श्रेणी शुक्ला की आँखें धुंधली हो रही थीं, जैसे कोई घना कोहरा उसके चारों तरफ फैल गया हो। कमरे की डिम लाइट्स सब कुछ और भी रहस्यमयी बना रही थीं ,,, गोल्डन चैंडेलियर से हल्की-हल्की रौशनी आ रही थी, जो बिस्तर की सफेद चादरों पर गिरकर चमकदार कर रही थी। उसका... श्रेणी शुक्ला की आँखें धुंधली हो रही थीं, जैसे कोई घना कोहरा उसके चारों तरफ फैल गया हो। कमरे की डिम लाइट्स सब कुछ और भी रहस्यमयी बना रही थीं ,,, गोल्डन चैंडेलियर से हल्की-हल्की रौशनी आ रही थी, जो बिस्तर की सफेद चादरों पर गिरकर चमकदार कर रही थी। उसका सिर इतना भारी था कि वो उठ भी नहीं पा रही थी। ड्रग्स का असर उसके पूरे शरीर में फैल चुका था ,,, एक अजीब सी गर्मी, जो उसके वेंस में दौड़ रही थी, उसे ओर भी बेचैन कर रही थी। वो कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके होंठ सिर्फ हिल रहे थे, आवाज़ नहीं निकल रही थी।
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श्रेणी की आँखें धुंधली हो रही थीं, जैसे कोई घना कोहरा उसके चारों तरफ फैल गया हो। कमरे की डिम लाइट्स सब कुछ और भी रहस्यमयी बना रही थीं ,,, गोल्डन चैंडेलियर से हल्की-हल्की रौशनी आ रही थी, जो बिस्तर की सफेद चादरों पर गिरकर चमकदार कर रही थी। उसका सिर इतना भारी था कि वो उठ भी नहीं पा रही थी। ड्रग्स का असर उसके पूरे शरीर में फैल चुका था ,,, एक अजीब सी गर्मी, जो उसके वेंस में दौड़ रही थी, उसे ओर भी बेचैन कर रही थी। वो कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसके होंठ सिर्फ हिल रहे थे, आवाज़ नहीं निकल रही थी।
"र... रोनक... क्या... हो रहा है, कहा हो आ,,आप,,,,,?" उसने फुसफुसाया, लेकिन उसकी खुद की आवाज़ उसे दूर से आती हुई लग रही थी,
वो लाल लहंगे में बिस्तर पर लेटी हुई थी ,,, शादी का जोड़ा, जो अभी कुछ घंटे पहले ही उसने पहना था। उसकी मेंहदी वाली हथेलियाँ काँप रही थीं, कलाई में लाल चूड़ियाँ खनक रही थीं। शादी की रस्में अभी-अभी खत्म हुई थीं ,,, मंडप में फेरे, सिंदूर की रेखा अभी भी उसके माथे पर, मंगलसूत्र उसके गले में था,,, लेकिन वो अब होटल रूम, दिल्ली के एक फाइव-स्टार होटल का लग्ज़री सुइट, जहाँ सब कुछ प्राइवेट था। श्रेणी को याद था कि रोनक ने उसे यहाँ लाया था, लेकिन अभी वो उसे ठीक से जानती भी नहीं थी। अरेंज्ड मैरिज थी ,, बस फोटोज़ में देखा था, एक-दो बार बात हुई थी। वो सोच रही थी कि ये उसकी फर्स्ट नाइट है शायद इसलिये वो दोनो घर ना जाकर यहां आये है,,, अभी इस वक्त उसका शरीर साथ नहीं दे रहा था,
अचानक, दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई। श्रेणी ने सिर घुमाने की कोशिश की, लेकिन सब ब्लर था। एक लंबा, मजबूत साया कमरे में घुसा,,, उसके कदम भारी थे, जैसे वो जानबूझकर स्लो चल रहा हो, वो बिस्तर के पास आया, श्रेणी को लगा वो रोनक है। "रोनक... तुम... आ गए?" उसने मुश्किल से कहा, अपनी आँखें झपकाते हुए । लेकिन आदमी ने कुछ नहीं कहा। वो बस उसके पास आया, बिस्तर पर बैठ गया, और अपनी उँगलियाँ श्रेणी के गाल पर फिराईं। उसका टच रफ़ था,,, उसनें श्रेणी की स्किन पर हल्का सा स्क्रैच कर रहे थे,
श्रेणी का दिल तेज़ धड़क रहा था। ड्रग्स की वजह से उसके इमोशन्स हाई थे ,,, वो डरी हुई थी, लेकिन साथ ही एक्साइटेड भी थी । "प्लीज़... लाइट ऑन करो... मैं देख नहीं पा रही..." उसने कहा, लेकिन आदमी ने इग्नोर किया। वो उसके ऊपर झुका, उसकी साँसें श्रेणी की गर्दन पर गर्म हवा की तरह लग रही थीं। वो महक रहा था,,, एक स्ट्रॉन्ग कोलोन, मस्की और वुडी, खुशबूं जो श्रेणी के सेंसेज़ को और कन्फ्यूज कर रहा था।
वो कुछ बोलने की कोशिश कर रही थी पर वो आदमी उसके होंठो पर उंगली रख देता है "शhh... चुप," उसने आखिरकार कहा, उसकी आवाज़ गहरी और ठंडी थी । उसने अपनी उंगली श्रेणी के होंठों पर रख दी, और उसके होंठो को धीरे से प्रेस किया। श्रेणी ने विरोध करने की कोशिश की,, अपनी हथेली से उसे धक्का देने लगी, लेकिन उसकी ताकत खत्म हो चुकी थी। ड्रग्स ने उसे वीक कर दिया था, वो सिर्फ यह सब महसूस कर सकती थी। वो एकदम पानी पानी हो रही थी उस स्पर्श से,,,, वो आदमी ने हल्का सा स्माइल करता है,,, वो स्माइल डार्क थी, उसने श्रेणी के जोड़े की डोरी को खींचा, श्रेणी की साँसें तेज़ हो गईं।
"रोनक... आई... आई लव यू......" उसने धीरे से फुसफुसाया, वो उसके साथ कोऑपरेट कर रही थी, अपनी बाहें उसके गले में डालने की कोशिश कर रही थी। लेकिन उस आदमी ने उसे पिन कर दिया,,, उसके हाथों को बिस्तर पर दबाया, उसकी ग्रिप टाइट थी ।
"आज रात के लिये,,, मैं ही तुम्हारा पति हू,,, तुम मेरी हो आज रात के लिये,,,,,," उसने कान में फुसफुसाया, उसकी वॉइस में एक ऑब्सेसिव टोन थी । श्रेणी को लगा रोनक बोल रहा है, उसका दिल पिघल गया।
फिर, वो उसके होंठों पर झुका। यह श्रेणी का पहला किस था जो काफी सॉफ्ट था,,, वो आदमी जैसे टेस्ट कर रहा हो। लेकिन जल्दी ही इंटेंस हो गया। उसके होंठ श्रेणी के होंठों पर प्रेस हो गए, रफ़ लेकिन डिमांडिंग,,, श्रेणी ने भी रेस्पॉन्ड किया, ड्रग्स की वजह से उसकी हेजिटेशन गायब हो गयी थी । वो उसके बालों में उँगलियाँ फँसा लेती है, उसे और करीब खींचा। उस आदमी ने श्रेणी के जोड़े को पूरी तरह उतारना शुरू किया ,,, पहले ब्लाउज की हुक खोली, फिर स्कर्ट की नॉट खोल दी । उसकी उँगलियाँ श्रेणी की स्किन पर स्लाइड कर रही थीं, हर टच इलेक्ट्रिक करंट जैसा था । वो उसके कंधों पर किस कर रहा था, पहले सॉफ्ट, फिर हार्ड, जैसे उसके शरीर पर मार्क छोड़ रहा हो। श्रेणी की बॉडी आर्क हो गई, एक बेहद मदहोशी भरा मोन निकला उसके मुँह से "रोनक... प्लीज़.. धीरे करिये,,,, ." लेकिन वो नहीं रुका।
वो आदमी उसके ऊपर था, उसकी बॉडी गर्म थी, और उसकी साँसें श्रेणी के चेहरे पर गर्म हवा की तरह लग रही थीं। श्रेणी की उँगलियाँ उसकी चेस्ट पर थीं, वो उसकी स्किन को छू रही थीं, उसकी धड़कन को महसूस करते हुए। उसकी टाँगें उस आदमी की कमर के चारों तरफ टाइट लपेटी हुई थीं, जैसे वो उसे और करीब खींचना चाहती हो। उसकी पायल की आवाज़ अब तेज़ हो रही थी, क्योंकि उसकी बॉडी हल्का सा हिल रही थी ।
उस आदमी के हाथ श्रेणी की कमर पर थे, उँगलियाँ उसकी स्किन में हल्का सा दब रही थीं, लेकिन इतनी नरमी से कि दर्द नहीं हो रहा था, बस एक तेज़ सनसनी हो रही थी। उसने धीरे-धीरे अपने हाथ नीचे किए, उसके थाइज़ के अंदर की तरफ, जहाँ स्किन सबसे नरम थी। उसकी उँगलियाँ वहाँ हल्का सा घूम रही थीं, वो धीरे-धीरे छूते हुए उसके पार्ट्स पर अपनी उंगली फेर रहा था, जैसे वो उसे और बेचैन करना चाहता हो। श्रेणी की साँसें तेज़ हो गईं, उसका शरीर काँप रहा था।
"रोनक... प्लीज़..." उसने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में चाहत थी, ड्रग्स की वजह से उसका डर गायब हो चुका था। वो अब और करीब आ गया, उसकी बॉडी श्रेणी की बॉडी को पूरी तरह दबा रही थी। उसने धीरे से अपनी पोजीशन अडजस्ट की, और श्रेणी ने महसूस किया कि वो उसके और करीब आ रहा था, और फिर वो मोमेंट आया। उसने धीरे-धीरे, लेकिन रफ़ तरीके से, पूरी तरह से श्रेणी के अंदर एंटर किया। श्रेणी की साँस एक पल के लिये रुक गई, एक हल्की सी चीख उसके मुँह से निकली, लेकिन वो चीख दर्द से ज़्यादा प्लेजर की थी। श्रेणी की उँगलियाँ उसकी चेस्ट पर टाइट हो गईं, जैसे वो उससे लिपटना चाहती हो। उसका टच गर्म था, इंटेंस, और ड्रग्स की वजह से हर सनसनी दस गुना ज़्यादा लग रही थी। उस आदमी ने धीरे-धीरे मूव करना शुरू किया, श्रेणी की टाँगें उसकी कमर के चारों तरफ और टाइट हो गईं, उसकी पायल की आवाज़ अब लगातार बज रही थी, उसके हाथ अब श्रेणी के हिप्स पर थे, उसे होल्ड करते हुए, वो उसे ओर करीब खींच लेता है । हर थ्रस्ट में वो उसके और डीप जा रहा था, और श्रेणी की साँसें अब मोन्स में बदल रही थीं।
"रोनक... और जोर से,, आहहहह,,, आहहहह,,,..." उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ काँप रही थी, उसकी बॉडी अब पूरी तरह उसके साथ थी, हर मूवमेंट में रिस्पॉन्ड कर रही थी। उसने उस आदमी को और टाइट पकड़ा, उसकी उँगलियाँ उसके शोल्डर्स में दब रही थीं, और उसकी चेस्ट श्रेणी की चेस्ट पर प्रेस हो रही थी। उसकी धड़कन तेज़ थी, और श्रेणी उसे फील कर सकती थी, जैसे उनकी धड़कनें एक हो रही हों।
वो अब और तेज़ हो गया, वो बस उसे अपना बनाना चाहता था । श्रेणी की बॉडी अब काँप रही थी, उसका पूरा शरीर टेंस हो रहा था। उसने अपने होंठ श्रेणी के होंठों पर रखे, एक रफ़ लेकिन पैशनेट किस, जैसे वो उसे पूरी तरह से फील करना चाहता हो। श्रेणी ने भी उसे किस किया, उसकी उँगलियाँ उसके बालों में फँसी हुई थीं, उसे और करीब खींचते हुए वो भी उसका साथ दे रही थी । कमरे में सिर्फ उनकी साँसों की आवाज़ थी, चादरों की सरसराहट, और श्रेणी की पायल की खनक, हो रही थी।
श्रेणी अब पीक पर थी, उसका शरीर पूरी तरह से अब पसीने से भीग रहा था।
"रोनक... मैं... मैं..." उसने चीखने की कोशिश की, लेकिन उसकी आवाज़ सिर्फ एक फुसफुसाहट थी। उसने उस आदमी को और टाइट होल्ड किया, और उसका मूवमेंट अब तेज़ और डीप था। उसका शरीर काँप रहा था, उस आदमी नें उसे टाइट पकड़ा, जैसे वो उसे कभी छोड़ना नहीं चाहता, उसका चेहरा श्रेणी के शोल्डर में दबा हुआ था। श्रेणी तो रिलेक्स होने लगी थी पर वो आदमी उसे छोडना नही चाहता था । वो उसके साथ करीब दो घंटे तक उसी पॉजिशन में रहा बिना रेस्ट के । कुछ देर बाद उस सख्स ने उसे रोल किया, अब श्रेणी उसके ऊपर थी, श्रेणी उसके होंठों पर किस कर रही थी, अपना प्यार दिखाते हुए।
"आई विल ऑलवेज विद यू.. रोनक,,,,." उसने कहा, यह सुन वो और इंटेंस हो गया,,, उसके मूवमेंट्स फास्टर हो गये,,, कमरे में सिर्फ उनकी साँसों की आवाज़ गूंज रही थी । जिसमें श्रेणी खो गई थी वो पीक पर पहुँच रही थी, उसका शरीर काँप रहा था। "रोनक...!" उसने मदहोश होकर कहा, आदमी ने उसकी कमर को टाइट होल्ड किया, अपना फेस उसके शोल्डर में छिपा लिया। वो अभी तक आठ से दस बार श्रेणी को नीचे से अंदर तक भर चुका था, बिना किसी रेस्ट के ।
फिर, करीब चार से पांच घंटे बाद सब स्लो डाउन हो गया। वो बिना रूके पांच घंटो तक श्रेणी के अंदर ही था । रिलेक्स होकर वो उसके बगल में लेट गया, लेकिन श्रेणी की आँखें बंद हो रही थीं। ड्रग्स का असर पीक पर था । आखिरी चीज़ जो उसने फील की, जो कि उस सख्स का हाथ उसके बालों में था ।
"गुड नाइट, माय लव..." उसने कहा, लेकिन श्रेणी सुन नहीं पाई। सब डार्क हो गया।
अगली सुबह, श्रेणी की आँखें खुलीं तो सिर में तेज़ दर्द था। वो अब वहां अकेली थी, बिस्तर मेस्ड था, उसके कपड़े फ्लोर पर बिखरे हुए थे ।
"रोनक? कहा है आप,,,,?" वो कन्फ्यूज्ड थी, उसकी बॉडी में दर्द था, लेकिन मेमोरीज़ ब्लर हो गयी थी, वो नहीं जानती थी कि वो आदमी रोनक नहीं था ,, एक अनजान, जिसे रोनक ने प्लान करके भेजा था, ताकि वो इस शादी से बच सके,, जिसके साथ श्रेणी नें अपनी रात बिता ली थी । वो उठी, अपना जोड़ा पहनने की कोशिश की, लेकिन बॉडी दर्द कर रही थी और सबसे ज्यादा तो नीचे दर्द हो रहा था,,, उससे चला भी नही जा रहा था, रात को सबकुछ काफी रफ हुआ था । खुद के दर्द पर कंट्रॉल करते हुए उसनें अपना फोन उठाया , कई मिस्ड कॉल्स थे, उसके पेरेंट्स की ओर से, रोनक के फैमिली से। वो हैरान थी, उसनें रोनक को कॉल किया पर उसनें भी कॉल नही उठाया । उसकी दिल तेजी से धडक रहा था,,, वो खुद को सम्भालते हुए घर पहुँचती है , पर उसे दरवाज़े पर ही रोक दिया गया। उसकी माँ, सरिता शुक्ला, गुस्से से चीख रही थीं।
"तू रात भर कहाँ थी? शादी की रात ही भाग गई? क्या बेज्जती करवाई है हमारी,,, बदजलन,,,,!"
श्रेणी ने सफाई देने की कोशिश की, "माँ, मैं... होटल में थी... रोनक के साथ..." लेकिन रोनक वहाँ खड़ा था, उसके चेहरे पर गुस्सा था "झूठ बोल रही है! वो रात में ही भाग गई थी,, रास्ते से ही मुझे मारकर,,!! " उसने कहा।
उसका बात सुन श्रेणी शॉक्ड थी। क्या? वो तो उसके साथ थी रात भर... जिसके साथ वो रात में थी, क्या वो रोनक नहीं था?
उसके पापा, राजेश शुक्ला, ने उसे एक जोरदार थप्पड़ मारा। "तूने हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दी! बाहर निकल जा मेरे घर से, जिसके पास गयी थी उसके पास ही जा "
यह सुन श्रेणी रो रही थी, "पापा, प्लीज़... मैंने कुछ नहीं किया..." लेकिन रोनक की फैमिली भी वहाँ थी उसकी माँ, नीता, और पापा, विमल, सब उसे घूर रहे थे।
"ये लड़की चरित्रहीन है," नीता ने कहा। रौनक के सामनें श्रेणी नें मिन्नते की पर रौनक नें काफी सोलिड प्लान बनाया था,,, उसनें अपने शरीर पर जख्म बना रखे थे जिन्होने श्रेणी की हर बात को झूठा साबित कर दिया । श्रेणी को जिल्लत के साथ धक्के मारकर घर से निकाल दिया गया, वो रोते हुए बाहर आई, दुनिया उसके लिए खत्म हो गई लग रही थी।
उसे कहा पता था कि रोनक ने ये सब प्लान किया था ,,, वो तो उससे शादी नहीं चाहता था, वो अपनी गर्लफ्रेंड से प्यार करता था। उसने श्रेणी को ड्रग दिया था , उसे एकक स्ट्रेंजर के साथ छोड दिया और खुद भाग गया। लेकिन श्रेणी को कुछ पता नहीं चला।
दो साल बाद,,,,
श्रेणी अब 23 साल की थी, लेकिन अब उसकी लाइफ पूरी तरह से उजड़
चुकी थी। वो एक छोटे से किराए के रूम में रहती थी । एक कंपनी में जॉब करती थी ,,, एक आईटी फर्म में डेटा एंट्री का काम था । सुबह 9 से शाम 6, घर पर अकेली रहती थी,,,, उसके लिए दो सालो से रातें काटना मुश्किल था। वो अक्सर उस रात को याद करती, वो अनजान आदमी का टच याद आता था तो बुरी तरह दर जाती थी। वो सब अब और भी डरावना लगता था ।
"कौन था वो?" वो सोचती। उससे फैमिली ने कॉन्टैक्ट कट कर दिया। उसके भाई, अक्षय, ने भी उस दिन के बाद कभी उसे फोन नहीं किया था। वो पूरी तरह अकेली थी।
एक दिन, ऑफिस में उसकी मुलाकात हुई मीरा से,,, मीरा 25 साल की थी, उसी कंपनी में मैनेजर का काम करती थी।।
"हाय, श्रेणी! तू हमेशा अकेली क्यों रहती है?" मीरा ने पूछा। श्रेणी ने हिचकिचाते हुए बात की, लेकिन धीरे धीरे मीरा ने उसे अपने साथ ओपन कर दिया।
एक दिन दोनो बाते कर रही थी की तभी मीरा बोली "मेरी रूममेट चली गई, चाहे तो तू मेरे साथ शिफ्ट हो जा,, अपने उस सेड से कमरे में दम नहीं घुटता है क्या तेरा,,,, "
मीरा ने ऑफर किया और उसे मानने लगी तो श्रेणी ने हाँ कर दी । अब वो दोनों एक रूम में रहतीं। मीरा काफी अच्छी लडकी थी,,,, जो उसके साथ बिल्कुल बडी बहन जैसा थी ।
" तू मुझे बताना चाहे तो बता सकती है,,, कि तेरा पास्ट क्या है?" मीरा ने एक दिन पूछा।
मीरा पर अब उसे विश्वास होने लगा था,,, तो श्रेणी ने अपने बारे के उसे थोड़ा बहुत बताया, सब सुनकर मीरा ने उसे हग किया, " डोंट वरी,,, आई एम देयर फॉर यू,, कोई नही अगर उन लोगो नें तुझे निकाल दिया तो,, अब मैं ही तेरा हर तरीके से साथ दूंगी,,, और तेरे पति को तो साला तुझे छोड दिया शादी के रात,,, उसे तो मार दूंगी अपने हाथो से मौका मिलने पर, " उनकी फ्रेंडशिप डीप हो गई। श्रेणी को पहली बार लगा, लाइफ में कुछ अच्छा है। लेकिन श्रेणी की लाइफ में ट्विस्ट आने वाला था।
ऑस्ट्रेलिया में, अकाय सिंह सक्सेना अपनी लग्ज़री पेंटहाउस में बैठा था। 30 साल का, हैंडसम,,, टॉल, डार्क आइज़, शार्प जॉलाइन,,, वो एक मल्टीनेशनल कंपनी का सीईओ था, कोल्ड हार्टेड, ऑब्सेसिव,,, उसके पास सब कुछ था,, मनी, पावर, लेकिन लव? वो इन सब में नहीं मानता था। उसकी फैमिली इंडिया में थी ,, माँ, राधिका सक्सेना, पापा, विक्रम सक्सेना, और छोटी बहन, आरुषि। वो सालों से ऑस्ट्रेलिया में था, लेकिन अब बिज़नेस के लिए इंडिया जाने वाला था।
"अकाय, कब आ रहा है?" उसकी माँ ने फोन पर पूछा।
"जल्दी ही,, माँ। एक प्रोजेक्ट है
बस वो खत्म हो जाए ।" अकाय ने कहा, उसकी आवाज़ कोल्ड थी । लेकिन वो पजेसिव और कोल्ड हार्टेड था ,,, जो उसका होता, वो उसे कभी नहीं छोड़ता था ।
कुछ दिनों बाद,,,, अकाय इंडिया पहुँचा। दिल्ली एयरपोर्ट पर, उसका ड्राइवर इंतज़ार कर रहा था। वो वहा से घर गया । उसने यहां आकर बिजनेस की कमान संभाल ली थी ।
एक दिन, श्रेणी को सक्सेना ग्रुप में जाना पड़ा,,,, श्रेणी की कंपनी नेस्बोर्ड थी, लेकिन अकाय की कंपनी एक बड़ा क्लाइंट था। एक मीटिंग के लिए श्रेणी को अकाय से मिलने भेजा गया भेजा गया ,,, इतने बड़े क्लाइंट से मिलने पर श्रेणी नर्वस थी। वो बड़ी हिम्मत करके कॉन्फ्रेंस रूम में गई, वहाँ अकाय बैठा था, श्रेणी ने उसे देखा ,, वो काफी हैंडसम था, लेकिन उसकी आँखें इंटेंस थी। वहा श्रेणी ने प्रेजेंटेशन शुरू किया, लेकिन उसकी आँखें अकाय से मिलीं । अकाय ने उसे घूरा, जैसे वो उसे स्कैन कर रहा हो। श्रेणी का दिल तेज़ धड़का। वो रफ़ था, लेकिन अट्रैक्टिव भी था ।
मीटिंग खत्म हुई, लेकिन अकाय ने उसे रोका।
"वेट," उसने कहा। श्रेणी रुकी।
"तुम्हारा नाम क्या है?"
"श्रेणी शुक्ला।"
"ओके, श्रेणी। आई थिंक वी कैन वर्क टुगेदर मोर।" अकाय ने कहा, उसकी आँखों में डार्कनेस थी । श्रेणी ने सिर हिलाया । वो अपना काम खतम करके वहा से निकल गई । वही अकाय विंडो के पास खड़ा उसे जाते हुए देखता रहा ।
शाम को, श्रेणी जब घर आई। तो मीरा ने पूछा, "कैसा दिन था?"
"अजीब... एक बड़े क्लाइंट को संभालना पड़ा,,, बडा ही खतरनाक आदमी लगा मुझे तो अकाय सक्सेना,,, "
मीरा ने हँसकर कहा, "ओह, वो फेमस सीईओ? वो तो काफी हैंडसम है ना?"
" पता नही,,,,! " श्रेणी नें भावहीन होकर जवाब दिया ।
" ओहो तुमसे से कुछ पूछना ही बेकार है,,, लडको के लुक का तो तुम कुछ सही से बता ही नही सकती हो,,,,,"
" और मुझे यह सब बाते करना बेकार लगता है,,, चेहरा क्यू देखते है आजकल सब,,, वैसे भी लोगो के चेहरे से उनके काले दिल को नही जाना जा सकता, जो जितना सुंदर उतना ही घटिया,,,," वो गहरी सांस भरकर बोली पर उसकी आवाज के दर्द साफ था ।
शाम को, श्रेणी घर की तरफ़ जा रही थी। ट्रैफिक आज बहुत ज़्यादा था, और मीरा को ऑफिस में कुछ बाकि का काम करना था, इसलिए वो ऑफिस में ही रुक गई थी। श्रेणी को शाम के वक्त ऑनलाइन एप्प पर कोई टैक्सी नही मिली, जिस पर उसनें सोचा कि पैदल चलना बेहतर होगा। दिल्ली की सड़कें अब धीरे-धीरे अंधेरे में डूब रही थीं, स्ट्रीटलाइट्स की पीली रोशनी गलियाों पर पड रही थी । श्रेणी ने अपनी चुन्नी को कंधे पर ठीक किया और तेज़ कदमों से चलने लगी। उसकी पायल की हल्की खनक गलियों की सन्नाटे में गूंज रही थी।
वो एक तंग गली से गुज़र रही थी, जब उसे कुछ कदमों की आहट सुनाई दी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन कुछ नहीं दिखा। उसने अपने कदम तेज़ किए, लेकिन आहटें और क़रीब आ रही थीं।
अचानक, एक हँसी की आवाज़ गूंजी। “क्या माल है यार,” एक खुरदुरी आवाज़ आई।
श्रेणी का दिल धक् से रह गया। उसने बिना पीछे देखे और तेज़ चलना शुरू किया, लेकिन अब वो अकेली नहीं थी। चार-पाँच लड़के, शायद नशे में, उसके पीछे पड़ गए।
उनकी बातें गंदी थीं, हँसी भद्दी हंस रहे थे, “अरे, रुक तो सही, मज़ा करेंगे,” एक ने कहा, और बाकी हँस पड़े। यह सब देखकर श्रेणी ने दौड़ना शुरू किया, उसकी साँसें तेज़ हो गईं, लेकिन गली में एक लड़का पहले से ही खड़ा था। उसने श्रेणी का रास्ता रोक लिया।
“कहाँ भाग रही हो, मैडम?” उसने कहा, उसकी आँखों में एक गंदी चमक थी। श्रेणी ने अपने बैग को सीने से लगाया और पीछे हटने की कोशिश की, लेकिन दूसरा लड़का उसके पीछे आ गया। उसने श्रेणी की चुन्नी पकड़ ली और ज़ोर से खींचा। चुन्नी खींचकर श्रेणी से अलग कर दी , श्रेणी की चीख निकल गई, “प्लीज़, छोड़ दो मुझे!”
लेकिन वो लोग और क़रीब आए। एक ने उसका हाथ पकड़ लिया, उसकी कलाई में दबाव इतना था कि श्रेणी को दर्द होने लगा। दूसरा उसकी कमर की ओर हाथ बढ़ाने लगा। श्रेणी का शरीर काँप रहा था, उसकी आँखों में खौफ भर आया था । वो घबराकर डर से एकदम पीली पड चुकी थी ।
तभी, एक तेज़ आवाज़ गूंजी, “ दूर हटो उससे,,,,,!” एक लंबा, मजबूत साया गली में घुसा। उसकी आवाज़ इतनी सख्त थी कि गुंडों के कदम ठिठक गए। श्रेणी ने धुंधली आँखों से देखा, वो आदमी तेज़ी से उनकी ओर आ रहा था। उसने चुन्नी उस गुंडे से चुन्नी छीनी और श्रेणी की ओर बढ़ाया। श्रेणी नें चुन्नी को गले से लपेट लिया, वो पलटकर उन गुंडों की ओर मुड़ा। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उसने पहले लड़के को कॉलर से पकड़ा और मुंह पर एक जोरदार घूंसा मारा। लड़का ज़मीन पर गिर पड़ा, उसकी नाक से खून बहने लगा। बाकी लड़के उस पर टूट पड़े, लेकिन वो आदमी तेज़ था। उसने एक को लात मारी, दूसरे को दीवार से दे मारा। उसकी हरकतें इतनी तेज़ और सटीक थीं कि कुछ ही मिनटों में सारे गुंडे ज़मीन पर पड़े कराह रहे थे। वो डरकर खडे हुए और तेजी से वहां से भाग गये । वो आदमी उसकी ओर मुड़ा, और अब रोशनी में उसका चेहरा साफ़ दिखा। वो अकाय सिंह सक्सेना था। उसकी आँखें अब भी डार्क थीं, लेकिन चेहरे पर एक एक ठंडा भाव था ।
" श्रेणी,, श्रेणी शुक्ला यही नाम है न आपका,,, शाम के वक़्त यूँ अकेले नहीं घूमना चाहिए,,, कुछ भी हो सकता है,,,,, ” उसने कहा ।
श्रेणी ने उसकी बात का कोई जवाब नहीं दिया। उसका दिल अभी भी तेज़ धड़क रहा था, और वो बस वहाँ से भागना चाहती थी। वो तेज़ कदमों से गली से बाहर निकल गई। अकाय ने उसे जाते देखा, फिर उसने कहा, “मुझे थैंक्स तो करके जाना चाहिए न आपको... आख़िर मैंने आपकी मदद की है।”
श्रेणी रुकी, बिना पलटे, और धीमी आवाज़ में कहा, “थैंक्यू,,,,” उसका थैंक्यू इतना ठंडा और ऊपरी था कि अकाय की भौंहें सिकुड़ गईं। वो कुछ और कहने वाला था, लेकिन तभी उसका फोन बजा। वो कॉल अटेंड करने लगा।
“हाँ, माँ, मैं जौहरी के यहाँ पहुँच रहा हूँ,,,, वो काम हो जाएगा,” उसने कहा। दरअसल, अकाय अपनी माँ के लिए एक खानदानी जौहरी को ढूंढने आया था, जो सक्सेना फैमिली के लिए सालों से काम करता था। लेकिन श्रेणी को देखकर वो गली में रुक गया था। वो फोन पर बात करते हुए वहां से कार की ओर बढ़ गया। पर एक नजर दोबारा उसनें उस ओर जरूर देखा था जहां से श्रेणी गयी थी ।
श्रेणी घर पहुँची, उसका शरीर अभी भी काँप रहा था। उसने दरवाज़ा खोला, अपनी चुन्नी को कंधे से उतारा और उसे वॉशिंग मशीन में डाल दिया, जैसे वो उस सीन को धो देना चाहती हो। खुद को सम्भालकर उसने जल्दी से खाना बनाया,,, फिर अपने लैपटॉप पर ऑफिस का काम शुरू किया। तभी उसकी नज़र अकाय की कंपनी के प्रेजेंटेशन फाइल पर पड़ी। उसने स्क्रीन पर सक्सेना इंडस्ट्रीज़ का लोगो देखा और एक गहरी साँस भरी।
“कल फिर सक्सेना इंडस्ट्री जाना है.... पता नही क्यों मिस्टर सक्सेना को देखकर डर लगता है मुझे......” उसने खुद से कहा, उसकी आवाज़ में थकान और बेचैनी थी। वो काम ख़त्म करने में जुट गई, तभी दरवाज़ा खुला और मीरा घर आई। मीरा ने बैग फर्श पर ही फेंका और सीधे सोफे पर लेट गई।
“आह, क्या बोरिंग दिन था!” वो बोली और कुछ ही पल में सोफे पर ही सो गई। श्रेणी ने उसे देखा, हल्का मुस्कुराई, और उसे हिलाकर उठाया। “उठ, मीरा, खाना खा ले पहले।”
मीरा नें उसे टाल दिया तो श्रेणी नेॉ उसका हाथ खींचकर उसे उठाया । दोनों ने साथ बैठकर खाना खाया। मीरा ऑफिस की बातें करती रही।
“ श्रेणी,,,, कंपनी का बॉस जल्दी आने वाला है,,,, हमें थोड़ा और अच्छे से प्रिपेयर होना चाहिए, ताकि बॉस की तरफ से कोई शिकायत न हो पाए,” मीरा ने कहा। श्रेणी ने बस हाँ में सिर हिलाया, लेकिन उसने शाम की घटना का ज़िक्र नहीं किया। वो नहीं चाहती थी कि मीरा परेशान हो जाए । खाना ख़त्म करके दोनों अपने-अपने बेड पर चली गईं। श्रेणी रात को बिस्तर पर लेटी, लेकिन नींद नहीं आई। उसकी आँखों के सामने गली का सीन बार-बार घूम रहा था, और अकाय का चेहरा वो तो उसे ओर भी परेशान कर रहा था , उसका चेहरा उसते दिमाग में कौंध रहा था । उसकी स्माइल, उसकी आँखें, कुछ ऐसा था जो उसे बैचेन कर रहा था।
दूसरी तरफ़, अकाय अपने घर की डाइनिंग टेबल पर बैठा था। उसकी माँ, राधिका, और पापा, विक्रम, शादी की बातें कर रहे थे।
“अकाय, अब तुम तीस साल के हो गए हो। कब तक अकेले रहोगे? हमें तुम्हारी शादी की तैयारियाँ शुरू कर देनी चाहिए,” राधिका ने कहा।
“माँ, मैंने कहा न, मुझे शादी नहीं करनी,” अकाय ने ठंडी आवाज़ में जवाब दिया, उसका चेहरा भावहीन था।
“क्यों नहीं?” विक्रम ने गुस्से से कहा।
वो आगे बोले “पैसा, दौलत, सब कुछ है हमारे पास। अब क्या कमी है? तुझे एक अच्छी लड़की मिल जाएगी, बस बात पक्की कर दे।”
अकाय ने एक गहरी साँस भरी। “मुझे इन सब में इंटरेस्ट नहीं है, पापा।” वो उठा और अपने रूम में चला गया। वही आरूषि जो यह सब देख रही थी,, वो अपने पापा मां को देखती रहती है ।
उसका रूम काफी बड़ा था, वो खिड़की के पास खड़ा हो गया, अभी इस वक्त उसका दिमाग़ कहीं और था, शायद उस लड़की पर, जिसे उसने आज गली में बचाया था।
" श्रेणी,,,," वो बुदबुदाया, उसका नाम उसके दिमाग़ में बार-बार आ रहा था।
अगले दिन, श्रेणी सक्सेना इंडस्ट्रीज़ के ऑफिस पहुँची। वो यहां आकर वापस नर्वस थी, लेकिन प्रोफेशनल दिखने की कोशिश कर रही थी। उसने एक साधारण नीली जीन्स और पिंक लॉग कपर्ता पहना था, उसके बाल खुले थे, वो काफी क्युट लग रही थी ।
जैसे ही वो लिफ्ट से बाहर निकली, वो सामनें से आ रहे अकाय से टकरा गई। उसका बैग नीचे गिर गया, वो घबरा गयी, अकाय नें उसे देखा और अकाय ने उसे उठाने के लिए झुका। जैसे ही वो करीब आया, श्रेणी ने उसकी परफ्यूम की खुशबू महसूस की। वो मस्की, वुडी खुशबू थी। यह स्मेल सांसो में भरते ही उसका दिल रुक गया। ये वही खुशबू थी, जो उस रात उस अनजान आदमी ने लगाई थी। वो खुशबू जो वो कभी नहीं भूल सकती थी, भले ही कुछ भी हो पर यह खुशबू उसके दिमाग में बैठ चुकी थी, उसका चेहरा सफेद पड़ गया, आँखें चौड़ी हो गईं। अकाय ने उसका रिएक्शन देखा और हल्का सा मुस्कुराया।
“क्या मैं आपको इतना पसंद आ गया हूँ?” उसने मज़ाक में कहा, लेकिन उसकी आँखों में वही डार्क चमक थी।
श्रेणी ने जल्दी से खुद को संभाला और पीछे हट गई। “सॉरी,,,,”
" आप मीटींग के लिये आया थी न,,,,"
" हम्म,,,! "
" ठीक है केबिन इस तरफ है,,,," उसने कहा ,, श्रेणी नें सिर हिलाया, वो तेज़ी से केबिन की ओर बढ़ गई। अकाय ने उसे जाते देखा, उसकी स्माइल अब और गहरी हो गई थी।
केबिन में, श्रेणी ने सक्सेना इंडस्ट्रीज़ के सिक्योरिटी सिस्टम का डिटेल्ड एनालिसिस शुरू किया। अकाय और उसके कुछ इम्प्लॉईज़ वहाँ मौजूद थे। श्रेणी ने अपनी प्रेजेंटेशन को प्रोफेशनली हैंडल किया, लेकिन अकाय की नज़रें उस पर टिकी थीं। वो उसके हर मूवमेंट को देख रहा था, उसके बालों को पीछे करने का तरीका, उसके होंठों की हल्की सी हलचल, उसकी उंगलियाँ जब स्लाइड्स बदलती थीं। पता नही क्यों पर अकाय की मौजूदगी उसे डिस्टर्ब कर रही थी।
मीटिंग खत्म हुई, और श्रेणी ने जल्दी से अपनी चीज़ें समेटीं। उसे वॉशरूम जाना था, और वो तेजी से पास के एक प्राइवेट वॉशरूम में चली गई, ये नहीं जानते हुए कि वो अकाय का पर्सनल वॉशरूम था। वो अपने चेहरे पर पानी डाल रही थी, तभी दरवाज़ा खुला और अकाय अंदर आ गया। श्रेणी ने उसे देखा तो जल्दी से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन अकाय ने दरवाज़ा ब्लॉक कर दिया।
“ये मेरा पर्सनल स्पेस है, मिस श्रेणी,” उसने कहा, उसकी आवाज़ में एक ठंडापन था।
वो आगे बोला “यहाँ आने और जाने से पहले मेरी परमिशन चाहिए।”
...श्रेणी ने कुछ कहने की कोशिश की, लेकिन उसका गला सूख गया। अकाय धीरे-धीरे उसके और करीब आया, उसकी आँखें श्रेणी के चेहरे पर टिकी थीं, जैसे वो उसकी हर हलचल, हर साँस को पढ़ रहा हो। उसकी मौजूदगी इतनी तीव्र थी कि कमरे की हवा भारी लगने लगी। श्रेणी का दिल तेज़ी से धड़क रहा था, और उसकी साँसें तेज हो रही थीं। वो पीछे हटना चाहती थी, लेकिन उसका शरीर जैसे जड़ हो गया था। अकाय का चेहरा अब इतना करीब था कि उसकी परफ्यूम की मस्की, वुडी खुशबू श्रेणी के सेंसेज़ को पूरी तरह से घेर रही थी। अकाय ने अपनी नज़रें श्रेणी के चेहरे पर स्थिर रखीं, उसकी आँखों में एक गहरी, लगभग ऑब्सेसिव चमक थी। उसने धीरे से अपना दायाँ हाथ उठाया, और उसकी उंगलियाँ श्रेणी के चेहरे पर आ रही लट को हल्के से छुती है जिससे वो उसके गाल को भी टच कर लेता है। उसका टच इतना नरम था कि श्रेणी को एक पल के लिए लगा कि शायद ये टच काफी अलग है। फिर, उसकी उंगलियाँ धीरे-धीरे नीचे स्लाइड करने लगीं, वो श्रेणी की कमर तक पहुँच गईं। उसने अपनी हथेली को धीरे से श्रेणी की कमर पर रखा, उसकी हथेली गर्म थी, और उसका टच इतना डिलिबरेट था कि श्रेणी का शरीर एक अनजाने झटके से काँप उठा।
“तुम सच में बहुत ख़ूबसूरत हो,” अकाय ने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ गहरी और ठंडी थी, जैसे वो हर शब्द को नाप-तौल कर बोल रहा हो। उसकी उंगलियाँ अब श्रेणी की कमर पर हल्का सा दबाव डाल रही थीं, जैसे वो उसकी स्किन की बनावट को महसूस करना चाहता हो। उसका टच नरम था, लेकिन उसमें एक अजीब सी ताकत थी, जो श्रेणी को और बेचैन कर रही थी। उसकी उंगलियाँ धीरे-धीरे और नीचे की ओर बढ़ीं, अब वो श्रेणी के हिप्स की कर्व्स पर थीं। उसने अपनी हथेली को उसके हिप्स वहाँ टिकाया, हल्का सा दबाव डालते हुए, वो उसके करीब आ गया । श्रेणी का शरीर अब उसके शरीर से दब रहा था, और श्रेणी को अपने नीचे बहुत गर्मी महसूस हो रही थी । वो अपने होंठो को काट लेती है जिस पर अकाय नें उसके होंठो पर उंगली रगड दी । वो उसके होंठो को प्रेस करने लगा।
यह सब श्रेणी की हालत खराब कर रहा था " मैं,,,,,सर,,,!! " श्रेणी नें बोलने की कोशिश की पर अकाय नें उसके करीब आकर कहा " आपको मुझसे पूछकर अंदर आना चाहिये था न,,,,,!!
" मुझे,, नहीं,, पता था,,, सॉ,,,!! "
वो अटकने लगी,,, श्रेणी की साँसें तेज़ हो गईं, उसका सीना भारी हो रहा था। वो पीछे हटना चाहती थी, लेकिन उसकी पीठ अब वॉशरूम की ठंडी टाइल्स वाली दीवार से टकरा गई थी। उसने अपने हाथों को अकाय की चेस्ट पर रखा, उसे धक्का देने की कोशिश की, लेकिन उसकी ताकत जैसे ख़त्म हो चुकी थी। अकाय का शरीर उसके इतना करीब था कि वो उसकी साँसों की गर्मी को अपने चेहरे पर महसूस कर सकती थी। उसकी परफ्यूम की खुशबू अब और तीव्र हो रही थी, और श्रेणी का दिमाग़ उस रात की यादों में उलझने लगा। अकाय ने अपने बाएँ हाथ को भी अब श्रेणी की कमर पर रखा, और दोनों हाथों से उसने उसे हल्का सा अपनी ओर खींचा। उसकी उंगलियाँ अब और गहराई से श्रेणी के हिप्स पर दब रही थीं, उसके स्पर्श से श्रेणी का शरीर अब काँप रहा था, वो उसे दूर करना चाहती थी, पर पता नही क्यों शरीर साथ नही दे रहा था, उसकी साँसें छोटी-छोटी हो गई थीं। उसका दिमाग़ और दिल एक जंग लड़ रहे थे, उसने अपनी आँखें बंद कर लीं, जैसे वो इस हकीकत से भागना चाहती हो।
“प्लीज़... छोड़ दीजिए,, मैं दोबारा ऐसा नही करूंगी......” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ इतनी कमज़ोर थी कि शायद अकाय ने सुना भी नहीं। उसने अपना चेहरा और करीब लाया, अब उसकी साँसें श्रेणी की गर्दन पर गर्म हवा की तरह महसूस हो रही थीं। उसने धीरे से अपनी नाक को श्रेणी की गर्दन के पास लाया, जैसे वो उसकी खुशबू को सूंघ रहा हो।
“तुम्हारी स्मेल... पता नही क्यों यह पहली बार से मुझे जानी पहचानी सी लग रही है मिस श्रेणी,, लग रहा है जैसे हम पहले भी मिल चुके है,,,और मैंनें आपको पहले भी देखा है,,,, क्या आप ऑस्ट्रेलिया आयी थी कभी? आपकी स्मेल बहुत फेमिलियर है,” उसने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में एक अजीब ठंडापन था, उसने अपनी उंगलियों को अब और गहराई से श्रेणी के हिप्स पर दबाया, उसका टच अब और डिमांडिंग हो रहा था, जैसे वो श्रेणी को पूरी तरह अपने कंट्रोल में लेना चाहता हो।
श्रेणी का दिल अब इतना तेज़ धड़क रहा था कि उसे लग रहा था कि वो फट जाएगा। उसका दिल अंदर से चीख रहा था, लेकिन उसका शरीर जैसे सुन्न हो गया था। अकाय ने अब अपने एक हाथ को श्रेणी की कमर से हटाया, उसकी उंगलियाँ श्रेणी की कॉलरबोन पर स्लाइड कर रही थीं, हल्का सा दबाव डालते हुए, जैसे वो उसकी स्किन की हर डिटेल को महसूस करना चाहता हो।
“ जवाब दो मिस श्रेणी,,,,,” अकाय ने धीरे से कहा, उसने अपने दोनों हाथों को अब श्रेणी के हिप्स पर फिर से रखा, और इस बार उसने उसे अपनी ओर और टाइट खींच लिया। उसकी चेस्ट अब श्रेणी की चेस्ट से लगभग टच कर रही थी, और उसकी साँसें श्रेणी के चेहरे पर गर्म लहरों की तरह टकरा रही थीं। उसने अपनी एक उंगली को श्रेणी के हिप्स के कर्व के साथ-साथ धीरे-धीरे मूव किया, नीचे की ओर, जैसे वो उसकी बॉडी की हर लाइन को नाप रहा हो। उसका टच अब और इंटेंस हो गया था, और श्रेणी का शरीर उस टच के साथ अनजाने में रिस्पॉन्ड करने लगा था । वो बोलना चाहती थी पर दिमाग काम ही नही कर रहा था ।
श्रेणी ने अपनी आँखें खोलीं, और उसने अकाय की आँखों में देखा। वो आँखें गहरी थीं, डार्क, जैसे उनमें कोई रहस्य छिपा हो। उसकी आंखे अब और गहरी हो गई थी, ऐसा लग रहा था वो श्रेणी की इस बेचैनी को एंजॉय कर रहा हो। उसने अपने एक हाथ को फिर से श्रेणी की कमर पर रखा, और इस बार उसने उसे दीवार के और करीब धकेल दिया, ताकि श्रेणी के पास भागने की कोई जगह न बचे। उसकी उंगलियाँ अब श्रेणी के हिप्स पर और गहराई से दब रही थीं, उसका टच अब नरम नहीं था, बल्कि एक अजीब सी पजेसिवनेस थी, जैसे वो श्रेणी के करीब आना चाहता हो।
“ मैं आपको नही,,, जानती,,,,प्लीज़... मुझे जाने दीजिए...” श्रेणी ने फिर से कहा, इस बार उसकी आवाज़ में थोड़ी ताकत थी, लेकिन वो अभी भी काँप रही थी। उसकी आँखों में आँसू थे, और उसका दिमाग़ अब पूरी तरह उस रात की यादों में खो गया था। तभी उसका शरीर अब काँपने लगा, उसकी साँसें रुक-रुक कर आ रही थीं। अकाय के होंठ श्रेणी के होंठों से बस कुछ इंच दूर थे। उसकी साँसें अब श्रेणी के होंठों पर गर्म हवा की तरह टकरा रही थीं, श्रेणी की आँखों के सामने अंधेरा छाने लगा, उसका सिर चकराने लगा। उसका शरीर अब काँपने लगा, उसकी साँसें रुकने लगीं। उसने अकाय को धक्का देने की एक आख़िरी कोशिश की, लेकिन उसकी ताकत जवाब दे गई। उसकी आँखें बंद हो गईं, और उसका शरीर अब पूरी तरह से उस रात के डर और यादों के बोझ तले दब गया। उसे पैनिक अटैक आ गया था, उसका दिमाग़ और शरीर अब एक साथ काम नहीं कर रहे थे। वो उसी वक़्त ज़मीन पर गिरने वाली थी पर अकाय नें उसी वक्त उसे अपनी बांहो में थाम लिया ।
" श्रेणी,,,!! " वो बुदबुदाया ।