माफिया लीडर आदित्य गुजराल तब हैरान रह गया था, जब उसने जूही को एक होटल में क्लीनर का काम करते हुए देखा। 5 साल पहले, आदित्य ने जूही को एक दिन किसी पार्टी में इत्तेफाक से देख लिया था। जूही एक बड़े बाप की बेटी थी. उसे पैसों की कोई कमी नहीं थी जूही को प्र... माफिया लीडर आदित्य गुजराल तब हैरान रह गया था, जब उसने जूही को एक होटल में क्लीनर का काम करते हुए देखा। 5 साल पहले, आदित्य ने जूही को एक दिन किसी पार्टी में इत्तेफाक से देख लिया था। जूही एक बड़े बाप की बेटी थी. उसे पैसों की कोई कमी नहीं थी जूही को प्रोटेक्ट करने के लिए उसके पास पर्सनल बॉडीगार्ड भी थे। आदित्य पहली नजर में ही जूही से इंप्रेस हो गया था। लेकिन उसने अपनी और जूही की मुलाकात को डेस्टिनी समझ कर छोड़ दिया। पर उसे क्या पता था कि इत्तेफाक से हुई। जूही से उसकी यह मुलाकात उसकी जिंदगी का वजूद बन जाएगी। 5 साल बाद आदित्य माफिया का लीडर और एक बड़ा नाम बन चुका था। आज आदित्य के पास सब कुछ था,नहीं था तो दिल का सुकून..। तो वही आदित्य ने इतने सालों बाद जब जूही को इस तरीके से सर्वेंट का काम करते देखातो वह हैरान रह गया। आखिर कैसे एक बड़े बाप की बेटी इस तरीके से नौकरों वाली जिंदगी ज़ी रही है। और क्या हुआ इन 5 सालों में। जानने के लिए पढ़ते रहिए।
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अर्थ केबिन से बाहर चला गया था और कशिश और नक्ष एक-दूसरे के सामने बैठे हुए थे। कशिश की पलकें झुकी हुई थीं। नक्ष रिलैक्स होकर बैठ गया। उसने अपने दोनों हाथ सोफे पर फैलाए और एक पैर पर दूसरा पैर चढ़ाकर बहुत स्टाइल से बैठ गया, लेकिन उसकी निगाहें कशिश के ऊपर ही थीं। उसने हल्की मुस्कान के साथ कशिश से पूछा, "तुम्हारे लिए कुछ मंगवाऊं?"
कशिश घबराते हुए एक नजर उसे देखती है और फिर पलकें झुकाते हुए ना में जवाब देती है, "जी नहीं, मैं ठीक हूं।"
लेकिन उस एक पल की नजरों की तकरार ने कशिश के दिल की धड़कनें बढ़ा दीं। वो देख सकती थी कि नक्ष की निगाहें लगातार उसी के ऊपर हैं और यही बात उसे हमेशा से घबराने पर मजबूर कर देती थी। वो कभी भी नक्ष के साथ आई कांटेक्ट नहीं करती थी। उसे डर था कि वो उसका मन पढ़ लेगा।
तभी दरवाजे पर दस्तक होती है। नक्ष ने दरवाजे की तरफ देखते हुए कहा, "अंदर आ जाओ।"
तभी दक्ष का असिस्टेंट राज अंदर आता है। उसने कशिश को पहचान लिया था, लेकिन कशिश का चेहरा झुका हुआ था इसलिए उसने राज को देखा तक नहीं। राज ने नक्ष को देखते हुए कहा, "सर, औरंगाबाद से हमारे क्लाइंट का फोन आया है, उन्हें आपके जवाब का इंतजार है। वे दो मेल कर चुके हैं। मैं उन्हें क्या जवाब दूं?"
नक्ष ने राज को देखते हुए कहा, "उन्हें बता दो कि मैं उनके प्रपोज पर इन्वेस्ट नहीं करूंगा। जिस जगह पर वो फैक्ट्री बनाना चाहते हैं, वहां एक गांव है और केमिकल फैक्ट्री उन गांव वालों की सेहत खराब कर सकती है। मैं किसी भी बिजनेस के लिए मासूम लोगों की जान खतरे में नहीं डाल सकता हूं। मैंने उन्हें पहले भी कह दिया था कि अपनी जगह बदलें और किसी ऐसी जगह पर फैक्ट्री डालें जहां आसपास लोग न रहते हों। या तो वे मेरा प्रपोज एक्सेप्ट करें या फिर किसी दूसरे इन्वेस्टर को तलाशें।"
राज ने कहा, "जी सर, मैं उन्हें आपका जवाब बता दूंगा।" ऐसा कहते हुए वो वापस वहां से चला जाता है और दरवाजा एक बार फिर से बंद हो जाता है। नक्ष की नजरें एक बार फिर से कशिश के ऊपर थीं और कशिश फिर से इस तरीके से अपना चेहरा झुकाए बैठी थी।
अभी-अभी नक्ष ने जो राज से कहा, उसे सुनकर कशिश के दिल में जो नक्ष के लिए नेगेटिव फीलिंग थी, वो थोड़ी कम हो गई और कल रात उसके व्यवहार पर उसे अफसोस हो रहा था। उसने धीरे से अपनी पलकें उठाते हुए कहा, "आई एम सॉरी मिस्टर मर्चेंट, कल रात अगर मैंने आपके साथ बदतमीजी की तो मुझे इतनी जल्दी आपसे कुछ नहीं कहना चाहिए था।"
"इट्स ओके मिस कशिश।" नक्ष ने अपनी तिरछी मुस्कान के साथ उसे देखते हुए कहा। कशिश ने एक नजर नक्ष को देखा और उसकी वो गहरी निगाहें एक बार फिर से उसे अंदर तक कांपने पर मजबूर कर देती हैं। इसीलिए वो तुरंत अपना चेहरा घुमाते हुए कहती है, "मिस्टर मर्चेंट, आप हमेशा मुझे ऐसी नजरों से क्यों देखते हैं? प्लीज़, आप मुझे ऐसे मत देखा कीजिए। मैं घबरा जाती हूं।"
नक्ष उसकी बात सुनकर मुस्कराने लगता है। उसकी तिरछी मुस्कान उसके चेहरे को और ज़्यादा अट्रैक्टिव और आंखों को और ज़्यादा डरावना बना रही थी। वो अपने एक हाथ से अपनी टाई को थोड़ा ढीला करता है और कशिश की झुकी हुई पलकों को देखते हुए उसके सवाल का जवाब देता है, "तुम भी तो हमेशा मुझसे नजरें चुराती रहती हो... सच कहूं कशिश, तो तुमसे ज़्यादा बातें तो तुम्हारी निगाहें मुझसे करती हैं और मैं तुम्हें इसी लिए ऐसे देखता हूं।
क्योंकि मुझे तुम्हारी आंखों में ढेर सारे छुपे हुए राज़ नज़र आते हैं... अक्सर लोग दो ही सूरत में किसी से आई कांटेक्ट करने से घबराते हैं, या तो उन्होंने कोई जुर्म किया हो या फिर उनके सीने में कोई राज़ दफन हो। तुम्हें देखकर लगता नहीं है कि तुमने कोई जुर्म किया है... लेकिन राज़..."
उसकी बात सुनकर कशिश की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती हैं और वो अपनी पलकें उठाकर नक्ष को देखने लगती है। नक्ष जब उसकी इस तरीके की निगाहों को देखता है, तो उसकी वो तिरछी मुस्कान और गहरी हो जाती है। वो हल्का सा आगे की तरफ झुकते हुए कहता है, "इसका मतलब मैं सही हूं। तुम्हारी नजरों में बहुत से राज़ छुपे हैं जो तुम्हारे होठों तक नहीं आना चाहते..."
कशिश ने घबराते हुए कहा, "नहीं, आप गलत हैं, बिल्कुल गलत हैं। मेरी आंखों में कोई राज़ नहीं है और ना ही मैंने कुछ गलत किया है। तो आपको मेरी आंखों में झांकने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि आपको यहां कुछ नहीं मिलेगा।"
नक्ष एकदम से हंसने लगता है। उसकी हंसी थोड़ी तेज़ लेकिन डरावनी थी। उसने कशिश को देखते हुए कहा, "इसका मतलब मैं सही हूं। तुम्हारी बातों ने ही मुझे सही साबित कर दिया है, वरना तुम मेरे शब्दों से इतनी परेशान नहीं होती।"
कशिश की नजरें तीखी हो जाती हैं। गुस्से में खड़ी होती है और उसके हाथों की मुट्ठियां कस गई थीं। उसने बिना किसी सवाल जवाब के चुपचाप अपने कदम बाहर की तरफ बढ़ा दिए और अगले ही पल वो उसके केबिन से बाहर निकल जाती है। लेकिन जाने से पहले उसने जिस तरीके से दरवाजा बंद किया था, उसे देखकर नक्ष की डेविल स्माइल और ज़्यादा गहरी हो गई।
पांच मिनट भी नहीं बीते होंगे कि दरवाजा एक बार फिर से खुलता है। नक्ष को लगा कि कशिश वापस आ गई है, लेकिन राज सामने अपने हाथों में एक फाइल लेकर खड़ा था। उसने फाइल नक्ष की तरफ बढ़ाते हुए कहा, "सर, इसमें आपके साइन चाहिए।"
नक्ष ने मुस्कुराते हुए उसके हाथों से फाइल ली और उसकी निगाहें दरवाजे के ऊपर ही टिकी हुई थीं। उसने पेन उठाया और उस पर साइन करते हुए फाइल वापस राज की तरफ बढ़ा दी। राज ने फाइल का पन्ना खोला और एकदम से नक्ष की तरफ देखते हुए कहा, "कशिश..."
"क्या..." नक्ष एकदम से उसे देखते हुए कहता है। तो राज ने फाइल आगे बढ़ाते हुए कहा, "सर, अपने सिग्नेचर की जगह पर कशिश नाम लिखा हुआ है।"
(सॉरी दोस्तों, हेल्थ इश्यू की वजह से एपिसोड छोटा दे रही हूं और ये कहानी की सीरीज़ बस कुछ ही दिन पॉकेट एफएम पर आएगी। पॉकेट वाले इसका कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर रहे हैं, तो मैं इसे प्रतिलिपि और स्टोरी मेनिया एप्लीकेशन पर लेकर जाऊंगी। आप इस कहानी के आगे के एपिसोड वहां पढ़ने के लिए तैयार रहें। इसके अलावा, मैं एक नई कहानी अपने चैनल पर शुरू कर रही हूं जो आपको किसी प्लेटफार्म पर पढ़ने को नहीं मिलेगी, सिर्फ मेरे चैनल पर पढ़ने को मिलेगी। इसीलिए जिसने अभी तक मेरे चैनल को ज्वाइन नहीं किया है, जल्दी से ज्वाइन कर लो।)