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Love with my cindrella

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priya pandey

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Description

ये कहानी है श्रीनिका राजवंश और स्वतन्त्र सिंह राठौड़ की । जहां श्रीनिका है , महलों की रानी , एक मासूम , चंचल और आज़ाद पंछी , तो वहीं दूसरी तरफ है । स्वतंत्र , अपने नाम नाम से बिलकुल उल्टा । जिसे सभी को अपने कैद में करने की है , पुरानी आदत । क्या होग...

Total Chapters (5)

Page 1 of 1

  • 1. Love with my cindrella - Chapter 1

    Words: 0

    Estimated Reading Time: 0 min

  • 2. Love with my cindrella - Chapter 2

    Words: 1095

    Estimated Reading Time: 7 min

    सिंगापुर ।

    सुबह 8 बजे ।

    एक आलिशान से विला में , जो की दिखने में बहुत ही सुंदर लग रहा था । उस विला के चारों तरफ ढेर सारे बॉडीगार्ड अपने हाथों में गन लिए खड़े थे । ये विला शायद जंगल के बीचों बीच था । जिस वजह से यहां पर दूर दूर तक सिर्फ घने जंगल ही दिखाई दे रहे थे ।

    जो की इस विला को थोड़ा सा डरावना बना रहें थे । लेकिन इस विला की खूबसूरती उससे कही जादा थी ।

    ये विला 5th floor का था । उसी विला के टॉप फ्लोर पर एक बड़े से प्रिंसेस साइज रूम में । एक प्रिंसेस साइज बेड पर एक लड़की गहरी नींद में सो रही थी । इस वक्त सूरज की किरणे हल्की हल्की सी उसके चेहरे पर आ रही थी । जिनसे वो परेशान हो रही थी । इस वक्त उसके चेहरे पर बेहद ही मासूमियत छाई हुई थी । उसके काले घने बाल पूरे बेड पर अपना कब्जा जमाए हुए थे । बड़ी बड़ी पलके जो अभी बंद थी । पतले होठ , । गोरा रंग । इस वक्त वो किसी अप्सरा जैसी लग रही थी ।

    वो अभी भी अपने सपनों की दुनियां में ही खोई हुई थी । की तभी उसके रूम में एक लड़की आती है जो कि इस कि हम उम्र लग रही थी । वह लड़की जब उसे लड़की को सोता हुआ देखते हैं । तो उसके फेस पर एक स्माइल आ जाती है और वह प्यार से उसे देखने लगती है । ऐसे ही लगभग 5 मिनट देखने के बाद वह उसके सर को सलाहकार कहते हैं । श्री उठ जा सुबह के 8:00 बज गए ।

    वहीं वो लड़की जो बेड पर सो रही थी । वो जब अपने सिर पर किसी का स्पर्श महसूस करती है । तो उसके फेस पर नींद में ही एक सुकून आ जाता है । वो धीरे धीरे अपनी आंखे खोल कर अपने सामने बैठी लड़की को देखती है । जो एक स्माइल के साथ उसे ही देख रही थी । वो लड़की जो बेड पर लेटी थी । को कोई और नहीं बल्कि श्रीनिका रायचंद थी । वो अपनी मीठी सी आवाज़ में कहती है । good morning रायशा । उसकी बात सुन कर वो लड़की जिसका नाम रायसा कपूर था । वो भी एक स्माइल के साथ कहती है ,, good morning ।

    उसके बाद वो उसे उठाते हुए कहती है , श्री उठ जाओ जल्दी से हमें चलना भी है । उसकी बात सुन कर अचानक से श्री को कुछ याद आता है । जिसे याद करते ही , वो बेड पर से कूद कर नीचे उतर जाती है और एक स्माइल के साथ कहती है , sorry रायु। मैं तो भूल ही गई थी । मैं जा रही हूं वॉशरूम , तू प्लीज मेरे कपड़े निकाल दे । इतना कह कर वो बिना रायू की बात सुने वॉशरूम में चली जाती है ।

    वही उसकी इस हरकत को देख कर रायसा ना में गर्दन हिला देती है । क्युकी उसे पता था कि श्री ऐसा ही कुछ करेंगी । रायसा और श्रीनिका बचपन के दोस्त हैं । इन दोनों की पढ़ाई भी साथ ही हुई थी । ये दोनों ही एक दूसरे से बहुत प्यार करती हैं । इसी लिए इन दोनों ने ही अपना प्रोफेशन सेम चुना । इन दोनों की ही उम्र 23 साल है । लेकिन इतनी सी उम्र में उन्होंने वो मुकाम हासिल कर लिया है । जो बड़े से बड़े लोग सालों में नहीं हासिल कर सकते थे ।

    श्री एक बहुत ही अच्छी न्यूरोलॉजिस्ट है , हम ये भी कह सकते हैं कि वो इंडिया की ही नहीं बल्कि पूरे एशिया की टॉप 5 सर्जनों में से एक है । जिससे एक अपॉइंटमेंट लेने के लिए सब को महीनों लग जाते हैं । लेकिन आज तक किसी ने भी श्री को देखा नहीं है । यहां तक किसी को ये भी नहीं पता है कि Dr S R लड़की हैं या लड़का ।

    वहीं रायसा भी इंडिया की टॉप हार्ट स्पेशालिष्ट है । साथ ही ये श्री को भी एस्सिस्ट करती हैं । सिंगापुर में श्री और रायु ने मिलकर खुद के दम पर एक हॉस्पिटल खोला है । जो की सिंगापुर का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है । इस हॉस्पिटल में सभी फैसिलिटीज अवेलेबल हैं ।

    रायसा भी दिखने में बहुत ही सुंदर है । उसकी भी बड़ी बड़ी काली गहरी आंखे हैं । लंबे काले बाल जो की उसके कमर तक आ रहे हैं । पतली सी नाक , पतले होठ । गोरा रंग जिसमें उसकी खूबसूरती बहुत ही निखर कर आ रही थी ।

    रायु उसके लिए कपड़े निकाल कर वहां से सीधा नीचे चली आती है । लगभग आधे घंटे बाद श्री , रायु नीचे डाइनिंग टेबल पर बैठे थे । वही एक बूढ़े कपल उन दोनों को नाश्ता सर्व कर रहे थे । वो दोनों जब उन दोनों को नाश्ता सर्व कर देते हैं तो रायु कहती है । रामू काका और काकी आप दोनों भी हमारे साथ ही नाश्ता कर लो । उसकी बात सुन कर रामू काका और उनकी पत्नी सुधा भी एक स्माइल के साथ उनके साथ ही नाश्ता करने लगते हैं ।

    कुछ ही देर में रायु और श्री दोनों ही अपना नाश्ता कर के विला से बाहर निकल जाते हैं ।

    वहीं दूसरी तरफ ।

    मुंबई में ।

    एक बड़ी सी बिल्डिंग को की 50 माले की होगी । उसके टॉप फ्लोर का माहौल इस वक्त बेहद ही गर्म मालूम पड़ रहा था । वही उसी फ्लोर पर बड़े एक बड़े से केबिन में हेड चेयर पर एक हैंडसम सा लड़का अपनी आंखों में बेहद ही गुस्सा लिए बैठा था । वो अपने सामने खड़े अपने P A को घूर कर देख रहा था । वही उसे ऐसे खुद को देखता पा कर उस लड़के का P A कांपने लगता है । वो अपने लड़खड़ाते हुए शब्दों में बड़ी मुश्किल से बस कहता है , sorry boss । वही उसका इतना कहना ही था कि एक पेपर वेट सीधा उसकी तरफ बढ़ता है । लेकिन वो उसे लगता उससे पहले ही उस लड़के का P A तुरंत ही नीचे झुक जाता है । जिससे वो पेपर वेट सीधा जा कर दीवाल से लगता है ।

    जिसे देख कर वो P A एक चैन की सांस लेता है । तभी उसके कानों में उस लड़के की खौफनाक आवाज़ गूंज जाती है । जो कह रहा था । स्वतंत्र सिंह राठौड़ को काम में लापरवाह लोग बिलकुल पसंद नहीं । इस लिए अगर तुम्हारा मन काम कर के भर गया हो , तो तुम जा सकते हो ।

  • 3. Love with my cindrella - Chapter 3

    Words: 1250

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक हमने सुना की श्री और रायसा दोनों ही अपनी कार ले कर बाहर निकल जाती हैं । लगभग 1 घंटे बाद उनकी कार एक बड़े से घर के बाहर रुकती है । जहां पर बड़े ही सुंदर अक्षरों में लिखा हुआ था । शांति कुंज । जो की एक अनाथ आश्रम था । श्री कार रोक कर रायसा के साथ बाहर निकलती है । वही बच्चे जब उन्हे देखते हैं । तो दौड़ कर उन दोनों के पास आ जाते हैं । और वो दोनों भी प्यार से उन्हे गले लगा लेती हैं ।

    उसके बाद श्री और रायसा दोनों ही कार में से ढेर सारे गिफ्ट निकाल कर उन्हे बच्चों को दे देती हैं । वही बच्चे गिफ्ट पा कर इस वक्त बेहद ही खुश थे । उन्हे ऐसे खुश देख कर श्री और रायसा भी खुश थी । क्युकी उन दोनों के हो मम्मा पापा अब इस दुनियां में नहीं थे । श्री के तो दोनों भाई थे । जिन्होंने उसे कभी मम्मा पापा की कमी नहीं महसूस होने दी , लेकिन रायषा के पास तो श्री के अलावा कोई नहीं था । इस लिए फैमिली न होने का गम वो दोनों ही बखूबी समझ रही थी ।

    वही दूसरी तरफ ।

    एक बड़ी सी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर , जो की दिखने में बहुत ही सुंदर लग रहा था । लेकिन वहां का माहौल इस समय बेहद ही गर्म मालूम पड़ रहा था । उसी केबिन के hed चेयर पर स्वतंत्र अपने एक पैर पर दूसरा पैर चढ़ाए बैठा था । और अपने सामने खड़े लोगो को घूरे जा रहा था । वही उसके ऐसे देखने भर से सामने खड़े लोगो के तो पीसने छूटने लगे थे ।

    वही उन सब को खुद से डरता देख कर स्वतंत्र के फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती है । वो अपनी खौफनाक आवाज़ में कहता है , तुम सब की इस महीने की सैलरी कट की जाती है । क्युकी गलती करने वालों के लिए स्वतंत्र सिंह राठौड़ के पास सिर्फ सज़ा होती है । न की माफी , सो get lost from हियर । वही उसकी इतनी खौफनाक आवाज़ सुन कर वहां मौजूद सभी लोगो नौ दो ग्यारह हो जाते हैं ।

    लेकिन वही पर एक उसी के उम्र का लड़का अभी भी खड़ा था । जो की स्वतंत्र का पर्सनल असिस्टेंट राघव था । स्वतंत्र उसे भी भी केबिन में खड़ा देख कर स्वतंत्र अपनी आंखे छोटी कर के उसे घूरने लगता है । वही जब राघव उसकी घूरती हुई नजरों को देखता है । तो वो हड़बड़ाते हुए कहता है बॉस , आप की एक घंटे में मीटिंग है , मिस भाटिया के साथ ।

    उसकी बात सुन कर स्वतंत्र बस हां में अपनी गर्दन हिला देता है । उसकी हां सुन कर राघव वहां से तुरंत ही भाग जाता है । राघव जैसे ही केबिन के बाहर आता है । तो वो लंबी लंबी सांसे लेने लगता है । जैसे पता नहीं कितनी बड़ी जंग जीत के आया है । वो अपनी रोनी सी सूरत बना कर कहता है । हे भगवान आप मुझे इस डेविल से बचा लिया करो । नही तो इनके ऊपर भी हुक्म चलाने वाली कोई भेज दो । इतना कह कर वो वहां से चला जाता है ।


    वहीं दूसरी तरफ श्री और रायसा दोनों बच्चों के साथ इतना खेलने में इतना बिज़ी थी कि उन्हें रात कब हो गई । उन्हे पता ही नही चला । राएशा जब टाइम देखती है । तो इस वक्त रात के 8 बज रहें थे । जिस वजह से वो दोनों बच्चों से मिल कर घर के लिए निकल जाती हैं । वो दोनों अभी आधे रास्ते ही पहुंची थीं । की तभी जोरों की बारिश होने लगी । जिसे देख कर रायशा का मूंह बन जाता है । वही श्री के फेस पर एक स्माइल आ जाती है ।


    वो दोनों ही अपने कार में बैठे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रही थी कि तभी अचानक से एक कार फुल स्पीड में उनके कार के बगल से निकल कर आती है और सामने वाले पेड़ से टकरा जाती है । us कार का एक्सीडेंट इतनी तेज हुआ था कि कार के बोनट से धुआं निकलने लगता है । वही रायशा जो कार ड्राइव कर रही थी । वो अचानक से अपनी कार रोक देती है । जिससे उन दोनो का सिर डैश बोर्ड से टकराते टकराते बचता है ।

    श्री खुद को संभाल कर जैसे ही सामने देखती है । तो उस कार से बहुत तेज धुआं निकल रहा था । जिसे देख कर श्री तुरंत ही कार का डोर खोल कर उस तरफ बढ़ जाती है । श्री दौड़ कर us कार के पास आती है । वो देखती है की कार के दोनों ही डोर खुले हुए हैं और एक आदमी कार में से निकलने की कोशिश कर रहा है । लेकिन चोट काफी लगे होने के कारण वो निकल नहीं पाता है । जिसे देख कर श्री तुरंत ही उसे सहारा दे कर बाहर निकालती है । वहीं वो इंसान जैसे ही श्री को देखता है ।


    तो देखता ही रह जाता है । लेकिन सर पर चोट लगे होने के वजह से उसकी आंखे धीरे धीरे बंद होने लगती हैं । तभी वहां पर रायशा भी आ जाती है और दूसरी तरफ से वो भी उस इंसान की मदद करने लगती है । रायशा श्री को देखते हुए कहती है । श्री हम इन्हें हॉस्पिटल ले कर चलते हैं । उसकी बात सुन कर श्री कहती है । नही रायु हम बहुत दूर हैं । हॉस्पिटल पहोचने में हमे 1 से डेढ़ घंटे लग जायेंगे । और इन्हे देख कर लग रहा है की इन्हे किसी ने ड्रग भी दिया हुआ है । जिस वजह से इन्हें जल्द ही इलाज की जरूरत है ।

    उसकी बात सुन कर रायशा कहती है । फिर हम क्या करें । उसकी बात सुन कर रायशा कहती है । इन्हे हम घर ले चलते हैं । उसकी बात सुन कर रायशा जैसे ही कुछ कहने को होती है कि तभी श्री कहती है । dont वरी । इन्हे जैसे ही होश आएगा हम इन्हें भेज देंगे । उसने अभी इतना ही कहा था कि तभी अचानक से एक ब्लास्ट की आवाज के साथ us इंसान की कार हवा में उड़ जाती है । वही श्री की पकड़ us इंसान पर मजबूत हो जाती है । जिसे वो इंसान भी महसूस कर लेता है ।

    लेकिन अब उसे हल्की हल्की बेहोशी आ रही थी । और ऊपर से बारिश भी हो रही थी । श्री इस इंसान को ले कर बैक सीट पर बैठ जाती है और रायशा तुरंत ही कार ड्राइव करने लगती है । श्री उसे जल्दी कार चलाने का कह कर खुद us इंसान के सिर पर स्कार्फ रख कर उसके खून को रोकने की कोशिश करने लगती है । कुछ ही देर में उनकी कार हवा से बातें करने लगती हैं ।

    उनकी कार जैसे ही वहां से निकलती है तो कुछ दूर पर खड़ी 3 से चार करों में से कुछ काले कपड़े पहने लोग अपने हाथों में गन लिए खड़े थे । उनमें से एक अपना सिर झुका कर कहता है । राघव सर हम क्या करें । उनकी बात सुन कर राघव जी की कोई और नहीं बल्कि स्वतंत्र का असिस्टेंट था । वो उस कार को देख कर कहता है । स्वतंत्र सर उन दोनों के साथ sef है । इतना कह कर वो कहता है । उनका पीछा करो देखो । वो दोनो कहा ले कर गई सर को ।

  • 4. Love with my cindrella - Chapter 4

    Words: 1334

    Estimated Reading Time: 9 min

    श्री और रायसा दोनों कुछ ही देर में स्वतंत्र को ले कर अपने घर ले कर पहुंच गए थे । इस वक्त बहुत बारिश हो रही थी । जिस वजह से बॉडीगार्ड कम थे । जिसका फायदा उठा कर श्री और रायसा दोनों ही स्वतंत्र को सहारा दे कर पीछे वाले रास्ते से लिफ्ट की तरफ बढ़ जाती है । रायसा कहती है श्री हम इन्हें कहां ले जाएं । अगर इन्हें किसी ने देख लिया तो प्रोब्लम हो जायेगी । उसकी बात सुन कर श्री लिफ्ट का 3 rd फ्लोर का बटन प्रेस कर देती है और कुछ ही देर में वो सभी श्री और रायशा के फ्लोर पर थे । वो दोनों ही स्वतंत्र को ले कर श्री के रूम में आ गई थी ।



    वो दोनों एक दूसरे की हेल्प कर के स्वतंत्र को बेड पर सुला देती हैं । बेड पर सुलाने के बाद वो दोनों ही लंबी लंबी सांसे लेने लग जाती है । श्री रायसा से कहती है । तुम काका को बुला दो वो इनके कपड़े चेंज कर देंगे । उसकी बात सुन कर रायशा कहती है । तू भी चेंज कर ले नहीं तो सर्दी लग जायेगी । उसकी बात सुन कर श्री भी हां में अपनी गर्दन कर , क्लोजेट में चली जाती है और अपने कपड़े ले कर दूसरे रूम में चली जाती है ।

    कुछ देर बाद श्री जब रूम में आती है । तब तक काका ने स्वतंत्र के कपड़े चेंज कर दिए थे । काका श्री को देख कर कहते हैं बिटिया अगर बड़े बाबा को पता चला तो वो बहुत गुस्सा करेंगे । उनकी बात सुन कर श्री शांत आवाज़ में कहती है । काका आप फिक्र मत करो , जब इन्हे होश आ जायेगा तब मैं इन्हे यहां से भेज दूंगी । उसकी बात सुन कर काका कहते हैं । ठीक है बिटिया आप नीचे आ जाओ तब तक हम आप दोनों के लिए खाना लगवाते हैं ।

    उनकी बात सुन कर श्री हां में अपनी गर्दन हिला कर स्वतंत्र को चेक करने लगती है । स्वतंत्र को काफी चोट लगी थी । सबसे बड़ी चोट उसे सिर पर लगी थी । श्री उसकी बैंडेज कर के एक इंजेक्शन लगा देती है । और उसे अच्छे से ब्लैंकेट से कवर कर के खुद नीचे चली जाती है । श्री जब नीचे आती है । रायशा काका और काकी पहले से ही बैठे हुए थे । उन्हे देख कर श्री भी उनके पास बैठ जाती है । उसके बैठते ही काकी सब को डिनर सर्व करती हैं ।


    उसके बाद सभी लोग अपना अपना डिनर करते हैं । श्री डिनर कर के जैसे ही अपने रूम में जाने को होती है कि तभी रायशा उसे कहती है । श्री अगर कोई प्रोब्लम हो तो मुझे बताना । उसकी बात सुन कर श्री हां में अपनी गर्दन हिला कर , वापस से अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है । श्री रूम में आ कर रूम के डोर को बंद कर के सीधा स्वतंत्र के तरफ अपने कदम बढ़ा देती है । श्री स्वतंत्र को एक बार चेक कर के अपना लैपटॉप ले कर वही सोफे पर बैठ जाती है ।


    श्री वही बैठे बैठे अपना काम करने लगती है । आधी रात तक अपना काम करने के बाद श्री अपना लैपटॉप वही टी टेबल पर रख कर । उसी सोफे पर सो जाती है । थके होने के कारण उसे जल्दी ही नींद आ जाती है । अगली सुबह , 5 बजे श्री की आंखे उसके फोन कॉल से खुलती है । श्री अपनी नींद भरी आंखों से ही अपना फोन उठती है । वो फोन उठा कर जैसे ही हैलो करती है । तो दूसरी तरफ से किसी की घबराई हुई आवाज़ सुनाई देती है । वो इंसान कहता है डॉक्टर S R आप ने परसों जिस पेसेंट की सर्जरी की थी , उसकी तबियत अचानक से खराब हो गई है । उसकी बात सुन कर श्री की नींद तुरंत ही गायब हो जाती है ।


    वो कहती है मैं पहुंच रही हूं । इतना कह कर वो तुरंत ही कॉल डिस्कनेक्ट कर के , तुरंत ही क्लॉजेट में चली जाती है । वहां से वो अपने कपड़े ले कर सीधा वॉशरूम में चली जाती है । 10 मिनट बाद ही वो फ्रेश हो कर बाहर आती है और एक नजर स्वतंत्र को देख कर सीधा हॉस्पिटल के लिए निकल जाती है । वही उसके जाने के बाद एक काली परछाई बालकनी के परदे के पीछे से निकल कर आती है । वो परछाई सीधा स्वतंत्र के पास आ कर रुकती है और अपना सिर झुका कर कहता है । बॉस ।

    वहीं स्वतंत्र जिसकी अभी आंखे बंद थी । वो उस आवाज़ को सुन कर तुरंत ही अपनी आंखे खोल लेता है । वो उस इंसान को देख कर बिना किसी भाव के कहता है । राघव उस घटिया लड़की को हेल पहुंचा दो । इतना कह कर वो बेड से उठ कर एक पिलो का सहारा ले कर बैठ जाता है । उसके बैठते ही राघव कहता है । बॉस अब आप ठीक हैं । उसकी बात सुन कर स्वतंत्र कहता है नहीं , मुझे अभी और इलाज की जरूरत है ।


    इतना कह कर वो राघव के तरफ देख कर कहता है । मुझे लगता है तुम कुछ कहना चाहते हो । उसकी बात सुन कर राघव कहता है । बॉस हमने उन दोनों की इनफॉर्मिसन निकालने की बहुत कोशिश की । लेकिन मुझे लगता है की कोई उन दोनों की सारी इनफॉर्मिसंस को हाइड कर रखा है । बॉस वो दोनों जब से आप को यहां ले कर आई है । तब से उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है । की जिससे हमे लगे की वो आप को नुकसान पहोचना चाहती हैं ।


    इतना कह कर राघव उसे कल से ले कर आज तक की सारी बातें बता देता है । जिसे सुन कर स्वतंत्र कहता है । ठीक है । मैं तुम्हे एक काम देता हूं । इतना कह कर वो स्वतंत्र को देख कर हां में अपनी गर्दन हिला देता है । उसके बाद वो उसे उसका फोन दे कर वही खिड़की के रास्ते से निकल कर बाहर चला जाता है ।

    उसके जाने के बाद स्वतंत्र वैसे ही बैठे हुए अपनी आंखे बंद कर लेता है । वो जैसे ही आंखे बंद करता है तो उसकी आंखों के सामने श्री का सोता हुआ मासूम सा चेहरा नजर आता है । जिससे स्वतंत्र तुरंत ही अपनी आंखे खोल लेता है । दर्सल स्वतंत्र को सुबह 5 बजे ही होश आ गया था । वो जैसे ही अपनी आंखे खोलता है तो खुद को अनजान कमरे में पा कर उसकी आंखे छोटी हो जाती है । वो जैसे ही उठने को होता है कि तभी उसके सिर में दर्द होने लगता है । जिस वजह से कल रात जो कुछ भी उसके साथ हुआ , वो सब उसे याद आने लगता है । जिसे याद कर के उसकी आंखे गुस्से से लाल हो जाती है ।


    लेकिन तभी उसे किसी के फोन की रिंग सुनाई देती है । जिसे सुन कर स्वतंत्र का ध्यान सोफे पर सो रही श्री पर चला जाता है । श्री जब अपना फोन पिक करती है । तो स्वतंत्र तुरंत ही फिर से बेहोश होने का नाटक करने लगता है । जब श्री वॉशरूम में जाती है । तो स्वतंत्र तुरंत ही श्री के फोन से राघव को कॉल कर के बुला लेता है । और जब वॉशरूम के डोर के खुलने की आवाज़ उसे सुनाई देती है । तो वो तुरंत ही फिर से अपनी जगह पर लेट जाता है ।

    स्वतंत्र ये सब सोच कर एक डेविल स्माइल कर के कहता है । तुम जो भी हो , तुमने मेरी जान बचाई है और मैं कभी किसी का एहसान नहीं रखता , मिस श्री । इतना कह कर वो वापस से डेविल स्माइल करने लगता है । लगभग 8 बजे एक बार फिर से श्री के रूम का डोर खुलता है और रायशा अंदर आती है । इस वक्त वो किसी से बात कर रही थी ।

  • 5. Love with my cindrella - Chapter 5

    Words: 1227

    Estimated Reading Time: 8 min

    अब तक हमने सुना की रायशा श्री के रूम में आती है । वहीं जब स्वतंत्र को डोर खुलने की आवाज़ सुनाई देती है । तो वो वापस से बेड पर लेट जाता है । वही रायशा जो की फोन पर किसी और से नहीं श्री से बात कर रही थी । वो जब स्वतंत्र को अभी भी बेहोश देखती है । तो कहती है श्री इन्हे अभी तक होश नही आया है । इतना कह कर वो फोन स्पीकर पर कर के वही साइड में रख देती है ।
    उसकी बात सुन कर उधर से श्री कहती है , कोई बात नहीं रायु शायद शाम तक होश आ जाए । तुम एक काम करों , मैं सुबह जल्दी ही निकल गई थी । तो मैंने उनकी ड्रेसिंग चेंज नहीं की , तुम कर दो । उसकी बात सुन कर रायशा कहती है । वो तो मैं कर दूंगी , लेकिन एक प्रोब्लम है । उसकी बात सुन कर श्री भी कहती है । तेरा वो बंदर भाई आज आ रहा है अगर उसे पता चला की हम किसी अनजान इंसान को घर ले कर आए हैं । तो फिर क्या होगा ।

    उसकी बात सुन कर उधर से श्री थोड़ा गुस्से में कहती है , मैने तुझे कितनी बार कहा है , की भाई को बंदर मत बोला करो । उसकी बात पर रायु मुंह बनाते हुए कहती है । और वो जो मुझे चुड़ैल बोलता है । उसका क्या । उसकी बात सुन कर श्री थोड़ा हंसते हुए कहती है । अब तू उन्हे वैसी लगती है , तो मैं क्या करूं । वही उसकी बात सुन कर रायु गुस्से में कहती है । अच्छा जी तू आ जा एक बार घर फिर तुझे बताती हूं । इतना कह कर वो फोन काट देती है । उसके बाद वो ड्रेसिंग करने लगती है ।

    वो स्वतंत्र की ड्रेसिंग करते हुए बड़बड़ाते हुए कहती है । श्री की बच्ची मैं तुझे छोडूंगी नहीं । मैं ना भगवान जी से कहूंगी , तुझे एक डेविल हसबैंड दे । जो तेरी शैतानियों के लिए तुझे अच्छा सबक सिखाए । क्युकी मैं बिचारी अब उन्ही से उम्मीद कर सकती हूं , क्युकी तेरे दोनों भाई तो कुछ करेंगे नही । अब तक उसने स्वतंत्र के सर की ड्रेसिंग भी कर दी थी । वो जैसे ही उठती है कि तभी रूम में काका आते है ।

    उन्हे देख कर रायशा कहती है , काका मैने इनकी ड्रेसिंग कर दी है । आप इन्हे देखते रहिएगा । मैं हॉस्पिटल जा रही हूं । उसके बाद थोड़ा रुक कर कहती है और काका आज आप के कवि बाबा आने वाले हैं । जब तक हम नहीं आते उस लंगूर को आप संभाल लेना । उसकी बात सुन कर काका हंसते हुए कहते हैं । ठीक है बिटिया , क्या बड़े बाबा भी आ रहे हैं । उनकी बात सुन कर रायशा कहती है । अरे काका शुभ शुभ बोलो , एक आफत आ रही है वो क्या कम है । जो आप दूसरी भी बुला रहे हो ।

    इतना कह कर वो तुरंत ही वहां से बाहर भाग जाती है । वही काका उसके जाने के बाद जोर से हंसने लगते है । फिर वो रूम के सभी परदे हटा देते हैं । जिससे रूम में थोड़ी थोड़ी सूरज की रोशनी आने लगती है । उसके बाद वो रूम से जाने को होते हैं कि तभी उनका ध्यान स्वतंत्र पर जाता है । वो देखते हैं कि स्वतंत्र के पैर खुले हुए हैं । जिन्हे देख कर वो ब्लैंकेट सही कर के वहां से बाहर चले जाते हैं ।

    ऐसे ही धीरे धीरे रात भी हो जाती है । रात के 7 बजे विला के बाहर एक स्पॉट्स कार आ कर रुकती है । जिसमें से श्री और रायशा दोनों ही निकल कर बाहर आती है । श्री इस वक्त बहुत ही थकी हुई थी । उसे देख कर ही पता चल रहा था कि आज का दिन उसका बहुत बिज़ी चल रहा था । वही कुछ ऐसा हाल रायशा का भी था ।
    वो दोनों ही सीधा वहां से अंदर चली जाती हैं । श्री आज बहुत ही थक गई थी । क्युकी आज उसकी बैक टू बैक सर्जरी थी । जिस वजह से वो सीधा अपने रूम में चली जाती है । वो जैसे ही रूम में जाती है । तो उसकी नजर सीधा , बेड पर आंखे बंद किए लेते स्वतंत्र पर पड़ती है । जिसे देख कर श्री के फेस पर कुछ चिंता के भाव आ जाते हैं । लेकिन वो एक गहरी सांस ले कर वहां से सीधा अपने क्लोजेट रूम में चली जाती है ।

    वो अपने कपड़े ले कर वाशरूम में फ्रेश होने चली जाती है । वहीं जब स्वतंत्र डोर बंद होने की आवाज़ सुनता है । तो तुरंत ही अपनी आंखे खोल देता है । इस वक्त वो बिना किसी भाव के एक तक वॉशरूम के डोर को देख रहा था ।

    लगभग 20 मिनट बाद श्री वॉशरूम से बाहर निकल कर आती है । उसने इस वक्त एक नाईट सूट पहना हुआ था । इस वक्त उसके बाल गीले थे । जिस वजह से उसने अपने बालों को टॉवेल से लपेटा हुआ था । श्री एक नजर स्वतंत्र को देखती है । जो अभी भी अपनी आंखे बंद किए ही लेता हुआ था । उसके बाद वो ड्रेसिंग टेबल के पास जा कर अपने बालों को सुखाने लगती है । वही स्वतंत्र ने अब जा कर श्री को पूरी तरह से देखा । वो जब श्री के मासूम से चेहरे को देखता है । तो बस देखता ही रह जाता है ।

    वो इस वक्त बहुत ही सुंदर लग रही थी । सादगी में भी वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी । स्वतंत्र तो बस उसी में खो जाता है । वही इस बात से अनजान श्री अपने बालों को बनाने में लगी थी । तभी रूम का डोर नॉक होता हैं । जिसकी आवाज़ सुन कर श्री तुरंत ही डोर की तरफ बढ़ जाती है और स्वतंत्र फिर से पहले जैसा हो जाता है । श्री जैसे ही डोर खोलती हैं । तो सामने कोई और नहीं बल्कि रायशा खड़ी थी । वो श्री को देख कर कहती है । श्री चलो नीचे वो लंगूर आ गया है । उसंकी बात सुन कर श्री के फेस पर एक बड़ी सी स्माइल आ जाती है । और वो पूरी तरह से रायसा को इग्नोर कर के रूम को अच्छे से लॉक करती है और तुरंत ही दौड़ते हुए सीढियों से नीचे जाने लगती है ।

    वो अभी कुछ ही सीढियां चढ़ी थी कि तभी उसकी नजर सामने सोफे पर बैठे सख्श पर पड़ती है । जिसे देख कर श्री एक बड़ी सी स्माइल के साथ कहती है भाई । वही वो इंसान जो कोई और नहीं बल्कि श्री का बड़ा भाई कवि था । वो जैसे ही अपनी प्यारी बहन की आवाज सुनता है । तो तुरंत ही अपनी जगह से उठ कर उसकी तरफ अपने कदम बढ़ा देता है । जिससे अगले ही पल श्री कवि के गले लग जाती है । वही कवि भी उसे कस कर अपने सीने से लगा लेता है । इस बात से दोनों ही बेखबर की श्री के हर एक मूवमेंट पर किसी की नज़रे बनी हुई है । वही वो इंसान जब श्री को कवि के गले लगे देखता है । तो उसकी हाथों की मुट्ठियां कस जाती है ।