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प्यार बेशुमार

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Aarushi Thakur

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ये कहानी है दो प्यार करने वालों की, पहली ही मुलाकात मे तकरार उसके बाद हुआ दोनों मे प्यार.....! एक अनोखी मुलाक़ात, एक अद्भुत प्यार, और फिर एक दर्दनाक अलगाव... "प्यार बेशुमार" एक ऐसी कहानी है जो दिल को छू लेगी। फिर समय का ऐसा चक्र घुमा कि दोनों ही हो ग...

Characters

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सीरत भारद्वाज

Heroine

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नितिन जोशी

Hero

Total Chapters (117)

Page 1 of 6

  • 1. प्यार बेशुमार - Chapter 1

    Words: 1622

    Estimated Reading Time: 10 min

    दिल्ली , "टन टना "  कोमल सुन्दर से तैयार हो कर वाशरूम से बाहर आयी । उसने बाहर आ कर कहा," कैसी लग रही हु मै? " गोरा रंग, सुन्दर नैन नक्श, काली आंखे, प्यारी सी मुस्कान, बाल कंधे तक, उम्र 23 साल, हाइट 5'2" ये है हमारी कोमल । "बकवास, " सीरत ने स्पाट लहजे मे कहा । गेहूआ रंग, गहरी काली आंखे, बाल कमर तक, उम्र 21 साल, हाइट 5'5", ये हमारी सीरत  जो इस कहानी की लीड है । "क्या? अच्छी नहीं लग रही हु । "कोमल ने कहा ये कहने के बाद उसने प्रशांत की ओर देखा । उम्र 24, भूरी आंखे, बालो को सलीके से सेट किया हुआ था रंग गोरा, हलकी हलकी दाढ़ी और मुछे जो लुक को और अच्छा बना रही थी । " बहुत सुन्दर लग रही हो , " प्रशांत ने कोमल की तरफ देखते हुए कहा । " झूठ , ये तो कह रही है अच्छी नहीं लग रही है । " कोमल ने मुँह बनाते हुए कहा । " मै चेंज कर के आती हु , " कोमल ने ये कहा ओर दूसरी ड्रेस ले कर वाशरूम मे वापस चली गयी । प्रशांत ने चिढ़ते हुए कहा , " क्या यार तूने क्यों कहा?" " अरे भाई! ड्रेस सच मे अच्छी नहीं लग रही थी , " सीरत ने प्रशांत से कहा । कोमल , सीरत और प्रशांत ये तीनो भाई बहन है  । ( तीनो मे बहुत प्यार था । सब से लाडली सीरत क्युकी घर मे छोटी है सबसे । पापा , मम्मी इनके किसी काम के सिलसले मे गाँव वापस गए है ।) सीरत ने प्रशांत को देखकर  आगे कहा , " अच्छा कुछ लोगे । " " हाँ फिलहाल तो पानी पिलवा दे फिर से , " प्रशांत ने कहा । क्युकी वह ऑफिस जाने को लिए लेट हो रहा था । सीरत ने उसे देखा और मुस्कुराते हुए बाहर चली गयी । "आंटी , कैसी हो आप ? " सीरत ने वहां खड़ी मेड के पास आकर कहा । मेड ने सीरत की तरफ देखा और कहा , " ठीक हु , तुम बताओ बेटा!"  सीरत ने स्माइल पास की और कहा , " मै भी ठीक हु अच्छा आंटी कनु नहीं आयी । कहा है आज कल? " वही कोमल तैयार हो कर बाहर आ गयी । बाहर आ कर देखा तो सीरत वहा नहीं थी। फिर प्रशांत की तरफ देखते हुए बोली, "  ये कहा गयी? " प्रशांत ने कहा ," पानी बनाने " कोमल ने असमंजस भरे भाव से प्रशांत की तरफ देखा तो प्रशांत ने कहा , " पानी लाने गयी थी मुझे लगता है पानी बनाने लगी । " " चलो फिर हम भी निचे चलते है , और निचे जा कर आप पानी पी लेना, " कोमल ने प्रशांत को हाथो से उठने का इशारा करते हुए कहा । दूसरी तरफ नितिन जोशी जिसने जोशी इंटरप्राइजेज को संभाल रखा था । नितिन अपने ऑफिस मे बैठा था । ब्लैक थ्री पीस सूट मे कतई जहर लग रहा था । नितिन जोशी को अगर हम हैंडसम हंक कहे तो गलत नहीं होगा । अपना बिज़नेस, जिसमे केमिकल का वर्क होता है।  इनका बिज़नेस आलमोस्ट दिल्ली मे फैला हुआ है। और इसके इलावा इनका एक कैफ़े भी है जो की इस काम से हट कर है। हाइट 6' फ़ीट  उम्र 24 साल , रंग सावला , आंखे डार्क ग्रे कलर , एक कान मे काले रंग की इयररिंग हाथ पे टैटू जो फिलहाल नजर नहीं आ रहा था । नितिन के केबिन के door पर नॉक हुआ । नितिन ने कहा " come इन । " नितिन के केबिन मे एक लड़की आयी , " हाय नितिन । " " हैल्लो मिस निशा , प्लीज सीट हियर " , नितिन ने कहा । निशा नितिन के सामने वाली चेयर पर बैठ गयी । " अच्छा हुआ तुम आ गयी मुझे तुमसे बहुत जरुरी काम था , " नितीन ने कहा । " तुम बुलाओ और मै ना आउ , हो ही नहीं सकता " , निशा ने एक स्माइल के साथ किया । इस के बाद उसने आगे कहा , " ओके मेरा जो सनशाइन कैफ़े (काल्पनिक नाम ) वो तुमने बहुत अच्छे से हैंडल किया है  और इतना आगे तक लाने के लिए थैंक यू यार । " निशा उसे धयान से देख रही थी। फिर उसने कहा, "तो ये बोलने के लिए तूने बुलाया । " " अरे नहीं , मेरी अमेरिका वाली ब्रांच मे कुछ गरबर है । एंड मै चाहता हु की तुम वहां जा कर सब हैंडल करो  , " नितीन ने कहा । " तुम क्यों नहीं जा रहे मतलब ", निशा ने कहा । " क्युकी इस इंटरप्राइजेज को मुझे संभालना है अभी इसमें और कुछ  है  जो मुझे ही देखना है और मै चाहता हू कि तू उसे हैंडल करे सो ..... , " नितीन ने नॉर्मली कहा । " अलराइट , कब जाना है , " निशा ने नितीन की तरफ देखते हुए कहा । ओके , तो तुम सुखजीत से मिल लेना वो तुझे सब बता देगा । निशा ने ओके कहा फिर केबिन से वापस बाहर को आ गयी । कोमल, प्रशांत और सीरत तीनो आज कॉलेज आये है । क्युकी उन्हें सीरत और उसकी दोस्त  के लिए कॉलेज से ट्रेनिंग लैटर लेना था  इंटर्नशिप के लिए । पर वो फिलहाल कॉलेज नहीं आई थी  उसने सीरत से कह दिया था कि वो कलेक्ट कर ले उसके बिहॉफ पर। कोमल को किसी से मिलने जाना था इसलिए साथ आ गयी ।  सीरत ने कहा , " यार लैटर तो ले लेंगे पर करना क्या है आगे कहा अप्लाई करे ? " तुम दोनों (तुम दोनों से मतलब सीरत और उसकी दोस्त) जोशी इंटरप्राइजेज मे ज्वाइन करना उनका नाम बहुत है । जो तुम्हारी ग्रोथ के लिए अच्छा होगा प्रशांत ने suggestion दिया। " मैम कहा है , " सीरत ने खुद मे कहा । " कॉल कर सीरत! मुझे आलरेडी लेट हो रहा है, " प्रशांत ने फिर से सीरत को देखते हुए कहा ।  सीरत ने कहा , " प्रिया मैम का नंबर मेरे पास नहीं है वैसे भी वो कौन सा इंचार्ज है? " कोमल ने सीरत से कहा , " यार वही तो लैटर तो तुम रिसेप्शन से भी कलेक्ट कर सकते हो। लेकिन नहीं इनको तो बस न्यू न्यू कंडीशन लागु करनी है  एंड अच्छा था हमारे टाइम ये सब नही था  । " सीरत अंदर रिसेप्शन पर गयी और वहां पहुंच कर कहा, " मैम प्रिया मैम कहा है? " रिसेप्शनिस्ट ने कहा, " वो तो आज आयी नहीं ।" सीरत का मुँह लटक गया था । ये देख रिसेप्शनिस्ट ने कहा, "अच्छा एक काम करो तुमने लैटर लिख लिया है । " सीरत ने बिना पल गवाएं कहा , " हाँ मैम ले कर आयी हु वो लैटर दूंगी तभी तो वह इंटर्नशिप का लैटर इशू करेंगे । " कुछ मिनट बाद, " मैम ने कहा है कि लैटर मै इस्सू कर दूंगी कल आ कर ले जाना ", सीरत ने कोमल और प्रशांत के पास जा कर बोली । "ओके चल फिर यहाँ रह कर क्या करोगी तुम दोनों " , प्रशांत ने कहा । " हाँ भाई चलो , घर छोड़ दो फिर आप वहा से ऑफिस चले जाना , " सीरत ने कहा । तभी कोमल ने झट से कहा , " नहीं  भाई हमें काम है थोड़ा सा, तो आप जाओ , मै और सीरत आ जायेंगे ।" " क्या काम है तुम्हे " , प्रशांत ने हैरानी से भर कर कहा  । " भाई काम है कुछ लेना है तो इसलिए कहा , और मै कॉलेज थोड़ी घूमने आयी थी , " कोमल ने प्रशांत को देखते हुए कहा । "ठीक है ध्यान से आना मै जा रहु  अपने ऑफिस। और कोमल तुम एक बार जा कर शॉप को भी देख लेना,, "  प्रशांत ने कहा और वहां से चला गया । " कहा जाना है ? मुझे भी बता दे " , सीरत ने कोमल को देखते हुए कहा । "अरे मेरी जान तेरे जीजू  से मिलने , तू तो साथ जा ही रही है ना", कोमल ने कहा । "कोमल दी मै नही जा रही , तू चली जा मुझे नहीं जाना तेरे  साथ । मेरे जीजू से मिलने , " सीरत ने मुँह बना कर कहा । " देख सीरत तू अकेले चली गयी तो माँ सवाल करेगी कि अकेले कैसे जाने दिया?  फिर तू क्या कहेगी ? तो इसलिए चल मेरे साथ , " कोमल ने हाथ पकड़ कर खींचते हुए कहा । " हाँ माँ सवाल करने लिए मुझे देख रही है ना अभी.... ,, नहीं कोमल दी नहीं जाना यार मुझे तुम दोनों आपस मे लगे रहते हो और मै पागलो की तरह अकेली बैठी रह जाती हू, कितना अकवर्ड लगता है , "  सीरत ने हाथ छुड़वाते हुए कहा । " प्लीज चल ना , प्लीज् ओके मै पक्का बोर नहीं होने दूंगी और वहां से कही जाउंगी भी नहीं प्रोमिस ",  कोमल ने प्यार से सीरत को मस्का लगाते हुए कहा । " मुझे पता है तुम बस ऐसे ही बोल रही हो , तुम हेमशा ऐसे ही करती हो  और मै अकेले बैठे रह जाती हू । दिक्क़त क्या है तुम्हे अकेले जाने मे ? " , सीरत ने चिढ़ते हुए कहा । "प्लीज्, प्लीज्  मेरी प्यारी बहना प्लीज् सीरत ", कोमल ने सीरत के हाथ को पकड़ते हुए कहा । आगे क्या होने वाला है क्या सीरत कोमल के साथ जाएगी ? अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा । जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ । लाइक, शेयर एंड कमेंट प्लीज 🙏 "

  • 2. प्यार बेशुमार - Chapter 2

    Words: 1170

    Estimated Reading Time: 8 min

    जय श्री राम 🙏 अब आगे, "अच्छा अच्छा ठीक है, मस्का मारना बंद कर चल रही हू, तुम दोनों के चकर मे किसी दिन टे.... हो जानी है मेरी   "सीरत ने कोमल को घूरते हुये कहा। "ओह माय क्यूटि पाई, आई लव यू, "कोमल ने चहकते हुए सीरत के दोनों गालो को खींच कर कहा। "आअह्ह्ह........, आई लव यू उस के लिए रख, चले अब" ,सीरत ने मुँह बना कर कहा। कोमल उसका फेस देख हस पड़ी। सीरत और कोमल दोनों कॉलेज से बाहर आ गयी बाहर आकर कोमल ने कैब बुक की और वहां से शनशाइन कैफ़े चली गयी। शनशाइन कैफ़े (काल्पनिक नाम ), एक लड़का ब्लैक शर्ट और पैंट मे बैठा था। "हे सिड ",  कोमल ने अंदर आते हुए आवाज लगाई। सिड, बहुत हैंडसम है एंड उम्र 24 साल  कोई भी उसपे आराम से फ्लैट हो सकती है। गोरा रंग, काली गहरी आंखे बाल स्लिके से सेट किये हुए। डेनिम जीन्स के साथ टी शर्ट ऊपर से जैकेट पहन रखा था। "हेलो मेरी जान तू आ गयी ", सिद्धार्थ ने कहा । "तुझसे मिलने नहीं आउंगी तो कहा जाउंगी ", कोमल ने सिद्धार्थ को गले लगते हुए कहा। "हो गया लवी डवी स्टार्ट,, "  सीरत ने मुँह बनाते हुए कहा। "बैठो, "सिद्धार्थ ने चेयर पुल किया और कोमल को बैठने का इशारा किया, फिर सीरत की और देखते हुए कहा, "साली साहिबा आप भी बैठिये। " सीरत ने कहा, "नहीं मै कबाब मै हड्डी नहीं बनूँगी इसलिए सामने पार्क है मै वहां जा रही आप लोगो का हो जाये तो प्लीज मुझे बुला लेना। " "सही है  तुझ मे अक्ल आ गयी थोड़ी,, "सिद्धार्थ ने मजाक उड़ाते हुए कहा। सीरत ने खा जाने वाली नजरो से सिड को घुरा और वहां से जाने लगी। "अरे कुछ खा तो ले, "कोमल ने सीरत की बात सुन काहा। "मैडम घर से खा कर ही निकले है ना, मेरे पेट मे इतनी जगह नहीं की मै और ठूस सकूँ, "सीरत ने व्यंग के साथ कहा। "ठीक है, पर फिर ना कहना इग्नोर कर दिया तुझे, "कोमल ने कहा। "तू इग्नोर करे इससे पहले ही मै जा रही हू। सो चील, ओके मुझे एक बार काल कर लेना ", सीरत ने कहा और कैफ़े से बाहर आ गयी। सीरत  साइड मे बैठी हुयी थी  खुद मे, "ओह रब जी मेरी जिंदगी मे भी किसी को भेज दो यार,, अपने एक गाल पर हाथ रखते हुए,, हैंडसम सा सोना सा मुंडा जो की बस पागल ही करदे। फिर खुद मे ही अरे नहीं मै तो पहले से इतनी पागल हू और पागल नही होना। कोई समझदार बंदा भेजना जो मुझे झेल सके  उसमे ना पेसशन लेवल हाइ होना चाहिए  ठीक है। "सीरत वहां से उठी और पार्क मे बच्चों के साथ खेलने लगी। तभी एक बच्चे की फूटबाल सड़क पर पहुंच गयी। वो बच्चा भाग कर बाहर जाने लगा अपनी फुटबॉल उठाने। सीरत ने उसे बाहर की और जाते हुए देखा। वो भी भाग कर बाहर आई सामने से कार आ रही थी। बच्चा फुटबॉल उठा रहा था। सीरत भाग कर बच्चे के पास की और साइड करते हुए उसे बचाने के चकर मे खुद गिर गयी और कुछ खरोच भी आ गयी क्युकी वो सड़क पर जोर से गिरी थी। आह... सीरत ने जोर से चिखा। गाड़ी पास आकर रुक चुकी थी । गाड़ी से ड्राइवर बाहर आया और बोला, "मिस आप ठीक है। " सीरत को हलकी हलकी खरोच आई थी और पैर मुड़ने के कारन मोच आ गयी थी  सीरत का मूड वैसे ही खराब था इसलिए थोड़ी उची आवजा मे बोली, "हा हा एक दम ठीक हू भंगारा कर सकती हू मै तो।  कर के दिखाऊ । " मिस, वो... ड्राइवर कुछ कहता  उससे पहले। सीरत ने कहा, "आप लोग थोड़ा आराम से कार नहीं चला सकते जानते हो ये सड़क पर पार्क है बच्चे खेलते होंगे  पर नहीं। "फिर ड्राइवर को घूरने लगी। कार मे बैठा हुआ नितिन ने अपने आप मे कहा, "ये इतना टाइम क्यों लगा रहा है ।" फिर ड्राइवर को आवाज लगाई। वहां बच्चे की माँ आ गयी थी उसने अपने बच्चे को गोद मे उठा लिया। सीरत को थैंक्स कह रही थी। उधर ड्राइवर पीछे आया तो नितिन ने विंडो से बाहर सर निकल कर कहा, "कितना टाइम लगेगा। " "सर वो लड़की भड़क रही है तो उसे शांत कर रहा हू बस इसलिए, "ड्राइवर ने कहा। "ये दो कोड़ी के लोग बस पैसो के लिए ऐसा करते है एक काम करो उसे कुछ पैसे दे दो  आलरेडी लेट हो रहा हूँ। ", नितिन गुस्से मे कहा। जी सर ये कह ड्राइवर आगे आया और एक ब्लेंक चेक सीरत के आगे कर कहा, "मिस आप इसे रखे और हमें जाने दे। " ड्राइवर चेक आगे किया और कहा मिस आप बता दीजिये कितना नुकसान हुआ है। सीरत ने घूर कर ड्राइवर को देखा फिर उसके हाथ से चेक ले कार की बैक सीट के पास जा खड़ी हो कार की विंडो पर नॉक किया। नितिन ने सीरत को देखा  और कार की विंडो निचे किया। सीरत ने अपनी आँखों को छोटा कर एक पल उस लड़के को घुरा फिर बोली, "ओह अमीरजादे, आपने मुझे भिखारी समझा है क्या और मैंने कब कहा की मुझे पैसे चाहिए। " तभी उसके पास बैठी लड़की ने अपना सर आगे किया और सीरत को देखने लगी  नितिन ने कहा, "देखो मिस तुम्हारा जो नुकसान हुआ है वो बताओ और हमें जाने दो वे गेटिंग लेट सो प्लीज रिमूव दिस शिट।" सीरत ने गुस्से मे कहा, "पहले सोचा ज्यादा बोल गयी क्युकी गलती तुम्हारी थी नहीं पर अब लग रहा सही किया। तुम लोग हो ही इसी लायक हार्टलेस इनसान  फिर चेक के टुकड़े कर नितिन के मुहपर मर दिए । " नितिन को बहुत जायदा गुस्सा आया और अपनी कार से निचे उतरा फिर जल्दी से उसका हाथ पकड़ घुमाते हुए हाथ को मोड़ कर सीरत की पीठ से लगा दिया  और घूरते हुए गुस्से मे बोला, "तुम बहुत जायदा बोलती हो ना " सीरत अभी और बोलने को हुई थी की...... नितिन ने बिना पल गवाएं  वहां खड़े सभी लोगो के सामने सीरत के होठो पर अपने होंठ रख दिया । सीरत को कुछ रियेक्ट करने का मौका भी नहीं मिला। अंदर बैठ हुई लड़की भी सॉकेड थी और वहां खड़े लोग भी खड़े उन दोनों को देख रहे थे। जिस औरत ने बच्चा पकड़ा था उसने अपने बच्चे की आंख पर हाथ रख दिया। नितिन उसे किस करते हुए खो गया  पर सीरत को सांस लेने मै प्रॉब्लम हो रही थी  वो उसे एक हाथ से पुश कर रही थी पर नितिन पर कोई असर नहीं हो रहा था। वो उसे और करीब कर लिया। फिर कुछ समय बाद उसे छोड़ा तो सीरत अपनी सांस को कण्ट्रोल करने की कोशिश कर रही थी। नितिन उसे एक विजय भरी मुस्कान के साथ देख रहा था  जैसे उसने उस पर जीत हासिल कर ली हो। नितिन उसे छोड़ते हुए कार मे आ कर बैठ गया। सीरत अभी भी सदमे मे थी की उसके साथ हो क्या गया ? उसका रोने का दिल कर रहा था। जानने के लिए पढ़िए प्यार बेशुमार आज के लिए अलविदा 🙏

  • 3. प्यार बेशुमार - Chapter 3

    Words: 1557

    Estimated Reading Time: 10 min

    अब आगे, नितिन उसे छोड़ते हुए कार मे आ कर बैठ गया। सीरत अभी भी सदमे मे थी कि उसके साथ हो क्या गया? उसका रोने का दिल कर रहा था। नितिन ने ड्राइवर को आवाज दी और कार निकालने को कहा । सीरत वही साइड मे फ्रीज़ हो चुकी थी । कार मे जो लड़की थी उसने नितिन को मुस्कुराते देखा तो कहा, " तुम इतना मुस्कुरा रहे हो और ये क्या था ? " नितिन ने अनजान बनते हुए कहा, "क्या था निशा ?" "जो अभी किया तुमने लीटरली उस लड़की को किस किया वो भी सबके सामने, ''निशा ने नितिन को घूरते हुए कहा । " क्या करता? कितना बोल रही ही तो....... " , नितिन केजयुली उस बात को उड़ा दिया जैसे प्रेटेडेंड कर रहा हो की कुछ नहीं किया उसने । आर यू सीरियस नितिन , तू. उसे ऐसे किस करके इस तरह रिएकट कर रहा है कि कुछ नहीं किया तूने , जो भी हो तुम किसी को किस कैसे कर सकते हो " , निशा ने फिर से पूछा । " प्लीज् हा अभी नहीं , तुम लेट हो जाओगी सो अपने काम पर फोकस करो एंड एयरपोर्ट आ गया है तुम जाओ , " नितिन ने निशा को चुप करवाते हुए बाहर जाने का इशारा किया । " हाउ मीन ? ओके बाय ", निशा ने नितिन को हग किया और कार से बाहर आ गयी  फिर वह अपना लगेज ले एयरपोर्ट के अंदर चली गयी । ड्राइवर वापस से ड्राइविंग सीट पर आ कर बैठ गया और कार आगे बढ़ा दी । दूसरी तरफ, सीरत के पास कोमल बैठी थी । सीरत कब से रोए जा रही थी । " क्या हुआ कुछ बोलेगी ", कोमल ने सीरत के आगे टीशु करते हुए पूछा । सिद्धार्थ भी सामने चुप चाप उसे रोते हुए देख रह था । सीरत का रोना बढ़ता ही जा रहा था । सिद्धार्थ ने कहा , "  एक काम करो कोमल इसे घर ले जाओ ।" "  क्यों रो रही है ये , पहले बताये तो सही  , " कोमल ने सीरत को रोते हुए देख कहा । " सीरत , लिसेन तुम बताओ तो हुआ क्या ?, " सिद्धार्थ ने कहा । सीरत सिसकियाँ लेते हुए बोली , " स्यापा ,, स्यापा ही हो गया है । भाजी पाला कर दिया मेरी जिंदगी का । " " ढंग से बोलो यार क्या बोलती रहती हो ।  कोमल क्या सच मे तेरी बहन है । कही तेरी मम्मा मंदिर की सीढ़ियों से तो नहीं उठा लायी ना इसे , " सिद्धांर्थ ने ताना मारते हुए कहा । सीरत ने अपनी नाक पोछते हुए सिद्धार्थ को घुरा और फिर बताने लगी । "  आज एक बच्चा कार के साथ टकरा जाता मैंने उसे बचा लिया । पर मै ड्राइवर पर भड़क गयी । " कोमल और सिद्धार्थ सीरत की बात को गौर से सुन रहे थे  । सीरत ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा , " फिर मुझे रिलाइज हुआ की आई थिंक मै ज्यादा बोल गयी पर तब तक वह चेक ले कहता की जो नुकसान हुआ है अमाउंट भर लो या बता दो । " " तो तूने क्या किया ? " ,  कोमल ने उसकी तरफ गौर से देखते हुए कहा उसे लग रहा था की सीरत पक्का उससे लड़ पड़ी होगी । " तो मैंने बहुत सुनाया पर उसने भी तो कहा था रिमूव दिस शिट गुस्सा आ गया " , सीरत ये कह रोने लगी और टीशु उठा अपनी आँखों को साफ कर रही थी उसका चेहरा भी लाल हो चूका था । कोमल ने चिढ़ते हुए कहा , " आगे बोल बाद मे रोना , " सीरत के हाथ से टीशु बॉक्स साइड कर दिया । " तो क्या ? उसने सबके सामने मेरे होठो पर अपने होंठ रख दिए , ताकि मै चुप हो जाऊ ", सीरत ने ये बात जल्दी जल्दी कही और अपनी आंखे बंद कर ली । सिद्धार्थ जोर जोर से हसने लगा । सीरत ने अपनी आंखे खोली और घूर को सिद्धार्थ को देखा । कोमल भी सिद्धार्थ को घूरने लगी और बोली , इसमें हसने वाली क्या बात थी । उसे जिसने किस किया वो इसका बॉयफ्रेंड नहीं था । " " ओके ओके सॉरी यार ", सिड ने  कहा । "और तू , कोई भी रेंडम आदमी आया और तुझे किस करके चला गया और तू कुछ बोली नहीं " , कोमल सीरत के ऊपर भड़कते हुए बोली । "क्या करती मै तो खुद सदमे मे थी ", सीरत ने पल गहरी सांस ली और  भोली सी सूरत बना कर कहा । " अच्छा अब शांत हो जाओ तुम दोनों वो जो भी था उसे हम सबक सिखाएंगे । अब तुम दोनों घर जाओ, कल मिलते है ,  "  सिद्धार्थ ने कहा । "क्यों ? अब कल क्यों मिलना है तुम्हे ", सीरत ने सिद्धार्थ से कहा । " अरे मेरी जान,  तू मुझ पर गुस्सा मत हो एन्ड मै ही तेरी इंटर्नशिप के लिए ऑफिस बताने वाला  हू,"  सिद्धार्थ ने सीरत से कहा । " तू इंटर्नशिप, पर क्यों  ???  किसने कहा तुझे की मेरी हेल्प कर,  नहीं चाहिए  " सीरत ने कहा । "  मै ये कह रहा था की तुझे इंटर्नशिप के लिए अच्छी सी प्लेस मै बताऊंगा , " सिड ने कहा । " रहने दे नहीं चाहिए तेरी हेल्प , और बोल भी कौन रहा है, कॉलेज तो आया नहीं जाता तेरे कारन मुझे ये यहाँ ले आयी और हर बार तुम दोनों मुझे भूल जाते हो । इसलिए मै बाहर चली गयी और मेरे साथ क्या से क्या हो गया । ये सब ना तुम्हारी वज़ह से हुआ है ,  और तुम स्पेशली मेरे लिए आओगे हूं..... " सीरत ने सिद्धार्थ की तरफ पॉइंट करते हुए कहा । " ओह रियली , ये सब मेरी वजह से हुआ है ??? " सिद्धार्थ ने सीरत की और देखते हुए कहा । " हाँ रियली , सब तेरी वज़ह से हुआ है । ज़ब मेरा दोस्त बना  है मेरी ग्रह नक्षत्र ही बदल दिए तूने और तेरी वजह से प्राइवेसी भी छीन गयी " , सीरत ने सिद्धार्थ को देखते हुए कहा । " किस प्राइवेसी की बात कर रही है , " सिद्धार्थ मे फिर से कहा । "ओह शट अप बोथ ऑफ यू  कितना लड़ते हो तुम दोनों , " कोमल ने चिढ़ते हुए दोनों से कहा । " इसने शरू किया ? सुना नहीं क्या क्या बोल रही थी , " सिद्धार्थ ने सीरत की और पॉइंट करते हुए कहा । कोमल ने एक नजर सिद्धार्थ को घुरा । जिसके कारन वह चुप हो गया और अपने मुँह पर ऊँगली रख ली । "सिद्धार्थ तुम भी   बच्चों की तरह लड़ने लगे क्या हो गया है तुम्हे , "  कोमल ने सिद्धार्थ से कहा और सीरत ने मुँह बना लिया । "  सीरत घर चलते है अब ऑलमोस्ट रात हो गयी है तेरे चकर मे, "  कोमल ने कहा । सीरत ने बिना कुछ कहे अपनी जगह से खड़ी हुई और वे बाहर आ गये । सिद्धार्थ ने कहा,  " मै ड्राप कर देता हू ।  " सिद्धार्थ ड्राइविंग सीट पर बैठ गया कोमल उसके साथ वाली पेस्सेंजर सीट पर बैठ गयी और , सीरत बैक सीट पर बैठ गयी । दूसरी तरफ, नितिन शहर से दूर एक बड़े से बंगलौ मे था । ये नितिन का फार्म हाउस । यहाँ पर गिने चुने सर्वेंट ही पुरे फार्म हाउस की टेक केयर करते है । नितिन अभी फ्रेश हो कर अपने रूम की बालकनी मे चेयर पर बैठा था । हलकी हलकी हवा उसके गलो को सहला रही थी । चाँद की माधम सी रौशनी उसके चेहरे पर पड़ रही होती है  और उसने अपनी आँखों को बंद कर वही फील कर रहा था ।  एक दम रिलेक्सिंग मोड मे तभी उसे आज का इंसिडेंट याद आ गया । झट से नितिन ने अपनी आंखे खोली और खुद मे बोला, " ये क्या सोच रहा हू । एंड सच मे नितिन तूने उस लड़की को । क्या सोच रहा था तब ? " " अब रिलाइज हो रहा है , "  तभी उसके कमरे मे आते हुए एक लड़के ने कहा । " हे किसके ख्यालो मे गुम है ?" नितिन ने जैसे ही आवाज को सुना तो पलट कर देखा । "मुकुल तू , यहाँ " नितिन के चेहरे पर स्माइल आ गयी और अपनी जगह से खड़े होते हुए मुकुल को गले लगा लिया । मुकुल ने भी इसे गले लगाया और कहा , " हा मै यहाँ , क्युकी मेरी निशा से बात हुई थी तो उसने बताया की तू यही होगा तो मै आ गया  । " "बैठ ना यार, " नितिन ने सामने बैठने का इशारा किया । फिर उससे बोला, " तो उसने तुझे भी आज के बारे मे बताया राइट ? " मुकुल ने कहा, " हाँ, पर मुझे समझ नहीं आया की जक लड़का किसी को हाथ नाही लगाने देता वो आगे जा कर किसी को........ " अपनी बात को अधूरा छोड़ते हुए  । एक स्माइल के साथ नितिन को देखने लगा । नितिन ने उसे स्माइल करते देखा तो कहा, " व्हाट ? आई डोंट नॉ हाउ ? मतलब वो बोल रही थी आई लूज़ माय कण्ट्रोल । " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा । जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ । 🙏 ~आरुषि ठाकुर ✍️

  • 4. प्यार बेशुमार - Chapter 4

    Words: 1369

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे, मुकुल ने हस्ते हुए कहा, " ओह रियली, तू खुद पे कण्ट्रोल नहीं रख पाया ? " ये बोल वो हसने लगा । " हे शट योर माउथ , आई डोंट नो इतना ज़्यदा बोल रही थी बात सुनने को तैयार ही नहीं थी  तो  बस.... ", नितिन ने एक हल्के से उसके थिइ पर पंच मारते हुए कहा । " अलराइट,  अच्छा मुझे कंपनी के सिलसिले मे बात करनी थी । यार वो मेहता से जिस डील पर बात हुई वो मुकर रहा है, ही सैड, की आपको जहा से रो मटिरियल मंगवाना है मंगवा लो, व्हाट कैन वे डू नाउ? ", मुकुल ने कहा । "व्हाट ? चल कोई नहीं हम कल उसके साथ मीटिंग फिक्स करते है, " नितिन ने कहा । " सर डिनर लगा दिया है आप आ कर खा लीजिए ", एक सर्वेंट ने आकर कहा । " या.. हम आ रहे है, " सर्वेंट से नितिन ने कहा और हाथों से निचे जाने  का इशारा किया । "चल आ जा खाना खाते है," नितिन ने मुकुल को कहा । "हम्म....., चल मुझे भी बहुत जोर से भूख लगी है", मुकुल ने चेयर से उठते हुए कहा । दूसरी तरफ, सीरत फ़ोन पर बात कर रही थी, अपनी कॉलेज फ्रेंड काव्या से , " यार तू कब आएगी इतने दिन हो गए है ।" काव्या ने दूसरी तरफ से कहा,  " बस मेरी जान कल तक हम आ जायेंगे । मम्मी, पापा वी आल अर कमिंग  सून । " "हाँ तू आ तुझे बहुत जरुरी बात बतानी है " , सीरत ने कहा । " हाँ , हाँ बोलिये मिस सीरत हम सुन रहे है ", काव्या ने थोड़े फनी वे मे कहा । " नहीं , नहीं ऐसे नहीं काव्या ,  ऐसे नहीं, मिल कर अच्छे से ", सीरत ने भी उसी अंदाज मे कहा और दोने खिल खिला कर हसने लगी । कोमल सीरत के रूम मे आयी उसे हस्ता देख बोली, " क्या बात है बड़ी हासी आ रही है तुझे ? " "हाँ तो, काव्या से बात कर रही हू ", सीरत ने कहा । "अच्छा फ़ोन रखती हू थोड़ी पैकिंग करनी है तो कर लू फिर मिलते है परसो, " काव्या ने दूसरी तरफ से कहा । "ओके बाय, सी यू सून", सीरत ने इतना कह फ़ोन रख दिया । उधर, नितिन और मुकुल डाइनिंग एरिया मै बैठे थे  । "तो तूने क्या सोचा है कब करनी है मीटिंग । आई थिंक हमें देर नहीं करनी चाहिए  तो कल का दिन कैसा रहेगा?  , " मुकुल ने नितिन की और देखते हुए कहा । नितिन ने मुकुल की तरफ देखा फिर चमच से खाना खाते हुए बोला, " नहीं कल नहीं, मोम डैड एंड काव्या आ रहे है   तो उन्हें पिक करने एयरपोर्ट जाना है । " "ओह, then?", मुकुल ने स्वालिया नजरों से नितिन की और देखते हुए कहा । "उम्म्म.... परसो, या... परसो की मीटिंग फिक्स कर दो", नितिन ने कहा । "अलराइट, फिर मे उनसे बात करता हु और जगह डीसाइड करके तुझे बताता हू", मुकुल ने कहा और चेयर से उठने लगा । "ओके डन", नितिन ने कहा और वह भी वहां से उठ गया और उसके साथ डाइनिंग एरिया से बाहर आ गया  । "ओके डूड , मै जा रहा हू बाय," मुकुल ने नितिन को हग किया और मेन डोर की तरफ बढ़ गया । "बाय, " नितिन ने कहा और अपने रूम मे चला गया । "भाई उठो ना आज आपका बस सोने का इरादा है ", सीरत ने प्रशांत के रूम मे जा कर उसे उठाते हुए कहा । " नहीं यार, ज़ब से पापा गए है  तो शॉप का काम तब तक मुझे ही देखना पड़ेगा ना " , प्रशांत ने कहा । " वही और आप घोड़े बेच कर अभी तक सो रहे हो, अभी तो मम्मा , पापा को गए दो दिन भी नहीं हुए ढंग से " , सीरत ने अपनी कमर पर हाथ रखते हुए कहा । "ओह देखा भाई शिक्षा भी कौन दे रहा है, जिसे खुद मै उठा कर आयी हू " , कोमल रूम मे चाय का कप लेट हुई बोली । " कोमल क्यों लड़ने आ गयी , " प्रशांत ने कहा । " भाई आपको तो ऑफिस भी जाना होगा ना ....., " कोमल ने कहा । " हाँ जाऊंगा पहले शॉप पर जा रहा हू , then ऑफिस जाऊंगा । कुछ समान खत्म है तो उसकी डिटेल्स ले कर , " प्रशांत ने कहा । " मै आता हू फ्रेश हो कर, " प्रशांत ने इतना कहा और वाशरूम की तरफ चला गया । "अच्छा चल तू निचे आकर नास्ता कर ले,"  आंटी ने सैंडविच बनाया है । "दिदु.... , वो आज काव्या आने वाली है तो मै सोच रही थी एयरपोर्ट पहुंच कर उसे सरप्राइज दे दू , व्हाट यू से ? " सीरत ने कोमल से कहा । "पर तुझे पता है भाई ऐसे कही जाने नही देगा ? मतलब...  ज़ब तक मम्मा ना आ जाये  ", कोमल ने कहा । "प्लीज दीदी इसी लिए तो तुझे कह रही हू... तू तो जानती है वो मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड है । आई मीन उसने कितनी बार अपने घर भी बुलाया और मै हर बार मना कर देती हू । पर इसबार जाने दे प्लीज , " सीरत ने कोमल के कंधे को पीछे से पकड़ते हुए और हग करते हुए कहा । "दीदी....," कोमल ने कहा । सीरत ने एक खिसयानी हसीं हसते हुए कहा , "हाँ दीदी अब बड़े हो तो कह दिया । मै ना अब से दीदी ही कहूंगी पक्का पर आज जाने के लिए भाई को मना लो प्लीज । " "सीरत,  आईल ट्राय ", कोमल ने कहा । "प्लीज कोमल दी फिर मम्मी , पापा आयेंगे तो बिना बात के कही नहीं जाने देंगे देख मेने उस दिन तेरी हेल्प की और उस चकर मेरे साथ क्या हुआ ? बताया तो तेरा भी जाना बंद कर देंगे, " सीरत ने कहा फिर अपनी नजरों के कोरों के साइड से  उसकी और देख रही थी । "यू आर ब्लैकमेलिंग," कोमल ने सीरत को घूरते हुए कहा । सीरत ने  अपने दाँत दिखा 😁 कर जल्दी जल्दी हाँ मे सर हिलाया । "फिलहाल निचे चल, मै भाई से बात करती हू", कोमल ने कहा । "ओह दीदी लव यू....", Sirat ने एक फ्लाइंग किस देते हुए कहा । कोमल ने अपना सर झटका और धीरे से कहा, "नौटंकी " और मुस्कुरा दी । कुछ समय मे प्रशांत भी डाइनिंग टेबल पे था और अपना सैंडविच खा रहा था । सीरत ने कोमल को इशारा किया । कोमल ने सर हिलाया और बोली, " भाई वो सीरत की फ्रेंड काव्या आ रही है । " "हाँ तो ", प्रशांत ने कहा । "तो भाई ये उसे मिलने जाना चाहती है काफ़ी लॉन्ग टाइम से मिली नहीं ना ", कोमल ने कहा । "ठीक है मिल आना, " प्रशांत ने दूसरा बाईट लेते हुए कहा । "वो भाई वो आज उसके साथ स्टे करना चाहती है," कोमल ने कहा । "पर जरूरत क्या है ? ऐसे किसी के घर , "प्रशांत ने कहा । "भाई आप भी दोस्त लोगो के घर जाते हो", सीरत ने कहा । " देख मुझे दिकत नहीं पर उसे पता है तू उसके साथ स्टे करने वाली है एटलीस्ट उसे अपने घर आराम तो करने दे ," प्रशांत ने कहा । "भाई उसे पता है, एंड उसी ने कहा प्लीज् हाँ, मै वही जाउंगी और कही नहीं प्लीज ना....," सीरत ने भोला सा चेहरा बना कर कहा । "मै खुद ड्राप करूंगा, " प्रशांत ने कहा । सीरत ने बहुत खुश हो गयी और प्रशांत के पास आकर गले लग कर बोली, " लव यू भाई  एंड हाँ आप ही छोड़ के आना और आई प्रॉमिस मै कॉल जरूर कर के बताउंगी ।" " वाह आप दोनों मुझे भूल गए," कोमल ने झूटी नौटंकी करते हुए कहा । प्रशांत ने अपना दूसरा हाथ खोल दिया । कोमल हस दी और दूसरी साइड से हग कर लिया । आगे क्या होगा जानने ले लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " " """ अनोखी है बाते, बाते कुछ किस्से....              प्यार है तुमसे, तुमसे है हमको....                 है हमको बेशुमार, बेशुमार...... """" " आगे क्या होने वाला है क्या  करेगी सीरत ? जानने के लिए पढ़िए प्यार बेशुमार आज के लिए अलविदा 🙏

  • 5. प्यार बेशुमार - Chapter 5

    Words: 1242

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे दूसरी तरफ, "हाँ बेटा बस हम यहाँ से चल दिए है पहुंच जायेंगे 3:00 बजे तक तो तुम ड्राइवर को भेज देना",  सुरेश जोशी ने नितिन से कहा । "नो, डैड मै खुद आपको पिक करने आ रहा हू", नितिन ने कहा । "ओके मै फिर एयरपोर्ट पहुंच के कॉल करता हू", सुरेश जोशी ने फ़ोन रखते हुए कहा । प्रशांत ने सीरत को एयरपोर्ट पर छोड़ दिया । काव्या और उसका परिवार  बाहर आ गया था । सीरत भाग कर लगभग चीखते हुए काव्या को कस कर गले लगा लिया । काव्या ने कहा, " मुझे लगा नहीं था तू आएगी ।" सीरत ने दाँत दिखाते हुए कहा, भाई मान गए तो आ गई । फिर मिस्टर एंड मिसेज़ जोशी से कहा, " नमस्ते अंकल, नमस्ते आंटी । " मिसेज जोशी ने कहा, " नमस्ते बेटा , " फिर काव्या की तरफ देख कर कहा, "ये.." काव्या ने कहा, " मोम सीरत, माय बेस्ट फ्रेंड बताया था ना । " "ओह, ये तुम्हारे तो गुणगान हो गाती रहती है बेटा," मिस्टर जोशी ने कहा । सीरत ने एक स्माइल दी ।  फिर काव्या ने कहा, "मोम इसे मैंने आज अपने घर रहने के लिए बुलाया है ।" "अच्छा किया बेटा तुम आ गयी,"  मिस्टर जोशी ने कहा । काव्या ने कहा, "  हाँ मुझे ना तुमसे ढेर सारी बात करनी है बहुत कुछ बताना है यार  और ।" फिर सामने की और देखते हुये  बोली, "भाई...." उसने बहुत जोर से कहा था और भाग कर जा कर नितिन के गले लग गयी । सुरेश जोशी और मिसेज़ जोशी दोनों भी मुस्कुराते हुए आगे चले गए । सीरत भी पीछे को पलटी  उसे वो लड़का दिखाई नहीं दिया । पर ज़ब काव्या साइड हुई तो  ममता जोशी उससे गले लगने लगी तब सीरत ने एक झलक देखि । फिर खुद मे बोली, " ये तो... वो  अरे नहीं नहीं, काव्या का भाई इतना बुरा भी नहीं हो सकता । उसने खुद की सोच को नकार दिया । " हाँ लेकिन बंदा था बड़ा हैंडसम । ये क्या सोच रही है पागल कही की  खुद को ही चपत लगाते हुए बोली ।  " काव्या सीरत के पास आयी और बोली , " तू यहाँ क्या कर रही चल अब ।" सीरत ने हाँ मे  सर हिलाया और आगे बढ़ने लगी ज़ब वह नितिन के पास पहुंची तो उसे देख कर पूरी तरह से शॉक्ड हो गयी । उसके चेहरे पर बारह बज गए थे । वो तो घूर घूर कर बस नितिन को देख रही थी । काव्या ने उसे नितिन को घूरते हुए देखा तो बोली, " अरे मेरी जान कितना घूरेगी भाई को,  जानती हू बहुत हैंडसम है मेरा भाई । " और हसने लगी । सीरत ने झट से काव्या को देखा और बोली, " तू चुप कर  क्या बोल रही है । " इस बात  पर नितिन को भी हसीं आ गयी और सीरत की ओर देखते हुए काव्या से बोला, "सही कहा तूने  । जो एक बार देख ले तेरे भाई को वो भूलता ही नही । " फिर सीरत ने घूर कर नितिन को देखा  तो नितिन ने अपनी आंखे दूसरी तरफ की और कहा चलो कार मे बैठो ओर अपनी आँखों पे शेड्स लगा लिए  । मिस्टर जोशी ने कहा, " काव्या अभी चलते है घर जा कर मज़ाक मस्ती करना । " काव्या ने सीरत का हाथ पकड़ा और साथ ले जाने लगी । वे सब कार मे बैठ गए । कार एयरपोर्ट से बाहर आगयी । नितिन कार ड्राइव कर रहा था । सुरेश जी नितिन के साथ बैठे थे । काव्या, ममता जी और सीरत पीछे बैठी थी । नितिन ने कार का मिरर सेट किया जिसमे सीरत का अक्ष दिख रहा था और चेहरे पर स्माइल आ गयी । अब सीरत का मन नहीं कर रहा था की वह काव्या के घर जाये इसलिए बोली , " काव्या मुझे ना याद आया मुझे बहुत जरुरी काम है मै, मै कल आउंगी ओके । " काव्या ने गुस्से मे घूर कर सीरत की ओर मुँह कर उसे देखा । काव्या ने गुस्से मे घूर कर सीरत को देखा । फिर सीरत से बोली, " ठीक है वैसे भी तेरा हर बार का नाटक है । आज भी वही कर रही है ।" " सीरत का मुँह उत्तर गया  ऐसा नहीं है यार " , सीरत ने काव्या का हाथ पकड़ते हुए कहा । काव्या ने उसका हाथ झटका और नितिन से कहा , " भाई आप ना कार उस तरफ रोक दो ।" ममता जी प्यार से बोली , " काव्या ये क्या हरकत है काम होगा तभी कह रही है ना ।" "नो मोम, शी ऑलवेज do this?  ठीक है जाये, " काव्या ने मुँह फेर लिया । सीरत ने कहा, " यार ओके गुस्सा मत कर चल रही हू ।" काव्या ने उसकी और मुँह किया और बोली, " हाँ अगर नहीं गयी तो मै तेरे से बात ही नहीं करूंगी समझी । " नितिन उनकी हरकत रियर व्यू मिरर से देख रहा था और अपना सर झटका फिर खुद मे कहा, "दोनों ही नौटंकी है । पर अच्छा है तंग करने को मिलेगा और फिर से स्माइल करने लगा ।" वे लोग जोशी मेंशन पहुंच गए । सब लोग कार से उतरे और अंदर आ गए । काव्या ने कहा, " मोम हम मेरे कमरे मे जा रहे है "। फिर सीरत का हाथ पकड़ अपने साथ ले जाने लगी । काव्या सीरत के साथ सढ़ियों से ऊपर आयी । ऊपर एक कमरे की और जाते हुए बोली, "तुझे अपना कमरा दिखाती हू चल ।" काव्या के कमरे के बिलकुल सामने नितिन का कमरा था  बिच मे बहुत सा स्पेस था जाहा पर एक सोफा लगा हुआ था और साथ ही छोटा सा टेबल था । और उसके एक तरफ से बाहर का नजारा देखा जा सकता था । काव्या सीरत को अपने रूम मे ले आयी । काव्या के रूम मे एक तरफ करके बेड लगा हुआ था । बेड के साइड मे एक छोटा सा टेबल जिसपे एक वास रखा था । उसी के दूसरी साइड उसका वॉड रोब था ।  दिवार के दूसरी तरफ खिड़की के पास एक स्टडी टेबल थी जाहा कुछ बुक्स रखी हुई थी  ।  रूम का कलर रॉयल ब्लू और ऑफ वाइट था । "कैसा लगा मेरा रूम," काव्या ने सीरत से पूछा । "बहुत अच्छा", सीरत ने बेड पर बैठते हुए कहा । "अच्छा मै फ्रेश हो कर आती हू, " काव्या ये कह वाशरूम की और चली गयी  । सीरत बेड से खड़ी हुई  उसकी नजर तस्वीर पर गयी  कुछ तस्वीरे लगी हुई थी दिवार पर । जिसमे काव्या अकेले खड़ी थी । एक तस्वीर मे फुल फॅमिली । दो तस्वीरो मे नितिन के साथ फनी पोज मे । सीरत फोटो देख कर हस रही थी तभी कमरे मे नितिन आ कर उसके साइड मे खड़ा हो गया । उसने तीसवीर को देखते हुए कहा, "अच्छा लग रहा हू ना ।" सीरत ने भी खोये हुए अंदाज मे कहा, " हाँ..... " जब उसे रिलाईज हुआ की वह क्या बोल गयी तब नितिन की और देखते हुए अटक कर बोली, "आप... आप यहाँ क्या कर रहे हो ।" "मै... मै यहाँ अपनी बहन के कमरे मे हू, और आ सकता हू ज़ब दिल करे  " नितिन ने भी सीरत की नक़ल करते हुए कहा । "आप मेरी नकल कर रहे हो", सीरत ने बड़े ही मासूमियत से कहा । आगे क्या होगा जानने ले लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " मिलये है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर ✍️

  • 6. प्यार बेशुमार - Chapter 6

    Words: 1256

    Estimated Reading Time: 8 min

    जय श्री राम 🙏 अब आगे, नितिन ने कहा, "हाँ "  और उसे देख कर हसने लगा । "वैसे आपको हसीं बहुत आती है, " सीरत ने घूरते हुए ही कहा । हाँ, फिर उसके कान के पास जा कर होले से बोला, " तो तुम भी मेरी हसीं बंद कर दो ।" वो इतने करीब हो कर बोला की नितिन के लिप्स सीरत के कान से टच हो रहे थे  जिसके कारन सीरत की धड़कन बढ़ गयी थी । सीरत ने  नितिन को थोड़ा सा हलके हाथ से अपने से दूर किया और उसके चेहरे को देख कर मासूमियत से बोली, " कैसे ? " नितिन उसकी आँखों मे देख कर  बिलकुल सीरियस होते हुए बोला, "जैसे मेने तुम्हारी बोलती बंद की थी उस दिन वैसे ही ।" सीरत उसे शोकिंग फेस के साथ देखने लगी । और कहने लगी , " आप कितने बड़े बत्तमीज हो । " नितिन ने सीरत को कमर से पकड़ा और करीब करते हुए कहा, "  नहीं... बस तुम्हारे लिए हू । " सीरत की तो सांसे अटक सी गयी । तभी बाथरूम से काव्या बाहर आगयी  और बोली, " भाई आप यहाँ? " नितिन ने जल्दी से सीरत की कमर से हाथ हटाया और कहा,. " हाँ  यहाँ आया तो ये गिरने वाली थी  तो बस इसलिए इसे गिरने से बचा रहा था । "  और जाने लगा वो हरबरा गया था जैसे चोरी पकड़ी गयी हो । " और हाँ, वो तुझे बुलाने आया था और तेरी दोस्त को भी मोम ने निचे बुलाया है चल खाना खा ले, " नितिन ने  वापस से मुड़ते हुए काव्या से कहा  । नितिन ये कह वहां से चला गया । "  इन्हे क्या हो गया  ऐसा क्यों रियेक्ट कर रहें थे  की जैसे किसी ने चोरी पकड़ ली हो । मैंने तो कुछ पूछा भी नहीं था , " काव्या ने सीरत को देख कर खुद मे कहा । सीरत जो नितिन को हरबराता देख मन ही मन हस रही थी दिल तो कर रहा था जोर जोर से हसे पर अफ़सोस कण्ट्रोल करते हुए हस रही थी । " तू क्या सोच रही है और हस क्यों रही है  , " काव्या ने सीरत के पास आकर कहा । "कुछ नहीं , और मै  नही हस रही बिलकुल भी नहीं  ", सीरत ने हसीं रोकते हुए कहा । "अच्छा चल निचे फिर ", काव्या ने कहा और वे दोनों निचे आ गयी । सुरेश जी, और ममता जी एक डाइनिंग टेबल पर बैठे थे  दूसरी तरफ नितिन बैठा हुआ था ।  काव्या आ कर ममता जी के साइड  बैठ गयी ।  सीरत  काव्या के पास आकर बैठ गयी उसने नजर उठाई तो काव्या के ठीक बिलकुल सामने नितिन था जो चुप चाप अपना लंच कर रहा था । सीरत ने सर निचे किया और खाना खाने लगी । तभी सामने एके लड़की हस्ते हुए अंदर आयी । प्यारी सी स्माइल गोरा रंग, बाल छोटे और एक दम स्ट्रैट जो की कंधो तक आ रहे थे । हाई हिलस, आंखे हलकी भूरी , मिड थिइ तक ब्लू कलर की ड्रेस हाथो मे सिल्वर रंग का क्लच । "अंकल, आंटी हैल्लो, मुझे जैसे ही पता चला की आप लोग आ गए मै आप से मिलने आ गयी, "उस लड़की ने मुस्कुराते हुए ममता जी के गले मिल गयी । "हाय, काव्या " इतना कह काव्या के पास जा रही थी तभी काव्या ने कहा, अरे सोनिया बाद मे अभी खाना खा लू और मेरे हाथ, हाथ  भी गंदे हुए है तुम्हारी ये एक्सपेंसिव ड्रेस खराब हो जाएगी…" "हाँ सही कहा, इट्स टू एक्सपेंसिव", सोनिया ने इतराते हुए कहा ? नितिन जो अब तक चुप चाप खा रहा था उठते हुए बोला, "मेरा हो गया मै जा रहा हू ।" सोनिया ने बड़े प्यार से आवाज देते हुए कहा, " नितिन...., "कहाँ जा रहे हो मै तो इस बहाने तुमसे ही मिलने आयी थी  और तुम हो की । " नितिन ने कहा, "मुझे काम है तुम मोम, डैड से बाते करो मुझे जाना है ।" सीरत जो ये सब देख रही थी उसने काव्या के कान के पास जा कर कहा, " तेरा भाई ऐसे रियेक्ट क्यों कर रहा है । " "कैसे रियेक्ट कर रहा है? ठीक तो है , " काव्या ने कहा । "पर ऊपर तो मेरे साथ ऐसा बेहव नहीं किया", सीरत ने धीरे से कहा । "यार वो भाई नार्मल ही बेहव कर रहे है ।  ये बस फैमिली और फ्रेंड्स के साथ हस्ते हुए बात करते है बाकियो से इन्हे मतलब नहीं होता खास कर जिन्हे ये पसंद नहीं करते" , काव्या ने खाते हुए कहा । "पर मेरे साथ वैसे क्यों किया? मै भी तो नहीं जानती वो तो मेरे इतने क्लोज", कहते कहते सीरत चुप हो गयी । कव्या खाते खाते रुकी और सीरत को देखने लगी और बोली, " कितने क्लोज ।" सीरत ने काव्या को खुद की और देखता पर कर सकपका गयी और बोली, 'वो.  वो.. ऊपर मेरा मतलब मेरे साथ खड़े हो कर अच्छे से बात कर रहे थे और वहां एयरपोर्ट पर मुझे देख स्माइल की । " "हाँ, शोकिंग ना भाई ज्यादा लड़कियो से बात नहीं करते एक निशा दी है जो उनके साथ ऑफिस मे उनकी हेल्प करती है और मुकुल भाई  एंड हाँ सिद्धार्थ भईया भी है  ये तीन लोग है जो भाई के बहुत ज़्यदा क्लोज है भाई के  , बाकि किसी और लड़की को उनके साथ नही देखा आज तक  ", काव्या ने फिर से खाते हुए कहा । सुरेश जी ने नितिन से कहा, " बेटा आज रहने दो क्या तुम आज हमारे साथ समय नहीं बिताओगे ।" "हाँ भाई आज यही रुको ना हम लोग मस्ती करेंगे एंड मुकुल भाई, सिद्धार्थ भईया और निशा दी को भी बुला लेते है, " काव्या ने कहा । नितिन ने काव्या को जवाब देते हुए कहा, " निशा अमेरिका गयी है मैंने भेजा था उसे ।" "फिर क्या हुआ मै हू ना नितिन", सोनिया ने नितिन का हाथ पकड़ते हुए बड़े ही प्यार से कहा । "तुम हो पर किस लिए, घर जाओ अपने", नितिन ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा । "आंटी.... देखो ना नितिन कैसे कह रह है मै तो बस इसके लिए ही आयी थी और ये .... ", सोनिया ने कहा । "पर तुम तो मोम, डैड से मिलने आयी थी ना", काव्या ने व्यग के साथ कहा । "पर काव्या मैंने ये भी तो कहा इस बहाने नितिन से भी मिलने आयी थी,"  सोनिया ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा । "अच्छा सोनिया अभी हम खा ही रहे थे आओ तुम भी खाना खा लो, " ममता जी ने कहा । सुरेश और ममता जी भी खास सोनिया को पसंद नहीं करते थे पर ऐसा भी नहीं था की वे उससे नफ़रत करते हो । वे समझते है की उसमे अभी बचपना है बस । सोनिया ने नितिन का हाथ पकड़ा और जबरदस्ती उसे बैठाते हुए कहा, "अब रुक जाओ ना प्लीज" फिर साथ ही उसके साथ वाली चेयर मे बैठ गयी बिलकुल सीरत के सामने । उसके बाद सीरत को देखते हुए बोली, "आंटी... ये कौन है ।" काव्या ने कहा, "मेरी बेस्ट फ्रेंड कोई प्रॉब्लम ।" "काव्या....," ममता जी ने काव्या को चुप करवाते हुए कहा । सोनिया ने कहा, "वैसे इसे देख कर लग नहीं रहा की ये तुम्हारी फ्रेंड है । आई मीन लुक at हर कैसे बहन जी टाइप कपड़े पहने है ।" क्युकी सीरत ने आज सिंपल सा सूट सलवार पहन रखा था । सीरत क्या जवाब देगी सोनिया को? आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  " मिलते है अगले भाग मे, आज के लिए अलविदा 🙏

  • 7. प्यार बेशुमार - Chapter 7

    Words: 1182

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे " बहन जी, तुम्हे किस एंगेल से बहन जी लग रही है ,, मतलब तुम्हारी तरह इसने छोटे कपड़े  नहीं पहने इसलिए ,, तो लिसेन ये बहन जी नहीं है "   और काव्या अभी और भी बोलने वाली थी की ममता जी ने कहा  जी ने बिच मे कहा , " सोनिया ये कैसे बात कर रही हो ?  " "सॉरी आंटी पर मेरा वो मतलब नहीं था , मैं तो जस्ट , अगर आप लोगो को बुरा लगा हो तो सॉरी , "सोनिया ने कहा और अपना खाना खाने लगी।  वैसे तुम ना कुछ बोला ही मत करो , काव्या ने चिढ़ते हुए कहा और बोली , मोम मेरा हो गया मैं अपने रूम में जा रही हूं और सीरत से कहा , " तू भी रुम मे आ जाना ।  " सीरत भी सोनिया को  अभी कुछ बोलना चाहती थी । पर सबके सामने कोई सीन क्रिएट नही करना चाहती थी । ऐसा नहीं था की सीरत सुना ना सके  वो तो बातो बातो मे ऐसा बोलती है की लोगो का दिल होता है क्यों ही मुँह लगाया । पर अफ़सोस  सीरत ने अपनी जुबान पर ताला मार लिया । और चुप चाप   उसने अपना खाना खत्म किया और कहा आंटी अंकल मेरा भी  हो गया  मैं भी चलती हूं तेरे साथ , सीरत ने काव्या की ओर देखा और चेयर से उठ कर काव्या के साथ चल दी । नितिन उन दोनो को  जाते हुए देख रहा था ।  डैड मै भी अपने रूम में हूं ।  अब डाइनिंग एरिया में ममता जी , सुरेश जी और सोनिया ही रह गए थे । "बेटा तुम्हे ऐसे नही बोलना चाहिए था । उस बच्ची को बुरा लगा होगा ।", ममता जी ने कहा । "आंटी .... मैंने कोन सी गलत बात बोल दी" , सोनिया ने इतराते हुए कहा । "जाने दीजिए ममता , आप खाना खाए" , सुरेश जी ने कहा। ऊपर काव्या के रूम में , सीरत बेड पर पिलो को पकड़ कर बैठी थी  । और काव्या तब से इधर उधर चकर लगाते हुए सोनिया को कोस रही थी । हाउ डेयर टू टॉक लाइक this ? आई कील हर उसकी हिम्मत कैसे हुई मेरी दोस्त से ऐसे बात करने की , काव्या ने गुस्से में कहा । "हे, काम डाउन यार , तुझे क्या लगता है मैं उसे जवाब नही दे सकती क्या ? ", सीरत ने उसका हाथ पकर अपने पास बैठते हुए कहा । "वही तो तू बोली क्यों नही" , काव्या ने सवाल किया । तभी   नितिन ने अंदर आते हुए बोला , " सही कहा काव्या तूने वैसे तो इसकी जुबान कैंची की तरह चलती है और जहां बोलना चाहिए था वहा चुप रही । " "आप मेरा मजाक उड़ा रहे है, और रही बात कुछ न कहने की तो मैं सब के सामने सीन क्रिएट नही करना चाहती थी  । नही तो नीचे अंकल आंटी क्या सोचते एक दिन के लिए आई और तमाशा क्रिएट कर दी ", सीरत ने समझाते हुए कहा । "पर मुझे गुस्सा आ रहा है क्या करू ? ," काव्या ने गुस्से में उठते हुए कहा । "तुम्हे क्यों आ रहा है उसने तो मुझे कहा न" , सीरत ने कहा । "बस आ रहा है , मैं अपने लिए कॉफ़ी ले कर आती हूं।  तू पिएगी और भाई आप भी बता दो मुझे" , काव्या ने कहा  । "नही मुझे नहीं चाहिए ,"  सीरत ने मना करते हुए कहा । "मेरे लिए ले आ ,"  नितिन ने कहा  । काव्या वहा से नीचे किचन की ओर आ गई । अब कमरे में नितिन और सीरत ही थे । नितिन ने सीरत से कहा , " वैसे तुम्हे अपना इम्प्रेशन अच्छा क्यों रखना था  क्या मै इतना पसंद आगया  की.... । " कह अपनी बात अधूरी छोड़ दी । " अरे हटिये,, वो तो मै बस ऐसे ही , "  सीरत  ने काहा । " ऐसे ही क्या ? क्या मै अच्छा नही ,, "  नितिन ने सीरत के पास आते हुए कहा । " नहीं !, "  सीरत ने जकदम कहा । " हं.... क्या ? " फिर खुद को आईने के सामने देखने लगा  और सीरत उसको देखने लगी फिर जोर जोर से हसने लगी । " क्या हुआ  अब क्यों हस रही हो ? ", नितिन ने सीरत को देख कर कहा । " अरे नहीं आप अच्छे हो ? पर ये नहीं है की आपकी फैमिली को इम्प्रेस करना है  वो भी आपके लिए  कुछ भी आप मजाक अच्छा करते ही वैसे  । मै नहीं चाहती की आपकी फैमिली को लगे की कितनी बत्तमीज लड़की है  बस इसलिए और मेरे लिए बोलने वाली काव्या थी और शायद आप भी...  " , सीरत ने हस्ते हुए कहा । नितिन सीरत की इतनी समझदारी भड़ी बाते सुन उसे ही देखे जा रहा था  ।  और करीब आने लगा । सीरत ने नितिन की तरफ देखा जो उसे ही देखते हुए करीब आरहा था तो कहा , " आप मुझे क्यों घूर रहे हो जैसे की मैंने पता नही क्या ही कह दिया  ।" "मैं कहा घूर रहा हूँ  । एंड मै ये सोच रहा हु तुम इतनी समझदार कब हुई ," नितिन ने शरारती मुस्कान के साथ कहा और झट से सीरत के हाथ को पकड़ते हुए करीब कर लिया । "क्या मतलब है आपका" , सीरत ने अपने हाथ को नितिन के सीने और रख कर घूरते हुए कहा  । "सिंपल जब मुझसे मिली तो इतना सुनाया अभी एक दम समझदार , " नितिन ने उसे छेड़ते हुए कहा । "यू... आपका मतलब है की मैं समझदार नही" , सीरत ने चिढ़ते हुए कहा । नितिन ने हां में गर्दन हिलाया  । सीरत ने उसे धका दिया और बिस्तर पर रखे पिलो को वापस से उठा कर ।  उसी से नितिन को मारने लगी । नितिन ने उसे खुद की ओर अटैक करते हुए देखा तो वहा से भागने लगा । वे दोनो टॉम एंड जैरी की  तरह यहां से  वहा भाग रहे थे । सीरत भागते भागते थक गई और वही बेड पर आकर बैठ गई । सीरत हाफ रही थी और नितिन हस रहा था  । और हस्ते हुए ही बोला , " क्या हुआ थक गया बच्चा? " सीरत ने घूर के नितिन को देखा और उसके ऊपर वही से बैठे बैठे पिलो फेंका और बोली, " आप अपना बहुत बुरे हो । " जो पिलो ने सीरत ने नितिन पर फेका उसे नितिन ने कैच कर लिया  । नितिन ने वापस से उसके ऊपर फेक दिया जो सीधा सीरत के फेस पे लगा। और सीरत मुंह बना कर बैठ गई । काव्या दो कप कॉफी ले कर रूम में आई उसने सीरत को बेड पर मुंह फुलाए देखा तो उससे पूछा , " क्या हुआ ? अभी तक तो ठीक थी तू । " फिर अपने भाई की और देखा  । और इशारे से पूछा । प्लीज आप लोग रिव्यूज de दीजिए इससे हौसला मिलेगा  की मैं अच्छा लिख रही हूं , आप लोग रिव्यूज नही देते है  तो बुरा लगता है  । 🙏 आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  " मिलते है अगले भाग मे, आज के लिए अलविदा 🙏 ~आरुषि ठाकुर ✍️

  • 8. प्यार बेशुमार - Chapter 8

    Words: 1405

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे, सीरत मुंह बना कर बेड पर बैठ गई । काव्या ने सीरत से पूछा , " अब तुझे क्या हुआ ? अभी तक तो तू ठीक थी  ," सीरत ने कोई जवाब नही दिया तो ,  फिर अपने भाई के पास काफी का मग ले कर गई और हाथ में देते हुए इशारे से पूछा  । सोनिया भी पीछे पीछे कमरे में आई और बोली , "ओह नितिन बेबी तुम यहां हो और मुझे लगा की तुम अपने कमरे में होगे  । " काव्या ने उसकी आवाज सुनी तो मुंह बनाते हुए बोली," ये फिर से आ गई । " नितिन जो अब तक हस रहा था उसका चहरा एक दम कठोर हो गया और बोला ,"तुम मेरे कमरे में गई थी । " सोनिया ने उसका गुस्से से भरा चहरा देखा तो कहा, " न... नो वो तो " "झूठ सोनिया तुम अब झूठ मत बोलना  , " नितिन ने अपने उसी एक्सप्रेशन के साथ कहा । काव्या अपनी कॉफी ले कर सीरत के पास आ कर बैठ वो सीन एंजॉय करने लगी ।  फिर सीरत को कंधे से कंधा मार कर कहा, " क्या हुआ ? " " वही तो इन्हे क्या हुआ ?  सडन इतना गुस्सा " , सीरत ने खोए हुए अंदाज में कहा । "पागल मैं तुझे कह रही हू ? ", काव्या ने सीरत से कहा  । "ह, पर मुझे क्यों ? बिहेवियर मे तो इनके बदलाव आया है , " सीरत ने कहा ।  "ऐसा कुछ नहीं है भाई ऐसे ही है, "  काव्या ने कहा । "नहीं नितिन मैंने वहां पर एक मैड को डस्टिंग करते देखा तो उससे पूछा । सी टोल्ड मे that यू are हियर ।, " सोनिया ने अपनी सफाई देते हुए कहा । ओके जाओ, नितिन ने रूखे लहजे मे कहा । "पर नितिन आई वांट टॉक टू यू", सोनिया ने एक कदम आगे करते हुए कहा । नितिन ने एक नजर काव्या और सीरत को देखा फिर सोनिया से कहा, " चलो " ये कहते उसने अपने कदम आगे को बढ़ा दिए । सोनिया के चेहरे पर एक मुस्कान तैर गयी और वह वहां  से नितिन के पीछे पीछे चल दी । "भाई उससे बात करने के लिए मान गए यार," काव्या ने कहा । सीरत ने कहा, " हाँ तो क्या हुआ ? बेचारी को बात करना होगा जरुरी । चल जाने तू मुझे खुद के बारे मे बता वहां क्या क्या किया? वहां पर कोई मिला या नहीं । " "अरे तू पागल है मै वाहा जस्ट शादी अटेंड करने गयी थी अपनी सेटिंग करवाने नहीं", काव्या ने कॉफ़ी का मग साइड टेबल पर लैंप के पास रखा । " पर मुझे बताना है मेरे साथ क्या हुआ ? ", सीरत ने कहा । " यार मै कॉलेज लैटर इशू करवाने गयी थी एंड तुझे तो पता है सिड,, सीरत ने  कहा । काव्या ने अजीब एक्सपेशन दिए की, " कौन सिड मै नहीं जानती । "  सीरत उसके एक्सप्रेशन को समझते हुए बोली, " अरे वही कोमल दी के होने वाली मिस्टर जी । जिनके बारे मे बताया था । " जब देखो दोनों को मिलना होता है तो मुझे एज अ कबाब मे हडी को ले जाते है  ", सीरत ने कहा । "हाँ फिर आगे , हुआ क्या ये बोल " , कव्या ने इंट्रेस्ट लेते हुए कहा  । इधर सोनिया नितिन के साथ उसके रूम मे खड़ी थी । "जल्दी बोलो सोनिया मेरे पास टाइम नहीं है ," नितिन ने कहा । "नितिन हम दोनों शादी कर लेते है," सोनिया ने कहा । "ये क्या बकवास कर रही हो और शादी की बात कहा से आयी," नितिन ने उसे देखते हुए कहा । "तुम मुझे प्यार करते हो राइट और मै भी तुम्हे करती हू तो प्रॉब्लम क्या है", सोनिया ने पास आकर उसके सीने पर हाथ रखते हुए कहा । "वेट, मिस सोनिया मै तुमसे कोई प्यार व्यार नहीं करता तो स्टे अवे ये जो गलत फेहमी भड़ी हुई है ना की नितिन जोशी तुमसे प्यार करता है वो निकाल कर दूर करो तुमसे आज तक ढंग से बात करना पसंद नहीं और तूम, "नितिन ने उसका हाथ झटकते हुए कहा । "ओके तुम ये बताओ मुझ मे प्रॉब्लम क्या इतनी सुन्दर हू टैलेंटेड हू तुम्हारी कंपनी के साथ हमारा कॉन्ट्रैक्ट है एंड वी are पार्टनर रही बात सही से बात ना करने की तो तुम तो किसीसे नहीं करते । मैंने देखा है तो जितना भी करते हो आई एडजस्ट, " सोनिया ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा । "ओह that यू वांट  वी ब्रेक this कॉलोब्रेशन, राइट, "नितिन ने कहा । "नो आई वांट यू, आइ वांट that की तुम और मै एक साथ काम करें अपनी कंपनी को सक्सेस दे", सोनिया ने कहा । "तुम्हे मेरी बात समझ नहीं आती और फालतू की बात करना चाहती थी बस तुम, तुम्हे कितनी बार कहा दूर रहो यार । नहीं है तुमसे प्यार व्यार एक बार मदद क्या कर दी सर पे चढ़ रही हो  "नितिन ने फिर उची आवाज मे कहा , "आउट " But नितिन... सोनिया ने कहा था की नितिन ने फिर से उसी टोन मे कहा, "आई सैड आउट..." इधर सीरत ने काव्या को सारी बात बताई नितिन से टकराने से लेकर किस तक सब बताया बस उसका नाम मेंशन नहीं किया । काव्या बोली, "यार वो लड़का तुझे सब के सामने ही किस कर गया हयो रब्बा मुझे भी देखना था ।" "तुझे भी देखना था, तू कैसी है तेरे जैसी दोस्त से अच्छा, दोस्त ही ना हो," सीरत ने नाराज होते हुए कहा । "अरे अरे तू तो नराज हो गयी, अच्छा चल हम उस लड़के पिटाई कर देगे जब मिलेगा ओके, चल अब बता कैसा दीखता है वो ", काव्या ने कहा । " जैसा भी दीखता हो तुझे क्या ?," सीरत ने कहा । " यार कहा तो उसकी अच्छी बैंड बजायेंगे, पक्का, " काव्या ने कहा । " हाँ तो जा कर अपने भाई की बैंड बजा फिर, " सीरत ने मन मे कहा । " कुछ कहा तूने ? ", काव्या ने पूछा । " नहीं...., " सीरत ने कहा । " पर ऐसा लगा की तूने कहा की मै अपने भाई की बेंड बजाउ ,, " काव्या ने पूछा । " अरे नहीं मेरा मतलब था । वो सोनिया जैसे अपने नितिन बेबी से चिपकी है ना पक्का,  अपना और नितिन की शादी का बेंड बजवा के ही मानेगी ,, " सीरत ये कह जोर जोर से हसने लगी । काव्या ने ये सुनते ही सड़ा सा मुँह बना लिया ,, " क्या उस चुड़ैल को मेरी भाभी बनाने पर तुली है । कोई और नहीं मिली । वैसे तेरा क्या ख्याल है । " सीरत ने काव्या को एक पल देखा और बोली, " किस बारे मे । " " यही भाई जे बारे मे, " काव्या ने जान कर सीरत को चिढ़ाते हुये कहा । " ओह शट अप कैसी बात कर रही है " , सीरत ने काव्या को चुप करवाते हुए कहा । " क्यों भाई अच्छा नही है -" कव्या ने कहा । " अच्छे है, " सीरत बोली । " तुम से प्यार से बात नही की,?"  कव्या ने कहा " हाँ की ना ......., " सीरत बोली । " हेंडसम  नही है?  " , कव्या ने कहा । " हाँ है ना ..... " सीरत बोली । " स्मार्ट नही  है ? " , कव्या ने कहा । " हाँ  है ना ......, " सीरत बोली । " प्यार नही है, "  काव्या ने सीरत को देखते हुए कहा । " " हाँ  है ना ......, " सीरत बोली । ये कहते ही रिलाइज हुआ की वो क्या कह गयी और काव्या को देखने लगी । काव्या ये सुनते ही हसने लगी और सीरत ने मुँह बना कर कहा, " पागल.....  ऐसा कुछ नही  है । " सीरत ने मुँह बनाया तो  कव्या ने कहा, "  मजाक कर रही थी । अब मुँह मत बना । " रात के समय ...... सब लोग रात का डिनर कर सोने चले गए । सीरत को इतनी जल्दी सोने की आदत ही नहीं थी । वैसे भी वो लोग थकावट के कारन जल्दी ही सो चुके थे । सीरत काव्या के रूम से बाहर आयी और दरवाजे को धीरे से लगा दिया इधर उधर देखा उसे की नहीं दिखा । तो  वो छत की तरफ चली गयी । आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  " आज के लिए अलविदा 🙏 मिलते है अगले भाग मे , प्रणाम  🙏 ~ आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 9. प्यार बेशुमार - Chapter 9

    Words: 1227

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे, सीरत अभी टेरेस पर जाने ही वाली थी की उसे पियानो की आवाज आई । वो अभी इस वक़्त तीसरी मंजिल पर थी सढ़ियों के दूसरी तरफ मुड़ कर एक बड़ा सा हॉल था जिसे शीशे का वाल लगा हुआ था पर वो फुल्ली कवर था अंदर की और पर्दे ब्लैक और क्रीम कलर के लगे हुए थे । सीरत ने अपने कदम उस तरफ बढ़ा दिए दरवाजे को साइड किया और अंदर आ गयी । अंदर लाइट की हल्की हलकी रौशनी थी । एक साइड दिवार पर बड़ी सी पेंटिंग लगी हुई थी । उसी के दूसरी साइड दिवार से लग कर बुक सेल्फ बने हुए थे । खिड़की के पास एक बड़ा सा ब्लैक एंड वाइट कलर का पियानो था जिसपे एक लड़का पियानो बजा रहा था इसकी पीठ सीरत की और थी जिसके कारण उसने सीरत को आते हुए नहीं देखा । सीरत उसके पास आकर खड़ी हो गयी । नितिन को जब आभास हुआ की उसके पास कोई खड़ा है तो उसने अपना सर उठा ले सीरत को देखा और कहा, "तुम यहाँ? सोइ नहीं अभी तक? " सीरत ने कहा, " आप भी तो नहीं सोये  एंड  मुझे वैसे भी नींद नहीं आ रही थी । तो सोचा की टेर्रेस पर चली जाऊ फिर यहाँ आवाज आयी तो यही आ गयी ।" नितिन मुस्कुराया फिर उठ कर उसके करीब होते हुए  सीरत के चेहरे को देख रहा था । फिर नितिन ने अपना हाथ आगे बढ़ा सीरत के चेहरे पर आते बाल की एक लट को उसके कान के पीछे करते हुए बोला, " ओह तो तुम्हे नींद नहीं आयी क्या तुम्हे मेरी याद आरही थी । " सीरत ने जैसे ही ये सुना उनकी आंखे छोटी हो गयी और नितिन का हाथ झटका फिर वहां से बिना कुछ कहे जाने लगी । नितिन ने उसके पलटते जल्दी से उसका हाथ पकड़ा और अपने पास कुछ लिया इस वक़्त सीरत की पीठ नितिन की सीने से लगी हुई थी । नितिन ने उसके कान के पास आकर कहा, " जा कर सो जाना यहां वहां मत भटकना । " "आप मुझे टीज़ कर रहे हो,, आप चाहते ही हो की मै आपसे फिर लड़ाई करू?," सीरत ने चिढ़ते हुए कहा । "नहीं,  मै तो चाहता हूँ की......., " फिर अपनी बात को पलटते हुए, " बस तुम्हारा ख्याल रख रहा हू ", नितिन ने उसको अपनी तरफ घुमाते हुए कहा । " हं... इसे ख्याल रखना कहते है  कौन से एंगेल से ,, " सीरत ने घूम कर उसे देखते हुए कहा । " हाँ तुम्हे टाइम पर सोने को कहना ख्याल रखना ही है ना, " नितिन ने फ्लर्ट करते हुए कहा । " हाँ,, पर आपको जरूरत नही मेरा ख्याल रखने की । मै खुद रख लुंगी हटिए  और वैसे भी मेरा ख्याल रखने को बहुत से लोग है , " सीरत ने उसे पुश करते हुए कहा । नितिन ने उसका हाथ पकड़ लिया जो की नितिन के सीने पे थे और करीब होते हुए ,, " आर यू सेडुसिंग मी । " " हे.... ... कुछ भी ,, " सीरत ने नितिन को हल्का धका दिया और वहां से बाहर आ गयी  । सीरत के बाहर जाते, "नितिन ने खुद मे कहा, वैसे मै हो रहा था । पर.... कैसे कहे मिस भारद्वाज की आप हमारे लिए क्या है । ये कह वह खुद मे मिस्कुराया और वाहा से अपने रूम मे चले गया ।" "ये समझते क्या है अपने आप को जब देखो, हूं... ",सीरत ने मुँह बनाया और आंखे बंद कर सोने लगी  सहसा ही नितिन का करीब आना याद आगया  और " आंखे फिर से खुल गयी  ओह सीरत ये इंसान तो पागल कर देगा तुझे  सोने ही नहीं दे रहे  । " अगली सुबह, सब तैयार हो कर निचे हॉल मे थे बस नितिन को छोड़ कर । सीरत घर जाने को तैयार थी । नितिन सढ़ियों से निचे आ रहा होता है तभी । "नितिन बेटा तुम ऑफिस जा रहे हो तो, सीरत को घर छोड़ आओ", ममता जी ने नितिन से कहा । नितिन ने हामी भर दी । फिर सभी ने नाश्ता किया और सीरत नितिन के साथ घर से जाने लगी । काव्या ने कहा, "ओके कॉलेज मे मिलते है बाय ।" सीरत ने उसे बाय किया और ममता जी और सुरेश जी से मिल कर नितिन के साथ आकर कार मे बैठ गयी । नितिन ड्राइविंग सीट पर बैठा था और सिरता उसके बगल मे पैसेंजर सीट पर बैठी थी । नितिन ने एक नजर सीरत की और देखा फिर कार आगे बढ़ा दी । दोनों ने एक दूसरे से कोई बात नहीं की कार मे एक दम शांति सी छायी हुई थी । नितिन ने उस शांती को तोड़ने के लिए कार मे गाने चला देता हुई । कार मे गाना बजा, निगाहों में देखो मेरी जो है बस गया वो है मिलता तुमसे हू-ब-हू ओ, जाने तेरी आँखें थीं या बातें थीं वजह हुए तुम जो दिल की आरज़ू तुम पास होके भी, तुम आस होके भी एहसास होके भी अपने नहीं गाने के बोल जैसे नितिन के दिल का हाल हो उसने सीरत की और देखा जो इस वक़्त उस गाने को सुन रही होती है और बाहर देख रही होती है । नितिन ने उसे एक पल देख फिर अपनी नजर सामने की और कर गाड़ी चला रहा था  ऐसे हैं हमको गिले तुमसे ना जाने क्यूँ मीलों के हैं फ़ासले तुमसे ना जाने क्यूँ तू जाने ना, तू जाने ना तू जाने ना, तू जाने ना हो, जाने ना, जाने ना, जाने ना हाँ, तू जाने ना "पागल लड़की, " नितिन ने फिर से मन मे बोला और मुस्कुरा दिया । कैसे बताएँ क्यूँ तुझको चाहें? यारा, बता ना पाएँ बातें दिलों की देखो जो बाक़ी आँखें तुझे समझाएँ तू जाने ना, तू जाने ना तू जाने ना, तू जाने ना, तू जाने ना तू जाने ना, तू जाने ना सीरत ने सर नितिन की और घुमा कर कहा, " कितना अच्छा गाना है ना " "हाँ, पर तुम समझी कहा " नितिन ने कहा । "नहीं मुझे समझ आया , " सीरत ने कहा । "अच्छा क्या समझ आया ", नितिन ने सीरत की और देखते हुए कहा । "यही की लड़का, लड़की से प्यार करता है और लड़की उसकी फीलिंग्स को नहीं समझ रही", सीरत ने कहा । नितिन फिर मुस्कुराया और बोला , "जैसे तुम , पागल लड़की ।" और समाने देख कार चलाने लगा । सिरता ने गुस्से मे कहा,"  गाड़ी रोकिये । " "क्यों घर आ गया तुम्हारा? " नितिन ने कहा । "आप गाड़ी रोकिये, " सीरत ने कहा तो नितिन ने साइड कर कार रोकी । सीरत कार से उतरने लगी तो नितिन ने उसका हाथ पकड़ लिया और कहा, " अब क्या हुआ तुम्हे । " "आपको मतलब,  आप तो मुझे पागल समझते हो हर वक्त,  हटिए जाने दीजिए, " सीरत ने हाथ हटाते हुए कहा  । "ऐसे कैसे बिच रास्ते छोड़ दू । और अगर छोड़ा तो तुम काव्या को बताओगी , फिर वो माँ को बताएगी तो मुझे डांट पड़ेगी तो ऐसे बिच रास्ते नहीं छोड़ सकता ", नितिन ने उसका हाथ पकड़े हुए ही कहा । " हाँ तो जैसे आपको बड़ा फर्क पड़ता है ,, " सीरत ने हाथ छुड़वाते हुए कहा । आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  " आज के लिए अलविदा 🙏 मिलते है अगले भाग मे , प्रणाम  🙏 ~ आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 10. प्यार बेशुमार - Chapter 10

    Words: 1038

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे, सीरत जो खुद की फीलिंग्स को एक्सप्रेस नहीं करना चाहती थी और तो नितिन के करीब आने से तो सांसे ही थम सी जाती थी ।   बस इसलिए शायद नराज हो कर खुद ही दूर जाना चाहती थी । इसलिए कार रुकवा बाहर आ गयी । पर नितिन ऐसे कैसे जाने दे सकता था इसलिए कार से बाहर आया ,, सीरत लिसेन यार .... तुम ऐसे नहीं जा सकती  फिर तुम्हे बहाना मिल जायेगा मुझ मे नुक्स निकालने का  इसलिए वापस कार मे चलो और मै पक्का तंग नहीं करूंगा  । सीरत ने आंखे छोटी करके देखा । " पक्का ! " सीरत  ने नितिन को देख कर कहा । " हाँ पक्का ,, चलो बैठो ,, " नितिन  ने सीरत से कहा । फिर हाँ मे सर हिला कर  वापस कार मे आकर अंदर बैठ गयी ।  वह् कार से  बाहर की ओर देखने लगी उसने एक बार भी नितिन की और नहीं देखा । पर बिच बिच मे नितिन सीरत को देख लेता । अब कार उसके घर के बाहर आ कर रुकी । सीरत कार से उत्तरी और बिना पीछे देखे लिफ्ट मे चली गयी । वहां उसने थर्ड फ्लोर का बटन प्रेस किया । लिफ्ट थर्ड फ्लोर पर आ कर रुकी और वाह अपने फ्लैट की तरफ चली गयी । नितिन ने भी अपनी कार मोड़ ली और अपने ऑफिस जाने लगा  खुद मे, "  प्यार तो तुम्हे भी है पर तुम जल्दी मानने वालों मे से नहीं पर कोई ना मेहनत लगेगी  । " सीरत अपने घर पर पहुंची  और बेल बजाई ।  दरवाजा कोमल ने खोला और ख़ुशी के साथ कहा , " आ गयी  " " तू तैयार हो जा फिर, चल आज जा कर तेरा ट्रेनिंग लेटर कॉलेज से कलेक्ट कर ले , " कोमल ने कहा । सीरत अंदर आ कर सोफे पर बैठी और बोली , " देख दी मुझे नहीं जाना तू जा रही है तो कलेक्ट कर लेना । " " पर चल ना  मै तो तेरी वजह से जाती हू मुझे क्या ही काम है वैसे तेरे कॉलेज मे  , " कोमल ने पास बैठके कहा  । " प्लीज नहीं जाना यार , तुझे क्यों नहीं काम तू भी तो बी. ऐड कर रही है वहां से " , सीरत ने इतना कहा । "पर हाँ मै तो आलरेडी स्कूलिंग की ट्रेनिंग ले रही हू ना  आई मीन टीयूशन क्लासेज लति  हू , अप्रूवल तो तुझे चाहिये, " कोमल ने कहा । " दी तुझे जाना है तो जा वरना ना जा पर मै आज तो कही नहीं जाउंगी , " सीरत ने कहा और वहां से उठी और कमरे मे चली गयी । कोमल पीछे पीछे कमरे मे आयी और बोली , " क्या हुआ अपसेट लग रही है ।" " नहीं, वो अभी आयी हू ना तो फ्रेश होने जा रही तू जा मुझे पता सिड से मिलना है तुझे , " सीरत ने कहा  । "अच्छा ठीक है मै जा रही हू, तू ध्यान रखना और खाना बना हुआ है  आंटी ने बना दिया था और अंदर से लॉक कर ले " , कोमल आगे और कुछ भी कहती उससे पहले सीरत मुस्कुराते हुए कोमल को बाहर निकलते हुए बोली, " और टाइम पे खाना, खाना है और सोते नहीं रहना जायदा टीवी  नहीं देखना और कुछ । " सीरत जो की वाशरूम जाने वाली थी  वो वापस बाहर आयी और बोली , " तू जा ना मै कर लुंगी एन्जॉय, बाय " , सीरत ने उसे बाहर निकाल कर अपना हाथ हिलाते हुए कहा बाय और दरवाजा लगा दिया । कोमल ये देख मुस्कुरा दी और वहां से लिफ्ट की और चली गयी । अंदर सीरत , "आह ! अपना घर अपना ही होता है कितना सकून है यहाँ ।" सीरत वहां से वाशरूम गयी और अपने कपड़े बदल कर आ गयी । दोपहर का समय था, सीरत को भूख लगी हुई थी । इसलिए वह किचन मे गयी और अपना खाना निकाल कर वापस से बाहर आकर सोफे पर पैरो को उपर चढ़ा आलथी पालथी मार कर बैठ गयी । प्लेट को अपनी गोद मे रखा और सामने टीवी ऑन कर दिया । वह इस वक्त टीवी पर मूवी देख रही थी । उसमे वो खोई हुई थी । मूवी मे रोमेंटिक सीन देख कर उसे नितिन की याद आ गयी । " कल पूरा दिन आपने परेशान किया और रात को भी । मै ही पागल हूँ जो आपके पीछे पीछे आ जाती हूँ । आहहहह..... । " दूसरी तरफ, नितिन मीटिंग रूम मे था , नितिन के साथ वाली चेयर पर मुकुल बैठा था । उसके दूसरी साइड कंपनी का सीनियर मैनेजर था । " वे लोग आपस मे बात कर रहे थे । आप बताये मिस्टर शर्मा क्या हमें कही और से मटेरियल मंगवाना चाहिए?, " नितिन ने अपने सीनियर मैनेजर से पूछा । "यस सर आई कलेक्ट इनफार्मेशन ऑफ़ ऑदर कम्पनीज आल्सो एंड मै सोच रहा हू की आप उनसे मीटिंग कर ले" , मिस्टर शर्मा ने कहा । " मुकुल तुम्हारी क्या राय है ? " , नितिन ने एक नजर उस फ़ाइल की देख मुकुल को देखा । " तुम्हे प्राइस लिस्ट शेयर कर दी है मैंने । और मुझे लगता है की एक बार दूसरी कंपनी को भी ट्रॉय करना चाहिए । वैसे भी उन्होंने किसी भी तरह मानने से मना कर दिया है । तो हमें किसी और को चांस देना चाहिए " , मुकुल ने अपनी बात रखी । "हम्म... आई थिंक यू are  राइट वैसे भी वे लोग परसनल ग्रजेस  निकाल रहे है , "  नितिन ने फ़ाइल को बंद कर सामने टेबल पर रखते हुए कहा । " ओके आप लोग जा सकते है , " नितिन ने कहा फिर मुकुल और मिस्टर शर्मा वहां से उठ कर मीटिंग रूम से बाहर आ गए । नितिन अभी भी वही बैठा हुआ था ।  अपने आप मे मंथन करने लगा हुआ था । फिर वहां से उठ अपने कैफ़े जाने का फैसला किया । वह अपने ऑफिस से लिफ्ट मे जा कर ग्राउंड फ्लोर पर आया और  अपनी कार मे जा कर बैठ गया । फिर वहां से निकल गया । आगे जानने के लिए पढ़ते रहिये " प्यार बेशुमार  " आज के लिए अलविदा  🙏 मिलते है अगले भाग मे , प्रणाम  🙏 ~ आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 11. प्यार बेशुमार - Chapter 11

    Words: 823

    Estimated Reading Time: 5 min

    अब आगे, नितिन अपने कैफ़े आ गया । ये जगह उसे बहुत पसंद है क्युकी ये कैफ़े नितिन ने अपनी मेहनत से बनाया है । अपने लेदर वर्क से कुछ हट कर । नितिन वहां से अंदर आ गया । पर ख्याल मे अभी भी सीरत ही थी वो उसे परेशान करना और उसका मिनट बाद चिढ जाना  । नितिन को ये सोच कर ही उसके होठो पर एक मुस्कान तेर गयी । कोमल, सिद्धार्थ के साथ थी । "सिड तुमने क्या सोचा है क्या करना है आगे ? ", कोमल ने उसका हाथ छोड़ते हुए उसके चेहरे को देखा । "हाँ डिसाइड किया है मै म्यूजिक मे डेब्यू  करना चाहता हूँ ", सिड ने उसे देखते हुए कहा । "ओह, तो मेरा हैंडसम सिंगर बनना चाहता है, "कोमल ने वापस से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ा और वे दोनों आगे चल दिए । सिद्धार्थ भी ये सुन मुस्कुरा उठा  और बोला, "चलो तुम्हे घर छोड़ देता हू अब ।" कोमल ने हाँ मे सर हिलाया और दोनों कार मे आकर बैठ गए  फिर वहां से सिड ने कोमल को घर छोड़ा और वहां से चला गया । कोमल ने बेल ना बजा कर खुद ही दरवाजा खोला क्युकी उसके पास स्पेयर कीज थी । वो अंदर आयी तो उसने सीरत को सोफे पर सोते हुए देखा  सामने टीवी चल रहा था । सामने टेबल पर प्लेट रखा हुआ था । ये कभी नहीं सुधरेगी फिर अपना सर झटका और वहां से प्लेट ले जा कर किचन मे रखा । फिर बाहर आयी और सीरत को उठाते हुए कहा," सीरत, सीरत उठ यार और अगर सोना है तो अंदर जाकर सो ना ।" सीरत ने कोमल को इग्नोर किया और अपने मुँह की सोफे की तरफ घुमा कर लेटी रही । "तू उठती है कि सारा पानी तेरे ऊपर डाल दू, " कोमल ने धमकी देते हुए ही कहा । सीरत वाहा से उठी और अंदर जा कर वापस से लेट गयी । कोमल ने खुद मे कहा, " ये लड़की कभी नहीं सुधर सकती । " फिर अपना काम करने लगी । सिड वहां से सीधा नितिन के कैफ़े मे आया और नितिन के केबिन कि ओर चला गया । " हे कैसा है तू, " सिद्धार्थ ने नितिन के सामने आकर बैठते हुए कहा । नितिन जो लैपटॉप पर कुछ कर रहा था उसने अपना सर उठाया और एक बड़ी सी स्माइल के साथ कहा," तू यहाँ क्या हुआ ?" "कुछ नहीं यहां से जा रहा तो सोचा एक बार तुझ से मिल लू,"  सिद्धार्थ ने कहा । "ओके, एनीथिंग अलराइट," नितिन ने सिद्धार्थ को देखा जो एक दम सीरियस बैठा हुआ था । "नहीं यार बस मै चाहता हू कि हम लोग पार्टी करते है बहुत टाइम हो गया हम दोस्तों को व्हाट् से?," सिद्धार्थ ने हस्ते हुए कहा । "तूने एकदम सीरियस फेस बना कर कहा मुझे लगा कि फिर से तू कोई मुसीबत मे है", नितिन ने कहा । "तुझे क्या लगता है कि हर बार प्रॉब्लम के लिए ही तेरे पास आता हु, " सिद्धार्थ ने नाराज होते हुए कहा । "ओये नौटंकी, चल चलते है,"   नितिन ने वहां से उठते हुए कहा  । इधर आंटी ने खाना बना दिया था  और वहां से अपने घर चली गयी थी । " कोमल, सीरत कहा है आयी नहीं क्या अभी तक," प्रशांत ने कोमल की ओर देखते हुए कहा । कोमल ने डाइनिंग टेबल पर रखे प्लेट को सीधा किया और खाना रखते हुए बोली , "भाई आ गयी है कमरे मे सो रही है ।" "सो रही इस टाइम, जागरण करके आयी है क्या?, " प्रशांत ने कहा । "पता नहीं भाई, वो जब आयी तो उसके बाद मुझे जाना पड़ा वह घर मे थी जब आयी तो वो यहाँ सोफे पर सो रही थी अब अंदर ,"  कोमल ने कहा । "क्या हुआ ? जो वो दोपहर से सो ही रही है मै देख कर आता हू, " ये कह प्रशांत वहां से उठा और सीरत के कमरे की तरफ बढ़ गया । प्रशांत सीरत के कमरे मे आया और अंदर आया उसने देखा सीरत अभी भी आंखे बंद किये सो रही होती है  । उसने सीरत को उठाते हुए कहा, "सीरत बच्चे क्या हुआ? उठ जाओ ।" जैसे ही हाथ आगे किया तो प्रशांत ने फील किया की उसे फीवर है । "कोमल ," प्रशांत ने कोमल को आवाज लगाई । कोमल रूम मे आयी  और बोली, " जी भाई, क्या हुआ? ।" "इसे तो फीवर है तुमने ध्यान नहीं दिया", प्रशांत ने टेंस होते हुए कहा । "पता नहीं भाई, मै अभी डॉक्टर को कॉल करती ही," ये कह कोमल वहां से बाहर आयी और डॉक्टर को कॉल किया । अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा । जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ । 🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 12. प्यार बेशुमार - Chapter 12

    Words: 1075

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे, कोमल डॉक्टर को  कॉल करके अंदर आयी और बोली, " भाई वो आ रहे है । " तब तक मे ठंडा पानी लती हू ... कोमल ने इतना कहा और किचन की ओर चली गयी । वहां से ठंडा पानी एक बाउल मे ले आयी और सीरत को पटिया करने लगी । कुछ समय बाद उसका फीवर थोड़ा कम हुआ तो  सीरत कुंमनाते हुए पलटी फिर धीरे से अपनी आंखे खोल कर देखने लगी और धीरे से बोली , " आप मेरे कमरे मे क्या कर रहे हो? आज आपको काम पर नहीं जाना । " प्रशांत जो वहां बैठा हुआ था उसने कहा, " रात हो रही है और मै अभी काम पर क्यों जाऊंगा ? " "रात.... " , सीरत ने बेड पर बैठे हुए विंडो से बाहर की और देखा और बोली ," ओह मुझे लगा सुबह हो गयी  लगता है कुछ जायदा ही सो गयी.... फिर उसने अपने दाँत दिखा दिए ।" "सीरत तुझे फीवर था... अब कैसा लग रहा है "।, कोमल ने सीरत के पास आकर कहा । "तुमने क्या खाया था सीरत...", प्रशांत ने थोड़ा तेज आवाज मे कहा । सीरत ने फिर से दाँत दिखा दिए और बोली, " वो... वो... कुछ नहीं जो कोमल दी ने कहा किचन मे है बस वही ।" " तुमने आइसक्रीम खायी थी... ?, " प्रशांत ने शख्त आवाज मे पूछा । " भाई.... वो घर पर कोई नहीं था जब बाहर आइसक्रीम वाला आया तो उससे बस एक... हा एक आइसक्रीम ली थी मैंने बस सच्ची.... , " सीरत ने मासूम सी सकल बना कर कहा । प्रशांत ने गुस्से मे कहा, " तुम्हे क्या लगता है हम तुम्हे आइसक्रीम के लिए तड़पा रहे है  । तुम अभी अभी कुछ दिन पहले ही ठीक होइ थी बिकॉज़ ऑफ़ फीवर जानती हो ना... बस इसलिए मना किया लेकिन नहीं तुम्हे अपनी ही करनी है एक बार ढंग से ठीक तो हो जाओ । " "पर भाई...., " सीरत कुछ कहती । प्रशांत ने कहा ,"  तुमने कितनी आइसक्रीम खाई है ? "भाई बस करो ना अब नहीं करेगी ..", कोमल ने समझाते हुए कहा । "सब ने इसे सर पर चढ़या हुआ है बस और कुछ नहीं किस बात की टेंशन थी जो आइसक्रीम खाई तूने ऐसा क्या हो जाना था की अगर आज आइसक्रीम ना खाती तो कुछ बिगर जाना था । , "  प्रशांत ने कहा वह अभी भी गुससे मे था । सीरत ने सर झुका लिया पर कुछ बोली नहीं उसकी आँखों मे आंसू आ चुके थे  जिसे छुपाने के लिए उसने अपना सर झुका रखा था । तभी दरवाजे पर बेल बजी  प्रशांत ने एक नजर सीरत को घुरा फिर कमरे से बाहर आ गया । दरवाजा खोला तो देखा बाहर डॉक्टर खड़े है उनको अंदर बुलाया और सीरत के कमरे मे ले कर आया । डॉक्टर ने सीरत को चेक किया और धीरे से नजरें उठा कर सीरत के पास आकर फुसफुसाते हुए कहा, "तुमने फिर से आइसक्रीम खाई । " "भाई अब आप मत शुरू हो जाना अभी अभी प्रशांत भाई से इतनी सारी डांट सुनी मैंने" , सीरत ने मुँह बनाये हुए ही कहा । "सीरत, पर तुम्हे नहीं खाना है कुछ टाइम के लिए ही तो मना किया है । ठंडी चीजे खाने से फिर जब पूरी तरह ठीक हो जाओ तो खाती रहना । मै ही ले जाऊंगा... " , डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा । " सीरत ने हा मे गर्दन हिलाया, फिर डॉक्टर ने प्रशांत से कहा, फिलहाल मुझे लगता थकावट के कारन हुआ  है और पहले से फीवर था इसे इसने लापरवाही की है तो वापस चढ़ गया है कोई बात नहीं मे मैंने कुछ मैडसीन लिख दी है । " , डॉक्टर ने दवाई वाली स्लिप  को प्रशांत के हाथ मे देते हुए काहा । "होगा ही इसलिए तो कही जाने नहीं देता पक्का वहां जा कर उटपटांग कुछ ना कुछ खाया है" , प्रशांत ने घुरा । "नहीं भाई सच्ची", सीरत ने मासूम सा चेहरा बना कर कहा । " अच्छा यार चलता हू... जल्दी से घर जाने के बजाए यहाँ आया इस नौटंकी को देखने  "  डॉक्टर ने कहा । " क्या भाई आप भी..., " सीरत ने मुँह बना लिया । और सभी मुस्कुरा दिए । प्रशांत ने सर झटका और डॉक्टर को देख कर कहा, "अच्छा कुछ खा कर जा..... ." "नहीं, बस चलता हू...",  कह वह बाहर जाने लगा । " ईशान , " थेंक्स यार, प्रशांत ने गले लगाते हुए कहा । "तू पागल है क्या ? मेरी भी बहन है वो सो जस्ट रिलैक्स और हा ये बताना भूल गया  की उसे कुछ तीखा मत खाने देना नहीं तेल वाला, सिंपल खाना दो उसे तभी सुधरेगी ", ईशान ने जाते जाते कहा । " क्या भाई ...  आप भी दुश्मन हो मेरे खाने के ,, " सीरत ने मुँह बनाते हुए कहा । प्रशांत और ईशान दोनों ने सीरत को इग्नोर किया । " कोमल इसके लिए दलिया बना दो वही खायेगी " , प्रशांत ने कहा और वहां से बाहर आ गया क्युकी दवाई लेने जो जाना था । सीरत उठ कर दरवाज़े पर आयी  और बोली, " कोमल दी... मुझे दलिया नहीं खाना ।" " तो क्या खाने का मन है आपका आप अपने मेंन्यु मे से देख कर बता दीजिए हम वही बना देंगे, " कोमल ने ताना देते हुए सीरत को घूरते हुए कहा । "कुछ नहीं मन,  नहीं है बस...." , सीरत वही सोफे पर बैठते हुए बोली । कोमल उसके पास चल कर आयी और बोली, "क्या हुआ किस बात को इतना सोच रही थी  । " सीरत ने कहा, " कुछ नहीं दी... " " देख सीरत मुझसे झूठ मत बोल, पता है ज़ब तू ज़्यदा सोचती  है या ज़ब तू  ज्यादा परेशान  होती है तो आइसक्रीम खाती है या इन शॉर्ट  मे कहु तू अगर ज्यादा खुश है ज्यादा दुखी है बस सॉलिड वजह चाहिए आइसक्रीम खाने को तो अब बता क्या हुआ ? " , कोमल ने सीरत का हाथ पकड़ के कहा । " अरे दी कुछ नहीं बस इंटर्नशिप की टेंशन है , टेंशन ? ना दी मुझे नहीं टेन्शन वैंसेन नहीं वो तो दिल किया इसलिए ", सीरत ने कहा । अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा । जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ । 🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 13. प्यार बेशुमार - Chapter 13

    Words: 1229

    Estimated Reading Time: 8 min

      अब आगे " तू मुझसे फिर झूठ बोल रही है । मुझे सीरत सच जानना है , " कोमल ने कहा । "कुछ नहीं दी, वो जो लड़का था ना, " सीरत ने कहा । "कौन लड़का? ", कोमल ने उलझन भरे भाव से कहा । " दी वो ही जिसने....,  " सीरत कहते कहते रुकी और कोमल को देखने लगी । "ओह अच्छा वो जिसने तुम्हे... ",कोमल ने कहा और सीरत को देखा जो की उसे ही अपनी आँखों को छोटा कर घूर रही होती है । फिर कोमल ने कहा, अच्छा घूरना बंद कर, "क्या हुआ?क्यों सोच रही है उसके बारे मे इतना? "कुछ नहीं दी वो तो काव्या का भाई निकला... हुह्ह्ह, "सीरत ने मुँह बना कर कहा । " उसने कल तेरे साथ कुछ किया क्या ? सीरत....," कोमल ने सीरत की और गौर से देखते हुए कहा । "नहीं दी वो अजीब है... कुछ जायदा ही मतलब, " सीरत आगे कुछ कहती तभी प्रशांत अंदर दवाइयां ले कर आ गया । प्रशांत ने उन दोनों को बाते करते हुए देखा तो तेज आवाज मे कहा, " कोमल तुम अभी तक इसके साथ बात करने मे लगी हो । कहा था ना इसके लिए दलिया बना दो । " कोमल वहां से उठते हुए बोली, "जी भाई जा रही हू बस ..." ये कह कोमल वहां से उठी और किचन मे चली गयी । " ये तेरी दवाई प्लीज हा, अब इसको खाने मे नखरे मत करना," प्रशांत ने दवाई को आगे बढ़ाते हुए सीरत को देकर गुस्से मे कहा । "भाई बस करो ना आप कितना गुस्सा करोगे आगे से नहीं करूंगी ऐसा पक्का वाला प्रॉमिस, " सीरत ने अपने सर पर हाथ रखते हुए कहा । प्रशांत बिना कुछ जाने लगा तो सीरत ने झट से उसका हाथ पकड़ उससे लिपट गयी उसे बुरा लग रहा था की उसका भाई इतनी रात उसकी वजह से परेशान है इसलिए उसे फिर से टेंशन होने लगी थी । सीरत की आँखों से जल्दी ही आंसू आ निकले जिससे प्रशांत की शर्ट की बाजु गीली हो रही थी  सीरत ने धीमी आवाज मे रोते हुए ही कहा, "सोरी भाई आगे से ऐसा नहीं करुंगी  पक्का ।" सीरत को रोता देख प्रशांत शांत हो गया , होता भी क्यों ना प्यार जो करता है अपनी बहन से । "अच्छा अब शांत हो जा रोना बंद कर ", प्रशांत ने उसके आंसू को पोछते हुए कहा । "आप मुझ से नाराज तो नहीं हो ना, " सीरत ने मासूमियत से कहा । "नहीं, " प्रशांत  ने कहा । "अच्छा खाना खालो आकर अब आप दोनों चल सीरत तेरा दलिया भी बन गया है और भाई आपका खाना भी गरम कर दिया है आ जाओ खालो, " कोमल ने फिर से कहा । सभी ने फिर खाना खाया और सीरत ने मुँह बनाते हुए अपना दलिया खाया और उसके बाद दवाई ले कर सोने जाने ही वाली थी की कोमल से कहा, " दी आप लैटर ले आयी ? " "हाँ और मैंने सिड को दे दी उसने  अपनी कंपनी मे इटर्नशिप करने को रिकमेंड किया है " , कोमल ने बर्तन उठाते हुए कहा । ओके ये कह, सीरत वाहा से कमरे मे चली गयी  दोपहर से शाम तक सोने के कारन उसे नींद नहीं आ रही थी । उसने अपना फ़ोन उठाया और इंटरनेट ऑन करके इंस्टाग्राम चलाने लगी और रील्स देख रही थी । सहसा ही उंगलियां एक फोटो पर आ कर रुक गयी  और लबो पर मुस्कान खींच गयी । " ओह मै तो पागल ही जाउंगी एक दिन " , सीरत ने उस फोटो को हटाते हुए कहा । दूसरी तरफ, नितिन और सिद्धार्थ नाइट क्लब मे थे और वाहा बैठ कर ड्रिंक कर रहे थे । "यार सिड तुझे लाइन मार रही है", मुकुल ने हस्ते हुए कहा । "अच्छा, पर मुझे तो लग रहा है की वह तो बार बार नितिन को देख रही है,"  सिड ने ड्रिंक का ग्लास अपने होठो से लगते हुए कहा । " अच्छा मुझे तो लगा की तुझे देख रही है..., "मुकुल ने कहा, " एक मिनट मे उसे पूछ कर आता हू ",मुकुल ने कहा और उठ कर उस तरफ जाने लगा  तभी सिड ने कहा,"पागल वागल हो गया है क्या? क्यों जा रहा है यही बैठ चुप चाप,"। नितिन ने हस्ते हुए कहा, "जाने दे क्या पता इसका काम बन जाये ।" "ओह्ह्ह.... ऐसा नहीं है  वो तो मै पूछने जा रहा था की किसे देख रही हो थोड़ा क्लियर हो जाये", मुकुल ने हस्ते हुए ही कहा । "ओह, रियली तुम ये क्यों नहीं कहते की तुम फ़्लर्ट करने वाले हो, " नितिन ने मज़ाक उड़ाते हुए कहा और सिड और नितिन ने हाई फाइ किया । "हा... तो क्या हुआ इस बोरिंग सी लाइफ मे अगर कोई आ जाये तो तुम दोनों चुप करो मेरा टाइम बर्बाद कर दिया, हू.... ", ये कह मुकुल वहां से उन लड़कियों के पास गया और जा कर उनके साइड मे सोफे पर बैठ गया । " क्यों तुझे खुद का काम नहीं बनाना ? " सिड ने भोहे उचका कर कहा । " मेरा काम तो बन गया  उफ्फ्फ...., "  नितिन ने मुस्कुराते हुए सीरत को याद करते हुए कहा । " ओह माय गॉड तू ब्लस कर रहा है  कौन है वो ? "  सिड ने नितिन को देखते हुए पूछा । " अरे वो अभी मानी नहीं ,  " नितिन ने कहा   । " मान जाएगी तुझे ना कौन कह सकता है ? तेरे जैसा लड़का मिलेगा भी नहीं । तू कहे तो मै बात करु " , सिड ने आई विंक करते हुये कहा । " नहीं उसके लिए खुद मै ट्रॉय करूंगा । क्युकी मुझे पता है मेरी फीलिंस जेनयून है ,, " नितिन ने गिलास खाली करते हुए कहा । "हैल्लो",, मुकुल ने कहा । उसमे से एक लड़की वहां से उठते हुए बोली, "आई थिंक मुझे अब चलना चाहिए गाइस... बहुत लेट हो गया है । " "हे.... तुम इतनी जल्दी कहा चल दी अभी तो तुमसे मैंने ठीक से बात भी नहीं की ", मुकुल ने फ़्लर्ट करते हुए कहा । "हां... पिया रुको ना थोड़ी देर क्या पता तेरे चकर मे मेरा कुछ बन जाये", उसकी फ्रेंड ने उसे रोकते हुए कहा और फिर आई विंक करते हुए जिस तरफ सिड और नितिन बैठे थे वहां इशारा करते हुए बोली, "  वो हैंडसम सा लड़का कौन है? " "कौन वो...",  मुकुल ने उधर देखते हुए कहा । "हे पिया घूर क्या रही है बैठ ना....", उस लड़की ने फिर से कहा । "नो आई थिंक मुझे जाना चाहिए । तेरा तो काम बन ही गया है या बन जयेगा but ना मुझे कोई काम बनाना है ना ही इंट्रेस्ट है सो बाय...", ये कह पिया वहां से चली गयी  । "बड़ी अजीब है...", मुकुल ने जाती हुई पिया को देख कहा  । "हा... वैसे मै ही जबरदस्ती लायी थी उसे इन सब मे इंटरस्ट नहीं लीव ना तुम कुछ बता रहे थे ", मुकुल को देखते हुए कहा । "वैसे जिस तरफ तुम इशारा कर रही हो वहां दो लड़के है किसकी बात कर रही हो तुम....," मुकुल ने पूछा । अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 प्लीज अपने ओपिनियन जरूर दीजियेगा । जिससे मै आगे लिखू उसकी प्रेरणा मिले और हमें हमारी गलती बता दीजियेगा जिसे मै सुधार सकूँ । 🙏 ~ आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 14. प्यार बेशुमार - Chapter 14

    Words: 1376

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे, "अरे वोह जिसने ब्लैक कलर के कपड़े डाले है ",  उस लड़की ने सिड की तरफ देख कहा । "ओह... ", मुकुल ने मन मे कहा मुझे पता था ये सिड को ही देख रही है । वैसे एक बात कहु, "वो जो लड़का है ना.... ", उसे लड़कियो मे ना कोई इंट्रेस्ट नही है , " वो लड़की बड़े गौर के साथ सुनते हुए बोली , "हा.... तो किसमे है ? " "आई मीन शी हेज गर्लफ्रेंड....., उसने ही मुझे भेजा है यहाँ, की तुमसे बात करू की तुम उसे मत घुरो ," मुकुल ने कहा । "ओह रियली.... पर रिहा को हार मानना आता नही  ", लड़की ने एक्ससिटेड हो के कहा । " हाँ... पर बताया ना उसकी जी एफ है  ,"  मुकुल ने फिर से कहा । लड़की ने टेबल पे रखे शॉट्स उठाये और पीते हुए बोली, "ओके.... तुम देखते रहना कैसे वो मेरे साथ आता है और अपनी जी एफ को भूल जाता है । मै अभी उससे बात कर के आती हू..."। " हाँ हाँ जाओ जाओ और लगवाओ अपनी लंका , " मुकुल ने हस्ते हुए कहा । " चैलेंज.....,"  रिहा ने कहा । " चेलेंज वो तुम्हे भाव नही देगा, " मुकुल ने कहा । फिर अदाओ के साथ सिड और नितिन की और बढ़ गयी । "हैल्लो गाइस माय नाम, रिहा  क्या मै भी बैठ जाऊ ", उसने अपना हाथ सिड की और बढ़ा कर कहा । सिड ने उसे इग्नोर किया, रिहा को थोड़ा सा अजीब लगा  वहां मुकुल बैठे अपनी ड्रिंक ख़त्म कर सिड और नितिन की और बढ़ गया  । रिहा ने अपना हाथ पीछे किया और चेयर पर बैठते हुए बोली, " वैसे आप है बहुत हैंडसम । " नितिन ये सब देख वाहा से उठते हुए बोला, "मै अभी आया ।" क्युकी उसे आकवर्ड लग रहा था ।   ऐसा नहीं  था ऐसी चीजे फेस ना की हो  बट फिलहाल अजीब फील हुआ । "तू कहा जा रहा है", मुकुल ने कहा । "अब हर जगह बता के जाना है क्या? वाशरूम जा रहा हू चलेगा, " नितिन ने कहा । "नहीं तू जा, मै तो चला डांस करने और इसे तो मिल गयी  " , ये कहते वह वहां से उठा और डांस फ्लोर पर चला गया । "चलो ना हम भी डांस करते है , " रिहा ने सिड के हाथ पर हाथ रखते हुए कहा । "एक्सक्यूज़ मी, देखिये मिस आई हैव गर्लफ्रेंड सो प्लीज दूर रहिये, " सिद्धार्थ ने रिहा के हाथ झटकते हुए कहा । "फिर क्या हुआ ? यहाँ तो नहीं है चलिए ना ... जस्ट फॉर फन ", फिर से उसके हाथ पर हाथ रखते हुए बोली । " यार बड़ी अजीब हो क्यों चेप हो रही हो  कहा ना नहीं जाना कही तुम्हारे साथ, " सिड ने उसे घूरते हुए कहा । " बट आई वांट यू एंड मुझे उस लड़के ने कहा की यू वांट मी  तो प्रॉब्लम क्या है , " रिहा ने सिद्धार्थ के फेस पर ऊँगली फिराते हुए कहा । " यू.... " सिड ने इस बार उसके थपड़ मार दिया और धका दे कर निचे गिरा दिया । सब लोगो का ध्यान उसकी और आगया वहां पर गार्ड्स आ गए जिसने सिड को पकड़ लिया और बाहर करने लगे । मुकुल और नितिन भी उस जगह आ गए । " व्हाट् हप्पेनेड, क्यों पकड़ा है इसे छोड़ो, "नितिन ने उन लोगो को घूरते हुए कहा । "सर इन्होने यहाँ आ कर सीन क्रिएट किया है फिर हम इन्हे यहाँ नहीं रहने दे सकते वी कॉल पुलिस ", वहा पर खड़े मैनेजर ने कहा । "प्लीज लीव हिम मै इसे यहाँ से ले जाता हू और जो मैटर होगा वो मुकुल हैंडल कर लेगा ।, नितिन ने उनसे सिड का हाथ छुड़ाते हुए कहा । "नहीं सर हमने पुलिस को बुला लिया है हम इन्हे ऐसे नहीं जाने दे सकते ,"  मैनेजर ने सिद्धार्थ की और इशारा करते हुए कहा । "लिसेन, मै कह रहा हू ना मुकुल हैंडल कर लेगा", नितिन ने लगभग मैनेजर का कॉलर को पकड़ते हुए बोला । "ये आप क्या कर रहे है, " मैनेजर ने अपना कॉलर को छुड़ाते हुए बोला । पर छुड़वा नहीं पा रहा था  तभी वहां पर पुलिस भी आ गयी । "यहाँ क्या हो रहा है किसने कॉल किया", इंस्पेक्टर ने कहा । "सर मैंने किया था ये लड़का इस लड़की के साथ बतमीजी कर रहा था और तो और इसका ये दोस्त",  नितिन की और देख कर कहा "ये इसे यहाँ से ले जाना चाहता था ।" इंस्पेक्टर ने उनकी और देखा और फिर एक नजर रिहा की और देखा  फिर लड़की से कहा, "देखिये आप हमें बताइये क्या हुआ? क्या इन लोगो ने आपके साथ बतमीजी की है आपको डरने की जरूरत नहीं है ।" रहा ने कहा, " जी सर ये लोग मुझे तंग कर रहे थे । जब मैंने मना किया तो मुझे थपड़ मारा । " उसने अपना गाल दिखाते हुए कहा जहा पर सिड के हाथो का निशान साफ विजिबल था । इंस्पेक्टर ने हवलदार से कहा, " इनको अरेस्ट करो । " "सर आपको नहीं लगता आप गलत कर रहे हो । आपने एक तरफ कक बात सुनी आपको हमारी बात भी सुननी चाहिए ", नितिन ने घूरते हुए कहा  । "ओह्ह्ह... अब तू बातयेगा मुझे क्या करना है और क्या नहीं...",  इंस्पेक्टर ने रोब झारते हुए कहा । मुकुल ने आगे आकर कहा, " वैसे अब हम नहीं कोई और बताएगा की सही क्या है और गलत क्या ? " "क्या रे बड़ी चर्बी है तुम तीनो मे तब से कुछ ना कुछ कह रहे हो" , इंस्पेक्टर ने कहा । तभी इंस्पेक्टर का फ़ोन बजा, उसने कॉल रिसीव किया और कहा, "जी सर, जी... जी सर... ठीक है ... जी सर . " फिर फ़ोन को रखते हुए कहा, " छोड़ दो इनको । " रिहा ने कहा, " पर सर इन लोगो ने मेरे साथ बतमीजी की है ।" "देखिये मैडम हमें ऊपर से आर्डर आये है हम कुछ नहीं कर सकते है ," इंस्पेक्टर ने कहा  । "क्या आप लोग ऐसे कैसे इन लोगो को जाने दे सकते हो ऐसे तो क्रिमनल्स को बढ़ावा मिलेगा", रिहा ने कहा । नितिन ने उसकी बात सुन गुस्से मे कहा, "आप जा कर फूटेज देखे और अगर ये लड़की गलत निकली तो, " फिर रिहा को देखते हुए बोला, " तो तुम्हे कभी बाहर नहीं आने दूंगा । " मुकुल तो मन ही मन खुद को कोस रहा था की क्यों ही गया था । इस लड़की के पास पर उसने तो मना ही किया था की मत जाओ   । फिर भी खुद को ना जाने अभी तक कितनी ही गालिया दे चूका था वो । " यार क्यों ही गया इस लड़की के पास और क्या जरूरत थी चेलेंज करने की । सिड को भी अपने हाथ पे कण्ट्रोल नहीं था क्या  कितनी जोर से मार दोय बिचारि को । " रिहा ने मुकुल की तरफ पॉइंट करते हुए कहा , "  सर ये लड़का ये आया था इसने कहा की वो मुझे बुला रहे है  और  तभी मै आयी थी । पूछिए इससे । " नितिन ने घूर कर मुकुल को देखा और कहा, " वैसे सब इसी की वजह से तो हुआ है । क्या जरूरत थी प्रूफ करने की  पागल इंसान । " नितिन ने देखते हुए कहा, " ठीक वो आया था तुम्हारे पास और तुमने तो ये कहा  की हम तंग कर रहे थे  एंड बतमीजी भी की । " " ये इनोसेंट बनने का नाटक कही और करना और सर एक बार आप फूटेज देखिये कही से भी लग रहा हो की हमने इसके साथ बतमीजी की हो  तो आप शौक से अरेस्ट कर लेना , "  नितिन ने इंस्पेक्टर को देख कर पुरे कॉन्फिडेंस के साथ कहा । " बट सर अब इसकी क्या जरूरत हमने बात कर ली है ना,, " इंस्पेक्टर ने नर्म पड़ते हुये कहा । " लेकिन ये तो अभी भी हमपे ब्लेम लगा रही है ना...  ऐसे मे मेरे और मेरे फ्रेंड्स के रेपुटेशन का क्या ?, ज़ब आकर आपने धमकी दी  क्या सिर्फ लड़की की इज्जत पे बात अति है हम पर नहीं ?, " मुकुल ने इस बार आ गे आकर कहा । आगे जानने के लिए इंतजार कीजिये... प्यार बेशुमार आज के लिए अलविदा  🙏 मिलते अगले भाग मे । ~आरुषि ठाकुर ✍️

  • 15. प्यार बेशुमार - Chapter 15

    Words: 1409

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे, रिहा घबरा गयी  और हकलाते हुए बोली, " अ.... आप... लोग मुझ जैसे लोगो... को.. दबा देते हो ।" "तुम तो सही हो ना फिर इतना डर क्यों रही हो", मुकुल ने कहा । "  वाह बेटा नोसो चूहें खा कर बिल्ली हज को चली ,, ये वाली कहावत पूरी तुमपे ही सूट होती है , "  नितिन ने मन ही मन मुकुल को कोसते हुए कहा । "इंस्पेक्टर हम ये नहीं कहते की आप करवाई ना करे । हम बस इतना चाहते है की आप लोग पूरी इन्वेस्टीगेशन करें क्या पता कोई इनोसेंट बन कर किसी और को फ़साने की कोशिश कर रहा हो " , नितिन ने कहा । हलाकि गलती कही ना कही उनकी भी थी  पर फिर भी अब जेल तो जाने से रहे ।  मुकुल ने  नितिन के कान मे  कहा , " चल अब घर चलते है और सिड को भी जायदा ही चढ़ गयी है  । " "हम्म्म, तू जा कार निकाल मै इसे ले कर आता हू", नितिन ने मुकुल से कहा । मुकुल कार ले आया, नितिन और सिड आ कर कार मे बैठ गए । नितिन मुकुल के साइड वाली सीट पर बैठा था और सिड को पीछे लेटा दिया गया था । "कहा जाना है?", मुकुल ने कहा । "फार्म हाउस चलते है, अब इसे इस हालत मै कहा ले जयएंगे" , नितिन ने मुकुल की और देखते हुए कहा । " वैसे तूने आज बखेरा ही खड़ा कर दिया था ,, "  नितिन ने मुकुल को देखते हुए कहा । " और फिर दोनों हसने लगे । यार मुझे नहीं पता मेरा मजाक बेचारी को तारे दिखा देगा  पर बेचारी नही थी । उसे कहा मैंने की सिड की जी एफ है । पर चैलेंज किया उसने । पर   सिड को भी इतनी जोर से नही मारना चाहिए था । आई मीन सिड ने इतनी जोर से मार देगा मुझे नही पता था  , " मुकुल ने हस्ते हुए कहा । " हे! नितिन अगर तू कभी ऐसी सिचुएशन मे आगया तो, " मुकुल ने नितिन को देखते हुए कहा । " आई थिंक... मै भी सिड की तरह ही करता ,, " नितिन ने नार्मल होते हुए कहा । " यार तुम दोनों कितने निर्दयी ही ना मतलब इतनी प्यारी लड़की कोई मारता है भला , " मुकुल ने नौटंकी करते हुए कहा । " बस कर... प्यारी अगर वो प्यारी है ना तो नहीं चाहिए ,, " नितिन ने सीरियस होते हुए कहा । " अच्छा तेरी किस वाली लड़की का क्या हुआ ? " मुकुल ने बात को बदलते हुए कहा । " क्या होना ? कुछ नहीं ... " नितिन ने कहा । वे लोग फार्म हॉउस पहुंच गए । एक काम कर तू यहाँ से घर चला जा इसे मै हैंडल कर लूंगा । मुकुल ने अपने घर के बाहर कार रोकी और घर जाने लगा नितिन ड्राइविंग सीट पर आगया और वहां से चला गया । अगली सुबह , "यार क्या हुआ?, तू मुझे ऐसे क्यों घूर रहा है ?", सिद्धार्थ ने नितिन से कहा । "मेरा दिल कर रहा है की तेरी अच्छे से पिटाई करू कर दू क्या ?,  " नितिन ने सरकास्टिक वे मे कहा । "यार मैंने किया क्या? तू बताएगा", सिद्धार्थ ने कहा । " तूने इतनी ड्रिंक क्यों की और तो और उस लड़की को थपड़ भी मार दिया तुझे पता अभी मै भी पुलिस स्टेशन मै होता तेरे साथ,"  नितिन ने घूरते हुए कहा । "अरे तू मेरा दोस्त है इतना तो कर ही सकता है ना, नहीं तो तेरे उतने कॉन्टेक्ट्स होने का क्या फायदा अगर एक आधी बार हेल्प ना करे," सिद्धार्थ ने हस्ते हुए कहा । यू..... नितिन ने सोफे पर पड़े पिल्लो को सिद्धार्थ के चेहरे पर  फेक के कहा, "चल तेरे लिए वो फ्री नहीं है  और तुझे क्या लगता है की अगर हमारी गलती होती तो वो हेल्प करते तो ये गलत फेहमी निकाल दे... और जा तैयार हो कर आ फिर बाहर चलते है । " " वैसे तो गलती हमारी थी पता नहीं मुकुल को किसने कहा था उसे मेरे पास भजने को ? " , सिड ने घूरते हुए कहा । " या राइट... बट जाने दे  और तेरे डैड को पता चला तो क्या होगा की तूने किसी को थपड़ मार दिया  एंड यस तेरी मंगेतर  उसे पता चला तो ???, " नितिन ने टीज् करते हुए कहा । " बताएगा कौन ? और वैसे भी मै गलत नहीं था  ये सब उस मुकुल के कारन हुआ है ,, " सिड ने मुँह बना कर कहा । हम्म, ये कह सिड वाशरूम चला गया और नितिन कमरे से बाहर आ गया और अपने कमरे मे चला गया वहां से तैयार हो बाहर आया । सिड भी रेडी था " चले, " सिद्धार्थ ने नितिन को देख कर कहा । "हाँ चल मेरे पेट मै चूहें डांस कर रहे है तो बाहर चल कर कुछ अच्छा खाते है", सिद्धार्थ ने कहा । हम्म्म, चल, नितिन ने कार की चाभी सिड की तरफ उछाली और बाहर को आ गए । दूसरी तरफ, "सीरत क्या सोच रही हो?", कोमल ने पास आते हुए कहा और उसके आगे फ्रूट्स रख दिए । कुछ नहीं, फिलहाल तो खुद के बारे मै सोच रही हू..., अच्छा दी अपने सिड से  बात की क्या हुआ? ",सीरत ने पूछा । "नहीं तू खुद बात कर ले वहां मेरा फ़ोन है" , कोमल ने फ़ोन की तरफ इशारा करते हुए कहा । "ओह दी, मेरे पास भी नंबर है तो अगर खुद बात करनी होंगी तो कर लुंगी ", सीरत ने कहा । "ठीक है मेरी माँ, अब खा ले कुछ फिर दवाई खानी है तुझे", कोमल ने कहा । "दी... क्या हम आज बाहर चले कल से घर मे रह कर बोर हो गयी मै...", सीरत ने एप्पल का स्लाइस मुँह मे डालते हुए कोमल के पास आ कर  कहा । कोमल ने अपनी आंखे छोटी करते हुए कहा, "तुझे पता है ना तू अभी भी ठीक नहीं है पूरी तरह और क्या तुमने फिर से डांट परवाना है मुझे?" सीरत ने झट से ना मे सर हिलाया और बोली,"वैसे भाई है कहा नजर नहीं आ रहे ।" "भाई मम्मी और पापा को लेने गए है गाँव से तो सुबह निकल गए," कोमल ने अपने कमरे मे जाते हुए कहा । सीरत भी पीछे पीछे कमरे मे आ गयी, "फिर तो भाई कल तक ही आएंगे ।" "अच्छा तुझे बहुत पता है," कोमल ने अलमारी मे से कपड़े निकलते हुए कहा । "हाँ पता है, क्युकी हर बार ऐसा ही होता है ना...," सीरत ने हस्ते हुए कहा और बेड पर बैठ गयी । कोमल वाशरूम की तरफ चली गयी कपड़ो को चेंज करने । फिर कपड़े चेंज कर कमरे मे आयी  और बोली "अच्छा सीरत, मै काम से बाहर जा रही हू, " कोमल ने अपना परस उठाते हुए कहा । "कहा? मुझे भी ले चलो,  नहीं तो मेरा खाली दिमाग़ उटपटांग हरकत करेगा, " सीरत ने कहा । "मुझे कुछ नोट्स देने है बच्चों को तो बाहर प्रिंटिंग कैफ़े जा रही हू, तू वहां फिर बोर होंगी," कोमल ने कहा । "ओके... जा कोमल जी ले अपनी जिंदगी...",  सीरत ने हाथ को उठाते हुए हवा मे लहरा कर कहा । फिर से शुरू हो गयी तेरी नोटेनकी, कोमल ने सीरत को देखा  फिर दुबारा बोली, "प्लीज अपना ख्याल रखना कुछ उल्टा सीधा मत खाना, समझी ।" "हाँ हाँ... समझ गयी दी अब तू जा... नहीं ती तेरे बच्चे नोट्स के बिना पढ़ नहीं पाएंगे ", सीरत ने फिर से नोटेनकी करते हुए कहा । "लॉक लगा ले, और  आंटी आएंगे बर्तन साफ करवा लेना और मम्मा पापा का रूम भी क्लीन करवा देना  ओके, '" कोमल ने कहा और नोट्स को बेग मे रखा फिर अपने फ्लैट से बाहर आ गयी । सीरत ने लॉक कगा लिया और कमरे मे चली गयी । कोमल ने वहां से बाहर आकर ऑटो किया और प्रिंटिंग कैफ़े आ गयी जहा से उसे प्रिंट निकलवाना था । सीरत का फ़ोन बजा, सीरत ने कॉल पिक किया और दूसरी तरफ से आवज, " ओह हैल्लो मैडम घर जा कर भूल गयी ।" "नहीं यार ऐसा नहीं है पता नहीं कल क्या हुआ? सडनली मै बीमार हो गयी अच्छा जाने दे ये बता क्या हुआ?, " सीरत ने कहा । "कुछ नहीं फ्री थी तो तुझे कॉल लगा लिया" , काव्या ने कहा । अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 16. प्यार बेशुमार - Chapter 16

    Words: 1205

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे, सिद्धार्थ और नितिन रेस्टोरेंट आ गए  । उन्होंने अपने लिए आर्डर किया और वही बैठे अपने आर्डर का वेट करने लगे । इधर कोमल भी जस्ट सामने वाले कैफ़े से प्रिंट निकलवाने आयी थी । " भईया क्या हुआ ? कितना टाइम और लगेगा," कोमल ने पूछा । "मैडम पता नहीं पर मुझे लगता है की इनक खत्म हो गया टोंनर का, " उस लड़के ने कहा । "तो आप दूसरा टोंनर डाल लीजिये ना," कोमल ने सुझाव देते हुए कहा । "मैडम हमने मंगवाया है, वो लेकर आता होगा तब तक आप सामने वाले रेस्टोरेंट मे वेट कर लीजिये," उस लड़की ने कहा । "अच्छा.... कितना टाइम लगेगा वैसे...," कोमल ने धीरे से कहा । "मैम वैसे वो पहुँचता होगा बस आ जाये मै यहाँ से लड़के को भेज आपको बुला लूंगा", उस लड़के ने कहा । "ठीक है...", ये कह कोमल सामने आकर रेस्टोरेंट के अंदर जा साइड वाले टेबल पर बैठ गयी और अपने लिए एक कोल्ड ड्रिंक आर्डर कर दी । सिड भी उसी रेस्टोरेंट मे नितिन के साथ बैठा था । जब वह दोनों अपना अपना खाना खत्म कर बाहर आये तो सिड की नजर कोमल पर गयी  और उसके पास जाने लगा । "हे, कहाँ?", नितिन ने सिड से कहा । "आ तुझे अपनी मांगेतर से मिलवाता हू... चल," सिद्धार्थ ने नितिन को उस तरफ ले जाते हुए कहा । "बट आई डोंट वांट यार... ", नितिन ने जाने से मना करते हुए कहा । "क्यों? चल ना...", सिद्धार्थ जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ उस तरफ आ गया । हाय ! सिड ने चेयर पुल की और उसपे बैठ गया । कोमल जो फ़ोन पर लगी हुई थी आवाज सुन सर उठाया और बोली, "तुम यहाँ?" फिर उसने पास खड़े लड़के को देख कर कहा, "ये... नितिन है राइट... " "हममम्म," सिद्धार्थ ने कोमल से कहा और फिर नितिन को बैठने के लिए कहा । नितिन भी वहां बैठ गया ।  "मुझे लगता है इसने पहचाना नहीं", कोमल ने सिद्धार्थ की ओर देखते हुए कहा । नितिन ने कहा, "मै कुछ भूलता नहीं । " "ओह्ह्ह.... तो तुम्हे मै याद हू? " कोमल ने एक स्माइल के साथ कहा । " हाँ तुम इसकी मांगेतर हो काफ़ी बिज़नेस पार्टीज भी इसके साथ अटेंट्ड की है  तो कैसे नहीं पहचानूँगा,,  " नितिन ने नॉर्मली कहा । " या और तुम आज भी बहुत कम बात करते हो ,, " कोमल ने मुस्कुरा कर कहा । नितिन बस मुस्कुरा कर रह गया । ऐसा नहीं है की वो बात नहीं करता है या हर समय ईगो मै रहता हो । हाँ लेकिन हर कसी से नहीं कर पता अपनी बात क्युकी थोड़ा सीक्रेटिव पर्सन है  । कोमल को तो बस सिड के कारन ही जनता है इसलिए । "तुम यहाँ?,"  सिद्धार्थ ने कोमल से पूछा । "ओह, वो... बच्चों को नोट्स देने है  बस इसलिए फोटोकॉपी करवाने आयी हू... वहां सामने," कोमल ने प्रिंटिंग शॉप की तरफ इशारा करते हुए कहा । "ओह.. ओके, पर तुम अकेली क्यों आयी? बहन कहा है तुम्हारी ... । आज तो ऐसा भी नहीं था की हमारा कोई मिलने का प्लान है जिसके कारण वो अकेली पड़ जाती...," सिद्धार्थ ने कोमल से कहा । वो... उसकी तबियत ठीक नहीं है  तो मैंने ही मना किया है  । और तो और मै भी बस जल्दी चली जाउंगी  तभी वहां बाहर से लड़का आया और बोला, "मैडम प्रिंटर ठीक हो गया है आजाईये । " "हम्म्म... भईया आप इन नोट्स को कॉपी कर दो मै आती हू, " कोमल ने नोट्स हाथ मे देकर कहा । "कोमल तुम जाओगी कैसे?, " सिद्धार्थ ने कहा । "कैसे क्या? ऑटो से, अच्छा मै उन्हें पैसे देदू और नोट्स ले लेती हू और जाती हू बाद मे मिलूंगी वो घर पर अकेली है ," कोमल ने कहा । सिद्धार्थ भी खड़ा हुआ और उसके साथ बाहर जाते हुए बोला, " कोमल तू उन बच्चों को ट्यूशन देना बंद करदे । " नितिन जो वही बैठा रह गया खुद से बोला, "जबरदस्ती बिठा कर खुद उसके साथ बाहर चला गया । इसलिए तो वो गुस्सा होती होंगी क्युकी एक दम से साइड लाइन कर देते है ये... ", फिर अपना सर झटका और फिर बाहर उसके पास आकर बोला , "एक काम कर तू इसके साथ चला जा और मै अपने ऑफिस जाता हू । " "पर क्यों मै कैसे जाऊंगा फिर," सिद्धार्थ ने पलट कर कहा । "और कैसे? ऑटो से", नितिन ने कहा । कोमल ये सुन हस पड़ी । "तुम भी हस रही हो", सिद्धार्थ ने कोमल को देखते हुए कहा । "मै अभी तुम्हारे साथ लड़ाई नहीं कर सकती इसलिए बाय", कोमल ये कह थोड़ा आगे जाने लगी । "हे कोमल, रुक तो नितिन कार ले कर आ", सिद्धार्थ ने आर्डर देते हुए कहा । "क्या?", नितिन ने सिद्धार्थ को घूरते हुए कहा । "अरे ले कर आना हम कोमल को उसके घर छोड़ आते है", सिद्धार्थ ने कहा । "अर यू मैड... आई ऍम आलरेडी लेट और तू," नितिन गुस्से मे बोला । "प्लीज यार कल तेरे साथ तेरी गाड़ी मे चला गया जिसके कारण वो तेरे ऑफिस के निचे बेसमेंट मे ही लगी है  और मै अपनी मंगेतर को ऐसे तो जाने नहीं दे सकता, प्लीज...", सिद्धार्थ की बात सुन नितिन बोला, " ओके ओके बस कर... जा रहा हू । " कोमल उन दोनों को देख रही थी और हस रही थी । ये कह वहां से नितिन अपनी कार लेने चला गया जो  की पार्किंग मे लगाई हुई थी  और सिद्धार्थ कोमल के पास जा कर बोला, "तुम हमारे साथ चलना जिससे जल्दी भी पहुंच जाओगी और मै उस चुहिया को देख लूंगा की क्या हुआ? " " हे तुम उसे चुहिया बोलना बंद करो ,, पता नहीं क्यों बच्चों की तरह झगड़ते हो,, " कोमल ने सिड के हाथ पर हल्के हाथ से चपत लगाते हुये कहा । उनके सामने कार लाकर खड़ा हुआ और बाहर निकल गया । सिद्धार्थ ड्राइविंग सीट और बैठ गया और नितिन उसके साथ पैसेंजर सीट पे  कोमल पीछे वाली सीट पर बैठ गयी । कुछ समय बाद वे लोग कोमल के बिल्डिंग के बाहर थे  । नितिन जो अपने ख्याल मे गुम था सिद्धार्थ को आवाज सुन तंन्द्रा से बाहर आया । सिद्धार्थ मे कहा, " उत्तर ना  " नितिन ने आसपास के एरिया को देखा उसे फील हुआ की वह यहाँ सीरत को छोड़ने आय था फिर सिड से बोला, " सिड हम यहाँ ? " "हाँ, क्युकी कोमल यहाँ रहती है, अब उत्तर मै कार को साइड मे लगा कर आता हू ,"  सिद्धार्थ ने कहा । नितिन कार से उत्तर गया और सब जगह नजर दौराने लगा की क्या पता उसे वह वहां दिख जाये । कोमल ने नितिन से कहा, "चले " "पर सिड", नितिन ने कहा । "वो आ जयेगा  पता है उसे फ्लैट तुम मेरे साथ आ जाओ, " कोमल ने कहा । लिफ्ट मे जा कर उसने थर्ड फ्लोर का बटन प्रेस किया और वो दोनों थर्ड फ्लोर पर आगये । कोमल और नितिन फ्लैट के आगे खड़े कोमल ने घर के बाहर घंटी बजायी  और तभी उसका फ़ोन बज उठा  । उसने फ़ोन उठाया और थोड़ा साइड हो गयी । अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏

  • 17. प्यार बेशुमार - Chapter 17

    Words: 1107

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे , सीरत जो लॉबी मे बैठ कर टीवी देख रही थी और सामने चिप्स के पकेट रखी हुई थी बेल की आवाज सुन सोफे से उठी पिल्लो को साइड मे रखा और अपने स्लीपर्स डाल कर दरवाजे की और बढ़ गयी । उसने जैसे ही दरवाजा खोला सामने देखा और वापस जोर से लगा दिया । " मै कोई सपना देख रही हू क्या  " खुद को दो तीन गाल पे थपकी मारने के बाद एक बार दरवाजा खोला । सामने वापस से नितिन को देख दरवाजा लगा दिया । नितिन को कुछ रियेक्ट करने का भी मौका नहीं मिला । "ये यहाँ? पक्का पीछा करते हुए आ गया है... हे भगवान जी! कितना चेपू है... ", सीरत दरवाज़े से लगी खुद मे बड़बड़ा रही थी । कोमल नितिन के पास आयी और बोली, " क्या हुआ दरवाजा अभी तक नहीं खोला क्या?" " पता नहीं क्या हुआ ?, " नितिन ने कोमल की और देख कर कहा । कोमल ने फिर से बेल बजाई । " ये फिर बेल बजाने लगा, ओफ्फो, "भगवान जी इस बन्दे का करू क्या?, " सीरत खुद मे बोली और भाग कर किचेन मे गयी और वहां से चाकू उठा कर ले आयी । अगर इसने ज्यादा चलाकि की ना आज तो पक्का इसे मार दूंगी  खुद मे डिसाइड करते हुए दरवाजा खोला । सामने कोमल खड़ी थी  सीरत झट से कोमल के गले लग लगयी । "तू आ गयी", सीरत ने कहा तभी उसकी नजर साइड मे खड़े नितिन पर गयी  और मुँह बिगड़ गया । "हाँ आ गयी और इतना टाइम क्यों लगा दरवाजा खोलने मे, " कोमल ने सीरत को साइड करते हुए कहा । "वो...", सीरत नितिन को ही देख रही थी और कुछ कहने को हुई ही थी की कोमल ने कहा," चल अंदर आ और नितिन तुम भी आओ । " " दी ये..., " सीरत जो अब भी दरवाजे पर खड़ी बूत बनी थी उसने कहा । "ये, सिद्धार्थ के फ़्रेंड है", कोमल ने कहा । "पर सिड कहा है ?", सीरत ने कहा । "तू अंदर आएगी", फिर उसके हाथ की तरफ देखते हुए बोली, " और तूने नाइफ क्यों पकड़ी है …" "वो... बस ऐसे ही", सीरत ने कहा । "नितिन बैठो मै पानी ले कर आती हू ", ये कह कोमल किचन की तरफ चली गयी । सीरत तेज कदमो से नितिन के पास आयी आँखों मे देखते हुए नाइफ को उसके आगे दिखाते हुए , "आप यहाँ क्यों? आप मेरा पीछा कर रहे है ना । " "पागल हो क्या अभी तो तुम्हारी बहन ने कहा की सिड के साथ आया हू, " नितिन ने थोड़ा सा पीछे बेंड होते हुए स्माइल के साथ कहा । "वही तो अगर सिड के दोस्त हो आज तक देखा क्यों नहीं मैंने । मुझे तो लगता है मै जिस जिस को जानती हू तुम सबका पता लगवा के पीछा कर रहै हो, " सीरत ने नाइफ की नोक को नितिन के सामने लेहराते हुए कहा । "पहले तो तुम ये नाइफ निचे करो  । नहीं तो तुम मेरा सुन्दर सा चेहरा बिगाड़ दोगी" , नितिन ने नाइफ को साइड करते हुए कहा  । सिद्धार्थ भी अंदर आ गया  और दूसरी तरफ से कोमल भी पानी का गिलास ले कर हॉल मे आ गयी । नितिन को इस तरह खड़ा देख बोली, " अरे तुम अभी तक खड़े क्यों हो? बैठो । " सीरत भी दोनों को देख जल्दी से सही हो गयी । नितिन ने कोमल की और देखा फिर बोला, "किसी को पसंद नहीं आया की मै यहाँ? " "किसको ? " , सिद्धार्थ ने कहा । कोमल ने घूर कर सीरत को देखा । सीरत ने अपना सर निचे कर लिया । अब नार्मल बात है यहाँ कोमल और सीरत के सिवा कोई था नहीं कोमल तो खुद नितिन को ले कर आयी थी और बची हमारी सीरत । "नितिन ऐसा नहीं है", तुम बैठो, कोमल ने कहा और पानी का गिलास आगे बढ़ा दिया । "और चुहिया कैसी है तू? सुना की बीमार हो गयी तू, " सिद्धार्थ ने सीरत के कंधे पर हाथ रखते  हुए कहा । सीरत ने एक पल सिद्धार्थ को घुरा और जबरदस्ती का मुस्कुराते हुए उसका हाथ अपने कंधे से हाथ को झटकते हुए  बोली, " ठीक हू । " सिद्धार्थ नितिन के साइड जा कर बैठ गया  उसे इस वक़्त गुस्सा आरहा था ये दुख की किस तरह सिद्धार्थ ने सीरत के कंधे पर हाथ रखा । "ओये... घूर क्यों रहा है" , सिद्धार्थ ने नितिन से कहा । "सीरत तूने दवाई खा ली..., " कोमल ने सीरत से कहा । सीरत ने आंखे ऊपर की और दाँत दिखाते हुए बोली, "हाँ... हाँ मैंने खा ली दवाई  तू इनको कुछ पूछेगी नहीं बस बिचारो ने पानी पिया है ।" "ओह हाँ.. मै तो भूल गयी तुम लोग  चाय पिओगे... ", कोमल ने कहा । "नहीं कॉफ़ी, " सिद्धार्थ ने कहा । "दी... मेरे लिए चाय..." , सीरत ने कोमल से कहा । कोमल ने अपना सर झटका और फिर से किचन मे चली गयी । सीरत उसके जाते ही टीवी के पास गयी उसके निचे जो ड्रोर था उसे खोला और उसमे से दवाई ली फिर भाग कर डाइनिंग टेबल के पास जा कर पानी की बॉटल ले दवाई को मुँह मे डाल खा गयी । उसकी ये हरकत नितिन बड़े गौर से देख रहा था । और सिड अपने फ़ोन मे लगा हुआ था । सीरत ने दवाई खाई फिर गंदा सा मुँह बनाया पर उसने एक चैन की सांस ली क्युकी अब कोमल को पता चलता की वो दवाई खाना भूल गयी थी और दस बारह लेक्चर मिल जाते खमखा  वैसे उसे कौन सा दवाई खाने मे प्रॉब्लम थी  पर कभी कभी मन नहीं करता था । सीरत ने जैसे ही नितिन को खुद की और देखता पाया तो उसके पास आयी और बोली, " कुछ चाहिए आपको । या मेरे मुँह पर कुछ लगा है । " सिद्धार्थ ने सीरत को ऐसे रियेक्ट करते देखा तो बोला, " क्या हुआ लेडी मगम्बो  तू इससे क्यों लड़ रही बिचारा पहली बार तो आया है । और तू ऐसे लड़ाई कर रही है जैसे बरसो की दुश्मन हो । " "हम्म्म, बिचारा !  क्या आप बिचारे हो ? " सीरत थोड़ा झुक कर नितिन के आँखों मे आंखे डाल बोली  । "तुम मुझे पोक कर रही हो, " नितिन ने ठन्डे लहजे मे  कहा । हं..., सीरत ने सीधी खड़ी होते हुए  कहा,  " नहीं मै तो जस्ट पूछ रही हू । आपको नहीं बताना तो कोई बात नहीं । " अब आगे क्या होता है इनकी जिंदगी मे ये जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 18. प्यार बेशुमार - Chapter 18

    Words: 1061

    Estimated Reading Time: 7 min

    अब आगे "क्या पूछ रही हो " , किचन से कोमल ने आते हुए कहा । "वही की ये भोले है या ड्रामा अच्छा करते है " , सीरत ने सीधे हो कर एक नजर  नितिन को देख कर कहा । "सीरत तुम कुछ जायदा नहीं बोलती  अगर वो कुछ नहीं कह रहा तो इसका मतलब ये नहीं की तुम तंग करों, " कोमल ने कॉफ़ी सामने टेबल पर रखते हुए कहा । "ठीक है अब आप कंपनी दो इनको  मै जा रही हू अपने रूम मे " , ये कहते सीरत ने टीवी ऑफ किया और कमरे मे चली गयी । " सॉरी हाँ पता नहीं क्या हुआ  इसे ये ऐसा नहीं करती , " कोमला ने सफाई देते हुए कहा । "इट्स ओके " , नितिन ने कॉफ़ी पीते हुए कहा । " मुझे लगता है इसके दिमाग़ पर बुखार चढ़ गया है, " सिद्धार्थ ने कहा । " मुझे सब सुनाई देता है " , अंदर से सीरत ने आवाज दी । इतना सुनना ही था की सिद्धार्थ के मुँह कॉफ़ी बाहर आ गयी ।  कोमल और नितिन हसने लगे । सीरत ने दरवाजे पर आ कर कहा, " सिड मुझे तुझ से काम है । " " क्या काम है बता दे, " सिद्धार्थ ने कहा । " यार ! दी ने बताया होगा तुझे  " , सीरत ने कहा । " ओह्ह्ह.... हाँ डोंट वरी मैंने कर ली है बात तुझे कॉल कर दूंगा, " सिद्धार्थ ने कहा । . " धन्यवाद  " , सीरत मे बड़ी सी मुस्कान के साथ कहा और वापस अंदर आ गयी । " अच्छा अब हम चलते है, " सिद्धार्थ ने खड़े होते हुए कहा । " चल भाई कब तक यहाँ बैठा रहेगा, " सिद्धार्थ ने नितिन को हिलाते हुए कहा । " हं... ", नितिन और सिद्धार्थ बाहर आ गये  वहां से निचे आये सीरत अपनी बालकनी मे बैठी उन्हें ही देख रही थी । आज कितना शरीफ बना हुआ था । " हम्म चलो हमने भी बदला ले लिया बड़ा आया .....,"  सीरत ने मुस्कुराते हुए कहा । नितिन ने  एक नजर ऊपर देखा फिर कार मे बैठ गया । " सिद्धार्थ तू किस बारे मे बात कर रहा था, " नितिन ने सिद्धार्थ से पूछा । " मै...,  किस से ?, " सिद्धार्थ ने कहा । "अरे.. उससे, आई मीन सीरत से ..., " नितिन ने कहा । " ओह्ह्ह... हाँ वो उसे इंटर्नशिप करनी है ना... , " तो उस बारे मे बात कर रहे थे हम, सिद्धार्थ ने कहा । "ओह ओके ,  तो तुमने कहा बात की है इस बारे मे, " नितिन ने कहा । " वैसे मै नोट कर रहा हू । की तुम बहुत ज्यादा इंटरेस्ट ले रहे हो , क्या बात है हाँ ?   " सिद्धार्थ ने एक नजर देखते हुए कहा और जैसे उसके चेहरे को पढ़ने की कोशिश कर रहा हो । " हाँ, तो करो नोट मैंने मना नहीं किया  " , नितिन ने कहा  । " कुछ चल रहा है क्या तुम दोनों के बिच " , सिद्धार्थ ने कहा । " कुछ नहीं चल रहा बस ऐसे ही पूछा , " नितिन ने कहा । " तू मुझसे झूठ कह रहा है " , सिद्धार्थ ने कार साइड मे रोकी और नितिन को देखने लगा । नितिन ने कार रूकती देखि तो कहा , " तू गाड़ी क्यों रोक रहा है एक तो कल से  तेरे साथ हू । काम से आज तो घर जाऊ मै ...। " " नो.. पहले तू बता उसने तुम्हे टीज् किया.. पर क्यों? और तुमने कुछ नहीं कहा । ऐसा हो ही नहीं सकता की नितिन जोशी को कोई, इतना कुछ बोल दे और वो शांति से सुन ले एक्सपेक्ट अपने लोगो को छोड़ । और जहा तक मै जनता हू वो तुम्हारी अपनी तो है नहीं  " , सिद्धार्थ ने अपने मन की बात को समाने रखते हुए कहा । "तू ज्यादा सोच रहा है । वो कावू की फ़्रेंड है  तो घर आयी थी बस...,"  नितिन ने कहा । ":तू सच कह रहा है  की वो बस काव्या की फ्रेंड है इसलिए या फिर कुछ और है हाँ .... " , सिद्धार्थ ने अपनी आँखों को उचका कर कहा । " हाँ..., " नितिन ने कहा । सिद्धार्थ ने कार स्टार्ट की , " ठीक है मत बता । " " मैंने जो कहा, वो सच है यार । और तूने बताया नहीं क्या सोचा उसके इंटर्नशिप के बारे मे , " नितिन ने काहा । " क्या करेगा जान कर ? जाने दे  और तू क्यों पूछ रहा है तेरा कोई सीन थोड़ी है " , सिद्धार्थ ने बात को टालते हुए कहा । नितिन समझ रहा था की ये उससे बाते निकलवाने के लिए कर रहा था । फिर कुछ सोच कर बोला,  " हमारी कंपनी मे काफ़ी लोग इंटर्नशिप के लिए आते है और कावू भी तो करेगी इसलिए सोचा की उसे वही इंटरव्यू के लिए बुला लू । " सिद्धार्थ ने खसने की एक्टिंग करते हुए बोला, " कुछ तो हुआ है कुछ हो रहा है । रहने दे मैंने डैड की कंपनी मे रिकमेंड कर दिया है  " और फिर हसने लगा । " शट अप, तू गलत समझ रहा है । बस क्यूट है, थोड़ी सी पागल  है और अच्छी लगती है " , नितिन फ्लो फ्लो मे बोल गया । गाड़ी फिर रुक गयी सिद्धार्थ नॉन स्टॉप उसे देख रहा था । तुझे वो अच्छी लगी..., सिद्धार्थ ने कहा । नितिन उसकी बात काट कर बोला, " तूने फिर कार रोक दी । " " ओह हेलो इतना मत खो जाओ की आपको आपका घर याद ना रहे ..."  सिद्धार्थ ने टॉन्ट मारते हुए कहा । नितिन ने कार की विंडो से बाहर की और देखा और कहा, " ओह हाँ । " " अब बता भी दे इतना नखरा क्यों दिखा रहा है । और अगर कुछ नहीं है तो डोंट वरी मै डैड के ऑफिस मे बात कर ली है तो फ़िक्र मत कर , "  सिद्धार्थ ने फिर से वही बात दोहरा दी  । " तू.. नही मानेगा ,"  नितिन ने आराम से कहा । सिद्धार्थ ने झट से ना मे गर्दन हिलाई । नितिन ने एक गहरी सांस ली और सारी बात बता दी पहली मुलाक़ात से ले आज जो हुआ सब । आगे जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 19. प्यार बेशुमार - Chapter 19

    Words: 1196

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब आगे, " ओह बेटा, तो वो तू था जिसने सीरत को किस किया ? "  सिद्धार्थ उसे देख कर बोला और हसने लगा  । " क्यों क्या हुआ? और तू ऐसे क्यों कह रहा है एक मिनट कही उसने मेरे बारे मे बोला आई मीन उसने तुम दोनों  को बता दिया " , नितिन ने उसे देखते हुए पूछा । सिद्धार्थ हसने लगा, "अरे भाई बताया ? शी इस लीटरली क्राइंग एंड उसने तुझे तो जो कहना था कहा ही मुझे भी इतना सुनाया की पूछो मत । वो सच मे अजूबा है । अब इसमें मेरी क्या ही गलती थी । फिर भी इतना लड़ाई की मेरे से । ये कह सिड हसने लगा " " राइट तुम्हारी गलती नहीं थी अगर वो इंसिडेंट नहीं होता तो वो मुझे नहीं मिलती  सो थैंक्स,"  नितिन ने उसे गले लगाते हुए कहा । " ओह... प्यार करने लगा है मेरा भाई ..."  सिद्धार्थ ने उसे पीछे कर कंधे पर हल्के से मुका मारा । " उम्म्म, हम्म आई लव हर  एंड आई लाइक हर  अब ये मत पूछना क्यों ,, बस अच्छी लगती है  लाइक जो भी है शी इस एक्चुअली क्यूट ... उसकी वो छोटी छोटी उटपटांग हरकतें अच्छी लगती है, "नितिन ने कहा । " ठीक है ठीक है समझ गया  वो कल तेरे ऑफिस आ जाएगी । बाकि जो करना है तुझे करना है क्युकी मै बस लेकर आऊंगा  बाकि सब तुझ पे है ओके "  , सिद्धार्थ ने कहा । " ठीक है  वैसे भी मै नहीं चाहता की उसे पता चले नहीं तो नहीं आएगी वो । इतना मुझे पता है उसने पहले ही भाग जाना है  । और सबसे बड़ी बात तू जनता है मैंने एक बार भी खुद से ढूंढना नहीं चाहा । वो और मै  खुद मिल जाते है  और आज भी  सो आई थिंक डेस्टिनी चाहती है, "  नितिन ने कहा । " ये फिलोस्फर गिरी मत झार और जा तू मै भी अपने घर जाऊ " , सिद्धार्थ ने कहा । " Ok  बाय और याद से मेरी कार वापस भिजवा देना , "नितिन ने कार से उतरते हुए कहा । "हाँ हाँ मुझे तुम्हारी कार रखने का कोई शौक नहीं है  आई हैव माय ओन कार्स सो डोंट वरी .... ", सिद्धार्थ ने उसी लहजे मे कहा । नितिन अंदर आया तो काव्या जो सामने सीढ़ियों से उत्तर रही थी डाइनिंग की तरफ जाने के लिए वो वही रुक गयी और नितिन के चेहरे को देखते हुए बोली," क्या बात है भाई... बड़े खुश नजर आ रहे हो  बाहर आपकी गर्लफ्रेंड है क्या?" " हट पागल, " नितिन ने काव्या के सर पर टैब किया और ऊपर की तरफ चला गया  । "ये इन्हे क्या हुआ? ऐसे... कुछ तो गरबर है नहीं तो भाई ऐसा बेहव नहीं करते , जाने दे मुझे तो भूख लगी है पहले कुछ ठूस लेती हू ",  ये कह काव्या डाइनिंग टेबल के पास आ चेयर को पुल करके बैठ गयी और एक मैड को अपने लिए खाना लगाने को कहा । घर मे इस वक्त कुछ नौकर, काव्या और नितिन के सिवा कोई नहीं था । सुरेश जी और ममता जी किसी के घर फंक्शन मे गए थे उन्होंने काव्या को कहा, पर उसने जाने से मना कर दिया । कव्या खाना खा कर अपने रूम मे जाने लगी थी पर कुछ सोच वह नितिन की रूम की तरफ चली गयी और नितिन से के कमरे का दरवाजा नोक किया । " कॉम इन, " अंदर से आवाज आयी । नितिन ने कपड़े चेंज कर लिए थे  वो इस वक्त लोअर और टीशर्ट मे था उसने काव्या को देखा और कहा, " काव्यू तू यहाँ? " "जी भाई सोचा आपकी ये हसने की वजह पूछ लू, " काव्या ने पास आकर बैठते हुए कहा । " क्या?" नितिन ने कहा । "ये क्या फालतू बात ले कर बैठी हो और किसने कहा की मै हस्ता नहीं आई ऑलवेज स्माइल देख,", नितिन ने स्माइल करते हुए कहा । " ओह भाई ये नकली है जो आपकी अंदर आते वक्त असली स्माइल थी उसकी वजह पूछ रही हू....," काव्या ने कहा । "तुम फालतू के अजमशन लगाना बंद करो और मुझे ये बताना इतने टाइम तक तुम पापा और मम्मा के साथ बाहर गयी थी । तुमने अपनी स्टडी पर फोकस नहीं किया, इंटर्नशिप का अप्लाई नहीं किया,  क्यों?, नितिन ने काव्या से पूछा । "भाई दिस इस रॉंग  मै यहाँ आपकी बात कर रही हू और आप है की... ", काव्या ने कहा । "व्हाट्... रॉंग तुम बात मत पलटो और क्या सोचा है अपनी स्टडी के बारे मे, " नितिन ने सीरियस होते हुए कहा । "भाई मै आयी...., " ये कह काव्या नितिन के रूम से खिसक ली । वही नितिन अपना लैपटॉप ले कर बैठ गया सुबह से काम नहीं कर पाया था तो अभी कुछ टाइम अपने काम को देने लगा । वही सीरत अपनी मम्मा से बात कर रही थी । "हम्म... ठीक है । ओके ये सब छोड़ो ना आप तो लेक्चर देने लगी  भाई ने भी दिया दी भी सुना देती है और अब आप ...."  सीरत ने कहा । "तुम्हे कुछ भी समझना इतना मुश्किल क्यों होता है, कब बड़ी होएगी , "दूसरी तरफ से आवाज आयी । अच्छा अब ये बताइये कब आ रही हो ",  सीरत ने कहा । "अभी कुछ दिन लगेंगे , यहाँ अभी सभी काम होना बाकि है," माँ ने कहा । "तो आपने भाई को क्यों बुला लिया वहां, की लेने आ जाये, " सीरत ने कहा । हमने सोचा की वह आएगा तो बहाना मिल जायेगा की अब बेटा आगया है तो हम चलते है बहुत दिन रह लिए, पर मन ही नहीं रही तुम्हारी मौसी वो कह रही है बिटिया के पग फेरे तक रुक जाओ , माँ ने कहा । "कब है? " सीरत ने कहा । "बस दो दिन बाद ही... ", माँ ने कहा । "तो भाई आ रहे है या नहीं"  , सीरत ने कहा । " नहीं वो कैसे आएगा अब साथ ही आएंगे इसलिए तो कह रही हू मत तंग करना उसे और ख्याल रखना अच्छा अब कोमल को फ़ोन दे उससे भी बात कर लू जरा, " माँ ने कहा । सीरत फ़ोन कोमल के हाथ मे दे कर रूम मे चली गयी सोने के लिए । " हैल्लो माँ कैसी हो ?", कोमल ने कहा । ठीक हू, तू कैसी है ?, माँ ने कहा । " ठीक हू माँ ,"  कोमल ने कहा । "उसका ध्यान रखना थोड़ी पागल है, " माँ ने कहा । "माँ आप परेशान मत हो... मै ध्यान रखूंगी, " कोमल ने कहा । "ठीक है अपना ध्यान रखना और ये प्रशांत कुछ कहना चाहता है बात कर ले" , माँ ने फ़ोन प्रशांत के हाथ मे दिया । "हां, कोमल सुन, तू दो दिन के लिए शॉप जा कर हैंडल कर लेना वैसे मैंने हरमन को कह दिया है बट एक बार तू भी चली जाना, "  प्रशांत ने कहा । " जी भाई, " कोमल ने कहा कोमल ने फ़ोन रखा और सीरत के बगल मे आकर लेट गयी और नींद की आगोश मे चली गयी । आगे जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️

  • 20. प्यार बेशुमार - Chapter 20

    Words: 1395

    Estimated Reading Time: 9 min

    अब आगे, " सीरत तैयार है तू, " कोमल ने उसके मुँह मे खाना डालते हुए कहा । "हाँ दी तैयार हू... अब अच्छा सिड कब तक आ रहा है कुछ कहा उसने .. ", सीरत ने अपने कान मे इयरिंग पहनते हुए कहा । एक्चुली मिरर के सामने खड़ी हो कर कानो मे इयरिंग पहन रही थी कोमल बगले मे उसके मुँह मे खाना डाल रही थी  क्युकी सीरत इस सीरत   । "बस आ रहा है ",  कोमल ने कहा । "हम्म्म., कैसी लग रही हू... ", सीरत ने शीशे के सामने खुद को देखते हुए कहा । "अच्छी लग रही हो ", कोमल ने कहा । उची पोनी कानो मे छोटे छोटे इयरिंग आँखों पर आई लाइनर, होठो पर पिंक कलर का लिपबालम, हल्के आसमानी रंग का शर्ट जिसका एक बटन ऊपर से खुला हुआ था और ब्लैक कलर की पेंट जिसमे  शर्ट को अंदर किया हुआ था । सिड का काल आया, सीरत ने अपने फ़ोन को देखा जिसपे सिड नाम फ़्लैश हो रहा था । "हाँ तो उठा ना, "कोमल ने कहा ।  सीरत ने कॉल पिक की तभी दूसरी ओर से आवाज आयी, " आजा अब कितना टाइम और लगाने वाली है ।" बस आ गयी सीरत ने जल्दी से बाहर को जाने लगी । ओके दी बाय, ये कह वह वहां से लिफ्ट की ओर चल दी । नीचे आने के बाद सिड के साथ वाली सीट पर जा बैठी । " यार तुम लड़किया कितना टाइम लगती हो", सिड ने कहा । "वैसे मैंने ज़्यदा टाइम नहीं लगाया और लगाती भी है तो ये लड़कियों का जन्म सिद्ध अधिकार है", सीरत ने अपना स्टाइल मारते हुए कहा । "हो गया तुम्हारा , " सिड ने सीरत से कहा । "हाँ...", सीरत ने झट से कहा । " फिर चले मैडम,"  सिड ने ये कह कार आगे बढ़ा दी । कार बड़ी सी बल्डिंग के बाहर आ कर रुकी । सीरत कार से बाहर आयी और पूरी बिल्डिंग को देख बोली ," ये कितनी बड़ी है  ओह माय रब जी मै यहा... " "आर यू नर्वस..," सिड ने कहा । "हाँ थोडू थोडू," सीरत ने क्यूट सा फेस बना कर कहा । " तुम्हे जितना कहा है बस उतना कहना और ज्यादा मत बोलना वैसे भी ये बस इंटर्नशिप है सो ज़्यदा लोड लेने की जरूरत नहीं ,  वसे भी तेरा सिलेक्शन पक्का है  " सिड ने साँझ के कंधे पर हाथ रख प्यारी सी स्माइल के साथ कहा । "ओह माय सिद्धू.. तुम हमेशा मेरे साथ हो.... आई लव यू यारा....," सीरत उसके गले लग गयी । अच्छा चलो अब... सिड और सीरत अंदर आ गये  । तब तक सिद्धार्थ नितिन के पास चला गया   । वहां और भी लड़के लड़किया आये हुए थे । इसलिए सीरत भी वही बैठी अपनी बारी आने का इंतजार कर रही होती है । ये पिया अभी तक आयी नहीं उसने कहा था की आ जायेगी  । कॉल करती हू...., सीरत ने खुद मे कहा । पहले से ही सारी बात हो रखी थी इसलिए मुकुल ने थोड़े बहुत सवाल किये और सीरत को कल से ज्वाइन करने को कहा । नितिन के केबिन मे नितिन कब से सिद्धार्थ को गुसे मे घूर रहा होता है । व्हाट.... तू कब तक ऐसे ही घूरने वाला है, सिद्धार्थ ने नितिन को ऐसे देखते हुए कहा । " वैसे तू उससे ज्यादा चैप नहीं हो रहा था । ", नितिन ने उठ कर सिद्धार्थ के पास आते हुए कहा । "मै... और चैप क्या बोल रहा है तू...",  सिद्धार्थ ने उसे साइड करते हुए कहा । "अच्छा और जो अभी बाहर तुम दोनों एक दूसरे को हग किये हुए थे"  , नितिन ने मुँह दूसरी तरफ करते हुए कहा । "ओह... आर यू जेलस..., " सिद्धार्थ ने वापस से चेयर पर बैठते हुए कहा । "या.... आई ऍम मैंने कहा था ना, की मै उसे पसंद करता हू ," नितिन ने भी उसके सामने की चेयर पे बैठते हुए कहा । "हाँ.... पसंद करते हो... इसका मतलब ये थोड़ी है की मै उसे गले नहीं लगा सकता । आफ्टर आल,  शी इस माय साली ,, एंड साली आधी ,, सिड आगे कुछ कहता  नितिन ने घूर कर देखा । तो सिड ने बात चेंज करते हुए काहा, "  यारा ,  शी जी लाइक अ लिटिल सिस्टर सो डोंट वोर्री  तेरी ही मेरी तरफ से कुछ नहीं है उसके लिए । आई ऍम हैप्पी विथ माय कोमल ।  ", "देख जो भी हो उसके पास मत जाना मुझे नहीं अच्छा लगता बस... ", नितिन ने गुस्से मे फर्स्ट फिंगर दिखाते हुए कहा । "Ok... फाइन वैसे मुझे सीरत मे कोई इंटरेस्ट नहीं है शी इस माय फ़्रेंड ओनली और कोमल के कारन मेरे क्लोज है that'स it और हाँ मै भी पसंद करता हू.... , " सिद्धार्थ ने जान के कहा  और नितिन फिर से गुस्से मे सिद्धार्थ को घूरने लगा तब सिद्धांर्थ बोला, "  यार कम्पलीट तो करने दे मै भी पसंद करता हू बट एस अ सिस्टर  अभी कहा था मेरे भाई ऐसे मत घूर  अब, शी इस नाइस और बहुत अच्छी है that's it, गोट that....,  फिर कुछ पॉस ले कर , " हाँ मुझे ये भी पता है तुझे कौन सी वाली पसंद है as अ..., "  और फिर अपनी बात को अधूरा छोड़ दिया  । " हाँ.. ठीक है, सिड ", नितिन ने कहा । "हाँ...? ", सिद्धार्थ ने कहा । नितिन ने आगे बढ़ गले लगाते हुए कहा, " कसी से अभी मत कहना पहले, खुद  उसे अपना बना लू फिर मै खुद सब को बतऊँगा । " "मै समझता हू जब तक तू उसे अपना नही बना लेता तब तक  किसी से नहीं कहूंगा , सो डोंट वोर्री  "सिद्धार्थ ने कंधे पर हाथ रख कहा । "ओके अब चलता हू उसका अब तक इंटरव्यू हो गया होगा,"  सिद्धार्थ ने कहा । हम्म., नितिन ने कहा और साथ मे ही बाहर आगया । सीरत के चेहरे पर बड़ी सी स्माइल थी और वह बाहर आयी सिद्धार्थ वही उसका वेट कर रहा था  आते ही सिद्धार्थ के गले लगी । सीरत की हार्टबीट एक दम फ़ास्ट थी । "डर लग रहा था, " सिद्धार्थ ने कहा । सीरत ने अलग होते हुए खुशी मै कहा, "  हाँ..." फिर उसकी नजर साथ मे खड़े नितिन की तरफ गयी  और बोली, " आप यहाँ? क्यों? " आसपास के लोग सीरत को अजीब तरह से देखने लगे  जैसे कैसा इलॉजिकल क्वेश्चन हो । " ये लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे है जैसे कोई दूसरे प्लेनेट से आई हू?", सीरत ने आसपास देखते हुए कहा । "क्युकी तुम डंब हो....", नितिन ने पास आकर कान मे कहा । सीरत ने नितिन के चेस्ट पर हाथ रख हल्का सा पुश किया । जिससे नितिन थोड़ा दूर हो फिर उसको गुस्से से देखा और वहां से जाने के लिए बोली," सिड चलो मे तुम्हे आइसक्रीम पार्टी देती हू...." "आइसक्रीम पार्टी?, आर यू मैड सीरत", सिद्धार्थ ने कहा । "तुम इतनी बच्चों से हरकतें क्यों करती हो अभी तो तुम ठीक हुई थी जहा तक मुझे पता है ज्यादा दिन नहीं हुए और फिर ... , " सिद्धार्थ ने कहा । सीरत ने अपना मुँह बनाया और बोली, " बस... एक  " "नहीं...."  इस बार नितिन ने कहा । "आप कौन होते हो मना करने वाले, " सीरत ने कहा । "तुम हर वक्त ऐसे क्यों रियेक्ट करती हो," नितिन ने सीरत का हाथ पाकर कर कहा । "वैसे भी अब मेरा मूड खराब हो गए मुझे घर जाना है । सिड घर छोड़ दो मुझे  , "सीरत ने अपना हाथ छुड़वाते हुए कहा । नितिन को उसका चेंज बेहेवियर समझ नहीं आया की उसे देख इतना अनोयिंग क्यों बेहव करती है  । नितिन ने उसे वहां से जाते देखा फिर अपने केबिन मे आ गया । "ये हर बार मुझसे दूर भागने की कोशिश करती है हर बार मेरे साथ रूड बेहव मैंने ऐसा किया क्या है" , नितिन ने खुद मे कहा । कार मे सिद्धार्थ ने ड्राइव करते हुए सीरत की और देखा और कहा, " क्या हुआ सीरत? तुम नितिन को देख इतना चिढ क्यों जाती हो । " सीरत बिना भाव के बाहर देख रही थी  फिर सिद्धार्थ की तरफ देख कर बोली , " तुम बताओ जिसने जबरदस्ती बिच सड़क पर मुझे किस किया मै उसे देख कर कैसा रियेक्ट करू? टेल मी..., । क्या करू ? " आगे जानने के लिए पढ़िए " प्यार बेशुमार " आज के लिए अलविदा मिलते है अगले भाग मे  🙏 ~आरुषि ठाकुर  ✍️