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बैरी पिया बड़ा बेदर्दी

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Ankita Pandey

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"पर क्या...?? लड़के ने उसे घूरते हुए कहा। लड़की अपनी आंखे खोलती है और उसकी आंखों में देखते हुए "आई हैव फॉलन इन लव विथ यू....!! "व्हाट..? उसकी बात सुनकर लड़का गुस्से से बोलता है और गुस्से से ही उसे घूरते हुए"तुम मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकत...

Total Chapters (3)

Page 1 of 1

  • 1. बैरी पिया बड़ा बेदर्दी - Chapter 1

    Words: 1460

    Estimated Reading Time: 9 min

    मेरे ख़्वाबों में जो आए
    आ के मुझे छेड़ जाए
    मेरे ख्वाबों में जो आए
    आ के मुझे छेड़ जाये
    उससे कहो कभी सामने तो आए

    एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बाथरॉब पहने मिरर के सामने खड़ी थी और बहुत तेज आवाज में म्यूजिक सुन रही थी। वह मुस्कुराते हुए गाने के बोल गुनगुना रही थी और हेयर ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी। वह नाचते हुए कबोर्ड के पास आकर उसे ओपन करती है और बहुत देर तक उसमें अपनी ड्रेस देखती रहती है और फाइनली एक ड्रेस निकाल कर रेडी होने लगती है। रेडी होने के बाद वह खुद को मिरर में देखती है और खुद को एक फ्लाइंग किस देते हुए, अपनी एक आंख को ब्लिंक करती।

    "श्रीधा" यह क्या है बेटा.? मैं तुम्हे कबसे आवाज दे रही हूं, पर म्यूजिक इतना लाउड है कि तुम्हे मेरी आवाज सुनाई ही नहीं दे रही है" एक औरत रूम में आते हुए उस लड़की से बोलती हैं।

    आवाज सुनकर लड़की स्टाइल से उनकी तरफ घूमती है।

    "श्रीधा मुखर्जी" उम्र बीस साल, 5"8" हाइट, गोरा रंग, घुंघराले कंधे से नीचे तक आते बाल, काली आंखे, गुलाबी होंठ। इस वक्त उसने ब्लू कलर की स्कर्ट जो घुटनो से थोड़ा ऊपर तक है पहन रखा है, जिसपर उसने व्हाइट टैंक टॉप और टॉप के ऊपर पिंक जैकेट पहन रखा है।

    "मॉम...! आपको पता है न कि रेडी होते हुए मैं म्यूजिक सुनती हूं..! यह जानते हुए भी आप मुझे आवाज दे रही थी। वैसे बताइए क्या काम था आपको मुझसे.?

    "समिता मुखर्जी" श्रीधा की मॉम एक गवर्मेंट टीचर हैं, उसे घूरते हुए" तुम्हारे डैड कबसे डाइनिंग टेबल पर तुम्हारा वेट कर रहे हैं ब्रेकफास्ट के लिए..! तुम्हे पता है न कि उन्हे हमारे साथ ब्रेकफास्ट करना पसंद है...!!

    "ओह सॉरी मॉम..! आप चलिए मैं अभी आई..!!

    जल्दी आना" बोलकर समिता वहां से चली जाती है।

    श्रीधा परफ्यूम लगाकर एक बार फिर से खुद को मिरर में देखती है और अपना कॉलेज बैग लेकर रूम से बाहर निकल जाती है।

    वह डाइनिंग टेबल पर आकर अपने डैड को पीछे से गले लगाकर" गुड मॉर्निंग डैड एंड सॉरी आपको मेरी वजह से वेट करना पड़ा...!!

    "विनय मुखर्जी" श्रीधा के डैड, इनका रियल एस्टेट बिजनेस है और यह अपनी फैमिली से बहुत प्यार करते हैं। अपने बिजी शेड्यूल में से भी अपनी फैमिली के लिए टाइम निकाल लेते हैं।

    "इट्स ओके बेटा..! पर आगे से ध्यान रखना..! मुझे मीटिंग के लिए भी जाना होता है" विनय श्रीधा का हाथ पकड़ कर अपनी बगल वाली चेयर पर बैठाते हुए प्यार से बोलते हैं।

    "ओके डैड...! बोलकर श्रीधा ब्रेकफास्ट करने लगती है।

    स्टार कॉलेज ऑफ मुंबई (काल्पनिक नाम)

    श्रीधा अपनी कार को पार्किंग एरिया में पार्क करके आंखों पर ब्लैक गोगल्स लगाए आगे बढ़ जाती है, वह बीकॉम सेकंड ईयर में है।

    "हाय श्रीधा...! उसे देख कर उसके फ्रेंड्स उसके पास आकर बोलते हैं।

    अखिल, सागर, इंदू और बरखा यह उसके चार फ्रेंड्स है, जिनके साथ वह खूब मस्ती करती है। पांचों की जान बस्ती है एक दूसरे में,, हर काम यह मिल कर करते हैं।

    "आज का क्या प्लान है.? अखिल श्रीधा के साथ क्लास की तरफ बढ़ते हुए बोलता है।

    "रिसेस के बाद मूवी देखने चलेंगे....! वैसे भी "इको" की बोरिंग क्लास मुझसे अटेंड नही होगी" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।

    "पर हमने तो सुना है कि इको की मैम ने रिजाइन कर दिया है और उनकी जगह कोई और प्रोफ़ेसर आ रहे हैं हमे पढ़ाने के लिए" बरखा ने कहा।

    "सो व्हाट..! मुझे इको बिलकुल भी पसंद नहीं है, कोई भी प्रोफेसर आए... मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला" श्रीधा ने कहा और क्लास में चली गई।

    रिसेस होने पर सागर सबको मूवी चलने के लिए बोलता है। जिसपर श्रीधा उसे अपनी कार की चाभी देते हुए"तुम सब चलो..... मैं अभी आती हूं...!!

    ओके...! बोल कर वह चारों बाहर पार्किंग की तरफ चल देते हैं।

    श्रीधा वाशरूम से निकल कर तेजी से आगे बढ़ जाती है कि कुछ दूर जाने के बाद अचानक ही तेजी से एक लड़के से टकरा कर नीचे गिर जाती है।

    "आउच...! आर यू ब्लाइंड.? तुम्हारी वजह से चोट लग गई मझे" श्रीधा अपने हाथों को झाड़ते हुए गस्से से बोलती है।

    "एक्सक्यूज मि...! गलती मेरी नही तुम्हारी है, जो बिना देखे ही जल्दी जल्दी चली जा रही थी"लड़के ने उसे घूरते हुए कहा।

    "व्हाट डिड यू से.? मेरी गलती....? गलती तुम्हारी..... आगे के शब्द उसके मुंह में ही रह गए जब उसने लड़के का चेहरा देखा। उसके सामने एक डैशिंग पर्सनेलिटी का लड़का खड़ा था,,, 6"4 हाइट, गोरा रंग, सिल्की बाल जो माथे पर फैले हुए थे, जिम में बनाई हुई बॉडी। देखने से 25 के आस पास,,,, वह अपलक उसे देखे जा रही थी।

    "ओ हैलो..! क्या बोल रही थी तुम.? उसके इस तरह देखने पर वह थोड़ी तेज आवाज में बोलता है।

    उसकी आवाज सुनकर उसका ध्यान टूटता है और वह उसे घूरते हुए "अगर तुम सही से देख के चल रहे होते तो मैं गिरती नही" बोलकर वह उठने लगती है कि कराहते हुए वापस बैठ जाती है और अपना पैर पकड़ कर" लगता है मेरे पैर में मोच आ गई है...!!

    वह लड़का उसे इग्नोर करके वहा से जाने लगता है, कि उसे वहां से इस तरह जाते हुए देखकर वह गुस्से से "ओह हेलो...! कहां चल दिए.? तुम्हारी वजह से मुझे चोट लग गई और तुम मेरी हेल्प करने की जगह यहां से जा रहे हो.?

    "पहली बात की गलती मेरी नही तुम्हारी थी और दूसरी बात मैं तुम्हारी हेल्प क्यों करूं.? अगर तुम्हे मेरी हेल्प चाहिए तो प्लीज बोलना पड़ेगा" लड़के ने एटीट्यूड से कहा।

    "प्लीज माय फूट...! श्रीधा ने बड़बड़ाते हुए कहा और इधर उधर देखा। पर उसे वहां फिलहाल कोई नजर नहीं आया जिससे वह हेल्प लेती, ऐसे में मन न होते हुए भी वह धीरे से"प्लीज...! मेरी हेल्प कर दो...!!

    वह लड़का उसके पास आकर उसे अपनी गोद में उठाता है और मेडिकल रूम की तरफ लेकर चल देता है।

    पहले तो श्रीधा असहज होती है, वह अपनी बाहें उसके गले में डाल देती है। लेकिन जब वह लड़के को देखती है, जिसका सारा ध्यान सामने था। उसे देखते ही वह एक बार फिर से उसके चेहरे को देखती रह जाती है।

    "जो भी कहो... यह लड़का है बड़ा हैंडसम" उसने अपने मन में सोचा और साथ ही उसे अपनी सोच पर हैरानी भी हुई। "यह मैं क्या सोच रही हूं??

    लड़का उसे मेडिकल रूम में लेकर आता है और उसे चेयर पर बैठा देता है। वह इधर-उधर देखता है, पर वहां पर कोई भी नहीं था, वह रैक में रखे स्प्रे को लेकर आता है और श्रीधा के पैरों के पास बैठ जाता है और उसके दाएं पैर का बूट निकालने लगता है।

    "यह तुम क्या कर रहे हो.? श्रीधा अपना पैर पीछे करते हुए बोलती है।

    "तुम्हारे पैर का इलाज" बोलकर वह लड़का उसके बूट उतारने जाता है कि वह खुद अपने बूट उतार कर उससे बोलती है" तुम रहने दो..!! स्प्रे मुझे दो... मैं खुद स्प्रे कर लूंगी...!!

    "यह इस तरह ठीक नहीं होगा" बोलकर वह उसका पैर पकड़कर उसके पंजे को झटके से मोड़ देता है।

    अचानक ही श्रीधा को पैर में तेज दर्द महसूस होता है और उसकी चीख निकल जाती है। वह उस लड़के के कंधे पर मारते हुए"यू बास्टर्ड....! क्या किया तुमने.? मेरे पैर को तोड़ दिया...!

    लड़के ने उसपर ध्यान न देकर उसके पैर पर स्प्रे किया और उसे घूर कर" अच्छा होता कि मैं तुम्हारा पैर तोड़ देता" बोलकर वह वहां से चला जाता है।

    श्रीधा उसे मारने के लिए खड़ी होती है लेकिन जब उसे अपने पैर में दर्द महसूस नहीं होता है, तो वह हैरानी से "मेरे पैर में तो बिलकुल भी दर्द नही हो रहा है,,,, यह इतनी जल्दी ठीक कैसे हो गया.? फिर वह सोचती है कि उस लड़के ने जब झटके से उसका पैर मोड़ा था, शायद उसी की वजह से उसके पैर की मोच ठीक हो गई है।

    तभी उसका फोन रिंग होता है,,, वह कॉल पिक करके" आई एम कर्मिंग..!

    ""कहा रह गई थी तुम..? कितनी देर से हम तुम्हारा वेट कर रहे हैं" उसके आते ही इंदू ने उससे सवाल किया।

    "कुछ नहीं.... एक लड़के की वजह से लेट हो गई "उसने कार में बैठते हुए कहा, तो वह चारों उसे घूरने लगते हैं।

    "व्हाट..? ऐसे क्यों घूर रहे हो तुम सब.?

    "आज फिर किसी लड़के ने तुझे प्रपोज किया क्या.? बरखा ने एक्साइटेड होते हुए कहा।

    "नही....!!

    "तो फिर क्या तुमने किसी को प्रपोज किया.? यह गलत बात है..! तुम हमे बताए बिना कैसे किसी को प्रपोज कर सकती हो.? अखिल मुंह फुलाए हुए बोलता है।

    "चुप चाप कार स्टार्ट करो..! तुम सबकी फालतू की बकवास में मूवी मिस हो जाएगी" श्रीधा ने चारों को घूरते हुए कहा।

    उसकी बात सुनकर सागर जो ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ था, वह कार स्टार्ट करके आगे बढ़ा देता है, लेकिन रास्ते में चारों जबरदस्ती उससे पूरी बात निकलवा ही लेते हैं।





    जारी..................

  • 2. बैरी पिया बड़ा बेदर्दी - Chapter 2

    Words: 1479

    Estimated Reading Time: 9 min

    "कल की मूवी कितनी ऑसम थी न" बरखा ने श्रीधा के गले में अपना हाथ डाले उसके साथ कॉलेज कैंपस में चलते हुए कहा।

    "हम्मम ....!!

    "बस हम्मम...! आज इतनी शांत क्यों हो मैडम.? उसे चुप चाप देख कर सागर ने कहा।

    "डैड ने ईको के मार्क्स देख लिए और वह बहुत गुस्से में थे कि मेरे इतने कम मार्क्स कैसे आए। अब मैं उन्हें कैसे बताऊं कि

    "ईको मुझे कितनी बोरिंग लगती है" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।

    "ओह..! यह तो बहुत गलत हुआ तुम्हारे साथ..! तो क्या अब तुम ईको की एक्स्ट्रा क्लास लोगी.? उसकी बात सुनकर इंदू उसे देखते हुए बोलती है।

    "नो वे...! बोरिंग लेक्चर कौन अटेंड करेगा..! इतना पढ़ लेंगे की पासिंग मार्क्स आ जाए" श्रीधा बरखा का हाथ अपने कंधे से हटा कर उनकी तरफ घूम कर उन्हे देखते हुए बोलती है।

    "तुम कभी स्टडी को लेकर सीरियस क्यों नहीं होती हो.? स्टडी दिल से करो तो बोरिंग नही लगती है" इंदू ने श्रीधा को घूरते हुए कहा। ग्रुप में एकलौती वही थी जो स्टडी में तेज थी और एग्जाम के वक्त वही उन सबकी हेल्प करती थी।

    "स्टडी में नही..! अभी तो कहीं और दिल लगाने का वक्त है..! अभी तो हमारे आज़ादी से जीने के दिन है,,, बाद में तो जिंदगी पता नहीं कैसे दिन दिखाए" श्रीधा अपने हाथ फैलाए अदा से बोलते हुए उलटे पांव चल रही थी कि वह जैसे ही घूमती है किसी से टकरा जाती है।

    "आह..! मेरी नाक" बोलते हुए वह अपना सर उठाती है तो उसके सामने वही लड़का खड़ा था, जिससे वह कल टकराई

    थी। वह जल्दी से उससे दूर होती है, पर उसकी लिपस्टिक का निशान लड़के के व्हाइट शर्ट पर छप चुका था, क्योंकि वह उसके सीने से टकराई थी।

    "नोट अगेन"लड़के ने गहरी सांस लेकर कहा।

    यू...! तुम्हे क्या सच में दिखाई नहीं देता है.? कल मेरा पैर तोड़ दिया और आज मेरी नोज" श्रीधा अपनी नाक सहलाते हुए बोलती है, जो हल्की रेड हो गई थी।

    एक्सक्यूज मि मिस...! गलती तुम्हारी है..! तुम कल भी बिना देखे चल रही थी और आज भी" लड़के ने उसे घूरते हुए कहा।

    अखिल, सागर, इंदू और बरखा कभी श्रीधा तो कभी उस लड़के को देख रहे थे। श्रीधा की बात से उन्हें अंदाजा हो गया था कि यह वही लड़का है जिससे कल श्रीधा टकराई थी।

    "वाउ...! यह लड़का कितना हैंडसम है न" बरखा लड़के को देख धीरे से बोलती है। जबकि उसकी बात सुनकर अखिल, सागर और इंदू उसे घूरने लगते हैं। उनके इस तरह घूरने पर वह अपने दांत दिखाते हुए इधर उधर देखने लगती है।

    "गलती न मेरी कल थी और न ही आज है" श्रीधा ने लड़के को घूरते हुए कहा।

    "तुम लड़कियां कभी अपनी गलती मानती कहां हो" लड़के ने व्यंग्य से मुस्कुरा कर कहा।

    "ओ मिस्टर...! हो गया न.... अब चलते बनो..! तुम्हे पता नहीं है कि तुम किससे पंगा ले रहे हो" श्रीधा के बोलने से पहले, अखिल ने लड़के को घूरते हुए कहा।

    "क्यों..? यह कॉलेज की डॉन है क्या.? लड़के ने हंसते हुए कहा।

    "हां...! हमारा पूरा ग्रुप ही "बेड ग्रुप" के नाम से फेमस है कॉलेज में..! तुम अपनी भलाई चाहते हो तो चुप चाप यहां से चलते बनो वरना... सागर उसे डराने के इरादे से हाथों का पंच दिखाते हुए बोलता है।

    "अच्छा...! तो तुम मुझे मारोगे.? लड़के ने अपने हाथों को फोल्ड करके एटीट्यूड से कहा। उसके इस तरह हाथ फोल्ड करने से उसके बाइसेप्स नज़र आने लगते हैं, जिसे देख कर सागर अपना थूक निगल लेता है।

    "लगता है तुम कॉलेज में न्यू हो... इसलिए हम तुम्हे छोड़ दे रहे हैं। आगे से हम तुम्हे कहीं भी दिखाई दे तो अपना रास्ता बदल देना" सागर पीछे हो उसे घूरते हुए बोलता है।

    "देखते हैं कौन किसको देखकर अपना रास्ता बदलता है" लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा और वहां से चला गया।

    "यह लड़का तो सच में अकडू है" इंदू उसे जाते हुए देख कर बोलती है।

    "छोड़ो उसे.... चलो क्लास में चलते हैं" बोलते हुए श्रीधा आगे बढ़ जाती है।

    लेक्चर अटेंड करने के बाद वह पांचों कैंटीन में बैठे हुए डोसा खा रहे थे।

    "नेक्ट लेक्चर अटेंड करना है या क्लास बंक करनी है.? अखिल श्रीधा को देखते हुए बोलता है।

    "सॉरी...! पर मैं आज की क्लास मिस नही कर सकती..! क्लास के बाकी स्टूडेंट्स बोल रहे थे कि कल जो न्यू प्रोफ़ेसर आए हैं, उन्होंने बहुत अच्छे से पढ़ाया है,,, इसलिए आज मैं तुम सबके साथ नही जाने वाली" इंदू उन चारों को देखते हुए बोलती है।

    "यह तो मैने भी सुना है...! पूरी क्लास न्यू प्रोफ़ेसर की तारीफ कर रही थी" सागर इंदू की बात से सहमति जताते हुए बोलता है।

    "ऐसा क्या.? फिर तो आज की क्लास अटेंड करनी पड़ेगी..! हम भी तो देखे की न्यू प्रोफ़ेसर कैसा पढ़ाते हैं" श्रीधा कुछ सोचते हुए बोलती है।

    क्लास में बैठे हुए सभी बातें कर रहे थे, जभी एक आदमी जिसकी उम्र 45 के आस पास थी। आंखों पर चश्मा और बालों में हल्की सफेदी, वह क्लास में आते हैं।

    "हेलो स्टूडेंट्स...! माय नेम इज सुदेश तिवारी और मैं...... वह आगे कुछ बोलते उससे पहले वह लड़का जो श्रीधा से टकराया था, क्लास में एंटर करता है।

    "यह कोई वक्त है क्लास में आने का और क्या तुम यहां पार्टी में आए हो जो सूट बूट पहन रखा है.? सुदेश तिवारी ने लड़के को घूरते हुए कहा।

    "एक्चुअली सर.....!!

    "क्या सर...! तुम स्टूडेंट्स का पढ़ाई लिखाई में मन लगता नही है,,, बस घूमना फिरना है" सुदेश तिवारी लड़के को देख गुस्से से बोलते हैं।

    जबकि उसे डांट पड़ते हुए देख कर श्रीधा बहुत खुश हो रही थी। वह अपने मन में "इसे तो और डांट पड़नी चाहिए...! कोई नही यह हमारी क्लास में है न,,, इसे मैं इतना परेशान करूंगी

    की इसे इस बात पर अफसोस होगा कि इसने इस कॉलेज में एडमिशन क्यों लिया..!

    "अरे..! आप मेरी बात तो सुनिए...!!

    "कोई बात नहीं सुननी मुझे तुम्हारी,,,, तुम्हे पता नहीं है मैं बहुत स्ट्रिक्ट प्रोफेसर हूं" सुदेश तिवारी ने अपनी आंखो पर लगा चश्मा ठीक करते हुए कहा।

    इनफ इस इनफ...! लड़के ने इस बार थोड़े गुस्से से कहा,,, फिर अपने माथे को हल्का सा रब करके "आई एम नॉट ए स्टूडेंट...!! आई एम ए प्रोफेसर..! मेरी कल ही ज्वाइनिंग हुई है,,,, मैं इनका ईको का प्रोफ़ेसर हूं....!!

    "व्हाट...? यह सुनकर श्रीधा के साथ साथ उसके चारों दोस्तों का मूंह खुला का खुला रह जाता है।

    "व्हाट..? प्रोफ़ेसर.? सुदेश तिवारी ने ब्लैक सूट बूट पहने उस लड़के को ऊपर से नीचे देखते हुए हैरानी से कहा, जो किसी भी एंगल से प्रोफ़ेसर नही लग रहा था।

    "यस..! माय नेम इज़ "संकल्प अवस्थी" और आप गलत क्लास में आ गए हैं" संकल्प ने सुदेश तिवारी को देखते हुए कहा।

    "ओह..! आई एम सॉरी जेंटलमैन...! सुदेश तिवारी ने अपनी फाइल टेबल पर से उठाते हुए कहा और रूम से बाहर निकल गए।

    संकल्प ने एक नज़र पूरी क्लास को देखा और उसकी नज़र श्रीधा और उसके दोस्तों पर आकर ठहर गई,,, उन्हे देख कर उसके चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आ जाती है।

    "यह हमे इस तरह क्यों देख रहे हैं.? बरखा ने श्रीधा के कान में फुसफुसाते हुए कहा।

    "क्योंकि हमने गलत इंसान से पंगा ले लिया है...! यह तो हमारे सर निकले.... अब यह हमे नही छोड़ने वाले "इंदू ने लाचारगी से कहा।

    "स्टूडेंट्स...! कल आधे स्टूडेंट्स का इंट्रोडक्शन रह गया था,, तो बचे हुए स्टूडेंट्स अपना इंट्रो दे"संकल्प चेयर पर बैठते हुए बोलता है।

    क्लास के कुछ स्टूडेंट्स जिनका इंट्रो रह गया था, वह अपना इंट्रो देने लगते हैं।

    "यार मुझे तो यह बहुत स्ट्रिक्ट नज़र आ रहे हैं" आखिल पीछे से धीरे से बोलता है।

    "मैं तो यह सोच रही हूं कि कॉलेज वाले इतने यंग प्रोफ़ेसर कब से अप्वाइंट करने लगे.? बरखा संकल्प को देख खोए हुए स्वर में बोलती है।

    "चुप रहोगे तुम दोनो" श्रीधा अखिल और बरखा को घूरते हुए बोलती है।

    "हे यू कर्ली हेयर...! स्टैंड अप" संकल्प श्रीधा को देखते हुए बोलता है।

    श्रीधा खड़ी हो जाती है तो संकल्प उसे घूरते हुए "गेट आउट ऑफ माई क्लास...!!

    "व्हाट..? उसकी बात सुनकर श्रीधा ने हैरानी से कहा।

    "क्लास में बात करने वाले स्टूडेंट्स मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है...!!

    "बट...! उसने कुछ कहना चाहा।

    "नो इफ नो बट.... ऑनली गेट आउट" संकल्प ने थोड़ी तेज़ आवाज़ में कहा।

    सभी स्टूडेंट्स श्रीधा को देखने लगते हैं, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी प्रोफेसर ने उसे क्लास से बाहर जाने के लिए बोला था।

    श्रीधा गुस्से से संकल्प को घूरते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है, क्योंकि उसकी वजह से पूरी क्लास उसे घूर कर देख रही थी।

    उसके चारों दोस्तों को उसके लिए बुरा लगता है और वह भी संकल्प को घूरने लगते हैं।

    कंटिन्यू...!! संकल्प स्टूडेंट्स को देख कर बोलता है, जो अपना इंट्रो दे रहे थे।

    श्रीधा गुस्से से कॉलेज गार्डन में चलते हुए" सब पता है मुझे की क्यों मुझे क्लास से बाहर निकाल दिया...! पर यह आपने अच्छा नहीं किया प्रोफेसर साहब..!"" अभी आप जानते नही है मुझे, इसका बदला तो मैं लेकर रहूंगी...!!






    जारी..................

  • 3. बैरी पिया बड़ा बेदर्दी - Chapter 3

    Words: 1543

    Estimated Reading Time: 10 min

    श्रीधा कॉलेज कैंटीन में बैठे हुए गुस्से से समोसे खा रही थी। उसकी टेबल पर इस वक्त फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, कोल्ड ड्रिंक्स, छोले भटूरे और पेस्ट्री थी,,,, उसे जब बहुत गुस्सा आता था तो उसे बहुत भूख लगती थी।

    "हमें पता था तुम हमे यहीं मिलोगी" सागर उसके बगल वाली चेयर पर आकर बैठते हुए बोलता है। बरखा, इंदू और अखिल भी आकर चेयर पर बैठ जाते हैं।

    "तुमने तो काफी कुछ मंगा रखा है हमारे लिए "बोलते हुए अखिल पेस्ट्री की तरफ हाथ बढ़ाता है।

    "यह सब मेरे लिए है,,,, तुम सब अपने लिए आर्डर करो" श्रीधा उसके हाथ पर मारते हुए बोलती है।

    "तुम यह सब अकेले खा जाओगी.? इंदू उसे घूरते हुए बोलती है।

    "तुझे तो पता है इंदू,,, जब इसे गुस्सा आता है तो यह इससे भी ज्यादा खा लेती है और आज इसके गुस्से की आग भड़की हुई है न्यू प्रोफ़ेसर के कारण "बरखा हस्ते हुए बोलती है।

    "वो सब तो ठीक है लेकिन मैं तो यह सोच कर हैरान हूं कि इतना खाने के बाद भी तेरा वैट ज़रा सा भी नहीं बढ़ता है" अखिल एक फ्रेंच फ्राइज़ का पीस खाते हुए बोलता है।

    "यह सवाल तो कई बार मेरे मन में भी आया है" बरखा श्रीधा को देखते हुए बोलती है।

    "वो इसलिए बालिके, क्योंकि मुझे ईश्वर ने स्वप्न में आकर वरदान दिया है कि मैं कितना भी खाऊं मेरा वैट नही बढ़ेगा,,,, पर हां मेरे बदले मेरे दोस्तों का वेट जरूर बढ़ेगा" श्रीधा चारों को घूरते हुए बोलती है।

    "हे भगवान...! हम मासूमों के साथ इतनी बड़ी नाइंसाफी..! आज पता चला कि मैं मोटा क्यों हो रहा हूं"सागर श्रीधा को घूरते हुए झूठी नाराजगी से बोलता है।

    उसकी बात सुनकर श्रीधा के होंठो पर हल्की मुस्कान आ जाती है।

    "चलो तुम हसी तो सही.... वरना हमे तो लगा था कि प्रोफ़ेसर का सारा गुस्सा हम पर ही निकलेगा" बरखा ने मुस्कुराते हुए कहा।

    "गुस्सा तो मुझे बहुत आ रहा है..! आज पहली बार पूरी क्लास के सामने मुझे एंबारेस्ड होना पड़ा" श्रीधा गुस्से से बोलती है।

    "जाने दे न श्री..! पर जो भी हो वह पढ़ाते बहुत अच्छा हैं" इंदू उसके गुस्से को देख कर बोलती है।

    "हां..! यह इसने सही कहा,,, न्यू प्रोफ़ेसर बहुत अच्छा पढ़ाते हैं" अखिल ने इंदू की हां में हां मिलाते हुए कहा।

    "तुम दोनों कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हो.? श्रीधा इंदू और अखिल को घूरते हुए बोलती है।

    "अच्छा..! हम कुछ नहीं बोलते...! तुम बताओ मूवी चलें.? सागर उसके बिगड़े हुए मूड को देख कर उसका मूड फ्रेश करने के इरादे से बोलता है।

    "हां चलो..! श्रीधा ने कहा और पेस्ट्री की लास्ट बाइट खा कर वह उठ गई।

    वह पांचों कॉलेज से बाहर निकल कर मूवी देखने के लिए निकल जाते हैं।

    श्रीधा कॉलेज के लिए रेडी हो रही थी, वह एक नज़र खुद को देखती है और परफ्यूम स्प्रे करके रूम से बाहर निकल जाती है।

    "मॉम डैड कहां हैं.? डाइनिंग टेबल पर अपने डैड को न देख कर श्रीधा अपनी मॉम से पूछती है।

    "बेटा उनकी इंपॉर्टेंट मीटिंग थी इसलिए वह दो दिन के लिए आउट ऑफ सिटी गए हैं" समिता ने उसकी प्लेट में नाश्ता निकलते हुए कहा।

    "मॉम...! आज मुझे आने में लेट हो जाएगा.! आज सागर का बर्थडे है इसलिए कॉलेज के बाद हम सब क्लब जाएंगे "श्रीधा ने नाश्ता करते हुए कहा।

    "ठीक है लेकिन ज्यादा देर नहीं होना चाहिए वरना तुमसे तुम्हारे डैड बात करेंगे" समिता उसे देखते हुए बोलती हैं।

    "ओके मॉम...! श्रीधा ने मुस्कुराते हुए कहा और उन्हे बाय बोलकर कॉलेज के लिए निकल गई।

    ब्लैक क्रॉप टॉप और ए लाइन स्कर्ट पहने, जो उसके घुटनों से थोड़ा नीचे थी। पैरों में ब्लैक सैंडल, बालों को स्टाइल से बनाए हुए वह आंखों पर ब्लैक शेड्स लगाए जब अपने कार से निकली तो सब उसे ही देख रहे थे।

    "हे श्री...! लुकिंग वैरी ब्यूटीफुल..! मेरा तो दिल आ गया तुम पर" सागर श्रीधा के पास आकर अपने दिल पर हाथ रखकर शरारती अंदाज में बोलता है।

    "अपने बर्थडे के दिन मुझसे पीटने का इरादा है क्या.? श्रीधा अपने शेड्स उतार स्टाइल से अपने बालों को झटकते हुए बोलती है।

    तभी उसकी नज़र संकल्प पर पड़ती है, जो अपनी कार को लॉक करके क्लास की तरफ जा रहा था। ब्लैक जींस पर व्हाइट शर्ट पहने वह देखने में बहुत अट्रैक्टिव लग रहा था। उसने देखा कि आस पास खड़ी लड़कियां उसे ही देख रही

    थी,,, वह उस पर से अपनी नजरें हटाती है क्योंकि उसे देख कर उसे कल का वाकया याद आ गया था।

    "चलो क्लास रूम में चलते हैं" श्रीधा ने कहा और आगे बढ़ गई।

    "अरे..! तुम सब मुझे "हैप्पी बर्थडे" तो बोल दो"सागर मुंह बनाते हुए चारों को देखते हुए बोलता है।

    चारों उसे बारी बारी देखते हैं और उसकी पीठ पर एक एक घूंसा मारते हुए "बड़ा आया हैप्पी बर्थडे वाला... हम ऐसे बोलते हैं हैप्पी बर्थडे टू यू..!!

    "हाय...! बड़ी ज़ोर से मारा तुम जालिमों ने..! मैं पहला लड़का हूं जो अपने बर्थडे के दिन पिटता है" सागर रोनी सूरत बना कर बोलता है।

    "चल ज्यादा सेंटी मत हो" अखिल उसके गले में हाथ डाल कर उसे खींच कर अपने साथ क्लास रूम की तरफ ले जाते हुए

    बोलता है।

    लंच टाइम होने के बाद सारे स्टूडेंट्स क्लास रूम से बाहर निकल जाते हैं, जबकि श्रीधा अभी भी क्लास में बैठी हुई थी।

    "क्या सोच रही हो श्री.? लंच नही करना है क्या.? बरखा उसे सोच में गुम देख कर बोलती है।

    "हां..! तुम सब चलो मैं अभी आती हूं" उसे चारों को देखते हुए कहा।

    "जल्दी आना" अखिल ने कहा और सबके साथ वहां से चला गया।

    कुछ देर के इंतजार के बाद श्रीधा आती है और उन सबके पास बैठ जाती है।

    "इतनी देर क्यों लगा दी.? सागर उसे देखते हुए बोलता है।

    "वो जरूरी काम कर रही थी" श्रीधा मुस्कुराते हुए बोलती है।

    "ईको की क्लास लेनी है या आज भी क्लास बंक करने का इरादा है.? इंदू ने श्रीधा को देखते हुए कहा।

    "तुम सब जब प्रोफ़ेसर साहब की इतनी तारीफ कर रहे हो तो सोच रही हूं कि उनकी क्लास अटेंड करके मैं भी देखूं की वह कैसा पढ़ाते हैं..!!

    "क्या सच में.? उसकी बात सुनकर बरखा हैरानी से बोलती है।

    "हां..! चलो सर के आने का टाइम हो रहा है" श्रीधा ने खड़े होते हुए कहा और आगे बढ़ गई।

    चारों ने एक दूसरे को देखा फिर अपने अपने कंधे उचका कर उसके पीछे चल दिए।

    संकल्प जैसे ही क्लास में आता है, सभी स्टूडेंट्स उसे ग्रीट करते हैं। वह सबके ग्रीट का जबाव देने के बाद अपनी फाइल टेबल पर रखने के बाद जैसे ही चेयर पर बैठता है,,, अचानक ही वह चेयर टूटती है और वह नीचे गिर जाता है।

    उसके नीचे गिरते ही पूरी क्लास हंसने लगती है, श्रीधा और उसके फ्रेंड्स भी मूंह दबा कर हंस रहे थे।

    संकल्प उठता है और सभी को गुस्से से देखने लगता है,,, जिससे सारे स्टूडेंट्स डर कर चुप हो जाते हैं।

    संकल्प अपने कपड़ों पर लगी धूल को साफ करते हुए" किसकी शरारत है यह.?

    उसके सवाल पूछने के बाद क्लास में शांति छाई हुई थी,,, सब एक दूसरे को देख रहे थे।

    "मुझे पता है कि यह चेयर अपने आप नही टूटी है,,,, किसी ने यह जानबूझ कर किया है" बोलते हुए अचानक उसकी नज़र

    श्रीधा पर रुकती है और वह गुस्से से अपने दांत भींच लेता है।

    उसके इस तरह देखने पर श्रीधा इधर उधर देखने लगती है।

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    "जिसने भी यह किया है उसे मैं छोड़ने वाला नही हूं" संकल्प ने गुस्से से कहा और प्यून को बुला कर दूसरी चेयर रखने के लिए कहा।

    "सर के साथ ऐसा किसने किया होगा.? श्रीधा के बगल में बैठी हुई इंदू उसके कान में फुसफुसाते हुए बोलती है।

    "मुझे क्या पता" श्रीधा ने कहा और संकल्प को देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी, क्योंकि उसी ने यह किया था और अब जाकर उसे अच्छा लग रहा था।

    संकल्प बुक खोल कर रीड करने लगता है और सबको अच्छे से एक्सप्लेन करके बताने लगता है।

    श्रीधा अपनी नोट बुक में कार्टून बना रही थी, वह क्या पढ़ा रहा है, उससे कोई मतलब नहीं था। पर उसने ध्यान दिया की पूरी क्लास शांति से उसकी बातों पर ध्यान दे रही है।

    "ओके स्टूडेंट्स...! जिसको भी कोई डाउट हो वो एक्स्ट्रा क्लास में या फिर मेरे केबिन में आकर पूछ सकता है" संकल्प क्लास रूम से बाहर निकलने से पहले बोलता है और वहां से चला जाता है।

    "सर कितना अच्छा पढ़ाते हैं न.... कब उनकी क्लास ओवर हो जाती है, पता ही नहीं चलता है" एक लड़की ने कहा, तो श्रीधा उसकी बात सुनकर मुंह बना लेती है।

    "ओ मैडम कुछ समझ आया तुम्हे.? उसे मुंह बनाते हुए देख कर सागर बोलता है।

    "इतना भी अच्छा नहीं पढ़ाते हैं तुम्हारे सर...! मुझे कुछ समझ नहीं आया" श्रीधा बुक बैग में रखते हुए बोलती है।

    "मैडम समझने के लिए स्टडी पर ध्यान भी देना पड़ता है और तुम्हारा ध्यान तो सर क्या पढ़ा रहे हैं, उस पर था ही नहीं" इंदू उसे देखते हुए बोलती है।

    "मुझे ना सर पसंद है और ना ही उनका पढ़ाया हुआ" श्रीधा खड़े होते हुए बोलती है और क्लास रूम से बाहर निकल जाती है।

    "इसका मूड कब बदल जाए कुछ कह नहीं सकते" अखिल गहरी सांस लेकर बोलता है।

    श्रीधा गुस्से में बड़बड़ाते हुए जा रही थी कि अचानक कोई उसका हाथ पकड़ कर एक तरफ़ खींचते हुए ले जाता है।






    जारी.................