उसकी नींद टूटी । । उठीं तो देखा की अब दोपहर से रात हो गई थी रात के 10 : 30 हो रहे थे । । 
     



     
     
    वहीं दूसरी ओर डाइनिंग टेबल पर पार्थ और शिवाय बैठे अपना डिनर कर रहे थे । । प्रिशा जी किचन से बाहर निकल कर उन्हीं दोनों के पास आ रही थी उन्हें आता देख कर शिवाय उनसे बोला । ।




     
    शिवाय  :  Mom डैड कहा है वो दिखाई नहीं दे रहे है आज कल ना डैड का भी कुछ पता नहीं चल रहा है । । कब आते है कब जाते है । । इन्फेक्ट क्या क्या झटके दे देते है कुछ समझ ही नहीं आता । । ये लास्ट लाइन शिवाय ने उनके अचानक शादी वाले डिसीजन पर टोंट मारते हुए बोला था । ।
     




     
    प्रिशा जी : सब समझ रही हूँ बेटा मैं भी माँ ही हूँ आपकी । । ये जो आप अपने बाप को टोंट मार रहे हों ना सब समझ आ रहा है मुझे । । ऐसे ही बाल धूप में नहीं सफेद किए है मैंने ohh sorry sorry मेरे बाल कहा सफेद हुए है । । मैं तो अभी बहुत यंग हूँ और मेरे बाल तो काले ही है  प्रिशा  जी  अपनी  बात  को  सुधारते  हुए बोली । । प्रिशा  जी  की  बेतुकी  बातें  सुन  कर  शिवाय के  साथ  साथ  पार्थ  के  होंठों  पर  भी  एक  मुस्कराहट  आ गई । । जो  ना  जाने  कहा  और  कितने  दिनों  से खोई  हुई  थी । ।  
     



     
    शिवाय : मॉम ये डैड को क्या हो गया है आप उनसे कुछ बोल क्यूं नहीं रही है मुझे नहीं करनी है अभी शादी । ।मेरी  age  ही  क्या  है  जो  अभी। मेरी  शादी  करवा  रहे है वो । । दादू और दादी को भी क्या हो गया है  मुझे अभी अपने बिजनेस को आगे बढ़ाना है । । और भी बहुत सी चीजे है जो मुझे अचीव करनी है ऐसे में शादी no mom no शिवाय हल्के गुस्से में बोला । ।



     
     
    प्रिशा जी  : शिव (शिवाय का निक नेम) ये आपका लास्ट डिसीजन है । । आप ये शादी नहीं करना चाहते हो तो फिर में आपके डैड से ये बोल देती हूं कि शिव के साथ कोई जबर्दस्ती मत करिये । । शिव इस शादी के लिए बिल्कुल भी  रेडी  नहीं  है  प्रिशा  जी  उसे  घूर  कर  देखते 😠 हुए  बोली । । 
     
     



     
    शिवाय  : Mom this is not fair आप बहुत गलत कर रही है Mom मेरे साथ । । अभी कल तक तो आप कह  रही  थी  कि  अभी  आपको  मदर - इन - लाॅ  नहीं बनना है । । अब ये अचानक से आप डैड की साइड कैसे हो  गई  है  क्या  डैड  ने  आपको  धमकी  दी  है  कुछ किया है । । क्या उन्होंने आपके साथ शिवाय सीरियस होते  हुये  बोला । । 
     




     
    प्रिशा जी : पहली बात तो उनकी इतनी हिम्मत ही नही है जो वो मुझे कुछ करे या फिर धमकी दे । । ( प्रिशा जी लंबी लंबी फेंकते हुए बोली । । जिसे देख कर दोनों भाइयों  ने  अपना  सिर  ना  में  हिला  दिया । ।) और  दूसरी  बात  माना  कि  कल  तक  मैं  इस  शादी  के  खिलाफ  थी । । लेकिन आज नहीं हूँ और उसकी वजह है  तुम्हारी  होने  वालीं  वाइफ । । शिव उसकी जितनी तारीफ  करो  उतनी  कम  है  सुन्दर  सुरत  के  साथ  साथ उसका मन भी सुन्दर है । । शिव मैं आपके साथ कोई ज़बर्दस्ती नहीं करूंगी लेकिन आपके डैड का मैं कुछ नहीं कह सकती हूँ । । लेकिन इतना जरूर कहूँगी की इस बार उनके हर फैसले से बेस्ट है । । प्रिशा जी शिवाय के सामने आस्था की तारीफों के पूल बांधते हुए बोली । । 
     



     
    शिवाय : Mom इसका मतलब तो ये हुआ कि आप उस लड़की से मिल चुकी हो । । फिर जब वो आपको इतनी पसंद है तो फिर आगे क्या ही कहाना जो ठीक लगे वो करो । । पार्थ स्टडी रुम में आओ कुछ डिस्कस करना है तुझसे शिवाय डाइनिंग टेबल से उठते हुए बोला । ।



     
     
    पार्थ  : okay भाई Mom क्या आप बता सकती है कि डैड कहा है मुझे उनसे कुछ काम था । । 
     



     
    प्रिशा जी  : ohh हा बातों बातों में तो मैं ये बताना ही भूल गई । । तुम्हारे डैड इस वक़्त तुम्हारी होने वालीं भाभी के कमरे में है । । डिनर लेकर गए है अपनी बेटियों के लिए । । उनकी बातें सुन कर दोनों भाई को झटके लगे शिवाय के कदम अपनी जगह जम गए । । 




     
    पार्थ : Mom वो यहां क्या कर रही है और डैड क्यों डिनर लेकर गए है । । वो नीचे आकर हमारे साथ भी तो डिनर कर सकती थी । । पार्थ अपनी जेलेसी को छुपाते हुए बोला । । उसे जरा भी पसंद नहीं आया कि उसके डैड किसी और के लिए कुछ भी करे । ।
     




     
     प्रिशा जी : दादू का कॉल आया था वो दोनों कल ही आ रहे हैं । । क्योंकि पंडित जी ने इंगेजमेंट के लिए कल  का ही मुहूर्त निकाला है । । इस लिए आपके डैड आज ही अपनी बेटियों को ले आए । । वैसे भी वो तीनों बच्चियां अनाथ है हमारे सिवाय उनका इस दुनिया में और कोई नहीं है । ।
     




     
    पार्थ  : तीनों बेटियाँ से क्या मतलब है मोम आपका । ।भाई की शादी क्या डैड तीन ल़डकियों से करने वाले है पार्थ हैरान होते हुये बोला । । वहीँ उसकी बातें सुन कर शिवाय भी शॉक्ड हो गया प्रिशा जी जल्दी जल्दी ना में अपना सिर हिलाते हुये बोली । । 
     
     



    प्रिशा जी  : अरे नहीं नहीं ये क्या बोल रहे हों शिवाय की शादी एक ही लड़की से होगी । । इतना बोल कर प्रिशा जी ने कुछ कुछ बातें उनके बारे में उन्हें बता दी । । अब क्या बातें उन्होंने बतायी ये आप सभी को आगे पता चलेगा । ।
     


     
     
    अब दोनों भाइयों का क्या रिएक्शन होगा ये जानकर कि शिवाय की होने वालीं बीवी अनाथ है । । क्या ये जानने के बाद शिवाय अपना पाएगा आस्था को जानने के लिए पढे Meri Masum Mahbuba 

     
    धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 9. Masum ishq - Chapter 9

    Words: 2684

    Estimated Reading Time: 17 min

    अब तक.............



    पार्थ : Mom वो यहां क्या कर रही है और डैड क्यों डिनर लेकर गए है । । वो नीचे आकर हमारे साथ भी तो डिनर कर सकती थी । । पार्थ अपनी जेलेसी को छुपाते हुए बोला । । उसे जरा भी पसंद नहीं आया कि उसके डैड किसी और के लिए कुछ भी करे । ।

     प्रिशा जी : दादू का कॉल आया था वो दोनों कल ही आ रहे हैं । । क्योंकि पंडित जी ने इंगेजमेंट के लिए कल  का ही मुहूर्त निकाला है । । इस लिए आपके डैड आज ही अपनी बेटियों को ले आए । । वैसे भी वो तीनों बच्चियां अनाथ है हमारे सिवाय उनका इस दुनिया में और कोई नहीं है । ।

    पार्थ : तीनों बेटियाँ से क्या मत लब है मोम आपका । ।भाई की शादी क्या डैड तीन ल़डकियों से करने वाले है पार्थ हैरान होते हुये बोला । । वहीँ उसकी बातें सुन कर शिवाय भी शॉक्ड हो गया प्रिशा जी जल्दी जल्दी ना में अपना सिर हिलाते हुये बोली । । 

    प्रिशा जी  : अरे नहीं नहीं ये क्या बोल रहे हों शिवाय की शादी एक ही लड़की से होगी । । इतना बोल कर प्रिशा जी ने कुछ कुछ बातें उनके बारे में उन्हें बता दी । । अब क्या बातें उन्होंने बतायी ये आप सभी को आगे पता चलेगा । ।
     





     अब आगे....................
     
     

     
     पार्थ  : mom वो अनाथ है तो ये कोई अनाथ आश्रम नहीं है । । भाई कोई खिलौना नहीं है जो आप और डैड किसी के साथ भी उन्हें समझौता करने पर मजबूर कर दोगे । । अब तक चुप था मैं लेकिन अब नहीं रहूँगा अगर भाई को वो पसंद नहीं आई । तो उनके साथ साथ उनकी दोनों बहनो को भी बाहर का रास्ता दिखाऊंगा । । ये याद रखना आप मैं भाई नहीं हूँ जो चुप चाप सब कुछ मानता रहूँगा । । पार्थ सिंह राजपूत भले ही उम्र में छोटा है लेकिन बात जब मेरे भाई बहन की हो तो मैं किसी भी हद तक चला जाऊँगा । । इतना बोल कर पार्थ गुस्से से वहां से चला गया उसकी बातें सुन कर शिवाय इमोशनल हो गया । । फिर वो भी चुप चाप अपने कमरे में जाने के लिए आगे बढ़ गया । । क्योंकि अब उसका स्टडी रुम में जाने का कोई मन नहीं था । ।
     
     




     
    प्रिशा जी तो उसके गुस्से को देख कर दंग रह गई फिर ज्यादा ना सोचते हुए आस्था के कमरे की ओर जाने के लिए लिफ्ट की ओर बढ़ गई । । कुछ ही समय में वो उनके कमरे के सामने थी अंदर गई तो देखा कि मिष्टी सो गई थी । । आस्था सोफे पर बैठी आर्थिक जी के लेपटॉप में कुछ कर रही थी । । वहीँ आर्थिक जी बेड पर एक साइड बैठे हुए पाखी के सिर को अपनी गोद में रख कर उसे थपकियाँ देते हुए सुला रहे थे । ।
     




     
    प्रिशा जी : सारा प्यार आप ही हमारी प्रिंसेस पर लुटा दोगे या मुझे भी मौका मिलेगा आपनी छोटी प्रिंसेस को प्यार और दुलारा करने का । । प्रिशा जी अंदर आते हुए बोली उनकी आवाज सुन कर आस्था पाखी और आर्थिक जी तीनों की नजर उन पर पड़ी । । उन्हें देख कर पाखी की आँखों में एक चमक आ गई और होंठों पर एक मुस्कराहट छा गई । । 




     
     
    पाखी : डैडी मम्मा कितनी ब्यूटीफुल है ना बिल्कुल किसी एंजेल कुछ तरह है ना । । पाखी धीरे से आर्थिक जी से अपनी फुसफुसाहट भरी आवाज में बोली । । उसकी बातें सुन कर आर्थिक जी के होंठों पर एक गहरी मुस्कान आ गई । । और वो हा में सिर हिलाते हुये पाखी के बातों का जवाब दिए । । 




     
     
    प्रिशा जी : ये क्या खुसुर - पुसुर हो रही है दोनों बाप बेटी में जरा मुझे भी तो बताओ प्रिशा जी अपनी भौहें उचकाते हुए बोली । । 
     




     
    आर्थिक जी  : प्रिंसेस कह रही है कि उसकी मम्मा बहुत ब्यूटीफुल है बिल्कुल किसी एंजेल की तरह । । आर्थिक जी उनकी तरफ देखते हुए अपनी एक आंख दबाते हुए बोले जिससे देखते वो शर्मा गई । । फिर आकर उनकी बगल में बैठ गई और अपनी दोनों बाहें फैला कर पाखी को इशारे से बुलाने लगीं जिसे देख कर पाखी झटके से उसके सीने से जा लगी । । तो वो उसे अपनी बाहों में भरते हुए दुलार करने लगीं जिसे देख आस्था का आंखे नम हो गई । । पाखी को अब माँ का प्यार मिलेगा यही सोच कर वो बहुत खुश थी । । देखते ही देखते कुछ ही समय में पाखी भी नींद की आगोश में चली गई । । जिसे देख कर प्रिशा जी ने उसे आराम से बेड पर सुला दिया फिर मिष्टी और पाखी दोनों को आर्थिक जी ने ब्लैंकेट से अच्छे सेे कवर कर दिया । ।
     




     
    आर्थिक जी  :  आस्था  बहुत  रात  हो  चुकी  है  अब आप  भी  सो  जाओ । । वैसे  भी  कल  का  दिन  बहुत ही  खास  है  आपके  लिए  देर  से  मत सोना । । आज आपको  ज्यादा  देर  काम  करने  की  कोई  जरूरत  नहीं  है । । इस लिए  अब  चुप  चाप  जाकर  सो  जाओ कल  जल्दी  उठना  भी  है  आपको  हम  भी  अब चलते है  good night



     
     
    आस्था : uncle ऊपर टैरिस का रास्ता कहा से है ।
    आर्थिक जी : ये क्यों पूछ रही हो आप वो भी इतनी रात को । । 




     
    आस्था : मुझे नींद नहीं आ रही है कुछ देर के लिए मैं खुले हुए आसमान के नीचे रहना चाहती हूं । । 




     
    आर्थिक जी : बिल्कुल नहीं इतनी रात को वो भी दिसम्बर के महीने में बाहर कितनी ठंड है कोल्ड हो जाएगा आपको । ।



     
     
    प्रिशा जी : लेफ्ट साइड में लिफ्ट है 18 फ्लोर पर टैरिस है । । इतनी ठंड में ज्यादा देर ऊपर मत रहा वरना बीमार पड़ जाओगी good night बच्चे । । प्रिशा जी आर्थिक जी की बातों के नजरअंदाज करते हुए बोली । । जिसे देख कर उनकी भौहें सिकुड़ गई और गुस्से से वो उन्हें घूरने लगे । ।



     
     
    आस्था : good night सिर हिलाते हुये बोली तो प्रिशा जी आर्थिक जी का हाथ पकड़ कर उन्हें लेकर कमरे सोफा बाहर चली गई । । बाहर आने के बाद आर्थिक जी उनसे अपना हाथ छुड़ाते हुए हल्के गुस्से से बोले । ।
     
     




    आर्थिक जी : ये क्या था प्रिशा क्या तुमने कसम कहा रखी है । । कि मेरे खिलाफ ही जाओगी तुम हर बार क्या तुम्हारे अंदर से मेरा सारा डर खत्म हो गया है । ।
     




     
    प्रिशा जी  : आर्थिक जी आप बार बार मुझ पर यूँ ग़ुस्सा क्यूँ करते हो । । कभी तो मुझे समझने कि कोशिश किया करो मैं कुछ भी बेवजह नहीं करती हूँ मेरा ऐसा करने कर पीछे कुछ वजह है । । और वो वजह मेरा बेटा है । । प्रिशा जी नम आँखों से साथ आर्थिक जी की आँखों में देखते हुए बोली । । प्रिशा  जी की आंखों में आंसू देख उनका गुस्सा हवा हो गया । । और आगे बढ़ कर उन्होंने प्रिशा जी को अपने सीने से लगा लिया । । अपना एक हाथ उनके बालों में चलाते हुए और दूसरे हाथ से उनकी कमर को सहलाते हुए अपनी आवाज में काफी हद तक नरमी लाते हुए बोले । ।
     



     
    आर्थिक जी  : अच्छा बाबा सॉरी अब नहीं करूंगा तुम पर गुस्सा अब बताओ । । अभी तुमने ऐसा क्यों किया क्या कारण था आस्था को ऊपर भेजने का तुम्हारा । ।




     
    प्रिशा जी : जरा time देखिए क्या हो रहा है 12 बज रहे है और इस वक़्त शिवाय कहा होता है । ।
     




     
    आर्थिक जी : टैरिस पर एक कोने में बैठा होगा अपने लैपटॉप  को  लेकर । । एक  सेकेंड  तो  तुम्हारा  ये  प्लान है । । आर्थिक जी अपनी बातो को बीच में रोकते हुए आस्था जी को खुद से हल्का सा दूर करते हुए उन्हें घूर कर देखते हुए बोले । ।





     
     
    प्रिशा जी  : मैं चाहती हूं दोनों एक बार मिलने ले एक दूसरे से । । आज मैंने शिवाय की आँखों में एक नाराजगी देखी है आपके लिए अपने लिए । । वो आपके इस फैसले से बहुत नाराज है बहुत उदास भी है । । मैं एक माँ हूं उसकी अपने बच्चे को उदास नहीं देख सकती हूँ । । आप कभी तो उसे समझने की कोशिश किया करो उसे वक़्त दिया करो । । मैं ये नहीं कह रही हूँ कि आप ये शादी मत होने दो मैं खुद चाहती हूं कि आस्था ही हमारे घर की बहु बने । । बस थोड़े ही समय में जब आस्था से मैं इतनी इम्प्रेस हो गई उसकी अच्छाइयों से । । तो मुझे पूरा यकीन है मेरा शिवाय भी जरूर को पूरे दिल से अपना लगा । । और आप फिर देख लेना वो कल अपनी नेचर में अपने खिले हुए सारे के साथ मौजूद होगा ना की मायूस होकर खड़ा होगा । । अब चलिए कमरे में आप अब कुछ नहीं बोलेंगे मेरे फैसले के खिलाफ । । इतना बोल कर प्रिशा जी आर्थिक जी का हाथ पकड़े उन्हें अपने कमरे में ले गई । । 
     
     




     
    कुछ  देर बाद  अपने  काम  से  free  होकर  आस्था  ने लेपटॉप  को  बंद  करक  टेबल  पर  रख  दिया । । और अपनी  जगहों  से  खड़ी  हो  गई  एक  नजर  पाखी और मिष्टी  को  देखने के बाद कमरे से बाहर निकल गई । । और  कमरे  का  दरवाजा  बाहर  से  हल्के  से  बंद  करके  लिफ्ट  की  ओर  बढ़  गई । । ये  सोच  कर  कि क्या  पता  लिफ्ट  के पास सीढ़ियां भी हो ऊपर जाने के लिए जैसे ऑफिस में है । । और जैसा   आस्था  ने  सोचा था  हुआ  भी  ठीक  वैसे  ही  लिफ्ट  के  दूसरे  साइड  में सीढ़ियां  बनी  थी  ऊपर  जाने  के  लिए । । जिसे  देख आस्था  की  आँखों  में  चमक  आ  गई  और  वो सीढियों से होते हुए ऊपर टैरिस पर चली गई । । जाकर देखा तो वहां पर साइड में बड़ा सा झुला पड़ा था । । जिसे देख कर आस्था उस ओर चली गई और जाकर झूले पर बैठ गई । ।




     
    एक ओर टेक लेते हुए वो ऊपर आसमान की ओर देखने लगीं । । उसकी आँखों में एक अजीब सा खाली पन था एक काफी गहरा दर्द था । । जो वो सबसे छुपाकर रखती थीं और अकेले में उसे बाहर निकालती थीं अपने आसुओं के जरिए । । जो आँसू उसकी आँखों में ठहरे हुए थे छुपे हुए थे वो अब आँखों से निकल कर गालों से लुढकते हुए उसके गले को भिगा रहे थे । । कुछ ही देर में उसका रोना सिसकियों में बदल गया  और वो सिसक सिसक कर रो पड़ी । । 
     




     
    वहीं टैरिस के दूसरे साइड में शिवाय वहां रखे हुए चेयर पर बैठा हुआ था । । सामने रखे टेबल पर अपना लैपटॉप रख कर बैठा हुआ था । । वो बार बार लैपटॉप में ध्यान लगाने की कोशिश किए जा रहा था  । ।लेकिन वो बार बार डिस्ट्रैक्ट हो रहा था । । आज जो कुछ भी हुआ और जो कल होने वाला था बार बार शिवाय का ध्यान उसी पर जा रहा था । । साथ ही आस्था के लिए शिवाय के मन में बहुत ही गुस्सा भरा हुआ था । । 




     
     
     
    शिवाय  : बहुत शौक है ना मुझसे शादी करने का छोड़ूंगा नहीं में उसे । । आज तक आज तक डैड ने कभी भी हम तीनों (शिवाय, पार्थ, अविका) के लिए कभी डिनर ले जाना तो छोड़ो डिनर के लिए पूछा तक नहीं । । और कल की मिली उस सो कोल्ड नकली बेटी के लिए कमरे में डिनर ले गए । । मेरे डैड को अभी से अपने इशारों पर नचा रही है और सोच रही होगी । । वो मुझे भी अपने इशारों पर नचा लेगी तो ये उसकी भूल होगी । । शिवाय सिंह  राजपूत  को  कोई  अपने  इशारे  पर  नहीं  नचा सकता । । कोई भी मतलब कोई भी नहीं एक बार मुझे ये मिल जाए छोड़ूंगा नहीं । । शिवाय अपनी जलन और खुन्नस में ना जाने क्या कुछ नहीं बोल गया था । ।





     
    अभी कुछ ही समय हुआ होगा कि उसके कानो में किसी के सिसकियों की हल्की हल्की आवाज सुनाई पड़ी ये सुनते ही उसके कान खड़े हो गए । । उसने उस आवाज की  ओर  ध्यान  दिया  तो  वो  किसी  लड़की  की सिसकियों  की  आवाज थी । । बिना  एक  भी  पल का समय  गंवाये  शिवाय  लेपटॉप  को  वहीँ  छोड़  कर  अपनी  जगह  से  खड़ा  हो  गया । । और  तेजी  से उस आवाज की ओर बढ़ गया । । जैसे जैसे वो उस आवाज के करीब जा रहा था वो आवाज हल्के हल्के तेज हो रही थी । । कुछ ही पल में वो उस जगह पहुंच गया था जहा से  उसे  वो  आवाज  सुनाई  दे  रही  थी । । अपनी जगह पर शिवाय मानो जम सा गया हो । । सामने देखते हुए उसकी  धड़कनों  की  रफ्तार  वक़्त  के  साथ  साथ  तेजी  से  बढ़ती  जा  रही  थी । । उसकी  आँखों  के ठीक  सामने झूले पर आस्था बैठी रो रही थी । । लेकिन  शिवाय की तरफ उसकी बैक साइड थी । । उसने उसके चेहरे को नहीं देख था । । आस्था के रेशमी लंबे बाल हवा के कारण हल्के हल्के से उड़ रहे थे । । आस्था ने इस वक़्त एक सिम्पल सा मरून कलर का प्लेन सा लाॅग फ्राक शूट पहना था । । जो उसके गोरे रंग पर खिल कर आ रहा था । । उसके बालों को ही देख कर शिवाय की धड़कने बढ़ी हुई थी । । वो अभी उसमें खोया हुआ ही था कि आस्था की आवाज उसके कानो में टकराई । । 
     



     
     
    आस्था  : मेरा दम घुट रहा है मैंने कभी आपसे शिकायत नहीं  की  कन्हा  जी  आपके  हर  फैसले  को  माना  है बिना  किसी  शिकायत  के । । लेकिन  अब  नहीं  अब  और  नहीं  मैं  किसी  की  जिंदगी  का  काला  दाग  नहीं  बनना  चाहती  हूं । । मैं  कितनी  मनहूस  हूं  सब  मुझे छोड़  कर  चले  जाते  है । । आस्था  सिसकते  हुए  बोल रही  थी । । पीछे  खड़ा  शिवाय  उसकी  आवाज  में  दर्द को  महसूस  कर  पा  रहा  था । । उसे  आस्था  का  दर्द उसके  दिल  में  दर्द  दे  रहा  था । । आस्था  अपनी  बातों  को  जारी  रखते  हुए  आगे  बोली । ।





     
    आस्था — एक  नए  रिश्ते  में  मैं  फिर सेे कल बंधने वालीं हूँ । । आर्थिक uncle ने मुझे अपनी बेटी का दर्जा दिया है और अब बहु का दर्जा देने वाले हैं । । मैं उनके बेटे की जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती मैं मुझे ये करना ही होगा । । मुझे पूरा यकीन है आर्थिक uncle मुझे माफ कर देंगे और मेरे बाद वो मेरी बहनो का बहुत ख्याल रखेंगे । । शायद अब मेरी तलाश खत्म हुई मुझे मेरी पाखी और  मिष्टी  के  लिए  एक  सुरक्षित  जगह  मिल गई  है । । मिष्टी पाखी अपनी दी को माफ करना मैं तुम दोनों को ऐसे बीच रास्ते में छोड़ कर जा रही हूँ । । लेकिन मेरे पास और कोई रास्ता नहीं है । । मैं अब और किसी  की  जिंदगी  बर्बाद नहीं कर सकती हूँ । । शिवाय जी  मुझसे  कहीं  गुना  ज्यादा  बेहतर  लड़की  डिजर्व करते हैं । । इतना  बोल  कर  आस्था  झूले  से  उठ  गई और  आगे  बढ़  गई । ।
     





     
    शिवाय  : ये ये लड़की करने क्या वालीं है इसके कहने का मतलब क्या है । । ये जा कहा रही है अगर इसने कोई भी गलत कदम उठाने की सोची तो मैं तो इसे छोड़ने नहीं वाला हूं । । उससे पहले तो मैं इसके मन में चल रही गलत बातों को दूर करूंगा । । ये कैसे ये डिसाइड कर सकती है कि ये मेरे लायक नहीं है शिवाय अभी खुद से बोल ही रहा था । । कि अचानक ही सामने का नज़ारा देखते ही उसकी आंखे डर से फैल गई । ।




     
     
    ऐसा क्या देख लिया शिवाय ने जो उसकी आँखों में डर दिखने लगा । । शिवाय सिंह राजपूत की आँखों में डर । । ऐसा क्या करने वालीं है आस्था क्यूं वो आपने आपको मनहूस समझ रही है । । जानने के लिए पढ़े Masum ishq 💜💜
     
     
     
     
     
     
     
    धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     
     

  • 10. Masum ishq - Chapter 10

    Words: 1967

    Estimated Reading Time: 12 min

    अब तक आपने देखा कि पार्थ को यह पसंद नहीं आया कि उसके डैड किसी और के लिए कुछ भी करें। प्रिशा जी ने बताया कि दादू के आने की वजह से कल इंगेजमेंट है, इसलिए डैड बेटियों को ले आए। पार्थ ने इस बात पर आपत्ति जताई कि क्या डैड तीनों लड़कियों से शिवाय की शादी करने वाले हैं। प्रिशा जी ने बताया कि ऐसा नहीं है, शिवाय की शादी एक ही लड़की से होगी। पार्थ गुस्से में वहाँ से चला गया, और शिवाय भी अपने कमरे में चला गया।

    अब आगे, प्रिशा जी आस्था के कमरे में गईं, जहाँ उन्होंने देखा कि मिष्टी सो गई थी, आस्था लैपटॉप पर कुछ कर रही थी, और आर्थिक जी पाखी को सुला रहे थे। पाखी ने प्रिशा जी की तारीफ की। प्रिशा जी ने पाखी को प्यार किया, जिससे आस्था खुश हो गई। आर्थिक जी ने आस्था को सोने के लिए कहा, क्योंकि कल का दिन खास था। आस्था ने टेरिस जाने की इच्छा जताई, जिसे प्रिशा जी ने मंजूरी दी। आर्थिक जी और प्रिशा जी के बीच आस्था को टेरिस पर भेजने को लेकर बहस हुई। प्रिशा जी ने शिवाय और आस्था को मिलाने की योजना बनाई। आस्था टेरिस पर गई, जहाँ वह रो रही थी, और शिवाय गुस्से में था। शिवाय ने आस्था को सुना, जो कह रही थी कि वह एक नए रिश्ते में बंधने वाली है और वह किसी की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहती।

    Now Next

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    अब तक.................

    आस्था  : मेरा दम घुट रहा है मैंने कभी आपसे शिकायत नहीं  की  कन्हा  जी  आपके  हर  फैसले  को  माना  है बिना  किसी  शिकायत  के । । लेकिन  अब  नहीं  अब  और  नहीं  मैं  किसी  की  जिंदगी  का  काला  दाग  नहीं  बनना  चाहती  हूं । । मैं  कितनी  मनहूस  हूं  सब  मुझे छोड़  कर  चले  जाते  है । । आस्था  सिसकते  हुए  बोल रही  थी । । पीछे  खड़ा  शिवाय  उसकी  आवाज  में  दर्द को  महसूस  कर  पा  रहा  था । । उसे  आस्था  का  दर्द उसके  दिल  में  दर्द  दे  रहा  था । । आस्था  अपनी  बातों  को  जारी  रखते  हुए  आगे  बोली । ।

    आस्था — एक  नए  रिश्ते  में  मैं  फिर सेे कल बंधने वालीं हूँ । । आर्थिक uncle ने मुझे अपनी बेटी का दर्जा दिया है और अब बहु का दर्जा देने वाले हैं । । मैं उनके बेटे की जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती मैं मुझे ये करना ही होगा । । मुझे पूरा यकीन है आर्थिक uncle मुझे माफ कर देंगे और मेरे बाद वो मेरी बहनो का बहुत ख्याल रखेंगे । । शायद अब मेरी तलाश खत्म हुई मुझे मेरी पाखी और  मिष्टी  के  लिए  एक  सुरक्षित  जगह  मिल गई  है । । मिष्टी पाखी अपनी दी को माफ करना मैं तुम दोनों को ऐसे बीच रास्ते में छोड़ कर जा रही हूँ । । लेकिन मेरे पास और कोई रास्ता नहीं है । । मैं अब और किसी  की  जिंदगी  बर्बाद नहीं कर सकती हूँ । । शिवाय जी  मुझसे  कहीं  गुना  ज्यादा  बेहतर  लड़की  डिजर्व करते हैं । । इतना  बोल  कर  आस्था  झूले  से  उठ  गई और  आगे  बढ़  गई । ।

    शिवाय  : ये ये लड़की करने क्या वालीं है इसके कहने का मतलब क्या है । । ये जा कहा रही है अगर इसने कोई भी गलत कदम उठाने की सोची तो मैं तो इसे छोड़ने नहीं वाला हूं । । उससे पहले तो मैं इसके मन में चल रही गलत बातों को दूर करूंगा । । ये कैसे ये डिसाइड कर सकती है । । कि ये मेरे लायक नहीं है शिवाय अभी खुद से बोल ही रहा था । । कि अचानक ही सामने का नज़ारा देखते ही उसकी आंखे डर से फैल गई । ।

     

     

    अब आगे..................

     

     

    शिवाय ने देखा आस्था चलते हुए टैरिस की ऊँची रेलिंग पर जाकर खड़ी हो गई थी । । और एक एक कदम आगे बढ़ा रही थी उसके इरादे को भापते हुए शिवाय की सांसे मानो फूलने लगीं थी । । उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उसका अपना उससे दूर हो रहा है । । बिना जरा सा भी वक़्त गंवाये शिवाय उस ओर अपने पूरे जी जान से भागा । । लेकिन तब तक आस्था ने एक आखिरी कदम ले लिया था । । उसकी एक जोर दार चीख वहां उस एरिया में  गूँज उठीं । ।

     

    सब कुछ शांत हो गया उस वक़्त टैरिस पर अगर कुछ सुनाई दे रहा था  । । तो वो था शिवाय और आस्था की सांसे का सोर था जो सुनाई दे रहा था । । दोनों ही टैरिस के फ्लोर पर गिरे हुए थे शिवाय नीचे था । । और आस्था उसके ऊपर  उसके  बाल  शिवाय के face पर फैले हुए थे । । दरअसल शिवाय ने उसे पीछे की ओर खिंच लिया था इसे पहले की वो नीचे गिरती । । और गिरने के डर से आस्था की चीख निकल गई थी बैलेंस ना बन पाने के कारण दोनों ही नीचे टैरिस के फ्लोर पर जा गिरे । । दोनों की पोजिशन कुछ इस तरह से थी कि शिवाय नीचे था और आस्था उसके ऊपर उसके गिरी थी । । उसके लंबे बाल उसके चेहरे को ढकने के साथ साथ शिवाय के चेहरे को भी ढक दिए थे । । जब कोई चोट कोई दर्द महसूस नहीं हुआ तब धीरे धीरे आस्था ने अपनी आंखे खोली । ।

     

     

    तभी उसे कुछ महसूस हुआ और झट से आस्था ने अपना सिर उठा कर देखा तो उसकी नजरे सीधा शिवाय की नजरो से जा टकराई । । दोनों ही एक दूसरे की आँखों में मानो खो से गए शिवाय को ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसके बेचैन हुये दिल को एक चैन मिल गया हो । । वो आस्था के बेदाग से खूबसूरत चेहरा और उसकी आंसुओ से भीगी बड़ी बड़ी आंखे पलकों पर ठहरी आंसुओ की बूंदे वो उनमें कहीं खो सा गया था । । होश में आते हुए आस्था उससे दूर होने के लिए कसमसाई क्यों शिवाय ने उसे कमर से कस कर पकड़ा हुआ था । । उसके हिलने डुलने पर शिवाय होश में आस्था और उसकी पकड़ आस्था पर हल्की सी ढीली पड़ गई । । जिसे महसूस कर के साथ  झटके  से  उसके  ऊपर  से  उठ  कर  खड़ी हो गई थी । । आस्था को यूं खुद से दूर जाता हुआ देख कर शिवाय के जरा भी पसंद नहीं आया लेकिन फिर वो भी उठ कर खड़ा हो गया । । आस्था डर के मारे थर थर कांप रही थी कि अब क्या होगा उसे ऐसा करते हुए किसी ने देख लिया है । । वो अभी भी इस बात से अनजान थी कि ये शिवाय सिंह राजपूत है उसका होनें वाला पति । । दोनों की चुप्पी को तोड़ते हुए शिवाय अपनी गुस्से भरी आवाज में आस्था से बोला । ।

     

     

    शिवाय  : What were you going to do? (ये क्या करने जा रही थी तुम । ।) will you try to tell me (क्या मुझे बताने का प्रयास करोगी । ।) शिवाय की गुस्से भरी आवाज सुन कर आस्था और डर गई और अब तो सिसकते हुए रोने लगीं । । उसकी रोने की आवाज सुन कर शिवाय ने अपनी आंखे कसकर मींच ली । । फिर खुद के गुस्से को काफी हद तक कंट्रोल करते हुए खुद से ही बड़बड़ाते हुये बोला । ।

     

     

    शिवाय — हद है जब से मिली है बस रोते हुए ही देख रहा हूँ मै इस लड़की को । । मुझे तो समझ ही नहीं आता क्या सोच कर डैड ने इसे मेरे लिए चुना है । । मुझे तो इसके अन्दर दिमाग ही कम लग रहा है जो ये ऐसे सुसाइड करने जा रही थी । । अभी शिवाय बोल ही रहा था कि उसके कानो में आस्था की शहद से भी ज्यादा मीठी सी आवाज सुनाई पड़ी । । 

     

     

    आस्था  : देखिए मुझे पता है मैं जो करने जा रही थी वो गलत है । । लेकिन please आप ये आर्थिक uncle को या फिर प्रिशा आंटी को मत बताना please उन्हें हर्ट होगा । ।

     

     

    शिवाय  : ohh अच्छा अब तुम्हें ये याद आ रहा है कि उन्हें हर्ट होगा । । ये पहले नहीं सोचा तुमने जब ऐसा गलत कदम उठाने जा रही थी । । अगर अभी तुम्हें कुछ हो जाता तो क्या होता तुम्हारी बहनो का मेरा क्या अचानक ही शिवाय अपने गुस्से की धुन में बोल गया । । लेकिन जल्द ही उसे ये एहसास हुआ और वो बीच में ही चुप हो गया । । और मन ही मन खुद को कोसने लगा कि उसने ऐसा क्यूं कहा । ।

     

     

     आस्था : क्या कहां आपने आस्था उसे सवालिया नजरो से देखते हुए बोली । ।

     

     

    शिवाय  : मेरा मतलब ये था कि मैं यहां तुमने अपनी नजरो  के  सामने  मारते  देखता  तो  मुझे  पाप  नहीं लगता । । शिवाय  अपनी  नर्वसनेस  को  छुपाने  के  लिए  ना  जाने  क्या क्या बोल रहा था । । लेकिन वहीं आस्था  उसकी  बातें  सुन  कर  मायूस  हो  गई  और उससे बोली । ।

     

     

    आस्था  : मुझे अपनी गलती का पछतावा है हालत चाहे जैसे हो मुझे ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था । । ना जाने मुझे क्या हो गया था आस्था को अब रिग्रेट हो रहा था अपनी इस गलती के लिए । । शायद वो उस वक़्त भावनाओं में काफी ज्यादा बह गई थी । । 

     

     

    शिवाय  : जो भी हैं लेकिन दोबारा ऐसी गलती करने के बारे में सोचना भी मत समझी तुम । । उसकी बात सुनकर आस्था ने डरते हुए हाँ में अपना सिर हिला दिया और उसे देखते हुए बोलीं । ।

     

    आस्था : आप कौन है और इतनी रात गए आप इतनी ठंड में यहां क्या कर रहे है । । आस्था शिवाय को देखते हुए अपनी बातों को घुमाते हुए बोली । । ताकि शिवाय का ध्यान सुसाइड वालीं बात से हट जाए और वो उसके बारे में जान भी ले । । वहीँ शिवाय तो उसकी बातें सुनकर मानो सदमें में ही चला गया हो । । कि क्या कोई  ऐसी भी लड़की है जो the gretest and यंग बिजनेसमैन शिवाय सिंह राजपूत को नहीं जानती है । । लेकिन यहां तो उसे वहीँ लड़की उसे नहीं जानती जिससे उसकी शादी हो ने वालीं है क्या ये उसके साथ कोई मजाक करने की कोशिश कर रही है । ।

     

     

    शिवाय  : क्या तुम सच में मुझे नहीं जानती हो या फिर ये तुम्हारा कोई सो कोल्ड जोक है । । शिवाय एक बार फिर सेे बात को कन्फर्म करे हुए अपनी एक भौहें उचकाते हुए उसे घूरते हुये बोला । ।

     

     

    आस्था  : नहीं नहीं मैं सच में आपको नहीं जानती वैसे भी मैं तो आज आपसे पहली बार मिल रही हूँ यहां भी तो आज ही आई हूँ । । 

     

     

     शिवाय  : तुम्हारा नाम क्या है शिवाय सभी बातों को इग्नोर करते हुए बेहद शांत आवाज में बोला । । 

     

    आस्था : मैं आस्था हूँ आर्थिक uncle की असिस्टेंट और अब वो चाहते है कि मैं उनके बेटे शिवाय जी से शादी कर लूं । । आस्था के मुंह से अपना नाम सुन कर अंदर ही अंदर  शिवाय  खुश हो रहा था । । लेकिन इसका जरा सा भी अंदाजा आस्था को  नहीं  होने  दिया था शिवाय ने । ।

     

    शिवाय : ohh तो तुम क्या चाहती हों क्या तुम ये शादी करने के लिए तैयार हो । । शिवाय उसके मन की बातों को जानने के लिए ऐसा बोला । ।

     

     

    आस्था  : मेरे चाहने से क्या होने वाला है मै कुछ नहीं चाहती हूँ । । जो हो रहा है या जो आगे होगा मैने सब कुछ अपनी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया है । । 

     

     

     

    अब एक कपल की मुलाकात तो करा दी मैंने अब अगले episode में होगी इस story के मेन किरदारों की मुलाकात । । और उसी के साथ शुरू होगी पार्थ के जुनून की शुरुआत । । आगे जानने के लिए पढ़े Masum ishq 💜💜

     

    धन्यवाद 🙏🙏

  • 11. Masum ishq - Chapter 11

    Words: 3138

    Estimated Reading Time: 19 min

    अब तक..............

    शिवाय  : तुम्हारा नाम क्या है शिवाय सभी बातों को इग्नोर करते हुए बेहद शांत आवाज में बोला । । 

    आस्था : मैं आस्था हूँ आर्थिक uncle की असिस्टेंट और अब वो चाहते है कि मैं उनके बेटे शिवाय जी से शादी कर लूं । । आस्था के मुंह से अपना नाम सुन कर अंदर ही अंदर  शिवाय  खुश हो रहा था । । लेकिन इसका जरा  सा  भी  अंदाजा  आस्था  को  नहीं  होने  दिया था शिवाय ने । ।

    शिवाय : ohh तो तुम क्या चाहती हों क्या तुम ये शादी करने के लिए तैयार हो । । शिवाय उसके मन की बातों को जानने के लिए ऐसा बोला । ।

    आस्था  : मेरे चाहने से क्या होने वाला है मै कुछ नहीं चाहती हूँ । । जो हो रहा है या जो आगे होगा मैने सब कुछ अपनी किस्मत के भरोसे छोड़ दिया है । । 

     

     

    अब आगे..........

     

     

    अगली सुबह

     

    राजपूत  पैलेस  सुबह  सुबह  ही  भगवान  श्री  कृष्ण  जी की आरती  करने  की  आस्था  की  मधुर  आवाज  गूँज  उठीं  थी । । सुबह सुबह ही अपनी आदतों के कारण आस्था शावर लेकर रेडी होकर अपने कमरे से निकल कर नीचे आई थी  । । देखा  तो  पैलेस  में  बड़े  जोरों शोरो  से तैयारियां चल रही थी । । वर्कर्स और सर्वेंट के अलावा अभी कोई भी फॅमिली मेंबर नीचे दिखाई नहीं दे रहा था आस्था नीचे टहल ही रही थी कि उसे अचानक ही हाल के दूसरे साइड में एक खूबसूरत सा मंदिर दिखाई दिया । । जहाँ पर भगवान श्री कृष्ण जी की बहुत ही सुन्दर ही मूर्ति रखी हुई थी । । उन्हीं के बगल में भगवान श्री गणेश जी की भी मूर्ति रखी हुई थी मंदिर देख कर आस्था की  खुशी  का कोई ठिकाना  ही  नहीं  था । । एक वहीं तो थे जिनसे वो अपनी मन की  बातें करती थी । । वो बिना एक भी पल गंवाये मंदिर के पास चली  गई पूजा करने । । ज्योत 🪔जला कर वो  आरती करने  लगीं  अपने  मन  के  भावों  को  उनके  सामने रखते हुए । ।

     

     

    आरती —

    ओ रे कान्हा नैनं को नाही चैन , भोर ताकत है राह

    तिहारी जगे न सोवे रैन नैनन को नहीं चैन । ।

    ओ रे कान्हा नैनं को नाही चैन भोर ताकत है रह तिहारी

    जगे न सोवे रेन । ।

    नैनं को नाही चैन ,कान्हा नैनं को नाही चैन

    हो नैनं को नाही चैन । ।

     

    आस्था की मधुर आवाज पूरे पैलेस में गूँज उठीं आरती करते करते आस्था की आंखों से आंसू बह रहे थे । । वो एक टक भगवान की मूर्ति को देखे जा रही थी घर सभी सर्वेंट और वर्कर्स ये आवाज सुन कर उसकी ओर मानो खींचे चले आ रहे थे । । धीरे धीरे मंदिर के पास सभी आकर खड़े हो गए थे । । प्रिशा जी के कमरे में प्रिशा जी रेडी होकर आर्थिक जी के साथ नीचे आ ही रही थी । । कि उन दोनों के कानो में ये आवाज पड़ी और वो चौक गई और आर्थिक जी की ओर देखने लगीं । । जो अपने होंठों पर एक गहरी मुस्कान लिए उन्हें ही देख रहे थे । । उनकी नजरो में उठते हुए सवालों को भापते हुए वो उन्हें अपनी नजरो से ही नीचे चलने का इशारा किए और उनका हाथ पकड़े नीचे की ओर बढ़ गए । । थोड़ी ही देर में वो दोनों मंदिर के सामने खड़े थे जहां लोगों की मानो भीड़ थी उन्हें देख सभी साइड हो गए । । दोनों आगे बढ़े आरती करते हुए इंसान को देखते ही प्रिशा जी को उसे पहचानने मैं जरा भी देर नहीं लगी कि वो आस्था है । । उनके होंठों पर भी मुस्कान आ गई और वो भी हाथ जोड़े खड़ी हो गई । ।

     

    जुग जुग से मोरे तन मन पे नाम लिखा है तेरा

    जुग जुग से मोरे तन मन पे नाम लिखा है तेरा

    जगवाले का जाने का है नाता तेरा मेरा । ।

    तू मोरी गंगा जमुना , तू ही मोरी तृष्णा

    मैं राधे ,मैं राधे तू कृष्णा । ।

     

    ओ रे कान्हा सुन नैनं के बैर । भोर ताकत है राह तिहारी,

    भोर ताकत है रह टिहरी जगे न सोवे रेन । ।

    नैनं को नाही चैन , कान्हा नैनं को नाही चैन ।

    हो नैनं को नाही चैन । ।

    कान्हा नैनं को नाही चैन । हो नैनं को नाही चैन । ।

    नैनं को नाही चैन । हो नैनं को नाही चैन । ।

     

    भाई ये मोम की आवाज तो नहीं लग रही है ये कौन हो सकता है जिम करते हुए पार्थ शिवाय से बोला । । जो ट्रेडिंगमील से नीचे उतर कर जिम रुम के दरवाजे की ओर देख रहा था । । उसकी आवाज सुन कर होश में आया और उसकी ओर देखते हुए बोला । ।

     

    शिवाय  : i have no idea छोटे (पार्थ का निक नेम जो उसे शिवाय ने दिया है ।) चलो चल कर देखते है इतना बोल कर वो दरवाजे से बाहर निकल गया । । उसके पीछे पीछे पार्थ भी जिम रुम से बाहर निकल आया । । दोनों ही लिफ्ट से नीचे आए और सीधा मंदिर की ओर बढ़ गए । । आज मंदिर की चौखट पर वो दो लोगों के पैर पढ़ने जा रहे थे । । जिन्होंने आज तक कभी भी मंदिर में कदम तक नहीं रखा था आस्था की आवाज उन्हें आज मंदिर में खींच लाई थी । । आस्था को पीछे से ही देखते हुए शिवाय ने अंदाजा लगा लिया था कि ये उसकी बात बात पर रोने वालीं रोतुड़ु आस्था ही है । । वो जब जब उससे मिल रहा था उसकी ओर और खिंचा चला जा रहा था । । उसकी आवाज में छिपे दर्द को भी बहुत अच्छे सेे महसूस कर पा रहा था वो । ।

     

    छुप छुप छलना छोड़ ओ छलिया अब तो छबला दे.

    छुप छुप छलना छोड़ ओ छलिया अब तो छबला दे.

    मोरी सोचकी उलझी उलझी लट आके सुलझा दे । ।

    मन मधुबन के मन मोहन प्रेम सुधा बरसा दे ।

    आजा $$$$आ आ प्रीत की रीत खेल दे । ।

    ओ रे कान्हा मन और बेचैन ।

    भोर तकत है राह तिहारी ,भोर तकत है राह तिहारी ।

    जागे न सोवे रेन ,नैनं को नहीं चैन । ।

    नैनं को नाहीं चैन, हो नैनं को नाहीं चैन । 

    नैनं को नाहीं चैन । हो नैनं को नहीं, चैन । ।

     

    आरती समाप्त होने के बाद आस्था जैसे ही पीछे मुड़ी सभी को देखकर डर गई । । वहीँ शिवाय तो पूरी तरह से घायल हो चुका था उसे देख कर । । आज आस्था ने yellow colour का सिम्पल सा घेरे वाला अनारकली फ्रॉक सूट पहना था । । साथ में pink colour दुपट्टा  था जिस पर व्हाइट कलर के फ्लावर्स प्रिंट थे आस्था ने उसे सिर पर ले रखा था । । आँखों में गहरा काला काजल ,होंठों ओर हल्के पिंक लिपबाम ,हाथो में yellow and pink चूडियां थी । । पैरों में पतली सी पायल जो आस्था को हमेशा से पसंद थी । । ये पायल उसके लिए बहुत ही खास थी क्योकि ये पायल उसे उसके बाबा ने उसके 18th बर्थडे पर दिया था । । और अब उसके बाबा उसके साथ नहीं थे आज के स्पेशल day पर वो उनका आशीर्वाद समझ कर पहनी थी । । 

     

     

    आस्था  : हमारी वजह से अगर आप सभी को कोई परेशानी हुई हो तो please हमे माफ करना । । वो यहां पर मंदिर देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाई आस्था अपने डर और घबराहट को छुपाते हुए बोली । । 

     

     

    शिवाय  : ohh god ये लड़की क्या सच में इतनी inocent है कोई इतना मासूम भी कैसे हो सकता है । । वो भी आज के time में she is so cute शिवाय अपने दिल पर हाथ रखते हुए मन ही मन बड़बड़ाते हुये बोला । । 

     

     

    प्रिशा जी  : नहीं नहीं बच्चे ऐसी कोई बात नहीं हम आपकी वजह से भी भला किसी को भी कोई परेशानी हो सकती है क्या । । उल्टा आपकी वजह से तो हमारी दिन की शुरुआत इतनी अच्छी हुई है । । आपकी आवाज बहुत मीठी है हम तो चाहते है अब से आप ही हम सभी को अपनी इसी मीठी आवाज में आरती सुनाया करो । । प्रिशा जी की बात सुन कर आस्था ने खुशी से अपना सिर हा में हिलाया और आरती की थाली उठा कर सभी को आरती और प्रसाद देनें लगीं । । सभी को देनें के बाद प्रिशा पार्थ के पास आई उसे प्रसाद देने लगी । । जो एक टक उसे ही देख रहा था या यूं कहें घूर रहा था ये देख सभी डर गए यहां तक कि शिवाय भी घबरा गया कि उसका छोटा भाई कहीं उसकी होने वालीं मासूम सी बीवी को कुछ ऐसा ना कह दे की वो हर्ट हो जाए प्रिशा जी उसे प्रसाद ना देने के लिए आस्था से बोली । ।

     

     

     

    प्रिशा जी : आस्था बेटा वो नहीं ले अभी वो बोल ही रही थी । । कि सामने का नज़ारा देखकर मानो उनकी आंखे ही बाहर आने को हुई और वो क्या वहां खड़े सभी लोग आंखे फाड़े सामने के नजारे को देखने लगे । । जहा पार्थ अपना हाथ आगे कर आस्था से प्रसाद ले रहा था । ।




     प्रिशा जी — आर्थिक जी ये मेरी आँखों ने क्या देख लिया मेरा बेटा मंदिर में तो आया ही यहां तो ये प्रसाद भी ले रहा है । । क्या ये मैं कोई सपना देख रही हूँ please मुझे पिंच करिये ना । । उन्होंने जैसे ही ये बोला कि उनकी मुँह से एक हल्की सी आह निकली गई । ।आर्थिक जी ने उनकी खुली हुई कमर में धीरे से पिंच कर लिया । । वो उन्हें घूरने कर देखने लगीं जिसे देख कर आर्थिक जी तिरछी स्माइल करते हुए सामने आस्था की ओर देखते हुए बोले । ।

     

     

     

    आर्थिक जी  : आस्था बेटा इससे मिलो ये है मेरा छोटा बेटा पार्थ सिंह राजपूत । । और पार्थ ये है तुम्हारी होने  वालीं भाभी आस्था आर्थिक जी दोनों का एक दूसरे से परिचय कराते हुए बोले । । उनकी बातें सुनकर पार्थ ने एक नजर शिवाय को देखा जो हल्की सी मुस्कान लिए आस्था को देखे जा रहा था । । अपने भाई की खुशी देख पार्थ के होंठों पर भी एक हल्की सी मुस्कराहट आ गई जिसे उसने जल्द ही छुपा लिया । । और तभी आस्था को छोड़ कर वहां खड़े सभी को पार्थ ने फिर से एक झटका दे दिया उसने हल्के से झुक कर आस्था के पैर छु लिए । । हालाकि ये तो आर्थिक जी और प्रिशा जी के संस्कार थे उनके बच्चों में । । लेकिन पार्थ अपनी बहन को छोड़ कर किसी भी लड़की से बात करना तो दूर उन्हें देखता भी नहीं था यहां वो आस्था के पैर छु रहा था । । लेकिन ये देख कर तीनों (आर्थिक प्रिशा और शिवाय) खुश भी हुए थे । ।

     

     

     

    आस्था : अरे अरे ये आप क्या कर रहे हों पार्थ जी आस्था हड़बड़ाते हुए बोलीं । ।



    पार्थ : भाभी बनने वालीं है आप मेरी और मेरी मोम कहती है भाभी माँ समान होती है । । मैंने बस आपके पैर ही छुए है आप तो खामखा डर रही है मुझसे । ।




    आस्था : सच मे अंकल और आंटी जी ने आपको बहुत अच्छे संस्कार दिए है । । आपको देखकर हमें तो ऐसा लग रहा है जैसे हमें एक छोटा सा भाई मिल गया हो आस्था प्यार से उसके बालों को बिगाड़ते हुए बोली । । एक बार फिर सब ठिठक गए आस्था का पार्थ के बालों को टच करते हुए देख कर । । क्योंकि ये चीज पार्थ बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं कर सकता था कि कोई उसके बाल बिगाड़े । । लेकिन वो क्या है ना आज सभी को झटके पे झटके ही मिल रहे थे तो एक और झटका मिला पार्थ के स्माइल करने पर । । लेकिन इस बार शिवाय को हल्की सी जलन हुई थी पार्थ और आस्था के बीच हो रही चीजों को देख कर । । लेकिन बेचारा सभी के सामने कर भी क्या सकता था शिवाय चुप चाप इस नजारे को देख कर उसे बर्दास्त करते रहने के । । आस्था की बातें सुनकर पार्थ भी मुस्कुराते हुए हाँ में अपना सिर हिलाते हुये फिर वहां से लिफ्ट की ओर चला गया । ।

     

     

     

    प्रिशा जी  : बेटा वो ऐसा ही है उसे कम बातें करना पसंद है । । उसे क्या मेरे घर के हर मर्द को बस अपने काम या मतलब पर ही बातें करने की आदत है । । ये बोलते हुए उन्होंने अपना मुंह बना लिया । । उनकी बातें सुनकर आर्थिक जी उन्हे घूरने लगे और शिवाय और आस्था के होंठों पर स्माइल आ गई । । आस्था प्रसाद की थाली लेकर लास्ट में बचे शिवाय की ओर देखी उसे देखते ही रात की बातें उसकी नजरो के सामने रील की तरह चलने लगी । । और वो उसकी आँखों में देखते आँखों ही आँखों में उसकी कल रात की गई गलती को आर्थिक जी और प्रिशा जी को ना बताने के लिए शिवाय से रिक्वेस्ट करने लगीं  । । जिसे समझ कर शिवाय ने भी अपनी पक्के झपकाते हुए उसे ज़वाब दिया तभी आर्थिक जी फिर से बोल उठे । ।

     

     

    आर्थिक जी  : आस्था बेटा ये है मेरा बड़ा बेटा शिवाय सिंह राजपूत और तुम्हारा होने वाला पति प्रिशा जी आर्थिक जी की बातों को बीच में काटते हुए बोली । । दोनों की बातें सुन कर आस्था की आंखे बड़ी हों गई और वो एक टक शिवाय को देखने लगीं । । दोनों को एक दूसरे की ओर देखता पाकर आर्थिक जी प्रिशा जी का हाथ पकड़ कर उन्हें लेकर वहां से चले गए । । साथ ही वहां  खड़े सभी सर्वेंट और वर्कर्स को भी जाने का इशारा करते हुए गए वो कुछ देर उन्हें अकेला छोड़ना चाहते थे । । अब  वहां  उस  जगह  पर  सिर्फ  आस्था और  शिवाय  ही  बचे  थे  और  दोनों  ही  एक  दूसरे  की आँखों  में  खोए  हुए  थे । । शिवाय ने धीरे से आस्था के face पर फूंक मारी जिससे आस्था होश में आई और इधर उधर देखने लगीं । । उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो क्या कहें वो खुद को ही अब कोसे जा रही थी । । कि उसे जरा भी अंदाजा क्यों नहीं हुआ की ये शिवाय हो सकता है । । अपनी कल की की गई हरकत पर वो अब बहुत ज्यादा शर्मिंदा हो रही थी । । जिसे शिवाय ने तुरन्त ही समझ लिया था और वो सीरियस होते हुए बोला । ।

     

     


    शिवाय  : आस्था कुछ भी आपने मन में बेतुकी बातें सोचने की जरूरत नहीं है । । जो भी हुआ भूल जाओ मुझे वजह भी नहीं जानना की तुम कल ऐसा क्यों करने जा रही थी । । मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि अब तुम दोबारा ऐसा कुछ भी नहीं करोगी । । जिससे कोई भी हर्ट हो खास कर मैं क्योंकि अब तुम मुझसे जुड़ चुकी हो उसकी बातें सुन कर आस्था की आंखे से आँसू बह निकले और उसने हाँ में अपना सिर हिलाया । । जिसे देख कर शिवाय ने आगे बढ़ कर उसके आसुओं को अपने अंगूठे से पोंछ दिया और उसके माथे पर अपने होंठ रखकर उसे गहराई से चूम लिया । ।

     



    इस एहसास को पाकर आस्था खुद में ही सिमट गई है उसके लिए एक नया एहसास था । । उसकी आंखें अपने आप बंद हो गई । । कुछ देर बाद जब उसे शिवाय का एहसास होना बंद हुआ तो उसने आंखें खोल शिवाय तब तक जा चुका था । । शिवाय की बातें और उसकी हरकतों को याद कर न जाने क्यों आस्था के face पर एक प्यारी सी स्माइल आ गई । । और वो फिर अपनी कमरे की ओर बढ़ गई । । 

     


     

    देखते ही देखते सुबह से दोपहर हो गई थी प्रिशा जी सुबह से ही काम में लगी थी । । वैसे तो कई सारे सर्वेंट थे ये सभी काम करने के लिए लेकिन प्रिशा जी अपनी खुशी के लिए कुछ कुछ काम कर रही थी । । आर्थिक जी को बस प्रिशा जी की इन्हीं हरकतों के कारण ग़ुस्सा आ रहा था । । की वो बेकार में इतनी मेहनत क्यूँ कर रही है  वो अपनी  बीवी  की  ऐसी  हरकतों  से  बेहद  परेशान थे । । किचन  की  ओर  आते  हुए  प्रिशा  जी  को  देखते हुए  हल्के ग़ुस्से  में  बोले । ।

     

     

    आर्थिक जी  : प्रिशा मैं सुबह से तुम्हें देख रहा हूँ क्या काम करने के लिए लोगों की कमी पड़ गई है क्या । । अब चुप चाप कमरे में चलो और जब मुहूर्त हो जाएगा तो तो रेडी होकर नीचे आना । । और अब मुझे तुम्हारा एक भी शब्द नहीं सुनना है अगर तुम नहीं चाहती हों । । कि मैं तुम पर गुस्सा करूँ तो बिना एक भी शब्द कहे मेरे साथ चलो वरना । । इतना बोल कर उन्होंने अपनी बाते अधूरी छोड़ दी और उन्हें अपनी खा जाने वालीं नजरो से घूर कर देख रहे थे । । जिसे देख कर प्रिशा जी ने डर से थूक निगल लिया और झटके से किचन से बाहर निकल गई । । जिसे देख कर आर्थिक जी उनका हाथ पकड़े अपने कमरे की ओर बढ़ गए । । 

     

     

    प्रिशा : माँ पापा ऐसा कैसे कर सकते है अपने पोते से भी जरूरी अब उनके लिए उनका काम हो गया है मैं इस बार सच पापा से बहुत नाराज हूँ प्रिशा जी आर्थिक जी के साथ चलते हुए बोली । ।

     

     

    आर्थिक जी  : प्रिशा जरूरी नहीं होता तो वो ऐसे आपने का प्लान कैंसिल नहीं करते । । बहुत अर्जेंट मीटिंग है क्लाइंट ऑस्ट्रेलिया से आ रहे हैं । । पापा ने कहा तो है वो दोनों शादी के एक पहले ही यहां आ जाएंगे । । अगर तुम्हें नाराज होना है तो अपनी लाडली से और से नाराज हो वो नहीं आ रहा है इस शादी में । । और शिवाय ने कहां की अविका को कोई कुछ ना बताये वो चाहता है बिना स्टडी कंप्लीट किये वो यहां ना आए । । तुम तो जानती ही हो लास्ट time जब वो छुट्टियों में आई थी । ।  तो वापस जाने के लिए राजी ही नहीं थी मुझे भी शिवाय का सुझाव अच्छा ही लगा । । 

     

     

    प्रिशा जी  : आपको तो अच्छा ही लगेगा एक माँ से पूछो उसका क्या हाल होता है । । जब उसके बच्चे उससे दूर होते है इतना बोल कर वो गुस्से से कमरे में चली गई । । आर्थिक जी के बेचारगी से अपना सिर ना में हिलाया और वो भी कमरे में चले गए । ।

     

     

     

    कौन है प्रिशा जी का लाडला जो इस शादी में नहीं आ रहा है । । क्या शिवाय को हो चुका है आस्था से हो चुका है पहली नजर का प्यार आगे क्या होगा । जानने के लिए पढ़े Meri Masum ishq💜💜

  • 12. Masum ishq - Chapter 12

    Words: 2010

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब तक...............

    प्रिशा : माँ पापा ऐसा कैसे कर सकते है अपने पोते से भी जरूरी अब उनके लिए उनका काम हो गया है मैं इस बार सच पापा से बहुत नाराज हूँ प्रिशा जी आर्थिक जी के साथ चलते हुए बोली । ।



    आर्थिक जी  : प्रिशा जरूरी नहीं होता तो वो ऐसे आपने का प्लान कैंसिल नहीं करते । । बहुत अर्जेंट मीटिंग है क्लाइंट ऑस्ट्रेलिया से आ रहे हैं । । पापा ने कहा तो है वो दोनों शादी के एक पहले ही यहां आ जाएंगे । । अगर तुम्हें नाराज होना है तो अपनी लाडली से और से नाराज हो वो नहीं आ रहा है इस शादी में । । और शिवाय ने कहां की अविका को कोई कुछ ना बताये वो चाहता है बिना स्टडी कंप्लीट किये वो यहां ना आए । । तुम तो जानती ही हो लास्ट time जब वो छुट्टियों में आई थी । । तो वापस जाने के लिए राजी ही नहीं थी मुझे भी शिवाय का सुझाव अच्छा ही लगा । । 




    प्रिशा जी  : आपको तो अच्छा ही लगेगा एक माँ से पूछो उसका क्या हाल होता है । । जब उसके बच्चे उससे दूर होते है इतना बोल कर वो गुस्से से कमरे में चली गई । । आर्थिक जी के बेचारगी से अपना सिर ना में हिलाया और वो भी कमरे में चले गए । ।

     

     

     

    अब आगे..........

     

     

    शाम का समय 

     

    पंडित जी मंत्र पढ़ रहे थे स्टेज पर शिवाय अकेले बैठा था और वो बार बार सीढियों की ओर ही देखे जा रहा था । ।उसकी इस हरकत को पास में खड़ी प्रिशा जी अच्छे से नोटिस कर रही थी । । और धीरे धीरे मुस्कुरा रही थी कि कल तक शादी के नाम से ही भागने वाला लड़का और एक दिन पहले मिली लड़की को देखने के लिए उतावला हुआ जा रहा है । । वहीँ आर्थिक जी गेट पर खड़े होकर गेस्ट का वेलकम कर रहे थे वैसे भी सगाई में आर्थिक जी ने ज्यादा लोगों को इनवाइट नहीं किया था । । बस कुछ खास रिलेटिव फ्रेंड्स और कुछ बहुत ही खास बिजनेस पार्टनर को ही बुलाया था । । 

     

     

    पंडित जी  : यजमान कन्या को बुलाये सगाई के मुहूर्त का समय हो गया है । । पंडित जी प्रिशा को देखते हुए बोले । । उनकी बात सुन कर प्रिशा जी आस्था को लेने के लिए चली गई । । कमरे के अंदर गई तो देखा कि आस्था रेडी हो चुकी थी । । आस्था बिल्कुल चांद का टुकड़ा लग रही थी मिष्टी भी कुछ कम नहीं लग रही थी लेकिन दोनों के ही चेहरे उतरे हुए  थे दोनों ही बहुत उदास लग रही थी । । उन्हें देख कर लग रहा था कि जैसे वो किसी भी पल रो देंगी उनकी आंखे बेहद लाल थी । ।

     

     

    प्रिशा जी  : आस्था  मिष्टी  क्या  हुआ  बच्चो  इतने  खुशी  के पल  में  इन  आँखों  में  आँसू  क्या  वजह  है  इन आसुओं की । । प्रिशा  जी को देख कर और उनकी बातें  सुन  कर  मिष्टी  अपने  आंसुओ  को  रोकते  हुए बोली । ।

     

     

    मिष्टी  : आंटी पाखी की तबीयत सुबह से ही बहुत खराब हो रही है । । दो बार वो बेहोश हो चुकी है यही अभी थोड़ी देर पहले ही उसे medicine देकर किसी तरह दी ने सुलाया है । । मिष्टी प्रिशा जी को बेड पर सो रही पाखी की ओर दिखाते हुए बोली । । मिष्टी  की  बात  सुन कर  प्रिशा  जी  घबरा  गई  और  बेड  के  पास  जाते  हुए  बोली । ।

     


    प्रिशा जी : इतनी बड़ी बात आप दोनों हमे अभी बता रही हो । । मिष्टी आस्था को लेकर नीचे जाओ मुहूर्त का समय हो गया है पाखी सो रही है तो फिर में डॉक्टर को कॉल करके उन्हें आने को बोलती हूँ । । प्रिशा जी अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए बोली क्योंकि वो आस्था से ऐसी लापरवाही की उम्मीद नहीं कर रही थी । । 

     


    आस्था  : मां पाखी के बिना मैं कैसे 

     

    प्रिशा जी  : ये तो पहले सोचना चाहिए था जब इसकी खराब तबीयत के बारे में छुपाने की कोशिश की थी आप दोनों । । खैर अब जाओ बिना मन के दोनों बहने नीचे चली गई थोड़ी देर बाद दोनों की सगाई हो चुकी थी । । स्टेज पर बैठे सभी का आशिर्वाद ले रहे थे दोनों आज तो शिवाय की नजर ही नहीं हट रही थी आस्था से । । आस्था ने मजेंटा कलर का लहंगा पहना था और हल्का सा मेकअप किया था । । जिसमें भी वो बहुत खूबसूरत लग रही थी बिना पलके झपकाए शिवाय उसे देख रहा था । । वहीँ आस्था तो पाखी को लेकर परेशान थी आज सुबह से ही उसका मन बेचैन था । । पार्थ एक कोने में खड़ा आस्था और शिवाय को देख रहा था आज सुबह से ही उसे बहुत बेचैनी और घबराहट हो रही थी । । उसे  ऐसा  लग रहा  था  कि  शायद  उसकी  हेल्थ  ठीक ना हो । । बार बार उसकी नजरे आर्थिक जी आस्था और प्रिशा जी पर जा रही थी तभी उसने नोटिस किया कि प्रिशा जी वहां नहीं है । । वो अपनी बेचैन नजरो से उन्हें यहां वहाँ देखने लगा लेकिन वो उसे कहीं भी नजर ही नहीं आयी । । धीरे - धीरे सभी गेस्ट आर्थिक जी से इजाजत लेकर वहां से निकल गए । । पार्थ भी प्रिशा जी को खोजते हुए किचन की ओर जा रहा था वो । । अभी वहां तक जा पाता कि उसे ऊपर के किसी कमरे में से प्रिशा जी की चिल्लाने की एक जोर दार आवाज सुनाई दी । । 

     

     

    प्रिशा जी  : आर्थिक जी शिवाय पार्थ यहां आओ देखों क्या हो गया पाखी को ये आंखे ही नहीं खोल रही है । । पाखी का नाम सुनते ही सब (आर्थिक, शिवाय और आस्था) ऊपर की ओर भागे । । वहीँ पार्थ तो अपनी जगह पर मानो जम सा गया हो उसने वो नाम एक बार अपने मन में दोहराया । ।

     

     

    पार्थ  : पाखी नहीं नहीं ये बस इत्तेफाक है ऐसा नहीं हो सकता वो यहां कैसे हो सकती है । । अगर वहीँ हुई तो क्या मुझे एक बार जाकर देखना होगा वो मन ही मन बोला । । उसका दिल घबरा रहा था कि अगर वहीँ हुई तो कहीं उसे कुछ हो ना जाए वो ऊपर की ओर तेजी से जाने लगा । । जब उसे ऊपर से तेजी से आता हुआ शिवाय दिखाई दिया जबकि गोद में एक लड़की थी । । जिसका face शिवाय के सीने में छुपा हुआ था वो जैसे ही शिवाय के पास से गुजरा उस लड़की का face हल्का सा उसे दिखा जिसे देखते ही वो सदमें में चला गया था । । जिस लड़की को ढूंढने के लिए उसने दिन रात एक कर दिया था वो लड़की उसके ही घर में थी । । और जब वो आज उसे मिली है तो उसकी ये हालत कैसे हुई उसका दिमाग मानो शून्य हो गया था । । वो अपने होश से बाहर तब आया जब शिवाय की एक तेज आवाज उसके कानो में सुनाई पड़ी । ।

     

     

    शिवाय  : पार्थ गाड़ी निकाल डैड मैं और पार्थ पाखी को लेकर चल रहे है आप चारो (आर्थिक जी आस्था प्रिशा जी और मिष्टी) दूसरी गाड़ी से आओ । । इतना बोल कर वो पाखी को लेकर बाहर निकल गया उसके पीछे पार्थ भी भागा । । उनके जाते ही अचानक ही आस्था बेहोश होकर गिर पड़ी । । जिसे देख कर मिष्टी जोर जोर से रोने लगीं प्रिशा जी उसे सम्भालने लगीं । ।

     

     

     आर्थिक जी : मिष्टी रोना बंद करो बच्चे बस घबरा कर बेहोशी हुई है आस्था और देखना अभी पाखी भी ठीक होकर आस्था जाएगी । । तुम दोनों आस्था को सम्भाले यही रुको मैं कमरे में से पाखी के कुछ जरूरी मेडिकल रिपोर्ट लेकर आता हूं । । इतना बोल कर वो कमरे में उसे लेने चले गए  । ।

     

     

    पार्थ की कार में पार्थ तेजी से ड्राईव कर रहा था वो बस जल्द से जल्द hospital पहुंचना चाहता था । ।वो दोबारा उसे पाकर खोना नहीं चाहता था । । शिवाय उसे गोद में लिए पीछे बैठा हुआ हुआ था आस्था का रोता हुआ चेहरा बार बार उसकी आँखों के सामने आ रहा । । उसने आंखे बंद कर पीछे सीट से अपना सिर लगा लिया इतने में बंद आँखों में उसे आर्थिक जी आस्था और प्रिशा जी उसे खुद से दूर धुएँ में गायब होती हुई दिखी । । जिसे देख उसने घबराकर अपनी आंखें खो ली देखा तो hospital आ गया था । । पार्थ ने जल्दी से आकर गाड़ी के बैक शीट का door open किया और आगे बढ़ कर पाखी को अपनी गोद में ले लिया । । और hospital के अंदर उसने दौड़ लगा दी अब जाकर शिवाय ने पार्थ की आँखों में पाखी को खोने का डर दिखा जिसे देख उसके दिमाग में कुछ खटका । । लेकिन सब कुछ ignore करते हुए वो भी hospital के अंदर चला गया । । कुछ देर बाद दोनों ही भाई ICU रुम के बाहर खड़े थे पार्थ दिखाना नहीं चाहता था लेकिन बार बार उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे । । उसे देख शिवाय इतना तो समझ गया था कि अंदर जो लड़की है वो उसके भाई के लिए बहुत मायने रखती है । । काफी देर हो जाने पर ना तो ICU रुम का DOOR OPEN हुआ और ना ही आर्थिक जी सबको लेकर आते दिखे । । 

     

     

     

    शिवाय  : पार्थ सब ठीक हो जाएगा देखना तू घबरा मत मैं जरा डैड को कॉल करता हूँ । । मेरे पीछे तो आने को कहा था उन्होंने लेकिन अभी तक वो आए क्यों नहीं मैं पता करता हूँ । । वो जेब से फोन निकालकर जैसे ही आर्थिक जी को कॉल करता की उससे पहले ही ICU रुम का door open हुआ  जिसमें से एक लेडी डॉक्टर अपने face मास्क को निकालती हुई बाहर आई । ।

     

     

     

    पार्थ  : doctor वो वो कैसी है उसे क्या हुआ हैं वो अचानक बेहोश कैसे हो गई । । पार्थ उस लेडी doctor से एक के बाद एक कई सारे सवाल पूछने लगा । । डाक्टर  ने  सिर  झुका  लिया  जिसे देख पार्थ और शिवाय  दोनों डर गए । । पार्थ  कुछ  कहता  उससे  पहले  ही  वो  डॉक्टर  बोली । । 

     

     

     

    लेडी डॉक्टर  : i am sorry मिस्टर सिंह राजपूत मैने आस्था से पहले ही कहा था वो पाखी का ऑपरेशन जल्द से जल्द करवा ले एक दो दिनों के अंदर । । ये तो होना ही था । । ये डॉक्टर कोई और नहीं वहीँ डॉक्टर थी जिसके पास आस्था पाखी को लेकर आई थी । ।

     

     

    पार्थ : क्या हुआ था doctor साफ साफ बोलो कैसा ऑपरेशन क्या हुआ है पाखी को पार्थ गुस्से में चीखते हुए बोला । ।

     

     

     लेडी डाक्टर : मिस पाखी एक दिमागी मरीज है धीरे धीरे जारी उनकी नसें ब्लॉक हो रही हैं । । क्या आपको ये बात नहीं पता थी मिस्टर सिंह राजपूत । । इसी के साथ साथ वो 4th वीक प्रेगनेंट है वो बच्चा कब तक ठीक रहेगा ये कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि मिस पाखी अब कोमा में जा चुकी हैं । । डॉक्टर के इतना बोलते ही वहां सन्नाटा छा गया पार्थ के कदम लड़खड़ा गए । । इससे पहले कि वो गिरता शिवाय ने आगे बढ़ कर उसे थाम लिया । । पाखी प्रेगनेंट है वो कोमा में जा चुकी हैं ये बातें बार बार उसके कानो में गूँज रही थी अपने कानो पर हाथ रख कर वो जोर से चिल्लाया । । 

     

     

     

    पार्थ  : नहीहीहीईईईई ये नहीं हो सकता कह दो ये झूठ है डॉक्टर मैं तुम्हारी जान ले लूँगा डॉक्टर । । भाई ये क्या कह रही है मेरी पाखी को कुछ नहीं हो सकता ना । । भाई अगर उसे कुछ हो गया तो मैं मैं जी नहीं पाउंगा वो मेरी जिन्दगी है भाई बोलते हुए पार्थ जोर से चीख उठा उसकी हालत खराब होनें लगी थी । । 


     

    शिवाय  : पार्थ बिहेव उसे कुछ नहीं होगा बच्चा हिम्मत से काम लो हम उसे आज ही अमेरिका लेकर जाएंगे जहा उसका बेस्ट से बेस्ट ट्रीटमेंट होगा । ।

  • 13. Masum ishq - Chapter 13

    Words: 2020

    Estimated Reading Time: 13 min

     
    अब तक..............




     लेडी डाक्टर : मिस पाखी एक दिमागी मरीज है धीरे धीरे जारी उनकी नसें ब्लॉक हो रही हैं । । क्या आपको ये बात नहीं पता थी मिस्टर सिंह राजपूत । । इसी के साथ साथ वो 4th मंथ प्रेगनेंट है वो बच्चा कब तक ठीक रहेगा ये कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि मिस पाखी अब कोमा में जा चुकी हैं । । डॉक्टर के इतना बोलते ही वहां सन्नाटा छा गया पार्थ के कदम लड़खड़ा गए । । इससे पहले कि वो गिरता शिवाय ने आगे बढ़ कर उसे थाम लिया । । पाखी प्रेगनेंट है वो कोमा में जा चुकी हैं ये बातें बार बार उसके कानो में गूँज रही थी अपने कानो पर हाथ रख कर वो जोर से चिल्लाया । । 

    पार्थ  : नहीहीहीईईईई ये नहीं हो सकता कह दो ये झूठ है डॉक्टर मैं तुम्हारी जान ले लूँगा डॉक्टर । । भाई ये क्या कह रही है मेरी पाखी को कुछ नहीं हो सकता ना । । भाई अगर उसे कुछ हो गया । ।  तो मैं जी नहीं पाउंगा वो मेरी जिन्दगी है भाई बोलते हुए पार्थ जोर जोर से रोने लगा । । 

    शिवाय  : पार्थ बिहेव उसे कुछ नहीं होगा बच्चा हिम्मत से काम लो हम उसे आज ही अमेरिका लेकर जाएंगे जहा उसका बेस्ट से बेस्ट ट्रीटमेंट होगा । ।
     


     
    अब आगे................
     

    ICU Room

     
    पार्थ अपने धीमे कदमों से अंदर गया देखा तो पाखी hospital बेड पर मशीनों के बीच एक जिंदा लाश की तरह लेटी हुई थी । । जिसे देख पार्थ का दिल तड़प उठा उसे ऐसा लगने लगा मानो उसका दम घुट रहा हो । । बेड के पास रखी हुई स्टूल पर बैठ कर पार्थ पाखी का हाथ अपने हाथों में पकड़े हुए उसे चूमते हुए फूट फूट कर रोने लगा । ।
     



     
    पार्थ : तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकतीं हो जान मेरे लिए उठ जाओ ना मैं नहीं जी पाउंगा तुम्हारे बिना । । इसे लिए ना सही हमारे बेबी के लिए तो उठ जाओ ना जान । । तुम्हें पता है we are going to be parents ( हम मोम डैड बनने वाले है ।) please उठ जाओ ना देख लेना तुम जितना मुझे तड़पा रही हो ना में गिन गिन कर तुम्हें इसकी pannisment दूँगा । । मुझे पता है तुम्हें कुछ नहीं हो सकता है तुम ऐसे तड़पा नहीं सकती हो मुझे जान पार्थ सिसकियां लेते हुए बोला । । ग्लास door के बाहर से शिवाय अपने भाई को इस तरह से तड़पते हुए नहीं देख पा रहा रहा था  । । उसकी आँखों से भी आँसू एक कतरा बह ही निकला जिन्हे बड़ी ही बेदर्दी से साफ करते हुए पीछे की ओर पलट गया । ।




     
    शिवाय  : डैड मोम कहा रहा गए अभी तक डैड मोम को आस्था और मिष्टी को लेकर नहीं आए और अब तो उनका कॉल भी नहीं लग रहा है । । ना ही पैलेस के किसी गार्ड का कॉल लग रहा है सब के सब इतने केयरलेस कैसे हो सकते है । । एक बार यहां सेे फ्री होकर निकली फिर सभी को फायर कर दूँगा । । शिवाय खुद से ही बड़बड़ाते हुये बोला और doctor के केबिन में चला गया पाखी के बारे में कुछ बात करने । । थोड़ी देर बाद जब पाखी के ICU Room के बाहर आया तो देखा कि पार्थ ICU रुम से बाहर आ रहा । । उसकी आंखे बिल्कुल खून सी लाल हो गई थी देख कर ही ऐसा लग रहा था जैसे वो बहुत रोया है । । शिवाय उसे कुछ कहता कि उससे  पहले ही  उसका  फोन  रिंग  हुआ  फोन  हाथ में ही था । । शिवाय ने देखा तो caller id पर किसी मोहन जी का नाम सो हो रहा था । । शिवाय ने कॉल aunswer किया वो कुछ कहता कि उससे पहले ही फोन के दूसरी साइड से मोहन जी कुछ ऐसा कहा जिसे सुनते ही शिवाय के हाथ से फोन छुट कर गिर पड़ा और वो लड़खड़ा गया । । लेकिन खुद को सम्भालते हुए शिवाय तेजी से पार्थ के पास आया और उसे उसके हाथों से पकड़कर हिलाते हुए बोला । ।



     
     
    शिवाय  : पार्थ पार्थ दादू की कार ब्लास्ट हो गई और दादू और दादी दोनो ही उस वक़्त कार में थे और वो आगे की बात उसके मुँह में ही रह गई । । उसकी बातें सुन कर पार्थ होश में आया और ये बात सुनते ही उसके कान खड़े हो गए । ।



     
    पार्थ  : no no no भाई आप खामखा कुछ भी सोच रहे हों । । किसी ने आपके साथ जोक किया होगा जिसने भी ऐसा किया है ना मैं उसे छोड़ूंगा नही देख लेना आप पार्थ शिवाय को शांत कराते हुए बोला । । हालांकि वो खुद भी अंदर से बहुत घबराया हुआ था कि कहीं ये बात सच ना हो । ।
     



     
    शिवाय  : नहीं पार्थ ये सच है मोहन जी दादू के असिस्टेंट उन्होंने बताया कॉल करके मुझे लगता है । । डैड शायद इसी लिए hospital नहीं आ पाए हमे अभी पैलेस के लिए निकलना होगा । । वैसे भी पाखी की सेफ्टी के लिए मैने पहले ही यहां की सिक्योरिटी बढ़ा दी है । । अब हमे यहां सेे तुरन्त ही निकलना होगा । । शिवाय की बात सुनकर पार्थ हा में सिर हिलाते हुये शिवाय के साथ hospital से पैलेस के लिए निकल गया । । बेचारा अभी एक गम से तो निकल ही नहीं पाया था कि उसे दूसरा गम भी मिल गया । ।





     
    तकरीबन 1 घंटे का सफर दोनों भाइयों मे आधे घंटे में खत्म किया था । । इस बीच दोनों के ही फोन पर काफी सारे कॉल आ रहे थे जिसे दोनों ही इग्नोर कर रहे थे । । क्योंकि उन्हें पता थी ये किस बारे में बताने के लिए लोग उन्हें कॉल कर रहे है । । पैलेस के बाहर ही गॉड्स एंड सिक्योरिटीज की भारी भीड़ लगी हुई थी । । यहां तक कि साथ ही साथ कई सारे फायर ब्रिगेड की गाड़ियां खड़ी थी । । दूर से ही पैलेस के पास से ही काफी सारा धुआं उठता हुआ दिखाई दे रहा था । । जिसे देख कर पार्थ और शिवाय दोनों की ही आंखें बड़ी हो गई और उनका दिल धक से करके रह गया । ।
     




    किसी अनहोनी की शंका उनके मन में पैदा हो गई थीं वो ही दोनों गाड़ी का दरवाजा खोल तेजी से उस भीड़ से होते हुए पैलेस के अंदर गेट के पास पहुंचे । । सामने का नज़ारा देखते ही दोनों की आंखे फटी की फटी रह गई । पैलेस बहुत ही भयानक तरीके से जल रहा था जिसे लोग बुझाने की कोशिश तो कर रहे थे । । लेकिन आग इतनी भयंकर लगीं थीं कि जल्दी बुझ ही नहीं रही थी । आग की इतनी भयंकर उठ रही लपटों को देख कर दोनों ही भाइयों का दिल बैठा जा रहा था । । गार्ड ने आकर दोनों को ही कस कर पकड़ लिया था । । ताकि वो दोनों ही भाई अंदर ना जा सके और ताकि उन्हें कोई हार्म ना हो सके । । 
     





    पार्थ  : how dare you छोड़ो मुझे मेरे मोम डैड अंदर है । । अगर उन्हें कुछ हो गया तो मैं तुम में से किसी को जिंदा नहीं छोडूंगा । । सबको यही जमीन में जिंदा गाड़ दूंगा ऐसी मौत दूंगा कि तुम सभी की रूह तक कांप जाएगी । । पार्थ खुद को छुड़ाने की कोशिश करते हुए चीखते चिल्लाते हुए बोला । । वहीँ हाल शिवाय का भी था दोनों भाई पागलों की तरह चिल्ला रहे थे उनकी चीखें वहां खड़े सभी का दिल दहला दे रही थी । । उनके सभी बातों को सुनते हो गार्ड अपना सिर झुकाए वैसे के वैसे खड़े थे । । वो जरा भी टस से मस नहीं हुए । । और ना ही उन्होंने दोनों भाइयों को छोड़ा जिससे वो आग में जा पाए । । इस बीच दोनों ही भाई कई बार बेहोश होकर गिर चुके थे । । तकरीबन कड़ी मेहनत के बाद 1 घंटे के बाद सभी आग बुझाने में कामयाब हुए । । अब बस पैलेस के अंदर से धुएँ उठ रहे थे आग पूरी तरह से बुझ चुकी थी । । आधे घण्टे के बाद पार्थ और शिवाय को होश आया आंखे खुलते ही दोनों फिर से उठे । । और जैसे ही अंदर जाने को हुए कि उनके सामने ही चार लाशें सफेद कपड़ों में ढकी हुई मिली । । डगमगाते हुए कदमों से शिवाय आगे बढ़ा और एक लाश के पास जाकर घुटनों के बल गिरा अपने कांपते हुए हाथो सेे उसने उस लाश पर से हल्के से वो सफेद कपड़ा उठाया ही था कि उसकी चीख निकल गई लाश पूरी तरह से जल चुकी थी । । लेकिन ये अंदाजा लगाया जा सकता था कि वो शायद आर्थिक जी की ही लाश थी । । आज खुशी के इतने बड़े दिन पर ये सब क्या हो गया था एक ही झटके में उनका पूरा परिवार खत्म हो गया था । । दोनों भाई एक दूसरे को गले लगाए हुए फूट फूट कर रो रहे थे । ।




     
    पार्थ  : मोम डैड आप दोनों हमे ऐसे छोड़कर नहीं जा सकते मुझे पता है ये मेरा कोई वहम है यह झूट है आप दोनों ऐसे नहीं जा सकते । । भाई डैड से बोलो ना अगर ये उनका कोई प्रैंक हुआ ना तो मैं बात नहीं करने वाला हूं इनसे । । मोम आप अपने पार्थ के साथ ऐसा कैसे कर सकतीं है मोम डैड please come बैक मोम । । वहीँ शिवाय बदहवास सा पड़ा था । । सब तो खत्म हो गया था आज उसके पास ना तो उसके माँ बाप बचे थे । । ना ही उसके दादू दादी माँ और ना ही आज उसका प्यार उसके पास था सब छीन गया था । ।
     


     
    बैकग्राउंड म्यूजिक............
     
     
    चिठ्ठी ना कोई संदेश... हो.हो... । ।
     
    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस । ।

    जहां तुम चले गए..।

    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस । ।

    जहां तुम चले गए..।

    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस । ।

    जहां तुम चले गए..।

    जहां.... तुम चले गए.. ।

    इस दिल पे लगा के ठेंस जाने वो कौन सा देस

    जहां तुम चले गए..

    एक आह भरी होगी, हमने ना सुनी होगी.। ।

    जाते जाते तुमने, एक आवाज तो दी होगी. । ।

    हर वक़्त यही हैं गम, उस वक्त ने कहा थे हम. ।

    कहा तुम चले गए.. । ।

    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस ।

    जहां तुम चले गए. जहां.... तुम चले गए । ।
     
    इस दिल पे लगा के ठेंस जाने वो कौन सा देस ।

    जहां तुम चले गए.. हर पे चीज़ इश्क़ों से, । ।

    लिखा है लिपिबद्ध नाम. ये रास्ते घर गलियाँ, । 

    सलाम करो ना सलाम , हाय दिल में रह गयी बात, ।

    जल्दी से छुडाकर हाथ. कहा तुम चले गए. । ।

    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस । 

    जहां तुम चले गए. जहां.... तुम चले गए । ।

    इस दिल पे लगा के ठेंस जाने वो कौन सा देस ।

    जहां तुम चले गए. हां.हां.हां.हां.हां.हां.हां.हां.

    अब यादों के काँटे,

    इस दिल में मुश्किलें हैं. ना दर्द ठीक है, ।

    ना फूल रुकते हैं. तलाश कर रहे हैं प्यार । ।

    हम कैसे करें इकरार के हां तुम चले गए ।

    चिठ्ठी ना कोई संदेस जाने वो कौन सा देस । 

    जहां तुम चले गए. जहां.... तुम चले गए । ।

    इस दिल पे लगा के ठेंस जाने वो कौन सा देस ।

    जहां तुम चले गए.. हो...कहाँ तुम चले गये ।

    हो.. तुम कहाँ चले गए. हो. कहाँ तुम चले गए । ।
     
     


     
     
    आज का episode लिखते लिखते मेरी आंखे भी भर आई । । खैर ये सफ़र यही खत्म होता है पर कहते है ना अंत ही आरम्भ तो ठीक उसी तरह से तो अभी शुरुआत है अंत नहीं । । क्या ये एक साजिश थी या एक अनहोनी थी । ।




     
    ढ़ाई साल बाद एक नया सफर और एक नई जंग की शुरुआत । । एक नए प्यार से मुलाकात आगे की कहानी को जानने के लिए पढ़ते रहे Masum ishq
     
     
     
     
     

  • 14. Masum ishq - Chapter 14

    Words: 1542

    Estimated Reading Time: 10 min

    जहाँ एक ओर आप सभी ने कहानी में अब तक पढ़ा कि  शिवाय  और  आस्था  की  सगाई  वाले  दिन पाखी  बेहोश  हो  गई  थी । । और तभी पार्थ को  पता चला  कि  पाखी  प्रेगनेंट  है  । । और वो भी उसके  अपने  बच्चे  की  माँ  बनने  वालीं  है । । और साथ ही वो कोमा में भी जा चुकी हैं । । और वहीं दूसरी ओर पार्थ और शिवाय के दादू कि कार ब्लास्ट हो गई । । और उस ब्लास्ट में उसे दादू और दादी माँ की मौत हो गई । । वहीँ राजपूत पैलेस में भी भयानक आग लग गई थी । । जिसमें आर्थिक सिंह राजपूत के साथ साथ उनकी बीवी प्रिशा आर्थिक सिंह की भी मौत हो गई । । और शिवाय कि होने वालीं बीवी आस्था और उसकी बहन मिष्टी कि भी बहुत  ही  भयानक  मौत  हो  गई । । कहानी  में  एक दूसरा  नया  मोड़  आया  ढ़ाई  सालो  के  बाद  । ।

     

     

    ढ़ाई साल बाद 

    जर्मनी में 

     

    एक सी कंपनी का एक बेहद लग्जरियस मीटिंग हॉल जहां एक अजीब सी शांति (खामोशी) फैली हुई थी । । एक शख़्स ठीक सामने हेड चेयर पर बैठा था उसका औरा बहुत ही भयानक लग रहा था । । उस शांति को चीरती  हुई  उस  शख़्स  की  उँगलियाँ  लगातार  उसके  सामने  रखे  उसके लैपटॉप की  की -बोर्ड पर नाच (चल) रही थी । । मीटिंग  हॉल  में  एक  आजीब  सी  ठंडक फैली  हुई  थी । । जो उस शख़्स को छोड़ कर हर किसी को कांपने पर मजबूर कर दे रही थी । । उस खामोशी को तोड़ते  हुए  वहां  बैठे  एक  शख़्स  ने ( जिसका नाम संजय रस्तोगी था । ।) सामने  बैठे  हुए  उस  शख़्स  डरते  हुए  कुछ  कहा । ।

     

     

    संजय रस्तोगी  :  मिस्टर सिंह राजपूत मुझे तो ये समझ नहीं आ रहा है कि आपने इतने शोर्ट नोटिस पर हम सभी को इंडिया से यहां क्यूँ बुलाया है लगभग 2 घंटे हो गए और आपने अभी एक एक शब्द भी नहीं कहा । । हम सभी इसका कारण जानना चाहते है कि आप ए हमे यहां क्यूं बुलाया है । । आखिर कार संजय ने आवाज उठाई उस शख़्स के सामने । । अब सभी की नजरे संजय पर तो कभी उसका शख़्स पर चली गई । । जो सामने बैठा हुआ  अब  संजय  रस्तोगी  को  घूर  रहा था फिर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोला । ।

     

     

    वो शख्स  : doctor संजय रस्तोगी मुझे लगता है तुम्हें बहुत जल्दी ये जानने की की तुम सभी को यहां क्यूँ बुलाया गया है । । या फिर कहीं कुछ ऐसा तो नहीं  कि  तुम  यहां  सेे जल्द से जल्द भागना चाहते हो । । कहीं तुम्हारा राज सामने ना आ जाये वो शख़्स अपनी बेहद डरावनी आवाज में बोला । । जो संजय रस्तोगी को अंदर तक कांपने पर मजबूर कर गया । ।

     

     

    संजय रस्तोगी  : आप कहना क्या चाहते है मिस्टर सिंह राठौर साफ साफ कहिए doctor संजय रस्तोगी थोड़ी हिम्मत के साथ बोला । । मैं आप सभी को बता दूँ कि इस मीटिंग में उस शख़्स को छोड़ कर सभी डॉक्टर ही मौजूद थे । । 

     

     

    शख्स  : मेरी wifey के आर्गन किससे पूछकर और किसे दिया तुम सभी ने । । अगर मरना नहीं चाहते हो तुम सभी तो अगले 5 मिनट के अंदर मुझे वो नाम बताओ । । और किसके कहने पर ऐसा किया था तुम सभी ने ये बताओ वारना किसी की लाश तक उसकी फॅमिली को नहीं मिलेगी । । उसकी बातें सुन कर सभी डर से एक दूसरे का मुंह देखने लगे । । उनके मन में बहुत कुछ चल रहा था तभी वहां बैठा एक दूसरा डॉक्टर (विनय चौहान) बोला । ।

     

     

    विनय चौहान  : आप ये इल्जाम भी हम पर कैसे लगा सकते है मिस्टर सिंह राजपूत । । क्या प्रूफ है आपके पास ऐसा जो आप हम सभी पर ये ब्लेम कर रहे है । । वो थोड़ी अकड़ के साथ बोला और इसी के साथ अगले पल ही उसकी एक दर्द भरी चीख उस मीटिंग हॉल में गूँज उठीं । । और वो अपनी चेयर से नीचे गिर गया । । सभी उसे एक बार देख कर उस शख़्स की ओर देख जो बहुत ही अजीब तरह से अपनी गन को देख रहा था जिसमें से हल्का हल्का धुंआ निकल रहा था । । सब थरथर कांपने लगे कि इतने में वो शख़्स फिर से बोला उठा । । 

     

     

    शख्स  : मुझसे कोई भी ऊंची आवाज में बात करे ये मुझे जरा भी पसंद नहीं । । पार्थ सिंह राजपूत को बात पत्थर की लकीर होती है । । तो अगर मैंने कह दिया कि सच्चाई बताने पर में तुम सभी को सही सलामत छोड़ दूँगा । । तो मतलब सही सलामत छोड़ दूँगा तुम सभी का time अब खत्म होने में सिर्फ 30 सेकेंड ही रह गए है । । और अगर मुझे 30 सेकेंड के अंदर जवाब नहीं मिला तो इसकी तरहें ( मरे हुए विनय चौहान की ओर इशारा करते हुए बोला । ।) ही तुम सभी को मौत मिलेगी Now only 20 seconds left (अब तो 20 सेकेंड ही रह गए है ।) So answer me quickly or you will be killed. (इस लिए जल्दी जवाब दो मुझे वारना मारे जाओगे । ।) संजय डर के माले किसी रट्टु तोते की तरह सब कुछ बकने लगा । ।

     

    संजय रस्तोगी  : ढ़ाई साल पहले आपकी wife के एडमिट होने से पहले ही मिस्टर गौतम सिंह राठौर अपनी बेटी को लेकर आए थे । । जिसका  हार्ट  ट्रांसप्लांट करना था जो खराब हो चुके थे । । हम सभी ने काफी कोशिश की लेकिन किसी का भी हार्ट उनकी भतीजी से मैच ही नहीं हो रहा था । । उन्होंने इस काम के लिए हमे पहले ही 25 लाख रुपये एडवांस में दे दिए थे । ।  और फिर आप आपनी वाइफ को लेकर आए उनके कोमा में जाने के बाद जब हमने मैच किया तो उनका हार्ट मैच हो गया हमे एक उम्मीद दिखी । । अगर हम उस बच्ची का हार्ट ट्रांसप्लांट नहीं करते तो वो ज्यादा से ज्यादा 9 सेे 10 महीने ही जिंदा रह सकती थी । । डिलिवरी के कुछ ही देर बाद जब आपकी wife की डेथ हो गई तो हमे लगा शायद ये ही भगवान की मर्जी हो । । इतना बोल कर वो चुप होकर अपना सिर झुका कर बैठा रहा वहीँ पार्थ की नशे गुस्से में फूल गई थी । ।

     

     

    पार्थ  : now go इससे पहले कि मैं अपना आपा ही खो दूं और अपनी बात से मुकर जाऊं । । तुम सभी की जान ले लूं दफा हो जाओ  वो अपने  गुस्से  को  कंट्रोल  करते  हुए  तेजी से चीख । । जिससे  अगले  ही  पल  वो  सभी  वहां  से तुरन्त  ही  नौ  दो  ग्यारह  हो  गए । । गौतम सिंह राठौर आर्थिक सिंह राजपूत (पार्थ के डैड) का जानी दुश्मन और बिजनेस राइवल भी है । । ये इन दोनों की दुश्मनी आज की नहीं है बल्कि बरसों पुरानी है जो आगे चलकर आप सभी को पता चलेगी  । । 

     

     

    पार्थ  : मुझे पहले ही समझ जाना था गौतम सिंह राठौर ये सब इत्तेफाक नहीं बल्कि तेरी ही गिरी हुई हरक़त है । मुझे अनाथ करने के पीछे तेरा ही हाथ था ये मुझे यकीन हो चुका है । । लेकिन  आज  से  बल्कि  अभी  से  तेरे  उल्टे  दिन  शुरू  हुए  गौतम  सिंह राठौर । । जिस  तरह  से मेरी फॅमिली  को  तून  तड़पा  तड़पा  कर  एक  दर्दनाक  मौत दी । । मैं तुझे उससे भी कई गुना ज्यादा भयानक मौत दूँगा तुझे । । लेकिन उससे पहले मैं उसकी जान लूँगा  जिसे बचाने के लिए तूने मेरी जान की जान ली ये मेरा पार्थ सिंह राजपूत का खुद से किया वादा है । इस वक्त पार्थ की आंखे बेहद लाल हो गई थी । । उसने किसी को कॉल किया और कुछ और फोन पर ही कुछ इंटरेक्शन देते हुए बिना उधर की कोई बात सुने अपनी जगह से खड़ा हुआ । । और अपने लंबे कदम भरते हुए मीटिंग हाल से बाहर निकल गया । । ठीक उसके पीछे उसकी  अस्सिटेंट  राज  भी  चला  गया । । मीटिंग रुम से राज लगभग भागते हुए निकला था और पार्थ को आवाज देते हुए । ।

     

     

     

    राज  : बॉस बॉस बिग बॉस का कॉल आया था उन्होंने जल्द से जल्द आपको विला आने को कहा है शायद कोई इमर्जेंसी है । । राज के इतने कहने भर से पार्थ और भी ज्यादा तेज कदमों से चलता हुआ । । ऑफिस के पार्किंग एरिया में आ गया उसके आते ही ड्राईवर ने उसके लिए बैक शीट का door open किया । । और पार्थ अंदर बैठ गया तो ड्राईवर भी ड्राइविंग शीट पर आकर बैठ गया और गाड़ी को जर्मनी के सड़कों पर दौड़ा दिया । । जल्द ही उसकी गाड़ी एक बहुत बड़े से विला के पार्किंग में आकर रुकी । । गार्ड ने आकर डोर open किया पार्थ अपनी  कोट  को  हाथो  में  लिए विला के अंदर चलो गया । । जैसे ही वो हॉल में पहुंचा तो सामने का नज़ारा देखते ही उसकी आंखे फैल गई । । 

     

     

    अगर पाखी की डिलिवरी हुई थी तो पार्थ का बच्चा कहा है । और क्या वो बेबी बॉय गई या बेबी गर्ल जल्दी जल्दी कमेन्ट करके मुझे बताओ सभी देखते है कौन सही गेस कराता है । ।

  • 15. Masum ishq - Chapter 15

    Words: 2140

    Estimated Reading Time: 13 min

    अब तक...............


    पार्थ  : मुझे पहले ही समझ जाना था गौतम महेश्वरी ये सब इत्तेफाक नहीं बल्कि तेरी ही गिरी हुई हरक़त है । । मुझे अनाथ करने के पीछे तेरा ही हाथ था ये मुझे यकीन हो चुका है । । लेकिन  आज  से  बल्कि  अभी  से  तेरे  उल्टे  दिन  शुरू  हुए  गौतम  सिंह  राठौर । । जिस  तरह  से मेरी फॅमिली  को  तून  तड़पा  तड़पा  कर  एक  दर्दनाक  मौत दी । । मैं तुझे उससे भी कई गुना ज्यादा भयानक मौत दूँगा तुझे । । लेकिन उससे पहले मैं उसकी जान लूँगा  जिसे बचाने के लिए तूने मेरी जान की जान ली ये मेरा पार्थ सिंह राजपूत का खुद से किया वादा है । इस वक्त पार्थ की आंखे बेहद लाल हो गई थी । । उसने किसी को कॉल किया और कुछ और फोन पर ही कुछ इंटरेक्शन देते हुए बिना उधर की कोई बात सुने अपनी जगह से खड़ा हुआ । । और अपने लंबे कदम भरते हुए मीटिंग हाल से बाहर निकल गया । । ठीक उसके पीछे उसकी  अस्सिटेंट  राज  भी  चला  गया । । मीटिंग रुम से राज लगभग भागते हुए निकला था और पार्थ को आवाज देते हुए । ।


    राज  : बॉस बॉस बिग बॉस का कॉल आया था उन्होंने जल्द से जल्द आपको विला आने को कहा है शायद कोई इमर्जेंसी है । । राज के इतने कहने भर से पार्थ और भी ज्यादा तेज कदमों से चलता हुआ । । ऑफिस के पार्किंग एरिया में आ गया उसके आते ही ड्राईवर ने उसके लिए बैक शीट का door open किया । । और पार्थ अंदर बैठ गया तो ड्राईवर भी ड्राइविंग शीट पर आकर बैठ गया और गाड़ी को जर्मनी के सड़कों पर दौड़ा दिया । । जल्द ही उसकी गाड़ी एक बहुत बड़े से विला के पार्किंग में आकर रुकी । । गार्ड ने आकर डोर open किया पार्थ अपनी  कोट  को  हाथो  में  लिए विला के अंदर चलो गया । । जैसे ही वो हॉल में पहुंचा तो सामने का नज़ारा देखते ही उसकी आंखे फैल गई । । 
     
     


    अब आगे.................
     
     
    सामने का नजारा देखते ही वो शॉक्ड हो गया कि तभी उसके कानो में एक लड़की की आवाज पड़ी जिससे वो होश में आया । । भाई आपके बेटे ने आज फिर से अपनी हरकतों से अपनी बेबीशीटर फिर से भगा दिया । ये अभी ठीक से दो साल का ही हुआ है । । लेकिन इसकी शैतानियों के चलते इस वालीं बेबीशीटर को मिला कर पूरे 47 हो गई मैने काउंट करके रखा है । । और देखो इसे कैसे फ्लोर पर लेटा हुआ है बस डैडा डैडा की रट लगाए है । । सामने खड़ी लड़की पार्थ से नीचे फ्लोर पर लेटे हुए एक छोटे से लगभग 2 साल के बच्चे की शिकायतें करतें हुये बोली । । जिसे सुन पार्थ तेजी से उसके पास आया और नीचे लेटे हुए उस छोटे से बच्चे को घूरते हुए बोला । । जिसका मुँह दूसरी साईड था उसने पार्थ को देखा ही नहीं था । । 
     
     

     
    पार्थ  : अर्थ ये क्या हरकत कर रहे हों तुम नीचे क्यूं लेटे हों तुम चलो उठो अभी इसी वक़्त । । पार्थ की आवाज सुन कर अर्थ खुशी से चहकते हुए आँखों में चमक लिए लेटे लेटे ही पार्थ की ओर पलट गया । । 
     




    अर्थ  : डैडी डैडी बुई आ आ (अर्थ कहना चाहता है कि बुआ बहुत शोर मचा रही है पूरा बोल ही नहीं पा रहा था) उसके इतना कहने की देर थी वो लड़की गुस्से में भर उठीं वहीं अपने बेटे की cute cute सी बातें सुन कर पार्थ हल्के से ही सही लेकिन मुस्करा उठा । । वो लड़की कोई और नहीं पार्थ की छोटी बहन अविका सिंह राजपूत है । । अविका उस पर गुस्से से चिल्लाते हुए बोली । । 
     
     
     
    अविका  : you शैतान बच्चे क्या कहा आपने मैं बहुत शोर मचाती हूँ । । जैसे आप तो कुछ करते ही नहीं हो मैं तो बेवजह ही आप पर चिल्लाती हूँ । । शोर मचाती हूँ अविका गुस्से में अपनी कमर पर हाथ रख मुंह फूलते हुए बोली । । उसकी बातें सुन कर अर्थ की आंखों में चमक आ गई जैसे वो उसकी बातों से सहमत होकर अपना सिर हाँ में हिलाने लगा  अपनी आँखों को टिमटिमाते हुए वो अब पार्थ को देखते हुए ऐसे ही लेटे लेटे अपने दो हाथो को ऊपर की ओर उठा दिया जैसे कि वो पार्थ से उसे गोद में लेने के लिए कह रहा हूं जिसे समझकर पास में तुरंत झुक कर उसे अपनी उठा लिया वही उसकी हरकतों को देखकर अविका का तो पारा ही चढ़ चुका था वह गुस्से से उन दोनों बाप बेटे को घूमती हुई अपना पैर पटक कर वहां से चली गई । । 
     


     
    चलिए आप सभी के साथ अर्थ के साथ - साथ अविका का भी एक बार फिर से इंट्रोडक्शन करवाते हैं । । अर्थ यानी जिसका पूरा नाम अथर्व सिंह राजपूत है । । पार्थ और पाखी का बेटा जो अभी बस 2 साल का ही है । । अथर्व दिखने में बिल्कुल पार्थ की ही कार्बन कॉपी है जैसे पार्थ बचपन में था । । गोरा रंग नीली आंखे बस उसके कर्ली बाल पाखी को पड़े थे । । और उसके चेरी जैसे रेड होंठ बिल्कुल पाखी के जैसे ही थे जो पार्थ को पाखी की याद दिलाते थे । । 



     
    अविका सिंह राजपूत....... पार्थ की छोटी बहन age 18 साल गोरा रंग , उसकी आँखों का रंग हेजल ग्रीन है । जो उसे उसकी माँ यानी कि प्रिशा जी से मिला है height 5 फिट कमर तक बाल, पिंक होंठ । । कुल मिला कर बहुत ही प्यारी है और खूबसूरत । ।
    आगे 



     
    पार्थ  : अर्थ तुम ऐसी हरकतें क्यों करते हो देखा ना तुमने बुआ को गुस्सा दिला दिया वो तुमसे गुस्सा होकर चली गई । । पार्थ अपनी आवाज में बिल्कुल नर्मी  लाते  हुए बोला एक अर्थव ही ऐसा था जिससे पार्थ बहुत ही  प्यार से पेश आता था । । जिसका फायदा भी ये छोटा सा बच्चा बहुत ही बखूबी उठाता था । । उसकी बातें सुनकर अथर्व खिलखिलाते हुए हंसने लगा और पूरे विला में उसकी हंसी गूँज उठीं । । जिसे सुन कर पार्थ की सारी थकावट दूर हो गई और उसके माथे पर होंठ रख कर उसे चूमते हुए उसे लेकर अपने रूम की ओर बढ़ गया । । रुम में आने के बाद पार्थ अर्थव को बेड पर बिठा कर washroom में चला गया ।  । थोड़ी देर बाद फ्रेश होकर बाहर आया इस वक़्त वो बस एक towel में था । । एक नजर बेड पर लेट कर फोन चलाते हुए अर्थव को देखा फिर क्लोजेट रुम में चला गया । । वापस  एक  नॉर्मल सी  टी - शर्ट  और  लोवर  में  बाहर  निकला  बेड  पर  आते  हुए । । उसने अपने फोन को लगभग छीनते हुए अथर्व से ले लिया जो बड़े मगन से उसके फोन नें गेम खेल रहा था । । 
     

     
    अर्थव : डैडी गेम डैडी दो गेम तोन (फोन) अर्थव अपनी आँखों में मोटे मोटे आँसू लिए हुए बोल रहा था । ।
     
     


     पार्थ : अर्थ don't cry baby चलो आओ डैडी के पास आओ now lunch time. You must be hungry too, right? hungry right (तुम्हें भूख भी तो लगीं होगी ना । ।) पार्थ उसका ध्यान भटकाते हुए बोला और वो उसमें कामयाब भी हो गया । । क्योंकि भूख का नाम सुनते  ही  अथर्व  को  सच  में  ही  बड़ी  जोरों  की भूख लग गई । । 
     
     
     
    अथर्व  : डैडी बेबी bubbuu डैडी bubbuu अथर्व अपने टमी को सहलाते हुये बोला । । और पार्थ की गोद में आकर खड़ा होकर उसके कंधे पर अपना सिर रख कर उसके गले नें बाहें डाल कर वैसे ही खड़ा रहा । । जिसे देख कर पार्थ को अपने इस छोटे से शैतान बच्चे पर बड़ा ही प्यार आ रहा था । । वो उसे ऐसे ही गोद में लिए कमरे से बाहर निकल गया । । और लिफ्ट से निकल कर सीधा डाइनिंग टेबल की ओर चला गया । । डाइनिंग टेबल के पास आया तो वहां बैठे हुए एक शख़्स को देखकर उसकी भौहें सिकुड़ गई । । अथर्व को उसकी चेयर पर बिठाकर खुद भी उसके पास हेड चेयर पर बैठ गया और उस शख़्स को घूरते हुये बोला । ।
     
     



     
    पार्थ : क्या तुमने भाई को बताया कि कल रात तुमने किसके साथ क्लब में मार पीट की थी । । पार्थ उस शख़्स को अभी सुना ही रहा था कि पीछे से एक भारी आवाज आई । । जिसे सुन कर जहां पार्थ के होंठों के किनारे हल्के से मूड गए वहीँ उस शख़्स की हालत खराब हो गई । ।
     




     
    वो आवाज : क्या कहा पार्थ तूने मोक्ष ने फिर से किसी के साथ मार पीट की मोक्ष क्या ये सच है । । मोक्ष के तो पसीने छूटने लगे वो घूर कर पार्थ को अपनी खा जाने वालीं नजरो से देखने लगा । । लेकिन मारता क्या ना करता बेचारे को सच तो अब बताना ही था । । इस लिए अपने सिर को झुकाए हुए डरते डरते मोक्ष अपनी बातों से अपना बचाव करते हुए बोला । ।
     


     
     मोक्ष  : शिवाय भाई मेरी कोई गलती नहीं थी वो सब एक ल़डकियों को परेशान कर रहे थे तो मुझसे देखा नहीं गया । ।
     


     
    शिवाय  : और तू उसका मसीहा बनकर बीच में कूद गया यही हुआ होगा है ना । । शिवाय  मोक्ष  की  बातो  को बीच  में  काटते  हुए  बोला । । जिसे  सुन  कर  मोक्ष  ने अपने  सिर  को  जोर  जोर  से  हाँ  में  हिलाया । । जिसे देख  कर  शिवाय  का  तो  पारा  पूरी  तरह  से  ही  हाई हो  गया  था । । 



     
     
    मोक्ष  : sorry भाई आगे से ऐसा नहीं होगा वो बात आगे बढ़ने से पहले ही शिवाय से माफी मांगते हुए बोला और खुन्नस से पार्थ को घूरने लगा । ।
     


     
     
    अथर्व  : डैडा चाचू गुस्सा बले पापा (अथर्व शिवाय को बड़े papa बोलता था । ।) अथर्व पार्थ से कह रहा था कि चाचू और बड़े पापा गुस्सा है । । उसकी क्यूट सी बातें सुनकर सभी का ध्यान उस पर चला गया और इसी के साथ सभी का ग़ुस्सा भी हवा हो गया । । 
     


     
    मोक्ष एक अनाथ लड़का था जो पार्थ को एक पार्क में मिला था । । उस वक़्त मोक्ष की उम्र लगभग 5 साल के आस पास ही थी । । और same age पार्थ की भी थी पार्थ की जिद पर प्रिशा जी और आर्थिक जी दोनों ही उसे घर ले आए थे । । मोक्ष था ही इतना प्यारा की दोनों ने ही उसे गोद ले लिया तब से मोक्ष से मोक्ष सिंह राजपूत हो गया । । जो पार्थ का दोस्त भाई सब कुछ है दोनों ही (मोक्ष और अविका) जर्मनी में ही रह कर अपनी study को कम्प्लीट कर रहे थे । । उस भयानक हादसे के बाद शिवाय पार्थ मोक्ष अविका और पार्थ का नन्हा सा बेटा ही बचा था । । या कोई और भी बचा था ये आगे पता चलेगा आप सभी को । ।
     



     
    मोक्ष सिंह राजपूत age 24 saal height 6'2 आँखों का रंग ब्राउन माथे को ढके हुए उसके हल्के ब्राउन बाल , हल्का गोरा रंग, खुशमिजाज लड़का साथ ही राजपूत इंडस्ट्रीज का थर्ड सीईओ । ।  


     
     
    रात का समय पार्थ का कमरा पार्थ बेड पर सो रहे अपने बेटे को को जी भरकर निहार रहा था । । वो कभी उसे देखता था या फिर कभी दूसरी साइड पर ठीक उसकी आँखों के सामने वाल पर लगी पाखी की बड़ी सी फोटो को अपनी खाली आँखों से देखता । । अथर्व बिल्कुल गहरी नींद नें सो रहा था पार्थ की टी - शर्ट को अपनी मुट्ठी में भींचये हुए इतने में बेड के साइड टेबल के ऊपर रखा हुआ पार्थ का फोन रिंग हुआ जिसकी आवाज में उसका ध्यान टूटा हाथ आगे बढ़ाकर पार्थ ने अपना फोन उठा लिया देखा तो id पर राज का नाम सो हो रहा था आगे ही पल कॉल पिक करके पार्थ ने अपने कान पर लगा लिया तो उधर से राज की आवाज आयी । ।
     



     
    राज  : boss गार्ड उसे ले आए मैंने उसे बेसमेंट में ले जाने को बोल दिया है । । क्या आप अभी आयेंगे या टु टू टु टू राज अभी बोल ही रहा था । । कि इतने में कॉल cut होने की आवाज आई जिसे सुनते ही राज का मुंह बन गया । ।




     
    पार्थ : आज मैं तुम्हारी जान ले लूँगा तुम्हारी वजह से सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से आज मेरी जान मेरे साथ नहीं है i will kill you just wait and watch पार्थ अथर्व को शिवाय के कमरे में छोड़ कर गाड़ी लेकर तुरन्त विला से बाहर चला गया । । 
     



     
     
    किसे मारने जा रहा है पार्थ आखिरकार वो शख़्स कौन है बेसमेंट में । । क्या वो गौतम रघुवंशी है या है कोई और जानने के लिये पढ़ते रहें Masum ishq ❤❤
     
     
    धन्यवाद 🙏🙏
     
     
     
     
     

  • 16. Masum ishq - Chapter 16

    Words: 2091

    Estimated Reading Time: 13 min

     
    अब तक................



    रात का समय पार्थ का कमरा पार्थ बेड पर सो रहे अपने बेटे को को जी भरकर निहार रहा था । । वो कभी उसे देखता था । । या फिर कभी दूसरी साइड पर ठीक उसकी आँखों के सामने वाल पर लगी पाखी की बड़ी सी फोटो को अपनी खाली आँखों से देखता । । अथर्व बिल्कुल गहरी नींद नें सो रहा था पार्थ की टी - शर्ट को अपनी मुट्ठी में भींचये हुए इतने में बेड के साइड टेबल के ऊपर रखा हुआ पार्थ का फोन रिंग हुआ जिसकी आवाज में उसका ध्यान टूटा हाथ आगे बढ़ाकर पार्थ ने अपना फोन उठा लिया देखा तो id पर राज का नाम सो हो रहा था । । आगे ही पल कॉल पिक करके पार्थ ने अपने कान पर लगा लिया तो उधर से राज की आवाज आयी । ।

    राज  : boss गार्ड उसे ले आए मैंने उसे बेसमेंट में ले जाने को बोल दिया है । । क्या आप अभी आयेंगे या टु टू टु टू राज अभी बोल ही रहा था । । कि इतने में कॉल cut होने की आवाज आई जिसे सुनते ही राज का मुंह बन गया । । 

    पार्थ : आज मैं तुम्हारी जान ले लूँगा तुम्हारी वजह से सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से आज मेरी जान मेरे साथ नहीं है i will kill you just wait and watch पार्थ अथर्व को शिवाय के कमरे में छोड़ कर गाड़ी लेकर तुरन्त विला से बाहर चला गया । । 
     
     



    अब आगे............



     
    पार्थ की कार उसके बड़े से फार्म हाउस के सामने आकर रुकी उसकी गाड़ी को देख कर वॉच मैंने तुरंत आकर फार्म हाउस का गेट खोल दिया जिस पथ की गाड़ी अंदर आ गए पथ गाड़ी से निकलकर सीधा फार्म हाउस के पीछे बने हुए बेसमेंट में चला गया इस वक्त चेहरे गुस्से की लालिमा छाई हुई थी जो किसी का भी जान लेने के लिए काफी थी कोई भी अगर भारत के इस रूप को देख लेता है तो वह डर जाता । ।



     
     
    पार्थ सीधा बेसमेंट के सबसे आखरी वाले कमरे में चला गया जहां वो कमरा पूरी तरह अंधेरे से भरा हुआ था । ।उसके कमरे में जाते ही एक तेज चमक के साथ के साथ कमरा रोशनी से भर गया । । और वही सामने का नजारा देखते ही पार्थ के पैर लड़खड़ा गये और वो दो कदम पीछे हो गया । । 



     
     
    पार्थ  :  ये कैसे how is this possible no no जरूर यह मेरी इमेजिंनेशन है । । ये पाखी कैसे हो सकती है no no no लेकिन अगले ही पल पार्थ आगे बढ़ गया । । और सामने चेयर से बंधी हुई बेहोश लड़की को खोलने लगा । । जैसे ही उसने वो रस्सी खोली वो लड़की बेहोशी की हालत में सीधा उसके ऊपर आ गिरी । । और इसी के साथ दोनों की ही दिल की धड़कने बढ़ गई । । पार्थ उस लड़की की बेहोशी के हालत में ही बढ़ी हुई हार्टबीट को अच्छे से सुन पा रहा था । । और अचानक ही उसे क्या हुआ कि उसने कस कर अपनी बाहों में भींच लिया और उसी के साथ दोनों की ही धड़कने फास्ट हो गई । । और इसी के साथ पार्थ के होंठों पर एक मुस्कराहट आ गई । । और आँखों से अपने आप आंसुओ की मानो बारिश होने लगीं । । हल्के से दूर होते हुये वो उस लड़की के पूरे face को चूमने लगा । । कभी माथे को ,कभी दोनों गालों को, और कभी उसकी छोटी सी नाक पर आधे घंटे तक उसे वैसे ही अपनी बाहों में भरे हुए अपने घुटनों के बल बैठा रहा । । फिर उसे बाहों में लिए उठ कर खड़ा हो गया और  अपनी  बाहों  में  लिए  हुए  बेसमेंट  से  बाहर  आ गया । । उसे आता देख वहां खड़े सभी गार्ड सिर झुका कर खड़े हो गए । । पार्थ उस लड़की को लिए गाड़ी में बैठ गया । । ड्राइवर ने गाड़ी को फार्म हाउस के बाहर सड़कों पर तेजी से दौड़ा दिया । ।
     
     




     
    पार्थ : गाड़ी विला लेकर मिला ले कर चलो जल्दी फास्ट इतना बोल कर उस लड़की को निहारने लगा । । वहीँ चेहरा जो सालो पहले उसकी आँखों में बसा था । । ये वहीँ चेहरा था जो पार्थ की मोहब्बत थी उसके बेटे की माँ थी । । हाँ सही पहचाना वो लड़की पाखी की बिल्कुल हमशक्ल थी या फिर पाखी ही थी । । ये तो आप सभी  को आगे जाकर ही पता चलेगा । । आधे  घंटे में गाड़ी विला में आकर रुकी पार्थ उस पाखी की शक़्ल वालीं लड़की  को  अपनी  बाहों  में  लिए  विला  के  अंदर  चला गया । । इस वक़्त सभी अपने अपने कमरो में सो रहे  थे  पार्थ  की  खुशी  तो  मानो  छुपाये  नहीं  छुप  रही  थी । । वो उस लड़की को लिए अपने कमरे में चला गया कमरे में आकर बहुत ही प्यार से उसे बेड पर लिटाया मानो वो कोई कांच की गुड़िया हो । । उसे आराम से लिटाने के बाद पार्थ ने किसी को कॉल किया और कुछ कह कर कॉल cut कर दिया । । और उस लड़की के बगल में आकार लेट गया उसे अपनी बाहों में भरकर उसके सीने पर दिल के साइड में अपना सिर रख लिया । । जिससे वो उस लड़की की बढ़ी हुई धड़कनों की आवाज को आसानी से सुन सके जैसे वो कोई मधुर संगीत हो । । तकरीबन 10 मिनट के अंदर ही उसके कमरे का door नॉक हुआ पार्थ एक नजर उस बेहोश लड़की पर डालते हुए बेड से उठा गया । । और जाकर door open  किया  door  पर  मोक्ष  खड़ा  था उसके साथ शिवाय भी था और उनकी पीछे लेडीज डॉक्टरो की पूरी टीम खड़ी थी । । 
     




     
    शिवाय  : पार्थ क्या हुआ है तुझे तूने डॉक्टरो की पूरी टीम को यहां क्यूं बुलाया है । । शिवाय अपनी घबराती हुई आवाज में बोला उसे घबराया हुआ देख कर पार्थ ने घूर कर मोक्ष की ओर देखा । । जिससे मोक्ष सकपका गया और पार्थ को अपनी सफाई में देते हुए बोला । ।
     





     
    मोक्ष  : मैंने कुछ नहीं बताया भाई को वो भाई किचन में थे । । और आते हुए उन्होंने मेरे साथ डॉक्टरो को देख लिया  तो  मैंने  बता  दिया  कि  डॉक्टरो  को  पार्थ  ने बुलाया  है । । अब किस लिए बुलाया हैं तो मुझे भी नहीं पता है वो भी तूने लेडीज डॉक्टरो की टीम बुलाई है बात कुछ हजम नहीं हुई । ।इस लिए भाई भी तुमसे ये जानने के लिए मेरे साथ यहां आ गये इतना बोल कर मोक्ष चुप हो गया । । और उसे साइड करते हुए कमरे के अंदर आ गया ठीक उसके पीछे शिवाय भी आ गया । । पार्थ ने डॉक्टरों को अंदर  आने  का  इशारा  किया  जैसे  ही  वो  पीछे  मुड़ा  तो  शिवाय  और  मोक्ष  को  एक  जगह  मानो जमा हुआ पाया । । वो दोनों भाई अपनी आंखे बड़ी किए हुये सामने बेड पर लेटी हुई उस लड़की को देखें लगे । । जो दिखने में  बिल्कुल  हूबहू  पाखी  के  जैसी  दिख रही थी । ।
     




     
     
    शिवाय  : ये कैसे हो सकता है पार्थ पाखी जिंदा है या मेरी आँखों का धोखा है । । शिवाय अपने होश में लौटते हुए पार्थ की ओर देखते हुए बोला । ।
     





     
    पार्थ : भाई झटका तो मुझे भी लगा लेकिन मुझसे पहचानने में गलती नहीं हो सकती है । । ये मेरी पाखी ही है इसके दिल की धड़कने इस बात की गवाह है ये मेरी पाखी ही है भाई । । आपकी या मेरी आँखों का ये कोई धोखा नहीं है धोखा तो वो था जो हमे ढ़ाई साल पहले मिला था । । अब बस इसे होश आ जाए अब शायद पाखी ही हमे कुछ बता पाए । । तुम सभी खड़ी खड़ी हमारा मुँह क्या देख रही हो चेक my wifey इसे जल्द से जल्द होश में लाओ पार्थ गुस्से में बोला । । लेडीज डॉक्टर्स उसे जल्दी जल्दी चेक करने लगीं । । हालाकि मोक्ष कभी सामने से पाखी से मिला नहीं था बस photos में ही देखा था मोक्ष ने पाखी को । । लेकिन उसने अपने दोस्त अपने भाई को ढ़ाई सालो से तड़पते हुए देखा है आज वो उसके लिए काफी खुश था । ।
     
     






    शिवाय  : अपने आदमियों ये कहो कि एक बार फिर सेे ढ़ाई साल पहले से लेकर अब तक की सारी बातों को बहुत ही बारीकी से पता करे । । और साथ ही अगर ये पाखी है तो ढाई सालो से ये कहा थी । । रात बहुत हो गई है सुबह स्टडी रुम में मिलते है पाखी को होश आ जाए तो मैसेज कर देना मुझे । । अब मैं चलता हूँ अर्थ कमरे में अकेला है इतना बोल कर शिवाय तेजी से कमरे से बाहर निकल गया । । पार्थ और मोक्ष दोनों ही शिवाय को जाता हुआ देखने लगे और शायद उसकी आँखों की नमी को भी दोनों ने देख लिया था । ।



     
     शिवाय का कमरा


     इस वक़्त शिवाय अपने कमरे की बाल्कनी में खड़ा था और ऊपर आसमान की ओर देख रहा था । । उसकी आँखों में एक नमी थी पाखी को देखते ही उसे आस्था की याद आने लगी । । माँ बाप के जाने गम में वो इस कदर डूबा था कि आस्था को वो कभी कभी ही याद कर पाता था । । और आज उसे आस्था बड़ी सिद्दत सेे याद आ रही थी उसकी बातें उसकी मासूमियत कभी शिवाय के दिल से निकल ही नहीं पाई । ।
     




     
     शिवाय  : उस रात तुम्हें बचा लिया था लेकिन तब मुझे ये पता ही नहीं था कि तुम मुझे छोड़ कर जाने के लिए ही मेरी जिन्दगी में आई थी । । तुम तो बेगुनाह थी ना तुम मेरी जिन्दगी में आती और ना ही अपनी जिंदगी खोती तुम । । तुम्हारी और मिष्टी की मौत का कारण कहीं ना कहीं मैं ही हूँ । । उस घर में मेरे नाम के लिए मुझसे ही तो जुड़ने आई थी तुम और मुझे ही तोड़ कर चली गई । । काफी देर चांद तारो से बातें करने के बाद शिवाय बाल्कनी से निकलकर कमरे में आ गया । । देख तो बेड पर अथर्व बहुत ही सुकून से सोया हुआ था शिवाय भी उसे हग करके सो गया । । 


     
    अगली सुबह  


     
    इस वक़्त सभी (शिवाय मोक्ष और पार्थ) पार्थ के कमरे में मौजूद थे । । सिवाय अविका और अर्थव को छोड़ कर उन्हें यहां आने से शिवाय ने ही मना किया था । । इस लिए दोनों ही पाखी के यहां होने से अनजान थे । । शिवाय और मोक्ष सोफे पर बैठे हुए थे और पार्थ बेड पर ही पाखी का हाथ पकड़े हुए बैठा था । । और बहुत ही बेसब्री से पाखी के होश में आने का इंतजार कर रहा था लगभग 10 मिनट के बाद पाखी की हाथ की उँगलियाँ हल्के से हिली । । जिसे महसूस करके पार्थ ने झटके से पाखी के चेहरे को देखा तो पाखी की आंखे हल्के से फड़फड़ा रही थी । । शिवाय और मोक्ष भी आकर बेड के पास खड़े हो गए तीनों ही बेसब्री से उसकी आँखों खुलने का wait कर रहे थे । । धीरे धीरे उसने अपनी आँखों खोली और तेज रोशनी के कारण अगले ही पल उसने अपनी आँखें मींच ली । । और फिर दोबारा से उसने कुछ पल रुक कर आंखे उसने अपनी आंखे खोली । । आँखे खुलते ही उसकी नजरो के सामने पार्थ का चेहरा आया जो आँखों मैं बेशुमार प्यार लिए उसे ही देख रहा था । । अपनी नजरों के सामने किसी अनजान इंसान का चेहरा देख कर पाखी की शकल वाली लड़की घबरा गई और घबरा कर उठने लगी । ।
     



    उसे उठता हुआ देख कर पार्थ ने उसे सहारा देकर उठाया और अगले ही पर उसे अपने सीने से लगा लिया वो लड़की  चौक  कर  बस  कभी  अपने  सीने  से लगे हुए पार्थ को तो कभी सामने खड़े मोक्ष और शिवाय को देख रही थी । । साथ ही वो डर से थरथरा कांप भी रही थी हर पल के साथ पार्थ की पकड़ उसपर कस रही थी । जिसे महसूस करके उसे लड़की का मानो दम घुटने लगा और उसने पूरी जान लगाकर पार्थ को धक्का दे दिया । जिसके लिए पार्थ बिल्कुल भी तैयार नहीं था और वो उसे हल्का सा दूर हो गया । । वो हैरानी भरी नजरों से उसे देखने लगा




     
    क्या ये लड़की पाखी ही है या है कोई उसकी हमशक्ल जाने के लिए पढ़ते रहे Masum ishq वैसे आप सभी गेस करिये क्या ये लड़की पाखी है या कोई और है । ।
     
    धन्यवाद
     
     
     
     
     

  • 17. Masum ishq - Chapter 17

    Words: 1764

    Estimated Reading Time: 11 min

     
     

    अब तक ..................

     

    पाखी की हाथ की उँगलियाँ हल्के से हिली जिसे महसूस करके पार्थ ने झटके से पाखी के चेहरे को देखा तो पाखी की आंखे हल्के से फड़फड़ा रही थी । । शिवाय और मोक्ष भी आकर बेड के पास खड़े हो गए तीनों ही बेसब्री से उसकी आँखों खुलने का wait कर रहे थे । । धीरे धीरे उसने अपनी आँखों खोली और तेज रोशनी के कारण अगले ही पल उसने अपनी आँखें मींच ली । । और फिर दोबारा से उसने कुछ पल रुक कर आंखे उसने अपनी आंखे खोली । । आँखे खुलते ही उसकी नजरो के सामने पार्थ का चेहरा आया जो आँखों मैं बेशुमार प्यार लिए उसे ही देख रहा था । । अपनी नजरों के सामने किसी अनजान इंसान का चेहरा देख कर पाखी की शकल वाली लड़की घबरा गई और घबरा कर उठने लगी ।

    उसे उठता हुआ देख कर पार्थ ने उसे सहारा देकर उठाया और अगले ही पर उसे अपने सीने से लगा लिया वो लड़की  चौक  कर  बस  कभी  अपने  सीने  से लगे हुए पार्थ को तो कभी सामने खड़े मोक्ष और शिवाय को देख रही थी । । साथ ही वो डर से थरथरा कांप भी रही थी हर पल के साथ पार्थ की पकड़ उसपर कस रही थी । जिसे महसूस करके उसे लड़की का मानो दम घुटने लगा और उसने पूरी जान लगाकर पार्थ को धक्का दे दिया । जिसके लिए पार्थ बिल्कुल भी तैयार नहीं था और वो उसे हल्का सा दूर हो गया वो हैरानी भरी नजरों से उसे देखने लगा की तभी उसने कुछ ऐसा देख लिया जिससे उसकी आँखें अचानक ही ग़ुस्से से लाल हो गई । ।

     

     अब आगे................

     

    कौन हो तुम पार्थ अचानक ही उससे दूर होते हुये गुस्से से चीखा । । उसकी चीख सुन कर वो लड़की डर गई और वहीं मोक्ष और शिवाय सवालिया नजरों से पार्थ को देखने लगे कि पार्थ पाखी को देख कर ऐसा क्यों कह रहा है । ।

     

     शिवाय  : पार्थ क्या हुआ तुझे तू ऐसा क्यूँ बोल रहा है कि ये पाखी नहीं है । ।

    पार्थ  : भाई ये मेरी पाखी नहीं है ये चेहरा देख कर मैं धोखा खा गया था । । पर ये आंखे ये वो आंखे है ही नहीं ये मेरी पाखी की आंखे है ही नहीं । । पार्थ अपनी फ्रस्ट्रेशन मे बोला उसे ऐसा लग रहा था जैसे एक बार फिर सेे उसकी पाखी उससे दूर हो गई । । यही सब सोच सोच कर पार्थ गुस्से से पागल हुआ जा रहा था । । वहीँ उसकी बातें सुन कर शिवाय अब जाकर पाखी की आंखे देखी । । और सामने वाल पर लगी पाखी की फोटो में जो उसकी  आंखे  थी  उसे  देखा  दोनों  ही आंखे बिल्कुल  ही अलग थी । । फोटो में पाखी की आंखे डार्क ब्लैक थी और इस लड़की की आँखों का कलर नीले समुद के पानी के समान लग रहा था । । जिसे देख मोक्ष और शिवाय दोनों ही हैरान थे क्योंकि आज तक उन्होंने ऐसी खूबसूरत आंखे कभी देखी ही नहीं थी । । पार्थ को ऐसे ऑउट ऑफ कंट्रोल होता देख शिवाय आगे बढ़ कर उस लड़की से बोला । । 

     

     

     

    शिवाय  : who are you. You don't seem to be from here. (कौन हो तुम । तुम यहां की तो नहीं लगती हो । ।) शिवाय की शांत आवाज सुन कर वो लड़की जो काफी घबराई हुई थी वो शिवाय की ओर देखने लगीं और घबराते हुये बोली । ।

     

    लड़की : आ आर्वी वो हकलाकर बोली । । उसकी आवाज सुन कर पार्थ की आंखे बंद हो गई । । वो समझ ही नहीं पा रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है । । जब वो ये जान गया था कि ये उसकी पाखी नहीं है तो इस लड़की की आवाज उसे इतना सुकून क्यूं दे रही है । क्यूँ उसकी दिल की धड़कने उसे सुकून पहुंचा रही थी आखिर ये हो रहा है । । यही सब सोचते हुए तभी पार्थ के दिमाग में कुछ आया और अपना फोन लेकर वो किसी को कॉल किया और बोला । ।

     

     

    पार्थ  : राज अगले 10 मिनट के अंदर तुम मुझे विला में चाहिए । । जिस लड़की को कल बेसमेंट में रखवाया था तुमने मुझसे उसकी a to z पूरी डिटेल्स with फोटो के साथ । । इतना बोल कर हमेशा की तरह बिना राज की बात सुने पार्थ ने कॉल cut कर दिया । । और कमरे से बाहर चला गया क्योंकि वो जनता था अगर वो बाहर नहीं गया । । तो शायद उससेे कुछ ऐसा हो जाएगा और वो अभी आर्वी के साथ कुछ करना भी नहीं चाहता था बिना सच जाने । । उसके पीछे पीछे मोक्ष और शिवाय भी चले गए अब कमरे में अब आर्वी ही बची थी जिसकी आँखों में रुके हुए आँसू अब बह रहे थे । ।

     

     

    आर्वी  : ये मैं कहा आ गई हूं ये लोग कौन है और वो गुस्से वाला मोन्सटर कौन है । । ना जाने क्यूँ मुझ पर चिल्ला रहा था । । लग तो ऐसा रहा था जैसे मैने उसकी कोई कीमती चीज ले ली हो । । आर्वी रोते रोते अपना मुँह बनाते हुए बोली । ।

     

     

    तकरीबन 1 घंटे के बाद पार्थ मोक्ष शिवाय  study रुम में बैठे हुए थे और पार्थ के सामने राज अपना सिर झुकाए खड़ा था । । वहीँ पार्थ उसे बड़ी सिद्दत सेे घूर रहा था जिसे देख कर वो अपना गला साफ करते हुए डरी हुई आवाज में बोला । ।

     

    राज  : sorry boss लेकिन जो डिटेल्स आपने मांगी थी उसे कलेक्ट करने में थोड़ा सा ज्यादा वक़्त लग गया आपको तो पता ही है मैं कभी कोई गलती नहीं करता फिर चाहे वो थोड़ा लेट क्यूं ना हो जाए  । ।

     

     

    पार्थ  : मुझे इन्फॉर्मेशन सुनाओ ना कि अपनी घटिया सी बात पार्थ उसे घूरते हुये बोला । । उसकी बात सुनकर राज ने अपने हाथो में ली हुई फाइल को उसके सामने टेबल पर रख दिया और बोलना शुरू किया । ।

     

     

    राज  : boss us लड़की का नाम आर्वी सिंह राठौर है । ये वहीँ लड़की है जिसका हार्ट ट्रांसप्लांट करके लेडी boss का हार्ट दिया गया था । । और यही नहीं बॉस इत्तेफाक की बात तो ये है कि इस लड़की की शक़्ल भी हूबहू लेडी boss की तरह है । ।

     

     

    मोक्ष  : ये तो हमे भी पता है कुछ नया बताओ । मोक्ष की बातें सुन कर शिवाय और पार्थ दोनों ने ही उसे एक नजर घूर कर देखा । । जिससे वो चुप हो गया तो राज ने आगे बोलना शुरू किया । ।

     

     

    राज  : boss ये गौतम सिंह राठौर की छोटी बेटी है ऐसा खुद उस गौतम सिंह राठौर ने सभी को बता रहा है । । लेकिन रियलिटी तो कुछ और ही है । । मिस आर्वी सिंह राठौर गौतम सिंह राठौर की भतीजी है गौतम सिंह राठौर के छोटे भाई गौरव सिंह राठौर की बेटी है । । जिनकी मौत एक accident में हो गई थी । । राठौर एम्पायर को गौरव सिंह राठौर ने खड़ा किया था जो उनके मरने के बाद उनकी बेटी मिस आर्वी सिंह राठौर के नाम पर हो गई । । जो उन्हें उनके 21 साल के हो जाने के बाद मिलेगी उनके 21 साल के कम्प्लीट होने में सिर्फ 3 दिन ही बाकी है । । उनके पिता की वसीयत के अनुसार मिस आर्वी की शादी के बाद उनकी प्रॉपर्टी का आधा हिस्सा उनकी बेटी के हसबैंड का हो जाएगा । । लेकिन भविष्य में अगर उनका daivos होता है तो उनकी प्रॉपर्टी फिर से पूरी उनकी बेटी की हो जाएगी । । लेकिन ये तब पॉसिबल है जब उनकी बेटी की शादी 21 साल कम्प्लीट होने तक हो गई होगी । । यानी की इन तीन दिनों के अंदर वरना ये सारी प्रॉपर्टी ट्रस्ट को चली जायेगी । । समझ नहीं आता कि गौरव सिंह राठौर ने ऐसी वसीयत क्यूँ बनाई एक बात और boss आपने गौर किया । । गौरव सिंह राठौर ने अपने ही भाई यानी कि गौतम सिंह राठौर का अपनी प्रॉपर्टी में कहीं भी जिक्र नहीं किया है । उनकी वसीयत में लिखा है । । अगर 21 साल के होने से पहले ही उनकी बेटी को कुछ हो जाए तो भी उनकी पूरी प्रॉपर्टी ट्रस्ट को जाएगी । । हाँ अगर शादी के बाद मिस आर्वी सिंह राठौड़ और उनके हसबैंड अपनी मर्जी से ही प्रॉपर्टी किसी को भी देना चाहे तो वो उन्हें दे सकते हैं । ।इतना बोल कर राज चुप हो गया और पार्थ के कुछ कहने का इंतजार करने लगा । । उसके चुप होते ही स्टडी रुम में एक सन्नाटा फैल गया उस सन्नाटे को चीरते हुए शिवाय बोला । ।

     

     

    शिवाय  : ये सब क्या है ये हार्ट ट्रांसप्लांट पाखी का हार्ट मैं कुछ समझा नहीं आखिर बात क्या है । । कोई बताएगा मुझे । । राज पाखी का क्या मैटर है मुझे अभी के अभी सब साफ साफ बताओगे शिवाय की बात सुन कर राज पार्थ को देखने लगा । । जिसने हाँ में पलके झपकाइ तो राज ने शिवाय की ओर देखते हुए बोलना शुरू किया । ।

     

     

     

    राज  : बिग बॉस वो बॉस को शक था कि ढ़ाई साल पहले जो हुआ वो सब कोई हादसा नहीं  बल्कि एक साजिश थी । । यहां तक कि लेडी बॉस की death भी एक नेचुरल death नहीं थी उस हादसे के पीछे कोई और नहीं बल्कि गौतम सिंह राठौर ही था । । और इतने पर ही नहीं रुका वो उसने hospital में लेडी बॉस की डिलिवरी के बाद कोमा में ही उनकी जान ले ली । । अब तक बस यही पता चला है अब इसमें कितनी सच्चाई है ये अभी पता लगा रहे है हमारे आदमी । ।

     

    मोक्ष  : साले को मैं जिंदा नहीं छोड़ूंगा इतना बोलकर वो कमरे से बाहर जाने लगा । । जिसे देख शिवाय ने उसे पकड़ लिया और अभी के लिए शांत रहने को कहा । ।

     

     

    राज  : boss एक important बात कल मिस आर्वी सिंह राठौर की शादी है । । पता लगाया तो पता चला जिससे उनकी शादी है वो कोई और नहीं बल्कि गौतम सिंह राठौर का खास आदमी शक्ति भारद्वाज है । । राज की बातें सुन कर कोई कुछ कहता कि उससे पहले ही पार्थ कुछ सोच कर बोला । ।

     

     

    पार्थ : मैरेज पेपर रेडी कारवाओ आज के आज मुझे कल सुबह तक चाहिए । । डिटेल्स मैं सेंड कर दूँगा इतना बोल कर वो चुप हो गया और वहीं उसकी बातें सुन कर तीनों ही उसे सवालिया नजरो से देखने लगे कि पार्थ के कहने का मतलब क्या है । ।

     

     

    धन्यवाद

  • 18. Masum ishq - Chapter 18

    Words: 2139

    Estimated Reading Time: 13 min

     
    अब तक...............
     

    मोक्ष  : साले को मैं जिंदा नहीं छोड़ूंगा इतना बोलकर वो कमरे से बाहर जाने लगा । । जिसे देख शिवाय ने उसे पकड़ लिया और अभी के लिए शांत रहने को कहा । ।

    राज  : boss एक important बात कल मिस आर्वी सिंह राठौर की शादी है । । पता लगाया तो पता चला जिससे उनकी शादी है वो कोई और नहीं बल्कि गौतम सिंह राठौर का खास आदमी शक्ति भारद्वाज है । । राज की बातें सुन कर कोई कुछ कहता कि उससे पहले ही पार्थ कुछ सोच कर बोला । ।


    पार्थ : मैरेज पेपर रेडी कारवाओ आज के आज मुझे कल सुबह तक किसी भी क़ीमत पर वो चाहिए । । डिटेल्स  मैं सेंड  कर  दूँगा  इतना  बोल  कर  वो  चुप  हो गया । । और वहीं उसकी बातें सुन कर तीनों ही उसे सवालिया नजरो से देखने लगे कि पार्थ के कहने का मत लब क्या है । ।
     


     
    अब आगे....................
     



     
    शिवाय  : पार्थ तू करने क्या वाला है बतायेगा मुझे की तेरे दिमाग में चल क्या रहा है । ।
     


     
    पार्थ : मैं बस उस क*मी*ने गौतम को मारने से पहले तड़पा ना चाहता हूं । । मैं पहले उससे उसकी वो हर चीज छीन लूँगा जो उसे सबसे ज्यादा प्यारी है । । और अगर मैं सबसे पहले उससे उसकी खैरात में मिली प्रॉपर्टी को ही छीन लूं तो कैसा होगा । । इतना बोल कर पार्थ ने एक  डेविल  स्माईल  की   उसकी बातें सुन कर शिवाय बोला । ।
     




     
    शिवाय : नहीं पार्थ तू ऐसा कुछ भी नहीं करेगा उसे बदला लेने के और भी तरीके हैं । । वैसे भी अब मैं उसे कुत्ते की मौत मारूंगा । । तुझे याद है ना डैड हमेशा करते थे कभी किसी निर्दोष लड़की को मोहरा बना कर कोई जंग नहीं जितनी चाहिए । । और हमे नहीं पता कि वो लड़की हमारी गुनाहगार है देखा जाए तो वो उसकी सगी बेटी भी नहीं है । । जिसे तू दर्द देगा तो उसके बाप को फर्क पड़ेगा तू समझ रहा है ना मेरी बात को । ।
     




     
    पार्थ  : है गुनाहगार वो लड़की उसके सीने में जो दिल धड़क रहा है । । आपको पता है वो मेरी जान का दिल है उसकी धड़कने है । । खैर वह चाहे गुनहगार हो या बेगुन मुझे उससे कोई मत लब नहीं वो मुझे बस अपने पास चाहिए । । क्योंकि उसके पास मेरी जान की धड़कन है जिसे मैं महसूस कर सकता हूं । । और उसकी वो प्रॉपर्टी चाहिए मुझे ताकि मैं उस क*मी*ने गौतम को मैं सड़क पर ला सकूं that's it इतना बोल कर पार्थ study रुम नमस्ते बाहर चला गया । । और तीनों ही उसे देखते रह गये फिर वो भी बाहर निकल आए शिवाय ऑफिस के लिए निकल गया था । । और उसी के पीछे राज भी निकल गया मोक्ष पार्किंग में चला गया । । जहाँ पर पहले से ही अविका उसका इंतजार कर रही थी वो उसे कॉलेज छोड़ने चला गया । । क्योंकि  आज  अविका  का एक important  लैक्चर जो था । । विला  में  अब  सिर्फ अथर्व  आर्वी  और   पार्थ  बस  बचे  हुए  थे । । सर्वेंट भी अपना अपना काम करके जा चुके थे सर्वेंट  क्वार्टर में । । पार्थ बहुत ही गुस्से में अपने कमरे की ओर बढ़ रहा था कि तभी उसे किसी की खिलखिलाने की आवाज सुनाई पड़ी । । वो कमरे के दरवाजे पर ही ठहर गया और अंदर देखने लगा और अंदर का नजारा देखते ही उसकी आंखे बड़ी बड़ी हों गई  । । 





     
    सामने बेड पर आर्वी के पास अथर्व बैठा हुआ था जो दुनिया से जहान से बेखबर होकर एक दूसरे में ही मगन थे दोनों । । अथर्व आर्वी की गोद मैं बैठा हुआ उसके लंबे बालों से खेल रहा था और दोनों ही शायद किसी बात पर हंस रहे थे । । अथर्व को इस तरह से हंसता हुआ आज पहली बार पार्थ ने देखा था । । जो कहीं ना कहीं उसे सुकून दे रही थी और उसके मोक्ष शिवाय और अविका के सिवाय आज तक अथर्व किसी के पास नहीं गया । । किसी से बात नहीं करता था यहां तक कि ना जाने कितने ही बेबीशीटर को अपनी हरकतों से भगा दिया था और इस लड़की को तो वो जानता तक नहीं है और यहां तो उसके साथ बहुत खुश लग रहा था । । और यही सब देख कर कहीं ना कहीं पार्थ को जलन होने लगीं । । और वो अपने सुकून को साइड करके दनदनाते हुए कमरे के अंदर आया । । और अगले ही पल एक झटके में अथर्व को आर्वी की गोद से खिंच कर अपनी गोद में उठा लिया पार्थ के इस अचानक किए गए हमले से दोनों ही अनजान थे उसके ऐसा करते ही दोनो ही डर से चीख पड़े । । अथर्व ने जैसे ही पार्थ को देखा तो उसके सीने से चिपक गया वहीँ आर्वी फिर से थर थर कांपने लगीं । । पार्थ उसे बहुत ही पूरी तरह से घूरे जा रहा था जो उसे डरने पर मजबूर कर रहा था । । खुद को शांत करके अथर्व ने पार्थ की ओर देखा तो उसकी नजरे कहीं और थी । । उसके नजरो का पीछा किया तो आर्वी को घूरता हुआ पाया ये देख कर उसके आंखे छोटी हो गई और गुस्से से मुँह फुलाते हुए बोला ।




     
     
    अथर्व  : डैडडडा मम्मा डैडा मम्मा दल (डर) अथर्व पार्थ का face अपनी छोटी छोटी हथेलियों में पकड़ कर उसे अपनी ओर कर रहा था । ताकि वो आर्वी को घूर ना पाए और आर्वी उससे डरे ना । बच्चा अभी से अपनी मम्मा के लिए प्रोटेक्टिव हो रहा था ये चीज देख कर पार्थ बहुत ही बुरी तरह से चिढ़ गया था और मन ही मन आर्वी से चिढ़ रहा था । साथ ही वो हैरान भी था कि अथर्व इस लड़की को मम्मा क्यूं बोल रहा है । वो ये सोच ही रहा था की अचानक उसे याद आय की उसने अथर्व को पाखी की फोटो ना जाने कितनी बार दिखाई थी । कभी कभी वो उसी लेकर घंटों पाखी की तस्वीर के सामने बैठा उसने बारे में बताता था । और सामने बैठी लड़की की शक्ल तो उसकी जान से ही मिलती थी । पार्थ को अब अफसोस हो रहा था की उसने क्यु उसे पाखी की बारे में बताया ।
     




     
    पार्थ : अथर्व तुमसे किसने कहा कि ये लड़की तुम्हारा मम्मा है । ये तुम्हारी मम्मा नहीं है समझे तुम पार्थ ने बहुत ही rude होकर गुस्से में कहा । जिसे सुन कर अर्थव की आँखों में आँसू आ गए और वो जोर जोर से रोने लगा । जिसे देख कर अब जाकर पार्थ को रियलाइज हुआ कि अपने गुस्से में वो अर्थव के लिए शायद ज्याद rude हो गया । वहीँ उसे रोता देख कर ना जाने क्यूँ आर्वी के दिल में दर्द सा होने लगा । और वो अपने  डर  को  काबु  में  करते हुए पार्थ को घूरते हुये बोली । ।
     




     
     
    आर्वी : ये मॉन्स्टर मेरे बेटे को क्यूं रुला रहे हों छोड़ो उसे वरना मैं आपको पंच कर दूंगी समझे आप । उसकी बातें सुन कर पार्थ हैरानी से उसे देखने लगा कि कैसे उसके सामने उसके ही बेड पर बैठी ये पिद्दी सी लड़की है । जो उसके ही बेटे को अपना बेटा कह रही है क्या अब ये उससे डर नहीं रही है या ये पूरी तरह से पागल ही हो चुकी है । वो कुछ कहता कि उससे पहले ही अर्थव उसकी गोद से उतरने के लिए मचल गया । जिसे देख ना चाहते हुये भी पार्थ ने उसे अपनी गोद से उतार दिया । उसके उसे गोद से उतारते ही वो आर्वी की गोद में जा बैठा और उसके सीने में अपना सिर छुपा लिया । आर्वी ने भी उसे अपनी गोद में मानो छुपा ही लिया हो ताकि पार्थ की नजर उसके बेटे पर ना पड़े । । 




     
     
    पार्थ  : ये लड़की ये मेरा बेटा है मेरे बेटे को अपना बेटा कहना बंद करो । । तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे बेटे को अपना कहने की मैं तुम्हारी जुबान खींच लूँगा । ।



     
     
    आर्वी  : मॉन्स्टर बेबी ने बोला कि मैं इस बेबी की मम्मा हूँ तो बस मैं ही cute से बेबी की मम्मा हूँ । मेरे बेबी को मुझसे छीनने की कोशिश की ना आपने तो मैं सच बोलती हूँ आपको पंच कर दूंगी । आर्वी की बातें और उसके बोलने की आवाज को सुन कर पार्थ को उस पर कुछ डाउट हुआ जैसे वो मेंटली ठीक ना हो । अब उसे अथर्व के लिए चिंता होने लगीं कहीं ये लड़की उसके बेटे को कुछ कर ना दे और अथर्व के सामने वो कुछ करना भी नहीं चाहता था । जिससे उसके छोटे से बच्चे पर कोई बुरा असर हो इस लिए कुछ सोचते हुए पार्थ कमरे से बाहर चला गया । ।
     
     



     
    शाम का समय 
     
    पार्थ का कमरा 
     
    मोक्ष शिवाय और पार्थ अथर्व को अपनी गोद में लिए अपने कमरे के दरवाजे पर खड़ा था और एक तक उस बंद दरवाजे को घूर रहा था जो अंदर से बंद था । अथर्व हल्की नींद में जा चुका था काफी देर बाद वो दरवाजा खुला । तो सभी देखने लगे जहाँ से एक लेडी डाक्टर बाहर निकली और पार्थ को देखते हुए बोली । ।
     




     
     लेडी डॉक्टर  : मिस्टर सिंह राठौर मैने कुछ टेस्ट कर लिए है कल तक आपको रिपोर्ट मिल जाएगी । अभी के लिए मैं बस इतना कहना चाहूँगी की इन्हें ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने दे इन्हें खुश रखे क्योंकि 78% ये डिप्रेशन में जा चुकी है । इनके बिहेव भी इसका इशारा हैं और हो सके तो आप अपने बेटे को ज्यादा से ज्यादा उनके करीब रखे शायद वो इससे जल्दी ठीक हो जाये । कुछ medicine मैंने लिख दी है आप वो इन्हें दे जिससे इनकी हेल्थ में सुधार होगा । ये काफी हद तक वीक भी है तो इनकी डाइट का ख्याल रखिएगा अब मुझे इजाजत दीजिये इतना बोल कर वो डाक्टर जानें लगीं । तो शिवाय के कहने पर मोक्ष भी उसे दरवाजे तक छोड़ने चला गया । ।
     
     
     



     
    शिवाय : पार्थ तूने जब डिसीजन ले लिया है तो मैं अब कुछ नहीं कहूंगा । हाँ बस इतनी उम्मीद रखूँगा की इस लड़की को हर्ट मत करना बहुत मासूम लग रही है । मुझे पता है पाखी की जगह तू किसी को नहीं दे पाएगा । लेकिन पार्थ तू इस लड़की को अर्थ की माँ जरूर बनने देना ये जगह उसे दे देना । कुछ ही time में अर्थ कहीं हद तक उससे जुड़ गया है तू समझ रह है ना मैं क्या कहना चाह रहा हूँ । ।




     
     
    पार्थ  : जी भाई मैं समझ रहा हूँ इतना बोल कर पार्थ अथर्व को लेकर कमरे में चला गया । और उसे जाता हुआ देख कर शिवाय खुद से ही बोला । ।
     





     
     
    शिवाय  :  देखना एक दिन तू आर्वी की अर्थ की मम्मा के साथ साथ अपनी बीवी भी मानेगा । तेरी आंखें तो कुछ और कहती हैं और तेरी जुबान कुछ और कहती हैं भले ही पाखी का दिल उसके अंदर है जो तुझे उसकी ओर खींच रहा है । । रीजन चाहे जो हो देखना मेरे भाई एक दिन तू आर्वी के साथ हैप्पी मैरिड लाइफ एंजॉय करेगा । तेरी खुशी ही मेरी खुशी है बहुत देख लिया तुझे टूटता हुआ मैने अब तू नहीं टूटेगा क्योंकि तुझे जोड़ने वाली अब शायद आ गई है । इतना बोल कर शिवाय भी वहां से चला गया । वहीँ कमरे में पार्थ ने अथर्व को बेड के पास में ही रखे हुए क्रैडल में सुला दिया । । और बेड पर पाखी के पास आकर बैठ गया और एक टक उसे देखने लगा । । जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी शायद उस पर नींद के इन्जेक्श का जो असर था । । देखते हैं देखते पार्थ को ना जाने क्या हुआ वो धीरे से आर्वी के पास ही लेट गया । । और उसके सीने पर अपना सिर रख कर अपनी आंखे बंद किए उसकी धड़कनो को महसूस करने लगा । । धीरे धीरे उसकी आँख लग गई और उसे अपनी बाहों में भरे हुए पार्थ ना जाने कब सो गया । । 




     
     
    रात का समय स्टडी रुम का माहौल काफी शांत सा था तीनों भाई अपने अपने लेपटॉप को लिये बैठे थे और अपना काम कर रहे थे तभी पार्थ ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन कर दोनों भाई शॉक्ड होकर उसे देखने लगे । ।




     
     
     ऐसा क्या कहा पार्थ ने जो मोक्ष और शिवाय दोनों की ही हजम नहीं हुआ और वो शॉक्ड हो गए । । क्या पार्थ अपना पाएगा आर्वी को या पूरी तरह से ठीक होने के बाद भी आर्वी दे पाएगी अर्थव को एक माँ का प्यार । । क्या पार्थ के मन में है आर्वी के लिए नफरत जिसे वो कर देगा आर्वी को हर्ट जाने के लिए पढ़ते रहें । ।
    Masum ishq




     
    धन्यवाद
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     
     

  • 19. Masum ishq - Chapter 19

    Words: 3608

    Estimated Reading Time: 22 min

    अब तक...............

    शिवाय  :  देखना एक दिन तू आर्वी की अर्थ की मम्मा के  साथ साथ अपनी बीवी भी मानेगा । । तेरी आंखें तो कुछ  और  कहती हैं  और  तेरी  जुबान  कुछ और कहती हैं । । भले ही पाखी का दिल उसके अंदर है जो तुझे उसकी ओर र खींच रहा है । । रीजन चाहे जो हो देखना मेरे भाई एक दिन तू आर्वी के साथ हैप्पी मैरिड लाइफ एंजॉय करेगा । । तेरी खुशी ही मेरी खुशी है बहुत देख लिया तुझे टूटता हुआ मैने अब तू नहीं टूटेगा क्योंकि तुझे जोड़ने वाली आ गई है । । इतना बोल कर शिवाय भी वहां से चला गया । । वहीँ कमरे में पार्थ ने अथर्व को बेड के पास में ही रखे हुए क्रैडल में सुला दिया । । और बेड पर पाखी के पास आकर बैठ गया और एक टक उसे देखने लगा । । जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी शायद उस पर नींद के इन्जेक्श का जो असर था । । देखते हैं देखते पार्थ को ना जाने क्या हुआ वो धीरे से आर्वी के पास ही लेट गया । । और उसके सीने पर अपनी सिर रख कर अपनी आंखे बंद किए उसकी धड़कनो को महसूस करने लगा । । धीरे धीरे उसकी आँख लग गई और उसे अपनी बाहों में भरे हुए पार्थ ना जाने कब सो गया । । 

    रात का समय स्टडी रुम का माहौल काफी शांत सा था तीनों भाई अपने अपने लेपटॉप को लिये बैठे थे और अपना काम कर रहे थे तभी पार्थ ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन कर दोनों भाई शॉक्ड होकर उसे देखने लगे । ।

     

     

    अब आगे................

     

    पार्थ  : भाई हम इंडिया चल रहे है जाइए रेडी हो जाइए 2 घंटे के बाद जेट आ जाएगी । । तो आपको जो भी पैकिंग करनी हो कर लीजिए मोक्ष अपना और अवि (अविका) का ध्यान रखना हमारे पीछे से काम का ज्यादा प्रेसर मत लेना ओके । ।

     

     

    शिवाय : तुमने ये फैसला किससे पूछकर लिया जब हमने पहले ही डिसाइड कर लिया था की अब हम कभी इंडिया वापस नहीं जाएंगे । । तो फिर ये सब क्या है पार्थ तुझे पता है ना अवि इंडिया का नाम सुनते ही पैनिक होने लगती । फिर ये सब क्या है पार्थ बताएगा मुझे आज कल तेरी कोई भी बात मुझे समझ नहीं आती ।

     





     पार्थ : भाई जब हमने इंडिया वापस कभी ना जाने का फैसला लिया था । तब कोई मकसद नहीं था हमारा हम दादू दादी मिष्टी, पाखी और आस्था भाभी की यादों से दूर भाग कर आए थे और आज उनकी मौत का बदला लेने वापस जाएंगे । । शादी भी इंडिया में ही होगी कल और इसी के साथ मिलेगा उस गौतम को एक झटका । जिससे वो सीधा मुँह के बल गिरेगा पार्थ डेविल स्माईल करते हुए बोला । शिवाय भी उसकी बातों को समझ कर इंडिया वापस जाने के लिए राजी हो गया । लेकिन बुझे हुए मन से उसने सोच लिया था अपने परिवार वालों के कातिल को सजा देनें के बाद वो वापस आ जाएगा । क्योंकि वो उन यादो से दूर भागना चाह रहा था जो बचपन से लेकर अब तक जुड़ी थी । ।

     

     

     

     

    मोक्ष  : मैं क्यूँ नहीं आ सकता हूँ मुझे भी साथ चलना है उस बार की तरह मैं यहां नहीं रहूँगा । मोक्ष गुस्से से बोला क्योंकि पार्थ की उसे ना ले जाने वालीं बात उसे जरा भी पसंद नहीं आई थी । ।

     

     

     

    शिवाय  : नहीं मोक्ष अभी नहीं अवि का ध्यान रखना उसे यहां अकेला तो नहीं छोड़ सकते है ना हम शिवाय पार्थ के कुछ बोलने से पहले ही बोला । ।

     

     

    पार्थ  : बहुत जल्द तुझे और अवि को मैं बुलाउंगा तब तक यहां रह कर सब सम्हालना । । अवि के साथ साथ तूझे उन दोनों लोगों को भी देखना है उनके ठीक होते ही हम खुद उन्हें सभी सामने लाएंगे तब तक के लिए मुझे कोई भी लापरवाही नहीं चाहिए । मैं नहीं चाहता अभी हमारे दुश्मनों को जरा भी भनक लगे कि वो जिंदा है । इतना बोल कर पार्थ स्टडी रुम से निकलकर बाहर चला गया ।


    (पार्थ किसकी बात कर रहा है क्या कोई गेस कर सकता हैं चलिए आगे बढ़ते हैं । ।)




     

    2 घंटे के बाद अविका को छोड़ कर बाकी सभी विला की टैरिस पर मौजूद थे । अविका इस वक़्त सभी बातों से अनजान अपने कमरे में सो रही थी । टैरिस पर शिवाय ने अपनी गोद में सो रहे अथर्व को लिया था वहीं पार्थ ने अपनी गोद में आर्वी को लिया था । मोक्ष को ध्यान रखने का बोल कर दोनों भाई जेट के अंदर चले गए जो अंदर से काफी लग्जरियस था । । जिसमें एक बड़ा सा किचन washroom और चार बेड रुम भी साथ पार्थ आर्वी ऐसे ही गोद में लिये हुए ही अपने कमरे में चला गया और आराम से उसे बेड पर सुला दिया । । उठने को हुआ कि अचानक ही आर्वी ने उसे पकड़ कर नींद में ही खींच लिया । और अगले ही पल पार्थ की आंखे बड़ी ही गई । क्योंकि दोनों के होंठ आपस में जुड़ चुके थे इसी के साथ दोनों की दिलों की धड़कने भी बहुत तेजी से बढ़ गई थी । ।

     

     

    आर्वी भले ही गहरी नींद में थी लेकिन उसके दिल की धड़कने पार्थ की करीबी मसहूस करके जोर जोर से धड़क रही थी । । दूसरा झटका तो पार्थ को तब लगा जब आर्वी गहरी नींद में ही उसके होंठों को किसी लॉलीपॉप की तरहें आपने मुह में भरके चूमने लगी । पहले तो पार्थ उससे दूर होने लगा लेकिन जब आर्वी ने उसे नहीं छोड़ा बल्कि वो और फोर्स के साथ उससे होंठों को खिंचने लगीं तो धीरे - धीरे पार्थ को ना जाने क्या हुआ और वो बहकने लगा । और उसे kiss बैक करने लगा साथ हि उसके हाथ आर्वी के खुले हुए पेट से लेकर कमर तक चलने लगा । दरअसल आर्वी के फ्रॉक शूट नें बीच में एक बड़ा सा कट था जिससे उसका पेट और कमर खुली हुई थी । पार्थ किस करने में इतना खो गया था कि उसे कोई होश हि नहीं रहा और kiss करतें हुये तकरीबन 15 मिनट हो गए । नींद में ही अब आर्वी की सांसे फूलने लगीं और एक झटके में उसने अपनी आंखे खोल दी । आंखे खुलते ही वो पार्थ को अपने इतने करीब देख कर डर गई और उसे खुद से दूर करने के लिए उसके सीने पर अपने नाजुक हाथ से मारने लगी । जिसका कोई खास असर नहीं हुआ तभी उसकी एक आह निकल गई । जोर से bite करते हुए पार्थ उसके होंठों को छोड़ कर हल्के से दूर होकर उसे घूरने लगा । फिर ना जाने क्या हुआ वो उसके गले में अपना face छुपाते हुए गहरी गहरी सांसे लेने लगा । यही हाल कुछ आर्वी का भी था वो भी लंबी लंबी सांसे ले रही थी सात में रो भी रही थी । जिसके कारण उसका पूरा face रेड होने लगा था और उसकी बढ़ी हुई सांसे महसूस करके पार्थ ने अपना face उसके गले से निकालते हुए जैसे आर्वी को देखा तो दंग रहा गया । । आर्वी  के face से  लेकर उसके कान तक पूरा लाल हो गया था रोने की वजह से वो ऐसी हो गई थी । ।





     

    पार्थ : what the hell तुम रो क्यूँ रही हो लड़की ऐसा भी क्या हो गया है । । जब से मिली हो रोती ही रहती हो क्या तुम्हारी आंखों में पानी की टंकी फिक्स है जो हर वक़्त बाहर आने के लिए तैयार रहती है । ।






    आर्वी : क्योंकि आपने मुझे जोर से बाइट किया इसलिए ही मुझे रोना आ गया और में रोने लगीं वो बहुत ही मासूमियत के साथ बोली । ।  जिसे देख पार्थ का भी दिल पिघल गया ये क्यूँ था कैसे था पार्थ को नहीं पता था लेकिन वो फिर भी उस पर अपना झूठा ग़ुस्सा करते हुए बोला । ।

     

     

    पार्थ  : योर काइंड इन्फॉर्मेशन की मैंने तुम्हें नहीं पहले तुम ने मुझे kiss किया समझी तुम । । तो ये बेवजह मुझपर ब्लेम करना बंद करो इतना बोल कर पार्थ उसके पास से उठकर जानें लगा कि तभी पीछे से आर्वी उसे रोकते हुए बोलीं । ।

     

     

     

    आर्वी : ओ मॉन्स्टर मेरा बेबी कहा है और ये कहा हूं मैं आप कहा जा रहे हो आर्वी अपने आस - पास कमरे को देखते हुए बोलीं । ।

     

     

    पार्थ : यु बेवक़ूफ़ लड़की तुम मुझे बार बार मॉन्स्टर कहना बंद करो वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा तुम्हारे लिए समझी तुम । । अथर्व सो रहा है भाई के पास और मैं गेट खोलने जा रहा हूं डॉक्टर बाहर खड़ी है । ।






    आर्वी : डॉक्टर वो वो क्यूँ खड़ी है वो यहां क्यूँ है आर्वी हकलाते हुए बोलीं । । लेकिन पार्थ उसे इग्नोर करते हुए चला गया थोड़ी ही देर में एक लेडी डॉक्टर के साथ अंदर आया उस डॉक्टर को देखकर आर्वी की तो मानो हवा ही टाइट हो गयी । ।




    पार्थ : क्या ये जरूरी है पार्थ डॉक्टर को देखते हुए बोला शायद वो किसी चीज़ बारे में बोल रहा था जो उसे पहले से पता थी । ।




    डॉक्टर  : yes मिस्टर राजपूत इन्जेक्शन तो लगाना ही पड़ेगा time to time वो भी कम से कम 4 इंजेक्शन जिससे इनकी हेल्थ में कुछ तो सुधार हो । ये medicine से ज्यादा जल्दी असर करेगा वरना इन्हें जल्दी आराम नहीं होगा । । 





    आर्वी  : ये डॉक्टर मुझे कोई इन्जेक्शन नहीं लगवाना जाओ यहां सेे मुझे डॉक्टरो से allergy है जाओ जाओ यहां सेे । मुझे क्या हुआ है मैं तो बिल्कुल ठीक हुँ तुम सब क्या पागल हो जो बात बात पर इंजेक्शन लगाने पर आ जाते हो । मैं कोई इंजेक्शन नहीं लगाऊंगी चली जाओ यहां से आर्वी पार्थ के कुछ बोलने से पहले ही अपनी जगह से उठकर बेड पर खड़ी होकर उस डॉक्टर को अपनी छोटी सी एक उंगली दिखते हुए बोली । उसकी धमकी भरी बातों को सुन कर वो डॉक्टर हड़बड़ा गयी और वही पार्थ उसकी ऐसी बेतुकी बातों को सुनकर आर्वी को घूर कर देखने लगा । ।

     

     

     


    पार्थ : तुम लगाओ उसे इंजेक्शन और तुम चलो जल्दी एक good girl बनो और इंजेक्शन लगवा लो आओ मेरे पास आओ । इतना बोल कर पार्थ बेड के करीब चला गया उसे खुद के करीब आता देख कर आर्वी भागने को हुई कि उससे पहले ही पार्थ ने आगे बढ़ कर उसे अपने पास खींच लिया । जिससे आर्वी सीधा  जाकर पार्थ की बाहों में ही जा गिरी । एक पल के लिए दोनों की ही नजरे एक दूसरे से टकरा गई और दोनों  ही  एक दूसरे की आंखे में खो गए । । पार्थ ने हल्के से ही डॉक्टर को हाथ से इशारा किया तो डॉक्टर ने झट से आर्वी के हाथ में इन्जेक्शन लगा दिया । । आर्वी पार्थ की आँखों में इस कदर खोई थी कि इन्जेक्शन लगने पर बस उसके चेहरे पर एक हल्की सी सिकन आई । । इससे ज्यादा उसे कुछ पता नहीं चला डॉक्टर भी अपना काम करके चुप चाप कमरे से निकल गया । ।

     

     

     

    पार्थ आर्वी को उसकी कमर से थामे हुए धीरे - धीरे उसके होंठों के करीब बढ़ने लगा और अगले ही पल इस दूरी को मिटाते हुए उसके होंठों को आपने होंठों में समा लिया । और बहुत सी सॉफ्ट ही kiss करने लगा इस प्यार भरे एहसास को पाकर आर्वी की आंखे अपने आप बंद हो गई । और उसके हाथ पार्थ के कंधे से फिसल कर उसके बालों में चलने लगे । पार्थ आर्वी को किस करने में खोया ही था कि उसकी आँखों के सामने पाखी का चेहरा घूमने लगा और अचानक ही वो एक धुएँ में धीरे धीरे कहीं गायब सी हो गया । उसे गायब होता देख कर पार्थ झटके से आर्वी को धक्का देते हुए उससे दूर हो गया । उसके झटका देने की वजह से आर्वी बेड पर जा गिरी बेड का साइड कॉर्नर उसकी कमर में जा लगा और उसकी एक दर्द भरी हल्की सी आह निकल गई । पार्थ अपनी जलती हुई नजरे उसपर डालते हुए कमरे से चला गया । और दोबारा आया भी नहीं उसके ऐसे बिहेवियर से आर्वी बहुत हर्ट हुई थी । उसे तो कुछ समझ नहीं नहीं आ रहा था कि ये सब उसके साथ क्या हो रहा था अचानक ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली और उसके आंखों के किनारों से आंसू लुढ़क कर बहने लगे । वो एक गहरी सोच में डूब गई उसकी आंखों में शायद कुछ तो था जो बहुत गहरा था खुद में ही खोई हुई आर्वी ना जाने कब नींद की आगो में चली गई ।

     




     धन्यवाद 

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

      पार्थ के दादा दादाजी के समय की है यह दुश्मनी पहले तो यह बस बिजनेस ट्राइबल थे फिर एक समय ऐसा आया जब यह दोनों ही दूसरे के जानी दुश्मन बन गए दरअसल बेटा सुमित्रा सिंह राजपूत पहले सुमित्रा महेश्वरी पार्थ की दादी मां और भारत के दादाजी दोनों ही दूसरे से प्यार कर बैठे थे और अपने परिवार के दुश्मनी को देखते हुए दोनों ने भाग कर शादी करने का फैसला किया और दोनों इसमें कामयाब भी हो गए जो कि गौतम माहेश्वरी के पिता सम्राट में से को जरा भी पसंद नहीं आई और तभी से वह जानी दुश्मन हो गए किसी को दुश्मनी के चलते हैं गौतम माहेश्वरी ने अपनी ही हुआ की जान ले ली यहां तक की पूरे परिवार को मार डालाअब तक...............

    शिवाय  :  देखना एक दिन तू आर्वी की अर्थ की मम्मा के  साथ साथ अपनी बीवी भी मानेगा । । तेरी आंखें तो कुछ  और  कहती हैं  और  तेरी  जुबान  कुछ और कहती हैं । । भले ही पाखी का दिल उसके अंदर है जो तुझे उसकी ओर र खींच रहा है । । रीजन चाहे जो हो देखना मेरे भाई एक दिन तू आर्वी के साथ हैप्पी मैरिड लाइफ एंजॉय करेगा । । तेरी खुशी ही मेरी खुशी है बहुत देख लिया तुझे टूटता हुआ मैने अब तू नहीं टूटेगा क्योंकि तुझे जोड़ने वाली आ गई है । । इतना बोल कर शिवाय भी वहां से चला गया । । वहीँ कमरे में पार्थ ने अथर्व को बेड के पास में ही रखे हुए क्रैडल में सुला दिया । । और बेड पर पाखी के पास आकर बैठ गया और एक टक उसे देखने लगा । । जो कि गहरी नींद में सोई हुई थी शायद उस पर नींद के इन्जेक्श का जो असर था । । देखते हैं देखते पार्थ को ना जाने क्या हुआ वो धीरे से आर्वी के पास ही लेट गया । । और उसके सीने पर अपनी सिर रख कर अपनी आंखे बंद किए उसकी धड़कनो को महसूस करने लगा । । धीरे धीरे उसकी आँख लग गई और उसे अपनी बाहों में भरे हुए पार्थ ना जाने कब सो गया । । 

    रात का समय स्टडी रुम का माहौल काफी शांत सा था तीनों भाई अपने अपने लेपटॉप को लिये बैठे थे और अपना काम कर रहे थे तभी पार्थ ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुन कर दोनों भाई शॉक्ड होकर उसे देखने लगे । ।

     

     

    अब आगे................

     

    पार्थ  : भाई हम इंडिया चल रहे है जाइए रेडी हो जाइए 2 घंटे के बाद जेट आ जाएगी । । तो आपको जो भी पैकिंग करनी हो कर लीजिए मोक्ष अपना और अवि (अविका) का ध्यान रखना हमारे पीछे से काम का ज्यादा प्रेसर मत लेना ओके । ।

     

     

    शिवाय : तुमने ये फैसला किससे पूछकर लिया जब हमने पहले ही डिसाइड कर लिया था की अब हम कभी इंडिया वापस नहीं जाएंगे । । तो फिर ये सब क्या है पार्थ तुझे पता है ना अवि इंडिया का नाम सुनते ही पैनिक होने लगती । फिर ये सब क्या है पार्थ बताएगा मुझे आज कल तेरी कोई भी बात मुझे समझ नहीं आती ।

     

     पार्थ : भाई जब हमने इंडिया वापस कभी ना जाने का फैसला लिया था । तब कोई मकसद नहीं था हमारा हम दादू दादी मिष्टी, पाखी और आस्था भाभी की यादों से दूर भाग कर आए थे और आज उनकी मौत का बदला लेने वापस जाएंगे । । शादी भी इंडिया में ही होगी कल और इसी के साथ मिलेगा उस गौतम को एक झटका । जिससे वो सीधा मुँह के बल गिरेगा पार्थ डेविल स्माईल करते हुए बोला । शिवाय भी उसकी बातों को समझ कर इंडिया वापस जाने के लिए राजी हो गया । लेकिन बुझे हुए मन से उसने सोच लिया था अपने परिवार वालों के कातिल को सजा देनें के बाद वो वापस आ जाएगा । क्योंकि वो उन यादो से दूर भागना चाह रहा था जो बचपन से लेकर अब तक जुड़ी थी । ।

     

     

     

     

    मोक्ष  : मैं क्यूँ नहीं आ सकता हूँ मुझे भी साथ चलना है उस बार की तरह मैं यहां नहीं रहूँगा । मोक्ष गुस्से से बोला क्योंकि पार्थ की उसे ना ले जाने वालीं बात उसे जरा भी पसंद नहीं आई थी । ।

     

     

     

    शिवाय  : नहीं मोक्ष अभी नहीं अवि का ध्यान रखना उसे यहां अकेला तो नहीं छोड़ सकते है ना हम शिवाय पार्थ के कुछ बोलने से पहले ही बोला । ।

     

     

    पार्थ  : बहुत जल्द तुझे और अवि को मैं बुलाउंगा तब यहां रह कर सब सम्हालना इतना बोल कर पार्थ स्टडी रुम से निकलकर बाहर चला गया । ।

     

    2 घंटे के बाद अविका को छोड़ कर बाकी सभी विला की टैरिस पर मौजूद थे । अविका इस वक़्त सभी बातों से अनजान अपने कमरे में सो रही थी । टैरिस पर शिवाय ने अपनी गोद में सो रहे अथर्व को लिया था वहीं पार्थ ने अपनी गोद में आर्वी को लिया था । मोक्ष को ध्यान रखने का बोल कर दोनों भाई जेट के अंदर चले गए जो अंदर से काफी लग्जरियस था । । जिसमें एक बड़ा सा किचन washroom और चार बेड रुम भी साथ पार्थ आर्वी ऐसे ही गोद में लिये हुए ही अपने कमरे में चला गया और आराम से उसे बेड पर सुला दिया । । उठने को हुआ कि अचानक ही आर्वी ने उसे पकड़ कर नींद में ही खींच लिया । और अगले ही पल पार्थ की आंखे बड़ी ही गई । क्योंकि दोनों के होंठ आपस में जुड़ चुके थे इसी के साथ दोनों की दिलों की धड़कने भी बहुत तेजी से बढ़ गई थी । ।

     

     

    आर्वी भले ही गहरी नींद में थी लेकिन उसके दिल की धड़कने पार्थ की करीबी मसहूस करके जोर जोर से धड़क रही थी । । दूसरा झटका तो पार्थ को तब लगा जब आर्वी गहरी नींद में ही उसके होंठों को किसी लॉलीपॉप की तरहें आपने मुह में भरके चूमने लगी । पहले तो पार्थ उससे दूर होने लगा लेकिन जब आर्वी ने उसे नहीं छोड़ा बल्कि वो और फोर्स के साथ उससे होंठों को खिंचने लगीं तो धीरे - धीरे पार्थ को ना जाने क्या हुआ और वो बहकने लगा । और उसे kiss बैक करने लगा साथ हि उसके हाथ आर्वी के खुले हुए पेट से लेकर कमर तक चलने लगा । दरअसल आर्वी के फ्रॉक शूट नें बीच में एक बड़ा सा कट था जिससे उसका पेट और कमर खुली हुई थी । पार्थ किस करने में इतना खो गया था कि उसे कोई होश हि नहीं रहा और kiss करतें हुये तकरीबन 15 मिनट हो गए । नींद में ही अब आर्वी की सांसे फूलने लगीं और एक झटके में उसने अपनी आंखे खोल दी । आंखे खुलते ही वो पार्थ को अपने इतने करीब देख कर डर गई और उसे खुद से दूर करने के लिए उसके सीने पर अपने नाजुक हाथ से मारने लगी । जिसका कोई खास असर नहीं हुआ तभी उसकी एक आह निकल गई । जोर से bite करते हुए पार्थ उसके होंठों को छोड़ कर हल्के से दूर होकर उसे घूरने लगा । फिर ना जाने क्या हुआ वो उसके गले में अपना face छुपाते हुए गहरी गहरी सांसे लेने लगा । यही हाल कुछ आर्वी का भी था वो भी लंबी लंबी सांसे ले रही थी सात में रो भी रही थी । जिसके कारण उसका पूरा face रेड होने लगा था और उसकी बढ़ी हुई सांसे महसूस करके पार्थ ने अपना face उसके गले से निकालते हुए जैसे आर्वी को देखा तो दंग रहा गया । । आर्वी  के face से  लेकर उसके कान तक पूरा लाल हो गया था रोने की वजह से वो ऐसी हो गई थी । ।

     

    पार्थ : what the hell तुम रो क्यूँ रही हो लड़की ऐसा भी क्या हो गया है । । जब से मिली हो रोती ही रहती हो क्या तुम्हारी आंखों में पानी की टंकी फिक्स है जो हर वक़्त बाहर आने के लिए तैयार रहती है । ।

    आर्वी : क्योंकि आपने मुझे जोर से बाइट किया इसलिए ही मुझे रोना आ गया और में रोने लगीं वो बहुत ही मासूमियत के साथ बोली । ।  जिसे देख पार्थ का भी दिल पिघल गया ये क्यूँ था कैसे था पार्थ को नहीं पता था लेकिन वो फिर भी उस पर अपना झूठा ग़ुस्सा करते हुए बोला । ।

     

     

    पार्थ  : योर काइंड इन्फॉर्मेशन की मैंने तुम्हें नहीं पहले तुम ने मुझे kiss किया समझी तुम । । तो ये बेवजह मुझपर ब्लेम करना बंद करो इतना बोल कर पार्थ उसके पास से उठकर जानें लगा कि तभी पीछे से आर्वी उसे रोकते हुए बोलीं । ।

     

     

     

    आर्वी : ओ मॉन्स्टर मेरा बेबी कहा है और ये कहा हूं मैं आप कहा जा रहे हो आर्वी अपने आस - पास कमरे को देखते हुए बोलीं । ।

     

     

    पार्थ : यु बेवक़ूफ़ लड़की मुझे बार बार मॉन्स्टर कहना बंद करो वरना मुझसे बुरा कोई नहीं होगा तुम्हारे लिए समझी तुम । । अथर्व सो रहा है भाई के पास और मैं गेट खोलने जा रहा हूं डॉक्टर बाहर खड़ी है । ।

  • 20. Masum ishq - Chapter 20

    Words: 2174

    Estimated Reading Time: 14 min

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    In previous chapter, you saw that पार्थ ने इंडिया वापस जाने का फैसला लिया, जिससे शिवाय और मोक्ष हैरान थे। पार्थ का कहना था कि वे दादी, पाखी, और आस्था की मौत का बदला लेने जा रहे हैं। मोक्ष को जाने से रोका गया, जबकि पार्थ और शिवाय आर्वी और अथर्व के साथ जेट से भारत के लिए रवाना हो गए। जेट में, पार्थ और आर्वी के बीच एक अंतरंग क्षण हुआ, जिसके बाद पार्थ ने आर्वी को अनजाने में धक्का दे दिया, और फिर वह कमरे से चला गया।

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    अब तक................

     

    पार्थ आर्वी को उसकी कमर से थामे हुए धीरे - धीरे उसके होंठों के करीब बढ़ने लगा और अगले ही पल इस दूरी को मिटाते हुए उसके होंठों को आपने होंठों में समा लिया । और बहुत सी सॉफ्ट ही kiss करने लगा इस प्यार भरे एहसास को पाकर आर्वी की आंखे अपने आप बंद हो गई । और उसके हाथ पार्थ के कंडे से फिसल कर उसके बालों में चलने लगे । पार्थ आर्वी को किस करने में खोया ही था कि उसकी आँखों के सामने उसे सफेद साड़ी में पाखी खड़ी हुई दिखी । जो उसे देख कर मुस्करा रही थी और अचानक ही वो एक धुएँ में धीरे धीरे कहीं गायब सी हो गई । उसे गायब होता देख कर पार्थ  झटके से आर्वी को धक्का देते हुए उससे दूर हो गया । उसके झटका देने की वजह से आर्वी बेड पर जा गिरी बेड का साइड कॉर्नर उसकी कमर में जा लगा और उसकी एक दर्द भरी हल्की सी आह निकल गई । पार्थ अपनी जलती हुई नजरे उस पर डालते हुए कमरे से चला गया । और दोबारा आया भी नहीं उसके ऐसे बिहेवियर से आर्वी बहुत हर्ट हुई थी । उसे तो कुछ समझ नहीं नहीं आ रहा था कि एक दिन में ये क्या हो गया । सोचती समझती भी तो कैसे जब वो खुद ही दिमागी रूप से ठीक नहीं चल रही थी । खुद में ही खोई हुई आर्वी ना जाने कब नींद की आगो में चली गई । ।

     

     

     अब आगे ................

     

     

    जब आर्वी की नींद खुली तो उसने खुद को एक अलग कमरे में पाया । ये कमरा भी उन दो कमरों से भी कई गुना ज्यादा अलग और लग्जरियस था । आर्वी को ये पता ही नहीं चल पाया था कि वो अभी कुछ घंटों पहले जेट में थी । कमरे में खुद को अकेला पाकर अब आर्वी को अथर्व की याद आयी और वो बेड से नीचे उतर गई दो दिनों से आर्वी ने एक ही कपड़े पहने हुए थी । जो कि अब उसे काफी अजीब लग रहा था लेकिन वो सब कुछ इग्नोर करते हुए छोटे बेबी को ढूंढने लगीं । ।

     

     

    आर्वी  : छोटे बेबी आप कहा हो बेबी मम्मा miss you baby छोटे बेबी वेयर आर you आर्वी अपने ही धुन में बोलते हुए कमरे से बाहर जा रही थी कि तभी उसे कमरे के अंदर से ही अथर्व की आवाज सुनाई दी । ।

     

     

    अथर्व  : mum.. mumma आर्वी ने पलट कर देखा तो अथर्व उसे बेड के पास ही रखे क्रैडल में बैठा हुआ अथर्व दिखा । जो आपने छोटे छोटे हाथो सेे अपनी आँखों को रब करते हुए उसे ही देख रहा था । क्योंकि वो आर्वी की आवाज सुन कर उठा था वो क्रैडल में सोया हुआ था । अथर्व को देखते ही आर्वी भाग कर उसके पास आई उसे गोद में उठाने को हुई लेकिन रुक गई और खुद को देखने लगीं । फिर एक नजर अर्थव को देखी जो बहुत ही क्लीन लग रहा था । वहीं आर्वी के कपड़े जो पहले से ही गंदे थे और ऊपर से दो दिनों से उसने वहीं कपड़े पहने थे । इस लिए वो और खराब हो गए थे आर्वी समझ रही थी कि अथर्व अभी छोटा बच्चा है कहीं उसे इन्फेक्शन ना हो जाए । अथर्व ने जब देखा कि उसकी मम्मा उसे गोद में नहीं उठा रही है तो उसका मुँह रोने जैसा बन गया । और उसने अपने दोनों हाथो को ऊपर उठा लिया ताकि आर्वी उसे गोद में उठा ले जिसे आर्वी भी तुरन्त समझ गई । । 

     

     

     

    आर्वी  : छोटे बेबी आप रोना मत मम्मा आपको गोद में नहीं ले सकती है । क्योंकि मम्मा ने के कपड़े गंदे है मम्मा दो दिनों से नहाई नहीं है मम्मा नहीं चाहती है कि उसके बेबी को कोई इन्फेक्शन हो जाए । मुझे माफ कर दो छोटे बेबी मेरे पास कपड़े भी नहीं है मैं क्या पहनू मेरे तीनों कपड़े तो चाचा जी के घर पर है । और मैं वहाँ कभी भी नहीं जाना चाहती हूँ क्योंकि मेरे चाचा जी बहुत बुरे इंसान है । वो मुझसे बिल्कुल भी प्यार नहीं करते है लेकिन कोई बात नहीं अब आप मेरे पास हो ना तो मैं आपको बहुत प्यार करूंगी और आप भी मुझे प्यार करना आर्वी अपने ख्यालो में खोई हुई बोली जो अथर्व बड़े ध्यान से सुन रहा था । हालाकि कुछ बातें ही उसे समझ आई थी बाकी तो उसके सिर के पार गई । लेकिन कोई और भी था जिसने शुरू से लेकर अब तक की उसकी सारी बातों को ध्यान से सुन रहा था । वो कोई और नहीं पार्थ ही था जो कमरे के दरवाजे पर खड़ा था और आर्वी की बातों को सुन कर उसका शक यकीन में बदल चुका था । कि गौतम ने इस लड़की को अब इसकी प्रॉपर्टी के लिए ही जिंदा रखा है अभी तक । ।

     

     

     

    पार्थ  : सीरियसली यार क्या सच में इसके पास 4 ही कपड़े है । क*मी*ना बहुत बुरी मौत मारेगा इतना बोलकर पार्थ ने अपना फोन निकाल कर किसी को कॉल किया और बातें करते हुए कमरे से बाहर चला गया वहीँ आर्वी ने अथर्व को गोद में नहीं लिया था इसलिए वो उसके पास बैठी उसे बिना टच किए ही उससे बातें किए जा रही थी । लेकिन अथर्व भी जिद कर रहा था कि उसकी मम्मा उसे अपनी गोद में ले ले । आर्वी को समझ ही नहीं आ रहा था कि वो करे कि इतने में किसी ने door पे नॉक किया तो माँ बेटे दोनों की नजरे door पर चली गई । देखा तो हाथों में बड़े बड़े बैग्स लिए 8 से 10 लोग खड़े थे जिनमें से 4 लड़के और बाकी लडकियाँ  थी । उनके हाथ में पकड़े हुए बॉक्स भी काफी बड़े बड़े थे आर्वी उन्हें देख कर डर से खड़ी हो गई और उसने अपने पैर दो कदम पीछे ले लिए । अथर्व आर्वी को डरता हुआ देख कर उन सभी को गुस्से से घूरते हुये अपनी तेज आवाज में बोला । ।

     

     

     

    अथर्व  : get out मम्मा डल लही get out अर्थव की गुस्से भरी आवाज सुन कर वो सभी भी एक बार के लिए डरने पर मजबूर हो गए । उनमें से कोई कुछ कहता कि उससे पहले ही पार्थ वहाँ आ गया और उन्हें बाहर ही खड़ा देखकर घूरने लगा कि उन्होंने अब तक अपना काम किया क्यूं नहीं अब उसे कौन बताये कि वो सब अंदर जाए तो जाए कैसे । उनका बेटा उन्हें अंदर ही नहीं जाने दे रहा है जाए तो बेटे का खौफ ना जाए तो बाप का खौफ बेचारे तो पूरी तरह से ही फंस चुके थे कि उन्हीं ने बीच खड़ी ल़डकियों में से एक बोली । ।

     

     

    लड़की  : बॉस छोटे बॉस हमे अंदर ही नहीं जाने दे रहे है तो हम अन्दर कैसे जाए । इतना बोल कर वो लड़की चुप हो गई । वहीँ उसकी बाते सुन कर पार्थ ने अपना सिर घुमा कर कमरे के अंदर देखा तो पाया कि क्रैडल में बैठा हुआ उसका छोटा सा शैतान बेटा एक टक उन लोगों को घूर रहा था । जब उसने अपनी नजरे दूसरी ओर घुमा कर देखा तो पाया कि आर्वी डर से कांप रही थी । अब उसे समझ आ गया था कि अर्थव ऐसा बिहेव क्यों कर रहा है साथ ही उसे अपने बेटे पर बहुत प्यार भी आ रहा था । अपने इमोशंस को कंट्रोल करते हुए कमरे के अंदर आया और अर्थव को अपनी गोद में उठाकर आर्वी के पास जाकर बोला । ।

     

     

     

    पार्थ  : अर्थ वो कुछ नहीं कर रहे है तुम्हारी मम्मा को वो तो बस तुम्हारी मम्मा के लिए नए कपड़े और कुछ समान लेकर आए है । तो उन्हें उनका काम करने दो पार्थ की बात सुन कर दोनों [ आर्वी और अथर्व ] की आँखों में चमक आ गई । आर्वी नए कपड़ों का सुन कर खुशी से फूले नहीं समा रही थी उसके चेहरे की चमक को पार्थ  अच्छे सेे देख पा रहा था । पार्थ ने उन्हें अंदर आने को कहा वो सभी अंदर आए और सभी समान को क्लोजेट रुम में कुछ ही देर में अच्छे सेे सेट करके वो सभी वापस कमरे से बाहर चलें गए । । 

     

     

    अथर्व  : डै डा मम्मा गो दी मम्म मम्मा बेबी नो गोदी अथर्व अपनी अटकती हुई आवाज में पार्थ से आर्वी की शिकायतें करते हुए बोला । जिसे पार्थ तुरन्त समझ गया कि उसका बेटा उससे क्या कह रहा है वो आर्वी को देखते हुए बोला  । ।

     

     

    पार्थ : अर्थ तुम्हारे बड़े पापा तुम्हे बुला रहे है चलो उनसे मिल लो तब तक तुम्हारी मम्मा शावर ले लेकिन फिर वो तुम्हे अपनी गोद में लेंगी पार्थ अर्थ को समझाते हुए कमरे से बाहर ले गया । थोड़ी देर बाद वो अथर्व को छोड़कर फिर से कमरे में वापस आया । देखा तो आर्वी अभी भी वैसे ही खड़ी थी लेकिन पार्थ को देखते हुए उससे बोलीं । ।





    आर्वी : मैं कहाँ हूं मुझसे समझ नहीं आ रहा है कि आप बार बार मेरे सोने के बाद मुझे अलग अलग जगह पर क्यूँ ला रहे है । मैं दो दिन से देख रही हूँ मैं सोती कहीं और हूं उठती कहूंगा और हूं आर्वी पार्थ को घूरते हुए बोलीं । ।





    पार्थ : तुम इस वक़्त मेरी कैद में हो बस इतना ही जानना तुम्हारे लिए काफी है । । मेरे बेटे से ज्यादा क्लोज होनें की जरूरत नहीं है तुम्हे क्योंकि एक बात तुम अच्छे से अपने दिमाग में बिठा लो कि वो मेरा बेटा है तुम्हारा नहीं तुम्हारी सिर्फ सकल मेरी जान से मिलती है तुम कभी भी उसके जैसी बन नहीं पाओगी । ।





    आर्वी : आप कहना क्या चाहते है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है । अरे मैंने आपका क्या बिगाड़ है जो आपने मुझे कैद किया है ।




    पार्थ : वो भी तुम्हे जल्द पता चल जाएगा कि मैंने ऐसा क्यूँ किया । लेकिन इस वक़्त क्या करने जा रहा हूं वाली जानना तुम्हारे लिए बहुत जरूरी है । तुम्हारे कपड़े आ गए है जाकर शावर ले लो और हाँ आज हमारी शादी है । मुझे कोई नाटक नहीं चाहिए बस एक बात बहुत अच्छे से याद रखना की अगर अर्थ के पास रहना चाहती हों तो चुप चाप ये शादी कर लो । वैसे भी तुम्हारे पास ना कहने का भी कोई ऑप्शन है भी नहीं अभी थोड़ी देर में ब्यूटीशियन आ जाएगी तो उसे देख कर डरना मत चुपचाप से रेडी हो जाना । इतना बोल कर पार्थ उसे अकेला छोड़कर बिना उसकी बातें सुने उसका जवाब जाने की वो क्या चाहती है पार्थ अपना ऑर्डर उसे सुनाकर कमरे से बाहर चला गया । उसके जाने के बाद आर्वी के face पर एक मुस्कुराहट आ गई और वो खुद से ही बोली । ।

     

     

    आर्वी : आपको नहीं पता पार्थ जी आपने अपने बदले की आड़ में ही सही उस कैद से आजादी दिलाई है मुझे मैं जानती हूं इसे कैद नहीं कह सकती हूं देखा जाए तो एक तरह से मैं आपकी शुक्रगुजार हूं कि आपने मुझे उस नर्क से आजादी दिलाई है । ( फिर भगवान जी को याद करते हुए आगे बोलीं । ।)




    आर्वी — मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है भगवान जी मम्मा पापा से कहना मैं ठीक हुँ । आपको तो पता ही है मैं उनसे नाराज हूँ वो मुझ छोड़ कर क्यूं चले गए । इस लिए तो मैं आप से कहती हूँ कि आप उनसे बोल दिया करो और रहीं बात इस शादी की तो मुझे इससे कोई ऐतराज नहीं है आखिर अपने बेटे के पिता से शादी करने में कैसा सोचना । वैसे भी चाचा जी ने तो मेरी शादी एक गुंडे से कराने वाले थे वो आदमी मुझसे कितना बड़ा है और वो एक गुंडा है । शादी के बाद वो सभी अपना मकसद पूरा हो जाने के बाद कभी भी मुझे मार देते । और अब छोटे बेबी के पास रहने के लिए मैं ये शादी तो खुशी खुशी कर लुंगी । एक बेबी ही तो है जिसकी आँखों में मैंने पहली बार खुद के लिए प्यार देखा है । उस प्यार को पाने के किये मैं कुछ भी कर लुंगी ये शादी भी । इतना बोल कर आर्वी एक गहरी सांसे लेते हुए washroom के अंदर चली गई । ।







    आखिर क्या कहना चाहती है आर्वी उसने ये क्यूँ कहा कि अपने बेटे के पिता से वो शादी करने को तैयार है क्या चल रहा है उसके दिमाग में इस कहानी में आगे क्या होगा ये जानने के लिए पढ़ते रहे Masum ishq

    धन्यवाद 🙏