> एक साधारण, स्वाभिमानी लड़की मीरा, एक एलीट स्कूल में दाखिला लेती है। वहाँ उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है जब वह चार अलग-अलग व्यक्तित्व वाले लड़कों के बीच फंस जाती है। एक तरफ है दोस्ती और मस्ती, दूसरी तरफ है मोहब्बत और दर्द। क्या मीरा अपने दिल की सुन पाएगी... > एक साधारण, स्वाभिमानी लड़की मीरा, एक एलीट स्कूल में दाखिला लेती है। वहाँ उसकी ज़िन्दगी बदल जाती है जब वह चार अलग-अलग व्यक्तित्व वाले लड़कों के बीच फंस जाती है। एक तरफ है दोस्ती और मस्ती, दूसरी तरफ है मोहब्बत और दर्द। क्या मीरा अपने दिल की सुन पाएगी या पैसे और शान के इस स्कूल में टिक पाएगी? ।। । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । ।
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मीरा की धड़कनें तेज़ हो रही थीं। उसके हाथ में स्कूल की प्रवेश पत्रिका थी और आँखों में थोड़ी-सी घबराहट और बहुत उत्सुकता। यह उसका पहला दिन था, और यह कोई आम स्कूल नहीं था—यह था एलिगेंट हाई स्कूल, जहां अमीर और प्रसिद्ध परिवारों के बच्चे पढ़ते थे।
“मीरा, तुम तैयार हो गई हो ना?” उसकी माँ ने मुस्कुराते हुए पूछा।
“हाँ माँ, बस… थोड़ा डर लग रहा है,” मीरा ने जवाब दिया।
मीरा की ज़िंदगी हमेशा साधारण रही थी। उसके पिता एक मध्यम वर्गीय व्यवसायी थे, और वह अपने छोटे शहर में बड़ी हुई थी। लेकिन अब वह एक नए शहर में, नए स्कूल में, नए लोगों के बीच कदम रख रही थी।
जैसे ही मीरा स्कूल के गेट में पहुँची, उसकी नज़र चार लड़कों पर पड़ी—वो वही लोग थे जिनके बारे में हर कोई बातें कर रहा था। चारों अलग-अलग लेकिन किसी भी नजर में रॉयल लग रहे थे।
पहला था अद्विक—सुनहरे बाल, नीली आँखें, और ठंडा मुस्कान।
दूसरा था कैरन—थोड़ा नटखट, हँसते हुए चेहरा, और हर कोई उसे पसंद करता था।
तीसरा था रीयान—क्लास का टॉपर, गंभीर और गंभीर, लेकिन मदद करने में कभी पीछे नहीं।
चौथा था विहान—काफी शांत, लेकिन जब बात आती थी तो उसकी नजरें किसी को भी झकझोर देती थीं।
मीरा ने अपने दोस्तों के साथ क्लास में कदम रखा। उसकी नज़र अद्विक पर पड़ी। वह उसे देखते ही कुछ कह नहीं पाई। अद्विक ने केवल उसे एक नजर से देखा और फिर अपनी बातों में खो गया।
“ये वही लड़की है जो नई आई है, है ना?” कैरन ने रीयान और विहान की ओर इशारा करते हुए कहा।
“हूँ… हाँ, लगता है,” रीयान ने सिर हिलाया।
“चलो, देखते हैं ये कितनी साहसी है,” विहान ने धीरे से कहा, और मीरा की तरफ देखा।
मीरा का दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसने अपने आप से कहा, “ठीक है, मीरा, ये सिर्फ पहला दिन है। संभालो खुद को।”
लंच ब्रेक में, मीरा अकेली थी। चारों लड़के वहीं थे, और उनकी बातचीत से वह अनजाने में जुड़ गई। अद्विक ने अचानक कहा, “तुम अकेली हो?”
मीरा ने हँसते हुए जवाब दिया, “हाँ… बस थोड़ा अजीब लग रहा है।”
“हमारे साथ आओ, हम तुम्हें तुम्हारे नए दोस्त से मिलाते हैं,” कैरन ने कहा।
कुछ ही मिनटों में, मीरा चारों के साथ बैठी थी। हँसी-मजाक, शरारतें, और थोड़ी नोक-झोंक—सब कुछ नए अनुभव थे। मीरा ने महसूस किया कि यह स्कूल सिर्फ पढ़ाई का नहीं, बल्कि एक नई दुनिया का प्रवेश था।
दिन खत्म होने पर, मीरा घर लौट रही थी। उसका दिमाग उस चारों लड़कों की बातें और हँसी से भरा हुआ था। “ये लोग… अलग हैं। मैं यहां सही मायनों में फिट हो पाऊंगी?” उसने खुद से सवाल किया।
लेकिन उसने ठान लिया—“हाँ, मीरा, चाहे जितनी भी मुश्किलें आएं, मैं खुद को साबित करूंगी। ये सिर्फ पहला कदम है।”
और इस तरह, मीरा की नई दुनिया की कहानी शुरू हुई—चार लड़के, एक साधारण लड़की, और उन सबके बीच बनने वाली दोस्ती, प्यार और चुनौतियाँ।
---अगले दिन मीरा स्कूल जल्दी पहुँच गई। उसके मन में अभी भी कल का उत्साह और थोड़ी-सी बेचैनी दोनों मिश्रित थे।
क्लास में कदम रखते ही उसे लगा कि स्कूल का माहौल बिल्कुल अलग है—हर बच्चा अपने कपड़ों, अपने अंदाज और अपने ग्रुप के हिसाब से अलग नजर आ रहा था।
अद्विक, कैरन, रीयान और विहान पहले से ही अपनी सीटों पर बैठे थे। जैसे ही मीरा अंदर आई, चारों की नज़रें उसे ढूँढ रही थीं। मीरा ने हिम्मत करके उन्हें हल्का सा हाथ हिलाया। अद्विक ने सिर हिलाया, कैरन ने मुस्कुराया, रीयान ने बस उसे ध्यान से देखा, और विहान ने जैसे कोई सवाल पूछा हो उसकी आँखों में।
“मीरा, कल तुम्हें हमारे साथ बैठना अच्छा लगा?” कैरन ने पूछा।
“हाँ, बहुत अच्छा लगा,” मीरा ने जवाब दिया, और खुद को शांत रखने की कोशिश की।
“आज भी हमारे साथ लंच पर चलोगी?” रीयान ने धीरे से पूछा।
मीरा ने हाँ में सिर हिलाया।
दिन भर की क्लासें बीत गईं। मीरा ने महसूस किया कि यह स्कूल सिर्फ पढ़ाई का नहीं, बल्कि एक नई दुनिया का प्रवेश था। वह हर विषय में ध्यान दे रही थी, लेकिन उसकी नज़र अक्सर चारों लड़कों पर जाती।
लंच टाइम आया। चारों लड़के पहले से ही टेबल पर बैठे थे। मीरा ने उनके पास बैठकर महसूस किया कि यह जगह धीरे-धीरे उसका अपना हो रही थी।
“तुम्हारा शहर कैसा है?” विहान ने पूछा।
“छोटा, लेकिन शांत। यहाँ सब कुछ बड़ा और अलग है,” मीरा ने जवाब दिया।
अद्विक ने मुस्कुराते हुए कहा, “अलग होने में कोई बुराई नहीं होती, लेकिन संभल कर चलना पड़ता है।”
मीरा ने महसूस किया कि अद्विक के शब्दों में कोई गहरी बात छुपी हुई थी।
लंच खत्म होने के बाद, खेल का समय आया। चारों लड़कों ने उसे खेल में शामिल होने के लिए बुलाया। मीरा ने पहले तो हिचकिचाई, लेकिन फिर हिम्मत करके खेल में शामिल हो गई।
कैरन ने उसकी तरफ देखकर कहा, “देखा, हम कहते हैं और तुम कर दिखाती हो।”
मीरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “आप लोगों की वजह से ही!”
खेल खत्म होने के बाद, चारों लड़के और मीरा पेड़ के नीचे बैठे। बातों- बातों में मीरा ने महसूस किया कि यह लोग सिर्फ दिखावे के नहीं, बल्कि वास्तव में दिल से दोस्त हैं।
विहान ने अचानक कहा, “मीरा, कभी-कभी यहां के लोग दिखावे में ज्यादा भरोसा करते हैं। खुद को खोने मत देना।”
मीरा ने गंभीरता से उसकी बात सुनी और कहा, “मैं संभालूंगी।”
दिन का अंत होने पर मीरा अपने कमरे में आई। उसने खिड़की से बाहर देखा, और अपने आप से कहा, “ये स्कूल, ये लोग… सब कुछ नया है, लेकिन मुझे खुद को साबित करना है। और मैं करूँगी।”
रात को मीरा सोते समय भी चारों लड़कों की बातें और उनकी अलग-अलग आदतें उसके दिमाग में घूम रही थीं। उसे अहसास हुआ कि शायद अब उसकी ज़िंदगी कभी भी पहले जैसी नहीं रहेगी।
इस तरह, मीरा की नई दुनिया की शुरुआत हुई। चार लड़के, एक साधारण लड़की, और उन सबके बीच बनने वाली दोस्ती, प्यार, झगड़े और रहस्य—सब कुछ अभी सामने आने वाला था।
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अगले दिन स्कूल में मीरा की नज़र चारों लड़कों पर फिर पड़ी। लेकिन इस बार कुछ अलग था—अद्विक का नजरिया थोड़ा कठोर, कैरन का हँसता चेहरा थोड़ा शरारती, रीयान गंभीर, और विहान… बस शांत लेकिन हर बात पर निगाहें।
मीरा की क्लास शुरू हुई। शिक्षक ने एक प्रोजेक्ट के लिए ग्रुप बनाने को कहा।
“तुम सबको चार-चार के ग्रुप में काम करना होगा,” शिक्षक ने कहा।
मीरा के दिल की धड़कन तेज हो गई। क्या वह फिर से चारों लड़कों के साथ होगी?
जैसे ही ग्रुप बनाना शुरू हुआ, मीरा ने देखा कि अद्विक, कैरन, रीयान और विहान ने उसे अपनी ग्रुप में शामिल किया। मीरा ने हल्की मुस्कान दी।
“चलो, काम शुरू करते हैं,” अद्विक ने कहा, और मीरा ने महसूस किया कि उसका अंदाज कुछ ठंडा लेकिन आकर्षक था।
काम के दौरान, कैरन लगातार मीरा के पीछे हँसी-मज़ाक कर रहा था।
“तुम इतनी गंभीर क्यों हो? थोड़ी मस्ती भी कर लो,” उसने कहा।
मीरा ने हँसते हुए कहा, “मैं कोशिश कर रही हूँ।”
रीयान ने गंभीर होकर कहा, “लेकिन ध्यान पढ़ाई पर रखना भी जरूरी है।”
विहान ने बस अपनी नजरें मीरा पर टिकाई और कुछ नहीं कहा, लेकिन मीरा को लगा कि उसकी आँखों में कोई बात छुपी है।
काम खत्म होने पर, अद्विक ने कहा, “मीरा, तुम्हें लगता है कि तुम इस ग्रुप में सही तरीके से काम कर पाओगी?”
मीरा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हाँ, मैं सीख लूँगी।”
अद्विक ने सिर हिलाया और जैसे कोई चुनौती स्वीकार कर रहा हो, कहा, “ठीक है, देखते हैं।”
लंच टाइम में, चारों लड़के और मीरा फिर से एक साथ बैठे।
“तुम्हारी बातें हमेशा इतनी शांत क्यों रहती हैं?” कैरन ने पूछा।
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “क्योंकि मैं अपनी दुनिया में खो जाती हूँ।”
विहान ने धीरे से कहा, “कभी-कभी अपनी दुनिया में खोना अच्छा होता है, लेकिन बाहर की दुनिया से भी नज़रें हटाना मत।”
मीरा ने उसकी आँखों में झाँका और महसूस किया कि विहान उसके लिए कुछ अलग है।
दिन के अंत में, मीरा घर लौट रही थी। उसके दिमाग में चारों लड़कों की बातें, हँसी और उनके अलग-अलग अंदाज घूम रहे थे।
“ये लोग… और खासकर अद्विक और विहान… कुछ तो अलग है,” उसने खुद से कहा।
लेकिन साथ ही, उसे डर भी लग रहा था—क्या वह इस नई दुनिया में खुद को साबित कर पाएगी?
रात को मीरा अपने कमरे में बैठी खिड़की के पास। बाहर चाँदनी बिखरी हुई थी।
“चार लोग, अलग-अलग दुनिया, और मैं… कहाँ फिट हूँगी?” उसने सोचा।
लेकिन उसने ठान लिया—“मैं हार नहीं मानूंगी। चाहे जो भी हो, मैं खुद को साबित करूँगी।”
और इस तरह, मीरा का दूसरा दिन भी नए अनुभव, नए दोस्त और नए खतरों के साथ खत्म हुआ।
यह सिर्फ शुरुआत थी—अब उसके सामने आने वाली चुनौतियाँ और भी जटिल होने वाली थीं।
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अगले दिन स्कूल में मीरा का दिल कुछ ज्यादा ही धड़क रहा था। उसे पता था कि आज कुछ खास होने वाला है। जैसे ही वह क्लास में पहुँची, उसकी नज़र चारों लड़कों पर गई। अद्विक का चेहरा गंभीर था, कैरन हँसते हुए नजर आया, रीयान अपनी किताबों में मशगूल, और विहान… बस शांत, लेकिन उसकी निगाहें कहीं खोई हुई सी थीं।
मीरा की सीट पर पहुँचते ही अद्विक ने हल्की सी मुस्कान दी। मीरा को लगा कि उसने पहली बार उसे सीधे मुस्कुराते देखा। उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।
“आज प्रोजेक्ट का फाइनल प्रजेंटेशन है,” शिक्षक ने कहा।
मीरा ने अपने आप से कहा, “ठीक है, शांत रहो, और अपना काम करो।”
ग्रुप वर्क के दौरान, मीरा और अद्विक के बीच कुछ पल ऐसे आए जब उनकी आँखें टकराईं। मीरा ने महसूस किया कि अद्विक उसे ध्यान से देख रहा था, लेकिन बोल नहीं रहा।
“तुम थोड़ी जल्दी हो,” कैरन ने कहा, और मीरा की ओर हँसते हुए देखा।
मीरा ने हल्का मुस्कुराया और बोली, “बस काम में ध्यान लगा रही हूँ।”
दिन भर मीरा और अद्विक के बीच कई छोटी-छोटी झलकें हुईं—कुछ हँसी, कुछ नज़रों का खेल। मीरा का दिल तेज़ धड़कने लगा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब इतना असर क्यों कर रहा है।
लंच टाइम में, चारों लड़के और मीरा एक साथ बैठे।
“मीरा, तुम हमेशा इतनी गंभीर क्यों रहती हो?” कैरन ने पूछा।
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “क्योंकि मैं हर चीज़ को समझना चाहती हूँ।”
अद्विक ने उसकी बात सुनी और धीरे से कहा, “समझना अच्छा है, लेकिन कभी-कभी महसूस करना भी जरूरी होता है।”
मीरा के दिल में एक अजीब सी गर्मी दौड़ गई। उसे अहसास हुआ कि अद्विक की बातें सिर्फ सामान्य बातें नहीं थीं, बल्कि उसके दिल तक पहुँच रही थीं।
शाम को क्लास खत्म होने के बाद, मीरा अकेले स्कूल के गार्डन में टहल रही थी। उसे लगा कि कोई उसे देख रहा है। जब उसने मुड़कर देखा, तो अद्विक खड़ा था।
“मीरा, तुम अकेली चल रही हो, सुरक्षित हो?” उसने धीरे से पूछा।
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “हाँ, मैं ठीक हूँ।”
अद्विक ने उसे थोड़ी देर तक देखा और फिर धीरे से कहा, “अगर तुम्हें कभी मदद चाहिए, तो मुझे बताना।”
मीरा के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। उसे अहसास हुआ कि अद्विक सिर्फ उसके साथी नहीं, बल्कि उसके लिए कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण हो गया है।
घर लौटते समय, मीरा सोच रही थी—“चार लोग, अलग-अलग दुनिया… और मैं… क्या मैं वास्तव में इस दुनिया में फिट हो पाऊँगी? लेकिन एक बात तय है—मैं अपने दिल की सुनूंगी, चाहे जो भी हो।”
और इस तरह, मीरा का तीसरा दिन खत्म हुआ—पहली नज़रों का असर, पहला रोमांस का एहसास, और पहली चुनौती की शुरुआत।
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अगले दिन स्कूल में मीरा का मन बहुत भारी था। पिछले दिन की अद्विक से हुई बातचीत उसके दिमाग में बार-बार घूम रही थी। उसे खुद नहीं पता था कि क्यों उसके दिल ने अचानक तेज़ धड़कना शुरू कर दिया।
जैसे ही वह क्लास में पहुँची, उसे पता चला कि आज F4 के बीच एक छोटा टकराव होने वाला है।
कैरन और रीयान किसी मामूली बात पर बहस कर रहे थे, और अद्विक ने बीच में आकर दोनों को शांत करने की कोशिश की।
“मीरा, तुम भी ध्यान रखो। कभी-कभी यहां का माहौल थोड़ा जटिल हो सकता है,” अद्विक ने धीमे से कहा।
मीरा ने सिर हिलाया, लेकिन उसके मन में एक अजीब सा डर बैठ गया—क्या वह इन चारों के बीच कहीं फँस जाएगी?
दोपहर के समय, लंच ब्रेक में कैरन ने मीरा के पास आकर कहा,
“तुम अद्विक से ज्यादा समय क्यों बिताती हो? हमें भी तो ध्यान चाहिए।”
मीरा को समझ नहीं आया कि कैरन मजाक कर रहा है या सच में ईर्ष्या कर रहा है।
तभी अद्विक ने सामने आकर कहा,
“मीरा की पसंद उसका अपना फैसला है। और तुम अपनी बातों से उसे परेशान मत करो।”
मीरा ने देखा कि अद्विक की आवाज़ में ठंडक के साथ कुछ हद तक possessiveness भी थी। उसे अहसास हुआ कि अद्विक उसे सिर्फ अपना समझता है।
दिन के अंत में, स्कूल का मैदान खाली हो गया। मीरा अकेली बैठी थी। तभी अद्विक पास आया और कहा,
“मीरा, तुम मेरी चिंता समझ सकती हो?”
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “हाँ, समझ सकती हूँ।”
अद्विक ने धीरे से कहा, “बस याद रखना, मैं हमेशा तुम्हारे लिए यहाँ हूँ। कोई भी तुम्हें नुकसान नहीं पहुँचने देगा।”
मीरा का दिल जोर से धड़कने लगा। उसे महसूस हुआ कि अद्विक का प्यार सिर्फ शब्दों में नहीं, बल्कि उसके हर इशारे और नजरिए में छुपा हुआ है।
शाम को मीरा घर लौटते समय सोच रही थी—“चार लोग, अलग-अलग दुनिया, और मैं… लेकिन अब मेरे दिल में सिर्फ एक सवाल है—क्या मैं उस व्यक्ति को पहचान पाऊँगी, जिसे मैं सच में चाहती हूँ?”
और इस तरह, मीरा की जिंदगी में पहला भ्रम और पहला रोमांस दोनों एक साथ उभरकर सामने आ गए। अब कहानी में नए twists और secrets आने वाले थे, जो उसके दिल और उसकी दुनिया दोनों को हिला देंगे।
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अगले दिन मीरा स्कूल जल्दी पहुँच गई। उसके दिल की धड़कनें अभी भी पिछले दिन की अद्विक से हुई बातचीत की याद में तेज़ थीं। उसे पता था कि आज कुछ खास होने वाला है।
क्लास शुरू होते ही, चारों लड़के पहले से ही मीरा के आसपास नजर आने लगे। अद्विक की निगाहें बार-बार मीरा पर टिक रही थीं, जैसे हर पल उसे देखना जरूरी हो।
“मीरा, तुम कल प्रोजेक्ट का अच्छा काम कर रही थी,” अद्विक ने धीरे से कहा।
मीरा का दिल जोर से धड़क गया। उसने हल्की मुस्कान दी और सिर हिलाया।
कैरन ने मुस्कुराते हुए कहा, “वाह, तुम्हारे साथ रहना भी मजेदार है।”
रीयान बस गंभीर निगाहों से सब कुछ देख रहा था, और विहान की नजरें भी मीरा पर टिकी थीं, पर कुछ कहे बिना।
लंच टाइम में, मीरा और चारों लड़के फिर से एक साथ बैठे।
अद्विक ने कहा, “मीरा, कभी-कभी तुम्हें मेरी बात माननी चाहिए।”
“क्यों?” मीरा ने हल्की हँसी के साथ पूछा।
“क्योंकि मैं तुम्हारे लिए हमेशा सोचता हूँ… और मुझे तुम्हारी सुरक्षा की चिंता है,” अद्विक ने गंभीर होकर कहा।
मीरा का दिल जोर से धड़कने लगा। उसे अहसास हुआ कि अद्विक का प्यार सिर्फ शाब्दिक नहीं, बल्कि उसके हर इशारे और निगाह में छुपा हुआ था।
दिन का अंत होने पर, स्कूल का मैदान खाली हो गया। मीरा अकेली बेंच पर बैठी थी। तभी अद्विक उसके पास आया।
“मीरा, तुम सच में समझती हो कि मैं तुम्हारे लिए क्या महसूस करता हूँ?” उसने धीरे से पूछा।
मीरा ने हँसते हुए कहा, “शायद… पर मुझे लगता है कि अब मैं समझने लगी हूँ।”
अद्विक ने धीरे से उसकी हथेली पकड़ी।
“मीरा, मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा। कोई भी तुम्हें चोट नहीं पहुँचने देगा। ये मेरा वादा है।”
मीरा के दिल की धड़कन और तेज़ हो गई। उसे अहसास हुआ कि अद्विक का प्यार possessive भी है, लेकिन सुरक्षित और सच में सच्चा।
शाम को घर लौटते समय, मीरा सोच रही थी—“चार लोग, अलग-अलग दुनिया, और अब मैं… अब मुझे समझ में आने लगा है कि मेरा दिल किसके लिए धड़क रहा है। और मैं डर भी रही हूँ, क्योंकि यह प्यार इतनी जल्दी इतना गहरा हो गया है।”
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स्कूल में अगला दिन आया, और मीरा का दिल अजीब सा घबराहट और उत्साह से भर गया था। उसे पता था कि अब चीज़ें बदलने वाली थीं।
जैसे ही वह क्लास में पहुँची, चारों लड़के पहले से ही उसकी ओर देख रहे थे। अद्विक की निगाहें लगातार उस पर टिक रही थीं। कैरन मुस्कुराते हुए उसे इशारे कर रहा था, रीयान गंभीर निगाहों से सब कुछ देख रहा था, और विहान की आंखों में गहरा रहस्य था।
क्लास के दौरान, प्रोजेक्ट के काम में मीरा और अद्विक के बीच छोटी-छोटी नज़दीकियाँ हुईं।
अद्विक ने धीरे से कहा, “मीरा, तुम हमेशा इतनी समझदारी से काम करती हो। मुझे तुम पर गर्व है।”
मीरा का चेहरा लाल हो गया, और उसे लगा कि दिल तेज़ धड़क रहा है।
लेकिन तभी कैरन ने मजाक में कहा, “वाह, लगता है अद्विक और मीरा के बीच कुछ है।”
रीयान ने सिर हिलाया, और विहान की नजरें थोड़ी गंभीर हो गईं। मीरा को अहसास हुआ कि अब jealousy और possessiveness की शुरुआत हो गई थी।
लंच टाइम में, चारों लड़के और मीरा एक साथ बैठे।
अद्विक ने धीरे से कहा, “मीरा, याद रखना, मैं हमेशा तुम्हारे पास रहूँगा।”
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “मुझे पता है। पर मुझे भी कभी-कभी अपनी दुनिया चाहिए।”
अद्विक ने उसकी आँखों में देखकर कहा, “ठीक है, लेकिन याद रखना, मैं तुम्हारे लिए हमेशा मौजूद हूँ। कोई भी तुम्हें तकलीफ नहीं देगा।”
शाम को स्कूल का मैदान खाली हो गया। मीरा अकेली बेंच पर बैठी थी। तभी अद्विक पास आया और कहा,
“मीरा, क्या तुम सच में समझती हो कि मैं तुम्हारे लिए क्या महसूस करता हूँ?”
मीरा ने धीरे से सिर हिलाया।
अद्विक ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा, “तो अब विश्वास करो, मैं सिर्फ तुम्हारे लिए हूँ। कोई भी तुम्हें दूर नहीं कर सकता।”
मीरा के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। उसे अहसास हुआ कि अद्विक का प्यार possessive, गहरा और सच में उसका अपना था।
रात को घर लौटते समय, मीरा सोच रही थी—“चार लोग, अलग-अलग दुनिया, और अब मैं… अब मैं समझ गई हूँ कि मेरे दिल का सबसे गहरा हिस्सा किसके लिए है। लेकिन अब मुझे डर भी लग रहा है, क्योंकि प्यार इतनी जल्दी इतना गहरा और मजबूत हो गया है।”
और इस तरह, मीरा और अद्विक का रिश्ता अब और मजबूत होने वाला था, लेकिन साथ ही jealousy और रहस्य भी धीरे-धीरे उनके बीच उभरने लगे थे।
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मीरा का अगला दिन स्कूल में कुछ ज्यादा ही अजीब और दिलचस्प था। जैसे ही वह क्लास में पहुँची, उसे लगा कि आज कुछ अलग होने वाला है।
सुबह की क्लास:
अद्विक की निगाहें लगातार मीरा पर टिकी हुई थीं। मीरा का दिल तेजी से धड़क रहा था, और उसे खुद भी एहसास नहीं था कि क्यों। उसने सोचा कि शायद यह सिर्फ उत्साह है, लेकिन उसकी धड़कनों ने सब कुछ बता दिया।
कैरन ने हल्की हँसी के साथ कहा, “तो मीरा, कल तुम्हें अद्विक ने कितना गौर किया?”
मीरा ने हल्का सा मुस्कुराया और कहा, “बस, काम पर ध्यान लगा रही थी।”
रीयान ने गंभीर होकर कहा, “काम पर ध्यान देना जरूरी है, लेकिन तुम्हें समझना भी। चारों के बीच संतुलन रखना मुश्किल है।”
विहान बस चुपचाप बैठा था, लेकिन उसकी निगाहें मीरा पर और अद्विक पर बार-बार जा रही थीं।
ग्रुप प्रोजेक्ट:
प्रोजेक्ट के दौरान, मीरा और अद्विक के बीच कई छोटी-छोटी नज़दीकियाँ हुईं। अद्विक ने धीरे से कहा,
“मीरा, तुम्हारा काम हमेशा बेहतरीन होता है। मुझे तुम पर गर्व है।”
मीरा का चेहरा लाल हो गया। उसे एहसास हुआ कि यह सिर्फ तारीफ नहीं, बल्कि उसकी भावनाओं को छू रही थी।
कैरन ने मजाक करते हुए कहा, “लगता है तुम दोनों एक-दूसरे के ख्यालों में खो गए हो।”
मीरा को हँसी आ गई, लेकिन उसे समझ नहीं आया कि कैरन मजाक कर रहा है या सच में जल रहा है।
रीयान ने सिर हिलाया और धीरे से कहा, “लेकिन ध्यान रखना, कभी-कभी दोस्ती और प्यार में फर्क समझना जरूरी है।”
विहान की आँखों में गंभीरता और possessiveness झलक रही थी।
लंच टाइम:
चारों लड़के और मीरा टेबल पर बैठे। अद्विक ने धीरे से कहा,
“मीरा, याद रखना, मैं हमेशा तुम्हारे पास रहूँगा। कोई भी तुम्हें तकलीफ नहीं देगा।”
मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे पता है, पर मुझे भी कभी-कभी अपनी दुनिया चाहिए।”
अद्विक ने उसकी आँखों में देखकर कहा,
“ठीक है, लेकिन हमेशा याद रखना, मैं तुम्हारे लिए हमेशा मौजूद हूँ।”
मीरा ने महसूस किया कि अद्विक का प्यार possessive, लेकिन सच में उसके लिए था।
शाम का पल:
स्कूल का मैदान खाली था। मीरा अकेली बेंच पर बैठी थी। तभी अद्विक पास आया।
“मीरा, क्या तुम सच में समझती हो कि मैं तुम्हारे लिए क्या महसूस करता हूँ?”
मीरा ने धीरे से सिर हिलाया।
“तो अब विश्वास करो, मैं सिर्फ तुम्हारे लिए हूँ। कोई भी तुम्हें दूर नहीं कर सकता,” अद्विक ने कहा।
मीरा का दिल जोर से धड़कने लगा। उसे एहसास हुआ कि अद्विक की possessiveness प्यार में बदल चुकी थी, और अब यह और गहरा हो रहा था।
घर लौटते समय:
मीरा सोच रही थी—“चार लोग, अलग-अलग दुनिया… और अब मैं समझ गई हूँ कि मेरे दिल का सबसे गहरा हिस्सा किसके लिए है। पर यह प्यार इतनी जल्दी इतना गहरा कैसे हो गया?”
रहस्य और जलन:
अगले दिन, मीरा ने देखा कि कैरन और विहान के बीच कुछ बातें चल रही थीं। उसकी नजरों ने देखा कि रीयान भी कुछ छुपा रहा है। मीरा को समझ नहीं आ रहा था कि इन सबका उसके और अद्विक के रिश्ते पर क्या असर होगा।
इस तरह, मीरा की जिंदगी में पहली बड़ी चुनौती और रोमांच सामने आया—प्यार, jealousy, possessiveness, और रहस्य सभी एक साथ।
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मीरा का अगला दिन स्कूल में शुरू होते ही एक नए रोमांच और चिंता के साथ था। पिछले दिनों की हर छोटी-छोटी नज़दीकियाँ और अद्विक का possessive प्यार उसके दिमाग में घूम रहा था। लेकिन आज उसे महसूस हुआ कि jealousy और misunderstandings उसके और अद्विक के बीच धीरे-धीरे आ रही हैं।
सुबह की क्लास:
मीरा ने क्लास में कदम रखा, और चारों लड़के पहले से ही उसे देख रहे थे। अद्विक की निगाहें लगातार उस पर टिक रही थीं, जैसे वह हर पल उसकी सुरक्षा और भावनाओं का ख्याल रख रहा हो।
कैरन ने हल्की हँसी के साथ कहा, “लगता है मीरा और अद्विक कुछ ज्यादा ही खास हो गए हैं।”
मीरा ने मुस्कुराते हुए सिर हिलाया, लेकिन उसे एहसास हुआ कि यह मजाक नहीं, बल्कि थोड़ी jealousy भी थी।
ग्रुप प्रोजेक्ट:
आज का प्रोजेक्ट थोड़ी challenging थी। मीरा और अद्विक के बीच काम करते हुए अचानक misunderstandings हुई।
“मीरा, मुझे लगता है तुमने मेरी बात नहीं सुनी,” अद्विक ने धीरे से कहा।
“माफ करना, मैं ध्यान दे रही थी,” मीरा ने जवाब दिया।
लेकिन कैरन ने बीच में मजाक करते हुए कहा, “ओह, लगता है कोई नराज हो गया है।”
रीयान ने गंभीर होकर देखा, और विहान की नजरें थोड़ी कड़ी हो गईं।
मीरा का दिल थोड़ा परेशान हुआ। उसे अहसास हुआ कि jealousy और possessiveness अब सिर्फ अद्विक की तरफ से नहीं, बल्कि चारों लड़कों के बीच धीरे-धीरे फैल रही है।
लंच टाइम:
चारों लड़के और मीरा टेबल पर बैठे।
अद्विक ने कहा, “मीरा, मुझे लगता है तुम्हें मेरी बात समझनी चाहिए।”
मीरा ने हल्की हँसी के साथ कहा, “मैं समझ रही हूँ, पर मुझे भी अपना space चाहिए।”
अद्विक ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा, “ठीक है, पर याद रखना, मैं तुम्हारे लिए हमेशा मौजूद हूँ।”
मीरा ने महसूस किया कि अद्विक का प्यार अब सिर्फ possessive नहीं रहा, बल्कि protective और गहरा हो गया था। उसे एहसास हुआ कि उसका दिल अब अद्विक के बिना नहीं रह सकता।
शाम का पल:
स्कूल का मैदान खाली हो गया। मीरा अकेली बेंच पर बैठी थी। तभी अद्विक पास आया।
“मीरा, क्या तुम सच में समझती हो कि मैं तुम्हारे लिए क्या महसूस करता हूँ?”
मीरा ने धीरे से सिर हिलाया।
“तो अब विश्वास करो, मैं सिर्फ तुम्हारे लिए हूँ। कोई भी तुम्हें दूर नहीं कर सकता,” अद्विक ने कहा।
लेकिन तभी उसने देखा कि कैरन और विहान दूर खड़े होकर उसकी ओर देख रहे थे। कैरन की मुस्कान थोड़ी झिझकी हुई थी, और विहान की नजरें गंभीर थीं।
मीरा ने महसूस किया कि jealousy और possessiveness अब चारों लड़कों में फैल चुकी थी।
रहस्य और इमोशनल ट्विस्ट:
अगले दिन, मीरा ने देखा कि चारों लड़के उसके बारे में अलग-अलग बातें कर रहे थे। कैरन ने थोड़ी मजाक में पर ईर्ष्या दिखाई, विहान गंभीर होकर कुछ कह रहा था, और रीयान की निगाहें कहीं और थीं।
मीरा समझ गई कि अब उसे अपने दिल और emotions को संभालना होगा, और अपने और अद्विक के प्यार को साबित करना होगा।
घर लौटते समय:
मीरा खिड़की से बाहर देख रही थी, और चाँदनी में बिखरे स्कूल के मैदान की याद आई।
“चार लोग, अलग-अलग दुनिया, और अब मैं… अब मुझे अपने प्यार, अपनी दोस्ती और अपनी दुनिया को संभालना होगा। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी,” उसने सोचा।
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शाम का आसमान हल्की नीली और नारंगी चादर में लिपटा था। सूरज ढल रहा था और स्कूल के मैदान में एक रहस्यमयी सन्नाटा था। लेकिन मीरा का मन बेचैन था। उसे लग रहा था कि उसकी ज़िन्दगी अब सिर्फ पढ़ाई और दोस्तों के बीच नहीं, बल्कि कुछ गहरे और अंधेरे रिश्तों की तरफ बढ़ रही थी।
सुबह का टकराव
दिन की शुरुआत से ही अजीब तनाव था। क्लास में अद्विक और मीरा के बीच एक मामूली-सी बहस हो गई।
“मीरा, मैंने कहा था न उस फाइल को मेरे तरीके से arrange करना चाहिए था,” अद्विक ने गुस्से से कहा।
“मैंने वैसे ही किया जैसा मुझे सही लगा,” मीरा ने भी बेझिझक जवाब दिया।
कैरन ने तुरंत चुटकी ली, “लगता है लव बर्ड्स लड़ने लगे हैं।”
रीयान ने भौंहें चढ़ाते हुए कहा, “कभी-कभी तुम लोग भूल जाते हो कि ये क्लास है, तुम्हारा पर्सनल ड्रामा नहीं।”
विहान चुप था, लेकिन उसकी आँखों में गुस्से की लपटें थीं—जैसे वह किसी तूफान को रोक रहा हो।
मीरा को समझ नहीं आया कि चारों में से कौन उसके दिल के और पास है, और कौन दूर।
लंच ब्रेक का खेल
कैंटीन में माहौल और गर्म हो गया। अद्विक ने मीरा का हाथ पकड़ते हुए कहा,
“तुम सिर्फ मेरी हो, मीरा। ये सब तुम्हें confuse कर रहे हैं।”
मीरा ने झटके से हाथ छुड़ाया, “तुम्हें हक़ नहीं है ऐसे कहने का, अद्विक। मैं तुम्हारी चीज़ नहीं हूँ।”
कैरन ने यह सब देखा और मीरा के करीब आकर बोला,
“अगर तुम्हें कभी किसी दोस्त की ज़रूरत हो, मैं हमेशा यहाँ हूँ।”
उसकी बातों में softness थी, लेकिन अद्विक के लिए यह आग में घी का काम था।
“दूर रहो उससे, कैरन,” अद्विक ने दाँत भींचते हुए कहा।
रीयान बीच में आया और बोला,
“बस करो! तुम लोग मीरा को किसी trophy की तरह treat कर रहे हो। वह कोई object नहीं है।”
मीरा का दिल धड़क उठा—रीयान हमेशा सही कहता था, लेकिन उसकी coldness उसे और ज्यादा confused कर देती थी।
विहान अब तक चुप था। मगर उसकी नजरें तीखी थीं। उसने सिर्फ इतना कहा,
“मीरा, तुम्हें अंदाज़ा भी नहीं है कि ये सब कहाँ तक जा सकता है।”
रहस्यमयी चिट्ठी
शाम को मीरा अपनी लॉकर खोल रही थी कि उसे एक चिट्ठी मिली। उस पर लिखा था:
"Trust no one. Even the one who says he loves you the most."
उसके हाथ काँप गए। उसने चारों की तरफ देखा—पर कोई भी उसे ऐसा दिखा नहीं, जैसे उसने चिट्ठी लिखी हो।
मीरा सोच में डूब गई—क्या सचमुच उसका सबसे बड़ा दुश्मन वही हो सकता है, जो बार-बार उसे यह कहता है कि वह हमेशा उसके साथ रहेगा?
खेल का मैदान
शाम को बास्केटबॉल प्रैक्टिस के दौरान अद्विक ने जान-बूझकर कैरन को टक्कर मार दी। गेंद दूर जा गिरी और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
“क्या कर रहे हो अद्विक?!” कैरन चिल्लाया।
“दूर रहो मीरा से, वरना ये तो सिर्फ शुरुआत है,” अद्विक ने कड़वे स्वर में कहा।
रीयान ने बीच-बचाव किया लेकिन अद्विक की आंखों में अजीब-सी पागलपन की चमक थी।
मीरा ने यह सब देखा और उसका दिल दहल गया।
चाँदनी की रात
रात को हॉस्टल की छत पर मीरा अकेली बैठी थी। चाँद आसमान में ठहरा हुआ था। तभी अद्विक आया।
उसने बिना कुछ कहे मीरा का हाथ थाम लिया और गहरी आवाज़ में बोला,
“मीरा, तुम नहीं समझती। मैं तुम्हें खो नहीं सकता। मैं किसी भी हद तक जाऊँगा तुम्हें अपने पास रखने के लिए। चाहे उसके लिए मुझे किसी से लड़ना पड़े… या किसी को मिटाना पड़े।”
मीरा के रोंगटे खड़े हो गए। उसने उसकी आँखों में झाँका—वहाँ प्यार था, लेकिन उस प्यार में एक खतरनाक जुनून और अंधेरा भी छुपा था।
उसके दिल में सवाल गूंजा—
"क्या यह प्यार है, या एक ऐसा जुनून जो उसे निगल जाएगा?"
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स्कूल का माहौल अब पहले जैसा हल्का और मज़ेदार नहीं था। जहाँ पहले हँसी और दोस्ती थी, अब वहाँ जलन, तनाव और रहस्य का साया था।
सुबह की हलचल
मीरा जैसे ही क्लास में पहुँची, उसने देखा कि अद्विक और कैरन के बीच ठंडी जंग सी चल रही है। दोनों एक-दूसरे से नज़रें चुरा रहे थे, लेकिन उनकी आँखों में गुस्सा साफ दिख रहा था।
रीयान किताब में डूबा हुआ था, लेकिन उसकी निगाहें बार-बार मीरा पर उठ रही थीं।
विहान चुपचाप बैठा था, लेकिन उसकी खामोशी ही सबसे खतरनाक लग रही थी।
मीरा ने सोचा — "ये सब क्यों हो रहा है? मैं तो सिर्फ पढ़ाई और अपनी नई ज़िंदगी जीना चाहती थी।"
एक और रहस्यमयी चिट्ठी
जैसे ही मीरा ने अपनी टेबल पर बैग रखा, उसके नीचे एक और चिट्ठी थी।
उस पर लिखा था:
"The closer you get to him, the more dangerous your life will be."
मीरा का दिल जोर से धड़क उठा। उसे याद आया कल वाली चिट्ठी भी किसी ने लिखी थी।
उसने चारों की ओर देखा। अद्विक सीधे उसकी ओर देख रहा था, जैसे वह पहले से जानता हो कि मीरा को फिर से कोई चिट्ठी मिली है।
लंच टाइम का टकराव
कैंटीन में अद्विक ने सबके सामने मीरा का हाथ पकड़ लिया।
“मीरा, अब और छुपने की ज़रूरत नहीं। तुम जानती हो कि तुम सिर्फ मेरी हो,” अद्विक ने सबके सामने कहा।
मीरा चौंक गई, “तुम इस तरह सबके सामने क्यों कह रहे हो? मुझे चीज़ मत समझो।”
कैरन ने बीच में आते हुए कहा,
“शायद यही तो मीरा को सबसे ज़्यादा परेशान कर रहा है। अद्विक, प्यार में जबरदस्ती नहीं होती।”
अद्विक की आँखों में आग थी,
“और तुम? तुम क्यों बार-बार हमारे बीच आते हो? क्या तुम सच में दोस्त हो, या उससे ज़्यादा कुछ चाहते हो?”
रीयान ने गहरी आवाज़ में कहा,
“बस करो तुम दोनों! मीरा को trophy मत समझो। अगर सच में उससे प्यार करते हो, तो उसे choice दो।”
मीरा चुप रही। उसके दिल में तूफ़ान था — अद्विक का जुनून, कैरन की softness, रीयान की ईमानदारी और विहान की रहस्यमयी चुप्पी… सब मिलकर उसे तोड़ रहे थे।
विहान का राज़
शाम को मीरा लाइब्रेरी में अकेली पढ़ रही थी। तभी विहान आया।
उसने धीमे स्वर में कहा,
“मीरा, तुम समझती नहीं हो। अद्विक का प्यार सिर्फ प्यार नहीं, एक जुनून है। और जुनून खतरनाक होता है।”
मीरा ने डरते हुए पूछा,
“तुम ये सब क्यों कह रहे हो?”
विहान ने उसकी आँखों में देखा और फुसफुसाया,
“क्योंकि मैं जानता हूँ… अद्विक अतीत में अपने लिए किसी को खो चुका है। और अब वो किसी भी हालत में तुम्हें खोना नहीं चाहता। उसके लिए ये इश्क़ नहीं, एक जुनूनी खेल है। अगर तुम उसके करीब जाओगी, तुम्हारी ज़िंदगी खतरे में पड़ जाएगी।”
मीरा का चेहरा सफेद पड़ गया।
“क्या… क्या तुम सच बोल रहे हो?”
विहान ने सिर झुकाकर कहा,
“तुम्हें खुद पता चल जाएगा। बस संभल कर रहना।”
रात का सामना
रात को हॉस्टल के बाहर अद्विक मीरा का इंतज़ार कर रहा था।
“मीरा, मुझे तुमसे बात करनी है,” उसकी आवाज़ गहरी और बेचैन थी।
मीरा ने कांपते स्वर में कहा,
“अद्विक… क्या ये सच है कि तुम्हारा अतीत तुम्हें अब भी सताता है?”
अद्विक की आँखों में अचानक अंधेरा छा गया।
“किसने कहा तुम्हें ये? विहान ने?”
मीरा ने कुछ नहीं कहा।
अद्विक ने उसका चेहरा थाम लिया और फुसफुसाया,
“हाँ, मैंने अपने अतीत में किसी को खोया है। और मैं दोबारा वही दर्द नहीं झेल सकता। मीरा, तुम्हें खोने से अच्छा है कि मैं पूरी दुनिया से लड़ जाऊँ।”
उसकी पकड़ इतनी कस गई कि मीरा को दर्द हुआ।
“अद्विक… छोड़ो…”
लेकिन अद्विक की आँखों में आँसू और पागलपन दोनों थे।
“नहीं, मीरा। मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ूँगा। चाहे मुझे किसी से लड़ना पड़े… चाहे किसी को मिटाना पड़े।”
मीरा के दिल में डर और मोहब्बत एक साथ उमड़ पड़े।
वो सोच रही थी — “क्या मैं उस इंसान से प्यार कर बैठी हूँ, जो मुझे बचाने के लिए पूरी दुनिया से लड़ जाएगा… या फिर मुझे उसी प्यार में कैद कर देगा?”
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