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My Forbidden mistress

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Description

नक्ष मर्चेंट, एक नाम जो बिज़नेस वर्ल्ड का चमकता सितारा है, और महिलाओं के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा। लेकिन उसकी जिंदगी का रुख तब बदल गया जब उसने कशिश को पहली बार अपने सबसे अच्छे दोस्त की मंगेतर के रूप में देखा। कशिश की मासूमियत, उसके चेहरे पर छिपा दर्द...

Characters

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कशिश

Heroine

Total Chapters (136)

Page 1 of 7

  • 1. That was only desire. And I got it. Nothing else

    Words: 1137

    Estimated Reading Time: 7 min

    मुंबई




    बाहरी इलाक़ा




    एक शानदार फार्महाउस




    एक लड़का बेड पर एक लड़की के साथ था और वो लड़की उस लड़के पर झुकी हुई उसकी ब्रॉड चेस्ट को लगातार चूमे जा रही थी और वो लड़का पूरी तरह से उस लड़की के होठों को अपनी चेस्ट पर फील कर रहा था।




    तभी साइड टेबल पर रखा हुआ फोन बजा और वो लड़की थोड़ा डिस्टर्ब हो गई। उसने फोन की तरफ देखा और बोली "कौन है ये जो तुम्हें बार-बार डिस्टर्ब कर रहा है? लगता है, कोई है जो तुमसे बात करने के लिए मरे जा रहा है।




    वो लड़का डेविल स्माइल के साथ ऊपर की तरफ उठा और एक नजर उसने अपने फोन पर डाली, जिस पर एक नंबर फ्लैश हो रहा था और लिखा हुआ था "नमन "




    वो लड़का डेविल स्माइल के साथ बोला "कोई बेशक से मरे या जिए, sweet गर्ल लेकिन मुझे डिस्टरबेंस बिल्कुल पसंद नहीं! " इतना कहकर उस लड़के ने उस लड़की के दोनों हाथों को अपने एक हाथ में जकड़ा और खुद पूरी तरह से उस पर झुक गया।




    वो लड़की दर्द से हल्का सा चिल्लाई और कुछ देर बाद उस रूम में उन दोनों की मदहोशी भरी सिसकियाँ गूंजने लगी।




    Next moring….




    उस शानदार फार्महाउस के सबसे आलीशान कमरे में आलीशान बेड पर एक इंसान लेटा हुआ था जिसकी नींद उसके फोन ने खराब की, उसके फोन की आवाज सुनकर उसके साथ ही सोई एक लड़की की नींद में भी खलल पड़ गया. वो आदमी बेड पर औंधे मुंह लेटा हुआ था और उसकी पीठ साफ दिखाई दे रही थी, बॉडी का बाकी हिस्सा एक ब्लॅकेट से ढका हुआ था।




    उसने अपनी आंखें खोले बिना ही अपने फोन को साइलेंट किया और फिर एक बार फिर से गहरी नींद में चला गया लेकिन उस लड़की की नींद अब पूरी तरह से खुल चुकी थी।




    उसने अपने ऊपर डाले हुए ब्लैंकेट को ऊपर खींच कर अपनी बॉडी को कवर किया और फिर उस शख्स की पीठ पर अपना हाथ रख कर बोली गुड़ मोमिंग हनी.







    "यू सैटअप. " उस शख्स ने अपनी आंखें खोले बिना ही कहा वही उसके मुंह से अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर उस लड़की का मुंह बन गया।




    लेकिन फिर भी उसने खुद को नार्मल रखा और एक बार फिर से अपनी उंगलियों को उसकी पीठ पर चलाते हुए बोली" तुम इतने रुड क्यों हो हनी? .




    उसकी बात सुनकर अब उस शख्स ने अपनी आंखें खोली. ब्लेंक आईज. जिनमे अब नींद नहीं एक अलग ही चमक थी. उसने करवट ली और उस लड़की को अपनी ब्लेंक आईज से देखने लगा. हल्की हल्की बियर्ड में छिपे डार्क लिप्स को हल्का सा काटते हुए वो शख्स उस लड़की को देखते हुए बिस्तर से उठा।




    उसने वहीं एक्स्ट्रा वॉर्डरोब से अपना बाथरोब उठाया और उसे पहनते हुए बोला " I'm rude because you don't deserve my love.




    "ओह हनी " कहते हुए वो लड़की भी उठी और बोली * पर मैं कल सारी रात तुम्हारे साथ थी एंड जो हमारे बीच हुआ वो लव ही तो था.




    वो आदमी जिसकी हाइट तकरीबन 6 फुट 3 इंच थी, फेयर कलर और कानो में ब्लैक रिंग पहने वो तकरीबन 30 इयर्स का, सच मे कहर ढा रहा था। इस वक्त वो अपने बाथरोब की टाई को नॉट कर रहा था जिससे उसकी लेग साफ दिखाई दे रही थी और उसकी वो इमर्ज्ड चेस्ट तो और भी ज्यादा कातिलाना थी।




    वो लड़की मुस्कुराती हुई उसके पास आई और बोली" बताओ ना हनी क्या कल हमारे बीच जो हुआ वो प्यार नहीं था? उसकी बात सुनकर उस शख्स के चेहरे पर एक कातिलाना मुस्कुराहट फिर से आ गई।




    उसने अपने होठों को गोल कर एक गहरी सांस छोड़ी और बोला " That was only desire. And I got it. Nothing else sweet girl.




    उसकी बात सुन उस लड़की ने मुंह बनाया और बोली " पर तुमने मुझसे कहा था कि तुम मेरे लिए कुछ ऐसा करोगे, जिससे मैं खुश हो जाऊंगी।"




    "Yes I said that, I will do that. कहते हुए उस शख्स ने टेबल पर रखी हुई अपनी चेक बुक उठाई और उस पर साइन करते हुए बोला अमाउंट तुम खुद फिल कर लेना.




    * ओह रियली " कहते हुए उस लड़की ने उसके हाथों से वो चेक ले लिया. वो शख्स अब बाथरूम की तरफ बढ़ गया लेकिन जब वो बाथरूम की तरफ जा रहा था तो उसका फोन एक बार फिर से बजा।




    उसने दूर से ही अपने फोन की तरफ देखा और उस पर फ्लैश हो रहे नंबर को देखकर वो तिरछा मुस्कुरा कर बोला

    "मुझे पता है तुम मुझे क्यों बुला रही हो। लेकिन शांत रहो.. आने मे वक़्त लगेगा




    वो लड़की मुस्कुराती हुई वो चेक अपने पर्स में डाल कर जल्दी से बाथरूम की तरफ आई जहां दरवाजे पर अभी वो शख्स अंदर ही जा रहा था। वो उसकी तरफ देखते हुए बोली " I am so happy. Let's enjoy now.




    उस शख्स ने हल्का सा पलट कर उसे देखा और बोला

    लगता है पूरी रात वाइल्ड होने के बाद भी तुम्हारी चाहत पूरी नहीं हुई जो अब सुबह भी तुम्हारी नजरो मे मुझे पाने की तलब दिख रही है।”




    तलब ही नहीं तड़प भी है, प्लीज तड़प को बुझा दो ना.. लड़की ने कहा




    * सॉरी sweet girl बट योर टाइम इस ओवर नाउ, हमारे बीच सिर्फ एक रात की बात हुई थी और अब तो तुम्हें अपनी इस तड़प को खुद ही कंट्रोल करना होगा ।

    " But now I am not interested in you sweet girl. So just get out. कहते हुए उस शख्स ने उसके मुंह पर ही बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया.




    उस लड़की को बुरा लगा लेकिन फिर उसे अपना चेक याद आया और एक बार फिर से वो मुस्कुराने लगी। उसने जल्दी से ब्लैंकेट नीचे फेंका और अपने कपड़े पहन कर वहां से निकल गई।




    वो शख्स कुछ देर बाद शावर लेकर बाहर आया और अपने कपड़े पहनकर रेडी हुआ।




    कुछ देर बाद दरवाजा नॉक हुआ, उसने कमिंग कहा तो एक ब्लैक बिजनेस सुल्त पहले करीबन 25-27 साल का लड़का अंदर आया और वो उस शख्स की तरफ देखते हुए बिना किसी एक्सप्रेशन के बोला " गाड़ी रेडी है बॉस, आपको 12 बजे ऑफिस में पहुंचना है. और सर उस लड़की ने फिर से अपनी गाड़ी बेचने से इनकार कर दिया है..वह उस कार को बेचना हीं नहीं चाहती है चाहे कीमत जो भी हो

    उसकी बात सुनकर उस शख्स में एक गहरी सांस ली और ड्रेसिंग में खुद को देखकर तिरछा मुस्कुराते हुए बोला “

    कम ऑन राज़. नक्ष मर्चेंट के साथ रहते हुए तुम्हें 5 साल हो चुके हैं लेकिन फिर भी तुम इतना नहीं समझे कि नक्ष मर्चेंट को कभी भी वक्त पर पहुंचने की आदत नहीं. उससे मिलने वाले उसकी वर्थ जानते है इसलिए इंतजार में तड़पते हैं और नक्ष मर्चेंट को लोगों को तड़पाना अच्छा लगता है" कहते हुए उसने राज़ की तरफ देखा.




    राज़ उसकी बात सुनकर मुस्कुराया और बोला " येस बॉस.

  • 2. कशिश, तुम्हें नौकरी से निकाला जाता है

    Words: 1346

    Estimated Reading Time: 9 min

    मुंबई का एक फेमस रेस्टोरेंट…

    "कशिश, तुम आज फिर देर से आई हो !"

    सामने खड़ा मैनेजर गुस्से से चिल्लाते हुए कहता है । 21 साल की कशिश, छोटे से चेहरे और उदासी भरी आंखों के साथ मैनेजर को देख रही थी । उसने पुरानी सी जींस और एक सिंपल शर्ट पहन रखी थी । वह रेस्टोरेंट के पैंट्री के पास खड़ी थी, और चुपचाप मैनेजर की डांट सुन रही थी ।




    "आई एम सॉरी, सर... लेकिन मैं क्या करूं ? मेरी बस छूट गई थी, जिस की वजह से मुझे पैदल आना पड़ा । प्लीज, मुझे माफ कर दीजिए । मैं आगे से ऐसा नहीं करूंगी," कशिश ने धीमी आवाज़ में कहा ।




    मैनेजर ने गुस्से से उसे घूरते हुए कहा, "तुम अच्छी तरह जानती हो कि वीकेंड पर रेस्टोरेंट में लोग ज्यादा आते हैं । और तुम्हें आज ही के दिन देर से आना था ? बाहर कस्टमर की भीड़ बढ़ती जा रही है और वेट्रेस कम हैं । जल्दी जा कर तैयार हो जाओ और काम पर लगो ।"




    कशिश जल्दी से अपना सर हां में हिलाती है और फटा फट चेंजिंग रूम में जा कर अपने वेट्रेस वाले कपड़े पहनती है । उसने एक सफेद शर्ट और ब्लैक पैंट पहनी, अपने लंबे बालों को पोनीटेल में बांधा और आईने में खुद को देखते हुए बेबी पिंक कलर का लिप ग्लॉस लगाया ।




    फिर उसने कमर पर लाल और सफेद रंग के चेक जैसे कपड़े का एप्रन बांधा । एप्रन के पॉकेट में दो-तीन टिशू पेपर रखे और ड्रेस की टोपी पहन ली । अपने हाथ में छोटी सी नोट बुक और पेन लेकर वह जल्दी से चेंजिंग रूम से बाहर आई ।

    मैनेजर गुस्से में उसे घूरते हुए बोला, "जल्दी काम पर लग जाओ ।"




    कशिश एक टेबल के पास जाकर ऑर्डर लेती है और किचन में जाकर शेफ से कहती है, "दो पनीर टिक्का और दो मंचूरियन बोल ।"




    शेफ उसका ऑर्डर लेकर चला जाता है । पास में खड़ी भव्या, जो कशिश की दोस्त थी, उसे देख कर कहती है, "तुम्हारे चेहरे पर 12 क्यों बजे हुए हैं ? लगता है आज फिर से मैनेजर सर ने तुम्हारी डांट लगाई है, है न ?"




    और तुम्हें मेरी शक्ल देख कर क्या पता चल रहा है ?" कशिश ने उदास चेहरे के साथ कहा, तो भव्या हंस दी ।

    वह सलाद काट रही थी और सलाद काटते हुए बोली, "क्या बात है ? सुबह-सुबह की क्लास अलग और मैनेजर से डांट पड़ी, वो अलग । कशिश, तुम्हारी जिंदगी तो ढोल बन गई है । जब जिस का मन करे, तब तुम्हें बजा देता है ।"




    तभी वहां खाने की ट्रे लेकर आते हैं, और भव्या और कशिश दोनों सीधे खड़ी हो जाती हैं । जैसे ही सैफ ने खाना कशिश की तरफ बढ़ाया गया, कशिश ट्रे लेती है और कस्टमर के पास चली जाती है, जिन का वह ऑर्डर था । कशिश उन्हें देख कर मुस्कुराते हुए कहती है, "इंजॉय योर फूड ।"




    "Excuse me..." कशिश ने जैसे ही यह आवाज सुनी, उस की आंखें एकदम बड़ी हो जाती हैं और चेहरा डर और घबराहट से भर जाता है । वह धीरे से पलट कर पीछे देखती है, और उसके चेहरे पर डर साफ नजर आने लगता है ।




    सामने VIP सोफे पर एक औरत बैठी थी, जिस ने चेहरे पर घमंडी मुस्कान लिए कशिश को देखा और कहा, "मेरे लिए एक रेड वाइन ले कर आओ ।" कशिश की नज़रें उस औरत पर ही टिकी थीं, लेकिन उस ने अपने कदम आगे नहीं बढ़ाए, बल्कि घबराते हुए वहीं खड़ी रही ।

    कशिश को अपनी जगह पर खड़ा देख कर, मैनेजर उसके पास आ कर उसे डांटते हुए बोले, "क्या कर रही हो, कशिश ? जाओ, जा कर मैडम के लिए रेड वाइन ले कर आओ !”

    कशिश डरते हुए अपना चेहरा हां में हिलाती है । वह जल्दी से वाइन के जगह की तरफ चली जाती है । एक रेड वाइन की बोतल उठा कर, उसने एक गिलास में रेड वाइन डाला । उस के हाथ कांप रहे थे, जिस की वजह से रेड वाइन छलक कर ट्रे पर भी गिर गई थी । वह घबराते हुए टिशू पेपर को ट्रे पर रखती है और फिर उस ट्रे को पकड़ कर डरते हुए उस औरत की तरफ बढ़ने लगती है ।

    जब औरत कशिश को अपनी तरफ आता हुआ देखती है, तो उसके चेहरे पर एक टेढ़ी स्माइल थी और उसके चेहरे पर मक्कारी तो नजर आ हु रही थी । जैसे ही कशिश उसके पास आती है, उसने धीरे से अपना सैंडल आगे किया, जिस से कशिश लड़खड़ा गई और उसके हाथों से ट्रे छूट कर औरत के कपड़ों पर गिर गई ।

    कशिश वैसे ही डरी हुई थी, और उस के हाथों से ट्रे छूट कर कशिश को औरत के कपड़ों पर गिर जाती है । कशिश वैसे ही डरी हुई थी, और जब उस की ट्रे हाथों से छूटकर औरत के सफेद कपड़ों को खराब कर गई ।




    तो वह और भी ज्यादा घबराते हुए उस औरत को देख कर कहती है, "सॉरी, प्लीज, मुझे माफ कर दीजिए ।" उसका पूरा चेहरा डर की वजह से पीला पड़ गया था । उसने जल्दी से नैपकिन ली और उस औरत के कपड़ों के ऊपर रखने लगी ।




    लेकिन उस औरत ने कंधे से कशिश को धकेल कर दूर कर दिया और चिल्लाते हुए कहा, "हाथ मत लगाओ मुझे !"

    वो इतनी तेज चिल्लाई कि मैनेजर के कानों तक आवाज चली गई । वह जल्दी से उस के पास आता है और कहता है, "क्या बात है, मैडम ? क्या हुआ है ?"

    मैनेजर गुस्से में कशिश को देखते हुए कहता है, "क्या किया है तुमने ?" लेकिन कशिश के चेहरे पर घबराहट साफ नजर आ रही थी ।

    वह घबराते हुए उस औरत को देखती हैं । मैनेजर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और जल्दी से उस औरत से कहता है, "हम आपसे माफी मांगते हैं, मिसेज सिंघानिया । हमसे गलती हो गई है ।"

    मिसेज सिंघानिया ने कशिश को देखते हुए कहा, "गलती तुमसे नहीं हुई है, बल्कि गलती तो यहां पर खड़ी यह लड़की है, जिसकी वजह से मेरी महंगी ड्रेस खराब हो गई है । कैसे नालायक की भर्ती कर के रखी हुए हैं तुमने अपने रेस्टोरेंट में ? इस लड़की को अभी इसी वक्त निकाल दो !"

    कशिश का चेहरा डर से भरा हुआ था । वह घबराई हुई नजरों से उन लोगों को देख रही थी । पूरे रेस्टोरेंट की नजरें कशिश के ऊपर थीं ।

    मैनेजर ने स्थिति को काबू में करने की कोशिश की ओर कहा, "मैडम, हम माफी मांग रहे हैं । कशिश भी आपसे माफी मांग लेगी । कशिश, माफी मांगो मैडम से ।"

    कशिश की आंखों में आंसू थे । वह जल्दी से अपना सर हां में हिलती है और अपने दोनों कांपते हुए हाथो को जोड़ कर धीरे से कहती है, "आई एम सॉरी, मैडम । मुझसे गलती हो गई है । प्लीज, मुझे नौकरी से मत निकालिए ।"

    मैसेज सिंघानिया गुस्से में मैनेजर को देखते हैं और उसे धमकी देते हुए कहती हैं, "अगर तुमने इस लड़की को काम से नहीं निकाला, तो तुम्हारे इस रेस्टोरेंट को छोले भटूरे की दुकान में बदल दूंगी ।"




    मैनेजर miss सिंघानिया को अच्छी तरह से जानता था । एक लड़की के लिए वह अपने रेस्टोरेंट को खतरे में नहीं डाल सकता था ।




    इस लिए उसने कशिश की तरफ देख कर सख्ती से कहा, "कशिश, तुम्हें नौकरी से निकाला जाता है । अपना सामान पैक करो ।"

    कशिश की आंखों के आंसू तेज हो गए थे । वह रोते हुए मैनेजर साहब को देख रही थी । भव्या भी एक तरफ खड़ी थी, और उसके चेहरे पर भी आंसू थे, लेकिन वह अपनी दोस्त के लिए कुछ नहीं कर सकती थी । क्योंकि अगर उसने यहां कुछ किया, तो उसे भी मिसेज सिंघानिया के गुस्से का सामना करना पड़ेगा और उसकी भी नौकरी चली जाएगी ।

    मिसज सिंघानिया के चेहरे पर एक भयानक मुस्कान थी । कशिश धीरे से अपना एप्रन खोलते हुए उतार कर वह रेस्टोरेंट के बाहर चली जाती है । मैसेज सिंघानिया उसे जाते हुए देख कर मन ही मन मुस्कुराती रहती हैं ।

  • 3. तुम अपनी जिंदगी जियो और उसे अपनी जीने दो!.

    Words: 1670

    Estimated Reading Time: 11 min

    नक्ष इस वक्त अपने ऑफिस में बैठा हुआ था, उसकी एक मीटिंग चल रही थी. लेकिन उसकी निगाहें मीटिंग पर नहीं बल्कि अपने फोन पर थी, जिस पर एक वेट्रेस की तस्वीर थी और उसे ये तस्वीर उसकी कजन रूही ने भेजी थी। अब ये कौन है?" मीटिंग रूम में बैठा हुआ नक्ष अपने फोन में उस फोटो को देखते हुए कहता है।



    उसने अपना फोन बंद किया और अपने जेब में डालते हुए सामने बैठे सभी लोगों को देखकर कहता है "आने वाले फेस्टिवल सीजन के लिए होटल में एडवांस बुकिंग हो रही है, ऐसे में मर्चेंट होटल का नाम और इसकी रेपुटेशन बरकरार रहनी चाहिए थे! मीटिंग इस ओवर।"



    सामने बैठे सभी बिजनेस पार्टनर हां में अपना सिर हिलाते हैं और सबके चेहरे पर एक संतुष्टि भरी मुस्कान थी। सबका सपना था मर्चेंट इंडस्ट्री के साथ एक बार काम करना और उनका ये सपना आज पूरा हो रहा है। फेस्टिवल सीजन में नक्ष ने छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी कंपनी को मौका दिया था अपने होटल के साथ जुड़ने का।



    मीटिंग ओवर करने के बाद नक्ष केबिन से बाहर निकलता है और उसके पीछे-पीछे उसकी सेक्रेटरी और बाकी का स्टाफ भी बाहर आ जाते हैं।







    नक्ष अपने केबिन में अपनी कुर्सी पर बैठते हुए अपनी सेक्रेटरी मीरा से कहता है "आगे का क्या शेड्यूल है?"







    मीरा ने जल्दी से नक्ष के आगे का शेड्यूल बताते हुए कहा "सर रात को आपकी एक बिजनेस डिनर पार्टी है, वहां पर जर्मन से आए कुछ लोग आपके साथ मिलना चाहते हैं.. लेकिन सर इससे पहले आपको मर्चेंट मेंशन जाना होगा, दरअसल आपकी दादी मां आपके घर बुला रही है। वो आपसे मिलना चाहती हैं।"







    "मुझे पता है वो मुझे क्यों बुला रही है? नक्ष ने फाइल को एक जगह से उठाकर दूसरी जगह रखते हुए कहा और मीरा को घूर कर देखने लगा।







    मीरा के चेहरे पर एक मजाकिया मुस्कान आ गई थी और उसने धीरे से उसे छुपाते हुए नक्ष से कहा "लेकिन फिर भी सर आपको जाना तो होगा ही ना, क्योंकि अगर इस बार मैंने फोन पर उन्हें ना कहा, तो वो आपको लेने डायरेक्ट ऑफिस आ जाएगी।"



    नक्ष मीरा के किसी सवाल का जवाब देता उस से पहले ही उसका फोन वाइब्रेट होता है। वो देखता है तो उस पर रूही की तस्वीर थी.. रूही की तस्वीर को देखकर नक्ष कस कर अपनी आंखें बंद करता है और मीरा को बाहर जाने का इशारा करता है। उसका इशारा पाकर मेरा तुरंत केबिन से बाहर चली जाती है







    नक्ष ने फोन उठाया और स्पीकर पर रखते हुए रूही से कहता है "बोलो रूही!"



    "भाई आपको ये देखना ही होगा, आपको मेरी हेल्प करनी ही होगी. अपने मां से वादा किया था कि आप हमेशा मेरी हेल्प करेंगे तो अब आपको इस सिचुएशन को देखना ही होगा.."





    रूही एकदम से चिल्लाते हुए और झुंझलाते हुए गुस्से में नक्ष से बात कर रही थी। उसकी आवाज सुनकर नक्ष का दिमाग खराब हो जाता है और वो कस कर अपनी आंखें बंद करते हुए और अपना गुस्सा कंट्रोल करते हुए रूही से कहता है "सबसे पहले तो तुम ये चिल्लाना बंद करो और तुम किस बारे में बात कर रही हो? पहले मुझे वो तो बताओ?"





    "भाई आपने मुझसे वादा किया था कि मेरे मुंबई पहुंचने से पहले ही वो लड़की धैर्य की जिंदगी से बाहर होगी, लेकिन आपने अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं किया है और आज तो मैंने उसे सड़क पर एक लड़की के साथ भी देखा है। मैंने आपको उसकी फोटो भेजी है। कौन है वो लड़की .?"





    रूही गुस्से में नक्ष से सवाल कर रही थी। नक्ष कस कर अपनी आंखें बंद करता है और एक गहरी सांस छोड़ते हुए बोला "मुझे कैसे पता होगा कि वो लड़की कौन है? मैं यहां मुंबई में बैठा हुआ हूं और तुम वहां शिमला में हो और मैं एक होटल कंपनी का मालिक हूं, ना कि तुम्हारे बॉयफ्रेंड के आगे पीछे घूमने वाला कोई जासूस! बेहतर यही होगा कि तुम अपनी जिंदगी जियो और उसे अपनी जीने दो.. और तुम धैर्य पर शक क्यों कर रही हो.. क्या तुम अब तक धैर्य को समझ नहीं पाई हो..!.

    रूही जितना धैर्य, धैर्य ने रख है ना उतना धैर्य तो मेरे पास भी नहीं है और मैंने कहा कि अगर तुम्हें धैर्य पर शक है तो मैं उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा करूंगा.. पर इसका मतलब ये नहीं है कि मैं यूं ही किसी तस्वीर के बिना पर उसे पर इल्जाम लगा दूंगा. और क्या होगा अगर धैर्य को पता चल गया होगा कि तुम उस पर इस तरीके से शक कर रही हो और उसका पीछा करती हो तो?" धैर्य ने तो कभी तुम्हारे ऊपर शक नहीं किया है..। और मुझे लगता भी नहीं है कि उसका किसी लड़की के साथ कोई अफेयर है उसका इतना बड़ा बिजनेस है.. जो वह अपने भाई के साथ मिलकर संभालता है लेकिन फिर भी उसने अपने बिजनेस से अलग अपना खुद की एक पहचान बनाई है वह एक पुलिस ऑफिसर है और उसका काम है लोगों की मदद करना ऐसे में अगर वह किसी लड़की से मिलने भी है तो इसमें कौन सी बड़ी बात है..।

    "भाई आप मुझ पर चिल्ला रहे हैं.." रूही एकदम से रोते हुए उससे कहती है। उसके रोने वाली आवाज सुनकर नक्ष अब अपना सिर पकड़ कर बैठ जाता है।



    वो एक गहरी सांस छोड़ते हुए रूही से कहता है "ठीक है रूही मैं तुम पर चिल्ला नहीं रहा हूं, आई एम सॉरी मैंने तुमसे ऊंची आवाज में बात की, लेकिन तुम जो कह रही हो उस बात का कोई प्रूफ नहीं है तुम्हारे पास, मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा लेकिन इसके लिए तुम्हें मुझे थोड़ा टाइम देना होगा।"





    उसके बाद नक्ष ने अपने फोन पर तस्वीर को दोबारा से देखते हुए रूही से कहा "वैसे ये लड़की कौन है जो धैर्य के साथ खड़ी है.?"



    रूही गुस्से में फिर चिल्लाती आवाज में नक्ष से बोली "मुझे नहीं पता, मैं जब उसका पीछा कर रही थी तब वो इस लड़की को सड़क पर एक्सीडेंट से बचाता है और बदले में अपना कार्ड देता है!



    जैसे ही नक्ष ने ये सुन उसकी आंखें हैरानी से छोटी हो गई और उसने कुछ नहीं कहा। वो बस अपनी बहन की बेवकूफों भरी बातों को सुन रहा था. रूही जब उसे कुछ नहीं कहता हुआ देखती तो कहती है "भाई आप हो क्या? आप सुन रहे हो ना मैं आपसे कुछ कह रही हूं?"





    नक्ष कस के अपना सिर पीट लेता है और रूही के बचपन पर उसे डांटते हुए कहता है "तुम पागल हो गई हो क्या? धैर्य ने अपना कार्ड किसी को दिया और तुम इस बात के लिए उस पर शक कर रही हो। दिमाग खराब हो गया है क्या तुम्हारा? खुद भी मरोगी और मुझे भी मरवाओगी".



    "सबको तो मैं ही गलत लगती हूं भाई, आपको भी मैं ही गलत लग रही हूं! धैर्य ने उस लड़की को अपना कार्ड क्यों दिया है.?" रूही लगभग रोते हुए नक्ष से कहती है,, तो नक्ष कस कर अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपना सिर टेबल पर मार लेता है।



    उसने अपने गुस्से को लास्ट लेवल पर कंट्रोल करते हुए अपने हाथों की मुट्ठियां कसी और फोन पर रूही से कहा "ऐसा है रूही, मैं फोन रख रहा हूं क्योंकि दादी ने मुझे घर पर बुलाया है।”

    रूही का फोन रखने के बाद नक्ष अपनी स्क्रीन पर कुछ तस्वीर को देख रहा था, जोकि रूही ने उसे भेजी थी। अपनी बेवकूफ बहन की बेवकूफों वाली हरकत देखकर नक्ष का मन अपना सिर दीवार पर मारने को कर रहा था, लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता था। रूही बचपन से ही उसकी लाडली रही है और सारे घर की सबसे प्यारी रही है, ऐसे में उसके नखरे उठाने ही पड़ते है..





    मुंबई की मेन रोड पर खड़ी होकर कशिश दूर तक पहले समंदर को देख रही थी। ये समुद्र कितनी खूबसूरत है.. ऊपर से डूबते हुए सूरज के साथ तो यह और ज्यादा खूबसूरत लगता है..।लेकिन इसके बावजूद भी कशिश को ये दृश्य मनमोहक नहीं लग रहा था और फिर कैसे ही लगता, उसकी आंखों में आंसू भरे हुए थे और सुबह वो एक रेस्टोरेंट में वेटर्स का काम कर रही थी, पर अब वो वहां से निकाली जा चुकी थी।





    ये नौकरी उसके जीवन का एकमात्र सहारा थी लेकिन अब वो उसके पास नहीं है। ये सब याद करते हुए कशिश की आंखों से आंसू बह रहे थे और वो रोते हुए सामने उस दूर फैले हुए समुद्र की पानी को देख रही थी.. तभी पास से गुजर रही एक बुजुर्ग महिला ने कशिश से कहा.. "बिटिया तुम ठीक तो हो ना, रो क्यों रही हो?"





    कशिश जल्दी से अपने आंसू पोछती है और सिर हिलाते हुए फीकी मुस्कान के साथ उस बुजुर्ग महिला को देखकर कहती है "जी मैं ठीक हूं थैंक यू पूछने के लिए.!"



    बुजुर्ग महिला अपनी बैग में से एक एप्पल निकालती है और उसे कशिश की तरह बढ़ते हुए कहती है "ये लो इसे खा लो, सब ठीक हो जाएगा।"



    कशिश के चेहरे पर फीकी सी मुस्कान थी। उसने हां में अपना सिर हिलाया और उस एप्पल को ले लिया। वो वहीं पर बैठी हुई थी और दूर समुद्र को देखते हुए अपने मन में अपने पापा को याद करते हुए कहती है "आप मुझे अपने साथ क्यों नहीं ले गए पापा. यहां मेरे लिए जीना बहुत मुश्किल हो रहा है, सिंघानिया परिवार मेरा पीछा नहीं छोड़ रहा है, वो मुझे हर जगह ढूंढ निकालते हैं। मैं क्या करूं बाबा? अपनी जान बचाने के लिए मैं कब तक यूहीं भागती रहूं। मुझ में अब हिम्मत नहीं बची है, मैं और भागना नहीं चाहती हूं, लेकिन अफसोस ये है कि मैं अपनी जान भी नहीं ले सकती हूं। अगर मैने फिर से भागने की कोशिश की तो वो लोग फिर से मुझे पकड़ लेंगे। जब तक मैं मर नहीं जाती हूं, तब तक उन लोगों को चैन नहीं मिलेगा।"

    कशिश ये सोचते हुए समुद्र और आसमान के मिल रहे क्षितिज को देखती है और उसकी आंखों से सिर्फ आंसू निकल रहे थे, उसके जीवन पहले ही बहुत संघर्षों से भरा हुआ था, ओर उसे जिंदा रहने के लिए ही संघर्ष करना पड़ रहा था।

  • 4. पोता पोती के लिए मुझे शादी करने की क्या जरूरत है?

    Words: 1175

    Estimated Reading Time: 8 min

    वहीं दूसरी तरफ,

    नक्ष मर्चेंट मेंशन में अपनी दादी के सामने बैठा हुआ था। नक्ष की दादी यानी चित्रलेखा मर्चेंट.. वो इस वक्त 75 साल की एक बुजुर्ग महिला है, लेकिन अभी भी उनका रोब ऐसा है कि उनकी बात पूरे मर्चेंट मेंशन में कोई नहीं काट सकता है। नक्ष सबसे ज्यादा अपनी दादी से ही प्यार करता है, उसकी दादी नक्ष के साथ बैठकर लंच कर रही थी और उन्होंने नक्ष से कहा "नक्ष तुम 30 साल के हो. ये शादी करने के लिए एकदम सही उम्र होती है। सही उम्र में शादी कर लो तो अच्छा होता है, वरना हाथों में मेहंदी लगाने के सपने देखते-देखते बालों में मेहंदी लगाने की उम्र आ जाएगी।"


    नक्ष ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। वो चुपचाप से अपना खाना खा रहा था और दादाजी की बातों का कोई ठीक से जवाब नहीं दे रहा।

    तो वो नक्ष से कहती है.. "मैने तुम्हारे लिए कुछ लड़कियों को सेलेक्ट किया है, तुम उनके साथ डेट पर जाओ और उनमें से किसी एक को चुनकर शादी कर लो। मरने से पहले मैं बस तुम्हें सेटल होता हुआ देखना चाहती हूं और तुम्हारे बच्चों को अपने गोद में खिलाना चाहती हूं, उसके बाद गंगा नहा लूंगी..


    नक्ष ने घूर कर अपनी दादी को देखा, उसकी निगाहें तीखी थी और वो ऐसे देख रहा था जैसे कि ये बात बिल्कुल असंभव है। उसने अपने हाथ में पड़े हुए निवाला को वापस प्लेट में रखा और अपनी दादी से बोला "दादी आपको पोता पोती ही चाहिए ना, तो उसके लिए मुझे शादी करने की क्या जरूरत है? बस आप मुझे ये बताइए कि आपको खेलने के लिए कितने पोता और कितनी पोतियां चाहिए?"


    दादाजी की आंखें एकदम से बड़ी हो गई थी और वो हैरानी से नक्ष को देख रही थी। जिसके चेहरे पर एक मजाकिया मुस्कान थी। दादी ने उसकी बाजू को मारते हुए उसे गुस्से भरी नजरों से घूर कर देखा और उससे कहा "तुम शादी को लेकर सीरियस क्यों नहीं होते हो नक्ष? तुम्हारे ये प्लेबॉय वाला स्टेटस, तुम्हें सोसाइटी में बदनाम कर रहा है जबकि मैं जानती हूं कि तुम ऐसे हो भी नहीं।"


    "और आप जानती हैं कि मैं ये बदनामी अपने सिर क्यों ले रखी है दादी! आप जानती है कि मैं औरतों पर भरोसा नहीं करता हूं, एग्जांपल के लिए आप मेरी मां को ही देख लीजिए.. जिसे मां कहने में भी मुझे शर्म आती है.. नक्ष जब ये कहता है तो उसकी आंखें एकदम गुस्से में भड़क उठी थी। जैसे उसकी आंखों से ही पता चल रहा था कि वो अपनी मां से कितनी नफरत करता है।

    दादी जी लाचारगी के साथ नक्ष को देखती है, वो बहुत छे से नक्ष की हालत को समझ सकती थी, लेकिन अफसोस ये था कि वो नक्ष के लिए कुछ कर ही नहीं पा रही थी। अपनी दादी की आंखों में बेबसी को देखते हुए नक्ष ने धीरे से उनके कंधे पर हाथ रखा और उन्हें समझाते हुए आश्वासन दिया.. "आपको फिक्र करने की जरूरत नहीं है दादी, मैं अकेला ठीक हूं और वैसे भी मैं अपनी जिंदगी किसी ऐसे इंसान के साथ नहीं बिता सकता हूं जिस के साथ मैं नहीं कर सकता हूं..


    "सभी औरतें एक जैसी नहीं होती है नक्ष, मैं भी तो एक औरत हूं और तुम मुझ पर भरोसा करते हो, मेरा यकीन करो मैं तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छी लड़की ढूढ़ूंगी." दादी मुस्कुराते हुए नक्ष को समझाने की कोशिश कर रही थी..

    "मुझे आप पर पूरा भरोसा है दादी, लेकिन मैं शादी करने के लिए तैयार नहीं हूं!"

    नक्ष अपनी जगह से उठता है और अपना ब्लेजर जो उसने बगल की कुर्सी पर रखा हुआ था, उसे उठाते हुए दादी जी से ये सब कहता है।

    दादी जब उसे जाते हुए देखती है, तो वो गुस्से में नक्ष से कहती है "अच्छा तुम शादी करने के लिए तैयार नहीं हो इसलिए डेट पर नहीं जाओगे, तो उस लड़की का क्या?;वो मॉडल जिसके साथ आए दिन तुम्हारा नाम लिया जा रहा है, उसके बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है?"

    "बहुत बुरे ख्याल है दादी, मैं इस बारे में आपसे बाद में बात करूंगा..!" ये कहते हुए उसने अपनी दादी के गालो पर एक लाइट किस किया और उन्हें देखकर बोला "अच्छा मैं चलता हूं, मुझे सच में बहुत जरूरी काम है! मैं आपके कहने पर आ गया हूं, वरना आज रात मेरी एक बहुत इंपॉर्टेंट बिजनेस डिनर पार्टी है. जहां पर मैं मल्लिका के साथ जा रहा हूं।"


    मर्चेंट मेंशन से बाहर आने के बाद नक्ष ने सीधे अपने फोन से एक मैसेज टाइप किया, जिसमें लिखा हुआ था, आज रात 8:00 बजे तैयार रहना.. और ये मैसेज उसने मल्लिका को सेंड कर दिया।"

    मुंबई के एक पुराने इलाके में…

    कशिश उस पुराने से टूटे-फूटे मकान में आती है, जिसे वो घर कहती है, घर में आने के साथ ही वो उसे टूटी- फूटी कुर्सी पर धड़ाम से बैठ जाती है, जिसके एक साइड पर पाया ही नहीं था..उसने ईटों को जोड़कर उस कुर्सी को वहां पर लगा रखा था..तीन टांगों वाली उस कुर्सी पर चौथा टांग जबरदस्ती फिट किया गया था।


    कशिश हताशा से कुर्सी पर बैठी हुई थी और अपना चेहरा ऊपर की तरफ करते हुए, उसने अपने जीवन के बारे में सोचना शुरू किया। आज सुबह जो भी उसके साथ रेस्टोरेंट में हुआ, उसका, उस की जिंदगी पर बहुत गहरा असर हो रहा था। चार साल पहले जब उसे घर से निकाल दिया गया, तब से ही वो ऐसी जिंदगी जी रही है।


    ना तो उसके पास कोई दोस्त है, ना रिश्तेदार और ना ही कोई ऐसी जगह, जहां पर वो सुकून से रह सके। उसके दुश्मन हर शहर में उसका पीछा करते रहते हैं और उसे जान से मारने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से वो एक शहर से दूसरी शहर बस भागती रहती है. लेकिन 4 सालों से भागते-भागते कशिश थक चुकी थी, अब उसे सुकून चाहिए था..


    कशिश अपनी आंखें बंद करते हुए तेजी सिसकी से ले रही थी और जो उसके जीवन में ये नई मुसीबत आई है, उसके बारे में सोच रही थी। हो ना हो वो लोग उसके रेस्टोरेंट में आ सकते हैं और आज कल में कशिश को पकड़ भी लेंगे और फिर से वो कशिश की जान के पीछे पड़ जाएंगे।


    यही सोचते हुए कशिश घबरा रही थी, तभी उसके घर के दरवाजे पर दस्तक होती है। दरवाजे पर आवाज सुन कर कशिश बुरी तरह से डर जाती है और घबराते हुए वहां देखने लगती है। वो जल्दी से अपनी जगह से खड़ी हो जाती है और डरते हुए अपने कदम पीछे लेने लगती है।


    करीब 5 मिनट तक दरवाजा इसी तरीके से आवाज करता रहा और वो भी जोर-जोर से। कशिश डरते हुए दीवार से पूरी तरह से चिपक गई थी, उस की हिम्मत नहीं हो रही थी दरवाजे खोलने की और उसके हाथ पैर भी कांप रहे थे, तभी पर्स में रखा हुआ उसका फोन बजता है।


    वो डरते हुए अपने फोन की तरफ देखती है। उसने जल्दी से फोन निकाला, ये सोचते हुए कि शायद किसी को मदद के लिए बुला ले, उसने देखा कि ये फोन उस की फ्रेंड बांसुरी की तरफ से आया है।

  • 5. भगवान अगर सारे दरवाजे बंद कर देता है, तो एक खिड़की जरुर खोल देता है

    Words: 1568

    Estimated Reading Time: 10 min

    बांसुरी मुंबई में कशिश की इकलौती दोस्त है। इकलौती क्या बस यही समझ लो कि वही उस की दोस्त है, उन दोनों की मुलाकात तब हुई थी, जब कशिश कोलकाता से अपनी जान बचाकर शिमला भाग कर आ रही थी और उसके बाद वह दोनों एक साथ मुंबई आ गए थे

    4 साल पहले जब वो शिमला आई थी, तब उस की टक्कर एक लड़की की स्कूटी से हो गई है। वो लड़की बांसुरी ही थी, बांसुरी उसे हॉस्पिटल लेकर जाती है और उसे रिक्वेस्ट करती है कि प्लीज उसके खिलाफ कंप्लेंट ना करें, कशिश ने उसे बताया कि वो मजबूर है और इस वक्त रहने के लिए एक ठिकाना ढूंढ रही है। बांसुरी खुद एक छोटी-मोटी नौकरी किया करती थी, इसलिए उसने कशिश को अपने साथ रख लिया, इस शर्त पर कि वो दोनों आधा-आधा इस कमरे का रेंट देंगे और जो भी जरूरत का सामान होगा, वो दोनों आधा-आधा शेयर करेंगे।

    बांसुरी का काम ज्यादातर बाहर का ही रहता है, इसकी वजह से कशिश ज्यादातर इस घर में अकेली ही रहती है लेकिन आज बांसुरी को कॉल सामने से आ रही है शायद उसे पता चल गया है कि इस महीने कशिश ने अपने हिस्से का रेंट पर नहीं दिया है।

    यही सोचकर वो डर रही थी। उसने घबराते हुए फोन उठाया तो सामने से बांसुरी की गुस्से भरी आवाज आती है "सो रही है क्या? दरवाजा खोल कब से दरवाजे पर खड़ी हूं मैं।"

    "तुम हो, जो दरवाजा पीट रही हो! हां ठीक है रुको मैं एक मिनट में दरवाजा खोलती हूं.." कशिश ने जाकर जल्दी से दरवाजा खोल दिया.

    बांसुरी घर के अंदर दाखिल होती है। उसने अपना बैग साइड में फेंक दिया। उसने जींस और नॉर्मल सी शर्ट पहनी हुई थी.. कशिश जैसे ही दरवाजा बंद करके बांसुरी के पास आती है।

    बांसुरी गुस्से में उस पर भड़कते हुए कहती है "तुम दरवाजा क्यों नहीं खोल रही थी? मैं पागलों की तरह बाहर खड़ी होकर दरवाजा पीटे जा रही थी और तुम सो रही थी क्या? शक्ल से तो लग नहीं रहा है कि तुम सो रही होगी?"


    "नहीं मैं सो नहीं रही थी, बस कुछ सोच रही थी और दरवाजे की आवाज सुनी नहीं. सॉरी तुम्हे इंतजार करना पड़ा।" कशिश ने हताश अफसोस के साथ बांसुरी को देख कर कहा।

    बांसुरी उस सिंगल बेड पर फेल कर लेट जाती है। कशिश मुस्कुराते हुए उसे देखती है और वो उस कमरे में बने एक छोटे से किचन एरिया में चली जाती है। वो जल्दी से गिलास में पानी लेकर आती है और बांसुरी के सामने रखती है और उस की और देख कर कहती है "तुम तो जल्दी आ गई, तुम तो दो दिन बाद आने वाली थी ना।"

    बांसुरी उस की ओर देख कर बोली "हां मैं जल्दी आ गई, दरअसल मुझे तुझसे कुछ बात करनी है लेकिन वो सब मैं बाद में करुंगी! फिलहाल तुम मुझे ये बताओ तुमने खाना खाया? तुम्हारा चेहरा इतना उतरा हुआ क्यों है? मैं शर्त लगा सकती हूं कि तुमने खाना नहीं खाया होगा, तभी ऐसी शक्ल बना रखी है.. रुको मैं अभी पिज़्ज़ा ऑर्डर करती हूं। एक साथ खाएंगे और फिर मैं तुम्हें बताऊंगी कि क्या बात है।"

    कशिश ने उसे रिलैक्स होने दिया। बासुंरी ने जल्दी ही पिज्जा ऑर्डर कर लिया और कुछ ही देर बाद पिज्जा आ भी चुका था।

    उसके बाद जब वो दोनों पिज़्ज़ा खा रहे थे, तो कशिश धीरे से कहती है "मेरी नौकरी चली गई है!"

    बांसुरी एक दम से हैरान हो जाती है और कशिश को देखने लगती है। वो कहती है "क्या तुम्हारी नौकरी चली गई है, लेकिन अचानक कैसे?.. तुम तो उस रेस्टोरेंट में ठीक काम कर रही थी!"

    "हां लेकिन एक कस्टमर ने मेरी कंप्लेंट की है, जिसकी वजह से मेरी जब चली गई है। अब मुझे पता नहीं कि मैं आगे क्या करूंगी? मेरे पास कोई जॉब भी नहीं है।."

    कशिश की बातों से बांसुरी भी हैरान हो गई थी! उसने अपने पिज़्ज़ा का पीस वापस प्लेट में रखा और उससे कहा "कोई बात नहीं कशिश, सब ठीक हो जाएगा! हम कुछ ना कुछ सोच लेंगे.. भगवान ने अगर सारे दरवाजे बंद कर दिए हैं, तो देखना एक खिड़की जरुर खुलेगा.!"

    कशिश के चेहरे पर अनायास बांसुरी की बातों से मुस्कान आ गई थी, लेकिन तभी उसने कुछ सोचते हुए अपना पर्स लिया और उसमें कुछ ढूंढने लगी, उसे ऐसे ढूंढता हुआ देख बांसुरी कहती है "क्या हुआ? तुम क्या ढूंढ रही हो क्या?"


    कशिश ने अपना सारा बैग बेड पर पलट दिया और उसमें से वो कुछ ढूंढने लगी, तभी उस बैग में से एक मुड़ा हुआ कार्ड मिलता है, जो काफी बुरी तरीके से मुड़ गया था और उसमें सब्जियों के दाग भी लग गए थे..

    कशिश जल्दी से उस कार्ड को लेती है और उसे ओपन करके देखने लगती है, जब वो उसे कार्ड को देखती हैं तो उसके चेहरे पर एक चमक आ जाती है और वो बांसुरी से कहती है "बांसुरी 2 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट होने वाला था, तब एक आदमी ने मेरी जान बचाई थी और बदले में उसने मुझे ये कार्ड देते हुए कहा था कि मुझे किसी काम की जरूरत हो, तो मैं उस से कांटेक्ट कर सकती हूं। तुझे लगता है कि ये आदमी मेरी कोई मदद कर सकता है, कहीं नौकरी दिलवाने में?"

    बांसुरी हैरानी से पिज्जा को चबाते हुए अपना हाथ आगे बढ़ती है और कशिश के हाथों से वो कार्ड ले लेती है.. वो उसे कार्ड को पढ़ने लगते हैं और जैसे ही उसने उस कार्ड पर लिखा हुआ नाम पड़ा, उस की आंखें एक दम से बड़ी हो जाती है। ग्रेवाल ग्रुप इंडस्ट्रीज का ceo मिस्टर धैर्य ग्रेवाल।

    बांसुरी की आंखें एक दम से बड़ी हो जाती है और कहती है "तेरे पास ग्रेवाल इंडस्ट्री के सीईओ का कार्ड कहां से आया है? तुझे पता है ये कंपनी इस देश की सबसे पॉपुलर टॉप 10 कंपनी में से आठवीं नंबर पर आती है.. अरे मैं भी तो इन्ही की रिसोर्ट में काम करती हूं।"

    कशिश एक दम से हैरानी से उसे देख कर कहने लगी "क्या लेकिन तू तो फ्रीलांसर है ना? तेरा काम फोटोग्राफर का है तो तू तो कहीं पर भी काम करती है..!"

    बांसुरी ने हां में अपना सिर हिलाते हुए कहा "हां मैं फ्रीलांसर तो हूं लेकिन इस कंपनी ने मेरी वेबसाइट पर मेरी पिक्चर्स देखी है और उन्हें मेरी खींची हुई तस्वीर इतनी पसंद आई कि उन्होंने मुझे एक परमानेंट जॉब ऑफर किया है। यही बताने तो मैं तुझे यहां आई थी कि मेरी जॉब लग गई है।

    एक बहुत अच्छी कंपनी में और अब देखो क्या इत्तेफाक है, तेरे हाथों में भी उसी कंपनी के सीईओ का कार्ड है, लेकिन तुझे क्या वहां पर जॉब मिल सकती है? क्योंकि ये कंपनी काफी हाईली क्वालिफाइड लोगों को जॉब देती है और तेरी तो ग्रेजुएट भी नहीं हुई है।"

    कशिश का चेहरा अफसोस से भर जाता है? वो निराशा के साथ कहती है "अब मैं क्या करूं? मेरे पास इस नौकरी के अलावा और कोई आखिरी उम्मीद नहीं है और अगर ये भी मुझे नहीं मिली, तो मुझे नहीं पता कि मैं अपने जीवन में क्या करूंगी?"


    "अगर नहीं पता तो फिर पता करते हैं." बांसुरी ने एक दृढ़ विश्वास के साथ कहा, तो कशिश निराशा के साथ हां में अपना सिर हिलने लगी।


    बांसुरी गहरी सांस छोड़ते हुए कशिश की ओर देख कर कहने लगी "देखो कशिश मुझे नहीं पता कि तुम्हारे गुजरे हुए कल में क्या हुआ था और क्या नहीं? ओर न ही मैं तुम्हारी उस दुख भारी कहानी को सुनना चाहती हूं. मैं बस इतना चाहती हूं कि तुम अपने वर्तमान में जियो और अगर तुमने अपना आज खराब कर दिया तो तुम्हारे आने वाला समय भी खराब ही होगा।


    "मैं क्या करूं बांसुरी? मैं हार गई हूं, मैं हर जगह से हार गई हूं, ये जिंदगी मैंने अपने आप के लिए नहीं चुनी थी, बल्कि इस जिंदगी ने मुझे चुना है और अब वो मुझे छोड़ भी नहीं रहा है। मेरा हर दिन एक दर्द भरा दिन होता है, ओर मेरी मजबूरी देखो मैं मर भी नहीं सकती हूं।"

    कशिश एक दम हताशा से रोते हुए कहने लगती है। उसका चेहरा दर्द से टूट गया था और वो बिलख बिलख कर रो रही थी।

    बांसुरी जल्दी से उसके पास आती है और उसे गले से लगा लेती है। वो उसके पीठ को सहलाते हुए कहती है "शांत हो जाओ, कोशिश शांत हो जाओ, सब ठीक हो जाएगा।"

    बांसुरी उसे शांत करवा ही रही थी कि तभी उसका फोन बजने लगता है, जब उसने एक हाथ से फोन निकाल कर देखा तो ये उसके एक फ्रेंड का फोन था, किसी ने बांसुरी की जॉब लगवाने में हेल्प की थी..

    बांसुरी ने फोन उठाकर कान पर लगाते हुए कहा "बोलो राघव और थोड़ा जल्दी बोलना.!"


    सामने से राघव कुछ कहता है और जिसे सुन कर बांसुरी कुछ सोचने लग जाती है और फिर कहती है "अच्छा ठीक है मैं तुम्हें बताती हूं!".

    वो फोन रख देती है और उसके बाद वो कशिश को संभालते हुए कहती है "कशिश पहले रोना बंद करो और शांत हो जाओ, मेरे पास तुम्हारे लिए एक खबर है!"

    कशिश हताशा से भरे चेहरे के साथ रोते हुए बांसुरी को देखती है, तो बांसुरी मुस्कुराते हुए उसके आंसू साफ करने लगती है और फिर उससे कहती है "मैंने तुमसे कहा था ना भगवान अगर सारे दरवाजे बंद कर देता है, तो एक खिड़की जरुर खोल देता है, तुम्हारे लिए वो खिड़की खुल चुकी है। मेरे पास तुम्हारे लिए एक काम है..लेकिन इसके लिए तुम्हें मेरे साथ अभी चलना होगा।”

  • 6. तुम्हारा मूड तो हमेशा ही बना रहता है।,

    Words: 2084

    Estimated Reading Time: 13 min

    वो बांसुरी के साथ तो निकल गई , एक नई उम्मीद के लिए एक नई जिंदगी के लिए, एक नए भरोसे के लिए और एक नई मंजिल के लिए, लेकिन उसे ये तक नहीं पता था कि वो जिस रास्ते पर चल रही है, वो रास्ता किस मंजिल तक जा रहा है। पिछले 4 सालों से कशिश तीन शहर और तीन अलग-अलग जिंदगियां जी रही थी, लेकिन अब वो थक चुकी थी।







    उसे कहीं ठहरना था, कहीं रुकना था, सुकून से सांस लेनी थी लेकिन उसने सोच लिया था, यह नौकरी मिली है के बाद वो अब कहीं नहीं भागेगी, जो भी होगा वो हर हाल में उसका सामना करेगी। इस तरीके से भागते-भागते उसकी जिंदगी गुजर जाएगी, ऐसे में तो सारी जिंदगी वो सिर्फ भागती ही रहेगी, इसलिए उसने ठहरने का फैसला कर लिया था। उम्मीद उसका इंतजार कर रहा था और उसकी किस्मत इस नौकरी में उसके लिए एक नया सवेरा लेकर आएगी।







    वहीं दूसरी तरफ….




    नक्ष पार्टी के लिए निकल चुका था, उसने एक बिजनेस सूट पहना हुआ था, जो उसके ऊपर पूरा फिट बैठ रहा था। उसने खुद को आईने में देखा और एक दराज खोलकर उसमें से अपने लिए सबसे महंगी घड़ी चुन्नी। एक महंगी परफ्यूम को लगाने के बाद नक्ष ने खुद को मिरर में देखा। वो एकदम परफेक्ट दिख रहा था, उसके चेहरे पर एक क्यूट सी स्माइल थी, जिसकी वजह से उसके होठों के साइड में हल्के से डिंपल पड़ रहे थे।







    वो अपना आईफोन लेता है और सीधे अपनी गाड़ी के पास आता है, जहां पर सिक्योरिटी गार्ड कार का दरवाजा खोलते हैं।







    नक्ष जाकर पीछे से किसी सीट पर बैठ जाता है और ड्राइवर से कहता है "मल्लिका के अपार्टमेंट चलना है.!" उसने अपने फोन में मल्लिका को मैसेज करते हुए ड्राइवर से कहा, नक्ष ने मल्लिका को मैसेज किया था, कि वो उसे लेने आ रहा है और मल्लिका को तैयार रहना है, क्योंकि उसे लड़कियों के लिए इंतजार करना पसंद नहीं है।







    नक्ष की कार जैसे ही मल्लिका के अपार्टमेंट के सामने आकर रूकती है, वैसे ही पीछे की गाड़ी में आ रहे हैं, सिक्योरिटी गार्ड बाहर निकलते हैं और नक्ष की गाड़ी के पास खड़े हो जाते हैं।




    दो ही मिनट बीते थे कि मल्लिका लिफ्ट से बाहर आ रही थी, उसे आता देख सिक्योरिटी गार्ड ने जल्दी से कार का दरवाजा खोल दिया और मल्लिका उसमें बैठ गई।




    उसने एक फूल लेंथ, नेट व्हाइट कलर का गाउन पहना था और उसकी ड्रेस के में एक साइड पैरों के पास में कट था, मल्लिका के पर्सनेलिटी बहुत ही अट्रैक्टिव है। वो इस समय इंडिया की सबसे फेमस मॉडल है और उसका फिगर किसी विदेशी मॉडल से कम नहीं है।




    उसके चेहरे पर एक अलग सी चमक है, जो उसे सबसे अलग बनाती है और उसके इसी अट्रैक्टिव फेस की वजह से ही उसे इतनी जल्दी मॉडलिंग का ऑफर मिल गया है और आज इंडिया की सबसे फेमस मॉडल है, जिसका चेहरा हर दूसरे एडवर्टाइजमेंट में दिखाया जाता है।




    सफेद गाउन के साथ उसने अपने बालों को उपर बन की तरह बनाया हुआ था। उसके कानों में डायमंड की इयररिंग्स थी.और हमेशा की तरह उसने अपने चेहरे पर वही मुस्कान रखी हुई थी, जिसकी वजह से उसे इतने सारे मॉडलिंग के ऑफर मिल रहे थे।




    मल्लिका नक्ष के साथ आकर बैठ जाती है और उसे देखकर मुस्कुराने लगती है। गाड़ी में बैठने के साथ ही वो नक्ष के पास सरकते हुए आती है और उसके गालों पर किस करते हुए कहती है "मैं कैसी दिख रही हूं!"




    नक्ष अपने फोन में कुछ कर रहा था, उसने एक नजर मल्लिका को देखा और फिर धीरे से अपने फोन में देख कर कहने लगा." Looking good"




    वहीं दूसरी ओर,







    कशिश सर्वेंट की लाइन में खड़ी थी। उसने एक वाइट रंग की शर्ट पहनी हुई थी और ब्लैक रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी, जो उसकी पूरी तरह से फिट हो गई। स्कर्ट उसके घुटने तक आ रही थी, लेकिन ये उसकी यूनिफार्म थी इसीलिए वो इसे मना नहीं कर पाई, उसके बाल सारे इकट्ठे हो कर ऊपर एक हाई बन में बने हुए थे।




    वो अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ करे हुए एक पेशेवर वेट्रेस की तरह मैनेजर के सामने खड़ी थी और उनके ऑर्डर का इंतजार कर रही थी, कशिश यहां पर अकेली नहीं थी उसके साथ 10 और लड़कियां थी और उन सब ने भी बिल्कुल से एक जैसी ही ड्रेस पहनी हुई थी।




    "मैं आप की तरफ से यहां पर सबसे बेस्ट सर्विस की उम्मीद करता हूं, क्योंकि आज रात हम जिन लोगों को सर्विस देने वाले हैं, वो वीआईपी ही नहीं वीवीआईपी हैं। बिजनेसमैन पॉलिटिशियन, फिल्म स्टार, मॉडल सुपरस्टार, आज की पार्टी में वो सारे लोग आएंगे इसीलिए मैं हमारी तरफ से कोई भी भूल बर्दाश्त नहीं करूंगा.।" मैनेजर ने अपनी सख्त निगाहों से उन लोगों को देखा और उन्हें आर्डर देते हुए कहा।




    लेकिन उसकी निगाहें खासकर कशिश के ऊपर थी, क्योंकि कशिश आज नई आई थी। इसलिए उसने कशिश को देखकर सख्ती के साथ कहा "मेहमानों की जरूरत का पूरा ख्याल रखना, अगर मुझे किसी की कोई भी कंप्लेंट मिलेगी तो मैं उसे तुरंत बाहर निकाल दूंगा!"







    मैनेजर ये कहता हुआ कशिश के पास आता है और उसके गले में पहने हुए स्कार्फ को ठीक से सेट करते हुए कहता है "परफेक्ट दिखना जरूरी है, मैं तुम सभी पर कड़ी नजर रखूंगा, इसलिए अपना फॉक्स सिर्फ अपने काम पर रखना. और अगर मुझे कोई भी पार्टी के किसी कोने में फालतू बैठा हुआ नजर आ गया ना, तो मैं उसे आज की पेमेंट भी नहीं करूंगा और उसी वक्त नौकरी से निकाल दूंगा, समझ में आई बात।







    सारी वेट्रेस एक साथ कहती है "यस सर..




    मैनेजर ने उन्हें देखते हुए कहा "ठीक है अब जाओ यहां से.।"




    सारी वेटर्स वहां से एक-एक करके निकलती है और चली जाती है, लेकिन सिर्फ कशिश, जो लास्ट में बची थी, पर जैसे ही वो जाने के लिए मुड़ती है, मैनेजर उस से कहता है "सुनो लड़की..




    कशिश के कदम रुक जाते हैं और वो घबराते हुए मैनेजर को देखती है, तो मैनेजर घूरते हुए कशिश को देखकर कहता है "हमने तुम्हें काम पर इसलिए रखा है, क्योंकि हमारी एक वेट्रेस आखिरी टाइम पर जॉब छोड़कर चली गई है और तुम्हारी फ्रेंड का मानना है कि तुम ये काम बहुत अच्छे से कर सकती हो, आज की पार्टी बहुत बड़े-बड़े लोगों के बीच में है, अगर तुमने एक भी गलती की तो याद रखना मैं तुम्हें नौकरी से निकाल दूंगा और पैसे भी नहीं दूंगा। मेरी नजर तुम पर ही रहेगी.. क्योंकि बाकी सब को तो मैं जानता हूं, लेकिन तुम यहां पर नई हो।"







    मैनेजर ने कशिश को देखा और उसे एक आर्डर देने वाले अंदाज में धमकाते हुए कहा।




    कशिश के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान थी और वो मैनेजर से बोली "मैं आपकी उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करूंगी सर.।" कशिश ने उन्हें विश्वास दिलाने की कोशिश कि तो मैनेजर ने इसकी जवाब की कोई परवाह नहीं की और एक जिद्दी अंदाज में कहा "देखेंगे!"




    ***

    नक्ष की कार में...




    नक्ष अपने फोन पर कुछ इंपॉर्टेंट मैसेज को चेक कर रहा था और उसका सारा ध्यान इस समय अपने फोन के ऊपर ही था, लेकिन उसके बगल में बैठी हुई मल्लिका अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी। उसने अपने उपर जो स्कार्फ पहन रखा था, उसके किनारो पर कुछ फर लगे हुए थे, जिनसे वो नक्ष के गालों पर और उसके कान के आसपास लगाते हुए शरारत कर रही थी।







    नक्ष ने इरिटेट होते हुए उसके हाथों को अपने गालों से हटाया है और चिढ़ते हुए कहा "अभी नहीं!"




    लेकिन मल्लिका के शरारतें अभी भी नहीं रुकी, उसने अपने गाउन के कटे हुए हिस्से से कपड़ा हटा दिया और अपनी लंबी टांगे नक्ष के पैरों के ऊपर रखती..नक्ष का फोन उसके हाथ में था और उसकी नज़रें फोन से हटकर सीधे मल्लिका के उन चिकनी पैरों पर चली जाती है।







    मल्लिका नक्ष के गालों पर अपनी उंगलियां चलाती है और उसके कानों के पास आते हुए कहती है "क्यों नहीं!"




    नक्ष ने तिरछी नजरों से मल्लिका को देखा, जिसके चेहरे पर मिस्टीरियस स्माइल थी। वो धीरे से नक्ष के सीने पर अपना हाथ लाती है और अपने रंगीन नाखून उसके सीने से होते हुए सीधे उसके पेट के पास ले जाती है और फिर उसके पेट के पास.




    पर जैसे ही वो उसने नक्ष की पेंट पर लगी हुई बेल्ट को अपने हाथ में लिया, नक्ष ने उसी पल उसका हाथ पकड़ लिया.. उसने मल्लिका की कलाई पकड़ी और उसकी कलाई को धीरे से अपने होठों के पास लाता है, वो मल्लिका की कलाई पर एक किस करते हुए उसे कहता है..




    "इरादे अच्छे हैं लेकिन कार की पिछली सीट मुझे इसके लिए कंफर्टेबल नहीं लगती है।.




    "तो फिर वहां चलते हैं ना, जहां तुम कंफर्टेबल हो सको!" मल्लिका ने अपनी आईब्रो उठाई और होठों पर एक मनमोहक मुस्कान के साथ नक्ष के गालों पर हाथ रखते हुए कहा।










    नक्ष ने उसे ऐसा करता देखा, तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है। उसने मल्लिका की कमर पर हाथ डाला और उसे अपने और करीब करते हुए कहा.. "फिलहाल तो मेरा मूड इस पार्टी में जाने का कर रहा है और तुम्हारा मूड का क्या है? वो तो हमेशा ही बना रहता है।, Better luck next time!"




    नक्ष ने इतना ही कहा था कि उनकी गाड़ी पार्टी होटल के सामने आकर रुक जाती है! नक्ष और मल्लिका दोनों गाड़ी से बाहर निकलते हैं। नक्ष के बाजू में मल्लिका ने अपने हाथ को फसाया हुआ था और वो दोनों एक कपल की तरह पार्टी में एंट्री लेते हैं।







    सब लोगों की नजरे उनके ऊपर ही थी, लेकिन मल्लिका की नजर उस पार्टी में किसी को ढूंढ रही थी, पर जैसे ही उसकी नजर उस इंसान से मिलती है उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है, ये कोई और नहीं बल्कि मल्लिका के पिता हैं "मिस्टर सुजीत"







    मल्लिका की आंखे जब अपने पिता से मिलती है, तो वो दोनों ही आंखों ही आंखों में एक दूसरे को कुछ इशारा कर रहे थे, जिसे महसूस करते हुए मल्लिका के चेहरे पर एक मिस्टीरियस और डेविल स्माइल आ जाती है।




    पार्टी में आने के बाद नक्ष अपने बिजनेस पार्टनर के साथ बातों में लग गया था. मल्लिका ने धीरे से उससे कहा कि वो एक ड्रिंक लेकर आती है ,नक्ष ने उसका हाथ छोड़ दिया और मल्लिका सीधे बार काउंटर की तरफ चली गई! वो मुस्कुराते हुए एक ड्रिंक पीती है और पार्टी में सबको देखने लगती है!







    अब तक पार्टी बहुत ठीक ही चल रही थी, पर जब से नक्ष आया था, तब से वो सब का सेंट्रल ऑफ़ अट्रैक्शन बन गया था। हर तरफ उसी की बातें चल रही थी और हर कोई उसी के बारे में बातें कर रहा था।




    वही होटल की कैटरिंग में भी नक्ष की बातें ही चल रही थी। सारी वेटर्स एक जगह खड़े होकर नक्ष के बारे में ही बात कर रही थी।




    "ओ माय गॉड तुमने देखा वो कितना हैंडसम है.।"




    एक वेटर्स ने कहा तो दूसरी वाली ने कहा "हां यार, मैंने उसे पहली बार इतने करीब से देखा है, लेकिन शीट यार हमें फोन रखने की परमिशन नहीं है, वरना मैं उसकी फोटो खींच ली थी। वो कितना हैंडसम है, काश वो मेरा बॉयफ्रेंड होता लेकिन उसकी तो ऑलरेडी गर्लफ्रेंड है।




    उसकी बात पर एक और वेटर्स ने उसके कंधे पर मारते हुए कहा "हां इतना बड़ा बिजनेसमैन, एक वेटर को पसंद करेगा, वो इतना हैंडसम है, अरे obviously बात है उसकी गर्लफ्रेंड तो होगी ही ना, अब तुम लोग ये फालतू की बातें छोड़ो और बाहर जाकर सर्विस करो, उन सब में जो सीनियर वेटर थी, उन लोगों ने उन्हें समझाते हुए कहा और वहीं दूसरी ओर उन लोगों से थोड़ी ही दूरी पर खड़ी कशिश, जो ग्लास रखकर उसमें वाइन डाल रही थी, उसने उन लोगों की बातें सुन ली।







    कशिश ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। वो अपने हाथों में ट्रे लिए हुए बाहर आती है, लेकिन जैसे ही वो कैटरिंग एरिया से बाहर आती है, उसने देखा कि सामने दरवाजे पर ही दो वेट्रेस खड़ी है और सामने किसी को देखकर बहुत ज्यादा एक्साइटेड हो रही है l




    कशिश ने हैरानी से उन दोनों को देखा और फिर सामने देखने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसे इतने सारे आदमियों के सिर्फ कोट ही नजर आ रहे थे। ऊपर से वो लोग किसे देख रही थी, ये भी पता नहीं चल रहा था।




    तभी वहां पर सीनियर वेटर आती है और कहती है "तुम नई लड़की हो ना, यहां क्या कर रही हो? वहां देखो, वहां पर गेस्ट के हाथों में ड्रिंक नहीं है, जाओ जाकर वहां पर सर्व करो।"

  • 7. मल्लिका को नक्ष का बनना था, ओर उसे अपना बनाना था।

    Words: 1939

    Estimated Reading Time: 12 min

    "कशिश तुम यहां क्या कर रही हो? जाओ उस तरफ जाओ, देखो वहां पर वीवीआईपी गेस्ट खड़े हैं और उनके हाथ खाली हैं.।" सीनियर वेटर ने आकर कशिश को हिलाते हुए पूछा तो कशिश जल्दी से उनकी तरफ देखती है और हां में अपना सिर हिलाती है ओर उन गेस्ट की और अपने कदम बढ़ा देती है।







    नक्ष और मल्लिका की खबरें इस समय मार्केट में गर्म - गर्मी से चल रही थी, इसीलिए वहां पर मौजूद मीडिया के लोग उन दोनों की फोटोज एक साथ ले रहे थे। मल्लिका पोज देते हुए नक्ष के साथ रोमांटिक पिक्चर्स क्लिक करवा रही थी.. एक दो फोटो लेने के बाद नक्ष ने अपना हाथ दिखाकर रिपोर्टर्स को रोकने के लिए कहा और तभी वहां पर नक्ष की सिक्योरिटी जाकर रिपोर्टर्स को रोक देती हैं और एक साइड हटा देती हैं।







    नक्ष उन इन्वेस्टर के साथ बातें करने लगा, जिनके साथ बात करने के लिए वो इस पार्टी में शामिल हुआ था और मल्लिका अपनी जैसी दूसरी मॉडल के साथ बातें करने में बिजी हो जाती ही।







    नक्ष अपने इन्वेस्टर के साथ एक राउंड शेप टेबल पर बैठा हुआ था, तभी उस टेबल पर कशिश आती है, उसके हाथों में ड्रिंक की ट्रे थी। वो एक-एक करके सबके सामने ड्रिंक रखती है। सारे इन्वेस्टर अपने प्रोजेक्ट का पॉइंट ऑफ व्यू नक्ष के सामने रख रहे थे और नक्ष उनकी बातों को ध्यान से सुन रहा था।







    कशिश ने किसी की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही नक्ष का ध्यान कशिश की तरफ था। वो बस मीटिंग में हो रही बातों को सुन रहा था।




    कशिश नक्ष के पास आती है और उसके सामने एक ड्रिंक का ग्लास रख देती है., नक्ष अपना हाथ उठाकर उसे जाने का इशारा करता है, उसने ये तक नहीं देखा था उसे ड्रिंक सर्व किया किसने हैं?







    कशिश वहां से चली जाती है पर थोड़ा ही आगे जाकर वो पलट कर उस शख्स को देखने लगती है.लेकिन अब उसे सिर्फ नक्ष की पीठ नजर आ रही थी।




    नक्ष मीटिंग में ऐसे बिजी हो गया था, जैसे मल्लिका उसके साथ थी ही नहीं और मल्लिका ये चीज देख कर बहुत ज्यादा इरिटेट हो रही थी। वो यहां नक्ष के साथ आई थी लेकिन नक्ष ने उसे पार्टी में अकेला छोड़ दिया था। हालांकि वो पार्टी में और भी बड़े-बड़े लोगों से मिल रही थी लेकिन उसे नक्ष की अटेंशन चाहिए था और वो चाहती थी कि नक्ष बस उसके पास, उसके साथ ही रहें।




    मल्लिका ने जल्दी से इधर-उधर देखा। वो अपने डैड को ढूंढ रही थी और तभी उसकी नज़र अपने डैड पर गई, जो बार काउंटर के पास एक ऊंचे स्टूल पर बैठे हुए थे..







    अपने डैड को ड्रिंक का मजा लेते हुए मल्लिका गुस्से में उनके पास जाती है और सीधे उनके सामने अपना क्लचबैग फेंकते हुए उनकी ओर देख कर कहती है "क्या कर रहे हैं डैडी? आप यहां पर आकर ड्रिंक के मजे ले रहे हैं और मैं वहां पर नक्ष की अटेंशन पाने के लिए पागल हुए जा रही हूं, लेकिन अटेंशन तो दूर की बात है, यहां पार्टी में लाने के बाद तो उसने मेरी तरफ देखा तक नहीं है।"




    सुजीत जी ने जब मल्लिका की तरफ देखा तो मल्लिका इरिटेट होते हुए उनके सामने रखे ऊंचे से स्टूल पर बैठ जाती है और उनकी ओर देख कर कहती है "डैडी मैंने अपने हिस्से का वादा पूरा किया है, आपने कहा था कि नक्ष की गर्लफ्रेंड बन जाओ और आज मैं नक्ष की गर्लफ्रेंड हूं लेकिन उसके बाद भी मुझे वो राइट नहीं मिल रहे हैं, जो नक्ष की गर्लफ्रेंड को मिलनी चाहिए।"







    सुजीत जी हंसते हुए उस की ओर देख कर कहते हैं "तुम इस बात के लिए इतना क्यों परेशान हो रही हो मल्लिका? तुम नक्ष की गर्लफ्रेंड हो ये बात सारा शहर जानता है. और जहां तक मुझे लगता है कि नक्ष तुम्हें नहीं छोड़ेगा, वैसे भी उसके शौक से तो सारा शहर बाकी है लेकिन वह दुनिया के सामने तो तुम्हें ही अपने साथ रखता है ना क्या फर्क पड़ता है कि उसके साथ बिस्तर पर कौन है..लेकिन अगर वो दुनिया के सामने तुम्हारा हाथ पकड़ कर आ रहा है, तो तुम्हें प्राउड फील होना चाहिए क्योंकि नक्ष के साथ आज तक कोई लड़की नहीं देखी गई है।"







    मल्लिका गुस्से में अपने पिता को घूर कर देखते हुए कहती है "पता है डैडी कि नक्ष की जिंदगी में कई लड़कियां आई है, पर उस की लाइफ में आने वाली मैं पहली और आखिरी लड़की हूं, लेकिन मैं सिर्फ उसके लिए एक स्टेटस सिंबल हूं..मुझे एक स्टेटस सिंबल नहीं बनना है। मुझे नक्ष का साया बनना है, उसका वजूद बनना है, मैं चाहती हूं कि जब नक्ष का नाम लिया जाए तो साथ में मेरा भी नाम लिया जाए.l।"




    सुजीत जी देख सकते थे की मलिका इस बात के लिए कितना सीरियस है!




    वो कुछ सोचते हुए मल्लिका की ओर देख कर कहते हैं "तुम सच में नक्ष के साथ इस रिलेशन को लेकर सीरियस हो? क्योंकि मुझे नक्ष सीरियस नजर नहीं लग रहा है।"







    मल्लिका उनकी ओर देख कर बोली "नहीं डैडी मैं सीरियस हूं, मैं नक्ष को लेकर सीरियस हूं और हमारे रिलेशन को लेकर भी सीरियस हूं और मुझे नक्ष की तरफ से भी ये सीरियसनेस चाहिए. हालांकि उसने कभी कुछ ऐसा नहीं किया है, जिसकी वजह से मुझे लगे कि वो मुझे disagree कर रहा है. इन फैक्ट अगर मैं उसे किस करने की कोशिश करती हूं, तो वो मुझे मना तो नहीं करता है लेकिन उसके इनकार करने का तरीका बहुत रोमांटिक होता है। लेकिन फिर भी डैडी मुझे नक्ष चाहिए! मुझे पूरा का पूरा नक्ष चाहिए, चाहे कुछ भी हो जाए मुझे नक्ष ही चाहिए!"







    सुजीत जी हैरानी से मल्लिका को देख रहे थे। उनकी बेटी नक्ष के लिए ऐसे जिद कर रही है, जैसे कि वो कोई खिलौना है..उन्हे इस बात से थोड़ी हैरानी होती है, लेकिन मल्लिका हमेशा से उनकी लाडली रही है। इसीलिए वो उस की हार जिद को पूरी करते आए हैं,, ऐसे में सुजीत जी मल्लिका की ये जिद कैसे पूरी नहीं करते।







    उन्होंने कुछ सोच कर मुस्कुराते हुए मल्लिका की ओर देख कर उससे कहा "अगर ऐसी बात है तो ठीक है, तुम जाओ जाकर अपनी फ्रेंड्स के साथ बात करो, थोड़ी ही देर में नक्ष तुम्हें खुद अपने पास बुलाएगा।"




    जैसे ही सुजीत जी ने ये कहा मल्लिका के चेहरे पर चमक आ जाती है! वो जल्दी से अपने डैड के गले लग जाती है और खुश होते हुए वापस अपने दोस्तों के बीच चली जाती है। उसके मन में लड्डू फूट रहे थे, क्योंकि आज उसे वो मिलने वाला था जिसके लिए वो इतना इंतजार कर रही थी। मल्लिका को सुजीत जी पर पूरा भरोसा था कि अगर उन्होंने कहा है कि वो मल्लिका के लिए ये करेंगे तो वो जरूर करेंगे।"




    सुजीत जी ने एक बार टेंडर को अपने पास बुलाया और उसे कुछ इशारा किया.. उसके बाद उसे बार टेंडर को नक्ष की तरफ इशारा करते हुए उसने वेटर के हाथों में एक नोटों की गाड़ी रख दी।




    वेटर ये देख कर हैरान होता है, लेकिन नोट देख कर उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। वो हां में अपना सिर हिलाता है उसके बाद वेटर बार काउंटर के पीछे चला जाता है, वहां से वो एक ड्रिंक बनाकर लाता है और सुजीत जी को इशारा करते हुए वो नक्ष के पास ले जाता है।




    नक्ष अपनी मीटिंग में बिजी था और जैसे ही वेटर ने उसके सामने वो ड्रिंक रखा, नक्ष ने उससे कहा "मेरे पास ऑलरेडी ड्रिंक है ये जाकर किसी और को सर्व कर दो।"




    वेटर जल्दी से कशिश की रखी हुई ड्रिंक उठाकर अपनी ट्रे में रख देता है और कहता है "सर एक्चुअली ये ड्रिंक आपको किसी ने ऑफर की है!"




    नक्ष ने हैरानी से वेटर की तरफ देखा तो वेटर ने सुजीत जी की तरफ इशारा किया.. नक्ष अपना चेहरा घुमा कर सुजीत जी की तरफ देखते हैं, तो सुजीत जी अपने हाथों में पकड़े हुए ड्रिंक के गिलास को हवा में हल्का सा उठाते हुए नक्ष को चेयर्स कहते हैं। नक्ष भी मुस्कुराते हुए ड्रिंक उठा लेता है और हवा में उठाते हुए उन्हें चेयर्स कहता है।




    वोटर वहां से चला जाता है और सुजीत जी भी वहां से चले गए थे, जाने से पहले उन्होंने मल्लिका को एक टेक्स्ट मैसेज कर दिया था। जिसमें लिखा था तुम्हारा काम हो गया है..




    मल्लिका के चेहरे पर एक डेविल स्माइल थी और अब उसे इंतजार था नक्ष के रिएक्शन का, ओर कब नक्ष अपना ड्रिंक खत्म करता है और अपनी मीटिंग्स को कंटीन्यू रखता है..




    नक्ष की ड्रिंक खत्म हो गई थी और उस की मीटिंग अभी भी चल रही थी। करीब आधे घंटे बाद नक्ष को अपने हाथ पैरों में एक अजीब सी झनझनाहट महसूस होने लगती है.पूरे हॉल में एक से ठंडक हो रही थी,

    लेकिन नक्ष को अपने माथे पर पसीना का अनुभव हो रहा था. उसे अजीब सी घबराहट हो रही थी और अंदर ही अंदर उसे गर्मी महसूस हो रही थी। उसने अपनी टाई ढीली की और तेजी से अपने होठों को गोल करते हुए वो सांस लेने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसके अंदर की बेचैनी और गर्मी बढ़ती जा रही थी।.




    अचानक से नक्ष को अपने शरीर के निचले हिस्से में अजीब सी बेचैनी का अनुभव होता है। उसे ऐसा लगता है जैसे कि उस पर हजारों तरह की चीटियां रेंग रही है और उसे बेचैन कर रही है, ऐसा पहली बार था जब नक्ष अपने आप ऊपर से बेकाबू हो रहा था।




    मल्लिका अपने दोस्तों के साथ बैठी हुई थी, लेकिन उस की नज़रें नक्ष के ऊपर ही थी और जब उसने नक्ष की हालत को हल्का सा बदलते हुए देखा तो उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। उसने अपना अगला वार छोड़ा और जल्दी से नक्ष के फोन पर एक पिक्चर सेंड कर दी।




    नक्ष का फोन टेबल पर ही रखा था। जैसे ही उसने स्क्रीन पर नोटिफिकेशन देखा, वो तेजी से सांस लेते हुए अपना फोन ऑन करता है और जब उसने मल्लिका की भेजी हुई फोटो को देखा तो उस की उत्तेजना और बढ़ जाती है, मल्लिका ने उसे अपनी बिकनी वाली फोटो भेजी हुई थी।




    अचानक से नक्ष बहुत ज्यादा हार्ड महसूस करता है और उस की बेचैनी बढ़ती जाती है। उसने जल्दी से अपनी टाई को पूरा ढीला कर दिया और अपने शर्ट के दो बटन खोल दिए। उसका चेहरा हल्का-हल्का लाल होने लगा था, अपने इन्वेस्टर्स को देख कर नक्ष ने अपने थोड़ी हल्की अंदाज में कहा.. "द मीटिंग इस ओवर जेंटलमैन, आप लोग एक डेट फाइनल कर दीजिए और उस डेट तक मुझे सारे प्रोजेक्ट और इन्वेस्टमेंट की लिस्ट भेज दीजिए।




    नक्ष इतना कहकर जल्दी से पार्टी हॉल से गार्डन की तरफ निकल जाता है। रास्ते में जाते हुए उसने मल्लिका को मैसेज कर दिया, जैसे ही मल्लिका को उसका मैसेज मिलता है उसके चेहरे की मुस्कान और भी ज्यादा गहरी हो जाती है। अब उसका इंतजार खत्म हुआ,, अब बस उसे नक्ष का बनना था, ओर उसे अपना बनाना था।




    लेकिन जैसे ही उसने अपना चेहरा घुमा नक्ष की कुर्सी पर देखा, तो उसकी आंखे हैरानी से बड़ी हो गई क्योंकि वो कुर्सी अब खाली थी, वो उठकर नक्ष को पार्टी में हर तरफ ढूंढने लगती हैं..नक्ष गार्डन एरिया में चला गया था। उस की शर्ट के तीन बटन खुले हुए थे और टाई को निकाल कर उसने कहीं फेंक दिया था।




    वो गार्डन में ताजी हवा का अनुभव करना चाहता था लेकिन उस की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही थी कि उसे इस वक्त मल्लिका की बहुत ज्यादा जरूरत महसूस हो रही थी। नक्ष को पता था कि वो कल को इस चीज के लिए पछताएग, लेकिन इस वक्त उसका दिमाग और बॉडी दोनों ही उसके काबू में नहीं थी।

  • 8. कशिश का डर आया उसके सामने

    Words: 1215

    Estimated Reading Time: 8 min

    वहीं दूसरी तरफ,

    कशिश अपना काम कर रही थी। बाकी वेटर की तरह वो भी सबके पास जाकर ड्रिंक सर्व कर रही थी। वो वापस ट्रे लेकर मेहमानों की तरफ जाने के लिए मुड़ी ही कि वो किसी लड़की से टकरा जाती है और ड्रिंक उस लड़की के सैंडल पर गिर जाती है।





    वो लड़की गुस्से में चिल्लाते हुए कशिश पर बहुत नाराज होती है। मैनेजर इसके लिए उस लड़की से माफी मांगता है और कशिश को बहुत कुछ सुनाता है। कशिश की आंखों से आंसू बह रहे थे लेकिन फिर भी उसने उस लड़की से सॉरी कहा जो बदतमीजी से कशिश से बात कर रही थी।







    लड़की कशिश को बुरा भला बोलकर वहां से चली जाती है और मैनेजर कशिश को डांटकर सही से काम करने के लिए कहते हैं उन्होंने कशिश की ओर देख कर उस से कहा "ये तो शुक्र है कि हमने तुम्हें जॉब से नहीं निकाला है, वरना तुम्हारी हरकत की वजह से तुम्हारी नौकरी भी जा सकती थी, पर तुमने जो नुकसान किया है ना उस की वजह से तुम्हारी सैलरी में से इस ड्रिंक के पैसे काटे जाएंगे..अब आगे से ध्यान से काम करना कहीं ऐसा न हो पूरी सैलरी ही काट दी जाए।"







    कशिश की आंखों में आंसू थे और उसने जल्दी से मैनेजर के समाने हां में अपना सिर हिलाया। वो वापस से कैटरिंग की तरफ आ जाती है। उसके आंसू रुक ही नहीं रहे थे। उस की जिंदगी इतनी ज्यादा उलझनों में कैसे फंसी हुई थी कि उसे कहीं सुकून ही नहीं मिल रहा था?



    कशिश बहुत ज्यादा परेशान थी। फिर उस की नजर उस ट्रे पर जाती है, जिस पर से आधा ड्रिंक छलक कर गिर गया था लेकिन उस गिलास में अभी भी आधा ड्रिंक बाकी था। कशिश ने सोचा वैसे भी इसके पैसे तो उस की सैलरी से कट ही रहे हैं, तो इसे फेंकने का कोई फायदा नहीं है। वैसे भी कशिश बहुत ज्यादा परेशान थी, अपनी लाइफ के उलझन में ये इतनी उलझी हुई थी कि उसने और किसी चीज की परवाह नहीं की।







    वो ड्रिंक उठाती है और अगले ही पल उस आधे ड्रिंक को वो गटक जाती है। उसने बहुत बार ड्रिंक की थी या यूं कह लो कि जब से वो अपने घर से भागी थी, ये शराब ही थी जो उसके जीने का सहारा थी। जो उसके दर्द को भुलाने में कभी-कभी उस की मदद कर दिया करती थी, लेकिन कशिश के पास पैसे नहीं होते थे। उस की वजह से वो हमेशा सस्ती शराब पिया करती थी। इतने महंगे वाइन को ना तो पीने की उस की औकात थी और ना ही उसके पास इतने पैसे थे इसीलिए उसने इस आधे वाइन को फेंकने से बेहतर है इसे पी लिया।







    उसे पीने का इतना शौक तो नहीं था, लेकिन शराब पीकर वो थोड़ी देर के लिए अपने दर्द को भुला देती थी। इसी सुकून के लिए धीरे-धीरे उसे पीने की आदत होने लग गई है।







    ड्रिंक पीने के बाद कशिश अपने आप को संभालती है और वापस से पार्टी की तरफ आती है, पर जैसे ही उसने दरवाजे से बाहर अपना कदम रखा एक मजबूत हाथ ने उसे खींच लिया और अगले ही पल उसे एक अंधेरे कोने में ले जाकर खड़ा कर दिया, लेकिन जब कशिश ने अपनी नशीली आंखों से उस शख्स को देखा तो उसका सारा नशा एक पल में ही उतर जाता है।





    जैसे ही वो वहां से जाने वाली थी, वैसे ही कोई उसका हाथ पकड़ कर उसे एक कॉर्नर में ले गया और उसका मुंह दबा दिया, जब कशिश ने उस शख्स को देखा तो उसके चेहरे का रंग एकदम उड़ चुका था और उस आदमी के चेहरे पर एक मक्कारी भरी मुस्कान थी।





    वो शैतानी हंसी के साथ कशिश को देखता है और उसके कानों के पास जाकर कहता है "एक बार फिर से तुमसे मिलकर खुशी हुई.!"





    कशिश के हाथ पैर कांप रहे थे और चेहरा डर से भर गया था। ये उस की जिंदगी का सबसे बुरा सपना था, जो वो अपने सामने देख रही थी। उसके सामने 40 की उम्र के आसपास का एक आदमी सूट पहने हुए था और वो एक घिनौनी मुस्कान के साथ कशिश को देख रहा था.।





    उस की निगाहों को महसूस करते हुए कशिश के रोंगटे खड़े हो रहे थे। वो अपनी जगह पर खड़े-खड़े कांप रही थी..





    वो आदमी दीवार की एक तरफ अपना हाथ रखता है और कशिश के ऊपर हल्का सा झुकते हुए कहता है "मैंने उम्मीद नहीं की थी कि आज रात मैं तुम्हें यहां देखूंगा.!"



    उस आदमी के चेहरे पर एक रहस्यमई मुस्कान थी। उसने अपनी निगाहों से ऊपर से लेकर नीचे तक कशिश को देखा और अपनी डेविल स्माइल के साथ उसे देख कर कहता है "तो तुम वेट्रेस हो.. मतलब तुम्हारे ऐसे दिन आ गए हैं कि तुम्हें वेट्रेस का काम करना पड़ रहा है।"



    कशिश का गला सूख गया था! उसके माथे पर पसीना आ गया था और उसे ऐसे देख कर वो शख्स और ज्यादा गहरी मुस्कान के साथ उसे देखता है।



    वो एक साइड काउंटर से नैपकिन उठाता है और उससे कशिश के माथे पर लगाते हुए उसका पसीना पोछने लगता है।



    वो कशिश की आंखों में देख कर बोला "अरे तुम मुझसे डर क्यों रही हो? तुम तो ऐसे रिएक्ट कर रही हो जैसे मुझे जानती ही नहीं हो, जानती हो ना मैं कौन हूं और तुम्हारे साथ क्या कर सकता हूं?"



    जैसे ही वो कशिश का पसीना उसके माथे से पोंछकर उसके गालों पर हाथ रखने ही वाला होता है, उसी वक्त कशिश ने अपने दोनों हाथों से उसके सीने पर रख कर उसे धक्का दिया और उसे खुद से दूर किया।



    अगले ही पल वो पार्टी हॉल की तरफ भाग गई और लोगों के बीच से होते हुए दूसरी तरफ निकल गई। वो शख्स गुस्से में बस उसे जाता हुआ देखता रह जाता है।



    वो पार्टी हॉल में आता है और उसे हर तरफ देखता है पर यहां पर इतने सारे लोग थे, इन लोगों के बीच उसे कशिश नजर ही नहीं आ रही थी।





    वो गुस्से में लोगों को हटाता हुआ, कशिश को ढूंढ रहा था लेकिन अब तक कशिश किचन के पिछले दरवाजे से बाहर निकल गई थी..वो गैलरी से होते हुए होटल के पिछले हिस्से में जहां पर गार्डन एरिया था, वहां चली गई थी और वो कंटिन्यू बस चली ही जा रही थी।



    उसका चेहरा डर से भर गया था, लेकिन वो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। वो बार-बार पीछे पलट कर उस शख्स को देख रही थी, कहीं वो उसका पीछा तो नहीं कर रहा है..



    नक्ष अपनी बेचैनी को शांत करने के लिए गार्डन में टहलता हुआ, जोरों से सांस ले रहा था। लेकिन जब उस की बेचैनी कम नहीं हुई तो उसने सिगरेट निकाल ली और उसे जला लिया।



    वो सिगरेट के कस को हवा में उड़ाता हुआ खुद को शांत करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन जब फिर भी उसे ऐसा नहीं हुआ तो उसे महसूस हो गया था कि इस वक्त उसे किस चीज की जरूरत है.।



    सिगरेट को अपने पैरों के नीचे कुचल कर जैसे ही वो जाने के लिए मुड़ता है, तभी उसे हील की आवाज सुनाई देती है.. हील की आवाज तेजी से उस की और आ रही थी और जब नक्ष गार्डन से पार्टी की तरफ जाने के लिए गैलरी में मुड़ता है अचानक से कशिश से टकरा जाता है।

  • 9. wild kissss

    Words: 1414

    Estimated Reading Time: 9 min

    कशिश भी तेजी से गार्डन की तरफ आ रही थी और ठीक गैलरी और गार्डन के गेट पर ही उन दोनों की टक्कर हो जाती है.. इस जगह पर सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था। रोशनी का एक कतरा भी नहीं था। सुनसान और अंधेरे से घिरी हुई गैलरी में नक्ष और कशिश एक दूसरे की बाहों में खड़े थे।



    कशिश गिरने को हो रही थी, लेकिन नक्ष ने अपने दोनों हाथों से उस की कमर को पकड़ कर उसे अपने करीब कर लिया। उसका दिल तेजी से धड़क रहा था और दोनों की सांस एकदम तेज हो गई थी.. लेकिन इस वक्त वहां पर उनकी वो तेज सांस सुनने वाला कोई भी नहीं था।



    कशिश का दिल इतनी तेजी से धड़क रहा था कि उसका दिमाग काम करना बंद कर चुका था। वो समझ नहीं पा रही थी क्या हो रहा है क्या नहीं? उसका पूरा शरीर सुन्न हो गया था.. वो हिल भी नहीं पा रही थी।

    नक्ष की बाहों में वो ऐसे खड़ी थी, जैसे की कोई बेजान गुड़िया है। अचानक से नक्ष ने उसे हवा में उठाया और अगले ही पल दीवार से लगा दिया..



    कशिश घबराहट के मारे ब्लैंक हो चुकी थी और नक्ष नशे में ब्लैंक हो चुका था। उसने कशिश के कानों के पास जाकर अपने होठों से उसके कानों में कहा.. "तुम्हें मुझे तंग नहीं करना चाहिए था!"



    कशिश को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था! ना तो उसे नक्ष की आवाज सुनाई दे रही थी और ना ही कुछ महसूस हो रहा था। वो डर में इतनी ज्यादा घबरा गई थी कि उसके लिए इस वक्त सारी दुनिया ब्लैंक हो चुकी थी और तभी नक्ष ने कशिश के होठों पर अपने होंठ रख दिए।



    वो कशिश की कमर को पकड़ कर उसे दीवार में और ज्यादा कस कर प्रेस कर देता है और उसके होठों को भी बेरहमी से चूमने लगता है। कशिश बस जमी हुई उस की बाहों में खड़ी थी। उस की हालत ऐसी थी कि वो इसका क्रिया भी नहीं कर पा रही थी। उसका दिमाग ब्लैंक हो चुका था। इतना ब्लैंक की एक अजनबी के किस करने से, वो खुद को उसके हवाले कर चुकी थी।



    नक्ष के अंदर की गर्मी और ज्यादा बढ़ रही थी। वो और कस के कशिश की होठों को भी बेरहमी से किस किए जा रहा था। एक अलग सा एहसास उसे अपने दिल और दिमाग में महसूस हो रहा था। शरीर तो पहले से ही उसके काबू से बाहर था और अब ऐसा लग रहा था कि दिमाग भी काम करना बंद कर चुका है।



    वो कशिश की कमर को दीवार से कस के लगाए हुए उसके होठों पर भी बेरहमी से अपने होठ चला रहा था।



    नक्ष ने अपनी किसी को बीच में ब्रेक दिया और तेजी से सांस लेते हुए कहा "मुझे भी किसी करो।"



    इतना कहकर उसने फिर से एक कशिश के होठों को चूमना शुरू कर दिया, अचानक से कशिश को ऐसा लगा कि उसके पेट में तितलियों से उड़ रही है.। ये उसका पहला किस था। अब तक तो उसने नक्ष के किस का कोई रिएक्ट नहीं किया था, लेकिन जब नक्ष ने कशिश से किस की मांग की, तब कहीं जाकर उसे होश आता है और वो खुद को संभालती है।



    वो किसी अजनबी की बाहों में खड़ी थी और वो उसे बेरहमी से किस किया जा रहा था। कशिश ने अपने दोनों हाथों से उसे ज़ोर से धकेलना की कोशिश की और नक्ष को खुद से दूर करना चाहा। नक्ष ने जब उस की कोशिश देखी तो और कस कर वो उसके होठों पर चिपक गया।



    कशिश अपने दोनों हाथों से उसके भारी भरकम शरीर को खुद से अलग करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उस की नाजुक और कमजोर से हाथ इन सब में बेकार जा रहे थे।



    "छोड़ो मुझे." कशिश चिल्ला रही थी और नक्ष की पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी! उसे इतना स्ट्रगल करता देखन नक्ष ने उस की दोनों कलाइयां पकड़ ली और दीवार से लगाकर उसके गर्दन पर किस करने लगा।



    कशिश चिल्लाते हुए उसे छोड़ने की गुहार लगाने लगी लेकिन नक्ष के होठ अब उसे चूम नहीं रहे थे बल्कि उसे काट रहे थे.।

    "यही तो तुम चाहती थी.!" नक्ष ये नशे की हालत में कशिश के कानों में कहता है।



    कशिश की आंसू निकल रहे थे और वो नक्ष की कैद से छूटने के लिए तड़प रही थी। नक्ष ने उसके गर्दन और कॉलर बोन की बाइट किया और फिर उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और एक बार फिर बेरहमी से नक्ष उसे किस करने लगा।





    लेकिन कशिश अपने होंठ खोल ही नहीं रही थी। नक्ष ने जब महसूस किया कि कशिश की अपने होठ खोल नही रही है और वो उसे ठीक से किस भी नहीं कर पा रहा है, तो उसने उसके होठों के किनारे को काट लिया। एक तेज आह के साथ कशिश की होंठ खुल जाते हैं और नक्ष अपनी जीभ उसके मुंह के अंदर इंटर कर देता है।



    जैसे ही कशिश ने इस किस को महसूस किया, वो अपनी जगह पर ही सुन्न हो जाती है। उसने थोड़ी देर पहले ड्रिंक की थी और उस पर नशा हल्का-हल्का सा हावी हो रहा था।



    नक्ष की इस किस को कशिश महसूस कर रही थी। ये पहली बार था जब उसने ऐसा कुछ महसूस किया था। वाइन के नशे के साथ-साथ उसे अपनी बॉडी पर एक अलग सा अनुभव हो रहा था। वो धीरे-धीरे बहक रही थी और उसने छटपटाना बंद कर दिया। वो धीरे-धीरे शांत हो गई और नक्ष की किस को महसूस करने लगी।



    नक्ष की जेब में उसका फोन रखा हुआ था और जो कंटिन्यू बज रहा था, लेकिन इस वक्त उसका विवेक शून्य हो गया था। उसने इस फोन को नजर अंदाज कर दिया. और जब उसने कशिश को शांत होते हुए देखा तो धीरे-धीरे उसने कशिश की कलाई छोड़ दी।



    कशिश ने भी छटपटाना बंद कर दिया और जब नक्ष ने उस की कलाई छोड़ दी, तो धीरे से उसके हाथ नक्ष के शोल्डर पर आ जाते हैं।



    नक्ष अपना एक हाथ उस की शर्ट के निचले हिस्से पर रखता है और उस की स्कर्ट से उस की शर्ट को खींचकर बाहर निकाल देता है। वो धीरे से उसके कमर में अपना हाथ डालता है और उसके पेट को सहलाने लगता है। कशिश और नक्ष के होठ अभी भी आपस में जुड़े हुए थे, लेकिन कशिश का एक दिमाग का कोना ये समझ नहीं पा रहा था कि वो विरोध क्यों नहीं कर पा रही है? उसे नक्ष के छूने से अच्छा क्यों लग रहा है.?



    नक्ष ने उसके सामने के दो बटन खोल दिए थे और लगभग उसके आधे से ज्यादा शरीर रिवील हो गया था। नक्ष ने अब एक बार फिर से उस की गर्दन पर अपने होठ चलाने शुरू कर दिए। कशिश गहरी सांस ले रही थी और नक्ष के इकसाइड में बढ़ती जा रही थी, पर साथ ही जेब में रखा हुआ उसका फोन भी कंटिन्यू बजे जा रहा था।



    वो इरिटेट हो गया था। उसने गुस्से में कशिश की गर्दन से अपने होंठ बाहर निकाला और अपनी जेब से फोन निकाल कर चेक करने लगा कि किसे इस वक्त मरने का शौक हो रहा है..



    जैसे ही उसने स्क्रीन पर मल्लिका का नाम देखा, वो हैरान हो जाता है। मल्लिका उसे क्यों फोन कर रही है.? अपनी बची हुई इंद्रियों को इकट्ठा करके नक्ष अपनी आंखों को बार-बार झपकता है और अपने सिर को झटकते हुए जब उसने स्क्रीन की लाइट को दीवार की तरफ करते हुए कहा "तुम मुझे फोन कैसे.?"



    😳.." तुम कौन हो?" नक्ष एकदम चिल्लाते हुए हैरानी से कशिश की बंद आंखो की ओर देख कर कहता है।



    तो कशिश डर जाती है। उसने जल्दी से अपनी आंखें खोली और उन दोनों की आंखें फोन की उसे मध्य रोशनी में एक दूसरे से देखती है। दोनों ने बस एक दूसरे की आंखें ही देखी थी.. नक्ष की वो सख्त और डरावनी आंखें और कशिश की वो आंसुओं से भरी घबराई हुई आंखें, वो दोनों एक दूसरे की आंखों में देख रहे थे कि तभी तीसरी बार फिर से फोन बजता है।



    नक्ष हैरानी से कशिश को देखता है तो कशिश ने अपने दोनों हाथ नक्ष की कंधे पर रखें और उसे धकेल कर खुद से दूर किया। इससे पहले की नक्ष उसे पकड़ पाता कशिश अपने कपड़े दोनों हाथों से पकड़ती है और दूसरी तरफ भाग जाती है।



    नक्ष हैरानी से उसे जाता हुआ देखता रह जाता है। अंधेरे में उसे लगा कि ये मल्लिका है, लेकिन अब उसे अहसास हुआ कि ये मल्लिका नही कोई और थी।

  • 10. विंटेज कार

    Words: 1158

    Estimated Reading Time: 7 min

    "तुम कौन हो?" जैसे ही नक्ष ये हैरानी से देखता है कि उसके सामने खड़ी लड़की मल्लिका नहीं कोई और है, तो नक्ष एकदम हैरान हो जाता है। उसका सारा नशा एक तरफ और कशिश की आंखें एक तरफ..





    वो आसमानी नीली आंखें जो इस समय डर से नक्ष को देख रही थी। उन आंखों में नक्ष को दर्द, तड़प और बेचैनी साफ नजर आ रही थी। कशिश ने नक्ष के सीने पर हाथ रख कर उसे ज़ोर से धक्का दिया और दूसरी तरफ भाग जाती है।







    नक्ष हैरानी से उसे ज्यादा हुआ देखता रह जाता है। इससे पहले कि वो उसे पकड़ पाता, वो अंधेरी गलियारे में कहीं खो जाती है।







    नक्ष का फोन कंटिन्यू बज रहा था। वो हैरानी से उस लड़की को अंधेरे में जाता हुआ देखता रह जाता है, जब तक कि वो उस की आंखों से गायब नहीं हो जाती है। फोन बज के कट गया था और जब तीसरी बार उसका फोन बजा तब नक्ष गुस्से में फोन की तरफ देखता है।







    डिस्प्ले पर मल्लिका का नाम फ्लैश हो रहा था। नक्ष की हालत खराब हो रही थी। वो गुस्से में फोन उठाते हुए कहता है "कहां हो तुम?"







    "सॉरी नक्ष में तुम्हारे पास ही आ रही थी लेकिन एक वेटर ने मुझ पर ड्रिंक गिरा दी, जिसकी वजह से मेरी ड्रेस खराब हो गई थी। मैं ड्रिंक को साफ करने के लिए वॉशरूम में गई थी। आई एम सॉरी मै बस अभी वॉशरूम से बाहर निकली हुई हूं, तुम बताओ तुम कहां हो, मैं बस तुम्हारे पास आ रही हूं?"







    मल्लिका ने उससे रिक्वेस्ट करते हुए कहा और उसे अपनी सिचुएशन बताई। नक्ष गुस्से में उस अंधेरी गलियारे को देखता है, जहां पर वो लड़की उसे छोड़कर गई है और वो गुस्से में मल्लिका से फोन पर कहता है "भाड़ में जाओ!"







    कशिश इतनी तेजी से होटल से निकली थी कि उसने पीछे पलट कर तक नहीं देखा। बस उसे एक ही बात का डर था कि कहीं कोई उसका पीछा ना कर रहा हो। उसके यूनिफार्म की जेब में उसने कुछ पैसे रखे हुए थे, जिसकी मदद से वो एक ऑटो लेती है और जल्दी से वहां पहुंच जाती है, जहां पर वो बांसुरी के साथ रह रही थी।



    ऑटो से निकलने के बाद वो ऑटो का बिल पे करती है और उसके बाद रोते हुए चेहरे के साथ वो अपने घर की तरफ बढ़ जाती है।



    ये कोई पुरानी सी अंडर डेवलपमेंट बिल्डिंग थी, लेकिन इतनी सस्ते में इन दोनों लड़कियों को रहने के लिए और कहां ही घर मिलते, जो मिला वो उसी में गुजारा कर रही थी



    वो टूटे-फूटी इमारत के अंदर जाती है और जैसे ही अपने फ्लोर की सीढ़ियां चढ़कर ऊपर पहुंचती है। उस की आंखें एकदम से हैरानी से बड़ी हो जाती है। उसके सामने ही एक शख्स खड़ा था। जिसने सिंपल सी शर्ट पैंट पहनी हुई थी और वो मुस्कुराते हुए कशिश को देख कर कहता है "हेलो मैडम एक बार फिर से आपसे मिलकर खुशी हुई!"



    कशिश चिढ़ते हुए उसके पास आती है और उस की ओर देख कर कहती है "तुम यहां क्या कर रहे हो? क्या तुम मेरा पीछा तो नहीं कर रहे हो? कहीं तुम सिंघानिया के खबरी तो नहीं हो?"



    वो आदमी मुस्कुराते हुए कशिश की ओर देख कर बोला "नहीं मैडम मैं किसी का खबरी नहीं हूं, मैंने तो आपसे पहले ही कहा है कि मैं कंपनी में असिस्टेंट की जॉब पर हूं, लेकिन आपके पास से सिर्फ एक सौदे के लिए आया हूं। प्लीज आप मान जाइए ना, वो गाड़ी आपके पास बेकार पड़ी हुई है अब तो आप उसे चलाती भी नहीं है, प्लीज आप उसे हमें बेच दीजिए। हमारे बॉस को उसे गाड़ी में बहुत दिलचस्पी है।



    "वो गाड़ी आपके पास यूं ही कबाड़ की तरह पड़ी हुई है, आप उसे हमें बेच क्यों नहीं देती है? हम उसके लिए आपको मुंह मांगी कीमत देंगे..।"



    उस असिस्टेंट ने कशिश से रिक्वेस्ट करते हुए कहा तो कशिश कस कर अपनी आंखें बंद कर लेती है और अपने दांत पीसते हुए उसे घूर कर देखती हुई कहती है.."आप लोगों को क्या प्रॉब्लम है एक पुरानी से गाड़ी में आप की बॉस को क्या दिलचस्पी मिल रही है?"



    वह गाड़ी मेरे पापा की आखिरी निशानी है जो उन्होंने बहुत प्यार से मुझे दी है वह अगर कबाड़ में पड़ी है और पड़े पड़े सब भी रही है तो मुझे उससे फर्क नहीं पड़ता है मैं उसे कभी नहीं भेजूंगी इसलिए जाइए यहां से मुझे उसे बीचना हीं नहीं है



    "मुझे तो समझ ही नहीं आता है कि आप लोग मेरे पीछे उस गाड़ी के लिए पड़े क्यों है? आपके बॉस अगर इतने ही अमीर है जो मुझे एक खटारा गाड़ी की मुंह मांगी कीमत दे सकते हैं, तो जाकर वो कोई नई गाड़ी क्यों नहीं खरीद लेते हैं? वो दूसरी ब्रांडेड कार भी तो खरीद सकते है। उस पुरानी विंटेज कार में उन्हें क्या दिलचस्पी है?"



    कशिश गुस्से में झांजलाते हुए कहती है तो असिस्टेंट मुस्कुराते हुए बोला "आपकी बात सही है मैडम हमारे बॉस चाहे तो नई गाड़ी खरीद सकते हैं, लेकिन आपकी कार विंटेज है इसलिए उन्हें दिलचस्पी है दरअसल ऐसी गाड़ी मार्केट में मिलती नहीं है, इस तरीके के पुराने मॉडल की गाड़ी तब की है जब हमारे बॉस के दादाजी जिंदा थे और वो उन्हीं के याद में इस गाड़ी को लेकर अपनी दादी को गिफ्ट के रूप में देना चाहते हैं।"



    कशिश अपना सिर पीट लेती है और उस की ओर देख कर कहती है "वो जो भी है लेकिन मैं आपसे आखरी बार कह रही हूं,

    मैं अपनी कार नहीं बेचूगी आप लोग जा सकते हैं यहां से बार-बार मुझे परेशान मत कीजिए



    असिस्टेंट राज ने अपनी जेब से एक कार्ड निकाल कर कशिश की तरफ बढ़ते हुए कहा यह हमारी बॉस का नंबर है आप एक बार फिर से सोच लीजिए..



    कशिश का मन तो नहीं था उसे कार्ड को लेने का लेकिन उसे लगा इसी बहाने यह लोग उसका पीछा तो छोड़ेंगे इसीलिए वह उसे कार्ड को रख लेती है..



    असिस्टेंट राज को बहुत खुशी होती है.. और उसने कशिश से कहा.. आप इस बारे में सोचिएगा जरूर और फिर मुझे बता दीजिएगा.. आपका जो भी फैसला है, वो हम अपने बॉस को बता देंगे थैंक यू मैडम, एंड सॉरी फॉर डिस्टर्बिग यू।"





    कशिश अपने घर के अंदर चली जाती है और दरवाजा बंद कर देती है, क्योंकि आज रात बांसुरी घर वापस नहीं आने वाली थी! उसे अपने फोटोग्राफी के काम के लिए किसी प्रोजेक्ट की फोटो लेने के लिए जाना था।



    कशिश अकेले ही घर में थी, वो घर में आती है और गिलास में पानी डालकर पीने लगते हैं। खुद को शांत करवाते हुए वो वॉशरूम की तरफ बढ़ी और जल्दी से अपने सारे बालों को इकट्ठा करके उसने एक पोनीटेल में बांध लिया।



    आईने के सामने खड़े होकर जब वो खुद को देखती तो एकदम हैरान हो जाती है। उस की नजर अपने होठों पर पड़ती है जो इस समय इतनी लाल हो रही थी कि टमाटर भी उसके सामने फीका महसूस हो रहा था।

  • 11. नक्ष को वो कार चाहिए

    Words: 1306

    Estimated Reading Time: 8 min

    वो धीरे से अपने होठों के किनारे को छूती है, तो उसे तेज दर्द का एहसास होता है। उसने धीरे से अपने होंठ खोलकर देखा तो निचले होंठ के पास उसे कट का निशान मिलता है और इसी के साथ कशिश को याद आने लगता है, नक्ष के साथ अपनी किस जो होटल के गलियारे में हुई थी।



    उस किस को याद करते हुए वो धीरे-धीरे अपने होठों को सहलाने लगती है और फिर एक एहसास के साथ उसने धीरे से अपने होठों से उंगलियों को हटाते हुए मिरर में खुद को देख कर कहा "ये बस एक गलती थी.. और मैं इस गलती को अपनी फर्स्ट किस के रूप में नहीं लूंगी।"



    कशिश ने इस किस को इग्नोर करने का फैसला किया लेकिन ये कि उसे इग्नोर होने ही नहीं दे रही थी! हर करवट के साथ हर घड़ी हर पल उसे सिर्फ और सिर्फ नक्ष के साथ बाहों में बिताए हुए वो चंद सेकंड याद आ रहे थे।



    अगर यहां कशिश बेचैन थी, तो दूसरी तरफ नक्ष भी कुछ काम बेचैन नहीं था। वो इस समय डॉक्टर की केबिन में बैठा हुआ था और वेटिंग चेयर पर मल्लिका बैठी हुई थी। इस वक्त उसका चेहरा गुस्से में भरा हुआ था क्योंकि डॉक्टर ने ड्रग्स का एंटीडोट नक्ष के हाथ पर लगा दिया था।



    मल्लिका को बहुत गुस्सा आ रहा था, जब वो होटल के बाहर नक्ष को देखती है, तो वो अपनी गाड़ी की तरफ जा रहा था। उस की हालत अभी भी खराब थी लेकिन जो भी उसके साथ गलियारे में हुआ था। उसके बाद वो किसी के साथ कुछ करने में इंटरेस्टेड नहीं दिखाई दे रहा था।



    भले ही उस की बॉडी उसके कंट्रोल से बाहर जा रही थी, पर वो जल्दी से अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ता है। उसे ऐसा करता देख मल्लिका भी उसके पीछे-पीछे आती है और उसके साथ गाड़ी में बैठ जाती है।



    नक्ष ने अपने आप को बहुत हद तक कंट्रोल करने की कोशिश की और ड्राइवर से कहा कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर के पास ले चलो। जैसे ही वो लोग डॉक्टर के पास आते हैं डॉक्टर को नक्ष के सिचुएशन का पता चलता है और वो उसे उसे डेंजरस ड्रग्स का एंटीडोट लगा देते हैं, जिसके बाद नक्ष की हालत ठीक होने लगती है वरना उससे पहले तो वो इतना पागल हो गया था कि खुद के शरीर को ही घायल किए जा रहा था।



    मल्लिका का प्लान उस की आंखों के सामने फेल हो रहा था। जिसे देख कर उसे और ज्यादा गुस्सा आ रहा था, पर उसने एक डेविल स्माइल के साथ अपने मन में कहा "कोई बात नहीं ये मौका मेरे हाथ से चला गया तो कोई बात नहीं, मेरे पास और भी मौके हैं, आखिर मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं। तुम कब तक मुझे ऐसे इग्नोर कर सकते हो, आज नहीं तो कल तुम्हें मेरा होना ही होगा.. वैसे भी तुम्हारी अय्याशियों के किससे आए दिन मार्केट में आते ही रहते हैं। उसमें एक नाम मेरा भी शामिल हो जाएगा लेकिन मैं तुम्हें उन बाकी लड़कियों की तरह एक रात के लिए सेटिस्फाई नहीं करूंगी.. बल्कि कुछ ऐसा करूंगी कि तुम्हारी इज्जत पर बात आ जाएगी और फिर तुम्हारे पास एक ही रास्ता होगा मुझसे शादी करने का।"





    ये कहते हुए मल्लिका के चेहरे पर डेविल एक्सप्रेशन थे।





    सुबह होने वाली थी। मल्लिका अभी भी नक्ष के साथ ही थी। नक्ष ने मल्लिका को देखते हुए उस से कहा "नीचे गाड़ी खड़ी है मैं ड्राइवर को कह देता हूं वो तुम्हें घर छोड़ देगा



    पर मल्लिका ने झूठी फिकर दिखाते हुए उस की और देख कर कहा "नहीं मैं तुम्हें इस हालत में छोड़कर कैसे जा सकती हूं? तुम्हारी हालत इतनी खराब है ऐसे में मैं तुमसे दूर कैसे रह सकती हूं?"



    "थैंक्स मल्लिका लेकिन तुम्हें मेरी फिक्र करने की जरूरत नहीं है, मैं ठीक हूं तुम जाओ यहां से.।" नक्ष ने गुस्से और सख्ती के साथ मल्लिका की ओर देख कर कहा तो मल्लिका अपनी जगह पर ही जम जाती है।



    वो धीरे से अपना सिर हां में हिलाती है और फिर डॉक्टर के केबिन से बाहर निकल आती है। बाहर आने के साथ ही गुस्से में अपने हाथों की मुट्ठियां कस लेती है, क्योंकि नक्ष के सामने वो कभी भी जीत नहीं सकती थी। नक्ष हमेशा ही उसे उस की औकात में ही रखता था।



    नक्ष अपनी आंखें बंद करके हॉस्पिटल बेड पर लेटा हुआ था, लेकिन उस की आंखों के सामने वही नीली आंखें थी.. वो उन आंखों को भूल नहीं पा रहा था, उसके होठों की गर्माहट को नक्ष महसूस कर रहा था.. यह पहली बार नहीं था जब उसने किसी को किस किया था लेकिन कशिश के होंठ एक अलग स्वाद और अनुभव करवा गए..



    हॉस्पिटल बेड पर उसके होठों से हल्की-हल्की ठंडी और आहें निकल रही थी। जब वो कशिश को याद कर रहा था ऐसा लग रहा था जैसे कि वो पल उस की जिंदगी में वहीं थम गया है और वो उसे चाह कर भी अपनी मेमोरी से मिटा नहीं पाएगा..



    सुबह की पहली किरण के साथ डॉक्टर ने नर्स को ये कह दिया था कि वो ठीक है और उसे बस एक ड्रग्स दिया गया था, जिसकी वजह से उसके हारमोंस उसके कंट्रोल से बाहर हो गए थे,



    पर अब नक्ष बिल्कुल ठीक है लेकिन ये ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगा। नक्ष की उम्र 30 की हो गई है और अब उसे अपने लिए एक पार्टनर ढूंढना जरूरी है फिजिकल नीड हर किसी को होती है। वैसे तो नक्श अपनी शौक पूरे कर ही लेता है लेकिन यहां शौक और जिम्मेदारी दोनों साथ में निभाई थी..



    नक्ष इस बात को ध्यान से सुनता है और इस पर अमल करने के बारे में बोलकर वो डॉक्टर के केबिन से बाहर निकल जाता है। उसने एक दूसरी गाड़ी और ड्राइवर बुलवा लिया था।



    वो ड्राइवर गाड़ी लेकर नक्ष का इंतजार कर रहा था। नक्ष गाड़ी की पिछली सीट पर बैठता है। ड्राइवर उस की ओर देख कर कहता है "बॉस घर जाना है क्या?"



    नक्ष ने ना में अपना सिर हिलाते हुए उस की ओर देख कर बोला "नहीं कहीं ऐसी जगह ले चलो जहां पर इस समय मुझे सुकून मिल सके!"



    ड्राइवर ने कुछ सोचते हुए गाड़ी को स्टार्ट किया और कुछ ही देर बाद गाड़ी एक बीच के किनारे पर आकर रुकी। नक्ष गाड़ी से निकलता है, ओर समंदर की ओर चला जाता है।



    सुबह-सुबह समंदर के किनारे ठंडी ठंडी हवाओं में नक्ष को बहुत अच्छा लग रहा था। वो गाड़ी से निकलकर खाली पैर ही रेत पर चलने लगा था और पानी की लहरें जब उसके पैरों को छूती, तो उसे एक सुकून का एहसास होता।



    इस वक्त उस की आंखें उस उगते हुए सूरज को देख रही थी और सूरज की किरणों के साथ उसे कशिश की वो आसमानी आंखें फिर से अपनी आंखों के सामने महसूस हो रही थी।



    "ये बस एक किस तो था, मैं इस किस में इतना कैसे डूब गया? ये सिर्फ एक वहम है जो मुझे महसूस हो रहा है। और कुछ भी नहीं है.. कौन सा मैंने पहली बार किसी को किस किया है..

    मुझे इस बारे में ज्यादा नहीं सोचना है.. लेकिन वो आंखे, उन आंखों में मुझे एक अलग ही डर नजर आया, एक बेबसी नजर आई। एक उदासी नजर आई थी। क्या था वो? वो लड़की इतनी डरी हुई क्यों थी? क्या ये सिर्फ उस की वजह से है, जो मैंने गलती से उसके साथ किस किया था।



    नक्ष ये सब सोच ही रहा था कि तभी उसका फोन बजता है, उसने फोन निकाल कर देखा तो उसके असिस्टेंट का फोन था। वो एक ठंडी सांस छोड़ते हुए फोन रिसीव करता है और कहता है "कोई प्रोग्रेस?



    दूसरी ओर से असिस्टेंट कहता है"सॉरी सर लेकिन उस लड़की का कहना है कि वो गाड़ी उसके किसी पापा की निशनी है और उसे गाड़ी को बेचने में इंटरेस्टेड नहीं है, क्योंकि ये गाड़ी उसे उसके खानदान की विरासत के रूप में मिली है।"

  • 12. तुमने लड़की को किस किया है लड़के को नहीं

    Words: 1046

    Estimated Reading Time: 7 min

    अपने मैनेजर की बात सुन कर नक्ष को इतना गुस्सा आया, कि उस ने कस के अपनी आंखें बंद कर ली । वे गुस्से में अपने मैनेजर से कहता है, “ राज़ मुझे वह कार चाहिए। कीमत चाहे जो भी हो।”

    अपना फोन डिस्कनेक्ट करने के बाद नक्ष उस उगते हुए सूरज को देख रहा था। उस के मन की बेचैनी और ज्यादा गहरी होती जा रही थी। न जाने क्यों उसे रह रह कर वे नीली आंखें ही याद आ रही थी ।

    गहरी सांस छोड़ने के बाद और अपने बेचैन मन को और बेचैन करने के बाद नक्ष वापस ऑफिस आ जाता है।

    2 घंटे बाद मर्चेंट इंडस्ट्री… नक्ष का केबिन

    “ गेट लॉस्ट। तुम्हें नौकरी से निकाला जाता है।” नक्ष ने एक फाइल को मेज पर पटकते हुए कहा और वहां पर मौजूद दोनों एम्पलाई घबरा जाते हैं। वे दोनों उस फाइल को उठाते हैं और चुपचाप केबिन से निकल जाते हैं।

    जैसे ही वो लोग बाहर निकलते हैं, वैसे ही दरवाजे को खोल कर कोई अंदर दाखिल होता है। उस ने दरवाजे के बाहर से ही नक्ष की चिल्लाने की आवाज सुन ली थी और उसे एहसास हो गया था, कि केबिन का माहौल बहुत गंभीर है ।

    वे दोनों कर्मचारी उस आदमी को देख कर हल्का सा सर झुका कर हेलो कहते हैं और फिर वहां से चले जाते हैं। वो शक्श अंदर कुर्सी पर आकर रिलैक्स हो कर बैठ जाता है और शांति के साथ नक्ष को देख कर कहता है , “ आज क्या हो गया है तुम्हें ? इतने भड़के हुए क्यों हो? ये 10 वे एम्पलाई हैं, जिन्हें तुम काम से निकाल रहे हो।” नक्ष अभी अभी अपनी कॉफी का एक घूंट ले ही रहा था और उस के चेहरे पर अभी भी गुस्सा था ।

    “ ये कॉफी किसने बनाई है? कितनी वाहियात है। जिसने भी ये कॉफी बनाई है, उसे भी काम से निकाल दो ।”

    नक्ष उस कॉफी को वापस कप में थूक देता है और गुस्से में चिल्लाते हुए उस शख्स से कहता है । जो सामने कुर्सी पर बैठा था । वह हैरानी से नक्ष से कहता है, “ क्या तुम ठीक हो ?”

    “क्या मैं तुम्हें ठीक नहीं नजर आ रहा हूं? फालतू सवाल क्यों पूछ रहे हो नमन ?”

    नक्ष ने नमन को गुस्से में देखते हुए कहा। तो नमन सामने रखी फाइल को उठाते हुए कहता है, “ ये फाइल। तुमने इसमें साइन किए हुए हैं।”

    नक्ष गुस्से में बोला, “ हां तो फाइल में तो साइन होते ही है ना ? तुम क्या पहली बार ऑफिस आए हो ? और पहली बार ये सब देख रहे हो?” नमन हैरानी से कहता है, “ नहीं पहली बार ऑफिस नहीं आया हूं और तुमने हजारों फाइलों पर साइन किए होंगे । लेकिन इस फाइल में साइन की जरूरत थी नहीं। क्योंकि इस फाइल में ऑलरेडी तुम्हारे साइन हो चुके हैं और ये प्रोजेक्ट कंप्लीट किए हुए हमें 3 महीने हो चुके हैं ।”

    नक्ष गुस्से में उस फाइल को देखता है और जब उसे एहसास होता है, कि उस ने क्या किया तो वह फाइल जोर से मेज़ पर पटकते हुए अपनी आंखें बंद कर लेता है । और सर को अपनी कुर्सी से टिका कर चेहरे को ऊपर करते हुए एक गहरी सांस छोड़ते हुए वह नमन से कहता है, “ यार नमन मुझे लगता है, कि मुझे एक ब्रेक लेने की जरूरत है ।”

    “ मल्लिका को मैसेज करूं ? वह तुझे एक बहुत अच्छा ब्रेक दे सकती है।” नमन हंसते हुए सामने रखे काजू की प्लेट में से काजू खाते हुए बोला। तो नक्ष ने घूर कर नमन को देखा और उसे देख कर कहने लगा ।

    “ इस ऑफिस के बाहर भले ही तुम मेरे दोस्त हो। लेकिन इस ऑफिस के अंदर मैं तुम्हारा मालिक हूं । इसी लिए मेरे दोस्त होने का फायदा मत उठाओ और अपना मुंह बंद रखो ।”

    नमन की हंसी छूट जाती है और वह हंसते हुए काजू खाना जारी रखता है । उस ने नक्ष को शरारती अंदाज में देख कर कहा, “ हां मालूम है मैं इस ऑफिस में एक एंप्लॉय हूं । लेकिन एक ऐसा एम्पलाई जिसे तुम चाह कर भी निकाल नहीं सकते हो ।”

    नक्ष ने उसे तीखी नजरों से घूरते हुए देखा। तो नमन और ज्यादा हंसते हुए कहता है, “ ऐसी निगाहों से तुम्हारे बाकी एम्पलाई डरते होंगे। पर ये मुझ पर काम नहीं करेगी। अगर दादी को पता चल गया ना, कि तुमने मुझे काम से निकला है तो वह तुम्हें घर से निकाल देगी। शायद तुम भूल रहे हो भले ही पावर तुम्हारे पास है, लेकिन सत्ता अभी भी उन्हीं के हाथ में है ।”

    नक्ष का चेहरा और फ्रस्ट्रेशन से भर जाता है। तो नमन अपनी हंसी रोकते हुए कहता है, “ अच्छा ठीक है । चलो बताओ क्या हुआ ? तुम्हारा मुंह इतना सड़ा हुआ क्यों लग रहा है ? मानता हूं, कि तुम्हारा चेहरा मेरे जितना हैंडसम नहीं है । लेकिन फिर भी आज तुमने कुछ ज्यादा ही एंग्री फेस बना रखा है । और क्यों हमारे आधे से ज्यादा एंप्लॉई को निकाल कर तुम हमारी मेन पावर काम करने पर तुले हुए हो? एंप्लॉय कम हो जाएंगे तो काम कौन करेगा?”

    नक्ष एक डिसएप्वाइंटमेंट के साथ अपनी आंखें बंद कर लेता है और एक गहरी सांस छोड़ते हुए उस ने नमन से कहा, “ मैंने कल रात किसी लड़की को किस किया है।”

    नमन अपनी एक आईब्रो उठा लेता है और अजीब नजरों से नक्ष को देखने लगता है। ये कोई बड़ी बात नहीं है । नक्ष के वैसे भी प्लेबॉय वाली छवि पूरे मार्केट में फैली हुई है। ऊपर से उस की एक गर्लफ्रेंड भी है। उस ने नक्ष से कहा, “ तुमने लड़की को किस किया है। पता है मुझे हैरानी इस बात पर होती, अगर तुम मुझसे कहते कि तुमने किसी लड़के को किस किया ।”

    नमन अपनी बात बोल कर जोर से हंसने लगता है और नक्ष उसे गुस्से में घुर कर देखता है। वह जल्दी से अपनी जगह से खड़ा होता है और अपना कोर्ट लेते हुए नमन से भड़की हुई आवाज में बोला, “ तुमसे तो कुछ शेयर करना दीवार पर सर मारने के बराबर है ।”

    और इतना बोल कर नक्ष केबिन से निकल जाता है। क्योंकि आज शाम को उस की क्लब में एक फॉरेन क्लाइंट के साथ मीटिंग थी।

  • 13. बिगड़े रईसो का क्लब

    Words: 1354

    Estimated Reading Time: 9 min

    शाम का वक्त…

    नक्ष इस वक्त अपने फॉरेन क्लाइंट के साथ मीटिंग अटेंड करने के लिए जा रहा था। अब तक मल्लिका के 10 से ज़्यादा कॉल और 50 से ज़्यादा मैसेज उसे रिसीव हो चुके थे। लेकिन नक्ष ने ये रिप्लाई करके उसे इग्नोर कर दिया, कि वह इस वक्त बिजी है।

    नक्ष जैसे ही क्लब के वीआईपी एरिया में दाखिल होता है, वैसे ही दरवाजे के पास उसे एक फॉरेन इंडियन लड़की नज़र आती है। जो दिखने में तो फॉरेनर थी, पर बातों से वह इंडियन ही मालूम हो रही थी।

    फॉरेन क्लाइंट सैमुअल ने नक्ष का अपनी बेटी से इंट्रोडक्शन करवाते हुए कहा, “मिस्टर मर्चेंट ये मेरी बेटी है शैली। इसने आपके बारे में बहुत सुना हुआ था। इसीलिए आपसे मिलने की ज़िद करने लगी। इफ यू डोंट माइंड, मैं आपकी परमिशन के बिना इसे यहां लेकर आया हूं।”

    “इट्स ओके…” नक्ष एक फीकी सी मुस्कान के साथ शैली को देखता है। लेकिन शैली के चेहरे पर जो चमक थी नक्ष उसे समझ पा रहा था। नमन ने जब नक्ष को इस तरीके से नज़र चुराते हुए देखा, तो उसकी हंसी छूट जाती है।

    लेकिन नक्ष को इस समय किसी की भी परवाह नहीं थी। वह तो बस उन नीली आंखों की ही कल्पना कर रहा था।

    थोड़ी ही देर में उनका डिनर लग जाता है और वे सब अपना अपना डिनर करने लगते हैं। क्योंकि ये एक बिजनेस डिनर पार्टी थी, इसीलिए सबका ध्यान सिर्फ डिनर में और बिजनेस की बातों में ही था। हां नक्ष खोया हुआ ज़रूर था, लेकिन इतना भी नहीं कि उसे सामने वाले की हरकत का पता ना चल सके। शैली की वो बचकानी हरकतें नक्ष देख भी रहा था और उसे समझ भी रहा था।

    पर अगले ही पल नक्ष के हाथ चम्मच पर रुक जाते हैं। क्योंकि जब उसे अपने जूते पर शैली के सैंडल महसूस होते हैं, तो वह घूर कर अपने सामने बैठी हुई शैली को देखने लगता है। जो अपने चेहरे पर एक सेडक्टिव मुस्कान लिए नक्ष को देख रही थी।

    नक्ष धीरे से अपना खाना घटकता है और फिर अपने साथ बैठे हुए नमन के कानों के पास झुकते हुए हल्के से स्वर में कहता है, “ये लड़की मुझसे क्या चाहती है?”

    हरकतें तो शैली की नमन को भी समझ में आ रही थी। इसलिए वह हंसते हुए नक्ष से बोला, “वह तुझसे कुछ नहीं चाहती है। मुझे लगता है वह आज रात तुझे चाहती है। जा मेरे शेर, जी ले अपनी जिंदगी।”

    “ये शेर अच्छी भली जिंदगी जी रहा है और सामने बैठी ये लड़की जिंदगी नहीं मौत है। मुझे इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है।” नक्ष ने खीझते हुए कहा। तो नमन हंस कर उसके कानों में कहता है, “ये तो तू कह रहा है ना कि तुझे इसमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है। उस लड़की की आंखों में देख। उसकी आंखों में तेरे लिए इंट्रेस्ट…इंट्रेस्ट के साथ है।”

    डिनर खत्म हो गया था। वेटर एक एक कर के प्लेट उठा रहे थे। शैली ने अपने पापा के कानों में जर्मन भाषा में कुछ कहा। तो सैमुअल हंसते हुए हां में सर हिलाता है और फिर नक्ष से कहता है, “मिस्टर मर्चेंट मेरी बेटी चाहती है, कि आप उनके साथ एक डांस करें। इफ यू डोंट माइंड। वह यहां की नाइट लाइफस्टाइल देखना चाहती है। और आपसे अच्छी कंपनी उसे और कहां मिलेगी?”

    नक्ष कुछ कहने ही वाला था, कि नमन ने उसका हाथ पकड़ा और धीरे से उसके कानों के पास झुकते हुए कहा, “कुछ भी बोलने से पहले इतना सोच लेना, कि ये हमारे नए प्रोजेक्ट के इन्वेस्टर हैं। अगर उनकी बेटी को तेरी बात बुरी लगी ना, तो हो सकता है ये हमारे प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट करने से भी मना कर दें। इसलिए बेहतरी इसी में है, कि तू उनकी बेटी को कंपनी दे।”

    नक्ष घूरते हुए नमन को देख कर बोला, “तू मुझे इसके साथ जाने के लिए कह रहा है?”

    “🤦🏻‍♂️ साथ जाने के लिए कह रहा हूं। साथ सोने के लिए नहीं कह रहा हूं। बुरी तो वैसे ये भी नहीं है। लेकिन मल्लिका के आगे इसका ऑप्शन इतना अच्छा भी नहीं है। इसीलिए बेहतर यही है, कि फिलहाल के लिए तो इसे डांस फ्लोर पर ले जा।

    नक्ष अपनी जगह से उठता है। शैली उठने ही वाली थी, कि नक्ष उससे कहता है, “शैली क्या तुम मेरा थोड़ी देर इंतज़ार करोगी? मैं वॉशरूम से आता हूं।”

    शैली मुस्कुराते हुए हां में सर हिलाती है और कहती है, “ओके नक्ष। मैं तुम्हारा इंतज़ार करूंगी। प्लीज़ जल्दी आना।”

    नक्ष जबरदस्ती मुस्कुराते हुए हां में सर हिलाता है और नमन को मीटिंग हैंडल करने का बोल कर वहां से चला जाता है।

    क्लब के बार काउंटर पर…

    कशिश अपनी यूनिफॉर्म में खड़ी थी। वह तो शुक्र है, कि इतनी शिकायतों के बाद भी इस एजेंसी ने उसे जॉब से नहीं निकाला था और उसे वेटर की नौकरी पर अपने क्लब में रख लिया था। कशिश आज क्लब में अपना काम कर रही थी।

    उसने सिंपल सी व्हाइट कलर की शर्ट और मिनी स्कर्ट पहन रखी थी। क्योंकि ये उसकी यूनिफार्म थी। उसके सारे बाल इकट्ठा होकर एक पोनी में बंधे हुए थे और चेहरे पर एक ग्लोइंग सा मेकअप था। हालांकि उसे मेकअप करना पसंद नहीं था। लेकिन ये यहां के रूल्स में था। इसीलिए उसे किसी मेकअप के परत के नीचे अपने मासूम से चेहरे को छुपाना ही पड़ा था। वह भड़कीली लाल लिपस्टिक में खुद को बहुत अनकंफरटेबल फील कर रही थी। लेकिन इसके अलावा उसके पास और कोई चारा भी नहीं था।

    वह ड्रिंक की ट्रे वापस काउंटर पर रख कर जाने ही वाली थी, कि मैनेजर उसके सामने आ जाता है और गुस्से में उसे घूरने लगता है। कशिश घबराहट के साथ मैनेजर को देखती है तो मैनेजर इधर उधर देखते हुए कशिश को हाथ पकड़कर उसे एक कॉर्नर पर ले कर आता है और गुस्से में उससे कहता है, “अपनी शर्ट के बटन खोलो।”

    मैनेजर ने ये बेशर्मी वाली बात इतनी आराम से कह दी थी, जैसे ये कोई बड़ी बात नहीं है। कशिश घबराते हुए उसे देखती है तो मैनेजर गुस्से में उसे देख कर कहता है, “वेट्रेस को हॉट सेक्सी दिखना चाहिए। अगर वह इस तरीके से बहन जी टाइप बन कर घूमेगी तो कौन उसके हाथों से ड्रिंक खरीदना पसंद करेगा?”

    कशिश जल्दी से हां में सर हिलाती है। मैनेजर गुस्से में वहां की सीनियर वेटर को कशिश को हैंडल करने का बोल कर वहां से चला जाता है। सीनियर वेटर कशिश के पास आती है और कहती है, “देखो मैनेजर साहब गलत नहीं बोल रहे हैं। तुम्हारी सैलरी तुम्हारे काम पर ही डिपेंड करती है। और अगर तुम ड्रिंक नहीं बेच सकी तो ये लोग तुम्हें क्यों रखेंगे? इसीलिए फिक्र मत करो मैं तुम्हारे साथ रहूंगी। अपने शर्ट के ऊपर के दो बटन खोल दो। ताकि यहां पर जितने भी बिगड़े हुए रईस आए, वह तुम्हें देख कर अट्रैक्ट हो सकें।”

    कशिश घबराते हुए सीनियर वेटर को देखती है और फिर जल्दी से हां में सर हिलाते हुए उसने अपने शर्ट के दो बटन खोल दिए। उस फीमेल वेटर ने मुस्कुराते हुए कशिश के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, “कोई बात नहीं। शुरू शुरू में थोड़ा सा अजीब लगेगा, पर बाद में नॉर्मल हो जाएगा।

    अच्छा सुनो तुम यहां पर नई आई हो। इसीलिए मैं तुम्हें एक काम की बात बताती हूं। यहां पर सारे बिगड़े हुए घर के बदतमीज़ लोग आए हुए हैं। तो अगर कोई तुमसे बदतमीज़ी से कुछ कह भी दे, तो एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल देना। और हां नशे में लोग कई बार अपनी हद ही भी पार कर जाते हैं। तुम्हारे लिए एक सही सलाह दूंगी, उन लोगों को इग्नोर करो।

    अगर बात हद से ज़्यादा बढ़ रही हो, तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर सकती हो। लेकिन तब जब गलती सामने वाले की हो। क्योंकि अगर गलती तुम्हारी पाई गई, तो क्लब के लोग तुम्हें यहां से बाहर निकाल देंगे। क्योंकि उनके लिए कस्टमर भगवान होते हैं। और वेटर एक छोड़ो 10 मिल जाएगी।”

    कशिश हां में सर हिलाती है और ड्रिंक की ट्रे ले कर एक टेबल पर चली जाती है। जहां पर चार लड़के बैठे हुए थे। उन चारों ने जब कशिश को देखा तो उनके आंखों में हैवानियत नज़र आने लगी।

  • 14. कशिश और धैर्य की मुलाकात

    Words: 2224

    Estimated Reading Time: 14 min

    कशिश उन अय्याश लड़कों के टेबल पर ड्रिंक रख रही होती है। और उन चारों लड़कों की नजरें कशिश के ऊपर ऐसी थीं, जैसे भूखे कुत्तों की नजरें होती हैं।

    कशिश उन सबके सामने बियर की बोतल रखती है और वहां से जाने ही वाली थी, कि तभी एक लड़के ने उसकी कलाई पकड़ ली। और उसे एक झटके से खींचकर अपनी गोद में बिठा लिया। कशिश उसकी गोद से उठती, उससे पहले ही उसने उसकी कमर पर अपने हाथों की पकड़ बना ली और उसे कसके अपनी गोद में ही बिठा लिया।

    कशिश छटपटा रही थी और उसे छोड़ने के लिए चिल्ला रही थी। लेकिन वे सभी लड़के कशिश को देखकर घिनौनी हंसी हंसने लगते हैं।

    कशिश ने उस लड़के के हाथ पर काट लिया और उस लड़के के हाथ कशिश की कमर से हट जाते हैं। और वह कशिश की पीठ पर एक जोरदार धक्का मार कर, उसे अपनी गोद से नीचे गिरा देता है।

    कशिश संभल नहीं पाती है और जमीन पर गिर जाती है। वे चारों खड़े होते हैं और गुस्से में कशिश को देखने लगते हैं। जिसे कशिश ने काटा था, वह लड़का गुस्से में कशिश की तरफ कदम बढ़ाते हुए कहता है, "यू बीच।"

    कशिश घबराते हुए अपनी जगह पर खड़ी होती है और जैसे ही वह वहां से भागने वाली होती है, उस लड़के ने पीछे से कशिश के कॉलर को पकड़ लिया। पर इससे पहले कि वह उसे खींच पाता, उस लड़के की कलाई पर एक मजबूत हाथ आता है और उसकी कलाई को एकदम मरोड़ कर रख देता है।

    वह लड़का हैरानी से अपने सामने खड़े उस हट्टे-कट्टे आदमी को देख रहा था, जो किसी बॉडीबिल्डर की तरह लग रहा था और उसका बड़ा सा शरीर कशिश को पूरी तरह से छुपा रहा था! वह शख्स कोई और नहीं बल्कि अपना हीरो नक्ष है।

    पूरे क्लब में लाइट तेजी से जल बुझ रही थी। म्यूजिक की बीट इतनी ज्यादा थी, कि किसी को कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था। क्लब में तेज म्यूजिक की आवाज में उस तेजी से जलती - बुझती लाइट के बीच उन लोगों को एक दूसरे का चेहरा ठीक से नजर नहीं आ रहा था, लेकिन नक्ष ने पहचान लिया था, कि सामने जरूर कुछ गड़बड़ है।

    नक्ष ने हल्का अपना चेहरा घुमा कर पीछे खड़ी घबराई हुई कशिश को देखा, जिसका चेहरा क्लब की रोशनी के बीच उसे ठीक से नजर नहीं आ रहा था और ना ही कशिश को उसका चेहरा ठीक से नजर आ रहा था। रंग बिरंगी लाइटों के बीच उसे सिर्फ इतना पता चल रहा था, कि यहां पर सिर्फ एक लड़की खड़ी है, जो काफी घबराई हुई है।

    नक्ष ने उसे देखकर नरम आवाज में कहा, "क्या तुम ठीक हो?"

    कशिश घबराते हुए जल्दी से हां में सिर हिलाती है। तभी वहां पर मैनेजर आ जाते हैं, क्योंकि उन्होंने देख लिया था उस टेबल पर जरूर कशिश के साथ कुछ मिस बिहेव हो रहा है।

    पर जब वे यहां पहुंचते हैं और अपने सामने नक्ष को देखते हैं, तो वे जल्दी से घबरा जाते हैं। मैनेजर ने पहले कशिश को देखते हुए कहा, "तुम जाओ बार काउंटर पर, जाकर अपनी पोजीशन संभालो।"

    कशिश घबरा जाती है, पर वह जल्दी से जल्दी वहां से निकलना चाहती थी। उसने जल्दी से हां में सिर हिलाया और वहां से चली गई।

    नक्ष ने उस लड़के की कलाई को मरोड़ कर, उसके दोस्तों की तरफ धक्का दे दिया। उसके दोस्तों ने उसे संभाल लिया, लेकिन नक्ष की तीखी निगाहें अभी भी उन चारों के ऊपर थीं। रंग बिरंगी रोशनी के बीच उसे इन चारों के चेहरे तो नजर नहीं आ रहे थे। लेकिन हरकतों से ये जरूर गिरे हुए इंसान ही दिखाई पड़ रहे थे।

    कशिश ने एक बार..काउंटर पर जाने से पहले पलट कर उस तरफ देखा, जहां पर नक्ष और मैनेजर खड़े थे। नक्ष और मैनेजर आपस में कुछ बात कर रहे थे, जिसकी वजह से उसे नक्ष का चेहरा नजर नहीं आया। लेकिन उसके साइड के जेस्चर से उसे नक्ष की हल्की सी छवि दिखाई दे रही थी।

    पर देखते ही देखते नक्ष मैनेजर से बात करके भीड़ में कहीं गायब हो जाता है और कशिश की आंखों से पूरी तरह से ओझल हो जाता है। नक्ष ने मैनेजर को इस बात के लिए धमकाया था, कि अपने स्टाफ पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इस तरह की बतमीजियां क्लब में होती रहती हैं, और इस तरीके के बदतमीज लड़कों से उसे अपने स्टाफ की मदद करनी चाहिए।

    मैनेजर ने नक्ष को आश्वासन दिया, कि आज के बाद ऐसी बदतमीजी उसके क्लब में कभी नहीं होगी। और इस वक्त मैनेजर ने उन चारों लड़कों को क्लब से बाहर निकाल दिया।

    कशिश वापस अपने काउंटर पर आ जाती है और वापस से ड्रिंक बनाने में बिजी हो जाती है, तभी उसके सामने एक ऊंची सी चेयर पर कोई आदमी आकर बैठता है और कहता है, "एक स्ट्रांग टेक्वीला!"

    "जी सर विदाउट आइज, विद आइज..?" कोशिश ये कहते हुए उस शख्स को देखती है और दोनों एक दूसरे की तरफ देखते हैं।

    जैसे ही कशिश ने उसे देखा उसके चेहरे पर हैरानी भरे भाव हो जाते हैं और सामने वह शख्स भी हैरानी से कशिश को देखकर कहता है, "तुम द एक्सीडेंट गर्ल।"

    कशिश के हाथ ड्रिंक पर रुक गए थे और वह वापस उस शख्स को हैरानी से देखते हुए कहती है, "अरे आप तो वही हैं ना, जिसने उस दिन मेरी मदद की थी! मुझे एक्सीडेंट से बचाया था और आपने मुझे अपना बिजनेस कार्ड भी दिया था।"

    फिर कशिश उस बिजनेस कार्ड में लिखे नाम को याद करते हुए कहती है, "मिस्टर धैर्य ग्रेवाल!"

    धैर्य मुस्कुराते हुए कशिश से कहता है, " हैरानी हुई है, ये जानकर कि आपको मेरा नाम याद है। वैसे मैंने तो आपको अपना कार्ड दे दिया था, इसलिए आपको मेरा नाम याद होगा, पर मुझे आपका नाम ठीक से याद नहीं है। क्या आपने मुझे अपना नाम बताया था? अगर नहीं भी बताया तो प्लीज बता दीजिए, आखिर अब आप मुलाकातें तो होती रहेंगी।"

    कशिश के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई थी! उसे धैर्य का व्यवहार काफी नरम और हंसमुख लग रहा था! उसने हां में अपना सिर हिलाते हुए धैर्य से कहा, "जी मेरा नाम कशिश है। और मैं यहां जॉब करती हूं।

    धैर्य थोड़े से अफसोस के साथ अपने चेहरे के एक्सप्रेशन बनाता है और कहता है, "सीरियसली यार, इसका मतलब आपने मेरी कंपनी का जॉब प्रपोजल को रिजेक्ट कर दिया है। मैंने तो इसलिए आपको अपना बिजनेस कार्ड दिया था, ताकि आप वहां काम कर सकें। लेकिन आपने मना कर दिया और अब आप यहां पर एक मामूली सी नौकरी कर रही हैं। वैसे कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, लेकिन शायद मैं आपको सैलरी थोड़ी अच्छी दे सकता था।"

    कशिश हंसते हुए बोली, "शुक्रिया, मैं इस के बारे में सोचूंगी। पर फिलहाल तो मैं यहां पर काम कर रही हूं। वैसे आप अभी यहां पर किसी काम से आए हैं क्या?"

    कशिश ने जब धैर्य से सवाल किया तो धैर्य अपने ड्रिंक का एक सिप लेते हुए कहता है, "नहीं मैं तो यहां पर अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने आया हूं।"

    कशिश ने हैरानी से कहा, "गर्लफ्रेंड.!"

    धैर्य हां में सिर हिलाता है और कहता है, "हां मुझे बताया तो उसने यही था, कि इसी क्लब में मिलेगी। पर अब तक नजर नहीं आई है। वैसे कशिश क्या तुम मेरी मदद कर सकती हो? बता सकती हो मेरी गर्लफ्रेंड मुझे कहां मिल सकती है? दरअसल में किसी बिजनेस के काम के लिए बाहर गया हुआ था, इसीलिए उसे मिल नहीं पाया था और आज ही वापस आया हूं, मुझे उसकी फ्रेंड से पता चला है कि वह इसी क्लब में पार्टी करने के लिए आई है। इसलिए मैं उसे सरप्राइज देना चाहता हूं।"

    कशिश मुस्कुराते हुए बोली, "जी सर आपको जो भी हेल्प चाहिए मुझे बता दीजिए! मैं बिल्कुल आपकी हेल्प करूंगी।"

    उसके बाद धैर्य ने कहा वैसे कशिश अगर तुम्हारा मन बदल जाए और मेरी कंपनी में काम करने का इरादा हो तो प्लीज एक बार मुझे इन्फॉर्म कर देना मैं अपने मैनेजर से कह दूंगा कि तुम्हारे लिए कोई अच्छी सी पोस्ट देख कर रखें...

    उसकी बात पर कशिश हैरानी से बोली मतलब... आपकी कंपनी आपकी मैनेजर संभालते हैं.. मेरे हंसते हुए कहता है दरअसल वह कंपनी मेरा भाई संभालता है ये कंपनी मुझे और मेरे भाई को विरासत में मिली है

    वैसे तो मुझे बिजनेस में कोई खास इंटरेस्ट नहीं है.. मेरा सपना तो एक पुलिस ऑफिसर बनने का था और मैंने अपना सपना पूरा भी किया है लेकिन पापा की कंपनी को यूं ही तो नहीं जाने दे सकता हूं इसलिए वह कंपनी मेरा भाई और मेरे मैनेजर मिलकर संभालते हैं। मैं कभी कभार वहां जाता हूं.. और इसीलिए मुझे हमेशा अपने लिए एक भरोसेमंद स्टाफ की जरूरत होती है। तभी तो मैं तुम्हें अपना स्पेशल बिजनेस कार्ड दिया था....

    धैर्य की बात सुनकर कशिश एकदम हैरान हो जाती है और उसने हैरानी से कहा क्या आप पुलिस ऑफिसर हैं? दिखाने से लगता तो नहीं है मतलब आप कभी यूनिफॉर्म में नहीं रहते हैं।

    धैर्य हंसते हंसते हुए बोला ठीक है तो अगली बार क्लब में यूनिफार्म पहन कर आऊंगा ..

    वहीं दूसरी तरफ वीआईपी केबिन में..

    नक्ष वापस अपनी कुर्सी पर आकर बैठ जाता है और शैली उसे एक बार फिर से डांस के लिए पूछती है। वह हैरानी से नमन की तरफ देखता है, तो नमन उसे रिलैक्स रहने का कहकर हां में सिर हिलाता है। नक्ष के पास और कोई ऑप्शन ही नहीं था, वैसे भी ये सिर्फ एक डांस की बात थी।

    वह धीरे से शैली को लेकर केबिन से बाहर चला जाता है और फ्लोर पर जाकर उसके साथ डांस करने लगता है।

    हालांकि नक्ष को डांस में कुछ खास इंटरेस्ट नहीं था और ना ही उसे शैली से चिपकने में कुछ इंटरेस्ट था, लेकिन जिस तरीके से शैली उस से चिपक रही थी, नक्ष को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। या यूं कह ले कि आज उसका मूड नहीं था

    शैली की नजरों में कुछ जिज्ञासा थी। और उसके इरादे नक्ष को लेकर ठीक नहीं लग रहे थे। वह नक्ष का हाथ पकड़ती है और उसे अपने साथ लेकर चलने लगती है।

    नक्ष उसके साथ चल रहा था, पर उसने बीच में रुक कर शैली को खींचकर कहा, "कहां जा रही हो?"

    शैली मुस्कुराते हुए उसके कान के पास आती है और कहती है, "मैं यहां बोर हो गई हूं, प्लीज क्या तुम मुझे मेरे कमरे तक छोड़ दोगे? मेरा कमरा इसी होटल के वीआईपी फ्लोर पर है। वह क्या है ना, मैंने ड्रिंक कर रखी है, इसीलिए मैं अकेले कमरे में नहीं जाना चाहती हूं। प्लीज मेरी हेल्प कर दो।"

    नक्ष उसे हैरानी से देखता है। लेकिन उसे शैली से शराब की महक तो आ ही रही थी और ये पता चल रहा था, कि उसने ड्रिंक की हुई है। इसलिए वह एक गहरी सांस छोड़कर हां में सिर हिलाते हुए शैली से कहता है, "ठीक है चलो, मैं तुम्हें तुम्हारे कमरे तक छोड़ देता हूं!"

    वही कशिश बार काउंटर पर ड्रिंक बना रही थी, पर तभी उसकी नजर पीछे से नक्ष की तरफ जाती है। वह नक्ष को थैंक यू कहना चाहती थी, आज उसने कशिश की मदद की है।

    वह जल्दी से काउंटर से भागते हुए नक्ष का पीछा करने लगती है। पर जब तक वह वहां पहुंचती, नक्ष एग्जिट से बाहर चला गया था। इतनी भीड़ में कशिश नक्ष तक पहुंच ही नहीं पाई और नक्ष क्लब को छोड़कर और उस एरिया से जा चुका था।

    धैर्य क्लब के दूसरे हिस्से में था। वह काफी देर से हर जगह पर अपनी गर्लफ्रेंड यानी कि रूही को ढूंढ रहा था, लेकिन उसे रूही कहीं नजर नहीं आ रही थी। उसे पक्का यकीन था, कि रूही की फ्रेंड ने उसे यही का एड्रेस दिया था। वह अपनी जेब से फोन निकालता है और रूही को फोन करता है। लेकिन रूही अपना फोन ही रिसीव नहीं कर रही थी।

    धैर्य ने दोबारा से रूही को फोन किया और उसे हर तरफ देखने लगा, तभी वह देखता है कि क्लब के सेकंड फ्लोर पर उसे रूही सीढ़ियों के पास नजर आ रही थी।

    उसने एक नि लेंथ ब्लैक कलर की ड्रेस पहनी हुई थी। रूही को देखकर धैर्य के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वह जल्दी से सीढ़ियों से चलता हुआ ऊपर के फ्लोर पर जाता है। वहां के हिस्से में भी डीजे लगा हुआ था और वहां पर भी लोग नशे में धुत एक दूसरे से चिपक कर डांस कर रहे थे। पर जब धैर्य वहां पहुंचता है, तो रूही वहां से गायब हो चुकी थी।

    वह थोड़ी देर पहले ही यहां पर थी। लेकिन अब यहां नज़र नहीं आ रही थी। धैर्य उसे हर जगह तलाश कर रहा था।

    तभी उसे एक जगह पर, रूही उसकी तरफ पीठ किए हुए खड़ी नजर आती है। वह थोड़ी ही दूरी पर दीवार का कोना था।

    धैर्य के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। वह दौड़ते हुए रूही के पास जाता है। पर जैसे ही वह उसके थोड़ा सा और करीब जाता है, उसके कदम अपने आप रुक जाते हैं और वह हैरानी से देखने लगता है।

    रूही के सामने एक लड़का था और उसके पूरे हाथों पर टैटू ही टैटू बने हुए थे। रूही उस लड़के के बहुत करीब जाती है और उसके गले में अपनी बाहें डाल देती है। वह लड़का भी रूही की कमर पर हाथ डालकर उसे अपने करीब खींच लेता है और अगले ही पल वे दोनों एक दूसरे के होठों को चूमने लगते हैं।

  • 15. आज रात के बाद तुम मेरे जहन में नहीं रहोगी..

    Words: 2109

    Estimated Reading Time: 13 min

    होटल के प्राइवेट रूम में...



    नक्ष इस समय शैली के साथ था। वो उसे कमरे में छोड़ने आया था। कमरे में आते ही शैली ने अपनी जैकेट उतारकर फेंक दी और वो नक्ष की तरफ अपनी लंबी टांगें दिखाते हुए आने लगी।



    नक्ष उसे देखकर हैरान रह जाता है... लेकिन वो अपनी जगह पर ही खड़ा था और उसके दोनों हाथ उसकी जेब के अंदर थे। वो बस शैली को देख रहा था। उसका वैसे भी शैली के साथ कुछ करने का इरादा नहीं था, लेकिन शैली खुद उसे इस तरीके से अट्रैक्ट कर रही थी कि नक्ष की नज़रें उसके ऊपर से हट भी नहीं पा रही थीं। वैसे मानना पड़ेगा ये लड़की है बहुत खूबसूरत।



    शैली ने उसका हाथ पकड़कर अपने हाथ में ले लिया और एक झटके से खींचकर उसे अपने करीब कर लिया। शैली के क्लीवेज से लेकर उसके उभरे हुए सीने और उसकी सुराहीदार गर्दन सब नक्ष के सामने थी। नक्ष कौन सा दूध का धुला हुआ है, उसके तो कर्मकांड ही ऐसे हैं कि वो पूरे शहर में प्लेबॉय के नाम से बदनाम है... लेकिन नक्ष ने खुद कभी किसी लड़की को अप्रोच नहीं किया है। लड़कियां खुद नक्ष के सामने बिछ जाया करती थीं। अब अगर सेब खुद ही चाकू के सामने आकर कहता है कि मुझे काट दो तो इसमें बेचारे चाकू की कौन सी गलती।



    "आई वांट यू, जब से तुम्हें देखा है, बस तुम्हारे बारे में ही सोचती हूँ। बस तुम्हारा ख्याल ही मेरे दिल में रहता है। मैं बस तुम्हें पाना चाहती हूँ, एक बार मेरे बन जाओ। देखो मैं तुम्हें सारी जिंदगी खुश रखूंगी..."



    नक्ष के चेहरे पर एक मिस्टीरियस मुस्कान आ गई। उसने शैली को खुद को छूने से रोकने की कोशिश नहीं की... और शैली ने भी इसे नक्ष की परमिशन मान ली। उसने आगे बढ़कर नक्ष के शर्ट के बटन खोल दिए और उसके सीने पर होंठ रख दिया। नक्ष के हाथ जो उसके पैंट के पॉकेट में थे, वो आपस में कस जाते हैं और वो अपनी आँखें बंद कर लेता है। उसने शैली को हटाया नहीं, लेकिन खुद कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया न पाकर शैली ने उसकी तरफ हैरानी भरी नज़रों से देखते हुए कहा,



    "क्या बात है तुम कुछ रिएक्ट नहीं कर रहे हो? कहीं ये सब इसीलिए तो नहीं कि तुम्हारी एक गर्लफ्रेंड है और तुम उसके लिए लॉयल हो..." शैली की बात सुनकर नक्ष हँस पड़ता है। उसने अपने दोनों हाथ जेब से बाहर निकाले और उसके कंधे पर रखकर उसे देखते हुए कहता है, "हाँ मैं तब तक लॉयल हूँ जब तक सामने वाला मेरे लिए लॉयल है... और तब तक भी जब तक सामने वाली मेरी लॉयल्टी के काबिल नहीं बन जाती।" ऐसा कहते हुए नक्ष की भौंहें ऊपर की तरफ उठ जाती हैं और वो मुस्कुराते हुए शैली के क्लीवेज को देखने लगता है...



    उसकी बात सुनकर शैली के चेहरे पर भी एक सेडक्टिव स्माइल आ जाती है। वो पीछे की तरफ अपने कदम बढ़ा लेती है और एक लकड़ी के मेज पर बैठ जाती है। उसने अपने दोनों पैर मेज के इर्द-गिर्द फैला दिए और खुद को पीछे की तरफ सपोर्ट दे दिया... उसकी नज़रें नक्ष के ऊपर ही थीं और नक्ष भी उसे इंटेंस भरी नज़रों से देख रहा था। शैली ने कहा, "अगर तुम कोशिश नहीं करोगे तो तुम्हें कैसे पता चलेगा शायद मैं तुम्हारी इमेजिनेशन से भी ज्यादा बेहतर परफॉर्म कर सकूँ..." शैली की नज़रों में एक चुनौती और तीखापन था और नक्ष की आँखें तीखी हो गईं जब उसने शैली को देखा। शैली ने धीरे से अपना एक हाथ अपनी ड्रेस के पीछे की तरफ किया और अपनी ज़िप को खोल दिया जिससे उसकी ड्रेस शोल्डर से फिसल कर कमर पर आ गिरती है और शैली ने जिस अंदाज से अपने पैरों को फैला रखा था ऐसे में नक्ष की इंटेंसिटी बढ़ती जा रही थी...



    नक्ष के चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। वो उसके तरफ कदम बढ़ाता है और अपनी उंगलियां सीधे उसके क्लीवेज पर रख देता है। वो उसे सहलाते हुए धीरे-धीरे करते हुए उसकी नाभि तक आता है... उसकी नाभि के पास पहले से ही पियर्सिंग हो रखी थी और वहाँ पर एक हुक टाइप का ज्वेलरी लगी हुई थी। नक्ष ने उसे हिलाते हुए शैली को देखना शुरू किया और शैली की निगाहें और ज्यादा इंटेंसिटी से भर गईं। वो अपना निचला होंठ अपने दाँतों तले दबाने लगी।



    नक्ष ने शैली को ऊपर से लेकर नीचे तक देखा लेकिन उसके बाद उसने अपने कदम पीछे खींच लिए। उसे ऐसा करता देख शैली एकदम हैरान हो गई। वो जिस तरीके से अभी थी ऐसे में किसी का भी पीछे कदम लेना इम्पॉसिबल था... लेकिन अगर नक्ष ने ऐसा किया है तो ज़रूर इसकी कोई वजह रही है। वो एकदम हैरानी से नक्ष को देखती है और कहती है, "क्या हुआ? क्या तुम्हें किसी बात ने रोका हुआ है?"



    अचानक से नक्ष के पूरे शरीर में एक करंट सा दौड़ जाता है और वो अपना चेहरा शैली से हटाकर दूसरी तरफ कर लेता है। अचानक से उसके जहन में वो पल आ जाता है जब वो किसी अजनबी के साथ एक अंधेरे कोने में उसे किस कर रहा था। उसके दिमाग में बस वही किस और वही एहसास घूम रहे थे। अचानक से एक झुनझुनी और सनसनी ने उसे सुन्न कर दिया... नक्ष के अंदर एक बेचैनी होने लगी, एक ऐसी बेचैनी जिसे वो मल्लिका और शैली के साथ महसूस करना चाहता था लेकिन वो असफल रहा। मल्लिका की खूबसूरती और शैली का ये बोल्ड अंदाज भी नक्ष की बेचैनी को करार नहीं दे पा रहा था।



    "क्या बात है नक्ष? क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रिश्ते में हो बस इसीलिए तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो..." शैली ने कहा तो नक्ष उसे घूर कर देखता है। उसके बाद वो आगे की तरफ बढ़ जाता है जहाँ पर एक बार काउंटर बना हुआ था। वहाँ से उसने एक बोतल उठाई और उसे ओपन करते हुए कहा, "मैं रिश्तों में दिलचस्पी नहीं रखता..." ग्लास में स्कॉच डालकर वो शैली की तरफ देखता है। शैली भी उसे हैरानी से देखती है...



    शैली जल्दी से अपनी जगह पर खड़ी होती है और नक्ष के पास आती है। वो नक्ष के शर्ट को अपनी दोनों मुट्ठियों में भरती है... जिसकी वजह से नक्ष के सामने के बटन टूट जाते हैं और उसका सीना दिखने लगता है और उसे देखकर कहने लगी "व्हाट'एस रॉन्ग विद यू नक्ष, क्या प्रॉब्लम है? क्या कमी है मेरे अंदर? क्या मैं हॉट नहीं हूँ, क्या मैं सेक्सी नहीं हूँ? क्या मैं तुम्हें सेटिस्फाई नहीं कर सकती हूँ? एक बार ट्राई तो करो, देखो मैं तुम्हें खुश कर दूंगी, इतना कि तुम कभी मुझसे दूर नहीं जा पाओगे! ऐसी क्या वजह है, कि तुम मुझे खुद के करीब नहीं आने दे रहे हो? क्या इसकी वजह ये है, कि तुम ऑलरेडी किसी रिलेशनशिप में हो, तुम्हारी पहले से ही गर्लफ्रेंड है। बताओ मुझे अगर ऐसा है, तो मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड बन जाऊंगी। बस एक बार मुझे किस कर लो। उसके बाद देखो, तुम्हें किसी बात का मलाल नहीं होगा।"



    उसके बाद शैली नक्ष के होठों की तरफ बढ़ जाती है। शैली ने उसके होठों के करीब आकर उसके होठों को छुआ ही था कि तभी डोर बेल बजने लगती है... बजाने वाला ऐसे बजा रहा था ऐसा लग रहा था जैसे हथौड़े से दरवाजे को पीटा जा रहा है और अगर एक सेकंड में दरवाजा नहीं खुला तो बाहर जो भी है वो दरवाजा तोड़ देगा...



    नक्ष हैरानी से दरवाजे को देखता है। शैली का चेहरा दर्द से भरा हुआ था और उसके मुँह से अभी भी हल्की कराह निकल रही थी। क्योंकि नक्ष ने उसकी कलाई पकड़कर उसे खुद से दूर कर दिया था...



    नक्ष उसे देखता है और फिर अगले ही पल वो लंबे-लंबे कदमों से होता हुआ दरवाजे की तरफ बढ़ जाता है। पर जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उसके ठीक सामने गुस्से में बौखलाई हुई मल्लिका खड़ी थी। मल्लिका को वहाँ देखकर नक्ष एकदम से चौंक जाता है।



    लेकिन मल्लिका का चेहरा भी कम गुस्से में नहीं लग रहा था। जब उसने नक्ष को देखा और उसकी हालत को। नक्ष की शर्ट के बटन खुले हुए थे, बाल बिखरे हुए थे और होठों के पास लिपस्टिक के निशान थे। ये देखकर मल्लिका अपने आपे से बाहर हो जाती है। और गुस्से में नक्ष से कहती है, "कौन है तुम्हारे साथ अंदर?"



    लेकिन नक्ष जिस तरीके से दरवाजे पर खड़ा था उसने दरवाजे को एक हाथ से पकड़ रखा था जिससे कि अंदर शैली नज़र नहीं आ रही थी...



    मल्लिका की आँखें गुस्से में एकदम से बड़ी हो जाती है और वो गुस्से में अंदर झांकने की कोशिश करने लगती है।



    "तुम यहाँ क्या कर रही हो?" उसने गुस्से में मल्लिका से सवाल किया तो मल्लिका ने भी भड़कते हुए नक्ष से कहा, "हाउ डेयर यू नक्ष, तुम मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकते हो? हम दोनों रिलेशनशिप में हैं और तुम मेरे साथ होते हुए भी किसी और लड़की के साथ कमरे में कैसे जा सकते हो? मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूँ और हमारे रिलेशनशिप में मैं पूरी तरह से ईमानदार हूँ।"



    मल्लिका की आँखों से आँसू बह रहे थे। लेकिन वो गुस्से में नक्ष को देखते हुए ये सब बोले जा रही थी। नक्ष फिर उसकी बात सुनकर और ज्यादा नाराज़ हो जाता है। एक तो पहले से ही उसके दिमाग में उस रात का सीन अभी चल रहा था, जिसकी वजह से वो फ्रस्ट्रेटेड हो रहा था। ऊपर से शैली की ये हरकत उसे पागल कर रही थी। लेकिन मल्लिका जिस तरीके से उस पर इल्जाम लगा रही थी,



    नक्ष अपना गुस्सा काबू नहीं रख सका और वो चिल्लाते हुए कहता है, "अपनी बकवास बंद करो और मैंने तुमसे नहीं कहा था, कि मुझसे प्यार करो और मेरे साथ रिश्ते में ईमानदारी रखो। हमारे बीच जो था, वो एक समझौता था। शायद तुम भूल रही हो, कि ये सब सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट है। इस रिलेशनशिप में आने से पहले ही हम दोनों ने ये चीज डिसाइड कर ली थी, कि मैं तुम्हें सिर्फ बड़े असाइनमेंट और प्रोजेक्ट दूंगा, इसके बदले तुम लोगों के सामने मेरी गर्लफ्रेंड होने का नाटक करोगी। सब कुछ पहले से ही क्लियर था, तो अब ये नाटक करना बंद करो।"



    "नक्ष तुम एक पत्थर दिल इंसान हो।" मल्लिका गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है तो नक्ष के चेहरे पर एक मजाकिया मुस्कान आ गई और उसने मल्लिका से कहा, "तारीफ के लिए शुक्रिया।" ये कहने के साथ ही नक्ष ने मल्लिका के मुँह पर ही दरवाजा बंद कर दिया।



    नक्ष वापस कमरे में आता है तो उसने देखा की शैली टेबल पर क्रॉस लेग करके बैठी हुई है उसके पैर किनारे पर लटक रहे हैं जिससे उसकी लंबी टांगें दिखाई दे रही है उसने अपने बालों को एक तरफ कंधे पर कर लिया और नक्ष को अपनी गहरी निगाहों से देखकर उसे अपने पास आने का इशारा करते हुए कहती है "तुम बहुत उलझे हुए इंसान हो मिस्टर नक्ष मर्चेंट..."



    नक्ष वहाँ से मिनी बार की तरफ चला जाता है और जो ड्रिंक उसने बनाई थी उसका एक घूँट लेते हुए उसने शैली को देखा और उसके बाद उसके चेहरे पर एक डेविल स्माइल आ गई। वो शैली को देखते हुए कहता है "मुझे उम्मीद है कि तुम मुझे सुलझाने की प्लानिंग नहीं कर रही हो।"



    शैली हँसने लगती है और उसने हँसते हुए कहा "मैं भी रिलेशनशिप में रहना पसंद नहीं करती हूँ। मुझे बस अपनी जिंदगी में फन चाहिए। एक रात की मस्ती..." नक्ष धीरे-धीरे चलकर उसके करीब आ जाता है। शैली ने उसके सीने पर अपनी उंगलियों को रखा और धीरे-धीरे सहलाते हुए वो उसके बेल्ट के पास आकर रुक जाती है और उसने नक्ष की आँखों में देखते हुए कहा "तो क्या हम वहीं से शुरू कर सकते हैं जहाँ पर छोड़ा था।"



    नक्ष के हाथों में अभी भी ड्रिंक था। उसने ड्रिंक का गिलास खाली करते हुए काउंटर पर रख दिया और उसके बाद उसने अपने हाथों से शैली के बालों को पीछे की तरफ खींच लिया। उसकी आँखें एकदम नक्ष के सामने आ गईं और अगले ही पल झुक कर नक्ष ने उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया। शैली ने अपनी टांगें उसकी कमर के चारों तरफ लपेट दीं और नक्ष ने उसे गोद में उठा लिया।



    नक्ष उसे किस करता हुआ बेड के पास लाता है और बेड पर धकेल देता है लेकिन जब शैली अपनी आँखें बंद करके गहरी सांस ले रही थी तो नक्ष उसके पूरे बदन को देखते हुए अपने मन में यही कहता है "शायद आज रात के बाद तुम मेरे जहन में नहीं रहोगी..."



    वो अभी भी उन नीली आँखों को याद कर रहा था जिसे उसने बस एक पल के लिए देखा था और जब से देखा था तब से ही वो तड़प रहा था...

  • 16. मैं रूही का एक्स बॉयफ्रेंड हूं

    Words: 2444

    Estimated Reading Time: 15 min

    "हाँ रूही बेबी सॉरी! मुझे कुछ दिनों के लिए और यहाँ रहना पड़ेगा। ये केस बहुत इंपॉर्टेंट है और जो मैंने तुमसे प्रॉमिस किया था, कि इस वीक में मुंबई वापस आ जाऊँगा पर, यहाँ पर काम कुछ ज़्यादा ही है। आई होप तुम नाराज़ नहीं हो रही हो।"



    गाड़ी की पिछली सीट पर रूही उस टैटू वाले लड़के के साथ बैठी हुई थी, और उसके फोन पर इस समय धैर्य का मैसेज था, जिसे देख कर वो मुस्कुराते हुए उसे रिप्लाई करती है, "कोई बात नहीं धैर्य तुम अपना काम आराम से कर लो, मैं यहाँ तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूँ। जैसे ही तुम्हारा केस खत्म हो जाए उसके बाद हम एक साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करेंगे।"



    "हाउ स्वीट यू रूही... यू आर सच अ लवली गर्ल... आई लव यू बेबी..." धैर्य ने जब ये मैसेज भेजा तो रूही ने मुस्कुराते हुए उसके मैसेज का जवाब दिया, "आई लव यू टू धैर्य आई एम वेटिंग फॉर यू।"



    ये रिप्लाई करते हुए रूही फिर से उस टैटू वाले लड़के को किस करने लगती है। वो लड़का रूही के कॉलर बोन पर किस करते हुए कहता है, "क्या इरादे हैं बेबी योर प्लेस ऑर माई..."



    "माई प्लेस" रूही ने एक सेडक्टिव मुस्कान के साथ उस लड़के को देख कर कहा तो उसके चेहरे पर भी एक बेशर्मी भरी मुस्कान आ जाती है। रूही ड्राइवर से उसे धैर्य के अपार्टमेंट ले जाने के लिए कहती है, क्योंकि इस वक़्त धैर्य अपने अपार्टमेंट में नहीं है और रूही वहाँ पर अकेली है इसलिए वो इस लड़के के साथ धैर्य के अपार्टमेंट जाती है।



    अपार्टमेंट में पहुँचने के बाद ही रूही और वो टैटू वाला लड़का दरवाजे पर ही एक दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगते हैं। अपार्टमेंट में हर जगह अंधेरा ही अंधेरा था, पूरे अपार्टमेंट की लाइट ऑफ थी, लेकिन इससे पहले की रूही लाइट ऑन कर पाती उस लड़के ने रूही को दरवाजे पर ही दबोच लिया और उसके कॉलर बोन पर ज़ोरदार किस करने लगा,



    जिससे रूही की गहरी सांसें उभर कर आने लगीं। वो तेज़ी से उस लड़के को और ज़्यादा एक्साइट कर रही थी। रूही और वो लड़का इस समय एक दूसरे में इस कदर उलझे हुए थे, कि उसे इस बात का एहसास ही नहीं हुआ कि अंधेरे में धैर्य सोफे पर बैठा हुआ है और उसके हाथों में ड्रिंक का ग्लास है उसके सामने ये नज़ारा चल रहा है।



    भले ही अपार्टमेंट में अंधेरा था, लेकिन धैर्य को साफ नज़र आ रहा था, कि दो लोग उसी के अपार्टमेंट में किस तरीके से एक दूसरे को पागलों की तरह किस किए जा रहे हैं। और वो इन सारी हरकतों को अपनी आँखों से देख रहा था।



    अगली सुबह,



    धैर्य किचन में नाश्ता बना रहा था, उसके कानों में एक हेडफोन लगा हुआ था, और वो इस वक़्त शर्टलेस था, उसने सिर्फ ट्राउजर पहन रखा था, और हॉल में तेज़ म्यूजिक बज रहा था, उसके कानों में भी म्यूजिक बज रहा था, लेकिन वो इस वक़्त इतना मगन होकर दोनों म्यूजिक के साथ नाश्ता बना रहा था, कि उसे किसी का ख्याल ही नहीं था, ब्लैक कॉफी के साथ गार्लिक ब्रेड धैर्य ने ये अपने हाथों से बनाया था।



    बेडरूम के अंदर इतनी तेज़ म्यूजिक की आवाज़ सुन कर रूही की नींद खराब हो जाती है, और वो झुंझला कर उठते हुए एकदम से फ्रस्ट्रेटेड हो जाती है। वो गुस्से में चिल्लाते हुए कहती है, "व्हाट द हेल! कौन इतना लाउड म्यूजिक बजा रहा है?"



    कहते हुए उसने अपने बगल में ज़ोरदार हाथ मारा जहाँ पर वो टैटू वाला लड़का बिना कपड़ों के सोया हुआ था, उसके ऐसा करने के बाद वो उठ जाता है। और घबराते हुए कहता है, "क्या हुआ? मुझे क्यों मार रही हो मैंने थोड़ी बजाया है म्यूजिक, आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है क्या? बाहर से आ रही है।"



    रूही गुस्से में बाहर की तरफ देखती है और झुंझलाते हुए कहती है, "ये ज़रूर उस मेड की हरकत होगी, उसे लगा होगा धैर्य तो यहाँ पर है नहीं तो अपार्टमेंट खाली है लाउड म्यूजिक बजा कर काम करेगी। इसे तो मैं अभी बताती हूँ।"



    ऐसा कहते हुए रूही अपना ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनती है और बाहर हॉल में चली जाती है। उसने देखा म्यूजिक सिस्टम सामने ही लगा हुआ था, वो गुस्से में म्यूजिक सिस्टम के पास जाती है और एक बटन दबाकर उसे बंद कर देती है।



    "अरे तुमने म्यूजिक क्यों बंद कर दिया...?"



    रूही की आँखें एकदम से बड़ी हो जाती है और वो झटके से पलट कर पीछे किचन की तरफ देखती है जहाँ पर अपने हाथों में ब्रेकफास्ट की ट्रे लिए हुए धैर्य खड़ा था। रूही धैर्य को अपने सामने देख कर आवक रह गई, वो पलके तक नहीं झपका रही थी, और मुँह खुला का खुला रह गया था।



    "बेबी तुम्हें पता है ना मुझे ब्रेकफास्ट बनाते हुए म्यूजिक सुनना कितना पसंद है" धैर्य ने अपने हाथ में पकड़ी हुई ट्रे को साइड में रखा और जूस का ग्लास उठाकर उसे पीते हुए कहा।



    "धैर्य तुम! तुम यहाँ पर? लेकिन तुम तो केस के लिए बाहर गए हुए थे ना, और तुमने तो कहा था कि तुम कुछ दिनों तक बाहर ही रहोगे पर तुम यहाँ पर..." रूही से तो बोला भी नहीं जा रहा था, उसके शब्द इतने ज़्यादा लड़खड़ा रहे थे।



    धैर्य उसे ऐसा देख कर एक हल्की मुस्कान के साथ कहता है, "मेरी लाइफ के बारे में तो तुम सब कुछ जानती हो पर शायद मैं तुम्हारे बारे में नहीं जानता हूँ। तुम इस वक़्त यहाँ क्या कर रही हो?"



    धैर्य अपना ऑरेंज जूस पीते हुए आराम से रूही से ये पूछता है वहीं रूही की घबराहट बढ़ गई थी, उसके माथे पर पसीना आ गया था, वो जल्दी से खुद को संभालते हुए धैर्य से कहती है, "वो मैं तो सो रही थी।"



    "किसके साथ..."



    उसने अपने जूस को पीना जारी रखा और मुस्कुराते हुए रूही से सवाल किया। रूही उससे आँखें नहीं मिला पा रही थी, वो बार-बार अपनी नज़रें चुरा रही थी, "मैं...मैं..." से ज़्यादा उसके मुँह से और कुछ निकल ही नहीं रहा था।



    "वैसे बेबी तुम कुछ ढंग का क्यों नहीं पहन लेती हो। मैं तुम्हें इन कपड़ों में देख नहीं पा रहा हूँ।" धैर्य ने एक शांत मुस्कान के साथ उसे ये कहा, तो रूही तुरंत कमरे में भाग जाती है।



    कमरे में पहुँचकर उसकी धड़कनें बेतहाशा दौड़ रही थीं, उसने बिस्तर पर सो रहे उस टैटू वाले आदमी को देखा और फिर जल्दी से अलमारी की तरफ भाग गई। वो इतनी डरी हुई और घबराई हुई थी कि उसने अपने कपड़े तो पहन लिए लेकिन अंडर गारमेंट वहीं पर छोड़ दिया था।



    धैर्य बाहर सोफे पर बैठा हुआ था, उसके एक हाथ में जूस का ग्लास था, और दूसरे हाथ में फोन था, उसके फोन पर उसके कंपनी के मैनेजर का कॉल आ रहा था, उसने फोन उठाकर अपने कान से लगाया तो उसके मैनेजर ने कहा, "सर आपने जो फ्रीलांसर फोटोग्राफर हायर किया था, उसकी तबीयत खराब हो गई है जिसकी वजह से वो आपके प्रोजेक्ट पर इन दिनों काम नहीं कर सकती है। उसने थोड़ा टाइम माँगा है..."



    "लड़कियाँ किसी काम की नहीं होती हैं उसे काम से निकाल दो, और कहो कि उसके साथ हमारे जो भी कॉन्ट्रैक्ट हैं वो खत्म हो गया है हमें ऐसे फोटोग्राफर की ज़रूरत नहीं है।"



    धैर्य जैसे ही अपना फोन रखता है वैसे ही दरवाजा खुलता है, और रूही कपड़े पहन कर बाहर आ जाती है। रूही को बाहर आता देख धैर्य भी अपनी जगह से खड़ा हो जाता है। वो सोफे के पीछे से रूही का सूटकेस निकलता है और सीधे उसकी तरफ फेंक देता है।



    "मैं तुम्हें समझा सकती हूँ प्लीज़..." रूही बेबी फेस से उसे देखते हुए कहती है तो धैर्य हँसने लगता है।



    और हँसते हुए रूही को देख कर बोला, "कल रात मैं सरप्राइज़ देने के लिए क्लब गया हुआ था, वहाँ देखा कि तुम तो ऑलरेडी मुझे सरप्राइज़ दे रही हो। इसके अलावा इतना ही काफी नहीं था, कि तुम उस लड़के को लेकर मेरे ही अपार्टमेंट में आ गई हो और उसके साथ सोने के लिए भी तुम्हें मेरा ही बिस्तर मिला है। इतना सब होने के बाद भी हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी तुम्हारी, जो मुझे ये कह रही हो कि तुम मुझे समझ सकती हो।"



    "बेबी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो! मैं नशे में थी, मैं दोबारा ऐसा नहीं करूंगी प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो। तुम जानते हो ना मैं तुमसे कितना प्यार करती हूँ।" रूही रोते हुए धैर्य को देख कर ये कहती है।



    धैर्य उसे देख कर और हँसने लगता है। फिर वो रिलैक्स होकर रूही को देखता है अपने दोनों हाथ फोल्ड करते हुए कहता है, "मुझे भी यही लगता था, कि तुम मुझसे बहुत प्यार करती हो इन फैक्ट मुझे तो ये भी पता था, कि तुम मुझ पर शक करती हो और अपने शक के लिए तुम मेरे पीछे-पीछे न जाने कहाँ-कहाँ तक आ गई थीं। वैसे पुलिस वाले पर शक कर के तुम मेरे प्रोफेशन को नज़रअंदाज़ कर रही थीं।



    "और ये जानते हुए मुझे इतनी खुशी होती थी, कि मैं तुम्हें बता नहीं सकता था, मैं ये जानकर अपने ऊपर प्राउड फील करता था, कि एक लड़की ऐसी है जो मुझसे इतना प्यार करती है कि मेरे पीछे-पीछे वो दुनिया के किसी भी कोने में आ जाएगी। मुझे तुम्हारी शक से कोई दिक्कत नहीं था, क्योंकि मैं जानता हूँ तुम्हें मेरे खिलाफ कभी कोई सबूत नहीं मिलेगा।"



    "क्योंकि मैं तुम्हें कभी धोखा नहीं दे रहा था, पर अब मुझे एहसास हुआ कि तुमने तो हर बार ही मुझे धोखा दिया। तुम्हारा वो शक करना इस बात का सबूत नहीं था, कि तुम मुझसे प्यार करती हो बल्कि वो इसीलिए था, ताकि तुम मुझ पर नज़र रख सको। तुम हर समय मुझपर नज़र रखना चाहती थी, ताकि मेरे पीठ पीछे अपनी अय्याशियों को अंजाम दे सको।"



    "चलो आज की बात मान लिया कि तुम नशे में थीं, और बहक गई थीं, पर वो क्या था जो 2 दिन पहले तुम एक और लड़के को लेकर मेरे अपार्टमेंट में आई थीं? तुम्हें क्या लगता है मैं शहर में नहीं हूँ तो मुझे इस बारे में पता नहीं चलेगा। यहाँ की सिक्योरिटी और सीसीटीवी सबने तुम्हारी हरकतों को सामने रख दिया है।"



    रूही रो रही थी, लेकिन उसने रोते हुए गुस्से में धैर्य को देखते हुए कहा, "तुम मुझ पर इल्ज़ाम नहीं लगा सकते हो धैर्य! मैं जो कुछ भी हूँ वो तुम्हारी वजह से हूँ। तुम्हारी वजह से मुझे ये कदम उठाना पड़ा है। तुम हो इन सब की वजह मैं हमेशा तुम्हारे पास अपने लिए टाइम ढूंढने आई थी, लेकिन तुम्हारे पास कभी मेरे लिए टाइम होता ही नहीं था, हमेशा काम काम और काम!"



    "तुम अपने बिजनेस और पुलिस के काम में इतने बिजी हो जाते थे, कि तुमने कभी मुझ पर ध्यान ही नहीं दिया इसीलिए मैंने अपने लिए सुकून ढूंढने के लिए बाहर का रुख किया है। मुझे तुम्हारी ज़रूरत थी, लेकिन तुम उस वक़्त मेरे पास नहीं थे, इसीलिए मैंने अपनी ज़रूरतें किसी और में तलाश करनी शुरू कर दीं।"



    रूही ने उस पर इल्ज़ाम लगाया तो धैर्य उसे हैरान नज़रों से देखता रहा और जब रूही ने कहना बंद कर दिया तो धैर्य ने सख्ती से उसे देखते हुए कहा, "अगर ऐसी बात है तो ठीक है। मैं आज अभी और इसी वक़्त तुमसे अपने सारे रिश्ते तोड़ता हूँ ताकि तुम सुकून से दूसरों की बाहों में सुकून तलाश कर सको।"



    "और तुम्हें क्या लगता है? ये पैसा दौलत प्रॉपर्टी मैं अपने लिए कर रहा था, नहीं! मुझे कभी बिजनेस में इंटरेस्ट था ही नहीं इसीलिए तो मैं अपने प्रोफेशन को पहले रखा था लेकिन फिर भी मैं अपनी फैमिली बिजनेस को छोड़ नहीं रहा था क्योंकि मैं ये सब तुम्हारे लिए कर रहा था, ताकि तुम्हारे भाई की बराबरी कर सकूँ और जब मैं उससे तुम्हारा हाथ माँगने जाऊँगा तो वो मुझे ये ना कहे कि तुम्हारे पास है क्या जो तुम मेरी बहन को दे सकते हो।"



    "पर अब तो ये सारा किस्सा ही खत्म हो गया है। अच्छा है! मैं अब अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सकूँगा और तुम भी अपनी जिंदगी अपने तरीके से जी सको।"



    "तुम ऐसा नहीं कर सकते हो मैं तुमसे प्यार करती हूँ।" रोते हुए कहा तो धैर्य हँस देता है और हँसते हुए कहता है , "नहीं रूही तुम मुझसे प्यार नहीं करती हो बल्कि तुम मेरी प्रॉपर्टी और मेरी पोजीशन से प्यार करती हो। तुम मेरे रुतबे से प्यार करती हो, एक अमीर खानदान के बेटे की गर्लफ्रेंड और पुलिस वाले की होने वाली फ्यूचर वाइफ के नाम से प्यार था तुम्हें... तुम्हारे भाई के बाद इस शहर में अगर किसी का नाम है तो वो मेरा और मेरे भाई का है और तुम उसी पोजीशन से प्यार करती हो। तुम धैर्य ग्रेवाल से प्यार नहीं करती हो बल्कि ग्रेवाल ग्रुप की इंडस्ट्रीज से प्यार करती हो। सुपरिंटेंडेंट ऑफ़ पुलिस धैर्य ग्रेवाल से प्यार करती हो।"



    उसकी बात सुनकर रूही अपनी जगह पर एकदम जड़ हो जाती है। उसके मुँह से आवाज़ भी नहीं निकल रही थी, और ना ही उसकी आँखों से आँसू रुक रहे थे, वो हैरानी से धैर्य को देख रही थी पर धैर्य ने उसे सख्ती से देखते हुए कहा, "मैं अपना फैसला नहीं बदलने वाला हूँ रूही! यहाँ खड़े होकर तुम अपना वक़्त बर्बाद कर रही हो।"



    रूही ने बेरहमी से अपनी आँखों को साफ किया और दरवाजे की तरफ बढ़ते हुए वो गुस्से में धैर्य से कहती है , "तुम्हें अपने फैसले पर पछतावा होगा. देखना एक दिन तुम मुझे अपने पास वापस ज़रूर बुलाओगे।"



    रूही के जाने के बाद धैर्य उस घर के हर एक कोने को देख रहा था, जहाँ पर उसके साथ रूही की बहुत सारी खूबसूरत यादें जुड़ी हुई थीं, उसे महसूस होता था, कि रूही उससे सिर्फ उसके पैसे पुलिस की पावर और प्रॉपर्टी के लिए अट्रैक्ट है। लेकिन इस तरीके से उसे धोखा देगी ये उसने नहीं सोचा था।



    "यहाँ क्या हो रहा है? रूही कहाँ है?" वो टैटू वाला लड़का कमरे से बाहर आते हुए कहता है तो धैर्य सोफे पर बैठ जाता है और अपने जूस का ग्लास दोबारा पीते हुए उसने उस लड़के से कहा, "वो चली गई... वैसे कल रात तुम काफी ज़्यादा थक गए होगे. तुम्हारे चेहरे से पता चल रहा है।"



    धैर्य ने बेफिक्री के साथ कहा तो वो लड़का अपना सर को झटकाते हुए आता है और सोफे पर उसके सामने बैठते हुए बोला, "हाँ यार मैं काफी ज़्यादा थक गया हूँ! क्या मुझे कॉफी मिल सकती है?"



    "ज़रूर..." धैर्य ये कहता हुआ किचन में चला जाता है लेकिन जब उस लड़के को इस बात का एहसास होता है तो वो हैरानी से धैर्य को किचन में काम करता हुआ देख कर कहता है, "वैसे तुम कौन हैं?"



    "मैं रूही का बॉयफ्रेंड हूँ! मेरा मतलब है कि एक्स बॉयफ्रेंड हूँ। तुम्हारे जागने के ठीक 1 मिनट पहले हमारा ब्रेकअप हुआ है।"

  • 17. कल रात बेड पर तुम काफी खतरनाक थे

    Words: 2079

    Estimated Reading Time: 13 min

     बांसुरी अभी-अभी घर वापस आई थी और उस के आने के साथ ही कशिश उदास किचन में खड़ी नजर आती है। उसे देख कर बांसुरी हैरानी से कहती है, " क्या बात है कशिश तुम्हारे चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है? सब ठीक तो है ना ?"







     कशिश एकदम से चौंक जाती है और वो बांसुरी को देखने लगती है । बांसुरी ने उस की बहुत मदद की है । वो उसे अपनी परेशानियां बता कर और परेशान नहीं करना चाहती थी । वैसे भी उस के पास अपनी खुद की बहुत सी प्रॉब्लम थी। वो फ्रीलांसर थी, उस के लिए काम मिलना बहुत मुश्किल था और अब जब उसे इतना अच्छा काम मिला है, तो वो नहीं चाहती है, कि कशिश अपना दुख बता कर बांसुरी को परेशान करे। 





     इसलिए उस ने मुस्कुराते हुए ना में सिर हिलाया। बांसुरी कशिश का हाथ पकड़ कर उसे सोफे पर लाती है और अपने सामने बिठाते हुए कहती है, " देखो कशिश मैंने तुमसे कहा ना, कि हम दोनों का एक दूसरे के सिवा इस दुनिया में कोई भी नहीं है। मुझे नहीं पता, कि तुम्हारा कोई है या नहीं है ? लेकिन मेरा तो कोई नहीं है, इसीलिए मैंने अपनी अच्छी बुरी सही, गलत सारी चीज़ें तुम्हारे साथ शेयर करती हूं और यही उम्मीद मैं तुमसे भी रखती हूं। प्लीज यार मुझे बताया करो, तुम्हारी लाइफ में क्या चल रहा है ?"



     कशिश एक पल के लिए हैरान रह जाती है। वो बांसुरी को देखती है। जहां इतनी बड़ी दुनिया में उसे अपनों ने ही बेसहारा छोड़ दिया था, तो वहां पर ये अजनबी है, जो उस का सहारा बन रही है और सहारा क्या । वो तो उस की बहुत बड़ी मददगार बनी है।



      उसे सड़क से उठाकर अपने घर में रखा। खाना दिया और साथ ही साथ उस ने कशिश की काम ढूंढने भी मैं भी मदद की है। ये सोचते हुए कशिश बहुत खुश हो जाती है।



      वो बांसुरी के गले लग जाती है और उस के आंसू निकल आते हैं। बांसुरी ने उस के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा, " तुम फिर से रोने लगी! अरे मैंने तुमसे ये सब इसीलिए थोड़ी ना कहा था,.कि तुम रोने लगो चलो। अब रोना बंद करो और बताओ मुझे, क्या हुआ तुम्हारा चेहरा इतना परेशान क्यों है?" 



     बांसुरी उससे अलग होती है और उस ने सब कुछ बता दिया। कल उस के साथ पार्टी में जो कुछ भी हुआ था, वो भी और आज जो क्लब में लड़कों ने उस के साथ बदतमीजी की थी। वो भी।



     कशिश के साथ इतना सब कुछ हो गया। ये सुनने के साथ ही बांसुरी बहुत हैरान होती है, लेकिन उसे गुस्सा भी बहुत आ रहा था। 



     उस ने जल्दी से कहा, " ऐसी बात है रुको, मैं अभी उस मैनेजर की बैंड बजाती हूं। मैं अक्सर उस के लिए फ्रीलांसिंग फोटोग्राफी करती हूं और उस के होटल की पब्लिसिटी करती हूं। मैं अभी उस मैनेजर की क्लास लगाती हूं । वो मेरी दोस्त के साथ बर्ताव कैसे कर सकता है ? और तुम वेटर हो तो क्या हुआ? तुम्हारी अपनी भी कोई सेल्फ रिस्पेक्ट है,.इस तरीके से कोई भी तुम्हारे साथ कुछ करके चला जाएगा और वो कोई एक्शन नहीं लेगा क्या ?"



     " अरे बांसुरी तुम्हें इतना नाराज होने की जरूरत नहीं है। मैनेजर साहब ने उन लड़कों को क्लब से निकाल दिया ,है और इन सब में एक इंसान ने मेरी मदद की है। वो बहुत अच्छे थे । उन्होंने क्लब में मेरी मदद की है और उन लड़कों को बहुत सुनाया । अब तुम मैनेजर सर से कुछ बोल कर प्लीज मेरी नौकरी खतरे में मत डालो। तुम जानती हो ना मेरे लिए ये नौकरी कितनी जरूरी है।"



      कशिश बांसुरी को समझाते हुए कहती है । तो बांसुरी कुछ सोचती है और फिर चुप हो जाती है। 



     उस ने हां में अपना हिलाते हुए कहा, " ठीक है सिर्फ तुम्हारे कहने पर, मैं कुछ नहीं कह रही हूं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है, कि कोई भी तुम्हारे साथ बदतमीजी करके चला जाएगा । अगली बार किसी ने भी तुम्हारे साथ ऐसी हरकत की, तो तुम मुझे बताना मैं उस का सिर फोड़ दूंगी। अगर उस वक्त मेरे पास डंडा नहीं भी होगा, तो मैं अपने सिर से उस का सिर फोड़ दूंगी।"





     उस की बात सुन कर कशिश हंस पड़ती है और उसे हंसना देख बांसुरी को भी अच्छा लगता है । उस ने कशिश का हाथ पकड़ा और उससे कहा, कशिश कभी भी ऐसा मत सोचना कि तुम जहां पर अकेली हो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं अगर तुम्हारे अलावा मेरा है ही कौन..



     उसकी बात कशिश की आंखों में आंसू आ गए।





     उस ने जल्दी से बांसुरी को अपने गले से लगा लिया। बांसुरी उस के कंधे पर हाथ रखती है और उसे खुद से दूर धकेलते हुए कहती है, " अरे बस बस माना की तुम बहुत खुश हो, लेकिन खुशी के मारे मेरी जान तो मत लो ना ।"





     दोनों दोस्त एक दूसरे का सहारा बन रही थी। उन दोनों का एक दूसरे के सिवा इस दुनिया में था ही कौन ? लेकिन जहां पर नाम के रिश्ते कई बार झूठ हो जाते हैं, तो वहीं पर कुछ ऐसे रिश्ते भी बन जाते हैं, जो हमने जन्म से नहीं तय किए थे। लेकिन उन्हें किस्मत ने हमसे जोड़ दिया था और जिन रिश्तों को किस्मत ने जोड़ा है, वो खून के रिश्ते से भी बढ़कर हो जाते हैं ।





     होटल के कमरे में.. 





     नक्ष अपने बिस्तर पर टिककर बैठा हुआ था। उस का अंगूठा उस के फोन में चल रहा था और वो बार-बार उस अंधेरी गैलरी की वीडियो को स्क्रॉल करके देख रहा था। उसे याद था, कि ये वही जगह है । जहां पर वो उस लड़की को किस कर रहा था।



      उस ने इस वीडियो को न जाने कितनी बार जूम इन करके देख लिया था। कई बार इसने एक-एक पॉइंट पर वीडियो को रोक कर भी देखा था, कि बस एक बार उसे उस नीली आंखों वाली लड़की का चेहरा नजर आए। पर शिवाय अंधेरे के उसे इस वीडियो में और कुछ नजर नहीं आया। पता नहीं क्यों लेकिन नक्ष अपने अंदर एक अलग सा जुनून महसूस कर रहा था।



     वो अपने फोन पर ये सब देख ही रहा था, क्या अचानक से उसके बगल में सो रही शैली उठकर उसके सीने पर अपना कर रख देती है और धीरे से उसके गालों को चूमते हुए उसने कहा गुड मॉर्निंग बेबी..

     नक्ष के चेहरे पर एक हल्की सी मिस्टीरियस मुस्कान थी उसने शैली की तरफ देखा भी नहीं शैली उसके सीने पर अपनी थोड़ी रखती है और अपनी उंगलियों से उसके लिप्स के पास चढ़ते हुए बोली कल रात तुम काफी खतरनाक थे..



     इससे पहले की शैली उसकी होठों को टच कर पाती नक्ष ने उसकी कलाई पड़ी और उसे घूर कर देखते हुए बोला तुम तैयार क्यों नहीं हो जाती हो मैं तुम्हें वापस होटल छोड़ दूंगा 



     क्या तुम मुझे छुटकारा पाना चाहते हो सैली मुस्कुराते हुए कहा लेकिन नक्ष ना मे सर हिलाते हुए बोला नहीं मुझे बस एक जरूरी मीटिंग में जाना है..

     सैली उसके सीने से उठ जाती है और उसके पास बैठ जाती है उसने ब्लैंकेट से अपने आप को सीने तक ढका हुआ था वह अंगड़ाई लेते हुए बोली ठीक है..। तो तुम अपनी मीटिंग में जा सकते हो मैं खुद को अकेले संभाल सकती हूं..

     सच में नक्ष उसे से हैरानी से देखा है और फिर उसने कहा तुम दूसरी लड़कियों से अलग हो और अजीब भी.. उसकी बात सुनकर शैली हंस पड़ती है.. पर नक्ष को कुछ फर्क नहीं पड़ा वह उठकर खड़ा हो जाता है और एक टावल को अपने कमर में लपेटे हुए कहता है ठीक है अब अगर तुम का ध्यान रख सकती हो तो फिर मैं चलता हूं तुमसे बाद में मिलूगा 

     नक्ष बाथरूम चला जाता है और वहां से अपने कपड़े पहन कर बाहर निकलने को ही था.. पर इससे पहले कि वह अपनी गाड़ी की चाबी लेता शैली ने उसे आवाज दी...

    नक्ष 

     नक्ष एकदम पलट का शैली को देखने लगता है शैली ने भी अब तक अपने कपड़े पहन दिए थे वह इतराते हुए चलकर नक्ष के पास आती है और उसके सीने पर हाथ रखते हुए उसने नक्ष की आंखों में देखकर कहा..

    " हम दोनों के बीच जो कुछ भी हुआ है, वह बहुत एक्साइटिड था.. तो क्या तुम मेरे बारे में कुछ सोच नहीं सकते हो वैसे भी कल रात तुम्हारा तुम्हारी गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया है,।तो ये एक अच्छा मौका है ।"



     नक्ष के चेहरे पर एक मजाकिया मुस्कान आ गई थी। उस ने कोर्ट को पहनना जारी रखा और उस के बटन सही करते हुए कहता है, " तुम्हारा ऑफर अच्छा है शैली! लेकिन मैंने तुम्हें कल रात ही बता दिया था, कि मुझे रिलेशनशिप में कोई इंटरेस्ट नहीं है । एक्चुअली मुझे मेरी एक्स गर्लफ्रेंड में भी कोई इंटरेस्ट नहीं था, पर वो क्या है ना, स्टेटस सिंबल भी एक चीज होती है। मेरे पास लड़कियों की कमी नहीं है.. कल रात तुम्हारे साथ इंजॉय किया है लेकिन आज रात के लिए मेरे पास ऑलरेडी एक ब्यूटी है। इसीलिए मुझ पर ट्राई करना बेकार है। अपना टाइम कहीं और वेस्ट करो। हो सकता है, तुम्हें वहां से थोड़ी सी कामयाबी मिल जाए ।"

     ये बोलकर नक्ष अपना फोन नाइट स्टैंड से उठाता है और अपने पेंट की जेब में डाल लेता है। वो अपनी घड़ी को नाइट स्टैंड से उठाकर उसे पहनने लगता है। उसे ऐसा रेडी होता देख शैली बेचैन हो जाती है।



      वो नक्ष के पास आती है और उस के सीने पर हाथ रखते हुए कहती है, " नक्ष तुम एक बार सोच तो सकते हो ना। अगर तुम कोशिश करो, तो हम अपना रिश्ता आगे बढ़ा सकते हैं।"





     नक्ष के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान थी। उस ने धीरे से शैली का हाथ अपने अपने हाथों में पकड़ा और धीरे से उस की उंगलियों पर एक किस करते हुए कहा, " चलो आज रात डिनर साथ में करते हैं ।"



     शैली के लिए ये एक मौका था और इसे सुन कर वो मुस्कुराते हुए हां में अपना हिलाती है।





    वहीं दूसरी ओर..



     कशिश ब्रेकफास्ट बना रही थी। जब बांसुरी कमरे से निकल कर आई । उस का चेहरा बुरी तरह से लाल था और वो अपने बालों को नोच रही थी। वो चिल्ला रही थी। उस की इस तरीके से पागलों की तरह हरकतें देख कशिश एकदम से बेचैन हो जाती है। उस ने नाश्ते को तवे पर ही छोड़ दिया और गैस बंद करके जल्दी से बांसुरी के पास आती है। 





     उस ने परेशान होकर बांसुरी को पकड़ा और उसे संभालते हुए कहा, " क्या हुआ बांसुरी? क्या हुआ तुम इतनी परेशान क्यों हो ? और तुम रो क्यों रही हो..कुछ हुआ है क्या ?"





     बांसुरी गुस्से में फ्रस्ट्रेटेड हो गई थी। उस ने अपने बाल नोचते हुए कहा, " वो घटिया कंपनी वो लोग समझते क्या है? उन्होंने कहा, कि मैं एक केयरलैस फोटोग्राफर हूं मुझे काम करना नहीं आता है। मैं अपने काम को लेकर पंक्चुअल नहीं हूं । मैं अपने काम को लेकर सीरियस नहीं हूं, उन्होंने मुझे प्रोजेक्ट से बाहर निकाल दिया। मेरी नौकरी चली गई है।"

     " क्या ?" कशिश हैरान हो जाती है, बांसुरी की बात सुन कर उस की आंखें एकदम से परेशान हो जाती है।



      बांसुरी गुस्से में फ्रस्ट्रेटेड होते हुए ग्रेवाल कंपनी को भला बुरा बोल जा रही थी। क्योंकि इसी कंपनी के लिए वो इस समय एक प्रोजेक्ट फोटोग्राफी का काम कर रही थी और इस एक प्रोजेक्ट के लिए उस ने अपने बाकी सारे प्रोजेक्ट को रिजेक्ट कर दिया था । क्योंकि ये प्रोजेक्ट बहुत बड़ा था, लेकिन सिर्फ एक गलती की वजह से उसे इस प्रोजेक्ट से भी हाथ धोना पड़ा। और कंपनी ने उसे खड़े हाथ बाहर निकाल दिया था।



      यही सोच सोच कर बांसुरी का गुस्सा बढ़ता जा रहा था। लेकिन वो बेचारी इतनी बड़ी कंपनी से कैसे मुकाबला करेगी? उसे तो एक लेटर देकर ये कह दिया गया,, कि उसे प्रोजेक्ट छीन लिया गया है। लेकिन किसी ने उस की मजबूरी नहीं सुनी और ना ही किसी को उस के आंसुओं से फर्क पड़ता है।



     शायद दुनिया में किसी को नहीं पड़ता है, पर कशिश को पड़ता है। वो अपनी दोस्त को इस तरीके से बेबस नहीं देख सकती थी, ऊपर से तब तो बिल्कुल नहीं, जब इस दुनिया में उस के पास उस की दोस्त के अलावा और कोई जीने का सहारा ना हो। कशिश ने सोच लिया था, कि उसे कुछ भी करके बांसुरी की मदद करनी ही होगी। वो अपनी दोस्त को इस तरीके से हारा हुआ नहीं देख सकती है।

    ***

  • 18. उस नीली आंखों वाली ने मुझे हिप्नोटाइज कर दिया है।

    Words: 2341

    Estimated Reading Time: 15 min

    कशिश धैर्य के ऑफिस के अंदर जाती है। उस ने देखा रिसेप्शन पर काफी भीड़ लगी हुई है, लेकिन कुछ लोग लिफ्ट में थे, जो ऊपर की तरफ जा रहे थे। वह यहां पर बांसुरी के लिए आई थी उसकी नौकरी बचाने की एक कोशिश कर रही थी

    उस ने सीधे लिफ्ट का रुख लिया और लेफ्ट में चढ़ गई। लिफ्ट वीआईपी फ्लोर पर जाकर रुकती है । जहां पर सब लोग उतरते हैं कशिश भी वहीं उतर जाती है। वो वहां पर सीधे धैर्य का ऑफिस ढूंढ रही थी, पर उस ने देखा, कि वहां पर भी कुछ लोग बैठे हुए हैं। जो पहले से ही धैर्य से मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

     एक लड़की कशिश के पास आती है और कहती है, * यस मैम, हाउ कैन आई हेल्प यू ?

     कशिश उस लड़की को देखती है, क्योंकि वो लड़की बिल्कुल प्रोफेशनल लग रही थी । उस ने एक बिजनेस सूट जैसा कुछ पहना हुआ था और उस के ऊपर उस ने हाई पोनी बना रखी थी। चेहरे पर इतना अच्छा मेकअप कर रखा था, कि दिखने में तो मॉडल लग रही थी।

      कशिश ने जल्दी से अपने बैग में से धैर्य का बिजनेस कार्ड निकाल कर दिया। उस के हाथों में गोल्ड बिजनेस कार्ड देख कर वो लड़की हैरान हो जाती है और कहती है, " आप के पास सर का पर्सनल बिजनेस कार्ड है। फिर तो आप बहुत इंपॉर्टेंट है हमारे लिए, आप प्लीज यहां पर 2 मिनट बैठिए। मैं आप के लिए कॉफी भिजवाती हूं। सर अभी एक इंपॉर्टेंट मीटिंग में है, जैसे ही वो फ्री होते हैं। मैं आप की उनसे मुलाकात करवाऊंगी।"

     वो लड़की वहां से चली जाती है और कशिश घबराते हुए वहीं पर साइड पर रखे हुए एक सोफे पर बैठ जाती है। उस ने देखा सामने एक केबिन के ऊपर मीटिंग रूम लिखा हुआ था। जैसे ही उसका दरवाजा खुलता है। धैर्य बाहर आता है। धैर्य को देख कर कशिश के चेहरे पर चमक आ जाती है। और तभी उसके साथ एक और आदमी बाहर आता है जिसे देखकर कैसे थोड़ी हैरान होती है क्योंकि उसका चेहरा भी बहुत हद तक धैर्य के जैसा ही था धैर्य ने बताया था कि यह कंपनी वह और उसका भाई संभालता है तो क्या यह धैर्य का बड़ा भाई है वह यह सब सोच ही रही थी 

      लेकिन तभी मीटिंग रूम से एक आदमी बाहर आता है, जिसे देख कर कशिश की चमक अचानक से गायब हो जाती है और उस की आंखें एक दम डर से बड़ी हो जाती है। 

     धैर्य उस आदमी के साथ कुछ बात कर रहा था और वो काफी ज्यादा मुस्कुराते और हंसते हुए उस से बात कर रहा था। कशिश को उन दोनों की बातें तो नहीं सुनाई दे रही थी, लेकिन वो लोग जिस तरीके से बात कर रहे थे । ऐसा लग रहा था, कि एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से पहचानते हैं।

      कशिश के चेहरे की घबराहट बढ़ती जा रही थी, उस आदमी को देखकर। 

     धैर्य उस शख्स के साथ बातें करते हुए जैसे ही वेटिंग एरिया की तरफ देखता है, तो उसे वहां पर कोई नजर नहीं आता है । पर उस ने देखा, कि कोई लड़की गैलरी से भागते हुए एग्जिट की तरफ जा रही है । ये देख कर वो थोड़ा हैरान तो होता है, लेकिन फिर उस ने इस बात को नजर अंदाज कर दिया और अपने सामने खड़े शख्स के साथ वो अपनी बातें कंटिन्यू करने लगा । 

     थोड़ी देर बाद वह आदमी वहां से चला जाता है और धैर्य वहां पर खड़ा था धैर्य के साथ जो आदमी था वह उसकी तरफ आता है और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहां धैर्य मीटिंग तो बहुत अच्छी रही तो क्या कहते हो नेक्स्ट मीटिंग में चले..

     धैर्य उसे शख्स की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोला.. भैया मैंने यह मीटिंग सिर्फ आपके कहने पर ज्वाइन की है वरना आप जानते हैं ऑफिस की तरफ देखना भी मुझे पसंद नहीं है.. मैं अपने पुलिस के काम से ही खुश हूं वैसे भी मेरे पास अभी एक मर्डर केस और एक ड्रग डीलिंग का कैसे आया हुआ है जब तक मैं लुसिफर को पकड़ नहीं लेता ना तब तक ऐसा लगेगा यह वर्दी पहनना मेरे लिए बेकार है..। 

     धैर्य का बड़ा भाई और ग्रेवाल इंडस्ट्री का सीईओ प्रांजल ग्रेवाल. जो अपने विरासत में मिली कंपनी को बहुत अच्छे से संभल रहा है और अपने भाई के पशन को भी अच्छी तरह से समझता है इसीलिए उसने कभी भी धैर्य पर काम का कोई प्रेशर नहीं दिया लेकिन जब कंपनी बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की मीटिंग होती है या फिर किसी इंपॉर्टेंट क्लाइंट से मिलना होता है तब प्रांजल धैर्य से मीटिंग में शामिल होने के लिए कहता है 

    मर्चेंट होटल..

     नमन इस समय नक्ष के सामने बैठा हुआ था। उस ने गहरी सांस छोड़ी और नक्ष से कहा, " क्या तुम अभी भी उस लड़की को ढूंढ रहे हो ? जिसे तुम ने गलती से किस कर लिया था ?" 

     नक्ष अपने फोन पर अभी भी उसे अंधेरी गैलरी की रिकॉर्डिंग देख रहा था। उस के कानों में नमन की बात तो गई, पर उस ने उसका कोई जवाब नहीं दिया। 

     नमन को जब एहसास हुआ, कि नक्ष उसे इग्नोर कर रहा है, तो वो चिढ़ते हुए कहता है, " अरे यार तुम उस के पीछे क्यों पड़े हुए हो ? वो कौन सी स्वर्ग की कोई अप्सरा थी ?" 

     नक्ष ने अपनी आंखें बंद करते हुए कहा, " मुझे नहीं पता वो कोई अप्सरा है या नहीं है? लेकिन इतना मैं कंफर्म हूं, कि उस नीली आंखों वाली ने मुझे हिप्नोटाइज कर दिया है। मेने बस उस की आंखों देखी है और इसके अलावा कुछ भी नहीं देखा है।

      लेकिन मैं उन आंखों को अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा हूं वो मेरे जहन में बैठी हुई है और ये बेचैनी मुझे तब तक रहेगी, जब तक मैं उसे ढूंढ कर नहीं निकाल लेता हूं। मुझे नहीं पता, कि ये सब क्या है ? लेकिन मुझे उसे ढूंढना है, अगर मैं उसे नहीं ढूंढ पाया, तो अपने अंदर चल रही, इस जंग से मैं हार जाऊंगा ।" 

     नक्ष की ऐसी की तैसी बातें सुन कर नमन ने अपना सिर डेस्क पर दे मारा और वो खीजते हुए नक्ष से बोलता है, "अरे यार तुम ये क्या बेमतलब की मजनू की तरह बात कर रहे हो? फुटेज डिलीट करो और अपनी लाइफ में आगे बढ़ो सिंपल ।"

     नक्ष ने घूरते हुए नमन को देखा और उससे कहा, " अगर ये मजाक है, तो बहुत ही घटिया और वाहियात मजाक है । मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आया, तुम ऐसी बात बोल भी कैसे सकते हो, कि मैं उस रात की आखिरी सबूत को मिटा दूं ?" 

     " नहीं मैं चाहता हूं, कि तुम पूरे शहर में ढिंढोरा पीट कर ये कहो, कि तुम किसी नीली आंखों वाली लड़की को देख रहे हो और तुम्हारे पास दिव्या दृष्टि है। जिससे तुम सिर्फ उस लड़की की आंखें ही देख सकते हो। अरे यार क्या फालतू जैसी बातें कर रहे हो ?

     ओबवियसली मैं यही कह रहा हूं, कि तुम उस रात की यादें मिटा दो और अपनी लाइफ में आगे बढ़ो। और अगर तुम ऐसा नहीं करना चाहते हो, तो फिर क्या चाहते हो ? क्या करना है तुम्हें ? अच्छा ठीक है एक पल के लिए मान लो, वो लड़की तुम्हारे सामने आ भी गई, तो आगे क्या? क्या करोगे तुम उसका? क्या तुम उस से शादी करोगे?" 

     नमन एकदम से चिढ़ते हुए नक्ष से सवाल करता है। उस की शादी वाली बात सुन कर नक्ष हैरानी से उसे देखते हुए बोला, " व्हाट नॉनसेंस ?" 

     नमन ने भी अपनी बातों पर जोर देते हुए कहा, " अच्छा चलो ठीक है, तुम उस से शादी नहीं करने वाले हो! इस बात को यही छोड़ देते हैं, तो फिर तुम उस के साथ क्या करोगे? क्या तुम उसे मजबूर करोगे, कि वो तुम्हारे साथ सोए ?" 

     नक्ष गुस्से में भड़कते हुए बोला, " तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या ? तू ऐसा सोच भी कैसे सकता है. जानता है ना मैंने कभी किसी लड़की को अपने साथ सोने पर मजबूर नहीं किया है लड़कियां खुद मेरे पास आती है और मुझे ऑफर करती है ?" 

     नमन अपना सिर पीटते हुए कहता है, " अरे वही तो मैं तुझ से पूछ रहा हूं, जब तुझे कुछ करना ही नहीं है, तो फिर क्यों उस लड़की को ढूंढने के लिए तू अपनी एनर्जी और टाइम दोनों वेस्ट कर रहा है ?" 

    " मैं बस ये जानना चाहता हूं, कि वो कौन थी. ?" नक्ष एकदम से चिल्लाते हुए और चिढ़ते हुए नमन से कहता है । तो नमन ने कहा, " और ये जानकर करोगे क्या ?" 

    " पता नहीं.।" उस का जवाब सुन कर नमन का मन कर रहा था, कि अपना सिर दीवार पर दे मारे। वो अपने दोस्त को समझा रहा था, लेकिन जो ना समझ हो, उसे समझाया जा सकता है, पर जो जुनून से भरा हो गया है, उसे समझाना शायद नमन के बस की बात भी नहीं थी।

      इसलिए उस ने एक आखिरी कोशिश करते हुए कहा, " देखो तुम्हारे पास इतना फालतू टाइम नहीं है, कि तुम किसी को तलाश करते फिरो। अरे यार वो लड़की एक छलावा हो सकती है, तुम्हें सिर्फ उस की आंखें याद है और उस के अलावा कुछ भी नहीं । इससे बेहतर यही है, कि उस के पीछे टाइम वेस्ट करने से अच्छा है, कि इस वीडियो को डिलीट करो और अपने इस पागलपन से बाहर निकालो । 

     नक्ष को कहीं ना कहीं नमन की बातें सही भी लग रही थी। ये सारी चीज उस के लिए नहीं थी, उस के पास एक लक्ष्य था एक मकसद था। इसे उसे पूरा करना था। वो एक ऐसी लड़की के लिए अपना लक्ष्य नहीं छोड़ सकता था, जिस के मिलने की कोई उम्मीद ही नहीं थी।

     नक्ष ने गहरी सांस छोड़ी और अपना फोन लेकर उस वीडियो को डिलीट मार दिया। ये करते हुए उसका दिल काफी ज्यादा तेजी से धड़क रहा था और उसका दिमाग एकदम से ब्लैंक हो गया था ।

     लेकिन दिल और दिमाग की इस जंग में नक्ष ने वही किया जो उसे करना था। उस ने डिलीट का बटन दबाया और उस वीडियो को आखिरकार उस ने डिलीट ही कर दिया।  

     हालांकि उस के दिल के कोने से एक आवाज आ रही थी, कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए । पर उस ने एक निश्चय कर लिया था, कि दिल हमेशा से गलत राह ही दिखाता है, अगर उस की बात मानोगे, तो कभी जिंदगी में आगे नहीं बढ़ पाओगे। 

     नक्ष को तभी शैली का मैसेज आता है, जो उसे आज रात के डिनर का याद दिलवा रही थी। उस ने नमन को इस बारे में बताया और बाकी सारा काम उसे हैंडल करने का कह कर खुद डिनर के लिए चला जाता है। 

     नक्ष शैली के साथ एक इटालियन रेस्टोरेंट में जाता है, जब वेटर ने उन दोनों के गिलास में वाइन डाली, तो शैली की नजरे नक्ष के ऊपर ही थी। लेकिन नक्ष भाव हीन चेहरे के साथ वहां बैठा हुआ था।

     अपनी वाइन का गिलास उठाते हुए नक्ष ने कहा, " इतना बड़ा रेस्टोरेंट है किसी और को देख लो! मुझे ऐसे घूरने की जरूरत नहीं है।"

     शैली के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वो फीकी पड़ जाती है और वो हैरानी से नक्ष को देख कर कहती है, " अगर मेरे साथ इतना रूखा व्यवहार ही करना था, तो फिर मुझे अपने साथ डिनर पर आने के लिए कहा ही क्यों तुमने ? और जब मैंने तुमसे कंफर्म करने के लिए मैसेज किया, तब तुमने ये क्यों कहा, कि हां हम आज साथ में डिनर करेंगे ?"

     " क्योंकि तुम्हारे फादर के साथ मैंने अभी-अभी एक बड़ा सा कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है । और मुझे पता है, कि अगर मैंने तुम्हारे आगे पीछे घूमने का नाटक नहीं किया, तो तुम्हारे पिता उसे कॉन्ट्रैक्ट पर साइन नहीं करेंगे।"

      शैली की आंखें एकदम से बड़ी हो जाती है और वो गुस्से में कहती है, " तुम ये सब बिजनेस के लिए कर रहे हो! हाउ डेयर यू ? तुम ऐसा कैसे कर सकते हो?"

     " बिल्कुल वैसे जैसे कल रात तुमने मुझे धोखे से अपने कमरे में बुलाया था। मुझे वहां बुलाने में तुम्हारा फायदा था और तुम्हें यहां बुलाने में मेरा फायदा है ।"

      शैली की आंखें एकदम फटी की फटी रह गई और वह नक्ष को हैरानी से देख रही थी नक्ष ने उसे ऐसे देखा तो मुस्कुराते हुए कहा ऐसे मत देखो वरना मुझसे प्यार हो जाएगा.. और मैं प्यार करने लायक चीज नहीं.. तुम एक बड़े घर से हो तुम्हारे पास पूरा फ्यूचर है लेकिन मैं एक ज़ख्मी इंसान हूं और मेरे पास से वह जख्मों के कुछ भी नहीं है.. मैं ऐसा ही हूं और हमेशा ही ऐसा रहूंगा. बदलना मेरी फितरत नहीं है और मुझे बदलाव पसंद नहीं है  

     शैली उसकी बातों को ध्यान से सुन रही थी लेकिन उसने मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाया और नक्ष के हाथ पैर रखते हुए कहा अगर कोई घाव है जो ठीक नहीं हुए हैं तो तुम चाहो तो हम मिलकर उसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं अगर तुम्हारे दिल पर कोई निशान है तो हम मिलकर उसे पर बात कर सकते हैं

     लेकिन नक्ष ने अपना हाथ पीछे खींचते हुए कहा..। ठीक हो चुके घाव कभी-कभी निशान छोड़ देते हैं जो आपको याद दिलाते हैं कि जब वह जख्म थे तब आप कितने सही थे.शेली तुम अपनी मर्जी की मालकिन हो और तुम चाहो तो किसी भी आदमी को का सकती हो 

     शैली मुस्कुरा जाती है और उसने नक्ष को मुस्कुराते हुए देखकर कहा शांत हो जाओ इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है मैं तुम्हें कुछ भी करने के लिए मजबूर नहीं करूंगी.. उसके बाद शैली ने वेन का एक घूंट लेते हुए कहा वैसे तुम काफी अट्रैक्टिव इंसान हो. दिखने में ही नहीं बल्कि तुम्हारी बातों में भी अट्रैक्शन है. तुम्हारे अंदर कुछ ऐसा है जो फीमेल को अट्रैक्ट करती है..

     उसके बाद शैली ने एक कातिल मुस्कान के साथ नक्ष की आंखों में देखते हुए कहा अगर कभी किसी रिश्ते में किसी को आजमाने की जरूरत पड़े तो एक बार मेरे बारे में जरूर सोचना

    ***

  • 19. मैं तब तक तुझे प्यार करती रहूंगी जब तक मैं तुम्हें मार नहीं दूँगी

    Words: 2373

    Estimated Reading Time: 15 min

    धैर्य ने खुद को काम में डुबो दिया। अब उसके काम से छुट्टी का समय हो गया था, लेकिन फिर भी वो अपनी एक्स गर्लफ्रेंड को भूलने के लिए खुद को काम में व्यस्त रखे हुए था। उसकी एक साथी और करीबी दोस्त, सिल्वी, उसके केबिन में आई और अंदर झाँका।

    "धैर्य! तुम क्या कर रहा है?" सिल्वी ने पूछा, धैर्य ने अपनी लाल आँखों से उसकी ओर देखा।

    सिल्वी अंदर आते हुए बोली, "अरे, क्या हुआ?"

    "कुछ नहीं!" धैर्य ने अगली फ़ाइल खोली, लेकिन फिर उसे बंद कर दिया।

    "मुझे नहीं बताएगा!" वो धैर्य के सामने कुर्सी पर बैठते हुए बोली।

    "मैं तो हार गया, सिल्वी!" धैर्य ने अपना सिर पीछे फेंकते हुए और आँखें बंद करते हुए कहा।

    "वो एक घटिया लड़की है। उसे तेरी कदर नहीं थी। खुद को दोष देना बंद कर!" सिल्वी ने आगे कहा। "उस कमीनी को बाहर निकलने की ज़रूरत थी ताकि सही लड़की अंदर आ सके।"

    "मुझे नहीं लगता कि अब मैं किसी पर भरोसा कर पाऊंगा। पर मुझे अब कोई भी लड़की नहीं चाहिए!" धैर्य ने अपना चेहरा रगड़ा और फ़ाइल पर ध्यान फोकस किया, लेकिन सिल्वी ने फ़ाइल उठाकर उसे बंद कर दी।

    "क्या?" वो हताशा में चिढ़े हुए स्वर में सिल्वी को देखते हुए बोला।

    "बहुत दिनों से मैं बाहर कहीं चिल करने नहीं गई हूँ। आज मेरा मन क्लबिंग करने को कर रहा है। चल ना मेरे साथ चल... और कौन जानता है? हो सकता है तुझे भी तेरे लिए सही लड़की वही मिल जाए?"

    धैर्य ने मना कर दिया। "मैं नहीं जाना चाहता!"

    लेकिन सिल्वी अड़ी रही और आखिरकार उसे सिल्वी की ज़िद के आगे हार माननी ही पड़ी और वो लोग क्लबिंग के लिए निकल जाते हैं... वैसे तो धैर्य का मन नहीं था लेकिन बस वो अपनी सबसे अच्छी दोस्त को नाराज़ नहीं करना चाहता था, ऊपर से उसे भी थोड़े से रिफ्रेशमेंट की ज़रूरत थी।

    **क्लब डार्क हेवन**

    रात जवां हो चुकी थी और क्लब में भीड़ उमड़ रही थी। कशिश अपनी वेट्रेस की वर्दी में तैयार हुई और अपनी सफ़ेद शर्ट के पहले दो बटन खोले, तभी मैनेजर ने उसे घूर कर देखा।

    उसे नशे में धुत लड़कों की कामुक निगाहें अपनी क्लीवेज पर पसंद नहीं आतीं और जब भी मैनेजर भीड़ में गायब हो जाता है, तो वो दो बटन बंद कर देती है।

    "कशिश ये लो!" बारटेंडर ने उसे बार काउंटर पर बुलाया और ड्रिंक्स से भरी ट्रे उसकी ओर बढ़ा दी।

    सिल्वी और धैर्य बार में बैठे और ड्रिंक्स का ऑर्डर दिया। "ये जगह बहुत अच्छी है!" सिल्वी ने पागल भीड़ की तरफ देखा और धैर्य ने अपना ड्रिंक पी लिया। "चलो डांस करते हैं!" उसने धैर्य को डांस फ्लोर पर खींचते हुए कहा।

    कशिश बार काउंटर के पीछे आ गई। बार काउंटर वहाँ पर हवा में उछलते हुए ड्रिंक बना रहा था... वो लोगों का मनोरंजन करने में व्यस्त था और कशिश कोने में खड़ी उसे ड्रिंक बनाते हुए देख रही थी, तभी उसकी नज़र मैनेजर पर पड़ी जो उसे घूर रहा था।

    कशिश ने जल्दी से अपनी शर्ट के पहले दो बटन खोले और उसे भीड़ में गायब होते देखा, तभी उसकी नज़र बिजली की तरह चमकती आँखों से मिलीं जो उस पर टिकी थीं।

    उसने धैर्य को अपनी ओर बढ़ते हुए देखा और घबराहट में उसकी सांस फूलने लगी।

    "मेरे लिए एक ड्रिंक लाओ!" धैर्य ने ऊँची बार स्टूल पर बैठते हुए बेरुखी से पूछा।

    कशिश ने अपने होंठ काटते हुए उसे एक ड्रिंक दी और दूर जाने के बजाय अपनी जगह पर खड़ी रही। "मैं तुमसे बात करना चाहती हूँ! प्लीज मेरी बात सुनो!"

    कशिश धैर्य से बांसुरी की नौकरी के बारे में बात करना चाहती थी, वो चाहती थी कि धैर्य उसे फिर से अपनी कंपनी में काम करने दे...

    "मुझे कुछ नहीं सुनना है!" धैर्य ने उसे घूर कर देखा। "मैं तुम जैसी लड़कियों को अच्छी तरह से जानता हूँ। धोखा देना, षडयंत्र करना और झूठ बोलना, लड़कों को फंसाने के लिए तुम लड़कियों के पास कमल का हुनर होता है। मैंने अभी देखा कि जब वो आदमी तुझे घूर रहा था तो तूने क्या किया। तूने उसे अट्रैक्ट करने की कोशिश की! लेकिन ये मुझ पर काम नहीं करेगा!"

    "प्लीज एक बार मेरी बात सुनो!" कशिश ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, लेकिन धैर्य उसे सफाई देने के मूड में नहीं था और जाने के लिए मुड़ गया।

    "कशिश!" मैनेजर सामने आया और उसे इशारा करके रसोई में आने को कहा। "ये कचरा बाहर फेंको!" उसने बड़े काले कचरे के थैलों की ओर इशारा किया।

    कशिश ने सिर हिलाया, कचरे के थैलों को खींचकर क्लब के पीछे अंधेरी गली में कूड़ेदान में ले गई, और दीवार के सहारे खड़ी हो गई, अपने आंसू रोकने के लिए अपना चेहरा ढक लिया, तभी उसने जोरदार गोलियों की आवाज़ सुनी, उसके बाद एक आदमी की तेज़ चीख सुनाई दी। वो अंधेरी गली में अकेली खड़ी थी, उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था।

    गोलियों की तेज़ आवाज़ और एक आदमी की दर्दनाक चीख ने आस-पास के माहौल को डर से भर दिया, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा हो गई। जैसे ही वो आगे बढ़ी, उसने एक हिंसक दृश्य देखा, जहाँ तीन आदमी एक बूढ़े व्यक्ति पर बेरहमी से हमला कर रहे थे।

    एक आदमी जो कि शायद इन सब का लीडर था, उसके चेहरे पर मास्क था। उसने बंदूक लहराई और उसके घुटने में गोली मार दी, जिससे वो दर्द से चीखने लगा। उसके सामने जो दृश्य था वो इतना भयानक था कि उस ने सदमे में अपने मुँह पर अपना हाथ रख लिया।

    "मुझे कुछ करना चाहिए!!" कशिश के दिमाग में सबसे पहला नाम धैर्य का आया। कशिश को पता था कि धैर्य एक पुलिस ऑफिसर भी है, इसीलिए ये उसका फ़र्ज़ है किसी की मदद करना।

    उसने धैर्य से मदद मांगने की सोची और वापस की तरफ अंदर भाग गई।

    वो लोग अभी भी वही खड़े थे तभी अचानक, सिल्वी सामने आ गई और उनमें से एक पर बंदूक तान दी। "हिलना मत वरना मैं गोली मार दूँगी!" सिल्वी ने ऊँची आवाज़ में कहा।

    लीडर मुस्कुराया और उसकी ओर बढ़ा। "ऑफिसर सिल्वी, ऐसा लगता है कि तुम्हें मुझ पर क्रश है," "तुम हमेशा मेरा पीछा करती रहती है!"

    सिल्वी ने उसे घूरकर देखा। "मैं तब तक तुझे प्यार करती रहूंगी जब तक मैं तुम्हें मार नहीं दूँगी, रेवांश नोमानी उर्फ लुसिफर!"

    "काश, मैं तुम्हारा मुझे जान से मारने का हसीन ख्वाब पूरा कर पाता जानेमन!" रेवांश ने उसकी ओर आँख मारी और अगले ही पल, उसने सिल्वी की कलाई मरोड़कर उससे बंदूक छीन ली।

    **क्लब के अंदर**

    भीड़ के बीच से अपना रास्ता बनाते हुए, कशिश का दिल तेज़ी से धड़क रहा था, जब वो धैर्य को ढूँढ रही थी। उसकी शर्ट की एक झलक कशिश की नज़र में आई, और वो जल्दी से उसके पीछे चली गई। "धैर्य, मेरी बात सुनो!" उसने धैर्य की कलाई पकड़ी, और वो कशिश को घूर कर देखने लगा।

    "मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तू कितनी बेशर्म है!" एक तेज झटके के साथ, धैर्य ने अपना हाथ कशिश के हाथ से खींचा और जेंट्स शौचालय में चला गया।

    कशिश पीछे-पीछे आ गई। "ये कुछ ज़रूरी काम है। मुझे तुम्हारी मदद चाहिए!" कशिश ने चिल्लाते हुए बोला।

    वॉशरूम में मौजूद सारे आदमी कशिश को घूर कर देख रहे थे। धैर्य के जबड़े कस गए और उसने गुस्से में कशिश को घूर कर देखा, कशिश घबरा कर चुप हो गई। "प्लीज-प्लीज मेरी बात सुनो!" वो हकलाते हुए बोली।

    "क्या तुझे पता है कि तू कहाँ है या फिर ये लड़कों को अट्रैक्ट करने की कोई दूसरी चाल है?" धैर्य ने भौंहें उठाकर अपनी डरावनी नज़रों से कशिश को दिखा,

    कशिश थोड़ी उलझन में दिखी। धीरे-धीरे, उसकी नज़र इधर-उधर घूमी और उसे एहसास हुआ कि वो पुरुषों के शौचालय में है। धैर्य उस पर चिल्लाते हुए कहता है "यहाँ से निकलो!"

    कशिश ने फिर से उसकी कलाई पकड़ी। "प्लीज, किसी को अभी तेरी ज़रूरत है! मैंने गोलियों की आवाज़ सुनी है और वो एक आदमी को मारने की कोशिश कर रहे हैं!"

    धैर्य ने सख्ती दिखाई। "कहाँ?" कशिश ने उसकी ओर देखा और उसने उसे अपने पीछे आने को कहा।

    धैर्य अपना फर्ज़ अच्छी तरह से जानता था। वो कशिश के साथ चला गया जैसे ही वो लोग क्लब के पीछे जाते हैं, कशिश ने उसे चुप रहने का इशारा किया..."

    "मैं पुलिसवाली हूँ। मुझे पता है! कहाँ पर बोलना है और कहाँ पर खामोश रहना है।" धैर्य ने ऊँची आवाज़ में कहा और कशिश ने उसे आवाज़ कम करने का इशारा किया। वो उसे दीवार के पास ले गई और धैर्य ने दीवार के पीछे से चल रही बहस सुनी।

    कशिश ने उसकी जैकेट पकड़ ली और धैर्य हैरानी से देखता रहा।

    तीनों लोगों ने सिल्वी को काबू में कर लिया। धैर्य ने बैकअप के लिए फ़ोन निकाला।

    "तुझे जाना होगा!" वो कशिश की ओर मुड़ा और उसे यहाँ से जाने के लिए कहता है।

    "लेकिन तेरा क्या होगा?" कशिश ने चिंता जाहिर करते हुए धैर्य को देख कर सवाल किया।

    "तुझे मेरी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है! मैं सब से डील कर लूँगा लेकिन तुम जाओ यहाँ से, ये खतरनाक हो सकता है।" बंदूक निकालकर धैर्य खुले में चला गया और गिरोह के एक आदमी को गोली मार दी।

    जब धैर्य ने गोली चलाई तो सिल्वी उनके चंगुल से बच निकली। उन्होंने गोलियों से बचने के लिए एक खड़ी कार के पीछे छिपकर हमला किया।

    वो आदमी जिसकी घुटनों पर गोली मारी गई थी, चीख रहा था और खुद को घसीटकर भागने की कोशिश कर रहा था, तभी कशिश उसकी मदद करने के लिए मौके पर पहुंची। सिल्वी ने देखा कि गिरोह के एक आदमी ने उस पर निशाना साधा और कशिश को बचाने के लिए दौड़ते समय उसके हाथ में गोली लग गई और वो उसके सामने सड़क पर गिर गई।

    "सिल्वी!" धैर्य ये ज़ोर से चिल्लाता है और तभी आसपास पुलिस का सायरन बजने लगता है... जिससे वहाँ मौजूद सारे गुंडे भाग जाते हैं... धैर्य जल्दी से सिल्वी के पास पहुंचा।

    कशिश भी ये नज़ारा देखकर बहुत डर जाती है, वो भी जल्दी से उसके पास आती है... उसने सिल्वी की तब तक मदद की जब तक इमरजेंसी हेल्प नहीं आ गई, फिर सिल्वी और उस आदमी को अस्पताल ले जाया गया।

    धैर्य ने उन्हें जाते हुए देखा और कशिश की ओर मुड़ा। "क्या तुम बेवकूफ़ है?" उसने उसके चेहरे पर चिल्लाते हुए कहा और कशिश की आँखों से आंसू आ गए, लेकिन धैर्य ने गुस्से में कहा, "मैंने तुमसे कहा था कि चली जाओ यहाँ खतरा हो सकता है तो फिर गई क्यों नहीं!"

    इससे पहले कि कशिश कुछ बोल पाती, धैर्य खुद ही वहाँ से जाते हुए गुस्से में कहता है, "मेरे मामले से दूर रहो!"

    **पुलिस स्टेशन पर**

    "इस शहर में क्राइम रेट बढ़ रहा है।" चीफ सर इस मामले को लेकर काफी टेंशन में थे, उन्होंने जोर देकर कहा कि वो कार्रवाई करें। "वैसे सिल्वी कैसी है?" कमिश्नर साहब ने पूछा।

    "वो अस्पताल में है," धैर्य ने उत्तर दिया।

    "और वो आदमी जिसे उन्होंने गोली मारी?" कमिश्नर सर ने बोला।

    "वो इमरजेंसी सिचुएशन में है! उसके बचने की संभावना कम है।" धैर्य बोला।

    "उसे बचना ही होगा! वो लुसिफर तक पहुँचने की चाबी है!" कमिश्नर ने कहा और धैर्य ने अपना सिर हिलाया। "लेकिन तुम और सिल्वी वहाँ कैसे पहुँचे?" कमिश्नर साहब कहते हैं तो धैर्य ने जवाब दिया,

    "हम कुछ ड्रिंक्स के लिए क्लब गए और फिर वो अचानक गायब हो गई। उसकी तलाश करते समय एक वेट्रेस ने मुझे गैंगवार के बारे में बताया और मुझे उस जगह तक ले गई।"

    "एक वेट्रेस?" कमिश्नर ने अपनी भौंह उठाई हैरानी से सवाल किया।

    "हाँ, एक बेवकूफ वेट्रेस!" धैर्य ने अपने जबड़े भींच लिए और गुस्से में कशिश को याद करते हुए कहता है।

    "क्या वो मेन विटनेसेस है?" धैर्य को अचानक ये खयाल आया जब उसने कमिश्नर साहब का सवाल सुना।

    "वो कहाँ है? लुसिफर उसे नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर सकता है!" धैर्य के दिमाग में अचानक से ये बात आती है, कशिश वहाँ की प्राइम सस्पेक्ट थी और लुसिफर के आदमियों ने उसे देख भी लिया था, इसका मतलब अब लुसिफर की नज़र कशिश पर है।

    **क्लब में...**

    कशिश थोड़ा कांप रही थी, वो जो कुछ भी हुआ था उससे अभिभूत थी। "क्या तू ठीक है?" जूली उसकी वेट्रेस फ्रेंड ने उसे एक ड्रिंक दी।

    कशिश ने हामी में सर हिलाया और जूली के हाथों से वो ड्रिंक लेकर उसे पी लिया।

    कशिश धैर्य के रूड बिहेवियर से दुखी थी और उसके पिता के शब्द उसके दिमाग में गूंज रहे थे। "हर अच्छे चेहरे का दिल अच्छा नहीं होता! दिखावट धोखा दे सकती है। इंसान की सूरत उसकी सीरत नहीं बयां करती है। इसीलिए शक्ल देख कर कभी भी धोखा मत खाना...

    उसने अपना ड्रिंक खत्म किया और क्लब में मौजूद भीड़ के लिए ड्रिंक लाने के लिए बार की ओर चली गई। जब वो पलटी, तो उसने खुद को धैर्य के सामने पाया, जिसने कशिश के हाथों से ड्रिंक की ट्रे ली और उसे बार काउंटर पर वापस रख दिया।

    उसने कशिश की कलाई पकड़ी और उसे क्लब से बाहर खींच लिया। "तुम क्या कर रही है?" कशिश उसकी शक्तिशाली पकड़ से छुटने की कोशिश कर रही थी।

    धैर्य क्या कर रहा है, कहाँ ले जा रहे हो मुझे... लेकिन तभी धैर्य ने उसे छोड़ दिया और उसे देखते हुए बोला...

    "कुछ दिनों के लिए इस शहर से बाहर चली जाओ!" धैर्य ने उसे आर्डर देते हुए कहा, और वो बिना किसी भाव के उसे देखती रही।

    "और तुम कौन होता है ये तय करने वाला?" कशिश ने अपनी नाराज़गी जताते हुए बोला।

    "आज तुमने जिन आदमियों को देखा वो बहुत खतरनाक हैं! तुम्हें नुकसान पहुँचाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसीलिए कह रहा हूँ, कुछ दिनों के लिए शहर छोड़ दे। छुट्टियों पर चली जाओ," उसने लापरवाही से कहा,

    कशिश हंस पड़ी। उसकी हालत इतनी मजबूर थी, उसने खुद पर हंसते हुए धैर्य को देख कर कहा,

    "मेरे पास घर वापस जाने के लिए भी पैसे नहीं हैं और तुम चाहता है कि मैं छुट्टी पर जाऊँ?"

    धैर्य चुप रहा। वो कशिश को हैरानी से देखता है पर कशिश ने बेफिक्री से कहा, "मुझे अपनी शिफ्ट पूरी करनी है! क्योंकि आपको विरासत में प्रॉपर्टी मिली है पर मुझे ऐसा कुछ नहीं मिला है, मुझे मेहनत करके काम करना है तभी जाकर मुझे यहाँ से पैसे मिलेंगे जिससे मैं आज का खाना खा पाऊंगी..."

    इतना कहकर कशिश वापस क्लब के अंदर चली गई...

    ***

  • 20. सभी औरतें एक जैसी होती है

    Words: 2254

    Estimated Reading Time: 14 min

    "तू तो ऐसे गुस्सा कर रहा है जैसे उसने जानबूझकर ये सब किया हो और वो जानबूझकर मेरे सामने आई हो," सिल्वी ने धैर्य पर नाराज़गी जताते हुए कहा।

    धैर्य बस गुस्से में उसे देख रहा था।

    सिल्वी ने थोड़ा शांत होते हुए कहा, "रिलैक्स... एक्सीडेंट था, एक हादसा।"

    लेकिन धैर्य कशिश पर नाराज़ होते हुए बोला, "वो लड़की पागल है, सिल्वी! जब मैंने उसे कहा था कि यहां से चली जाए, तो क्या ज़रूरत थी उसे झांसी की रानी बनने की?"

    सिल्वी हँसते हुए बोली, "अरे, वो लड़की सिर्फ उस आदमी की मदद कर रही थी... कितनी बहादुर लड़की है। आजकल ऐसे लोग कहां मिलते हैं!"

    धैर्य ने उसे अपनी खास नजरों से देखा और फिर इस बात को नजरअंदाज़ करते हुए कहा, "चलो छोड़ो, इस बात को यहीं खत्म करते हैं। कोई और बात करते हैं। वैसे भी मैं एक पागल लड़की के चक्कर में दोस्त से बहस नहीं करना चाहता।"

    सिल्वी ने कुछ पल उसे घूरकर देखा और फिर बोली, "तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या, धैर्य? मुझे लगता है तुम्हारी एक्स-गर्लफ्रेंड रूही ने तुम्हारा दिमाग पूरी तरह से खराब कर दिया है। अब तुम्हें लोगों में अच्छाई भी नजर नहीं आती।"

    "ऐसा कुछ नहीं है," धैर्य गुस्से में बोला, "बस... सभी औरतें एक जैसी होती हैं... अपने मतलब के लिए किसी का सहारा लेती हैं, और जब मतलब निकल जाता है तो उसे अपनी जिंदगी से बाहर निकाल देती हैं। जैसे वो इंसान नहीं, कोई टिशू पेपर हो..."

    धैर्य के लहजे में रूही की बेवफाई का गुस्सा छलक रहा था।

    सिल्वी ने अपनी आंखें घुमाते हुए कहा, "Excuse me?"

    धैर्य ने आंखें बंद कीं, गहरी सांस ली और बोला, "मैं तुम्हारी बात नहीं कर रहा था... तुम उस कैटेगरी में नहीं आती हो। मैं तुम्हें अच्छी तरह जानता हूं... और मुझे धोखा देकर तुम्हें क्या हासिल होगा?"

    "बहुत बढ़िया!"

    आख़िरकार सिल्वी ने हार मानते हुए हाथ हवा में उठाए और धैर्य को घूरते हुए कहा, "तुम गलत हो, धैर्य। एक तो तुम किसी गलत लड़की को डेट करते हो, और जब वो तुम्हें धोखा देती है तो उसका गुस्सा तुम पूरी औरत जाति पर निकालते हो। ये कहां की इंसाफ़ी है?

    मैं ये नहीं कहती कि हर लड़की सही हो सकती है, लेकिन हर लड़की रूही भी नहीं है ना। तुम ही तो थे जो उसके प्यार में पागल थे। खाया पिया सब उसने, और बिल तुमने हम सबके नाम फाड़ रखा है!"

    धैर्य गुस्से में बोला, "क्या तू उसका नाम लेना बंद करेगी!"

    सिल्वी ने अपने मुंह पर उंगली रखी, जैसे उसने खुद को रोक लिया हो, और फिर कुछ याद करते हुए बोली, "वैसे... वो लड़की अच्छी थी, क्या नाम था उसका? अरे बताना यार, मैं उसका नाम बोल रही हूं… वो झांसी की रानी… नाम क्या था उसका?"

    धैर्य जवाब देने ही वाला था कि तभी दरवाज़ा खुलता है और एक नर्स लाल गुलाबों का बड़ा गुलदस्ता लेकर अंदर आती है।

    "किसी ने ये आपके लिए भेजा है," उसने मुस्कुराते हुए कहा और गुलदस्ता बिस्तर के पास रख दिया।

    सिल्वी और धैर्य हैरानी से उन फूलों को देख रहे थे।

    धैर्य ने गुलदस्ते में से एक सफेद लिफाफा उठाया ही था कि सिल्वी को कुछ शक हुआ और उसने झट से वो लिफाफा उसके हाथ से छीन लिया।

    "क्या हुआ?" धैर्य ने हैरानी से पूछा।

    सिल्वी ज़बरदस्ती हँसते हुए बोली, "कुछ नहीं… ये मेरे चाहने वाले ने भेजा है ना, तो ये मैसेज भी मुझे ही पढ़ना चाहिए।"

    धैर्य उसे बड़ी-बड़ी आंखों से देख रहा था, जैसे उसे उस पर शक हो रहा हो।

    सिल्वी ने उसे आंखें दिखाते हुए कहा, "अब तुम जाओ यहां से, मिलने का टाइम खत्म हो गया है।"

    सिल्वी के इशारे पर धैर्य ने आंखें छोटी कीं, लेकिन सच में मिलने का समय खत्म हो गया था।

    बाहर निकलते हुए वह बोला, "ठीक है, अगर तुम्हें किसी भी चीज़ की जरूरत हो तो बस एक बार फोन कर देना।"

    सिल्वी ने हां में सिर हिलाया।

    धैर्य के जाते ही उसने लिफाफा खोला। उसके अंदर एक नोट था:

    **"जान-ए-मन,

    मुझे उम्मीद है कि तुम ठीक हो। प्लीज़ मुझे माफ कर दो... मुझे ज़रूरी काम था इसलिए मैं वहां से चला गया, लेकिन मेरे एक आदमी ने मुझे इम्प्रेस करने के लिए तुम्हें जान से मारने की कोशिश की। उसे लगा कि वो तुम्हें मार देगा तो मैं बहुत इम्प्रेस हो जाऊंगा।

    लेकिन चिंता मत करो, मैंने उस आदमी को उसकी सही जगह पहुंचा दिया है। हॉस्पिटल का बिल भी चुका दिया है।

    बस तुम आराम करो। मैं कल तुमसे मिलने आऊंगा। ज्यादा परेशान मत होना।

    तुम्हारा सिरफिरा आशिक,

    रेयांश ❤️"

    सिल्वी के दांत गुस्से में खटखटाने लगे। उसने उस कागज़ को मोड़ा और कोने में फेंक दिया।

    उसे वो सब याद आने लगा जो उसके साथ हुआ था...

    ---

    क्लब का सीन:

    कशिश शाम को अपनी शिफ्ट के टाइम पर क्लब पहुंच गई।

    उसने जल्दी से अपनी स्वेटर वाली ड्रेस पहनी, चेहरे पर मेकअप किया और काम पर आ गई।

    जैसे ही वो काउंटर पर आई, जूही ने उसे देखकर कहा, "कशिश, तुम यहां क्या कर रही हो? मैनेजर तुमसे मिलना चाहते हैं। जाओ, उनसे जाकर मिल लो।"

    कशिश ने सिर हिलाया और सीढ़ियां चढ़कर मैनेजर के केबिन की ओर चली गई।

    उसने दरवाज़ा खटखटाया और हल्की आवाज़ के साथ अंदर चली गई।

    जैसे ही उसने कमरे में कदम रखा, उसकी आंखें बड़ी हो गईं।

    सोफे पर मैनेजर तो बैठे थे, लेकिन सामने... धैर्य आराम से बैठा हुआ था।

    कशिश की नज़रें मैनेजर और धैर्य के बीच बराबर जमी हुई थीं। उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि धैर्य यहां क्या कर रहा है। वो धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए मैनेजर साहब के पास पहुंची और बोली,

    "सर, आपने मुझे बुलाया?"

    मैनेजर ने कशिश की तरफ देखते हुए कहा,

    "कशिश, क्या तुम इन्हें जानती हो?"

    कशिश ने एक डरी हुई नज़र से धैर्य को देखा, लेकिन धैर्य के चेहरे पर कोई खास एक्सप्रेशन नहीं थे—बस होठों पर एक हल्की, तिरछी मुस्कान थी।

    कशिश ने धीरे से सिर हिलाया और बोली,

    "जी सर, इनका नाम धैर्य है... मैं बस नॉर्मली जानती हूं। क्या बात है सर? कुछ हुआ है क्या?"

    मैनेजर साहब ने गुस्से में उसकी ओर देखते हुए कहा,

    "क्या तुम जानती हो मिस्टर धैर्य कौन हैं? ये शहर के जाने-माने बिज़नेसमैन परिवार से हैं, और इनकी पोजीशन शहर के होनहार पुलिस अफसरों में से एक है। इतनी हैसियत के बाद भी तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इनके सामने बदतमीज़ी करने की?"

    कशिश की आंखें हैरानी से फैल गईं। उसने फौरन जवाब दिया,

    "बदतमीज़ी नहीं सर... मैंने इनके साथ कोई बदतमीज़ी नहीं की है।"

    अब धैर्य का चेहरा गंभीर हो गया।

    मैनेजर ने लैपटॉप की स्क्रीन उसकी ओर घुमाते हुए कहा,

    "अच्छा, अगर बदतमीज़ी नहीं की... तो फिर ये क्या है?"

    कशिश ने वीडियो की तरफ देखा—उसमें वो जेंट्स टॉयलेट की ओर धैर्य के पीछे-पीछे जाती दिखाई दे रही थी।

    टॉयलेट के अंदर का फुटेज नहीं था, लेकिन बाहर से देखने पर ऐसा लग रहा था जैसे वो उसका पीछा कर रही हो।

    कशिश घबराते हुए मैनेजर को देखने लगी।

    मैनेजर ने उसे घूरते हुए कहा,

    "क्या तुम्हारे पास अपनी इस बेहूदा हरकत का कोई जवाब है?"

    कशिश के चेहरे पर घबराहट फैल गई। उसने एक नज़र धैर्य की तरफ डाली और फिर मैनेजर से बोली,

    "सर... मैं इनका पीछा नहीं कर रही थी... मुझे इनसे कुछ ज़रूरी बात करनी थी... मैं कहना चाहती थी कि—"

    लेकिन उससे पहले कि कशिश अपनी बात पूरी कर पाती, धैर्य सीधे होकर बैठ गया और मैनेजर से बोला,

    "तुम्हारी कोई भी सफाई तुम्हारी इस हरकत को माफ नहीं करेगी। बेहतर होगा कि अपनी एनर्जी सफाई देने के बजाय नई नौकरी ढूंढने में लगाओ।"

    कशिश की आंखें डर से और भी बड़ी हो गईं। वो हकलाते हुए बोली,

    "क्या मतलब है इसका?"

    धैर्य खड़ा हुआ, अपने दोनों हाथ पैंट की जेब में डालते हुए बोला,

    "तुम्हें नौकरी से निकाल दिया गया है।"

    इतना कहकर वो मुड़ा और आराम से जाकर सामने की कुर्सी पर बैठ गया।

    कशिश डरी हुई नज़रों से उसे देख रही थी।

    मैनेजर ने भी सख्ती से कहा,

    "कशिश, तुम पागल हो क्या? ये हरकत करने से पहले तुमने सोचा नहीं कि इसका अंजाम क्या होगा? अब ये इस क्लब के नए मालिक हैं। इन्होंने आज ही क्लब खरीदा है। और क्लब खरीदते ही सबसे पहला काम इन्होंने यही किया है—तुम्हें नौकरी से निकाल देना।"

    कशिश की आंखों में आंसू आ गए।

    वो नाम भर सिर हिलाते हुए धैर्य को देखती है और कहती है,

    "नहीं... तुम मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते।"

    "बेशक कर सकता हूं,"

    धैर्य ने ठंडे लहजे में कहा,

    "मैं इस क्लब का नया मालिक हूं।"

    कशिश ने रोती हुई आंखों से उसे देखा और पूछा,

    "सच बताओ... तुमने ये क्लब सिर्फ मुझे नौकरी से निकालने के लिए खरीदा है, है ना?"

    धैर्य ने बिना भाव बदले कहा,

    "तुम इतनी इंपॉर्टेंट नहीं हो कि तुम्हारे लिए मैं इतने पैसे खर्च करूं और ये मामूली-सा क्लब खरीदूं।"

    फिर उसने मैनेजर की ओर रुख किया और कहा,

    "जैसा मैंने कहा था... थोड़ी देर के लिए हमें अकेला छोड़ दीजिए। मुझे इससे अकेले में कुछ बात करनी है।"

    मैनेजर वहां से चले गए, लेकिन कशिश अब भी अपनी नम आंखों से गुस्से में धैर्य को देख रही थी।

    धैर्य नीचे झुकता है, एक ब्रीफकेस निकालता है, और उसे खोलकर उसमें से पैसों से भरा बैग निकालता है।

    बैग को धीरे से कशिश की तरफ सरकाते हुए कहता है,

    "पैसे लो और कुछ हफ्तों के लिए यहां से चली जाओ। जब लौटोगी, तो मैं तुम्हें ये नौकरी वापस दे दूंगा।"

    कशिश को कुछ समझ ही नहीं आया कि वो ऐसा क्यों कर रहा है।

    उसने हैरानी और गुस्से से पूछा,

    "तुम ऐसा क्यों कर रहे हो? मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? पहले तुमने मेरी दोस्त को अपनी कंपनी की फोटोग्राफी की जॉब से निकाल दिया, और अब मुझे भी... अब हम दोनों के पास नौकरी नहीं है। आखिर मेरा कसूर क्या है?"

    धैर्य ने उसे अपनी गहरी आंखों से देखा, और फिर चिढ़ते हुए बोला,

    "मुझे तुम्हें किसी बात की सफाई देने की कोई जरूरत नहीं है। तुम कौन हो मेरी? कोई रिश्तेदार? चुपचाप पैसे लो और यहां से चली जाओ।"

    अब कशिश को समझ आ गया था कि इस पत्थर जैसी दुनिया में हर मोड़ पर उसे एक नया पत्थर चुभेगा।

    उसने अपने आंसू पोंछे और वहां से जाने के लिए मुड़ी...

    लेकिन इससे पहले कि वो दरवाजे तक पहुंच पाती,

    धैर्य ने कहा,

    "तुम ये पैसे ले जाना भूल गई हो।"

    लेकिन कशिश ने पलटकर धैर्य को अपनी आंसू भरी आंखों से देखते हुए कहा,

    “आपके पैसे आपको मुबारक हों सर… समझ लीजिए, ये मेरी तरफ से इस क्लब के लिए एक छोटा-सा तोहफा है। अगर मैं सिर्फ पैसों के लिए काम करती, तो क्लब में आए दिन मुझे ऐसे ऑफर मिलते रहते हैं… लेकिन पैसों से बढ़कर मैंने अपने स्वाभिमान को चुना है।

    आप बड़े लोग हैं, पैसे से किसी को भी खरीद सकते हैं… लेकिन हर इंसान बिकाऊ नहीं होता।”

    ये कहकर कशिश वहां से निकल गई, और धैर्य उसे हैरानी से जाते हुए देखता रह गया।

    खैर, उसने अपने मन में सोचा,

    “मैंने कशिश को पैसे ऑफर किए थे… अगर उसने नहीं लिए, तो वो उसकी प्रॉब्लम है।”

    कशिश क्लब से बाहर निकलती है और सीढ़ियों के पास खड़े होकर अपनी परिस्थितियों के बारे में सोचने लगती है।

    उसने अपने आंसुओं को पोंछा और सीढ़ियों पर ही बैठ गई।

    वो परेशान थी… और अंदर ही अंदर खटास भी थी।

    धीरे से गुदगुदाते हुए बोली,

    “अब मैं क्या करूंगी? मेरी प्रॉब्लम तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही…”

    “आप हमारा प्रपोज़ल क्यों नहीं एक्सेप्ट कर लेती हैं? इससे आपकी सारी प्रॉब्लम एक साथ खत्म हो जाएगी। आप हमें वो चीज़ दे दीजिए… और बदले में मैं आपको 10 लाख रुपए दूंगा…”

    कशिश को ये आवाज़ जानी-पहचानी लगी।

    उसने झट से पलटकर पीछे देखा—सीढ़ियों के ऊपर राज खड़ा था।

    कशिश एकदम से खड़ी हो गई और गुस्से से बोली,

    “तुम यहां?… तुम्हें किसने बताया कि मैं यहां हूं?”

    राज मुस्कुराता हुआ कशिश के पास आया और बोला,

    “ये इंपॉर्टेंट नहीं है मैम… इंपॉर्टेंट ये है कि आप इस वक्त जिन मुश्किलों में हैं, उनसे निकलने का रास्ता आपके पास है।

    बदले में न तो आपको क्लब में काम करना पड़ेगा और न ही किसी के सामने हाथ फैलाना पड़ेगा… आप अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से जी सकती हैं।”

    कशिश का चेहरा फिर से गुस्से से भर गया।

    उसने चिल्लाते हुए कहा,

    “तुम क्यों बार-बार मुझे परेशान कर रहे हो?

    मैंने कहा ना… मुझे तुमसे अपनी चीज़ नहीं बेचनी है!

    मुझे कितनी बार यही बात दोहरानी पड़ेगी?!”

    लेकिन राज के चेहरे पर कोई घबराहट नहीं थी।

    वो शांत भाव से वहीं खड़ा रहा…

    जैसे हर बार की तरह कशिश का गुस्सा उसके लिए कोई नई बात न हो।

    उसने अपनी जेब से एक कार्ड निकाला और कशिश की ओर बढ़ते हुए बोला,

    “मुझे पता है, पिछला कार्ड तुमने फाड़कर फेंक दिया था…

    ये मेरा नया कार्ड है।”

    कशिश गुस्से से उसे देख रही थी।

    राज ने आगे बढ़कर वो कार्ड उसके हाथ में थमाते हुए कहा,

    “प्लीज़… एक बार इस बारे में सोचिएगा ज़रूर।”

    फिर वो कदम पीछे लेते हुए बोला,

    “मैं कोशिश करूंगा कि अब आपको परेशान न करूं…

    आपके पास सोचने के लिए पूरे 15 दिन हैं।

    15 दिन में या तो आप अपना फैसला बदल दें…

    या फिर…”

    “या फिर क्या?” कशिश ने उसकी बात दोहराते हुए पूछा।

    राज उसकी आंखों में देखते हुए बोला,

    “या फिर मेरे बॉस आपसे बात करेंगे…

    और जब वो बात करेंगे, तो सौदेबाज़ी नहीं करेंगे…

    वो सीधे चीज़ लेकर चले जाएंगे।”

    “कौन है तुम्हारा बॉस?”

    कशिश ने गुस्से में पूछा।

    राज बोला,

    “इससे आपका कोई लेना-देना नहीं है…

    मैं बस इतना कह रहा हूं कि आपके पास 15 दिन हैं।”

    *****