अपनों का बदला लेने के लिए अपनों से लड़ना पड़ता है तब बहुत दुख होता है, लेकिन अगर कोई हमारे परिवार को नुकसान पहुंचाए तो हमे खड़ा होना ही पड़ता है इनके खिलाफ। ये कहानी भी है ऐसी ही कुछ जिसमे त्रिशूल को लड़ना पड़ता है अपनों से ही जो सिर्फ उसके साथ होने का नाट... अपनों का बदला लेने के लिए अपनों से लड़ना पड़ता है तब बहुत दुख होता है, लेकिन अगर कोई हमारे परिवार को नुकसान पहुंचाए तो हमे खड़ा होना ही पड़ता है इनके खिलाफ। ये कहानी भी है ऐसी ही कुछ जिसमे त्रिशूल को लड़ना पड़ता है अपनों से ही जो सिर्फ उसके साथ होने का नाटक कर रहे थे और पीठ पीछे उसे ही मारने की साज़िश कर कर रहे थे। वो कामियाब भी हो गए थे लेकिन कहते है ना गलत कभी नहीं जीतता है तो इस बार कैसे जीत जाता। धोखे की साजिश के बाद भी वापस आता है त्रिशूल अपना बदला लेने। तो कैसा रहेगा उसका ये सफर? क्या त्रिशूल का बदला होगा पूरा? जानने के लिए पढ़िए,"Reborn For Love "
अवंतिका खुराना
Heroine
त्रिशूल खुराना
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हर जगह शांति थी इतनी शांति के हवाओ की आवाज भी साफ सुनी जा सकती थी वही उस सन्नाटे को तोड़ते हुए कुछ गाड़िया वहा आकर रूकती है और उसमें से कुछ लोग बाहर निकलते है वो देखने में बॉडीगार्ड जैसे थे उनमें से कुछ आगे आते है और बीच की तीन गाड़ियों का गेट खोलते है पहली गाड़ी में से एक ओल्ड कपल बाहर निकलता है दूसरी गाड़ी में से एक लड़की बाहर निकली है दूसरी साइड से एक लड़का और वो लड़का आकर उस लड़की की कमर में हाथ डाल कर खुद के पास आकर चिपका लेता है वही तीसरी कार में से भी एक लड़का निकलता है , वो सब एक दूसरे को कुछ इशारा करते है फिर बॉडीगार्ड को उसे बाहर निकालने को बोलते है ।
वही वो बॉडीगार्ड आर्डर मिलने के बाद लास्ट वाली कार के पास जाते है और डिकी खोलते है उसने एक इंसान था देखने में उसकी हालत ठीक नहीं लग रही थी जगह जगह चोटो के निशान थे ये बता पाना मुश्किल था कि वो ज़िंदा भी है या मर गया है लेकिन इन सब बातों को नज़रंदाज़ करते हुए वो बॉडीगार्ड बेरहमी से उस इंसान को बाहर निकालता है और खीच कर उन सब के सामने लाकर पटक देता है ।
तभी सबको उस इंसान के करहाने की आवाज सुनाई देती है ये देख वहा जो औरत थी वो आगे आती है और बोलती है ," तू तू तू तू तू क्या हालत हो गयी है बिचारे की लेकिन ये तो होना ही थी जब हम अपनों पर भरोसा ना करके दुसरो पर भरोसा करते है ये तो तुम खुद की हालत देख कर समझ ही सकते हो वरना दा त्रिशूल खुराना को कोई नहीं हरा सकता जिसकी एक नज़र दुसरो को डराने के लिए काफी होती थी आज क्या हालत हो गयी है तुम्हारी मुझे तो सही में तरस आ रहा है तुम्हारी हालात देख कर लेकिन मजा भी बहुत आ रहा है आखिर मुझे जो चाहिए था अब वो मुझे मिल ही जायेगा खुराना की सारी प्रोपर्टी पैसा सब अब मेरा और मेरे बेटे का होगा जो उस बूढ़े ने सब तेरे नाम कर दिया था लेकिन आज मेरी सारी साज़िसो का फल मुझे मिल ही जायेगा। "
ये बोल वो डेविल स्माइल करने लगती है ।
ये इंसान जो घायल है ये और कोई नहीं खुराना एंटरप्राइज के मालिक त्रिशूल खुराना है देखने में किसी को एक बार में ही इनसे प्यार हो सकता है दिखने में ये बहुत ही हैंडसम है लेकिन इन्हें अप्प्रोच करना बहुत मुश्किल है क्योकि इनके चहरे पर हमेशा से ही कोई एक्सप्रेशन नहीं रहते है और ये अपनी एक नज़र से ही किसी को भी डऱा सकते है इनके परिवार में इनके दादा , मम्मी , पापा , इनके छोटे भाई , इनकी पत्नी और इनका चार साल का बेटा भी है इनकी बुआ भी है जो शादी के कुछ सालों बाद ही अपने पति को साथ लेकर अपने पापा के घर रहने आ गयी थी इनके बच्चे भी अब यही रहते है इनका एक बेटा है ।
अब कहानी में आगे
वही वो लड़की जो अब तक खड़ी तमाशा देख रही थी वो आगे आती है और अपनी हील्स त्रिशूल के हाथ पर रख देती है और प्रेस करने लगती है और एक मुस्कान के साथ बोलती है ," पता है ये सब जो आज तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के साथ हो रहा है ना उसके ज़िम्मेदार सिर्फ तुम हो पहले तुमने मेरा प्रपोजल रिजेक्ट किया पुरे कैंपस के सामने मेरी इन्सुल्ट की श्रेया मुखेर्जी की इन्सुल्ट इनका बदला तो मुझे लेना ही था और वो आज तुम्हारी मौत के साथ पूरा होगा । "
ये बोल कर वो हँसने लगती है
इतने में पीछे से एक लड़का आगे आता है और बोलता है ," बेबी कॉम डाउन वैसे भी जैसे हम चाहते थे आज वैसा ही हो रहा है आज ये अकेला है जिसने खुद अपने परिवार को खुद से दूर किया है वो भी हमारे बहकावे में आकर बहुत गुरुर था ना इसे खुद पर लेकिन इसने पार्थ को कम समझ लिया। "
वही वो इंसान शांति से सब कुछ सुन रहा था उसमें अब एक शब्द भी कहने की जान नहीं बची थी वो बस अपनी आँखों के एक नफरत की आग लिए सामने खड़े लोगो को देख रहा था ।
इतने वो इंसान अब तक शांति से खड़ा था वो आगे आता है ये और कोई नहीं उसके फूफाजी थे जिसे उसने हमेसा सबसे आगे रखा वो नीचे बैठते है और त्रिशूल के बालो को टाइट पकड़ते है और उसका चहरा अपने चहरे के पास लेट है और बोलते है ," चलो जब जब तुम मारने वाले हो तो क्यों ना में तुम्हे अपनी ज़िन्दगी के कुछ अच्छे सच बता कर मारू ताकि तुम्हे भी पता चले की तुम कितने बेवकूफ हो पाता है जब तुम आठ साल के थे तब घर में आग लगी थी वो आग लगी नहीं थी मेने लगाई थी ताकि तुम सब मर जाओ लेकिन ऐन टाइम पर किसी ने फायर ब्रिगेट को बुला दिया मेने तो पूरा इंतज़ाम किया था पता नहीं कैसे मेरा प्लान मुझे फ़ैल होता हुआ नजर आया। "
"तभी मेने देखा की तुम्हारे पापा अपने छोटे बेटे ऋषभ को बाहर लेकर जा रहे है तभी मेरी नज़र तुमपर गयी तुम एक साइड बेहोश लेटे हुए थे मेने सोचा चलो तुम्हे तो खत्म कर देता हूं मेरा एक काटा तो खत्म होगा लेकिन तभी वपास मुझे तुम्हारे पापा अंदर आते हुए दिखाई दिए मुझे कुछ समझ में नहीं आया तब तो मैने तुम्हे बचाने का नाटक किया फिर सब जब तुम्हे होश आया तब मैंने तुम्हे बड़कन शूरु कर दिया अपने परिवार के खिलाफ अपने छोटे भाई के खिलाफ और इसमें मेरा साथ दिया मेरे परिवार मेरी पत्नी सुषमा और मेरे बेटे पार्थ ने धीऱे धीऱे हमने तुम्हारे अंदर इतना ज़हर भर दिया की तुम अपने परिवार के साथ तो रहते थे लेकिन उनसे दुरी बना ली थी तुमने सब सही चल रहा था जैसे मेने चाहा था तुम्हारे ऊपर मेरा अच्छा कंट्रोल था में कुछ भी करू किसी को भी मुझे पर शक तक नहीं होता लेकिन सिर्फ उसकी वजह से मुझे मेरा प्लान बर्बाद होता हुआ नजर आ रहा था। "
फूफाजी आगे बोलते है – सब हमारे हिसाब से ही चल रहा था तुम हमारे कंट्रोल में थे लेकिन सब बदलने लगा सिर्फ उस लड़की की वजह से अवंतिका पता नही किस बात का गुरुर है खुद पर है तो अनाथ ही ना तुम्हे उससे प्यार हो गया तुम हमारे कंट्रोल से निकल रहे थे ये सब मुझसे बर्दाश नहीं हुआ तभी मेने श्रेया को तुम्हारी ड्रिंक में ड्रग्स मिला कर तुम्हारे साथ रिलेशन बनाने को बोला और उस दिन मून लाइट क्लब में तुम्हे ड्रग्स श्रेया ने दिया था ना की अवंतिका ने वो तो तुमसे कितना बोल रही थी लेकिन में उसे कैसे जितने देता इसलिए मैंने ही फेक प्रूफ दिए थे तुम्हे उसके खिलाफ करने के लेकिन फिर वो लड़की को तुम्हारे दादाजी ले आए क्योकि वो तुम्हारे बच्चे माँ बनने वाली थी तब मैंने बहुत कोसिस की तुम्हारी शादी ना हो लेकिन में नाकामयाब रहा लेकिन मेने हार नहीं मानी ।
वही त्रिशूल शान्ति से सारी बाते सुन रहा था क्योकि वो सारा सच जानना चाहता था और ऊपर से उसके अंदर जान भी नहीं बची थी फिर फूफाजी बोलते है – तब मैंने तुम्हारा ये दोस्त विक्रम जिसे तुम अपना बहुत अच्छा दोस्त मानते हो मेने उसे अपने साइड कर लिया पैसा कुछ भी करवा सकता है और देखो वो तुम्हारी दोस्ती को छोड़ कर मेरा साथ देगा।
तभी वहा साइड में जो लड़का शन्ती से खड़ा था वो आगे आता है और ईविल स्माइल के साथ बोलता है – मुझे पता है तुम मुझे अपना बहुत अच्छा दोस्त मानते थे लेकिन मुझे तुमसे हमेशा से ही जेलोसि होती थी फिर मेरे पास एक मौका आया तुम्हे बर्बाद करने का तो में कैसे जाने दे सकता था मेने ही तुम्हे झूठे सबूत दिए थे तुम्हारे सामने अवंतिका को करैक्टरल्स लड़की साबित किया और मैने कहा और तुमने मान भी लिया की त्रियम तुम्हारा बेटा नहीं है और मैने कहा कि अवंतिका का चक्कर तुम्हारे भाई के साथ है तो तुमने वो भी मान लिया मुझे लगा नहीं था की ये सब मेरे लिए इतना आसान होगा लेकिन कुछ सबूत सब हमारे कंट्रोल में ।
इतने में श्रेया बोलती है – बिचारि जो किसी के सामने नहीं झुकती है वो तुम्हे सच बता बता कर थक गयी लेकिन तुम तो उसे बर्बाद करने में इतना बिजी थे की उसकी सच्चाई तुम्हे दिखाई ही नहीं दी बिचारि मेने तो उसे बहुत बार मारने की कोसिस करी लेकिन हर बार वो बच जाती और अपने बच्चे को भी बचा लेती थी ।
वही अब उस इंसान की आँखों में आग देखी जा सकती थी उसका मन कर रहा था कि अभी के अभी सबको मार दे इतने में बुआजी आगे आती है और बोलती है – जल्दी करो अब हमारे पास ज्यादा टाइम नहीं है सुबह होने वाली है इसे भी मार कर यही गाड़ देता है इसके परिवार के साथ।
वही ये सुन कर तो वो इंसान सुन पड़ गया वो अपने मन में सोचने लगता है मतलब इन लोगो ने पहले ही मेरे पुरे परिवार को मार दिया ये सोच कर ही उनकी आँखों से एक आँसू की बूंद बह गयी ये किसी चमत्कार से कम नहीं था क्योकि त्रिशूल एक पत्थर दिल इंसान था वो हमेशा से ही बिना किसी एमोरिओं के रहा है ।
वही जब पार्थ ये देखा है तो हँसते हुए बोलता है – चलो अब दिल को सुकून मिला है जब मैने तुम्हारी आँखों में आँसू देखे है तुम्हे पता है तुम्हारा जो एक महीने पहले एक्सीडेंट हुआ था वो हमने ही करवाया था लेकिन तुम्हारी वो वाइफ हमेशा तुम्हे बचाने आ जाती है इसबार भी उसने तुम्हे बचाया था और हॉस्पिटल भेजा था लेकिन खुद नही बच गयी हमने उसके बाद तुम्हारे पुरे परिवार को किडनैप कर लिया और यही हमने सबको तड़प तड़प कर मार था सब बहुत रो रहे थे तुम्हारा वो बेटा भी तुमपर ही गया है वो हमसे बोल रहा था कि उसके साथ जो करना है करले लेकिन उसकी मम्मा को छोड़ दे अरे भाई में ऐसे कैसे छोड़ देता उसे मेने उसे अप्रोच किया था लेकिन वो तो तुमसे प्यार करती थी इसलिए मैंने उसकी इज़्ज़त साबके सामने तार तार कर दी सिर्फ मेने ही नहीं मेरे आदमियों ने भी बहुत मजा किया था और वही मेने हॉस्पिटल में भी अपने आदमी लगा दिए थे जो तुम्हे रोज थोड़ा थोड़ा जहर दे रहे थे देखो तभी तो तुम्हारी हालात आज ऐसी है , ये बोल वो शैतानों की तरह हँसने लगता है।
वही जब त्रिशूल ये सुनता है की उनसब ने उसकी अवंतिका और बच्चे के साथ क्या क्या किया था तो अब उजसे बर्दाश नहीं होता है और वो अपना सारा दर्द भूल जाता है और एक झटके में पार्थ का गला पकड़ लेता है और दहाड़ते हुए बोलता है -- ये सब तुम्हने ठीक नहीं किया में तुममे से किसी को भी जिंदा नहीं छोडूंगा ।
ये बोल वो अपनी पकड़ पार्थ की गार्देन पर टाइट कर देता है वही सब उसकी इतनी ख़ौफ़नाक आवाज सुन कर तो डर ही गए थे और किसी की हिम्मत ही नहीं हुई कोई कुछ बोले लेकिन फिर सभी को पार्थ के कराहने की आवाज सुनाई दी जिससे सब होश में आए सुषमा जी गुस्से में बोली – एक लड़के छोड़ दे मेरे बेटे को वरना तेरे लिए अच्छा नहीं होगा । लेकिन त्रिशूल को तो कुछ नहीं ही नहीं दे रहा था उसके कानों में तो वही सब गूँज रहा था जो इन्होंने उसकी अवंतिका के साथ किया था अब उसके शरीर की सारे नशें दिखने लगी थीई और वो गुस्से में बहुत तेज दहाड़ता है अवंतिका बोलकर वही उसका ऐसा रूप देखकर तो सब दो कदम पीछे हो गए थे यहाँ तक की सारे बॉडीगार्ड भी वही अब पार्थ की आँखे धीऱे धीऱे बंद होने लगी थी इतने में फूफाजी त्रिशूल के ऊपर फायरिंग करने लगते है और छे की छे गोली उसे मार देते है वही त्रिशूल धड़ाम की आवाज के साथ नीचे गिर जाता है और अब उसकी साँस भी ना के बराबर ही चल रही थी बस उसकी आँखों में सामने उनके परिवार उसके बेटे और अवंतिका की हँसता हुआ चहरा उसके सामने घूमने लगता है और उसके कानों में सिर्फ अवंतिका की यही लाइन सुनाई दे रही थी – त्रिशूल मेऱा तुम्हारे सिवा इस दुनिया में कोई नहीं है प्लीज मुझे छोड़ कर कभी मत जाना मनाही जी पाऊँगी तुम्हारे बिना , बस ये सब खत्म होने ही त्रिशूल की साँसे भी बंद ही गयी।
वही एक आलीशान कमरे जिसकी पूरी थीम ब्लैक और ग्रे थी लेकिन देखने में वो बहुत ही खूबसूरत दिख रहा था वही बीच में किंग साइज बेड था वो देखने में बहुत बड़ा था उसे छे लोग आराम से सो सकते थे वहा एक इंसान आलरेडी लेटा हुआ था उसके चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे लेकिन माथे की नसें तनी हुई थी थोड़ी देर बाद वो धीऱे धीऱे अपनी आँखें खोलता है । आँखे खुलते ही वो उठ कर बैठ जाता है और आस पास चीज़े को आराम से देखने लगता है फिर वो अपना फोन उठाता है और आज की डेट चेक करता है तो उसे शॉक लगता है क्योकि वो चार साल पीछे आ गया था । वो अभी कुछ सोचता उससे पहले ही उसका फोन बजने लगता है जब वो फोन देखता है तो उसका असिस्टेंट नमन कॉल कर रहा था ।
ये और कोई नहीं हमारा हीरो त्रिशूल है वो कॉल रिसीव करता है और बोलता है – सर हमने उस ड्राइवर को पकड़ लिया है जिसने कल आपकी कार को टकर मारी थी क्या करना है ।।ये सुन त्रिशूल अपनी यादो में खो जाता है -- कि जब वो यहाँ से ऑफिस के लिए निकल रहा था तब एक ट्रक ने उसको टकर मारी थी उसमें उसको। ज्यादा कुछ नहीं हुआ था वो बच गया था लेकिन जब उन्होंने उसे पकड़ा तो उसने सारा इलज़ाम उसके छोटे भाई ऋषभ ने करवाया है तब त्रिशूल ने उसे घर से बाहर निकल दिया था और कंपनी से भी निकाल दिया था लेकिन ये सब तो उसकी प्यारी बुआ जी का करवाया गया था उन्होंने ही उस ड्राइवर को कहा था कि अगर वो पकड़ा जाता है तो उसे ऋषभ का नाम लेना है वो अभी यही सोच रहा था कि उसे वपास से नमन की आवाज आती है जो उसे बुला रहा था , ये सुन त्रिशूल ने बोला – उसे डार्क विला लेकर जाओ और टाइगर को दे देना उसे पता है क्या करना है । ये त्रिशूल ने बहुत डरावनी आवाज में कहा था एक मिनट तो उसकी आवाज सुन कर नमन भी डर गया था लेकिन खुद को शांत किया ओके बॉस बोल कॉल कट कर दिया।
वही कॉल कट होते ही त्रिशूल के चहरे पर डरावनी मुस्कान आ जाती है और वो अपने हाथ से अपनी गार्डन को मसलते हुए डारवानी आवाज में बोलता है – नाउ ईट्स टाइम फॉर रिवेंज एंड दा गेम बिगिन अब हर इंसान से हर चीज़ का बदला लिया जायेगा । ये बोल वो खतरनाक तरीके से हँसने लगता है । फिर उठ कर वाशरूम जाता है और शावर के नीचे खड़ा हो जाता है इस वक्त उनकी टोन हार्ड बॉडी पर से फिसलती हुई नीचे गिर रही थी वो देखने में बहुत ही सेक्सी लग रहा था फिर वो अपनी कमर पर सिर्फ एक टॉवल लपेट कर बाहर आता है और वार्डरोब में कपडे पहनने चला जाता है फिर वो ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर खुद को देखता है उसने पुरे ब्लैक कपडे पहने हुए थे देखने में वो बिलकुल किसी ग्रीक गॉड की तरह लग रहा था तभी उसने ड्रेसिंग टेबल की ड्रोवर खोली उसे से दो फोटो निकाली पहली उसकी और अवंतिका की शादी की फोटो थी दूसरी जब अवंतिका ने त्रियम को जन्म दिया था भले ही वो उनसे रुड बिहैव करता था लेकिन उसने चुपके से वो फोटोज ले ली थी और उन्हें ही देखता रहता है उसका दिल कहता था कि उसकी अवंतिका कभी उसके साथ कुछ गलत नही कर सकती है लेकिन उस वक्त उसने गलत लोगो पर भरोसा किया था जिसकी सजा वो भुगद रहा है ।
वही त्रिशूल वो फोटोज देख कर बोलता है – लव मुझे पता है मेने तुम्हे बहुत हर्ट किया है लेकिन देखना में सब कुछ सही कर दूँगा अब में तुम्हे और अपने बेटे और अपने परिवार को कुछ नहीं होने दूँगा ना ही कभी खुद से दूर जाने दूँगा । ये बोल त्रिशूल दोनों पिक्चर पर किस करता है । फिर अपने कमरे के बाहर निकलता है वो अभी बाहर निकला ही था कि उसे किसी बच्चे की हँसने की आवाज आई जो पूरे घर में गूँज रही थी ये सुन कर ही त्रिशूल ने सुकून से अपनी आँखें बंद करदी और उसके चहरे पर ना दिखने वाली मुस्कान आ गयी और वो सुकून से ये हँसी सुनने लगता है फिर थोड़ी देर में अपनी आँखें खोलता है और वहा की रेलिंग से नीचे देखता है ।
वहा उसके दादाजी , माँ , पापा और उसका भाई एक बच्चे के पीछे भाग रहे थे और वो बच्चा हँसते हुए पूरे घर में दौर रहा था दादाजी बोलते है – बेटा त्रि अब मान भी जाओ देखो दादाजी थक गए है अब उन्हें भूक लगी है ये है विशम्भर खुराना ये खुराना परिवार के हेड है ये देखने में बहुत ही शांति और सुलझे हुए इंसान है लेकिन कम बोलना पसंद करते है और अपने परिवार से बहुत प्यार करते है खास करके अवंतिका और त्रि ।
वही ये सुन करके त्रिशूल के पापा राकेश खुराना जो की एक्स चेयरमैन थे खुराना इंटरप्राइजेज के ये सबके लिए बहुत स्ट्रिक्ट इंसान है लेकिन अपने परिवार के लिए ये बहुत ही सॉफ्ट हेर्टेड हो जाते है वो बोलते है – पापा ये ना है बहुत बदमाश लेकिन जब भी अवि सामने होती है ना तो ये खुद को कैसे सीधा साधा बच्चा बन जाता है और उसके जाने के बाद ये शैतान का दूसरा रूप है । ये सुन कर वहा जो लेडी थी जो देखने में बहुत ही एलिगेंट लग रही थी उनके चहरे पर एक अलग ही चमक थी ये है साधना जी त्रिशूल की माँ ये बहुत सरल और शान्त स्वाभाव की थी भले की ये कितने भी बड़े परिवार से क्यों ना हो लेकिन इन्हें पैसों का बिलकुल भी गुरुर नहीं था वो बोलती है – आप मेरे बच्चे को शैतान कैसे बोल सकते हो एक यही तो जिसकी वजह से घर में खुसी का माहौल रहता है वरना यहाँ तो किसी के पास इतना टाइम भी नहीं है कि घर पर बैठ कर शन्ती से बात भी करले ये बोल कर वो मुँह बनाने लगती है । तभी ऋषभ बोलता है --
वही ऋषभ जो शांति से उन सब का ड्रामा देख रहा था वो बोलता है – अरे यार आप लोग जब देखो शूरु हो जाते हो पहले इस छोटे शैतान को पकड़ो वरना ये नास्ता नहीं करेगा और बेब्स के सामने नाटक करेगा की हम इसका खयाल नहीं रखते है तो चलो जल्दी जल्दी पकड़िये इसे , ये सुन सब होश में आते है और त्रि को पकड़ने के लिए उसके पीछे भागने लगते है वही त्रि कभी सोफे पर चढ़ रहा था तो कभी उसके पीछे छुप रहा था तो कभी डाइनिंग टेबल के नीचे से भाग रहा था वही त्रिशूल अपने बेटे की शैतानी देख कर मुस्कुरा रहा था कि कैसे वो पुरे परिवार की अपने पीछे भगा रहा है ।
वो हमेशा से ही त्रि की शैतानियां दूर से देखा करता था लेकिन अपने गुस्से की वजह से अभी उससे बात करने के लिए आगे गया ही नहीं वो अभी ये सब देख ही रहा था कि उसने देखा की त्रि भाग कर सुषमा जी से टकरा जाता है सुषमा जी का तो कुछ नहीं होता है लेकिन त्रि नीचे गिर जाता है और उसकी आँखों में आँसू आ जाते है वही सुषमा जी जब अपने सामने उस बच्चे को देखती है तो उनकी आँखों में नफरत आ जाती है और वो डाँटते हुए बोलती है – जब देखो तुम पुरे घर को सर पर उठा कर घूमते रहते हो क्या सब तुम्हारे नोकर है ये नहीं की एक कोने में पड़ा रहे लेकिन नहीं इसे तो पूरे घर में अभी से अपना हक जताना है आखिर गया भी तो अपनी उस माँ पर है । अभी वो इसके आगे कुछ बोलती उससे पहले ही दादाजी बोलते है – बस सुषमा त्रि गलती से तुमसे टकरा गया है इसका मतलब ये नहीं है कि तुम हमारे बच्चे को इतना सुनाओगी । वो आगे कुछ बोलते उससे पहले ही सुषमा जी बोलती है – अरे वाह ये आपका पोता है लेकिन ये आप दुनिया वालो को कैसे साबित करेगे क्योकि इसका बाप ही इसे अपना बेटा मानता नहीं है भले ही ये उसका खून भी हो लेकिन इसकी माँ ने ज़बरदस्ती मेरे बच्चे के साथ गलत किया था खुद तो अनाथ थी सोचा किसी आमिर इंसान को फसा लू पूरी ज़िन्दगी ऐश ही ऐश ।
वो अभी आगे कुछ बोलती उससे पहले ही ही राकेश जी गुस्से में बोलते है – वो बस एक बुरा हादसा था जिससे हमने भूल जाना चाहिए और अब हम तुम्हारी कोई भी वाहियात बात बर्दाश नहीं करूँगा या फिर मुझे किसी के भी खिलाफ क्यों ना जाना पड़े अगर अब मेने तुम्हे मेरी बेटी और मेरे पोते के बारे में कुछ भी बोला तो में भूल जाऊँगा की हमारा कोई रिश्ता भी है और मुझे मज़बूरी में तुम्हे और तुम्हारे पुरे परिवार को यहाँ से निकालने में एक मिनट नहीं लगेगा ।
के सब राकेश जी ने बहुत गुस्से में कहा था क्योकि सुषमा जी हमेशा से ही ऐसी बाते करती रहती थी उन्हें अपने भाई से हमेशा से ही जलन होती थी फिर जब वो यहाँ आई थी लो उन्होंने परिवार से लड़ कर अपने भाई से आधी प्रॉपर्टी ले ली थी लेकिन उनके पति का कोई भी बिज़नस सही से नहीं चला सब डूब गया वो हमेशाया से ही इमोशनल ब्लैकमेल करके यहाँ रुक जाती थी यहाँ से जाने का नाम ही नहीं लेती थी।
वही ये सब सुन सुषमा जी दहाड़े मार कर रोने लगती है और बोलती है – हा अब यही दिन देखना रह गया था कि एक भाई अपनी बहन को घर से बाहर निकालने की धमकी दे रहा है वो भी एक गिरी हुई लड़की के लिए और एक नाज़ायज़ पोते के लिए जिसके अंदर पता नहीं किसका गन्दा खून दौड़ता है । अभी उन्होंने यही कहा था कि इतने में सबको किसी की गुस्से भरी आवाज सुनाई देती है वही इतनी डरावनी आवाज सुन कर तो सब डर गए थे जैसे ही सब वहा देखते है तो शॉक हो जाते है ।
क्योकि उनके सामने त्रिशूल खड़ा था और उसकी आँखें गुस्से से लाल थी क्योकि उसने बुआ जी की सारी बातें सुन ली थी उससे ये बर्दाश नहीं हुआ की उन्होंने उसके बेटे के बारे में ये सब बोला वही जब सुषमा जी ने त्रिशूल को देखा तो उनकी तो दिल में ख़ुशी की लहर ही दौर गयी क्योकि वो जानती थी की वो उसकी साइड है और घर में किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं की त्रिशूल के खिलाफ चले जाए इसलिए वो त्रिशूल के सामने भोला भला बनाने का नाटक करते हुए कहती है – देखा बेटा तूने अब मेरी इस घर में कदर ही नहीं है ये सब मेरे खिलाफ है क्योकि में तेरी साइड हु ना इसलिए ही ये लोग मुझे घर से निकालना चाहते है ।
वही उनकी नोटंकी देख ऋषभ अपनी मोम से बोलता है – मोम ये ड्रामा करते करते थकती नहीं है भाई को भड़का तो दिया है ना हमारे खिलाफ अब और क्या चाहती है ये की बही हमे इस घर से निकल दे और सारी प्रॉपर्टी इनके नाम कर दे सही में मुझे तो शक होता है कि सही में पापा की बहन है या नहीं की कही से उठा कर लाए थे इस ड्रामा क्वीन को पता नहीं क्यों एक्टिंग स्टॉर्ट नहीं करी अगर करती तो आज बहुत आगे होती । ये सुन कर साधना जी उसे डाँटते हुए बोलती है – चुप कर नालायक वही ऋषभ ये सुन कर मुँह बनाने लगता है वही सुषमा जी अभी भी कंप्लीन करे जा रही थी लेकिन त्रिशूल का ध्यान तो उनकी किसी बात पर ही नहीं था उसकी नज़र तो बस नीचे बैठे और डरते हुई उसके बच्चे पर थी जिसका चहरा रोने की वजह से पूरा लाल हो गया था उसकी ग्लास ग्लोइंग स्किन की वजह से जिसमे वो और भी क्यूट लग रहा था लेकिन त्रिशूल से अब अपने बच्चे को ऐसे रोते हुए नहीं देखा गया और वो उसकी तरफ बढ़ गया ।
वही जब सबने त्रिशूल को ऐसे त्रि की तरफ बढ़ते हुए देखा तो सबको डर लगने लगा क्योकि सबको पता था कि त्रिशूल को त्रि नहीं पसंद है वही सुषमा जी तो ये देख कर बहुत खुश हो रही थी की अब मजा आयेगा वो हमेशा से ही ऐसा ही कुछ करती थी ताकि उसकी दूरियां बढ़ जाये वही जब त्रि ने त्रिशूल को अपने पास आते देखा तो उसे लगा की अब उसके डेडा उसे पनिश करेगे इसलिए वो डर की वजह से पीछे खिसकने लगता है वही त्रिशूल जब त्रि का ऐसा रिएक्शन देखता है तो उसके दिल में दर्द होता है लेकिन वो जल्दी आगे बढ़ता है वही ऋषभ को भी लगता है कि त्रि को डांट पड़ने वाली है तो वो लुक बोलने ही वाला था इतने में उसका मुँह खुला का खुला ही रह जाता है सिर्फ उसका ही नहीं सब शॉक होकर देख रहे थे .....
सामने का सीन ही ऐसा था क्योकि त्रिशूल ने नीचे झुक कर त्रि को अपनी गोद में उठा लिया था और सीने से लगा लेता है और प्यार से पीठ को सहलाने लगता है वही सब की तो आँखे ही बाहर आने वाली थी सबके लिए ये कोई सदमे से कम नहीं था वही त्रि तो डर रहा था कि कही उसके डेडा उसको फिर से ना डॉट दे लेकिन जब उसने देखा की उसके डेडा उसे डॉट नहीं रहे है और उसे गले लगा लिया है तो ये फील करके उससे और रोना बढ़ जाता है और ज्यादा रोने लगता है और अपने छोटे छोटे हाथो से त्रिशूल के शर्ट पकड़ लेता है ये त्रिशूल महसूस कर सकता था कि त्रि बहुत डरा हुआ है वही अपने बच्चे की ऐसी हालत देख कर त्रिशूल का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था ।
वो गुस्से से बुआजी की तरफ देखता है उन्हें वहा का टेम्परेचर गिरता जा रहा था और ये चीज़ सब महसूस कर सकते थे । वो अपनी लाल आँखों से उन्हें देखता है और एक एक शब्द चबाते चबाते बोलता है – मुझे लगता है मेने आपको कुछ ज्यादा ही छूट दे दी है तभी आपकी इतनी हिम्मत हो गयी की मेरे बेटे त्रियम त्रिशूल खुराना से ऐसे बात कर रही है मुझे सब बर्दाश है लेकिन मेरे बच्चे के ऊपर में किसी की एक आँख भी बर्दाश ना करू और आप ने तो उसको इतना उल्टा सीधा बोला है अब जल्दी से अपना सामान पैक करिये और निकालिये यहाँ से में आपको सिर्फ दो घंटे दे रहा हु वरना फिर में अपने तरीके से आपको यहाँ से निकालूँगा ।
ये बोल कर वो अपनी नज़र उनसे हटा लेता है अपना पूरा ध्यान त्रि पर देने लगता है और उसे लेकर उसे शान्त कराने के लिए इधर उधर टहल रहा था वही पूरा परिवार तो शॉक में त्रिशूल को देख रहा था क्योकि सबको पता था कि वो अपने परिवार से ज्यादा बुआ के परिवार के करीब है लेकिन आज जो त्रिशूल था वो तो अलग ही लग रहा था आज तो सबको शॉक पर शॉक लग रहा था ।
वही ऋषभ धीऱे से अपनी मोम के कान में बोलता है – मोम मुझे लगता है हमे डॉक्टर को बुला लेना चाहिए आज भाई की तबियत ठीक नहीं है आज वो कुछ अजीब बिहैव कर रहे है वही साधना जी भी खोए हुए ही बोलती है – मुझे भी यही लग रहा है मुझे डॉक्टर को बुला ही लेना चाहिए । तभी उन्हें एहसास होता है कि उन्होंने क्या बोला है फिर वो ऋषभ को घूर कर देखती है तो ऋषभ सिर्फ अपने दाँत दिखा देता है वपास सामने चल रहे ड्रामा को देखा कंटिन्यू कर देता है ।
वही सुषमा जी को तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था वो जब ये सुनती है कि त्रिशूल जिसको उन्होंने अच्छे से अपने साइड किया था आज वो खुद उन्हें यहाँ से जाने को बोल रहा था वो हकलाते हुए बोलती है – ब् बेटा य् ये क्य क्या बोल रहे हो मेने तुम्हे अपने बच्चे से बढ़कर प्यार किया और आज तुम इस मनहूस बच्चे के लिए जो तुम्हारे साथ हुए की निशानी है उसके लिए तुम अपनी बुआ की यहाँ से निकाल रहे हो वही जब त्रिशूल उनकी बात सुनता है तो गुस्से में जलती हुई अपनी लाल आँखों से उन्हें घूरता है वही उसकी इतनी डरावनी आँखे देख कर तो सुषमा जी की बोलती ही बंद हो गयी थी उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आज हो गया रहा है ।
लेकिन वो यहाँ से जाना नहीं चाहती थी अपने इतने साल की मेहनत वो बर्बाद होते हुए नहीं देख सकती थी वो अपनी आँखों में आँसू लिए विशम्भर जी की तरफ देख कर बोलती है – पापा क्या अब मेरी मेरे ही घर में कोई इज़्ज़त नहीं है माना कि मेरी मेरे ससुराल में नहीं बनाती है इसलिए तो में यहाँ आई थी की शांति से अपने परिवार के साथ रह सकू इतने साल दिए मेने आप सबको लेकिन एंड में मुझे यही सुनाने को मिला की ये मेरा घर नहीं है ये बोल कर वो रोने लगे जाती है ।
वही विशम्भर जी अच्छे से अपनी बेटी के ड्रामा को जानते थे इसलिए वो बिना उनकी किसी जाल में फसते हुए बोलते है – मै भी यही चाहता हु की तुम्हे अब अपने परिवार पर ध्यान देना चाहिए तुम्हे अपने पति और अपने बेटे पर ध्यान दो ना की किसी और की ज़िन्दगी और पैसो में पहली बार त्रिशूल की बात से सहमत हूं । वही ये सुन कर बुआजी के हाथ में मुठिया बन गयी थी वो अपना चहरा नीचे करके अपने गुस्से को शांत करने की कोसिस कर रही थी।
वही अभी कोई कुछ बोलता इतने में सब को फूफाजी की आवाज सुनाई देती है सब वहा देखते है जहाँ से आवाज आई थी वो गेट के पास खड़े थे और उनके साथ थी पार्थ भी खड़ा था वो आगे आते है और माफ़ी मांगते हुए बोलते है – माफ़ कर दीजिए पापा हमने इन्हें बहुत समझाया है कि त्रि से ये इस तरह से बातें ना करे लेकिन ... छोड़िये ये बात, फिर वो त्रिशूल की तरफ मुड़ते है और हाथ जोड़कर बोलते है – त्रिशूल बेटा हम तुम्हारी बुआ की तरफ से माफ़ी मांगते है और हम ये घर छोड़ भी देंगे बस आप हमें थोड़ा टाइम दे दीजिए दूसरा घर देखने के लिए क्योकि हमारा रिश्ता हमारे परिवार के साथ अब अच्छा नहीं है इसलिए हम उनके साथ नहीं रह सकते है ।
वही त्रिशूल जो जब से वो आए थे तब से उन्हें नफरत से देख रहा था और मन ही मन बोलता है - जिंतनी एक्टिंग करनी है करलो लेकिन अब तुम्हरे बुरे दिन शूरु अब तुम हर रोज तड़पो हर दिन मे तुम्हारा जीना हराम कर दूँगा इतनी आसानी मौत नहीं दूँगा में बहुत दर्द दिया है तुम्हे मुझे और मेरे परिवार को अब तुम्हारी बारी , अभी वो यही सोच रहा था कि वो फूफाजी की आवाज से सेन्स में आता है सिर्फ ठीक है बोलता है और त्रि को देखता है जो टुकुर टुकुर सब कुछ देख रहा था और समझने की कोसिस ये करते वक्त वो बहुत क्यूट लग रहा था ये देख कर त्रिशूल के चहरे पर मुस्कान आ जाती है और वो त्रि के फोरहैड पर किस कर देता है वही त्रि वो मजे से ये सब देख रहा था जब वो फील करता है कि उसके डेडा ने उसको किस किया है तो वो कॉम्प्लिकेटेड एक्सप्रेशन से उन्हें देखने लगता है ।
लेकिन त्रिशूल किसी पर ध्यान दिए सीधे त्रि को लेकर डाइनिंग टेबल की तरफ बढ़ जाता है वही सब तो सदमे में खड़े थे पहला सदमा उन्हें त्रिशूल स्माइल देख कर लगा था क्योकि सालो से सब ने उसके चहरे पर मुस्कान नहीं देखी थी और दूसरा बड़ा झटका था त्रि को किस करना ।
सभी अभी भी सदमे में ही खड़े थे उन्हें अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि क्या ये वही त्रिशूल है लेकिन थोड़ी देर बाद सब अपने सेंस में आते है तो देखते है त्रिशूल त्रि को अपनी गोद में लेकर ही हेड चेयर के अपोजिट चेयर पर बैठ गया था सब भी धीऱे धीऱे आकर अपनी अपनी चेयर पर बैठ जाते है और खाना सर्वे करने लगते है लेकिन टेडी नज़र उनकी त्रिशूल और त्रि पर ही थी वही त्रि कभी त्रिशूल को देख रहा था अभी वो जो प्लेट लगा रहा था उसमें सिर्फ खाने के नाम पर सिर्फ सैलेड था ये देख कर त्रि का मुँह बन जाता है और वो खाने को बहुत गंदे तरीके से देखने लगता है ।
वही उसके एक्सप्रेशन देख कर सब को हँसी आ रही थी वही बुआजी का तो दिल जल रहा था ये सीन देखकर लेकिन वो खुद जानती थी कैसे खुद को शांत करके बैठी थी वही त्रिशूल भी त्रि के एक्सप्रेशन अच्छे से देख रहा था लेकिन उसने ज्यादा कुछ नहीं कहा वही त्रि के दिमाग में तो कुछ और ही कुरफात चल रही थी वो अपना हाथ आगे करता है त्रिशूल के सर पर हाथ रख कर चेक करने लगता है वही सब तो बड़े इंटरएस्ट के साथ ये ड्रामा एन्जॉय कर रहे थे ।
वही त्रिशूल को समझ में नही आता है कि त्रि क्या करने की कोसिस कर रहा है वही त्रि त्रिशूल के सर पर हाथ रख कर देखता है कुछ देर कुछ सोचा फिर उसकी आँखों में चमक आ जाती है और वो त्रिशूल चहरे को हाथ में पकड़ता है फिर अपनी तोतली आवाज में बोलता है - जलदु जल्लूदु आइ ब्ला तो ताल दू जल्दु जल्लादु आइ ब्ला तो ताल दू ।वही ऋषि जो अपनी पि रहा था ये सुन कर उसको खासी आ गयी उसने अपना चहेरा साइड में क्र दिया सारा पानी बाहर गिर गया वो थोड़ी देर में नार्मल होता है फिर वो हँसने लगता है वही सब अभी भी सदमे में ही थे फिर सब सेन्स में आते है और अपना मुँह दबाकर हँसने लगते है वही ऋषभ जैसे तैसे करके अपनी हँसी कंट्रोल करता है ।
फिर त्रि से बोलता है - छोटे शैतान ये तुम क्या कर रहे हो । ये सुन त्रि बहुत ही मासूमियत से बोलता है - आरे तातू छमन एथ मूवी देथी थी ना उठमे भी ऐक बुरी आंटी एस्से ही हंदसोम उंक्ल को छपन कंटरोल में कड़ने ती तोसिस तरती है ऐसा ही डेडा ते साठ हुअ है जैसे पहले डेडा डायल बुआ दादी ते बस में थे अब किसी और के बस में है । फिर त्रि साधना जी की तरफ देखता है और बोलता है - दादी आप ना डेडा की अच्छे से नज़र उतारना और हा इनको नीबू और मिर्ची की माला बना कर भी पहन दो ।
बस त्रि ने ये बोला ही था कि सब दहाड़े मार कर हँसने लगे और ऋषभ हँसते हुए बोलता है - छोटे शैतान बड़े शैतान को किसी की नज़र नहीं लगती है बल्कि वो दुसरो को नज़र लगता है और वपास हँसने लगता है उसे तो आईडिया भी नहीं था कि उसने फ्लो फ्लो में उसने क्या बोल दिया है सब अभी हँस ही रहे रहे की सबको शार्दी लगने लगती है तो सब त्रिशूल की तरफ देखते है जो सब की बोलती बंद हो जाती है क्योकि त्रिशूल का चहरा गुस्से से लाल हो गया था त्रि की बात सुन कर वही सब डर की वजह से अपना सर नीचे करके खाना कहने लगते है ।
वही त्रिशूल गुस्से में ऋषभ को देखता और एक एक शब्द चबाते हुए बोलता है - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बेटे को ऐसी वाहियात बातें सिखाने की लगता है बहुत फ्री चल रहे हो तुम्हारा इंतज़ाम तो आज में करता हु । ये सब देख ऋषभ छोटा सा मुँह बना कर बोलता है - भाई मेने नहीं दिखाया है ये खुद जब में मूवी देखता हूँ तो जबदस्त मेरे कमरे में घुस जाता है और मेरे साथ मूवी देखने लगता है में जब इसे भेजता हु तो ये दूसरी लड़कियों को मेरे नाम से मैसेज भेजता है और वो लडकिय मुझे पीट कर चली जाती है ये बोल वो रोने जैसे चहरा बना लेता है जैसे उसके साथ बहुत अत्याचार हो रहा है ।
ये सुन कर त्रिशूल अपनी आँखें छोटी करके अपनी गोद में बैठे त्रि को देखता है जो दुनिया भर की मासूमियत लिए उसे देख रहा था ये देख त्रिशूल अपना सर ना में हिला देता है इतना तो वो समझ ही गया था कि उसका बेटा बहुत शैतान है वो सलाद त्रि के मुँह के पास कर देता है तो ये देख त्रि अपना मुँह बना देता है और अपना मुँह फेर देता है ये देख त्रिशूल की आँखे गहरी तो जाती है और वो त्रि से बोलता है - बेबी क्या हुआ आप कुछ खा क्यों नहीं रहे हो । ये सुन कर त्रि को कुछ याद आता है और वो त्रिशूल की गोद से उतरने की कोसिस करता है ये देख सब समझने की कोसिस कर रहे थे की त्रि करना क्या चाहता है वही त्रिशूल उससे वपास बोलता है - बेबी आप क्या करने की कोसिस कर रहे हो चलो पहले कुछ खा लो , ये सुन कर त्रि अपनी नम अखो से तृशुल को देखता है और सुबकते हुए बोलता है - मुझे पता है आप मुझे और मम्मा से प्यार नहीं करते हो आप हमें हेट करते हो जब थोड़ी देर बाद आपको वपास गुस्सा आ जायेगा फुर आप मुझे और मम्मा को पनिश करोगे ये बोल कर त्रि त्रिशूल की गोद से उतर कर अपने कमरे में भाग जाता है ।
वही ये सब देख कर बुआजी डेविल स्माइल करती है और त्रिशूल जब ये सब सुनता है तो उसके हाथों की मुठिया बन जाती है वहाँ अब किसी का भी कुछ खाने का मन नहीं था राकेश जी बोलते है - साधना जी आप त्रि के कमरे में समोसे लेकर चली जाइये वो ज़रूर खा लेगा आपको पता हेना उससे वो कितना पसंद है ये सुन साधना जी हा में सर हिला देती है और प्लेट में समोसे लगाने लगती है । वही ये सब देख कर त्रिशूल को अच्छा नहीं लगता है फिर वो बोलता है - माँ आप मुझे दे दो में उसे खाना खिला दूँगा और मुझे उससे कुछ बात भी करनी है । वही राकेश जी जब ये सुनते है तो उन्हें तृशुल पर बहुत गुस्सा आता है क्योकि सिर्फ उसकी वजह से आज अवंतिका बेटा की ऐसी हालत है क्या से क्या हो गयी है वो और बिचारा त्रि चार साल अपने बाप के पर के लिए तरसता आ रहा है ।
ये सब देख राकेश जी त्रिशूल को ताना मारते हुए बोलते है - तुम्हे हमपर ये एहसान करने की कोई ज़रूरत नहीं है बच्चे को कोई झूठी उम्मीद मत दो जिस दिन उसकी ये उम्मीद टूटेगी ना दर्द उसे बहुत होगा उसने बहुत हद तक सिख लिया है तुम्हारे बिना जीना तो आगे भी उसे तुम्हारी ज़रूरत नहीं पड़ने वाली है । वही अपने पापा की ऐसी बाते सुन कर त्रिशूल को बहुत गुस्सा आता है फिर वो अपने एक एक शाब्द पर ज़ोर देते हुए कुछ ऐसा कहता है कि किसी को उसकी पर यकीन ही नहीं होता है वो शॉक में त्रिशूल को देख रहे थे ।
वही अपने पापा की ऐसी बाते सुन कर त्रिशूल को बहुत गुस्सा आता है फिर वो अपने एक एक शाब्द पर ज़ोर देते हुए कुछ ऐसा कहता है - में सब कुछ सही करना चाहता हु ।ये बोल कर वो प्लेट लेकर त्रि के कमरे के तरफ चला गया । वही सब तो त्रिशूल के इस एक लाइन का मतलब समझना चाहते थे के इसके कहने का मतलब क्या है । वही ऋषभ अपना सर खुजलाते हुए बोलता है - भाई को ना सही में एक्सप्लेन नहीं करना आता है बस कुछ शाब्द ही निकलते है इनके मुँह से पता नहीं नमन भाई कैसे इनकी पूरी बात समझ पाते है ।
वही राकेश जी मुँह बना कर बोलते है - बस इतना सा बोल कर चला गया जब किसी को डाँटना होता है अब तो इसकी जुबान बहुत लंबी हो जाती है । वही साधना जी बोलती है - आप भी ना हमे तो खुश होना चाहिए की हमारा बेटा अब अपने रिश्ते को अपनाने को तैयार है लेकिन आप के चहरे पर खुशी नज़र ही नहीं आ रही थी । ये सुन राकेश जी गहरी साँस लेकर बोलते है - तुम्हे नहीं लगता है अब इन सब के लिए बहुत देर हो गयी है अब अवंतिका वो पहले वाली अवि नहीं रही है उसने खुद को बहुत बदल लिया है और अब अवि खुद ही त्रिशूल को अपनी ज़िन्दगी में नहीं आने देगी । ये बोल वो एक फिकी मुस्कान के साथ वहाँ से चले जाते है ।
उनके जाने के बाद सबका मुँह उत्तर जाता है ये सब देख कर दादाजी साधना जी से बोलते है - बेटा जहा हमने इतना इंतज़ार किया है थोड़ा और कर लेते है हमे पूरा भरोसा है भगवान अब हमारी बच्ची के साथ कुछ गलत नहीं करेगा। वही ये सब सुन साधना जी हा में सर हिला देती है फिर ऋषभ वही से ऑफिस निकल गया और दादाजी और साधना जी भी अपने कमरे में चले जाते है ।
वही उन सब के जाने के बाद सुषमा जी वहा रखा हुआ ग्लॉस उठाती है और ज़मीन पर फेंक देती है और गुस्से में बोलती है - लगता है ज़्यादा ही उछल रहे है ये लोग इन्हें भी मेने ज़मीन पर नहीं फेका ना तो मेरा नाम भी सुषमा नहीं इनकी हिम्मत कैसे हुई मुझे यहाँ से निकलने के लिए बोलने के लिए में भी देखती हूं इनकी ये खुशियां कितने दिन रहती है क्योकि में इन्हें खुश नहीं देख सकती ।वही ये सुन पार्थ बोलता है - यस मोम जो आपका कुत्ता जो आपके पैरो के नीचे हमेशा रहता है आज उसको मुँह में भी ज़ुबान आ गयी थी देखना नहीं कैसे जवाब दे रहा था पता नहीं क्या हुआ है आज इसे जो अपने बेटे पर इतना प्यार लूटा रहा है ।
वही फूफाजी (सुभाष ) तो अपनी सोच में ही गुम थे फिर थोड़ी देर बाद वो अपनी सोच से बाहर आते है सुषमा जी और पार्थ से बोलते है - कुछ दिन के लिए शान्त रहो और धीऱे धीऱे त्रिशूल को भड़काओ लेकिन त्रिय्रम और अवंतिका को कुछ भी मत बोलना और जितना हो सके शान्त रहना किसी को भी कुछ बोलने का मौका मत देना वरना इस बार तो हमने बहाना बना दिया लेकिन अगली बार ये लोग सीधा हमे घर से निकाल देंगे ।ये सुन सुषमा जी और पार्थ हा बोल देते है लेकिन सुषमा जी के तो दिल में आग लगी हुई थी जो इतनी जल्दी शान्त नहीं होने वाली थी ।
वो लोग फिर वहा से उठ कर अपने कमरे में चले जाते है वही त्रिशूल त्रि के कमरे के बाहर था वो धीऱे से गेट पुश करता है तो गेट खुल जाता है ये देख त्रिशूल अंदर आता है तो देखता है पुरे कमरे में अंधेरा था लेकिन किसी के सिसकने की आवाज आ रही थी वही त्रिशूल वो प्लेट पास रखे टेबल पर रख देता है और पहले कमरे की लाइट्स ऑन करता है जब वो कमरा देखता है तो देखता ही रह जाता है क्योकि अवंतिका ने ये रूम अपने हाथों से बहुत अच्छे तरीके से डेकोरेट किया वहा वॉल पर उन दोनों की बहुत सारी फोटोज लगी हुई थी रूम पूरा कॉलॉरफुल था बहुत सारे कॉलोर्स थे रूम में तभी उसका ध्यान किसी की सिसिकियो की आवाज से टूटता है वो ध्यान देता है तो पाता है कि आवाज बेड के नीचे से आवाज आ रही थी ।
उसने नीचे झुक कर देखा तो पाया त्रि बेड के नीचे था और उसका चहऱा रोने की वजह से पूरा लाल हो गया था जो उसे और क्यूट बना रहा था उसका चहरा बिलकुल फूल जैसा लग रहा था । त्रिशूल बोलता है - बेबी प्लीज डेडा के पास आओ उन्हें आपसे कुछ बात करनी है । लेकिन त्रि कुछ नहीं बोल रहा था बस अपना सर ना में हिला रहा था वो त्रिशूल की कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं था वही ये देख कर त्रिशूल को समझ ही नहीं आया की कैसे त्रि को बहार निकाले वो अपनी नज़र आस पास अपनी नज़रे दौड़ाने लगता है तभी उनकी नज़र समोसे की प्लेट पर जाती है ।
उसे देख कर उसको कुछ याद आता है और वो उस प्लेट को लेकर त्रि के सामने करते हुए बोलता है - बेबी देखो डेडा आपके लिए आपके फवोरेट समोसे लाए हैं आपको पसंद हे ना चलो जल्दी जल्दी आओ । वही त्रि सब समोसे सुनता है तो उसकी नज़र त्रिशूल के हाथ में रखी प्लेट पर चली जाती है और वो समोसे को देख कर अपनी जीभ अपने होठो पर फेरने लगता है वही त्रिशूल जब त्रि का रिएक्शन देखता है तो उसके होठो पर छोटी सी मुस्कान आ जाती है लेकिन जल्दी ही वो छुपा लेता है और बोलता है - अब त्रि को ये नहीं खाना है तो कोई बात नहीं में ही खा लेता हूं ये बोल कर समोसा उठा कर खाने लगता है इतने में ही त्रि जल्दी जल्दी बाहर निकलता है और त्रिशूलसे प्लेट लेकर बेड पर बैठ जाता है और खाने लगता है वो इस वक्त बहुत क्यूट लग रहा था त्रिशूल का तो मन कर रहा था कि अभी जाकर उसके दोनों गाल पर किस करने ले लेकिन जैसे तैसे खुद को शान्त किया और त्रि को देखने लगा वही समोसे खत्म होने के बाद त्रि जब सामने देखता है तो तृशुल उसे ही देख रहा है । तो त्रि को याद आता है कि वो तो गुस्सा था लेकिन इसके आगे वो कुछ सोचता उससे पहले ही त्रिशूल त्रि को गोद में उठा लेता है ,
और उसे लेकर वाशरूम जाता है उसके हैण्ड वाश करता है और उसका फेस क्लीन करता है फिर त्रि को लेकर कमरे में आता है और बेड पर बैठता है त्रि को अपनी गोद में बिठाता है और बोलता है - बेबी जानता हूं मेने आपको और आपकी मम्मा को बहुत हर्ट किया है केकिन प्लीज इस बार अपने डेडा पर ट्रस्ट करलो इस बार डेडा आपको और आपकी मम्मा को प्रोटेक्ट करेगे और हर्ट नहीं करेंगे आपको क्या बेबी अपने डेडा को सेकंड चांस देगा।
ये बोल करतृशुल उसे बहुत उम्मीद से देखने लगता है और त्रि के जवाब का इंतजार करने लगता है त्रिशूल तो इतना नर्वस अपनी लाइफ में कभी नहीं हुआ था जितना वो आज त्रि के जवाब सुनने के लिए हो रहा था ।
ये बोल कर त्रिशुल उसे बहुत उम्मीद से देखने लगता है और त्रि के जवाब का इंतजार करने लगता है त्रिशूल तो इतना नर्वस अपनी लाइफ में कभी नहीं हुआ था जितना वो आज त्रि के जवाब सुनने के लिए हो रहा था ।
वही ये सब सुन कर त्रि अपना सर नीचे करके कुछ सोचने लगता है फिर वो अपना सर ऊपर करके त्रिशूल को देखता है और अपनी लिटिल फिंगर आगे कर देता ह और बोलता है - पक्का प्रॉमिस की आगे से आप ना तो मम्मा को हर्ट करोगे ना कुछ बोलोगे अगर अपने उनपर गुस्सा किया ना तो मम्मा को यहाँ से लेकर बहुत दूर चला जाऊँगा पता है पहले मम्मा बहुत रोती थी जब आप उन्हें हर्ट करते थे लेकिन में ना उठ जाऊ इसलिए वो अपने मुँह पर हाथ रख लेती थी लेकिन इ बहुत इंतेलीजेंट हु इसलिए जब में मम्मा की रेड आईज देखता था तो समझ जाता था कि मम्मा फिर से रोइ है तब मैंने मम्मा को बहुत बार बोला की हम यहाँ से बहुत दूर चले है क्योकि ना आप हमें प्यार करते थे बल्कि डाँटते भी थे लेकिन मम्मा हमेसा बोलती रही की दादु दादी को हमारी ज़रुरत है इसलिए हम नहीं जा सकते है । अब आप हमें परेशांन नहीं करोगे ना और उन डायन बुआ दादी को भी डाटोगी वो हमेशा से ही मम्मा और मुझे परेशान करती है ।
ये सब बोल त्रि उम्मीद से त्रिशूल को देखता है वही त्रिशूल को त्रि की बातें सीधा दिल पर लगी थी लेकिन वो जैसे तैसे करके अपने इमोशन को कंट्रोल करता है और उसकी फिंगर को अपनी लिटिल फिंगर से पकड़ता है और बोलता है - डेडा प्रॉमिस इस बार आपके डेडा आपको और आपकी मम्मा को हर्ट नहीं होने देंगे ना ही किसी और को करने देंगे अगर कोई करने की कोसिस भी करेगा तो डेडा उसे पनिश करेगे ।
वही ये सुन कर त्रि खुश हो जाता है त्रिशूल के गले लग जाता है और बोलता है - आई लव यू डेडा , वही त्रिशूल भी बोलता है - डेडा आल्सो लव यू टू बच्चा । फिर त्रिशूल त्रि से पूछता है - बच्चा सुबह से आपकी मम्मा नहीं दिख रही है अपनी कंपनी गयी है वो ( क्योकि शादी के बाद अवंतिका ने खुद की कंपनी स्टॉर्ट कर दी थी उसकी बिज़नस स्किल्स काफी अच्छी थी और उसने बिज़नेस स्टॉर्ट करने के लिए के लिए घर में से किसी से भी पैसे नहीं लिए थे उनकी कंपनी दिन बा दिन बड़ी और फेमस होती जा रही है )
वही ते सुन त्रि अपने सर पर हाथ मारते हुए बोलता है - ओफो डेडा आपकी यादाश को क्या हो गया है या फिर आप भी बड़े दादु की तरह बातें भूल जाते हो मम्मा दूसरी सिटी गयी हुई है किसी प्रोजेक्ट से रिलेटेड और कल आयेगी , वही ये सुन कर त्रिशूल को याद आता है फिर उसके साथ ये भी याद आता है की फूफाजी ने जब अवि आ रही थी तब उस पर हमला करवा दिया था और अवि बहुत घायल हो गयी थी उसका एक हाथ भी फ्रैक्चर हो गया था ये सब याद आते ही वो बेचैन हो जाता है लेकिन सामने त्रि को देख कर खुद को शांत करता है ।
फिर त्रिशूल त्रि से पूछता है - तो बच्चा अब आप घर पर क्या करने वाले हो क्योकि अभी थोड़ी देर बाद डेडा को ऑफिस निकलना है । ये सुन कर त्रि थोड़ा उदास हो जाता है लेकिन फिर कुछ सोच कर खुश हो जाता है त्रिशूल के गले में अपनी बाहें डाल देता है और बोलता है - डेडा में भी चलु मुझे भी आपका ऑफिस देखना है मेने मम्मा का ऑफिस तो देखा है लेकिन आपका नहीं देखा है मुझे देखना है प्लीज में चलु ये बोल कर त्रि टिमटिमाती अखो से त्रिशूल को देखता है ।
वही जब त्रिशूल त्रि की नोटंकी देखता है तो हल्का सा मुस्कुराता है और बोलता है - नोटंकी चलो आज आपको डेडा रेडी कर देते है वही ये सुन कर त्रि ख़ुशी से सोफे पर ही खड़े होकर क्लेप करके कूदने लगा वही उसकी खुशी देख कर त्रिशूल को अपने दिल में एक ठंडक मिल रही थी वो आगे आता है और त्रि को अपनी गोद में लेकर क्लोजेंट में जाता है वहा से उनके लिए अपनी ही तरह ब्लैक शर्ट और ब्लैक पैंट निकालता है उसे पहनाता है वही जब त्रिशूल त्रि को रेडी कर देता है तो उसे उसमे खुद का अक्ष देखने को मिल रहा था ।
फिर वो त्रि को अपनी गोद में लेकर अपना कुछ सामान अपने रूम से लेकर नीचे आता है तो वह उसे राकेश जी और साधना जी देखते है जो कुछ बात कर रहे थे वही त्रिशूल एक बार उन्हें देख कर बोलता है - माँ में ऑफिस जा रहा हु और बच्चा को अपने साथ लेकर जा रहा हु । ये बोल वो बिना कोई जवाब सुने बाहर चला जाता है जहाँ गार्ड्स पहले ही सर झुकाए खड़े थे और उसे आता देख एक गार्ड गाडी का गेट खोलता है वही त्रिशूल त्रि को लेकर बैठ जाता है सभी गार्ड्स को अपने बॉस को छोटे बॉस के साथ देख कर सदमा तो लगता है लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता है और उनकी गाड़ी ऑफिस के लिए निकल जाती है ।
वही घर पर बैठे दोनों लोग तो अभी भी सदमे में थे साधना जी अपने होश में आते हुए बोलती है - हमारे बेटे को हुआ क्या है आज सुबह से कुछ अजीब बिहैव कर रहा है । वही ये सुन कर राकेश जी मुँह बना कर बोलते है - हा हे तो बहुत अजीब बिना किसी की कुछ सुने चला गया पता नहीं किसपे गया है ये में तो कितना खुशमिजाज हु वही ये सब सुन कर साधना जी घूर कर उन्हें देखती है और बोलती है - आप तो जब देखो मेरे बच्चे के पीछे ही पड़ जाते हो वही राकेश जी जब देखते है कि बात बढ़ रही है तो वो बोलते है - तुम अपने उस नालायक को छोड़ो और अपने हैंडसम पति पर ध्यान दो , वही ये सुन कर साधना जी शर्मा जाती है ।
वही गाड़ी में त्रि तो चुप होने का नाम ही नहीं ले रहा था वो कुछ ना कुछ बोलता ही जा रहा था वही उसकी बातें त्रिशूल शान्ति से सुन रहा था और उसके चहरे पर हलकी मुस्कान भी थी वही आगे बैठे ड्राइवर और उसके साइड वाली सीट पर बैठा हेड बॉडीगार्ड तेज उनके चहरे पर भी मुस्कान थी जो की बहुत रेयर थी क्योकि तेज हमेशा से ही एमोशनलेस्स रहता था लेकिन अवंतिका को वो अपनी बहन मानता था वो उसकी और त्रि की सेफ्टी का हमेशा ध्यान रखता था बिना त्रिशूल को पता चले ।
वही गाड़ी में त्रि त्रिशूल की गोद से उठ कर आगे तेज की गोद में बैठ जाता है एहि त्रि के इस सद्देन एक्शन की उम्मीद किसी को नहीं थी वही तेज उसे ठीक से बिठाता है और बोलता त्रि ऐसे चलती गाड़ी में ऐसा नहीं करना चाहिए , वही त्रि तो ऐसे रियेक्ट कर रहा था उसने कुछ सुना ही नहीं वो सीधे अपना हाथ आगे कर देता है वही ये देख तेज ना में अपना सर हिला देता है और अपनी जब से एक चॉक्लेट निकल कर उसे दे देता है वही चॉक्लेट देख कर तो त्रि खुश हो जाता है और वो तेज जे गाल पर किस करता है और बोलता है - थैंक यू मामू यू आर बेस्ट , वही तेज ये सुन कर मुस्कुराता है उसके सर पर हाथ फेरता है वही त्रि अब वपास त्रिशूल की गोद में बैठ जाता है । वही तेज आज खुश था त्रिशूल का ऐसा बिहैवियर से वरना उसे हमेशा दोनों के लिए बुरा लगता था लेकिन वो अपनी हैसियत नहीं बुल सकता था।
थोड़ी देर बाद वो लोग ऑफिस पहुँचते है तो त्रिशूल त्रि को अपनी गोद में लेकर कार से बाहर निकालता है ये देख कर त्रि बोलता है - डेडा क्या कर रहे हो अब में बड़ा हो गया हूं अगर आप मुझे अपनी गोद में लेकर जाओगे तो सब क्या सोचेंगे मेरे बारे में , वही ये सुन कर त्रिशूल अपनी एक ऑय ब्रो चड़ा कर उसे देखता है और बोलता है - और अगर मे नीचे नहीं उतरता हु तो , तो त्रि डेविल स्माइल के साथ बोलता है - फिर में मम्मा को आपके खिलाफ बड़का दूँगा । वही उसकी बातें सुन कर त्रिशूल अपने मन में बोलता है - सच में ये मुझपर गया है मेरी मज़बूरी का अच्छे से फायदा उठाना जानता है ।
वही त्रिशूल त्रि नीचे उतरता है वही नीचे उतरते ही त्रि अपनी जब से एक चश्मा निकालता है और बड़े ही स्टाइल से पहन लेता है और अपने दोनों हाथ अपनी पॉकेट में डाल देता है फिर त्रिशूल को देख कर बोलता है - डेडा लग रहा हु ना हैंडसम और सेक्सी , ये बोल त्रि अपनी एक ऊँगली से चश्मा नीचे करता है ऑय विंक कर देता है । वही तेज तो त्रि के स्टाइल पर मुस्कुरा देता है उसे पता था त्रि कितना नोटंकी है वही त्रिशूल उसे घूर कर देखता है लेकिन त्रि को कोई फर्क नहीं पड़ता वही त्रिशूल भी अपने शेड्स लगा कर अंदर जाता है वही उसके साथ साथ त्रि में चल रहा था ।
वही जब सब अपने बॉस को अंदर आते हर देखते है तो देखते रह जाते है लेकिन जहा सारी लडकिय रोज त्रिशूल को देखने में बिजी रहती थी लेकिन आज सबका ध्यान त्रिशूल पर ना रहकर त्रि पर था क्योकि वो उनके बॉस की तरह दिख रहा था उसके चलने का स्टाइल सब कुछ लेकिन वहा त्रिशूल का चहरा एक्सप्रेशनलेस्स रहता था वही त्रि के चहरे पर प्यारी स्माइल थी वो उसे और ज्यादा अड़ोराबल बना रही थी वो सब लड़कियों को अटट्रक्ट कर रहा था वही बहुत लोग तो शॉक थे क्योकि सबको नहीं पता था उनके बॉस शादी शुदा है और उनका एक बेटा भी है वही बहुत सारी लड़कियों का तो दिल ही टूट गया था ।
वही त्रिशूल और त्रि तो बिना किसी पर ध्यान दिए सीधे लिफ्ट में चले जाते है थोड़ी देर बाद उनकी लिफ्ट उसके फ्लोर पर आकर रुकता है त्रिशूल और त्रि पुरे अत्तिटुडे से चलते हुए केबिन में आते है वही त्रि तो रूम देख कर खुश हो जाता है और बोलता है - वॉव डेडा आपका केबिन तो बहुत अच्छा है और वो ग्लास वॉल वहा से तो पूरा मुंबई दिख रहा है ये बोल कर त्रि भाग कर उस वॉल के सामने जाता है और एक्ससितमेन्ट में देखना लगता है वही त्रिशूल ये देख कर मुस्कुराता है और अपनी चेयर पर आकर बैठता है ।
तभी उसका केबिन पर नॉक करता है तो वो कम इन बोलता है तो उसका असिस्टेंट नमन अंदर आता है तो सबसे पहले उसकी नज़र त्रि पर जाती है वही नमन उसे देख कर खुश हो जाता है और बिना किसी पर ध्यान दिए त्रि के पास जाता है और बोलता है - अरे छोटे शैतान तुम यहाँ अब किसकी बैंड बजाने वाले हो तो त्रि पुरे अत्तिटुडे में बोलता है - अभी टारगेट सेट नहीं किया है लेकिन ढूंढ लेगे वो लोग अभी अपने में ही लगे हुए थे की तभी दोनों के कानों में त्रिशूल की आवाज पड़ती है जो बोल रहा था - नमन क्या तुम यहाँ बाते करने आते हो या फिर काम , वही ये सुन नमन अपने मन में बोलता है - खड़ूस जब देखो सिर्फ काम काम सूझता है इन्हें ।
फिर वो अपने होश में आता है और बोलता है सिर्फ अभी दस मिनट बाद आपकी मीटिंग है आपको आपको अभी मीटिंग रूम में चलना चाहिए ये सुन त्रिशूल हा बोलता है फिर बोलता है - तुम यही मेरे केबिन में रहोगे जब तक में नहीं आ जाता और त्रि का ध्यान रखोगे अगर त्रि को एक खरोंच भी आई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा , वही नमन तो उसकी इतनी डरावनी आवाज सुन कर डर जाता है लेकिन हा में सर हिलाता है । वही त्रि बोलता है - नमन चाचू मुझे समोसे खाने है वही ये सुन नमन ना में सर हिला देता है और बोलता है - में अभी मंगवाता हु वही त्रिशूल अपनी जगह से खड़ा होता है और त्रि के सामने आता है उसके चहरे को हाथ में लेता है और उसके फोरहैड पर किस करता है और बोलता है - बच्चा मस्ती मत करना और ज्यादा समोसे मत खाना ये हेल्थी नहीं है और किसी को परेशान नहीं करना ।
वही ये सुन त्रि बहुत ही मासूमियत से बोलता है - डेडा में बहुत ही समझदार और अच्छा बच्चा हु और में बिलकुल भी मस्ती नहीं करूँगा ना ही किसी को परेशान करूँगा । वही त्रिशूल उसका सिर थपथपाता है बोलता है - मेरा अच्छा बच्चा , वही नमन को तो त्रिशूल का बेहविओर समझ नहीं आता है क्योकि उसे पता था कि वो त्रि को पसंद नहीं करता था लेकिन आज वो उसकी इतनी केअर कर रहा था । लेकिन को अपना चहेरा झटकता है और सामने देखता है तब तक त्रिशूल वहा से निकल गया था ।
वही ये सुन त्रि बहुत ही मासूमियत से बोलता है - डेडा में बहुत ही समझदार और अच्छा बच्चा हु और में बिलकुल भी मस्ती नहीं करूँगा ना ही किसी को परेशान करूँगा । वही त्रिशूल उसका सिर थपथपाता है बोलता है - मेरा अच्छा बच्चा , वही नमन को तो त्रिशूल का बेहविओर समझ नहीं आता है क्योकि उसे पता था कि वो त्रि को पसंद नहीं करता था लेकिन आज वो उसकी इतनी केअर कर रहा था । लेकिन को अपना चहेरा झटकता है और सामने देखता है तब तक त्रिशूल वहा से निकल गया था ।
बाहर निकलते ही त्रिशूल तेज को कॉल करता है और बोलता है - तेज अभी के अभी हमारे बेस्ट शैडो बॉडीगार्ड को अवि की सेफ्टी के लिए लगा दो मुझे कोई भी गड़बड़ नहीं चाहिए और इस बात का ध्यान रखना की अवि को इस बारे में कोई खबर नहीं होनी चाहिए । वही तेज को त्रिशूल का बिहैवियर कुछ अजीब लग रहा था लेकिन उसने ज्यादा कुछ नहीं सोचता है और ओके बॉस बोलता है वही त्रिशूल कॉल कट करता है और मीटिंग रूम में चला जाता है ।
वही दूसरी तरफ पुणे में एक कमरे में जो देखने में बहुत सुंदर लग रहा था और कॉलॉरफुल था वहा बीच में एक लड़की पियानो के सामने बैठी हुई थी और उसकी प्यारी उंगलियां पियानो पर बहुत आराम से चल रही थी और वो उसके गाने की आवाज माहौल को बहुत अच्छा बना रही थी वो गाना उसके दिल के जस्बात को अच्छे से बया कर रहा था ।
शायद कभी ना कह सकूँ मैं तुमकोकहे बिना समझ लो तुम शायदशायद मेरे ख्याल में तुम इक दिनमिलो मुझे कहीं पे गुम शायद
जो तुम ना हो, रहेंगे हम नहींजो तुम ना हो, रहेंगे हम नहींना चाहिए कुछ तुमसे ज्यादातुमसे कम नहीं
जो तुम ना हो, तो हम भी हम नहींजो तुम ना हो, तो हम भी हम नहींना चाहिए कुछ तुमसे ज्यादातुमसे कम नहीं
इससे आगे वो गा ही नहीं पाई और वहा से उठ कर हॉल में आ गयी वो अभी बाहर आई तभी उसे बाहर से उसका फ्रेंड कम असिस्टेंट शांतनु अंदर आता है और बोलता है - अवि हम जिस डील के लिए आए थे वो हो गयी है अब बोल तू आज यहाँ रुकना चाहती है या हम आज ही मुंबई के लिए निकलने , वही ये सुन कर अवंतिका ( हमारी हीरोइन ) जवाब देती है - नहीं अब जब प्रोजेक्ट का काम हो गया है तो हमे यहाँ से निकलना चाहिए , ये सब बोलते वक्त अवंतिका के फेस पर कोई रिएक्शन नहीं था वो बिलकुल प्लेन फेस के साथ ये सब बोल रही थी वो आगे कंटिन्यू करते हुए बोलती हैं - में चेंज करके आती हु अपना सारा सामान लेकर तुम जाने की तैयारी करो हम कार से ही जायेगे ये बोल अवन्तिका अपने कमरे में चली जाती है ।
वही शांतनु का चहरा जो खिला हुआ अभी तक वो उतर जाता है और वो खुद से बोलता है क्या थी ये और तूने क्या बना दिया है इसे त्रिशूल ने, जो इंसान दुसरे उदास इंसान को मुस्कुराने पर मजबूर कर देती थी वो अब खुद मुस्कुराना भूल गयी है कितना टाइम हो गया है अब तो मुझे लगता है उसने इसे ही अपनी ज़िन्दगी बना लिया है कभी तुम मेरे दोस्त हुआ करते थे लेकिन मेने अवि को हमेशा अपनी बहन की तरह प्रोटेक्ट किया लेकिन में तुझसे हार गया लेकिन में इसकी इस हालत के लिए तुझे कभी माफ नहीं करूँगा , ये बोलते वक्त उसकी आँखों में बहुत गुस्सा था त्रिशूल के लिए और ये सब बोल वो बाहर चला जाता है यहाँ से निकलने के लिये इंतज़ाम देखने क्योकि उनपर पहले भी बहुत बार हमले हुए थे लेकिन उस हमले का मास्टर माइंड अभी तक पकड़ा नहीं गया था।
थोड़ी देर बाद उनकी अवंतिका अपना सामान लेकर अपने गार्ड्स और शांतनु के साथ मुम्बई के लिए निकल जाती है वही दूसरी तरफ त्रि ने नमन की हालत बहुत खराब कर दी थी नमन पुरे केबिन में घोडा बनकर घूम रहा था वही उसके ऊपर त्रि बैठा हुआ था जो बोल रहा था - चल मेरे घोड़े तब डक टक चल मेरे घोड़े , वही नमन रिक्वेस्ट करते हुए बोलता है - छोटे शैतान प्लीज अब मुझे बक्श दो अब मुझमे जान नहीं बची है में कोई और टारगेट आपके लिए ढूंढ लाता हु लेकिन त्रि तो कुछ सुनने को तैयार ही नहीं था ।
वो लोग अभी अपने में लगे हुए थे की किसी ने बिना परमिशन लिए कोई अंदर आता है और बिना सामने ध्यान दिए वो बोलती है - त्रिशूल बेबी आई मिस अभी वो इतना ही बोल पाई थी की जब सामने देखती है तो वहा त्रिशूल नहीं था लेकिन केबिन में नमन और त्रि थे वही श्रेया ( जी ये श्रेया ही है तो देखते है आगे क्या होता है ) जब सामने देखती है तो सामने त्रि को देख उसकी आँखों में नफरत उत्तर आती है क्योकि वो जब भी त्रि को देखती है तो उसे उसमे अवंतिका का चहरा याद आता था और त्रिशूल का हर बार उसे रिजेक्ट करना वो तो श्रेया ही थी जो अभी तक ग्लू की तरह चिपकती रहती थी उसे तो फर्क ही नहीं पड़ता था कि त्रिशूल शादीशुदा है या फिर उसका एक बच्चा है क्योकि उसे तो सिर्फ त्रिशूल के पैसे और पावर ही चाहिए थी ।
थोड़ी देर बाद वो अपने होश में आती है और त्रि को गुस्से में देखती है और बोलती है - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे त्रिशूल के केबिन में आने की क्या तुम्हे पता नहीं की वो तुमसे कितनी नफरत करता है , इसके आगे वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही नमन गुस्से में बोलता है - मिस श्रेया आप अपनी लिमिट भूल रही है हा आप इस कंपनी की टॉप मॉडल है लेकिन अगर अपने छोटे बॉस को कुछ भी कहा तो मुझे ये सब बॉस को इन्फॉर्म करना होगा इसके आगे जो भी आपके साथ होगा उसका फैसला बॉस करेगे ।
वही जब श्रेया देखती है कि एक एम्प्लॉय कैसे उसे धमका रहा है तो उसका चहरा बहुत खराब हो जाता है वो बोलती है - तुम मुझे डराने की कोसिस कर रहे हो जैसे में नहीं जानती हूं कि इसे त्रिशूल कितना ना पसंद करता है में भले ही इसके साथ कुछ भी करू मुझे पता है तृशुल मुझे कुछ नहीं बोलेगा क्योकि में उसके लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट हु ये बोल वो बिना नमन पर ध्यान दिए त्रि की तरफ बढ़ने लगती है ताकि उसे सबक सिखा सके ।
वो अभी उसके पास पहुँच ही रही थी की त्रि अपनी पॉकेट में से मार्बल निकलता है और ज़मीन पर बिना किसी की नज़र में आए गिरा देता है वही श्रेया का ध्यान नीचे नहीं था उसके पैर के नीचे मार्बल आ जाता है और वो धड़ाम की आवाज के साथ गिर जाती है वही ये सब नमन देख कर शॉक था लेकिन जब वो त्रि का रिएक्शन देखता है तो समझ जाता है कि अब त्रि का शिकार श्रेया है वो तो खुश हो रहा था आगे का ड्रामा देखने के लिए ।
वही उसे गिरता देख त्रि बिना देर किए वहा से भाग कर श्रेया के पास आता है और उसके हाथ वहा रखी रस्सी से बांध देता है और डेविल स्माइल के साथ देखता है और बोलता है - अब मिला है नया शिकार चलो मजा आयेगा , ये बोल वो वहा रखे कलर पेंसिल उठा लेता है और श्रेया का फेस पेंट करने लगता है वही नमन को तो ये सब देख कर बहुत मजा आ रहा था वही श्रेया चिला रही थी लेकिन उसकी आवाज केबिन से बाहर जा ही नहीं सकती थी क्योकि केबिन साउंडप्रूफ था।
थोड़ी देर बाद कलाकारी डरने के बाद त्रि दूर से देखता है तो उसके फेस पर सैटिस्फैक्शन वाली स्माइल आ जाती है और वो बोलता है - फालतू में ही मैम बोलती है कि मुझे ड्राइंग करना नहीं आती है लेकिन देखो में कितनी अच्छी ड्राइंग करता हु , ये बोल कर वो नमन की तरफ देखता है और बोलता है - हु ना चाचू में आर्टिस्ट देखो कितनी अच्छी ड्राइंग करी है मेने बताओ अच्छी है ना ,
वही नमन तो जैसे तैसे अपनी हँसी रोके हुए खड़ा था क्योकि त्रि ने श्रेया को जोकर बना दिया था वो त्रि का सवाल सुन वो जैसे तैसे अपनी हँसी रोकता है और बोलता है - छोटे शैतान वैसे तुम आर्टिस्ट तो सही में बहुत अच्छे हो तुम्हे ये ट्राय करना चाहिए ये सुन त्रि खुश जो जाता है वही जब श्रेया जब देखती है कि दोनों का ध्यान उसपर नहीं है तो वो मौका मिलते ही वहा से उठ कर केबिन से बाहर भाग जाती है ।
वही उसको भागता देख त्रि और नमन दोनों पेट पकड़ कर हँसने लगते है फिर दोनों एक दूसरे को हाई फाई देते है और श्रेया के पीछे निकल जाते है ।
वही जब श्रेया जब देखती है कि दोनों का ध्यान उसपर नहीं है तो वो मौका मिलते ही वहा से उठ कर केबिन से बाहर भाग जाती है ,वही उसको भागता देख त्रि और नमन दोनों पेट पकड़ कर हँसने लगते है फिर दोनों एक दूसरे को हाई फाई देते है और श्रेया के पीछे निकल जाते है ।
वही श्रेया के दिमाग से तो ये निकल ही गया था कि त्रि ने उसके चहरे पर कुछ कलाकारी करी है उसे तो बस जैसे तैसे करके त्रिशूल के पास जाना था ताकि वो सब त्रिशूल को बताये और उसका रिश्ता खराब करे क्योकि पहले ही सुषमा जी ने आज भी घर पर हुआ था वो बता दिया था और वो इंसेक्युरे हो गयी थी की कही त्रिशूल वापस उसके क्लोज ना चला जाए इसलिए वो यहाँ त्रिशूल को उनके खिलाफ भड़काने के लिए आई थी लेकिन यहाँ तो कुछ और ही हो रहा था ।
वही मीटिंग रूम का माहौल कुछ और ही था वहा पर सभी लोगो को खुद पर बहुत प्रेशर फील हो रहा था क्योकि मीटिंग रूम त्रिशूल के सामने के सामने श्लोक अहुजा बैठा हुआ था जो अहुजा कंपनी का सीईओ है ये दोनों बचपन से बेस्ट फ्रेंड थे, जब त्रिशूल अवंतिका से कॉलेज में मिला था तब श्लोक भी उससे मिला था एयर उनकी बहुत अच्छी फ्रेंडशिप हो गयी थी उनके साथ दो दोस्त और थे सारांश मेहता और काव्य मेहता दोनों जुड़वाँ भाई थे वही अवंतिका के साथ शांतनु की दोस्ती भी उनसे हो गयी है ये लोग बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन बाद में सब बर्बाद हो गया ।
जब त्रिशूल ने अवंतिका के साथ इतना कुछ किया था और उस टाइम सब अवंतिका के साइड थे इसलिए त्रिशूल सबसे अलग हो गया था वही उसने अपने दोस्तों से ही दुश्मनी कर ली थी और उसके सब दोस्त भी उससे गुस्सा हो गए थे जब उन्हें पता चला की उसने अवंतिका के साथ क्या हुआ है , वही प्रेज़न्ट में त्रिशूल नेअपने हाथो की मुठी बनानी हुई थी वो श्लोक से बात करना चाहता है सब क्लियर करना चाहता है लेकिन उसे समझ नहीं आता है कि वो क्या बोले लेकिन वो महसूस कर सकता था कि श्लोक उससे बहुत नाराज है ।
और सही भी यही था श्लोक सिर्फ यहाँ अपने एक प्रोजेक्ट के लिए आया था लेकिन सामने त्रिशूल को देख कर उसके सामने अवंतिका का चहरा आ जाता है जिससे उसका गुस्सा और बढ़ जाता है इसलिए वो मीटिंग में त्रिशूल को सुना रहा था बातों बातों में वही ये सुन कर त्रिशूल का गुस्सा बढ़ता जा रहा था उन दोनों के गुस्से की वजह से वहा का माहौल बहुत गर्म हो गया था वही बाकि सब लोगो की तो घबराहट से हालात खराब हो रही थी ।
वो मैनेजर के हाथ काँप रहे थे लेकिन वो रिपोर्ट कर रहा था सामने बैठे दो डेविल को वो लोग अभी मीटिंग में लगे हुए थे की इतने में कोई बिना परमिशन के अंदर आता है त्रिशूल के पास खड़ा हो जाता है वही सब शोकेड होकर उस इंसान को देख रहे थे उन्हें अपनी आँखों पर भरोसा हो ही नहीं रहा था ।
वही दूसरी तरफ चार पांच कार मुम्बई में एंटर करने ही वाले थे की तभी उनकी कार के दस से बारा कार आकार उन सबको घेर लेती है, वही सारे गार्ड्स इससे अलर्ट हो जाते है ये सब देख कर शांतनु और अवंतिका भी अपनी गन निकल लेते है जो वो अपनी सेफ्टी के लिए रखते थे थोड़ी देर में फायरिंग स्टॉर्ट हो जाती है लेकिन सामने वाले लोग ज्यादा थे ये देख कुछ बॉडीगार्ड अवंतिका और शांतनु को कवर करके उन्हें वहा जंगल से निकलने को बोलते है वहा कोई रास्ता नहीं था बचने के लिए क्योकि सामने बहुत सारे लोग थे वही उन दोनों के साथ चार बॉडीगार्ड भी उनको कवर कर रहे थे लेकिन उन अटैकर ने उन्हें निकलते हुए देख लिया था इसलिए उनका हैड कुछ आदमियों के साथ उनके पीछे निकल जाता है ।
वही जंगल में अवंतिका और शांतनु बहुत जल्दी जल्दी चल रहे थे क्योकि उन्हें कैसे भी करके वहा से निकलना था लेकिन वही वो अटैकर भी उनके पीछे ही आ रहे थे वही मौका मिलते ही अवंतिका और वो सब वही पास मी एक झरना देखते है और उसके आस पास बहुत सारे पत्थर रखे थे वो सब वहा जाकर छुप जाते है वही वो अटैकर को लगा की वो लोग आगे निकल गए है तो वो बिना झरने की तरफ ध्यान दिए दूसरी डायरेक्शन में निकल गए थोड़ी देर बाद जब उन्हें अपने आस पास किसी के ना होने का एहसास होता है तब वो बाहर आते है ।
शांतनु अवंतिका के पास जाता है और पूछता है - अवि तू ठीक है ना , इस वक्त उन सब के शरीर कर कुछ चोटों के निशान थे , अवंतिका बोलती है - हा में ठीक हु लेकिन हमें यहाँ से जल्दी निकलना चाहिए यहाँ ज्यादा देर रहना हमारे लिए ठीक नहीं है , ये शांतनु हा में हर हिला देता है वो अपने बॉडीगार्ड के साथ उसके अपोजिट डायरेक्शन में निकल जाते है वो अभी थोडी आगे निकले ही थे की अवंतिका को कुछ आवाजे सुनाई देता है वो सब को वही रुकने को बोलती है और आस पास अपनी नज़रे दौड़ाने लगती है ।
वही अवंतिका को ऐसे रुकता देख शांतनु झलाते हुए बोलता है - यार अवि ये जगह तेरे जासूस बनाने के लिए नहीं है ये सब बाद में भी तू कर सकती है हमारा यहाँ से निकलना ज़रूरी है , ये सुन कर अवि बोलती है - शांतनु मेने अभी कोई आवाज सुनी मुझे बहुत स्ट्रांग फीलिंग आ रही है आप जानते हो मेरी फीलिंग्स कभी गलत नहीं होती है वही शांतनु जो पहले से ही झलाय हुआ था उसने बॉडीगार्ड से बोला - जल्दी जल्दी आस पास चेक करो वरना ये मैडम यहाँ से हिले गी भी नहीं हर वक्त इसे जेम्स बॉन्ड बनना होता है अरे बने लेकिन हालात और जगह भी तो देखि जाती है लेकिन नहीं मैडम को तो किसी की सुनानी नहीं है ।
वही शांतनु गुस्से में बड़बड़ाये जा रहा था वही अवि उस आवाज की डायरेक्शन को फॉलो करने लगती है तो देखती है उस झील के साइड में बहुत सारा कचरा पड़ा हुआ था वो आवाज वहा से आ रही थी अवि बिना कुछ सोचे अपने हाथ से कचरा हटाने लगती है वही शांतनु ने तो अपना सर ही पकड़ लिया था उसकी हरकतों की वजह से वो जल्दी जल्दी उसके पास आता है और बोलता है - अवि तू इस कचरे में क्या ढूंढ अभी वो इतना ही बोल पाया थी की सामने का नजरा देख कर शोकेड हो जाता है क्योकि उस वहा एक छोटा सा बच्चा था उसका चहरा पूरा लाल था देखने में वो एक साल की प्यारी सी गुड़िया थी जिसकी नीली आँखे रोने की वजह से लाल हो गयी थी वहा बहुत सारी चींटियां भी थी जिसने उस बच्ची को बहुत कटा था उसकी हालत बहुत ख़राब दिख रही थी, अवि उस बच्चे को तुरंत उठाती है और उसके कपडे निकलती है वही शांतनु तो अब तक उस बच्ची की ऐसी हालत देख कर शोकेड था ।
वो अवि के खुद को पुकारने से होश में आता है जो उससे अपना बैग माँग रही थी शान्तु तुरंत एक्शन में आता है और अवि को वो बैग दे देता है अवि वो बैग साइड में रखती है पहले उस बच्ची के सारे कपडे निकती है क्योकि उनमे बहुत चींटियां थी जोड़े निकलने के बाद वो अपने बैग से रुमाल निकलती है और झरने के पानी से उस बच्चे को साफ करती है फिर अपने बैग में से अपना स्कार्फ़ निकती है और बच्चे को उस स्कार्फ़ से लपेट देती है । अब जाकर शान्तु उस बच्ची को देखता है तो देखता रह जाता है क्योकि देखने में वो बहुत ही सुंदर थी और अभी साफ हीने की वजह से इसके चीक्स भी रेड थे अवि शांतनु को उस बेबी को पकड़ा देती है और बॉडीगार्ड को आर्डर देती है आस पास अच्छे से चेक करो कुछ तो पता चलेगा इस बच्ची के बारे सारे बॉडीगार्ड यस मैम बोलकर आस पास देखने लगते है वही शातनु तो मजे से उस बच्ची को खिला रहा था लेकिन वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी अभी भी बहुत सारे घाव थे उसकी बॉडी पर ।
शान्तु अवि के पास आता है और बोलता है - यार अवि देख ना ये चुप ही नहीं हो रही है बस रोए जा रही है क्या करे, अवि शांतनु से बो बच्चा अपनी गोद के लेती है और शान्तनु से बोलती है - हमे इसे जल्दी से जल्दी हॉस्पिटल लेकर जाना होगा इसके घाव का ट्रेटमेंट करवाना होगा और शायद इसने बहुत टाइम से कुछ नहीं खाया है इसलिए ये चुप नहीं हो रही है , इतने में सभी बोडीगार्डस आते है और बोलते है - मैम हमने आस पास अच्छे से चेक कर लिया है लेकिन ऐसा पास कुछ भी नहीं मिला , ये सुन कर अवि थोड़ी सोच में पढ़ गयी ये डेल्हा शांतनु बोलता है - अवि आई थिंक हमे पहले हॉस्पिटल चलना चाहिए बाद में सोचेंगे आगे क्या करना है ।
अवंतिका को भी यही सही लगता है तो वो लोग वहा से निकल जाते है थोड़ी देर बाद को लोग मैन रोड पर आ गए थे तो अवि ने एक बॉडीगार्ड को इशारा किया तो उस बॉडीगार्ड ने अपना हर हिला कर अपनी घडी पर लगा एक बटन प्रेस किया थोड़ी देर उनके पास दो कार आकर रूकती है और वो लोग उसमे बैठ कर निकल जाते है ।
वही मीटिंग रूम में सब सामने खड़ी लड़की को घूर कर देख रहे थे क्योकि उसने बहुत अजीब सा मेकअप किया था वो देखने में किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी वही वो लड़की सबके रिएक्शन को अवॉइड करते हुए त्रिशूल के पास आती है और उसका हाथ पकड़ते हुए रोते हुए बोलती है - त्रिशूल आज मेरे साथ बहुत गलत हुआ है तुम्हे उसका बदला लेना होगा मुझे पता है में तुम्हारे लिए बहुत ज़रूरी हु लोगे ना मेरा बदला ,
वही ये सब सुन कर त्रिशूल उसका हाथ झटकते हुए बोलता है - तुम हो कोन और मेरे ऑफिस के ऐसे घुसने की हिम्मत कैसे करी ये बाते त्रिशूल ने बहुत गुस्से में लगभग दहाड़ते हुए कही थी वही वो लड़की तो दो कदम पीछे हो जाती है और त्रिशूल के ऐसे रिएक्शन की वजह से डर जाती है ।
वही ये सब सुन कर त्रिशूल उसका हाथ झटकते हुए बोलता है - तुम हो कोन और मेरे ऑफिस के ऐसे घुसने की हिम्मत कैसे करी ये बाते त्रिशूल ने बहुत गुस्से में लगभग दहाड़ते हुए कही थी वही वो लड़की तो दो कदम पीछे हो जाती है और त्रिशूल के ऐसे रिएक्शन की वजह से डर जाती है ।
लेकिन उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि त्रिशूल उसे पहचान क्यों नहीं पा रहा है जैसे तैसे करके वो अपनी हिम्मत करके बोलती है - त्रिशूल तुम्हे हुआ क्या है में श्रेया तुम मुझे पहचान क्यों नहीं पा रहे हो , उसने अभी यही बोला था कि पूरे मीटिंग रूम में शांति छा जाती है थोड़ी देर बाद किसी के हँसने की आवाज मीटिंग रूम में गूँजती है ये कोई और नहीं श्लोक था जिसकी हँसी रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी वही थोड़ी देर मीटिंग रूम में जितने भी लोग थे सब हँसने लगते है ।
वही श्रेया ने अपने हाथ की मुठिया बना ली क्योकि सब उसपर ही हँस रहे थे लेकिन क्यों ये समझ नहीं आया था वही त्रिशूल एक्सप्रेशनलेस्स था उसे जैसे फर्क ही नहीं पड़ता है सामने कोन है , वही श्लोक अपनी हँसी कंट्रोल करते हुए बोलता है - चलो अच्छा है तुम्हे तुम्हारी सचाई पता चल ही गयी की तुम क्या हो , ये बोल वो वपास हँसने लगता है वही श्रेया को उसकी बाते समझ नहीं आती है वही श्लोक उसका रिएक्शन देख समझ जाता है कि श्रेया को उसकी बातें समझ नहीं आई तो वो बोलता है - मिस श्रेया आपके पास फोन तो होगा ही एक बार अपने फोन का कैमरा ऑन करके अपना चहरा देखिये।
वही उसकी बात सुन श्रेया कंफ्यूज हो जाती है लेकिन तुरंत अपना फोन निकाल कर अपना चहरा देखती है तो शोकेड हो जाती है क्योकि वो किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रही थी ये देख कर वो चिला कर बोलती है - ये तुमने सही नहीं किया में तुम्हे छोडूंगी नहीं । वही वो त्रिशूल की तरफ देख कर अपनी आँखों में पानी लाकर बोलती है - तुम्हे पता है त्रिशूल में तुम्हारे केबिन में थी पता है वहा वो नालायक लड़का था त्रियम उसने मुझे बहुत उल्टा सीधा बोला और मेरे चहरा भी उसने ही बिगाड़ा है देखो ना उसने मेरे साथ क्या किया , ये बोल वो त्रिशूल के सामने बेबस होने का नाटक करने लगती है ।
वही जब त्रिशूल और श्लोक उसके मुंह से त्रि के लिए नालायक सुनते है तो उसका गुस्सा बढ़ता जाता है और वहा का माहौल में ठंडक बढ़ती जा रही थी श्लोक अपने सामने रखे ग्लास को उठा कर श्रेया के ऊपर फेक देता है वही श्रेया के सर पर उस ग्लास के चोट लग जाती और वो श्लोक का इतना भयानक चहरा देख कर डर जाती है वो दहाड़ते हुए बोलता है - तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई त्रि के बारे में अपने मुँह से बोलने की अगर दुबारा तुमने त्रि के खिलाफ कुछ भी बोला तो में तुम्हारी जान लेने से पहले एक बार भी नहीं सोचूँगा और में किसी और के लिए भी तुम्हे नहीं छोडूंगा , ये बोल श्लोक एक नज़र त्रिशूल को देखता है जिसके चहरे पर गुस्सा दिख रहा था ।
अभी श्लोक ने इतना ही बोला था कि मीटिंग तुम में एक बच्चे की आवाज आती है तो सबका ध्यान वहा चला जाता है जहाँ गेट पर त्रि के साथ नमन खड़े थे वही त्रि की नज़र जैसे ही श्लोक पर जाती है तो वो दौर कर श्लोक के पैरो से लिपट जाता है और बोलता है - चाचू आई मिस यू आप कितने दिनों मिलो हो आप कहा बिजी हो गए थे । ये बोल कर त्रि घूर कर श्लोक को देखता है ।
श्लोक नीचे झुक जर त्रि को गोद में उठा लेता है और बोलता है - सॉरी बच्चा चाचू थोड़ा बिजी थे लेकिन अब चाचू फ्री है अब हम साथ में बहुत मस्ती करेगे , वही ये सुनकर त्रि ख़ुशी में चिलाने लगता है वही उसके इस एक्शन पर श्लोक मुस्कुराने लगता है वही वहा खड़े सभी लोग समझने की कोसिस कर रहे थे की ये बच्चा कोन है और उनके बॉस जैसा क्यों दिख रहा है ।
वही त्रिशूल को श्लोक से जलन हो रही थी की उसका बेटा उससे ज्यादा श्लोक के साथ खुश था ये देख त्रिशूल आगे आता है और त्रि को श्लोक की गोद से ले लेता है और अपने सीने से लगा लेता है वही श्लोक उसके इस एक्शन हैरान नज़रो से देखने लगता है क्योकि उसने कभी भी त्रि पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज वो त्रि को ऑफिस लाया और ऊपर से उसे अपनी गोद में भी लिया वह श्रेया भी त्रिशूल के इस एक्शन से हैरान थी ।
वो आगे आती है बोलती है - त्रिशूल तुम इस बच्चे को मत छोड़ना इसने मेरे साथ , अभी वो इतना ही बोल पाई थी की त्रिशूल दहाड़ते हुए बोलता है - जिस बच्चे के बारे में तुम उल्टा सीधा बोल रही हो ना वो त्रिशूल खुराना का बेटा त्रियम त्रिशूल खुराना , फिर वो नमन की तरफ देखता है और बोलता है - मेने बोला था ना की त्रि को केबिन में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए तो फिर क्या हुआ था बताओ।
वही ये सुन नमन बोलता है - सर मेने इन्हें बहुत रोकने की कोसिस करी थी लेकिन ये बिना परमिशन के केबिन में घुस गयी थी और फिर त्रि को बाहत कुछ सुनाने लग गयी थी जो बहुत गलत था । बस त्रिशूल का इतना ही सुनना था उसने चिला कर अपने गार्ड्स को बुलाया जब गार्ड्स आए थे त्रिशूल ने श्रेया की तरफ इशारा करके कहा इस कचरे को बाहर फेंक दो और ध्यान रहे अब दुबारा ये इस ऑफिस में नहीं दिखना चाहिए वरना तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा , वही त्रिशूल की इतनी डरावनी आवाज सुन कर गार्ड्स डर गए लेकिन यस सर बोल कर श्रेया की तरफ बढ़ गए ।
वही ये सब देख श्रेया की आँखे हैरानी से फेल जाती है वो त्रिशूल से बोलती है - तुम ये क्या बोल रहे हो त्रिशूल में तुम्हारी कंपनी की टॉप मॉडल हु तुम मेरे साथ ऐसा बिहैव नहीं कर सकते हो , इसके आगे वो कुछ बोलती उससे पहले ही त्रिशूल बोलता है - तुम्हे लगता है कि तुम मेरे बेटे के ऐसे बिहैव कारोगी और में तुम्हे अब इस कंपनी में रहने दूँगा आज से तुम्हे इस कंपनी में बैन किया जाता है । वही तृशुल अब अपनी नज़र गार्ड्स की तरफ करता है वो त्रिशूल का इशारा समझ जाते है श्रेया को खीच कर बहार निकल रहे थे वो चिला रही थी लेकिन किसी को उससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योकि वो सबको परेशान करती रहती थी और खुद को कंपनी की लेडी बॉस बताती थी और अपना हुकुम चलती थी सब तो खुश हो रहे थे की फाइनली ये बला टली।
वही श्लो तो हैरान और अपनी आँखें छोटी करके त्रिशूल की हर हरकत को देख रहा था वो शॉक था क्योकि आज त्रिशूल पहले वाले त्रिशूल की तरह ही बिहैव कर रहा था और ये बात श्लोक अच्छे से समझ पा रहा था लेकिन वो ये समझ नहीं पा रहा था कि अचानक हुआ क्या है कि त्रिशूल में इतना बड़ा चेंज आया है वो शांति से अभी देख रहा था कि त्रिशूल आगे क्या करने वाला है ।
त्रिशूल अब नमन को देखता है और बोलता है - नमन श्रेया को हमारी कंपनी से निकालने का पेपर वर्क कम्पलीट करो और मेक शोर की उसका कैर्रिर पूरा बर्बाद हो जाना चाहिए उसको दूसरा काम नहीं मिलना चाहिए ,ये सुन नमन हा में सर हिला देता है , फिर त्रिशूल सब को देखता है और बोलता है - थिस मीटिंग इस ओवर नाउ , वही ये सुन सब मीटिंग रूम से चले जाते है सिर्फ श्लोक को छोड़ कर ।
वही त्रिशूल त्रि को देखता है वो टुकुर टुकुर सारा ड्रामा मजे से एन्जॉय कर रहा था त्रिशुल ने त्रि के फोरहैड को किस किया और बोला - मेरा बच्चा ठीक है ना कुछ हुआ तो नहीं ना , वही ये सुन कर त्रि बड़ी मुस्कान के साथ बोलता है - डेडा में बिलकुल ठीक हु मुझे तो माजभी बहुत आया उन गन्दी आंटी को परेशान करके ये बोल कर वो हँसने लगता है ।
वही श्लोक हैरानी से त्रिशूल को देख रहा था क्योकि आज त्रिशूल उसका वही दोस्त लग रहा था वो बहुत पहले हुआ करता था लेकिन वो अपने इमोशन को कंट्रोल करता है और त्रिशूल से सीरियस होकर पूछता है - अब ये कौन सा ड्रामा है तुम्हारा क्यों तुम बच्चे की फीलिंग्स के साथ खेल रहे हो जब तुम्हे उससे दूर जाना ही है क्योकि तुम तो उसे और अवि को अपनाने से रहे तो ये सब करना छोड़ दो बहुत हर्ट होगा आगे जाकर वो ।
वही त्रिशूल का ध्यान अब श्लोक पर जाता है और वो उससे बोलता है - मानता हूं बहुत गलती की है गलती भी कहना गलत होगा लेकिन अब मेरे सामने सच्चाई आ गयी है कि कौन मेरे है और कौन पराए मेरी ही गलती की वजह से मैने अपने सारे रिश्ते खो दिए लेकिन अब में सब सही करना चाहता हु और अपनी गलती को सुधारना चाहता हु । वही श्लोक सर्कटिक स्माइल के साथ बोलता है - वाह जो चीज़ हम इतने टाइम में नहीं समझा पाए वो तुम कुछ दिन में समझ गए ये अपनी बातों में किसी और को फ़साना मुझे नहीं में तुम्हे अब अवि और त्रि को हार्ट नहीं करने दूँगा तुम्हे में हमेशा में उनके आगे खड़ा मिलूँगा । ये कहते वक्त उसकी आँखें गुस्से से लाल थी और वो उसकी आँखों में देख रहा था सच जानने के लिए अभी त्रिशूल कुछ बोलता उससे पहले ही नमन का फोन बजने लगता है तो दोनों का ध्यान उसपर चला जाता है ।
वही नमन जब अपना फोन देखता है तो उसमें तेज का कॉल आ रहा था वो रिसीव करता है तो सामने से कुछ कहा जाता है जिससे सुन कर नमन के चहरा गम्भीर हो जाता है और वो ठीक है बोल कॉल कट करता है और दोनों को देख बोलता है - सर तेज सर का फोन आया था उन्होंने आपको भी कॉल किया था लेकिन मीटिंग की वजह से आपका फोन साइलेंट पर था इसलिए सैयद आप रिसीव नहीं कर पाए ।
त्रिशूल उजसे बोलता है - हुआ क्या है नमन सीधे सीधे बताओ , ये सुन नमन एक बार त्रिशूल को देखता फिर श्लोक को और बोलता है - मैंम पर मुंबई के बाहर हमला हुआ है और इस वक्त मैम सिटी हॉस्पिटल में है , वही ये सुनते ही त्रिशूल और श्लोक की आगे गुस्से से लाल हो जाती है लेकिन उन्हें अवंतिका की टेंशन भी हो रही थी ।
त्रिशूल उजसे बोलता है - हुआ क्या है नमन सीधे सीधे बताओ , ये सुन नमन एक बार त्रिशूल को देखता फिर श्लोक को और बोलता है - मैंम पर मुंबई के बाहर हमला हुआ है और इस वक्त मैम सिटी हॉस्पिटल में है , वही ये सुनते ही त्रिशूल और श्लोक की आगे गुस्से से लाल हो जाती है लेकिन उन्हें अवंतिका की टेंशन भी हो रही थी ।
अब आगे
त्रिशूल तुरंत अपना फोन निकालता है और देखता है तो उसमें तेज के बहुत सारे मिस कॉल थे लेकिन फोन साइलेंट पर होने की वजह से उसे पता ही नहीं चला वही अभी तब उन सब का ध्यान त्रि पर नहीं गया था जो घबरा गया था अपनी मम्मा के हॉस्पिटल में होने की बात सुनकर उसे लगा की उसकी मम्मा को चोट लग गयी ये सोचते ही उसके आँखों से आँसू बाहर आने लगे थे और वो सिसकिया लेने लगा उसकी आवाज से सबका ध्यान अब उसपर गया त्रिशूल ने त्रि को अपने गले लगा लिया और उसकी पीठ रब करने लगा और बोला - बच्चा ऐसे रोते नहीं है आपको पता है ना आपकी मम्मा बहुत स्ट्रांग है उन्हें कभी कुछ नहीं हो सकता है और त्रि भी अपनी मम्मा का स्ट्रांग बेबी है ना ,
ये बोल वो त्रि को देखने लगता है तो त्रि अपनी आँखों में आँसू लिए हा में गार्देन हिला देता है और बोलता है - यस त्रि मम्मा का स्ट्रांग बेबी है जो मम्मा को प्रोटेक्ट करेगा , वही उसकी बात सुन त्रिशूल उसे गले लगता है और बोलता है - हा मेरा स्ट्रांग बच्चा चलो आपकी मम्मा को अभी हमारी ज़रूरत है हम अभी आपकी मम्मा के पास चलते है ये बोल कर त्रिशूल त्रि को लेकर निकल गया नमन भी उनके पीछे निकल गया उनके बाद श्लोक भी अपने असिस्टेंट के साथ निकल गया ।
थोड़ी देर बाद उन सब की कार आकर सिटी होस्पोटल के बाहर आकर रूकती है तो सब कार से बाहर आते है और आस पास देखते है तो पूरे हॉस्पिटल में त्रिशूल के बॉडीगार्ड खड़े थे वही त्रिशूल त्रि को अपने साथ लेकर अंदर जाता है उसके साथ नमन श्लोक भी थे वो लोग बिना कही ध्यान दिए सीधा फोर्थ फ्लोर पर आ जाते है क्योकि वो वी ई पी एरिया था जो कपूर्स के लिए ही था ।
वही उनकी लिफ्ट सीधा वही आकर रूकती है वो बाहर आकर देखते है तो वहा त्रिशूल और अवंतिका दोनों के बॉडीगार्ड ने पूरा फ्लोर अपने अंडर कर लिया था वही त्रिशूल की नज़र सीधा कॉरिडोर के एंड में खड़े शान्तु पर गयी जिसको छोटी बहुत चोटे आई थी वो चल कर वहा आता है वही जैसे ही शांतनु की नज़र त्रिशूल पर गयी तो उसकी आँखों में गुस्सा उतर आया वो कुछ बोलता उससे पहले ही उसकी नज़र त्रि पर गयी उसे देख कर उसने उसके सामने कुछ भी बोलना सही नहीं समझा ।
वही ये सब देख कर श्लोक आगे आया और शान्तु के गले लगा अब शान्तु का ध्यान श्लोक पर गया वो उससे अगल हुआ और बोला - तू यहाँ , ये सुन श्लोक बोला - ये सब छोड़ और ये बता अवि कैसी है उसे चोट तो नहीं आई ना और वो है कहा , शांतनु कुछ बोलता उससे पहले ही सामने वाले केबिन से किसी बच्चे की रोने की आवाज आती है वही ये आवाज सुन शांतनु हड़बड़ा जाता है और श्लोक और सब लोगो को नज़रंदाज़ करता है और सीधा अंदर चला जाता है ।
ये देख किसी को लुक समझ नहीं आया वही ये देख नमन अपना सर खुजलाते हुए बोलता है - अंदर से किसी बच्चे की रोने की आवाज आ रही है क्या मैम बच्ची बन गयी है और वैसे ही हरकते कर रही है उसने अभी यही बोला था कि उसका ध्यान अपने सामने खड़े तीन डेविल पर जाता है जो घूर कर उसे देख रहे थे ये और कोई नहीं त्रिशूल त्रि और श्लोक थे ।
यही नमन उनको ऐसे घूरता देखता है तो वो अपने दाँत दिखा देता है और सीधा उस रूम के अंदर भाग जाता है वो भी अब अंदर आते है जैसे ही वो अंदर आते है तो सामने का नजरा देख कर कंफ्यूज हो जाते है क्योकि अवि के गोद में एक बच्ची थी और अवि उसे चुप कराने में लगी हुई थी लेकिन वो चुप ही नहीं हो रही थी । अवि डॉक्टर को देखती है और बोलती है - डॉक्टर हुआ क्या है ये जैसे ही जागी रोने क्यों लगी अगर ये ऐसे ही रोती रही तो इसकी तबियत खराब हो जायेगी ।
वही ये सुन डॉक्टर बोलते है - मैम आप जाती है कि जब आप इस बच्चे को लेकर आई थी तो इनकी हालात बहुत खराब थी और ये बहुत छोटी है और फिर चोट पर दवाई लगाने से शायद इन्हें जलन हो रही होगी लेकिन ये ज़रूरी है , ये सुन अवि बस हा में अपना सर हिला देती है और उस बच्ची को शांत करने लगती है वही त्रिशूल की तो नज़र ही नहीं हट रही थी अपनी अवंतिका से शायद कितने टाइम बाद वो ध्यान से अपने प्यार को देख रहा था वो अवि को देख कर इमोशनल हो गया था लेकिन अभी भी उसके चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे ।वो बस अवि के अक्स को अपनी आँखों में बसाना चाहता था ।
वही त्रि त्रिशूल की गोद से नीचे उतरता है और भाग कर अवंतिका के पास जाता है और उसके पैरों से लिपट जाता है अपनी रुआँसी आवाज में बोलता है - मम्मा आपको पता है में कितना डर गया था जब मुझे पता चला की आप हॉस्पिटल में हो लेकिन अब जब मैने आपको ठीक देखा तो त्रि हैप्पी हो गया । वही अवंतिका तो शॉक हो गयी थी फिर त्रि की बातों से उसे होश आता हौर वो एक मुस्कान के साथ नीचे झुकती है और त्रि के फोरहैड पर किस करती है वही ये फील करते ही त्रि के चहरे पर बड़ी मुस्कान आ जाती है ।
तभी उसकी नज़र अवंतिका के गोद में जब एक बच्चे को देखता है तो उसकी आँखों में चमक आ जाती है और वो खुश होते हुए बोलता है - मम्मा क्या ये मेरी सिस्टर है ये बहुत क्यूट है और बिलकुल उस स्टोरी की फेयरी की तरह है हा स्नो वाइट ये बिलकुल वैसी ही है मम्मा मुझे भी दो ना मुझे भी अपनी सिस्टर को गोदी लेना है । ये बोल वो अवंतिका को देखने लगता है अवंतिका वही त्री के रिएक्शन से मुस्कुराती और बोलती है - ठीक है लेकिन पहले आप वहा बेड वे बैठ जाओ तब आप अपनी सिस्टर को ले सकते हो वो अभी बहुत छोटी है ना ,
ये सुन त्रि हा में सर हिला देता है और बेड में बैठ जाता है वही अवंतिका भी उस बेबी को बेड पर लेता देती है वो उसे थपकी देने लगती की शायद चुप हो जाए क्योकि वो अभी भी रो रही थी वही त्रि भी अपनी मम्मा की कॉपी करने की कोसिस कर रहा था ये देख वही अवंतिका मुस्कुरा देती है ।
वही ये सब देख शान्तु तो बस मुस्कुरा देता है लेकिन नमन त्रिशूल श्लोक के चहरे पर कॉम्प्लिकेटेड एक्सप्रेशन थे । वही डॉक्टर इतने लोगो को देख कर बाहर जाना सही समझते है और वो एक्सक्यूज़ मी बोल वहा से चले जाते है । उनके बाहर जाते ही श्लोक एक नज़र अवंतिका और त्रि को देखता है जो बच्चे के साथ बिजी थे फिर वो शान्तनु की तरफ देख कर बोलता है - अब बताओगे की हुआ क्या था और ये बच्चा , वही उसका सवाल सुन शांतनु एक नज़र त्रिशूल को देखता है लेकिन उसके कोल्ड औरा की वजह से उससे कुछ नहीं बोल पता है फिर वो श्लोक की तरफ देख कर सारी बाते बता देता है जैसे जैसे वो बता रहा था वही उन्हें वहा की ठंड बढ़ती हुई महसूस हो रही थी वही शांतनु की बात खत्म होती ही सबकी नजर बेड पर लेटे हुए बच्चे पर जाती है जिसने अब रोना बंद कर दिया था और वो अवंतिका और त्रि के साथ मुस्कुरा रही थी खिलखिला कर कुछ आवाजे निकल रही थी वही उसकी इस हरकत से वहा खड़े सभी लोगो के चहरे पर मुस्कान आ जाती है लेकिन त्रिशूल अपनी मुस्कान छुपा लेता है ।
लेकिन तभी उसकी नज़र अवंतिका पर जाती है और उसकी आँखें डार्क हो जाती है और वो बिना किसी पर ध्यान दिए उसकी तरफ बढ़ जाता है और अवंतिका का हाथ पकड़ कर बेड से उठाता है और पास रखे सोफे पर बैठा देता है वही अवंतिका कंफ्यूज थी त्रिशूल के इस सुद्देन एक्शन से लेकिन वो ना तो कुछ बोलती है ना ही अपने चहरे पर कोई एक्सप्रेशन लेन देती है बस देखती है कि त्रिशूल क्या करने वाला है उसे लगा शायद वो किसी और बात पर गुस्सा है और अपना गुस्सा निकलने वाला है ।
वही श्लोक शान्तु और नमन को भी यही लग रहा था कि शायद त्रिशूल वपास अवंतिका को कुछ उल्टा सीधा ना बोल दे इसलिए वो उसकी तरफ बढ़ जाते है लेकिन वो आगे आते उससे पहले ही उसकी आँखें शादमे में में बाहर ही आने वाली थी उन्हें अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था ।
वही श्लोक शान्तु और नमन को भी यही लग रहा था कि शायद त्रिशूल वपास अवंतिका को कुछ उल्टा सीधा ना बोल दे इसलिए वो उसकी तरफ बढ़ जाते है लेकिन वो आगे आते उससे पहले ही उसकी आँखें शादमे में में बाहर ही आने वाली थी उन्हें अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हो रहा था ।
अब आगे
क्योकि त्रिशूल अवंतिका को बिठा कर वहा रखी टेबल के पास से फर्स्ट एड बॉक्स उठाता है और अवंतिका के हाथ पर लगी चोट पर लगाने लगता है क्योकि किसी का ध्यान भी उस चोट पर नहीं गया था इवन अवंतिका उसका खुद का ध्यान अपनी चोट पर नहीं गया था त्रिशूल बिना किसी एक्सप्रेशन के अवंतिका की चोट पर बैंडेज करता है वही अवंतिका ने त्रिशूल को एक नज़र देखा लेकिन फिर अपनी नज़रे उसके ऊपर से हटा लिया ।
वही श्लोक शांतनु नमन तो शॉक होकर त्रिशूल की हरकतों को देख रह थे उसका अवंतिका की ऐसी फ़िक्र करते देख शांतनु को उनके कॉलेज के दिन याद आ जाता है जहाँ त्रिशूल हमेशा से ही अवंतिका की फिक्रर करता था वो बोलता नहीं था लेकिन हमेशा उसकी नज़र अवंतिका पर रहती थी वही थोड़ी देर बाद शांतनु वापस सेंस में आता है।
वही त्रिशूल अवंतिका की बैंडेज करके उठता है फिर अवंतिका का हाथ पकड़ कर खड़ा करता है और नमन को देखते हुए बोलता है - तुम यहाँ की सारी फॉर्मेलिटी कम्पलीट कर लेना में लव और बच्चो को अपने साथ लेकर घर जा रहा हु । फिर तो अवंतिका का हाथ पकड़ कर ही त्रि के पास आया जो अपनी लिटिल एंजेल के साथ खेलने में बिजी था त्रिशूल ने त्रि को देख कर बोला - बच्चा अब हम आपकी एंजेल को लेकर घर चले फिर आप वहा अपनी एंजेल के साथ खेल लेना । ये सुन कर त्रि की आँखे तारो की तरह चमकने लगती है और वो खुश होते हुए बोलता है - यस डेडा हम जल्दी जल्दी घर चलते है मुझे सबको बताना है कि अब मेरे पास भी सिस्टर है जिसके साथ में खेलूँगा और प्रोटेक्ट करूँगा ।
वही उसकी बात सुनकर सब मुस्कुरा देते है फिर त्रिशूल त्रि का हाथ पकड़ कर बेड से नीचे उतरता है फिर उसकी नज़र बेड पर आराम से सो रही बच्ची पर जाती है जो किसी परी से कम नहीं लग रही थी वो आगे आता है और बच्ची को अपने हाथ पर उठाता है फिर उसके फोरहैड पर किस करता है और उसे अवंतिका को दे देता है वही अवंतिका भी उसे सम्हाल कर पकड़ लेती है फिर त्रिशूल त्रि को अपनी गोद में उठता है और अवंतिका की कमर पर अपना हाथ रखता है जिससे एक पल दोनों की नज़रे मिलती है लेकिन अवंतिका जल्दी ही अपनी नज़र हट लेती है क्योकि आज उसे त्रिशूल की अखो में वही ज़ज़्बात दिख रहे थे जो वो पांच साल पहले देखती थी उसे तो लग रहा था कि वो कोई सपना देख रही है ।
फिर त्रिशूल अवंतिका को लेकर बाहर निकल गया वही शान्तु तो पहले सदमें में ही चला गया था वही उनके जाने के बाद गेट बंद होने की आवाज से होश में आया और हैरानी से श्लोक की तरफ मुड़ते हुए बोलता है - ये मिस्टर अकड़ू को क्या हुआ है आज ये बहुत चेंज बिहैव कर रहा है इसने ना ही अवंतिका को कुछ सुनाया और ना ही रुड बिहैव किया और त्रि को इतने प्यार से अपनी गोद में लेकर घूम रहा है। ये सब बोल वो श्लोक की तरफ देखने लगता है अपने सवालों के जवाब के लिए ।
वही श्लोक थोड़ी देर शान्त रहता है फिर बोलता है - पता नहीं क्या हुआ है लेकिन उसकी हरकतों और बातों से मुझे ऐसा लग रहा है कि शायद उसके साथ कुछ हुआ है शायद कुछ बहुत बड़ा और आज उसकी बातों से ऐसा लग रहा था कि अब त्रि और अवि उसकी लाइफ में बहुत मायने रखते है और आज जब उसे अवि के ऊपर हमले की बात सुनी तो वो बेचैन हो गया था और तुमने ध्यान नहीं दिया लेकिन आज पांच साल बाद त्रिशूल ने अवि को लव कहा क्या तुमने इस बात पर ध्यान दिया ये सुन कर शान्तु को भी ये याद आता है लेकिन फिर में अभी भी उसके दिल में उसके लिए गुस्सा था जो कम नहीं नहीं हो रहा था क्योकि उसने अवि को बहुत तकलीफ में देखा था।
वही उन दोनों की बाते सुन नमन बोलता है - हा आज सर बहुत चेंज बिहैव कर रहे थे उन्होंने आज मुझे त्रि का ख्याल रखने को कहा वही नमन की बात सुन कर दोनों सवालिया नज़रो से नमन को देखते है तो नमन उन्हें सब बता देता है ये सब सुन कर दोनों अपने अपने ख्यालों में खोए हुए थे फिर शांतनु बोलता है - कुछ भी हो लेकिन इस बार में त्रिशूल को अवि को हर्ट नहीं करने दूँगा और त्रिशूल को उसकी हरकतों के लिए कभी माफ नहीं करूँगा।
वही उसकी बात सुन श्लोक शांतनु के कंधे पर हाथ रखता है और बोलता है - मे भी इस बार तुम्हारे साथ हु में भी त्रिशूल को कभी माफ नहीं करूँगा में कभी नहीं भूल सकता हु अवि की वो हालात पहले हमारी अवि कितना खुश रहती थी सबको हँसना जानती थी लेकिन आज देखो क्या से क्या बन गयी है वो हँसना तो भूल ही गयी है हँसती भी है तो वो बिलकुल नकली लगती है । वही ये सब बात करते वक्त दोनों पुराने दिनों में खो जाते है फिर होश में आते है और वो तीनो वहा से निकल जाते है ।
वही कार में त्रिशूल अवि के बैठा हुआ था और उन दोनों के बीच में त्रि बैठा हुआ था और वो उस बच्ची के साथ खेलने में बिजी था जो अवंतिका की गोद में थी वही आज त्रिशूल को बहुत अच्छा महसूस हो रहा थापने परिवार के साथ उसका तो मन कर रहा था जाकर सीधा अवि को गले लगा ले लेकिन वो कहेगा क्या बस यही सोच सोच कर उसने खुद को रोका था वो कुछ स्पेशल करना चाहता था अवि को स्पेशल फील करवा कर उससे माफ़ी माँगना चाहता था क्योकि उसे पता था कि ये सब उसके लोए आसान नहीं होने वाला है क्योकि उसने आज अवि के बेहविओर से उसे खुद को इग्नोर करने से वो इतना तो समझ गया था कि नाराज़गी बहुत ज्यादा है और वो कम होने में टाइम लगेगा वो अवि को अब किसी चीज़ के लिए फाॅर्स नहीं करना चाहता था वो उसके दिल में वही प्यार जगाना चाहता था जो उनके बीच पांच साल पहले था उसने आज देखा था की उसने अपनी लव को कितना बदल दिया है पहले वो खुद भी मुस्कुरती थी और दूसरों को भी मुस्कुरने पर मजबूर कर देती थी लेकिन ये अवंतिका में बहुत कुछ अलग था ये बहुत शान्त काम बोलने वाली ना कोई मस्ती ना कोई मजाक ना कोई शरारत करना ।
वही अवंतिका को ऐसे देख कर त्रिशूल को खुद के दिल पर दर्द महसूस हुआ क्योकि उसे ऐसा बनाने वाला वो खुद है वरना ये वो है ही नहीं वो कितना मस्ती करती थी वही पुरानी बातें याद करते ही उसके हाथ की मुठिया बन जाती है वो अभी अपनी सोच में खोया हुआ था ही की वो गाड़ी के रुकने से होश में आता है तो देखता है घर आ गया था ।
वही गाड़ी रुकते ही त्रिशल बाहर निकला और अवंतिका के साइड का गेट खोलता है और बच्ची को अपनी गोद में लेता है और अपना हाथ आगे बढ़ा देता है लेकिन अवंतिका उसके हाथ को इग्नोर करती है और बाहर निकलती है वही त्रिशूल ये देख कर अपना हाथ नीचे कर लेता है वही अवन्तिका बाहर निकल कर त्रि को निकलती है त्रि बाहर निकलते ही घर के अंदर भाग जाता है ये देख अवंतिका ना में अपना सर हिला देती है और एक नज़र उस बच्ची को देखती वो उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़ कर उस बच्ची को गोद में ले ले लेकिन फिर त्रिशूल की याद आते ही उसने अपने मन को रोक लिया फिर अंदर चली जाती है ।
ये देख त्रिशूल के चहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है लेकिन जल्दी ही वो छुपा लेता है तभी उसकी नज़र अपनी गोद में लेटी प्रिंसेस पर जाती है जो उसे देख कर खिला खिला कर हँस रही थी ये देख त्रिशूल उसके फोरहैड पर किस करता है और बोलता है - वेलकम इन फैमिली प्रिंसेस फिर उसे लेकर अंदर आता है तो देखता है .........
तभी उसकी नज़र अपनी गोद में लेटी प्रिंसेस पर जाती है जो उसे देख कर खिला खिला कर हँस रही थी ये देख त्रिशूल उसके फोरहैड पर किस करता है और बोलता है - वेलकम इन फैमिली प्रिंसेस , फिर उसे लेकर अंदर आता है तो देखता है की त्रि ने घर में शोर मचा मचा कर सब को इक्खटा कर लिया लिया था और उन सब को अपनी लिटिल सिस्टर के बारे में बता रहा था और सब हैरानी से उसकी बातें सुन रहे थे उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था ।
तभी सब की नज़र गेट से अंदर आते त्रिशूल और उस छोटी बच्ची पर जाती है जिसने त्रिशूल की ऊँगली पकड़ रखी थी और वो खिल खिला कर हँस रही थी सब तो ये देख कर शॉक में थे वही त्रि ने जब अपनी बेबी सिस्टर को देखा तो वो दौर कर त्रिशूल के पास गया और बोला - डेडा प्रिंसेस को मुझे दो ना में सबको अपनी प्रिंसेस से मिलवाऊँगा देखो सब मेरी बात ही नहीं मान रहे है । ये सब देख कर त्रिशूल त्रि का हाथ पकड़ कर अंदर आता है और सोफे पर बैठ जाता है और अपने पास त्रि को अच्छे से बैठा देता है फिर उसकी गोद में उस बच्ची को लेटा देता है । ये सब देख कर अवंतिका को कुछ बोलना था लेकिन समझ ही नहीं आ रहा था कि अपने दिल की बात कैसे रखे तभी साधना जी बोलती है - त्रिशूल वो बच्ची अभी बहुत छोटी है अगर गिर गयी या त्रि उसे सम्हाल नहीं पाया तो ।
ये सुन कर त्रिशूल बोलता है - त्रि इतना बड़ा तो है कि अपनी बहन की देख भाल कर ले आपको इतना डरने की ज़रूरत नहीं है । ये सुन कर त्रि बड़ी मुस्कान के साथ बोलता है - यस डेडा त्रि अब बड़ा हो गया है और वो अपनी लिटिल प्रिंसेस को प्रोटेक्ट करेगा और बिलकुल अपने जैसा बनाऊँगा क्यूट और उसे अपने जैसी मस्ती करना भी सिखाऊँगा ।ये सुन ऋषभ आगे आया और बोला - ओए छोटे शैतान में प्रिंसेस को तुम्हारे जैसा बनाने ही नहीं दूँगा तुम बस दो काम ही करते हो दिन भर खाते हो और दूसरों को परेशान करते हो अगर वो तुम्हारे जैसी बन गयी ना तो ये घर चिड़िया घर बन जायेगा ,
वही ये सुन त्रि घूर क्र देखता है और बोलता है - चाचू आप त्रि की इन्सुल्ट कर रहे हो आप जानते हो त्रि को ये पसंद नहीं अब आप देखो में आपके साथ क्या करता हु आपकी इंस्टा आई डी का पासवर्ड मुझे पता है । ये बोल वो ऋषभ को चिढ़ाने लगता है वही ये सुन कर ऋषभ मुँह बना लेता है फिर वो त्रि की गोद से उस बच्ची को ले लेता है और खिलाने लगता है ।वही सभी घर वाले ऋषभ को घेर कर खड़े हो गए थे और उस बच्ची के साथ खेलने लगते है वही साइड में बुआ जी , फूफा जी और पार्थ साइड में खड़े हो कर ये सब तमाशा देख रहे थे उन्हें ये सब पसंद नहीं आ रहा था ।
बुआ जी का मुँह बना हुआ था वो बोलती है - लोगो ने तो घर को धर्मशाला ही बना लिया है जब देखो किसी ना किसी को घर पर उठा लाते है वही उनके पास खड़े उनके पति उनका हाथ पकड़ कर शान्त रहने का इशारा करता है क्योकि वो नहीं चाहता था कि अब कोई प्रॉब्लम हो वो सुबहा की बात अभी भुला नहीं था वही अवंतिका ने अब तक सबको बच्ची के बारे में सब बता दिया था सबको उनके लिए बुरा लगता है लेकिन वो माहौल खराब नहीं करना चाहती थी इसलिए कोई कुछ नहीं बोलता है ।
वही राकेश जी बोलते है - ये सब तो ठीक है लेकिन हमें फिर भी इसके परिवार वालो को ढूंढना तो पड़ेगा ही प्रिंसेस के घर वाले परेशान हो रहे होंगे , ये सुन अवंतिका बोलती है - मेने शान्तु को बोल दिया है इसके आगे वो कुछ बोलती उससे पहले ही त्रिशूल बोलता है - मेने तेज को बोल दिया है वो सब पता कर लेगा और जब तक परिवार वालो का पता नहीं चलता है तब तक ये यही रहेगी और अगर कभी भी इनके परिवार का पता नहीं चला तो ये हमेशा ही इस घर में रहेगी अब से ये हमारी और लव की बेटी है हमारा दूसरा बच्चा ।
वही सब त्रिशूल की बात से शॉक थे और खुश भी थे क्योकि उन्होंने इतने साल बाद अवंतिका को लव कहा था जो वो उसे पहले कहता था और अवंतिका जब ये सुनती है कि त्रिशूल ने अभी क्या कहा उनका दूसरा बच्चा ये सुन कर उसकी आँखों से कुछ सीन चले जाते है वही ये सब सुन कर ऋषभ बोलता है - वो सब तो ठीक है लेकिन आपको नहीं लगता है हमे प्रिंसेस का नाम रखना चाहिए ।
ये सुन कर दादाजी खुश होते हुए बोलते है - हा ये बच्ची हमारे घर में लष्मी बन कर आई है तो क्यों ना हम इसका नाम लष्मी रख दे , ये सुन त्रि मुँह बनाते हुए बोलता है - बड़े दादु मुझे तो लगा था आप दादु से ज्यादा कूल हो लेकिन आप तो सही में दादु के जैसे नाम बता रहे हो वही ऋषभ हँसता है और त्रि को हाई फाई करता है वही राकेश जी त्रि को घूरते हुए बोलते है - बेटा में अनकुल हु ना तो ठीक है अब जब तुम्हारी मम्मा तुम्हे डाँटेगी तो में नहीं बचाऊँगा । ये सुन त्रि जल्दी जल्दी बोलता है - अरे मेरे प्यारे दादु आप तो वर्ल्ड में सबसे बेस्ट हो त्रि तो बस मजाक कर रहा था ये बोल वो अपने दाँत दिखा देता है। वही ये देख क्र राकेश जी बोलते है नोटंकी , फिर साधना जी बोलती है - मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा ,
वही ऋषभ चहकते हुए बोलता है - ये ना बिलकुल प्रिसेस जैसी है तो क्यों ना हम इसका नाम परी रखे , ये सुन त्रि मुँह बनाते हुए बोलता है - चाचू ये बहुत बोरिंग है , ये सुन ऋषभ मुँह फुलाते हुए बोलता है - छोटे शैतान अब तुम खुद ही सोचो सब के आईडिया तो तुम्हे अच्छे भी नहीं लगेंगे , वही अभी कोई कुुुछ बोलता उससे पहले ही सबको एक आवाज सुनाई देती है जो त्रिशूल की थी जिसने सिर्फ त्रिश कहा था । वही ये नाम सुन कर सब सोच में चले जाते है वही अवंतिका ये नाम सुन कर किसी सोच में खो जाती है उसकी आँखें नम हो जाती है लेकिन वो अपने एक्सप्रेसआयन जल्दी छुपा लेेेती है लेकिन त्रिशुल ने ये देख लिया था और उसके हाथ की मुठिया बन जाती है ।
वही ये नाम सुनकर त्रि खुश हो जाता है और बोलता है - ये अच्छा है त्रियम कि तृषा , ये बोल वो कूदने लगता है वही अब अवंतिका से यहाँ रहा नहीं जाता है तो वो साधना जी से बोलती है - माँ खाने का टाइम हो गया है आप सब फ्रेश होकर आ जाओ फिर हम खाना खा लेते है में भी बेबी को दूध पिला दूँगी और सुला देती हूं उसे थोड़े आराम की ज़रूरत है ये सुन साधना जी अपने हाथ में ली हुई उस बच्ची को अवंतिका को दे देती है और अवंतिका बच्ची को लेती है और त्रि को देख कर बोलती है - बच्चा आप भी चलो आप को भी भूख लगी होगी ना चलो जल्दी मम्मा आपको फ्रेश कर देती है ।
वो अभी कुछ बोलती उससे पहले ही त्रिशूल उठता है और त्रि को अपनी गोद में लेता है और अवंतिका से बोलता है - लव तुम खुद एयर प्रिंसेस को फ्रेश करके उसे फीड करवा दो में त्रि को ले जाता हूं ये बोल वो अवंतिका को देखता है तो अवंतिका ने एक नज़र भी उसे नहीं देखा बस तृषा को लेकर अपने कमरे में चली जाती है ,वही त्रिशूल भी त्रि को लेकर अपने कमरे में चला जाता है । वही ये सब होता हुआ देख बुआ जी , फूफा जी , और पार्थ भी अपने कमरे में चले जाते है ।
वही ऋषभ ये सब देख कर अपने पापा से बोलता है - - डेड भाई कुछ चेंज नहीं लग रहे है आज वो बहुत शान्त है ना ही हमे सुनाया ना ही भाभी को कोई टौंटा किया और इटनेटिमे बाद भाई ने भाभी को लव कहा क्या भाई भाभी के साथ अपने रिश्ते को ठीक करना चाहते है । ये सब ऑन राकेश जी एक बार उधर देखते है जहाँ त्रिशूल गया था फिर बोलते है - अब हम उनके मामले में कुछ नहीं बोलेंगे लेकिन अगर अब उन्होंने हमारी बेटी को हार्ट किया तो हम उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे , वही ये सब सुन दादाजी बोलते है - हमे लगता है शायद त्रिशूल को सचाई पता चल गयी है इसलिए वो ऐसा बिहैव कर रहा है तुमने देखा नहीं उसने एक बार भी सुषमा और उसके परिवार पर ध्यान नहीं दिया आज जो उन्हें इग्नोर कर रहा था ।
वही ये सब सुन साधना जी बोलती है - जो भी हो बस अब हम ये नहीं चाहते है कि हमारे परिवार पर अब कोई मुसीबत आए क्योकि हम हमारे परिवार को बिखरते हुए नहीं देख सकते है , ये सुन ऋषभ उन्हें गले लगा लेता है और बोलता है - डोन्ट वरी मम्मी अब सब ठीक होगा हमे हमारे भाई वपास मिल जायेगे अब कोई भी हमारे परिवार को नहीं तोड़ पायेगा । ये सुन साधना जी बस ऋषभ के गाल पर हाथ रखती है लेकिन कुछ नहीं बोलती है फिर वो सब भी फ्रेश होने चले जाते है ।
वही त्रिशूल त्रि को लेकर अपने रूम में आता है और वाशरूम में फ्रेश होने चला जाता है हमारा त्रि तो है ही शैतान और उसे पानी बहुत पसंद है वो खुद पर पानी डाल रहा था और त्रिशूल पर भी डाल रहा था वो पानी में खेल रहा था वही त्रिशूल के चहरे और मुस्कान आ जाती है त्रि की हरकतों की वजह से थोड़ी देर मस्ती करने के बाद त्रिशूल और त्रि वाशरूम से बाहर आते है दोनों ने बाथरोब पहना हुआ था दोनों देखने में बहुत हैंडसम लग रहे थे त्रिशूल पहले त्रि को रेडी करता है एयर उसे नाईट ड्रेस पहनाता है ।
जब वो रेडी हो जाता है तो त्रि बोलता है - डेडा अब में मम्मा और प्रिंसेस के पास जाऊ मुझे प्रिंसेस के साथ खेलना है ये सुन त्रिशूल हा बोलता है तो त्रि त्रिशूल के गाल पर किस करके बोलता है - लव यू डेडा बाय , ये बोल वो वहा से भाग जाता है ये देख त्रिशूल मुस्कुराता है और उसका हाथ अपने गाल पर चला जाता है जहाँ त्रि ने किस किया था वो ये अभी सोच ही रहा था कि तभी उसे कुछ याद आता है । वो खुद से बोलता है - शायद मेरे आने से बहुत कुछ बदलने वाला है वरना इस एक्सीडेंट में लव को बहुत चोट आई थी लास्ट टाइम वो पुरे दो महीने हॉस्पिटल में एडमिट थी और उस टाइम ये न्यूज़ भी मिली थी की वही एक बच्ची की डेड बॉडी मिली थे पुलिस ने इन्वेस्टीगेशन की थी लेकिन उस बच्ची के बारे में किसी को कोई इनफार्मेशन नहीं मिली थी।
वो खुद से बोलता है - बाकी सब तो ठीक है लेकिन सबसे पहले मुझे लव को मनाना पड़ेगा मेने उसकी आँखों में खलीपन देखा है अपने लिए नाराज़गी देखी है मुझे कुछ भी करके उसे मनाना होगा में इस बार अपने प्यार को नहीं खो सकता हु वो लोग फिर से कुछ करने की कोसिस करेगे ये जानने के बाद की मेने श्रेया को निकाल दिया है वो लोग कुछ करे उससे पहले ही मुझे लव के साथ अपने रिलेशन को ठीक करना होगा ये सोच कर को गहरी सोच में खो जाता है ।
वो खुद से बोलता है - बाकी सब तो ठीक है लेकिन सबसे पहले मुझे लव को मनाना पड़ेगा मेने उसकी आँखों में खलीपन देखा है अपने लिए नाराज़गी देखी है मुझे कुछ भी करके उसे मनाना होगा में इस बार अपने प्यार को नहीं खो सकता हु वो लोग फिर से कुछ करने की कोसिस करेगे ये जानने के बाद की मेने श्रेया को निकाल दिया है वो लोग कुछ करे उससे पहले ही मुझे लव के साथ अपने रिलेशन को ठीक करना होगा ये सोच कर को गहरी सोच में खो जाता है ।
अब आगे
वही थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर नीचे जाता है जहाँ सब पहले से ही मौजूद थे और त्रि की बातों पर मुस्कुरा रहे थे वहा सब मौजूद थे अवंतिका भी खाना खा रही थी उसे तृषा को रूम में सुला दिया था आराम से वही सब थोड़ी मजाक मस्ती कर ही रहे थे की जब उन्होंने देखा की त्रिशूल आ रहा है तो सब शान्त हो गए वो भी दादाजी के अपोजिट चेयर पर बैठ जाता है उसे दोनों साइड कोई नहीं था क्योकि उसने पहले खुद ही सबको अपने से अलग किया था ये उसे आज महसूस हो रहा था अगर पहले ही उसने सच पता किया होता तो हालात इतने नहीं बिगड़ते लेकिन अब वो कुछ नहीं कर सकता था ।
वही बुआ जी जो शान्त थी उन्हें ये पसंद नहीं आ रहा था कि त्रिशूल ने रोड से मिली हुई बच्ची को अपना लिया सबसे ज्यादा तो उन्हें ये टेंशन था कि अगर त्रिशूल ने उसे लीगली अडॉप्ट कर लिया तो उनकी प्रॉपर्टी के और उम्मीदवार आ गयी है पहले ही बहुत मुश्किल हो रही थी उसे प्रॉपर्टी और सारी जायदात अपने नाम कराने में अब ये एक और मुसीबत कितनी ही उन्होंने साज़िश करी थी की ये उनका हो सके लेकिन अब त्रिशूल का ऐसे बिहैवियर से उन्हें कुछ गड़बड़ लग रही थी ।
अब उनसे रहा नहीं जाता है तो वो त्रिशूल की तरफ देखती है और बोलती है - त्रिशूल बेटा हमे तुमसे कुछ बात करनी है वही ये सुन सबका ध्यान उनपर चला गया वही सुभाष को तो समझ ही नहीं आ रहता था कि अब ये क्या करने वाली है बस कुछ गड़बड़ ना करे वही पार्थ भी यही सोच रहा था कि उसकी मोम कोई गड़बड़ ना करदे।
वही त्रिशूल उनकी तरफ देखता है लेकिन कुछ बोलता नहीं है वही जब बुआजी त्रिशूल का ध्यान खुद पर पाती है तो बोलना शूरु करती है - त्रिशूल बेटा हम मानते है कि उस बच्ची के साथ अच्छा नहीं हुआ है लेकिन ऐसे बहुत सारे बच्चे है जिनसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है लेकिन हम उन सबको घर पर तो नहीं ला सकते है ना और ऐसे बच्चो के लिए ही बहुत सारे अनाथ आश्रम है हम उस बच्ची को वहा भेज देते है उसे वहा जब अपनी ऐज के बच्चे मिलेंगे तो उसे भी वहा अच्छा लगेगा ।
इसके आगे वो कुछ बोल पाती उससे पहले ही सब को त्रि की गुस्से भरी आवाज सुनाई देती है क्योकि त्रि और वहा बैठे सब को बुआ जी की बातें अच्छी नहीं लग रही थी लेकिन सब जानते थे की त्रिशूल सबसे ज्यादा उनसे ही अटैच है लेकिन त्रि से ये सब बर्दाश नहीं हुआ की कोई उसकी लिटिल सिस्टर को उससे दूर करे इसलिए उसने गुस्से में बोलता है - मेरी प्रिंसेस मुझसे दूर नहीं जायेगी वो हमेशा मेरे साथ रहेगी में उसे कही नहीं जाने दूँगा , ये सब बोलते वक्त त्रि का चहेरा गुस्से से लाल हो गया था गया तो वो त्रिशूल पर ही था भले ही कितनी भी मस्ती मजाक क्यों ना कर ले लेकिन गुस्सा उसका बिलकुल त्रिशूल जैसा था अभी तक वो बुआ जी को कुछ इसलिए नहीं बोलता था क्योकि उसे डेडा उसे गुस्सा ना करे लेकिन बात आज उसकी प्रिंसेस की थी ।
वही उसका ऐसा रिएक्शन देख बुआ जी को गुस्सा आता है और वो बोलती है -- तुम्हारी इतनी औकाद नहीं है कि तुम हमसे ऐसे बात करो तुम्हे अपनी जगह पता होना चाहिए तुम तो यहाँ बैठने के लायक भी नहीं हो और बहुत हमदर्दी हो रही है उस बच्ची से हा तुम भी तो बाहर वाले हो तुम्हे ये नहीं भूलना चाहिए इसके आगे वो कुछ बोलती उससे पहले ही त्रिशूल की गुस्से भरी आवाज उनके कान पर पड़ती है वो इतनी खतरनाक थी की वहा बैठा हर कोई इंसान डर जाता है ।
त्रिशूल गुस्से में बोलता है - मेने आपको सुबहा ही समझाया था कि में अपने बच्चे के खिलाफ कुछ नहीं सुनुगा लेकिन शायद आपके कानो तक मेरी आवाज नहीं पहुँचती है और हा आप जिस बच्ची की बात कर रही है वो मेरी बेटी है और में अपने बच्चो के खिलाफ कुछ नहीं सुनुगा रिश्तो का लिहाज है इसलिए में अब ये आखरी मौका आपको दे रहा हु इसके आगे अपने मेरे दोनों बच्चो या मेरी पत्नी को कुछ भी कहा तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।
ये बोल वो एक नज़र बुआ जी को देखता है फिर उसकी नज़र त्रि पर जाती है जिसका पूरा चहेरा लाल था और उसकी आँखें भी लाल थी क्योकि वो अपने आँसू रोकने की कोसिस कर रहा था ये देख त्रिशूल को अच्छा नहीं लगता है वो अपनी जगह से उठता है त्रि के पास जाता है और त्रि को अपनी गोद में उठा लेता है फिर त्रिशूल ऋषभ को देखता है और बोलता है - ऋषभ चलो मेरे साथ मुझे तुमसे कुछ बात करनी है , ये सुन ऋषभ अपनी जगह से खड़ा होता है और बोलता है - जी भाई , ये बोल त्रिशूल के पीछे निकल जाता है ।
वही उनके जाने के बाद दादाजी सुषमा जी से बोलते है - अगर हमें पता होता ना की तुम ऐसी निकलोगी तो हम तुम्हे कभी इस घर में नहीं आने देते हमारी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती हो तुम जिसकी सजा हम भुगत रहे है लेकिन अब और नहीं त्रिशूल ने तुम्हे एक हफ्ता दिया है बस ये एक हफ्ता फिर अपना सामान लेकर यहाँ से चली जाना उसके बाद हम तुम्हे इस घर की शांति बर्बाद करने के लिए यहाँ कभी नहीं आने देंगे ये बोल वो वहा से चले जाते है उनके जाने के बाद एक एक करके सब चले जाते है ।
वही अपनी इतनी बेज़्ज़ती होती देख बुआजी को बहुत गुस्सा आता है वो अपने सामने रखी थाली उठा कर नीचे फेंक देती है और गुस्से में बोलती है - ये तुम सब ने अच्छा नहीं किया मेरी बेज़्ज़ती करी है ना तुम सबने अब देखो कैसे तुम्हारे इस परिवार की बर्बादी में अपने हाथों से ही लिखूंगी फिर वो पार्थ को देख कर बोलती है - श्रेया से बात हुई क्या बताया आज उसने , ये सुन पार्थ गुस्से में बोलता है - मोम पता नहीं त्रिशूल को क्या हो जाया है वो पूरी तरह से हमारी मुठी में था लेकिन आज वो बहुत अलग लग रहा है आपको पता है मोम उसने श्रेया को कंपनी से निकल दिया है और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से ब्लैक लिस्ट करा दिया है जब से उसे वहा से निकाला गया है तब से वो गायब है उसका कुछ पता नहीं चल रहा है ।
वही सुभाष जी अपनी किसी और चीज़ के बारे में सोचने में बिजी थे थोड़ी देर बाद वो पार्थ से बोलते है - तुमने विक्रम को बोल दिया है ना कल क्या करना है , ये सुन पार्थ बोलता है - हा आज इसी काम के लिए वो ऑफिस नहीं गया था वरना बात इतना नहीं बढ़ती वो सब सम्हाल लेता लेकिन कोई बात नहीं कल त्रिशूल के लिए बहुत बड़ा दिन होने वाला है और उसकी बर्बादी की शुरुवात ये बोल वो डेविल स्माइल करने लगता है फिर तीनो वहा से अपने कमरे में चले जाते है ।
वही बाहर गार्डन में त्रि अपने पेट डॉग के साथ खेल रहा था और पूरे गार्डन में दौर रहा था वही गार्डन की एक बेंच पर त्रिशूल बैठा हुआ था उसके साइड में ऋषभ बैठा हुआ था दोनों का फेस इस वक्त बहुत सीरियस था और दोनों शान्त थे वही वहा की शांति तोड़ते हुए ऋषभ बोलता है - भाई जब आप सच जानते हैं तो फिर हम सीधा एक्शन क्यों नहीं लेते है हमे ये सब करने की क्या ज़रुरत है , वही ऋषभ की बात सुन कर त्रिशूल बोलता है - ये सब में एक मिनट में खत्म कर सकता हु लेकिन हमने जो सफर किया है उसका क्या मुझे उन्हें तड़पाना है उनके शरीर की एक एक खून की बूंद उनके शरीर से बहाना है मुझे ।
ये सुन ऋषभ बोलता है - ठीक है भाई में हर एक कदम पर आपके साथ हु आप जो बोलोगे में वो सब करूँगा और जिन्होंने हमारे साथ खेलने की कोसिस करी है उन्हें बर्बाद होते हुए में भी देखना चाहता हु भाई , येसुन त्रिशूल ऋषभ का कन्धा थपथपाने लगता है , वही ये देख ऋषभ त्रिशूल के गले लग जाता है उसकी आँखें नम थी वो अपने भरे गले के साथ बोलता है - फाइनली भाई अब में आपको हग कर सकता हु अब आप मुझे प्यार करोगे ना आप पहले की तरह मुझे इग्नोर नहीं करोगे ना मुझे अच्छा नहीं लगता था जब आप पार्थ की केअर करते थे और मुझे इग्नोर करते थे अब आप मुझे अकेला नहीं छोड़ोगे ना ।
ये सब सुन त्रिशूल को भी सब याद आता है कि कैसे बुआ जी हमेशा उसे उसके परिवार के खिलाफ भड़काती थी और सबसे ज्यादा ऋषभ के और त्रिशूल ऋषभ को हार्ट करने के लिए उसे इग्नोर करता था और अपना सारा ध्यान पार्थ को देता था , ऋषभ को बुरा तो लगता था लेकिन उसने कभी अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी थी वो हर काम करता था जिससे उसके भाई की नज़रो में आ सके वो अच्छा परफॉर्म करता था अपने भाई से शाबासी के लिए लेकिन ऐसा कभी हुआ ही नहीं ।
तभी त्रिशूल ऋषभ से बोलता है - सॉरी ऋषभ मेने तुम्हे बहुत हर्ट किया है मेने अपने भाई होने की कोई ज़िम्मेदारी नहीं निभाई , ये सुन ऋषभ बोलता है - भाई ऐसा नहीं है मुझे पता है आप मुझे बताते नहीं थे लेकिन छुप छुप कर मुझे प्रोटेक्ट करते थे मुझे याद है कॉलेज के फर्स्ट ईयर में मोन्टी ने मेरी रैगिंग करी थी और वो पुरे दो महीने कॉलेज नहीं आया था क्योकि किसी ने उसे बहुत पीटा है मुझे पता है ये अपने ही किया था आप हमेशा से ही छुप कर मुझे प्रिटेक्ट करते थे ।
वही ये सुन त्रिशूल के चहरे पर छोटी मुस्कान आ जाती है उसे वो सब याद आ जाता है कि कैसे वो उन लोगो को पनिश करता था भले ही वो उससे गुस्सा था लेकिन अपने छोटे भाई को हार्म करने का राईट किसी को नहीं दिया था वो लोग अभी अपने आप में बिजी थे की तभी त्रि दौर कर उनके पास आता है और त्रिशूल के पैरों से लिपट जाता है और बोलता है - डेडा त्रि अब थक गया है और अब त्रि को नींद आई है , ये सुन त्रिशूल उसे गोद में उठा लेता है और बोलता है - ठीक है चलो , फिर तृशुल त्रि और ऋषभ के साथ अंदर आते है और अपने अपने कमरे में सोने चले जाते है ।
वही ये सुन त्रिशूल के चहरे पर छोटी मुस्कान आ जाती है उसे वो सब याद आ जाता है कि कैसे वो उन लोगो को पनिश करता था भले ही वो उससे गुस्सा था लेकिन अपने छोटे भाई को हार्म करने का राईट किसी को नहीं दिया था वो लोग अभी अपने आप में बिजी थे की तभी त्रि दौर कर उनके पास आता है और त्रिशूल के पैरों से लिपट जाता है और बोलता है – डेडा त्रि अब थक गया है और अब त्रि को नींद आई है , ये सुन त्रिशूल उसे गोद में उठा लेता है और बोलता है – ठीक है चलो , फिर तृशुल त्रि और ऋषभ के साथ अंदर आते है और अपने अपने कमरे में सोने चले जाते है ।
सब पहले ही सोने चले गए थे वही त्रिशूल त्रि को अपने कमरे में लेकर जा रहा था वही ये देख त्रि बोलता है – डेडा मुझे मम्मा के साथ सोना है मुझे उनके बिना नींद नहीं आती है , ये कौन त्रिशूल सोच में पड़ जाता है बात तो वो भी अवंतिका से करना चाहता था लेकिन उनकी नज़रो में अपने लिए नाराज़गी और गुस्सा देख कर उसे समझ ही नहीं आया की वो कैसे उसे मनाए , वो अभी अपनी गहरी सोच में खोया हुआ ही था कि त्रि के बुलाने में से वो होश में आया ।
वही त्रि बोल रहा था - डेडा चलो न त्रि को नींद आ रही है , ये सुन त्रिशूल खुद से बोलता है – ये अच्छा तरीका है मुझे भी लव के साथ टाइम स्पेंड करने को मिलेगा , ये सुन कर वो मुस्कुराने लगता है फिर त्रि के कान में कुछ बोलता है जिसे सुन त्रि एक लंबी मुस्कान के साथ हा में अपना सर पांच छे बार हिलता है और मुस्कुराते हुए बोलता है – यस डेडा त्रि ये ज़रूर करेगा । ये सुन त्रिशूल त्रि के फोरहैड पर किस करता है और बोलता है – मेरा स्मार्ट बच्चा ।
फिर वो लोग अवंतिका के रूम के सामने आकर खड़े हो जाते है औए अपना हाथ आगे करके रूम नॉक करता है लेकिन रूम खुल जाता है क्योकि अवंतिका ने रूम अंदर से लॉक नहीं किया था ये देख कर त्रिशूल गेट खोल कर अंदर आता है तो उसकी नज़र बेड पर जाती है जहाँ अवंतिका अपनी गोद में तृषा को लेकर सुलाने की कोसिस कर रही थी लेकिन वो तो सोने का नाम ही नहीं ले रही थी बस मुस्कुराते हुए अपने मुँह से आवाजे निकाल रही थी वही अवंतिका उससे बात कर रही थी और बोल रही थी – क्या हुआ मेरे बच्चे को नीनी नहीं आ रही है क्या सो जाओ बच्चा मम्मा को भी सोना है । वो अभी तृषा से बात कर ही रही थी की उसे महसूस हुआ की उसके कमरे में उसके अलावा भी कोई और मौजूद है इस कमरे में तभी उसने अपनी नज़रे उठाई तो उसके सामने त्रिशूल अपनी गोद में त्रि को लिए खड़ा था ।
अपने सामने त्रिशूल को देख कर अवंतिका शॉक हो जाती है क्योकि उसके सामने पहली बार त्रिशूल उसके कमरे में आया था वरना इन पांच सालों में कभी में त्रिशूल उसके कमरे तो क्या अगर कही उसे देख भी लेता था तो अपना राश्ता बदल देता था लेकिन आज त्रिशूल बहुत अलग बिहैव कर रहा था वो हॉस्पिटल से ये ऑब्सेर्वे कर रही थी की कुछ तो बदला है लेकिन क्या , क्योकि उसे ये त्रिशूल पांच साल पहले वाला लग रहा था लेकिन ये सब सोचते वक्त भी उसके चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे क्योकि वो अब खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहती थी और अब वो त्रिशूल से कोई उम्मीद भी नहीं रखे थी वो इस घर में बस माँ पापा दादाजी एयर ऋषभ की वजह से है वरना वो तो यहाँ से बहुत पहले ही चली जाती क्योकि उसने जिससे प्यार किया था उसने उसपर बहरोस किया ही नहीं उसकी वजह से उसने बहुत कुछ सहा था वो अपनी पुरानी यादों में खो गयी थी ।
तभी वो त्रि की आवाज से होश मे आई जो बार बार उसे बुला रहा था तभी अवंतिका त्रि की तरफ देखती है और बोलती है – हा बेटू क्या हुआ , त्रि बोलता है – मम्मा मेने आज ना डेडा से प्रॉमिस लिया है कि वो मेरे साथ सोयेगे और मुझे आपके बिना निन्दनाही आती है तो आज आप में और डेडा हम साथ में सोयेगे । ये सुन की अवंतिका शॉक हो गयी वो हैरानी से त्रिशूल को देख रही थी उसे लगा नहीं था कि त्रिशूल त्रि के लिए इतना कुछ करेगा वो खुद से बोलती है – आखिर इस इंसान के दिमाग में चल क्या रहा है अगर इस बार त्रिशूल ने मेरे त्रि को किसी भी खेल का पार्ट बनाया तो इस बार में खुद उसके खिलाफ खड़ी होगी हमेशाया मेने भले ही छुप कर इन्हें प्रोटेक्ट किया है लेकिन अगर इन्होंने त्रि को हर्ट किया तो में इन्हें कभी माफ नहीं करुँगी ।
फिर वो त्रि को सोने को बोलती है , वही उसे बिना किसी नाटक किए मानते देख त्रिशूल को समझ नहीं आया की अवंतिका के दिमाग में क्या चल रहा है वो अभी यही सोच रहा था कि तभी त्रि त्रिशूल को हिलाते हुए बोलता है – डेडा चलो ना मुझे सोना है , ये सुन त्रिशूल बेड के तरफ बड़ गयी उसने पहले त्रि को बीच में लेटाया और उसके साइड आकर लेट गया और वो अवंतिका को देखने लगा जो तृषा को सुलाने की कोसिस कर रही थी लेकिन वो सोने को तैयार ही नहीं थी ।
वही त्रिशूल देख सकता था कि अवंतिका बहुत थकी हुई है इसलिए वो बैठा और अवंतिका की गोद से तृषा को ले लिया और खुद लेट गया और तृषा को अपने ऊपर लेता लिया वही ये सब इतना जल्दी हुआ की अवंतिका को कुछ समझ नहीं आया वो अभी कुछ बोलती उससे पहले ही उसकी नज़र तृषा पर जाती है जिसकी आँखे बंद होने लगी थी वही अवंतिका वहा से उठ कर सोफे पर सोने के बारे में सोच ही रही थी के इतने में त्रि ने अवंतिका का हाथ पकड़ लिया और बोला – मम्मा आप भी लेट जाओ ना मुझे आपको हग करके सोना है , ये बोल वो बहुत प्यार से अवंतिका को देखने लगता है ।
वही अवंतिका त्रि का चहरा देख कर मना नहीं कर पाई और त्रि के साइड में लेट गयी और त्रि को हग कर लिया और त्रि ने अपने एक हाथ से अवंतिका का हाथ पकड़ लिया वही उसने दूसरे हाथ से त्रिशूल का हाथ पकड़ लिया था वही त्रिशूल ये महसूस करके बहुत खुश था उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था आज वो अपने प्यार और अपने बच्चे के साथ है और वो भी इतने करीब अब बस उसे उन लोगो से बदला लेना है जिनकी वजह से उसके प्यार और उसके बच्चे को इतना सब कुछ सहना पड़ा ।
वही त्रिशूल भी एक हाथ से त्रि के सर को सहला रहा था वही दूसरे हाथ से तृषा को सहला रहा था और उसकी नज़र बार बार अवंतिका पर जा रही थी वो कितने सालो बाद अपने प्यार को इतने करीब से देख रहा था और वो भी एक बेड पर थोड़ी देर बाद वो सो गए वही रात गहरी हो गयी वही रात एक बजे त्रिशूल ने अपनी आँख खोली और अपने आस पास देखा जहा त्रि अवंतिका से चिपक कर सो रहा था ।
वही त्रिशूल ने अपनी ऊपर प्यार से सो रही एंजेल को देखा जो देखने में बिकुल किसी गुलाब की तरह लग रही थी उसने थोड़ी देर उसे देख और फिर आराम से उसे वहा लेटाया और आस पास तकिया लगा दिया फिर वो अपनी जगह से उठा अवंतिका के पास आकर बैठ गया और उसके चहरे को देखने लगता है थोड़ी देर देखने के बाद वो अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके चहरे पर आ रहे बालो को कान के पीछे करता है और ओके हाथ को पकड़ कर वही बैठ जाता है और उससे बात करने लगता है थोड़ी देर बाद अपनी बात खत्म होने के बाद त्रिशूल अपनी लाल आँखे लिए वहा से उठा और वाशरूम चला गया ।
वही उसके जाने के बाद अवंतिका ने अपनी आँख खोली और उस तरफ देखा जहा त्रिशूल गया था फिर उसने अपना चहरा तकिया में छुपाया और रोने लगती वो अपनी आवाज ना निकलने की पूरी कोसिस कर रही थी की किसी को उसकी आवाज ना सुनाई दे और उसके कानों के त्रिशूल की आवाजें ही घूम रही थी जो उससे बर्दाश नहीं हुई और उठाने अपने दोनों कान पर अपना हाथ रख लेती है और सोचने लगती है ..........
वही उसके जाने के बाद अवंतिका ने अपनी आँख खोली और उस तरफ देखा जहा त्रिशूल गया था फिर उसने अपना चहरा तकिया में छुपाया और रोने लगती वो अपनी आवाज ना निकलने की पूरी कोसिस कर रही थी की किसी को उसकी आवाज ना सुनाई दे और उसके कानों के त्रिशूल की आवाजें ही घूम रही थी जो उससे बर्दाश नहीं हुई और उठाने अपने दोनों कान पर अपना हाथ रख लेती है ।
वही थोड़ी देर पहले त्रिशूल अवंतिका के पास उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर बोलता है – आई एम रियली सॉरी लव सारी गलती मेरी है सब मेरी वजह से हुआ है मेने दूसरो पर भरोसा किया तुमने मुझे उनका असली चहरा दिखाने की कितनी कोसिस करी लेकिन में तो इतना अँधा हो गया था कि मैने अपने प्यार पर भी भरोसा नहीं किया क्या क्या नहीं कहा मेने तुम्हे में आज खुद को अपनी नज़रो में बहुत नीचे महसूस कर रहा हु में जिसकी हमेशा इज़्ज़त करने की बात करता था मेने खुद उसकी इज़्ज़त पर सवाल उठाए मेने कोई कमी नहीं रखी तुम्हे और अपने बच्चे अपने परिवार दोस्तों सब को दुख देने में सबने कितना कहा था लेकिन में जो सब कुछ जाने बिना कोई काम नहीं करता था उसने अपने प्यार पर ऊँगली उठाई यहाँ तक की मेने कभी सच जानने की कोसिस ही नहीं करी अगर उस वक्त थोड़ी कोसिस करता तो आज हालात ऐसे नहीं होते लेकिन नहीं अब में सब ठीक करके रखूंगा में अब सब को प्रोटेक्ट करूँगा ये वादा है मेरा " ।
वही के सब बोलते वक्त वो सारे सीन उसकी आँखों के सामने आ रहे थे और वो सब याद करके उसकी आँखें लाल हो जाती है अब उससे बर्दाश नहीं होता है तो वो वहा से उठ कर वाशरूम चला जाता है । प्रेजेंट , अवंतिका अपने कान से अपने हाथ हट कर बोलती है -- " नहीं में अब कभी तुम्हे अपने करीब नहीं आने दूँगी मेने अब खुद को सम्हालना सिख लिया है और अब मुझे किसी को ज़रुरत नहीं है में अपने बच्चो के साथ खुश हूं अब मुझे किसी का साथ नहीं चाहिए इ यहाँ सिर्फ दादाजी माँ और पापा की वजह से हु लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सब नार्मल हो जायेगा लेकिन नहीं अब सब बदल गया है में पूरी बदल गयी हु और मेरी ज़िन्दगी का मकसद बदल गया है , ये बोलते वक्त उसकी आँखें में आँसू के साथ एक आग थी लेकिन ये कौन सी बर्बादी लाने वाली है ये तो समय ही बतायेगा " ।
तभी उसने वाशरूम के गेट खुलने की आवाज आती है ये देख अवंतिका अपनी आँखें बंद कर लेती है और सोने का नाटक करने लगती है वही त्रिशूल खुद को शांत करके अपना चहरा धोकर बाहर आता है और सबसे पहले उसकी नज़र अवंतिका पर गयी जब वो उसे सोते हुए देखता है तो त्रि के साइड आकर तृषा को वपास अपने ऊपर सुला कर लेट जाता है पहले वो दोनों के फोरहैड पर किस करता है फिर वो अवंतिका को देखने लगता है और उसे देखते देखते ही सो जाता है वही थोड़ी देर बाद अवंतिका को जब लगता है कि त्रिशूल कोई हल चल नहीं कर रहा है तो वो अपनी आँख खोलती है और थोड़ी देर उसे देखती है बिना किसी एक्सप्रेशन के और फिर अपनी आँखें बंद करके सो जाती है ।
अगली सुबहा , जब त्रिशूल की आँख खुलती है तो वो आस पास देखता है तो वो अभी भी अवि और त्रि के रूम में ही सो रहा था लेकिन वो पुरे कमरे में अकेला था उसने अपने आस पास देखा तो वहा अवंतिका त्रि और तृषा कोई नहीं था वो उठता है और वहा से अपने कमरे में आ जाता है और फ्रेश होने के लिए वाशरूम चला जाता है फिर वो नहा कर क्लोसेट में चेंज करके बाहर आता है उसने पुरे ब्लैक कपडे पहने थे देखने में वो किसी हैंडसम डेविल की तरह लग रहा था और ऊपर से उसका एक्सप्रेशनल्स फेस उसे और क्रुएल बना रहा था वो रेडी होकर क्लोसेट रूम से बाहर आता है तो देखता है कि उसका फोन बज रहा था वो जब फोन देखता है तो उसके असिस्टेंट का कॉल था वो फोन रिसीव करता है तो सामने से नमन बोलता है – सर जैसे अपने कहा था सब कुछ वैसा ही हो गया है सब कुछ आपके प्लान के हिसाब से सेट हो गया है ।
वही त्रिशूल नमन से बात करते हुए बालकनी में आ गया था वो नमन को बोलता है – गुड लेकिन कोई गड़बड़ नहीं होना चाहिए तुम जानते हो में कोई गलती बर्दाश नहीं करूँगा , ये त्रिशूल ने बहुत सर्द आवाज में कहा था जिससे सुन नमन की रीढ़ की हड्डी तक काँप जाती है वो हकलाते हुए बोलता है – जी जी स सर कोई गड़बड़ नहीं होगी वही ये सुन त्रिशूल ठीक है बोलता है , तभी नमन बोलता है – सर श्रेया के फोन में पार्थ का कॉल बार बार आ रहा था तो मैने उनका फोन ऑफ कर दिया था तो पार्थ ने कुछ आदमी श्रेया को ढूंढने के लिए चारो तरफ फेल दिए है ।
वही ये सुन त्रिशूल एक डेविल स्माइल के साथ बोलता है – चलाने दो जितने हाथ पैर चलाने है उसे अभी तो खेल शूरु हुआ है उसका नंबर भी आने वाला है तब तक खुश हो ले जितना होना है फिर उसके बुरे दिन शूरु ये बोल को कॉल कट कर देता है । और अपनी किसी सोच में खो जाता है तभी उसे कोई शोर सुनाई देता है तो वो नीचे देखता है जहाँ पूरा परिवार गार्डन में बैठा हुआ था और उसके तीनो दोस्त भी आए हुए थे और शांतनु भी वो चारो ऋषभ के साथ मिलकर त्रि और तृषा के साथ खेल रहे थे और मस्ती कर रहे थे वही दादाजी , राकेश जी , साधना जी और अवंतिका वही बैठे हुए थे और ये सब देख रहे थे वही त्रिशूल थोड़ी देर उन्हें देखता है – तभी उसके दिमाग में अपने दोस्तों के साथ बिताए हुए दिन याद आ जाते है जो याद करके उसके चहरे पर छोटी मुस्कान आ जाती है फिर वो अपने कमरे से निकल कर बाहर जाने लगता है तभी वो जब नीचे है तो देखता है बुआजी , फूफाजी और पार्थ अभी भी सो रहे थे वो उन्हे देख कर कुछ सोचता है फिर बाहर निकल जाता है और गार्डन की तरफ बढ़ जाता है और अवंतिका के साइड में आकर बैठ जाता है और बच्चो को अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए देख रहा था ।
वही बाकि सब जब त्रिशूल को गार्डन में देखते है तो उन्हें समझ नहीं आता है कि त्रिशूल यहाँ क्या कर रहा है वही श्लोक , शांतनु , सारांश , और काव्य त्रिशूल को सब के साथ देखते है तो शॉक हो जाते है क्योकि त्रिशूल हमेशा ही अपनी फैमिली को अवॉयड करता था वो सिर्फ अपनी बुआ की फैमिली के साथ ही बात करता था वो भी सिर्फ हा या ना में लेकिन उन्हें नहीं पता था के आज उन्हें झटके पर झटके मिलने वाले थे ।
वही जब त्रि अपने डेडा को देखता है तो भाग कर उनके पास आता है और त्रिशूल के गले लग जाता है और विश करते हुए बोलता है – गुड मॉर्निंग डेडा , ये सुन कर त्रिशूल त्रि को अपनी गोद में उठा कर अपनी लैप पर बिठा लेता है और उसके फोरहैड पर किस करते हुए बोलता है – गुड मॉर्निंग बच्चा अपने ब्रेकफास्ट किया , ये सुन त्रि बोलता है -- नहीं डेडा अभी चाचू आ गए गए तो हम मस्ती करने लगे अब हम ब्रेकफास्ट करने जायेगे , ये सुन त्रिशूल सर्वेंट को बुलाकर वही गार्डन में ब्रेकफास्ट को लगाने का बोलता है , वही श्लोक और शांतनु तो त्रिशूल के इस बेहविओर से नार्मल थे क्योकि वो त्रिशूल का ये रूप कल ही देख लिया था लेकिन सारांश और काव्य तो ऐसे आँखे फाड़े सामने देख रहे थे जैसे किसी बहुत को देख लिया है ।
काव्य धीऱे से बोलता है – में क्या कोई सपना देख रहा हु दा त्रिशूल खुराना आज बहुत अलग बिहैव कर रहा है वो इतने प्यार से बात कर रहा है कोई मुझे इस सपने से जगाओ में बहुत ही डरावना सपना देख रहा हु , अभी उसने ये बोला ही था कि तभी सारांश उसकी पीठ पर रख मुक्का मरता है सारांश ने इतने जोर से मारा था कि काव्य की चीख निकल गयी थी जिससे सबका ध्यान उनपर चला गया था वही श्लोक और शांतनु तो अपना सर ना में हिला देता है क्योकि उनके लिए ये नार्मल था क्योकि ये दोनों ऐसी नोटंकी करते ही रहते थे ।
वही साधना जी बोलती है – क्या हुआ काव्य भईया आप चिलाये क्यों वही ये सुन काव्य सारांश की तरफ इशारा करते हुए बोलता है आंटी देखिये ना जब देखो मुझे ये मरता ही रहता है ये बोल कर काव्य साधना जी के गले लग जाता है , वही काव्य की इतनी नोटंकी देख सारांश बोलता है – आंटी इसने ही मुझे ऐसे करने को कहा था अब देखो कैसे भोले बनने का नाटक कर रहा है , वही दोनों को ऐसे लड़ते देख तृषा जो ऋषभ के गोंद में थी वो रोने लगती है वही उसे रोता की आवाज सुन राकेश जी दोनों को डाँटते हुए बोलते है – बस अब चुप भी करो देखो तुम दोनों ने प्रिंसेस को रुला दिया देखो वो कितना रो रही है वही चारो ऋषभ के आस पास घूम कर उसे चुप करा रहे थे लेकिन वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी वही त्रिशूल को ये सब देख कर बहुत ही गुस्सा आ रहा था वो फिर कुछ ऐसा बोलता है जिसे सुन सब आँखे फाड़े उसे ही देखने लगते है ।
वही साधना जी बोलती है – क्या हुआ काव्य भईया आप चिलाये क्यों वही ये सुन काव्य सारांश की तरफ इशारा करते हुए बोलता है आंटी देखिये ना जब देखो मुझे ये मरता ही रहता है ये बोल कर काव्य साधना जी के गले लग जाता है , वही काव्य की इतनी नोटंकी देख सारांश बोलता है – आंटी इसने ही मुझे ऐसे करने को कहा था अब देखो कैसे भोले बनने का नाटक कर रहा है , वही दोनों को ऐसे लड़ते देख तृषा जो ऋषभ के गोंद में थी वो रोने लगती है वही उसे रोता की आवाज सुन राकेश जी दोनों को डाँटते हुए बोलते है – बस अब चुप भी करो देखो तुम दोनों ने प्रिंसेस को रुला दिया देखो वो कितना रो रही है वही चारो ऋषभ के आस पास घूम कर उसे चुप करा रहे थे लेकिन वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी वही त्रिशूल को ये सब देख कर बहुत ही गुस्सा आ रहा था ।
वो त्रि को अपनी गोद से नीचे उतारता है और उनके पास जाकर ऋषभ की गोद से तृषा को ले लेता है और गुस्से से उन सब को घूरता है और बोलता है – अब अगर तुम लोगो ने अगर कोई आवाज करी तो में तुम लोगो की हालत खराब कर दूँगा तुम्हारी वजह से मेरी बच्ची रो रही है अगर ये जल्दी चुप नहीं हुई ना तो तुम सब रेडी रहना ।
ये सब बोलते वक्त त्रिशूल की आँखों के गुस्सा था वही सब तो त्रिशूल का इतना पोससेसिवे होते देख हैरान हो जाते है क्योकि त्रिशूल का ऐसा बेहविओर उन्होंने सिर्फ अवंतिका के लिए देखा था जब वो कॉलेज में थे लेकिन आज इतने टाइम बाद त्रिशूल का ये रूप उन सब ने देखा था ।
वही त्रिशूल तृषा को लेकर वही गार्डन में थोड़ा टहलता है और तृषा को शांत कराने की कोसिस कर रहा था वही श्लोक शांतनु सारांश काव्य ऋषभ सब आकर सब के साथ बैठ गए वही खाना भी लग गया था वही त्रिशूल भी तब तक तृषा को शांत करा कर सब के पास आ गया था वही सब त्रिशूल का कुछ दिनों से अलग ही साइड देख रहे है कल त्रि की केअर करना और आज तृषा की किसी ने ये कभी सोचा भी नहीं था ।
वही त्रि जो शांति से अपने डेडा को देख रहा था अपनी लिटिल सिस्टर को शांत कराते हुए जब त्रिशूल उसके साइड में बैठ जाता है तो त्रि त्रिशूल से पूछता है – डेडा जब में भी प्रिंसेस के जितना छोटा था तब आप मुझे भी ऐसे चुप कराते थे और क्या में चुप हो जाता था । वही त्रि की बात सुनकर सबके हाथ जो खाना खाने के लिए उठा था वो रुक जाता है वही ये सवाल सुन त्रिशूल के दिल में दर्द होता है क्या ही कहता वो त्रि से की जब वो हुआ था तब उसके आँखों में झूठ की पट्टी बंधी हुई थी तब उसने अपने बच्चे को एक नज़र देख भी नहीं था ।
ये सब सोच कर त्रिशूल की नज़र त्रि पर चली जाती है जो उम्मीद से उसे देख रहा था उसे कुछ समझ ही नहीं आता है कि वो क्या बोले वो कुछ बोलता उससे पहले ही अवंतिका त्रि से बोलती है – बेबी आपको पता है आप बहुत अच्छे हो आप जब छोटे थे ना तो आप किसी को परेशान नहीं करना चाहते थे तो आप ज्यादा रोते नहीं थे क्योकि आप तो मेरे अच्छे बच्चे थे । वही ये सुन कर त्रि खुश होते हुए बोलता है – यस मम्मा त्रि अच्छा बच्चा है ।
वही ये सुन अवंतिका बस मुस्कुरा देती है लेकिन उसके दूसरे हाथ की मुठी बनी हुई थी वही सब के चहरे पर अजीब एक्सप्रेशन थे लेकिन शांति छा गयी सब शांति से ब्रेकफास्ट करते है । वही त्रिशूल भी शांति से तृषा को दलिया खिला रहा था क्योकि तृषा एक साल की थी वही साथ साथ त्रिशूल त्रि को भी खाना खिला रहा था वही श्लोक शान्तु सारांश और काव्य तो त्रिशूल को समझने की कोसिस कर रहे थे वही अवंतिका ने एक बार भी ऊपर नहीं देखा था वो बस अपने ब्रेक फ़ास्ट पर कंसन्ट्रेट कर रही थी वही त्रिशूल की नज़र अवंतिका पर थी लेकिन उसे अवंतिका को देख कर समझ नहीं पा रहा था कि उसके दिमाग में चल क्या रहा है ।
वही अवंतिका अपना ब्रेकफास्ट जल्दी कर लेती है फिर त्रि से बोलती है – बच्चा चलो में आपको रेडी कर दू मम्मा आपको ऑफिस छोड़ने से पहले आपको प्लेस्कूल छोड़ दू ये सुन त्रि अपनी जगह से खड़ा होता है अवंतिका के पास आकर उसके हाथ पकड़ को पकड़ लेता है अभी अवंतिका त्रि को लेकर अंदर जाने के लिए आगे बढ़ी ही थी के तभी उसके कान में तृषा की आवाज पड़ी जो अपने मुँह से कुछ आवाज निकाल रही थी और उसने अपने दोनों हाथ अवंतिका की तरफ किया हुआ था ये देख कर सब समझ जाते है कि तृषा को अवंतिका के पास जाना है ।
वही ये देख कर त्रिशूल अपनी जगह से खड़ा होता है और अवंतिका के पास आकर तृषा को उसे पकडा देता है ये करते वक्त त्रिशूल का हाथ अवंतिका के हाथ से टच हुआ ये महसूस करके ही अवंतिका अपना हाथ पीछे खींच लेती है ये देख त्रिशूल की आँखे कठोर हो जाती है वही अवंतिका तृषा को गोद में लेकर और त्रि का हाथ पकड़ क्रप्ने कमरे की तरफ बढ़ जाती है वही उनके जाने के बाद सब ब्रेकफास्ट करके हॉल में आकर बैठ जाते है तभी वहा पर सबके कानों में बुआ जी आवाज पड़ती है जो चिला चीला कर मेड को अपनी कॉफ़ी और ब्रेकफास्ट अपने कमरे में लाने को बोल रही थी लेकिन कोई भी उनकी आवाज का जवाब नहीं दे रहा था ।
ये देख कर बुआ जी गुस्से में हॉल में आ जाती है और चीला रही थी और सामने मेड को रोक कर उसे सुनाने लगती है वही सब का मूड जो इतना अच्छा था उन्हें देख कर और उनकी बात सुन कर वहा बैठे सभी लोगो का मूड ऑफ हो जाता है वही बुआ जी गुस्से में उस मेड से बोलती है – तुम्हे कितना टाइम हो गया है यहाँ काम करते हुए , ये सुन मेड डरते हुए बोलती है मैडम तीन साल , ये सुन कर बुआजी चिलाते हर बोलती है – जब तुम्हे इतना टाइम हो गया है यहाँ काम करते हुए लेकिन अभी तक तुम्हे क्या ये पता नहीं चला की मुझे सुबहा उठते ही कॉफ़ी चाहिए होती है लेकिन आज मेरी कॉफ़ी मुझे अभी तक नहीं मिली है , वो अभी चीला ही रही थी के फूफाजी और पार्थ भी आ जाते है । पार्थ भी चिड़ते हुए बोलता है – मोम आपको पता है ना सुबह सुबह मुझे अपने कमरे में कॉफ़ी और ब्रेकफास्ट चाहिए होता है लेकिन आज मुझे कुछ भी नहीं मिला ,
वही ये सुन बुआजी जी को बहुत गुस्सा आता है और वो मेड से बोलती है – अब बताओ ये सब क्या है लगता है बहुत ज्यादा छूट मिल गयी है यहाँ के नोकरो की अभी तुम्हे लाइन पर लाती हु अभी ये बोल वो उस मेड को थप्पड़ मारने वाली थी के त्रिशूल की आवाज सुनकर बुआजी का हाथ रुक जाता है और वो त्रिशूल को देखने लगती है । त्रिशूल सोफे पर पूरे अत्तिटुडे के साथ बैठा हुआ था और घूर क्र बुआजी को देखता है और बोलता है – मेने ही सभी को मना किया था कि अगर कोई नाश्ते के टाइम यानि के आठ बजे ब्रेकफास्ट करने डाइनिंग टेबल पर नहीं आता है तो आज उन्हें ब्रेकफास्ट नहीं मिलेगा क्योकि शयद आप भूल गयी है लेकिन इस घर के कुछ रूल्स है जी सब फॉलो करते है और आपको भी फॉलो करना होगा किसी को भी स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा और जो रूल्स पहले से सेट है अब वो ही फॉलो किया जायेगा और जो फॉलो नहीं करेगा वो यहाँ से जा सकता है ।
ये बोल त्रिशूल एक नज़र बुआजी को देखता है फिर अपने फोन में देखने लगता है वही ये सुन कर बुआजी और पार्थ का चहरा गुस्से से लाल हो जाता है और फूफाजी ध्यान सी त्रिशूल को देखने लगते है शायद उसे ऑब्सेर्वे कर रहे थे वही बुआजी अपने गुस्से को शांत करके झूठी मुस्कान के साथ बोलती है -- बेटा तुम तो जानते हो मेरे पैरों में थोड़ा दर्द होता है तो रात में देर से नींद आती है इसलिए सुबह उठने में दिक्कत होती है वैसे भी ये सब पुरानी बातें है हमे भी टाइम के साथ बदलना चाहिए और क्या ही फर्क पड़ता है कितने बजे ब्रेकफास्ट कर रहे है । वही वो आगे बोल पती उससे पहले ही त्रिशूल सरकास्टिक वे में बोलता है – ओ बात तो ठीक है फिर इस बात से भी फर्क नहीं पड़ना चाहिए की बब्रेकफास्ट मिले भी या नहीं तो ठीक है आज आपको ब्रेकफास्ट नहीं मिलेगा और अगर किसी ने भी आपकी मदद करी तो उसे भी पनिशमेंट मिलेगी , और एक बात रूल्स कितने भी पुराने क्यों ना हो सही रूल्स हर कोई फॉलो करेगा और अगर अब किसी को भी स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा । ये बोल वो एक नज़र बुआजी, फूफाजी , और पार्थ को घूर कर देखता है फिर अपने फोन में मेल्स चेक करने लगता है ।
वही बुआजी अपने गुस्से को अपने अंदर दबाते हुए वहा से गुस्से में अपने कमरे में चले जाते है और उनके पीछे फूफाजी और पार्थ भी उनके पीछे चले जाते है वही शांतनु ,श्लोक , सारांश , काव्या और ऋषभ तो बस मूहँ खोल कर ये ड्रामा देख रहे थे , वही सुषमा जी को ऐसे जाते देख ऋषभ मुँह बाना क्र बोलता है --- क्या यार ये तो जल्दी चली गयी थोड़ी और बहस करती और भाई इनकी इन्सुल्ट करते तो बहुत मजे आते हाय कितना सुकून मिला ये ड्रामा देख कर ।
वही सारांश भी हा में हा मिलाते हुए बोलता है - आज उन्होंने खुद की दवाई का स्वाद चख लिया तो देखा कैसा बन्दर की तरह लाल मुँह हो गया था हाय आज दिल को सूकून ही मिल गया । ये बोल सारांश ऋषभ को हाई फाई देता है वही साधना जी दोनों को शांत कराते हुए बोलती है - बस भी करो और बड़ी है वो घर ऐसे बड़ो के बारे में नहीं बोलना चाहिए । वो अभी कुछ बोलती उससे पहले ही सबको किसी के पैरों की आवाज सुनाई देती है तो सबका ध्यान वहा चला जाता है वही सारांश और ऋषभ तो भगवान का शुक्र मना रहे थे ।
वही त्रिशूल तो बिना पलके झपकाये अवंतिका को देख रहा था क्योकि अवंतिका ऑफिस जाने के लिए रेडी होकर आई थी वो बहुत ही सुन्दर लग रही थी और वो किसी खिले गुलाब की तरह लग रही थी वो अपनी गोद में तृषा और एक हाथ से त्रि का हाथ पकड़ कर नीचे लेकर आ रही थी वही वो नीचे आकर सीधे शान्तनु के पास जाकर बोलती है – हमे चलना चाहिए आज हमारी इम्पोर्टेन्ट मीटिंग है , ये सुन शांतनु अपने सर पर मरता है और बोलता है - हा में प्रिंसेस से मिलने के जल्दी में ये भूल ही गया चलो जल्दी चलते है । वही श्लोक भी खड़े होते हुए बोलता है - में भी चलता हूं में भी बस प्रिंसेस से मिलने आया था अब मिल लिया तो मुझे भी चलना चाहिए । अभी कोई कुछ बोलता उससे पहले ही साधना जी अवंतिका से बोलती है - बेटा आप ऑफिस में तृषा को भी लेकर जा रही हो क्या आप उन्हें वहा सम्हाल पाओगे ।
ये सुन अवंतिका एक फीकी मुस्कान के साथ बोलती है - माँ शायद आप भूल रही है में त्रि को भी ऐसे ही ऑफिस लेकर जाती थी त्रि और ऑफिस दोनों को सम्हाल लेती थी और मुझे पता है आपको और पापा को आज किसी से मिलने जाना है । ये सुन साधना जी कुछ नहीं बोलती है वही अवंतिका बच्चो और शांतनु को लेकर निकल जाती है वही त्रिशूल बस खुद से दूर जाती हुई अवंतिका को देखता रहता है तभी श्लोक भी निकलने वाला ही था की तभी त्रिशूल श्लोक को रोक लेता है और बोलता है - मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है , ये सुन कर श्लोक अपनी आँखें छोटी करके त्रिशूल को देखता है और उसके आगे बोलने का इंतज़ार करने लगता है ।
वही त्रिशूल अपनी जगह से खड़ा होते हुए उसे और सारांश काव्य और ऋषभ को गार्डन पर आने को बोलता है वही गार्डन पर पहुँचने के बाद त्रिशूल एक साइड खड़ा था और उसके साथ ऋषभ खड़ा था और उसके सामने श्लोक , सारांश और काव्य उसके सामने खड़े थे लेकिन वो कुछ बोलने को तैयार नहीं थे क्योकि वो त्रिशूल से नाराज़ थे और त्रिशूल के कुछ बोलने का इंतज़ार करने लगते है ।
थोड़ी देर के बाद वहा की शांति तोड़ते हुए त्रिशूल बोलता है - हमने जो हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट स्टॉर्ट किया था आज उससे रिलेटेड मीटिंग है खुराना कुर्पोराशन में और वहा तूम लोगो का होना इम्पोर्टेन्ट है और हा अपनी आँखे खुली रखना क्योकि कुछ लोग कुछ बड़ा प्लान कर रहे है अगर हमने सिचुएशन अभी नहीं सम्हाली तो हमारी कंपनी को बहुत लॉस हो सकता है , ये बोल कर त्रिशूल उन्हें कुछ बताने लगता है जिससे सुन श्लोक सारांश और काव्य का चहरा कठोर हो जाता है भले ही वो लोग बात नहीं कर रहे थे लेकिन उन्होंने बहुत टाइम पहले अपना एक प्रोजेक्ट स्टॉर्ट किया था जब उनके रिलेशन अच्छे थे लेकिन अभी भी वो उस प्रोजेक्ट की वजह से कनेक्टेड थे ।
वही त्रिशूल की बात सुन कर श्लोक बोलता है - मतलब अब तुम्हे अकल आ ही गयी के कोन तुम्हारा अपना है और कौन पराया लेकिन तुम हमसे ज्यादा उम्मीद मत रखना हम तुम्हारा साथ सिर्फ इस प्रोजेक्ट में दे रहे है बस उससे ज्यादा मुझे तुमसे कोई मतलब नहीं है। ये बोल श्लोक वहा से निकल जाता है वही उसके पीछे सारांश और काव्य एक नज़र त्रिशूल को देखते है फिर श्लोक के पीछे निकल जाते है वही उनके जाने के बाद ऋषभ त्रिशूल के कंधे पर हाथ रख कर बोलता है - डोन्ट वरी भाई बस सब बहुत ज्यादा हर्ट है लेकिन धीऱे धीऱे सब ठीक हो जायेगा आप बुरा मत मानना , ये सुन त्रिशूल कुछ नहीं बोलता है बस अपना सर हिला देता है फिर ऋषभ से बोलता है - हमे भी अब ऑफिस निकलना चाहिए , ये सुन ऋषभ हा बोलता है फिर दोनों वहा से ऑफिस निकल जाते है ।
वही दूसरी तरफ अवंतिका सबसे पहले त्रि को प्ले स्कूल छोड़ती है फिर तृषा के साथ अपने ऑफिस आती है जिसका नाम था अ टी कारपोरेशन वो सीधे अपने ऑफिस में आती है फिर शांतनु से बोलती है - मीटिंग कितने बजे है , ये सुन शांतनु बोलता है - अवि आधे घंटे बाद है मीटिंग ये सुन अवंतिका ठीक है बोलती है फिर वो शांतनु से बोलती है - मेने आपको कुछ लोगो की इनफार्मेशन निकालने को कहा था क्या वो काम हो गया ये सुन शांतनु बोलता है - हा मेने उन लोगो की इनफार्मेशन तो निकाल ली है लेकिन उसमे बहुत सारे लूप होल है और बहुत सारी इनफार्मेशन भी हाईड करके रखी है , ये बोल वो एक फाइल अवंतिका को पकड़ा देता है वही अवंतिका की पकड़ उस फाइल पर कश जाती है ।
वही दूसरी तरफ अवंतिका सबसे पहले त्रि को प्ले स्कूल छोड़ती है फिर तृषा के साथ अपने ऑफिस आती है जिसका नाम था अ टी कारपोरेशन वो सीधे अपने ऑफिस में आती है फिर शांतनु से बोलती है - मीटिंग कितने बजे है , ये सुन शांतनु बोलता है - अवि आधे घंटे बाद है मीटिंग ये सुन अवंतिका ठीक है बोलती है फिर वो शांतनु से बोलती है - मेने आपको कुछ लोगो की इनफार्मेशन निकालने को कहा था क्या वो काम हो गया ये सुन शांतनु बोलता है - हा मेने उन लोगो की इनफार्मेशन तो निकाल ली है लेकिन उसमे बहुत सारे लूप होल है और बहुत सारी इनफार्मेशन भी हाईड करके रखी है , ये बोल वो एक फाइल अवंतिका को पकड़ा देता है वही अवंतिका की पकड़ उस फाइल पर कश जाती है ।
फिर वो शांतनु को वहा से भेज कर वो अपने इमोशन को कंट्रोल करके उस फाइल को देखने लगती है जैसे जैसे वो इनफार्मेशन पढ़ रही थी वैसे वैसे उसकी पकड़ उस फाइल पर कस्ती जा रही थी थोड़ी देर बाद अवंतिका वो फाइल बंद करके साइड ड्रावर में रख देती है और किसी गहरी सोच में चली जाती है वो अभी कुछ सोच ही रही थी की तभी उसे तृषा के रोने की आवाज आती है जो सामने पालने में लेती थी अवन्तिका उसके पास जाकर उसे अपनी गोद में उठा लेती है और उसे अपने केबिन के ग्लास विंडो के पास चली जाती है तृषा को सम्हालने लगती है और कुछ सोच भी रही थी ।
वही त्रिशूल आज ऋषभ के साथ अपनी कंपनी पहुँच था और ये बात पूरी कंपनी में फेल गयी थी क्योकि सब जानते थे त्रिशूल ऋषभ का भले ही भाई हो लेकिन वो उसे कभी भाई नहीं मानता था और ये बात विशाल ने ही पूरे ऑफिस में फैलाई थी लेकिन जब आज उसने ये सुना की त्रिशूल ऋषभ को अपने साथ लाया है और सीधा अपने केबिन में ले गया तो उसे कुछ गड़बड़ लगी क्योकि कल वो नहीं आया था लेकिन उसकी बात पार्थ से हुई थी तब उसे पता चला था कि श्रेया के साथ क्या हुआ था यहाँ तक की आज ऑफिस में भी त्रिशूल के आने से पहले श्रेया के बारे में ही बात चल रही थी की कैसे अब उसका पूरा कैर्रिर बर्बाद हो गया था सारे प्रोजेक्ट जो उसे मिले थे और जिस जिस कंपनी से उसका कॉन्ट्रैक्ट था वो सब कैंसिल हो गया था ।
वही विशाल यही सब सोच रहा था क्योकि उसे घबराहट हो रही थी क्योकि कल वो ऑफिस नहीं आया था क्योकि वो त्रिशूल के ड्रीम प्रोजेक्ट की इनफार्मेशन जिसे उसने एक रात पहले चुराया था वो उसकी इनफार्मेशन लेकर पार्थ को साथ राइवल कंपनी को बेचने गया था तभी उसने सोचा ऐसा नहीं हो सकता है वो मुझे अपने उन तीनों दोस्तों से ज्यादा भरोसा करता है ये याद आते ही वो रिलैक्स हो जाता है ।
वही थोड़ी देर बाद सभी एक होटल के मीटिंग रूम में मौजूद थे वहा त्रिशूल , ऋषभ , श्लोक , सारांश , काव्य , विशाल और राइवल कंपनी से विक्रांत रावत अपने सेक्रेटरी के साथ मौजूद थे लेकिन आज उनके चहरे पर मुस्कान थी शायद वो पहले से ही जानता था कि की इस मीटिंग का रिजल्ट क्या निकलने वाला है इस प्रोजेक्ट को पाने के लिए उसने क्या क्या नहीं किया था अब फाइनली ये प्रोजेक्ट उसका होने वाला था ।वही सामने कुछ इन्वेस्टर और प्रोजेक्ट के ओनर भी इस मीटिंग में शमिल थे ।
थोड़ी देर बाद बहुत सारी कंपनी ने प्रेजेंटेशन दी अब सिर्फ दो ही प्रेजेंटेशन देना बाकि था वो थी विक्रांत रावत और दूसरा त्रिशूल लेकिन अब विक्रांत की बारी आती है वो अपने असिस्टेंट को इशारा करता है तो उसका असिस्टेंट प्रेजेंटेशन देता है फिर लास्ट में त्रिशूल ही रह गया था वही विक्रांत डेविल स्माइल करते हुए खुद से बोलता है - और अब शूरु होती है तुम्हारी बर्बादी की कहानी और ये मेरी पहली चाल तुम्हारे खिलाफ , वही ये सब सोच कर विक्रांत मन में हँस रहा था ।
लेकिन तभी विक्रांत की नज़र त्रिशूल पर जाती है जिसके चहरे पर कोई टेंशन गुस्सा नाराज़गी हैरानी कुछ नज़र नहीं आ रही थी ये देख कर उसे कुछ गड़बड़ होने का एहसास होता है तो वो अपनी नज़र विशाल की तरफ करता है जो खुद कंफ्यूज था त्रिशूल का रिएक्शन देख कर उसे तो लगा था कि त्रिशूल गुस्सा करेगा चिलायेगा माऱ पीट करेगा जिससे उसकी इमेज खराब हो जाये वो अभी यही सब सोच रहा था वही त्रिशूल ने जब विशाल और विक्रम का रिएक्शन देखा तो उसके फेस पर डेविल स्माइल आ गयी क्योकि वो समझ सकता था की दोनों के दिमाग में क्या चल रहा है।
फिर त्रिशूल ऋषभ को इशारा करता है तो ऋषभ हा में अपना सर हिला कर अपनी प्रेजेंटेशन देना स्टॉर्ट करता है जैसे जैसे वो प्रेजेंटेशन दे रहा था वैसे ही विशाल और किक्रम के चहरे का एक्सप्रेशन बिगड़ते जा रहे थे वही ये सब देख कर दोनों समझ जाते है कि अब ये प्रोजेक्ट किसको मिलने वाला है वही विशाल जब ये प्रेजेंटेशन देखता है तो सोचने लगता है कि क्या त्रिशूल को पहले से ही पता था कि कुछ गड़बड़ हो सकती है तभी तो उसने बैकअप रेडी कर रखा था ।
वो ये सब पार्थ को बताना चाहता था लेकिन मीटिंग में आने से पहले ही सब के फोन बाहर जमा करवा दिए थे वही थोड़ी देर बाद मीटिंग खत्म होती है और ये प्रोजेक्ट त्रिशूल को मिलता है वही विक्रम के चहरे पर गुस्सा था वही विशाल के चहरे पर डर नज़र आ रहा था क्योकि उसे खुद के साथ कुछ गड़बड़ होने वाली है ये महसूस हो रहा था वो जल्दी से जल्दी यहाँ से निकल कर पार्थ के पास जाना चाहता था उसे सब बताना चाहता था ।
जैसे ही मीटिंग खत्म हुई विशाल सबकी नज़रो से बच कर वहा ई निकल गया था उसे लगा की उसे किसी ने नहीं देखा लेकिन त्रिशूल ने ये देख लिया था वो एक डेविल स्माइल करता है फिर श्लोक , सारांश , काव्य और ऋषभ को कुछ इशारा करता है तो वो लोग भी हा में सर हिला देते है फिर सब से मिलने के बाद वो लोग वहा से निकल जाते है ।
वही अवंतिका ऑफिस का काम कर ही रही थी के उसके फोन का अलार्म बजने लगता है जब वो देखती है तो त्रि को प्ले स्कूल से लेने जाने का टाइम हो गया था वो तृषा को अपने साथ लेती है और ड्राइवर के साथ त्रि को लेने चली जाती है थोड़ी देर बाद उसकी कार प्ले स्कूल के आगे आकर रूकती है वो तृषा को लेकर बाहर निकलती है तो देखती है वो सही टाइम पर वो पहुँची थी क्योकि तभी सब बच्चे बाहर आते हुए दिखाई देते है ।
तभी अवंतिका की नज़र त्रि पर जाती है जो शांति से लास्ट में आ रहा था वही त्रि जो शांति से अपने दोस्तों की बात सुनते हुए आ रहा था जब उसकी नज़र सामने खड़ी अपनी मम्मा पर जाती है जो उसका वेट कर रही थी और आज उसकी मम्मा के साथ उसकी प्रिंसेस भी उसे लेने आई थे ये देख कर त्रि दौर कर अपनी मम्मा के पास जाता है वही अवंतिका त्रि को ऐसे आते देख त्रि को अपने गले लगा लेती है फिर त्रि अलग होता है और अपनी प्रिंसेस के दोनों गाल पर किस करता है वही तृषा ने भी त्रि को सुबह से नहीं देखा था जब उसने त्रि को अपने सामने देखा तो वो खिल खिला क्र हँस पड़ी ।
त्रि भी अपनी बहन की हँसी में खो गया था तभी त्रि के फ्रेंड्स भी त्रि के पास आ जाते है और त्रि से पूछते है - त्रि क्या यर तुम्हारी सिस्टर है , लेकिन आज तक तो तुमने कभी हमे बताया ही नहीं की तुम्हारी इतनी प्यारी बहन है ये बोल वो तृषा के साथ खेलने लगते है थोड़ी देर बाद उनके पेरेंट्स अपने बच्चो को लेकर चले जाते है अवंतिका भी त्रि को लेकर अपनी गाड़ी में बैठ जाती है और त्रि को लेकर ऑफिस निकल जाती है क्योकि घर पर सब हमेशा बिजी रहते थे और त्रिशूल का इतना बुरा बेहविओर होने की वजह से बहुत सारे सर्वेंट्स अकेले में उसे बुली करते थे लेकिन जब ये अवंतिका को पता चला था तो तब से वो त्रि को हमेशा अपने साथ ही रखती थी क्योकि वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी क्योकि बुआजी ने बहुत बार त्रि को हार्म करने की कोसिस करी थी ।
वही ऑफिस पहुचने के बाद अवंतिका दोनों बच्चो को लेकर ऑफिस में जाती है और तृषा को पालने में लेटाती है और त्रि तृषा के साथ खेलने में बिजी हो जाता है वही अवंतिका शांतनु से बोलकर बच्चो के लिए कुछ खाने के लिए मँगवा लेती है थोड़ी देर बाद शांतनु खाना लेकर आता है और बच्चो को खाना खिलाने लगता है दोनों बच्चो को खाना खिलाने के बाद शांतनु बच्चो के साथ खेलने में बिजी हो जाता है ।
वही अवंतिका एक नज़र उनको देखती है फिर उनको खेलता देख मुस्कुरा कर वपास अपने काम में लग जाती है थोड़ी देर बाद शांतनु वहा से चला जाता है उनके जाने के बाद त्रि एक नज़र तृषा को देखता है जो सो रही थी फिर वो अवंतिका के पास चला जाता है अपनी मम्मा को देखने लगता है वही अवंतिका अच्छे से महसूस कर सकती थी की त्रि उसे ही देख रहा था थोड़ी देर बाद अवंतिका ने अपने हाथ की फाइल्स साइड में रखी और त्रि को पकड़ कर अपनी गोद में बिठा लेती है और बोलती है - क्या हुआ है मेरे बेबी को क्यों वो अपनी मम्मा को देख रहा था , ये सुन त्रि बोलता है - मम्मा आप जब सीरियस होकर काम करती हो ना तो बहुत ब्यूटीफुल लगते हो लेकिन जब में आपको इतना काम करते हुए देखता हु तो मुझे अच्छा नहीं लगता है आप बहुत थक जाती हो आप इतना काम क्यों करते हो ।
ये पूछ कर त्रि अवंतिका को देखने लगता है वही अवंतिका त्रि का सवाल सुन सीरियस हो जाती है और बोलती है - बेबी में बस आपको सब बेस्ट देना चाहती हु चाहे उसके लिए मुझे कितनी भी मेहनत क्यों ना करनी पड़े , ये सब सुन कर त्रि अवन्तिका से पूछता है - लेकिन मम्मा अब तो डेडा भी चेंज हो गए है वो हमारी केअर करने लगे है अब तो मुझसे बहुत प्यार से बात करते है अब वो पहले की तरह मुझे गुस्सा और इग्नोर भी नहीं करते है अब डेडा होंगे ना हमारी केअर करने के लिए जैसे सबकी फैमिली होती है हम भी नार्मल फैमिली होंगे हे ना मम्मा ।
वही अवंतिका को समझ नहीं आता है कि त्रि के सवालों का क्या जवाब दे क्योकि वो त्रि को कोई उम्मीद नहीं देना चाहती थी लेकिन वो त्रि के मन में किसी के खिलाफ गुस्सा भी नहीं डालना चाहती थी वो त्रि से बोलती है - बेबी हमारे पास फैमिली होती है सपोर्ट के लिए लेकिन हमें खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए स्ट्रांग बनना पड़ता है हम वीक नहीं हो सकते है कि कोई हमे हार्म करे भले ही आपके डेडा अभी आपको प्यार करते है लेकिन कल अगर वो वपास पहले जैसे हो गए तो अब हम हर्ट हो जायेगें इसलिए मम्मा चाहती है कि वो इंडिपेंडेंट हो ताकि मम्मा स्ट्रांग होकर सबका सामना कर सके ।
वही त्रि शांति से अवंतिका की बातें सुन रहा था लेकिन उसके दिमाग के क्या चल रहा था ये बताना मुश्किल है फिर अवंतिका त्रि को अपने गले लगा लेती है और उसकी पीठ को रब करने लगता है वही अवंतिका की आँखे इस वक्त नम थी लेकिन वो अपने आँसू को छुपा लेती है और त्रि को थोड़ी देर ऐसे ही सहलाती रहती है जब थोड़ी देर बाद जब वो त्रि को देखती है पाती है कि त्रि सो गया है तो अवंतिका त्रि को लेकर अपने केबिन में बने मास्टर बैडरूम में जाकर त्रि को सुला देती है और उसके आस पास तकिया लगा देती है और तृषा को भी वही त्रि के पास सुला देती है फिर दोनों के फॉरहेड पर किस करके अपने केबिन में वपास है ।
थोड़ी देर बाद उसके केबिन का डोर कोई नॉक करता है तो अवंतिका कॉम इन बोलती है तो एक लड़का अंदर आता है देखने में वो उनिश बीस साल का लग रहा था वो अंदर आता है और सीधा अवंतिका के गले लग जाता है और बोलता है - कैसे हो दीदी आप , वही अपने सामने ईशान को देखकर अवंतिका खुश हो जाती है और वो भी ईशान को गले लगा लेती है ( ये है ईशान ये अवंतिका और शांतनु के साथ अनाथ आश्रम में रहता था ये दोनों के बहुत करीब था ईशान भी अवंतिका के बारे में सब जानत था वही जब अवंतिका ने देखा की यहाँ का माहौल ठीक नहीं है तो उसने ईशान को नई ज़ीलैण्ड भेज दिया था स्टडी के लिए लेकिन आज वो सडनली इंडिया आ गया था वो भी सीधे उसके ऑफिस उससे मिलने के लिए )
वही अवंतिका ईशान को अपने से अलग करती है और बोलती है - तुम यहाँ क्या कर रहे हो तुम्हे तो नई ज़ीलैण्ड में होना चाहिए था और अगर तुम्हे यहाँ आना ही था तो मुझे बता सकते थे ना में किसी को एयरपोर्ट भेज देती तुम्हे रिसीव करने के लिए , ये सुन ईशान बोलता है - रेल्क्स दी में बिलकुल ठीक हु और में ना आपको बहुत मिस कर रहा था इसलिए अब मुझे और वेट नहीं हुआ वैसे भी अब में आपकी हेल्प करूँगा बिज़नस में , ये सब सुन अवंतिका उसके गाल पर अपना एक हाथ रख कर बोलती है - अभी तुम थोड़े दिन एन्जॉय कर लो बाद में जो करना है कर लेना अगर बिज़नेस भी ज्वाइन करना चाहते हो तो मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी।
वही ये सुन ईशान मुस्कुरा देता है फिर वो बोलता है - वैसे दी छोटा शैतान कहा है मेने उसे बहुत मिस किया है , ये सुन अवंतिका मुस्कान के साथ बोलती है - वो मस्ती करते करते सो गया है अभी रूम में ही है , तुम एक काम करो शांतनु के साथ ऑफिस टूर क्र आओ ये सुन ईशान हा बोल देता है और वहा से शांतनु के साथ निकल जाता है वही उसके जाने के बाद अवंतिका अपने सामने रखी फाइल को देखती है तो उसका सरदर्द करने लगता है और वो टेबल पर रखा हुआ ग्लास उठा कर पानी पीती है फिर टेबल पर बैठ कर वपास काम में लग जाती है ।
वही दूसरी तरफ पूरा जंगल का इलाका था वहा बीच में एक हवेली थी देखने में बहुत सुंदर थी लेकिन इतने सुनसान इलाके में होने की वजह से वो पुरे माहौल को डरावना बना रही थी वही अंदर से किसी के दर्द में चिलाने की आवाज आ रही थी …
वही दूसरी तरफ पूरा जंगल का इलाका था वहा बीच में एक हवेली थी देखने में बहुत सुंदर थी लेकिन इतने सुनसान इलाके में होने की वजह से वो पुरे माहौल को डरावना बना रही थी वही अंदर से किसी के दर्द में चिलाने की आवाज आ रही थी ।
वही अंदर एक इंसान जंजीरो से बंधा हुआ था और दो इंसान जिन्होंने गार्ड की यूनिफार्म पहनी हुई थी वो उसे आदमी को बेरहमी से मार रहे थे वो लोग अभी उसे मार ही रहे थे के इतने में उन्हें कुछ लोगो के पैरों की आवाज सुनाई दी वही सामने से उन्हें चार, पांच लोग अंदर आते हुए दिखाई दिए और वो लोग वही पास रखे सोफे पर बैठ गए वही जिस इंसान को जंजीर से बंधा हुआ था जब उसने सामने वाले इंसान को देखा तो उसका चहरा डर से भर गया और वो अपनी कांपती आवाज में बोलता है - त्रिशूल तुमने मेरे साथ ऐसा किया लेकिन क्यों में तो तुम्हारा दोस्त था ना जब इन सब ने तुम्हे छोड़ दिया था तब में तुम्हारे साथ खड़ा था तो तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो ।
जी सामने कोई और नहीं त्रिशूल ही था और उसके साथ श्लोक सारांश काव्य और ऋषभ , हमेशा मजाक मस्ती करने वाले सारांश और काव्य वो लग ही नहीं रहे थे जो सब के साथ लगते थे किसी के भी चहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं था सब बस घूर कर विशाल को देख रहे थे जिसकी हालात त्रिशूल के आदमियों ने बहुत खराब कर दी थी ।
वही विशाल की बात सुन कर ऋषभ को गुस्सा आता है और वो गुस्से में विशाल के पास जाता है और उसके चहरे पर एक मुक्का मरता है और बोलता है - तेरे जैसे दोस्त होने से तो दोस्त ना होना ही अच्छा होता है तुझे क्या लगता है तू ये सब करता रहेगा किसी को कुछ पता नहीं चलेगा मुझे तो तू शूरु से ही पसंद नहीं था लेकिन भाई की वजह से चुप था लेकिन सब में बहुत खुश हूं कि भाई को तेरी सारी सचाई पता चल गयी ये बोल कर वो विशाल को और मरने वाला था कि काव्य आगे आता है और ऋषभ को खीच कर अपने पास बिठा लेता है ।
वही ऋषभ अभी भी छूटने की कोसिस कर रहा था और विशाल की तो डर की वजह से हालात खराब थी जब से उसने ये सुना था कि त्रिशूल उसका सच जानता है तो उसकी हालत खराब होने लग जाती है क्योकि वो त्रिशूल को जानता था कि वो कितना खतरनाक है क्योकि उसने खुद त्रिशूल को बहुत लोगो को टॉर्चर करते हुए देखा था ।
वो अपने आप को डिफेंड करते हुए बोलता है - त्रिशूल मुझे नहीं पता है ये लोग क्या बोल रहे है शायद इन्हें तुम्हे मेरे खिलाफ भड़काया है में सच बोल रहा हु , उसने अभी इतना ही कहा था कि तभी पुरे रूम में किसी की डरावनी हँसी गूँजने लगती है वहा जितने लोग से सब ये हँसी सुनकर डर जाते है ये हँसी किसी और की नहीं त्रिशूल की थी थोड़ी देर बाद को शांत होता है और अपने चहरे पर एक अजीब सी मुस्कान के साथ बोलता है - तुम्हारा भरोसा किया तभी तो में आज इस हाल में हु सब ने मुझे बोला था कि तुम सही नहीं हो लेकिन में नहीं माना क्योकि मुझे लगता था मेरी जान तीन साल पहले तुमने बचाई थी में तो तुमसे कोई मतलब ही नहीं रखता लेकिन त्रिशूल को किसी का अपने ऊपर एहसान नहीं पसंद है ।
याद है मुझे वो दिन जिसने दिन पार्थ ने तुम्हे मेरे दोस्तों से अलग करने के लिए तुम्हारी एंट्री मेरी लाइफ में की थी तुम्हे क्या लगता है मुझे कभी पता नहीं चलेगा सच की उस दिन जब मेरा एक्सीडेंट हुआ था जो पार्थ ने करवाया था लेकिन वहा कुछ लोग आ गए उन्हेने मुझे हॉस्पिटल एडमिट किया मुझे ज्यादा चोट नहीं लगी थी लेकिन पार्थ ने तुम्हे मेरे पास भेजा मेरा दोस्त बनाने के लिए और तुम्हे मुझे ये बताया कि मुझे हॉस्पिटल तुम ले गए थे जिससे मुझपर तुम्हारा एहसान हो और हुआ भी ऐसा ही तुम्हे उनके साथ मिलकर एक एक करके मुझे मेरे अपने से अलग कर दिया इसकी सजा तुम्हरे ज़रूर मिलेगी और वो भी मेरे हाथों से ।
ये बोल कर त्रिशूल विशाल को अपनी गार्देन टेडी करके देखने लगता है । फिर वो तेज को कुछ इशारा करता है उसका इशारा समझ कर तेज वहा से निकल जाता है थोड़ी देर में वो किसी के बालों को पकड़ कर घसीट कर ले कर आ रहा था और सीधा त्रिशूल के पैरों में फेंक देता है उसे ये और कोई श्रेया थी जिसकी हालात बहुत खराब ही उसके शरीर पर भी बहुत चोटों के निशान थे उसकी हालत देख कर विशाल की हवा टाइट हो गयी थी ।
वही श्रेया की हालत बहुत खराब थी फिर भी अपनी हिम्मत करके अपनी आँखें खोल कर सामने देखती है तो वहा त्रिशूल दिखाई देता है उसे देख कर वो डर जाती है और कांपती हुई आवाज में बोलती है - त्रिशूल मेने कुछ नहीं किया है प्लीज मेरा भरोसा करो मेने तो हमेशा से सिर्फ तुमसे ही प्यार किया है क्यों तुम्हे मेरा प्यार दिखाई नहीं देता है क्यों तुम्हे सिर्फ अवंतिका का ही प्यार नज़र आता है क्या कमी है मुझमे ।
के सब बोलते वक्त उसके चहरे पर अवंतिका के लिए नफरत देखी जा सकती थी ये सुन कर त्रिशूल सकास्टिक वे में बोलता है - हा तुम तो मुझे इतना प्यार करती थी की तुम सीधे पार्थ के पास चली गयी उसके बिस्तर पर है ना और हा तुम तो मुझे इतना प्यार करती थी तुमने मुझे ही ड्रग्स दे दिया था तुम्हे लगा की में तुम्हारे साथ फिजिकल हो जाऊँगा लेकिन अवंतिका ने मुझे बचा लिया लेकिन तुम लोगो ने दूसरा ही प्लान बना लिया और सुनना है मेरे मुँह से सचाई तुम सब का एक एक सच जानता हूं में क्या लगा मुझे इतनी आसानी से बेवकूफ़ बना लोगे ये बोल वो श्रेया को घूरने लगता है ।
वही अपनी सचाई त्रिशूल के मुँह से सुन उसे झटका लगता है उसने नहीं पता था कि त्रिशूल उसकी सचाई जाता है लेकिन वो भी हार मानने वालों में से नहीं थी वो मासूम बनाने का नाटक करते हुए कहती है - त्रिशूल ये सब सच है लेकिन आधा सच मुझे पार्थ ब्लैकमेल कर रहा था और मैने कुछ भी नहीं किया था ये सब मुझसे सब जबरजस्ती करवाया गया था और तुम्हारे और त्रि की फेक डीएनए रिपोर्ट भी विशाल ने बनाई थी इन सब में मेरा कोई हाथ नहीं था ।
वो इसके आगे कुछ बोल पाती की तभी विशाल चिलाते हुए बोलता है - वाह सारा प्लान तू बनाए और जब तेरी पोल खुलने लगी तो सारा इलज़ाम दुसरो पर डाल दो सही है तेरे जैसी कभी किसी की सगी नहीं हो सकती है वही त्रिशूल के सारे दोस्तों को तो पहले ही त्रिशूल ने सारी सचाई बता दी थी लेकिन उसकी बाते सुन कर वो शॉक पर शॉक होते जा रहे थे वही त्रिशूल को तो जैसे उनकी बातों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता था ।
वो अपनी जगह से खड़ा होता है और तेज से बोलता है - अपना काम हो जाने के बाद इन्हें ठिकाने लगा दो वैसे भी अब में अपने एक एक दुसमन को बहुत बुरी मौत देने वाला हु , ये बोलते वक्त उसकी आँखें लाल थी वो बिना उसने देखे वहा से निकल जाता है उसके पीछे सब चले जाते है वही वो दोनों त्रिशूल से चीला चीला कर रिक्वेस्ट कर रहे थे लेकिन उन्हें वो तेज के हवाले करके निकल गया था।
वही उनके जाने के बाद तेज उन्हें अपनी लाल अखो से देखता है और बोलता है - बहुत परेशान किया है तुमने मेरी बहन को लेकिन अब में उसकी हर एक आँसू का बदला लूँगा ये बोल वो कुछ गार्ड्स को इशारा करता है फिर दोनों को बांध कर पीटा जाता है जब तक वो बेहोश नहीं हो गए लेकिन बेहोश होने के बाद उन्हें वापस होश में लाकर वपास टॉर्चर किया जा रहा था ।
वही त्रिशूल और बाकि सब घर निकल गए थे और अवंतिका अभी भी अपने ऑफिस का काम कर रही थी लेकिन उसकी नज़र बार बार सामने अपने बच्चो पर भी जा रही थी जो ईशान और शांतनु के साथ खेलने में बिजी थे वो लोग बहुत मस्ती कर रहे थे त्रि तो अपने ईशान मामू के साथ खेलने में बहुत मजा आ रहा था बीच बीच में तृषा भी कही ख़ुशी में चीला देती तो आवाजे निकलने लगती वही ईशान भी दोनों बच्चो के साथ बहुत खुश था । थोड़ी देर बाद जब ईशान देखता है कि उसकी दी का काम खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है तो वो मुँह बना कर बोलता है - दी ये क्या आज में आया हु और आप हो के काम में लगे हुए हो चलो ना कही बाहर चल कर खाना खाते है मुझे बाहर जाना है आपके साथ वही बाहर खाने की बात सुनकर तो त्रि अपने होठो पर अपनी जीभ फेरने लगता है और बोलता है - यस यम्मी यम्मी खाना चलो ना मम्मा ।
वही अवंतिका एक मुस्कान के साथ दोनों नोटंकी को देख रही थी जो मुँह बना बना कर उसे मनाने में लगे हुए थे वो बोलती है - ठीक है चलते है फिर वो ईशान से बोलती है - और ये तुम मुँह बनाना बंद करो त्रि भी तुम्हे कॉपी कर रहा है । ये सुन ईशान बस मुँह बनाने के अलावा कुछ नहीं कर सका फिर वो लोग वहा से निकल कर पास में ही बहुत बड़ा और फमौस फैमिली रेस्टोरेंट था वहा चले जाते है लेकिन निकलते वक्त अवंतिका ने साधना जी को बता दिया था कि की वो लोग बाहर खाना खा कर देर से आएंगे ताकि वो परेशान ना हो ।
थोड़ी देर मे वो सब रेस्टोरेंट मेंअपनी अपनी जगह बैठे थे और मेन्यू देख रहे थे आर्डर करने के लिए वही अवंतिका तृषा को अपनी गोद में लेकर बेठी थी उसके एक साइड त्रि था दूसरी साइड शतानु था वही त्रि के पास ईशान बैठा हुआ था उस टेबल पर सिर्फ चार लोगो के बैठने की ही जगह थी ।वही त्रि ने तो मेनू लेने की जहमत भी नहीं उठाई और तुरंत सबसे पहले समोसे लाने का आर्डर कर देता है वही उसके पास बैठा ईशान त्रि पर हँसते हुए बोलता है - अगर हम तुम्हे किसी चइनीज़ या इटालियन रेस्टोरेंट में भी लेकर गए ना तो भी तुम सिर्फ समोसे का ही आर्डर करोगे ।
ये सब बोल ईशान त्रि पर हँसने लगता है वही अपने पर हँसता देख त्रि गुस्से से मुँह फुला लेता है और बोलता है - मामू बदला लिया जायेगा देखने ये बोल वो ईशान को घूरने लगता है दोनों एक दूसरे को टशन दिखा रहे थे वही अवंतिका और शान्तनु जानते थे दोनों नोटंकी है इसलिए अवंतिका सबके लिए सबकी पसंद का कहना आर्डर कर देती है क्योकि उसे सबकी पसंद पता थी वही शान्तनु तो इन सब में इंट्रेस्टेड ही नहीं था उसे जो मिल जाता था एओ खा लेता है क्योकि अनाथ आश्रम में तो कभी कभी उसे खाने को ही नहीं मिलता था इसलिए वो बिना किसी नाटक के सब खाता था ।
आर्डर करने के बाद वो लोग अपनी बातों में लग जाते है तभी ईशान का ध्यान वहा रेस्टोरेंट जे सेंटर में लगे पियानो पर जाता है जो साबके लिए कॉमन था हर कोई उसे यूज़ कर सकता था वही उसे देख ईशान अवंतिका से बोलता है - दी मेने ना बहुत दिनों से आपको गाते हुए नहीं सुना है प्लीज आज मेरे लिए यहाँ गाना गा दो ना प्लीज ये बोल वो किसी बच्चे की तरह टिमटिमाती आँखों से देखने लगता है वही ये सुन त्रि भी बोलता है - हा मम्मा प्लीज ना प्रिंसेस को भी अपनी मम्मा का गाना सुनना है और मुझे भी ।
वही ये सुन अवंतिका उन्हें घूर कर देखती है तो शान्तनु भी उनकी हा में हा मिलाते हुए बोलता है - यार अवि कुछ गा दे ना प्लीज वो सब उसने बोलने का मौका ही नहीं दे रहे थे एन्ड में अवंतिका फ्रुस्टेटे होकर हा बोल देती है लेकिन समझ नहीं आता की यहाँ कहा गए वो तो ईशान उसके पास उठ कर आता है और तृषा को शान्तनु को दे देता है और अवंतिका का हाथ पकड़ और रेस्टोरेंट के बीच में रखे पियानो के पास ले आता है वही उसे पियानो को देख अवंतिका समझ जाती है कि अचानक गाने का भूत कहा से इनके सर चढ़ गे वो अवंतिका को वहा बिठाता है और वपास अपनी जगह आकर बैठ जाता है वही अवंतिका एक नज़र आस पास बैठे लोगो को देखती है जो अपने परिवार कोई अपनी वाइफ के साथ कोई अपनी गर्लफ्रेंड के साथ डिनर एन्जॉय कर रहे थे ।
वही ये सब देख कर अवंतिका अपने आँखे बंद कर लेती है और पुरानी यादों में खो जाती है और उन यादो को याद करके उसके हाथ पियानो में चलने लगते है तब जाकर सबका ध्यान उसपर जाता है सब जगह एक दम शांति छा जाती है वही अवंतिका गाना गाने लगती है ...
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैंबीते लम्हें हमें जब भी याद आते हैंदर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैंबीते लम्हें हमें जब भी याद आते हैंबीते लम्हें
चन्द लम्हात के वास्ते ही सहीमुस्कुरा कर मिली थी मुझे ज़िन्दगीचन्द लम्हात के वास्ते ही सहीमुस्कुरा कर मिली थी मुझे ज़िन्दगीतेरी आगोश में दिन थे मेरे कटेतेरी बाहों में थी मेरी रातें कटीं
वो ओ ओ..आज भी जब वो पल मुझको याद आते हैंदिल से सारे गमों को भुला जाते हैं(दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैंबीते लम्हें हमें जब भी याद आते हैं)-बीते लम्हें..