ये कहानी है अभिमन्यु और अमायरा की। आखिर कैसे मिलेंगे इनके रास्ते और कैसे मिलेंगे इनके दो दिल। और आखिर कैसे बनेगा अभिमन्यु, अमायरा का Bodyguard Boyfriend कौन है अमायरा ? ~~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ये कहानी है अभिमन्यु और अमायरा की... ये कहानी है अभिमन्यु और अमायरा की। आखिर कैसे मिलेंगे इनके रास्ते और कैसे मिलेंगे इनके दो दिल। और आखिर कैसे बनेगा अभिमन्यु, अमायरा का Bodyguard Boyfriend कौन है अमायरा ? ~~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ये कहानी है अभिमन्यु और अमायरा की। आखिर कैसे मिलेंगे इनके रास्ते और कैसे मिलेंगे इनके दो दिल। और आखिर कैसे बनेगा अभिमन्यु, अमायरा का Bodyguard Boyfriend कौन है अमायरा ? ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~ ~
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"और कितना भागना हैं अभिमन्यु। अब मुझसे और नहीं भाग जा रहा।": अमायरा गहरी गहरी सांस लेते हुए बोली पिछले आधे घंटे से दोनों लगातार जंगल के अंदर भागे जा रहे थे।
अभिमन्यु की सांस भी फूलने लगी थी। पहले उन गुंडों से लड़ना और फिर जख्मी होकर वहां से भागना। इस बीच उसने अपने ऊपर ध्यान ही नहीं दिया था कि उसके कपड़े जगह-जगह से फट चुके थे और उसके जख्मों से खून भी रिस रहा था। उसने अपनी नजरें चारों तरफ घुमाया तो उसे कुछ दूरी पर हल्की रोशनी सी दिखाई दी।
वो अमायरा को देखते हुए बोला:" मैम बस थोड़ी दूर और वहां रोशनी नजर आ रही हैं शायद वहां कोई गांव हो या हमें कोई मदद मिल जाएं। प्लीज बस थोड़ा सा और चलिए।"
अमायरा थककर वहीं एक पेड़ पड़कर नीचे बैठ गई और धीमी आवाज में बोली:"सॉरी अभिमन्यु पर अब मुझसे नहीं भाग जाएगा और मैं."
बोलते हुए अमायरा के आवाज धीमें होते चले गए और वो बेहोश होकर वहीं नीचे गिर गई। अभिमन्यु फौरन नीचे झुका और उसके गालों को थपथपाते हुए बोला:" मैम आंखें खोलिए। प्लीज ओपन योर आइज।"
अभिमन्यु ने आसपास देखा तो अंधेरा काफी ज्यादा गहरा चुका था अगर वो दोनों यहां रुकते हैं तो जंगली जानवरों का भी खतरा था और उन गुंडों का भी जो उनका पीछा कर रहे थे। उसने अमायरा को उठाकर अपने पीठ पर लादा और तेज कदमों से आगे बढ़ने लगा। लगभग 10 मिनट और चलने के बाद उसे वहां एक कच्ची सड़क दिखी जिसकी दूसरी तरफ उसे एक गांव नजर आया।
अभिमन्यु ने राहत की सांस ली और अमायरा को लिए उस गांव में पहुंचा। एक छोटे से घर के बाहर बरामदे में एक बुजुर्ग दंपती बैठे बातें कर रहे थे।
जब उन दोनों ने उन्हें देखा तो वो औरत जल्दी से उनके पास आई और घबराते हुए बोली:"क्या हुआ बेटा? आपको इतनी चोट कैसे लगी और ये आपके साथ कौन हैं? आप दोनों कहां से आए हैं?"
"प्लीज हमारी मदद कीजिए। कुछ गुंडों ने हम पर हमला किया था। ये बेहोश हो गई हैं। अगर आप कुछ कर सकती हैं तो हमारी मदद कीजिए।": अभिमन्यु ने दोनों से रिक्वेस्ट की तो वो बुजुर्ग आदमी भी उठकर उन दोनों के पास आया और अपनी पत्नी से अमायरा को अंदर ले जाने के लिए कहा। अभिमन्यु अमायरा को लिए अंदर गया। जहां एक छोटी सी कोठरी जैसा कमरा था। उसमें लगे पलंग पर अभिमन्यु ने अमायरा को लेटा दिता और उसके माथे को छूकर बोला: "क्या यहां कोई डॉक्टर हैं?"
"इतनी रात को इस गांव डॉक्टर तो नहीं मिलेंगे बेटा। इस गांव में एक छोटी सी अस्पताल हैं और वो भी इस वक्त बंद हो जाती हैं। आप फ़िक्र मत कीजिए हम आपकी पत्नी का ख्याल रखेंगे। आप जाकर कपड़े बदल लीजिए। ये आपको मरहम पट्टी कर देंगे"
अभिमन्यु को अमायरा के लिए अपनी पत्नी सुनकर उसे अजीब लगा। वो उन दोनों को मना करते हुए बोला:" नहीं ये पत्नी नहीं हैं मेरी."
अभिमन्यु इससे आगे बोलता उससे पहले ही उसके कानों में अमायरा की आवाज पड़ी। जो होश में आते हुए कुछ बड़बड़ाएं जा रही थी।
वो औरत फौरन अमायरा के पास बैठ गई और उसके माथे को सहलाते हुए बोली:" बिटिया आप ठीक तो हैं?" अमायरा ने अपनी आंखों को खोला तो उसे सबसे पहले अभिमन्यु का चेहरा नजर आया जो परेशान सा वहीं उसके पास खड़ा था। अमायरा उठकर बैठने की कोशिश करने लगी तो उस औरत ने उसे अच्छे से बैठाया और बोली: "बिटिया अब आपको कैसा महसूस हो रहा हैं। आपके पति बहुत ज्यादा परेशान हो गए थे।"
"पति ?": अमायरा ने अभिमन्यु की तरफ आंखें निकाल कर घुरा तो अभिमन्यु ने फौरन ना में अपना सर हिला दिया जैसे बोलना चाह रहा हो कि उसने कुछ नहीं कहा।
अमायरा कुछ सोच कर मुस्कुराते हुए बोली:"जी आंटी जी वो क्या है ना मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते हैं ना इसलिए मेरी इतनी फिक्र करते हैं। हैं ना अभिमन्यु।"
"म. मैं पति ": अभिमन्यु को समझ नहीं आया कि वो कैसे रिएक्ट करें। वो तो उसका बॉडीगार्ड हैं फिर पति कैसे और कब बन गया? ये सब सुनकर ही उसे अजीब सी फिलिंग्स आ रही थी। उसे समझ नहीं आया कि वो अमायरा की बातों में उसका साथ दें या उसे मना करें लेकिन वो कुछ बोलता उससे पहले ही वो औरत बोली:"बिटिया पति को उसके नाम से नहीं बुलाते। ये अच्छी बात नहीं होती। अच्छा चलो हम आप दोनों के लिए साफ कपड़े और दवाइयां लेकर आते हैं। आराम करो आप दोनों। चलिए जी।"
वो औरत अपने पति को लेकर वहां से चली गई। उसके जाते ही अभिमन्यु अमायरा को देखकर बोला: "मैम ये सब क्या था? मैं आपका पति कब बना और हमारी शादी कब हुई?"
"क्यों तुम्हें करनी हैं मुझसे शादी ?": अमायरा अपनी होंठों पर शरारती मुस्कुराहट लिए पूछी तो अभिमन्यु झेंप गया और इधर-उधर देखते हुए बोला:" बिल्कुल पागल हैं आप.? अभी मौत के मुंह से लौट कर आ रही हैं और आपका मजाक शुरू हो गया। "
"जिंदगी का क्या हैं मिस्टर बॉडीगार्ड आज हैं कल नहीं! पल में क्या हो जाएं किसे पता? अभी मुझ पर अटैक हुआ हैं क्या पता कल मुझ पर अटैक करने वाले इस दुनिया में रहे या ना रहे।": अमायरा ये सब बड़ी मिस्टीरियस तरीके से अपने चेहरे पर बिल्कुल खतरनाक एक्सप्रेशन लिए बोल रही थी जिसे अभिमन्यु देखकर समझ गया कि वो क्या सोच रही हैं ? वो उससे थोड़ा सख्त आवाज में बोला:" बिल्कुल भी नहीं! मैं सब संभाल लूंगा। वैसे भी ये मेरा ड्यूटी हैं। आप आराम कीजिए।"
अपनी बात बोलकर अभिमन्यु कमरे से बाहर जाने लगा तो अमायरा ने उसकी कलाई पकड़ ली और अपनी गर्दन दांई तरफ झुका कर मुस्कुराते हुए बोली:"आप कहां चले पतिदेव जी? साथ नहीं रूकेंगे हमारे।"
"मैम ": अभिमन्यु ने उसे आंखें निकाल कर घुरा तो अमायरा खिलखिला कर हंसते हुए बोली:"अच्छा बाबा सॉरी मस्ती कर रही थी। वैसे भी तुम मेरे टाइप के हो ही नहीं और ना ही मैं तुम्हारे टाइप की!"
अमायरा ने उसकी कलाई छोड़ दिया और दूसरी तरफ मुड़कर लेट गई। अभिमन्यु ने अपना सर ना में हिलाया और वहां पर रखा हुए चादर उठाकर अच्छे से अमायरा को ओढ़ा कर वहां से बाहर चला गया।
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अब तक
"मैम ": अभिमन्यु ने उसे आंखें निकाल कर घुरा तो अमायरा खिलखिला कर हंसते हुए बोली:"अच्छा बाबा सॉरी मस्ती कर रही थी। वैसे भी तुम मेरे टाइप के हो ही नहीं और ना ही मैं तुम्हारे टाइप की!"
अमायरा ने उसकी कलाई छोड़ दिया और दूसरी तरफ मुड़कर लेट गई। अभिमन्यु ने अपना सर ना में हिलाया और वहां पर रखा हुए चादर उठाकर अच्छे से अमायरा को ओढ़ा कर वहां से बाहर चला गया।
अब आग
वो बाहर आया तो वो आदमी बरामदे में बैठा हुआ था और उसकी पत्नी अमायरा के लिए कपड़े लेकर उसके कमरे में चली गई। अभिमन्यु आया और उस आदमी के पास बैठ गया। उस आदमी के पास एक छोटे से डब्बे में मरहम और पट्टी था। उसने अभिमन्यु के सामने बढ़ाकर बोला:" लाओ बेटा, मैं तुम्हारी मरहम पट्टी कर दूं। काफी चोट आई है तुम्हें।"
उन्हें खुद के लिए इतनी फिक्र करते हुए देखकर अभिमन्यु मुस्कुराते हुए बोला:" कोई बात नहीं काका। मैं बिल्कुल ठीक हूं। ये सब मेरे काम का हिस्सा हैं।"
काका जी उसकी फिक्र करते हुए बोले:" ऐसा भी कौन सा काम करते हो, जो तुम्हें इतना ज्यादा छोटे लगती रहती हैं। जरा अपना ख्याल रखा करो। अपने खातिर ना सही अपने परिवार के लिए।"
परिवार शब्द सुनकर अभिमन्यु के आंखों के सामने एक प्यारी सी चुलबुली लड़की का चेहरा घूम गया। वो मुस्कुराते हुए बोला:"मेरा कोई परिवार नहीं है काका बस मेरी एक छोटी बहन हैं मीरा।"
"लगता है अपनी बहन से बहुत प्यार करते हो उसका जिक्र होते ही देखो तुम्हारा चेहरा दर्द में भी कैसे खिल उठा।": बातों के दौरान काका जी ने उसके सारे जख्मों पर मरहम लगाकर पट्टी कर दिया था। तभी अंदर से उनकी पत्नी बाहर आई और अभिमन्यु को एक कुर्ता देते हुए बोली:"बेटा ये लो ये पहन लो। तुम्हारे कपड़े काफी गंदे हो गए हैं।"
अभिमन्यु ने कुर्ता ले लिया और मुस्कुराते हुए बोला:" थैंक यू पर मैं चेंज कहां करूं?"
अभिमन्यु ने इधर-उधर देखते हुए कहा क्योंकि वो घर बहुत ही छोटा था। जिसमें सिर्फ एक ही कमरा था जिसमें इस वक्त अमायरा सो रही थी। उसके अलावा एक छोटी सी रसोई और बरामदा और बीच में एक छोटा सा आंगन।
उसके सवाल पर काका काकी दोनों उसे देखकर मुस्कुराने लगे और उनकी मुस्कुराहट देखकर अभिमन्यु समझ गया वो दोनों क्या कहने वाले हैं इसलिए वो बिना उनकी बात सुने तेज कदमों से अंदर चला गया जहां अमायरा बैठी हुई थी पर अंदर आते ही उसकी सांसे हल्क में अटक गई और निगाहें अमायरा के ऊपर क्योंकि अमायरा इस वक्त बहुत प्यारी लग लग रही थी। हमेशा जींस टॉप, वेस्टर्न ड्रेस पहनने वाली अमायरा आज एक सिंपल साड़ी में थी।
उसके लंबे कर्ली बाल कमर तक झूल रहे थे। बिना मेकअप के भी उसका चेहरा दमक रहा था और उसे पर आ जा रहे उसके कंफ्यूजन वाले वो क्यूट एक्सप्रेशन जो बयां कर रहें थे वो इस साड़ी में कितनी उलझी हुई महसूस कर रही है।
जैसे ही उसे अभिमन्यु की मौजूदगी महसूस हुई वो फौरन पीछे मुड़कर मुंह बनाकर बोली:"ये क्या मुझे कपड़ों में ढ़ेर में लपेट दिया उन आंटी ने, मुझे समझ नहीं आ रहा कैसे संभालते हैं इसे ?"
अमायरा उस साड़ी में उलझी हुई अपनी हालत बयां कर रही थी पर अभिमन्यु की नजरे तो उसे प्यार से निहारने में लगी हुई थी। ऐसा लग रहा था मानो वो पहली बार अमायरा को इतनी प्यार से देख रहा हो। खुद को इस तरह देखते पाकर अमायरा ने खुद को आईने में देखा और वापस से अभिमन्यु की तरफ मुड़ी और मुस्कुराते हुए बोली:"क्या हुआ.? मैं खूबसूरत दिख रही हूं क्या?"
अमायरा ने आई विंक 😘 किया तो अभिमन्यु फौरन अपने ख्यालों से बाहर आया और दूसरी तरफ घूम कर सख्त आवाज में बोला: "बिल्कुल भी नहीं!"
"हां अकड़ू तुम्हारे लिए तो इस दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की तुम्हारी प्यारी बहन ही हैं बाकी सब लड़कियां तो तुम्हें डायन ही लगती हैं। हूंह! नालायक बॉडीगार्ड।"
"मुझे चेंज करना हैं। आप बाहर जाइए।": अभिमन्यु ने बिना अमायरा की तरफ देखें कहा और अपनी शर्ट के बटन खोलने लगा। उसे शर्ट के बटन खोलते हुए देख अमायरा की आंखें बड़ी हो गई। वो फौरन अपने दोनों हाथ अपनी आंखों पर रखकर बोली:"ऐ रूको यार ये क्या पागलपंती कर रहे हो? मैं लड़की हूं दिखाई नहीं देता तुम्हें! "
"हां पता हैं पर अफसोस आपको नहीं पता कि आप लड़की हैं।":अभिमन्यु ने भनभनाते हुए कहा और उसके पास आकर उसकी साड़ी के पल्लू को उठाकर उसके चेहरे पर लंबा सा घूंघट डाल दिया और जबरदस्ती उसे दूसरी तरफ घूमा कर खड़ा कर दिया।
"अब जब तक मैं ना कहूं इस तरफ मत मुडिएगा।": अभिमन्यु ने उसे वॉर्न किया और अपने कपड़े चेंज करने लगा। अमायरा वैसे ही दूसरी तरफ घूम कर चुपचाप खड़ी थी और अपनी उंगली में उंगली उलझा रही थी। तभी कुछ सोचकर वो बोली:" बाय द वे अभिमन्यु मैं लड़की हूं पर तुम तो लड़का हो ना तो तुम क्यों शर्मा रहे हो? मुझे भी देखने हैं तुम्हारे सिक्स पैक्स और तुम्हारे बाइसेप्स। मैं पलट ही जाती हूं।"
"न. नहीं!"
बाइ द वे अभिमन्यु लड़की तो मैं हूं, तुम तो लड़का हो तुम्हें शर्माने की क्या जरूरत ? वैसे भी मुझे तुम्हारे सिक्स पैक्स देखने हैं और तो और तुम्हारी बाइसेप्स भी। तो मैं पीछे पलट ही जाती हूं।": अमायरा अपनी बात बोलकर जैसे ही पीछे मुड़ने लगी अभिमन्यु अचानक से जोर से चिल्लाया। "नहीं! बिल्कुल भी नहीं!"
पर तब तक अमायरा पीछे पलट चुकी थी पर खुशकिस्मती थी अभिमन्यु की जो उसने कुर्ता पहन लिया था। बस उसके बटन लगाने बाकी थे। अमायरा ने अपने दोनों हाथ कमर पर रखे और उसे घूरते हुए बोली: "ऊफ्फ यार बॉडीगार्ड, रिएक्ट तो ऐसे कर रहे हो जैसे मैं तुम्हारा फायदा उठा रही हूं। पागल हूंह।"
वो मुंह बनाकर जाकर बिस्तर पर लेट गई और अभिमन्यु अपना सर पकड़ कर बोला:"सच में आफत हैं ये लड़की। क्यों मैं इस जॉब के लिए माना यार ? इससे बेहतर तो मैं कहीं वॉचमैन की जॉब कर लेता।"
"क्या.? क्या कहा तुमने? मैं आफत हूं।" जितनी फुर्ती से अमायरा बिस्तर पर लेटी थी। उतनी ही फुर्ती से उठकर बैठ भी गई और अभिमन्यु को आंखें निकाल कर घूरने लगी। अभिमन्यु अचकचा गया और अपनी शब्दों को सही करने के लिए कुछ बोलने को हुआ उससे पहले ही अमायरा भनभनाते हुए गुस्से में बोली:"जानते भी हो कौन हूं मैं?
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वो मुंह बनाकर जाकर बिस्तर पर लेट गई और अभिमन्यु अपना सर पकड़ कर बोला:"सच में आफत हैं ये लड़की। क्यों मैं इस जॉब के लिए माना यार ? इससे बेहतर तो मैं कहीं वॉचमैन की जॉब कर लेता।"
"क्या.? क्या कहा तुमने? मैं आफत हूं।" जितनी फुर्ती से अमायरा बिस्तर पर लेटी थी। उतनी ही फुर्ती से उठकर बैठ भी गई और अभिमन्यु को आंखें निकाल कर घूरने लगी। अभिमन्यु अचकचा गया और अपनी शब्दों को सही करने के लिए कुछ बोलने को हुआ उससे पहले ही अमायरा भनभनाते हुए गुस्से में बोली:"जानते भी हो कौन हूं मैं?
अब आग
अमायरा राय सिंघानिया नाम हैं मेरा, बड़े-बड़े लोग मेरे सामने नजरें नीचे झुका कर खड़े रहते हैं और तुम मेरे बॉडीगार्ड होकर मुझसे ऐसी बात कर रहे हो फिर भी मैं तुम्हें बर्दाश्त कर रही हूं और तुम मुझे आफत बोल रहे हो। तुम्हें आइडिया भी हैं, मैं एक अकेली अपने पूरे बिजनेस, फैमिली और साथ ही साथ अपनी फिगर और खूबसूरती को भी मेंटेन करके रखती हूं। अकेले मैंने दिन रात मेहनत करके अपनी कंपनी को इंडिया के टॉप 10 कंपनियों में से एक बनाया और तुम मुझे आफत बोल रही हो।"
उसे इस तरह गुस्से में देखकर अभिमन्यु समझ गया कि उसका अमायरा राय सिंघानिया मोड ऑन हो गया हैं। वो गिल्टी फील करते हुए बोला:"आई एम सॉरी मैम, मैं आगे से ध्यान रखूंगा।"
"बिल्कुल ध्यान रखना समझे। बॉस मैं हूं पर नखरे तुम्हारे उठाने पड़ते हैं। अब चुपचाप सो जाओ मुझे नींद आ रही हैं।":अमायरा ने अपनी बात खत्म की और एक बार फिर चादर तान के बिस्तर पर लेट गई।
पर अभिमन्यु वहीं खड़े-खड़े पीछे से उसे देखता रहा। सच ही तो कहा था। अमायरा ने. उसका दो रूप था। एक जो अभिमन्यु के सामने इनोसेंट और बड़बोली बच्चों की तरह बिहेव किया करती थी। जो कभी उससे नाराज हो ना, कभी उससे झगड़ा करना, कभी उससे बहस करना तो कभी उसके साथ फ्लर्ट करना पर वहीं जब दुनिया के सामने होती थी तो एक अलग ही एरोगेंट रूप होता था उसका एक सक्सेसफुल स्ट्रांग बिजनेस वूमेन द अमायरा राय सिंघानिया। जिसके बिजनेस ट्रिक और उसके स्ट्रेटजी के बड़े-बड़े बिजनेसमैन कायल थे। जितने भी प्रोजेक्ट उसके हाथ में मिले थे उसने हर एक प्रोजेक्ट को सक्सेसफुल बनाया था। चाहे वो नेशनल लेवल के हो या फिर इंटरनेशनल लेवल के।
अपने काम के लिए वो जितनी जिद्दी और जुनूनी थी उतना ही अपने परिवार के लिए प्रोटेक्टिव भी और उसका यही जिद्दी और अड़ियल बिहेवियर उसके लिए ना जाने कितने दुश्मन पैदा कर बैठा था। जिसकी बदौलत आए दिन उस पर हमले हुआ करते थे। इनशॉट बिजनेस की दुनिया में लोग उसे एक एरोगेंट बिजनेस वूमेन के नाम से जानते थे जो ना ही किसी से डरती थी और ना ही किसी के आगे झुकती थी। पर उसके अंदर की उस बच्ची और सॉफ्ट हार्टेड लड़की को सिर्फ अभिमन्यु ही जानता था। जो पिछले 5 साल से उसका बॉडीगार्ड था। अगर साफ शब्दों में कहें तो उसका सच्चा दोस्त भी, तभी तो अभिमन्यु के बॉस होने के बावजूद वो उसकी डांट चुपचाप सुन लिया करती थी और उसके सामने बच्चों जैसे बिहेव करती थी।
"क्या हुआ पूरी रात घुरते रहोगे क्या?": अमायरा ने पीछे मुड़कर अभिमन्यु को देखकर कहा तो अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए अपना सर ना में हिला दिया और अपनी मुंडी चारों तरफ घूम कर देखते हुए बोला:" कहां सोऊं? ना ही इस कमरे में सोफा हैं और ना ही कुर्सी और ना ही एक गद्दा जिससे मैं नीचे सो सकूं।"
उसकी बात सुनकर अमायरा पप्पी फेस बनाकर शरारती अंदाज में बोली:"मेरे साथ सो जाओ।"
उसकी बार-बार फ्लर्ट करने से अभिमन्यु अब सच में चिढ़ चुका था। वो झुंझलाकर बोला:"मैम प्लीज स्टॉप इट।"
अमायरा बिल्कुल सीरियस होकर बोली:"सच में मजाक नहीं कर रही। मेरे बगल में सो जाओ। डॉन'ट वरी मैं तुम्हारा फायदा नहीं उठाऊंगी यार। वैसे भी तुम्हें चोट लगी हुई है जमीन पर नींद नहीं आएगी।"
उसे सीरियस देखकर अभिमन्यु एक बार फिर कंफर्म करते हुए बोला: "आर यू स्योर मैम। बिस्तर बहुत छोटा हैं।"
"हम्म आ जाओ।": अमायरा बिस्तर के एक तरफ सरकते हुए बोली और दूसरी तरफ अभिमन्यु के लिए जगह बना दिया। अभिमन्यु को बहुत ऑक्वर्ड लग रहा था लेकिन सिचुएशन ही ऐसी थी कि उसे वहां सोना ही पड़ा। वो जाकर चुपचाप उसके बगल में लेट गया।
दोनों एक दूसरे की तरफ ही देख रहे थे। अमायरा एक टक अभिमन्यु की आंखों में देख रही थी। वहीं अभिमन्यु भी खामोशी से बिना कुछ कहे उसकी आंखों में देख रहा था। भले उन दोनों के लफ्ज़ खामोश थे पर आंखें एक दूसरे से न जाने कितनी सारी बातें कर रही थी। अमायरा ने अपना हाथ उठाकर अभिमन्यु के माथे पर रखा, जहां एक तरफ बैंडेज लगी हुई थी। वो अपनी उंगलियों से थोड़ा सा सहला कर बोली:"दर्द हो रहा हैं क्या?"
अभिमन्यु ने उसकी कलाई पकड़ ली और उसके हाथ को ऐसे ही पकड़ कर बिस्तर पर रख कर बोला: "नहीं हो रहा। सो जाइए।"
"झूठे। कभी तो सच बोल दिया करो": वो मुंह बनाकर बोली और उससे अपना हाथ छुड़ा कर दूसरी तरफ मुड़कर सो गई। अभिमन्यु ने भी मुस्कुराते हुए अपनी आंखें बंद कर लिया।
वहीं दूसरी तरफ सिंघानिया विला में सब जगे हुए परेशान से लिविंग रूम में बैठे हुए थे क्योंकि अभी तक अमायरा घर नहीं लौटी थी। पुलिस से उन्हें पता चला कि उन पर अटैक हुआ हैं पर वहां पर शिवाय उनकी कार के कुछ भी नहीं मिला। जिसकी वजह से सारे घर वाले बहुत ज्यादा परेशान थे।
रघुवेंद्र राय सिंघानिया, अमायरा के डैड और पारुल राय सिंघानिया उसकी सौतेली मां थी। जब वो 6 साल की थी तभी उसकी मां की डेथ हो गई थी और उस वक्त राघवेंद्र जी ने दूसरी शादी कर ली थी पर पारुल जी ने कभी भी खुद का बच्चा नहीं किया क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि अमायरा को कभी भी उनकी ममता सौतेली लगे। वहीं उसके परिवार में उसके चाचा मनीष राय सिंघानिया थे और उसकी चाची ममता राय सिंघानिया और उनकी एक बेटी और और एक बेटा भी था। जिसका नाम खुशी और श्लोक था।
"राघवेंद्र मुझे बहुत फिक्र हो रही हैं। अभी तक अमायरा का कुछ भी पता नहीं चला। मेरी बच्ची ठीक तो होगी ना राघवेंद्र?": पारुल जी रोते हुए राघवेंद्र जी से पूछी।
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अब तक
रघुवेंद्र राय सिंघानिया, अमायरा के डैड और पारुल राय सिंघानिया उसकी सौतेली मां थी। जब वो 6 साल की थी तभी उसकी मां की डेथ हो गई थी और उस वक्त राघवेंद्र जी ने दूसरी शादी कर ली थी पर पारुल जी ने कभी भी खुद का बच्चा नहीं किया क्योंकि वो नहीं चाहती थी कि अमायरा को कभी भी उनकी ममता सौतेली लगे। वहीं उसके परिवार में उसके चाचा मनीष राय सिंघानिया थे और उसकी चाची ममता राय सिंघानिया और उनकी एक बेटी और और एक बेटा भी था। जिसका नाम खुशी और श्लोक था।
"राघवेंद्र मुझे बहुत फिक्र हो रही हैं। अभी तक अमायरा का कुछ भी पता नहीं चला। मेरी बच्ची ठीक तो होगी ना राघवेंद्र?": पारुल जी रोते हुए राघवेंद्र जी से पूछी।
अब आग
राघवेंद्र जी उन्हें शांत कराते हुए बोले: "पारुल धीरज रखो। अभिमन्यु होगा उसके साथ और तुम ही बोलती हो ना अभिमन्यु के होते हुए अमायरा को कभी कुछ हो ही नहीं सकता। मुझे अभिमन्यु पर पूरा भरोसा हैं।"
खुशी भी राघवेंद्र जी का साथ देते हुए बोली:"हां बड़ी मम्मा, बड़े पापा बिल्कुल सही बोल रहे हैं। आज से पहले भी दीदी पर इतने सारे अटैक्स हुए हैं पर अभिमन्यु ने कभी भी उन्हें खरोंच तक नहीं आने दी हैं। इस बार भी देखिएगा वो दोनों बिल्कुल सेफ होंगे और कल सुबह दोनों सेफली घर आ जाएंगे। आप फ़िक्र मत कीजिए।"
ममता जी भी उन्हें समझाते हुए बोली: "हां दीदी आप फिक्र मत कीजिए। हमारी अमायरा जहां भी होगी बिल्कुल सही सलामत होगी।"
सब उन्हें समझ रहे थे पर अंदर ही अंदर सब परेशान थे और दिल ही दिल भगवान से प्रार्थना कर रहे थे कि अमायरा जहां भी हो सही सलामत हो क्योंकि वो सब उससे बहुत ज्यादा प्यार करते थे और अमायरा भी अपने परिवार से बहुत ज्यादा प्यार करती थी।
अगली सुबह.
जब सुबह अभिमन्यु की नींद खुली तो अमायरा उसकी बाहों में थी। जिसे देखते ही वो चौंक कर उठना चाहा पर उसके कुर्ते के बटन में अमायरा के बाल फंस चुके थे जिसकी वजह से वो उठ नहीं पाया और पूरी तरह से उसके ऊपर झुक गया। अमायरा बिल्कुल किसी छोटे बच्चे की तरह दुनिया जहान से बेखबर सुकून से सो रही थी। सोते वक्त उसके होंठों पर प्यारी सी मुस्कुराहट थी।
एक पल के लिए अभिमन्यु सब कुछ भुल कर उसके चेहरे में कहीं खो सा गया पर अगले ही पल उसे ख्याल आया और फौरन उसके बालों को अपनी कुर्ते के बटन से आजाद करने लगा पर इसी बीच अमायरा की नींद खुल गई और वो अचानक से अपनी आंखें खोल कर बोली:"क्या कर रहे हो?"
"आह्ह": अचानक उसके बोलने की वजह से अभिमन्यु घबरा गया क्योंकि जिस तरह से वो उसके ऊपर झुका था कोई भी गलत ही समझता।
आह्ह": अचानक उसके बोलने की वजह से अभिमन्यु घबरा गया क्योंकि जिस तरह से वो उसके ऊपर झुका था कोई भी गलत ही समझता।
वो एक्सप्लेन करते हुए बोला:" मैम, प्लीज आप गलत मत समझिएगा। वो आपके बाल मेरे कुर्ते के बटन में फंस गए हैं। मैं अभी निकलता हूं।"
वो जल्दबाजी में उसकी बालों को निकलने लगा और अमायरा आराम से मुस्कुराते हुए एक टक उसके चेहरे को देखने लगी। अमायरा की एक टक पड़ती निगाहें अभिमन्यु को असहज कर रही थी पर अमायरा उस से अपनी नजरें हटाने को तैयार ही नहीं थी।
वो अभिमन्यु की हड़बड़ाहट देखकर बोली:"अगर मेरे एक भी बाल टूटे ना बॉडीगार्ड तो तुम्हारे इस महीने की आधी सैलरी कट कर लूंगी।"
अभिमन्यु की नजरे एक पल के लिए अमायरा के सुरमई आंखों में पर ठहर गई पर अगले ही पल उसने फौरन उसके बालों को अपने कुर्ते के बटन से आजाद किया और बिस्तर से नीचे उतरकर खड़ा हो गया।
"अ.आप फ्रेश हो जाइए। मैं यहां से निकलने की तैयारी करता हूं।": अभिमन्यु हड़बड़ा कर बोला और बिना एक पल उस कमरे में रुके फौरन बाहर चल गया। उसके जाते ही अमायरा भी उठकर बैठ गई और खुद से ही बोली:"मैं कोई चुड़ैल दिखती हूं क्या जो जब देखो तब मुझसे भागता रहता हैं। जैसे मैं इसका खून पी जाऊंगी। हद हैं इस लड़के का। ओह गॉड कब समझेगा। "
अमायरा ने हाथ मुंह धो कर अपने पहले वाले ही कपड़े पहन लिए। अभिमन्यु ने काका जी के फोन से अमायरा के डैड को कॉल करके सारी सिचुएशन एक्सप्लेन की और अगले 1 घंटे के अंदर उनकी कार बॉडीगार्ड्स के साथ उस गांव में आ चुकी थी। काका और काकी से मिलकर दोनों ने उन्हें थैंक्यू कहा और दोनों उस गांव से शहर की तरफ निकल पड़े।
कार जब हाइवे पर पहुंची तो अमायरा ने ड्राइवर को कार सबसे पहले किसी मॉल के सामने रोकने के लिए कहा। ड्राइवर ने उसकी बात मानी और मॉल के बाहर कार रोक दी। अमायरा अंदर गई और फौरन अपने कपड़े चेंज किया और लगभग 10 मिनट के अंदर वापस कार में आकर बैठ गई।
उसने अपने चेहरे पर सनग्लासेस चढ़ाई और सख्त आवाज में बोली:" रमी कंस्ट्रक्शन कंपनी चलो।"
ये अमायरा पिछले वाली अमायरा से बिल्कुल अलग लग रही थी। अभिमन्यु के साथ होते हुए उसके चेहरे पर जहां मासूमियत और चुलबुलापन था वहीं इस वक्त उसके चेहरे पर कोल्ड एक्स्प्रेशन थे।
लगभग 15 मिनट के बाद उसकी कार चमचमाती लगभग 20 फ्लोर के कांच की बिल्डिंग के सामने रुकी। जिसके टॉप पर बड़े-बड़े खूबसूरत अक्षरों में रमी कंस्ट्रक्शन कंपनी लिखा हुआ था। एक गार्ड में आकर दरवाजा खोलो तो अमायरा ने अपने कदम बाहर रखे और पूरे एटीट्यूट में कार से बाहर आकर दरवाजा जोर से बंद कर दिया। उसके आसपास उसके बॉडीगार्ड जाकर खड़े हो गए ।अमायरा ने अपना हाथ उठाकर उन्हें वही बाहर रुकने का इशारा किया और अपनी सेक्रेटरी कृति के साथ अंदर जाने लगी।
अभिमन्यु जो दूसरी कार में आ रहा था। उसकी कर बीच रास्ते में ही ड्राइवर ने रोक दी थी क्योंकि अमायरा ने पहले ही ड्राइवर को कह दिया था कि वो अभिमन्यु को उसके पीछे ना लाएं क्योंकि वो जानती थी वो उसे रोकने की पूरी कोशिश करेगा।
अभिमन्यु गुस्से में ड्राइवर पर भड़कते हुए बोला:"कार क्यों रोका तुमने?"
ड्राइवर अपना सर नीचे झुका कर बोला:" सॉरी सर बट मैडम का यही आर्डर हैं। आपको आपके घर छोड़ना हैं।"
~
To Be Continued...
अब तक
अभिमन्यु जो दूसरी कार में आ रहा था। उसकी कर बीच रास्ते में ही ड्राइवर ने रोक दी थी क्योंकि अमायरा ने पहले ही ड्राइवर को कह दिया था कि वो अभिमन्यु को उसके पीछे ना लाएं क्योंकि वो जानती थी वो उसे रोकने की पूरी कोशिश करेगा।
अभिमन्यु गुस्से में ड्राइवर पर भड़कते हुए बोला:"कार क्यों रोका तुमने?"
ड्राइवर अपना सर नीचे झुका कर बोला:" सॉरी सर बट मैडम का यही आर्डर हैं। आपको आपके घर छोड़ना हैं।"
अब आग
"मुझे रमी कंस्ट्रक्शन कंपनी जाना हैं। अभी के अभी वहां चलो।": अभिमन्यु ने गुस्से में ड्राइवर से कहा तो ड्राइवर ने अपना सर नीचे झुका लिया।
अभिमन्यु समझ गया कि वो अमायरा के ऑर्डर के अगेंस्ट नहीं जाएगा। उसने गुस्से में ड्राइवर का फोन लिया और अमायरा के सेक्रेटरी कृति के पास कॉल किया। कृति और अमायरा इस वक्त लिफ्ट में थी। जब कृति का फोन बजा तो कृति अमायरा को देखते हुए बोली:"मैम ड्राइवर का कॉल।"
अमायरा के होठों पर तीखी मुस्कुराहट तैर गई। उसने फोन लिया और रिसीव करके अपने कानों पर लगाकर बोली:"घर जाओ। कल रात से गायब हो। मीरा परेशान होगी और अकेली भी।"
"पर मैं.": अभिमन्यु इससे आगे बोल ही नहीं पाया क्योंकि अमायरा ने उसे ऐसा एक्सक्यूज दिया था। जिसे वो चाह कर भी अनसुना नहीं कर सकता था। उसने गहरी सांस लिया और अमायरा को समझाते हुए बोला: "कोई मेश मत क्रिएट कीजिएगा। वो राजीव बहुत घटिया इंसान हैं।"
अमायरा की मुस्कुराहट और भी बड़ी हो गई। "बॉडीगार्ड कभी कभी मुझे समझ नहीं आता कि तुम मेरे बॉस हो या मैं तुम्हारी बॉस हूं क्योंकि अॉर्डर तो हर वक्त तुम देते रहते हो। ये मत कीजिएगा, वो मत कीजिएगा। अरे यार मैं क्या 6 साल की बच्ची हूं जो डरूंगी। तुम घर जाओ मैं मैनेज कर लूंगी।"
"हाश्श्श आपको समझना मतलब दीवार पर सर मारना।": अभिमन्यु ने झुंझलाकर कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया। अमायरा ने फोन अपनी सेक्रेटरी की तरह बढ़ाया और अपने चेहरे के हवा बिलकुल सख्त करके बोली:" राजीव इस वक्त कहां हैं ?"
"मैम पता चला हैं वो अभी मीटिंग रूम में है।": कृति ने कहा। लिफ्ट टॉप फ्लोर पर रुकी जिस फ्लोर पर मीटिंग रूम था। अमायरा लिफ्ट से बाहर आई और अपनी हाई हील्स को खटकाते हुए फुल एटीट्यूड में मीटिंग रूम की तरफ बढ़ने लगी क्योंकि आज से पहले भी वो इस कंपनी में आ चुकी थी।
राजीव चंदेल रमी कंस्ट्रक्शन कंपनी का बॉस हमेशा से अमायरा के साथ काम करना चाहता था पर अमायरा इस कंपनी में बिल्कुल भी इंटरेस्टेड नहीं थी लेकिन फिर भी उसने राजीव को एक चांस दिया था बट उसने अपनी घटिया हरकतों से उसकी कंपनी की एक फीमेल एंप्लॉई को हैरेस करने की कोशिश की थी जिसकी वजह से उसने उस कंपनी के साथ के कोलैबोरेशन को डिसमिस कर दिया था और इस वजह से रमी कंस्ट्रक्शन कंपनी को बहुत बड़ा लॉस से गुजरना पड़ा। और राजीव की काफी बदनामी भी हुई यहीं कारण था कि राजीव के अंदर अमायरा के लिए नफरत पैदा हुई और इसी नफरत में उसने कल रात अपने आदमीयों को भेज कर उस पर हमला करवाया था।
अमायरा जैसे ही मीटिंग रूम के बाहर पहुंची गार्ड ने उसका रास्ता रोकने की कोशिश की पर अमायरा ने उसकी कलाई पकड़ी और एक झटके में पीछे मरोड़ कर अपने पीछे धक्का दे दिया। और उसके एक गॉर्ड जो उसके साथ आया था उसने उस आदमी को गर्दन से दबोच कर वही दीवार से सटाकर खड़ा कर दिया। अमायरा ने बड़े टशन में अपने दोनों हाथ झाड़े और मीटिंग रूम का दरवाजा खोल दिया।
उस अंधेरे मीटिंग रूम में जहां प्रोजेक्टर के जरिए कोई प्रोजेक्ट डिस्कस हो रही थी। उसमें जब रौशनी आई तो सब की नजरे दरवाजे की तरफ चली गई। अमायरा का चेहरा अंधेरे में दिखाई नहीं दे रहा था। वो चलते हुए राजीव के चेयर के बिल्कुल पास आकर खड़ी हो गई और ठीक उसी वक्त मीटिंग रूम की सारी लाइट्स ऑन हो गई और सबकी नज़रें अमायरा के एटीट्यूड भरे एक्सप्रेशन और उसकी आंखों में जलती हुई गुस्से के अंगारे पर चली गई। वहां बैठे सारे बिजनेसमैन अमायरा के पर्सनालिटी से वाकिफ थे। उसके चेहरे पर गुस्सा देखकर ही वो लोग समझ गए की इस मीटिंग रूम में एक अलग ही लेवल की मीटिंग होने वाली हैं। उन सब के चेहरे पर पसीने की बूंदे छलकने लगी।
अमायरा को देखते ही राजीव चापलूसी करते हुए बोला:" अरे मिस सिंघानिया, आप यहां कैसे? मुझे बुला लिया होता मैं आ जाता। आपने यहां आने की तकलीफ क्यों की?"
उसकी चापलूसी देखकर अमायरा के होठों पर शैतानी मुस्कुराहट तैरने लगी। उसने राजीव के पीछे लगी चेयर को खींचकर सामने किया और उसके सामने अपने पैर पैर पर चढ़कर बिल्कुल किसी डॉन की तरह बैठ गई और अपने गर्दन को स्ट्रेट करते हुए राजीव को देखकर बोली:" ओह मिस्टर चंदेल कितने भोले हैं आप। खैर छोड़िए आधे घंटे का वक्त हैं आपके पास जाकर अपने क्राइम को कबूल कीजिए और पूरे ईमानदारी से खुद को सजा दिलाईए वरना अगले 24 घंटे के अंदर आप सड़कों पर कटोरा लेकर भीख मांगते हुए नजर आएंगे।"
भीख मांगने वाली बात सुनकर राजीव को बहुत तेज गुस्सा आया। वो गुस्से में भड़कते हुए तेज आवाज में बोला:" देखिए मिस अमायरा भले ही आप इस इंडस्ट्रीज की एक बड़ी हस्ती हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि आप बाकी के बिजनेसमैन को अपने पैरों की धूल समझे। हम भी इसी इंडस्ट्रीज में सालों से कम कर रहे हैं। जब आपने इस इंडस्ट्रीज में कदम रखा उस वक्त हम इस इंडस्ट्रीज का बेताज बादशाह हुआ करते थे।"
"बेताज बादशाह हाहाहाहा": अमायरा खिल खिलाकर हंसने लगी पर अगले ही पल अचानक से चुप हुई और राजीव के घुटनों पर अपने एक लात जमा दिया। जिसकी वजह से राजीव घुटनों के बल नीचे गिर गया। अमायरा ने फौरन उसके कॉलर को पकड़ा और अपने करीब खींच कर बोली :" हुआ करते थे पर अब नहीं! तुम्हें तो मैं उसी दिन सलाखों के पीछे डलवा देती जिस दिन तुमने मेरी कंपनी में मेरे ही एम्पलाई के साथ गलत किया था पर मैंने तुम्हें एक मौका दिया लेकिन तुमने उस मौके को भी गंवा दिया लेकिन अब नहीं! अब मौका नहीं तेरे हिस्से बर्बादी आएगी जो तेरे लिए तोहफा होगा अमायरा राय सिंघानिया की तरफ से।"
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To Be Continued...
अब तक
"बेताज बादशाह हाहाहाहा": अमायरा खिल खिलाकर हंसने लगी पर अगले ही पल अचानक से चुप हुई और राजीव के घुटनों पर अपने एक लात जमा दिया। जिसकी वजह से राजीव घुटनों के बल नीचे गिर गया। अमायरा ने फौरन उसके कॉलर को पकड़ा और अपने करीब खींच कर बोली :" हुआ करते थे पर अब नहीं! तुम्हें तो मैं उसी दिन सलाखों के पीछे डलवा देती जिस दिन तुमने मेरी कंपनी में मेरे ही एम्पलाई के साथ गलत किया था पर मैंने तुम्हें एक मौका दिया लेकिन तुमने उस मौके को भी गंवा दिया लेकिन अब नहीं! अब मौका नहीं तेरे हिस्से बर्बादी आएगी जो तेरे लिए तोहफा होगा अमायरा राय सिंघानिया की तरफ से।"
अब आग
अपनी बात खत्म करके अमायरा ने राजीव को पीछे की तरफ धक्का दिया और उठकर जैसे ही जाने लगी। राजीव पीछे से गुस्से में बोला:" तुम्हारी इतनी हिम्मत मेरी ही कंपनी में आकर मुझे ही जलील कर रही हो। गार्ड्स"
राजीव जोर से चिल्लाया और अगले ही पल उसके लगभग 15 से 20 गार्ड्स अंदर आकर अमायरा को चारों तरफ से घेर लिया।
उन 15-20 बॉडीगार्ड के बीच अमायरा बिल्कुल अकेली बिना डरे हुए बिल्कुल बेखौफ खड़ी थी। उसके चेहरे पर राजीव को चिढ़ाने वाली मुस्कुराहट थी। ऐसा लग रहा था मानो उसे ये सब राजीव की बेवकूफी लग रही हो।
वहीं मीटिंग रूम में मौजूद बाकी के सारे स्टाफ और बिजनेसमैन एक साइड हो चुके थे और आपस में कानाफूसी कर रहे थे।
एक ने कहा:"मिस्टर चंदेल बिल्कुल पागल हो गए हैं। जानते नहीं वो किस से पंगा ले रहे हैं। ये तो आज पूरे के पूरे बर्बाद होकर ही मानेंगे।"
दूसरे ने कहा:" बिल्कुल सही कहा आपने मिस्टर तिवारी। मुझे अभी भी याद है अहलावत खानदान की बर्बादी उनके बड़े बेटे ने जोश में आकर बस रघुवेंद्र जी का कॉलर पकड़ा था। और देखो बेचारा अभी तक जेल में सड़ रहा हैं और यहां मिस्टर चंदेल ने तो हद पार कर दी हैं। हर कोई जानता हैं मिस सिंघानिया बिजनेस और अपनी फैमली को लेकर कितना पोजेसिव हैं।"
"देख क्या रहे हो मारो इसे, जिंदा मत जाने देना इस लड़की को।" राजीव ने गुस्से में चीखते हुए अपनी बॉडीगार्ड्स को कहा तो उसमें से एक बॉडीगार्ड इलेक्ट्रिक स्टिक लिए अमायरा की तरफ दौड़ते हुए गया पर जैसे ही उस स्टिक से अमायरा के ऊपर वार करने वाला था किसी ने उसकी कलाई को पकड़ कर रोक दिया। अमायरा अभी भी बेखौफ होकर राजीव को देख रही थी जैसे उसे पता था।
उस आदमी ने बॉडीगार्ड की कलाई को इतनी मजबूती से थाम रखा था कि उसके पूरे हाथ में दर्द होने लगा। उस बॉडीगार्ड ने दर्द से बिलबिलाते हुए अपनी नज़रें घुमाई तो सामने अभिमन्यु उसके कलाई को पकड़े खड़ा था उसने एक झटके में उसे बॉडीगार्ड को हाथ के मरोड़ कर तोड़ दिया और एक जोरदार मुक्का उसके नाक पर मारा जिससे वो उछलते हुए दो फीट पीछे दीवार से जा टकराया।
साइड में खड़े एक स्टाफ ने कहा:" आ गया इनका बॉडीगार्ड। अब तो सबकी सहमत आनी हैं। निकलने में ही हम सब की भलाई हैं।" जिसके बाद एक एक करके सभी मीटिंग रूम से खिसक लिए।
अभिमन्यु ने अमायरा की कलाई पकड़ कर अपने पीछे खड़ा किया और अपने कंधों को स्ट्रेट करते हुए राजीव को देखकर बोला:" कितनी बार कहा हैं तुमसे थोड़े बिजनेसमैन वाली हरकतें कर लिया करो। क्या पूरा जिंदगी गुंडागर्दी करके ही बिजनेस चलाएगा।"
अभिमन्यु के बोलने के अंदाज से राजीव और भी ज्यादा चीढ़ गया। उसके अपने गार्ड्स को गुस्से में आर्डर देते हुए कहा:" देख क्या रहे हो मारो साले को।"
उसके सारे बॉडीगार्ड्स एक साथ अभिमन्यु की तरफ दौड़ पड़े। अमायरा ने पीछे से धीरे से अभिमन्यु के कंधे पर हाथ रखा और उसके कान में बोली:" बेस्ट ऑफ लक बॉडीगार्ड। अगर 5 मिनट के अंदर सबको मार गिराया तो इस महीने 2 दिन की छुट्टी।"
अपनी बात खत्म करके अमायरा ने अपनी एक आंख दबा दी और वहां से आकर सीधे हेड चेयर पर आराम से बैठकर लाइव शो देखने लगी और भाई हमारे अभिमन्यु बॉडीगार्ड जी अड़ गए उन लोगों की मरम्मत करने में। कोई दीवार के ऊपर टकरा रहा था, तो कोई टेबल पर, किसी को कुर्सी से मार पड़ रही थी तो किसी को लात और घुसो से, 5 मिनट से पहले उसने सारे बॉडीगार्ड्स को धूल चटा दिया।
जब सारे बॉडीगार्ड जमीन पर चित होकर गिर गए तो राजीव का गला सूखने लगा। अब उसे समझ आ रहा था कि उसने गुस्से में अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार ली हैं। अमायरा उठी और बाहर जाते हुए बोली:"अब अपनी बर्बादी के लिए तैयार हो जाओ मिस्टर राजीव चंदेल। 24 घंटे हैं तुम्हारे पास। जितनी ऐश करनी हैं कर लो। 24 घंटे बीतते ही तुम्हारी औकात सड़क पर घूम रहे हैं भीख मांगों से भी बद्तर होगी।"
अपनी बात खत्म करके अमायरा आगे मीटिंग रूम से बाहर आई। उसके लेफ्ट साइड अभिमन्यु और उसके राइट साइड उसकी सेक्रेटरी कृति चल रहे थे। बाहर आते ही अमायरा और अभिमन्यु ने एक साथ अपने-अपने चेहरे पर सनग्लासेस चढ़ाएं और फुल एटीट्यूड में आगे बढ़ने लगे।
सिंघानिया विला.
बाहर अमायरा की कर रुकी तो अंदर हॉल में उसका इंतजार कर रही पारुल जी फौरन गाड़ी की आवाज सुनकर दौड़ते हुए घर से बाहर आई। और ठीक उसी वक्त अमायरा भी कार से बाहर निकली और उसकी नज़रें पड़ी अपनी मां पारुल पर जो बहुत ही ज्यादा परेशान लग रही थी। उनकी हालत देखकर समझ आ रहा था की पूरी रात वो सोई नहीं है।
अमायरा को देखते ही पारुल जी दौड़ते हुए उसके पास आई और उसे अपने सीने से लगा लिया। ऐसा लग रहा था मानो अमायरा सालों बाद घर लौटी हो। अपनी बेटी को बिल्कुल सही सलामत अपनी आंखों के सामने देखकर उनके दिल को सुकून मिला था।
अमायरा उनकी हाल ए दिल अच्छे से समझ पा रही थी। उसने भी उन्हें गले लगाया और मुस्कुरा कर बोली:"मैं ठीक हूं मम्मा।"
"चुप करो। चार गोलियां खा कर आओगी फिर भी कहोगी कि मैं ठीक हूं मम्मा। अपनी ना सही कम से कम मेरी तो परवाह कर लिया करो अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं कैसे जिऊंगी।": पारुल जी ने गुस्से में उसे डांटा तब तक घर के बाकी सदस्य भी बाहर आ चुके थे।
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अब तक
अमायरा उनकी हाल ए दिल अच्छे से समझ पा रही थी। उसने भी उन्हें गले लगाया और मुस्कुरा कर बोली:"मैं ठीक हूं मम्मा।"
"चुप करो। चार गोलियां खा कर आओगी फिर भी कहोगी कि मैं ठीक हूं मम्मा। अपनी ना सही कम से कम मेरी तो परवाह कर लिया करो अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं कैसे जिऊंगी।": पारुल जी ने गुस्से में उसे डांटा तब तक घर के बाकी सदस्य भी बाहर आ चुके थे।
अब आग
राघवेंद्र जी ने भी अमायरा को सही सलामत देखा तब जाकर उनके दिल को सुकून मिला। वो अमायरा के पास आए और उसके सर पर हाथ रखने वाले थे लेकिन अमायरा ने अपने कदम पीछे खींच लिए और पारुल जी से बोली:"मम्मा मैं बिल्कुल ठीक हूं, कह दीजिए अपने पति को मेरी फिक्र ना किया करें?"
अपनी बात खत्म करके अमायरा बिना वहां एक पल रुके अंदर चली गई और राघवेंद्र जी के हाथ हवा में ही रह गया। सब जानते थे अमायरा राघवेंद्र जी से कितनी नफरत करती हैं पर उस नफरत की वजह क्या थी ये आज तक कोई समझ नहीं पाया था शिवाय राघवेंद्र जी के। उन्हें बहुत तकलीफ हुई अपनी बेटी की ऐसी बातों को सुनकर पर अब उन्हें आदत हो चुकी थी।
उन्होंने अपने हाथ नीचे कर लिए और जबरदस्ती मुस्कुराने की कोशिश करते हुए बोले:" मनीष अमायरा शायद आज कंपनी ना जाएं। हमें ही जाना होगा चलो।"
मनीष जी बोले:"जी भाई साहब चलिए ।" वो दोनों वहीं से अपनी-अपनी कार में बैठकर ऑफिस के लिए निकल गए। बाकी के सब अंदर चले गए पर पारुल जी अभी भी वही बाहर खड़ी रही।
उनकी आंखों में आंसू आ गया और वो अपना सर नीचे झुका कर बोली:"पता नहीं कब खत्म होगी बाप बेटी की ये नफरत। हे कान्हा जी प्लीज इन दोनों की खोई हुई प्यार वापस लौटा दीजिए। अब मुझसे और नहीं देखा जाता राघवेंद्र जी की तकलीफ और अमायरा का अकेलापन।"
अमायरा अपने कमरे में आई और अंदर जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। वो सीधे अपने बेड पर गई और तकिया के नीचे रखे हुए अपनी मां की तस्वीर को निकाल कर एक टक देखने लगी। उसकी आंखों से एक बुंद आंसू उसकी मां की तस्वीर पर टपक पड़ी।
वो आंसू की बुंद को अपने अंगूठे से साफ करके बोली: "आई मिस यू मां। आप क्यों चली गई मुझे अकेले छोड़ कर क्यों? आपको एहसास भी हैं किस बोझ तले दबी हुई हूं मैं. सब अपना हैं पर फिर पराया लगता। डर लगता हैं कि कहीं सब एक झटके में मुझसे छीन ना जाएं। आपके सो कॉल्ड पति के पछतावा, पारूल मम्मा का राज, श्लोक का मेरे लिए नफरत, चाचा-चाची का मुझसे अपने बच्चों के भविष्य छीन जाने का डर और खुशी की मुझसे शिकायते सब समझती हूं मैं पर कुछ कर नहीं सकती।"
वो उस तस्वीर को अपने सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी। वहीं दूसरी तरफ जैसे ही अभिमन्यु अपने घर पहुंचा और दरवाजा खोलकर अंदर कदम रखा किसी ने उसके ऊपर.
वो उस तस्वीर को अपने सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी। वहीं दूसरी तरफ जैसे ही अभिमन्यु अपने घर पहुंचा और दरवाजा खोलकर अंदर आया किसी ने उसके ऊपर पानी डाल दिया।
"आह्ह": पानी इतनी ठंडी थी कि अभिमन्यु की चीख निकल गई।
"मीरा ये क्या बचपना हैं?": अभिमन्यु उसे डांटते हुए बोला तो मीरा फटाक से बोली:"और आपने जो किया वो क्या था? कहां थे कल पुरी रात आप? ना कॉल, ना मैसेज और ना कोई खबर। जानते भी हैं मैं कितना परेशान थी।"
मीरा ने गुस्से में अपनी शिकायतों की लंबी लिस्ट अभिमन्यु के सामने लगा दी और मुंह फुला कर दूसरी तरफ घूम गई। अभिमन्यु उसके पास आया और अपने दोनों कान पकड़ कर प्यार से मुस्कुराते हुए बोला:" माफ कर दे अपने भाई को। इमर्जेंसी आ गई थी। "
"मुझसे तो झूठ मत ही बोला करो भईया। मुझे पता है कोई इमर्जेंसी बमर्जेंसी नहीं आई थी फिर से अटैक हुआ ना आप दोनों पर, आप ऐसा काम करते ही क्यों हो जिसमें हर पल आपके ऊपर खतरा बना रहता हैं। छोड़ क्यों नहीं देते ये जॉब?"
"ऐसे कैसे छोड़ दूं। अच्छा चल तू ही बता दुनिया में ऐसा कौन सा जॉब हैं जिसमें रिक्स नहीं हैं। क्या सेफ जो खाना बनाता हैं उसे रिस्क नहीं होता कि गैस कभी भी फट सकता हैं या तो उसके हाथ जल सकते हैं। ड्राइवर जो गाड़ी चलाता हैं क्या उसे रिस्क नहीं होता, कभी भी उसका एक्सीडेंट हो सकता हैं और वो मर सकता हैं।वो मजदूर जो बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स बनाते हैं क्या उन्हें रिस्क नहीं होता कि कभी भी बिल्डिंग गिर सकती हैं। दुनिया में ऐसा कौन सा काम है जिसमें खतरा नहीं हैं मेरी भोली बहना। इसका मतलब ये तो नहीं कि हम काम करना ही छोड़ दें।"
"ओफ्फो भईया,आप ना जितने अच्छे फाइटर हो लेक्चर भी उतनी ही अच्छी खासी देते हो। सीधे-सीधे बोलो ना अमायरा मैम को छोड़ नहीं सकते। सच्ची बताना आप उन्हें पसंद करते हो ना।"
उसकी बात सुनकर अभिमन्यु उसके सर पर चपत लगाया और उसकी कान पकड़कर मरोड़ते हुए बोला:"दोबारा ऐसी बोली ना छत से उल्टा लटका दूंगा। ऐसी कोई बात नहीं हैं अगर मुझे पसंद करना भी हो तो किसी और को कर लूं उन्हें क्यों करूंगा?"
अभिमन्यु भले ही इनकार कर रहा था पर उसके होठों पर इस वक्त एक प्यारी सी मुस्कुराहट थी। जिसे देखकर मीरा शरारती अंदाज में बोली:"अच्छा अगर पसंद नहीं करते तो फिर उनका नाम लेते ही आपके चेहरे पर ये 12 सेंटीमीटर वाली स्माइल कैसे आ टपकी। सच्ची बताना भाई क्या सच में आपके दिल में उनके लिए कोई फिलिंग्स नहीं!"
"बहुत ज्यादा शैतान हो गई तू आजकल ये फालतू के रोमांटिक नॉवेल पढ़ना बंद कर और पढ़ाई पर ध्यान दें समझी। जाकर कुछ खाने के लिए बना थक गया हूं और भूख भी बहुत ज्यादा लगी हैं। जब बन जाएं तो मुझे मेरे कमरे से बुला लेना। मैं सोने जा रहा हूं।": अभिमन्यु बोलते हुए अपने कमरे में चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।
वहीं मीरा बाहर खड़े मुस्कुराते हुए खुद से बोली:" कुछ तो बात हैं भैया आप दोनों में वरना उनका नाम जुबां पर आते ही आपकी होंठों पर इतनी दिलखुश मुस्कुराहट ना आती।"
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To Be Continued...
अब तक
"बहुत ज्यादा शैतान हो गई तू आजकल ये फालतू के रोमांटिक नॉवेल पढ़ना बंद कर और पढ़ाई पर ध्यान दें समझी। जाकर कुछ खाने के लिए बना थक गया हूं और भूख भी बहुत ज्यादा लगी हैं। जब बन जाएं तो मुझे मेरे कमरे से बुला लेना। मैं सोने जा रहा हूं।": अभिमन्यु बोलते हुए अपने कमरे में चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर दिया।
वहीं मीरा बाहर खड़े मुस्कुराते हुए खुद से बोली:" कुछ तो बात हैं भैया आप दोनों में वरना उनका नाम जुबां पर आते ही आपकी होंठों पर इतनी दिलखुश मुस्कुराहट ना आती।"
अब आग
दूसरी तरफ अमायरा वैसे ही रोते हुए सो चुकी थी। उसकी नींद तब खुली जब उसका फोन बज रहा था। उसने अपनी उनींदि आंखों को जबरदस्ती खोला और फोन कान पर लगाकर बोली:" अमायरा इज स्पीकिंग।"
दुसरी तरफ से उसकी सेक्रेटरी बोली:"मैम काम हो गया। हर न्यूज चैनल में Rmi कंस्ट्रक्शन कंपनी छाई हुई हैं। पिछले एक घंटे में उस कंपनी के शेयर जिस तरह गिरें हैं, मैं बता नहीं सकती मैं कितनी खुश हूं। अब तो उस कंपनी के सारे शेयर होल्डर अपने अपने शेयर बेचने के लिए तड़प रहे हैं पर कंपनी की रेपुटेशन इस तरह गिरी हैं कि कोई उस कंपनी की शेयर्स खरीदना ही नहीं चाहता।"
"हम्म गुड जॉब कृति, इस महीने तुम्हारा बोनस पक्का।": अमायरा बोली और कॉल डिस्कनेक्ट करके टीवी ऑन किया। हर एक न्यूज़ चैनल पर Rmi कंस्ट्रक्शन कंपनी छाई हुई थी। हैडलाइन कुछ इस तरह से थी।
रमी इंडस्ट्रीज पर पड़ी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर।।
रमी इंडस्ट्रीज के सीईओ राजीव चंदेल पर अपने ही कंपनी के फीमेल स्टाफ के साथ बदतमीजी करने का मामला आया सामने ।।
राजीव चंदेल का घटिया चेहरा आया दुनिया के सामने ।।
रिश्वतखोरी में भी उनका नाम शामिल ।।
रमी इंडस्ट्रीज से जुड़ी एक ओर बड़ी खबर उनके द्वारा बनाए गए इमारतों की दोबारा जांच की अपील ।। नकली और मिलावटी मटेरियल यूज करने का भी दावा ।।
ऐसे ही ना जाने कितने इल्जाम लगाए जा रहे थे Rmi कंस्ट्रक्शन कंपनी और उसके सीईओ राजीव चंदेल पर। उन न्यूज़ को देखते हुए अमायरा अपने होठों पर टेढ़ी मुस्कुराहट लिए बोली:" कहा था ना बच के रहना मिस्टर चंदेल। एक बार के लिए शेर के मुंह से लौट कर आ सकते हो पर अमायरा राय सिंघानिया के चंगुल से कभी नहीं!"
ये न्यूज़ कंपनी में बैठे उसके डैड और चाचा के साथ अपने घर पर मौजूद अभिमन्यु भी अपने फोन में देख रहा था। उसने गहरी सांस लिया और फोन बंद करके साइड में बेड पर रख कर बोला:"सच में यार ये लड़की किसी से नहीं डरती। चाहे सामने कोई खतरनाक इंसान हो या फिर हैवान। ना अपनी परवाह हैं ना अपनी जान की।"
"कौन लड़की खतरनाक है भाई।": उसके कमरे में आती हुई मीरा ने पूछा जो उसके लिए खाना लेकर आई थी। अभिमन्यु ने उसे देखा और उदासी भरे लहजे में बोला:" अमायरा मैम और कौन?"
"और वो कैसे ? मैंने जितना सुना हैं वो काफी प्रोफेशनल और बड़ी हस्ती हैं।": मीरा के पूछने पर अभिमन्यु ने कहा:" हां वो तो हैं लेकिन जो उसके दिल में बसता हैं ना उसके लिए वो कुछ भी कर सकती हैं अगर जरूरत पड़े तो खुद को भी दांव पर लगा सकती हैं। और मुझे सबसे ज्यादा इसी बात से डर लगता हैं कि इस बिजनेस और परिवार को संभालते संभालते खुद ही ना लड़खड़ा जाएं।"
अभिमन्यु के चेहरे पर इस वक्त अमायरा के लिए फिक्र थी जिसे देखकर मीरा मुस्कुराते हुए बोली:"आपको फिक्र हो रही हैं उनकी?"
"अगर हां कहूं तो.!"
"तो मैं कहूंगी बहुत हो गया ये सब बातें अब चलो खाना खाओ। क्योंकि खाएं बिना कोई एनर्जी नहीं मिलने वाली और अगर एनर्जी नहीं मिली तो फिर आप अपने मैडम जी की जान उनके दुश्मनों से कैसे बचाएंगे। ": मीरा ने एक बाइट अपने हाथों से अभिमन्यु को खिलाया तो अभिमन्यु ने मुस्कुराते हुए उसके सर पर हाथ रख दिया।
दुसरी तरफ अमायरा वॉशरूम से शावर लेकर बाहर आई और अपने गीले बालों को सुखाने लगी तभी उसे वो पल याद आया जब उसके बाल अभिमन्यु के कुत्ते के बटन में फंस गए थे और एक एक करके उसे वो सारे लम्हे याद आने लगे जो दोनों ने उस गांव में बिताए थे। उन पलों को याद करके अमायरा के होठों पर प्यारी सी मुस्कुराहट खिल गई। तभी उसका फोन बजने लगा।
उसने फोन उठाकर देखा तो उसपर संकल्प लिखा हुआ था। वो अजीब सा मुंह बनाकर बोली:"यार किसी को चैन नहीं हैं। हाश्श्श।"
उसने अनमने ढंग से कॉल रिसीव किया और जैसे ही कान पर लगाई दुसरी तरफ से किसी लड़के की डांटने की आवाज आई। जो बोला:" हैलो, कहां हो तुम? तुम ठीक तो हो। जरा सा भी ख्याल नहीं रहता ना तुम्हें, अगर मरने का इतना ही शौक हैं तो मुझे बोल देती मैं खुद तुम्हारा गला दबा देते। दुसरो से दुश्मनी मोल कर क्यों हम सब की जान लेने पर तुली रहती हो।"
उस लड़के की इतनी बकबक सुनकर अमायरा के कान में दर्द होने लगा। उसने फोन अपने कान से दुर किया और बोली:"अरे बस भी करो अब अभी तक जिंदा हूं लेकिन अगर तुम्हारी बकबक ऐसे ही चालू रही तो पक्का मर जाऊंगी।"
अमायरा की बात सुनकर संकल्प बोला:"बस यही बात करवा लो तुमसे। मरने और मारने के सिवाय और कुछ भी आता हैं तुम्हें, मम्मी याद कर रही हैं चुपचाप कल आकर मिल लेना और पूर्वी को भी तुम्हारी बहुत फिक्र हो रही हैं।पापा भी पूछ रहे थे। कल कितने बजे आ रही हो मैं उन्हें बता दूंगा।"
"ओहो सबको मेरी फिक्र हो रही हैं और तुम्हें? खैर मैं भी क्या पूछ रही हूं तुम्हें क्यों होगी मेरी फिक्र बाय द वे पूर्वी को किसने बताया। वो तो अभी बच्ची हैं क्यों बच्ची को हार्ट अटैक देने पर तुले हुए हो भाई।"
संकल्प दूसरी तरफ से कुछ बोलता उससे पहले एक छोटी बच्ची की आवाज आई। जो बोली:" बच्ची नहीं हूं मैं दीदी पूरे 12 साल की हो चुकी हूं। स्कूल में फिफ्थ स्टैंडर्ड में चली गई हूं और टीचर भी मेरी खूब तारीफ कर रहे थे।"
"चलो अच्छा हैं कल मिलती हूं। मामा-मामी को बोलना मैं बिल्कुल ठीक हूं और थोड़ी बिजी हूं इसलिए कल डायरेक्ट मिलकर बात करती हूं। बाय टेक केयर छोटी।"
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To Be Continued...
अब तक
संकल्प दूसरी तरफ से कुछ बोलता उससे पहले एक छोटी बच्ची की आवाज आई। जो बोली:" बच्ची नहीं हूं मैं दीदी पूरे 12 साल की हो चुकी हूं। स्कूल में फिफ्थ स्टैंडर्ड में चली गई हूं और टीचर भी मेरी खूब तारीफ कर रहे थे।"
"चलो अच्छा हैं कल मिलती हूं। मामा-मामी को बोलना मैं बिल्कुल ठीक हूं और थोड़ी बिजी हूं इसलिए कल डायरेक्ट मिलकर बात करती हूं। बाय टेक केयर छोटी।"
अब आग
"बाय दी आप भी अपनी केयर किजिएगा। आई लव यू।": पूर्वी बोली और फोन पर ही किस करके कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
संकल्प और पूर्वी अमायरा के सग्गी मां के भाई के बच्चे थे। इनशॉट उसके मामा के बच्चे। जिसमें संकल्प अमायरा के उम्र का था और पूर्वी की उम्र अभी बारह साल थी। वो बहुत ही प्यारी और चुलबुली लड़की थी जिसकी आंखों की पुतलियां नीली थी।
रात के वक्त घर के सभी सदस्य डाइनिंग टेबल पर बिल्कुल शांति से खाना खा रहे थे। उस शांति को तोड़ते हुए खुशी बोली:" अमायरा दी, आपने बताना नहीं कि आप और अभिमन्यु पूरी रात थे कहां? आई मीन आप उनसे बचकर भागे कैसे?"
अमायरा खाते हुए बोली:" क्या फर्क पड़ता हैं खुशी? जान बच गई वहीं काफी हैं।"
"हां बस इसी बात का अफसोस हैं।": खाते हुए श्लोक ने कहा तो सब की नजरें उसके ऊपर ही टिक गई। हर कोई जानता था वो अमायरा को पसंद नहीं करता था। उसकी नजरों में अमायरा वो लड़की थी जिसने उससे उसका सब कुछ छीन लिया था। उसके हिसाब से सिंघानिया खानदान का इकलौता वारिस होने के वजह से सिंघानिया कंस्ट्रक्शन ग्रुप का सीईओ उसे होना चाहिए। लेकिन बावजूद उसके एक लड़की होने के बाद भी अमायरा को वो सारे हक मिले जो श्लोक को मिलने चाहिए थे।
यहां तक की उसके दादाजी के बिल में भी कंपनी हो या सिंघानिया विला, चाहे वो पुरखों की विरासत में छोड़ी हुई जायदाद ही क्यों ना हो। हर एक चीज की वारिस सिर्फ और सिर्फ अमायरा को ही बनाया गया था। इसकी वजह क्या थी ये बात कोई नहीं जानता था। यहीं सबसे बड़ा कारण था श्लोक का अमायरा से नफरत करने का क्योंकि बेटा होने के बावजूद भी उसे कुछ भी नहीं मिला और लड़की होने के बावजूद उसे हर वो चीज मिली जिस पर उसका हक था।
अमायरा ने अपने हाथों में लिए हुए निवाले को वापस प्लेट में रखा और श्लोक को देखते हुए सर्द आवाज में बोली:" जिस दिन तुम कंपनी संभालने के लायक हो जाओगे श्लोक। मैं खुद कंपनी के पेपर तुम्हारे मुंह पर दे मारूंगी पर उससे पहले खुद को इस काबिल बनाओ ताकि सीईओ के कुर्सी पर बैठ सकों। आई एम डन।"
अमायरा अब इस ज्यादा कुछ नहीं बोली और खाना छोड़कर अपने कमरे में चली गई। उसके जाने के बाद माहौल अब गंभीर हो चुका था।
मनीष जी श्लोक को डांटते हुए बोले:" बोलने से पहले सोचते नहीं हो? क्या बोल रहे हो और क्या बोलना हैं? अमायरा सीईओ की कुर्सी पर बैठी हैं क्योंकि वो उस काबिल हैं।"
उनकी बात सुनकर श्लोक ने गुस्से में टेबल पर रखी हुई पानी के गिलास को उठाकर फर्श पर पटक दिया। जिससे सब एक पल के लिए डर गए। अगले ही पल श्लोक कुर्सी पर से उठकर गुस्से में चीखते हुए बोला:" और मैं क्या ? मैं किस काबिल हूं। कंपनी में मेरी औकात एक एंप्लॉय से बढ़ कर नहीं हैं। कहने को सिंघानिया खानदान का बड़ा बेटा हूं पर सिर्फ नाम के लिए क्योंकि इज्जत तो सब मालकीन अमायरा की करते हैं जो मेरे सारे हक पर नागिन की तरह कुंडली मारकर बैठी हैं।"
"श्लोक." : ममता जी ने गुस्से में खींचकर एक जोरदार तमाचा श्लोक के गालों पर जड़ दिया। जिससे सब ने अपने मुंह पर हाथ रख लिया। किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी कि ममता जी कुछ ऐसा भी कर सकती हैं।
वो गुस्से में बोली:" जबान संभाल कर बोलो। बड़ी बहन हैं वो तुम्हारी।"
श्लोक अपने गाल पर हाथ रखकर अविश्वसनीय नजरों से अपनी मां को देख रहा था। जिसने आज तक उसे कभी डांटा नहीं, उन्होंने आज उस पर हाथ उठाया था। वो भी सिर्फ और सिर्फ अमायरा की वजह से। इससे उसके दिल में अमायरा के लिए नफरत और भी ज्यादा बढ़ गई।
वो अपने गाल पर हाथ रखकर गुस्से में कांपते हुए बोला:" मम्मी आपने उस लड़की के लिए मुझ पर हाथ उठाया। अपने बेटे पर, ये मैं कभी नहीं भूलूंगा। कभी नहीं!"
वो गुस्से में अपने कमरे में जाने की बजाय घर से बाहर चला गया और अपनी कार लेकर फुल स्पीड में हाईवे की तरफ निकल पड़ा। उसके जाते ही ममता जी रोते हुए कुर्सी पर वापस बैठ गई। खुशी उनके पास आई और उन्हें गले लगा कर बोली:"मम्मी प्लीज आप मत रोइए। सब ठीक हो जाएगा। जानती हो ना श्लोक भाई गुस्से में कुछ भी बोलते हैं।"
पारुल जी भी उनके पास आकर बोली:"खुशी बिल्कुल सही कह रही हैं ममता, श्लोक अभी गुस्से में इसलिए उसने ऐसा कहा। देखना जब उसका गुस्सा शांत हो जाएगा तो वो वापस आ जाएगा। तुम फ़िक्र मत करो।"
राघवेंद्र जी बोले:" हां तुम चिंता मत करो। मैं एक गार्ड को भेजता हूं उस पर नजर रखने के लिए।"
इतना सब कुछ होने के बाद अब किसी का भी मन नहीं था खाना खाने का। इसलिए सब एक-एक करके अपने कमरे में चल गए पर पारूल जी वहीं खड़ी रही। डायनिंग टेबल पर सबके प्लेट में आधा अधुरा खाना बचा था जो बयां कर रहा था कि शायद किसी ने भी पेट भरकर नहीं खाया।
वो खुद से बोली:"ये सब देखकर लगता हैं सालों पहले मेरा लिया हुआ फैसला बिल्कुल सही था।"
अमायरा अपने कमरे में अंदर से दरवाजे से टिककर बाहर हो रही हर एक चीज को सुन रही थी। जब बाहर शांति छा गई तो वो चलते हुए अपने बेड पर आकर लेट गई और ऊपर सिलींग को देखने लगी। कुछ पल तक ऊपर देखने के बाद वो उठकर बैठ गई और लैपटॉप लेकर काम करने लगी क्योंकि इतने बवाल के बाद शायद ही उसे नींद आने वाली थी।
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अब तक
वो खुद से बोली:"ये सब देखकर लगता हैं सालों पहले मेरा लिया हुआ फैसला बिल्कुल सही था।"
अमायरा अपने कमरे में अंदर से दरवाजे से टिककर बाहर हो रही हर एक चीज को सुन रही थी। जब बाहर शांति छा गई तो वो चलते हुए अपने बेड पर आकर लेट गई और ऊपर सिलींग को देखने लगी। कुछ पल तक ऊपर देखने के बाद वो उठकर बैठ गई और लैपटॉप लेकर काम करने लगी क्योंकि इतने बवाल के बाद शायद ही उसे नींद आने वाली थी।
अब आग
श्लोक गुस्से में अपनी कार फुल स्पीड में ड्राइव कर रहा था। ना ही उसे अपनी परवाह थी और ना सड़क पर चल रहे बाकी लोगों की, वो अपने गुस्से में इतना अंधा हो चुका था कि उसे ये भी ख्याल नहीं रहा की रात के वक्त उसके कार से किसी की एक्सीडेंट हो सकती हैं। वह फुल स्पीड में कार चला रहा था कि अचानक से कोई उसके कार के सामने आ गया। उसने हड़बड़ी में ब्रेक लगाई पर तब तक देर हो चुकी थी। उसकी कर सामने आएं शख्स को टक्कर मार चुकी थी।
"ओह शीट।": उसने गुस्से और हड़बड़ाहट में जोर से अपने हाथ की मुट्ठियां बनाकर स्टेयरिंग पर मारा और जल्दबाजी में कार से बाहर आया तो उसे अपने कार के सामने एक लड़की गिरी हुई नजर आई।
वो जल्दी से उस लड़की के पास जाकर बोला:" मैम आप ठीक तो हैं। आई एम सो सॉरी।"
वो लड़की आगे की तरफ झुक कर गिरी हुई थी। जिससे उसके बालों ने उसके चेहरे को ढक रखा था। उसे ज्यादा चोट तो नहीं आई थी पर हां कोहनी और हथेली में खरोंच जरूर आई थी। वह श्लोक की तरफ मुड़ी और गुस्से में बोली:"पागल हो क्या? देख कर ड्राइव नहीं कर सकते।"
वो लड़की कोई और नहीं बल्कि मीरा थी। वह अपने हथेलियां को झड़ते हुए उठने की कोशिश करने लगी पर लड़खड़ा गई। लेकिन समय रहते श्लोक में उसके बाजू को पड़कर उसे संभाल लिया।
श्लोक गिल्टी फील करते हुए बोला:" आई एम सो सॉरी। मेरा बिल्कुल भी ध्यान नहीं था।"
"क्या मतलब ध्यान नहीं था? कार चलाते वक्त ध्यान क्या घर पर छोड़ कर आए थे अगर मेरी जगह कोई छोटा बच्चा या फिर बुजुर्ग आदमी होते तो सोचो उन्हें कितनी चोट लगती। ओ तो अच्छा हैं। मुझे ज्यादा नहीं लगी। बाय द वे एक बात सुन लो मिस्टर आगे से जब भी गुस्सा आए ना तो कार ड्राइव करने की बजाय सुनसान जगह पर जाकर चीख- चिल्ला लेना। लोगों का एक्सीडेंट करने से बेटर होगा।"
मीरा अपने कपड़ों में लगी मिट्टी को झाड़ते हुए बोली और आगे बढ़ने लगी पर पीछे से श्लोक ने उसकी कलाई पकड़ ली और अपनी तरफ घूमा कर बोला:" पहले मेरी बात सुनो। तुम्हें काफी चोट लगी हैं। पहले हॉस्पिटल चलो। उसके बाद में खुद तुम्हें तुम्हारे घर ड्रॉप कर दूंगा।"
"नो थैंक्स जिस तरह से तुम कार ड्राइव कर रहे हो ना मुझे नहीं लगता मैं तुम्हारे साथ हॉस्पिटल जा पाऊंगी। डायरेक्ट शमशान घाट ही जाना पड़ेगा इसलिए अपनी केयर अपने पास रखो और अच्छे से कार ड्राइव करके घर जाओ। मैं खुद चली जाऊंगी।": मीरा ने अपनी कलाई छुड़ाई और नीचे गिरी हुई अपनी बैग और फोन उठाकर वहां से चली गई।
श्लोक पीछे से उसे तब तक देखता रहा जब तक वो आगे की गली से मुड़कर उसकी आंखों से ओझल ना हो गई। उसके जाने के बाद श्लोक खुद से बोला:"अजीब लड़की है मैंने इसे कार से टक्कर मारी और इसने ना ही मुझे कुछ कहा, ना ही पैसे लिए और ना ही हॉस्पिटल लेकर जाने के लिए बोली। आज के जमाने में भी इतनी शरीफ लोग होते हैं,मुझे तो पता ही नहीं था।"
श्लोक वापस से कार में बैठा और कर स्टार्ट करके उसी गली में मोड़ दिया। जहां से मीरा अभी गई थी। वो बस जानना चाह रहा था कि वो सही सलामत अपने घर तक पहुंच पा रही हैं या नहीं! इसलिए वो उसी गली में अपनी कार लेकर आगे की तरफ बढ़ता गया। थोड़ी देर में उसे मीरा दिखी जो अपने घर के बाहर खड़े होकर डोर बेल बजा रही थी।
अंदर से अभिमन्यु ने डार खोला तो उसके जख्मों को देखकर घबरा कर बोला:" क्या हुआ तुम्हें ? ये चोट कैसे आई?" वो उसकी कलाई पकड़ कर अंदर ले गया। श्लोक अभिमन्यु का चेहरा नहीं देख पाया इसलिए उसे नहीं पता चला कि अभी उसने जिसे टक्कर मारी थी वो अभिमन्यु की बहन हैं। जब मीरा अंदर गई तो श्लोक ने अपनी कार को रिवर्स किया और वहां से चला गया।
"कहां से गिर के आ रही हो मेरी मां? खुद का ख्याल नहीं रख सकती। देखो कितनी चोट आई हैं।": अभिमन्यु मीरा को डांटते हुए बोला और उसे जबरदस्ती सोफे पर बैठा कर फर्स्ट एड बॉक्स लेकर आया।
उसे परेशान देखकर मीरा बोली:"कुछ नहीं भाई बस छोटा सा एक्सीडेंट हुआ हैं। ज्यादा तो नहीं लगी बस कहीं-कहीं छिल गया है।"
अभिमन्यु उसके पास बैठा और उसके जख्मों को साफ करते हुए बोला:"वाव थोड़ी सी चोट, आर यू सीरियस देख तेरे कोहनी से खून निकल रहा हैं। हथेली पर भी चोट के निशान हैं और तू बोल रही हैं थोड़ा सा। किसने तुझे टक्कर मारा गाड़ी का नंबर देखा था तूने?"
"छोड़ो ना भैया उसकी शक्ल देखकर तो लग रहा है जैसे गुस्से में कर ड्राइव कर रहा हो शायद घर वालों से लड़कर आया होगा।"
"इसलिए तुझे रात को घर से बाहर जाने से मना करता हूं पर तू समझती कहां है?"
अगली सुबह
"मैम आज आपकी और सतीश साहब की हॉस्पिटल वाली डील्स की फाइनल मीटिंग हैं रेनबो कैफे में और मिस्टर रहेजा की होटल की बजट आज ही डिस्कस करनी है तो लंच टाइम में होटल मूनलाइट में आपकी मीटिंग हैं। आज बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग्स भी हैं दोपहर दो बजे और शाम 4:00 से 5:00 बजे तक आपने अलग से टाइम निकालने के लिए कहा था और तो और सबसे इंपोर्टेंट बात मल्हार सर अभी 10 मिनट में आपसे मिलने आने वाले हैं।"
अमायरा की सेक्रेटरी कीर्ति ने आज की पूरी शेड्यूल उसे पढ़ कर सुना दिया। जिसे सुनने के बाद अमायरा ने अपना सर पीछे चेयर से टिकाया और गहरी सांस छोड़ते हुए बोली:"ये लड़का कब मेरा पीछा छोड़ेगा यार, अच्छा सुनो जब मल्हार मुझसे मिलने आएं तो बोल देना मैं ऑफिस में नहीं हूं।"
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अब तक
अमायरा की सेक्रेटरी कीर्ति ने आज की पूरी शेड्यूल उसे पढ़ कर सुना दिया। जिसे सुनने के बाद अमायरा ने अपना सर पीछे चेयर से टिकाया और गहरी सांस छोड़ते हुए बोली:"ये लड़का कब मेरा पीछा छोड़ेगा यार, अच्छा सुनो जब मल्हार मुझसे मिलने आएं तो बोल देना मैं ऑफिस में नहीं हूं।"
अब आग
"जी मैम।": कीर्ति ने कहा और उसके बाद उसके केबिन से बाहर चली गई। आज अमायरा सुबह जल्दी ही ऑफिस आ चुकी थी। कल रात हुई बहस बाजी के बाद उसका बिल्कुल भी मन नहीं था। सबके साथ बैठकर ब्रेकफास्ट करने का इसलिए वो बिना ब्रेकफास्ट किए ऑफिस आ गई।
मिस्टर सतीश के साथ मीटिंग में अभी टाइम था इसलिए वो थोड़ा पेंडिंग काम करने में लगी हुई थी तभी उसके केबिन के डोर पर नॉक हुआ।जिसकी आवाज सुनकर बोली: "कम इन।"
दरवाजा खुला और कोई अंदर आया। उसने अपने साथ लाया ब्रेकफास्ट अमायरा के टेबल पर रखा और उसके सामने खड़ा हो गया। अमायरा ने अपनी नजरें उठाकर देखी तो जैसा उसने सोचा था, सामने कोई और नहीं अभिमन्यु ही था।
अभिमन्यु को देखते ही उसकी होंठो पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गई। उसने सामने रखी हुई ब्रेकफास्ट देखी और वापस से अभिमन्यु को देखते हुए बोली:" तुमने बॉडीगार्ड के जॉब से रिजाइन लेकर मेरा केयरटेकर बनने का फैसला किया हैं क्या? "
"अगर सैलरी अच्छी मिली तो वो भी बन सकता हूं। पहले आप ब्रेकफास्ट कीजिए। बिना खाए कम करेंगी तो बेवजह बाकी स्टाफ पर गुस्सा करती रहेंगी।"
"तुम्हें बड़ा फिक्र हैं मेरी ?": अमायरा मुस्कुरा कर बोली पर अगले पल जो अभिमन्यु ने कहा उसे सुनकर उसका मुंह बन गया।
अभिमन्यु ने कहा:"किसने कहा मुझे आपकी फिक्र मुझे तो बेचारे उन स्टाफ्स की फ़िक्र हैं जिस पर आप गुस्सा करेंगी।"
"यू खडूस कहीं के, आई जस्ट किल यू। ": अमायरा ने गुस्से में पेपर वेट उठाकर अभिमन्यु की तरफ चलाया। और ठीक उसी वक्त उसके केबिन का दरवाजा खोलकर मल्हार ने अंदर आने के लिए कदम रखा और उसी पल पेपर वेट से बचने के लिए अभिमन्यु फौरन नीचे झुक गया और पेपर वेट जाकर सीधे मल्हार के सर पर लगा।
"आह्ह।": मल्हार अपने माथे पर हाथ रखकर दर्द से बिलबिला उठा। अमायरा ने अपनी चेयर से उठकर अपने मुंह पर हाथ रख लिया। मल्हार के पीछे उसे रोकने के लिए आई कीर्ति ने भी जब ये देखा तो उसके मुंह खुले के खुले रह गए। अभिमन्यु ने जब अमायरा का रिएक्शन देखा तो उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसकी हंसी छूट गई। क्योंकि उसे मल्हार पसंद नहीं था।
मल्हार पोद्दार अमायरा के दोस्त होने के साथ-साथ उसका एक बहुत ही अच्छा बिजनेस क्लाइंट भी था। जिसे वह चाह कर भी नाराज नहीं कर सकती थी। लेकिन ये बात भी किसी से छुपी नहीं थी की मल्हार अमायरा के पीछे पागल था और इसीलिए वो हर बार कोई ना कोई नया बहाना ढूंढ कर उसके ऑफिस आया करता था और अमायरा हर बार उससे मिलना टाल दिया करती थी। जब तक कोई इंपॉर्टेंट काम ना हो।
"व्हाट इस दिस अमायरा ?": मल्हार गुस्से में जोर से बोला। जिससे अभिमन्यु और अमायरा पर तो कोई फर्क नहीं पड़ा पर कीर्ती जरूर डर गई। अमायरा ने उसे आंखों के इशारे से बाहर जाने के लिए कहा तो कीर्ति फौरन इशारे में सर हिला कर वहां से चली गई।
मल्हार आगे कुछ बोलता उससे पहले ही अभिमन्यु बोला:" मैम की तरफ से मैं सॉरी बोलता हूं दरअसल वो मुझे हिट करने वाली थी। गलती से आपको लग गई।"
मल्हार अभिमन्यु को ज्यादा पसंद नहीं करता था इसलिए वो उसे साइड करते हुए बोला:" ये मेरे और अमायरा के बीच का मैटर हैं। तुम कुछ ना बोलो तो ही सही होगा। बॉडीगार्ड हो बॉडीगार्ड की तरह रहो समझे।"
मल्हार की कड़वी बातें सुनकर अभिमन्यु को कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि वो दूसरों के बातों को उतना सीरियसली लेता भी नहीं था पर अमायरा को जरूर बुरा लगा।
वो गुस्से में बोली:"माइंड योर लैंग्वेज मिस्टर मल्हार पोद्दार, आई नो वी आर बेस्ट फ्रेंड बट इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि तुम मेरे ऑफिस में खड़े होकर मुझसे जुड़े लोगों की इंसल्ट करो।"
मल्हार को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा कि एक बॉडीगार्ड के लिए अमायरा उसे डांट रही हैं इसलिए उसने गुस्से में अपना चेहरा दूसरी तरफ घूम लिया। वहां का माहौल गर्म होते हुए देख अभिमन्यु इशारे में ही अमायरा को चुप रहने के लिए बोला पर अमायरा तो ठहरी अमायरा वो कहां किसी की सुनने वाली थी। वो कुछ और बोलने के लिए मुंह खोली पर उससे पहले ही अभिमन्यु बोला:" मैम वो मेरा पेन आपके पास हैं। मैं ले लेता हूं।"
अमायरा को कुछ समझ नहीं आया कि किस पेन के बारे में अभिमन्यु बात कर रहा हैं। अभिमन्यु ने सिर्फ बहाना बनाया था अमायरा के पास आने के लिए वो उसके पास गया और उसके ऊपर से झुकते हुए टेबल पर दूसरी साइड रखे हुए पेन को उठाने के बहाने उसके कान के पास अपने होठों को ले जाकर बोला:"प्लीज रिलैक्स।पहले ब्रेकफास्ट कीजिए फिर इस कनखजूरे से बात कीजिएगा। मैं बाहर ही हूं।"
जैसे ही अभिमन्यु की गर्म सांसे अमायरा के कान से टकराई उसका चेहरा गर्म हो गया। उसने आंखें बंद करके अपनी मुट्ठियों को भींच लिया क्योंकि वो जानती थी अभिमन्यु की नजदीकियां हर बार उस पर असर करती थी लेकिन शायद ये बात अभिमन्यु नहीं जानता था कि उसकी नजदीकियां अमायरा की धड़कनें किस कादर तेज कर दिया करती हैं।
अपनी बात बोलकर साइड में रखे हुए पेन को उठाकर अभिमन्यु उससे दूर हुआ और केबिन से बाहर चला गया। उसके केबिन से बाहर जाने के बाद अमायरा ने अपनी आंखें खोली और फौरन वहां रखे पानी की गिलास उठाकर एक ही सांस में पूरा पानी पी लिया।
वो अपने हाथों के सहारे अपने चेहरे पर हवा देते हुए खुद से बोली:" ओह गॉड। ये क्या हो जाते हैं मुझे जब भी ये मेरे करीब आता हैं। हे भगवान जी संभाल लेना आगे मेरे लिए बहुत मुश्किल होने वाला हैं।"
"क्या मुश्किल होने वाला हैं ?": मल्हार की आवाज सुनकर अमायरा अपने ख्यालों से बाहर आई और उसे एहसास हुआ कि इस वक्त केबिन में उसके अलावा भी कोई हैं।
कुछ नहीं! आओ बैठो। वैसे तुमने बताया नहीं कि तुम यहां क्यों आए हो?"
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वो अपने हाथों के सहारे अपने चेहरे पर हवा देते हुए खुद से बोली:" ओह गॉड। ये क्या हो जाते हैं मुझे जब भी ये मेरे करीब आता हैं। हे भगवान जी संभाल लेना आगे मेरे लिए बहुत मुश्किल होने वाला हैं।"
"क्या मुश्किल होने वाला हैं ?": मल्हार की आवाज सुनकर अमायरा अपने ख्यालों से बाहर आई और उसे एहसास हुआ कि इस वक्त केबिन में उसके अलावा भी कोई हैं।
कुछ नहीं! आओ बैठो। वैसे तुमने बताया नहीं कि तुम यहां क्यों आए हो?"
अब आग
"क्यों ऐसे ही नहीं आ सकता क्या?": मल्हार मजाकिया के अंदाज में बोला जिस पर अमायरा बोली:"हां आ सकते हो लेकिन तब जब मैं फ्री रहूं और अभी मैं बिल्कुल भी फ्री नहीं हूं। मुझे मीटिंग के लिए जाना हैं अगर कोई काम हैं तो बोलो वरना फिर कभी मिलते हैं। जब मैं फ्री होंगी तब।"
"यार तुम मुझे हर बार इग्नोर क्यों करती रहती हो ? बैठो थोड़ी देर बातें कर लेते हैं फिर चले जाना।"
"नहीं नहीं मेरे पास बिल्कुल भी टाइम नहीं हैं।": अमायरा उठकर जाने लगी तभी उसकी नज़रें ब्रेकफास्ट पर पड़ी और याद आया उसे अभिमन्यु की कहीं बातें कि बिना ब्रेकफास्ट किए वो काम नहीं करेगी। इसलिए वो वापस रुक गई और ब्रेकफास्ट करते हुए बोली:" ओके चलो 5 मिनट उससे ज्यादा नहीं!"
एक बड़े से स्कूल में लंच टाइम में कुछ बच्चे प्ले ग्राउंड में खेल रहे थे तो कुछ बच्चे गार्डन में बैठे बुक्स पढ़ रहे थे तो कुछ अपने दोस्तों के साथ गप्पे लड़ाने में बिजी थे। वहीं क्लास रूम में पूर्वी अपनी क्लास मेट पलक से चॉकलेट के लिए लड़ रही थी।
"नहीं मैं नहीं दूंगी ये मेरी चॉकलेट हैं।"
"नहीं ये मेरी हैं पलक। मैं घर से लेकर आई हूं। देख तू मेरी चॉकलेट को ऐसे नहीं ले सकती। चल वापस दें।"
दोनों की लड़ाई की आवाज क्लासरूम के बाहर कॉरीडोर से गुजर रहे एक सीनियर स्टूडेंट के कानों में पड़ी। वो लडका उन दोनों को लड़ते हुए देखकर अंदर आ गया। उसकी उम्र यहीं कुछ 15-16 साल की होगी। स्वभाव से बिल्कुल शांत दिख रहा था।
वो अंदर आकर उन दोनों से बोला:"क्या हो रहा हैं यहां?"
उसे देखकर पलक और पूर्वी दोनों चुप हो गई। पूर्वी उस लड़के को देखते हुए बोली:"ये मेरी चॉकलेट छीन रही हैं सीनियर, जो मैं घर से लेकर आई हूं।"
पलक बोली:"नहीं! नहीं सीनियर वो मेरी चॉकलेट हैं। इसने मेरे बैग से चुराई। ये झूठ बोल रही हैं।"
पलक की बात सुनकर पूर्वी गुस्से में बोली:" देख पलक तू झूठ क्यों बोल रही हैं ? मैं कभी भी झूठ नहीं बोलती। ये मैं घर से लेकर आई थी।"
"अच्छा अब बस भी करो तुम दोनों और तुम नीली आंखों वाली लड़की। चलो चॉकलेट दो इधर।": उस लड़के के मांगने पर पूर्वी ने अपने चॉकलेट्स को पीछे छुपा लिया और अपनी सर ना में हिलाते हुए बोली:" नहीं! मैं नहीं दूंगी। ये मेरी हैं।"
"मैंने कहा दो इधर।": उस लड़के ने पूर्वी से जबरदस्ती सारे चॉकलेट लिए और दोनों को बराबर करके थोड़ा-थोड़ा बांट दिया। जिसके बाद उसने पलक को समझाया तो पलक वहां से चली गई पर पूर्वी मुंह फुला कर गुस्से में उस लड़के को घूर रही थी। मानो अभी के अभी उसका गला दबा देगी।
उस लड़के ने पूर्वी को खुद को घूरते हुए देखा तो बोला:" देखो छोटी लड़की अपने दोस्तों के साथ लड़ाई नहीं करते। तुम्हारे पास इतनी चॉकलेट्स हैं। थोड़ी दे भी देती तो कम थोड़ी हो जाते। लड़ने की क्या जरूरत थी?"
"देखो आप हमारे स्कूल के सीनियर हो इसका मतलब ये नहीं आप कुछ भी बोलोगे अगर उसे चाहिए था तो मुझसे मांग लेती मैं दे देती पर उसने मुझ पर चोरी का इल्जाम लगाया फिर मैं क्यों दूं उसे अपनी चॉकलेट और आपने मेरी चॉकलेट उसे क्यों दी? मुझे मेरी पूरी चॉकलेट चाहिए और ये बाकी की जो हैं ना आप रख लो। मुझे नहीं खाना।": उसने गुस्से में अपने हिस्से की चॉकलेट उस लड़के के हाथ में धराई और गुस्से में वहां से चली गई।
उसके गुस्से को देख कर वो लड़का बोला:"ओह गॉड आजकल के छोटे-छोटे बच्चे भी गुस्से की दुकान बन चुके हैं।" वो लड़का खुद से ही बोला और अपने हाथों में लिए चॉकलेट को देखने लगा। तभी उसका एक दोस्त वहां आया और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला:" आरव तुमसे कोई मिलने आया हैं। प्रिंसिपल सर तुझे अपने ऑफिस में बुला रहे हैं।"
"हां चलो।": वो प्रिंसिपल ऑफिस में आया तो वहां अमायरा बैठी हुई थी और प्रिंसिपल से बातें कर रही थी। आरव ने डोर पर नॉक किया तो प्रिंसिपल ने उसे अंदर आने के लिए परमिशन दे दी।
आरव के अंदर आते ही प्रिंसिपल ने अमायरा से कहा:" मुझे स्कूल के राउंड लगानी हैं आप दोनों बातें कीजिए।"
जिसके बाद प्रिंसिपल वहां से चले गए। प्रिंसिपल के जाने के बाद आरव अमायरा के गले लग गया। "आई मिस यू सो मच दी पूरे तीन हफ्ते बाद आप मुझसे मिलने आई हैं।"
अमायरा ने भी मुस्कुराते हुए आरव के पीठ पर हाथ रखा और उसे खुद से दूर करके बोली:"बिजी थी इसलिए नहीं आ पाई। आओ बैठो।"
हर साल एनुअल फंक्शन में एज अ चीफ गेस्ट अमायरा को इनवाइट किया जाता था। पहली मुलाकात में ही उसे आरव बहुत ही होनहार और समझदार लड़का लगा इसलिए उन दोनों में काफी बनने लगी। आरव उसे अपनी बड़ी बहन की तरह मानता था और अमायरा भी उसे अपने छोटे भाई की तरह ट्रीट किया करती थी।
अमायरा अपने साथ लाए हुए एक छोटे से बॉक्स को आरव को देते हुए बोली:"ये लो तुम्हारे लिए। नेक्स्ट मंथ तुम्हारा बर्थडे आने वाला हैं ना तो ये गिफ्ट एडवांस में।"
"वाव गिफ्ट क्या है इसमें?": आरव खुशी से चहकते हुए पूछा।
"खुद देख लो।": अमायरा मुस्कुरा कर बोली तो आरव ने फौरन गिफ्ट बॉक्स को अन पैक किया तो उसमें आईफोन था। जिसे देखते ही आरव के चेहरे पर चमक आ गई लेकिन अगले ही पल ना जाने क्या सोचकर उसने उस फोन को बॉक्स में रखा और अमायरा की तरफ सरका कर बोला:" सॉरी दीदी पर मैं इतनी महंगी गिफ्ट नहीं ले सकता।"
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अब तक
"खुद देख लो।": अमायरा मुस्कुरा कर बोली तो आरव ने फौरन गिफ्ट बॉक्स को अन पैक किया तो उसमें आईफोन था। जिसे देखते ही आरव के चेहरे पर चमक आ गई लेकिन अगले ही पल ना जाने क्या सोचकर उसने उस फोन को बॉक्स में रखा और अमायरा की तरफ सरका कर बोला:" सॉरी दीदी पर मैं इतनी महंगी गिफ्ट नहीं ले सकता।"
अब आग
"बहन भी मानते हो और बहन की दी हुई तोहफा को भी इनकार करते हो। ये तो गलत बात हुई ना आरव। मैं जानती हूं तुम्हारे पास कोई फोन नहीं है इसीलिए गिफ्ट कर रही हूं रख लो अगर तुम्हारे मम्मी डैडी डटेंगे या कुछ कहेंगे तो मुझे कॉल कर देना। मैं उनसे बात कर लूंगी। अब रख भी लो।"
"और मेरे लिए?": दोनों बातें कर ही रहे थे कि दोनों के कानों में एक छोटी बच्ची की आवाज आई। जब दोनों ने अपनी नज़रें डोर की तरफ मोड़ी तो वहां पर पूर्वी मुंह फुला कर हाथ बंधे खड़ी थी।
पूर्वी को देखकर अमायरा खुशी से मुस्कुराते हुए उठी और उसके पास आकर बोली:"अंदर आ जाओ। वहां क्यों खड़ी हो और मुंह क्यों फूल हुए हैं तुम्हारे?"
पूर्वी ने अपनी बड़ी-बड़ी नीली आंखों से घूर कर एक बार आरव को देखा और वापस से अमायरा को देखकर बोली: "आप इस बुरे लड़के के साथ क्या कर रही हैं दीदी? आपको पता हैं इसने मेरी चॉकलेट्स ले ली और आप इसे गिफ्ट दे रही हैं।"
"क्या तुम जानती हो आरव को": अमायरा के पूछने पर पूर्वी मुंह फुला कर बोली:" स्कूल के सीनियर हैं तो मैंने पहले भी इन्हें देखा हैं पर आज इन्होंने मुझे बहुत गुस्सा दिलाया। आपको पता इन्होंने मेरी चॉकलेट पलक को दे दी। पर आप इन्हें कैसे जानती हैं?"
अमायरा उसके सवालों का जवाब देती उससे पहले ही आरव बोला:"दीदी हैं वो मेरी तो कैसे नहीं जानेंगी मुझे। और मैंने तुम्हारी चॉकलेट नहीं छिनी बस मैंने तुम दोनों के बीच की लड़ाई को शार्ट आउट किया। उसके लिए तुम्हें मुझे थैंक यू बोलना चाहिए समझी छोटी लड़की।"
उसकी बात सुनकर पूर्वी को बहुत ज्यादा गुस्सा आया यू तो वो उसके सामने छोटी थी इसलिए वो चेयर पर चढ़कर खड़ी हुई और अपने दोनों हाथ कमर पर रखकर गुस्से में बोली:"मैंने कहा था आपको मेरी लड़ाई सॉर्ट आउट करने के लिए, नहीं ना! तो फिर क्यों बीच में कूदे आप और ये मेरी दीदी हैं सिर्फ और सिर्फ मेरी। इसलिए आप इन्हें अपनी दीदी मत बुलाओ समझे बड़े लड़के।"
उसकी ऐसी बातें सुनकर आरव को समझ नहीं आया वो उस छोटी सी पिद्दी सी लड़की को क्या कहे। ना ही वो उसे डांट सकता था ना ही मार सकता था। उसने लाचारगी से अमायरा की तरफ देखा तो अमायरा हंसते हुए बोली: "मुझे नहीं पता था तुम दोनों इतने अच्छे दोस्त हो बाय द वे पूर्वी ऐसी बातें नहीं करते। भाई बोलो इसे और आरव ये मेरी कजन सिस्टर हैं तो तुम भी ध्यान रखना ओके। और हां सबसे इंपॉर्टेंट बात लड़ाई मत करना खासकर तुम पूर्वी, आरव को जानबूझकर परेशान मत करना। समझे दोनों।"
"ओके दीदी।": आरव अमायरा की बात मान गया और पूर्वी को भी माननी पड़ी।
"अच्छा चलो अब मैं चलती इंपॉर्टेंट मीटिंग हैं बाय। ध्यान रखना अपना।"
अमायरा दोनों से गले मिलकर उन्हें एक दूसरे का ध्यान रखने के लिए बोलकर वहां से चली गई। उसके जाने के बाद आरव ने पूर्वी को देखा जो अभी भी चेयर पर चढ़कर खड़ी उसे ही घूर रही थी।
"अब नीचे भी आ जाओ और कितना घूरोगी। आंखों में दर्द हो जाएगा। चलो तुम्हें और चॉकलेट दिलाता हूं।": आरव ने उसका हाथ पकड़ कर नीचे उतरा और उसे अपने साथ लेकर चला गया।
दूसरी तरफ अमायरा और अभिमन्यु होटल जा रहे थे। अभिमन्यु कार ड्राइव कर रहा था और अमायरा फोन पर बात कर रही थी।
"या या मिस्टर सुकांत मुझे आपकी ऑफर अच्छे से याद है मैं सोचूंगी उसके बारे में."
"आई नो आप जल्दबाजी में चाहते हैं बट मैं कोई भी डिसीजन जल्दबाजी में नहीं लेती। मेरे ऊपर भी डायरेक्टर्स हैं। उन्हें भी जवाब देना होता है आप निश्चिंत रहिए। मैं आपके ऑफर के बारे में जरूर डिसकस करूंगी फिलहाल मैं बिजी हूं तो बाद में बात करते हैं बाय।"
अमायरा ने कॉल डिस्कनेक्ट करके डैशबोर्ड पर रखा और अपना सर पीछे सीट पर टिका कर बोली:"दो पल सुकून की सांस भी नहीं ले सकती। हद है यार।"
उसके बाद सुनकर अभिमन्यु सामने देखते हुए बोला तो कौन कहता है इतनी कम करने के लिए। खुद को पूरी तरह से काम में डूबना यह आपका ही फैसला है कोई आपको फोर्स नहीं करता।
"तो तुम क्या चाहते हो सब कुछ छोड़कर मैं निश्चिंत बैठ जाऊं और कंपनी को डूबने दूं। गिद्ध की तरह नजरें लगाए बैठे हुए हैं सब सिंघानिया ग्रुप को बर्बाद करने के लिए। मुझसे एक चुक हुई और कंपनी पल भर में खाद में मिल जाएगी।"
"मैंने कब कहा कंपनी छोड़ने के लिए। मैं तो बस इतना चाहता हूं कि आप कुछ पल अपने लिए भी निकले। वो सब करें जो बाकी लड़कियां करती हैं। ना की 24 घंटे काम-काम मीटिंग, बस इसी में लगी रहे।"
"अच्छा तो क्या करती हैं बाकी लड़कियां?": अमायरा अभिमन्यु की तरफ देखते हुए बोली तो अभिमन्यु ने अचानक से कार में ब्रेक लगा दिया और अमायरा की आंखों में झांकते हुए बोला:" शॉपिंग, पार्लर, स्पा, क्लब और लॉन्ग ड्राइव। ये सब।"
अमायरा भी एक टक मुस्कुराते हुए उसी की आंखों में देख रही थी। जिस तरह से उसने एक-एक चीज गिनाया था। ऐसा लग रहा था मानों उसने पहले से ही सोच कर रखा हो। अमायरा ने अभिमन्यु के शर्ट के कॉलर को पकड़ा और उसे थोड़ा अपनी तरफ झुक कर बोली:" दो चीजें तुमने मिस कर दी बॉडीगार्ड, बॉयफ्रेंड और डेट।"
उसकी बातों का मतलब अभिमन्यु साफ समझ रहा था। जिसे सुनकर वो थोड़ा झेंप गया और उसकी पकड़ से अपने शर्ट के कॉलर को छुड़ाकर सामने देखते हुए बोला:" आपके लिए बिजनेस ही ठीक हैं।"
अमायरा को हंसी आ गई उसकी बात सुनकर क्योंकि वो समझ पा रही थी कि अभिमन्यु को जलन हो रही हैं। वो खिल खिलाकर हंसने लगी। उसे यूं हंसते हुए देखकर अभिमन्यु में चढ़ते हुए उसकी तरफ देखा पर वो हंसते हुए इतनी प्यारी लग रही थी कि सब कुछ भुल कर वो बस उसे देखता ही रह गया। ना जाने कब उसके होठों पर भी प्यारी सी मुस्कुराहट खिल उठी।
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To Be Continued...
अब तक
अमायरा को हंसी आ गई उसकी बात सुनकर क्योंकि वो समझ पा रही थी कि अभिमन्यु को जलन हो रही हैं। वो खिल खिलाकर हंसने लगी। उसे यूं हंसते हुए देखकर अभिमन्यु में चढ़ते हुए उसकी तरफ देखा पर वो हंसते हुए इतनी प्यारी लग रही थी कि सब कुछ भुल कर वो बस उसे देखता ही रह गया। ना जाने कब उसके होठों पर भी प्यारी सी मुस्कुराहट खिल उठी।
अब आग
जब हमारा की नजरे उसकी तरफ गई तो वो अचानक से हंसते हुए चुप हो गई और उसकी आंखों में झांकते हुए अचानक से बोली:"डेट पर चलोगे।"
ओके तो जब सब कुछ डिस्कस हो ही चुकी हैं तो मीटिंग खत्म करते हैं। आई डोंट थिंक अब किसी के पास और भी कुछ कहने के लिए बचा होगा?": अमायरा ने मीटिंग रूम में मौजूद सारे डायरेक्टर को देखते हुए कहा।
रमी इंडस्ट्रीज को बर्बाद करने के बाद अमायरा ने उस कंपनी को खरीद कर सिंघानिया ग्रुप से मर्ज कर लिया था। उसी सिलसिले में ये मीटिंग रखी गई थी।
रघुवेन्द्र जी भी बोर्ड आफ डायरेक्टर केक मेंबर थे। उन्होंने कहा:" लेकिन बिना हम सब की सहमती के तुम इतनी बड़ी डिसीजन नहीं ले सकती। वो कंपनी और उसकी रेपुटेशन बुरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। उससे हमारी कंपनी को काफी नुकसान होगा।"
"और आपको ऐसा क्यों लगता हैं सर? आई नो कंपनी की रेपुटेशन बर्बाद हुई हैं कंपनी और वहां जॉब कर रहे हजारों एम्पलाई अभी भी सही सलामत हैं। मैंने उस कंपनी को उसके अंजाम तक पहुंचाया है तो वहां पर काम कर रहे एम्पलाई की जिम्मेदारी भी मेरी हैं। अपनी मतलब के लिए मैं वहां जॉब कर रहे हैं हजारों लोगों को बेरोजगार नहीं कर सकती और आज से वो कंपनी मेरे अंडर रहेगी। सिंघानिया कंपनी के साथ मिलने से उस कंपनी के आधी मुश्किलें ऐसे ही सॉल्व हो चुकी हैं और रही बात उसके रेपुटेशन की तो जब एक बार मीडिया में ये खबर फैल जाएगी कि उस कंपनी की नई ओनर मैं हूं। उसकी रेपुटेशन खुद ब खुद सुधर जाएगी। आप लोग फिक्र मत कीजिए अगर उस कंपनी की वजह से इस कंपनी की लॉस हुई तो उसकी जिम्मेदारी मैं लूंगी।"
अमायरा ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ अपनी बात रखी। जिसे सुनने के बाद अब किसी के पास कुछ बचा ही नहीं था, कहने के लिए। सारे डायरेक्टर्स आपस में बात करने लगे। अमायरा ने अपनी रिस्ट वॉच में टाइम देखा तो रात के 10:00 बज चुके थे। उसने अपना फोन चेक किया तो उसमें अभिमन्यु का मैसेज था।
"और कितना वक्त लगेगा मैम?" उसके मैसेज को पढ़कर अमायरा ने टाइप किया। "बस दो मिनट बॉडीगार्ड" और उसे सेंड करके बाकी सब को बोली:" अब जब किसी के पास कहने के लिए कुछ नहीं हैं तो मैं निकलती हूं। गुड नाइट।"
अमायरा अब बिना देर किए वहां से अपने केबिन में आई और अपना पर्स लेकर ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग लॉट में गई जहां अभिमन्यु कार से टिक कर फोन चलाते हुए उसका इंतजार कर रहा था। उसे देखकर अमायरा के होठों पर मुस्कुराहट आ गई।
उसी कदमों की आहट सुनकर जब अभिमन्यु ने उसकी तरफ देखा तो अमायरा उसके पास ही आ रही थी। अमायरा उसके पास आई और बोली:" सॉरी फॉर लेट। अब डेट पर चलें।"
"हम्म चलिए लेकिन याद रखिएगा हम डेट पर नहीं जा रहे सिर्फ और सिर्फ घुमने जा रहे हैं।": अभिमन्यु उसे देखते हुए बिल्कुल सीरियस टोन में बोला क्योंकि जब कार में अमायरा ने डेट पर चलने के लिए पूछा था। उसके अगले ही पल उसने हंसते हुए बात को टाल दिया था। लेकिन अभिमन्यु चाहता था वो काम से थोड़ा ब्रेक ले इसलिए उसने उसे रात को अपने साथ लॉन्ग ड्राइव पर जाने के लिए कन्वेंस किया था लेकिन अमायरा बार-बार डेट का नाम लेकर उसे टिज कर रही थी।
उसकी नर्वसनेस देखकर अमायरा हंसते हुए बोली:" अच्छा बाबा हम घुमने जा रहें हैं। मैं याद रखूंगी। अब चलें।"
"हां चलिए।": दोनों कार में बैठकर निकल गए अपनी खुशियों की तलाश में। थोड़ी देर में अभिमन्यु ने कार एक मॉल के सामने रोकी और अमायरा से बोला:" आप अंदर चलिए। मैं कार पार्क करके आता हूं।"
"पर हम मॉल में क्यों आएं हैं? मुझे शॉपिंग में कोई इंटरेस्ट नहीं हैं।"
"आई नो आपको इंटरेस्ट नहीं हैं पर पहले अंदर तो चलिए।": अभिमन्यु ने अमायरा के साइड के डोर ओपन किया तो अमायरा बाहर आई और एक बार अपनी नजरें उठा कर उस बड़ी सी मॉल को देखकर बोली:" ये लड़का चाहता क्या है?"
दोनों अंदर आए तो अभिमन्यु ने सबसे पहले अमायरा के एक बहुत ही खूबसूरत सी फुल स्लीव वाली ब्लैक नि लेंथ ड्रेस लिया और उसे अमायरा के हाथों में थमा कर बोला:" जल्दी चेंज करके आईए।"
"क्या चेंज पर क्यों?"
"क्योंकि आपकी ये ऑफिस वेयर में तो मैं आपको बिल्कुल भी अपने साथ नहीं ले जाने वाला।ऐसा लग रहा हैं जैसे किसी मीटिंग के लिए जा रहे हैं। जाइए पहले फटाफट चेंज कीजिए। तब तक मैं कुछ और लेकर आता हूं।": अभिमन्यु पीछे से उसके कंधों पर हाथ रखकर जबरदस्ती चेंजिंग रूम के अंदर ले गया और बाहर से दरवाजा बंद करके बोला:" मैं अभी आता हूं। तब तक चेंज कीजिए।"
दरवाजा बंद करके अभिमन्यु वहां से चला गया। अमायरा अंदर मुंह बनाकर बोली:"यार क्या प्रॉब्लम हैं इस ड्रेस में, अब कपड़े भी इसकी पसंद से पहननी पड़ेगी।"
उसने मुंह बनाते हुए उस ड्रेस को ऊपर से अपने ऊपर रख कर मिरर में देखा तो वो उसके ऊपर काफी जंच रही थी। वो मुस्कुराते हुए बोली:" पसंद तो काफी अच्छी हैं इसकी"
अभिमन्यु थोड़ी देर में अपने हाथों में एक पेपर बैग लेकर आया और बाहर से चेंजिंग रूम का दरवाजा नॉक कर के बोला:"चेंज कर लिया आपने।"
"हां पर ये जीप नहीं लग रही यार बॉडीगार्ड।": अंदर से अमायरा बोली तो अभिमन्यु सोच में पड़ गया कि क्या करें? वो बाहर से बोला:"ट्राई कीजिए हो जाएगा।"
"नहीं हो रहा। आकर हेल्प करो बाहर खड़े खड़े लेक्चर मत दों।": अमायरा के ऐसे अंदर बुलाने पर अभिमन्यु सोच में पड़ गया। उसे कुछ समझ नहीं आया वो क्या बोले तभी चेंजिंग रूम का दरवाजा खुला और अमायरा ने अपना हाथ बाहर करके उसको शर्ट के कॉलर से पकड़ कर अंदर खींच लिया।
"अरे मैम.": इससे आगे अभिमन्यु कुछ बोल ही नहीं पाया क्योंकि अमायरा ने उसके सर्ट के कॉलर से पकड़ कर पीछे वॉल से सटा दिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोली:"इतने क्यों घबराते हो मेरे करीब आने से हूंह? तुम्हारी गर्लफ्रेंड को बुरा लगेगा इसलिए।"
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अब तक
"नहीं हो रहा। आकर हेल्प करो बाहर खड़े खड़े लेक्चर मत दों।": अमायरा के ऐसे अंदर बुलाने पर अभिमन्यु सोच में पड़ गया। उसे कुछ समझ नहीं आया वो क्या बोले तभी चेंजिंग रूम का दरवाजा खुला और अमायरा ने अपना हाथ बाहर करके उसको शर्ट के कॉलर से पकड़ कर अंदर खींच लिया।
"अरे मैम.": इससे आगे अभिमन्यु कुछ बोल ही नहीं पाया क्योंकि अमायरा ने उसके सर्ट के कॉलर से पकड़ कर पीछे वॉल से सटा दिया और उसकी आंखों में देखते हुए बोली:"इतने क्यों घबराते हो मेरे करीब आने से हूंह? तुम्हारी गर्लफ्रेंड को बुरा लगेगा इसलिए।"
अब आग
पर उसके सवालों के जवाब देने के लिए अभिमन्यु होश में कहां था। वो तो सब कुछ भूल कर बस अमायरा को ऊपर से लेकर नीचे तक देखे जा रहा था क्योंकि उसने ज्यादातर उसे ऑफिस वेयर में ही देखा था। कभी कभार पार्टी में उसने उसे पार्टी वियर में देखा था लेकिन आज उसे इस ड्रेस में देखकर सच में उसके दिल की धड़कनें बढ़ चुकी थी।
वो फुल स्लीब्स की ब्लैक नी लेंथ ड्रेस अमायरा के गोरे बदन पर काफी जंच रही थी। वो ड्रेस उसके ऊपर बिल्कुल फिट हो चुकी थी। जिससे उसके बॉडी शेप उभर कर सामने आ रहे थे। बिना मेकअप बिना किसी ज्वेलरी के भी अमायरा बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
उसे यूं इस तरह खोए हुए देखकर अमायरा उसकी आंखों के सामने चुटकी बजाकर बोली:"अब क्या ऐसे ही देखते रहोगे या हेल्प भी करोगे।"
"अं. हां हां": अभिमन्यु इधर-उधर देखते हुए हड़बड़ा कर बोला। उसकी हड़बड़ाहट देखकर अमायरा को हंसी आ गई। वो उसकी तरफ पीठ करके खड़ी हुई और अपने बालों को आगे कर लिया । अभिमन्यु की नजरें जब उसकी खुली पीठ पर पड़ी तो उसने फौरन अपने आंखों को बंद कर लिया और दूसरी तरफ घूम गया।
अमायरा सामने वाले मिरर में उसकी फैसियल एक्सप्रेशन देखते हुए मुस्कुराकर मन ही मन बोली:"यार आज के जमाने में भी कोई इतना शरीफ कैसे हो सकता हैं?"
फिर थोड़ा तेज आवाज में बोली:"यार आंखें बंद करके ही लगा दो। मैं कौन सा तुम्हें देखने के लिए बोल रही हूं। ऑलरेडी हम लेट हो चुके मुझे भूख भी लगी हैं।"
"हां!": अभिमन्यु ने आंखें बंद करके उसके ड्रेस की जीप बंद की और फौरन चेंजिंग रूम से बाहर चला गया। अमायरा मुस्कुराते हुए अपना सर ना में हिला कर नीचे गिरी हुई पेपर बैग उठाई। जो अभिमन्यु अपने साथ लेकर आया था। उसने उसमें देखा तो एक जोड़ी ब्लैक हाई हील थी। जिसे निकाल कर उसने पहना और उसमें एक डार्क रेड लिपस्टिक भी थी जिसे उसने मिरर में देखते हुए अपने होठों पर लगाया और एक प्यारी सी मुस्कुराहट अपने होठों पर सजा कर खुद को आईने में निहारने लगी लेकिन उसे कुछ कमी नजर आ रही थी। उसने पेपर बैग में कुछ ढूंढा तो उसे एक छोटी सी ज्वेलरी बॉक्स मिली। उसने बॉक्स को खोल तो उसमें खूबसूरत सा हार्ट शेप का पेंडेंट था।
जिसे देख कर वो मुस्कुराते हुए बोली:"डेट पर नहीं जाना पर गर्लफ्रेंड की तरह ट्रीट करना हैं मुझे?"
वो पेंडेंट को पहनकर, अपने बालों को उंगलियों के सहारे संवार कर चेंजिंग रूम से बाहर आई। चेंजिंग रूम की दरवाजा खोलने की आवाज सुनकर अभिमन्यु ने जब पीछे मुड़कर उसे देखा तो बस सब कुछ भूल कर उसे देखता ही रह गया। उसके शांत हो चुकी धड़कने एक बार फिर तेजी से धक धक धक करने लगी। उसे अपने आसपास हर चीज स्लो मोशन में चलने लगा। ऐसा लग रहा था वहां पर उसके और अमायरा के अलावा और कोई हैं ही नहीं!
वो मन ही मन बोला:" कोई इतना खूबसूरत कैसे हो सकता हैं ? हाश्श्श मेरा दिल इतनी तेजी से क्यों धड़क रहा हैं।"
अमायरा ने आंखों के इशारे में उससे पूछा कि कैसी लग रही हूं पर उसके इशारों को समझने के लिए अभिमन्यु होश में कहा था। वो तो बस मदहोश होकर एक टक उसके खूबसूरती को निहारने में लगा हुआ था।
उसे एक बार फिर खोए हुए देखकर अमायरा अपने सर पर हाथ मार कर बोली:" ओह गॉड इसका कुछ नहीं हो सकता। इसे तो अपनी फिलिंग्स एक्सप्रेस करनी ही नहीं आती प्यार क्या खाक करेगा?"
वो उसके पास आई और उसके आंखों के सामने हाथ हिलाते हुए बोली:" अगर मुझे घूर कर हो गया हो तो चले। मुझे बहुत भूख लगी हैं।"
"हां हां चलिए।" वो अपने ख्यालों से बाहर आया और फौरन वहां से तेज कदमों से आगे बढ़ गया। अमायरा मुस्कुराते हुए उसके पीछे-पीछे चलने लगे।
दोनों रेस्टोरेंट की तरफ जा रहे थे तभी अमायरा की नजर सड़क के किनारे लगी पाव भाजी के ठेले पर पड़ी। उसे देखते ही अमायरा बच्चों की तरह बोली:" बॉडीगार्ड कार रोको। मुझे वो पाव भाजी खानी हैं। यू नो व्हाट मैंने कभी भी ठेले वाली पाव भाजी नहीं खाई। मुझे यहीं खाना हैं।"
अभिमन्यु ने कार साइड में रोकी और उसके साथ ठेले वाले के पास आकर बोला:"भैया दो प्लेट पाव भाजी देना।"
अमायरा उसके बातों को खत्म होने से पहले बोली:" भैया स्पाइसी बनाइएगा।"
"जी मैडम जी अभी देते हैं। आप दोनों बैठिये।": ठेले वाले भैया ने कहा और तैयार करने लगे दोनों के लिए पावभाजी। तब तक वहीं साइड में लगी बेंच पर अमायरा और अभिमन्यु दोनों बैठ कर वेट करने लगे।
रात के मौसम होने की वजह से ठंडी हवाएं चल रही थी। जिसकी वजह से अमायरा को हल्की ठंडी लग रही थी। इसलिए वो अपने दोनों हाथों को फोल्ड करके अपने बाजुओं को सहला रही थी ताकि उसे थोड़ी गर्मी मिलें।अभिमन्यु ने जब उसे देखा तो उसने अपना जैकेट निकाल कर पीछे से उसे ओढ़ा दिया।
यही उसकी खासियत थी बांदा बोलता कम था लेकिन केयर हद से ज्यादा करता था शायद यही बात अमायरा को हमेशा से उसमें पसंद थी। जिसकी वजह से वो उसके साथ इतने अच्छे से पेश आती थी और कहीं ना कहीं उसे पसंद भी करती थी।
कुछ ही देर में ठेले वाले भैया ने दोनों के लिए पाव भाजी लाकर दी। जिसे देखते ही अमायरा के मुंह में पानी आ गया वो खाने के लिए उतावली हुई जा रही थी।
उसने एक बाइट लिया तो उसे वो बहुत टेस्टी लगा। "वाव इट्स यमी। यू नो व्हाट बॉडीगार्ड मैं लाइफ में पहली बार ऐसे सड़क के किनारे कुछ इतना टेस्टी खा रही हूं। थैंक्यू मुझे डेट पर लाने के लिए।"
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कुछ ही देर में ठेले वाले भैया ने दोनों के लिए पाव भाजी लाकर दी। जिसे देखते ही अमायरा के मुंह में पानी आ गया वो खाने के लिए उतावली हुई जा रही थी।
उसने एक बाइट लिया तो उसे वो बहुत टेस्टी लगा। "वाव इट्स यमी। यू नो व्हाट बॉडीगार्ड मैं लाइफ में पहली बार ऐसे सड़क के किनारे कुछ इतना टेस्टी खा रही हूं। थैंक्यू मुझे डेट पर लाने के लिए।"
अब आग
डेट शब्द सुनकर अभिमन्यु को खांसी आने लगी। अमायरा ने जल्दी से पानी की बोतल खोली और उस को अपने हाथों से पानी पिलाने लगी पर अभिमन्यु ने उसके हाथ से बोतल लिया और खुद से पानी पीने लगा।
अमायरा उसकी पीठ सहलाते हुए फिक्रमंद होकर बोली:" आर यू ओके?"
"हां मैं ठीक हूं।
"क्या यार आराम से नहीं खा सकते। रुको मैं खिलाती हूं।"अमायरा उसे डांटते हुए बोली और अपने प्लेट से एक बाइट लेकर अभिमन्यु के मुंह के सामने करके आंखों के इशारे उसे मुंह खोलने के लिए कहां और अभिमन्यु बिना कुछ बोले एक टक उसके चेहरे को देखने लगा जिस पर इस वक्त उसके लिए फिक्र थी।
उसे अपनी तरफ देखते हुए पा कर अमायरा बोली:" क्या हुआ? देख क्या रहे हो खाओ?"
अभिमन्यु ने उसकी कलाई पकड़ी और उसकी हाथ से निवाला लेकर बोला:"मैं खुद खा लूंगा आप खाइए। मैं बिल्कुल ठीक हूं।"
दोनों ने एक दूसरे से बातें करते हुए जल्दी से अपना खाना खत्म किया और ठेले वाले भैया को पैसा देकर वापस कार में पास आ गए।
" हम्म तो बॉडीगार्ड अब अपनी कार को कहीं पास में पार्क करो क्योंकि अब हम वहां जाएंगे जहां मैं कहूंगी।"
"हां पर कार को क्यों पार्क करनी हैं?"
"क्योंकि अब हम वॉक करते हुए जाएंगे। यहां पास में ही हर मंडे रात को खाने और ज्वेलरी की मार्केट लगती हैं। बचपन में मैं मां और उनकी एक फ्रेंड थी उनके साथ आती थी। तुम्हें पता हैं मां को सिल्वर के ज्वेलरी बहुत पसंद थे और वो और उनकी फ्रेंड स्ट्रीट फूड की दीवाने थे इसलिए वो दोनों कभी भी यहां आना मिस नहीं करते थे पर.": अमायरा बोलते बोलते उदास होकर चुप हो गई।
उसे चुप देखकर अभिमन्यु बोला:" पर क्या?"
"पर मां के डेथ के बाद से उनकी फ्रेंड कभी भी मुझसे मिलने नहीं आई और मुझे पता भी नहीं वो कहां रहती हैं। मैं मामा जी से पुछा। पर उन्हें भी उनके बारे में कुछ नहीं पता और तो और मुझे ये भी नहीं पता की अब वहां रात को मार्केट लगती भी हैं या नहीं!"
अभिमन्यु उसकी कलाई पकड़ कर बोला: "लगती हैं चलिए मेरे साथ" और उसे अपने साथ लेकर आगे बढ़ गया।
दोनों रास्ते में बातें करते हुए जा रहे थे। दोनों कहना गलत होगा क्योंकि बोलने का काम हमारी अमायरा मैडम कर रही थी और मुस्कुराते हुए सुनने का काम हमारे अभिमन्यु बाबू कर रहे थे।
कुछ ही मिनटों में दोनों एक जगमगाती हुई जगह पर पहूंच चुके थे जहां रात के इस वक्त भी काफी चहल-पहल थी। हर तरफ लोग ही लोग थे। सड़क के दोनों किनारे तरह तरह के चटपटे व स्वादिष्ट खाने के स्टॉल लगे हुए थे। और आस पास ज्वेलरी, स्कार्फ, सॉफ्ट टॉय और भी बहुत सी चीजों के स्टॉल लगे हुए थे। जिस पर एक से बढ़कर एक रंग बिरंगी चीजें सजी हुई थी।
अमायरा उस जगह को देखकर इतनी खुश हुई कि वो बिना कुछ सोचे समझे अभिमन्यु के गले लग गई और खुश हो कर बोली:" मुझे यहां लाने के लिए थैंक्यू सो मच बॉडीगार्ड। ये जगह आज भी वैसी ही है जैसे सालों पहले थी। यहां कुछ नहीं बदला कुछ भी नहीं!"
अमायरा के गले लगने से एक बार फिर अभिमन्यु की दिल की धड़कनें बढ़ चुकी थी। वो खुद को संभाल कर अपनी आंखें बंद करके मन ही मन बोला:" प्लीज मैम, दुर हो जाइए वरना ये कमबख्त दिल की रफ्तार मेरे संभालने से भी नहीं संभलेगा।"
"कुछ कहा क्या तुमने?": अमायरा उससे दूर हो कर पूछी तो अभिमन्यु बात बदलते हुए बोला:" हां, मैं ये बोल रहा था कि यहां से आपको कुछ लेना हैं या सिर्फ घुमने आई हैं।"
"उम्म अब जब आई हूं तो तुम्हारी जेब खाली करवा कर ही जाऊंगी।": अपनी बात कह कर अमायरा दौड़ते हुए एक इयररिंग्स के स्टॉल के पास गई। जहां पर सिर्फ सिल्वर के तरह तरह इयररिंग्स और झूमके थे।
वो एक साथ दो खुबसूरत सा झुमका उठाकर ठेले वाले भैया से बोली:" भैया ये कितने की हैं?"
"मैडम जी ये वाली 110 रू की हैं और ये दुसरी वाली 95 रू की हैं।"
ठेले वाले भैया ने जो दाम बताया उसे सुनकर अमायरा हैरान रह गई। वो कभी अपने हाथों में लिए झुमके को देख रही थी तो कभी ठेले वाले भैया को। अभिमन्यु को समझ नहीं आया उसे हुआ क्या और ठेले वाले भैया को लगा शायद झुमके ज्यादा महंगें हैं इसलिए वो उसे ऐसे देख रही हैं इसलिए ठेले वाले भैया बोले:" अगर आपको महंगी लग रही हैं तो मैं कम दाम लगा दूंगा पहले और झुमके पसंद कर लीजिए।"
उनकी बात सुनकर अमायरा बोली:" पर ये झुमके तो." वो इससे आगे कुछ बोलती उससे पहले ठेले वाले भैया बोले:" अच्छा मैडम जी इसके 100 रू लगा दूंगा और इसके 80 अब तो चलेंगे ना"
"पर.": अमायरा फिर से कुछ बोलने को हुई पर इस बार अभिमन्यु बोला:" मैम आपको जो पसंद आए ले लिजिए मैं पैसे दे दूंगा। इतने भी महंगे नहीं हैं।"
"पर मैं तो बोल रही थी कि ये इतने सस्ते क्यों हैं?"😂🤣😂 अब हैरान होने की बारी अभिमन्यु और ठेले वाले भैया की थी। बेचारे ठेले वाले भैया मुंह खोले अमायरा को देखने लगे पहली बार उन्हें कोई ऐसा ग्राहक मिला था जिसे उनके बताए दाम सस्ते लग रहे थे। बेचारे अभिमन्यु को भी समझ नहीं आया वो क्या बोले? अमायरा अभी भी झुमके लिए कंफ्यूजन भरी नजरों से दोनों झुमकों को देख रही थी और ठेले वाले भैया के साथ अभिमन्यु हैरानी से उसे देख रहा था।
"क्या लड़की हैं यार?": अभिमन्यु ने अपना सर ना में हिलाया और उसके हाथ से दोनों झुमके लेकर ठेले वाले भैया को देकर बोला:" भैया दोनों पैक कर दिजिए।"
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To Be Continued...
अब तक
"पर मैं तो बोल रही थी कि ये इतने सस्ते क्यों हैं?"😂🤣😂 अब हैरान होने की बारी अभिमन्यु और ठेले वाले भैया की थी। बेचारे ठेले वाले भैया मुंह खोले अमायरा को देखने लगे पहली बार उन्हें कोई ऐसा ग्राहक मिला था जिसे उनके बताए दाम सस्ते लग रहे थे। बेचारे अभिमन्यु को भी समझ नहीं आया वो क्या बोले? अमायरा अभी भी झुमके लिए कंफ्यूजन भरी नजरों से दोनों झुमकों को देख रही थी और ठेले वाले भैया के साथ अभिमन्यु हैरानी से उसे देख रहा था।
"क्या लड़की हैं यार?": अभिमन्यु ने अपना सर ना में हिलाया और उसके हाथ से दोनों झुमके लेकर ठेले वाले भैया को देकर बोला:" भैया दोनों पैक कर दिजिए।"
अब आग
"नहीं नहीं जब इतनी सस्ती हैं तो मैं और लूंगी। भैया आप ये ये ये और वाली दो जोड़ी अलग अलग कलर के पैक कर दिजिए ओर हां ये तीन जोड़ी अलग से पैक कर दिजिएगा।": उसने एक ही साथ अलग-अलग डिजाइन के 10 जोड़ी इयररिंग्स पैक करवाए और अलग से दो जोड़ी।
अभिमन्यु ने एक बार उसे घूर कर देखा और फिर ठेले वाले भैया को देखते हुए बोला:" सब पैक कर दिजिए।"
ठेले वाले भैया ने सबको पैक किया और पैसे लेकर बोले:"फिर आइएगा साब जी।"
"बॉडीगार्ड चलो गोल-गप्पे खाते हैं।": वो अब वहां से दौड़ते हुए गोल-गप्पे के स्टॉल पर गई। अभिमन्यु भी उसके पीछे-पीछे गया।
"भैया एक प्लेट गोल-गप्पे देना।": अमायरा चहकते हुए बोली। उसे यहां बहुत मजा आ रहा था। पहली बार वो इतनी आजादी से खुश होकर अपनी मन मर्जी से घूम रही थी। बचपन में अपनी मां के साथ यहां आया करती थी पर उसके मां के डेथ के बाद से उसकी लाइफ पुरी तरह से बदल चुकी थी। आज तक वो बड़े बड़े रेस्टोरेंट के अलावा और कहीं खाने के लिए नहीं गई। उसके लिए कपड़े अक्सर उसके डिजाइनर ही डिजाइन करते थे।
उसे कभी शॉपिंग की जरूरत ही नहीं पड़ी। चाहे ज्वेलरी हो या फिर सैंडल या परफ्यूम उसके हर एक चीज ब्रांडेड होते थे। उसकी पर्सनालिटी से ही अमीरी झलकती थी पर आज वो एक अलग लड़की लग रही थी। जिसे छोटी छोटी चीजों से खुशियां मिल रही थी। चाहे वो ₹100 की इयररिंग हो या फिर ₹10 की गोलगप्पे की प्लेट, हर एक चीज उसे इतनी खुशी दे रही थी मानों उसने अपनी लाइफ में इतना इंजॉय कभी ना किया हो और इस अभिमन्यु का साथ भी तो था जो उसे दुगनी खुशियां दे रहा था।
वो खुशी से गोलगप्पे खा रही थी और अभिमन्यु मुस्कुराते हुए उसे प्यार से निहार रहा था। ऐसा लग रहा था मानो अभिमन्यु उसे इतना खुश देखकर बहुत ज्यादा खुश है। वही बगल में बेंच पर बैठे एक आदमी ने अपने आधे ग्लास पानी में सबसे छुप कर शराब मिलाई और जैसे ही पीने वाला था ठीक उसी वक्त तीखा लगने की वजह से अमायरा को खांसी आने लगी।
अभिमन्यु ने आस पास देखा तो साइड वाली दुकान में पानी की बोतल बिक रही थी। उसके खरीद कर लाने तक अमायरा वेट नहीं कर पाई। उसे इतना तीखा लग रहा था कि उसने साइड में बैठे आदमी के हाथ से पानी का गिलास छिना और एक ही सांस में पूरा का पूरा पानी पी गई। वो आदमी हैरानी से अमायरा को देखने लगा क्योंकि वो भी जानता था उसने पानी में शराब मिलाई थी वो भी अपने लिए पर गलती से अमायरा ने पी लिया।
अमायरा पूरा ग्लास खत्म करके बोली:"सॉरी, सॉरी भैया पर मुझे बहुत तीखा लगा था इसलिए पी लिया। प्लीज गुस्सा मत कीजिएगा।"
वो अभी भी सुबक रही थी अभिमन्यु पानी की बोतल लेकर उसके पास आया और उसने ढक्कन खोलकर अपने हाथों से उसे पानी पिलाया। दो-तीन घूंट पानी पीने के बाद जाकर अमायरा की जान में जान आई।
"ऊफ्फ कितना तीखा था पर मजा आया।": अमायरा अपनी बात बोलकर मुस्कुराने लगी पर अभिमन्यु उसे गुस्से में घुर रहा था । जब उसकी नजरें अभिमन्यु की गुस्से से लाल हो चुकी चेहरे पर पड़ी तो उसकी हंसी पल में हवा हो गई और वो अपनी नजर नीचे झुका कर बोली:" क्या हुआ घुर क्यों रहे हो?"
अभिमन्यु गुस्से में उसे डांटते हुए बोला:" क्या आप बचपन करना बंद करेंगी अगर आपको यहां आना इतना अच्छा लगा तो हम दुबारा आ जाएंगे। इतना एक्साइटेड होने की क्या जरूरत हैं? "
"मतलब तुम फिर मेरे साथ डेट पर आओगे।": अमायरा ने उसे चिढ़ाते हुए जान बुझ कर डेट शब्द पर जोर देते कहा।
जिस पर अभिमन्यु एक बार फिर उसे घूरते हुए बोला:" ये आपका और डेट का चक्कर क्या हैं?"
"उम्म अगर वहां लेकर चलोगे तो बताऊंगी।": अमायरा ने ऊपर की तरफ अपनी उंगलियों से इशारा करके बताया । अभिमन्यु ने उस तरफ देखा तो वहां से आधे घंटे की दूरी पर शहर की सबसे बड़ी बिल्डिंग थी। जिसके रूफटॉप से पूरा शहर जगमगाता हुआ दिखता था और अमायरा को अभी वहीं जाना था। अभिमन्यु ने उसे घुरा और फिर कहा:" बिल्कुल भी नहीं काफी रात हो चुकी हैं। अब हमें यहां से घर जाना हैं?"
"नहीं मुझे वहीं जाना हैं प्लीज लेकर चलो ना।": अमायरा बिल्कुल बच्चों की तरह जिद्द करते हुए बोल रही थी। अब उसके ऊपर नशे की खुमारी छाने लगी थी पर अभिमन्यु इस बात से अनजान था कि उसने पानी में मिली हुई शराब पी हैं।
"नहीं हम घर जा रहे हैं चलिए।": अभिमन्यु उसकी कलाई पकड़ कर अपने साथ लेकर आगे बढ़ गया। उसने वहां से जाते वक्त और भी चीजें ली। और थोड़ी ही देर में दोनों वापस कार के पास आ गए। अमायरा का मुंह लटका हुआ था क्योंकि उसे उस बिल्डिंग पर जाना था पर अभिमन्यु इस बात के लिए बिल्कुल भी राजी नहीं था।
उसने अमायरा की तरफ की कार के डोर को ओपन की और कहा:" चलिए अंदर बैठिए।"
"नहीं प्लीज वहां चलो ना बॉडीगार्ड। बस थोड़ी देर के लिए उसके बाद में कुछ नहीं कहूंगी। प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़ प्लीज़।": वो उसकी कलाई पकड़ कर बिना रुके रिक्वेस्ट पर रिक्वेस्ट करने लगी।
अभिमन्यु को कुछ समझ नहीं आया की उसे हुआ क्या हैं आज मैडम कुछ ज्यादा ही प्लीज और थैंक्यू बोल रही थी।
अभिमन्यु उसकी हथेली को झकझोर कर बोला:" बिल्कुल भी नहीं! कार मेरी हैं, आप मेरे साथ आई हैं तो मर्जी भी मेरी चलेगी। अब चलिए चुपचाप कार में बैठीए। हम वापस जा रहे हैं। वैसे भी आपकी तबीयत कुछ ठीक नहीं दिख रही मुझे।"
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To Be Continued...
अब तक
अभिमन्यु को कुछ समझ नहीं आया की उसे हुआ क्या हैं आज मैडम कुछ ज्यादा ही प्लीज और थैंक्यू बोल रही थी।
अभिमन्यु उसकी हथेली को झकझोर कर बोला:" बिल्कुल भी नहीं! कार मेरी हैं, आप मेरे साथ आई हैं तो मर्जी भी मेरी चलेगी। अब चलिए चुपचाप कार में बैठीए। हम वापस जा रहे हैं। वैसे भी आपकी तबीयत कुछ ठीक नहीं दिख रही मुझे।"
अब आग
अमायरा ने हंसते हुए अपनी दोनों बाहें अभिमन्यु की गर्दन में लपेट दी तो अभिमन्यु शॉक्ड हो गया और पीछे कार से सट गया। अमायरा उसके बिल्कुल नजदीक आई और उसकी आंखों में झांकते हुए बोली:" उम्म बॉडीगार्ड। मैं बिल्कुल ठीक हूं। आई नो कार तुम्हारी हैं बट तुम तो मेरे हो ना सिर्फ मेरे बॉडीगार्ड।"
अमायरा के कन्फेशन को सुनकर अभिमन्यु की आंखें हैरानी से फैल गई थी पर जब उसने मेरे बॉडीगार्ड कहा तो अभिमन्यु को राहत मिली और थोड़ा बुरा भी लगा। क्योंकि वो उसे अपना बॉस नहीं मानता था। उसे समझ नहीं आया वो कैसे रिएक्ट करें। वह बिना कुछ रिएक्ट किया एक टक अमायरा की आंखों में झांकने लगा और अमायरा अपने होठों पर मुस्कान लिए उसे ही देख रही थी।
अमायरा ने अपने एक हाथ को अभिमन्यु की गाल पर रखा और अपने उंगलियों से सहलाते हुए बोली:" यू नो व्हाट बॉडीगार्ड । तुम मुझे अच्छे लगते हो। पर क्यों मुझे नहीं पता! "
उसके अजीबोगरीब बातें और हरकतें देखकर अभिमन्यु को अब कुछ-कुछ समझ आने लगा कि वो होश में नहीं हैं। उसने उसके जबड़े को अपने हाथों से दबाया और अपने मुंह को उसके करीब ले जाकर सुंघा तो उसे शराब की स्मेल आई। वो फौरन उससे दूर हुआ और गुस्से में बोला:"अपने शराब कब पी।"
"शराब वो क्या होती हैं?": अमायरा बोलते हुए लड़खड़ा गई पर अभिमन्यु ने उसे संभाल लिया। उसने अपना माथा पीट लिया। उसे समझ नहीं आया अब इस बेवड़ी लड़की को संभाले कैसे?
"यार हद हैं।": उसने झुंझलाते हुए कहा:" मैम प्लीज कार में बैठीए मैं फिर कभी आपको उस बिल्डिंग के ऊपर लेकर चलूंगा प्रॉमिस।"
"नहीं नहीं नहीं मुझे अभी जाना हैं अगर तुम मुझे लेकर नहीं जाओगे तो मैं खुद चली जाऊंगी।": वो नशे में लड़खड़ाते हुए बोली और पैदल ही आगे बढ़ने लगी। अभिमन्यु का सर दर्द करने लगा उस लड़की को संभालने के चक्कर में, वो दौड़ते हुए गया और उसकी कलाई पकड़ कर एक झटके में अपनी बाहों में खींच लिया और बोला:"आपसे बड़ा जिद्दी मैंने आज तक कहीं नहीं देखा चलिए।"
"सच्ची हम वहां जाएंगे।"
"हां।"
"थैंक्यू": अमायरा ने नशे में उसके गाल पर किस किया और दौड़ते हुए किर में आकर बैठ गई पर अभिमन्यु अभी भी अपने गाल पर हाथ रखे सदमे में वहीं सड़क पर खड़ा रहा उसे तो आज सरप्राइज पर सरप्राइज मिले जा रहे थे।
"बॉडीगार्ड चलो ना।": कार के अंदर बैठी अमायरा जोर से चिल्लाई तो अभिमन्यु अपने ख्यालों से बाहर आया और अपना गाल को सहला कर बोला:" किस मनहूस घड़ी में मैं उनके साथ आने के लिए राजी हुआ भगवान जी। हाश्श्श। पता नहीं वो नशे में मुझे और कौन कौन शॉक्ड देंगी।"
अभिमन्यु कार में आकर बैठा और अपनी कार उसे रास्ते पर मोड़ दी जहां से वो बिल्डिंग आने वाली थी
"वाव इट्स ब्यूटीफुल। यहां से हमारा शहर कितना खुबसूरत दिख रहा है ना।": अमायरा रेलिंग पकड़ कर सामने रात के अंधेरे में जुगनुओं की तरह जगमगाते शहर को देख कर बोली।
उसकी आंखों में इस वक्त अथाह खुशी झलक रही थी। इन पांच सालों में अभिमन्यु ने शायद ही उसे कभी इतना खुश देखा होगा। दोनों इस वक्त उस ऊंची बिल्डिंग के रूफटॉप पर थे। जहां से पुरा शहर दिख रहा था।
नशे में होने की वजह से अमायरा लड़खड़ा रही थी। अभिमन्यु ने अपना सर ना में हिलाया और पिछे से उसके दोनों कंधों को पकड़ कर खड़ा हो गया ताकि वो लड़खड़ा कर गिरे ना।
अमायरा सामने देखते हुए बोली:" यू नो व्हाट जब मैं कॉलेज में थी तो एक लड़का हमेशा मुझे फॉलो करता। चाहे क्लास रूम हो, लाइब्रेरी या फिर कैंटीन। वो मुझे पसंद करता था। हमेशा मेरी पीछे वाली सीट पर बैठा करता था। कभी मैं तंग आकर शीट चेंज कर लिया करती थी तो भी वो पीछा नहीं छोड़ता था। एक दिन उसने सबके सामने मुझे प्रपोज किया और कहा (मेरे साथ डेट पर चलोगी।) पर मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं उसमें इंटरेस्टेड नहीं थी लेकिन तब से ही मैं किसी के साथ डेट पर जाना चाहती थी और आज मौका मिला इसलिए मैं बहुत ज्यादा खुश हूं।"
"लेकिन हम डेट पर नहीं आए हैं मैम। हम सिर्फ घूमने आए हैं क्योंकि डेट पर बॉयफ्रेंड के साथ जाया जाता हैं बॉडीगार्ड के साथ नहीं!": अभिमन्यु पीछे से उसके कान में बोला।
अमायरा पीछे मुड़ी और अपनी दोनों बाहें उसकी गर्दन में डाल कर मुस्कुराते हुए बोली:" तो बन जाओ ना ब्वायफ्रेंड किसने रोका हैं।"
अभिमन्यु उसे दुर करके बोला:"लगता हैं नशे का असर कुछ ज्यादा ही हो रहा हैं इसलिए कुछ भी बोले जा रही हैं आप। अब चलिए वापस घूम लिया ना आपने।"
"नहीं मुझे कुछ और करना हैं?": अमायरा नशे में झूमते हुए बोली। लेकिन अभिमन्यु उसकी बातों का मतलब समझ नहीं पाया इसलिए पूछा। "क्या ?"
लेकिन अमायरा ने जवाब देने के बदले उसके चेहरे को अपने हाथों में भरकर उसके होठों पर होंठ रख दिया। अमायरा के इस स्टेप से अभिमन्यु की आंखें हैरानी से फैल लेकिन वो कुछ भी रिएक्ट कर पाता उससे पहले उसे अपने कानों में फोटो क्लिक होने की आवाज आई। जिसे सुनते ही उसने फौरन अमायरा को खुद से दूर धकेल दिया और आसपास देखने लगा पर उसे वहां उन दोनों के अलावा और कोई नहीं दिखा।
अभिमन्यु के ऐसे अचानक से अमायरा को पीछे धक्का देने की वजह से अमायरा लड़खड़ा गई लेकिन वो गिरती उससे पहले अभिमन्यु ने उसकी कलाई पकड़ कर अपनी बाहों में खींच लिया लेकिन तब तक अमायरा बेहोश हो चुकी थी। वो किसी बच्चों की तरह उसके सीने पर सर रखकर सो चुकी थी।
अभिमन्यु ने उसके चेहरे पर आए बालों को कान के पीछे करके मुस्कुराते हुए कहा:" अब क्या कहूं आपको? आपने मेरी लाइफ की इतने स्पेशल मोमेंट को चुरा लिया। वो भी नशें की हालत में"
अभिमन्यु की मुस्कुराहट और भी गहरी हो गई। उसने अमायरा को अपनी गोद में उठाया और वहां से लेकर चला गया।
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अब तक
अभिमन्यु ने उसके चेहरे पर आए बालों को कान के पीछे करके मुस्कुराते हुए कहा:" अब क्या कहूं आपको? आपने मेरी लाइफ की इतने स्पेशल मोमेंट को चुरा लिया। वो भी नशें की हालत में"
अभिमन्यु की मुस्कुराहट और भी गहरी हो गई। उसने अमायरा को अपनी गोद में उठाया और वहां से लेकर चला गया।
अब आग
अगली सुबह.
सूरज की झिलमिलाते किरने जब अमायरा के चेहरे पर पड़ी तो उसने लंबी सी अंगड़ाई लेकर अपनी आंखों को खोला लेकिन जब उसकी नज़रें आसपास पड़ी तो वो चौंक कर उठ गई क्योंकि वो अपने कमरे में नहीं थी और ना ही उसे जगह जानी पहचानी लगी।
कल रात नशे में होने की वजह से उसका सर भारी लग रहा था। उसने अपना सर पकड़ कर खुद पर ही गुस्सा करते हुए कहा:" ओह गॉड यार अमायरा क्या किया तूने कल रात और ये कौन सी जगह हैं?"
वो अपना सर पकड़ कर बेड से नीचे उतरी तो उसकी नज़रें सामने के मिरर में अपने आप पर पड़ी तो वो और भी ज्यादा चौंक उठी क्योंकि उसने वो कपड़े नहीं पहने थे जो उसने कल रात पहन रखे थे। वो अपना सर पकड़ कर बोली:"ये सब क्या हैं? मेरे कपड़े किसने चेंज किए होंगे। आखिर कल रात हुआ क्या था?"
उसे बस इतना याद था कि वो कल रात अभिमन्यु के साथ थी श। उसे लास्ट बात यही याद थी कि वो गोलगप्पे खा रही थी उसके अलावा उसे कुछ भी याद नहीं था। ना ही अभिमन्यु से गले लगाना और ना ही उसे किस करना। उसे कुछ भी याद नहीं था। वो कमरे से बाहर जाने के लिए दरवाजा खोली तो उसे सामने किचन से कुछ आवाजें सुनाई पड़ी।
"भाई इट्स नॉट फेयर आपने प्रॉमिस किया था आप मुझे नया लैपटॉप दिला रहे हो फिर आप अपने प्रॉमिस से क्यों पलट रहे हो? यू नो ना मुझे कितनी जरूरत हैं अभी लैपटॉप की।": मीरा अपने दोनों हाथ फोल्ड किए अभिमन्यु को गुस्से में बोल रही थी जो इस वक्त नाश्ता बनाने में जुटा हुआ था।
अभिमन्यु ब्रेड टोस्ट करते हुए बोला:" तो मैंने अपना प्रॉमिस कब तोड़ा। मैंने कब कहा कि मैं तुझे नहीं दिलाऊंगा। मैं तो बस इतना बोल रहा हूं कि जब अगले महीने सैलरी मिलेगी तो दिला दूंगा। अभी नहीं! ट्राई टू अंडरस्टैंड।"
"पर भाई.": मीरा इससे आगे कुछ बोलती तभी उसकी नजरें दरवाजे पर बड़ी जहां अमायरा खड़े। उन दोनों को बहस करते हुए देख रही थी।
अमायरा को देखकर मीरा फौरन बाद बदलते हुए बोली:"मैम आप उठ गई।"
मीरा की बात सुनकर अभिमन्यु की नजरें भी दरवाजे की तरफ पड़ी। जहां अमायरा खड़ी थी। इस वक्त उसकी आंखों में ढेर सारे कंफ्यूजन थे जिसे अभिमन्यु साफ समझ रहा था।
वो प्लेट में ब्रेकफास्ट निकालते हुए बोला:" डोंट वरी मीरा ने आपके कपड़े चेंज किए। कल रात आप नशे में थी इसलिए मैं आपको यहां लेकर आ गया।"
उसकी बात सुनकर अमायरा को राहत मिली। वैसे तो उसे अभिमन्यु पर भरोसा था पर फिर भी उसे ये सब अजीब लग रहा था क्योंकि वो अभिमन्यु को जानती थी उसने अभिमन्यु के मुंह से मीरा के बारे में बहुत बार सुना था पर आज वो पहली बार मीरा से मिल रही थी। वो भी ऐसे, उसके घर में, जिस बात की उसने बिल्कुल भी एक्सपेक्ट नहीं की थी।
मीरा अमायरा के पास आकर बोली:"हाय मैम, आई एम मीरा। आपके स्ट्रांग बॉडीगार्ड की क्यूट सी एकलौती बहना।"
"हाय मीरा, नाइस टू मीट यू बट प्लीज तुम मुझे मैम मत बोलो मैं तुम्हारे भाई की बॉस हूं तुम्हारी नहीं!": अमायरा ने मुस्कुराते हुए मना किया जिस पर मीरा खुश होकर बोली:"फिर तो ठीक है मैं आपको दीदी बुलाऊंगी। यू नो व्हाट दी, भैया ने बताया था कि आप बहुत डेंजरस हो बट आप तो बहुत ही ज्यादा स्वीट और फ्रेंडली हो।"
डेंजरस शब्द सुनकर अमायरा ने आंखें निकाल कर अभिमन्यु को घूरा तो अभिमन्यु सकपका गया और मीरा को डांटते हुए बोला:" मैंने ऐसा कब कहा था। ओवर स्मार्ट बनने की कोशिश मत कर समझी। चल ये पकड़ और ब्रेकफास्ट टेबल पर रख।"
अभिमन्यु ने नाश्ते की प्लेट्स जबरदस्ती उसके हाथों में थमाई और उसे आंखें दिखाते हुए किचन से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मीरा मुंह बनाकर किचन से बाहर चली गई पर अमायरा अभी भी उसे घुरे जा रही थी।
मीरा के वहां से जाते ही अमायरा गुस्से में बोली:" मैं डेंजरस हूं।"
"न.नही तो! मेरा वो मतलब नहीं था।": अभिमन्यु ने अपनी सफाई पेश करनी चाही पर अमायरा ने बिना उसे कुछ बोलने का मौका दिए। उसकी तरफ अपने कदम बढ़ाते हुए बोली:"मतलब तुमने ये कहा था मुझे। मेरे पीठ पीछे तुम मेरे बारे में ऐसी बातें करते हो।"
वो उसे गुस्से में घूरे जा रही थी। अभिमन्यु सकपकाते हुए बोला:" मीरा तो बच्ची हैं मैम, कुछ भी बोलती हैं आप सीरियसली मत लीजिए। मैंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था भला मेरी इतनी कहा जो मैं आपको डेंजरस बोलूं।"
अमायरा बात बदलते हुए बोली:"कल रात क्या हुआ था और नशे कैसे थी?"
"क.कल रात": कल रात सोच कर ही अभिमन्यु को अमायरा का वो जबरदस्ती वाली किस याद आ गई। जिसे सोचकर उसका गला सूखने लगा।
वो अपने कान खुजाते हुए बोला:"वो कल रात, कल रात कुछ नहीं हुआ? क्या ही होगा? अब छोड़िए इन बातों को रात गई बात गई चलिए नाश्ता कर लीजिए। आपको ऑफिस भी तो जाना होगा ना।"
अभिमन्यु ने अपनी बात खत्म करके वहां से निकलना चाहा पर अमायरा ने उसके शर्ट के कॉलर को पकड़ कर पीछे दीवार से सटा दिया और उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली:"अच्छा फिर तुम इतना घबरा क्यों रहे हो? सच्च में मैंने कुछ ऐसा वैसा तो नहीं किया था ना नशे में!"
"न.नहीं तो बिल्कुल भी नहीं आप इतनी शरीफ, सीधा सादी लड़की हैं। आप क्या ही कर लेंगी?": बोलते वक्त अभिमन्यु की जुबान लड़खड़ा रही थी। जिससे अमायरा इतना तो समझ गई कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ हैं पर क्या उसे नहीं पता था।
अभी भी वो उसके कॉलर को पकड़ कर खड़ी गुस्से में घूर रही थी। अभिमन्यु उसके गुस्से को देखकर अपना गला तर करते हुए मन ही मन बोला:"अगर बता दूंगा कि आपने मुझे किस किया तो आप मुझे यही पर जिंदा गढ़ देंगी। उस बेटर की आपको कुछ पता ही ना चले।"
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अब तक
"न.नहीं तो बिल्कुल भी नहीं आप इतनी शरीफ, सीधा सादी लड़की हैं। आप क्या ही कर लेंगी?": बोलते वक्त अभिमन्यु की जुबान लड़खड़ा रही थी। जिससे अमायरा इतना तो समझ गई कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ हैं पर क्या उसे नहीं पता था।
अभी भी वो उसके कॉलर को पकड़ कर खड़ी गुस्से में घूर रही थी। अभिमन्यु उसके गुस्से को देखकर अपना गला तर करते हुए मन ही मन बोला:"अगर बता दूंगा कि आपने मुझे किस किया तो आप मुझे यही पर जिंदा गढ़ देंगी। उस बेटर की आपको कुछ पता ही ना चले।"
अब आग
"भाई वो.": मीरा वहां पर उन दोनों को बुलाने आई थी पर उन दोनों को इतना करीब देखकर उसके शब्द उसके गले में ही अटक गए।
मीरा की आवाज सुनते ही दोनों एक दूसरे से दूर होकर खड़े हुए हो गए। अमायरा इधर-उधर देखते हुए आपने बालों को कान के पीछे करने लगी।
मीरा उन दोनों को ऑक्वर्ड देखकर समझ गई की दाल में कुछ तो कला है। वो उन दोनों के पास आकर दोनों को घूरते हुए बोली: "क्या चल रहा था यहां?"
"क. क्या चल रहा हैं यहां ? कुछ भी तो नहीं चल नाश्ता करते हैं।": अभिमन्यु बात को बदलते हुए बोला और मीरा को वहां से लेकर चला गया।
"पर अमायरा अभी भी वहीं खड़ी रही। वो वहां से जाने को हुई कि उसका फोन बजने लगा। उसने फोन चेक किया तो कृति का कॉल आ रहा था। वो कॉल रिसीव करके अपने कान पर लगाकर कुछ बोलती उससे पहले कीर्ति ने दूसरी तरफ से कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर अमायरा के चेहरे का रंग उड़ गया। उसने फौरन कॉल कट किया और फोन में कुछ चेक करने लगी। जैसे-जैसे वो फोन में देख रही थी वैसे-वैसे उसकी आंखें हैरानी से फैलती जा रही थी।
उसने दोबारा कीर्ति को कॉल किया और गुस्से में तेज आवाज में बोली:" व्हाट इज दिस किर्ती? ये सब कब हुआ? "
अमायरा ने ये सब इतनी तेज आवाज में चिल्ला कर कहा कि डायनिंग एरिया में मौजूद मीरा और अभिमन्यु को भी उसकी आवाज सुनाई दी। वो दोनों फौरन दौड़ते हुए उसके पास आए तो उसे गुस्से में देखकर मीरा को तो कुछ समझ नहीं आया पर अभिमन्यु समझ गया कि जरूर कुछ हुआ है।
दूसरी तरफ से कीर्ति बोली:"आई डोंट नो मैम, मैं सुबह जब मैं उठी तो मेरे फोन पर मैसेज आ रहे थे। जब मैंने चेक किया तो ऑलरेडी ये स्कैंडल टॉप ट्रेडिंग में था।"
उसकी बात सुनकर अमायरा को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया। वो गुस्से में बोली: "तो फिर तुमने मुझे पहले ही कॉल क्यों नहीं किया? किस चीज का इंतजार कर रही थी।"
"आई एम सो सॉरी मैम, मुझे लगा मैं इसे हैंडल कर लूंगी बट एक के बाद एक आर्टिकल रिलीज होते जा रहे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा मैं कैसे संभालूं। मैंने PR टीम को कहा हैं। वो लोग कोशिश कर रहे हैं इस आर्टिकल्स को दबाने की।": दूसरी तरफ से कीर्ति अपने सफाई में बोली जिस पर अमायरा ने गुस्से में कॉल कट कर दिया और अपने बालों में उंगलियां फंसा कर कुछ सोचने लगी।
उसे इतना परेशान देखकर अभिमन्यु बोला:"व्हाट हैपेंड मैम? इज एवरीथिंग फाइन।"
उसकी आवाज सुनकर अमायरा उसकी तरफ देखकर बोली:"अपना फोन चेक कर लो। सब समझ जाओगे।"
जब अभिमन्यु ने अपना फोन निकाल कर सोशल मीडिया चेक किया तो वो भी हैरान रह गया। इंटरनेट पर टॉप ट्रेंडिंग न्यूज़ में सबसे पहली हैडलाइन था। सिंघानिया कंस्ट्रक्शन की सिंड्रेला का रोमांटिक साइड। और उसके साथ अभिमन्यु और अमायरा कि कल रात वाली फोटोज थी। जिसमें अमायरा अभिमन्यु के सीने पर सर रखकर बेहोश हो चुकी थी और अभिमन्यु उसके बालों को कान के पीछे कर रहा था। पर शुक्र था कि उसमें अभिमन्यु का चेहरा नहीं दिख रहा था। फोटो पीछे से ली गई थी जिसमें सिर्फ अमायरा का चेहरा दिख रहा था और अभिमन्यु की पीठ दिख रही थी।
उसके बाद एक और स्टोरी थी जिसने लिखा था। "अमायरा राय सिंघानिया का अपने ही एंप्लॉई के साथ चक्कर।" "कंपनी में काम के नाम पर रोमांस करती बिजनेस वूमन अमायरा राय सिंघानिया ।"
इन सब फोटोज और आर्टिकल्स को पढ़कर अभिमन्यु के दिमाग में कुछ खटका और उसे याद आया कल रात जब उसे कुछ पल के लिए एहसास हुआ था कि कोई तो है जो उन दोनों की पिक्चर्स क्लिक कर रहा हैं लेकिन उसने उस वक्त नजर अंदाज कर दिया। अब उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि क्यों उसने उस वक्त नजर अंदाज किया अगर उसने थोड़ा सा और ध्यान दिया होता तो अभी ये सब नहीं हो रहा होता।
अभिमन्यु गिल्टी फील करते हुए बोला:"आई एम सो सॉरी मैम, ये सब मेरी वजह से हो रहा हैं।"
वो इससे आगे और कुछ बोलता उससे पहले ही अमायरा बोली:" इट्स ओके इट्स नॉट योर फॉल्ट। मुझे ध्यान देना चाहिए था। आई एम सॉरी। मेरी वजह से तुम इन सब में फंस गए। बट यू डोंट वरी। मैं कोशिश करूंगी तुम्हारा चेहरा रीवेल ना हो।"
"लेकिन मैम जिसने भी ये सब किया हैं उसे पता हैं मेरे बारे में तभी उसने लिखा है कंपनी के एम्पलाई इसका मतलब.": उसके आगे के शब्द अमायरा बोली:"इसका मतलब वो मुझे गिराने के लिए मेरी रेपुटेशन नहीं बल्कि मेरे कैरेक्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये जो भी हैं कंपनी को नहीं बल्कि मुझे नुकसान पहुंचाना चाहता हैं। लगता है काफी पर्सनल वाला दुश्मन इस बार सामने आया हैं।"
अभी वो दोनों बातें कर ही रहे थे तभी मीरा चीखते हुए बोली:"भैया भैया ये देखिए एक और आर्टिकल आया इसमें तो."
इससे आगे तो वो बोल ही नहीं पाई और अपनी बड़ी-बड़ी आंखों को और भी बड़ा करके उन दोनों को टुकुर-टुकुर देखने लगी। अभिमन्यु और अमायरा को कुछ समझ नहीं आया उन दोनों ने एक दूसरे को देखा और फिर उसके पास गए। अभिमन्यु ने उसके हाथ से फोन लेकर जब फोटो देखे तो उसके हाथ से फोन छुटते-छुटते बचा। ये वो वाली पिक्चर थी जिसमें अमायरा अभिमन्यु को किस कर रही थी।
"क्या हुआ?": उन दोनों के चेहरे के उड़े हुए रंग को देखकर अमायरा उन दोनों पर अपनी नज़रें गड़ा कर पूछी तो अभिमन्यु सकपका गया और फोन पीछे छुपाते हुए बोला:"कुछ नहीं मैम, बस ऐसे ही आपको कंपनी जानी होगी ना, चेंज कीजिए। मैं साथ चलता हूं। अभी आपको वहां पर होना चाहिए पता नहीं कंपनी में क्या बवाल मची होगी।"
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To Be Continued...