Junooniyat _ The Dangerous Game of Love ये कहानी है 18 साल की लड़की Shahar Kapoor और उसके नए Biology Professor Sparsh Singhania (28 years) की। पहली नज़र में यह सिर्फ़ एक student-teacher की मुलाक़ात लगती है, लेकिन धीरे-धीरे Sparsh की नज़रों मे... Junooniyat _ The Dangerous Game of Love ये कहानी है 18 साल की लड़की Shahar Kapoor और उसके नए Biology Professor Sparsh Singhania (28 years) की। पहली नज़र में यह सिर्फ़ एक student-teacher की मुलाक़ात लगती है, लेकिन धीरे-धीरे Sparsh की नज़रों में Shahar के लिए एक गहरी obsession पनपने लगती है। उनकी ये love story उतनी सीधी नहीं है जितनी दिखती है। हर पल के साथ कुछ ऐसा सामने आता है, जो उनके रिश्ते को और पेचीदा बना देता है। Sparsh की ज़िंदगी में छुपा है एक dark secret—एक ऐसा राज़ जो उनके बीच की हर चीज़ को बदल देने की ताकत रखता है। जब Shahar को उस राज़ का सच पता चलता है, तो उसकी दुनिया पूरी तरह बदल जाती है। आख़िर वो कौन-सा सच है जो Sparsh के दिल और अतीत में छुपा है? और क्या Shahar का प्यार इस रहस्य को सह पाएगा… या उनकी मोहब्बत यहीं टूट जाएगी?
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मुंबई, इंडिया।
सुबह का वक्त था। International Institute of Chemicals and Technology (IICT College) के क्लासरूम में एक लड़की अपनी बेंच पर आराम से बैठी थी।
वो पूरी तरह अपनी बुक्स में डूबी हुई थी, तभी उसके बॉस पास आकर हल्की मुस्कान के साथ बोले,
“हमेशा किताबों में ही खुश रहती हो क्या? चलो, थोड़ा बाहर चलते हैं।”
वो लड़की उसकी तरफ देखकर बोली,
“कहीं नहीं जा रही हूँ मैं। अभी अगला क्लास शुरू होने वाला है।
तू भी यहीं बैठ, मैं भी यहीं बैठती हूँ। क्लास ख़त्म होने के बाद ही देखेंगे कहाँ जाना है।”
उसकी दोस्त मुँह बनाते हुए बोली,
“अरे यार, क्या हर वक्त इन किताबों में घुसी रहती है?
कभी बोरियत नहीं होती तुम्हें?
वैसे सुन, मुझे तुझसे एक ज़रूरी बात बतानी है—आज हमारी कॉलेज में एक नए प्रोफ़ेसर आने वाले हैं।
कोई आइडिया है कौन हो सकते हैं?”
शहर ने उस लड़की की तरफ देखते हुए कहा,
“मुझे कैसे कोई आइडिया होगा? मुझे कुछ भी नहीं पता।
और वैसे भी, मैं कोई जासूस थोड़ी हूँ जो उस प्रोफेसर के पीछे-पीछे घूम कर निगरानी करूँ।
वो आएँगे, अपना नाम बताएँगे, सबको पता चल जाएगा—बस बात खत्म।”
जैसे उसकी बात खत्म होती है,
उसी पल दरवाज़ा खुलता है और सबकी नज़र दरवाज़े की तरफ चली जाती है,
जहाँ से एक अट्ठाईस साल का attractive लड़का अंदर आ रहा था।
शहर ने जैसे ही उस लड़के को देखाअचानक उसकी आँखें हैरानी से बड़ी हो गईं,
और वह अनजाने में धीरे से बोली,
“ये यहाँ क्या कर रहा है?”
तभी उसकी दोस्त उषा ने उसे देखकर कहा,
“तु इन्हें जानती है क्या?”
शहर ने अपनी दोस्त की और देखते हुए कहा,
“नहीं, मैं इन्हें नहीं जानती।”
शहर ने अपने मन में बड़बड़ाते हुए कहा,
“यहाँ तक भी पहुंच गए है ये ? Like hell… अब मैं क्या करूँ?”
तभी वह दरवाजे से अंदर आया, सामने खड़ा हुआ और सभी से कहा,
“Hello class, I am your new professor, Professor Sparsh Singhania.
And I am your Biology teacher.”
तभी एक लड़की मुस्कुराते हुए बोली,
“सर, आप सिर्फ पढ़ाएंगे या प्रैक्टिकल भी कराएंगे?”
शहर की आँखें उसकी बात सुनकर ही चौड़ी हो गईं।
और उसने मन में कहा,
“किसने इसे पूछने भेजा? और किस्से पूछ रही है ? यही देखना बाकी था… oh God “ 🤦
स्पर्श ने उस लड़की की तरफ देखा और कहा,
“पहले आप थ्योरी पर ध्यान दें, उसके बाद प्रैक्टिकल करेंगे।
और अपनी ये फालतू बातें अपने पास रखें। मैं कुछ भी टॉलरेंट नहीं करूँगा। मैं बहुत स्ट्रिक्ट हूँ और मिस्टरिक्ट हूँ अपने प्रोफेशन को लेकर।
अच्छा होगा अपना ये गंदा नज़र मुझ पर नहीं, अपने पढ़ाई के ऊपर दिया करें। समझे?”
स्पर्श का बोलने का लहजा बहुत सख्त था,
जिसे सुनकर पूरी क्लास में सन्नाटा छा गया।
तभी स्पर्श की नजर शहर की और जा टीका जो उसे ही क्लास में बैठे एक तक देखे जा रही थी।
शहर की आँखों से आँखें मिलते ही, स्पर्श की आँखों में एक अलग ही एक्सप्रेशन आने लगा। जिसे देखकर शहर ने एकदम से अपनीनखे फेर ली, जिससे स्पर्श के होठों पर एक अलग ही मुस्कान तैर गया पर अगले ही पल उसने अपनी वो हसी छुपा लिया ताकि कोई उसे देख न सके।
तभी उषा शहर के पास आकर उससे कहती है “ यार शहर ये professor तो काफी खडूस लगते है …. This is not fair man “
शहर उषा की और चिढ़ती हुई कहती है “ यार, तू मुझे क्यों कह रही है ? वो खड़ूस है तो मैं क्या करु ? अगर कम्पलेंट करनी है तो कॉलेज ऑथारिटी से जाकर बोल किसको हॉयर कर लिया हैं… मैं कुछ नहीं कर सकती”
शहर उषा से बात कर ही रही थी कि स्पर्श शहर के बेंच के बगल में आकर खड़ा हो गया और तबसे उसे घूरे जा रहा था।
तभी उषा की नजर स्पर्श की ऊपर पड़ी … और इधर उषा के एक्सप्रेशन बदलते हुए देखकर वो उससे कहती है “ क्या हुआ तेरे चेहरे का रंग क्यों उड़ गया ? किसी जल्लाद को देख लिया क्या जो तुझे अभी सूली पर चढ़ाने वाला है ? “
अभी स्पर्श ने अपना हाथ टेबल पर रखा और कहा “ excuse me, miss “
जैसे ही शहर ने स्पर्श की आवाज सुनी तो उसकी आंखे एकदम से बड़ी हो गई । उसने पीछे पलट कर देखा तो स्पर्श उसके बिल्कुल सामने खड़ा था।
स्पर्श कड़क आवाज में बोला “ Stand up”
तो शहर खड़ी हो गई और स्पर्श ने उसे ऊपर से नीचे की और देखते हुए कहा “ what's your name? “
शहर ने उसकी बात सुनी तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई , जैसे वो कुछ गलत सुन लिया हो …. शहर को जवाब न देते देख स्पर्श ने फिर पूछा “ सुनाई नहीं देता क्या? What is your name? “
शहर ने धीरे से जवाब दिया “ शहर कपूर”
स्पर्श ने अपनी उंगलियां बेंच पर तप करते हुए कहा “ तो शहर कपूर, शायद आपको मेरी बात ठीक से सुनाई नहीं दिया …. मैने पहले ही कहा था कि मुझे अपने क्लास में कोई भी बकवास पसंद नहीं है। तो अब आप एक काम कीजिए चुप चाप मेरे क्लासरूम से निकाल जाइए । और बाहर खड़ी हो जाइए।”
स्पर्श की बात सुनकर उसकी आंखे चौड़ी हो गई। तो स्पर्श ने फिर कहा “ सुनाई नहीं दिया ? “
शहर ने गुस्से से बाग उठाया और कहा “ सुनाई दिया और जा भी रही हु यहां से…. वैसे भी मुझे अब कोई इंटरेस्ट नहीं है इस क्लास में “
स्पर्श ने तभी उसका बैग पकड़ा और कहा “ रूम के बाहर खड़े रहने को कहा है गार्डन में घूमने के लिए नहीं कहा। This is your punishment…. चुप चाप बाहर खड़ी रहो”
रूही गुस्से से क्लासरूम से निकल गई और बाहर कॉरिडोर में खड़ी हो गई।
ये आखिरी क्लास था इसीलिए स्पर्श आराम से अपनी क्लास ले रहा था। उसका औरा बेहद खतरनाक था। जितना वो दिखने में हैंडसम था उससे काफी जादा खतरनाक वो इंसान असलियत में था।
पहले तो लड़कियां उन्हें देखकर मुस्कुरा रही थी, पर अब क्लास में एक सन्नाटा छा चुका था। सिर्फ स्पर्श की ही आवाज आ रहा था। सबने देख लिया था कि कैसे उन्होंने शहर को punishment देकर रूम से निकाल दिया तो अब किसी को भी punishment तो नहीं चाहिए था।
इधर क्लास खत्म होते ही जब सब बाहर आने लगे तब बॉबी क्लासरूम के अंदर जाने लगी तो उसे स्पर्श की आवाज सुनाई दी “ अंदर किसने आने तो कहा ? क्या मैंने परमिशन दिया है तुम्हे? “
शहर उसे घूर कर बोली “ what do you mean by की मैने परमिशन नहीं दिया ? क्लास खत्म हो चुका है तो मैं अपना बैग लेनी आई हूं … मुझे घर जाना है”
इतना कहकर वो सीधा अंदर चली आई। वो अपने सारे बुक्स बेंच पर रखके अपने बैग में रख रही थी कि तभी उसे अपने पीछे किसी के प्रेजेंस फील होती है। हालांकि उसे अच्छे से पता था कि ये कौन है ।
उसने धीरे से बड़बड़ाया “ तुम यहां तक भी पहुंच गए ?”
तो पीछे से उसके कान के पास एक आवाज गूंजी “ अभी तो सिर्फ कॉलेज तक आया ही , अभी देखो कहा तक पहुंच जाता हूं “
कौन है ये प्रोफ़ेसर?
और कैसे जानती है शहर इन्हें ?
जानने के लिए पड़ते रहिए “ Junooniyat- The Dangerous Game of Love”
शहर ने उसकी तरफ देखकर कहा “ और तुम्हे नहीं लगता कि तुम अपनी लिमिट क्रॉस कर रहे हो ? Don't forget की हमारा रिश्ता क्या है ? तो तुम अपनी इन हरकतों को बंद करो समझे?”
स्पर्श ने एक हाथ शहर के कमर पर रखा और अपने बेहद करीब खीच लिया और उसके कानों के पास जाकर कहता है “ तुम्हारे साथ ये सब नहीं करूंगा तो किसके साथ करूंगा ? और रही बात रिश्ते की तो वो तुम्हे मुझे समझाने की कोई जरूरत नहीं है … मुझे अच्छे से पता है कि हमारा रिश्ता क्या है और ये भी पता है कि वो रिश्ता तुमने ही बनाया है।”
शहर उसके सीने पर हाथ रखकर उसे दूर धकेलती हुई कहती है “ you know what? तुम्हे देखकर मुझे एक ही शब्द याद आती हैं और वो है …. बेशर्म जीजा ।”
स्पर्श आचनक ही शहर के चेहरे की और झुकने लगा और इधर शहर पीछे की और बैंड होने लगी । उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो हो गई और उसने धीरे से दूर होने की कोशिश करते हुये बोली “ क्लासरूम में कैमरा लगा हुआ है, किसी ने अगर तुम्हारी ऐसी हरकते देख ली न तो बवाल हो जाएगा बेशर्म इंसान … इसलिए कम से कम क्लासरूम में तो मुझसे दूर रहो”
स्पर्श उसके आंखों में देखकर बोला “ तो मैं तुमसे क्लासरूम में दूर रहूं और क्लासरूम को छोड़ कर जहां कही भी तुम्हारे क़रीब आ सकता हु ? नोट बैड। एक कम करो कॉलेज के बाहर मुझसे मिलो और हां मैं तुम्हे घर ड्रॉप करूंगा । एंड एल्सो मुझे इगनोर करने की जरा सा भी कोशिश नहीं करना …. वरना अच्छा भी होगा .. समझी तुम्हारे बहन के लिए?”
शहर उसे घुटकर कहती है “ तुम्हे नहीं लगता कि तुम मुझे अपनी बहन का नाम लेकर कुछ जादा ही धमकी देने लगे हो ?”
स्पर्श ने अपना सिर हिलाया और कहा “ नहीं मुझे बिलकुल भी नहीं लगता , मैं अपना प्रॉफिट देखता हूं । और मुझे अपनी प्रॉफिट जहां नजर आता है वहां से प्रॉफिट निकलने के लिए मुझे जो करना पड़े मैं वही करता हूं _ चाहे उसके लिए मुझे किसी को धमकी देना पड़े या ना देना पड़े । Now we are getting late…. Come fast , I'm waiting for you”
इतना बोलकर वो वहां से निकल गया। इधर शहर अपना शहर पकड़ कर बोली “ हे भगवान यही लिखा था क्या मेरी किस्मत में? ये कैसा जीजा मिला है मुझे ? बनना तो कुछ और चाहता था पर बन गया मेरा जीजा… हुंह…”
IICT कॉलेज, शाम का वक्त । शहर कॉलेज से बाहर निकलते हुए खुद में ही बढ़बड़ा रही थी “ क्या मुसीबत है … अब कैसे जाऊं में घर ?”
उसने चारों और अपनी नजर घुमाई तो उसे पूरा कॉरिडोर खाली दिखा … वहां कोई भी नहीं था। वो एक लंबी संघ लेकर वह से निकल गया।
वो बाहर आई तो उसने देखा कि स्पर्श अपने गाड़ी से टिककर खड़ा था । उसके एक हाथ में फोन था और उसकी निगाहे पूरी तरह से शहर के ऊपर ही टीका हुआ था।
उसके ईश तरह देखने के वजह से शहर जल्दी से उसके पास आती है और कहती है “ मुझे इस तरह से देखना बंद करो अजीब अलगता है “
स्पर्श ने मुस्कुराकर कहा “ क्यों मेरे ईश तरह से देखने से तुम्हे क्यों प्रॉब्लम हो रहा है ? और वैसे भी मैं तो अपनी शहर को ही d KH रहा हूं”
“ रिश्ते में जीजा हो तुम मेरे और अब मेरे कॉलेज में मेरे प्रोफेसर बनकर आए हो …. थोड़ा शर्म करो अब । अपनी स्टूडेंट को ऐसे लाइन मारना बुरी बात है समझे बेशर्म इंसान”
इतना कहकर वो वहां से जाने लगी तो स्पर्श ने उसे एकदम से अपनी और खींचा और कहा “ I told you na… की इगनोर मत करना वरना अंजाम बहुत बुरा होगा । And I know की मैं तुम्हारी बहन का मंगेतर हु। But I don't love her…. Understand?”
तो शहर से उसके आंखों में देखकर बोली “ प्यार तो तुम्हे मुझसे भी नहीं है “
स्पर्श एक मिस्टीरियस स्माइल के साथ कहता है “ तुमसे क्या है और क्या नहीं वो हम बाद में देखेंगे । अभी कार में बैठो ।”
शहर चिढ़ते हुए उसकी तरफ देखकर बोली “ मुझे भी जाना कही भी तुम्हारे साथ। वैसे भी जैसी हरकते तुम्हारे है न उससे तुम्हारे पास रहने में भी डर लगता है समझे।”
इतना कहकर वो स्पर्श से अपना हाथ चुराती है और वहां से सीधा घर की और निकल जाती है।
स्पर्श उसे जाते हुए देखकर खुद से बोला “ तुम ऐसे नहीं मानोगी न… अब देखो जैसे मुझसे दूर गई हो , वैसे ही अब खुद चलकर मेरे पास आयेगी ।”
इतना कहते ही उसके होठों पर बेहद खतरनाक मुस्कुराहट आ गया। वो अपनी कार में बैठा और वहां से निकल गया।
रात का वक्त :
स्पर्श इस समय एक होटल रूम में था और , वो आराम से एक सोफे पर बैठा हुआ था। और बिना किसी भाव से सिगरेट के काश लगा रहा था। तभी उसके रूम का दरवाजा खुला। उसे पता था कौन अंदर आ रहा है पर फिरभी उसके एक्सप्रेशन ज़रा सा भी नहीं बदले। वो उसी तरह बैठा हुआ था।
शहर ने तभी कहा “ मुझे इस तरह से ब्लैकमेल करना बंद करोगे ? क्या मतलब है मुझे इस तरह से यहां बुलाने का ? क्या चाहते हो तुम ?”
स्पर्श ने बहुत आराम से उसी तरह बैठ कर बोला “ I want you। और ये बात मैं बहुत बार कह चुका हूं । फिरभी तुम एक ही बात बार बार पूछती हो , not good, come on बैठो यहां”
शहर ने एक बार उसे घूर कर देखा फिर सीधा बेड पे जाकर बैठ गई।
उसको अपनी बात मानते हुए देखकर स्पर्श तिरछा मुस्कुराया और कहा “ क्या बात है … तुम्हे बेड में जाने की काफी जल्दी है। I don't mind अगर तुम भी ये चाहो तो”
शहर ने उसकी बात करते हुए कहा “ please stop it …. तुम ऐसी बाते करना बंद करोगे ? और ये बताओ तुम इतने रात को मुझे याया क्यों बुलाया है और वो भी धमकी देकर की अगर में नहीं आई तो तुम मेरे घर पर पहुंच जाओगे। अगर तुम इस वक्त मेरे घर गए तो तुम्हे पता भी है कि कितना बवाल मचेगा ?”
स्पर्श अब अपने सोफे से खड़ा होता है और अपने कदम शहर की तरफ बढ़ाते हुए कहा “ मुझे फर्क नहीं पड़ता कौन क्या सोचेगा , क्या होगा और क्या नहीं … मुझे तुम चाहिए मतलब तुम चाहिए।”
कैसा रिश्ता है स्पर्श और शहर के बीच ?
क्यों ऐसे खेल खेल रहा ही वो शहर के साथ?
जानने के लिए पड़ते रहिए “ Junooniyat- The Dangerous Game of Love”
( अब आगे )
शहर उसकी और गुस्से से देखते हुए कहती है “ लेकिन मुझे परवा है अपनी बहन की फीलिंग्स की । प्यार कर बैठी है तुमसे । अगर उसे पता चला कि तुम ऐसी हरकते कर रहे हो तो दिल टूट जाएगा उसका । और में काजल की ऐसी हालत कभी नहीं देख सकती ।”
स्पर्श उसके पास आकर उसके गाल को सहलाते हुए कहता है “ और मेरे दिल का क्या ? तुम्हारे दिल का क्या ? हम दोनों का दिल भी तो टूट जाएगा।”
स्पर्श एक नजर उसकी और देखते हुए कहती है “ कान खोल कर सुन लो मैं तुमसे प्यार नहीं करती, और न ही तुम मुझसे प्यार करते हो । तो हमारा दिल कैसे टूट सकता है? जरा बताओगे मुझे ?”
स्पर्श उसके होठों को धीरे से सहलाया और कहा “ सचमे क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करती या फिर अपनी बहन की जिंदगी के लिए मुझे छोड़ने को भी रेडी हो ? लेकिन क्या फायदा ये सब कुछ करके ? मैं कभी उसे अपनी बीवी नहीं मानूंगा और न ही उससे कभी प्यार करूंगा ।
मैने ये सब कुछ किया सिर्फ तुम्हे पाने के लिए , तुमरे पास आने के लिए । सिर्फ उसी वजह से तुम्हारी बहन को एक जरिए बनाया तुम तक पहुंचने के लिए। और अब तुम्हारे कॉलेज तक पहुंच गया हु तुम्हारा प्रोफेसर बनकर ताकि हरवक्त तुम्हारे आसपास रह सकूं… समझी ?”
इतना कहकर वो उससे दूर हो गया। और शहर को एक नजर देखकर कहा “ Now take off your clothes I want to sleep with you”
शहर एकदम से खड़ी हो गई और कहा “ Are You fucking out of your mind? Do you know what are you saying? And you know what मुझे यहां आना ही नहीं चाहिए था। अब जा रही हूं मैं यहां से। जिसके साथ सोना है सो तुम ।”
इतना बोलकर वो जानें लगी स्पर्श ने उसे अपनी और खींचा और शहर एकदम से स्पर्श के सीने से जा लगी। उसने उसके बालों को कान के पीछे करते हुए कहा “ तुम्हे पता है ना मुझे तुम्हारे अलावा कोई और नहीं चाहिए । Nobody…. I just want you। जब से तुम्हे देखा है न तबसे तुम्हारा ख्वाब देखता था। और इतनी जल्दी और आसानी से तो तुम्हे मैं नहीं छोड़ने वाला।”
शहर उसे घूरते हुए कहती है “ तो इसका मतलब तुम मुझे कपड़े उतरने को कहोगे , seriously…. एकदम परफेक्ट नाम दिया है मैने तुम्हारा …. बेशर्म जीजा। पता नहीं पिछले जनम में कौन से पुन्य किए थे कि तुम जैसा इंसान मेरी जिंदगी में आ टपका ।”
स्पर्श उसे देखकर बोला “ बहुत पुन्य कमाए होंगे इसीलिए तुम्हे मैं मिला हूं, जो हर वक्त तुम्हारे साथ रहना चाहता है। अब चलो जल्दी करो कपड़े उतर कर न सही कपड़े पहनकर ही जो जाते है, come on love।”
शहर ने उसके सीने पर हाथ रखा उसे पूरे ताकत से धक्का दिया। जिससे स्पर्श एकदम से बेड पर गया।
इधर मौका मिलते ही शहर कमरे से निकल कर एक पल में वहां से गायब हो गई।
स्पर्श बेड पर वैसे ही लेट कर सीलिंग की तरफ देखते हुए कहता है “ ओह… शहर कपूर, I just love your attitude, तुम्हारा ये गुस्सा और ऐसे नखरे मुझे और भी तुम्हारे लिए पागल कर रहा है। और तुम्हारा ये मुझसे दूर भागना…. तुम सोच भी नहीं सकती कि दिन वा दिन मैं तुम्हे अपने और करीब ला रहा हु। तुम्हारे और मेरे बीच मैं किसीको भी नहीं आने दूंगा।
और रही बात काजल की तो एंगेजमेंट तो मैने सिर्फ तुम तक पहुंचने के लिए उससे की है। क्योंकि तुमने ही तो मुझे तुम तक पहुंचने के सारे रस्ते बंद कर दिए थे। इसीलिए रास्ता तो मुझे खोल न ही था। और इसका में कुछ नहीं कर सकता कि काजल मुझसे प्यार करती है।”
अगली सुबह:
शहर कॉलेज पहुंच चुकी थी पर उसके दिमाग में बस एक ही चीज चल रही थी और वो बस एक ही नाम था स्पर्श। वो आज आलरेडी क्लास के के लिए लेट हो चुकी थी इसलिए अपने तेज कदमों से कॉरिडोर से गुजर ही रही थी कि उसकी नजर स्पर्श पर पड़ी जो किसी से बात करते हुए आ रहा था। और वो एक फीमेल प्रोफेसर थी, जिसके चेहरे पर भी एक नॉर्मल स्माइल थी।
शहर अपने मन में स्पर्श को कोसते हुए कहती है “ सही नाम दिया है मैने इसका … हर वक्त लड़कियों के पीछे पड़ता है। और ये प्रोफ़ेसर मिली , इन्हें तो कॉलेज के हर एक जन अच्छे से जानते है, खैर मुझे क्या जिसके साथ चाहे बात करे , I Just don't care”
शहर क्लासरूम में पहुंच चुकी थी पर उसका दिमाग स्पर्श पर ही अटक चुका था।
तभी उषा उसके कंधे पर हाथ रखकर कहती है “ यार, I'm sorry कल के लिए। वो मुझे एक urgent काम याद आ गया और में चली गई । और इधर स्पर्श सर ने भी तुझे punishment दे दी वो भी मेरी वजह से।”
शहर ने उसे देखते हुए कहा “ Don't blame yourself buddy…. तेरी वजह से कुछ नहीं हुआ । अब चल पढ़ाई पर मन दे वरना क्या पता आज फिरसे punishment मिल जाए।”
तभी रूम के गेट से स्पर्श क्लास में एंटर करता है और इधर शहर अपने मन में बड़बड़ाते है “ यार इसका क्लास तो सबसे आखिर में रहता है। तो ये अब क्यों आ गया। आज क्या सुबह एक घंटा इसका शक्ल देखकर ही गुजरना पड़ेगा …. O my god मैं मर जाऊंगी।”
उषा उसके कान के पास आकर कहती है “ क्या है यार तो इससे इतना चिढ़ती क्यों है ? तू जानती है क्या इन्हें पहले से ? सच सच बता क्या घोटाला पका रही है ?”
शहर ने बड़बड़ाते हुए कहा “ सारी चीजें में तुझे बाद में बतायूंगीं ओके, वो भी डिटेल में । पर अभी पढ़ाई पर कॉन्सेंट्रेट कर वरना ये मुझे फिरसे punishment दे देगा।”
इतना कहकर जैसे ही शहर ने सामने देखा तो स्पर्श की नजर से उसकी नजर टकरा गई। शहर ने जल्दी से देख की उन्हें कोई देख तो नहीं रहा , और इधर उषा की नजर भी स्पर्श के ऊपर चली गई। उषा ने स्पर्श की नजरों का पीछा की तो वो थोड़ी कन्फ्यूजन से बोली “ यार शहर ये तुझे क्यों देख रहा हैं? और वो भी ईश नजर से”
शहर ने उसकी और देखकर चिढ़ते हुए कहा “ इश्क लड़ा रहे है ये मुझसे। इश्क फरमाना है इन्हें मुझसे ।”
शहर की बात सुनकर उषा तो जैसे हक्का बक्का हो गई।
क्या करना चाहता है स्पर्श?
और ऐसी कौनसी डिटेल है जो शहर उषा को बताना चाहती है?
जानने के लिए पढ़ते रहिए “ Junooniyat- The Dangerous Game of Love”
शहर की बात सुनकर उषा ने एक बार फिर स्पर्श की तरफ देखा जो अब अपने लेक्चर की तरफ ध्यान दे रहा था।
उषा शहर की तरफ देखते हुए कहती है “ क्या कह रहीभाई तू? Are you serious? मेरा मतलब है …”
शहर इरिटेट होते हुए बोली “ मुझे इस बारे में कोई बात नहीं करनी । मेरा दिमाग ऑलरेडी खराब हो चुका है , वो भी उस आदमी की वजह से। ऊपर से तो ऐसे उल्टे सीधे क्वेश्चन कर रही है , यू know what…. I have an idea चल हम शाम को कही मिलते है फिर मैं फुरसत में तुझे सबकुछ बताऊंगी, ओके ?”
इतना कहकर शहर ने अपना ध्यान लेक्चर परब्लाग लिया। पर ये लेक्चर उसके लिए पढ़ाई कम टॉर्चर जादा लग रहा था, क्योंकि स्पर्श की नज़रे पूरी क्लास में सिर्फ शहर पर ही था, वो शहर की नज़रे जब भी उससे टकराती थी उसे और भी जादा इरीटेशन हो रहा था। अब उसकी इस हरकत से उसे गुस्सा आने लगा था।
स्पर्श का क्लास अब खत्म हो चुका था। लेकिन क्लास से जाते जाते उसने शहर की तरफ देखते हुए उसे एक खतरनाक मुस्कुराहट तौफे पर देकर जाता है।
उसकी वो मुस्कुराहट देखकर शहर एकदम से आग बबूला हो गया और खुद में ही बड़बड़ाते हुए कहा “ मन तो करता है इसका गला दबा दू….. पर क्या करु वो भी तो नहीं कर सकती ।”
इतना कहकर उसने अपना शीर पकड़ लिया।
उषा धीरे से उसके पास आकर कहती है “ यार तू मुझे कुछ बताती नहीं है। तू उन्हें जानती है न …. और कल जब वो आए थे तभी तूने उन्हें पहचान लिया था न। और मैने तुझसे पूछा भी पर तूने टाल दिया।”
शहर चिढ़ते हुए कहती है “ क्या कही मैं तुझे बता? की वो मेरा जीजा है ? और ये जीजा मुझे पर लाइन मार रहा है …. और अभी कॉलेज में मेरा प्रोफेसर बनकर आया है मेरा जीना हरम करने के लिए , ये सब बताऊं मैं तुझे ?”
उषा हैरानी से कहती है “ what? क्या कह रही है ? वो काजल दी का हसबैंड है ? यार में नहीं आ पाई उनके एंगेजमेंट में तो मुझे नहीं पता था…. पर तूने अपने घर पर किसी से कुछ कहा क्यों नहीं की वो।”
शहर निराश होते हुए कहा “ तुझे कुछ नहीं पत। जितना आसान सुनने में लग रहा है उससे काफी जादा चीज़ कॉम्प्लिकेटेड हैं। और मैं इस कॉम्प्लिकेशन में पूरी तरह से फंस चुकी हूं। अब मुझे इस बेशर्म जीजा को सहन करना पड़ेगा…. और कोई चारा नहीं है ।”
उषा थोड़ा सा हस्ते हुए कहती है “ क्या कहा तूने ?”
शहर ने उसे देखकर कहा “ जो कहा सही कहा मैने … वो वही है। और सुन आज तू मुझे छोड़ कर नहीं भागेगी , मैं तेरे साथ ही जाएंगी ….. मुझे कोई भरोसा नहीं कब कहा से वो टपक पड़े और मुझे किडनैप करले।”
इतना कहकर शहर ने अपना मुंह बना लिया। इधर सारी क्लास भी खत्म हो गई थी।
उषा शहर से बोली “ चल अब में चलती हूं। अभी कोई है भी नहीं यह पे, तू भी फटाफट निकल ले यहां से।”
इतना कहकर उषा वहां से अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चली गई।
इधर शहर भी अपनी स्कूटी स्टार्ट कर ही रही थी कि किसी ने उसकी स्कूटी की चबी चीन ली।
शहर में पलट कर देखा तो हमेशा की तरह स्पर्श वहां खड़ा हुआ था और उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट था।
उसकी मुस्कुराहट देखकर शहर और चीड़ गईं और बोली “ क्या हर टाइम ठरकीयो की तरह हंसते रहते हो ? क्या पूरे के पूरे पागल हो चुके हो तुम ? देखो ये मेरा कॉलेज है और तुम यहां मेरे प्रोफेसर हो तो तुम यहां अपनी लिमिट में रहो ओके… और घर पर तुम मेरे जीजा जो तो तुम वहां पर भी अपने लिमिटमे रहो। क्यूं बख्श नहीं देते तुम मुझे ?”
स्पर्श बिना किसी भाव के बोला “ फालतू के बाते करना बंद करो ठीक है। और तुम मुझसे कबतक भागेगी ? भागते भागते थक नहीं गई ?”
उसकी बात सुनकर शहर एक पल में खामोश हो गई। वो कुछ कहे बिना सिर्फ उसके आंखों में ही देख रही थी।
स्पर्श भी उसकी ही और देख रहा था तो उसी का फायदा उठाकर शहर ने चबी चीनी चाही पर स्पर्श ने उसे चबी हटा लिया और कहा “ कुछ पूछ रहा हूं तुमसे … जवाब दोगी ? ये बताओ अगर मेरे लिए कुछ फील ही नहीं करती तो कल रात मेरे कहने पर मेरे पास क्यों चली गई थी ?”
शहर उसे अपनी आंखें छोटी करके देखते हुए बोली “ मिस्टर बेशर्म इंसान शायद तुम्हे याद नहीं है कि मैं वहां अपनी मर्जी से नहीं गई। तुमने मुझे ब्लैकमेल करके वह बुलाया था… याद्दाश्त कमजोर हो गया है क्या ? तुम्हे हमारा मैसेज दिखायूं? टेस्ट मैसेज जहां साफ साफ लिखा है अगर मैं तुम्हारे पास न आऊं तो तुम मेरे घर पर पहुंच जाओगे, फिर तमाशा होता जो मैं चाहती नहीं।”
स्पर्श उसी तरह हंसते हुए कहता है “ कोई भी तुम्हे ब्लैकमैल करेगा तो तुम उसकी और भागी चली जाओगी क्या ? और अच्छा ही होता न अगर तुम नहीं आती तो मैं तुम्हारे घर पहुंच जाता और सबको हमारा सच पता चल जाता। या फिर तुम ही एक काम कर सकती हो घर जाकर सबको कह दो that you love me…. फिर क्या काजल की जगह तुम मेरी लाइफ मैं हमेशा के लिए चली आयेगी।”
शहर गुस्से में चिल्लाने हुए कहती है “ Just shut up you बेशर्म इंसान…. मैं कोई तुमसे प्यार ब्यार नहीं करती। और मुझे तो अब काजल के लिए बुरा लग रहा है कि वो तुम जैसे इंसान से प्यार कर बैठी है। और हा मैं कभी अपनी बहन की जिंदगी या खुशी बर्बाद नहीं होने दूंगी समझे तुम। और अगर तुमने ज़ादा मुझे परेशान किया न तो मैं ही इस सिटी को छोड़ कर कही और चली जाएंगी ।”
क्या सचमें अब शहर छोड़ कर ही चली जाएगी ?
क्यों इतना डेस्परेट है स्पर्श शहर के लिए ? कैसे जानते है दोनों एक दूसरे को ?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " Junooniyat- The Dangerous Game of Love"
( अब आगे )
स्पर्श उसकी बात सुनकर एकदम से उसका हाथ पकड़कर उसको अपनी और खींचा और कहा “ कोशिश करके देख लो …. इस दुनिया के किसी भी कोने में जाकर चुप जाओ पर मुझसे नहीं चुप सकती। तुम सिर्फ मेरी हो …. और मैं अपनी किसी भी चीज को खुद से कभी दूर नहीं करता ।”
शहर उसके आंखों में देखकर कहती है “ मैं कोई चीज नहीं हूं।”
तो स्पर्श और भी जुनूनियत से कहता है “ तुम कोई चीज नही हो उससे भी जादा हो , जरूरत हो तुम मेरी। तो अब ये सब बकवास करना बंद करो और चलो मेरे साथ ओके… मैं तुम्हे ड्रॉप कर दूंगा।”
शहर उसे मुंह टेरा करके कहती है “ तो क्या मैं इस स्कूटी को शीर पर चढ़ा कर ले जाऊं? अगर तुम तुम ले जा सकते हो तो बोलो … और अगर भी ले जा सकते तो मेरी चबी वापस करो , वैसे भी तुम्हारे साथ जाना ही खतरे से खाली नहीं और वो भी बंद कर में। मैं अपनी स्कूटी में ही सेफ हूं।”
स्पर्श उसे देखकर कहता है “ तुम कभी मेरी बात नहीं मानोगी न?”
तो शहर ने कहा “ कभी नहीं …. सोचना भी मत”
तो स्पर्श तिरछी मुस्कुराहट के साथ कहता है “ तो मानना पड़ेगा , प्यार से भी तो जबरदस्ती से। और तुम्हारा ये “ ना” मुझे हमेशा तुम्हारे और करीब ला रहा है। अब देखो कैसे मैं तुम्हे अपने पास लाता हूं और जब तक मेरे पास भी आ जाती तब तक तुम्हे मैं चैन से जीने नहीं दूंगा ।”
इतना कहकर उसने शहर हाथ में उसकी चबी थमा दिया और वह से अपनी कार में बैठ कर चला गया ।
इधर शहर गुस्से से आग बबूला हो जा रही थी। उसने अपने आप से कहा “ ये बेशर्म इंसान अब मुझे धमकी देने पर भी उतर आया है क्या? सीरियसली? हुंह…..”
स्पर्श के वहां से निकलने के बाद शहर भी अपनी स्कूटी को स्टार्ट करके सीधे घर पहुंच जाती है। उसने अपने रूम में पहुंच कर अपना बैग बेड पर फेका और इरिटेट होकर कहा “ सब कुछ इतना कॉम्प्लिकेटेड क्यों हो रहा है ?”
वो बहुत फ्रस्ट्रेटेड हो चुकी थी। की तभी उसके दरवाजे पर नॉक हुआ तो उसने दरवाजा खोलकर देखा तो काजल खड़ी थी । उसने कहा “ चल आज कही घूमने चलते है , बहुत मन कर रहा है ।”
शहर ने कहा “ क्या बात है आज अपनी बहन की भी याद आ गई आपको, हा वैसे भी बहुत दिन हो चुके है हम एकसाथ कही बाहर नहीं निकले है। अच्छा रुकिए मैं रेडी होकर आती हूं।”
वो दोनों ही बहुत खुश थी। लगभग 2 घंटे के अंदर वो घर से निकल चुके थे और मैं सिटी के अंदर भी पहुंच चुके थे।
वो दोनों वॉक पर आए थे, एकसाथ इवनिंग वॉक कर रहे थे। हस्ते खिलखिलाते हुए दोनों चले जा रहे थे के तभी एक ब्लैक कलर की कार पीछे से बहुत तेजी से आकर काजल को धक्का मार कर उड़ा ले गया। और कार वहां से निकल गई।
कुछ पलों के लिए वहां सबकुछ थम सा गया। शहर तो रस्ते के किनारे वही पर खड़ी जैसे जम सी गई। उसे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अभी क्या हुआ।
रोड पर काजल एकदम खून से लतपथ पड़ी हुई थी। इधर शहर को जब भी होश आया की क्या हुआ तो वो चिल्लाते हुए काजल की और दौरी । लोगों की भीड़ भी वहां जम सी गई ।
शहर काजल का गाल थपथपाते हुए कहा “ दी प्लीज़ उठिए, आंखे खोलो दी।”
वहां से बहुत दूर खड़ी वही ब्लैक कार जिसके ऊपर किसी का ध्यान नहीं गया वो शीशे से सारी रिफ्लेक्शन देख रहा था। और कुछ देर में वह से गायब हो गया।
Mumbai, ( Kapoor House ):
1 महीने बाद, अभी शहर अपने रूम में खिड़की के पास खड़ी थी, और बाहर की तेज बारिश को देखे जा रही थी। उसके चेहरे पर अभी भी कोई इमोशन नहीं थे। वो बस एक बात सोच रही थी कि काजल की मौत उसके आंखों के सामने हो गया पर वो कुछ नहीं कर पाई।
उसके दिमाग में ये सब चल ही रहा था कि उसे अपनी बालकनी एक आवाज सुनाई दिया , वो उस तरफ देखी तो उसे एक लंबा चौरा परछाई नजर आई। जिसे देखकर उसके आंखों में और गुस्सा उठा आया। शहद वो जानती थी वो परछाई किसकी है।
स्पर्श ने उसके सामने आकर कहा “ क्या कर रही हो तुम ? क्या हालत बना कर रखा है तुमने अपना ?”
शहर उसको गुस्से से घूरते हुए कहती है “ तुम यहां क्यों आए हो ? चुपचाप चले जाओ यहां से , वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा ।”
उसकी बात सुनकर स्पर्श ने उसे एकदम से वही दीवार से लगा दिया और उसके ऊपर झुकते हुए कहा “ कुछ जड़ा हि धमकी नहीं दे रही हो तुम मुझे ? वैसे भी मुझे इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता … समझी ?”
शहर उसकी तरफ देखकर बोली “ तुम्हे किस चीज से फर्क पड़ता है वो मैं अच्छे से जानती हु… और हा मैं तुम्हे धमकी नहीं दे रही, अगर यकीन नहीं हो रहा तो रुको ..”
इतना कहकर उसने आप मुंह खोला ही था कि स्पर्श ने अपनी हाथ से उसके मुंह को दबा दिया और कहा “ कोशिश भी मत करना … अगर तुम चिल्लाएगी और अपनी फैमिली को बुलाओगी तो प्रॉब्लम तुम्हारे लिए ही जादा होगा in future। वैसे तुम्हारी वो दोस्त काफी अच्छी है … क्या नाम है उसका … हा उषा । सोचो अगर उसे कुछ हो जाए तो ?”
शहर ने एकदम से उसके सीने पर हाथ रखकर खुद से दूर किया और कहा “ क्या कह रहे हो तुम ? अगर उषा को कुछ करने की कोशिश किया न तुमने तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा समझे । और हा तुम अब यह क्यों आए हो ? तुम्हारा रिश्ता हम सब से खत्म हो चुका है समझे …. मेरी बहन चली गई है और उसके साथ तुम दोनों का रिश्ता भी।”
तो स्पर्श ने उसे देखकर कहा “ एक रिश्ता खत्म हो चुका है तो नया रिश्ता तो जुड़ ही सकता है ना…”
फिरसे कौनसी रिश्ते की बात कर रहा है स्पर्श?
क्या कोई नुकसान करेगा वो उषा का ? कौन है काजल का मर्डरर?
जानने के लिए पढ़ते रहिए " Junooniyat- The Dangerous Game of Love"
( अब आगे )
शहर गुस्से से बोली “ क्या बकवास कर रहे हो ?”
स्पर्श ने भी अपनी गहरी आवाज में बोला “ कोई बकवास नहीं कर रहा हूं मैं। जो कह रहा हूं एकदम सच कह रहा हूं… समझी”
शहर उसकी तरफ देखकर थोड़ा धीरे से बोली “ काजल के साथ जो हुआ तुम्हे उससे कोई फर्क नहीं पड़ा न…. उसके जाने से तुम्हारा कुछ भी नहीं आता जाता है न… you just don't care for her , right?”
स्पर्श ने उसके आंखों में देख कर कहा “ you are absolutely right… I just don't care की उसके साथ क्या हुआ और क्या नहीं cause I don't love her। जिससे में प्यार नहीं करता , जिसके रहने न रहने से मुझे कोई फर्क ही नहीं पड़ता उसके बारे में जानकर भी मैं क्या करूंगा ? काजल के जाने से हमारा जो रिश्ता बनने जा रहा था वो तो टूट गया तो अब सोच रहा हूं कि एक नया रिश्ता जोर लूं, इस घर का दामाद ही तो बनने जा रहा था, तो वही फिरसे बन जाता हूं।”
गुस्से से शहर का चेहरा पूरा लाल हो चुका था। उसने कहा “ ओह रियली… तुम्हें मुझसे शादी करनी है न, रिश्ता जोड़ना हैं। Fine, मैं भी देखती हूं कैसे तुम ये सब करते हो वो भी मेरे मर्जी के खिलाफ। क्योंकि इतना तो मुझे भी पता है कि मेरे मर्जी के खिलाफ जाकर मेरे पेरेंट्स कभी मेरी शादी तुमसे नहीं करवाएंगे ।”
शहर की बात सुनकर स्पर्श वहां से बेड की तरफ गया और वहीं पर बैठे सीलिंग की तरफ देखते हुए कहा “ लेकिन मर्जी तो तुम्हारी होगी जान, तुम खुद हा बोलोगी ।”
शहर उसकी तरफ आकर कहती है “ तुम्हे लगता है कि मैं तुमसे शादी करने के लिए मान जाएंगी ? You know तुम जैसे इंसान के साथ शादी करने से बेहतर में कुंवारी रहूं और कुंवारी ही मर जाऊं।”
स्पर्श उसकी बात सुनकर बेड पर बैठ गया और कहा “ खुद की जिंदगी के साथ और किस किस की जिंदगी दाउ पर लगाओगी? It's my last warning… जितनी जल्दी हो सके शादी के लिए मान जाओ। वरना….”
इतना कहकर वो शहर के कान के पास आकर कुछ कहता है जिससे उसके आंखे हैरानी से फैल जाते है। उसने जल्दी कहा “ नहीं… तुम ऐसा कुछ नहीं कर सकते समझे?”
उसकी बात सुनकर स्पर्श तिरछा मुस्कुराया और कहा “ मैं बहुत कुछ कर सकता हूं …. बहुत कुछ जिसका तुम्हे अभी अंदाजा भी नहीं हैं। लेकिन बहुत जल्द होने लगेगा । और है तुम्हारी बहन के मौत को 1 महीने हो चुके है तो अब जल्दी से कॉलेज ज्वाइन करो। परसो से, कल तो मैं खुद आ रहा हूं तुम्हारा हाथ मांगने , ओके। रेडी रहना जान।”
इतना कहकर वो बालकनी से नीचे कूद गया।
अगली सुबह:
शहर अपने कमरे में थी कि तभी उसे नीचे से किसी की आवाज आई। वो उस आवाज को अच्छे से पहचानती थी। वो जल्दी से रेडी हुई और नीचे चली गई तो देखा वहां स्पर्श हॉल में एक सोफे पर बैठा हुआ था।
स्पर्श को देखकर उसके चेहरे पर गुस्सा उतर आया था। पर इधर शहर को देखकर स्पर्श के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गया।
तभी शहर के पापा सोमनाथ कपूर उसे देखकर कहा “ आओ बेटा , बैठो ।”
तो शहर वही उनके बगल में जाकर बैठ गई।
स्पर्श अब शहर के पापा की तरफ देखकर बोला “ देखिए मिस्टर कपूर… मुझे पता है जो हुआ वो बहुत ही बुरा हुआ जो कभी होना नहीं चाहिए था। मुझे भी इस बात का बहुत जादा दुख है।”
शहर ने जैसे ही उसकी बात सुनी वो हैरान होकर स्पर्श को देखने लगी और मन में सोच रही थी “ कितना अच्छा ड्रामा कर लेता है ये बेशर्म इंसान…. कल रात तो बड़ा कह रहा था कि इसे काजल की मौत के मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता । और आज देखो उसी के फैमिली के सामने कैसे बात कर रहा है।”
उसके फेशियल एक्सप्रेशन भी कुछ ऐसे थे कि उसे न जाने कितना ही दुख हो रहा है।
स्पर्श ने अब अपनी बात को कंटिन्यू करते हुए कहा “ लेकिन किसी के चले जाने से तो ज़िंदगी भी थम नहीं जाती न…. काजल के साथ मेरा भी इस घर से रिश्ता जुड़ चुका था। मैने आप लोगों को अपने मां बाप का दर्जा दिया और आपकी बेटी मेरे घर की बहु बनने जा रही थी यानी मेरी वाइफ। वो तो चली गई है लेकिन लोगों के नजरों में हम दो परिवार आपस में जुड़ चुके है और में अब इस रिश्ते को खत्म नहीं करना चाहता । तो अगर आप लोगों की मर्जी हो तो मैं आपकी छोटी बेटी से शादी करना चाहता हूं।”
जैसे ही शहर ने उसकी बात सुनी उसकी मुट्ठियां काश गई।
सोमनाथ कपूर थोड़ा चौंकते हुए कहते है “ लेकिन इतनी जल्दी ये सब कैसे ? और अगर शहर ने शादी से इनकार कर दिया तो ?”
स्पर्श ने उन्हें दिलासा देते हुए कहा “ आपकी बेटी आपके पास ही है … आप चाहे तो खुद उससे पूछ लीजिए । अगर उसने मन कर दिया तो मुझे कोई प्रॉबलम नहीं है , मैं कोई भी प्रेशर क्रिएट नहीं करूंगा।”
इतना कहते ही स्पर्श की नज़रे शहर के तरफ चला गया। जो उसे अभी गुस्से से देख रही थी।
सोमनाथ जी और निधि की शहर की और देखते हुए कहते है “ बताओ बेटा क्या तुम स्पर्श से शादी करना चाहती हो ? हा हमे पता है कि ये सब कुछ बहुत जल्दी हो रहा है पर बेटा स्पर्श से ज़ादा अच्छा लड़का तुम्हे कही नहीं मिलेगा ।”
शहर नहीं अपना चेहरा नीचे करते हुए एकदम से कहा “ मुझे कोई प्रॉबलम नहीं है।”
उसका जवाब सुनकर स्पर्श के चेहरे पर एक डेविल स्माइल तैर गया।
अब जब सोमनाथ स्पर्श की तरफ देखा तो उसने अपने एक्सप्रेशन नॉर्मल करते हुए कहा “ तो हम एक काम करते है कि आज ही एंगेजमेंट कर लेते है।”
उसकी बात सुनकर दोनों ही हैरान हो जाते है।
उन्हें दिलासा देते हुए स्पर्श ने कहा “ I know की सब कुछ जल्दी हो रहा है पर मैं अब और दिले नहीं कर सकता शादी के लिए , मेरी भी कुछ प्रोब्लम्स है। ऑलरेडी बहुत लेट हो चुका है।”
सोमनाथ और निधि जी के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखकर स्पर्श ने कहा “ आप लोग चिंता मत कीजिए, शादी के बाद आपकी बेटी कोई की प्रोब्लम् नहीं होने वाली , वो जैसे अपनी ज़िंदगी जीना चाहती है वैसे ही जी सकती है । पढ़ाई भी कंप्लीट करे मुझे उसने भी कोई प्रॉब्लम नहीं है।
दिन ही एक दूसरे की और देख रहे थे। उन्हें भी समझ नहीं आ रहा था कि सब इतनी जल्दी कैसे हो रहा है।
कैसी होगी अब स्पर्श और शहर का सफर?
जानने के लिए पढ़ते रहिए “ Junooniyat- The Dangerous Game of Love”
( अब आगे )
इस वक्त निधि जी सोमनाथ जी की तरफ देख रहे थे। स्पर्श उनकी हिचकिचाहट अच्छे से समझ पा रहा था । तो उसने कहा “ देखिए अंकल I know की ये सब कुछ बहुत जल्दी हो रहा है, but app bhi समझने की कोशिश कीजिए ऑलरेडी शादी की अनाउंसमेंट हो चुकी है।
पूरे मीडिया में ये खबर फेल गया है कि मेरी शादी है, और अगर अभी शादी नहीं हुई तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी। हमारे रेपुटेशन का भी सवाल है। और आप शहर के लिए थोड़ा सा भी फिक्र मत कीजिए, मैं जितना हो सके उसे संभलकर रखूंगा। I promise।”
बेचारी शहर वहां बैठे कुछ बोल भी नहीं पा रही थी। निधि जी ने सोमनाथ जी की और देख और थोड़ा सोचकर कहा “ ठीक है ।”
तभी स्पर्श ने अपने हाथ में पकड़ा हुआ box से रिंग निकलकर शहर को पहनाने के लिए उसका हाथ पकड़ा तो शहर ने अपनी हाथ की मुट्ठी बना ली। स्पर्धा ने फिरभी उसकी हाथों की मुट्ठी खोली और रिंग पहनते कहा “ कांग्रेचुलेशन।”
निधि जी और सोमनाथ जी उनसे थोड़ा दूर होकर बैठे हुए थे , इसलिए उन्हें उसकी फुसफुसाहट सुनाई नहीं दे रही थीं शहर ने बहुत जोर से अपने दूसरे हाथ की मुट्ठी बनकर रखी थी, तभी स्पर्श ने निधि जी और सोमनाथ जी की और देखते हुए कहा “ अंकल आंटी अगर आपको कोई प्रॉब्लम न हो तो क्या में शहर से अकेले में कुछ बात कर सकता हूं?”
निधि जी और सोमनाथ जी एक दूसरे की और देख और उन्होंने अपना सिर हिला दिया।
शहर वहां से अपने कमरे में चली आई, और स्पर्श उसके पीछे था। स्पर्श की नज़रे शहर पर टिकी हुई थी। जैसे ही शहर अपने कमरे में इंटर करती है उसने एकदम से पूछे मुड़ ओर स्पर्श की और देखते हुए कहा “ अब क्या चाहिए तुम्हे ? इतना बड़ा तमाशा तो तुमने कर लिया …. तूने उषा को लेकर मुझे ब्लैकमैल करके ये सब कुछ किया । सीरियसली, मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि तुम ईश हद तक नीचे गिर सकते हो ।”
स्पर्श न उसे एकदम से दीवार से लगा दिया और उसके ऊपर झुकते हुए कहा “ तुमने अभी भी बहुत कुछ नहीं सोचा , जान।”
ये बोलते हुए वो उसके आंखों में देख रहा था।
शहर स्पर्श के सीने पर हाथ रखकर उसे दूर धकेलती हुए कहा “ मेरे इतने पास आने की कोई जरूरत नहीं है समझे ।”
स्पर्श ने उसका हाथ पकड़कर एकदम से दीवार के ऊपर कर दिया और कहा “ तुम्हारे पास? तुम बस देखती जाओ में तुम्हारे कितने पास आने वाला हु…. तुम सोच भी नहीं पाओगी कि तुम्हे मैं कैसे अपना बना लूंगा। क्या कहा था तुमने मुझे कल की तुम शादी से कभी हां नहीं करोगी….
But see तुमने खुद शादी के लिए हां कहा और आज तुम मिस्सी सिंघानिया बनने जा रही हो। मिसेज स्पर्श सिंघानिया। तुम्हे मुझे चैलेंज नहीं करना chahiy था जान। अब बहुत जल्द तुम मेरे पास आने वाली हो…. और हा कल से कॉलेज ज्वाइन करना, में वेट करूंगा तुम्हारा।”
इतना कहकर उसने शहर को छोड़ दिया।
शहर ने एक बार फिरसे उसकी और गुस्से से देखते हुए कहा “ मैं एक बार फिर तुमसे पूछ रहा हूं …. सच बताओ काजल दी के चले जाने से क्या सचमें तुम्हे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्या तुम्हे उनके लिए थोड़ा सा भी हमदर्दी नहीं है?”
स्पर्श ने पीछे मुड़कर उसकी और देखते हुए कहा “ नहीं बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता कि उसके साथ क्या हुआ और क्या नहीं। मैने पहले से कहा था कि मुझे जो अपना नहीं लगता उसके लिए मैं फील भी नहीं करता। तो मुझसे थोड़ा सा भी उम्मीद रखने की जरूरत नहीं है। और है वो मेरी ज़िंदगी में जबरदस्ती आई थी।
अगर तुम पहले मन जाती तो ये सब कुछ भी होता। और तुम्हारा वजह से वो मेरी ज़िंदगी से जुड़ चुकी थी। तो अब ये सब सोचना बंद करो, शादी तो हमारी हो कर रहेगी। और कोई भी उल्टी सीधी चीज बारे में सोचा भी तो तुम्हारे लिए बहुत बुरा होगा … याद रखना ।”
अपनी बात खत्म करके स्पर्श वहां से चला गया।
इधर शहर अपने आप में ही बड़बड़ाते हुए कहती हैं “ ये आदमी मुझे थोड़ा पागल लगता है…. थोड़ा नहीं पूरा का पूरा पागल है ये। हे भगवान क्या मुझे इस आदमी के साथ अपनी पूरी जिंदगी बितानी पड़ेगी , में क्या करूं।”
कहकर उसने खुद अपने सिर पर हाथ रख लिया।
अगली सुबह : IICT CILLEGE
शहर क्लासरूम में बैठी हुई थी और तभी उषा उसके पास आकर कहती है “ यार , शहर कैसी है तू, ठीक है न?”
शहर ने बस अपना सिर हिला दिया। तभी उषा को उसके लाइफ हद की फिंगर पर एक रिंग दिखी जिसे देखकर उसने शहर की और देखते हुए कहा “ एंगेजमेंट रिंग।”
शहर अपने चारों तरफ नजर दौड़ती है और कहती है “ यार मैं तुझे सब कुछ ब्रेक टाइम में बताऊंगी …. बहुत कुछ हो चुका है।”
उषा थोड़ा चिढ़ते हुए कहती है “ क्या यार, एक तो 1 महीने बाद आई है , ऊपर से तेरी एंगेजमैन भी हो चुकी है। इन कुछ दिनों में ऐसा क्या हो गया? और मुझे कुछ पता भी नहीं कहला ।”
शहर झुंझलाकर बोली “ आरे मेरी मां, मैने कहा न कि मैं तुझे ब्रेक टाइम पर सब कुछ बताऊंगी ? अभी चुप हो जा।”
तभी क्लास में स्पर्श का आना हुआ। उसको देखकर शहर ने अपनी नज़रे फेर ली। लेकिन स्पर्श की नज़रे उसके ऊपर ही टिकी हुई थी।
उषा ने भी नोटिस कर लिया था कि वो शहर की तरफ ही देख रहे है। तो उसने शहर के कान के पास आकर फुसफुसा कर बोला “ शहर … ये सुर तुझे ही क्यों घूर रहे है ? और वो भी इस तरीके से ? अगर में जो सोच रही हूं अगर वो सच है तो…. ओह नो…”
शहर अपने दांत पिस्ते हुए धीरे से बोली “ में इस ठरकी इंसान का कुछ नहीं कर सकती, पता नहीं इसके अन्दर इतना ठरक आता खा से है। जी तो कर रहा है आंखे नोच लूं…हुह्ह..”
तभी स्पर्श की एक तेज दहाड़ सुनाई दी “ मिस कपूर, अगर आपको बात करनी है तो चुप चाप क्लास से निकल जाईए। मुझे अपने क्लास में डिस्टरबेंस ज़रा सा भी पसंद नहीं और वो मैने पहले ही क्लियर कर दिया था। शायद आपको समझ नहीं आई। एक काम कीजिए क्लास खत्म होने के बाद आप मुझे मेरी केबिन में मिलिए, it's my order।”
क्यों बुला रहा है स्पर्श शहर को अपनी कविन में ? क्या होगी उनकी शादी ? जानने के लिए पढ़ते रहिए " Junooniyat- The Dangerous Game of Love"