Arjun Oberoi, एक ऐसा नाम जिसे दुनिया सबसे ताक़तवर बिज़नेसमैन मानती है। बाहर से खामोश, बेरहम और wheelchair पर बंधा हुआ… पर उसकी खामोशी के पीछे छुपा है ऐसा सच जो सब कुछ बदल सकता है। Mia, उसकी नई दुल्हन—भोली और शर्मीली सबके सामने, पर Arjun के सामने नट... Arjun Oberoi, एक ऐसा नाम जिसे दुनिया सबसे ताक़तवर बिज़नेसमैन मानती है। बाहर से खामोश, बेरहम और wheelchair पर बंधा हुआ… पर उसकी खामोशी के पीछे छुपा है ऐसा सच जो सब कुछ बदल सकता है। Mia, उसकी नई दुल्हन—भोली और शर्मीली सबके सामने, पर Arjun के सामने नटखट, शरारती और बेबाक। क्या Mia अपने इश्क़ से उस खामोश आदमी के दिल की दीवारें तोड़ पाएगी? या फिर वो भी डूब जाएगी उन राज़ों में जो Arjun की ज़िंदगी को परछाइयों से भरते हैं? . . . . . . . . . . . . . . .. . . . .. . . . . . . . . .. . . . . . . . . . . . . . .. . . . . . . ..
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ओबेरॉय मैनशन की ऊँची–ऊँची दीवारें, चमकते झूमर और सोने जैसे सजे हुए हॉल में आज एक अलग ही रौनक थी। पूरे शहर के बड़े–बड़े बिज़नेस टाइकून, राजनेता और सेलिब्रिटीज़ इस शादी के गवाह बनने आए थे। आखिर ये शादी किसी आम घर की नहीं, बल्कि Arjun Oberoi की थी—वो नाम, जिसे लोग बिज़नेस वर्ल्ड का शहंशाह मानते थे।
लेकिन भीड़ के बीच एक अजीब सी खामोशी भी थी। लोग आपस में कानाफूसी कर रहे थे—
"इतना बड़ा आदमी… और wheelchair पर?"
"सुना है पैरों से उठ ही नहीं सकता… फिर शादी क्यों?"
"शायद परिवार की ज़िद होगी।"
Arjun की आँखें सब सुन रही थीं, पर वो हमेशा की तरह चुप था। उसके चेहरे पर कोई expression नहीं, बस एक ठंडी नज़र। वो काले tuxedo में बैठा था, उसके हाथों में ताक़त साफ झलकती थी, पर कमर से नीचे का हिस्सा मानो बेजान।
दूसरी तरफ़, शादी के मंडप में दुल्हन के रूप में बैठी थी Mia। लाल जोड़े में सजी, मासूम सी आँखों वाली, शर्म से गाल गुलाबी हुए। पर उसकी आँखों में कहीं–न–कहीं हज़ार सवाल थे।
"मुझे क्यों चुना गया? मैं क्यों Arjun Oberoi की दुल्हन बनी?"
उसने धीमे से नज़रें उठाईं, और Arjun को देखा। उसकी नज़रें गहरी थीं, जैसे सीधा दिल चीर दें। Mia ने तुरंत अपनी पलकों को झुका लिया।
शादी की रस्में जल्दी–जल्दी पूरी की गईं। ओबेरॉय परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर मुस्कान तो थी, पर कोई सच्चा अपनापन नहीं। Arjun का पिता बस दिखावे की मिठास दिखा रहा था। उसकी stepmother ठंडी नज़र से Mia को देख रही थी—जैसे एक नई बहू नहीं, बल्कि कोई अनजान बोझ आ गया हो।
Mia ने महसूस किया, यहाँ सब कुछ भव्य है पर दिलों में गर्माहट की जगह बर्फ़ जमी है।
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🌙 पहली रात – एक अजनबी रिश्ता
रात गहराई। शादी की शहनाई की गूँज अब खामोशी में बदल चुकी थी।
Mia धीरे–धीरे Arjun के कमरे के दरवाज़े पर पहुँची। उसके हाथ काँप रहे थे।
"कैसी होगी ज़िंदगी इस आदमी के साथ? जिसके बारे में कहानियाँ ज़्यादा और हकीकत कम है।"
दरवाज़ा खुला।
अंदर Arjun अपने wheelchair पर खिड़की की तरफ़ देख रहा था। चाँदनी उसके चेहरे पर पड़ रही थी। Mia का दिल तेज़ धड़कने लगा। उसने धीरे से दरवाज़ा बंद किया।
"वो… मैं…" Mia ने कुछ कहना चाहा।
Arjun ने बिना उसकी तरफ़ देखे कहा, "Lights off कर दो।"
आवाज़ ठंडी, बेरहम। जैसे कोई हुक्म सुना दिया हो। Mia को उसकी आवाज़ से झुरझुरी सी हुई। उसने धीरे से switch off किया। अब कमरा हल्की चाँदनी और अँधेरे से भरा था।
Mia उसके पास जाकर बैठी। उसकी आँखों में हिम्मत की झलक आई।
"आपको मुझसे कोई बात नहीं करनी?" उसने धीरे से पूछा।
Arjun ने पहली बार उसकी तरफ़ देखा। नज़रें गहरी, पैनी, जैसे सब पढ़ लेना चाहती हों।
"Shadi तुम्हारी भी ज़बरदस्ती थी, और मेरी भी। अब बात करने से क्या बदल जाएगा?"
Mia ने चुपचाप उसकी आँखों में देखा। ये आदमी सच में गुस्सैल था, पर उसकी चुप्पी के पीछे कहीं कोई रहस्य छुपा था।
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❤️ Mia का असली रूप
कुछ देर खामोशी रही। फिर अचानक Mia मुस्कुरा दी।
"तो क्या हम वैसे पति–पत्नी बनें जैसे TV serials में दिखाते हैं? बस दूर–दूर, बिना मुस्कान, बिना मज़ाक?"
Arjun हैरान हुआ। उसने उम्मीद नहीं की थी कि ये मासूम सी लड़की शादी की पहली रात पर मज़ाक करेगी।
Mia और पास झुकी। उसकी आवाज़ फुसफुसाहट जैसी—
"वैसे मैं सबके सामने बहुत शर्मीली लगती हूँ… लेकिन असल में मैं इतनी boring नहीं हूँ।"
Arjun की आँखें सिकुड़ गईं।
"क्या मतलब?"
Mia ने हँसते हुए कहा, "मतलब ये कि मैं नटखट भी हूँ, थोड़ी फ्लर्टी भी… और अब तो आपकी पत्नी हूँ। तो आपको ये सब झेलना पड़ेगा।"
Arjun ने पहली बार हल्की सी मुस्कान दबाने की कोशिश की—पर जल्दी ही चेहरे पर ठंडा नकाब डाल लिया।
"मुझसे ज़्यादा उम्मीद मत रखो। मैं वो आदमी नहीं जो तुम्हें सपनों की ज़िंदगी देगा।"
Mia ने उसकी आँखों में सीधे देखते हुए कहा, "शायद आप वो आदमी नहीं… लेकिन मुझे लगता है कि आप वो आदमी बन सकते हो।"
Arjun ने तुरंत नज़रें हटा लीं। दिल में हल्की सी चुभन हुई।
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⚡ Suspense की झलक
कुछ देर बाद Arjun ने अपने wheelchair को मोड़ा और table से glass उठाने के लिए हाथ बढ़ाया। उसके हाथों की speed देखकर Mia का दिल हल्का सा काँपा।
"इतनी तेजी? किसी paralyzed इंसान से तो ये उम्मीद नहीं होती…"
उसने सोचा, शायद उसका भ्रम होगा।
पर Mia के दिल में पहला doubt का बीज बो दिया गया था।
रात खामोशी में बीत गई। पर दोनों के दिलों में अलग–अलग सवालों का तूफ़ान चल रहा था।
Arjun सोच रहा था, "ये लड़की मेरी ज़िंदगी में क्यों आई है? और क्यों मुझे उसकी मासूम हँसी परेशान कर रही है?"
Mia सोच रही थी, "ये आदमी सच में उतना कमजोर है जितना दुनिया समझती है? या इसके पीछे कोई और सच्चाई है?"
सुबह की पहली किरणें ओबेरॉय मैनशन की बड़ी–बड़ी खिड़कियों से भीतर उतर रही थीं। चमकदार संगमरमर का फर्श, भारी परदे और दीवारों पर लगी पेंटिंग्स इस बात की गवाही दे रही थीं कि ये कोई आम घर नहीं—बल्कि एक साम्राज्य है।
लेकिन उस साम्राज्य के बीच में भी Mia के लिए सब कुछ अजनबी था। वो धीरे–धीरे अपने कमरे से बाहर निकली, हल्की सी साड़ी में, बालों पर दुपट्टा रखा हुआ। चेहरे पर घबराहट थी, पर आँखों में उत्सुकता भी।
"नई बहू…" ये शब्द Mia के कानों में गूँज रहे थे। कल तक वो बस एक सामान्य लड़की थी, और आज… Arjun Oberoi की पत्नी।
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🌼 परिवार का सामना
डाइनिंग हॉल में Oberoi परिवार बैठा था। Arjun के पिता अख़बार में डूबे थे, उसकी stepmother ठंडी नज़रों से servants को आदेश दे रही थी, और बाकी सब रिश्तेदार breakfast में व्यस्त थे।
Mia ने हल्के से "नमस्ते" किया।
सभी ने देखा, लेकिन किसी ने ज़्यादा warm प्रतिक्रिया नहीं दी। Stepmother ने बस इतना कहा,
"नई बहू हो… घर के कामकाज सीख लो। यहाँ rules बहुत हैं।"
Mia ने मुस्कुराकर "जी" कहा, लेकिन उसके दिल में चुभन हुई। यहाँ अपनापन कहाँ है?
तभी hall के दरवाज़े से Arjun की wheelchair की आवाज़ गूँजी। सबकी नज़रें उसकी तरफ़ मुड़ीं।
Arjun शांत, गुस्सैल चेहरे के साथ भीतर आया। servants तुरंत कुर्सी हटाकर उसकी जगह बनाई। पर किसी ने भी उसके हाल–चाल नहीं पूछा।
Mia ने देखा—यहाँ कोई भी Arjun से सच्चा लगाव नहीं रखता। सब उसे मानो किसी बोझ की तरह देख रहे थे।
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🥀 Arjun और Mia आमने–सामने
Arjun अपने ठंडे अंदाज़ में बैठ गया। उसने Mia की तरफ़ देखा भी नहीं।
Mia धीरे–धीरे उसकी तरफ़ बढ़ी और उसके पास बैठ गई। उसकी आँखों में शरारत की हल्की झलक थी।
"Good morning, Mr. Oberoi," उसने धीमे से मुस्कुराते हुए कहा।
Arjun ने हल्की भौंहें उठाईं। "हम पति–पत्नी हैं। इतना formal मत बनो।"
Mia ने तुरंत जवाब दिया, "अच्छा… तो फिर मैं आपको Good morning, pati dev कहूँ?"
उसकी आँखों में शरारत थी। Arjun ने गुस्से वाली नज़र डाली, लेकिन Mia की नटखट मुस्कान देखकर कुछ पल के लिए उसका चेहरा नरम पड़ गया। फिर उसने नज़रें झुका लीं।
परिवार के बाकी लोग ये सब देखकर असहज हो गए। Stepmother ने ताना मारा,
"नई–नई शादी है, इसलिए ये सब हँसी–मज़ाक हो रहा है। देखना, कुछ दिनों में सब समझ आ जाएगा।"
Mia ने चुपचाप बात सुनी, लेकिन मन ही मन सोचा—
"ये लोग Arjun को क्यों इतना cold treat करते हैं? क्या इन्हें फर्क ही नहीं पड़ता कि वो कैसे हैं?"
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🌙 रात की खामोशी में
शाम होते–होते पूरा घर अपनी–अपनी दुनिया में व्यस्त हो गया। Mia Arjun के कमरे में गई।
Arjun खिड़की के पास बैठा था, वही ठंडी नज़रों वाला चेहरा।
Mia उसके पास गई और बोली,
"आज सबके सामने आप इतने चुप क्यों रहते हो? कम से कम अपने family से तो थोड़ा close रह सकते हो।"
Arjun ने उसकी तरफ़ बिना देखे कहा,
"Family… ये शब्द मेरे लिए सिर्फ़ एक दिखावा है। इस घर में किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता। सब बस अपने–अपने फायदे के लिए जीते हैं।"
Mia चौंकी। उसकी आवाज़ में इतना दर्द और गुस्सा मिला हुआ था कि उसके दिल को चोट लगी।
Mia धीरे से बोली,
"पर मैं अलग हूँ। मुझे आपसे फर्क पड़ता है।"
Arjun ने पहली बार सीधे उसकी आँखों में देखा। कुछ सेकंड तक दोनों बस एक–दूसरे को देखते रहे।
Mia ने माहौल हल्का करने के लिए शरारत से कहा,
"वैसे आप गुस्से में और भी ज़्यादा हैंडसम लगते हो।"
Arjun ने आँखें सिकोड़ लीं, पर होंठों पर हल्की मुस्कान दबा नहीं सका।
"तुम बहुत बोलती हो।"
Mia हँस दी। "और आप बहुत कम बोलते हो। Perfect balance है न?"
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⚡ Suspense की झलक
रात और गहरी हो गई। Mia सोफ़े पर बैठी थी और Arjun अपनी wheelchair से table पर files देख रहा था।
Mia ने गौर किया—Arjun का हाथ बेहद तेज़ी से पन्ने पलट रहा था। एक paralyzed इंसान इतना control कैसे रख सकता है?
उसका दिल फिर से काँपा।
"कुछ तो है… जो ये सब छुपा रहा है। पर क्या?"
उसने नज़रें हटाईं और खुद से वादा किया—
"मैं ये सच ज़रूर जानूँगी।"
सुबह की हल्की धूप खिड़की से झाँक रही थी। Arjun अपने wheelchair पर बैठा, laptop पर नज़रें गड़ाए business mails देख रहा था। कमरे में हल्की–सी कॉफी की खुशबू थी।
तभी दरवाज़ा धीरे से खुला। Mia, हल्की नीली साड़ी में, खुले बाल और मासूम–सी मुस्कान के साथ अंदर आई।
"Good morning, pati dev," उसने मीठी आवाज़ में कहा।
Arjun ने laptop से नज़रें हटाए बिना ठंडी आवाज़ में जवाब दिया, "Tumhe manners sikhaaya नहीं गया? Knock करके आना चाहिए।"
Mia ने होंठ सिकोड़कर कहा, "Ohh… तो Oberoi sir को formalities पसंद हैं? ठीक है… अगली बार आपकी royal court में आने से पहले knock करूँगी।"
Arjun ने आखिरकार नज़रें उठाईं। उसकी गहरी आँखें Mia पर टिकीं।
"तुम्हें मज़ाक करने की आदत है, पर ये आदत यहाँ नहीं चलेगी।"
Mia उसकी तरफ़ आई, और पास झुककर बोली,
"तो क्या चलेगा यहाँ? Silence? Cold looks? या फिर सिर्फ़ गुस्सा?"
उसकी मुस्कुराहट इतनी शरारती थी कि Arjun के होंठों पर हल्की रेखा खिंच गई। वो जानता था Mia उसे चिढ़ा रही है, पर उसने जल्दी ही अपने चेहरे पर वही ठंडापन ला दिया।
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🌸 Mia की हिम्मत
Arjun files में व्यस्त हो गया। Mia ने देखा और अचानक उसकी table से pen उठा लिया।
"ये pen मेरा है," Arjun ने तीखी नज़र से देखा।
Mia ने pen को अपनी उँगलियों में घुमाया और बोली,
"अब ये मेरा है। आप तो वैसे भी wheelchair पर हो… मुझे पकड़ पाओगे कैसे?"
कमरे में खामोशी छा गई। Arjun की आँखों में गुस्सा चमका। उसने अपने हाथ से file ज़ोर से बंद की, और उसकी आवाज़ कमरे में गूँज उठी।
"Don’t test my patience, Mia."
Mia का दिल तेज़ी से धड़कने लगा, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वो और पास झुकी, उसकी आँखों में देखते हुए बोली,
"मुझे आपके गुस्से से डर नहीं लगता।"
दोनों की आँखें टकराईं। कुछ पल ऐसा लगा जैसे हवा भी रुक गई हो। Arjun की ठंडी नज़रों में हल्की–सी आग झलक रही थी, और Mia की मासूम आँखों में निडर शरारत।
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🌙 पल भर का सच
Arjun अचानक अपनी wheelchair को घुमाकर खड़ा होने जैसा मूवमेंट करने लगा। उसके हाथों की पकड़ इतनी मजबूत थी कि एक सेकंड को Mia को लगा—वो उठ सकता है!
Mia का दिल जोर से धड़का। उसने pen जल्दी से table पर रख दिया।
"Fine… you win," उसने मुस्कुराकर कहा, पर उसकी आँखों में शक की लकीरें गहरी हो गईं।
Arjun ने उसे ध्यान से देखा, जैसे उसके दिमाग के सारे सवाल पढ़ लेना चाहता हो। फिर ठंडी आवाज़ में बोला,
"ये खेल तुम्हारे लिए नहीं है। Distance बनाए रखो, Mia।"
Mia ने धीमे से कहा,
"शायद आपको लगता है मैं आपसे दूर रहूँगी… लेकिन मैं आपकी पत्नी हूँ। और मैं इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं।"
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❤️ नटखट चुनौती
Mia ने हल्की मुस्कान दी और पास झुककर फुसफुसाई,
"वैसे आपको बता दूँ… आपकी cold attitude मुझे और interesting लगती है। शायद इसी लिए मैं आपको और चिढ़ाना चाहती हूँ।"
Arjun ने आँखें बंद कीं, गहरी साँस ली—जैसे खुद को काबू में रख रहा हो।
"ये लड़की मुझे disturb क्यों कर रही है? मेरे दिल की दीवारों में दरार क्यों डाल रही है?"
Mia पीछे हटकर हँस दी।
"चलो, अब आप काम करो। लेकिन आज शाम को tea मैं आपके साथ पिऊँगी। और मना करने का option नहीं है।"
Arjun ने कुछ नहीं कहा। बस अपनी गहरी नज़रों से उसे देखा। Mia मुस्कुराते हुए कमरे से बाहर चली गई, और Arjun की आँखों में पहली बार बेचैनी की हल्की झलक दिखी।
सुबह की हल्की रोशनी परदे से छनकर कमरे में आ रही थी। Arjun हमेशा की तरह wheelchair पर बैठा laptop पर काम में डूबा था। उसकी आँखों में वही ठंडापन था, मानो शादी ने उसकी ज़िंदगी में कोई फर्क ही न डाला हो।
Mia ने धीरे से करवट बदलते हुए उसे देखा। उसके चेहरे पर एक हल्की–सी मुस्कान आई।
“सुबह–सुबह भी laptop? Mr. Oberoi, आप तो इंसान से ज्यादा machine लगते हैं।”
Arjun ने बिना उसकी तरफ देखे कहा,
“काम ही मेरी ज़िंदगी है। और machine कहो या कुछ और, मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
Mia उठकर bed से नीचे आई। वो सीधे Arjun की तरफ गई और उसके सामने खड़ी हो गई।
“अरे… इतनी भी खामोशी अच्छी नहीं होती। कभी–कभी wife से दो बातें कर लेना चाहिए। वरना लोग कहेंगे Oberoi Mansion की नई बहू भी mute हो गई।”
Arjun ने पहली बार उसकी तरफ देखा। उसकी नज़रें गहरी और ठंडी थीं।
“Mia, मैं ज़्यादा बातें नहीं करता।”
Mia ने होंठों पर शरारती मुस्कान लाई।
“तो मैं करूँगी। आपकी चुप्पी और मेरी बातों का अच्छा balance रहेगा।”
Arjun उसके इस बेबाक जवाब से कुछ पल के लिए चौंका, लेकिन उसने expression control कर लिया।
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दिनभर Mansion में सब अपने-अपने काम में लगे रहे। परिवार के लोग Arjun और Mia की तरफ़ बस औपचारिक नज़र से देखते थे। कोई सच्ची care नहीं थी।
शाम को जब Mia garden में अकेली बैठी थी, Arjun उसके पास आया। उसकी wheelchair की आवाज़ ने Mia का ध्यान खींचा।
“Dinner का वक्त हो गया है,” Arjun ने कहा।
Mia ने playful अंदाज़ में जवाब दिया,
“Dinner? मतलब फिर से formal dining table, बिना बातें, बस silence और expensive food?”
Arjun ने भौंहें चढ़ाईं। “तुम्हें problem है?”
Mia ने हँसते हुए कहा,
“Problem? Bilkul! मुझे boring dinner पसंद नहीं। मैं चाहती हूँ table पर हँसी हो, बातें हों, तकरार हो… थोड़ा drama हो। तभी तो मज़ा आता है।”
Arjun ने उसकी बातों पर कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उसके चेहरे पर एक पल के लिए हल्की–सी नर्मी दिखी।
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रात को, जब वो दोनों कमरे में थे, Mia ने अचानक पूछा,
“Arjun… आपको गुस्सा कब आता है?”
Arjun ने उसकी तरफ़ देखा। “क्यों?”
Mia उसकी आँखों में झाँकते हुए बोली,
“क्योंकि मैं जानना चाहती हूँ, Mr. Oberoi असल में कैसे दिखते हैं जब उनका control टूटता है। अभी तो आप बस खामोश दीवार जैसे हो।”
Arjun की नज़रें और गहरी हो गईं।
“Mia… कुछ दीवारें तोड़नी नहीं चाहिए।”
Mia उसकी बात पर हँस पड़ी।
“गलत! मैं तोड़ने आई हूँ। आपकी खामोशी, आपकी दीवारें—सब। और देख लेना, एक दिन आप खुद मुझसे बातें करेंगे, हँसेंगे, और शायद…” उसने शरारत से कहा, “मुझसे झगड़ा भी करेंगे।”
Arjun ने कोई जवाब नहीं दिया। पर उसके दिल में कहीं Mia की बातें असर करने लगी थीं। पहली बार उसे एहसास हुआ कि ये लड़की अलग है।
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सुबह का वक्त था। Oberoi Mansion की रसोई से चाय और कॉफी की खुशबू आ रही थी। Arjun अपने study room में बैठा फाइलों में डूबा हुआ था। उसके सामने लैपटॉप खुला था, चारों तरफ़ reports फैली हुई थीं। वो अपने काम की दुनिया में कैद था—जहाँ feelings और emotions के लिए कोई जगह नहीं थी।
लेकिन अचानक दरवाज़ा खुला और Mia चाय की ट्रे लेकर अंदर आ गई।
“Good morning, Mr. Oberoi!” उसने बड़ी ही ड्रामाई आवाज़ में कहा।
Arjun ने सिर उठाकर उसे देखा। “ये तुम्हारा काम नहीं है, Mia। Servants हैं।”
Mia ने आँखें घुमाई।
“Servants आपकी चाय बना सकते हैं, लेकिन आपकी wife की तरह चाय पर प्यार का तड़का नहीं लगा सकते।”
Arjun के होंठों पर हल्की–सी रेखा आई, पर उसने तुरंत expression control कर लिया।
“Pyaar का तड़का?”
Mia उसकी टेबल पर कप रखते हुए हँसी।
“हाँ, बिल्कुल! अगर आपको ये समझ नहीं आता तो clearly आपको wife की आदत डालनी बाकी है।”
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Arjun चुपचाप कॉफी उठाने ही वाला था कि Mia ने कप पकड़कर खींच लिया।
“Wait… पहले taste test मैं करूँगी। अगर ज़्यादा मीठी हुई तो आपकी sugar problem का बहाना बन जाएगा, और अगर कड़वी हुई तो आप मुझे ताने देंगे।”
Arjun ने उसकी हरकत पर भौंहें चढ़ाईं।
“Mia, ये बच्चाना हरकतें मत करो।”
Mia ने playful अंदाज़ में जवाब दिया,
“बच्चाना नहीं, romantic कहते हैं इसे। Contract वाली wife हूँ न, कम से कम contract में थोड़ा entertainment तो मिलना चाहिए।”
Arjun ने उसकी तरफ़ गहरी नज़र डाली। उसकी आँखों में irritation नहीं था… बल्कि हल्की–सी हैरानी थी। कोई उससे इस तरह बात करने की हिम्मत नहीं करता था।
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दोपहर को, Mia ने Arjun को garden में ले जाने का प्लान बनाया।
“आपको fresh air की ज़रूरत है,” उसने wheelchair आगे बढ़ाते हुए कहा।
Arjun ने रोका। “Mia, मैं खुद manage कर सकता हूँ।”
Mia ने मासूम चेहरे के साथ कहा,
“हाँ हाँ, manage तो आप पूरी दुनिया को कर सकते हैं। लेकिन आज आपको मेरी बात माननी होगी।”
Arjun ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन Mia ने उसकी wheelchair पकड़कर garden तक ले ही गई।
Garden में बैठकर Mia ने कहा,
“Arjun, क्या आपको कभी ऐसा लगता है कि आप बहुत अकेले हो?”
Arjun ने उसकी तरफ़ देखा। उसकी आँखों में हल्की–सी चुभन थी।
“Akelepan की आदत पड़ जाती है।”
Mia धीरे से मुस्कुराई।
“आदत? या मजबूरी?”
Arjun ने चुप्पी साध ली। Mia ने उसकी खामोशी को पढ़ लिया।
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शाम को, जब दोनों कमरे में लौटे, Mia ने अचानक कहा,
“Arjun, आप बहुत strong हो… लेकिन ये खामोशी आपको कमजोर बना रही है। कभी–कभी इंसान को बोलना चाहिए, हँसना चाहिए। मैं चाहती हूँ कि आप मेरे सामने वैसे बनो जैसे दुनिया के सामने नहीं बनते।”
Arjun ने गहरी साँस ली और Mia की तरफ़ देखा।
“तुम्हें लगता है तुम मुझे बदल दोगी?”
Mia ने बिना झिझक कहा,
“बदलना नहीं… समझना चाहती हूँ। और हाँ, अगर मेरे इश्क़ में आपको बदलना पड़े तो उससे अच्छी बात और क्या होगी?”
Arjun ने पहली बार उसकी आँखों में देखा और कुछ पल के लिए खामोश रह गया। उसकी नज़रें Mia के चेहरे पर अटक गईं।
Mia ने शरारत से कहा,
“चिंता मत करो, Mr. Oberoi… आपकी ये खामोश दीवारें मैं ज़रूर तोड़ूँगी। और उस दिन आप खुद हँसते हुए मानोगे कि Mia आपकी ज़िंदगी का सबसे अच्छा फैसला थी।”
Arjun ने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन पहली बार उसके चेहरे पर हल्की–सी softness दिखी।
रात का समय था। Oberoi Mansion की सारी लाइट्स जगमगा रही थीं। ऊपर अपने कमरे में Arjun हमेशा की तरह laptop पर काम कर रहा था। Mia bed पर लेटी थी, लेकिन उसकी नज़रें Arjun पर टिकी थीं।
“Mr. Oberoi, आप दिनभर यही फाइलों में डूबे रहते हो। कभी सोचते हो कि ज़िंदगी सिर्फ़ numbers और deals से बड़ी होती है?”
Arjun ने स्क्रीन से नज़र हटाए बिना कहा,
“ज़िंदगी numbers और deals से ही चलती है, Mia। बाकी सब illusions हैं।”
Mia ने गहरी साँस ली।
“आपको illusions कहते-कहते किसी दिन मैं खुद illusion न बन जाऊँ आपकी life में।”
Arjun ने हल्की–सी नज़र उसकी तरफ़ डाली, लेकिन चुप ही रहा।
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कुछ देर बाद Arjun का फोन बजा। स्क्रीन पर कोई unknown number चमक रहा था। Mia ने curiosity से उसकी तरफ़ देखा।
Arjun ने बिना expression बदले कॉल उठाया।
“हाँ… सब clear होना चाहिए। कोई mistake नहीं।”
उसकी आवाज़ अचानक ठंडी और सख़्त हो गई थी। Mia ने कभी उसे इतनी authority से बात करते नहीं सुना था।
“अगर दोबारा गलती हुई… तो उसके अंजाम अच्छे नहीं होंगे।”
Mia की आँखें चौड़ी हो गईं। ये वही Arjun था? वही खामोश, cold businessman? उसकी आवाज़ में ऐसा command, ऐसा डरावना असर… मानो phone के उस पार का इंसान काँप रहा हो।
Arjun ने कॉल कट किया और तुरंत laptop बंद कर दिया। उसने Mia की तरफ़ देखा तो Mia ने जल्दी से नज़रें फेर लीं।
“किसका फोन था?” उसने मासूमियत से पूछा।
Arjun ने शांत स्वर में जवाब दिया,
“Business call। तुम्हें जानने की ज़रूरत नहीं।”
Mia ने होंठ भींचकर मुस्कुराया।
“Business call में इतनी धमकियाँ? Interesting।”
Arjun की आँखों में एक पल के लिए तेज़ चमक आई, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
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अगली सुबह, Mia नाश्ते की टेबल पर आई तो देखा, servants सब बहुत डरे–डरे से काम कर रहे थे। किसी ने गलती से tablecloth पर कॉफी गिरा दी और सब डर के मारे जम गए।
Arjun धीरे–धीरे table की तरफ़ आया। उसकी cold नज़रों ने सब servants को और डरा दिया।
Mia ने हल्के से हँसते हुए कहा,
“Relax! Mr. Oberoi किसी को खा नहीं जाएँगे।”
लेकिन servants की आँखों में ऐसा डर था, मानो वो Arjun की सिर्फ़ एक नज़र से सब समझ गए हों।
Mia ने curiosity से Arjun की तरफ़ देखा।
“आपने ऐसा क्या किया है कि आपके आसपास सब statue बन जाते हैं?”
Arjun ने बिना expression बदले कहा,
“Respect और Fear में बस एक पतली–सी लाइन होती है। मैं दोनों लेता हूँ।”
Mia ने teasing tone में जवाब दिया,
“Wow… Mr. Oberoi! आपके dialogues तो किसी gangster जैसे लगते हैं।”
Arjun ने बस हल्की–सी नज़र उसकी तरफ़ डाली और चुप हो गया।
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शाम को, Mia library में बैठी थी और Arjun खिड़की के पास। हवा में हल्की–सी ठंडक थी। Mia ने अचानक पूछा,
“Arjun, कभी–कभी मुझे लगता है कि आप बहुत कुछ छुपाते हो। जैसे आपकी wheelchair, आपकी खामोशी… सब बस एक मुखौटा है।”
Arjun ने धीमी आवाज़ में कहा,
“हर इंसान का एक मुखौटा होता है, Mia। सवाल ये है… तुम उसे हटाना चाहोगी या वैसे ही स्वीकार करोगी?”
Mia उसकी आँखों में झाँककर बोली,
“मैं मुखौटे नहीं मानती। मुझे असली Arjun Oberoi चाहिए।”
Arjun ने नज़रें फेर लीं।
“तो शायद तुम निराश हो जाओगी।”
Mia ने मुस्कुराते हुए धीरे से कहा,
“या फिर शायद मैं सबसे पहले वो असली चेहरा देख लूँगी।”
दोपहर का समय था। Oberoi Mansion में आज business पार्टी का आयोजन था। बड़े–बड़े industrialists, politicians और socialites एक–एक करके आ रहे थे। Arjun अपनी wheelchair पर, काले सूट में सबका स्वागत कर रहा था। उसका चेहरा वही पुराना—खामोश और बेपरवाह।
Mia royal blue साड़ी में नीचे उतरी। सबकी नज़रें अनायास उस पर टिक गईं। वो शर्मीली लग रही थी लेकिन उसकी आँखों में एक confident चमक थी।
Arjun की नज़रें कुछ पल के लिए उस पर अटक गईं। पर उसने तुरंत नज़रें हटा लीं।
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पार्टी के बीच में Mia कुछ मेहमानों से casually बातें कर रही थी। तभी एक नशे में धुत businessman ने Mia के हाथ पर हाथ रखकर कहा,
“Mrs. Oberoi… आप तो इस Mansion का असली diamond लग रही हैं।”
Mia झटके से पीछे हट गई। उसके चेहरे पर irritation साफ दिख रहा था।
इससे पहले कि वो कुछ कहती, Arjun की wheelchair तेज़ी से उस तरफ़ आई। उसकी ठंडी नज़रें उस आदमी पर टिकीं।
“हाथ हटाओ।” Arjun की आवाज़ इतनी गहरी और सख़्त थी कि पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया।
वो आदमी हड़बड़ा गया।
“Arjun… I was just—”
Arjun ने उसकी बात काट दी।
“मैं दोबारा repeat नहीं करता।”
उस आदमी ने घबराकर हाथ पीछे खींच लिया। उसकी आँखों में ऐसा डर था, जैसे किसी शेर से टकरा गया हो।
Mia ने पहली बार देखा कि Arjun की cold नज़रों में कितना command, कितना control छुपा है। एक पल में पूरा हॉल उसकी ताक़त महसूस कर चुका था।
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पार्टी के बाद, कमरे में लौटते हुए Mia ने मुस्कुराकर कहा,
“Wow, Mr. Oberoi… वो आदमी तो काँप ही गया। आपने इतनी authority कहाँ से सीखी?”
Arjun ने बिना उसकी तरफ देखे कहा,
“जब लोग तुम्हारी कमजोरी समझकर तुम्हें गिराना चाहें, तो तुम्हें उन्हें डराना सीखना पड़ता है।”
Mia ने teasing tone में कहा,
“लेकिन आप तो कहते हो कि आप बस businessman हो। पर आज आपकी नज़रें… आपकी आवाज़… सब कुछ किसी माफ़िया मूवी के hero जैसा लग रहा था।”
Arjun चुप रहा। उसके चेहरे पर वही खामोशी थी।
Mia ने आगे कहा,
“Arjun, मैं आपसे डरती नहीं। बल्कि आपकी ये दूसरी side मुझे और curious बना रही है। आप वाक़ई कौन हो?”
Arjun ने गहरी साँस ली और खिड़की की तरफ़ देखता रहा।
“कुछ सवालों के जवाब वक्त देता है, Mia। अभी बस इतना समझ लो—तुम मेरी ज़िम्मेदारी हो। और कोई तुम्हें छू भी नहीं सकता।”
Mia की आँखों में हल्की चमक आई। उसने धीरे से कहा,
“तो फिर मैं officially कह सकती हूँ… Mr. Oberoi, आप मुझे protect करने लगे हो।”
Arjun ने उसकी तरफ देखा, और कुछ पल के लिए उनकी नज़रें मिलीं। उसके दिल की दीवारों पर एक और दरार पड़ गई थी।
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रात का समय था। Oberoi Mansion की हवाओं में हल्की ठंडक थी, लेकिन Mia के मन में हलचल ज़्यादा थी। शादी को कुछ हफ़्ते ही हुए थे, और धीरे-धीरे वो Arjun के बारे में छोटी-छोटी बातें notice करने लगी थी। बाहर से सब कुछ perfect लगता था—Arjun Oberoi, इंडिया का सबसे सफल businessman, शांत और disciplined आदमी। लेकिन उसके अंदर छुपे रहस्य Mia की curiosity को दिन-ब-दिन और बढ़ा रहे थे।
उस रात Arjun study room में अपने laptop पर काम कर रहा था और Mia पास ही सोफे पर बैठकर किताब पढ़ने की कोशिश कर रही थी। पर उसकी नज़रें बार-बार Arjun की तरफ़ खिंच रही थीं। Arjun का चेहरा हमेशा की तरह serious था, लेकिन उसकी आँखों में कुछ ऐसा था जिसे समझना आसान नहीं था।
अचानक Arjun का phone बजा। ringtone बहुत तेज़ नहीं थी, लेकिन Mia के कान तुरंत alert हो गए। Arjun ने screen पर नज़र डाली, Mia को एक नज़र देखा, और बिना कुछ कहे फोन लेकर balcony में चला गया।
Mia ने किताब नीचे रख दी। उसका दिल जोर से धड़कने लगा। उसे पता था ये कोई normal call नहीं है। वो धीरे-धीरे balcony की ओर बढ़ी और दरवाज़े के पीछे से सुनने लगी।
Arjun की आवाज़ धीमी थी, लेकिन इतनी गहरी और सख़्त कि Mia के रोंगटे खड़े हो गए।
“मैंने कहा था गलती बर्दाश्त नहीं होगी… अगर दोबारा ऐसा हुआ तो अंजाम तुम्हें भी मालूम है। और सुनो—कल तक सब साफ़ होना चाहिए। कोई excuse नहीं।”
Mia के होंठ सूख गए। उसने खुद से फुसफुसाया—
“ये… ये किसी businessman की बात नहीं लग रही… ये तो किसी don जैसा बोल रहा है।”
कुछ देर बाद Arjun वापस कमरे में आया। Mia तुरंत normal act करने लगी।
“Late night business call?” उसने casually पूछा, जैसे उसने कुछ सुना ही ना हो।
Arjun की ठंडी नज़रें उस पर टिक गईं।
“हाँ। कुछ deals ऐसे होते हैं जिन्हें तुरंत handle करना पड़ता है।”
Mia ने teasing tone में कहा,
“Deals… या threats?”
Arjun की आँखें पलभर के लिए चमकीं। उसके होंठों पर हल्की सीरेखी, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। बस उसकी silence ही Mia को और परेशान कर गई।
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अगली सुबह Mansion का माहौल अजीब था। Servants सब कुछ extra ध्यान से कर रहे थे—जैसे कोई बड़ी गलती की गुंजाइश ही ना हो। कोई Arjun के सामने ज्यादा देर खड़ा होने की हिम्मत नहीं करता था। Mia ये सब गौर से देख रही थी।
Breakfast table पर उसने casually पूछा,
“आपके staff इतने डर-डर कर क्यों चलते हैं? कोई mistake हो जाए तो क्या आप उन्हें खा जाते हो?”
Arjun ने newspaper fold करके coffee का sip लिया और calm voice में कहा,
“डर इंसान को perfect बनाता है।”
Mia ने तुरंत तर्क दिया,
“नहीं। डर इंसान को गुलाम बना देता है। Respect और love से ज्यादा strong कोई bond नहीं होता।”
Arjun ने हल्की मुस्कान दी, लेकिन वो मुस्कान ठंडी थी।
“Respect खरीदी जाती है, Mia। और love… वो illusion है।”
Mia ने भौंहें चढ़ाईं।
“तो फिर मैं illusion हूँ आपकी ज़िंदगी में?”
Arjun ने धीरे-धीरे उसकी आँखों में देखा। कुछ सेकंड्स के लिए silence था।
“शायद,” उसने धीरे से कहा।
Mia ने अपना spoon table पर रख दिया और मन ही मन सोचा—
“ये आदमी जितना बोलता है, उससे कहीं ज्यादा छुपाता है। लेकिन मैं इसे समझकर ही रहूँगी।”
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शाम को, जब Arjun बाहर meeting पर गया था, Mia library में बैठी थी। उसे किताबें पढ़ने का शौक था, लेकिन आज उसकी नज़र library में पड़े Arjun के study table पर चली गई।
वहाँ कुछ papers बिखरे हुए थे। Mia उन्हें उठाकर रखने लगी। तभी उसकी नज़र एक मोटी file पर पड़ी। curiosity ने उसे रोक नहीं पाया। उसने file खोली और पहला पन्ना पढ़ा।
उसमें कुछ नाम, जगहें और dates लिखी थीं। Notes की language बहुत अजीब थी। जैसे—
“Shipment complete. 20 crates delivered. Keep route clean.”
Mia का माथा सिकुड़ गया।
“ये… ये तो business contracts नहीं हैं। ये कुछ और है। लेकिन क्या?”
अचानक पीछे से Arjun की आवाज़ आई।
“तुम्हें मेरी files को छूने की आदत नहीं डालनी चाहिए।”
Mia चौंक गई। उसने file तुरंत बंद कर दी।
“मैं तो बस साफ़ कर रही थी।”
Arjun उसके करीब आया और file उठाकर हाथ में ले ली। उसकी आँखों में वही अजीब-सी सख़्ती थी।
“कुछ चीज़ें देखने के लिए नहीं होतीं।”
Mia ने होंठ भींचे, लेकिन फिर अपनी चंचल आदत से बोली—
“इतना secretive होना healthy नहीं है, Mr. Oberoi। आप जितना छुपाओगे, मैं उतना जानने की कोशिश करूँगी।”
Arjun ने उसकी तरफ़ गहरी नज़र डाली। उसकी आँखों में चेतावनी और रहस्य दोनों थे।
“और जब जान लोगी… तब शायद मेरे साथ रहना ही ना चाहो।”
Mia का दिल तेज़ी से धड़क रहा था। पर उसने हार नहीं मानी।
“Try me, Mr. Oberoi. मैं इतनी easily हार मानने वाली नहीं हूँ।”
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रात को, Mia खिड़की के पास बैठी बाहर चाँद को देख रही थी। उसके दिमाग में बार-बार Arjun की बातें गूंज रही थीं।
“ये आदमी आखिर कौन है? Businessman या कुछ और? उसकी नज़रें, उसकी बातें, उसके secrets… सब कुछ अलग ही कहानी बता रहे हैं।”
Bed पर Arjun लेटा था। आँखें बंद थीं, लेकिन Mia जानती थी वो सोया नहीं है। उसकी सांसों में बेचैनी थी। वो खामोश था, लेकिन उसके अंदर कुछ बड़ा छुपा था—कुछ ऐसा जिसे जानना अब Mia का mission बन चुका था।
अगली सुबह Oberoi Mansion में हलचल थी। आज Arjun को एक important business conference में जाना था। Oberoi Group हर साल grand conference आयोजित करता था, जहाँ बड़े-बड़े investors और media मौजूद रहते थे।
Arjun तैयार हो रहा था। उसने charcoal grey का three-piece suit पहना, और अपने बाल perfectly set किए। वो अपनी wheelchair पर calm नज़र आ रहा था, लेकिन उसके sharp चेहरे पर वही cold expression था।
Mia कमरे में आई, peach color की elegant saree पहने। उसकी आँखों में excitement थी।
“Conference में मैं भी चलूँगी,” उसने सीधे कहा।
Arjun ने भौंह उठाई।
“तुम्हें boring business meetings में मज़ा आएगा?”
Mia मुस्कुराई।
“Mr. Oberoi, मैं आपकी पत्नी हूँ। दुनिया को दिखाना पड़ेगा कि मैं सिर्फ नाम की नहीं, सच में आपकी partner हूँ।”
Arjun कुछ पल चुप रहा, फिर धीमी आवाज़ में बोला—
“ठीक है। लेकिन वहाँ सबकी नज़रें हम पर होंगी। संभाल पाओगी?”
Mia ने playful tone में कहा,
“मैं आपकी आदत डाल चुकी हूँ। बाकियों की नज़रें क्या मायने रखती हैं।”
Arjun की आँखों में हल्की चमक आई, पर उसने कुछ नहीं कहा।
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Conference Hall में मीडिया और dignitaries का जमावड़ा था। Arjun जैसे ही अंदर आया, कैमरे चमक उठे। सब खड़े होकर उसका स्वागत करने लगे। वो अपनी wheelchair में भी इतने authority के साथ दिख रहा था कि कोई उसकी physical condition को weakness समझ ही नहीं सकता था।
Mia उसके साथ-साथ चल रही थी, graceful और confident। हर कोई इस नए Oberoi couple की chemistry पर ध्यान दे रहा था।
Speech शुरू हुई। Arjun ने calm लेकिन powerful आवाज़ में Oberoi Group के नए projects के बारे में बताया। उसकी बातों में strategy और command दोनों झलक रहे थे। Mia audience में बैठी थी, और सोच रही थी—
“ये आदमी सिर्फ businessman नहीं है। इसकी आवाज़ में अजीब-सी ताक़त है। जैसे पूरी भीड़ को control कर ले।”
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Speech के बाद Q&A session हुआ। अचानक एक journalist ने खड़े होकर पूछा,
“Mr. Oberoi, बहुत लोग कहते हैं कि आपकी success इतनी जल्दी possible नहीं थी। क्या इसके पीछे कोई hidden support है? या फिर कोई illegal रास्ता?”
Hall में हलचल मच गई। सब लोग चुपचाप Arjun की तरफ़ देखने लगे।
Mia का दिल जोर से धड़कने लगा। उसे लगा Arjun गुस्से में भड़क जाएगा। लेकिन Arjun ने उस journalist की तरफ़ ठंडी मुस्कान डाली।
“Success हमेशा उस आदमी के हिस्से में आती है, जो risk लेना जानता है। और risk लेने वालों को दुनिया अक्सर illegal कहती है।”
उसकी आवाज़ calm थी, लेकिन हर शब्द ऐसा लग रहा था जैसे पत्थर पर चोट कर रहा हो। पूरा hall खामोश हो गया। Journalist झेंपकर बैठ गया।
Mia की आँखें चमक उठीं। उसने मन ही मन सोचा—
“ये आदमी वाक़ई dangerous है। और शायद सच वही है जो ये दुनिया imagine भी नहीं कर सकती।”
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Conference के बाद media और guests Mia के पास आने लगे। सब उसकी beauty और grace की तारीफ़ कर रहे थे। Mia polite थी, लेकिन उसकी नज़रें बार-बार Arjun पर जाती रहीं।
तभी एक young businessman, जो थोड़ी देर से Mia को observe कर रहा था, उसके पास आया।
“Mrs. Oberoi, आपसे मिलकर अच्छा लगा। Honestly, आप इस boring hall की सबसे खूबसूरत चीज़ हैं।”
Mia ने awkward smile दी और politely thank you कहा। लेकिन वो आदमी पीछे नहीं हटा। उसने धीरे से Mia के हाथ में अपना business card देने की कोशिश की।
इससे पहले कि Mia कुछ करे, Arjun की wheelchair तेज़ी से उस तरफ़ आई। उसकी आँखों में ठंडी आग जल रही थी।
उसने Mia का हाथ पकड़कर अपनी तरफ़ खींचा और उस आदमी को सीधा देखा।
“Stay in your limits.”
वो businessman हड़बड़ा गया।
“Arjun… I was just being friendly—”
Arjun की आवाज़ steel जैसी सख़्त थी।
“मेरी wife के करीब आने की हिम्मत दोबारा मत करना। वरना friendly रहना भूल जाओगे।”
Hall का माहौल जम गया। वो आदमी डर के मारे पीछे हट गया।
Mia stunned थी। Arjun के अंदर की ये protectiveness उसने पहली बार इतने intense तरीके से देखी थी।
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कार में वापसी पर, Mia ने चुप्पी तोड़ी।
“आपने आज मुझे सबके सामने claim कर लिया, Mr. Oberoi। मुझे protect करने के लिए इतना गुस्सा… ये आपकी वो side है जो मुझे और ज्यादा confuse कर देती है।”
Arjun खिड़की के बाहर देखने लगा।
“लोग सोचते हैं मैं cold हूँ। लेकिन जब बात तुम्हारी आती है… मैं किसी को भी बर्दाश्त नहीं कर सकता।”
Mia मुस्कुराई, हल्के teasing tone में बोली—
“तो फिर आप मानते हो कि आप मुझे चाहने लगे हो?”
Arjun ने उसकी तरफ देखा। उसकी आँखों में गहराई और रहस्य दोनों थे।
“चाहना… या फिर तुम्हें खोने का डर? फर्क सिर्फ़ नज़रिए का है, Mia।”
Mia का दिल तेजी से धड़क रहा था। उसने खुद से सोचा—
“Arjun Oberoi, आप जितना मुझे confuse करते हो, उतना ही मैं आपके करीब खिंचती जा रही हूँ।”
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Oberoi Mansion में हमेशा की तरह शांति थी, लेकिन Mia के दिल में अब शांति नहीं थी। जितना समय वो Arjun के साथ बिता रही थी, उतना ही उसका curiosity level बढ़ रहा था। Conference वाली घटना ने उसके मन में कई सवाल छोड़ दिए थे। Arjun का गुस्सा, उसका protectiveness, और फिर उसकी ठंडी नज़रें… सबकुछ सामान्य husband जैसा नहीं था।
उस रात Arjun study में काम कर रहा था। Mia bed पर लेटी थी, लेकिन नींद नहीं आ रही थी। अचानक उसने देखा कि रात के बारह बजे Arjun अपने फोन पर किसी से बात करते हुए तेज़ कदमों से बाहर चला गया।
Mia तुरंत उठी और balcony से झाँकने लगी। उसने देखा Arjun Mansion के पीछे वाले हिस्से की तरफ़ गया, जहाँ शायद ही कभी कोई जाता था। वहाँ एक काली SUV खड़ी थी। गाड़ी में बैठे आदमी ने Arjun को कुछ files दीं और फिर दोनों ने कुछ देर बातचीत की।
Mia की आँखें चौड़ी हो गईं।
“ये कौन लोग हैं? रात के बीचोबीच business deals कौन करता है?”
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अगली सुबह Mia ने casual tone में पूछा,
“कल रात आप कहाँ गए थे?”
Arjun ने newspaper fold करते हुए कहा,
“Insomnia. सो नहीं पा रहा था, तो walk करने चला गया।”
Mia ने भौंह उठाई।
“Walk करते हुए आपको SUV में बैठे आदमी से बात करनी पड़ी?”
Arjun ने उसकी तरफ देखा। उसकी आँखों में हल्की irritation झलक रही थी।
“तुम बहुत सवाल करती हो, Mia।”
Mia ने playful tone में कहा,
“और आप बहुत secrets छुपाते हो, Mr. Oberoi। Deal कर लेते हैं—मैं सवाल कम कर दूँगी, अगर आप थोड़े answers देने लगो।”
Arjun की नज़रें कुछ पल तक उस पर टिकी रहीं। फिर उसने cold smile दी और कहा,
“कुछ secrets answers देने के लिए नहीं होते।”
Mia का curiosity और बढ़ गया।
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दोपहर को, Mia kitchen में गई। वहाँ उसे एक पुराने servant, Ram Lal, से मुलाकात हुई। वो काफी nervous लग रहा था। Mia ने casually पूछ लिया,
“Ram Lal ji, आप इतने घबराए हुए क्यों रहते हो? Arjun से इतना डर क्यों लगता है आपको?”
Ram Lal ने पसीना पोंछा और धीरे से बोला,
“Madam, हम सब जानते हैं… साहब से गलती करना मतलब अपनी जान मुसीबत में डालना।”
Mia चौंक गई।
“क्या मतलब? वो इतने strict हैं?”
Ram Lal ने जल्दी से topic बदल दिया।
“मुझे काम करना है, Madam। आप please ये बात किसी से मत कहना।”
Mia की धड़कन तेज़ हो गई। Servants का डर, Arjun की रात की secret meetings… सब कुछ धीरे-धीरे जुड़ने लगा।
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शाम को Mansion में एक अजीब-सी हलचल थी। Arjun के private office में दो अजनबी आए थे। दोनों काले suits में थे, और उनके चेहरे बेहद गंभीर थे। Mia corridor से गुजर रही थी, तभी उसने उन्हें Arjun से मिलते हुए देखा।
दरवाज़ा थोड़ा खुला था। Mia रुक गई और सुनने लगी।
“Shipment safe पहुँच गई, Boss,” उन आदमियों में से एक ने कहा।
Arjun की calm लेकिन authoritative आवाज़ गूंजी—
“Good. अब अगले काम की तैयारी करो। और याद रखना, कोई भी trace नहीं छोड़ना।”
Mia का दिल जोर से धड़कने लगा।
“Shipment? Boss? ये क्या हो रहा है?”
अचानक Arjun की नज़र दरवाज़े की ओर गई। Mia झटके से पीछे हट गई और pretend करने लगी कि वो बस casually walk कर रही थी।
कुछ देर बाद Arjun hallway में आया। उसकी आँखें Mia पर टिकीं।
“तुम यहाँ क्या कर रही थी?”
Mia ने जल्दी से कहा,
“बस… walk कर रही थी। आपके office से आवाज़ आ रही थी, तो सोचा देख लूँ।”
Arjun ने कुछ पल तक उसे घूरा, फिर हल्की cold smile दी।
“जिज्ञासा अच्छी चीज़ है, Mia। लेकिन कभी-कभी जिज्ञासा इंसान को मुश्किल में डाल देती है।”
Mia का दिल जोर से धड़क उठा। पर उसने अपने चेहरे पर मुस्कान बनाए रखी।
“तो आप मुझे warning दे रहे हो, Mr. Oberoi?”
Arjun की आँखों में हल्की चमक आई।
“नहीं। मैं बस तुम्हें protect कर रहा हूँ।”
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रात को, Mia अकेली अपने कमरे में बैठी थी। उसने diary में लिखा—
“Arjun Oberoi… ये आदमी जितना दिखता है, उससे कहीं ज्यादा dangerous है। Servants उससे डरते हैं। रात को अजीब लोग उससे मिलने आते हैं। Shipments, threats, warnings… सब कुछ normal business से बहुत अलग है।
क्या वो सिर्फ businessman है? या फिर इसके पीछे कोई और दुनिया छुपी है?
और अगर सच में ऐसा है… तो मैं किसके साथ रह रही हूँ? Husband? या किसी और के साथ?”
उसने diary बंद की और खिड़की से बाहर देखा। Mansion के आँगन में Arjun खड़ा था, चाँदनी में उसकी परछाईं लंबी और डरावनी लग रही थी। वो किसी से फोन पर बात कर रहा था, और उसकी आवाज़ हवा में गूंज रही थी—
“अगर deal time पर नहीं हुई, तो consequences का जिम्मेदार तुम खुद होंगे। मुझे सिर्फ results चाहिए।”
Mia की साँसें अटक गईं।
“ये आदमी… सचमुच dangerous है। लेकिन क्यों लग रहा है कि इसके सारे secrets के बावजूद… मैं इससे दूर नहीं जा सकती?”