"पर क्या...?? लड़के ने उसे घूरते हुए कहा। लड़की अपनी आंखे खोलती है और उसकी आंखों में देखते हुए "आई हैव फॉलन इन लव विथ यू....!! "व्हाट..? उसकी बात सुनकर लड़का गुस्से से बोलता है और गुस्से से ही उसे घूरते हुए"तुम मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकत... "पर क्या...?? लड़के ने उसे घूरते हुए कहा। लड़की अपनी आंखे खोलती है और उसकी आंखों में देखते हुए "आई हैव फॉलन इन लव विथ यू....!! "व्हाट..? उसकी बात सुनकर लड़का गुस्से से बोलता है और गुस्से से ही उसे घूरते हुए"तुम मेरे बारे में ऐसा सोच भी कैसे सकती हो.? आई एम यौर प्रोफेसर...!! "अपनी और मेरी एज देखो..!! "सो व्हाट..? मेरे लिए यह सब मायने नहीं रखता.! "कब पता नहीं.... मगर मुझे आपसे प्यार हो गया है..! "पर मेरे दिल में तुम्हारे लिए कोई फीलिंग्स नही है,,, इसलिए इस रास्ते से वापस लौट जाओ और अपनी स्टडी पर ध्यान दो" लड़के ने गुस्से से उसे घूरते हुए कहा। ऐसा नहीं हो सकता सर..! "इस दिल ने आपको अपना मान लिया है। आप मुझसे प्यार करें या न करे पर मैं आपसे प्यार करती रहूंगी..!! "तो करती रहो... पर तुम्हे दर्द के सिवा कुछ नहीं मिलेगा... कुछ भी नही...!! "मंजूर है मुझे..! लड़की ने उसकी आंखों में देखते हुए कहा।
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मेरे ख़्वाबों में जो आए
आ के मुझे छेड़ जाए
मेरे ख्वाबों में जो आए
आ के मुझे छेड़ जाये
उससे कहो कभी सामने तो आए
एक बहुत ही खूबसूरत लड़की बाथरॉब पहने मिरर के सामने खड़ी थी और बहुत तेज आवाज में म्यूजिक सुन रही थी। वह मुस्कुराते हुए गाने के बोल गुनगुना रही थी और हेयर ड्रायर से अपने बाल सुखा रही थी। वह नाचते हुए कबोर्ड के पास आकर उसे ओपन करती है और बहुत देर तक उसमें अपनी ड्रेस देखती रहती है और फाइनली एक ड्रेस निकाल कर रेडी होने लगती है। रेडी होने के बाद वह खुद को मिरर में देखती है और खुद को एक फ्लाइंग किस देते हुए, अपनी एक आंख को ब्लिंक करती।
"श्रीधा" यह क्या है बेटा.? मैं तुम्हे कबसे आवाज दे रही हूं, पर म्यूजिक इतना लाउड है कि तुम्हे मेरी आवाज सुनाई ही नहीं दे रही है" एक औरत रूम में आते हुए उस लड़की से बोलती हैं।
आवाज सुनकर लड़की स्टाइल से उनकी तरफ घूमती है।
"श्रीधा मुखर्जी" उम्र बीस साल, 5"8" हाइट, गोरा रंग, घुंघराले कंधे से नीचे तक आते बाल, काली आंखे, गुलाबी होंठ। इस वक्त उसने ब्लू कलर की स्कर्ट जो घुटनो से थोड़ा ऊपर तक है पहन रखा है, जिसपर उसने व्हाइट टैंक टॉप और टॉप के ऊपर पिंक जैकेट पहन रखा है।
"मॉम...! आपको पता है न कि रेडी होते हुए मैं म्यूजिक सुनती हूं..! यह जानते हुए भी आप मुझे आवाज दे रही थी। वैसे बताइए क्या काम था आपको मुझसे.?
"समिता मुखर्जी" श्रीधा की मॉम एक गवर्मेंट टीचर हैं, उसे घूरते हुए" तुम्हारे डैड कबसे डाइनिंग टेबल पर तुम्हारा वेट कर रहे हैं ब्रेकफास्ट के लिए..! तुम्हे पता है न कि उन्हे हमारे साथ ब्रेकफास्ट करना पसंद है...!!
"ओह सॉरी मॉम..! आप चलिए मैं अभी आई..!!
जल्दी आना" बोलकर समिता वहां से चली जाती है।
श्रीधा परफ्यूम लगाकर एक बार फिर से खुद को मिरर में देखती है और अपना कॉलेज बैग लेकर रूम से बाहर निकल जाती है।
वह डाइनिंग टेबल पर आकर अपने डैड को पीछे से गले लगाकर" गुड मॉर्निंग डैड एंड सॉरी आपको मेरी वजह से वेट करना पड़ा...!!
"विनय मुखर्जी" श्रीधा के डैड, इनका रियल एस्टेट बिजनेस है और यह अपनी फैमिली से बहुत प्यार करते हैं। अपने बिजी शेड्यूल में से भी अपनी फैमिली के लिए टाइम निकाल लेते हैं।
"इट्स ओके बेटा..! पर आगे से ध्यान रखना..! मुझे मीटिंग के लिए भी जाना होता है" विनय श्रीधा का हाथ पकड़ कर अपनी बगल वाली चेयर पर बैठाते हुए प्यार से बोलते हैं।
"ओके डैड...! बोलकर श्रीधा ब्रेकफास्ट करने लगती है।
स्टार कॉलेज ऑफ मुंबई (काल्पनिक नाम)
श्रीधा अपनी कार को पार्किंग एरिया में पार्क करके आंखों पर ब्लैक गोगल्स लगाए आगे बढ़ जाती है, वह बीकॉम सेकंड ईयर में है।
"हाय श्रीधा...! उसे देख कर उसके फ्रेंड्स उसके पास आकर बोलते हैं।
अखिल, सागर, इंदू और बरखा यह उसके चार फ्रेंड्स है, जिनके साथ वह खूब मस्ती करती है। पांचों की जान बस्ती है एक दूसरे में,, हर काम यह मिल कर करते हैं।
"आज का क्या प्लान है.? अखिल श्रीधा के साथ क्लास की तरफ बढ़ते हुए बोलता है।
"रिसेस के बाद मूवी देखने चलेंगे....! वैसे भी "इको" की बोरिंग क्लास मुझसे अटेंड नही होगी" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"पर हमने तो सुना है कि इको की मैम ने रिजाइन कर दिया है और उनकी जगह कोई और प्रोफ़ेसर आ रहे हैं हमे पढ़ाने के लिए" बरखा ने कहा।
"सो व्हाट..! मुझे इको बिलकुल भी पसंद नहीं है, कोई भी प्रोफेसर आए... मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला" श्रीधा ने कहा और क्लास में चली गई।
रिसेस होने पर सागर सबको मूवी चलने के लिए बोलता है। जिसपर श्रीधा उसे अपनी कार की चाभी देते हुए"तुम सब चलो..... मैं अभी आती हूं...!!
ओके...! बोल कर वह चारों बाहर पार्किंग की तरफ चल देते हैं।
श्रीधा वाशरूम से निकल कर तेजी से आगे बढ़ जाती है कि कुछ दूर जाने के बाद अचानक ही तेजी से एक लड़के से टकरा कर नीचे गिर जाती है।
"आउच...! आर यू ब्लाइंड.? तुम्हारी वजह से चोट लग गई मझे" श्रीधा अपने हाथों को झाड़ते हुए गस्से से बोलती है।
"एक्सक्यूज मि...! गलती मेरी नही तुम्हारी है, जो बिना देखे ही जल्दी जल्दी चली जा रही थी"लड़के ने उसे घूरते हुए कहा।
"व्हाट डिड यू से.? मेरी गलती....? गलती तुम्हारी..... आगे के शब्द उसके मुंह में ही रह गए जब उसने लड़के का चेहरा देखा। उसके सामने एक डैशिंग पर्सनेलिटी का लड़का खड़ा था,,, 6"4 हाइट, गोरा रंग, सिल्की बाल जो माथे पर फैले हुए थे, जिम में बनाई हुई बॉडी। देखने से 25 के आस पास,,,, वह अपलक उसे देखे जा रही थी।
"ओ हैलो..! क्या बोल रही थी तुम.? उसके इस तरह देखने पर वह थोड़ी तेज आवाज में बोलता है।
उसकी आवाज सुनकर उसका ध्यान टूटता है और वह उसे घूरते हुए "अगर तुम सही से देख के चल रहे होते तो मैं गिरती नही" बोलकर वह उठने लगती है कि कराहते हुए वापस बैठ जाती है और अपना पैर पकड़ कर" लगता है मेरे पैर में मोच आ गई है...!!
वह लड़का उसे इग्नोर करके वहा से जाने लगता है, कि उसे वहां से इस तरह जाते हुए देखकर वह गुस्से से "ओह हेलो...! कहां चल दिए.? तुम्हारी वजह से मुझे चोट लग गई और तुम मेरी हेल्प करने की जगह यहां से जा रहे हो.?
"पहली बात की गलती मेरी नही तुम्हारी थी और दूसरी बात मैं तुम्हारी हेल्प क्यों करूं.? अगर तुम्हे मेरी हेल्प चाहिए तो प्लीज बोलना पड़ेगा" लड़के ने एटीट्यूड से कहा।
"प्लीज माय फूट...! श्रीधा ने बड़बड़ाते हुए कहा और इधर उधर देखा। पर उसे वहां फिलहाल कोई नजर नहीं आया जिससे वह हेल्प लेती, ऐसे में मन न होते हुए भी वह धीरे से"प्लीज...! मेरी हेल्प कर दो...!!
वह लड़का उसके पास आकर उसे अपनी गोद में उठाता है और मेडिकल रूम की तरफ लेकर चल देता है।
पहले तो श्रीधा असहज होती है, वह अपनी बाहें उसके गले में डाल देती है। लेकिन जब वह लड़के को देखती है, जिसका सारा ध्यान सामने था। उसे देखते ही वह एक बार फिर से उसके चेहरे को देखती रह जाती है।
"जो भी कहो... यह लड़का है बड़ा हैंडसम" उसने अपने मन में सोचा और साथ ही उसे अपनी सोच पर हैरानी भी हुई। "यह मैं क्या सोच रही हूं??
लड़का उसे मेडिकल रूम में लेकर आता है और उसे चेयर पर बैठा देता है। वह इधर-उधर देखता है, पर वहां पर कोई भी नहीं था, वह रैक में रखे स्प्रे को लेकर आता है और श्रीधा के पैरों के पास बैठ जाता है और उसके दाएं पैर का बूट निकालने लगता है।
"यह तुम क्या कर रहे हो.? श्रीधा अपना पैर पीछे करते हुए बोलती है।
"तुम्हारे पैर का इलाज" बोलकर वह लड़का उसके बूट उतारने जाता है कि वह खुद अपने बूट उतार कर उससे बोलती है" तुम रहने दो..!! स्प्रे मुझे दो... मैं खुद स्प्रे कर लूंगी...!!
"यह इस तरह ठीक नहीं होगा" बोलकर वह उसका पैर पकड़कर उसके पंजे को झटके से मोड़ देता है।
अचानक ही श्रीधा को पैर में तेज दर्द महसूस होता है और उसकी चीख निकल जाती है। वह उस लड़के के कंधे पर मारते हुए"यू बास्टर्ड....! क्या किया तुमने.? मेरे पैर को तोड़ दिया...!
लड़के ने उसपर ध्यान न देकर उसके पैर पर स्प्रे किया और उसे घूर कर" अच्छा होता कि मैं तुम्हारा पैर तोड़ देता" बोलकर वह वहां से चला जाता है।
श्रीधा उसे मारने के लिए खड़ी होती है लेकिन जब उसे अपने पैर में दर्द महसूस नहीं होता है, तो वह हैरानी से "मेरे पैर में तो बिलकुल भी दर्द नही हो रहा है,,,, यह इतनी जल्दी ठीक कैसे हो गया.? फिर वह सोचती है कि उस लड़के ने जब झटके से उसका पैर मोड़ा था, शायद उसी की वजह से उसके पैर की मोच ठीक हो गई है।
तभी उसका फोन रिंग होता है,,, वह कॉल पिक करके" आई एम कर्मिंग..!
""कहा रह गई थी तुम..? कितनी देर से हम तुम्हारा वेट कर रहे हैं" उसके आते ही इंदू ने उससे सवाल किया।
"कुछ नहीं.... एक लड़के की वजह से लेट हो गई "उसने कार में बैठते हुए कहा, तो वह चारों उसे घूरने लगते हैं।
"व्हाट..? ऐसे क्यों घूर रहे हो तुम सब.?
"आज फिर किसी लड़के ने तुझे प्रपोज किया क्या.? बरखा ने एक्साइटेड होते हुए कहा।
"नही....!!
"तो फिर क्या तुमने किसी को प्रपोज किया.? यह गलत बात है..! तुम हमे बताए बिना कैसे किसी को प्रपोज कर सकती हो.? अखिल मुंह फुलाए हुए बोलता है।
"चुप चाप कार स्टार्ट करो..! तुम सबकी फालतू की बकवास में मूवी मिस हो जाएगी" श्रीधा ने चारों को घूरते हुए कहा।
उसकी बात सुनकर सागर जो ड्राइविंग सीट पर बैठा हुआ था, वह कार स्टार्ट करके आगे बढ़ा देता है, लेकिन रास्ते में चारों जबरदस्ती उससे पूरी बात निकलवा ही लेते हैं।
जारी..................
"कल की मूवी कितनी ऑसम थी न" बरखा ने श्रीधा के गले में अपना हाथ डाले उसके साथ कॉलेज कैंपस में चलते हुए कहा।
"हम्मम ....!!
"बस हम्मम...! आज इतनी शांत क्यों हो मैडम.? उसे चुप चाप देख कर सागर ने कहा।
"डैड ने ईको के मार्क्स देख लिए और वह बहुत गुस्से में थे कि मेरे इतने कम मार्क्स कैसे आए। अब मैं उन्हें कैसे बताऊं कि
"ईको मुझे कितनी बोरिंग लगती है" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"ओह..! यह तो बहुत गलत हुआ तुम्हारे साथ..! तो क्या अब तुम ईको की एक्स्ट्रा क्लास लोगी.? उसकी बात सुनकर इंदू उसे देखते हुए बोलती है।
"नो वे...! बोरिंग लेक्चर कौन अटेंड करेगा..! इतना पढ़ लेंगे की पासिंग मार्क्स आ जाए" श्रीधा बरखा का हाथ अपने कंधे से हटा कर उनकी तरफ घूम कर उन्हे देखते हुए बोलती है।
"तुम कभी स्टडी को लेकर सीरियस क्यों नहीं होती हो.? स्टडी दिल से करो तो बोरिंग नही लगती है" इंदू ने श्रीधा को घूरते हुए कहा। ग्रुप में एकलौती वही थी जो स्टडी में तेज थी और एग्जाम के वक्त वही उन सबकी हेल्प करती थी।
"स्टडी में नही..! अभी तो कहीं और दिल लगाने का वक्त है..! अभी तो हमारे आज़ादी से जीने के दिन है,,, बाद में तो जिंदगी पता नहीं कैसे दिन दिखाए" श्रीधा अपने हाथ फैलाए अदा से बोलते हुए उलटे पांव चल रही थी कि वह जैसे ही घूमती है किसी से टकरा जाती है।
"आह..! मेरी नाक" बोलते हुए वह अपना सर उठाती है तो उसके सामने वही लड़का खड़ा था, जिससे वह कल टकराई
थी। वह जल्दी से उससे दूर होती है, पर उसकी लिपस्टिक का निशान लड़के के व्हाइट शर्ट पर छप चुका था, क्योंकि वह उसके सीने से टकराई थी।
"नोट अगेन"लड़के ने गहरी सांस लेकर कहा।
यू...! तुम्हे क्या सच में दिखाई नहीं देता है.? कल मेरा पैर तोड़ दिया और आज मेरी नोज" श्रीधा अपनी नाक सहलाते हुए बोलती है, जो हल्की रेड हो गई थी।
एक्सक्यूज मि मिस...! गलती तुम्हारी है..! तुम कल भी बिना देखे चल रही थी और आज भी" लड़के ने उसे घूरते हुए कहा।
अखिल, सागर, इंदू और बरखा कभी श्रीधा तो कभी उस लड़के को देख रहे थे। श्रीधा की बात से उन्हें अंदाजा हो गया था कि यह वही लड़का है जिससे कल श्रीधा टकराई थी।
"वाउ...! यह लड़का कितना हैंडसम है न" बरखा लड़के को देख धीरे से बोलती है। जबकि उसकी बात सुनकर अखिल, सागर और इंदू उसे घूरने लगते हैं। उनके इस तरह घूरने पर वह अपने दांत दिखाते हुए इधर उधर देखने लगती है।
"गलती न मेरी कल थी और न ही आज है" श्रीधा ने लड़के को घूरते हुए कहा।
"तुम लड़कियां कभी अपनी गलती मानती कहां हो" लड़के ने व्यंग्य से मुस्कुरा कर कहा।
"ओ मिस्टर...! हो गया न.... अब चलते बनो..! तुम्हे पता नहीं है कि तुम किससे पंगा ले रहे हो" श्रीधा के बोलने से पहले, अखिल ने लड़के को घूरते हुए कहा।
"क्यों..? यह कॉलेज की डॉन है क्या.? लड़के ने हंसते हुए कहा।
"हां...! हमारा पूरा ग्रुप ही "बेड ग्रुप" के नाम से फेमस है कॉलेज में..! तुम अपनी भलाई चाहते हो तो चुप चाप यहां से चलते बनो वरना... सागर उसे डराने के इरादे से हाथों का पंच दिखाते हुए बोलता है।
"अच्छा...! तो तुम मुझे मारोगे.? लड़के ने अपने हाथों को फोल्ड करके एटीट्यूड से कहा। उसके इस तरह हाथ फोल्ड करने से उसके बाइसेप्स नज़र आने लगते हैं, जिसे देख कर सागर अपना थूक निगल लेता है।
"लगता है तुम कॉलेज में न्यू हो... इसलिए हम तुम्हे छोड़ दे रहे हैं। आगे से हम तुम्हे कहीं भी दिखाई दे तो अपना रास्ता बदल देना" सागर पीछे हो उसे घूरते हुए बोलता है।
"देखते हैं कौन किसको देखकर अपना रास्ता बदलता है" लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा और वहां से चला गया।
"यह लड़का तो सच में अकडू है" इंदू उसे जाते हुए देख कर बोलती है।
"छोड़ो उसे.... चलो क्लास में चलते हैं" बोलते हुए श्रीधा आगे बढ़ जाती है।
लेक्चर अटेंड करने के बाद वह पांचों कैंटीन में बैठे हुए डोसा खा रहे थे।
"नेक्ट लेक्चर अटेंड करना है या क्लास बंक करनी है.? अखिल श्रीधा को देखते हुए बोलता है।
"सॉरी...! पर मैं आज की क्लास मिस नही कर सकती..! क्लास के बाकी स्टूडेंट्स बोल रहे थे कि कल जो न्यू प्रोफ़ेसर आए हैं, उन्होंने बहुत अच्छे से पढ़ाया है,,, इसलिए आज मैं तुम सबके साथ नही जाने वाली" इंदू उन चारों को देखते हुए बोलती है।
"यह तो मैने भी सुना है...! पूरी क्लास न्यू प्रोफ़ेसर की तारीफ कर रही थी" सागर इंदू की बात से सहमति जताते हुए बोलता है।
"ऐसा क्या.? फिर तो आज की क्लास अटेंड करनी पड़ेगी..! हम भी तो देखे की न्यू प्रोफ़ेसर कैसा पढ़ाते हैं" श्रीधा कुछ सोचते हुए बोलती है।
क्लास में बैठे हुए सभी बातें कर रहे थे, जभी एक आदमी जिसकी उम्र 45 के आस पास थी। आंखों पर चश्मा और बालों में हल्की सफेदी, वह क्लास में आते हैं।
"हेलो स्टूडेंट्स...! माय नेम इज सुदेश तिवारी और मैं...... वह आगे कुछ बोलते उससे पहले वह लड़का जो श्रीधा से टकराया था, क्लास में एंटर करता है।
"यह कोई वक्त है क्लास में आने का और क्या तुम यहां पार्टी में आए हो जो सूट बूट पहन रखा है.? सुदेश तिवारी ने लड़के को घूरते हुए कहा।
"एक्चुअली सर.....!!
"क्या सर...! तुम स्टूडेंट्स का पढ़ाई लिखाई में मन लगता नही है,,, बस घूमना फिरना है" सुदेश तिवारी लड़के को देख गुस्से से बोलते हैं।
जबकि उसे डांट पड़ते हुए देख कर श्रीधा बहुत खुश हो रही थी। वह अपने मन में "इसे तो और डांट पड़नी चाहिए...! कोई नही यह हमारी क्लास में है न,,, इसे मैं इतना परेशान करूंगी
की इसे इस बात पर अफसोस होगा कि इसने इस कॉलेज में एडमिशन क्यों लिया..!
"अरे..! आप मेरी बात तो सुनिए...!!
"कोई बात नहीं सुननी मुझे तुम्हारी,,,, तुम्हे पता नहीं है मैं बहुत स्ट्रिक्ट प्रोफेसर हूं" सुदेश तिवारी ने अपनी आंखो पर लगा चश्मा ठीक करते हुए कहा।
इनफ इस इनफ...! लड़के ने इस बार थोड़े गुस्से से कहा,,, फिर अपने माथे को हल्का सा रब करके "आई एम नॉट ए स्टूडेंट...!! आई एम ए प्रोफेसर..! मेरी कल ही ज्वाइनिंग हुई है,,,, मैं इनका ईको का प्रोफ़ेसर हूं....!!
"व्हाट...? यह सुनकर श्रीधा के साथ साथ उसके चारों दोस्तों का मूंह खुला का खुला रह जाता है।
"व्हाट..? प्रोफ़ेसर.? सुदेश तिवारी ने ब्लैक सूट बूट पहने उस लड़के को ऊपर से नीचे देखते हुए हैरानी से कहा, जो किसी भी एंगल से प्रोफ़ेसर नही लग रहा था।
"यस..! माय नेम इज़ "संकल्प अवस्थी" और आप गलत क्लास में आ गए हैं" संकल्प ने सुदेश तिवारी को देखते हुए कहा।
"ओह..! आई एम सॉरी जेंटलमैन...! सुदेश तिवारी ने अपनी फाइल टेबल पर से उठाते हुए कहा और रूम से बाहर निकल गए।
संकल्प ने एक नज़र पूरी क्लास को देखा और उसकी नज़र श्रीधा और उसके दोस्तों पर आकर ठहर गई,,, उन्हे देख कर उसके चेहरे पर टेढ़ी मुस्कान आ जाती है।
"यह हमे इस तरह क्यों देख रहे हैं.? बरखा ने श्रीधा के कान में फुसफुसाते हुए कहा।
"क्योंकि हमने गलत इंसान से पंगा ले लिया है...! यह तो हमारे सर निकले.... अब यह हमे नही छोड़ने वाले "इंदू ने लाचारगी से कहा।
"स्टूडेंट्स...! कल आधे स्टूडेंट्स का इंट्रोडक्शन रह गया था,, तो बचे हुए स्टूडेंट्स अपना इंट्रो दे"संकल्प चेयर पर बैठते हुए बोलता है।
क्लास के कुछ स्टूडेंट्स जिनका इंट्रो रह गया था, वह अपना इंट्रो देने लगते हैं।
"यार मुझे तो यह बहुत स्ट्रिक्ट नज़र आ रहे हैं" आखिल पीछे से धीरे से बोलता है।
"मैं तो यह सोच रही हूं कि कॉलेज वाले इतने यंग प्रोफ़ेसर कब से अप्वाइंट करने लगे.? बरखा संकल्प को देख खोए हुए स्वर में बोलती है।
"चुप रहोगे तुम दोनो" श्रीधा अखिल और बरखा को घूरते हुए बोलती है।
"हे यू कर्ली हेयर...! स्टैंड अप" संकल्प श्रीधा को देखते हुए बोलता है।
श्रीधा खड़ी हो जाती है तो संकल्प उसे घूरते हुए "गेट आउट ऑफ माई क्लास...!!
"व्हाट..? उसकी बात सुनकर श्रीधा ने हैरानी से कहा।
"क्लास में बात करने वाले स्टूडेंट्स मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है...!!
"बट...! उसने कुछ कहना चाहा।
"नो इफ नो बट.... ऑनली गेट आउट" संकल्प ने थोड़ी तेज़ आवाज़ में कहा।
सभी स्टूडेंट्स श्रीधा को देखने लगते हैं, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी प्रोफेसर ने उसे क्लास से बाहर जाने के लिए बोला था।
श्रीधा गुस्से से संकल्प को घूरते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है, क्योंकि उसकी वजह से पूरी क्लास उसे घूर कर देख रही थी।
उसके चारों दोस्तों को उसके लिए बुरा लगता है और वह भी संकल्प को घूरने लगते हैं।
कंटिन्यू...!! संकल्प स्टूडेंट्स को देख कर बोलता है, जो अपना इंट्रो दे रहे थे।
श्रीधा गुस्से से कॉलेज गार्डन में चलते हुए" सब पता है मुझे की क्यों मुझे क्लास से बाहर निकाल दिया...! पर यह आपने अच्छा नहीं किया प्रोफेसर साहब..!"" अभी आप जानते नही है मुझे, इसका बदला तो मैं लेकर रहूंगी...!!
जारी..................
श्रीधा कॉलेज कैंटीन में बैठे हुए गुस्से से समोसे खा रही थी। उसकी टेबल पर इस वक्त फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, कोल्ड ड्रिंक्स, छोले भटूरे और पेस्ट्री थी,,,, उसे जब बहुत गुस्सा आता था तो उसे बहुत भूख लगती थी।
"हमें पता था तुम हमे यहीं मिलोगी" सागर उसके बगल वाली चेयर पर आकर बैठते हुए बोलता है। बरखा, इंदू और अखिल भी आकर चेयर पर बैठ जाते हैं।
"तुमने तो काफी कुछ मंगा रखा है हमारे लिए "बोलते हुए अखिल पेस्ट्री की तरफ हाथ बढ़ाता है।
"यह सब मेरे लिए है,,,, तुम सब अपने लिए आर्डर करो" श्रीधा उसके हाथ पर मारते हुए बोलती है।
"तुम यह सब अकेले खा जाओगी.? इंदू उसे घूरते हुए बोलती है।
"तुझे तो पता है इंदू,,, जब इसे गुस्सा आता है तो यह इससे भी ज्यादा खा लेती है और आज इसके गुस्से की आग भड़की हुई है न्यू प्रोफ़ेसर के कारण "बरखा हस्ते हुए बोलती है।
"वो सब तो ठीक है लेकिन मैं तो यह सोच कर हैरान हूं कि इतना खाने के बाद भी तेरा वैट ज़रा सा भी नहीं बढ़ता है" अखिल एक फ्रेंच फ्राइज़ का पीस खाते हुए बोलता है।
"यह सवाल तो कई बार मेरे मन में भी आया है" बरखा श्रीधा को देखते हुए बोलती है।
"वो इसलिए बालिके, क्योंकि मुझे ईश्वर ने स्वप्न में आकर वरदान दिया है कि मैं कितना भी खाऊं मेरा वैट नही बढ़ेगा,,,, पर हां मेरे बदले मेरे दोस्तों का वेट जरूर बढ़ेगा" श्रीधा चारों को घूरते हुए बोलती है।
"हे भगवान...! हम मासूमों के साथ इतनी बड़ी नाइंसाफी..! आज पता चला कि मैं मोटा क्यों हो रहा हूं"सागर श्रीधा को घूरते हुए झूठी नाराजगी से बोलता है।
उसकी बात सुनकर श्रीधा के होंठो पर हल्की मुस्कान आ जाती है।
"चलो तुम हसी तो सही.... वरना हमे तो लगा था कि प्रोफ़ेसर का सारा गुस्सा हम पर ही निकलेगा" बरखा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"गुस्सा तो मुझे बहुत आ रहा है..! आज पहली बार पूरी क्लास के सामने मुझे एंबारेस्ड होना पड़ा" श्रीधा गुस्से से बोलती है।
"जाने दे न श्री..! पर जो भी हो वह पढ़ाते बहुत अच्छा हैं" इंदू उसके गुस्से को देख कर बोलती है।
"हां..! यह इसने सही कहा,,, न्यू प्रोफ़ेसर बहुत अच्छा पढ़ाते हैं" अखिल ने इंदू की हां में हां मिलाते हुए कहा।
"तुम दोनों कुछ ज्यादा नहीं बोल रहे हो.? श्रीधा इंदू और अखिल को घूरते हुए बोलती है।
"अच्छा..! हम कुछ नहीं बोलते...! तुम बताओ मूवी चलें.? सागर उसके बिगड़े हुए मूड को देख कर उसका मूड फ्रेश करने के इरादे से बोलता है।
"हां चलो..! श्रीधा ने कहा और पेस्ट्री की लास्ट बाइट खा कर वह उठ गई।
वह पांचों कॉलेज से बाहर निकल कर मूवी देखने के लिए निकल जाते हैं।
श्रीधा कॉलेज के लिए रेडी हो रही थी, वह एक नज़र खुद को देखती है और परफ्यूम स्प्रे करके रूम से बाहर निकल जाती है।
"मॉम डैड कहां हैं.? डाइनिंग टेबल पर अपने डैड को न देख कर श्रीधा अपनी मॉम से पूछती है।
"बेटा उनकी इंपॉर्टेंट मीटिंग थी इसलिए वह दो दिन के लिए आउट ऑफ सिटी गए हैं" समिता ने उसकी प्लेट में नाश्ता निकलते हुए कहा।
"मॉम...! आज मुझे आने में लेट हो जाएगा.! आज सागर का बर्थडे है इसलिए कॉलेज के बाद हम सब क्लब जाएंगे "श्रीधा ने नाश्ता करते हुए कहा।
"ठीक है लेकिन ज्यादा देर नहीं होना चाहिए वरना तुमसे तुम्हारे डैड बात करेंगे" समिता उसे देखते हुए बोलती हैं।
"ओके मॉम...! श्रीधा ने मुस्कुराते हुए कहा और उन्हे बाय बोलकर कॉलेज के लिए निकल गई।
ब्लैक क्रॉप टॉप और ए लाइन स्कर्ट पहने, जो उसके घुटनों से थोड़ा नीचे थी। पैरों में ब्लैक सैंडल, बालों को स्टाइल से बनाए हुए वह आंखों पर ब्लैक शेड्स लगाए जब अपने कार से निकली तो सब उसे ही देख रहे थे।
"हे श्री...! लुकिंग वैरी ब्यूटीफुल..! मेरा तो दिल आ गया तुम पर" सागर श्रीधा के पास आकर अपने दिल पर हाथ रखकर शरारती अंदाज में बोलता है।
"अपने बर्थडे के दिन मुझसे पीटने का इरादा है क्या.? श्रीधा अपने शेड्स उतार स्टाइल से अपने बालों को झटकते हुए बोलती है।
तभी उसकी नज़र संकल्प पर पड़ती है, जो अपनी कार को लॉक करके क्लास की तरफ जा रहा था। ब्लैक जींस पर व्हाइट शर्ट पहने वह देखने में बहुत अट्रैक्टिव लग रहा था। उसने देखा कि आस पास खड़ी लड़कियां उसे ही देख रही
थी,,, वह उस पर से अपनी नजरें हटाती है क्योंकि उसे देख कर उसे कल का वाकया याद आ गया था।
"चलो क्लास रूम में चलते हैं" श्रीधा ने कहा और आगे बढ़ गई।
"अरे..! तुम सब मुझे "हैप्पी बर्थडे" तो बोल दो"सागर मुंह बनाते हुए चारों को देखते हुए बोलता है।
चारों उसे बारी बारी देखते हैं और उसकी पीठ पर एक एक घूंसा मारते हुए "बड़ा आया हैप्पी बर्थडे वाला... हम ऐसे बोलते हैं हैप्पी बर्थडे टू यू..!!
"हाय...! बड़ी ज़ोर से मारा तुम जालिमों ने..! मैं पहला लड़का हूं जो अपने बर्थडे के दिन पिटता है" सागर रोनी सूरत बना कर बोलता है।
"चल ज्यादा सेंटी मत हो" अखिल उसके गले में हाथ डाल कर उसे खींच कर अपने साथ क्लास रूम की तरफ ले जाते हुए
बोलता है।
लंच टाइम होने के बाद सारे स्टूडेंट्स क्लास रूम से बाहर निकल जाते हैं, जबकि श्रीधा अभी भी क्लास में बैठी हुई थी।
"क्या सोच रही हो श्री.? लंच नही करना है क्या.? बरखा उसे सोच में गुम देख कर बोलती है।
"हां..! तुम सब चलो मैं अभी आती हूं" उसे चारों को देखते हुए कहा।
"जल्दी आना" अखिल ने कहा और सबके साथ वहां से चला गया।
कुछ देर के इंतजार के बाद श्रीधा आती है और उन सबके पास बैठ जाती है।
"इतनी देर क्यों लगा दी.? सागर उसे देखते हुए बोलता है।
"वो जरूरी काम कर रही थी" श्रीधा मुस्कुराते हुए बोलती है।
"ईको की क्लास लेनी है या आज भी क्लास बंक करने का इरादा है.? इंदू ने श्रीधा को देखते हुए कहा।
"तुम सब जब प्रोफ़ेसर साहब की इतनी तारीफ कर रहे हो तो सोच रही हूं कि उनकी क्लास अटेंड करके मैं भी देखूं की वह कैसा पढ़ाते हैं..!!
"क्या सच में.? उसकी बात सुनकर बरखा हैरानी से बोलती है।
"हां..! चलो सर के आने का टाइम हो रहा है" श्रीधा ने खड़े होते हुए कहा और आगे बढ़ गई।
चारों ने एक दूसरे को देखा फिर अपने अपने कंधे उचका कर उसके पीछे चल दिए।
संकल्प जैसे ही क्लास में आता है, सभी स्टूडेंट्स उसे ग्रीट करते हैं। वह सबके ग्रीट का जबाव देने के बाद अपनी फाइल टेबल पर रखने के बाद जैसे ही चेयर पर बैठता है,,, अचानक ही वह चेयर टूटती है और वह नीचे गिर जाता है।
उसके नीचे गिरते ही पूरी क्लास हंसने लगती है, श्रीधा और उसके फ्रेंड्स भी मूंह दबा कर हंस रहे थे।
संकल्प उठता है और सभी को गुस्से से देखने लगता है,,, जिससे सारे स्टूडेंट्स डर कर चुप हो जाते हैं।
संकल्प अपने कपड़ों पर लगी धूल को साफ करते हुए" किसकी शरारत है यह.?
उसके सवाल पूछने के बाद क्लास में शांति छाई हुई थी,,, सब एक दूसरे को देख रहे थे।
"मुझे पता है कि यह चेयर अपने आप नही टूटी है,,,, किसी ने यह जानबूझ कर किया है" बोलते हुए अचानक उसकी नज़र
श्रीधा पर रुकती है और वह गुस्से से अपने दांत भींच लेता है।
उसके इस तरह देखने पर श्रीधा इधर उधर देखने लगती है।
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"जिसने भी यह किया है उसे मैं छोड़ने वाला नही हूं" संकल्प ने गुस्से से कहा और प्यून को बुला कर दूसरी चेयर रखने के लिए कहा।
"सर के साथ ऐसा किसने किया होगा.? श्रीधा के बगल में बैठी हुई इंदू उसके कान में फुसफुसाते हुए बोलती है।
"मुझे क्या पता" श्रीधा ने कहा और संकल्प को देख कर हल्का सा मुस्कुरा दी, क्योंकि उसी ने यह किया था और अब जाकर उसे अच्छा लग रहा था।
संकल्प बुक खोल कर रीड करने लगता है और सबको अच्छे से एक्सप्लेन करके बताने लगता है।
श्रीधा अपनी नोट बुक में कार्टून बना रही थी, वह क्या पढ़ा रहा है, उससे कोई मतलब नहीं था। पर उसने ध्यान दिया की पूरी क्लास शांति से उसकी बातों पर ध्यान दे रही है।
"ओके स्टूडेंट्स...! जिसको भी कोई डाउट हो वो एक्स्ट्रा क्लास में या फिर मेरे केबिन में आकर पूछ सकता है" संकल्प क्लास रूम से बाहर निकलने से पहले बोलता है और वहां से चला जाता है।
"सर कितना अच्छा पढ़ाते हैं न.... कब उनकी क्लास ओवर हो जाती है, पता ही नहीं चलता है" एक लड़की ने कहा, तो श्रीधा उसकी बात सुनकर मुंह बना लेती है।
"ओ मैडम कुछ समझ आया तुम्हे.? उसे मुंह बनाते हुए देख कर सागर बोलता है।
"इतना भी अच्छा नहीं पढ़ाते हैं तुम्हारे सर...! मुझे कुछ समझ नहीं आया" श्रीधा बुक बैग में रखते हुए बोलती है।
"मैडम समझने के लिए स्टडी पर ध्यान भी देना पड़ता है और तुम्हारा ध्यान तो सर क्या पढ़ा रहे हैं, उस पर था ही नहीं" इंदू उसे देखते हुए बोलती है।
"मुझे ना सर पसंद है और ना ही उनका पढ़ाया हुआ" श्रीधा खड़े होते हुए बोलती है और क्लास रूम से बाहर निकल जाती है।
"इसका मूड कब बदल जाए कुछ कह नहीं सकते" अखिल गहरी सांस लेकर बोलता है।
श्रीधा गुस्से में बड़बड़ाते हुए जा रही थी कि अचानक कोई उसका हाथ पकड़ कर एक तरफ़ खींचते हुए ले जाता है।
जारी.................
श्रीधा गुस्से से बड़बड़ाते हुए जा रही थी कि अचानक कोई उसका हाथ पकड़ कर एक तरफ़ खींचते हुए ले जाता है।
"व्हाट द हेल..? तुम..... वह आगे कुछ बोलती की सामने खड़े सख्श की घूरती हुई आंखे देख कर वह चुप हो जाती है।
"मिस कर्ली हेयर...! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरा साथ ऐसा बेहूदा मजाक करने की.? संकल्प ने क्लास में हुए वाकए को याद दिलाते हुए श्रीधा से कहा।
"व्हाट आर यू सेइंग.? मैने क्या किया है.? मैने तो कुछ भी नहीं किया" श्रीधा इधर उधर देखते हुए बोलती है।
संकल्प उसकी बाजू को ज़ोर से पकड़ते हुए" मैं जानता हूं कि यह तुमने ही किया है..! तुमने यह ठीक नहीं किया.... अब तुम देखना की मैं क्या करता हूं" उसने उसे घूरते हुए कहा और वहां से चला गया।
"हुंह...! बड़े आए मुझे डराने..!! आपको कभी नहीं पता चलेगा कि वह सब मैने किया था" श्रीधा ने मन ही मन कहा और वहां से पार्किंग एरिया की तरफ चल दी।
उसके फ्रेंड्स पहले से ही कार में बैठे हुए थे, उसके कार में बैठते ही अखिल ने उसे देखते हुए कहा" मैडम का मूड ठीक हो तो क्लब चलें.?
श्रीधा ने उसे देखते हुए अपना सर हां में हिलाया तो अखिल ने कार आगे बढ़ा दी।
वह पांचों क्लब में एंटर करते हैं और इधर उधर देखते हुए आगे बढ़ जाते हैं। वह क्लब बहुत हाई फाई क्लब था जहां सिर्फ वीआईपी लोगों को ही एंट्री मिलती थी।
"वाउ श्री...! यह क्लब तो बहुत अच्छा है" बरखा क्लब को देखते हुए बोलती है।
"मैने कहा था न कि तुम सबको यह क्लब पसंद आएगा" श्रीधा मुस्कुराते हुए बोलती है और उन्हे आगे चलने के लिए बोलती है।
वह सब पहले से बुक टेबल पर जाकर बैठ जाते हैं,,, कई सारे वेटर्स उनके पास आकर टेबल पर खाने पीने के कई आइटम्स रख जाते हैं।
"वाह इन्होंने तो हमारे कुछ बोले बिना ही हमारी पसंद का स्नेक यहां रख दिया "इंदू वहां की अरेंजमेंट्स से खुश होते हुए बोलती है।
"जब मैने टेबल बुक किया था, तभी बता दिया था कि हमे क्या सर्व किया जाए" श्रीधा कोल्ड ड्रिंक की ग्लास उठाते हुए बोलती है।
"वो सब तो ठीक है... पर यह लोग हमें ड्रिंक क्यों नहीं सर्व कर रहे हैं.? सागर टेबल पर कोल्ड ड्रिंक्स देख कर बोलता है।
"क्योंकि मैंने ड्रिंक के लिए मना कर दिया था" श्रीधा कोल्ड ड्रिंक का एक सिप पीते हुए बोलती है।
"दिस इज नॉट फेयर...! आज मेरा बर्थडे है और हम क्या ऐसे सूखे सूखे पार्टी करेंगे.? सागर ने उसकी बात सुनकर मुंह बनाते हुए कहा।
"ड्रिंक करने को ही पार्टी करना नही बोलते हैं... हम ऐसे भी एंजॉय कर सकते हैं" श्रीधा सागर को घूरते हुए बोलती है।
"तुझे पता है न कि श्री ड्रिंक नही करती है, तो इस पार्टी में तू ड्रिंक करना भूल जा"अखिल सागर के कान में धीरे से बोलता है।
सागर मुंह बनाते हुए कोल्ड ड्रिंक उठा कर पीने लगता है।
कुछ देर बाद वह सभी डांस फ्लोर पर थे और तेज़ म्यूजिक में डांस कर रहे थे।
वहां पर डांस कर रहे कुछ लड़कों की नज़र श्रीधा पर ही थी। आज वह बहुत खूबसूरत लग रही थी,, उसकी टॉप से झांकता उसका गोरा पेट साफ नज़र आ रहा था।
डांस करते हुए अचानक ही श्रीधा की नज़र संकल्प पर जाती है। जो फोन पर किसी से बात करते हुए आकर एक टेबल पर बैठ गया था।
"यह यहां क्या कर रहा है.?
"कौन यहां क्या कर रहा है.? उसके बगल में डांस कर रही बरखा ने उसे एक तरफ देख, देखते हुए कहा और उस तरफ देखा, तो सामने संकल्प को देख कर वह खुश होते हुए"सर यहां पर..? लग रहा है वह भी पार्टी करने आए हैं...!!!
"वह कुछ भी करने आए हों, उससे हमे क्या" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा और वापस से डांस करने लगी।
बरखा ने एक नज़र संकल्प को देखा, फिर वह भी डांस करने में बिजी हो गई।
"मैं अभी आती हूं" श्रीधा ने इंदू से कहा और वाशरूम की तरफ चली गई।
कुछ देर बाद वह वापस स्टेज की तरफ आ रही थी कि अचानक ही वह एक लड़के से टकरा जाती है।
लड़का जिसके हाथ में ड्रिंक की ग्लास थी, उसके यूं अचानक टकराने से सारी ड्रिंक उसके ऊपर गिर गई।
"ओह.... आई एम सॉरी..! श्रीधा ने जल्दी से कहा और वहां से जाने लगी।
"हे यू...! व्हाट सॉरी....! तुम्हारी वजह से मेरे ब्रांडेड कपड़े खराब हो गए" लड़का उसके सामने आ उसका रास्ता रोकते हुए बोलता है।
"सॉरी कहा न...! तुम कहो तो तुम्हारे कपड़े जो खराब हुए हैं उनकी पेमेंट कर दूं.? श्रीधा उसे घूरते हुए बोलती है।
लड़का श्रीधा को नीचे से ऊपर तक देखते हुए "तुम्हे पेमेंट ही करनी है तो तुम कुछ और कर सकती हो मेरे लिए...!!
श्रीधा उसकी नजरों को भांपते हुए गुस्से से" अपनी नजरें नीची रखो वरना किसी और लड़की को देखने के लायक नहीं रहोगे...!!
"अच्छा...! क्या कर लोगी तुम.? लड़के ने व्यंग्य से मुस्कुराते हुए कहा।
उसके कुछ दोस्त आकर चारों तरफ से श्रीधा को घेर लेते हैं।
श्रीधा स्टेज की तरफ देखती हैं जहां उसके दोस्त डांस करने में बिजी थे। उसके और स्टेज के बीच काफी दूरी थी, अगर वह उन्हे आवाज़ देती भी तो इतने तेज आवाज में बज रहे म्यूजिक के कारण, उन तक उसकी आवाज़ भी नहीं पहुंचती।
वह गहरी सांस लेती है और लड़के को घूरते हुए" तुम अपने दोस्तों को बुला कर मुझे डराने की कोशिश कर रहे हो तो तुम्हारी कोशिश बेकार है..!!
लड़का हस्ते हुए उसके थोड़ा पास आता है और बोलता है" अभी तुम्हे डर न लग रहा हो,, पर थोड़ी देर बाद तुम्हे डर जरूर लगेगा" बोल कर वह अपने दोस्तों को इशारा करता है, तो उसके दोस्त आकर श्रीधा का दोनो हाथ पकड़ लेते हैं।
"यू बास्टर्ड..! छोड़ो मुझे" बोल कर वह दाएं हाथ पकड़े लड़के के पैर में ज़ोर से मारती है, जिसके कारण उस लड़के की पकड़ ढीली हो जाती है।
वह अपना हाथ छुड़ा कर दूसरे लड़के के हाथ पर ज़ोर से काट कर उसे धक्का देकर जल्दी से आगे बढ़ जाती है।
"पकड़ो उसे...! यह लड़की हमारे आज रात का शिकार है" लड़के ने अपने दोस्तों को घूरते हुए कहा और तेज़ी से श्रीधा के पीछे चल दिया।
श्रीधा पीछे देखते हुए आगे बढ़ रही थी, वह अपने आस पास ऐसी चीज़ ढूंढ रही थी, जिससे वह उन लड़कों को मार सके और साथ ही उसे अपने दोस्तो तक पहुंचना था, जिससे वह इसमें उसकी मदद करें।
अचानक ही वह किसी से टकरा जाती है, वह खुद को संभालने के लिए उस शख्स की कमर को पकड़ लेती है और अपना सर उठा कर देखती है। अपने सामने संकल्प को देख कर वह चौंक जाती है कि एक बार फिर वह उससे टकरा गई।
संकल्प उसे कुछ बोलता उससे पहले उसकी नज़र उन लड़कों पर पड़ी, जो श्रीधा के पीछे आ रहे थे।
श्रीधा ने अपनी गर्दन घुमा कर पीछे की तरफ देखा और उन लड़कों को देखते ही, संकल्प की कमर पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई, जिसे संकल्प ने साफ महसूस किया और एक नज़र उसे देखा, जो उन लड़कों को देख रही थी।
"हे यू...! तुम जो भी हो यहां से चलते बनो और इस लड़की को हमारे पास छोड़ जाओ" लड़के ने संकल्प को घूरते हुए कहा।
"और अगर मैने इसे नही छोड़ा तो.? संकल्प लड़के की आंखों में देखते हुए बोलता है।
वहीं उसकी बात सुनकर श्रीधा उसे देखने लगती है,, वह अभी भी उसके सीने से लगी हुई थी, जबकि संकल्प के दोनों हाथ उसकी पॉकेट में थे।
"तू जानता नही है मुझे..... मिनिस्टर का बेटा हूं मैं" लड़के ने घमंड में चूर हो कर कहा।
"अच्छा...! अगर तुझमें हिम्मत है तो यहां आ और इस लड़की को अपने साथ लेकर जा..!!
संकल्प की बात सुनकर जहां वह लड़का मुस्कुराते हुए उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा देता है।
वहीं श्रीधा हैरानी से उसे देखती है और अपने हाथों को उसकी कमर के चारों तरफ लपेट देती है,, जैसे वह कुछ भी हो जाए वहां से हिलेगी नही।
जारी.....................
संकल्प ने उस लड़के को चेतवानी दी की अगर उसमे हिम्मत है तो वह श्रीधा को पकड़ कर अपने साथ ले जाए।
वहीं उसकी बात सुनकर श्रीधा संकल्प की कमर को अपने हाथों से पकड़ लेती है और अपनी आंखे बंद कर लेती है।
वह लड़का मुस्कुराते हुए उन दोनों के पास आ जाता है और श्रीधा को पकड़ने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाता है।
वह श्रीधा को पकड़ पाता उससे पहले संकल्प उसका हाथ पकड़ लेता है। उसकी पकड़ लड़के के हाथ पर इतनी मजबूत होती है कि लड़के को अपने हाथ की हड्डी टूटती हुई महसूस होती है। वह दर्द से कराहते हुए अपने दोस्तों को देखता है और उन्हें घूरते हुए" तुम सब वहां खड़े क्या देख रहे हो,,, आओ और इसे सबक सिखाओ..!!
उसके कराहने की आवाज़ सुनकर श्रीधा अपनी आंखे खोलती है और लड़के को देखती है, जो दर्द से छटपटा रहा था। फिर वह संकल्प को देखती है, जो आंखों मे गुस्सा लिए उस लड़के को घूर रहा था। श्रीधा का चेहरा संकल्प के चेहरे के सामने था,, वह अपलक उसके चेहरे को देख रही थी।
लड़के के दोस्त आगे बढ़ते हैं संकल्प को मारने के लिए, तो संकल्प श्रीधा को अपने से अलग करके, उसे अपने पीछे कर लेता है और उन लड़कों के सामने आते ही वह उन पांचों को पीटने लगता है।
उनकी लड़ाई देख कर अचानक वहां शांति छा जाती है और सभी लोग उस तरफ आ जाते हैं।
"श्री...! यह सर उन लड़कों को क्यों मार रहे हैं.? इंदू श्रीधा को देखते हुए बोलती है।
श्रीधा उन सबको सारी बात बताती है, तो वह चारों गुस्से से भर जाते हैं और उन लड़कों को मारने के लिए आगे बढ़ते हैं। पर तब तक संकल्प ने मार मार कर उनकी हालत खराब कर दी थी।
कुछ ही देर में वहां पुलिस आ जाती है और उन लड़कों को पकड़ कर उन्हे अपने साथ ले जाने लगती है।
"यह तूने गलत किया..! मंत्री का बेटा हूं मैं... मुझे बाहर आने में वक्त नहीं लगेगा। पर तू अपनी खैर मना.... तुझे मैं छोड़ने वाला नही हूं"उस लड़के ने संकल्प को घूरते हुए धमकी देते हुए कहा।
"तुझे जो करना है, कर लेना... डरता नहीं हूं मैं किसी से "संकल्प ने लड़के की आंखों में देखते हुए कहा।
पुलिस उन लड़कों को खींचते हुए अपने साथ ले जाती है और वहां एक बार फिर से तेज म्यूजिक बजने लगता है। जैसे यह तो रोज़ का है और इन लड़ाइयों से उन लोगों को कोई फर्क ही नहीं पड़ता है।
"थैंक यू सो मच सर...! आपने श्री की हेल्प की"वह चारों संकल्प के पास आकर बोलते हैं।
संकल्प एक नज़र श्रीधा को देखता है, जो चुप चाप एक तरफ खड़ी थी। वह चारों को देखते हुए "तुम सब यहां क्या कर रहे हो.? तुम सबकी पढ़ने की उम्र है और तुम सब क्लब में पार्टी कर रहे हो.? यह जगह तुम लोगों के लिए सेफ नहीं है... तुम सबको ऐसी जगह नही आना चाहिए था..!!
"सॉरी सर...! हमें पता नहीं था कि यहां कुछ ऐसा होगा..! हम तो यहां मेरा बर्थडे सेलिब्रेट करने आए थे" सागर ने संकल्प को देख धीरे से कहा।
"ओह...! हैप्पी बर्थडे...! जाओ बर्थडे एंजॉय करो...! पर नेक्स्ट टाइम यहां आने से पहले एक बार सोचना ज़रूर" संकल्प सागर की बात सुनकर थोड़ा नर्म पड़ते हुए बोला और वहां से जाने लगा।
"सर...! हम थोड़ी देर में केक कट करने जा रहे हैं...! प्लीज...! आप भी हमें ज्वाइन करिए" सागर जल्दी से संकल्प के पास आकर बोलता है।
"मैं..... मैं क्या करूंगा तुम सबके साथ.? तुम सब एंजॉय करो" संकल्प ने हल्का मुस्कुरा कर कहा।
"प्लीज सर...! हमें अच्छा लगेगा" अखिल, बरखा और इंदू भी संकल्प के पास आकर रिक्वेस्ट करते हुए बोलते हैं।
बरखा श्रीधा के पास आकर "तू भी बोल न सर से की वह हमारी बात मान लें...!!
"सर प्लीज..! मैं बर्थडे बॉय हूं तो आप मेरी बात मान लीजिए" सागर ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा, तो संकल्प इनकार नहीं कर पाया।
"ठीक है..! पर मैं ज्यादा देर नहीं रुकूंगा" संकल्प ने चारों को देखते हुए कहा।
येययययय...! उसकी हां सुनकर चारों खुशी से चिल्लाते हैं।
केक कट करने के बाद वह सब डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे, जिसके लिए श्रीधा ने वीआईपी टेबल बुक किया था।
"थैंक यू सर...! आपने मेरी बात मानी और हमारे साथ डिनर करने के लिए रेडी हुए "सागर ने मुस्कुराते हुए कहा।
"वैसे सर...! आपने इतनी कम उम्र में अपनी स्टडी भी कंप्लीट कर ली और प्रोफ़ेसर भी बन गए। यह आपने कैसे किया.? मुझे भी कुछ टिप्स दीजिए" बरखा जल्दी से बोलती है।
बरखा की बात सुनकर संकल्प हंसने लगता है तो बरखा मुंह बनाते हुए "सर मैने कोई जोक नही सुनाया है...!!
"सॉरी...! मुझे पता है कि तुम्हारी बात पर मुझे हंसना नही चाहिए...! तुम्हे ऐसा क्यों लगता है कि मेरी स्टडी इतनी जल्दी कंप्लीट हो गई.?
"क्या सर...! 25 की उम्र में आप प्रोफ़ेसर बन गए,,, फिर भी यह सवाल पूछ रहे हैं.? बरखा ने कहा।
"आई एम नॉट 25... आई एम 30 इयर्स ओल्ड..! संकल्प ने खाने की एक बाइट लेने के बाद कहा।
"व्हाट.? उसकी बात सुनकर वह पांचों हैरानी से बोलते हैं।
"सर.... आर यू जॉकिंग..? सागर ने अपनी हैरानी को छुपाते हुए कहा।
"नही..! मैं सच बोल रहा हूं..!!
"पर आप तो 25 के लगते हैं" इंदू हैरानी से बोलती है।
"हां सर...! आप 30 के होकर 25 के लगते हैं और मुझे देख लीजिए लड़कियां अंकल बोलती हैं मुझे" अखिल ने दुखी स्वर में कहा।
"ऐसा इसलिए क्योंकि मैं जिम जाता हूं और मैंने खुद को मेंटेन करके रखा है। तुम भी जिम जाओगे तो कोई भी लड़की तुम्हे अंकल नही बोलेगी" संकल्प अखिल की बात सुनकर हल्का मुस्कुरा कर बोलता है।
उसकी बात सुनकर अखिल झेंपते हुए मुस्कुरा देता है।
"कोई 30 साल का होकर इतना अट्रैक्टिव कैसे हो सकता है.? श्रीधा प्लेट में चम्मच घुमाते हुए संकल्प को देखते हुए मन ही मन सोच रही थी।
ठीक उसी वक्त संकल्प ने उसकी तरफ देखा, उसके देखते ही वह हड़बड़ा कर इधर उधर देखने लगती है।
"तुम सब को मैं घर ड्रॉप कर दूं.? रात हो गई थी इसलिए संकल्प ने क्लब से बाहर आने के बाद उन सबसे कहा।
"नही सर...! हम श्री के कार से आए हैं,, वह हमें घर ड्रॉप कर देगी" अखिल ने मुस्कुराते हुए कहा।
"ओके..! ध्यान रखना" बोलकर संकल्प वहां से चला जाता है।
"यह क्या है श्री.? सर ने तुम्हारी हेल्प की और तुमने उन्हें थैंक यू तक नहीं कहा" इंदू श्रीधा को घूरते हुए बोलती है।
"हां तो बोल दूंगी न.. जब बोलना होगा...!!
"श्री...! तुम्हे पता है न वह लड़का मंत्री का बेटा है...! तुम्हारे लिए सर उनसे लड़े,, इससे उनका कितना नुकसान होगा,,, वह मंत्री उन्हे छोड़ेगा नही" सागर गंभीर होते हुए बोलता है।
उसकी बात सुनकर श्रीधा कुछ नहीं बोलती है और चुप चाप जाकर कार में बैठ जाती है।
उन चारों ने एक दूसरे को देखा और गहरी सांस लेकर वह सब भी कार में बैठ गए।
श्रीधा सबको घर ड्रॉप करके अपने घर पहुंच जाती है,, समिता हॉल में बैठी हुई उसका इंतजार कर रही थी।
"सॉरी मॉम..! थोड़ा लेट हो गया" श्रीधा उनके पास आकर उन्हें गले लगाकर बोलती है।
"बेटा...! आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए..! हमें चिंता होती है" समिता ने उसे समझाते हुए कहा।
"प्रॉमिस मॉम...! श्रीधा ने मुस्कुराते हुए कहा और अपने रूम की तरफ बढ़ गई।
"गुड नाईट मॉम...!!
"गुड नाईट बेटा..! समिता ने कहा और वह भी अपने रूम की तरफ बढ़ गई।
श्रीधा चेंज करके बेड पर आकर लेट जाती है और क्लब में जो भी हुआ उसके बारे में सोचने लगती है। अभी तो यह बात उसने अपनी मॉम को नही बताई लेकिन कल तो यह बात उनके सामने आ जाएगी। खबर इतनी बड़ी है कि मीडिया में आने में वक्त नहीं लगेगा और फिर उसे रात को घर से बाहर रहने की इज़ाजत नही मिलेगी।
फिर अचानक ही उसकी आंखों के सामने संकल्प का चेहरा आ जाता है। उसकी वजह से उसने उन लड़कों से लड़ाई की,, अगर सच में मंत्री ने उसे नुकसान पहुंचा दिया तो,,, यह सोच कर उसके माथे पर पसीना आने लगता है।
जारी...........….........
क्लब से आने के बाद श्रीधा बेड पर लेटी हुई थी और संकल्प के बारे में सोच रही थी। उसने उसकी हेल्प की और उसने उसे थैंक यू भी नही बोला। साथ ही अगर मंत्री ने उसे कोई नुकसान पहुंचा दिया तो,,, कहीं उसकी वजह से उसकी जॉब चली गई तो। यह सोच सोच कर उसे बहुत टेंशन हो रही थी, वह गहरी सांस लेती है और आंखे बंद कर मन में" कल जो होगा देखा जाएगा,, पर कल कॉलेज जाने के बाद सबसे पहले मैं सर को थैंक यू कहूंगी..!!
व्हाइट कलर की डॉटेड फ्रॉक पहने, जो उसके घुटने तक थी, श्रीधा कार से बाहर निकलती है और कार को लॉक करके आगे की तरफ बढ़ जाती है। वह अपनी सोच में गुम आगे बढ़ती जा रही थी कि उसके फ्रेंड्स ने उसे आवाज दी।
श्री...!!
अपना नाम सुनकर उसका ध्यान भंग हुआ तो उसने देखा कि उसके फ्रेंड्स उससे कुछ दूरी पर खड़े हैं,, वह उनकी तरफ कदम बढ़ा देती है।
"तुम्हारा ध्यान किधर है.? हम कबसे तुम्हे आवाज़ दे रहे थे" बरखा उसके आने के बाद उसे घूरते हुए बोली।
"क्या तुम सबने आज की न्यूज देखी या पढ़ी.? बरखा की बात को नजर अंदाज करते हुए श्रीधा ने उन चारों को देखते हुए कहा।
हां..! वह चारों उसे देखते हुए बोलते हैं।
"क्या तुम सब भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रही हूं.? श्रीधा चारों को देखते हुए बोलती है।
हम्मम....! चारों ने एक साथ कुछ सोचते हुए कहा।
हाउ कैन दिस बी पॉसिबल.? श्रीधा सोचते हुए बोलती है।
"हां हम भी तब से यही सोच रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है.? अखिल ने कहा।
"इतनी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज़ किसी भी न्यूज चैनल या न्यूज पेपर में नहीं है। जबकि अभी तक मीडिया नमक, मिर्च, मसाला लगा कर यह न्यूज लोगों के सामने पेश कर चूकी होती। आखिर मंत्री के बेटे को अरेस्ट किया गया था"इंदू कुछ सोचते हुए बोलती है।
"आई थिंक..! शायद मंत्री ने ऐसा किया हो की इससे उसकी इमेज खराब न हो.? बरखा ने अंदाज़ा लगाते हुए कहा।
"जो भी हो...! मॉम डैड को नहीं पता चला यह अच्छा है" श्रीधा ने गहरी सांस लेकर कहा और क्लास रूम की तरफ बढ़ गई। उसके पीछे वह चारों भी चल देते हैं।
संकल्प क्लास में आता है और सभी स्टूडेंट्स को देखते हुए "सो स्टूडेंट्स.... सभी टेस्ट के लिए रेडी हो जाओ....!!
"टेस्ट.? क्या आज सर टेस्ट लेने वाले थे.? श्रीधा ने अपने फ्रेंड्स को देखते हुए कहा।
हां...! इंदू ने कहा।
"पर ऐसा उन्होंने कब कहा था.?
"तुम्हारा ध्यान जब क्लास में रहेगा, तभी तो तुम्हे कुछ पता चलेगा" बरखा ने उसे घूरते हुए कहा तो श्रीधा उसे देख कर मुंह बनाने लगी।
साइलेंस क्लास और लिखना स्टार्ट करो,,, जिसके भी नंबर कम आएंगे,, कल उन्हे अपने पैरेंट्स को बुला कर लाना होगा" संकल्प ने तेज़ आवाज़ में कहा।
"व्हाट..? उसकी बात सुनकर हैरानी से श्रीधा के मूंह से निकला।
"ओह गॉड..! अगर ऐसा हो गया तो डैड मुझपर बहुत गुस्सा करेंगे..!!
"यह तो स्टडी न करने से पहले सोचना चाहिए था न" इंदू उसे घूरते हुए बोलती है।
श्रीधा मुस्कुरा कर"तू है न मेरी बेस्टी.... टेस्ट में मेरी हेल्प कर दे..!!
इंदू कुछ बोलती उससे पहले संकल्प उन सबको देखते हुए" सभी स्टूडेंट्स अपनी अपनी सीट चेंच करेंगे...!
यह सुनकर श्रीधा की उम्मीदों पर पानी फिर गया, उसने तो सोचा था इंदू की हेल्प से वह टेस्ट में अच्छे नंबर ले आएगी,, पर अब क्या होगा.?
संकल्प सबको अलग अलग जगह पर बैठा देता है और टेस्ट स्टार्ट करने को बोलता है।
श्रीधा को थोड़ा बहुत आता था,, जैसे तैसे वह थोड़ा बहुत लिखती है और इधर उधर देखने लगती है। सभी स्टूडेंट्स लिखने में बिजी थे, वह पेन अपने मुंह में डाले सबको देख रही थी कि उसकी नज़र संकल्प पर पड़ती है, जो उसे ही घूर रहा था। वह हड़बड़ा कर पेन मुंह से निकालती है और लिखने का नाटक करने लगती है।
टाइम ओवर होने पर संकल्प सबसे टेस्ट पेपर ले लेता है और बोलता है"मेरे सब्जेक्ट में मुझे कोई लापरवाही पसंद नहीं है, इसलिए मेरे सब्जेक्ट में सबके नंबर अच्छे आने चाहिए।
वह क्लास से बाहर चला जाता है तो श्रीधा इंदू के पास आकर "मेरे नंबर तो सबसे कम आएंगे... पता नहीं यह खडूस मेरे पेरेंट्स के सामने मेरी कितनी इंसल्ट करेगा..!!
"श्री...! वह सर हैं हमारे और उम्र में हमसे बड़े हैं,, उनके बारे में ऐसा नहीं बोलते" इंदू उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए बोलती है।
"तू अपना ज्ञान अपने पास रख... मेरे लिए तो वह खडूस ही रहेगा" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा और क्लास रूम से बाहर निकल गई।
आज तो वह सोच कर आई थी कि वह संकल्प को "थैंक यू" बोल देगी क्योंकि कल क्लब में उसने उसकी हेल्प की थी। पर आज के टेस्ट के बाद उसका मूड खराब हो गया था, वह गहरी सांस लेती है और मन में"जो भी हो... उन्होंने मेरी हेल्प की है तो मुझे उनको थैंक यू बोलना ही होगा..! यह सोच कर वह उसके केबिन की तरफ बढ़ जाती है।
संकल्प पेपर्स चेक कर रहा था, जब केबिन का डोर नॉक हुआ।
"कम...! उसने पेपर्स चेक करते हुए कहा।
श्रीधा गहरी सांस लेती है और केबिन के अंदर आकर उसके सामने खड़ी हो जाती है। वह अपनी उंगलियों को आपस मे उलझाते हुए सोच रही थी कि बात की शुरुवात कहां से करे।
जब काफी देर तक संकल्प को सामने से कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी, तो वह अपना सर उठा कर सामने देखता है और अपने सामने श्रीधा को देखते हुए हैरानी से"तुम यहां क्या कर रही हो.?
"वो.... मुझे आपसे कुछ कहना था" श्रीधा नीचे फर्श को देखते हुए बोलती है।
"मैं भी तुम्हे ही बुलाने वाला था..! यह क्या है.? बोलकर वह उसका पेपर उसके सामने टेबल पर रख देता है, जिसमें उसके ज़ीरो मार्क्स आए थे।
"व्हाट.... ज़ीरो मार्क्स.? आपने मुझे ज़ीरो क्यों दिया.? मैने कुछ क्वेश्चन के आंसर्स लिखे थे" श्रीधा पेपर को हाथ में उठा कर संकल्प को घूरते हुए बोलती है।
"ओह रियली.? संकल्प व्यंग से बोलता है।
"यस..! आपने मुझे जानबूझ कर ज़ीरो दिया है"..!!
"ओह... और मैं ऐसा क्यों करूंगा..?
"क्योंकि..... क्योंकि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं और इसलिए भी क्योंकि उस दिन आप मेरी वजह से क्लास में नीचे गिर...... बोलते हुए अचानक वह अपनी जीभ दांतो तले दबा लेती है और संकल्प को देखने लगती है जो उसे ही घूर रहा था।
"मेरा मतलब है कि भले ही मुझे इको नही पसंद पर मेरे ज़ीरो मार्क्स नही आ सकते" उसने जल्दी से अपनी बात को संभालते हुए कहा।
"तो तुमने एक्सेप्ट कर लिया की उस दिन गलती तुम्हारी थी। वैसे तो यह बात मैं पहले से ही जानता था कि तुम्हारे अलावा यह कोई और नहीं कर सकता है। तो अब तुम कल अपने पैरेंट्स को कॉलेज लेकर आ रही हो,, आखिर उन्हे भी तो पता चले कि उनकी बेटी कितनी इंटेलिजेंट है..!!
"मॉम डैड.. कल नही आ सकते..!!
"क्यों नहीं आ सकते.?
"क्योंकि.... क्योंकि वह दोनों बाहर गए हुए हैं कुछ दिनों बाद आएंगे..!!
उसकी बात सुनकर संकल्प अपनी जगह से खड़ा होता है और उसके पास आकर उसे घूरते हुए"मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि तुम बहाने बना रही हो..!!
"मैं सच बोल रही हूं" वह इधर उधर देखते हुए बोलती है।
वह कुछ देर उसे घूरने के बाद" तुम यहां किसलिए आई थी.?
"मैं यहां आपको कल के लिए "थैंक यू" बोलने आई थी,,, पर आप न खडूस हो...! मेरी गलतफहमी थी कि मैने आपको अच्छा समझा" श्रीधा मुंह बनाते हुए बोलती है।
उसकी बात सुनकर संकल्प उसका हाथ पकड़ कर गुस्से से"तुम मुझे क्या समझती हो मुझे फर्क नहीं पड़ता..! अगर तुम्हारी नज़र में मैं बुरा हूं... तो हां मैं बुरा हूं... इतना बुरा की तुम सोच भी नहीं सकती। मैने तुमसे नही कहा की तुम मेरे बारे में सोचो.... इस पूरे कॉलेज में एक तुम ही बेवकूफ लड़की हो...!!
उसके मुंह से अपने लिए बेवकूफ सुन कर श्रीधा को गुस्सा आ जाता है"वह उसके चेहरे के पास अपना चेहरा ले जाकर "आपने मुझे बेवकूफ कहा.? पूरे कॉलेज में मुझसे स्मार्ट और इंटेलिजेंट गर्ल कोई नहीं है..!!
"वह तो तुम्हारे मार्क्स से पता चल रहा है कि तुम कितनी इंटेलिजेंट हो" संकल्प उसकी आंखों में देख कर व्यंग से मुस्कुरा कर बोलता है।
श्रीधा उसके और पास आकर गुस्से से अपने दांत पीसते हुए" आप इस तरह मेरी इंसल्ट नही कर सकते..!!
उसके इस तरह पास आने पर संकल्प असहज हो जाता है और उसके चेहरे के भाव बदल जाते हैं। उसके चेहरे के बदलते भाव देख कर श्रीधा को एहसास होता है कि वह उसके कितने करीब खड़ी है,, वह झट से पीछे होने जाती है कि लड़खड़ा जाती है। वह खुद को गिरने से बचाने के लिए संकल्प की शर्ट को पकड़ लेती है,, उसके इस तरह शर्ट पकड़ने से संकल्प भी लड़खड़ा जाता है और वह श्रीधा को संभालने के चक्कर में उसे कमर से पकड़ कर अपने करीब कर लेता है।
जारी..........................
श्रीधा संकल्प के केबिन में आई हुई थी, उसे कल के लिए थैंक यू बोलने क्योंकि उसने उसकी जान बचाई थी। पर कैबिन में आते ही संकल्प उस पर भड़क जाता है क्योंकि श्रीधा के जीरो मार्क्स आए थे और वह श्रीधा से बोलता है कि वह अपने पेरेंट्स को बुला कर लाए और साथ ही वह श्रीधा को बेकफुफ भी बोलता है। जिसपर श्रीधा अपना बचाव करते हुए बोलती है कि वह बेवकूफ नहीं है। इस पूरे कॉलेज में उससे ज्यादा ब्यूटीफुल और इंटेलीजेंट कोई नहीं है,, जिसपर संकल्प व्यंग से मुस्कुरा देता है।
"आप इस तरह मुझ पर हंस क्यों रहे हैं.? संकल्प को खुद पर हस्ते हुए देख कर श्रीधा मुंह बनाते हुए बोलती है।
"हस रहा हूं यह सोच कर कि तुम कितनी बड़ी गलतफहमी में हो और तुम जैसे लोगों की गलतफहमी में अच्छे से दूर करना जानता हूं" संकल्प ने श्रीधा को घूरते हुए कहा।
श्रीधा संकल्प के पास आकर उसकी आंखों में देखते हुए" आप इस तरह मेरा मजाक नहीं उड़ा सकते हैं, जबकि आप अभी अच्छे से मुझे जानते भी नहीं हैं...!!
उसके इस तरह पास आने पर संकल्प असहज हो जाता है और उसके चेहरे के भाव बदल जाते हैं। उसका चेहरा पहले से भी ज्यादा कठोर नज़र आने लगता है।
उसके चेहरे के बदलते भाव और उसकी कठोरता को देख कर श्रीधा डर जाती है। उसे एहसास होता है कि उसे इस तरह संकल्प के पास नहीं आना चाहिए था। इसलिए वह जल्दी से पीछे होती है कि वह लड़खड़ा जाती है और गिरने लगती है। गिरने के डर से खुद को बचाने के लिए वह संकल्प की शर्ट को पकड़ लेती है। उसके इस तरह शर्ट पकड़ने पर संकल्प भी लड़खड़ा जाता है और श्रीधा को संभालने के लिए उसे कमर से पकड़ कर उसे अपने पास खींच लेता है।
श्रीधा डर से अपनी आँखें बंद कर लेती है,, वहीं संकल्प भी राहत की सांस लेता है। श्रीधा के दोनों हाथ संकल्प के कंधे पर थे, वहीं संकल्प के दोनों हाथ श्रीधा की कमर पर थे।
श्रीधा अपनी आँखें खोलती है तो उसकी नज़र संकल्प की नजरों से टकराती है। इस वक्त वह दोनों बेहद पास थे, उन दोनों का चेहरा एक दूसरे के बेहद करीब था। उनके होंठों के बीच एक इंच का फासला था, वह तो हैरानी से संकल्प को देखने लगती है।
वहीं संकल्प झटके से श्रीधा को दूर करता है और उसे घूरते हुए" हिम्मत भी कैसे हुई तुम्हारी मुझे छूने की...!!
"आई एम सॉरी सर...! वो.... गलती से हो गया" श्रीधा ने घबराते हुए कहा।
"आइंदा यह गलती दुबारा नहीं होनी चाहिए" संकल्प ने अपने दांत पीसते हुए गुस्से में कहा और साथ ही उसे कल अपने पेरेंट्स को बुलाने की सख्त वार्निंग देता है।
"सर प्लीज़..! ""आपको जो बोलना है मुझे बोल दीजिए या फिर डांट लीजिए,,, पर प्लीज़ मेरे पेरेंट्स को मत बुलाइए" श्रीधा ने जल्दी से कहा।
"सॉरी मिस कर्ली हेयर...! मैं ऑलरेडी तुम्हारे फादर को कॉल करके कल आने के लिए बोल चुका हूं। इको में तुम्हारी परफार्मेंस ज़ीरो है, ऐसे में यह बात तुम्हारे पैरेंट्स को पता होना जरूरी है,, तुम्हारे ब्राइट फ्यूचर के लिए"संकल्प हल्का सा झुक कर टेबल पर हाथ रख कर श्रीधा को देखते हुए अपनी सख्त आवाज़ में बोलता है।
उसकी बात सुनकर श्रीधा का चेहरा घबराहट से पिला पड़ गया। उसने अपने गुस्से को कंट्रोल करने के लिए अपने दांत भींच लिए और सोचने लगी कि कल उसे उसके डैड से बहुत डांट पड़ने वाली है। उसके मॉम डैड उसे बहुत प्यार करते हैं लेकिन पढ़ाई के मामले में वह बहुत स्ट्रिक्ट हैं।
"चलो अब जाओ यहां से" संकल्प ने चेयर पर बैठते हुए कहा और बाकी स्टूडेंट्स की फाइल्स चेक करने लगा।
श्रीधा उदास सी उसके केबिन से बाहर निकल जाती है और आकर कैंटीन में बैठ जाती है।
उसके फ्रेंड्स भी उसे ढूंढते हुए आकर उसके पास बैठ जाते हैं और उसे इस तरह उदास देख कर एक दूसरे को देखने लगते हैं।
"क्या हुआ,, इस तरह उदास क्यों बैठी हो.? अखिल ने पूछा।
"लंका लुट गई...! मेरे इको में जीरो मार्क्स आए हैं और उस खडूस ने डैड को कल कॉलेज बुलाया है। तुम्हे तो पता है न कि मॉम डैड मेरी पढ़ाई को लेकर कितने सीरियस हैं,, मेरी तो अच्छे से बैंड बजने वाली है" श्रीधा ने रोनी सी शक्ल बनाते हुए कहा।
"तो तुम कोई अच्छा सा बहाना बना देती, इसमें तो तुम एक्सपर्ट हो" सागर ने जल्दी से कहा।
श्रीधा सागर को घूरते हुए" तुम्हे क्या लगता है मैने बहाना नहीं बनाया होगा। खडूस को पता था कि मैं बहाना बनाऊंगी इसलिए उसने पहले ही डैड को कॉल कर दिया था..!!
"यह सर तो बहुत ज्यादा इंटेलीजेंट हैं" इंदू ने संकल्प की तारीफ करते हुए कहा,, तो सारे उसे घूर कर देखने लगते हैं।
"देखते हैं कल क्या होता है,, पर मैं खडूस से इसका बदला लेकर रहूंगी" श्रीधा ने गुस्से से कहा और घर जाने के लिए वहां से निकल गई।
उसके चारों दोस्त गहरी सांस लेकर एक दूसरे को देखते हैं और वह सब भी अपने घर के लिए चल देते हैं।
संकल्प का केबिन
ब्लैक शर्ट और ग्रे फॉर्मल पेंट पहने संकल्प अपनी चेयर पर बैठा हुआ था। जबकि उसके सामने वाली चेयर पर श्रीधा के डैड विनय मुखर्जी बैठे हुए थे,, वही श्रीधा अपना सर झुकाए उनकी बगल में खड़ी थी।
वह एक नज़र संकल्प को देखती है जो उसके डैड से बातें कर रहा था। वह अपने मन में "वैसे तो यह बहुत खडूस है,, पर आज बहुत हैंडसम लग रहे हैं...!!
जैसे ही उसने सोचा अचानक से संकल्प ने उसे घूर कर देखा। जिससे हड़बड़ा कर श्रीधा इधर उधर देखने लगी,, वह अपने आप से"यह मन की बातें भी सुन लेते हैं क्या..!!
"मिस्टर मुखर्जी...! आपकी बेटी के इको में जीरो मार्क्स आए हैं,, यह अपनी स्टडी पर ध्यान नहीं देती है,,, आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है" संकल्प ने विनय मुखर्जी को देखते हुए कहा।
विनय एक नज़र श्रीधा को देखने के बाद संकल्प को देखते हुए बोलते हैं" मैं जानता हूं कि इको में यह थोड़ी कमज़ोर है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है। हमने बहुत कोशिश कि पर इको इसे समझ नहीं आती है,, लगता है एक बार फिर इको का ट्यूशन लगाना पड़ेगा..!!
"जी बिल्कुल...! मिस मुखर्जी को इको के एक्स्ट्रा क्लास की जरूरत है, क्योंकि मेरे सब्जेक्ट में अगर नंबर कम आए तो मैं बहुत स्ट्रिक्ट हूं" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
"सर ..! इफ यू डोंट माइंड... क्या आप श्री को इको पढ़ा सकते हैं.? विनय ने संकल्प को देखते हुए कहा।
उनकी बात सुनकर श्रीधा को झटका लगा,, उसे तो खडूस की क्लास अटेंड करने का मन नहीं होता है तो वह उनके पास इको कैसे पढ़ सकती है। नहीं कुछ भी हो जाए मैं इस खडूस से इको की कोचिंग नहीं लूंगी" उसने मन में सोचा।
"सॉरी मिस्टर मुखर्जी...!! पर मैं किसी भी स्टूडेंट को इको की कोचिंग नहीं देता हूं,, इसके लिए आपको कोई और टीचर देखना पड़ेगा" संकल्प ने उनकी बात को नकारते हुए कहा।
"हमने पहले भी श्री को इको की कोचिंग के लिए भेजा था पर उसमें कोई सुधार नहीं आया। आप स्ट्रिक्ट हैं,, शायद आप इसे अच्छे से हैंडल कर पाएं" विनय ने संकल्प से रिक्वेस्ट करते हुए कहा।
"डैड...! आप सर को क्यों फोर्स कर रहे हैं,, उनके पास और भी काम होंगे। उनका बहुत बिजी शेड्यूल है,, उनके पास वक्त नहीं होगा मुझे पढ़ाने का। मैं अब से मन लगाकर इको पढूंगी और पासिंग मार्क्स तो ले ही आऊंगी" श्रीधा ने जल्दी से कहा।
"शट योर माउथ..! संकल्प ने श्रीधा को घूरते हुए कहा।
संकल्प की डांट सुनकर श्रीधा चुप हो जाती है और मन ही मन संकल्प को सुनाने लगती है।
"प्लीज़...! आई रिक्वेस्ट यू... मेरी श्री के ब्राइट फ्यूचर के लिए,,, आप जो कहेंगे और जैसा कहेंगे,, वैसा ही श्री करेगी" विनय ने एक बार फिर से संकल्प से विनम्र स्वर में निवेदन किया।
"डैड....! श्रीधा ने कुछ कहना चाहा कि संकल्प अपनी कठोर आवाज़ में"ओके.... आई एग्री...!!
"सर आप.... श्रीधा ने कहना चाहा कि संकल्प ने घूर कर उसे देखा कि घबराहट से उसके आगे के शब्द उसके मुंह में ही रह गए और उसने रोनी सी सूरत बना ली।
"थैंक यू सो मच...! आपने मेरी बात मान ली" विनय ने मुस्कुराते हुए कहा।
"मैं तैयार हूं... पर जैसा कि आपने कहा कि मिस मुखर्जी मेरी हर बात मानेगी,,, अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं उसी वक्त से उसे पढ़ाना छोड़ दूंगा" संकल्प ने चेतावनी भरे लहजे में कहा।
"ऐसा नहीं होगा मैं आपसे प्रोमिस करता हूं"विनय ने मुस्कुराते हुए कहा और श्रीधा को देखते हुए" श्री... तुम अपने प्रोफेसर की सारी बात मानोगी न..!!
श्रीधा रोनी सी शक्ल बनाए अपना सर हां में हिलाती है और संकल्प को घूर कर देखने लगती है। जबकि संकल्प चेहरे पर एटीट्यूड लिए अपनी आंखों से श्रीधा को चेतावनी देता है कि अब वह उससे बच कर रहे।
जारी.........…............
श्रीधा और विनय मुखर्जी कॉलेज से वापस आ गए थे। श्रीधा गेट खोलते हुए तेज कदमों से अंदर आती है, उसके चेहरे पर गुस्सा और नाराज़गी साफ नज़र आ रहा था। वह गुस्से से अपना बैग सोफे पर फेंकती है और एक तरफ खड़ी हो जाती है।
"डैड आपको क्या जरूरत थी उस खडूस से यह बोलने की,, कि वह मुझे ट्यूशन पढ़ाए और यह फैसला करने से पहले आपने एक बार मुझसे पूछा भी नहीं" विनय के अंदर आते ही श्रीधा ने गुस्से से कहा।
"श्री...! माइंड योर लैंग्वेज.... हि इज योर प्रोफेसर "विनय ने श्रीधा को घूरते हुए कहा।
"डैड...! मुझे वो बिल्कुल भी पसंद नहीं है और मुझे उनसे ट्यूशन नहीं पढ़ना है और यह मेरा आखिरी फैसला है" श्रीधा ने विनय को देख मुंह बनाते हुए कहा।
"ओके...! जैसे ही विनय ने कहा,, श्रीधा ने हैरानी से उन्हें देखा। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके डैड इतनी आसानी से उसकी बात मान गए।
"अगर तुम्हे संकल्प से इको नहीं पढ़ना है तो कोई बात नहीं। पर अब से तुम्हारी पॉकेट मनी बंद, बाहर घूमना फिरना बंद,, तुम्हारी फालतू की शॉपिंग बंद" विनय ने श्रीधा को देख हल्का सा मुस्कुरा कर कहा।
"नो डैड...! यू कांट डू दिस टू मि.! श्रीधा ने गुस्से से कहा।
"मैं ऐसा ही करूंगा,,, अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो..! "हम तुमसे बहुत प्यार करते हैं बेटा..! तुम्हारे लिए क्या अच्छा है और क्या नहीं यह हमें अच्छे से पता है,, अब सोचना तुम्हे है कि अब भी तुम्हारी ना है ट्यूशन के लिए" विनय श्रीधा को देखते हुए बोलते हैं।
उनकी बात सुनकर श्रीधा सोच में पड़ जाती है और मन न होते हुए भी उसे उनकी बात माननी पड़ी। वह हताशा भरे स्वर में" ओके... फाइन...! मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है..!! फिर अपने मन में" आने दो उन्हें... मैं उन्हें इतना परेशान कर दूंगी कि वह खुद ही मुझे पढ़ाने से मना कर देंगे" सोचते हुए उसके चेहरे पर शैतानी हंसी आ जाती है।
"और एक बात... अगर तुमने संकल्प को परेशान करने का सोचा भी तो,, तुम्हे हम यहां से दूर भेज देंगे स्टडी के लिए" अपनी बेटी की हरकतों को अच्छे से जानते थे विनय,, इसलिए उन्होंने उसे पहले ही चेतावनी दे दी।
श्रीधा ने रोनी सी शक्ल बनाते हुए अपने डैड को देखा और गुस्से से अपना पैर पटकते हुए अपने रूम की तरफ बढ़ गई।
"यह आप दोनों में किस बात को लेकर बहस हो रही थी" समिता किचन से बाहर आकर विनय के बगल में बैठते हुए बोलती हैं।
"श्री के इको में जीरो मार्क्स आए थे इसलिए श्री के प्रोफेसर ने मुझे उसकी कंप्लेंट करने के लिए बुलाया था। मैने उनसे बात की है कल से वह श्री को ट्यूशन देंगे इको की बस इसी बात से नाराज़ है" विनय समिता को सारी बात बताते हुए बोलते हैं।
"हम दोनों बिजी रहते हैं और श्री पर सही से ध्यान नहीं देते हैं,, शायद इस वजह से उसके मार्क्स कम आए हैं। हमें उसका पहले से भी ज्यादा अच्छे से ध्यान रखना होगा" समिता उदास स्वर में बोलती हैं।
"ऐसा नहीं है समिता...! श्री को पता है कि हम दोनों उससे कितना प्यार करते हैं और इसी प्यार कि वजह से वह थोड़ी जिद्दी हो गई है। संकल्प बहुत स्ट्रिक्ट और अपने काम के प्रति बहुत होनेस्ट है। देखना वह श्री को अच्छे से सुधार देगा और हमारी श्री बहुत समझदार हो जाएगी" विनय समिता को समझाते हुए बोलते हैं।
श्री अपने रूम में आकर गुस्से में इधर से उधर टहल रही थी। वह अपने आप से"मिस्टर खडूस मैं तुम्हे छोडूंगी नहीं...! आज तुम्हारी वजह से डैड ने मुझे पहली बार डांटा है,,, तुम देखना मै क्या करती हूं,, पूरी जिंदगी तुम श्री को भूल नहीं पाओगे...!!
श्रीधा मुस्कुराते हुए कॉलेज आती है उसने ऑफ वाइट कलर का बैकलेस क्रिस क्रॉस बो डिजाइन का फ्लेयर्ड ड्रेस पहनी हुई थी,, जिसमें वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। वह जैसे ही क्लास में आई उसके फ्रेंड्स जल्दी से उसके पास आ जाते हैं।
"श्री... कल तुम क्लास में नहीं आई थी, कल तुम्हारे डैड आने वाले थे न सर से मिलने,, क्या हुआ सर ने ज्यादा डांटा क्या.? इंदू ने श्रीधा के पास बैठते हुए कहा।
"कल मेरा मूड बहुत ऑफ था,, तुम सब को पता है उस खडूस ने डैड के सामने मुझे खूब डांटा। उसकी वजह से कल मुझे डैड से बहुत डांट पड़ी,, एक बार जीरो मार्क्स आने पर कोई इतना डांटता है क्या" श्रीधा ने गुस्से से कहा।
"और नहीं तो क्या.... सर को तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था। पर चलो अब तो सब सही हो गया न,, अब तुम सर से बच कर रहना" बरखा ने हल्का सा मुस्कुरा कर कहा।
"ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि वह खडूस मुझे इको की ट्यूशन पढ़ाने वाले हैं" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा तो उसके चारों दोस्त हैरानी से मुंह खोले उसे देखने लगते हैं।
"यह तुम क्या बोल रही हो.? क्या सच में तुम्हे सर इको की ट्यूशन देंगे.? अखिल ने अविश्वास से कहा।
"हां...!!
"पर सर तो किसी स्टूडेंट को इको की ट्यूशन नहीं देते हैं,, यह उनका रुल है जो वो किसी के लिए नहीं तोड़ते। तो फिर वह तुम्हारे लिए अपने रूल कैसे ब्रेक कर रहे हैं" सागर ने कहा।
"डैड ने खडूस से रिक्वेस्ट की थी और वह खडूस मान गए.! "मुझे तो लगता है कि उन्होंने यह जानबूझ कर किया है,, मुझे परेशान करने के लिए" श्रीधा गुस्से से बोलती है।
"सही कहा तुमने,,, कॉलेज के फर्स्ट डे से तुम सर को परेशान कर रही हो इसी का बदला ले रहे हैं तुमसे सर" इंदू ने कहा तो श्रीधा घूर कर उसे देखने लगती है।
तभी संकल्प क्लास में इंटर करता है तो पूरी क्लास साइलेंट हो जाती है। वह आते ही इको की बुक ओपन करता है और बोर्ड पर लिखते हुए समझाने लगता है।
श्रीधा तो गुस्से से संकल्प की पीठ को घूरे जा रही थी। कल पड़ी डांट की वजह वह संकल्प को मान रही थी। उसके ट्यूशन के लिए मना करते ही कैसे उसके डैड उसकी पॉकेट मनी बंद करने वाले थे।
संकल्प के बोर्ड पर चलते हुए हाथ अचानक रुक जाते हैं और वह पीछे मुड़ कर श्रीधा की तरफ देखता है।
उसके इस तरह अचानक मुड़ कर देखने पर श्रीधा हड़बड़ा जाती है और इधर उधर देखने लगती है।
संकल्प श्रीधा को घूरते हुए "मिस कर्ली हेयर..! स्टैंड अप..! मैने अभी क्या पढ़ाया बताओ...!!
"क्यों.... हर बार मैं ही क्यों.? श्रीधा ने खीजते हुए कहा और खड़ी हो कर"सॉरी सर...! मेरा ध्यान कहीं और था, इसलिए आपने क्या पढ़ाया मैने ध्यान नहीं दिया..!!
"मिस कर्ली हेयर...! तुम यहां पढ़ने आई हो तो तुम्हारा सारा ध्यान पढ़ाई पर होना चाहिए। मुझे तुम्हारे जैसे बेवकूफ स्टूडेंट बिल्कुल पसंद नहीं है... गेट आउट ऑफ माय क्लास" संकल्प ने गुस्से से श्रीधा को देखते हुए अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
"पर सर......
"गेट आउट ऑफ हेयर राइट नाऊ" उसकी बात पूरी होने से पहले संकल्प थोड़ी तेज़ आवाज में बोलता है।
श्रीधा एक नज़र पूरी क्लास को देखती है,, सभी स्टूडेंट मुंह दबा कर हंस रहे थे। वह संकल्प को घूरते हुए क्लास से बाहर निकल जाती है।
साइलेंस...! संकल्प ने चिल्लाते हुए कहा तो पूरी क्लास शांत हो गई।
"इस खडूस को प्रॉब्लम क्या है मुझसे...! जब देखो तब डांटता रहता है। क्लास में और भी तो स्टूडेंट्स थे, उनसे सवाल कर सकते थे,, पर नहीं जानते हैं कि मुझे इको नहीं आती इसलिए जानबूझ कर मुझसे सवाल किया" श्रीधा गुस्से से बड़बड़ाते हुए आकर गार्डन में बैठ जाती है।
क्लास ओवर होने के बाद संकल्प अपने केबिन की तरफ जा रहा था कि गार्डन में बैठी श्रीधा की नज़र उस पर पड़ी। वह मुंह बनाते हुए" आपने यह अच्छा नहीं किया और इसका जवाब आपको देना ही होगा।
मुखर्जी हाउस
"श्री....! बेटा तुम्हारे सर कुछ देर में आने वाले हैं इसलिए ऐसी कोई हरकत मत करना जिससे तुम्हारे सर और तुम्हारे डैड को गुस्सा आए" समिता श्रीधा को समझाते हुए बोलती हैं।
"आई नो मोम...! सुबह से आप और डैड ने मुझे यह बात कितनी बार समझाया है, तो आप परेशान मत होइए" श्रीधा अपनी बुक्स उठा कर स्टडी टेबल पर रखते हुए बोलती है।
"ठीक है फिर मैं नीचे जा रही हूं,, तुम्हारे सर के आते ही उन्हें भेज दूंगी। पर याद से बच्चों वाली हरकतें नहीं करनी है,, सीरियस होकर पढ़ना है" समिता एक बार फिर श्रीधा को समझाती हैं और वहां से चली जाती है।
"खडूस तो कॉलेज में मुझे चैन से सांस नहीं लेने देते,, यहां पता नहीं मेरा क्या हाल करेंगे" श्रीधा मन ही मन सोचती है।
संकल्प आता है तो समिता उसे चाय कॉफी के लिए पूछती हैं, जिस पर वह इंकार करके श्रीधा को पढ़ाने की बात करता है,, तो समिता उसे श्रीधा के रूम में लेकर आती हैं।
पिंक कलर से डेकोरेटेड वह रूम किसी डॉल हाउस की तरह लग रहा था। पिंक पर्दे,, पिंक बेड शीट,, वॉल पिंक कलर की,, एक तरफ रैक पर रखे हुए टेडी बियर और डॉल्स,,, श्रीधा की बड़ी सी तस्वीर।
"अगर कोई जरूरत हो तो मुझे बताइएगा" समिता ने कहा और श्रीधा को आंखों से ही अच्छे से बिहेव करने का इशारा करके वहां से चली गई।
श्रीधा ने संकल्प को देखा जिसके एक हाथ में बुक और दूसरे हाथ में एक स्केल था।
वहीं संकल्प श्रीधा को देखता है, जिसने इस वक्त ब्ल्यू कलर का शॉर्ट डेनिम जींस और स्लीवलेस वाइट टॉप पहना हुआ था। उसे थोड़ा अजीब लगता है,,, वह उस पर से अपनी नजरें हटा कर उसे स्केल से चेयर पर बैठने का इशारा करता है।
जारी.............................
संकल्प श्रीधा को स्केल के इशारे से चेयर पर बैठने के लिए बोलता है। तो श्रीधा स्टडी टेबल के पास आकर चेयर पर बैठ जाती है।
"बुक ओपन करो" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
श्रीधा इको की बुक ओपन करती है तो संकल्प एक चैप्टर ओपन करके उसे बोलता है कि इस चैप्टर को पढ़ो फिर वह क्वेश्चन्स करेगा।
श्रीधा अनमने ढंग से चैप्टर पढ़ने लगती है,, पर उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था,,, सब कुछ उसके सर के ऊपर से जा रहा था।
"फाइन...! अब मैं कुछ क्वेश्चन करूंगा तुम उसके आंसर दो" संकल्प ने बुक के पेज पलटते हुए कहा।
"इलास्टिसिटी ऑफ डिमांड" को एक्सप्लेन करो" संकल्प ने श्रीधा को देखते हुए कहा।
श्रीधा चुप रहती है तो संकल्प दुबारा से "लॉ ऑफ डिमांड..?
सर मुझे याद नहीं है,,, मेरी इको अच्छी नहीं है,, मुझे इको बिल्कुल भी समझ नहीं आती है" श्रीधा ने धीरे से कहा।
"बेवकूफ लड़की...! यह तो कोई छोटा बच्चा भी बता देगा,,, इतने सिंपल क्वेश्चन का भी आंसर नहीं आता है तुम्हे" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
बेवकूफ नहीं हूं मैं...! बस मुझे इको पसंद नहीं है" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"तुम स्टडी को लाइटली ले रही हो और तुम्हारी यह आदत मै बदल कर रहूंगा...!!
"यह इको का टॉर्चर आपने शुरू किया है और इसे खत्म भी आप ही करेंगे।
"बट जस्ट सो यू नो,,, मुझे टॉपर नहीं बनना है" श्रीधा अनमने ढंग से बोलती है।
"मिस कर्ली हेयर,,, यह कोई टॉर्चर नहीं है,,, कॉलेज खत्म होते होते तुम्हे इको पसंद आने लगेगी, बस उससे पहले तुम्हारे एटिट्यूड को सुधारना है" संकल्प ने श्रीधा को घूरते हुए कहा।
"मुझे न इको पसंद आने वाली है और ना ही इको पढ़ाने वाला" श्रीधा ने धीरे से कहा,, जिसे संकल्प ने सुन लिया था।
"सेम हेयर..! मुझे भी तुम जैसी बेवकूफ, जिद्दी, ओवर कॉन्फिडेंट वाली लड़कियों से सख्त नफ़रत है" संकल्प ने अपने दांत पीसते हुए गुस्से से कहा।
"हां तो मैं कौन सा आपसे बोल रही हूं कि आप मुझसे मोहब्बत करो" श्रीधा फ्लो फ्लो में बोल गई। पर जल्द ही उसे एहसास हुआ कि उसने क्या बोल दिया है,, घबरा कर उसने अपनी जीभ को दांतों तले दबा लिया और धीरे से सर उठा कर संकल्प को देखा जो गुस्से से उसे ही घूर रहा था। वह अपने दांत दिखाते हुए "सॉरी सर...!!
संकल्प व्हाइटबोर्ड पर एक डायग्राम बना कर श्रीधा को समझाता है और उसे वही डायग्राम अपनी नोटबुक में ड्रॉ करने को बोलता है।
श्रीधा बोर्ड से देखते हुए डायग्राम अपनी नोटबुक में ड्रॉ करने लगती है।
संकल्प उसके पास आकर झुक कर देखता है कि वह सही से उसका दिया हुआ काम कर रही है कि नहीं। वह एक जगह पर अपनी उंगली रख कर" इसे देखो... जब प्राइज चेंज होता है और डिमांड रिएक्ट करती है तो....
उसी वक्त श्रीधा भी झुकती है डायग्राम को देखने के लिए और बेख्याली में वह अपना हाथ संकल्प के हाथ पर रख देती है।
कुछ सेकंड के लिए दोनों चुप हो जाते हैं और एक पल के लिए दोनों की सांसे थम सी जाती है।
श्रीधा घबरा कर जल्दी से अपना हाथ पीछे करते हुए"सॉरी सर...!!
संकल्प जिसे गुस्सा तो बहुत तेज आया था,, अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए" मिस कर्ली हेयर...! आज इसे अच्छे से समझ लो और याद कर लो,,, क्योंकि कल मैं तुम्हारा टेस्ट लूंगा..!!
"इतनी जल्दी...! अभी आज से ही तो आपने पढ़ाना स्टार्ट किया है और कल टेस्ट" श्रीधा हैरानी से बोलती है।
"वो सब मुझे नहीं पता..! अगर कल तुम्हारे मार्क्स जीरो आए तो मैं तुम्हारे डैड से बोल दूंगा कि तुम्हारा पढ़ाई पर ध्यान नहीं है और मैं तुम्हे नहीं पढ़ा सकता..!!
"दिस इस रॉन्ग सर...! आप ऐसा कैसे कर सकते हैं, इससे तो डैड मुझे फिर डांटेंगे" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"आई डोंट केयर...! मुझे बस अच्छे मार्क्स से मतलब है। "मैं किसी को इको की ट्यूशन नहीं देता हूं और तुम जैसी बेवकूफ लड़की को अपने रूल्स ब्रेक करके पढ़ा रहा हूं तो तुम्हारे नंबर अच्छे आने चाहिए" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
"ये आप बार बार मुझे बेवकूफ क्यों बोल रहे हैं.? श्रीधा को अब गुस्सा आ गया था। वह गुस्से से खड़ी होती है और संकल्प के पास आकर "जब से आए हैं तब से मुझे बेवकूफ बोले जा रहे हैं,, किस एंगल से मैं आपको बेवकूफ नज़र आ रही हूं.? आपको कोई राइट नहीं है मुझे बेवकूफ बोलने का,,, मैं इंटेलीजेंट और ब्यूटीफुल गर्ल हूं..!!
श्रीधा जो संकल्प के काफी पास आ गई थी,, संकल्प उसे अपने स्केल से दूर करता है और सख्ती से" इट्स यौर इल्यूजन..! जिस दिन तुम्हारा भ्रम टूटा तुम्हे समझ आएगा कि तुम एक बेवकूफ लड़की हो..!!
"नोट अगेन...! श्रीधा ने अपने दांत पीसते हुए कहा और वापस अपनी जगह आकर बैठ गई और बुक देखने लगी।
संकल्प ने टाइम देखा,, उसके जाने को वक्त हो गया था" क्लास ओवर... कल टेस्ट के लिए रेडी रहना बोल कर वह वहां से जाने लगता है कि रुक कर" और कल ट्यूशन क्लास लेते वक्त तुम्हारे कपड़े डिसेंट होने चाहिए" उसने कहा और उसके रूम से बाहर निकल गया।
"अब मेरे कपड़ों से इन्हें क्या दिक्कत है" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा और आकर बेड पर लेट गई। "फाइनली थोड़ी देर का रेस्ट मिला... वह खडूस तो ऐसे घूर रहे थे कि सांस लेना भी मुश्किल था..!!
तभी वह झट से उठ कर बैठ जाती है और मुंह बनाते हुए" अभी तो मुझे और पढ़ना है वर्ना कल मार्क्स कम आए तो डैड बहुत गुस्सा करेंगे और मुझे बाहर कहीं भेज देंगे स्टडी के लिए। वह उठती है और वापस से स्टडी टेबल पर बैठ कर स्टडी करने लगती है।
स्टार कॉलेज ऑफ मुंबई
पिच कलर काउल नेक मिडी ड्रेस पहने श्रीधा हाथों में बुक्स लिए आ रही थी। वह बहुत खूबसूरत लग रही थी,, लड़के तो उसे ही देख रहे थे,,, पर जानते थे कि वह किसी को भाव नहीं देती है।
वहीं यह देख श्रीधा अदा से मुस्कुरा देती है और सोचती है" सर मुझे बेवकूफ बोलते हैं, उन्हें देखना चाहिए कि कैसे लड़के मेरे दीवाने हैं..!!
"श्री..!! यू आर लुकिंग वेरी ब्यूटीफुल "बरखा मुस्कुराते हुए बोलती है।
"श्री..! चलो आज मूवी देखने चलते हैं क्लासेज ओवर होने के बाद" सागर ने कहा तो श्रीधा मुस्कुराते हुए" ठीक है...!!
तभी उसे याद आता है कि संकल्प उसे ट्यूशन पढ़ा रहा है और आज उसका टेस्ट है। वह गहरी सांस लेकर धीरे से"सॉरी फ्रेंड्स...! पर मैं तुम सबके साथ मूवी देखने नहीं जा सकती।
"पर क्यों.? अभी तो तुम मूवी देखने के लिए एक्साइटेड थी" अखिल ने कहा।
"तुम सबको तो पता है कल से खडूस मुझे ट्यूशन पढ़ा रहे हैं और आज वह टेस्ट लेंगे,,, इस वजह से मैं मूवी देखने नहीं जा सकती..!!
"श्री..! तुम तो हर ट्यूशन टीचर को परेशान करके भगा देती थी। फिर तुम सर को क्यों नहीं परेशान कर रही हो.? इंदू ने सवाल किया।
"खडूस को तो मैं चुटकियों में भगा दूं.! पर इस बार डैड ने साफ वार्निंग दी है कि अगर मैंने खडूस को परेशान किया या फिर मेरी वजह से उन्होंने मुझे ट्यूशन पढ़ाना छोड़ा तो वह मुझे हॉस्टल भेज देंगे..!!
"ओह..! यह तो बहुत गलत हुआ तुम्हारे साथ,, अब तुम क्या करोगी.? बरखा ने कहा।
"जो कुछ करेंगे,, वो खडूस करेंगे..! मैं उन्हें नहीं भगा सकती,, पर अगर खडूस खुद इनकार कर दे मुझे पढ़ाने से,, बिना मुझे कारण बताए तो डैड मुझे कुछ नहीं बोलेंगे" श्रीधा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"पर सर क्यों बिना कारण के तुम्हे पढ़ाने से मना करेंगे.? अखिल ने हैरानी से पूछा।
"यह तो सोचना पड़ेगा, कुछ ऐसा करना होगा कि मैं उन्हें परेशान करूं और उन्हें पता भी न चले और वह मुझे पढ़ाने से इनकार कर दें" श्रीधा चेहरे पर शरारती मुस्कान लिए बोली।
जबकि उनके कुछ दूरी पर एक तरफ खड़ा संकल्प उनकी सारी बातें सुन चुका था। उसने अपना सर झटका और वहां से अपने केबिन की तरफ बढ़ गया।
श्रीधा और उसके फ्रेंड्स ने सारी क्लास अटेंड किया और अपने अपने घर चले गए। जब श्रीधा मूवी देखने नहीं गई,, तो वह सब भी मूवी देखने नहीं गए।
"श्री..! बेटा मुझे आने में वक्त लगेगा,, बच्चों के एग्जाम हैं तो एक्स्ट्रा क्लास लेनी है। सर के आने पर तुम अच्छे से बिहेव करना और अच्छे से स्टडी
करना" समिता फोन पर श्रीधा को समझाते हुए बोल रही थी।
"मॉम..! "आई एम नोट अ लिटिल गर्ल..! आप बार बार एक ही बात मुझे समझाती रहती हैं" श्रीधा ने हल्के गुस्से से कहा।
"ओके माय बिग गर्ल..! अबसे नहीं कहूंगी....खुश" समिता ने मुस्कुराते हुए कहा और कॉल कट कर दिया।
श्रीधा नोट बुक ओपन करके रीड कर रही थी,, उसने ब्लैक कलर की शॉर्ट ए लाइन लेयर्ड ब्रैप स्कर्ट और रेड कलर का क्रॉप्ड टॉप पहना हुआ था। वह होंठों के बीच पेन दबाए बुक्स में दिए सवालों में उलझी हुई थी।
संकल्प जब रूम में आया तो उसने देखा कि श्रीधा का पूरा ध्यान अपनी बुक में है,, उसे तो उसके आने का आभास भी नहीं हुआ। उसने हल्का सा खांसते हुए
उसकी तरफ कदम बढ़ाया तो श्रीधा का ध्यान भंग हुआ और उसने संकल्प की तरफ देखा।
जारी......................
श्रीधा जिसका पूरा ध्यान आंसर्स याद करने में था,, संकल्प के खांसने पर उसका ध्यान नोटबुक से हटता है और वह संकल्प को देखती है। क्रीम कलर का ट्राउजर और ग्रीन कलर की स्लिम फिट शर्ट पहने वह बहुत ही स्मार्ट लग रहा था।
वह उस पर से अपनी नजरें हटा कर उन्हें "गुड इवनिंग" बोलती है और उन्हें चेयर पर बैठने का इशारा करती है।
संकल्प आकर वहां रखी दूसरी चेयर पर बैठ जाता है तो श्रीधा उससे चाय कॉफी और पानी के लिए पूछती है,, जिस पर वह इंकार कर देता है।
"मिस कर्ली हेयर..! तो तुम रेडी हो टेस्ट के लिए.?
"अगर मैं मना कर दूंगी तो आप टेस्ट नहीं लेंगे क्या.? श्रीधा ने तंज कसते हुए कहा।
"यू हैव द गट्स टू शे नो टू मि.? संकल्प ने पूरे कॉन्फिडेंस से कहा तो श्रीधा ने मुंह बना दिया।
संकल्प व्हाइटबोर्ड पर क्वेश्चन्स लिखता है और श्रीधा को देखते हुए" तुम्हारे पास 45 मिनिट्स हैं आंसर्स लिखने के लिए..!!
"व्हाट.? ऑनली 45 मिनिट्स.? यह तो बहुत कम वक्त है" श्रीधा ने हैरानी से कहा।
"योर टाइम स्टार्ट नाऊ..! संकल्प ने बेपरवाही से कहा तो श्रीधा उसे घूरते हुए नोट बुक में आंसर्स लिखने लगी।
संकल्प अपने फोन में बिज़ी हो गया,, साथ ही उसकी नज़र श्रीधा पर भी थी।
"यौर टाइम इस अप..! संकल्प ने कहा और श्रीधा की नोट बुक को क्लोज कर दिया।
"इतनी जल्दी टाइम खत्म हो गया" श्रीधा ने धीरे से बड़बड़ाते हुए कहा।
संकल्प श्रीधा के आंसर्स चेक करने लगता है और कुछ देर बाद उसकी नोट बुक देते हुए "मुझे तुम्हारे डैड से मिलना होगा..!!
श्रीधा अपने मार्क्स देखते हुए" व्हाट... 10 मार्क्स..? पर मैने और भी आंसर्स तो सही दिए हैं" श्रीधा संकल्प को घूरते हुए बोलती है।
"जानता हूं,, पर 20 मार्क्स मेरी बात न मानने के कटे हैं" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा।
"कौन सी बात है,, जो मैने नहीं मानी..!!
"कल मैने तुमसे कहा था कि जब मैं तुम्हे ट्यूशन पढ़ाने आऊं तो तुम्हारे कपड़े डिसेंट होने चाहिए" संकल्प श्रीधा को घूरते हुए बोलता है।
उसकी बात सुनकर श्रीधा को बहुत गुस्सा आता है, पर वह अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए" आपको मेरे कपड़ों से क्या प्रॉब्लम है.? आप मेरे बॉयफ्रेंड नहीं हैं जो मैं आपकी बात मानूंगी..!!
श्रीधा की बात सुनकर संकल्प को बहुत गुस्सा आता है और वह गुस्से से अपने दांत पीसते हुए" अपने प्रोफ़ेसर के सामने इस तरह के रिवीलिंग ड्रेस कौन पहनता है.? "यू हैव नो मैनर्स..!!
उसकी बात सुनकर श्रीधा का मन हुआ कि वह उसका सर फोड़ दे। आजतक उसके मॉम डैड ने भी उसे कभी उसके कपड़ों को लेकर उसे कुछ नहीं कहा है
और यह दो दिन से आ रहे प्रोफ़ेसर उसे डिसेंट कपड़े पहनने को बोल रहे हैं।
"मुझे इन कपड़ों में कोई खराबी नज़र नहीं आ रही है..!
"ओह रियली.? टेक ए लुक एट योरसेल्फ इन द मिरर.? चेहरे पर तंजिया मुस्कान लेकर संकल्प ने कहा।
श्रीधा संकल्प की बात सुनकर एक बार खुद को मिरर में देखती है और साथ ही उसकी नज़र मिरर में नज़र आते संकल्प पर जाती है, जो अपने फोन में देख रहा था। अचानक ही उसे एहसास होता है कि संकल्प का कहा सच है,,, वह भी तब जब वह एक आदमी के साथ है। उसे शर्म सी महसूस होती है,, पर वह संकल्प के सामने यह जाहिर नहीं करना चाहती थी। इसलिए धीरे से"मुझे तो कुछ नज़र नहीं आया..!!
"तुम्हारे डैड कब तक आएंगे.? उसकी बात को नजरअंदाज करते हुए संकल्प ने सवाल किया।
"क्यों.? आप डैड से नहीं मिलेंगे...! डैड ने मेरे कम मार्क्स देखे तो वह फिर से मुझे डांटेंगे..!!
"तुमने मेरी बात नहीं मानी,, यह बात उन्हें बताना जरूरी है.! उन्हें पता चलना चाहिए कि तुम्हारी हरकतों की वजह मैं तुम्हे अब नहीं पढ़ाऊंगा..!!
"व्हॉट..? उसकी बात सुनकर श्रीधा झटके से संकल्प को देखती है। अगर उसके डैड को पता चला कि उसने उसे पढ़ाने से इनकार कर दिया है तो उसके डैड उसे हॉस्टल भेज देंगे और वह हॉस्टल नहीं जाना चाहती है।
उसने गहरी सांस ली और अपनी बातों में मिठास घोलते हुए "सर...! मैं तो नादान बालिका हूं.! "आप तो बड़े बुजुर्ग हैं,, छोटी बच्ची समझ कर माफ कर दीजिए..! आगे से आपकी बात की अवहेलना नहीं होगी.. मुझ नादान बच्ची को एक और मौका दे दीजिए..!!
उसकी बात सुनकर संकल्प उसे घूरने लगता है,,, बड़ा बुजुर्ग.... किस एंगल से वह बुजुर्ग नज़र आ रहा है।
श्रीधा मासूम सी शक्ल बनाते हुए संकल्प को देखे जा रही थी। जिस पर खीजते हुए संकल्प"ठीक है... पर इस तरह मुंह बनाना बंद करो... कितना इरिटेट करती हो तुम...!!
संकल्प की बात सुनकर श्रीधा राहत की सांस लेती है और धीरे से बड़बड़ाते हुए" इतने खडूस हैं यह,, इनकी वाइफ तो पक्का इनसे दुःखी रहती होगी....! बेचारी...हर वक्त इनका फूला हुआ मुंह देखती होगी...!!
"सब सुनाई दे रहा है मुझे.! "आई एम नोट डेफ एंड आई एम नोट मैरिड एनीवे" संकल्प थोड़ी तेज़ आवाज में बोलता है।
उसकी बात सुनकर पहले तो श्रीधा हैरान हुई कि अभी तक उसकी शादी नहीं हुई है। फिर मुंह बनाते हुए" आप जैसे खडूस से कौन शादी करेगा..!!
"तुम्हारी बक बक खत्म हो गई हो तो हम नेक्स्ट चैप्टर रीड करें.? संकल्प ने गुस्से से कहा तो श्रीधा आकर अपनी चेयर पर बैठ गई।
संकल्प श्रीधा को नेक्स्ट चैप्टर समझाने लगता है,, वहीं श्रीधा संकल्प को देखते हुए मन में"यह खडूस तो कितने हैंडसम हैं, इनके पीछे तो लड़कियों की लाइन लगी होगी। फिर इन्होंने शादी क्यों नहीं कि... इनका गुस्सा देख कर ही लड़कियां भाग जाती होंगी,,, या लड़कियों से भी यह इको के सवाल पूछ लेते होंगे..!!
"मिस कर्ली हेयर...! इको के क्वेश्चन्स मेरे फेस पर नहीं,, बुक में है,, अपना ध्यान बुक में लगाओ" श्रीधा को एकटक अपनी तरफ देखते हुए देख कर संकल्प अपनी एक आईब्रो ऊपर करके गुस्से से बोलता है।
श्रीधा अपना सर झटकते हुए वापस से बुक में देखने लगती है। समझ तो उसे कुछ आ नहीं रहा था,, पर यह बात संकल्प को बताना,, मतलब फिर से उसकी डांट का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
"कल संडे है,, इस चैप्टर का रिविजन अच्छे से कर लेना,, मंडे को टेस्ट लूंगा और इस बार भी तुम्हारे मार्क्स कम आए तो मुझे तुम्हारे डैड से बात करना होगा" संकल्प ने श्रीधा को चेतावनी देते हुए कहा और वहां से चला गया।
संकल्प के जाते ही श्रीधा राहत की सांस लेती है और अपने आप से" खडूस जब तक सामने रहते हैं,, ऐसा लगता है जैसे मेरे सर पर कोई तलवार लटकी हुई है। जरा सा सर इधर उधर किया तो तलवार सर पर गिरेगी,,, थोड़ी देर भी इनके साथ रहना मुश्किल हो जाता है। उस बेचारी का क्या होगा जो पूरी जिंदगी इस खडूस के साथ रहेगी। खैर... मुझे क्या.. कल संडे है,, मैं तो मस्त एंजॉय करूंगी,, मंडे को देखा जाएगा।
रात को डिनर के वक्त विनय श्रीधा से उसकी स्टडी के बारे में पूछते हैं कि वह अच्छे से पढ़ रही है कि नहीं।
"डैड...! मैं अच्छे से स्टडी कर रही हूं,, कुछ दिन बाद मेरे मार्क्स भी अच्छे आयेंगे। पर प्लीज़... अब आप इको का नाम भी मत लीजिए मेरे सामने" श्रीधा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
"ओके फाइन...! कल मिस्टर अग्रवाल के यहां पर पार्टी है,,, उनकी 25 मैरिज एनिवर्सरी है,, तो तुम्हे भी हमारे साथ चलना है" विनय ने श्रीधा को देखते हुए कहा।
"डैड...! मेरा आना जरूरी है क्या.? मैं अपने फ्रेंड्स के साथ बाहर जाना चाहती हूं...!!
"श्री..! मिस्टर अग्रवाल हमारे फैमिली फ्रेंड हैं और उन्होंने खास कहा है हम तुम्हे भी लेकर आए" विनय ने कहा।
"श्री....! तुम अपने दोस्तों के साथ घूमने फिर कभी जाना,, कल तुम हमारे साथ चल रही हो" समिता ने कहा।
"ओके मॉम..! जब आप दोनों ने डिसाइड कर लिया है तो मैं कैसे मना कर सकती हूं" श्रीधा ने धीरे से कहा और खाना फिनिश करके उन्हें "गुड नाइट" बोल कर वहां से चली गई।
अग्रवाल हाउस
मिस्टर एंड मिसेज अग्रवाल अपने दोस्तों से घिरे मुस्कुराते हुए बातें कर रहे थे,, सभी उन्हें वेडिंग एनिवर्सरी की बधाई दे रहे थे।
समिता और विनय श्रीधा के साथ अग्रवाल हाउस में एंटर करते हैं और मिस्टर एंड मिसेज अग्रवाल के पास चले आते हैं और उन्हें "हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी" विश करते हैं।
वहां उपस्थित लड़कों की नज़र आकर श्रीधा पर ठहर जाती है।
व्हाइट कलर का ऑफ शोल्डर ड्रेस पहने,, वह बहुत ही अट्रैक्टिव लग रही थी। उसके खुले घुंघराले बाल जो आधे उसके शोल्डर पर और आधे उसके बैक पर थे,, जिससे हल्की सी नज़र आती उसकी गोरी पीठ।
"श्री बेटा..! तुम यहां आई हमें बहुत खुशी हुई" मिसेज अग्रवाल ने श्रीधा का हाथ पकड़ कर प्यार से कहा, तो श्रीधा हल्का सा मुस्कुरा देती है।
"श्री बेटा...! एंजॉय द पार्टी..! मिस्टर अग्रवाल मुस्कुराते हुए बोलते हैं।
श्रीधा इधर उधर देखती है,,, वह वहां उपस्थित कुछ लोगों को जानती थी। पर उसका किसी से बात करने का मन नहीं था,,, अब पार्टी में आकर उसे बोरियत हो रही थी। वह अपनी हम उम्र लड़कियों के पास खड़ी कुछ देर तक बातें करती है,, उसके बाद आकर एक खाली चेयर पर बैठ जाती है। तभी उसने कुछ ऐसा देखा कि उसकी आँखें आश्चर्य से फैल गई।
जारी...........................
श्रीधा एक तरफ बैठी हुई इधर उधर देख रही थी, उसका मन नहीं था पार्टी में आने का। पर जब उसके मॉम डैड ने कहा तो वह मना भी नहीं कर सकती थी। उसके डैड पहले से ही उसके कम मार्क्स की वजह से उससे नाराज़ हैं और ऐसे में वह यहां आने से मना करती तो, उसके डैड और नाराज़ हो जाते।
वह इधर उधर देख रही थी कि अचानक ही उसकी नज़र संकल्प पर पड़ी जो फोन पर बात करते हुए आ रहा था। उसे पार्टी में देख कर श्रीधा की आंखें हैरानी से चौड़ी हो गई। "यह खडूस यहां क्या कर रहे हैं.? यह मिस्टर अग्रवाल की पार्टी में क्यों आए हैं.? क्या खडूस अग्रवाल अंकल को जानते हैं.? संकल्प को वहां देख कर श्रीधा के मन में कई सवाल चल रहे थे।
वैसे ब्लैक श्री पीस सूट में वह बहुत ही हैंडसम लग रहा था और वहां उपस्थित लड़कियां उसे ही देख रही थी और सोच रही थी कि वह भी उन्हें एक नज़र देख ले पर वह तो उन्हें नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ जाता है।
संकल्प मिस्टर एंड मिसेज अग्रवाल के पास आकर उन्हें "वेडिंग एनिवर्सरी" की बधाई देता है।
"संकल्प...! तुम यहां.? क्या तुम मिस्टर अग्रवाल को जानते हो.? विनय संकल्प को अपने सामने देख कर हैरानी से बोलते हैं।
"विनय...! संकल्प को स्पेशली रिंकी ने इनवाइट किया है और........
"सर...! आप आ गए... थैंक यू सो मच मेरे बुलाने पर आप यहां आए" तभी रिंकी वहां आकर एक्साइटेड होते हुए बोलती है,, जिससे मिस्टर अग्रवाल की बात अधूरी रह जाती है।
"ओह तो इस नकचढ़ी ने इन्हें बुलाया है" श्रीधा ने रिंकी को देख मन में सोचा। रिंकी मिस्टर अग्रवाल की छोटी बेटी, जो श्रीधा की क्लासमेट है। पर श्रीधा उसे पसंद नहीं करती है क्योंकि रिंकी खुद को ओवरस्मार्ट समझती है। उसने ध्यान से रिंकी को देखा, उसने रेड बॉडीकॉन ड्रेस पहना हुआ था और आज उसने हद से ज्यादा मेकअप किया हुआ था। उसे देखते ही श्रीधा ने बुरा सा मुंह बनाया और उस पर से अपना ध्यान हटा कर अपना फोन देखने लगी।
संकल्प ने एक नज़र रिंकी को देखा और मिस्टर अग्रवाल को देखते हुए "आप तो जानते हैं कि मैं बहुत बिजी हूं,, इसलिए सिर्फ थोड़ी देर के लिए यहां आया हूं..!
"जानता हूं..! तुम्हारे डैड से बात हुई थी "मिस्टर अग्रवाल ने मुस्कुराते हुए कहा।
"सर..! आपको कुछ चाहिए.? रिंकी ने अदा से मुस्कुराते हुए कहा और वेटर को इशारा किया।
"हुंह...! यह चीप हरकतें इसलिए कर रही है कि खडूस इससे इंप्रेस हो जाए..! पर खडूस तो कड़वा करेला हैं,, इसे भाव ही नहीं देंगे" श्रीधा मन ही मन मुस्कुराते हुए रिंकी को देख कर सोच रही थी।
रिंकी ने श्रीधा को एटीट्यूड से देखा,,, जैसे उसे दिखा रही हो कि सर तुमसे बात नहीं करते और मेरे बुलाने पर पार्टी में आ गए।
श्रीधा ने उसे इग्नोर किया और वहां से उठ कर दूसरी तरफ चली गई।
रिंकी संकल्प से बात करने की कोशिश कर रही थी, जिससे इरिटेट होकर संकल्प वहां से चला जाता है।
वह जा रहा था कि उसके सामने श्रीधा आ जाती है, जो हाथ में कोलड्रिंक की ग्लास लिए अपने मॉम डैड की तरफ जा रही थी।
"ओह..! तो तुम भी यहां हो" संकल्प उसे देखते हुए बोलता है।
"ऑफ कॉर्स...! जैसे आप यहां हैं, उसी तरह मै भी यहां हूं" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा। फिर अपने मन में" जो भी थोड़ा सा अच्छा मूड था,, इन्हें देखते ही बिगड़ गया। कहीं वह यहां भी इको के सवाल न पूछ ले इसलिए वह जल्दी से वहां से चली जाती है।
मिस्टर अग्रवाल डीजे वाले को सॉन्ग प्ले करने को बोलते हैं और मिसेज अग्रवाल का हाथ पकड़ कर डांस फ्लोर पर ले जाते हैं। सॉन्ग प्ले होता है और मिस्टर एंड मिसेज अग्रवाल डांस करने लगते हैं। वहां उपस्थित और भी कपल डांस फ्लोर पर आते हैं और डांस करने लगते हैं।
श्रीधा हल्का सा मुस्कुराते हुए सबको डांस करते हुए देख रही थी कि कोई उसके सामने आकर बोलता है" विल यू डांस विद मि..?
श्रीधा ने सामने देखा और बुरा सा मुंह बनाते हुए" नो..! आई डॉन्ट वांट टू डांस विथ यू..!!
"श्री..! यू आर लुकिंग वेरी हॉट..! सामने खड़े लड़के ने श्रीधा को ऊपर से नीचे देखते हुए कहा।
"सुनील प्लीज़...! मुझे इरिटेट मत करो..! मुझे तुमसे बात करने में कोई इंटरेस्ट नहीं है..!!
"कैसी बात कर रही हो श्री..! हम बचपन के दोस्त हैं,, मुझे तो तुम्हारे साथ बातें करना बहुत अच्छा लगता है" सुनील श्रीधा के और पास आकर बोलता है।
श्रीधा थोड़ा पीछे होते हुए" तुम अग्रवाल अंकल के बेटे हो,, हमारी बस इतनी पहचान है। "तुम मेरे कोई दोस्त नहीं हो..!!
"पर मैं तो तुम्हारा दोस्त बनना चाहता हूं..! तुम ही मुझे मौका नहीं दे रही हो। "देखो सभी डांस कर रहे हैं,, हम भी डांस करते हैं न" सुनील ने श्रीधा का हाथ पकड़ कर कहा।
उसके हाथ पकड़ने पर श्रीधा को बहुत गुस्सा आता है। वह झटके से अपना हाथ खींचती है और उसे घूरते हुए "देखो सुनील..!! मैने कहा न कि मुझे तुम्हारे साथ डांस नहीं करना है,, मेरा मन नहीं है। यहां इतनी लड़कियां हैं तुम किसी और के साथ डांस कर लो..!!
"श्री..! जो बात तुममें है,, वह और लड़कियों में कहां" सुनील श्रीधा के पीछे आ उसके कान में धीरे से बोलता है और लंबी सांस लेते हुए उसके लगाए परफ्यूम को सूंघने लगता है।
श्रीधा गुस्से से पलटती है और उसे कुछ बोलने वाली होती है कि उसकी नज़र संकल्प पर पड़ती जो एक तरफ खड़ा उन दोनो को देख रहा था और फिर वहां से चला गया।
"ओह गॉड..! खडूस तो पहले से ही मुझे गलत समझते हैं,, अब तो इस चिलगोजर को मेरे साथ देख कर पक्का उन्होंने कुछ गलत सोचा होगा। वह घूर कर सुनील को देखती है और वहां से चली जाती है।
सुनील श्रीधा को जाते हुए देखता रहता है,, उसके होंठों पर गहरी मुस्कान थी। "सुनील अग्रवाल" मिस्टर एंड मिसेज अग्रवाल का बड़ा बेटा और रिंकी का भाई। उम्र 25 साल,, वह श्रीधा को पसंद करता है और यह बात वह अपने मॉम डैड और श्रीधा को बता चुका है। पर श्रीधा जो उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती है,, उसने उसे साफ शब्दों में बोल दिया था कि वह उसे पसंद नहीं करती है और न ही कभी करेगी। पर सुनील है कि हाथ धो कर उसके पीछे पड़ा है,, जिससे श्रीधा परेशान है।
श्रीधा बड़बड़ाते हुए वहां से बाहर निकल जाती है और अपने डैड को मैसेज टाइप करके भेजने लगती है कि वह घर जा रही है क्योंकि उसकी तबियत ठीक नहीं है।
इधर संकल्प एक तरफ खड़ा अपनी मॉम से फोन पर बात कर रहा था। "मॉम प्लीज़...! मुझे इस टॉपिक पर और बात नहीं करनी है.! जब मुझे शादी नहीं करनी है तो आप बार बार वही बात क्यों करती हैं। सिर्फ इसी वजह से मैं घर नहीं आता हूं,, अब प्लीज मुझे कोई बात नहीं करनी है और आप वापस मुझे कॉल मत करना" बोल कर वह काल कट कर देता है।
संकल्प बड़बड़ाते हुए आगे बढ़ जाता है,, उसके मॉम डैड हर बार उससे एक ही सवाल पूछते रहते हैं कि वह शादी कब कर रहा है। जबकि उसे अभी शादी करनी ही नहीं है,, उसे अभी कोई ऐसी लड़की मिली ही नहीं जो हर काम में बिल्कुल परफेक्ट हो।
आमने सामने से आते संकल्प और श्रीधा जिनका ध्यान अपने फोन में था एक दूसरे से टकरा जाते हैं। टक्कर इतनी ज़ोर से थी कि उन्हें संभलने का भी मौका नहीं मिला और वह दोनों एक साथ फर्श पर गिर गए। उन दोनों का फोन टक्कर के कारण उनके हाथ से कुछ दूरी पर गिर गया।
इस तरह टकराने के कारण संकल्प नीचे और श्रीधा उसके ऊपर गिरी थी। जहां संकल्प के दोनों हाथ श्रीधा की पीठ पर थे,, वहीं श्रीधा के दोनों हाथ संकल्प के सीने पर थे। जब कि इस तरह गिरने से श्रीधा के होंठ, संकल्प के होंठों पर ठहर गए थे। अचानक ही यह महसूस करके दोनों की आंखें आश्चर्य से फैल गई और दोनों कुछ देर के लिए फ्रिज हो जाते हैं।
श्रीधा जल्दी से संकल्प से दूर होती है और उठ कर खड़ी हो जाती है, उसका दिल इस वक्त बहुत जोरों से धड़क रहा था।
संकल्प भी खुद को संभालते हुए उठ कर खड़ा होता है। इस वक्त उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रखी थी।
"आई.... एम.... सॉरी..... स...... श्रीधा डरते हुए बोल रही थी कि संकल्प ने खींच कर एक थप्पड़ उसके गाल पर मारा।
उसके थप्पड़ मारने पर श्रीधा का चेहरा एक तरफ हो जाता है। वह अपने गाल पर हाथ रखे कुछ पल के लिए सुन्न हो जाती है,, फिर भरी हुई आंखों से संकल्प को देखती है। उसके होंठों के पास हल्का सा कट हो गया था,, जिससे हल्का सा खून निकल रहा था।
"हाऊ डेयर यू कम क्लोज टू मि.? मैने तुमसे कहा था न कि मुझ से दूर रहना। तुम्हारा ध्यान किधर था जो ऐसा हुआ, किसी काम की नहीं हो तुम। तुम एक बेवकूफ और घमंडी लड़की हो जिसे कुछ नहीं आता है,, सिवाय गलतियां करने के,,, सुना तुमने.? यू आर अ स्टूपिड गर्ल विथ नो सेंस" संकल्प ने गुस्से से लाल होते हुए श्रीधा को डांटते हुए कहा।
"प्लीज सर...! माना मुझसे गलती हुई है,, उसके लिए मैं आपको सॉरी बोल रही हूं। पर आप इस तरह मेरी इंसल्ट नहीं कर सकते हैं" श्रीधा नम आंखों से बोलती है।
"सॉरी माय फुट...! तुम जैसी बदतमीज लड़की से मुझे सख्त नफ़रत है, जिन्हें गलतियां करने के सिवा कुछ नहीं आता है। "यू आर अ इडियट, मैनरलेस और यूजलेस गर्ल" संकल्प ने गुस्से से चिल्लाते हुए कहा,, जो श्रीधा के दिल पर तीर की भांति चुभा।
जारी...........................
संकल्प गुस्से में श्रीधा पर चिल्लाए जा रहा था,, गुस्से में वह ये भी नहीं समझ रहा था कि वह क्या बोले जा रहा है।
वहीं उसकी एक एक बात तीर की भांति श्रीधा को चुभ रही थी। जितनी गलती उसकी है, उतनी ही गलती संकल्प की भी है,, दोनों का ही ध्यान नहीं था। तभी तो वह दोनों टकरा गए,, फिर भी वह उससे सॉरी बोल रही है। पर वह अपने गुस्से के आगे कुछ समझना ही नहीं चाहता है और इस वजह से अब उसे भी गुस्सा आने लगा था।
"सर प्लीज़...! बस करिए..! और कितना सुनाएंगे मुझे.? एक छोटी सी गलती,, जो गलती से हुई है, उसके लिए आप मुझे इतना सुना रहे हैं। जबकि जितनी मेरी गलती है, उतनी ही आपकी भी गलती है,, इस हिसाब से आपको भी मुझे सॉरी बोलना चाहिए" इस बार श्रीधा ने गुस्से से थोड़ी तेज़ आवाज में कहा।
"माय मिस्टेक... रियली...! श्रीधा की बात सुनकर संकल्प तंज से बोलता है। "गलती तुम जैसी बदतमीज़ लड़की करती है,,, इनफैक्ट... डे वन से.. जब से मैं तुमसे मिला हूं,, सिर्फ तुम्हे गलतियां करते हुए देख रहा हूं..! "मेरी नज़र में तुम एक इमपरफैक्ट गर्ल हो,, जो कभी जिंदगी में परफैक्ट नहीं हो सकती..!!
श्रीधा से अब और बर्दास्त नहीं हुआ,, वह गुस्से से संकल्प को घूरते हुए आगे बढ़ती है और उसके बिल्कुल पास आकर उसकी शर्ट का कॉलर पकड़ कर झटके से अपने करीब खींचती है। जब तक संकल्प कुछ समझ पाता,, श्रीधा उसके होंठों पर अपने होंठ रख देती है और उसे किस करने लगती है।
संकल्प बिल्कुल ब्लैंक हो गया था,, श्रीधा के होंठों के पास लगी चोट से रिसता हल्का खून उसे अपनी टंग पर महसूस हो रहा था और अचानक ही उसे अपने होंठ पर तेज़ चुभन महसूस हुई। श्रीधा ने उसके होंठ को हल्का सा बाइट किया था,, जिससे अब खून निकलने लगा था।
श्रीधा संकल्प से अलग हो कर उसे धक्का देती है, जिससे संकल्प लड़खड़ाते हुए कुछ कदम पीछे हो जाता है और हैरान हो कर उसे देखने लगता है,, उसे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि श्रीधा ने अभी उसे किस किया।
"जब सुनना ही है तो वह गलती करके सुनूं,, जिसके लिए आप मुझे इतना डांट रहे हैं। "अब आपको जो करना है करिए,, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,, क्योंकि मैं तो बदतमीज़ लड़की हूं न" श्रीधा अपने बाल को कंधे के पीछे झटकते हुए बोलती है और संकल्प को घूरते हुए वहां से चली जाती है।
"समझते क्या हैं अपने आप को,,, जो मन में आएगा बोलेंगे..! "मेरी क्या सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं है,, कोई इनको इतना सुनाए तब पता चले कि कितनी तकलीफ होती है" श्रीधा बड़बड़ाते हुए कार में बैठती है और कार को स्टार्ट करके आगे बढ़ा देती है।
संकल्प जो अभी भी बुत बने खड़ा था,, श्रीधा के जाते ही उसकी आँखें गुस्से से लाल हो जाती है। गुस्से से उसकी मुट्ठियां भींच जाती है,,, वह गुस्से से दांत पीसते हुए" यह तुमने अच्छा नहीं किया..! "यू विल हैव टू पेय फॉर इट..!!
श्रीधा तेज कदमों से चलते हुए अपने रूम में आती है और बार्डरॉब से अपनी नाइट ड्रेस लेकर बाथरूम में चली जाती है चेंज करने। कुछ देर बाद वह बाहर आती है और आकर आईने के सामने खड़ी हो जाती है। उसकी नज़र अपने गाल पर जाती है जिसपर उंगलियों के निशान साफ नज़र आ रहे थे। जो थोड़े लाल हो गए थे और उसके चेहरे पर हल्की सूजन आ गई थी। उसे याद आता है कि किस तरह संकल्प ने उसे थप्पड़ मारा था,, उसके सख्त हाथ अभी भी उसे अपने गाल पर महसूस हो रहे थे।
वह किचन में जाती है और आइस पैक लेकर अपने चेहरे पर लगाती है। धीरे धीरे उसे अपने गाल पर जलन कम महसूस होती है, तो वह राहत की सांस लेती है। कुछ देर तक गाल पर आइस पैक लगाए रखने के बाद श्रीधा एक क्रीम लेकर अपने चेहरे पर,, फिर अपने होंठ के पास लगे कट पर लगाने लगती है।
जैसे ही उसकी नज़र अपने होंठों पर जाती है उसे याद आता है कि किस तरह गुस्से में वह संकल्प को किस कर रही थी। यह याद आते ही उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है,, वह आकर बेड पर बैठ जाती है और अपने आप से"ओह गॉड..! गुस्से में मैने क्या कर दिया..! वह खडूस अब मेरी जान ले लेंगे,, अब उनके गुस्से से खुद को कैसे बचाऊंगी..! "प्लीज़ गॉड..! मुझे उस खडूस से बचा लेना..!!
विनय और समिता जब तक वापस आए श्रीधा सो चुकी थी, इसलिए उन्होंने उसे उठाना उचित नहीं समझा और वह दोनो भी अपने रूम में जाकर सो गए।
श्रीधा जो रात को सही से सो नहीं पाई थी, सुबह जल्दी उठ गई और सोच रही थी कि वह कॉलेज जाए या नहीं। वह अभी कुछ दिनों तक संकल्प का सामना नहीं करना चाहती थी,, पर अगर वह कॉलेज नहीं गई तो क्या होगा। शाम को तो ट्यूशन पढ़ाने के लिए वह उसके घर आएगा ही,, तब वह क्या करेगी.? अगर वह गुस्सा होकर ट्यूशन आना छोड़ देगा तो वह डैड को क्या जवाब देगी। उसके दिमाग में बहुत सी बातें चल रही थी और वह समझ नहीं पा रही थी कि वह क्या करें। फिर उसने अपना सर झटका और यह सोच कर रेडी होने लगी कि जो होगा देखा जाएगा।
ब्लू कलर की प्रिंटेड मिडी ड्रेस जो नी लेंथ थी, पहने वह मेकअप से अपने चेहरे पर उभरे उंगलियों के निशान को छिपा कर नीचे आती है।
"गुड मॉर्निंग डैड..! श्रीधा मुस्कुराते हुए विनय को देख बोलती है और आकर चेयर पर बैठ जाती है।
"श्री..! तुम्हारी तबियत कैसी है,, कल तुम पार्टी से अचानक चली गई थी। सुनील भी तुम्हारे बारे में पूछ रहा था" विनय श्रीधा को देखते हुए बोलते हैं।
"डैड..! मेरी तबियत ठीक है और मुझे कॉलेज के लिए लेट हो रहा है, तो मैं जा रही हूं" श्रीधा जल्दी से अपना ब्रेकफास्ट खत्म करके बोलती है और वहां से चली गई। वह कुछ देर और रुकती तो उसके डैड सुनील के तारीफों के फूल बांध देते और फिर लास्ट में बोलते की वह एक बार फिर सुनील के बारे में सोचे।
स्टार कॉलेज ऑफ मुंबई
श्रीधा क्लास में आकर अपने फ्रेंड्स के पास बैठती है, जो आपस में कुछ बात कर रहे थे।
"क्या डिस्कस कर रहे हो तुम सब.? और आज कॉलेज में इतनी शांति क्यों है.? श्रीधा उन सबको देखते हुए बोलती है।
"आज संकल्प सर बहुत गुस्से में हैं और बिना बात के सबको डांट रहे हैं। उन्होंने कुछ स्टूडेंट्स को इतनी बुरी तरह डांटा है कि वह सब रोते हुए घर चले गए" अखिल ने श्रीधा को देखते हुए कहा।
अखिल की बात सुनकर श्रीधा डर से अपना थूक निगलते हुए" ओह गॉड..! पक्का खडूस कल की बात से गुस्सा है,, मुझे बच के रहना होगा..! ऐसा करती हूं कि खडूस की क्लास अटेंड ही नहीं करूंगी मैं..! "हां... यह सही रहेगा" उसने मन ही मन सोचा।
"जरूर कुछ हुआ है जो सर आज इतने गुस्से में हैं और जिसकी वजह से वह गुस्से में हैं, उसे भगवान भी नहीं बचा सकता"इंदू ने कहा तो श्रीधा के माथे पर पसीना आने लगा।
"गाइज...! चलो आज मूवी देखने चलते हैं,, यहां रहे तो हम में से कोई न कोई खडूस के गुस्से का शिकार हो जाएगा" श्रीधा ने अपने चारों दोस्तों को देखते हुए कहा।
"श्री सही बोल रही है,, चलो सब मूवी देखने चलते हैं" सागर ने श्रीधा की बात का समर्थन करते हुए कहा।
"ठीक है...! चारों दोस्तों ने एक साथ कहा और जाने के लिए खड़े हो गए।
पर वह जाते उससे पहले संकल्प क्लास में एंटर करता है,, इस वक्त उसका चेहरा बहुत सख्त था और उसकी आँखें लाल,,, जैसे उनमें खून उतर आया हो।
उसके क्लास में आते ही शांति छा गई और सभी चुप चाप अपनी जगह पर बैठ गए।
श्रीधा खुद को संकल्प की नजरों से बचाते हुए सबके बीच छुप कर बैठी हुई थी और सोच रही थी कि संकल्प उसे न देखे।
"आज सरप्राइज़ टेस्ट है,, क्वेश्चन बोल रहा हूं,, नोट कर लो और जिसके भी मार्क्स जीरो आए। वह अगले एक हफ्ते तक मेरे केबिन में बैठ कर पांच सौ बार,, जो चैप्टर मैं बोलूंगा उसके नोट्स लिखने होंगे" संकल्प अपनी कठोर आवाज़ में बोलता है।
उसकी बात सुनकर सभी हैरानी से एक दूसरे को देखने लगते हैं। वह सभी संकल्प के गुस्से को अच्छे से जानते थे इसलिए बहुत डर रहे थे,, उन्हें पांच सौ बार नोट्स लिखने का डर नहीं था। उन्हें डर था संकल्प के सामने बैठ कर लिखने का,, पता नहीं इस बीच वह उनकी कैसी हालत करेगा।
वहीं उसकी बात सुनकर श्रीधा की जान ही सूख गई,,, उसे कुछ भी करके इतने तो नंबर्स लाने हैं कि वह संकल्प के गुस्से से बच सके।
कुछ ही देर में सभी स्टूडेंट्स संकल्प के दिए सवालों को सॉल्व करने लगते हैं। श्रीधा को तो समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे, क्योंकि क्वेश्चन्स बहुत हार्ड थे,, फिर भी उसे जितना आता था,, उसने कर दिया और मन ही मन भगवान से प्रार्थना करने लगी कि उसके जीरो न आए।
संकल्प सबके पास आकर आंसर शीट ले रहा था और जब वह श्रीधा के पास आया तो उसे देखते ही उसकी की गई हरकत उसके आंखों के सामने आ गया और उसका चेहरा पहले से ज्यादा कठोर हो गया। श्रीधा अपना सर झुकाए उसे आंसर शीट थमा देती है, तो वह भी अपने गुस्से को दबाए आगे बढ़ जाता है।
जारी.......................
कुछ देर बाद संकल्प वापस आता है और सबको उनकी आंसर शीट देने लगता है। वह श्रीधा को घूरते हुए उसकी आंसर शीट देता है और वापस आकर अपनी जगह खड़ा हो जाता है।
"जिसके भी जीरो मार्क्स आए हैं, वो यहां आकर खड़ा हो जाए...!!
श्रीधा डरते हुए अपने मार्क्स देखती है, तो उसके चेहरे की हवाइयां उड़ जाती हैं। उसके शीट पर रेड पेन से एक बड़ा सा "जीरो" लिखा हुआ था। वह अपने मन में "ओह गॉड..! जिसका डर था वही हुआ..! खडूस ने जानबूझ कर मुझे ज़ीरो दिया है,, ताकि मुझसे बदला ले सके...!!
संकल्प अपनी सख्त और तेज़ आवाज में "आई टोल्ड द वन हू गॉट ज़ीरो मॉर्क्स टू कम एंड स्टैंड इन फ्रंट ऑफ मि...!
श्रीधा पूरी क्लास में अपनी नजरें दौड़ाती है,, सभी अपनी जगह आराम से बैठे हुए थे। वह गहरी सांस लेती है क्योंकि वह समझ गई थी कि ज़ीरो मॉर्क्स सिर्फ उसके आए हैं और सिर्फ उसके ही ज़ीरो मॉर्क्स क्यों आए हैं,, यह भी वह अच्छे से समझ गई थी।
श्रीधा खड़ी होती है और धीरे से संकल्प के पास आकर खड़ी हो जाती है। वहीं कुछ लड़कियां जो उससे जलती थी,, उसे वहां देख कर धीरे से मुस्कुराते हुए बोलती है "ब्यूटी विदआउट ब्रेन...!!
श्रीधा घूर कर उन्हें देखती है तो वह सब इधर उधर देखने लगती है। उसकी नज़र रिंकी पर जाती है जो उसे देख कर एटीट्यूड से मुस्कुरा रही थी, उसके मार्क्स हर सब्जेक्ट में ज्यादा आते थे। श्रीधा उसे इग्नोर करती है और संकल्प की तरह घूम जाती है।
"ओह तो इस पूरी क्लास में सिर्फ तुम्हारे ही ज़ीरो आए हैं,,, तुमसे उम्मीद भी क्या की जा सकती है। तुम जैसे बिगड़ैल बच्चे सिर्फ बाप के पैसों पर ऐश करते हो" संकल्प श्रीधा को घूरते हुए गुस्से से बोलता है।
उसकी बात सुनकर श्रीधा को गुस्सा आ जाता है,, वह घूर कर संकल्प को देखती है। तो उसकी नज़र उसके होंठों पर आकर ठहर जाती है, जहां पर हल्का सा कट नज़र आ रहा था।
उसके इस तरह देखने पर संकल्प हल्का सा खांसते हुए" अपनी नोट बुक लो और मेरे केबिन में आओ" बोलकर वह वहां से चला जाता है।
"श्री..! तुम्हारे ज़ीरो मॉर्क्स कैसे आ सकते हैं.? सर तुम्हे ट्यूशन पढ़ाते हैं" श्रीधा जब अपनी नोट बुक ले रही थी तो बरखा उससे बोलती है।
"तुम एक बार सर से बोलो कि वह तुम्हारा पेपर फिर से चेक करे "सागर ने श्रीधा को एडवाइस देते हुए कहा।
"इससे कुछ नहीं होने वाला क्योंकि खडूस यह सब मुझसे बदला लेने के लिए कर रहे हैं" श्रीधा मायूसी से बोलती है।
"बदला...! किस बात का..? क्या तुमने कुछ किया है" उसकी बात सुनकर अखिल हैरानी से बोला।
उसकी बात सुनकर श्रीधा हड़बड़ाते हुए "नहीं तो..! तुम्हे तो पता है कि आज खडूस का मूड बिगड़ा हुआ है और वो मुझसे नाराज़ रहते हैं, इसलिए उन्होंने सारा गुस्सा मुझ पर उतार दिया...!!
"दिस इस नोट फेयर..! सर ऐसा कैसे कर सकते हैं और तुम वन वीक तक सर के गुस्से को कैसे हैंडल करोगी" इंदू ने श्रीधा को देखते हुए कहा,, तो श्रीधा सोच में पड़ गई।
"देखते हैं... कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा...! फिलहाल मैं खडूस के केबिन में जा रही हूं..! मेरे न जाने पर खडूस ज्वालामुखी बन जाएगा और यही क्लास में फट जाएगा" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा और जल्दी से क्लास से बाहर निकल गई।
"में आई कम इन सर..! श्रीधा संकल्प के केबिन के डोर को ओपन करते हुए बोलती है।
संकल्प जो फाइलों को देखने में बिज़ी था, उसने कुछ नहीं कहा। जैसे उसने उसकी आवाज़ सुनी ही न हो।
श्रीधा ने जब देखा कि उसने कुछ नहीं कहा है तो वह एक बार फिर से केबिन के अंदर आने की परमिशन मांगती है,, पर इस बार भी उसने कुछ नहीं कहा।
श्रीधा से अब बर्दाश्त नहीं होता है और वह केबिन के अंदर आकर बहुत जोर से गेट बंद करती है, जिसकी आवाज़ से संकल्प अपना सर उठा कर उसकी तरफ गुस्से से देखता है।
"मिस कर्ली हेयर...! यह क्या बेहूदा हरकत है.? आई एम यौर प्रोफ़ेसर..! तुम्हे ज़रा सा भी मैनर्स नहीं है कि अपने से बड़ों के साथ कैसे पेश आया जाता है" संकल्प ने टेबल पर फाइल पटकते हुए ज़ोर से कहा।
"मैनर्स है इसलिए केबिन में आने की परमिशन मांग रही थी। पर आपके तो कानपुर में हड़ताल है,, जो आपको सुनाई नहीं दे रहा था। तो मैने अपने मैनर्स को पैर से धक्का मार कर आपके केबिन में गृह प्रवेश कर लिया" श्रीधा संकल्प के सामने खड़ी हो,, नोट बुक को टेबल पर रखते हुए गुस्से से बोलती है।
संकल्प श्रीधा को घूरते हुए खड़ा होता है और उसके पास आकर उसका हाथ पकड़ कर अपने पास खींचता है और उसे घूरते हुए गुस्से से दांत पीसते हुए "मिस कर्ली हेयर,, तुम्हे जितना बोलना था बोल लिया..! अब मैं तुम्हारी लाइफ को हेल बना दूंगा कि तुम उस दिन को कोसोगी, जिस दिन तुमने मुझसे बदतमीजी से बात की थी।
"आप कोशिश करके देख लीजिए,, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है और अगर मैने आपसे अच्छे से बात नहीं की,, तो आपने भी कोई प्यार भरे लब्ज़ नहीं बोले हैं मुझसे" श्रीधा संकल्प की आंखों में देखते हुए बोलती है।
"आज तक कोई लड़की मेरे करीब नहीं आई और न ही इस तरह मुझसे किसी ने बात की है,, तुम्हे अफसोस होगा अपने किए का,, पूरी जिंदगी याद रखोगी मेरी बात को..!!
"भूलेंगे तो आप भी नहीं मुझे,, ऐसा असर छोडूंगी मैं आपके दिल और दिमाग पर" श्रीधा संकल्प के सीने पर हाथ रख कर एटीट्यूड से बोलती है। फिर उसकी नज़र संकल्प के होंठों पर जाती है, जहां हल्का कट था। वह उसके होंठ
पर हाथ रख कर जहां कट का निशान था" कई बार दूसरों को चोट पहुंचाने के चक्कर में हम खुद चोटिल हो जाते हैं और हमें ऐसी चोट लगती है कि वह आजीवन याद रहती है।
उसकी इस हरकत पर संकल्प गुस्से से उसे झटका देते हुए साइड करता है और एक पेपर उसे पकड़ाते हुए"इसको वन थाउजेंड बार अपनी नोट बुक पर लिखो...!!
श्रीधा जो संकल्प के झटके के कारण अभी संभाली ही थी कि उसकी बात सुनकर हैरानी से" व्हाट...! वन थाउजेंड बार... पर आपने तो फाइव हंड्रेड बार लिखने को बोला था..!!
"हां..! पर अब मैने अपना इरादा बदल दिया है..!!
"आप ऐसा नहीं कर सकते..! "मैं इसे नहीं लिखूंगी,, आपको जो पनिशमेंट देनी है,, दे दीजिए..!!
ओह रियली..! ठीक है फिर... या तो तुम एक हजार बार इसे लिखो या फिर मैं अभी तुम्हारे डैड को कॉल करके बुलाता हूं" संकल्प अपनी सख्त आवाज़ में बोलता है।
श्रीधा घूर कर संकल्प को देखती है और मुंह बनाते हुए" ओके फाइन...! मैं लिख रही हूं..!!
"गुड...! मेरे नेक्स्ट लेक्चर का टाइम हो गया है..! "मैं आऊं,, तब तक आधे से ज्यादा तुम्हारा वर्क हो जाना चाहिए क्योंकि पूरे दिन तुम्हारी यह बेकार सी शक्ल नहीं देखनी है मुझे" संकल्प ने श्रीधा को घूरते हुए कहा और केबिन से बाहर निकल गया।
"बेकार सी शक्ल..! उसके जाते ही श्रीधा गुस्से से बोलती है। "इस शक्ल पर कॉलेज के सभी लड़के फिदा हैं और इसे मेरी शक्ल बेकार लग रही है। खुद तो चिलगोजर,, खडूस और कड़वा करेला है,, वो भी निम चढ़ा। एक बार को करेला भी अच्छा लग सकता है लेकिन ये,, बिल्कुल नहीं" श्रीधा केबिन में रखी संकल्प की चेयर को पैर से मारते हुए बड़बड़ाए जा रही थी।
"हम्मम...! फाइनली अब बैटर फील हो रहा है" मन की सारी भड़ास चेयर पर निकालने के बाद श्रीधा गहरी सांस लेती है और सामने रखी चेयर पर बैठ कर अपना काम करने लगती है। कुछ देर तक तो उसने संकल्प का दिया काम किया,, पर एक ही चीज़ को बार बार लिख कर उसे ऊब होने लगी थी और उसे नींद आने लगी। उसने टेबल पर सर रखा और थोड़ी ही देर में उसे नींद आ गई।
कुछ देर बाद अचानक ही उसके चेहरे पर पानी गिरा तो वह झटके से उठ कर अपने हाथ से अपने चेहरे पर आए पानी को साफ करते हुए "व्हाट द हेल..! किसने पानी गिराया मेरे चेहरे पर..?
"मैने..! संकल्प की आवाज़ आई तो श्रीधा ने संकल्प की तरफ देखा,, जिसके हाथ में पानी का ग्लास था। उसे याद आया कि वह संकल्प के केबिन में है और थोड़ी देर पहले वह सो गई थी।
"मिस कर्ली हेयर...! तुम्हे काम करने के लिए दिया गया था और तुम तो बिंदास सो रही थी"संकल्प ने श्रीधा को घूरते हुए कहा और आकर अपनी चेयर पर बैठ गया।
"सॉरी सर..! पता नहीं कैसे मुझे नींद आ गई थी,, पर क्या अब मैं घर जाऊं.? श्रीधा ने अपनी नोट बुक हाथ में लेते हुए कहा।
"तुम्हारा काम हो गया.?
"नहीं....!!
"उसे पूरा करके जाओ,, और वन थाउजेंड बार सॉरी भी लिखो" संकल्प ने लगभग उसके सर पर बम फोड़ते हुए कहा।
"क्या....? सॉरी...पर किस लिए.? संकल्प की बात सुनकर श्रीधा उसे देखते हुए बोलती है।
"इधर आओ बताता हूं" संकल्प ने उसे लैपटॉप में आकर देखने को कहा।
श्रीधा धीरे से चल उसकी तरफ आती है और हल्का सा झुक कर उसके लैपटॉप में देखने लगती है।
संकल्प उसमें एक फुटेज ऑन करता है, जिसमें श्रीधा उसे कोसते हुए उसकी चेयर को मार रही थी।
"गई भैंस पानी में..! क्यों मेरी किस्मत इतनी खराब है,, कुछ भी करती हूं, इस खडूस को पता चल जाता है" श्रीधा ने मन में सोच।
उसकी नोट बुक नीचे गिर गई थी,, डर से उसने थूक निगला और संकल्प की तरफ देख कर अपने दांत दिखाते हुए "ये कब हुआ..?
संकल्प उसकी चीन पकड़ कर केबिन में लगे कैमरे को दिखाते हुए"तुम जैसे बिगड़े हुए बच्चों के लिए लगवाया है यह...!!
जारी..........................
संकल्प जब अपने सभी लेक्चर अटेंड करके केबिन में आया तो उसने देखा कि श्रीधा सब चीज से बेखबर आराम से टेबल पर सर रखे सोई हुई हैं। पहले तो उसे बहुत गुस्सा आया और वह उस पर चिल्लाने ही वाला था कि वह रुक गया। उसने सोचा क्यों न पहले वो यह देखे कि उसके जाने के बाद श्रीधा ने क्या किया। वह अपनी चेयर पर बैठ कर लैपटॉप ऑन करता है और उसके जाने के बाद की फुटेज चेक करने लगता है।
उसके जाने के बाद श्रीधा किस तरह बड़बड़ाते हुए उसकी चेयर को मारे जा रही थी,, जैसे वह चेयर न हो कर वो खुद है और वह सारा गुस्सा उस पर निकाल रही है। यह देख कर उसका शांत दिमाग फिर से खराब हो गया और उसने टेबल पर रखा पानी का ग्लास उठाया और श्रीधा के चेहरे पर फेंक दिया था।
संकल्प जिसने श्रीधा की चीन पकड़ रखा था, उसके झटके से हटने के कारण वह अपनी सोच से बाहर आता है क्योंकि उसकी बात सुनकर श्रीधा को गुस्सा आ गया था।
"व्हाट डू यू मिन..? मैं आपको बिगड़ी हुई लड़की नज़र आती हूं। आपको सारी कमियां क्या मुझ में ही नज़र आती है.? मिस्टर परफेक्ट मेन" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"मैं अपनी लाइफ में जितने भी लोगों से मिला हूं,, तुमसे ज्यादा बदतमीज और बेवकूफ मुझे कोई नहीं लगा..!!
"फिर से बेवकूफ..! श्रीधा ने अपने दांत पीसते हुए कहा। फिर अदा से मुस्कुराते हुए बहुत प्यार से"सर... आप जो मुझे बार बार "बेवकूफ" बोलते रहते हैं,, मुझे लगता है आप मुझे सबसे अलग समझते हैं और मेरे बारे में ही सोचते हैं हर वक्त...!!
संकल्प अपनी एक आईब्रो ऊपर करके अपनी कोल्ड वॉयस में "तुम जैसी बेवकूफ के बारे में सोचूंगा तो मैं भी तुम्हारी कैटेगरी में आ जाऊंगा..!!
फिर थोड़ा रुक कर"क्या कहा था तुमने... खडूस... चिलगोजर.... कड़वा करेला,, वो भी निम चढ़ा..! "तो मिस कर्ली हेयर,, अब देखो कि यह कड़वा करेला तुम्हारी जिंदगी का स्वाद कैसे कड़वा करता है..!!
"क्या सर आपने इतनी छोटी सी बात को दिल पर ले लिया" श्रीधा हल्का सा मुस्कुराते हुए संकल्प के कंधे पर हल्का सा मारते हुए मजाकिया अंदाज में
बोलती है कि संकल्प घूर कर उसे देखता है,, जैसे उसे आंखों से ही भस्म कर देगा।
"मैं... मैं लिख रही हूं सॉरी..! वो भी वन थाउजेंड बार" श्रीधा जल्दी से आकर सामने वाली चेयर पर बैठ कर नोट बुक ओपन करते हुए बोलती है।
संकल्प गहरी सांस लेकर खुद के गुस्से को कंट्रोल करता है और अपने लिए कॉफी और स्नैक्स ऑर्डर करता है।
श्रीधा नोट बुक में "सॉरी लिखे जा रही थी, वहीं संकल्प आराम से स्नैक्स का आनंद लेते हुए कॉफी पी रहा था।
श्रीधा एक नज़र उसे देख कर वापस से नोट बुक में लिखते हुए अपने मन में" शर्म नहीं आती है अकेले स्नैक्स खाते और कॉफी पीते हुए... यहां सुबह के बाद से मैने कुछ नहीं खाया और अब शाम होने को आई है। कितनी तेज भूख लगी है और खडूस मुझे घर भी नहीं जाने दे रहे हैं,, कम से कम स्नैक्स तो खाने देते..!!
बाहर हल्का हल्का अंधेरा छा रहा था,, शायद बारिश होने वाली थी। कॉलेज के सभी स्टूडेंट्स घर जा चुके थे,, कॉलेज में बस प्रोफेसर्स थे।
श्रीधा का हाथ अब बुरी तरह दर्द हो रहा था जिसका असर उसके चेहरे पर साफ नज़र आ रहा था। पर वह जल्द से जल्द "सॉरी" को हज़ार बार लिख लेना चाहती थी।
"फाइनली हो गया..! श्रीधा ने धीरे से कहा,, अब तो उसके अंदर बोलने की भी हिम्मत न थी।
"गुड...! संकल्प ने नोट बुक देखते हुए कहा,, फिर पेज पलटते हुए "पर जो काम मै दे कर गया था,, वह तो कंप्लीट नहीं हुआ..!!
उसकी बात सुनकर श्रीधा को ऐसा लगा कि वह अभी बेहोश हो जाएगी। अब उसमें एक वर्ड भी लिखने की हिम्मत नहीं हो रही थी,, उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी भी वक्त रो देगी।
तभी अचानक बहुत तेज़ बादल गरजने की आवाज़ आती है और श्रीधा डर से चिहुंक जाती है।
"लगता है बारिश होने वाली है,, तुम घर जाओ" फिर से बादल गरजने की आवाज़ आई तो संकल्प ने श्रीधा से कहा।
यह सुनकर की संकल्प ने उसे घर जाने की परमिशन दे दी है। श्रीधा जल्दी से उठती है और अपनी नोट बुक लेकर केबिन से बाहर जाने के लिए डोर ओपन करती है। जैसे ही डोर ओपन होता है एक तेज धूल उड़ाते हवा का झोंका अंदर आता है।
श्रीधा अपने चेहरे पर हाथ रख लेती है और आंखों में धूल जाने से बचाती है,, उसके बाल अभी भी हवा में उड़ रहे थे। वह धीरे से अपने चेहरे से हाथ उठा कर बाहर देखती है तो बिल्कुल अंधेरा छा चुका था और बिजली चमकने के साथ बादल के लगातार गरजने की आवाज़ आ रही थी,, जिससे वह थोड़ा डर रही थी। वह गहरी सांस लेती है और जल्दी घर जाने के इरादे से अपनी कार की तरफ कदम बढ़ा देती है।
श्रीधा कार ड्राइव कर रही थी और बाहर बहुत ज़ोर से बारिश हो रही थी,, जिससे उसे कार ड्राइव करने में दिक्कत हो रही थी और तभी उसकी कार एक झटके में रुक गई।
"ओह गॉड..! अब क्या हुआ..? एक तो इतनी बारिश हो रही है और कार को भी अभी खराब होना था" श्रीधा कार को दुबारा स्टार्ट करने की कोशिश करते हुए बोलती है।
उसने कई बार ट्राई किया, पर कार स्टार्ट नहीं हुई,, गुस्से से उसने स्टेयरिंग पर हाथ मारा और सोचने लगी कि अब क्या करे। अगर मैकेनिक भी बुलाती है तो,, घर कैसे जाएगी और इतनी बारिश में मैकेनिक को भी आने में टाइम लगेगा। मैकेनिक को कॉल करने के बाद वह कैब बुक करने लगती है, पर वह भी कैंसिल हो जा रही थी।
"आज तो मेरा दिन ही खराब है,, पहले उस खडूस की वजह से और अब यह बारिश..! "मुझे खुद ही देखना पड़ेगा" श्रीधा बोल कर कार से उतर कर खुद कार में आई गड़बड़ी को ठीक करने की कोशिश करने लगती है। कार तो ठीक नहीं हुई,, पर उसे ठीक करने के चक्कर में वह पूरी तरह भीग गई थी।
"अब क्या करूं.? ऑटो से चली जाती हूं" सोच कर वह कुछ देर बाहर खड़ी ऑटो का वेट करने लगती है,, पर कोई भी ऑटो खाली नहीं था।
तभी उसके पास एक कार आकर रुकती है,, वह कार की विंडो से देखती है तो वह संकल्प था। उसे देख कर उसने बुरा सा मुंह बनाया, इस मुसीबत में वह उसी की वजह से फंसी है। न वह उसे इतनी देर तक रोकता और न ही वह यहां इस वक्त बारिश में भीग रही होती।
"आओ कार में बैठ जाओ..! तुम्हे घर ड्रॉप कर देता हूं" संकल्प ने कार की विंडो का शीश नीचे करते हुए श्रीधा से कहा।
"मुझे नहीं जाना है आपके साथ..! इस बारिश में मैं सिर्फ आपकी वजह से फंसी हुई हूं" श्रीधा ने गुस्से से कहा।
"देखो बारिश बहुत तेज़ हो रही है,, इस तरह यहां रहना सेफ नहीं है तुम्हारे लिए..! इतनी बारिश में मुश्किल से ही कोई साधन मिलने की संभावना
है" संकल्प ने उसे समझाते हुए कहा।
श्रीधा ने रोड पर देखा,, जहां पर कुछ ही गाड़ियां आ जा रही थी,, ऊपर से अंधेरा भी हो गया था और वह भीग भी गई थी। संकल्प की बात मानने के अलावा कोई रास्ता नहीं था उसके पास। वह कार में से अपना बैग लेकर और उसे लॉक करके संकल्प की कार में बैठ जाती है,,, तो संकल्प कार आगे बढ़ा देता है।
बारिश की तेज़ बौछारें गिर रही हैं। कार के शीशे पर पानी की बूंदें गिर रही हैं, जो वाइपर से साफ हो रहे हैं। कार के अंदर हल्की पीली रोशनी है,, वह बहुत धीरे धीरे कार ड्राइव कर रहा था।
श्रीधा जो पूरी तरह भीगी हुई थी,, अब उसे ठंड लगने लगी थी। वह अपने बालों को धीरे धीरे झटकती है, तो उसके बालों से निकली पानी की कुछ बूंदे संकल्प के चेहरे पर आकर गिरी। उसने एक नज़र श्रीधा को देखा जो अपने बालों को झटक रही थी और उसके गुलाबी होंठ हल्के हल्के कांप रहे थे ठंड के कारण। वह हीटर ऑन कर देता है और रोड पर देखने लगता है।
श्रीधा कार की विंडो से बाहर देख रही थी,, उसे अभी भी ठंड लग रही थी। तभी उसे संकल्प की धीमी आवाज़ सुनाई दी" इसे पहन लो... ठंड नहीं लगेगी..!!
श्रीधा ने संकल्प की तरफ देखा जिसका पूरा ध्यान कार ड्राइव करने पर था और एक हाथ उसकी तरफ था, जिसमे उसने कोट पकड़ रखा था। वह उसके हाथ से कोट लेकर पहन लेती है और कुछ ही देर में उसे गर्माहट महसूस होने लगती है।
तभी अचानक फिर से बादल गरज़ते हैं और पहले से भी तेज़ आवाज में। श्रीधा डर कर संकल्प का हाथ पकड़ लेती है और अपनी आँखें बंद करके "ओह गॉड..! प्लीज मैं सही सलामत घर पहुंच जाऊं..!!
"इतनी बारिश में तुम्हे कुछ नहीं होने वाला" संकल्प ने अपना हाथ पीछे खींचते हुए कहा, तो श्रीधा घूर कर उसे देखती है।
"यह बादल भी आपकी तरह बरस रहे हैं..!!
"तब तो तुम्हारा डरना जरूरी है,, क्योंकि यह बारिश कई बार बड़ी तबाही लेकर आती है" संकल्प ने अपनी सख्त आवाज़ में कहा तो श्रीधा उसे देखने लगी।
"अगर आपको कोई प्रॉब्लम है तो आप मुझे यही उतार दीजिए,,, आपके लेक्चर से अच्छा है कि मैं बारिश में भीग जाऊं..!!
उसकी बात सुनकर संकल्प ने उसे देखा, तो वह एक टक उसे देख रही थी। वह उस पर से अपनी नजरें हटा कर रोड पर देखने लगता है और अब कार में बिल्कुल चुप्पी छा गई थी,,, शोर था तो सिर्फ बारिश का।
जारी.....................
बाहर बारिश का शोर था और कार के अंदर बिल्कुल शांति। श्रीधा और संकल्प चुप चाप बैठे थे,, वैसे भी उनकी तो लड़ाइयां होती हैं,, बातें नहीं। ट्रैफिक की वजह से एक जगह कार रोकनी पड़ी।
श्रीधा को अब बहुत तेज भूख लग रही थी,, उसने सिर्फ सुबह का ब्रेकफास्ट किया हुआ था। उसके बाद से उसने कुछ भी नहीं खाया था और अब तो भूख की वजह से अब उसका पेट भी दर्द होने लगा था। वह जल्द से जल्द घर पहुंच जाना चाहती थी,, पर इस बारिश में घर जल्दी पहुंचना मुश्किल था।
संकल्प ने एक नज़र श्रीधा को देखा और फिर सामने देखने लगा। रोड के किनारे पर एक चाय वाले की दुकान थी,, संकल्प ने वहां पर काम कर रहे लड़के को इशारे से अपने पास बुलाया और उसे एक चाय और समोसे लाने को कहा।
"हुंह..! एक चाय और समोसे.. सिर्फ अपने लिए,, एक बार भी मुझसे नहीं पूछा कि मुझे भी चाय और समोसे चाहिए या नहीं, यहां भूख से हालत खराब हो
रही है। पर ये मुझे क्यों पूछेंगे जानी दुश्मन हूं न मैं इनकी" श्रीधा ने मन ही मन में सोचा।
चाय वाला संकल्प को चाय और समसे दे गया, तो संकल्प ने विंडो का मिरर क्लॉज किया और चाय का कप श्रीधा की तरफ बढ़ाते हुए" चाय पी लो.. अभी घर पहुंचने में टाइम लगने वाला है...!!
उसकी बात सुनकर श्रीधा ने पलट कर हैरानी से उसकी तरफ देखा। उसे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने सही सुना है या नहीं। उसका स्ट्रिक्ट प्रोफ़ेसर,, जिसे डांटने के सिवा और कुछ नहीं आता है। वह उसे चाय पीने के लिए बोल रहा है,, इसका मतलब उन्होंने चाय और समोसे अपने लिए नहीं बल्कि मेरे लिए मंगाया था।
"देख क्या रही हो,, कप पकड़ो... सिग्नल ग्रीन हो जाएगा तो चाय नहीं पी पाओगी तुम" संकल्प ने कहा,, तो श्रीधा कप पकड़ती है तो दर्द के कारण उसका हाथ कांप जाता है और चाय का कप गिरने वाला था कि संकल्प ने उसका हाथ पकड़ लिया और चाय का कप गिरने से बच गया।
श्रीधा का दिल अचानक से धड़कने लगता है,, वह चाय का कप दूसरे हाथ में लेते हुए"सॉरी...! वो वन थाउजेंड बार लिखने की वजह से मेरा हाथ दर्द हो रहा है..!!
संकल्प ने समोसे उसकी तरफ बढ़ाया तो श्रीधा देखने लगी क्योंकि उसका एक हाथ दर्द हो रहा था और दूसरे हाथ में चाय थी।
"पहले समोसे खा लो फिर चाय पी लेना" संकल्प ने कहा तो श्रीधा ने चाय सामने रखा और समोसे खाने लगी। बारिश का मौसम गरमा गर्म समोसे और चाय,, उसे सच में बहुत अच्छा लग रहा था। चाय पीते हुए वह सोच रही थी कि उसे कैसे पता चला कि उसे भूख लगी है। पर यह सवाल वह संकल्प से कर नहीं पाई और संकल्प को देखने लगी जो अपने चीन पर हाथ रखे विंडो से बाहर देख रहा था।
इस बारिश में बहुत कुछ बदल रहा था,, या बदलने वाला था,, या फिर शायद यह बारिश अपने साथ सब कुछ बहा कर ले जाने वाली थी, या छोड़ जाने वाली थी एक भयंकर तबाही।
संकल्प श्रीधा के घर के बाहर कार रोकता है तो श्रीधा अपना कॉलेज बैग लेते हुए "जब तक बारिश रुक नहीं जाती,, चाहे तो यहां रुक सकते हैं...!!
"यह बारिश आज नहीं रुकने वाली है" संकल्प ने कहा तो वह समझ गई कि वह नहीं रुकने वाला है।
वह कार से बाहर निकलती है और धीरे से" बैंक यू" बोलकर अंदर की तरफ भाग जाती है कि कुछ सेकंड और रुकी तो कहीं फिर से दोनों के बीच कहासुनी न हो जाए।
संकल्प अपनी कार स्टार्ट करते हुए आगे बढ़ा देता है,, भले ही उसे श्रीधा पसंद न हो। पर उसकी वजह से वह लेट हुई थी और एक प्रोफेसर होने के कारण वह उसे यूं बीच रास्ते पर नहीं छोड़ सकता था। उसके घर के लिए निकलने के बाद उसने उसके कार के पीछे अपनी कार लगा दी थी,, यह देखने के लिए कि वह सेफली घर पहुंच जाए। पर उसकी कार खराब होने पर जब उसने देखा कि उसे कोई साधन नहीं मिल रहा है,, तो उसने खुद उसे घर तक छोड़ने का डिसाइड किया।
श्रीधा घर के अंदर आती है तो एक सर्वेट जल्दी से उसके पास आकर उसका बैग ले लेती है।
"मॉम-डैड कहां है.? श्रीधा ने सर्वेट से पूछा। रास्ते में कई बार उसने अपने मॉम डैड से कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की थी लेकिन उनका फोन आउट ऑफ कवरेज बता रहा था। इसलिए उसने उन्हें मैसेज करके बता दिया था कि बारिश की वजह से उसे घर आने में रात हो जाएगी।
बारिश की वजह से उन्हें आने में टाइम लगेगा,, आपका फोन शायद ऑफ होगा इसलिए सर ने घर पर कॉल करके बताया था" सर्वेट ने कहा और श्रीधा के लिए नाश्ता रेडी करने चली गई।
श्रीधा अपने रूम में आती है और आलमारी में से अपने कपड़े निकाल कर बेड पर रख देती है। वह कोट निकाल रही होती है कि उसकी नज़र आइने पर नजर आते अपने अक्श पर जाती है, उसे याद आता है कि किस तरह संकल्प ने अपनी कोट उसे दी थी। वह खुद को आइने में देखते हुए, उस कोट को सहला रही थी,, उसके गिले वजूद में संकल्प की भीनी खुशबू समाई हुई थी, जो संकल्प के कोट से आ रही थी। उस भीनी खुशबू को महसूस करके उसके होंठों पर हल्की सी मुस्कान आ जाती है, जो जल्द ही गायब हो जाती है।
"यह मै क्या सोच रही हूं..! उन्होंने बस मेरी हेल्प की है,, इससे उन्होंने मेरे साथ जो किया है, वह नहीं भूल सकती। उन्होंने मेरी हेल्प की और मैने उन्हें थैंक यू बोल दिया बात खत्म" उसने मन ही मन सोचा और अपने कपड़े लेकर वॉशरूम चली गई।
सुबह का वक्त
बारिश रुक चुकी थी,, पर अभी भी बादल छाए हुए थे। मौसम में हल्की नमी थी,, ठंडी हवाएं,, मौसम बिल्कुल ताजगी भरा,, सुहावना मौसम जो दिल को सुकून दे रहा था।
श्रीधा जिसने डार्क ग्रीन कलर का फिट एंड डबल फ्लेयर नी लेंथ ड्रेस पहनी हुई थी। कर्ली हेयर जो उसने आगे कर रखे थे,, होंठों पर रेड कलर की लिपस्टिक। कंधे पर कॉलेज बैग और हाथ में अपना फोन लिए वह हल्का सा मुस्कुराती हुई आ रही थी।
" श्री...! कल तुम जल्दी घर चली गई थी क्या.? संकल्प सर का दिया टास्क करने के बाद तुम वापस क्लास में नहीं आई" इंदू श्रीधा के बैठते ही सवाल करती है।
श्रीधा को कल जो कुछ हुआ याद आता है कि किस तरह संकल्प ने उसे पनिशमेंट दी थी। वह हल्का सा मुस्कुरा कर" हां..! वो कुछ काम आ गया था कि मुझे घर जल्दी जाना पड़ा..!!
"सही किया की तुम कल घर जल्दी चली गई,, पता है कल कितनी तेज़ बारिश हो रही थी। मैं तो लेट हो गया था घर पहुंचने में" सागर ने कहा।
"हम्मम...! कल की बारिश सबसे अलग थी बिल्कुल सोच के विपरीत" श्रीधा ने संकल्प के कल के बिहेवियर को याद करते हुए कहा।
"वैसे तुम्हे पता है इंग्लिश की मैम अपनी छुट्टियां मना कर वापस आ गई हैं" अखिल ने चहकते हुए कहा।
"ओहो तुम्हे बहुत खुशी हो रही है.? बरखा ने उसकी टांग खींचते हुए कहा।
"अच्छा तो लगेगा न..! अब संकल्प सर वह क्लास नहीं लेंगे" अखिल ने मुस्कुराते हुए कहा तो यह जानकर श्रीधा को भी खुशी हुई।
"वैसे सभी प्रोफ़ेसर की क्रश हैं इंग्लिश की मैम" इंदू ने एक आंख विंक करते हुए कहा।
"इतनी यंग और स्टाइलिश फीमेल प्रोफेसर पूरे कॉलेज में नहीं है इसलिए" सागर ने कहा।
तभी एक 27 साल की लड़की जिसने रेड स्लीवलेस ब्लाउज के साथ ब्राऊन कलर की साड़ी पहनी हुई थी। गोरा रंग,, सिल्की कंधे से नीचे आते बाल,, चेहरे पर एटीट्यूड लिए क्लास में एंटर करती है।
"अनुराधा मैम...!! उन्हें देखते ही स्टूडेंट्स शांत हो जाते हैं और धीरे से बोलते हैं। कुछ लड़कियां तो उन्हें देख कर उदास हो जाती हैं क्योंकि उनके न आने पर संकल्प उन सबकी एक्स्ट्रा क्लास ले रहा था,, जिससे वह उसे जी भर कर देख सकती थी।
"तो स्टूडेंट्स...! आई एम बैक...! अब सबको जल्द से जल्द अपना वर्क कंप्लीट करना है,, क्योंकि कुछ दिनों के बाद से आपके एग्जाम हैं" अनुराधा ने सभी को देखते हुए कहा और बुक ओपन करके सभी को चैप्टर समझाने लगी।
"एनी वन हैव एनी प्रॉब्लम..? क्लास से बाहर जाने से पहले अनुराधा ने सभी स्टूडेंट से पूछा। जिसपर सभी ने इनकार में सिर हिलाया तो वह क्लास से बाहर चली गई।
"चलो कैंटीन चलते हैं,, मुझे भूख लगी है" सागर ने सबको देखते हुए कहा,,, तो सभी उसके साथ क्लास से बाहर चल देते हैं।
अनुराधा अपने केबिन की तरफ जा रही थी कि उसकी नज़र संकल्प पर पड़ी, जो अपनी क्लास अटेंड करके अपने केबिन की तरफ जा रहा था। उसे कॉलेज में देख कर वह हैरान हो गई और वह जल्दी से चल कर संकल्प के सामने आ गई,, जिससे संकल्प रुक गया।
"ओह माय गॉड संकल्प...! इट्स यू..! दिस इज अ प्लेजेंट सर्प्राइज..! आई कांट बिलीव माय आईज..! तुम यहां कॉलेज में क्या कर रहे हो.? अनुराधा ने खुश होते हुए कहा।
उसे देख कर संकल्प हल्की मगर अपनी सख्त आवाज़ में" आई एम ए प्रोफेसर ऑफ इको इन दिस कॉलेज...!!
"व्हाट..? उसकी बात सुनकर अनुराधा ने हैरानी से कहा,, जैसे उसने अभी जो सुना उस पर उसे यकीन नहीं हो रहा था। वह उसके ही कॉलेज में प्रोफेसर है,, मगर वह कब आया.? क्या तब जब वह हॉलीडेज पर थी।
"तुम प्रोफ़ेसर.... मगर तुम तो" अनुराधा आगे कुछ बोलती कि संकल्प उसे घूरते हुए" तुम मुझसे इतने सवाल क्यों कर रही हो.? तुम्हे हर बात का जवाब देना मै जरूरी नहीं समझता..!!
"ओके सॉरी...! पर मुझसे इस तरह तो बात मत करो..! "आई एम यौर फ्रेंड... कॉलेज फ्रेंड" अनुराधा ने मुस्कुराते हुए कहा, तो संकल्प उसे देखने लगा।
जारी......................
संकल्प हमेशा से जैसा है,, सख्त और कम बोलने वाला। उसे अनुराधा का बार बार सवाल करना पसंद नहीं आ रहा था,, उसने एक बाउंड्री सेट कर रखी है,, जिसके अंदर कोई नहीं आ सकता।
वहीं उसका रुड बिहेवियर देख कर अनुराधा उससे और कुछ नहीं पूछती है और मुस्कुराते हुए बोलती है" अपने दोस्त के साथ इस तरह बात कौन करता है.? कॉलेज में तुम ऐसे नहीं थे,, इतने रुड...!!
"अनु प्लीज़...! यहां हम प्रोफेसर हैं,, कॉलेज के स्टूडेंट नहीं, इतना तो तुम भी समझती हो,, तुम भी तो प्रोफेसर हो" संकल्प अपने आप को शांत रखते हुए बोलता है।
"वैसे मुझे उम्मीद नहीं थी कि हमारी मुलाक़ात इस तरह यहां होगी,, पर मैं तुम्हे यहां देख कर खुश हूं" अनुराधा ने मुस्कुराते हुए कहा।
"अरे वो देखो...! अनुराधा मैम कैसे संकल्प सर के साथ मुस्कुराते हुए बातें कर रही हैं" वहां से कैंटीन की तरफ जाते हुए जब बरखा की नज़र उन दोनों पर पड़ी तो उसने अपने दोस्तों से कहा।
उसकी बात सुनकर सभी उस दिशा में देखते हैं जहां बरखा देख रही थी और सच में अनुराधा मुस्कुराते हुए संकल्प से बात कर रही थी। जबकि संकल्प एक हाथ में फाइल लिए और दूसरे हाथ को पॉकेट में डाले उसे देख रहा था या फिर उसकी बातें सुन रहा था।
श्रीधा उन दोनों को गौर से देख रही थी,,, उन दोनों को देख कर लग रहा था कि दो दोस्त बातें कर रहे हैं, हालांकि संकल्प बिल्कुल कॉल्म खड़ा था।
"लगता है अनुराधा मैम को पसंद करने वालों की लिस्ट में संकल्प सर का भी नाम जुड़ने वाला है" अखिल ने मजाकिया अंदाज में कहा।
"नो...! दैट विल नेवर हैपन" श्रीधा ने अचानक से कहा,, तो सागर, अखिल, बरखा और इंदू हैरानी से उसे देखने लगे।
"और तुम्हे ऐसा क्यों लगता है कि ऐसा नहीं होगा.? अनु मैम ब्यूटीफुल है,, हाइली एजुकेटेड हैं, उनकी पर्सनैलिटी भी अच्छी है,, तो भला संकल्प सर उनके चार्म से कैसे बच पाएंगे "बरखा ने कहा।
"वह किसी को पसंद भी कर ले तो क्या,, वह इतने खडूस हैं कि उनका सडू सा मुंह देख कर कोई भी लड़की उन्हें पसंद नहीं करेगी" श्रीधा ने बुरा सा मुंह बनाते हुए कहा।
"मुझे तो ऐसा नहीं लगता..! "वैसे अनु मैम जिस तरह से उनसे बातें कर रही हैं,, लग रहा है कि वह दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं "इंदू ने धीरे से कहा।
"छोड़ों न...! वो उन दोनो की लाइफ हैं,, कुछ भी करे,, चलो हम कैंटीन चलते हैं" सागर ने बरखा और इंदू से आगे बढ़ने का इशारा करते हुए कहा तो वह सब वहां से जाने लगते हैं।
वहीं श्रीधा ने देखा कि अनुराधा संकल्प का हाथ पकड़ कर उसके केबिन की तरफ जा रही है,, वह अभी भी मुस्कुराते हुए उससे बातें कर रही थी। श्रीधा अपना सर झटकती है और कैंटीन की तरफ चल देती है।
"ओह संकल्प...! तुमसे इतने दिनों के बाद मिल कर कितना अच्छा लग रहा है"केबिन में पहुंच कर संकल्प अपनी चेयर पर बैठ गया और अनुराधा सामने वाली चेयर पर।
संकल्प ने कॉल करके दो कॉफी का ऑर्डर दिया और अनुराधा से" अनु मुझे कुछ फाइल्स चेक करनी है इसलिए हम फ्री होकर बात करेंगे..!!
"ओह संकल्प..! तुम इतने बोरिंग कैसे हो गए.? मुझे भी पता है कि एक प्रोफेसर पर कितनी जिम्मेदारी होती है। हम दोस्त हैं और अब तो हम यहां कॉलेज में प्रोफेसर भी हैं,, अब तो रोज़ मिलना होगा। पर हम इतने दिनों बाद मिले हैं तो क्या मैं अपने दोस्त से बातें भी नहीं कर सकती" अनुराधा ने हल्की नाराज़गी से कहा।
उसकी बात सुनकर संकल्प गहरी सांस लेता है और बोलता है" ओके फाइन...! अब नाराज़ मत हो...! "मैं अपना काम बाद में कर लूंगा" बोल कर उसने फाइल एक तरफ रख दी।
अनुराधा हल्का सा मुस्कुरा देती है,, तब तक कॉफी आ जाती है और वह दोनों अपनी कॉफी पीने लगते हैं।
"अंकल आंटी कैसे हैं.? अनुराधा ने पूछा।
"अच्छे हैं..!!
"और तुम्हे तुम्हारी सोलमेट... तुम्हारी मिस परफेक्ट मिली तुम्हे.? अनुराधा ने प्यार से संकल्प की तरफ देखते हुए कहा।
"नहीं...! और अभी मुझे इस बारे में बात भी नहीं करनी है..! तुम्हे पता है मॉम डैड भी चाहते हैं कि मैं शादी कर लूं,, पर अभी शादी करने का मेरा कोई इरादा नहीं है..!!
यह जानकर कि संकल्प ने अपनी शादी नहीं की है अनुराधा की आंखों में चमक आ जाती है और वह स्टाइल से अपने बाल सेट करते हुए मुस्कुरा कर" संकल्प तुम इन फाइलों से बाहर निकल कर देखो,, तुम्हे तुम्हारे आस पास ही तुम्हारी सोलमेट मिल जाएगी..!
संकल्प ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया,, वह जानता था कि अनु क्या कहना चाहती थी। कॉलेज टाइम से ही उसे पता है कि अनु उसे पसंद करती है,, शायद यही कारण है कि वह उसके साथ कंफर्ट फील नहीं करता है।
श्रीधा कैंटीन में बैठी पेस्ट्री खा रही थी,, पर उसका ध्यान कहीं और था,,, कहां उसे पता नहीं।
"श्री...! तुम आजकल इतनी बीजी हो गई हो कि हम सब एक साथ कहीं घूमने नहीं जा पा रहे हैं,, न एंजॉय कर पा रहे हैं" अखिल ने उदासी से कहा।
"अखिल सही बोल रहा है श्री..! सच में तुम्हारे बिना हमारा ये ग्रुप अधूरा लगता है" सागर ने कहा।
"वैसे जिस तरह इको पढ़ाने के लिए सर तुम्हारे पीछे पड़े हैं,, लगता है तुम इको में टॉप करोगी" इंदू ने हंसते हुए कहा तो,, श्रीधा जो अखिल और सागर की बात सुनकर भावुक होने वाली थी कि उसे घूरने लगती है।
"यह तो सही कहा...! "श्री ने सर के आते ही उनसे पंगा ले लिया था,, जिसका बदला सर आज तक ले रहे हैं और लगता नहीं है कि वह श्री को इतनी आसानी से छोड़ने वाले हैं" बरखा ने मजाकिया अंदाज में कहा तो अखिल, सागर और इंदू मुस्कुरा देते हैं।
"श्री ने उन चारों को घूर कर देखा और अपने चेहरे पर आई घुंघराले बालों की लटों को फूंकते हुए अदा से" श्री है ही ऐसी...! जो मिलता है उसका फैन हो जाता है।
उसकी बात सुनकर चारों कुछ देर उसे देखते हैं फिर वह पांचों एक साथ ठहाके लगाने लगते हैं।
"अच्छा मैं खडूस के केबिन में जा रही हूं,, तुम सबको पता है न कि अगर मैं टाइम पर नहीं पहुंची तो वह कड़वा करेला मुझे सौ ताने देगा" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा और जल्दी से वहां से चली गई।
"सबको परेशान करने वाली हमारी श्री को संकल्प सर ने परेशान कर रखा है" सागर ने गहरी सांस लेकर कहा।
संकल्प खड़ा होता है उसे लाइब्रेरी जाना था तो अनुराधा भी खड़ी होते हुए "मैं भी चलती हूं,, मेरी नेक्स्ट क्लास का टाइम हो गया है" बोल कर वह आगे बढ़ती है कि उसकी साड़ी में उसका पैर उलझता है और वह गिरने वाली होती है कि संकल्प जल्दी से आकर उसे पकड़ लेता है।
ठीक उसी वक्त श्रीधा केबिन का गेट ओपन करती है, तो सामने का नज़ारा देख कर हैरान हो जाती है। संकल्प ने अनुराधा को कंधे से पकड़ रखा था,, वहीं अनुराधा के दोनों हाथ संकल्प के हाथ के ऊपर था। गेट ओपन होने की आवाज़ से दोनों आवाज़ की दिशा में देखते हैं तो सामने श्रीधा को देख कर जल्दी से अलग हो कर खड़े हो जाते हैं।
"आई.... एम सॉरी...! श्रीधा बोलकर वहां से जाने वाली होती है कि संकल्प की गुस्से भरी आवाज कैबिन में गूंज उठती है और श्रीधा पलट कर उसे देखने लगती है।
"हे यू इडियट...! "अंडिसिप्लीन्ड गर्ल..! तुम ऐसे ही बिना नॉक किए मेरे केबिन में कैसे आ सकती हो.? डू यू हैव एनी मैनर्स और नॉट.? यह तुम्हारा घर नहीं है, जहां तुम मुंह उठाए,, जैसे चाहो,, जब चाहो आ जाओगी..! यह मेरा कैबिन है और यहां आने से पहले तुम्हे मेरी परमिशन लेनी चाहिए थी। लेकिन तुम... तुम्हे तो कोई फर्क ही नहीं पड़ता है क्योंकि ढीठ जो हो तुम...!!
"संकल्प रिलैक्स..! कॉल्म डाउन...! तुम इतना गुस्सा क्यों कर रहे हो.? हो जाती है गलती कभी कभी" अनुराधा ने संकल्प के कंधे पर हाथ रख कर कहा।
"गलती...! तुम जानती नहीं हो अनु,, यह लड़की गलतियों का पिटारा है,,, सब सुधर सकते हैं, पर यह लड़की नहीं..! इसे कुछ नहीं आता है,, यह पढ़ाई में भी जीरो है और अपनी लाइफ में भी जीरो है" संकल्प ने गुस्से से श्रीधा को घूरते हुए कहा।
वहीं उसकी बातें श्रीधा के दिल पर चोट पहुंचा रही थी, उसकी आंखों से आंसु बहने लगते हैं। क्या उसकी गलती इतनी बड़ी है कि संकल्प उसे इतना डांट रहा है,,, इतनी बेइज्जती आज तक उसकी किसी ने नहीं की थी। वह अपनी आंसु भरी आंखों से संकल्प को देखती है और उन आंसुओं को बेदर्दी से पोंछते हुए गुस्से में वहां से चली जाती है।
"यह तुमने क्या किया संकल्प.? इतनी बुरी तरह कोई किसी को डांटता है क्या.? रुला दिया तुमने बेचारी को,, कितने पत्थर दिल हो गए हो तुम" अनुराधा ने संकल्प को समझाते हुए कहा।
"अनु..! तुम्हारी क्लास का टाइम हो रहा है,, तुम जाओ.. मुझे कुछ काम है" संकल्प ने कहा तो अनुराधा वहां से चली गई।
वहीं श्रीधा रोते हुए तेज़ी से अपनी कार की तरफ जा रही थी,,, जब इंदू की नज़र उस पर पड़ी। वह बरखा, अखिल और सागर से"यह श्री को क्या हुआ.? यह रो क्यों रही है.? चलो.. उसके पास चलते हैं" बोल कर वह सब जल्दी से श्रीधा की तरफ अपने कदम बढ़ा देते हैं।
पर वह सब, जब तक उसके पास पहुंचते उसकी कार धूल उड़ाती हुई बिल्कुल तेज़ स्पीड में उनके सामने से निकल गई।
"ओह गॉड...! लगता है श्री बहुत गुस्से में है और तुम सबको तो पता है न कि उसे जब बहुत तेज़ गुस्सा आता है तो वह क्या करती है" बरखा ने घबराते हुए कहा तो उन तीनों के चेहरे पर भी घबराहट उभर आई।
जारी............…..........
सागर, अखिल, बरखा और इंदू श्रीधा को रोते हुए देख कर चिंतित हो जाते हैं और उससे उसके रोने की वजह पूछने के लिए उसके पास जाने लगते हैं।
पर श्रीधा जो बहुत गुस्से में थी,, वह कार में बैठते ही कार स्टार्ट करती है और बिना आस पास देखे कार को कॉलेज से बाहर लेकर चली जाती है।
उसके दोस्त भाग कर उसके पीछे जाते हैं,, पर तब तक उसकी कार धूल उड़ाती हुई वहां से जा चुकी थी।
"मैं श्री को कॉल करती हूं..! तुम सबको पता है न अपने गुस्से में उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता है" बरखा जल्दी से श्रीधा का नंबर डायल करते हुए अपने दोस्तों से बोलती है।
"श्री प्लीज पिक अप द फोन" सभी मन ही मन सोच रहे थे। पर बरखा के इनकार में सर हिलाने पर वह सब परेशान हो जाते हैं।
"अब क्या करे.? अखिल ने परेशान होते हुए कहा।
"उसे ढूंढने चले क्या.? इंदू ने चिंतित स्वर में कहा।
"उसे ढूंढने के लिए हमें पता भी तो होना चाहिए कि वह कहां गई है। वह तो हमारे कॉल का आंसर भी नहीं दे रही है" बरखा ने कहा।
संकल्प जो वहां से जा रहा था, उन चारों को एक जगह परेशान खड़ा देख कर उनके पास आकर अपनी सख्त आवाज में" तुम सब यहां क्या कर रहे हो..? तुम सबको क्लास में होना चाहिए,, यहां कॉलेज गेट पर नहीं और तुम सब इतने परेशान क्यों हो.?
"सर.... आपने.... श्री... को कुछ कहा था क्या.? इंदू ने डरते हुए संकल्प से सवाल किया।
उसकी बात सुनकर संकल्प गुस्से से"क्यों.? उसने आकर तुम सब से मेरी शिकायत की है क्या,, छोटे बच्चों की तरह...! उसे डांट उसकी गलतियों की वजह से पड़ती है..!!
"सर..! जैसा आप सोच रहे हैं, वैसा कुछ नहीं है..! वो श्री अभी रोते हुए यहां से गई है तो.... सागर ने जल्दी से कहा।
"उस की संगति में रहोगे तो तुम सब भी वैसे ही हो जाओगे..! "वैसे भी छोटी बच्ची नहीं है वो जिसके रोने पर तुम सब परेशान हो रहे हो..!!
"सर माना कि श्री थोड़ी जिद्दी है पर वह दिल की बुरी नहीं है और आपको नहीं पता कि जब उसे बहुत तेज़ गुस्सा आता है तो वह उससे भी तेज़ स्पीड से अपनी कार खाली सड़कों पर दौड़ाती रहती है,, जब तक उसका गुस्सा शांत नहीं हो जाता। पिछली बार इसी वजह से उसका एक्सीडेंट हो गया था और उसे हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा था,, इसी वजह से हम सब उसके लिए परेशान हैं। वह तो हमारे कॉल भी पिक नहीं कर रही है,, हमारी श्री जैसी भी है वह हमारे लिए स्पेशल है। "सो प्लीज..! आप उसके लिए कुछ गलत मत बोलिए हमें बर्दाश्त नहीं होगा" बरखा ने हल्की नाराज़गी से कहा।
हालांकि यह सब बोलते हुए उसे डर भी लग रहा था कि कहीं संकल्प उसे भी न डांट दे। पर वह श्री के लिए कुछ बुरा भी नहीं सुन सकती थी, इसलिए संकल्प के सामने निडर बनी रही।
"सर...! अगर श्री को कुछ भी हुआ तो उसके जिम्मेदार आप होंगे" सागर ने बरखा के बगल में आकर संकल्प को देखते हुए धीरे से कहा।
संकल्प ने देखा कि वह चारों उसे ही घूर रहे हैं,, वह अपने माथे को हाथ से हल्का सा रब करते हुए कुछ सोचता है। फिर उन चारों को देखते हुए"फाइन...! मैं तुम्हारी फ्रेंड को ढूंढ कर सेफली घर छोड़ कर आऊंगा...!!
"पर आप उसे ढूंढेंगे कैसे.? हमें तो पता ही नहीं है कि वह किधर गई है।
संकल्प उन सभी को इग्नोर करता है और अपनी कार लेकर वहां से चला जाता है।
श्रीधा रोते हुए कार ड्राइव कर रही थी, उसकी कार फुल स्पीड में खाली रोड पर दौड़ रही थी। वह रोते हुए" हुंह...! समझते क्या है अपने आप को,, कितनी बुरी तरह डांटा उन्होंने मुझे.! "एक बार यह भी नहीं सोचा कि मुझे कैसा लगेगा.! "मैं क्या कोई जानबूझ कर गई थी उनके कैबिन में,, जो मुझे इतना सुना दिया। उन्होंने ही तो मुझे एक हफ्ते के लिए अपने केबिन में बैठ कर उनका दिया टास्क कंप्लीट करने को कहा था। एक दो बार ज़ीरो क्या आ गए उन्हें ऐसा लगता है कि कभी मेरे अच्छे मार्क्स आएंगे ही नहीं। अरे ऐसे सडू से प्रोफ़ेसर होंगे तो स्टूडेंट के जीरो आएंगे ही।
वह बड़बड़ाते हुए कार को फ्लाईओवर पर ले लेती है और अब उसका गुस्सा धीरे धीरे शांत होने लगता है। पर उसके कार की स्पीड अभी भी फुल थी और अचानक ही उसके कार के सामने कुछ दूरी पर एक छोटा सा डॉग आ जाता है और उसे बचाने के चक्कर में श्रीधा कार को झटके से दूसरी तरफ मोड़ती है तो उसकी कार थोड़ा आगे जाने के बाद डिवाइडर को तोड़ते हुए झटके से रुक जाती है और उसका सर तेज़ी से स्टीयरिंग पर जाकर लगता है। कुछ देर तक तो उसे समझ ही नहीं आता है कि हुआ क्या,, उसे सब कुछ धुंधला सा दिखने लगता है। वह अपना सर पकड़ लेती है जहां इस वक्त बहुत दर्द हो रहा था। वह कुछ देर के लिए अपनी आँखें बंद कर लेती है और गहरी सांस लेने लगती है। उसके माथे से हल्का सा खून निकल रहा था,, कुछ देर बाद वह आंखे खोलती है तो डर से उसकी आँखें चौड़ी हो जाती हैं। उसकी कार फ्लाईओवर के डिवाइडर के बीच फंसी हुई थी कि उसकी कार पीछे नहीं जा सकती थी और आगे बढ़ाने पर कार ऊपर से डायरेक्ट नीचे रोड पर गिरती और उसके टुकड़े हो जाते।
"ओह गॉड...! ये.... ये क्या हुआ..? अब मैं यहां से बाहर कैसे निकलूं.? श्रीधा ने फुसफुसाते हुए कहा और अपना फोन ढूंढने लगी जो टक्कर के कारण नीचे गिर गया था कि वह किसी को हेल्प के लिए बुला सके। पर जैसे ही वह नीचे झुकने वाली थी मोबाइल उठाने,, कार हिलने लगी और वह डर से अपनी जगह वापस बैठ गई।
"ओह गॉड..! यह गुस्सा एक दिन मेरी जान ले लेगा..! अब मुझे इंतजार करना होगा कि कोई कार इधर से जाए तो मैं उनसे हेल्प मांगू..! यह सब उस कड़वे करेले की वजह से हुआ है,, न वह मुझे डांटता और न ही मैं यहां होती। खुद तो केबिन में अनुराधा मैम के साथ इश्क़ लड़ा रहे थे और डांट मुझे रहे थे" श्रीधा गुस्से से बडबडा रही थी। पर अचानक ही संकल्प और अनुराधा को एक साथ सोच कर उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है।
"अनुराधा मैम को वो कैसे पसंद कर सकते हैं,, मुझे तो वो बिल्कुल अच्छी नहीं लगती हैं। कैसे बिल्कुल उनके पास खड़ी उन्हें देख रही थी" सोचते ही उसे हल्का गुस्सा आने लगता है। पर वह अपना सर झटकते हुए "मैं यह सब क्यों सोच रही हूं..! मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है,, उनका जो मन आए वो करे,, वह किसी को भी पसंद करे,, किसी के भी पास जाए,, किसी को भी किस करें...... सोचते ही वह ठहर जाती है। उसे वह पार्टी वाला दिन याद आता है जब उसने संकल्प को किस किया था। एक बार फिर उसका दिल तेजी से धड़कने लगता है,, वह अपनी सोच में किसी और के साथ संकल्प को इमेजिन नहीं कर पा रही थी।
वह फ्रस्ट्रेट होते हुए अपना सर पकड़ लेती है और अपने बाल खींचते हुए" यह मै क्या सोच रही हूं..! मुझे वो खडूस बिल्कुल पसंद नहीं है..!!
"मिस कर्ली हेयर...! अचानक ही उसे एक जानी पहचानी आवाज़ सुनाई दी तो उसने सर उठा कर आवाज़ की दिशा में देखा। संकल्प था जो अपनी कार से निकल कर दौड़ते हुए उसकी तरफ आ रहा था।
"यह कड़वा करेला यहां..?
"मिस कर्ली हेयर..! आर यू ओके" संकल्प उसे बाहर से आवाज़ देते हुए बोलता है। जबकि वह बस हैरानी से उसे देखे जा रही थी।
"यू फूल..! वहां बैठी क्या हो,, कार से बाहर निकलो" संकल्प ने उसपर चिल्लाते हुए कहा और किसी को कॉल करने लगा।
वहीं उसकी बात सुनकर श्रीधा गुस्से से"मै यहां आराम से बैठ कर झूला झूल रही हूं..! बहुत अच्छा लग रहा है मुझे यहां इसलिए मैं बाहर नहीं आ रही..!!
उसकी बात सुनकर संकल्प घूर कर उसे देखता है,, यहां उसकी जान पर बनी हुई है और अभी भी उसे मजाक सूझ रहा है।
"आपको क्या लगता है कि मैने कोशिश नहीं कि थी" बोलकर श्रीधा कार से बाहर निकलने की कोशिश करने लगती है कि कार हिलने लगती है तो वह अपनी जगह बैठ जाती है।
"सी...! व्हेन आई ट्रायड दिस हैप्पेन्ड" श्रीधा ने संकल्प को देखते हुए कहा।
संकल्प ने देखा उसके माथे से खून निकल रहा है,, वह अपना माथा रब करते हुए कुछ सोचने लगता है और कार के पीछे का गेट ओपन करने लगता है।
"यह क्या कर रहे हैं आप.?
"यू इडियट..! तुम्हारी हेल्प करने की कोशिश कर रहा हूं..!!
"नहीं चाहिए मुझे आपकी हेल्प..! छोड़ दीजिए मुझे ऐसे ही" श्रीधा ने नाराजगी से कहा।
संकल्प गेट ओपन करता है और धीरे से आकर बैक सीट पर बैठ जाता है और अपना हाथ आगे करते हुए बोलता है" तुम इधर से आने की कोशिश करो..!!
"मैं नहीं आऊंगी और आप क्यों आए, अगर आपको कुछ हो गया तो..! मेरे लिए अपनी जान खतरे में डालने की जरूरत नहीं है" श्रीधा ने चिल्लाते हुए कहा।
"शट अप...! जितना बोला है उतना करो" संकल्प ने गुस्से से कहा तो श्रीधा डरते हुए बैक साइड टर्न लेती है कि कार फिर से हिलने लगती है। वह वापस से अपनी जगह बैठ कर "नहीं मुझसे नहीं होगा..!!
"डरो नहीं..! कुछ नहीं होगा,, एक बार फिर कोशिश करो। मैने इमरजेंसी कॉल कर दिया है पर उन लोगों को आने में अभी वक्त है..!!
श्रीधा गहरी सांस लेती है और वापस से बैक टर्न लेती है। वह संकल्प के बढ़े हुए हाथ को पकड़ लेती है कि कार फिर से हिलने लगती है,, वह डर से संकल्प का हाथ मजबूती से पकड़ लेती है।
जारी..............................
संकल्प श्रीधा को अपने डर पर काबू करने के लिए बोलता है और उसे समझाता है कि ज्यादा देर करना खतरनाक हो सकता है।
श्रीधा गहरी सांस लेती है और धीरे से बैक टर्न लेती है और संकल्प के बढ़े हुए हाथ को पकड़ लेती है। तभी कार फिर से हिलने लगती है, जिससे डर के कारण वह संकल्प का हाथ मजबूती से पकड़ लेती है।
"डरो मत..! कुछ नहीं होगा..! तुम कोशिश करो" संकल्प ने उसे समझाया।
श्रीधा दोनों सीट के बीच से होते हुए बैक सीट पर जाने लगती है। कार अभी भी हिल रही थी और उसे डर भी लग रहा था, पर संकल्प के साथ होने से उसमें हिम्मत आ रही थी।
संकल्प उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचता है तो श्रीधा सीधा उसकी गोद में आ गिरती है।
डर से श्रीधा संकल्प की कमर में हाथ डालते हुए उसकी पीठ पर अपनी पकड़ मजबूत कर देती है। वहीं उसका चेहरा संकल्प की गर्दन में छिपा हुआ था,, जिससे उसके होंठ संकल्प की गर्दन को छू रहे थे।
संकल्प को अजीब लगता है वह श्रीधा को अपने से अलग करने की कोशिश करता है,, पर वह बहुत ज्यादा डरी हुई थी, इसलिए वह उसे छोड़ ही नहीं रही थी।
"मिस कर्ली हेयर..! तुम ठीक हो..! अब कार से बाहर निकलो...!!
श्रीधा धीरे से उससे अलग होती है और उसके सामने चेहरा करती है। उन दोनों का चेहरा बिल्कुल पास था कि वह उसे देखने लगती है।
संकल्प असहज हो कर थोड़ा पीछे हो जाता है और उसे लिए धीरे धीरे डोर की तरफ बढ़ता है और पहले श्रीधा को बाहर निकालने के बाद खुद बाहर निकलता है।
"तुम पागल हो क्या.? अगर मैं सही वक्त पर नहीं आता तो पता है क्या हो सकता था" संकल्प ने श्रीधा पर चिल्लाते हुए कहा।
"मैने नहीं कहा था आपसे की आप आए और मुझे बचाएं" श्रीधा ने मुंह बनाते हुए कहा।
"चलो तुम्हे वापस कार में बैठा देता हूं" संकल्प श्रीधा का हाथ पकड़ कर कार की तरफ ले जाते हुए बोलता है।
"अरे..! क्या कर रहे हैं आप.? "छोड़िए मुझे..! "आह..! मेरा सर" श्रीधा अपना सर पकड़ कर लड़खड़ाते हुए गिरने वाली थी कि संकल्प उसे पकड़ लेता है।
"तुम ठीक हो.?
"मुझे चक्कर आ रहे हैं" श्रीधा अपनी आँखें बंद करके दोनों हाथ से अपना सर पकड़ कर बोलती है।
"चलो.! मैं तुम्हे घर ड्रॉप कर देता हूं" बोल कर संकल्प श्रीधा को पकड़ कर अपनी कार की तरफ ले जाने लगता है। वहीं श्रीधा के होंठों पर हल्की मुस्कान आ जाती है,, जिसे वह जल्द ही छिपा लेती है।
कार में बैठने के बाद संकल्प फर्स्ट एड बॉक्स लेकर उसमें से कॉटन लेता है और श्रीधा के माथे से बह रहे खून को साफ करने लगता है। वह उसके बेहद पास था और उसका पूरा ध्यान श्रीधा की चोट पर था।
वहीं श्रीधा संकल्प के चेहरे को ध्यान से देख रही थी,, उसके सिल्की बाल जो उसके माथे पर बिखरे हुए थे। हल्की भूरी आंखे,, शार्प नोज,, हल्के से लालपन लिए होंठ और उसके होंठों पर आते ही उसकी नज़र वहीं ठहर गई। वह अपने मन में "यह कितने हैंडसम हैं..! वैसे तो यह बिल्कुल कड़वे करेले हैं, पर अभी मेरी कितनी फिक्र कर रहे हैं,, काश कि यह हमेशा ऐसे ही रहते इतने ही अच्छे मेरे साथ..!!
वहीं श्रीधा की चोट पर बैंडेज लगाते हुए संकल्प को महसूस हो रहा था कि वह उसे ही देख रही है। वह अपना सर झुका कर उसे देखता है तो वह अभी भी अपलक उसे ही देख रही थी। वह हल्का सा खांसते हुए तेज़ आवाज में"मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या.? जो तुम मुझे ऐसे घूर रही हो..!
श्रीधा बेख्याली में" हम्मम...!! यहां.! बोलकर वह उसके होंठ पर हाथ रख देती है,, जहां हल्का सा कट का निशान था, जो अब लगभग ठीक हो रहा था।
संकल्प श्रीधा का हाथ झटकते हुए गुस्से से" बिहेव योरसेल्फ..! यह क्या कर रही हो तुम..? आई एम यौर प्रोफेसर...!!
"आई नो..! यू आर माई प्रोफेसर..! रुड,, स्ट्रिक्ट,, एंग्री,, खडूस..! पर आपको पता है कि आप हर बार मुझे दर्द देते हैं और फिर मेरे दर्द का मरहम भी खुद बन जाते हैं" श्रीधा ने संकल्प की आंखों में देखते हुए कहा।
कुछ तो था उसकी आंखों में जो संकल्प ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया। उसने गहरी सांस ली और कार स्टार्ट करके आगे बढ़ा दिया।
कुछ देर बाद वह दोनों श्रीधा के घर पर थे,, जहां श्रीधा सर झुकाए खड़ी थी। वहीं उसके मॉम डैड गुस्से से उसे घूर रहे थे।
"थैंक यू संकल्प...! हमारी बेटी की मदद करने के लिए" विनय संकल्प को देखते हुए बोलते हैं।
संकल्प बस हल्का सा अपना सर हिला देता है और वहां से चला जाता है।
"यह क्या है श्री.? तुम कब अपने गुस्से पर कंट्रोल करना सीखोगी.? अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो हमारा क्या होता.? विनय गुस्से और भावुकता के मिले झूले भाव से बोलते हैं।
"सॉरी डैड...!!
"तुम हर बार ऐसा करती हो श्री..! कितनी मन्नतों के बाद तुम हमारी जिंदगी में आई हो। अपने आपको अपने गुस्से में खत्म कर लेना चाहती हो.? क्या हम दोनों से तुम्हे प्यार नहीं है.? अगर तुम्हे कुछ हो जाता तो कैसे जीते हम दोनों" समिता रोते हुए बोलती हैं।
"मॉम डैड..! आई एम सॉरी..! आई प्रोमिस की आगे से मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी" श्रीधा समिता का हाथ पकड़ कर बोलती है।
"वो तो भला हो संकल्प का जो वक्त रहते वह वहां पहुंच गया था,, वरना सोच कर ही मेरी रूह कांप रही है..!!
"मॉम प्लीज़..! चुप हो जाइए..! मैने कहा न कि आज के बाद मैं ऐसा नहीं करूंगी" श्रीधा समिता के गले लग कर प्यार से बोलती है।
"अच्छा तुम जाकर आराम करो..! मैं तुम्हारे लिए कुछ बना कर लाती हूं" समिता श्रीधा से अलग हो प्यार से बोलती हैं।
श्रीधा मुस्कुराते हुए अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है और रूम में आकर बेड पर लेट जाती है। जो कुछ भी हुआ उसे याद आने लगता है,, संकल्प का आना,, उसे बचाना,, उसकी करीबी,, सोच कर वह मुस्कुराने लगती है।
"पता नहीं क्यों पर अच्छे लगने लगे हो आप..! आपकी करीबी से सुकून मिलता है मुझे.! किसी के इतने करीब जाने का हक नहीं है आपको क्योंकि यह हक सिर्फ मुझे चाहिए। हां पर आप जो बात बात पर मुझे डांटते रहते हो,, यह आदत बदलनी पड़ेगी आपको।
वह सोच ही रही थी कि उसका फोन रिंग होता है,, इंदू की कॉल थी। उसके कॉल पिक करते ही उसने सवाल शुरू कर दिए" श्री कहां हो तुम.? कैसी हो.? हम तुम्हे कब से कॉल कर रहे हैं पर तुम कॉल पिक नहीं कर रही थी।
"मैं ठीक हूं और घर पर हूं..! बस छोटा सा एक्सीडेंट हुआ था। पर खडूस ने वक्त पर आकर मुझे बचा लिया था..!!
"एक्सीडेंट..? तुम्हे ज्यादा चोट तो नहीं आई.? बरखा ने परेशान होते हुए कहा। फोन स्पीकर पर था और वह चारों एक साथ बैठे हुए थे।
"नहीं...! मामूली सी चोट है..! तुम सब परेशान मत हो..!!
"श्री..! तुम गुस्से में ऐसा कदम मत उठाया करो,, वो तो संकल्प सर ने तुम्हे ढूंढ लिया,, नहीं तो अभी भी शायद तुम मुसीबत में फंसी हुई होती" सागर ने कहा।
"पर खडूस को कैसे पता चला कि मैं गुस्से में कार ड्राइव कर रही हूं.?
"हमने बताया..! तुम रोते हुए जा रही थी.! हमने तुम्हे देखा और आवाज भी दिया था, जिसे तुमने अनसुना कर दिया था। तो हमने संकल्प सर से तुम्हारे
रोने की वजह पूछी और उन्हें बताया कि गुस्से में तुम पागल हो जाती हो" अखिल ने कहा।
"पागल.? तुमने खडूस के सामने मुझे पागल कहा.? अखिल की बात सुनकर श्रीधा उसपर भड़कते हुए बोलती है।
"इसमें बोलने वाली क्या बात है,, सर पहले से जानते हैं कि तुम पागल हो" बरखा ने कहा।
"कल मुझे कॉलेज आने दो,, फिर बताती हूं तुम सबको" श्रीधा गुस्से से बोलती है तो वह चारों मुस्कुरा देते हैं।
"श्री..! हम तुम्हारे पास आ रहे हैं तुम्हे देखने" इंदू ने कहा तो श्रीधा ने उन्हें मना कर दिया यह बोल कर कि अभी वह रेस्ट करेगी और कल उनसे कॉलेज में मिलेगी।
"श्री..! बेटा खाना खा कर यह दवाई खा लो और रेस्ट करो और हां.. कल कॉलेज न जाकर तुम घर पर पूरा दिन रेस्ट करना" समिता रूम में आते हुए बोलती हैं और खाना सोफे के पास टेबल पर रख देती हैं।
"मॉम मैं ठीक हूं, मुझे छुट्टी की जरूरत नहीं है,, एग्जाम आने वाले हैं तो एक्स्ट्रा क्लासेज हो रही हैं जिन्हें मैं मिस नहीं कर सकती" श्रीधा उठ कर बेड पर बैठते हुए बोलती है।
उसकी बात सुनकर समिता मुस्कुरा देती हैं"चलो अच्छा है कि तुम अपनी स्टडी को लेकर सीरियस हो..! चलो अब जल्दी से खाना खाकर रेस्ट करो" उन्होंने कहा और रूम से बाहर चली गई।
"मेरा कॉलेज जाना जरूरी है,, तभी तो खडूस का दिया टास्क कंप्लीट कर पाऊंगी और क्या कहा था खडूस ने की मेरे अच्छे मार्क्स नहीं आते,, अब देखना मैं इको में हंड्रेड परसेंट लाऊंगी और खडूस का मुंह हमेशा के लिए बंद हो जाएगा,, फिर वह मुझे कभी नहीं डांटेंगे "श्रीधा ने मन ही मन सोचा और खाना खाने के बाद उसने दवाई खाई और सो गई।
श्रीधा मिरर के पास खड़ी ड्रेस सिलेक्ट कर रही थी कि वह कौन सी ड्रेस पहन कर कॉलेज जाए। फाइनली उसने एक ड्रेस सिलेक्ट की और रेडी हो कर कॉलेज के लिए निकल गई।
स्टार कॉलेज ऑफ मुंबई
श्रीधा यलो कलर का सॉलिड स्लीवलेस स्पेगेटी स्ट्रैप नेक कैजुअल ड्रेस पहने वह बहुत अट्रैक्टिव लग रही थी। होंठो पर पिंक लिपस्टिक, एक हाथ में ब्रेसलेट,, आंखों में लाइनर और हल्का सा मेकअप।
"हे श्री..! आज तो तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो,, बुरा न मानो तो हम डेट पर चल सकते हैं क्या" सागर ने स्टाइल से अपना हाथ श्रीधा के आगे करते हुए कहा।
श्रीधा मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकड़ती है और फिर उसका हाथ मोड़ते हुए "क्या बोल रहे थे कल तुम सब की मैं पागल हूं,, तो अब ज़रा मेरा पागलपन देखो..!!
"अरे मेरी मां..! मेरा हाथ छोड़ दो,, बहुत दर्द हो रहा है,, जो तुम्हे पागल बोलेगा वह खुद पागल होगा" सागर ने दर्द से चिल्लाते हुए कहा।
श्रीधा उसका हाथ छोड़ देती है और उसके कंधे पर हाथ रख कर "चल..! डेट पर चलते हैं..!
"नहीं बाबा..! मुझे तुम्हारे साथ कहीं नहीं जाना,, तुझे झेलूं इतनी मुझ में हिम्मत नहीं है। कोई हिम्मत वाला ही होगा जो तुम्हे झेलेगा "सागर अपना हाथ सहलाते हुए मुंह बनाकर श्रीधा को घूरते हुए बोलता है।
जारी.........................
जिस तरह श्रीधा ने सागर का हाथ मोड़ा था,, बेचारा दर्द से छटपटा उठा था। वह अपने हाथ को सहलाते हुए उसे घूरे जा रहा था।
"तुम्हारी जो हरकतें है न,, तुम्हे तुम्हारे लेवल का इंसान ही संभाल सकता है और सुधार सकता है" सागर ने मुंह बनाते हुए कहा।
"ओह हेलो..! तुम कहना क्या चाहते हो कि मैं बिगड़ी हुई हूं.? उसकी बात सुनकर श्रीधा ने उसे घूरते हुए कहा।
"हमें लगे या न लगे संकल्प सर को जरूर लगता है कि तुम बहुत जिद्दी लड़की हो"सागर ने अपने दांत दिखाते हुए कहा।
"उस खडूस और कड़वे करेले को तो बहुत कुछ लगता है,, वह मुझे जानते ही कितना है। जिस दिन जान जाएंगे मेरे फैन हो जाएंगे" श्रीधा ने स्टाइल से अपना हाथ उठा कर कहा।
वहीं सागर जो उसके साथ मज़ाक कर रहा था,, अचानक चुप हो गया और श्रीधा को कुछ इशारे करने लगा।
"अब यह इशारेबाजी क्या कर रहा है.? देख वह खडूस मेरे बारे में जो बोलते हैं बिल्कुल झूठ है और यह बात उन्हें जल्द ही समझ आ जाएगा कि मैं कितनी क्यूट और अच्छी हूं" श्रीधा ने मुंह का पाउट बनाते हुए कहा।
"ह ह ह...! श्री..! ऐसा नहीं बोलते हैं,, वह प्रोफेसर हैं हमारे" इंदू एक एक शब्द पर ज़ोर देते हुए बोलती है और श्रीधा को घूर कर देखने लगती है।
"हुंह..! प्रोफ़ेसर होंगे वह सबके लिए,, मेरे लिए तो वह खडूस कड़वा करेला है। हर वक्त बस ब्ला ब्ला ब्ला,, मैं एक परफेक्ट मेन हूं और तुम यू इंपरफेक्ट गर्ल" श्रीधा ने संकल्प की नकल उतारते हुए कहा और फिर खिलखिलाते हुए"तुम सब देखना मेरा तो ऐसा श्राप लगेगा कि खडूस कि शादी एक झल्ली लड़की से हो जाएगी..!!
"ओह रियली..? एक सख्त सी आवाज़ आई तो श्रीधा मुस्कुराते हुए" और नहीं तो क्या.!
वहीं उसके चारों दोस्त अपना सर पीटते हुए घबरा कर एक दूसरे को देखने लगते हैं।
"वैसे तुम्हे पता है खडूस आज फिर सरप्राइस टेस्ट लेने वाला है" सख्त आवाज़ फिर से आई तो श्रीधा गुस्से से पलट कर" उस खडूस के पास कोई काम नहीं है क्या जो हर बार मुझे मिनी हार्ट अटैक देते हैं,,, उन्हें तो मैं............
आगे के शब्द उसके मुंह में रह गए जब उसने संकल्प को अपने सामने खड़ा पाया, जो दोनों हाथों को फोल्ड किए,, गुस्से से उसे ही घूर रहा था।
श्रीधा अपनी जीभ को दांतों तले दबाते हुए अपने दोस्तों की तरफ घूम जाती है और उन्हें घूरते हुए इशारे से बोलती है कि उन सबने उसे बताया क्यों नहीं कि वह उसके पीछे खड़ा है।
उसके दोस्त उसे घूरते हुए इशारा करते हैं कि हमने तो बताया था तुमने ही सुना नहीं। सुनती भी कैसे,, तुम्हारा सारा ध्यान तो संकल्प सर की बुराई करने पर था।
संकल्प उन चारों को देखता है और अपनी सख्त आवाज़ में"यू ऑल गो टू यौर क्लासेज...!!
सागर, अखिल, बरखा और इंदू ने एक नजर श्रीधा को देखा और वहां से चले गए।
"सर मेरी क्लास का टाइम हो रहा है,, मैं भी जाती हूं" बोलकर श्रीधा वहां से जाने लगती है कि संकल्प गुस्से से "स्टॉप..!!
श्रीधा रुक जाती है तो संकल्प उसके सामने आ कर"कम टू माय कैबिन, आई वांट टू टाल्क टू यू...!! बोलकर वह अपने कैबिन की तरफ बढ़ जाता है।
श्रीधा मुंह बनाते हुए उसके पीछे चल देती है और कुछ देर बाद उसके कैबिन में,, उसके सामने वह सर झुकाए खड़ी थी।
"सो मिस कर्ली हेयर..! आई एम खडूस..! कड़वा करेला... है न" संकल्प उसे घूरते हुए बोलता है।
"सर ऐसे छिप कर किसी की बातें नहीं सुनते हैं बेड मैनर्स होता है" श्रीधा ने इधर उधर देखते हुए कहा।
"यू...! संकल्प उसकी बात सुनकर उसे घूरते हुए गुस्से से बोलता है। मतलब हद है,, यह लड़की उससे डरने की जगह उस पर इल्जाम डाल रही है कि वह उसकी बातें छिपकर सुन रहा था।
"सर आपकी क्लास का टाइम हो गया है,, आपके पास तो पूरा दिन है मुझ पर गुस्सा होने के लिए क्योंकि इस पूरे कॉलेज में आपको मुझसे ज्यादा कोई अच्छा नहीं लगता है" श्रीधा अपने दांत दिखाते हुए बोलती है।
"व्हाट डू यू मिन.? अच्छी वो भी तुम.? संकल्प ने तंज से कहा।
"और नहीं तो क्या..! "जब से हम मिले हैं आप मुझे डांटते रहते हैं.! "मेरी मॉम बोलती हैं कि हम उन्हें ही डांटते हैं जिन्हें हम प्यार करते हैं या फिर जो अच्छे होते हैं" श्रीधा ने संकल्प की आंखों में देखते हुए कहा।
उसके इस तरह बोलने पर और उसकी आंखों में इस तरह देखने पर संकल्प हड़बड़ा जाता है। वह अपनी सख्त आवाज़ में"तुम मेरी नज़र में कभी अच्छी नहीं हो सकती इसलिए यह गलतफहमी मत पालो...!!
श्रीधा टेबल पर अपने दोनों हाथ रख कर हल्का सा झुक कर संकल्प की आंखों में देखते हुए पूरे विश्वाश से" होगा..! ऐसा जरूर होगा... जब आप एक्सेप्ट करेंगे कि मुझसे अच्छा कोई नहीं है...! एक वक्त आएगा जब आपको मेरे सिवा कुछ नज़र नहीं आएगा...!!
संकल्प उसे देखने लगता है,, वह दोनों पूरे टशन के साथ एक दूसरे को देखने लगते हैं कि कैबिन का डोर ओपन होता है और अनुराधा अंदर आती है।
डोर ओपन होने की आवाज़ सुन कर श्रीधा संभल कर खड़ी हो चुकी थी और अनुराधा मैम को देख कर उसकी भवें तन जाती है। वह अपने मन में "हुंह..! यह बिना परमिशन लिए अंदर आई हैं, तो अब इन्हें कुछ नहीं बोलेंगे..! सिर्फ मुझे ही डांटना है और सबसे तो अच्छे से पेश आते हैं..!!
संकल्प श्रीधा को देखते हुए"यू गो टू यौर क्लास..!!
"सर..! आपको नहीं लगता कि आपके रूल्स हर इंसान के लिए अलग है" श्रीधा ने कहा और कैबिन से बाहर निकल गई।
संकल्प समझ गया कि वह क्या बोल कर गई है,, वह गहरी सांस लेता है और अनुराधा को देखते हुए"तुम यहां.? कुछ काम था क्या.?
"हां...! एग्जाम आने वाले हैं और फेयरवेल पार्टी भी ऑर्गनाइज करना है,, उसी के बारे में बात करना था। "आई थिंक तुम्हे डीन ने यह बात बताया होगा" अनुराधा चेयर पर बैठते हुए बोलती है।
"हम्मम...!! तो क्या सोचा है तुमने.? संकल्प अपनी वॉच में टाइम देखते हुए बोलता है।
"उन स्टूडेंट्स की एक्स्ट्रा क्लासेज जो स्टडी में विक हैं,, साथ ही उनसे बात करना की उन्हें क्या दिक्कत है जो वह स्टडी पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं और रही फेयरवेल पार्टी की बात तो उसकी अरेंजमेंट्स हम मिलकर कर लेंगे" अनुराधा ने संकल्प को देखते हुए कहा।
"ओके..! मैं लिस्ट बना लेता हूं,, कैसे क्या करना है, उसके बाद हम डिसाइड करेंगे कि कौन सा काम किसे करना है। वैसे मैं चलता हूं मेरी क्लास का टाइम हो रहा है" संकल्प ने खड़े होते हुए कहा। जिस तरह अनुराधा एक टक उसे देख रही थी, उसने वहां से जाना ही बेहतर समझा।
"क्या हुआ.? क्या कहा सर ने.? तुम्हे फिर से डांट पड़ी क्या.? उसके आते ही अखिल ने पूछा।
वह घूर कर उन चारों को देखती है और बोलती है"उस समय तो तुम सबकी बोलती बंद हो गई थी, बोल नहीं सकते थे कि सर पीछे खड़े हैं..!!
"श्री..! सर को देखते ही हम डर गए, वह खडूस से हैं तो कैसे कुछ बोलते,, हमने तो इशारा किया तुमने ही समझा नहीं "बरखा ने कहा।
"ओह हेलो..! खबरदार जो तुम में से किसी ने भी उन्हें खडूस कहा तो। उन्हें खडूस सिर्फ मैं बुला सकती हूं,, तुम सब नहीं,, इसलिए दुबारा यह वर्ड मुझे किसी और के मुंह से सुनाई नहीं देना चाहिए" श्रीधा ने बरखा को घूरते हुए कहा।
उसकी बात सुनकर वह सब हैरानी से उसे देखने लगते हैं। "श्री...! ऐसा क्यों..! तुम सर को खडूस बुला सकती हो हम क्यों नहीं.? सागर ने कहा।
"क्योंकि यह राइट सिर्फ मेरा है,, मैं उन्हें कुछ भी बोल सकती हूं,,, पर कोई और उनके लिए कुछ बोले मुझे बर्दाश्त नहीं होगा..!!
"श्री..! यह तुम्हे क्या हुआ है..? तुम सर के लिए पोजेसिव हो रही हो..! "तुम्हे तो वह बिल्कुल भी पसंद नहीं हैं,, फिर आज क्या हुआ है.?" इंदू ने श्रीधा की आंखों में देखते हुए कहां है।
हां वह पहले उन्हें पसंद नहीं करती थी,, पर उनके साथ लड़ते हुए उसे उसकी आदत सी हो गई है। जिस दिन उसने उसे किस किया था फीलिंग्स तो उसी दिन आ गई थी। पर वह इग्नोर करती रही, फिर बारिश की शाम उसका मदद करना और कल उसकी जान बचाना,, उसके दिल में नए एहसास जगा रहा है। हर बार ऐसा क्यों होता है कि सिर्फ वही उसके सामने होता है, जब उसे किसी की जरूरत होती है।
"क्या सोच रही हो श्री..? उसे सोच में गुम देख कर इंदू ने उसके सामने चुटकी बजाते हुए कहा।
"कहीं सर के ख्यालों में तो नहीं खो गई" बरखा ने अपनी एक आंख दबाते हुए मुस्कुरा कर कहा,, तो श्री उसे देखने लगी।
"श्री.! तुमने मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया.?" इंदू ने श्रीधा को गौर से देखते हुए कहा। आज वह उसे कुछ बदली हुई नज़र आ रही थी,, वरना संकल्प की बात होते ही वह चिढ़ जाती थी।
"हां..! पहले मुझे वो पसंद नहीं थे,, लेकिन जब से उन्होंने मेरी जान बचाई है,, मेरा नज़रिया उनके प्रति चेंज हो गया है। वह उतने भी बुरे नहीं हैं,, जितना मैं सोचती थी" श्रीधा ने हल्का सा मुस्कुरा कर कहा।
"चलो अच्छा है कि यह बात तुम्हे जल्दी समझ आ गई। सर थोड़ा गुस्से वालें हैं,, पर प्रोफ़ेसर बहुत अच्छे हैं" अखिल ने मुस्कुराते हुए कहा।
वहीं इंदू अपने चश्मे को सही करते हुए श्रीधा को देख रही थी, जो अभी भी मुस्कुरा रही थी। कुछ तो बदला था,, जो उसे समझ नहीं आ रहा था। उसने अपना सर झटका और बुक्स ओपन करने लगी क्योंकि संकल्प क्लास में आ गया था।
जारी.............................
संकल्प क्लास में आते ही एक नजर सब पर डालता है और बोलता है" स्टूडेंट्स आज आप सभी का सरप्राइस टेस्ट है और जैसा आप सभी जानते हैं कि कुछ दिनों बाद एग्जाम शुरू होने वाले हैं, तो जिस स्टूडेंट्स के मार्क्स कम आएंगे,, आज से उनकी एक्स्ट्रा क्लासेज लगेंगी और साथ ही फाइनल ईयर के बच्चों की फेयरवेल पार्टी है तो कुछ कंपटीशन होंगे,, जिसको भी पार्टिसिपेट करना है वह अनुराधा मैम के पास जा सकते हैं...!!
सभी स्टूडेंट्स एक दूसरे को देखने लगते हैं,, एक तरफ स्टडी का प्रेशर और दूसरी तरफ फेयरवेल पार्टी,, दोनों के लिए उन्हें वक्त निकालना होगा।
संकल्प सबको क्वेश्चन्स देता है और चेयर पर बैठ कर सबको ऑब्जर्व करने लगता है।
क्लास के स्टूडेंट्स को आदत हो चुकी थी, इसलिए वह सभी पहले से तैयार रहते थे टेस्ट देने के लिए, क्योंकि उन्हें पता था कि वह कभी भी सरप्राइस टेस्ट ले सकता है।
टाइम ओवर होने के बाद संकल्प सबके आंसर शीट लेता है और वहां से चला जाता है।
"श्री..! फेयरवेल पार्टी होने वाली है,, मैं बहुत एक्साइटेड हूं" बरखा ने खुशी से चहकते हुए कहा।
"हां..! तुम्हे मुंह पर मेकअप पोतने का मौका जो मिलेगा" सागर ने बरखा को देखते हुए कहा।
बरखा सागर की पीठ पर एक घूंसा मारते हुए" कभी अच्छा भी बोल लिया कर, जब भी बोलेगा बुरा ही बोलेगा..!! खुद तो उल्लुओं की तरह लड़कियों को घूरते रहता है उसका क्या.?
"हाए..! मार दिया रे..! क्या खाती हो तुम सब जो तुम सबका हाथ हथौड़े जैसा हो रखा है.? सागर दर्द से कराहते हुए बोलता है। फिर मुंह बना कर"तुम लोग तो मेरा भला होते हुए देख ही नहीं सकते हो,, एक अच्छी गर्लफ्रेंड तो मैं भी डिजर्व करता हूं..! तुम सबको तो मेरी हेल्प करना चाहिए...!!
"मैं तो खडूस के दिए नोट्स लिखने जा रही हूं, यहां रही तो थोड़ी देर में यह रोना शुरू कर देगा" श्रीधा ने खड़े होते हुए कहा, तो सागर उसे घूर कर देखने लगा।
"वैसे तुम कहो तो मैं रिस्क लेने को तैयार हूं,, मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन जाती हूं। बस तुम्हे ज्यादा कुछ नहीं करना होगा,, मेरे खाने पीने,, हर चीज़ का खर्चा उठाना होगा" बरखा सागर के कंधे पर हाथ रख कर स्टाइल से बोलती है।
"चल हट...! मैं तो ऐसी गर्लफ्रेंड ढूंढ रहा हूं जो मेरा खर्चा उठाए,, चल जा कर कहीं और ट्राई करो"सागर बरखा का हाथ झटकते हुए बोलता है, तो बरखा फिर से उसकी पीठ पर एक पंच मारते हुए वहां से चली जाती है। जबकि अखिल और इंदू यह देख कर हंसने लगते हैं।
श्रीधा कैबिन का डोर नॉक करते हुए अंदर आती है,, संकल्प आंसर शीट चेक करके एक तरफ रख रहा था। वह आकर उसके सामने वाली चेयर पर बैठ जाती है।
संकल्प उसे घूरते हुए" आई डीड नॉट गिव यू परमिशन टू सीट..!!
"सो व्हाट.. मेक्स यू थिंक आई नीड परमिशन" श्रीधा संकल्प की आंखों में देखते हुए बोलती है।
"मिस कर्ली हेयर..! तुम्हे समझाना टाइम की बर्बादी है" संकल्प ने घूरते हुए कहा और उसे नोट्स दे दिया लिखने के लिए।
"जिस दिन आप मुझे समझ जाएंगे,, उस दिन से आपको मुझे समझाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक बार प्यार से बोल कर तो देखिए,,, शायद मुझ पर असर हो जाए" श्रीधा हाथ टेबल पर रख कर, अपनी हथेली पर चीन रख कर संकल्प को देखते हुए मुस्कुरा कर बोलती है।
उसके इस तरह देखने पर संकल्प उसे घूरते हुए" कंसंट्रेट ऑन यौर नोटबुक...!!
"आप ध्यान लगाने देंगे तब न" श्रीधा उसी तरह उसे देखते हुए बोलती है।
"व्हाट डू यू मिन.? संकल्प उस पर से अपनी नजरें हटा कर अपनी सख्त आवाज़ में बोलता है।
श्रीधा सही से बैठते हुए" आप इस तरह गुस्से में घूरना बंद करिए,, मुझ मासूम को डर लगता है..!!
संकल्प शीट चेक करते हुए अपने मन में" यह और मासूम,, और इसे मुझसे डर लगता है..! जब बिना डर लगने पर यह इतना पटर पटर करती है तो डर लगने पर कितना बोलती।
श्रीधा नोट बुक में नोट्स लिखते हुए बीच बीच में उसे देख भी रही थी, जिसका पूरा ध्यान आंसर शीट चेक करने पर था। उंगलियों में पेन फंसाए वह शीट पर नंबर्स लिखे जा रहा था।
संकल्प जिसे उसकी नजरें अपने चेहरे पर महसूस हो रही थी। वह सर उठा कर उसे देखता है तो हमेशा हड़बड़ा कर अपनी नजरें उस पर से हटा लेने वाली श्रीधा,, आज मुस्कुराते हुए उसे देखे जा रही थी।
"मिस कर्ली हेयर..! फोर्टी मार्क्स..! चीटिंग करके आए हैं या खुद लिखा है आंसर्स" संकल्प तेज़ आवाज में बोलता है तो श्रीधा सीधी होकर बैठ जाती है।
"आप भूल रहे हैं कि मुझे इको की कोचिंग आप देते हैं,, फिर मुझे चीटिंग करने की क्या जरूरत है। वैसे भी मैं बहुत स्मार्ट हूं,, इससे भी अच्छे नंबर ला सकती हूं" श्रीधा ने कॉन्फिडेंस से कहा।
"वह तो एग्जाम खत्म होने के बाद पता चल ही जाएगा कि तुम कितनी स्मार्ट हो और कितना फोकस किया था तुमने स्टडी में। पर एक बात जान लो,, अगर एग्जाम में तुम फैल हुई तो मैं तुम्हे कोचिंग पढ़ाना छोड़ दूंगा" उसकी बात सुनकर संकल्प तंज भरे स्वर में बोलता है।
"देख लेना आप..! मैं तो चाहती ही हूं कि आप मुझे देखें और मुझे कभी न छोड़े" श्रीधा गहरी सांस लेकर बहुत प्यार से बोलती है।
संकल्प कुछ बोलता कि अनुराधा डोर ओपन करते हुए कैबिन में आती है। उसे देखते ही श्रीधा का मुंह बन जाता है, वह अपने मन में "जब से मैम खडूस से मिली हैं, उनके आगे पीछे ही डोलती रहती हैं। कहीं ऐसा तो नहीं खडूस मैम को पसंद करने लगे हैं..!!
"संकल्प..! तुमने लिस्ट बना लिया क्या.? और यह क्या तुम लंच भी करने नहीं आए,, लंच टाइम है न" अनुराधा संकल्प के पास आकर बोलती है।
फिर श्रीधा को देखते हुए" तुम यहां क्या कर रही हो.? तुम्हे पता है न कि लंच टाइम में प्रोफ़ेसर से क्लास नहीं ली जाती है..!!
"मुझे पनिसमेंट मिली है,, जिसे पूरा करने के लिए मै यहां बैठी हूं और सर को इससे प्रॉब्लम नहीं है,, तभी तो उन्होंने मुझे जाने के लिए नहीं कहा था" श्रीधा अपनी नोट बुक बंद करते हुए बोलती है।
"यू कैन गो फॉर नाऊ..!! मुझे अनु से कुछ बात करनी है,, तुम क्लास में जाकर अपना वर्क कंप्लीट करो" संकल्प ने श्रीधा को देखते हुए कहा,, तो वह उसे घूरते हुए कैबिन से बाहर निकल गई।
"हुंह...! मुझे अनु से बात करनी है..! अनुराधा मैम उनके लिए अनु हो गई और मुझे कैबिन से बाहर जाने के लिए बोल दिया। सबके सामने तो खडूस बने फिरते हैं और मैम के सामने कितने सॉफ्ट हो जाते हैं" श्रीधा बड़बड़ाते हुए कैंटीन की तरफ बढ़ जाती है। उसे पता है कि इस वक्त उसके दोस्त वहीं होंगे।
"श्री..! आज तुम्हे सर ने जल्दी आने दिया क्या.? तुम्हारा वर्क हो गया फाइव हंड्रेड बार" उसके चेयर पर बैठते ही अखिल ने हैरानी से पूछा।
"नहीं...! वो अनुराधा मैम आ गई थी इसलिए मुझे सर ने भेज दिया कि क्लास में जाकर पेंडिंग वर्क करूं" श्रीधा मुंह बनाते हुए बोलती है।
"देखा..! मैं न कहता हूं तुम सबको कि संकल्प सर और अनुराधा मैम के बीच कुछ चल रहा है,, आजकल हर जगह साथ दिखते हैं दोनों" सागर इधर उधर से सुनी हुई बात सबको बताते हुए बोलता है।
"शट अप...! क्या कुछ भी बोलता रहता है" सागर की बात सुनकर श्रीधा उस पर चिल्लाते हुए बोलती है।
"अरे..! तुम्हे क्यों गुस्सा आ रहा है.? मैं तो वही बोल रहा हूं जो आजकल कॉलेज में सब बोल रहे हैं" सागर हैरानी से श्रीधा को देखते हुए बोलता है।
"तुम्हे कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह एक अफ़वाह है" श्रीधा ने सागर को घूरते हुए कहा।
"तुम्हे कैसे पता कि यह अफवाह है,, सच भी तो हो सकता है और अगर सच भी है तो इसमें क्या बुराई है,, दोनों साथ में कितने अच्छे लगते हैं" बरखा श्रीधा को देखते हुए बोलती है।
"मुझे पता है कि यह सच नहीं है, क्योंकि मैं हर वक्त उनके साथ रहती हूं। आई मीन, कॉलेज में और घर पर भी ट्यूशन पढ़ाने आते हैं तो मुझे ऐसा कुछ नज़र नहीं आता और मुझे तो अच्छी नहीं लगती उन दोनों की जोड़ी" श्रीधा ने हल्के गुस्से से कहा।
"श्री..! तुम्हे इतना गुस्सा क्यों आ रहा है.? हमें क्या फर्क पड़ता है कि क्या सच है और क्या नहीं। हम यहां पढ़ने आते हैं, इससे ज्यादा हमें किसी से मतलब नहीं होना चाहिए" इंदू श्रीधा के चेहरे को ध्यान से देखते हुए बोलती है, जिस पर हल्का गुस्सा नज़र आ रहा था।
श्रीधा गुस्से से खड़ी होकर "मुझे इस टॉपिक पर कोई बात नहीं करनी है,, मैं क्लास में जा रही हूं" बोलकर वह वहां से चली जाती हूं।
"यह श्री आजकल कुछ बदली हुई नज़र आ रही है,, ऐसा मुझे ही लग रहा है या तुम सबको भी.? अखिल उन तीनो को देखते हुए बोलता है।
"लग तो हमें भी रहा है,, पर उसका कुछ पता नहीं है कि कब उसका मूड अच्छा रहेगा और कब खराब। आई थिंक,, उसका मूड खराब है इसलिए वह इतने गुस्से में है" बरखा ने कहा।
"चलो हम सब भी क्लास में चलते हैं अनुराधा मैम की क्लास का टाइम हो रहा है" इंदू ने कुछ सोच कर कहा,, तो वह सब भी वहां से उठकर अपनी क्लास की तरफ चल देते हैं।
अनुराधा क्लास में एंटर करती है, उसके हाथ में एक रजिस्टर था,, वह मुस्कुराते हुए आ रही थी। उसके पीछे क्लास में संकल्प भी एंटर करता है,, जिसे देखते ही श्रीधा का गुस्सा और बढ़ जाता है।
"हेलो स्टूडेंट्स हम यहां स्पेशल अनाउंसमेंट करने आएं हैं,, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि फाइनल ईयर के बच्चों का फेयरवेल है तो हमने कुछ कंपटीशन रखे हैं,, तो जिसको भी पार्टिसिपेट करना है अपना नाम लिखवा दे"अनुराधा ने सब स्टूडेंट को देखते हुए कहा।
जारी..........................