ये कहानी एक ऐसे सख्श की जिसे ख़ून से इश्क है,जो महाकाल का दुसरा रूप है। अद्वीक सिंह शेखावत बेहद हेंडसम, कोल्ड हेर्टेड, डेंजरस जैसे शब्द तो उसके लिए कम थे, वो ऐसा सख्श था जो उसे मिला वो उसके महाकाल की देन थी। वो महाकाल का पक्का भक्त था, जहा लड़किया उस... ये कहानी एक ऐसे सख्श की जिसे ख़ून से इश्क है,जो महाकाल का दुसरा रूप है। अद्वीक सिंह शेखावत बेहद हेंडसम, कोल्ड हेर्टेड, डेंजरस जैसे शब्द तो उसके लिए कम थे, वो ऐसा सख्श था जो उसे मिला वो उसके महाकाल की देन थी। वो महाकाल का पक्का भक्त था, जहा लड़किया उसकी एक झलक की दीवानी थी उसे पाना उनका ख्वाब था, उसे किसी चीज की कमी नहीं थी। पैसा, दौलत, रुतबा, सिहासन का वो अकेला हकदार था। तो वहीं दूसरी तरफ अधीर राजपूत 21 साल की मासूम शैतान चुलबुली लड़की, जो अपने कॉलेज को बंक करके राजस्थान घूमने के लिए आई थी। अद्वीक के बनाए हुए षड्यंत्र में अपने दोस्तों को बचाने के लिए कर लेती उससे मजबूरी में शादी? जानने के लिए पढ़िए, Hukum sa ki mohabbat
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राजस्थान ,,
जहां सबसे ज्यादा रेत पाई जाती हैं , वो गर्म इलाके में रेत के टीलों पर कुछ जीप तेजी से दौड़ रही थी उनमें से एक आदमी दूरबीन लेकर दूर-दूर तक देखते हुए ,,
"I don't know boss" कहां है? शाम को इतना इंपोर्टेंट काम करना है। और बॉस का कुछ पता नहीं चल रहा है। बोलते हुए अपनी दूरबीन को और ज्यादा जूम कर दूर दूर तक फैला रेत को देखने लगता है ।
वहां पर भी उसे कुछ नजर नहीं आ रहा था। तभी एक लड़का चिल्लाते हुए ,, अद्विक कहां हो तुम? जानते हो ना आज की शाम कितनी जरूरी है।
तुम्हारे लिए उसकी आवाज इतनी तेज थी । शांत इलाके में गूंज उठी थी, वही एक शख्स जो लगातार घोड़े के ऊपर बैठे दौड़ रहा था। वह घोड़ा एकदम ब्लैक कलर का खुबसूरत था , गहरी काली, आंखें लंबे लंबे बाल उसके खूबसूरती ही इतनी ज्यादा थी की कोई भी उसे काबू कर अपना बनाना चाहें पर वो एक जंगली घोड़ा था जिसे काबू करना हर किसी के बस की बात नहीं थी उस घोढे के ऊपर एक शख्स बैठे एक हाथ से नाल पकड़े हुए सवारी को एंजॉय कर रहा था। वह सख्श गाड़ी से बहुत दूर था , वह एक बार नाल को कसके खींचता है। जिसके साथ ही घोड़ा एकदम से ऊपर की तरफ छलांग लगा सीधा रेत में घुसकर बाहर निकलता है । वो पूरा मिट्टी से भर चुका था।
ऊपर चमचमाता हुआ सूरज की तेज किरने सीधा उस शख्स के ऊपर पढ़ रही थी, जिससे उस सख्श का चेहरा धुंधला लग रहा था, फिर भी उस चिचिलाती धूप में वह बहुत अट्रैक्टिव लग रहा था , उसने सिर्फ एक वाइट कलर की पेंट पहनी थी, गले में रुद्राक्ष , और माथे पर लंबा तिलक , आंखें बिलकुल सर्प "। चेहरा एकदम कोल्ड वार की तरह ठंडा, वही वह शख्स घोड़े को कस के खींचता है,जिसके साथ घोड़ा दो-तीन कदम इधर-उधर करते हुए अपनी जगह पर ठहर जाता है । उस शख्स के चेहरे पर एक सुकून था , वह उस चिल्लाती हुई धूप को अपनी तीखी आंखों से देखने लगता है । वो वैसे ही बैठे हुए सूरज की आंखो nei आंखे डाले उन किरणों को देख रहा था।
कुछ देर बाद उसके पास करीब चार-पांच गाड़ी आकर रुकती हैं । गाढ़ी से एक लड़का बाहर आता है। उसने ब्राउन कलर की फॉर्मल पैंट पर चमचमाते हुए जूते और वाइट शर्ट के ऊपर जैकेट डाला हुए था, हाथ में ब्रांडेड वॉच , सेट वॉल और एक कान में इयररिंग का पीस जिसमें वह कयामत लग रहा था, us चमकती धूप में बाल हलके मेस थे , माथे पर हल्का पसीना था पर चेहरे का तीज बिलकुल कम नही हुआ था।
वो जल्दी से उसे अद्विक के पास आकर अद्विक तुम क्या कर रहे हो? तुम जानते हो ना हमें शाम को निकालना है। शादी है । आज तुम्हारी और तुम यह हो"
अद्विक घोड़े से उतरते हुए बोला ,, हमें बहुत अच्छे से पता है कि आज हमारी शादी है। आपको हमे बताने की जरूरत नहीं ।है ।युवराज"
वो सख्श जिसका नाम यूवराज था, वो क्यूट सा फेस बनाते हुए,, कॉल मी युवी युवराज तो बहुत ही ज्यादा ओल्ड फैशन है।
अद्विक घोड़े को एक नजर देख फिर युवराज के कंधे पर हाथ रखते हुए बोला "। ठिकाने लगाओ इन्हें बहुत ही ज्यादा शोर कर रहे थे , पर शायद भूल गए हमें शोर से ज्यादा शांति पसंद है । उसके सिर्फ कुछ अल्फाज के बाद एक गहरी खामोशी उस जगह पर फैल जाती हैं ।
युवराज उस घोड़े की तरफ देखता है ।उसकी नजर घोड़े पर बंधी हुई रस्सी पड़ जाती जो बहुत ही मोटी थी वो नीचे की तरफ देखा उसे सिर्फ दो खून से सने हुए हाथ दिखाई देते हैं। युवराज की आंखें बड़ी हो जाती हैं।
वो हैरानी से अद्वीक की तरफ देखते हुए बोला ,, यह सब क्या है ? आपने यह सब क्यों किया?
अद्विक स्मिर्क के साथ बोला,, हमने कहा कुछ कर है.! अगर हम कुछ करने पर आते हैं ! तो हाथों में हड्डियां तक नजर नहीं आती , यहां तो फिर भी आपको चमड़ा दिखाई दे रहा है । वह बिना किसी एक्सप्रेशन के जाकर सीधा जीप के अंदर बैठ जाता है ।
वह सारी गाड़ियां वहां से रफ्तार से निकल जाती हैं।
युवराज उन गाड़ियों को जाता हुआ देख गहरी सांस भरते हुए बोला,, पता नहीं महाकाल आपने क्या सोचकर इन्हें पैदा किया है। यह धरती में आपका दूसरा स्वरूप लगते हैं। गहरी सास भर वहां पर रुके कुछ गार्ड की तरफ इशारा कर देता है।।
राजस्थान का किला ,,
उसे बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था, अक्सर वहां पर टूरिस्ट घूमने के लिए आया करते थे ,पर आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ था आसपास बहुत ही ज्यादा टाइट सिक्योरिटी थी, जहां सिर्फ काले कपड़े पहने हुए गार्डों के साथ कुछ लोग ही दिखाई दे रहे थे, तभी वहां पर दरवाजे पर एक लंबी चमचमाती हुई गाड़ी आकर रूकती है । उसमें से एक शख्स बड़ा एरोगेंट तरीके से बाहर आता है। उसने इस वक्त लाइट व्हाइट और हल्की रेड कांबिनेशन की शॉर्ट कुर्ता पहना हुआ था , जिसके बटन साइड में थे और नीचे सफेद कलर की धोती ,हाथ में एक लंबी सी तलवार गले में शाही हार, हाथ में ब्रांडेड वॉच पहने वह शख्स अंदर की तरफ बढ़ रहा था।
वही एक लड़की उसके बगल से होकर गुजरने लगते हैं। शख्स का ध्यान सिर्फ उसके रास्ते पर था ,वो तेजी से आगे बढ़ रहा था, वह लड़की जो दूसरे साइड गुजर रही थी, उसका हाथ गलती से उस शख्स से टकरा जाता है। जिसके साथ उसके हाथ में पहना हुआ ब्रेसलेट उसे शख्स की घड़ी से अटक जाता है ।वह लड़की दो कदम के बाद ही रूक पीछे की तरफ देखती हैं ।उसका हाथ us सख्श के कुर्ते में अटका हुआ था , वह शख्स है बिना इमोशन के आगे बढ़ रहा था,, वो मुस्किल से सिर्फ़ 6,7 कदम आगे बढ़ कर रुक गया था ,
वो लड़की चिल्लाते हुए,, अंकल सुनिए मेरा ब्रेसलेट अटक गया है। रुकिए तो सही, वह भागते हुए उस शख्स के एकदम से सामने आ जाती ते हैं ।
वह सख्श जिसने अपना कदम उठाया ही था , अपने सामने एक छोटी सी लड़की को देख उसकी आंखें छोटी हो जाती है । उसे us लड़की का चेहरा नजर नहीं आ रहा था , उस लड़की ने चेहरे पर मास्क लगाए हुआ था, बालों का बनाया था, जिसमें कुछ लटे। माथे पर बिक्री थी, माथे पर ठंडा पसीना, गहरी आंखें जिससे वह अपने ब्रेसलेट को निकालने की कोशिश कर रही थी।
वह शख्स एकदम अपने हाथ को ऊपर की तरफ उठा देता है । जिसके साथ उस लड़की की आंखें सीधा उस शख्स की आंखों से जाकर मिलती है। वह लड़की अंदर से मुस्कुराते,, सॉरी अंकल वह मेरा ध्यान नहीं था। मेरे दोस्त है ना वह आगे चले गए , और पता नहीं किस कमबख्त इंसान ने इस पूरे के पूरे किले को प्राइवेट करवा दिया है। एक तो मेरे पैसे लग चुके हैं । ऊपर से मैं घूम भी नहीं पाई वह अजीब सी शक्ल बनाते हुए बस उस ब्रेसलेट को निकाल रही थी,
वो शख्स गहरी आवाज में बोला,, वह शख्स हम ही हैं।
वह लड़की जबरदस्ती मुस्कान लिए बोली,, सर आप है। तो क्या आप हमारी थोड़ी हेल्प कर देंगे , आपका जो भी काम है आप कर लीजिए बस मेरा थोड़ा सा ऊपर किला देखने के लिए जाऊंगी, आपको कोई भी डिस्टरबेंस नहीं होगी,
अद्विक उस गहरी नजरों से बस देख रहा था, उसकी नजर उस लड़की की फड़फड़ती हुई चमकदार गहरी काली आंखों पर रुकी हुई थी , जो मासूमियत लिए बस बोले जा रही थी,
अद्विक गार्ड की तरफ इशारा करता है । वह गार्ड सर हिला देता हैं ।
उस लड़की को अद्विक से दूर करते हुए,, आपको जो भी करना है। आप पीछे वाले रास्ते से जाकर कर सकते हैं। पर रात होने से पहले पहले निकल जाएगा।
वह लड़की खुश हो जाती है । अद्विक के सामने उसे कसके गले लगा उसके गाल पर मास्क के उपर से ही किस करते हुए ,, Thank you, thank you so much uncle, you are very very good
बोल भाग जाती हैं ।
अद्विक की आंखें एकदम गहरी हो चुकी थी, वह अपनी मुट्ठी मजबूती से बंद करें उस लड़की को जाता हुआ बस देखता ही रह जाता है । वही गार्ड आद्विक
से निकल रही ठंडी आभा को महसूस कर पा रहे थे, जिस महसूस कर उन्हें भी एक ठंडक महसूस होने लगती।
उन्हे बहुत अच्छे से पता था अद्विक को किसी भी लड़की का नजदीक आना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं अद्विक भागती हुई लड़की को गहरी नजरों से देखते हुए ,,आगे की तरफ कदम बढ़ा देता ह है । और जाकर सीधा मंडप में बैठा था। वहां पर घर के सिर्फ कुछ ही लोग मौजूद थे,
पंडित जी आद्विक को आता हुआ देख मंत्र पढ़ना शुरू कर देता ,उन्होंने अग्निकुंड जला दिया था ,आद्विक जाकर किसी युवराज की तरह वहां पर बैठ जाता है। वह अपनी गहरी आंखों से बस उस अग्नि कुंड को देख रहा था। उसकी लपटे जो इधर-उधर फड़फड़ा रही थी, उन्हें वह बस घूर रहा था ,
वहीं दूसरी तरफ,
वह लड़की जो कुछ देर पहले आद्विक से टकराए थे वह अपने दोस्तों के साथ किले के ऊपर वाले हिस्से पर फोटोग्राफ ले रही थी,उसने अपने चेहरे से मास्क निकाल कर जेब में डाला हुआ था, उस लड़की ने इस वक्त एक नॉर्मल से लहंगा और चोली पहनी हुई थी जो बिल्कुल राजस्थानी तरीके की कारीगरी की गई थी, गले में राजस्थानी ज्वैलरी इयररिंग और छोटी से एक ब्लैक कलर की नाक में किल जिसमें वह लड़की कयामत लग रहे थे,,
तभी एक लड़का उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला,, अधीरा बस भी करो इतना नजदीक क्यों जा रही हो गिर जाओगे ,,
अधीरा मुस्कुराते हैं ,, अधीरा राजपूत किसी के अंदर इतनी हिम्मत नहीं जोन अधीरा राजपूत को गिरा सके, मेरी किस्मत मुझे डूबा नहीं सकती, वो मुस्कुराते हुए एक-एक फोटो को अपने कमरे में कैप्चर करते हुए थोड़ा सा आगे की तरफ बढ़ जाती हैं।
थोड़ी ही देर बाद पंडित जी हाथ से इशारा करते हुए,, बधू को बुला लाइए ,
अद्विक तिरछी नजरों से एक शख्स को देखता है ।
उस शख्स के माथे पर ठंडा पसीना आने लगता है , वो घबराते हुए अद्विक के नज़दीक आ कान में कुछ कहता जिसके साथ अद्विक मुठिया मजबूत हो जाते हैं , गुस्से से मंडप से उठता है ,और सीधा बाहर की तरफ कदम बढ़ने लगता है । उसके चेहरे पर गुस्सा साफ देखा जा सकता था , वह आगे की तरफ बढ़ ही रहा था एक जोरदार चीख उस शांत माहौल में डर फेला देती है।
अद्विक ऊपर की तरफ देखता है ।जहां अधीर का पैर स्लिप हो चुका था और वह नीचे की तरफ गिर रही थी,
अद्विक जस्ट उसके नीचे ही खड़ा था , अधीर सीधा उसके बाहों में जाकर गिरती है । उसका चेहरा एकदम सफेद पड़ चुका था, आंखें एकदम बंद थी,
अद्विक उसे अपनी बाहों में अच्छे से कैद करते हुए, ,, महाकाल ने साक्षात हमें हमारे अर्धांगिनी दि है हम इनसे ही शादी करेंगे , बोलते हुए हुए, सीधा मंडप में आकर बैठ जाता है । अधीर जो डर के मारे बेहोश हो चुकी थी, उसे तो एहसास ही नहीं था उसके साथ क्या हो रहा है।
धीरे-धीरे विधि आगे की तरफ बढ़ती है। वही अधीर जो बेहोशी की हालत में थी आद्विक उसके सर पर वहां रखी हुई रेड कलर की चुन्नी उड़ा उस के सर कंधे से सहारा देते हुए सीधा बैठा देता है । अधीर की सांस धीरे चल रही थी,, वही अधीर के दोस्त जो हैरान थे , वह जल्दी से नीचे आकर मंडप की तरफ भागने लगते, पर गार्ड उन्हे रोक लेते हैं ।
विधि आदि आगे बढ़ती हैं ,और इसी तरीके से शादी पूरी हो जाती हैं । पंडित जी एक थाली उठाकर अद्विक की तरफ बढ़ा देते हैं ।
अद्विक मंगलसूत्र जो बहुत ही एंटीक था उसे उठाकर सीधा के गले में पहना देता, और सिंदूर लेकर उसकी बीच की मांग में भर देता है । उसके चेहरे पर कोई इमोशंस नहीं थे ।
वहीं वहां जो कुछ लोग मौजूद थे उनके हैरानी का कोई ठिकाना नहीं था पंडित जी इस रेशम के बाद हल्का सा मुस्कुराते बोले,, शादी संपन्न हुई आज के से आप दोनों पति पत्नी , साथ जन्मों के साथी है । बोलते हुए वह मुस्कुरा देते हैं।
अद्विक अपनी जगह से खड़ा होता है ।और उन लोगों की तरफ एक नजर देखने के बाद अधीर को वापस अपने गोद में उठा बाहर की तरफ कदम बढ़ा देता है ।
वही एक लड़की चिल्लाते हुए,, ओ हेलो मिस्टर आप है कौन ? आप हमारे दोस्त को इस तरीके से नहीं ले जा सकते ,
अद्विक के कदम रुक जाते हैं। वो पीछे की तरफ देखता है । उसका डरावना औरा डार्क पर्सनेलिटी इतनी डरावनी थी कोई एक बार देख ले तो सास ही रुक जाए,
अद्विक घूर कर पिछे गहरी नजरो से उस को देखता है।
वो लड़की अद्विक की जानलेवा नजरो को खुद पर महसूस कर पा रही थी, उसका गला सूखने लगता है । वह अपनी नजर चुराते हुए बगल में खड़े हुए लड़के के पीछे छुप जाती हैं ।
अद्विक वापिस गाढ़ी की तरफ कदम बढ़ा देता है। युवराज जो अभी अभी वहा पोछा था अद्विक को जाता हुआ देख बोला,, आप कहा जा रहे है। अभी,
उसे इस सब की कोई खबर नहीं ।
अद्वीक जो गाड़ी में बैठ रहा था वह युवराज को वहां देख बोला,, यह पर कुछ नए मेहमान आए है ।उन्हें लेकर गेस्ट हाउस जाओ और उनकी खातिरदारी कमी नहीं होनी चाहिए,
वो गाड़ी में बैठता है । गाड़ी सीधा वहां से निकल जाती हैं।
युवराज कन्फ्यूजन फेस के साथ इधर उधर देखने लगता है ।
वहीं दूसरी तरफ अद्विक की गाड़ी एक बड़े से पैलेस के सामने रुकती है। जहां एक बहुत ही बड़ा सा गेट था अंदर धीमी स्पीड से आगे की तरफ बढ़ती है।
जहा एक बड़ा सा फाउंटेन था, जिसमें कुछ मिट्टी की मूर्तियां बनी हुई थी उसके आगे एक और आखिरी गेट जहां पर कुछ गॉड्स हाथों में गन लिए हुए खड़े थे z
अद्वीक उन सभी को एक नजर देख अदीरा को अपनी बाहों में उठाते हुए पेलेश के पीछे की तरफ कदम बढ़ा देता है ।
गार्ड उसके पीछे चलने लगते हैं। अद्वीक कुछ कदम के बाद रुक पीछे की तरफ देखता है। जहां दो गॉड्स उसके पीछे आ रहे थे, अद्वीक उन्हें कुछ इशारा करता है ।जिसके साथ वह गॉड्स वहां से हट जाते हैं।
अद्वीक उसे सीधा वहां बने हुए एक छोटे से लकड़ी के घर के अंदर लेकर आता है । जो पूरी लकड़ी का बना हुआ था उसने करीब चार कमरे एक छोटी सी किचन बीचों बीच लकड़ी की टेबल के साथ चार कुर्सियां रखी हुई थी ।अग्नि एक कमरे के अंदर जाता है । और अधीरा को लकड़ी के बने बेड पर लिटा कर उठने लगता है।
उसका शाही हर अधीरा के गले में पहने हुए मंगलसूत्र पर अटक जाता है। जिससे अद्वीक उसके ऊपर झुक जाता है उसका एक हाथ अधीरा के चेहरे के बिल्कुल नजदीक था, उसकी गहरी पीकॉक ब्लू आईज अधीरा के चेहरे पर जाकर रुक जाती हैं।
अधीरा का एकदम सफेद पड़ चूका चेहरा , सुर्ख हो चुकी नाक , लंबी लंबी पलकें, एकदम गुलाब की पंखुड़ियां की तरह होंठ, होंठ के एक काला तिल जो देखने में ऐसा लग रहा था, जैसे से नजर का टीका भी कुदरत ने लगा कर भेजा हो।
अद्वीक अपना हार को अलग कर उसके चेहरे पर अपना हाथ ,, महाकाल ने आपको हमारे लिए चुना है। आप हमारे अर्धांगिनी है । और हम आपको वो सारे हक अदा करेंगे जो एक पत्नी के होते हैं । और आपसे भी यही उम्मीद करते हैं । धर्मपत्नी जी ,
बोलते हुए वह खड़ा हो जाता है, तभी उसके कानों में अधीरा के कसमसाने की आवाज पढ़ती है। वो पीछे पलट कर देखता है। जहां अधीरा उन कपड़ों में थोड़ी अनकंफरटेबल लग रही थी। अद्विक बिना किसी इमोशन के उसके पास आता है । और अपना हाथ उसके पीट ट के नीचे ले जाकर उसकी डोरी खोल देता है।
अधिरा जिसे धीरे-धीरे होस आ रहा था , उसकी आंखें अभी हल्की सी ढूंढ ली थी वह अपनी आंखें बन्द कर पुरी पूरी तरीके से खोलती है।
उसकी उसकी गहरी काली आंखें पीकॉक ब्लू आईज से जाकर मिलते हैं। आआह्ह्हह्ह्
अद्वीक को अपने इतने नज़दीक देख उसकी जोर दार चीख निकल जाती है।
वह उठकर पर बैठती है ।उसका ब्लाउज जो सिर्फ डोरियों पर अटका हुआ था , और अद्विक के डोरी खोलने से उसका ब्लाउज खिसक कर नीचे गिर जाता है अधीरा की आंखें और बड़ी हो जाते हैं । उसके होंठ दर से फड़फड़ाना लगते हैं ।
अद्वीक तुरंत उसके होठों पर अपना हाथ रख उसे घूरने लगता है । उसका औरा एक बार फिर से डरावना हो गया था।
अधीरा अपनी बड़ी-बड़ी पलके झपकाते हुए अपने सामने बैठे आदमी को देख रही थी, जो गहरी पीकॉक ब्लू आईज से उसे देख रहा था, उसकी आंखों के कोने हल्के हल्के लाल थे, उसका डोमिनेटिंग औरा अधीर को डरा रहा था, वो एकदम खामोश हो जाती हैं। अद्वीक उसके हाथ मुंह से अपना हाथ हटा गहरी आवाज में बोला,, आप हमारी धर्मपत्नी है। और आप हमसे इस तरीके से बात नहीं करेगी "
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अधीरा अपना सर झुका कर अपने ऊपर वहां रखा हुआ ब्लैंकेट खींच लेती है । उसका पुरा चहरा लाल हो जाता है। उसका ब्लाउज पूरा लूज हो चुका था ,
अद्विक गहरी सांस ले अपना हाथ उसके नज़दीक ला उसके चेहरे पर झुक बालों को कंधे के एक तरफ समेट उसके कंधे पर अपनी तुड्डी टीका एक-एक डोंरी को बदने लगता है । उसकी पतली पतली उंगलियां अधीरा के पीट पर हरकत कर रही थी, अधीरा उसकी हरकत पर सिहर चुकी थी ,
कुछ पल में उसकी डोरियां बांधकर उसे दूर हो जाता है। अधीरा एक राहत के सास ले जल्दी से खड़े होते हुए बोली ,, तुम हो कौन? और क्या पत्नी पत्नी लगा रखा है? मैं नहीं मानती तुम्हें , और मैं यहां पर आई कैसे हूं?
अद्विक उसे देखते हुए बहुत ही धीमी आवाज में बोला,, आवाज़ नीचे , पत्नी है आप हमारी और आप इस तरीके से हम पर नहीं चिल्ला सकती " बेहतर होगा थोड़ा सोच समझ कर बात करे की आप बात किस्से kr रही है।
अधीर गुस्से से चिल्लाते हुए ,, अरे तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या ? तुम्हारे पास सेंस नाम की चीज है कि नहीं? क्या पत्नी पत्नी लगा रखा है । कैसी शादी कौन सी शादी मुझे याद भी नहीं" हमारी कोई शादी हुई थी भी या नही , और अंकल तुम शायद भूल रहे हो कि मैं तुमसे उस टाइम टकराई थी, ठीक है तो उससे हमारी शादी नहीं हो जाती । शादी होने के लिए बहुत सारी चीज मैटर करती है। अब जाने दो मुझे ब्लडी इडियट रास्कल, पता नहीं कहा कहा से a जाते हैं।
बोलते हुए वह दरवाजे की तरफ कदम बढ़ा देती है।
अद्वीक खाली आंखो से उसे देख रहा था, ।
अधिरा ऐसे ही दरवाजा खोल कर अपना कदम बाहर की तरफ बढ़ती ,।
अद्वीक तुरंत उसके खुले हुए पेट पर अपना हाथ रख पीछे की तरफ खींच लेता है। अधीरा का नाजुक सा पेट अद्विक के चौड़े सीने में धस चूका था। जिसे मेहसूस कर उसका पूरा चेहरा लाल हो जाता है। वह छटपटाते हुए बोली,, यह क्या कर रहे हो? तुम छोड़ो मुझे ,
अद्विक उसके कंधे पर अपनी टुंडी टिकाते हुए भारी आवाज में बोला " आप है हमारी बीवी , इसलिए लिहाज कर रहे हैं हम , आपका तो बेहतर होगा आप भी हमें इज्जत दे , और हमसे तमीज से पेश आए वरना...
अधीर एकदम से उसकी तरफ पलट उसके सीने पर हाथ रख गुस्से से बोली,, वरना वरना क्या? वरना तो मैं भी बोल सकती हूं मैं तुम पर पुलिस केस कर सकती हूं.। बोलते हुए वह अपनी इंडेक्स फिंगर अद्विक को दिखाने लगती है ।
अधिक उसे एक नजर देख अजीब सी आवाज़ में बोला, हमारे और आपके वरना में अंतर है धर्मपत्नी जी "
अधीर उसके बार-बार धर्मपत्नी बोलने पर फर्स्ट स्ट्रेट हो चुकी थी वह अपने बालों को मुट्ठी में भर चिढ़ते हुए, हे महाकाल कहा फसा दिया आपने मुझे? यह क्या पागल आदमी है । वो गहरी सांस ले अपने लाल होते हुए चेहरे पर धीरे-धीरे थपथपा कर अद्विक के सामने आते हुए उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली,, देखो मैं तुम्हें नहीं जानती , और ना ही हमारी कोई शादी हुई है । हो सकता है तुम्हारी कोई बीवी हो , जो मेरी तरह दिखती हो पर मैं वो नहीं हूं , तुम्हारी उम्र हो चुकी है । इसीलिए y
यह सब चीज समझ में नहीं आ रही, बट आई एम स्टिल 20 ओके तो मैं तुम्हारी बीवी नहीं हो सकती बोलते हुए वह अपने बालों में हाथ फेर वहां से जाने लगती है ।
जैसे उसने एक महान काम कर दिया हो ,z
अद्वीक उसका हाथ पड़कर गोल घुमाते हुए अपने नज़दीक कर उसके खुले हुए पेट पर अपना हाथ रख हल्का सा लिफ्ट कर लेता है । अधीर की सांस गले में ही रुक जाती है। वो सर टेढ़ा का , यह तुम क्या कर रहे हो? वो हवा में अपने पैर चलने लगती है। पर अद्विक से खुद को छुड़ा नहीं पा रही थी,
अद्वीक कहां 6 फुट 6 इंच का लंबा चौड़ा हटा कटा इंसान तो, वही अधिरा 5 फुट 2 इंच की छोटी सी पतली सी नाजुक सी गुड़िया जैसी"
अद्वीक अधीरा को वैसे ही उठाए हुए वहां लगे बड़े से मिरर के सामने लेकर आता है । और उसे सामने देखने का इशारा करता है । अधीर सामने देखती है उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। उसकी मांग में सिंदूर सजी हुई थी, गले में मंगलसूत्र हीरे की तरह चमक रहा था। अधीर अपने दिमाग पर जोर डालने लगती है ।उसे सिर्फ इतना याद था कि वह छत से गिर गई थी, और उसके बाद क्या हुआ क्या नहीं कुछ भी नहीं पता था।
अपने दिमाग पर जोर डालने लगती है।
अद्वीक उसे उठकर बेड पर बैठा कर उस के चेहरे को पकड़ ऊपर की तरफ कर देता है।
अधीरा उसे बड़ी-बड़ी पालके झपकाते हुए देखने लगति हैं।
अद्वीक उसके चेहरे पर झुक गहरी आवाज में, अब तो आपको यकीन हो गया होगा कि आप हमारी धर्मपत्नी है। और हम आपसे उम्मीद करते हैं । कि आप एक पत्नी होने के सारे हक निभाएंगे, बोलते हुए उसे छोड़ देता है।
अधीरा जो खुद में उलझ गईं थीं, वो तकिया उठाकर चिल्लाते हुए बोली,, तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है। मैं इस शादी को नहीं मानती, और ना ही मैं तुम्हें कभी पति मानूंगी, समझे वो गुस्से से पागल हो रही थी।
अद्वीक जो खुद को एकदम शांत दिख रहा था उसके शरीर से डरावनी अभाय निकलने लगती हैं। उसने अपनी नज़रें नीचे करी थी, उसके आगे एकदम लाल हो चुकी थी , मुट्ठी मजबूती से बंद थी।
अधीर वहां से जाने के लिए उठ जाती है ।
अद्विक एक झटके से उसके कंधे को पकड़ उसे सीधा वहां बनी दीवार से लगाते हुए, बिल्कुल उसके चेहरे के ऊपर झुक दांत पीसते हुए बोला ,, क्या कहा आपने? आप हमारी पत्नी होने का कोई हक नहीं निभायेगी आप खुद को समझती क्या है? हम आपको अपनी पत्नी बना चुके हैं। साक्षात महाकाल ने हमारे लिए आपको हमारी अर्धांगिनी की रूप में चुना है । और आप इस तरीके से बर्ताव करेंगे तो हम मान जाएंगे, हरगिज नहीं । हमारे लिए भगवान का फैसला हमारे लिए वचन है। और उनका वचन ही हमारा साशान है ।अगर आपने ऐसा वैसा कुछ भी करने की कोशिश करें तो आपका सर होगा और हमारी तलवार , वह उसे गहरी नजरों से देखने लगता है।
अधीर जो बार-बार उसे खुद से दूर कर रही थी,अब उसे अद्वीक के शरीर से निकल रही डरावनी आभा , ऊपर से डरा देने वाला ओरा महसूस कर उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। अधीर को अपनी रीड की हड्डी में जकड़न महसूस होते है। अचानक कमर में तेज दर्द की लहर उठ रही थी। उसका पूरा गला सुख चुका था, उसके सूखे होंठ फड़फड़ा रहे थे।
अद्विक उससे एकदम से दूर हो जाता है। अधीर उसके दूर होने पर गहरी सांस से लेती उसे ऐसा लग रहा था जैसे अद्विक की नजदीकी में वह सांस तक लेना भूल चुकी थी। वो अपने सीने पर हाथ रख मुंह खोले अद्वीक को देखने लगती है
अद्वीक एक बार फिर से उसके तरफ पलट उसे देखते हुए ,, आशा करते हैं कि आप यहां से कहीं भी जाने की कोशिश नहीं करेंगे , और हां हम जल्द आएंगे इंतजार करिएगा हमारा, बोलते हुए बिना अधीर पर नज़र डालें तुरंत वहां से निकल जाता है ।
अधीर अपने सर पर हाथ रखते हुई ,, ये क्या हो गया? बिल्कुल भी नहीं , मैं इसे तो बिल्कुल भी नहीं मानने वाली हूं। ये जबरदस्ती रिश्ता है । मुझे इस बीस्ट के आने से पहले ही यहां से निकलना होगा , बोलते हुए वह इधर-उधर देखती है। उसकी नजर विंडो पर जाती है। चेहरे पर प्यारी सी मुस्कुराहट खिल जाती । वो जल्दी से विंडो के पास जा नीचे की तरफ देखते हैं चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है।
दूसरी तरफ अद्विक पैलेस के अंदर आ चुका था वह आसपास देखते हुए, मासा ,आप कहां हैं? आपको जो भी तैयारी करनी है। जल्दी करिए आपको पता है ना गृह प्रवेश का मुहूर्त 10:00 बजे का है।
थोड़ी उम्र दराज औरत आते हुए,, खबरदार जो आप घर के अंदर आए हमने कहा था ना आप कुआरानी के बिना घर के अंदर नहीं आ सकते, जब कुआरानी आए जाएगी तब ही आप अंदर आएंगे ,
अद्विक सर हिलाते हुए, ठीक है हम जा रहे हैं। और अब हम उनके साथ ही वापस आएंगे वो औरत मुस्कुराते हुए उसे देखने लगती हैं।
अद्वीक वहां से सीधा फार्म हाउस की तरफ आता है।
होटल ताज,,
एक लड़की जल्दी से भागते हुए सीधा रूम नंबर 402 में घुस जाती हैं । और उस रूम को अंदर से लॉक करते हुए अपने सीने पर हाथ रख गहरी सांस ले अपने हाथ में पहनी हुई रिस्ट वॉच पर वक्त देखते हैं उसमें अभी 8:30 हो रहे थे , वह लड़की खुद से जल्दी कर अधिरा जल्दी कर वरना वो बीस्ट तेरे पीछे यहां तक पहुंच गया तो, बहुत बड़ी गड़बड़ हो जाएगी " बोलते हुए वह इधर-उधर देखते हैं । और जल्दी से दरवाजा खोल दूसरे वाले रूम में जाते हैं , जल्दी करो फटाफट अपना सामान पैक करो हमें अभी के अभी यहां से निकलना होगा ।
उनमें से एक लड़की अधीरा के हाथ पकड़ते हुए, व्हाट रबिश ,अभी हम यहां पर पूरा एक हफ्ता रुकने वाले थे और तुम अचानक "
अधीरा उसकी बात बीच में काट कर ,, शनाया अभी मेरे पास वक्त नहीं है। मैं तुम्हारे किसी भी सवाल का जवाब नही दे सकती, बस ये समझ लो बहुत बड़ी वाली प्रॉब्लम हो चुकी है। जिसके सहारे में यहां पर आई थी वह बिगड़ गया है । इसलिए फटाफट पैकिंग करो , हमें आज यहां से चेक आउट करना है । बोलकर जल्दी से अपने कमरे में जाती हैं । और कुछ जरूरी सामान और लगेज लेकर जल्दी से बाहर आती हैं।
उसके दोनों दोस्त भी लगेज लेकर बाहर खड़े हुए थे, रिसापशिनिट के पास जाकर चैक आउट करने के लिए बोलते ,
रिसेप्शनिस्ट साइड आकर ,, सॉरी माम पर आप चैक आउट नहीं कर सकते , हमें आपका सामान चेक करना पड़ेगा।
अधीर हैरानी से , व्हाट रबिश इस दिस आर यू आउट ऑफ़ योर सेंसेज , आपको आईडिया भी है आप क्या बोल रहे हैं । हमने ऐसा कुछ नहीं कर है जो आप इसी बात कर रही हैं।
रिसेप्शनिस्ट रिस्पेक्ट के साथ, आपने कुछ भी नहीं कर है । पर अभी के टाइम पर व्हाइट पाउडर की स्मगलिंग की जा रही है । और हमें ऊपर से आर्डर आया है हमें हर किसी की तलाश लेने है। प्लीज आप कॉर्पोरेट कीजिए
अधीर अपने माथे में आ रहा पसीने की बूंद को साफ करते हुए ,, ओके फाइन प्लीज जल्दी करिए आपको जो भी करना है।
रिसेप्शनिस्ट अपना सर उठाकर एक नजर अधेरा पर डाल सामान चेक करने लगते हैं । फिर एक-एक करके उसको दोनों दोस्तों को समान को चेक करती है।
अधीरा का ध्यान रिसेप्शन पर बिल्कुल नहीं था रिसेप्शनिस्ट बैग से बड़े-बड़े जो करीब 25 और 100 ग्राम के व्हाइट पाउडर के पैकेट थे, उन्हें निकाल कर चिल्लाते हुए ,, इंस्पेक्टर आप आ सकते हैं। देखिए हमने तलाशी ली है। और यहां पर हमें दो कोकेन के पैकेट मिले हैं ।
अधीर जो अभी शनाया से बात कर रहे थे वह एकदम से पीछे पलट कर उस रिसेप्शनिस्ट को देखती हैं।
फिर उसके पास आकर ,, यह आप क्या कह रहे हैं? आपको पता भी है ऐसा कुछ भी नहीं है। मेरे फ्रेंड्स ऐसा कुछ नहीं कर सकते मैं,
रिसेप्शनिस्ट काम डाउन करते हुए बोली, मेम प्लीज आप दोनों साथ में है और आपके बैग से ऐसा कुछ नहीं मिला है। तो आप यहां से जा सकते हैं, बट आपके दोस्तों को हमें पुलिस के हवाले करना पड़ेगा, प्लीज mam कॉर्पोरेट कीजिए,,
। अधीरा चिल्लाते हुए,, what the faking nonsense तुम्हारे पास दिमाग है या नहीं है ? हम लोग सिर्फ टूरिस्ट हैं । यहां की हमारी मेंबरशिप भी नहीं है। तो आप कैसे कह सकते हैं। कि मेरे दोस्त ने यह सब करा है। आप चाहे तो हमारे बैकग्राउंड चेक करवा सकते हैं ऐसा कुछ नहीं है।
एक इंस्पेक्टर अधीर के सामने आ रिस्पेक्ट के साथ बोला,, समझ गए कुआं रानी सा , कि आपने ऐसा कुछ भी नहीं कर है । रही बात मेंबरशिप की तो यहां के युवराज से आपकी शादी हुई है ।आपके यहां पर ऑलरेडी मेंबरशिप मिल चुकी है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते पर हमें आपके दोस्तों को अपने साथ ले जाना होगा बोलते हुए , वह जैक का कॉलर पकड़ उसके गाल पर एक तेज झन्नाटे दांर थप्पड़ जड़ देते हैं ।
अधीर की आंखें बड़ी हो जाती हैं। उसको समझ ही नहीं आ रहा था आखिर यह सब हुआ क्या ? वो
लोग तो सिर्फ टूरिस्ट थे, सिर्फ़ घूमने के लिए आए थे ,
वह जल्दी से इंस्पेक्टर के सामने आकर उसे घूरते हुए ,, आपकी हिम्मत भी कैसे हुई मेरे दोस्त पर हाथ उठाने की? मैं आपके खिलाफ कंप्लेंट कर सकती हूं ।आप बिना बुनियाद पर ऐसे कुछ भी नहीं कर सकते ।
इंस्पेक्टर वहां पर खड़ी एक लेडी कांस्टेबल के तरफ इशारा करते हुए ,, mam आप प्लीज साइड हो जाइए आप जरूर सीधी शादी होगी, पर आपके दोस्त ऐसे नहीं है।
वह कांस्टेबल जाकर अधीर का हाथ पकड़ लेती हैं।
वहीं दूसरी लेडी कांस्टेबल जाकर शनाया के चेहरे पर खींचकर थप्पड़ झड़ते हुए,, क्यों रे दूसरे देश से यहां आकर स्मगलिंग करती है ।खुद इतने अच्छे जिंदगी गुजर रही है । और यहां आकर सबको बर्बाद करना चाहते हैं। बोलते उसके दूसरे गाल पर भी थप्पड़ जड़ देते हैं।
शनाया का पूरा चेहरा लाल हो जाता है। उसकी आंखों से आंसू गिरने लगते हैं,
अधीरा उनके सामने आ उस लेडी कांस्टेबल को घुमा कर अपनी तरफ करते हुए एक जन्नाटेदार थप्पड़ उसके गाल पर चढ़ते हुए , डॉन'टी टच डॉन'टी टच माय फ्रेंड्स ओथेरवाइज मुझे खुद एक्शन लेना पड़ेगा, और मैंने कहा ना हमने ऐसा कुछ नहीं करा पर आप लोगों को समझ नहीं आ रही मेरी बात, पहले आप ये बताओ आप किस बुनियाद पर ये चीज का रहे है ? ऐसा भी तो हो सकता है कि यह रिसेप्शनट हमें जानबूझकर फसाना चाहती हो। क्या पता इसने ही मेरे दोस्तों के बैग में रखा सिर्फ मेरे बैग में नहीं निकाला और मेरे दोस्तों के बैग , में निकला है ।
बोलते हुए उसका चेहरा गुस्से से लाल हो रहा था।
तभी वहां पर एक लड़का जाकर रिस्पेक्ट से सर झुकाते हुए,, mam आपको जो भी कहना है ।आप हमारे प्रेसिडेंट से बात कर सकते, क्योंकि वही यहां के युवराज है उनका ही यहां पर राज चलता है सब उन्हीं की बात मानते हैं
अधीरा टाइम देखती है ।9:00 बज चुका था वह गुस्से से बोली , बताओ कहां है तुम्हारा प्रेसिडेंट मेरे पास वैसे भी वक्त नहीं है ।
वह लड़का ऊपर की तरफ इशारा करते हुए,mam यहां से लास्ट फ्लोर जो है आप वहां जा सकते हैं ।बोलते हुए वह लिफ्ट की तरफ इशारा कर देता है ।
अधीरा जल्दी से लिफ्ट के पास चली जाती है ।वह लिफ्ट नॉर्मल लोगों के लिए थी उसके साइड में एक प्राइवेट लिफ्ट लगी थी, वह लड़का आदिरा की तरफ देखते हुए ,, mam आप इस लिफ्ट से जा सकते हैं उसमें अभी टाइम लगेगा,
।।
।
अधीरा कुछ सोच समझे सीधा लिफ्ट में चढ़ जाती है ।कुछ देर बाद लिफ्ट अखरी फ्लोर पर रूकती है।
अधीर जल्दी से अपने लहंगे को मुट्ठी में भर आगे की तरफ भागती है। और सीधा एक कमरे के सामने जाकर रुक जाते हैं। उस कमरे में नेम प्लेट नहीं थी ,
अधीरा अंदर जाते हैं, आस पास देखती पूरा रूम। खाली था, वो इधर उधर देखते हुए,, हेलो कोई है ?यहां पर anyone इस here किसी को मेरी आवाज आ रही है ? वह बहुत हड़बड़ा रही थी .वक्त मुट्ठी में रेत की तरह फिसलते चला जा रहा था,
वो बाहर की तरफ कदम बढ़ाती उसे जूते की आवाज सुनाई देने लगती है
जैसे जूते की आवाज तेज हो रही है अचानक से लाइट बंद हो जाती है अधीर ने अपनी आंखें मजबूती से बांध ली थी उसे अपने गादन के पीछे गर्म सांस महसूस होने लगते हैं। कोई धीरे-धीरे उसके हाथों पर अपने हाथ चला रहा हो, अधीरा सिहरते हुए पीछे पलटने लगते हैं ।
वह शख्स गहरी आवाज ,, हमने आपसे कहा था ना भागने की कोशिश भी मत करना।
उसे शख्स के हाथ धीर-धीर अधीरा के हाथों के बिल्कुल कलाई के नीचे आ चुके थे ,वो अधीरा की मुट्ठी में भरे हुए लहंगे को एक-एक करके उसकी मुठिया खोल उसकी उंगलियों से अपनी उंगलियां उलझा लेता है।
अधीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वह हकलाई हुई आवाज में बोली,तु..म तुम मेरे.. सा..थ ऐसा.. न..हीं कर स..कते मैं नहीं मानती इस रिश्ते को * और ना ही तुम्हें अपना पति तो बेहतर होगा तुम मुझे यहां से जाने दो,
अद्विक उसकी बात पर उसके खुले हुए बालों में अपना चेहरा घुसा लेता है . और उसके गर्दन पर गहरी सांस छोड़ते हुए,, कहा था ना आपसे धर्मपत्नी है आप और आपको इतनी आसानी से तो हम जाने नहीं देंगे ,
अधीर दांत पीसते हुए , क्यों कर रहे हैं हो तुम मेरे साथ ऐसा? मैंने कहा ना में तुम्हति कोई बीवी बीबी नहीं हु और तुम मुझे पूरी जिंदगी बितानी की बात कर रहे हो, शादी करने के लिए एक लेवल होना चाहिए , एक बॉन्डिंग होनी चाहिए, एक कनेक्शन होना चाहिए, एक इंसान के नजदीक आने से कुछ सुरूर जैसा महसूस होना चाहिए, एक सुकून महसूस होना चाहिए,
और मुझे या फिर तुम्हें ऐसा कुछ भी महसूस नहीं हुआ तो किस बुनियाद पर इस जबरदस्ती के रिश्ते को ठिकाना चाहते हो तुम, बेवकूफ इंसान वह एकदम उसकी तरफ पलटी है.
अद्विक उसके कलाइयों को मोड़ते हुए पीठ से लगा पीछे की तरफ धकेलते हुए, बिल्कुल टेबल के नजदीक ला उस के चेहरे पर झुक जाता है .
अधीर धीरे-धीरे टेबल पर ब्लाइंड हो जाती है.
अद्विक उसके बिल्कुल चेहरे पर झुका हुआ था" अधीर को उसकी पीकॉक ब्लू आईज एकदम क्लियर दिखाई दे रहे थे , वह अंधेरे में भी उसकी डरावनी आभा को महसूस कर पा रही थी, अद्विक से निकल रही वह डरावनी आभा ऊपर से उसका वह डोमिनेटिंग औरा जैसे वह दोनों अदवीक को अजीब सा कांप्लेक्स de रही हो,
अधीर पूरी तरीके से सहर चुकी थी ,
अद्विक उसके दोनों हाथों को एक हाथ में पकड़ उसके चेहरे पर उंगलियां को धीरे-धीरे चलते हुए, पूरी जिंदगी पड़ी है। यह सब कुछ महसूस करने के लिए"। और रही बात सुरूर की तो. .. .. यह बात तो हम गारंटी से कह सकते हैं कि हमारे नजदीक आने से आपकी रोंगटे खड़े हो जाते हैं, हमारे करीबी से आपकी सास तेज हो जाती हैं। धड़कनें बेचैन हो जाते हैं , आप हमसे नज़रे नहीं मिल पाती , हमारे ताबिश जेसी गहरी नजरों से आपको परेशानी होने लगते हैं । तो हम कैसे न माने की कोई कनेक्शन नहीं है। वैसे भी हमारा रिश्ता खुद हमारा महा काल ने बनाया है।
तो हम इस रिश्ते को निभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और कोशिश नहीं हमें नतीजा भी पता है। तो बेहतर होगा या तो आप हमारे साथ चुपचाप हमारी अर्धांगिनी बनकर हमारे बनाए हुए साम्राज्य में राज करें "। या फिर आपने उन दोस्तों को अपनी आंखों के सामने तड़प तड़प कर मरता हुआ देखें , क्योंकि जो चीज हमारी है। उस पर हम किसी की नजर बर्दाश्त नहीं कर सकते , और यहां तो आपने हमें धोखा देखने की कोशिश करी है
अधीरा अपने हाथ को छुड़ाते हुए, यह तु...म तु..म बिल्कुल भी बि..ल्कुल भी स..ही न..हीं क..र रहे हो?
अद्विक उसके लंबे बालों को अपने मुट्ठी में भर उस के चेहरे को अपने चेहरे के नजदीक प्रेस कर उसके बिल्कुल होठों के नजदीक आ जाता है , उन दोनों की होटो में बहुत ही कम फासला था , अगर वह लोग जरा सा भी कुछ कहते तो उन दोनों के होंठ आपस में मिल सकते थे।
अधिरा जल्दी से अपने होठों को अंदर की तरफ मोड़ लेते हैं । अधिक उसकी होठों पर अपना हाथ रख अंगूठे से धीरे-धीरे सहलाते हुए ,, चॉइस आपकी है या तो आप हमारे साथ चलने के लिए राजी हो जाए "। या फिर अपने ही उन बचपन के दोस्तों को अपने ही आंखों के सामने मारता हुआ देखें , क्योंकि इस साम्राज्य में जिस कैसे में आप फांसी है । आपके दोस्त उसमें सिर्फ और सिर्फ उन्हें मौत मिलेगी, ना कोई सजा होगी, और ना ही कोई सुनवाई , मौका भी आपके पास है । सोच लीजिए आप क्या करना चाहते हैं। अपने दोस्तों को मारता हुआ देखना चाहते हैं। या फिर बोलते हुए वह हंसने लगता है।
उसकी हंसी बहुत ही भयानक थी , अधीर का पूरा शरीर ठंडा पड़ चुका था उसे ऐसी वाले रूम में भी इतनी गर्मी लग रही थीं, शरीर ठंडा था , और पसीना चेहरे से बेहक्र कर कान के पास आ रहा था, उस खामोश कमरे में अधीर की गहरी चलती हुई सांस महसूस हो रहे थे,
।
अद्विक थोड़ा दूर हुआ था वह एक बार उसके नजदीक आता है । और उसकी पतली सी कमर पर हाथ रख उसकी बेले पर अपनी उंगली घूमते हुए हल्का पिंच करता है । अधीर की हल्की से सिसकी निकल जाती है। वह अपनी आंखें भीजते हुए,, तुम बहुत गलत कर रहे हो, बोल तिरछी नजरों से उसे घूरने लगती है।
अद्विक उसकी आंखों में झांकते हुए , जो आपको सही लगे , अब आप वह कर सकती हैं हमारा फैसला अटल है। हम अपने फैसले से पीछे नहीं हटते है।
अद्विक उसकी आंखों में नफरत खुद के लिए बहुत अच्छे से देख पा रहा था , वह मुस्कुराते हुए उससे दूर हो जाता है। और जैसे ही चुटकी बजाता है ।जिसके साथ ही लाइट्स ऑन हो जाती है ।
अधीर के कपड़े मैस हो चुके थे उसके बाल भिखार चुके थे अद्विक उसके पास आ उसके बालों को ठीक करते हुए हमें पूरी उम्मीद है .हमारे साम्राज्य की हमारी रानी सा सही फैसला लेंगे , वह हल्का सा मुस्कुरा देता है.
अधीर की पूरे शरीर में जैसे चीटियां कट जाती हैं। अपने रिस्ट वॉच में टाइम देखते हुए 10:00 बजे का गृह प्रवेश का मुहूर्त है. और हम अपनी कुआं रानी सा को अपने घर लेकर जाना चाहते हैं . उम्मीद करते हैं आप वक्त से पहले तैयार होकर हमारे सामने होगी , वह भी बिल्कुल नई नवेली दुल्हन की तरह बस आपके पास दो ऑप्शन है .।
एक कदम जो आपको हमारे पास लाकर आपके दोस्तों की जिंदगी बचा लेगा , और दूसरा कदम जो आप अपने दोस्तों की तरफ बढ़ाएंगे वह कदम आपसे आपके दोनों दोस्तों को छीन लेगा , बोलते हुए वह खुद दो कदम दूरी बनाकर खड़ा हो जाता है।
अधीर एक नजर अद्विक को देखती हैं
।और दूसरी नजर उसके दरवाजे पर जाती हैं। अद्विक एक साइड था तो दरवाजा दूसरी साइड,
अधीरा अपनी मुठिया मजबूत कर लेती है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था आखिर वह क्या करें?
रात के 10:00 ,
शेखावत हवेली को खूबसूरती से सजाया गया था। वह इस वक्त किसी सोने के महल की तरह लग रही थी। जहां हर तरफ सिर्फ धूमधाम और चहल-पहल थी। बाहर गार्डन में आतिश बाजिया हो रही थी। वही दरवाजे पर बड़ी-बड़ी लाल कलर की थालियां रखी हुई थी जो तांबे की थी और उसे पर लाल कलर का रंग डाला हुआ पानी था। जिसे आता कहते हैं। वही दरबार से कुछ एक औरत जो काफी बुजुर्ग लग रही थी। वह सिर पर दुपट्टा डालें बाहर की तरह देख रही थी।
जैसे उनकी बेचैन नजरों को किसी के आने का इंतजार हो। करीब 1 मिनट भी मुश्किल से नहीं गुजरा होगा कि एक लग्जरियस गाड़ी आकर रुकती हैं। जिसके साथ अद्विक अपने रॉब के साथ बाहर आता है। उसने ब्लैक कलर का पठानी कुर्ता और पजामा पहना हुआ था। जिसकी स्लीव्स कोहनी तक फोल्ड थी। चेहरे पर हमेशा की तरह एक गुरुर झलक रहा था।
उसके चेहरे के गुरुर को देखकर ही लग रहा था। वह कितना ज्यादा रईस हो सकता है। वह एक मगरूर सल्तनत का बादशाह बना था। उसके उतरने के साथ ही उसके पीछे एक लाल जोड़े में लिपटी हुई लड़की बाहर आती है। जिसने सर पर घूंघट डाला हुआ था। उसकी नज़रें नीचे की तरफ झुकी हुई थी। चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था।
उसकी लंबी पलके और आंखों के सिवा जो नीचे की तरफ थी। वो सीधा दरवाजे के पास जाकर खड़ा हो जाता है और वहां खड़ी हुई उस बुजुर्ग औरत के पैरों को छूते हुए , " माफ करिएगा मासा कहीं हमने आने में देर तो नहीं कर दी ना। "
वह औरत जिसका नाम ज्योति सिंह शेखावत था वह अधिक के एक हाथ से बलाई लेते हुए , " हमारा गुरूर कभी हमारा सर झुकाने दे सकता है क्या ! नहीं ना। चलो आप बिंदनी के साथ खड़े हो जाओ हमें आप दोनों की आरती उतारनी है। "
वो बगल में खड़ी हुई लड़की को एक नजर देखता है और बिल्कुल उसके नजदीक खड़ा हो जाता है। ज्योति जी उन दोनों की आरती करती है और एक लंबा सा तिलक अद्विक के माथे पर लगा देती हैं। उसके साथ कुछ चावल के दाने भी उसके अधिरा की तरफ करते हैं।
और उसके ऊपर भी ऊपर से ही चावल डालते हुए , " नई बहू आपका स्वागत है हमारे घर में , अब आपको एक-एक करके इन थालियां के ऊपर पैर रखते हुए वहां तक पहुंचना है। अगर आपके पैर एक बार भी डगमगाए तो इसका मतलब अच्छा नहीं होगा और आशा करते हैं आपके कदम नहीं लड़खड़ाएंगे। "
अधीरा अपनी मुठिया मजबूत से बंद करे हुए , " हमने भी इस पैलेस की नींव को हवा में ना हिला के रख दीया तो हमारा नाम भी अधीरा राजपूत नहीं। " बोलते हुए वह लहंगे को हल्का सा ऊपर की तरफ उठा जब पैर रखने के लिए आगे बड़ाती है उसका बैलेंस हल्का सा डगमगा जाता है।
अद्विक तुरंत अपनी चौड़े हथेलियां के बीच उसकी पतली सी कमर से संभालते हुए , " आराम से पत्नी जी यहां आपको जरा फूंक कर कदम रखने होंगे ये एक ऐसी चिता है जिसमे लोग जलने भी नहीं देगे और मरने भी नहीं। "
अधीरा नजर उठाकर अद्विक की तरफ देखने लगती है। अधिक ने यह बात बहुत ही धीमी से उसके कान में कही थी। जिसका मतलब अधीरा को समझ ही नहीं आता अद्विक उसे आंखों से ही सामने देखने का इशारा करता है। अधीरा तुरंत उसके हाथों को अपनी कमर से झटका सीधी खड़ी हो जाती है और अपनी कमर को देखने लगती हैं।
उसे अभी भी अद्विक की हथेलियो की तपीश अपने पेट और खुली हुई कमर पर महसूस हो रही थी। वह फिर से लहंगे को हल्का सा पकड़ उन थालियो में अपना पैर रखते हुए आगे जाने लगती हैं। इस बार वह बिना रुके सीधा उन थालियां को क्रॉस करते हुए एकदम लिविंग हॉल पर जाकर खड़ी हो जाती है। अद्विक पीछे खड़ा उसे देख रहा था। उस नेट के दुपट्टे में अधीरा के ब्लाउज की डोरियों और बैक साफ दिखाई दे रहा था। वही डोरियो के नीचे उसकी पतली सी सुराही जैसी कमर जो बहुत ही अट्रैक्टिव लग रही थी।
अद्विक मासा की तरफ देखते हुए , " मासा अब हम चलते हैं , रात बहुत हो गई है। आप भी जाकर आराम कर लीजिए। "
ज्योति जी उसकी बात पर , " हां हम जा रहे हैं और आप लोग भी जाकर आराम कर लीजिए हमने खाना आपके कमरे में ही रखवा दिया है और बहू से कहना कि वह सुबह जल्दी उठ जाए। " बोलते हुए वह सर्वेंट के साथ वहां से चली जाती है।
इस वक्त हवेली में कुछ खास लोग मौजूद नहीं थे। अद्विक अधीरा के पास आता है। जो नेट के दुपट्टे के अंदर से ही चारों तरफ देखते हुए चीजों को समझने की कोशिश कर रही थी। अगले ही पल वो खुद को हवा में महसूस करती हैं। उसके दोनों हाथ सीधा अद्विक के कंधे पर आ जाते हैं। वह बड़ी-बड़ी पाल के झपकते हुए अद्विक को देखने लगती है।
अद्विक स्ट्रेट फेस के साथ , " हमारी शादी की पहली रात है। पत्नी जी तो खुद को तैयार कर लीजिए। " बोलते हुए वह कदम ऊपर की तरफ बढ़ाने लगता है।
वही अधीरा का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। अद्विक उसके दिल की धड़कन साफ महसूस कर पा रहा था। वहां पर एकदम गहरी खामोशी थी। वो कमरे में जाकर दरवाजे को पैर से बंद कर देता है। सीधा अधिरा को लाकर बेड पर बैठाते हुए अपनी शेरवानी के कुर्ते के बटन खोलने लगता है।
अधीरा जो अभी एकदम खामोश थी वह एकदम से अपने लाल दुपट्टे को अपने सर से निकाल कर फेंकते हुए चिल्लाकर , " आपकी हिम्मत भी कैसे हुई हमें इस तरीके से उठाकर लेकर आने की ? "
अद्विक जिसने अपना कुर्ता निकाल दिया था। वो अधीरा की बात पर उसकी तरफ पलट जाता है। अधीरा जो बिना दुपट्टे के उसके सामने सिर्फ लहंगे और चोली में खड़ी हुई थी। वह अधिक को देखकर उसका पूरा चेहरा लाल पड़ जाता था। अद्विक का कसा हुआ मजबूत सीना जो भरा हुआ था , कसे हुए कंधे जहां एक बड़ा सा त्रिशूल जैसा टैटू बना हुआ था और कर्सिव में कुछ लिखा हुआ था। जो बिल्कुल अधीरा के नजदीक आ रहा था। अधीरा सांस लेना ही भूल जाती है। वो बस बड़ी-बड़ी आंखों से उसे देख रही थी।
अद्विक उसकी बात पर उसके नजदीक आता है और उसके कानों से उसके झुमको को निकालते हुए , " अभी तो पूरी रात बची है पत्नी जी हमें देखने के लिए जरा सब्र करिए और थोड़ी सी सांस ले लीजिए। " उसने बहुत ही शांति से कहा था।
अधीरा को अपने शरीर में रोंगटे खड़े होते हुए महसूस होते हैं। वह आगे की तरफ कदम बढ़ाते हुए , " तुम्हारी हिम्मत भी कैसे हुई ? मेरे साथ... "
उसने इतना ही बोला था कि अद्विक उसके खुले हुए पेट पर पीछे से अपना हाथ रख उसकी नाभि पर अपनी छोटी उंगली प्रेस कर देता है। जिसके साथ अधीरा की सास गले में ही रह जाती हैं। उसकी सांसे बहुत तेज चल रही थी जिससे उसका सीना ऊपर नीचे हो रहा था।
अद्विक उसके कुछ नजदीक जा उसकी नाजुक सी पीठ को अपने चौड़े सीने में धसाते हुए अपने हाथ को पीठ से लेकर ऊपर की तरफ सफर तय करते हुए , " हमने कहा था ना आपसे कि आपके इस खूबसूरत मुंह से इस तरीके के शब्द नहीं निकलने चाहिए , वरना हम आपको अपने तरीके इसकी सजा देकर अपनी इज्जत करवाएंगे। "
अधीरा जो उसके इतना नजदीक होने से सांस तक नहीं ले पा रही थी। ऊपर से अद्विक का वह डरावना औरा उसके मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। वो गुड़िया की तरह खड़ी थी। अद्विक टेढ़ा मुस्कुराते हुए उससे दूर हो जाता है। अधीरा उसके दूर होने पर गहरी सांस भरती है। उसकी सांसे कुछ तेजी से चल रही थी। अधिक जो उससे कुछ दूर हुआ था। वह अगले ही पल उसके एक बार फिर से नजदीक आ।
उसके ब्लाउज की डोरियों को खोलते हुए , " हमें लगता है आपको इन कपड़ो में जरा तकलीफ होगी सोने में। तो क्यों ना ? हम आपके कपड़ो को उतार दे। " बोलते हुए वह दूसरी डोरी को भी उंगली से लपेटने लगता है।
अधीरा अपना सर ना में हिलाते हुए , " नहीं , नहीं इसकी इसकी कोई , कोई भी जरूरत नहीं है। हम , हम खुद कर लेंगे। " अद्विक उसे छोड़ देता है।
अधीरा उसकी तरफ देखने लगती हैं। अद्वैत फिर सीधा क्लोजेट में चला जाता है और वहां से एक ब्लैक कलर का ट्राउजर पहन कर बाहर आता है। उसने अभी भी अपने ऊपर ना कोई शर्ट केरी करी थी और ना ही कुछ और कपड़े वह जाकर सीधा काउच पर बैठ जाता है और अपने फोन में कुछ करने लगता है। उसका चेहरा बेहद गंभीर हो चुका था। अधूरा उसको एक तक घूरने लगती है। अद्विक जिसे अधीरा की नजर खुद पर महसूस हो रही थी।
वह अपनी नजरे ऊपर की तरफ उठाते हुए , " क्या हुआ पत्नी जी ? आपको कुछ काम है तो आप हमसे बेझिझक कह सकती हैं। आखिर हम आपके पति हैं। "
अधीरा इधर-उधर देखते हुए , " तुम , तुम इस तरीके से किसी लड़की के सामने बिना कपड़ों के कैसे नंगे होकर घूम रहे हो ? क्या तुम्हें शर्म नही आती ? "
जो अभी एकदम शांत था अधीरा के एक बार फिर से तुम कहने पर वो अपने फोन को टेबल पर फेक देता है और खड़ा होकर उसकी तरफ कदम बढ़ाने लगता है। अधीरा उसे खुद की तरफ नजदीक आता हुआ देख।
पीछे की तरफ कदम बढ़ाते हुए , " भगवान जी आपने कहां फंसा दिया ? किस पागल के साथ हमें कुछ तो करना पड़ेगा। "
अद्विक बिल्कुल उसके नजदीक आ दोनों हाथ दिवार पर रख उसके चेहरे पर झुक जाता है। वह दोनों एक बार फिर से बेहद नजदीक खड़े हुए थे। अधीरा जो अभी अपने ख्याल में ही कहीं गुम थी अद्विक उसकी खुली हुई कमर पर हल्का सा नोच देता है। जिसके साथ उसकी कमर लाल हो जाती हैं और वह अद्विक को घूरने लगती हैं।
अद्विक उसके चेहरे पर झुकते हुए , " पत्नी जी यहां से भगाने के बारे में सोचना भी मत अगर आपका एक कदम बाहर की तरफ बढ़ा तो हम आपके दोस्तो की पहली टिकट नर्क की काटेगे जहा अभी वो लोग ठीक से घर भी नही पोछे वो सीधा नर्क जरूर जा सकते है। "
अधीरा उसके बाद पर बड़ी-बड़ी पलके झुकते हुए , " क्या यह मेरे मन की बात भी सुन सकता है ? " वह उसे हैरानी से देखने लगती हैं।
अद्विक उसके गाल पर हाथ रख बहुत ही सेडक्टिव अंदाज में उसके होंठ और गाल के हिस्से को धीरे-धीरे सहलाते हुए , " अब आप जाइए और जाकर अपने कपड़े बदल लीजिए। "
अधीर किसी छोटे बच्चों की तरह अपना सीर हिलाते हुए , " पर हम , हम क्या पहनेगे अभी ? "
अद्विक उसे एक नजर देखता है और फिर सीधा क्लोजेट में जा अपनी एक वाइट कलर की शर्ट लेकर आता है और सीधा अधीरा की तरफ बढ़ाते हुए , " फिलहाल के लिए तो आप यही पहन लीजिए क्योंकि आपके लिए कोई कपड़े नहीं है और जो कपड़े हैं वह हमारी पहली पत्नी के हैं। जिसे हम बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि आप पहने , तो आपको हमारे ही कपड़े पहनने पड़ेंगे। "
अधीरा बड़ी आंखों से उसे देखते हुए , " आपकी पहली पत्नी। "
अद्विक उसके गाल पर हाथ रख बहुत ही सेडक्टिव अंदाज में उसके होंठ और गाल के हिस्से को धीरे-धीरे सहलाते हुए , " अब आप जाइए और जाकर अपने कपड़े बदल लीजिए। "
अधीर किसी छोटे बच्चों की तरह अपना सीर हिलाते हुए , " पर हम , हम क्या पहनेगे अभी ? "
अद्विक उसे एक नजर देखता है और फिर सीधा क्लोजेट में जा अपनी एक वाइट कलर की शर्ट लेकर आता है और सीधा अधीरा की तरफ बढ़ाते हुए , " फिलहाल के लिए तो आप यही पहन लीजिए क्योंकि आपके लिए कोई कपड़े नहीं है और जो कपड़े हैं वह हमारी पहली पत्नी के हैं। जिसे हम बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि आप पहने , तो आपको हमारे ही कपड़े पहनने पड़ेंगे। "
अधीरा बड़ी आंखों से उसे देखते हुए , " आपकी पहली पत्नी। "
अद्विक उसे घूरते हुए , " आपको हमसे सवाल करने का हक नहीं है अर्धांगिनी जी तो जाइए और कपड़े पहन लीजिए। "
अधीरा उस शर्ट को उदास भरी नजरों से देखती है। हां वह बहुत ही मॉडर्न थी और वह ऐसे कपड़े पहनती थी। पर एक लड़के के सामने जो उसे खुद का पति बोल रहा हो। उसका क्या भरोसा ? कि वह अपने पति होने का हक उससे नहीं मांगेगा। वह यही सोच–सोच के अंदर ही अंदर चिल्ला रही थी और कुढ़ते हुए अद्विक को देख रही थी।
अद्विक उसकी बात पर उसकी ब्लाउज की आखिरी डोरी खोलते हुए , " अगर आप खुद से कपड़े बदलने में कुछ असंतुष्ट महसूस कर रही हैं तो हम आपकी थोड़ी मदद कर सकते हैं पत्नी जी। " बोलते हुए वह उसकी डोरी को खींच देता है।
अधीरा जो खुद में कहीं मसरूफ हो चुकी थी। अद्विक की बात को सुन सेंस में आती है और अपने ब्लाउस को मजबूती से पकढ़ते हुए , " नहीं मैं कर लूंगी। " बोलते हुए वह जल्दी से बाथरूम में घुस जाते हैं।
अद्विक उसे जाता हुए खाली देखता है और फिर वापस वही अपनी आंखें बंद करके दोनों हाथों को सीने पर बांधकर खड़ा हो जाता है। अधीर बाहर आती है। उसने सिर्फ ऊपर का चोली उतार दिया था। बाकी वह अभी भी लहंगे में थी। उसने उसकी व्हाइट शर्ट के बटन को ऊपर तक लगाकर शर्ट के नीचे हिस्सों को नोट की तरह कमर पर बांध दिया था। जिससे उसकी छोटी सी महीन भरी सी नाभी दिखाई दे रही थी।
जिसमें एक वाइट कलर का स्टोन रखा था , जो बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव लग रही थी। अद्विक उसे देखता है तो पलके झपकाना हीं भूल जाता है। अधीरा इस वक्त किसी गुड़िया से कम नहीं लग रही थी। उसने जहां नीचे सुर्ख हैवी लहंगा पहना था। तो वही वाइट कलर की शर्ट जो उस पर काफी निखर रही थी। उसने मेकअप रिमूव कर दिया था। इसमें उसकी आंखें जो अभी भी काजल से सनी हुई थी और सुर्ख होट जो काफी अट्रैक्टिव लग रहे थे।
हल्के हल्के बाल जो आगे की तरफ आ रहे थे। उसने बाकी बालों को जुड़ा बना लिया था। वह काफी क्यूट सी डॉल लग रही थी। अद्विक उसकी तरफ कदम बढ़ाते हुए उसके नजदीक आ जाता है। अधीरा उसे खुद के नजदीक आता हुआ देख जल्दी से पीछे की तरफ कदम बढ़ा पाती उससे पहले ही अद्विक उसकी कमर पर हाथ लपेट खुद के नजदीक कर लेता है। अधीरा के हाथ अद्विक के खुले उभरे हुए सीने पर आ जाते हैं। उसका चेहरा एक बार फिर से लाल होने लगता है।
अद्विक उसके होठों पर अंगूठा बहुत ही सेडक्टिव अंदाज में फिराते हुए , " जाइए जाकर आराम करिए। " बोलते हुए वह उसे छोड़ देता है।
अधिरा जल्दी से काउच की तरफ भागने लगती हैं। उसे डर था कि अगर वह बेड पर सोएगी तो अद्विक उसके साथ कहीं कुछ कर ना दे , अद्विक उसे काउच की तरफ जाता हुआ देख तुरंत उसकी कलाई को पकड़ घूमाते हुए खुद के नजदीक कर लेता है। अधीर एक बार फिर से उसके सीने से जा लगती है। इस बार उसकी नाक सीधा अद्विक के सीने को छू गई थी और उसके होंठ अधिक के दिल वाली जगह पर टिक चुके थे।
वह बड़ी-बड़ी पलके झपकाते हुए बस अद्विक के उस हिस्से को देख रही थी। जहां एक साइड त्रिशूल का टैटू बना हुआ था और संस्कृत में कुछ लिखा हुआ था। वही थोड़ी ही दूरी पर बिल्कुल दिलवाली जगह पर उसके होंठ चिपक चुके थे।
अधीरा की आंखें नम हो चुकी थी और चेहरा पूरा सुर्ख पड़ चुका था। अद्विक उसे उठाकर सीधा बैठ के पास लेट हुए , " आप यहां पर सोएंगी और खबरदार अगर आपने सोचा कि आप हमसे जरा भी दूर रह सकती हैं। आप हमारी अर्धांगिनी है और आपको अर्धांगिनी होने के सारे हक अदा करने होंगे। " बोलते हुए उसे के ऊपर ब्लैंकेट डालने लगता है।
अधीरा जिसके दिमाग में कुछ और ही आ गया था। वह ब्लैंकेट को जल्दी से खुद के ऊपर खींचते हुए अपने आप को पूरी तरीके से उसे ब्लैंकेट के अंदर घुसा लेती है और उस ब्लैंकेट को पूरी तरीके से ब्लॉक कर देती हैं। जैसे अद्विक से वह ब्लैंकेट उसे प्रोडक्ट कर लेगा। अद्विक उसकी बचकानी हरकत पर उसे गहरी नजरों से देखता है और वहां से सीधा काउच पर जाकर बैठ जाता है।
करीब 2 घंटे बाद ,
अधीरा गहरी नींद में जा चुकी थी और ब्लैंकेट थोड़ा उसके ऊपर से हट चुका था। उसका चेहरा बाहर की तरह दिख रहा था। वह बहुत ही बेढंगे तरीके से सो रही थी। जहां एक पैर उसने ब्लैंकेट के ऊपर रखा था तो दूसरा पैर ब्लैंकेट के अंदर एक हाथ बेड पर फैला था तो दूसरा हाथ उसके खुले हुए पेट पर वो इस तरीके सो ही रही थी।
उसे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा था। वह धीरे-धीरे आंखें खोलती है और उसकी आंखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। अद्विक उसके ऊपर था और उसकी शर्ट के बटन खुले हुए थे। वह महसूस कर पा रही थी आद्विक का हाथ कहीं और महसूस कर उसकी एक जोरदार चीख निकल जाती है।
अद्विक स्मिर्क करते हुए , " हमने कहा था ना कि आप हमारी पत्नी हैं और आपको एक पत्नी होने के सारे हक अदा करने पड़ेंगे। "
अधीरा बड़ी-बड़ी आंखों से अद्विक को देख रही थी। जो उसके ऊपर लेटे हुए लगातार उसके सीने को ब्लाउज के ऊपर से ही सहला रहा था और स्माइल के साथ ही उसकी इयर लॉब को चूम रहा था। अधीरा उसके सीने पर हाथ रख उसे खुद से दूर करते हुए , " तुम , तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है ? मैंने पहले ही कहा था भले ही तुम मुझे जबरदस्ती अपनी पत्नी बनाकर ले आओ लेकिन मैं तुम्हें पत्नी का कोई सुख नहीं दूंगी। समझे तुम! छोड़ो मुझे। " बोलते हुए वह अपने पैरों को मूव करती है।
उसके पैरों से एक छन की तेज आवाज होती हैं। वो अपने पैरों को देखने लगती हैं। जहां मोटी–मोटी सी पायले बंधी हुई थी।
अद्विक अधीरा का चेहरा अपनी तरफ करते हुए , " क्या हुआ पत्नी जी ? वह क्या है ना जब हम दोनों एक दूसरे के आगोश की गहराई में डूब रहे होंगे तब हमे सेटिस्फेक्शन के लिए यह आवाज सुननी है। " बोलते हुए वह उसकी ब्लाउज को कंधे से सरका वहां पर चूमने लगता है।
वह काफी एग्रेसिव हो रहा था। उसकी आंखें बेहद लाल थी और शरीर एकदम तप रहा था। जैसे उसके पैरों में मोटी–मोटी बेड़ियां बांध दी गई हो वह अद्विक के सीने पर अपने नाखून हटाते हुए , " तुम तुम्हारा दिमाग खराब हो गया! अगर तुमने मेरे साथ कुछ भी करने की कोशिश करी तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं। "
अद्विक जो उसे बराबर किस कर रहा था। चूम रहा था अधीरा के हाथ ऐसे बीच में लाने पर उसका पूरा दिमाग खराब हो जाता है।
वो उसके दोनों हाथों को पकड़ बेड पर पुश करते हुए , " पत्नी जी हमें जरा भी बर्दाश्त नहीं है कोई भी हमारे काम में दखलअंदाजी करें और यहां तो आप सीधा हमें हमारा काम करने से रोक रही हैं। "
वह उसके दोनों हाथों को क्रॉस करते हुए ऊपर की तरफ लगा एक हाथ से पिन कर देता है और दूसरे हाथ को उसके ब्लाउस पर रख उसके कंधे से ब्लाउज नीचे की तरफ खीसका देता हैं। जिससे उसकी क्लीवेज और ज्यादा शो करने लगती हैं। पूरे कमरे में अंधेरा था सिर्फ एक मोमबत्ती जल रही थी जो अधीरा के चेहरे पर पड़ रही थी। उसका खूबसूरत सा बेदाग चेहरा किसी सोने की तरह चमक रहा था।
अद्विक उसे लाल आंखों से देखने लगता है। उसकी आंखें लाल थी। वह जैसे उसमें कहीं गुम सा हो गया हो अधीरा के शरीर से निकलती वो भीनी–भीनी खुशबू में कहीं खो रहा था। वह उसकी गर्दन पर झुक उसकी गर्दन को लिक करने लगता है। अधिरा पूरे शरीर में रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
उसका पूरा शरीर कांप चुका था। वो काफी देर तक इसी तरह उसके शरीर को कभी गर्दन , गले और माथे पर चुमते हुए उसके सीने को बराबर सहलाते हुए दबा रहा था। अधीरा उसे देख रही थी उसके मुंह से अब आवाज तक निकलना बंद हो चुकी थी।
अधीर की आंखों से आंसू धीरे-धीरे बहने लगते हैं अधिक जो किसी पागल की तरह उसे पर हावी हो चुके था उसकी आंखें धीरे-धीरे बंद हो जाते हैं और वह सीधा उसके ऊपर ही गिर जाता है उसका सर काफी भारी हो चुका था अधीर जो रो रही थी अधिक को खुद के ऊपर महसूस कर उसके सास और ज्यादा तेज हो जाते हैं। वह उसे खुद से छुड़ाने लगती है पर नींद में भी अद्विक की पकड़ अधीरा के हाथों पर मजबूत थी। वो टस से मस नहीं हुआ था।
अधीरा उसे खुद से दूर करते हुए , " यह तुमने , तुमने बिलकुल अच्छा नहीं किया है , मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं मुझे अपनी पत्नी बनाना चाहते है ना में तुम्हे किसी जन्म में नही अपनाऊंगी बस एक मौका और उसके बाद तुम मुझे कभी देख तक नहीं पाओगे। "
नेक्स्ट मॉर्निंग ,
सूरज परवान चढ़ चुका था। सफेद पर्दे जो हवा की वजह से हिल रहे थे। अधीरा की आंख धीरे-धीरे खुलती हैं और उसकी नजर सीधा अद्विक के चौड़े सीने पर चली जाती हैं। उसे अपने शरीर में कुछ अजीब सा महसूस होता है और वह अद्विक को देखने लगती हैं। वह इस वक्त अद्विक के ऊपर थी। वह भी पूरी तरीके से उसके ऊपर सो रही थी। उसके दोनों हाथ अद्विक के सीने पर थे और चेहरा उसके सीने पर धसा हुआ था।
अद्विक ने उसे कमर से पकड़ा हुआ था। अधीरा जिसे रात में सोते टाइम अपने पूरे शरीर में और सीने में तेज दर्द हो रहा था। अब काफी आराम था। उसकी आंखें खुल चुकी थी वो एकटक अद्विक को देखने लगती है। अद्विक का एकदम ठंडा चेहरा उसके शरीर से निकलते हुए नेगेटिव अभाए जो उसे हमेशा की तरह और ज्यादा डरावना बना रही थी। अधिरा उसे देखते हुए उसके ऊपर से उठने लगती हैं।
अद्विक उसे खुद से और जकड़ते हुए , " सो जाओ और हमें भी सोने दो पत्नी जी। " बोलते हुए वह गुनगुनाता हैं और उसकी कमर पर अपनी पकड़ कुछ और मजबूत कर देता है।
अधीरा उसके सीने पर हाथ रख , " तुम छोड़ो मुझे तुम्हें सोना है तो तुम बेशक से सो सकते हो पर मुझे नहीं सोना समझे तुम। "
अद्विक जो अभी नींद में था। वह एकदम बेड पर पलट जाता है और अधीरा के ऊपर है उसके जो लाइन को पकड़ते हुए , " हमने कहा था ना आपसे अगर आप हमें इज्जत नहीं देंगी तो हम आपसे अपने तरीके से इज्जत करवाएंगे। क्या आप चाहती हैं ? कि हम अपने तरीके से इज्जत करवाए। "
" तुम्हे किया लगता है ? में तुम्हारी इन खोकली धमकियों से डर जाऊंगी मैं बिल्कुल नहीं हरगिज नहीं। होगे तुम कहीं के नवाब , शहजादे या बादशाह या राजा पर मैं अकीरा राजपूत तुमसे बिल्कुल भी नहीं डरती समझे तुम अब हटो मेरे ऊपर से। पता नहीं कैसे लोहे जैसा शरीर है ? ऊपर से मेरे ऊपर ही चढ़ते रहते हो। "
" बीवी है आप हमारी धर्मपत्नी और अर्धांगिनी कहते हैं जिसे , और अगर हम आपके ऊपर नहीं चढ़ेंगे तो फिर किसके ऊपर चढ़ेंगे ? आप क्या चाहती हैं ? कि हम शादी होने के बावजूद बाहर का वह बासी खाना खाएं। "
अधीरा हैरानी से , " बासी खाना! हम यहां खाने की तो बात कर ही नहीं रहे और तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि मैं तुम्हें बासी खाना खिलाऊंगी ? खाना खिलाऊंगी ही क्यों ? तुम हो कौन ? तुम कोई नहीं हो मेरे ? समझे तुम , बड़े आए। "
अद्विक उसे एक आईब्रो उठाकर देखता है और फिर उसके होठों पर अंगूठा रख , " हम खाने की बातें कर ही नहीं रहे पत्नी जी हम तो सिर्फ और सिर्फ इन होठों को खाने की बात कर रहे हैं। हम इस चीज से बात कर रहे हैं इस खाने की बात कर रहे हैं जिसे हम बहुत अच्छे से खाना चाहते हैं , पूरी तरीके से निकलना चाहते हैं वह भी कच्चा। " बोलते हुए वह अपने होठों को बहुत ही अजीब तरीके से गोल घूमता है और उसे लिक करने लगता है।
जैसे वह कोई टेस्टी डिनर हो। अधिरा जैसे ही उसके होठों की हरकत को देखती है। उसके पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उसे अपना गला सूखता हुआ महसूस हो रहा था।
वो अपना चेहरा फिराते हुए , " देखो मेरे साथ , मेरे साथ बकवास करने की जरूरत नहीं। "
अद्विक उसके जॉ लाइन को पकड़ अपने चेहरे के नजदीक क्लास की आंखों में जाते हुए , " पत्नी जी आप हमारी अर्धांगिनी है और एक पति एक पत्नी पति के हमेशा और बराबर के हकदार होती है। तो आप कभी हमसे नज़रे फिरा कर बात नहीं कर सकती चाहे हालात कैसे भी हो , बात कैसी भी हो , वक्त कोई भी हो पर आपकी नजरे सिर्फ और सिर्फ हम पर होनी चाहिए कहीं और नहीं। वरना हमारी आवाज के साथ-साथ बहुत कुछ ऐसा है जिसके बाद आपको सिर्फ तकलीफ ही महसूस होगी तो बेहतर होगा आप हमें अपनी नज़रें सिर्फ और सिर्फ हम तक मौजूद रखें , सीमित रखें। "
अधीरा को अजीब सा महसूस हो रहा था। उसे ऐसा लग रहा था। वह उसकी बातों पर उसके चेहरे को देखते हुए , " हमें नहाना है। " बोलकर वह बात ही पलट देती है।
अद्विक उसके ऊपर से उठ जाता है और उसे अपनी बाहों में उठाते हुए , " चलिए हम साथ में स्नान करते हैं। वैसे भी आज आपकी वजह से कुछ देरी हो चुकी है। हमें हमारे गंगा स्नान को , कोई बात नहीं हम आज आपके साथ स्नान कर सकते हैं। " बोलते हुए वह उसे बाथरूम में ले जाता है। वो उसे देखती रह जाती है। उसके नाखून अद्विक के कंधों पर गढ़ रहे थे , वह कुछ बोल ही नहीं पाई थी।
अद्विक अधीर को बाथरूम में लाकर शावर के नीचे खड़ा कर देता है।
अधीर बड़ी-बड़ी आंखों से उसे देख रही थी, और जल्दी से वहां से जाने के लिए पलट जाती हैं । अद्विक उसके हाथ को पकड़ कर अपने नजदीक खींच लेता है ।
अधीरा सीधा उसके सीने से जा लगती है। उसके दोनों हाथ अद्विक के सीने से टकरा चुकी थी,वह अपने हाथों को पीछे खींचने लगती हैं । अद्विक उसके कमर पर हाथ रख प्रेशर बनाते हुए खुद के नजदीक कर उसके चेहरे पर झुकते हुए बोला,, हमने आपसे कहा था ना हम साथ में स्नान करेंगे, तो आप हमें अकेला छोड़कर कहां जा रही हैं ।
अधीर अपना चेहरा दूसरी तरफ करते हुए दात पीस कर बोली, You have no shame at all in saying such nonsense ,
अद्विक उसकी बात पर बिना किसी इमोशन के बिल्कुल स्ट्रेट फेस के साथ गहरी आवाज में बोला,, हम आपके पति हैं और अगर हमने शर्म कर ली तो हमारे आने वाले बच्चों के लिए कुछ देरी सी हो जाएगी, जो हमें बर्दाश्त नहीं है । इसलिए आप चुपचाप खड़े हो जाइए, और हमें नहाने दीजिए बोलते हुए वह शावर चालू कर देता है।
अधीरा शावर का ठंडा पानी खुद पर महसूस कर सिहर जाती है,वो छटपटाना लगती हैं। उसके गीले बाल उसके चेहरे पर आ रहे थे , अद्विक उसे पकड़ वॉल से लगा देता है m और खुद उसके नजदीक खड़ा हो जाता है। उसने अपना चेहरा उसके ऊपर झुका रखा था , शावर का पानी
अद्विक से होते हुए अधीर के ऊपर गिर रहा था , अधीरा बार-बार गहरी सांस खींच रही थी,उसकी गर्म सांसे अद्विक को अपने खुले हुए सीने पर महसूस हो रही थी, वह उसके गुलाबी होठों को देख रहा था ,जो पानी से भीगने से और ज्यादा ग्लासी लग रहे थे ,
अद्विक एक तक उसे देखते हुए उसके चेहरे पर धीरे-धीरे झुकने लगता है।
अधिरा तुरंत अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर लेते हैं।
अद्विक उसके गालों पर अपने होंठ रख शेयर की रुकी हुई बूंदों को धीरे-धीरे अपने होठों में लेते हुए पीने लगता है। वो वैसे ही बोला,, हमने आपको छोड़ रखा है । यह बात आप माने ना माने क्योंकि आपके अंदर अभी इतनी शक्ति नहीं है। कि आप हमें झेल सकें, और जब हमें लगेगा कि हम आपके नजदीक आने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। तो हम आ भी जाएंगे आप हमें रोक नहीं पाएंगे। ,उससे पहले अगर आप बिना कपड़ों के हमारे सामने आ जाएंगे , हम कुछ नहीं करेंगे, क्योंकि हमें बहकाना आपके जैसी लड़की की बस की बात नहीं , बोल उसे दूर झक देता है।
अधीर मुंह खोल उसे देखते ही रह जाती है ।वह खुद से बडबडाते हुए बोली,, यह आदमी पागल है क्या कल रात से सिर्फ और सिर्फ मुझसे चिपक रहा था, और आज सुबह उठने के साथ इसने कौन से सस्ता नशा किया है जो इस तरीके से बकवास कर रहां हैं।
लड़के मरते हैं मेरे नजदीक आने के लिए और यह इसे तो मैं छोडूंगी नहीं वह बोलते हुए उसकी तरफ कदम बढ़ाती है।
अद्विक बेशर्मी से उसकी तरफ पलट नीचे पहना हुआ ब्लैक कलर का ट्राउजर भी निकालते हुए उसके ऊपर फेंक देता है ।
अधीर का चेहरा गुस्से से भर जाता है वह मुठिया मजबूत करे हुए पीछे की तरफ पलट जाती हैं ।
अद्विक स्मिर्क करते हुए उसकी खुले हुए बैक को देखा बेसर्मी से बोला,, wese आपके शरीर की बनावट तो बहुत ही अच्छी खासी है। लगता है आपने बहुत मेहनत करें पर आप बहुत कमजोर हैं । कोई बात नही हम है ना हम अपने तरीके से आपका वजन बढ़ा देंगे , बोलते हुए उसके चेहरे पर अजीब सी स्माइल आ गई थी ।
अधीर अपनी मुठिया मजबूत करें उसकी तरफ पलट दात किटकैट आते हुए बोली,, I won't leave you ,
अद्विक बिल्कुल वैसे ही अपने शॉट्स को निकाल कर फेंकते हुए बोला,, और हम भी यही चाहते हैं कि आप हमें बिल्कुल भी ना छोड़े ,
अधीर ने अपनी आंखें मजबूती से बंद कर ली थी उसे इतनी ज्यादा बेशर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही है, वह सीधा बाथरूम से बाहर निकाल टहलने लगती है।
तभी दरवाजे पर किसी की दस्तक होती है ।वो गुस्से से तनख्वाह आते हुए दरवाजा खोलती है।
सामने एक अधेड़ उम्र की औरत खड़ी हुई थी वह हैरानी से अधीर को देखने लगते हैं
वही अधीर की नजर तो उस औरत पर थी उस औरत ने राजस्थानी लहंगा चोली और सर से दुपट्टा रखा हुआ था। गोल मांग टीका ,और एक नाथ डाली हुई थी होठों पर गहरी लिपस्टिक और हाथों में भारी-भारी चूड़ियां उसे देख तेरा एक तक उसे देख रही थी वह कुछ अपना गला साफ करते हुए बोली ,, Who are you and do you need someone to talk to?
वह गुस्से में लगभग बोल रही थी,
वही सामने खड़ी औरत को कुछ समझ नहीं आ रहा था वो कन्फ्यूजन भरे हुए फेस से अधीर को देखने लगती है।
अधीर कि वह वाइट शर्ट भीघ कर उसके शरीर से चिपक चुकी थी, और उसका लहंगा उसके बाल पूरी तरीके से वह गीली हो चुकी थी, और पानी फर्श को भीग रहा था,
तभी पीछे से एक रोबदार आवाज आती है । यह हमारी साथ रहती हैं। और हमारे लिए बहुत अज़ीज़ है और हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आप भी इन्हें इज्जत से बात करेंगे , और हां यहां पर यह आपकी अंग्रेजी भाषा नहीं चलेगी, तो बेहतर होगा आप यहां की भाषा सीख ले , और लोगों को इज्जत देना भी सीख ले, वरना हमें अपनी तरह से सीखना पड़गा जो बाद आपको शायद यह चीज बर्दाश्त ना हो,
एकदम रोबेली आवाज सुनकर अधीर अपना सर टेढ़ा कर कर पीछे की तरफ देखती है। यह वही औरत थी जिसने उसका गृह प्रवेश करा था, घुंघट के अंदर से उसने ज्यादा नहीं पर हां वह इन्हें पहचान चुकी थी,
जोती जी उसे औरत की तरफ देखते हैं ,
फिर अधीरा की तरफ देखती है ।
अधीरा उन्हें देख ,, आ प आप यहां,
ज्योति जी बिल्कुल अधीरा के सामने आ उसके सामने खड़े होते हुए भारी आवाज में बोली,, हां हम ही हैं और यहां घर में सिर्फ हमारी चलती है । आपके पति के बाद तो आपको हमारी बातें अच्छे माननी पड़ेगी, और यह क्या हुलिया बना रखा है अपने? आप इस घर की नई नवेली दुल्हन है। आपके यहां के तौर तरीके सीखने हैं । तो आप क्या चाहते हैं । हम आपके साथ बुरी तरीके से बर्ताव करें , तब आप सीखेंगे जाइए जाकर अपने कपड़े बदल लीजिए और इस तरीके से अगर दोबारा आप किसी के भी सामने आए तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा ,
यह रहे आपके कपड़े और आपको आज से यही पहनना है। बोलते हुए वह बड़ी सी तल से कपड़ा हटा देती है और उसे सीधा
अधीर के ऊपर फेंक देती है।
अधीरा गुस्से से उन्हें घूरने लगती है।
ज्योति जी उसके पास आ उस कपड़े को अधीर के सीने पर डालते हुए बोली,, आइंदा आप इस तरीके से हमें कहीं भी नजर ना आए, आपको जो करना है अपने कमरे में करिए यह आपका घर आपका धर्म और कर्म दोनों है क्योंकि आप अपने पति के साथ रहेंगे और अपने पति को खुश करना एक पत्नी का अधिकार होता है।
अधीर उनकी बात सुनकर दांत पीसते हुए खुद से बोली ,,
व्हाट द हेल यह क्या बकवास है यह लोग पागल हो चुके हैं क्या सारे के सारे पागल खाने से भागे हुए पागल लग रहे हैं और सबसे बड़ा पागलों को सरदार तो मेरा पति ही बना बैठा है । What rabish, वो मेरा पति नहीं है , मैं उसे अपना पति नहीं मानती, मैं उसकी जान ले लूंगी बस एक बार एक बार मुझे यहां से भागने का मौका मिल जाए उसके बाद फिर सामने खड़ी ज्योति जी की तरफ देखते हुए जबरदस्ती के मुस्कुराहट को अपने होठों पर बनाते हुए बोली,, वो मेरे पास कपड़े नहीं थे, पहनने के लिए और इतनी हैवी कपड़ों में मुझे नींद नहीं आती है ।इसीलिए मैंने आपके बेटे की शर्ट पहन ली थी,
ज्योति जी उसके बात को नजरंदाज कर कमरे के अंदर आ जाती हैं ।
ज्योति जी उस थल को टेबल पर रखने का इशारा करते हैं ।वह सर्वेंट थल को टेबल पर रख वहां से चली जाते हैं।
वहीं ज्योति जी अपने जुड़े में फंसे हुए पल्लू को थोड़ा सा आगे सरकते हुए बोली ,, वह हमारा बेटा नहीं ? हमारा पोता है, तो आगे से इस चीज का ख्याल रखिएगा,
अधीर उसकी बात पर बस जबरदस्ती कि स्माइल चेहरे पर चिपकाए खड़े रहती हैं।
ज्योति जी मुस्कुराहट उसे पास करते हुए वहां से चले जाते है ।
उसके जाने के बाद आधीरा दरवाजे को लगभग जोर से पटकते हुए गुस्से से बोली,, what the fuk is this मैं ऐसा कुछ भी नहीं करने वाली हूं, बोलते हुए वह रखे हुए कपड़ों को देखकर उन्हें एक-एक करके अजीब तरीके से उछलते हुए फेंक देती हैं । जैसे उसे यह चीज पसंद ही ना आए ,हो ,
तभी बाथरूम का दरवाजा खुलता है और अद्विक अपनी बेस्ट पर वाइट कलर की टॉवल लपेटे हुए बाहर आता है। उसके बाल गीले थे, जो माथे पर झूल रहे थे, पानी की बूंदे उसके चेहरे से होते हुए उसकी कसे हुए भारी सीने से होकर नीचे की तरफ आ रही थी, वह काफी अट्रैक्टिव और हॉट लग रहा था, जहां उसकी नजर अधीर पर थी तो वही अधीर पीठ करें खड़े उन कपड़ों को देख गाली बक रही थी,
अद्विक उसकी तरफ कदम बढ़ाओ पीछे से उसके शर्ट से दिख रहे खुले हुए पेट पर अपने हाथ रख देता है ।
अधीरा आंखों को टेढ़ा कर पीछे की तरह देखती हैं। जहां अद्विक के बालों से निकल रहा पानी उसके कंधे को भिगोते हुए नीचे की तरफ आ रहा था , जहां उसकी शर्ट अभी हल्की सूख गई थी वो वापस गीली होने से उसकी शर्ट विजिबल होने लगती है। अद्विक वैसे ही अपने हाथ को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ लाता है ।और उसकी शर्ट पर बंधी हुई नोट को उंगली में फंसा कर खोल देता है । अधीरा की सास भारी होने लगती है।
अद्विक अपने हाथ को थोड़ा और ऊपर की तरफ बढ़ा दो बटन खोल देता है ।उसका हाथ आप बिल्कुल अधीरा के सीने के नीचे था , अधीरा सांस गहरी हो रही थी,वह अपनी सांसे समेटने की कोशिश में लगी हुई थी ,, अद्विक उसी तरीके से उसके गर्दन पर तपते हुए होंठ रख देता है। अधीर की पकड़ लहंगे पर मजबूत हो जाती हैं । उसका सिर्फ एक ही विक पॉइंट था जहां उसकी आवाज नहीं निकलती थी, वह गहरी गहरी सांस भर रही थी,उस कमरे में सिर्फ गहरी सांसों का शोर मचा हुआ था, जो अजीब से जज्बातों से भरा हुआ था,
अद्विक उसे अपनी तरफ पलट उसे वही टेबल पर बैठाते हुए उसके पैरों के बीच आ उसके ऊपर झुकने लगता है। अधीर धीरे-धीरे पीछे की तरफ ब्लेड होने लगती है ।वह पूरी तरीके से लेट गई थी ,
अद्विक उसकी गर्दन पर अपना हाथ रख उसके होठों पर झुके हुए बहकी हुई आवाज में बोला,, हमने आपसे पहले ही कहा था, हमें आपकी बदतमीजी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं और यहां आपने हमारी मांसा के साथ बदतमीजी करी है आपको उनसे माफी मांगनी पड़ेगी, या फिर आपको सजा मिलेगी,, बोलते हुए वह उसके सीने पर झुक धीरे-धीरे ही हिकीज देने लगता है।
अधीर झटपट आते हुए बोली, aahhhhhhh नहीं दर्द हो रहा है। मुझे छोड़ो छोड़ो तुम ऐसा तुम ऐसा नहीं कर सकते ?
अद्विक उसके सीने के आसपास की स्किन को अपने दांतों में भरते हुए गहरी हिक्कीज देने लगता है। अधीरा दर्द से झटपट आते हुए ,, यह तु म तुम ऐ सा ऐसा नहीं...
अद्विक ने उसके बात फिर पूरी होने ही नहीं दी ,उसने अपने दोनों हाथों को अधीर की हथेलियां तक का सफर तय कर और उसके हथेली से अपनी हथेली को जोड़ उसकी उंगलियों से अपनी उंगलियों को उलझते हुए गहरी आवाज में ,, हमारा नाम लीजिए पत्नी जी , बोलते हुए वह उस जगह को छोड़ देता है। और उस जगह को देखने लगता है । वहां एक गहरा हिक्की का निशान बन चुका था,
अधीर की जान गले में अटकने लगती है । वह दर्द भारी आवाज में बोली ,, तुम ऐसा नहीं नहीं कर सकते मेरे साथ, उसने बहुत मुश्किल से बोला था ,उसे दर्द हो रहा था
अद्विक उसकी बात को सरासर नजर अंदाज करते हुए बोला,, जब तक आप हमारा नाम नहीं लेंगे हम यही करते रहेंगे और यही आज की आपकी सजा है। वैसे तो बहुत ही छोटी सजा दे रहे हैं हम, पर जैसी जैसी आपकी गलतियां बढ़ेगी वैसे-वैसे हम आपकी सजा भी बढ़ते जाएंगे, बोलते हुए वह उसे जगह को छोड़ फिर से आगे बढ़ उधर की स्किन को अपने दांतों में दबा देता है।
अधीरा की जान गले में अटक जाती हैं , खुद को छुड़ाने की वजह से चूड़ियां सीधा टेबल पर लगती है। और टूटकर टेबल पर गिर जाते हैं ।और कुछ फर्श के नीचे कुछ उसके हाथ में चुभ चुकी थी , जिसे हल्का-हल्का खून उभर ने लगा था पर अद्विक ने उसे बिल्कुल नहीं छोड़ा था, वहां का माहौल काफी इंटेंस हो चुका था। जहां अद्विक उसे धीरे-धीरे हिक्कीज़ दे रहा था,
तो वही अधीर की अपनी आंखों को मजबूती से बंद कर लिया था, वह अपने होठों को दांतों से दबे हुए खुद की आवाज को रोकने की कोशिश कर रहे थे , उसके मुंह से मनमोहक आवाज निकाल रहे थे , जिसे सुन अद्विक और ज्यादा पागल हो रहा था,
अद्विक थोड़ी ही देर में उसके सीने से अपना चेहरा निकलता है ।और उसके गर्दन पर पर अपने होंठ रखते हुए हमने कहा हमारा नाम लीजिए जब तक आप हमारा नाम नहीं लेंगे तब तक आपको इसी तरीके से तड़पना होगा , बोलते हुए वह उसके कान के बिल्कुल नीचे और हल्का सा पीछे जा उधर के स्किन को अपने होठों में भरते हुए करने लगता है ।
अधीर सिसकी लेते हुए बोली,, अद्विक मत करो यह सब ,
अद्विक उस जगह को छोड़ हल्का से नीचे खिसकते हुए मदहोशी से बोल,, हमारा पूरा नाम लीजिए ,,
अधीर अपनी आंखें मजबूती से बंद कर अ। द्विक अद्विक सिंह सहरावत ,प्लीज प्लीज हमें प्लीज हमें छोड़िए उसने दर्द में कुछ शब्द कहे थे,
अद्विक के चेहरे पर सेटिस्फेक्शन आ जाता है ।वह हल्का सा मुस्कुराते हैं पर हम अभी भी पूरे नहीं हुए आपने अपना नाम नहीं जोड़ा , हम आपसे जुड़ चुके हैं। इसका मतलब आप भी हमारी हुई , जल्दी बोलिए,
अधीरा उसके पागलपन को देख रही थी उसका बस चलता है तो वह अभी के अभी अद्विक को उठाकर इसी कमरे से फेंक देती
और एसिड में डूबा उसकी सांसे उसके शरीर से उखाड़ देती वो गहरी सांस लेते हुए खुद के गुस्से को शांत करते हुए बोली, अद्विक अधीरा सिंह सहरावत प्लीज प्लीज हमें मुझे छोड़ दीजिए ,,
अद्विक सेटिस्फेक्शन से उसे दूर हो जाता है और उसके गले को देखने लगता है। जहां ढेर सारे रेड कलर के हिक्स के निशान वह दे चुका था ।
अधीरा का पूरा सीना , गला पूरा लाल हो चुका था।
अद्विक उससे थोड़ा सा दूर हो खड़े होते हुए बोला,,अगर आइंदा आपने हमारे साथ बत्तमीजी करने की कोशिश करें तो हम इससे भी ज्यादा आगे बढ़ सकते हैं। बोलते हुए अपनी नजर को उसके गले से नीचे ले आता है । अधीरा अपने सीने पर वहां थाल पर रखा हुआ कपड़ा रखते हुए दांत पीसकर बोली,, छोडूंगी नहीं मैं तुम्हें ,,जबरदस्ती मेरे साथ यह सब करने की कोशिश मत करना जान ले लूंगी तुम अधीर राजपूत को अभी जानते नहीं हो,,
अद्विक अपनी एक आईब्रो ऊपर की तरफ उठाते हुए उसे नीचे ऊपर से लेकर तक इंटेंस नजरों से देखते हुए बोला,, अगर आप 20 मिनट के अंदर अंदर इन कपड़ों में हमारे सामने नहीं आई तो आज का पूरा दिन आपके बिना कपड़ों के निकालना पड़ेगा ,
अधिरा जल्दी से उन कपड़ों को समेटे बाथरूम में घुस जाती हैं।
करीब 20 मिनट के बाद अधीरा नहा धोकर बाहर आती हैं उसने इस वक्त रेड कलर का लहंगा और चोली पहना हुआ था। उसके गीले गीले बाल उसकी कमर पर झूल रहे थे। वह एक नजर कैमरे में डालती हैं। अद्विक इस वक्त कमरे में मौजूद नहीं था। वह गहरी सांस ले मीरर के सामने आकर खड़ी हो जाती है। वो जल्दी-जल्दी तैयार होने लगती है और कुछ ही देर बाद वह सीधा नीचे आ जाती हैं।
उसकी पायल की झंकार से वह पूरी हवेली गूंज उठी थी। उसने बहुत ही भारी-भारी पायल पहनी थी। वह पूरे में अपनी सरसरी नजर डालती है। पर उसे कोई भी नहीं दिखता उसके चेहरे पर एक खुशी की लहर दौड़ जाती है। वो लहंगे को मुट्ठी पकड़ में तेज कदमों से सीडीओ से नीचे उतरते हुए सीधा दरवाजे तक आती हैं।
तभी उसके कानों में एक रौबदार आवाज पढ़ती है , " कहां जा रहे हो आप ? वह भी इतनी सुबह-सुबह। क्या आपको आरती नहीं करनी चाहिए ? " अधीरा अपनी आंखें बंद कर लेती हैं। वह इस आवाज को बहुत अच्छे से जानती है।
वो पीछे की तरफ पलट जबरदस्ती की स्माइल चेहरे पर चिपकाते हुए , " हां दादी सा मैं बस आ ही रही थी। " बोलते हुए वह अपने लहंगे को छोड़ धीरे कदमों से उनके पास आने लगती हैं।
ज्योति जी जो एकटक उसे देख रही थी। उनकी नजर सीधा अधिरा की मांग पर चली जाती है। जो एकदम सुनी थी। उनका चेहरा लाल हो जाता है।
वह तेजी से चिल्लाते हुए , " अद्विक हमारे सामने आइए अभी। कहां है आप ? "
अद्विक जो अभी स्टडी रूम से बाहर निकल रहा था। उनकी आवाज पर उसकी उनके नजदीक आकर खड़ा हो जाता है।
ज्योति जो उसे देखते हुए , " क्या है यह सब? "
वो एक नजर अधिरा को देखता है और फिर उनकी तरफ देखते हुए , " क्या हुआ मा सा ? "
" हमारे साथ चलिए। " बोलते हुए वह उसे अधीरा के सामने लाकर से खड़ा कर देती हैं।
वह दोनों एक दूसरे को देखते अधीरा मुंह बनाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है। ज्योति जी उसके एक्सप्रेशंस को देखा , " आप दोनों अभी हमारे साथ पहले मंदिर चलिए। "
घर के अंदर ही एक छोटा सा मंदिर बनाया हुआ था। जो बहुत ही खूबसूरती से सजाया गया था। उसके अंदर भगवान की मूर्ति रखी गई थी और उन्हें तरह-तरह के फूल के गहने पेहनाए हुए थे। जो देखने में बहुत खूबसूरत थे अंदर चेहरे लाइट थी जो हमेशा जगमगाती रहती थी। ज्योति जी सीधा मंदिर में जाती है।
और वहां भगवान के पैरों पास रखे हुए सिंदूर को उठाकर अद्विक के हाथ में देते हुए , " अपनी पत्नी की मांग भरिए आप अभी के अभी। "
फिर अधीरा की तरफ देखते हुए , " आप इतनी लापरवाह कैसे हो सकती हैं ? अभी आपकी नई-नई शादी हुई है और आप इस तरीके से लापरवाही दिखा रही हैं रही हैं। आप चाहती क्या है ? आप हमें बताएंगी क्या आप इस शादी से खुश नहीं है ? "
अधीरा जिसने कुछ कहने के लिए अपने होंठ हिलाए थे उसकी नजर सीधा अद्विक पर चली जाती है। जो गहरी नजरों से उसे ही देख रहा था। अधीरा अपना सिर ना में हीला देती हैं। अद्विक थोड़ा सा उसके नजदीक आ एक चुटकी सिंदूर ले उसकी पूरी मांग को सिंदूर से सजा देता है। अधीरा अपनी आंखें मजबूती से बंद कर लेती है।
वह एक वेस्टर्न कल्चर को फॉलो करती थी। उसे इंडियन कल्चर की ज्यादा नॉलेज नहीं थी और वह हमेशा से ही एरोगेंट वे में रहती थी। उसे सिंदूर या शादी इन सब में कोई इंटरेस्ट नहीं था , ना ही कोई दिलचस्पी थी। वह अपनी मुट्ठियों में लहंगे को भर लेती है।
ज्योति जी उसके हाथ में थाली देते हुए , " चलिए अब चलकर भगवान की आरती कीजिए। "
अधीरा उस थाली को देखने लगती है। उसे नहीं पता था पूजा कैसे की जाते हैं। वह प्लेट को लेकर उल्टी डायरेक्शन में घूमाने लगती हैं आरती की , ज्योति जी का चेहरा लाल हो जाता है। वही अद्विक उसे बुरी तरीके से घूरते हुए उसके बगल में खड़ा हो जाता है और उसके हाथ पर अपना हाथ रख उसे डायरेक्शन देने लगता है। अधीरा उसे एक नजर देखने के बाद मुंह बनाते हुए वैसे ही उसके साथ-साथ अपने हाथों को घूमने लगते हैं। थोड़ी देर बाद जब आरती पूरी होती हैं। वह ज्योति जी की तरह बढ़ जाते हैं और प्रसाद देने लगती हैं।
ज्योति जी उसे देखते हुए , " पहले आप अपने पति को दीजिए और उनके पैर छुईए। "
अधीरा एक नजर अद्विक को देखने के बाद ज्योति जी की तरफ देखते हुए , " हम ऐसा कुछ नहीं करेंगे वह हमारे पति हो सकते हैं। पर मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगी और यह आप क्या कह रही हैं ? पत्नियां पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलती है ना कि उनकी जगह उनके पैरों में है। "
अद्विक देखने के बाद ख़ामोशी से खड़ा रहता है उसे बस इंतजार था उसकी मासा के अगले कदम का ज्योति जी उसके हाथ से प्लेट लेते हुए , " यह आप कैसी बातें कर रही हैं ? आप भूल रही हैं शायद की पति को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसीलिए पत्नी की जगह पति के पैरों में होती है। अगर आपने उनके पैर नहीं छुए तो आज आपको पूरा दिन ना कुछ खाने को मिलेगा और ना ही एक बूंद पानी सोच लीजिए आप क्या करना चाहती हैं। "
अधीरा अपनी मुट्ठियां मजबूती से बंद करें अद्विक को देखती हैं। जो स्ट्रेट फेस के साथ वहां खड़ा हुआ था। जैसे उसे उन दोनों के बीच बोलने में जरा भी इंटरेस्ट ना हो।
अधीरा उसके पास आती हैं और खुद से बढ़बढ़ाते हुए , " पैर छूने है , तुम्हें तो मैं अभी बताती हूं। तुम्हारी सारी भगवान गिरी मैने ना निकाल दी तो मेरा नाम भी अधीरा राजपूत नहीं। " बोलते हुए अपने नाखूनों को बुरी तरीके से अद्विक के पैरों में गड़ा देती हैं।
अद्विक के चेहरे पर उसकी हरकत पर छोटी सी स्माइल आ जाती है। उसे पूरा यकीन था अधीरा जरूर ऐसा ही कुछ करेगी और वह जो काम को उसने सीधा-सीधा कर लिया तो वह अधीरा ही क्या करीब 2 मिनट के बाद अधीरा ऊपर की तरफ उठती है।
और जबरदस्ती स्माइल के साथ ज्योति जी की तरफ देखती हैं , " अब ठीक है मासा। " खुन्नस में वह एक नजर अद्विक को देखते हैं।
ज्योति जी उसकी तरफ देखते हुए , " हां और अब से तुम्हें यही करना है। सुबह शाम तुम्हें सोने से पहले और उठने के बाद अपने पति के पैरों को छूना है समझी आप। "
अधीरा अपना सर धीरे से हिला देती हैं और मन में बड़बड़ाती हैं , " पति के पैर माय फुट मैने भी तुमसे अपने पैर ना दबवा लिए तो मेरा नाम भी अधीरा राजपूत नहीं। " वह बड़बड़ा रही थी और वही ज्योति जी आगे निकल चुकी थी।
तभी उसे अपने कंधे पर गहरी सांसें महसूस होती हैं। वह हल्का सा पीछे होकर अद्विक को देखती है। जो उसके कंधे पर अपना सर टिकाए उसे ही देख रहा था। अधीरा दूर हटने लगती है।
अद्विक उसकी खुली हुई कमर पर अपनी उंगलियां फसाते हुए , " हमें बिल्कुल भी ऐतराज नहीं होगा आपके पैर दबाने में और खासकर तब जब हम आपके पैरों को अपने कंधे पर रख उन्हें बेहद अच्छे तरीके से दबाएंगे की आपको बाद में चलने में भी बहुत सुकून मिलेगा। "
उसके चेहरे पर शरारत सब दिख रही थी। अधीरा का चेहरा गुस्से से भर जाता है और वह अपने पैर को उसके पैर पर लगभग कसके मारते हुए वहां से आगे बढ़ जाती हैं।
8
फ्रांस ,
रात का वक्त एक बड़ी सी ऊंची इमारत पर आखिरी फ्लोर पर एक दिन भर का आदमी बैठा हुआ था। उसके होठों से सिगार लगा हुआ था और गोद में 25 से 26 साल की लड़की बैठी थी। कभी उसके गाल पर किस कर रही थी तो कभी उसके गले पर किस कर रहे थे और वह आदमी सिगार पीते हुए उसकी पूरी बॉडी को सहला रहा था। तभी उन गहरी सांसों को तोड़ते हुए उसका फोन बचता है।
दो तीन बेल के बाद में वो फोन उठा लेता है। दूसरे साइड से कुछ कहा जाता है। जिसके बाद वह आदमी उस लड़की को धक्का देते हुए फोन लेकर खड़ा हो जाता है। वो ग्लास वॉल के पास जाता है फ्रांस को देखने लगता है। जो रात के वक्त चमचमा रही थी।
उसे करते हुए , " बताओ मेरी बेटी कहां है ? और किस हाल में है ? अगर उसे जरा सा कुछ भी हुआ या वह उन लोगों के हाथ लगी तो मैं तुम्हारी जान ले लूंगा ढूंढो उसे किसी भी कीमत पर तुम्हारी नाक के नीचे से वह निकल कर इंडिया नहीं पहुंचनी चाहिए समझे तुम लोग। " बोलते हो फोन रख देती हैं और फिर से सिगार के लंबे कश भरने लगता है।
उसकी आंखें एकदम लाल थी और बहुत ही ज्यादा डरावना उसके चेहरे पर दहशत साफ नजर आ रही थी।वहीं दूसरी तरफ इंडिया जहां फ्रांस में रात हो रही थी। तो वही इंडिया में सुबह हो चुकी थी।
राजिस्तान ,
अद्विक स्टडी रूम में बैठा हुआ था वो लगातार कुछ फाइल को रीड करते हुए साथ में लैपटॉप पर उंगली चला रहा था। उसका औरा एकदम ठंडा था तभी दरवाजा नोक होता है।
अद्विक वैसे ही , " अंदर आ जाए। "
तभी एक सर्वेंट सर पर बड़ी सी रंगीन कलर की पगड़ी बांधे हुए अंदर आता और सर झुकाते हुए , " बड़े मालिक ने आपको याद किया है। " वो उसे जाने का इशारा कर देता है और कुछ से देर बाद खुद अपने लैपटॉप को बंद करें और बाहर आ जाता है।
ज्योति जी उसे बाहर देख , " आप शायद भूल रहे हैं हमारे घर की परंपरा है। " अद्विक उन्हें देखता रहता है।
ज्योति जी किचन की तरफ इशारा करते हुए , " जाइए और जाकर अपनी पत्नी की मदद करिए। "
अद्विक बिना कुछ कहे किचन की तरफ इशारा कर देता है उसकी नजर किचन में जाती हैं।।जहां सारा सामान फैला हुआ था और वह कढ़ाई में धीरे-धीरे चम्मच को चला रही थी। वो उसके नजदीक आकर खड़ा हो जाता है।
अधीरा किसी की प्रसेंस को अपने पीछे महसूस कर चौंकते हुए , " तुम यहां क्या कर रहे हो? " अद्विक उसकी बात पर एक नजर कढ़ाई पर देखता है।
वो उसके घूंघट को हल्का सा साइड कर कंधे पर अपना चेहरा टीकाते हुए , " पहले आप हमें यह बताइए कि आप आखिर बना क्या रही हैं ? और यह है क्या चीज है ? "
अधीरा अपने चेहरे पर 440 वोट वाली स्माइली ले उसकी तरफ देखते हुए , " खीर। "
अद्विक के एक्सप्रेशन एकदम अजीब हो जाते हैं और वह गैस को घूरना शुरू कर देता है और फिर कुछ देर रुक कर , " क्या सच में यह खीर है ? " बोलते हुए खुद ही हल्का सा चला कर देखता है। पर चावल नीचे की तरफ रुके हुए थे और पानी चम्मच में आ चुका था।
अधीरा उसकी बात पर , " अरे यह तुम क्या कर रहे हो ? मुझे बनाने तो दो। "
अद्विक उसे देखते हुए , " क्या तुम्हें कुकिंग करना आता है ? "
" हां मैंने अभी-अभी यूट्यूब पर वीडियो देखा था पहले , तो अब मैं ट्राई कर रही हूं। " बोलते हुए वह खुशी-खुशी चम्मच घूमाने लगती हैं।
अद्विक गैस की तरफ देखता है जो ऑलरेडी बंद था और वह इधर-उधर देखते हुए , " क्या तुमने यह नहीं देखा था ? कि गैस चालू की जाती हैं। "
अधीरा इधर गैस की तरफ देखते हुए , " पर It was not mentioned in it that the pan should be kept after turning on the gas, do the YouTube people know anything or not, these people should tell these people, I will not leave people, give me your phone right now . " बोलते हुए गुस्से से वहां रखे हुए बर्तन पटकना शुरू कर देती हैं। उसने अपने दांत को पीस लिया था।
वही अद्विक उसे साइड करते हुए , " आप रहने दे हम खुद कर लेंगे। "
अधीरा उसे चमकती हुई आंखों से देखते हुए , " क्या तुम्हें खाना बनाना आता है ? क्या तुम चिकन फ्राई , चिकन लॉलीपॉप बना सकते हो ? " वो चटकारे लेते हुए अपने लिप्स को लिक कर लेती है।
अद्विक उसकी हरकत पर उसे बुरी तरीके से घूरते हुए , " कहीं ऐसा ना हो कि हम आपके पैरों को ही चिकन लॉलीपॉप की तरह डाल दे और खुद ही निगल जाए वैसे भी हमारा बड़ा मन है , आपके इन नाजुक से पैरों को कच्चा निगलने का कहे तो। " बोलते हुए वह घुटनों के बल बैठ जाता है और उसके पैर से लहंगे को उठाकर अपने घुटने पर रखते हुए उसके पैर पर चूम लेता है।
अधीरा बड़ी आंखों से उसे देखते हुए अपने कदम पीछे ले वहां रखा हुआ चिमटा उठाकर अद्विक को दिखाते हुए , " अगर तुमने मुझे छूने की ऐसी बेहूदा हरकत करने की कोशिश करी ना मैं तुम्हारी जान ले लूंगी समझे तुम दूर रहना मेरे से , बड़े आए बेशर्म कही के। "
अद्विक स्मिर्क करते हुए खड़ा हो जाता है और उसकी तरफ कदम बढ़ाने लगता है। जहां वह लोग पहले रसोई की रस्म पूरी करने वाले थे यहां तो कुछ और ही हो रहा था।
अधीरा अपने कदम पीछे लेते हुए , " मैं बता रही हूं अगर तुम मेरे नजदीक आए तो मैं..। " बोलते हुए अपने पैर पीछे लेती है तो उसके पर वहां रखा हुआ पीतल के घड़े से लगता है।
जिससे वह गिरने लगती है। अद्विक उसकी पत्ली सी कमर में हाथ डाल तुरंत अपने नजदीक खींच लेता है। अधीरा के दोनों हाथ उसके सीने पर आ जाते हैं। उसका चिमटा छूटकर नीचे गिर चुका था।
अद्विक उसकी कमर को खुद में जकड़ते हुए , " बताइए अब आप कहां जाएंगी ? हमसे बचकर। " बोलते हुए वह उसकी कमर को जकड़ लेता है।
अधीरा इधर-उधर देखते हुए कसमसा कर , " यह तुम , तुम क्या कर रहे हो ? छोड़ो मुझे अगर तुमने कुछ करने की कोशिश करी तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं समझे तुम छोड़ो दूर हटो मुझसे। "
अद्विक उसकी बाद पर उसकी गर्दन से दुपट्टे को थोड़ा सा साइड करता है और उसके गर्दन पर अपने होठों को धीरे-धीरे चलाते हुए , " जल्दी से यह सब कुछ तैयार करिए इसके बाद हमें गांव के लिए निकलना है। "
अधीरा अपनी आंखें झपकते हुए , " क्या ? You are talking nonsense, I will not go to that village with you at all . "
अद्विक उसे छोड़ते हुए , " आप क्या ? आपकी जूती भी हमारे साथ चलेगी। " वो अपने दोनों हाथ जेब में डाल उसे वैसे ही छोड़ देता है और सीधा किचन के स्लैब के पास आ जाता है।
और कुछ ही देर बाद वह खीर को अच्छे से रेडी कर बाउल में डालते हुए , " लेकर चलिए अब आप इसे हमारी नाक नहीं कटनी चाहिए। "
अधीरा उसकी बात पर मुंह सुखोड़ लेती है और बाउल को उठाकर आगे की तरफ चली जाती हैं। कुछ देर बाद सभी लोग डाइनिंग टेबल में बैठे हुए थे। सभी लोगों में सिर्फ वहां पर तीन लोग थे। जहां हेड चेयर पर अधिक बैठा हुआ था तो वही उसके जस्ट सामने बनी हुई हेड चेयर पर ज्योति जी बैठी हुई थी। अधीरा उन दोनों को सर्व करने के बाद खुद भी जाकर एक चेयर पर बैठ जाती हैं।
ज्योति जी उसे घूरते हुए , " पति के खाने के बाद ही पत्नी खाती हैं। वह भी पत्नी पति की थाली में समझी आप तो आगे से आप यहां नहीं बैठेंगी। "
अधीरा अपने पेट को पकड़ते हुए , " पर मासा मुझे बहुत तेज भूख लग रही हैं। मुझे भूख कंट्रोल नहीं होती बस थोड़ा सा खाऊंगी ज्यादा नहीं। "
ज्योति जी थोड़ा सा खाने के बाद वहां से उठते हुए , " आपकी पहली रसोई की रस्म समाप्त हो चुकी हैं। अब आपको गांव के लिए रवाना होना है और जब आप वहां से वापस आएंगी तो हमने जैसा आपसे उम्मीद करी है हमें वही चीज मिलेगा। " बोलते हुए वह अधूरी की तरफ देखते हैं।
अधिरा जीसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। वह उन्हें देखते हुए , " पर कोई मुझे भी बताओ ऐसा भी क्या है वहां पर ? जो मुझे पता ही नहीं है। "
ज्योति जी उसे इस तरीके से इग्नोर कर देती हैं जैसे वह उसके सवाल का जवाब देने में जरा भी दिलचस्प ना हो। एक सर्वेंट से आगे की तरफ आगे जाते हुए , " आप चले और चलकर हमारे साथ सामान पैक करने में मदद करिए नई बहु रानी वही तो वहां जाकर थोड़ा गांव का स्वाद चख लेंगी। "
और अद्विक की तरफ देखते हुए , " और आपको , आपको पता है ना वहां पर वहां पूजा का भी आयोजन किया गया है और हम आपसे उम्मीद करते हैं जो हमने कहा है और जिस चीज की वहां पर जरूरत होगी अब वह सारी चीज बिना किसी रूकावट के करेंगे। "
अद्विक अपना सर हिला देता है और खाने पर फोकस करने लगता है। वही अधीर कन्फ्यूजन से खुद से सोच रही थी उसका दिमाग में कुछ चल रहा था और अगले ही पल उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ जाती हैं।
वो मुस्कुराते हुए बोली , " The way I was cast I will run away from under your nose Mr Patidev now see what I do if I also bend you backwards my name is also Andhira Rajput . "
वह अपनी नाक को टशन में रब करती हैं। उसके चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल थी। या यु कहो वो शैतानों की तरह हंस रही थी अंदर-अंदर।
रात का वक्त ,
अधीरा हवेली के दरवाजे पर खड़ी हुई थी। उसने इस वक्त सुर्ख दुल्हन कलर का लहंगा चोली के ऊपर दुपट्टा रखा हुआ था , जो नेट का था। जिसमें उसके चेहरा तो दिखाई नहीं दे रहा था फिर भी वह अपनी आंखें बड़ी कर बार-बार इधर-उधर देख रही थी। जैसे घुंघट से बाहर देखने की कोशिश कर रहे हो। तभी उसके कानो में अद्विक की आवाज पड़ती है। जो किसी से बात करते हुए आ रहा था।
अधीरा अपना सर घूमाकर देखती हैं। जहां अधिक ब्लैक कलर के कुर्ता पजामा पहने पैरों में चमड़े की जूतियां आस्तीनों को कोनी तक फोल्ड करें सीने से बटन खोले आगे की तरफ बड़ा रहा था। उसका कोल्ड डोमिनेटिंग औरा कोल्ड फेस परफेक्ट जॉ लाइन जो उसके रुतबे को दर्शा रही थी। वह काफी अट्रैक्टिव लग रहा था। एक पल के लिए तो अधीरा अपनी नज़रें उससे फिरा ही नहीं पाती हैं।
तभी वहां पर एक दासी जो उससे कुछ कम ही उम्र की होगी वह अधीरा की तरफ देखते हुए , " रानी सा आप चलिए फिर राजा साहब कुछ वक्त में आ रहे हैं। " बोलते हुए वह उसे गाड़ी की तरफ इशारा कर देती है।
अधीरा खुद से बडबडाते हुए , " रानी सा ! ऐसा क्यों लग रहा है जैसे यह कोई हॉरर मूवी की रानी सा बोल रही हो मुझे ? " खुद कुछ सोचते हुए लहंगे को मुट्ठी में भर धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगती है।
पर उसका पूरा ध्यान अद्विक पर था जो अभी साइड में खड़े होकर किसी से कुछ बात कर रहा था। तभी वह किसी से टकरा जाती हैं। वह गिरती के सामने से एक शख्स उसे संभाल लेता है। अधीरा आधी झुक चुकी थी उस शख्स के हाथ अधीर के खुले हुए पेट पर चल चुके थे। अधीर एकदम अनकंफरटेबल होकर जल्दी से दूर हो जाती है और नजर उठाकर सामने खड़े आदमी को देखने लगती हैं।
वह आदमी चेहरे पर बड़ी सी मुस्कुराहट लिए अपने दोनों हाथों को जोड़ते हुए , " अपनी कार्य सफलतापूर्वक कर कर आएंगे , बोलते हुए वह मुस्कुराहट आगे की तरफ बढ़ता है कि उसके हाथ एक बार फिर से अधीर की खुली हुई कमर पर चल जाते हैं।
अधीरा घूरते हुए उसे देखती रह जाती है। उसने अपनी मुट्ठियां मजबूती से कसी हुई थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे अभी उसके पूरे शरीर में सांप लौट गए हो। वह अपने कमर पर हाथ रख अपने नाखूनों को उस जगह पर घुसाने लगती है। उसे जगह से गिन आ रही थी। वही अद्विक जो अभी बात कर रहा था।
।।।।
अद्वीक फोन हाथ में घूमाते हुए उस शख्स के हाथ में रखते हुए बोला , " आप जानते हैं ना ! आपको क्या ? करना है। पूरे एक हफ्ते तक आप में से कोई भी हमसे कांटेक्ट नहीं करेगा और ना ही किसी को करने की अनुमति हम दे रहे हैं। जो होगा हम खुद देख लेंगे सबको इस उद्देश्यों को मनाना होगा। " उसकी आवाज में एक रोब था। वह आगे की तरफ बढ़ जाता है।
तभी वह शख्स जो अभी हवेली के अंदर की तरफ आ रहा था। उसकी नजर अद्विक पर थी। वह टेढ़ी मुस्कुराहट के साथ आगे की तरफ बढ़ जाता है। वही अद्विक उसके लिए तो वह शख्स जैसे कोई चींटी बराबर था। वह सरासर इग्नोर कर आगे बढ़ जाता है। अधीरा जो अभी भी उस शख्स को घूर रही थी।
अद्विक उसके नजदीक पहुंच उसके थोड़ा और नजदीक खड़े होते हुए , " आप अभी तक यहीं खड़ी है ? हमने आपसे कहा था ना आप गाड़ी में बैठकर हमारी प्रतिष्ठा करिए पत्नी जी , हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से आपके पैरों में दर्द हो। क्योंकि जो दर्द हम आपको वहां जाकर देने वाले हैं वह दर्द आपसे फिर बर्दाश्त नहीं होगा। " बोलते हुए वह उसके हाथ को पकड़ आगे की तरफ बढ़ जाता है।
जिस तरीके से अद्विक ने उसका हाथ पकड़ा था। अधीरा की चूड़ियों से भरे हुए हाथ कस की छनक कि आवाज के साथ उसकी तरफ कदम बढ़ा देते हैं। अधीरा उसके साथ-साथ चल रही थी। वही अद्विक बिना किसी इमोशन के आगे बड़ा रहता अधीरा के दिमाग में कुछ चल रहा है। कुछ देर बाद वह दोनों ही गाड़ी में बैठकर वहां से निकल जाते हैं।
।।।
कुछ दूरी तक करीब 6 , 7 गाड़ियां उनके पीछे चल रही थी पर जैसे-जैसे रास्ता आगे की तरफ बढ़ रहा था। वैसे-वैसे गाड़ियां पीछे से कम होती चली जा रही थी। करीब 2 घंटे के बाद अद्विक गाड़ी रूकती है रात होने की वजह से अधीरा गाड़ी में बैठने के साथ ही सो चुकी थी। गाड़ी रुकने के करीब 10 मिनट बाद ही अधीरा की आंख खुलती है।
वह इधर-उधर देखती हैं उसे नींद की वजह से अभी चीज़ समझ में नहीं आ रही थी। वो तेजी से अपनी आंखें खोलती है। गाड़ी को पूरा खाली देख एकदम उसकी सांसे तेज हो जाती है। वह इधर-उधर देखती हैं , वह इस वक्त गाड़ी में अकेली थी और गाड़ी जंगल के बीच एक कच्चे रास्ते पर रुकी हुई थी। अधीरा जल्दी से दरवाजा खोल बाहर की तरफ अपने कदम बढ़ा इधर-उधर देखने लगती हैं।
उसके चेहरे पर कुछ परेशानी सी झलक रही थी और उसका घूंघट सरक कर सर पर आ चुका था। तभी उसे झाड़ियो से कुछ आवाज आने लगती हैं। वो इधर-उधर देखने लगती है। उसका गला पूरी तरीके से सूख चुका था , माथे पर ठंडे पसीने थे , वह बड़ी-बड़ी पलके झपकाते हुए इधर-उधर देख रही थी। जैसे किसी को ढूंढ रही हो। तभी उसे अपने पेट पर किसी की उंगलियों का एहसास होता है। वह अपने कमर में छिपा हुआ एक छोटा चाकू निकाल पलटते हुए सीधा उस शख्स की गर्दन पर रख देती है।
वह शख्स जो पहले से ही काफी अलर्ट था और फुर्ती में था वह अधीरा के हाथ को पकड़ उसे घूमाते हुए मोड़कर उसके पेट से लगाते हुए , " आप हमारी अर्धांगिनी है , हमारी पत्नी और आप ही हमें खुद यमदूध के पास भेजना चाहती हैं , भरी जवानी में कुंवारी विधवा हो जाएगी। "
अधीरा उसकी बात पर अपनी कलाई एक को छुड़ाते हुए , " यह तुम क्या कर रहे हो ? मेरा हाथ छोड़ो। और तुम इस तरीके से मुझे अकेला छोड़कर कहां चले गए थे हां ? ऐसे तो बड़ी-बड़ी बातें करते हो शादीशुदा है , पत्नी है मेरी हर कदम पर साथ दूंगा। ना जाने क्या ? क्या ? बिला बिला बिला और अब ऐसे मुझे अकेला रास्ते पर छोड़कर चले गए थे। "
अद्विक उसके डरे हुए चेहरे को गौर से देख रहा था। उसके बाल जो पसीने की वजह से भीग कर कर गालों से चिपक चुके थे। वह अपने होठों को हल्का सा गोल घूमाते हुए उसके चेहरे पर फूंक मारता है। अधीरा की आंखें बंद हो जाती है। उसकी धड़कने एक बार फिर से तेज हो चुकी थी।
अद्विक उसके बाल को कान के पीछे कर अपनी पकड़ कमर पर थोड़ी सी और मजबूत कर खुद के नजदीक ले आता है। अधीरा बिल्कुल उससे चिपक चुकी थी। वह हल्का सा पीठ को पीछे की तरफ ब्लेड कर रखी थी। जिससे उसका सीन ऊपर की तरफ उठ चुका था और अद्विक बिल्कुल उसके ऊपर ही झुकने लगता है।
अधीरा धीरे-धीरे ब्लेंड होते हुए , " यह तुम , तुम क्या कर रहे हो ? अगर तुमने मेरे साथ कुछ करने की कोशिश की ना देख रहे हो ना मेरे हाथ में चाकू है , एक बार में ही काम तमाम कर दूंगी भूलो मत मैं अधीरा राजपूत हूं , मुझे सर काटना बहुत अच्छे से आता है। "
अद्विक उसकी बात पर स्मिर्क करते हुए उसके नाजुक से हाथ पर थोड़ा सा अपने अंगूठे का प्रेशर बनता है। जिसके साथ चाकू छूट कर नीचे गिर जाता है। अधीरा अपना सर टेढ़ा कर उस गिरे हुए चाकू को देखने लगती है। आसपास काफी अंधेरा था। सिर्फ गाड़ी की लाइट्स की वजह से वहां पर कुछ रोशनी हो रही थी।
जिसमें उन दोनों का चेहरा चमक रहा था। अद्विक अधीरा के चेहरे को देखने लगता है। कुछ लाइट का रिफ्लेक्शन और कुछ चांदनी रात की चांद की रोशनी जो उसके सुंदर से खूबसूरत चेहरे पर पढ़ रही थी। जिससे उसका चेहरा और ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहा था।
अद्विक उसके चेहरे के पास आ गहरी सांस लेते हुए , " आपको हमसे डरने की जरूरत नहीं है , आप हमारी पत्नी है और हम जो करेंगे डंके की चोट पर करेंगे रही बात आपको छोड़ने की तो मरते दम तक आपको नहीं छोड़ेंगे आपका पीछा तो हमसे नहीं छूटने वाला है। आप हमारी इकलौती पत्नी जो ठहरी। " बोलते हुए वह उसके गले पर नाक को धीरे-धीरे रब करने लगता है।
अधीरा कसमसाते हुए , " यह तुम क्या कर रहे हो ? छोड़ो मुझे। "
फिर खुद से , " उफ्फ में ही पागल हूं क्या ? इतना अच्छा खासा मौका था यहां से आसानी से भाग सकती थी पर नहीं अंधेरा का डर जाएगा। " नहीं मेरा,
वह बडबडाते हुए इधर-उधर देखने लगती है। तभी उसे अपने सीने पर तेज दर्द होता है। वह अपना सर हल्का सा झुकाकर अद्विक को देखती हैं। जिसने अभी-अभी उसके सीने पर बाइट किया था।
अधीरा आंखे छोटी करते हुए , " अगर तुमने इस बार मुझे बाइट किया ना मैं सच में तुम्हें कच्चा चबा जाऊंगी। "
अद्विक उसकी बात पर उसी जगह पर धीरे-धीरे जीब को घुमाते हुए बहुत ही सेडक्टिव अंदाज में , " आप हमारी पत्नी है और हमारा पूरा हक बनता है। हमने आपसे कहा था जब तक हम आपको कुछ नहीं करेंगे जब तक हमारा मन ना चाहे पर आप है जो इस अंधेरी गहरी रात में भीगी भागी सी लड़की बनकर हमारे सामने आकर हमें छेड़ने की कोशिश कर रही हैं। " बोलते हुए होटो को धीरे-धीरे उसके सीने और गले पर चला रहा था। अधीरा सीहर उठती है वह अपनी मुट्ठियां और मजबूत कर लेती है।
अद्विक के हाथ उसके पेट पर आ जाते हैं। उसे कुछ अजीब सा लगता है। वह नजर झुकाकर उसके पेट पर देखता है पर साड़ी होने की वजह से उसे दिखाई नहीं दे रहा था। वो दुपट्टे को थोड़ा साइड करता है। उसकी आंखें एकदम डार्क हो जाती हैं।
वह घुटनों के बल बैठ उसकी कमर को गौर से देखते हुए , " आपके यहां पर यह जख्म कैसे हैं ? " बोलते हुए वह अंगूठे से धीरे-धीरे उसकी कमर के हिस्से को सहला रहा था और उस पर फूंक मार रहा था।
अधीरा के पूरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। उसके पूरे शरीर में झुर्री छा चुकी थी। वह अपनी कमर को अद्विक की पकड़ से छुड़ाते हुए , " यह तुम , तुम क्या कर रहे हो ? तुम्हारा दिमाग खराब है। तुम्हें आइडिया भी है , तुम क्या कर रहे हो ? छोड़ो मुझे। "
अद्विक उसकी बात पर उसे घूरते हुए , " अगर आपने यहां से एक कदम भी हिलाया तो हमसे बुरा कोई नहीं होगा। "
।।।
अधीर अपना मन मसूस कर रह जाती है। उस वक्त रात के 4:00 रहे थे। जब वह दोनों बीच सड़क पर खड़े थे। तभी उन्हें किसी की चलने की आवाज सुनाई देती है। अधीरा जो अभी खड़ी हुई थी।
वह एकदम से अद्विक के बालो पर अपनी पकड़ बनाते हुए , " यह आवाज , आवाज कैसी थी ? यहां , यहां कोई जंगली जंगली भालू है क्या ? " उसकी आवाज ही उसके डर को साफ जाहिर कर रही थी।
अद्विक उसकी बात पर खड़े होते हुए , " यह आप क्या कर रही हैं ? आप हमारे इस तरीके से बाल खींचेंगी तो हमारे बच्चे होने से पहले ही हम टकले हो जाएंगे। और फिर क्या कहेंगे वह हमारे बारे में ? और वैसे भी हमें इस तरीके से अपने सर में दर्द नहीं चाहिए , हम तो बिस्तर पर इस दर्द को बर्दाश्त करना चाहेंगे। " अधीर अपने दांत किटकिटाने लगती है। जैसे वह अभी के अभी इस आदमी को जिंदा निकल जाएगी।
" हमें लेने के लिए काका आए हैं। "
अधीरा इधर-उधर देखने लगती है। तभी उसकी नजर एक बैलगाड़ी पर जाती है। जिस पर दो बैल बंधे हुए थे और एक आदमी जिसने धोती पर एक पुराना सा घिसा हुआ कुर्ता डाला था और सर पर लाल कलर का कपड़ा लपेट हुआ था , हाथ में पतली सी डंडी लिए आगे की तरफ आता है।
और जल्दी से अपनी बेलगाड़ी से उतरते हुए , " प्रणाम राजा साहब हमें आने में थोड़ी देरी हो गई , हमें माफ करिएगा और बाकी चीज हमने वहां पर पहले ही करवा दि हैं बस आपका ही इंतजार किया जा रहा है। " अद्विक सिर हिला देता है और वह गाड़ी से बैग निकालकर सीधा बैलगाड़ी पर रख देता है।
अधीरा उस बैलगाड़ी को हैरानी से देखते हुए खुद से , " ओह गॉड , यह क्या है ? मैंने तो सिर्फ स्टोरी में पढ़ा था और स्कूल बुक्स में देखा था की बैलगाड़ी जैसी चीज होती हैं पर आज के टाइम पर भी लोग 21st सेंचुरी में भी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। काश मेरे पास फोन होता तो मैं अभी इसकी फोटो क्लिक करके इंटरनेट पर वायरल कर देती। "
वह एक्साइटमेंट में उस बैलगाड़ी को देख रही थी। अद्विक जाकर बैलगाड़ी के एक साइड बैठ जाता है। अधीरा उसे बैठता हुआ देख खुद भी आकर बैठने की कोशिश करने लगती है। पर बैलगाड़ी उसे कुछ ऊंची थी जिस वजह से वह चढ़ ही नहीं पा रही थी।
अधिक उसकी तरफ हाथ बढ़ाते हुए , " आप चाहे तो हमारी मदद ले सकती हैं , हम बुरा नहीं मानेंगे। "
अधीरा उसे घूरती है और बैलगाड़ी में रखे हुए एक डंडा जो इस से बंधा हुआ था उसे पकढ़ते हुए , " मरते दम तक में तुमसे मदद नहीं लूंगी। मदद माय फुट। "
अद्विक उसकी बात पर अपनी आंखों को गोल घूमा लेता है। जैसे वह यह सब कुछ काफी ज्यादा इंजॉय कर रहा हो। अधीरा बार-बार चढ़ने की कोशिश कर रही थी। पर कभी उसका पैर स्लिप हो जाता है , तो कभी कुछ हो रहा था। वह उस गाड़ी पर चढ़ ही नहीं पा रही थी।
अद्विक बैलगाड़ी से उतर जाता है , " जब आपका हो जाए तो आप हमें बता दीजिएगा तब तक हम भी इस सुबह के खूबसूरत नजारे का आनंद ले लेते हैं। " बोलते हुए वह सूरज को देखने लगता है।
उसकी आंखें भी बिल्कुल सूरज की तरह चमक रही थी। बिल्कुल लाल जैसे वह सूरज को प्रणाम कर रहा हो और करीब 10 मिनट बाद वह पलटता है। जहां अधीरा अभी भी कोशिश में लगी हुई थी। अद्विक उसके पास आता है। अधीरा सीर घूमाकर उसे देखती हैं और फिर से चलने लगती है। अद्विक उसे कंधे से पकड़ अपनी तरफ घुमा देता है।
अधीरा एकदम उसके सामने आकर , " यह तुम क्या ? ... " उसकी आवाज बस यही तक सीमित रह जाती है।
अद्विक उसे कमर से पकड़ कर एक ही बार में बैलगाड़ी पर बैठा देता है। अधीरा बड़ी-बड़ी पलके झपकाते हुए उसे देखने लगती हैं।
वो अपने दोनों हाथ उसके इधर-उधर रखते हुए , " आप हमारी पत्नी है। अद्विक अधीरा सिंह सहरावत है आप और आपसे हम सिर्फ इतना ही चाहते हैं कि आप वहां जाकर हमारा नाम नहीं डुबाएं लोग हमें भगवान की तरह पूछते हैं और हम चाहते हैं कि आप वहां पर ऐसा कुछ ना करें जिससे हमें या आपको कोई परेशानी हो।
वरना आपको पता नहीं है अभी यहां की सजा बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकती है। जिसे सुनने के बाद शायद आपको हमसे भी भय आए क्योंकि जब तक हम शांत हैं हमें शांत ही रहने दीजिए। " बोलते हुए वह वैसे ही एक हाथ बैलगाड़ी पर रखकर बैठ जाता है।
अधीरा उसकी बातों में धमकी साफ महसूस कर चुकी थी। जिसे महसूस कर उसे रोंगटे खड़े होने लगते हैं।
वह खुद से बडबडाते हुए मुंह बनाकर बोली , " जैसे कि उनके डराने से मैं तो डर ही जाऊंगी में तो कोई छोटी सी बच्ची हूं ना जो उनकी धमकी से डर जाउंगी। आगे , आगे देखो मैं क्या ? करती हूं। बहुत शौक से लाए हो ना अब तो यहां कोई है भी नहीं मुझे रोकने वाला। " वह खुशी से अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है और गांव के नजारे का मजा उठाने लगती है।
करीब 1 घंटे के सफर के बाद वह बैलगाड़ी एक झोपड़ी के पास आकर रूकती है। जो लकड़ी और सुखी हुई घास से बनी थी। बाहर से देखने में काफी प्यारी सी लग रही थी। पीछे से सूरज निकला हुआ था और आसपास लकड़ी की बाउंड्री थी , जिसे लोहे के तार से कवर करा गया था। एक छोटा सा कच्चा रास्ता जो झोपड़ी के अंदर की तरफ जाता था और आसपास ढेर सारे अलग-अलग तरीके के पेड़ पौधे लगे हुए थे। जो उस जगह को बहुत ही खूबसूरत बना रहा था।
साइड में एक छोटा सा गोल तालाब था , जिसे पत्थर के घेरे से बनाया गया था। आसपास बड़े-बड़े पत्थर थे और बीच में छोटा सा तालाब और साइड में छोटे-छोटे अलग-अलग कलर के पेड़ जिसमे वाटर रिलीज , लोटस और भी बहुत सारे पौधे थे जो उसे जगह की खूबसूरती को बढ़ा रहे थे।अधीरा जो इधर-उधर देख रही थी। बैलगाड़ी रोकने से सामने की तरफ देखती हैं और उस झोपड़ी को देखकर उसके चेहरे पर बड़ी सी स्माइल आ जाती है।
वह बैलगाड़ी से लगभग कूदते हुए , " वाउ ये जगह कितनी अमेजिंग है। " बोलते हुए वह अपने लहंगे को पकड़ उसे कच्चे रास्ते से अंदर जाने लगती हैं।
अद्विक एकदम उसके सामने आ जाता है। जिसकी वजह से अधीर का सिर सीधा उसके सीने पर जा लगता है और उसके माथे पर लगा हुआ वह मांग टीका उसके माथे पर लग जाता है। उसे तेज दर्द होता है।
वो अगले ही पल अपने सर को उठाकर , " यह क्या हरकत है ? तुम्हें दिखता नहीं है , तुम इस तरीके से मेरे सामने कैसे आ सकते हैं ? हटो सामने से काश मेरे पास फोन होता अभी तक 1000 से भी ज्यादा लाइक आ चुके होते इस जगह को देखकर। "
अद्विक उसे काफी शांत नजरों से देख रहा था वह धीरे से उसका हाथ पकड़ कर गहरी मगर शांत आवाज में , " आप यहां हमारी पत्नी बनकर आई है रानी सा ना कि एक ब्लॉगर और यह एक खूबसूरत जगह है। यह गांव का वह हिस्सा है जहां मिट्टी की खुशबू होती है और लोग जमीन से जुड़े होते हैं ना कि आपकी उस बाहरी दुनिया की तरह जहां लोग चेहरे पर कुछ और , और पीठ पीछे कुछ और होते हैं और अब आप अपनी जुबान को जरा संभल कर रखें क्योंकि आगे , आगे कहीं आपको यही खूबसूरती चुभने ना लगे , क्योंकि जहां खूबसूरती होती है वहां दर्द और तकलीफें भी होती है। "
अधीरा उसकी बात को सरासर नजर अंदाज करते हुए बोली , " आप तो ऐसे बोल रहे हैं जैसे यहां पर हमें लोहे के चने चबाने पड़ेगा आप जरा हटिए और सामान लेकर आईए। "
वह अपने लहंगे को मुट्ठी में भर अंदर की तरफ आ जाती हैं। उसकी नजर झोपड़ी के बाहर के हिस्से पर जाती है। जहां एक छोटी सी मगर खुली हुई झोपड़ी थी। जो दो लकड़ी के डंडे पर उसकी छत अटकी हुई थी और नीचे एक साइड में लॉक मिट्टी के घड़े रखे हुए थे , तो दूसरी तरफ एक मिट्टी के बर्तन बनाने वाली मशीन गैस। मुझे पता नहीं , उसे क्या कहते ? पर आप लोग समझ जाना। जिसे देखकर अधीरा कुछ देर उस जगह को देखती हैं।
अधीरा के चेहरे की स्माइल और बड़ी हो जाती है। वह एक-एक चीज को छू कर देख रही थी। वह दूसरी तरफ बढ़ती है। जहां पर रात की रानी का पेड़ लगा हुआ था। जो सुबह के टाइम बहुत ही अच्छी खुशबू दे रहा था। वो उसकी कलियों को छू कर देखने लगती है। जो शायद रात में ही खीलती थी। वह जगह बेहद खूबसूरत है। अधीरा अंदर की तरफ आती हैं। उसकी नजर लकड़ी के बने हुए दरवाजे पर जाती हैं। वो उसे खोलकर अंदर आती है।
अंदर एक छोटा सा मगर मिट्टी का बना हुआ लिविंग हॉल था और आगे बढ़कर किचन और थोड़ा सा पीछे की तरफ जाने पर वहां दो छोटे कमरे थे। जिसे देखकर उसके चेहरे की स्माइल और ज्यादा बड़ी हो जाती है। वह एक कमरे के अंदर जाती हैं। जहां पर एक छोटा सा लकड़ी का ही बेड था। जो सिर्फ चार छोटी छोटी लड़कियों पर टिका हुआ था। उसके साइड में परदे लगे हुए थे , जिन्हें बांधा गया था।
वह दूसरे साइड आती है जहां एक छोटी सी खिड़की लगी थी और उससे बाहर का नजारा साफ दिख रहा था। बाहर दूर तक फैला हुआ खेत बड़ा और गहरा आसमान। अधीरा दूसरी साइड जाती है। वहां सिर्फ दो कुर्सियां और एक छोटी सी लकड़ी की टेबल रखी हुई थी और एक छोटी सी चिमनी बनी थी। उसे देखकर लग रहा था जैसे उसे सर्दियों में इस्तेमाल किया जाता हो। वह जगह एकदम साफ सुथरी थी और सारा सामान एकदम सही जगह पर रखा था।
अधीरा निकल कर दूसरे कमरे में जाती हैं। वहां भी बिल्कुल सेम ही हाल था और उस कमरे में एक छोटी सी खिड़की के साथ एक छोटा सा दरवाजा लगा हुआ था जो उस झोपड़ी के बाहर के और पिछला हिस्सा था। अधीरा की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वह खुद से खुद को गले लगाते हुए गहरी सांस लेती है। उस घर में उसे मिट्टी की खुशबू आ रही थी और चेहरे की स्माइल तो जाने का नाम ही नहीं ले रही थी।
वह खुशी से उछलते हुए , " भगवान जी मुझे नहीं पता था गांव इतना खुबसूरत होता है काश मेरे पास फोन होता तो कितना मजा आता में ब्लॉग बनाती। " वह एक्साइटमेंट में खुद से ही बातें कर जा रही थी।
वही अद्विक सामान लेकर अंदर आता है और उसे ऐसे वही बाहर लिविंग हॉल में छोड़ अधीरा की आवाज सुनकर उसके पास आ जाता है और उसके पीछे से गले लगाते हुए , " हमारे सिवा आपके यहां पर कोई और नहीं मिलेगा। और आप खुद को गले क्यों लगा रही हैं ?.हम हैं ना आपको गले लगाने के लिए। " वह उसे मजबूती से पीछे से बाहों में भर लेता है और उसके कंधे पर अपने नाक धीरे-धीरे रब करने लगता है।
अधीरा के पूरे शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते हैं वह उसे खुद से दूर करते हुए , " You stay far away and when I am in a hurry you start getting close to me, you are just like a sea worm . "
अद्विक उसकी बात पर उसे इग्नोर कर देता है और उसकी तरफ कदम बढ़ाते हुए अपने कुर्ते के बटन खोलने लगता है। अधीरा की आंखें बड़ी हो जाती है।
वह अपनी बड़ी-बड़ी पलके झुकाते हुए , " यह तुम , तुम क्या कर रहे हो ? " वह अपने कदम धीरे-धीरे पीछे ले रही थी।
अद्विक उसे इस तरीके से पीछे जाता हुआ देख स्मिर्क करता है और एक ही झटके से अपने शरीर से उसेl काले कुर्ते को निकाल कर जमीन पर फेकते हुए उसके नजदीक बढ़ने लगता है। अधीरा की नजर उसके शरीर पर चली जाती है। उसकी परफेक्ट जो लाइन , क्लम्सी गर्दन के साथ उभरे हुए कॉलर बोन , कसा हुआ सीना जो ऊपर की तरफ उठा हुआ था , कसे हुए एप्स , नीचे बंधा हुआ उसका पजामा उसकी बॉडी को और ज्यादा अट्रैक्टिव कर रहा था।
अधीरा को अपना गला सूखता हुआ महसूस हो रहा था। उसे ठंडे पसीने आने लगते हैं। वह अपने कदम और पीछे लेती है। उसके पैर लड़खड़ा जाते हैं। वह अद्विक को पकड़ने के लिए हाथ आगे बढ़ती है कि अद्विक उसे संभालने के चक्कर में उसके ऊपर गिर जाता है और एक जोर की आवाज के साथ अधीरा की आंखें बंद हो जाती है। वही अद्विक पूरी तरीके से अधीर के ऊपर आ जाता है। उसका चेहरा अधीरा के नाजुक सीने में घुस जाता है। जिसे महसूस कर अधीरा की आंखें मजबूती से बंद हो जाती हैं।
फ्रांस ,
जहां इंडिया में अभी सुबह हुई थी तो वहीं फ्रांस में अभी गहरी काली रात हो रही थी। तेज हवाएं जो बेहद ठंडी थी उस रात में कोई शख्स अगर ऐसे ही निकल जाए तो उसकी वैसे ही कुल्फी जम सकती थी। वही एक गोदाम के अंदर जो बहुत ही बड़ी जगह थी जहां बड़े-बड़े ट्रक खड़े हुए थे और बड़े-बड़े कंटेनर रखे हुए थे उन कंटेनर में से चिल्लाने चीखने की आवाज आ रही थी। पर बाहर एकदम गहरी खामोशी थी।
वही एक आदमी जिसने चश्मा लगाया था और ब्लैक कलर के टेक्सिडो सूट पहने अपने दोनों हाथ टेबल पर टिका कर बैठा हुआ था। उसके चेहरे पर मुस्कुराहट है और उसकी गोद में एक लड़की बैठी जिसकी उम्र करीब 28 साल होगी उसने बहुत ही ज्यादा रिवीलिंग रेड कलर की ड्रेस पहनी थी जो ए लाइन थी और पूरा बैकलेस जिसे उसकी बॉडी बहुत ही ज्यादा उभर कर सामने आ रही थी।
वही वह आदमी कभी उस लड़की के सीने को गले को तो कभी पैर पर अपने हाथ फैला रहा था और लड़की कभी उस आदमी के बालों पर तो कभी उसके होंठ पर बार-बार किस कर रही थी। दोनो एंजॉय कर रहे थे तभी बाहर एक जैगुआर आकर रूकती है और उसमें से एक आदमी बाहर आता है। उसने ब्लैक कलर की फॉर्मल जींस के ऊपर शूज , व्हाइट शर्ट के ऊपर लॉन्ग ब्लैक कलर का लेदर का कोट डाला हुआ था। आंखों में चश्मा लगा रखा था। चेहरे पर मास्क उसका चेहरा बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा था।
वह अंदर जाकर सीधा उस चेयर के सामने बैठते हुए अपने पैर को दूसरे पैर के ऊपर एक बहुत ही ठंडी मगर गहरी आवाज में , " I told you earlier also Ribbon that you will not smuggle girls here, don't you understand what I am saying . "
वह लड़की जबर्दस्ती चेहरे पर मुस्कान लिए रिबन को देखती है उसके बाद सामने बैठे आदमी को जिसका ओरा बहुत ही ज्यादा पावरफुल था। वो बहुत ही डोमिनेटिंग था। उसे देखकर उस लड़की की चेहरे पर स्माइल आ जाती है। वो अदा से उसके पास आती है और टेबल पर रखा हुआ गाड़ी की चाबी बहुत ही अदा से उठाती है जैसे अपनी बॉडी की नुमाईश कर रही हो। पर उस आदमी की नजर एक बार भी उस लड़की पर नहीं पड़ी थी। वो सामने बैठे रिबन का देख रहा था।
रिबन उसे आदमी को देखते हुए , " o my dear friend Finally you have come, I thought that no one will stop me from smuggling which I have been doing for so long with so much ease, but daredevil you have come, it was nice to meet you . "
वह आदमी अपने पीछे खड़े हुए गार्डों की तरफ इशारा करता है जिसे समझ वह सारे गॉड्स पीछे की तरफ हो जाते हैं। उन सभी के हाथों में बड़ी-बड़ी राय रिवाल्वर थी। वह एक-एक करके सारे कंटेनर के पास चले जाते हैं और उन्हें खोलना शुरू करते है।
रिबन की आंखें बड़ी हो जाती है और वह गुस्से से चिल्लाते हुए , " King, you cannot do this to me. This is my work and you cannot come in the middle of my work. You may be a mafia but even in the mafia, we all have separate conversations and you will come and disturb me in the middle of my work . "
वह आदमी जो सामने बैठा था जिसका नाम किंग था वह अपना एक पैर स्पीड के साथ नीचे रख और दूसरा पैर उसके ऊपर वापस चढ़ाते हुए , " तुम्हारा नाम में ही जीवन है शायद इसलिए क्योंकि मैं तुम्हें मारूं और तुम्हारा दोबारा जन्म हो पर मैं तुम्हें इस तरीके से मारूंगा कि तुम दोबारा जन्म लेने से भी कतराओगे बट रही बात तुम लड़कियों की डीलिंग करते हो , हम लोग जुर्म की दुनिया के बेताज बादशाह है पर किसी के घर की इज्जत नहीं उठाते जब खासकर खुद के घर में बेटी , मां , बीवी और बहू हो और रही बात काम और धंधे की यह दोनों अलग-अलग चीज है। काम तुझे आता नहीं और धंधा तू कर नहीं सकता। तो क्यों ना मैं तेरा रीबर्थ ही कर दूं ? " बोलते हुए वह उसके पैरों पर शूट करने लगता है।