कहानी है विरांश मल्होत्रा और अविका खुराना की" विरांश के मॉम डैड के साथ जो भी हुआ था उसका बदला लेने के लिए विरांश ने अविका को किडनैप कर लिया क्योंकि विरांश अविका के पापा राजीव खुराना से बदला लेना था और इस बदले के वजह से विरांश में अविका को टॉर्चर किया... कहानी है विरांश मल्होत्रा और अविका खुराना की" विरांश के मॉम डैड के साथ जो भी हुआ था उसका बदला लेने के लिए विरांश ने अविका को किडनैप कर लिया क्योंकि विरांश अविका के पापा राजीव खुराना से बदला लेना था और इस बदले के वजह से विरांश में अविका को टॉर्चर किया और फिर उससे जबरदस्ती शादी कर ली क्योंकि आप अभी का वीरांश का जुनून बन गई थी और इश्क औ जुनून के वजह से विरांश अविका को खुद से दूर नहीं जाने देना चाहता था पर विरांश सच में अविका से प्यार करता था या इस बदले की वजह से विरांश और अविका कभी एक हो पाएंगे आखिर कैसे पूरी होगी विरांश और अविका की प्रेम कहानी
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रात के वक्त ...एक अंधेरे रूम में एक लड़का किंग साइज सोफे पर एक पैर के ऊपर दुसरा पैर रखकर बैठा हुआ था। और वह सिगरेट के कस ले रहा था,, अंधेरे की वजह से उसका चेहरा नहीं दिख रहा था,, लेकिन उसके एटीट्यूड से उसकी पर्सनालिटी का साफ पता चल रहा था। तभी एक लड़का उसके सामने आकर सर झुका कर खड़ा हो जाता है, उसने फाइल को सामने टेबल पर रखते हुए धीरे से कहा बॉस यह रही उस लड़की की इनफॉरमेशन।
" उस लड़के ने अपने हाथों में वह फाइल ली,, और फाइल खोलकर देखना लगा, उस फाइल के ऊपर एक लड़की की फोटो लगी हुई थी ,,वह लड़की देखने में बहुत खूबसूरत थी ।
"उस लड़के ने वो फाइल को देखते हुए कहा,, बहुत जल्द मुलाकात होगी तुमसे ,इतना कह कर उसने अपने सामने टेबल पर उस फाइल को पटकते हुए कहा ,,
"राहुल क्या इसका कोई बॉयफ्रेंड है ,राहुल ने धीरे से कहा नो बॉस अब तक मुझे पता चला है,, इसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है , और यह लड़की बहुत जल्द इंडिया आने वाली हैं ,
"क्या हम उसे वहीं से राहुल इतना कह ही रहा था ,
"कि तभी उस लड़के ने अपना हाथ दिखाते हुए कहा,, नही राहुल अभी नहीं मेरे अगले सबाल का इंतजार करो वक्त आएगा तब मैं बताऊंगा आगे क्या करना है ।
"तभी राहुल ने कुछ सोचते हुए कहा,, बॉस और उसे लड़की का क्या करना है, क्या उसे जान से मार दे ।
"नहीं राहुल उसे मारना नहीं है ,,बल्कि उसे जिंदा रखना है उसे इतना टॉर्चर करो कि वह खुद अपने मौत की भीख मांगे उस लड़की ने इतना बड़ा झूठ कहा है ।
"और इन सब के पीछे उसका हाथ नहीं है,, लेकिन उसे भी सजा मिलेगी अब तुम यहा से जा सकते हो , राहुल वहां से चला गया।
"वही दूसरी तरफ एक बड़े से मेंशन में लिविंग रूम में एक शख्स जिसकी उम्र लगभग 50 55 साल होगी। इस उम्र में भी उसे शख्स के पर्सनालिटी सबसे अलग थी,, वह इधर-उधर चहल कदमी कर रहा था वह शख्स काफी गुस्से में लग रहा था उसने खुद से कहा,,
"जैसा मैंने सोचा था,, बिल्कुल वैसा ही हुआ अच्छा हुआ जो मैंने उसके आईडेंटिटी हाइड नहीं होने दी वरना आज उसकी जगह वह होती पता नहीं वह क्या करता उसके साथ,,
"तभी उनके फोन की रिंग बजती है,, जिससे उनका ध्यान अपने फोन की तरफ जाता है ,उन्होंने अपने फोन पर हो रहे नंबर पर देखा तो वह नंबर अननोन था।
"उन्होंने अपने मन में कहा" अब यह अननोन नंबर से मुझे कॉल कौन कर रहा है, चलो देखता हूं कौन है इस सख्स ने जैसे ही कॉल उठाया उधर से दूसरे शख्स की आवाज आई।
"हेलो मिस्टर खुराना आई होप आप अच्छे होंगे इधर से मिस्टर खुराना ने कहा कौन कौन बोल रहा है,, उधर से उस शख्स ने कहा मैं कौन हूं यह आप जानकर क्या करेंगे
"वैसे आपने प्लान तो बहुत अच्छा बनाया था,, ससुर जी इतना कहकर वह शख्स एक खतरनाक हंसी हसने लगा उसकी हंसी सच में बहुत खतरनाक लग रही थी।
"मिस्टर खुराना ने कहा,, तुम मिस्टर खुराना ने इतना ही कहा ,,
"अच्छा तो आपको मैं याद हूं मुझे तो लगा था,, आप मुझे भूल गए होंगे कोई बात नहीं मुझे बहुत खुशी हुई कि आप मुझे अभी भी दिल से याद करते हैं,, फिर उसे शख्स ने हंसते हुए कहा हां आप मुझे याद करेंगे क्यों नहीं मैं आपका एकलौता दामाद जो हूं,,
"मिस्टर खुराना ने गुस्से में कहा,, अपनी यह बकवास बंद करो ,,और बताओ क्यों कॉल किया है तुमने मुझे क्या काम है तुम्हें मुझसे सीधे-सीधे बताओ मेरे पास फालतू बातों के लिए टाइम नहीं है ।
"उस शख्स ने डेविल हंसी हंसते हुए कहा,, इतनी जल्दी कैसे बता दूं मिस्टर खुराना अभी तो मेरा मूड नहीं है कुछ भी बताने का वैसे आपकी बेटी बहुत खूबसूरत है ।
"मुझे तो उसे एक बार यह शख्स कह रहा था। कि तभी मिस्टर खुराना ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा,,
"अपनी गंदी जुबान से मेरी बेटी का नाम भी मत लेना,, और मेरी बेटी से दूर रहना अगर तुमने मेरी बेटी के बारे में कुछ भी उल्टा सीधा सोच तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा ।
"उस शख्स ने कहा,, सोचने की बात कर रहे हैं,, मिस्टर खुराना मैं तो यहां कदम उठाने वाला हूं सुना है ,,आपकी बेटी बहुत जल्द इंडिया आने वाली है,, आपको क्या लगा था मुझे कुछ भी पता नहीं है मैं तो सब जानता हूं वैसे आपने अपनी बेटी की आइडेंटिटी हाइड नहीं होने दी लेकिन फिर भी मैंने पता लगा ही लिया क्या हुआ मिस्टर खुराना ।
"डोंट वरी चिंता मत करिए मैं आपकी बेटी को कुछ नहीं करूंगा बस मेरे अगले कदम का इंतजार करिए... wait and watch... बहुत जल्द मुलाकात होगी... Good bye... इतना कहकर उसे शख्स ने कॉल कट कर दिया।
"मिस्टर खुराना ने अपना फोन को गुस्से में फर्श पर फेकते हुए कहा,, मैं ऐसा कभी नहीं होने दूंगा तू मेरी बेटी तक कभी नहीं पहुंच पाएगा ।
"फिर मिस्टर खुराना ने चिल्लाते हुए कहा,, विनोद कहां मर गए एक 30 साल का लड़का आया और उनके सामने अपना सर झुका कर खड़ा हो गया।
"मिस्टर खुराना ने कहा" कुछ पता चला उसके बारे में ,विनोद ने धीरे से कहा नहीं सर अभी कुछ नहीं पता चला है पर मैं बहुत जल्द पता लगा लूंगा , मिस्टर खुराना ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा हां तुम उसके बारे में पता लगाते रहना आखिर कब पता लगाओगे जब वो मेरी बेटी को उठाकर लेकर चला जाएगा तब ,,
"लड़का जिसकी उम्र लगभग 28 साल थी और दिखने में हैंडसम था। आप फ्रिक मत कीजिए यह मिस्टर खुराना का बेटा अमन खुराना था,, वो कुछ नहीं कर पाएगा और आप इतना डर क्यों रहे हैं हमने कुछ गलत नहीं किया है इसलिए हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है।
"मिस्टर खुराना ने सोफे पर बैठते हुए कहा,, तुम सही कह रहे हो अमन हमारी कोई गलती नहीं थी। उसे दिन जो भी हुआ वह बस इत्तेफाक था लेकिन इन सब का जिम्मेदार वह मुझे मानता है। लेकिन इन सब में मैं अपनी बेटी की जिंदगी बर्बाद नहीं होने दे सकता। मिस्टर खुराना के चेहरे पर इस वक्त परेशानी साहब झलक रही थी इस वक्त उनके चेहरे के भाव अलग थे वह इस वक्त अपनी बेटी के लिए परेशान हो रहे थे।
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आखिर कौन था वह शख्स जिसने मिस्टर खुराना को सीधे-सीधे धमकी दे डाली और क्या करना चाहता है जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पढ़िएगा
आप चिंता मत कीजिए ऐसा कुछ नहीं होगा ,,हम अविका को कुछ नहीं होने देंगे मेरे होते हुए मेरी बहन तक वो पहुंच भी नहीं सकता आप चिंता मत करिए डैड मैं कुछ करता हूं।
"मिस्टर खुराना ने कहा,, जो भी करना है जल्दी करो पता है ना अविका लंदन से वापस आ रही है अगर मैंने उसे फिर से आने के लिए मना किया तो वह जीत करेगी। और मैं उसे यह सच्चाई कभी नहीं बताना चाहता वह कुछ करें उससे पहले हमें उसे तक पहुंचना होगा नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगा ।
"अमन ने कहा,, आप डर क्यों रहे हैं मैंने कहा ना वह कुछ नहीं कर पाएगा खैर छोड़िए इन सब बातों का टाइम नहीं है। हमारे पास आप चिंता मत करिए मैं अपनी बहन के साथ कुछ गलत नहीं होने दूंगा ।
अगले दिन...
"एयरपोट के बाहर एक लड़की रेड क्रोप टॉप और व्हाइट कलर की जिंस उसके ऊपर से नेट का लॉन्ग जैकेट पैरो में व्हाइट सुज उसके कमर तक लम्बे काले घने सिल्की बाल हवा में लहरा रहे थे ये थी हमारी कहानी की हिरोइन अविका खुराना ।
5 फीट 4 इंच हाइट उम्र लगभग 20 साल होगी गौरा रंग बेदाग चहरा भुरी आंखें उस पर बेहद काली घनी पलके आंखों में भर भर के काजल गुलाब के पंखुड़ियां की तरह गुलाबी छोटे से होंठ दिखने में पतली और परफेक्ट फिगर बालों के एक साइड क्लिप से सेट किया हुआ था ।
"देखने में बहुत ही खूबसूरत उतने ही मासूमियत चहरे पे झलक रही थी ।बिल्कुल नटखट और शरारती सी लड़की अगर जो कोई भी अविका को एक बार देखे तो बस देखता ही रह जाए। आसमान से उतरी परी लग रही थी
"अविका मुस्कुराते हुए खुद से बोली,, अच्छा हुआ जो मैं कुछ दिन पहले ही आ गई अब घर जाकर पापा और भाई को सरप्राइज देती हूं ।
"वह दोनों मुझे देखकर खुश हो जाएंगे। इतना बोलकर वह टैक्सी के अंदर बैठ गई उसने टैक्सी वाले को अपना एड्रेस बताया और फिर गाड़ी से बाहर देखकर मुस्कुराने लगी।
"वही इस टैक्सी से कुछ दूर पीछे एक गाड़ी जो इस टैक्सी को फॉलो कर रहे थे उस शख्स ने अपने कान में ब्लूटूथ लगाया हुआ।
"सर क्या इस लड़की को रास्ते से ही उठाना है ।उधर से एक आवाज आई नहीं उसे उसके घर तक पहुंचने दो बस उसका पीछा करते रहो,, और हां उसके हर एक्टिविटी पर नजर रखो इधर से इस शख्स ने कहा,, ओके सर
"थोड़ी दूर गाड़ी चलने के बाद,, अविका ने एकदम से कहा,, भैया भैया टैक्सी रुको टैक्सी ड्राइवर ने टैक्सी को रोक दिया तभी अविका टैक्सी से बाहर निकली और वह थोड़ी दूर जाकर उस बच्ची को अपनी गोद में उठा लिया ।
"सड़क के किनारे थोड़ी दूर पर एक पार्क था जहां पर वह बच्ची बैठी रो रही थी,, उसने उस बच्ची के गाल को सहलाते हुए कहा क्या हुआ बच्चा आप रो क्यों रहे हो।
"उस बच्ची ने रोते हुए कहा मुझे मेरी मम्मा के पास जाना है। अच्छा आपको पता है क्या आपकी मम्मा कहां है मैं आपको उनके पास ले चलती हूं ,,अविका ने कहा,,
"नहीं मुझे नहीं मालूम मैं यहां अपनी मम्मा के साथ घूमने आए थे पर मुझे नहीं पता अब वह कहां है।
"कोई बात नहीं हम दोनों साथ मिलकर आपकी मम्मा को ढूंढेंगे अब बताओ आप आइसक्रीम खाओगे उस बच्ची ने अपना सारा हां में हिलाया,, फिर अविका ने उस बच्ची को आइसक्रीम खिलाया और उसे बहुत सारे गुब्बारे भी दिलाई ।
"वह उसके साथ वहां पर लगे टेबल पर बैठ गई ,,वह दोनों बैठे ही थे कि तभी उसे बच्ची की मां आ गई उसने अपने बच्ची को गोद में उठाते हुए कहा बेटा आप यहां हो मैंने आपको कहां-कहां नहीं ढूंढा मेरी तो जान निकल गई थी।
"वह आपकी बच्ची बहुत ज्यादा रो रही थी मुझे इसका रोना देखा नहीं जा रहा था मुझे तो कुछ समझ नहीं आया, मैं इसे कैसे चुप कराऊं इसलिए मैंने इस गुब्बारे दिलाए अविका ने बड़ी मासुमियत से कहा,,
"लगता है,, आपको बच्चों से बहुत प्यार है वैसे मेरे बच्चे को संभालने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया मैं जब भी इसे बाहर लेकर आती हूं तब यह मेरा हाथ छुड़ाकर इधर-उधर भाग जाती है उसे औरत ने कहा,,
"कोई बात नहीं आप अपने बच्चों का ख्याल रखेगा,, फिर अविका अपनी टैक्सी में आकर बैठ कर वहां से निकाल जाती है।
"रात के वक्त एक लड़का टेरिस के बालकनी पर अपना हाथ टिका कर खड़ा था। वो कुछ सोच रहा था उसने खुद से कहा,,
..Well done.. अविका खुराना तुम्हें ये अच्छा बनने का दिखावा करना अपने बाप से विरासत में मिली है पर इन सब का हिसाब बहुत जल्द होगा, मेरे हर एक आंसुओं का हिसाब होगा और वह मैं तुमसे बसुल करूंगा।जितना कुछ मैंने झेला है अब उससे भी ज्यादा मैं तुम्हें तड़पाऊंगा
"ये लड़का दिखने में बेहद हैंडसम था 6 फीट लम्बी हाइट उम्र 26 साल गौरा रंग काली गहरी आखें थोड़े बड़े बाल जो उसकी फॉरहेड पर आ रहे थे चेहरे से ही काफी सीरियस लग रहा था
"सलिके से सेट किए हुए चेहरे पर हल्की सी बीयर्ड जो उसके लुक पर बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। बिजनेस की दुनिया में बहुत कम समय में बहुत नाम कमाया था । बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है,, गुस्सा तो हमेशा इनके नाक पर रहता है, एटीट्यूड और एक नंबर का घमंडी है। इसके गुस्से और जीद के आगे किसी की नहीं चलती है
"वह चांद को एक तक देख रहा था ।तभी उसके फोन का रिंग बजता है उसने कॉल उठाते हुए कहा बोलो क्या काम है।
"सर वो घर पहुंच चुकी हैं,, और मुझे पता चला है कि मिस्टर खुराना उसकी शादी जल्द से जल्द कराना चाहते हैं।
"हम्म ठीक है उन सब पर नजर रखो खास कर उस लड़की पर क्योंकि वो सिर्फ और सिर्फ विरांश मल्होत्रा की अमानत है। इसलिए इस बात का खास ख्याल रखना इतना कहकर वीरांश ने कॉल कट कर दिया।
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आखिर विरांश अविका के पीछे आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा चलिए मिलते हैं अगले पार्ट पर
"मिस्टर खुराना और अमन लिविंग रूम में सोफे पर बैठे हुए थे तभी उन्हें किसी की आवाज सुनाई दी उन्होंने सामने देखा तो मेन एंड्रेस पर अविका खड़ी थी जो मुस्कुरा रही थी दोनो ने एक दूसरे को देखा फिर उठकर खड़े हो गए...
" मिस्टर खुराना में आ गई अविका ने कहा,, और दौड़कर अपने पापा के गले लग गई उन्होंने भी अपनी बांहें फैला दी,,
"अमन ने कहा" तू कभी नहीं सुधरेंगी,,
"बच्चा आप तो कुछ दिनो बाद आने वाले थे और आप अचानक आज आ गई आने से पहले बताया होता,, मिस्टर खुराना ने उसे खुद से अलग करते हुए कहा ,,पापा आप दोनों मुझसे कभी कबार मिलने आते थे।
"लेकिन मैं आपके पास हमेशा के लिए आ गई इतना बोलकर अविका ने अपने पापा के गालों पर किस कर दिया और मुस्कुराने लगी ।
"फिर अमन ने उसे कहा,, हां और तुम्हे ऐसे अकेले नहीं आना चाहिए था ।
"भाई मैं ठीक हूं इतना कहकर अविका अमन के गले लग गई।
"कैसी है माय प्रिसेंस अमन ने उसके सर को सहलाते हुए कहा ,,
"भाई मेरी छोड़ो आप बताओ आप कैसे हो क्या आपको मेरी याद नही आती थी अविका ने मुंह बनाते हुए कहां,,
"नही अवि ऐसा नही है हमें तो तेरी बहुत याद आती थी अमन ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा,,
"अच्छा इसलिए इतने सालों से मुझे खुद से दूर रखा और झुठ बोल रहे हैं, याद आती थी अविका ने मुंह बनाते हुए कहा।
"अविका ने इधर उधर देखते हुए कहा अच्छा यह बताइए भाभी कहां है,, क्या वह अपने रूम में है मैं उनसे वही जाकर मिल लेती हूं बोलकर अविका ऊपर की तरफ जाने लगे
"तभी अमन ने कहा ,,नहीं वह यहां नहीं है वह अपने मॉम डेड के घर पर है तुम बहुत थकी होगी जाओ तुम जाकर पहले फ्रेश हो जाओ बाद में बात करते हैं
"अविका ने अपना सर हां में हिलाया और अपने रूम की तरह चली गई थोड़ी देर बाद सब ने खाना खाया और फिर सब अपने-अपने रूम में चले गए।
"अविका अपने रूम आई वो पुरे रूम को देख रही थी उसका रूम देखने में बहुत खूबसूरत था उसका रूम बेबी पिंक और व्हाइट कलर के इंटीरियर में बहुत खूबसूरत लग रहा था। क्योंकि अविका को बेबी पिंक कलर बहुत पसंद था इसलिए उसके पसंद के हिसाब से डेकोरेट किया गया था,, रूम के बीचो बीच किंग साइज बेड लगा हुआ था बेड के बोल पर अविका की एक बड़ी सी फोटो लगी,, हुई थी जिसमें बहुत खूबसूरत लग रही थी।
"उसके रूम में उसकी और उसके पापा भाई के साथ के बड़े-बड़े फोटोस लगी हुई थी रूम बहुत बड़ा था। रूम के एक साइड बड़ा सा कलोसेट रूम बना हुआ था,, उसने एक नजर अपने पूरे रूम को देखते हुए खुद से कहा पापा ने बिल्कुल मेरी पसंद का मेरे लिए बेडरूम तैयार किया हुआ है। जो मुझे बहुत पसंद आया फिर अविका बेड पर लेट गई वो बहुत थकी हुई थी इसलिए उसे जल्द ही नींद आ गई,,
अगली सुबह...
"सुबह के 9:00 बज रहे थे और अविका अभी तक सो रही थी। क्योंकि उसे ज्यादा सोने की आदत थी तभी उसके रूम में अमन आता है,, उस ने उसे उठाते हुए कहा प्रिंसेस उठ जाओ और कितना सोना है तुम्हें चलो उठो तुम्हें तुम्हारी भाभी से भी मिलना है ,
"अविका ने पिलो लिया और हग कर सोते हुए कहां ,,भाई प्लीज थोड़ी देर और सोने दीजिए ना अभी मेरी नींद पुरी नही हुई है ।
"ठीक है कोई बात नहीं लगता है तुम्हें तुम्हारी भाभी से मिलने में इंटरेस्ट नहीं है मैं उसे बोल दूंगा तुमसे अवी नहीं मिलना चाहती वो इतना कह कर अमन जाने ही वाला था
"कि अविका ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा ,,नहीं नहीं भाई मुझे भाभी से आज ही मिलना है मैं बस थोड़ी देर में रेडी होकर नीचे आती हूं आप तब तक मेरा वेट करो अमन ने उसका माथा चुमा और वहां से चला गया।
"कुछ घंटे बाद वह दोनों भाई बहन एक घर में बैठे हुए थे वह घर देखने में ना तो ज्यादा छोटा था और ना ही ज्यादा बड़ा था। सामने लगे सोफे पर एक लड़की बैठी हुई थी वह देखने में बहुत खूबसूरत थी यह कोई और नहीं बल्कि अमन की वाइफ और अर्पिता खुराना थी जो प्रेग्नेंट थी।
"भाभी आपको पता है मैं आपसे कितने सालों से मिलना चाहती थी पर मैं चाह कर भी इंडिया नहीं आ पा रही थी। पर फाइनली आपसे मुलाकात हो गई कैसे आप घर कब जाओगे अविका ने कहां,,
"अवि मेरे पापा की तबीयत खराब थी इसलिए मैं यहां कुछ दिन रहने के लिए आई थी। पर अब तुम आ गई हो ना मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी वैसे भी पापा की तबीयत अब थोड़ी ठीक हो गई है ।
"अर्पिता तुम अपनी पैकिंग कर लो हम थोड़ी देर में निकलेंगे अमन ने अर्पिता से कहा ,,
"अर्पिता ने अपना सर हां में हिलाया और अपने रूम जाकर पैकिंग करने लगी फिर थोड़ी देर बाद वो लोग खुराना मेंशन के लिए निकल गये ,,
"वो लोग गाड़ी में बैठे थे तभी अविका ने कहा भाई पहले हम कही घुमने चलेंगे ,,
"अमन ने उसे मना करते हुए कहा नही अवि हम सिधा घर जायेंगे हम अर्पिता को लेकर नही जा सकते उसका नाइन मंथ चल रहा है अगर तुम्हें घुमना है तो हम कल चेलेंगे ,, इस बात पर अविका मुंह फुलाकर बैठ गई और गाड़ी से बाहर देखने लगी फिर थोड़ी देर में वो लोग घर आ गए अविका सिधा अपने रूम में चली गई,,
रात के वक्त...
"सब डिनर कर के लिविंग रूम में बैठे थे और आपस में बाते कर रहे थे,, लेकिन अविका अपने पापा के पास चुपचाप बैठी थी तभी अमन ने कहा क्या हुआ अवि तु मुझसे नाराज है क्या मैं सुबह से देख रहा हूं तु मुझसे बात नहीं कर रही,,
"अविका ने मुंह बनाकर कहा" मुझे नहीं करनी आपसे बात आप बहुत बुरे हो,,
"अमन ने अपने कंधे उचकाते हुए कहा" अब मैंने क्या किया,,
"अविका ने अपने पापा की तरफ देखते हुए कहा,, पापा आपको पता है मैंने उनसे कहा था कि मुझे बाहर घूमना है लेकिन साफ साफ मना कर दिया मुझे बहुत बुरा लगा फिर वो मिस्टर खुराना के गले से लग कर रोने लगी,,
"मिस्टर खुराना ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा कोई बात नहीं बच्चा तुम्हारे पापा तुम्हें पूरी इंडिया घुमाएंगे हमम अविका ने इतना ही कहा फिर वह सभी अपने अपने रूम में सोने के लिए चले गए अविका अपने रूम में अपने टेडी को हग कर सो रही थी,,
"चांद की रोशनी उसके खूबसूरत से चेहरे पर पड़ रही थी जिससे वह और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी तभी एक काला साया उसके बालकनी से होते हुए उसके रूम में आया वो काला साया आकर सीधा अविका के पास खड़ा हो गया उस काले साये ने उसे थोड़ी देर देखा जो अपने टेडी को हग कर सो रही थी। और सोते हुए बहुत प्यारी और मासूम लग रही थी।
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आखिर वो काला साया कौन हो सकता है आगे की कहानी अगले पार्ट में जानेंगे चलिए फिर मिलते हैं अगला पार्ट पर
"अगली सुबह ...अविका और अर्पिता लिविंग रूम में बैठकर दोनों बातें कर रहे थे अविका ने कहा,, आपको पता है भाभी मैं ना हमेशा इंडिया आने के लिए जिद करती थी, लेकिन पापा और भाई मुझे आने ही नहीं देते थे उनका मन करता था तो वह मेरे पास आ जाते थे। लेकिन हमेशा मुझे यहां आने के लिए मना करते थे मेरा वहा रहने का बिल्कुल भी मन नहीं करता था। बुआ तो बहुत अच्छी है वह मेरा बहुत ख्याल रखती थी पर वह चुड़ैल हमेशा मेरे पीछे पड़ी रहती थी
"तभी अमन वहां पर आकर बैठते हुए कहता है,,अवि वह तेरी बड़ी बहन है चुड़ैल नहीं है
"लेकिन भाई उसकी हरकतें तो बिल्कुल चुड़ैलों वाली है अविका ने मुंह बिचकाते हुए कहा उसकी बातें सुनकर अमन और अर्पिता मुस्कुराने लगती हैं,,
"तभी अविका ने कुछ सोचते हुए कहा भाभी एक बात पुछु आपसे ,,
"हां पुछो अर्पिता ने कहा,,
"आप दोनो तो कॉलेज टाइम से एक दूसरे को जानते हो ये बताओ भाई की अपने भाभी को प्रपोज कैसे किया था ,,
"अर्पिता ने हंसते हुए कहा,, क्यु तुम्हे भी किसी को प्रपोज करना है क्या कोई आइडिया चाहिए तो साफ साफ बोलो,,
"भाभी मुझे बस आप दोनो की लव स्टोरी के बारे में जानना है भाई ने कभी नहीं बताया कम से कम आप तो बताओ अविका ने कहा,,
"इसके बारे में कुछ मत ही पुछो तो अच्छा है अर्पिता ने मुंह बनाते हुए कहा,,
"क्यु अब मेरे भाई ने क्या किया अविका ने कहा और अमन की तरह देखकर उससे पूछने लगी,,
"इससे क्या पुछ रही हो मैं बताती हूं,, ये तो एक नम्बर का फट्टु है इसने मुझे प्रपोज नही किया था। बल्कि मैने इसे प्रपोज किया था हम दोनों एक दूसरे को बहुत टाइम से पसंद करते थे पर इसने मुझे कभी नहीं बताया तब जाकर मैंने इस प्रपोज किया तो इसने जाकर अपनी फिलिंग्स के बारे में मुझे बताया।
"अमन ने मुस्कुराते हुए कहा,, तुम मेरी बहन के सामने मेरी बुराई कर रही हो,,
"अर्पिता ने उसको घुरते हुए कहा,, इसमें बुराई क्या करना है तुम सच में फट्टू हो ,,
"अविका ने मुस्कुराते हुए कहा,, आप दोनों को देखकर लगता ही नहीं है यह आप दोनों की लव मैरिज शादी हुई है हमेशा आप दोनों एक दूसरे की टांग खींचते रहते हो।
"अर्पिता ने मुस्कुराते हुए कहा,, यही तो प्यार है इसी को ही तो प्यार कहते हैं एक दूसरे की परवाह करना एक दूसरे के लिए बेचैन रहना एक को चोट लग जाए तो दूसरे को दर्द होता है प्यार ऐसा ही होता है जब तुम्हें होगा ना तब तुम्हें एहसास होगा कि प्यार का एहसास कितना खास होता है प्यार में सुकून है जुनून है।
"अविका ने कहा मुझे प्यार व्यार नहीं करना।
"अमन ने मुस्कुराते हुए कहा,, इसलिए तो पापा ने तेरे लिए एक अच्छा सा लड़का देख लिया है। क्योंकि हमें पता है तू अपने लिए लड़का पसंद नहीं करेगी बहुत जल्द वह लोग हमसे मिलने के लिए आएंगे फिर तेरी भी शादी हो जाएगी।
"अविका ने उदास होकर कहा,, भाई मुझे शादी नहीं करनी मैं आप सबको छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी मुझे हमेशा आप सबके साथ रहना है ,,
"वह सब बैठकर आपस में बातें कर रहे थे तभी अर्पिता को लेबर पेन शुरू हो जाता है बहुत दर्द से चीखने लगती है। अमन ने अर्पिता की तरफ देखते हुए कहां क्या हुआ अर्पिता तुम ठीक तो होना। अर्पिता ने दर्द से चीखते हुए कहा नहीं अमन मैं ठीक नहीं हूं मुझे बहुत दर्द हो रहा है ,,
"तुम चिंता मत करो मैं तुम्हें अभी हॉस्पिटल लेकर चलता हूं इतना कहकर उसने अर्पिता को गोद में उठाया और घर से बाहर निकल गया उसके साथ अविका थी।
"थोड़ी देर बाद वह लोग हॉस्पिटल पहुंच चुके थे। अर्पिता को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था वार्ड के अंदर से उसके चीखने की आवाज आ रही थी। उसके चीखने की आवाज सुनकर अविका भी रोने लगी अविका बहुत मासूम थी वह दिल की बहुत अच्छी थी उसने अमन से कहा भाई भाभी ठीक तो हो जाएगी ना बेबी को कुछ होगा तो नहीं ना ,,
"अमन ने उसके बालों को सहलाते हुए कहा,, कुछ नहीं होगा थोड़ी देर में वह बिल्कुल ठीक हो जाएगी तुम रोना बंद करो
"इतने में मिस्टर खुराना भी हॉस्पिटल पहुंच गए। अविका मिस्टर खुराना के गले लग के रोते हुए बोली पापा देखो ना इतनी देर से डॉक्टर अंदर है लेकिन अभी तक उन्होंने भाभी को ठीक नहीं किया मुझे तो बहुत टेंशन हो रही है हमारा बेबी ठीक तो होगा ना ।
"मिस्टर खुराना ने उसे समझाते हुए उसके बालों को सहलाते हुए कहा,, नहीं बच्चा कुछ नहीं होगा तुम टेंशन मत लो ,,
"अविका ने रोते हुए कहा नहीं पापा भाभी को बहुत दर्द हो रहा है डॉक्टर को कहिए ना कि वह उन को कोई अच्छी सी दवाई दे दे तो वो बिल्कुल ठीक हो जाएगी,,मिस्टर खुराना ने उसके नासमझ बातो से अपना सर हां में हिला दिया।
"थोड़ी देर बाद वार्ड के अंदर से बच्चे की रोने की आवाज आई जिसे सुनकर उन सभी ने राहत के सांस ली तभी एक नर्स वार्ड से बाहर आए उसके हाथ में एक बच्चा था उसने अमन को देते हुए कहा कंग्रॅजुलेशन सर आपको बेटा हुआ है अमन ने मुस्कुराते हुए अपने बेटे को अपने गोद में ले लिया।
"अमन ने अपने बेबी के फोरहेड पर किस किया फिर उसे अविका के गोद में देते हुए कहा अब तुम अपनी बुआ के पास जाओ
"अविका ने बेबी को देखते हुए कहा,, यह बेबी तो बिल्कुल मुझ पर गया है बिल्कुल मेरी तरह क्यूट है ,,
"अमन ने मुस्कुराते हुए कहा हां बिल्कुल तेरी तरह क्यूटनेस की दुकान है,,
"मिस्टर खुराना ने अविका के गोद से बच्चे को लेते हुए कहा लाओ अब इसे मुझे दो मैं भी तो इसका दादु हूं आज मैं बहुत खुश हूं आज मैं दादा बन गया हूं फिर मिस्टर खुराना ने अपने पेट के पॉकेट से नोटों की कट्टी निकाल कर बच्चे के बलिया ली और वो पैसा नर्स को दे दिया ,,
"थोड़ी देर बाद अर्पिता को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था वो एरिया प्राइवेट था। वहां पर सिर्फ वही लोग मौजूद थे अर्पिता की नॉर्मल डिलीवरी थी इसलिए अब तक उसे होश आ गया था अब सब लोग उसके साथ ही बैठे थे।
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट से जरुर पड़ेगा कहानी को रेटिंग और समीक्षा जरूर कर दीजिएगा
"कुछ दिनों बाद अर्पिता को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज मिल गया था अब वह घर आ चुकी थी। और आज बेबी का नामकरण था इसलिए पूरे मेंशन को बहुत ही अच्छे से सजाया गया था अमन और अर्पिता अपने रूम में रेडी हो रहे थे अर्पिता मिरर के सामने खड़ी होकर अपना टचअप कर रहे थे वही अमन अपने बेबी को लेकर सोफे पर बैठा हुआ था अर्पिता ने ऑरेंज कलर का लहंगा पहना था। जिसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही थी।
"तभी अमन ने अर्पिता की तरफ देखते हुए कहा यार अर्पिता और कितना टाइम लगेगा तुम्हें तैयार होने में मैं कब से रेडी होकर बैठा हूं हमें नीचे भी चलना है। अगर तुम्हारा हो गया हो तो नीचे चले नामकरण आज है कल नहीं,,
"अर्पिता ने अपना सर हां मे हिलाते हुए कहा हां हां चलो ना फिर वह दोनों सीडीओ से नीचे आ रहे थे इस फंक्शन में बहुत से बिजनेसमैन को और उनकी फैमिली को भी इनवाइट किया गया था। अब तक सभी मेहमान आ चुके थे सभी की नजर उन तीनों पर ही थी तीनों साथ में बहुत प्यारे लग रहे थे सभी मेहमानों की नजर उन तीनों पर ही थी ।
"नामकरण का शुभ मुहूर्त 11:00 का था मिस्टर खुराना अपने गार्ड से कुछ बातें कर रहे थे जहां उनके घर में खुशियों की चहल-पहल थी तो वही उनके चेहरे पर परेशानी के भाव साफ देखे जा सकते थे। वह कुछ परेशान से लग रहे थे और अपने सभी गार्ड्स को अच्छे से समझा रहे थे बाकी दिनों से ज्यादा आज मेंशन में बहुत ज्यादा ही गॉड्स इधर-उधर खड़े थे।
"अमन जो यह सब कुछ नोटिस कर रहा था। उसने मिस्टर खुराना के पास आते हुए कहां डैड में आपको पिछले दो दिनों से कुछ जाता ही परेशान देख रहा हूं कुछ बात है क्या आप प्लीज मुझे बताइए मुझे टेंशन हो रही है
"हां बात तो बहुत बड़ी है 2 दिन पहले मुझे उसका कॉल आया था
फ्लैशबैक...
"मिस्टर खुराना अपने रूम में कोई जरूरी फाइल्स चेक कर रहे थे। तभी उनका फोन रिंग करता है उन्होंने फोन उठाया तो वही नंबर देखा तो वह समझ गए कि यह कॉल किसका हो सकता है उन्होंने कॉल उठाते हुए कहा अब क्या बात करनी है तुम्हें मुझसे सीधे-सीधे बताओ क्या काम है मेरे पास इतना फालतू टाइम नहीं है।
"मैंने सुना है आपके घर में बहुत बड़ा फंक्शन है। और आपने मुझे इनवाइट भी नहीं किया, आप बहुत बुरे हो ससुर जी बुरे क्या आप तो सच में बहुत बुरे हो भला ऐसा कोई करता है क्या आपने अपने दामाद को ही इनवाइट नहीं किया कोई बात नहीं मैं आपसे गुस्सा नहीं हूं आपने मुझे इनवाइट नहीं किया तो क्या हुआ मैं खुद ही आ जाऊंगा आपसे और आपकी बेटी से मिलने विरांश ने कहा और हंसने लगा।
"उसको इस तरह हंसने से मिस्टर खुराना ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा,, बकवास बंद करो अपनी कितनी बार कहा है अपने गंदी जवान से मेरी बेटी का नाम भी मत लेना वरना अच्छा नहीं होगा ।
"विरांश ने सर्द आवाज में कहा ,,अच्छा तो सच में नहीं होगा ससुर जी वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं मैं इतना डरपोक नहीं हूं मैं जो भी करता हूं डंके की चोट पर करता हूं, और सामने वाले की आंखों में आंखें डालकर बातें करता हूं और इस बार मैं जो करने वाला हूं वह आपकी आंखों के सामने करूंगा आ रहा हूं, मैं दो-तीन बाद आपके घर पर रोक सकते हैं तो रोक लीजिएगा मुझे अब जो भी होगा आमने-सामने होगा देखता हूं आप क्या कर सकते हैं इतना बोलकर विरांश कॉल कट कर देता है।
फ्लैशबैक एंड...
"पता नहीं समझ में नहीं आ रहा आखिर अब वह करने क्या वाला है। उसने साफ-साफ कहा है कि वह आज हमारे मेंशन आने वाला है अब ऐसा तो है, नहीं कि वह आएगा और कोई तूफान नहीं आएगा इसलिए मैं अपनी पूरी तैयारी में हूं ।
"आपने सही कहा डैड मुझे तो समझ नहीं आता कितना बेशर्म इंसान है बिना इनवाइट के ही आ रहा है, अगर इसने हमारे घर में कोई भी तमाशा किया ना तो मैं इसे छोड़ने वाला नहीं हूं अमन ने गुस्से में कहा।
"वह दोनों बातें ही कर रहे थे तभी उनकी नजर अविका पर गई जो सीडीओ से नीचे आ रही थी। अविका ने गोल्डन कलर का लहंगा पहना था जिस पर गोल्डन नग का फ्लावर बना हुआ था जिसमें अविका बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। होंठो पर रेट लिपस्टिक माथे पर छोटी स्टोन वाली बिंदी आंखों में भर भर के काजल जिसमें उसके नीली आंखें बहुत खूबसूरत लग रही थी हाथों में गोल्डन कलर की चूड़ियां कानों में बड़े-बड़े झुमके इसमें वह बहुत प्यारी लग रही थी ।
"अविका अपने पापा के पास आकर खड़ी हो गई उसने मुस्कुराते हुए कहा क्या बात है मिस्टर खुराना आप तो आज बहुत ज्यादा हैंडसम लग रहे हैं। ऐसा तो लग ही नहीं रहा कि आप दादा बन गए हो उसकी बातें सुनकर मिस्टर खुराना और अमन ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर मुस्कुराने लगे ।
"अमन ने मुस्कुराते हुए कहा ,,तेरी आदत नहीं जाएगी फिर उसने नकली मुंह बनाते हुए कहा,, अच्छा इसका मतलब यहां सिर्फ एक ही हैंडसम है और मैं तुम्हें हैंडसम नहीं देखता हूं
"अविका ने मुस्कुराते हुए कहा,, नहीं भाई ऐसा नहीं है आप भी बहुत अच्छे लग रहे हो।
"तभी पंडित जी ने कहा नामकरण का शुभ मुहूर्त हो गया है। आप सब प्लीज अपने-अपने स्थान पर आकर बैठ जाइए अमन और अर्पिता अपनी जगह पर बैठ गए पंडित जी ने पूछा शुरू कर दे थोड़ी देर में पूजा संपन्न हो गई तभी पंडित जी ने कहा बच्चों की बुआ बच्चे का नाम रखना है। अविका अपनी जगह से उठी और उसने बच्चे के कानों में धीरे से कहा वेदांत अमना खुराना जिसे सुनकर सभी लोगों के चेहरे पर स्माइल आ गई।
"अमन ने मुस्कुराते हुए कहा,, नाम तो बड़ा प्यारा रखा है तूने मेरे बेटे का
"अविका ने एटीट्यूड के साथ कहा ,,हां क्योंकि बेबी की बुआ ही इतनी प्यारी है,, तो नाम भी तो प्यार ही होना चाहिए ना थोड़ी देर में नामकरण हो गया फिर लंच का टाइम हो गया था इसलिए सभी मेहमान खाना खाने के लिए चले गए खाने की पूरी तैयारी गार्डन में की गई थी।
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आखिर ऐसा क्या करने वाला है विरांश आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट्स जरूर पढ़िएगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट्स पर
सभी लोग लिविंग रूम में सोफे पर बैठे हुए थे अविका और अर्पिता दोनों आपस में बातें कर रही थी दोपहर का टाइम था मिस्टर खुराना अभी भी बहुत परेशान थे तभी उन्हें शोर की आवाज सुनाई दिया मिस्टर खुराना और अमन ने एक दूसरे की तरफ देखा अमन ने कहा यह शोर कैसा है हमें बाहर चल कर देखना चाहिए मिस्टर खुराना ने एक नजर अविका को देखा जो अर्पिता से बात कर रही थी भाभी यह शौर कैसा है यह कैसी आवाजे आ रही है बाहर कुछ हो रहा है क्या अर्पिता ने परेशान होकर कहा पता नहीं अवि मुझे भी कुछ समझ में नहीं आ रहा
"मिस्टर खुराना और अमन बाहर गार्डन में आ गए बाहर का नजारा देखकर दोनों शौक रह गए उन्होंने देखा तो उनके सारे गॉड्स जमीन पर मरे पड़े थे और उनमें से कुछ घायल हो गए हैं और कुछ सामने ब्लैक यूनिफॉर्म पहने लोगों पर फायर कर रहे थे और वहां पर बहुत सारी ब्लैक कलर की गाड़ियां लगी हुई थी जिनमें से बहुत सारे गॉड्स बाहर निकल कर खड़े थे और मिस्टर खुराना के गार्ड्स को सूट कर रहे थे तभी एक चॉपर गार्डन में लैंड हुआ
"चॉपर से विरांश ब्लैक कलर के सूट में बाहर निकला उसने अपने आंखों पर ब्लैक कलर का गॉगल्स लगाया था दिखने में बहुत ज्यादा हैंडसम लग रहा था ब्लैक सूट उस पर बहुत ज्यादा शूट कर रहा था विरांश के अगल-बगल उसके बॉडीगार्ड थे और उसका असिस्टेंट राहुल भी उसके साथ ही था वह भी दिखने में हैंडसम लग रहा था विरांश अपने पैंट के पॉकेट में हाथ डालें एटीट्यूड के साथ चलते हुए मिस्टर खुराना के सामने आकर खड़ा हो गया मिस्टर खुराना उसे यहां देखकर बहुत ज्यादा गुस्से में थे
"विरांश ने डेविल हंसी के साथ कहा" माफ कीजिएगा मिस्टर खुराना आने में थोड़ी देर हो गई मैं तो नामकरण के टाइम ही आना चाहता था पर क्या करूं आ नहीं पाया और मैं जानता था कि आप मेरे आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे मेरे लिए इतना सब कुछ किया इसके लिए थैंक यू वेरी मच
"मिस्टर खुराना ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे घर में अपना कदम रखने की दफा हो जाओ यहां से
"अमन ने वीरांश का कॉलर पकढ़ते लिया तभी विरांश के बॉडीगार्ड्स अमन के ऊपर गन पॉइंट कर देते हैं विरांश ने अपना हाथ दिखाते हुए बॉडीगार्ड्स को शांत रहने को कहा आखिर चाहता क्या है तु क्या समझता है खुद को तू जो चाहेगा वह हम करने देंगे ऐसा कभी नहीं होगा
"विरांश ने अमन के हाथों से अपना कलर छुड़ाते हुए गुस्से में कहा दोबारा से ऐसी गलती मत करना वरना अंजाम बहुत बुरा होगा
"चॉपर की आवाज सुनकर अविका और अर्पिता बाहर गार्डन में आ गई उन दोनों ने भी बाहर का नजारा देखा बाहर का नजारा देखकर अविका बहुत ज्यादा डर गई थी वह दौड़ते हुए आकर अपने पापा के सीने से लग गई और रोते हुए कहा पापा यहा यह सब क्या हो रहा है
"मिस्टर खुराना ने उसे खुद से अलग करते हुए कहा कुछ नहीं हुआ बच्चा तुम अंदर जाओ और डरने की कोई जरूरत नहीं है यहां सब ठीक है
"अविका की पीठ विरांश तरफ थी इसलिए उसने उसका चेहरा नहीं देखा था लेकिन वीरांश बिना किसी भाव के वहां पर खड़ा था तभी अगले ही पल उसने अविका के बालों को जोर से पकढ़ते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया उसने उसके बालों को बहुत जोर से पकड़ा था जिस वजह से उसके मुंह से चीख निकल गई और दर्द की वजह से उसके आंखों के किनारे से आंसू बहने लगा
"यह देखकर अमन ने जैसे ही विरांश को कुछ करता उससे पहले ही वीरांश ने अपनी गण निकाल कर अविका के माथे पर पॉइंट करते हुए कहा कोई भी होशियारी मत करना नहीं तो तुम्हारी यह बहन जिंदा नहीं बचेगी अभी के अभी मैं इसे जान से मार डालूंगा
"अविका ने रोते हुए कहा नहीं प्लीज मुझे मत मारना प्लीज मुझे छोड़ दो
"मिस्टर खुराना ने गुस्से में अपनी बॉडीगार्ड से कहा तुम सब खड़े-खड़े तमाशा क्या देख रहे हो यह यहां से जिंदा नहीं जाना चाहिए
"विरांश ने मुस्कुराते हुए कहा रस्सी जल गई लेकिन अकड़ नहीं निकली आपकी बेटी मेरे कब्जे में है और आप अभी भी अकड़ दिखा रहे हो देखते ही देखते मिस्टर खुराना के जितने भी बचे हुए बॉडीगार्ड थे वह भी मारे गए विरांश ने अविका के बालों को पकड़ा और उसे अपने साथ ले जाते हुए कहा अगर कोई भी मेरे पीछे आया तो मैं इस लड़की को अभी इसी वक्त जान से मार डालूंगा
"अविका ने रोते हुए चिल्ला कर कहा प्लीज़ छोड़ दो मुझे भाई पापा बचाओ मुझे, मुझे नहीं जाना अविका की आवाज सुनकर अमन उस को बचाने के लिए उसकी तरफ आने लगा
"तभी वीरांश ने बिना सोचे समझे शूट कर दिया बुलेट सीधा जाकर अमन के कंधे पर लगा जिससे वह लड़खड़ा गया यह देखकर मिस्टर खुराना और अर्पिता अमन के पास आ गए अविका उससे छुटने की पुरी कोशिश कर रही थी पर विरांश की पकड़ उसके हाथों पर बहुत मजबूत थी विरांश अविका को लेकर चॉपर में बैठ गया फिर वह लोग वहां से निकल गए
"अविका ने रोते हुए जोर से चिल्लाकर कहा प्लीज मुझे जाने दो तुमने मेरे भाई को गोली क्यों मारी क्या बिगाड़ा है हमने तुम्हारा इतना कहकर वह जोर-जोर से रोने लगी
"विरांश ने अविका के ऊपर झुकते हुए गुस्से में कहा अपना यह रोना धोना बंद करो वरना जैसे तेरे भाई को गोली मारी है ना वैसे तुझे भी मार सकता हूं
"विरांश की बातें सुनकर अविका डर के मारे चुप हो गई उसकी आंखों से आंसू बह जा रहे थे वो चुप हो गई और वहां पर बैठ गई
"अमन की ऐसी हालत देखकर अर्पिता बहुत घबराई हुई थी मिस्टर खुराना और अर्पिता अमन को लेकर जल्दी से हॉस्पिटल के लिए निकल गए
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़िएगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट्स पर तब तक के लिए मेरी कहानी पर बने रहिए
"थोड़ी देर में वह लोग दिल्ली पहुंच चुके थे एक बड़े से मेंशन के गार्डन में चॉपर लैंड हुआ विरांश चॉपर से बाहर निकला वो अपनी बाहों में अविका को लेकर घर के अंदर जा रहा था क्योंकि वह रोते-रोते बेहोश हो गई थी उसने अविका को लाकर अपने बेडरूम में बेड पर किसी कांच की गुड़िया की तरह लिटा दिया उसने एक नजर अविका को देखा और रूम से चला गया वह लिविंग रूम में आया उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा राहुल
"राहुल जल्दी से उसके सामने अपना सर झुका कर खड़ा हो गया उसने राहुल को देखते हुए कहा जब तक मैं नहीं आ जाता तब तक इस लड़की का ध्यान रखना और हां ये होश में आते ही यहां से भागने की कोशिश करेगी पर कुछ भी हो जाए तुम इसे यहां से जाने नहीं दोगे मुझे कुछ काम है मैं बस कुछ ही घंटे में वापस आ जाऊंगा राहुल ने अपना सर हां में हिलाते हुए कहा ओके बॉस
रात के वक्त...
"अविका रूम बेहोश थी तभी उसे होश आने लगता है वह होश में आ जाती है उठकर बैठ जाती है उसने इधर-उधर देखते हुए खुद से कहा यह मैं कहां हूं फिर उसे दोपहर को जो भी हुआ था धीरे-धीरे सब याद आ जाता है कैसे वीरांश ने उसके भाई को गोली मारी और कैसे वह उसे जबरदस्ती अपने साथ ले आया यह सब याद करके उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं
"उसने रोते हुए कहा नहीं मुझे यहां नहीं रहना मुझे मेरे घर जाना है उसने भाई को गोली मारी थी पता नहीं भाई कैसे होंगे इतना कहकर वह रूम से जैसे ही बाहर जाने लगती है
"तभी राहुल ने उसे रोकते हुए कहा आप यहां से कहीं नहीं जा सकती और हां आप इस रूम से बाहर आने की कोशिश भी मत कीजिए
"अविका ने रोते हुए कहा नहीं ऐसा मत कहिए मुझे यहां नहीं रहना मुझे मेरे घर जाना है प्लीज मुझे जाने दीजिए मैं आप लोगों के बारे में किसी को कुछ नहीं बताऊंगी यहां तक के पुलिस को भी कुछ नहीं कहूंगी
"देखिए आप यहां से कहीं नहीं जाएंगी और चुपचाप से जाकर बैठ जाइए यह मेरे बॉस का आर्डर है और मैं अपने बॉस के ऑर्डर के खिलाफ नहीं जा सकता समझी आप राहुल ने थोड़े ऊंचे आवाज में कहा
"इसे अविका ने रोते हुए कहा आज तक मुझसे इस तरह किसी ने बात नहीं कि जिस तरह से तुम बात कर रहे हो तुम सब बहुत बुरे हो और सबसे ज्यादा बुरा तो वो है जिसने मेरे भाई को गोली मारी मैं उसे छोडूंगी नहीं उसकी लाश को तो गटर के कीड़े भी नहीं पूछेंगे गुंडा कही का
"विरांश के बारे में अविका उल्टा सीधा बोले जा रही थी जिसे सुनकर राहुल को गुस्सा आ रहा था तभी राहुल ने बहुत ही जोर से कहा आप मेरे बॉस के बारे में कुछ भी उल्टा सीधा नहीं बोल सकती मैं उनके बारे में कुछ भी गलत नहीं सुन सकता इसलिए अपना मुंह बंद रखिए
"नहीं मैं बोलूंगी जो मेरे मन में आएगा मैं वह बोलेगी और तुम लोग मुझे यहां जबरदस्ती नहीं रख सकते इतना बोलकर अविका उसे धक्का देकर रूम से बाहर जाने लगती है तभी जल्दी से राहुल ने उसका हाथ पकड़ उसे रूम में धक्का दे दिया और डोर बंद कर दिया राहुल उसे बहुत ही गुस्से से घुर रहा था उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा लगता है तुम ऐसे नही मानोगी
"यह देखकर अविका अंदर से डर गई उसने घुरते हुए कहा तुमने दरवाजा क्यों बंद किया है तुम क्या करना चाहते हो मेरे साथ कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम मेरे साथ जबरदस्ती देखो तुम ऐसा कुछ नहीं कर सकते बाहर निकलो यहां से तभी एक जोरदार की आवाज से रूम का डोर खुलता है
"डोर पर वीरांश खड़ा था विरांश को देखकर राहुल ने अपना सर नीचे झुका लिया वही अविका उसे गुस्से से घुर रही थी उसने एक नजर राहुल को देखा और एक नजर अविका को देखकर अपने कदम उसकी तरफ बढ़ा दिए वह जाकर अविका के सामने खड़ा हो गया
"विरांश ने अविका के भुरी आंखों में देखा जिसमें इस वक्त आंसु और गुस्सा था अविका भी गुस्से में उसे देख रही थी रोने की वजह से उसका चहरा लाल हो गया था दोनो एक दूसरे को बुरी तरह घुर रहे थे जैसे आँखो से ही भस्म कर देंगे
"अविका ने कुछ सोचते हुए कहा तुम मुझे यहां लेकर क्यों आए हो आखिर क्या चाहते हो तुम मुझसे तुम्हारा यह चमचा मेरे साथ जबरदस्ती करना चाहता था अविका ने राहुल की तरफ इशारा करते हुए कहा यह सुनकर राहुल ने जल्दी से अपना सर उठाकर वीरांश से कहा नहीं बॉस ऐसा कुछ नहीं है यह लड़की झूठ बोल रही है..
"विरांश ने अविका की तरह थोड़ा झुकते हुए कहा क्या इस ने तुम्हें छुआ था
"अविका ने अपने मन में सोचते हुए कहा अगर मैं हां कह दूं तो हो सकता है इन दोनों में लड़ाई हो जाए और मैं यहां से निकल कर भाग सकूं पर अगर ऐसा नहीं हुआ तो
"विरांश ने एक बार फिर से शर्द आवाज में कहा क्या इसने तुम्हें छुआ था
"अविका ने बिना सोचे समझे अपना सर हां में हिलाने लगी
"यह देखकर राहुल ने अपने मन में सोचते हुए कहा यह लड़की तो गई अब बॉस इसे नहीं छोड़ेंगे क्योंकि बॉस झूठ बोलने वाले को कभी माफ नहीं करते है पता नहीं अब इसके साथ क्या होगा
"विरांश ने एक खतरनाक मुस्कुराहट के साथ कहा मुझे तुमसे यही उम्मीद थी तुम जैसी लड़की से और क्या उम्मीद किया जा सकता है उसने सर्द आवाज में कहा राहुल तुम जाओ यहां से तुम्हें अपनी सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है मैं अच्छे से जानता हूं कौन कितना घटिया है उसकी हंसी इतनी खतरनाक थी कि अविका उसकी हंसी से डर रही थी
"अविका ने अपने मन में कहा ओ नो इसकी हंसी कितनी खतरनाक है कैसे राक्षस की तरह हंस रहा है गुंडा कही का
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आखिर अब क्या होगा अविका के साथ आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट्स पर
"अविका डर के मारे अपना सर झुका कर खड़ी थी विरांश ने एक सिगरेट निकाली और पीने लगा उसने उसकी धुआ अविका के चेहरे के ऊपर छोड़ते हुए कहा मुझे झूठ बोलने वालों से सख्त नफरत है और तुमने मेरे भाई जैसे असिस्टेंट पर झूठा इल्जाम लगाया बताओ तुम्हारे साथ क्या करना चाहिए
"अविका को खांसी आ रही थी वह खांसते हुए विरांश को देख रही थी विरांश ने मुस्कुराते हुए कहा लगता है तुम्हें धुएं से एलर्जी है चलो अच्छा है तुम्हारी एक कमजोरी तो मुझे पता चली
"अविका ने खांसते हुए बड़ी ही मासूमियत से कहा तुम बहुत गंदे हो तुम स्मोकिंग करते हो सिगरेट नहीं पीना चाहिए उस से बीमारी होती है और इससे तुम्हारी सेहत भी खराब हो सकती है
"विरांश बिना किसी भाव के अविका को देख रहा था उसने मुस्कुराते हुए कहा सच कहा मैं बहुत गंदा हूं इंपैक्ट बहुत ज्यादा बहुत गंदे गंदे काम करता हूं ,,
"अविका ने मुंह फुलाते हुए कहा हां सच में तुम बहुत घटिया इंसान हो एक नंबर के गुंडे मुझे जबरदस्ती मेरे घर से उठा कर ले आए मेरे भाई को गोली मार दिया पता नहीं वह कैसे होंगे अविका पटर पटर बोल रही थी
"तभी विरांश ने जोर से चिल्लाकर कहा क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लग रहा मैं इतना गंदा हूं तो तुम्हें मुझसे डरना चाहिए जानना चाहोगी मैं कौन-कौन से काम करता हूं अविका ने कुछ नहीं कहा बस वो उसकी बातें सुन रही थी
"विरांश ने एक गहरी सांस लेकर छोड़ी और कहा मैं किडनैपिंग मर्डर फिर विरांश ने अविका के कानो के पास धीरे से कहा और खूबसूरत लड़कियों के साथ जबरदस्ती करके उसे मार डालता हूं और फिर उसकी लाश को जंगल में जंगली कुत्तो के बीच फेंक देता हूं और वह जंगली जानवर उसकी लाश को खा जाते हैं मतलब वह लड़कियां जिंदे में मेरी भूख मिटती है और मरने के बाद मेरे जंगली कुत्तों के अब बताओ तुम्हारे साथ क्या करना चाहिए
"उसकी बाते सुनकर अविका बहुत ज्यादा डर जाती है उसने ने रोते हुए कहा नहीं प्लीज मेरे साथ कुछ मत करना प्लीज मुझे जाने दो मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगी पिंकी प्रॉमिस में किसी से कुछ नहीं कहूंगी
"विरांश ने उसके गालों को जोर से पकढ़ते हुए कहा ऐसे कैसे जाने दूं अभी तो मेरा बदला स्टार्ट हुआ है अभी तो मैंने कुछ किया भी नहीं तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें इतनी आसानी से तुम्हें जाने दूंगा विरांश ने उसके गालो बहुत जोर से पकड़ा था जिस वजह से उसके होठों का पाउट बन गया था
"अविका रोते हुए उसके हाथों को मार रही थी लेकिन इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वीरांश की नजर अविका के होठों पर थी अगले ही पल उसने उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे काफी पेशेंटली किस करने लगा
"विरांश के इस हरकत से अविका की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई उसने विरांश के सीने पर अपने छोटे-छोटे हाथों से मुक्के मारने लगी लेकिन इससे विरांश को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वह बस अविका को किस किये जा रहा था एक लंबी किस के बाद वीरांश ने अविका के होठों को छोड़ दिया विरांश ने काफी डीप किस किया था
"जिस वजह से अविका के होठों पर कट लग गया था और वहां से ब्लड आ रहा था अविका जोर-जोर से सांस ले रही थी रोने और सांस रुकने की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था जिस वजह से वह बहुत क्यूट लग रही थी उसने बच्चों की तरह रोते हुए कहा गंदे आदमी तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे किस करने की मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी तुमने मेरी पहली किस चोरी कर लिया
"विरांश हंसते हुए उसे देख रहा था उसको इस तरह देखकर अविका को बहुत गुस्सा आ गया उसने अगले ही पर विरांश के गालों पर थप्पड़ चढ़ दिया थप्पड़ इतनी जोर का था कि विरांश का चेहरा दूसरी तरफ झुक गया उसने अविका की तरफ देखते हुए कहा तुम्हारे इतनी हिम्मत तुमने विरांश मल्होत्रा पर हाथ उठाया इसकी सजा तुम्हें जरूर मिलेगी इतना कहकर उसने भी अविका को एक जोरदार थप्पड़ उसके गालों पर जढ़ दिया जिससे अविका बेड पर गिर गई
"अविका ने अपने गाल पर हाथ रखकर रोते हुए कहा तुमने मुझे थप्पड़ मारा आज तक मुझसे किसी ने ऊंची आवाज में बात तक नहीं की और तुमने मुझे थप्पड़ मार दिया देखना मेरे पापा और भाई तुम्हें नहीं छोड़ेंगे अविका उसके सामने खड़ी रो रही थी
"विरांश ने अपने एक कदम अविका की तरफ बढ़ते हुए कहा क्या कर लेगा तुम्हारा बाप और तुम्हारा भाई वह दोनों मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते देखा नहीं कैसे मैं तुम्हें तुम्हारे बाप और भाई के सामने तुम्हें उठाकर लाया हूं क्या वह दोनों मेरा कुछ बिगाड़ पाए
"विरांश अविका की तरफ बढ़ रहा था यह देखकर अविका अपने कदम पीछे ले रही थी तभी वह दीवार से टकरा जाती है विरांश उसके एकदम करीब आकर उसके आंखों में देखते हुए कहता है आज की रात तुम्हारी जिंदगी की सबसे बुरी रात होगी इतना बोलकर उसने अविका के होठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे काफी पेशेंटली किस करने लगा अविका उसको खुद से दूर कर रही थी लेकिन उसकी पकड़ अविका पर बहुत मजबूत थी उसने अविका के हाथों को जोर से पकड़ लिया
"जिस वजह से उसकी चूड़ी टूट कर उसके हाथों में थस गई और वहां से खून निकलने लगा फिर उसने अविका के होठों को छोड़ दिया और उसको बेड की तरफ धक्का दे दिया और अगले ही पर उसके ऊपर आ गया
"उसके हाथों में अपने हाथ फंसा कर उसके गर्दन पर धीरे-धीरे अपने होठों से किस करने लगा अविका खुद को छुड़ाने की बहुत कोशिश कर रही थी पर विरांश की पकड़ उस पर बहुत मजबूत थी
"अगले ही पल उसने अविका के गर्दन पर जोर से बाइट कर लिया जिस वजह से अविका चीख पड़ी उसके आंखों के किनारे से आंसू बहने लगा ऐसे ही उसने अविका के गर्दन पर दो-तीन जगह बाइट कर लिया
"पूरे रूम में अविका की रोने की आवाज गूंज रही थी रूम साउंड प्रूफ था जिस वजह से अविका की आवाज रूम से बाहर नहीं आई घर में इस वक्त कोई नहीं था सिर्फ और सिर्फ वीरांश और अविका के अलावा विरांश ने राहुल को किसी काम से घर से बाहर भेज दिया था
"फिर थोड़ी देर बाद विरांश ने अविका को छोड़ दिया अविका रो रही थी वह जल्दी बेड पर से उठी और उसने वीरांश को देख जोरदार थप्पड़ मार दिया जिससे गुस्से में विरांश की हाथों की मुठिया काश गई
"उसने अविका खुद के करीब खींचा जिससे अविका उसके सीने से जा लगी विरांश ने उसके दोनों हाथों को पकड़ कर उसके पीठ से लगा दिया उसने गुस्से में अपने दांत को पीसते हुए कहा इस थप्पड़ की तुम्हें बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा
"फिर उसने अगले ही पल अविका को जोर से धक्का दे दिया और उससे थोड़ी दूर होकर खड़ा हो गया लेकिन उसकी नजर अविका पर ही थी
"अविका रोते हुए दीवार के सहारे फर्श पर बैठ गई उसकी नजरें नीचे झुकी हुई थी और वह बहुत जोर-जोर से रो रही थी उसको इस तरह रोते देखकर वीरांश पलट गया और बालकनी से बाहर की तरफ देखने लगा
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा चलिए मिलते हैं अगले पार्ट्स पर
"अविका बैठी हुई रो रही थी तभी वह एकदम से खड़ी हुई, और रूम का डोर ओपन करके बाहर भाग गई, डोर की आवाज सुनकर विरांश ने पीछे मुड़कर देखा तो वह भी जल्दी से रूम से बाहर निकल गया, उसने पीछे से आवाज देते हुए कहा, अविका तुम ऐसे यहां से भाग नहीं सकती मैं तुम्हें यहां से कहीं नहीं जाने दूंगा, अविका स्विमिंग पूल की तरफ से होते हुए जा रही थी, घर के अंदर एक बड़ा सा स्विमिंग पूल था तभी अचानक से अविका का पैर स्लिप हुआ, और वह स्विमिंग पूल में गिर गई उसे तैरना नहीं आता था ।
"इसलिए वह पानी में छटपटा रही थी, उसने आवाज देते हुए कहा, प्लीज मुझे बचाओ बचाओ अब तक विरांश भी वहां पर आ चुका था, उसने अविका को डूबते देखा तो वह जल्दी से स्विमिंग पूल में उसे बचाने के लिए कूद पड़ा।
"फिर थोड़ी ही देर बाद वह अविका को लेकर स्विमिंग पूल से बाहर निकला, लेकिन तब तक अविका बेहोश हो चुकी थी, उसने अविका के गाल को थपथपाते हुए कहा अविका open you eyes अपनी आंखें खोलो पता नहीं क्यों पर वीरांश के चेहरे पर अविका के लिए फिक्र साफ झलक रही थी ।
"नही अविका मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा उसने अविका को अपनी बाहों में उठाया और रूम में आकर उसे बेड पर लेटा दिया।
"अविका के पूरे कपड़े गीले हो चुके थे, फिर वह क्लोजसेट रूम गया, और उसने अपनी एक शर्ट निकाला पहले उसने रूम की लाइट ऑफ और फिर आकर अविका के कपड़े चेंज कर उसे अपने शर्ट पहना दिए रोने और पानी में डूबने की वजह से अविका को अब फीवर हो चुका था और वह ठंड से कांप रही थी।
" विरांश ने उसके फॉरहेड को छूते हुए कहा इसे तो बहुत तेज बुखार है, इतना बोलकर वह बिना सोचे समझे अविका के बगल में लेट कर उसे अपनी बाहों में भर लिया थोड़ी देर में उसे नींद आ गई।
अगली सुबह...
"जब अविका की आंख खुली तो वह विरांश की बाहों में थी, वह उठने को हुई तो वो उठ नहीं पाई क्योंकि विरांश ने उसे बहुत कस के पकड़ा था फिर उसे एहसास हुआ,तो उसने खुद को देखा तो वह एक पल को सोचने लगी मेरे कपड़े किसने चेंज किया होगा, फिर उसने विरांश की तरफ देखा।
"विरांश जो शर्टलेस होकर सो रहा था, वह सोते हुए बहुत हैंडसम लग रहा था, अविका उसे एक तक देख रही थी अविका ने खुद से कहा यह मेरे साथ रात भर मतलब इसने मेरे साथ इतना बोलकर वह चुप हो गई।
"यह सब समझते ही अविका को उस पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उसने गुस्से में विरांश को खुद से दूर किया और एक जोरदार किंक मार कर उसे बेड से नीचे गिरा दिया, बेड से नीचे गिरते ही विरांश की नींद टूट गई ।
"उसने उठकर बैठते हुए कहा यह क्या पागलपन है, सुबह-सुबह तुम्हें फुटबॉल खेलना है क्या अगर खेलना है तो मैं फुटबॉल नहीं हूं।
"अविका ने रोते हुए जोर से चिल्लाते हुए कहा तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई, मेरे साथ वह सब करने की इतना बोलकर अविका उसके सामने आकर खड़ी हो गई।
"विरांश ने अविका को नीचे से ऊपर देखा जो उसकी व्हाइट शर्ट में बिल्कुल बच्ची लग रही थी , विरांश को कुछ समझ में नहीं आया कि अविका किस बारे में बात कर रही है ,उसने पूछा अब मैंने क्या किया है तुम्हारे साथ।
"अविका ने रोते हुए कहा ज्यादा अच्छा बनने की कोशिश मत करो मुझे अच्छे से पता है, तुमने कल रात को मेरे साथ क्या किया तुमने मेरी बेहोशी का फायदा उठाया है,, इसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगी।
...Are you mad... तुम्हें लगता है ,कि मैं तुम्हारे साथ वह सब करूंगा, तो तुम बहुत गलत सोच रही हो। मेरे बारे में विरांश मल्होत्रा इतना गिरा हुआ नहीं है। कि वह किसी की बेहोशी का फायदा उठाएं मुझे जो करना होता है। सामने से करता हूं, और अगर मुझे तुम्हारे साथ कुछ करना होता तो मैं तुम्हारे बेहोशी में नहीं तुम्हारे होश में ही सब कुछ करता समझी तुम ।
"अविका ने परेशान होते हुए पूछा मतलब तुमने मेरे साथ कुछ भी नहीं किया। तो फिर मेरे कपड़े किसने चेंज किया बताओ मुझे विरांश ने इरिटेट होकर कहा मैं तुम्हारे यह फालतू बातों का जवाब देने के लिए नहीं बैठा हूं, उसे लगा विरांश झूठ बोल रहा है।
"अविका वही खड़ी रोने लगी उसके नजर टेबल पर पड़े फ्रूट बास्केट पर गई, जिस पर चाकू रखा हुआ था फिर उसने फ्रूट बास्केट से चाकू उठाया। और विरांश की तरफ करते हुए कहा देखो मुझे झूठ नहीं सुनना है, सच-सच बताओ तुमने मेरे साथ क्या-क्या है, नहीं तो मैं तुम्हें जान से मार डालूंगी।
"विरांश ने डेविल स्माइल करते हुए कहा, अच्छा तुम मुझे मारोगी ठीक है, मैं भी देखता हूं तुम क्या कर सकती हो।
"अविका ने रोते हुए कहा तुमने मुझे कही का नही छोड़ा, क्यो किया तुमने मेरे साथ ये सब अविका को अब कुछ समझ नहीं आ रहा था, फि अगले पल उसने अपने कलाई की नस काट लिया, यह देखकर विरांश की सांस ही एक पल के लिए थम सी गई।
"उसने जल्दी से अविका को अपनी बाहों में भरते हुए कहा, यह क्या-क्या तुमने अविका को इस तरह देखकर विरांश परेशान हो गया धीरे-धीरे अविका की आंखें बंद होने लगी।
"विरांश ने उसे जल्दी से अपनी बाहों में उठाया और रूम से बाहर आ गया। वह लंबे-लंबे कदम चलते हुए घर से बाहर आया। और अविका को गाड़ी में बिठाकर खुद ड्राइविंग सीट पर बैठकर ड्राइव करके हॉस्पिटल के लिए निकल गया।
"थोड़ी देर में विरांश हॉस्पिटल पहुंच गया था, उसने अविका को अपनी गोद में उठाया और हॉस्पिटल के अंदर चला गया।
"थोड़ी देर बाद अविका वार्ड के अंदर थी और डॉक्टर उसका ट्रीटमेंट कर रहे थे, वह बाहर इधर-उधर चक्कर लगा रहा था उसे अविका की बहुत टेंशन हो रही थी। उस ने गुस्से में अपने हाथों के मुट्ठी बनाकर दीवार पर एक पंच मार दिया।
"लेकिन उससे भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ गुस्से में उसके माथे और हाथों की नसें उभरने लगी थी, उसने अपने बालों में हाथ फिरते हुए कहा।
"क्यों क्यों तुम मुझे इतना इफेक्ट कर रही हो। क्यों मैं तुम्हारी इतनी परवाह कर रहा हूं, जबकि मुझे तो तुमसे बदला लेना है, नहीं अविका खुराना नहीं तुम इस तरह मेरे दिल और दिमाग पर कब्जा नहीं कर सकती। नफरत करता हूं, मैं तुमसे तुम्हारी पूरी फैमिली से इस वक्त उसके दिलों दिमाग पर जंग छिड़ी हुई थी।
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट्स जरुर पड़ेगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट पर
"विरांश दिवार से टेक लगाकर खड़ा था तभी डॉक्टर वार्ड से बाहर आया डॉक्टर को देखते ही विरांश ने कहा डॉक्टर अब वो कैसी है ,आई एम सॉरी सर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता उनके कंडीशन बहुत क्रिटिकल है हमें उन्हें ब्लड चढ़ाना होगा लेकिन उनका ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव है और इस वक्त हमारे हॉस्पिटल में अवेलेबल नहीं है
"विरांश ने शर्द लहजे में कहा नहीं है तो ब्लड का अरेंज करो मुझे वह लड़की सही सलामत चाहिए उसे कुछ भी नहीं होना चाहिए अगर उसे कुछ भी हुआ तो तेरे पूरे हॉस्पिटल में आग लगा दूंगा विरांश ने डॉक्टर को धमकी देते हुए कहा"
"विरांश की धमकी से डॉक्टर डर जाता है उसने जल्दी से अपना सर हां में हिलाते हुए कहा हां हम हम अरेंज करते हैं इतना कहकर डॉक्टर जल्दी से वहां से निकल गया वहीं राहुल यह सब खड़ा होकर देख रहा था बॉस आप चिंता मत कीजिए कुछ नहीं होगा मैम को...
"और कुछ होना भी नहीं चाहिए राहुल अगर उसे कुछ हो गया ना तो मैं विरांश इतना कहकर रुक गया उसने आगे कुछ नहीं कहा लेकिन राहुल कहीं ना कहीं उसकी बातों का मतलब समझ रहा था
"वहीं दूसरी तरफ मुंबई में अमन हॉस्पिटल में था अब तक उसे होश आ चुका था मिस्टर खुराना उसके साथ वार्ड के अंदर ही उससे बात कर रहे थे अमन ने अफसोस जताते हुए कहा आई एम सॉरी डेड मैं अवि को बचा नहीं पाया कैसा भाई हूं मैं जो अपनी बहन के ही रक्षा नहीं कर पाया
"मिस्टर खुराना ने उस को शांत करते हुए कहा कोई बात नहीं हम हमारी प्रिंसेस को बहुत जल्द ढूंढ लेंगे वैसे हमने अपने पूरे आदमी उसके पीछे लगा दिए हैं जहां तक हमें पता चला है वह मुंबई में नहीं है वह हमारी अवि को लेकर कहीं और गया है इसका पता बहुत जल्द चल जाएगा मिस्टर खुराना बहुत पहुंचे हुए हस्ती थे बिजनेस वर्ल्ड में उनका नाम टॉप लिस्ट पर आता था इसीलिए उन्हे बहुत जल्द पता चल गया
"वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में विरांश वार्ड के बाहर परेशान हो रहा था फिर थोड़ी ही देर में डॉक्टर आ गया उसने विरांश को देखते हुए She is fine अब वो बिल्कुल ठीक है पर वह बहुत वीक है आपको उनका ख्याल रखना होगा और एक बात वह उनके गर्दन पर बाइट के निशान थे इन्हे देखकर ऐसा लगता है जैसे इनके साथ इतना बोलकर डॉक्टर चुप हो गया ,,
"विरांश ने उसे घुरते हुए कहा तो तुने वह वाइट के निशान देख लिए फिर उसने डॉक्टर का कलर पकढ़ते हुए कहा तेरी हिम्मत भी कैसे हुई उस निशान को अपनी आंखों से देखने की विरांश ने सर्द आवाज में कहा
"राहुल ने डॉक्टर को छुड़ाते हुए कहा छोड़ दीजिए बॉस ये हॉस्पिटल है,,
"देखिए आप ऐसे यहा हंगामा नहीं कर सकते यहां और भी बहुत से पेशेंट है डॉक्टर ने कहा
"फिर उसने विरांश की देखा जो उसे अपनी लाल आंखों से घुर रहा था सो सॉरी सर इतना कहकर डॉक्टर जल्दी से वहां से भाग गया
" थोड़ी देर बाद विरांश वार्ड के अंदर टेबल पर बैठकर अविका को देख रहा था अविका का पूरा चेहरा पीला पड़ चुका था और उसका चेहरा मुरछाया हुआ था
"उसने वाइट के निशान को देखा तो अब वह निशान नीला पड़ चुका था उसने निशान को देखते हुए अपने मन में कुछ सोचने लगा अब वह क्या सोच रहा था यह तो वही जाने
रात के वक्त...
"अब अविका को होश आने लगा था उसने अपनी आंखें खोली उसे सब धुंधला धुंधला दिखाई दे रहा था इसलिए अविका ने दो-तीन बार अपने पल्के छपकाए फिर आंखें खोली तो उसे साफ दिखाई देने लगा
"उसने इधर-उधर देखा तो खुद को हॉस्पिटल में पाया फिर सामने देखा तो विरांश उसकी तरफ पीठ करके बालकनी की तरफ देख रहा था अब अविका को रोना आ रहा था कि वह जिंदा क्यों बच गई उसे मर जाना चाहिए
"तभी विरांश को किसी के सुबकने की आवाज आए उसने पीछे मुड़कर देखा तो अविका अपना सर झुकाए रो रही थी वह अपने पैंट के पॉकेट में हाथ डाले उसके सामने आकर खड़े होते हुए कहा तुम्हें रोने के अलावा और कुछ नहीं आता है क्या जब देखो तब रोती रहती हो
"अविका ने अपनी भुरी आंखों से उसकी तरफ देखा तो विरांश की नजरों से उसके नजरे जा मिली वीरांश को अविका की भुरी आंखों में आंसू देख कर बहुत अजीब सा महसूस हुआ उसने पॉकेट में ही अपने हाथों की मुठिया बना ली
"थोड़ी देर बाद अविका रोते रोते शांत हो गई क्योंकि उसे अब बहुत जोर की भूख लगी थी उसने विरांश की तरफ देखा जो सोफे पर बैठकर अपना फोन चला रहा था अविका ने धीरे से कहां क्या मुझे खाना मिलेगा
"मैंने कल से कुछ नहीं खाया है बहुत भूख लगी है भुख की वजह से अविका एक पल के लिए सब भूल गई थी कि उसके साथ क्या हुआ है विरांश ने उसकी तरफ देखा और हा में अपना सर हिला दिया ,,फिर थोड़ी देर बाद ही अविका के लिए खाना आ गया
"अविका खाना देखकर बहुत खुश हो गई फिर अगले ही पल खाना देखकर उसकी खुशी गायब हो गई अविका ने विरांश की तरफ देखते हुए कहा यह क्या है मुझे यह नहीं खाना कुछ और मंगवाओ यह तो बीमारो वाला खाना है
"विरांश ने उसके तरफ देखते हुए कहां हां तो तुम बीमार ही हो किसने कहा था तुम्हे अपने हाथो का नस काटने के लिए
"अविका के लिए सिर्फ सूप आया था इसलिए मजबूरी में उसे वो सुप पिना पड़ा वह सुप पीते हुए अजीब अजीब मुंह बना रही थी
"विरांश उसे देख रहा था उसकी आंखों में कुछ तो था दवाई की वजह से अविका को नींद आ गई फिर थोड़ी देर बाद विरांश अविका को लेकर अपने मेंशन आ गया उसने अविका को अच्छे से बेड पर लेटा दिया और ब्लैकेट से कवर कर दिया और फिर खुद सोफे पर लेट गया
"लेकिन उसे नींद नहीं आ रही थी क्योंकि बंदे को कम सोने की आदत जो थी वो उठकर बालकनी में जाकर खड़ा हो गया इस वक्त उसके दिमाग में बहुत कुछ चल रहा था
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आखिर क्या चल रहा है विरांश के मन में यह तो अब आगे की कहानी में पता चलेगा आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पड़िएगा पार्ट पड़कर रेटिंग और समिक्षा जरूर करियेगा
"अगली सुबह ... विरांश लिविंग रूम में बैठकर अपने लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था विरांश ने राहुल से कहा राहुल ऑफिस जाओ आज इम्पोटेड मीटिंग है मैं अटेन नही कर पाऊगा इसलिए इस मिटिंग को तुम हेंडेल करोगे
"ओके बॉस इतना कहकर राहुल ऑफिस चला गया ,,वहीं दूसरी तरफ अविका उठकर मिरर के सामने खड़ी थी उसने खुद को देखते हुए कहा मेरा चहरा कितना मुरझा गया है फिर उसने अपने गर्दन पर हाथ रखकर बाइट के निशान को देखते हुए कहां राक्षस कहीं का जंगली जानवर कितने जोर जोर से बाइट किया था
"मुझ बेचारी अबला नारी पर तरस भी नहीं आया उस राक्षस को पता नही आखिर ये जंगली जानवर मुझसे चाहता क्या अविका बोलते हुए बहुत मासुम लग रही थी फिर उसने अपने हाथ जोड़ते हुए कहा हे भगवान जी मुझे इस राक्षस से बचालो नही तो ये मेरा खुन पी जाएगा वैम्पायर कही का...
"तभी अविका के कानो में किसी की खतरनाक आवाज आती है तो वो जल्दी से जाकर परदे के पीछे छुप जाती है अविका जब खुद से बातें कर रही थी तभी विरांश रूम के डोर के पास खड़ा उसकी सारी बातें सुन रहा था तब विरांश को गुस्सा आया तो उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा यह क्या बकवास कर रही हो तुम उसकी आवाज सुनकर अविका जल्दी से परदे के पीछे जाकर छिप गई
"अविका ने खुद से कहा कही इस राक्षस ने मेरी बात तो नही सुन लिया अगर सुन लिया होगा तो ये मेरा खुन पी जाएगा वैम्पायर कही का अविका खुद में बड़बड़ा रही थी फिर से विरांश से उसकी सारी बातें सुन लिया था उस ने उसका हाथ पकड़ कर उसे परदे से बाहर निकाल कर अपने सामने खड़ा करते हुए कहा"
"हां तो क्या कह रही थी तुम मैं राक्षस जंगली जानवर खुन पीने वाला वैम्पायर तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं मै नॉनवेज नही खाता हुं...
"अविका ने रोनी सुरत बनाते हुए कहा मैं मैं ये सब तुम्हे नही बोल रही थी मैंने तो यह सब खुद के बारे में कहा था सच्ची में इतना कहकर वो उसे टुकुर टुकुर देखने लगी
"रात के वक्त... विरांश और अविका राहुल डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खा रहे थे विरांश अपना खाना चुपचाप खा रहा था लेकिन अविका उसे गुस्से में घुर रही थी विरांश को पता था अविका उसे बहुत देर से देख रही है उसने गुस्से में कहा मुझे इस तरह देखने से तुम्हारा पेट नही भरेगा चुपचाप खाना खाओ नही तो मुखी रहो...I don't care...
"तुमने बताया नही उस दिन मेरे साथ क्या किया था फिर उसने एक नजर फिर विरांश के हाथों पर गई और उसने उसके हाथ को देखते हुए कहां तुम्हारे हाथों पर पट्टी लगी हुई है क्या हुआ
"कुछ भी नहीं हुआ ,, विरांश ने कहा और अपना खाना खाने लगा विरांश ने हॉस्पिटल में अपने हाथों का पंच बनाकर दीवार पर बार-बार मारा था अब उसमें ऐसा क्यों किया यह तो वही जानता है,,
"अविका ने एक बार फिर से पूछा तुमने बताया नहीं उस दिन तुमने मेरे साथ क्या-क्या था
"देखो मैं तुम्हे पहले बता चुका हूं कि मैंने तुम्हारे साथ कुछ नही किया था इसलिए बार बार मुझसे एक ही सबाल पुछकर मुझे इरिटेट मत करो वरना उस दिन तो कुछ नहीं किया लेकिन आगे बहुत कुछ कर सकता हूं
"लेकिन किस तो किया था और ऐसे कैसे बोल सकते हो कि तुम ने मेरे साथ कुछ नही किया तुमने मुझे किस किया था अगर उस वजह से मैं प्रेग्नेंट हो गई तो अविका ने मासुमियत से कहा
"अविका की बाते सुनकर.. व्हाट .. विरांश ने इतना ही कहा और उसे हैरानी से देख रहा था
"वही राहुल जो पानी पी रहा था उसने जब ये सुना तो उसके मुंह से पुरा पानी ही बाहर आ गया और वो जोर से खांसने लगा वो दोनो उसे देखने लगे उसको इस तरह खांसते देख अविका ने कहा तुम्हे क्या दम्मा हो गया है जो इतनी जोर से खांस रहे हो उसकी बाते सुनकर विरांश और राहुल दोनो उसे अजीब नजरो से देखने लगे जैसे किसी पागल को देख रहे हो
"हां तो मैं क्या कह रही थी अविका कह रही थी कि विरांश ने उसे चुप कराते हुए कहा you full तुम बेबकुफ हो क्या तुम्हारी फालतु बाते सुनने को नही बैठा हूं
"अच्छा तो मुझे किस क्यु किया देखो अगर तुम्हारी वजह से मैं प्रेग्नेंट हुई ना तो मैं तुम्हे नही छोडुगी अविका ने रोनी सुरत बनाकर कहा
"उसकी बात सुनकर विरांश ने अपने फॉरहेड को रफ करते हुए कहा और तुम्हे कैसे पता किस करने से लड़कियां प्रेग्नेंट होती है
"क्योंकि मैने मुवी में देखा है अविका ने बड़ी मासुमियत से कहा... अविका की बाते सुनकर ना चाहते हुए भी विरांश फेश पर स्माइल आ गई उसने फेश साइट में किया और धीरे से मुस्कुराने लगा फिर उसने जल्दी अपनी स्माइल छुपा लिया उसने खुद से कहा ये लड़की सच में इतनी मासुम है या मासुम बनने का दिखावा कर रही
"राहुल जो चुपचाप बैठकर दोनो की बाते सुन रहा था उसने विरांश को मुस्कुराते हुए देख लिया था विरांश को मुस्कुराते हुए देखकर राहुल को भी कहीं ना कहीं उसे भी खुशी मिली उसकी बाते सुनकर राहुल को मन ही मन हंस रहा था
"फिर विरांश ने सर्द आवाज में कहा मुझे लगता है तुम कुछ ज्यादा ही रोमांटिक फिल्में देखती हो और हां आइंदा से मेरे सामने ये फालतु की बाते मत करना वरना अच्छा नहीं होगा समझी तुम
"अच्छा एक बात पूछूं अविका ने धीरे से कहा
"हां पूछ सकती हो लेकिन ज्यादा बकबक मत करना विरांश ने कहा
"वह क्या मैं इसी कपड़े में घूमती रहूंगी ना कपड़ा है और ना ही अच्छा खाना मेरा मतलब है अब तो मुझे यही रहना है तो क्या मुझे कपड़ा नहीं मिलेगा अविका ने विरांश की टी शर्ट और ट्राउजर पहना था जो उसे बहुत बड़ा हो रहा था
"विरांश ने अविका को देखते हुए कहा मैं तुम्हारा नौकर नही हुं और तुम्हे कुछ नहीं मिलने वाला अपना ये नखरा अपने बाप को दिखाना मुझे नही
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पड़िएगा रेटिंग और समिक्षा जरूर कर दिजिएगा...
"विरांश की बाते सुनकर अविका चहरा उतर गया उसने अपना चहरा झुका लिया उसको इस तरह देखकर विरांश ने कहा जानता हूं तुम्हारे पास कपड़े नही है अगर तुम्हे पहने के लिए कपड़ा चाहिए तो बोल सकती हो मैने तुम्हे किडनैप किया है और होस्टेज बनाकर रखा है तो तुम्हे कपड़े मिल जाएंगे
"विरांश की बातें सुनकर अविका बहुत खुश हो जाती है उसने खुश होते हुए कहा थैंक यू थैंक यू सो मच मुझे तो लगा था मैं यहां रहूंगी तो मुझे कुछ नहीं मिलेगा वैसे मुझे कुछ और भी चाहिए
"विरांश ने हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए कहां कुछ और का मतलब...
"अविका ने मासूम फेस बनाकर कहा मुझे एक आईफोन चाहिए क्या तुम मुझे आइफोन दिलाओगे
"विरांश ने गहरी सांस ली और कहा बिल्कुल नहीं तुम्हें आईफोन नहीं मिलेगा कुछ और चाहिए तो बताना
"उसकी बातें सुनकर अविका का चेहरा उतर गया उसने नम आंखों से कहा अच्छा इसका मतलब अब मैं अपनी फैमिली अपनी फ्रेंड से बात भी नहीं कर सकती तुम कितने बुरे हो
"यह बात मैं तुम्हें पहले ही कंफर्म कर चुका हूं इसलिए बार-बार मत कहा करो विरांश ने बिना किसी भाव के कहा चलो अब जाकर चुपचाप से सो जाओ रात बहुत हो चुकी है विरांश ने कहा ही था
"कि तभी अविका ने जोर से चिल्लाते हुए कहां नहीं सोना मुझे ना तुम मुझे मेरी फैमिली से मिलने दोगे और ना ही उनसे बात करने दोगे आखिर तुम चाहते क्या हो नहीं रहना मुझे यहां एक तो अच्छा खाना भी नहीं दे रहे हो पिछले दो दिनों से यह सड़ा हुआ खाना खाना पड़ रहा है इतना कहकर अविका रोने लगी उसने रोते हुए कहा मुझे यहां नहीं रहना मैं यहां से जा रही हूं इतना कहकर वो घर से बाहर जाने लगती है
"तभी उसके कानों में विरांश की आवाज आई अगर तुमने इस घर से अपने एक कदम भी बाहर निकाले तो मैं तुम्हारे पैर तोड़ दूंगा उसकी बातें सुनकर अविका बहुत डर जाती है वो मुंड कर विरांश को देखने लगती है विरांश का चेहरा इस वक्त एक्प्रेशन लेस था अविका ने विरांश को इतने गुस्से में देखा तो वो जल्दी से सोफे के पीछे जाकर छुप गई उसने बड़बड़ाते हुए लेकिन थोड़े जोर से चिल्ला कर कहा नहीं नहीं मैं कहीं नहीं जाऊंगी प्लीज मेरे पैर मत तोड़ना मुझे लंगडी नहीं होना है उसकी बातें सुनकर विरांश अपना सर ना में हिलाने लगा
"अविका सोफे के पीछे बैठकर रो रही थी,, विरांश ने कहा देखो मुझे ज्यादा परेशान मत करो और सोफे के पीछे से बाहर आओ
"लेकिन अविका ने सुबकते होते हुए कहा नहीं मैं बाहर नहीं आऊंगी तुम मेरे पैर तोड़ दोगे तुम्हारा कोई भरोसा नहीं है मुझे तुमसे बहुत डर लगता है मैं बाहर नहीं आऊंगी
"तभी विरांश सोफे के पास आया विरांश ने उसका हाथ पकड़ कर सोफे के पीछे से बाहर निकाल कर अपने सामने खड़ा करते हुए कहा मेरे सामने तुम्हारी मनमानी नहीं चलेगी तुम इस घर में रह रही हो तुम्हें मेरी हर एक बात माननी होगी
"अविका ने जोर से चिल्लाते हुए कहा और अगर नहीं माना तो
"आवाज नीचे करके बात करो मुझसे, मुझे इतनी ऊंची आवाज में बात करने वाले लोग पसंद नहीं है और हां मिस अविका अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो तुम्हारी सजा बढ़ सकती है तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुम्हें कैसी सजा दूंगा विरांश ने गुस्से में कहा
"विरांश की बातों से अविका डर गए उसने किसी छोटे बच्चों की तरह अपना सर दो-तीन बार हां में हिलाने लगी उसको इस तरह अपनी बात मानते देख वीरांश ने मुस्कुराते हुए कहा गुड गर्ल अब जाकर सो जाओ
"तभी अविका ने एक बार फिर से कहा लेकिन मुझे तुम्हारे रूम में नहीं सोना डर के मारे मुझे उस रूम में नींद नहीं आती है
"विरांश ने अपना फोरहेड रफ करते हुए कहा मैंने अभी कहा ना मुझे ना सुनना पसंद नहीं है अब जाकर सो जाओ
"तभी अविका ने एक बार फिर जिद करते हुए कहा लेकिन मुझे वहां नींद नहीं आती है
"यह सुनकर वीरांश और ज्यादा इरिटेट हो गया उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा अरे यार कितना बोलती हो तुम अब तो लगता है तुम्हारे पैर के साथ-साथ तुम्हारी जुबान भी काटनी पड़ेगी विरांश की बातें सुनकर अविका जल्दी से अपने मुंह पर हाथ रख लेती है
"उसने अपना सर ना में हिलाते हुए कहा नहीं नहीं प्लीज ऐसा मत करना मैं मैं जा रही हूं इतना कह कर अविका जल्दी से वहा से भाग कर रूम में चली गई उस को इस तरह से जाते देखकर विरांश ने अपना सर ना में हिलाते हुए कहा कुछ नहीं हो सकता इस लड़की का लगता है एक दिन मुझे पागल करके रहेगी
"अविका रूम में आकर जल्दी से ब्लैंकेट को अपने ऊपर पूरी तरह से कवर के सो गई उसने खुद से बडबडाते हुए कहा सो जा अविका नहीं तो यह राक्षस तेरे पैर के साथ-साथ तेरी जुबान भी काट डालेगा पता नहीं मैंने क्या बिगाड़ा है इसका जो यह मेरे पीछे पड़ा है अब तो मैं इस घर से भाग भी नहीं सकती अगर भागने की कोशिश की तो सच में यह मेरे पैर काट डालेगा ओह गोड अब मैं क्या करूं अब आप ही मुझे इस राक्षस से बचा सकते हो प्लीज़ बचा लो मुझे
"अविका खुद में ही बड़बड़ा रही थी तभी वीरांश रूम में आया उसने अविका को बड़बड़ाते हुए उसके सारे बातें सुन ली थी वह जाकर सोफे पर लेट गया
"अविका को महसूस हुआ कि कोई उसके रूम में आया है उसने जल्दी से अपने मुंह पर से ब्लैंकेट हटाया और उठकर बैठते हुए कहा तुम यहां नहीं सो सकते तुम यहां से बाहर जाओ यह मेरा बेडरूम है
"विरांश ने अविका की तरफ देखते हुए कहां तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं कि तुम मेरे बेडरूम में हो मैं तुम्हारे नहीं इसलिए चुपचाप अपना मुंह बंद करके सो जाओ वरना उस रात तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं हुआ था आज बहुत कुछ हो सकता है इसलिए मुझे बिल्कुल भी परेशान मत करना
"अविका ने मुंह बिचकते हुए कहां अच्छा मैं तुम्हें परेशान करती हूं या तुम मुझे परेशान करते हो बात-बात पर तुम मुझे धमकी देते हो और कह रहे हो कि मैं तुम्हें परेशान करती हूं तुम कितने झुठे इंसान हो
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा चलिए मिलते हैं अगले पार्ट पर तब तक के लिए मेरी कहानी पर रेटिंग और समीक्षा जरूर कर दीजिएगा
"अविका ने मुंह बिचकते हुए कहां अच्छा मैं तुम्हें परेशान करती हूं या तुम मुझे परेशान करते हो बात-बात पर तुम मुझे धमकी देते हो और कह रहे हो कि मैं तुम्हें परेशान करती हूं तुम कितने झुठे इंसान हो राक्षस कही के अविका बोल ही रही थी कि उसे खुद पर किसी की जलती हुई तपिश महसूस हुई तो उसने विरांश की तरफ देखा विरांश उसे गुस्से में घुर रहा था विरांश को इस तरह खुद की तरफ देखते देख अविका डर गई और वो जल्दी से ब्लैंकेट के अंदर घुस गई और उसे अच्छे से कवर करके सो गई
"अविका ने खुद से कहा अब यह राक्षस मुझे ऐसे क्यों देख रहा है आखिर चल क्या रहा है इसके दिमाग में नहीं अवि तुझे इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है तू बहुत बहादुर है तू इस राक्षस का सामना अच्छे से कर सकती है
"विरांश ने खुद से कहा क्या करू मैं इस लड़की का पता नही कब इसकी बकबक बंद होगी जब भी मुंह खोलती है इरिटेट ही करती है तभी विरांश एकदम सोफे से उठकर बेड की तरफ आ गया उसने एक झटके में ब्लैंकेट को अविका के ऊपर से खींचते हुए कहा तुम्हें नींद नहीं आ रही होगी लेकिन मुझे बहुत नींद आ रही है इसलिए अपनी बकबक बंद करो
"अविका ने वीरांश को दिखा तो वह जल्दी से उठकर बेड पर बैठ गई और उसने रोदु सा फेस बनाते हुए कहा लेकिन अब मैंने क्या किया मैं तो सो रही हूं ना
"उसको इस तरह फेस बनाते हुए देख विरांश ने अपना सर ना में हिलाते हुए मन में कहा इसे लगता है दुनिया भर की मासूमियत इसी के अंदर है मुझे बेवकूफ समझा है
"फिर विरांश बेड पर लेट गया उसको इस तरह देखकर अविका ने कहा तुम यहां क्यों सो रहे हो यहां नहीं सो सकते तुम जाओ सोफे पर सो जाओ इस बेड पर सिर्फ मैं सोऊगी अविका बोल ही रही थी कि तभी विरांश ने उस की बातो को बीच में काटते हुए कहा शटअप कितनी बार कहा है अपनी बकवास बंद करो अगर तुम चुप नहीं हुई तो मैं तुम्हें यहां से उठाकर नीचे फेंक दूंगा समझ गई तुम
"उसने कुछ नहीं कहा और फिर अविका जल्दी से लेट गई थोड़ी ही देर में अविका को नींद आ गई लेकिन विरांश को नींद नहीं आई थी वह अभी भी जाग रहा था और एक टक ऊपर की तरफ देख रहा था फिर विरांश ने उठकर अविका को देखा जो किसी छोटे बच्चे की तरह सो रही थी सोते वक्त उसके चेहरे पर दुनिया भर की मासूमियत साफ झलक रही थी विरांश उसके चेहरे को एक टक देख रहा था
"अविका के चेहरे पर उसके बाल बिखरे हुए थे तभी विरांश ने अपनी एक उंगली से उसके बालों को उसके कानों के पीछे करते हुए कहा क्या हो तुम क्यों मैं तुम्हारे अलावा कुछ और नहीं सोच पा रहा हूं क्यों मैं किसी और चीज पर कंसंट्रेट नहीं कर पा रहा हूं बार-बार तुम मेरा ध्यान अपनी और खींच रही हो लेकिन मैं तुम्हारे करीब नहीं आ सकता क्योंकि मुझे तुमसे बदला लेना है सिर्फ और सिर्फ बदला चाहिए मुझे फिर वह अविका के बगल में लेट गया तभी अविका नींद में ही उसकी तरफ आ गई और उसके सीने से लगकर सो गई विरांश बस अविका को ही देख रहा था फिर थोड़ी देर बाद उसे भी नींद आ गई
सुबह के वक्त...
"सुबह के इस वक्त 5:00 रहे थे जब विरांश की आंख खुली तो अविका किसी छोटे बच्चों की तरह उससे चिपक कर सो रही थी उसने धीरे से अविका को खुद से अलग किया और बेड पर अच्छे से लेटा कर उसे ब्लैंकेट से कवर कर दिया फिर उसने एक नजर उसे देखा और चेंज करके अपने जिम एरिया की तरफ चला गया फिर कुछ घंटे बाद जब विरांश अपने रूम में आया तो देखा अविका अभी भी घोड़े बेचकर सो रही थी
"विरांश ने उसे उठाते हुए कहा ओ हेलो मिस अविका खुराना यह तुम्हारे बाप का घर नहीं है जो इतना देर तक सो रही हो बेकअप,,
"तभी अविका ने एक किंक वीरांश को मारते हुए कहा अरे यार सोने दो ना मुझे इतनी जल्दी उठने की आदत नहीं है 10:11 बजे उठ जाऊंगी अविका के किंक मारने से वीरांश सीधा फर्श पर जाकर गिरा था उसने जोर से चिल्लाते हुए कहा अगर तुम अभी नहीं उठी तो मैं तुम्हें सच में इस विंडो से बाहर नीचे फेंक दूंगा
"विरांश की आवाज सुनकर उसकी नींद उड़ गई थी तो अविका जल्दी से बेड पर उठकर बैठ गई और उसने वीरांश को देखते हुए कहा क्या हुआ इतनी सुबह-सुबह तुम कुत्ते की तरह भौंक क्यों रहे हो दिखाई नहीं देता क्या बेचारी लड़की सो रही है लेकिन तुम्हें तो मैं सोते हुए बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती ना जब देखो मेरे पीछे पड़े रहते हो अविका ने मासूमियत से कहा,,
"विरांश ने उसे गुस्से में घूरते हुए कहा सुबह-सुबह तुम्हें पागलपन के दौरे पड़ते हैं क्या यह बार-बार मुझे किंक क्यों मारती रहती हो या फिर यह है कि नींद के बहाने तुम मुझसे बदला ले रही हो
"अविका ने बेड पर से उतर कर उसके सामने खड़े होते हुए कहा नहीं नहीं ऐसा नहीं है मैं तो सच में नींद में थी जान बूझकर नहीं किया सॉरी अविका ने अपने कान पड़कर विरांश से सॉरी कहा इस वक्त वह सॉरी बोलते हुए बहुत क्यूट लग रही थी तुम्हें ज्यादा चोट तो नहीं लगी ना अविका ने विरांश के हाथों को देखते हुए कहा बताओ ना तुम्हें ज्यादा चोट तो नहीं आई ना
"अविका विरांश को चेक कर रही थी की कहीं चोट तो नहीं आई है ना लेकिन विरांश की नजर अविका पर ही थी अविका ने विरांश को देखते हुए कहा क्या हुआ ऐसे क्या देख रहे हो कहीं दर्द हो रहा है क्या बताओ ना अगर दर्द हो रहा है तो हम डॉक्टर के पास चलते हैं डॉक्टर से तुम मेडिसिन ले लेना फिर तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे यह कहते हुए अविका बहुत मासूम लग रही थी विरांश जो उसके चेहरे को एक टक देख कर कुछ सोच रहा था रहा था
"फिर वीरांश ने अविका का हाथ झटकते हुए कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है ज्यादा चोट नहीं लगी है मुझे और वैसे भी मैं तुम्हारे जितना वीक नहीं हूं मुझे खुद को संभालना आता है इतना कहकर विरांश बाथरूम में चला गया वही उसकी बातें से अविका को बहुत बुरा लगा उसने खुद से कहा मैं तो इसकी खामखा चिंता कर रही थी यह अकडू कभी नहीं बदलने वाला गुस्सा तो इसकी नाक पर बैठा रहता है मुझे क्या....
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट से जरुर पड़ेगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट पर तब तक के लिए मेरी कहानी पर बने रहिएगा
"इस वक्त वीरांश राहुल और अविका तीनों डाइनिंग टेबल पर बैठकर नाश्ता कर रहे थे तभी विरांश ने राहुल से कहा राहुल आज हमें एक जरूरी काम से बाहर जाना है इसलिए तुम यहां ध्यान रखना कुछ भी गड़बड़ नहीं होना चाहिए ,,
"राहुल ने कहा" ओके बॉस आप बेफिक्र होकर जारए मैं यहां सब संभाल लूंगा
"फिर विरांश ने अविका की तरफ देखते हुए कहा जो तुमने ड्रेसेस मांगे थे वह आ गए हैं नाश्ता करके एक बार चेक कर लेना अविका ने एक्साइड होते हुए कहा क्या तुमने मेरे लिए ड्रेसेस मंगाए इसके लिए थैंक यू सो मच वैसे मुझे लगा नहीं था कि तुम मेरे लिए ड्रेसेस मंगवाओगे
"फिर थोड़ी देर बाद उन सभी का नाश्ता हो गया तो अविका ने अपना ड्रेसेस का पैकेट खोला और देखते हुए कहां तुमने मेरे लिए यह ड्रेस मंगाया है उसने मुंह बनाकर कहा"
"विरांश ने हैरान होते हुए कहा क्यों अब इसमें क्या प्रॉब्लम है अब यह मत कहना कि तुम्हें यह ड्रेस नहीं पहनना है
"सही कहा तुमने मुझे यह ड्रेस सच में नहीं पहनना है क्योंकि मैं ऐसे कपड़े नहीं पहनती हूं अरे यह कपड़े देखो जरा कितने छोटे हैं शुरू होने से पहले ही खत्म हो गए मुझे नहीं पहनना यह अपनी गर्लफ्रेंड को ही देना इतना बोलकर अविका सोफे पर उदास होकर बैठ गई विरांश ने उसे देखते हुए कहा तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे तुमने ऐसी ड्रेस कभी पहनी ही ना हो तुम लंदन में रही हो तो इसका मतलब यही हुआ कि तुम्हें यह कपड़े पहनना पसंद होगा
"नहीं मुझे ऐसे कपड़े बिल्कुल भी पसंद नहीं है मैं लंदन में पली-बड़ी जरूर हूं पर मैंने ऐसे कपड़े कभी नहीं पहने हां मैं लंदन में रहती थी लेकिन मैं इंडिया के हिसाब से हां कभी कबार जींस टॉप पहन लेती थी विरांश ने उसको इस तरह उदास देखकर कहा अच्छा ठीक है
"मैं तुम्हारे लिए इंडियन वेस्टर्न मंगवा देता हूं राहुल तुम इसके लिए कुछ अच्छे से ड्रेस मंगवा देना मेरा टाइम हो रहा है मैं निकलता हूं,,
"तभी अविका ने कहा एक मिनट,,उसके कहने से विरांश के कदम रुक गए उसने अविका की तरफ हैरानी से देखा.. अविका उसके सामने आकर खड़ी हो गई और उसे देखते हुए कहां तुम घर कब तक आओगे
"विरांश उसे हैरानी से देखते हुए कहा व्हाट तुम्हारा कहने का क्या मतलब है अब मैं तुम्हें सब बताऊंगा मैं कब जा रहा हूं कब आऊंगा
"नहीं वह क्या है ना मैं यहां अकेले बैठे-बैठे बोर हो जाऊंगी अविका ने मायूस होकर कहां ,,
"विरांश ने अपनी आइज रोल की और कहा तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मैं तुम्हारे साथ कॉमेडी या गेम खेलता हूं तुम्हारा मन बहलाने का कोई खिलौना नहीं हूं मैं
"नहीं वह क्या है ना मुझे अकेले रहने की आदत नहीं है खाली बैठे-बैठे बोर हो जाती हूं वैसे सही कहा मैं राहुल भाई के साथ गेम खेलूंगी तब मेरा दिन अच्छे से बित जाएगा है ना राहुल भाई आप मेरे साथ गेम खेलोगे ना अविका ने मुस्कुराते हुए कहा तो राहुल ने मुस्कुराते हुए अपना सर हां में हिलाते हुए कहा हां क्यों नहीं ,,
"तभी विरांश ने उसे गुस्से से घुरते हुए कहा तुम कुछ ज्यादा ही क्लोज नहीं हो रहे हो,,
"जिससे राहुल ने अपना सर झुकाते हुए कहा सॉरी बॉस
"अविका ने गुस्से में मुंह फूलाते हुए कहां अकडु कही का सबको अपने गुस्से से डराते रहते हो विरांश ने एक नजर दोनों को देखा फिर मेंशन से बाहर चला गया वो बाहर आकर अपनी कार में बैठकर मेंशन से बाहर चला गया
"अविका सोफे पर आकर बैठ गई सिंगल सोफे पर राहुल बैठकर अपना फोन चला रहा था अविका आपने एक नजर राहुल को देखा जो अपने फोन में बिजी था तो उसने अपने मन में सोते हुए कहा यहां तो किसी को मेरी परवाह ही नहीं है तो फिर मुझे यहां लाया ही क्यों इतने दिनों से इस घर में बंद पड़ी हूं
"लेकिन मुझसे पूछा भी नहीं की चलो मैं तुम्हें बाहर घूमाने ले चलता हूं फिर उसने अपने ख्यालों को झटक दिया और सोफे से उठकर सीडीओ से होते हुए अपने रूम की तरफ जाने लगी
"राहुल ने अविका को रूम की तरफ जाते हुए देखा फिर वह अपने फोन में बिजी हो गया
"अविका अपने रूम में आ गई उसने विंडो से बाहर नीचे देखते हुए कहां अभी यह खडूस तो यहां से चला गया यही मौका है अपना दिमाग चला अवि क्या पता
"मैं यहां से बाहर निकल पाऊ इतना कहकर वह विंडो से नीचे देखने लगी फिर कुछ सोचते हुए अगर मैं यहा से कुद कर भागने की कोशिश करूंगी तो मेरे जिंदा रहने के चांसेस बहुत कम है फिर वह बालकनी में आ गई उसने चारों तरफ अपनी नज़रें दौड़ाई तो मेंशन के चारों तरफ ब्लैक यूनिफॉर्म पहने बॉडीगार्ड खड़े थे उसने मुंह बनाते हुए कहा बॉडीगार्ड तो ऐसे खड़े हैं जिसे मैं सच में यहां से भाग जाऊंगी
"यही सब सोचते हुए अविका रूम में आकार बेड पर बैठ गई वह इस वक्त बहुत परेशान नजर आ रही थी उसने खुद से कहा अब मैं क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा फिर वह अपने रूम से निकल कर बाहर लिविंग रूम में आ गई थी तभी उसने राहुल को किसी से बात करते हुए सुना
"अच्छा मतलब मैं दिल्ली में हूं मुझे यह बात पापा को बताना होगा तभी वह मुझे यहां से बाहर निकाल पाएंगे लेकिन मेरे पास तो फोन ही नहीं है और मुझे नंबर भी याद नहीं है कुछ तो सोचना होगा मैं एक नंबर की भुलक्कड़ हूं मुझे किसी का भी नंबर याद नहीं है तभी उसने देखा कि राहुल ने अपना फोन चार्ज पर लगाकर घर से बाहर चला गया उसने खुद से कहा हां यही सही मौका है उसे कॉल करके यहां बुलाने का अब तक तो वो इंडिया आ गए होंगे अब वही मुझे इस सिचुएशन से बाहर निकलेगा
"अविका ने राहुल का फोन लिया लेकिन राहुल के फोन में पासवर्ड लगा हुआ था जिस वजह से वह फोन अनलॉक नही कर पाई उसने चिड़ते हुए कहा अरे यार अब इसका पासवर्ड क्या हो सकता है एक तो इतनी मेहनत से इतना अच्छा आईडिया आया था वह भी फ्लॉप हो गया
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आखिर अविका किसे कॉल करना चाहती थी और कौन है जो अविका को इस मुसीबत से बाहर निकाल सकता है आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा
"एक सुनसान इलाके में एक घर बना हुआ था वह घर बाहर से देखने में बहुत ही भयानक लग रहा था उसके बाहर बहुत सारे बॉडीगार्ड खड़े थे विरांश उस घर के अंदर चलाया गया वह घर अंदर से भी बहुत भयानक और काफी अंधेरा था विरांश चलकर एक रूम के वहां पर खड़ा हो गया तभी एक गार्ड ने दरवाजा खोल दिया रूम के अंदर भी अंधेरा था पर हल्की सी रोशनी थी विरांश रूम के अंदर आ गया इस वक्त उसका चेहरा एक्सप्रेशन लेस था उसके सामने एक चेयर पर एक लड़की बंधी हुई थी
"उसकी बहुत पूरी हालत थी विरांश अपने पैंट की पॉकेट में हाथ डाले उसके सामने खड़ा था तभी एक बॉडीगार्ड ने उस लड़की के मुंह पर पानी मारा जिससे उस लड़की को होश आ गया वह अपने सामने विरांश को देखकर एक पल के लिए डर गई विरांश टेड़ा मुस्कुरा रहा था इस वक्त उसका चेहरा काफी खतरनाक लग रहा था अगर कोई भी देखें तो एक पल के लिए डर जाता
"विरांश ने शैतानी मुस्कुराहट के साथ कहा हेलो मान्या कैसी हो ये मैं क्या पूछ रहा हूं तुमसे आफ्टर अच्छी ही होगी मेरे गार्ड ने तुम्हारी इतनी अच्छे से खातिरदारी जो कि है,,
"मान्या ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा तुमने मुझे धोखा दिया विरांश मल्होत्रा इसके लिए मैं तुम्हें नहीं छोडूंगी ,,
"विरांश ने थोड़ा झुकते हुए और अपनी गर्दन टेढ़ी करके कहा" पहले खुद को तो देख लो तुम कहां और किस से बात कर रही हो
"मान्या ने मुस्कुराते हुए कहा" बहुत जल्द में यहां से बाहर निकल जाऊंगी फिर उस दिन तुम्हें बताऊंगी मान्या राठौर क्या चीज है मुझे धोखा दिया था ना तुमने उसकी कीमत तो तुम्हें चुकानी ही पड़ेगी,,
"विरांश ने शर्द लहजे में कहां लगता है तुम खुली आंखों से सपने देखने लगी हो विरांश मल्होत्रा की कैद से निकलना मुमकिन ही नहीं है,,
"मान्या ने फूल कॉन्फिडेंट के साथ कहा मुमकिन नहीं है पर ना मुमकिन तो नहीं बहुत जल्द तुम्हारा यह घमंड भी टूट जाएगा ,,
"विरांश ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा इतना टॉर्चर करो कि यह यहां से भगाने के बारे में अपने दिमाग में ख्याल भी ना लाए इतना कहकर विरांश वहा से चला गया वही मान्या चिल्लाती रही नही विरांश तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते विरांश जाते हुए उसकी सारी बातें सुनता रहा वो जैसे जैसे बाहर आ रहा था मान्या की आवाज कम होती जा रही थी
"विरांश बाहर आ गया और उसने अपने आंखो पर ब्लैक गॉगल्स चढ़ाया इस वक्त उसके चेहरे पर कोई भाव नहीं था उसने एक गहरी सांस ली और फिर अपनी कार में बैठ गया और कार स्टार्ट कर के वहा से निकल गया इस वक्त वो बहुत फर्स्ट ड्राइव कर रहा था
"वही दुसरी तरफ अविका बहुत देर से राहुल का फोन लेकर सोफ पर बैठी हुई थी तभी राहुल ने उसे देखते हुए कहा तुम मेरे फोन के साथ क्या कर रही हो ,,
"जिससे अविका हड़बड़ा गई उसने अपनी नजरे सामने की तो राहुल उसके सामने खड़ा था उसने हिचकिचाते हुए कहा वो मै मुझे गेम खेलना था क्या मै आपके फोन में गेम खेल सकती हूं,,
"अच्छा तो ऐसा बोलो ना यह भी कोई पूछने की बात है भला लाओ में अनलॉक करके देता हूं राहुल ने कहा और अपना फोन अनलोक करके अविका के हाथो में दे दिया राहुल बेचारा दिल का बहुत अच्छा था उसे अविका के लिए बहुत बुरा लगता था,,
"अविका ने मन में सोचते हुए कहा वाऊ मतलब मुझे ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ी अब बस मुझे मौका मिल जाए तो मैं किसी तरह उसे कोल कर सकु
रात के वक्त...
"अविका लिविंग रूम में सोफे के पीछे किसी से फोन पे बात कर रही थी हां यार मैं बहुत बड़ी मुसीबत में हुं तु प्लीज मुझे बचाने के लिए जल्दी से यहा आजा ,,
"उधर से किसी ने कहा अच्छा मैं जल्द से जल्द वहा पहुंचने की कोशिश करता हूं तब तक तु अपना ख्याल रखना,,
"हां ठीक है इतना कहकर अविका ने कोल कट कर दिया फिर उसने खुश होते हुए खुद से कहा फाइनली मेरा काम तो हो गया अब देखती हुं तो राक्षस कैसे बचता है क्या समझता है खुद को बहुत ज्यादा होशियार है अब मैं उसे सबक सिखा कर ही रहुगी ,,
"शाबाश अविका उसने खुद को शाबाशी देते हुए कहा" फिर उसने अपने सामने देखा तो उसके सांसे ही थम गई जहा विरांश अपने हाथ बांधे खड़ा था और अपनी काली काली आंखों से उसे ही घुर रहा था अविका ने उसे देखकर मासूम सा फेस बनाया और अपनी भुरी आंखों से टुकुर टुकुर उसे देखने लगी
"विरांश ने कहा" तुम नहीं सुधरने वाली किससे बात कर रही थी ,,
"अविका ने उसके बातो का कोई जबाब नहीं दिया वो चुपचाप अपना सर झुकाकर खड़ी थी,,
"तभी विरांश ने सर्द आवाज में चिल्लाते हुए कहा राहुल ..coming..
"राहुल जल्दी से आकर उसके सामने अपना सर झुका कर खड़ा हो गया ,, विरांश ने गुस्से में अपने दांत पिसते हुए कहा इसके हाथ में तुम्हारा फोन क्या कर रहा है,,
"बॉस मैम को गेम खेलना था इसीलिए मैंने इन्हें अपना फोन दे दिया राहुल के इतना कहते ही विरांश ने उसके गालों पर जोर से थप्पड़ चढ़ दिया जिससे राहुल का फेस दूसरे तरफ झुक गया विरांश ने अविका की तरफ उंगली पॉइंट करते हुए कहा शायद तुम मेरी वार्निंग को भूल गई हो लेकिन यह थप्पड़ तुम्हें हमेशा याद रहना चाहिए कि तुम्हारी गलती की सजा इसे मिली है
"विरांश ने एक नजर राहुल की तरफ देखा जो गुस्से में अविका कोई देख रहा था राहुल को इस वक्त खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था वही सोच रहा था कि उसने इस लड़की की मदद क्यों की
"विरांश ने अविका की तरफ गुस्से में देखते हुए कहां आज तुम्हारी वजह से मैंने अपने भाई पर हाथ उठाया है इसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा
"अविका विरांश को देख रही थी इस वक्त उसकी आंखों में आंसू थे और उसे विरांश से बहुत डर लग रहा था
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आखिर क्यों विरांश अविका को हर बार हर्ट करता है आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़ेगा चलिए फिर मिलते हैं अगले पार्ट पर
"विरांश ने राहुल को बहुत जोर से थप्पड़ मारा था अविका विरांश को देख रही थी इस वक्त उसकी आंखों में आंसू थे और उसे विरांश से बहुत डर लग रहा था उसने कुछ नहीं कहा और रोते हुए वहा से चली गई,, विरांश ने राहुल की तरह बिना देखे कहा इसने खाना खाया,, राहुल पहले विरांश की तरह देखा जो इस वक्त काफी गुस्से में था फिर धीरे से कहा नही ,, हुं ठीक है रहने दो वैसे भी एक टाइम का खाना नही खाएंगी तो मर नही जाएंगी वही दुसरी तरफ अविका अपने रूम मे आकर सिधा बेड पर लेट गई थोड़ी देर में रोते रोते उसे नींद आ गई
अगली सुबह...
"रात में भूखे सोने की वजह से अविका की नींद जल्दी खुल गई इस वक्त सुबह के 7:00 रहे थे उसने उठते ही घड़ी दिखा आज तो गजब हो गया मैं इतनी सुबह-सुबह उठी हूं अगर भाई को पता चलता तो वह कितने खुश हो जाते हैं पर वह तो यहां है ही नहीं इतना कहकर वह उदास हो गए फिर वह उठकर बाथरूम चली गई
"थोड़ी देर बाद वह रेडी होकर नीचे लिविंग रूम में आए तो इस वक्त वीरांश सोफे पर बैठकर लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था उसके बगल बाले सोफे पर राहुल बैठा हुआ कोई फाइल्स पढ़ रहा था
"अविका आकार सोफे पर बैठ गई उसने एक नजर दोनों को देखा दोनों अपने-अपने कामों में विजी थे वो थोड़ी देर ऐसे ही बैठी रही जब उसे लगा के उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है किसी ने उसे खाने के लिए भी नहीं पूछा तब वह जाकर विरांश के बगल में बैठ गई उसने विरांश के स्लीव्स को खीचा लेकिन विरांश ने उस पर ध्यान नहीं दिया तो उसने एक बार फिर से उसकी स्लीव्स को खींचते हुए कहा मुझे भुख लगी है
"विरांश ने पहले अपने हाथ की तरफ देखा जो उसने पकड़ा हुआ था फिर उसकी तरफ देखते हुए अपने मन में सोचा क्या है यह लड़की इतना डराता हूं धमकता हूं फिर भी मुझसे इतना नॉर्मली बात करती है जैसे कुछ हुआ ही ना हो
"अविका उसके एकदम करीब बैठी थी उसने एक बार फिर उसे देखते हुए कहा मुझे भूख लगी है यह कहते हुए वह बहुत क्यूट लग रही थी
"विरांश उसे एक तक देख रहा था फिर उसने अपना सर हां मैं हिलाते हुए कहा हां ठीक है पर थोड़ा दूर रहकर भी बात कर सकती हो इतना कहकर वह थोड़ा खिसक गया और फिर से लैपटॉप की तरफ देखने लगा
"अविका ने एक बार फिर से उसके स्लीव्स को खींचते हुए कहां तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे तुमने मेरे साथ कुछ किया ही नहीं है खैर छोड़ो इन सब बातों को मुझे भूख लगी है और मुझे वह अजीब सा खाना नहीं खाना
"विरांश ने उसकी तरफ देखते हुए कहा तो क्या खाना चाहोगी तुम
"अविका ने खुश होते हुए कहा मुझे कुछ स्पाइसी खाने चाहिए बहुत दिन हो गए कुछ चटपटा नहीं खाया इसलिए मुझे बस वहीं खाना है ,,
"विरांश ने राहुल की तरफ देखते हुए कहा राहुल तुम देख लो इसे क्या खाना है
"तभी राहुल ने अविका से पूछा क्या" खाओगी तुम...
"अविका ने मुस्कुराते हुए कहा मुझे एग रोल चटपटे वाले चाट पिज़्ज़ा बर्गर चाइनीस और मेरा फेवरेट मैगी और एक गिलास जूस बस यही सब मुझे खाना है उसके खाने की इतनी लंबी चौड़ी लिस्ट सुनकर राहुल मुंह खोलें उसे देख रहा था
"तो वही विरांश उसे हैरानी से देख रहा था उसने उसको घुरते हुए कहा" सुबह के नाश्ते में इतना सब कुछ कौन खाता है
"अविका ने मुस्कुराते हुए कहा मैं खाती हूं ना मुझे यह सब पसंद है तो मैं ही खाऊंगी ना ,,
"विरांश ने अपना सर ना हिलाते हुए कहा तुम्हें देखकर ऐसा लग रहा है जैसे तुम कई सालों की भूखी हो,,लगता है तुम्हारी आत्मा बहुत भूखी है इसके भूख तो सच में मितानी पड़ेगी भूखी आत्मा..
"अविका ने उदास होकर कहा कई सालों की तो नहीं पर चार-पांच दिनों से तो भूखी ही हुं ना तुम मुझे वह सड़ा हुआ खाना खिला रहे थे जिससे मेरा पूरा मूड अपसेट हो गया
"थोड़ी देर बाद अविका डाइनिंग टेबल पर बैठकर अपना खाना मजे से खा रही थी उसने खुश होते हुए कहा वाऊ आज तो मजा ही आ गया ऐसा लग रहा है जैसे आत्मा तृप्त हो गई हो दिल को सुकून मिल गया ,,
"विरांश और राहुल उसे अजीब नजरों से देख रहे थे थोड़ी देर बाद अविका ने कहां बस अब मेरा हो गया इस भूख के कारण सो नहीं पाई अब मुझे जोरों की नींद आ रही है मैं तो चली सोने ,,
"विरांश ने एक नजर टेबल को देखते हुए कहा इतना सब खाना तुमने अपने बाप के लिए मंगवाया था फिनिश करो इसे
"अविका ने थोड़ा मुंह बनाते हुए कहा अरे तुम बात बात में मेरे पापा को बीच में क्यों लेकर आते हो ,,
"विरांश ने गुस्से में कहा जब तुम्हें खाना ही नहीं था तो इतना सब खाना मंगाने की क्या जरूरत थी मेरा पैसा बर्बाद करने के लिए मंगाया था ,,
"अविका ने अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर उसे इसी गुस्से में जवाब दिया तुम्हें अपने पैसे की पड़ी है तुम्हें यहां दिखाई नहीं देता इस खाने की वजह से मेरे रूह को कितनी शांति मिली है पता नहीं मैं कितने दिनों से इसके लिए तड़प रही थी अविका ने इतना कहा और उसे जीभ दिखा कर चली गई
"वही उसके ऐसा करने से जहां राहुल मंद मंद मुस्कुरा रहा था तो वही विरांश चिड़ गया,,
"अविका आकार बेड पर लेट गए तभी वीरांश रूम में आया उसने अविका को देखते हुए कहा कल रात तुम किस से बातें कर रही थी,,
"अविका ने कहा" मुझे नींद आ रही है प्लीज सोने दो...
"भाड़ मैं गई तुम्हारी नींद और यह कोई सोने का टाइम है अभी थोड़ी देर पहले उठी हूं और तुम्हें सोना है विरांश ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहां,,
"अविका उठकर उसके सामने खड़ी हो गई तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है ना चैन से सोने देते हो ना कहीं बाहर जाने देते हो आखिर तुम चाहते क्या हो
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरुर पड़िएगा कहानी अगर पसंद आ रही है तो लाइक और कमेंट जरूर कर दीजिएगा फ्रेंड्स प्लीज कमेंट में जरूर बताइएगा कि आपको यह वाली न्यू स्टोरी कैसी लगी
"विरांश ने अविका को फोन पर किसी से बात करते हुए देखना था जिस वजह से वह बहुत गुस्से में था विरांश गुस्सा देखकर अविका अपने रूम में सोने चली गई ,, लेकिन तभी विरांश रूम में आया ,, विरांश गुस्से में उसपर चिल्ला रहा था,, जिससे अविका बेड से नीचे उतर कर उसके सामने किसी मुजरिम की तरह खड़ी हो गई विरांश उसे सर्द निगाहो से देख रहा था विरांश चल कर उसके सामने अपने दोनो पॉकेट में हाथ डालें खड़ा हो गया
"विरांश ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा जिससे अविका थोड़ा डर गई शटअप जितना पूछा है उतना बताओ,, विरांश के इस तरह चिल्लाने से अविका डर गई और उसकी आखें नम हो गई वो नम आंखों से विरांश को देख रही थी
"अविका ने नज़रे नीचे करके धीरे से कहा जिससे मैं बात कर रही थी वह मेरा बॉयफ्रेंड है वो इंडिया आ चुका है मैं उसे यहा बुलाया है,, कुछ दिनों में यहां आएगा और मुझे अपने साथ लेकर चला जाएगा फिर मैं तुम्हारी कैद से आजाद हो जाऊंगी,,
"विरांश ने मुस्कुराते हुए कहा अच्छा किया जो तुम ने उसे खुद यहां बुला लिया अब वो जिंदा नहीं बचेगा ,,और एक बात जहां तक मुझे पता है तुम्हारा तो कोई बॉयफ्रेंड नहीं था तो फिर ये कौन है जिसके बारे में मुझे नही पता
"अविका उसे सवालिया नजरों से देखने लगी फिर कुछ सोचते हुए हां वो मेरा बॉयफ्रेंड नहीं है लेकिन वह मुझे पसंद करता है मैंने अभी तक उसे हां नहीं कहा लंदन में वो मेरा बहुत ख्याल रखता था वो मेरी केयर करता है
"अविका की बाते सुनकर पता नहीं क्यों पर विरांश को उस लड़के पर बहुत गुस्सा आ रहा था अगर वो लड़का उसके सामने होता तो एक पल भी नहीं सोचता और वो इसी वक्त उसे जान से मार देता
"अविका अपनी नम आंखों से उसे ही देख रही थी वीरांश ने थोड़ा झुक कर उसकी आंखों में देखते हुए कहा अगर तुमने उसे हां कहने का सोचा भी तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा तुम सोच भी नहीं सकती मैं तुम्हारा क्या हाल करूंगा
"अविका ने मुंह बनाते हुए कहा तुमसे बुरा कोई और है भी नहीं जब देखो मुझे डांटे रहते हो क्या कर लोगे तुम क्या करोगे मेरे साथ और हां मेरी लाइफ मेरी मर्जी मैं जो चाहे वह करूंगी तुम होते कौन हो मुझे यह कहने वाले कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं यह कहकर वो विरांश के सीने पर मुक्के मारने लगी
"अविका को इस वक्त विरांश पर बहुत गुस्सा आ रहा था वो विरांश को अपने छोटे छोटे हाथो से मार रही थी पर इससे विरांश को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था
"तभी वीरांश ने गुस्से में उसका हाथ जोर से झटकते हुए कहा यह क्या हरकत है उसने उसको जोर से झटका था जिस वजह से अविका लड़खड़ा गई और गिरने वाली थी कि तभी विरांश ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन इस चक्कर में वीरांश अविका दोनों एक साथ बेड पर जा गिरी
"अविका नीचे थी और वीरांश उसके ऊपर था गिरने की वजह से दोनों के होंठ आपस में मिल गए थे और इस वक्त दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे वीरांश अविका की भुरी आंखों में देखकर एक पल के लिए खो सा गया
"अविका अपनी आंखों को बड़ी करके विरांश को देख रही थी तभी अगले ही पल उसने वीरांश को खुद के ऊपर से धक्का दे दिया और खड़ी हो गई वह गुस्से में विरांश को घूर रही थी
"विरांश ने खड़े होते हुए कहा क्या कहा तुमने तुम्हारी लाइफ तुम्हारी मर्जी तुम्हारी लाइफ मेरी मर्जी मेरे हिसाब से चलेगी समझी तुम
"समझी तुम इतना कह कर उसने एक हाथ अविका के कमर पर रख कर उसे अपने करीब खींचा और उसे खुद से चिपका लिया विरांश की नजर अविका के होंठो को पर थी उसने दुसरा हाथ से अविका के बालों को पीछे से पकड़ा और उसके होंठो पर अपनी होंठ रखकर उसे पेशेंटली किस करने लगा उसकी इस हरकत से अविका की आंखें हैरानी से बड़ी हो गई वह अपनी बड़ी आंखें करके विरांश को देख रही थी लेकिन विरांश की आंखें इस वक्त बंद थी और वह अविका को पेशेंटली किस कर रहा था
"आज विरांश की किस में एक अलग ही एहसास था जो अविका समझ नहीं पा रही थी यह एहसाश उसके लिए नया था विरांश अविका को किस कर रहा था और उसकी किस से अविका के पुरी बॉडी में करंट लगने लगा
"फिर अविका अपने छोटे-छोटे हाथों से उसके सीने पर मार रही थी लेकिन इससे विरांश को कोई फर्क नहीं पड़ा विरांश ने उसे नहीं छोड़ा और अविका को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और उसका पूरा चेहरा आंसुओं से भर गया था जब विरांश को महसूस हुआ कि अविका को सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो उसने झटके से उसे छोड़ दिया अविका अब लंबी-लंबी सांस ले रही थी
"उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था फिर थोड़ी देर में उसने अपनी सांसों को नॉर्मल करते हुए कहा गंदे आदमी तुमने मेरी तीसरी बार किस चोरी कर ली अब मैं अपने होने वाले पति को क्या दूंगी इतना कहकर वह रोने लगी
"विरांश ने मुस्कुराते हुए कहा यह तो बस शुरुआत है मेरी जान अभी तो तुम्हें मुझे बहुत कुछ देना है जो तुम्हारी सोच से परे है ,,आगे आगे देखो तुम्हारे साथ क्या होता है अविका उसे अपने मासुम से गुस्से से घुर रही थी ,,फिर उसने अपने मन में सोचते हुए कहा तुम्हारा होने वाला पति इतना कहकर वह खुद में ही मुस्कुराने लगा फिर जल्दी से नॉर्मल हो गया
"लेकिन तभी अविका ने उसे मुस्कुराते हुए देख लिया उसने तुरंत कहा तुम मुस्कुराते भी हो तुम मुस्कुराते हुए कितने अच्छे लग रहे हो नहीं तो हमेशा खडूस की तरह सडू शक्ल बनाकर घूमते हो,
"तभी विरांश ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा... Shut up your mouth...कितनी बार कहां है मैंने तुमसे, मेरे सामने ज्यादा बोला मत करो, मुझे ज्यादा बोलने वाले लोग पसंद नही है समझ गई तुम ,,उसके इस तरह चिल्लाने से अविका डर गई उसने जल्दी से अपने मुंह पर ऊंगली रख लिया
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पढ़िएगा और समीक्षा कर दीजिएगा.. please😂
रात के वक्त...अविका लिविंग के सोफे पर आलती पालती मार कर अपने गालो पर हाथ रख कर बैठी हुई अपने ही ख्यालो में खोइ हुई थी उसने विरांश की टी शर्ट और ट्राउजर पहना था उसने अपने बालो का पोनीटेल बनाया हुआ था जिसमे वो बहुत क्यूट लग रही थी वो वहा पर अकेली थी शायद घर में कोई नहीं था अविका बैठी अजीब अजीब तरह से मुंह बना रही थी विरांश जो घर के अंदर आ रहा था उसने अपने एक हाथ पैंट के पॉकेट में डाला हुआ था और दूसरे हाथ में उसका फोन था
"तभी उसकी नजर अविका पर जाती है जो बैठी अजीब अजीब मुंह बना रही थी उस को इस तरह देख विरांश उसकी तरफ चला जाता है और आकर खड़ा होकर उसे एक टक देखने लगता है अविका अपने ही ख्यालो में खोइ हुई थी उसने तो विरांश पर ध्यान ही नही दिया था
"विरांश उसके बगल मे बैठ कर उसके कानो में धीरे से कहा आखिर यहा बैठकर क्या सोच रही हो यही की यहा से कैसे भागना है,,
"नही यार में इस बारे में नही सोच रही मै तो कुछ और ही सोच रही हूं ,, अविका ने खोए हुए कहा
"और वो क्या ,, विरांश ने उसकी तरफ देखते हुए कहा
"मुझे पापा और भाई की बहुत याद आ रही है मैं उनसे एक दिन भी बात किए बिना नहीं रही मुझे उनकी बहुत याद आ रही है पता नहीं वो सब कैसे होंगे और छोटु बेबी वो तो मुझे बहुत याद कर रहा होगा अविका ने मासुमियत से जबाब दिया
"विरांश ने अपनी आइज रोल करते हुए कहा सिरियसली वो छोटा सा बच्चा तुम्हे याद कर रहा होगा,,
"तभी अविका को ध्यान आया तो उसने अपने बगल में बैठे विरांश को देखा जो उसे ही देख रहा था
"अविका ने मासूम सा फेस बनाकर कहा क्या हुआ तुम मुझे ऐसे क्यु देख रहे हो ,,
"विरांश ने उसे परेशान करते हुए कहा वो क्या है ना मुझे तुम्हारा ब्लड चाहिए,,
"मेरा ब्लड पर क्यु अविका ने हैरानी से कहा,,
"क्युकि मुझे भूख लगी है विरांश ने इतना कहां और चुप हो गया,,
"हां तो भुख लगी तो खाना खा लो ना अविका ने कहा और उसे देखने लगी,,
"नही खाना नहीं मुझे तुम्हारा खून पीना है विरांश ने उसे कहा और उसे घुरने लगा जैसे सच में वो उसका खुन पीना चाहता हो ,, राहुल जो ऊपर से आ रहा था
"वो रुक कर दोनों को देखने लगा और अपने मन में सोचते हुए कहा आज विरांश को क्या हो गया है इसको देख कर ऐसा लग रहा है जैसे वह मजाक के मूड में है वैसे इनको कुछ देखकर आज मुझे भी अच्छा लग रहा है ,,
"विरांश के इस तरह घुरने से अविका डर रही थी विरांश जो धीरे धीरे उसके तरफ झुक रहा था ,, अविका ने अपनी आंखे जोर से बंद करते हुए कहा नही प्लीज मेरा खुन मत पीना ,,
"क्यु नही पी सकता विरांश ने खतरनाक आवाज में कहा,,
"अविका ने डरते हुए कहा क्युकि तुमने कहा था कि तुम नॉनवेज नहीं खाते हो,,
"विरांश ने धीरे लेकिन सर्द आवाज में कहा हां लेकिन तुमने मुझे वैम्पायर और राक्षस कहा था इतना बोलकर वो उसके गर्दन पर जोर से बाइट कर लेता है जिससे अविका के मुंह से चीख निकल जाती है और उसके आंखो से आंसु निकलने लगा फिर वो उसे धक्का दे कर चिल्लाते हुए जल्दी से वहा से भाग जाती है ,, वो इधर उधर भाग रही थी
"और विरांश भी उसके पीछ पीछ उसे पकड़ने के लिए इधर उधर जाने लगता है,, अविका आगे आगे भाग रही थी विरांश उसे पकड़ने के लिए उसके पीछ था ,, अविका भाग रही थी तभी उसकी नज़र राहुल पर पड़ती है
"वो जल्दी से राहुल के पास आकर खड़ी हो जाती है औरउसने रिक्वेस्टिंग वे में कहां प्लीज मुझे इस वैम्पायर से बचा लो नही तो आज मेरे जिंदा रहने के चांसेस बहुत कम है इतना बोलकर वो जल्दी से राहुल के पीछ छुप जाती है ,,
"तभी विरांश अपने सीने पर हाथ बांधकर राहुल के सामने खड़ा हो जाता है और उसे गुस्से में घुरने लगता है ,, जिससे राहुल वहा से जल्दी से हट जाता है ,,
"अविका ने रोनी सूरत बनाते हुए कहा .. you can't do this me.. इतना कहकर वो जल्दी से वहां से भाग कर ऊपर की तरफ चली गई उसने ऊपर आकर जल्दी से रूम का डोर लॉक कर दिया जिससे विरांश अंदर ना आ सके
"तभी विरांश ने डोर को नोक करते हुए कहा अविका डोर खोलो मुझे बहुत भूख लगी है ,,
"अविका बहुत ज्यादा डर गई थी उसकी बातें सुनकर वह और जोर-जोर से रोने लगी उसने खुद से कहा यह तो सच्ची वाला वैंपायर है आज मुझे नहीं छोड़ेगा,,
"तभी डोर खुलने की आवाज आई तो वह जल्दी से सोफे के पीछे जाकर छुप गई विरांश को उसके सुबकने की आवाज आ रही थी वो उसके सामने जाकर खड़ा हो गया और उसको घुरते हुए कहा बाहर निकलो ,,
"नही तुम मुझे खा जाओगे अविका ने रोते हुए कहा ,,
"फिर विरांश ने गुस्से में चिल्लाते हुए कहा मैने कहा बाहर आओ उसकी आवाज सुनकर अविका जल्दी से बाहर आ गई और वीरांश को देखने लगी विरांश को इतने गुस्से में देखकर अविका को उससे डर लग रहा था उसने अपनी सर झुका लिया विरांश के पीछे राहुल भी उसके रूम में आया था
"अविका ने रोते हुए धीरे से कहा प्लीज मुझे मत मारना मेरा खून मत पीना क्योंकि मेरा खून टेस्टी नहीं है रोने की वजह से उसका पूरा चेहरा लाल हो गया था देखने में बहुत क्यूट लग रही थी विरांश से ही देख रहा था
"राहुल भी खड़ा होकर देख रहा था वो तो उसकी हालत पर मन मन मुस्कुरा रहा था ,, विरांश ने एक गहरी सांस लेकर कहा ओह गोड तुम कितनी डरपोक हो फिर वो अविका के उपर थोड़ा झुकते हुए कहा तुम सच में इतनी मासुम हो या मासुम बनने का दिखावा कर रही हो
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आगे की कहानी जानते के लिए अगला पार्ट जरूर पीड़ियेगा कहानी को रेटिंग और समिक्षा जरूर कर दीजिएगा फिर मुलाकात होगी अगले पार्ट पर
"विरांश ने एक नजर अविका को दिखा और कहा अब मुझे भूख नहीं है तुमने पूरा मूड खराब कर दिया लेकिन नेक्स्ट टाइम कोई ड्रामा मत करना और यह रोना धोना बंद करो और जाकर चुपचाप से सो जाओ इतना कहकर वह रूम से चला गया और आकर लिविंग रूम में सोफे पर बैठकर अपना लैपटॉप खोल कर अपना काम करने लगा क्योंकि उसे नींद नहीं आ रही थी और उसका काम भी जरूरी था इसलिए वह अपने काम में लग गया ,
"राहुल बाहर गार्डन में आकर उसने अपने पॉकेट से फोन निकाला और किसी को कॉल मिला दिया उधर से किसी शख्स ने कॉल उठाते ही कहा वहां सब कैसा चल रहा है
"राहुल ने कहा अभी तक फिलहाल इधर सब ठीक है
"उधर से उसे शख्स ने कहा हम्म गुड अच्छा मुझे पल-पल की खबर देते रहना और याद रहे इस बारे में उसे कुछ भी पता नहीं चलना चाहिए
"राहुल ने कहा ओके मामा जी यहां सब ठीक है आप टेंशन मत लीजिए इतना कहकर उसने कॉल कट कर दिया और घर के अंदर आ गया
"आधी रात तक विरांश काम करता रहा फिर जब उसे नींद आने लगी तो वो अपने रूम में सोने के लिए चला गया
अगली सुबह...
"अविका सो कर उठी और सीधा बाथरूम में चली गई थोड़ी देर बाद वह तैयार होकर नीचे लिविंग रूम में आ रही थी तभी विरांश की नजर उस पर पड़ी तो बस वो उसे देखा ही रह गया
"क्योंकि अविका ब्लैक कलर की अनारकली सूट में बहुत खूबसूरत लग रही थी चेहरे पर कोई मेकअप नहीं था बस होठों पर बेबी पिंक कलर का लिप बाम लगाया था और आंखों में गहरा काजल फिर भी बहुत खूबसूरत लग रही थी
"विरांश ने नज़रें फेर ली और गहरी सांस लेकर अपने मन में कहा कंट्रोल विरांश मल्होत्रा ये क्या हो रहा है तुझे इसके चक्कर में मैं एक दिन पागल हो जाऊंगा तुझे इस लड़की से बदला लेना है ना कि इतना बोलकर उसने अपने ख्यालों को झटक दिया और उठकर डाइनिंग एरिया की तरफ चला गया
"अविका भी आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गई और अपना नाश्ता करने लगी उसने अपने मन में सोचते हुए कहा पता नहीं और कितना दिन तक यहां रहना पड़ेगा अभी तक वो भी नहीं आया फिर अविका ने विरांश की तरफ देखा और कुछ सोचने लगी
"फिर उसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान आ गई फिर खुद में ही बड़बड़ाने लगी अब तुम मुझे यहां से खुद मेरे घर छोड़ कर आओगे कुछ तो चल रहा था अविका के दिमाग में ,,फिर थोड़ी देर बाद वीरांश अपने ऑफिस चला जाता है उसने दिल्ली में अपना नया-नया बिजनेस शुरू किया था इस वजह से वह अभी फिलहाल दिल्ली में ही रह रहा था,,
"विरांश अपने केबिन में बैठकर लैपटॉप पर कुछ काम कर रहा था तभी थोड़ी देर बाद उसे राहुल का कॉल आया तो उसने कॉल पिक नहीं किया फिर दो-तीन बार राहुल उसे कॉल करता रहा तो उसने इरिटेट होकर उसने कॉल पिक करते हुए कहा क्या हुआ
"राहुल बार-बार कॉल करके परेशान करना जरूरी है क्या मैंने तुम्हें वहां रखा क्यों है तुम्हे उसका मुंह देखने के लिए तो रखा नहीं होगा तभी विरांश ने इरिटेट होकर कहा अब तुम कुछ बताओगे या मैं ही बोलता रहूंगा,,
"राहुल ने कहा विरांश तु बोलने देगा तभी तो बोलूंगा ना,,
"विरांश ने सर्द आवाज में कहा राहुल तुम भुल रहे हो मैं तुम्हारा बॉस हूं
"विरांश की आवाज सर्द थी राहुल ने अपना फोन कान से हटाकर खुद से बड़बढ़ाते हुए कहा जब देखो तब अपना रौब दिखाता रहता है
"उधर से राहुल का जवाब ना आने पर विरांश ने थोड़े गुस्से में कहा राहुल... Answer me..
"राहुल ने कहा विरांश पहली बात तो ये कि मैं अभी ऑफिस नही हूं और दूसरी बात मैं तेरे असिस्टेंट के साथ-साथ तेरा भाई भी हूं जो तेरी एकलौती बुआ का इकलौता बेटा है
"विरांश ने अपनी आइस रोल की और कहा .. okay fine.. अच्छा बताओ क्या काम था,,
"राहुल ने परेशान होकर कहा बस मैं ये कहना चाह रहा था कि तेरी जो इंपॉर्टेंट फाइल थी वो.. वो इतना कहकर बहुत चुप हो गया
"तभी विरांश ने कहा हां मेरी इंपॉर्टेंट फाइल क्या हुआ आगे कुछ बोलोगे या तुम्हें सांप सुन गया है,,
"वो उस लड़की ने खराब कर दिया इतना कह कर राहुल चुप हो गया ,,
"विरांश ने राहुल की बातें सुनी उसने कॉल कट कर दिया और गुस्से में अपने मुठिया कस ली और उसने अपने आंखें बंद करके अपने फोरहेड को रफ करने लगा फिर उसने अपने दांत पीसते हुए कहा ये तुमने अच्छा नहीं किया अविका खुराना इसकी सजा तुम्हें मिलकर रहेगी
"फिर वह चेयर से उठकर अपने केविन से निकल गया थोड़ी देर बाद जब वह अपने मेंशन पहुंचा तो सामने का नजारा देखकर उसे और ज्यादा गुस्सा आ गया,,क्योंकि सामने अविका सोफे पर पर आलती पलटी मार कर बैठी मुस्कुरा रही थी जैसे उसने बहुत बड़ी जंग जीत ली हो
"तभी विरांश उसके सामने आया और उसके बांह पड़कर उसे खड़ा करते हुए कहा आखिर तुमने अपनी औकात दिखा ही दी तुम कितनी घटिया और गिरी हुई हो
"विरांश ने उसकी बांह को बहुत जोर से पकड़ा था जिस वजह से अविका को दर्द हो रहा था और दर्द की वजह से उसकी आंखो में आंसु आ गये फिर विरांश ने उसे छोड़ दिया और उससे दो कदम की दुरी पर खड़ा हो गया और उसे गुस्से में घुरने लगा
"विरांश ने गुस्से में कहा तुम तो मोम की बनी हो मिस अविका खुराना मुझे नही पता था कि मेरे जरा सा छुने पर तुम इस तरह रोने लग जाओगी तुम्हे क्या लगता है मै तुम्हारे ये मगरमच्छ के आंसु देखकर पिघल जाऊंगा तो ये तुम्हारी गलत फहमी हैं जैसा तुम्हारा बाप है वैसी तुम बिगड़े हुए बाप की बिगड़ी औलाद
"विरांश की बातें सुनकर अविका को भी बहुत गुस्सा आ गया उसने भी विरांश को अपनी उंगली पॉइंट करते हुए कहा देखो तुम बार-बार मेरे पापा को बीच में मत लाया करो वरना अच्छा नहीं होगा,,
"विरांश ने गुस्से में अपने दांत पीसते हुए कहा अच्छा नहीं होगा क्या अच्छा नहीं होगा क्या मैं जान सकता हूं कि तुमने मेरी इंपॉर्टेंट फाइल क्यों खराब की ,,
"अविका ने कहां जानना है तुम्हें तो सुनो मैंने तुम्हारी फाइल इसलिए खराब की क्योंकि तुम मुझे यहां से जाने नहीं दे रहे हो अगर तुम मुझे यहां से जाने नहीं दोगे तो मैं ऐसे ही करूंगी और तुम्हारा सब नुकसान कर दूंगी
"यह सुनकर विरांश को बहुत गुस्सा आ जाता है उसने अविका को थप्पड़ मारने के लिए अपना हाथ उठा दिया
"ये देखकर अविका ने जल्दी से अपना फेस दूसरी तरफ करके अपनी आंखें बंद कर ली लेकिन जब उसे अपने गालों पर थप्पड़ का दर्द महसूस नहीं हुआ तो उसने धीरे से अपने आंखें खोल कर देखा तो विरांश का हाथ उसके चेहरे के बिल्कुल करीब था पर उसने उसे थप्पड़ नहीं मारा था
"तो फिर विरांश ने अपने हाथों की मुट्ठी बनाते हुए उसे नीचे कर लिया और चिल्लाते हुए कहा राहुल राहुल जो वहीं पर खड़ा था वह जल्दी से विरांश के सामने आकर खड़ा हो गया ,,
"तभी विरांश ने राहुल के गालों पर एक झन्नाटेदार थप्पड़ जड़ दिया जिससे राहुल का फेस दूसरी तरफ छुक गया उसने अपने गालों पर हाथ रख लिया और थोड़े गुस्से से विरांश को घुरने लगा,,
"विरांश ने गुस्से में अविका की तरफ देखते हुए कहां तुम जो भी गलती करोगी उसकी सजा इस से मिलेगी क्योंकि आज यह सब इसी की वजह से हुआ है इसकी लापरवाही की वजह से तुमने यह कदम उठाया है
"विरांश का ये रूप देखकर अविका के आंखो से आंसु निकलने लगा अविका ने रोते हुए कहां तुम एक नंबर के गुंडे हो जिसने मुझे मेरे घर से जबरदस्ती उठा लिया इसके लिए मैं तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगी,,
"विरांश ने गुस्से में कहा और तुमने जो किया है ना उसकी वजह से अगर कल मेरा नुकसान हुआ तो मैं उसके लिए मैं भी तुम्हें कभी माफ नहीं करूंगा,,
"अविका ने नम आंखों से मुस्कुराते हुए कहा ये तो बस शुरुआत है आगे आगे देखो मैं क्या करती हूं अगर मैंने तुम्हारे नाक में दम नहीं कर दिया ना तो मेरा नाम भी अविका खुराना नहीं तुम खुद मुझे मेरे घर तक छोड़ कर आओगे,,
"विरांश ने डेविल स्माइल करते हुए कहा अच्छा इसका मतलब तुम फुल प्लानिंग करके बैठी हो लगता है तुम खुली आंखों से सपने देख रही हो सपना देखना अच्छी बात है पर जरूरी नहीं की हर सपना सच हो
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आखिर अब विरांश अविका को क्या सजा देगा क्या अविका विरांश के चंगुल से निकल पाएगी आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पढ़िएगा
"विरांश ने एक नजर राहुल को देखते हुए कहा राहुल याद रहे इसे लंच और डिनर बिल्कुल नहीं मिलना चाहिए यही इसकी पनिशमेंट है तभी इसे पता चलेगा इस ने मेरा कितना नुकसान किया है ,,
"अविका ने रोते हुए कहा अच्छा तो अब तुम मुझे खाना नहीं दोगे अरे इतनी छोटी सी बात की इतनी बड़ी सजा क्यों दे रहे हो प्लीज मुझे भूखा मत रखना मुझसे भूख बर्दाश्त नहीं होती है
"विरांश ने उस की बातों का कोई जवाब नहीं दिया और उसे एक नजर देखा और घर से बाहर चला गया राहुल ने गुस्से में कहा अगर तुमसे भूख बर्दाश्त नहीं होती है तो तुमने फाइल क्यों खराब की तुम्हें पता भी है वह कितनी इंपॉर्टेंट फाइल थी कल हमारी इंपॉर्टेंट मीटिंग है अगर तुम्हारी वजह से वह कॉन्ट्रैक्ट बॉस के हाथों से गया ना तो तुम सोच भी नहीं सकती वह तुम्हारा क्या हाल करेंगे
"थोड़ी देर बाद राहुल ने अपने रूम में सोफे पर बैठा था उसने अपने गालों पर हाथ रखते हुए कहा इस विरांश का कुछ समझ नहीं आता दूसरों की किए की गलती की सजा हमेशा मुझे ही देना है इसे
"राहुल अपने में ही बड़बड़ा रहा था तभी उसके कानों में वीरांश की सर्द आवाज पड़ी इसमें सिर्फ गलती उसकी नहीं तुम्हारी भी है... This is your mistake..
"राहुल ने अपने नजरे उठाकर सामने देखा दरवाजे पर वीरांश खड़ा था वह चलते हुए जाकर सोफे पर बैठ गया और राहुल को देखने लगा
"विरांश ने बिना किसी भाव के राहुल की तरफ देखकर कहा क्या हुआ ज्यादा जोर से लगा था
"विरांश की बातें सुनकर राहुल ने नॉर्मली कहा नहीं बिल्कुल भी नहीं फिर उसने मुंह बनाते हुए कहा पूछ मत कितनी जोर से लगा तेरा हाथ नहीं हथोड़ा है
"अरे इतनी जोर से मारने की क्या जरूरत थी भाई हूं तेरा दुश्मन नहीं तेरे बारे में मैं मॉम से शिकायत करूंगा जब से वह लड़की आई है तब से तेरा गुस्सा बस मुझ पर ही निकलता है करे कोई और और भर कोई और सारा बॉम मुझ पर ही पड़ता है
"विरांश ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा" सॉरी यार...
"राहुल ने मुंह बिचकते हुए कहा... oh my God... ये क्या सुन रहा हूं मैं कहीं मेरे कान तो नहीं बज रहे हैं ना विरांश मल्होत्रा मुझे सॉरी बोल रहा है जो भाई काम और असिस्टेंट ज्यादा है
"विरांश ने राहुल की तरफ घूर कर देखते हुए कहा ... Just shut up... ज्यादा ओवर एक्टिंग मत कर और कल की मीटिंग की तैयारी कर मैं तुझे यही बोलने के लिए आया था
"राहुल ने वीरांश की तरफ देखकर कहा हां ठीक है हो जाएगा फिर वीरांश उसके रूम से बाहर चला गया
"रात हो गई थी...अविका अपने रूम में इधर-उधर टहल रही थी उसे बहुत भूख लगी थी पर उसे खाने के लिए साफ मना कर दिया गया था उसने खुद से कहा पता नहीं यह जल्लाद न जाने किस जन्म का बदला निकाल रहा है अरे अगर सजा देनी थी तो कोई और सजा देते पर भूखा तो मत रखते अब तो इस भूख के कारण नींद भी नहीं आएगी फिर वह बेड पर बैठ जाती है
"ठीक है कोई बात नहीं तुमने मुझे भूखा रखा है ना अब मैं इसका भी बदला लूंगी तुमसे तुम्हारा जीना हराम कर दूंगी
सुबह के वक्त...
"आज उसकी इंपॉर्टेंट मीटिंग थी विरांश नाश्ता करके बस ऑफिस के लिए ही निकलने वाला था वह राहुल को भी अपने साथ लेकर जा रहा था अविका वहा पर खड़ी सब देख रही थी उसने वीरांश से कहा तुम दोनों जा रहे हो तो मैं यहां अकेली क्या करूंगी,,
"विरांश ने बिना उसकी तरफ देखे कहा किसने कहा तुम इस घर में अकेली हो इस घर में बहुत सारे भूत है तुम उसके साथ रहना बोर नहीं होंगी
"भूत का नाम सुनकर अविका ने जल्दी से विरांश के बाजू पकड़ कर बोली नहीं नही प्लीज मुझे इस घर में अकेला छोड़कर मत जाओ मुझे भूतों से बहुत डर लगता है पता नहीं अगर वह मुझे मार कर खा गए तो मैं क्या करूंगी ,,
"विरांश ने उसके हाथों को झटका और घर से बाहर आ गया फिर उसने घर को बाहर से लॉक कर दिया,,
"अविका बहुत रो रही थी उसके रोने की आवाज घर से बाहर तक आ रही थी उसने डोर को पीटते हुए कहा प्लीज मुझे यहां से बाहर निकालो मेरा दम घुट रहा है यहां मुझे अकेले नहीं रहना प्लीज मुझे बाहर निकलो तुम मुझे इस तरह यहां छोड़कर नहीं जा सकते अविका रोते हुए फर्श पर बैठ गई और अपने मुंह को घुटनों में छुपा कर और ज्यादा रोने लगी
"विरांश जो गाड़ी में बैठकर मेंशन से बाहर निकलने वाला था अविका की आवाज सुनकर उसने ड्राइवर को गाड़ी रोकने को कहा और गाड़ी से बाहर निकाल कर घर के अंदर चला गया उसने जैसे ही डोर खोल सामने अविका अपने घुटनों में मुंह छुपा कर बैठ कर रो रही थी
"विरांश को अविका ऐसे देख कर उसने अपनी मुठिया कस ली डोर खोलने की आवाज सुनकर अविका ने अपना मुंह घुटनों से निकाल कर सामने देखा तो उसके सामने वीरांश खड़ा था
"वो जल्दी से नीचे से उठकर दौड़कर विरांश के गले लग गई उसने उसे काफी टाइटली गले लगाया था अविका के गले लगते ही विरांश के धड़कने काफी स्पीड से चल रही थी फिर उसने उसके बालों को सहलाते हुए कहा प्लीज don't cry तुम रोना बंद करो मैं कहीं नहीं जा रहा फिर उसने राहुल से पानी मांगा
"तो राहुल ने जल्दी से उसे पानी लाकर दे दिया फिर उसने अविका को अपने हाथों से पानी पिलाते हुए कहा पहले तुम पानी पियो और शांत हो जाओ अविका ने पानी पिया उसके बाद उसने फिर से रोते हुए कहा प्लीज मुझे यहां अकेला छोड़कर मत जाओ मुझे अकेले डर लगता है
"विरांश ने अविका की तरफ देख कर कहा पर तुम यहा अकेली नही हो यहा बहुत सर्वेट है...so don't worry...
"अविका ने छोटे बच्चो की तरह जीद करते हुए कहा नही मुझे यहा नही रहना
"ठीक है तो तुम मेरे साथ मेरे ऑफिस चलो लेकिन वहां कुछ भी गड़बड़ करने कि बिल्कुल भी मत सोचना समझी विरांश ने उसे वार्निंग देते हुए कहा
"अविका ने बात पर हामी भरी फिर वह लोग ऑफिस के लिए निकल गए थोड़ी देर बाद बो लोग ऑफिस पहुंच चुके थे उस ने अपने केबिन में अविका को बैठने को कहा और वहां से जाने लगा
"तभी अविका ने पीछे से आवाज देते हुए कहा पर मुझे भुख लगी है
"विरांश ने उसकी तरफ बिना मुड़े कहा थोड़ी देर में तुम्हारे लिए खाना आ जाएगा खा लेना इतना कहकर वो वहां से कॉन्फ्रेंस रूम में चला गया
"थोड़ी देर बाद अविका ने नाश्ता किया और उसका पूरा केबिन देखने लगी विरांश का केबिन बहुत खूबसूरत था केबिन का थीम ब्लैक और वाइट कलर के इंटीरियर में था सब चीज परफेक्टली रखा था
"केबिन में जिम मिनी रूम मिनी गार्डन बालकनी बनी हुई थी केबिन में एक बड़ा सा ग्लास विंडो था जहां से बाहर का सब देखा जा सकता था
"अविका ने खुद से कहा वाउ केविन तो बहुत खूबसूरत है उसने थोड़ी देर में पूरा केबिन देख लिया था फिर वह वहीं बैठी रही उसे बैठे-बैठे बहुत बोरियत हो रही थी
"काफी देर से वह बैठी थी उसे अकेले बैठे-बैठे अब डर लग रहा था फिर वह केबिन से बाहर निकल आई इधर-उधर देखते हुए कहां यह राक्षस कहां रह गया मुझे यहां छोड़कर पता नहीं कहां चला गया
"फिर उसे याद आया तो उसने अपने सर पर चपत लगाते हुए कहा हां उसने तो कहा था उसकी इंपॉर्टेंट मीटिंग है शायद वह अपने मीटिंग रूम में होगा मैं वही जाकर बैठ जाती हूं यहां अकेले बैठी बैठी क्या करूंगी
"कॉन्फ्रेंस रूम में सभी अपने-अपने जगह पर बैठे थे यहां पर बहुत बड़े-बड़े बिजनेसमैन थे जिनके साथ विरांश की मीटिंग हो रही थी प्रोजेक्टर पर कुछ प्रोजेक्ट एक्सप्लोर हो रहा था मीटिंग रूम में पूरा अंधेरा था
"तभी कोई आकर एकदम से विरांश की गोद में बैठ जाता है और उसके सीने पर सर रखते हुए कहा तुम इतनी देर से यहां बैठे हो तुम्हें पता है मैं तुम्हारा कब से वेट कर रही थी मुझे बहुत डर लग रहा था
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आगे की कहानी जानने के लिए अगला पार्ट जरूर पड़िएगा अगर आपको कहानी अच्छी लगे तो समीक्षा जरूर कर दीजिएगा