"तेजस्वी देशमुख" एक ऐसी लड़की जिसकी किस्मत हमेशा उसके साथ क्रूर रही है। जब वह अपने सबसे बुरे हालात में थी, तब उसकी मुलाकात "राघव राठौड़" हुई । और तेजस्वी को लगा कि उसके घायल जिंदगी पर एक और अभिशाप आ गया है, लेकिन क्या वह सही है? क्या यह सचमुच में एक... "तेजस्वी देशमुख" एक ऐसी लड़की जिसकी किस्मत हमेशा उसके साथ क्रूर रही है। जब वह अपने सबसे बुरे हालात में थी, तब उसकी मुलाकात "राघव राठौड़" हुई । और तेजस्वी को लगा कि उसके घायल जिंदगी पर एक और अभिशाप आ गया है, लेकिन क्या वह सही है? क्या यह सचमुच में एक अभिशाप है या उसका किस्मत । क्योंकी " राघव राठौड़" तो पल्लवी से बदला लेने के खेल में डूबा हुआ है । वह एक "झूठ" की कठपुतली बन गया है। वह अपना "रिवेंज" लेने के लिए किसी भी हद तक जाने को अड़ा हुआ है। क्या वह कभी तेजस्वी की मासूमियत को देख पाएगा या उसका अंधा जुनून तेजस्वी को हमेशा के लिए बर्बाद कर देगा? किस्मत ने अपना खेल खेला। दो लोग जो एक दूसरे से बहुत दूर थे, करीब आ गए। यह कहानी "लव इन रिवेंज " कहानी है । ।
Raghav Rathore
Hero
Tejaswi Deshmukh
Heroine
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Chapter 1
मुझे एक राक्षस ने बर्बाद कर दिया !
एक बड़े से कमरे में चारों तरफ़ सामान बिखरा पड़ा था। बिस्तर पर एक 25 साल की लड़की जो देखने एवरेज लेकिन बहुत एट्रेक्टिव थी। अपने फटे हुए कपड़ों में बेहोश पड़ी थी उसके गालों पर आंसुओं के निशान थे। उसके लंबे कर्ली बाल बिस्तर पर बिखरे हुए थे। उसके बदन पर साड़ी नहीं थी। उसका सफेद ब्लाउज उसके कंधे पर झुका हुआ था।
अचानक उस लड़की की आंखें खुलती हैं और वह उठ कर बैठ जाती है।
उसने इधर- उधर देखा और एक अनजाना सा डर उसके शरीर में समा गया था। बिस्तर की चादरें उखड़ी हुई थीं और वह पूरे कमरे में फ़ैली हुईं गंदगी देख सकती थी।
"तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? क्यों?"
वह बहुत दर्द में चिल्लाई थी।
उसके सामने सोफे पर एक हट्टा कट्टा 6 फिट का हेंडसम आदमी बैठा था। उम्र 29 साल , उसने शर्ट नहीं पहनी थी। उसके एब्स और बाइसेप्स उसके वर्क आउट के सबुत थें।
लेकिन उसकी आंखें गुस्से और नफरत से जल रही थी। वो अपने सामने बिस्तर पर पड़ी लड़की को नफरत से घुर रहा था। ।
"मैं तुम्हें कुछ नहीं समझाऊँगा ....बस अपनी किस्मत का शुक्रिया अदा करो कि मैं तुम्हें अपना नाम दे रहा हूँ...."
"नहीं.. .मुझे तुम्हारा गंदा नाम नहीं चाहिए.... तुम एक घटिया और कमीने इंसान हो"
वह अपना सारा गुस्सा निकालते हुए चिल्लाई थी।
वह हँसा लेकिन यह कोई खुशी से भरी हुई हँसी नहीं थी। उसने झुंझलाहट में अपनी कनपटी पर चुटकी काटी थी।
"तेजस्वी देशमुख .....यह तो तुम्हारी बर्बादी की शुरुआत है, और भी ज्यादा दर्द के लिए तैयार रहो.... .क्योंकि तुम्हारे दर्दनाक दिन अभी शुरू ही हुए हैं..."
उसने घिनौने लहजे में कहा था।
"मैंने क्या किया है?"
तेजस्वी ने अपने आँसू पोंछते हुए उससे पूछा था।
"तुम ने? कुछ नहीं.. लेकिन.तुम्हारे बाप ने मेरी बहन के साथ जबरदस्ती कि है , बस इतना ही.. .और अब तुम इसकी कीमत चुकाओगी..."
उसने बहुत कैजुअल तरीके से से कह था।
"तुमने पहले ही मेरा इज्जत लुट ली है...."
तेजस्वी ने अपना चेहरा ढँक कर रोयी थी।
"लेकिन मैं अभी भी सेटिस्फाइड नहीं हूँ... मुझे और चाहिए। मैं सेटिस्फाइड नहीं हूँ... मुझे और चाहिए. ...जितना ज्यादा तुम रोओगी, उतना ही मैं सेटिस्फाइड होता जाऊँगा.."
उस आदमी ने उसके करीब जाते हुए कहा था। उसने तेजस्वी का हाथ पकड़ा और जबरदस्ती उसका चेहरा अपनी तरफ कर दिया था।
वह उसकी आँखों में घूरने लगी थी। तेजस्वी को उससे बहुत नफ़रत महसूस हुई थी।
"तुम भी रोओगे मिस्टर "राघव राठौड़." ...मैं अपनी बहन की तरह कमज़ोर नहीं हूँ... मैं जैसा करोगे वैसा भरोगे में विश्वास रखती हूँ"
उसने कॉन्फिडेंस क साथ राघव राठौड़ की आँखों में देखते हुए कहा था।
राघव को उसका यह एटिट्यूड अच्छा लगा था। उसे चेलेंजेस पसंद थें। उसे लगा कि वह एक रोने वाली बच्ची है लेकिन वह नहीं है।
"फिर तो बहुत मज़ा आएगा... और मेरा विश्वास करो, मैं भी तुम्हारे एक्स हस्बैंड की तरह नहीं हूँ.. .मैं अपनी पत्नी से प्यार करना जानता हूँ"
राघव ने उसे अपने करीब खींचा था। उसकी आँखों में एक क्रूर खुशी भरी हुई थी और उसके लहज़े में सिर्फ़ मज़ाक था।
"मैं अपना पूरा फोकस तुम पर लगाऊँगा... मैं तुम्हारे एक्स हस्बैंड की तरह तुम्हें धोखा नहीं दूँगा "
तेजस्वी ने कुछ बार पलकें झपकाईं थी। उसने खाली छत की ओर देखा था। उसने अपना चेहरा घुमाया और पाया कि वह उसके बगल में बिना शर्ट के बैठा हुआ है।
तेजस्वी की साड़ी फर्श पर है। उसने टेबल की ओर देखा था। वहां एक शराब की बोतल रखी थी।
तेजस्वी ने उस बोतल को देखा। उसने उसे पकड़ लिया और जोर से तोड़ दिया था। फिर वह राघव की ओर मुड़ी और कांच के टुकड़े को सीधे उसके सिने पर दे मारा था।
राघव उसकी हरकत से चौंक गया और उसने तुरंत तेजस्वी की कलाई पकड़ ली थी। लेकिन नुकसान हो चुका था। राघव के सिने से खून बह रहा था। उसने तेजस्वी के हाथ से कांच का टुकड़ा लिया और फेंक दिया था। उसने अपने घाव को देखा और तुरंत बिस्तर से नीचे उतर गया था।
तेजस्वी भी तेज थी। उसने एक और टूटा हुआ टुकड़ा पकड़ा और उसके पीछे भागी थी। इस बार उसने राघव के पीछे से उसके कंधे पर वार किया था।
वह कराह उठा था और तेजस्वी की ओर मुड़ा था। ।
राघव ने तेजस्वी की कलाई पकड़ ली और उसके हाथ से कांच का टुकड़ा ले लिया लेकिन पल्लवी ने उसे कड़ी टक्कर दी थी।
लेकिन , तेजस्वी ने दूसरा कांच का टुकड़ा लिया और उस पर हमला करने के लिए भागी थी।
राघव के शरीर के अलग- अलग हिस्सों से खून बह रहा था।
"मैं उसे मार डालूँगी। उसने मेरी आत्मा और शरीर को डीस्टरोय कर दिया है। मैं उसे मारने से पहले नहीं रुकूँगी। " तेजस्वी ने सोचा था। उसके सिर पर खुश सवार हो गया था।
"Enough"
"बस"
राघव ने उसके चेहरे पर चिल्लाया था।
तेजस्वी ने भारी साँस ले रही थी। राघव ने उसे बेहद गुस्से में देखा था।
"तुम्हें अपने इस बिहेवियर के लिए पछताना पड़ेगा, मत भुलो तुम्हारा वह घटिया बाप अभी भी लोक अप में बंद हैं "
राघव ने उसे अपने घाव दिखाए और बाहर चला गया था।
तेजस्वी फर्श पर गिर गयी और अपनी साड़ी पकड़कर जोर से रोने लगी थी। और लगातार बड़बड़ा रही थी।
He destroyed me. He destroyed me.
उसने मुझे बर्बाद कर दिया है। उसने मुझे तबाह कर दिया है।
I'm ruined by a monster!
मुझे एक राक्षस ने बर्बाद कर दिया है!
I'm ruined!!!
मैं बर्बाद हो गयी हूँ!!!
मिलिए " तेजस्वी देशमुख" से। हमारी हिरोइन। Total Green 💚 Flag ya kahiye Green Forest.
उसके लिए लाइफ एक tough journey है। उसने हमेशा कठिनाइयों का सामना किया है। उसने सोचा कि लाइफ बेहतर हो जाएगी क्योंकि भगवान हमेशा हमारी परीक्षा लेते हैं लेकिन वह नहीं जानती कि उसके लाइफ की सबसे बड़ी कठिनाई अभी आनी बाकी है।
Devil 👿 ने उसके लिए दूसरी प्लानिंग बनाई हैं। कोई भी भगवान उसकी रक्षा करने के लिए नहीं होगा क्योंकि शैतान का वक्त उसे टोर्चर देने और उसके लाइफ को हैल बनाने का है।
Will she ever be able to fight the devil? Or her whole life will turn into a never ending misery?
क्या वह कभी शैतान से लड़ पाएगी? या उसका पूरा जीवन कभी न खत्म होने वाले दुख में बदल जाएगा?
May be God has some other things planned for her.
हो सकता है कि भगवान ने उसके लिए कुछ और प्लानिंग बनाई हो।
This time the hunter will become the prey
इस बार शिकारी खुद शिकार बन जाएगा।
मिलिए " राघव राठौड़" से। हमारा एंटि हीरो। कोई Red Flag hai . कोई Green Flag. हमारा राघव Grey 🩶 Flag hai .
उसके लिए, उसका रिवेंज ही सबकुछ है। उसके पास न तो दिल है, न ही दया , न ही पश्चाताप। वह खुद एक Devil है।
उसे आँसू, दर्द या दुखों की परवाह नहीं है। वह बदला लेने के लिए कुछ भी कर सकता है। वह उसे बर्बाद करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आखिर में वह बस उसे अपनी रहमों कर्म के नीचे रोते और भीख माँगते देखना चाहता है।
But Man proposes, God disposes.
लेकिन मनुष्य प्रस्ताव करता है, भगवान निपटाता है।
क्या होगा अगर उसकी दुनिया उसके छोटे से अटैक से उलट गई? क्या होगा अगर बदला लेने के खेल से उसकी पूरी मेंटालिटी हिल गई?
क्या होगा अगर शैतान को अपनी ही धड़कन महसूस हुई?
वह बदला लेने में इतना अंधा है कि उसे आस- पास की किसी भी चीज़ की परवाह नहीं है।
क्या होगा अगर बदला लेने का खेल कुछ और बन गया, कोई अनजाना जुनून फूट पड़ा जिसने उसके अस्तित्व की सच्चाई को बदल दिया है।
तो जानिए मेरे साथ कि,
कौन है तेजस्वी?
कौन है राघव?
क्या हुआ है उनकी लाइफ में?
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Chapter 2 तेजस्वी से बेइंतहा नफरत करने वाला शख्स
। "तेजस्वी देशमुख" और "राघव राठौड़" की कहानी शुरू होती है "पिछले चैप्टर" में जो हुआ उससे "10 साल पहले" । ।
एक 15 साल की लड़की ग्रीनफील्ड में खुशी- खुशी चल रही थी । । उसने अपने पैरों पर हरी घास की सोफटनेस महसूस की, अपनी आत्मा में कोमलता का आनंद लिया था । । वह घास पर बैठी और अपने सामने बने महल को उसकी पूरी शान के साथ खड़ा देखा था ।
वह अपने स्कूल के पिकनिक में आई है । । उसने कुछ मिनट पहले ही इस महल के हर कोने का दौरा किया है । । इस महल का इतिहास सुनकर वह हैरान हो गई थी । । एक ही दिन में इतनी सारी चीजें जानने के बाद उसके रोंगटे खड़े हो गए थे ।
उसे हिस्ट्री पढ़ना बहुत पसंद है । । जो कुछ भी उसके ज्ञान को बढ़ा सकता है, वह उसके लिए अमृत के समान है । । उसने अपनी लोकल लाइब्रेरी की आधी किताबें पहले ही पढ़ ली हैं । । जबकि वह अभी सिर्फ 15 साल की है । ।
"तेजस्वी ...सुप्रिया मैम तुम्हें बुला रही हैं"
उसकी सहेली सपना ने उसे बुलाया था । ।
वह तुरंत उठ गई थी । ।
सुप्रिया नाथ स्लैब पर बैठी थी । । स्टुडेंट्स दोपहर के लंच में बिजी हैं । ।
"तेजस्वी, क्या तुम इंजोय कर रही हो?"
सुप्रिया मैम ने उसे पूछा था । । उसे यह छोटी लड़की बहुत पसंद थी । ।
सुप्रिया को सीखने की उसकी क्युरिऑसिटी पसंद है । । उसने हमेशा उसे क्लास में बेहद फोकस्ड देखा है । । क्लास के दौरान पूछे गए सवालों से भी वह खुश हो जाती थी । । उसे तेजस्वी जैसे सिरियस और होनहार स्टुडेंट्स पसंद हैं । ।
"हाँ मैम..." तेजस्वी ने जवाब दिया था । ।
यह लड़की बहुत पोलाइट भी है । । वह दूसरी टीनेजर्स बच्चों की तरह रिबैल नहीं है । । बहुत डिसिप्लिन और वेल मैनर है ।
सुप्रिया जानती है कि दूसरी लड़कियाँ उसके पोलाइट नैचर की वजह से उसे परेशान करती हैं । । क्योंकि तेजस्वी कभी अपना समय बरबाद नहीं करती । । वह किताबों की दीवानी है और अपनी उम्र के हिसाब से थोड़ी ज्यादा मेच्योर भी है । । सुप्रिया हर बार तेजस्वी से हैरान हो जाती थी । । इस लड़की में वाकई कुछ अच्छे गुण हैं जो इस समाज को बदल सकते हैं ।
बिल्कुल अपने नाम की तरह । ।
"बताइए आज आप क्या महसूस कर रही हैं?"
सुप्रिया ने पूछा था । ।
"मैम, दरअसल मैं जगहों के नामों के बारे में ज़्यादा क्युरिऑस हो रही हूँ.. .उनके पीछे ज़रूर कोई कहानी होगी ...मैंने अभी महाप्रभु जंक्शन नाम देखा.. .लेकिन श्री चैतन्य कभी यहाँ नहीं आए.. .ज़्यादातर बौद्ध समुदाय ने इन क्षेत्रों पर कब्ज़ा किया है ...फिर उन्होंने इसका नाम महाप्रभु कैसे रखा?"
सुप्रिया वाकई बहुत इंमपरेस हुई थी । ।
"मैं बहुत इंमपरेस हूँ तेजस्वी...मुझे लगता है कि तुम्हें इस पर अपना हिस्ट्री प्रोजेक्ट करना चाहिए..."
सुप्रिया मैम से अपरुवल मिलने के बाद पल्लवी खुश हो गई थी । । वह अपने बाबा को यह खबर देने के लिए बेताब हो गई है ।
शाम को बस उनके स्कूल पर रुकी थी । । तेजस्वी एक्साइटेड होकर उतरी और अपने बाबा को चेहरे पर चमकीली मुस्कान के साथ खड़े पाया था । ।
"बाबा ....आप विश्वास नहीं करेंगे कि हमने आज क्या सीखा है......"
वह सिर्फ अपने बाबा के सामने ही बड़बड़ाती है । । जब वह 8 साल की थी, तब उसके माता- पिता का डिवोर्स हो गया था । । उसकी माँ लंदन में तेजस्वी की बड़ी बहन प्रियंका के साथ रहती है, जबकि तेजस्वी ने बाबा के साथ रहती है । ।
आखिरकार वे घर पहुँच गए थे । । घर पहुंचते ही तेज़सवी का चेहरा तुरंत पीला पड़ गया था । ।
"बाबा, हम अपने गाँव कब वापस जाएँगे?"
उसने पूछा था । ।
उसके बाबा"जतिन देशमुख" ने उसके स्वर में उदासी महसूस की थी । ।
"तुम्हें यहाँ अच्छा नहीं लगता तेजू? तुम्हें यहाँ बेहतर ऑपच्यरुनिटीज मिलेंगी .. शालिनी तुम्हें बेहतर फ्यूचर प्रोवाइड करने में केपेबल है... तुम जानती हो कि तुम्हारे बाबा एक कमज़ोर आदमी हैं... वे पैसे नहीं कमा सकते.. .मैं नहीं चाहता कि मेरी बेटी मेरी अपाहिजपन की वजह से किसी फाइनेंशियल कइसिस से गुज़रे..."
तेजस्वी के बाबा जतिन देशमुख का बायाँ पैर कटा हुआ है । । वह एक छोटी सी इंडस्ट्री में काम करता है । । अपनी डीसाबिलिटि की वजह से, वह एक रेपुटेड नौकरी पाने में नाकाम रहा था । । साथ ही उसकी एजुकेशनल क्वालीफिकेशंस भी अच्छी नहीं है । ।
उसकी पत्नी और पल्लवी की माँ विनीता ने उसके एक्सीडेंट के बाद उसे छोड़ दिया था । ।
उसके बाद तेजस्वी ने कुछ नहीं कहा था । ।
"शालिनी आंटी" उसकी खुशी का एक और स्रोत है । । वह उसके बाबा की बचपन की दोस्त है । । यह विला उनका है । । शालिनी ने उन्हें सेल्टर दिया और उनके बुरे दिनों में उनके साथ खड़ी रही थी । ।
"क्या तुम यहाँ खुश नहीं हो? क्या कोई ऐसी बात है जो मुझे पता होनी चाहिए?"
जतिन ने उससे फिर पूछा था । ।
पल्लवी ने अपना सिर नां में हिलाया था । ।
वे विला के अंदर चले गए थे । । तेजस्वी अपने कमरे में गई और अपनी स्कूल ड्रेस बदली थी । । वह बिस्तर पर बैठ गई और खिड़की से बाहर देखने लगी थी । । उसने देखा कि "रवीना" अपने दोस्तों के साथ टेनिस खेल रही है । ।
"रविना अग्रवाल" इस परिवार की प्रिंसेस है । । वह निशा आंटी की बेटी है । । निशा आंटी शालिनी की ननद है । । वह अपने पति "रितेश अग्रवाल" और बेटी के साथ यही अपने भाई " देवेन राठौड़ " के घर रहती है । ।
तेजस्वी नीचे प्लेग्राउंड में आई थी । । उसे उनके गेम्स देखना बहुत पसंद है । । उसे उनकी नोक झोंक देखना बहुत पसंद है । । वह थोड़ी दूर खड़ी हो गई और उन सभी को गेम्स खेलते देखती रही थी ।
वह थोड़ी दूर खड़ी होकर उनके खेल को मुस्कुराते हुए देखती रही थी । ।
"तुम्हें यकीन नहीं होगा कि भाई ने अगले ही पल क्या किया.. .उसने विनय के हेंडसम चेहरे पर पंच मारा...
रविना ने बहुत गर्व से कहा था । ।
"क्या? रविना ...अगर तुम्हारा भाई ऐसे ही रहा, तो फ्यूचर में कोई लड़का तुम्हारे पास नहीं आएगा..."
"मैं खुद भी ऐसा हीं चाहती हुं . ..वे लड़के बेवकूफ हैं..मैं राघव भाई की पसंद के लड़के से शादी करूंगी..."
रवीना ने कहा था । ।
"By the way where is he?"
"वैसे वह कहाँ है?
रविना ने अपनी फ्रेंड्स की अपने भाई के लिए एक्साइमेंट देखकर आँखें मूँद लीं थीं । ।
"He will never give you attention guys. .stop dreaming about him ..He is already dating someone.."
"वह कभी तुम पर अटेंशन नहीं देगा ..उसके बारे में सपने देखना बंद करो ..वह पहले से ही किसी को डेट कर रहा है.."
"What??"
"क्या??"
रविना अपनी फ्रेंड्स की उदास और बेबस आँखों को देखकर हँसने लगी थी । ।
"वह लड़की कौन है? क्या तुम उसे जानती हो?" उसकी फ्रेंड्स ने पूछा था । ।
"हाँ ज़रूर. ..वह डेटिंग कर रहा है... .नहीं, मैं तुम्हें यह नहीं बता सकती.. .भाई मुझे ज़रूर मार डालेगा"
रविना ने बात खत्म की थी । ।
"वह बहुत खूबसूरत होगी..." एक लड़की ने आह भरते हुए कहा था । ।
"ज़ाहिर है... मेरा भाई एक हैंडसम हंक है और वह 19 साल का है.. .इसलिए उसे डेट करने की परमिशन है"
"हाँ हम यह जानते हैं. ..और हमें उसके जैसा लडका कभी नहीं मिल सकता"
वे सब एक साथ हँसने लगी थी । । अचानक रविना की एक सहेली की नज़र तेजस्वी पर पड़ी थी । ।
"हाय पल्लवी ...आओ और हमारे साथ खेलो"
उस लड़की प्रज्ञा ने तेजस्वी को बुलाया था । ।
तेजस्वी भी खेलना चाहती है । । उसने एक्साइमेंट से रविना की ओर देखा था । । रवीना ने तुरंत एक कोल्ड फेस बनाया था । । और तेजस्वी समझ गई थी । ।
"तुम लोग खेलो ...मैं यहीं ठीक हूँ..."
उसने कहा था । ।
"आओ ना....."
प्रज्ञा दौड़ती हुई उसके पास आई और उसे लगभग खेल के मैदान के अंदर खींच लिया था । ।
उसने तेजस्वी को बेडमिंटन रेकेट दिया था । ।
"मुझे पता है कि तुम पढ़ाकू हो... लेकिन कभी -कभी तुम्हें भी खेलना चाहिए..."
प्रज्ञा ने मुस्कुराते हुए कहा था ।
तेजस्वी की नज़र फिर से रविना पर पड़ी जो उदास चेहरे के साथ खड़ी थी ।
तेजस्वी की सारी दिलचस्पी खत्म हो गई थी । । वह उदास हो गई थी । । वह खेलना चाहती थी लेकिन वह यह अच्छी तरह जानती थी कि इस परिवार के कुछ मेम्बर उससे नफरत करते हैं । । वह उनकी नफरत का रिजन नहीं जानती थी । ।
"तुम लोग खेलो.. .मैं थोड़ा आराम करूँगी.."
रवीना ने अपना रेकेट गिरा दिया और जाने ही वाली थी कि अचानक एक कार उनके गेट में घुसी थी ।
कार देखते ही तेजस्वी के चेहरे का सारा रंग उड़ गया था । । उसने भी रेकेट गिरा दिया था और अंदर भागने वालीं थी । । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी । ।
पहले ही वह इंसान कार से उतर गया और खेल के मैदान के पास चला आया था । ।
तेजस्वी धड़कते दिल के साथ खड़ी थी । । वह जानती थी कि अब उसका सबसे ज्यादा नफरत करने वाला उसका biggest hater आ गया है । । उसने खुद को अनंत अपमान के लिए तैयार कर लिया था । । ।
कौन है तेजस्वी का biggest hater ?
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Chapter 3 तुम यह पैसे कमा सकतीं हो
।। पिछले चैप्टर में हमने पढ़ा था कि । ।
"तुम लोग खेलो.. .मैं थोड़ा आराम करूँगी.."
रवीना ने अपना रेकेट गिरा दिया और जाने ही वाली थी कि अचानक एक कार उनके गेट में घुसी थी । । ।
कार देखते ही तेजस्वी के चेहरे का सारा रंग उड़ गया था । । उसने भी रेकेट गिरा दिया था और अंदर भागने वालीं थी । । लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी । ।
पहले ही वह इंसान कार से उतर गया और खेल के मैदान के पास चला आया था । ।
तेजस्वी धड़कते दिल के साथ खड़ी थी । । वह जानती थी कि अब उसका सबसे ज्यादा नफरत करने वाला उसका biggest hater आ गया है । । उसने खुद को अनंत अपमान के लिए तैयार कर लिया था । । ।
। । और अब आगे पढें । ।
"What are you doing here?"
"तुम यहाँ क्या कर रही हो?"
उसकी ठंडी आवाज़ सुनकर पल्लवी को पसीना आ गया था । । उसकी नफ़रत भरी नज़रों को अपने चारों ओर महसूस करके वह ज़ोर से साँस रोककर रो पड़ी थी । । ।
"क्या तुम्हें नहीं पता कि यहाँ नौकरों का आना मना है?"
उसे लगा जैसे किसी ने सबके सामने उसे ज़ोर से थप्पड़ मारा हो । । शर्म और दर्द से उसने अपनी नज़रें नीची कर लीं थीं । ।
"रवीना, एक नया बैट का सैट खरीदो. ..उसे फेंक दो..."
"हाँ भाई..." रवीना ने कहा था । ।
"अगली बार मैं तुम्हें अपनी बहन और उसकी सहेलियों के पास नहीं देखना चाहता ...जाओ और नौकरों की लड़कियों के साथ खेलो.." उसने सख्ती से कहा था । ।
तेजस्वी की आँखों में अपमान के आँसू भर आए थे । । वह धीरे -धीरे खेल के मैदान से बाहर निकल गई थी । ।
वह विला के पीछे चली गई और एक कोने में बैठ गई थी । । उसने चुपचाप अपने आँसू पोंछे थे । ।
यही मेन रिजन है कि वह यहाँ नहीं रहना चाहती है । । लेकिन वह ये बातें अपने बाबा से नहीं कह सकती थी । । उसके बाबा एक विकलांग व्यक्ति हैं । । गाँव में उनके लिए कोई नौकरी नहीं होगी । ।
वह पिछले दो सालों से इस नफ़रत को सह रही है । । उसे तो इसका रिजन भी नहीं पता था । । कि वह उससे इतनी नफ़रत क्यों करता है । ।
वह उसे अवोइड कर सकता था, लेकिन हर बार वह ऐसा ही करता रहा था । ।
वह उससे इतनी नफरत क्यों करता है?
उसने उसके साथ क्या किया है?
वह कभी उसके रास्ते में नहीं आई है । । फिर भी उसने हमेशा उसे इस एक्सट्रीम हैट से नवाज़ा है । ।
"एक दिन. ..मैं इस जगह से बहुत दूर चली जाऊँगी..." तेजस्वी अपने आंसुओं के बिच बुदबुदाई थी । ।
अगले दिन, वह स्कूल गई थी । । उसकी एग्जाम नज़दीक हैं । । उन्हें आज नोटिस मिला था । ।
वह दोपहर के लंच के टाइम बाहर आई और रविना को परीक्षा फॉर्म भरते हुए पाया था । ।
"क्या तुम आज फॉर्म जमा कर रही हो?"
उसने रवीना से पूछा था । ।
"हाँ. राघव भाई फीस लेकर आ रहे हैं.. कल आखिरी तारीख है" रवीना ने जवाब दिया था । ।
उसकी बात सुनकर तेजस्वी परेशान हो गई थी । ।
"क्या तुम उससे कह सकती हो कि वह अभी मेरी फीस दे दे? मैं उसे वापस कर दूँगी..."
तेजनस्वी ने थोड़ा झिझकते हुए कहा था । ।
"कैसे? शालिनी मामी से पैसे लेकर?" रवीना ने उसे ताना मारा था । ।
"मेरे पापा ने कुछ पैसे सेव किए हैं..." तेजस्वी ने कहा था । ।
"अरे वाह.. .मुझे गैस लगाने दो... उसने शालिनी मामी से ही कर्ज लिया है, है न?" रवीना ने उसका मजाक उड़ाया था । ।
तेजकस्वी को बहुत दुख हुआ था । । उसने जाने के लिए अपना चेहरा घुमाया और तुरंत राघव से टकरा गई थी । ।
जैसी कि उम्मीद थी राघव का चेहरा सख्त हो गया था । ।
"क्या तुम अंधी हो?" राघव ने गुस्से में आकर कहा था । ।
तेजस्वी पीछे हट गई थी । । रवीना के पास जाने से पहले राघव ने उसे फिर से घृणा भरी नज़र से देखा था । ।
"यह तुम्हारी एग्जामिनेशन फीस है... और यह पॉकेट मनी रख लो"
"थैंक यू, थैंक यू भाई" रविना ने उसकी बाहें पकड़ कर कहा था । ।
रवीना ने उसे कसकर गले लगा लिया था । ।
"Don't waste the money on bad stuffs.."
"पैसे को खराब चीजों पर बर्बाद मत करना.."
राघव ने उसे वोरनींग दी थी । ।
"ठीक है भाई..." रविना ने ओबेडिएंटली कहा था । ।
राघव ने अपना चेहरा घुमाया और तेजस्वी को एक पेड़ के नीचे बैठे देखा था । । राघव के होठों पर एक मुस्कुराहट खेल रही थी । ।
वह उसके पास चला गया था । । उसे देखते ही वह तुरंत खड़ी हो गई थी । ।
"क्या तुमने एग्जामिनेशन फीस का पेमेंट किया?" राघव ने उसे पूछा था । ।
"नहीं" तेजस्वी ने धीरे से जवाब दिया था । ।
"मैं पेमेंट कर दूँगा.. .बस फॉर्म भर दो" राघव ने उसे कहा था । ।
तेजकस्वी के लिए यह अनप्रिडिक्टेबल था । । वह कुछ देर तक हैरानी से उसे देखती रही थी । ।
राघव ने अपने वोलेट से पैसे निकाले और उसे दे दिए थे । । वह उससे पैसे लेने में झिझक रही थी । ।
"C'mon.. .you can pay me back..."
"...तुम मुझे यह पैसे वापस कर सकती हो..."
"कैसे?" तेजस्वी ने डरते हुए पूछा था । ।
"कल मैंने अपने आउटहाउस में एक पार्टी रखी है. ..तुम वहां मेरी नौकरानी के तौर पर काम कर सकती हो.. .तुम्हें बस आउटहाउस साफ करना है और मेरे मेहमानों को खाना सर्व करना है.." राघव ने कहा था । ।
उसकी बात सुनकर तेजस्वी का दिल बैठ गया था । ।
"ठीक है मैं कर दुंगी" वह मान गई थी । ।
"Cool"
"ठीक है" इतना कहकर वह चला गया था । ।
तेजस्वी ने पैसे लिए और फीस भरने चली गई थी । । उसने यह पैसा कमाया है । । कोई भी काम छोटा नहीं है । । अगर उसे अपने पैरों पर खड़ा होना है, तो उसे ये मुश्किल दिन सहने होंगे । । तेजस्वी ने खुद को समझाया था । ।
एक दिन वह इंडिपेंडेंट बन जाएगी । । उस दिन कोई भी उसे इस तरह हयुमिलिएट नहीं कर पाएगा । ।
वह दृढ़ निश्चय के साथ फॉर्म भरने लगी थी । ।
राघव उसे दूर से देख रहा था । । उसने अपना जबड़ा भींच लिया था । उसने अपना फोन निकाला और प्रिंसिपल को कॉल किया था । ।
उसकी माँ "शालिनी देवेन राठौड़" इस स्कूल की ट्रस्टी हैं । ।
"तेजस्वी देशमुख " ...मैं चाहता हूँ कि तुम उसे उसकी फाइनल एग्जाम्स में फेल कर दो" राघव ने कहा था । ।
प्रिंसिपल चौंक गया, लेकिन उसे मना करने की हिम्मत नहीं थी । ।
"ठीक है सर..."
राघव ने फोन काट दिया था । । उसने 15 साल की लड़की की ओर देखा जो अब एग्जामिनेशन फॉर्म भरने में बिजी थी । ।
"I will ruin you Tejasvi Deshmukh"
"मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगा तेजस्वी देशमुख"
अपनी कार की स्पीड बढ़ाने से पहले उसने मुंह सिकोड़ा था । ।
क्यों नफरत करता है राघव तेजस्वी से ?
क्या बिगाड़ा है उस 15 साल की लड़की ने उसका?
क्या होगा फार्म हाउस पार्टी में ?
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Chapter 4 Raghav ki Party Me stripper
। । पिछले चैप्टर में हमने पढ़ा था कि । ।
राघव उसे दूर से देख रहा था । । उसने अपना जबड़ा भींच लिया था । उसने अपना फोन निकाला और प्रिंसिपल को कॉल किया था । ।
उसकी माँ "शालिनी देवेन राठौड़" इस स्कूल की ट्रस्टी हैं । ।
"तेजस्वी देशमुख " ...मैं चाहता हूँ कि तुम उसे उसकी फाइनल एग्जाम्स में फेल कर दो" राघव ने कहा था । ।
प्रिंसिपल चौंक गया, लेकिन उसे मना करने की हिम्मत नहीं थी । ।
"ठीक है सर..."
राघव ने फोन काट दिया था । । उसने 15 साल की लड़की की ओर देखा जो अब एग्जामिनेशन फॉर्म भरने में बिजी थी । ।
"I will ruin you Tejasvi Deshmukh"
"मैं तुम्हें बर्बाद कर दूंगा तेजस्वी देशमुख"
अपनी कार की स्पीड बढ़ाने से पहले उसने मुंह सिकोड़ा था । । ।
। । और अब आगे पढें । ।
। । अगले दिन । ।
तेजस्वी राघव के पेंटहाउस में पहुँची थी । । उसने एक बड़ी पार्टी रखी है । । उसके सर्किल में से लगभग हर फ्रेंड उस पार्टी में शामिल होने आया है । ।
" शालिनी राठौर" इस शहर में एक प्रतिष्ठित नाम हैं । । हर कोई जानता है कि वह एक सक्सेसफुल महिला हैं और उनके कई कनेक्शन हैं । ।
राघव के डैड की मृत्यु 4 साल पहले हो चुकी है । । उसके बाद शालिनी ने उनके बिजनेस की कमान संभाली थी । ।
निशा आंटी राघव के पिता की बहन है । । वह अपने पति रितेश अग्रवाल और बेटी रवीना के साथ उसी घर में रहती है । । रितेश शालिनी के अंडर काम करता है । ।
रवीना और राघव एक साथ बड़े हुए हैं और राघव अपनी छोटी बहन से बहुत प्यार करता है । । वह निशा और रितेश के भी बहुत करीब है, यहाँ तक कि अपनी माँ से भी ज़्यादा । । अपने पिता की मृत्यु के बाद, वह अपनी माँ से दूर हो गया था । ।
कोई नहीं जानता कि इसका रिजन क्या है, लेकिन शालिनी ने राघव के बिहेवियर में बदलाव देखा है । । उसने इस मामले पर कई बार उससे बात करने की कोशिश भी की है, लेकिन राघव बहुत कम घर पर रहता है । ।
तेजस्वी पेंटहाउस के अंदर चली गई थी । । पार्टी शुरू हो चुकी है । । वह रसोई में घुस गई थी । । वह सुबह ही यहाँ आई थी और उसने पूरी जगह साफ कर दी थी । । उसे तब भी झटका लगा जब उसे पता चला कि राघव ने तेजस्वी की मदद के लिए किसी और नौकरानी को नहीं बुलाया था । । सारी साफ सफाई तेजस्वी ने अकेले ही की थी । ।
सुबह उसने देखा कि राघव आलस से नीचे आ रहा है । । तेजस्वी को देखकर उसका मूड खराब हो गया था । । तेजस्वी अब उसके कोल्ड बिहेवियर की आदी हो चुकी है । ।
"उम्म.. तुमने मुझे साफ सफाई करने के लिए कहा था... यह जगह" तेजस्वी हिचकिचाते हुए बोली थी । ।
"हाँ मुझे याद है" राघव ने कहा और रसोई में घुसा था । ।
"मेरे लिए मिल्कशेक बनाओ... फिर पूरी जगह साफ करो.. मैं नहीं चाहता कि इस जगह का एक भी कोना गंदा हो. ..समझी ?" उसने ओर्डर दिया था । ।
तेजस्वी ने सिर हिलाया था । ।
"लेकिन मुझे मिल्कशेक बनाना नहीं आता" तेजस्वी ने जवाब दिया था । ।
राघव ने अपना जबड़ा कस लिया था । ।
"तुम मेरी नौकरानी हो और तुम्हें इतना भी नहीं आता???"
तेजस्वी को फिर से दुख हुआ था । । वह हर बार ऐसा ही करता था । । भगवान जाने उसे नौकरानी कहकर एड्रेस करने में उसे कितनी खुशी मिलती थी । ।
वह चुप रही थी । । उसे जवाब देना बेकार है । । इससे वह और गुस्सा होगा और सच कहूँ तो उसे गुस्सा देखकर डर भी लगा था । । आखिर वह उससे 6 साल बड़ा है । । और अभी उसने उसकी स्कूल फीस भरी है । ।
वह रसोई में घुसी और दूध ले आई । ।
"क्या मैं तुम्हारा फोन ले सकती हूँ?" तेजस्वी ने पूछा था । ।
वह तुरंत भौंहें सिकोड़ने लगा था। ।
"क्यों???"
उसका लहजा रूड था । ।
"मैं यूट्यूब वीडियो देखना चाहती हूँ.. मेरा मतलब है कि मिल्कशेक कैसे बनाया जाता है.."
वह चुपचाप उसे देखता रहा था । ।
"क्या तुम्हारे बाबा ने तुम्हें स्मार्ट फोन नहीं खरीद कर दिया? आखिर वह मेरी माँ से हर दिन पैसे चुरा रहा है"
इस बार तेजस्वी ने उसे गुस्से से देखा था । ।
"मेरे बाबा चोर नहीं हैं... समझे तुम???"
वह किसी भी तरह का अपमान बर्दाश्त कर सकती है लेकिन अगर कोई उसके पिता का अपमान करे तो वह बर्दाश्त नहीं कर सकती थी । ।
राघव तेज़ी से उसके पास गया, जबकि वह पीछे हट गई थी ।
"तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे इस तरह बात करने की??" राघव गुस्से में गुर्राया था । ।
"और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बाबा के बारे में ऐसी बातें कहने की?" तेजस्वी ने जवाब दिया था । ।
राघव का गुस्सा बढ़ गया था । ।
"तुम और तुम्हारे बाबा दोनों चोर हैं... तुमने कुछ दिन पहले मेरी घड़ी भी चुराई थी...." राघव ने उसकी कलाई पकड़ कर घड़ी देखी थी । ।
"मैंने नहीं चुराई.. शालिनी आंटी ने मुझे दी थी.. मुझे नहीं पता था कि यह तुम्हारी है.. .इसे वापस ले लो.. मुझे यह नहीं चाहिए"
तेजस्वी ने अपनी कलाई से घड़ी निकाली और रसोई की स्लैब पर रख दी थी । । उसकी आँखों में आँसू आने लगे थे, लेकिन वह उसके सामने नहीं रोएगी । ।
"मैं भिखारियों से चीज़ें वापस नहीं लेता.." राघव ने फुसफुसाया था । ।
"जाओ और पूरी जगह साफ करो.. .नहीं तो मैं तुम्हारी एग्जामिनेशन फीस नहीं भरूँगा"
यह कहकर वह चला गया था । ।
तेजस्वी आँसू में डूबी हुई थी । ।
यह जल्द ही खत्म हो जाएगा...बस कुछ सालों तक इसे बर्दाश्त करो...
तेजस्वी ने खुद को समझाया था । । और काम पर लग गई थी । ।
अब शाम को वह यहाँ है, और राघव के इंटरकसन के मुताबिक मेहमानों को खाना परोस रही है । ।
तेजस्वी ने देखा कि राघव के फ्रेंड्स शराब पी रहे थे और नाच रहे थे । । वे प्लेटों से कबाब निकाल रही थी और उन्हें वाइन के साथ खा रहे थे । ।
शराब और धुएँ की गंध से तेजस्वी को चक्कर आने लगा था । ।
"राघव, स्ट्रिपर कहाँ है?"
उसके एक दोस्त ने उससे पूछा था । ।
"वह यहाँ है... बस तैयार हो रही है"
राघव ने कहा था । । अचानक फिर उसकी नज़र तेजस्वी पर पड़ी जो उसके दोस्त को कबाब सर्व कर रही थी । । राघव ने उसे अपने पास आने का इशारा किया था । । वह उसके पास चली आई थी । ।
"अब तुम घर जा सकती हो.. .कल सुबह आकर इस जगह को साफ करना" राघव ने उसे ओर्डर दिया था । ।
"लेकिन कल मुझे स्कूल जाना है. ..मैं पार्टी के बाद साफ कर दूँगी" तेजस्वी ने जवाब दिया था । ।
"क्या तुम बहरी हो या क्या? तुम अब यहाँ नहीं रह सकती ...या तुम वाकई स्ट्रिपर को देखना चाहती हो?" राघव ने गुस्से से कहा था । ।
"स्ट्रिपर कौन है?" तेजस्वी ने मासूमियत से सवाल किया था । ।
उसे इन सब के बारे में नहीं पता था । ।
"तुम मासूम बनने की एक्टिंग मत करो क्योंकि तुम बिल्कुल भी इनोसेंट नहीं हो. .ठीक है.. ठीक है..अगर तुम यहां रहना चाहती हो, तो मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है... आखिर तुम मेरी बहन नहीं हो..."
इतना कहकर राघव पार्टी के अंदर चला गया था । ।
तेजस्वी कुछ देर कंफ्युजन में खड़ी रही थी । ।
लेकिन कुछ ही मिनटों में उसे सब समझ आ गया था । । शर्म से उसके गाल जलने लगे और उसे लगा कि वह यहाँ से भाग जाए । ।
ये सारी बातें उसकी आँखों में बहुत अश्लील लग रही थीं । । वह सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा कुछ भी हो सकता है । ।
एक लड़की इन सभी लड़कों के सामने बिना किसी शर्म के बेलिबास हो रही थी और सारे लडके बेशर्मी से इस हरकत का मज़ा ले रहे थे और पैसे उड़ा रहे थे । ।
तेजस्वी को बहुत दुख हुआ था । । उसे उस लड़की के लिए बुरा लगा था । । वह ज़रूर लाचार होगी । । वरना कोई भी लड़की जानबूझकर पैसे कमाने का ऐसा तरीका नहीं अपनाएगी । ।
तेजस्वी भागकर किचन में चली गई और उस लड़की के लिए अफसोस करने लगीं थीं । । तभी अचानक किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया था । । और वह चौंक गई थी । ।
किसने पकड़ा तेजस्वी का हाथ?
क्या होने वाला है इस पार्टी में?
क्या यह राघव की कोई प्लानिंग है?
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तेजस्वी कुछ देर कंफ्युजन में खड़ी रही थी । ।
लेकिन कुछ ही मिनटों में उसे सब समझ आ गया था । । शर्म से उसके गाल जलने लगे और उसे लगा कि वह यहाँ से भाग जाए । ।
ये सारी बातें उसकी आँखों में बहुत अश्लील लग रही थीं । । वह सोच भी नहीं सकती थी कि ऐसा कुछ भी हो सकता है । ।
एक लड़की इन सभी लड़कों के सामने बिना किसी शर्म के बेलिबास हो रही थी और सारे लडके बेशर्मी से इस हरकत का मज़ा ले रहे थे और पैसे उड़ा रहे थे । ।
तेजस्वी को बहुत दुख हुआ था । । उसे उस लड़की के लिए बुरा लगा था । । वह ज़रूर लाचार होगी । । वरना कोई भी लड़की जानबूझकर पैसे कमाने का ऐसा तरीका नहीं अपनाएगी । ।
तेजस्वी भागकर किचन में चली गई और उस लड़की के लिए अफसोस करने लगीं थीं । ।
। । और अब आगे पढें । ।
उसे बहुत दुख हुआ था । । उसे उस लड़की के लिए बुरा लग रहा था । । वह ज़रूर बहुत मजबूर और लाचार होगी । । वरना कोई भी लड़की जानबूझकर पैसे कमाने का ऐसा तरीका नहीं अपनाएगी । ।
वह रसोई के अंदर चली गई थी । । उसने अपने दोनों कानों को अपनी हथेलियों से कसकर दबाया था । । लाउड म्यूजिक से उसे उबकाई आ रही थी । । साथ ही वह अपनी सिचुएशन के लिए बहुत लाचार महसूस कर रही थी । । उसे अभी अपनी परीक्षा के लिए पढ़ाई करनी चाहिए लेकिन वह अभी यहां इस पार्टी में काम कर रही है । ।
तभी अचानक किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया था । । और वह चौंक गई थी । ।
"हैलो लिटिल गर्ल" एक 19 , 20 साल का लड़का जो देखने में काफी अमीर घर का लग रहा था । तेजस्वी का हाथ पकड़ कर खड़ा था । ।
तेजस्वी ने फौरन अपना हाथ छुड़ा लिया था । । और पिछे हट गई थी । ।
क्या.. क्या चाहिए आपको? तेजस्वी ने सख्ती से पुछा था । ।
वह लड़का मुस्कराया और बोला " बरेसट पिस "
तेजस्वी ने गुस्से में उसे घुरा था । ।
" फ्राइड बरेसट पिस चिकन के " अवेलेबल है? उस लड़के ने फौरन बात बदल दिया था । ।
तेजस्वी ने प्लेट उस लड़के की ओर बढ़ा दी थी । । वह लड़का कुछ कहने वाला था लेकिन तेजस्वी का फोन रिंग करने लगा था । ।
उसे फोन रिसीव करते देख वह लड़का वहां से चला गया था । ।
उसकी आँखों में बेबसी के आँसू भर आए थे । । वह इतनी बेबस क्यों है? उसके पिता इतने बेबस क्यों हैं? क्यों हर कोई उनका इस तरह इंसल्ट करता रहता है?
फोन आने के बाद उसकी तंद्रा टूटी थी । । उसने अपने आँसू पोंछे और तुरंत उसके होठों पर हल्की सी मुस्कान आ गई थी । । उसकी माँ फोन कर रही है । ।
उसने तुरंत फोन उठाया था । ।
" Hello मम्मा..."
"मेरा बच्चा क्यों रो रहा है? क्या हुआ?"
विनीता की चिंतित आवाज़ सुनाई दी थी । ।
"मैं ठीक हूँ मम्मा ...मुझे तुम्हारी याद आती है"
उसकी आवाज़ काँप उठी थी । ।
"मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आती है बेबी. ..मेरे पास तुम्हारे लिए एक सरप्राइज़ है तेजु.." उसकी मां ने कहा था । ।
"सरप्राइज़?" वह मुस्कुराई थी । ।
"हाँ. .एक बहुत ही सुंदर सरप्राइज़.."
"सच में?"
अचानक उसे उम्मीदें दिखाई दीं थीं । । वह इस जगह से दूर जाना चाहती है, खासकर इन लोगों की नफ़रत से दूर जाना चाहती थी । ।
"मैंने लंदन के एक प्राइवेट स्कूल में तुम्हारे डोक्युमेंट जमा कर दिए हैं.. तुम्हारी प्रियंका दी इंडिया में हैं.. .जल्दी से जल्दी उनके साथ यहा आ जाओ.. .नया सेमेस्टर अगले महीने से शुरू हो जाएगा... तुम्हारा फ्यूचर यहां ब्राइट होगा.. .तुम कुछ भी पा सकती हो तेजस्वी ...तुम्हारे सारे सपने पूरे होंगे" उसकी मां ने उसे कहा था । ।
तेजस्वी की आँखें चौड़ी हो गईं थी । । उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि वाकई उसके साथ ये सब हो रहा है । ।
""I love you mom. . I'm so happy..... मैं बहुत खुश हूँ... आखिरकार हम सब साथ रहते हैं... तुम, मैं, बाबा और प्रियंका दी...."
तेजस्वी खुशी से चहक उठी थी ।
लेकिन सामने की तरफ कुछ मिनट का सन्नाटा छा गया था । ।
"मोम ?" तेजस्वी को लगा फोन कट तो नहीं हो गया । ।
"हाँ बेटा.. .मैं यही हूँ..." उसकी मां की आवाज़ बहुत धीमी थी । ।
"बाबा भी हमारे साथ आएंगे, है न?" उसने अपनी मां से पूछा था । ।
"नहीं.. मुझे उस आदमी से नफरत है. .वह कायर और नाकाम है. .वह तुम्हें कभी अच्छा फ्यूचर नहीं दे सकता.. .मेरी बात सुनो तेजू ...उसे पीछे छोड़ दो और मेरे पास आ जाओ ...तुम, मैं और प्रियंका यहाँ अच्छी लाइफ जि रहे हैं ...तुम्हारा बाबा किसी काम का नहीं है.. .उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी.. .वह पैसा नहीं कमा सकता... उसके सपने बहुत छोटे हैं... तुम उसके साथ अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती. .तुम उसके साथ गरीबी में सड़ोगी ... प्लीज मेरे पास आ जाओ... तेजस्वी , तुम वहाँ हो? क्या तुम सुन रही हो?" उसकी मां ने उसे कंनविश करते हुए कहा था । ।
"are you there? Are you listening?"
"Yes mom..." उसकी आवाज़ खाली थी । ।
"प्रियंका के साथ यहां लंडन आ जाओ.. ठीक है.." उसकी मां ने कहा था । ।
"नहीं..." तेजस्वी ने एक दम से जवाब दिया था । ।
"क्या???"
"मैं जानती हूँ मोम , बाबा गरीब हैं लेकिन मैं उन्हें अकेला छोड़ नहीं सकती.
"क्या तुम पागल हो गई हो तेजस्वी? तुम उनके लिए तकलीफ़ उठाओगी.. .वो सिर्फ़ एक बोझ है.. उस आदमी के लिए अपनी ज़िंदगी बर्बाद मत करो"
"मैं अपने बाबा के लिए मर भी सकती हूँ.. और अगली बार मुझे कोल मत करना.. मैं यहाँ खुश हूँ और मैं अपनी केपेबिलिटी को अच्छी तरह जानती हूँ.. मैं अपना फ्यूचर खुद बना सकती हूँ.
उसने तुरंत फ़ोन काट दिया था । ।
उसने फिर अपने बाबा को फ़ोन किया था । । उन्होंने फ़ोन उठाया । ।
"तेजु? बेटा, तुम कहाँ हो? मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ...
अपने बाबा की आवाज़ सुनकर वह मुस्कुराई थी । ।
"बाबा , आपने खाना नहीं खाया?" तेजस्वी ने पूछा था । ।
"मैं अपनी बेटी के बिना कैसे खा सकता हूँ? तुम जल्दी आओ, मैंने तुम्हारे लिए दाल मखनी बनाई है" उसकी मुस्कान और बढ़ गई थी । ।
"ग्रुप स्टडी खत्म हो गई है बाबा.. मैं घर आ रही हूँ
"Come quick my little warrior"
"जल्दी आओ मेरे छोटे वोरीयर"
यह सुनकर वह और मुस्कुराई थी । ।
हाँ, वह अपने बाबा की छोटी वोरियर है और एक दिन वह अपने बाबा के साथ जींदगी की यह लड़ाई जीतेगी । । वे हमेशा साथ- साथ चलेंगे । ।
वह रसोई से बाहर आई और फिर पीछे के दरवाजे से बाहर निकल गई थी ।
वह बगीचे से गुजर रही थी और अचानक उसे एक खिलखिलाहट सुनाई दी थी । ।
"राघव ..यहाँ नहीं.. .कोई हमें देख सकता है.." यह एक लड़की की आवाज़ थी । ।
"I don't care... I'm seeing you after 4 months ..let me have you..."
"मुझे परवाह नहीं... मैं तुम्हें 4 महीने बाद देख रहा हूँ.. मुझे तुम्हें लेने दो...
"Here?"
"यहाँ?"
"Yes.. .here.."
"हाँ... यहाँ.."
तेजस्वी ने बगीचे के अंदर देखा और वहां का नज़ारा देखकर उसकी आँखें चौड़ी हो गईं थी । ।
राघव एक लड़की को पेशनेटली से किस कर रहा है । ।
और वह लड़की कोई और नहीं बल्कि उसकी बड़ी बहन प्रियंका है । ।
कैसे हेडल करेगी तेजस्वी इस सिचुएशन को?
क्या होगा जब राघव जानेगा तेजस्वी और प्रियंका के रिश्ते को?
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। । पिछले चैप्टर में हमने पढ़ा था कि । ।
तेजस्वी बगीचे से गुजर रही थी और अचानक उसे एक खिलखिलाहट सुनाई दी थी । ।
"राघव ..यहाँ नहीं.. .कोई हमें देख सकता है.." यह एक लड़की की आवाज़ थी । ।
"I don't care... I'm seeing you after 4 months ..let me have you..."
"मुझे परवाह नहीं... मैं तुम्हें 4 महीने बाद देख रहा हूँ.. मुझे तुम्हें लेने दो..."
"Here?"
"यहाँ?"
"Yes.. .here.."
"हाँ... यहाँ.."
तेजस्वी ने बगीचे के अंदर देखा और वहां का नज़ारा देखकर उसकी आँखें चौड़ी हो गईं थी । ।
राघव एक लड़की को पेशनेटली से किस कर रहा है । ।
और वह लड़की कोई और नहीं बल्कि उसकी बड़ी बहन प्रियंका है । ।
। । और अब आगे पढें । ।
प्रियंका ने अपनी आँखें खोलीं थी । । वह राघव की चेस्ट पर लेटी हुई थी । । उसने उसके चेहरे को देखा और मुस्कुराई थी । ।
पिछली रात बहुत वाइल्ड थी । । राघव एक्चुअली में उसकी लाइफ में एक एक्साइमेंट और प्लेजर भर दिया था । । वह अपने पेरेंट्स के डिवोर्स के बाद अपनी मोम के साथ लंदन में रह रही थी । । उसने कई हेंडसम लड़कों को देखा है लेकिन राघव के अंदर कुछ ऐसा है जो अलग है । । वह एक सोफट स्पोकन लड़का नहीं है । । वह कोल्ड और एरोगेंट है । ।
राघव ने कभी उसके साथ रोमांटिक होने की कोशिश नहीं की थी । । वह सिर्फ जंगलीपन के साथ अपनी डीजायर को पूरा करना जानता है । ।
यह एक्चुअली में hot है । ।
राघव उसके लिए एकदम परफेक्ट है । । वे पिछले छह महीनों से डेटिंग कर रहे हैं । ।
प्रियंका को उसके चेहरे को छूने की इच्छा हुई थी । । उसने उसके गाल को छुआ और तुरंत राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली और उसकी आँखों में तेज़ी से देखा था । ।
"Don't do that.. .these are silly things"
"ऐसा मत करो... ये मूर्खतापूर्ण बातें हैं"
उसकी सुबह की आवाज़ बहुत से क्सी है । । प्रियंका उसके होंठों को देखकर मुस्कुराई थी । । इन पापी होंठों ने कल रात उसके साथ बहुत कुछ किया था । । वह बिस्तर में बहुत terrific है । ।
"I want to cuddle.."
"मैं तुम्हें गले लगना चाहती हूँ.." उसने कहा था । ।
राघव ने उसे ठंडेपन से देखा था । । .
"मैं किसी को भी गले नहीं लगता"
इसके साथ ही वह बिस्तर से उतर गया और सीधे वॉशरूम में चला गया था । ।
प्रियंका ने उसकी मांसल पीठ देखी । । उसका आकार एकदम वी जैसा था । । कल रात जब वह उसे पुरे पेशन से धक्का दे रहा था, तब वह उसकी पीठ को पकड़ रही थी । । उसने अपने होंठ काटे और फिर अपने कपड़े ढूँढने लगी थी । ।
। । दुसरी तरफ राठौर विला में । ।
तेजस्वी ने बिल्लियों को प्योर पेट फूड खिलाया. । । वे बहुत तेजी से खा रही थीं । । उनके खाने के तरीके को देखकर वह हँस पड़ी थी । । यह उसके दिन का सबसे पसंदीदा हिस्सा है । । जब वह बिल्लिया खाना खाती हैं, तो उन्हें देखना उसे अच्छा लगता है । ।
"और चाहिए?"
उसने उनकी प्लेटों में और खाना परोसा था । ।
"क्या तुम्हें शालिनी आंटी की याद आ रही है? वे कल वापस आएंगी.. ..सुनो, बगीचे में poop मत करना ठीक है... .मैंने एक litter box रखा है. .. प्लीज उसका युझ करना ..ठीक है? निशा आंटी को यह पसंद नहीं था कि तुम बगीचे को गंदा करो... .क्या तुम समझती हो?"
दोनों बिल्लियाँ खाना खत्म करने के बाद अपना मुँह साफ करने लगीं थीं । ।
"डब्बू, गुल्लू, तुम सुन भी रही हो?" तेजस्वी ने बिल्लियों को घूरते हुए कहा था । ।
बिल्लियों ने आलस से उसकी ओर देखा था । । वह मुस्कुराई और उनमें से एक को अपनी बाहों में उठा लिया था । । वह उसके सिर को धीरे से थपथपाने लगी थी । ।
"तुम्हें यह पसंद है, है न? मैं अपने "बोर्ड एक्जाम " के लिए थोड़ा स्ट्रेस में हूँ.. .क्या तुम इसे महसूस कर सकती हो?"
उसने घबराते हुए कहा था । ।
"और... तुम्हें पता है. .मैंने कल रात कुछ देखा था. .. प्रियंका दी और वह "बागड़ बिल्ला" साथ में थे"
"तुम क्या बात कर रही हो? क्या तुम बिल्लियों से बात कर रही हो?" प्रियंका की आवाज़ पीछे से आई थी । ।
अजनबी को देखकर बिल्लियाँ तुरंत भाग गईं थीं । ।
प्रियंका ने तेजस्वी को गले लगाया था । ।
"How are you? I miss you Teju..."
"कैसी हो? मुझे तुम्हारी याद आती है तेजू..."
तेजस्वी ने भी अपनी बहन को कसकर गले लगाया था । ।
"मुझे भी तुम्हारी याद आती है दी.."
उन्होंने गले लगाना छोड़ा और एक दूसरे की तरफ मुस्कुराईं थी । ।
"क्या तुम बाबा से मिली?" तेजस्वी ने खुशी से पूछा था । ।
प्रियंका का चेहरा एकदम से ठंडा पड़ गया था । ।
"हाँ. . वैसे तुमने मोम से बात की है? उन्होंने तुम्हारा टिकट भेजा है. ..तुम मेरे साथ लंडन आ रही हो" प्रियंका ने उसे बताया था । ।
"नहीं दीदी. . मैं यहाँ ठीक हूँ.." तेजस्वी ने कहा था । ।
"क्या? तेजु ...यहाँ अपनी ज़िंदगी बर्बाद मत करो. .हमें वहाँ बेहतर ऑपच्यरुनिटीज मिल सकती हैं" प्रियंका ने उसे समझाया था । ।
तेजस्वी चुप रही थी । ।
"क्या यह उस आदमी के लिए है? सुनो, वह धोखेबाज़ है... उसने हमारी मोम को कभी खुश नहीं किया.. वह एक सेल्फिश आदमी है तेजस्वी ..मोम तुम्हें हर दिन याद करती थी.. .तुम मेरे साथ आ रही हो और यही फाइनल है..."
अचानक राघव वहां प्रगट हुआ था । ।
"राघव , प्लीज उसे समझाओ ..मैं उसे लंदन ले जाना चाहती हूँ लेकिन वह आने के लिए तैयार नहीं है... और तुम्हें रिजन पता है? वह आदमी है.. .मोम ने उसे पहले ही डिवोर्स दे दिया है.. तो क्या हुआ अगर उसे तेजस्वी की कस्टडी मिल गई? वह उसे एक अच्छा फ्यूचर और अच्छी लाइफस्टाइल नहीं दे सकता..." प्रियंका ने राघव को उम्मीद से देखा था । ।
राघव ने एक बार गौर से तेजस्वी की तरफ़ देखा, फिर उसने प्रियंका पर ध्यान फोकस किया था । ।
"उस पर अपनी एनर्जी बर्बाद मत करो. ..हर किसी की किस्मत अलग होती है और मुझे लगता है कि वह एक अग्ली फेस के साथ एक बदसूरत किस्मत के साथ पैदा हुई है... उसमें कोई टैलेंट नहीं है... इसलिए उस पर अपने अनमोल शब्दों का इस्तेमाल करना बंद करो.. . उसे अपने हेडिकेप पिता के साथ अपनी ज़िंदगी बर्बाद करने दो..."
"You are a mentally handicap person"
"तुम मानसिक रूप से विकलांग हो" तेजस्वी गुस्से में बोल पड़ी थी । ।
राघव ने तुरंत तेजस्वी को बहुत हैरानी और गुस्से से देखा था । । पिछले दो सालों में यह पहली बार था जब तेजस्वी ने उसे ऊंची आवाज में बात की थी । । राघव चाहे उसे कितना भी इंसल्ट करें टॉर्चर करें तेजस्वी कभी उससे उनकी आवाज में नहीं बात करती थी । ।
प्रियंका भी चौंक गई थी । । उसने कभी अपनी स्वीट सी प्यारी सी बहन को किसी पर गुस्सा करते देखाह नहीं था । ।
"तुमने क्या कहा??" राघव ने उसकी तरफ कदम बढ़ाए थे । ।
"तुमने मेरी बात अच्छी तरह से सुनी है" तेजस्वी ने उसे कहा था । ।
आहहह
राघव ने तुरंत उसकी बांह को कसकर पकड़ लिया था । । तेजस्वी दर्द से कराह उठी थी । ।
"भुलो मत कि , मैं तुम्हें किसी भी दिन अपने विला से बाहर निकाल सकता हूँ.. .फिर तुम अपने लंगड़े बाप के साथ सड़क पर भीख मांगोगी"
राघव की आँखें क्रोध से जल रही थीं । ।
"उसे छोड़ दो राघव ..तुम मेरी बहन को चोट पहुँचा रहे हो"
प्रियंका ने राघव को तेजस्वी से दूर खींच लिया था । । उसने तेजस्वी की बांह को देखा । । राघव की लोहे जैसी पकड़ की वजह से वह लाल हो गई थी । ।
"Look what you have done.. .She is just 15 ..."
"देखो तुमने क्या किया... वह सिर्फ 15 साल की है राघव..."
प्रियंका ने तेजस्वी की बांह पकड़ी । । उसकी छोटी बांह पर राघव के उंगलियों के निशान छप गए थे । ।
"मुझे परवाह नहीं है..."
राघव ने अपना चेहरा घुमाया और बाहर चला गया था । ।
"तुमने उसे गुस्सा क्यों दिलाया?"
प्रियंका ने उसकी बांह पर थोड़ा पानी लगाते हुए पूछा था । ।
"दी... क्या तुम उससे प्यार करती हो?" तेजस्वी ने उसे पूछा था । ।
प्रियंका ने अनकंफरटेबली से उसकी ओर देखा था । ।
"दी, मैंने तुम्हें उसके साथ देखा है ...वह अच्छा इंसान नहीं है"
"मुझे लेक्चर मत दो तेजस्वी ..मैं एक एडल्ट हूँ में तुम से बड़ी हुं ..मुझे पता है कि मेरे लिए कौन अच्छा है और कौन नहीं ..मैं फिर से तुमसे कह रही हूँ, उसे कभी गुस्सा मत दिलाना ...और अपना बैग पैक करो ..हम तुम्हारे बर्थ डे के बाद लंडन जाने के लिए निकल रहे हैं" प्रियंका ने उसे अपना फैसला सुनाया था । ।
क्या तेजस्वी अपने बाबा को छोड़कर लंडन चली जाएगी?
क्या रिजन है राघव की नफरत का ?
क्या प्रियंका ओर राघव का रिश्ता प्यार में बदल जाएगा?
जानने के लिए आगे के चैप्टर पढ़ते रहिए । ।
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सुखी रहें । । सुरक्षित रहे । । पढ़ते रहे । ।
। । पिछले चैप्टर में हमने पढ़ा था कि । ।
राघव ने अपना चेहरा घुमाया और बाहर चला गया था । ।
"तुमने उसे गुस्सा क्यों दिलाया?"
प्रियंका ने उसकी बांह पर थोड़ा पानी लगाते हुए पूछा था । ।
"दी... क्या तुम उससे प्यार करती हो?" तेजस्वी ने उसे पूछा था । ।
प्रियंका ने अनकंफरटेबली से उसकी ओर देखा था । ।
"दी, मैंने तुम्हें उसके साथ देखा है ...वह अच्छा इंसान नहीं है"
"मुझे लेक्चर मत दो तेजस्वी ..मैं एक एडल्ट हूँ में तुम से बड़ी हुं ..मुझे पता है कि मेरे लिए कौन अच्छा है और कौन नहीं ..मैं फिर से तुमसे कह रही हूँ, उसे कभी गुस्सा मत दिलाना ...और अपना बैग पैक करो ..हम तुम्हारे बर्थ डे के बाद लंडन जाने के लिए निकल रहे हैं" प्रियंका ने उसे अपना फैसला सुनाया था । ।
। । और अब आगे पढें । ।
तेजस्वी अपने स्कूल पहुँच गई थी । । उसके हाथ में बहुत दर्द हो रहा था । । सुबह जब राघव ने उसका हाथ पकड़ा तो उसे बहुत दर्द हुआ था । । कुछ सेकंड के लिए उसे बहुत ज़्यादा दर्द की वजह से अपनी आँखों के सामने अंधेरा दिखाई दिया था । । और वह उससे डर भी गई थी । ।
वह अपनी दीदी के साथ नहीं जाना चाहती लेकिन साथ ही वह राघव के साथ एक ही छत के नीचे नहीं रह सकती थी । । उसकी नफ़रत हर दिन बढ़ती जा रही है । । उसे नहीं पता कि वह उससे इतनी नफ़रत क्यों करता है लेकिन अब उसकी नफ़रत उसे डरा रही है । ।
क्लासेज खत्म हो गई । ।
"तेजस्वी, हमारे स्कूल ने अगले हफ़्ते पिकनिक ओरगेनाइज किया है... चलो जनरल रूम में चलते हैं... राघव सर ने मीटिंग बुलाई है ..वह हमारे स्कूल के ex- student थे... कुछ ex- studentभी हमारी पिकनिक का हिस्सा बनने वाले हैं"
रिया ने तेजस्वी को मीटिंग रूम की ओर खींचा था । ।
"मैं नहीं जाना चाहती"
तेजस्वी तुरंत उलट दिशा की ओर चल पड़ी थी । । वह उसके साथ कभी पिकनिक पर नहीं जाएगी । । पिकनिक में उसकी इंसलटींग बिहेवियर सहने से बेहतर है कि अपने कमरे में ही बैठा जाए । ।
लेकिन रवीना ने उसका रास्ता रोक दिया था । ।
"Why are you running like this?
"तुम इस तरह क्यों भाग रही हो? हर स्टुडेंट को पिकनिक में शामिल होने वाला है क्योंकि यह सिर्फ़ पिकनिक ही नहीं बल्कि एक excursion भी है..."
रवीना ने तेजस्वी को मीटिंग रूम में घसीटा था । ।
वहां राघव कुछ स्टुडेंट्स के साथ मेनू और दूसरी चीज़ों के बारे में डीसकस कर रहा था । । तेजस्वी उदास चेहरे के साथ एक कोने में खड़ी थी । ।
आखिरकार मीटिंग खत्म हो गई थी । । उसने एक गहरी साँस छोड़ी और जाने के लिए मुड़ी थी । ।
"तेजस्वी देशमुख ...तुम यहीं रुको" राघव की रौबदार आवाज गुंजी थी । ।
तेजस्वी की आँखें चौड़ी हो गईं थी । । उसके अलावा सभी एक -एक करके चले गए थे ।। वह motionless खड़ी रही थी । ।
राघव उसकी ओर चला आया था । । तेजस्वी ने उसे डरते हुए देखा था । ।
"कल मोम आ रही है... और मैं नहीं चाहता कि तुम उसे प्रियंका और मेरे बारे में कुछ बताओ.. .क्या तुम समझ रही हो?"
रूही ने कुछ नहीं कहा था । ।
"क्या तुम समझती हो?" "Do you understand?"
तेजस्वी ने अपना सिर हां में हिलाया था । ।
"एक और बात... अपनी बहन के साथ लंडन चली जाओ, उस आदमी को छोड़ दो, वह किसी काम का नहीं है" राघव ने उसे ओर्डर दिया था । ।
तेजस्वी ने उसे गुस्से से देखा लेकिन उसने कुछ नहीं कहा था । । ।
"मुझे ऐसे मत देखो.. . तुम्हें नहीं पता कि मैं तुम्हारे साथ क्या कर सकता हूँ.."
राघव के होठों पर शैतानी मुस्कान है । ।
तेजस्वी डर गई थी । ।
"मैं तुम्हें तुम्हारी लाइफ की सबसे अच्छी सलाह दे रहा हूँ.. तुम बाप- बेटी मेरा घर छोड़ दो, नहीं तो मैं कुछ भयानक करने जा रहा हूँ.. . तुम मुझे अभी तक ठीक से जानती भी नहीं हो"
राघव ने तेजस्वी के लेवल पर झुकते हुए फुसफुसाया था । ।
तेजस्वी पीछे हट गई थी । ।
"Why you hate me so much?"
"तुम मुझसे इतनी नफरत क्यों करते हो?"
तेजस्वी के सवाल ने राघव को खुश कर दिया था । ।
वह थोड़ा मुस्कुराया था । ।
"I hate your father. ..and i hate every single person who loves him. .and you topped the list"
"मैं तुम्हारे पिता से नफरत करता हूँ. ..और मैं उनसे प्यार करने वाले हर एक इंसान से नफरत करता हूँ.. और तुम इस सूची में सबसे ऊपर हो"
"मेरे बाबा ने कभी तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ा..."
अचानक राघव ने उसे दीवार पर पटक दिया था । । उसकी हरकत देखकर वह डर के मारे सुन्न हो गई थी । ।
"He did worst to me. ..I swear, if you were not underage, I would have punished you differently..."
"उसने मेरे साथ सबसे बुरा किया है ... मैं कसम खाता हूँ, अगर तुम अंडर एज नहीं होती, तो मैं तुम्हें "अलग तरह" से "सज़ा" देता..." राघव बिल्कुल उसके होंठों के उपर बोला था । ।
तेजस्वी ने उसे बहुत डर से देखा था । वह जानलेवा लग रहा था । । उसकी आँखें प्योर हैट से जल रही थीं । ।
वह धीरे -धीरे पीछे हट गया था । ।
"Get out"
"बाहर निकलो"
तेजस्वी जाने के लिए मुड़ी थी । ।
"Damn it"
"लानत है" राघव उसकी पीठ देख कर बड़बड़ाया था । ।
वह उसके पास गया और उसे अपनी जैकेट दी थी । । तेजस्वी ने कंफ्युजन में उसे देखा था । ।
"इसे अपनी कमर पर लपेट लो..." राघव ने कहा था । ।
"क्यों?" तेजस्वी ने कंफ्युजन में पुछा था । ।
राघव ने उसे ठंडेपन से देखा था । ।
तेजस्वी की आँखें रिलाइजेशन में चौड़ी हो गईं और उसने तुरंत अपनी स्कर्ट की ओर देखा था । । उसने शर्मिंदगी में अपनी आँखें बंद कर लीं थीं । । उसे पीरियड्स आ गए थे । ।
उसने जैकेट को उसके हाथ से लिया और धीरे -धीरे अपनी कमर पर लपेट लिया था । । उसे बहुत शर्म आ रही थी । । फिर अगले ही पल वह मीटिंग रूम से बाहर भाग गई थी । ।
राघव चुपचाप वहाँ खड़ा रहा था । ।
"I hate you Tejasvi Deshmukh ...and nobody can save you and your father from me..."
"मैं तुमसे नफरत करता हूँ तेजस्वी देशमुख ...और कोई भी तुम्हें और तुम्हारे बाप को मुझसे नहीं बचा सकता..."
उसने फुसफुसाया था । ।
"मैं तुम्हें बर्बाद करने जा रहा हूँ तेजस्वी दे... मैं तुम्हारी ज़िंदगी नरक बनाने जा रहा हूँ"
उसने अपनी आँखें बंद कर लीं थीं । । उसे आज भी वह दिन याद है जब उसने उन्हें साथ देखा था । ।
उसकी माँ शालिनी देवी राठौड़ और तेजस्वी के पिता जतिन देशमुख । ।
एक ही बिस्तर पर...
गले मिलते हुए....
एक दूसरे की बांहों में...
क्या राघव को कोई गलतफहमी है या जो उसने देखा वह एक सच्चाई थी?
क्या प्लान किया है राघव ने तेजस्वी के लिए?
किस तरह बर्बाद करेगा वह तेजस्वी की जिंदगी?
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"मैं तुम्हें बर्बाद करने जा रहा हूँ तेजस्वी देशमुख ... मैं तुम्हारी ज़िंदगी नरक बनाने जा रहा हूँ"
उसने अपनी आँखें बंद कर लीं थीं । । उसे आज भी वह दिन याद है जब उसने उन्हें साथ देखा था । ।
उसकी माँ शालिनी देवी राठौड़ और तेजस्वी के पिता जतिन देशमुख । ।
एक ही बिस्तर पर...
गले मिलते हुए....
एक दूसरे की बांहों में...
। । और अब आगे पढें । ।
शालिनी राठौर ने तेजस्वी को गले लगाया था । । वह भी खुश थी । । आखिरकार उसकी फेवरेट शालिनी आंटी अपनी बिजनेस ट्रिप से वापस आ गई थी । । वह एक बिजनेस मीटिंग के लिए शहर से बाहर गई थी । ।
"तुम्हारी एग्जाम्स कैसी रही?"
शालिनी ने उससे पूछा था । ।
जतिन देशमुख उनके ठीक बगल में खड़ा था । ।
"अच्छा रहा..."
तेजस्वी ने धीरे से बुदबुदाया था । ।
"इसका मतलब है कि तुम फिर से टॉपर बनने जा रही हो"
शालिनी ने तेजस्वी को प्यार से देखा था । । जबकि तेजस्वी सिर्फ मुस्कुराई थी । ।
"देखो मैं तुम्हारे लिए क्या लाई हूँ"
शालिनी ने तेजस्वी को चाबी दी थी । ।
तेजस्वी की आँखें चौंक कर चौड़ी हो गईं थी । ।
"तुम्हारी अपनी स्कूटी..." शालिनी ने बड़े प्यार से कहा था । ।
तेजस्वी को अभी भी इस पर यकीन नहीं हो रहा था । । उसने चौंक कर अपने बाबा की तरफ देखा था । ।
"शालिनी , क्यों. ..मेरा मतलब है कि इसकी जरूरत नहीं थी"
जतिन ने झिझकते हुए कहा था । ।
"She is my daughter and I can give her anything i want.. you will not poke your nose in our matter"
"वो मेरी बेटी है और मैं उसे जो चाहूँ दे सकती हूँ.. तुम हमारे मामले में अपनी नाक नहीं घुसाओगे, समझें " शालिनी राठौर ने मुस्कुराते हुए कहा था । ।
"लेकिन आंटी ...मैं.. .ये..." तेजस्वी ने चाबी वापस करते हुए कहा था । ।
"चुप रहो तेजू ... रितेश , रितेश ....." शालिनी ने उसे बिच में ही रोक दिया था । ।
निशा का पति रितेश शालिनी के कमरे में दाखिल हुआ था । ।
"तेजु को उसकी स्कूटी दिखाओ और मैं तुम्हें उसे सिखाने की जिम्मेदारी दे रही हूँ... मैं उसे जल्द ही खुद से स्कूटी चलाते हुए देखना चाहती हूँ"
तेजस्वी अभी भी सदमे में थी । । साथ ही उसे डर भी लगा था । ।
राघव का "डर" । ।
पहले से ही निशा, रितेश और रविना को शालिनी का उससे इतना प्यार करना पसंद नहीं था । । अब इस गिफ्ट के बाद अब वे क्या करेंगे!
"तेजू , रितेश चाचा के साथ जाओ.." शालिनी ने उसे कहा था । ।
तेजस्वी कमरे से बाहर चली गई थी । ।
शालिनी खिड़की की तरफ चली गई थी । । जतिन भी उसके पास गया था । । उन्होंने बाहर देखा ।
रितेश तेजस्वी को स्कूटी दिखा रहा है । ।
"तुम्हारी बेटी एक हिरा है जतिन ...वह अपनी उम्र की कंपेरिजन में बहुत मेच्योर है.." शालिनी ने तेजस्वी को ममता भरी नजरों से देख कर कहा था । ।
जतिन उसकी बात सुनकर मुस्कुराया था । ।
"जतिन, क्या मैं तुम से कुछ मांग सकती हूँ? क्या तुम मुझे वह दोगे?" शालिनी ने बड़ी उम्मीद से कहा था । ।
"तुम्हारे पास सब कुछ है शालिनी ... तुम्हें और क्या चाहिए?"
शालिनी दर्द में मुस्कुराई थी । ।
"मैं सक्सेसफुल और अमीर हूँ ..मैं यह जानती हूँ लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं खुश हूँ.. .मेरा अपना बेटा मुझसे दूर जा रहा है... वह अपनी माँ से ज़्यादा अपनी बुआ से प्यार करता है.. इन दिनों मुझे यह भी नहीं पता कि वह क्या कर रहा है.. .मुझे बहुत दुख हो रहा है..." शालिनी ने अफसोस से कहा था । ।
"दुखी मत हो शालिनी ..वह सिर्फ़ 2 0 साल का है. .जल्द ही वह एक रिस्पांसिबल एडल्ट बन जाएगा.." जतिन ने अपनी दोस्त को तसल्ली दी थी । ।
"मुझे नहीं पता! चलो देखते हैं.. .लेकिन मैं तुमसे वाकई कुछ मांगना चाहती हूँ" शालिनी ने जिद से कहा था । ।
जतिन हँसा था । ।
"तुम अभी भी वही जिद्दी कॉलेज गर्ल हो.. .तुममें ज़रा भी बदलाव नहीं आया है"
"हाँ, क्योंकि मुझे तुम्हारे जैसा दोस्त जो मिला है" शालिनी ने कंधे उचकाते हुए कहा था । ।
वे दोनों मुस्कुराए थे । ।
राघव जो अपनी मां के कमरे में एंटर करने ही वाला था कि वह अपनी राह पर रुक गया था । । उन्हें इस तरह मुस्कुराते देख कर उसका दिल नफरत से भर गया था । ।
"मुझे अपने राघव के लिए तेजस्वी का हाथ चाहिए , राघव की शादी तेजस्वी से फिक्स कर देते हैं । ।" शालिनी ने बड़ी खुशी से पूछा था । ।
यह सुनकर राघव शोकड रह गया था । । वह तुरंत कमरे से बाहर निकल गया और अपनी बुआ निशा के कमरे की ओर चल दिया था । ।
"क्या?" जतिन भी शालिनी की बात पर चौंक गया था । ।
"प्लीज जतिन ...ना मत कहना. .मुझे मेरे राघव की जिंदगी में तेजस्वी जैसा कोई चाहिए.. मैं नहीं चाहती कि वह इस घर से दूर जाए.." शालिनी ने रिक्वेस्ट किया था । ।
जतिन ने अपना सिर नीचे कर लिया था । । शालिनी उसकी झिझक समझ गई थी । ।
"क्या तुम अभी भी उस रात के बारे में सोच रहे हो?" शालिनी ने उसे पूछा था । ।
जतिन ने अपनी नज़रें फेर लीं थीं । ।
"C, mon जय, वह बस एक पल था.. . वह बस एक बार हुआ है ... और हमने किसी को धोखा नहीं दिया है ..तुम तलाकशुदा आदमी हो और मैं विधवा हूँ... यह बस एक कमज़ोरी का पल था.. ऐसा दोबारा नहीं होगा क्योंकि हम दोस्त हैं.. प्लीज तुम शर्मिंदा महसूस न करों..." शालिनी ने उसे अपनी रिजनिंग दीं थीं । ।
जतिन ने शालिनी की तरफ़ देखा था । ।
"मुझे पता है.. और मुझे खुशी है कि मुझे तुम जैसी दोस्त मिली है . तेजस्वी तुम्हारी है ... तुम्हें उसे मुझसे मांगने की जरूरत नहीं है" जतिन ने कहा था । ।
वह दोनों अपने बच्चों की आने वाली खुशीयों के बारे में सोच कर मुस्कुराए थें । ।
क्या शालिनी और जतिन का फैसला सही साबित होगा?
क्या राघव इतनी आसानी से अपनी मां का फैसला मान लेगा?
क्या करेगी तेजस्वी जब उसे यह डीसीजन सुनाया जाएगा?
किस तरह बर्बाद करेगा राघव तेजस्वी की जिंदगी?
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"C, mon जय, वह बस एक पल था.. . वह बस एक बार हुआ है ... और हमने किसी को धोखा नहीं दिया है ..तुम तलाकशुदा आदमी हो और मैं विधवा हूँ... यह बस एक कमज़ोरी का पल था.. ऐसा दोबारा नहीं होगा क्योंकि हम दोस्त हैं.. प्लीज तुम शर्मिंदा महसूस न करों..." शालिनी ने उसे अपनी रिजनिंग दीं थीं । ।
जतिन ने शालिनी की तरफ़ देखा था । ।
"मुझे पता है.. और मुझे खुशी है कि मुझे तुम जैसी दोस्त मिली है . तेजस्वी तुम्हारी है ... तुम्हें उसे मुझसे मांगने की जरूरत नहीं है" जतिन ने कहा था । ।
वह दोनों अपने बच्चों की आने वाली खुशीयों के बारे में सोच कर मुस्कुराए थें । ।
। । और अब आगे पढें । ।
। । दुसरी तरफ । ।
तेजस्वी स्कूटी को छूने में बहुत हिचकिचा रही है । । वह बस चुपचाप उसे देख रही है । ।
"तुम किसका इंतज़ार कर रही हो? तुम आखिरकार शालिनी देवेन राठौड़ को दबाने में सफल हो ही गए"
रितेश ने नफरत से कहा था । ।
तेजनस्वी ने उसे दर्द से देखा था । ।
"मैंने उनसे कभी कुछ नहीं मांगा था" तेजस्वी ने कहा था । ।
"हाँ हम सब जानते हैं. .अब यह चेरिटि ले लो" रितेश ने उसे कहा था । ।
"This is not a charity"
"यह कोई चेरिटि नहीं है" पीछे से आवाज़ आई थी । ।
तेजस्वी ने अपना सिर घुमाया और राघव को देखा था । । उसे देखकर वह और भी ज़्यादा स्ट्रेस में आ गई थी । ।
"मोम ने उसे स्कूटी गिफ्ट की है. ..ऐसी बातें मत करो अंकल, तेजू, चलो ड्राइव करते हैं ..मैं तुम्हें स्कूटी चलाना सिखाता हूँ" राघव ने कहा था । ।
उसकी बात सुनकर तेजस्वी हैरान रह गई थी । ।
राघव स्कूटी पर चढ़ गया था । ।
"आओ तेजस्वी ..यहाँ बैठो.."
राघव ने उसे अपने आगे की सीट दिखाई थी । ।
"नहीं. .उम्म. .मैं इसे बाद में चलाऊंगी"
तेजस्वी वहां से जाने ही वाली थी कि राघव ने उसकी कलाई पकड़ी और उसे ज़बरदस्ती आगे बैठा दिया था । । फिर एक सेकंड के भीतर वह गाड़ी चलाकर चला गया था । ।
"Are you enjoying it?"
"क्या तुम्हें मज़ा आ रहा है?" राघव ने पूछा था । ।
तेजस्वी ने कुछ भी जवाब देने से डर रही थी । । उसने बस अपना सिर हिला दिया था । ।
"Good.."
"अच्छा.."
अचानक राघव ने स्पीड बढ़ा दी थी । ।
"तुम क्या कर रहे हो? प्लीज स्पीड कम करें ... मुझे यह पसंद नहीं आ रहा है... प्लीज ... हे भगवान... नहीं... राघव सर... प्लीज ... ऐसा मत करो..."
वह डर कर रोने लगी थी । । वह मुस्कुराया और स्पीड और बढ़ा दी थी । ।
"Cry harder..."
"ज़ोर से रोओ..." राघव ने कहा था । ।
तेजस्वी घबरा गई थी । ।
"नहीं. ..प्लीज़. ...तुम मुझे मार डालोगे"
वह डर कर चिल्लाई थी । ।
"हाँ...."
उसका जवाब सुनकर तेजस्वी सुन्न हो गई और अगले ही पल उसने सामने एक झील देखी थी । । वह झील की ओर गाड़ी चला रहा था । । तेजस्वी डर कर चिल्लाई थी । ।
वह सीधे झील के अंदर चला गया था । । तेजस्वी पानी के अंदर डूब गई थी । । उसके मुँह में इतना पानी घुस गया कि वह डर के मारे अपने हाथ -पैर पटकने लगी थी । ।
राघव वापस किनारे की ओर तैरा था । । वह पानी से बाहर निकल आया था । ।
तेजस्वी पूरी तरह डूब रही थी । । उसने उसकी दयनीय हालत देखी । । वह इमेजिन कर सकता था कि जतिन देशमुख का रोता हुआ चेहरा कैसा होगा जब उसे पता चलेगा कि उसकी प्यारी बेटी मर चुकी है । ।
"हे .. . लप...."
मदद के लिए उसके मुँह से आखिरी चीख निकली थी । । वह अब हार मान रही थी । । उसकी आँखों में बेबसी की चरम सीमा दिख रही थी । ।
उसी पल राघव झील में वापस कूद गया था । । वह उसकी ओर तैर रहा था । । वह अच्छा स्विमर था । । कुछ ही मिनटों में वह उसके पास पहुँच गया था । । उसने तुरंत उसे कसकर गले लगा लिया था । ।
उसने उसे अपनी बाहों में ले लिया और आखिरकार पानी से बाहर आ गया था । । तेजस्वी अपना चेहरा उसके सिने पर छिपाकर रो रही थी । । वह पत्ते की तरह काँप रही थी । । उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था । ।
राघव ने उसे ज़मीन पर लिटा दिया था । । वह लगातार पानी उगल रही थी । । उसकी हालत बहुत पथेटिक थी । ।
वह ठंडे चेहरे से उसकी हालत देख रहा था । । आखिरकार उसने उसकी तरफ़ देखा था । ।
"तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?"
वह चिल्लाई थी । ।
अचानक राघव ने उसके गालों को पकड़ लिया और उसे ज़ोर से घास पर वापस धकेल दिया था । । और उसके उपर आ गया था । ।
"Because I hate you.. You bloody beggar.. don't you have any self respect? You demanded that scooty from my mom... you little piece of trash... Tell your father to buy a scooty for you. ..next time if I see you taking anything from my mom, I'm going to kill you ....f*** piece of shit"
"क्योंकि मैं तुमसे नफरत करता हूँ. . तुम खूनी भिखारी .. क्या तुम्हारे पास कोई आत्मसम्मान नहीं है? तुमने मेरी माँ से वह स्कूटी माँगी थी.. . तुम कूड़े के छोटे टुकड़े हो... अपने पिता से कहो कि तुम्हारे लिए एक स्कूटी खरीद दें... अगली बार अगर मैं तुम्हें मेरी माँ से कुछ लेते हुए देखूँगा, तो मैं तुम्हें मार डालूँगा.. .. साला कूड़ा"
बोल कर वह पीछे हट गया था । ।
तेजस्वी बहुत घबरा गई थी । । वह उसे बहुत हैरान होकर देखती रही थी । । उसे खांसी आने लगी और फिर उसे उल्टी होने लगी थी । ।
फिर उसने राघव को झील में वापस कूदते देखा था । । एक मिनट बाद उसने झील से स्कूटी निकाली थी । ।
वह थोड़ा ठीक हो गई थी । । आखिरकार वह स्कूटी पर बैठ गया था । ।
"Come.."
"आओ.."
राघव ने उसे पुकारा था । ।
तेजस्वी धीरे से खड़ी हो गई थी । । आज उसने उसके मन में एक परमानेंट डर पैदा कर दिया है । । वह कभी स्कूटी नहीं चलाएगी । । वह अकेले चलने लगी थी । ।
राघव ने उसे लंगड़ाते हुए देखा था । । उसके घुटने में चोट लग गई थी । । खून बह रहा है । ।
"Go to hell"
"भाड़ में जाओ"
राघव तुरंत सकुटि चलाकर वहां से चला गया था । ।
तेजस्वी एक पेड़ के नीचे बैठ गई थी । । उसने कुछ पत्ते लिए और अपने घाव पर रगड़े थे । । वह दर्द से कराह उठी थी । । फिर उसने अपने आंसू पोंछे थे । ।
राघव की नफरत उसे और मजबूत बनाएगी । । वह इतनी आसानी से हार नहीं मानेगी । ।
तेजस्वी ने राघव की हरकत के बारे में किसी से कुछ नहीं कहा था । ।
। । रात को । ।
"बाबा, हमारा एक गाँव है न?"
तेजस्वी ने अपने पिता से पूछा था । ।
"हाँ बेटा.. .लेकिन तुम यह क्यों पूछ रही हो?"
"क्या हम यह जगह छोड़ सकते हैं बाबा? मुझे यहाँ अच्छा नहीं लग रहा ...प्लीज़ बाबा, क्या हम अपने गाँव वापस जा सकते हैं?"
तेजस्वी की फस्ट्रेशन देखकर जतिन थोड़ा चौंक गया था । ।
"तेजू , क्या कोई तुम्हारे साथ बुरा बिहेवियर कर रहा है?"
"नहीं.. .लेकिन बाबा मुझे ऐसा लग रहा है कि हम किसी और के पैसे पर जी रहे हैं. ..यह अच्छी बात नहीं है ...हमारे पास अपना कुछ होना चाहिए. ..बाबा मुझे पता है कि हमारे पास कुछ मुश्किलें हैं लेकिन हम मिलकर उनसे लड़ सकते हैं.. .बाबा, दादू की एक मिठाई की दुकान थी ..उनके मरने के बाद आपने उसे हमेशा के लिए बंद कर दिया । । क्या हम उसे फिर से नहीं खोल सकते?"
उसकी बात सुनकर जतिन मुस्कुराया था । ।
"तुम्हारी दादी दुकान पर बेचने के लिए मिठाई बनाती थीं.. .अब हमारे लिए मीठाई कौन बनाएगा?"
"मैं इसे बनाऊंगी बाबा. ..मैं रात को पढ़ाई करूंगी और बीच में मिठाई बनाऊंगी ..कुछ भी इंपोसिबल नहीं है बाबा.. हमें ऐसा करने की विल पावर की जरूरत है. .हमारा अपना घर हो सकता है ...मुझे परवाह नहीं है कि हम एक छोटे से घर में रहते हैं लेकिन हम सिर्फ हमारे ही होंगे.. .कोई भी ताना नहीं मारेगा. .कोई हमें भिखारी नहीं कहेगा... बाबा. ..प्लीज़... बाबा..."
जतिन का दिल दुखने लगा था । । उसे हमेशा शक रहता था कि रवीना और राघव तेजस्वी को ताना मारते हैं लेकिन अब यह पक्का हो गया था । ।
क्या फैसला लेंगा जतिन देशमुख?
कोनसे मोड़ लाएगी राघव की नफरत तेजस्वी की लाइफ में? जानने के लिए आगे की चैप्टर पढ़ते रहिए । ।
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Chapter 10 प्लीज मत जाओ
। । पिछले चैप्टर में हमने पढ़ा था कि । ।
"तुम्हारी दादी दुकान पर बेचने के लिए मिठाई बनाती थीं.. .अब हमारे लिए मीठाई कौन बनाएगा?"
"मैं इसे बनाऊंगी बाबा. ..मैं रात को पढ़ाई करूंगी और बीच में मिठाई बनाऊंगी ..कुछ भी इंपोसिबल नहीं है बाबा.. हमें ऐसा करने की विल पावर की जरूरत है. .हमारा अपना घर हो सकता है ...मुझे परवाह नहीं है कि हम एक छोटे से घर में रहते हैं लेकिन हम सिर्फ हमारे ही होंगे.. .कोई भी ताना नहीं मारेगा. .कोई हमें भिखारी नहीं कहेगा... बाबा. ..प्लीज़... बाबा..."
जतिन का दिल दुखने लगा था । । उसे हमेशा शक रहता था कि रवीना और राघव तेजस्वी को ताना मारते हैं लेकिन अब यह पक्का हो गया था । ।
। । और अब आगे पढें । ।
"इधर आओ..." जतिन ने उसे अपने पास बुलाया था । ।
तेजस्वी ने अपना सिर अपने पिता की गोद में रख दिया था । । जतिन उसके सिल्की बालों में अपनी उँगली फिराने लगा था । ।
यह लड़की उसके जीवन में खुशियों की एकमात्र डोर है । । उस भयानक एक्सिडेंट के बाद जब उसका पैर कट गया था, तो उसने जीने की इच्छा खो दी थी । । उस वक्त तेजस्वी सिर्फ़ 8 साल की थी । । वह अपने दादू के साथ अस्पताल में रोज़ उनसे मिलने जाती थी, एक उम्मीद भरी मुस्कुराहट के साथ । । उसकी मासूमियत ने जतिन को जिंदा रहने की ताकत दी थी । ।
उसके बाद विनीता ने उसे डिवोर्स दे दिया था । । जतिन को हर जगह अंधेरा दिखाई दिया था । । उसने अपनी जान लेने के बारे में भी सोचा था । । वह विनीता से बहुत प्यार करता था लेकिन वह उसे छोड़कर लंदन वापस अपनी फेमिली के पास जाना चाहती थी ।
।
विनिता मिडिल क्लास लाइफ स्टाइल से खुश नहीं थी । उ। शादी से पहले जतिन ने उसे वोरनिंग दी थी कि वह एक मिडिल क्लास लड़का है लेकिन विनीता उसके रूप -रंग पर फिदा हो गई थी । ।
उसने भी गलती कि थी । । उसे एक अमीर लड़की के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए था । । उन्होंने शादी कर ली थी । । शुरू में उनके बीच सब ठीक था । । फिर धी रे-धीरे चीजें बदल गईं थीं । । विनीता उसकी सिचुएशन से निपटने में नाकाम रही थी । । वे रेगुलरली से लड़ने लगे थे । ।
"बाबा..."
तेजस्वी की आवाज़ सुनकर आखिरकार उसकी तंद्रा टूटी थी । ।
"तुम लंदन क्यों नहीं चली जाती तेजू? अपनी मोम के पास । ।" जतिन ने उसे कहा था । ।
"आपकों छोड़कर? मैं आपको अकेला नहीं छोडूंगी बाबा..."
जतिन की आँखों में आँसू भर आए थे । । तेजस्वी प्रियंका और विनीता जैसी नहीं है । । वह उससे सच्चा प्यार करती है । । यह एहसास जतिन को बहुत इमोशनल कर देता है । ।
"ठीक है. ..हम अपने गाँव चलें जाएँगे"
तेजस्वी के चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान आ गई थी । ।
"सच में बाबा? कब?"
"तुम्हारी परीक्षा के बाद.."
तेजस्वी ने उत्सुकता से अपना सिर हिलाया था । । फिर वह अपने बिस्तर पर चली गई थी । ।
"गुड नाईट बाबा"
उसे बहुत खुशी हुई थी । । वह आखिरकार राघव राठौड़ से बहुत दूर चली जाएगी । । यह सच है कि उसे शालिनी आंटी की याद आएगी, लेकिन कम से कम वह शांति से रह सकेगी । । उसका कोई अपमान नहीं होगा । । वे अपने घर में इज्जत से रहेंगे । ।
वह तकिया पकड़कर शांति से सो गई थी । ।
। । अगले दिन । ।
"राघव , प्लीज मेरे साथ आओ. ..मैं अब तुमसे दूर नहीं रह सकती" प्रियंका ने कहा था । ।
वे दोनों एक कैफे में बैठे थे । ।
"तेजस्वी मेरे साथ नहीं आएगी... और तुम सही थे. .वह एक गोन केस है..उसे अपनी जिंदगी बर्बाद करने दो.. .लेकिन तुम मेरे साथ आओ प्लीज ..हम साथ में अपना एमबीए पूरा करेंगे"
"और यहां तुम्हारी बहन और बाबा हमारी प्रोपर्टी अपने नाम कर लेंगे ...मेरी माँ पहले से ही उनकी दीवानी है ...सुनो प्रियंका, पहले मैं उन्हें अपनी विला से और अपनी माँ की जिंदगी से बाहर निकाल दूँगा ..तभी मैं आ सकता हूँ"
राघनव ने कॉफी पीते हुए कहा था । ।
" तुम उन्हें गलत समझ रहे हैं, राघव .. तेजू बहुत इनोसेंट है, मेरे फादर उसे मैनिपुलेट कर रहे हैं I guess" । । प्रियंका ने कहा था । ।
"I don't f** cking care ..I just hate your sister so much.. .the main reason is she loves that ba** stard.."
"मुझे कोई परवाह नहीं है.. मैं तुम्हारी बहन से बहुत नफरत करता हूँ.. इस नफरत का मेन रिजन है कि वह उस कमीने से प्यार करती है.."
राघव ने अपना मुंह फुला लिया था । ।
"मुझे पता है लेकिन शायद उसे अभी भी उसके बारे में पता नहीं है. .एक दिन उसे भी पता चल जाएगा कि वह कितना चालाक आदमी है... फिर वह भी हमारी तरह उसे छोड़ देगी. ..तुम्हें पता नहीं है कि हम उससे कितनी नफरत करते हैं..." प्रियंका ने नाराजगी से कहा था । ।
"वह लड़की भी तुम्हारे पिता की तरह है ...तुम्हें पता है, अगर मुझे उसके बारे में कोई बुरी खबर पता चली तो मैं सबसे खुश हो जाऊँगा..." राघव ने कहा था । ।
"राघव ...ऐसा मत कहो... प्लीज"
"उसने मेरी माँ को मुझसे छीन लिया ..वह भी तुम्हारे पिता की तरह लालची है. .वे दोनों मेरी इनोसेंट मोम को हर रोज़ निचोड़ रहे हैं.. .तुम्हें पता है, मैं आज यह क्लियर कर दूँ.. अगर तुम सच में मुझे अपनी ज़िंदगी में चाहती हो तो तुम्हें अपनी बहन से अपने सारे रिश्ते खत्म करने होंगे..." राघव ने उसे अल्टीमेटम दिया था । ।
प्रियंका ने चौंक कर उसकी तरफ देखा था । ।
"यह तुम क्या कह रहे हो राघव! वह मेरी बहन है! She is my sister!""
""Yeah and i hate her... हाँ और मैं उससे नफरत करता हूँ... ...एक दिन मैं उसे बर्बाद कर दूँगा.. .शायद उस दिन तुम्हें यह पसंद न आए"
राघव उठकर कैफेटेरिया से चला गया था । ।
उसका फोन वाइब्रेट हुआ था । ।
"हाँ बुआ..."
"राघव, कुछ बड़ा हुआ है.."
निशा की आवाज़ काँप रही थी । ।
"तेजस्वी और उसके पिता हमारी विला छोड़ने की प्लानिंग बना रहे हैं. ..वे अपने गाँव वापस जाने की प्लानिंग बना रहे हैं..."
"सच में बुआ? यह एक बहुत अच्छी खबर है"
वह बहुत दिनों बाद मुस्कुराया था । ।
"नहीं ऐसा नहीं है. .. तुम्हारे अंकल रितेश ने अभी -अभी मुझे बताया कि हमारी कंपनी से 1 करोड़ का फंड गायब है.. .मुझे यकीन है कि जतिन देशमुख ने पैसे चुराए हैं और अब वह अपनी बेटी के साथ भाग रहा है"
राघव का सिर बहुत गुस्से से फटने लगा था । ।
"क्या तुम्हें यकीन है?"
"I'm two hundred percent confirmed"
"मैं दो सौ प्रतिशत निश्चित हूं राघव ..अब मुझे डर लग रहा है । । भगवान जाने कि उन्होंने हमारी कितनी प्रोपर्टी अपने नाम ट्रांसफर कर ली है । ।
राघव ने तुरंत कॉल काट दिया था । वह चुपचाप खड़ा था । । उसने अपना जबड़ा भींच लिया और फिर आखिरकार उसने अपने एक दोस्त को फ़ोन किया था ।
"I want some lethal drugs.. can you supply me tonight?"
"मुझे कुछ जानलेवा दवाएँ चाहिए.. क्या तुम मुझे आज रात दे सकते हो?"
"किस लिए? तुम किसी को मारना चाहते हो?"
उसके दोस्त ने दूसरी तरफ़ से कहा था । ।
"None of your concern"
"तुम्हारी कोई चिंता नहीं"
"ठीक है भाई.. .लेकिन इसका सावधानी से इस्तेमाल करना. .यह लोगों को मार भी सकता है"
राघनव ने कॉल काट दिया था । ।
जब वह रात को घर लौटा था । । सभी लोग खाना खा रहे थे । । उसने तेजस्वी के बगल में अपनी जगह ले ली थी । । उसने तेजस्वी के पास दूध का गिलास देखा था । ।
उसने अपनी जेब से दवा निकाली थी । ।
"तो, अंकल, मैंने सुना कि आप अपने गांव जा रहे हो?"
जतिन ने राघव की तरफ़ देखा और अपना सिर हां में हिलाया था । ।
"I'm going to miss Teju"
"मुझे तेजू की याद आएगी"
उसने कहा था । ।
तेजस्वी ने मुंह सिकोड़ा लेकिन कुछ नहीं कहा था । ।
वह उससे कुछ नहीं कहने वाली थी । । बस कुछ दिन बचे हैं । । फिर वह यहां से चली जाएगी । ।
"जतिन, तेज़सवी प्लीज मत जाओ"
शालिनी ने कहा था । ।
"हम हर साल छुट्टियों में यहां आएंगे"
जतिन ने कहा था । ।
उसकी बात सुनकर राघव ने फिर से अपना जबड़ा भींच लिया था । ।
तेजस्वी ने अपना दूध खत्म किया था । ।
"हां आंटी हम आपसे मिलने आएंगे"
उसने मुस्कुराते हुए कहा था । ।
फिर रात का खाना खत्म करने के बाद सभी अपने कमरों की ओर चले गए थे । । तेजस्वी सीढ़ियां चढ़ी लेकिन अचानक उसे घुटन महसूस होने लगी थी । । उसका पूरा शरीर तेज दर्द के साथ हिल गया था । । उसे लगा कि वह अब सांस नहीं ले सकती । । उसे बहुत पसीना आने लगा और अगले ही पल वह सीढ़ियों से गिर गई थी । ।
उसका सिर सीढ़ियों से टकराया और जल्द ही उसका पूरा
चेहरा खून से लथपथ हो गया था । ।
कोनसी ड्रग्स दिया है राघव ने तेजस्वी को?
क्या होगा तेजस्वी का हाल?
जानने के लिए आगे की चैप्टर पढ़ते रहिए । ।
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