सॉरी आंटी जी मेने जान भुझ कर नही किया ,,,, ये रूम तो प्रीत दी का था ना ,,तो बस उसी चक्कर में ये सब होगया ,,,, वर्ना मुझे कोन सा पागल कुत्ते ने काटा है के ,, ,मै ये सब करू,,,,,,, राविया आशा जी से बोली जो उस समय रसोई में स्लेब पर बैठी मटर खाने में लगी... सॉरी आंटी जी मेने जान भुझ कर नही किया ,,,, ये रूम तो प्रीत दी का था ना ,,तो बस उसी चक्कर में ये सब होगया ,,,, वर्ना मुझे कोन सा पागल कुत्ते ने काटा है के ,, ,मै ये सब करू,,,,,,, राविया आशा जी से बोली जो उस समय रसोई में स्लेब पर बैठी मटर खाने में लगी हूई थी ,,,,,,,,, कोई बात नही ,,,,,,,,,, ,तुम लोग पहले मिले नही हो ना ,,,जब तुम पीछली बार आई थी ,,,,, तब फतेह दोस्तो के साथ घुमने गया था ,,,,,,,, ओर वो रूम प्रीत का ही था ,,,, पर दीवाली पर घर को पेंट किया तो दोनो ने रूम बदल लिए,,, आशा जी आलू के पराठे बनाते हूये बोली ,,,,,,,,, वही राविया मजे से स्लेब पर बैठी अपने पैर हिलाते हूए मटर खाने में लगी हूई थी ।
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दोपहर के बारह बजे
सर्दियो में दोपहर का मजा तो धूप में ही आता है ,,,,,, ओर उसी धूप का आनंद मान रही एक औरत जो चारपाई पर बैठी मटर निकाल रही थी ,,,ओर साथ ही खुश भी थी ,,,,, प्रीत जल्दी कर ना आती ही होगी ,,, वो औरत बोली ,,,, हां मां सब हो गया अब तो उस के आने की देर है देखना केसे रोनक आती है घर में ,,,, लड़की अंदर से बाहर आते हूए बोली जिस का नाम प्रीत है ,,,,, हा जी ओर ये बता के सब कुछ सही से हो गया ना मतलब उस का रूम तैयार करवा दिया ना ,,,,,,, औरत बोली ।हां मम्मी हो गया अच्छा मम्मी मुझे जाना होगा बुटीक से फोन आ रहा है ,,,,,,, जल्दी आ जाउ गी
बोलते हूय प्रीत ने अपनी स्कूटी निकाली ओर घर का मेंन गेट खोलते हूए बाहर चली गई। पता नही कब तक ये काम खत्म होगे ,,,, वो औरत बोलते हूये वापस से मटर निकालने लगी ,,,, मैं तो भुल ही गई पनीर तो मंगाया ही नही ,,औरत फोन उठाते हूए बोली ,,,,,,,,,,
अजी सुनिए आते हूए पनीर भी ले आना ओर हा कब तक आ रहे हो ,,,,औरत बोली ,,,
अजी आशा जी ,,,, ट्रेन लेट है ,,,,, आराम से तैयारी करो ,,, दूसरी तरफ से बोला गया
,,,,,,
जब भी मेरी बेटी को आना होता हे तो ये टरेन के पहीये पहले ही पंचर हो जाते है ,,,आशा जी झल्लाते हूए बोली ।
अजी टरेन के पहीये नही होते है देवी जी ,,,, दूसरी तरफ से आदमी हस्ते हूय बोली ,,, हस लो हस लो बलबीर जी ,,,,,,, आ रही है पता चल ही जाये गा ,,,,,,,,, औरत जानी के आशा जी बोली ।वो तो ठीक है ,,,,,,आपके साहबजादे उठे के नही सुरज सिर पर चड़ आया है ,,,,,, नही अब तो छुपने की स्थिति में है वो क्या कर रहे है ,,,,,,, बलबीर जी बोले ।
पुरी रात जागा है ,,,,,,,, सुब्ह ही सोया था ,,,तो मेने भी नही जगाया ,,, आशाजी उठते हूए बोली ,,,,, ओर मटर रसोई में रख कर आ गई। ठीक है घर आ कर मिलते है ,,,,,,,,,,,,,, बलबीर जी बोली ओर फोन रख दिया ,,,,, कैसी रही मेरी एक्टिंग,,,, बलबीर जी पास बैठी हूई लड़की को देख कर अपने कालर पकड़ उठाते हूए बोले ,,,, ,ओरिजनल,,, एक पल भी नही लगा के आप एक्टिंग कर रहे हो ,,,, वो लड़की बलबीर जी के कालर ठीक करते हूय बोली ,,,,,,,, अच्छा पुत्तर बैठ मै ना पनीर लेकर आता हूं ,,,,बलबीर जी बोले ओर गाड़ी एक तरफ लगा कर सामने की दूकान से पनीर लेने चले गए,,,,,,,,,,,
गाड़ी एक बड़े से घर के बाहर आकर कर रूकी ,,,, उस में से एक 19 साल की लड़की जिस ने रेड कलर का सुट ओर उसी कलर की कोटी पहनी हूई थी पैरो में बुट जो ठंड से बचने के लिए ही थे ,,,,,,,, वो उतरी ओर उस बड़े से दरवाजे को पार करके अंदर चली आई,,,,,,, धीरे धीरे चलती वो लड़की आशा जी के पीछे जा कर खड़ी हो गई,,,,,,,,, ओर उनको पीछे से गले लगाते हूए,,,,, ,कैसी है आप आंटी वो लड़की बोली ,,,,,, ,तो आशा जी हैरानी से उसे अपने आगे करते हूय,,,, राविया पुत्तर तु केसे आई ,,, तेरी ट्रेन तो बोलते हूय आशा जी ने राविया को गले से लगा लिया ,,,, झुठ बोला मुझ से ,,, आशा जी राविया का चेहरा अपने हाथो में लेते हूये बोली ,,, ओर नही तो क्या करती ,,,, ये जो खुशी मिली है ना इसे देखने के लिए ही तो किया मेने ,,,, राविया बोली ,,,,,,,, वही पीछे से बलबीर जी आते हूए,,,, लो जी आ गई आपकी बेटी अब तो ठीक है ना ,,, बलबीर जी उसी चारपाई पर बैठ गये ,,, जिस पर कुछ देर पहले आशा जी बेठी थी ,,,, अरे ये क्या है आशा जी ,,, तुस्सी शिलके नही चुक्के ,, बलबीर जी बोले ओर साथ ही सीरी को आवाज लगा दी ,,,,,,,,,,,, वही तो उठाने जा रही थी के तभी याद आया के ,,, आपको को बोल दू के आते हूए ढंगर डॉक्टर को लेते आये ,,,,,, ये भैंस कुछ ठीक नही लग रही सीरी(काम करने वाला जो खेत के ओर पशूयो की देख रेख के लिए रखा जाता है )ने बताया था मुझे ,,,,,,आशा जी बोली ,,,,,,, ,वही रविया हस्ते हूय ,,,, आंटी वेटरनी डॉक्टर बोलते है ,,,,,,, राविया बोली ,,,,,,,,,,, अच्छा दी अंदर है क्या मैं उन से मिल कर आती हूं ,,,,, रविया उठते हूये बोली ओर अंदर की तरफ चली गई,,,,, ये भी ना बिल्कुल नही बदली ,,, ,आशा जी बोलते हूय बलबीर जी को देखने लगी ,,,, क्या हूया आप क्या सोच रहे हो ,,, आशा जी बोली ,,कुछ नही बस इस प्यारी बच्ची के बारे में सोच रहा हूं ,,,,,,,, बस प्रीत की शादी के लिये आई है ,,,,,, पुरे चार साल बाद,,,, ,बलबीर जी बोले ,,,,,,,,, हा आप सही कह रहे है ,,,,, आशा जी बोली ,,,,,,,
के तभी किसी के चिलाने की आवाज आई ,,,,,,,,,, ये क्या हूया ,,, बलबीर जी बोले पता नही प्रीत तो घर पर नही है ,,, आशा जी बोली ,,,,,,, तो फिर राविया क्यू चिलाइ,,, बलबीर जी बोले,,,,,,,
किसी के चिलाने की आवाज आई ,,,,,,,,,, ये क्या हूया ,,, बलबीर जी बोले पता नही प्रीत तो घर पर नही है ,,, आशा जी बोली ,,,,,,, तो फिर राविया क्यू चिलाइ,,, बलबीर जी बोले,,,,,,,
दोनो अंदर की तरफ चल दिए,,,,,,, तो किसी के बोलने की आवाज आ रही थी ,,,,, ये क्या हे ,,, आशा जी रूम में आते हूए बोली ,,,,,,, इस की हिम्मत केसे हूई मेरे रूम में आने की ,,, आइ तो आइ ,,,मेरे उपर नाचने लगी ,,,,, इसे दिखा नही के मैं सो रहा हूं ,,, और ये यहां मेरी पीठ पर सटेपू खेलने लग गई,,,
एक लड़का जो उम्र में कुछ 21- 22 का होगा ,,,, वो राविया को देखते हूए गुस्से में बोला ,,,ओर साथ ही उसे घुरे भी जा रहा था ,,,, वही राविया जो कुछ देर पहले चिलाइ थी वो एक तरफ कोने में खड़ी नजरें नीचे करे हूए थी
रब राखा
किसी के चिलाने की आवाज आई ,,,,,,,,,, ये क्या हूया ,,, बलबीर जी बोले पता नही प्रीत तो घर पर नही है ,,, आशा जी बोली ,,,,,,, तो फिर राविया क्यू चिलाइ,,, बलबीर जी बोले,,,,,,,
दोनो अंदर की तरफ चल दिए,,,,,,, तो किसी के बोलने की आवाज आ रही थी ,,,,, ये क्या हे ,,, आशा जी रूम में आते हूए बोली ,,,,,,, इस की हिम्मत केसे हूई मेरे रूम में आने की ,,, आइ तो आइ ,,,मेरे उपर नाचने लगी ,,,,, इसे दिखा नही के मैं सो रहा हूं ,,, और ये यहां मेरी पीठ पर सटेपू खेलने लग गई,,, एक लड़का जो उम्र में कुछ 21- 22 का होगा ,,,, वो राविया को देखते हूए गुस्से में बोला ,,,ओर साथ ही उसे घुरे भी जा रहा था ,,,, वही राविया जो कुछ देर पहले चिलाइ थी वो एक तरफ कोने में खड़ी नजरें नीचे करे हूए थी ,,ओर शायद मुस्कुरा भी रही थी ,,,, क्या सटेपू खेला राविया ने ,,,, आशा जी हैरान होकर बोली ,,,ओर साथ ही राविया को देखने लगी ,,,,,,,,, हा यही कह रहा हूं में ,,,वो लड़का राविया को घुरते हूये बोला ,,,,,,,,,,, पर पुत्तर तु तो सो रहा था ना ,,, तो राविया स्टेप केसे खेल सकती है तुम्हारे साथ,,,,,,,, बलबीर जी बोले ,,,,, हसी तो उनको भी आ रही थी ,,,,, पापा आप भी,,,, बोला तो मेरी पीठ पर स्टेपू खेल रही थी ये ,,, ,,,वो लड़का राविया को घुरते हूये बोला ।
चल कोई बात नही फतेह,,,,वेसे भी तो अब उठना ही था ना ,,,,, तो राविया ने उठा दिया ,,,,,,, चल कोई ना ,,, ,जा फ्रेश होजा ,,,फिर तूम दोनो नाश्ता कर लो ,,,,, आशा जी लड़के जानी फतेह के चेहरे को सहलाते हूए बोली ,,, ओर राविया को अपने साथ लेकर चली गई,,,,,,,
राविया ,,, तो ये है रविया जिस की बाते पापा मम्मी करते है ,,,,,,, फतेह वही बेड पर बेठे हूए बोला ,,,, ओर जब उठने लगा तो पीठ में दर्द हूया ,,, तुम्हे तो छोड़ूंगा नही में ,,,,, फतेह बोला ,,,,,,,,ओर उठ कर बाथरूम में चला गया ।
सॉरी आंटी जी मेने जान भुझ कर नही किया ,,,, ये रूम तो प्रीत दी का था ना ,,तो बस उसी चक्कर में ये सब होगया ,,,, वर्ना मुझे कोन सा पागल कुत्ते ने काटा है के ,, ,मै ये सब करू,,,,,,, राविया आशा जी से बोली जो उस समय रसोई में स्लेब पर बैठी मटर खाने में लगी हूई थी ,,,,,,,,, कोई बात नही ,,,,,,,,,, ,तुम लोग पहले मिले नही हो ना ,,,जब तुम पीछली बार आई थी ,,,,, तब फतेह दोस्तो के साथ घुमने गया था ,,,,,,,, ओर वो रूम प्रीत का ही था ,,,, पर दीवाली पर घर को पेंट किया तो दोनो ने रूम बदल लिए,,, आशा जी आलू के पराठे बनाते हूये बोली ,,,,,,,,, वही राविया मजे से स्लेब पर बैठी अपने पैर हिलाते हूए मटर खाने में लगी हूई थी ।
मम्मी भुख लगी है मुझे ,,,, जल्दी करो ,,, बाहर से आवाज आई ,,तो रविया जो पैर हिला रही थी ,,,, वो रूक गई,,,,,,,,, हा ला रही हूं बोलते हूये आशा जी फतेह को नाश्ता देने लगी ,,, राविया चल आ तू भी खा ले ,,, आशा जी बोली ,,,,,,,तो राविया बाहर आई ओर बीना फतेह की तरफ देखे ,,,,,, चुप चाप खाने लगी ,,, वही फतेह पुरे एटीट्यूड में उसे ही देखे जा रहा था ,,,,,,,,,,,,
आइये जानते है इनके बारे में ,,,,,, फतेह देखने में ही हीरो के जेसे ,,,,,,,, अकड़ भी उतनी ही ,,,,,,,,, उस का बस चलता तो राविया को वो घर में आने ही नही देता ,,,, कयूके अपने मम्मी पापा से हमेशा ही उस की बातें सुनता था जिस से उसे चिढ़ होने लगी राविया नाम से ही ,,,,,ओर दुश्मन मान बेठा था उसे ।
राविया देखने में ठीक ठाक सी ,,, रंगा गेहूया,,,, ओर ओसत लंबाई,,,,,, पर कुछ तो था उस के चेहरे में के कोई देखे तो फिर से देखने के लिये जरूर मुड़ कर देखे ,,,,,,,,,
मम्मी दी का फोन आया था उनकी स्कूटी खराब हो गई है तो मैं उनको लेकर आता हूं ,,,,, फतेह खाना खा कर उठा ओर बोलते हूये चला गया ,,,,,, राविया ने भी एक बार उसे नही देखा ,,,,,,,,, ओर वो उसे घुरते हूये ही गया ,,,,,,,, कुछ देर बाद बाहर से बुलेट की आवाज आने लगी ,,, जानी के फतेह जी चलेगये ,,,तो राविया ने गहरी सांस ली ,,,,,,, आंटी जी चाये मिले गी ,,, राविया बोली ,,,,,मै तो भुल ही गई के तुझे खाने के साथ चाये पीनी होती है ,,,,,आशा जी चाये का कप टेबल पर रखते हूए बोली ,,,,,,,,,, ओर खुद भी चाये पीने लगी ।
ये रहा रूम अब तुम भी आराम कर लो ,,,,,, आशा जी राविया को रूम दिखाते हूए बोली ,,,,, बहुत सुंदर है ,,,,,राविया बोली ,,,,, चलो ठीक है ,, तुम आराम करो ,,,,,, आशा जी बोलते हूय बाहर चली गई।
राविया अपना सामान बेड पर रखने लगी जिस में उस के कपड़े ओर किताबें थी ,,बस यही सामान वो अपने साथ लाई थी ,,,,,,, के तभी उसे बाहर से बुलेट की आवाज आई ,,,, ओर राविया जल्दी से बाहर की तरफ चल दी ,,,,, प्रीत उसे बाहर ही मिल गई,,,
दी ,, राविया बोलते हूय प्रीत के गले लग गई ओर प्रीत ने भी राविया को गले लगा लिया ,, दोनो आपस में बाते करती हुई रूम में आ गई,,, ,वही फतेह जिस के हाथ में बैग थे वो बस देखता ही रह गया ,,,,,,,, ये क्या बात हूई वो अब आइ है ओर दी मुझे भुल गई,,, वो खुद से ही बोला ,,,,,, ओर अंदर की तरफ चल दिया ,,,,,, फतेह प्रीत के रूम में पहुंचा तो देखा के राविया ओर प्रीत दोनो बाते करने में बिजी थी ,,, तो फतेह बैग को वही बेड पर रख कर वापस निकल गया उसे अब बहुत गुस्सा आने लगा था पर वो खुद को शांत ही बनाये रखा ,,,,, इसे क्या हूआ,,,, ,प्रीत फतेह को जाता हूया देख कर बोली ,,,, वो दी मुझे लगा के आपका रूम है ओर मैं बस उसी रूम में चली गई ओर बीना देखे ,,,,,,, इस महाशय पर कूदने लगी ,,,, बस उसी का गुस्सा है ,,,,,, राविया बोली तो प्रीत भी हैरान सी उसे देखने लगी ,,,,, ,सच्च में ,,,प्रीत बोली तो राविया ने हां में सिर हिला दिया ,,,, दोनो हसने लगी ,,,,,, इतना के लोट पोट हो गई,,, पागल है तू ,,,,,, प्रीत राविया के सिर पर हल्के से मारते हूए बोली ,,,,,,,,,,
रब राखा
रात के खाने के बाद सब लोग बैठे थे सिवाय फतेह के ,,,,,,,,, अच्छा राविया बेटा कहां सलेक्शन हूया तू बोल रही थी के यहां आ कर बताओ गी ,,, अब बता ,,,,,- बलबीर जी बोली ,, ,सारे आग के चारो तरफ बैठे हूए थे ,,,,,,, जी अंकल जी ,, GNDU MCAमें हूया है ,,, राविया मुंफली को शिलते हूये बोली ।,, तो सब के चेहरे पर स्माईल आ गई,,,,,,,,,, चलो ये ठीक है ,,,,,,, अब तो घर की बात हो गई,,, फतेह भी वही जाता है ,,,, वो चौथे साल में है ,,,,,,, बलबीर जी बोले ,,,, ओर नही तो क्या घर से जायेगी ओर घर ही आजाये गी,,, आशा जी बोली । मैं अभी फतेह को बुला कर लाती हूं ,,,,, प्रीत बोलते हूय चली गई,,, पर दी मेरी बात तो सुनो राविया बोलती ही रह गई,,,,,, क्या हूया तु परेशान लग रही है ,,,,, आशा जी राविया के सिर पर हाथ रख कर बोली ,,,,,,, आंटी जी मैं घर पर नही रह सकती ,,,मै हॉस्टल में रह लूगी ,,,,, आप सब को खामखा परेशानी होगी ,,,,, राविया बोली ।
लगता है अभी तक तूने हमे अपना नही समझ,,, इस लिए ये सब बोल रही है ,,,, आशाजी बोली ।नही आंटी जी एसी कोई बात नही है ,,, आप ही तो है जिने में जानती हूं ,,,, राविया आशा जी के हाथ पकड़कर बोली ।तो फिर यहां रहने में क्या प्रॉब्लम है ,,,, पीछली बार भी हमने नही रोका था ,,, ओर अब तो हमारे पास रह कर भी दूर रहेगी ये सही नही है ,,,,, बलबीर जी बोले ।
ओर प्रीत भी तो अब कुछ दिनो में चली जायेगी ससुराल मैं तो अकेली हो जाऊ गी ना ,,,,,,मुझ से तो कोई बात भी नही करता ,,, आशाजी भावुक होते हूये बोली ,,,,,,, तो बलबीर जी के चेहरे पर स्माईल आ गई,,,वही राविया उनको देख कर परेशान हो गई,,, ठीक है आंटी जी आप ऐसा मत करो मैं यही रहूंगी बस आप रोना मत , राविया बोली । सच्च में ,,,,, आशाजी बोली ,,,, हा जी सच्च में ,,,, राविया बोली ।तो आशा जी ने उसे अपने गले से लगा लिया ,,, तभी वहा फतेह का हाथ पकड़े प्रीत उसे ला रही थी ।
वाह आज फतेह जी अपने रूम से बाहर कैसे ,,,, बलबीर जी बोले ,,,,,,, आप तो जानते है मैं दी को नही टाल सकता बस आ गया ,, फतेह बैठते हूए बोला ,,,,,,,,,,, बोलिये दी क्या बात करनी है ,,, फतेह मुंफली खाते हूए बोला ,,,, बात ये है कि मैरी शादी है ,,, ,प्रीत हाथ आग के आगे करते हूय बोली । क्या दी मैं ना अपना काम छोड़ कर आया हूं तो कोई काम की बात हो तो बताये ,,,, फतेह बोला ।
काम की बात है कि ,,,, राविया को भी ,,,,,,, GNDU में सीट मिली है ओर ,,,ओर उसने भी ऐम सी ए लिया है ,,,,, प्रीत खुश होते हूए बोली । तो इस में खुश होने वाली कोन सी बात है ,,,,, हर साल बहुत बच्चे अप्लाई करते है ,,, फतेह ने राविया को देखा जो नीचे ही देख रही थी ,,, ,ओर फिर प्रीत को देखने लगा ,,,,,,,,, चलो कोई बात नही कल तू राविया के साथ चले जाना ओर सारी फोरमेलटी पुरी कर आना ,,,,,,,, बलबीर जी बोले ,,पर पापा मै क्यू ,, फतेह बोला ,,,, बस ये एक काम कर दे फिर तूमहे कुछ नही कहने वाला ,,,,, बलबीर जी बोले । ठीक है ,,,, कल तैयार रहना आठ बजे,,,, जाने में भी एक घंटा लगेगा ,,,,,,,,,,,,, ओर अपने सारे डाक्यूमेंट ले लेना ,,,,,, फतेह बोला ।तो रविया ने हा में सिर हिला दिया ,,,,,,,,, चलो अब बहुत ठंड हो गई सब लोग रूम में चलो ,,, बलबीर जी बोले ।सब लोग उठ कर चले गये ,,,,,,,
अब ये महारानी यहा रहे गी ,,,उपर से पापा की लाडली ,,,,,,अब तो कालेज भी सेम है ,,,,,,पक्का सुबह तक कोई ओर ऑर्डर आयोगा पापा से ,,, फतेह अपने रूम में आकर, बोला ,,,,,, ओर साथ ही अपना लॉपटाप उठा कर साइड किया ओर लेट गया । फोन पर बीप हूई तो फोन देखा तो उस पर मेसेज था ,,,,,,, तुम्हे भी सुबह ही देखूंगा अभी तो सोना है ,,,, फतेह फोन साईड रखते हूए बोला ।
अरे तुम तैयार भी हो गई,,, ,आशा जी राविया को देख कर बोली ,,, हां आंटी जी रात को बता दिया था तो हो गई तैयार राविया अपना बैग देखते हुए बोली ,,,,, चल चाये पी ले,,,,,,, ठीक है आंटी जी बोलते हूय राविया उनके पीछे पीछे चल दी ,,,,,,,
अच्छे से कवर करके जाना बाहर बहुत ठंड है ,,,,,,,,,,, आशाजी बोली ,,,,,,,, मम्मी मै तो रोज जाता हूं मुझे तो कभी कहा नही ,,,,,,,, फतेह गुस्से से बोला ,,,, रोज तो बोलती हूं तूझे पर तू तो अपनी फटफटी पर बैठ कर निकल जाता है ,,,,,, आशा जी बोली । बुलेट है फटी फटी नही ,,,,,,,,फतेह आशा जी को देख कर बोला ।अच्छा फतेह किस से जायेगा फटफटी से जा कार से बलबीर जी डाइनिंग चेयर पर बैठ ते हूये बोले ,,, तो राविया जो इतनी देर से चुप बैठी थी उस की हसी निकल गई,,,, ओर फतेह उसे घुर कर देख ने लगा ।पापा बुलेट है वो मेरी ,,,, फतेह गुस्सा करते बोला ,,, हां वही ,,,, पर आवाज तो फटी सी ही रहती है ना ,,,, बलबीर जी सब्जी अपनी प्लेट में रखते हूए बोले ,,,,,, कार से ही जाऊंगा ,,, आपकी प्यारी महमान भी तो जाये गी साथ,,,, फतेह बोला ,,,, चल ठीक है गुड़ के दो पैकेट रखे है ,,,, ताजा बना है तो दूकान पर छोड़ देना ,,,,, बलबीर जी खाना खाते हूए बोले । ठीक है पापा ,,,, बोलते हूय फतेह उठा ओर अपने रूम में चला गया ,,, वहां से अपनी जरूरी बुक्स लेकर वो बाहर आया ओर कार की चाबी लेते ,,,,,,,,हूये खाना होगया हो तो आ जान बाहर,,,, फतेह बोला ओर बाहर की तरफ चला गया ,,,,,,,, अच्छा आंटी जी मैं चलती हूं बोलते हूये राविया उठी ,,, बेटा एक मिनट,,बलबीर जी बोले ,,,,,, तो राविया उनकी तरफ चल दी ,,, ये रख ले जरूरत पड़े गी ,,,,,, बलबीर जी राविया के हाथ में एक पेकिट रखते हूये बोले ,,,,,,,,,,,,,,,
रब राखा
क्या अंकल जी पता तो है आपको मेरे अकाउंट में हर महीने पेसे आ जाते है ,,,,, राविया बोली ,,,पर बेटा ये रख ले ना ,,,,,, काम आये गे ,,, बलबीर जी बोले ,,,,,,,,,,,,, ठीक है अभी तो आप ही रखो मुझे जब जरूरत हो गई तब ले लूगी,,,,,,,,,,राविया बोली ,,,,, पर बेटा ,,, बस अंकल जी अब ओर कोई बात नही ,,,, ,मुझे जाना है देर हो रही है ,,,, राविया बोली ओर बाहर निकल गई,,,, आशा जी ने बलबीर जी के कंधे पर हाथ रख दिया ,,,,,,,,,,, मां बाप के गलत फैसलो में बच्चे पीस जाते है ,,,आशा ,,, जिस की उदाहरण राविया है ,,,,,,, बलबीर जी उदास मन से बोले ,,,,,,, हम है ना उस के साथ आशा जी बोली ,,,,,, ओर बलबीर जी सिर हिला कर खाना खाने लगे ,,,,,,,
आ गये आप दी ,,, राविया प्रीत से बोली ,,, जो उस समय गुरूद्वारे से माथा टेक कर आ रही थी ,,, हा ओर ये ले प्रसाद ,,, प्रीत अपने हाथ में पकड़ी कटोरी में से प्रसाद राविया को देते हूया बोली ,,,,,,,, ठीक है दी शाम को बात करते है ,,,राविया जाते हुए बोली ओर प्रीत अंदर की तरफ चल दी ,,,,,,,
फतेह ने गुड़ के पैकेट पीछली सीट पर रख दिए थे ,,,,, ओर वो बैठने ही वाला था के ,, राविया भी आ गई,,,,,, फतेह ने उसे घुरते हूए देखा ओर ड्राइविंग सीट पर बैठ गया ,,,,,,, राविया ने पहले पीछली सीट को देखा जो पहले ही भरी हुई थी ,,, ओर फिर आगे का दरवाजा खोल कर बैठ गई। कल से रावाया आई थी ,,,पर दोनो में एक भी बात नही हूई थी ,,, सावाये फतेह के साथ हुये उस वाक्य से जिस में राविया फतेह की पीठ पर स्टेपू खेली थी ,,, फतेह की जुबान से ।
दोनो गाड़ी में बेठे थे तो वही फतेह ने गीत लगाए हूए थे ,,,,,,, पर राविया को कुछ अच्छे नही लगे तो उस ने कानो में लीड लगाइ ओर फोन से कुछ गाने सेट करके सूनने लगी ,, ,वही फतेह उसे ही देख रहा था ,,ओर अब तो गुस्सा भी आ गया था ,,, एक तो फतेह उसे अपने साथ ले कर आया ओर कल के लिए इस लड़की ने सॉरी भी नही कहा ,,, वो मन ही मन बड़बडा रहा था ।पर राविया इस सब से बेखबर बाहर की तरफ देख रही थी ,,,,,,,।
गाड़ी एक गांव से दूसरे गांव से होकर निकली तो फतेह ने एक सुपर स्टोर के आगे गाड़ी रोक दी ,,,,,, ओर उतर के उस सुपर स्टोर में चला गया ,,,राविया कुछ नही बोली ,,,, कुछ देर में दो लड़के आये ओर पीछे की सीट से गुड़ के फैक्ट निकलकर अंदर चले गये ,,,ओर फतेह ने फिर से गाड़ी चला दी ,,, आगे का रास्ता भी ख़ामोशी में ही कट गया ,,,,,,,, कालज कैंपस में गाड़ी पार्क की ,,,, ओर फतेह वहा से निकल कर एक तरफ रूक गया वही राविया भी उस के पीछे ही आने वाली थी के फतेह ने उसे वही रोक दिया ,,,,,, मेरे पीछे आने की जरूरत नही है ,,,,,, मैं तुम्हे ओर तुम मुझे बिल्कुल भी नही जानती हो ,,, ओर हा यहा पर जान पहचान बनाने की जरूरत नही है मुझ से तो दूर ही रहना , ओर आखरी बात,,, वो रही बिल्डिंग यहां पर तुम्हारे सारे काम करने है ,,,,, समझी ,, फतेह सब कुछ बोल गया ओर राविया का जवाब सुने बनने ही वहां से चला गया ।
हैं ये है क्या,,,,, राविया जाते हूए फतेह को देख कर बोली ,,,, ओर अपना सिर झटक कर ,,,,,,, उस बिल्डिंग की तरफ चल दी ,,,,,राविया को उमीद थी के ऐसा ही होगा,,,तो वैसा ही हूया ,,,,,,,, वही फतेह अपने ग्रूप की तरफ चला गया जिस में चरन ओर कुकु थे ,,,,,,,ये दोनो फतेह के जिगरी दोस्त है ,,,,,, ओर फतेह के जेसे ही डेशिग भी ,,,,,,,,, क्या हूया तेरा मुह क्यू उतरा है ,,,,,, चरन फतेह को आता देख कर बोला ,,,, तो कुकू ने भी उसे देखा ,,, आज कोन सी नई बात है ,,,कुकु बोला ,,,, हा वेसे बात तो नई नही है पर फिर भी पुछना तो बनता है ना ,,,कही बंदा हमसे ही नाराज ना होकर बैठा रहे ,,,,,चरन बोला । बहुत मजा आ रहा है ना तुम दोनो को ,,, फतेह बोला । क्या करे तेरा चेहरा ही बता देता है कि तु कोन से मुड़ में है ,,,,,,,,कुकु बोला ।अच्छा तुने तो जेसे पी एच डी कर रखी है ना के चेहरा देख कर ही जान जाता है के सामने वाला किस मुड़ में है ,,,,, फतेह बोला ,,,,अच्छा बाकी की बाते बाद में कर लेना अभी तो ये बताओ के तुम दोनो ने प्रोजेक्ट बनाया के नही ,,,,,,,,,,,चरन दोनो को देख कर बोला ,, मेरा प्रोजेक्ट तो पुरा है ,,,,,,, तुम दोनो अपना देखो ,,,,,, मेने तो कर लिया है ,,,,,,, फतेह मुस्कुरा कर बोला ।तु तो हर बार कर ही लेता है पर हम लोग क्या करे ,,, चरन बोला ,, ,कल तक सबमिट करवाना है तो ,, मेरा तो हो जाये गा ,,,,,,, कुकु बोला । मै तो आज तेरे घर आ रहा हूं ,,,, ओर तु ही मेरा प्रोजेक्ट बनाये गा ,,, चरन बोला मै भी आ रहा हूं ,,,,,,, कुकु चहकते हूए बोला ,,,,, घर है मेरा ,,,, समझे हर तीसरे दिन पहुंच जाते हो भुखड़ कही के ,, फतेह बोला ,,, क्या करे यार आंटी जी के हाथ की बनी चाये ओर पकोड़े आ हहहहा,,,,, चरन अपनीया ऊंगलीया लिक करते हूय बोला जेसे वो पकोड़े ओर चाये उस के सामने ही हो ,,,,,, हा चलो आज फिर तेरे घर अडे है ,,,, कुकु बोला ,,, पहले अपने फोन से तो बाहर निकल,,,,, जब देखो उसी में घुसा रहता है ,,,,,,, फतह कुकु के सिर पर हल्के हाथ से मारते हूए बोला ,,,, ,ओर तीनो अपने डिपार्टमेंट की और चल दिए,,,, फतेह तो पुरी तरह से राविया को भुल गया था ,,,,,,
वही दूसरी तरफ राविया अपने काम में लगी हूई थी ,,,,,,,, उस ने सारी फोरमेलटी पुरी कर ली थी ,,,,, ओर फतेह के बताये मुताबिक अभी समये था जाने में तो राविया लाइब्रेरी कार्ड भी बनाने चली गई। वो खुश थी के उस का काम हो गया है ,,,, अब वो भी कालेज आया करेगी इसी बात से वो खुश थी ,,,,,,,,,,,,,,,,
रब राखा
राविया कुछ देर तक लाइब्रेरी में ही रही ,,,,,,, उस ने कुछ बुक्स इशू करवा ली थी ,,,,,, और फिर समय देखा तो एक घंटा था जाने में ,,,,, ,,,,,, तो वेसे भी किसी को जानती तो नही थी इस लिए अकेले ही कैंटीन चली गई,,,,,,,
राविया बैठी गर्म चाय की चुस्की ले रही थी ,,,,,,,,,,,, ओर बाहर की धूप में बैठी हूई अपने फोन में कुछ देख रही थी ,,,,,,,,,, इसी बीच उसे एक आवाज सुनाई दी जो उसे कल से ही सुनाई दे रही थी ,,,, ,रविया ने उस तरफ देखा तो फतेह अपने दोनो दोस्तो के साथ बैठा बाते कर रहा था ,,,,,, ,राविया ज्यादा ध्यान ना देती ,,,,पर उस का ध्यान तब उस तरफ ज्यादा गया ,,,,,,, जब एक लड़की आकर फतेह की साइड वाली कुर्सी पर बैठ गई,,,,,,, ओर फतेह का हाथ पकड़ लिया,,,, ओ तो इस सड़ू की गर्ल फ्रेंड भी है ,,,राविया ने उन दोनो को देखते हूए कहा ,,,,, सुंदर तो बहुत है ,,,,, राविया मन ही मन बोली ,,,,,, कयूक वो लड़की की हाईट फतेह से मेल खाती थी ,,,,,ओर रंग रूप से भी एक दम हिरोइन जेसे लग रही थी ,,,,,,,,,, तो राविया ने वापस से अपना ध्यान अपनी चाय पर लगा लिया ,,,,,,,,
जस तु कब आई ,,,, चरन उस लड़की को देख कर बोला ,,, जस (जसप्रीत) बस अभी अभी आई हूं ,,,, वो आज भाई के साथ ही आइ हूं वो भी सिलेक्ट हो गया है ,,,,, तो बस उसी का काम कर रही थी ,,, जस बोली । ओर फतेह को देख कर ,,,,, रात में तुमने मेसेज का रिप्लाई नही किया क्या बात है ,,,, जस नाराज सी बोली ओर फतेह की चाये उठा कर पीने लगी । कूछ नही बस थोड़ा थक गया था ,,,, ,फतेह ने साफ झुठ बोला ,,, असल में जस की बात से उसे याद आया के उस के साथ राविया आई है ,,,, ओर अब वो चरन ओर कुकु को अपने साथ ले कर जाने वाला था ,,,, ,अब सब को पता चल जाये गा ,,, वो मन ही मन सोच रहा था ।
चलो ठीक है फतेह मैं तुम से कल मिलती हूं ,,,,,, भाई बाहर वेट कर रहा है ,,, ,जस अपने फोन को देखते हूए बोली ओर तीनो को बाये बोल कर चली गई। चलो तुम लोगो को भी छोड़ना है ,,, फतेह चरन ओर कुकु से बोला ,,, तो तीनो भी उठ कर चल दिए,,,,वही उसी समय राविया ने वापस पलट कर देखा क्यूक अब समय हो गया था जाने का पर फतेह वहां नही था ,,,,,,,, राविया ने इधर उधर देखा तो फतेह उसे जाता दिखाई दिया ,,,, राविया अपना बैग संभालते हूए,,,,,,,उस के पीछे पीछे ही चल दी ,,,, फतेह की बात उसे याद थी के किसी को पता ना चले के वो उस के साथ आई है ,,,तो इसी बात को ध्यान में रखते हूए राविया ने फतेह को आवाज भी नही लगाई ,,,,,,,,,पर ये क्या फतेह तो बैठ कर अपने दोस्तो के साथ निकल गया ओर कार बिल्कुल राविया के पास से ही निकाली ,,,,,,,,, ओर राविया तो बस देखती ही रह गई,,,,,,,,, ये है क्या सच्च में सड़ू है ये ,,, राविया जाती हूई कार को देख कर बोली ,,,,,,,,,,,,,,, वही फतेह जो ड्राइव कर रहा था ओर साइड मिरर से राविया को देख कर स्माईल कर रहा था ,,,,, तुम्हे तो घर से निकाल कर ही रहूंगा,,, वो मन ही मन बोला ।ओर फिर गाड़ी आगे बड़ा दी ।
राविया ने उसी समय कैब बुक की ,,,, ,ओर चल पड़ी अंकल के घर की ओर ,,,,,,,,,,, वो खुद में ही हस रही थी ,,, ओर साथ ही सिर झटक कर बाहर की ओर देखने लगी ,,,,,,,,,,,,
राविया गेट के बाहर उतरी ओर ड्राइवर को पेसे दिये ,,, जेसे ही वो अंदर आने लगी तभी फतेह भी अपनी कार लिए आ गया ,,,,,,,, ओर रावाया को देख कर गाड़ी का दरवाजा खोल दिया ,,,,,,,,, पहले तो वो समझी नही पर जब फतेह ने उसे घुर कर देखा तो वो जल्दी से बैठ गई,,,,,,,,ओर फतेह ने गाड़ी घर के अंदर ले ली ,,,,,,,,,,, आगये तुम दोनो ,,,, आशा जी दोनो को देख कर बोली ,,, ओर केसा रहा आज का दिन ,,,,,,,,,,, आशा जी राविया से बोली ,,, बहुत अच्छा ,,,राविया बोली ,,,,,,,,,,,,,,
फतेह तो बस चिढ़ कर ही रह गया के उस की मम्मी पहले उसे पुछती थी आज इस लड़की को पुछ रही है ,,, वो बस देखता ही रह गया ,,, ,अच्छा आंटी जी में चेंज करके आती हूं ,,,, राविया बोली ओर उपर के रूम में चली गई,, ,जिसे राविया के लिये ही सेट किया गया था ,,,,,,,,,,,,,
मम्मी आप ना बदल गये हो ,,,, वो लड़की पता नही कोन है वो कल आइ है ,,,, ओर आप मुझे भुल गये ,,, ,बस वही लड़की रह गई है सब कुछ आपके लिए फतेह खिजते हूए बोला ,,,,,,,,ओर अपने रूम की ओर चला गया ,,,,,, अब एसे कहा हूया,,, राविया ने उपर रेलिंग से देखा ,,,ओर फिर अपने रूम में चली गई। वही आशा जी फतेह की बात सून हैरान रह गई अब इसे क्या हूआ,,, वो बोली ओर रसोई की ओर,,,,,चली गई।
आज का दिन केसा रहा ,,,,प्रीत जो राविया के रूम में आ रही थी ,,,,,,, ओर दरवाजे पर खड़ी थी वो बोली ,,,, बहुत अच्छा रहा दी ,,राविया बोलते हूय बैड से उठी ओर प्रीत का हाथ पकड़कर उसे अपने पास ही बैठा लिया ,,,,ये दूद पी ले गुड़ वाला है ,,,,,प्रीत दूद का गिलास राविया की तरफ बढ़ाते हूए बोली । गुड़ वाला दूद ये तो पुरा पीयू गी राविया खुश होकर बोली ,,,, ओर प्रीत उस का चेहरा देख रही थी ।तु कैब से क्यू आई ,,,,, प्रीत ने साफ साफ शब्दों में पूछा,,,,,,,,, आप क्या कह रही है दी ,,,,,,, राविया बोली ,,, देख मुझ से झुठ ना ही बोल तो सही है ,,,, मैं छत पर थी पुनीत से बात कर रही थी तभी मैने तुम्हे कैब से उतरते हूए देखा ,,, प्रीत बोली ।
ओये होये जीजू से बात कर रहे थे आप ,,, ,तो ध्यान भी उधर ही देते इधर उधर क्यू दे रही थी ,,,, राविया बोली ओर फिर दूद पीने लगी ,,,,,,,, क्या हूया राविया ,,,फतेह ने कुछ कहा है क्या ,,, प्रीत बोली ।अरे दी वो सड़ू को ना ,,,,मतलब आपके भाई को ना अपने दोस्तो के साथ जाना था तो मेने कैब कर ली ,,, राविया प्रीत के हाथ पकड़कर बोली,,, पक्का ना ,,, प्रीत बोली ।हा पक्का,,राविया बोली ,, चल सो जाओ अब ,,,, ओर हां कल हम सब बाजार जा रहे है तो तैयार रहना तुझे कैंपस से लेलेगे ,,,,,, प्रीत बोली ओर चली गई,,,, राविया भी दूद का गिलास पीकर लेट गई।
रब राखा
क्या कर रही है तू ,,,, ,आशा जी रसोई में आते हूए बोली ,,, कुछ नही आंटी जी बस चाये बना रही थी ,,,,,,,, राविया बोली । बेटा अभी छः बजे है ,,,,,,,, ओर बाहर ठंढ है तु क्यू इतनी जल्दी उठ गई,,,,, आशा जी बोली जिनके हाथ में दूद की बाल्टी थी ,,,,, उसे स्लेब पर रखते हुए बोली ,,,,,, ,हां वो जल्दी आंख खुल गई थी ,,,,, राविया बोली ।
बहुत ठंढ है मैने तो सीरी को भी बोल दिया के बाकी काम बाद में कर ले ,,,,, अभी सो जाये जाकर ,,,, आशा जी गैस पर ही हाथ सेकते हूए बोली ,,,,,,,,,,,,,, तो राविया हस दी ,,,,, चलो चाये पीते है ,,, राविया ने चाये कप में डाली ओर बाहर की तरफ चल दी ,,,,,,,,,, अरे अपने अंकल के लिए भी ले जा ,,,,,, आशा जी बोली ,,, ,अंकल जी उठ गये ,,, राविया हैरान होते हूए बोली ,,,, हां वो तो सुब्ह ही उठ जाते है ,,, गुरूद्वारे गये है आते ही होगे ,,,आशा जी बोली तभी बलबीर जी भी रसोई में ही आ गये ,,,,,, जिन्होने लोई( शोल) की की बुकल मारी थी ,,,,,,,,,,,, प्रसाद आशा जी ओर राविया को देते हूय,,,,,,,,,राविया पुत्तर तु क्यू उठ गई,,,, बलबीर जी बोले ,,,,,,बस एसे ही ,,, राविया बोली ओर तीनो बलबीर जी के रूम में ही चले गये ओर रजाई में बैठ कर चाये का मजा लेने लगे ,,,,,,,,,, ओर गप्पे मारने लगे ।
राविया क्या हूया रात को नींद नही आई क्या ,,,,,,, बलबीर जी बोले ,,,,, नही अंकल जी वो बस नई जगह हे तो आदत हो जाए गी,,,, राविया बोली ।दिसंबर छुरू हो गया है ,,,,,,ओर बस एक महीना ही रह गया है ,,,,,,,, तो जो भी तैयारी हो वो कर लो आप ,,,,,,, बलबीर जी आशा जी से बोले ,,,,,,,,,, पर शादी तो छः जनवरी की है ना ,,,,,,, राविया जो चाये पी रही थी वो बोली ,,,, पांच दिन तो फिर रस्मो में ही निकल जाये गें ,,,,,,, बलबीर जी बोले तो राविया ने हां में सिर हिला दिया,,,,,,,
मम्मी वो मुझे ,, ,बोलते हूय फतेह रूम में आया तो सामने राविया को देख कर उसे घुरने लगा ,,,,,,, हां क्या हूया ,,, आशा जी बोली ,,,,,, वो मम्मी आज मेरा लेक्चर लेट है तो यही बताना था के में नौ बजे जाउ गा ,,,,,,,, जिसे बताना हो बता देना ,,,, ,बोलते हूय फतेह ने एक नजर राविया को देखा ओर वहां से चला गया ,,,,,वही राविया उसे देखती ही रह गई,,,,,, इसे क्या हूआ,,, बलबीर जी बोले ,,,,,,,, ओर आशा जी हस कर ,,,,, साफ साफ बोल कर गया है के राविया अपने जाने का इंतजाम कर ले ,,, आशा जी बोली ।
वेसे आंटी जी ,,, हॉस्पिटल में कही बदल तो नही गया था ना आपका फतेह,,,,, राविया बोली तो आशा जी ओर बलबीर दोनो उसे देखने लगे ,,,,,, मेरे कहने का मतलब के बस ये ही है एक नंबर का सड़ू बाकी आप सब तो कितने प्यारे हो ,,,,,,,,, इस लिए पुछा कही आपका फतेह बदल गया हो बचपन में ,,,,राविया बड़े मजे से बोल रही थी ,,,तो वही आशा जी ओर बलबीर जी दोनो ही उस की बात सून कर हस रहे थे ,,,,,,,,,,,,, नही वो एसा ही है ,,,,,,,,, दिल का भी अच्छा है ,,, तुम अभी अभी आई हो ना बस इस लिए तुम्हे लगा होगा ,,आशा जी बोली ,,,, तो राविया ने हां में सिर हिला दिया ओर ट्रे उठा कर रसोई में चल दी ,,,, वह फतेह ने राविया की बात सुन ली थी वो बाहर ही खड़ा था जब राविया ने कहा था ,,,,वो गुस्से से अपने रूम में चक्कर काट रहा था,,,, उस की हिम्मत केसे हूई मुझे ये सब कहने की ,,,,,,,, उसे तो में ना बोलते हूय वो अपने बेड पर बैठ गया ,,,,,,,,,,,,,,,,, ओर फिर उस के चेहरे पर स्माईल आ गई ओर किसी को फोन लगा दिया ,,,,,,,,,,,,,
दूसरी तरफ फतेह तैयार होकर बैठा नाश्ता कर रहा था ,,,,,, तो राविया ने उसे देखा ओर ओर अपना सिर झटक कर चेयर पर बैठ गई ओर नाश्ता करने लगी ,,,,,,, अच्छा आंटी जी मेरा हो गया अब में चलती हूं ,,, राविया बोली ,,,,,,, सुन शॉपिंग पर जाना है याद रखना ,,,प्रीत आते हूए बोली तो राविया ने हां में सिर हिला दिया ,,,,,, ओर बाहर निकल गई,,,,,, चलो मैं भी जा रहा हूं तो तूम भी चलो ,,, फतेह राविया के पास आकर बोला तो राविया उसे हैरानी से देखने लगी ,,,,,,
क्या हूया ,,,,,फतेह राविया से बोला जो उसे ही देख रही थी ,,,,, सुब्ह ही तो तुमने बोला था ना ,,,बोलते हूय राविया चुप कर गई,,,क्यूक फतेह उसे ही घूर कर देख रहा था ,,,, कितने साल की हो तूम ,,,,, फतेह बोला ,,,,,हां ,,,,, राविया चौक कर बोली । तूम कितने साल की हो ,,, फतेह एक एक शब्द पर जोर डालते हूए बोला ,,,,,,,, उन्नीस की ,,राविया बोली ,,,,,,,, तीन साल बड़ा हूं तो तुम करके बात मत करना ,,,, समझी फतेह बोला ।तो राविया ने हां में सिर हिला दिया ।
फतेह गाड़ी में बैठ गया ओर राविया भी ,,,,,,, पर आज राविया को फतेह का मिजाज कुछ अलग लग रहा था ,,,,,,, पता नही क्यू राविया इस से बच कर रहना पड़े गा ,,,ये सही नही है ,,,,,, राविया मन ही मन बोली ,,,ओर बाहर की तरफ देखने लगी ,,,,,,,, वही फतेह के चेहरे पर स्माईल थी ,,,,,,,,, हो ना हो फतेह ने जरूर कोई खिचड़ी पकाई थी ,,,,,,,,,,,,,,,
GNDU के बाहर,,,मेरे साथ आना है तो यही तक का साथ है हमारा समझी बोलते हूय फतेह ने राविया को वही उतार दिया ,,,,,,,, सड़ू कही का ,,,, राविया फतेह की गाड़ी को जाता देख कर बोली ,,,,,,,,,,,,, ओर चल दी कैंपस के अंदर की ओर ,,,,,,,,,, अपने डिपार्टमेंट तक पहुंचते हूय उसे आधा घंटा लग गया ,,,,,,,,, ओर पहला दिन उसे कुछ ज्यादा पता भी नही था ,,,,,,,,,,, तभी उसे सामने से कुछ स्टूडेंट्स आते हूए दिखे ,,,,,,,,,, नई हो तूम ,,,, उन में से एक बोला ,,,तो राविया ने हां में सिर हिला दिया ,,,,,, चलो उस तरफ दूसरा बोला तो राविया उसे तरफ चल दी ,,,,,,,,,,,
रब राखा
राविया उन स्टूडेंट्स के पीछे पीछे ही चल रही थी के वो सब एक जगह आ कर रूक गये ,,,,ओर पास ही दूसरे और स्टूडेंट्स भी खड़े थे जो नये ही थे ओर बेचारे एसे खड़े इधर उधर देख रहे थे के मानो कोन सी सजा उन लोगो को दी जाने वाली हो ,,,,,,,,
हा तो जी आज आप सब का पहला दिन है इस कैंपस में ,,,, एक लड़का बोला ,,,,,तो सब ने हां में सिर हिला दिया ,,,,,,,,ओर जेसे के जानते हो के हम सब आप से बड़े है तो पहली बात तुम सब हमे सर कहकर बुलाओ गए ,,,,, वही लड़का बोला ,,तो सब ने हां में सिर हिला दिय ,,,,,,,,, ओर अब सब से जरूरी बात,,, हम सब को गाना सूनाओ ओर जिस की आवाज सब से अच्छी होगी वो सीधे इस डिपार्टमेंट के सब से कुल ओर हैंडसम लड़के के साथ कॉफी पीने का सुभाग प्राप्त कर सकता है ,,,,,,, लड़का बोला ,,,,,
अच्छा तो ये ओफर लड़को के लिये भी है क्या ,,,, नये स्टूडेंट्स में से एक लड़का बोला ,,,,,,, मतलब। सीनियर्स में से एक बोला ,,,,,मतबल के जेसे लड़कीया गाना गाये गी तो उनको हैंडसम लड़के के साथ कॉफी पर जाने का चांस मिले गा ,,,,, तो लड़को को भी किसी सुंदर सी कन्या के साथ जाना होगा ना ,,,,,,, यूनीयर लड़का बोला ,,,,,,,,, तो वही सीनियर लड़का उस के पास आकर ,,,,,,, बहुत चलाक समझते हो खुद को ,,,,,, वो बोला ।ना जी हम चलाक कहा है सर जी बस अपने ग्यान पर रोशनी डालने की कोशिश कर रहे थे ,,,वो लड़का बोला ,,,,, ह्म्म सही है ,,बोलते हूय वो लड़का वहां सै चला गया ,,,,,,,
हां तो जिसे मैं बोलू वही आगे आये ,,,, वो सीनियर बोला ,,,,,,,, ओर सब को देखने लगा ,,,,, मुश्किल से वहां पर दस लड़कीया थी ,,,,,तो उस ने सब से पहले खड़ी राविया को आगे आने का बोला ,,,,तो वही राविया अपने आस पास देखने लगी ,,,,,,,,,,,,, ओये तुम्हे ही बुला रहा हूं ,,,,,,,,,,, वो लड़का बोला तो राविया जल्दी से आगे आई ,,,,,, जी वीर जी बोलिये ,,,,, राविया आगे आकर बोली ,,,तो सब उसे देखने लगे ,,,, वही वो लड़का उसे खा जाने वाली नजर से देखने लगा ,,,,,,,,,, चलो गा कर सुनाओ ,,,वो घुरते हूए बोला ,,,,,,तो राविया अपने काम से ब्लूटूथ निकाल कर ,,,क्या करू वीर जी वो बोली ,,,,, तो तुमने कुछ नही सुना ,,, वो लड़का बोला ,,,, नही वीर जी मै तो बस गीत सुन रही थी आप भी सुनो राविया ब्लूटूथ उस के आगे करते हूये बोली ,,,,, तो वही सब लोग मुंह छुपाये हसने लगे ,,,,,, वीर जी नही सर बोलो मुझे ,,,, वो गुस्से से बोला ,,,, औ एसा क्या ,,,पर क्यू ,,,, राविया बोली ,,,,, क्यूक मैं सीनियर हूं ,,,,वो लड़का बोला । तो राविया उसे देखने लगी ,,,,,, ,वो लड़का पतला सा था जो हवा के झोके से भी उड़ जाये पर अपने आप को किसी हीरो से कम नही समझ रहा था ,,,,,,,,,, शक्ल तो चुसे हूये आम की गुठली के जेसी है ,,,,,,,, पर समझता खुद को परमीश वर्मा है ,,,राविया मन ही मन बुदबुदाई ,,,,,,, सोच क्या रही हो चलो गाओ,,, वो फिर से बोला ,,,,,, पर गाने से क्या होगा ,,,,,,, राविया बोली ,,,,,, अगर तुम्हारा गाना पसंद आया तो तुम्हे सब से हैंडसम लड़के के साथ कॉफी पीने को मिले गा ,,,वो लड़का खुश होते हूए बोला ,,,,,,वीर जी ओ सॉरी सॉरी सर जी ,,,, वो हैंडसम लड़का कोन है ,,,राविया बोली ,,,, ,मैं ,,,, वो लड़का खुद को प्रेजेंट करते हूये बोला ,,,तो एक पल को वहां पर खड़े सारे स्टूडेंट्स हैरान रह गए,,,,ओर वो लड़का जो बोला था के उनको भी किसी लड़की के साथ जाना है ,,,, वो भी सोच में पड़ गया ,,,,,,,,,
राविया का तो मुंह ही खुला रह गया ,,,,,,,,,,, तभी वहां से कुकु चरन ओर फतेह गुजर रहे थे साथ ही जस भी वो भी उसी तरफ ही देख रहे थे ,,,,,,,,, यार ये नही सुधरेगा ,,कुकु उस तरफ देख कर बोला ,,,,,,, चलो इसे ना सबक सिखाते है ,,,,, जस आगे होकर बोली ,,,, रुको तो सही पहले देख तो लो हो क्या रहा है ,,,,, फतेह जस का हाथ पकड़कर बोला ,,,ओर चारो एक तरफ होकर देखने लगे ,,पर फतेह के फेस पर स्माईल थी ,,, ये सब उसी के कहने पर हूया था ,,,,,,,,
देख क्या रही हो सुनाओ अब वो लड़का बोला ,,,,,,, तो राविया अपना गला साफ करते हूय,,,,, ,, ह्म्मममम ,,,,,,,,, ओर अगले ही पर सब ने अपने कानो पर हाथ रख लिये ,,,क्यूक राविया का गीत ,,,,गीत कम ओर छोर ज्यादा लग रहा था ,,,, पर राविया तो पुरे जोर छोर से आँख बंद करके गीत गा रही थी ,,,,,,,,,, अबे ओये जीत इसे चुप करा वर्ना हमारे कान कुछ सुन्ने के लायक नही रहे गे ,,,, सीनियर से दूसरा लड़का बोला ,,,तो जीत नाम का लड़का जल्दी से आगे आकर राविया को चुप रहने का बोलना लगा ,,,पर राविया तो पुरे जोछ से लगी हूई थी के आने जाने वाले भी उसे ही देख रहे थे ,,,,,,,,,,, वही फतेह ओर बाकी सब हैरान से देख रहे थे ,,,, अबे ये लड़की है क्या आवाज कितनी खराब है इस की ,,,,,,, कुकु बोला ,,,,, फतेह तो हैरान सा ही उसे देख रहा था ,,,,,,,
अच्छा सर अब बताये मैं सिलेक्ट हूई के नही ,,,,,,,,, राविया सब को देख कर बोली ,,,वही सब हैरान से खड़े उसे ही देख रहे थे ,,,,, सर मै सिलेक्ट हो गई क्या ,,,राविया फिर से बोली ,,,तो जीत जेसे होश में आते हूए,,,,,,,, तुम जाओ तुम्हारा यहां कोई काम नही है ,,,वो बोला ,,,पर सर एक चांस ओर पका इस बार मै सिलेक्ट हो जाऊंगी,,राविया बोली ,,,, नही सब की टर्न आये गी वो भी एक बार तुम जा सकती हो ,,,, जीत बोला ,,,,,,, पर सर ये हैंडसम मैन बुरा मान जायेगे ,,,, ,राविया ने पास खड़े लड़के को देख कर कहा जो पहले बोल रहा था ,,,,,,,,, नही ये नाराज नही होगा जीत बोला ,,, तो राविया बेचारा सा मुंह लेकर पलटी ,,,,,,,तो वही सब यूनीयर जो उसी लाइन में थे ,,,उनको एक उड़ती हूई नजर से देखा ओर थमस अप करके आगे चली गई,,,,,,,,, क्या लड़की थी यार ये ,,,,, वो लड़का जीत के कंधे पर हाथ रख कर बोला ,,,,, पर ये है ना गधा इसका दिल आ गया था उस पर ,,, जीत ने पास खड़े सिंगल हड्डी लड़के को देख कर कहा ,,,,जो अभी भी हैरान सा जाती हूई राविया को ही देख रहा था ,,,,,,,,,,
रब राखा
राविया को जाता देख फतेह के चेहरे पर स्माईल थी ,,, ,उस के मुताबिक राविया की बेज्जती हो गई थी ,,,,,,,,,,, ओर उस के लिए जे बात सब से बड़ी थी क्यूक जिस दिन से राविया आई थी उसी की वजह से सब लोग उस से कट गये थे ,,, एसा भी फतेह का मानना था ,,,,,,,,,,,, फतेह अभी अपनी ही धून में था के तभी उनको फिर से एक ओर गाने की आवाज आई ये तो पहले वाले से भी बततर थी ,,,,,, धीरे धीरे सब लोग गाते हूये निकल रहे थे ,,,ओर वहां पर खड़े सिनिअर्स की बैंड बज रही थी ,,,,,,,, वही फतेह भी हैरान सा देख रही था ,,,,,,
ये सब लोगो एक साथ ही बेसुरे केसे हो गये ,,,, कुकु बोला ,,,, क्यूक जो सब से पहले गई ना उस ने सब को आइडिया दिया था ,,,,,चरन बोला तो जस की हसी निकल गई ओर वही कुकु हैरानी से उसे देखने लगा,,,, तुम्हे केसे पता कुकु चरन से बोला । उस लड़की को देख कर ही पता चल रहा था के उस ने जानबूझकर किया है ।चलो सब क्लास का समय हो गया है ,,,, फतेह बोला क्यूक उस का सारा प्लान उल्टा पड़ गया था ओर सब वहां से अपनी क्लास की तरफ चले गये ,,,,,
राविया भी अपनी क्लास में आकर बैठ गई अभी बच्चे आ ही रहे थे ,,,,,,, राविया एक खाली जगह देख कर वही बैठ गई,,, ,कुछ देर बाद उस के पास एक लड़का आकर बैठ गया ,,,,, राविया ने उसे देखा तो ये वही लड़का था जो गीत के बदले सुंदर कन्या के साथ कॉफी पीना चाहता था ,,,,,,,,,, राविया उसे देखने लगी तो वही बोला ,,,,, कमाल हो यार तुम तो ,,,, अब सीधे सीधे मना नही कर सकती थी तो ,,,,,, एसा बहाना ढूंढा के उस को नानी याद आ गई होगी ,,,,वो लड़का बोला ओर राविया की तरफ हाथ बड़ा कर मै सचिन ओर तुम ,,,,, वो बोला ।राविया ने एक बार उस के बड़े हूए हाथ को देखा ओर फिर सचिन को ,,,, तो राविया ने भी उसे हाथ मिलाते हूये ,,,,,अपना नाम बताया ,,,,,,,, तभी कलास में प्रोफेसर आ गए ओर सब बच्चो का ध्यान उस तरफ चला गया ।
हाफ टाइम
फतेह जस कुकु ओर चरन चारो कैंटीन में बेठे चाये का मजा ले रहे थे ,,,,,,,चरन बैठे बैठे हसने लगा ,,,तो तीनो उसे ही देखने लगे ,,,, अबे ओये पागल हो गया है क्या ,,कुकु चरन के सिर पर मारते हूए बोला ,,,,, तो चरन सामने देखते हूये यहां जीत ओर खुदको हैंडसम बोलने वाला बैठे बातें कर रहे थे ,,,,,, देख उनको लगता है सुबह की बात अभी भी उनके दिल पर हावी है ,,, चरन बोला ,,,तो इस बार कुकु की भी हसी छूट गई,,, यार सच्च में वो जो भी थी ,,, थी बड़ी जबरदस्त,,,,,, कुकु बोला ।
वही फतेह बस चाया पी रहा था ,,, उसे अब गुस्सा आ रहा था ,,, बस करो तूम लोग अब ,,, होगया ना तुम लोगो का ,,,,, ,चुप चाप बैठो,, कुछ ओर बात करनी है तो बोला वर्ना मैं जा रहा हूं ,,,, फतेह बोला । तुझे क्या हूया ,,, तू तो सब से ज्यादा खुश होता है ना जब उस जीत की बैंड बजती है ,,तो आज तू क्यू गुस्सा कर रहा है ,,, ,चरन बोला ,,,,, ठीक है मै जा रहा हूं ,,,,,, फतेह उठते हूए बोला ,,,,,तो कुकु उसे बैठाते हूए,,,अच्छा चल मुड़ सही कर ,,,ओर बता के प्रोजेक्ट कब सबमिट करेगा ,,, ,कुकु बोला ,,,,, वही चरन दोनो को देख कर यार दो दिन बाद होगा मेरा तो ,,, चरन बोला । चल ठीक है दो दिन बाद ही सबमिट करेंगे ,,फतेह बोला ,,, वही जस काफी देर से तीनो को देख रही थी ,,,,,,
तुम तीनो ऐसे ही हो ना ,,,जस बोली तो तीनो ही उसे देखने लगे ,,,,, क्या मतलब तुम्हारा फतेह बोला ।मतलब के तुम तीनो एक साथ ही रहते हो ना ओर एक दूसरे की बात भी मानते है ,,, जस बोली ।हा ऐसे ही है हम चरन बोला तो तीनो के ही चेहरे पर स्माईल आ गई,,,,,,
चरन फतेह ओर कुकु तीनो ही बचपन के दोस्त है ,,,,, पर जस उनको यहां कैंपस में आ कर ही मिली थी ,,,,,,,,,,, हम तीनो एक दूसरे की जान है ,,,, ओर एकदूसरे की हर बात को जानते भी है चाहे छोटी हो जा बड़ी,,,,,कुकु बोला ।
दी आप यहां हो ओर मैं आपको सब जगह ढूंढ कर आ रहा रहा हूं ,,,,,, एक लड़का जस के पास आ कर बोला तो सब उसे ही देखने लगे ,,,, सचिन तू चल आजा बैठ,,, जस उसे अपने पास वाली चेयर पर बैठाते हूए बोली ,,, तो सचिन सब के पास बैठ गया ,,, गाईज मेरा भाई सचिन,, जस सब को देख कर बोली तो तीनो ने सचिन को हेलो करा ओर सचिन ने भी तीनो को हैलो करा ,,,,,,,,,,,,,,, कैसा रहा आज का दिन जस बोली ,,, पुछो मत दी आज तो बहुत ही मजा आया,,, आपको पता है सुबह सुबह ही हमारी ना क्लास ली कुछ सीनियर्स ने ,,,, ,पर क्या ही बताउ ,,, सचिन बोल रहा था ओर बाकी सब उसे ही सुन रहे थे ,,, ओर पता है दी हमारी क्लास ओर सेक्शन भी सेम है ,,,,,,,, सचिन बोला ,,,, अच्छा कोन है वो जिस की तारीफ मेरा भाई कर रहा है ,,,,,,, जस बोली ,,,,, वो बैठी है उस तरफ ,,,,, सचिन एक तरफ इशारा करके बोला तो उस तरफ राविया अकेले ही बैठी चाये पी रही थी ,,, तो चरन के फेस पर बड़ी वाली स्माईल आ गई,,,,,,,, मेने तो सुबह ही बोला था के ये सब उस ने जानबूझकर कर किया था ,, चरन बोला अब तो कुकु ने भी हां में सिर हिला दिया ,,,,, वही फतेह तो जल भुन कर रह गया ,,,,,,,,,,
छुट्टी के समय राविया फिर से बाहर आकर खड़ी हो गई थी ,,,, क्यूक अब उसे लेने के लिए प्रीत आने वाली थी ,,,ओर फतेह तो उसे कही भी नही दिख रहा था तो उस ने सोचा शायद बाहर ही वो उसे मिल जाए,, इस लिए ही वो बाहर आकर खड़ी हो गई,,,,,,
रब राखा
कुछ ही देर में राविया के सामने एक गाड़ी आकर रूकी ओर उस में से आशा जी बाहर निकली,,,, अरे राविया पुत्तर फतेह कहा है ,,, आशा जी इधर उधर देखते हूए बोली ,,,तो राविया ने भी आस पास देखा ओर आशा जी को देख कर,,,,, उस ने कहा था के वो बाद में आये गा आप उसे फोन पर बता देना कहां पहुंचना है ,,,, राविया बोली ,,,तो आशा जी ने राविया को अंदर बैठने को कहा ओर खुद फतेह को फोन करने लगी ,,, अच्छा फतेह हम लोग ना राविया को लेकर जा रहा है ,,,,तो तु भी पुतली घर आ जाना वही हम सरदारे की दूकान पर होगे ,,,, आशा जी ने फतेह के फोन उठाते ही कहा था ,,, ठीक मम्मी आता हूं फतेह बोला ओर फोन कट कर दिया ,,,, आशाजी भी बैठ गई ओर कार आगे चला दी ,,,,,,,,,
वही कुछ दूरी पर फतेह की काली ऑडी खडी थी फतेह उस में बैठा कब से राविया को ही देख रहा था ,,,,,,,,,,,,, इस ने कुछ कहा क्यू नही ,,, फतेह बस खुद से ही बोला ओर फिर चल पड़ा उसी ओर जिस तरफ आशा जी ने कहा था ,,,,,,,, सब शॉपिंग करी,,, सर्दियो में वेसे भी रात जल्दी हो जाती है तो खाना भी बाहर ही करा ओर घर को चल दिये ,,,,, इस बार ज्यादा शॉपिंग राविया की हूई थी ,,, प्रीत ओर राविया ने खुब सारे ड्रेसस ली थी ,,,,,, ओर वही फतेह जे सब देख कर गुस्सा हो रहा था ,,,, के मम्मी के कहने पर वो क्यू आया यहा पर भी तो राविया को ही इंपोर्टेस मिल रही थी ,,,,,,ओर बाकी का जो सामान रह गय था उसे लिया ,,,,,,,,,,, आते समये अंधेरा होने के कारन आशा जी के कहने पर ही राविया फतेह के साथ बैठ गई थी ,,,,, पर दोनो में बिल्कुल भी बात नही हूई थी ,,,,,,,,
रात के दस बजे सब लोग घर पहुंचे ,,, ओर राविया ने फतेह की गाड़ी से अपना सामान निकाला ओर चल पड़ी अपने रूम की ओर । वही फतेह उसे घुरते हूए देख रहा था ,,,, देखे भी क्यू ना आखिर अपने डिपार्टमेंट का सब से हैंडसम कहा जाने वाला लड़का जिसे देखने को लड़कीआ तरसती थी ओर राविया उस के साथ उस की गाड़ी में बैठ कर आती जाती थी ,,,पर वो तो एक बार भी उसे देखती तक नही थी ,,,,,,,बोलना तो दूर की बात थी ,,,,,,,,,,,,,,
एसे ही दिन निकलने लगे ,,,,,, फतेह राविया को कैंपस के मेंन गेट पर ही उतार देता था ,,,ओर अगर मन हो तभी लाता वर्ना उनकी टाइमिंग इतनी अच्छी थी के रविया जब भी कैब से घर जाती तो फतेह उसे पहले ही बाहर खड़ा मिल जाता ,,, अब तो राविया को भी आदत हो गई थी ,,,,,,,,,,, तो उस ने भी कुछ ना कहना ही सही समझा ,,,, वो तो बस अपनी पढाई पर ध्यान दे रही थी ओर उस के आस पास क्या हो रहा है उस से उस का कोई लेना देना नही था ,,,,,,,,,,,,,,,,
सचिन से उस की अच्छी बनने लगी थी ,,,ओर किसी से उस की बात चीत नही थी ,,,,,,,,,, वही फतेह ने राविया के इस व्यवहार से खासा गुस्से में था ,,, के सब के साथ अच्छे से बात करती थी घर में बस उसे ही देख कर चुप कर जाती ,,,,,,, ओर फतेह गुस्से से भर जाता ,,,,,,, इसी बीच प्रीत की शादी के भी दिन पास आ ने लगे थे ,,,,तो राविया का तो अब प्रीत के साथ ही हर काम होता था ,,,,,,
मम्मी आपने मेरी झांझर कहा रखी है मुझे कही मिल नही रही है ,,,, प्रीत आशा जी से बोली ,,, रात के खाने के बाद प्रीत ओर राविया प्रीत की पैकिंग कर रही थी तभी प्रीत को याद आया था उस की पायल तो कही मिल ही नही रही है ,,,,,रूक वो तो मेरे पास ही है ,,अच्छा हुआ तुमने याद करवा दिया ,,, राविया ओर तेरे लिये एक सी बनवाई थी ,,,, आशा जी बैड से उठते हूए बोली ओर अलमारी खोल कर देखने लगी ,,,ये ले ,,,,ओर ये रही राविया की उसे पायल बहुत पसंद है ,,,,,, आशा जी प्रीत से बोली ओर उसे पायल के बॉक्स पकड़ा दिए,,,,,वही प्रीत दोनो बॉक्स लेकर अपने रूम में चली गई ओर राविया को उस का बॉक्स देते हूय लो ये तुम्हारे लिए है ,,,,,, प्रीत राविया से बोलो ,,,पर दी मेरी लिए क्यू ,,,, राविया हैरान होकर बोली ,,,,,,, तुम्हे पसंद है ना पायल ओर ये तुम्हारे लिये ,,,, प्रीत बॉक्स खोलकर देखाते हूए बोली ,,,,,,, अब इसे राविया की कमजोरी ही कह लो के वो ज्वेलरी देख कर रह नही पाती थी ओर अगर वो उस की पसंद की हो ,,,,,,,, मुझे तो ऐसी ही पायल चाहीए थी ,,राविया की आंखो में चमक आ गई थी वो पायल देख कर ,,,,,,, पता है दी मेने कुछ दिन पहले ही ना ऐसी पायल एक गीत में देखी थी ,,,, राविया उसी पायल के जोड़े को देख कर बोली ,,,,,,,,,,,,, तो प्रीत के चेहरे पर भी स्माइल आ गई,,, ,वो पायल घुँघरू वाली थी ,,,,,,, जिसे हिला हिला कर राविया सुन रही थी ,,,, लाओ मैं पहना दूं ,,,, प्रीत बोली ओर राविया ने भी जल्दी से पैर आगे कर दिए,,,,, प्रीत ने भी राविया को पायल पहना दी ,,,, बहुत प्यारी है ये तो ,,,, राविया रूम में चलते हूये बोली ,,,,, पता है दी आपको,,, मेने मम्मी को बला था ,,, राविया खुशी खुशी बोली ,,,ओर फिर एक दम से चुप कर गई,,वही प्रीत भी उसे देखने लगी ,,,,,,,, दी वो कल जाकर मै ना दस दिन की छुट्टी ले आती हूं ,,,, परसो शनिवार है तो कैंपस में छुट्टी रहेगी ,,, राविया बोली । ठीक है कल को तुम्हे जाने दे रही हूं ,,, फिर मेरे पास ही रहेगी ठीक है ,,,,,,, प्रीत बोली के तभी उस का फोन बज गया ,,,राविया ने जल्दी से प्रीत का फोन उठा लिया ,,,,,,, ओर गला साफ करते हूय,,,,,, पुनीत जीजू अभी प्रीत दी मुझ से जानी के आपकी साली से बात कर रही है तो क्या आप बाद में फोन नही कर सकते ,,,राविया बोली ।
पर मेने तो अपनी प्यारी छोटी साली से बात करने के लिए ही फोन किया है ,,, दूसरी तरफ से आवाज आई ,,,,,,, अच्छा जी चलो फिर ये बताओ के मुझसे बात करने थी तो दी के फोन पर फोन क्यू किया सीधा मुझे ही कर देते ,,, राविया बोली ।
तो दूसरी तरफ से हसने की आवाज आने लगी ,,,, जीजू तो क्या आप स्पीकर पर फोन करके बैठे हो ,,,,, राविया बोली अरे नही नही वो तो बस मेरा छोटा भाई है ना वो हस रहा है ,,,,,,,,,,, अच्छा तो लो फिर आप दी से ही बात करो बोलते हूय राविया ने फोन प्रीत को ही पकड़ा दिया ओर खुद उस की गाल पर किस करते हूय रूम से बाहर चली गई ,,,,,, पागल प्रीत हस्ते हूय बोली ओर फोन पर बात करने लगी ,,,,,,,
वही राविरा भागते हूए अपने रूम की तरफ जा रही थी ओर पायल आवाज कर रही थी जिस से राविया ओर भी जोर से पैर रखती ,,,,,, जेसे ही सिड़िया चढ़ने लगी तो फतेह जिस का रूम सिड़ियो के पास ही था ,,,बाहर से आवाज आती सून कर देखने लगी पर उसे कोई भी नही दिखा तो उसने वापस से अपना सिर बुक में लगा दिया ,,,वही राविया झूमते हूए अपने रूम में आ गई,,,,,,,,,
रब राखा
राविया सुबह ही तैयार होकर फतेह का इंतजार करने लगी थी आज उस ने सफेद कलर का प्लाजो पेंट सुट पहन था ,,, साथ ही पंजाबी जुती,,,,, उपर मैचिग कोटी बाल बंधे हूए,,,,,,,, उस पलाजो पेंट से उस के पैरो पर बंधी पायल साफ दिख रही थी ,,,,,,,,,,, जिसे राविया ओर भी हिलाती ओर आवाज आती ,,,,,वो खुद ही मुस्कुरा रही थी ,,,,,, उस की खुशी ऐसी थी जेसे किसी बच्चे की मनपसंद चीज उसे मिल गई थी ,,,,,,,,,,, आशा जी भी उस के खुश चेहरे को देख रही थी ,,,,,,, ओर वो भी खुश थी । राविया चाय पी रही थी के तभी फतेह भी तैयार होकर आ गया ओर टेबल पर बैठ गया एक नजर उस ने राविया को देखा ओर वापस से ध्यान खाने की प्लेट पर लगा दिया ,,,, मम्मी जल्दी करो ना ,,, फतेह बोला। ओर फिर से एक नजर राविया को देखा जो अब बिल्कुल चुप चाप बैठी चाये पी रही थी । मम्मी मैं ना आज छूटी के लिये अप्लाई कर रहा हूं ,,,,, ,फतेह खाते हूए बोला हा कर दे कम से कम दस दिन की करना ,,,, राविया भी दस दिन की छुट्टी लेने वाली है ,,, आशा जी फतेह की प्लेट में परांठे रखते हूए बोली ,,हम्म्म फतेह खाते हूए बोला ।
फतेह बार बार राविया को देख रहा था जो बहुत खुश नजर आ रही ,,,, फतेह समझ नही पा रहा था के आज ये लड़की बिना बात के मुस्कुरा क्यू रही है ,,,,के तभी उस की नजर राविया के पैरों पर चली गई,,,,, असल में राविया की ही नजरों का पीछा करते ही उस की नजर राविया के पैरों पर गई थी जो अपनी पायल देख रही थी ,,,, औ तो रात में इस की आवाज आ रही थी ,,,, फतेह मन ही मन बोला ,,,,, ओर वापस से ध्यान सड़क पर लगा दिया ,,,,,,,, राविया को उस ने बाहर ही तार दिया था ,,,,ओर आगे चला गया ,,,वही राविया भी चलते हूए जाने लगी ,,, आज रास्ते में सब उसे ही देख रहे थे ,,, जिस में खासा ध्यान उस की पायल खींच रही थी ,,,,, जिन की नजरों में राविया पहले नही आई थी आज उनकी नजरों में भी आ गई थी जिन में जीत भी था ,,,,,, वो लग भी तो बहुत सुंदर रही थी ,,,,, राविया अपनी क्लास में पहुंच गई ओर सचिन के पास जाकर बैठ गई,, ,क्या बात है आज तो बड़ी खुश नजर आ रही हो ,,,,, सचिन बोला हां वो इस लिए के अब ना दस दिन बाद तूमसे मिलना होगा ,,,, राविया बोली । तो सचिन का मुंह छोटा सा बन गया धस दिन बाद वो बोला हा दस दिन बाद राविया बोली ।
तुम हमसे कुछ छुपा तो नही रहा ना ,,,, चरन ओर कुकु दोनो ही फतेह को घुर कर देख रहे थे ,,, आज उनका पहला लेक्चर नही था ती तीनो कैंटीन आ गये थे ,,,, क्या छुपा रहा हूं मैं ,,,,,, जो मुझे ही नही पता ,,,, फतेह दोनो को देख कर बोला ,,, वो लड़की कोन है जो तुम्हारे साथ आई थी ओर तुने उसे बाहर उतारा था ,,,,, कुकु बोला ।आज दोनो ने राविया की गाड़ी से उतरते हूए देख लिया था ,,,,, वो मुझे रास्ते में मिली थी ,,, फतेह बोला ,, अच्छा रोज रास्ते में मिलती है ,,,,,, चरन बोला ,,, देखो तुम दोनो क्या बोल रहे हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा ,,,, फतेह बोला ,, तो फिर ये क्या है ,,,चरन ने कुछ फोटो दिखाई जिस में वो लड़की जानी के राविया फतेह की कार से उतर रही थी ,,,,,,, ओ तो तुम दोनो मेरी जासूसी कर रहे हो ,,,, फतेह बोला ।
तु मुझ चीट करने की सोच रहा हो क्या ,,,, जस वहां आते हूए बोली ,,,, अब तूमहे क्या हूआ ,,,, फतेह उसे देख कर बोला तू उस लड़की के साथ आता है मुझे सब पता चल गया है ओर तो ओर वो तुम्हारे घर में भी रहती है ,,,, जस गुस्से से बोली ,,,, तो फतेह को तो हाथो पैरों की पड़ गई,,, क्या बकवास कर रही हो ,,,हा वो रहती है मेरे घर में ,,,बस पी जी बन कर ,,,, फतेह पुरे कॉन्फिडेंस से बोला ,,पी जी वो भी इतनी दूर ,,, कुकु बोला हा वो पापा के जान पहचान से है ना इस लिए,,,, फतेह बोला ,,,,ओर जस को देख कर लगता है तुम तीनो को मेरी जासूसी करने के इलावा ओर कोई काम ही नही है ,,, फतेह ने ये बात जस को देख कर कही थी ,,, तो जस ने फतेह से सॉरी कहा ओर उस की ही बगल वाली खाली कुर्सी पर बैठ गई।
चल माफ कर दे ना वो मै ही पागल थी ,,, मुझे पहले पुछ लेना चाहीए था ,,,,, जस फतेह की बांह पकड़कर बोली ,,,तो फतेह भी मुस्कुरा दिया ,,,,,,,,,,, जस ओर फतेह पहले साल से ही एक दूसरे को पसंद करते थे ओर फिर एक दिन फतेह ने उसे प्रपोज करा तो जस ने भी हां कर दी थी ,,,,,,,,,,,,,
सुन ना सुन ना दस दिन कुछ ज्यादा नही है ,,, चल चार पांच दिन बहुत है ना दस दिन बहुत ज्यादा है ,,,,सचिन राविया से बोल रहा था ,,,जब राविया कैंटीन आ गई थी ,,,, सचिन सुबह से ही उस का सिर खा रहा था के दस दिन बहुत है ,,,,,,,,,,,, देख सचिन अब बस कर बहुत हूया ,,,,,,,,,, राविया उसे बोली ,,, मेरा क्या मै केसे रहूंगा दस दिन तुम से अलग ,,, सचिन नकली आंसू साफ करते हूय बोला ,,,,, वही राविया को उस की एक्टिंग देख कर हसी आ रही थी ,,,,, बस कर सचिन बहुत ही घटिया एक्टिंग आती है तुम्हे ,,,,,, तु जा अपनी जावा के पास उसी से तेरी जमती है ,,,, राविया बोली । हद्द है राविया बंदा मरा जा रहा है ओर तू है कि ,, ,चल मुझ से बात तो करे गी ना , फोन पर ,,,, सचिन बोला ,,,, हा करूंगी ,,, पर पर,,,,,, राविया सचिन को खुश होते देख बोली ,,,, पर बस दिन में एक बार ,,अगर तूने ज्यादा बार फोन करा ना तो रब दी सों फोन से ही बाहर निकल कर ना तेरी एसी तैसी कर देनी है मेने ,,, राविया एक हाथ को मुका बनाते हूय सचिन को दिखाते हूए बोली ,,,, मान गया ,,,,, सचिन बोला ,,,,,,,,,
रब राखा
कैसी लगी स्टोरी आप अपनी राये देते जाये और साथ ही फॉलो भी करते जाये ।
मान गया सचिन बोला ,,,, ओर फिर दोनो हसने लगे ,,,, वही दूर बैठा जीत राविया ओर सचिन को ही देख रहा था ,,,,,, ओर खुद ही मुस्कुरा रहा था ,,,,,,,,वही सचिन ओर राविया बातें कर रहे थे ,,,,,,,,, क्या हम सब भी बैठ सकते है यहां ,,,, चरन बोला तो राविया ओर सचिन दोनो ने एक साथ उस तरफ देखा ,, चरन कुकु जस ओर फतेह,,,, चारो खड़े थे ,,,,, क्यू नही बैठो बैठो ,,, सचिन बोला वो पहले से ही सब को जानता था ,,जस उसे मिलवाती रहती थी ,,,,,,,
राविया यही नाम है ना तुम्हारा ,,, चरन बोला तो राविया ने हां में सिर हिला दिया मै चरन ,,, चरन हाथ आगे करते हूय बोला ,,मै कुकु ,,,मै जस ,,, तीनो बारी बारी हाथ मिलाते हूए बोले ,,,,, वही फतेह को तो जेसे मार पीट कर बैठाया गय हो वहां पर ,,,,,, ओर ये है फतेह मतलब के तूम जानती ही हो ,,,,,, चरन बोला अब रोज साथ आती हो तो जानती ही होगी ,,, कुकु बोला तो रविया हैरान सी दोनो को देखने लगी फिर फतेह को ,,,, रब दी सों मैनै किसी को कुछ नही बताया ,,, राविया फतेह की देख कर मन ही मन बोली ।
पता है मेरे दोस्तो ने ही देख लिया था बाहर ,,, फतह भी राविया को देखते हूए मन ही मन बोला ,,, ,फिर सही है ,,राविया सांस छोड़ते हूया बोली ,,, क्या सही है चरन बोला ,,,, वो कुछ नही बस सब सही है ना आप सब आज यहां पर बस इस लिए बोला ,,,, राविया बोली । वो हम सब तो बस तूमसे दोस्ती करने आये है ,,,जस बोली वो क्या है ना सचिन तो बस तुम्हारे बारे में ही बताता है ,,,तो मुझे तो पता है ,,, बाकी सब मतलब ये दोनो भी तुम्हे दोस्ती करना चाहते है ,,, जस बोली ,,, जरूर क्यू नही करूंगी दोस्ती ,,,, राविया खुश होते हूए बोली ।
फतेह ने बताया के तुम पीजी में रहती हो ,,,,, कुकु बोला ,, तो रिविया ने एक बार फतेह को देखा जो उसे ही देख रही था ,,, हां वो अंकल जी माने नही वेसे मै हॉस्टल में ही रहने वाली थी ,,,राविया बोली । सही है वर्ना मेरा एक फ्लेट है जो खाली है ,,,ओर कैंपस के पास भी है तूम चाहो तो वहां पर भी रह सकती हो ,,, कुकु बोला ,,, तो राविया ने मुस्कुरा कर सिर हिला दिया ,,,वही चरन ओर फतेह उसे ही घुर रहे थे ,,, क्या एसे क्यू देख रहे हो ,,, कुकु बोला । बेटा तूझ से तो बाद में ही बात करते है ,,, चरन बोला । वेसे अब टाईम तो हो ही गया है ,,, चलो सब चलो अपने अपने घर ,,,,, जस बोली ।तो सचिन फिर से रोने का नाटक करते हूए कैसे रहूं गा तेरे बीना केसे केसे वो कुकु के कंधे पर सिर रख कर बोला ,,,वही चरन जस ओर कुकु तीनो की हसी बंद नही हो रही थी ,,,,, राविया अपनी बुक उठा कर अपने ही माथे पर मारते हूए,,,,,, बस कर सचिन बहुत हूया सुबह से तुने मुझे पका दिया ये घटिया से डायलॉग बोल बोल कर ,,,,,,,,
वेसे फतेह चाहे तो तू मिल सकता है राविया से पहले भी ,,,,, चरन बोला केसे सचिन जल्दी से बोला ,,, कुछ ज्यादा नही फतेह को हम सब को दी की शादी में बुलाना होगा बस ,,, ,चरन बोला ,,, जे भी कहने वाली बात है क्या ,, तुम सब आ रहे हो शादी में ,,,, ओर काम भी करवाना है फतेह बोला ।
अब ठीक है अब तो रह लोगे ना ,,,,, राविया सचिन से बोली ,,,तो सचिन ने हां में सिर हिला दिया ,,,,,,,,
चले दी सचिन जस से बोला तो जस ने हां में सिर हिला दिया ओर सब को बाये बोल कर सचिन के साथ चली गई,,,, वही कुकु चरन भी फतेह ओर राविया को बाये बोल कर चले गये ,,,तो बची राविया ओर फतेह ,,,,राविया अपनी बुक्स उठा कर चली गई,,,, वो चलते हूए बाहर आ रही थी के तभी उस के पास कार आकर खड़ी हुई राविया ने देखा तो फतेह बैठा हूया था ,,,,,,वो बोला कुछ नही ,,,तो राविया भी चुप चाप आकर बैठ गई। ओर फतेह ने कार आगे बड़ा दी ।हमेशा की तरह कार में बस शांती ही थी ।
कुकु ओर चरन दोनो जा रहे थे ,,, क्या बात है तु बहुत खुश है ,,, चरन कुकु को देख कर बोला ,,,,,, हा बहुत,, कुकु बोला राज जान सकता हूं मैं ,,, चरन बोला ,,, मेरी बहन के बारे में बताया था ना मेने ,,कुकु बोला ,,,, हां बताया था पर आज केसे याद आ गई,,, तुम्हे तो पता नही ना वो कहां है ,,, चरन बोला ,,, राविया है वो ,,, कुकु बोला तो चरन ने एक दम से गाड़ी को ब्रेक लगा दी ,,, क्या बोल रहा है ,,, चरन कुकु को देख कर बोला हा सच्च बोल रहा हूं ,,,,,,,,,, आज तक मेरे पास उस की कोई फोटो नही थी ,,,,, घर में भी सब को लगता था के उनहो ने मुझ से सच्च छुपा रखा है ,,,,,,,,,, पर आज फतेह की बात से पता चला ,, ,क्यूक बलबीर अंकल ही सब जानते है राविया के बारे में ,,,,,, कुछ दिन पहले ही पापा को उनसे फोन पर बात करते सुना था के राविया उनके पास ही रहती है ,,,,,,, पर ये नही पता था के इतने दिनो से जिसे रोज देख कर अनजान ही रहता हूं वही राविया मेरी बहन है ,,,,,,, कुकु की आंखे में आंसू आ गए थे ,,,पागल है तू ,, इतनी बड़ी खुशी की बात तू एसे बता रहा है ,,, मुझे भी तो बहन मिल गई,,, चल अब अपने आसूं साफ कर ,,,, समझा ,,वैसे भी अंकल को लगता है के तुम्हे कुछ नही पता तो जब तक चलता है तब तक एसे ही चलने दे ,,, चरन बोला ,, ,हां अब कोई कुछ भी कहे पर मैं अब राविया को फिर से दूर नही जाने दूंगा ,,,,, एक फैसले ने हम दोनो भाई बहन में फासले कर दिये थे ,,, अब मैं किसी के फैसले को नही मानूंगा,,,,, कुकु चरन को देख कर बोला ,,,, तो चरन ने कुकु के कंधे पर हाथ रख दिया ,,,,,, चरन ओर कुकु दोनो ही आपस में कजन थे ,,, उनके पापा दो भाई थे ओर घर भी पास पास ही थे पर बड़े आपस में बोलते नही थे ,,पर बच्चो को कभी नही रोका था बोलने से तो दोनो एक साथ ही कालज आया जाया करते थे ।
रब राखा
राविया ओर फतेह दोनो ही घर आ रहे थे के राविया का फोन बज उठा ,,,,,,, फोन देखा तो एक अननोन नंबर से था ,,,राविया पहले तो उसे देखती रही फिर फोन उठा ही लिया ,,,,, हा मै बोल रहा हूं ,,, ,दूसरी तरफ से सचिन बोला हां बोल ओर ये नया नंबर कब लिया ,,,,,, राविया बोली ,,,, ये तो जस दी का है ,,, वो बात थी के दी पुछ रही है के तुम्हे डान्स आता है क्या ,,,,,,, सचिन बोला ,,, तो राविया हैरान होकर नही मुझे नही आता पर तू पुछ क्यू रहा है ,,,राविया बोली ,,,,, अरे वो दी लोगो ने ना शादी की रिसेप्शन के लिये डान्स परफॉर्मेंस देने की सोच रहे है ,,तो पुछ रहे थे तुम्हे भी आता है क्या डान्स,,,सचिन बोला ,,, नही यार मुझे नही आता ,,,,,, राविया बोली ,,,, ओर फोन कट कर दिया ,,,,,,,,, तुम्हे कुछ आता भी है ,,, फतेह एक दम से बोला ,,, मतलब इतने दिनो में वो बोला तो राविया हैरान सी उसे देखने लगी ,,,,,,, मतलब राविया बोली ।
मतलब ना तो तुम्हे गाना आता है ना ही डान्स ,,,,,तो आता क्या है ,,, फतेह बोला । खान ,, खाना आता है ,,,,, लोगो की बाते सुनना आता है ,,,,ओर तो ओर फालतू में लोगो की घुरती नजरों को इग्नोर करना भी आता है ,,,, राविया बोली तो फतेह का तो मुंह ही खुला रह गया ,,,,,,,,, क्यूक घुरती नजरो वाली बात तो सीधे सीधे फतेह के लिए ही बोली गई थी ।,,,वही फतेह गाड़ी चलाते हुए,,,,,, घुरती नजरें ये मेरे लिए बोल रही हो ।ओ नो नो ,,,,,, आपके लिये नही बोल रही ,,वो तो यहां पीजी में मैं रहती हूं ना उनका बेटा बस मुझे ही घुरता रहता है ,,,वो भी बीना बात पर ,,,,, ये बात उस के लिए थी ,,,, राविया सामने देखता हूए बोली ,,,, पीजी ,,,,,, फतेह बोला ,,, ओर फिर राविया को देख कर देखो सीधा सीधा बोलो के मुझे बोल रही थी ,,, ये पीजी वीजी क्या लगा रखा है ,,,,,,, फतेह बोला । अब मैं पीजी में रहती हूं तो पीजी ही बोलूंगी ना ,,,,राविया फतेह को देख कर बोली तो फतेह गुस्से से गाड़ी के स्टेयरिंग पर पकड़ कसते हूए,,फाइन हा कहा तूमहे पी जी तो क्या कहू,,, एक एसी लड़की हमारे यहां रहती है जिसकी खुद की फैमली उसे रख नही पाती ,,,, ओर मेरे घर में रहती है ,,, ये बोलू क्या सब को ,,,,, फतेह गुस्से से बोला तो वही राविया जो मुस्कुरा रही थी अभी उस का चेहरा एक्दम से भाव हीन हो गया ,,,,,,,,, ,उतनी देर में घर भी आ गया तो राविया रोज की तरह गाड़ी से उतरी ओर सब से बातें करके वो अपने रूम में चली गई। उस के पैरों में पहनी हूई पायल जो सुबह तो बहुत शोर कर रही थी ,,पर इस समय वो भी राविया की तरह चप सी लग रही थी ,,,,,,,,
राविया क्या हूआ कुछ प्रॉब्लम्स है क्या ,,,,,, प्रीत राविया से आकर बोली जब राविया शाम की चाय पीने बाहर नही आई थी ,,,,,नही दी वो बस सचिन ने ना आज पुरा दिन सिर खा लिआ था ,,,,तो उसी वजह से सिर दर्द हो रहा है ,,,,, राविया बोली ,,तो लाओ ना तुम्हारा सिर दबा दूं ,,,,, प्रीत बोली । बस दी इतनी केयर मत करो मेरी के कल को पुनीत जीजू को मेरे से जलन हो के उनकी बीवी उनसे ज्यादा मेरे बारे में सोचती है ,,,,,, राविया हस्ते हूय बोली ,,,तो प्रीत भी हस्ते हूय,,,, बोले तो बोलने दो ,,, अब मेरी ये छोटी सी बच्चो जेसी राविया है ही इतनी प्यारी ,,,,, प्रीत बोली । राविया मुस्कुरा दी । चलो फिर चाय पीते है प्रीत बोली तो राविया उस के साथ बाहर आ गई।
वही फतेह जो अपने रूम में बैठा हूये था उसे अपनी कही हुई बात जो उस ने राविया से कही थी बार बार उसी के बारे में सोच रहा था ,,,,मेने कुछ ज्यादा ही बोल दिया,,,,,,,,, फतेह खुद से ही बोला ओर वो भी बाहर आ गया यहां सब लोग बैठे हूए चाय पी रहे थे ओर वही राविया प्रीत के साथ बैठी हूई बाते कर रही थी ,,, राविया को इतना खुश देख कर फतेह खुद से ही ,,, मेने कुछ गलत नही कहा था ,,,अगर गलत कहा होता ना तो ये इतनी खुश नही होती ,,, सच्च में अपने घरवालो से इसकी बनती ही नही होगी ,,तभी तो यहां मेरे घर में रह रही है ,,,,,, फतेह खुद से ही बोला ,,,,,,।
आशा जी ओर बलबीर जी का तो सारा दिन तैयारीयो में हि निकल जाता था वही राविया ने प्रीत की हर एक तैयारी कर रखी थी ,,किस मेकअप आर्टिस्ट से मेकअप होगा ओर नेल्स एकटेंशन,, हेयर ट्रीटमेंट ओर तो ओर प्रीत के लिए एक कोरियोग्राफर भी अरेंज कीया था ,,, अब शादी रोज रोज तो होनी नही है तो जितने भी खुशीया है सब को पुरी तरह से मानो ,,,,,,, कोरियोग्राफर से घर पर ही आने की बात कर ली थी ,,,,,,, आज पहला दिन था तो उपर राविया वाले रूम में ही ,,,,,, प्रीत ओर राविया थी ,,, वही आशा जी ने भी किसी को उन्हे डिस्टर्ब करने से मना कर दिया था ,,,,,,,,,, कोरियोग्राफर जेसे ही बताता प्रीत उसी तरह से करने लगती ,,,,, वाओ दी आपने तो चार चांद लगा दिए,,,, राविया बोली ,,,, पर दी आप ना जीजू को नही बताये गी के आप डान्स सीख रही है ,, उनको तो सीधे रिसेप्शन वाली रात ही पता चले गा ,,,,,,,,, राविया बोली ,,,तो प्रीत ने हां में सिर हिला दिया,,,,
फतेह जो बलबीर जी के साथ कामो में लगा हुआ था ,,,, वो हलवाई के साथही था ,,,हलवाईको भी ऊपर छत पर ही काम करने का बोल दिया था ,,,, ओर खाने का सारा इंतजाम नीचे होने के कारन हलवाईउपर वाली छत पर ही काम कर रहा था ओर, सारा सामान जो भी उसे चाहीए वो भी उपर के रूम में ही लगा रखा था ,,, अब महमान,,,, बार बार उपर नीचे नही हो सकते थे ,,,, महमानो के लिए नीचे वाले रूम रख दिए थे,,,,,, ये आइडिया राविया का ही था,,,, जिस से फतेह अच्छा खासा चिढा हुआ था ,,,,,,,, क्यू अब उसे उपर नीचे आना पड़ रहा था ,,,,,,, ओर मन ही मन जम कर चरन ओर कुकु को गालीया भी दे रहा था ,,,, क्यूक आज दोपहर को पाठ के बाद पुनीत के घर से कुछ लोग आने वाले थे साहा चिट्ठी ले कर,,,, ओर फतेह अकेले कितना काम करता ,,,इस लिएवो चरन ओर कुकु को मन ही मन गाली दे रहा था ,,,,,,
सिड़ियो से उतरते हूए फतेह का ध्यान बार बार राविया के रूम की तरफ जा रहा था ,,,,,,,,,, क्यूक राविया से बात किये उसे पुरे चार दिन हो चुके थे उस दिन के बाद तो राविया उसे पुरी तरह से इग्नोर कर रही थी ,,,,,,तो वो सब के सामने ही कम ही जाती जब फतेह वहां होता ,,,वर्ना पहले फतेह ओर राविया की कुछ बात तो सब के बीच हो ही जाती थी ,,,पर अब तो कुछ भी नही ,, बात तो दूर देखना भी मुश्किल हो गया था ,,,,,, के तभी उसे नीचे से चरन ओर कुकु की आवाज आई ,,जो किसी से बातें करते हूए आ रहे थे ,,, हा जी वो राविया से हि बाते करते हूय आ रहे थे ओर उपर से फतेह ने देख भी लिआ था ,,,,,,
रब राखा
फतेह तो जल भुन गया था के अब उस के दोस्त भी राविया से ही बाते कर रहे थे ,,वो जल्दी से नीचे आया ,,, पर तब तक तीनो माथा टेकने चले गये ओर वही सब के साथ बैठ गये थे ,,,,,,,,,,, तो फतेह बस देखता ही रह गया था ,,,,,, कोई बात नही तुम लोग मिलो गे तो सही ना ,,,, फतेह मन ही मन बोला ओर तभी जस ओर सचिन भी आते हूए दिखे ,,, जस पहली बार आई थी फतेह के घर ,,,, घर तो बहुत अच्छा बना रखा है तूमने ,,,, जस बोली ,,,,,, हां तुम्हे पसंद आया ,,,, फतेह जस को देख कर बोला तो जस ने हां में सिर हिला दिया ,,,,,, वही सचिन आगे चला गया था ओर वो राविया के पास जाकर बैठ गया तो फतेह ओर जस दोनो भी वहां सब के साथ बैठ गये ,,,,,,,,
लंगर चल चरा था ओर राविया कुकु चरन सचिन सब को लंगर वरता रहे थे ,,,,, वही फतेह की ड्यूटी मिठाई लाने के लिये थी क्यूक क्यूक कुछ ही देर में लड़के वालों की तरफ से महमान आने वाले थे ,,,,,,, ओर बलबीर जी मिठाई लाना भुल गए थे ,,,,, जा ना जल्दी जा ,,,सुखे की दूकान से लेकर आ जा ,,,, बलबीर जी अपनी गाड़ी की चाबी फतेह को देते हूय बोले ,,, पर पापा लाना क्या है ,,ओर कितना लाना है ,,,,, फतेह बोला ,,,,,तो बलबीर जी ने राविया जो पास से गुजर रही थी उसे आवाज लगा कर फतेह के साथ जाने को बोल दिया ओर साथ ही सब बता भी दिया के क्या केसे केसे लाना है ,,,, क्यूक फतेह के चेहरे को देख कर लग रहा था के वो किसी भी समय फट पड़े गा,,,,,, समझ गई ना पुतर,,बलबीर जी बोले ,,,,,, तो राविया अपना फोन बलबीर जी से लेते हुए,,,ठीक है अंकल जी बोली ओर जल्दी से फतेह के पास आ गई,,,वही फतेह उसे घुरकर देखने लगा ,,,,,, चले घुरना बाद में कर लेना ,,,,,, राविया बोली तो फतेह ने चाबी राविया को पकड़ा दी,,,, खुद चली जाओ मेरे पास समय नही है ,,,फतेह गुस्से से बोला ,,,,तो राविया ने उसे एक बार देखा ,,, ठीक है बोल कर उस ने चाबी लगाई ओर गाड़ी स्टार करके घर से बाहर चली गई,,,,,, वही फतेह तो बस मुंह खोले देखता ही रह गया ,,,,,,,
ओर तभी उस के कंधे पर एक हाथ आया फतेह ने देखा तो बलबीर जी उसे ही घुर रहे थे ,,,, तेरा होगया इस लिये तुम्हे ना बता कर राविया को भेजा तेरा साथ के गुस्से में आधी चीजे तो तू भुल ही जायेगा ,,,,,,, तो फतेह ने हां में सिर हिला दिया ,,,,, तो देख क्या रहा है जा ना ,,,बलबीर जी बोले तो फतेह जल्दी से गेट के बाहर की तरफ भागा ,,,ओर बलबीर जी गांव के लोगो के पास चले गये ,,,,,, फतेह गेट से बाहर आया तो रावाया वही बाहर ही खड़ी थी ,,,,,तो फतेह दूसरी तरफ आकर बैठ गया ओर राविया ने गाड़ी आगे बड़ा दी ,,,,,
वही कुकु ओर चरन दोनो की ही नजर राविया पर थी ,,, ,ओर वो राविया को इतना इंडीपेंडेंट देख कर खुश भी थे के उनकी बहन को दूनिया के मुताबिक चलना भी आता है ,,,,,, कुकु तो अब राविया की तरफ से बिल्कुल ही निश्चिंत था ,,,,,पर फतेह का उस के साथ वरताव उसे सही नही लग रहा था ,,,पर वो कुछ नही बोला वही चरन ने भी उस के कंधे पर हाथ रख दिया ,,,,,,, राविया बहुत समझदार है ,,,, चरन बोला तभी पास से जाती आशा जी दोनो को देख कर ,,,,तो क्या तूम दोनो को पता चल गया ,,,तो कुकु ओर चरन ने हां में सिर हिला दिया ,,,,ठीक है पर राविया को कुछ नही पता ओर फतेह को भी ,,,, तो तुम चाहो तो बता सकते हो पर फिर राविया यहां भी नही रहेगी ,,,,, आशा जी कुकु के सिर पर हाथ रखर कर बोली ,,,नही आंटी जी हम किसी को कुछ नही बताये गे,,, कुकु बोला तो आशा जी के चेहरे पर स्माईल आ गई,,,,,, ठीक है आज रात यही रुकना है तैयारी करके आये हो ना ,,,,आशा जी बोली ,, हा आंटी जी आज रात को सब मिल कर नयू इयर मनाये गे ,,,, चरन बोला ठीक है आशा जी बोली ।
वही जस ओर सचिन तो प्रीत के पास बैठे बातें कर रहे थे ,,,, प्रीत दी राविया कहां है कही नजर नही आ रही ,,,,सचिन प्रीत से बोला पता नही मुझे भी नही दिखी यही कही होगी ,,,, प्रीत बोली तो सचिन फिर से राविया को इधर-उधर देखने लगा
मुश्किल से दस मिनट में दोनो पास के शहर में पहुंच गया ओर राविया गाड़ी से बाहर निकल गई वही फतेह बस बैठा उसे देखता रहा ,,,,राविया ने उसे देखा भी पर फतेह नही आया ,,,, तो राविया ने जल्दी से सब मिठाई ली ओर उसे गाड़ी में रखवा दिया ,,,,,फिर फोन पर कुछ बात की ओर दूकानदार से कुछ बाते की साथ ही उस ने ताजा बने लड़ का भी एक डिब्बा ले लिया ओर खुद खाने लगी ,,,, दूकानदार राविया से बात करते समय खुश नजर आ रहा था तो राविया भी खिलखिला रही थी ,,,,,,,,, साथ ही उस ने फोन पर कुछ किया ओर अंकल जी को बाये बोल कर वापस से गाड़ी में आकर बैठ गई,,,,,,,,,, फतेह ये सब गाड़ी में बैठा ही देख रहा था उसे गुस्सा भी आ रहा था के राविया ने उसे जाने के लिए नही बोला ,,,,,ओर फालतू का उस दूकानदार के साथ नंबर बदल रही थी ,,,,,,,राविया अंदर बैठी ओर गाड़ी घर की तरफ बड़ा दी ।
कुछ तीस मिनट बाद दोनो वापस घर पहुंच गए,,,,,,,, राविया ने गाड़ी खड़ी कर दी,,,,, फतेह गाड़ी से निकला ओर सीधे अंदर चला गया ,,उसे पता नही किस बात से गुस्सा था के वो बस सीधे अंदर की तरफ चला गया ,,,,, राविया ने उसे जाते देखा ओर फिर खुद गाड़ी से बाहर निकली ,,तब तक चरन कुकु सचिन भी वही आगये ,,, ओर राविया के साथ डिब्बे उठा कर अंदर लाने लगे ,,, कहा गई थी कब से तुम्हे देख रहा हूं ,,, कुछ बताना था तूमहे ,,,, सचिन जल्दी से बोला ,,,, ठीक है करते है बात पहले ना काम हो जाए,,, राविया बोली ओर चारो अंदर पहुंच गये ,,, अंदर हॉल में ही सब लोग बैठे हूए थे ,,,तो राविया सब को देख कर हैरान ही रह गई,,,,, वही सचिन उसे देख कर यही तो बताना था तूमहे ,,,, सचिन बोला ,,,,राविया ने सचिन को देखा ओर फिर हाथ में पकड़े डिब्बे टेबल पर रख दिए ओर सब को नमस्ते बोला ,,,,
रब राखा
राविया ने सब को नमस्ते बोला ,,,,,तो वही आशा जी राविया के पास आकर ये राविया है ,,,हमारे साथ ही रहती है ,,, आशा जी बोली ,,,तो सामने बेठा एक लड़का राविया के पास आकर,,,,, कैसी हो राविया ,,,,, लड़का बोला ,,तो आशा जी राविये से बेटा ये जीत हे पुनीत का भाई,,,,,,, तो लड़का ही बोला ,,,, हम पहले भी मिल चुके है आंटी जी,,,, जीत बोला पर ध्यान राविया पर ही था ,,,,,, अच्छा हा आशा जी बोली ,,,,,, वही कुकु चरन जस इनको पहले ही पता था ओर सचिन सब देख रहा था ,,,, सब लोग एक तरफ खड़े थे तो फतेह सब के साथ बैठा हूया था ,,,,,,,, नमस्ते,,राविया बोली ,,,के तभी प्रीत ने राविया को आवाज लगा दी ,,तो राविया प्रीत के पास चली गई,,,, तो जीत वापस से अपनी जगह पर बैठ गया ।
अंकल जी कल घर में पाठ का भोग है ओर मम्मी सब चाहते है के आप सब भी शामिल हो ,,, जीत बोला ,,,,, ओर जी साथ में साहे चिट्ठी की रस्म भी पुरी हो जाये गी ,,, जीत की मासी बोली ,,,,,,, सब लोग खुश थे ,,,, जी क्यू नही हम पहुंचने की पुरी कोशिश करेंगे,,, बलबीर जी बोले । तो जीत ने सब को देख खर एक कार्ड ओर मिठाई का बॉक्स बलबीर जी को पकड़ा ते हूए,,, अंकल जी ये तो में भल ही गया था ,,,,जीत बोला ।तो सब हस दिये । सब लोग बाते करने लगे ,,,वही फतेह तो बस राविया को ही घुर रहा था ,,, ना जाने क्यू पर उसे बहुत गुस्सा आ रहा था ,,,राविया पर क्यूक वो वही खड़ी थी ओर कोई था जो उसे देख रहा था ओर वो जीत था जो राविया को ही देख रहा था ओर यही बात फतेह को बुरी लग रही थी ,,,, असल में उस के दिमाग में तो कुछ ओर ही चल रहा था ,,,,,, ओर जो उस के दिमाग में चल रहा था वो ये था के ,,,,, राविया को वो किसी भी हाल में अपनी बहन की जिंदगी में नही जाने देगा लाइक ,,,,, जीत के साथ,,,वो तो अपने ही बेतुके ख्याल में गुम था ,,,,,,
वही अब समय था सब को खाना खिलाने का ,,,, पर जीत तो अपनी भाभी से बात करने में बीजी था ओर साथ ही राविया से हुई पहली मुलाकात के बारे में बता रहा था ,,,, वही प्रीत हैरान सी उस की बातें सुन रही थी ,,,, पर राविया ,,,,,वो कुछ बोलने ही वाली थी के राविया वही आ गई ओर जीत को देख कर ,,,,,, आप भी खाना खा लें ,,, राविया बोली ,,,,, तो जीत मुस्कुरा कर ,,, ये आप आप कह कर तो आप हमे पराया कर रही है ,,,मिस साली साहिबा,,जीत बोला ,,,,, तो मिस्टर देवर जी चलिए बाहर सब आपका इंतजार कर रहे है ,,,राविया अपने हाथ कमर पर रख कर बोली ,,,, बड़ा हूं पता है ना क्या कहा था ,,,, जीत बोला ।कालज की बात कालज में ,,,,,,,, ये घर है ,,,तो फोरमेलटी किस बात की ,,,,,, राविया बोली ,,तो जीत मुस्कुरा कर सच्च में भाई सही बोलत है के तुमसे कोई जीत नही सकता ,,,, जीत बोला ।तो जी किस ने कहा है जीतने को ,,,, राविया बोली ओर प्रीत को देख कर दी अगर अपने देवर से फुर्सत हो तो चले ,,, राविया बोली तो प्रीत राविया के साथ चल दी ,,,,,
वही महमानो में आई हुई पुनीत की मासी राविया को बहुत ध्यान से देख रही थी ,,,,बहनजी ये लड़की आपकी क्या लगती है ,,,, मासी आशा जी से बोलो ,,,, जी हमारे रिश्तेदार की बेटी है ,,,,यही पढती है तो हमारे पास रहती है ,,, आशा जी बोली ।अपने घर पर क्यू रखा है आपने ,, घर में जवान जहान बेटा रहता है ,,,कल को कोई उच नीच हो गई तो क्या करेंगी आप ,,, मासी जी खाते हूए बोली उनकी आवाज उची थी तो वहां पर मौजूद सब ने उनकी बात सुन ली ,,,,,,, बात करने का लहजा भी कुछ अजीब ही था ,,,,,,, फतेह तो पहले से ही राविया से चिड़ बैठा था ,,तो उसे तो मासी की बात सही लगी पर प्रीत जो राविया के साथ आई थी उसे बहुत बुरा लगा ,,,,, सब को बुरा लगा बलबीर जी तो बोलने ही जा रहे थे पर राविया आगे आकर आंटी जी को देखने लगी ,,,,,,, अरे आंटी जी आप को किस ने कह दिया के मैं यहां रहती हूं ,,,, वो तो बस शादी तक ही यहां हूं ,,,, फिर मैं शिफ्ट हो जाऊ गी यहां से ,,,, राविया की बात सुनकर मासी जी को भी एहसास हो गया था ,,, ओर वही जीत ने उन्हे नाराजगी से देखा ,,, नही बेटा मेरे कहने का वो मतलब नही था ,,, आंटी जी बोली ,,,,,,,,, अरे आंटी जी ये वाली बर्फी खाये जीजे ने स्पेशल आपकी पसंद बताई थी हमे ,,,बोले थे के फेवरिट मासी है आप उनकी ,,, राविया मिठाई का पीस प्लेट में रखते हुए बोली ,,,तो सब लोग खाने लगे ,,,पर आशा जी के मन में सवाल जरूर पैदा हो गया था। तो वही बलबीर जी राविया को देख कर खुश थे ,,,,,,,,,
कुकु को बहुत बुरा लगा था ,,,वही चरन ने कुकु के कंधे पर हाथ रख दिया था ,,,ओर आंखो से ही उसे चुप रहने का बोला
अच्छा अंकल जी अब हम चलते है ,,, मासी ने जो भी कहा उस के लिए माफी वो कुछ भी बोल जाता है ,,,, जीत बलबीर जी से बोला ,,,,,,, कोई बात नही बेटा ,,,,, ये सब तो चलता ही रहता है ,,, बलबीर जी बोले ,,,ओर सभी महमानो को मिठाई वाले डिब्बे देने लगे ,,, जेसे ही मासी को डिब्बा दिया जाने लगा तो राविया जल्दी से बीच में आ गई,,,ओर डिब्बा पकड़ लिया ,,क्या हूया पुतर तुने डिब्बा क्यू पकड़ लिया बलबीर जी बोले तो वही सब राविया को देखने लगे ,,,, अंकल जी वो क्या है ना ,,,मेने ये वाला डिब्बा ना अपने लिए लिया था ,,,, ,राविया बोली तो सब के चेहरे पर हसी आ गई,,,,, तो मासी आगे आकर डिब्बा लेते हूए,,, पर अब तो मेरा हो गया ना ,, ,मासी बोली ,,,, आंटी जी इस में से ना पुरे पांच लडू गायब है ,,, राविया बोली तो सब लोग हसने लगे ,,,,, कोई बात नही पांच लडू माफ किए हमने ,,, मासी बोली ओर राविया के सिर पर हाथ रख दिया ,,,,,, ,,,, चले जीत मासी बोली तो सब लोग चले गये ,,,,वही घर वाले सब को गेट तक छोड़ने आया ,,,,,, ,,,
रात को सब लोग बेठे खाना खा रहे थे ,,, यहां जस ओर सचिन भी आज यही रहने वाले थे ,,,वो अपने घर में बता आये थे,,,,,,,,, वही कुकु ओर सचिन भी सब के साथ बैठे हूए थे ,,,, आशा जी राविया सब को खाना सर्व कर रही थी ,,,, बलबीर जी के बड़े भाई,,,,, सतबीर जी भी राविया को ही देख रहे है।
अच्छा आंटी जी राविया तो पीजी है ना आपके यहां तो आपने सब को ये क्यू कहा के आपके रिस्तेदार की बेटी है ,,, जस बोली जो सब के साथ बैठ कर खाना खा रही थी ,,,, वही फतेह एक दम हैरान सा उसे देखने लगा ,,बाकी सब भी जस को ही देख रहि थे कुकु ओर चरन को छोड़ कर अब उन्हे तो सच पता था ,,,,,,, ,तुम्हे किस ने कहा ,,,,, प्रीत बोली । फतेह ने ,,वो भी हमे कुछ दिन पहले ही पता चला था के राविया आपके यहां रहती है ,,,,जस राविया को देख कर बोली वही राविया सब को देख कर ,,,,,, मैं अभी रोटी लेकर आती हूं बोली । नही राविया पीजी नही है ,,,वो हमारे साथ रहती है ,,,,,,आशा जी बोली ,,,,, तो जस ओर सचिन दोनो ही फतेह को देखने लगे ,,,ओर वही फतेह सब को स्माईल कर रहा था ।
रब राखा