समुद्र के बीचोंबीच मौत और विश्वासघात का खेल चल रहा था। कायनात मुखर्जी, जिसे दुनिया "बेरहम क्वीन" कहती थी, अपने सबसे करीबियों के धोखे का शिकार हो चुकी थी। बचपन का दोस्त, प्यारी बहन जैसी शिवानी और माँ जैसी मासी—सबने लालच में उसके खिलाफ साज़िश रची। घायल... समुद्र के बीचोंबीच मौत और विश्वासघात का खेल चल रहा था। कायनात मुखर्जी, जिसे दुनिया "बेरहम क्वीन" कहती थी, अपने सबसे करीबियों के धोखे का शिकार हो चुकी थी। बचपन का दोस्त, प्यारी बहन जैसी शिवानी और माँ जैसी मासी—सबने लालच में उसके खिलाफ साज़िश रची। घायल और टूटी हुई कायनात के चेहरे पर दर्द नहीं, बल्कि ठंडी मुस्कान थी। उसने सबको बता दिया कि वह मूर्ख नहीं, बल्कि चालों की महारानी है। और फिर… अचानक हुए धमाके ने सबको मौत की नींद सुला दिया। सवाल यह है—क्या यही अंत था कायनात का, या उसकी कहानी यहीं से शुरू होगी?
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एक समुद्री जहाज में इस वक्त चार लोग शामिल थे—एक 25 साल की दो लड़कियां, एक 27 साल का लड़का, और एक मिडिल एज औरत, जिसकी उम्र तकरीबन 40 साल के आस-पास होगी, मगर उसने खुद को इतनी अच्छी तरह मेंटेन किया हुआ था कि वह 30 साल की लग रही थी।
उन दो लड़कियों में से एक बुरी तरह से जख्मी थी, मगर उसके चेहरे पर दर्द का नामोनिशान तक नहीं था।
वह लड़की अपने सामने खड़े उन धोखेबाज लोगों को नफरत से देख रही थी, जिनके लिए उसने न जाने कितना कुछ किया था। उसने इतने खतरनाक काम भी किए थे कि उसकी जान जाते-जाते बची, और आज यही लोग उसे मौत के कगार पर छोड़ गए।
वह जख्मी लड़की कोई और नहीं बल्कि कायनात मुखर्जी थी, जो पूरे अंडरवर्ल्ड और बिज़नेस वर्ल्ड पर राज करती थी।
लोग उसे "बेरहम क्वीन" बुलाते थे, क्योंकि कायनात अपने दुश्मनों को इतनी बेरहमी से मारती थी कि मौत भी कांप जाए।
जो कायनात के साथ दूसरी लड़की थी, वह थी शिवानी राठोर।
जो लड़का था, वह था कायनात का बचपन का दोस्त, राजीव शुक्ला।
और जो मिडिल एज औरत थी, वह थी कायनात की सगी मासी, भावना राठोर, जिसे कायनात ने अपने परिवार के गुजर जाने के बाद सहारा दिया और उसे अपनी माँ जितना प्यार और सम्मान दिया।
कायनात वैसे तो बहुत बेरहम थी, मगर इन तीन लोगों के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहती थी। कायनात के लिए ये तीनों उसके परिवार जैसे थे।
कायनात की वजह से शिवानी एक बहुत पॉपुलर हीरोइन थी, और राजीव शुक्ला एक बड़ा बिज़नेसमैन—बस कहने के लिए, वरना सारा काम तो कायनात ही करती थी, जिससे राजीव की कंपनी नंबर 2 पर आती थी।
नंबर 1 पर कायनात की कंपनी, दूसरे स्थान पर रायचंद इंडस्ट्री, और तीसरे स्थान पर रजावत इंडस्ट्री आती थी।
कायनात को अपने जख्मों से ज़्यादा अपने दिल में दर्द हो रहा था, मगर अब उसे इन लोगों से नफरत हो चुकी थी।
वह नफरत और गुस्से से बोली,
"आखिर क्यों? तुम लोगों ने ऐसा क्यों किया? मैंने तो तुम्हें अपना परिवार माना… और तुम लोगों ने क्या किया? मुझे ही मारना चाहते हो? सिर्फ पैसों के लिए?"
अभी उसने इतना ही कहा था कि भावना राठोर उदास चेहरा बनाकर बोली,
"अरे मेरी बच्ची, ये तुम क्या बोल रही हो? हम भला ऐसा क्यों करेंगे? हम तो तुम्हें बहुत प्यार करते हैं… सच में, तुम्हारी कसम!"
फिर थोड़ी देर रुककर भावना ने कायनात को देखा और हंसते हुए बोली,
"वो क्या है ना, कायु बेटा… अब हमें तुम्हारी कोई जरूरत नहीं है। बस इसलिए हम तुम्हें दुनिया से आज़ाद करना चाहते हैं बेटा… ताकि तुम और हम आराम से रह सकें। देखो ना, हम तुम्हारे बारे में अभी भी कितना सोचते हैं!"
इतना कहकर वह मुस्कुराने लगी और फिर कुछ सोचते हुए बोली,
"ओहो! ये मैं क्या बातें लेकर बैठ गई! तुम्हें एक बात बताना तो भूल ही गई… कि अब तुम्हारी सारी प्रॉपर्टी और मेंशन शिवानी और राजीव ने अपने नाम कर लिए हैं। क्योंकि तुम्हारे मरने के बाद इतनी प्रॉपर्टी का क्या होगा? तो मैंने सोचा, क्यों ना तुम्हारी थोड़ी मदद कर दूं! तो कैसी लगी मदद? हां, बोलो?"
फिर उसने एक डेविल स्माइल की।
मगर तभी वहां एक डेंजरस हंसी गूंजने लगी जिससे उन तीनों के शरीर में कंपकंपी दौड़ गई। वे डरकर कायनात की ओर देखने लगे।
कायनात उन लोगों को डरते हुए देखकर एक क्रीपी स्माइल करती है और दिल दहला देने वाली आवाज़ में बोलती है,
"क्या कहा, भावना राठोर? तुमने कि सारी प्रॉपर्टी तुम्हारे नाम हो गई है? हां?"
फिर वह जोर-जोर से हंसने लगती है और अचानक गुस्से से चिल्लाती है—
"तुम्हें क्या लगा? तुम मुझे… यानी बेरहम क्वीन को धोखा दोगे और मुझे पता नहीं चलेगा? तुम्हें मैं इतनी बेवकूफ लगती हूं कि तुम बेवकूफ चूज़े मुझे बेवकूफ बनाओगे और मैं बन जाऊंगी?"
फिर वह तिरस्कार से मुस्कुराते हुए आगे बोली—
"तो मेरी प्यारी मासी… सारी प्रॉपर्टी और सब कुछ अभी भी मेरे पास है। और अब तो तुम चाहकर भी मुझसे कुछ नहीं छीन सकते! तुम लोगों पर शक तो मुझे एक महीने पहले ही हो गया था। फिर क्या? जब तुमने उस प्रोजेक्ट वाले पेपर के साथ प्रॉपर्टी वाले पेपर मिलाए, तो मैंने वे पेपर बदलवा दिए। नकली प्रॉपर्टी पेपर पर तुमसे साइन करवा लिए। जब मुझे तुम पर शक हुआ, तभी मैंने तुम पर नज़र रखना शुरू कर दिया, और तुम्हारी सारी काली करतूतें मेरे सामने आ गईं!"
वह उनकी तरफ खतरनाक नजरों से देखती है और बोलती है,
"और आज… तुम नहीं, बल्कि मैं तुम्हें यहाँ लेकर आई हूँ! तुम्हारी इतनी भी औकात नहीं है कि तुम मुझे धोखा दे सको!"
जब उन लोगों ने कायनात की बातें सुनीं, तो उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। वे गुस्से में आगे बढ़े और चाकू से उस पर वार कर दिया।
कायनात पहले से बहुत ज़ख्मी थी, क्योंकि उसके राइवल कंपनी ने उस पर अटैक किया था और फिर इन लोगों ने उसे यहाँ लाकर पटक दिया था।
इतने चाकू लगने के बाद भी कायनात के चेहरे पर दर्द की एक शिकन तक नहीं आई।
वह अपनी गहरी, ठंडी आवाज़ में बोली—
"तुम लोगों को मैंने अपना परिवार माना… और तुम लोगों से मैंने बहुत प्यार किया। मगर अफसोस, तुम लोग लालची और एहसान फरामोश निकले। तो तुम्हें इसके लिए इनाम तो मिलना चाहिए!"
जब उन लोगों ने कायनात की बात सुनी, तो वे चौंककर बोले,
"कैसा इनाम?"
कायनात हंसते हुए बोली,
"तुम लोगों के लालच के लिए एक ही इनाम है… मौत!"
राजीव हंसते हुए बोला,
"मानना पड़ेगा, तुम सच में क्वीन हो! क्योंकि रस्सी जल गई मगर बल नहीं गया—ये कहावत तुम पर पूरी तरह फिट बैठती है। मगर कायु डार्लिंग, तुम तो मरने वाली हो… और दूर-दूर तक यहाँ कोई नहीं है, जो तुम्हें बचा सके!"
कायनात बस हल्का सा मुस्कुराई और बोली,
"तुम्हें क्या लगा? तुम लोग मुझे मार दोगे, और मैं तुम लोगों को ऐसे ही छोड़ दूंगी? नो, नो, राजीव!
तुम सब भी मेरे साथ मरोगे…
सो, सरप्राइज़!"
कायनात के इतना कहते ही वहाँ एक ज़ोरदार ब्लास्ट हुआ।
चारों तरफ शांति फैल गई… और वे चारों मौत की नींद सो गए।
तो क्या यही अंत था कायनात का या वो फिर से वापस आयेगी?
एक बङे से हास्पीटल में एक करीब 17 साल की लङकी लेटी हुई थी। उसके माथे पर पट्टी बंधी हुई थी और वो करीब एक महीने से कोमा में थी । डाॅक्टर ने लङकी के बचने के चांस 0 बताये थे मगर उसकी दादाजी जो जाने माने रायचंद खानदान से थे उनकी वजह से अभी भी डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे मगर जल्दी रिस्पांस नहीं दे रही थी जैसे कि उसके जीने कि इच्छा मर चुकी हो । अभी लङकी के पास एक मिडिल एज नर्स बैठी हुई थी। तभी अचानक लङकी के हाथों की उंगलियों में हलचल होने लगी जैसे ही नर्स ने ये देखा वो डाॅक्टर को बुलाने चली गई। इधर लङकी कि सांसें बहुत तेज़ चल रही थी । थोङी देर में डॉक्टर वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा लङकी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने बहुत कोशिश की मगर फिर भी लङकी अच्छे से सांस नहीं ले पा रही थी तभी अचानक लङकी कि सांसें और तेज़ चलने लगी और उसकी सांसें थम गई।
डॉक्टर डर से पीले पड़ गये और अपने भारी कदमों से दरवाजे की तरफ जाने लगे मगर तभी जो लङकी मर चुकी थी उसने एक लंबी सांस ली और उसकी सांसें नार्मल हो गई। जब डाक्टर ने सांस की आवाज सुनी तो पीछे मुड़कर देखा मगर जैसे ही उनकी नजर बैड पर सोई लङकी पर पड़ी तो वो सदमे में चले गये क्योंकि जो लङकी अभी कुछ देर पहले मर गई थी वो फिर से जिंदा हो गई थी। ये किसी चमत्कार से कम नहीं था वो वापस आये और उस लङकी का चेकअप करने लगे ।मगर चेकअप के बाद वो और भी हैरान रह गए क्योंकि जो लङकी इतने दिन से कोमा में मरने के कगार पर थी वो लड़की अभी बिल्कुल नार्मल थी जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो । थोङी देर बाद वो सब लोग वाड से बाहर चले गए और किसी को कॉल कर बोले मिस्टर रायचंद अब मिस रायचंद बिल्कुल ठीक है आप उन्हें घर ले जा सकते हैं।इतना बोलकर वो अपने कैबिन में चले गए।
इधर वाड में लङकी को धीरे धीरे होश आने लगा । जैसे ही उसे होश आया। उसको अचानक से बहुत रोशनी अपने आंखों पर महसूस हुई तो उसने आंखें बंद कर ली और फिर कुछ देर बाद उसने अपनी आंखें खोली। जैसे ही उसने आंखें खोली उसे हास्पीटल का कमरा दिखा जो बहुत ज्यादा लगजिरियस था । उसे थोङा सा अलग फील हो रहा था ।और वो सोच रही थी कि वो तो ब्लास्ट में मर गई थी ना तो फिर वो यहां कैसे पहुंची। क्या किसी ने उसे ब्लास्ट से बचा लिया था मगर वहां तो दूर दूर तक कोई नहीं था ।ये सब सोचते हुए वो वाशरुम में चले गई। और अपने चेहरे पर ठंडे पानी के छीटे मारकर जैसे ही अपनी सकल उसने मिरर में देखी तो वो बहुत ज्यादा शौक हो गयी । और अपने चेहरे को हर जगह छूने लगी और बोली ये किसका चेहरा है ये मैं तो नहीं हूं। तभी उसकी नज़र अपने शरीर पर गई तो वो और ज्यादा शौक हो गई। क्योंकि जिस लङकी के शरीर में अभी वो थी वो 16 साल कि बच्ची थी । तभी उसे अचानक कुछ याद आया और वो हैरानी के साथ बोली मतलब मेरा रिबर्थ हुआ है वो भी किसी और के शरीर में । (जी हां दोस्तों ये कोई और नहीं हमारी कायनात है जिसका रिबर्थ एक 16 साल कि दिखने वाली लङकी के शरीर में हुआ है) कायनात अपने मन में बोली मगर ये लड़की कौन है और इसके साथ क्या हुआ। अगर मैं इसके शरीर में हूं तो ये लङकी कहा गई। तभी एक रोशनी प्रकट हुई। जो इस लङकी के जैसी ही दिख रही थी।
कायनात उसे देख कर हैरान हुई मगर उसने अपने चेहरे पर ये जाहिर नहीं होने दिया। और उसे एक टक देखने लगी । तो वो लङकी हल्का सा मुस्कुराई और कायनात से बोली कायनात आप हमारे यानि अनाया रायचंद के शरीर में हैं। और आज से शरीर आपका हुआ। आप सोच रही होंगी कि हम ऐसा क्यों बोल रहे हैं तो हमारी जीने कि इच्छा खत्म हो गई थी क्योंकि हमारे पास कुछ नहीं हैं जिसके लिए हम जीयें इसलिए हमने मौत चुनी मगर आपके अंदर आपकी आखिरी समय में भी ज़ीने की इच्छा कायम थी इसलिए महादेव ने आपको मेरा शरीर दिया है जीने के लिए क्योंकि आपका शरीर उस ब्लास्ट में नष्ट हो गया था। हम आपके लिए बहुत खुश हैं। मगर हमें आपसे थोङी सी मदद चाहिए क्या आप हमारी मदद करेंगी। तो कायनात उसे देखते हुए बोली। बिल्कुल आपने हमें अपना शरीर देकर हमें नया जीवन दिया है तो हम आपके लिए इतना तो कर ही सकते हैं।
कायनात कि बात पर अनाया कि आत्मा मुस्कुराई और बोली ज्यादा नहीं बस हमने जो ग़लती नहीं कि थी आप बस वो सच सामने ला दीजिए ताकि मेरी आत्मा को शांति प्रदान हो वरना मैं मरने के बाद भी इसी आत्मग्लानि में रहूंगी कि मैं खुद को बेकसूर साबित नहीं कर पाई और ऐसे ही भटकतीं रहूंगी।तो कायनात बोली कौनसा सच तो अनाया बोली आपको अभी सब कुछ समझ आ जाएगा इतना बोल कर उसने अपना हाथ कायनात के सिर पर रख दिया। इसी के साथ कायनात को अपने सर में तेज दर्द हुआ और उसके दिमाग में कुछ यादें धीरे धीरे चलने लगी और कुछ समय बाद उसे रियल अनाया कि सारी यादें मिल गई। कायनात ने झटके से आंखें खोली और उसकी आंखें लाल हो गई थी। क्योंकि कायनात एक माफिया थी और ऊपर से पत्थर दिल मगर अनाया के साथ जो कुछ हुआ उसके लिए उसे अपने दिल में बहुत दर्द हुआ। उसने अनाया कि आत्मा को देखा और उससे वादा करते हुए कहा हम आपसे वादा करते हैं हम सच सामने लाकर रहेंगे और जिन लोगों कि वजह से आपको तकलीफ हुई है उन लोगों को जीते जी नर्क के दर्शन करायेंगे।इस बात पर अनाया कि आत्मा मुस्कुराई और बोली अब हमारे जाने का समय हो गया है और इसी के साथ वो गायब हो गई। कायनात ने अपने चेहरे को एक बार फिर आईने में देखा और एक ख़तरनाक स्माइल करते हुए बोली बहुत हुआ मासूम बनकर अब तुम सब कि मुलाकात मुझसे होगी कायनात से नो नो कायनात नहीं अनाया उर्फ बेहरमी क्वीन से और जोर जोर से हंसने लगी उसकी हंसी इतनी भयानक थी कि किसी कि भी रुह कांप जाये। फिर उसने हंसना बंद किया और वार्ड के अंदर चले गई और बैड पर जाकर लेट गई क्योंकि उसे अभी भी बहुत कमजोरी महसूस हो रही थी अभी उसे कुछ समय ही हुआ था कि किसी के अंदर आने कि आहट सुनाई दी तो वो अलर्ट हो गई और उसने आंखें खोल कर दरवाजे कि ओर देखा तो वहां दो ओल्ड कपल खङे थे जो कि आंखों में आंसू लेकर उसे ही देख रहे थे । और धीरे धीरे अनाया के करीब आने लगे (अब से हम कायनात को अनाया ही बोलेंगे) और वो औरत और आदमी अनाया के पास आकर उसके गले से लग गये कायनात को किसी के ऐसे चिपकने से गुस्सा आता था मगर अभी वो अनाया के शरीर में हैं तो उसे उन दोनों का गले लगाना सुकुन दे रहा था ।
थोङी देर बाद वो उससे अलग हुए और वो बूढ़े आदमी जो कि अनाया के दादाजी थे जिनका नाम रंजीत रायचंद था । और उनके साथ जो औरत है वो है राधिका रायचंद यानि अनाया कि दादी मां । दोनों अलग होकर अनाया के माथे पर किस करते हैं और दादाजी बोलते हैं कैसा है मेरा शैतान बच्चा तो अनाया बिना भाव के बोलती है मैं अब ठीक हूं दादू। दादाजी अनाया को इतना शांत देखकर बहुत दुखी हुए और उनके दिल में एक टीस उठी क्योंकि अनाया बहुत ही शैतान थी और बहुत बातुनी भी। दादीजी अनाया से बोली बच्चा अब आपको कहीं दर्द तो नहीं हो रहा तो अनाया बोली नहीं दादी मां मैं अब बिल्कुल ठीक हूं। तो दादाजी बोले तो ठीक है तब मैं तुम्हारे डिस्चार्ज पेपर रेडी करवाता हूं फिर हम घर चलेंगे तो अनाया बोली नहीं दादू अब तो मैं बिल्कुल ठीक हूं तो मैं अपने हास्टल जाना चाहती हूं। अभी दादाजी कुछ बोलते उससे पहले ही दादीजी बोली बिल्कुल नहीं तुम घर चल रही हो और अब कोई बहस नहीं अगर तुम घर नहीं आई हमारे साथ तो मैं सोचुंगी तुम हमें अपना नहीं मानतीं हो और उनके आंखों से आंसू बहने लगे जिसे देखकर अनाया को बिल्कुल अच्छा नहीं लगता और वो उनके गले लगकर बोली आप ऐसा मत कहिए दादी मां एक आप दोनों ही तो हो जो मेरा सच में अपना है । अनाया कि बात सुन कर दोनों को बहुत तकलीफ़ हुई क्योंकि अनाया का भरा पूरा परिवार था फिर भी उसे कभी परिवार का प्यार नहीं मिला ।ऐसे ही शाम हो गई और अनाया को डिस्चार्ज मिल गया । थोङी देर बाद उनकी गाड़ी रायचंद मेंसन के आगे रूकी अभी तक रात हो चुकी थी अनाया और दादाजी - दादीजी ने बाहर ही डिनर कर लिया था इसलिए वो सीधे अपने कमरे में चले गए और अनाया गैस्ट रूम में जाकर बैठ पर लेट गई और उसे कुछ सोचते सोचते नींद आ गई।
तो आगे कि कहानी जानने के लिए पङते रहिये ये कहानी
कहानी पसंद आये तो रिव्यू दें और लाइक कमेंट एंड शेयर करें मिलते हैं अगले भाग में तब तक के लिये बाई।❤️❤️❤️❤️❤️
अगली सुबह रायचंद मेंशन में अनाया कि आंखें 5 बजे खुल गई तो वो उठकर बैठ गई।और अपने आदत के अनुसार उसने थोङा योगा किया और थोङा मेडिटेशन और फिर फ्रेश होने वाशरुम में चले गई और बाथरोब पहन कर बाहर आ गई उसके पास फिलहाल एक ही कपङा था जो कि एक पिंक कलर की घुटनों तक कि फ्राक थी । उसने वहीं पहन ली और अपने बैग से लिप बाम और सनस्क्रीम लगा कर बालों को सुखा कर एक पोनी बना ली। अभी वो बिल्कुल किसी डाॅल कि तरह प्यारी लग रही थी। उसने अपने सर कि पट्टी हटाकर एक बैंडेज लगा लिया था। उसने एक बार खुद को मिरर में देखा और बोली अनाया अगर मुझे सुंदरता में टक्कर दे सकता था तो वो तुम हो पर अब तो ये शरीर मेरा है और अब में किसी के प्यार के लिए उसके पीछे पीछे नहीं भागूंगी क्योंकि इस दुनिया में मां बाप के अलावा कोई रिश्ता सच्चा नहीं होता मगर अफशोश तुम्हारा तो वो रिश्ता भी बस नाम का निकला मगर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मेरा बस इतना उसूल है जो मुझे प्यार देगा मैं भी उन्हें प्यार दूंगी और जो मुझसे बेवजह उलझेगा उसे जी ते जी यमराज के दर्शन करने होंगे।
फिर वो कमरे से बाहर चले गयी। और सीढ़ियों से नीचे उतरने लगी। अभी सभी लोग लीविंग में बैठे हुए थे। दादाजी और दादीजी भी सभी के साथ बैठे हुए थे। जैसे ही सबने अनाया को देखा तो शौक हो गये क्योंकि आज अनाया 7 साल बाद वापस आई थी लास्ट टाइम वो जब 10 साल की थी तब अपने दादू दादी की सालगिराह में आई हुई थी मगर तब भी सबने उसे नजरंदाज कर दिया था जिस वजह से उस दिन वो बहुत हर्ट हुई थी क्योंकि उसने लाख दफा बोला कि उसने कुछ नहीं किया था मगर फिर भी किसी ने उस पर भरोसा नहीं किया और तो और उसकी सगी मां ने उससे ऐसी बातें बोल दी थी जो कोई बाहर वाला भी नहीं बोलेगा खैर अनाया को देख कर सब खुश थे भले ही वो लोग उससे नाराज़ थे मगर कोई भी उससे नफ़रत नहीं करता था सिवाय कुछ लोगों को छोड़ कर वो आपको आगे पता चल जाएगा। अनाया ने सबको बिल्कुल नजरंदाज कर दिया। और दादाजी और दादीजी को प्यार से गालों पर किस कर दिया और प्यार से बोली गुड मॉर्निंग बडी ( दादाजी) गुड मॉर्निंग स्वीटहार्ट ( दादीजी) दादाजी बोले गुड मॉर्निंग शैतान बच्चे और दादीजी बोली गुड मॉर्निंग बच्चा।फिर वो भी उन दोनों के पास बैठ गई। सब लोगों ने सोचा कि अनाया पहले कि तरह उनसे भी बात करेगी मगर अफसोस उसने सबको ऐसे इग्नोर किया जैसे वो लोग हो ही नहीं । तो आओ जान लेते हैं रामचंद्र फैमिली के बारे में। दादाजी रंजीत रायचंद ये वैसे तो बहुत सख्त स्वभाव के हैं मगर अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं और अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं और डरते भी है और सबसे ज्यादा प्यार अपनी बङी पोती रुहानी और सबसे छोटी पोती अनाया यानी अपने शैतान बच्चे से करते हैं।
दादीजी राधिका रायचंद ये स्वभाव से बहुत प्यारी है मगर गुस्से में बहुत ख़तरनाक बन जाती हैं ये अपनी बहुओं और परिवार से बहुत प्यार करती हैं मगर सबसे ज्यादा प्यार अनाया से करती हैं क्योंकि वो सबसे ज्यादा छोटी और शैतान है।
बङा बेटा राघव रायचंद अनाया के बड़े पापा ये स्वभाव से बहुत मजाकिया हैं और एक जाने माने डाक्टर हैं । ये अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं और उनसे डरते भी है और अपने परिवार से भी बहुत प्यार करते हैं। ये सभी बच्चों से भी बहुत प्यार करते हैं और अनाया को भी बहुत प्यार करते हैं मगर बचपन के उस एक्सीडेंट के बाद ये अनाया से नाराज़ रहने लगे।
बङी बहू स्वाती रायचंद अनाया की बङी मां ये स्वभाव से बहुत सख्त हैं मगर अपने परिवार से बहुत प्यार करती हैं। ये भी सभी बच्चों से बहुत प्यार करती हैं । और सबसे ज्यादा प्यार रूहानी और अनाया से करती है। ये अनाया से सबकी तरह नाराज़ नहीं है क्योंकि इन्हें लगता है कि अनाया ऐसा नहीं कर सकती इसलिए ये उससे अब भी बहुत प्यार करती हैं क्योंकि वो घर पर सबसे छोटी है।
छोटा बेटा अश्विन रायचंद ये हैं अनाया के पापा जो कि बहुत गुस्से वाले हैं । ये अपनी पत्नी की बहुत रिस्पैक्ट करते हैं मगर ये अपनी पहली पत्नी से बहुत प्यार करते हैं और उनको अभी तक भूले नहीं हैं। ये अपने परिवार से बहुत प्यार करते हैं। और अपने सभी बच्चों से बहुत प्यार करते हैं सबसे ज्यादा प्यार रूही और अनाया से करते हैं। अनाया के होने से पहले रूही ही घर में सबसे छोटी थी। मगर बचपन के एक्सीडेंट कि वजह से ये भी अनाया से नाराज़ हैं ।
छोटी बहू ( पहली पत्नी) अमृता रायचंद ये हैं अश्विन जी कि पहली पत्नी जो अब इस दुनिया में नहीं है इनके तीन बच्चे हैं एक बेटा और दो बेटियां बेटा रिधम बेटियां रूहानी और रूही।
छोटी बहू रिद्धि रायचंद ये हैं अश्विन जी कि दूसरी पत्नी ये है हमारी अनाया कि मां ये अपने परिवार से बहुत प्यार करती हैं। और अपने सभी बच्चों से बहुत प्यार करती हैं और सबसे ज्यादा प्यार रूहानी से करती है क्योंकि वो थोड़ी सी भोली भाली है । इन्होंने अनाया को खुद से दूर रखा इसका कारण आगे पता चलेगा। ये अनाया से प्यार करती हैं मगर कभी जतातीं नहीं और बचपन के एक्सीडेंट कि वजह से ये अनाया से बहुत नाराज़ हैं और इन्होंने और अश्विन जी ने अनाया जब 4 साल की थी उसे हास्टल डाल दिया था।
स्वाती जी और राघव जी के दो बच्चे हैं। रिषभ रायचंद और रिधान रायचंद। रिषभ सभी बच्चों में सबसे बड़ा है और वो 28 साल का है । वो अपने परिवार से बहुत प्यार करता है और वो अपने चाचा कि तरह सख्त स्वभाव का है वो अपने सभी भाई बहनों से प्यार करता है मगर सब उससे डरते हैं रिधम और अनाया को छोड़ कर वो सबसे ज्यादा प्यार रुही और अनाया से करता है क्योंकि वो सबसे छोटे हैं। इन्हें बचपन के एक्सीडेंट के बारे में कुछ नहीं पता है और ये अभी अपने भाई और दोस्त के साथ दुबई में रहते हैं क्योंकि इन्होंने अपने दम पर अपनी कंपनी खङी की है जिसके दो सीईओ हैं वो बाद में जानेंगे।
रिधान रायचंद ये बहुत मजाकिया हैं मगर गुस्से में ये भी बहुत ख़तरनाक हो जाते हैं। ये अभी 26 साल के हैं ये भी अपने भाई के साथ दुबई में रहते हैं। ये भी अपने परिवार और भाई बहनों से बहुत प्यार करते हैं और सबसे ज्यादा प्यार रिधम और अनाया से करते हैं। इन्हें भी बचपन के एक्सीडेंट के बारे नहीं पता हैं।
अश्विन जी के चार बच्चे हैं।
बेटा रिधम रायचंद ये भी स्वभाव से अपने पापा कि तरह हैं ये अपने परिवार और भाई बहनों से प्यार करते हैं ये सबसे ज्यादा प्यार रुहानी और रिधान से करते हैं क्योंकि रिधान इनके दोस्त जैसे हैं। और रूहानी काफी मासूम है इसलिए भी ये उसे ज्यादा प्यार करते हैं। रुही और अनाया से भी प्यार करते हैं मगर अनाया से अब ये खास पसंद नहीं करते हैं इन्हें लगता है कि अनाया बहुत बिगड़ गई है और इनकी बहन रूहानी को हार्म करना चाहती है इसलिए ये उससे बहुत ज्यादा गुस्सा हैं और उससे बात करना भी पसंद नहीं करते।इनकी उम्र 25 साल है।ये अपने पापा के साथ बिजनेस संभालते हैं।
रूहानी रायचंद ये हैं अश्विन जी कि बङी बेटी ये बहुत मासूम है ये ज्यादा किसी से बहस नहीं करती मगर ये अपने परिवार से और खास कर अपनी नई मां से बहुत प्यार करती है ये अपने भाई बहनों से बहुत प्यार करती हैं। और अनाया और रूही दोनों को बराबर प्यार करती हैं क्योंकि इसे लगता है कि अनाया कभी भी किसी को हार्म नहीं कर सकती । इसने परिवार वालों को भी बहुत समझाया था मगर रिद्धि जी ने कसम देकर चुप करवा दिया।ये अभी 23 साल कि हैं।
ऱूही रायचंद ये हैं अश्विन जी कि मंझली बेटी ये बहुत मुंह फट हैं और ये किसी से नहीं डरती सिवाय रिषभ के ये अपनी दीदी और भाईयों से बहुत प्यार करती हैं। ये अनाया को भी पहले अच्छा मानतीं थी मगर अब ये उसे बिल्कुल पसंद नहीं करती और ये चाहती है कि ये कभी परिवार में वापस ना आये। इसको लगता है कि अनाया रूहानी को हार्म करना चाहती है और उसकी जगह लेना चाहती है।ये अभी 20 साल कि है
अब बारी आती है हमारी हीरोइन कि अनाया रायचंद ये बहुत शैतान हैं मगर इनका गुस्सा इनके घर में सबसे ज्यादा ख़तरनाक है ये अपने परिवार से बहुत प्यार करती थी मगर अब ये किसी से प्यार नहीं करती सिवाय दादाजी और दादीजी के बचपन में एक एक्सीडेंट कि वजह से सब लोग इन्हें गलत समझते हैं मगर सच्चाई तो कुछ और है ये बहुत ज्यादा खूबसूरत हैं और सकल से बहुत मासूम भी है मगर वैसे बहुत ख़तरनाक है और इनकी बहुत सीक्रेट हैं जो आपको आगे पता चलेगा।ये अभी 17 साल कि है।
अश्विन और राघव जी कि एक बहन भी है जो कि उनकी मासी कि बेटी है मगर बाद में उन्हें राधिका जी ने गोद ले लिया था उनका नाम महिमा शर्मा है वैसे तो वो अपने भाई और मां पापा से प्यार करती हैं और अपने भतीजे भतीजियों से भी मगर रिद्धि जी और अनाया से उन्हें सख्त नफ़रत है और ये क्यों है ये आपको आगे पता चलेगा । अनायास को ये अच्छा मानतीं थी। मगर अब उससे भी नफ़रत करती हैं।
इनके पति महेश शर्मा ये बहुत अच्छे इंसान हैं और अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं और उनसे डरते भी हैं।
इनके दो बच्चे हैं बेटी मोनिका शर्मा और बेटा मोहित शर्मा। मोनिका बहुत घमंडी और लालची हैं मगर अपने परिवार और अनाया के परिवार के सामने संस्कारी बनती है। ये रूहानी और उसके भाई बहनों से नफ़रत करती है । और सबसे ज्यादा नफ़रत अनाया से करती है क्योंकि वो सबसे ज्यादा सुन्दर है और वो किसी से नहीं डरती। बचपन के इंसीडेंट में इनका बहुत बङा हाथ है ये आपको आगे पता चलेगा।ये रूहानी से एक साल बङी है।मतलब ये अभी 24 साल कि है।
मोहित शर्मा ये काफी अच्छे इंसान हैं और ये अपने पापा के साथ उनका बिजनेस संभालते हैं। ये अपने परिवार और अनाया के परिवार से बहुत प्यार करते हैं और अनाया से सबसे ज्यादा प्यार करते हैं।और उसे बच्चों की तरह ट्रीट करते हैं। और अपनी बहन से भी बहुत प्यार करते हैं और बाकी भाई बहनों से भी प्यार करते हैं मगर अनाया से कम ।
आगे कि कहानी जानने के लिए पङते रहिये ये कहानी
कहानी पसंद आये तो रिव्यू दें और लाइक कमेंट एंड शेयर करें मिलते हैं अगले भाग में तब तक के लिये बाई।❤️❤️❤️❤️❤️
अनाया अपने दादू दादी के साथ बहुत खुशी से बात कर रही थी ।और उसने किसी से भी कुछ बोलने कि जहमत नहीं उठाई। रिद्धि जी को आज अनाया बदली बदली लग रही थी और सबका भी यही हाल था रुहानी बहुत प्यार से अनाया को देख रही थी मगर उसने कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कि क्योंकि अनाया के आस पास से बहुत पावरफुल औरा निकल रहा था जिससे कोई भी उसके आस पास जाने कि हिम्मत नहीं कर पाया । अनाया के दादाजी बोले शैतान बच्चा चलो नाश्ता कर लो फिर मेडीसन भी लेनी है जैसे ही सबने यह बात सुनी तो सबकी नजर दादाजी कि ओर चले गई। मगर दादाजी जी ने किसी को कुछ नहीं बताया और अनाया और राधिका जी के साथ डाइनिंग टेबल कि तरफ चले गए मगर सबके दिलों में तरह तरह के ख्याल आने लगे कि आखिर अनाया को क्या हुआ है तो अश्विन जी बोले इस बारे में पापा से बाद में बात करेंगे अभी चलो सब लोग नाश्ता कर लो ।
सभी लोग नाश्ते के लिए बैठ गये । सभी को खाना परोसा गया सभी अपना अपना खाना खाने लगे । मगर अनाया एक टक खाने को घूर रही थी। क्योंकि अभी उसे सिंपल खाना खाने को कहा गया था जैसे कि खिचड़ी मगर अभी खाने कि टेबल पर खिचड़ी नहीं थी। दादाजी जी ने जैसे ही देखा कि अनाया खाना नहीं खा रही तो वो उससे पूछने लगे क्या हुआ शैतान बच्चे तुम खाना क्यों नहीं खा रही तो इस बात पर अनाया बोली बडी मैं क्या खाऊं क्या आपने खिचड़ी नहीं बनवाईं अब जाकर दादाजी को ख्याल आया कि टेबल पर तो खिचड़ी रखी ही नहीं है। तो उन्होंने सवालिया निगाहों से अपने घर कि पूरानी और सबकी हैड सरिता कि ओर देखा तो वो थोङा सा डरते हुए बोली बङे मालिक मैं खिचड़ी बना रही थी मगर रिद्धि मैम बोली कि वो खिचड़ी बना देंगी मैं गाजर का हलवा बना दूं क्योंकि रूही बेबी को हलवा खाना था तो अब सबकी नजरें रिद्धि जी कि ओर चले गई तो दादाजी जी बोले रिद्धि बहू कहां है खिचड़ी तो रिद्धि जी अपना सिर झुका कर बोली पापा वो मैं खिचड़ी बना रही थी मगर अश्विन जी ने मुझे बुला लिया था जिसकी वजह से मेरे दिमाग से निकल गया । सभी हैरानी से रिद्धि को देखने लगें । रिद्धि जी बोली मैं अभी खिचड़ी बना देती हूं। और वो जैसे ही जाने को हुई। पीछे से अनाया कि ठंडी आवाज आई मिसेज रायचंद इसकी कोई जरूरत नहीं है मैं खुद खिचड़ी बना लूंगी वो क्या है ना मुझे इतने केयर कि आदत नहीं है वैसे भी मैं यहां थोङे दिन के लिए ही हूं फिर तो मुझे वैसे भी खुद ही खाना बनाना है तो आप मत बनाइए।इतना बोलकर किचन कि ओर चले गई।
वहीं सब हैरानी से अनाया कि पीठ को देख रहे थे क्योंकि अनाया ने रिद्धि जी को मम्मा कि जगह मिसेज रायचंद करके बुलाया था । तभी दादी जी गुस्से से बोली रिद्धि बहू क्या अब आपको बातें याद रखने में परेशानी हो रही है अगर आपको भूलना ही था तो आप सरिता को ही खिचड़ी बनाने देती अभी अभी तो मेरी बच्ची कोमा से उठी है और सिर्फ तुम्हारी लापरवाही कि वजह से उसे खुद खाना बनाना पड़ रहा है हम उसे यहां इसलिए लाये ताकी वो थोड़ा अपना ध्यान रख पाए। हां माना तुम उसे अपनी बेटी नहीं मानतीं मगर जब तक वो ठीक नहीं हो जाती तब तक उसको कोई टैंशन मत देना और आज के बाद तुम्हें उसका कोई भी काम करने कि जरूरत नहीं है तुम उससे दूर रहना। रिद्धि जी कि आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने गुस्से में बोला था कि वो अनाया को अपनी बेटी नहीं मानतीं मगर आज जब वही बात दादीजी ने बोली तो उनके दिल में एक टीस उठी।
अभी दादाजी या दादीजी खाना छोड़ कर जाते इतने में अनाया किचन से खिचङी बना कर ले आई जिसकी महक पूरे डाइनिंग टेबल पर फ़ैल गई। अनाया बोली आप दोनों बिना नाश्ता किये कहां जा रहे हैं। चलिए बैठिए और आप दोनों मेरी स्पेशल खिचड़ी टेस्ट कर कर बताइए कि कैसी बनी है खिचड़ी और दोनों के प्लेट में खिचड़ी डालकर खुद भी खाने लगी बाकी लोग भी वो खिचड़ी खाना चाहते थे इसलिए रूहानी ने प्यार से बोला अना क्या मुझे भी तुम थोङी सी खिचङी दे सकती हो तो अनाया ने एक नजर रूहानी को देखा और खिचड़ी निकाल कर जैसे ही उसके प्लेट में डालने को हुई उसका हाथ रूक गया और वो अपने हाथ को पीछे खींच लेती है तो रूहानी जल्दी से बोली अना क्या हुआ डालो ना खिचड़ी रुक क्यों गयी तो अनाया बोली सॉरी मिस रायचंद मैं आपको ये खिचड़ी नहीं दे सकती अगर इसमें मैंने जहर मिलाया हो और आपको कुछ हो गया तो फिर एक बार मैं और सबके नजरों में गिर जाऊगी हालांकि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता मगर मैं किसी कि जान लेकर जेल नहीं जाना चाहती इसलिए आप खाना खाइए ये खिचड़ी वैसे भी मैंने खुद के लिए बनाई है अगर इसमें जहर भी होगा तो सिर्फ मेरी मौत होगी जिससे किसी का कोई नुक्सान नहीं होगा मगर आपको कुछ हो गया तो आपकी फैमिली मुझे जेल डाल देगी और मुझे जेल नहीं जाना क्योंकि अभी तो मुझे कॉलेज लाइफ भी इंजॉय करनी है इतना बोल कर वो चुप चाप अपना नाश्ता करने लगी वहीं उसकी बातें सुनकर सबको वो दिन याद आ गया जब अनाया ने खाना बनाया था।क्योंकि जब अनाया दस साल कि थी तब तक उसने खाना बनाना सीख लिया था क्योंकि रिद्धि जी ने सजा के तौर पर उसे मैस का खाना ना देने के लिए बोला था जिसकी वजह से अनाया बहुत अच्छा खाना बनाने लगी थी इसी वजह से अनाया जब केवल दस साल की थी तो उसने अपने परिवार के लिए बहुत प्यार से सबकी पसंद का खाना बनाया था दादाजी और दादीजी के अलावा सभी ने उस खाने को छुआ तक नहीं था और अनाया को बहुत सुनाया था यहां तक कि उस छोटी बच्ची से इतना तक बोल दिया कि जरूर तुमने अपने जलन के चलते इसमें जहर मिलाया होगा ताकी कोई ना बचे और तुम यहां कि मालकिन बन जाओ । मगर तब अनाया ने रोते हुए कहा था कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया और सभी डिसेज को टेस्ट किया था मगर तब भी इन लोगों ने उससे ये बोला कि हम तुम्हारे हाथ का पानी तक नहीं पीयेंगे खाना तो बहुत दूर कि बात है।तब उस मासूम के दिल में एक टीस उठी थी और फिर वो कभी वापस रायचंद मेंशन नहीं आई और किसी को ज्यादा फर्क नहीं पड़ा सिवाय दादाजी और दादीजी के । आज ये सब याद करके उन्हें अपने किये पर बहुत पछतावा हो रहा था। मगर अब पछताने से क्या फायदा जब चिड़िया चुग गई खेत। वही हाल रायचंद फैमिली का भी था ।
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ये सारी बातें रिदम ने बोला था और किसी ने भी इस चीज का विरोध नहीं किया था दादू और दादीजी के अलावा क्योंकि तब सबने उन्हें ये कह कर चुप करा दिया था कि आप अगर उसकी गलत बातों में भी सपोर्ट करोगे तो वो और बिगड़ जायेगी । रिधम ये बातें सोच रहा था और उसे अपने बोले गये शब्दों पर बहुत पछतावा हो रहा था मगर अब कुछ नहीं हो सकता था । ऐसे ही सबने अपना अपना नाश्ता किया और अपने अपने कामों में चले गये । रूहानी और रुही कालेज को चले गए और सभी आदमी दादाजी के अलावा आफिस चले गये और राघव जी अपने अस्पताल और रिद्धि जी घर पर ही थी और अनाया कि बङी मां अभी घर पर नहीं थी वो अपने मायके गई हुई थी। अनाया भी अपने कमरे में चले गई और कुछ समय बाद अपने दादू दादी से बताकर मेंशन से बाहर चले गयी । वो वहां से एक टैक्सी में बैठी और ड्राइवर से बोली कि उसे हैवेन मॉल के आगे छोङ दे । थोङी देर बाद वो मॉल में पहुंच गई और उसने अपने लिए एक ब्लैक टक्सीडो खरीद लिया उसी के साथ एक ब्लैक मास्क और ब्लैक पर्स । इस ब्लैक सूट में बो बहुत खूबसूरत लग रही थी और उसकी वो ब्लू आइज़ जो कायनात कि तरह थी। उसमें एक अलग ही लेवल कि कोल्डनैस और कांफीडैस भरा हुआ था। उसने अपने लिए एक फोन खरीद लिया और अपनी पुरानी सिम को ही एक्टीवेट करा कर किसी नं पर काॅल कर कर अपने लिए एक कार मंगवा ली कुछ समय बाद अनाया के सामने एक बैटले आकर रूकी और ड्राइवर ने जल्दी से गाङी का पीछे का डोर खोल दिया।
अनाया अपने कोल्ड ओरे के साथ गाड़ी में बैठ गई और उसकी गाङी हवा से बात करने लगी कुछ समय बाद उसकी गाङी एक बहुत सुन्दर और बङी ही बिल्डिंग के आगे रूकी और ड्राइवर ने जल्दी से गाङी का गेट खोला और अनायास गाङी से उतरकर उस बिल्डिंग के अंदर चले गई। जैसे ही उसने आफिस में कदम रखा सभी लोगों ने जल्दी से उसे ग्रीट किया उसने सबको एक नजर देखा और अपने लिफ्ट में चले गई सभी ने उसके जाने के बाद चैन कि सांस ली और अपने अपने कामों में लग गये क्योंकि अगर काम में जरा सी भी लापरवाही हुई तो उन्हें इस बेरहम क्वीन कि बेरहमी से कोई नहीं बचा पायेगा। अनाया 50 फ्लोर पर आकर रूकी और लिफ्ट से उतरकर सीधे अपने कैबिन में चली गई। और अपने चेयर में आंखें बंद कर कर बैठ गई कुछ समय बाद बाहर से नॉक कि आवाज आई तो अनाया ने अपनी बॉसी टोन और बेहद ठंडे लहजे में बोला कम इन तो अनाया का असिस्टेंट ईशान कपूर अंदर आया और अपनी बॉस को ग्रीट कर कर बोला मैम अभी कुछ देर बाद आपकी मीटिंग है सभी डिपार्टमेंट के हैड के साथ तो अनायास ने बस हम बोला और ईशान बाहर चले गया और बाहर आकर बोला ये बॉस के पास तो जैसे शब्द ही नहीं है इतने कम शब्द यूज करती है हुं। और इतना बोलकर चला गया।
कुछ समय बाद अनाया मीटिंग रूम में इंटर हुई सभी लोग पहले ही वहां मौजूद थे। जैसे ही अनाया वहां पहुंची सभी लोगों ने उसे ग्रीट किया और अनाया के बैठने के सभी लोग भी अपनी अपनी सीटों में बैठ गये और मीटिंग शुरू हो गई मीटिंग लगभग दो घंटे तक चली और उसके बाद अनाया ने अपने असिस्टेंट को कुछ इसारा किया और मीटिंग रूम से चले गयी। इधर ईशान ने सभी कि तारीफ करते हुए कहा बहुत बढ़िया आप लोगों ने बॉस के गैरमौजूदगी में भी इतना अच्छा काम किया इसलिए आप लोगों को बोनस दिया जायेगा और आप लोग आगे भी ऐसे ही काम करते रहिए इतना बोलकर वो भी वहां से चला गया और सभी लोग बहुत खुश हुए और वो लोग भी खुशी खुशी अपने अपने काम में लग गये । अनाया अपने कैबिन में आकर ईशान से कुछ फाइलें मंगवातीं है । ये फाइलें कंपनी कि प्रोगेस फाइल थी क्योंकि अनाया पुनर्जन्म के बाद या उससे पहले भी पूरे एक महीने बाद अपने आफिस आई थी। ईशान फाइल्स को अनाया कि डैस्क पर रख कर अनाया के लिए खाना लेने चले गया था । अनाया ने थोङी ही देर में सारी फाइलें चैक की और वो काफी सैटिस्फाई थी इन सब फाईल से क्योंकि उसकी गैरमौजूदगी में भी उसकी कंपनी काफि अच्छा परफॉर्म कर रही थी और उन्हें कुछ भी लॉस नहीं हुआ था।
थोङी देर बाद खाना आ गया क्योंकि अनाया ने अपने कोमा में जाने कि बात ईशान को बता दी थी और अपने लिए सादी खिचङी लेने आनै को बोला कुछ समय बाद लंच भी आ गया और अनाया ने अपना लंच और दवाईयां खा ली और सोफे पर बैठ टिकाकर रैस्ट करने लगी क्योंकि उसका काम पूरा हो गया था। ऐसे ही शाम हो गई और अनाया ईशान को कुछ इंस्ट्रक्शन देकर चले गई और अब वो शायद थोङी दिन और आफिस ना आ पाये तो सारी मीटिंग्स ईशान ही हैंडल कर लें। अनाया फिर बिल्डिंग से बाहर आ गई और गाङी में बैठ कर ड्राइवर से अपने मेंशन चलने को बोली जो कि कायनात का अपना मेंशन था जिसके बारे किसी को भी नहीं पता था अनाया मेंशन के अंदर गयी और अपने कपड़े चेंज करके और अपना सूटकेस और कुछ जरूरी चीजें पैक करके मैंशन से बाहर आ गई और गाङी में बैठकर ड्राइवर से बोली रायचंद मेंशन को गाङी घुमाओ। थोङी देर बाद अनाया कि गाङी रायचंद मेंशन के बाहर आकर रुकी और अनाया अपना सामान लेकर मेंशन के अंदर चले गई। मगर जब वो अंदर गयी तो देखा एक मिडिल एज औरत और उसके साथ एक लङकी लीविंग रूम में बैठे हुए हैं उन्हीं के साथ बाकि फैमिली मेंबर्स भी बैठे हुए हैं। सिवाय रिधम के क्योंकि उसकी एक जरूरी मीटिंग थी।
जैसे ही अनाया अंदर आई तो दादाजी बोले आ गया शैतान बच्चे तो अनाया बोली हां बडी आ गई मैं अपने रूम में जा रही हूं मैं थोङा तक गई हूं। और जैसे ही ऊपर जाने को हुई कि किसी कि तीखी आवाज उसके कानों में चुभी और वो आवाज थी उसकी बुआ कि वैसे तो बुआ अच्छी है मगर वो अनाया से अब काफी चिढ़ती है तो बुआजी बोली आ गई महारानी कहां से आ रही हो इतनी रात को सुना है तुम्हारी तबियत खराब थी अब कैसी तबियत है तो अनाया बिना भाव के बोली ठीक है अब पहले से तो बुआ जी बोली जब अभी तुम सही से ठीक नहीं हुई हो तो बाहर क्यों घूम रही हो क्या तुम्हारे पापा के पास इतना पैसा है कि तुम जानबूझकर ठीक नहीं होना चाहती जिससे उनके पैसे तुम्हारे इलाज में लगे । उनकी बातें किसी को भी पसंद नहीं आई और दादीजी कुछ बोलने को हुई कि उन्हें अनाया कि आवाज सुनाई दी। मिसेज शर्मा सबसे पहली बात तो मैं घूम नहीं रही थी मैं अपने लिए अपार्टमेंट ढूंढ रही थी ताकि थोङा ठीक होने के बाद मैं वहां सिफ्ट हो जाऊं और मेरे पास कपङे नहीं थे जब मैं यहां आई तो मेरे कपड़े मैंने अपनी दोस्त के यहां रख दिए थे तो वहीं लेने गई थी और क्या कहा आपने कि मैं आपके भाई के पैसे खर्च कर रहीं हूं तो मैं आपको बता दूं मेरे इलाज के पैसे मैंने खुद ही पे किये थे और अगर आपको यकीन नहीं होता तो दादाजी से पूछ लीजिए और हां एक बात और मैंने आपके भाई के जितने भी पैसे बचपन या उसके बाद खर्च किए वो सब आपके भाई को वापस कर दिए हैं तो आप किस बिहाफ पर मुझे ये सब बोल रहीं हैं। सभी लोग शौक होकर अनाया को देख रहे थे । उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं था। मगर दादाजी और दादीजी के फेस पर एक प्राउड भरी स्माइल आ गई। तो बुआ जी बोली ये क्या लगा रखा है मिसेज शर्मा हां मैं तुम्हारी बुआ हूं तुम मुझे बुआ क्यों नहीं बोल रही हो तुम पहले सी भी ज्यादा बत्तमीज हो गई हो क्या तुम्हारी मां ने तुम्हें यहीं सिखाया है कि अपने से बङो से बत्तमीजी करना हां ऐसा बोलकर वो नफ़रत से रिद्धि जी को देखने लगीं जिन्होंने अपना सिर झुकाया हुआ था। तो इस बात पर अनाया उन्हें देखती है फिर अचानक से हंसने लगती है और फिर अचानक से हंसना बंद कर देती है और अपना चेहरा एक दम कठोर कर बोलती है। अभी अनाया के आस पास से बेहद स्ट्रांग औरा निकल रहा था जिससे सबको डर लगने लगा था। अनाया बोली मिसेज शर्मा क्या आप अपनी कही हुई बात भूल गयी क्या।वो आप नहीं थी जिसने बोला था कि आपका मुझसे कोई रिश्ता नहीं है और मैं आपको बुआ ना बोलूं हां इस बात पर बुआ जी चुप हो गई क्योंकि उन्होंने ने ही अनाया से ऐसा बोला था गुस्से में मगर वो अनाया से नाराज़ थी मगर वो उनके प्यारे भाई कि बेटी थी तो वो उसे अभी भी अपनी भतीजी मानतीं थी। इसके बाद अनाया बोली और रहीं बात मेरी मां का मुझे तमीज सिखाने कि तो वो क्या है ना मेरा कोई मां बाप नहीं है में जब चार साल कि थी तभी वो मुझे छोड़ कर जा चुके थे और अब वो इस दुनिया में नहीं है मैं अनाथ हूं। दादाजी और दादीजी के अलावा मेरा इस दुनिया में कोई नहीं है। जैसे ही अनाया ने ये बात बोली सभी का दिल धक सा रह गया और रिद्धि जी और अश्विन जी के आंखों से आंसू बहने लगे। तभी बुआ जी गुस्से से बोली अनाया ये तुम क्या बकवास कर रहीं हों तुम्हारे मां बाप ये रहे उन्होंने रिद्धि जी और अश्विन जी कि तरफ इशारा किया। तो अनाया के फेस पर एक कङवी सी स्माइल तैर गई और वो बोली मिसेज शर्मा आपको कोई गलतफहमी हो रही है ये मेरे मां बाप नहीं है ये रूहानी रूही और मिस्टर रिधम के मां बाप है और मेरे मां बाप मेरे चार साल के होने पर ही गुजर गये थे। और इतना बोलकर बिना किसी का जवाब सुने गैस्ट रूम में चली गई
वहीं उसकी बात सुनकर आज सबको अपने दिल में दर्द हुआ और सभी कि आंखें नम हो गई मगर कोई ऐसा भी था जो बहुत खुश था।
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जो इंसान खुश था वो कोई और नहीं बल्कि बुआजी कि बेटी मोनिका शर्मा थी ।अनाया के ऊपर जाने के बाद सब लोग अश्विन जी कि ओर देखने लगते हैं और उनसे पूछते हैं और बुआ जी बोलती है ये सब क्या है अश्विन अनाया क्या बोल रही थी तो अश्विन जी बोले दीदी वो सच बोल रही है जब वो लास्ट टाइम यहां आई उसके बाद मैंने उसके अकाउंट में जितने भी पैसे डाले उसने कभी यूज नहीं किए और उसने अपने। सोलहवे बर्थडे पर मुझे आजतक जितने पैसे मैंने या पापाजी ने दिये सब लौटा दिए और यहां तक कि बचपन में भी हमने उस पर जितना खर्च किया या उसके बर्थडे पर भी हमने जितने गिफ्ट दिए सब वापस कर दिए। जब सबने ये सुना वो अवाक रह गये और बोले मगर वो तो काफी छोटी थी इतने पैसे उसके पास कहां से आए तो इस बार दादाजी मुस्कुराते हुए बोले वो पहले पार्ट टाइम जॉब करती थी बच्चों को पङाने का क्योंकि वो बहुत ज्यादा होशियार है और उसने बारहवीं में पूरा दिल्ली टॅाप किया था। और उसकी पेंटिंग्स बहुत महंगी बिकती है करीब करोङो में मैंने उससे प्रामिस किया था कि ये बात किसी को नहीं बताऊंगा मगर आप लोगों के सवालों के जवाब देना जरूरी है वरना क्या पता उस पर एक और इल्जाम लगा दो । उनकी बातें सुन कर सबको बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। मगर तभी बुआ जी बोली करोङो में पेंटिंग्स बिकती है से आपका क्या मतलब है पापा सब लोग भी जानना चाहते थे आखिर अनाया कौन है तभी दादाजी जी बोले तुम सबने अना नाम सुना है ना तो सब बोले हां उनको पेंटिंग्स कि दुनिया में गोडेस कहा जाता है तो दादाजी बोले वो गोडेस कोई और नहीं मेरा शैतान बच्चा है। सब हैरान रह गये। मगर जल्दी ही वो सब होश में आ गये । अभी कोई कुछ बोलता उससे पहले ही दादीजी बोले ये फैमिली फोटो याद है जब सबने उसे तरफ दैखा तो एक बहुत सुन्दर पेंटिंग टंगी थी जिसमें पूरी फैमिली थी अनाया के अलावा तो दादाजी बोले ये पेंटिंग अनाया ने ही बनाई है मगर अफसोस उस पेंटिंग में सब है अनाया को छोड़ कर जब मैंने उससे पूछा ऐसा क्यों है तो पता है उसने क्या बोला कि मैं इस परिवार का हिस्सा कभी नहीं थी ना हूं ना कभी होंगी और इस पेंटिंग में अपना चेहरा बना कर किसी को दुखी नहीं करना चाहती। सभी कि आंखें नम हो गई।
ईधर अनाया के वहां अनाया गैस्ट रूम में आकर गेट बंद कर देती है और बाथरूम में जाकर शावर लेती है और नाइट सूट पहन कर बाहर आ जाती है । और हेयर ड्रायर से अपने बाल सूखाती है और उन्हें एक मैसी बन बना लेती है। कुछ समय बाद उसके दरवाजे पर दस्तक हुई तो उसने गेट खोल दिया सामने एक सर्वेंट सिर झुका कर खङी थी और बोली छोटी मिस आपको बङे साहब आपको खाने के लिए बुला रहे हैं तो अनाया बोली ओके आप चलिए मैं आती हूं। और थोङी देर में वो नीचे आ गई वो अभी सीङियां उतर ही रही थी कि उसके कानों में रूही कि बात पङी जो बोल रही थी दादाजी हां हम लोग मानते हैं अनाया के साथ गलत हुआ मगर आप ये बात मत भूलिए उसने मेरी दी को चोट पहुंचाई थी और वो मेरी दी कि जगह लेना चाहती थी वो बहुत सैल्फिस है उसे खुद के अलावा किसी कि नहीं पङी है उसकी वजह से हमारी माॅम कितनी दुखी है और वो बहुत बत्तमीज है जो अब माॅम को हर्ट कर रही है क्योंकि माॅम उससे ज़्यादा हमारी परवाह करती है मगर इसमें किसी कि ग़लती नहीं है वो अपने हरकतों कि वजह से दूर गई और पता नहीं फिर से यहां क्यों आई है सिर्फ उसकी ही वजह से आप दोनों माॅम से ठीक से बात नहीं करते जबकि माॅमकि इसमें कोई गलती नहीं है वो ना दी को चोट पहुंचाती ना उसे यहां से दूर भेजा जाता ।वो अभी इससे आगे कुछ बोलती उससे पहले अनाया कि आवाज वहां गूंजी और वो ठीक रूही के सामने खङे होते हुए बोली क्या बोला आपने मिस रुही कि मैंने आपकी दी को हर्ट किया क्या आपने अपनी आंखों से देखा था मुझे आपकी दी को हर्ट करते हुए तो रूही एकदम चुप हो गई मगर फिर बोली नहीं मगर उनके ठीक पीछे तुम ही खङी थी और तुम्हारे अलावा वहां और कोई नहीं था।तो मतलब मैं वहां खङी थी सिर्फ इसलिए आप लोगों ने मान लिया कि मैंने ही सब कुछ किया है हां मगर कोई बात नहीं आज सबको पता चल जाएगा कि मैंने क्या किया और क्या नहीं और वहां से गैस्ट रूम में चले गई और कुछ समय बाद एक लैपटॉप और पैनड्राइव लेकर आई और उस पैनड्राइव को टीवी से कनेक्ट कर के अपने लैपटॉप पर उंगलियां चलाने लगी कुछ समय बाद एक विडियो चलने लगा जिसमें रूहानी अपने कमरे से सीङियों कि तरफ आ रही थी और उसकी नजर अपने हाथों में पकङी किताब में थी वो अभी दो सीढियां ही उतरी थी कि वो तीसरी सीढ़ी से गिर गई अनाया उससे कुछ ही दूरी पर थी मगर उसके एक हाथ में चाकलेट और दूसरी हाथ में डॉल थी जब उसने रूहानी को गिरते हुए देखा तो वो आगे को भागी मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी और रुहानी का खून देखकर अनाया अपने जगह पर जम गई।
सब लोगों ने जब रूहानी को गिरा हुआ देखा और सीङियों पर अनाया को देखा तो सबने यही सोचा कि अनाया ने ही उसे सीढ़ियों से धक्का दिया होगा । और रिद्धि जी ने खुद को संभालते हुए अनाया कि तरफ कदम बढ़ाये जो अभी भी बुत बने खङी थी जब रिद्धि उसे खींचते हुए लीविंग में लाई तब उसे होश आया मगर तभी रिद्धि जी ने उसे एक जोरदार थप्पड़ उसके गाल पर मारा जिससे वो पास के टेबल से टकराईं और उसके माथे पर हल्की सी चैट आ गई जिससे उसके आंखों से आंसू बहने लगे और उसके मुंह से एक आह निकल गई। इसी के साथ विडियो बंद हो गया और सब बहुत बने एक जगह जमा गये । मगर तभी अनाया बोली ये आधा है वेट उसने एक विडियो और चलने लगी जिसमें एक मेड सीढ़ियों में तेल गिरा रही थी। और उसके बाद वो मेड घर से बाहर भाग गई और उसने अपना फेस कवर कर रखा था जिससे कोई भी उसे पहचान नहीं पाया और इसी के साथ दूसरा विडियो भी बंद हो गया।
और सबकी आंखों से आंसू बहने लगे इस बार रुही के और बुआ जी के आंखों में नमी आ गई और उनकी आंखों से भी आंसू बहने लगे। मगर तभी अनाया बोली तो ये रहा सबूत कि मैंने कुछ नहीं किया था और मिस रूही मुझे आपकी दी कि जगह लेने में जरा सी भी दिलचस्पी नहीं है।और रही आपकी मॉम मेरी वजह से दुखी हैं तो चिंता मत करिए मैं यहां ज्यादा दिन नहीं रूकूंगी अब मेरी तबियत पहले से बेहतर है। और कल एक लास्ट काम मेरा बचा है यहां उसके बाद मैं यहां से चले जाऊंगी । फिर वो अपने दादू और दादी को देख कर बोली स्वीटहार्ट और उनके पति परमेश्वर मुझे भूख लगी है चलिए ना डिनर कर लेते हैं और उन दोनों का हाथ पकड़ डिनर टेबल कि ओर चली गई। वहीं बाकी लोगों को तो जैसे सदमा लगा गया था और उन्हें अब अपने किये काम और शब्दों पर बहुत पछतावा हो रहा था मगर अफसोस अब कुछ बदल नहीं सकता और उन्होंने जो गुनाह किया है उन्हें उसकी सजा अब भुगतनी पङेगी। उन सबका अब खाना खाने का बिल्कुल मन नहीं था मगर उन्हें मजबूरन जाना पड़ा।आज सब एक टक अनाया को देख रहे थे जिसके चेहरे से उसकी मासूमियत कहीं गायब हो गई थी । सबको ये देखकर और भी गिल्टी फील होने लगा क्योंकि उन लोगों कि वजह से आज अनाया ऐसी हो गई थी।
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सबको गिल्टी फील हो रहा था। मगर अब कोई भी अपने किये काम या शब्दों को वापस नहीं ले सकता था। डिनर करने के बाद सब लोग अपने-अपने कमरे में चले गए। रिद्धि जी और अश्विन जी के कमरे में रिद्धि जी बहुत ज्यादा रो रही थी और अश्विन जी के आंखों में भी आंसू थे । रिद्धि जी रोते हुए बोली अश्विन जी हमने अपनी मासूम अना को खो दिया। सिर्फ अपनी एक गलतफहमी के चलते हमने अपने इन ही हाथों से एक चार साल की बच्ची को मारा था हम इतने निर्दयी कैसे हो गये हमने उसकी मासूमियत नहीं देखी और आज वो मासूम अनाया कहीं खो गयी। अब तो शायद वो हमें कभी माफ नहीं करेगी। रूहानी ने भी हमें कितना समझाया था मगर हमने उसे भी अपनी कसम देकर चुप करा दिया। हमने बहुत बड़ा पाप किया है और रोने लगी वहीं अश्विन जी का भी वही हाल था । मगर वो अपनी भावनाओं को बाहर नहीं लाये।
उधर दूसरी तरफ रूहानी के कमरे में रूही और रिधम भी मौजूद था और उन तीनों के आंखों में भी आंसू थे । तभी रूहानी बोली मैंने आप सबसे कितना बोला था अना ने कुछ नहीं किया मगर आप लोगों ने मेरी एक बात नहीं सुनी और उस मासूम को इतनी बड़ी सजा दे दी और मैं कुछ नहीं कर पाई क्योंकि मॉम ने मुझे अपनी कसम दी कुछ ना करने और बोलने से । और रूही तू तूने आज जो बोला वो कितना गलत था वो क्यों मेरी जगह लेना चाहेगी जबकि उसका भी यहां उतना ही हक है जितना हमारा । मॉम ने हमें बहुत प्यार दिया मगर अनाया वो हम लोगों से बहुत छोटी थी फिर भी उसको किसी का प्यार नहीं मिला और उसने कितना कुछ फेस किया होगा अपनी लाइफ में शायद हमें कभी पता भी नहीं चलेगा और ना हम इतना झेल सकते हैं तुम इतनी बङी हो गई हो मगर अभी भी जिद करती हो वो तो इतने बड़े घर की बेटी होकर भी कितना झेला होगा उसने हम सबने उसे मासूम का बचपन छीन लिया और अब वो पहले कि तरह मासूम भी नहीं रही उसको अब हमसे कोई मतलब नहीं है । हमने क्या बना दिया उसे । वहीं उसकी बातें सुनकर रूही और रिधम खामोश हो गये । क्योंकि उन दोनों ने ही अनाया से बहुत बुरी बातें बोली थी। सभी के अपने ख्यालों में अनाया थी।
मगर अनाया अपने कमरे में एक टक दीवारों को देख रही थी । और बोली अब आप लोग प्राश्चित भी करें तो भी आपको माफी नहीं मिल सकती क्योंकि अनाया तो मर चुकी है और कायनात की डिक्शनरी में माफी जैसा शब्द नहीं है। मगर कल के बाद से आप लोगों को भी उतना ही दर्द होगा जितना आप लोगों ने अनाया को दिया। ऐसे ही सोचते हुए वो सो गई। सभी लोग भी अनाया के बारे सोचते सोचते सो गये।
अगली सुबह आज सभी कि आंखें लाल थीं । जिससे पता चलता है कि सभी लोग बहुत रोये हो । पहली वाली अनाया होती तो शायद इन लोगों का ऐसा हाल देखकर माफ कर चुकी होती मगर ये कायनात थी जो किसी का उधार नहीं रखतीं थीं जो उसको जो देता था उसका दुगूना वो उस इंसान को लौटाती थी इसलिए तो उसे सब बेरहम क्वीन बोलते थे । तो सभी लोग डायनिंग टेबल पर बैठ गये थे । आज अनाया भी सभी कि तरह अच्छा खाना खा रही थी क्योंकि अब वो ठीक हो चुकी थी क्योंकि पुनर्जन्म के बाद से अनाया कि बॉडी अब कायनात कि तरह मजबूत हो गई थी क्योंकि अनाया ने बहुत सी योगा और आयुर्वेदिक दवा खाकर खुद को फिट कर लिया था। कायनात बहुत चीजों में एक्सपर्ट थी तो वो सारे गुण अब अनाया को भी मिल गये थे क्योंकि भले ही शरीर अनाया का था मगर उसमें सोल कायनात कि थी। अभी सब खाना खा ही रहे थे कि अनाया दादाजी को देखते हुए बोली दादू मुझे सब लोगों से कुछ बात करनी है। तो दादाजी बोले ठीक है पहले नाश्ता करो फिर बात करते हैं।
सभी लोग जानना चाहते थे कि अनाया क्या बात करना चाहती है इसलिए सब अपने खाने को खाने लगे ताकि अनाया से बात कर सकें। मगर रिद्धि जी को घबराहट हो रही थी उनका दिल बेचैनी से धङक रहा था जैसे कुछ बुरा होने वाला हो वो बेचैनी से अनाया को देख रही थी । मगर अनाया ने एक बार भी किसी को नजर उठा कर नहीं देखा था। थोङी देर बाद सभी का नाश्ता हो गया और सभी लीविंग में बैठ गये । और अनाया के कुछ बोलने का इंतजार करने लगे। तो थोङी देर के खामोशी के बाद फाइनली अनाया बोली तो आप लोग जानना चाहते होंगे ना कि मैंने आप लोगों को यहां पर क्यों बुलाया तो मुझे एक बहुत जरूरी काम करना है। जो मुझे बहुत पहले ही करना चाहिए था मगर तब नहीं किया तो अब सही । फिर आगे बोली मिस्टर एंड मिसेज रायचंद आप लोगों को मुझसे बहुत शिकायतें थीं ना और आपको मुझे अपनी बेटी कहते हुए भी शर्म आती है राइट तो आज के बाद ऐसा कभी नहीं होगा । तो सब लोगों का दिल अचानक बेचैन हो गया । इस बार दादी बेचैनी से बोली तुम्हारा मतलब क्या है बच्चा तो अनाया फीकी मुस्कान के साथ बोली स्वीटहार्ट वेट एंड वाॅच उसके बाद मंदिर में गई और वहां से गंगाजल लेकर सबके सामने आई तो सब उसे सवालिया निगाहों से देखने लगे। तो वो अपने दादू से बोली बडी क्या आपके पास मेरा कोई फोटो फ्रेम है तो दादाजी बोले हां शैतान बच्चे है तो अनाया बोली तो आप कुछ देर के लिए मुझे वो फोटो दे सकते हैं तो दादाजी ने एक नौकर को फोटो लाने भेज दिया कुछ समय बाद अनाया ने थोङी सी आग जलाई और अपने फोटो को सामने रख दिया और खुद पर पूरा गंगा जल डालकर एक मिट्टी के घङे को अपने कंधे पर रख कर आग के चक्कर लगाते हुए बोली।
मैं अनाया रायचंद आज से और अभी से मिस्टर एंड मिसेज रायचंद से अपने सारे रिश्ते तोङती हूं जैसे ही सबने ये सुना सब शौक से अनाया को देखने लगें । अनाया ने वो घङा तोङ दिया और फिर रिद्धि जी कि तरफ मुड़ कर बोली मिसेज रायचंद आपने बोला था ना कि आपको अगर पता होता कि मैं ऐसी हूं तो आप मुझे अपने हाथों से मार डालती । तो रिद्धि जी को अपनी कही बातें याद आ गई तो उन्होंने रोते हुए अपनी गर्दन ना में हिला दी मगर अनाया को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा वो आगे बोली तो फिर ठीक है आज आपकी वो इच्छा मैं पूरी कर देती हूं और बोली मैं अपना स्राध करती हूं। मैं आजसे आप सभी के लिए मर चुकी हूं। जैसे ही अनाया ने ये बोला दादू गुस्से में बोले अनाया ये तुम क्या बकवास कर रहीं हो बच्चा ऐसा नहीं बोलते और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। तो अनाया बिना भाव के बोली बडी आप इतना रियेक्ट क्यों कर रहे हैं। वैसे भी ये परिवार ये रिश्ते मेरे कभी थे ही कहां। तो मैं खुद को और इन सबको इस बोझ से अलग कर रहीं हूं ताकी ये लोग सूकून से जी सकें । और आप चिंता मत करिए आप और दादीजी के अलावा मेरा यहां कोई नहीं है और ना मैं किसी कि इससे वैसे भी फैमिली कि भी कोई रेप्यूटेशन नहीं गिरेगी बिकॉज़ बाहर किसी को भी मेरे बारे में पता नहीं है सबको इतना बोलकर रूहानी रूही और रिधम कि तरफ इशारा करते हुए बोली इन लोगों के ही बारे जानते हैं कि मिस्टर एंड मिसेज रायचंद के तीन बच्चे हैं तो आप चिंता नहीं करिये इससे किसी का कोई नुक्सान नहीं होगा। और फिर रूही कि तरफ पलटते हुए बोली मिस रायचंद आजसे आपको अब कभी ये डर नहीं सतायेगा कि मैं आपकी दी की जगह लेना चाहती हूं। क्योंकि मैं वैसे भी किसी की चीजें छीनना पसंद नहीं करती जो चीजें मेरी ना हों।
और फिर बोली और आज से आपकी मॉम को मेरी वजह से कोई दुख नहीं होगा और आपके डैड को कभी मेरी वजह से शर्मिंदा होना पङेगा। और इतना बोलकर रिधम कि तरफ पलट गई और उससे बोली मिस्टर रायचंद आपको भी अब ये चिंता नहीं रहेगी कि आपकी बहन को कोई हर्ट करेगा । और सबकी तरफ देखते हुए बोली आप सभी को मैं मेरे साथ आपका जो भी नाम का रिश्ता था उस बोझ से आप सबको आजाद करती हूं और हां आप चिंता मत किजिए आपको मेरी सकल देख कर जो दिन खराब जाता है वो भी नहीं होगा क्योंकि अब मैं ठीक हूं और मैं यहां से कल तक चले जाऊंगी। और कभी आप लोगों को परेशान नहीं करूंगी । इतना बोलकर गैस्ट रूम कि तरफ चली गई और सभी लोग बस बुत बने खङे रह गये । तो दादी गुस्से से रिद्धि जी और सबसे बोली अब तो तुम लोगों के कलेजों को शांति मिली होगी यही चाहते थे ना लो हो गया जैसा चाहते थे । तुम लोग इतना बोल कर रोने लगी वहीं रिद्धि जी को तो कुछ होश ही नहीं था वो तो बेसुध सी खङी थी तो अश्विन जी के हिलाने से वो होश में आई।
और जोर जोर से रोने लगी। सभी को उनके लिए बहुत बुरा लग रहा था मगर कोई कुछ नहीं कर सकता था । तो एक बार और दादीजी बोली रिद्धि अब रोकर क्या हासिल होगा तुम्हें हां तुमने उस मासूम से उसका बचपन उसकी मां बाप छीन लिया। तुमने उसे कभी प्यार नहीं दिया सिर्फ इसलिए क्योंकि तुम्हें डर था कि लोग क्या बोलेंगे कि अपनी बेटी को अपनी सौतेले बच्चों से ज्यादा प्यार कर रहीं हैं। तो क्या अनाया को प्यार करना ग़लत था सिर्फ इसलिए कि लोग क्या बोलेंगे तुमने उस मासूम का दिल तोङ दिया। जबकि वो तो सबसे छोटी थी। तब रूहानी रूही और रिधम बङे हो गये थे । और तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत अनाया को थी मगर तुमने क्या किया। और अश्विन तुम क्या तुम्हें भी लोगों की बातों की इतनी परवाह थी कि तुमने अपने ही खून को नजरंदाज कर दिया। और रिधम तुमने कभी अनाया को अपनी बहन नहीं माना हैं ना क्योंकि वो सौतेली थी इसलिए क्यों सही बोला ना मैंने अब तुम लोग बहुत खुश होंगे ना क्योंकि वैसे भी तो अनाया तुम्हारे परिवार का हिस्सा नहीं थी और आज उसने तुम सब लोगों को आजाद कर दिया। मैंने कितनी बार बोला था उस मासूम के साथ ऐसा मत करो वरना एक दिन पछताने का मौका भी नहीं मिलेगा मगर तुम लोगों ने मेरी नहीं सुनी तो अब तुम लोगों को भी वहीं दर्द होगा जो उस मासूम को तुम लोगों कि वजह से सहना पड़ा। और लास्ट बात रिद्धि तुम बहुत अच्छी मां हो अगर तुम्हारी तरह सभी दूसरी मां हो तो कभी भी सौतेले जैसा शब्द ही नहीं रह जायेगा । मगर हां अगर सगी मां तुम्हारी तरह होती है तो मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी कि तुम्हारी जैसी मां देने से अच्छा उसे अनाथ बना दिया जाये और अश्विन मुझे आज तुम्हें अपना बेटा कहते हुए शर्म आ रही है। काश तुम मेरी कोख से जन्म ना लेते और इतना बोलकर वहां से चली गई।
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राधिका जी के वहां से जाने के बाद वहां पर बस रिद्धि जी,बुआ जी , अश्विन जी, रूही, रुहानी और रिधम बचे थे। अनाया के बङे पापा किसी सर्जरी में थे और बड़ी मां अभी भी मायके में गई हुई थी। रिद्धि जी बहुत ज्यादा रो रही थी आज उन्हें अनाया के दर्द का एहसास हुआ था। वो अश्विन जी से बोली हम कितने सैल्फिश हो गये । हमने लोगों के तानों से बचने के लिए अपनी खुद कि बेटी को कितना दुख पहुंचाया। आज हमें जब बिना ग़लती के आपको ठुकराया जाये तब कैसा लगता है पता चल गया। अब बहुत देर हो चुकी है। हमने पहले उसका बचपन छीन लिया। मां बाप और इतना बङा परिवार होते हुए उसे अनाथ कर दिया। और तो और उसके लाख रोने और मना करने के बावजूद उसकी बातों पर भरोसा नहीं किया। मां ने सही बोला मेरी जैसी मां किसी बच्चे को नहीं मिलनी चाहिए। तो इस बात पर तीनों भाई बहन रिदम, रूहानी और रूही उनके पास बैठ गये और बोले नहीं माॅम आप खराब मां नहीं हो आप बहुत अच्छी मां हो ।मगर फिर भी हम सबने अनाया के साथ बहुत अन्याय किया है। तो इस बात पर रिद्धि जी थोङी देर ख़ामोश हो गई। फिर बोली अब सब खत्म हो गया है और अनाया हमें कभी माफ नहीं करेगी। क्योंकि वो बिल्कुल अश्विन जी कि जितनी गुस्सैल और जिद्दी है। और कितना मार लो अगर उसकी ग़लती नहीं होगी तो कभी नहीं थूकेगी। और उसके दिल में हम सब के लिए अब कुछ नहीं बचा । मैंने उसे हमेशा के लिए खो दिया।इतना कह कर अपने कमरे की ओर भाग गयीं। अश्विन जी के कानों में अनाया और राधिका जी कि बातें गूंज रहीं थीं। आज उन्हें अपने किये पर बहुत पछतावा हो रहा था। रिद्धि जी का रिजन था ऐसा करने का मगर उनका । उनका ऐसा कोई रिजन नहीं था। उन्होंने अपने खून कि कदर नहीं की वो भी तो रूही और रूहानी जैसे ही उनकी सगी बेटी थी। मगर अफशोश उन्होंने भी अनाया के साथ इतना गलत कर दिया। ऐसे ही सुबह से दिन हो गई और दोपहर का खाना सबने अपने अपने कमरे में ही कर लिया। और ऐसे ही रात हो गई । सब डाइनिंग टेबल पर थे । मगर अनाया ने अपना खाना कमरे में खा लिया था । आज कोई कुछ नहीं बोल रहा था। सबने बेमन से थोङा थोङा सा का लिया और अपने अपने कमरे में सोने चले गए।
आज सबकी आंखों में पछतावे के आंसू थे। मगर अब इसका कोई फायदा नहीं था क्योंकि इन लोगों ने अपनी एक ग़लती कि वजह से अपने ही खून को बहुत सताया था । आज अनाया को बहुत सूकून मिल रहा था । हालांकि उसे दर्द हो रहा था। ये सब देखकर मगर सूकून अपने बेगूनाह होने का और अनाया कि आत्मा को भी अब मुक्ति मिल चुकी थी। दादाजी और दादीजी के कमरे में रंजीत जी से बोली। सुनिए ना मैं अब और अपनी बच्ची से दूर नहीं रह सकती । उसे रोक लीजिए ना इतना बड़ा घर होने के बावजूद वो क्यों कहीं और जाये चाहे कुछ क्यों ना हो जाए उसे यहीं रोक लीजिए मैं आपसे भीख मांगती हूं। तो रंजीत जी बोले राधिका जी ये आप क्या कर रहीं हैं। हम आपसे वादा करते हैं हम अपने शैतान बच्चे को कहीं नहीं जाने देंगे। आप अब रोईये मत और सो जाइये । और खुद भी उनके बगल में सो गये। मगर आज शायद नींद किसी कि भी आंखों में नहीं थी सब बस करवटें बदल रहे थे। मगर हमारी अनाया आज बेहद सूकुन से सो रही थी।
अगली सुबह,,, आज रायचंद मेंशन में पहले कि तरह चहल पहल नहीं थी । पूरे मेंशन में सन्नाटा पसरा हुआ था। सब लीविंग में बैठे हुए थे। आज रिधम और अश्विन जी भी आफिस नहीं गये थे। और रूही और रूहानी भी घर पर ही थे। तभी सबको अनाया आते हुए दिखाई दी जिसके हाथों में एक सूटकेस था। और उसने अपने कंधे पर एक बैग टांगा हुआ था। रिद्धि जी जल्दी से उसके पास गई और उसके हाथों को पकड़ते हुए बोली अना बेटू आप कहां जा रहे हो । प्लीज़ बच्चा मम्मा को माफ कर दो हम आपसे माफ़ी मांगते हैं आप घर छोड़कर मत जाओ। मगर अनाया ने ना उन्हें एक नजर देखा और नाही उनसे कुछ बोला । तो रिद्धि जी कि आंखों से आंसू बहने लगे।और उन्होंने अनाया का हाथ छोङ दिया और सिर झुका कर सोफे पर बैठ गई।अनाया दादाजी को देखते हुए बोली बडी अब मैं बिल्कुल ठीक हूं इसलिए अब मुझे जाना चाहिए और आप अपना और मेरी स्वीटहार्ट का ध्यान रखना मैं आपको कॉल करते रहूंगी। कायनात को दादा दादी से बहुत जुङाव हो गया था और उसने उन्हें अपने दादू दादी के तौर पर एक्सैप्ट कर लिया था। वो जैसे ही जाने को हुई। दादाजी बोले अनाया आज शैतान बच्चे के जगह अनाया सुनकर सब शौक हो गये। दादाजी जी बोले आप कहीं नहीं जा रही हैं।
तो अनाया बोली मगर दादाजी हम यहां रूककर क्या करेंगे। ये घर हमारा नहीं है और हम किसी और के घर या पैसों पर नहीं पर सकते । अनाया कि बातों से सबको अपने दिल में एक टीस उठी और उनकी आंखें नम हो गई। तो दादाजी बोले हां ये आपका घर नहीं है तो सब लोग आश्चर्य से उन्हें देखने लगे। तो दादाजी आगे बोले और नाही किसी और का है। ये घर मेरा और राधिका जी का है। और हम तुम्हारे दादा दादी है और इस घर और प्रापर्टी में जैसे सबका हक है। वैसे ही तुम्हारा भी हक है। और तुम या कोई और माने ना माने तुम इस घर कि प्रिंसेस हो । और अब तुम कोई बहस नहीं करोगी वरना हम सोचेंगे कि तुम हमें भी अपना दोषी मानती हो। तो इस बात पर अनाया बोली दादू आप ऐसा ना कहें आप और स्वीटहार्ट ही तो मेरे अपने हो जो बिना किसी स्वार्थ के मुझसे प्यार और मुझपर भरोसा करते हों। और आप और स्वीटहार्ट मेरे दोषी नहीं हैं। आप यही चाहते हैं ना मैं यहीं रहूं तो ठीक है। अनाया कहीं नहीं जायेगी इस बात से सभी ने राहत कि सांस ली। तो दादाजी एक नौकर से बोले हमने जो कमरा तैयार करने के लिए बोला था हुआ। तो वो नौकर बोला जी बङे साहब तो दादाजी बोले अनाया का सारा सामान वहां शिफ्ट कर दो और ये सूटकेस लेजाकर उसी कमरे में रख देना। तो अनाया बोली दादू इसकी क्या जरूरत थी मैं गैस्ट रूम में ही रह लेती। तो दादाजी बोले शैतान बच्चे आप इस घर कि सबसे छोटी बच्ची हो नाकि मेहमान जो आप गैस्ट रूम में रहेंगी। ये घर आपका भी है इसलिए अब आप इस घर को अपना मान लो ठीक है और चलो अब नाश्ता कर लेते हैं। सब लोगों ने नाश्ता किया। सभी लोग अनाया को प्यार से देख रहे थे। मगर अनाया ने सबको बिल्कुल नजरंदाज कर दिया। और अपना नाश्ते में ही फोकस बनाए रखा।
थोङे देर बाद सब लोग लीविंग में बैठे हुए थे तो दादाजी बोले शैतान बच्चे अब तो आप भी कॅालेज जायेंगी तो कौन से कॉलेज में जाने कि सोच रही हैं आप तो अनाया बोली बाद में बताऊंगी बडी।
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जब रंजीत जी ने अनाया से कॉलेज के बारे में बोला तो वो बाद में बताने का बोली । मगर रंजीत जी के बारे बार कहने पर उसने बता दिया। वो बोली बडी मैं मुम्बई के RR कॉलेज में एडमिशन ले लिया है। एक्सीडेंट से पहले मगर अभी भी एडमिशन चल रहे हैं। तो खुश होते हुए बोले अरे वाह शैतान बच्चे वो तो हमारा ही कॉलेज है । हमारा और रजावत फैमिली का । तो अनाया कुछ नहीं बोली क्योंकि उसे ये बात पहले से पता थी । उसके बाद दादाजी बोले शैतान बच्चे तुम्हारे बङी मां के बेटे कल इंडिया वापस आने वाले हैं। तो कल हम एक पार्टी देने कि सोच रहे हैं। तो कल तुम भी शामिल होने वाली हो पार्टी में इसलिए मैं कोई बहाना नहीं सुनुंगा । और तुम अपने लिए शापिंग कर लेना । और उसे एक ब्लैक कार्ड पकड़ा दिया। मगर अनाया मना करती उससे पहले ही रंजीत जी बोले हमें पता है तुम्हारे पास बहुत पैसा है। मगर ये मेरी तरफ से है और तुम ये नहीं झुठला सकती कि तुम इस परिवार कि बेटी हो। अनाया इस बात पर खामोश हो गई। और उसने वो कार्ड ले लिया। रंजीत जी ये देखकर खुश हो गये। तो फिर वो बोले तुम अभी भी शापिंग करने मॉल चले जाओ । और हां जल्दी आ जाना तुम्हारी दवाई का आज लास्ट डोज बचा है तो अनाया ने अपना सिर हिला दिया। और अपना पर्स लेने अपने लिए तैयार किए कमरे में चली गई। मगर जैसे ही उसने कमरा देखा उसका मुंह खुला का खुला रह गया । क्योंकि ये कमरा बिल्कुल वैसा ही था । जैसा कायनात को पसंद था । और उस कमरे में सारी चीजें अनाया के पसंद कि थी । और वहां पर उसकी पैदा होने से लेकर अभी तक कि सारी पिक्चर लगी हुई थी। जिससे उसकी आंखों में नमी उतर आई। मगर उसने खुद को संभाला और अपना पर्स लेकर नीचे आ गई। और अपने दादू को गले लगाकर बोली थैंक्यू सो मच बडी इतना प्यारा रूम तैयार करवाने के लिए मुझे वो रूम बहुत पसंद आया। तो रंजीत जी कि आंखों में चमक आ गई और वो उसके माथे को चूमते हुए बोले मुझे बहुत खुशी हुई कि मेरे शैेतान बच्चे को रूम पसंद आया। तभी अनाया उनसे अलग होकर बोली तो बडी अब मुझे जाना चाहिए तभी तो जल्दी आऊंगी ना घर ।
वो जैसे ही जाने को हुई पीछे से रूहानी कि आवाज आई जो उससे बोल रहीं थीं अना क्या हम भी तुम्हारे साथ शापिंग पर चल सकते हैं तो अनाया उसे देखने लगी और बोली आप आ सकती है वैसे भी वो माॅल मेरा थोङी है । इतना बोलकर बाहर निकल गई। उसकी बात पर सबको बुरा लगा । मगर अनाया दूसरों के मुकाबले रूहानी से अच्छे से बात करती थी। क्योंकि रूहानी ने उसे कभी भी बातें नहीं सुनाई यहां तक कि जब सब उस पर इल्ज़ाम लगा रहे थे कि अनाया ने ही रूहानी को सीढ़ियों से नीचे गिराया तब भी बस चार लोग ही थे । जिन्होंने उस भरोसा दिखाया। रूहानी के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई और वो अनाया के पीछे पीछे बाहर चले गयी । और जिस गाड़ी में अनाया बैठी थी उसी गाङी में वो तीनों भी बैठ गई। अनाया को ड्राइविंग करना पसंद था । हालांकि अभी वो 17 साल कि थी मगर उसकी ड्राइविंग। स्किल्स अच्छी थी। रूहानी पैसेंजर सीट पर अनाया के बगल में बैठ गई। और रूही और मोनिका पीछे बैठ गये । हालांकि रूही और रूहानी को मोनिका पसंद नहीं थी मगर अपनी बुआ के कहने पर उसे अपने साथ ले आये। रूही का फेस पूरा चिड़चिड़ा हो गया था उसे बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था। क्योंकि मोनिका उन दोनों बहनों को नीचा दिखाने का मौका नहीं छोड़ती थी । और सबके सामने बिल्कुल संस्कारी बन जाती थी। उसे सबसे ज्यादा नफ़रत अनाया से थी क्योंकि एक तो अनाया उसका मुंह बंद करवा देती थी और वो सबसे ज्यादा सुन्दर भी थी। थोङी देर बाद वो लोग मॉल पहुंच गए। ये मॉल राजावत फैमिली का था । सब गाङी से उतर गए और अनाया का इंतजार करने लगे। जो कि गाङी पार्क करने गयी हुई थी। जैसे ही अनाया वहां पहुंची उसने मोनिका कि बातें सुनीं जो कि रूहानी से बोल रही थी कि तुम्हें क्या लगता है कि अनाया तुम्हें अपनी बहन मानेंगी कभी नहीं। तुम्हारी वजह से ही उसे घर से निकाला गया और उसकी सगी मां भी सिर्फ तुम्हारी वजह से उसको प्यार नहीं दे पाई तुम कितनी स्वार्थी हो । जिसको खुद के अलावा किसी कि नहीं पङी रहती। उसकी बातें सुनकर रूहानी कि आंखों से आंसू बहने लगे। उसे भी ऐसा ही लगता था कि अनाया ने उसकी वजह से बहुत कुछ झेला है। रूही अपनी दी को रोते हुए देखती है तो उसे मोनिका पर बहुत गुस्सा आता है और वो उससे बोलती है तुम होती कौन हो मेरी दी से ऐसा बोलने वाली । और वैसे भी अनाया हमारी छोटी बहन है अभी वो हमसे नाराज़ हैं मगर कभी ना कभी वो हमें माफ कर देगी । अभी मोनिका और कुछ बोलती तभी वहां अनाया आ गई। तो रूहानी ने अपने आंसू पोंछे और अनाया को देख कर प्यार से बोली अना चलों शापिंग कर लेते हैं तो अनाया ने अपना सिर हिला दिया और अंदर कि ओर चलने लगी।
उसके पीछे पीछे वो तीनों भी अंदर आ गई। और वहां से तीसरे मंजिलें में चले गए जहां लङकियों के सारे सामान रखें हुए थे। वो चारों वहां पहुंच कर अपने लिए कपङे देखने लगे । रूहानी को एक गाउन बहुत पसंद आया । मगर जैसे ही वो उसे लेने को हुई मोनिका ने उस गाउन को खुद पकड़ लिया और रूहानी को एक डेविल स्माइल देने लगी। तभी इस मॅाल का मेनेजर आया और उन तीनों को ग्रीट करने लगा और रूहानी और मोनिका को देखकर बोला मिस रायचंद एंड मिस शर्मा मैं आपकी कोई हैल्प कर दूं । एक्चुअली मुझे नहीं पता था आप यहां शापिंग पर आईं हैं वरना मैं आपको पिक करने गैट पर आ जाता। तो रूहानी बोली कोई बात नहीं मिस्टर शेठी । मिस्टर शेठी कि नजर जब अनाया पर पङी तो वो बोले ये मिस कौन है क्या ये भी आपकै साथ है। तो मोनिका जल्दी से बोली ये हमारी बहन है जिसे घर से निकाल कर हास्टल में डाल दिया था। और एक शैतानी मुस्कान के साथ रूहानी और रूही को देखने लगीं जिनका चेहरा शर्म से झुक गया था। अनाया को इन सब से कोई फर्क नहीं पड़ा और वो कपङे देखने में व्यस्त थी। रूहानी ने जल्दी से खुद को संभालते हुए कहा ये हमारी छोटी बहन अनाया रायचंद है । जो हास्टल में रहती थी। कुछ समय पहले ही वो मुंबई वापस लौटी है। तो मेनेजर पहले तो शौक था । क्योंकि कोई भी अनाया के बारे नहीं जानता था । मगर उसने जल्दी से खुद को संभाला और अनाया को ग्रीट किया अनाया ने हल्के से अपना सिर हिला दिया और फिर अपने कपड़े देखने लगी।
आज के लिए इतना ही मिलते हैं अगले भाग में तब तक आप बताओ कि आपको ये चैप्टर कैसा लगा।❤️❤️❤️❤️❤️
अनाया कपङे देख ही रही थी कि उसने देखा मोनिका रूहानी के पसंद किये कपड़े खुद के लिए पैक करवा रही है। और फिर एक मजाक उड़ाने वाली हंसी के साथ उसे देख रहीं हैं। उसे मोनिका पर अब हद से ज्यादा गुस्सा आ रहा था क्योंकि उसको वो लोग नहीं पसंद थे । जो दूसरों कि चीजों पर नजर रखे या उनकी चीजें उनसे छीने । उसने एक सेल्स गर्ल को अपने पास बुलाया और एक ब्लू कलर का सुंदर का नाईट गाऊन उसके हाथ में देकर रूहानी के तरफ इशारा कर दिया मगर खुद का नाम ना लेने वाली बात भी बोली जिससे उस सेल्स गर्ल ने हां में अपना सिर हिला दिया।और वो गाउन रूहानी को देते हुए बोली मैम आप ये ट्राइ करें। ये आप पर बहुत सूट करेगा। रूहानी ने उस गाउन को देखा जो वाकई में बहुत सुंदर था । वो उसे लेकर चेंजिंग रूम में चले गई। और कुछ देर बाद उसे पहन कर बाहर आई तो सब उसे एकटक देखने लगे । वो उस गाउन में बहुत सुंदर लग रहीं थीं। रूही खुश होकर बोली दी आप बहुत सुन्दर लग रहे हो एकदम प्रिंसेस कि तरह । रूहानी ने अनाया कि तरफ देखा मगर अनाया ने उसको देखा तक नहीं। जिससे रूहानी थोङा उदास हो गई। मगर फिर चेंजिंग रूम में जाकर उसे चेंज कर लिया और उस गाउन को पैक करने को दे दिया। रूही और अनाया ने भी अपना गाउन पैक करवा लिया। रूही ने भी गाउन को ट्राइ करने के बाद पैक करवाया मगर अनाया ने बिना ट्राइ किये ही पैक करवा लिया। और मोनिका ने तो बहुत कपङों कि शापिंग कि थी । उसके बाद उन्होंने ज्वेलरी और सैंडल और पर्स कि शापिंग कि फिर मॅाल में उपस्थित रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गए।
सभी ने अपने अपने लिए अपने पसंदीदा डिशेज आडर किया। और अपने खाना आने का वेट करने लगी । तभी मोनिका रूहानी को देखकर बोली। रूहानी क्या तुम मुझे अपना कार्ड दे दोगी एक्चुअली मेरे कार्ड का बैलेंस खत्म हो गया है और मैं एक ही कार्ड लाई हूं। रूहानी जैसे ही कार्ड देने को हुई। रूही ने गुस्से से मोनिका को देखा और बोली मोनिका दी क्या आपको पैसों कि कमी आ गई जो अब मांगने भी लगीं । वैसे मुझे ये समझ नहीं आता आप जब भी शापिंग आती हैं हमारे साथ हमेशा यही बात बोलती हैं । जब आपको पता है आप इतने पैसे खर्च कर देती हैं तो एक्ट्रा कार्ड लाया किजिए। और मेरी दी आपको कोई कार्ड नहीं देंगी। आप बुआ को कॉल करें और उन्हें बोलें आपको पैसे ट्रांसफर करने को। मोनिका का चेहरा गुस्से से काला पङ गया और वो रूही को घूरते हुए बोली। तुम्हें यहीं सिखाया जाता है कि अपने से बङो से इस तरह से बात करो और क्या हो गया अगर रूहानी मुझे अपना कार्ड दे भी दिया तो आखिर मेरा भी हक है उस घर में जैसे ही मोनिका ने ये बोला रुही उसे देखने लगी और अपने मन में बोली कितनी बेशर्म है ये और इसका हक कैसे हुआ उस घर में अभी रूही कुछ और कहती कि रूहानी से उसे रोक दिया। मगर तभी अनाया बोली मिस शर्मा अभी आपने क्या बोला कि आपका भी उस घर में हक है। हां अभी मोनिका कोई जवाब देती कि उनका खाना आ गया।
जब वेटर खाना रख कर चला गया तो मोनिका बोली हां मेरा भी हक है क्योंकि जब रूहानी नहीं हुई थी । तो मैं ही उस घर कि प्रिंसेस थी तो उस हिसाब से मेरा भी हक हुआ ना । तो अनाया हंसते हुए बोली। अच्छा आप वहां कि प्रिंसेस थी तभी मिस रायचंद कि पसंद कि जितनी भी गाउन थे वो आपने ले लिए क्योंकि उस पर भी आपका हक है।क्योंकि आप उस घर कि प्रिंसेस जो रह चुकी है ना तो इस बात पर मोनिका का चेहरा सफेद पङ गया और वो हकलाते हुए बोली अना ऐसा नहीं है। अभी उसने इतना ही बोला था कि अनाया अपनी लाल आंखों से उसे देखते हुए बोली अनाया बोलो तुम मेरी कुछ नहीं लगती जो तुम मुझे मेरे निक-नेम से बुलाओ। तो मोनिका को उस पर बहुत गुस्सा आया और वो उसे नफ़रत से घूरने लगी। तो इस बात पर अनाया एक डेविल स्माइल करते हुए बोली तुम्हारी नफ़रत मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती मिस शर्मा। और हां आगे से जहां मेरा जिक्र हो उधर अपना मुंह मत खोलना और हां मेरे फैमिली मेंबर्स को बुली करना या उनकी चीजों में अपना हक जताने कि भूल से भी भूल मत करना वरना अगली बार तुम्हें इसके लिए पछताना पड़ेगा और हां उस घर में तुम्हारा कोई हक नहीं है वो घर मिस रायचंद और उनके भाई बहनों का है और उस पर हक भी उनका ही हैं। और रही बात तुम्हारे हक कि तो तुम्हारी मॉम को उनका हक पहले ही मिल चुका हैं तो अपने घर पर अपने हक कि बात करना आई समझ और हां मुझे अपनी बातें रिपीट करना पसंद नहीं है इसलिए मेरी बातें अपने दिमाग में बिठा लो । इतना बोल कर वो वहां से बाहर चले गयी।
उसके जाने के बाद रूहानी के फेस पर एक प्यारी सी मुस्कान आ गई। और रूही को तो बहुत मज़ा आ रहा था और वो मोनिका का मजाक उड़ाते हुए बोली मोनिका दी सो सैड ना आपके मुंह पर हमारी अना ने बेइज्जती कर दी । अभी मोनिका कुछ बोलती रूही ने रूहानी का हाथ पकड़ कर बोला चलिए दी अना हमारा वेट कर रही होगी। और वहां से निकल गई। मोनिका वहां अकेले रह गई और बोली अनाया मैं तुम्हें छोङुगी नहीं तुमने मेरी इंसल्ट कर कर अच्छा ना किया। अब देखो मैं घर पर कैसे तुम्हें सबकी नजरों में फिर से गिराती हूं। और रूहानी और रूही तुम दोनों बहुत उङ रही हो ना और बहुत बहन बहन बोल रहीं हों ना उसकी नज़रों में तुम दोनों को इतना गिरा दूंगी कि वो तुम दोनों से फिर से नफ़रत करने लगेगी । और एक शैतानी मुस्कान लिए वो भी बाहर चले गयी। और जाकर गाङी में बैठ गई। अनाया ने सबके बैठने के बाद गाङी स्टार्ट कर दी और गाङी रायचंद मेंशन कि तरफ बढ़ने लगी।
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